पाराशरी सिद्धांत-42
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पा�रा�शरा� सि�द्धां�त – 42 ��त्रAstro ~~~ 3️⃣
🍀ज् यो�तितष की� एकी नहीं� बल्कि�की कीई धा�रा�ए ��थ ��थ चलत� राहीं� हीं!। वत$मा�न मा& दश� गणन� की� जि+न पाद्धांतितयो, की� हींमा इस् त/मा�ल कीरात/ हीं!, उनमा& �व�$धिधाकी प्रयो3क् त हीं�न/ व�ल� तिवधिधा पा�रा�शरा पाद्धांतित हीं5। Astro ~~~ 3️⃣
🍀�हीं� कीहीं& त� पा�राशरा की� विंव7श�त् तरा� दश� की/ इतरा की�ई दू�रा� दश� सि�स् टमा दिदखा�ई भी� नहीं� द/त� हीं5। माहींर्षिष7 पा�रा�शरा की/ फसिलत ज् यो�तितष �बधा� सि�द्धां�त लघु3 पा�रा�शरा� मा& धिमालत/ हीं!। Astro ~~~ 3️⃣
☯इनमा& की3 ल +मा� 42 ��त्र (42 sutras) हीं!।☯ Astro ~~~ 3️⃣
👉🏾अगरा आपा की/ वल इन मा�ल सि�द्धां�त, की� पाढ़ें& त� आपाकी/ दिदमा�ग मा& भी� ज् यो�तितष फसिलत की/ �बधा मा& कीई तिवच�रा स् पाष् ट हीं� +�एग/। मा! की/ वल मा�ल सि�द्धां�त की/ विंहीं7दE अन3व�द की� पा/श कीरा राहीं� हूं, इ�मा& न त� टEकी� श�धिमाल हीं5, न मा�ल ��त्र…👈🏾👈🏾 Astro ~~~ 3️⃣
1. 🍀योहीं श्रु3तितयो, की� सि�द्धां�त हीं5 जि+�मा& मा& प्र+�पातित की/ श3द्धां अत:कीराण, तिबम् बफल की/ �मा�न ल�ल अधारा व�ल/ औरा व�ण� धा�राण कीरान/ व�ल/ त/+, जि+�की� अरा�धान� कीरात� हूं, की� �मार्षिपा7त कीरात� हूं। Astro ~~~ 3️⃣
2. 🍀मा! माहींर्षिष7 पा�रा�शरा की/ हीं�रा�श�स् त्र की� अपान� मातित की/ अन3��रा तिवच�राकीरा ज् यो�तिततिषयो, की/ आनन् द की/ सिलए नक्षत्र, की/ फल, की� ��सिचत कीरान/ व�ल/ उडू�द�योप्रदEपा ग्रंथ की� �पा�दन कीरात� हूं।
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3. 🍀हींमा इ�मा& नक्षत्र, की� दश� की/ अन3��रा हीं� श3भी अश3भी फल कीहींत/ हीं!। इ� ग्रंथ की/ अन3��रा फल कीहींन/ मा& तिवश,तरा� दश� हीं� ग्रंहींण कीरान� च�तिहींए। अष् ट�तरा� दश� योहीं� ग्रं�ह्य नहीं� हीं5। Astro ~~~ 3️⃣
4. 🍀��मा�न् यो ग्रंथ, पारा �/ भी�व, रा�सिश इत् यो�दिद की� +�नकी�रा� ज् यो�तित श�स् त्र, �/ +�नन� च�तिहींए। इ� ग्रंथ मा& +� तिवरा�धा �ज्ञा� हीं5 वहीं श�स् त्र की/ अन3रा�धा �/ कीहींत/ हीं!।
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5. 🍀�भी� ग्रंहीं जि+� स् थ�न पारा ब5ठे/ हीं,, उ��/ ��तव& स् थ�न की� द/खात/ हीं!। शतिन त��रा/ व द�व&, ग3रु नवमा व पाचमा तथ� मागल चत3थ$ व अष् टमा स् थ�न की� तिवश/ष द/खात/ हीं!।
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6.🍀 (अ) की�ई भी� ग्रंहीं तित्रकी�ण की� स् व�मा� हीं�न/ पारा श3भी फलद�योकी हीं�त� हीं5। (लग् न, पाचमा औरा नवमा भी�व की� तित्रकी�ण कीहींत/ हीं!) तथ� तित्रषडू�यो की� स् व�मा� हीं� त� पा�पा फलद�योकी हीं�त� हीं5 (त��रा/, छठे/ औरा ग् यो�राहींव& भी�व की� तित्रषडू�यो कीहींत/ हीं!।)
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6. (ब) अ व�ल� स्थिUतित की/ ब�व+�द तित्रषडू�यो की/ स् व�मा� अगरा तित्रकी�ण की/ भी� स् व�मा� हीं� त� अश3भी फल हीं� आत/ हीं!। (मा/रा� न�ट: तित्रषडू�यो की/ अधिधापातित स् वरा�सिश की/ हीं�न/ पारा पा�पा फल नहीं� द/त/ हीं!- की�टव/।)
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7. 🍀�Vम् यो ग्रंहीं (ब3धा, ग3रु, श3क्र औरा पा�ण$ चद्र) योदिद की/ न् द्र, की/ स् व�मा� हीं� त� श3भी फल नहीं� द/त/ हीं!। क्र� रा ग्रंहीं (रातिव, शतिन, मागल, क्ष�ण चद्र औरा पा�पाग्रंस् त ब3धा) योदिद की/ न् द्र की/ अधिधापातित हीं, त� व/ अश3भी फल नहीं� द/त/ हीं!। यो/ अधिधापातित भी� उत् तरा�तरा क्रमा मा& बल� हीं!। (यो�न� चत3थ$ भी�व �/ ��तव� भी�व अधिधाकी बल�, त��रा/ भी�व �/ छठे� भी�व अधिधाकी बल�)
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8. 🍀लग् न �/ दू�रा/ अथव� ब�राहींव& भी�व की/ स् व�मा� दू�रा/ ग्रंहीं, की/ �हींचयो$ �/ श3भी अथव� अश3भी फल द/न/ मा& �क्षमा हीं�त/ हीं!। इ�� प्रकी�रा अगरा व/ स् व स् थ�न पारा हीं�न/ की/ ब+�यो अन् यो भी�व, मा& हीं� त� उ� भी�व की/ अन3��रा फल द/त/ हीं!। (मा/रा� न�ट: इन भी�व, की/ अधिधापातितयो, की� खा3द की� की�ई आत् मातिनभी$रा रिरा+� ट नहीं� हीं�त� हीं5।)
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9. 🍀अष् टमा स् थ�न भी�ग् यो भी�व की� व् योयो स् थ�न हीं5 (�राल शब् द, मा& आठेव� भी�व न\व/ भी�व �/ ब�राहींव& स् थ�न पारा पाड़त� हीं5), अत: श3भीफलद�यो� नहीं� हीं�त� हीं5। योदिद लग् न/श भी� हीं� तभी� श3भी फल द/त� हीं5 (योहीं स्थिUतित की/ वल मा/ष औरा त3ल� लग् न मा& आत� हीं5)।
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10. 🍀श3भी ग्रंहीं, की/ की/ न् द्र�धिधापातित हीं�न/ की/ द�ष ग3रु औरा श3क्र की/ �बधा मा& तिवश/ष हीं!। यो/ ग्रंहीं की/ न् द्र�धिधापातित हीं�कीरा मा�राकी स् थ�न (दू�रा/ औरा
��तव& भी�व) मा& हीं, यो� इनकी/ अधिधापातित हीं� त� बलव�न मा�राकी बनत/ हीं!।Astro ~~~ 3️⃣
11. 🍀की/ न् द्र�धिधापातित द�ष श3क्र की� त3लन� मा& ब3धा की� कीमा औरा ब3धा की� त3लन� मा& चद्र की� कीमा हीं�त� हीं5। इ�� प्रकी�रा ��यो$ औरा चद्रमा� की� अष् टमा/ष हीं�न/ की� द�ष नहीं� लगत� हीं5।
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12. 🍀मागल दशमा भी�व की� स् व�मा� हीं� त� श3भी फल द/त� हीं5। विंकी7त3 योहीं� तित्रकी�ण की� स् व�मा� भी� हीं� तभी� श3भीफलद�यो� हीं�ग�। की/ वल दशमा/ष हीं�न/ �/ नहीं� द/ग�। (योहीं स्थिUतित की/ वल कीकी$ लग् न मा& हीं� बनत� हीं5)
13. 🍀रा�हूं औरा की/ त� जि+न जि+न भी�व, मा& ब5ठेत/ हीं!, अथव� जि+न जि+न भी�व, की/ अधिधापातितयो, की/ ��थ ब5ठेत/ हीं! तब उन भी�व, अथव� ��थ ब5ठे/ भी�व अधिधापातितयो, की/ द्वा�रा� धिमालन/ व�ल/ फल हीं� द&ग/। (यो�न� रा�हूं औरा की/ त� जि+� भी�व औरा रा�सिश मा& हीं,ग/ अथव� जि+� ग्रंहीं की/ ��थ हीं,ग/, उ�की/ फल द&ग/।)। फल भी� भी�व, औरा अधिधापातितयो� की/ मा3 त�तिबकी हीं�ग�। Astro ~~~ 3️⃣
14. 🍀ऐ�/ की/ न् द्र�धिधापातित औरा तित्रकी�ण�धिधापातित जि+नकी� अपान� दू�रा� रा�सिश भी� की/ न् द्र औरा तित्रकी�ण की� छ�ड़कीरा अन् यो स् थ�न, मा& नहीं� पाड़त� हीं�, त� ऐ�/ ग्रंहीं, की/ �बधा तिवश/ष यो�गफल द/न/ व�ल/ हीं�त/ हीं!।Parashari Siddhant) मा& माहींर्षिष7 पा�रा�शरा न/ की3 ल 42 ��त्र फसिलत ज् यो�तितष की/ दिदए हीं!। इनमा& �/ पाहींल/ 21 ��त्र, की� �राल विंहीं7दE मा& पा�व$ की/ ल/खा मा& सिलखा च3की� हूं अब उ��/ आग/ की/ ��त्र 22 व& �/ 42 व& तकी इ� भी�ग मा&… Astro ~~~ 3️⃣
22. 🍀धामा$ औरा कीमा$ भी�व की/ अधिधापातित यो�न� नवमा/श औरा दशमा/श योदिद क्रमाश: अष् टमा/श औरा ल�भी/श हीं, त� इनकी� �बधा यो�गकी�राकी नहीं� बन �कीत� हीं5। (उद�हींराण की/ तVरा पारा धिमाथ3न लग् न)। इ� स्थिUतित की� रा�+यो�ग भीग भी� मा�न �कीत/ हीं!। Astro ~~~ 3️⃣
23. 🍀+न् मा स् थ�न �/ अष् टमा स् थ�न की� आयो3 स् थ�न कीहींत/ हीं!। औरा इ� आठेव& स् थ�न �/ आठेव� स् थ�न आयो3 की� आयो3 हीं5 अथ�$त लग् न �/ त��रा� भी�व। दू�रा� भी�व आयो3 की� व् योयो स् थ�न कीहींल�त� हीं5। अत: तिद्वात�यो एव �प् तमा भी�व मा�राकी स् थ�न मा�न/ गए हीं!।
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24. 🍀तिद्वात�यो एव �प् तमा मा�राकी स् थ�न, मा& तिद्वात�यो स् थ�न �प् तमा की� त3लन� मा& अधिधाकी मा�राकी हीं�त� हीं5। इन स् थ�न, पारा पा�पा ग्रंहीं हीं, औरा मा�राकी/ श की/ ��थ यो3सिa कीरा राहीं/ हीं, त� उनकी� दश�ओं मा& +�तकी की� माcत् यो3 हीं�त� हीं5।
25.🍀 योदिद उनकी� दश�ओं मा& माcत् यो3 की� आशकी� न हीं� त� �प् तमा/श औरा तिद्वात�यो/श की� दश�ओं मा& माcत् यो3 हीं�त� हीं5।
26. 🍀मा�राकी ग्रंहीं, की� दश�ओं मा& माcत् यो3 न हीं�त� हीं� त� की3 ण् डूल� मा& +� पा�पाग्रंहीं बलव�न हीं� उ�की� दश� मा& माcत् यो3 हीं�त� हीं5। व् योयो�धिधापातित की� दश� मा& माcत् यो3 न हीं� त� व् योयो�धिधापातित �/ �बधा कीरान/ व�ल/ पा�पाग्रंहीं, की� दश� मा& माराण यो�ग बन/ग�। व् योयो�धिधापातित की� �बधा पा�पाग्रंहीं, �/ न हीं� त� व् योयो�धिधापातित �/ �बधिधात श3भी ग्रंहीं, की� दश� मा& माcत् यो3 की� यो�ग बत�न� च�तिहींए। ऐ�� �माझन� च�तिहींए। व् योयो�धिधापातित की� �बधा श3भी ग्रंहीं, �/ भी� न हीं� त� +न् मा लग् न �/ अष् टमा स् थ�न की/ अधिधापातित की� दश� मा& माराण हीं�त� हीं5। अन् योथ� तcत�यो/श की� दश� मा& माcत् यो3 हीं�ग�। (मा�राकी स् थ�न�धिधापातित �/ �बधिधात श3भी ग्रंहीं, की� भी� मा�राकीत् व की� ग3ण प्र�प् त हीं�त� हीं5।)
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27. 🍀मा�राकी ग्रंहीं, की� दश� मा& माcत् यो3 न आव/ त� की3 ण् डूल� मा& +� बलव�न पा�पाग्रंहीं हीं! उनकी� दश� मा& माcत् यो3 की� आशकी� हीं�त� हीं5। ऐ�� तिवद्वा�न, की� मा�राकी कीस्थि�पात कीरान� च�तिहींए।
28. 🍀पा�पाफल द/न/ व�ल� शतिन +ब मा�राकी ग्रंहीं, �/ �बधा कीरात� हीं5 तब पा�ण$ मा�राकी/ श, की� अतितक्रमाण कीरा तिन:�द/हीं मा�राकी फल द/त� हीं5। इ�मा& �शयो नहीं� हीं5। Astro ~~~ 3️⃣
29.🍀 �भी� ग्रंहीं अपान� अपान� दश� औरा अतरादश� मा& अपान/ भी�व की/ अन3रूपा श3भी अथव� अश3भी फल प्रद�न कीरात/ हीं!। (�भी� ग्रंहीं अपान� माहीं�दश� की� अपान� हीं� अतरादश� मा& श3भीफल प्रद�न नहीं� कीरात/ हीं! – ल/खाकी)
30. 🍀दश�न�थ जि+न ग्रंहीं, की/ ��थ �बधा कीरात� हीं� औरा +� ग्रंहीं दश�न�थ �रा�खा� �मा�न धामा�$ हीं�, व5�� हीं� फल द/न/ व�ल� हीं� त� उ�की� अतरादश� मा& दश�न�थ स् वयो की� दश� की� फल द/त� हीं5। Astro ~~~ 3️⃣
31.🍀 दश�न�थ की/ �बधा रातिहींत तथ� तिवरुद्धां फल द/न/ व�ल/ ग्रंहीं, की� अतरादश� मा& दश�धिधापातित औरा अतरादश�धिधापातित द�न, की/ अन3��रा दश�फल की� पान� कीराकी/ �माझन� च�तिहींए। (तिवरुद्धां व �बधा रातिहींत ग्रंहीं, की� फल अतरादश� मा& �माझन� अधिधाकी माहींत् वपा�ण$ हीं5 – ल/खाकी)
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32. 🍀की/ न् द्र की� स् व�मा� अपान� दश� मा& �बधा राखान/ व�ल/ तित्रकी�ण/श की� अतरादश� मा& श3भीफल प्रद�न कीरात� हीं5। तित्रकी�ण/श भी� अपान� दश� मा& की/ न् द्र/श की/ ��थ योदिद �बधा बन�ए त� अपान� अतरादश� मा& श3भीफल प्रद�न कीरात� हीं5। योदिद द�न, की� पारास् पारा �बधा न हीं� त� द�न, अश3भी फल द/त/ हीं!। Astro ~~~ 3️⃣
33. 🍀योदिद मा�राकी ग्रंहीं, की� अतरादश� मा& रा�+यो�ग आराभी हीं� त� वहीं अतरादश� मान3ष् यो की� उत् तरा�तरा रा�ज् यो�धिधाकी�रा �/ की/ वल प्रसि�द्धां कीरा द/त� हीं5। पा�ण$ �3खा नहीं� द/ पा�त� हीं5।
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34. 🍀अगरा रा�+यो�ग कीरान/ व�ल/ ग्रंहीं, की/ �बधा� श3भीग्रंहीं, की� अतरादश� मा& रा�+यो�ग की� आराभी हीं�व/ त� रा�ज् यो �/ �3खा औरा प्रतितष् ठे� बढ़ेंत� हीं5। रा�+यो�ग कीरान/ व�ल/ �/ �बधा न कीरान/ व�ल/ श3भीग्रंहीं, की� दश� प्र�राभी हीं� त� फल �मा हीं�त/ हीं!। फल, मा& अधिधाकीत� यो� न् यो�नत� नहीं� दिदखा�ई द/ग�। +5�� हीं5 व5�� हीं� बन� राहीं/ग�।
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35. 🍀यो�गकी�राकी ग्रंहीं, की/ ��थ �बधा कीरान/ व�ल/ श3भीग्रंहीं, की� माहीं�दश� की/ यो�गकी�राकी ग्रंहीं, की� अतरादश� मा& यो�गकी�राकी ग्रंहीं यो�ग की� श3भीफल क् वसिचत द/त/ हीं!।
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36. 🍀रा�हूं की/ त� योदिद की/ न् द्र (तिवश/षकीरा चत3थ$ औरा दशमा स् थ�न मा&) अथव� तित्रकी�ण मा& स्थिUत हीं�कीरा तिकी�� भी� ग्रंहीं की/ ��थ �बधा नहीं� कीरात/ हीं, त� उनकी� माहीं�दश� मा& यो�गकी�राकी ग्रंहीं, की� अतरादश� मा& उन ग्रंहीं, की/ अन3��रा श3भीयो�गकी�राकी फल द/त/ हीं!। (यो�न� श3भी�रुढ़ें रा�हूं की/ त� श3भी �बधा की� अपा/क्ष� नहीं� राखात/। ब� व/ पा�पा �बधा� नहीं� हीं�न/ च�तिहींए तभी� कीहीं/ हुए अन3��रा फलद�योकी हीं�त/ हीं!।) रा�+यो�ग रातिहींत श3भीग्रंहीं, की� अतरादश� मा& श3भीफल हीं�ग�, ऐ�� �माझन� च�तिहींए।
Astro ~~~ 3️⃣
37-38. 🍀योदिद माहीं�दश� की/ स् व�मा� पा�पाफलप्रद ग्रंहीं हीं, त� उनकी/ अ�बधा� श3भीग्रंहीं की� अतरादश� पा�पाफल हीं� द/त� हीं5। उन माहीं�दश� की/ स् व�मा� पा�पा� ग्रंहीं, की/ �बधा� श3भीग्रंहीं की� अतरादश� धिमाश्रिश्रुत (श3भी एव अश3भी) फल द/त� हीं5। पा�पा� दश�धिधापा �/ अ�बधा� यो�गकी�राकी ग्रंहीं, की� अतरादश� अत् योत पा�पाफल द/न/ व�ल� हीं�त� हीं5।
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39. 🍀मा�राकी ग्रंहीं, की� माहीं�दश� मा& उनकी/ ��थ �बधा कीरान/ व�ल/ श3भीग्रंहीं, की� अतरादश� मा& दश� मा/Astro ~~~ 3️⃣
15. 👉🏾👉🏾 बलव�न तित्रकी�ण औरा की/ न् द्र की/ अधिधापातित खा3द द�षयो3क् त हीं,, ल/तिकीन 39. मा�राकी ग्रंहीं, की� माहीं�दश� मा& उनकी/ ��थ �बधा कीरान/ व�ल/ श3भीग्रंहीं, की� अतरादश� मा& दश�न�थ मा�राकी नहीं� बनत� हीं5। पारान् त3 उ�की/ ��थ �बधा रातिहींत पा�पाग्रंहीं अतरादश� मा& मा�राकी बनत/ हीं!।
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40. 🍀श3क्र औरा शतिन अपान� अपान� माहीं�दश� मा& अपान� अपान� अतरादश� मा& अपान/ अपान/ श3भी फल द/त/ हीं!। यो�न� शतिन माहीं�दश� मा& श3क्र की� अतरादश� हीं� त� शतिन की/ फल धिमाल&ग/। श3क्र की� माहीं�दश� मा& शतिन की/ अतरा मा& श3क्र की/ फल धिमाल&ग/। इ� फल की/ सिलए द�न, ग्रंहीं, की/ आपा�� �बधा की� अपा/क्ष� भी� नहीं� कीरान� च�तिहींए।
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41. 🍀दशमा स् थ�न की� स् व�मा� लग् न मा& औरा लग् न की� स् व�मा� दशमा मा&, ऐ�� यो�ग हीं� त� वहीं रा�+यो�ग �माझन� च�तिहींए। इ� यो�ग पारा तिवख् यो�त औरा तिव+यो� ऐ�� मान3ष् यो हीं�त� हीं5।
42. 🍀नवमा स् थ�न की� स् व�मा� दशमा मा& औरा दशमा स् थ�न की� स् व�मा� नवमा मा& हीं� त� ऐ�� यो�ग रा�+यो�ग हीं�त� हीं5। इ� यो�ग पारा तिवख् यो�त औरा तिव+यो� पा3रुष हीं�त� हीं5। Astro ~~~ 3️⃣
☮माहींर्षिष7 पा�रा�शरा की/ लघु3 पा�रा�शरा� फसिलत सि�द्धां�त ��त्र मा& की3 ल +मा� यो/ हीं� 42 ��त्र दिदए गए हीं!। ब�द मा& मान�तिषयो, न/ इन फसिलत ��त्र, की/ आधा�रा पारा कीई बड़/ ग्रंथ राच/ हीं! II
Astro ~~~ 🍀🍀3️⃣ 🍀🍀