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Page 1: महाभारत कथा – भाग १

महा�भा�रत कथा� – भा�ग १http://hindipatal.wordpress.com/%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97-%E0%A5%A7/

चन्द्रवं�श से� क� रुवं�श तक क� उत्पत्ति�

पु�रा�णो� के अनु�सा�रा ब्रह्मा� जी� सा अत्रि�, अत्रि� सा चन्द्रमा�, चन्द्रमा� सा बु�ध, औरा बु�ध सा इला�नुन्दनु पु�रूरावा� के� जीन्मा हुआ। पु�रूरावा� सा आयु�, आयु� सा रा�जी� नुहुष, औरा नुहुष सा युयु�त्रि$ उत्पुन्न हुए। युयु�त्रि$ सा पु�रू हुए। पु)रू के वा*श मा, भरा$ औरा भरा$ के के� ला मा, रा�जी� के� रु हुए। के� रु के वा*श मा, श�न्$नु� के� जीन्मा हुआ। श�न्$नु� सा गं*गं�नुन्दनु भ�ष्मा उत्पुन्न हुए। उनुके द� छो�टे भ�ई औरा थे – चिच��*गंद औरा त्रिवाचिच�वा�यु6। यु श�न्$नु� सा सात्युवा$� के गंभ6 सा उत्पुन्न हुए थे। श�न्$नु� के स्वागं6ला�के चला जी�नु पुरा भ�ष्मा नु अत्रिवावा�त्रि8$ रा8 केरा अपुनु भ�ई त्रिवाचिच�वा�यु6 के रा�ज्यु के� पु�लानु त्रिकेयु�।भ�ष्मा मा8�भ�रा$ के प्रमा�ख पु��< मा, सा एके 8=। यु मा8�रा�जी� श�*$नु� के पु�� थे। अपुनु त्रिपु$� के� दिदयु गंयु वाचनु के के�राणो इन्8<नु आजी�वानु ब्रह्माचयु6 के� व्र$ चिलायु� थे�। इन्8, इच्छा�माAत्यु� के� वाराद�नु प्र�प्$ थे�।

एके बु�रा 8स्तिस्$नु�पु�रा नुराश दुष्यु*$ आखटे खलानु वानु मा, गंयु। जिजीसा वानु मा, वा चिशके�रा के चिलायु गंयु थे उसा� वानु मा, केण्वा ऋत्रिष के� आश्रमा थे�। केण्वा ऋत्रिष के दश6नु केरानु के चिलायु मा8�रा�जी दुष्यु*$ उनुके आश्रमा पुहुIच गंयु। पु�के�रा लागं�नु पुरा एके अत्रि$ ला�वाण्युमायु� केन्यु� नु आश्रमा सा त्रिनुकेला केरा के8�, “8 रा�जीनुJ! मा8र्षिषL $� $�थे6 यु��� पुरा गंयु 8=, त्रिकेन्$� आपुके� इसा आश्रमा मा, स्वा�गं$ 8M।” उसा केन्यु� के� दख केरा मा8�रा�जी दुष्यु*$ नु पु)छो�, “बु�चिलाके ! आपु केNनु 8=?” बु�चिलाके� नु के8�, “मारा� नु�मा शके� न्$ला� 8M औरा मा= केण्वा ऋत्रिष केO पु��� हूँI।” उसा केन्यु� केO बु�$ सा�नु केरा मा8�रा�जी दुष्यु*$ आश्चयु6चत्रिके$ 8�केरा बु�ला, “मा8र्षिषL $� आजीन्मा ब्रह्माच�रा� 8= त्रिRरा आपु उनुकेO पु��� केM सा 8ईं?” उनुके इसा प्रश्न के उत्तरा मा, शके� न्$ला� नु के8�, “वा�स्$वा मा, मारा मा�$�-त्रिपु$� मानुके� औरा त्रिवाश्वा�मिमा� 8=। मारा� मा�$� नु मारा जीन्मा 8�$ 8� मा�झे वानु मा, छो�ड़ दिदयु� थे� जी8�I पुरा शके� न्$ नु�माके पुक्षी� नु मारा� राक्षी� केO। इसा� चिलायु मारा� नु�मा शके� न्$ला� पुड़�। उसाके बु�द केण्वा ऋत्रिष केO दृमि\ मा�झे पुरा पुड़� औरा वा मा�झे अपुनु आश्रमा मा, ला आयु। उन्8<नु 8� मारा� भरानु-पु�षणो त्रिकेयु�। जीन्मा दनु वा�ला�, पु�षणो केरानु वा�ला� $थे� अन्न दनु वा�ला� – यु $�नु< 8� त्रिपु$� के8 जी�$ 8=। इसा प्रके�रा केण्वा ऋत्रिष मारा त्रिपु$� हुयु।”

शके� न्$ला� के वाचनु< के� सा�नुकेरा मा8�रा�जी दुष्यु*$ नु के8�, “शके� न्$ला! $�मा क्षीत्रि�यु केन्यु� 8�। $�म्8�रा साNन्दयु6 के� दख केरा मा= अपुनु� हृदयु $�म्8, अर्षिपुL$ केरा च�के� हूँI। युदिद $�म्8, त्रिकेसा� प्रके�रा केO आपुत्तित्त नु 8� $� मा= $�मासा त्रिवावा�8 केरानु� च�8$� हूँI।” शके� न्$ला� भ� मा8�रा�जी दुष्यु*$ पुरा मा�त्रि8$ 8� च�केO थे�, अ$` उसानु अपुनु� स्वा�केA त्रि$ प्रद�नु केरा दa। द�नु< नु, गंन्धवा6 त्रिवावा�8 केरा चिलायु�। के� छो के�ला मा8�रा�जी दुष्यु*$ नु शके� न्$ला� के सा�थे त्रिवा8�रा केरा$ हुयु वानु मा, 8� व्य$�$ त्रिकेयु�। त्रिRरा एके दिदनु वा शके� न्$ला� सा बु�ला, “त्रिप्रयु$मा! मा�झे अबु अपुनु� रा�जीके�यु6 दखनु के चिलायु 8स्तिस्$नु�पु�रा प्रस्था�नु केरानु� 8�गं�। मा8र्षिषL केण्वा के $�थे6 यु��� सा लाNटे आनु पुरा मा= $�म्8, यु8�I सा त्रिवाद� केरा� केरा अपुनु रा�जीभवानु मा, ला जी�उIगं�।” इ$नु� के8केरा मा8�रा�जी नु शके� न्$ला� के� अपुनु प्रमा के प्र$�के के रूपु मा, अपुनु� स्वाणो6 मा�दिद्रके� दa औरा 8स्तिस्$नु�पु�रा चला गंयु।

एके दिदनु उसाके आश्रमा मा, दुवा�6सा� ऋत्रिष पुध�रा। मा8�रा�जी दुष्यु*$ के त्रिवारा8 मा, ला�नु 8�नु के के�राणो शके� न्$ला� के� उनुके आगंमानु के� ज्ञा�नु भ� नु8f हुआ औरा उसानु दुवा�6सा� ऋत्रिष के� युथे�चिच$ स्वा�गं$ सात्के�रा नु8f त्रिकेयु�। दुवा�6सा� ऋत्रिष नु इसा अपुनु� अपुमा�नु सामाझे� औरा क्रो�मिध$ 8� केरा बु�ला, “बु�चिलाके ! मा= $�झे श�पु द$� हूँI त्रिके जिजीसा त्रिकेसा� के ध्यु�नु मा, ला�नु 8�केरा $)नु मारा� त्रिनुरा�दरा त्रिकेयु� 8M, वा8 $�झे भ)ला जी�युगं�।” दुवा�6सा� ऋत्रिष के श�पु के� सा�नु केरा शके� न्$ला� के� ध्यु�नु टे)टे� औरा वा8 उनुके चराणो< मा, त्रिगंरा केरा क्षीमा� प्र�थे6नु� केरानु लागं�। शके� न्$ला� के क्षीमा� प्र�थे6नु� सा द्रत्रिवा$ 8� केरा दुवा�6सा� ऋत्रिष नु के8�, “अच्छा� युदिद $रा पु�सा उसाके� के�ई प्रमा चिचन्8 8�गं� $� उसा चिचन्8 के� दख उसा $रा� स्माAत्रि$ 8� आयुगं�।”

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मा8�रा�जी दुष्यु*$ के सा8वा�सा सा शके� न्$ला� गंभ6वा$� 8� गंई थे�। के� छो के�ला पुश्च�$J केण्वा ऋत्रिष $�थे6 यु��� सा लाNटे $बु शके� न्$ला� नु उन्8, मा8�रा�जी दुष्यु*$ के सा�थे अपुनु गंन्धवा6 त्रिवावा�8 के त्रिवाषयु मा, बु$�यु�। इसा पुरा मा8र्षिषL केण्वा नु के8�, “पु���! त्रिवावा�त्रि8$ केन्यु� के� त्रिपु$� के घरा मा, रा8नु� उचिच$ नु8f 8M। अबु $रा पुत्रि$ के� घरा 8� $रा� घरा 8M।” इ$नु� के8 केरा मा8र्षिषL नु शके� न्$ला� के� अपुनु चिशष्यु< के सा�थे 8स्तिस्$नु�पु�रा त्तिभजीवा� दिदयु�। मा�गं6 मा, एके सारा�वारा मा, आचमानु केरा$ सामायु मा8�रा�जी दुष्यु*$ केO दa हुई शके� न्$ला� केO अIगं)ठीk, जी� त्रिके प्रमा चिचन्8 थे�, सारा�वारा मा, 8� त्रिगंरा गंई। उसा अIगं)ठीk के� एके माछोला� त्रिनुगंला गंई।

मा8�रा�जी दुष्यु*$ के पु�सा पुहुIच केरा केण्वा ऋत्रिष के चिशष्यु< नु शके� न्$ला� के� उनुके सा�मानु खड़� केरा के के8�, “मा8�रा�जी! शके� न्$ला� आपुकेO पुत्नु� 8M, आपु इसा स्वा�के�रा केरा,।” मा8�रा�जी $� दुवा�6सा� ऋत्रिष के श�पु के के�राणो शके� न्$ला� के� त्रिवास्माA$ केरा च�के थे। अ$` उन्8<नु शके� न्$ला� के� स्वा�के�रा नु8f त्रिकेयु� औरा उसा पुरा के� लाटे� 8�नु के� ला�Iछोनु लागं�नु लागं। शके� न्$ला� के� अपुमा�नु 8�$ 8� आके�श मा, जी�रा< केO त्रिबुजीला� केड़के उठीk औरा साबु के सा�मानु उसाकेO मा�$� मानुके� उसा उठी� ला गंई।

जिजीसा माछोला� नु शके� न्$ला� केO अIगं)ठीk के� त्रिनुगंला चिलायु� थे�, एके दिदनु वा8 एके माछो� आरा के जी�ला मा, आ RI सा�। जीबु माछो� आरा नु उसा के�टे� $� उसाके पुटे अIगं)ठीk त्रिनुकेला�। माछो� आरा नु उसा अIगं)ठीk के� मा8�रा�जी दुष्यु*$ के पु�सा भ,टे के रूपु मा, भजी दिदयु�। अIगं)ठीk के� दख$ 8� मा8�रा�जी के� शके� न्$ला� के� स्माराणो 8� आयु� औरा वा अपुनु केA त्यु पुरा पुश्च�$�पु केरानु लागं। मा8�रा�जी नु शके� न्$ला� के� बुहु$ ढुँ�Iढुँवा�यु� त्रिकेन्$� उसाके� पु$� नु8f चला�।

के� छो दिदनु< के बु�द दवारा�जी इन्द्र के त्रिनुमान्�णो पु�केरा दवा�सा�रा सा*ग्रा�मा मा, उनुकेO सा8�यु$� केरानु के चिलायु मा8�रा�जी दुष्यु*$ इन्द्र केO नुगंरा� अमारा�वा$� गंयु। सा*ग्रा�मा मा, त्रिवाजीयु प्र�प्$ केरानु के पुश्च�$J जीबु वा आके�श मा�गं6 सा 8स्तिस्$नु�पु�रा लाNटे रा8 थे $� मा�गं6 मा, उन्8, केश्युपु ऋत्रिष के� आश्रमा दृमि\गं$ हुआ। उनुके दश6नु< के चिलायु वा वा8�I रुके गंयु। आश्रमा मा, एके सा�न्दरा बु�लाके एके भयु*केरा सिंसाL8 के सा�थे खला रा8� थे�। मानुके� नु शके� न्$ला� के� केश्युपु ऋत्रिष के पु�सा ला�केरा छो�ड़� थे� $थे� वा8 बु�लाके शके� न्$ला� के� 8� पु�� थे�। उसा बु�लाके के� दख केरा मा8�रा�जी के हृदयु मा, प्रमा केO भ�वानु� उमाड़ पुड़�। वा उसा गं�द मा, उठी�नु के चिलायु आगं बुढ़े $� शके� न्$ला� केO साख� चिचल्ला� उठीk, “8 भद्र पु�रुष! आपु इसा बु�लाके के� नु छो� यु, अन्युथे� उसाकेO भ�जी� मा, बुIध� के�ला� डो�रा� सा�Iपु बुनु केरा आपुके� डोसा लागं�।” यु8 सा�नु केरा भ� दुष्यु*$ स्वायु* के� नु रा�के साके औरा बु�लाके के� अपुनु गं�द मा, उठी� चिलायु�। अबु साख� नु आश्चयु6 सा दख� त्रिके बु�लाके के भ�जी� मा, बुIध� के�ला� गं*डो� पुAथ्वा� पुरा त्रिगंरा गंयु� 8M। साख� के� ज्ञा�$ थे� त्रिके बु�लाके के� जीबु केभ� भ� उसाके� त्रिपु$� अपुनु गं�द मा, लागं� वा8 के�ला� डो�रा� पुAथ्वा� पुरा त्रिगंरा जी�युगं�। साख� नु प्रसान्न 8� केरा सामास्$ वाA$�न्$ शके� न्$ला� के� सा�नु�यु�। शके� न्$ला� मा8�रा�जी दुष्यु*$ के पु�सा आई। मा8�रा�जी नु शके� न्$ला� के� पु8च�नु चिलायु�। उन्8<नु अपुनु केA त्यु के चिलायु शके� न्$ला� सा क्षीमा� प्र�थे6नु� त्रिकेयु� औरा केश्युपु ऋत्रिष केO आज्ञा� लाकेरा उसा अपुनु पु�� सात्रि8$ अपुनु सा�थे 8स्तिस्$नु�पु�रा ला आयु।

मा8�रा�जी दुष्यु*$ औरा शके� न्$ला� के उसा पु�� के� नु�मा भरा$ थे�। बु�द मा, वा भरा$ मा8�नु प्र$�पु� साम्रा�टे बुनु औरा उन्8f के नु�मा पुरा 8मा�रा दश के� नु�मा भ�रा$वाष6 हुआ।

भा�ष्म क� जन्म तथा� भा�ष्म प्रतितज्ञा�

एके बु�रा 8स्तिस्$नु�पु�रा के मा8�रा�जी गं*गं� के त्रिकेनु�रा $पुस्यु� केरा रा8 थे। उनुके रूपु-साNन्दयु6 सा मा�त्रि8$ 8� केरा गं*गं� जी�Iघ पुरा बुMठी गंईं। गं*गं� नु के8�, “8 रा�जीनुJ! मा= ऋत्रिष केO पु��� गं*गं� हूँI औरा आपुसा त्रिवावा�8 केरानु आपुके पु�सा आई हूँI।” इसा पुरा मा8�रा�जी प्र$�पु बु�ला, “गं*गं! $�मा मारा� दत्रि8नु� जी�Iघ पुरा बुMठीk 8�। पुत्नु� के� $� वा�मा�*गं� 8�नु� च�त्रि8यु, द�त्रि8नु� जी�Iघ $� पु�� के� प्र$�के 8M अ$` मा= $�म्8, अपुनु पु��वाध) के रूपु मा, स्वा�के�रा केरा$� हूँI।” यु8 सा�नु केरा गं*गं� वा8�I सा चला� गंईं।

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अबु मा8�रा�जी प्र$�पु नु पु�� प्र�प्तिप्$ के चिलायु घ�रा $पु केरानु� आराम्भ केरा दिदयु�। उनुके $पु के Rलास्वारूपु उन्8, पु�� केO प्र�प्तिप्$ हुई जिजीसाके� नु�मा उन्8<नु श�न्$नु� राख�। श�न्$नु� के यु�वा� 8�नु पुरा उसा गं*गं� के सा�थे त्रिवावा�8 केरानु के� आदश द मा8�रा�जी प्र$�पु स्वागं6 चला गंयु। त्रिपु$� के आदश के� पु�लानु केरानु के चिलायु श�न्$नु� नु गं*गं� के पु�सा जी�केरा उनुसा त्रिवावा�8 केरानु के चिलायु त्रिनुवादनु त्रिकेयु�। गं*गं� बु�लाf, “रा�जीनुJ! मा= आपुके सा�थे त्रिवावा�8 $� केरा साके$� हूँI त्रिकेन्$� आपुके� वाचनु दनु� 8�गं� त्रिके आपु मारा त्रिकेसा� भ� के�यु6 मा, 8स्$क्षीपु नु8f केरा,गं।” श�न्$नु� नु गं*गं� के के8 अनु�सा�रा वाचनु द केरा उनुसा त्रिवावा�8 केरा चिलायु�। गं*गं� के गंभ6 सा मा8�रा�जी श�न्$नु� के आठी पु�� हुयु जिजीनुमा, सा सा�$ के� गं*गं� नु गं*गं� नुदa मा, ला जी� केरा बु8� दिदयु� औरा अपुनु दिदयु हुयु वाचनु मा, बुIध 8�नु के के�राणो मा8�रा�जी श�न्$नु� के� छो बु�ला नु साके । जीबु गं*गं� के� आठीवा�I पु�� हुआ औरा वा8 उसा भ� नुदa मा, बु8�नु के चिलायु ला जी�नु लागं� $� रा�जी� श�न्$नु� सा रा8� नु गंयु� औरा वा बु�ला, “गं*गं! $�मानु मारा सा�$ पु��< के� नुदa मा, बु8� दिदयु� त्रिकेन्$� अपुनु� प्रत्रि$ज्ञा� के अनु�सा�रा मा=नु के� छो नु के8�। अबु $�मा मारा इसा आठीवा, पु�� के� भ� बु8�नु जी� रा8� 8�। मा= $�मासा प्र�थे6नु� केरा$� हूँI त्रिके केA पु� केराके इसा नुदa मा, मा$ बु8�ओ।” यु8 सा�नु केरा गं*गं� नु के8�, “रा�जीनुJ! आपुनु अपुनु� प्रत्रि$ज्ञा� भ*गं केरा दa 8M इसाचिलायु अबु मा= आपुके पु�सा नु8f रा8 साके$�।” इ$नु� के8 केरा गं*गं� अपुनु पु�� के सा�थे अन्$ध्यु�6नु 8� गंईं। $त्पुश्च�$J मा8�रा�जी श�न्$नु� नु छोत्त�सा वाष6 ब्रह्माचयु6 व्र$ ध�राणो केरा के व्य$�$ केरा दिदयु। त्रिRरा एके दिदनु उन्8<नु गं*गं� के त्रिकेनु�रा जी� केरा गं*गं� सा के8�, “गं*गं! आजी मारा� इच्छा� उसा बु�लाके के� दखनु केO 8� रा8� 8M जिजीसा $�मा अपुनु सा�थे ला गंई थेf।” गं*गं� एके सा�न्दरा स्�� के रूपु मा, उसा बु�लाके के सा�थे प्रकेटे 8� गंईं औरा बु�लाf, “रा�जीनुJ! यु8 आपुके� पु�� 8M $थे� इसाके� नु�मा दवाव्र$ 8M, इसा ग्रा8णो केरा�। यु8 पुरा�क्रोमा� 8�नु के सा�थे त्रिवाद्वा�नु भ� 8�गं�। अस्� त्रिवाद्या� मा, यु8 पुराश�रा�मा के सामा�नु 8�गं�।” मा8�रा�जी श�न्$नु� अपुनु पु�� दवाव्र$ के� पु�केरा अत्युन्$ प्रसान्न हुयु औरा उसा अपुनु सा�थे 8स्तिस्$नु�पु�रा ला�केरा यु�वारा�जी घ�त्रिष$ केरा दिदयु�।

एके दिदनु मा8�रा�जी श�न्$नु� युमा�नु� के $टे पुरा घ)मा रा8 थे त्रिके उन्8, नुदa मा, नु�वा चला�$ हुयु एके सा�न्दरा केन्यु� दृमि\गं$ हुई। उसाके अ*गं अ*गं सा सा�गंन्ध त्रिनुकेला रा8� थे�। मा8�रा�जी नु उसा केन्यु� सा पु)छो�, “8 दत्रिवा! $�मा केNनु 8�?” केन्यु� नु बु$�यु�, “मा8�रा�जी! मारा� नु�मा सात्युवा$� 8M औरा मा= त्रिनुष�द केन्यु� हूँI।” मा8�रा�जी उसाके रूपु युNवानु पुरा रा�झे केरा $त्के�ला उसाके त्रिपु$� के पु�सा पुहुIच औरा सात्युवा$� के सा�थे अपुनु त्रिवावा�8 के� प्रस्$�वा त्रिकेयु�। इसा पुरा धfवारा (त्रिनुष�द) बु�ला�, “रा�जीनुJ! मा�झे अपुनु� केन्यु� के� आपुके सा�थे त्रिवावा�8 केरानु मा, के�ई आपुत्तित्त नु8f 8M पुरान्$� आपुके� मारा� केन्यु� के गंभ6 सा उत्पुन्न पु�� के� 8� अपुनु रा�ज्यु के� उत्तरा�मिधके�रा� बुनु�नु� 8�गं�।।” त्रिनुष�द के इनु वाचनु< के� सा�नु केरा मा8�रा�जी श�न्$नु� च�पुच�पु 8स्तिस्$नु�पु�रा लाNटे आयु।

सात्युवा$� के त्रिवायु�गं मा, मा8�रा�जी श�न्$नु� व्य�के� ला रा8नु लागं। उनुके� शरा�रा दुबु6ला 8�नु लागं�। मा8�रा�जी केO इसा दश� के� दख केरा दवाव्र$ के� बुड़� सिंचL$� हुई। जीबु उन्8, माप्तिन्�यु< के द्वा�रा� त्रिपु$� केO इसा प्रके�रा केO दश� 8�नु के� के�राणो ज्ञा�$ हुआ $� वा $त्के�ला सामास्$ माप्तिन्�यु< के सा�थे त्रिनुष�द के घरा जी� पुहुIच औरा उन्8<नु त्रिनुष�द सा के8�, “8 त्रिनुष�द! आपु सा8ष6 अपुनु� पु��� सात्युवा$� के� त्रिवावा�8 मारा त्रिपु$� श�न्$नु� के सा�थे केरा द,। मा= आपुके� वाचनु द$� हूँI त्रिके आपुकेO पु��� के गंभ6 सा जी� बु�लाके जीन्मा लागं� वा8� रा�ज्यु के� उत्तरा�मिधके�रा� 8�गं�। के�ला�न्$रा मा, मारा� के�ई सान्$�नु आपुकेO पु��� के सान्$�नु के� अमिधके�रा छोaनु नु पु�यु इसा के�राणो सा मा= प्रत्रि$ज्ञा� केरा$� हूँI त्रिके मा= आजीन्मा अत्रिवावा�त्रि8$ राहूँIगं�।” उनुकेO इसा प्रत्रि$ज्ञा� के� सा�नु केरा त्रिनुष�द नु 8�थे जी�ड़ केरा के8�, “8 दवाव्र$! आपुकेO यु8 प्रत्रि$ज्ञा� अभ)$पु)वा6 8M।” इ$नु� के8 केरा त्रिनुष�द नु $त्के�ला अपुनु� पु��� सात्युवा$� के� दवाव्र$ $थे� उनुके माप्तिन्�यु< के सा�थे 8स्तिस्$नु�पु�रा भजी दिदयु�।

दवाव्र$ नु अपुनु� मा�$� सात्युवा$� के� ला�केरा अपुनु त्रिपु$� श�न्$नु� के� साzपु दिदयु�। त्रिपु$� नु प्रसान्न 8�केरा पु�� सा के8�, “वात्सा! $)नु त्रिपु$Aभचि{ के वाश�भ)$ 8�केरा ऐसा� प्रत्रि$ज्ञा� केO 8M जीMसा� त्रिके नु आजी $के त्रिकेसा� नु त्रिकेयु� 8M औरा नु भत्रिवाष्यु मा, केरागं�। मा= $�झे वाराद�नु द$� हूँI त्रिके $रा� माAत्यु� $रा� इच्छा� सा 8� 8�गं�। $रा� इसा प्रके�रा केO प्रत्रि$ज्ञा� केरानु के के�राणो $) भ�ष्मा के8ला�युगं� औरा $रा� प्रत्रि$ज्ञा� भ�ष्मा प्रत्रि$ज्ञा� के नु�मा सा सादMवा प्रख्यु�$ रा8गं�।”

Page 4: महाभारत कथा – भाग १

उनुके जीMसा� वा�रा इसा सा*सा�रा मा, औरा के�ई नु8f 8M. वा� अपुनु जी�वानुके�ला मा, केभ� भ� त्रिकेसा� सा भ� पुरास्$ नु8f हुए. यु8�I $के त्रिके उनुके गं�रु औरा स्वायु* त्रिवाष्णो� के अवा$�रा भगंवानु पुराश�रा�मा भ� उनुसा २३ दिदनु< $के यु�द्ध केरानु के बु�द भ� उन्8, पुरास्$ नु8f केरा साके . भ�ष्मा नु अपुनु त्रिपु$� के सा�ख< के चिलाए रा�जी सिंसाL8�सानु के� त्यु�गं केरा दिदयु�. वा 8माश� च�8$ थे केO केNरावा औरा पु�*डोवा मिमाला जी�ला केरा रा8, लात्रिकेनु उनुके सामास्$ प्रयु�सा< के बु�द भ� मा8�भ�रा$ के� यु�द्ध हुआ।

चिच��*गंद बु�ल्यु�वास्था� मा, 8� चिच��*गंद नु�मा वा�ला गंन्धवा6 के द्वा�रा� मा�रा गंयु। त्रिRरा भ�ष्मा सा*ग्रा�मा मा, त्रिवापुक्षी� के� पुरा�स्$ केराके के�चिशरा�जी केO द� केन्यु�ओं – अ*त्रिबुके� औरा अ*बु�चिलाके� के� 8रा ला�यु। वा द�नु< त्रिवाचिच�वा�यु6 केO भ�यु�6एI हुईं। के� छो के�ला के बु�द रा�जी� त्रिवाचिच�वा�यु6 रा�जीयुक्ष्मा� सा ग्रास्$ 8� स्वागं6वा�सा� 8� गंयु। $बु सात्युवा$� केO अनु�मात्रि$ सा व्य�साजी� के द्वा�रा� अम्बिम्बुके� के गंभ6 सा रा�जी� धA$रा�ष्ट्र औरा अम्बु�चिलाके� के गंभ6 सा पु�ण्डो� उत्पुन्न हुए। धA$रा�ष्ट्र नु गं�न्ध�रा� के गंभ6 सा साN पु��< के� जीन्मा दिदयु�, जिजीनुमा, दुयु�धनु साबुसा बुड़� थे� औरा पु�ण्डो� के यु�मिध\रा,भ�मा,अजी�6नु,नुके� ला,सा8दवा आदिद पु�*च पु�� हुए।


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