हतार और ह म संबंध --- योतष शा म न ह एंव बारह भाव को सवसमत से मायता ात है। ये न ह यित का सावभौमक वशलेषण करने म सम होते है। अतीत, वतमान और भवय म होने वाल घटनाओं के बार पूव आकलन करने म म करते है। इन ह का सबध भी यित क लखावट, लेखन शैल और हतार से जर होता है। ह को मजबूत करने के लए वैसे तो अनेक कार के उपाय है लेकन आप-अपने हतार म थोड़ा सा संशोधन करके भी ह को अपने अनुक ू ल बना सकते है। अपने हतार म आने वाले अर को कै से बनाते ह ,इसका भी आपके जीवन पर जबरदत भाव पड़ता है। ऐसा इसलये यक हर हर कसी न कसी ह से अपना संबंध रखता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके हतार म Aआता है और आप ए अर म काट-पीट करते ह या फर उसे घुमा कर लखते ह , तो उसका भाव आपक पसनालट व भवय पर पड़ता है , यक ए का सीधा तालुक सूय से होता है। तो चलये देख कै से आपका हतार कै से करयर और भाय को संवार सकता है। सूय ह:- सूय का सबध राय, पद, तठा,सरकार नौकर, समान व स आद से होता है। यद कसी यित का सूय कमजोर है तो उसको अपने जीवन म काफ संघष करना पड़ता है , उसके बावजूद भी सफलता के लए तरसता रहता है। सूय को मजबूत करने के लए आपको अपने हतार म क ु छ बदलाव करना होगा। हतार को सीधे व पट अर म कर एंव पहले व अितम अर को घुमाने क कोशश न करके उहे सीधा लख। हतार म आते ह A, D, H, M, T सूय का अंक 1 होता है , इसलए ए, डी, एच, एम, ट,इन अर का सीधा व पट लखने से आपका सूय बलवान होकर शुभ फल देने लगेगा। च ह :- चमा मन का कारक होता है और जब मन अपने हसाब से दल व दमाग को चलाने क कोशश करने लगता है तो मनुय समयाओं के दलदल म फॅ सता चला जाता है। ऐसे िथत तभी आती है जब यित का च ह पी ़डत होकर अशुभ फल देने लगे। चमा को बलवान करने के लए आपको अपने हता को सजावट प देते ह ु ये सभी अर को गोल व सुदर बनान हगे और हतार के अत म एक बदु रखने क आदत डालनी होगी। हतार म आते ह B, D, O, X चमा अंक 2 का तनधव करता है , इसलए अंक 2 से सबिधत अर जैसे - बी, डी, ओ, एस इन अर को बड़ा व गोल बनाते ह ु ये इनके नीचे एक बदु लगाना न भूल। इस कार का उपाय करने से आपको शी ह चमा का शुभ फल मलना शु हो जायेगा। मंगल ह:- मंगल पराम, भाई, उसाह, शासन, ापट व शासन आद का कारक माना जाता है। मंगल क अशुभता को दूर करने के लए अपने हतार के नीचे पूर लाईन खीचन क आदत डालनी होगी और थम अर को बड़ा बनाना होगा।हतार म C, E, G, L, S, U सी, ई,जी, एल, एस, यू , इन अर म कसी भी कार क काट-पीट न कर और इहे बड़े सलके से गोल आकार म बनाने क कोशश कर।अपनी लखावट म इस ाकर का सुधार करने से आप क ु छ ह दन म आचय चकत परणाम पायगे। बुध गणत, लेखन, तकमता, ान आद का तनधव करने वाला ह यद पापी होकर अशुभ फल देने लगे तो परेशान होने क जरत नहं है बिक अपने लेखन व हतार म क ु छ बदलाव करना होगा।अतः जब आप हतार कर तो पट व गोलाकार बदु प म कर और अत म गोला बनाकर उससे सटा ह ु आ लस का चह बना द। अगर हतार म ह C, G, B सी,जी, बी इन अर को गोल आकार म बनाय एंव इनके नीचे एक छोटा सा बदु जर लगाय।ऐसा करने से आपका बुध ह बलवान होकर अछा फल बुमता, ववेक, ान, दाशनकता व महकांा का कारक ह गु अछा होने पर अनके कार के सुख का भोग कराता है और सामाज म तठा का पा बनाता है। लेकन जब पी ़डत होकर अशुभ फल देने लगता है तो बह ु त क ु छ छन भी लेता है। यद आपको गु को मजबूत करना है तो इसके लए अपने हतार म क ु छ सुधार करना होगा।अगर हतार म है N, E हतार करते वत पहला अर काफ बड़ा बनाय तथा हतार को उपर से नीचे क ओर करने क आदत डाल। ब ृ हपत से सबिधत अर को जैसे एन एंव ई, अर को काफ बड़ा व सीधा बनाना होगा। ऐसा करने पर आपका भाय प मजबूत होकर अछा फल देने लगेगा और उॅचाईय क उड़ान भरने म कामयाब हगे। शु ह:-