sharad poornima mantra

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शरद ऩ णिमा की रात मा ऱमी को मनाने का म ॐ ी र ी कमऱे कमऱाऱये सीद सीद ी र ी महाऱयै नम शरद ऩ णिमा की रात क बेर को मनाने का म ॐ याय क बेराय वैवणाय धन धायाधऩतये धन धाय सम ध मे देहह दाऩय वाहा।। शरद ऩ णिमा की रात इस म से ऩाए सौभाय का आशीवािद "ऩौ धन धाय हयवाहदगवेरथम् जाना भवसस माता आय मत करोत मे।" शरद ऩ णिमा ऩर भगवान सशव की इस म से ऩ जा कर शिवशऱग का जऱ नान कराने के बाद पचोपचार प जा यानी सफेद चदन, अत, बवप, आकडे के फ ऱ व शमठाई का भोग ऱगाकर इस आसान शिव म का यान कर जीवन म ि -ऱाभ की कामना कर - यह शिव म म भय, दररता व हानन से रा करने वाऱा माना गया है - ऩचव: कराै : वैदिशसभचैव धारयन्। अभय साद शकत ऱ खवागमीवर:।। दै : करैवािमकै च भ जग चास कम ्। डमरक नीऱोऩऱ बीजऩ रकम तमम ्।।

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Page 1: Sharad Poornima Mantra

शरद ऩूर्णिमा की रात माां ऱक्ष्मी को मनाने का मांत्र

ॐ श्ीां ह्रां श्ीां कमऱे कमऱाऱये प्रसीद प्रसीद श्ीां ह्रां श्ीां महाऱक्ष््यै नम ्

शरद ऩूर्णिमा की रात कुबेर को मनाने का मांत्र

ॐ यऺाय कुबेराय वैश्वणाय धन धान्याधधऩतये

धन धान्य समदृ्धां मे देहह दाऩय स्वाहा।।

शरद ऩूर्णिमा की रात इस मांत्र से ऩाएां सौभाग्य का आशीवािद

"ऩुत्रऩौत्रां धनां धान्यां हस््यश्वाहदगवेरथम ्प्रजानाां भवसस माता आयुष्मन्तां करोतु मे।"

शरद ऩूर्णिमा ऩर भगवान सशव की इस मांत्र से ऩूजा करें शिवशऱिंग का जऱ स्नान कराने के बाद पिंचोपचार पूजा यानी सफेद चिंदन, अऺत, बबल्वपत्र, आिंकड ेके फूऱ व शमठाई का भोग ऱगाकर इस आसान शिव मिंत्र का ध्यान कर जीवन में िुभ-ऱाभ की कामना करें -

यह शिव मिंत्र मतृ्युभय, दररद्रता व हानन से रऺा करने वाऱा माना गया है-

ऩांचवक्त्त्र: कराग्र:ै स्वैदिशसभश्चवै धारयन।्

अभयां प्रसादां शकक्त्तां शूऱां खट्वाङ्गमीश्वर:।। दऺै: करैवािमकैश्च भुजांग चाऺसूत्रकम।् डमरुकां नीऱो्ऩऱां बीजऩूरकमुक्त्तमम।्।

Page 2: Sharad Poornima Mantra

चांद्र मांत्र

ॐ चां चांद्रमस्यै नम:

दधधशांखतुषाराभां ऺीरोदाणिव स्भवम ।

नमासम शसशनां सोमां शांभोमुिकुट भूषणां ।।

ॐ श्ाां श्ीां श्ौं स: चन्द्रमसे नम:।।

ॐ ऐां क्त्ऱरां सोमाय नम:।

ॐ भूभुिव: स्व: अमतृाांगाय द्वद्महे कऱारूऩाय धीमहह तन्नो सोमो प्रचोदयात।्

कहत ेहैं िरद पूर्णिमा की रात भगवान कृष्ण न ेगोपपयों सिंग रास रचाया था। इसमें हर गोपी के साथ एक कृष्ण नाच रहे थे। गोपपयों को ऱगता रहा कक कान्हा बस उनके साथ ही थथरक रहे हैं। अत: इस रात गोपीकृष्ण मिंत्र का पाठ करन ेका महत्व है।

ॐ श्ीां ह्रां क्त्ऱरां श्ीकृष्णाय गोद्वांदाय गोऩीजन वल्ऱभाय श्ीां श्ीां श्ी'