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  • ���नराइटस� एसो�सएशन का �यूज़ लैटर  

    जुलाई 2 0 1 9 सं �करण 2

    कोट� म� ल�ड़ए अपने हक़ क� लड़ाईहमारी ‘लीगल एड पॉ�लसी’ आपक� मदद को है तैयार

    यह एक बड़ी ख़बर है! एसडब�यूए ने अपने सद�य ���नराइटस� क� मदद के �लएएक ‘लीगल एड पॉ�लसी क� घोषणा क� है। इसके ज़�रए एसडब�यूए के सद�यकॉपीराइट चोरी, गोपनीयता उ�लंघन (�ीच ऑफ़ कॉ�फ़�ड��शये�ट�), भुगतान और�े�डट स�बंधी मामल� को कोट� तक ले जाने म� मदद पा सक� गे। इस क़दम कोउठाकर एसडब�यूए ने एक बार �फर �स� �कया है �क वह अपने सद�य� क��टलै�चुल �ॉपट� और जायज़ हक़� क� र�ा के �लए वचनब� है। ब�त से मामल� म� �कसी �नमा�ता या �नद�शक या साथी-सद�य के �ख़लाफ़ अपनेवा�जब हक़� क� लड़ाई म� पी�ड़त एसडब�यूए सद�य के पास कोट� जाने का हीआ�ख़री रा�ता बचता है। इसी�लए एसडब�यूए क� डीएससी को एक अस� से क़ानूनी मामल� म� आ�थ�क सहायता देने क� ज़�रत महसूस हो रही थी। इस पॉ�लसी के अंतग�त, एसो�सएशन अपनी �डस�यूट सैटलम�ट कमेट� (डीएससी)और �वशेष� वक�ल� क� सलाह के आधार पर, सद�य� को 50 ��तशत वक़�ल क�फ़�स (अथवा एक �नधा��रत रा�श, दोन� म� से जो भी कम हो) �दान करेगी। पॉ�लसीके बाक़� �दशा-�नद�श� को भी ज�द ही तय �कया जाएगा। इस उपाय से उन सद�य�क� इंसाफ़ क� लड़ाई मज़बूत होगी जो डीएससी से सुनवायी के बाद मामले कोकोट� ले जाना चाहते ह� पर आ�थ�क �प से कमज़ोर पड़ जाते ह�। साथ ही,एसडब�यूए ऐसे कई कॉपीराइट �वशेष� वक़�ल� के स�क� म� है जो इसके सद�य�को �कफ़ायती दर� पर क़ानूनी मदद देने के इ�ुक ह�।

    एसडब�यूए क� एमबीसी सब-क�मट� (�म�नममबे�सक कॉ��ै�ट सब-क�मट�) और लेखक� केअ�धकार� के �लए लड़ते रहे साथी राइटस� (�जनम�अ�धकांश एसडब�यूए क� ए�ज़े�यू�टव क�मट�के सद�य भी रह� ह�) के अथक �यास� क� बदौलतएसो�सएशन को �म�नमम रे�यूनरेशन (�यूनतमपा�र��मक) और �न�प� कॉ��ै�ट के चलन को�ा�पत करने म� बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसडब�यूए काफ़� समय से �ॉड�न के बजट केआधार पर ���नराइटस� क� फ़�स तय करने के�लए �ॉ�ूसर सं�ा� और बाक़� �ॉ�ूसस� कोराज़ी करने का �यास कर रही थी। हाल ही म�,�ॉ�ूसर �रतेश �सधवानी, जो�क लेखक-�नमा�ता-�नद�शक फ़रहान अ�तर के साथ ए�सलएटंरटेनम�ट क�नी के मा�लक ह�, ने एसडब�यूएके �म�नमम रे�यूनरेशन �लैब को �वीकार कर�लया है। यह �लैब �यूनतम पा�र��मक को�नधा��रत करता है �जसे यो�यता के आधार परबढ़ाया जा सकता है।   (पृ� 2 पर पढ़� ... )

    �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क� लड़ाई म�एसडब�यूए को �मली बड़ी जीत

  • कॉ��ै�ट से तुम दो�ती कर लो

    अ�सर कई राइटस� �कसी ����ट पर महीन� काम करते ह�, ले�कन �कसी�ववाद क� ���त म� सुनने म� आता है �क ‘म�ने तो यारी-दो�ती म� �लखा था’।दो�त�, यह आदत आपको ज�द से ज�द बदल लेनी चा�हए। �य�? �य��कयह �सनेमा राइ�ट�ग के �लए आपके ज�बे, आपके �नर और आपक� अपनीहै�सयत के साथ एक बड़ा अ�याय है। म� पूछता �ँ �क जब एक �दहाड़ी मज़�र काम शु� करने से पहले अपनीमज़�री क� शत� सामने रख देता है तो एक राईटर ऐसा �य� नह� करसकता? जब एक पानीपुरी वाला अपने सामान क� एक �न��त रेट पहले हीतय करके रखता है तो एक लेखक अपने काम के रेट तय �य� नह� करसकता? जब एक घरेलू मेड काम के बढ़ जाने पर पगार बढ़ाने क� बात करनेम� नह� �हचकती तो एक ���नराइटर �य� �हचकता है �फर से मोल-भावकरने म� तब जब �कसी ����ट के री�ा�ट ख़�म ही ना हो रहे ह�? कहने का मतलब है �क जब भी आप कोई ����ट �लखे, �जसका�वसा�यक मू�य है, तो उसे �बना कॉ��ै�ट साइन �कए �कसी को ना द�।ख़ुद को कमज़ोर मत मा�नए। कुछ �नमा�ता जो या तो ख़ुद अनजान ह� या�ज�ह�ने ठान ही �लया है राईटर का शोषण करना है, �सफ़� तब ही आपकोनुक़सान प�ँचा सकते ह� जब आप उ�ह� ऐसा करने का मौक़ा द�गे।

    हम एक ऐसी इंड��� म� काम करते ह� जहाँ �फ़�म के �लॉप होने परसबसे पहले लेखक के माथे ही ठ�करा फोड़ा जाता है। और अगर�फ़�म �हट हो गयी, तो सभी को इसका �े�डट �मलता है �सवायराईटर के। उस लेखक को, �जसने सबसे पहले उस �फ़�म क�प�रक�पना क� थी, भुला �दया जाता है। तो �सफ़� आपको ही अपनीक़� करनी होगी। एसो�सएशन भी तब ही आपक� मदद कर पाएगाजब आपके पास कॉपीराइट उ�लंघन के पु�ता सबूत ह� या, आपनेएक �न�प� कॉ��ै�ट के ज़�रए अपने �हत� को सुर��त �कया हो। सौ बात क� एक बात - कॉ��ै�ट साइन क��जए। अपने काम करने के�नयम और शत� को ख़ुद तय करके �ल�खत म� प�का क��जए। अगरकुछ भी ग़लत �आ, तो ये कॉ��ै�ट ही आपका स�ा साथी सा�बतहोगा। इसे इस तरह सो�चए - �या आप अपनी �ॉपट� या सोने सेभरा सं�क �कसी को यँू ही �बना �कसी �लखा-पढ़� के ‘इन गुड फ़ेथ’दे द�गे? नह� ना? तो �बना कॉ��ै�ट साइन �कए अपनी ����ट �य�देते ह�?आपक� ����ट आपक�इंटलै�चुअल �ॉपट� है और अबव�त आ गया है �क आप इसेसोने से भरे अपने सं�क क� तरहइ�तेमाल कर�। सुनील साल�गया

    मानद महास�चव क� क़लम से

    इसके बाद, �रतेश अपनी एसो�सएशन �ॉ�ूसर �ग� ऑफ़ इं�डया केसामने इस �लैब को अ�नवाय� गाइडलाइंस का �ह�सा बनाने पर ज़ोर द�गेता�क लेखक� के �हत� को सुर�ा द� जा सके। इस क़दम से �फ़�म इंड��� म� ���नराइटस� को पेशेवर �प से फ़ायदा तोहोगा ही, साथ ही उ�चत स�मान भी �मलेगा। ग़ौर करने वाली बात है �कएसडब�यूए के �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट म� ����ट, �टोरी, ���न�ले औरडायलॉग के �लए तयशुदा �े�डट क� गारंट� का और �कसी भी पाट� कोमनमाने �प से कॉ��ै�ट क� शत� को तोड़ने से रोकने का �ावधान भी ह�। काफ़� व�त से आपक� एसो�सएशन यह लड़ाई लड़ती �ई आ रही थी औरकई दफ़े इस तरह क� एक बड़ी जीत क� दहलीज़ छू पाने म� भी क़ामयाब �ईथी। पर यँू कह ली�जए �क हर बार बस बात बनते-बनते रह गयी। 5व����नराइटस� कॉन�� स (अग�त 2018) म� एक चचा� के दौरान भी �स�ाथ�

    �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क� लड़ाई म� एसडब�यूए को �मली बड़ी जीत...     (पृ� 1 से आगे… )

    रॉय कपूर (�ेसीड�ट, �ॉ�ूसस� �ग� ऑफ़ इं�डया ), अ�भनेता-�नमा�ता-�नद�शक आ�मर ख़ान, सोमेन �म�ा (��ए�टव हैड, धमा� �ॉड�ंस) नेखुलकर लेखक� और गीतकार� के �लए �म�नमम बे�सक कॉ��ै�ट क�ज़�रत का समथ�न �कया था। आ�ख़रकार एसडब�यूए क� मेहनत रंगलायी है और अब ए�सल एटंरटेनम�ट जैसा एक बड़ा �ॉड�न हाउस भीइन मु�� के समथ�न म� उतर आया है। आशा है �क बाक़� �नमा�ता भी ज�दही इस अ�भयान से जुड़ जाएगेँ।  एसो�सएशन क� ओर से इस संघष� के पुरोधा रहे ���नराइटर औरएसडब�यूए क� ईसी के व�र� सद�य अंजुम रजबअली का कहना है-“�म�नमम रे�यूनरेशन �लै�स से ना �सफ़� लेखक� क� फ़�स म� इज़ाफ़ा होगाब��क �नमा�ता� को भी बेहतर ����ट्स �मल�गी। आज इंड��� कोअ�� ����ट्स क� स�त ज़�रत है और इसके �लए उ�ह� ���नराइटस�को उनका वा�जब हक़ देना होगा।”

  • शु��या, डीएससी!एसडब�यूए सद�य� के अनुभव

    एक नामी �ॉड�न क�नी ने मुझे कॉ��ै�ट म� तय क� गयी ����टडवलपम�ट क� फ़�स नह� द� थी। पर म�ने जैसे ही डीएससी म� केस फ़ाइल�कया, �नमा�ता� ने अपनी ग़लती मानी और मुझे ना �सफ़� तयशुदाडवलपम�ट फ़�स द� ब��क ऊपर का अ�त�र� ख़च� भी �दया। यह �सफ़�डीएससी क� म�य�ता के कारण ही स�व हो पाया। सुर�� वमा�, ��यात नाटककार और व�र� �फ़�म-लेखक मेरी �लखी एक ����ट पर मेरी जानकारी के �बना एक �फ़�म बना ली गयीथी। तब म� डीएससी के पास आयी। क�मट� ने ना �सफ़� मुझे भावना�मकसहारा �दया ब��क ब�त ही कम व�त म� केस चलाकर मुझे �याय �दलाया।मु��कल व�त म� इंड��� के बड़े �द�गज� के आगे राइटस� का साथ देने के�लए डीएससी का ब�त आभार। मानवी शमा�, �फ़�म ले�खका  एसडब�यूए क� डीएससी ने दो बार मुझे मेरा हक़ �दलवाया है। म� यहजानकर राहत क� साँस लेता �ँ �क हमारी एसो�सएशन हम सब राइटस� केकंधे से कंधा �मलकर खड़ी है और उनको क़ानूनी मदद देने के �लए त�पर है।�ज़�दाबाद एसडब�यूए! �ज़�दाबाद डीएससी! अनुराग भो�मया, �फ़�म लेखक

    डीएससी ने मुझे अब तक दो बार टेले�वजन शोज़ के �नमा�ता� से मेरीबक़ाया फ़�स �दलवायी है। म�ने अपने अनुभव से ये भी जाना है �क अपने�हत� क� र�ा के �लए कॉ��ै�ट साइन करना �कतना ज़�री है। म����नराइटस� एसो�सएशन और डीएससी को तहे �दल से ध�यवाद देता �ँ। महेश रामचंदानी, ट�वी और �फ़�म लेखक एक क�नी के ��ये�टव �ॉ�ूसर ने मुझसे एक ट�वी शो क� ����ट माँगीथी। बाद म� उस ��ये�टव �ॉ�ूसर ने मुझे �बना बताए उस ����ट पर एकए�पसोड बना �दया। म�ने एसडब�यूए का �ख �कया और जब डीएससी के ज़�रए �ॉड�न क�नी को स�ाई का पता लगा तो उ�ह�ने मुझे मेरीपूरी फ़�स द�। मेरा मानना है �क एसडब�यूए हम सब राइटस� का एक प�रवार है। इमरान ख़ान, टेले�वजन राईटर

  • अल�वदा, दो�त�!

    हम �फ़�म और ट�वी के �व�भ� �ा�ट्स से जुड़े और �पछले कुछ महीन� म� चल बसेहमारे सभी �वग�य सा�थय� के ��त गहरी संवेदना �� करते ह�।

    इन सा�थय� म� एक नाम जानेमाने नाटककार, ���नराइटर, �फ़�म �नद�शक, अ�भनेताऔर रोड्स �कॉलर�शप से स�मा�नत �ी �गरीश कना�ड (19 मई 1938 - 10 जून 2019)का भी था। कना�ड को आधु�नक भारतीय सा�ह�य और �सनेमा क� एक मह�वपूण� आवाज़माना जाता था। 

    हम� छोड़कर जाने वाले कुछ अ�य सा�थय� के नाम इस �कार ह�: राजीव अ�वाल, द�ाकेशव  कु�कण�, �दनेश सा�वी, प�पू पॉ�ल�टर, �हमांशु जोशी, वी� देवगन, चाँद �तवारीऔर नर�� बंजारा। �फ़�म और ट�वी इंड��� कभी उनके योगदान को भुला नह� सकेगी।उनक� याद� सदा हमारे साथ हमारे �दल� म� सलामत रह�गी।

    हम ई�र से उनक� आ�मा क� शां�त क� �ाथ�ना करते ह�।

    इव�ट्स सब-क�मट� क� ज़बरद�त मेहनत के दम पर एसडब�यूए लगातार 'वाता�लाप' औरहमारी नयी सीरीज़ 'तालीम' जैसे काय��म� का आयोजन कर रही है। इसके अलावा�सने�तान ����ट कॉ�टे�ट ए�डशन 2, �टार राइटस� �ो�ाम, FICCI-�े�स �ेम यॉरआइ�डया 2019, MX �लेयर पैन�टॉम� जैसी ��तयो�गता� और ��त��त �लैटफ़ॉ�ज़� पर कई पैनल �ड�कशंस म� भी एसो�सएशन ने भागीदारी क� है।

    हम ज�द ही ���नराइ�ट�ग और ल��गक संवेद�करण पर देश के पाँच बड़े शहर� म�वक� शॉ�स और एसडब�यूए का अपना �प�च�ग इव�ट आयो�जत करने वाले ह�।

    एसडब�यूए इव�ट्स: ये तो बस शु�आत है

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    �यूज़ �लैश

    इंटरनैशनल एसो�सएशन ऑफ़ �फ़�म

    एडं टेले�वजन �कू�स (CILCET) ने

    व�र� एसडब�यूए काय�कता� और ईसी

    सद�य अंजुम रजबअली को एक �मुख

    अ�तरा��ीय ���नराइ�ट�ग ट�चर के

    स�मान से नवाज़ा

    एसडब�यूए ने सु�ी सोनल पंचाल को

    फ़� ल-टाइम ए�ज़े�यू�टव कोड�नेटर के

    तौर पर �नयु� �कया

    एसडब�यूए क� इंटरनल क�मट� (IC) ने

    यौन उ�पीड़न से लड़ने के �लए पॉ�लसी

    बनायी। �ल�क:

    cms.swaindia.org/uploads/S

    WA_IC_Policy.pdf

    एसडब�यूए द�तर पर डे�बट काड� से

    भुगतान के �लए �वाइप मशीन क�

    �व�ा शु�


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