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  • सरस्वती के पावन तट पर सोमयज्ञ का आयोजन शकया गया िा।अनेक ऋशष-मुशन, पंडे तिा यजमान यज्ञथिली के चारों ओरशवराजमान िे। एक ऋशष ने जैसे ही कवष ऐलुष को देिा, तो वहआसन से उठ िड़े हुए और बोले, यह ऐलुष ब्राह्मण नहीं है, दासीका पुि है। यह यज्ञ में िाशमल नहीं हो सकता। ऐलुष भले ही दासी-पुि िा, पर िाथिों का िकांड पंशडत, घोर तपथवी और महान साधक

    िा। उसका जीवन अवयंत साशववक िा। ऋशषने उसके सवकमोिं की ओर ध्यान न देकरजन्म के आधार पर उसका अपमान शकयािा। उसे जबदसथती सरथवती के तट से बहुतदूर मरुभूशम में भेज शदया गया। उसने अपनेइटटदेव को पुकारा- आज ब्राह्मणवव कीपरीिा है देव! ब्राह्मणवव का शनणसय जन्म सेहोगा या कमस से, यह शनणसय कीशजए। कुछही िणों में तपथवी कवष ऐलुष की आवमा

    िकाि से आलोशकत हो उठी। यज्ञ मंडप में अंधकार छा गया।ऋशष-मुशन मरुभूशम की ओर दौड़े, उन्होंने देिा शक तपथवी कवषऐलुष अद्भुत िकाि से अलंकृत है। उनके पास ही पुण्य सशललासरथवती कल-कल करती िवाहमान हो रही है। ऋशषगण समझ गएशक ब्राह्मण कहलाने का अशधकारी वही है, शजसके कमस और चशरिपावन हैं, जो िाथिज्ञ और तपथवी हो। जन्म के आधार पर कोईऊंचा-नीचा नहीं हो सकता। ऋशषयों ने कवष ऐलुष को सादर यज्ञ मेंभाग लेने के शलए आमंशित शकया।

    -संकरलत

    नई वदलंली । िोमिार, 24 फरिरी 2020

    संथापना िषंा ः 1948निर््ीक पत््कानिता का आठवां दशक

    नवता को ितरा परमाणु बम याशमसाइल से नहीं, वायरस से है। शपछलीिताब्दी का सबसे ितरनाक वायरसथपेशनि फ्लू िा। 1918 में पृथ्वी पर हर

    तीसरा व्यशतत इस वायरस से ग्रथत िा और एक साल मेंउसने पांच से दस करोड़ लोगों की जान ली िी। इससमय कोरोना वायरस का दुशनया भर में िौफ है। इससेअब तक 2,300 से अशधक जानें जा चुकी हैं। अब इसवायरस का फैलाव तेजी से दूसरे देिों में हो रहा है। शवचवथवाथथ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है शक कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने की संभावनाएं कम होती जारही हैं। इसीशलए उसने अंतरराटट्रीय समुदाय से तेजी सेकदम उठाने का आह्वान शकया है, शजनमें शविपोषण भीिाशमल है। कोरोना के एक घातक सुपर वायरस बनने कीआिंका भी जताई जा रही है। जंगली पिु-पशियों मेंकरीब 16 लाि शभन्न िकार के वायरस हैं, शजनमें से हममाि 3,000 के बारे में जानते हैं। यानी 99.8 िशतितवायरसों के बारे में हमारी जानकारी नगण्य है। इनमें सेकोई भी सुपर वायरस बन सकता है।

    थवाइन फ्लू का वायरस शकसी पिी के इनफ्लुएंजावायरस और मानव इनफ्लुएंजा वायरस के शमलने से बनािा। दोनों वायरस पिी और मानव, दोनों के संपकक में आनेवाले शकसी सूअर के अंदर एक साि पहुंचे और शमलगए। शफर यह नया वायरस मानव िरीर में पहुंचा। चूंशकहमारे िरीर की इम्युशनटी इस नए वायरस का मुकाबलाकरने के शलए सिम नहीं िी। ऐसे में, एक से दूसरे मनुटयको संिशमत करते हुए इस वायरस ने 2009 में दो लािलोगों की जान ले ली।

    शकसी वायरस के सुपर वायरस बनने के शलए तीनचीजें जरूरी हैं, म्यूटेिन यानी उवपशरवतसन। इसका एकशहथसा शकसी अनजान जंगल में पनपने वाले वायरस काहो और दूसरा शहथसा मानव को संिशमत करने वालेशकसी साधारण वायरस का। ऐसा करने से वह हमारेइम्युशनटी तंि को शनशटिय कर सकता है। दूसरी चीज हैसंिमण िमता। यशद सुपर वायरस ऐसी जगह मौजूद हो,जहां भारी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और लंबी यािाएंकरते हैं, तो वायरस के फैलने की आिंका काफी बढ़जाती है। और तीसरी चीज है, दवाओं की िशतरोधकिमता बना लेना। कोई वायरस दवाओं का िशतरोध बनाले, तो इलाज के शलए नई दवा ईजाद करनी होगी। इसमें

    लंबा समय लगता है और वायरस को फैलने का अवसरशमल जाता है।

    सुपर वायरस से शनपटने के शलए एक बहुआयामीथवाथथ्य िणाली और िोटोकॉल तैयार रिना होगा,शजसके तहत तेजी से शकसी बीमारी के थकैन करने केयंि, अथपतालों में मरीजों को अलग रिने की िमता,शकसी भी संिमण के बारे में तेजी से जानकारी साझाकरना और जनता को जागरूक करना आशद िाशमल हैं।मांस-मछली बाजारों पर कड़ी नजर रिने और जंगलीजानवरों का मांस बेचने पर िशतबंध जरूरी है। ग्लोबलवॉशमिंग से करोड़ों वषस पुरानी बफक शपघल रही है। ऐसे में,लंबे समय से दबे हुए वायरसों के सशिय होने कीआिंका है। जंगलों की कटाई और िशनजों के दोहन केदौरान जंगली जानवरों के संपकक में आने के कारण मनुटयमें संिमण की आिंका बढ़ रही है।

    शबल गेट्स ने दो साल पहले सुपर वायरस के असरका एक कंप्यूटर मॉडल तैयार शकया िा। उनके मुताशबक,एक सुपर वायरस छह महीने में तीन करोड़ जान लेसकता है और अशधकतर देि इसे शनयंशित करने में सिमनहीं होंगे। कोरोना वायरस ऐसे ही एक सुपर वायरस केआने का संकेत भी हो सकता है। मानवता को ऐसी शकसीभी चुनौती से शनपटने के शलए तैयार रहना होगा।

    जॉन बललिंगटन एक सफल संगीत लनददेशकथे। एक लदन उन्हें एमबीए के कुछ छात्रोंको संबोलित करने के ललए बुलाया गया।वह बोले, आज तक आप लोगों ने बहुतलोगों को यह कहते सुना होगा लक मेहनतही सफलता की कुंजी है। मैं जब आपकीउम्र का था, तब मैंने भी यही लकया था।इंजीलनयलरंग के बाद मैने लक्ष्य तय लकयालक मुझे अच्छी से अच्छी कंपनी में ऊंचेओहदे तक पहंुचना है। दो साल के अंदरमैंने वह लक्ष्य हालसल कर ललया। शुरू-शुरू में मैंने काफी मेहनत की, पर लफरमेहनत करने की इच्छा खत्म होने लगी। मैंअपने काम को नजरंदाज करने लगा। पहलेकई नौकलरयां बदलीं, लेलकन लफर िीरे-िीरेनौकरी, दोस्त, पलरवार सब हाथ से छूटनेलगे। हमें यह तो सब बताते हैं लक ऊपरपहंुचना है, लेलकन यह कभी कोई नहींबताता लक ऊपर पहुंचने के बाद क्या करनाहै। ललहाजा तीन साल तक मैं अपने घर परबेरोजगार बैिा रहा। लेलकन उस वक्त एकबात हुई, लजसने मेरी सोच बदल दी। मैंनेदेखा, नौकरी छूटने के बद मैं काफी खुशरहने लगा था। मै जो चाहूं, वह कर सकताथा। मुझे जबदथस्ती लकसी से कोई लरश्तेबनाने की जरूरत नहीं थी, जबदथस्ती लकसीको खुश करने की जरूरत नहीं थी। मैं लदन भर गाने सुना करता या गाया करताथा। मुझे उसमें कभी कोई थकान महसूसनहीं होती थी। लफर एक लदन मुझे लगा लकक्यों न मैं अपने खुद के गाने बनाऊं औरसबको सुनाऊं। मैंने अपने शौक को अपनापेशा बना ललया। मुझे इस पेशे में अब बीससाल हो चुके हैं। मेरा म्यूलजक अब खुदबोलता है, मुझे लकसी को उन्हें सुनाने कीजरूरत नहीं पड़ती। लेलकन आज भी मैंजब वापस मुड़कर देखता हंू, तो लगता है,मैने अभी लकया ही क्या है। अभी तो मेरामुकाम तक पहुंचना बाकी है।

    भय और आशंका के बीचमें कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या मेंकमी आने के बावजूद दुशनया भर में इसके बढ़तेमामले न केवल बेहद शचंताजनक हैं, बशकक इसकामुकाबला करने के शलए शमल जुलकर ियास करनेऔर रणनीशत बनाने की भी मांग करते हैं। ईरान में

    रशववार को ही कोरोना वायरस से तीन मौतें हुईं, शजससे मृतकोंकी कुल संख्या बढ़कर आठ हो गई है। जबशक चीन के बादकोरोना से संिशमत होने के सबसे ज्यादा मामले दशिण कोशरयामें आए हैं। जापान के तट पर लंगर डाले िूज डायमंड शिंसेजपर सवार लोगों में कोरोना तेजी से फैल रहा है, और वहांवायरस से संिशमत भारतीयों की संख्या बढ़कर अब बारह होगई है। इसके अलावा इटली, फ्रांस, अमेशरका, इस्राइल,

    लेबनान आशद देिों में भी वायरस तेजी से फैल रहा है। इसीको देिते हुए शवचव थवाथथ्य संगठन ने शवचव समुदाय सेसहयोग में तेजी शदिाने का आह्वान शकया है। इन इसके बीचभारत के सहयोग के िथताव पर चीन की चुप्पी िलने वालीतो है ही, इसका िाशमयाजा वुहान में आिंकाओं के बीच रहरहे करीब सौ भारतीयों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसलशवगत 13 फरवरी को हमारी सरकार ने दवाओं और राहतसामग्री से लैस एक सैन्य शवमान चीन भेजने का िथताव रिािा, और वापसी में वुहान में फंसे भारतीयों को लौटा लाने कीयोजना िी। लेशकन बीशजंग ने अब तक उस िथताव को हरीझंडी नहीं दी है। हालांशक हुबेई िांत से अनेक उड़ानें बाशधतऔर थिशगत हुई हैं। पर हाल के शदनों में बीशजंग ने फ्रांस,

    जापान और यूिेन की उड़ानों को इजाजत दी है। भारत द्वारामदद का िथताव भेजे जाने से पहले पांच शदनों में दो भारतीयउड़ानों को मंजूरी शमल गई िी। लेशकन मदद के िथताव केबाद से ही चीन का बदला हुआ रवैया हैरान करने वाला है।शवपशि के समय मदद लेने के मामले में भी संभवतः उसकीभारत-शवरोधी गं्रशि आड़े आ रही है। इस असहयोगी रवैये केकारण चीन कोरोना वायरस के शिलाफ लड़ाई में अपना बहुतनुकसान कर चुका है। एक तरफ शवचव थवाथथ्य संगठन इसवायरस से लड़ने के शलए वैशचवक मदद का आह्वान कर रहाहै, दूसरी ओर, भारत से मदद लेने में चीन आनाकानी कर रहाहै। इसका दुभासग्यपूणस पि यह है शक वुहान में फंसे भारतीयोंकी वापसी अशनशचचत हो गई है।

    चीन

    मा

    कोरोना के िंकंंमर के बढंते मामलों को देखते हुए विशंं संिासंथंय िंगठन ने िैवंंशक िहयोग की जरंरत बताई है, लेवकन चीन नेभारतीय मदद के पंंसंंाि का अभी तक जिाब भी नहीं वदया है, वजििे िुहान में फंिे भारतीयों की िापिी अवनवंंित हो गई है।

    कोरोना िायरि क ेघातक िुपर िायरि बनन ेकी आशंका भी जताई जा रही ह।ै वबल गेटिंने िपुर िायरि क ेअिर का कपंयूंटर मॉडल तैयार वकया था, वजिक ेमुतावबक, इिि ेभारीनुकिान हो िकता ह ैऔर अवधकतर देश इि ेवनयवंंंतत करन ेमंे िकंमं नहीं होंग।े

    सृिनपाल खसंह

    जॉन, नौकरीऔर संगीत

    सफल होने के वलए िह काम करो, वजसका तुम्हें शौक हो।

    लावाररस वाडड के मरीजोंको रोज खाना रखलाता हूं मैं अपनी कमाई का दस प्रतिशि तिटसा मरीजों को खाना तखलाने में खचचकरिा हंू। तपछले कई साल से मैं अटपिालों में भिीच, मानतसक रूप सेबीमार व तदव्यांगों की सेवा कर रिा हंू। अपने िाथों से मरीजों को खानातखलाना मुझे अच्छा लगिा िै। मैं िमेशा सोचिा हूं तक इंसान की उम्रबहुि कम िोिी िै। इसतलए ज्यादा से ज्यादा लोगों िक मदद पहुंचाना मेरेअतभयान का तिटसा िै। मैं तबिार की राजधानी पटना का रिने वाला हंूऔर कपड़े की एक दुकान चलािा हूं। तदन भर दुकान पर रिने के बादशाम को मैं इन मरीजों व असिायों के पास पहुंचिा हूं। यि सब कुछ यों शुरू हुआ। एक तदन मेरी दुकान से कुछ दूर प्लातटटककी थैतलयां बेचने वाली एक मतिला के पास बुरी िरि से झुलस चुका एकलड़का आया। वि अपना या पतरवार का नाम बिाने की िालि में निीं था।मतिला ने मुझे सियोग के तलए बुलाया, िो मैं उस लड़के को अटपिाल लेगया। विां जाकर देखा, िो डॉक्टर िड़िाल पर थे। खैर तकसी िरि

    आपािकालीन वाडड में उस लड़के को भिीचकरवाकर उसका इलाज शुरू करवाया। उसराि मैं घूमिे समय अटपिाल के लावातरसवाडड में चला गया। मैंने देखा तक िड़िाल केकारण गरीब और तदव्यांग मरीज बदिाल पड़ेथे। उस वक्ि मुझे एिसास हुआ तक पैसा निो, िो इंसान तकिना लाचार और मजबूर िोजािा िै। उसके बाद मैंने खुद से एक वादातकया तक कुछ भी िो जाए, तवपरीिपतरतटथतियों में भी तकसी की मदद करना मैंछोड़ूंगा निीं। इसके बाद मैं लगािार पटनामेतडकल कॉलेज जाने लगा और विां केकुख्याि लावातरस वाडड में जाकर बीमार,लाचार, अशक्ि और भूखे मरीजों को खानातखलाने का काम करने लगा। शुरुआिी दौरमें जब मैंने अपनी सीतमि कमाई से अनाथोंऔर लावातरस लोगों को खाना तखलाना शुरूतकया, िब आतथचक िंगी की वजि से कई

    बार मुतककलें भी आईं। लेतकन मैंने दोगुनीमेिनि की और खुद से तकया वादा न िोड़ने

    का संकल्प दोिराया, िो सब ठीक िो गया। मेरे पतरवार में पांच बेटे िैं।बड़े बेटे की शादी हुई, िो मैं रोज की िरि अटपिाल पहुंच गया। विां वाडडमें मौजूद मरीजों को खाना तखलाया, और तिर बेटे की बाराि में शातमलिो गया। ऐसे कुछ मौकों पर पतरवार में इस काम को लेकर तवरोध केटवर भी उठे िैं। पर मैंने कभी िार निीं मानी, और अब सब इस काम मेंमेरा सियोग कर रिे िैं। कई बार ऐसी तटथति थी तक खाने के तलए कोईइंिजाम निीं था। िब थोड़े-बहुि पैसों का इंिजाम कर सब्जी, चावल, दालखरीदकर घर में िी खाना बनवाकर मैंने अटपिाल के मरीजों को तखलायािै। लावातरस वाडड में ज्यादािर ऐसे मरीज िोिे िैं, जो अपने िाथों से खानानिीं खा पािे। इस िरि की तटथति में मैं अपने िाथों से उनको खानातखलािा हूं। इलाज िोने के बाद जब कई बार मरीज टवटथ िो जािे िैं, िोउन्िें उनके घरवालों से संपकक करवािा हूं, िातक वे उनके साथ जा सकें।अब लोग मुझे लावातरस लोगों की जानकारी भी देने लगे िैं। मैं तकसीलावातरस की जानकारी तमलने पर उस जगि पर जािा हूं। उसे विां सेलाकर अटपिाल में भिीच करवािा हूं। मैं तनयतमि िौर पर रक्िदान करिाहूं और जरूरि पड़ने पर मरीजों के तलए दवाओं के तबल का भुगिान भीकरिा हूं। ये मरीज अब मुझे अपने से लगिे िैं। मैं उनके दुख-ददच सुनिाहूं और उनका सियोग करिा हूं ।

    -विविन्न साक्षात्कारों पर आधावरत।

    जॉन बयलिंगटन की कहानी, यजसने नौकरीछूटने के बाद संगीत को अपना शौकबनािा और उसी में उन्हें खुयशिां यमलीं।

    मंखिले़ और भी है़ हखरयाली और रास़़ा

    सत़संग

    मैं वनयवमत तौर पररकंतदान करता हूं और

    जरंरत पडंने परमरीजों के वलए दिाओंके वबल का भुगतान

    भी करता हूं।

    पैिोंिे िफलता नहीं

    वमलती। पैिे कमाने कीसंितंतंंता िे िफलता

    वमलती है।-नेल़सन मंडेला

    सुपर वायरस का खतरा तो नहीं

    जन्म नहीं, कमम

    न, 2018 से ही फाइनेंशियलऐतिन टाथक फोसस(एफएटीएफ) की ग्रे सूची मेंिाशमल पाशकथतान एक बारशफर दंड से बच गया है।आतंकवाद का शविपोषण या

    मनी लॉन्डशरंग के शिलाफ कोई महववपूणसकारसवाई न करने के बावजूद एफएटीएफ नेपाशकथतान को काली सूची में नहीं डाला। अपनाकाडड अच्छी तरह िेलते हुए पाशकथतान नेसंभवतः दूसरे सदथयों को बताया शक इस मुद्देपर अपनी आंिें बंद रिने से उन्हें ज्यादा लाभशमलेगा। जबशक कुछ दूसरे देिों ने सीधे-सीधेधाशमसक आधार पर पाशकथतान का बचाव शकया।

    एफएटीएफ पशेरस शथित एक अंतरसरकारीशनकाय है, शजसका गठन 1989 में मनी लॉन्डशरंग परअंकिु लगान ेक ेशलए शकया गया िा। लशेकन 9/11की आतकंी घटना क ेबाद आतकंी शविपोषण परअंकिु लगान ेके शलए भी इसके कायस िेि को बढ़ाशदया गया। इस शनकाय क े39 सदथय हैं और यहसगंठन शनशचचत आधार पर सदथय दिेों के आचरणपर फसैला करता है। शकसी भी दिे को ग्र ेसूची सेहटान ेक ेशलए 12 दिेों क ेसमिसन की जरूरत होतीह,ै जबशक माि तीन दिेों क ेसमिसन से ही शकसी दिेको काली सूची में डालन ेस े रोका जा सकता ह।ैएफएटीएफ सबसे िराब िदिसन करन ेवाल ेदेि को'कॉल फॉर ऐतिन' की श्रणेी में रिता ह।ै

    लगातार ग्र ेसचूी में होन ेक ेबावजूद पाशकथतानका आचरण सधुरा नहीं ह।ै लचकर और जैि जैसेआतंकी सगंठन लगातार भारत के शिलाफ आतकंीकारसवाइयों में सशंलप्त ह।ै आतकंवाद से िभाशवतभारत न ेअंतरराटट्रीय मचंों पर गहुार लगाई है शकसयंतुत राटट्र जैसी वशैचवक संथिा को पाशकथतान जसैेदिेों क ेशिलाफ, जो आतकंी गटुों का िायोजक ह,ैकारसवाई करन े क े मामल े में तटथि होना चाशहए।

    सयंतुत राटट्र में भारत क े थिायी िशतशनशध सयैदअकबरुद्दीन न े 20 नवंबर, 2019 को अपराध-आतकं की साठगांठ क ेवैशचवक ितर ेस ेशनपटन ेकेशलए शबना शकसी दोहर ेमापदडं के िनू्य सशहटणुता केदृशटटकोण का आह्वान शकया िा।

    यहां तक शक अमशेरकी शवदिे मिंालय ने भीआतकंी गटुों क ेशिलाफ कारसवाई न करने के शलएपाशकथतान को फटकार लगाई ह।ै उसन े अपने

    मकूयांकन में िेिीय आतकंी गटु को ितरा बताया ह।ैउसन ेपाशकथतान सरकार पर लचकर और जिै कोपाशकथतान में धन जटुान,े भतीस करन ेऔर िशििणदने ेसे रोकन ेमें शवफल रहन ेतिा जलुाई, 2018 काआम चनुाव लड़न े क े शलए लचकर से जड़ुेउम्मीदवारों को अनमुशत दने ेका आरोप लगाया।

    इस आकलन क े बावजदू अमशेरका एक िासशबंद ुस ेआग ेनहीं बढ़ा ह।ै ट्रपं न ेअपन ेचनुाव िचार

    क ेदौरान वादा शकया िा शक वह अपन ेसशैनकों कोअफगाशनथतान से वापस बुला लेंगे। हालांशक इसियास में वह अब तक सफल नहीं हुए हैं। अमशेरकान ेदोहा में ताशलबान के साि िांशत वातास की, लशेकनउसके वांशछत पशरणाम नहीं शमले। अमशेरका अब भीपाशकथतान पर उम्मीद लगाए बैठा ह ै (जहां सेताशलबान का िीषस नेतवृव काम करता ह)ै शकताशलबान क े साि िांशत वातास में वह मध्यथिताकरगेा, और जो उसकी सेना को लौटन ेऔर इशतहासक ेसबसे लबं ेयदु्ध को िवम करन ेकी अनमुशत दगेा।अगर पाशकथतान को काली सूची में डाल शदया जाताह,ै तो उसका व्यवहार िितुापणूस होन ेकी आिकंारहगेी और ताशलबान क े साि िांशत वातास में वहसहयोग नहीं करगेा।

    हाल ही में जब संयुतत राटट्र के महासशचवजनरल एंटोशनयो गुटेरस अफगान िरणाशिसयों परआयोशजत एक अंतरराटट्रीय सम्मेलन में भाग लेनेपाशकथतान पहुंचे िे, तब उन्होंने अफगानिरणाशिसयों की मेजबानी में पाशकथतान की भूशमकाकी सराहना की, लेशकन उन्होंने इसका पूरा ध्यानरिा शक आतंक पैदा करने में हतकानी नेटवकक कीभूशमका की ओर इंशगत न शकया जाए। उन्होंने ट्रंपकी तरह कचमीर मामले में मध्यथिता की पेिकिकर पाशकथतान को िुि करने की कोशिि की।अंतरराटट्रीय समुदाय को डर है शक अगर पाशकथतानको काली सूची में डाल शदया गया, तो पहले से हीबदहाल उसकी अिसव्यवथिा और िराब होजाएगी। यह पाशकथतान के िावमे का कारण बनसकता है, शजसके चलते दुशनया और उसकेपड़ोशसयों के शलए परेिानी पैदा हो सकती है।

    पाशकथतान ने भी मुशथलम जगत की राजनीशत कोअपने फायदे के शलए इथतेमाल करने की कोशििकी। हाल के शदनों में िाड़ी में हालात अशथिर रहेहैं। सऊदी अरब का राजनीशतक िभाव कम हुआहै और ईरान का कद बढ़ा है। ऐसे माहौल में तुकीस

    मुशथलम जगत का नया नेता बनकर उभर रहा है।इस उद्देचय के साि कुआलालंपुर में एक शििरबैठक का आयोजन शकया गया, शजसमें पाशकथतानको भी बुलाया गया िा। लेशकन पाशकथतान नेअंशतम िण में उसमें जाने से इन्कार कर शदया, जबसऊदी अरब ने उसके चालीस लाि नागशरकों कोवापस भेजने और पाशकथतानी बैंकों में रिे अरबोंडॉलर शनकालने की धमकी दी। बाद में इमरानिान ने मलयेशिया का दौरा कर उसे िुि करनेकी कोशिि की, और तुकीस के राटट्रपशत तैयपएदोसगन को पाशकथतान आने का शनमंिण शदया।तुकीस और पाशकथतान के बीच मजबूत रिाभागीदारी भी है। एदोसगन एफएटीएफ की बैठक सेठीक पहले पाशकथतान गए और िुलेआमपाशकथतान को काली सूची में जाने से बचाने काउन्होंने वादा शकया।

    पाशकथतान ने कुछ शदिावटी उपाय भी शकए,जैसा शक वह एफएटीएफ की हर पूणस बैठक सेपहले करता है। उसने आतंकी फंशडंग के आरोप मेंहाशफज सईद को शगरफ्तार शकया और कहा शक एकऔर आतंकी सरगना मसूद अजहर लापता है।हालांशक भारत ने मसूद अजहर के पाशकथतान मेंहोने के सबूत शदए।

    पाशकथतान को काली सूची से बाहर रहन ेक ेशलएतीन देिों के समिसन की जरूरत िी। ये तीन वोटउसने तकुीस, मलयशेिया और चीन की मदद सेआसानी से हाशसल कर शलए। इसक ेअलावा, चीनअभी एफएटीएफ का नतेवृव कर रहा ह।ै इसमें िायदअमशेरका की भी मौन सहमशत िी, जो उम्मीद कर रहाह ैशक अफगाशनथतान से शनकलने में पाशकथतान मददकर सकता ह।ै ऐसा होगा या नहीं, यह तो वतत हीबताएगा। शफलहाल कछु समय के शलए पाशकथतानको वह शमल गया ह,ै शजसकी उसे तलाि िी।

    -लखेक मनोहर पालरकर इसं्टीट्यटू ऑफ लडफेंसस्टडीज ऐंड एनालललसस में एसोलसएट फेलो हैं।

    पाखकस़़ान को काली सूची मे़ कौन डालेगा जू

    आनंद कुमार

    अफगावनसंांन मे ंपाक िहयोग का इचछंकुअमवेरका इसलंामाबाद को नाराज नहीं करिकता। और एफएटीएफ का नेततृिं अभीचीन क ेपाि ह।ै इिवलए आतकंी वितंपंोषरक ेबािजदू पावकसंांन वफर बच गया।

    िभी रोटी के वलएमेहनत करें तो ऊंच-नीच का भेद दूर हो

    कायिक श्रम अंग्रेजी शब्द 'ब्रेड लेबर'शब्द का अनुवाद है। रोटी के ललए हरआदमी का मजदूरी करना, हाथ-पैरलहलाना ईश्वरीय लनयम है। इसकी झलकमेरी आंखें ‘भगवतगीता’ के तीसरे अध्यायमें पा रही हैं। यज्ञ लकए लबना खाने वालाचोरी का अन्न खाता है। यहां यज्ञ का अथथकालयक श्रम या रोटी श्रम की शोभा देताहै। मजदूरी न करने वालों को खाने काक्या अलिकार हो सकता है? करोड़पलत भी

    यलद पलंग पर पड़ारहे और मुंह मेंलकसी के खानाडाल देने पर खाए,तो वह बहुत लदनोंतक खा न सकेगा।उसमें उसके ललएआनंद भी नहीं रहजाएगा। लकसान सेहवा खाने, कसरतकरने को कोई नहींकहता। और संसारके अरबों से भीअलिक मनुष्यों कालनवाथह खेती से होताहै। शेष दस प्रलतशत

    मनुष्य इनका अनुकरण करें, तो संसार मेंलकतना सुख, लकतनी शांलत और लकतनाआरोग्य फैले। यलद खेतों के साथ बुलि कामेल हो जाए, तो खेती के काम में अनेककलिनाइयां सहज में दूर हो जाएं। इसकेलसवा यलद कालयक श्रम के इस लनरपवादलनयम को सभी मानने लगें, तो ऊंच-नीचका भेद दूर हो जाए। इस समय तो जहांउच्चता की गंि भी न थी, वहां भी, अथाथतवणथ व्यवस्था में भी वह घुस गई। माललक-मजदूर का भेद सवथव्यापक हो गया है,और गरीब-अमीर से ईष्याथ करने लगा है।यलद सभी अपनी रोटी के ललए खुद मेहनतकरें, तो ऊंच-नीच का भेद दूर हो जाए।लजसे अलहंसा का पालन करना है, सत्यकी आरािना करनी है, उसके ललए तोकालयक श्रम रामबाण रूप हो जाता है।

    -गांिी वांग्मय से।

    इि िमय तोजहां उचंंता

    की गंध भी नथी, िहां भी,अथंाात िरंावंयिसंथा मेंभी िह घुि

    गई।

    गुरमीत विंह

    खुली खखड़की

    1995

    77.3%

    2000

    71.2%

    2005

    66.2%

    2010

    65.1%

    2015

    67.2%

    2018

    69.4%

    जेलों में विचाराधीन कैदी

    स्रोत : नेशनल क्राइम वरकॉडट ब्यूरो

    एक वरपोटट क ेमतुावबक, िषष 2018 में करीब 70% विचारािीन कदैी जलेों में बदं थ।े

    देश की विविन्न जेलों में आपराविक मामलों में विचारािीन कैदी बंद हैं।

    amar 24_Newspro-Template 23-02-2020 18:44 Page 1


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