r i s n h i p trai e n h t e a u d g o y the art of living ... · केवल भोजन के...

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न के मोती बुम के लण बु का अर है बौकता एवं बु होना। संसकत म बु का अर है बुमा। और, बुमा के चार लण ह। 1. सजगत सजग रहना बुमा का सबसे पहला लण है। आप यह नह कह सकते क म बुमान तो हूं, लेकन रोड़ा असजग सा रहता हूं। बुमा का अर ही सजगता है। जब आप सजग रहते ह तो कसी भी वसतु या अवसर के त आपकी धारणा और पयवेण की शकत बढ़ जाती है। और यह दोन मलकर आपकी अभवयकत की मता को एकदम सही बनाते ह। कई बार लोग कहते ह- हे भगवान! मुझे कोई समझ ही नह पाता। लेकन सही मायन म उनह कहना चाहए- म खुद को अभवयत नह कर पाता। यद आपम खुद को अभवयत करने की मता है, तो कसी भी कार की गलतफहमी नह होगी। अवधारणा, पयवेण और अभवयकत- यह सब सजगता से ही ापत होते ह। अगर आप लंबे समय तक सवयं को सजग रखते ह तो या होता है? आप रक जाते ह और खुद को परेशान सा महसूस करते ह। इसका अयह हुआ क हर समय सतक रहना मकसतषक की आदत नह है। हम वाम भी चहए। और वाम का तरीका जो हम पता है वो है- तकया लो और सो जाओ। बस। नद आवशयक है। परंतु वाम का एक और भी कार है। इसम आप सजगता के सार-सार वाम भी करते ह। वह है धयान। 2. वििद को सुलझने की योगयत बुमा का ही एक और लण है- ववाद को सुलझाने की योगयता। मूख वयकत ववाद पैदा करते ह, परंतु बुमान अपने आस-पास के ववाद सुलझाना जानते ह। यद कोई वयकत सृजनातमक तो है, लेकन कई सारे ववाद उतप करता है, तो आप कहगे- हे भगवान! यह तो बुमापूण काय नह है। है ना? यद आप कसी बुमान वयकत को ववाद की कसरत म डालते ह तो या वहां ववाद बढ़ेगा या फर सुलझने की कसरत पैदा होगी? वह उसे कम कर लेगा या सुलझा लेगी/लेगा। सौहा का भाव लाने की वृ भी बुमा का लण है। समाधान ढूंढने की योगयता भी बुमा होती है। 3. विनोदपूर सिभि बुमा का अगला लण है- वनोदपूण सवभाव। म आपको एक कहानी बताना चाहूंगा। सवामी ववेकानंद एक रेसतरां म गए और उसी मेज पर बैठ गए जहां उनके ोफेसर बैठे रे। ोफेसर ने सवामी ववेकानंद से कहा- सूअर और पी एक ही मेज पर बैठकर खाना नह खा सकते। जानते ह, सवामी ववेकानंद ने या कहा? उनहने कहा- मानयवर आप जब कहगे, म उड़ जाऊंगा। बुमा म तयेक ववाद को वनोद म बदल देने की योगयता होती है। यद आप वनोदय ह तो कसी भी ववाद की पररकसरत से नपट सकते ह। 4. तनि बतनाव मुत रहना भी बुमा का एक अनय लण है। यद आप तनावसत हो भी जाएं तो आपको पता होना चाहए क उससे कैसे उबरना है। हम अपने शरीर अरवा मकसतषक का कतना योग करना है, इसकी जानकारी होना भी बुमा है। यद हम अपने शरीर और मकसतषक का योग सीमा से बाहर करते ह तो अशांत, परेशान और रके हुए रहगे। मलपुरम: युवचये ने तलब सवच कय एक ही िन म तलब से कई, े, पलसक की बोतल और ॉलीिन बैग नकले गए n युवाचाय के अभियान से ेरित होकि सानीय भनवासी िी अब तालाब को सवच िखने लगे सेवा टाइमस l मलपरम (केरल) 29 मई 2018 को युवाचाय ने मलपपुरम म पुटरोत गांव के मंदर के पास कसरत तालाब की सफाई का काम शु कया। कचरे और काई से भरा होने ककारण इस तालाब का पानी कीचड़ म बदल गया रा और यह इसतेमाल के लए उपयुत नह रहा रा। मंजरी नगर नगम के अधय वीपी फरोज नतालाब की सफाई की योजना का उाटन कया। युवाचाय के समूह ने तलाब से काई, सड़े-गले पे, पलाकसटक की बोतल, पॉलीरन बैग जैसा कचरा साफ कया। अपने कठन म एवं अतयंत उतसाह के कारण वह एक ही दन म इस काय को करने म सफल हो गए। केवल तालाब को साफ कर देना ही पयापत नह रा। यह सफाई बरकरार भी रहनी चाहए। ऐसे म लोग को जागक करना आवशयक रा क भवषय म भी यहां पर ऐसा कोई पदार या कूड़ा-कचरा न फके, जससे तालाब का पानी दूित हो। ामीण को जागक करने के लए युवाचाय ने कई कायम भी कए। तालाब का पानी अब इतना साफ रहता है क इसे कि काय म आसानी से योग म लाया जा सकता है। ामवासय को भी तालाब का महतव पता चल गया है। अब वह भी इसे दोबारा गंदा नह करने के त सजग ह। वह भी यहां सफाई रखते ह। सफई से पहले सफई के बद 2 पहल एसटीईएम - ब म सीखने की इच बढ रह जेकट पेज 3 यास डपिंग समस क हल ढूंढने की पिश म एक शुआत पेज 4 रणा जुझ पकसन ने नकमी क सफलत म बिल पेज संसकरण: अगस 2018 द आट ऑफ लिलवंग, अनरराय क, बगिु वा टाइमस THE ART OF LIVING T R P A I I H N S I R N E G D P A E R L O G H R T A U M O Y हररत कत से तमलेगी आतक मजबूती सेवा टाइमस l सतर (महर) 4 जुलाई, 2018 को महाराष के सतारा जले की कलेटर शवेता संघल ने जयगांव म आट आॅफ लवंग के 1,00,000 कसटड एपपल के पेड़ लगाने के ोजेट का उाटन कया। उनहने ामवासय की इस अत पहल की सराहना की। साही भवषय म हर यास म सरकारी सहायता दलवाने का भी अशवासन दया। इस अवसर पर तहसीलदार कसमता पवार, उप मंडलीय कि अधकारी महेश जडे, और बलाॅक वकास अधकारी शरद मगर सहत अनय गणमानय लोग उपकसरत रे। कुछ साल पहले तक जयगांव अकाल पीड़त े रा। यहां पबेरोजगारी और वभ संामक रोग से लोग का सत रहना एक बड़ी समसया बना हुआ रा। परनतु आज के दन इस गांव को संचत गांव के प म जाना जाता है। इसका ेय आट आॅफ लवंग को जाता है, जसने गुड ईयर और इंटरनेशनल एसोसएशन फॉर ूमन वैलयूज के सहयोग सजल संरण पररयोजना के माधयम से इस गांव को आदश गांव मंपररवतत करने की पहल की। कसटड एपपल के पेड़ लगाना गांव की बेरोजगारी की समसया दूर करने और ामवासय की आरक कसरत सुधारने की दशा म उठाया गया एक और कदम है। इन पेड़ को जंदा रहने के लए कम पानी की आवशयकता होती है। इनम अनेक औिधीय गुण भी ह, जो बीमाररयां दूर करने मंे सम ह। इनका रखरखाव भी बहुत अासान है, यक पशु इनह खाना पसंद नह करते। इन पेड़ के जंदा रहने की संभावना 75 तशत तक रहती है। सबसे महतवपूण लाभ यह है क वयावसायक दृकषट से अनय फल की अपेा यह अधक लाभकारी है। ामवासय ने 1,00,000 पौधे लगाने का संकलप लया है। यह पौधे गांव की 200 एकड़ जमीन म कसरत नसरी म उगाए गए ह। पुरंदर कसम का कसटड एपल जलदी फल देता है और सवाद म भी मीठा होता है। यह ोजेट कई लोग को रोजगार मुहैया करवाएगा। भवषय म यहां पर एक ूट ासेसंग यूनट शु करने पर भी वचार कया जा रहा है। जयगांव म 200 एकड़ जगह पर सत नसरी म पुरंदर ककम के कर एपपल लगान के कलए गढ़े खोद गए ह। यह पररयोजना कई लोग को रोजगार मुहैया करवाएगी। n महर के जयगंव म 200 एकड़ म ुरंिर जत के 1 लख कसर एपल वृ लगए जएंगn कसर एपल क रखरखव आसन, बेरोजगरी की समसय सुलझने मंे सहयत करेगी योजन गांव म भवष म एक ट सेवसंग ूविट लगािे की भी जिा है

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  • ज्ञान के मोती

    बुद्धिमत्ता के लक्षण

    बु द्ध का अर्थ है बौद्द्धकता एवं प्रबुद्ध होना। संसककृत में बुद्द्ध का अर्थ है बुद्द्धमत्ा। और, बुद्द्धमत्ा के चार लक्षण हैं। 1. सजगतञा

    सजग रहना बुद्द्धमत्ा का सबसे पहला लक्षण है। आप यह नहीं कह सकते द्क मैं बुद्द्धमान तो हूं, लेद्कन रोड़ा असजग सा रहता हूं। बुद्द्धमत्ा का अर्थ ही सजगता है। जब आप सजग रहते हैं तो द्कसी भी वसतु या अवसर के प्रद्त आपकी धारणा और पय्थवेक्षण की शक्त बढ़ जाती है। और यह दोनों द्मलकर आपकी अद्भवयक्त की क्षमता को एकदम सही बनाते हैं।

    कई बार लोग कहते हैं- हे भगवान! मुझे कोई समझ ही नहीं पाता। लेद्कन सही मायनों में उनहें कहना चाद्हए- मैं खुद को अद्भवय्त नहीं कर पाता।

    यद्द आपमें खुद को अद्भवय्त करने की क्षमता है, तो द्कसी भी प्रकार की गलतफहमी नहीं होगी। अवधारणा, पय्थवेक्षण और अद्भवयक्त- यह सब सजगता से ही प्रापत होते हैं।

    अगर आप लंबे समय तक सवयं को सजग रखते हैं तो ्या होता है? आप रक जाते हैं और खुद को परेशान सा महसूस करते हैं। इसका अर्थ यह हुआ द्क हर समय सतक्क रहना मकसतषक की आदत नहीं है। हमें द्वश्ाम भी चद्हए। और द्वश्ाम का तरीका जो हमें पता है वो है- तद्कया लो और सो जाओ। बस। नींद आवशयक है। परंतु द्वश्ाम का एक और भी प्रकार है। इसमें आप सजगता के सार-सार द्वश्ाम भी करते हैं। वह है धयान।

    2. वििञादों को सुलझञाने की योगयतञाबुद्द्धमत्ा का ही एक और लक्षण है- द्ववादों को सुलझाने की योगयता। मूख्थ वयक्त द्ववाद पैदा करते हैं, परंतु बुद्द्धमान अपने आस-पास के द्ववाद सुलझाना जानते हैं। यद्द कोई वयक्त सृजनातमक तो है, लेद्कन कई सारे द्ववाद उतपन्न करता है, तो आप कहेंगे- हे भगवान! यह तो बुद्द्धमत्ापूण्थ काय्थ नहीं है। है ना?

    यद्द आप द्कसी बुद्द्धमान वयक्त को द्ववाद की कसरद्त में डालते हैं तो ्या वहां द्ववाद बढ़ेगा या द्फर सुलझने की कसरद्त पैदा होगी? वह उसे कम कर लेगा या सुलझा लेगी/लेगा। सौहार््थ का भाव लाने की प्रवृद्त् भी बुद्द्धमत्ा का लक्षण है। समाधान ढूंढने की योगयता भी बुद्द्धमत्ा होती है।

    3. विनोदपूर्ण सिभञािबुद्द्धमत्ा का अगला लक्षण है- द्वनोदपूण्थ सवभाव। मैं आपको एक कहानी बताना चाहूंगा। सवामी द्ववेकानंद एक रेसतरां में गए और उसी मेज पर बैठ गए जहां उनके प्रोफेसर बैठे रे। प्रोफेसर ने सवामी द्ववेकानंद से कहा- सूअर और पक्षी एक ही मेज पर बैठकर खाना नहीं खा सकते। जानते हैं, सवामी द्ववेकानंद ने ्या कहा? उनहोंने कहा- मानयवर आप जब कहेंगे, मैं उड़ जाऊंगा।

    बुद्द्धमत्ा में प्रतयेक द्ववाद को द्वनोद में बदल देने की योगयता होती है। यद्द आप द्वनोदद्प्रय हैं तो द्कसी भी द्ववाद की पररकसरद्त से द्नपट सकते हैं।

    4. तनञाि प्रबन्धन तनाव मु्त रहना भी बुद्द्धमत्ा का एक अनय लक्षण है। यद्द आप तनावग्रसत हो भी जाएं तो आपको पता होना चाद्हए द्क उससे कैसे उबरना है। हमें अपने शरीर अरवा मकसतषक का द्कतना प्रयोग करना है, इसकी जानकारी होना भी बुद्द्धमत्ा है। यद्द हम अपने शरीर और मकसतषक का प्रयोग सीमा से बाहर करते हैं तो अशांत, परेशान और रके हुए रहेंगे।

    मलप्ुरम: युवताचतायताांे ने ततालताब सवच्छ द्कयताएक ही द्िन में ततालताब से कताई, ्त्े, पलताससटिक की बोतलें और ्ॉलीद्िन बैग द्नकताले गएn युवाचाययों के अभियान से प्ेरित

    होकि स्ानीय भनवासी िी अब तालाब को सवच्छ िखने लगे

    सेवा टाइमस l मलप्पुरम (केरल)

    29 मई 2018 को युवाचाययों ने मलपपुरम में पुटरोत गांव के मंद्दर के पास कसरत तालाब की सफाई का काम शुरू द्कया। कचरे और काई से भरा होने के कारण इस तालाब का पानी कीचड़ में बदल गया रा और यह इसतेमाल के द्लए उपयु्त नहीं रहा रा।

    मंजरी नगर द्नगम के अधयक्ष वीपी द्फरोज ने तालाब की सफाई की योजना का उद्ाटन द्कया। युवाचाययों के समूह ने तलाब से काई, सड़े-गले पत्े, पलाकसटक की बोतलें, पॉलीद्रन बैग जैसा कचरा साफ द्कया। अपने कद्ठन श्म एवं अतयंत उतसाह के कारण वह एक ही द्दन में इस काय्थ को करने में सफल हो गए।

    केवल तालाब को साफ कर देना ही पया्थपत नहीं रा। यह सफाई बरकरार भी रहनी चाद्हए। ऐसे में लोगों को जागरूक करना आवशयक रा द्क भद्वषय में भी यहां पर ऐसा कोई पदार्थ या कूड़ा-कचरा न फेंके, द्जससे तालाब का पानी दूद्ित हो। ग्रामीणों को जागरूक करने के द्लए युवाचाययों ने कई काय्थक्रम भी द्कए। तालाब का पानी अब इतना साफ रहता है द्क इसे ककृद्ि काययों में आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है। ग्रामवाद्सयों को भी तालाब का महतव पता चल गया है। अब वह भी इसे दोबारा गंदा नहीं करने के प्रद्त सजग हैं। वह भी यहां सफाई रखते हैं।

    सफञाई से पहले

    सफञाई के बञाद

    2 पहलएसटीईएम - बच्चों में सीखने की इच्छा बढछा रहछा प्रोजेकटपेज 3 प्रयासडरोपिंग समस्छा कछा हल ढूंढने की पिशछा में एक शुरुआतपेज 4 प्ररेरणाजुझछारू पकसछान ने नछाकछामी करो सफलतछा में बिलछापेजसंसकरण: अगस्त 2018 द आट्ट ऑफ लिलवंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरू

    सवेा टाइमसTHE ART OF LIVING

    T RP AI IH NS IR NE GD PAE RL O GH RT AU MOY

    हररत क्रांतत से तमलेगी आत्थिक मजबूतीसेवा टाइमस l सत्रर्र (मह्रर्रष्ट्र)

    4 जुलाई, 2018 को महाराषट्र के सतारा द्जले की कले्टर शवेता द्संघल ने जयगांव में आट्ट आॅफ द्लद्वंग के 1,00,000 कसटड्ट एपपल के पेड़ लगाने के प्रोजे्ट का उद्ाटन द्कया। उनहोंने ग्रामवाद्सयों की इस अद्भुत पहल की सराहना की। सार ही भद्वषय में हर प्रयास में सरकारी सहायता द्दलवाने का भी अशवासन द्दया। इस अवसर पर तहसीलदार कसमता पवार,

    उप मंडलीय ककृद्ि अद्धकारी महेश जेंडे, और बलाॅक द्वकास अद्धकारी शरद मगर सद्हत अनय गणमानय लोग उपकसरत रे।

    कुछ साल पहले तक जयगांव अकाल पीद्ड़त क्षेत्र रा। यहां पर बेरोजगारी और द्वद्भन्न संक्रामक रोगों से लोगों का ग्रसत रहना एक

    बड़ी समसया बना हुआ रा। परनतु आज के द्दन इस गांव को द्संद्चत गांव के रूप में जाना जाता है। इसका श्ेय आट्ट आॅफ द्लद्वंग को जाता है, द्जसने गुड ईयर और इंटरनेशनल एसोद्सएशन फॉर ह्ूमन वैलयूज के सहयोग से जल संरक्षण पररयोजनाओं के माधयम से इस गांव को आदश्थ गांव मंे पररवद्त्थत करने की पहल की।

    कसटड्ट एपपल के पेड़ लगाना गांव की बेरोजगारी की समसया दूर करने और ग्रामवाद्सयों की आद्र्थक कसरद्त सुधारने की द्दशा में उठाया गया एक और कदम है। इन पेड़ों को द्जंदा रहने के द्लए कम पानी की आवशयकता होती है। इनमें अनेक औिधीय गुण भी हैं, जो बीमाररयां दूर करने मंे सक्षम हैं। इनका रखरखाव भी बहुत अासान है, ्योंद्क पशु इनहें खाना पसंद नहीं करते। इन पेड़ों के द्जंदा रहने की संभावना 75 प्रद्तशत

    तक रहती है। सबसे महतवपूण्थ लाभ यह है द्क वयावसाद्यक दृकषट से अनय फलों की अपेक्षा यह अद्धक लाभकारी है।

    ग्रामवाद्सयों ने 1,00,000 पौधे लगाने का संकलप द्लया है। यह पौधे गांव की 200 एकड़ जमीन में कसरत नस्थरी में

    उगाए गए हैं। पुरंदर द्कसम का कसटड्ट एपपल जलदी फल देता है और सवाद में भी मीठा होता है। यह प्रोजे्ट कई लोगों को रोजगार मुहैया करवाएगा। भद्वषय में यहां पर एक फ्ूट प्रासेद्संग यूद्नट शुरू करने पर भी द्वचार द्कया जा रहा है।

    जयगांव में 200 एकड़ जगह पर स्थित नस्सरी में पुरंदर कक्म के क््टर्ड एपपल लगानरे के कलए गड् ढ़े खोदरे गए हैं। यह पररयोजना कई लोगों को रोजगार मुहैया करवाएगी।

    n महतारताष्ट्र के जयगतांव में 200 एकड़ में ्ुरंिर जताद्त के 1 लताख कसटिर्ड एप्ल वृक्ष लगताए जताएंगे

    n कसटिर्ड एप्ल कता रखरखताव आसतान, बेरोजगतारी की समसयता सुलझताने मंे सहतायतता करेगी योजनता

    गांव में भववष्य में एक फ्रूट प्रोसेवसंग ्यूविट लगािे की भी ्यरोजिा है

  • सेवा टाइमस l जल्रल्रब्रद (्ांज्रब)

    पंजाब में जलालाबाद और आसपास के गांवों के 30 द्कसानों ने प्राककृद्तक खेती करने का संकलप द्लया है। आट्ट आॅफ द्लद्वंग के श्ी श्ी इंसटीट्ूट आॅफ एग्रीकलचर साइंस एंड टेक्ोलाॅजी ट्रसट (एसएसआईएएसटी) की ओर से प्राककृद्तक खेती की तकनीकों पर आयोद्जत तीन द्दवसीय काय्थशाला में शाद्मल होने के बाद इनहोंने यह संकलप द्लया। यह काय्थशाला 8 से 10 जून 2018 तक जलालाबाद कसरत ज्ानमंद्दर में आयोद्जत की गई।

    देश का अन्न भंडार पंजाब केंर्ीय पूल में 25% गेहूं और 40% धान का योगदान देता है। कुछ दशकों से पंजाब में द्मट्ी की गुणवत्ा में बड़े सतर पर बदलाव आया है। इसकी वजह है रासायद्नक खाद और कीटनाशकों का अंधाधुंध इसतेमाल। इससे न केवल भोजन के पौकषटक गुण कम होते हैं, बकलक अनाज दूद्ित भी होता है। शोध में यह भी पुकषट हुई है द्क ऐसे खाद्ों के सेवन से कैंसर, नव्थस द्ससटम एवं प्रजनन क्षमता की समसयाएं होती हैं। अनद्भज्ता के चलते द्कसान यह जहरीले खाद् पदार्थ अपने पररवार को भी द्खला रहे हैं। इनके दुषपररणाम उनकी आयु कम होने के रूप में द्दख रहे हैं। पंजाब का दद्क्षणी-पकशचमी द्हससा कैंसर बेलट के नाम से कुखयात है। यह कलंक धोने के द्लए क्षेत्र के द्कसानों को प्राककृद्तक खेती के तरीकों से अवगत कराना जरूरी रा। ऐसे में एसएसआईएएसटी के सहयोग से आट्ट आॅफ द्लद्वंग के द्शक्षकों एवं सवयंसेवकों ने यह वक्कशॉप आयोद्जत की।

    वक्कशॉप के प्रद्त द्कसानों को जागरूक करने के द्लए सवयंसेवक 20 द्दन तक 20 गांवों के हर दरवाजे पर गए। एसएसआईएएसटी के चेयरमैन रामककृषण रेड् डी द्ारा अायोद्जत वक्कशॉप में द्कसानों

    ने दो प्रकार की जैद्वक खाद और पांच प्रकार की काब्थद्नक सप्रे बनानी सीखी, जो फसलों के द्लए लाभकारी है। प्रद्शक्षण प्राने के बाद 30 द्कसानों ने संकलप द्लया द्क पहले वह भूद्म के एक छोटे द्हससे पर इस प्रद्क्रया का प्रयोग करेंगे। इसके पररणामों की प्रभावशीलता से सहमत होने पर पूरी जमीन पर इसे आजमाएंगे। संसरा के इस कदम को समाज के हर वग्थ ने सराहा। कम रासायद्नक ततवों के प्रयोग से प्राककृद्तक द्वद्ध से होने वाली खेती के जररये द्फर से पोिक, उपयोगी और सवचछ खाद् पदार्थ उतपन्न होंगे।

    यह वक्कशॉप आयोद्जत करने मंे अहम भूद्मका द्नभाई अद्खल शमा्थ, द्नद्तन छाबड़ा, शोम नागपाल और देवांश भासकर ने। द्कसान ढोला द्संह कहते हैं द्क इसके बाद कोई भी हमें प्राककृद्तक खेती के तरीके के बारे में बताने के द्लए नहीं आया। ्योंद्क अब हम जान गए हैं द्क अब हम पूण्थत: इसका प्रयोग करेंगे।

    द्कसान वीरेंर् मोहन नागपाल ने कहा- मैं 7 वियों से 10 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा रा। परनतु रेड्ी जी द्ारा बताई गई तकनीक से वो सभी संशय दूर हो गए, जो पहले नहीं हो पाए। ररटायड्ट कैपटन गुरुचरण द्संह कहते हैं- मेरे पास 15 एकड़ जमीन है। सेवारत होने के कारण मैंने उसे लीज पर दे रखा रा। अब मैं कम से कम अपने पररवार के द्लए खाद् उतपन्न करना आरमभ करूंगा।

    प््रकृततक खेती के तलए तैय्रर तकए ज्र रहे ्ांज्रब के तकस्रन

    जलालाबाद में 30 ककसानों नरे एसएसआईएएस्टी की वक्कशॉप में कह्सा लरेकर प्राकृकतक खरेती करनरे की तकनीकें सीखीं। वक्कशॉप के बाद इनहोंनरे प्राकृकतक कृकि करनरे की शपथि भी ली।

    तजक्र कं्नी के प्तिक्षण से तकिोर सीख रहे उत्तम खेती के गपुर

    तिमल्र (तहम्रचल प्देि) l जापानी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (द्जका) ने हाल ही में द्हमाचल प्रदेश में सकूली द्वद्ाद्र्थयों को ककृद्ि तकनीकें द्सखाने के द्लए वाईएलटीपी सटेट कांउद्सल के सार द्मलकर एक प्रोजे्ट की शुरुआत की है। इसका नाम है ‘फॉर ने्सट जनरेशन’। हमीरपुर, कांगड़ा मंडी, ऊना, द्बलासपुर में 13 से 17 साल के द्वद्ाद्र्थयों को येस! काय्थक्रम के तहत द्जका ने प्रद्शक्षण द्दया। 5 द्जलों के द्वद्भन्न सकूलों में 42 द्शद्वर लगाए जा चुके हैं। इनमें आट्ट ऑफ द्लद्वंग के 23 द्शक्षकों ने 203 द्वद्ाद्र्थयों ने प्रद्शक्षण द्दया। प्रदेश काउंद्सल सदसय योगी, पंकज, राज द्मत्ल, संजीव, राजेश ने कंपनी के सार प्रोजे्ट लॉनच द्कया है। द्जका जापान से संबंद्धत एक सरकारी कंपनी है। द्शद्वर में द्वद्ाद्र्थयों को योग, प्राणायाम, धयान, सुदश्थन द्क्रया के सार-सार ककृद्ि से जुड़ी जानकारी भी दी जा रही हैं। इनमें पौधरोपण, बीज तैयार करना, फसल द्नगरानी के तौर-तरीके, मौसमी सबजी व फल तैयार करने का प्रद्शक्षण इतयाद्द द्सखाया गया।

    अलवर और खांडव्र के तवद््रलयों में सवयांसेवकों ने छ्रत्ों को स्टेिनरी ब्रां्ीअलवर/खांडव्र l आट्ट आॅफ द्लद्वंग के अलवर चैपटर ने द्जले के सात सरकारी द्वद्ालयों में सटेशनरी द्वतररत की। काय्थक्रम के तहत 5 से 7 जुलाई तक सकूल बैग, काॅपी और सटेशनरी का अनय सामान द्दया गया। 500 से अद्धक बच्ों को इसका लाभ हुआ। द्वतरण काय्थक्रम के दौरान बच्ों का बाल चेतना का फाॅलोअप भी हुआ। द्वद्ालयों में इसी वि्थ फरवरी और माच्थ में बाल चेतना द्शद्वर आयोद्जत द्कए गए रे। वहीं, मधय प्रदेश के खंडवा में भी आट्ट ऑफ द्लद्वंग की श्ी श्ी सेवा सद्मद्त खंडवा ने शासकीय सैटेलाइट माधयद्मक शाखा खेड़ा और पामाखेड़ी में नोटबुक, सटेशनरी बांटी। द्वद्ालय के द्शक्षकों ने इस काय्थ के द्लए संसरा के सदसयों का आभार वय्त द्कया।

    ओतडि्र के क्क सस्त रेडक्रस भवन में 85 यूतन् रकत एकतत्त हपुआक्क (ओतडि्र) l 10 जुलाई को कटक में आट्ट आॅफ द्लद्वंग और मारवाड़ी युवा मंच ने द्मलकर सरानीय रेडक्रास भवन पररसर में र्तदान द्शद्वर का आयोजन द्कया। इसमें बड़ी संखया में युवाओं और मद्हलाओं ने उतसाहपूव्थक र्तदान द्कया। द्शद्वर में कुल 85 यूद्नट र्त एकद्त्रत द्कया गया। इस दौरान कद्मश्नरेट पुद्लस के कई अद्धकाररयों ने भी द्शद्वर में पहुंचकर र्तदाताओं का उतसाहवद्ध्थन द्कया।

    ्स्चम बांग्रल में यपुव्रच्रययों ने मन्रई आच्रयथि भ्रनपु की 204वीं जयांती

    तनह्रल सरकी (्स्चम बांग्रल) l आद्द कद्व आचाय्थ भानु की 204वीं जयंती पर वाईएलटीपी (कम्थयोग) कलचीनी एवं इंद्डयन रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से भाटपाड़ा बी द्चया बागान में र्तदान द्शद्वर एवं द्नशुलक नेत्र जाँच द्शद्वर आयोद्जत द्कया गया। 35 लोगों ने यहां र्तदान द्कया। द्शद्वर के संचालन में सेलफ हेलप ग्रुप सब ्लसटर "उदेशय’ एवं वाईएलटीपी युवचाययों ने भूद्मका द्नभाई। श्ी भानु भ्ता के समरण में दीप प्रज्जवद्लत कर एवं फूल अप्थण कर द्शद्वर शुरू द्कया गया। काय्थक्रम में कम्थयोगी दीपा ने आचाय्थ भानु भ्ता द्ारा रद्चत रामायण का पाठ द्कया। सीवाईडीसी के बच्ों ने मनमोहक नृतय प्रसतुत द्कए। वाईएलटीपी राजय पररिद सदसय राम कुमार लामा ने कहा द्क आमतौर पर भानु जयंती नाच गान, साद्हतय एवं चचा्थ कर मनाई जाती है। लेद्कन आट्ट ऑफ द्लद्वंग ने यह परंपरा बदलकर जनसेवा के रूप में मनाने का फैसला द्कया, ्योंद्क भानु भ्त आचाय्थ ने घासी से प्रेरणा लेकर समाजसेवा के काम द्कए रे।

    झ्ररखांड के ग््रमीण क्षेत्ों में लोगों को तदय्र कैिलेस ट्र्रांजेकिन क्र प्तिक्षण

    र्रांची (झ्ररखांड) l आट्ट ऑफ द्लद्वंग और झारखंड सरकार के संयु्त प्रयास से राजय की 60 ग्राम पंचायतों को आदश्थ बनाने के द्लए बेकाॅन नाम से प्रोजे्ट चल रहा है। इसके तहत सरकार कैशलेस लेनदेन को भी बढ़ावा दे रही है। आट्ट ऑफ द्लद्वंग अद्भयान के तहत चयद्नत सात द्जलों की 60 ग्राम पंचायतों के गांवों में जाकर जागरूक कर रही है। इसी शंखला में चंदनद्कयारी प्रखंड में झारखंड सरकार, आट्ट ऑफ द्लद्वंग के वयक्त द्वकास केंर् और एसबीआई के संयु्त ततवावधान में मद्हलाओं और जनप्रद्तद्नद्धयों को कैशलेस ट्रांजे्शन का प्रद्शक्षण देने का काय्थक्रम 29 जून को संपन्न हुआ। इसमें सटेट बैंक आॅफ इंद्डया के रांची जोन के सहायक महाप्रबंधक सुनील गुपता ने कैशलेस ट्रांजे्शन की महत्ा की जानकारी दी। बोकारो एसबीआई से टीम के अजीत कुमार प्रजापद्त, राकेश कुमार और अद्मत ने कैशलेश ट्रांजे्शन की जानकारी दी। इस दौरान कुमीरडोबा पंचायत की मुद्खया ल्खी देवी ने एक लाख रुपए कैशलेस ट्रांजे्शन भी द्कया। अंद्तम द्दन प्रद्शक्षकों ने 35 प्रद्शक्षुओं को प्रमाण पत्र द्दया।

    संवषिपत समञाचञार

    2 सेवा टाइमस द आट्ट ऑफ लिलवंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरूअगस्त 2018

    सेवा टाइमस l बेंगलपुरू

    सुद्वधाओं से वंद्चत वग्थ के बच्ों के सश्तीकरण के द्लए आट्ट ऑफ द्लद्वंग के वेद द्वज्ान महा द्वद्ापीठ ने एक अनुकरणीय पहल की है। वेद द्वज्ान महा द्वद्ापीठ ने सोनी के सार द्मलकर ऐसे बच्ों के द्लए एसटीईएम काय्थक्रम शुरू द्कया है। एसटीईएम द्शक्षा के प्रद्त बहुद्वियक दृकषटकोण है, द्जसमें द्वज्ान, प्रौद्ोद्गकी, इंजीद्नयररंग और गद्णत के चार द्विय समाद्हत हैं। इनहें बच्ों को इस तरीके से पढ़ाया जाता है द्क वासतद्वक दुद्नया में इनका इसतेमाल करने की जानकारी उनहें द्मल सके। द्विय द्वशेि को पढ़ाने के अलावा, एसटीईएम का उद्ेशय द्जज्ासु मकसतषक, उद्चत ताद्क्कक बुद्द्ध एवं सहयोद्गता कौशल को प्रोतसाहन देना है। एसटीईएम बच्ों को सीखने का समग्र माहौल मुहैया करवाता है और सार ही बताता है द्क वैज्ाद्नक तकनीकों को रोजमरा्थ की द्जंदगी में कैसे लागू द्कया जाए। यही खाद्सयत एसटीईएम को पारमपररक द्वज्ान और गद्णत द्शक्षण से अलग करती है। एसटीईएम का सबसे बड़ा लाभ यह है द्क यह सीखने के प्रद्त बच्ों की लगन को प्रोतसाहन देता है।

    वेद द्वज्ान महा द्वद्ापीठ द्फलहाल देश के 20 राजयों में 473 द्वद्ालयों में 58 हजार से अद्धक द्वद्ाद्र्थयों को द्नःशुलक द्शक्षा प्रदान कर रहा है। इनमें से अद्धकतर प्ररम पीढ़ी के द्वद्ारथी हैं, यानी इनके पररवारों में पहले कोई सकूल नहीं गया। वत्थमान द्शक्षा पद्द्त दोि रद्हत नहीं है। बच्े द्वद्ालय तो जा रहे हैं परनतु जो कुछ भी उनहें पढ़ाया जा रहा है, उसके प्रद्त वह बहुत जयादा उतसाद्हत नहीं हैं। द्शक्षण के आरकमभक समय में हम बच्ों को जो सबसे बड़ा उपहार दे सकते हैं, वह है- बच्ों में द्जज्ासा की वृद्त् जागृत करना, उनहें अपनी योगयता पर द्वशवास करना द्सखाना, ज्ान हाद्सल करने की भूख जागृत करना और आगे बढ़ने की दीवानगी पैदा करना। इन गुणों से संपन्न रहने के बाद बच्ा उच् द्शक्षा एवं वासतद्वक जगत की चुनौद्तयों का सामना करने के योगय हो सकता है। एसटीईएम की गद्तद्वद्धयां और पाठ नवंबर 2017 से वेद द्वज्ान महा द्वद्ापीठ की पहली से पांचवीं श्ेद्णयों के बच्ों के द्लए शुरू की गईं। यह अभी वीवीएमवीपी द्वद्ालय बेंगलुरू, एसएसआरवीएमपी द्वद्ालय मुंबई और मुद्न इंटरनेशनल सकूल द्दलली में संचाद्लत हैं।

    एस्ीईएम - बच्ों में सीखने की इचछ्र बढ्र रह्र प्ोजेक्िेद विज्ञान महञा विद्ञापीठ की एक सरञाहनीय पहल

    nबच्चों को समग्र तरीके से समझताए जता रहे हैं द्वज्तान, प्रौद्ोद्गकी, इंजीद्नयररंग और गद्णत

    nवतासतद्वक िुद्नयता और उच् द्िक्षता की चुनरौद्तयचों के द्लए बच्चों को तैयतार करतता है यह प्ोजेकटि

    गकणत का एक सवाल हल करनरे में बच्ों की मदद करता एक कशक्षक।

    n एसटिीईएम कक्षताओं के बताि बच्चों के प्िि्शन में सुधतार आयता। द्वषय के बतारे में उनकी समझ गहरी हो गई। लगभग सभी द्वद्ताद्ि्शयचों ने एसटिीईएम कक्षताओं में सद्रिय भतागीितारी की। खतासकर इस हसतक्षे् के आद्खरी महीने में द्वद्ताद्ि्शयचों ने जयतािता सद्रियतता द्िखताई। द्वद्ताद्ि्शयचों ने ्ढ़ताई जतारी रखने और अद्धक सीखने की इच्छता जतताई।

    n द्वद्ताद्ि्शयचों के प्िि्शन में अहम सुधतार हुआ। जो द्वद्तािथी द्गनती और ्छोटिे जोड़-घटिता करने में असमि्श िे, उनहचोंने ्हताड़े सीखकर इनकता इसतेमताल भी िुरू कर द्ियता िता।

    n ्छतात्चों ने युसकत्ूव्शक सोचनता एवं सही संिभ्श में उसकता प्योग करनता सीखता। तथयचों को सही रू् में समझने की योगयतता भी बढ़ी।

    n द्वद्ताद्ि्शयचों ने सतामूद्हक तरौर ्र सीखने की गद्तद्वद्धयचों कता आनंि द्लयता। नए कॉनसेपटि सीखे। कक्षता में उतसताह्ूव्शक वयसत रहते और द्नयद्मत कक्षताओं में लीक से हटिकर सोच कता प्िि्शन करने लगे।

    n ऊ्र बतताए गए सककूलचों में चतार महीने तक एसटिीईएम कक्षताएं संचताद्लत की गईं। अब अनय द्वद्तालयचों में आरंभ की जता रही हैं।

    n सभी बच्चों की सीखने की योगयतताएं अलग-अलग िीं। इनहें द्सखताने के द्लए उ्युकत सतामग्री तैयतार की गई। यह सतामग्री उ्लबध करवताई कनेसकटििंग ि रॉटस नतामक कं्नी ने। यह कं्नी द्वद्तालयचों में द्वज्तान और गद्णत कता द्िक्षण समृधि करने में जुटिी है।

    n इसी िरौरतान सीखने के द्लए अच्छता मताहरौल तैयतार करने के उद्ेशय से वयसकततव द्वकतास प्ोग्रताम जैसे मतातता-द््तता के द्लए हैप्ीनेस प्ोग्रताम और बच्चों के द्लए आटि्ड एकसल कता आयोजन द्कयता गयता।

    ररनीवत

    परररञाम

    अध्यापकों ने सभी विद्याल्ों में लगभग एक जैसी समस्याओं कया ही सयामनया वक्या। िह समस्याएं हैं:-

    n द्वद्ताद्ि्शयचों को अंग्रेजी समझने में कद्िनताई होती िी। कहीं-कहीं तो द्हंिी भी उनकी समसयता िी। आयु के अनुसतार मरौद्लक ज्तान भी कम िता। कु्छ खतास कॉनसेपटस जो द्क एक खतास उम्र तक बच्े की समझ में आने चताद्हए, उनके बतारे में द्बलकुल जतानकतारी नहीं द्मली।

    n द्वद्तािथी मूल द्वषय को समझने में अक्षम िे। द्भन्न योगयतता वताले द्िक्षताद्ि्शयचों के द्लए उनके अनुककूल द्नधता्शररत ्ताठ्य सतामग्री भी उ्लबध नहीं िी। गद्णत के प्द्त एक भय कता भताव िता।

    चुनौवतयञां

    n र्रस्रयतनक ख्रद और की्न्रिकों के प्योग ने ्ांज्रब की तमट्ी की गपुणवत्त्र को नष्् कर तदय्र है

    n इनहीं रस्रयनों के अांध्रधपुांध प्योग से ् ांज्रब क्र दतक्षण-्स्चमी बेल् कैंसर की च्े् में आय्र

  • डोत्ांग की तव्व वय्र्ी समसय्र क्र हल ढूंढने की तदि्र में एक िपुरुआतn गुरुदेव के सा् नाॅववे की

    पीएम एनाना सोलबगना औि 20 अनय वकताओं ने िी बात िखी

    सेवा टाइमस l बेंगलपुरू

    खेलों में डोद्पंग की द्वशववयापी समसया का समाधान ढूंढने के द्लए 25 जून 2018 को ओसलो में एक कॉनफ्ेंस का आयोजन हुआ। शीि्थक रा-‘्लीन सपोट्ट = फेयर आउटकम’। इसका आयोजन वलड्ट फोरम फाॅर एद्र्स इन द्बजनेस (डबलयूएफईबी), एंटी-डोद्पंग नाॅववे और फेयरसपोट्ट ने द्मलकर द्कया रा। इस कॉनफ्ेंस में प्रभावशील द्वचार-द्वमश्थ, द्वशलेिण और महतवपूण्थ द्वचारांे का आदान-प्रदान हुआ। डोद्पंग के द्खलाफ सुधारों और नीद्त द्नधा्थरण के द्हससे के तौर पर यह द्वचार कार्थवाई के एजेंडे का आधार बन सकते हैं।

    इस उललेखनीय कॉनफ्ेंस में गुरुदेव श्ी श्ी रद्व शंकर और नाॅववे की प्रधानमंत्री एना्थ सोलबग्थ ने कीनोट एड्ेस द्दया। उनके सार 20 अनय प्रद्सद्ध व्ताओं ने भी अपनी बात रखी।

    गुरुदेव के वयापक मानवतावादी काययों का उललेख करते हुए एना्थ सोलबग्थ ने उनके प्रयत्ों की सराहना की। उनहोंने कहा द्क गुरुदेव ने केवल योग एवं धयान के द्लए नहीं, बकलक साव्थजद्नक सेवा एवं नैद्तकता के उच्सतरीय मानक कायम रखने के द्लए लाखों लोगों को संगद्ठत करने की द्दशा में काय्थ द्कया है।

    वलड्ट फोरम फॉर एद्र्स इन द्बजनेस (जो द्क खेलों में डोद्पंग के द्खलाफ इस कॉनफ्ेंस के

    आयोजकों में से एक है) जैसे वैकशवक गठबंधन तैयार करने की द्दशा में गुरुदेव की पहल की प्रशंसा करते हुए उनहोंने कहा, "यह बहुत महतवपूण्थ पहल है। ्योंद्क प्रतयेक राषट्रीय खेल संगठन को इस द्दशा में जागरूक करना जरूरी है द्क रोड़े समय के फायदे के द्लए की गई डोद्पंग सवचछ खेलों के दीघा्थवद्ध फायदे को नुकसान पहुंचाएगी।'

    गुरुदेव ने अपने भािण में खेलों में द्नयम रोपने के बजाय नैद्तकता के पालन के द्लए सही मनाेदशा

    के द्नमा्थण की बात कही। उनहोंने कहा द्क हमें यह काम इस तरीके से करना हाेगा द्क अगर कोई नहीं देख रहा हो तो भी वह लोग नैद्तक मूलयों का पालन करें। उनहोंने कहा, "आज खेल युद्ध जैसे हो गए हैं और युद्ध खेलों जैसे। इस प्रचलन काे पूरी तरह बदलने की जरूरत है। यह नैद्तकता से ही संभव है। नैद्तकता का अर्थ केवल द्नयमों का पालन ही नहीं है, बकलक द्खलाद्ड़यों एवं दश्थकों की भावना को प्रोतसाद्हत करना भी है।

    गुरुदरेव नरे चरेरेयर ऑफ एथिलरेक्टक इं्टेकरि्टी यूकन्ट और वरर्ड एं्टी रोकपंग एजेंसी (वारा) के पूव्स महाकनदरेशक रेकवर हॉमैन को एकथिकस इन ्पोरस्स अवार्ड प्रदान ककया।

    खेल हों सिच्छ तो नतीजे भी वनषपषि

    आज खेल युधि जैसे हो गए हैं, जबद्क युधि खेल की तरह लड़े जता रहे हैं। इसे ्लटिनता जरूरी है। - श्ी श्ी रद्व िंकर

    सेवा टाइमस l जममू

    आट्ट ऑफ द्लद्वंग के श्ी श्ी रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एसएसआरडीपी) ने सोसायटी आॅफ पाॅलयूशन एंड कंजववेशन साइंद्टस्टस (एसपीईसीएस) के सार द्मलकर जममू के अमबफला कसरत द्जला जेल में चार द्दवसीय प्रद्शक्षण काय्थशाला आयोद्जत की। काय्थशाला में 25 कैद्दयों को एलईडी बलब, बांस की न्काशीदार आकि्थक लाइ्टस बनाने और मरममत करने का प्रद्शक्षण द्दया गया।

    वररषठ प्रद्शक्षक योगेश भट् ट ने कहा द्क काय्थशाला के दौरान कैद्दयों को इले्ट्राॅद्नक एलईडी ड्ाडवर, एलईडी सद्क्कट, बांस क्राफट और बांस की एलईडी लाइट बनाने की ट्रेद्नंग दी गई। प्रद्तभाद्गयों ने उतसाह के सार काय्थशाला में भाग द्लया। उनहोंने प्रद्शक्षण के दौरान बांस के 50 सजावटी एलईडी लैंप बनाए। ट्रसट के जममू-कशमीर संयोजक सद्वंर् गुपता ने कहा द्क आट्ट आॅफ द्लद्वंग का मकसद तनाव और द्हंसा

    से मु्त समाज का द्नमा्थण करना है। अतयद्धक प्रभावशाली शैक्षद्णक और आतम द्वकास के काय्थक्रमों से ही यह संभव है। कैद्दयों के उतरान और कलयाण के काययों में द्दलचसपी द्दखाने हेतु उनहोंने राजय के डीजीपी जेल द्दलबाग द्संह और द्जला जेल के अधीक्षक द्दनेश शमा्थ का आभार वय्त द्कया। जेल अधीक्षक द्दनेश शमा्थ ने भी आट्ट ऑफ द्लद्वंग-श्ी श्ी रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम और एसपीईसीएस का आभार वय्त द्कया, द्जनहोंने सममानपूव्थक रोजी रोटी कमाने के द्लए कैद्दयों के सश्तीकरण की द्दशा में यह आयोजन द्कया। उनहोंने जोर देकर द्कया द्क प्रद्शक्षण प्रापत करने वाले कैदी अपने पररवार के सार-सार समाज की भी अमूलय धरोहर बनेंगे। उनहोंने कहा द्क जेल में आगे भी ऐसी पहल की जाती रहेंगी। वक्कशॉप के समापन काय्थक्रम में जेल सटाफ और द्दनेश शमा्थ के अलावा अद्तरर्त अधीक्षक तेद्जंर् कौर, उपाधीक्षक द्फरोज अहमद, सहायक अधीक्षक नाद्सर अहमद, एसओ सज्जाद अहमद और सद्वंर् गुपता भी मौजूद रे।

    जममू जेल में बांद कैतदयों ने एलईडी बलब और सज्रव्ी लैं् बन्रने सीखे

    जममू के अमफबला स्थित कजला जरेल में चार कदन की वक्कशॉप में प्रकशक्षण प्रापत करनरे के बाद कैकदयों द्ारा बांस सरे तैयार ककए गए सजाव्टी एलईरी लैंप।

    सेवा टाइमस l र्रांची (झ्ररखांड)

    15 जुलाई 2018 को ओरमांझी प्रखंड की बारीडीह पंचायत के उत्क्रद्मत मधय द्वद्ालय पररसर में वृहत पौधारोपण अद्भयान का शुभारमभ रांची के सांसद राम टहल चौधरी और राजयसभा सांसद महेश पोद्ार के उपकसरद्त में द्कया गया। अद्भयान के तहत कुल 51 हजार पेड़ लगाने का संकलप द्लया गया है।

    उद्ाटन सत्र के बाद बीकाॅन प्रोजे्ट के तहत आट्ट ऑफ द्लद्वंग के वयक्त द्वकास केंर् इंद्डया ने प्ररम चरण में 10 हजार पौधे लगाने की शुरुआत की। इसका मुखय उद्ेशय वायुमंडल में बढ़ रही ्लोरो फलोरो काब्थन की मात्रा कम कर पया्थवरण संरक्षण करना, प्रदूिण घटाना, द्गरता जलसतर ऊपर लाना और सार ही द्कसानों की आमदनी दोगुनी कर उनहें समृद्ध बनाना है।

    श्ी श्ी रद्व शंकर की प्रेरणा से उनकी संसरा आट्ट ऑफ द्लद्वंग ने द्मशन ग्रीन अर्थ के अंतग्थत 2008 में पूरे भारत में 5.5 द्मद्लयन पेड़ लगाए।

    और अब झारखंड में इस प्रोजे्ट के तहत पौधारोपण अद्भयान चल रहा है। इसमें आम, अमरूद, लक्मीतरू जैसे पेड़ लगाए जा रहे हैं।

    झारखंड की पहचान बनाए रखने के द्लए आट्ट ऑफ द्लद्वंग के शुरुआती कदम रंग ला रहे हैं। छोटा कशमीर कहलाने वाला झारखंड अब द्फर से सुंदर द्दखने को तैयार है। यह दृशय आट्ट ऑफ द्लद्वंग द्ारा द्कए गए वृहद पौधारोपण काय्थक्रम के बाद देखने को द्मल रहा है। 15 जुलाई से शुरू यह

    काय्थक्रम झारखंड के 7 द्जलों की अलग-अलग ग्राम पंचायतों में द्कया जा रहा है। प्ररम चरण में 10 हजार पौधे लगाए गए। चयद्नत 60 ग्राम पंचायतों में 51000 पौधे लगाकर यह अद्भयान पूरा करना है। अद्भयान में आट्ट ऑफ द्लद्वंग को सरानीय लोगों से लेकर प्रमुख, द्वधायक, सांसद ने भी योगदान द्दया। सरानीय नेताओं की रुद्च से लोगो में पौधारोपण के प्रद्त और रुझान देखने को द्मल रहा है।

    बह्रल होगी झ्ररखांड की ि्रन, 51 हज्रर ् ौधे लग्रने क्र सांकल्

    उद्ा्टन भािण दरेतरे हुए रांची के सांसद राम ्टहल चौधरी।

    सेवा टाइमस l तसवनी (मधय प्देि)

    आट्ट ऑफ द्लद्वंग का द्सवनी चैपटर हर रद्ववार शहर के अलग-अलग द्हससों में सवचछता अद्भयान चलाएगा। 14 जुलाई को हुई बैठक में यह फैसला द्लया गया। सार ही तय द्कया गया द्क शहर को हरा-भरा रखने के द्लए चार हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसी शंखला में 14 जुलाई को चैपटर से जुड़े सवयंसेवकों ने दल सागर के द्कनारे लक्मीतरू के 100 पौधे लगाए। इस अवसर पर द्वधायक द्दनेश राय मुनमुन भी मौजूद रहे। 15 जुलाई को दल सागर तालाब के द्कनारे कचरा साफ करने की शुरुआत की। 21 जुलाई को द्फर से दल सागर में सफाई अद्भयान चलाया। सवास्थय द्वभाग के राजेश कुमार नामदेव ने कहा द्क आट्ट आॅफ द्लद्वंग का यह काय्थक्रम सराहनीय है। द्वभाग को ऐसे लोगों की जरूरत है। सवयंसेवकों के सार द्मलकर द्वभाग लोगों को घर-घर जाकर जागरूक करेगा। पाॅलीरीन

    प्रयोग के प्रद्त जागरूकता अद्भयान के द्लए रैली भी द्नकाली जाएगी। कचरे को कम करने एवं पॉलीद्रन

    का उपयोग बंद करने के सखत कदम उठाने की बात भी उनहोंने कही।

    तसवनी में हर रतवव्रर चलेग्र सवचछत्र अतभय्रन

    3 सेवा टाइमस द आट्ट ऑफ लिलवंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरूअगस्त 2018

    सेवा टाइमस l ब्रल्रघ्र् (मधय प्देि)

    वैनगंगा नदी के तट को संरद्क्षत करने के द्लए 29 मई 2018 को आट्ट ऑफ द्लद्वंग पररवार बालाघाट और गायत्री पररवार की संयु्त पहल से सवचछता अद्भयान की शुरुआत की गई। सवयंसेवकों ने बजरंग घाट पर से गंदगी साफ की। जंगल क्षेत्र के सार ही पानी में से पॉलीरीन बाहर द्नकाले गए।

    बजरंग घाट गद्म्थयों में तैराकों के सार-सार सैलाद्नयों के द्लए भी आकि्थण का केंर् होता है। इसे देखते हुए आट्ट ऑफ द्लद्वंग सदसयों ने होमगाड्ट जवानों और मांझी मछुआ समाज के सामाद्जक काय्थकता्थओं को भी अद्भयान में शाद्मल द्कया। घाट में उगी झाद्ड़यां कड़ी मश्कत के बाद साफ की गई, ताद्क तैराकी में आने वाली अड़चनें दूर हो जाएं। घाट में नहाने का सरान भी वयवकसरत द्कया गया, ताद्क सभी आम लोगों और

    ननहे तैराकों को सुद्वधा द्मल सके। आट्ट ऑफ द्लद्वंग ने मानसून के दौरान नदी तट के सार-सार एक लाख पौधे लगाने का लक्य रखा है। द्जले के सभी सवयंसेवी संगठनों और शासकीय अमले को भी इसमें जोड़ा जएगा। इस अद्भयान की शुरुआत भी वैनगंगा नदी के पावन तट से की जाएगी।

    साधक सुरजीत द्संह ठाकुर और योग द्शक्षक द्वकास सोनेकर इस काय्थ के द्लए अपने साद्रयों के सहयोग की सराहना करते हैं। उनहोंने कहा द्क प्रदूिण के कारण रोज नई-नई बीमाररयां पैदा हो रही हैं। हम सबकी द्जममेदारी है द्क हम समाज में जागृद्त के द्लए कुछ व्त सकारातमक और रचनातमक गद्तद्वद्धयों पर खच्थ करें। गायत्री पररवार के सार-सार अनय संगठनों से द्मला सहयोग भी सराहनीय है। ऑफ द्लद्वंग ने सभी से अपील की है द्क जल संरक्षण में अपना योगदान दें। सार ही अद्धक से अद्धक पौधारोपण करके पया्थवरण की सुरक्षा करें।

    वैनगांग्र नदी के त्ों की सफ्रई को अतभय्रन में जपु्टे सवयांसेवकनद्ियचों से द्नकताल रहे ्ताॅद्लिीन, 1 लताख ्रौधे लगताएंगे

  • n तीन एकड़ खेती से पहले खचवे पूिे नहीं होते ्े, अब उससे कि िहे लाखों की कमाई

    n 22 देसी गायें िी पालीं, 30-33 रु. की दि से िोज बेचते हैं 90-95 लीटि दूध

    प्रकाश कुमार मह्तो l र्रांची (झ्ररखांड)

    का म कोई भी करो, द्नषठा और आतमद्वशवास के सार उसे पूरा करना ही सफलता की कुंजी है। द्जंदगी सबको एक मौका जरूर देती है। जरूरत है तो बस कुछ कर गुजरने की लगन की। उस मौके को लपककर धैय्थ और मेहनत के सार लगातार अपने लक्य की ओर आगे बढ़ने की। रांची के बुरमु प्रखंड की हेसलद्परी पंचायत के बेड़बारी गांव के रामेशवर महतो भी ऐसा ही उदाहरण पेश करते हैं। कभी असफल द्कसान रहे रामेशवर आज खेती और पशुपालन के दम पर ही गांव में दूसरों के द्लए प्रेरणा बने हुए हैं।

    रामेशवर बताते हैं द्क उनके पास तीन एकड़ की खेती री। इसके बावजूद एक समय ऐसा भी रा, जब आद्र्थक तंगी के कारण उनकी जरूरतें तक पूरी नहीं होती रीं। यह नाकामी अपने सार तनाव को भी लेकर आई। इसी बीच साल 2003 मंे उनहोंने आट्ट आॅफ द्लद्वंग का प्रोग्राम द्कया। कुछ साल बाद 2006 में आट्ट आॅफ द्लद्वंग के "द्सलवर जुबली समारोह’ के दौरान वह बंेगलुरू कसरत आश्म में गए। वहां पर उनहोंने खेती की जैद्वक द्वद्ध और उसमंे गायों की उपयोद्गता के बारे में जाना। घर लौटने के बाद

    रामेशवर ने अपने खेत में प्राककृद्तक तरीके से खेती की तकनीकें आजमाने का फैसला द्कया। पहले साल में ही अचछे पररणाम से जैद्वक खेती के प्रद्त उनका द्वशवास बढ़ा। उनहोंने लगनु महतो से जैद्वक ककृद्ि पर प्रद्शक्षण द्लया। उनसे केचुआ खाद बनाना भी सीखा।

    2009 में रामेशवर ने एक देसी गाय खरीदी। यह दूध तो कम देती री, पर उसके गोबर से बनी खाद खेती में काम आ जाती री। समय के सार-सार वह अपने यहां गायों की संखया बढ़ाते गए। अब उनके पास 22 गायों की गोशाला है। अब वह खेती की मकलचंग द्वद्ध का भी उपयोग करते हैं। इसके माधयम से वह तरबूज, खरबूजा, खीरा तरा टमाटर की खेती करते हैं। इन फसलों से इस साल उनहें 1.5 लाख

    रुपए की आमदनी हुई। सार ही गोशाला से वह रोज 90-95 लीटर दूध भी बेचते हैं। यह दूध 30-33 रु. लीटर के भाव जाता है। इनकी इस सफलता से गांव के कई द्कसान प्रेररत हुए हैं। काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन के बारे में सोच रहे कई अनय द्कसानों ने भी जैद्वक खेती और पशुपालन का काम शुरू कर द्दया है। अभी इनके गांव से लगभग 450 लीटर दूध रोजाना मेधा डेयरी को जाता है। यह झारखंड द्मलक फेडरेशन का द्हससा है। गांव में दूध का उतपादन बढ़ने के मद्ेनजर फेडरेशन ने गांव में बलक कूलर भी लगा द्दया है, ताद्क गांव के लोग दूध सुरद्क्षत तापमान पर सटोर कर सकें और आद्र्थक नुकसान की संभावनाएं कम हों।

    जुझतारू द्कसतान ने नताकतामी को सफलतता में बिलता

    तीन एकड़ खरेती में कभी रामरेशवर महतो का गुजारा नहीं चलता थिा। लरेककन अब उनके पास 22 गायें हैं और जैकवक खरेती सरे कम खच्स में आमदनी भी भरपूर हो रही है।

    ग्रांव के दूसरे तकस्रन भी हपुए प्ेररत, ज्रनें उनक्र अनपुभव

    “ रामेशवर महतो को देखकर मैंने भी जैद्वक तकनीक से खेती का फैसला द्कया। यह तकनीक अपनाकर मैंने डेढ़ एकड़ जमीन पर तरबूज और खरबूजे की फसल उगाई। इसे बेचकर मुझे दो लाख रुपए की आमदनी हुई।” - मोकहत राम महतारे, चैनगरा“ आज मेरे पास 12 देसी गायें हैं। दूध बेचने से हुई कमाई से ही पूरे पररवार का खच्थ द्नकल जाता है। मैं रामेशवर महतो के प्रद्त हमेशा ककृतज् रहूंगा द्क उनहोंने पशु पालन को लेकर मेरा माग्थदश्थन द्कया।” - धनराज महतो, हरेसलकपरी

    4 सेवा टाइमस द आट्ट ऑफ लिलवंग, अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगिुरूअगस्त 2018

    बीएम पाद्टल ‘बंेकी समाइल’ के नाम से मशहूर हैं। बेंकी का अर्थ है अद्नि। वह वाईएलटीपी के प्रद्शक्षक और वाईएलटीपी राजय पररिद के सदसय हैं। इनका जनम 1982 में बीजापुर द्जले के द्संदगी तालुक के इनगागी गांव में हुआ रा। उनका पूरा नाम बसवराज मललानागौड़ा पाद्टल है।

    वि्थ 2000 में द्सफ्क 18 साल की आयु में वह आट्ट आॅफ द्लद्वंग से जुड़ गए रे। वह भागयशाली हैं द्क उनहोंने सभी वह कोस्थ द्कए जो खुद गुरुदेव श्ी श्ी रद्व शंकर ने संचाद्लत द्कए रे। इन कोसयों ने उनहें एक ऐसे समद्प्थत आदश्थ युवक के रूप मेें पररवद्त्थत कर द्दया, जो समाज की सेवा के द्लए प्रेररत रा।

    युवाचाय्थ बनने के तुरंत बाद उनहोंने नवचेतना द्शद्वर लेने शुरू कर द्दए। ग्रामीण कना्थटक में 700 से अद्धक द्शद्वर आयोद्जत द्कए, द्जनसे हजारों लोगों का जीवन प्रभाद्वत हुआ। इनहोंने द्लंगुपुर द्जले में बयापुर ग्राम पंचायत के खैदवादगी गांव में आट्ट आॅफ द्लद्वंग के 5एच प्रोग्राम के तहत 340 घरों के द्नमा्थण काय्थ में भी सद्क्रय योगदान द्दया। इन घरों का नाम श्ी श्ी द्नलय रखा गया। वत्थमान में इस गांव को श्ी श्ी ग्राम के नाम से जाना जाता है।

    पाद्टल की असीद्मत ऊजा्थ बेहद उललेखनीय बात है। इस आशचय्थजनक ऊजा्थ की बदौलत वह उतसाह से सभी सेवा काय्थ पूरे कर पाते हैं।

    इनके द्ारा आयोद्जत द्कए गए वाईएलटीपी द्शद्वरों में हजारों ग्रामीण युवकों ने भाग द्लया और सुदश्थन द्क्रया से लाभाकनवत हुए। अनेक युवकों को वयसन से मु्त होने में सहायता दी। उनसे प्रद्शक्षण पा चुके बहुत से युवक आज ग्राम पंचायत सदसय हंै। प्रदीप एवं जामखणडी जैसे कुछ अनय युवक द्जममेदारी वाले पदों पर हंै।

    ऐसा नहीं है द्क पाद्टल ने द्सफ्क ग्रामीण युवकों के सार ही काम द्कया हो। उनहोंने

    बीदर एवं बीजापुर द्जलों की जेलों में भी बहुत से कोस्थ आयोद्जत द्कए हैं। इन कोसयों से 200 से अद्धक कैद्दयों के जीवन में बदलाव आया। पाद्टल ने आट्ट आॅफ द्लद्वंग के प्रोग्राम कना्थटक के प्रतयेक द्जले, तालुक एवं गांव तक पहुंचाने का संकलप

    द्लया है। द्जला प्रभारी रूप में पाद्टल ने गडग द्जले के हर गांव में अनेक हैपपीनेस प्रोग्राम अयोद्जत द्कए। इसके कारण हजारों ग्रामवाद्सयों के जीवन में उतसाह, सफूद्त्थ एवं ताजगी का संचार हुआ। इन गुणों के सार उनहें एक द्जममेदार नागररक बनाने में मदद की।

    एक बात और उललेखनीय है द्क पाद्टल जब भी द्कसी आट्ट आॅफ द्लद्वंग प्रोग्राम का आयोजन करते हैं तो उतसाहपूण्थ योग प्राणायाम, धयान द्क्रया सत्र के द्लए वह ठीक प्रातः 5 बजे सवयं वहां उपकसरत होते हैं, ताद्क सभी प्रद्तभागी प्रोग्राम से शारररीक मानद्सक एवं भावानातमक रूप से अद्धकाद्धक लाभाकनवत हो सकें। कोस्थ के द्दन लमबे हो जाते हैं। कभी-कभी रात के 10 बजे से 11 बजे तक भी। परनतु पाद्टल अपने प्रद्तभाद्गयों के सार ही रहते हंै। उनके धैय्थ एवं ऊजा्थ में काई कमी नहीं आती। वाईएलटीपी प्रद्शक्षक के रूप में प्रद्तभाद्गयों के सार एक अद्भन्न ररशता जोड़कर उनके अंदर छुपे नेतृतव के गुणों को बाहर लाना एवं उनके भीतर छुपे शेर को जगाने के अलावा वह उनपर गहरी छाप छोड़ते हैं। इतने वियों में पाद्टल ने सवयंसेवकों की एक अचछी द्रिगेड तैयार कर ली है, जो उनहें उनके कोसयों एवं सेवा काययों में पूरी सहायता देती है।

    प्रेमला कोरी बीदर की युवती हैं। उनहोंने द्पछले वि्थ गदग के द्शरहट्ी में पाद्टल के वाईएलटीपी काेस्थ में भाग द्लया रा। वह कहती हैं- प्रोग्राम अद्भुत रा। मैंने सवयं प्रद्तभाद्गयों में हुए आशचय्थजनक पररवत्थन को देखा। मंै पाद्टल सर द्ारा आयेाद्जत कोस्थ से इतना प्रेररत हुई द्क मात्र दो माह में पूण्थकाद्लक युवाचाय्थ के रूप में काय्थ करना आरमभ कर द्दया। मुझे यह नवजीवन देने के द्लए मैं गुरुदेव एवं पाद्टल सर के द्लए हमेशा आभारी रहूंगी।

    द्दसंबर 2017 में बेंगलुरू आश्म मंे हुए यूर फेकसटवल में बीएम पाद्टल को उनकी अद्भुत सेवाओं के द्लए सममाद्नत भी द्कया गया रा।

    ‘बेंकी सम्रइल’ ््रत्लबेंकी मतलब- अग्नि। वाईएलटीपी प्रग्िक्षक और करानाटक में वाईएलटीपी राज्य पररषद के सदस्य बीएम पाग्टल बेंकी समाइल के राम से ही मिहूर हैं। इरके द्ारा संचाग्लत वाईएलटीपी ग्िग्वरों में भाग लेकर हजारों ग्ामीण ्युवा सुदिनार ग्रि्या से लाभान्वत हो चुके हैं। अरेक ्युवाओं को व्यसर मुन्त में इ्होंरे मदद दी। उरसे प्रग्िग्क्षत कई ्युवक ग्ाम पंचा्यत सदस्य हंै तो कई ्युवक अहम ओहदों पर बैठे हैं।

    Youth Leadership Training Program (YLTP) and Dharma Sthamba Yojana (DSY) are service initiatives of Vyakti Vikas Kendra, India [The Art of Living], a registered charitable Trust, head quartered in Bangalore with its registered office at No. 19, 39th A Cross, 11th Main, IV T Block, Jayanagar, Bangalore - 560041

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    सेवा टाइमस

    गपुरुदेव श्ी श्ी रतव िांकर जी की प्ेरण्र से

    सां््रदकीय ्ीमराम अशरीष

    ्तोहेजा गुरुकर

    सेव्र ््रइमस के अनय सांसकरण ्ढने के तलए www.dsyindia.org/

    sevatimes ्र लॉग इन करेंयतद आ् आ ््ट ऑफ तलतवांग य्र व्रईएल्ी् ी सांबसनधत तकसी भी प्ोजके् ् र क्रयथि कर रह ेहैं, तो कृ् य्र इन नांबरों ् र हमस ेसा्ं क्क करें- 8067433616, 9620169697, ई-मले: [email protected]

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