पा kयम - jmi.ac.in · साधना प ¨ Óत भाषा. 17 इकाई 4...

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पाɫयĐम बी.. (पास/सिÞसडीएरȣ) ǑहÛदȣ (Ĥाइवेट fo|kfFkZ;ksa के लए) (2014 — 2015) ǑहÛदȣ वभाग मानवकȧ एवं भाषा संकाय जामया मिãलया इèलामया नई Ǒदãलȣ-110025

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  • पा य म

    बी.ए. (पास/सि सडीएर ) ह द

    ( ाइवेट fo|kfFkZ;ksa के लए)

    (2014 — 2015)

    ह द वभाग मान वक एवं भाषा संकाय

    जा मया मि लया इ ला मया नई द ल -110025

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    जा मया मि लया इ ला मया : प रचय जा मया मि लया इ ला मया क थापना 1920 म अल गढ़ म हु ई थी। यह समय भारत के इ तहास म वतं ता आंदोलन का था। गांधी जी ने अं ेजी सरकार }kjk चलाए जा रहे श ा सं थान का यह कह कर वरोध कया था क ये रा हत के वरोध म काम करते ह। ख़लाफ़त तथा असहयोग आंदोलन इसी उ े य के तहत आरंभ कए गए थे। िजन महान लोग ने गांधी जी क इस आवाज़ पर इन आंदोलन म भाग लया उनम शैख़ुल ह द मौलाना महमूद हसन, मौलाना मोह मद अल , हक म अजमल ख़ा,ं डॉ. मु तार अहमद अंसार , अ दुल मजीद वाजा तथा डॉ. ज़ा कर हु सैन मुख थे। इन लोग ने न केवल जा मया मि लया इ ला मया क थापना क , बि क इस चमन को अपने ख़ून-पसीने से सींच कर आबाद भी कया।

    जा मया मि लया इ ला मया 1925 म अल गढ़ से द ल थानांत रत हो गई। तब से लेकर आज तक जा मया दन दूनी

    रात चौगुनी तर क़ कर रह है तथा समकाल न आव यकताओं के अनु प वयं को ढालने म स म रह है। अपने सं थापक के सपन को साकार करते हु ए जा मया अपने छा के सवागीण वकास क दशा म यासरत है।

    जा मया मि लया इ ला मया के सं थापक का सदैव इस बात पर बल रहा है क श ा क पार प रक जड़ को मज़बूत कया जाए। जा मया ने इस का हमेशा यास कया है क छा म देश के इ तहास, उसक सं कृ त तथा इ लाम के इ तहास क बेहतर समझ पैदा हो। इ ह ं बात को यान म रखकर जा मया म

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    इ लाम क श ा के साथ-साथ ह दू धमशा तथा भारतीय धम और सं कृ त जैसे वषय क श ा का ावधान कया गया। श ा के े म अ भनव योग करते हु ए जा मया के सं थापक ने यहाँ के शै णक काय म तथा पा य म स बंधी ग त व धय म रा य तथा सावभौ मक आयाम जोड़े। इस बात का सदैव यान रखा गया क जा मया के छा को मू य-आधा रत श ा द

    जाए और उ ह बेहतर नाग रक बनाने क दशा म काय कया जाए। जा मया के छा यि तगत च के पा य म को पढ़ते हु ए भी सामािजक उ तरदा य व के बोध से वं चत न ह । दूसरे व व व यालय क तरह जा मया ने भी तकनीक श ा, इंजी नय रंग, कॉमस, फ़ाइन vkV~lZ, जनसंचार, सूचना तकनीक तथा व तार श ा के े म काफ ग त क है। यहाँ एकेड मक टाफ कॉलेज तथा थड व ड टडीज़ क भी थापना क गई है।

    जा मया म श ा का मा यम मु य प से उद,ू ह द तथा अं ेज़ी है। यहाँ श ा का उ े य उ च ान के ोत को ान के दूसरे े के साथ जोड़ना है। व व व यालय अपने छा तथा श क को शै णक वातावरण दान करने क सदैव को शश करता है। कुछ मुख बात इस कार ह:

    (क) श ा म नवीनता लाने के उ े य से समय-समय पर पा य म म फेरबदल। पढ़ाने के नये-नये तर क़े तथा यि त व वकास पर वशेष बल।

    (ख) व भ न अनुशासन म श ा। (ग) अ तर-अनुशासना मक अ ययन। (घ) रा य एकता, धम नरपे ता तथा अंतरा य समझ।

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    ह द वभाग : सं त प रचय जा मया मि लया इ ला मया म ह द का पठन-पाठन व व व यालय क थापना के साथ ह आरंभ हो गया था। जा मया के सं थापक ने ह द भाषा के श ण को यथो चत मह व दया। एक लंबे समय तक यहाँ नातक तर पर ह ह द भाषा एवं सा ह य का अ ययन-अ यापन होता रहा। के य व व व यालय बनने से कुछ वष पूव 1983 म यहाँ नातको तर पा य म ारंभ कया गया। एम. ए. के पा य म म शु से ह जनसंचार तथा रचना मक लेखन को मह व दया गया और रचना मक लेखन एवं प का रता को वैकि पक न प के प म पा य म म सि म लत कया गया। देश के कसी भी व व व यालय म इस कार का यह पहला पा य म था। सन ् 1994 म वभाग म जनसंचारपरक लेखन म नातको तर ड लोमा आरंभ कया गया। इसक सफलता को देखते हु ए सन ् 2001 म ह द वभाग म ट . वी. प का रता म नातको तर ड लोमा शु कया गया। स त ह द वभाग म इन दोन ड लोमा पा य म के अलावा बी. ए. ऑनस मास मी डया ( ह द ), एम. ए. और एम. फल ् का अ ययन-अ यापन हो रहा है। सन ् 1985 से नरंतर यहाँ शोध-काय (पीएच. डी.) भी हो रहा है। वभाग सा ह य के तुलना मक अ ययन स बंधी शोध काय को ो साहन देता है। ह द वभाग म जा मया का एक अ नवाय पा य म ‘ ह दू धम शा ’ भी पढ़ाने क यव था है। वभाग के अनेक सद य व भ न पुर कार से स मा नत कए गए ह तथा वदेश म भी ह द अ यापन का काय कर चुके ह।

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    वभागीय सद य 1. ो. दुगा साद गु त (अ य ), एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.

    (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल ) 2. ो. महे पाल शमा, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल

    नेह व व व यालय, नई द ल ) 3. ो. हेमलता म ह वर, एम.ए., बी. एड., एम. फल.्, पीएच. डी.

    (गु घासीदास व व व यालय, वलासपुर) 4. डॉ. कृ ण कुमार कौ शक, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. ( द ल

    व व व यालय, द ल ) 5. डॉ. अ नल कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (अल गढ़

    मुि लम व व व यालय, अल गढ़) 6. डॉ. इ दु वीरे ा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.(जा मया

    मि लया इ ला मया, नई द ल ) 7. डॉ. च देव संह यादव, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया

    इ ला मया, नई द ल ) 8. डॉ. नीरज कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.( द ल

    व व व यालय, द ल ) 9. डॉ. कहकशां एहसान साद, एम.ए., पीएच. डी. (अल गढ़ मुि लम

    व व व यालय, अल गढ़) 10. डॉ. ववेक दु बे, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया,

    नई द ल ) 11. डॉ. दल प कुमार शा य, एम. ए., एम. फल.्, पीएच.

    डी.(जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल )

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    12. डॉ. अ दुरहमान मुसि वर, एम. ए., एम. एड., एम. फल.्, पीएच. डी., पी.जी. ड लोमा मास मी डया (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )

    13. डॉ. मुकेश कुमार मरोठा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )

    14. डॉ. अजय कुमार नाव रया, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल )

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    बी. ए. ह द (पास/सि सडीएर ) वा षक पा य म ( ाइवेट fo|;kfFkZ;ksa के लए)

    अनु म i`”B la[;k

    थम वष पा य म 1 भाषा, सा ह ये तहास और का यशा 11 वतीय वष

    पा य म 2 म य-युगीन का य 15 पा य म 3 कथा सा ह य 18 तृतीय वष पा य म 4 आधु नक क वता 23 पा य म 5 कथेतर ग य वधाएं 26

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    बी. ए. ह द (पास/सि सडीएर ) थम वष

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    पा य म 1 भाषा, सा ह ये तहास और का यशा पूणाक-100

    इकाई-1 ह द भाषा का वकास ारि भक ह द

    अवधी और जभाषा का का य-भाषा के प म वकास खड़ी बोल ह द , उदू और ह दु तानी

    इकाई-2 आ दकाल

    काल- नधारण, नामकरण एवं आ दकाल न का य इकाई-3 म यकाल

    संत का य, सूफ का य, रामभि त का यधारा, कृ णभि त का यधारा, र त का य

    इकाई-4 आधु नक युग

    आधु नक क वता का वकास खड़ी बोल ग य का वकास ग य क नवीन वधाएं : प रचय

    इकाई-5 का य-शा

    श द शि त - अ भधा, ल णा, यंजना रस (सभी) मा क छंद - दोहा, सोरठा, चौपाई, रोला व णक छंद - मा लनी, शख रणी, क व त, सवैया अलंकार : श दालंकार- अनु ास, यमक, लेष

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    अथालंकार - उपमा, पक, उ े ा, संदेह, अ तशयोि त

    अनुमो दत ंथ 1. ह द भाषा हरदेव बाहर 2. ह द सा ह य का इ तहास आचाय रामच शु ल 3. ह द सा ह य का इ तहास संपादक : डॉ. नगे 4. का यांग डॉ. देवे यागी

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    बी. ए. ह द (पास/सि सडीएर ) f}rh; o”kZ

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    पा य म 2 म ययगुीन का य पूणाक 100

    इकाई 1 पा य म म नधा रत क वय के पाठ म से क ह ं तीन का यांश क या या अपे त

    नधा रत क व

    1. कबीरदास पद सं याः 3, 7, 8, 32, 37, 173, 187, 200 साखी सं याः सतगुर म हमा- 6 एवं 9, ेम बरह कौ अंग- 4, 14 पउ प हचा नबे कौ अंग- 1, 9; परचा कौ अंग- 1, 2

    (कबीर थावल : सं. पारसनाथ तवार )

    2. म लक मोह मद जायसी मानसरोदक खंड

    (जायसी थावल (प ावत), सं. आचाय रामच शु ल)

    3. सूरदास

    पद सं याः 13, 18, 24, 31, 34, 42, 52, 62, 64, 75, 111, 210

    ( मर गीत सार, सं. आचाय रामच शु ल)

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    4. तुलसीदास रामच रत मानस (बाल का ड), छंद सं याः 229 से 238 तक।

    5. बहार

    दोहा सं याः 1, 25, 32, 38, 41, 52,73, 94, 103, 121, 127, 141, 151, 154, 171, 191, 207, 322, 363, 411

    ( बहार र नाकर, सं. जग नाथदास ‘र नाकर’)

    6. घनानंद छंद सं याः 8, 13, 14, 15, 41, 43, 66, 69, 82, 84 (घनआनंद क व त, सं. व वनाथ साद म )

    इकाई 2 भि त का य क पृ ठभू म भि त आंदोलन और भि त का य र तका य क भू मका र तका य का व प इकाई 3 कबीर और जायसी क का यगत वशेषताएं समाज सुधार

    साधना प त भाषा

  • 17

    इकाई 4 सूरदास और तुलसीदास क का यगत वशेषताए ं भि त का व प ेम और वा स य सम वय भाषा इकाई 5 रह म और घनानंद क का यगत वशेषताएं र त, ृ ंगार, ेम, वरह अनुमो दत ंथ 1. ह द सा ह य का इ तहास आचाय रामच शु ल 2. ह द सा ह य क भू मका आचाय हजार साद ववेद 3. वेणी आचाय रामच शु ल 4. बहार : नया मू यांकन डॉ. ब चन संह 5. कबीर क वचारधारा डॉ. गो व ंद गुणायत 6. घनानंद का का य रामदेव शु ल

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    पा य म 3 कथा सा ह य पूणाक - 100

    इकाई-1 ह द कहानी का वकास ारं भक कहा नया ँेमचंद युग, ेमचंदो तर युग

    नई कहानी साठो तर कहानी समकाल न कहानी

    इकाई-2 इस इकाई के अ तगत पा य म म नधा रत कहा नय क अंतव त,ु के य सम या, वचारधारा और श प संबंधी समी ा मक न पूछे जाएंगे।

    नधा रत कहा नयाँ : 1. उसने कहा था च धर शमा गुलेर 2. ईदगाह ेमचंद 3. पुर कार जयशंकर साद 4. करवा का त यशपाल 5. आ ा मोहन राकेश 6. वापसी उषा यंवदा (कहानी व वधा / संकलनः डॉ. देवीशंकर अव थी)

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    इकाई-3 ह द उप यास का वकास ारं भक उप यास, ेमच दयुगीन उप यास, ेमच दो तर उप यास, वातं यो तर उप यास,

    साठो तर उप यास, समकाल न उप यास। इकाई-4 नधा रत उप यास-1

    कमभू म ेमचंद इकाई-5 नधा रत उप यास-2 गंगा मैया भैरव साद गु त

    इकाई सं या चार और पाँच म नधा रत उप यास के संबंध म समी ा मक न पूछे जाएँगे : अंतव त,ु के य सम या, चा र क वकास, वचारधारा, श प।

    अनुमो दत ंथ 1. कहानी नयी कहानी नामवर संह 2. ह द कहानी क रचना या परमानंद ीवा तव 3. ह द कहानी पाठ और या सुरे चौधर 4. ह द कहानी का वकास मधुरेश 5. कहानीः व प और संवेदना राजे यादव 6. ह द कहानी : अतंरंग पहचान रामदरश म 7. उप यास का उदय आयन वॉट 8. ह द उप यास : एक अ तया ा रामदरश म 9. ह द उप यास : पहचान और परख इं नाथ मदान

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    10. ह द उप यास : 1950 के बाद सं. नमला जैन 11. उप यास और लोकजीवन रा फ फॉ स 12. ह द उप यास का वकास मधुरेश 13. उप यास का पुनज म परमानंद ीवा तव 14. ह द उप यास ि थ त और ग त चं कांत वां दवड़ेकर 15. आधु नक ह द उप यास सं. नामवर संह 16. ह द उप यास का इ तहास गोपाल राय

  • 21

    बी. ए. ह द (पास/सि सडीएर ) तृतीय वष

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    पा य म 4 आधु नक क वता पूणाक - 100

    इकाई 1 पा य म म नधा रत क वय के पाठ म से क ह ं तीन का यांश क या या अपे त।

    नधा रत क वः

    1. मै थल शरण गु त कु जा (‘ वापर’ से)

    2. रामनरेश पाठ वधवा का दपण, अ वेषण

    3. जयशंकर साद गीत- बीती वभावर जाग र वे कुछ दन कतने सु ंदर थे अ ण यह मधुमय देश हमारा क वताएं : (आंस ूसे) इस क णा क लत दय म ये सब फु ल ंग ह मेर बुलबुले स धु के फूटे जो घनीभूत पीड़ा थी झंझा झकोर गजन था श श मुख पर घू ंघट डाले बांधा था वधु को कसने मुख कमल समीप सजे थे

    यावतन के पथ म सबका नचोड़ लेकर तुम 4. सूयका त पाठ ‘ नराला’

    गीत- ( य) या मनी जागी बांधो न नाव इस ठांव ब ध ुनेह नझर बह गया है

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    क वताए-ं भ ुक तोड़ती प थर

    5. नरे शमा गीत- तु ह याद है या उस दन क सूरज डूब गया ब ल भर कब मलगे

    6. लोचन शा ी दन ये फूल के ह ताप के ताये हु ए दन ण क खड़क

    इकाई 2 आधु नक क वता का वकास

    भारते दु युग, ववेद युग, छायावाद, ग तवाद, योगवाद, नयी क वता

    (उपयु त का य- वृ ि तय का ान) इकाई 3 मै थल शरण गु त एवं रामनरेश पाठ क का यगत

    वशेषताए ं ( ववेद युगीन क वता तथा मै थल शरण गु त एवं

    रामनरेश पाठ क क वताए)ं

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    इकाई 4 जयशंकर साद और सूयका त पाठ ‘ नराला’ क का यगत वशेषताएं

    (छायावाद क वता का व प और जयशंकर साद तथा नराला क क वताए)ं

    इकाई 5 नरे शमा और लोचन शा ी क का यगत

    वशेषताए ं ( ग तवाद और नरे शमा तथा लोचन शा ी

    क क वताए)ं अनुमो दत ंथ 1. आधु नक ह द सा ह य क वृ ि तया ं नामवर संह 2. आधु नक ह द क वता (भाग-1 एवं 2) व वनाथ साद तवार 3. ह द सा ह यः बीसवीं शता द न ददुलारे वाजपेयी 4. आधु नक ह द क वता क मुख विृ तया ं डॉ. नगे

  • 26

    पा य म 5 कथेतर ग य वधाएं पूणाक - 100

    इकाई 1 कथेतर ग य वधाओं का वकास कथेतर ग य का व प ह द के आरि भक कथेतर ग य ह द के कथेतर ग य का वतमान प र य

    इकाई 2 व वध ग य वधाओ ंका प रचय

    रपोताज, यं य, रेखा च , सं मरण, प सा ह य आ मकथा, जीवनी, या ावृ तांत, डायर , नबंध

    इकाई 3 नधा रत पाठ

    जीवनी अखबार नकालने क धुन अमृत राय (कलम का सपाह -14) रेखा च द ल : रात क बाह म मोहन राकेश या ा वृ तांत महे वर से चौबीस अवतार: ओंकारे वर (स दय क नद नमदा) अमृतलाल बेगड़ आ मकथा मुद हया तथा कूल जीवन तुलसीराम (मुद हया : प.ृ 22-36 तक) रपोताज एकल य के नो स फणी वरनाथ रेण ु

    इकाई 4 नधा रत पाठ

    सं मरण ठकुर बाबा महादेवी वमा यं य सदाचार क तावीज़ ह रशंकर परसाई प क वता म यथाथवाद केदारनाथ अ वाल,

    राम वलास शमा

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    डायर यह मौसम नह ंआएगा फर नमल वमा नबंध नाखून य बढ़ते ह हजार साद f}osnh

    इकाई 5 उपयु त तीन इकाइय से ट प णया ँपूछ जायगी। अनुमो दत ंथ 1. ह द सा ह य का इ तहास रामचं शु ल 2. सा ह य सहचर हजार साद f}osnh 3. आधु नक ह द सा ह य ल मीसागर वा णय 4. ह द का ग य सा ह य रामचं तवार 5. आधु नक सा ह य नंददुलारे वाजपेयी 6. ह द ग य का उ व और वकास वजये नातक 7. सा ह य म ग य क नई व वध वधाए ँ कैलाशचंद भा टया 8. आधु नक सा ह य का इ तहास ब चन संह

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    ह दू धम-शा

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    नप ह दू धम शा पूणाक : 100 इकाई 1 ह दू धम- ंथ का सामा य प रचय

    वेद, वेदांग उप नषद, पुराण, मृ त

    इकाई 2 रामायण, महाभारत-सं कृ त और समाज गीता-दशन और आधु नक युग म उसक उपादेयता

    इकाई 3 भारतीय दशन-प रभाषा, आि तक, नाि तक दशन (सं त प रचय) वेदांत क शाखाए ँ

    इकाई 4 भि त आ दोलन और धा मक मा यताओं पर उसका भाव सूफ़ स ांत और भि त-धा मक एवं सां कृ तक आदान- दान बौ , जैन और स ख धम क मु य मा यताए ँ

    इकाई 5 आधु नक काल न समाज सुधार आ दोलन एव ंसुधारक

    म समाज, ाथना समाज, आय समाज वामी ववेकान द, वामी रामतीथ, रामकृ ण

    परमहंस, महा मा गांधी, नारायण गु धम और आधु नक समाज

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    ( येक इकाई से एक न का उ तर देना अ नवाय है।) संदभ ंथ: 1. व व धम दशन सांव लया बहार लाल वमा 2. भारतीय सं कृ त क कहानी भगव शरण उपा याय 3. सं कृ त के चार अ याय रामधार स ंह ‘ दनकर’ 4. तस वुफ़ अथवा सूफ़ मत च बल पा डेय 5. भि त का य क भू मका ेमशंकर 6. भि त आंदोलन और लोकजीवन शवकुमार 7. History of Indian Philosophy Vol I, II Dr. S. Radhakrishanan 8. Ramayana C. Lal 9. Mahabharta C. Lal 10. Indian Philosophy Dr. R. N. Sharma 11. Religion & Philosophy Dr. Vatsyayana