lalqitab.comिवाथ लाल िकताब (हरेश पंचोली)...

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सामिक क लाल िकताब के अरमान 1940 लाल िकताब के रचियता पंिडत ी पचद जोशी जी 18 जनवरी 1898 - 24 िदसबर 1982 िहदी िलयांतरण िमलख राज बाघला सखिवंदर शमा चंडीगढ़ संगर (फ़ािजका वाले) (िपंड - कांझला)

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  • सामि�क क� लाल िकताबुके

    अरमान1940

    लाल िकताब के रचियता

    पंिडत �ी �पच�द जोशी जी18 जनवरी 1898 - 24 िदस�बर 1982

    िह�दी िल�यांतरण िमलख राज बाघला सखिवंदर शमा�ु चंडीगढ़ संग�र

    (फ़ािज�का वाले) (िपंड - कांझला)

  • आवाज

    सनता हर िक

    सी क

    ुन ही भ

    ला क

    ोई हो ।

    ूे

    सबस

    पहल याद उस

    क�

    िफर स

    भी दिन

    या क� हो ।

    य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • िव�ाथ� लाल िकताब (हरेश पंचोली) (अहमदाबाद) �काशक़ क� अनुमित के िबना इस �काशन के �कसी भी भाग को छापना तथा इले��ोिनक, मशीनी, फोटो �ितिलिप

    अथवा अ�य िविध से पुन: �योग प�ित �ारा उस का सं�हण

    अथवा �सारण व�ज�त ह।ै

    इस पु�तक क� िब�� इस शत� पर क� गई ह ैक� �काशक़ क�

    पूव� अनुमित के िबना यह पु�तक अपने मूल आवरण अथवा

    �कसी अ�य �कार से �ापार �ारा उधारी पर पुन: िव�य, या

    �फर �कराये पर न दी जायेगी, न बेची जायेगी।

    इस �काशन का सही मू�य पु�तक के आवरण पर मु��त ह।ै

    रबड़ �क मोहर, िचपकाई गई पच�, ि�टकर या �कसी अ�य

    िविध �ारा अं�कत कोई भी संशोिधत मू�य गलत ह ैतथा मा�य

    नह� होगा।

    �काशक़ :- िव�ाथ� लाल �कताब

    हरेश पंचोली

    (अहमदाबाद)

    मू�य : िनशु�क ("लाल �कताब" के िव�ा�थ�य� के िलए)

    *

    *

    *

    य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • पु�पांजिल लाल�कताब �योितष से संबंध रखने वाले सभी दो�त�, िव�ान�,

    िव�ा�थ�य� और इस िव�ा म� �ेम और आ�था रखने वाले भाई बहन� के

    िलए बड़ी ख़�शी क� बात ह ैक� आज 18 जनवरी 2016 को इ�म सामु��क

    क� लाल�कताब उद �ू के दो मूल ��थ� "अरमान 1940" और "गुटका 1940"

    का िह�दी िल�यांतरण आप सब को इंटरनेट पर िनशु�क उपल�ध कराया

    जा रहा ह।ै

    18 जनवरी का �दन लाल�कताब �योितष जगत म� एक िवशेष

    �थान और ख़ास मायने रखता ह।ै �यूँ क� ये �दन उस महान शि�सयत का

    ज�म�दन ह।ै िज�होने भारतीय �योितष समाज को एक नयी क�याणकारी

    िव�ा का तोहफा �दया। उस महान शि�सयत का नाम ह ैपंिडत �ी �पचंद

    जोशी जी (�पंड - फ़रवाला, पंजाब) िजन क� ज�म ितिथ ह ै18 जनवरी

    1898।

    उन के �ारा जारी क� गई इस क�याणकारी िव�ा को आगे बढ़ाने

    हतुे, सुगमता पूव�क जनसाधारण तक प�चाने हतुे और उस पर शोध एवम

    अनुसंधान करने हतुे "लाल�कताब के िव�ाथ�" �ुप ने संक�प िलया ह।ै जीसके पहले चरण म� लाल�कताब के सभी (पांच�) मूल अंक जो क� उद �ू म�

    ह � उन का िह�दी िल�यांतरण करके जनसाधारण को िनशु�क उपलब�

    करवाना और इस के इलावा उद �ू के सभी असल मूल अंक भी इंटरनेट पर

    िनशु�क उपलब� करवाना। दसूरे चरण म� इस िव�ा से संबंिधत सभी

    �कार क� सािह�य साम�ी इक�ी करना, पंिडत जी के जीवन के संद�भ�त

    जानका�रयाँ इक�ी करना और पंिडत जी �ारा पढ़ी गयी या दिेख गयी

    ज�म कंुडिलयाँ �ा� करके इस सारे �ान सािह�य को इंटरनेट पर डाल कर

    िनशु�क उपल�ध करवाना और तीसरा चरण ह ैइस िव�ा पर शोध और

    अनुसंधान काय� को आगे बढ़ाना।

    यहाँ पर म� यह बताना ज�री ह ैक� िपछले वष� 18 जनवरी 2015

    को इस �ुप �ारा लाल�कताब के �थम अंक "फ़रमान 1939" का िह�दी

    िल�यांतरण (दरु�तीयां सिहत) इंटरनेट पर उपल�ध करवाया जा चुका ह।ै

    आज 18 जनवरी 2016 को लाल�कताब के रचियता का जनम

    �दन ह।ै जो लाल�कताब �योितष जगत के िलए �ेरणा �दवस ह।ै इस पावन

    अवसर पर जो काय� "लाल�कताब के िव�ाथ�" �ुप ने �कया ह।ै वह अ�यंत

    सराहनीय ह।ै िजसके िलए इस के सभी सद�य बधाई के पा� ह।ै िजनहोने

    य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • �दन रात अनथक महनेत करके इस महान काय� को अंजाम �दया ह।ै

    मुझे उ�मीद ह ैलाल�कताब �ेिमय� के िलए ये तीन� �कताब� (जो

    लाल�कताब के िव�ाथ� �ुप ने डाली ह)ै सहायक और क�याणकरी सािबत

    ह�गी और इस िव�ा को आगे बढ़ाने म� एक मील प�थर का काम दग� ी।

    अंत म� म� एक बार �फर इस �ुप के सभी सद�य� तथा िवशेष �प से

    �ुप सद�य �ी हरेश पंचोली (िव�ाथ� लाल�कताब - अहमदाबाद -

    गुजरात) िजन के अद�य साहस, �ेरणा और अनथक महनेत के फल �व�प

    लाल�कताब के �ान �े� म� "एक नयी �करण एक नयी रोशनी" का �काश

    महसूस कर रहा �,ँ को इन के �यासो के िलए बधाई और शुभकामनाय� दतेा

    �।ँ

    "लाल�कताब के िव�ाथ�" �ुप �ारा पंिडत जी के ज�म�दन पर

    �कया गया ये काय� उन के �ी चरण� म� �ुप �क तरफ से अ�प�त �यार भरी

    "एक पु�पांजिल" ह।ै

    िमलख राज बाघला

    चंडीगढ़

    (फ़ािज�का वाले)

    य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • "लाल �कताब एक अनुठा �ंथ" लाल�कताब के रचियता पंिडत �ी �पचंद जोशी जी के �ारा िलखे गये

    5 �ंथ अलग अलग साल� म� उन के भाई िगरधारी लाल शमा� जी के नाम से

    �कािशत �ए थे। पंिडत �ी �पचंद जोशी जी �ारा तमाम क� तमाम �कताबे उद �ू

    म� िलखी गई थी। आज कल के दौर म� उद �ू जानने वाल� क� कमी के होते �ए इस

    महान �ंथ को पढ़ना या समझना मुि�कल हो रहा था। कुछेक िह�दी िल�यांतरण

    उपल�ध ह ैपर सब के िलए खरीद करना पाना मुि�कल हो जाता ह।ै इस वजह से ये

    सोच िवचार के बाद तय �कया गया क� 5 क� 5 �कताबे एक एक कर के इंटरनेट

    पर िनशु�क उपल�ध करवायी जाएँ।

    इस काय� को मेरे दो�त हरेश पंचोली जी ने िपछले वष� शु� �कया था

    और इस क� आगे क� कड़ी म� जुडने का मुझे सौभा�य �ा� �आ। पंिडत �ी �पचंद

    जोशी जी क� 119व� वष�गांठ के पावन पव� पर पंिडत जी के आशीवा�द और आप

    सब के लाल �कताब के �ित �ेह के कारण दसूरी शृंखला म� "लाल�कताब के

    अरमान 1940" इंटरनेट पर िनशु�क उपल�ध करवाते �ए अपने आप को ह�ष�त

    और सौभा�यशाली महसूस कर रहा �।ं

    इस पूरे काय� को हमारे �ुप "लाल�कताब के िव�ाथ�" के सभी सद�य ने

    िमलकर ही �कया ह।ै

    सुख�वंदर शमा�

    संग�र

    (�पंड - कांझला)

    य ेसफ़ा असली “लाल िकताब 1940 अरमान” का नह� है

  • सरसरी नोटलाल �कताब 1939 के सरसरी नोट के बाद

    (5) अरमान� म� लंबी लंबी इबारत िलखने के बजाए िसफ़� हवाला

    लाल �कताब िलखा ह।ै िजस से िलखी �ई इबारत के सबूत क� शहादत से

    मुराद नह� बि�क इबारत मज़कुरा के बाद और इबारत साथ मीला लेने क�

    तरफ़ इशारा ह।ै इस िलए हवाल� क� इबारत को ज�र साथ िमलाकर

    पढ़ते जाव�।

    (6) कंुडली का बनाना और उसक� द��ती का जांचना तमाम

    मुत�लका इ�म क� वाक़�फ़ के बाद शु� कर� और दौराने व�त म� अरमान

    नंबर 181 के असूल पर इस �कताब के आिख़र पर �दए �ए फॉम� को साथ

    लेकर तजुबा� हािसल कर�।

    (7) बताये �ए फ़रमान के जवाब क� गलती बताने वाला इस इ�म

    को बढ़ाने के िलए सब से मददगार दो�त होगा।

    (8) बात क� असिलयत पाने के िलए �कसी दसूरे इ�म या आलम

    क� बदखोई से परहज़े चािहये।

    (9) इस म� शक़ नह� के �नंदक और अहमक़ मखौल उड़ाने वाले से

    क़राहत आ ही जाया करती ह ैमगर दिुनयावी सािथय� को ह�ब-ए-हिैसयत

    इस इ�म से फ़ायदा प�चाना इंसानी शराफ़त होगी �वाह फ़ायदा उठाने

    वाला श�स कृत� या नाशुक़रा ही �यूं न हो।

    "कर भला होगा भला आिख़र भले का भला"

  • 1

    बह�पत ृ

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    लाल �कताब के अरमान

    1. सबसे पहले इस �कताब के आिख़र पर दी �इ फ़ेह�र�त (तमाम) द��ती के

    मुतािबक लाल �कताब को द��त कर ल�। (ये द�ि�तयाँ 1939 म� कर ली गई

    ह)ै

    2. फ़रमान व अरमान दोन� एक ही नंबर के ह।� इसिलये दोन� को इक�ा

    िमलाकर पढते जाव�। इन शत� के बग़ैर पढने से कोई मतलब हल न होगा।

    अरमान नंबर 1 लाल �कताब के मुतािबक बुलंद आसमान क� आिख़री हद और पाताल

    क� गहरी तै से िघरे �ए दर�यानी ख़ाली खलाव या आकाश म� ग़ैबी और ज़ािहरा

    हवा के दोन� जहान� म� आने जाने के कुल रा�तो को जनम मरण क� गांठ लगा दनेे

    वाली चीज ब�ा कहलायी। �यूं ही �क इस ब�े ने इधर का �ख़ �कया बंद मु�ी के

    आकाश म� 9 िनिघ क� अटल ताक़त व 12 िसि� क� ख़�द अपनी िह�मत क� हवा

    (ब�ये ह�त रेखा) कु�डली के आकार म� �ह व रािश (बिहसाब इ�म �योितष)

    नारया बैल के स�गो पर कुल दिुनया क� धरती माता का बोझ या ज़मीन का अपने

    महवर पर घूमने का �कयास (बखयाल दीगरां) का च�र पहले ही घुमने लगा।

    मािलक के �कम के क़�र�मे क� चमक से �क़�मत क� आवाज का �काश होते ही

    इसक� हर गांठ के साथी

    " िसधी बारह - �� - नौ िनधी - मोह - माइ� - आकाश,

    राई घटे न ितल बढे - म�छ - भाई - �काश।"

    आ हािज़र �ए।

    �ह� के इलावा िसफ़� नौ िनधी बारह िसि� के हरफ़ ख़ाली बचते ह।� यही

    दो ह�फ़ दिुनयादार� ने ब�े का नाम रखा। इसीिलये िसफ़� नाम पर ही बाज़� ने

    �क़�मत का असर माना ह।ै (1) नौ �ह जरब बारह रािश कुल 108 गांठ क� माला

    का सीधा उ�टा च�र माना गया ह।ै जो 35 साला च�र का पहला व दसूरा िह�सा

    होता ह।ै (2) मुक�मल इ�सान के नाम से पहले 9X12 = 108 का �हदंसा िलखते

    ह।�

    बधुचंदरश�ु

    सरजूमंगलसनीचरकेतुराह�

    आगाज़

  • 2

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    बुध (आकाश) और बृह�पत (हवा) को गांठ लगाकर बांध लेने वाली चीज को ब�ा

    िगना तो ब�े क� हर गांठ से नौ �ह� क� िमलायी �इ चमक इंसानी �क़�मत का

    खज़ाना �इ और इन सब गांठो से गांठा �आ सामु��क का इलम सब भेद� के

    खोलने वाला मुकर�र �आ। िजसम� बंद मु�ी को �ह कु�डली माना गया। तो

    (ये कु�डली तमाम �ह� के अपने अपने ऊंच होने के घर� क� बुिनयाद पर रखी

    गयी ह।ै)

    कु�डली के खाने लाल �कताब का आम असूल इ�म �योितष क� जनम रािश (लगन) लाल �कताब म� मेख रािश होगी।

    िजसका प�ा घर हमेशा �हदंसा नंबर 1 वाला होगा। िजसके बाद बाक� घर

    बातरतीब ह�गे।

    बंद मु�ी का अंदर या ब�े का साथ लाया �आ

    अपनी �क़�मत का खज़ाना (तमाम ही नर �ह) 1 - 7 - 4 -10 ह�गे

    जवानी का हाल दखेने के

    ख़�द अपना बचपन और जनम से

    पहले वालदनै क� हालत 9 - 11 - 12 ह�गे

    औलाद के जनम �दन से अपना बुढापा - 2 - 3 - 5 - 6 ह�गे

    मरने पर इसके बाक� रह े�� का हाल

    मौत बीमारी मंदा जमान ....... 8 - मारग अ�थान होगा

    100 फ़�सदी �ि� के खाने .....1 - 7 - 4 - 10 ह�गे। साथ लाये �ए भरे

    खज़ाने।

    50 फ़�सदी �ि� के खाने........3 - 11 - 5 - 9 ह�गे दसूर� क� मदद से पैदा

    करदा हालत

    25 फ़�सदी �ि� के खाने ....... 2 - 6 - 12 ह�गे �र�तेदार� से ली �इ चीज�।

    1

    2

    34

    5

    6

    7

    8 9

    10

    12सूरज

    िज�म

    सनीचर

    जायदाद

    मंगल

    ख़�राक

    धन

    बृह�पत

    धरम

    बाबा

    बुध रा�

    वा�दने और औरत क�

    तरफ से �र�तेदारमौत बीमारी

    भाई बंद

    शु� केतु औरत

    सुखचंदर माता

    औलाद

    आमदन

    ज�म �दन

    मुत�लका

    दिुनया

    }}}

    आगाज़

  • 3

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    आगे क� बजाये पीछे को दखेने वाला ख़ाना नंबर 8 मौत नमानी का फंदा िगना ह।ै

    अरमान नंबर 2 ह�त रेखा या �योितष के मजमुआ से या दोन� म� से �कसी एक के ज�रये

    से दसूरे को पैदा कर लेने वाले मजमून को इ�म सामु��क कहा ह।ै िजससे ह�ती से

    ने�ती या ने�ती से ह�ती का भेद खुलता ह ैया ख़ासीयत से इसके मुत�लका ठोस

    हाथ म� आ जाने वाली चीज या ठोस चीज से उसका हवाई और ख़याली असर का

    पता चल जाता ह ैऔर इस �ह बुत के हवाई व बदनी मैदान का अंदर-बाहर या

    इ�सानी व ख़�दाई राज का बाहमी ता�लुक चलता ह।ै

    अरमान नंबर 3 �ह बुत के झगङे के मािलक इंसानी िज�म के िह�से और उनक� हर इक

    ताक़त। ह�त रेखा के तमाम जुज। कु�डली क� 12 रािशयां और 9 �ह� क� चाल व

    बाहम लगाव झुकाव का पैदा करदा असर। �क़�मत का क़�र�मा या ख़�दाई ��म

    कहलाता ह।ै िजसक� तामील से जनम मरन या शु� व आिख़र के मैदान क� फतैह

    व िशक�त का नतीजा ख़�शी ग़मी क� ख़��बू बदबू �आ करती ह।ै

    अरमान नंबर 4 ह�त रेखा व �योितष क� बुनयादी चीज� के मुकर�रा मैदान� से हर श�स

    क� �क़�मत का मैदान मुकर�र करके एक अ�स से असल चीज क� हालत या नकल

    से असल और असल से नकल करके असल मकसद या बात का पूरा पता चल जाता

    ह।ै (रा� केतु का ता�लुक उन �ह� म� िज़कर ह)ै।

    सफ़ेद कागज (बुध) पर फटकङी (बुध) से िलखा �आ चंदर क� रोशनी

    या पानी म� नजर न पङा। ले�कन जब सूरज का साथ या आग का ता�लुक �आ तो

    वही गुमनाम ह�फ़ सफ़ेदी से ख़�द-ब-ख़�द �याह हो गये। �ब� इसी तरह रा� केतु

    (मशनोई शु� गृह�ती दिुनया म�) बुध के आकार म� घूम रह ेह � और सूरज चंदर के

    रा�ते म� ख़�द-ब-ख़�द पैदा हो जाते ह।�

    आगाज़

  • 4

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    अरमान नंबर 5 दिुनया क� 12 तरफ� और हरइक तरफ का इ�म सामु��क म� ता�लुक

    रािश कंुडली का ख़ाना नंबर मालक �ह तरफ ता�लुक मेख 1 मंगल त�त वजूद िज�म के तमाम अजूं-और तमाम

    नेक दिुनयादार� का अलैहदा अलैहदा

    होते �ए और �फर इक�े एक

    होकर काम करने क� िह�मत

    व ताक़त (मा�नंद राजा व रै�यत)

    िबरख 2 शु� मोह माया तमाम चीज� क� िस�त� का

    एैजान.......

    िमथुन 3 बुध आकाश मु�तिलफ़ चीज� या ताक़त� का

    एक ही वजूद या एक ही जुज म�

    इक�े होकर काम करना। मद �

    औरत के जोङे से ब�ा बनना।

    कक� 4 चंदर शुमाल धन दौलत-शांित- धरती माता-

    मश�रक़ सब का सहारा।

    �संह 5 सूरज मश�रक़ रोशनी-�ह-आग-�क़�मत क�

    चमक।

    क�या 6 बुध शुमाल अंद�नी अ�ल- भाखया भाव

    अपार-�र�तेदार-न�ारा खलक।

    केत ु पाताल नेक�-फलना फूलना

    तुला 7 शु� जनूब गृह�त उ�ित-बढना (नसल दर

    मग़�रब नसल)

    बृ��क 8 मंगल बद जनूब मौत-मंद ेहाल-बदी। हरएक का

    फंदा

    धन 9 बृह�पत ग़ैबी दिुनया हवा-माता का पेट-िपछला जनम -

    बुज़�ग� क� जगह।

    मकर 10 सनीचर मग़रब अंधेरा - सनीचर क� ख़�द अपनी

    ताक़त (जाती ताक़त)

    कंुभ 11 सनीचर जनम िछपे िछपाये अपने एैजंट रा� केतु

    से सनीचर का फ़ैसला।

    मीन 12 बृह�पत शुमाल दनुयावी धन दौलत का सुख।

    मग़�रब

    रा� जनूब अचानक ख़याल भासरना। �ाप व

    मश�रक़ आशीवा�द।

    बृह�पत आसमान दोन� जहान� क� बजाये िसफ़� एक

    रा� तरफ का बृह�पत िजसे

    आसमान या रा� दो क� बजाये एक ताक़त का कर दगेा। यािन बृह�पत रा� के साथ आसमान के ऊपर �आ तो ग़ैबी ताक़त का मािलक अगर आसमान के नीचे दिुनया क� तरफ �आ तो गृह�ती गु� होगा।

    आगाज़

  • 5

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    गज��क रा� के साथ होने पर आसमान नीले रंग वाला बृह�पत को िसफ़� एक

    तरफ का मािलक कर दगेा। दसूरे िह�से के िलये बृह�पत चुप होगा।

    ख़ाना नंबर 8-11 म� सनीचर का रा� केतु का ता�लुक-

    ख़ाना नंबर 8 सनीचर का हडै�ाटर ह।ै जहां क� रा� केतु नेक� बदी के

    कारनाम� सनीचर को प�चंाते ह।� उन कारनाम� को साथ लेता �आ ख़ाना नंबर

    11 म� जाकर सनीचर दोन� जहान के गु� (बृह�पत का घर) के दरबार म� ख़�दा को

    हािज़र नािज़र कह कर फ़ैसला करेगा। िजसम� बृह�पत क� रजामंदी ज�री होगी।

    कंुडली के 12 ख़ाने मकान का ता�लुक (अरमान नंबर ख़ाना इ�सान का ता�लुक अरमान

    95) से मुत�लका नंबर नंबर 94 से मुत�लका

    चार दीवारी मय तै ज़मीन के गोशे 1 �ह - नमक

    मकान का वा�ता यािन घर ह ैया 2 सुभाव (नेक�) - भूक

    बैठक, गु�दवारा ह ैया िज़बह ख़ाना

    वगैरह।

    मकान के साजो सामान वासते 3 िजगर - ख़ून - मीठा

    आरायश (अंद�नी)

    मकान क� तै ज़मीन (ख़ाली तै) 4 �दल - दधू - धनदौलत

    रोशनी व हवा 5 हवास खेमा -

    पांच इं��य� क� ताक़त हाजमा

    हमसाये यािन पङोसी इद � िगद � वाले 6 प�े नाङ�, ज़ायका, साग स�जी,

    फूल पतर

    पल�तर , सफ़ेदी 7 चेहरा, घी जद �

    छत 8 िपत, बदहजमी, कङवाहट

    क�ा प�ा, मय हर िह�से क� 9 सांस, मूल , जङ

    अंदर क� पैमाइश

    लोहा लकङी (�ट प�थर) 10 बाल , कांटे

    मकान क� शान व शौकत 11 पु�त, खाल, िछलका, परिवरश

    (जािहरदारी)

    आबाद या वीराना 12 ह�ी, खटाई

    }

    आगाज़

  • 6

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    कु�डली के 12 खाने असर मुत�लका ख़ाना ह�त रेखा के जुज

    नंबर

    (माता, भुआ, मासी, फूफ� वगैरह)। 2 अगुंिलयां (लंबाई,छोटाई,सीधी,टेढी)

    (औरत, बेवा औरत� या माशूका) पेशानी पर ितलक क� ख़ास जगह

    बदनामी या चालाक� क� शोहरत B12 हथेली व अंगुिलय� का मय अंगूठा

    व चमक। अंदर या बाहर को झुकाव। नाख़ून

    मद � औरत का बाहमी साथ पांवो के।

    अपनी जाती ख़ासीयत(�हानी, िज�मानी, A6 चेहरा व पेशानी का हाल। नाख़ून

    �दमाग़�)मकानात के इद � िगद � क� चीज� का हाथ के। इ�सान ख़�द �कस �ह का ह।ै

    ता�लुक

    मकानात का बनना वगैरह। पराई दौलतका 7 िज�म के बाल। हथेली क� हर हालत

    िमलना। का हाल।

    दिुनया म� नाम �कस हसैीयत का होगा। 1 हाथ पर ख़ास िनशान ।

    कुदरती तौर पर तबीयत का झुकाव 4 च� शंख सदफ। अंगुिलय� पर जौ के

    �या होगा। िनशान।

    सेहत व आम बरताओ 10 बङी ितकोन, बङी मु�तैल

    आम ख़�शी व ग़मी क� औसत हालत 3 मंगल के बुरज� क� चरबी का भर

    चोरी यारी -नुक़सान-अ�यारी(ठ�गी) जाना। ख़�शी ग़मी क� रेखा।

    आराम या हराम खोरी 9 अंगुिलय� पर सीधे खङे या लेटे �ए

    खत।

    चालाक� क� चमक- बदनामी क� शोहरत। B12 हथेली पर बृह�पत के खत अगुंिलय�

    पर के बृह�पत(बजज ऊपर के ख़ाना

    नंबर 4) के िनशान।

    औलाद व अपने ख़ून का ता�लुक। नेक� क� 5 र�तार, गु�तार, तहरीर, अंगुिलय� के

    मश�री। दर�यान क� ख़ाली जगह।

    आमदन, आयी चलायी का ज�रया। 11 हाथ� क� �कसम� हर अजू मय नाख़ून

    का हाल रंग - वो �कस �कस तरह के

    ह।� पेशानी िसवाय ितलक क� ख़ास

    जगह का हाल।

    अपने वालदनै क� तरफ से �र�तेदार A 6 कद व कामत, हथेली व अंगुिलय� क�

    (नानके वगैरह) तनासब का असर

    मौत नमानी 8 सब क� ख़�म कहानी

    �ी त

    ा�लकु}

    }

    मद

    � का त

    ा�लकु

    *

    *

    *

    *

    आगाज़

  • 7

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    अरमान नंबर 6 हाथ व पाव� क� अंगुली के नाख़ून के िसरे से कलाई व टखने तक और 9

    �ह व 12 रािश क� कु�डली से 12 तरफ� के दर�यानी मैदान म� बनातात,

    जमादात, इ�सानात(तो �क़�म �क़�म के लोग), हवैानात, मकान आम व ख़ास व

    जाये �रहायश, �वाब, शगुन, माल - मवेशी, च�रंद, प�रंद, द�रंद, दो�त व

    द�ुमन, ज़हर व अमृत, द�ुयावी दीगर सािथय� और इ�म �याफ़ा वगैरह से जो

    सामु��क के ज�री िह�से ह।� व� से पहले ही िलखे �ए 9 िनधी 12 िसि� के

    खज़ाने क� कमी बेशी के मुत�लका कुदरती और अनिमट (जो िमटाये न जा सक� )

    लेख या ��मनामे को िसफ़� पढा ही जा सकता ह।ै मगर इसम� अपनी मज� के

    मुतािबक अदली बदली नह� क� जा सकती। भेद िसफ़� श�क� बात को द��त करके

    शक़ का फायदा उठा लेने क� गुंजाइश ह।ै जो �हफल और रािशफल क� िमलावट

    के व�त �आ करती ह।ै यही एक बात इस इ�म का ख़ास मतलब ह।ै

    �हफल व रािशफल 1.) जब कोई �ह अपनी मुकर�र रािश (यािन वो रािश िजसके �क वो घर

    का मािलक �ह िगना जाता ह)ै या ऊंच नीच फल क� ठहराई �इ रािश (फ़रमान

    नंबर 113 सफ़ा नंबर 114) या अपने प�े घर (फ़रमान नंबर 103 सफ़ा नंबर

    97) क� बजाये �कसी गैर रािश म� जा बैठे या �कसी दसूरे �ह का साथी �ह (जङ

    अदला बदली कर लेने वाला वगैरह) बन जावे तो वो �ह एैसी हालत म� रािशफल

    या श�क� हालत का �ह होगा। िजसके बुरे असर से बचने के िलये इसके शक़ का

    फायदा उठाया जा सकता ह।ै इसके बरिख़लाफ़ यािन ऊपर कही �इ हालत के

    उ�टे हाल पर वो �ह ''�हफल'' या प�� हालत का �ह होगा। िजसके बुरे असर को

    तबदील करने क� कोिशश करना बेमायनी बि�क इ�सानी ताक़त से बाहर होगा।

    िसफ़� ख़ास ख़ास ख़�दा रशीदा और महददू हि�तयां ही रेख म� मेख (रेखा म� मेखा -

    सूरज मेख ख़ाना नंबर 1 म� कैद) लगा सकती ह।� वो भी आिख़र तबादला ही होगा।

    यािन एक जानदार या द�ुयावी चीज या ताक़त को इसक� ह�ती से िमटाकर इसके

    एैवज म� दसुरा जानदार द�ुयावी चीज या ताक़त पैदा कर दगेी। (बाबर हमांयू के

    �क�से) मगर नया ही दसूरा �हदंसा �फर भी पैदा न होगा। िसवाये उस व� के

    जब�क एैसी हि�तयां ख़�द अपनी ताक़त या अपना ही आप तबाह कर लेती ह � और

    �कसी

    आगाज़

  • 8

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    दसूरे एैवज तक नौबत नही आने दत� े। ये हालत भी उनक� ख़�दाई शरीक़ होने क�

    होगी। कोई न कोई तबादला �दया ही गया। �हफल �फर भी न टला।

    2.) �हफल को अगर राजा कह � ता रािशफल इसका साथी वजीर होगा।

    हर �ह कौन कौन से घर (रािश नंबर) म� रािशफल का ह�गा।

    ‘'बृह�पत''

    कु�डली के ख़ाना नंबर......6.......म�.........केतु का उपाय नेक फल पैदा करेगा।

    कु�डली के ख़ाना नंबर.....7.......म�.........चंदर के उपाय से नेक फल पैदा होगा।

    पापी �ह� मय बुध के साथ...मुत�लका �ह हरएक के अलैहदा अलैहदा उपाय से

    नेक हो।

    ‘'सूरज''

    i सूरज कभी रािशफल का नह� होता।

    ii िसवाये ख़ाना नंबर 1 व 5 के सूरज िजस रािश म� बैठा हो इस रािश का

    मािलक �ह या उस रािश नंबर के मािलक �ह का ''साथी �ह'' रािशफल का हो

    जाएगा। एैसी हालत म� उस रािशफल म� हो जाने वाले �ह के िलये उस के द�ुमन

    �ह से बचाने के िलये उपाय कर�। �य��क सूरज ख़�द कभी नीच नह� होता। बि�क

    अपने द�ुमन �ह को नीचे दबा कर इस नीचे दब जाने वाले �ह का फल ख़राब कर

    �दया करता ह।ै

    iii ख़ाना नंबर 1 और 5 म� बैठा �आ सूरज हर दो�त व द�ुमन �ह (िसफ़�

    सूरज के ख़�द दो�त या द�ुमन) को मदद पर कर �दया करता ह।ै एैसी हालत म�

    रािशफल का सवाल या �कसी उपाय क� ज�रत न होगी।

    iv महादशा के व� ख़राब हो चुके न� या बरबाद या ज़हरीले �ए �ह� के

    असर के िलये जो सूरज के ता�लुक से रािशफल के हो गये ह� ख़�द सूरज का उपाय

    ही नेक असर पैदा करेगा। िजस पर वो बरबाद शुदा �ह मददगार हो जाएंगे।

    ले�कन अगर सूरज का ख़�द अपना ही असर दसूर� पर बुरा हो रहा होवे तो सूरज

    के द�ुमन �ह� को नेक करने का उपाय कर�। ये हालत िसफ़� ख़ाना नंबर 6 या 7 म�

    सूरज होने क� होगी। जब�क बुध का �कसी उपाय से नेक कर लेना मददगार

    होगा। अगर ख़ाना नंबर 7 म� सूरज हो और सनीचर का टकराव आवे तो चंदर को

    न� करने से सूरज क� मदद होगी।

    आगाज़

  • 9

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    "चंदर"

    चंदर हमेंशा रािश फल का होता ह।ै खासकरः-

    ख़ाना नंबर ....3...म�....... चंदर से पूरा नेक मंगल होगा जो दिुनया क� तमाम

    जंग व जदल और मैदाने जंग म� पूरी फ़तेह दगेा।

    ख़ाना नंबर....7............म�............ पूरा नेक असर ल�मी अवतार होगां

    ख़ाना नंबर ...8 ...........म�.............मौत के यम को मारने वाला यमराज लंबी

    उ� दनेे वाला होगा।

    "शु�"

    ख़ाना नंबर..........4.............म� .........बृह�पत का उपाय नेक असर दगेा।

    "मंगल"

    ख़ाना नंबर ........6............म�.....सनीचर का उपाय नेक फल पैदा करेगा।

    ख़ाना नंबर .......4.........म� (मंगलीक)...........चंदर का उपाय मददगार होगा।

    "बुध"

    1.ख़ाना नंबर.....9......म� या ख़ाना ख़ाना नंबर 9 के तमाम ही �ह� को (�वाह

    नंबर 9 के �ह� का साथी �ह हो जाने वो बुध के दो�त ह� या द�ुमन या वो बुध से

    वाला बुध यािन बुध िजस घर म� बैठा जबरद�त ह� या कमज़ोर) या ख़ाना नंबर

    हो उस घर का मािलक �ह ख़ाना 9 के उस �ह को िजसका �क बुध ''साथी

    नंबर 9 म� बैठ जावे। �ह'' बन रहा हो

    अपनी यािन बुध के ख़ाली दायरा क� तरह ही बेबुिनयाद-मुदा� और

    िन�फल (यािन जो कोई भी काम न दवेे या �कसी भी काम न आ सके) कर दगेा

    एैसी हालत म� नर �ह� (सूरज-बृह�पत-मंगल) से उस नर �ह का उपाय कर�। जो

    नर �ह �क ख़ाना नंबर 9 के �ह का या ख़ाना नंबर 9 म� बुध के ''साथी �ह'' हो

    जाने वाले �ह को या ख़�द बुध को ही बरबाद न कर�। �फर यही शत� म�ेनजर रखते

    �ए जब�क नर �ह काम न आ सक� । �ी �ह� (चंदर-शूककर) का उपाय कर�। अगर

    इस तरह भी शत� को म�े नज़र रखते �ए काम न बने तो बाक� मख़�स �ह� क�

    मदद ल�व�। मगर उपाय� से बरबाद हो जाने वाले �ह का ख़याल न भूल जाव�।

    ii. ख़ाना नंबर.......10........म�.........सनीचर का उपाय मदद करेगा।

    iii. ख़ाना नंबर.......12......म� ........केतु का उपाय मदद करेगा।

    आगाज़

  • 10

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    4 ख़ाना नंबर 9 म� इतफा�कया सूरज और मंगल मु�तरका इक�े ही आ जाव�

    �वाह बुध ख़ाना नंबर 3 म� हो �वाह ख़ाना नंबर 9 म� तो बुिनयाद ख़ाली तो न

    करेगा मगर न ख़�द बोलेगा न उनको बोलने दगेा लसूङे क� िगटक का हाल होगा

    मंद ेमायन� म� दोन� �ह� को सुला दगेा। और ख़�द भी सोया �आ होगा। चमगादङ

    के मेहमान। जहां हम लटके वहां तुम लटको। उपाय ख़ासः- अरमान नंबर 62 से

    94 -'' �ह न� म� मदद'' के मुतािबकः- नाक म� सुराख़ कर दनेा । बुध क� तमाम

    गङबङ से बचायेगा।

    ''सनीचर'' ख़ाना नंबर......... 3............म�........... केतु का उपाय नेक फल दगेा।

    ख़ाना नंबर...6....म�...रा� का उपाओ इ�छाधारी सांप (मददगार) कर दगेा।

    ख़ाना नंबर......9.. म�...........बृह�पत का उपाय �यागी गु� क� तरह मदद दगेा।

    '' रा� ''रा� रािशफल का होगा ख़ाना नंबर...1...म�........सूरज का उपाय मदद करेगा

    रा� रािशफल का होगा ख़ाना नंबर....7..म�........सनीचर का उपाय मदद करेगा

    '' केतु''केतु रािशफल का होगा ख़ाना नंबर..4..म�.......बृह�पत का उपाय नेक फल दगेा

    केतु रािशफल का होगा ख़ाना नंबर..10..म�..........मंगल का उपाय मदद करेगा।

    मंदरजा बाला खाने 1-7-4-10 बंद मु�ी के खाने ह।� इन घर� म� रा� या

    केतु के रािशफल म� िसफ़� उन घर� के ऊंच �ह ही मदद द ेसकते ह।�

    कौन �हफल का राजा ��मरान कौन इसका साथी वजीर रािशफल का

    होगा होगा

    1- बािलग़ शुदा �ह नाबािलग़ �ह

    2- 9 �ह 12 रािशयां

    3- �क़�मत का �ह �क़�मत को जगाने वाला �ह

    4- एक दो तीन क� तरतीब से बाद के घर� के �ह जब�क वो अपनी

    पहले घर� के �ह जब�क वो अपनी अपनी मुकर�र जगह से चल कर �कसी

    जगह से दसूरी मुकर�र जगह ह�।िमले* �ए ह�।

    आम तौर पर वष�फल के िहसाब से तख़त पर आ जाने वाला राजा बनता ह।ै

    और रािश

    * िमले = ये िकताब म� िहले लग रहा है

    (�य

    ोित

    ष म

    �)}

    आगाज़

  • 11

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    नंबर के िहसाब से बोलने वाला वजीर बनता ह।ै ले�कन अगर एैसे राजा और

    वजीर म� कु�डली के पहले घर� और बाद के घर� म� होने का सवाल भी साथ झगङा

    खङा करे तो पहल घर� वाले बेशक़ आम असूल पर वजीर बनता होवे। मगर अब

    वो राजा हो जाएगा और बाद के घर वाला इसका वजीर बनेगा। बेशक़ वो राजा

    बनने का हकदार ह।ै

    कौन �हफल का राजा ��मरान कौन रािशफल का इसका साथी वजीर होगा

    होगा

    �योितष म� :-

    5. ख़ाना नंबर 1 के �ह (या मकान ख़�द ख़ाना नंबर 9 के �ह या मकान ज�ी

    साखता)

    6. �ह का इसके अपने कायम होने क� �ह क� बाहम �ि� का असर।

    हालत का असर।

    7. तख़त का मािलक �ह अपने तख़त के रािश नंबर के िहसाब से उ� पर बोलने वाले

    दौरा तक। �ह। अपने रािश नंबर म� बोलने क� �याद तक

    यािन 3 साल।

    8. महादशा म� धोके का 12 साला च�। तमाम उ� पर धोके का 12 साला च�

    9. महादशा म� हो जाने वाला �ह। महादशा वाले �ह के दो�त/बराबर के �ह

    10. जनम व�त का �ह जनम�दन का �ह

    (प�� दोपहर मंगल- (मु�फ़सल अरमान नंबर 9 म� दखे�)

    शाम पूरी रा� वगैरह) (इतवार सूरज-वीरवार बृह�पत वगैरह)

    ह�त रेखा म�11. 21 साला उ� से रेखा। 12 साला उ� तक रेखा ।

    12. वो �ह िजसका �क वो इ�सान हो। वो �ह िजसका �क इसका मकान हो।

    13. मद � का दायां हाथ मद � के ख़�द अपने िलये। मद � का बायां हाथ मद � के ख़�द अपने िलये।

    14. औरत का बायां हाथ औरत के अपने िलये। औरत का दायां हाथ औरत के अपने िलये।

    15. मद � का बांयां हाथ इसक� औरत के िलये �ह मद � का दायां हाथ इसक� औरत के िलये।

    फल का नेक नजारा दनेे वाला। (नंबर 16 ख़ाली ह)ै

    17. औरत का बायां हाथ इसके खा�वंद के िलये �ह औरत का बायां हाथ उसके खा�वंद के िलये।

    फल का नेक नजारा दनेे वाला

    18- ब�ा दोन� के िलये रािशफल के दनेे वाला �आ करता ह।ै

    19-दाय� हाथ पर से िलये गये नर�ह �बल। बांये हाथ से िलये �ए �ी�ह �बल।

    आगाज़

  • 12

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    और मख�स �ह दोन� म� से �कसी भी हाथ पर से िलये �ए हर तरफ अपने अपने घर�

    का िजसम� �क वो पाये जाय� असर करने वाले ह�गे। औरत का यही हाल उ�ट हाथ� से

    होगा।

    ii �ह� का िनशान हथेली पर और अंगुिलय� क� पो�रय� पर रािश का िनशान प�े

    असर का होता ह।ै ले�कन इसके बरिख़लाफ़

    �हफल का होगा रािशफल का होगा

    20 अंगुिलय� क� पो�रय� पर िजस �ह का हथेली पर िजस रािश का िनशान हो।

    िनशान हो। उस �ह क� वो रािश (�वाह एक उस रािश का मािलक �ह ओर

    मुकर�र रािश हो �वाह उसके िलये दो हथेली के उस रािश नंबर म� िजस

    मुकर�र ह�) िजसका �क वो घर का मािलक नंबर पर �क वो िनशान पाया

    �ह कहलाता ह ैऔर उस रािश नंबर के जावे। होने वाले तमाम �ह रािश

    तमाम �ह िजस रािश नंबर क� पोरी पर �क फल के ह�गे।

    वो �ह िनशान पाया जावे। �हफल का होगा। ii अंगुली क� पोरी पर अगर �कसी

    नंबर पर उसी नंबर क� रािश के

    इलावा �कसी गैर रािश का िनशान

    पाया जावे तो वो रािश िजसका �क वो

    िनशान ह ैऔर वो रािश नंबर क� िजस म�

    क� वो िनशान हो तमाम ही �ह� के

    िलये रािशफल का होगा। �वाह वो

    दो�त हो या द�ुमन।

    कौन �हफल राजा ��मरान होगा कौन रािशफल इसका वजीर साथी होगा

    21. म�छ रेखा काग रेखा धन रेखा या म�छ रेखा वगैरह मय ख़ास िनशान लाल

    �े� रेखा वगैरह वगैरह मुकर�र �कताब सफ़ा 76 ता 78 पर मुकर�र जगह

    रेखाय� से कोई भी या हथेली पर के ख़ास मगर बाय� हाथ पर तो रािश फल के ह�गे।

    िनशान िजन का िज़कर लाल �कताब और अगर बाय� ही हाथ पर मगर अपनी

    सफ़ा 76 ता 78 पर दज� ह।ै अपनी अपनी अपनी मुकर�र जगह क� बजाये �कसी और

    मुकर�र जगह और दाय� हाथ पर वा�या ह�। जगह पर पाये जाव� तो महादशा (िजसम�

    तो �हफल के और अगर अपनी जगह पर रा� का ता�लुक हो) का असर दग� े।

    क� बजाये �कसी और जगह मगर दाय� ही

    हाथ पर ह�। तो महादशा िजसम� केतु का

    ता�लुक होगा असर दग� े।

    आगाज़

  • 13

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    अपनी मुकर�र जगह क� बजाये जब म�छरेखा काग रेखा वगैरह �कसी और जगह वा�या

    ह� तो िजस �ह क� रािश या प�े घर म� बािलहाज़ा बुरज व रेखा वो वा�या होवे। उस �ह

    क� पूजना से नेक फल होगा। मसलन म�छ रेखा बुध क� िसर रेखा पर वा�या हो तो

    सनीचर व बुध क� चीज� क� पालना यािन �याह प�रं�द व क�वे क� पालना करना

    मुबा�रक अगर शु� पर हो तो �याह गाये वगैरह को पूजना पालना मुबा�रक फल पैदा

    करेगा।

    जुज़ 22

    आम तौर पर जनम कु�डली �हफल का असर आम तौर पर चंदर कु�डली रािशफल का असर

    23. मद � क� जनम कु�डली ख़�द मद � के मद � क� चंदर कु�डली ख़�द मद � केिलये मद �

    िलये मद � पर असर �हफल का। पर रािश फल का क़�र�मा यािन महादशा

    24. मद � क� चंदर कु�डली इसक� औरत क� हालत के उ�ट नेक और अचानक

    पर �हफल का नेक नजारा यािन महादशा चमकारा।

    के अरसा म� ख़ाली साल रखे �ओ म� मद � क� जनम कु�डली इसक� औरत पर

    �क़�मत का नेक और अचानक असर दगेी। रािशफल (आम साधारण) का असर दगेी।

    25. औरत क� जनम कु�डली औरत के औरत क� जनम कु�डली इसके ख़ा�वंद

    िलये औरत पर �हफल का असर दगेी। के िलये आम हालत क� रािश फल का

    26. औरत क� चंदर कु�डली इस के ख़ा�वंद असर दगेी।

    के िलये �हफल का नेक नजारा (महादशा औरत क� चंदर कु�डली औरत के िलये

    के ख़ाली साल� म� �क़�मत क� अचानक औरत पर रािशफल ।

    व नेक चमक होगी।

    अरमान नंबर 7

    �हण:- महादशा से मुराद द�ुयावी ख़याल म� �हण का जमाना होता ह।ै सामु��क म� �हण

    तमाम ही �ह� के िलये मुकर�र ह ै। िजस का मु�फ़सल हाल महादशा म� दज� ह।ै

    अरमान नंबर 8

    दो चीज� के/को इक�ा होने/करने क� हालत का नाम गांठ या �ह कहलाता ह ैया दसूरे

    ल�ज� म� बृह�पत (हवा) बुध (आकाश) को इक�े बांध दनेे वाली चीज क� ताक़त या ब�े

    आगाज़

  • 14

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    क� �क़�मत क� उलझन पैदा करने वाली चीज �ह ह।ै िजसका असर � ब � ''र�सी

    जल गई - मगर ब� न गया '' क� िमसाल से जािहर ह।ै र�सी को मोङ तोङ कर

    इधर उधर प�े तौर पर �कये रखने वाली चीज का नाम �ह ह।ै जो ''र�सी का ब�''

    ह ै। उ� ख़�म �इ मगर �क़�मत का ता�लुक चलता रहा।

    अरमान नंबर 9

    अं�ेजी िहसाब म� रात के 12 बजे के बाद दसूरा �दन शु� होता ह।ै मगर

    इ�म सामु��क म� सूरज िनकलने से नया �दन शु� होता ह।ै यािन रात को गुजरे

    �ए �दन का िह�सा लेकर नये सूरज से दसूरा �दन शु� िगन�गे।

    ह�ते म� �ह का �दन एक �दन म� �ह का व�त

    बृह�पत.........वीरवार सूरज िनकलने से �दन का पहला िह�सा

    सूरज..............इतवार �दन के पहले िह�से के बाद मगर प�� दोपहर से

    पहले।

    चंदर.........सोमवार चांदनी रात

    शु�..........शु�रवार अंधेर प� और चानन प� क� दर�यानी या

    अमावस क� रात।

    मंगल(दोन�)...मंगलवार पूरी दोपहर का िह�सा।

    बुध.................बुधवार दोपहर के बाद मगर पूरी शाम से पहले।

    सनीचर..........सनीवार काली रात या घनघोर काले बादल का �दन

    रा� वीरवार क� शाम प�� पूरी शाम मगर रात से पहले।

    केतु..इतवार क� सुबह सुबह सा�दक मगर सूरज िनकलने से पहले।

    सा�दक

    एक �दन म� हर �ह का प�े तौर पर मुकर�र व�त क� युिनट के िलये

    �फ़ यूिनट का व�त 40 िमनट वगैरह लाल �कताब 117 सफ़ा पर दज� ह।ै

    नर �ह� (बृह�पत, सूरज, मंगल) का राज �दन- �ी �ह� (चंदर शु�)

    का राज रात और मख�स (बुध मय पापी �ह) �ह� का राज �दन रात दोन�

    के िमलने का व�त या सुबह शाम होगा।

    जनम �दन और व�त जनम का जब एक ही �ह हो जावे (मसलन

    मंगलवार का �दन और मंगलवार क� प�� दोपहर के व�त क� पैदाइश) तो

    एैसा �ह कु�डली वाले का कभी बुरा न करेगा।

    आगाज़

  • 15

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    और न ही कभी धोका दगेा। बि�क मौत भी उसी �दन और उसी �दन के उसी व�त

    न होगी। बेशक़ चं�मा के िहसाब से (लाल �कताब सफ़ा 320 जुज 9) मौत का वो

    �दन आवे। बशत��क कु�डली म� भी वो �ह (वही िमसाल मंगल जो ऊपर कहा

    वगैरह) कायम होवे। कायम क� तारीफ़ जुदी जगह िलखी ह।ै) बाक� हालत� म�

    जब�क जनम �दन तो �कसी �ह का हो और जनम व�त �कसी और ही �ह का हो

    तो एैसी हालत म� जनम �दन और जनम व�त के �ह� क� सब हालत� �हफल

    रािशफल बराबर के �ह या बाहमी दो�ती द�ुमनी के नतीजे का असर होगा।

    1. जनम व�त को िगनते ह.� ......�क़�मत का �ह और �हफल का।

    2. जनम �दन को िगनते ह.� ........�क़�मत के �ह को जगाने वाले �ह का प�ा घर

    मसलन पैदाइश हो सोमवार ब-व� प�� शाम। अब रा� (जनम व�त

    का �ह) होगा चंदर (जनम �दन) के प�े घर नंबर 4 म�। यािन कु�डली वाले के िलये

    जब कभी और जो भी ख़ाना नंबर 4 का असर होगा रािशफल का होगा। िजसका

    चंदर के उपाय से नेक असर होगा या रा� इस श�स के ख़ाना नंबर 4 क� चीज� पर

    बुरा असर करने के व�त रािश फल का होगा। �वाह वो �ह (जनम व�त का)

    अरमान नंबर 6 के मुतािबक रािशफल का न भी हो। ले�कन अगर जनम व�त का

    �ह (प�दाइश के िहसाब से जो भी होवे) ऊपर क� िमसाल के मुतािबक अरमान

    नंबर 6 म� हर �ह के ख़ास ख़ास घर रािशफल वाल� म� आ जावे तो अरमान नंबर 6

    म� �दया �आ उपाय मददगार होगा। िजसके िलये बदला जाने वाला या उपाय के

    कािबल जनम �दन का �ह ल�गे जनम व�त का नही।

    मसलन �कसी क� मंगलवार सुबह के बाद �दन का पहला िह�सा

    (बवकत बृह�पत) पैदाइश ह।ै अब जनम व�त बृह�पत का �ह मंगल के प�े घर

    ख़ाना नंबर 3 म� होगा। फरजन अब बृह�पत का �ह ख़ाना नंबर 3 का होता �आ

    (लाल �कताब सफ़ा 180 पहली सतर ऊपर से) बीमारी ही बीमारी खङी करता

    जावे तो मंगल का �ह रािशफल का होगा। जो जनम �दन का �ह िगना था। अब

    अरमान नंबर 6 म� दखेा तो मालुम �आ �क मंगल िसफ़� ख़ाना नंबर 4 और 6 म� ही

    रािशफल का िलखा ह।ै मगर ऊपर क� िमसाल म� मंगल ही उपाय के कािबल ह।ै

    बृह�पत का उपाय तो कर ही नह� सकते यािन जायज़ नह�। एैसी हालत म� मंगल

    का आम उपाय ब-मूजब लाल �कताब सफ़ा 118 जुज 5 करना मददगार होगा।

  • 16

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    अरमान नंबर 10

    �क़�मतः- हरइक �क़�मत के �ह को (अरमान नंबर 122 से मुत�लका)

    �क़�मत रेखा कहते ह।� िजसके जागने का व�त �क़�मत के असर का व�त होगा।

    �क़�मत के �ह कई एक ह� तो वा सब बाहम पूरे मददगार ह�गे। सबसे अ�छी

    �क़�मत बृह�पत का �क़�मत का �ह होता ह।ै

    "�क़�मत का �ह":- सबसे उ�म दजा� पर वो �ह होगा। जो रािश का

    ऊंच फल दनेे का (लाल �कताब सफ़ा 114 फ़रमान नंबर 113) मुकर�र ह।ै जो हर

    तरह से कायम-साफ और द��त हो और इसम� �कसी तरह से भी ''साथी �ह'' होने

    बामुकािबल के �ह या द�ुमन �ह का बुरा असर न िमला �आ होवे। उसके बाद

    प�े घर का �ह-घर का मािलक �ह -दो�त �ह� का बना �आ दो�त �ह। �क़�मत

    का मािलक �ह होगा।

    �क़�मत के �ह क� तलाश क� तरतीबः- सबसे पहले १२ रािशय� के

    ऊंच फल दनेे वाले �ह� क� तलाश कर�। �फर 9 �ह� से जो उमदा हो ले लेव� और

    बाद म� बंद मु�ी के खान� (1-7-4-10) के �ह� से जो उमदा हो ल�व�। ऊंच फल दनेे

    वाल� म� से जो सबसे तस�ली ब�स और ऊंच हो ल�वे। घर के मािलक �ह� से सबसे

    �यादा ताक़त (अरमान नंबर 27) वाले को ल�वे। अगर मु�ी के चार� खाने ख़ाली

    (लफज ख़ाली से मुराद ह ै�क वहां भी पूरी तरह का �क़�मत का �ह न होवे) ह� तो

    ख़ाना नंबर 9 के �ह� को ल�गे। वो भी ख़ाली तो �फ़र ख़ाना नंबर 3 के �ह� को ल�व�।

    अगर वो भी ख़ाली तो ख़ाना नंबर 11 के �ह ल�ग�। अगर वो भी ख़ाली तो ख़ाना

    नंबर 5 को लेग�। वो भी ख़ाली हो तो दसूरा दरवाजा ख़ाना या नंबर 2 को ल�गे।

    अगर वो भी ख़ाली तो ख़ाना नंबर 6 दखे�गे। वो भी ख़ाली तो ख़ाना नंबर 12 म�

    तलाश कर�ग� और अगर वो भी ख़ाली हो तो ख़ाना नंबर 8 म� बैठकर दखे�गे �क

    आया �क़�मत का �ह िजसम� ऊपर क� तमाम शत� न ह� मर तो नही गया।

    (मुफसल जुदी जगह) ये तलाश जनम लगन क� कू�डली और चंदर कु�डली दोन�

    से होगी। ह�त रेखा म� दायां और बायां हाथ दोन� और ह�त रेखा के तमाम िह�से

    शािमल ह�गे।

    आगाज़

  • 17

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    �क़�मत के �ह को जगाने वाला �हः- जब पहले घर� म� कोई �ह न हो

    तो बाद के घर� के �ह सोये �ए माने जाते ह।� एैसी हालत म� �क़�मत के �ह को

    जगाने वाले �ह क� तलाश क� ज�रत होगी और अगर बाद के घर ख़ाली ह� तो

    ख़ाना नंबर को जगाने वाले �ह के उपाओ क� ज�रत होगी जो �क ख़ाली ह।ै (�ह

    का जागना और ख़ाना नंबर का जागना दो जुदी जुदी बात� ह)� ।

    अगर �कसी िपतरी �रन (खानदानी पाप िजसका जुदा िज़कर ह)ै महादशा या

    दसूरे सबब से �क़�मत का �ह सो जावे न� बरबाद या गुम ही हो जावे तो सब से

    पहले ऊपर �क़�मत के �ह क� तलाश क� तरतीब से ख़ाली खान� के घर के मािलक

    �ह को जगा द।� यािन इसका उपाय कर�। बशत��क वो �क़�मत के �ह के बराबर का

    �ह होवे। या दो�त होवे। इस के बाद महा दशा के व�त म� काम दनेे वाले �ह ल�वे।

    बाद अजां द�ुमन �ह� क� द�ुमनी हटाद � या रािशफल क� हालत का फायदा

    उठाव�। अगर ये भी काम न द ेसके तो सूरज को कायम कर�। अगर ये भी मदद न दवेे

    तो पापी �ह� और सबसे आिख़र पर बुध का उपाय कर�।

    ख़ाना नंबर को जगाने वाले �ह

    ख़ाना नंबर को

    जगाने वाले �ह

    ख़ाना नंबर 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12

    �क़�मत का असरः- अरमान नंबर 114 दखे�।

    �क़�मत का फ़ैसलाः- उ� के िलहाज़ से धोके के �ह व वष�फल और

    रािश नंबर के बोलने वाले �ह� का मु�तरका नतीजा �क़�मत का फ़ैसला करेगा।

    िमयाद उपाय - �रयायती चालीस �दनः- चूं�क िगनती के लंबे

    िहसाब को इस इ�म म� उङाने के िलये 28 नछतर और 12 रािश को बाद म� छोङ

    ही �दया जाता ह।ै इसिलये दोन� क� जमा (28+12) कुल 40 �दन �रयायती तक

    कम अज कम या �यादा से �यादा 43 �दन तक उपाय का असर पूरा होगा।

    िजसक� िनशानी व�त से पहले ही नेक �ह का असर हो जाने के व�त दो�त �ह क�

    चीज� क� कुदरती िनशानीयां और बुरे �ह क� िमयाद

    मंग

    चंदर

    बृह�प

    बृह�प

    शु�

    सूरज

    केतु

    रा�

    बुध

    सन

    ीचर

    चंदर

    चंदर

    आगाज़

  • 18

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    40 �दन बाद तक रहने वाली हालत म� पापी �ह� क� िनशानीयां �आ करती ह।�

    दौरान उपाय 40 �दन क� नसफ या चौथाई िमयाद म� भी नसफ या चौथाई असर

    मालूम होने लग जाया करता ह।ै

    अरमान नंबर 11

    �कसी ताक़त के �ह क� पहचान (i) (ब�ये ह�त रेखा)

    िजस �कसी श�स म� िजस �ह क� ताक़त �यादा होगी वो श�स �यादा

    ताक़त वाले �ह क� चीज का �यादा इ�तैमाल करने का आदी न होगा। मसलन

    सूरज को नमक माना ह ैऔर मंगल को मीठा। अब सूरज वाले क� आम आदत होगी

    �क वो �यादा नमक इ�तेमाल करने का आदी न होगा और अपनी कमी पूरी करने

    के िलये मीठा �यादा इ�तेमाल करने का आदी होगा। इसी तरह मंगल कायम

    वाला मीठा �यादा इ�तेमाल न करेगा। नमक का �यादा आदी या नमक �यादा

    िमकदार म� खाने वाला होगा।

    (ii) ब�ये कु�डलीः- बंद मु�ी के खान� (1-7-4-10) के �ह �वाह

    भले ह� �वाह बुरे कु�डली वाले क� तबीयत और �क़�मत के बुनयादी प�थर ह�गे।

    अरमान नंबर 12

    बङी रेखाः- हर �ह क� मुकर�र रेख या प�ा �ह।

    शाख़�:- हर �ह क� मुकर�र रेखा क� शाख़ या �ह मशनोई हालत का।

    प�े �ह का असर अपनी मुत�लका चीज� का ज�र होगा। मशनोई �ह अपने

    प�े �ह क� मुत�लका चीज� का असर दगेा। ले�कन व�त मशनोई �ह के हर दो

    जुज व अपने मशनोई हालत के दोन� जुज� के �ह� क� मुत�लका चीज� का असर

    भी द ेजाता ह।ै मसलन सूरज प�ा �ह ह ैऔर शु� बुध मशनोई सूरज। अब सूरज

    हमेंशा अपना असर सूरज रेखा या सूरज क� सेहत या तर�� रेखा ख़ाना नंबर 1-5

    असर दगेा। ले�कन शु� बुध मु�तरका मशनोई हालत म� सूरज का असर या शु�

    क� आम या शु� क� शादी रेखा और बुध िसर क� रेखा का भी हर दो �ह ख़ाना

    नंबर 7 का असर द ेजायेगा। ले�कन वो भी उ� के हर सातव� या हर आठव� साल

    (अ�प आयु)।

  • 19

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    ह�त रेखा म� 21 साला उ� से रेखा बािलग़ और 12 साला उ� तक नाबािलग़ िगनते ह।� मगर कु�डली म� वष�फल के िहसाब से उ� म� िजस �दन से (सबसे पहली दफा)सूरज का राज या दौरा शु� हो जावे। उस �दन से तमाम �ह बािलग़ िगने जाते ह।� �वाह उ� 21 साल से �कतनी ही कम या �यादा होवे।

    (ii) सूरज अगर कु�डली के ख़ाना नंबर 1-5-11 (जनम लगन को ख़ाना नंबर एक रखते �ए) म� �वाह अकेला �वाह और �ह� के साथ होवे तो जनम �दन से ही तमाम �ह बािलग़ िगने जाएंगे।

    (iii) सूरज का दौरा शु� होने से पहले इ�सान पर इसके अपने िपछले कम� का फ़ैसला (अमुमन 7 या 8 साला उ� या हर सातव� या आठव� साल) असर �कया करता ह।ै जो तबदीली का जमाना �आ करता ह।ै

    अरमान नंबर 13 नाबािलग़ ब�ा (12 साल उ� तक) क� रेखा का कोई इतबार नही होता। मुम�कन ह ै�क एैसी उ� तक वो प�े असर क� रेखा ह�वे या तबदील हो जाने वाली ह�।

    इ�म �योितष म� :- ब�े क� बंद मु�ी या कु�डली के ख़ाना नंबर 1-7-4-10 ख़ाली ह� या उन खान� म� िसफ़� पापी �ह या बुध अकेला (पापी �ह और बुध दोन� म� से िसफ़� एक) हो तो इस क� �क़�मत का हाल 12 साल उ� तक श�क� होगा। एैसी हालत म� ब�ा (नाबािलग़) क� �क़�मत (जब�क सूरज का ता�लुक अरमान नंबर 12 न �आ हो) पर मुंदरजा जैल असर होगाः-

    उ� के िहसाब से असर का ख़ाना नंबर दखेते जाव�। अगर कोई ख़ाना नंबर ख़ाली ही आ जाव� तो इस ख़ाली ख़ाना नंबर क� रािश के मािलक �ह (घर का मािलक) िजस खाने म� होवे वह ख़ाना लेव�।

    उ� का

    साल 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12

    �कस खाने के

    �ह� का असर ल�गे 7 4 9 10 11 3 2 5 6 12 1 8

    12 साला धोके

    का �ह

    नाबािलग़ �ह� का बाक� आम उसूल होगा।

    इस बात का वहम न कर� �क एक ही ख़ाना नंबर के �ह कई बार �यूं बोले। एैसी हालत म� ख़ास व�त पैदाइश के िहसाब का �ह तख़त का मािलक �ह ल�गे। (अरमान नंबर 9 क� मदद ल�वे)। ले�कन अगर जनम व�त जनम �दन दोन� ही मालूम न ह� । तो �कसी ख़ास वा�या से िलया �आ वष�फल बनाय�गे।

    मंग

    सूरज

    केत

    रा�

    बुध

    चंदर

    मौत

    िपत

    ृ �ह

    सन

    ीचर

    रािश ख़

    �म

    बृह�प

    शु�

  • 20

    लाल िकताब

    के िव�ाथ�

    नाबािलग़ हालत म� ''12 साला धोके का च�र'' का ख़याल ज�री रख� (िजसका

    मु�फ़सल िज़कर अरमान नंबर 113 A म� �आ ह)ै 12 साला धोके के च�र का �ह

    (साल नंबर