: 1 : 2 दऩपण -...

38
खगऩुय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जुराई-सतफय, 2013 | 1 जुराई-सितफय, 2013 | दिण ऩूव येरे , खगऩुय कायखाना खगऩ कायखाना दऩपण सॊयक सीतायाभ सॊकू भुम कामव फॊधक धान सॊऩादक के 0 ऩी0 अधधकायी उऩ भुम याजबाषा अधधकायी एॊ उऩ भुम बफजरी इॊजीननमय(कायखाना) सॊऩादक तायके वय शभाप सहामक सॊऩादक वेद काश सभ तकनीकसॊऩादक उदम कु भाय सभ िनमय इॊजीननमय (आई. टी.) वषप : 1 अॊक : 2 ऩाचाय हेत ऩता िऩादक खगऩुय कायखाना दऩवण याजबाषा अनुबाग, भुम कामव फॊधक कामावरम, खगऩुय कायखाना ऩोट : खगऩुय-721301 (ऩसिचभ फॊगार)

Upload: others

Post on 01-Sep-2019

20 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 1

जराई-सितमफय, 2013 | दकषिण ऩरव यरर, खडगऩय कायखाना

खडगऩय कायखाना

दऩपण

सॊयक

सीतायाभ ससॊक

भखम कामव परफॊधक

परधान सॊऩादक

क0 ऩी0 अधधकायी उऩ भखम याजबाषा अधधकायी एरॊ

उऩ भखम बफजरी इॊजीननमय(कायखाना)

सॊऩादक

तायकशवय शभाप

सहामक सॊऩादक

वद परकाश सभशर

तकनीकी सॊऩादक

उदम कभाय सभशर िीननमय इॊजीननमय (आई. टी.)

वषप : 1 अॊक : 2

ऩतराचाय हत ऩता िॊऩादक

खडगऩय कायखाना दऩवण

याजबाषा अनबाग,

भखम कामव परफॊधक कामावरम,

खडगऩय कायखाना ऩोसट : खडगऩय-721301

(ऩसिचभ फॊगार)

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 2

खडगऩय कायखाना दऩवण ई-ऩबिका का मह दिया अॊक ह। याजबाषा हहॊदी क परचाय-परिाय भ इि ऩबिका की ियाहना खफ हई ह औय हभायी कोसिि बी मही ह कक इि औय उतकषट फनामा जाए ताकक हहॊदी भ यर कसभवमो एरॊ उनक ऩरयराय क िदसमो क फीच रखन-कभव की आदत ऩड िक, िाथ ही काभकाज क िि भ हहॊदी-अॊगजी िबदो/राकमाॊिो क ऩमावम ि हभ न करर र-फ-र होर फलकक अऩन कामव िि भ इनक परमोग बी फखफी कय िक ।

जिा कक हहनदी कनर ियकाय की याजबाषा, याषरबाषा र िॊऩकव बाषा ह औय बायतीम यरो भ सथापऩत याजबाषा परबाग कामावरीन परषमो क सरए हहॊदी क परमोग ऩय परिष रऩ ि धमान यखता ह, ऩरयणाभत खडगऩय कायखाना क हहॊदी अनबाग क िौजनम ि ’खडगऩय कायखाना दऩवण’ का मह दिया अॊक, जो 38 ऩषठो का ह, आऩक हाथो भ ह। इि ननकारन का उददशम दयअिर मह यहा कक जमादा ि जमादा रोगो तक मह ऩहॊच औय कायखान की परपरध गनतपरधधमो क िाथ याजबाषा हहॊदी क परचाय-परिाय एरॊ परमोग-परिाय ि िॊफॊधधत उददशमो की ऩनत व ियर एरॊ िहज रऩ भ कय िक। इिक सरए इि ऩबिका भ हहॊदी-अॊगजी िबदो/राकमाॊिो क ऩमावम क िाथ-िाथ दपरबाषी रऩ भ कछ टमऩरट बी उदाहयणाथव हदए गए ह।

जिा कक आज क दौय भ रोगो क ऩाि िभम का अबार ह, अत मह िॊराद ऩबिका िॊिऩ भ आरशमक िचनाओॊ क िाथ-िाथ रघ कथाओॊ, कपरताओॊ, कहाननमो, िॊकषिपत रयऩोटो, िभिाभनमक गनतपरधधमो र घटनाओॊ को अऩन भ िभट हए ह, जो िभम की भाॊग ह।

’खडगऩय कायखाना दऩवण’ ई-ऩबिका यर ऩरयराय क िदसमो क सरए िचनापरद उऩमोगी जानकारयमो को उऩरबध कयान भ आऩका िहमोगी फनगी, भ ऐिी उमभीद कयता हॉ औय अऩनी ओय ि िबकाभनाएॊ दता हॉ।

-- शरी सीतायाभ ससॊक , भखम कामप परफॊधक,

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 3

िन 1949 भ हहॊदी को िॊध की याजबाषा होन का गौयर सभरन क फाद ि अफ तक इिन वमाऩक परगनत की ह। िचना एरॊ परौदमोधगकी हहॊदी क परचाय-परिाय भ एक तयह ि िहामक हई ह। सिनभा औय जन-िॊचाय भाधमभो न इि बाषा को नम अॊदाज औय तरय हदए। खडगऩय कायखाना दऩवण क इि अॊक भ िचनाओॊ क िभारि क िाथ िाहहतम का िौयब बी ह। नट ऩय उऩरबध होन क कायण इिकी वमाऩकता फढ जाती ह। अगर अॊक क सरए िझार औय यचनाएॊ िादय आभॊबित ह। आऩ इि ऩढ , औयो का बी हभायी रफिाइट का ऩता फताएॊ ..........नट ऩय एक ऐिा जार फन लजिि हभायी बाषा को औय परसताय सभर िक। इि रघ परमाि ि जड अऩन िबी िहकसभवमो को भ धनमराद औय िबकाभनाएॊ दता हॉ।

क0 ऩी0 अधधकायी उऩ भखम याजबाषा अधधकायी, खडगऩय कायखाना

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 4

1. भानस भ सॊगतत क परबाव का वणपन आचामप शसशकाॊत ऩाठक 5-9

2. जीवन की कववता क कवव बवानी परसाद सभशर तायकशवय शभाप ववकास 10-17

3. कलमाणी कफीय की तीन कववताएॊ 18-19

4. परततऻान वद परकाश सभशर 20

5. अॊगरजी-हहॊदी ऩमापम/ हहनदी-अॊगरजी ऩमापम 21-22

6. खडगऩय कायखाना भ याजबाषा अनबाग क सौजनम स उऩरबफधमाॉ 23-25

7. खडगऩय कायखान की गततववधधमाॊ 26

8. कामप सथर क सरए सॊया जरयी 27-33

9. एक स सौ तक सॊखमावाचक शबदो क भानक रऩ 35-36

10.अषटभ अनसची (अनचछद 344 (1) औय 351) 38

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 5

: आचामप शसशकाॊत ऩाठक

मह ननपरवराद ितम ह कक भानर जीरन ऩय िॊगनत का अधधकतभ परबार ऩडता ह। िॊसकत की एक िककत ह - सॊसगपजा दोष गणा: बवतनत। िॊगनत ि ही दोष मा गण होत ह। भानर जीरन रॊिानकरभ औय रातारयण दोनो क परबार ि ननसभवत होता ह। रातारयण भ िॊगनत परभख ह। इवशरय न गण-दोषो ि बयी िपषट की यचना की। परत: भानर गणरानो की िॊगनत भ आन ि गणी औय दषटो की िॊगनत भ आन ि दषट फन जात ह। जञानी वमककत ही गणो को गरहण कयता ह। गोसराभीजी न गणो को गरहण कयन रार की तरना हॊि ि की ह।

लजि परकाय हॊि ऩानी सभर दध भ ि परकाय रऩी जर को तमागकय गणरऩी दध गरहण कयता ह, उिी परकाय जञानी ितऩरष गण-दोषो को तमाग कय गणो को गरहण कयत ह। गोसराभी जी न सरखा ह -

जड चतन गण दोष भम बफसव कीनह कयताय।

सॊत हॊस गन गहहहॊ ऩम ऩरयहरय फारय बफकाय।।

जफ इवशरय भानर भ हॊि क िभान िद-अिद(गण-दोष) की ऩहचान का पररक परदान कयत ह, तबी भनषमो का भन गणो को गरहण कयन भ रगता ह। इवशरय की भामा परफर ह। भानर भन उिभ बटकता यहता ह। राहम आडमफय क कायण भानर को दोषऩणव रातारयण अचछा रगन रगता ह। गण उि पीका परतीत होता ह। हॊि क िभान भानर भन भ उतऩनन िद पररक ही उि परम ि शरम की ओय आकपषवत कयता ह। तबी भनषम गणो को गरहण कय ऩाता ह। िभम, सरबार औय कभव की परफरता क कायण िजजन वमककत बी कबी-कबी बराइव कयन भ चक जात ह। भानर ऩय िभम का फहत अधधक परबार ऩडता ह। कहा गमा ह- ऩरष फरी नहीॊ होत ह सभम होत फरवान। भनषम नहीॊ िभम फररान होता ह। किभम आन ऩय िजजन औय जञानी वमककत बी ऩयोऩकाय कयन ि चक जात ह। उिी परकाय कबी-कबी सरबाररि बी ितऩरष ितकभव नहीॊ कय ऩात ह। कभव की परफरता ि हभ िफ ऩरयधचत हॊ। शरीभदबगरदगीता क अनिाय हभ कभव ककए बफना एक िण बी नहीॊ यह िकत ह। कछ ऐि बी कभव भनषम को कयन ऩडत ह, लजिभ वमसत यहन ऩय उि ऩयोऩकाय का अरिय ही नहीॊ सभरता ह। इि परकाय िजजन बी कार सरबार मा कभव क कायण

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 6

ऩयोऩकाय नहीॊ कय ऩात ह, रककन उनका पररक उनह ऐिा कयन की अनभनत नहीॊ दता ह। गोसराभीजी न सरखा ह -

अस वववक जफ दइप ववधाता। तफ तजज दोष गनहहॊ भन याता।।

कार सबाउ कयभ फरयआइप। बरउ परकतत फस चकइ बराइप।।

इवशरय बकत ितऩरष िभम, कभव औय सरबाररि आए अऩन दोषो को िधाय रत ह औय अऩन ितकभोॊ दराया ऩन: मिदामी कामव भ रग जात ह। उिी परकाय दषट वमककत कबी-कबी ितिॊग क परबार ि ितकभव, ऩयोऩकाय कय रत ह, रककन उनका कहटर सरबार कबी नहीॊ सभटता ह। सरबारत: दषट होन क कायण अरिय ऩात ही अऩनी दषटता हदखान रगत ह। गोसराभीजी न सरखा ह -

जो सधारय हरयजन जजसभ रहीॊ। दसर दख दोष बफभर जस दहीॊ।।

खरउ कयहह बर ऩाइ ससॊग। सभटइन भसरन सबाउ अबॊग।।

िॊिाय भ कछ ऐि ऩाखणडी-दषट बी ह, जो िनतो का रि फनाकय िीध-िाद रागो को ठगन का काभ कयत ह। ऐि रोग रसिाबषण औय वमरहाय ि भहान िनत भारभ होत ह, रककन ऐि रोग भख ऩय दधरार परष क घड क िभान(ववष कॊ बॊ ऩमो भखभ) होत ह। धभव को वमाऩाय फनाकय िाभानम रोगो को ठगना औय अऩना सराथव सिदध कयना ही इनका काभ होता ह। ऐि ऩाखणडी रोग बी रि क परबार ि िभाज भ ऩज जात ह औय रोग इनकी धचकनी-चऩडी फातो भ आकय ऩथभरषट हो जात ह। ऐि रोग की चाराकी अधधक हदन नहीॊ चरती ह। एक न एक हदन उनका बद खर जाता ह, तफ र िभाज भ नतयसकत होत ह। गोसराभीजी सरखा ह कक कारनभी, यारण औय याह का बी कऩट िदा न चर िका। उनक अतमाचाय का बी अनत हआ।

रखख सवष जग फॊजक जऊ। फष परताऩ ऩजजअहहॊ तऊ।।

उघयहहॊ अॊत न होइ तनफाह। कारनसभ जजसभ यावन याह।।

गोसराभीजी न कारनभी की कथा का रणवन भानि क रॊका काॊड भ ककमा ह। रह िॊजीरनी फटी रान जा यह हनभान क भागव भ फाधक फनन रारा यारण क दराया बजा गमा भामारी यािि था। हनभानजी न उिका कऩट ऩहचाना औय उि भतमदणड सभरा। रॊका का याजा कऩटी यारण न िाध का रि फनाकय िीता का हयण ककमा। अनत भ उिका रह कऩट ही उिकी भतम का कायण फना।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 7

इिी परकाय याह न दरता का रि फनाकय दरताओॊ की ऩॊककत भ फठकय छर ि अभत ऩान ककमा। अनत भ उिका कऩट ऩहचाना गमा औय बगरान परषण न अऩन चकर ि उिका भसतक काट डारा। इन फातो ि सऩषट होता ह कक अनत भ कऩटी का कऩट परकट होता ही ह औय उिका दषऩरयणाभ बी अरशम सभरता ह। रि कछ िभम तक ही रोगो को भरभ भ यख िकता ह। िचचाइव िाभन आन ऩय रोग उिि घणा कयन रगत ह। दियी ओय अनत िाभानम रष-बषा भ यहन ऩय बी िजजन, िनत भहाऩरष अऩन ऩपरि औय भहान कामोॊ क कायण जन-भन का पपरम ऩाि फन जात ह। रोग उनका िमभान, उनकी ऩजा कयत ह। मह िरवपरहदत ह कक फयी िॊगनत ि हानन होती ह औय ितिॊगनत ि राब होता ह। गोसराभीजी न सरखा ह -

ककएहॉ कफष साध सनभान। जजसभ जग जाभवनत हनभान।।

हातन कसॊ ससॊगतत राह। रोकहॉ फद बफहदत सफ काह।।

िॊगनत का परबार भाि चतन पराणी ऩय ही नहीॊ ऩडता ह फसरक जड ऩदाथव बी िॊगनत ि परबापरत हए बफना नहीॊ यहत। भाणणक, भोती औय भणण करभि: ऩरवत, िीऩ औय िऩव क ऩाि उतनी िोबा नहीॊ दत, लजतना ििोसबत ककिी याजा क भकट मा ककिी िनदयी क ियीय ऩय होत हॊ। गोसराभीजी न सरखा ह -

भतन भातनक भकता छबफ जसी।अहह धगरय याज ससय सोह न तसी।।

नऩ ककयीट तरनी तन ऩाइप।रहहहॊ सकर सोबा अधधकाइप।।

चॊदन रि क िॊऩकव भ आन ऩय दिय रि बी िगॊधधत हो जात ह। ऩायि ऩतथय क सऩिव ि रोहा बी िोना फन जाता ह। हरा की िॊगनत ि धर बी ऩरवत ऩय चढ जाती ह, रककन जर क िॊऩकव भ आन ऩय कीॊचड फन जाती ह। किॊग भ ऩडकय धआॉ कासरख कहा जाता ह। मही धआॉ ििॊगनत भ आकय िनदय समाही फनकय ऩयाणो की यचना कयता ह तथा जर, अधगन औय हरा की िॊगनत भ सभरकय फादर फन जाता ह। इि परकाय रह जीरनदामी फन जाता ह। सरानत निि की फॉद कर भ ऩडकय कऩय फन जाती ह औय मही िीऩ भ ऩडकय भोती फन जाती ह, रककन िऩव क भख भ ऩडकय उिका परष फढा दती ह। इि परकाय जड ऩदाथव ऩय बी िॊगनत का परबार होता ह। ऩि-ऩकषिमो ऩय बी िॊगनत का परबार होता ह। िजजन क घय भ ऩरन रार तोत-भन अऩन भनोयभ िद रचनो ि जन-भन को भगध कयत ह, तो दषटो क घय भ ऩरन रार तोत-भन अऩनी दषटता बयी फातो ि रोगो को दखी कयत ह। इि िॊफॊध भ एक कहानी परचसरत ह -ककिी रि ऩय एक

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 8

तोत क दो फचच यहत थ। एक हदन तज आॉधी आमी। ऩड की डार टट गइव। दोनो बाइव अरग-अरग जा धगय। एक चोयो की फसती भ जा धगया औय दिया भनन क आशरभ भ जा धगया। चोयो की फसती भ धगयन रार तोत न उनहीॊ की फात िन-िनकय उिी परकाय की फात िीखी, रककन दियी ओय भनन क आशरभ भ धगयन रार तोत न भनन औय उनक िद रचनो को िीखा। कछ हदन फाद उि दि का याजा जॊगर भ सिकाय खरत हए अऩन िाधथमो ि बफछडकय चोयो की फसती क ननकट ताराफ क ककनाय ऩहॉचा। रह थका औय पमािा होन क कायण ताराफ ि जर ऩीकय एक ऩड क नीच परशराभ कयन रगा। कछ दय भ उिन एक तोत को फोरत हए िना -याजा िोमा ह, उि ऩकडो, भायो औय उिक गहन छीन रो। मह िनकय बमबीत याजा घोड ऩय चढकय बाग चरा। रह भनन क आशरभ क िभीऩ ऩहॉचा। याजा को दखत ही तोत न कहा -याजन ! आऩ का सरागत ह। आइए, भधय पर खाइए, िीतर जर ऩीलजए, परशराभ कीलजए। याजा उिकी फात िनकय आशचमव चककत यह गमा। उिन िोचा, एक ही तोता अरग-अरग जगह ऩय दो तयह की फात फोर यहा ह। तफ उि तोत न याजा को फतरामा कक चोयो की फसती भ सभरन रारा तोता उिका बाइव ह। चोयो की िॊगनत क कायण रह ऐिा हो गमा ह।

जफ गरह, औषधध, जर, राम, रसि, ऩतथय, धर, रोहा इतमाहद जड ऩदाथव औय ऩि-ऩिी बी िॊगनत ि परबापरत होत ह, तफ भानर ऩय तो िॊगनत का परबार ऩडना सराबापरक ह। ितिॊगनत भ यहकय भनषम नमर, िजजन, परदरान, ऩयोऩकायी, ितमरादी, अहहॊिावरतधायी, दमार औय इवशरय बकत फन जाता ह। रह परशर ककमाण क कामव भ रग जाता हलजिि िभाज भिख-िाॊनत आती ह। कहा बी गमा ह - ितिॊगनत भद भॊगर भरा। ितिॊगनत परिननता औय ककमाण की जड ह। दषटो की िॊगनत भ ऩडकय भनषम कपरचायी, ननदवमी, हहॊिक, करय, आरिी औय अऩयाधी फन जाता ह। अत: भनषम को िदा िोच-परचायकय िजजनो की िॊगनत ही कयनी चाहहए। गोसराभीजी न सरखा ह -

गगन चढइ यज ऩवन परसॊगा।कीचहहॊ सभरइ नीच जर सॊगा।।

साध-असाध सदन सक सायी।ससभयहहॊ याभ दहहॊ गतन गायीॊ।।

धभ कसॊगतत कारयख होइप। सरखखअ ऩयान भज भसस होइप।।

सोइप जर अनर अनर सॊघाता।होइ जरद जग जीवन दाता।।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 9

गरह बषज जर ऩवन ऩट ऩाइ कजोग सजोग।

होहहॊ कवसत सवसत जग, रखहहॊ सरचछन रोग।।

₪₪₪₪₪₪

िॊऩकव : याधधकानगय, खडॊगाझाड, टकको, जभिदऩय, पऩन - 831004, भोफाइर - 9434230225

जीवन चनौती ह - सवीकाय कयो

जीवन सॊघषप ह - भकाफरा कयो

जीवन ववषाद ह - ववजम ऩाओ

जीवन यहसम ह - जानन की कोसश कयो

जीवन खर ह - खरकय दखो

जीवन सख ह - सवाद रो

जीवन गीत ह - गाकय दखो

जीवन पमाय ह - आनॊद उठाओ

जीवन सवऩन ह - साकाय कयो

जीवन सॊदय ह - ऩजा कयो

जीवन वादा ह - तनबाओ

जीवन मातरा ह - ऩया कयो

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 10

: तायकशवय शभाप ववकास

जीरन कमा ह ? कपरता ही तो ह। कबी इिभ िख-दख का सभधशरत रऩ झरकता ह तो कबी िभम यहत कछ छट जाए तो छट का अहिाि बी कपरता भ इि तयह एकाकीऩन का िफफ फन जाता ह कक कपरता िाॊि की तयह ऩय ियीय भ िॊजीरनी का कामव कयन रगती ह। हभ जिा फोरत ह रिा ही सरख तो िामद असबवमककत की िफि फडी िभसमा का हर उिी रकत हो जाता ह। कपरता भ िॊरदनाओॊ को पऩयोना ही कपर का भर काभ नहीॊ होता, फसरक िच कहा जाए तो तकफॊदी कयत हए राकमाॊिो का िजन कय कछ ऩॊककतमाॉ रोकहहत क नाभ कय दना बी कपरता होती ह। छॊद औय रम को दयककनाय कयत हए कपरता नहीॊ फन िकती औय महद फनती बी ह तो रह जनभत ही कार क गार भ िभा जाएगी। आज जो कहठन रगता ह उि कोइव कयना नहीॊ चाहता। आज मही कपरताइव भ हो यहा ह। छॊदोफदध यचना कयना कोइव नहीॊ चाहता, कमोकक इिभ िभम तो रगता ही ह, िाथ ही रगता ह, जो हभ कहना चाह यह ह रह कहीॊ छट तो नहीॊ जा यहा। आज कपरता क नाभ जो बी सरखा जा यहा ह, महद सरखन रार ि ही ऩछा जाए कक र कावम परधा क दराया अऩन हहॊदी िाहहतम को कमा द यह ह, तो ऩछन रार की खय नहीॊ। जो दख, जो बोग औय जो भहिि ककए, कमा उि अऩन कावम भ बय ? आज बर ही सरखन-ऩढनरारो की जभात फडी हो गइव हो ऩय कपरताइव ऩय िॊबरकय करभ चरान रारो की तदाद फहत कभ ह। हाॉ, इधय क रषो भ लजि परकाय की कपरताएॊ यची जा यही ह, उि आभ ऩाठक ऩढना नहीॊ चाहता। इिका भतरफ कहीॊ मह तो नहीॊ कक जो सरखा जा यहा ह, दयअिर रह कपरता ह ही नहीॊ। महद कपरता भ यि का िॊचाय ही न हो, तो बरा रह कपरता कि हो िकती ह ? भानता हॉ, आज एक रषव भ दोह, गीत, नरगीत आहद उतन नहीॊ सरख जा यह लजतनी कक छॊदभकत कपरताएॊ एक हदन भ सरखी जा यही ह। दखन ि रगता ह कक हभ कपरता की खती नहीॊ कय यह ह फसरक हभ िबदो क अॊफाय बफछा यह ह। फहयहार, जो कछ बी हो रककन हभ उि जभात क होत जा यह ह लजनहोन हदमा हभिा कभ ह औय चचाव भ िफि जमादा यह ह। जया इन ऩॊककतमो ऩय धमान द तो फात औय सऩषट हो जाएॊगी - हभ उि जभात क हलजनहोन हदमा हभिा कभ हिच कह तोठीक खन-ऩिीन क काभ िहभाया रासता नहीॊ यहाअचछ-अचछ िबदो क भाधमभ िहभन िबद कभाम ह सिकक।

उकत कावमाॊि उि कपर क ह लजनह हभ रगबग परसभत कयत गए। जी हाॉ, इि कपरता क यचनमता बाइव बरानी परिाद सभशर ह लजनका िौराॉ जनभहदन 29 भाचव, 2012 यहा। फड दख की

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 11

फात ह कक रखकोकपरमो की एक फडी शरॊखरा न बी छामारादोततय मग क इि अपरनतभ औय अगरगणम कपर का िौराॉ जनभहदन बी नहीॊ भनामा। िफक िफ हदन-परनतहदन सर की रडाइव भ अऩन धयोहय कपरमो को आणखय कमो बरत जा यह ह ? हभ िफको दोषी कमो ठहयात ह ? ऩहर ऩयी हहनदी ऩटटी को औय कपय उनह जो रखक िॊघ क िॊचारन भ हभिा चचाव का परषम फन यहन भ ही अऩना िरोऩरय कतववम िभझत ह, िफि ऩहर र ही ऐिा कमो कहतकयत ह ? खय, परषमाॊतय होन ि कोइव पामदा नहीॊ। ... तो अऩन िभरमसको भ बारानी बाइव क नाभ ि भिहय औय छोटो भ बरानी दा कहरान रार इि कारजमी कपर का जनभ 29 भाचव, 1913 को भधमपरदि क होिॊगाफाद लजर भ सिथत हटऩरयमा नाभक गाॊर भ हआ। जिा कक गाॊधीराद परचायधाया क कपरमो भधथरीियण गपत औय भाखनरार चतरदी न दि, कार औय िभाज क उतथान क सरए परचय भािा भ कपरताएॊ सरखीॊ तो ऐिा काभ बरानी परिाद सभशर न बी कीॊ ऩयॊत इिक फारजद इन दोनो भ ि ककिी एक की याह नहीॊ ऩकडी। ऩरयणाभत: दपररदी मग की इनतरततातभकता ि र फच यह औय अऩनी एक अरग ऩहचान फनाइव। बरानी परिाद सभशर का यचना िॊिाय परधाता की िपषट की तयह फहत ही खरा, वमाऩक औय िहज यहा ह। उनकी कपरताएॊ जीरन क परपरध यॊगो, बारो औय अनबनतमो की आकषवक धचिदीघाव ह, इनभ कपर का रदम यॊगो औय तसरकाओॊ का काभ कयता ह। फतौय बरानी दा की कपरता सनह-िऩथ की इन ऩॊककतमो ि र-फ-र हआ जाए -

भत कहो कक रह ऐिा ही था, भत कहो कक इिक िौ गराह महद िचभच ही रह कपिर गमामा ऩकडी उिन गरत याहतो िखत फात ि नहीॊॊसनह ि काभ जया रकय दखो अऩन अॊतय का नह जया दकय दखो ! ...., तो मह हय िभम का िाशरत ितम ह। मह हाहदवक अनबनत ि उऩजी हइव कपरता ह। रि तो याषरीम कावमधाया भ फार कषण िभाव नरीन, िबराकभायी चौहान, याभधायी सिॊह हदनकय आहद आत ह ऩय गधऩयक औय ऩधऩयक दोनो रचारयकताएॊ महद ककिी एक कपर भ दखन को सभरती ह तो नन:िॊदह बरानी परिाद सभशर का ही नाभ सरमा जा िकता ह। उनकी कपरताओॊ भ याषरीम आनदोरन की िककरम गनतपरधधमो का उकरख ह तो रहीॊ अनक कपरताएॊ ऐिी बी ह लजनभ िननाटा औय ितऩडा क जॊगर क यहसम बी ह। रह कपर ही कमा, लजिकी कपरताओॊ भ चत-जठ की गभी न हो, िारन-बादो की पहाय न हो, पागन क गीत न हो, झोऩड डमो-ऩहाड डमो की आकरता-वमाकरता न हो, तो रह काह को कपर औय उिकी काह की कपरता ! बरानी दा मॊ ही नहीॊ कहत ह - त उठ क फठ जा य सरखन भ कमा धया ह। बरानी दा का भानना था कक अिरी चीज ल जनदगी ह, कपरता तो दोमभ दज की चीज ह। िही भामन भ ल जदगी क सरए कपरता ह, न कक कपरता क सरए ल जॊदगी। आज लजि तयह ि हजायो रोग परनतहदन हजायो कपरताएॊ सरख जा यह ह, ऩय इनभ कछ दजवन ही कपरताएॊ काभ की हो यही ह, जो जीरन जीन की करा को

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 12

उदघाहटत कयती ह। भ मह नहीॊ कहता कक हभाय आज क कपरमो भ परनतबा की कभी ह। हाॉ, आज का कपर सरखता कछ ह औय अऩन जीरन भ कयता कछ औय ह। अपिोि तो तफ होता ह जफ एक अ-कपर को कपर औय एक कपर को अ-कपर कहा जाता ह। बरानी परिाद सभशर जि कावम परनतबा क अपरनतभ हसतािय को जफ िाहहतम क उऩकषितो जिा जीरन जीना ऩडा, तो कि कहा जाए कक आज क परनतबारान कपरमो क िाथ ऐिा नहीॊ हो यहा ह। फहयहार, इि ऩय फहि हो, ऩय फहि होती ही कहाॊ ह ?

कहत ह कक िाहहतम िभाज का दऩवण ह, िाहहतम जीरन की आरोचना ह मा िाहहतम िभाज की धचततरनततमो का परनतबफमफ ह, तो कमा कपरता इिि अरग ह ? रककन लजनन बी भाकरिराद ि अरग होकय मा भाकरिराद क नाभ अऩनी योहटमाॊ िकन का जरयमा कपरता को फनामा, कपरता का अहहत ही ककमा। कपरता क कनर भ जफयदसती कयक िरवहाया, रगव िॊघषव, अथव की धयी ऩय चरत धभव नीनत क चकर इतमाहद को ठॊिा नहीॊ जा िकता। कपर भ म िाय बार सरत: कपरता भ महद धगय औय उिका परबार एक वमाऩक ऩाठक रगव ऩय ऩड, तो मही कपरता जीरन क सरए िचची र ििकत कपरता होती ह। दयअिर कपरताएॊ यागातभक िॊरदना क घनतर को रहन कयती ह। ऩय इि घनतर की िही ऩरयबाषा आणखय ककतन कपर द िकत ह। लजि कपर की कपरता भ बारकता, आतभीमता, परभ-योभाॊच, परभ-सभनत, अकहडता, फनारट की भौसरकता आहद ही न हो, तो कपरता बर ही ककिी खाि रगव क चहत कपर को आज क धचयऩरयधचत आरोचको दराया ियाह दी जाएॊ, ऩय रह कपर एक अदना कपर बी नहीॊ हो िकता। बरानी दा को नकायन रार उन जीपरत आरोचको ि ऩछा जाए कक गीतपयोि भ वमकत वमाऩायी रनतत रार कपर-कराकायो की पररिता औय वमथा का िही रऩ उकयन रारी इन ऩॊककतमो जिी कोइव कपरता कमा औय सरखी गइ -जी हाॉ, हजयभ गीत फचता हॉभ ककसिभ-ककसिभ क गीत फचता हॉजी, भार दणखए-दाभ फताऊॉ गा। ... । आज गीत सरखता कौन ह ? आणखय सरख बी तो छाऩगा कौन ? आज की रोकपपरम ऩबिकाओॊ क सरनाभधनम िॊऩादको भ ककतन ह, जो गीत, नरगीत, गजर क छॊदानिािनो ि ऩरयधचत ह ? उनह फि इतना भारभ ह कक उनक खभ क कौन कपर ह, जो अ-कपरता क नाभ कचया सरख िकत ह। र कमा जान कपर बरानी दा क दारण ददव को ! काि, कपर क ददव को कोइव तो जानता !

बख, फकायी, याजनीनतक उठाऩटक, रट-खिोट आहद ऩय फहत िी कपरताएॊ सरखी गइ औय आज बी परचय भािा भ सरखी बी जा यही ह। रककन बख औय दरयरता ि जजवय ननमनरगीम िभाज की दयारसथा को धचबित कयती बरानी दा की इि कपरताॊि ऩय दपषटऩात कय तो फात औय सऩषट होगी -आज नहीॊ भाॊ क सतन भ दध कक उिका रार परकर !आज ननऩट ननरऩाम कक भाॊ

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 13

क जी भ आग, आॊख भ जर ह ! बायत की आजादी क फाद की मह कपरता आणखय कमा फमान कयती ह ? मही न कक एक ओय बख ह, खारी ऩट फजात रोग ह तो दियी ओय ऐशरमवऩणव रोग जो दि को कचय यह ह।

बरानी दा की अनक कपरताएॊ ऐिी ह मथा, चककत ह दख, इदॊ न भभ, बिकार िॊधमा, गाॊधी ऩॊचिती, ऩरयरतवन लजए आहद लजि एकफाय ही नहीॊ फायफाय ऩढन ऩय बी भन नहीॊ बयता। इिी तयह परकनत-परभ ि जडीॊ कपरताएॊ ितऩडा क जॊगर, भॊगर रषाव, पर औय हदनआहद ऩढन ऩय ऐिा बान होता ह कक हभ परकनत क िाथ खद चर यह ह मा फह यह ह। दख कपर की ितऩडा क जॊगर की कछ ऩॊककतमाॊ :-

झाड ऊॉ च औय नीच चऩ खड ह आॊख भीच, घाि चऩ ह, भक रार परकाि चऩ ह। फन िक तो धॊिो इन भ, धॊि न ऩाती हरा लजनभ। तो मह ह बरानी दा की आॊखो दखी ितऩडा क जॊगर की खाॊटी तसरीय। ितऩडा क जॊगर की िनदयता, िघनता औय फीहडता की सऩषट तसरीय लजिि हभ फाहय ननकरना ह। फहयहार, गाॊधी परचायधाया क परफर ऩिधय कपरमो भ िभाय कपररय बरानी परिाद सभशर ऐि कपर हॊ, जो खद भानत ह कक रोक जीरन की परिॊगनतमो को अहहॊिा, आतभऩीडन औय िरावतभराद क िरोदमी सिदधाॊतो ि ही दय ककमा जा िकता ह। तबी तो कपर की करभ चर ऩडती ह -गाॊधी क दि क फटोमह भौका ह, हहॊिा को नॊगा कयोभयी िभझ भ तभ भायो भत, भयो। इि िऩाटफमानी आऩ कह िकत ह, ऩय जो फात कपर को अननरामव रऩ ि ितम रगी, उि कपर न अऩनी कपरता भ कह दी। कपररय बरानी परिाद सभशर न हभिा धचॊतन को अनबनत का परषम भाना। ऩरयणाभत: उनकी कावम-िॊरदना गीतातभक ह।

रम औय तक को हभिा परभखता दन रार कपर की पराम: हय कपरता की मही तो परिषता ह कक कपरता फायफाय ऩढ जान की अऩिा यखती ह। इिी आकषवण क कायण उनकी कपरता आज बी जमो-की-तमो िभकारीन होन का दारा कयती ह। र कहीॊ कपर नजय आत ह तो कहीॊ गीतकाय। कहीॊ परगनतरादी रगत ह, तो कहीॊ नरगीतकाय। ऩय िचचाइव इिि इतय ह। कपर बरानी परिाद सभशर कपर रगत ह, जो कावम की परपरध परधाओॊ भ जीत ह। इिीसरए बरानी परिाद सभशर को फोरी को अऩनी कपरता भ फजान रारा कपर भाना गमा। दख इन ऩॊककतमो भ मह कपर आऩको-हभको कि फरा यहा ह -

भ फरा यहा हॉ भ तभको फरा यहा हॉ ऩॊछी भय िाथ ह रहय भय िाथ ह तभ भय ऩकायन ऩय नहीॊ आओग तो िभझ यखो भॊह की खाओग भ कोइव परयही कपर नहीॊ हॉभ ननयथवक कोइव छपर नहीॊ हॉ भ

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 14

जभाना हॉ िफ भय िाथ हहरा औय ऩॊछी, िहय औय रहयिफ भय िाथ हिफ भय हाथ ह। मही नहीॊ बरानी दा अदमम िाहि क िाथ भौत ऩय बी कपरता सरखत ह। आतभा की अदमम िककत उनह भौत भ बी उकराि की अनबनत दती यहती ह, बर ही बरानी दा âदम क योगी थ। कपय बी र सरखत ह -तमहीॊ नहीॊ हो िफकछबाइव, हराऔयककयणऔय परकपरतातमहीॊ ि नघय कय नहीॊ-इि तयह बफसतय ऩय धगयकय बीसरखी जा िकती हमानभौत का बीएक भजा ह। तो कपर क बफमफो ऩय ककि ऩाठक का हदर न आ जाए। मही उनकी कपरता की तािीय ह, ऩहचान ह, जो अनम ततकारीन िभरमसक कपरमो ि उनह अरग दखन ऩय भजफय कयती ह। जिा र िोचत थ, रिा ही र सरखत थ। रम, तक औय बफमफो भ जीना कोइव िीख तो बरानी दा की कपरताओॊ ि। र हतािा भ जीन रारो को, इवशरय भ परशराि न यखन रारो को, ननयाि, कॊ हठत औय िसत यहन रारो को, हभिा अऩनी कपरता ि रडन का हॊकाय बयत थ। कबी िहज होकय, तो कबी ऊजाव का अकत बॊडाय बयकय। र इवशरयीम ितता ि, परकनत ि भानर को िभथव औय ििभ फनान की अकथ काभना कयत हए हदखत ह। तबी तो -रॊगड को ऩाॊर औयरर को हाथ दित क िॊिाय भ -भयन तक िाथ द। अथरा हभाय परशराि कयन िबगरान भय नहीॊ जाता ...फसरक भय जात ह हभ उि िणजफ बयोिा उठ जाता ह हभाया।

बरानी दा को अऩनी बायत बसभ ऩय इतना सनह ह कक र इवशरय को इिका उऩकाय भानत ह। उनका कहना ह -आॊख खोरकय िफह-िफह भन भ कहता हॉपरब तया उऩकाय कक भ बायत भ यहता हॉभयी भातबसभ ह बायतभ बागम क मोगम फनॉभातबसभ की परकनत ऩरष ऩि िफको अऩना िगा धगनॉ। बरानी परिाद सभशर हहॊदी क ऐि अनठ कपर ह लजनक अनठऩन का हार मह था कक आचामव हजायी परिाद दपररदी जि आचामव बी उनक फाय भ सरखत हए गध भ कपरमा जात थ। दयअिर हहनदी की आधननकता भ अगय कोइव गाॊधी-कपर हआ तो र बरानी परिाद सभशर ही थ। गाॊधीजी जिी िहजता, फफाकी औय छोटी ि छोटी घटना को उदरसरत हो िकन की िॊरदनिीरता िफ उनक महाॊ सराबापरक रऩ ि ह। बरानी दा न 1936 भ िननाटा िीषवक कपरता सरखी थी लजि हहनदी कपरता भ अऩनी तयह का करसिक कहा जा िकता ह। भारभ हो कक इिी रषव जमिॊकय परिाद की काभामनी परकासित हइव तो नय-नाहय-ननयारा की याभ की िककतऩजा। उऩनमाि िमराट परभचॊद का गोदान चधचवत हआ तो आचामव याभचॊर िकर का हहनदी िाहहतम का इनतहाि आरोचना क िि भ भीर का ऩतथय िाबफत हआ। फहयहार, िननाटा की कपरता की इन ऩॊककतमो को गॊबीयता ि ऩढ -

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 15

तफ औय फयस फीत, याजा बी फीत,

यह गए ककर क कभय-कभय यीत,

तफ भ आ मा, कछ भय साथी आए,

अफ हभ सफ सभरकय कयत ह भनचीत।

ऩय कबी-कबी जफ ऩागर आ जाता ह,

राता ह यानी को , मा गा जाता ह,

तफ भय उलर, साॊऩ औय धगयधगट ऩय

अनजान एक सकता-सा छा जाता ह।

बरानी परिाद सभशर की एक आयॊसबक कपरता ऩय परजम फहादय सिॊह न उधचत ही धमान खीॊचा ह।

वकत फहत फवकत सखत सॊजीदा सयज का चहया ह

नदी ककनाय कमा फठोग सभमाॊ, वहाॊ र का ऩहया ह

ससता यहा वसॊत ऩकडकय ऩातहीन टस की डारी

ककतनी जलदी भाचप भहीन न सयत सॊहदगध फना री।

जञात हो कक जमपरकाि नायामण न एरयीभि रीकरी का परकािन िर ककमा था, लजिक जराइव, 1976 क अॊनतभ िपताह भ बरानी बाइव ि नॊदककिोय आचामव दराया सरमा गमा िाितकाय छऩा था। उि िभम नॊदककिोय आचामव एरयीभि रीकरी भ िाहहतम-िॊसकनत ि िॊफॊधधत ऩषठो का दानमतर ननबत थ। उनहोन बरानी बाइव ि परचायधाया औय कपरता क िॊफॊध भ कछ फननमादी िरार उठाए थ। इिक जराफ भ बरानी बाइव का जराफ था-कपरता ककिी परचाय धाया की असबवमककत का उऩकयण नहीॊ ह फसरक रह असबवमककत का भाधमभ तबी तक ह जफ तक हभ उिक भाधमभ ि ककिी ऩरव ननधावरयत ितम को कहना चाहत ह। एक कपर क रऩ भ भय ऩाि कछ बी ऩरव ननधावरयत नहीॊ ह। कपरता भय तइ असबवमककत नहीॊ, अनबर का भाधमभ ह। ऐि कइव िरार नॊदककिोय आचामव न उनि ककमा था, लजनभ ककिी िरार क जराफ भ बरानी बाइव का भानना था कक िच ऩछो तो भ नहीॊ कह िकता कक इवशरय भ भया ऩणव परशराि ह।..... भयी

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 16

रासतपरक आसथा भय िबदो भ ह। िबद कपर का भाधमभ नहीॊ ह, महद कपर िचचा ह तो रह सरमॊ ही िबदो का भाधमभ ह। रककन आज कपरता भ कोइव िबदो का जाभा ऩहना यहा ह तो कोइव कपरता ि अऩना सराथव सिदध कय यहा ह। कपरता ऩय जो वमाऩक रऩ ि चचाव होनी चाहहए नहीॊ हो ऩा यही ह। अनबर कछ हो यहा ह औय कपरता क भाधमभ ि कहा कछ जा यहा ह।

खय, भ तो कपरमो भ िॊत सियोभणण तरिीदाि का शरीयाभचरयत भानि ऩढा हॉ, ननयारा क कइव कावम िॊगरह का ऩाठ ककमा हॉ,, अजञम को जानन की कोसिि ककमा हॉ औय नछटऩट रऩ ि कइव मिसरी कपरमो की कपरताओॊ ि भगध हआ हॉ, औय ऐिो की ही परयणा ि कावम परधा भ िजनयत हॉ, तो भझ आज परगनतिीर अथरा जनरादी कि कहा जा िकता ह ? ठीक इिी तयह बरानी परिाद सभशर जी को बी ऐि खभ चरान रारो न उनह कभतय आॊकन की ऩयजोय कोसिि कीॊ। कपय बी, इि कपर को बायतरासिमो का कपर भाना गमा। बरानी परिाद सभशर जी जनऩद क कपर बी ह औय जनकपर बी। िच कहा जाए तो र हहॊदी ऩटटी क एक ऐि अनठ र इकरौत कपर ह लजनकी परगनतिीर कपरताएॊ, परमोगरादी कपरताएॊ, नइव कपरता, अ-कपरता, न-कपरता, गीत, नरगीत आहद िफ-क-िफ उतकषट नजय आत ह। र अऩन िभम भ परचसरत कावम की हय परधा भ खफ सरख। उनकी रखनी भहज चरी ही नहीॊ फसरक उतकषटता का परभाण ऩि की। नइव कपरता भ अजञम, यघरीय िहाम औय कदायनाथ अगररार आहद क िाथ बरानी बाइव कहीॊ बी उननीि नजय नहीॊ आत। ऐि परयर कपर होग जो ककिी बी चीज क फाय भ फनतमात ह, उि घयर बी फना द। रककन बरानी परिाद सभशर ऐिा कय हदखात ह। घयर बी औय परकनत तक बी। दख - फहत दयदकषिण की तयफनीरी ह ऩहाड की चोहटऔय रोटी-रोटी रग यही हआॊगन क ऩौधो की आतभासतबध इि िाभ कऩाॊरो ऩय। (अॊधयी यात)

फात महीॊ तक नहीॊ ह। ऩसिचभ क आधननक िाहहतम भ आऩका िािदामक अनबर यहा। तबी तो आऩ आयाभ ि बाइव लजॊ दगी नाभक कपरता भ कहत ह -आयाभ ि बाइव लजॊदगीजया आयाभ ितजी तमहाय पमाय की फयदाशत नहीॊ होती अफइतना कि कय हदमा गमा आसरॊगनजया जमादा ह इि जजवय ियीय को। परौढ परभ की कपरताएॊ लजनभ उददाभ शरॊगारयकता क फजाम आतभीम िहजीरन औय उिक िख-दख ही परभ की वमॊजना ह। तो मह कपर इि परकाय कहता ह -कि कहतािफि फडा िखभगय इि िच को कबी भन दख नहीॊ फनन हदमाऔय र सरए इिसरए उि हदन िरार क जराफ भ ियरा क दोनाॊ हाथ हाथो भऔय दखा हभ दोनो न चऩचाऩएक दिय को थोडी दय।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 17

अऩन दि क यिाथव र ककिी बी हद तक जा िकत थ। बर ही ककिी दिय दि को उनकी फात खटटी मा कडरी रग। फात बायत ऩय ऩाककसतान क ऩहर आकरभण की ह। दादा(फार कपर रयागी), भनना मानी बरानी बाइव क आतभीम ऩािो भ िासभर यह, न एक गीत सरखा था लजिकी धरर ऩॊककतमाॊ थीॊ -

जफकक नगाडा फज ही गमा ह, सीभा ऩय शतान का।

(तो) नकश ऩय स नाभ सभटा दो, ऩाऩी ऩाककसतान का।।

दादा(फार कपर रयागी) का मह गीत ऩय दि भ फहत रोकपपरम हआ था औय कपर-िमभरनो भ इि गीत का जनागरह ऐिा औय इतना होता था कक दादा को मह गीत फायफाय ऩढ ना ऩडता था।

इन ऩॊककतमो ऩय हदकरी क कछ िाहहतमकायो न, इनह बायतीम नीनतमो, िॊसकनत औय दिवन क पररदध ठहयात हए, कापी हाउि भ फठ कय आरोचनातभक हटपऩणणमाॊ की थीॊ। मह िभाचाय िामद उन हदनो िापताहहक हहनदसतान भ छऩा था। इि ऩढकय दादा न तननक आरि भ, अऩनी एक भकत छॊद कपरता भ परनतककरमा वमकत कयत हए सरखा था-भय दोसत ! मदध कापी क पमारो ि नहीॊ, रह ि रडा जाता ह। दादा की मह कपरता बी िापताहहक हहनदसतान भ छऩी औय इिक तीिय-चौथ ही हदन भनना मानी बरानी बाइव का एक ऩोसट काडव दादा को सभरा लजिभ उनहोन दादा को फड राड-पमाय ि डाॊटत हए सरखा - आरोचको की ऩयराह भत कयो। आरोचको क सभायक नहीॊ फनत।

₪₪₪₪₪₪

ऩता : याजबाषा अनबाग, भखम कामप परफॊधक कामापरम,खडगऩय कायखाना, दकषण ऩवप यरव

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 18

।। एक।।

भया अससततव ....

भहज कछ िबदो की गठयी नहीॊ ह

न ही म हो हकरा भचान का एक जरयमा बय ह

म ह भयी िोच का हसतािय,

भय होन का परभाण-ऩि

जीरन की याह ह म

जो हरचर ि नहीॊ डयती

न ही घफयाती ह - अनरयत जगती यातो ि।

म एक योिनी ह

लजिकी छाॊर भ िाॊि र यही ह िपषट िायी

भया रजद, भय गबव भ ऩर यह सिि की तयह ह

जो ऩहचान ह भय सिीतर की

औय ...

लजिका जीपरत यहना, भय जीपरत यहन ि बी

जमादा जरयी ह ........।

।।दो।।

वो करभ ....

जो उगरती ह आग कागजो ऩ

हदराती ह म उमभीद कक फाकी ह इॊिाननमत

आतॊक फोन रार रकडफगघो ऩ चीखती ह

जो दती ह जराफ

यल जमा क फदन ऩय कपिरती ओछी नजय को

रो करभ जो बखी यहकय बी दियो की

योटी क सरए िोय कयती ह

रो करभ जो

जॊगरो भ नछऩी ल जॊदधगमो भ बोय कयती ह

जो घॊटो जगा कयती ह, चरा कयती ह

ककिी ऩहरए की तयह

उि करभ ि .... पमाय ह भझ।

।।तीन।।

ऐ भय वतन क भौकाऩयसत हकभयानो .......

तभन जो िजाम थ

भयी जरयतो की भज ऩय

खराफो क कछ पर

उनभ ि अफ फ आती हय

तमहायी चाराकी औय भककारयमो की।

इिसरए,

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 19

प क कय उन खराफो को घय क कडादानो भ

यख हदमा ह भन अऩन आॉगन भ

हटभहटभाती हइव भोभफतती

जो दगी भयी ल जनदगी को जीन की रजह

औय...

बफछा हदमा ह उिक इयवद-धगदव

ऩतथयो क कछ टकड बी

लजनऩय चरकय खयीदग हभ

अऩनी याहो क सरए थकान

यातो क सरए नीॊद

फचचो क सरए एक योटी

औय ... कर की िफह क सरए एक ियज।

₪₪₪₪₪₪

रोकवपरम अधमावऩका एवॊ सकॊ ठ उदघोवषका, आकाशवाणी जभशदऩय (झायखॊड)

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 20

: वद परकाश सभशर (भोफाइर : 09046108565)

जि नमामाधीि क िभि गीता, कयान, ..... ऩय हाथ यख कोइव गनाहगाय खाता ह किभ रगा- ठीक उिी तयह कौभी एकता हदरि ऩय कभवचारयमो न खाइव किभ, भ एक ियकायी कभवचायी ितमननषठा ि परनतजञा कयता हॉ कक भ ककिी बी वमककतगत र िाभालजक हहत क सरए हहॊिा, ऩिऩात का िहाया नहीॊ रॉगा। ........। भ कमा ? भय िाथ कइमो न खान को तो खा री किभ ितमननषठा ि कक बाषा-जानत-धभव-नसर क आधाय ऩय नहीॊ कयग बदबार। ऩय भ ! अऩन िभम का िािी एक िाधायण भनषम दखता हॉ - ितमननषठा ि परनतजञान कयन रार गरयभाभम जन परनतननधध हय योज

परयोधी परचायो क परनत कयत ह हहॊिा जानत, धभव, ..... नसर क आधाय ऩय अऩनात ह हथकॊ डा, फाॉटत ह दि। रहीॊ कइव औय जन परनतननधध बी ह, जो आभ चनार भ दखत ह - िॊपरधान की नीनतमो ि हय योज छडखानी, फरातकाय, दयाचाय, ..... भमावदाओॊ का चीयहयण ! आभ जन को कचरत हए रोकतॊि क चाय सतॊबो क हाथी-ऩाॊर। रककन भ ! भाॉ बायती का ऩि इन आडॊफयी, झठी परनतजञाओॊ क पररदध आणखय कफ तक ? भय बीतय उठती यहगी करोधाधगन की रऩट। काि ! ऩयियाभ का ऩयि होता भय ऩाि, भ कय दता िदा क सरए, भकत इन रॊचको ि इि धया को भ कयता हॉ परनतजञान।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 21

अॊगरजी-हहॊदी ऩमापम

1. Yard stick 1. भानदॊड

2. Zero hour 2. िनम कार

3. Working Knowledge 3. कामव िाधक जञान

4. Vote of account 4. रखानदान

5. Vote of thanks 5. धनमराद परसतार

6. Vote of censure 6. नननदा परसतार

7. Voting right 7. भताधधकाय

8. Editorial assistant 8. िॊऩादकीम िहामक

9. Editorial Board 9. िॊऩादन भॊडर

10. Educational career 10. िकषिक जीरन

11. Educational Institute 11. सििा िॊसथान

12. Labour Organization 12. शरभ िॊगठन, भजदय िॊगठन

13. Labour room 13. परिती कि

14. Labour dispute 14. शरभ परराद

15. Labour contract 15. शरभ िॊपरदा 16. Labour relations 16. भासरक-भजदय िॊफॊध

17. Family Planning 17. ऩरयराय ननमोजन

18. Death anniversary 18. ऩणमनतधथ

हहनदी-अॊगरजी ऩमापम

1. आगॊतक ऩॊजी 1. Visitor’S Book

2. उगाही 2. Realisation Or Levy

3. उधचत कायवराइव 3. Appropriate action

4. उधचत बार 4. Fair price

5. उधचत भाधमभ 5. Proper channel

6. जाॊच चौकी 6. Check Post

7. जाॊच ऩडतार 7. Investigation

8. जाॊच रयऩोटव 8. Test report

9. जाफ परशरषन 9. Job analysis

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 22

10. जाॊच अधधकायी 10. Enquiry Officer

11. आयोही करभ 11. Ascending order

12. आधथवक िॊिाधन 12. Economic resources

13. आधथवक िोषण 13. Economic exploitation

14. आधथवक अनदान 14. Monetary grant

15. आरधधक ननयीिण 15. Periodical inspection

16. जञान का अबार 16. Lack of knowledge

17. परोतिाहन का अबार 17. Lack of incentive

18. ननषऩि चमन 18. Fair selection

वद न सतरी को ऩरष की दासी नहीॊ फनामा, अधााधगनी फनामा ह। ऩतत-ऩतनी दोनो दॊऩतत कहरात ह। वद भ दभ घय का नाभ ह। दॊऩतत क अथप - घय क दो सवाभी ह जस ऩतत सवाभी ह, वस ऩतनी बी सवासभनी ह।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 23

(1) हदनाॊक 12 भाचव, 2013 ि 16 भाचव, 2013 तक िीएभटी परबाग, उतऩादन परबाग एरॊ कासभवक परबाग क यरकसभवमो क सरए ऩाॊच हदरिीम हहनदी कामविारा का आमोजन ककमा गमा, लजिभ कर 20 कभवचारयमो को हहनदी भ िचार रऩ ि काभकाज कयन क सरए हहनदी भ परसिकषित ककमा गमा।

(2) हदनाॊक 13 भाचव, 2013 को शरी िीतायाभ सिॊक, भखम कामव परफॊधक, खडगऩय कायखाना की अधमिता भ कनरीम याजबाषा कामावनरमन िसभनत की 96 रीॊ फठक का आमोजन ककमा गमा। इिी क दौयान कायखान की इव-ऩबिका खडगऩय कायखाना दऩवण का पररिाॊक का रोकाऩवण ककमा गमा।

(3) अपरर, 2013 क दौयान ननयारा कनरीम याजबाषा ऩसतकारम, याजबाषा अनबाग, भ.का.पर. कामावरम खडगऩय कायखाना क सरए हहॊदी क भधवनम र मिसरी िाहहतमकायो मथा ननयारा, भहादरी रभाव, फचचन, अजञम, ऩॊत, परधाननराि सभशर, क पयाक गोयखऩयी, अरी ियदाय जाफयी, िहयमाय आहद की कर 87 हहॊदी की ऩसतक खयीदी गइव। इि तयह इि ननयारा ऩसतकारम भ अफ हहनदी की कर ऩसतको की िॊखमा 2403 हो गइव ह।

(4) हदनाॊक 20 जन, 2013 को कायखान क डीजर कभविारा भ शरी एि.ऩी.सिॊहयाम, उऩ भखम माॊबिक इॊजीननमय(डीजर) की अधमिता भ ऩारय ऩक फीअरयॊग कपहटॊग औय रोकोभोहटर नमन इनिरिन नाभक दो परषमो ऩय हहनदी तकनीकी िॊगोषठी आमोलजत की गइव।

(5) हदनाॊक 28 जन, 2013 को भखम कामव परफॊधक की अधमिता भ याजबाषा कामावनरमन िसभनत की 97 रीॊ फठक का आमोजन ककमा गमा। इि फठक भ कायखान भ हहॊदी भ अचछ काभकाज एरॊ गाडव पाइरो क यखयखार भ उतकषट सिथनत कामभ कयन रार दो परबागो मथा भखम कामव परफॊधक कामावरम एरॊ भारडडबफा कभविारा क िधचरो को भाननीम शरी िीतायाभ सिॊक, भ.का.पर. क कयकभरो ि नकद ऩयसकाय दकय ऩयसकत ककमा गमा।

(6) हदनाॊक 23 अगसत, 2013 को भारडडबफा कभविारा भ शरी राइव. फी. िहाय, भ.का.पर.(भारडडबफा) की अधमिता भॊ एमय बरक औय ननरावत बरक परषम ऩय एक हहॊदी तकनीकी िॊगोषठी का आमोजन ककमा। इि परषम ऩय भारडडबफा कभविारा क अधधकारयमो एरॊ कभवचारयमो क फीच एक िाथवक िॊराद हआ।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 24

(7) हदनाॊक 07 सितमफय को खडगऩय कायखान क अधधकारयमो क सरए एक हदरिीम हहॊदी कामविारा का आमोजन ककमा गमा लजिभ कर 20 िाखा अधधकारयमो एरॊ िहामक अधधकारयमो न बाग सरमा। आइआइटी, खडगऩय क हहॊदी अधधकायी डा0 याजीर कभाय यारत न हहॊदी भ काभकाज कि कयाए जाएॊ एरॊ हहॊदी क िॊरदरधन भ भहतरऩणव फातो र मननकोड भ कॊ पमटय ऩय आिानी ऩरवक हहॊदी भ कि काभ ककए जाएॊ ि िॊफॊधधत जानकारयमो ि िबी को अरगत कयामा। मह कामविारा दो घॊट क सरए चराइव गइव, लजिभ खडगऩय कायखाना क भखम कामव परफॊधक, शरी िीतायाभ सिॊक न बी अऩन परचायो ि िबी को अरगत कयामा। ररयषठ अधधकारयमो भ शरी ऩी.सिॊहयाम, डीजर परबाग, शरी असभत सिनहा, िरायी डडबफा कभविारा, एरॊ तऩन भॊडर, भारडडबफा कभविारा क उऩ भखम माॊबिक इॊजीननमय र बफजरी परबाग क शरी क.ऩी.अधधकायी, उऩ भखम बफजरी इॊजीननमय तथा रखा परबाग क शरी डी.फी.यार, उऩ परतत िराहकाय एरॊ भखम रखा अधधकायी परभख थ, लजनहोन इि कामविारा भ बाग सरए।

(8) हहनदी परसििण : खडगऩय कायखान भ हहॊदी बाषा परसििण हत परसििण मोगम कभवचारयमो की कर िॊखमा 2068 ह , लजनभ ि 1960 कभवचारयमो को हहनदी बाषा परसििण भ परसिकषित कय हदमा गमा ह। इिी तयह हहॊदी टॊकको र हहॊदी आिसरपऩको की कर िॊखमा करभि: 23 र 19 ह, लजनभ 23 टॊकको को हहॊदी टॊकण परसििण भ औय 17 आिसरपऩको को हहॊदी आिसरपऩ परसििण भ परसिकषित कय हदमा गमा ह।

(9) हहनदी ऩसतकारम : खडगऩय कायखान भ तीन हहॊदी ऩसतकारम ह जो भारडडबफा कभविारा, बॊडाय परबाग एरॊ याजबाषा अनबाग, भखम कामव परफॊधक कामावरम भ ह।

(10) खडगऩय कायखाना क िबी अधधकायीगण टी.ए., डी.ए., छहटटमो क अभमारदन औय दौया कामवकरभ ित-परनतित हहॊनदी भ ही दत ह। इिी तयह कायखान क िबी िीननमय िकिन इॊजीननमय, जननमय इॊजीननमय, सरपऩक रगीम कभवचायी र िकिन आकपिय छहटटमो क अभमारदन हहनदी भ दत ह।

(11) याजबाषा ऩखराडा-2013 : खडगऩय कायखाना, दकषिण ऩरव यरर न याजबाषा ऩखराडा-2013 हदनाॊक 14.09.2013 ि 28.09.2013 तक भनामा। ऩखराडा क दौयान हहॊदी भ परपरध परकाय की परनतमोधगताएॊ मथा हहॊदी ननफॊध, राक, ककरज, हटपऩण एरॊ परारऩ रखन आहद परनतमोधगताएॊ हय कामव हदरि को आमोलजत की गइ। ननणावमक एरॊ उततय ऩसितकाओॊ की जाॊच भ शरी डी.री.यार, ररयषठ िहामक परतत िराहकाय, शरी अबम कभाय भहाऩाि, िहामक कासभवक

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 25

अधधकायी, शरी ओभ परकाि ऩाणडम, िहामक बफजरी इॊजीननमय, शरी गौयीिॊकय ऩाणडम र शरी तायकशरय िभाव परकाि न पराम: हय योज अऩना भहततरऩणव मोगदान हदमा। िबी परकाय की परनतमोगताओॊ भ कापी िॊखमा भ यरकभवमो न बाग सरमा। हदनाॊक 28.09.2013 को ऩमवरिक परसििण कनर क परिागह भ आमोलजत याजबाषा ऩखराडा क िभाऩन िभायोह क अरिय ऩय परथभ, दपरतीम, ततीम, चतथव एरॊ ऩॊचभ सथान परापत कयन यरकसभवमो को करभि: भखम कामव परफॊधक, शरी िीतायाभ सिॊक, भखम कामव परफॊधक(भारडडबफा), शरी राइव.फी.िहाय, उऩ भखम माॊबिक इॊजीननमय(िरायी डडबफा), शरी असभत सिनहा, उऩ भखम बफजी इॊजीननमय इॊजीननमय(कायखाना), शरी क.ऩी.अधधकायी एरॊ याजबाषा अधधकायी, आइआइटी, खडगऩय डा0 याजीर कभाय यारत क कयकभरो ि नकद ऩयसकाय र परभाणऩि परदान ककमा गमा।

(12) याजबाषा ऩखराडा-2013 िभाऩन िभायोह : हदनाॊक 28 सितमफय को ऩमवरिक परसििण कनर, क परिागह भ शरी िीतायाभ सिॊक, भखम कामव परफॊधक, शरी राइव.फी.िहाय, भखम कामव परफॊधक(भारडडबफा), शरी असभत सिनहा, ऩरव उऩ भयाधध, डा0 याजीर कभाय यारत, हहॊदी अधधकायी, आइआइटी, खडगऩय, शरी क.ऩी.अधधकायी, उऩ भखम याजबाषा अधधकायी, शरीभती िधा सभशरा, याजबाषा अधधकायी, द.ऩ.यरर, गाडवनयीच, शरी तायकशरय िभाव परकाि, शरी रदपरकाि सभशर र अनम गणभानम िाहहतमकाय र सरतॊि ऩिकाय की गरयभाभमी उऩसिथनत भ िाॊसकनतक कामवकरभ क तहत नतम, गीत, िॊगीत, कावम ऩाठ आहद का आमोजन ककमा गमा। इि िभायोह की परिषता मह यही कक ररयषठ कपरमो की कपरताओॊ का ऩाठ औय गामन कायखान क ही कराधभी कभवचारयमो न िॊगीतफदध तयीक ि ककमा। मिसरी कपरमो एरॊ िाइयो भ िभिय फहादय सिॊह, भथरीियण गपत, बिरोचन, िहयमाय, िसभिानॊदन ऩॊत, आचामव जानकी फकरब िासिी आहद क शरषठ गीतो एरॊ गजरो का चमन ककमा था शरी क.ऩी.अधधकायी, उऩ भखम याजबाषा अधधकायी, खडगऩय कायखाना न। इिी हदन याजबाषा परदिवनी बी कायखान क कइव परबागो दराया रगामी गइव औय परथभ, दपरतीम एरॊ ततीम सथान ऩान रार परबाग को नकद ऩयसकाय दकय ऩयसकत ककमा गमा।

शरी चॊचर कय, शरीभती बफहािा ियकाय, शरी परकाि, शरी आय.एन.िाहा, शरी रदपरकाि, शरी झबफय परजाऩनत, शरीभती ऊषा सनह रता एकका एरॊ अपऩवता द न कावम ऩाठ औय गामन ि िबा को भॊिभगध कय हदमा। भॊच िॊचारन की बसभका भ परकाि न िबी को भॊिभगध ककमा। धनमराद जञाऩन ककमा शरी ओभ परकाि ऩाणडम, िहामक बफजरी इॊजीननमय न।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 26

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 27

गह वमवसथा : उततभ गह वमरसथा की िाप-िथयी भानसिकता, कामव दिता, उचचतय उतऩादकता औय दघय टनाओॊ भ कभी रान भ भहततरऩणव मोगदान ह। गह वमरसथा का सतय िॊसथा की कामव िॊसकनत को दिवता ह।

गह वमवसथा भ तनमन सतय क सॊकतक ह : अऩन सथान क अरारा रसतओॊ औय उऩकयणो का बफखया हआ होना, भार की गरत ढॊग ि रगी टार, छीजन, खारी डडबफो औय ऩककॊ ग की रसतओॊ का जभा होना, धर बयी णखडककमाॉ तथा दीरायो औय गॊद पिव इिक ऩरयणाभ होत ह।

दघपटनाएॊ : बायतीम आॉकड दिावत ह कक उधोगो भ चोट खान रार रोगो भ ि 25: ि अधधक रोगो को चोट खयाफ गह वमरसथा ि उतऩनन दघवटनाओॊ, जि :- वमककतमो क धगयन, रसतओॊ क टकयान मा कपिरन मा धगयती हइव रसतओॊ ि भाय खान आहद क कायण रगती ह।

अधगन : कडा-कयकट, ऩककॊ ग ऩदाथो भ आग रगना मा तर भ सबॊग धचथडो भ अऩन आऩ रगन रारी आग परकय फडी दघवटनाओॊ फदर िकती ह।

खयाफ कामप ऩमापवयण : धर बयी णखडककमो, टट फकफो इतमाहद क कायण घटा हआ परकाि, यािामननक ऩदाथव, एकबित धर इतमाहद ि बफना िॊयिण क कायण िॊऩकव दराया उतऩनन सरासम को खतय।

उततभ गह वमरसथा सिपव उधचत मोजनाफदध ढॊग ि ही ऩामी जा िकती ह। इिि हदन की सरसथता तथा िवमसथा फनाए यखन क िाथ-िाथ िननमोलजत परककरमा असबनमाि, वमरसिथत उऩसकय, भार का वमरसिथत बॊडायण, टार तथा िॊचारन औय छीजन का ननऩटान बी िसभभसरत ह।

कायखान भ उचच भानककी गह वमरसथा िननसिचत कयन भ परतमक सतय क कासभवको को अऩन दानमतर ऩया कयना ह। परफॊधको दराया आरशमक िॊिाधन जटाना औय उततयदानमतर ननधावयण कयना, काभगायो दराया अऩन कामव सथर ऩय सरचछता तथा वमरसथा फनाए यखना।

गह वमवसथा जाॉच सची :

1) बरन

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 28

दीराय, छजज औय छत कमा धर औय भकडी क जारो ि भकत ह ? णखडककमो र बफजरी क फकफ कमा िाप औय धर भकत ह ? ऩो िाको को िॊचम कयन औय िखान की िपरधाएॉ कमा रहाॉ ऩमावऩत ह ? िाप थकदान औय िौचारम कमा रहाॉ ऩमावपत ह ?

2) पिव कामव सथर

पिव फनान भ रगी िाभगरी कमा कामव परककरमा क अनकर ह ? पिव कामव सथर कमा िभतर, धर, कचया परन, बफखयी रसतएॊ, यसि र नसरकाओॊ क

इधय-उधय ऩड यहन ि भकत ह ? पिव भ नछरो को कमा ढॉक कय गाडव यर दराया ियकषित कय हदमा गमा ह ? नासरमाॉ अय गडढ कचय क जभार ि कमा भकत ह ? कमा पिव की ननमत कारीन िपाइव क सरए परफॊध ह ? इिक सरए काभगायो को िभम ननमत कय हदमा गमा ह ? गसरमायो का िीभा यखन कमा यॊगीन धारयमोआड रगाकय ककमा गमा ह ? सिरचो, आग फझान क उऩकयणो तथा िॊकट कासरन भागव क सरए मह कमा फाधा भकत

औय िगभ ह ?

3) मॊि तथा उऩकयण :

मॊिो क फीच भ मॊि तथा अचर रसतओॊ औय िॊयचनाओॊ क फीच कमा मथषठ सथान ह ? औजायकपकिचिव आहद कमा मॊिो की फजाए यक ऩय यख ह ? भॊच, कामव कयन की भज औय आिन कमा अचछी हारत भ ह ? आिऩाि का िि छीजन, परनरयिार ि कमा भकत ह ? कमा रयिार इकठठा कयन की तशतरयमाॉ ननमसभत रऩ ि िाप की जाती ह ? कमा बफजरी क ताय, यसि र ऩाइऩ राइनो को उधचत याह ि िहाया दकय सरमा गमा ह ? कमा राम ननषकािन की वमरसथा चार हारत भ ह ?

4) ऩदाथव :

कचच परककरम भ परमकत औय तमाय भार यखन क सरए कमा मथषठ िि औय धायक ननमत ककए हए ह ?

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 29

भार को धायको भ कमा उधचत ढॊग ि ढयीटार रगाकय यखा गमा ह ? रसतएॉ कमा गसरमाय भ ननकरी हइव ह ?

5) कचया ननषकािन :

सबनन परकाय क कचय कमा अरग इकठठ ककए जात ह ? कमा उिक सरए उधचत भाऩ क ऩमावपत डडबफ ह ?

जररनिीरसरत: परजजरसरत दाहक ऩदाथो क सरए कमा सरमॊ फनद होन रार ढककन िहहत डडबफ ह ?

कमा तयर भर की परराह नासरमाॉ अरयोध भकत ह ? कमा कचया इकठठा कयन की अनिची ह ? कमा कचय क फाय भ ऩदाथो का उधचत अरगार कयक िभम-िभम ि उि ननकारा जाता ह?

अधगन सया अनदश

िबी जगहो ऩय आग रगन ि योका जा िकता ह। दाहक रसतओॊ(जररनिीर ऩदाथो) का हरा की उऩसिथनत भ आग रगन क िाधनो क िॊऩकव भ आना इिका भखम कायण ह। एक फाय आग रग जाती ह तो रह फहत जकदी परती ह लजिि जन तथा भार की अऩाय हानन होती ह। हभाय िफ परमतन इि परकाय क होन चाहहए लजिि आग रगन ही न ऩाए।

उधोगो भ आग रगन क आभ कायण :

जररनिीरपरजजरसरत दाहक ऩदाथोॊ का रयिना औय बफखयना। परधतीम िाटव-िककव टओरय रोडड ॊग। अधधक गयभ नॊगी ितहहीटयोपरधत रमऩऩो। जडाइव, कटाइव, टाॉका रगना तथा अनम गयभ कामव। उऩकयणो की परपरता। ननपषदध ििो भ धमरऩान कयना। यािमननक परककरमाअननमसभत परककरमा। घषरण दराया परापत ताऩअधगनकण(धचनगायी) सरत: परजजररन। अपरराहहत बफजरी दराया धचनगायी आकािीम परधत-ऩात।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 30

खरी रऩट। पऩघरी रसतएॉ। योकथाभ क भर उऩाम : यखयखार का उचचसतय फनाए यखना। कचय क डबफो को किकय फनद यखना तथा ननमभानिाय खारी कयना। जररनिीर ऩदाथो को आग रगन क िाधनो ि अरग यखना। तरगि क सिर को िीघरतािीघर दय कयना तथा जररनिीर रसतओॊ क बफखयार को िाप

कयना। जररनिीर ऩदाथो ि बय हए िबी ऩािो तथा ऩाइऩो का बसभकयण कयना अथरा

परधतीमिॊफॊध(राननडग) कयना। लजन ििो भ जररनिीर रसतएॉ हो, रहीॊ जडाइव, कटाइव अथरा अनम गयभ कामो क सरए

रकव -ऩयसभट अनदिो का दढता ि ऩारन कयना। भर न खान रार यिामनो को अरग-अरगग यखना। जहाॉ जररनिीर रसतएॉ एकबित की गइव हो अथरा हरा का िभधचत िॊचाय फनाए यखना,

धमरऩान ननषध कयना, जरारा ि ियकषित परधत क उऩकयण का परमोग कयना। फमजो औय परधत क ननमॊिण फाकिो को िाप तथा फनद यखना। एक ही िाककट भ अनक परधतीम उऩकयण न रगाना। बफजरी की भयमभत किर सभसिी दराया ही कयना। िबी भिीनोउऩकयणो को तर र ऩानी डारकय उधचत अरसथा भ यखना तथा उनको ठीक ि

एरामन कयना ताकक गभी ऩदा ही न हो।

अधगन शभन मोजना :

महद आग कहीॊ रगती ह तो इिका ऩता तयनत रगाना चाहहए औय इि फझा दना चाहहए। आग फझान क उऩकयणो की अचछी हारत भ तथा उन तक ऩहॉचन क यासत बफना फाधा

खर यख। आग ि फचकय ननकर बागन क भागव जाननए, धचहननत कीलजए तथा उनह अरयोध यहहत

यणखए। िॊकटकारीन सिथत ि फचन हत आऩातकारीन िॊकटकासरक दयधरनन अथावत टरीपोन क

नॊफय ऩाि यख।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 31

आग रगन ऩय अराभव फजाइम, अधगन िभन दर को टरीपोन कीलजए, आग फझान क उऩकयणो का परमोग कीलजए, उि िि को खारी कयाइए।

वसरडॊग औय गस कहटॊग क काभ भ सया : उधोगो भ रसरडॊग औय गि कहटॊग का काभ अकिय होता ह। इि काभ क दौयान आग र परसपोट, बफजरी का झटका, जरन, परककयण औय जहयीरी गि र धॊए का खतया यहता ह। अत: काभगायो को िबी ियकषित तौय-तयीको की जानकायी होनी चाहहए।

सयकषत तौय-तयीक :

आकिी-एिीहटरीन रसरडॊगकहटॊग उऩकयणो की जाॉच :

िननसिचत कय र कक टाचव की नोक(हटऩ) ऩय धर न हो। रयिार(रीक) कयन रार आकिीजन र एिीहटरीन सिसरणडय को तयनत हटा द। यगरटयो, यफय नसरमो(होिज) की कपहटॊग क आिऩाि िाफन क ऩानी ि सिर की जाॉच कय

र। खयाफ उऩकयणो को तयनत फदर द।

उऩकयणो की तमायी :

आकिीजन औय एिीहटरीन सिसरणडयो क सरए रारी का इसतभार कय औय उनह फाॉध कय यख।

होिि को ठीक यख लजिि कक कोइव अटक कय न धगय। एिीहटरीन मा अनम इधन गिो क सरए रार यॊग की नरी औय आकिीजन गि क सरए

कार यॊग की नरी का िदर ही उऩमोग कय। िननसिचत कय र कक दोनो नसरमो की रमफाइव िभान हो।

सिसरणडय भ यगमरटय रगान ि ऩहर मह जरयी ह कक राकर को िाप कय र लजिि कक राकर-िीट ऩय जभी हइव गनदगीिाप हो जाए।

आकिीजन गि नरी क जोडो ऩय गरीि मा तर कदापऩ न रगाएॊ। एिीहटरीन गि क सरए ताॉफ(काऩय) ि फनी कपहटॊग का इसतभार कदापऩ न कय। परतमक यगरटय ऩय फरिफक ओसटय रगाएॊ। उधचत रसरडॊग मा कहटॊग नोजर चन। इधन गि की राइन भ नान रयटनव राकर रगाएॊ।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 32

सावधातनमाॉ :

सिसरॊडय-राकर खोरत िभम यगरटय ि दय खड यह। यगरटय को पटन ि फचान क सरए राकर धीय-धीय खोर।

सिसरॊडय-राकर की चासबमाॉ सिसरॊडयो ऩय ही रगी यहन द लजिि कक उनह िीघरता ि फॊद ककमा जा िक।

एिीहटरीन इसतभार कयत िभम गि का दफार 9 ऩी.एि.आइ.जी. ि अधधक न यख। टाचव जरान क सरए राइटय का इसतभार कय। भाधचि गभव धात मा रसरडॊग आकव का

इसतभार कदापऩ न कय। फनद जगह ि ननकरत िभम गि िपराइव फनद कय द। (बर ही थोडी दय का

अरकािबोजन का िभम हो) गि खतभ होन ऩय रौ(फरभ) फझा द औय नरी को नए सिसरणडय ि जोड। टाचव दफाया

जरान ि ऩहर राइन को ऩजव कय र। रसरडॊग होन क फाद यगरटयो को ऩजव कय र औय फाद भ उि फनद कय द।

इरककटरक आकप वसरडॊग -उऩकयणो की जाॉच :

िननसिचत कय र कक िपराइव होकडय ि कभ ि कभ 3 भीटयदय हो। ननमसभत रऩ ि इरककरक होकडय क इनिरिन, कफरो औय अनम िाभगरी का ननयीिण

कयत यह। खयाफ हए कफर को तयनत फदर द। िननसिचत कय र कक कफर र ऩारय सरोत ऩय धरगरीि न रगी हो।

उऩकयणो की तमायी :

रसरडॊग कयन रारी रसत को रसरडॊग रयटनव कनकिन ि अरग अथव कय। अधथग कफर को जरारागरही रवम मा गि र जान रारी ऩाइवऩो ि कदापऩ न जोड।

कफर को ठीक ि यख लजिि कक कोइव अटक कय न धगय। रग टसभवनर को ढॉक कय यख, लजिि कक धात की रसतओॊ ि िाटव न हो।

सावधातनमाॉ :

बफजरी की भािा कफर की फनारट क अनरऩ ही यख।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 33

इरकरोड क टकडो को फतवन भ यख। इरकरोड को इि तयह ि जराएॊ कक होकडय ि 38 ि 50 सभरीभीटय रमफाइव काभ खतभ होन ऩय रसरडॊग भिीन को फची यह। इिि अधधक जरन ि इरकरोड होकडय खयाफ हो जाएगा।

ऩारय सरोत ि अरग कय द औय इरकरोड को होरउय ि हटा कय होकडय को ियकषित सथान ऩय यख।

साभानम फात :

रसरडॊग िर कयन ि ऩहर जररनिीर ऩदाथो को कामव िि ि हटा र मा उनह आग परनतयोधक चादयो ि ढॉक द।

फनद जगहो भ काभ कयत िभम सिसरणडयरसरडॊग भिीन को फाहय की ओय फाॉध र औय उधचत िॊरातन(रननटरिन) की वमरसथा यख।

िही फनारट का रकडय सकरीन इसतभार कय। आरशमक वमककतगत ियिा उऩकयणो का इसतभार कय।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 34

अ आ इ इप उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अॊ अ: कहो न, कहो न

क ख ग घ ³, च छ ज झ ¥

ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न

ऩ प फ ब भ, म य र व श ष स ह

तर ऻ यटो न, यटो न

सवय वमॊजन हहनदी क सीख क,

शबद सयमम ऩढो न, ऩढो न।

सयर शबद कोश ऋवष-भतनमो का ऻान सरीत ह

कावम व साहहतम भ न ही कोइप परततदवॊहदत ह

सवय औय वमॊजन स मकत सवणप सभदध

रम, छॊद, तार, अरॊकाय, उऩभान, उऩभम

नवयसो स ऩगी यसवॊती ह।

तरसी कफीय सय भीया व यहीभ की बी

सौममता सससभता की पराणभमी राजवॊती ह।

दश व ववदश भ बाषाएॊ ह अनक कपय बी

सवपशरषठ बाषा तो हभायी मह हहनदी ह।

सॊत कफीय खयी कह क, परब बककत क सय सजान कहाए।

भानस की यचना कयक, तरसी कसरकार भ बगवान को ऩाम।।

भततप भ भीया सभा ही गइप, नटनागय क गणगान को गामो।

हहनदी यहीभ की पमायी यही, हहम भ जजसको यसखान फसाम।।

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 35

1 एक 27 ितताइवि 53 नतयऩन 79 उनािी

2 दो 28 अटठाइवि 54 चौरन 80 असिी

3 तीन 29 उनतीि 55 ऩचऩन 81 इकमािी

4 चाय 30 तीि 56 छपऩन 82 फमािी

5 ऩाॊच 31 इकतीि 57 ितारन 83 नतयािी

भन को अघममन की उतनी ही आरशमकता ह, लजतनी दह को वमामाभ की।

- जोसप एडीसन

भहान कामव िककत ि नहीॊ अधमरिाम ि ककए जात ह।

- जानसन

सभिो क बफना कोइव बी जीना ऩिनद नहीॊ कयगा, चाह उिक ऩाि िष िफ रसतएॊ कमो न हो।

- अयसत

महद हभाय जीरन भ िचचाइव ह तो उिका अिय अऩन आऩ रोगो ऩय ऩडगा।

- भहातभा गाॊधी

अितम बाषण ऩाऩ ह औ झठी नननदा कयना औय बी फडा ऩाऩ ह।

- यवीनर नाथ टगोय

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 36

6 छह 32 फततीि 58 अठारन 84 चौयािी

7 िात 33 ततीि

59 उनिठ 85

ऩचािी

8 आठ 34 चौतीि 60 िाठ 86 नछमािी

9 नौ 35 ऩतीि 61 इकिठ 87 ितािी

10 दि 36 छततीि 62 फािठ 88 अठािी

11 गमायह 37 ितीि 63 नतयिठ 89 नरािी

12 फायह 38 अडतीि 64 चौिठ 90 नबफ

13 तयह 39 उनचारीि 65 ऩिठ 91 इकमानर

14 चौदह 40 चारीि 66 नछमािठ 92 फानर

15 ऩनरह 41 इकतारीि 67 िडिठ 93 नतयानर

16 िोरह 42 फमारीि 68 अडिठ 94 चौयानर

17 ििह 43 ततारीि 69 उनहतय 95 ऩचानर

18 अठायह 44 चौरारीि 70 िततय 96 नछमानर

19 उननीि 45 ऩतारीि 71 इकहततय 97 ितानर

20 फीि 46 नछमारीि 72 फहततय 98 अठानर

21 इककीि 47 ितारीि 73 नतहततय 99 नननमानर

22 फाइवि 48 अडतारीि 74 चौहततय 100 िौ

23 तइवि 49 उनचाि 75 ऩचहततय 1,000 एक हजाय

24 चौफीि 50 ऩचाि 76 नछहततय 1,00,000 एक राख

25 ऩचचीि 51 इकमारन 77 ितहततय 1,00,00,000 एक कयोड

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 37

26 छबफीि 52 फारन 78 अठहततय 1,00,00,00,000 एक अयफ

दोहा-चौऩाइव सरख, यख भािा का धमान।

कम-बफॊफ िॊग बार हो, तफ कीज गणगान।।

िजी-धजी कपरता खडी, िज-धज कछ रोग।

कोइव कपकया कि यहा, कोइव िाध जोग।।

उदय -उड डमा-फायिी, फॊगरा-तरग-तासभर।

िफ बाषाएॊ भौसिमाॉ, यहीॊ हयदभ हहर-सभर।।

FORM OF NUMERALS

अॊको क रऩ क िॊफॊध भ मह भरभ ऩदा होता ह कक अॊगरजी अॊक, योभन अॊक एरॊ अनतयावषरीम अॊको भ अॊतय कमा ह ? महाॉ ऩय भरभ दय कयन का परनमर परमाि ककमा गमा ह।

दरनगयी अॊक

Devnagari Numerals

योभन अॊक

Roman Numbers

बायतीम अॊको का अॊतयावषरीम रऩ

International form of Indian Numerals

ƒ I 1

„ Ii 2

… Iii 3

† Iv 4

‡ V 5

• Vi 6

‣ Vii 7

․ Viii 8

‥ Ix 9

… - 0

नोट :- योभन अॊको भ िनम नहीॊ ह। िनम का आपरषकाय बायत भ हआ था।

₪₪₪₪₪₪

खडगऩय कायखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 2 | जराई-ससतमफय, 2013 | 38

1. अससभमा

9. ऩॊजाफी

17. कोकणी

2. उड डमा

10. फॊगरा 18. नऩारी

3. उदय

11. भयाठी 19. भधथरी

4. कननड

12. भरमारभ 20. सॊथारी

5. कशभीयी

13. सॊसकत

21. डोगयी

6. गजयाती

14. ससनधी

22. फोडो

7. तासभर 15. हहनदी

8. तरग

16. भखणऩयी

₪₪₪₪₪₪