letter to shri madan mohan samar ji from vivek ji

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!ी समर जी ’त)ल, म+य -.श -णाम 2पछ5 बार जब ब7त8ल 9 नीरज जी 2क <म=2त 9 एक काय?कम आनAद ही आनAद D य)बा क2वयF को मAच .D I िलया 2कया था तब आपL म)लाकात नहM हो पायी थी पर आपको एक दो बार स)ना N, आपकी मयO2दत और Qतना I साहस 2क क2वताRS मन को -सTन करती Uअभी आपका एक पो<ट जो 2क फZसब)क 9 था ( क2वयF और उनI मान.य I स\बTध 9)उL ^D भी .खा, क‘छ कहना चाहता N इसिलए यह पb N^ समझता dS 2क क2वयF का मान.य नहM बिeक दान .य होता N, कवी क2वता का दान करता N और समाज उL जीवन 2क आवfयकताआg काइसी बात को श)h करi jए हमD 2पछ5 वष? ब7त8ल L एक नयी परAपरा 2क श)lआत 2क थी, जहाS नए क2वयF को मAच िमला था और बा2क अTय क2वयF D 2बना मान.य I काय?कम 9 िशरकत 2क थी^ समझता dS 2क क2व होना एक बड़ी गहरी बात N , R 2कसी ब)opव 2क सी2ढ़यF L कम नहMEmail : [email protected]

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Post on 15-Aug-2015

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