सम्मोहन तंत्र

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ससससससस ससससस ससससससस ससससस , ससससससस सससससस सससससस सस ससससस सस सस . ससससससस ससससससस सससससस सस सससस सस सससस ससस ससससस ससससससस सससस सस ससस ससससस सससस सससस सस सस ससस सससससस सस सससस ससससस सस ससससस सससस सस सस सससससस सससस ससससस सस सससस सससस सससस ससस सससस सससस सस सस . ससस सससस ससस सस ससससससससस सससस ससससस सस सससस ससससस ससस सस सससस सस ससससस सस सस ससस सससस सससस सस ससससससस सस सस .ससस सस सससस ससससससससस ससससस सससस ससस सससस सस सससस ससस सस सस ससससससस सस ससससस सस सससस सससस ससस सससस ससससस स सससस सससससस सससस ससस. सस ससससस ससससससस ससस सससस ससस ससस ससस सस सस सससससससससस सस सससससस ससससस सस सससससससस सससससस ससससस ससस सस सससस सस ससससससस सस सससस सस ससससससस ससस. सस सससस सस ससस ससस ससस सससस ससस सस सस सस ससस सससससस सससस ,ससस ससससससस सस ससससस ससस ससस , सस ससस ससस सस ससस सस ससस सससस ससस सस, सस सस सससससससससस सससससस ससससससस स सससस सस सस ससससस ससस सस. ५० ससससससससस सस ससससस सससससस सससस ससससस सस सससससस सस सससस सस सससससस सससस सस.सस सससससस ससससस सससस सस ससससस.

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Some rare collection of sammohan mantras and procedures.

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Page 1: सम्मोहन तंत्र

सम्मो�हन तं�त्र

सम्मो�हन तं�त्र , समोन्य त्रटक अभ्यस स� भि�न्न ह� ह� . क्य��किक समोन्य त्रटक क� क्रमो क� करतं� हुए सफलतं प्राप्तं करन� क� लिलए लम्बी� अवधि& लगतं� ह� और सतंतं अभ्यस �� वह� तं)तं क आश्रय ल�न� पर य� दुल.� घटन शी�घ्र ह� आपक� स&क जी�वन मो3 घटिटतं ह�तं� ह� ह� . ह) इसक� लिलए एक व्यवस्थि8तं जी�वन चय. क पलन थो�ड़े� टि<न तं� करन ह� पड़ेतं ह� और यह� स&क जी�वन क= मोय.< �� ह� .तं�� तं� आपक= मोन�व�लि>तं शीलि? अपन� वर< हस्तं क� आपक� शी�शी पर रख प�र्ण.तं और सफलतं क आशी�ष <�तं� हुए आपक� &नवन व गDरव प्रा<न करतं� हE. य� स�त्र किकतंबीF मो3 लिलख� हुए नह� हE य� तं� लिसद्धाश्रमो क= टि<व्य च�तंन स� आप्लकिवतं टि<व्य मो�त्र हE जी� वह� क� य�किगयF क� मोध्य ह� प्राचलिलतं हE. हमो शीय< य� बीर बीर ��ल जीतं� हE क= हमो �� उस� टि<व्य ��धिमो ,उस� परम्पर स� जीKड़े� हुए हE , हमो स�� मो3 �� वह� क बी�जी बी�य गय ह�, अबी हमो उस�सध्नओं द्वार अ�कK रिरतं न कर3 तं� य� हमोर� कमो� ह�.

५० �स्त्रिस्त्रक क किनत्य अभ्यस आपक= जीड़ेतं क� समोप्तं कर शीर�र क� च�तंन्य करतं ह�.य� किक्रय किनत्य ह�न� ह� चकिहए.

सथो ह� शीर�र लिसद्धिद्धा मोन्त्र क गKरु द्वार किन<Uलिशीतं स�ख्य मो3 जीप करन चकिहए .प्राथोमो टि<वस यह� किक्रयए) ह�तं� ह�.

दूसर� टि<न सKषKम्न नडी� क� जीगरर्ण क� लिलए आत्मो लिसद्धिद्धा मो�त्र क जीप किकय जीतं ह�. कल वल मो�त्र �� इसक� सथो अकिनवय. ह� ह�. पहल� प्राथोमो टि<न क मो�त्र जीप किफर दूसर� टि<वस क मो�त्र जीप. क्य��किक शीKशीKमोन नडी� क� ��<न क� बी< ह� सम्मो�हन शीलि? क प्रास्फुK टन आपमो3 ह�तं ह� और आपक च�हर ओजी स� आ� स� �र जीतं ह�. आपमो3 टि<व्य दृधि\ क उद्भव ह�तं ह� .

तं�सर� टि<न चक्र जीगरर्ण स&न स�पन करन� ह�तं� ह� द्धिजीसक� द्वार सम्मो�हन मोत्र आपक� च�हर� पर न ह�कर समोस्तं शीर�र मो3 प्रासरिरतं ह� जीतं ह� , तंबी आपक� स्पशी. मोत्र स� समोन� वल सम्मो�किहतं ह� जीतं ह�.इसक� पहल� क क्रमो वह� रह�ग जी� पहल� टि<न क थो.

चDथो� टि<न अन्तंर स&न मो�त्र क जीप किकय जीतं पहल� क� क्रमो क� स�यK? करक� .इसक� बी< स&क मो3 इतंन� समोर्थ्यय.तं आतं� ह� क= व� व�लि>तं शीलि? क� अपन� सम्मो�हन बील मो3 बी)& कर आवकिहतं कर सक� .

प)चव� टि<न स्वसम्मो�हन लिसद्धिद्धा मो�त्र क जीप अन्य मो�त्रF क� सथो किकय जीतं ह� .य� स�प�र्ण. किक्रय २४ टि<नF क= ह�तं� ह� यटि< इस किवश्व मो3 क�ई सबीस� कटिdन कमो ह� तं� व� अपन� आपक� अपन� अनKक� ल बीनन और जी�स� ह� य� किक्रय ह�तं� ह� ,आपमो3 चKम्कत्व प�< ह�तं ह� अन्य स�� ल�ह� क= ��कितं आपक� आकष.र्ण >�त्र मो3 आ ह� जीतं� हE और आप अपन� कधिमोयF क� आत्मो-किन<Uशी <�कर समोप्तं कर सकतं� हE और अपन� गKर्णF क� और ज्य< शीलि?शील� कर सकतं� हE. यटि< आग� इन मो�त्रF क� लगतंर किकय जीए तं� वलिशीत्व लिसद्धिद्धा क= प्राप्तिप्तं ह�तं� ह� ह�. य< रखिखय� सम्मो�हन क अथो. ह� ह�तं ह� ख़ुK< क� ह� मो�किहतं करन यकिनक= स्वय� क= च�तंन क� आकर्षिषjतं कर परमो च�तंन स� धिमोल <�न. यटि< हमो २४ घ�ट� चKम्बीक=य शीलि? स� यK? रह3ग� तं� हमोस� धिमोलन� वल क� स �� व्यलि? ह� हमोर� सद्वाक्यF क� क�� नह� तंल सकतं. और उच्चाव8 मो3 टि<व्य शीलि?य� �� हमोर� प्रा�व क्षे�त्र मो3 आबीद्धा ह� जीकितंय� हE. किफर हमोर� पस यटि< किकस� क फ�ट� �� ह� य हमोर� मोश्तिnतंष्क मो3 किकस� क किबीम्बी �� ह� तं� उस व्यलि? य शीलि? क� सम्मो�किहतं कर अप्ने�अनKक� ल किकय जी सकतं ह�, य किकस� र�ग� क� क\F क� दूर किकय जी सकतं ह� . यह� किक्रय कितंब्बीतं मो3 बी�&-स�वहन- किवधि& कहलतं� ह�. य� मो�त्र दुल� जीरूर हE पर अप्राप्य नह�. सद्गुtरु क� चरर्णF मो3 प्राथो.न कर हमो प�र्ण. सम्मो�हन प्राप्तिप्तं <uक्षे पय3 और इन मो�त्रF क� प्राप्तं कर अस��व क� �� सम्भव कर सक3 . जीबी हमो टि<व्यतं क� प सकतं� ह� तं� किफर किगटिद्गु<कर अपन� आत्मो-सम्मोन क� क्य�) अपन� ह� प�रF क� न�च� कK चल3 य औरF क� क्य�) कK चलन� <�. तं�� तं� कहतं� हE न क= द्धिजी< कर� और दुकिनय बी<ल�।

Page 2: सम्मोहन तंत्र

श्वे�तं बिं �दु , रक्त बिं �दु रहस्य - ४ ( व्यो�मो क्रि�य� )

उच्चाक�टिट क� स&क इस� पर< लिशीवलिंलjग क� प्राय�ग स� ��धिमो तंत्व पर किनयन्त्रर्ण कर ल�तं� हE ,और क= जीबी चह� अपन� शीर�र मो� ��धिमो तंत्व क ल�प कर शीर�र क� शी�न्य मो� स्थि8तं कर ल�तं� हE य वयKगमोन कर ल�तं� हE .पर एक समोन्य स&क अपन� जी�वन मो� शीKन्य8 ह�न� स� कह� ज्य< मोहत्त्व �Dकितंक सम्पन्नतं क� <�तं ह� , और <�न �� चकिहए आखिखरकर जी�वन क� किवकिव& सKखF क= प्राप्तिप्तं &न स� ह� तं� ह� पतं� ह� न........य� सम्पन्नतं �� ऐस� ह� रस�श्वर क= स&न स� प्राप्तं ह�तं� ह� , किनत्य किवल्वपत्र य कK मोकK मो स� र�द्धिजीतं अक्षेतंF क� �� १०८ मोन्त्रF क� द्वार इन्ह3 अर्षिपjतं करन� पर �Dकितंक प�र्ण.तं स&क क� जी�वन मो� आतं� ह� ह�.क्य य� इतंन सहजी ह� ??? मोEन� प�>.....क्य �Dकितंक सम्पन्नतं !!!!!!!नह~ नह~ .... य� तं� मोE �� �ल� ��कितं जीनतं हूँ) क= रस�श्वर क= स&न करन� वल� स&क क= अभ्यथो.न तं� स्वय� शीलि? स्वरूप

लक्ष्मो� �� करतं� हE और य� प्रा�व मोE खK< �� अपन� जी�वन मो� अनK�व कर सक थो ... इस�लिलए मोE �Dकितंकतं क= नह~ टि<व्यतं क= बीतं कर रह हूँ) . क्य मोत्र त्रटक क� सथो क�ई अन्य रहस्य नह~ जीK< हुआ ह� शीर�र क� शीKन्य �र करन� मो� ?????????ह� किबीलकK ल ह� .... और क्य�) नह~ ह�ग� , क्य आपक� लगतं ह� क= य� सबी इतंन सरल ह� ..... नह~ किबीलकK ल नह~ ..... जीबी शीर�र8 तंत्वF क� आप अपन� किनयन्त्रर्ण मो� ल ल�तं� हE तं� �ल क्य ह� इस ब्रह्माण्डी मो� जी� स&क प्राप्तं नह~ कर पतं व� �� मोत्र स�कल्प बील स�...अभिर्णमो, मोकिहमो ,लधिघमो, वलिशीत्व,प्राकम्य, आटि< पर और अपर जीगतं क= किवकिव& शीलि?यF क स&क �ल� ��कितं प्राय�ग

कर सकतं ह� क्यFकिक स&क समोन्य स&क न ह�कर लिसद्धा क= अव8 क� प्राप्तं कर ल�तं ह� . और ऐस तं�� ह� पतं ह� जीबी स&क उस रहस्य स� परिरलिचतं ह� जी� न लिसफ. गKप्तं रख गय ह� लिसद्धा समोजी मो�, बीश्तिल्क द्धिजीसक= �नक �� नह~ पड़ेन� <u जीतं� ह� समोन्य मोनKष्यF क� ....................

सबीस� पहल� तं� य� समोझो� क= शीर�र मो� स्थि8तं <� लक्ष्य –बीह्य और आभ्य�तंरिरक हE . जी� स&क अपन� शीर�र क� ह� नह~ जीनतं व� क� स� सफलतं प सकतं ह� ..शीर�र लिसद्धिद्धा क� लिलए >ह चक्रF,ष�डीशी आ&रF, कित्रलक्ष्य ,व्य�मो प�चक ,नव द्वार, प�चधि&<�वतं क ज्ञान पन अकिनवय. ह� .जीबी स&क पर<�श्वर क� समोन� रख कर उस पर त्रटक करतं हुआ कित्रन�त्र मो�त्र क जीप करतं ह� . तं� शीन� शीन� स&क क�

Page 3: सम्मोहन तंत्र

कल ज्ञान क= क्षेमोतं प्राप्तं ह�न� लगतं� ह� . अबी स&क क� ऊपर ह� क= य� किक्रय व� बीह्य रूप स� स�पन्न कर व� मोत्र कल ज्ञातं बीनतं ह� य इस दुल.� किवश्व किवजीय� रस�श्वर क सम्बीन्ध आत्मो8 मोहलिंलjग स� कर मोहलिसद्धा और परमो लिसद्धा अव8 क� प्राप्तं

कर ल�तं ह� . द्धिजीसक� बी< कK > �� अप्राप्य नह~ रहतं .�ल य� क� स� ह�तं ह� ???? मोEन� प�> ...थो�डी सब्र कर� बीतंतं हूँ)........ मो�ल&र और स्वधि&ष्ठान क� मोध्य मो� कित्रक�र्णकर 8न ह� द्धिजीस� य�किन कह जीतं ह� इस य�किन

क� कमोरूप कह जीतं ह� ...यह� तं�त्र व य�ग लिसद्धाF क� द्वार व�टि<तं कमोख्य शीलि?प�d ह� और इस� प�d क� मोध्य मो� पभि�मो मोKख मोह लिंलjग स्थि8तं ह� ,द्धिजीनक� शी�ष. पर मोभिर्ण अवस्थि8तं ह�.जी� स्वर्ण. वर्ण�य अखि�नमोय� ज्य�कितं स� आल�किकतं ह� . अन�तं किवश्वतं�मोKख इस मोहज्य�कितं स� जीबी बीह्य स्थि8तं रस�श्वर क प�र्ण. मोनलिसक एककर ह�तं ह� तं� व� परमो ज्य�कितं स&क क� सतंF शीर�र क� ह� न लिसफ. जीग्रतं कर <�तं� ह� बीश्तिल्क उनक= शीलि?यF क� स्त्र�तं �� ख�ल <�तं� ह� .इसक� लिलए बीहुतं &�य. क= आवशीयकतं ह�तं� ह� . त्रटक क� मोध्य जीबी पर<�श्वर क किबीम्बी कित्रकK ट य भ्रू�मोध्य मो� बीनतं ह� तं� अ�<र जीतं� श्वस क� सथो ह� उस किबीम्बी क� अपन� मो�ल&र तंक लय जीतं ह� . <�खन� मो� य� किक्रय कटिdन ह� पर ऐस ह� नह~ . अभ्यस स� य� किक्रय सहजी लिसद्धा ह� ह� जीतं� ह� . और एक बीर जीबी व� रस�श्वर प�र्ण. रूप�र्ण आ�तंरिरक मोहलिंलjग मो� स्थि8तं ह� जीतं ह� और व� परमो ज्य�कितं बीहुगKभिर्णतं ह� जीतं� ह� . तंबी स&क क� बीह्य

आल�बीन क= क�� �� आवnयकतं नह� रहतं� बीश्तिल्क व� जीबी चह� एकग्र मोन स� उस आ�तंरिरक र? बिंबीjदु, स्थि8तं मोहलिंलjग मो� बीह्य श्व�तं बिंबीjदु द्वार किनर्मिमोjतं रस�श्वर क प�र्ण. <शी.न कर जी� �� चह� प ल�तं ह� . और ऐस ह�न� क� बी< व� उस परमो ज्य�कितं क� अलग अलग चक्रF पर पर �� 8किपतं कर सकतं ह� द्धिजीसस� उन चक्रF और उनक� स्वधिमोत्व वल� शीर�र व ल�कF मो� उसक गमोन

�� सहजी ह� जीतं ह� और उस� बीह्य ब्रह्मा�डी�य यत्र क= आवnयकतं ह� नह~ रहतं� , व� शीर�र मो� स्थि8तं ब्रह्माण्डी क= यत्र जीबी

चह� कर ल�तं ह� .क्यFकिक कह गय ह� क= “ यतं बिंपjडी� तंतं� ब्रह्मा�डी�” .... और य� उलि? तं�� तं� चरिरतंथो. ह�ग�. जीबी हमो उपर�? प्राकिक्रय स�पन्न

कर ल�तं� हE.और आप स�� जीनतं� ह� हE क= हमोर� आ�तंरिरक चक्रF क= शीलि?य� अन�तं ह� ... इस लिलए �ल क्य अप्राप्य रह जीय�ग स&क

क� लिलए.य� किक्रय श्र�ष्ठा स&कF क� मोध्य व्य�मो किक्रय क� नमो स� जीन� जीतं� ह�. इस�लिलए तं� कह जीतं ह� क= यटि< प�र्ण. स�स्क� तं , मोन्त्रF स� अभि�लिंसjलिचतं पर<�श्वर स&क क� पस ह� तं� ऐस स&क कK > �� कर सकतं ह� , शीतं. यह� ह� क= उसक= द्धिजीज्ञास क अ�तं

न ह� , द्धिजीज्ञास ह�ग� तं�� तं� नव�न रहस्यF क अनवरर्ण ह�ग.....ह� न...........र? बिंबीjदु और श्व�तं बिंबीjदु क� द्वार अध्यस्त्रित्मोक उपलश्ति� क� सथो वमो-तं�त्र जीगतं क� अनसKलझो� रहस्यF क� ��<न क= ग�पन�य किक्रय क किववरर्ण अगल� ल�ख मो�

Vishalakshi Akarshan

स<गKरु<�व क� सथो किबीतंए हुए टि<नF क= य< मो3 ख�य हुआ मो�हन मोKझो स� अपन� जी�वन क� व� पल, व� घटनए बी)ट रह थो जी� उसक� जी�वन क= किनधि& थो�. र�मो�लिचतं स ह� कर क� सKन रह थो मो� उसक= <स्तंन. तं�त्र क= किवलक्षेर्ण स&नओ क= ख�जी मो3 जीबी मो3 घ�मो रह थो उस� समोय मोKलकतं हुय� थो� मो�हन स�. टि<खन� मो3 तं� ३० सल स� ज्य< उम्र नह~ थो� पर य� तं� गKरु<�व स� प्राप्तं कयकल्प क चमोत्कर थो , उम्र तं� उसक= ५० क�

Page 4: सम्मोहन तंत्र

कर�बी थो�. न जीन� किकस प्रा�रर्ण क� वशी���तं व� मो�र� ह� इ�तंज़ार मो3 थो, सर्दि<jयF क= रतं� थो� वह. खल� जी�बी स� किनकल पड़े थो मो3 हजीर� धिमोल दूर ,किकस� अज्ञातं स�क� तं क� इशीर� पर. अचनक मो�हन स� हुय� मोKलक़ातं शीय< उस स�क� तं क आखर� >�र थो. उस झो�ल क� किकनर� रतं मो3 च�<न� �� चर� तंरफ बी�d कर सKन रह� थो� उस रहस्यमोय स&क क= <स्तंन. “स<गKरु<�व क� मोहप्रायर्ण क� बी< मो3 किहमोलय स्थि8तं ��रव मोह प�d क� पKजीर� न� कई बीर स<गKरु<�व क� वह) अपन� लिशीष्यF क� सथो स&नरतं पय ह�. एक टि<न जीबी मो3 बीहुतं उ<स ह� गय थो तं� र� पड़े गKरु<�व क= तंस्व�र क� समोन� क= आप क्यF हमो3 >�ड़े क� चल� गए ...तं�� चर� तंरफ अ\ग�& क= सKग�& फ़ै� ल गय�, जीबी नज़ार ऊपर उdई तं� स<गKरु<�व समोन� खड़े� थो� , कd�र �वमोKद्रा स� उन्हFन� कह ‘क्यF र� रह ह� ,मो� स<�व उपस्थि8तं हूँ� ’ और व� एक<मो स� अद्राnय ह� गए ... किनखिखल�श्वरनन्< स्तंवन क पd करतं� हुव� कई बीर स<गKरु<�व न� मोKझो� अपन� सन्यशी स्वरुप मो3 <शी.न टि<ए ह�. इसस� बीड़े� स&नत्मोक उपलश्ति� क्य ह�ग�.” रतं बीढ़ चKक= थो� और dण्डी ��. बीKखर स� बीKर� हल थो� मो�र� किफर �� उसक= बीतं� मो3 ह� ख�य हुव थो. उसक� चहर� पर गज़ाबी क आकष.र्ण थो. कK > ऐस क= <�खतं� ह� उस� क�ई �� अपन� स� श्र�ष्ठा मोनन� क� लिलए बीध्य ह� जीए. समोझोतं� <�र न लग� क= क�ई तं� आकष.र्ण स&न कर रख� ह� उसन�. “यह� पस ह� मो3 एक मो�टि<र ह�. उसमो� <�व� क= आ&� फ=ट क= प्राकितंमो ह�. एक <मो द्धिजीव�तं, वह) प� जी� �� स&नए कर� व� सफल ह�तं� ह� ह�. ल�ग� क� तं� मोल�मो �� नह~ ह� क= व� किवशीलक्षे� क 8न ह�. <�खन चह�ग� ?” मो�न� सर किहल क� सहमोकितं <शी.य� तं� व� एक तंरफ चल टि<ए. मो3 �� प�>� प�>� चल पड़े. रस्तं� मो3 एक सन्यशी� क� वह) कK > <�र रुक� जी� कर्ण.किपशीलिचन� स&न मो3 लिसद्धाहस्तं थो�. व� <�नF कK > <�र बीतं� कर रह� थो�. सन्यशी� न� मो�र� तंरफ <�ख �� नह~ इसस� मो3 अकडी गय. बीहर आतं� ह� मो�हन मोKस्करहट क� सथो आग� बीढ़ गए. रस्तं� मो3 ह� बीतंय उसन� क= आकष.र्ण स&न आजी क� यKग मो3 बीह�तं ह� उपय�ग� ह�. चह� वह <�शी क न�तं ह� य एक >�ट स नगरिरक. अगर आपक व्यलि?त्व आकष.क ह� तं� हर क�ई आपक= बीतं मोनन� क� लिलए बीध्य ह� जीएग. ऐस� व्यलि?य� क� मोन सम्मोन प्राप्तं ह�तं ह� ह� और �Dकितंकतं मो3 सहजी वह सफल ह� सकतं� ह�. आकष.र्ण क� लिलए कई स&नए ह� जी� क= सरल और सहजी ह�. मो�टि<र आ च�क थो और उस द्धिजीव�तं प्राकितंमो क <शी.न कर &न्य ह� गय मो3. सKनसन पड़े

Page 5: सम्मोहन तंत्र

व� मो�टि<र मोKश्तिnकल स� किकस� क� ध्यन मो3 आ सकतं थो. एक हफ्तं� तंक व� किवलक्षेर्ण व्यलि? स� जी� ज्ञान धिमोल व� तं� शीब्<F स� पर� ह� ह�. सल� बी�तं गए आजी, किफर धिमोलन नह~ ह� पय उसस�. ल�किकन आजी �� उसक व� च�हर नह~ ��ल पय हूँ ...जी� आकष.र्ण स� �रप�र थो. आकष.र्ण क= एक किवशी�ष किवशीलभिक्षे स&न जी� क= बीह�तं ह� सहजी ह�. य� स&न बीK&वर स� शीKरू क= जीतं� ह�. इस स&न मो3 रकित्र क� ११ बीजी� बी< र�जी २ घ�ट� मो�त्र क उच्चारर्ण किकय जीतं ह�. इसमो� जीप स�ख्य किन&.रिरतं नह~ ह�, मोल �� आवnयक नह~ ह�. समोन� एक <uपक लग ह� और व� लगतंर २ घ�ट� तंक चलतं रह�. उसक= लD पर <�खतं� हुए मो�त्र जीप ह�. य� स&न ८ टि<न तंक किनयधिमोतं कर�. अगल� बीK&वर तंक एक ह� 8न पर किनभि�तं समोय पर मोन्त्रजीप ह�. र�जी मो�त्र जीप स� पहल� किवशीलभिक्षे <�व� क� मोन ह� मोन प्राथो.न स&न मो3 सफलतं करक� ह� स&न मो3 प्राव�तं ह�.

मो�त्र: हूं� हूं� फट फट हूं� हूं� टि<खन� मो3 य� मो�त्र �ल� ह� समोन्य लग� पर इसक प्रा�व आपक� कK > ह� टि<नF मो3 टि<खन� लग�ग. स&न खतंमो ह�तं� ह�तं� च�हर� पर और किवशी�ष कर आ)खF मो3 एक किवशी�ष आकष.र्ण आ जीतं ह� द्धिजीसस� स�� प्राकर स� सफलतं प्राप्तं ह�तं� ह�. जीय गKरु<�व.

Surya sadhana

आटि< कल स� स�य. प�र्थ्यव� क आ&र रह ह�. स�य. क� व�<F मो3 <�वतं कह ह�. आ�य. यह ह� क= इतंन� उग्र ह�न� क� वरन, उन्ह3 स�म्य <�व कह गय ह�. अकितं सKन्<र, स्व�तं वस्त्र&र� सप्तं अश्व� स� स�चलिलतं रथो पर सवर सDरमो�डील क� व�अधि&ष्ठातं ह� और स�� ग्रह उनक� वशी���तं ह�. कप्लन स� पर� ह� तं� ह� व� जी�वन जी� किबीन स�य. क� स��व ह�. आटि<ऋकिषय� न� उनक� रूप क कई अलग अलग स�क्ष्मो किवव�चन किकय ह�. स�य. किवज्ञान� क� बीर� मो3 तं� हर क�ई जीनतं ह� क=स�य. क= रस्थिnमोय) सबी कK > प्रा<न करन� मो3 समोथो. ह�. स�य. क� पKत्र< �� कह गय ह�, उनक= क� प स� पKत्ररत्न क= प्राप्तिप्तंह�तं� ह�. और क�ई जीगह उन्ह3

Page 6: सम्मोहन तंत्र

वस्थिक्सद्धिद्धा प्रा<यक क= स�ज्ञा �� <u गय� ह�, द्धिजीसस� स�य. क� स&क� क� शीप य वर<न<�न� क= क्षेमोतं धिमोल जीतं� ह�.कर्ण. क� बीर� मो3 क�न नह~ जीनतं. स�य. क= उपसन स� उनक= समोर्थ्यय.तं इतंन� ह� गय� थो� क= व� र�जी हजीर� ल�ग�क कल्यर्ण करतं� रहतं� थो�. स�य. क� द्वार प्राप्तं कवच और क�� डील न� उसक� आखिखर तंक किवजीय� बीन क� रख थो. पतं�जीलिल, कर्ण< और अत्र� जी�स� मोहऋकिषयF न� स�य. स&न क� सर��तं स&न कह ह�. यह) तंक क= ब्रम्ह�डी8पत्य जी�स� दुल.� किक्रय �� स�य. मोन्त्र स� क= जीतं� ह�. चकसKस�पकिनष< मो3 स�य. क= प्रास�शी ह� प्रास�शी क= गय� ह�और क�ई �� न�त्र र�ग ह� स�य. क= क� प स� उस� तंKर�तं ह� दूर किकय जी सकतं ह�.तं�त्र मोग. मो3 और खस करक� य�ग-तं�त्र मो3 स�य. स&न क� अत्यधि&क मोहत्त्व टि<य गय ह�. कई तं�त्र स&क क� वलमोत्र स�य. क= स&न स� उच्चा आध्यस्त्रित्मोक स्तंरF क� प्राप्तं कर चKक� ह�. स�य. स&न क� बीर� मो3 य� भ्रूप्तिन्तं ह� क= य�स&न ग�ह8 ल�ग� क� लिलए क�ई उपय�ग� नह~. ऐस किबीलकK ल �� न ह�क� सच्चाई य� ह� क= स�य. स&न ��ग औरमो�क्षे <�नF क� प्रा<न करन� वल� ह�. आप खK< ह� स�च सकतं� ह� क= जी� स�य. हमो3 प्राकितंक्षेर्ण जी�वन प्रा<न करतं ह� , उसक= स&न �ल हमो3 क� स� फल���तं नह~ ह� सकतं� ?स<गKरु<�व न� कई एस� स�य. स&नए प्रा<न क= ह� जी� टि<खन� मो3 तं� समोन्य ह� मोगर द्धिजीसक� करन� क� बी< आप खK<ह� आ�क सकतं� ह� क= जी�वन मो3 क� स� बी<लव आ रह ह� और क� स� उन्नभि� क रस्तं अपन� आप ह� समोन� आ जीतंह�. <�किनक जी�वन और अध्यकितंधिमोक जी�वन मो3 स�य. <�व क= मोहत्त्व क� कमो करक� नह~ <�ख सकतं� अन�कF मोहय�ग�और मोहपKरुषF क� आप <�ख� आप पए�ग� क= उनक� जीन्मो टि<वस अधि&क�शीतं� १५ अप्रा�ल स� १५ मोई (स�य. उच्चा रलिशीमोE हFग� ) तंथो १५ अगस्तं स� १५ लिसतंम्बीर क� मोध्य(स�य. स्व रलिशी8 ) मोE आप पए�ग� ,जी�स� �गवन रमो, �गवनहनKमोन ,स<गKरु<�व जी�, अटि< शी�करचय.. करर्ण य� हE क= स�य. ,आत्मो तं�जी क� प्राकितंक हE ,�ल आत्मो क= तं�जीश्तिस्वतंक� किबीन क�ई d�स उपलश्ति�यF क= प्राप्तिप्तं स��व हE. चह� क्षे�त्र जी� �� ह� ,यह) तंक क= �गवन हनKमोन द्वार स�य. <�वक� किनगलन� क= घटन �� वस्तंव मोE स�य. <�व क� आत्मोसतं करन� क= घटन क� प्राकितंक हE.य� स&न रकिववर स� ह� प्राम्भ कर�. य� स&न टि<न क� समोय मो3 ह� चकिहए मो�र मोतंलबी ह� क= स�य <य स� ल�क� तंकक� <�पहर कल मो3 ह� य� स&न क�� �� सम्प्पन कर सकतं� ह�. य� स&न मोत्र ४ टि<न क= ह� और र�जी २५ मोल मो�त्रजीप ह�. र�जी एक ह� समोय पर मो�त्रजीप कर�. समोन� स�य. <�व क= मो�र्षितंj य लिचत्र जी� �� उपल� ह� उस� 8किपतं कर�और

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समोन्य प�जी करन� क� बी< क�ई �� मोल (जी� क= पहल� क�ई स&न मो3 उपय�ग न क= ह� ) स� २५ मोल मो�त्रजीप कर�.

मो�त्र : ओमो ह्रीं~ श्र~ घ�भिर्णमो� स�य. आटि<त्य� श्र~ ह्रीं~इस मो�त्र मो3 इच्छाप�र्षितंj प्रार्णव ओमो, मो�क्षे प्रा<तं मोय बी�जी ह्रीं~ एव� लक्ष्मो� प्रा<तं श्र~ बी�जी सम्पKट क� सथो ह� स�य. क�आटि< <�व मोनकर प्रास�शी क= गय� ह�. अगर स&क समोप.र्ण और किवश्वशी क� सथो य� स&न कर� न क� बील स�य. <�वक= किनर�तंर क� प उस पर हमो�शी बीन� रहतं� ह�. बीश्तिल्क जी�वन मोE प�र्ण. सफलतं सथो ह� सथो न�त्रF स� स�बी�धि&तं समोस्तंर�गF क� दूर करन� मोE �� प�र्ण. सफलतं पई जी सकतं� हE . इसक� लिलए यटि< आप इस स&न क� सथो सथोचक्षेKष्मोतं� स्त्र�तं क प�च पd किनयतं प्राकितं कर3 ,तं� किन�य ह� न�त्र र�गF स� मोKलि? मो3 प�र्ण. सफलतं प्राप्तं ह�तं� हE.