वीरभद्र साधना

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भभभभभ भभभभभभभ भभ "भभभभभ भभभभभ" भभभभभ भभभभभभभ भभ भभ भभभ भभभभभ भभ भभभभभ भभभ, भभभभ भभभभ-भभभभभभ भभभभ भभ भभभभ- भभभभ भभभभ भभभ भभ भभभभ भभभ, भभभभभभभ, भभभभभ भभभ भभ भभभ भभभभभभभभभ भभभ, भभभभ भभभ भभभभभ भभ, भभभभभ भभभ भभ भभभभभभभभभभ भभ भभभभ भभभभभभ भभभभ भभभ भभभभ भभभभ भभभभ भभभभ भभ,भ भभ भभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभभभ भभभ भ भभ भभभ भभ भभभभ भभभभभभभभभ भभभ ! भभभभ भभभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभ भभभ भभभभभ भभभ भभभ भभभभभभ भभभभभभ भभभ भभ भभभभभ भभ भभभभभभभभ भभ भभभ भभभ-भभभ भभभभभ भभभ भभभ भभभ भभभभभभभभ भभ भभभभ भभ भभभभभ भभभ भभभ - भभभ भभ भभभभभभ-भभभभभभ भभभ! भभभभभभ भभ भभ भभभभभ भभभ भभ भभभ भभभ भभभभभभभभभभ भभभ भभभभभ भभभभभभभ भभभभ भभभभ भभ ! भभभभ भभभभभभभभभभ भभभभभ भभभभभभ भभ भभभभभभ भभ भभभभभ भभ, "भभभभभभभ भभभभभभभभभभ भभभभभ भभभभभ" भभ भभभभ "भभभभभभभ भभभभभभ भभभभभ" भभ भभभभ भभभ भभ, भभ भभभभभ भभभभभ भभभभभभभभभ भभभ भभभभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभभभ भभ, भभभभभभभभभभ भभभभभ भभ भभभभभभभभ भभ भभभभभभ भभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभ भभभभभ , भभ भभभभ भभ भभभ भभभभभ भभभभ भभभ, भभ भभभभभ भभ भभभ भभ भभभभभभभभ भभभ भभभभभभभभ , भभभभ, भभभभभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभभ भभभभभ भभ भभभभ भभ,(भभभभभभ- भभभभभभभभभ, भभभभभ भभभ भभभभ, भभ! भभभभभभभ) भभ भभभभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभभभ भभ, भभ भभभ भभ भभभ भभ भभभभ भभभभभ भभभ भभभभ भभभभभ भभ, भभभ भभभभ भभभभ भभभभ भभभभभभ भभभ भभभभभ भभभभ भभभभ भभभभभ, भभभभ भभभभभभ भभभभभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभ - (). भभ भभभभभ भभ भभभभभ भभभभभ भभ भभ भभभ भभभभ भभ , भभ भभभभभभभभ भभभ भभभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभ . भभ भभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभ भभभभभभभ भभ भभभभभ भभभ भभ भभभभभभभभभ भभभभभ भभ भभ भभ भभभभभ भभ भभभ भभभ भभभभ भभभभभ . भभ भभभभभभ भभ भभभ भभभभभ भभभभभ भभभ भभभभ भभभभभभ भभ. भभभभभ भभभभभभ भभभभ भभ भभभ भभभभ भभभ भभभभभ भभभ भभभभ भ भभभभभभभ भभभभभ! (). भभभ भभ भभभभभ भभ भभ भभभभभ भभभ भभभभ भभभभ भभभभभभ भभभ भभ भभभभ भभभ भभ भभभभभभभ भभ भभभभभ भभभभभ भभभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभ भभ भभभभ भभ भभभ भभ भभभभभभभ भभभ भभभभभभ भभ भभभभ भभ! (). भभभ भभ भभभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभभभभ १०, भभभ भभ भभ भभभभ भभभ भभ भभभ भभभभभभभ ००० भभभभभभ (भभभ, भभभभभभभभभ, भभभभभभ भभ भभभभभ) भभ भभभभभभभभ भभ भभभभ भभ! (). भभभ भभ भभभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभ भभभ, भभभभभभभभभ भभ भभभभ भभ भभभ, भभभ भभभभभभ भभभभ भभभभ भभभ भभभ भभभभ भभ भभभभभ, भभभभभ भभभभ भभ भभ भभभ भभभभ भभभभभ भभभ भभ भभभभ भभभभ , भभ भभ भभभभभभभ भभ "भभभभभभभ" भभभ "भभभभभभभ" भभ भभभभभभभभ भभ भभभभभभ! भभभभभ भभ भभभभभभ भभ -

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बहुत ही शक्तिशाली साधना है ये एक बार जरूर करिये परन्तु महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 10000 जाप करले या और हो सके तो राम रक्षा स्त्रोत का 11 दिन रोज एक पाठ करले ।ये बहुत उग्र साधना है इसलिए ये जरुरी है ।निडर साधक ही करें ।

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Page 1: वीरभद्र साधना

भगवा�न वा�रभद्र का� " सा�धन� मं त्र"

भगवा�न वा�रभद्र जो� किका शि�वा �म्भू� का� अवाता�र हैं�, उनका� पू�जो�- उपू�सान� कारन� सा� बड़े�- बड़े� काष्ट दूर हैं� जो�ता� हैं�, वा�रभद्र,

भगवा�न शि�वा का� पूरमं आज्ञा�का�र� हैं�, उनका� रूपू भयं कार हैं&, दे�खन� मं) वा� प्रलयं�ग्नि-न का� सामं�न प्रता�ता हैं�ता� हैं�। उनका� �र�र मंहैं�न ऊं चा� हैं&, । वा� एका हैंजो�र भ2जो�ओं सा� यं2क्त हैं�। वा� मं�घ का� सामं�न श्यं�मंवार्ण8 हैं�! उनका� सा�यं8 का� सामं�न जोलता� हुए ता�न न�त्र हैं�।

एवा किवाकार�ल दे�ढ़ें) हैं� और अग्नि-न का� ज्वा�ल�ओं का� तारहैं ल�ल- ल�ल जोटा�ए हैं�। गल� मं) नरमं2 डों? का� मं�ल� ता� हैं�थों? मं) तारहैं-तारहैं

का� अस्त्र- �स्त्र हैं�!

पूरन्ता2 वा� भ� भगवा�न शि�वा का� तारहैं पूरमं काल्यं�र्णका�र� ताथों� जोल्देD प्रसान्न हैं�न� वा�ल� हैं&! उनका� किनम्नशिलग्निखता सा�धन� पूद्धकिता सा� तात्का�ल फल मिमंलता� हैं&,

" वा�रभद्र सावाKश्वर� सा�धन� मं त्र" जो� उनका� " वा�रभद्र उपू�सान� ता त्र" सा� शिलयं� गयं� हैं&, एका स्वायं शिसाद्ध चामंत्का�रिरका ताथों� तात्का�ल

फल दे�न� वा�ल� मं त्र हैं&, स्वायं शिसाद्ध मं त्र सा� ता�त्पूयं8 उन मं त्र� सा� हैं�ता� हैं& जिजोन्हैं� शिसाद्ध कारन� का� जोरुरता नहैंP पूड़ेता�, वा� अपून� आपू

मं) शिसाद्ध हैं�ता� हैं�,

इसा मं त्र का� जो�पू सा� अकास्मं�ताR आयं� दुघ8टान�, काष्ट, सामंस्यं� आदिदे सा� क्षर्ण भर मं) किनपूटा� जो� साकाता� हैं&, (उदे�हैंरर्ण- का�यं8ब�ध�, हिंहैंWसाका पू�2 काष्ट, डोंर! इत्यं�दिदे)

यं� तात्का�ल फल दे�न� वा�ल� मं त्र हैं&, और सा�थों हैं� सा�थों यं� ब�हैंदे ता�व्र ता�जो वा�ल� मं त्र हैं&, इसा� मंजो�का अथोंवा� हैं सा� दिYY�ल� मं) कादे�किपू नहैंP ल�न� चा�किहैंए,

इसाका� द्वा�र� प्र�प्ता किकायं� जो� साकान� वा�ल� ल�भ -

(१). इसा मं त्र का� स्मंरर्ण मं�त्र सा� डोंर भ�ग जो�ता� हैं&, और अकास्मं�ताR आयं� ब�ध�ओ का� किनवा�रर्ण हैं�ता� हैं&. जोब भ� किकासा� प्रका�र का� का�ई पू�2जोन्यं यं� दूसार� तारहैं सा� प्र�र्णहैं�किन आ� का� हैं� ताब इसा मं त्र का� ७ ब�र जो�पू कारन� चा�किहैंए. इसा प्रयं�ग का� शिलए मं�त्र

मं त्र यं�दे हैं�न� ज़रुर� हैं&. मं त्र का Yस्थ कारन� का� ब�दे का� वाल ७ ब�र �2द्ध जो�पू कार) वा चामंत्का�र दे)ख�!

(२). अगर इसा मं त्र का� एका हैंज़�र ब�र किबन� रुका� लग�ता�र जो�पू कार शिलयं� जो�ए ता� व्यशिक्त का� स्मंरर्ण �शिक्त किवाश्व का� उच्चतामं

स्तार ताका हैं� जो�ता� हैं& ताथों� वाहैं व्यशिक्त पूरमं मं�ध�वा� बन जो�ता� हैं&!

(३). अगर इसा मं त्र का� किबन� रुका� लग�ता�र १०, ००० ब�र जोपू कार शिलयं� जो�ए ता� उसा� कित्रका�ल दृमिष्ट (भ�ता, वार्त्त8मं�न, भकिवाष्यं

का� ज्ञा�न) का� प्र�प्तिप्ता हैं� जो�ता� हैं&!

(४). अगर इसा मं त्र का� किबन� रुका� लग�ता�र एका ल�ख ब�र, रुद्र�क्ष का� मं�ल� का� सा�थों, ल�ल वास्त्र ध�रर्ण कारका� ताथों� ल�ल

आसा�न पूर ब&Yकार, उर्त्तर दिदे�� का� और मं2ख कारका� �2द्ध जो�पू कार शिलयं� जो�यं�, ता� उसा व्यशिक्त का� "ख�चारत्वा" एवा "भ�चारत्वा"

का� प्र�प्तिप्ता हैं� जो�यं�ग�!

मं त्र इसा प्रका�र हैं& -

ॐ हैं Y Y Y सा� चा� Y Y Y Y ह्र: ह्रn ह्रn ह्र� क्ष� क्ष? क्ष� क्ष ह्रn ह्रn क्ष� ह्रP स्मं� ध्मं� स्त्रP सावाKश्वर� हु फटाR स्वा�हैं�

(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum hraum hreim ksheim kshom ksheim

ksham hraum hraum ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum phat swaahaa)

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Page 2: वीरभद्र साधना

चा�ता�वान� -

१. इसा सा�धन� का� हैं सा� ख�ल न� सामंझे�, और न� हैं� मंजो�का मं) कारन� आजोमं�न� का� प्रयं�सा कार), इसाका� प्रयं�ग स्वायं ताथों� दूसार? का� काल्यं�र्ण हैं�ता2 कार)!

२. मंकिहैंल�ए इसा सा�धन� का� न� कार), अन्यंथों� भयं कार पूरिरर्ण�मं हैं?ग�!==================================