वक स बोड के कयाणकार उपाय का 10 ......• अजम र...

15
9 अट बर 2019 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत सामािजक याय : मक के लए कयाणकार उपाय अनयमतता : संग : अजमेर िजले के यावर लॉक बिडंग एंड अदर कं शन वक स बोड के कयाणकार उपाय का 10-दवसीय सामािजक अंके ण से संचालत एजट और -मा के एक वशाल नेटवक वारा अनयमतताओं का पता चला है दे : एजट, जो वभाग से आवेदन पास करवाते , कथत से भार कमीशन मांग करते और पा मजद के अन मोदन को अवध करते टाचार और उपीड़न के उदाहरण भी सामने आए जन नवाई , मक ने कहा अगर वे एजट को कमीशन नहं देते तो उह कयाणकार योजनाओं के लाभ से वंचत कर दया जाता है -मा के मायम से वभन काय के लए आवेदन करने वाले यादातर मजद के आवेदन को खारज कर दया गया थामक ने आरोप लगाया वभाग के अधकारय ने बच छाव , शित योजना और सामािजक रा लाभ के लए उनके आवेदन को मंज देने हेत रवत मांग थीववरण : गादया लोहार ( िजसे गाद लया लोहार के नाम से भी जाना जाता है ) राजथान का एक खानाबदोश सम दाय है ये मय देश के मालवा भी पाए जाते इहे राजथान सबसे पछड़े वग के वगक कया गया है इस सम दाय के लोग को योजनाओं का लाभ ात करने कठनाइय का सामना करना पड़ता है यक सम दाय के अधकांश सदय अपना वयं का काम करते और नयोता माण (employer’s certificate) ात करने असमथ होते सम दाय के बच को जाने और छाव ात करने भी कठनाइय का सामना करना पड़ता है भावी कदम : • BOCW बोड के कामकाज को अधक पारदश और शल बनाया जाना चाहएइसके कयाणकार घटक को उच सफलता दर के साथ लाभाथय तक ले जाने के लए कदम उठाए जाने चाहए

Upload: others

Post on 29-Dec-2019

17 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 9 अ�टूबर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत सामािजक �याय : ��मक� के �लए क�याणकार� उपाय� म� अ�नय�मतता : �संग : • अजमेर िजले के �यावर �लॉक म� �बि�डगं एंड अदर कं���शन वक� स� बोड� के क�याणकार� उपाय� का 10-�दवसीय सामािजक अकें�ण से �े� म� संचा�लत एज�ट� और ई-�म�ा क� �� के एक �वशाल नेटवक� �वारा अ�नय�मतताओ ंका पता चला है। म�ुदे : • एज�ट, जो �म �वभाग से आवेदन पास करवात ेह�, क�थत �प से भार� कमीशन क� मांग करत ेह� और पा� मजदरू� के अनमुोदन को अव��ध करत ेह�। • ��टाचार और उ�पीड़न के उदाहरण भी सामने आए ह�। • जन सनुवाई म�, ��मक� ने कहा �क अगर वे एज�ट� को कमीशन नह�ं देत ेह� तो उ�ह� क�याणकार� योजनाओ ंके लाभ से वं�चत कर �दया जाता है। • ई-�म�ा क� �� के मा�यम से �व�भ�न काय� के �लए आवेदन करने वाले �यादातर मजदरू� के आवेदन को खा�रज कर �दया गया था। • ��मक� ने आरोप लगाया �क �म �वभाग के अ�धका�रय� ने ब�च� क� छा�व�ृत , शभु शि�त योजना और सामािजक सरु�ा म�ृय ुलाभ के �लए उनके आवेदन को मंजरू� देने हेत ु�र�वत क� मांग क� थी। �ववरण : • गा�दया लोहार (िजसे गाद�ुलया लोहार के नाम से भी जाना जाता है) राज�थान का एक खानाबदोश समदुाय है। ये म�य �देश के मालवा �े� म� भी पाए जात ेह�। • इ�हे राज�थान म� सबसे �पछड़ ेवग� के �प म� वग�कृत �कया गया है। इस समदुाय के लोग� को योजनाओ ंका लाभ �ा�त करने म� क�ठनाइय� का सामना करना पड़ता है �य��क समदुाय के अ�धकांश सद�य अपना �वयं का काम करत ेह� और �नयो�ता �माण प� (employer’s certificate) �ा�त करने म� असमथ� होत ेह�। • समदुाय के ब�च� को �कूल� म� जाने और छा�व�ृत �ा�त करने म� भी क�ठनाइय� का सामना करना पड़ता है। भावी कदम : • BOCW बोड� के कामकाज को अ�धक पारदश� और कुशल बनाया जाना चा�हए। • इसके क�याणकार� घटक को उ�च सफलता दर के साथ लाभा�थ�य� तक ले जाने के �लए कदम उठाए जाने चा�हए।

  • • �ाम सभा इस काय� म� मह�वपणू� भ�ूमका �नभा सकती है। • कमीशन क� मांग करने वाले ई-�म�ा क� �� के �खलाफ स�त कार�वाई क� जानी चा�हए। • बोड� को अ�य िजल� म� भी सामािजक अकें�ण कराना चा�हए। ई-�म�ा : • ई-�म�ा राज�थान सरकार क� एक मह�वाकां�ी ई-गवन�स पहल है। • एक ह� छत के नीचे सरकार� और �नजी �े�� क� �व�भ�न सेवाओ ंका लाभ उठाने हेत ुनाग�रक� क� स�ुवधा और पारद�श�ता के �लए साव�ज�नक-�नजी भागीदार� (PPP) मॉडल का उपयोग करके इसे रा�य के सभी 33 िजल� म� लाग ू�कया गया है। • इन सेवाओ ंम� उपयो�गता �बल भगुतान, एि�लकेशन और �डिजटल ह�ता��रत �माण प� सेवाएं, ब��कंग, टेल�मे�ड�सन, ई-कॉमस� सेवाएं आ�द शा�मल ह�। नई सेवाओ ंको भी �नय�मत �प से इसम� जोड़ा जा रहा है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन : छठ� अनसुचूी से ब�ह�कार रोक� : मेघालय जनजा�तयाँ �संग : • मेघालय म� पांच छोट� जनजा�तय� का ��त�न�ध�व करने वाले संगठन� ने म�ुयमं�ी से उ�ह� सं�वधान क� छठ� अनसुचूी के �ावधान� से बाहर करने के कदम म� ह�त�ेप करने क� मांग क� है। �ववरण : • मेघालय क� �वाय� आ�दवासी प�रषद� म� नामांकन के �लए पांच छोट� जनजा�तय� - बोडो कछार�, हाज�ग, कोच, मान और राभा को "�बना मा�यता �ा�त जनजा�तय�" के �प म� देखा जाता है। • ये प�रषद� गारो, जयं�तया और खासी, रा�य के तीन �मखु मात ृसमदुाय� के नाम पर ह�। �चतंाएं : • हाल ह� म�, मेघालय रा�य सरकार �वारा ग�ठत छठ� अनसुचूी म� संशोधन पर एक उप-स�म�त ने संसद क� �थायी स�म�त को संशो�धत �वशषे �ावधान से "गैर-��त�न�ध�व जनजा�तयाँ" श�द को हटाने क� �सफा�रश करने का �नण�य �लया है। • वत�मान म�, ऐसी जनजा�तय� के सद�य� को �वाय� िजला प�रषद� के �लए ना�मत �कया गया है। • मेघालय �वारा सं�वधान क� छठ� अनसुचूी के �ावधान� से "गैर-��त�न�ध�व जनजा�तय�" को बाहर करने के �नण�य ने छोट� जनजा�तय� को �ो�धत कर �दया है।

  • • यह माना जाता है �क ��ता�वत संशोधन िजला प�रषद� म� उनके संवधैा�नक अ�धकार� म� से कुछ को कम कर देगा। • छोट� जनजा�तयां मेघालय क� �वदेशी जनजा�त ह� और 1972 म� रा�य �नमा�ण के बहुत समय पहले से ह� रा�य म� रह रह� ह�। • रा�य सरकार का कदम उ�ह� �वाय� िजला प�रषद� म� ��त�न�ध�व करने के अवसर से वं�चत कर देगा �य��क उनके �लए वय�क मता�धकार के आधार पर �नवा��चत होना संभव नह�ं होगा। सं�वधान क� छठ� अनसुचूी : • यह चार पवू��र रा�य� असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम म� जनजातीय �े�� के �शासन से संबं�धत है। • यह "आ�दवासी �े��" के �लए �वशषे �ावधान करता है। �वशषे �यव�था के पीछे तक� यह है �क,“असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम क� जनजा�तय� ने इन रा�य� म� अ�य लोग� के जीवन और तर�क� को �यादा आ�मसात नह�ं �कया है। • इन �े�� म� अब तक एं�ोपोलॉिजकल नमनेू मौजदू ह�। • असम, मेघालय, ��परुा और �मजोरम क� जनजा�तयाँ आज भी अपनी सं�कृ�त, र��त-�रवाज और स�यता म� अपनी जड़� जमाए हुए ह�। • छठ� अनसुचूी आ�दवासी समदुाय� को काफ� �वाय�ता �दान करती है। • छठ� अनसुचूी िजला प�रषद� और �े�ीय प�रषद� को कुछ �वधायी और �या�यक शि�तयाँ �दान करती है। • छठ� अनसुचूी के तहत िजला प�रषद और �े�ीय प�रषद के पास �व�भ�न �वधायी �वषय� रा�य �नयं�ण के �लए सड़क� और �नयामक शि�तयाँ, �वकास, �वा��य देखभाल, �श�ा हेत ुयोजनाओ ंक� लागत को परूा करने के �लए भारत के समे�कत कोष से अनदुान �ा�त करना जसैी शि�तयाँ �ा�त ह�। • ह�तांतरण,�वस के��ण और �वभाजन के ��त जनादेश उनके र��त-�रवाज�, बेहतर आ�थ�क �वकास और सबसे मह�वपणू� जातीय सरु�ा के संर�ण को �नधा��रत करता है। • 6वीं अनसुचूी िजला प�रषद� और �े�ीय प�रषद� के �लए कुछ �वधायी और �या�यक शि�तय� के साथ �दान करती है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन : �कशोर को वय�क के �प म� मानने के आदेश को �यायालय ने टाल �दया : �संग : • �द�ल� क� एक अदालत ने �कशोर �याय बोड� (JJB) के आदेश को टाल �दया है, जो �क बाल संघष� काननू (CCL) के तहत ह�या के �कसी मामले म� एक �कशोर को वय�क के �प म� मकुदमे का सामना करने के �लए को �नद��शत करता है। �कशोर �याय अ�ध�नयम 2015 क� म�ुय �वशषेताएं :

  • बाल संघष� काननू (CCL) : • यह 18 वष� से कम उ� के सभी ब�च� के साथ समान �यवहार करता है, �सवाय इसके �क 16-18 आय ुवग� के लोग� को वय�क� के �प म� माना जा सकता है य�द वे जघ�य अपराध करत ेह�। • 16-18 वष� क� आय ुका ब�चे, जो कमतर अपराध (गंभीर अपराध) करता है, को एक वय�क के �प म� माना जा सकता है य�द उसे 21 वष� क� आय ुके बाद पकड़ा जाता है। • एक जघ�य अपराध �यनूतम सात साल के कारावास क� सजा का �ावधान करता है। गंभीर अपराध के स�दभ� म� तीन से सात साल क� कैद हो सकती है और छोटे अपराध के �लए तीन साल के कारावास का �ावधान है। • �कसी भी ब�चे को म�ृयदंुड या आजीवन कारावास नह�ं �दया जा सकता। ब�च� क� देखभाल और सरु�ा क� ज�रत : • यह ��येक िजले म� चेयरपस�न और चार अ�य सद�य� के साथ बाल क�याण स�म�तय� (CWC) क� �थापना करने का आ�वान करता है, िजनके पास ब�च� से �नपटने (अ�छा �यवहार) का अनभुव है। • स�म�त तय करती है �क एक प�र�य�त ब�चे को देखभाल गहृ� म� भेजा जाना चा�हए या उसे गोद लेने या पालन पोषण संबंधी देखभाल के �लए रखा जाना चा�हए। �कशोर �याय बोड� (JJB) : • यह अ�ध�नयम ��येक िजले म� एक महानगर मिज��ेट और एक म�हला स�हत दो सामािजक काय�कता�ओ ंके साथ �कशोर �याय बोड� (JJB) क� �थापना को अ�नवाय� करता है। • JJB एक �न�द��ट समय अव�ध के भीतर एक ब�चे �वारा �कए गए अपराध क� �ारं�भक जांच करेगा और यह तय करेगा �क उसे एक पनुवा�स क� � म� भेजा जाए या एक वय�क के �प म� आजमाए जाने के �लए ब�च� क� अदालत म� भेजा जाए। • बोड� �नण�य लेने के �लए मनोव�ैा�नक� और मनो-सामािजक काय�कता�ओ ंऔर अ�य �वशषे�� क� मदद ले सकता है। • �कशोर �याय अ�ध�नयम के बारे म� �व�तार से जानने के �लए '�कशोर �याय अ�ध�नयम क� म�ुय �वशषेताएं' https://youtu.be/U0KvrydWfOE को देख�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत �वा��य : �यापक रा���य पोषण सव��ण : �संग : • �वा��य और प�रवार क�याण मं�ालय और संय�ुत रा�� बाल कोष (य�ूनसेफ) �वारा पहल� बार �यापक रा���य पोषण सव��ण (CNNS) का आयोजन �कया गया।

    https://youtu.be/U0KvrydWfOE

  • �यापक रा���य पोषण सव��ण : • �यापक रा���य पोषण सव��ण (CNNS) एक �ॉस-से�शनल (cross-sectional), घरेल ूसव��ण है िजसम� परेू भारत, शहर� और �ामीण दोन� �े�� से 1,20,000 से अ�धक ब�च� और �कशोर� को शा�मल �कया गया है। • इसका उ�दे�य शर��रक संरचना, का�ड �यो-मेटाबो�लक जो�खम, मांसपे�शय� क� शि�त (शर��रक ताकत) और �फटनेस के बारे म� जानकार� के साथ-साथ ज�ैवक संकेतक� (स�ूम पोषक त�व� क� क�मय�, उपसौ�रक सजून और कृ�म सं�मण) और अ�धक वजन / मोटापे क� �यापकता के रा���य �सार का म�ूयांकन करना है। • CNNS को 2016-2018 के दौरान भारत के सभी 30 रा�य� म� काया�ि�वत �कया गया था। • CNNS म� �ामीण और शहर� �े�� म� तीन जनसं�या समहू - �ी-�कूलस� (0-4 साल), �कूल� ब�चे (5-9 साल) और �कशोर (10-19 साल) शा�मल थे। • सव��ण म� स�पल जनसं�या क� जनसांि�यक�य और सामािजक-आ�थ�क �वशषेताओ ंका वण�न �कया गया है, िजसम� आय,ु �लगं, �नवास �थान, माता क� �कूल� �श�ा, जा�त, धम�, पा�रवा�रक संप�� क� ि�थ�त और आहार संबंधी �यवहार शा�मल ह�। • यह जानकार� देश के �व�वध भौगो�लक �े�� और आबाद� म� ब�च� और �कशोर� के �वा��य और पोषण को �भा�वत करने वाले कारक� को समझने के �लए उपयोगी है। • यह भारत म� पहल� बार ब�च� म� एनी�मया, स�ूम पोषक त�व� क� कमी और गैर-संचार� रोग� के बायोमाक� र का आकलन करने के �लए विै�वक �तर पर लागू �कया गया सबसे बड़ा स�ूम पोषक सव��ण था। सव��ण के म�ुय �बदं ु: • सव��ण म� पाया गया �क �बना औपचा�रक �श�ा के माताओ ंक� ��तशतता उन तीन आय ुसमहू� म�, 0-4 आय ुवष� समहू म� 31 ��तशत, 5-9 आय ुवष� समहू म� 42 ��तशत और 10-19 आय ुवष� समहू म� 53 ��तशत, अ�धक थी। • शहर� भारत म� ब�च� म� कुपोषण �तनपान के खराब �तर, लोहे और �वटा�मन D क� कमी के साथ-साथ कामकाजी माताओ,ं सम�ृ�ध और जीवन शलै� के �ा�प के कारण लंबे समय तक मोटापे के कारण होता है। • यह माना जाता है �क शहर� �े�� म� अमीर घर� और ब�च� क� ग�तह�न जीवन शलै� भी शहर� �े�� (19%) म� �ामीण �े�� (12%) क� तलुना म� �वटा�मन D क� अ�धक कमी के �लए िज�मेदार हो सकती है। • देश के �ामीण �ह�स� म� बौनापन, कम वजन और दधू उ�पाद� क� कम खपत से पी�ड़त ब�च� का ��तशत अ�धक है। • �ामीण ब�चे िजंक के सेवन म� �पछड़ ेहुए ह�, जो द�त, �वकास मंदता, भखू कम लगना और ख़राब ��तर�ा के �लए िज�मेदार है। 1-4 वष� क� आय ुके ब�च� म�, शहर� �े�� (16%) क� तलुना म� �ामीण �े�� (20%) म� िजंक क� कमी अ�धक है।

  • • 12 से 15 मह�ने के 83% ब�च� �तनपान वाले है। �ामीण �े�� (85%) म� इस आय ुवग� के ब�च� का अनपुात शहर� �े�� (76%) के ब�च� क� तलुना म� उ�च है। • शहर� �े�� म� रहने वाले ब�च� और �कशोर� (40.6%) म� उनके �ामीण समक�� (29%) क� तलुना म� लोहे क� अ�धक कमी है। • �वशषे�� का कहना है �क यह �ामीण �े�� म� सरकार के �वा��य काय��म� के बेहतर �दश�न के कारण है। • शहर� �े�� म� ब�चे भी अ�धक वजन वाले और मोटे होत ेह�, जसैा �क उनक� उ� के �लए सब�कुलर ि�कनफो�ड �थकनेस (subscapular skinfold thickness (SSFT) �वारा इं�गत �कया गया है। • SSFT एक एं�ोपोमे��क (मानवदेह�म�त संबंधी) माप है िजसका उपयोग उपचम� वसा क� मा�ा का आकलन करके पोषण क� ि�थ�त का म�ूयांकन करने के �लए �कया जाता है। • पोषण अ�भयान के तहत शहर� �े�� पर �वशषे �यान देने क� आव�यकता का सं�ान लेत ेहुए, नी�त आयोग वत�मान म� शहर� म� रहने वाले ब�च� के साथ-साथ सरकार� काय��म� के ��या�वयन म� बाधा उ�प�न करने वाले कारक� से जड़ुी सम�याओ ंसे �नपटने के �लए एक रणनी�त �वक�सत कर रहा है। • ब�चे मधमेुह, उ�च कोले��ॉल, गुद� क� परुानी बीमार� और उ�च र�तचाप स�हत गैर-संचार� रोग� के कुपोषण और बढ़त ेजो�खम के दोहरे बोझ का सामना कर रहे ह�। • यह �रपोट� 0-19 वष� के भारतीय ब�च� म� कुपोषण और अ�धक वजन तथा मोटापे क� �थानांतरण ि�थ�तय� पर आकंड़� ��ततु करती है। • ब�च� और �कशोर� म� पेट का मोटापा यह दशा�ता है �क पेट के मोटापे क� �यापकता माँ क� �कूल� �श�ा और पा�रवा�रक संप�� के �तर के साथ बढ़� है।

  • सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत �व�ान और तकनीक : कनाडाई मलू के अमे�रक� अतं�र� व�ैा�नक स�हत दो ि�वस व�ैा�नक� को भौ�तक� का नोबेल : �संग : • ��माांड के �वकास�म और अनंत ��माांड म� हमार� ि�थ�त को समझने क� �दशा म� अहम शोध करने वाले तीन व�ैा�नक� को इस साल भौ�तक� के नोबेल के �लए चनुा गया है। इनम� कनाडाई मलू के अमे�रक� अतं�र� व�ैा�नक जे�स पीब�स और ि�व�जरल�ड के �मशले मेयर व �ड�डयर �यलूोज शा�मल ह�। �ववरण : • जे�स पीब�स, जो अमे�रका क� ��संटन य�ूनव�स�ट� म� अ�बट� आइं�ट�न �ोफेसर ऑफ साइंस के तौर पर काय�रत ह�, ने अपने �स�धांत� "भौ�तक ��मा�ड �व�ान म� स�ैधां�तक खोज�" के �लए नोबेल परु�कार जीता है, िजसने 13.8 �ब�लयन वष� के ��मा�ड संबंधी इ�तहास को समझाने म� मदद क� है। • �मशले मेयर और �ड�डयर �यलूोज को सौर-�कार (सोलर टाइप) तारे क� प�र�मा करने वाले एक पहले गहृ (ए�सो�लेनेट) क� खोज के �लए स�मा�नत �कया गया है। • �मशले मेयर और �ड�डयर �यलूोज ने अ�टूबर, 1995 म� हमार� सौर �यव�था के बाहर पहले �ह (ए�सो�लेनेट) क� खोज क� थी।

  • ��मांड कैसे �वक�सत हुआ : • आइं�ट�न ने गु��वाकष�ण को संत�ुलत करने और ��मांड को ि�थर और अप�रव�त�त रखने के �लए ��मा�ड संबंधी ि�थरांक नामक �वचार का ��तपादन �कया था। • ले�कन खगोल�वद� का कहना था �क ��मांड वा�तव म� फ़ैल रहा है। • डॉ. पीब�स ने ��मांडीय ि�थरांक का उपयोग �कया, िजसे अब डाक� एनज� के �प म� जाना जाता है उ�ह�ने यह �दखाने का ल�य रखा �क ��मांड म� उस समय िजतना सोचा गया था उससे काफ� कम ��यमान था। • उ�ह�ने पाया �क ��मांड का न केवल �व�तार हो रहा है बि�क इस ���या म� तजेी भी आ रह� है। • माना जाता है �क उनका स�ैधां�तक ढाँचा, िजसका �वकास दो दशक� म� हुआ, ��मांड के इ�तहास क� हमार� आध�ुनक समझ (�बग ब�ग से लेकर आज तक) का आधार है। • आध�ुनक ��मांड �व�ान मानता है �क �बग ब�ग के प�रणाम�व�प ��मांड का �नमा�ण हुआ है। • 1960 के दशक के बाद के दशक� म�, पीब�स ने स�ैधां�तक भौ�तक� और गणना का उपयोग �कया ता�क यह समझा जा सके �क बाद म� �या हुआ। • उनका काम काफ� हद तक कॉि�मक माइ�ोवेव बकै�ाउंड (CMB) �व�करण पर क� ��त है। • पीब�स और सहक�म�य� ने �बग ब�ग म� �न�म�त पदाथ� क� मा�ा के साथ इस �व�करण के तापमान को सह-संब�ध �कया है, जो यह समझने क� �दशा म� एक मह�वपणू� कदम था �क यह पदाथ� बाद म� आकाशगंगा और आकाशगंगा समहू� का �नमा�ण कैसे �कया होगा। • उनके अनसुार, ��मांड म� �सफ� 5% �ात पदाथ� ह� और बाक� अ�ात ह�, जो 26% डाक� मटैर और 69% डाक� एनज� के �प म� है। ए�सो�लेने�स : • ऐसे �ह जो हमारे सौर मंडल से बाहर ि�थ त होत ेह� उसे ए�सो�लेनेट कहा जाता है। • अलौ�कक जीवन का �शकार रहने यो�य �ह� को खोजने पर �नभ�र करता है, म�ुयतः हमारे सौर मंडल के बाहर। • वत�मान म� लगातार ए�सो�लनेैट क� खोज क� जा रह� है और अब तक कर�ब 4,000 से अ�धक �ात ए�सो�लनेैट ह� जो तीन दशक पहले, जब एक भी ए�सो�लनेैट �ात नह�ं था, क� तलुना म� उ�लेखनीय �ग�त है। • पहले ए�सो�लनेैट क� खोज 1992 म� क� गयी थीं, ले�कन ये एक तारे क� नह�ं बि�क �कसी एक के अवशषे क� प�र�मा कर रहे थे। • 1995 म� �मशले मेयर व �ड�डयर �यलूोज �वारा खोजा गया �ह 50 �काश-वष� दरू है, जो हमारे सयू� के समान 51 पेगासस तारे क� प�र�मा करता है।

  • • 51 पेगासस B नामक ए�सो�लनेैट रहने यो�य तो नह�ं है, ले�कन इसने �ह� क� हमार� समझ को चनुौती द� और भ�व�य क� खोज� क� नींव रखी। • �मशले मेयर �वारा �न�म�त एक �पे��ो�ाफ, ELODIE का उपयोग करत ेहुए, उ�ह�ने "डॉपलर �भाव" क� सहायता से �ह क� भ�व�यवाणी क� थी। • यह बहृ�प�त के समत�ुय एक �वशालकाय गैसीय �ह है, ले�कन यह बफ�ले ठंड ेबहृ�प�त के �वपर�त बहुत गम� है। यह अपने तारे 51 पेगैगस B के बहुत �यादा कर�ब है, हमारे सौर मंडल म� बधु �ह से भी �यादा। भौ�तक� म� नोबेल परु�कार : • वष� 1901 के बाद से �दए जा रहे भौ�तक� नोबेल परु�कार� का यह 113वाँ सं�करण था, इन 113 परु�कार� म� से 47 परु�कार एकल परु�कार �वजेता को �दए गए ह�। • नोबेल वेबसाइट के अनसुार, केवल तीन म�हलाओ ंको अब तक नोबेल परु�कार से स�मा�नत �कया गया है। वे ह�- 1903 म� मरै� �यरू�, 1963 म� मा�रया गोएपट�-मेयर और 2018 म� डोना ि��कल�ड । सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत �व�ान और तकनीक : तीन व�ैा�नक� को �च�क�सा का नोबेल परु�कार : �संग : • मानव शर�र म� को�शकाएं ऑ�सीजन क� उपल�धता का आभास कैसे करती ह� और कैसे खदु को उसके अनकूुल बनाती ह�, इस �वषय पर अनसुंधान के �लए अमे�रक� व�ैा�नक� �व�लयम कै�लन तथा �ेग सेम�जा और ��टेन के पीटर रैटि�लफ को �च�क�सा �े� के नोबेल परु�कार के �लए चनुा गया है। �ववरण : • "मानव शर�र म� को�शकाएं ऑ�सीजन क� उपल�धता का आभास कैसे करती ह� और कैसे खदु को उसके अनकूुल बनाती ह�" एक ऐसी खोज है िजसे �च�क�सा शोधकता�ओ ं�वारा �व�भ�न रोग� के उपचार� को �वक�सत करने के �लए खोजा जा रहा है जो शर�र क� ऑ�सीजन-संवेद� तं� को स��य या अव��ध करके काम करत ेह�। • ऑ�सीजन-संवेद� तं� (Oxygen sensing) बड़ी सं�या म� बीमा�रय� के �लए क� ��य भाग है। • नोबेल परु�कार �वजेताओ ं�वारा क� गई खोज� का शर�र �व�ान के �लए ब�ुनयाद� मह�व है और एनी�मया, क� सर और कई अ�य बीमा�रय� से लड़ने के �लए नई रणनी�तय� का माग� �श�त हुआ है। • �ेग सेम�जा और पीटर रैटि�लफ ने ऑ�सीजन के संवेदन (sensing of oxygen) के आसपास क� ���याओ ंका अलग-अलग अ�ययन �कया और पाया �क यह शर�र के सभी ऊतक� म� काम कर रहा था।

  • • 1990 के दशक म� सेम�जा ने एक �ोट�न कॉ��ले�स क� पहचान करने पर काम �कया था, जो को�शक�य वातावरण म� ऑ�सीजन के �तर क� ��त��या म� को�शकाओ ंके DNA को जोड़ता है। • कॉ��ले�स, िजसे हाइपोि�सया-इंडुसीबल (hypoxia-inducible) फै�टर कहा जाता है, लाल र�त को�शकाओ ंके उ�पादन को �नयं��त करता है। इसके पीछे का �व�ान roxadustat नामक एनी�मया दवा का आधार है िजसे �दसंबर म� चीन म� मंजरू� द� गई थी। • �व�लयम कै�लन के काम ने उसी ऑ�सीजन-�व�नयमन तं� को क� सर म� एक भ�ूमका से जोड़ा। • वष� 1901 के बाद से �दए जा रहे �च�क�सा का नोबेल परु�कार� का यह 110वाँ सं�करण है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत संपादक�य : अथ��यव�था : बेरोजगार� का गहराता संकट : �संग : • अगर रोजगार क� मांग का �हसाब लगाया जाए तो देश म� इस समय नौकर� चाहने वाल� क� सं�या तकर�बन छह करोड़ है, जब�क सरकार� अनमुान म� यह आकंड़ा केवल तीन करोड़ बठैता है। ये अनमुान �सफ� पणू� बेरोजगार� क� सं�या के ह�। अगर बेरोजगार� के सभी �कार� को लेखे म� ल� तो सम�या और �यादा बड़ी �दख सकती है। इसी�लए आज का सवाल यह� बनता है �क बेरोजगार� के गहरात ेसंकट से �नपटने के �लए सरकार �या करे? �व�लेषण : • द�ुनया क� कोई भी सरकार िजन कुछ मोच� पर अपनी नाकामी को आसानी से नह�ं �वीकार करती है, उनम� भखू से होने वाल� मौत� और बेरोजगार� जसेै म�ुदे �मखु होत ेह�। हालां�क, देश के रोजगार �े� म� यवुाओ ंक� द�ता और कौशल को लेकर कुछ सवाल उठे ह� और रोजगार का मतलब �सफ� सरकार� नौकर� नह�ं है, इसे लेकर भी एक मत बना है, ले�कन इसके बावजदू कुछ सच झुठलाए नह�ं जा सकत।े जसेै, एक सच यह है �क नोटबंद� के बाद से लाख� लोग� का रोजगार �छन गया और दसूरा यह �क नई नौक�रय� के बनने क� र�तार मंद पड़ गई, िजससे बेरोजगार� आसमान पर पहंुच गई है। बेरोजगार� के स�दभ� म� �व�भ�न �रपोट� : • भारत म� �फलहाल बेरोजगार� का �तर �या है, इसका खलुासा कुछ अ�ययन� और सव��ण� से हुआ है। जसेै, इस साल जनू म� �काश म� आई नेशनल स�पल सव� आ�ँफस (NSSO) क� �रपोट� म� दावा �कया गया था �क वष� 2011-12 म� बेरोजगार� क� जो दर 2.2 फ�सद पर थी, वह 2017-18 म� बढ़ कर 6.1 फ�सद के �रकॉड� �तर पर चल� गई। • हालां�क इस बढ़ो�र� के पीछे NSSO का कहना था �क बेरोजगार� दर बढ़ने क� एक वजह गणना के तर�के का बदला जाना है, िजसम� �श��त लोग� को �यादा अह�मयत द� गई थी। असल म�, �श��त बेरोजगार� दर �नर�र� के मकुाबले म� हमेशा �यादा रहती है, �लहाजा उनके आकंड़� म� बढ़ो�र� हो गई।

  • • ले�कन बेरोजगार� म� व�ृ�ध का आकलन अकेले NSSO का नह�ं है, बि�क स�टर फॉर मॉ�नट�रगं इं�डयन इकोनॉमी (CMIE) ने बीत ेदो वष� के दौरान �कए गए सव��ण� म� भी बेरोजगार� क� दर म� इजाफे को दज� �कया। CMIE के सव� के मतुा�बक इस साल अ�लै 2019 म� देश म� बेरोजगार� क� दर 7 फ�सद थी। • कुछ इसी �कार के आकलन ‘�टेट आफ व�क� ग इं�डया 2018’ म� भी पेश �कए गए ह�। इस अ�ययन के अनसुार भारत म� 2018 म� बेरोजगार� क� दर पांच फ�सद थी, ले�कन इसम� भी 15 से 29 साल के यवुाओ ंम� बेरोजगार� 3 गुना �यादा यानी 15 फ�सद तक थी। इस आय ुवग� म� बेरोजगार� क� सम�या शहर� �े�� म� सबसे अ�धक थी। • इस साल माच� म� बहुरा���य माक� ट �रसच� कंपनी इ�सॉस के सव��ण म� रोजगार को लेकर �व�भ�न देश� क� जनता क� अलग-अलग �चताएं सामने आई थीं। सव� के मतुा�बक भारत म� �यादातर लोग� ने यह माना �क रोजगार स�हत कई अ�य मामल� म� सरकार क� नी�तयां सह� �दशा म� ह�, ले�कन आतंकवाद क� �चतंा उ�ह� सबसे �यादा सता रह� थी। • यह ज�र है �क सव��ण म� शा�मल मह�वपणू� 28 देश� के औसतन 58 फ�सद नाग�रक� ने माना था �क उनका देश नी�तय� के मामले म� भटक-सा गया है। ले�कन ऐसा सोचने वाल� म� भारत क� बजाय द��ण अ��का, �पेन, �ांस, तकु� और बेि�जयम के लोग �यादा थे। �व�भ�न सवाल : • बेरोजगार� क� इस हालत पर अहम सवाल यह उठता है �क स�ा और राजनी�तक दल� के �लए बेरोजगार� अहम �चतंा का �वषय �य� नह�ं है। • हो सकता है �क बेरोजगार क� �ेणी म� दज� �कए गए �यादातर नौजवान �श��त ह�, अपने मन क� बेहतर नौकर� तलाश कर रहे ह�। ऐसे लोग� को बेरोजगार रहत ेहुए नौकर� क� खोज करने का मामला अ�छ� नौकर� म� �कया गया �नवेश �तीत होता है और वे इसके �लए सीधे तौर पर सरकार को िज�मेदार नह�ं मानत।े इस�लए सरकार� नौक�रय� म� कटौती होना उनके �लए भी �चतंा का �वषय है। • एक �दलच�प आकलन यह भी कहता है �क औपचा�रक �े� म� नौक�रय� क� सं�या घटने क� बजाय असल म� बढ़ गई ह�, िजसका खलुासा EPFO यानी कम�चार� भ�व�य �न�ध संगठन के आकंड़� से होता है। • क� ��य सांि�यक� काया�लय (CSO) ने दावा �कया है �क रोजगार के औपचा�रक �े� म� 2018-19 म� नौक�रय� के एक करोड़ स�तीस लाख अवसर पदैा हुए। • ऐसे व�त म�, जब देश म� ‘ि�कल इं�डया’ जसेै मह�वाकां�ी काय��म म� 2022 तक देश के 40 करोड़ यवुाओ ंको हुनरमंद बना कर उ�ह� रोजगार से जोड़ने का ल�य रखा गया है, सव��ण� के ऐसे आकंड़ ेहैरान करत ेह�। ऐसी ि�थ�त म� अहम सवाल यह पदैा होता है �क अगले कुछ वष� म� आ�खर देश कैसे यह इंतजाम कर पाएगा ता�क करोड़� यवुाओ ंको रोजगार से जोड़ा जा सके। • इस मामले क� गंभीरता का एक पहल ूयह भी है �क सरकार के पास �फलहाल महज 35 लाख यवुाओ ंको हर साल �कसी �े� म� द� बनाने वाले ��श�ण देने का �बंध है। इसक� तलुना पड़ोसी चीन से कर�, तो पता चलता है �क वहा ंसालाना नौ करोड़ यवुाओ ंको हुनरमंद बनाने का इंतजाम सरकार क� तरफ से �कया गया है।

  • • इस सम�या का दसूरा पहल ूऔर भी गंभीर है। यह पहल ू�श�ण-��श�ण क� गुणव�ा से जड़ुा है। यह देखा जा रहा है �क अगर ब�चे और यवुा �कसी तरह नामी सं�थान� म� दा�खला पा जात ेह�, तो भी इसक� गारंट� नह�ं होती �क वहा ंसे वे जो �ड�ी-�ड�लोमा लेकर �नकल�गे, उसके आधार पर वे इतने का�बल हो सक� गे �क अपने �े� म� हर चनुौती से मकुाबला कर सक� । यह मामला �कूल, कॉलेज� व ��त�ठान� म� द� जा रह� �श�ा क� खराब गुणव�ा से जड़ुा है। • यह� कारण है �क देश म� 57 फ�सद� यवुा पढ़े-�लखे होने के बावजदू �कसी ठ�कठाक नौकर� के �लए तयैार नह�ं पाए गए। जा�हर है, सम�या मौजदूा �श�ा तं� क� है जो वसैी �श�ा नह�ं दे पा रहा जो अ�छ� नौकर� पाने या अपना कोई �यवसाय खड़ा करने म� उनक� मदद करे। उ�योग� क� �चतंाएं : • हालां�क इस परेू �करण म� जो �चतंा सरकार� और उ�योग� क� है, वह अलग तरह क� है। कहा जा रहा है �क हमारे �श��त बेरोजगार� क� सबसे बड़ी सम�या उनका उ�योग� के अन�ुप तयैार नह�ं होना है। यानी ��श�ण के बावजदू उनम� वह अपे��त कौशल नह�ं है जो उ�ह� रोज़गार के का�बल बनाता है। इस कारण बाजार म� मौके होने के बावजदू लाख� पद खाल� ह� और कंप�नयां वां�छत यो�य नौजवान� क� तलाश म� उ�ह� भरने म� �हच�कचा रह� ह�, �य��क विै�वक मंद� के कारण वे ऐसे लोग� को नौकर� देने का जो�खम सहन नह�ं कर सकतीं जो नौकर� करत ेहुए अपने भीतर अपे��त कौशल का �वकास करत ेह�। �न�कष� : • �न�चय ह� ऐसे �न�कष� �चतंाजनक ह� और सरकार� को इस �दशा म� गंभीरता से सोचना चा�हए �क आ�खर वे अपनी यवुा आबाद� को �कस तरह क� �श�ा महैुया करा रह� ह�। शहर� और �ामीण श�ै�क ढांचे म� भीषण �वरोधाभास ह�। कह�ं �श�ा का मा�यम अ�ेंजी है, तो कह�ं �हदं� और �े�ीय भाषा। ऐसा ह� अतंर �ामीण और शहर� यवुा क� पढ़ाई-�लखाई का भी है। इस तरह के फक� और अभाव� को िजतनी ज�द� हो सके, दरू करना बेहतर होगा। मह�वपणू� त�य : 1. जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अनमुान लगाने के �लए भारत, चीन तथा पा�क�तान के साथ काम करेगा : • �हदं-ूकुश-�हमालयन (HKH) �े� को उ�र� और द��णी �वु� के बाद तीसरा �वु माना जाता है। जलवाय ुके �लए इसके मह�वपणू� �न�हताथ� ह�। • इस �े� म� डटेा एक� करना �वरल है। • �हदं ूकुश पव�त� पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का बेहतर अनमुान लगाने के �लए, िजसम� �हमालय भी शा�मल है, भारत मौसम �वभाग (IMD) ने चीन और पा�क�तान म� मौसम संबंधी एज��सय� के साथ सहयोग करने का �नण�य �लया है। • इसका उ�दे�य �े� के देश� को जलवाय ुपवूा�नमुान सेवाएं �दान करना है। • यह अ�ययन �व�व मौसम �व�ान संगठन (WMO) के तहत �कया जाएगा। • लंबे समय तक पवूा�नमुान मौसम के साथ-साथ �े�ीय क� � डटेा सेवाएं, ��श�ण और �मता-�नमा�ण तथा अनसुंधान और �वकास �दान कर�गे।

  • �हदं-ूकुश-�हमालयन (HKH) �े� : • HKH �े� अफगा�न�तान, बां�लादेश, भटूान, चीन, भारत, �क�ग��तान, मंगो�लया, �यांमार, नेपाल, पा�क�तान, तािज�क�तान और उजबे�क�तान तक फैला है। • इसम� �वशाल �हमम�डल �े� शा�मल ह�। • �वुीय �े� के अ�त�र�त, यह बफ� का द�ुनया का सबसे बड़ा भंडार और 10 �मखु न�दय� का �ोत है। इस�लए, यह �े� जलवाय ुप�रवत�न के �लए �वशषे �प से संवेदनशील है। 2. के�टुकाझाचा (Kettukazhcha) : • के�टुकाझाचा (Kettukazhcha), को�लम(केरल ) के ओ�चरा मं�दर म� मनाया जाने वाला एक शानदार �योहार है। • कहा जाता है �क इस �योहार म� ए�शया के सबसे बड़ ेबलै पतुल� क� ��तमा �न�म�त क� जाती है। • भगवान �शव के वाहन नंद� के �तीक बलै पतुल� को इ�पाथेतम ओणम �योहार के �ह�से के �प म� ओ�चरा पर�ा�मण मं�दर म� लाया जाता है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. MOSAiC अ�भयान के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. MOSAiC सबसे बड़ा आक� �टक अ�भयान है। 2. �मशन का उ�दे�य आक� �टक पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अ�ययन करना है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : C �प�ट�करण : MOSAiC �मशन का मतलब 'आक� �टक जलवाय ुके अ�ययन के �लए बहुआयामी बहती वेधशाला' से है। MOSAiC अ�भयान इ�तहास म� अब तक का सबसे बड़ा आक� �टक अ�भयान है। �मशन का उ�दे�य आक� �टक पर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का अ�ययन करना है। ��न 2. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. रामल�ला भगवान राम के जीवन का एक नाटक�य लोक पनु: �वत�न है। 2. यह तलुसीदास �वारा र�चत रामच�रतमानस या �हदं ूमहाका�य रामायण पर आधा�रत है। 3. यनेू�को �वारा रामल�ला उ�सव को "मानवता क� अमतू� सां�कृ�तक �वरासत" के �प म� घो�षत �कया गया है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�?

  • (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : �व-�या�या�मक ��न 3. �डपॉिजट इं�योर�स एंड �े�डट गारंट� कॉरपोरेशन ऑफ इं�डया (DICGC) के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. DICGC RBI क� पणू� �वा�म�व वाल� सहायक कंपनी है। 2. DICGC �वारा जमा बीमा भारत म� स��य �वदेशी ब�क� को कवर नह�ं करता है। 3. DICGC सीधे जमाकता�ओ ंके साथ सौदा नह�ं करता है। �दए गए कथन� म� से कौन / से सह� नह�ं है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 2 (d) केवल 3 उ�र : c �प�ट�करण : DICGC RBI क� पणू� �वा�म�व वाल� सहायक कंपनी है। DICGC सीधे जमाकता�ओ ंके साथ सौदा नह�ं करता है। यह �नद�श देने पर �क �कसी ब�क का प�रसमापन करना है, RBI (या रिज��ार) वाइं�डगं-अप ���या क� देखरेख के �लए एक आ�धका�रक प�रसमापक �नय�ुत करता है। DICGC अ�ध�नयम के तहत, प�रसमापक को �भार लेने के तीन मह�ने के भीतर DICGC को सभी बी�मत जमाकता�ओ ं(उनके बकाये के साथ) क� एक सचूी स�पनी होती है। DICGC को यह सचूी �ा�त होने के दो मह�ने के भीतर इन बकाया रा�श का भगुतान करना होता है। ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. सचूना संलयन क� � - �हदं महासागर �े� (IFC-IOR) गु��ाम म� �था�पत सम�ु� डटेा का एक सचूना-साझाकरण क� � है। 2. �ीलंका, बां�लादेश और थाईल�ड IFC-IOR तट�य राडार �ृंखला नेटवक� म� शा�मल होने वाले देश� म� से ह�। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : a �प�ट�करण : सचूना संलयन क� � - �हदं महासागर �े� (IFC-IOR) गु��ाम म� �था�पत सम�ु� डटेा का एक सचूना-साझाकरण क� � है। मालद�व के अलावा, �हदं महासागर �े� के कई देश मॉर�शस, �ीलंका और सेश�ेस स�हत

  • तट�य रडार �ृंखला नेटवक� म� शा�मल हो गए ह�। बां�लादेश IFC-IOR म� शा�मल होने के �लए तयैार है, जब�क थाईल�ड के साथ भी �वचार-�वमश� �कया जा रहा है। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. भारतीय ब�च� म� रोग और क�मयां उनके �नवास �थान के आधार पर �भ�न होती ह�। �ामीण और शहर� �वभाजन के कारण, ब�च� और �कशोर� म� �यापक, रा���य पोषण सव��ण �वारा उजागर ऐसी सम�याओ ंके समाधान के �लए आव�यक कदम� पर �ट�पणी कर�। (15 अकं, 250 श�द) ��न 2. 'जल संसाधन�' क� रणनी�त, जसैा �क नी�त आयोग क� '�य ूइं�डया @75 के �लए रणनी�त’ म� शा�मल है, स�ुत और अवा�त�वक है। भारत म� बढ़त ेजल संकट के साथ, जल संसाधन� के �बंधन ने �व�श�ट मह�व और वा�त�वक तथा अ�भनव समाधान हेत ुआ�वान �कया है। �या�या कर�। (15 अकं, 250 श�द)