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  • 1. �धानमं�ी �वारा ‘रा���य नमक स�या�ह �मारक’ का उ�घाटन :

    �संग : • �धानम�ंी �ी नरे� � मोद� ने महा� मा गांधी क� प�ु य�त�थ पर (30 जनवर� 2019) गुजरात के नवसार� िजले म� दांडी ि�थत 'रा� ��य नमक स� या�ह � मारक' रा� � को सम�प�त �कया।

    • इस � मारक म� महा� मा गांधी और ऐ�तहा�सक डांडी नमक या�ा के दौरान उनके साथ शा�मल 80 स� या��हय� क� म�ूत�यां ह�।

    • � मारक म� ऐ�तहा�सक 1930 क� नमक या�ा क� �व�भ� न घटनाओ ंऔर कहा�नय� को �च��त करने वाले 24 �भ���च� भी ह�।

    न मक स�या�ह आ�दोलन (दांडी माच�) : • भारत क� आजाद� के �लए गांधी जी को �मखु चेहरा माना जाता है �य��क देश को अ�ेंजी हुकूमत के अ�याचार� से बचाने और आजाद कराने के �लए गांधीजी ने कई आ�दोलन �कए िजसम� से एक बड़ा आ�दोलन था नमक स�या�ह आ�दोलन।

    • उस दौर (1930) म� ���टश हुकूमत ने चाय, कपड़ा, यहां तक �क नमक जसैी चीज� पर अपना एका�धकार �था�पत कर रखा था। उस समय भारतीय� के पास नमक बनाने तक का भी अ�धकार नह�ं था।

    • गांधीजी ने यह माच� नमक पर ���टश राज के एका�धकार के �खलाफ �नकाला था।

  • • इस आ�दोलन क� श�ुआत 12 माच�, 1930 म� हुई। बाप ूजी ने अहमदाबाद के पास ि�थत साबरमती आ�म से दांडी गांव तक 80 स� या��हय� के साथ 24 �दन� का पदैल माच� �नकाला था।

    • उ�ह�ने इस आदंोलन के दौरान 80 स� या��हय� के साथ 240 मील क� पदैल या�ा करके सम�ु� जल से नमक बनाकर अ�ेंज� �वारा लाग ू�कए गए नमक काननू को तोड़ा था।

    • नमक स�या�ह के दौरान महा�मा गांधी जी स�हत 60,000 लोग� को �गर�तार �कया गया था। • यह आदंोलन 1931 म� हुए गांधी-इ�व�न समझौत ेके साथ ह� ख�म हो गया।

    2. मले�रया को ख�म करने के �लये ओ�डशा सरकार क� ‘दमन’ योजना :

    सं���त �ववरण : • उड़ीसा सरकार रा�य से मले�रया को न�ट करने क� �दशा म� लगातार काम कर रह� है।

    • इस स�दभ� म� रा�य सरकार ने मले�रया ख�म योजना “दमन” चलाया है।

    • इस योजना के मा�यम से रा�य के 8 दरूगामी िजल� के 8000 गांव� को कवर �कया जाएगा।

    • श�ुआती चरण म� इस अ�भयान से 80 लाख लोग� को लाभ �मलने क� उ�मीद है।

  • • रा�य सरकार ने 5 साल के �लए इस योजना को चालने के �लए 120 करोड़ �पये �नधा��रत �कये ह�।

    • इस अ�भयान के तहत �दान क� जाने वाल� सेवाओ ंम� रोग-�नण�य, उपचार, गहन जन जाग�कता, �यवहार प�रवत�न संचार, ह�मो�लो�बन टे�ट, पोषण पर��ण, और दवाओ ंक� आप�ूत� भी शा�मल है

    • इस अ�भयान के तहत लोग� को 44 लाख म�छरदानी भी उपल�ध करायी जाएगी।

    3. रेल म�ंी ने अतंरा����य ऊजा� एज�सी (IEA) क� 'द �यचूर ऑफ रेल' �रपोट� लॉ�च क� :

    �संग : • रेल मं�ी पीयषू गोयल ने अतंरा����य ऊजा� एज�सी (IEA) क� "द �यचूर ऑफ रेल" �रपोट� लॉ�च क� है। 'द �यचूर ऑफ रेल' ऊजा� और पया�वरणीय �न�हताथ� के प�र�े�य के मा�यम से द�ुनया भर म� रेल के वत�मान और भ�व�य के मह�व का �व�लेषण करने वाल� अपनी तरह क� पहल� �रपोट� है।

    • यह �रपोट� रेल के भ�व�य पर मौजदूा योजनाओ ंऔर �व�नयम� के �भाव क� समी�ा करती है और उन नी�तय� क� पड़ताल करती है जो रेलवे के भ�व�य को बढ़ाने म� मदद कर सकती ह�।

    'द �यचूर ऑफ रेल' �रपोट� के म�ुय �बदं ु: • 30 जनवर�, 2018 को अतंरा����य ऊजा� एज�सी क� ‘द �यचूर ऑफ रेल’ �रपोट� जार� क� गई।

  • • ‘द �यचूर ऑफ रेल’ म� एक ब�ुनयाद� प�र��य शा�मल है जो घो�षत नी�तय�, �व�नयम� और प�रयोजनाओ ंके आधार पर वष� 2050 तक रेलवे �े� म� होने वाले सभंा�वत �वकास को दशा�ता है। • इसम� एक उ�च रेल प�र��य को भी शा�मल �कया गया है जो रेल प�रवहन क� ओर या��य� तथा व�तओु ंके �थानांतरण के कारण होने वाले ऊजा� और पया�वरणीय लाभ� को �द�श�त करता है।

    • ब�ुनयाद� रेल प�र��य क� तलुना म� उ�च रेल प�र��य के �लये लगभग 60% अ�धक �नवेश �कये जाने क� आव�यकता है। इसके चलत ेवष� 2030 के अतं तक प�रवहन के कारण होने वाले विै�वक CO2 उ�सज�न म� कमी आएगी, वाय ु�दषूण कम होगा और तले क� मांग म� भी कमी आएगी।

    • ‘द �यचूर ऑफ रेल’ IEA �ृंखला म� नवीनतम �रपोट� है जो ऊजा� �णाल� म� ऐसे म�ुदे पर �काश डालती है िजस पर नी�त-�नमा�ताओ ंको अ�धक �यान देने क� आव�यकता है।

    अतंरा����य ऊजा� एज�सी (IEA) : • अतंरा����य ऊजा� एज�सी एक �वाय� अतंर-सरकार� सगंठन है िजसक� �थपना 1973 म� उ�प�न तले सकंट के बाद 1974 म� क� गयी थी।

    • इसका म�ुयालय �ांस के पे�रस म� है।

    • वत�मान म� इसके 30 सद�य देश और 8 सहयोगी देश ह�। भारत 2017 म� इसका सहयोगी सद�य बना।

  • • वष� 1974 म� �था�पत यह एज�सी म�ुय �प से अपने 30 सद�य देश� हेत ु�व�वसनीय, वहनीय एवं �व�छ ऊजा� तक पहंुच को स�ुनि�चत करने क� �दशा म� काय� करती है।

    4. भारतीय �रजव� ब�क ने 3 ब�को को �व�रत सधुारा�मक कार�वाई (PCA) क� पाब�ंदय� से म�ुत �कया :

    �ववरण : • भारतीय �रजव� ब�क ने साव�ज�नक �े� के 3 ब�क� (ब�क ऑफ इं�डया, ब�क ऑफ महारा�� और ओ�रयंटल ब�क ऑफ कॉमस� ) को PCA क� पाबं�दय� से म�ुत कर �दया है।

    • �रजव� ब�क ने एक बयान जार� कर कहा �क, 'ब�क ऑफ इं�डया और ब�क ऑफ महारा�� ने �नयामक�य बा�यताओ ंको परूा कर �लया है। इसम� पूजंी सरं�ण कोष (सीसीबी) भी शा�मल है। इसके अलावा तीसर� �तमाह� के प�रणाम� म� इन ब�क� क� श�ुध गरै-�न�पा�दत आि�तयां (NPA) 6 ��तशत के �तर से नीचे रह� ह�। इस�लए इ�ह� PCA के दायरे से बाहर करने का �नण�य �कया गया है।'

    • ओ�रयंटल ब�क ऑफ कॉमस� म� सरकार क� ओर से पया��त पूजंी �नवेश के बाद ब�क का श�ुध NPA 6 ��तशत से नीचे आ गया है । िजसके चलत ेइस ब�क को भी PCA के दायरे से बाहर रखने का �नण�य �कया गया है। हालां�क, ओ�रयटंल ब�क पर अभी कुछ शत� लगी रह�गी।

    • �व�रत सधुारा�मक कार�वाई (PCA) के तहत इन ब�क� के कज� बांटने, नई शाखाएं खोलने पर रोक लगी हुई थी PCA क� पाब�ंदय� से म�ुत होने के साथ ह� इन तीन� ब�क� के कज� देने और नई शाखाएं खोलने पर लगे ��तबधं हट गए ह�।

  • �व�रत सधुारा�मक कार�वाई (PCA) : • �व�रत सधुारा�मक कार�वाई (PCA) RBI �वारा �नय�ं�त एक तरह का ढाँचा है, जो �कसी ब�क क� �व�ीय सेहत का पमैाना तय करता है।

    • यह ढाँचा समय-समय पर हुए बदलाव� के साथ �दसबंर, 2002 से चल रहा है। यह ढाँचा सभी �यावसा�यक ब�क� स�हत छोटे ब�क� तथा भारत म� शाखा खोलने वाले �वदेशी ब�क� पर भी लाग ूहै।

    • RBI को जब लगता है �क �कसी ब�क के पास जो�खम का सामना करने के �लए पया��त पूजंी नह�ं है तो उस ब�क को ‘PCA’ म� डाल �दया जाता है, ता�क उसक� �व�ीय ि�थ�त सधुारने के �लए त�काल कदम उठाए जा सक� ।

    • कोई ब�क कब इस ि�थ�त से गजुर रहा है, यह जानने के �लए RBI ने कुछ सचूक तय �कए ह�, िजनम� उतार-चढ़ाव से इसका पता चलता है। जसेै CRR, NET NPA आ�द।

    5. �व�व आ��भ�ूम �दवस : • 2 फरवर�, 2019 को संपणू� �व�व म� ‘�व�व आ��भ�ूम �दवस’ (World Wetlands Day) मनाया गया।

    • वष� 2019 म� इस �दवस का म�ुय �वषय (Theme)-‘‘आ��भ�ूम और जलवाय ुप�रवन’ है। जब�क वष� 2020 के �लए म�ुय �वषय ‘आ��भ�ूम और जवै �व�वधता तथा वष� 2021 के �लए ‘आ��भ�ूम और जल’ �वीकृत है।

  • • �व�व आ��भ�ूम �दवस जो हर साल 2 फरवर� को मनाया जाता है, कैि�पयन सागर के तट पर रामसर ईरानी शहर म� 2 फ़रवर� 1971 को आ��भ�ूमय� पर स�मेलन को अपनाने क� तार�ख को दशा�ता है।

    • �व�व आ��भ�ूम �दवस पहल� बार 2 फरवर�, 1997 को रामसर स�मेलन क� 16वीं साल�गरह पर मनाया गया था।

    • मौजदूा समय म� भारत म� कुल 27 रामसर आ��भ�ूम �थल �चि�नत ह�।

    • ‘सुदंरवन आ��भ�ूम’ को हाल ह� म� (30 जनवर�, 2019) रामसर आ��भ�ूम �थल के �प म� �चि�हत �कया गया है।

    आ��भ�ूम पर रामसर स�मेलन :

    • आ��भ�ूमय� पर स�मेलन, रामसर, ईरान म� 1971 म� ह�ता��रत एक अतंरसरकार� सं�ध है, जो आ��भ�ूमय� और उनके ससंाधन� के सरं�ण और यिु�तसगंत उपयोग के �लए रा���य कार�वाई और अतंरा����य सहयोग क� �परेखा �दान करती है । • वत�मान म� स�मेलन के 158 करार दल ह�।

    • कुल 161 �म�लयन हे�टेयर म� फेल� 1758 आ��भ�ूम �े� है, जो रामसर क� अतंरा����य मह�व क� आ��भ�ूम सचूी म� शा�मल करने के �लए ना�मत है ।

    • रामसर स�मेलन �कसी �वशषे पा�रि�थ�तक� तं� से स�ब�ंधत अकेल� विै�वक वातावरण सं�ध है ।

  • • नम भ�ूमयो के मह�वपणू� काय�, म�ूय� और सेवाओ क� जानकार� के अगाव म� इनके तजेी से न�ट होने क� ओर �व�व का �यान आक�ष�त करने के �लए रामसर स�मलेन तयैार �कया गया था।

    • स�मेलन के प�कार देश� के �मखु दा�य�व �न�न�ल�खत ह�:- • आ��भ�ूमय� को “अतंरा����य मह�व क� आ��भ�ूमय� क� सचूी” म� ना�मत करना

    • जहां तक सभंव हो सके आ��भ�ूमय� का उनके �े�� म� ब�ु�धमानी भरे उपयोग को बढ़ावा देना।

    • सीमा �े�ीय आ��भ�ूमय�, साझा पानी �यव�थाओ ंऔर �जा�तओ ंसे स�ब�ंधत अतंरा����य सहयोग को बढ़ावा देना।

    • आ��भ�ूम �रजव� बनाना।

    सुदंरवन : • सुदंरवन रा���य उ�यान भारत के पि�चम बगंाल रा�य के द��णी भाग म� गंगा नद� के सुदंरवन ड�ेटा �े� म� ि�थत एक रा���य उ�यान, बाघ सरं��त �े� एव ंजवैमडंल संर��त �े� है। • गंगा, ��मप�ु व ब�ंलादेश क� मेघना नद� �वारा बनाया गया यह ड�ेटा कर�ब 10,000 वग� �कलोमीटर म� फैला हुआ है। • यह �े� म�ै�ोव के घने जगंल� से �घरा हुआ है और रॉयल बगंाल टाइगर का सबसे बड़ा संर��त �े� है। • यनेू�को ने इस �े� को विै�वक धरोहर क� सचूी म� शा�मल �कया है।

  • नोट : इस मान�च� म� केवल 26 रामसर �थल है। 27वां रामसर �थल सुदंरवन है।

  • 6. केरल सरकार �वारा सपुरफूड को बढ़ावा :

    �संग : • केरल रा�य कृ�ष �वभाग �वारा रा�य म� ‘सपुरफूड (Superfoods)’ और ‘ईट �माट� (Eat Smart)’ रणनी�त के तहत पोषक त�व� से भरपरू बाजरे क� खेती करने पर लगातार जोर �दया जा रहा है।

    बाजरा �ाम योजना : • केरल के अटैपडैी म� आ�दवासी लोग� के बीच पोषण क� कमी को कम करने के उ�दे�य से बाजरा �ाम योजना नाम से एक बड़ी पहल क� शरुवात क� गयी ह�।

    • बाजरा �ाम योजना ने कृ�ष �वभाग और एससी / एसट� �वभाग के सयं�ुत त�वावधान के तहत आ�दवासी �े� म� काय� करना श�ु कर �दया है।

    • कृ�ष मं�ी वी एस सनुील कुमार ने कु�ननचला आ�दवासी समझौत ेपर इस प�रयोजना का उ�घाटन �कया, जहाँ बलै� का उपयोग करके खेती क� जाती है ।

    • �वशषे योजना का उ�दे�य बाजरा, रागी, बाजरा और म�का जसैी अनाज क� खेती को बढ़ावा देना है।

    • इस प�रयोजना का ल�य भी बाजरा क� परंपरागत �क�म� के बीज क� र�ा करना और जनजा�तय� के �लए खा�य सरु�ा और आजी�वका स�ुनि�चत करना है।

  • • रा�य सरकार ने बाजरा गांव प�रयोजना के पहले चरण के �लए 2।40 करोड़ �पये �नधा��रत �कए ह�।

    • पहले चरण म�, इस प�रयोजना को 32 चय�नत आ�दवासी बि�तय� म� लाग ू�कया जाएगा। सरकार ने 200 हे�टेयर म� रागी क� खेती, 100 हे�टेयर म� छोटे अनाज, और 10 हे�टेयर म� घोड़ा �ाम और 10 हे�टेयर म� 10 हे�टेयर म� सेम, ��येक पहले चरण के दौरान का ल�य रखा है।

    ईट �माट� : इसके अतंग�त �व�थ जीवन शलै� के अन�ुप �वा�द�ट शाकाहार� भोजन के साथ, ��येक �दन, हर समय �व�थ खाना खाने पर बल �दया गया है।

    सपुरफूड : सपुरफूड वो खा�य पदाथ� होत ेहै िजनमे �वा��य के �लये लाभदायक सभी पोषक त�व पाए जात ेह� जसेै - मछल�, प�ेदार साग सि�जयाँ, जतैनू का तले, साबतु अनाज, दह�, आ�द।


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