वाग्वर्धिनी-परिषत् १९-मे, २०१२

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ववववववववववव-वववववव १९-वव, २०१२ वववव-वववववव-ववववववव वववववव-वववववव-वववववववववव ववववववव वववववववववववववववव ववववववववववववववववव

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क्त्वा-तुमुन्-प्रत्यययोः प्रयोगः. चेत्-नोचेत्-प्रयोगः. विशेषणविशेष्ययोः समानविभक्तिकत्वम्. वाग्वर्धिनी-परिषत् १९-मे, २०१२. क्त्वा-प्रत्ययस्य प्रयोगः. क्त्वा = त्वा (having done something). कृ+क्त्वा = कृत्वा ( having done ) - स कार्यं कृत्वा गतवान् । - PowerPoint PPT Presentation

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Page 1: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

वा�ग्वार्धि��नी�-परि�षत्� १९-मे�, २०१२

चे�त्�-नी�चे�त्�-प्रयो�गः�

क्त्वा�-त्�मे�नी�-प्रत्योयोयो�� प्रयो�गः�

विवाशे�षणविवाशे�ष्योयो�� समे�नीविवाभक्ति&कत्वामे�

Page 2: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

क्त्वा�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

क्त्वा� = त्वा� (having done something)

क) +क्त्वा� = क) त्वा� (having done)- स क�यो* क) त्वा� गःत्वा�नी� ।

खा�द्�+क्त्वा� = खा�दिद्त्वा� (having eaten)- ��मे� खा�दिद्त्वा� शेयोनी/ क��वित्।

पठ्�+ क्त्वा� = पदिठ्त्वा� (having read)- बा�लक� पदिठ्त्वा� क्री4वि5त्�/ गःच्छवित् ।

Page 3: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

क्त्वा�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

क्त्वा� = त्वा� (having done something)

गः�+क्त्वा� = गः�त्वा�गःमे�+क्त्वा� = गःत्वा�क45�+क्त्वा� = क्री4वि5त्वा�क्तिलखा�+क्त्वा� = क्तिलखिखात्वा�पठ्�+क्त्वा� = पदिठ्त्वा�क) +क्त्वा� = क) त्वा�वाद्�+क्त्वा� = उक्त्वा�खा�द्�+क्त्वा� = खा�दिद्त्वा�श्रु�+क्त्वा� = श्रु�त्वा�

Page 4: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

क्त्वा�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

क्त्वा� = त्वा� (having done something)

गः�+क्त्वा� = गःमे�+क्त्वा� =क45�+क्त्वा� =क्तिलखा�+क्त्वा� =पठ्�+क्त्वा� =क) +क्त्वा� =वाद्�+क्त्वा� = खा�द्�+क्त्वा� =श्रु�+क्त्वा� =

Page 5: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

क्त्वा�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

गः�+क्त्वा� = गः�त्वा� --- स�त्� गः�नी/ गः�त्वा� आनीन्द्/ प्र�प्नो�वित्।

गःमे�+क्त्वा� = गःत्वा� --- ��मे� विवाद्या�लयो/ गःत्वा� पठ्वित्।

क45�+क्त्वा� = क्री4वि5त्वा� -- बा�लक�� क्री4वि5त्वा� गः)हं/ गःच्छवित्।

क्तिलखा�+क्त्वा� = क्तिलखिखात्वा� -- पत्रं/ क्तिलखिखात्वा� प्र�षयोत्�।

पठ्�+क्त्वा� = पदिठ्त्वा� --- प�स्त्क/ पदिठ्त्वा� उत्त�/ क्तिलखात्।

खा�द्�+क्त्वा� = खा�दिद्त्वा� -- मे��वा� खा�दिद्त्वा� हंस्त्/ प्रक्षा�लयोवित्।

वाद्�+क्त्वा� = उक्त्वा� --- प्रश्नस्यो उत्त�मे� उक्त्वा� गःच्छत्�।

श्रु�+क्त्वा� = श्रु�त्वा� --- ��मे�योण/ श्रु�त्वा� प�ण्यो/ भवावित्।

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त्�मे�नी�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

त्�मे�नी� = त्�मे� (To do something)

उद्�हं�ण�विनी---

क) +त्�मे�नी� = कत्�Dमे� (to do)- क�यो* कत्�* योत्नीवा�नी� भवात्�।

खा�द्�+त्�मे�नी�=खा�दिद्त्�मे� (to eat)-बा�लक� खा�दिद्त्�/ भ�जनी�लयो/ गःच्छवित्।

पठ्�+ त्�मे�नी� = पदिठ्त्�मे� (to read)- बा�लक� पदिठ्त्�/ विवाद्या�लयो/ गःच्छवित्।

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त्�मे�नी�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

त्�मे�नी� = त्�मे� (To do something)

गःमे�+त्�मे�नी� = गःन्त्�मे�क45�+त्�मे�नी� = क्री4वि5त्�मे�क्तिलखा�+त्�मे�नी� = क्तिलखिखात्�मे�पठ्�+त्�मे�नी� = पदिठ्त्�मे�क) +त्�मे�नी� = कत्�Dमे�वाद्�+त्�मे�नी� = वा&� मे�खा�द्�+त्�मे�नी� = खा�दिद्त्�मे�श्रु�+त्�मे�नी� = श्रु�त्�मे�

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त्�मे�नी�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

त्�मे�नी� = त्�मे� (To do something)

गःमे�+त्�मे�नी� =क45�+त्�मे�नी� =लखा�+त्�मे�नी� =पठ्�+त्�मे�नी� =क) +त्�मे�नी� =वाद्�+त्�मे�नी� = खा�द्�+त्�मे�नी� =श्रु�+त्�मे�नी� =

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त्�मे�नी�-प्रत्योयोस्यो प्रयो�गः�

क45�+त्�मे�नी� = क्री4वि5त्�मे� -- बा�लक�� क्री4वि5त्�/ गःच्छन्तिन्त्।

क्तिलखा�+त्�मे�नी� = क्तिलखिखात्�मे� -- स उत्त�/ क्तिलखिखात्�/ ल�खानी�मे�नीयोवित्।

पठ्�+त्�मे�नी� = पदिठ्त्�मे� --- छा�त्रं� पदिठ्त्�/ विवाद्या�लयो/ गःच्छवित्।

खा�द्�+त्�मे�नी� = खा�दिद्त्�मे� -- खा�दिद्त्�/ भ�जनी�लयो/ गःच्छत्�।

वाद्�+त्�मे�नी� = वा&� मे� --- अहं/ वा&� मे� इच्छ�मिमे।

श्रु�+त्�मे�नी� = श्रु�त्�मे� --- गः�त्/ श्रु�त्�मे� इच्छ�मिमे।

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“चे�त्�”- “नी� चे�त्�”-प्रयो�गः�if - otherwise

चे�त्� मा�त्� आनन्दं� प्रा�प्नो�त्।

या�दंवः� अपि� गच्छपित्।

बा�लकः� हसपित्

रा�मा� गच्छपित्

भवः�न� कःथा�यापित् अह� गमिमाष्या�मिमा।

आचे�या#� ��ठयापित् छा�त्राः�� �ठन्त्।

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“चे�त्�”-प्रयो�गः�(अभ्यो�स�)

कः' ष्णः� आगमिमाष्यापित् बालरा�मा� गमिमाष्यापित्।

समाया� अस्ति*त् अहमा� आगच्छ�मिमा।

इच्छ� अस्ति*त् भ�जन� कःरा�त्-।स-रा�शः� आगच्छपित् मा�मा� आह्वयात्-।

वः'मि0� आगच्छपित् माया1रा�� न'त्यान्तिन्त्।

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“नी� चे�त्�”-प्रयो�गः�(Otherwise)

भवः�न� शः4घ्रमा� आगच्छत्- पि�त्� त्ज#मियाष्यापित्।उ�पिवःश्या �ठत्- उत्था�या �ठत्-।

त्1ष्णः9 पित्ष्ठ इत्� गच्छ।

सम्याकः� �ठत्- अन-त्ती4णः#� भपिवःष्यापित्।औषधं� *वः4कःरा�त्- ज्वःरा� वःधं#त्�।

न� चे�त्�

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“नी� चे�त्�”-प्रयो�गः�(अभ्यो�स�)

सत्या� वःदंत्- कः�ऽपि� पिवःश्वा�स� न कःरिराष्यापित्।

भवः�न� आगच्छत्- अन-ज� प्रा�षयात्-।

समाया� भ�जन� कःरा�त्- बा-भ-क्षा� बा�धंत्�।

भवः�न� कःक्षा�या�� पित्ष्ठत्- बा�लकः�� कः�ल�हल� कःरिराष्यान्तिन्त्।श्वा� त्त्राः गमिमाष्या�मिमा �राश्वा�।

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“चे�त्�”-“नी� चे�त्�”-प्रयो�गः�(अभ्यो�स�)

भवः�न� *वःस्थः� अस्ति*त् ............. आगच्छत्- ............... न आगच्छत्-।समाया� अस्ति*त् ............ भवः�न� आगच्छत्- ........... अन-ज� प्रा�षयात्-।वः'मि0� आगच्छपित् ............. माया1रा�� न'त्यान्तिन्त् ............ न न'त्यान्तिन्त्।�ठन� इच्छ� अस्ति*त् ............. �ठत्- ............. इत्� गच्छत्-।औषधं� *वः4कःरिराष्यापित् ....... *वःस्थः� भपिवःष्यापित् ......... ज्वःरा� वःधं#त्�।अवःसरा� भपिवःष्यापित् .......... श्वा� भवःत्� ग'ह� गमिमाष्या�मिमा ........... �राश्वा�।

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पिवःशः�षणः-पिवःशः�ष्याया�� समा�नपिवःभक्तिGकःत्वःमा�

पिवःशः�ष्यामा� - Nounपिवःशः�षणःमा� -Adjective

बा�लकः�स-न्दंरा�

बा�क्तिलकः�उत्तीमा�

फलमा�मिमा0मा�

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विवाभक्ति&� - - प्रथमे�, विOत्�यो�, त्)त्�यो�, चेत्�थP, पञ्जमे�, षष्ठी�, सप्त्मे�क्तिलङ्गमे� - - प�/क्तिलङ्गमे�, स्त्रं�क्तिलङ्गमे�, नीप�/सकक्तिलङ्गमे�/क्ल�बाक्तिलङ्गमे�

वाचेनीमे� - - एकवाचेनीमे�, विOवाचेनीमे�, बाहुवाचेनीमे�

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एकवाचेनीमे� विOवाचेनीमे�बाहुवाचेनीमे�

प्रथमे� ��मे� ��मेW ��मे�� विOत्�यो� ��मेमे� ��मेW ��मे�नी� त्)त्�यो� ��मे�ण ��मे�भ्यो�मे� ��मेX� चेत्�थP ��मे�यो ��मे�भ्यो�मे���मे�भ्यो� पञ्जमे� ��मे�त्� ��मे�भ्यो�मे���मे�भ्यो� षष्ठी� ��मेस्यो ��मेयो�� ��मे�ण�मे� सप्त्मे� ��मे� ��मेयो�� ��मे�ष�

रा�मा� – �-ङ्� क्तिलङ्गः�

विवाभक्ति&�

क्तिलङ्गमे�वाचेनीमे�

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पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

१. यात्� क्तिलङ्गःमा�

२. यात्� वःचेनमा�

३. या� पिवःभक्तिG�

स-न्दंरा� बा�लकः�

�-�क्तिलङ्गःमा�

एकःवःचेनमा�

प्राथामा� पिवःभक्तिG�

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पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

यात्� क्तिलङ्गःमा�

यात्� वःचेनमा�

या� पिवःभक्तिG�

स-न्दंरा4 बा�क्तिलकः�

*त्राः4क्तिलङ्गःमा�

एकःवःचेनमा�

प्राथामा� पिवःभक्तिG�

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पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

यात्� क्तिलङ्गःमा�

यात्� वःचेनमा�

या� पिवःभक्तिG�

स-न्दंरामा� फलमा�

न�-�सकःक्तिलङ्गःमा�

एकःवःचेनमा�

प्राथामा� पिवःभक्तिG�

Page 21: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

यात्� क्तिलङ्गःमा�

यात्� वःचेनमा�

या� पिवःभक्तिG�

स-न्दंराP बा�लकःP

�-�क्तिलङ्गःमा�

एकःवःचेनमा�

प्राथामा� पिवःभक्तिG�

Page 22: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

यात्� क्तिलङ्गःमा�

यात्� वःचेनमा�

या� पिवःभक्तिG�

स-न्दंरामा� बा�लकःमा�

�-�क्तिलङ्गःमा�

एकःवःचेनमा�

पिQत्4या� पिवःभक्तिG�

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उत्तीमा� �-रुष�

�-रुषमा�उत्तीमामा�

�-रुष�णःउत्तीमा�न

�-रुष�याउत्तीमा�या

�-रुष�त्�उत्तीमा�त्�

�-रुष*याउत्तीमा*या

�-रुष�उत्तीमा�

पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

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उत्तीमा� बा�क्तिलकः�

बा�क्तिलकः�मा�उत्तीमा�मा�

बा�क्तिलकःया�उत्तीमाया�

बा�क्तिलकः�याPउत्तीमा�याS

बा�क्तिलकः�या��उत्तीमा�या��

बा�क्तिलकः�या��उत्तीमा�या��

बा�क्तिलकः�या�मा�उत्तीमा�या�मा�

पिवःशः�षणःमा� पिवःशः�ष्यामा�

Page 25: वाग्वर्धिनी-परिषत्  १९-मे, २०१२

धं न्यो

वःा�

दंा�ा�

Presented by:Aniruddha KarVAGVARDHINI PARISHATSpecial Center for Sanskrit StudiesJNU, New Delhiwww.aniiruddha.wordpress.com

धं न्यो

वःा�

दंा�ा�

Presented by:Aniruddha KarVAGVARDHINI PARISHATSpecial Center for Sanskrit StudiesJNU, New Delhiwww.aniiruddha.wordpress.com