ganga chalisa

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।।त त।। मात शैस तास ऩनी सस धांगार धरावऱी । वगाारोहण जैजयंती भकतीं भागीरथी ाथाये।। ।।दोहा।। जम जम जम जग ऩावनी, जमति देवसरय गंग। जम शिव जटा तनवाशसनी , अन ऩभ ि ग ियंग।। ।।चौऩाई।। जम जम जननी हयाना अघखानी। आनंद कयनी गंगा भहायानी।। जम बगीयथी स यसरय भािा। कशरभर भ र डाशरनी ववमािा।। जम जम जहान िअघ हनानी। बीभ की भािा जगा जननी।। धवर कभर दर भभ िन सजे। रखी िि ियद चं छवव रजाई।। वहां भकय वभर ि ची सोह। अशभमा करि कय रखी भन भोह।। जददिा यना कं चन आब षण। दहम भण हय , हयातनिभ द षण।। जग ऩावनी म िाऩ नासवनी। ियर ियंग ि ग भन बावनी।। जो गणऩति अति ऩ म धान। इह िथभ गंगा अनाना।। भा कभंडर वाशसनी देवी। ी ब ऩद ऩंकज स ख सेवव।।

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