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Anand Niketan School, Sewagram मममम मम मममम मममम: मममम मम मममम मममम ममम मममम ममममम ममममम मम मममम ममममम ममम मममम मममम ममम मममममममममम ममम ममम ममम मममममम मम ममममम ममम मममम मम-ममम मम मममम मममम मममम मम मममम ममममममम मममम ममममम ममममम ममममममममममम: 1. मममम मममम मम ममममम ममम ममम मममम ममममम मम ममममममममममममम मम ममममम ममममममम ममममम मम ममम-ममम मम मम ममममम मम मममममममम मम मम मममममम 2. मम मममम मम मम मम मममममममममम X मममम मम ममममम ममम ममम मममम मममम मम ममममम मममम मम ममम मम ममममम मममम ममम ममम मममम मममम मम मममममम ममममम 3. मममम मम मममम मम ममम ममममम ममममम मम मममम - मममममम : 1. मम मम मममममममममम मममम मममममम मम ममम मम मम मममम X मममम मम ममममम मममममम 2. ममममम ममममम मम ममममम मममम मममम ममममम मम मममम मम मममममम ममममम मममम मममम मममममममम ममममममम 3. ममममममममममम मम ममममम ममम मममममममम ममम मम ममम मममम ममम4. मममम मममम मम मममम मम मममम ममम मममम ममममम5. मममममम मम मममममममममम मम मममममम मममम ममममम ममम ममम-ममम मममम ममममम6. - ममम ममम मममम मम ममममम मममममम मम ममममम १५- ममम ममम मममम मममम २० मममममम ममम म मममम मम7. ममम मम मममममममममम मम ममममम मम ममममममममम मम मममम ममम, ममममम मममममममममममम मम ममम मम ममम मम मम मममम मममम मममममम मम ममम 8. मममममम मम मम मममम मममममम ममम ममम ममम ममम मम ममममम मममम मम मममममममममम मम ममम ममम ममम ममम, मममम ममममम मममम ममम मममममम मममम मममममम मम मममममममममम: मम ममम मम मममम मम मममम मममम ममम मममम ममममम मम मममममम मम मममम ममम ममम ममम, मममम ममममम मम मममम ममम मममममममममम ममम ममम ममम मममममम मम मममम, मममम Page 1 of 6

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मेथी की खेती

हेतु:

मेथी की खेती करते हुए खेती कार्य समझना और खेती कराते हुए उनसे जुड़े हुए अभ्यासक्रम में आते हुए विषयों को सीखना तथा अपने आस-पास की खेती लायक जमीन का कैसे संरक्षण करना चाहिए समझना।

पूर्वतैयारी:

1. खेती करने के उपयोग में आने वाले औजारो का विद्यार्थियों को परिचय करवाना। परिचय के साथ-साथ हर एक औजारो के उपयोगिता को भी समझना।

2. एक वर्ग के हर एक विद्यार्थी २X४ मीटर का प्लॉट बना सके उतनी जमीन को तैयार रखना और सभी को जरूरी औज़ार मिल जाए उतने औज़ार को इकट्ठे करना।

3. मेथी की खेती के लिए जरूरी औजारो की सूची -

पद्धति :

1. हर एक विद्यार्थी अपने सहपाठी की मदद ले कर अपना २X४ मीटर का प्लॉट बनाएगा।

2. जरूरी औजारो का उपयोग करके अपने प्लॉट की जमीन को विधिवत गुड़ाई करके ऊपरी सतह को नरम बनाएगा।

3. अगर जरूरी लगे तो प्लॉट में कम्पोस्ट खाद भी डाल सकते हैं।

4. प्लॉट में बीजो को बोना और उसके बाद पानी डालना।

5. शिक्षक के मार्गदर्शन के अनुसार अपने प्लॉट में समय-समय पर पानी डालना।

6. २-३ दिन बाद मेथी का अंकुर फूटेगा और करीबन १५-२० दिन बाद मेथी खाने के उपयोग में आ सकती है।

7. कोई एक विद्यार्थी के प्लॉट को हार्वेस्ट ना किया जाय, जिससे विद्यार्थीओं को बीज से बीज तक का पूरा चक्र समझाया जा सके।

8. शिक्षक भी इन पूरे प्रयोग में साथ काम करे और जरूरत पड़ने पर विद्यार्थी को काम में मदद करे, ना की सिर्फ उनका काम मॉनिटर करे।

प्रयोग की पूर्णाहुति:

इस तरह से मेथी की खेती करते हुए खेती कार्य और किसानो के बारे में समझ बढी, खेती कार्य से जुड़े हुई अभ्यासक्रम में आते हुए विषयों को सीखे, खेती लायक जमीन का कैसे संरक्षण करना चाहिए वो समझे, और मेथी खाने से स्वास्थ्य संबंधी क्या-क्या फायदे है वो सीखे।

शिक्षक की भूमिका:

समग्र प्रयोग की विद्यार्थी अपनी नोट बनाएँगे और उस दरमियान शिक्षक विद्यार्थी के विषय वस्तु के हिसाब से नीचे अनुरूप विषयों की चर्चा हो सकती हैं। कक्षा 5-6-7 में आते नीचे दिये गए विषय वस्तु को सिखाया जा सकता है।

Anand Niketan School, Sewagram

1.

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2. भाषा (मातृभाषा)

· खेती विषयक निबंध/कविता लिखना। (Essay, poem writing.)

· लेखन, वाचन और व्याकरण को समझना।

· घटनाओं को क्रमबद्द्थ तरीके से गठित करके उसको प्रस्तुतीकरण करना। (Presentation)

3. अंग्रेजी

· मातृभाषा के शब्दों का अँग्रेजी प्रतिशब्द सीखना और वाक्य बनाना। (Develop English Vocabulary.)

4. गणित

· अप्रमाणित मापन से प्रमाणित मापन समझना। (measurement)

· वजन, गुणाकार, भागाकर, चढ़ताक्रम-उतरताक्रम। (weight, multiplication, division, ascending/dissenting)

· परिमिति, क्षेत्रफल, अपूर्णक, नफा-खोट, ग्राफ। अपने शाला का भी नक्शा बनाना। (perimeter, area, fraction, profit-loss, graph and map making.)

5. विज्ञान

· कुपोषण के कारण जानना। पोषणमूल्य बढ़ाने के लिए दलहन तथा अनाज के उत्पादन बढ़ाने की जरूरत समझना। अनाज और सब्जीयों से मिलते पोशाक तत्वों तथा उसका शरीर के दृष्टि से महत्व समझना। (malnutrition, Nutrients value of different food items and its importance for our body.)

· रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अधिकतम उपयोग के कारण मिट्टी और पानी के प्रदूषण और दुष्परिणाम समझना। (Soil and water pollution due to excess use of pesticides & fertilizer.)

· प्राकृतिक खेती के तरीको की विशेषता जानना। (Organic farming.)

· मिट्टी तथा जल संवर्धन का महत्व समझना। (Soil and water conservation.)

· कचरे में से खाद बनने का विज्ञान समझना। (Composting)

· प्रकाश संश्लेषण, वनस्पति में वाष्पीकरण और फल धारण होने में किटकों का महत्व समझना। (Photosynthesis, Vaporization, Importance of insects in fructify.)

· गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध जड़ो से पानी का संचार किस तरह से होता हे वो समझना।

· भूगर्भजल का महत्व और जलचक्र को समझना। (Watercyle and importance of ground water.)

· सिंचन की पद्धति समझना। (Watering)

6. भावात्मक व सामाजिक पहलू

· किसानों की समस्या जानना।

· पानी की बचत का महत्व समझना।

· कचरे का निकास और उनका व्यवस्थापन समझना।

· क्षमता बढ़ाने से आत्मविश्वास का निर्माण होता है।

· सहकार से काम करना और सृजन का आनंद महसूस करना।

वनस्पति के फायदे: संदर्भ

स्वास्थ्यविषयक

1. कोलेस्ट्रोल, मधुमेह, संधि रोग आदि को नियंत्रित करते है। मेथी में गेलेक्टोमन्नान नामक फाइबर है जो लहू में शुगर के शोषण करने के प्रमाण को मर्यादित करता है। मेथी पोटेशियम का बड़ा स्रोत हे जो सोडियम के असर को प्रतिरोध करता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

2. गर्भावस्था और दुग्धस्त्र्वन के समय में माँ के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।

3. मेथी में रहे सपोनिन्स और मूसिलग जैसे फाइबर केन्सर प्रतिरोधक हैं।

4. मेथी शरीर के हानि कारक द्रव्यों (toxin) को निकाल फेकता हैं।

5. मेथी आइरन का बहुत बड़ा स्रोत है। जिसे शाला में मध्यान्ह भोजन में उपयोग किया जा सकता है।

6. मेथी के थोड़े बीज को एक चम्मच नीबू के रस और शहद के साथ लेने से बुखार से राहत मिलती है और गले की खराश कफ से राहत मिलती है।

7. मेथी में से बने फेस पेक ब्लॅक-हेड, मुँहासा, झुर्रिया इत्यादि के प्रतिरोधक है। मेथी का लेप बाल में लगाने से बाल काले और घने बनते है। मेथी के गरम किए हुए बीज को नारियल तेल में रात भर भिगोने के बाद उस तेल से बालों में मालिश करने से बाल घने, मुलायम और रूसीरहित बनते है।

बदलाव:

अलग प्रदेश के अनुसार मेथी के अलावा, मौसम तथा विद्यार्थी की आयु के अनुरूप अन्य फसल जैसे की पालक, धनिया, प्याज, हल्दी, तिल, सेम आदि लगा सकते है, जो उनके मध्यान्ह भोजन में उपयोग आ सके और सरकार तरफ से दिये जाते विटामिन और मिनरल की दवाइयों का पूरक हो।

चित्र १ – मेथी के बारे में बताते हुए। चित्र – २ मेथी की फसल का निरीक्षण कराते हुए और उनकी नोट बनाते हुए।

चित्र – ३ खाद बनाने के लिए कचरे का निकास चित्र - ४ मिट्टी तथा उनका संवर्धन की समझ लेते हुए।

चित्र – ५ हल्दी और तिल के फसल द्वारा चित्र – ६ सेम का बीज से बीज तक का चक्र समझने कार्य शिक्षक और वर्ग शिक्षक से समज लेते हुए। के बाद उनके उपयोग से गणितीय संक्रिया सीखना।

चित्र – ७ भिंडी की फसल को मध्यान्ह भोजन के चित्र – ८ बाजारहाट

उपयोग करना।

चित्र – ९ विद्यार्थियों के प्लॉट को ग्राफ पेपर पर अंकित करके गणितीय विषयों को सीखते हुए।

चित्र – १० विद्यार्थियों के प्लॉट से निकली हुई मेथी की फसल का वज़न करने के बाद उनको ग्राफ पेपर पर आलेख कराते हुए। ऊपर सिर्फ मेथी लगाई हुए विद्यार्थियों के ग्रफ पेपर हे। धनिया, कांदा, पालक के ग्राफ अलग हैं।