shri guru amar das ji - sakhi 067

3

Upload: sinfomecom

Post on 13-Apr-2017

82 views

Category:

Spiritual


5 download

TRANSCRIPT

Page 1: Shri Guru Amar Das Ji - Sakhi 067
Page 2: Shri Guru Amar Das Ji - Sakhi 067

एक दि�न श्री गुरु नानक �ेव जी के पास एक ब्राह्मण जिजनका नाम पांधा बूला था, हाजिजर हुआ| उसने गुरु जी से प्राथ#ना की किक महाराज! मुझे ब्राह्मण जानकार मुझ से कोई भी सेवा नहीं कराता| मेरा कल्याण कैसे होगा? मुझे आप ही कोई उपाय बताए|ं गुरु जी कहने लग ेकिक तुम गुरबाणी का पाठ किकया करो| पे्रमपूव#क कथा करो| सत्य का संग करो| उसे सुनकर सभी को सुनाया करो| गुरबाणी लिलखकर लिसक्खों को दि�या करो अगर कोई पे्रमपूव#क भेंट �ें तो संतोख स ेग्रहण करो|

1 of 2 Contd…

Page 3: Shri Guru Amar Das Ji - Sakhi 067

For more Spiritual Content Kindly visit:

http://spiritualworld.co.in2 of 2 End

अगर आपको उनसे कुछ न भी हालिसल हो तो कुछ न मांगा करो| आपकी यही सेवा फली भूत होगी जो आपको ज्ञान से प्रकालि<त करेगी|