cg lok sevagauranteact2011
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छत्तीसगढलोकसेवागारंटीअधि�नि�यम, 2011
क्रमांक23 स�2011
राज्य सरकार, स्था�ीय नि�काय, लोकप्राधि�कारिरयों अथवा अभि"करणों द्वारा नि�यतसमय के "ीतर �ागरिरकों को कनितपेय लोकसेवाओं का प्रदाय कर�े, तथा व्यनितक्रम कीदशा में ऐसी सेवाओं के संदाय के धिलये जि.म्मेदार व्यधि0यों के दायियत्वो का नि��ा2रण कर�ेतथाउससेसंसक्तऔरआ�ुषनंिगकनिवषयोंकेधिलये उपबं� कर�े हेतु अधि�नि�यम ।
क्रमांक23 स�2011
1. प्रत्येक व्यधि0 को इस अधि�नि�यम के प्राव�ा�ों के अ�ुसार राज्यसरकारद्वारासमय-समयपरयथाअधि�सुधि>तनि�यतसमयके"ीतर, छत्तीसगढ् राज्य में, लोक सेवा प्राप्त कर�े का अधि�कार होगा ।
�ारा3- नि�यतसमयमेंलोकसेप्राप्तकर�ेकाअधि�कार
2. प्रत्येकआवेदक.ोनि�यतसमयके"ीतरलोकसेवाप्राप्तकर�ेमेंअसफलरहताहै, अप�ेआवेद�केसंबं�में, �ारा-4 कीउप�ारा(4) केअ�ी� यथाउपबंधि�तपरिरव्यय, ऐसीरीनित सेप्राप्तकर�ेकाहकदारहोगा.ोनिवनिहतकी.ाये।
�ारा3- नि�यतसमयमेंलोकसेप्राप्तकर�ेकाअधि�कार
1. प्रत्येकनिव"ागइसअधि�नि�यमकेप्रारं"हो�ेकेनितधिथसेलोकसेवाप्रदा�कर�ेकेधिलयेउत्तरदायी व्यधि0कोपदाभि"निहतकरेंगातथाऐसापदाभि"निहतकर�े केतथ्यकोसव2सा�ारण.ा�कारी के धिलये निव"ाग के निकसीसह.दृश्यस्था�परप्रदर्शिशGत निकया.ायेगा ।
�ारा4- नि�यतसमयमेंलोक सेवाप्रदायकर�ेका दायियत्व, परिरव्ययकाअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
2. उप�ारा(1) मेंनि�र्दिदGष्टलोकसेवाप्रदायकर�ेकेधिलये उत्तरदायी प्रत्येक व्यधि0, �ारा (3) के अ�ी�.ारी अधि�सू>�ा के अ�ुसार सेवायें प्रदाय करेगा ।
�ारा4- नि�यतसमयमेंलोकसेवाप्रदायकर�ेकादायियत्व, परिरव्ययकाअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
3. लोकसेवाकेधिलयेप्रत्येकआवेद�परसेवाप्रदायकर�ेकेधिलयेउत्तदायीप्रत्येकव्यधि0 या निव"ाग द्वारा, यथास्थिMनित, अभि"स्वीकृनित प्रदा� की .ावेगी तथा प्रत्येकआवेदकऐसीरीनितमेंअप�ेआवेद�कीस्थिMनितप्राप्तकर�ेकाहकदारहोगा, .ैसेनिकनिवनिहत की .ाये ।
�ारा 4- नि�यत समय में लोक सेवा प्रदाय कर�े का दायियत्व, परिरव्यय काअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
4 लोकसेवाप्रदायकर�ेके धिलयेउत्तरदायीप्रत्येकव्यधि0.ोनि�भिOतसमयके"ीतरऐसीसेवाप्रदायकर�ेमेंअसफलरहतेहै, वहनिवलंबकीकालावधि�केदौरा�, यदिदकोईहो, प्रत्येकदिद�के धिलये1 सौरूपयेकीद.2से.ोअधि�कतम1000 रूपये तक हो सकेगा, परिरव्यय "ुगता� कर�े केधिलयेदायीहोगा, .ोऐसीसेवाप्राप्तकर�ेमेंअसफलरह�ेपरलोकसेवाकेधिलयेआवेद�कर�ेवालेव्यधि0को"ुगता�कर�े के धिलये उससे वसूली योग्य होगा ।परन्तु, लोकसेवाप्रदायकर�ेकेधिलयेउत्तरदायीव्यधि0सेपरिरव्ययतबतकवसूल�हीनिकया.ावेगा, .बतककीउसपरऐसी रीनितमें, सू>�ाकीतायिमल�हीकीगयीहोतथासक्षम अधि�कारी द्वारा सु�ावायी का युधि0युक्त अवसरप्रदा� � निकया गया हो, .ैसे की निवनिहत की .ाये :
�ारा4- नि�यतसमयमेंलोकसेवाप्रदायकर�ेकादायियत्व, परिरव्ययकाअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
परन्तुयह"ीनिक, कोईपरिरव्ययवसूलीयोग्य�हीहोगा, .हॉंऐसीसेवाकेधिलयेनिकयागयेआवेद�मेंकोईकमीहोतथाऐसीकमीउप�ारा(3) मेंनि�र्दिदGष्टअभि"स्वीकृनितमें दर्शिशGत की गयी हो : परन्तुयहऔर"ी निक, ऐसापरिरव्ययवसूलीयोग्य�हीहोगा, .हॉसक्षमअधि�कारीकेरायमेंऐसीसेवाप्रदा�कर�े के धिलये उत्तरदायी के नि�यंत्रण से परिर कारणों सेलोक सेवा प्रदा� कर�े में निवलंब हुआ हो ।
�ारा 4- नि�यत समय में लोक सेवा प्रदाय कर�े का दायियत्व, परिरव्यय काअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
5. उप�ारा(4) केअधि��परिरव्ययकीवूसलीतथाआवेदकको"ुगता� की रीनित ऐसी होगी, .ैसे की निवनिहत निकया .ाय ।
�ारा4- नि�यतसमयमेंलोकसेवाप्रदायकर�ेकादायियत्व, परिरव्ययकाअधि�रोपण, वसूलीएवं"ुगता�
प्रत्येक निव"ागमें, इसअधि�नि�यम केप्रयो.�ों के धिलये ऐसे1 या1 सेअधि�कव्यधि0कोसक्षमअधि�कारीकेरूपमेंअधि�सूधि>तकरेगा, .ोलोकसेवाप्रदायकर�ेके धिलयेउत्तरदायीव्यधि0कीशे्रणीसे नि�म्�का�हो।
�ारा5- सक्षमअधि�कारीकीनि�यधुि0
कोईव्यधि0लोकसेवाप्राप्तकर�ेकेधिलयेऐसाआवेद��हीदेगाजि.समेंऐसातथ्यया.ा�कारीअन्तर्विवGष्टहो, जि.सेवह.ा�ताहैयानिवश्वासकर�ेकेकारणहैकीवहअसत्य, तथावह.ोऐसातथ्यया.ा�कारीप्रस्तुतकरता हैतत्समयप्रवृत्तनिवधि� के अधि�� अपराधि�क काय2वाही के धिलये दायी हो सकेगा ।
�ारा6- लोकसेवाप्राप्तकर�ेहेतुअसत्य.ा�कारीप्रस्तुतकर�ेपरदायियत्व
इस अधि�नि�यम के प्राव�ा� सेवा शत], अ�ुशास�ात्मकतथा निवत्तीय नि�यमों और ऐसा अन्य सेवा नि�यमों तथा निवनि�यमों.ोनिकलोकसेवाप्रदा�कर�ेहेतुउत्तरदायीव्यधि0कोप्रवृ़त्तहो, केअतरिरक्तहोगें�ानिकअल्पीकारकहोगा।
�ारा8- सेवाकीशत2समझा.ा�ा
1 यदिदइसअधि�नि�यमकेउपबं�ोंकोप्र"ावशीलकर�ेमेंकोईकदिa�ाईउद"ूतहोतीहै, तोराज्यसरकार, उसे अवश्य और सामीधि>� प्रतीत हो�े वाले तथा इसअधि�नि�यमकेउपबं�ों सेअसंगत�हो�ेवालेआदेश, द्वारा.ोनिकराज्यपत्रमेंप्रकाभिशतनिकया.ायेगा।ऐसीकदिa�ाई दूर कर सकेगी । परन्तु– ऐसा कोई आदेश इस अधि�नि�यम केप्रारं"हो�ेकी2 वष2कीकालावधि�काअवस�हो�ेकेउपरांत �ही निकया .ायेगा ।2. इस�ाराकेअधि��निकयागयाप्रत्येकआदेश, इसब�ाये.ा�ेकेपश्>ात, यथासं"वशीघ्र, राज्यनिव�ा�स"ा के पटल पर रखा .ायेगा ।
�ारा10- कदिa�ायोंकोदूरकर�ेकीशधि0
छत्तीसगढलोकसेवागारंटी(आवेद�, अपीलतथापरिरव्ययका"ुगता�)
नि�यम, 2011राज्यसरकार, एतद़द्वारा, लोकसेवाकेलिलयेआवेदनप्रस्तुतकरन,े अपीलप्रस्तुतकरनेएवंपरिरव्ययकीभुगतानकीप्रक्रि!याक्रिवक्रिनयमि#तकरनेकेलिलयेक्रिनम्नलिलखि&तक्रिनय#बनातीहै।
प्रत्येक निव"ाग, अधि�नि�यम की �ारा-4 (1) के अधि�� लोक सेवाओं कोनि�यमसमयमेंप्रदा�कर�ेहेतुउत्तरदायीअधि�कारीकोपदाभि"निहतकरेगाऔरऐसापदाभि"निहतअधि�कारीप्रत्येकआवेद�पत्रपरकाय2वाहीकर�ेएवंआवेदकद्वारा>ाहीगयीलोकसेवाकोअ�ुसू>ीमेंदर्शिशGतनि�यतसमयके"ीतरउपलब्�करा�े के धिलये उत्तरदायी होगा ।
नि�यम(3) पदाभि"निहतनिकया.ा�ा
निव"ागद्वारापदाभि"निहत निकयागयाप्रत्येकअधि�कारी, उसकेद्वाराप्रदायकी.ा�ेवालीलोकसेवाओंसेसंबंधि�तआवेद�पत्रोंकोप्राप्तकर�े, उ�कापरीक्षणकर�ेएवंआवेदककोउ�कीअभि"स्वीकृतदे�ेहेतुउसकेअधि��स्तअधि�कारी/कम2>ारीकोअधि�कृतकरेगा।
नि�यम(4) आवेद�प्राप्तकर�ेकीप्रनिक्रया
उक्त व्यवस्था के अ�ी� अधि�कृत निकये गयेअधि�कारी/कम2>ारीद्वाराआवेद�पत्रप्राप्त हो�े पर अनिवलंबउ� दस्तावे.ों की .ां> की .ावेगी, .ो सेवा प्राप्त कर�े केधिलये आवेद� पत्र के साथ संलग्� निकये .ा�े आवश्यक हो ।आवश्यक सहपत्रों के साथ पूण2 रूप से प्रस्तुत निकया गयाआवेद� पत्र ही ग्राह़्य निकया .ायेगा एवं अधि�कृतअधि�कारी/कम2>ारीद्वारानि�यम(4) वर्शिणGतअ�ुसार, प्रपत्र-1 में आवेद� की प्राप्तिप्त की अभि"स्वीकृनित दी .ायेगी । अपूण2आवेद�पत्रोंपरअपूण2त: संबं�ीटीपअंनिकतकरआवेदककोउसीसमयलौटादिदया.ायेगा।प्रत्येककाय2दिदवसमेंपूण2रूपसेप्राप्तआवेद�पत्रोकोउसीकाय2दिदवसमेंवांधिछतलोकसेवाकोप्रदायकर�ेहेतुउत्तरदायी‘’पदाभि"निहतअधि�कारी’’कोप्रस्तुत निकया .ावेगा ।
नि�यम(5) आवेद�कोअभि"स्वीकृनित.ारीकी.ा�ा
प्रत्येकक्रिवभाग, पदाभिभक्रिहतअमि,कारीद्वाराकाय-रिरतव्यक्रित!#याक्रिवलंबकेसंबं,#ेंजांचकरनेकेलिलयेअमि,क्रिनय#की,ारा5- केतहतएकयाएकसेअमि,कसक्ष#अमि,कारीघोक्रि3तकरेगा, जोलोकसेवाप्रदानकरनेकेलिलयेउत्तरदायीपदाभिभक्रिहतअमि,कारीकीश्रेणीसेक्रिनम्नकानहीहोगा।ऐसाअमि,कारीअमि,क्रिनय#के प्राव,ानों के अमि,न पदाभिभक्रिहत अमि,कारी पर परिरव्यय अमि,रोक्रिपत करने हेतु सक्ष# होगा ।
क्रिनयत स#य #ें वांलि:त लोक सेवा प्रदान करने #ें पदाभिभक्रिहत अमि,कारी के असफल रहने पर, आवेदक द्वारा सक्ष# अमि,कारी को लि<कायत प्रस्तुत की जा सकेगी । ऐसी लि<कायत प्राप्त होने पर सक्ष#अमि,कारीसेवाकीप्रदायगी#ें हुये क्रिवलंब केकारणोंकीजांचकरेगा, इससंबं,#ें पदाभिभक्रिहतअमि,कारीकोसुनवाईकायुलिAयुक्तअवसर देते हुये लि<कायतका क्रिनराकरणअमि,कत#30 दिदवस#ेंकरेगा ।पदाभिभक्रिहतअमि,कारीद्वाराक्रिवलंबकेसंबं,#ेंप्रस्तुतकारणोंएवंतकDकेआ,ारपरसक्ष#अमि,कारीउनकेउत्तरदायीहोनेअथवानहोनेसंबं,#ेंक्रिवक्रिनश्चयकरेगा।पदाभिभक्रिहतअमि,कारीकेद्वाराक्रिनयतस#य#ेंसेवाप्रदाननक्रिकयेजानेहेतुउत्तरदायीपायेजानेपरसक्ष#अमि,कारीद्वाराक्रिनयतस#य#ेंसेवाप्रदाननक्रिकयेजानेहेतुउत्तरदायीपायेजानेपरसक्ष#अमि,कारी, अमि,क्रिनय#की,ारा4- (4) केप्राव,ानकेअमि,नआदे<द्वारायथोलिचतपरिरव्ययअमि,रोक्रिपतकरसकेगा, औरयदिदआवेदककोचाहीगयीसेवाप्रदाननक्रिकगयीहो, तोउसेयथा<ीघ्रप्रदायकरनेका क्रिनदI< दे सकेगा । सक्ष# अमि,कारी द्वारा पारिरत आदे< की प्रक्रित, आवेदक, पदाभिभक्रिहत अमि,कारी एवंपदाभिभक्रिहतअमि,कारीकेकाया-लयकेप्र<ासक्रिनकक्रिनयंत्रणकता-अमि,कारीकोदीजायेगी।परिरव्ययअमि,रोक्रिपतहोने केबादभीआवेदककोवांलि:तसेवायथा<ीघ्रपदायकरनेकापदाभिभक्रिहतअमि,कारीकादामियत्वयथावतबना रहेगा ।
सक्ष#अमि,कारीद्वारापारिरतआदे<केक्रिवरूद्व30 दिदवसकेभीतरअपीलीयअमि,कारीकेस#क्षअपीलप्रस्तुतकीजासकेगी।
नि�यम(6) सक्षमअधि�कारीघोनिषतनिकया.ा�ा
प्रत्येकनिव"ाग, सक्षमअधि�कारीद्वारापारिरतआदेशसे व्यधिथतपक्ष द्वारा प्रस्तुतकी.ा�े वालीअपीलकी सु�वाई हेतु अधि�नि�यम की �ारा 7 (2) केअ�ी�सक्षमअधि�कारीकीश्रेणीसेअनि�म्�निकसीअधि�कारी को अपीलीय अधि�कारी अधि�सूधि>तकरेगा । अपीलीयअधि�कारी, अपील संस्थिMत हो�ेके दिद�ांक से45 दिदवसकीअधि�कतमअवधि� के"ीतर अपील नि�राकृत करेगा एवं अपील केनि�राकरणकेदौरा�प्राकृनितकन्यायकेधिसद्वांतोंकापाल� करेगा । अपीलीय अधि�कारी द्वारा पारिरतआदेश अंनितम एवं बाध्यकारी होगा ।
नि�यम(7) अपीलीयअधि�कारीनि�युक्तनिकया.ा�ा:
सक्ष#अमि,कारीद्वारापारिरतआदेश्सेव्यलिथतपक्षद्वाराप्रश्ना,ीनआदे<कीप्राप्तिप्तसे30 दिदवससेअनमि,कअवमि,केभीतरअपीलीयप्रामि,कारीकेस#क्षअपीलप्रस्तुतकीजासकेगी।अपीलहेतुकोई<ुल्कदेयनहीहोगा।अपीलकेआवेदन#ेंक्रिनम्नलिलखि&तजानकारीप्रस्तुतक्रिकयाजानाआवश्यकहोगा-(एक) अपीलाथOकाना#औरडाककापूण-पता,(दो) वांलि:तसेवाकासंभिक्षप्तक्रिववरण,(तीन) सेवाप्रदायक्रिकएजानेहेतुपदाभिभक्रिहतअमि,कारीकोप्रस्तुतक्रिकएगएआवेदनकादिदनांक(चार) सक्ष#अमि,कारीकोप्रस्तुतआवेदनपत्रकादिदनांक,(पांच) सक्ष#अमि,कारीद्वारापारिरतउसआदे<, जिजसकेक्रिवरूद्वअपीलकीगईहै, कादिदनांकक्रिवलि<मिSयोंसक्रिहत,(::) अपीलकेआ,ार,(सात) चाहीगईराहत,(आठ) चाहीगईराहत,(2) अपीलकेसाथसंलग्नक्रिकएजानेवालेदस्तावेज:- प्रत्येकअपीलआवेदनकेसाथक्रिनम्नलिलखि&तदस्तावेजसंलग्नक्रिकएजाएगें, अथा-त़: (एक) सक्ष#अमि,कारीद्वारापारिरतउसआदे<कीस्वप्र#ाभिणतप्रक्रित, जिजसकेक्रिवरूद्वअपीलकीजारहीहो, (दो) अपीलकेआवेदन#ेंउल्लिल्लखि&तदस्तावेजोंकीप्रक्रितयां (तीन) अपीलकेआवेदनकेसाथसंलग्नदस्तवेजोंकीअनु!#भिणका, (चार) आवेदकएवंअपीलाथOके#ूलआवेदन#ेंउल्लिल्लखि&तदस्तावेजोंकीस्वप्र#ाभिणतप्रक्रितयां।
नि�यम(8) अपील-
परिरव्यय का भुगतान क्रिनम्नलिलखि&त रीक्रित से क्रिकया जाएगा :(क) प्रत्येकसक्ष#अमि,कारीद्वारापरिरव्ययकीवसूलकीगईरालि<ज#ाएवंभुगतानकरनेहेतुराष्ट़ीयकृतबैंक#ेंअपनेपदना# सेबचत&ाता&ोलाजाएगातथाउस#ेंज#ाहोनेवालीएवं भुगतानकीजानेवाली रालि<काक्रिववरण अपने काया-लय #ें पृथक से कै<बुक #ें सं,ारिरत क्रिकया जाएगा ।(&) प्रत्येकपदाभिभक्रिहतअमि,कारी उसपरअमि,रोक्रिपतकीगईपरिरव्ययकी रालि<को&ण्ड (क) #ेंउल्लिल्लखि&तअनुसार सक्ष# अमि,कारी द्वारा &ोले गए बैंक के बचत &ाते #ें ज#ा करेगा तथा बैंक द्वारा दिदए गए प्रक्रितपण-( COUNTER FOIL) की :ायाप्रक्रित सक्रिहत सक्ष# अमि,कारी को सूलिचत करेगा ।(ग) सक्ष# अमि,कारी द्वारा उक्त ज#ा हुई परिरव्यय रालि< आवेदक को यथाल्लि^क्रित स#क्ष #ें अथवा डाक द्वाराचैक/बैंक डाफ़ट अथवा #नीआड-र के #ाध्य# से भुगतान की जाएगी ।(घ) परिरव्ययकेभुगतानहेतुआवेदककोभेजेजानेवालेबैंकडाफटअथवा#नीआड-र#ेंलगनेवाले<ुल्क्कीरालि< की प्रक्रितपूर्तितc सक्ष#अमि,कारी द्वारा उसकेबैंक &ाते#ेंजा# ब्याज रालि< सेअथवा संबंमि,तकाया-लय केआहरण एवं संक्रिवतरण अमि,कारी द्वारा आकस्मिस्#क व्यय के #द से की जा सकेगी ।अन्य तरीके से भुगतान - (एक) पदाभिभक्रिहत अमि,कारी द्वारा उस पर अमि,रोक्रिपत परिरव्यय की रालि< का भुगतान क्रिनय# 13 #ें क्रिवक्रिनर्दिदcष्टस#यावमि,#ेंनकरनेपर, स#क्षअमि,कारीद्वाराआहरणएवं संक्रिवतरणअमि,कारीकोपदाभिभक्रिहतअमि,कारीकेआगा#ी वेतन से वसूल करने एवं क्रिनय# 14 (1) (क) #ें उल्लिल्लखि&त बैंक बचत &ाते #ें ज#ा करने के लिलएक्रिनदIलि<तकरेगा।स#क्षअमि,कारीद्वारादिदएगएक्रिनदI<, आहरणएवंसंक्रिवतरणअमि,कारीपरबाध्यकारीहोंगे। (दो) ऐसी रालि< आहरण संक्रिवतरण अमि,कारीद्वारा उपरोक्तानुसारज#ा करसक्ष# अमि,कारी को सूलिचत क्रिकयाजाएगा, जिजसके द्वारा क्रिनय# 14 (1) (ग) #ें वर्णिणcत अनुरूप आवेदक को भुगतान क्रिकया जाएगा ।
नि�यम(14) परिरव्ययके"ुगता�कीरीनित:
लोक सेवा प्रदाय कर�े के धिलए नि�यत समय कीगण�ा काय2 दिदवस के रूप में की .ाएगी ।
नि�यम(15) सेवाप्रदायकर�ेहेतुनि�यतसमयकीगण�ा:
पदाभि"निहत अधि�कारी, इ� नि�यमों से संलग्�प्रपत्र-2 में आम .�ता की स>ू�ा के धिलएउसकीओरसेप्रदायकी.ा�ेवालीसेवाओंकोदशा2�ेवालीसुसंगतसू>�ा, काया2लयकेधिसकीसह.दृश्यस्था�परलगाएगए�ोदिटसबोर्ड2परप्रदर्शिशGतकरवाएगा, �ोदिटसबोर्ड2परअधि�सधूि>तसेवाएं प्राप्त कर�े के धिलए दिदए .ा�े वालेआवेद� केसाथसंलग्� निकये.ा�ेवालेआवश्यकदस्तावे.ोंकानिववरण"ीहोगा।
नि�यम(16) �ोदिटसबोर्ड2पर.ा�कारीकाप्रदश2�:
कोईव्यधि0लोकसेवाप्राप्तकर�ेकेधिलएऐसाआवेद��हीदेगाजि.समेंऐसातथ्यया.ा�कारीअन्तर्विवGष्टहो, जि.सेवह.ा�ताहैयायहनिवश्वासकर�ेकाकारणहैनिकवहअसत्यहै, तथाऐसाव्यधि0.ोऐसातथ्यया.ा�कारीप्रस्तुतकरताहै, तत्समय प्रवृत्त निवधि� के अ�ी� आपराधि�क काय2वाही के धिलए दायी होगा ।
नि�यम(18) लोकसेवाप्राप्तकर�ेहेतुअसत्य.ा�कारीप्रस्तुतकर�ेपरदायियत्व
�न्यवाद
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