ी लिलताि शती ो ं - shakti sadhana...

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लिलतािशतीों ीलिळतािशतीोमहाम भगवान हयीव ऋिषः अनप छः ीलिळतािपरसरी देवता। ऐं बीजं शिः सौः कीलकं । सकल िचितफलवा जपे िविनयोगः ानं अितमधरचापहां अपिरिमतामोदबाणसौभायां अणामितशयकणां अिभनवकलसर वे हयीव उवाच ककारपा काणी काणगणशािलनी। काणशैलिनलया कमनीया कलावती॥ १॥ कमलाी कषी कणामृत सागरा। कदकाननावासा कद कसमिया॥ २॥ कपिवा कप जनकापा वीणा।

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Page 1: ी लिलताि शती ो ं - Shakti Sadhana Orgshaktisadhana.50megs.com/Newhomepage/.../PDFfiles/LalitaTrishati.pdf · ॐ ी लिलताि शती ो ं अ

ी लिलतािशतीो ं

अ ीलिळतािशतीोमहाम

भगवान ् हयीव ऋिषः अनपु ु ् छः ीलिळतािपरसरीु ु दवेता।

ऐ ंबीज ंळ शिः सौः कीलकं।

सकल िचितफलवा जप ेिविनयोगः

ान ं

अितमधरचापहांु

अपिरिमतामोदबाणसौभाया ं

अणामितशयकणा ं

अिभनवकलसरु ु व े

हयीव उवाच

ककारपा काणी काणगणशािलनी।ु

काणशलैिनलया कमनीया कलावती॥ १॥

कमलाी कषी कणामतृ सागरा।

कदकाननावासा कद कसमिया॥ु ु २॥

कपिवा कप जनकापा वीणा।

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कपरवीटीू सौर कोिलत ककटा॥ु ३॥

किलदोषहरा कंजलोचना किवहा।

कमािद सािणी कारियी कमफलदा॥ ४॥

एकारपा चकैायकानकेाराकितः।ृ

एतिदिनदया चकैान िचदाकितः॥ृ ५॥

एविमागमाबोा चकैभि मदिचता।

एकािच िनाता चषैणा रिहताता॥ ६॥

एलासगिंधिचकराु ु चनैः कटू िवनािशनी।

एकभोगा चकैरसा चकैैय दाियनी॥ ७॥

एकातप साा दा चकैापिजता।ू

एधमानभा चजैदनकेजगदीरी॥ ८॥

एकवीरािद ससंेा चकैाभव शािलनी।

ईकारपा चिेशी चिेताथ दाियनी॥ ९॥

ईिग िविनदया ईर िवधाियनी।

ईशानािद मयी चिेशा िसिदा॥ १०॥

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ईिीण सृाड कोिटरीर वभा।

ईिडता चेराधा शरीरशेािध दवेता॥ ११॥

ईर रेणकरी चशेताडव सािणी।

ईरो िनलया चिेतबाधा िवनािशनी॥ १२॥

ईहािवरिहता चशे शि रीषत ् ितानना।

लकारपा लिलता ली वाणी िनषिेवता॥ १३॥

लािकनी ललनापा लसािडम पाटला।

ललिकालसाला ललाट नयनािचता॥ १४॥

लणोल िदाी लकोड नाियका।

लाथा लणागा लकामा लतातनः॥ु १५॥

ललामराजदिलका लिमालतािु ता।

लोदर सलाू लाा लयविजता॥ १६॥

कार पा कार िनलया पदिया।

कार बीजा कारमा कारलणा॥ १७॥

कारजप सीताु मती िवभषणा।ू

शीला पदाराा गभा पदािभधा॥ १८॥

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कारवाा कार पाू कार पीिठका।

कारवेा कारिचा शरीिरणी॥ १९॥

हकारपा हलधिजताृ ू हिरणेणा।

हरिया हराराा हिरे विता॥ २०॥

हयाढा सिेवतािंहयमधे समिचता।

हयवाहना हंसवाहना हतदानवा॥ २१॥

हािदपापशमनी हिरदािद सिेवता।

हिकोु ु कचाु हिकिृ ियागंना॥ २२॥

हिराकंकमाु ु िदधा हयामरािचता।

हिरकेशसखी हािदिवा हामदालसा॥ २३॥

सकारपा सवा सवशी सवमला।

सवक सवभ सवही सनातना॥ २४॥

सवा नवा सवा सरीु सवसािणी।

सवािका सवसौ दाी सविवमोिहनी॥ २५॥

सवाधारा सवगता सवावगणविजता। ु

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सवाणा सवमाता सवभषण ू भिषता॥ू २६॥

ककाराथा कालही कामशेी कािमताथदा।

कामसजंीवनी का किठनन मडला॥ २७॥

करभोः कलानाथ मखीु कचिजतादा।ु

कटाि कणा कपािल ाण नाियका॥ २८॥

काय िवहा काा कािधतू जपाविलः।

कलालापा कंबकठीु करिनिजत पवा॥ २९॥

कवी समभजाु करीू ितलकािता।

हकाराथा हंसगितहाटकाभरणोला॥ ३०॥

हारहािर कचाभोगाु हािकनी हविजता।

हिरित समाराा हठाार हतासरा॥ु ३१॥

हषदा हिवभी हाद समसापहा।

हीसला साु हंसमाथ िपणी॥ ३२॥

हानोपादान िनमाु हिषणी हिरसोदरी।

हाहा मखु ाु हािन विृ िवविजता॥ ३३॥

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हवीन दया हिरकोपाणाशंका।ु

लकाराा लतापाू लयिवेरी॥ु ३४॥

ला दशन साु लाभालाभ िवविजता।

लतेराा लावय शािलनी लघ ुिसिदा॥ ३५॥

लाारस सवणाभा लणाज पिजता।ू

लतेरा ल भि सलभाु लालायधा॥ु ३६॥

लचामर ह ीशारदा पिरवीिजता।

लापद समाराा लंपटा लकलेरी॥ु ३७॥

लमाना लरसा ल सपंमितः।ु

कािरणी कराा मा िशखामिणः॥ ३८॥

कारकडािु िशखा कार शिशचिका।

कार भारिचकाराभंोद चला॥ ३९॥

कार कािरका कारकै परायणा।

कार दीिघकाहंसी कारोान केिकनी॥ ४०॥

कारारय हिरणी कारावाल वरी।

कार परशकीु काराण दीिपका॥ ४१॥

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कार करा िसहंी काराोज भिृका।

कार समनोु माी कार तमजंरी॥ ४२॥

सकाराा समरसा सकलागम संता।ु

सववदेा तायभिमः ू सदसदाया॥ ४३॥

सकला सिदाना साा सितदाियनी।

सनकािदमिनयेाु सदािशव कटिनी॥ु ु ४४॥

सकलािधान पा सपा समाकितः।ृ

सवप िनमाी समनािधक विजता॥ ४५॥

सवाु सगंहीना सगणाु सकलेदा।

ककािरणी कालोला कामेर मनोहरा॥ ४६॥

कामेराणनाडी कामशेो वािसनी।

कामेरािलंिगतागंी कामेर सखदा॥ु ४७॥

कामेर णियनी कामेर िवलािसनी।

कामेर तपः िसिः कामेर मनः िया॥ ४८॥

कामेर ाणनाथा कामेर िवमोिहनी।

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कामेर िवा कामेर गहेरी॥ृ ४९॥

कामेराादकरी कामेर महेरी।

कामेरी कामकोिट िनलया कािताथदा॥ ५०॥

लकािरणी लपा लधील वािता।

लपाप मनोरा लाहंकार गमा॥ ५१॥

लशिल दहेा लैय समुितः।

ल विलृ लीला लयौवन शािलनी॥ ५२॥

लाितशय सवा सौया ल िवमा।

लरागा लपितल नानागमिितः॥ ५३॥

ल भोगा ल सखाु ल हषािभपिरता। ू

कार मितकारू सौधगं कपोितका॥ ५४॥

कार धाि सधाु कार कमलेिरा।

कारमिण दीपािचकार तशािरका॥ ५५॥

कार पटेक मिणकारदश िबिता।

कार कोशािसलता काराान नतकी॥ ५६॥

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कार शिकाु मामिणकारु बोिधता।

कारमय सौवण िवमु पिका॥ु ५७॥

कार वदेोपिनषद ् कारार दिणा।

कार ननाराम नवकक वरी॥ ५८॥

कार िहमवा काराण व कौभुा।

कार म सव ा कारपर सौदा॥ ५९॥

॥ इित ी ाडपरुाण ेउराखड ेी हयीवागसवंाद ेोखड ेीलिलतािशती

ो ंसपंणू म ् ॥