-
पा य म
एम.ए. ह द (izkbosV fo|kfFkZ;ksa ds fy,)
(2014 - 2015)
ह द वभाग मान वक एवं भाषा संकाय
जा मया मि लया इ ला मया नई द ल -110025
-
2
-
3
जा मया मि लया इ ला मया : प रचय जा मया मि लया इ ला मया क थापना 1920 म अल गढ़ म हु ई थी। यह समय भारत के इ तहास म वतं ता आंदोलन का था। गांधी जी ने अं ेजी सरकार }kjk चलाए जा रहे श ा सं थान का यह कह कर वरोध कया था क ये रा हत के वरोध म काम करते ह। ख़लाफ़त तथा असहयोग आंदोलन इसी उ े य के तहत आरंभ कए गए थे। िजन महान लोग ने गांधी जी क इस आवाज़ पर इन आंदोलन म भाग लया उनम शैख़ुल ह द मौलाना महमूद हसन, मौलाना मोह मद अल , हक म अजमल ख़ा,ं डॉ. मु तार अहमद अंसार , अ दुल मजीद वाजा तथा डॉ. ज़ा कर हु सैन मुख थे। इन लोग ने न केवल जा मया मि लया इ ला मया क थापना क , बि क इस चमन को अपने ख़ून-पसीने से सींच कर आबाद भी कया। जा मया मि लया इ ला मया 1925 म अल गढ़ से द ल थानांत रत हो गई। तब से लेकर आज तक जा मया दन दूनी
रात चौगुनी तर क़ कर रह है तथा समकाल न आव यकताओं के अनु प वयं को ढालने म स म रह है। अपने सं थापक के सपन को साकार करते हु ए जा मया अपने छा के सवागीण वकास क दशा म यासरत है। जा मया मि लया इ ला मया के सं थापक का सदैव इस बात पर बल रहा है क श ा क पार प रक जड़ को मज़बूत कया जाए। जा मया ने इस का हमेशा यास कया है क छा म देश के इ तहास, उसक सं कृ त तथा इ लाम के इ तहास क बेहतर समझ पैदा हो। इ ह ं बात को यान म रखकर जा मया म इ लाम क श ा के साथ-साथ ह दू धमशा तथा भारतीय धम
-
4
और सं कृ त जैसे वषय क श ा का ावधान कया गया। श ा के े म अ भनव योग करते हु ए जा मया के सं थापक ने यहाँ के शै णक काय म तथा पा य म स बंधी ग त व धय म रा य तथा सावभौ मक आयाम जोड़े। इस बात का सदैव यान रखा गया क जा मया के छा को मू य-आधा रत श ा द
जाए और उ ह बेहतर नाग रक बनाने क दशा म काय कया जाए। जा मया के छा यि तगत च के पा य म को पढ़ते हु ए भी सामािजक उ तरदा य व के बोध से वं चत न ह । दूसरे व व व यालय क तरह जा मया ने भी तकनीक श ा, बी.डी.एस, फिजयोथेरेपी इंजी नय रंग, कॉमस, फ़ाइन vkV~lZ, जनसंचार, सूचना तकनीक तथा व तार श ा के े म काफ ग त क है। यहाँ एकेड मक टाफ कॉलेज तथा थड व ड टडीज़
एवं अ ययन के व भ न के क भी थापना क गई है। जा मया म श ा का मा यम मु य प से उद,ू ह द तथा अं ेज़ी है। यहाँ श ा का उ े य उ च ान के ोत को ान के दूसरे े के साथ जोड़ना है। व व व यालय अपने छा तथा श क को शै णक वातावरण दान करने क सदैव को शश करता है। कुछ मखु बात इस कार ह:
(क) श ा म नवीनता लाने के उ े य से समय-समय पर पा य म म फेरबदल। पढ़ाने के नये-नये तर क़े तथा यि त व वकास पर वशेष बल।
(ख) व भ न अनुशासन म श ा। (ग) अ तर-अनुशासना मक अ ययन। (घ) रा य एकता, धम नरपे ता तथा अंतरा य समझ।
-
5
ह द वभाग : सं त प रचय जा मया मि लया इ ला मया म ह द का पठन-पाठन व व व यालय क थापना के साथ ह आरंभ हो गया था। जा मया के सं थापक ने ह द भाषा के श ण को यथो चत मह व दया। एक लंबे समय तक यहाँ नातक तर पर ह ह द भाषा एवं सा ह य का अ ययन-अ यापन होता रहा। के य व व व यालय बनने से कुछ वष पूव 1983 म यहाँ नातको तर पा य म ारंभ कया गया। एम. ए. के पा य म म शु से ह जनसंचार तथा रचना मक लेखन को मह व दया गया और रचना मक लेखन एवं प का रता को वैकि पक न प के प म पा य म म सि म लत कया गया। देश के कसी भी व व व यालय म इस कार का यह पहला पा य म था। सन ् 1994 म वभाग म जनसंचारपरक लेखन म नातको तर ड लोमा आरंभ कया गया। इसक सफलता को देखते हु ए सन ् 2001 म ह द वभाग म ट . वी. प का रता म नातको तर ड लोमा शु कया गया। स त ह द वभाग म इन दोन ड लोमा पा य म के अलावा बी. ए. ऑनस मास मी डया ( ह द ), एम. ए. और एम. फल ् का अ ययन-अ यापन हो रहा है। सन ् 1985 से नरंतर यहाँ शोध-काय (पीएच. डी.) भी हो रहा है। वभाग सा ह य के तुलना मक अ ययन स बंधी शोध काय को ो साहन देता है। ह द वभाग म जा मया का एक अ नवाय पा य म ‘ ह दू धम शा ’ भी पढ़ाने क यव था है।
वभाग के अनेक सद य मह वपूण पुर कार से स मा नत कए गए ह तथा वदेश म भी ह द अ यापन का काय कर चुके ह।
-
6
वभागीय सद य 1. ो. दुगा साद गु त (अ य ), एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.
(जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल ) 2. ो. महे पाल शमा, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल
नेह व व व यालय, नई द ल ) 3. ो. हेमलता म ह वर, एम.ए., बी. एड., एम. फल.्, पीएच. डी.
(गु घासीदास व व व यालय, वलासपुर) 4. डॉ. कृ ण कुमार कौ शक, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. ( द ल
व व व यालय, द ल ) 5. डॉ. अ नल कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (अल गढ़
मुि लम व व व यालय, अल गढ़) 6. डॉ. इ दु वीरे ा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.(जा मया
मि लया इ ला मया, नई द ल ) 7. डॉ. च देव संह यादव, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया
इ ला मया, नई द ल ) 8. डॉ. नीरज कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.( द ल
व व व यालय, द ल )
9. डॉ. कहकशां एहसान साद, एम.ए., पीएच. डी. (अल गढ़ मुि लम व व व यालय, अल गढ़)
10. डॉ. ववेक दु बे, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )
11. डॉ. दल प कुमार शा य, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.(जवाहरलाल नेह व व व यालय, द ल )
-
7
12. डॉ. अ दुरहमान मुसि वर, एम. ए., एम. एड., पी.जी. ड लोमा मास मी डया, एम. फल.्, पीएच. डी., (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )
13. डॉ. मुकेश कुमार मरोठा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )
14. डॉ. अजय कुमार नाव रया, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल )
-
8
-
9
एम. ए. ह द वा षक पा य म अनु म पृ ठ सं या थम वष
पा य म 1 का यशा एवं सा ह य ि ट 13 पा य म 2 ह द सा ह य का इ तहास 15 पा य म 3 म यकाल न का य 18 पा य म 4 नवजागरण एवं छायावाद 21 पा य म 5 वैकि पक न प 25
(क) जायसी 25 (ख) नराला 27 (ग) फणी वरनाथ रेणु 29
वतीय वष
पा य म 6 नाटक और नबंध 33 पा य म 7 छायावादो तर का य 36 पा य म 8 कथा सा ह य 39 पा य म 9 ह द ग यः व वध रंग 42 पा य म 10 वैकि पक न प 44
(क) लोक सा ह य 44 (ख) उदू सा ह य 46 (ग) ह द प का रता 49
पा य म 11 मौ खक 51
-
10
-
11
एम.ए. ह द पूवा
-
12
-
13
पा य म-1 का यशा एवं सा ह य- ि ट पूणाकः 100
इकाई-1 सं कृत का यशा का य-ल ण, का य-हेत,ु का य- योजन का य क आ मा रस- न पि त एवं साधरणीकरण अलंकार स ांत व न स ांत
इकाई-2 पा चा य सा ह य- चंतन क भाववाद धkरणाएं
लेटो का का य- स ांत अर तू का अनुकरण स ांत ल जाइनस का उदा त ोचे का अ भ यंजनावाद
कॉल रज का क पना स ांत इकाई-3 पा चा य सा ह य : व तुवाद धkरणाएं तथा अ य
चंतनधाराएं मा सवाद चंतन मनो व लेषणवाद अि त ववाद नई समी ा संरचनावाद एवं उ तर-संरचनावाद आधु नकता एवं उ तर-आधु नकता
-
14
इकाई-4 ह द सा ह यालोचन र तकाल न ल ण ंथ ारं भक एवं शु लयुगीन ह द आलोचना ग तशील ह द आलोचना
समकाल न ह द आलोचना अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100
अनुमो दत ंथ 1. भारतीय का यशा स यदेव चौधर 2. का यशा क भू मका डॉ. नगे 3. नयी समी ा के तमान नमला जैन 4. पा चा य सा ह य चंतन नमला जैन, कुसुम बां ठया 5. सा ह य स ांत रेनेवेलेक, ऑि टन वारेन 6. रस- स ांत का पुन ववेचन डॉ. गणप तचं गु त 7. ekDlZoknh सा ह य चंतन शवकुमार म 8. सा ह यालोचन बाबू यामसु ंदर दास 9. इ तहास और आलोचना नामवर संह 10. मा सवाद सा ह य चंतन शवकुमार म 11. ह द आलोचना: बीसवीं सद नमला जैन 12. ह द आलोचना के बीज श द ब चन संह 13. ह द आलोचना व वनाथ पाठ 14. ह द आलोचनाः बीसवीं शता द नंद कशोर नवल 15. भारतीय सा ह यशा बलदेव उपा याय
-
15
पा य म-2 ह द सा ह य का इ तहास पूणाकः 100 इकाई-1 सा ह ये तहास लेखन क पर परा
ह द सा ह य के इ तहास लेखन क परंपरा, आधारभूत साम ी और ह द सा ह ये तहास के पुनलखन क सम याए ंह द सा ह य का इ तहासः काल- वभाजन, सीमा-नधारण और नामकरण ह द सा ह यः आ दकाल क पृ ठभू म, स और नाथ-सा ह य, रासो-का य, जैन-सा ह य, लौ कक सा ह य
इकाई-2 पूव म यकाल
भि तका य क ऐ तहा सक पृ ठभू म सां कृ तक चेतना एवं भि त-आंदोलन व भ न का यधाराएं तथा उनका वै श य
इकाई-3 उ तर म यकाल
र तकाल क ऐ तहा सक पृ ठभूमी, दरबार सं कृ त और ल ण- ंथ क परंपरा र तकाल न सा ह य क व भ न धाराएं (र तब , र त स और र तमु त)
-
16
इकाई-4 आधु नक काल आधु नक काल क राजनै तक, सामािजक, सां कृ तक एवं आ थक पृ ठभू म, ह द नवजागरण भारते दु युग : मुख वृ ि तयां व छंदतावाद, छायावाद का य : छायावाद क मुख वृ ि तया ं
छायावादो तर का य : ग तवाद, योगवाद, नयी क वता, नवगीत, समकाल न क वता ह द ग य का वकास ( नबंध, नाटक, कहानी, उप यास, आ मकथा, जीवनी, सं मरण, रेखा च , डायर )
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100 अनुमो दत ंथ 1. ह द सा ह य का इ तहास रामच शु ल 2 ह द सा ह य क भू मका हजार साद f}osnh
3 ह द सा ह य का आ दकाल हजार साद f}osnh 4 ह द सा ह य का वै ा नक इ तहास गणप तच गु त 5 ह द सा ह य का आलोचना मक इ तहास रामकुमार वमा 6 ह द सा ह य और स वेदना का वकास राम व प चतुवद 7 ह द सा ह य का इ तहास सं. नगे 8 ह द सा ह य का अतीत व वनाथ साद म 9 ह द सा ह य का दूसरा इ तहास ब चन संह
-
17
10 ह द सा ह य का सरल इ तहास व वनाथ पाठ 11 ह द सा ह य के इ तहास क सम याएँ अवधेश धान 12 सा ह य का इ तहास दशन न लन वलोचन शमा 13 सा ह य और इ तहास ि ट मैनेजर पा डेय 14 आचाय रामच शु ल क इ तहास ि ट महे पाल शमा
-
18
पा य म-3 म यकाल न का य पूणाकः 100 इकाई-1 सा हि यक एवं सां कृ तक पृ ठभू म
आ दकाल न का य भि त आ दोलन भि त का य क व भ न धाराए ंदरबार सं कृ त एवं र तका य
इकाई-2 संत एवं सूफ़ का य कबीर : सतगु म हमा-1, ेम-5, 8, 9, साध ु म हमा-27, 29 क ना बीनती-36, उपदेश चतावनी-84, काल-99 भग त संजीवनी-106, 145 नरंजन राम-153, माया-162 भेख आडंबर-175 भरम बधूसन-179 सा खया-ं42 सतगुर म हमा कौ अंग-2, 14, 16 ेम बरह कौ अगं-1,4,5,7,9,10,16 सु मरन भजन म हमा कौ अंग-7,9,12 साध ु म हमा कौ अंग-6,23,24 पउ प हचा नबे कौ अंग-1,2,3 परचा कौ अंग-1,6,9 उपदेस चतावनी कौ अंग-5,7,23 संग त कौ अंग-4,5,10,15,16 भेख आडंबर कौ अंग-4,5,17 वचार कौ अंग-2,5,6 मन कौ अंग- 1,9,13 माया कौ अंग-13,15,22
(कबीर ंथावल ः सं. डॉ. पारसनाथ तवार )
-
19
जायसी : (जायसी ंथावल , सं. रामच शु ल) नागमती वयोग खंड तथा मानसरोदक खंड ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
इकाई-3 राम भि त एवं कृ ण भि त का य
तुलसीदास: उ तरकांड (रामच रत मानस) छंद सं या- 33 से 82 तक
सूरदास : मरगीत सार (सं. रामच शु ल) पद सं या 21 से 70 तक ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
इकाई-4 र त का य
बहार : बहार र नाकर (सं. जग नाथदास र नाकर) दोहे- 1, 5, 13, 18, 20, 32, 41, 52, 60, 70, 94, 102, 104, 121, 140, 151, 159, 171, 178, 181, 191, 203, 207, 225, 235, 251, 259, 264, 280, 303, 327, 340, 347, 357, 363, 371, 381, 388, 393, 397, 411, 419, 425, 428, 434, 472, 489, 505, 526, 568. घनानंद : घनानंद (सं. आचाय व वनाथ साद म ) छंद सं याः 1, 6, 13, 15, 27, 34, 43, 60, 68, 70, 82, 84, 93, 97, 128, 135, 146, 159, 163, 169, 189, 196, 206, 267, 274
( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न) अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक
-
20
अनुमो दत ंथ : 1. कबीर हजार साद f}osnh 2. जायसी वजयदेव नारायण साह 3. जायसी सं. सदानंद साह 4. गो वामी तुलसीदास रामच शु ल 5. लोकवाद तुलसीदास व वनाथ पाठ 6. सूर सा ह य हजार साद f}osnh 7. सूरदास मैनेजर पा डेय 8. बहार काश व वनाथ साद म 9. घनानंद क व त सं. व वनाथ साद म 10. ह द का य क नगुण धारा म भि त यामसु ंदर शु ल 11. महाक व सूरदास नंददुलारे वाजपेयी 12. गोसा तुलसीदास व वनाथ साद म 13. भि त का य और लोकजीवन शवकुमार म 14. अकथ कहानी ेम क पु षो तम अ वाल 15. ह द सूफ का य का सम त अनुशीलन शव सहाय पाठक 16. म यकाल न क वता म सां कृ तक सम वय अ दुल बि म लाह
-
21
पा य म-4 नवजागरण एवं छायावाद पूणाकः 100 इकाई-1 नवजागरण का व प
नवजागरण क अवधारणा पा चा य नवजागरण भारतीय नवजागरण ह द नवजागरण और ह द सा ह य छायावाद : का य-संरचना (आलोचना मक न)
इकाई-2 भारते दु एवं f}osnh युगीन का य
भारते दु ह र च ह द क उ न त पर या यान नये जमाने क मुकर वज यनी- वजय पताका या वैजयंती भारत-वीर व रोवहु सब म लकै आवहु भारत भाई (भारत दुदशा से)
मै थल शरण गु त साकेत (नवम सग)
-
22
इकाई-3 छायावाद का य - I जयशंकर साद च ता सग (कामायनी)
आंसू इस क णा क लत दय म ये सब फु ल ंग है मेर जो घनीभूत पीड़ा थी रो रो कर ससक ससक कर श श मुख पर घू ंघट डाले बाधंा था वध ुको कसने मुख कमल समीप सजे थे
यावतन के पथ पर मानव जीवन वेद पर सबका नचोड़ लेकर तुम
सूयका त पाठ ‘ नराला’ सरोज मृ त जूह क कल तोड़ती प थर बांधो न नाव इस ठांव बंध ु
( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
-
23
इकाई-4 छायावाद का य - II सु म ानंदन पंत
मौन नमं ण प रवतन नौका वहार ताज
महादेवी वमा इस एक बू ंद आंसू म इन आंख ने देखी न राह कह ं म नीर भर दुख क बदल क र का य आज पंजर खोल दो पंथ होने दो अप र चत
( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न) अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अकं
-
24
अनुमो दत ंथ : 1. ह द सा ह य : बीसवीं शता द नंददुलारे वाजपेयी 2. भारते दु ह र च और ह द नवजागरण क सम याएँ राम वलास शमा 3. महावीर साद f}osnh और ह द नवजागरण राम वलास शमा 4. मै थलशरण गु त : ासं गकता के अंतःसू कृ णद त पाल वाल 5. कामायनी : एक पुनमू यांकन राम व प चतुवद 6. कामायनी : एक पुन वचार मुि तबोध 7. पंत, साद और मै थलशरण गु त रामधार स ंह दनकर 8. साकेत : एक अ ययन डॉ. नगे 9. छायावाद नामवर संह 10. नराला क सा ह य साधना राम वलास शमा 11. सु म ानंदन पंत डॉ. नगे 12. क व सु म ानंदन पंत नंददुलारे वाजपेयी 13. महादेवी वमा इ नाथ मदान 14. महादेवी क रचना या कृ णद त पाल वाल 15. महादेवी दूधनाथ संह
-
25
पा य म-5 (क) जायसी पूणाक : 100 इकाई-1 भारत म सूफ़मत का वकास
म यकाल न भि त साधना और सूफ़मत सूफ़मत क पर परा फ़ारसी और ह द सूफ़ का य रह यवाद (आलोचना मक न)
इकाई-2 सूफ़ ेमा यान क परंपरा और जायसी का का य
जायसी क क वता म लोकत व सूफ़मत और जायसी क क वता का य- प और का य-भाषा (आलोचना मक न)
इकाई-3 नधा रत पाठ : प ावत
1. ेम खंड 2. संहलद प खंड 3. नागमती वयोग खंड 4. पदमावती-नागमती-सती खंड ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
-
26
इकाई-4 नधा रत पाठ : अखरावट और आ खर कलाम अखरावट : 1-15 आ खर कलाम : 14-28 ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक अनुमो दत ंथ 1. जायसी वजयदेव नारायण साह 2. जायसी सं. सदानंद साह 3. जयासी ंथावल (भू मका) रामच शु ल 4. ह द सूफ का य का सम त अनुशीलन शव सहाय पाठक 5. म लक मुह मद जायसी और उनका का य शव सहाय पाठक 6. सूफ मत साधना और सा ह य रामपूजन तवार 7. ह द के सूफ ेमा यान च बल पा डेय 8. म ययुगीन ेमा यान याम मनोहर पा डेय 9. म ययुगीन रोमांचक आ यान न यानंद तवार
-
27
पा य म-5 (ख) नराला पूणाकः 100 इकाई-1 नराला का युगीन प र य
नवजागरण, वाधीनता आंदोलन और नराला छायावाद का य सं कार और नराला नराला क ग तशीलता और नया मानवतावाद (आलोचना मक न)
इकाई-2 सामंतवाद और उप नवेशवाद
नराला का आ मसंघष और का य चेतना गीत, गीत और मु त छंद नराला क भाषा (आलोचना मक न)
इकाई-3 नधा रत पाठ
क वताए ंतुलसीदास, ेयसी जागो फर एक बार (दोन भाग) ज द ज द पैर बढ़ाओ बांधो न नाव इस ठांव बंध ु( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
-
28
इकाई-4 कथा सा ह य उप यास
अलका कु ल भाट कहा नया ँ
देवी अथ नबंध मेरे गीत और कला बाहर वाधीनता और ि या ं(आलोचना मक न)
अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक अनुमो दत ंथ 1. नराला क सा ह य साधना(तीन भाग) राम वलास शमा 2. नराला : एक पुनमू यांकन धनंजय वमा 3. नराला : एक आ महंता आ था दूधनाथ संह 4. ां तकार क व नराला ब चन संह 5. नराला राम वलास शमा 6. सा ह य टा नराला राजकुमार सैनी 7. नराला क जातीय चेतना नीरज कुमार
-
29
पा य म-5 (ग) फणी वरनाथ रेणु पूणाक : 100 इकाई-1 वातं यो तर भारत का प रवतनशील ाम-समाज
रेणु क आंच लकता रेणु क वचारधारा रेणु और यथाथवाद
इकाई-2 रेणु का कथा श प
रेणु क पा प रक पना रेणु क कथा-संरचना रेणु क कथा-भाषा
इकाई- 3 नधा रत पाठ
उप यास मैला आंचल परती प रकथा
इकाई-4 कहा नया ँ
ठेस, लालपान क बेगम, रस या, तीसर कसम, पंचलैट रपोताज ऋणजल-धनजल
-
30
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100 अंक अनुमो दत ंथ 1. रेणु संचयन सुवास कुमार 2. मैला आंचल क रचना या देवेश ठाकुर 3. फणी वरनाथ रेणु सुरे चौधर 4. आंच लकता, यथाथवाद और फणी वरनाथ रेणु सुवास कुमार 5. फणी वरनाथ रेणु अथात मृ दं गए का मम सं. भारत यायावर 6. ह द के आंच लक उप यास म जीवन स य इ दु काश पा डेय 7. रेणु से भट सं. भारत यायावर
-
31
एम. ए. ह द mÙkjk)Z
-
32
-
33
पा य म-6 नाटक और नबंध पूणाक : 100 इकाई-1 ह द नाटक एवं नबंध का वकास
ह द नाटक का वकास ह द रंगमंच का वकास ह द नबंध का वकास ह द नबंध के व वध प (आलोचना मक न)
इकाई-2 वतं तापूव नाटक
अंधेर नगर - भारते दु ह र च चं गु त - जयशंकर साद ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना क न)
इकाई-3 वातं यो तर नाटक
आधे अधरेू - मोहन राकेश अंधा युग - धमवीर भारती ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
इकाई-4 नबंध
ई वर भी या ह ठठोल है बालकृ ण भ आचरण क स यता सरदार पूण संह क वता या है रामचं शु ल कुटज हजार साद f}osnh
-
34
मेर वाधीनता : सबक वाधीनता अ ेय
छतवन क छांव व या नवास म
तुलसी सा ह य के सामंत वरोधी मू य - राम वलास शमा
नषाद बांसुर कुबेरनाथ राय
( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न) अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक
अनुमो दत ंथ 1. नाटक और रंगमंच सं. गर श र तोगी 2. रंग दशन ने मचंद जैन 3. ह द नाटक : उ व और वकास दशरथ ओझा 4. ह द नाटक ब चन सहं 5. नाटककार भारते दु क रंग प रक पना स ये तनेजा 6. साद का ना य-कम स ये तनेजा 7. आज के रंग नाटक सं. सुरेश अव थी 8. रंगभाषा ने मचं जैन 9. सा ह य सहचर हजार साद f}osnh 10. ह द ग य का वकास और
मुख शैल कार गुलाब राय
-
35
11. ह द सा ह य : बीसवीं शता द नंददुलारे बाजपेयी 12. आधु नक सा ह य नंददुलारे बाजपेयी 13. नया सा ह य : नए न नंददुलारे बाजपेयी 14. नबंध नलय स य 15. त न ध ह द नबंधकार ह रमोहन
-
36
पा य म-7 छायावादो तर का य पूणाकः 100 इकाई-1 युगीन प र य
रा य-सां कृ तक चेतना का का य, गीत और नवगीत, ग तशील आंदोलन, योगवाद का य, नयी क वता अक वता, समकाल न क वता (आलोचना मक न)
इकाई-2 रा य-सां कृ तक का यधारा
रामधार स ंह ‘ दनकर’ कु े (छठा सग)
माखनलाल चतुवद पु प क अ भलाषा, कैद और को कला, प थर के फ़श कगार म, जवानी ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
इकाई-3 योगवाद एवं नयी क वता
अ ेय (सदानीरा से) कतक पूनो, पहला द गरा, यह द प अकेला, स ा ी का नैवे य दान, नद के }hi, कतनी नाव म कतनी बार, कलंगी बाजरे क
-
37
मुि तबोध (‘चांद का मु ंह टेढ़ा है’ सं ह से) भूल-ग़लती, लकड़ी का रावण, मरा स, मुझे पुकारती हु ई पुकार, चकमक क चनगा रया ं( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
इकाई-4 ग तशील एवं समकाल न क वता
नागाजुन (‘नागाजुन क त न ध क वताए’ं से) बादल को घरते देखा है, ेत का बयान, संदूर तल कत भाल, यह तुम थी,ं अकाल और उसके बाद, शासन क बंदूक, खुरदु रे पैर रघुवीर सहाय (रघुवीर सहाय रचनावल भाग-1 से) धपू, रामदास, दे दया जाता हू,ं अ धनायक, नेता मा कर, दो अथ का भय, सड़क पर रपट धू मल (‘संसद से सड़क तक’ से) पटकथा मोचीराम ( यावहा रक समी ा एवं आलोचना मक न)
अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक
-
38
अनुमो दत ंथ 1. क वता के नये तमान नामवर संह 2. नई क वता का आ मसंघष तथा अ य नबंध मुि तबोध 3. समकाल न क वता का याकरण परमान द ीवा तव 4. क वता का जनपद अशोक वाजपेयी 5. आधु नक ह द सा ह य क वृ ि तया ँ नामवर संह 6. नई क वता और अि त ववाद राम वलास शमा 7. ग तवाद और समानांतर सा ह य रेखा अव थी 8. क वता क संगत वजय कुमार 9. क वता का अथात ् परमान द ीवा तव 10. शमशेर का का यलोक जगद श कुमार 11. अ ेय क का य त तषा न द कशोर आचाय 12. मुि तबोध क क वताई अशोक च धर 13. मुि तबोध : ान और संवेदना न द कशोर आचाय 14. नई क वता के अंक सं. जगद श गु त 15. नागाजुन का रचना संसार वजय बहादुर संह 16. फलहाल अशोक वाजपेयी
-
39
पा य म-8 कथा सा ह य पूणाक : 100 इकाई-1 ह द उप यास एवं कहानी का वकास
वत तापूव ह द कथा सा ह य आधु नक यथाथबोध क पृ ठभू म व भ न धाराएं (भाववाद , यथाथवाद , मनो व लेषणवाद ) वात यो तर ह द कथा सा ह य
साठो तर उप यास, आंच लक उप यास, समकाल न उप यास नई कहानी, साठो तर कहानी, समकाल न कहानी
(आलोचना मक न) इकाई-2 वतं तापूव उप यास
गोदान - ेमचंद यागप - जैने
(आलोचना मक न) इकाई-3 वातं यो तर उप यास
मैला आंचल - फणी वरनाथ रेणु म ो मरजानी - कृ णा सोबती
(आलोचना मक न)
-
40
इकाई-4 कहानी उसने कहा था च धर शमा गुलेर कफ़न ेमचंद पुर कार जयशंकर साद पाज़ेब जैने परदा यशपाल प र दे नमल वमा चीफ़ क दावत भी म साहनी ड ट कल टर अमरकांत खोई हु ई दशाए ं कमले वर दोज़खी शानी (आलोचना मक न)
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100 अंक (दो न उप यास से तथा दो न कहा नय से) अनुमो दत ंथ 1. कहानी नयी कहानी नामवर सहं 2. नई कहानी : संदभ और कृ त देवीशंकर अव थी 3. कुछ कहा नयाँ : कुछ वचार व वनाथ पाठ 4. कहानीः समकाल न चुनौ तया ँ श भू गु त 5. ह द कहानी : ि मता क तलाश मधुरेश 6. समकाल न कहानी का रचना वधान गंगा साद वमल
-
41
7. ह द कहानी : अंतरंग पहचान रामदरश म 8. उप यास का उदय आयन वॉट 9. ह द उप यास : एक अ तया ा रामदरश म 10. ह द उप यास : पहचान एवं परख इ नाथ मदान 11. उप यास और लोकजीवन रा फ फॉ स 12. उप यास का स ांत जॉज लुकाच 13. उप यास के प ई. एम. फॉ टर 14. उप यास का पुनज म परमानंद ीवा तव 15. ह द उप यास : ि थ त और ग त च कांत वां दवडेकर
-
42
पा य म-9 ह द ग य : व वध रंग पूणाक : 100
इकाई-1 खड़ी बोल ग य नवजागरणकाल न प रि थ तयां आधु नक ग य वधाओं का वकास सा ह येतर ग य (आलोचना मक न)
इकाई-2 मुख कथेतर ग य वधाए ंल लत नबंध आ मकथा जीवनी रेखा च सं मरण या ावृ त रपोताज प सा ह य डायर यं य (आलोचना मक न)
इकाई-3 नधा रत पाठ -I लोभ और ी त रामचं शु ल ( वचारा मक नबंध) अशोक के फूल हजार साद f}osnh (ल लत नबंध) अपनी ख़बर (आ मकथा) पांडेय बेचन शमा उ आवारा मसीहा थम पव व णु भाकर (जीवनी) चीड़ पर चांदनी (या ा वृ तांत) नमल वमा (आलोचना मक न)
-
43
इकाई-4 नधा रत पाठ - II
घर का जोगी जोगड़ा (सं मरण) काशीनाथ संह भि तन (रेखा च ) महादेवी वमा आ ने का सोनी के नाम प (पांच प ) मुि तबोध वै णव क फसलन ( यं य) ह रशंकर परसाई ऋणजल धनजल ( रपोताज) फणी वरनाथ रेण ु(आलोचना मक न)
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100 अंक अनुमो दत ंथ : 1. नबंध नलय स ये 2. वधाओं क कृ त देवीशंकर अव थी 3. देश के इस दौर म व वनाथ पाठ 4. आ मकथा क सं कृ त पंकज चतुवद 5. ह द सा ह यकोश(भाग-2) सं. धीरे वमा 6. ग य व वधा सं. जवर म ल पारख 7. सृजनशीलता एवं यि त व बीना ीवा तव 8. ह द सा ह य का इ तहास रामचं शु ल 9. सा ह य सहचर हजार साद f}osnh 10. आधु नक ह द सा ह य ल मीसागर वा णय 11. ह द का ग य सा ह य रामचं तवार 12. आधु नक सा ह य नंददुलारे वाजपेयी 13. ह द ग य का उ व और वकास वजये नातक 14. सा ह य म ग य क नई व वध वधाए ँ कैलाशचंद भा टया
-
44
पा य म-10 (क) लोक सा ह य पूणाक : 100
इकाई-1 लोक सा ह य : अवधारणाएं लोक, लोक-वाता, लोक-सं कृ त और लोक-सा ह य लोक सा ह य : सं कृत वा .मय म लोको मुखता ह द के आरं भक सा ह य म लोकत व वतमान सा ह य और लोक-सा ह य का अंतः संबंध लोक-सा ह य म सामािजक संघष (आलोचना मक न)
इकाई-2 लोक सा ह य क सम याए ंलोक सा ह य के अ ययन क या लोक सा ह य के संकलन क सम याए ंलोक सा ह य के मुख संकलन (आलोचना मक न)
इकाई-3 लोक सा ह य का वग करण लोक-गीत: सं कार गीत, त गीत, म गीत,
ऋतु गीत, जा त गीत लोक-ना य: रामल ला, रासल ला, क त नया,ं वांग,
संगीत, संपेड़ा, बदे सया, नाच, पंडवानी, भांड, तमाशा, नौटंक
ह द लोक ना य क परंपरा ह द नाटक और रंगमंच पर लोक-ना य का भाव
लोकवा य तथा लोक संगीत (आलोचना मक न)
-
45
इकाई-4 लोक-कथा एवं लोक-गाथा लोक-कथा : तकथा, पर कथा, नागकथा, बोधकथा, कथानक ढ़या ंलोक-गाथा : ढोला-मा , लो रकायन, ह र रांझा, आ हा (आलोचना मक न)
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 4x25=100 अंक अनुमो दत ंथ 1. लोक सा ह य क भू मका कृ णदेव उपा याय 2. लोक सं कृ त क परेखा कृ णदेव उपा याय 3. लोक सा ह य का अ ययन लोचन पा डेय 4. क वता कौमुद रामनरेश पाठ 5. आ द ह द के गीत और कहा नयां राहु ल साकृं यायन 6. लोक सा ह य और लोक वर व या नवास म 7. लोक सा ह य याम परमार 8. लोक सा ह य क भू मका ो. रवी मर 9. लोक सं कृ त और रा वाद ब नारायण
प काए ँ1. मंड़ई - सं. काल चरण यादव, बलासपुर, छ तीसगढ़ 2. लोक - पीयूष दइया
-
46
पा य म-10 (ख) उदू सा ह य पूणाक : 100 इकाई-1 उदू भाषा का वकास
खड़ी बोल का वकास- म और उद ूउदू सा ह य का ारं भक व प : दकनी एवं उ तर उदू ग य का वकास देहल कॉलेज और फोट व लयम कॉलेज क भू मका उदू ह द का पार प रक संबंध
इकाई-2 उदू सा ह य : एक प रचय
उदू के व वध का य प : ग़ज़ल, कसीदा, मसनवी, मर सया, बाई एवं न म बीसवीं शता द क उदू क वता उदू ग य क व वध वधाएं : कहानी, उप यास, नाटक, नबंध एवं समकाल न उदू आलोचना उदू के सा हि यक आंदोलन तर क पसंद तहर क वातं यो तर उदू सा ह य
इकाई-3 क वता
मीर तक़ मीर (ग़ज़ल) ह ती अपनी हबाब क सी है उलट हो गयीं सब तदबीर प ता प ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है कल जो देखा गुलोसमन देखा
-
47
नजीर अकबराबाद बंजारानामा आदमीनामा
मज़ा असद-उ लाह खां ग़ा लब (ग़ज़ल) इ ने म रयम हुआ करे कोई कोई उ मीद बर नह ं आती न था कुछ तो खुदा था दल ह तो है ना संगो- ख़ त
फराक़ गोरखपुर ( बाइया)ं हर जलवे से एक दस-नुमू लेता हू ं कस दरजा सुकंूनुमा ह अब के हलाल उफद -उफद गगन प’ छायी है घटा आंसू से भरे-भरे वो नयना रस के चेहरे प’ हवाइयां नगाह म हरास लहर म खला कंवल नहाये जैसे
फैज़ अहमद फैज़ (न म) बोल त हाई हम जो तार क राह म दुआ
इक़बाल (न म) नया शवाला राम तराना-ए- ह द बहारे-हु न
अकबर इलाहाबाद मु तक बल जलवा-ए-दरबारे-देहल
-
48
इकाई-4 ग य
मज़ा हाद सवा - उमराव जान अदा इंतज़ार हु सैन - ब ती
अंक वभाजन चार आलोचना मक न 3x20=60 अंक चार यावहा रक समी ाए ं 4x10=40 अंक अनुमो दत ंथः 1. उदू सा ह य का इ तहास एजाज हु सैन 2. उदू सा ह य का इ तहास जर न दास 3. उदू भाषा और सा ह य फ़राक़ गोरखपुर 4. उदू क वता फ़राक़ गोरखपुर 5. उद ूसा ह य का आलोचना मक इ तहास एहतेशाम हुसैन 6. उदू का य क जीवन-धारा मु. हु सैन आज़ाद 7. उदू समालोचना पर एक ि ट कल मु ीन अहमद 8. यादगारे ग़ा लब अ ताफ़ हु सैन हाल 9. बाग़ो बहार मीर अ मन (अन.ु अ दुल बि म लाह) 10. उदू ेस और टश शासन अ दुल मुजीब खां 11. उद-ू ह द क ग तशील क वता असग़र वजाहत 12. उदू सा ह य कोश कमल नसीम 13. उदू आलोचना पूणमासी राय 14. िज े -मीर अन.ु अजमल अजमल
-
49
पा य म-10 (ग) ह द प का रता पूणाक : 100 इकाई-1 ह द प का रता का इ तहास और व प
ह द प का रता का उदय नवजागरण युगीन ह द प का रता वातं यो तर ह द प का रता
समकाल न ह द प का रता ह द प का रता का व पगत अ ययन: आंत रक प एवं बा य प ेस क़ानून एवं आचार सं हता
इकाई-2 समाचार संकलन
समाचार के ोत समाचार संकलन समाचार अनुवतन समाचार स म तय क भू मका संवाददाता और जनसंपक
इकाई-3 प का रता लेखन
समाचार फ चर संपादक य अ लेख रपो टग सा ा कार समी ा
-
50
इकाई-4 मु ण एवं संपादन कला मु ण म कं यूटर का योग समाचार एवं समाचारेतर साम ी का संपादन शीषक फू र ड ंग
ले आउट एवं साज-स जा भाषा
अंक वभाजन तीन आलोचना मक न 3x25=75 अंक एक यावहा रक लेखन संबंधी न 1x25=25 अंक अनुमो दत ंथ 1. ह द प का रता का इ तहास कृ ण बहार म 2. समकाल न प का रता : मू यांकन और मु े राज कशोर 3. आज क ह द प का रता सुरेश नमल 4. प का रता क ल मण रेखा आलोक मेहता 5. समाचार, फ चर लेखन एवं संपादल कला ह रमोहन 6. ह द प का रता : व प और संरचना चं देव यादव 7. संपादन-पृ ठ स जा और मु ण ो. रमेश जैन 8. इंटर यू - स ांत, तकनीक और यवहार व णु पंकज 9. प का रता और संपादन कला ेमनाथ राय 10. फ चर लेखन : सृ ि ट डॉ. पूरन चंद
-
51
पा य म-11 मौ खक पूणाक : 100