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1 Swarna Bharat Party Manifesto घोषणा प: वण भारत पाट� वतंता का प ज और अवसर� क� धरती नये भारत के �नमाण का नशा ण यवथा प�रवतन, प ण वराज जहाँ डाल-डाल पर सोने क� �च�ड़याँ करती ह� बसेरा ५ फ़रवर�, २०१५ http://swarnabharat.in/ आज़ाद� का वग (र�वनाथ टैगोर, गीतांज�ल) मन जहाँ डर से परे है और �सर जहाँ ऊंचा है; �ान जहाँ वतं है; और जहाँ द �नया को संक�ण घरेल द�वार� से छोटे -छोटे ट कड़� म� बांटा नह�ं गया; जहाँ शद सय क� गहराइय� से �नकलते ह�; जहाँ थक� ह ई अथक यास करती बांह� प णता क� तलाश म� ह�; जहाँ कारण क� पट धारा है जो स नसान रेतील� म त आदत के वीराने म� अपना राता खो नह�ं च क� है; जहाँ मन हमेशा यापक होते �वचार और स�यता म� त हारे ज�रए आगे चलता है; वतंता के उस वग म�, ऐ मेरे मा�लक, मेरे देश को जाग त करना| _ �वषय-ची १. म य सार २. वन और �वचारधारा २.१ हमारे देश क� अंत:शित का �वनाश

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    Swarna Bharat Party Manifesto

    घोषणा पत्र: स्वणर् भारत पाट�

    स्वतंत्रता का पंुज और अवसर� क� धरती

    नये भारत के �नमार्ण का नक्शा

    पूणर् व्यवस्था प�रवतर्न, पूणर् स्वराज

    जहा ँडाल-डाल पर सोने क� �च�ड़याँ करती ह� बसेरा

    ५ फ़रवर�, २०१५

    http://swarnabharat.in/

    आज़ाद� का स्वगर् (र�वन्द्रनाथ टैगोर, गीताजं�ल) मन जहाँ डर से परे है और �सर जहाँ ऊंचा है; �ान जहाँ स्वतंत्र है; और जहाँ द�ुनया को संक�णर् घरेलू द�वार� से छोटे-छोटे टुकड़� म� बांटा नह�ं गया; जहाँ शब्द सत्य क� गहराइय� से �नकलते ह�; जहाँ थक� हुई अथक प्रयास करती बांह� पूणर्ता क� तलाश म� ह�; जहाँ कारण क� स्पष्ट धारा है जो सुनसान रेतील� मतृ आदत के वीराने म� अपना रास्ता खो नह�ं चुक� है; जहाँ मन हमेशा व्यापक होते �वचार और स�क्रयता म� तुम्हारे ज�रए आगे चलता है; स्वतंत्रता के उस स्वगर् म�, ऐ मेरे मा�लक, मेरे देश को जागतृ करना|

    _

    �वषय-सूची

    १. मुख्य सार

    २. स्वप्न और �वचारधारा

    २.१ हमारे देश क� अंत:शिक्त का �वनाश

    http://swarnabharat.in/

  • 2

    २.२ आजाद� और सुधार का आह्वान

    २.२.१. सारे �वश्व के �लए स्वतंत्रता और समदृ्�ध का गढ़ बनेगा भारत

    २.३ सुधार प्र�क्रया

    २.३.१. संक्रमण काल का प्रबंधन

    २.४ सफलता मापने का हमारा मापदंड

    ३. हमार� �वचारधारा: स्वतंत्रता के साथ जवाबदेह�

    ३.१ स्वतंत्रता

    ३.२ स्वतंत्रता जवाबदेह� से ह� संभव है

    ३.२.१.१ अन्य जीव जन्तुओं के प्र�त जवाबदेह�

    ३.३. मूलभूत स्वतंत्रताएं

    ३.३.१. अ�भव्यिक्त क� स्वतंत्रता

    ३.३.२. संप�� का अ�धकार

    ३.३.३. धा�मर्क स्वतंत्रता

    ३.३.३.१. धमर् प�रवतर्न पर स्वणर् भारत पाट� का प�

    ३.३.३.२ धा�मर्क संस्थान� और ग�त�व�धय� को सरकार द्वारा कोई आ�थर्क मदद प्रदान

    नह�ं क� जाएगी

    ३.३.३.३. धा�मर्क संस्थान� द्वारा सावर्ज�नक भू�म पर अ�तक्रमण रोकना

    ३.३.४ व्यापार एवं लेन-देfन क� आजाद�

    ३.३.५ कानून के तहत हर भारतवासी के साथ एक समान व्यवहार

    ३.३.६ अवसर� क� उ�चत समानता

    ३.४ प�रवार, समाज और राष्ट्र

  • 3

    ३.४.१ प�रवार

    ३.४.२ समाज

    ३.४.३ राष्ट्र: समग्र भारत

    ४. आजाद समाज म� सरकार क� भू�मका

    ४.१ सरकार के कायर् (इसम� वो कायर् भी शा�मल ह� जो सरकार को नह�ं करने चा�हएं)

    ४.१.१ पहले दज� के कायर्

    ४.१.२ वैकिल्पक (दसूरे दज� के) कायर्

    ४.१.३ गैरजरूर� (तीसरे दज� के) कायर्

    ४.२ स�ा क� बागडोर संभालना

    ४.२.१ सरकार के खच� कम करना और उसक� कायर्�मता बढ़ाना

    ४.२.२ संवैधा�नक दबाव और �रयायत�

    ४.२.२.१ नई सं�वधान सभा क� स्थापना पर �वचार

    ४.२.२.२ सं�वधान के �लए जरूर� संशोधन

    ४.२.२.३ संवैधा�नकता के �लए कानून� क� न्या�यक ताकत� द्वारा समी�ा

    ४.२.२.४. राज्य� को सिब्सडी और �वक� द्र�करण के अ�धकार

    ४.२.३ जवाबदेह� और पारद�शर्ता म� इजाफा

    ४.२.३.१ सरकार म� खुलापन: कतर्व्य प्रका�शत ह�

    ४.२.३.२ स्थानीय बोड्र्स क� मदद से नाग�रक सरकार पर सीधे �नगरानी रख�गे

    ४.३ प्रोत्साहन के अनुकूल और नतीज� पर केिन्द्रत शासन प्रणाल�

    ४.४ अच्छे शासन के दो स्तम्भ

  • 4

    ४.४.१ स्तम्भ १: सरकार म� योग्य लोग� को लाना

    ४.४.२ स्तम्भ २: ये सु�निश्चत करना क� सरकार �सफर् अपने जरूर� दा�यत्व ह� पूरे करे

    स्तम्भ १: शासन �कसको करना चा�हए? अच्छे नेताओं और नौकरशाह� को|

    ५. ईमानदार नेता सरकार म� लाना

    ५.१ भ्रष्टाचार के अवसर� को कम करना

    ५.२ सरकार म� अच्छे लोग लाने और भ्रष्ट और अपरा�धय� को बाहर रखने के �लए

    मुआवज़े का प्रबंध

    ५.२.१ सकारात्मक प्रोत्साहन: अच्छे लोग� के �लए दरवाजे खोलना

    ५.२.१.१ पप्र�त�न�धय� को �मले मत� के आधार पर स्टेट फं�डगं क� जाए

    ५.२.१.२ कायर् प्रदशर्न के अनुसार �नवार्�चत प्र�त�न�धय� को ज्यादा वेतन

    ५.२.१.३ अ�भव्यिक्त क� आजाद� और खात� का प्रकट�करण

    ५.२.१.४ यू�नयन और कंप�नय� द्वारा राजनी�तक चंदा

    ५.२.१.५ चुनावी खच� का सख्ती से ऑ�डट

    ५.२.१.६ �नवार्�चत प्र�त�न�धय� क� संप��य� को सावर्ज�नक करना

    ५.२.१.७ उम्मीदवार� के �लए चुनावी खच� कम करना

    ५.२.२ नकारात्मक प्रोत्साहन: बेईमान लोग� के �लए सरकार के दरवाजे बंद करना

    ५.२.२.१ सांसद� के �खलाफ भ्रष्टाचार और अपराध के मामले �नपटाने के �लए फ़ास्ट-टै्रक

    कोट्र्स का गठन होगा

    ५.२.२.२ प्रधानमंत्री और मुख्यमं�त्रय� के �लए लोकपाल और स्वतंत्र सीबीआई

    ५.२.२.३ उच्च स्तर पर हुए भ्रष्टाचार के �खलाफ सख्त सजा

    ५.२.२.४ उम्मीदवार� क� आपरा�धक प्रष्ठभू�म को सावर्ज�नक करना

  • 5

    ५.२.२.५ मतदान केन्द्र� क� �व�डयो �नगरानी

    ५.२.२.६ सभी राजनी�तक दल� को RTI के अधीन लाना

    ५.२.२.७ स्वणर् भारत पाट� के सदस्य उच्चतम मानक� का पालन कर�गे

    ५.३ चुनावी लोकतंत्र म� सुधार करके उसे मजबूत करना

    ५.३.१ संकु�चत सोच वाले अभाव-�वरोधी कानून का खात्मा

    ५.३.२ प्रत्येक मत के मह�व को एक बराबर अह�मयत

    ५.३.३ नाग�रक� को �कसी भी राज्य म� चुनाव लड़ने क� अनुम�त

    ५.३.४ राजनी�तक दल� द्वारा �कये गए वाद� क� लागत आंक� जाएगी

    ५.३.५ सांसद� और �वधायक� के प्रदशर्न पर �नगरानी

    ५.३.६ सभी योग्य नाग�रक� को मतदान �दलवाना

    ५.३.६.१ पु�लस और र�ा बल� के �लए ऑनलाइन वो�टगं क� सु�वधा

    ५.३.६.२ अप्रवासी भारतीय� को मता�धकार

    ५.३.६.३ अपा�हज और बुजुग� को मतदान बैलट तक पहंुचाना

    ५.३.७ वापस बुलाने के अ�धकार क� पड़ताल

    ५.३.८ वैकिल्पक मतदान प्रणाल� क� पड़ताल

    ६. सभी स्तर� पर ईमानदार और स�म सरकार

    ६.१ सरकार के सभी दा�यत्व� क� पूत� हेतू नया ढांचा

    ६.१.१ चरण १: स्वतंत्रता �वभाग

    ६.१.१.१ भारत नी�त कायार्लय

    ६.१.१.२ भ्रष्टाचार के स्तर का सव�

  • 6

    ६.१.२ चरण २: संस्थागत और नी�तगत पुनरवलोकन

    ६.१.२.१ कामकाज क� समी�ा

    ६.१.२.२ सरकार को २० मंत्रालय� और १० �वभाग� म� समेटना

    ६.१.३ सं�वधान म� �दए अ�धकार� से ज्यादा ताक़त रखने वाल� संस्कृ�त का खात्मा

    ६.१.४ वर�य पद पर �नयुिक्तयां स्थायी न होकर अनुबंध के आधार पर ह�गी

    ६.१.५ सभी स्तर� पर तय तनख्वाह और कायर्कुशलता के �लए मुआवजा

    ६.१.६ नौकरशाह� को अ�धक स्वतंत्रता

    ६.१.७ धांधल� क� खबर देने वाल� को इनाम

    ६.२ नौकरशाह� म� भ्रष्टाचार को पूणर् रूप से खत्म करना

    ६.२.१ भ्रष्टाचार के अवसर कम करना

    ६.२.२ भ्रष्टाचार कम करने के �लए प्रोत्साहन

    ६.२.२.१ पुरस्कार

    ६.२.२.२ सज़ा

    ६.२.३ नाग�रक� द्वारा सरकार का ऑ�डट और �नगरानी

    ६.३ पेशेवर स्थानीय सरकार� संस्थाएं: पूणर् स्वराज

    ६.३.१ सीईओ और बा�क कमर्चा�रय� क� पूणर् जवाबदेह�

    ६.३.२ व्यविस्थत आकार

    ६.३.३ कुछ राज्य स्तर�य काय� का ट्रान्सफर

    ६.३.४ स्थानीय कराधान

    ६.३.५ पारषद प्रबंधन क� �मता

  • 7

    ६.३.६ पंचायत� क� भू�मका

    ६.४ [उदाहरण] स्वच्छ और चमकदार भारत

    ६.४.१ खुले म� शौच का अंत

    ६.४.२ स्ट्र�ट व�डसर्

    ६.५ शासन का �सद्धांत, ढांचा और प्रोत्साहन तंत्र

    ६.५.१ �वश्व-स्तर�य नी�त और �नयामक ढांचे

    ६.५.१.१ �नयामक और पुनरवलोकन संस्था

    ६.५.१.२ व्यवसाय� म� होने वाले �नयामक खच� को ५० प्र�तशत तक कम करना

    ६.५.१.३ लाइस��सगं का �नर�ण: उद्यम और व्यवसाय सबका अ�धकार ह�

    ६.५.१.४ कम शब्द� का इस्तेमाल कर कानून� को सरल भाषा म� �लखा जायेगा और

    अनावश्यक कानून� को खत्म �कया जायेगा

    ६.५.२ हर १० साल� म� �नयम� को खत्म करना और कानून� को ३० साल म� बदलना

    ६.५.३ अन्य बेहतर�न ढाँचे

    ६.५.४ ई-गवन�स

    स्तंभ २: एक अच्छ� सरकार को क्या करना चा�हए?

    ७. न्यूनतम कर, खच� पर सख्त �नयंत्रण और मजबूत �व�-व्यवस्था

    ७.१ संतु�लत बजट और कम कजर्

    ७.२ राजस्व सम्बन्धी �सद्धांत� पर एक नज़र

    ७.२.१ कर-वसूल� से जुड़े �सद्धांत

    ७.२.१.१ कर क� कुल रा�श जीडीपी के २५ प्र�तशत से ज्यादा न हो

    ७.२.१.२ आसान कर प्रणाल�

  • 8

    ७.२.१.३ ईमानदार� से �ववरण देना

    ७.२.१.४ �वस्ततृ कर-पटल: हर नाग�रक को कर भुगतान करना चा�हए

    ७.२.१.५ कर भुगतान �बना परेशानी के हो इसके �लए �नजी संस्थाओं को काम पर

    लगाया जायेगा

    ७.२.१.६ टैक्स आय और लाभ के आधार पर वसूला जाये न �क सौद� के आधार पर

    ७.२.१.७ अ�धक फायदेमंद कर� का इस्तेमाल

    ७.२.१.८ दोहरे-कराधान का प्रावधान समाप्त होगा

    ७.२.१.९ पूवर्व्यापी कराधान का प्रावधान समाप्त होगा

    ७.२.१.१० लागत वसूल� और उपभोक्ता अदायगी �सद्धांत

    ७.२.१.११ कर अनुपालन के �लए टैक्स चोर� करने वाल� पर सख्त कायर्वाह� क� जाएगी

    ७.२.२ आयकर

    ७.२.२.१ प्रग�तशील आयकर

    ७.२.२.२ मान्य छूट� (स्टैण्डडर् �डडक्शन)

    ७.२.३ कॉप�रेट आयकर

    ७.२.३.१ अंकन लाभांश (फं्र�कंग �ड�वड�डस)

    ७.२.३.२ टनर्ओवर टैक्स पर �वचार �वमषर्

    ७.२.४ प्रग�त को नुक्सान पहँुचाने वाले अप्रत्य� कर� म� कमी

    ७.२.४.१ जीएसट�/वैट

    ७.२.४.१ कर भुगतान के �लए लोग� को प्रोत्सा�हत करने हेतू �रसीप्ट पर लौटर� स्क�म

    ७.२.५ अन्य कर

    ७.२.५.१ �सन कर

  • 9

    ७.२.५.२ संप�� कर� क� समी�ा

    ७.३ व्यय से जुड़ े�सद्धांत और जवाबदेह�

    ७.३.१ सरकार� खच� के प्रकट�करण के �वश्व-स्तर�य �सद्धांत

    ७.३.२ सरकार के �व� और प्रदशर्न का सख्ती से ऑ�डट

    ७.४ पयार्प्त धन: मुद्रास्फ��त के टैक्स को ख़त्म करना

    ७.४.१ चरण १: अ�धकतम ३ प्र�तशत मुद्रास्फ��त के �लए �व��य �नयम

    ७.४.२ चरण २: अ�धकतम १ प्र�तशत मुद्रास्फ��त के �लए �व��य �नयम

    ७.४.३ चरण ३: प्र�तस्पध� �नजी कर�सी का सोने द्वारा समथर्न

    ८. मजबूत र�ा और प्रभावकार� �वदेश नी�त

    ८.१ सुर�ा एवं राष्ट्र�य सुर�ा एज�डा

    ८.१.१ श्वेत पत्र

    ८.१.२ हमार� सेना और गुप्तचर एज��सय� को संसाधन मुहैया कराना

    ८.१.२.१ सुर�ा दल� और गुप्तचर एज��सय� म� सेवा देने पर सम्मान महसूस करना

    ८.१.३ चीफ ऑफ �डफेन्स स्टाफ

    ८.१.४ सुदृण गुप्तचर एज��सयां

    ८.१.५ र�ा उपकरण� का उत्पादन

    ८.१.६ सुर�ा उपकरण� का प्रबंध

    ८.१.७ सीमा से जुड़ी सडक� और र�ा संचार

    ८.१.८ आतं�रक सुर�ा म� लगे र�ा बल� क� तैनाती म� कमी

    ८.१.९ पूणर्का�लक सेना क� सहायता के �लए स्वयंसेवक

  • 10

    ८.१.१० भूतपूवर्क सै�नक� और उनके प�रवार� को सम्मान व सहायता

    ८.१.११ राष्ट्र�य र�ा बल संग्रहालय

    ८.२ एक�कृत र�ा व �वदेश नी�त

    ८.२.१ मुख्य �सद्धांत व प्र�क्रयाएँ

    ८.२.१.१ सुर�ा

    ८.२.१.२ दसूरे देश� से सं�धयाँ

    ८.२.१.३ खुला व्यापार और आ�थर्क सहयोग

    ८.२.१.४ �वदेशी अनुदान स्वीकार नह�ं

    ८.२.१.५ राजना�यक ताक़त का सशिक्तकरण

    ८.२.१.६ अंतरार्ष्ट्र�य संगठन

    ८.२.१.७ �वदेश� म� रह रहे भारतीय� को समथर्न

    ८.२.१.८ दोहर� नाग�रकता

    ८.२.२ �व�शष्ट राष्ट्र� के साथ संबंध

    ८.२.२.१ अमे�रका

    ८.२.२.२ जापान

    ८.२.२.३ चाइना

    ८.२.२.४ रूस

    ८.२.२.५ पा�कस्तान

    ८.२.२.६ बांग्लादेश

    ८.२.२.७ नेपाल

  • 11

    ८.२.२.८ श्रीलंका

    ८.२.२.९ द��ण-पूवर् ए�शया के साथ कॉ�रडोर

    ८.२.२.१० �म�डल ईस्ट के साथ समुद्र के रास्ते ऊजार् कॉ�रडोर

    ९. प्रभावी पु�लस फ़ोसर्, आपातकाल�न व्यवस्था और आतं�रक सुर�ा

    ९.१ पु�लस और पु�लस प्रणाल� म� सुधार

    ९.२ आपातकाल�न प्रबंधन

    ९.२.१ पु�लस और एम्बुल�स के �लए एक हेल्पलाइन

    ९.३ �व�शष्ट आतं�रक सुर�ा नी�तयां

    ९.३.१ आत्म-र�ा समेत �कसी भी प्रकार क� �हसंा के अ�धवक्ताओं पर मुकदमा चलाया जाएगा ९.३.२ जम्मू-कश्मीर ९.३.३ आधार काडर् (नाग�रक आईडी) ९.३.४ अयोध्या मं�दर ९.३.५ नक्सलवाद ९.३.६ उ�र पिश्चम

    १०. स�म एवं प्रभावशाल� न्याय प्रणाल�

    १०.१ न्याय प्रणाल� क� जड़ से समी�ा

    १०.१.१ राज्य स्तर पर �नवार्�चत न्यायाधीश� के �वकल्प क� पर��ा

    १०.१.२ बखार्स्तगी क� शिक्त के साथ अनुबंध पर �नयुिक्तयां

    १०.२ न्याय व्यवस्था म� भ्रष्टाचार कम करने के �लए तत्काल कदम

    १०.२.१ जज� के पा�रश्र�मक के �लए स्वतंत्र स�म�त १०.२.२ सभी आपरा�धक मामल� के �लए जूर� व्यवस्था

    १०.२.३ सरकार� द्वारा जज� को �रश्वत देना दंडनीय होगा

  • 12

    १०.३ एक ईमानदार और कुशल न्याय व्यवस्था के �लए जरूर� सुधार

    १०.३.१ झूठ� गवाह� के �लए सजा का प्रावधान अ�नवायर् होगा

    १०.३.२ जज� क� �नयुिक्त और स्थानान्तरण म� पारद�शर्ता १०.३.२.१ संसद द्वारा सभी सुप्रीम कोटर् जज� क� �नयुिक्त

    १०.३.२.२ अंत�रम सुधार

    १०.३.२.३ आंत�रक समी�ा: समय पर न्याय के �लए जवाबदेह� १०.३.२.४ वक�ल के रूप म� पयार्प्त अनुभव के �बना कोई भी जज नह�ं बनेगा

    १०.३.२.५ न्याय क� गुणव�ा और द�ता म� सुधार के �लए प्र�श�ण

    १०.३.३ सुप्रीम कोटर् के न्याया�धकार को सी�मत करना

    १०.३.४ फ्र�डम �म�नस्टर को न्याय क� ग�त और गुणव�ा के आधार पर भुगतान �कया

    जाएगा

    १०.३.५ स्वतंत्र अ�भयोजन एज�सी

    १०.४ सबको तय समय सीमा म� प्रभावी और उ�चत न्याय प्राप्त हो

    १०.४.१ आपरा�धक मामल� म� लगातार सुनवाई

    १०.४.२ अंडर ट्रायल कै�दय� के मामल� का तेजी से �नपटान

    १०.४.३ जज� क� संख्या म� बड़ी वदृ्�ध

    १०.४.३.१ न्याय पर होने वाले खचर् को तीन साल म� �तगुना करना

    १०.४.४ फ़ास्ट-टै्रक �वकल्प

    १०.४.४.१ सांसद� के �खलाफ भ्रष्टाचार/आपरा�धक आरोप� से �नपटने के �लए फास्ट टै्रक

    अदालत�

    १०.४.४.२ नाग�रक� के �खलाफ अपराध� के �लए फास्ट टै्रक अदालत�

    १०.४.४.३ अन्य मामले िजनम� फ़ास्ट-टै्रक कोटर् क� जरूरत है

  • 13

    १०.४.५ न्याय देने म� आने वाल� दे�रय� को कम करने के �लए कदम उठाये जाय�गे

    १०.४.५.१ मुकदमेबाजी से पूवर् के उपाय

    १०.४.५.२ या�चका पर सौदेबाज़ी

    १०.४.५.३ बेमतलब क� मुक़दमेबाज़ी और �नवेदन� के �लए सख्त सजा

    १०.४.५.४ कभी खत्म न होने वाल� अपील� क� रोकथाम

    १०.५ न्या�यक व्यवस्था के संरचनात्मक सुधार

    १०.५.१ सुप्रीम कोटर् तक पहँुच को और सुलभ बनाना

    १०.५.२ व्यावसा�यक मामल� के �लए अदालत�

    १०.५.३ मोबाइल कोटर्, लोक अदालत और पा�रवा�रक न्यायालय

    १०.५.४ मामूल� �स�वल और फौजदार� मामल� के �लए पंचायत�

    १०.५.५ �वशेष �स�वल मामल� के �लए �नजी अदालत�

    १०.६ न्याय प्रणाल� को और मानवीय बनाना

    १०.६.१ उच्च गुणव�ा वाल� मुफ्त कानूनी सहायता

    १०.६.२ जमानत हा�सल करने म� आसानी

    १०.६.३ कै�दय� के पुनवार्स और उनके पुनपर्राधीकरण म� कमी के �लए जेल� म� सुधार

    १०.६.४ अपराध क� �रपो�ट�ग म� आने वाल� लागत क� समी�ा और उसम� कटौती

    १०.६.४.१ गंभीर अपराध� के �शकार पी�ड़त� क� देखरेख

    १०.७ कानून� का आधु�नक�करण

    १०.७.१ नुकसान का उ�रदा�यत्व सरकार का होना चा�हए

    १०.७.२ अदालत क� अवमानना क� समी�ा का प्रावधान

  • 14

    १०.७.३ जघन्य अपराध� के �लए मौत क� सज़ा

    १०.७.४ एक समान नाग�रक सं�हता नह�ं, सबके �लए न्यूनतम मानक

    १०.७.५ मजबूत जवाबदेह�: कै�दय� को अपना खचार् खुद उठाना होगा

    १०.७.६ सामू�हक-अपराध� और �हसंक यौन-अपराध� के �लए अ�नवायर् कारावास

    १०.७.७ यातना के �खलाफ सख्त कानून

    १०.७.८ पी�ड़त ह�न अपराध क� समी�ा

    १०.७.९ यौन उन्मुखीकरण अपराध नह�ं

    १०.७.१० व्य�भचार अपराध नह�ं

    १०.७.११ बच्च� के संर�ण, घरेलू �हसंा और दहेज कानून� म� सुधार

    १०.७.१२ मजबूत पशु संर�ण कानून

    १०.७.१३ पारद�शर्ता के समथर्न के �लए कानून� को सुलभ और स्पष्ट बनाया जायेगा

    १०.७.१३.१ लोग� क� भाषा का इस्तेमाल

    १०.७.१३.२ प�रभाषा अ�ध�नयम

    १०.७.१३.३ जुमार्ने, फ�स और दंड का सूचीकरण

    १०.७.१३.४ कानून� और न्यायशास्त्र का कम्प्यूटर�करण

    १०.७.१३.५ संवैधा�नक मामल� पर अदालत क� कायर्वाह� का प्रसारण

    १०.७.१४ �नरथर्क कानून� का �नरस्तीकरण

    १०.८ उपभोक्ता संर�ण

    ११. संप�� के मजबूत अ�धकार, कानून के तहत समानता और स्वतंत्रता क� र�ा

    ११.१ अच्छ� तरह से प�रभा�षत और मजबूती से संर��त संप�� अ�धकार

  • 15

    ११.१.१ संप�� के अ�धकार को एक मौ�लक अ�धकार के रूप म� बहाल करना

    ११.१.२ भ्रष्टाचार र�हत भू-अ�भलेख प्रणाल� को सु�निश्चत करना

    ११.१.२.१ संपदा अ�धकार प्रणाल� के पांच आधार

    ११.१.२.२ जमीन के स्वा�मत्व के स्वतंत्र �रकॉडर् क�पर

    ११.१.३ सावर्ज�नक भू�म के अ�तक्रमण, �वशेष रूप से झुग्गी बिस्तय� से �नपटना

    ११.१.४ केवल अत्यंत सी�मत प�रिस्थ�तय� के तहत भू�म को जब्त करना

    ११.१.५ �नजी संस्थाओं और संगठन� को सावर्ज�नक भू�म के अनुदान पर �नषधे

    ११.१.६ �कराया �नयंत्रण और �करायेदार� कानून क� समी�ा कर उसका खात्मा

    ११.२ सभी नाग�रक� को बराबर� का अ�धकार

    ११.३ हर संभव तर�के से स्वतंत्रता क� र�ा

    ११.३.१ म�हलाओं, बच्च� और व्यविस्थत रूप से प्रता�ड़त समूह� के �वशेषा�धकार

    ११.३.२ गोपनीयता

    ११.३.३ जनगणना

    १२. मुक्त व्यापार क� भू�म के रूप म� भारत

    १२.१ पहला कदम: कारोबार म� सरकार� दखल क� समािप्त

    १२.२ अच्छ� तरह �व�नय�मत मुक्त बाजार

    १२.२.१ एकतरफा मुक्त व्यापार और लालफ�ताशाह� का उन्मूलन

    १२.२.२ �व�नयमन प्र�तयो�गता के �लए है न क� व्यापार आकार के

    १२.२.३ एकल �खड़क� मंजूर�

    १२.२.४ क�मत� म� ढ�ल और उन्ह� �नयंत्रण-मुक्त करना

  • 16

    १२.२.५ ओपन प्रत्य� �वदेशी �नवेश (एफडीआई) - अपवाद के �बना

    १२.२.६ मुक्त श्रम बाजार (�व�नय�मत सामू�हक सौदेबाजी के साथ)

    १२.२.६.१ सामू�हक सौदेबाजी

    १२.२.७ मानक�करण और गुणव�ा �नयंत्रण

    १२.३ कोई उद्योग, नवीनता, या छोटे व्यापार क� नी�त नह�ं

    १२.३.१ लघु उद्योग� के �लए आर�ण का उन्मूलन

    १२.४ समथर्न बाजार� का �वकास

    १२.४.१ �व�ीय और पंूजी बाजार

    १२.४.२ बीमा बाजार

    १२.५ पयार्वरण न्याय और प्राकृ�तक संसाधन

    १२.५.१ प्राकृ�तक संसाधन� के मा�लकाना हक� का आवंटन

    १२.५.१.१ राष्ट्र�य उद्यान� को �नयं�त्रत �नजी स्थल� म� प�रव�त र्त करना

    १२.५.१.२ �नय�मत वा�णिज्यक कटाई और लुप्तप्राय प्रजा�तय� के अन्य उपयोग

    १२.५.१.३ खान और ख�नज संपदा

    १२.५.१.४ भू�मगत जल

    १२.५.२ सशक्त �नयामक व्यवस्था

    १२.५.२.१ प्रदषुण करने वाल� से सफाई क� लागत वसूल� जाएगी

    १२.५.२.२ सामान्य प्रदषूण के �लए �पगो�वयन कर

    १२.५.२.३ अं�तम उपाय: सरकार द्वारा प्रत्य� प्रबंधन

    १२.६ मुक्त उद्यम के उदाहरण

  • 17

    १२.६.१ सूचना प्रौद्यो�गक� �ेत्र

    १२.६.२ आवास उद्योग

    १२.६.३ सेक्स उद्योग को मा�फया के हाथ� से बाहर �नकालना

    १३. कृ�ष म� मुक्त उद्यम

    १३.१ एम.एस. स्वामीनाथन क� �सफा�रश� क� अपयार्प्तता

    १३.२ एक बाजार आधा�रत कृ�ष नी�त

    १३.२.१ �नमार्ण और व्यापार करने के �लए स्वतंत्रता

    १३.२.२ �कसान� के �लए मजबूत संपदा अ�धकार

    १३.२.३ कुल क�मत� म� ढ�ल के साथ न्यूनतम समथर्न मूल्य को तीन साल के भीतर

    समाप्त करना

    १३.२.४ सभी कृ�ष सिब्सडी और अनावश्यक हस्त�ेप को हटाना

    १३.२.५ सरकार� ऋण� क� समािप्त

    १३.२.६ कृ�ष के �लए एक आधु�नक �नयामक व्यवस्था

    १३.२.६.१ कृ�ष �वपणन उत्पाद स�म�तय� (एपीएमसी) का उन्मूलन

    १३.२.६.२ क�टनाशक और उवर्रक उपयोग का मजबूत �नयंत्रण

    १३.२.६.३ आवश्यक वस्तु �नरसन अ�ध�नयम

    १३.२.६.४ आनुवं�शक रूप से संशो�धत फसल� के �लए �नयामक व्यवस्था

    १३.२.६.५ सहकार� खेती

    १३.२.६.६ दाव� क� प्रामा�णकता के �लए जै�वक खेती का �नयमन

    १३.२.७ समथर्न बाजार� का �वकास

    १४. ततृीयक �श�ा के �ेत्र म� मुक्त उद्यम

  • 18

    १४.१ ततृीयक (१२ साल के बाद क�) व्यावसा�यक �श�ा

    १४.२ उच्च �श�ा

    १४.२.१ उच्च �श�ा �ेत्र का व्यापक �नजीकरण

    १४.२.२ छात्र� के �लए कम ब्याज पर ऋण

    १५. तीन वष� म� अत्य�धक गर�बी को खत्म करना

    १५.१ दसूर� क� मदद करने म� दान क� हमेशा एक भू�मका रहेगी

    १५.२ सामािजक न्यूनतम सु�निश्चत करना

    १५.२.१.नकारात्मक आयकर (एनआईट� प्रकार) प्रणाल�

    १६. गर�ब बच्च� क� उच्च गुणव�ा वाल� स्कूल� �श�ा तक पहँुच

    १६.१ स्कूल� �श�ा

    १६.१.१ सभी स्कूल� का �नजीकरण

    १६.१.२ �नयामक

    १६.१.२.१ मानक और पाठ्यक्रम

    १६.१.२.२ �श�क गुणव�ा म� सुधार

    १६.१.३ स्कूल� म� बाजार प्र�तस्पधार्

    १६.१.४ गर�ब� के बच्च� के �लए बाल-आधा�रत धन

    १६.१.४.१ बच्च� क� पहचान

    १६.१.४.२ वाउचर मूल्य क� गणना

    १६.१.४.३ �कसी भी टॉप-अप का भुगतान माता-�पता द्वारा �कया जायेगा

    १६.१.४.४ प्राइवेट प्रदाताओं द्वारा मैनेजम�ट

  • 19

    १६.१.४.५ स्कूल� के �लए भुगतान प्रणाल�

    १६.१.४.६ उन स्थान� के �लए प्लान बी जहां �नजी स्कूल अपने आप नह�ं उभरते

    १६.२ स्कूल पूवर् �श�ा

    १७. सभी के �लए आपातकाल�न स्वास्थ्य सु�वधाएं; गर�ब� के �लए बु�नयाद� स्वास्थ्य

    सु�वधाएं

    १७.१ गर�ब� के �लए बु�नयाद� स्वास्थ्य और शल्य �च�कत्सा के �लए सरकार� समथर्न

    १७.२ यू�नवसर्ल ट्रॉमा देखभाल और जो भुगतान कर सकते ह� उनसे लागत वसूल�

    १७.२.१.१ ट्रॉमा देखभाल का �वतरण

    १७.२.१.२ प्र�तपू�त र्

    १७.३ सरकार� प्राथ�मक स्वास्थ्य क� द्र� और अस्पताल� का �नजीकरण

    १७.४ अन्य सावर्भौ�मक स्वास्थ्य कायर्क्रम

    १७.५ ड्रग पॉ�लसी

    १७.६ स्वास्थ्य �व�नयमन

    १७.६.१ �नजी स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं का कड़ा �व�नयमन

    १७.६.२ स्वास्थ्य पेशेवर� का व्यावसा�यक लाइस�सीकरण

    १६.६.३ खून, गुद� और अंग� के �व�नय�मत बाजार और सरोगेसी का �नयंत्रण

    १७.७ दंग� या प्राकृ�तक आपदाओं म� मतृ्यु/ घायल होने पर मुआवजा

    १७.८ उदाहरण: शराब नी�त

    १८. �वश्व स्तर�य भौ�तक बु�नयाद� ढांचा

    १८.१ नी�त के �सद्धांत

  • 20

    १८.१.१ सरकार को बु�नयाद� ढांचे का �नमार्ण करने क� नह�ं, बिल्क केवल उसे उपलब्ध

    कराने व �नयं�त्रत करने क� ज़रुरत है

    १८.१.२ बु�नयाद� ढांचे के �लए जवाबदेह� प्रणाल�

    १८.१.२.१ सावर्ज�नक प्रकट�करण और लागत और लाभ पर परामशर्

    १८.१.२.२ बु�नयाद� ढांचे का मूल्य �नधार्रण (बाजार क�मत वसूल�)

    १८.१.२.३ समय पर मंजूर� और कुशल �व�नयमन

    १८.२ �नजी शहर� के साथ सु�नयोिजत शहर�करण

    १८.३ प�रवहन बु�नयाद� ढांचा और नी�त

    १८.३.१ आपू�त र् से जुड़ी समस्याएं

    १८.३.१.१ सड़क�

    १८.३.१.२ हवाई अड्ड ेऔर बंदरगाह

    १८.३.१.३ रेलवे

    १८.३.१.४ सावर्ज�नक प�रवहन और टैिक्सयां

    १८.३.२ मांग प� के मुद्दे

    १८.३.२.१ ‘उपयोगकतार् भुगतान करता है’ �सद्धांत

    १८.३.२.२ सड़क� और पा�क� ग पर भीड़ प्रभार शुल्क

    १८.४ जल आपू�त र् हेतू बु�नयाद� ढांचा

    १८.४.१ पीने का पानी

    १८.४.२ �सचंाई

    १८.५ ऊजार्

    १८.५.१ उत्पादन

  • 21

    १८.५.१.१ कोयला, तेल और गैस

    १८.५.१.२ परमाणु और संलयन ऊजार्

    १८.५.१.३ अ�य ऊजार्

    १८.५.२ ऊजार् का �वतरण और खुदरा �बक्र�

    १८.५.२.१ ट्रांस�मशन �ग्रड

    १८.५.२.२ थोक और खुदरा बाजार

    १८.६ सावर्ज�नक शौचालय

    १८.७ �वकलांग� क� सावर्ज�नक बु�नयाद� सु�वधाओं के उपयोग तक पहँुच

    १९. �ेत्र जहां सरकार क� कोई भू�मका नह�ं या बहुत सी�मत भू�मका है

    १९.१ कोई जनसंख्या नी�त नह�ं: स्वतंत्रता सारे सवाल� के जवाब खुद देगी

    १९.१.१ बड़ी, अच्छ� तरह �श��त जनसंख्या राष्ट्र�य 'संप��' है

    १९.१.२ गभर्पात नी�त

    १९.२ लोग� को अपनी सांस्कृ�तक �वरासत क� र�ा करने म� स�म बनाना

    १९.२.१ संस्कृ�त के 'प्रबंधन' से बाहर �नकलना

    १९.२.२ धा�मर्क ग�त�व�धय� के �लए सिब्सडी क� समािप्त

    १९.२.३ पुराताित्वक �वरासत का �व�नयामक �नर��ण के तहत लोग� द्वारा संर�ण

    १९.३ खेल

    १९.३.१.१ खेल के �लए सामान्य समथर्न (न �क '�वजेताओं को चुनना')

    १९.३.१.२ राष्ट्र�य खेल �नकाय� का �व�नयमन

    १९.४ सरकार� पुरस्कार केवल सरकार� कमर्चा�रय� के �लए १९.५ �व�ान, अनुसंधान एवं �वकास और नवाचार

  • 22

    १९.५.१ अनुसंधान और नवाचार द्वारा व्यावसा�यक प�रणाम� का समथर्न

    १९.५.१.१ �नजी वै�ा�नक संगठन� को बढ़ावा देना

    १९.५.१.२ बाजार आधा�रत नवाचार और व्यावसा�यक अनुसंधान एवं �वकास को बढ़ावा

    १९.५.१.३ सरकार� वै�ा�नक संगठन� क� चरणबद्ध समािप्त

    १९.५.२ स्पष्ट व्यावसा�यक प�रणाम� के �बना शुद्ध अनुसंधान

    १९.६ मानव �न�मर्त ग्लोबल वा�म�ग के �लए सा�य आधा�रत दृिष्टकोण

    २०. खुद पर �वश्वास रखने वाला और िजम्मेदार मुक्त समाज

    २०.१ लोग नौक�रयां पैदा कर�गे न क� सरकार�

    २०.२ भोजन, घर और सुर�ा

    २०.३ �श�ा

    २०.४ स्वास्थ्य

    १. मुख्य सार

    आज़ाद� के बाद भारत ने बेहतर�न शुरुआत क�| उस वक़्त हमारा सं�वधान आज़ाद� और

    संप�� के ठोस अ�धकार� पर आधा�रत था| इसके बावजूद ऐसे भारत का सपना जहाँ हर

    भारतवासी को उसक� आज़ाद� का हक �मलेगा अधूरा ह� रह गया| जल्द ह� सरकार का

    आम लोग� के जीवन म� हस्त�ेप बढ़ने लगा| जैसे जैसे सरकार� मशीनर� का आकार

    बढ़ता गया, असमथर् और भ्रष्ट सरकार ने उद्योग के साथ साथ भारतवा�सय� के सोचने

    और �वचार प्रकट करने क� आजाद� पर भी अंकुश लगाना शुरू कर �दया|

    इसका नतीजा यह हुआ �क आज भारत आजाद� और संपन्नता के मामले म� बा�क देश�

    से �पछड़ गया है| भले ह� १९९० म� आ�थर्क उदारवाद उम्मीद क� एक नई रौशनी लेकर

    आया िजसके कारण कई �ेत्र� म� सुधार हुआ| पर सह� मायने म� अभी भी देशवा�सय� को

    पूर� तरह से आजाद� नह�ं �मल�| आजाद� के �लए ज़रूर� कई पहलू उस वक़्त भी अछूते

    ह� रह गए| यहाँ तक क� उस दौरान समाज के �लए हा�नकारक �वकृत पंूजीवाद और

  • 23

    धा�मर्क कट्टरता जैसी सोच और भी गहर� होती चल� गई| इन्ह�ं कारण� से हमारा

    लोकतंत्र ढह गया| पर इसे बबार्द करने म� िजतना बड़ा हाथ अपराधी और भ्रष्ट सांसद�

    का है उतना ह� बड़ा हाथ उन अच्छे लोग� का भी है जो राजनीती को तुच्छ मानकर

    उससे �कनारा कर लेते ह�|

    न जाने �कतने ह� योग्य और स�म लोग अवसर� और सच्ची आजाद� क� तलाश म�

    भारत छोड़ कर दसूरे मुल्क� म� चले गए| ऐसा इसी�लए हुआ क्यंू�क भले ह� भारत स्वतंत्र

    कहलाता हो पर यहाँ के रहने वाले आज भी सह� मायने म� आज़ाद नह�ं ह�|

    शासन प्रणाल� और नी�तय� म� बु�नयाद� बदलाव लाना होगा|

    हम� चा�हए �क सरकार हमार� जवाबदेह हो िजससे जनता खुद को सशक्त महसूस करे|

    पर ये सब शासन प्रणाल� और नी�तय� म� बु�नयाद� बदलाव लाए �बना मुम�कन नह�ं है|

    इस�लए इस एज�डा को सच्ची आजाद� क� उसी �वचारधारा पर मजबूती से खड़ा �कया

    गया है िजसक� मदद से हम शासन प्रणाल� म� बदलाव ला सकते ह�| इसम� ऐसे प्रस्ताव

    पेश �कये गए ह� जो ईमानदार लोग� को राजनीती से जुड़ने के �लए पे्र�रत करते ह�| इस

    एज�डा म� इस बात पर भी जोर �दया गया है �क सरकार न �सफर् हमार� जवाबदेह हो

    बिल्क पूणर् रूप से समथर् भी हो| हमार� आजाद� और नौकरशाह� क� जवाबदेह� बढ़ाने के

    �लए इसम� द�ुनया के सबसे कारगर उदाहरण� और आ�थर्क सुधार� का ढांचा तैयार �कया

    गया है| इस प्रस्ताव म� इस बात पर जोर �दया गया है �क सरकार �कसी एक �वशेष

    संस्था या व्यिक्त को नह�ं बिल्क हर आम नाग�रक को अहम माने| हम� ऐसी सरकार

    नह�ं चा�हए जो कुछ �गने चुने लोग� के �हत� के �लए काम करती हो| हमार� सरकार

    ऐसी होनी चा�हए िजसके �लए जनता सब कुछ हो और वो उसके �हत म� ह� काम करे|

    एक आदशर् सरकार वह� हो सकती है जो जनता द्वारा आये पैस� का समझदार� से

    इस्तेमाल कर समाज के �लए बेहतर से बेहतर सु�वधा उपलब्ध कराये और �वकास करे,

    छोट� हो पर ताक़तवर हो और जो आम लोग� क� िजंद�गय� म� कम से कम दखल दे|

    एक अच्छ� सरकार वह� है िजसक� नज़र� म� सभी नाग�रक एक सामान ह�|

    इस घोषणापत्र म� शा�मल प्रस्ताव� का �ववरण:

  • 24

    १. नई सरकार� प्रणाल� और बेहतर�न प्रशास�नक व्यवस्था| इसम� �नम्न प्रस्ताव

    शा�मल ह�:

    क) मत� के अनुसार ह� सरकार चुनाव� का खचार् वहन करे, चुने हुए प्र�त�न�धय�

    के �खलाफ य�द कोई मामला दजर् हो तो साल भर के अन्दर फ़ास्ट-टै्रक कोटर्

    म� उसक� सुनवाई कर उसका �नपटारा �कया जाए और नेताओं को ज्यादा

    वेतन �दया जाए परन्तु कोई और आ�थर्क मदद या प�शन न द� जाए| ऐसी

    योजनाओं से ह� ये संभव हो पायेगा �क ईमानदार लोग राजनीती म� आएं और

    भ्रष्ट लोग� को इससे दरू रखा जा सके|

    ख) क� द्र सरकार के नीचे आने वाले सभी �वभाग� को दस मुख्य �वभाग� म� बाँटा

    जाए, राष्ट्र�य सुर�ा से जुड़ े�वभाग� को छोड़कर बा�क हर �वभाग के �लए

    वैिश्वक मुक्त बाज़ार से एक स�चव �नयुक्त �कया जाए| इसी स�चव को अपने

    �वभाग के सभी उच्च पद� पर �नयुिक्त करने क� िजम्मेदार� स�पी जाए| और

    उनक� �नयुिक्त भी इस शतर् पर हो �क य�द उन्ह� इस पद से हटाया जाता है

    तो वो इसके �खलाफ न्या�यक मदद लेकर नह�ं बच सकते| हम अ�खल

    भारतीय �स�वल सेवा और लोकसेवक� के सरं�ण से जुड़ ेप्रावधान� को �नरस्त

    कर�गे| आईएएस और अन्य बड़ ेअ�धका�रय� को �निश्चत काल के �लए

    �नयुक्त न करके हम उन्ह� अनुबंध पर नौक�रयां द�गे| इससे हम कुशलता से

    कायर् करने म� असमथर् अ�धका�रय� को सेवा से �नरस्त कर पाएंगे|

    ग) राज्य सरकार� को ऐसे अ�धकार �दए जाय� िजससे वो बेहतर प्रशास�नक

    व्यवस्थाएं और उच्च स्तर क� आधा�रक संरचना मुहैया करने के �लए सीइओ

    जैसे अ�धकार�य� क� �नयुिक्त कर पाएं|

    घ) शानदार नी�तय� और �नयम� के ढांच� को लागू �कया जाए िजसम� �नयामक

    वक्तव्य और स्वंतत्र रूप से लागत लाभ �वश्लेषण शा�मल ह�| ऐसी नी�तयाँ

    बनाई जाएं िजनसे प्र�तस्पधार् को बढ़ावा तो �मले पर वो प्र�तस्पधार् �कसी को

    नीचा �दखाने के �लए न हो| साफ़ तौर पर कहा जाए तो सरकार को कोई भी

    सु�वधा सीधे तौर पर न मुहैया कराकर जनता को इस का�बल बनाना चा�हए

    �क वो खुद अपनी सु�वधाओं का इन्तेजाम कर सके| इन सु�वधाओं म� सभी

    प्रकार क� उपयो�गताएं और �श�ा भी शा�मल है|

  • 25

    ङ) एक बेहतर और जवाबदेह शासन सु�निश्चत करके तीन साल के अन्दर अन्दर

    भ्रष्टाचार को पूर� तरह से खत्म �कया जाए| इसम� �रयल एस्टेट प्रणाल� को

    नया रूप देना भी शा�मल है|

    २. सरकार का सारा ध्यान �सफर् सबसे महत्वपूणर् सरकार� काय� क� ओर केिन्द्रत

    होगा|

    क) कानून व्यवस्था को �बना देर �कये फौर� तौर पर सुधारा जाये िजसम� सबक�

    �वशेष रूप से औरत� क� सुर�ा पर जोर �दया जाए| सबको जल्द से जल्द और

    सह� मायने म� न्याय �दया जाए| अमे�रक� सं�वधान के पहले संशोधन म�

    सुर��त बोलने और धमर् क� आजाद� जैसे अ�धकार� को यहाँ भी लागू �कया

    जाए| िजस तरह से वहां सरकार और मजहब अलग अलग रखा जाता है वैसा

    ह� यहाँ भी हो| सरकार का सबसे अहम कायर् है आपातकाल म� प�रिस्थतयां

    संभालना िजसको सुधारा जाना चा�हए|

    ख) जनता पर से कर� का बोझ कम करना, कर वसूल� क� व्यवस्था को मजबूत

    करना और कर �नधार्रण का दायरा बढ़ाना ये सब काले धन पर लगाम लगाने

    के �लए जरूर� ह�| ये मुद्रास्फ��त कम करने और सरकार� ऋण क� अदायगी को

    आसान बनाने म� मदद करेगा|

    ग) उत्पादन और व्यवसाय से गैरजरूर� रोक थाम हटाना आ�थर्क सुधार� म�

    शा�मल हो ता�क व्यवसाय शुरू करने के अवसर बढ� और लोग� के �लए

    नौक�रय� के नए अवसर पैदा ह�| इसम� ए�शयाई देश� के साथ संबंध गहरे

    करना और ए�शया से और �वकास पैदा करना शा�मल हो| �कसान� के �लए

    इन सुधार� क� मदद से �कसी भी बाज़ार और उपकरण तक पहँुच रख पाना

    संभव हो पायेगा| इससे उन्ह� उ�चत समथर्न मूल्य और गैर फसल� सीजन म�

    क्र�ष ऋण क� �कल्लत से �नजात �मल सकेगी|

    ३. पहले दज� के सरकार� कायर् सफलता से �नपटाने के बाद दसूरे दज� के जरूर� काय�

    को पूरा करना:

    क) उच्च दज� क� आधा�रक संरचना का �नमार्ण करना िजसम� यातायात, ऊजार्,

    जल, स्वच्छता और ब्रॉडब�ड शा�मल ह�गे| हमारा पूरा जोर २१वी सद� क� सबसे

  • 26

    महत्वपूणर् सु�वधाएं मुहैया कराने पर होगा ता�क हम व्यापर क� उत्पादकता

    बढ़ा सक� और जाम और भीडभाड़ जैसी समस्याओं को दरू कर सक� |

    ख) सभी नाग�रक� को एक सामान अ�धकार �मल� िजसम� गर�ब प�रवार� से

    ताल्लुक रखने वाले बच्च� को उच्च स्कूल� �श�ा के अवसर प्रदान करना भी

    शा�मल है| ये समूची स्कूल व्यवस्था का �नजीकरण करके और गर�ब� को

    �कस्म �कस्म क� �रयायत� देकर �कया जा सकता है| एक सामान अ�धकार

    सु�निश्चत करने म� गर�ब� को स्वास्थ्य बीमा कवर देने क� भी अहम भू�मका

    होगी| तीन साल� म� ल��त नकारात्मक आयकर के ज़�रये गर�बी को पूर� तरह

    से खत्म करने का ल�य बनाया जायेगा|

    हमार� योजना देशवा�सय� को पूणर् आज़ाद� देने के साथ साथ अ�धक आय वाल� नौक�रयां

    प्रदान करने क� भी है| अगर इस घोषणापत्र म� प्रस्ता�वत सभी सुधार� को पूर� इमानदार�

    के साथ लागू �कया जाए तो २०५० तक ५० �ट्र�लयन डॉलर (अमे�रक� डॉलर क� वतर्मान

    िस्थ�त) क� अथर्व्यवस्था हा�सल करना भारत के �लए कोई बड़ी बात नह�ं है|

    स्वप्न और �वचारधारा

    भारत के �लए हमारा सपना इसे पूणर् आज़ाद� और अवसर� क� धरती बनाना है|

    हर साल भारत के अलग अलग कोन� से हजार� लोग अपने प�रवार और घरबार को

    छोड़कर अवसर� क� तलाश म� बेगाने मुल्क� जैसे क� अमे�रका, �ब्रटेन और ऑस्टे्र�लया

    चले जाते ह�| वो वहां पर अपनी िज़न्दगी शून्य से शुरू कर, एक एक कदम फँूक फँूक कर

    रखते हुए सफलता हा�सल करते ह�| पर कभी हमने सोचा �क वो अपना देश छोड़कर

    आ�खर क्यँू चले जाते ह�? वो यह�ं अपने देश म� क्यँू नह�ं रह जाते जहाँ न �सफर् उनक�

    कमाई हुई इज्ज़त है बिल्क पहले से ह� बसा बसाया जीवन भी है?

    इन सवाल� का जवाब एक कड़वे सच म� �छपा है जो है भारत म� आजाद� और अवसर क�

    कमी| इसके बड़ ेकारण अन्याय, सुर�ा क� कमी और देश म� अपराध� और भ्रष्टाचार का

    अपने चरम पर होना भी है| जब देश म� हमार� सुर�ा के इन्तेजाम ह� ठ�क नह�ं ह� और

    व्यापर करने के �लए हर रोज़ हम� �कसी न �कसी अ�धकार� को �रश्वत �खलानी पढ़ती

    हो, तो लोग तो बाहर जाय�गे ह�| जब �फरंगी मुल्क� ने ह� भारत को अ�वक�सत देश� को

  • 27

    सूची म� डाल �दया हो तो हमारे लोग आ�खर कर भी क्या सकते ह�? खासतौर पर जब

    लगातार को�शश� करने के बाद भी भारत ये न समझ पा रहा हो �क सुशासन के �लए

    पहले उसके मूल �सद्धांत� को समझना जरूर� है|

    इसे बदलना होगा| अगर जनता स्वणर् भारत पाट� को स�ा तक पहंुचा देती है तो हम

    �वश्वास �दलाते ह� �क हम भारत को उसके काले वतर्मान से आज़ाद कराकर सुनहरे

    भ�वष्य क� ओर ले जाय�गे| हम ऐसी योजनाय� लागू कर�गे िजससे भारत के रहने वाल�

    को उस दज� क� पूणर् आजाद� और अवसर �मल सक� जैसे �वक�सत देश� म� भी नह�ं

    �मलते| हम ऐसे भारत का �नमार्ण करने का यक�न �दलाते ह� जहाँ काम करने और

    जीवन जीने का सपना हर �वदेशी देखेगा और िजसे छोड़कर कोई का�बल भारतवासी कभी

    �कसी और देश जाने के बारे म� नह�ं सोचेगा| वो गवर् से यहाँ अपने प�रवार के साथ रह

    पाएंगे|

    भले ह� हमारा ये सपना आज �वश्वसनीय न लगे, पर भारत पहले भी अपनी ऐसी ह�

    असाधरण उपलिब्धय� के �लए जाना जाता रहा है| हम भारत को दोबारा इतना स�म

    बनाय�गे क� वो न जाने ऐसे �कतने ह� और महान ल�य हा�सल कर पायेगा| हम� अगर

    �कसी चीज क� जरूरत है तो वो है जनता का साथ और ऐसा प्रग�तशील देश जो बदलाव

    के �लए तैयार हो| अगर हम� लोग� का साथ �मल गया तो हम तीन साल� के अन्दर ह�

    प�रवतर्न लाना शुरू कर द�गे|

    २.१ हमारे देश क� अंत:शिक्त का �वनाश

    हजार� साल� तक भारत का �व�ान, कृ�ष और �शल्प कौशल बा�क देश� के मुक़ाबले

    असाधारण रहा है| यहाँ तक क� रोमन साम्राज्य और यूरोप क� �वला�सता से जुड़ी

    ज्यादातर जरूरत� हम ह� पूर� करते थे| इसके बदले म� द�ुनया के लगभग हर कोने से

    भारत म� सोना आता था| यह� कारण था जो भारत कई स�दय� तक सोने क� �च�ड़या के

    नाम से जाना जाता रहा| क्यंू�क भारत ह� वो भू�म है जहाँ न जाने �कतने सारे धम� और

    �वचारधाराओं का उदय हुआ इस�लए हमारे देश को मानवता को �नद��शत करने के �लए

    भी जाना जाता रहा है|

  • 28

    पर इससे बड़ ेदःुख क� बात क्या हो सकती है �क भारत क� वो गौरवपूणर् परंपरा ज्यादा

    �दन� तक नह�ं �टक सक�| आज अंगे्रज� को भारत से �नकाले हम� ६७ साल हो चुके ह�

    �फर भी हम खुद को अपनी का�ब�लयत के अनुसार सशक्त क्यँू नह�ं कर पाए? क्यंू�क

    हम आज भी सह� मायने म� आज़ाद हुए ह� नह�ं ह�| हम� हमार� सरकार और न्याय

    प्रणाल� पर यक�न नह�ं है| �वश्वास क� इसी कमी के चलते हम कुछ नया कर �दखाने क�

    अपनी चाहत को भी पूरा नह�ं कर पाते| पर आज़ाद� हा�सल करने के छह दशक� के बाद

    हम अपनी इस हालत के �लए अंगे्रज� को िजम्मेदार नह�ं ठहरा सकते|

    और आजाद� के बाद जो थोड़ा बहुत �वकास हुआ भी है जैसे क� हमने खाद्यान के

    मामले म� खुद को आत्म �नभर्र बनाया, संभा�वत आयु म� बढ़ोतर� हुई और संचार

    व्यवस्था सुधर�, ये सब भी सरकार क� देन नह�ं है| भारत के बाहर से आ रह� टेक्नोलॉजी

    ने ह� हमारे जीवन म� ये सब सुधार �कये ह� न क� हमार� �पछल� सरकार� ने| और तो

    और जनता का �हत सोचने के बजाए हमार� सरकार� हम� रोकती आ रह� ह� और कदम

    कदम पर धोखा देने से भी बाज नह�ं आतीं|

    कुछ समय पहले तक वैिश्वक व्यापर म� िजस भारत क� २५ प्र�तशत �हस्सेदार� थी आज

    वो कम होते होते बस १.२ प्र�तशत ह� रह गई है| पहले के मुकाबले आज हमार�

    अथर्व्यवस्था �वश्व क� अथर्व्यवस्था का बस एक छोटा सा �हस्सा बनकर रह गई है

    िजसम� उसका योगदान नाममात्र के �लए २.७ प्र�तशत ह� है| चाहे �सगंापुर, मले�शया और

    हांगकांग जैसे छोटे देश ह�, मध्यम आकर के देश द��ण को�रया, ताइवान या जापान ह�

    या चाइना जैसे बड़े देश, सब ह� रफ़्तार से तरक्क� कर रहे ह� जब�क भारत तरक्क� के

    मामले म� लगातार �फस्सडी सा�बत हो रहा है|

    अब वक़्त आ गया है �क हम िजसके योग्य ह� वो हा�सल कर�| इस सपने को पूरा करने

    के �लए हम� राजनी�तक साहस और योजनाबद्द तर�के से काम करने क� जरूरत है| हम�

    चा�हए �क हम अपने कमज़ोर हो चुके सरकार� ढाँचे को पूर� तरह से बदल कर रख द�|

    २.२ आजाद� और सुधार का आह्वान

    आज हम� खुद पर गवर् महसूस करने के �लए नए नए कारण� क� तलाश करनी पढ़ रह�

    है| अगर हम कोई छोट� सी चीज भी हा�सल कर लेते ह� तो उसे बढ़ा चढ़ा कर बताते ह�

  • 29

    क्यंू�क आज इतने बड़ ेदेश म� रहते हुए भी खुद पर गवर् करने के �लए हमारे पास कुछ

    नह�ं बचा| इससे भी ज्यादा बुरा तब महसूस होता है जब हम उन उपलिब्धय� का सहारा

    लेकर गवर् करने क� को�शश करते ह� जो हजार� साल पहले हमारे पूवर्ज� ने कमाई थीं|

    और वो भी ऐसी उपलिब्धयां िजनका होना न होना भी अभी तक साफ़ नह�ं हो पाया है|

    अब समय आ चुका है �क हम आत्म-सम्मान के �लए पीछे मुड़ मुड़ कर देखना छोड�

    और ऐसे भारत का �नमार्ण कर� िजसपर हम गौरवािन्वत महसूस कर सक� |

    अब हम� �सफर् आजाद� क� ख्वा�हश करनी चा�हए| हम� एक मकसद तलाशना होगा और

    अपने देश का कायर्भार अपने हाथ� म� लेकर उसे तरक्क� के रास्ते पर ले जाना होगा|

    हम हर एक भारतवासी को इस काम म� अपना सहयोग देने के �लए आमं�त्रत करते ह�

    और उनसे आग्रह करते ह� �क:

    • ऐसे तानाशाह� से स�ा का सुख छ�न �लया जाए जो शासन के नाम पर भारत को

    लूट रहे ह�; और

    • पूणर् आजाद�, सुशासन और सरकार� जवाबदेह� क� मांग पर अड़ जाया जाए|

    हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ कोई बच्चा, कोई औरत या आदमी भूखा न सोए और जहाँ

    �कसी को भी असुर��त न महसूस हो| हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ आजाद� हो और

    अवसर� क� कमी न हो| हम� ऐसा भारत चा�हए जहाँ डाल� डाल� पर सोने क� �च�ड़या

    �फर से बसेरा कर सके|

    ये सपना साकार करने के �लए हम� सुधार� क� जरूरत पड़गेी न क� वाद� क�|

    इस घोषणापत्र म� भारत को दोबारा उसी सुख समदृ्�ध के दौर म� ले जाने के �लए ब्लू�प्रटं

    तैयार �कया गया है| हम चाहते ह� �क हमारे नौजवान इसम� हमारा साथ द� और ऐसे

    भारत का �नमार्ण कर� िजसपर वो गवर् कर सक� |

    २.२.१ सारे �वश्व के �लए स्वतंत्रता और समदृ्�ध का गढ़ बनेगा भारत

    हम ऐसे भारत का �नमार्ण कर�गे जो �वश्व के सामने आजाद�, न्याय, शािन्त, नवीन

    पहल� और समदृ्�ध क� �मसाल बनेगा| हम ऐसा भारत बनाने के �लए सम�पर्त ह�, जहाँ:

  • 30

    • हमार� सरकार को उसके दा�यत्व� क� समझ हो और वो समझती हो �क वो जनता

    के प्र�त�न�ध ह�, जनता से �मलने वाले पैस� से ह� इन जनसेवक� को उनक� आय

    प्राप्त होती है|

    • हम� अपनी ख़ुशी के �लए जो चाह� वो करने क� आजाद� हो बस उससे �कसी दसूरे

    को नुक्सान नह�ं होना चा�हए|

    • गैरजरूर� कर कम ह�, सरकार� ऋण का दबाव न हो, रुपया �नजी कर�सी के

    मुकाबले मजबूत हो और काले धन को तेज़ी से कम �कया जाए|

    • भारतीय �बना �कसी रूकावट के वैिश्वक स्तर पर कारोबार और लेन-देन कर सक� |

    • भारत एक आ�थर्क बाज़ार हो जहाँ राज्य क� सीमा के अन्दर और बाहर कारोबार

    करने म� कोई रोक थाम न हो|

    • सबको जल्द� और एक सामान न्याय �मले, सब सुर��त महसूस कर� और औरत�

    को इज्ज़त और सुर�ा प्रदान क� जाए|

    • सबको तरक्क� करने और आगे बढ़ने के सामान अवसर �मल�, बाज़ार म� प्र�तस्पधार्

    होने से समाज भी इनाम और योगदान देगा| इससे �कसी को नौकरशाह� के तलवे

    चाटने क� जरूरत नह�ं पड़गेी|

    • गर�ब बच्च� को भी उच्च दज� के स्कूल� म� �श�ा प्राप्त करने के अवसर �मल�|

    • कोई भी आपातकाल�न स्वास्थ सेवाओं से वं�चत न रह जाए| अत्यंत गर�ब लोग�

    को भी बु�नयाद� स्वास्थ सेवाओं के �लए बीमा क� सु�वधा द� जाए|

    • ये सुनिश्चत �कया जाए �क कोई भी अत्यंत गर�बी म� जीवन यापन न करे|

    • �सफर् ईमानदार नाग�रक ह� हमारे प्र�त�न�ध बनने के बारे म� सोच�|

    • भ्रष्टाचार का पूर� तरह से खात्मा �कया जाए और सरकार� कमर्चा�रय� क�

    जवाबदेह� हो|

    • सरकार गर�ब� क� ज़मीन जबरदस्ती ह�थया कर बड़ ेकारोबा�रय� को न देती हो|

    • सरकार नाग�रक� को सशक्त करे ता�क वो सडक� , ऊजार्, बंदरगाह और रेलवे, जन

    सु�वधाएं और दसूर� आधा�रक संरचना के �लए जरूर� सु�वधाओं के �नमार्ण म�

    मदद कर�|

    • �टकाऊ �वकास हो क्यंू�क वो जैव-�व�वधता को संर��त रखने के �लए अत्यंत

    महत्वपूणर् ह�|

  • 31

    इस घोषणापत्र म� ऐसी और बहुत सी योजनाओं को �वस्तार से बताया गया है िजनसे हम

    ये प�रणाम हा�सल कर सकते ह�| पर ये भारत क� शासन प्रणाल� और नी�तय� म� पूर�

    तरह से बदलाव लाकर ह� संभव हो पायेगा|

    झूठे वाद� पर चुनाव जीतकर स�ा हा�सल करने वाल� सरकार भारत को �सफर् नुक्सान ह�

    पहंुचाएगी| कभी मुफ्त चावल बांटना तो कभी मुफ्त म� जल और �बजल� देने के वाद�

    करना और यहाँ तक क� वोटसर् को पैसे, शराब, बतर्न और सा�रय� का लालच देकर वोट

    जीतना और न जाने ऐसी �कतनी ह� चालबािजयां करके आजकल सरकार� बनती ह�| पर ये

    भारत के बचे कुचे सामथ्यर् का मजाक उड़ाना भर है और कुछ नह�ं|

    हम भारतवा�सय� को आगे आकर इन समस्याओं से �नजात पाने के �लए कारगार

    समाधान ढँूढने के �लए आमं�त्रत करते ह�| इस प्रलेख म� हमने भारत क� ऐसी कई

    समस्याओं के �लए उच्च समाधान� के बारे म� �लखा है| हम चाहते ह� �क आप इन्ह�

    ध्यान से पढ़� और इन सुधार� को लागू करने म� हमार�