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Page 1: Mathura Mansik Prikrama

तेयो भन अव राखा होम, चरो ऩयीक्म्भा करयमाभे दशबूजी गणेश के दशशन कय चरी भे मभुना ऩूजन, ववश्राभ घाट ऩे नहाई, हे ननकट चर्चशका भाई

कय ऩीप्रेश्वय के दशशन, फपय चरी भे बेयो भॊददय, वेणी भाधव की झाॉकी रे भदन भोहन की आयती

ध्रवु बक्मत फलर को भॊददय, सप्त ऋवष के दशशन, फपय चरो चरे यॊगेश्वय जहा फैठे कॊ स ननकॊ दन

तेयो भन अव राखा होम,चरो ऩयीक्म्भा करयमाभ े

फपय दयू दयू सन्नाटे नगया के जर हे खये, लशवतार कुॊ ड हे नहाए, कॊ कारी फनी सहाए

नयलसॊघ देव के दशशन बूतेश्वय कय ऩूजन अचशन, ऩोतया कुॊ ड रे आचभन, केशव देव जी के दशशन

भहाववधा भैमा के दशशन, सयस्वती कुॊ ड के आचभन,थकान लभटाभे अऩनी कछु चाम सभोसा ऩानी तेयो भन अव राखा होम,चरो ऩयीक्म्भा करयमाभ े

महा भेरा फडो आणूठो, आगे फपय चरे सभ सुदो, चाभुॊडा भैमा के दशशन फपय चरे गोकयण भॊददय

कॊ स को फकरो हे बायी, फकतनो भेचडो हा प्मायी, अफ थक के साॊस हा रेरो फपय गॊगा दशशन कयरो

असकुॊ डा घाट ऩे आए फायह जी के दशशन ऩाए, ऩूणश कयो ऩयीक्म्भा ववश्रभ घाट आए

आयती के दशशन कयके फपय चरे हा अऩने घय को मे सार की फडी ऩरयकाॉभा मह योज कये ,भेयी भैमा तेयो भन अव राखा होम

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