वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव...

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वान भैरव तंओशो वान भैरव तंओशो वान भैरव तं का जगत बौक नहं है। वह दाशनक भी नहं है। तं शब ्द का अथ है। वध, उपाय, माग। इस ’लए यह एक वैानक *ंथ है। वान ‘’+य-‘’ क. नहं , ‘’कै से ’’ क. 0फ2 करता है। दशन और वान म4 यह बुनयाद भेद है। दशन पूछता है। यह अि9तत ्व +य- है ? वान पूछता है , यह आि9तत ्व कै से है ? जब तुम कै से का ;श ्न पूछते हो, तब उपाय, वध, मह<वपूण हो जाती है। तब ’सांत >यथ हो जाती है। अनुभव क4? बन जाता है। वान का मतलब है चेतना है। और भैरव का वशेष शब ्द है , तांBक शब ्द, जो पारगामी के ’लए कहा जाता है। इसी’लए ’शव को भैरव कहते है , और देवी को भैरवीवे जो समस ्त Cवैत के पार चले जाते है। पावती कहती है आपका सत ्य या है ? यह आपका आचय -भरा जगता या है ? इसका बीज या है ? वश ्व च! क" धूर% क् या है ? यह च! चलता ह% जाता है महा प(रवतन, सतत )वाह। इसका म+य ,बंदु या है ? इसक" धूर% कहां है ? अचल क01 कहां है ? प2 पर छाए ले6कन के परे यह जीवन या है ? देश और काल, नाम और )त ्यय के परे जाकर हम इसमे कै से पूणत: )वेश करे ? मेरे संशय 9नमूल करे ……

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Page 1: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह

वान भरव तmdashओशो

वान भरव तmdashओशो

वान भरव त का जगत बौक नह ह वह दाशनक भी नह ह त शबद का अथ ह वध उपाय माग इस लए यह

एक वानक थ ह वान lsquorsquo+ य-lsquorsquo क नह lsquorsquoकसrsquorsquo क 0फ2 करता ह दशन और वान म4 यह बनयाद भद ह दशन

पछता ह यह अि9 ततव + य- ह वान पछता ह यह आि9 ततव कस ह जब तम कस का शन पछत हो तब उपाय

वध महlt वपण हो जाती ह तब सात gt यथ हो जाती ह अनभव क4 बन जाता ह

वान का मतलब ह चतना ह और भरव का वशष शबद ह ताBक शबद जो पारगामी क लए कहा जाता ह इसीलए

शव को भरव कहत ह और दवी को भरवीmdashव जो समसत Cवत क पार चल जात ह

पावती कहती हmdash

आपका सतय प या ह

यह आपका आ चय-भरा जगता या ह

इसका बीज या ह

वशव च क धर कया ह

यह च चलता ह जाता हmdashमहा प(रवतन सतत )वाह

इसका म+य बद या ह

इसक धर कहा ह

अचल क0 1 कहा ह

प2 पर छाए ल6कन प क पर यह जीवन या ह

दश और काल नाम और )तयय क पर जाकर हम इसम कस पणत )वश कर

मर सशय 9नमल करhelliphellip

ल0कन सशय नमल कस ह-ग 0कसक ऊपर स + या कोई उततर ह जो 0क मन क सशय दर कर द मन ह तो सशय ह

जब तक मन नह मटता ह सशय नमल कस ह-ग

शव उततर द4ग उनक उततर म4 सफ वधया हmdashसबस परानी सबस चीन वधया ल0कन तम उG ह4 अlt याधनक भी

कह सकत हो + य-0क उनम4 जोड़ा नह जा सकता व पण ह एक सौ बारह वधया उनम4 सभी सभावनाओ का समावश ह

मन को श करन क मन क अत2मण क सभी उपाय उनम4 समाए ह शव क एक सौ बारह वधय- म4 एक और वध

नह जोड़ी जा सकती कछ जोड़न क गजाईश ह नह ह यह सवाJगीण ह सपण ह अतम ह यह सब स ाचीन ह और

साथ ह सबस आधनक सबस नवीन परान पवत- क भात य त परान ह शाशवत जस लगत ह और साथ ह सबह क

सरज क सामन खड़ ओस-कण क भात य नए ह य इतन ताज ह

L यान क इन एक सौ बारह वधय- स मन क Mपातरण का परा वान नमत हआ ह एक-एक कर हम उनम4 वश कर4ग

पहल हम उG ह4 ब स समझन क चO टा कर4ग ल0कन ब को मा एक य क तरह काम म4 लाओ मालक क तरह नह

समझन क लए य क तरह उसका उपयोग कर- ल0कन उसक जPरए नए gt यवधान मत पदा करो िजस समय हम इन

वधय- क चचा कर4ग तम अपन परान ान को परानी जानकाPरय- को एक 0कनार धर दना उG ह4 अलग ह कर दना व

रा9 त क धल भर ह

इन वधय- का साQाlt कार निR चत ह सावचत मन स करो ल0कन तक को हटा कर करो इस Sम म4 मत रहो 0क ववाद

करन वाला मन सावचत मन ह वह नह ह + य-0क िजस Qण तम ववाद म4 उतरत हो उसी Qण सजगता खो जाती ह

सावचत नह रहत हो तम तब यहा हो ह नह

य वधया 0कसी धम क नह ह व ठUक वस ह Vहद नह ह जस सापQवाद का सात आइ9 टन क Cवारा तपाVदत होन

क कारण यहद नह हो जाता ह रWडय- टलवजन ईसाई नह ह य वधया Vहदओ क ईजाद अवशय ह ल0कन व 9 वय

Vहद नह ह इस लए इन वधय- म4 0कसी धामक अनO ठान का उY लख नह रहगा 0कसी मVदर क जMरत नह ह तम

9 वय मVदर हो तम ह योगशाला हो तZ हार भीतर ह परा योग होन वाला ह और वR वास क भी जMरत नह ह

त धम नह ह वान ह 0कसी वR वास क जMरत नह ह करान या वद म4 ब या महावीर म4 आ9 था रखन क

आवR यकता नह ह नह 0कसी वR वास क आवR यकता ह योग करन का महा साहस पयापत ह योग करन क

Vहममत काफ ह एक मसलमान योग कर सकता ह वह करान क गहर अथ[ को उपलबध हो जाएगा एक Vहद अ यास

कर सकता ह और वह पहल दफा जानगा 0क वद + या ह वस ह एक जन इस साधना म4 उतर सकता ह बौ इस साधना म4

उतर सकता ह एक ईसाई इस साधना म4 उतर सकता हhellipव जहा ह त उG ह4 आ] तकाम करगा उनक अपन चन हए रा9 त

जो भी हो त सहयोगी होगा

यह कारण ह 0क जनसाधारण क लए त नह समझा गया और सदा यह होता ह 0क जब तम 0कसी चीज को नह समझत

हो तो उस गलत जMर समझत हो + य-0क तब तZ ह4 लगता ह 0क समझत जMर हो तम Pरकत 9 थान म4 बन रहन को राज़ी

नह हो

दसर बात 0क जब तम 0कसी चीज को नह समझत हो तम उस गाल दन लगत हो यह इसलए 0क यह तZ ह4

अपमानजनक लगता ह तम सोचत हो म_ और नह समझ यह असभव ह इस चीज क साथ ह कछ भल होगी और तब

तम गाल दन लगत हो तब तम ऊलजलल बकन लगत हो और कहत हो 0क अब ठUक ह

इस लए त को नह समझा गया और त को गलत समझा गया महान राज भौज न पव उ` जन नगर म4 त क

वCय पीठ को खतम कर Vदया एक लाख ताBक जोड़- को काट Vदया + य- य + या ह हमार समझ म4 नह आता कछ

साल- पहल वह पर राजा व2माVदतय न उG ह ताBक- 0कतना सZ मान Vदयाhellipयह इतना गहरा और उचा था 0क यह होना

9 वाभावक था

तीसर बात 0क च0क त Cवत क पार जाता ह इसलए उसका aिO टकोण अत नतक ह कपया कर इन शc द- को समझो

नतक अनतक अत नतक नतक + या ह हम समझत ह अनतक + या ह हम समझत ह ल0कन जब कोई चीज अत

नतक हो जाती ह दौन- क पार चल जाती ह तब उस समझना कVठन ह

त अत नतक ह त कहता ह कोई नतकता जMर नह ह कोई खास नतकता जMर नह ह सच तो यह ह 0क तम

अनतक हो + य-0क तZ हारा चत अशात ह इसलए त शत नह लगता 0क पहल तम नतक बनो तब त क साधना कर

सकत हो त क लए यह बात ह बतक ह कोई बीमार ह बखार म4 ह डाकटर आकर कहता ह पहल अपना बखार कम

करो पहल परा 9 वसथ हो लो और तब म_ दवा दगा

यह तो हो रहा ह चौर साध क पास जाता ह और कहता ह म_ चौर ह मझ L यान करना सखाए साध कहता ह पहल चौर

छोड़ो चौर रहत L यान कस कर सकत हो एक शराबी आकर कहता ह म_ शराब पीता ह मझ L यान बताए और साध कहता

ह पहल शत 0क शराब छोड़ो तब L यान कर सकोग

त तZ हार तथा कथत नतकता क तZ हार समािजक रसम-Pरवाज आVद क चता नह करता ह इसका यह अथ नह ह

0क त तZ ह4 अनतक होन को कहता ह नह त जब तZ हार नतकता क ह इतनी परवाह नह करता तो वह तZ ह4

अनतक होन को नह कह सकता त तो वानक वध बताता ह 0क कस चत को बदला जाए और एक बार चत दसर

हआ 0क तZ हारा चPर दसरा हो जाएगा एक बार तZ हार ढाच का आधार बदला 0क पर इमारत दसर हो जाएगी

इसी अत नतक सझाव क कारण त तZ हार तथाकथत साध-महाlt माओ को बदाशत नह हआ व सब उसक वरोध म4

खड़ हो गए + य-0क अगर त सफल होता ह तो धम क नाम पर चलन वाल सार नासमझी समापत हो जाएगी

त कहता ह 0क उस अव9 था का नाम भरव ह जब मन नह रहताmdashअ-मन क अव9 था ह और तब पहल दफा तम यथाथत

उसको दखत हो जो ह जब तक मन ह तम अपना ह ससार रच जात हो तम उस आरोपत Qपत 0कए जात हो इसलए

पहल तो मन को बदल- और तब मन को अ-मन म4 बदल-

और य एक सौ बारह वधय- सभी लोग- क काम आ सकती ह हो सकता ह कोई वशष उपाय तमको ठUक न पड़ इसलए

तो शव अनक उपाय बताए चल जात ह कोई एक वध चन लो जो तमको जच जाए

और यह जानना कVठन नह ह 0क कौन सी वध तZ ह4 जचती ह हम यहा lt यक वध को समझन क कोशश कर4ग तम

अपन लए वह वध चन लो जो 0क तZ ह4 और तZ हार मन को MपातPरत कर द यह समझ यह बौक समझ बनयाद तौर

स जMर ह ल0कन अत नह ह िजस वध क भी चचा म4 यहा कM उसको योग करो सच म4 यह ह 0क जब तम अपनी

सह वध का योग करत हो तब झट स उसका तार तZ हार 0कसी तार स लगाकर बज उठता ह

एक वध लो उसक साथ तीन Vदन खलो अगर तZ ह4 उसक साथ नकटता क अनभत हो अगर उसक साथ तम थोड़ा

9 वसथ महसस करो अगर तZ ह4 लग 0क यह तZ हार लए ह तो 0फर उसक त गभीर हो जाओ तब दसर वधय- को भल

जाओ उनम4 खलना बद करो और अपनी वध क साथ टको कम स कम तीन महन टको चमlt कार सभव ह बस इतना

होना चाVहए 0क वह वध सचमच तZ हार लए हो यVद तZ हार लए नह ह तो कछ नह होगा तब उसक साथ जG म--

जG म- तक योग करक भी कछ नह होगा

ल0कन य एक सौ बारह वधया तो समसत मानव-जात क लए ह और व उन सभी यग- क लए ह जो गजर गए ह और

आन वाल ह और 0कसी भी यग म4 एक भी एका आदमी नह हआ और न होन वाला ह ह जो कह सक 0क य सभी एक सौ

बारह वधया मर लए gt यथ ह असभव यह असभव ह

lt यक ढग क चत क लए यहा गजाइश ह त म4 lt यक 0कसम क चत क लए वध ह कई वधया ह िजनक उपयकत

आदमी अभी उपलबध नह ह व भवषय क लए ह और ऐसी वधया भी ह िजनक उपयकत मनषय रह ह नह व अतीत

क लए ह ल0कन डर मत जाना अनक वधया ह जो तZ हार लए ह ह

ओशो

वान भरव त

)वचनmdash1

भागmdash1( त स)

त-सndashवधmdash01

शव कहत ह

वान भरव तndashओशो

त-स धयान वधndash

ह दवी यह अनभव दो वास2 क बीच घ=टत हो सकता ह

वास क भीतर आन क प चात और बाहर लौटन क ठAक पवndash

Bयस ह कC याण ह

welcome
Highlight

आरभ क नौ वधया R वास-02या स सबध रखती ह इसलए पहल हम R वास-02या क सबध म4 थोड़ा समझ ल4 और

वधय- म4 वश कर4ग

हम जनम स मlt य क Qण तक नरतर R वास लत रहत ह इन दो Bबदओ क बीच सब कछ बदल जाता ह सब चीज बदल

जाती ह कछ भी बदल Bबना नह रहता ल0कन जनम और मlt य क बीच R वास 02या अचल रहती ह बf चा जवान होगा

जवान बढ़ा होगा वह बीमार होगा उसका शरर Mगण और कMप होगा सब कछ बदल जायगा वह सखी होगा दःखी

होगा पीड़ा म4 होगा सब कछ बदलता रहगा ल0कन इन दो Bबदओ क बीच आदमी R वास भर सतत लता रहगा

R वास 02या एक सतत वाह ह उसम4 अतराल सभव नह ह अगर तम एक Qण क लए भी R वास लना भल जाओ तो तम

समापत हो जाओग यह कारण ह 0क R वास लन का िजZ मा तZ हार नह ह नह तो मिR कल हो जायगी कोई भल जाय

R वास लना तो 0फर कछ भी नह 0कया जा सकता

इसलए यथाथ म4 तम R वास नह लत हो + य-0क उसम तZ हार जMरत नह ह तम गहर नीद म4 हो और R वास चलती

रहती ह तम गहर मf छा म4 हो और R वास चलती रहती ह R वासन तZ हार gt यि+ ततव का एक अचल ततव ह

दसर बात यह जीवन क अlt यत आवशयक और आधारभत ह इस लए जीवन और R वास पयायवाची हो गय इस लए

भारत म4 उस ाण कहत ह R वास और जीवन को हमन एक शबद Vदया ाण का अथ ह जीवन शि+ त जीवतता तZ हारा

जीवन तZ हार R वास ह

तीसर बात R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच एक सत ह सतत R वास तZ ह4 तZ हार शरर स जोड़ रह ह सबधत कर

रह ह और R वास न सफ तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह वह तZ हार और वशव क बीच भी सत ह तZ हारा शरर

वशव का अग ह शरर क हरक चीज हरक कण हरक कोश वशव का अश ह यह वशव क साथ नकटतम सबध ह और

R वास सत ह और अगर सत टट जाय तो तम शरर म4 नह रह सकत तम 0कसी अात आयाम म4 चल जाओग इस लए

R वास तZ हार और दश काल क बीच सत हो जाती ह

R वास क दो Bबद ह दो छोर ह एक छोर ह जहा वह शरर और वशव को छती ह और दसरा वह छोर ह जहा वह वR वातीत

को छती ह और हम R वास क एक ह Vह9 स स पPरचत ह जब वह वशव म4 शरर म4 गत करती ह ल0कन वह सदा ह

शरर स अशरर म4 गत करती ह अगर तम दसर Bबद को जो सत ह धi ह जान जाओ तम एकाएक MपातPरत होकर एक

दसर ह आयाम म4 वश कर जाओग

ल0कन याद रखो शव जो कहत ह वह योग नह ह वह त ह योग भी R वास पर काम करता ह ल0कन योग और त क

काम म4 बनयाद फक ह योग R वास-02या को gt यवि9 थत करन क चO टा करता ह अगर तम अपनी R वास को gt यव9 था दो

तो तZ हारा 9 वासथ सधर जायगा इसक रह9 य- को समझो तो तZ ह4 9 वासथ और दघ जीवन मलगा तम ` यादा बल

` यादा ओज9 वी ` यादा जीवत ` यादा ताजा हो जाओग

ल0कन त का इसस कछ लना दना नह ह त 9 वास क gt यव9 था क चता नह करता भीतर क और मड़न क लए वह

R वास 02या का उपयोग भर करता ह त म4 साधक को 0कसी वशष ढग क R वास का अ यास नह करना चाVहए कोई

वशष ाणायाम नह साधना ह ाण को लयव नह बनाना ह बस उसक कछ वशष Bबदओ क त बोधपण होना ह

R वास शवास क कछ Bबद ह िजG ह4 हम नह जानत हम सदा R वास लत ह R वास क साथ जG मत ह R वास क साथ मरत

ह ल0कन उसक कछ महतव पण Bबदओ को बोध नह ह और यह हरानी क बात ह मनषय अतPरQ क गहराइय- म4 उतर

रहा ह खोज रहा ह वह चाद पर पहच गया ह ल0कन वह अपन जीवन क इस नकटतम वद को समझ नह सका R वास क

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कछ Bबद ह िजस तमन कभी दखा नह ह व Bबद Cवार ह तZ हार नकटतम Cवार ह िजनस होकर तम एक दसर ह ससार

म4 एक दसर ह अि9 ततव म4 एक दसर ह चतना म4 वश कर सकत हो

ल0कन वह Bबद बहत सQम ह जो चीज िजतनी नकट हो उतनी ह कVठन मालम पड़गी Rवास तZ हार इतना करब ह 0क

उसक बीच 9 थान ह नह बना रहता या इतना अलप 9 थान ह 0क उस दखन क लए बहत सQम aिO ट चाVहए तभी तम

उन Bबदओ क त बोध पण हो सकत हो य Bबद इन वधय- क आधार ह

शव उततर म4 कहत हmdashह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह R वास क भीतर आन क पR चात और बाहर

लौटन क ठUक पवmdashkयस ह कY याण ह

यह वध ह ह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह जब R वास भीतर अथवा नीच को आती ह उसक बाद

0फर R वास क लौटन क ठUक पवmdashkयस ह इन दो Bबदओ क बीच होश पण होन स घटना घटती ह

जब तZ हार R वास भीतर आय तो उसका नरQण करो उसक 0फर बाहर या ऊपर क लए मड़न क पहल एक Qण क लए

या Qण क हज़ारव4 भाग क लए R वास बद हो जाती ह R वास भीतर आती ह और वहा एक Bबद ह जहा वह ठहर जाती ह

0फर R वास बाहर जाती ह और जब R वास बाहर जाती ह तो वहा एक Bबद पर ठहर जाती ह और 0फर वह भीतर क लौटती

R वास क भीतर या बाहर क लए मड़न क पहल एक Qण ह जब तम R वास नह लत हो उसी Qण म4 घटना घटनी सभव ह

+ य-0क जब तम R वास नह लत हो तो तम ससार म4 नह होत हो समझ लो 0क जब तम R वास नह लत हो तब तम मत हो

तम तो हो ल0कन मत ल0कन यह Qण इतना छोटा ह 0क तम उस कभी दख नह पात

त क लए lt यक बVहगामी R वास मlt य ह और lt यक नई 9 वास पनजनम ह भीतर आन वाल R वास पनजनम ह बाहर

जान वाल R वास मlt य ह बाहर जान वाल R वास मlt य का पयाय ह अदर जान वाल R वास जीवन का इसलए lt यक

R वास क साथ तम मरत हो और lt यक R वास क साथ तम जनम लत हो दोन- क बीच का अतराल बहत Qlणक ह ल0कन

पनी aिO ट श नरQण और अवधान स उस अनभव 0कया जा सकता ह और यVद तम उस अतराल को अनभव कर सको

तो शव कहत ह 0क kयस उपलबध ह तब और 0कसी चीज क जMरत नह ह तब तम आ] तकाम हो गए तमन जान

लया घटना घट गई

R वास को शmQत नह करना वह जसी ह उस वसी ह बनी रहन दना 0फर इतनी सरल वध + य- सतय को जानन को

ऐसी सरल वध सतय को जानना उसको जानना ह िजसका न जनम ह न मरण तम बहार जाती R वास को जान सकत

हो तम भीतर जाती R वास को जान सकत हो ल0कन तम दोन- क अतराल को कभी नह जानत

योग करो और तम उस Bबद को पा लोग उस अवशय पा सकत हो वह ह तZ ह4 या तZ हार सरचना म4 कछ जोड़ना नह ह

वह ह ह सब कछ ह सफ बोध नह ह कस योग करो पहल भीतर आन वाल R वास क त होश पण बनो उस दखो

सब कछ भल जाओ और आन वाल R वास को उसक याा पथ को दखो जब R वास नासापट- को 9 पश कर तो उसको

महसस करो R वास को गत करन दो और पर सजगता स उसक साथ याा करो R वास क साथ ठUक कदम स कदम

मलाकर नीच उतरो न आग जाओ और न पीछ पड़ो उसका साथ न छट Bबलकल साथ-साथ चलो

समरण रह न आग जाना ह और न छाया क तरह पीछ चलना ह समातर चलो यगपत R वास और सजगता को एक हो

जान दो R वास नीच जाती ह तो तम भी नीच जाओ और तभी उस Bबद को पा सकत हो जो दो R वास- क बीच म4 ह यह

आसान नह ह R वास क साथ अदर जाओ R वास क साथ बाहर आओ

ब न इसी वध का योग वशष Mप स 0कया इसलए यह बौ वध बन गई बौ शc दावल म4 इस अनापानसत योग

कहत ह और 9 वय ब क आlt मोपलिc ध इस वध पर ह आधाPरत थी ससार क सभी धम ससार क सभी O टा 0कसी न

0कसी वध क जPरए मिजल पर पहच ह और वह सब वधया इन एक सौ बारह वधय- म4 सिZ मलत ह यह पहल वध

बौ वध ह दनया इस बौ वध क Mप म4 जानती ह + य-0क ब इसक Cवारा ह नवाण को उपलबध हए थ

ब न कहा ह अपनी R वास-R वास क त सजग रहो अदर जाती बहार आती R वास क त होश पण हो जाओ ब

अतराल क चचा नह करत + य-0क उसक जMरत ह नह ह ब न सोचा और समझा 0क अगर तम अतराल क दो R वास-

क बीच क वराम क 0फ2 करन लग तो उसस तZ हार सजगता खWडत होगी इसलए उG ह-न सफ यह कहा 0क होश रखो

जब R वास भीतर आए तो तम भी उसक साथ भीतर जाओ और जब R वास बहार आय तो तम उसक साथ बहार आओ वध

क दसर Vह9 स क सबध म4 ब कछ नह कहत

इसका कारण ह कारण यह ह 0क ब बहत साधारण लोग- स सीध-साद लोग- स बोल रह थ व उनस अतराल क बात

करत तो उसस लोग- म4 अतराल को पान क एक अलग कामना नमत हो जाती और यह अतराल को पान क कामना बोध

म4 बाधा बन जाती + य-0क अगर तम अतराल को पाना चाहत हो तो तम आग बढ़ जाओग R वास भीतर आती रहगी और

तम उसक आग नकल जाओग + य-0क तZ हार aिO ट अतराल पर ह जो भवषय म4 ह ब कभी इसक चचा नह करत

इसीलए ब क वध आधी ह

ल0कन दसरा Vह9 सा अपन आप ह चला आता ह अगर तम R वास क त सजगता का बोध का अ यास करत गए तो एक

Vदन अनजान ह तम अतराल को पा जाओग + य-0क जस-जस तZ हारा बोध तीi गहरा और सघन होगा जस-जस तZ हारा

बोध 9 पषट आकार लगा जब सारा ससार भल जाएगा बस R वास का आना जाना ह एकमा बोध रह जाएगाmdashतब

अचानक तम उस अतराल को अनभव करोग िजसम4 R वास नह ह

अगर तम सn मता स R वास-शवास क साथ याा कर रह हो तो उस ि9 थत क त अबोध कस रह सकत हो जहा 9 वास

नह ह वह Qण आ ह जाएगा जब तम महसस करोग 0क अब R वास न जाती ह न आती ह R वास 02या Bबलकल ठहर गई

ह और उसी ठहराव म4 kयस का वास ह

यह एक वध लाख--करोड़- लोग- क लए पयापत ह सVदय- तक समचा एशया इस एक वध क साथ जीया और उसका

योग करता रहा तबबत चीन जापन बमा R याम kीलका भारत को छोड़कर समसत एशया सVदय- तक इस एक

वध का उपयोग करता रहा और इस एक वध क Cवारा हजार--हजार- वयि+ त ान को उपलबध हए और यह पहल ह

वध ह दभागय क बात 0क च0क यह वध ब क नाम स सब हो गई इसलए Vहद इस वध स बचन क चO टा म4 लग

रह + य-0क यह बौ वध क तरह बहत स हई Vहद इस Bबलकल भल गय इतना ह नह उG ह-न और एक कारण स

इसक अवहलना क + य-0क शव न सबस पहल इस वध का उY लख 0कया अनक बौ- न इस वान भरव त क बौ

थ होन का दावा 0कया व इस Vहद थ नह मानत

यह न Vहद ह और न बौ और वध मा वध ह ब न इसका उपयोग 0कया ल0कन यह उपयोग क लए मौजद ह थी

और इस वध क चलत ब-ब हए वध तो ब स भी पहल थी वह मौजद ह थी इसको योग म4 लाओ यह सरलतम

वधय- म4 स हmdashअनय वधय- क तलना म4 म_ यह नह कहता 0क यह वध तZ हार लए सरल ह अनय वधया अधक

कVठन ह-गी यह कारण ह 0क पहल वध क तरह इसका उY लख हआ ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचनmdash2

त-सmdashवधmdash02

जब वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 6फर जब वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन दो मोड़2 क Gवारा

उपलबध हो

वान भरव त त-सmdashवधmdash02 ( ओशो)

थोड़ फक क साथ यह वह वध ह और अब अतराल पर न होकर मोड़ पर ह बाहर जान वाल और अदर जान वाल R वास

एक वतल बनाती ह याद रह व समातर रखाओ क तरह नह ह हम सदा सोचत ह 0क आन वाल R वास और जान वाल

R वास दो समातर रखाओ क तरह ह मगर व ऐसी ह नह भीतर आन वाल R वास आधा वतल बनाती ह और शष आधा

वतल बाहर जान वाल R वास बनाती ह

इसलए पहल यह समझ लो 0क R वास और R वास मलकर एक वतल बनाती ह और व समातर रखाए नह ह + य-0क

समातर रखाए कह नह मलती ह दसर यह 0क आन वाल और जान वाल R वास दो नह ह व एक ह वह R वास भीतर

आती ह बहार भी जाती ह इसलए भीतर उसका कोई मोड़ अवशय होगा वह कह जMर मड़ती होगी कोई Bबद होगा जहा

आन वाल R वास जान वाल R वास बन जाती होगी

ल0कन मोड़ पर इतना जोर कय- ह

+ य-0क शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन

दो मोड़- क Cवारा उपलबध होlsquorsquo

बहत सरल ह ल0कन शव कहत ह 0क मोड़- को ापत कर लो और आlt मा को उपलबध हो जाओग ल0कन मोड़ + य-

अगर तम कार चलाना जानत हो तो तZ ह4 गयर का पता होगा हर गयर बदलत हो तो तZ ह4 G यoल गयर स गजरना पड़ता

ह जो 0क गयर Bबलकल नह ह तम पहल गयर स दसर गयर म4 जात हो और दसर स तीसर गयर म4 ल0कन सदा तZ ह4

G यoल गयर स होकर जाना पड़ता ह वह G यoल गयर घमाव का Bबद ह मोड़ ह उस मोड़ पर पहला गयर दसरा गयर

बन जाता ह और दसरा तीसर बन जाता ह

वस ह जब तZ हार R वास भीतर जाती ह और घमन लगती ह तो उस वकत वह G यoल गयर म4 होती ह नह तो वह नह

धम सकती उस तटसथ Q स गजरना पड़ता ह

उस तटसथ Q म4 तम न तो शरर हो और न मन ह हो न शारPरक हो न मानसक हो + य-0क शरर तZ हार अि9 ततव का

एक गयर ह और मन उसका दसरा गयर ह तम एक गयर स दसर गयर म4 गत करत हो इस लए तZ ह4 एक G यoल

गयर क जMरत ह जो न शरर हो और न मन हो उस तटसथ Q म4 तम मा हो मा अि9 ततवndashश सरल अशरर और

मन स मकत यह कारण ह 0क घमाव Bबद पर मोड़ पर इतना जोर ह

मनषय एक य हmdashबड़ा और बहत जVटल य तZ हार शरर और मन म4 भी अनक गयर ह तZ ह4 उस महान य रचना का

बोध नह ह ल0कन तम एक महान य हो और अf छा ह 0क तZ ह4 उसका बोध नह ह अG यथा तम पागल हो जाओग

शरर ऐसा वशाल य ह 0क वानक कहत ह अगर हम4 शरर क समातर एक कारखाना नमत करना पड़ तो उस चार वग

मल जमीन क जMरत होगी और उसका शोरगल इतना भार होगा 0क उसस सौ वग मील भम भावत होगी

शरर एक वशाल याBक रचना हmdashवशालतम उसम लाख--लाख- कोशकाए ह और lt यक कोशका जीवत ह तम सात

करोड़ कोशकाओ क एक वशाल नगर म4 हो तZ हार भी तर सात करोड़ नागPरक बसत ह और सारा नगर बहत शात और

gt यव9 था स चल रहा ह तQण य-रचना काम कर रह ह और वह बहत जVटल ह

कई 9 थल- पर इन वधय- का तZ हार शरर और मन क एक य-रचना क साथ वा9 ता पड़गा ल0कन याद रखो 0क सदा ह

जोर उन Bबदओ पर रहगा जहा तम अचानक य-रचना क अग नह रह जात हो जब एकाएक तम य रचना क अग नह रह

तो य ह Qण ह जब तम गयर बदलत हो

उदाहरण क लए रात जब तम नीद म4 उतरत हो तो तZ ह4 गयर बदलना पड़ता ह कारण यह ह 0क Vदन म4 जागी हई चतना

क लए दसर ढग क य रचना क जMरत रहती ह तब मन का भी एक दसरा भाग काम करता ह और जब तम नीद म4

उतरत हो तो वह भाग निO 2य हो जाता ह और अनय भाग स02य होता ह उस Qण वहा एक अतराल एक मोड़ आता ह

एक गयर बदला 0फर सबह जब तम जागत हो तो गयर बदलता ह

तम चपचाप बठ हो और अचानक कोई कछ कह दता ह और तम 2 हो जात हो तब तम भनन गयर म4 चल गए यह

कारण ह 0क सब कछ बदल जाता ह तम 2ोध म4 हए R वास 02या बदल जायगी वह अ9तgtयसत हो जायगी तZ हार R वास

02या म4 कपन आ जाएगा 0कसी चीज को चर-चर कर दना चाहगा ता0क यह घटन जाए तZ हार R वास 02या बदल

जाएगी तZ हार खन क लय दसर होगी शरर म4 और ह तरह का रस वय स02य होगा पर थ gt यव9 था ह बदल

जाएगी 2ोध म4 तम दसर ह आदमी हो जात हो

एक कार खड़ी ह तम उस 9 टाट करो उस 0कसी गयर म4 न डालकर G यoल गयर म4 छोड़ दो गाड़ी Vहलगी कापगी ल0कन

चलगी नह वह गरम हो जाएगी इसी तरह 2ोध म4 नह कछ कर पान क कारण तम गरम हो जात हो य रचना तो कछ

करन क लए स02य ह और तम उस कछ करन नह दत तो उसका गरम हो जाना 9 वाभावक ह तम एक य-रचना हो

ल0कन मा य-रचना नह हो उसस कछ अधक हो उस अधक को खोजना ह जब तम गयर बदलत हो तो भीतर सब

कछ बदल जाता ह जब तम गयर बदलत हो तो एक मोड़ आता ह

शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती ह इन दो मोड़- क

Cवारा उपलबध हो जाओlsquorsquo

मोड़ पर सावधान हो जाओ सजग हो जाओ ल0कन यह मोड़ बहत सQम ह और उसक लए बहत सQम नरQण क

जMरत पड़गी हमार नरQण क Qमता नह क बराबर ह हम कछ दख ह नह सकत अगर म_ तZ ह4 कह 0क इस फल को

दखोmdashइस फल को जो तZ ह4 म_ दता ह तो तम उस नह दख पाओग एक Qण को तम उस दखोग4 और 0फर 0कसी और चीज

क सबध म4 सोचन लगोग वह सोचना फल क वषय म4 हो सकता ह ल0कन वह फल नह हो सकता तम फल क बार म4

सोच सकत हो 0क दखो वह 0कतना सदर ह ल0कन तब तम फल स दर हट गए अब फल तZ हार नरQण Q म4 नह

रहा Q बदल गया तम कहोग 0क यह लाल ह नीला ह ल0कन तम उस फल स दर चल गए

नरQण का अथ होता ह 0कसी शबद या शािc दकता क साथ भीतर क बदलाहट क साथ न रहकर मा फल क साथ रहना

अगर तम फल क साथ ऐस तीन मनट रह जाओ िजसम मन कोई गत न कर तो kयस घट जाएगा तम उपलबध हो

जाओग

ल0कन हम नरQण Bबलकल नह जानत ह हम सावधान नह ह सतक नह ह हम 0कसी भी चीज को अपना अवधान नह

द पात ह हम ता यहा-वहा उछलत रहत ह वह हमार वशगत वरासत ह बदर-वश क वरासत बदर क मन स ह मनषय

का मन वकसत हआ ह बदर शात नह बठ सकता इसीलए ब Bबना हलन-चलन क बठन पर मा बठन पर इतना जौर

दत ह + य-0क तब बदर-मन का अपनी राह चलना बद हो जाता ह

जापान म4 एक खास तरह का L यान चलता ह िजस व झा झन कहत ह झा झन शबद का जापानी म4 अथ होता ह मातर

बठना और कछ भी नह करना कछ भी हलचल नह करनी ह मत क तरह वष[ बठ रहना हmdashमतवत अचल ल0कन मत

क तरह वष[ बठन क जMरत + या ह अगर तम अपन R वास क घमाव को अचल मन स दख सको तो तम वश पा

जाओग तम 9 वय म4 वश पा जाओग अतर क भी पार वश पा जाओग ल0कन य मोड़ इतन महlt वपण + य- ह

व महlt वपण ह + य-0क मोड़ पर दसर Vदशा म4 घमन क लए R वास तZ ह4 छोड़ दती ह जब वह भीतर आ रह थी तो तZ हार

साथ थी 0फर जब वह बाहर जाएगी तो तZ हार साथ होगा ल0कन घमाव-Bबद पर न वह तZ हार साथ ह और न तम उसक

साथ हो उस Qण म4 R वास तमस भनन ह और तम उसस भनन हो अगर R वास 02या ह जीवन ह तो तब तम मत हो

अगर R वास-02या तZ हारा मन ह तो उस Qण तम अ-मन हो

तZ ह4 पता हो या न हो अगर तम अपनी R वास को ठहरा दो तो मन अचानक ठहर जाता ह अगर तम अपनी R वास को ठहरा

दो तो तZ हारा मन अभी और अचानक ठहर जाएगा मन चल नह सकता R वास का अचानक ठहरना मन को ठहरा दता ह

+ य- + य-0क व पथक हो जात ह कवल चलती हई R वास मन स शरर स जड़ी होती ह अचल R वास अलग हो जाती ह और

जब तम G यoल गयर म4 होत हो

कार चाल ह ऊजा भाग रह ह कार शोर मचा रह ह वह आग जान को तयार ह ल0कन वह गयर म4 ह नह ह इसलए

कार का शरर और कार का य-रचना दोन- अलग-अलग ह कार दो Vह9 स- म4 बट ह वह चलन को तयार ह ल0कन गत

का य उसस अलग ह

वह बात तब होती ह जब R वास मोड़ लती ह उस समय तम उस नह जड़ हो और उस Qण तम आसानी स जान सकत हो

0क म_ कौन ह यह होना + या ह उस समय तम जान सकत हो 0क शरर Mपी घर क भीतर कौन ह इस घर का 9 वामी कौन

ह म_ मा घर ह या वहा कोई 9 वामी भी ह म_ मा य रचना ह या उसक पर भी कछ ह और शव कहत ह 0क उस घमाव

Bबद पर उपलबध हो व कहत ह उस मोड़ क त बोधपण हो जाओ और तम आlt मोपलबध हो

ओशो

वान भरव त

)वचन-2( त-सmdashभाग-1)

त-सmdashवधmdash03

या जब कभी अत वास और ब=ह वास एक दसर म0 वलन होती ह उस Iण म0 ऊजार=हत ऊजाप(रत क0 1 को J पश करो

वान भरव तndashधयान वधndash03ndashओशो

हम क4 और पPरध म4 वभािजत ह शरर पPरध ह हम शरर को पPरध को जानत ह ल0कन हम यह नह जानत 0क

कहा क4 ह जब बVहR वास अतR वास म4 वलन होती ह जब व एक हो जाती ह जब तम यह नह कह सकत 0क यह

अतRवास ह 0क बVहR वास जब यह बताना कVठन हो 0क R वास भीतर जा रह ह 0क बाहर जा रह ह जब R वास भी तर वश

0क बाहर क तरफ मड़न लगती ह तभी वलय का Qण ह तब R वास जाती ह और न भीतर आती ह R वास गतहन ह जब

वह बहार जाती ह गतमान ह जब वह भीतर आती ह गतमान ह और जब वह दोन- म4 कछ भी नह करती ह तब वह

मौन ह अचल ह और तब तम क4 क नकट हो आन वाल और जान वाल R वास- का यह वलय वद तZ हारा क4 ह

इस इस तरह दखो जब R वास भीतर जाती ह तो कहा जाती ह वह तZ हार क4 को जाती ह और जब वह बाहर जाती ह तो

कहा जाती ह क4 स बाहर जाती ह इसी क4 को 9 पश करना ह यह कारण ह 0क ताओ वाद सत और झन सत कहत ह 0क

सर तZ हारा क4 नह ह नाभ तZ हारा क4 ह R वास नाभ-क4 को जाती ह 0फर वहा स लौटती ह 0फर उसक याा करती

जसा म_न कहा R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह तम शरर को तो जानत हो ल0कन यह नह जानत 0क क4

कहा ह R वास नरतर क4 को जा रह ह और वहा स लौट रह ह ल0कन हम पयापत R वास नह लत ह इस कारण स

साधारण वह क4 तक नह पहच पाती ह खासकर आधनक समय म4 तो वह क4 तक नह जाती और नतीजा यह ह 0क

हरक gt यि+ त वक4 Vत अनभव करता ह अपन को क4 स f यत महसस करता ह पर आधनक ससार म4 जो लोग भी थोड़ा

सोच-वचार करत ह व महसस करत ह 0क उनका क4 खो गया ह

एक सोए हए बf च को दखो उसक R वास का नरQण करो जब उसक R वास भीतर जाती ह तो उसका पट ऊपर उठता ह

उसक छाती अभावत रहती ह यह वजह ह 0क बf च- क छाती नह होती उनक कवल पट होत ह जीवत पट R वास

R वास क साथ उनका पट ऊपर नीच होता ह उनका पट ऊपर-नीच होता ह और बf च अपन क4 पर होत ह क4 म4 होत ह

और यह कारण ह 0क बfच इतन सखी ह इतन आनदमगन ह इतनी ऊजा स भर ह 0क कभी थकत नह और ओवर

pलोइग ह व सदा वतमान Qण म4 होत ह न उनका अतीत ह न भवषय

एक बf चा 2ोध कर सकता ह जब वह 2ोध करता ह तो समता स 2ोध करता ह वह 2ोध ह हो जाता ह और तब उसका

2ोध भी 0कतना सदर लगता ह जब कोई समता स 2ोध ह हो जाता ह तो उसक 2ोध का भी अपना सqदय ह + य-0क

समता सदा सदर होती ह

तम 2ोधी और सदर नह हो सकत 2ोध म4 तम कMप लगोग + य-0क खड सदा कMप होता ह 2ोध क साथ ह ऐसा नह

ह तम म भी करत हो तो कMप लगत हो + य-0क उसम भी तम खWडत हो बट-बट हो जब तम 0कसी को म कर रह हो

जब तम सभोग म4 उतर रह हो तो अपन चहर को दखो आईन क सामन म करो और अपना चहरा दखो वह कMप और

पशवत होगा

म म4 भी तZ हारा Mप कMप हो जाता ह + य- तZ हार म म4 भी CवCव ह तम कछ बचाकर रख रह हो कछ रोक रह हो

तम बहत कजसी स द रह हो तम अपन म म4 भी सम नह हो तम समता स पर-पर द भी नह पात

और बf चा 2ोध और Vहसा स भी सम होता ह उसका मखड़ा दपत और सदर हो उठता ह वह यहा और अभी होता ह

उसक 2ोध का न 0कसी अतीत स कछ लना-दना ह और न 0कसी भवषय स वह Vहसाब नह रखता ह वह मा 2 ह

बf चा अपन क4 पर ह और जब तम क4 पर होत हो तो सदा सम होत हो तब तम तो कछ करत हो वह सम होता ह

भला या बरा वह सम होता ह और जब खWडत होत हो क4 स f यत होत हो तो तZ हारा हरक काम भी खWडत होता ह

+ य-0क उसम तZ हारा खड ह होता ह उसम तZ हारा सम सवVदत नह होता ह खड सम क lखलाफ जाता ह और वह

कMपता पदा करता ह

कभी हम सब बf चो थ + या बात ह 0क जस-जस हम बड़ होत ह हमार R वास 02या उथल हो जाती ह तब R वास पट तक

कभी नह जाती ह नाभ क4 को नह छती ह अगर वह जयादा स ` यादा नीच जाएगी तो वह कम स कम उथल रहगी

ल0कन व तो सीन को छकर लौट आती ह वह क4 तक नह जाती ह तम क4 स डरत हो + य-0क क4 पर जान स तम

सम हो जाओग अगर तम खWडत रहना चाहो तो खWडत रहन क यह 02या ह

तम म करत हो अगर तम क4 स R वास लो तो तम म म4 पर बहोग तम डर हए हो तम दसर क त 0कसी क भी त

खल होन स असरmQत और सवदनशील होन स डरत हो तम उस अपना मी कहो 0क मका कहो तम डर हए हो वह

दसरा ह और अगर तम पर तरह खल हो असरmQत हो तो तम नह जानत 0क + या होन जा रहा ह तब तम हो समता स

होmdashदसर अथ[ म4 तम पर तरह दसर म4 खो जान स डरत हो इसलए तम गहर R वास नह ल सकत तम अपनी R वास को

शथल और ढला नह कर सकत हो + य-0क वह क4 तक चल जायगी + य-0क िजस Qण R वास क4 पर पहचगी तZ हारा

कतय अधकाधक सम होन लगगा

+ य-0क तम सम होन स डरत हो तम उथल R वास लत हो तम अलपतम R वास लत हो अधकतम नह यह कारण ह

0क जीवन इतना जीवनहन लगता ह अगर तम G यनतम R वास लोग तो जीवन जीवनहन ह होगा तम जीत भी G यनतम

हो अधकतम नह तम अधकतम िजयो तो जीवन अतशय हो जाए ल0कन तब कVठनाई होगी यVद जीवन अतशय हो

तो तम न पत हो सकत हो और न पlt नी सब कछ कVठन हो जाएगी अगर जीवन अतशय हो तो म अतशय होगा तब

तम एक स ह बध नह रह सकत तब तम सब तरफ वाVहत होन लगोग सभी आयाम म4 तम भर जाओग और उस हालत

म4 मन खतरा महसस करता ह इसलए जीवत ह नह रहना उस मजर ह

तम िजतन मत होग4 उतन सरmQत होग4 िजतन मत होग4 उतना ह सब कछ नयण म4 होगा तम नयण करत हो तो

तम मालक हो + य-0क नयण करत हो इसलए अपन को मालक समझत हो तम अपन 2ोध पर अपन म पर सब

कछ पर नयण कर सकत हो ल0कन यह नयण ऊजा क G यनतम तक पर ह सभव ह

कभी न कभी हर आदमी न यह अनभव 0कया ह 0क वह अचानक G यनतम स अधकतम तल पर पहच गया तम 0कसी

पहाड़ पर चल जाओ अचानक तम शहर स उसक कद स बाहर हो जाओ अब तम मकत हो वराट आकाश ह हरा जगल

ह बादल- को छता शखर ह अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न को छता शखर ह

अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न गया हो अब जब पहाड़ जाओ तो इसका r याल

रखना कवल पहाड़ क कारण बदलाहट नह मालम होती R वास क कारण मालम होती ह तम गहर R वास लत हो और

कहत हो अहा तमन क4 छ लया Qण भर क लए तम सम हो गए और सब कछ आनदपण ह वह आनद पहाड़ स नह

तZ हार क4 स आ रहा ह तमन अचानक उस छ जो लया

शहर म4 तम भयभीत थ सव दसरा मौजद था और तम अपन को काब म4 0कए रहत थ न रो सकत थ न हस सकत थ

कस दभागय तम सड़क पर गा नह सकत थ नाच नह सकत थ तम डर-डर थ कह सपाह खड़ा था कह परोVहत कह

जज खड़ा था कह राजनीत कह नीतवाद कोई न कोई था 0क तम नाच नह सकत थ

बosड रसल न कह कहा ह 0क म_ स यता स म करता ह ल0कन हमन यह स यता भार कमत चका कर हासल क ह

तम सड़क पर नह नाच सकत ल0कन पहाड़ चल जाओ और वहा अचानक नाच सकत हो तम आकाश क साथ अकल हो

और आकाश कारागह नह ह वह खलता ह जाता ह खलता ह जाता ह अनत तक खलता ह जाता ह एकाएक तम एक

गहर R वास लत हो क4 छ जाता ह और तब आनद ह आनद ह

ल0कन वह लब समय तक Vटकन वाला नह ह घट दो घट म4 पहाड़ वदा हो जाएगा तम वहा रह सकत हो ल0कन पहाड़

वदा हो जाएगा तमहार चताए लौट आएगी तम शहर दखना चाहोग पlt नी को प लखन क सोचोग या सोचोग 0क तीन

Vदन बाद वापस जाना ह तो उसक तयार शM कर4 अभी तम आए हो और जान क तयार होन लगी 0फर तम वापस आ

गए वह गहर R वास सच म4 तमस नह आई थी वह अचानक घVटत हई थी बदल पPरि9 थत क कारण गयर बदल गया

था नई पPरि9 थत म4 तम परान ढग स R वास नह ल सकत थ इसलए Qण भर को एक नयी R वास आ गई उसन क4 छ

लया और तम आनVदत थ

शव कहत ह तम lt यक Qण क4 को 9 पश कर रह हो या यVद नह 9 पश कर रह हो तो कर सकत हो गहर धीमी R वास

लो और क4 को 9 पश करो छाती स R वास मत लो वह एक चाल ह स यता शQा और नतकता न हम4 उथल R वास

सखा द ह क4 म4 गहर उतरना जMर ह अG यथा तम गहर R वास नह ल सकत

जब तक मनषय समाज कामवासना क त गर-दमन क aिO ट नह अपनाता तब तक वह सच म4 R वास नह ल सकता

अगर R वास पट तक गहर जाए तो वह काम क4 को ऊजा दती ह वह काम क4 को छती ह उसक भीतर स मालश करती

ह तब काम-क4 अधक स02य अधक जीवत हो उठता ह और स यता कामवासना स भयभीत ह

हम अपन बf च- को जनन4Vय छन नह दत ह हम कहत ह tको उG ह4 छओ मत जब बf चा पहल बार जनन4Vय छता ह

तो उस दखो और कहो tको और तब उसक R वास 02या को दखो जब तम कहत हो tको जनन4Vय मत छओ तो

उसक R वास तरत उथल हो जायगी + य-0क उसका हाथ ह काम क4 को नह छ रहा गहर म4 उसक R वास भी उस छ रह

ह अगर R वास उस छती रह तो हाथ को रोकना कVठन ह और अगर हाथ tकता ह तो बनयाद तौर स जMर हो जाता ह 0क

R वास गहर न होकर उथल रह

हम काम स भयभीत ह शरर का नचला Vह9 सा शारPरक तल पर ह नह मलय क तल पर भी नचला हो गया ह वह

नचला कहकर नVदत ह इसलए गहर R वास नह उथल R वास लो दभागय क बात ह 0क R वास नीच को ह जाती ह

अगर उपदशक क चलती तो वह पर य रचना को बदल दता वह सफ ऊपर क और सर म4 R वास लन क इजाजत दता

और तब कामवासना Bबलकल अनभव नह होती

अगर काम वहन मनषय को जनम दना ह तो R वास-णाल को Bबलकल बदल दना होगा तब R वास को सर म4 सह9 ार म4

भजना होगा और वहा स मह म4 वापस लाना होगा मह स सह9 ार उसका माग होगा उस नीच गहर म4 नह जान दना

होगा + य-0क वहा खतरा ह िजतन गहर उतरोग उतन ह जवक क गहर तल- पर पहचोग तब तम क4 पर पहचोग और

वह क4 काम क4 क पास ह ह ठUक भी ह + य-0क काम ह जीवन ह

इस इस तरह दखो R वास ऊपर स नीच को जान वाला जीवन ह काम ठUक दसर Vदशा स नीच स ऊपर को जान वाला जीवन

ह काम-ऊजा बह रह ह और R वास ऊजा बह रह ह R वास का रा9 ता ऊपर शरर म4 ह और काम का रा9 ता नमन शरर म4

ह और जब R वास और काम मलत ह जीवन को जनम दत ह इस लए अगर तम काम स डरत हो तो दोन- क बीच दर

बनाओ उGह4 मलन मत दो सच तो यह ह 0क सभय आदमी बधया 0कया हआ आदमी ह यह कारण ह 0क हम R वास क

सबध म4 नह जानत और हम4 यह स समझना कVठन ह

शव कहत ह जब कभी अतR वास और बVहR वास एक दसर म4 वलन होती ह उस Qण म4 ऊजारVहत ऊजापPरत क4 को

9 पश कर-

शव परसपर वरोधी शc दावल का उपयोग करत ह ऊजारVहत ऊजापPरत वह ऊजारVहत ह + य-0क तZ हार शरर तZ हार

मन उस ऊजा नह द सकत तZ हार शरर क ऊजा और मन क ऊजा वहा नह ह इसलए जहा तक तZ हार तादाltZय का

सबध ह वह ऊजारVहत ह ल0कन वह ऊजापPरत ह + य-0क उस ऊजा का जागतक 9 ोत उपलबध ह

तZ हार शरर क ऊजा को uधन हmdashपoोल जसी तम कछ खात-पीत हो उसस ऊजा बनती ह खाना पीना बद कर दो और

शरर मत हो जाएगा तरत नह कम स कम तीन महन लग4ग + य-0क तZ हार पास पoोल का एक खजाना भी ह तमन

बहत ऊजा जमा क हई ह जो कम स कम तीन महन काम द सकती ह शरर चलगा उसक पास जमा ऊजा थी और 0कसी

आपltकाल म4 उसका उपयोग हो सकता ह इसलए शरर ऊजा-uधन ऊजा ह

क4 को uधन-ऊजा नह मलती ह यह कारण ह 0क शव उस ऊजारVहत कहत ह वह तZ हार खान पीन पर नभर नह ह

वह जागतक 9 ोत स जड़ा हआ ह वह जागतक ऊजा ह इसलए शव उस lsquorsquoऊजारVहत ऊजापPरत क4 कहत ह िजस

Qण तम उस क4 को अनभव करोग जहा स R वास जाती-आती ह जहा R वास वलन होती ह उस Qण तम आlt मोपलबध

हए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-2

त-सmdashवध-05

भक=टय2 क बीच अवधान को िJ थर कर वचार को मन क सामन करो 6फर सहJ ार तक प को वास-ततव स )ाण स

भरन दो वहा वह )काश क तरह बरसगा

Shira त-सmdashवध-05 (वान भरव तndashओशो)

यह वध पाइथागोरस को द गई थी पाइथागोरस इस लकर यनान वापस गए और वह पिR चम क समसत रह9 यवाद क

आधार बन गए पिR चम म4 अL याlt मवाद क व पता ह यह वध बहत गहर वधय- म4 ऐ एक ह इस समझन क कोशश

करो

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करोlsquorsquo

आधनक शरर-श9 कहता ह वानक शोध कहती ह 0क दो भकVटय- क बीच म4 थ ह वह शरर का सबस रह9 यपण

भाग ह िजसका नाम पाइनयल थ ह यह तc बतय- क तीसर आख ह और यह ह शव का न त क शव का

Bन दो आख- क बीच एक तीसर आख भी ह ल0कन यह स02य नह ह यह ह और यह 0कसी भी समय स02य हो

सकती ह नसगत यह स02य नह ह इसको स02य करन क लए सबध म4 तम को कछ करना पड़गा यह अधी नह ह

सफ बद ह यह वध तीसर आख को खोलन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करhelliplsquorsquo

आख बद कर लो और 0फर दोन- आख- को बद रखत हए भqह- क बीच म4 aिO ट को ि9 थर करोmdashमानो 0क दोन- आख- स तम

दख रह हो और सम अवधान को वह लगा दो

यह वध एका होन क सबस सरल वधय- म4 स एक ह शरर क 0कसी दसर भाग म4 इतनी आसानी स तम अवधान को

नह उपलबध हो सकत यह थ अवधान को अपन म4 समाVहत करन म4 कशल ह यVद तम इस पर अवधान दोग तो

तZ हार दोन- आख तीसर आख स सZ मोVहत हो जाएगी व थर हो जाएगी व वहा स नह Vहल सक4 गी यVद तम शरर क

0कसी दसर Vह9 स पर अवधान दो तो वहा कVठनाई होगी तीसर आख अवधान को पकड़ लती ह अवधान को खीच लती ह

अवधान क लए वह चबक का काम करती ह

इसलए दनया भी क सभी वधय- म4 इसका समावश 0कया गया ह अवधान को शmQत करन म4 यह सरलतम ह

+ य-0क इसम तम ह चO टा नह करत यह थ भी तZ हार मदद करती ह यह चबकय ह तZ हार अवधान को यह

बलपवक खीच लती ह

त क परान थ- म4 कहा गया ह 0क अवधान तीसर आख का भोजन ह यह भखी ह जG म--जG म- स भखी ह जब तम इस

अवधान दत हो यह जीवत हो उठती ह इस भोजन मल गया ह और जब तम जान लोग 0क अवधान इसका भोजन ह

जान लोग 0क तZ हार अवधान को यह चबक क तरह खीच लती ह तब अवधान कVठन नह रह जाएगा सफ सह Bबद को

जानना ह

इस लए आख बद कर लो और अवधान को दोन- आख- क बीच म4 घमन दो और उस Bबद को अनभव करो जब तम उस

Bबद क करब होग4 अचानक तZ हार आख थर हो जाएगी और जब उG ह4 Vहलाना कVठन हो जाए तब जानो 0क सह Bबद

मल गया

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन रखोlsquorsquo

अगर यह अवधान ापत हो जाए तो पहल बार एक अvत बात तZ हार अनभव म4 आएगी पहल बार तम दखोग4 0क तZ हार

वचार तZ हार सामन चल रह ह तम साQी हो जाओग जस 0क सनमा क पदw पर aशय दखत हो वस ह तम दखोग4 0क

वचार आ रह ह और तम साQी हो एक बार तZ हारा अवधान Bन-क4 पर ि9 थर हो जाए तम तरत वचार- क साQी हो

जाओग

आमतौर स तम साQी नह होत तम वचार- क साथ तादाltZय कर लत हो यVद 2ोध ह तो तम 2ोध हो जात हो यVद एक

वचार चलता ह तो उसक साQी होन क बजाए तम वचार क साथ एक हो जात हो उसस तादाlt मय करक साथ-साथ चलन

लगत हो तम वचार ह बन जात हो वचार का Mप ल लत हो जब 2ोध उठता ह तो तम 2ोध बन जात हो और जब लोभ

उठता ह तब लोभ बन जात हो कोई भी वचार तZ हार साथ एकातम हो जाता ह और उसक ओर तZ हार बीच दर नह

रहती

ल0कन तीसर आख पर ि9 थर होत ह तम एकाएक साQी हो जात हो तीसर आख क जPरए तम साQी बनत हो इस

शवन क Cवारा तम वचार- को वस ह चलता दख सकत हो जस आसमान पर तरत बादल- को या रहा पर चलत लोगो को

दखत हो

जब तम अपनी lखड़क स आकाश कोया रहा चलत लोग- को दखत हो तब तम उनस तादाlt मय नह करत तब तम अलग

होत हो मा दशक रहत होmdashBबलकल अलग वस ह अब जब 2ोध आता ह तब तम उस एक वषय क तरह दखत हो अब

तम यह नह सोचत 0क मझ 2ोध हआ तम यह अनभव करत हो 0क तम 2ोध स घर हो 2ोध क एक बदल तZ हार चारो

और घर गई और जब तम खद 2ोध नह रह तब 2ोध नापसग हो जाता ह तब वह तमको नह भावत कर सकता तब

तम अ9 पशत रह जात हो 2ोध आता ह और चला जाता ह और तम अपन म4 क4 Vत रहत हो

यह पाचवी वध साmQतव को ापत करन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन करोlsquorsquo

अब अपन वचार- को दखो वचार- का साQाlt कार करो

lsquorsquo0फर सह9 ार तक Mप को R वास ततव स ाण स भरन दो वहा वह काश क तरह बरसगाlsquorsquo

जब अवधान भकVटय- क बीच शवन क क4 पर ि9 थर होता ह तब दो चीज4 घVटत होती ह

और यह चीज दो ढग- स हो सकती ह एक तम साQी हो जाओ तो तम तीसर आख पर थर हो जात हो साQी हो जाओ जो

भी हो रहा हो उसक साQी हो जाओ तम बीमार हो शरर म4 पीड़ा ह तम को दःख और सताप ह जो भी हो तम उसक साQी

रहो जो भी हो उसस तादाlt मय न करो बस साQी रहोmdashदशक भर और यVद साmQltव सभव हो जाए तो तम तीसर न पर

ि9 थर हो जाओग

इसस उलटा भी हो सकता ह यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हो जाओ तो साQी हो जाओग य दोन- एक ह बात ह

इसलए पहल बात तीसर आख पर क4 Vत होत ह साQी आlt मा का उदय होगा अब तम अपन वचार- का सामना कर

सकत हो और दसर बात और अब तम R वास-R वास क सQम और कोमल तरग- को भी अनभव कर सकत हो अब तम

शवसन क Mप को ह नह उसक ततव को सार को ाण को भी समझ सकत हो

पहल तो यह समझन क कोशश कर4 0क lsquorsquoMपrsquorsquo और lsquorsquoR वास-ततवrsquorsquo का + या अथ ह जब तम R वास लत हो तब सफ वाय

क ह R वास नह लत वानक तो यह कहत ह 0क तम वाय क ह R वास लत हो िजसम4 आ+ सीजन हाइxोजन तथा

अनय ततव रहत ह व कहत ह 0क तम वाय क R वास लत हो

ल0कन त कहता ह 0क हवा तो मा वाहन ह असल चीज नह ह असल म4 तम ाण क R वास लत हो हवा तो माधयम

भर ह ाण उसका सतव ह सार ह तम न सफ हवा क बिY क ाण क R वास लत हो

आधनक वान अभी नह जान सका ह 0क ाण जसी कोई व9 त भी ह ल0कन कछ शोधकताओ न कछ रह9 यमयी चीज

का अनभव 0कया ह R वास म4 सफ हवा हम नह लत वह बहत स आधनक शोधकताओ न अनभव 0कया ह वशषकर एक

नाम उY लखनीय ह वह ह जमन मनोवानक वलहम रख का िजसन इस आगन एनजy या जवक ऊजा का नाम Vदया

ह वह ाण ह ह वह कहता ह 0क जब आप R वास लत ह तब हवा तो मा आधार ह पा ह िजसक भीतर एक रह9 यपण

ततव ह िजस आगन या ाण या एलन वाइटल कह सकत ह ल0कन वह बहत सnम ह वासतव म4 वह भौतक नह ह

पदाथ गत नह ह हवा भौतक ह पा भौतक ह ल0कन उसक भीतर स कछ सQम अलौ0कक ततव चल रहा ह

इसका भाव अनभव 0कया जा सकता ह जब तम 0कसी ाणवान gt यि+ त क पास होत हो तो तम अपन भीतर 0कसी

शि+ त को उगत दखत हो और जब 0कसी बीमार क पास होत हो तो तमको लगता ह 0क तम चस जा रह हो तZ हार भीतर

स कछ नकाला जा रहा ह जब तम अ9 पताल जात हो तब थक-थक + य- अनभव करत हो वहा चार- ओर स तम चस जात

हो अ9 पताल का परा माहौल बीमार होता ह और वहा सब 0कसी को अधक ाण क अधक एलन वाइटल क जMरत ह

इसलए वहा जाकर अचानक तZ हारा ाण तमस बहन लगता ह जब तम भीड़ म4 होत हो तो तम घटन महसस + य- करत

हो इसलए 0क वहा तZ हारा ाण चसा जान लगता ह और जब तम ात काल अकल आकाश क नीच या वQ- क बीच होत

हो तब 0फर अचानक तम अपन म4 0कसी शि+ त का ाण का उदय अनभव करत हो lt यक का एक खास 9 पस क जMरत

ह और जब वह 9 पस नह मलता ह तो तमको घटन महसस होती ह

वलहम रख न कई योग 0कए ल0कन उस पागल समझा गया वान क भी अपन अधवR वास ह और वान बहत

MVढ़वाद होता ह वान अभी भी नह समझता ह 0क हवा स बढ़कर कछ ह वह ाण ह ल0कन भारत सVदय- स उस पर

योग कर रहा ह

तमन सना होगाmdashशायद दखा भी होmdash0क कोई gt यि+ त कई Vदन- क लए भमगत समाध म4 वश कर गया जहा हवा का

कोई वश नह था 1880 म4 म9 म4 एक आदमी चालस वष[ क लए समाध म4 चला गया था िजG ह-न उस गाड़ा था व

सभी मर गए + य-0क वह 1920 म4 समाध स बहार आन वाला था

1920 म4 0कसी को भरोसा नह था 0क वह जीवत मलगा ल0कन वह जीवत था और उसक बाद भी वह दस वष[ तक

जीवत रहा वह Bबलकल पीला पड़ गया था परत जीवत था और उसको हवा मलन क कोई सभावना नह थी

डॉ+टर- न तथा दसर- न उसस पछा 0क इसका रहसय + या ह उसन कहा हम नह जानत हम इतना ह जानत ह 0क ाण

कह भी वश कर सकता ह और वह ह हवा वहा नह वश कर सकती ल0कन ाण कर सकता ह

एक बार तम जान जाओ 0क R वास क Bबना भी कस तम ाण को सीध हण कर सकत हो तो तम सVदय- तक क लए भी

समाध म4 जा सकत हो

तीसर आख पर क4 Vत होकर तम R वास क सार ततव को R वास को नह R वास क सार ततव ाण को दख सकत हो और

अगर तम ाण को दख सक तो तम उस Bबद पर पहच गए जहा स छलाग लग सकती ह 2ात घVटत हो सकती ह

स कहता ह lsquorsquoसह9ार तक Mप को ाण स भरन दोlsquorsquo

और जब तम को ाण का एहसास हो तब कY पना करो 0क तZ हारा सर ाण स भर गया ह सफ कY पना करो 0कसी

यतन क जMरत नह ह और म_ बताऊगा 0क कY पना कस काम करती ह तब तम Bन-Bबद पर ि9 थर हो जाओ तब

कY पना करो और चीज4 आप ह और तरत घVटत होन लगती ह

अभी तZ हार कY पना भी नपसक ह तम कY पना 0कए जात हो और कछ भी नह होता ल0कन कभी-कभी अनजान

साधारण िजदगी म4 भी चीज4 घVटत होती ह तम अपन म क सोच रह हो और अचानक दरवाज पर दसतक होती ह तम

कहत हो 0क सायोगक था 0क म आ गया कभी तZ हार कY पना सयोग क तरह भी काम करती ह

ल0कन जब भी ऐसा हो तो याद रखन क चO टा करो और पर चीज का वR लषण करो जब भी लग 0क तZ हार कY पना सच

हई ह तम भीतर जाओ और दखो कह न कह तZ हारा अवधान तीसर न क पास रहा होगा दरअसल यह सयोग नह था

यह वसा Vदखता ह + य-0क गम वान का तमको पता नह ह अनजान ह तZ हारा मन Bन क4 क पास चला गया

होगा और अवधान यVद तीसर आख पर ह तो 0कसी घटना क सजन क लए उसक कY पना काफ ह

यह स कहता ह 0क जब तम भकVटय- क बीच ि9 थर हो और ाण को अनभव करत हो तब Mप को भरन दो अब कY पना

करो 0क ाण तZ हार पर मि9 तषक को भर रह ह वशषकर सह9 ार को जो सव|चच मनस क4 ह उस Qण तम कY पना

करो और वह भर जाएगा कY पना करो 0क वह ाण तZ हार सह9 ार स काश क तरह बरसगा और वह बरसन लगगा

और उस काश क वषा म4 तम ताजा हो जाओग तZ हारा पनजनम हो जाएगा तम Bबलकल नए हो जाओग आतPरक

जनम का यह अथ ह

यहा दो बात4 ह एक तीसर आख पर क4 Vत होकर तZ हार कY पना पसतव को श को उपलबध हो जाती ह यह कारण ह

0क शता पर पवता पर इतना बल Vदया गया ह इस साधना म4 उतरन क पहल श बन

त क लए श कोई नतक धारणा नह ह श इसलए अथपण ह 0क यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हए और तZ हारा

मन अश रहा तो तZ हार कY पना खतरनाक स हो सकती हmdashतZ हार लए भी और दसर4 क लए भी यVद तम 0कसी क

हlt या करन क सोच रह हो उसका महज वचार भी मन म4 ह तो सफ कY पना स उस आदमी क मlt य घVटत हो जाएगी

यह कारण ह 0क शता पर इतना जोर Vदया जाता ह

पाइथागोरस को वशष उपवास और ाणायाम स गजरन को कहा गया + य-0क यहा बहत खतरनाक भम स याी गजरता

ह जहा भी शि+ त ह वहा खतरा ह यVद मन अश ह तो शि+ त मलन पर आपक अश वचार शि+ त पर हावी हो जाएग

कई बार तमन हlt या करन क सोची ह ल0कन भागय स वहा कY पना न काम नह 0कया यVद वह काम कर यVद वह तरत

वा9तवक हो जाए तो वह दसर- क लए ह नह तZ हार लए भी खतरनाक स हो सकती ह + य-0क 0कतनी ह बार तमन

आतम हlt या क सोची ह अगर मन तीसर आख पर क4 Vत ह तो आlt महlt या का वचार भी आlt महlt या बन जाएगा तमको

वचार बदलन का समय भी नह मलगा वह तरत घVटत हो जाएगी

तमन 0कसी को सZ मोVहत होत दखा ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब सZमोहन वद जो भी कहता ह सZ मोVहत

gt यि+ त तरत उसका पालन करता ह आदश 0कतना ह बहदा हो तक हन हो असभव ह + या न हो सZ मोVहत gt यि+ त

उसका पालन करता ह + या होता ह

यह पाचवी वध सब सZमोह न क जड़ म4 ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब उस एक वशष Bबद पर 0कसी काश

पर या दवार पर लग 0कसी चनह पर या 0कसी भी चीज पर या सZ मोहक क आख पर ह अपनी aिO ट क4 Vत करन को कहा

जाता ह और जब तम 0कसी खास Bबद पर aिO ट क4 Vत करत हो उसक तीन मनट क अदर तZ हारा आतPरक अवधान

तीसर आख क और बहन लगता ह तZ हार चहर क मा बदलन लगती ह और सZ मोहन वद जानता ह 0क कब तZ हारा

चहरा बदलन लगा एकाएक चहर स सार शि+ त गायब हो जाती ह वह मत वत हो जाता ह मान- गहर ता म4 पड़ हो जब

ऐसा होता ह सZ मोहक को उसका पता हो जाता ह उसका अथ हआ 0क तीसर आख अवधान को पी रह ह आपका चहरा

पीला पड़ गया ह पर ऊजा Bन क4 क और बह रह ह

अब सZमोVहत करन वाला तरत जान जाता ह 0क जो भी कहा जाएगा वह घVटत होगा वह कहता ह 0क अब तम गहर

नीद म4 जा रह हो और तम तरत सो जात हो वह कहता ह 0क अब तम बहोश हो रह हो और तम बहोश हो जात हो अब कछ

भी 0कया जा सकता ह अब अगर वह कह 0क तम नपोलयन या Vहटलर हो गए हो तो तम हो जाओग तZ हार मा बदल

जायगी आदश पाकर तZ हारा अचतन उसका वा9 तवक बना दता ह अगर तम 0कसी रोग स पीWडत हो तो रोग को हटन का

आदश दगा और मजदार बात रोग दर हो जायगा या कोई नया रोग भी पदा 0कया जा सकता ह

यह नह सड़क पर स एक ककड़ उठा कर अगर सZमोहन वद तZ हार हथल पर रख द और कह 0क यह अगारा ह तो तम

तज गमy महसस करोग और तZ हार हथल जल जाएगीmdashमानसक तल पर नह वासतव म4 ह वासतव म4 तZ हार चमड़ी

जब लायगी और तZ ह4 जलन महसस होगी + या होता ह अगारा नह बस एक मामल ककड़ ह वह भी ठडा 0फर भी जलना

ह नह हाथ पर फफोल तक उगा दता ह

तम तीसर आख पर क4 Vत हो और सZमोहन वद तमको सझाव दता ह और वह सझाव वा9 तवक हो जाता ह यVद

सZमोहन वद कह 0क अब तम मर गए तो तम तरत मर जाओग तZ हार दय गत Mक जायगी Mक ह जाएगी

यह होता ह Bन क चलत Bन क लए कY पना और वा9 तवकता दो चीज4 नह ह कY पना ह तथय ह कY पना कर4 और

वसा ह जाएगा 9 वपन और यथाथ म4 फासला नह ह 9 वपन दखो और सच हो जायगा

यह कारण ह 0क शकर न कहा 0क यह ससार परमाlt मा क 9 वपन क सवाय और कछ नह हmdashयह परमाlt मा क माया ह

यह इसलए 0क परमाlt मा तीसर आख म4 बसता हmdashसदा सनातन स इसलए परमाlt मा जी 9 वपन दखता ह वह सच हो

जाता ह और यVद तम भी तीसर आख म4 थर हो जाओ तो तZ हार 9 वपन भी सच होन लग4ग

साPरप ब क पास आया उसन गहरा धान 0कया तब बहत चीज4 घVटत होन लगी बहत तरह क aशय उस Vदखाई दन

लग जो भी L यान क गहराई म4 जाता ह उस यह सब Vदखाई दन लगता ह 9 वग और नरक दवता और दानव सब उस

Vदखाई दन लग और वह ऐस वा9 तवक थ 0क साPरप ब क पास दौड़ा आया और बोला 0क ऐस-ऐस aशय Vदखाई दत ह

ब न कहा व कछ नह ह मा 9 वपन ह

ल0कन साPरप न कहा 0क व इतन वा9 तवक ह 0क म_ कस उG ह4 9 वपन कह जब एक फल Vदखाई पड़ता ह वह फल 0कसी

भी फल स अधक वा9 तवक मालम पड़ता ह उसम सगध ह उस म_ छ सकता ह अभी जो म_ आपको दखता ह वह उतना

वा9 तवक नह ह आप िजतना वा9 तवक मर सामन ह वह फल उसस अधक वा9 तवक ह इसलए कस म_ भद कM 0क

कौन सच ह और कौन सवपन

ब न कहा अब च0क तम तीसर आख म4 क4 Vत हो इसलए 9 वपन और यथाथ एक हो गए ह जो भी 9 वपन तम दखोग4

सच हो जाएगा

और उसस ठUक उलटा भी घVटत हो सकता ह जो Bन पर थर हो गया उसक लए 9 वपन यथाथ हो जाएगा और यथाथ

9 वपन हो जाएगा + य-0क जब तZ हारा 9 वपन सच हो जाता ह तब तम जानत हो 0क 9 वपन और यथाथ म4 बनयाद भद

नह ह

इसलए जब शकर कहत ह 0क सब ससार माया ह परमाlt मा का 9 वपन ह तब यह कोई सातक 9 तावना या कोई

मीमासक व+ तवय नह ह यह उस gt यि+ त का आतPरक अनभव ह जो शवन म4 थर हो गया ह

अत जब तम तीसर नतर पर क4 Vत हो जाओ तब कY पना करो 0क सह9 ार स ाण बरस रहा ह जस 0क तम 0कसी वQ क

नीच बठ हो और फल बरस रह ह या तम आकाश क नीच हो और कोई बदल बरसन लगी या सबह तम बठ हो और सरज

उग रहा ह और उसक 0करण4 बरसन लगी ह कY पना करो और तरत तZ हार सह9 ार स काश क वषा होन लगगी यह

वषा मनषय को पननमत करती ह उसका नया जनम द जाती ह तब उसका पनजनम हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-06

सास(रक काम2 म0 लग हए अवधान को दो वास2 क बीच =टकाओ इस अN यास स थोड़ ह =दन म0 नया जनम होगा

वध-6 वान भरव त (त-सmdashभाग-1)osho

lsquorsquoसासPरक काम- म4 लग हए अवधान को दो R वास- क बीच Vटकाओhelliplsquorsquo

R वास- को भल जाओ और उनक बीच म4 अवधान को लगाओ एक R वास भी तर आती ह इसक पहल 0क वह लौट जाए उस

बाहर छोड़ा जाए वहा एक अतराल होता ह

lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएlsquorsquo यह छठU वध नरतर करन क ह इसलए कहा गया ह lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएhelliprsquorsquo

जो भी तम कर रह हो उसम अवधान को दो R वास- क अतराल म4 थर रखो ल0कन काम-काज म4 लग हए ह इस साधना ह

ठUक ऐसी ह एक दसर वध क चचा हम कर चक ह अब फक इतना ह 0क इस सासाPरक काम- म4 लग हए ह करना ह

उसस अलग होकर इस मत करो यह साधना ह तब करो जब तम कछ और काम कर रह हो

तम भोजन कर रह हो भोजन करत जाओ और अतराल पर अवधान रखो तम चल रह हो चलत जाओ और अवधान को

अतराल पर Vटकाओ तम सोन जा रह हो लटो और नीद को आन दो ल0कन तम अतराल क त सजग रहो

पर काम-काज म4 + य- + य-0क काम-काज मन को डावाडोल करता ह काम-काज म4 तZ हार अवधान को बार-बार भलाना

पड़ता ह तो डावाडोल न ह- अतराल म4 थर रह4 काम-काज भी न Mक चलता रह तब तZ हार अि9 ततव क दो तल हो

जाएग करना ओर होना अि9 ततव क दो तल ओ गए एक करन का जगत और दसरा होन का जगत एक पPरध ह और

दसरा क4 पPरध पर काम करत रहो Mको नह ल0कन क4 पर भी सावधानी स काम करत रहो + या होगा

तZ हारा काम-काज तब अभनय हो जाएगा मान- तम कोई पाट अदा कर रह हो उदाहरण क लए तम 0कसी नाटक म पाट

कर रह हो तम राम बन हो या 2ाइसट बन हो यCयप तम राम या 2ाइसट का अभनय करत हो तो भी तम 9 वय बन

रहत हो क4 पर तम जानत हो 0क तम कौन हो और पPरध पर तम राम या 2ाइसट का या 0कसी का पाट अदा करत हो

तम जानत हो 0क तम राम नह हो राम का अभनय भर कर रह हो तम कौन हो तमको मालम ह तZ हारा अवधान तमम4

क4 Vय ह और तZ हारा काम पPरध पर जार ह

यVद इस वध का अ यास हो तो परा जीवन एक लबा नाटक बन जाएगा तम एक अभनता होग4 अभनय भी करोग और

सदा अतराल म4 क4 Vत रहोग जब तम अतराल को भल जाओग तब तम अभनता नह रहोग तब तम कता हो जाओग

तब वह नाटक नह रहगा उस तम भल स जीवन समझ लोग

यह हम सबन 0कया ह हर आदमी सोचता ह 0क वह जीवन जी रहा ह यह जीवन नह ह यह तो एक रोल ह एक पाट ह जो

समाज न पPरि9 थतय- न स9 कत न दश क परपरा न तमको थमा Vदया ह और तम अभनय कर रह हो और तम इस

अभनय क साथ तादाlt मय भी कर बठ हो उसी तादाlt मय को तोड़न क लए यह वध ह

कषण क अनक नाम ह कषण सबस कशल अभनताओ म4 स एक ह व सदा अपन म4 थर ह और खल कर रह ह लला कर

रह ह Bबलकल गर-गभीर ह गभीरता तादाlt मय स पदा होती ह

यVद नाटक म4 तम सच ह राम हो जाओ तो अवशय सम9 याए खड़ी होगी जब-जब सीता क चोर होगी तो तमको Vदल का

दौरा पड़ सकता ह और परा नाटक बद हो जाना भी निR चत ह ल0कन अगर तम बस अभनय कर रह हो तो सीता क चोर

स तमको कछ भी नह होता ह तम अपन घर लौटोग और चन स सो जाओग सपन म4 भी r याल न आएगा क सीता क

चोर हई

जब सचमच सीता चोर गई थी तब राम 9 वय रो रह थ चीख रह थ और वQ- स पछ रह थ 0क सीता कहा ह कौन उस ल

गया ल0कन यह समझन जसी बात ह अगर राम सच म4 रो रह ह और पड़- स पछ रह ह तब तो व तादाZ तयता कर बठ

तब व राम न रह ईशवर न रह अवतार न रह यह समरण रखना चाVहए 0क राम क लए उनका वा9 तवक जीवन भी

अभनय ह था जस दसर अभनताओ को तमन राम का अभनय करत दखा ह वस ह राम भी अभनय कर रह थmdash

नसदह एक बड़ रग मच पर

इस सबध म4 भारत क पास एक खबसरत कथा ह मर aिO ट म4 यह कथा अvत ह ससार क 0कसी भी भाग म4 ऐसी कथा नह

मलगी कहत ह 0क वाY मी0क न राम क जनम स पहल ह रामायण लख द राम को कवल उसका अनगमन करना था

इसलए वासतव म4 राम का पहला कतय भी अभनय ह था उनक जनम क पहल ह कथा लख द गई थी इसलए उG ह4

कवल उसका अनगमन करना पडा व और + या कर सकत थ वाY मी0क जसा gt यि+ त जब कथा लखता ह तब राम को

अनगमन करना होगा इसलए एक तरह स सब कछ नयम था सीता क चोर होनी थी और य का लड़ा जाना था

यVद यह तम समझ सको तो भागय क सात को भी समझ सकत हो इसका बड़ा गहरा अथ ह और अथ यह ह 0क यVद

तम समझ जात हो 0क तZ हार लए यह सब कछ नयम ह तो जीवन नाटक हो जाता ह अब यVद तमको राम का अभनय

करना ह तो तम कस बदल सकत हो सब कछ नयत ह यहा तक 0क तZ हारा सवाद भी डायलाग भी अगर तम सीता स

कछ कहत हो तो वह 0कसी नीयत वचन का दोहराना भर ह

यVद जीवन नयत ह तो तम उस बदल नह सकत उदाहरण क लए एक वशष Vदन को तZ हार मlt य होन वाल ह यह

नयत ह और तम जब मरोग तब रो रह होग4 यह भी निR चत ह और फला-फला लोग तZ हार पास ह-ग यह भी तय ह

और यVद सब कछ नीयत ह तय ह तब सब कछ नाटक हो जाता ह यVद सब कछ निR चत ह तो उसका अथ हआ 0क तम

कवल उस अजाम दन वाल हो तमको उस जीना नह ह उसका अभनय करना ह

यह वध छठU वध तमको एक साइकोxामा एक खल बना दती ह तम दो R वास- क अतराल म4 थर हो और जीवन

पPरध पर चल रहा ह यVद तZ हारा अवधान क4 पर ह तो तZ हारा अवधान पPरध पर नह ह पPरध पर जो ह वह

उपावधान ह वह कह तZ हार अवधान क पास घVटत होता ह तम उस अनभव कर सकत हो उस जान सकत हो पर वह

महlt वपण नह ह यह ऐसा ह जस तमको नह घVटत हो रहा ह

म_ इस दोहराता ह यVद तम इस छठU वध क साधना करो तो तZ हारा समचा जीवन ऐसा हो जाएगा जस वह तमको न

घVटत होकर 0कसी दसर gt यि+ त को घVटत हो रहा ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-07

सातवी वास वध

shira त-सmdashवध-07 ndashओशो

ललाट क मधय म0 सIम वास ()ाण) को =टकाओ जब वह सोन क Iण म0 Oदय तक पहचगा तब J वपन और J वय मP य

पर अधकार हो जाएगा

तम अधकाPरक गहर पत[ म4 वश कर रह हो

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओlsquorsquo

अगर तम तीसर आख को जान गए हो तो तम ललाट क मधय म4 ि9 थर सQम R वास को अaशय ाण को जान गए और

तम यह भी जान गए 0क वह उजा वह काश बरसता ह

lsquorsquoजब वह सोन क Qण म4 दय तक पहचगाmdashजब वह वषा तZ हार दय तक पहचगीmdashlsquorsquoतब 9 वपन और 9 वय मlt य पर

अधकार हो जाएगाlsquorsquo

इस वध को तीन Vह9 स- म4 लो एक R वास क भीतर जो ाण ह जो उसका सQम अaषय अपाथव अश ह उस तमको

अनभव करना होगा यह तब होता ह जब तम भकVटय- क बीच अवधान को थर रखत हो तब यह आसानी स घVटत होता

ह अगर तम अवधान को अतराल म4 Vटकात हो तो भी घVटत होता ह मगर उतनी आसानी स नह यVद तम नाभ क4 क

त सजग हो जहा R वास आती ह और छकर चल जाती ह तो भी यह घVटत होता ह पर कम आसानी स उस सQम ाण

को जानन का सबस सगम माग ह तीसर आख म4 थर होना वस तम जहा भी क4 Vत होग4 वह घVटत होगा तम ाण को

भावत होत अनभव करोग

यVद तम ाण को अपन भीतर वाVहत होता अनभव कर सको तो तम यह भी जान सकत हो 0क कब तZ हार मlt य होगी

यVद तम सQम R वास को ाण को महसस करन लग तो मरन क छह महन पहल स तम अपनी आसनन मlt य को जानन

लगत हो कस इतन सत अपनी मlt य क तथ बना दत ह यह आसान ह + य-0क यVद तम ाण क वाह को जानत हो तो

जब उसक गत उलट जाएगी तब उसको भी तम जान लोग मlt य क छह महन पहल 02या उलट जाती ह ाण तZ हार

बाहर जान लगता ह तब R वास इस भीतर नह ल जाती बिY क उलट बाहर ल जान लगती हmdashवह R वास

तम इस जान पात हो +य-0क तम उसक अaशय भाग को नह दखत कवल वाहन को ह दखत हो और वाहन तो एक ह

रहगा अभी R वास ाण को भीतर ल जाती ह और वहा छोड़ दती ह 0फर वाहन बाहर खाल वापस जाता ह और ाण स पन

भरकर भीतर जाता ह इसलए याद रखो 0क भीतर आन वाल R वास और बाहर जान वाल R वास दोन- एक नह ह वाहन क

Mप म4 तो परक R वास और रचक R वास एक ह ह ल0कन जहा परक ाण स भरा होता ह वह रचक उसस Pरकत रहता ह

तमन ाण को पी लया और R वास खाल हो गई

जब तम मlt य क करब होत हो तब उलट 02या चाल होती ह भीतर आन वाल R वास ाण वहन आती ह Pरकत आती

ह + य-0क तZ हारा शरर अि9 ततव स ाण को हण करन म4 असमथ हो जाता ह तम मरन वाल हो तZ हार जMरत न

रह पर 02या उलट जाती ह अब जब R वास बाहर जाती ह जब ाण को साथ लए बाहर जाती ह

इसलए िजसन सQम ाण को जान लए वह अपनी मlt य का Vदन भी तरत जान सकता ह छह महन पहल 02या उलट

हो जाती ह

यह स बहत-बहत महlt वपण ह

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओ जब सोन क Qण म4 वह दय तक पहचगा तब 9 वपन और 9 वय

मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

जब तम नीद म4 उतर रह हो तभी इस वध को साधना ह अनय समय म4 नह ठUक सोन का समय इस वध क अ यास क

लए उपयकत समय ह

तम नीद म4 उतर रह हो धीर-धीर नीद तम पर हावी हो रह ह कछ ह Qण- म4 भीतर तZ हार चतना लपत होगी तम अचत

हो जाओग उस Qण क आन क पहल तम अपनी R वास और उसक सQम अश ाण क त सजग हो जाओ और उस दय

तक जात हए अनभव करो अनभव करत जाओ 0क वह दय तक आ रहा ह दय तक आ रहा ह ाण दय स होकर

तZ हार शरर म4 वश करता ह इसलए यह अनभव करत ह जाओ 0क ाण दय तक आ रहा ह और इस नरतर अनभव

क बीच ह नीद को आन दो तम अनभव करत जाओ और नीद को आन दो नीद को तमको अपन म4 समट लन दो

यVद यह सभव हो जाए 0क तम अaशय ाण को दय तक जात दखो और नीद को भी तो तम अपन सपन- क त भी

सजग हो जाओग तब तमको बोध रहगा 0क तम सपना दखत हो तो तम समझत हो 0क यह यथाथ ह ह वह भी तीसर

आख क कारण ह सभव होता ह + या तमन 0कसी को नीद म4 दखा ह उसक आख ऊपर चल जाती ह और तीसर आख म4

ि9 थर हो जाती ह यVद नह दखा तो दखो

तZ हारा बf चा सोया ह उसक आख खोलकर दखो 0क उसक आख कहा ह उसक आख क पतलया ऊपर को चढ़ ह और

Bन पर क4 Vत ह म_ कहता ह 0क बf च- को दखो सयान- को नह सयान भरोस योगय नह ह + य-0क उनक नीद गहर

नह ह व सोचत भर ह 0क सोय ह बf च- को दखो उनक आख4 ऊपर को चढ़ जाती ह

इसी तीसर आख म4 थरता क कारण तम अपन सपन- को सच मानत हो तम यह नह समझ सकत क व सपन ह वह तम

तब जान-ग जब सबह जागोग तब तम जान-ग 0क यह 9 वपन ह यVद समझ जाओ तो दो तल हो गएmdash9 वपन ह और तम

सजग हो जागMक हो जो नीद म4 9 वपन क त जाग सक उसक लए यह स चमlt काPरक ह

यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन पर और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

यVद तम 9 वपन क त जागMक हो जाओ तो तम दो काम कर सकत हो एक 0क तम 9 वपन पदा कर सकत हो आमतौर

स तम 9 वपन नह पदा कर सकत आदमी 0कतना नपसक ह तम 9 वपन भी नह पदा कर सकत अगर तम कोई खास

9 वपन दखना चाहो तो नह दख सकत यह तZ हार हाथ म4 नह ह मनषय 0कतना शि+ तहन ह 9 वपन भी उसस नह

नमत 0कए जा सकत तम 9 व] न- क शकार भर हो उनक 9 O टा नह 9 वपन तम म4 घVटत होता ह तम कछ नह कर

सकत हो न तम उस रोक सकत हो न उस पदा कर सकत हो

ल0कन अगर तम यह दखत हए नीद म4 उतरो 0क दय ाण स भर रहा ह नरतर हर R वास म4 ाण स 9 पशत हो रहा ह तो

तम अपन 9 व] न- क मालक हो जाओग और यह मल0कयत बहत अनठU ह दलभ ह तब तम जो भी 9 वपन दखना चाहत

हो तम वह 9 वपन दख सकत हो और सोत समय कहो 0क म_ फला 9 वपन दखना चाहता ह और वह 9 वपन कभी तZ हार

मन म4 वश नह कर सकगा

ल0कन अपन 9 व] न- क मालक बनन का + या योजन ह + या यह gt यथ नह ह नह यह gt यथ नह ह एक बार तम

9 वपन क मालक हो गए तो दबारा तम कभी 9 वपन नह दखोग4 वह gt यथ हो गया जMरत नह रह जस ह तम अपन

9 व] न- क मालक होत हो 9 वपन बद हो जात ह उनक जMरत नह रहती और जब 9 वपन बद हो जात ह तब तZ हार

नीद का गण धम ह और होता ह वह गणधम वह ह जो मlt य का ह

मlt य गहन नीद ह अगर तZ हार नीद मlt य क तरह गहर हो जाए तो उसका अथ ह 0क सपन वदा हो गए सपन नीद को

उथला करत ह सपन- क चलत तम सतह पर ह घमत रहत हो सपन- म4 उलझ रहन क कारण तZ हार नीद उथल हो जाती

ह और जब सपन नह रहत तब तम नीद क सागर म4 उतर जात हो उसक गहराई छ लत ह वह मlt य ह

इसलए भारत न सदा कहा ह 0क नीद छोट मlt य ह और मlt य लबी नीद ह गणातमक Mप स दोन- समान ह नीद Vदन-

Vदन क मlt य ह मlt य जीवन-जीवन क नीद ह तVदन तम थक जात हो तम सो जात हो और दसर सबह तम 0फर

अपनी शि+ त और अपनी जीवतता को वापस पा लत हो तम मानो 0फर स जनम लत हो वस ह सततर या अ9 सी वष क

जीवन क बाद तम पर तरह थक जात हो अब छोट अवध क मlt य स काम नह चलगा अब तमको बड़ी मlt य क जMरत

ह उस बड़ी मlt य या नीद क बाद तम Bबलकल नए शरर क साथ पनजनम लत हो

और एक बार यVद तम 9 वपन-शनय नीद को जान जाओ और उसम बोध पवक रहो तो 0फर मlt य का भय जाता रहता ह

कोई कभी नह मर सकता मlt य असभव ह अभी एक Vदन पहल म_ कहता था 0क कवल मlt य निR चत ह और अब कहता ह

0क मlt य असभव ह कोई कभी नह मरा ह कोई कभी मर नह सकता ससार म4 यVद कछ असभव ह तो वह मlt य ह

+ य-0क अि9 ततव जीवन ह तम 0फर-0फर जG मत हो ल0कन नीद ऐसी गहर ह 0क परानी पहचान भल जात हो तZ हार

मन स 9 मतया प-छ द जाती ह

इस इस तरह सोचो मान लो 0क आज तम सोन जा रह हो और कोई ऐसा य बन गया हmdashशी~ ह बनन वाला हmdashजो 0क

जस टपPरकाडर क फत स आवाज प-छ द जाती ह वस ह मन स 9 मत को प-छ डालता ह + य-0क 9 मत भी एक गहर

PरकाWडJग ह दर-अबर हम ऐसा य नकाल ल4ग जो तZ हार 0फर म4 लगा Vदया जाएगा और जो तZ हार Vदमाग को प-छकर

Bबलकल साफ कर दगा तो कल सबह तम वह आदमी नह रहोग जो सोन गया था + य-0क तमको याद नह रहगा 0क कौन

सोन गया था तब तZ हार नीद मlt य जसी हो जाएगी एक गप आ जाएगा तमको याद नह रहगा 0क कौन सोया था यह

चीज 9 वाभावक ढग स घट रह ह जब तम मरत हो ओर 0फर जनम लत हो तब तमको याद नह रहता ह 0क कौन मरा

तम 0फर स शM करत हो

इस वध क Cवारा पहल तो तम 9 व] न- क मालक हो जाओग उसका अथ हआ 0क सपन आना बद हो जाएग या यVद तम

खद सपन दखना चाहोग तो सपना दख भी सकत हो ल0कन तब वह ऐिf छक सपना होगा वह अनवाय नह रहगा वह

तम पर लादा नह जाएगा तम उसक शकार नह ह-ग और तब तZ हार नीद का गणधम ठUक मlt य जसा हो जाएगा तब

तम जानोग 0क मlt य भी नीद ह

इसलए यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

तब तम जान-ग 0क मlt य एक लबी नीद हmdashऔर सहयोगी ह और सदर ह + य-0क वह तमको नव जीवन दती ह वह तमको

सब कछ नया दती ह 0फर तो मlt य भी समापत हो जाती ह 9 वपन क शष होत ह मlt य समापत हो जाती ह

मlt य पर नयण पान अधकार पान का दसरा अथ भी ह अगर तम समझ लो 0क मlt य नीद ह तो तम उसको Vदशा द

सकत हो अगर तम अपन सपन- को Vदशा द सकत हो तो मlt य को भी द सकत हो तब तम चनाव कर सकत हो 0क कहा

पदा हो कब पदा हो 0कसस पदा हो और 0कस Mप म4 पदा हो तब तम अपन जीवन क मालक होत हो

ब क मlt य हई म_ उनक अतम जनम क पव क जनम क चचा कर रहा ह जब व ब नह थ मरन क पव उG ह-न कहा

lsquorsquoम_ अमक मा बाप स पदा होऊगा ऐसी मर मा होगी ऐस मर पता ह-ग और मर मा मर जनम क बाद ह मर जायगी और

जब म_ जनमगा तो मर मा ऐस-ऐस सपन दखगी न तमको सफ अपन सपन- पर अधकार होगा दसर क 9 व] न- पर भी

अधकार हो जायगा सो ब न उदाहरण क तौर पर बताया 0क जब म_ मा क पट म4 होऊगा तब मर मा य-य 9 वपन दखगी

और जब कोई इस 2म स इन 9 व] न- को दख तब तम समझ जाना क म_ जनम लन वाला ह

और ऐसा ह हआ ब क माता न उसी 2म स सपन दख वह 2म सार भारत को पता था वशषकर उनको जो धम म4

जीवन क गहन चीज- म4 और उसक गम पथ- म4 उतसक थ पता था इसलए उन 9 व] न- क gt याr या हई 9 व] न- क

gt याr या करन वाला पहला आदमी ायड नह था और न उसक gt याr या म4 गहराई थी पला वह कवल पिR चम क लए था

तो ब क पता न 9 व] न- क gt याr याकार- को उस जमान क ायड- और जग- को तरत बलवाया और उनस पछा इस 2म

का + या अथ ह मझ डर लगता ह य सपन अvत ह और एक ह 2म स आ रह ह एक ह तरह क सपन बार-बार स आ

रह ह मान- कोई एक ह 0फलम को बार-बार दखता हो + या हो रहा ह

और gt याr याकार- न बताया 0क आप एक महान आlt मा क पता होन जा रह ह वह ब होन वाला ह ल0कन आपक पlt नी

को सकट ह + य-0क जब ऐस ब जनम लत ह तब मा का जीना कVठन हो जाता ह ब क पता न कारण पछा

gt याr याकार- न कहा 0क हम यह नह बता सकत ल0कन जो आlt मा पदा होन वाल ह उसका ह व+ तवय ह 0क उसक जनम

लन पर उसक मा क मlt य हो जायगी

बाद म4 ब स पछा गया 0क आपक माता क मlt य तरत + यो हई उG ह-न कहा 0क एक ब को जनम दना इतनी बड़ी घटना

ह 0क उसक बाद और सब कछ gt यथ हो जाता ह इसलए मा जीवत नह रह सकती उस नया जीवन शM करन क लए 0फर

स जनम लना होगा एक ब को जनम दना परम अनभव ह ऐसा शखर ह 0क मा उसक बाद नह बची रह सकती इसलए

मा क मlt य हई

ब न अपन पछल जनम म4 कहा था 0क म_ उस समय जनम लगा जब मर मा एक ताड़ वQ क नीच खड़ी होगी और वह

हआ ब का जब जनम हआ तब उनका मा ताड़ वQ क नीच खड़ी थी और ब न यह भी कहा क जनम लन क बाद म4

तरत सात कदम चलगा यह-यह पहचान होगी जो बताए दता ह ता0क तम जान सको 0क ब का जनम हो गया और ब

न सब कछ का इगत 0कया

और यह कवल ब क लए ह सह नह ह यह जीसस क लए सह ह यह महावीर क लए सह ह यह और भी कई अG य-

क लए सह ह lt यक जन तीथJकर न अपन पछल जनम म4 भवO यवाणी क थी 0क उनका जनम 0कस तरह होगा उG ह-न

भी 9 व] न- क 2म बताए थ उG ह-न भी तीक बताए थ और कहा था 0क 0कस तरह सब कछ घVटत होन वाला ह

तम Vदशा द सकत हो एक बार तम अपन 9 व] न- को Vदशा दन लगो तो सब कछ को Vदशा द सकत हो + य-0क यह ससार

सव] न- का ह बना हआ ह और 9 व] न- का ह यह जीवन बना ह इसलए जब तZ हारा अधकार सपन पर हआ तब सब कछ

पर हो गया

यह स कहता ह lsquorsquo9 वय मlt य परlsquorsquo

तब कोई gt यि+ त अपन को एक वशष तरह का जनम भी द सकता ह वशष तरह का जीवन भी द सकता ह

हम लोग तो शकार ह हम नह जानत ह 0क + य- जG मत ह + य- मरत ह कौन हम4 चलाता ह और + य- काई कारण नह

Vदखाई दता ह सब कछ अराजकता सयोग जसा ह ऐसा इसलए ह 0क हम मालक नह ह एक बार मालक हो जाए तो

0फर ऐसा नह रहगा

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-08

आठवी वास वध

आP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकर ाता को जान लो

Lord Shiva त-सndashओशो

इन वधय- क बीच जरा-जरा स ह तो भी तZ हार लए व भद बहत हो सकत ह एक अकला शबद बहत फक पदा करता ह

lsquorsquoआP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकरhelliplsquorsquo

भीतर आन वाल R वास को एक सध सथल ह जहा वह मड़ती ह इन दो सध-9 थल-mdashिजसक चचा हम कर चक हmdashक

साथ यहा जरा सा भद 0कया गया ह हाला0क यह भद वध म4 तो जरा सा ह ह ल0कन साधक क लए बड़ा भद हो सकता ह

कवल एक शत जोड़ द गई हmdashlsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकrsquorsquo और पर वध बदल गयी

इसक थम Mप म4 भि+ त का सवाल नह था वह मा वानक वध थी तम योग करो और वह काम करगी ल0कन

लोग ह जो ऐसी शषक वानक वधय- पर काम नह कर4ग इसलए जो दय क और झक ह जो भि+ त क जगत क ह

उनक लए जरा सा भद 0कया गया ह आlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध-9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

अगर तम वानक tझान क नह हो अगर तZ हारा मन वानक नह ह तो तम इस वध को योग म4 लाओ

आlt यतक भि+ त पवकmdashम kा क साथmdashR वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

यह कस सभव होगा

भि+ त तो 0कसी क त होती ह चाह व कषण ह- या 2ाइसट ल0कन तZ हार 9 वय क त R वास क दो सध-9 थल- क त

भि+ त कसी होगी यह ततव तो गर भि+ त वाला ह ल0कन gt यि+ त-gt यि+ त पर नभर ह

त का कहना ह 0क शरर मVदर ह तZ हारा शरर परमाlt मा का मVदर ह उसका नवास 9 थान ह इसलए इस मा अपना

शरर या एक व9 त न मानो यह पव ह धामक ह जब तम एक R वास भीतर ल रह हो तब तम ह R वास नह ल रह हो

तZ हार भीतर परमाlt मा भी R वास ल रहा ह तम चलत 0फरत होmdashइस इस तरह दखोmdashतम नह 9 वय परमाlt मा तमम4 चल

रहा ह तब सब चीज4 पर तरह भि+ त हो जाती ह

अनक सत- क बार म4 कहा जाता ह 0क व अपन शरर को म करत थ व उसक साथ ऐसा gt यवहार करत थ मानो व शरर

उनक मकाओ क रह ह-

तम भी अपन शरर को यह gt यवहार द सकत हो उसक साथ यवत gt यवहार भी कर सकत हो वह भी एक Mझान ह एक

aिO ट ह तम इस अपराधपण पाप भरा और गदा भी मान सकत हो और इस चमlt कार भी समझ सकत हो परमाlt मा का

घर भी समझ सकत ह यह तम पर नभर ह

यVद तम अपन शरर को मVदर मान सको तो यह वध तZ हार काम आ सकती ह lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकhelliplsquorsquo इसका

योग करो जब तम भोजन कर रह हो तब इसका योग करो यह न सोचो 0क तम भोजन कर रह हो सोचो 0क परमाlt मा

तमम4 भोजन कर रहा ह और तब पPरवतन को दखो तम वह चीज खा रह हो ल0कन तरत सब कछ बदल जाता ह अब

तम परमाlt मा को भोजन द रह हो तम 9 नान कर रह हो 0कतना मामल सा काम ह ल0कन aिO ट बदल दो अनभव करो

0क तम अपन म4 परमाlt मा को 9 नान करा रह हो तब यह वध आसान होगी

lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-09

नौवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

मतवत लट रहो ोध म0 Iबध होकर उसम ठहर रहो या पतलय2 को घमाए बना एकटक घरत रहो या कछ चसो और

चसना बन जाओ

lsquorsquoमतवत लट रहोlsquorsquo

योग करो 0क तम एकाएक मर गए हो शरर को छोड़ दो + य-0क तम मर गए हो बस कY पना करो 0क मत ह म_ शरर

नह ह शरर को नह Vहला सकता आख भी नह Vहला सकता म_ चीख-चY ला भी नह सकता न ह म_ रो सकता ह कछ

भी नह कर सकता + य-0क म_ मरा हआ ह और तब दखो तZ ह4 कसा लगता ह ल0कन अपन को धोखा मत दो तम शरर

को थोड़ा Vहला सकत हो नह Vहलाओ नह ल0कन मचछर भी आ जाय तो भी शरर को मत समझो यह सबस अधक

उपयोग क गई वध ह

रमण महष इसी वध स ान को उपलबध हए थ ल0कन यह उनक इस जनम क वध नह थी इस जनम म4 तो

अचानक सहज ह यह उG ह4 घVटत हो गई ल0कन जMर उG ह-न 0कसी पछल जनम म4 इसक सतत सधाना क होगी

अG यथा सहज कछ भी घVटत नह होता lt यक चीज का काय-कारण सबध रहता ह

जो जब व कवल चौदह या पह वष क थ एक रात अचानक रमण को लगा 0क म_ मरन वाला ह उनक मन म4 यक बात बठ

गई 0क मlt य आ गई ह व अपना शरर भी नह Vहला सकत थ उG ह4 लगा 0क मझ लकवा मार गया ह 0फर उG ह4 अचानक

घटन महसस हई और व जान गए 0क उनक दय-गत बद होन वाल ह और व चY ला भी नह सक बोल भी नह सक 0क

म_ मर रहा ह

कभी-कभी 0कसी द9व]न म4 ऐसा होता ह 0क जब तम न चY ला पात हो और न Vहल पात हो जागन पर भी कछ Qण- तक

तम कछ नह कर पात हो यह हआ रमण को अपनी चतना पर तो परा अधकार था पर अपन शरर पर Bबलकल नह व

जानत थ 0क म_ ह चतना ह सजग ह ल0कन म_ मरन वाला ह और यह नशचय इतना घना था 0क कोई वकलप भी नह

था इसलए उG ह-न सब यतन छोड़ Vदया उG ह-न आख बद कर ल और मlt य क तीQा करन लग

धीर-धीर उनका शरर सखत हो गया शरर मर गया ल0कन एक सम9 या उठ खड़ी हई व जान रह थ 0क शरर नह ह

ल0कन म_ तो ह व जान रह थ 0क म_ जीवत ह और शरर मर गया ह 0फर व उस ि9 थत स वापस आए सबह म4 शरर

9 वासथ था ल0कन वह आदमी नह लौटा था जो मlt य क पव था + य-0क उसन मlt य को जान लया था

अब रमण न एक नए लोक को दख लया था चतना क एक नए आयाम को जान लया था उG ह-न घर छोड़ Vदया उस मlt य

क अनभव न उG ह4 पर तरह बदल Vदया और व इस यग क बहत थोड़ स ब पMष- म4 हए

और यह वध ह जो रमण को सहज घVटत हई ल0कन तमको यह सहज ह नह घVटत होन वाल ल0कन योग करो तो

0कसी जीवन म4 यह सहज हो सकती ह योग करत हए भी यह घVटत हो सकती ह और यVद नह घVटत हई तो भी यतन

कभी gt यथ नह जाता ह यह यतन तम म4 रहगा तZ हार भीतर बीज बनकर रहगा कभी जब उपयकत समय होगा और

वषा होगी यह बीज अकPरत हो जाएगा

सब सहजता क यह कहानी ह 0कसी काल म4 बीज बो Vदया गया था ल0कन ठUक समय नह आया था और वषा नह हई

थी 0कसी दसर जनम और जीवन म4 समय तयार होता ह तम अधक ौढ़ अधक अनभवी होत हो और ससार म4 उतन ह

नराश होत हो तब 0कसी वशष ि9 थत म4 वषा होती ह और बीज फट नकलता ह

lsquorsquoमतवत लट रहो 2ोध म4 Qबध होकर उसम4 ठहर रहोlsquorsquo

नशचय ह जब तम मर रह हो तो वह कोई सख का Qण नह होगा वह आनदपण नह हो सकता जब तम दखत हो 0क तम

मर रह हो भय पकड़गा मन म4 2ोध उठगा या वषाद उदासी शोक सताप कछ भी पकड़ सकता ह gt यि+ त-gt यि+ त म4

फक ह

स कहता हmdashlsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहो ि9 थत रहोlsquorsquo

अगर तमको 2ोध घर तो उसम ह ि9 थत रहो अगर उदासी घर तो उसम भी भय चता कछ भी हो उसम4 ह ठहर रहो डट

रहो जो भी मन म4 हो उस वसा ह रहन दो + य-0क शरर तो मर चका ह

यह ठहरना बहत सदर ह अगर तम कछ मनट- क लए भी ठहर गए तो पाओग 0क सब कछ बदल गया ल0कन हम Vहलन

लगत ह यVद मन म4 कोई आवग उठता ह तो शरर Vहलन लगता ह उदासी आती ह तो भी शरर Vहलता ह इस आवग

इसीलए कहत ह 0क यह शरर म4 वग पदा करता ह मतवत महसस करोmdashऔर आवग- को शरर Vहलान इजाजत मत दो व

भी वहा रह और तम भी वहा रहो ि9 थर मतवत कछ भी हो पर हलचल नह हो गत नह हो बस ठहर रहो

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहोlsquorsquo

यहmdashया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो महर बाबा क वध थी वष| व अपन कमर क छत को घरत रह

नरतर ताकत रह वष| वह जमीन पर मतवत पड़ रह और पतलय- को आख- को Vहलाए Bबना छत को एक टक दखत रह

ऐसा व लगातार घटो Bबना कछ 0कए घरत रहत थ टकटक लगाकर दखत रहत थ

आख- स घरना अf छा ह + य-0क उसस तम 0फर तीसर आख म_ ि9 थत हो जात हो और एक बार तम तीसर आख म4 थर

हो गए तो चाहन पर भी तम पतलय- को नह घमा सकत हो व भी थर हो जाती हmdashअचल

महर बाबा इसी घरन क जPरए उपलबध हो गए और तम कहत हो 0क इन छोट-छोट अ यास- स + या होगा ल0कन महर

बाबा लगातार तीन वष[ तक Bबना कछ 0कए छत को घरत रह थ तम सफ तीन मनट क लए ऐसी टकटक लगाओ और

तमको लगगा 0क तीन वष गजर गय तीन मनट भी बहत लमब समय मालम होगा तZ ह4 लगगा क समय ठहर गया ह

और घड़ी बद हो गई ह ल0कन महर बाबा घरत रह घरत रह धीर-धीर वचार मट गए और गत बद हो गई महर बाबा

मा चतना रह गए व मा घरना बन गए टकटक बन गए और तब व आजीवन मौन रह गए टकटक क Cवारा व अपन

भीतर इतन शात हो गए 0क उनक लए 0फर शबद रचना असभव हो गई

महर बाबा अमPरका म4 थ वहा एक आदमी था जो दसर- क वचार को मन को पढ़ना जानता था और वासतव म4 वह आमी

दलभ थाmdashमन क पाठक क Mप म4 वह तZ हार सामन बठता आख बद कर लता और कछ ह Qण- म4 वह तZ हार साथ ऐसा

लयव हो जाता 0क तम जो भी मन म4 सोचत वह उस लख डालता था हजार- बार उसक परQा ल गई और वह सदा

सह साBबत हआ तो कोई उस महर बाबा क पास ल गया वह बठा और वफल रहा और यह उसक िजदगी क पहल

वफलता थी और एक ह और 0फर हम यह भी कस कह4 0क यह उसक वफलता हई

वह आदमी घरता रहा घरता रहा और तब उस पसीना आन लगा ल0कन एक शबद उसक हाथ नह लगा हाथ म4 कलम

लए बठा रहा और 0फर बोलाmdash0कसी 0कसम का आदमी ह यह म_ नह पढ़ पाता ह + य-0क पढ़न क लए कछ ह ह नह

यह आदमी तो Bबलकल खाल ह मझ यह भी याद नह रहता क यहा कोई बठा ह आख बद करन क बाद मझ बार-बार

आख खोल कर दखना पड़ता ह 0क यह gt यि+ त यहा ह 0क नह या यहा स हट गया ह मर लए एका होना भी कVठन हो

गया ह + य-0क ` य- ह म_ आख बद करता ह 0क मझ लगता ह 0क धोखा Vदया जा रहा ह वह gt यि+ त यहा स हट जाता ह

मर सामन कोई भी नह ह और जब म_ आख खोलता ह तो उसको सामन ह पाता ह वह तो कछ भी नह सोच रहा ह

उस टकटक न सतत टकटक न महर बाबा क मन को पर तरह वसिजत कर Vदया था

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यहा जरा सा Mपातरण ह कछ भी काम द दगा तम मर गए यह काफ ह

lsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहोlsquorsquo

कवल यह अश भी एक वध बन सकता ह तम 2ोध म4 हो लट रहो और 2ोध म4 ि9 थत रहो पड़ रहो इसस हटो नह कछ

करो नह ि9 थर पड़4 रहो

कOणामत इसी क चचा 0कए चल जा रह थ उनक पर वध इस एक चीज पर नभर ह 2ोध स Qबध होकर उसम ठहर

रहोlsquorsquo यVद तम 2 हो तो 2 होओ और 2 रहो उसस Vहलो नह हटो नह और अगर तम वस ठहर सको तो 2ोध चला

जाता ह और तम दसर आदमी बन जात हो और एक बार तम 2ोध को उसस आदोलत हए Bबना दख लो तो तम उसक

मालक हो गए

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एक टक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यह अतम वध शारPरक ह और योग म4 सगम ह + य-0क चसना पहला काम ह जो 0क कोई बf चा करता ह चसना

जीवन का पहला कतय ह बf चा जब पदा होता ह तब वह पहल रोता ह तमन यह जानन क कोशश नह क होगी 0क

बf चा + य- रोता ह सच म4 वह रोता नह ह वह रोता हआ मालम होता ह वह सफ हवा का पी रहा ह चर रहा ह अगर वह

नह र-ए तो मनट- क भीतर मर जाए + य-0क रोना हवा लन का पहला यतन ह जब वह पट म4 था बf चा 9 वास नह लता

ह Bबना 9 वास लए वह जीता था वह वह 02या कर रहा था जो भमगत समाध लन पर योगी जन करत ह वह Bबना

R वास लए ाण को हण कर रहा थाmdashमा स श ाण ह हण कर रहा था

यह कारण ह 0क मा और बf च क बीच जो म ह वह और म स सवथा भनन होता ह + य-0क शतम ाण दोन- को

जोड़ता ह अब ऐसा 0फर कभी नह होगा उनक बीच एक सQम ाणमय सबध था मा बf च को ाण दती थी बf चा R वास

तक नह लता था

ल0कन जब वह जनम लता ह तब वह मा क गभ स उठाकर एक Bबलकल अनजानी दनया म4 फ4 क Vदया जाता ह अब उस

ाण या ऊजा उस आसानी स उपलबध नह होगी उस 9 वय ह R वास लनी होगी उसक पहल चीख चसन का पहला यतन

ह उसक बाद वह मा क सतन स दध चसता ह य बनयाद कतय ह जो तम करत हो बाक सब काम बाद म4 आत ह

जीवन क व बनयाद कतय ह और थम कतय उसका अ यास भी 0कया जा सकता ह

यह स कहता ह lsquorsquoया कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

0कसी भी चीज को चसो हवा को ह चसो ल0कन तब हवा को भल जाओ और चसना ह बन जाओ इसका अथ + या हआ

तम कछ चस रह हो इसम4 तम चसन वाल हो चोषण नह तम चोषण क पीछ खड़ हो यह स कहता ह 0क पीछ मत खड़

रहो कतय म4 भी सिZ मलत हो जाओ और चोषण बन जाओ

0कसी भी चीज स तम योग कर सकत हो अगर तम दौड़ रह हो तो दौड़ना ह बन जाओ और दौड़न वाल न रहो दौड़ना बन

जाओ दौड़ बन जाओ और दौड़न वाल को भल जाओ अनभव करो 0क भीतर कोई दौड़न वाला नह ह मा दौड़न क

02या ह वह 02या तम होmdashसPरता जसी 02या भीतर कोई नह ह भीतर सब शात ह और कवल यह 02या ह

चसना चोषण अf छा ह ल0कन तमको यह कVठन मालम पड़गा + य-0क हम इस Bबलकल भल गए ह यह कहना भी ठUक

नह ह 0क Bबलकल भल गए ह + य-0क उसका वकलप तो नकालत ह रहत ह मा क सतन क जगह सगरट ल लती ह

और तम उस चसत रहत हो यह सतन ह ह मा का सतन मा का चचक और गम धआ नकलता ह वह मा का दध

इसलए छटपन म4 िजनको मा क सतन क पास उतना नह रहन Vदया गया िजतना व चाहत थ व पीछ चलकर धपान

करन लगत ह यह Bबलकल भल गए ह और वकलप स भी काम चल जाएगा इसलए अगर तम सगरट पीत हो तो

धपान ह बन जाओ सगरट को भल जाओ पीन वाल को भल जाओ और धपान ह बन रहो

एक वषय ह िजस तम चसत हो एक वषयी ह जो चसता ह और उनक बीच चसन क चोषण क 02या ह तम चोषण

बन जाओ 02या बन जाओ इस योग करो पहल कई चीज- स योग करना होगा और तब तम जान-ग 0क तZ हार लए

+ या चीज सह ह

तम पानी पी रह हो ठडा पानी भीतर जा रहा ह तम पानी बन जाओ पानी न पीओ पानी को भल जाओ अपन को भल

जाओ अपनी ] यास को भी और मा पानी बन जाओ 02या म4 ठडक ह 9 पश ह वश ह और पानी हmdashवह सब बन रहो

+ य- नह + या होगा यVद तम चोषण बन जाओ तो + या होगा

यVद तम चोषण बन जाओ तो तम नद|ष हो जाओगmdashठUक वस जस थम Vदन जG मा हआ शश होता ह + य-0क वह थम

02या ह एक तरह स आप पीछ क और याा कर4ग ल0कन उसक ललक लालसा भी तो ह आदमी का परा अि9 ततव

उस 9तन पान क लए तड़पता ह उसक लए वह कई योग करता ह ल0कन कछ भी काम नह आता + य-0क वह Bबद ह

खो गया ह जब तक तम चसना नह बन जात तब तक कछ भी काम नह आएगा इसलए इस योग म4 लाओ

एक आदमी को म_न यह वध द थी उसन कई वधया योग क थी तब वह मर पास आया उसस म_न कहा यVद म_

समच ससार स कवल एक चीज ह तZ ह4 चनन को द तो तम + या चनोग और म_न तरत उस यह भी कहा 0क आख बद करो

और इस पर तम कछ भी सोच Bबना मझ बताओ वह डरन लगा lझझकन लगा तो म_न कहा न डर- और न lझझाको मझ

9 पषट बताओ उसन कहा यह तो बहदा मालम पड़ता ह ल0कन मर सामन एक सतन उभर रहा ह और यह कहकर वह

अपराध भाव अनभव करन लगा तो म_न कहा मत अपराध भाव अनभव करो सतन म4 गलत + या ह सवाधक सदर

चीज- म4 सतन एक ह 0फर अपराध भाव + य-

ल0कन उस आदमी न कहा यह चीज तो मर लए 9 तता बन गई ह इसलए अपनी वध बतान क पहल आप कपा कर

यक बताए 0क म_ + य- ि9 य- क 9 तन- म4 इतना उlt सक ह जब भी म_ 0कसी 9ी को दखता ह पहल उसका सतन ह मझ

Vदखाई दता ह शष शरर उतन महतव का नह रहता

और यह बात कवल उसक साथ ह लाग नह ह lt यक क साथ ात lt यक क साथ लाग ह और यह Bबलकल 9 वाभावक

ह + य-0क मा का सतन क जगत क साथ आदमी का पहला पPरचय बनता ह यह बनयाद ह जगत क साथ पहला सपक

मा क सतन बनता ह यह कारण ह 0क सतन म4 इतना आकषण ह सतन इतना सदर लगता ह उसम एक चबकय शि+ त

इसलए म_न उस gt यि+ त स कहा 0क अब म_ तमको वध दगा और यह वध थी जो म_न उस द 0कसी चीज को चसो और

चसना बन जाओ म_न बताया 0क आख4 बद कर लो और अपनी मा का सतन याद करो या और कोई सतन जो तZ ह4 पसद हो

कY पना करो और ऐस चसना शM करो 0क यह असल सतन ह शM करो

उसन चसना शM 0कया तीन Vदन क अदर वह इतनी तजी स पागलपन क साथ चसन लगा और वह इसक साथ इतना म

मध हो गया 0क उसन एक Vदन आकर मझस कहा यह तो सम9 या बन गई ह सात Vदन म4 चसता ह रहा ह और यह

इतना सदर ह और इसम ऐसी गहर शात पदा होती हlsquorsquo और तीन महन क अदर उसका चोषण एक मौन मा बन गया

तम ह-ठ- स समझ नह सकत 0क वह कछ कर रहा ह ल0कन अदर स चसना जार था सारा समय वह चसता रहता यह

जब बन गया

तीन महन बाद उसक मझस कहा lsquorsquoकछ अनठा मर साथ घVटत हो रहा ह नरतर कछ मीठU व सर स मर जीभ पर

बरसता ह और यह इतना मीठा और शि+ तदायक ह 0क मझ 0कसी और भोजन क जMरत नह रह भख समापत हो गई

ह और भोजन मा औपचाPरत हो गया पPरवार म4 सम9 या न बन इसलए म_ दध लता ह ल0कन कछ मझ मल रहा ह जो

बहत मीठा ह बहत जीवनदायी हlsquorsquo

म_न उस यह वध जार रखन को कहा

तीन महन और और वह एक Vदन नाचता हआ पागल सा मर पास आया और बोला चसना तो चला गया ल0कन अब म_

दसरा ह आदमी हो गया ह अब म_ वह नह रहा ह जो पहल था मर लए कोई Cवार खल गया ह कछ टट गया ह और

कोई आकाQा शष नह रह अब म_ कछ भी नह चाहता ह न परमाlt मा न मोQ अब जो ह जसा ह ठUक ह म_ उस

9 वीकारता ह और आनVदत हlsquorsquo

इस योग म4 लाओ 0कसी चीज को चसो और चसना बन जाओ यह बहत- क लए उपयोगी होगा + य-0क यह इतना

आधारभत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-10

शथल होन क पहल वध

त-सmdashवध-10 वान भरव तndashओशो

)य दवी )म 6कए जान क Iण म0 )म म0 ऐस )वश करो जस 6क वह 9नतय जीवन हो

शव म स शM करत ह पहल वध म स सबधत ह + य-0क तZ हार शथल होन क अनभव म4 म का अनभव

नकटतम ह अगर तम म नह कर सकत हो तो तम शथल भी नह हो सकत हो और अगर तम शथल हो सक तो

तZ हारा जीवन मपण हो जाएगा

एक तनावसत आदमी म नह कर सकता + य- + य-0क तनावसत आदमी सदा उशय स योजन स जीता ह वह

धन कमा सकता ह ल0कन म नह कर सकता + य-0क म योजन-रVहत ह म कोई व9 त नह ह तम उस सहत

नह कर सकत तम उस ब_क खात म4 नह डाल सकत तम उसस अपन अहकार क पिO ट नह कर सकत सच तो यह ह 0क

म सब स अथहन काम ह उसस आग उसका कोई अथ नह ह उसस आग उसका कोई योजन नह ह म अपन आप म4

जीता ह 0कसी अनय चीज क लए नह

तम धन कमात होmdash0कसी योजन स वह एक साधन नह ह तम मकान बनात होmdash0कसी क रहन क लए वह भी एक

साधन ह म साधन नह ह तम + य- म करत हो 0कस लए म करत हो

म अपना लQय आप ह यह कारण ह 0क Vहसाब 0कताब रखन वाला मन ता0क क मन योजन क भाषा म4 सोचन वाला

मन म नह कर सकता और जो मन योजन क भाषा म4 सोचता ह वह तनावसत होगा + य-0क योजन भवषय म4 ह

परा 0कया जा सकता ह यहा और अभी नह

तम एक मकान बना रह हो तम उसम4 अभी ह नह रह सकत पहल बनाना होगा तम भवषय म4 उसम रह सकत हो अभी

नह तम धन कमात हो ब_क बल4स भवषय म4 बनगा अभी नह अभी साधन का उपयोग कर सकत हो साधय भवषय म4

आएग

म सदा यहा ह और अभी ह म का कोई भवषय नह ह यह वजह ह 0क म L यान क इतन करब ह यह वजह ह 0क

मlt य भी L यान क इतन करब ह + य-0क मlt य भी यहा और अभी ह वह भवषय म4 नह घटती

+ या तम भवषय म4 मर सकत हो वतमान म4 ह मर सकत हो कोई कभी भवषय म4 नह मरा भवषय म4 कस मर सकत

हो या अतीत म4 कस मर सकत हो अतीत जा चका वह अब नह ह इसलए अतीत म4 नह मर सकत और भवषय अभी

आया नह ह इसलए उसम कस मरोग

मlt य सदा वतमान म4 होती ह मlt य म और L यान सब वतमान म4 घVटत होत ह इसलए अगर तम मlt य स डरत हो तो

तम म नह कर सकत अगर तम मlt य स भयभीत हो तो तम L यान नह कर सकत और अगर तम L यान स डर हो तो

तZ हारा जीवन gt यरथ होगा 0कसी योजन क अथ म4 जीवन gt यथ नह होगा वह gt यथ इस अथ म4 होगा 0क तZ ह4 उसम4

0कसी आनद क अनभत नह होगी जीवन अथहन होगा

इन तीन- कोmdashम L यान और मlt य कोmdashएक साथ रखना अजीब मालम पड़गा वह अजीब ह नह व समान अनभव ह

इसलए अगर तम एक म4 वश कर गए तो शष दो म4 भी वश पा जाओग

शव म स शM करत ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो जस 0क वह नतय जीवन हlsquorsquo

इसका + या अथ ह कई चीज4 एक जब तZ ह4 म 0कया जाता ह तो अतीत समापत हो जाता ह और भवषय भी नह बचता

तम वतमान क आयाम म4 गत कर जात हो तम अब म4 वश कर जात हो + या तमन कभी 0कसी को म 0कया ह यVद

कभी 0कया ह तो जानत हो 0क उस Qण मन नह होता ह

यह कारण ह 0क तथाकथत बमान कहत ह 0क म अध होत ह मन शGय और पागल होत ह व9 तत व सच कहत ह

मी इस अथ म4 अध होत ह 0क भवषय पर अपन 0कए का Vहसाब रखन वाल आख उनक पास नह होती व अध ह

+ य-0क व अतीत को नह दख पात मय- को + या हो जाता ह

व अभी और यह म4 सरक आत ह अतीत और भवषय क चता नह करत + या होगा इसक चता नह लत इस कारण व

अध कह जात ह व ह जो गlणत करत ह उनक लए व अध ह और जो गlणत नह करत उनक लए आख वाल ह जो

Vहसाबी नह ह व दख ल4ग 0क म ह असल आख ह वा9 तवक aिO ट ह

इसलए पहल चीज क म क Qण म4 अतीत और भवषय नह होत ह तब एक नाजम Bबद समझन जसा ह जब अतीत

और भवषय नह रहत तब + या तम इस Qण को वतमान कह सकत हो यह वतमान ह दो क बीच अतीत और भवषय क

बीच यह सापQ ह अगर अतीत और भवषय नह रह तो इस वतमान कहत म4 + या तक ह वह अथहन ह इसीलए शव

वतमान शबद का gtयवहार नह करत व कहत ह नतय जीवन उनका मतलब शाशवत स हmdashशाशवत म4 वश करो

हम समय को तीन Vह9 स- म4 बाटत हmdashभत भवषय और वतमान यह वभाजन गलत ह सवथा गलत ह कवल भत और

भवषय समय ह वतमान समय का Vह9 सा नह ह वतमान शाशवत का Vह9 सा ह जो बीत गया वह समय ह जो आन

वाला ह समय ह

ल0कन जो ह वह समय नह ह + य-0क वह कभी बीतता नह ह वह सदा ह अब सदा ह वह सदा ह यह अब शाशवत ह

अगर तम अतीत स चलो तो तम कभी वतमान म4 नह आत अतीत स तम सदा भवषय म4 याा करत हो उसम कोई Qण

नह आता जो वतमान हो तम अतीत स सदा भवषय म4 गत करत रहत हो आकर वतमान स तम और वतमान म4 गहर

उतरत हो अधकाधक वतमान म4 यह नतय जीवन ह

इस हम इस तरह भी कह सकत ह अतीत स भवषय तक समय ह समय का अथ ह 0क तम समतल भम पर और सीधी

रखा म4 गत करत हो या हम उस Qतज कह सकत ह और िजस Qण तम वतमान म4 होत हो आयाम बदल जाता ह

तZ हार गत ऊL वाधर ऊपर-नीच हो जाती ह तम ऊपर ऊचाई क और जात हो या नीच गहराई क और जात हो ल0कन

तब तZ हार गत Qतज या समतल नह होती ह

ब और शव शाशवत म4 रहत ह समय म4 नह

जीसस स पछा गया 0क आपक भ क राजय म4 + या होगा जो पछ रहा था वह समय क बार म4 नह पछ रहा था वह जानना

चाहता था 0क वहा उसक वासनाओ का + या होगा व कस पर ह-गी वह पछ रहा था 0क + या वहा अनत जीवन होगा या

वहा मlt य भी होगी + या वहा दःख भी रहगा और छोट और बड़ लोग भी ह-ग जब उसन पछा 0क आपक भ क राजय म4

+ या होगा तब वह इसी दनया क बात पछ रहा था

और जीसस न उततर Vदयाmdashयह उततर झन सत क उततर जसा हmdashlsquorsquoवहा समय नह होगाlsquorsquo िजस gt यि+ त को यह उततर

Vदया गया था उसन कछ नह समझा होगा जीसस न इतना ह कहाmdashवहा समय नह होगा + य- + य-0क समय Qतज ह

और भ का राजय ऊLवगामी ह वह शाशवत ह वह सदा यहा ह उसम वश क लए तZ ह4 समय स हट भर जाना ह

तो म पहला Cवारा ह इसक Cवारा तम समय क बाहर नकल सकत हो यह कारण ह 0क हर आदमी म चाहता ह हर

आदमी म करना चाहता ह और कोई नह जानता ह 0क म को इतनी मVहमा + य- द जाती ह म क लए इतनी गहर

चाह + य- ह और जब तक तम यह ठUक स न समझ लो तम न म कर सकत हो और न पा सकत हो + य-0क इस धरती पर

म गहन स गहन घटना ह

हम सोचत ह 0क हर आदमी जसा वह ह म करन को सQम ह वह बात नह ह और इसी कारण स तम म म4 नराशा

होत हो म एक और ह आयाम ह यVद तमन 0कसी को समय क भीतर म करन क कोशश क तो तZ हार कोशश

हारगी समय क रहत म सभव नह ह

मझ एक कथा याद आती ह मीरा कषण क म म4 थी वह गVहणी थीmdashएक राजकमार क पlt नी राजा को कषण स ईO या

होन लगी कषण थ नह व शरर स उपि9 थत नह थ कषण और मीरा क शारPरक मौजदगी म4 पाच हजार वष[ का

फासला था इसलए यथाथ म4 मीरा कषण क म म4 कस हो सकती थी समय का अतराल इतना लबा था

एक Vदन राणा न मीरा स पछा तम अपन म क बात 0कए जाती हो तम कषण क आसपास नाचती-गाती हो ल0कन

कषण ह कहा तम 0कसक म म4 हो 0कसस सतत बात4 0कए जाती हो

मीरा न कहा कषण यहा ह तम नह हो + य-0क कषण शाशवत ह तम नह हो व यहा सदा ह-ग सदा थ व यहा ह तम

यहा नह हो एक Vदन तम यहा नह थ 0कसी Vदन 0फर यहा नह होओग इसलए म_ कस वR वास कM 0क इन दो

अनि9ततव क बीच तम हो दो अनि9तltव क बीच अि9 ततव + या सभव ह

राणा समय म4 ह और कषण शाशवत म4 ह तम राणा क नकट हो सकत हो ल0कन दर नह मटाई जा सकती तम दर ह

रहोग और समय म4 तम कषण स बहत दर हो सकत हो तो भी तम उनक नकट हो सकत हो यह आयाम ह और ह

म_ आपन सामन दखता ह वहा दवार ह 0फर म_ अपनी आख- को आग बढ़ाता ह और वहा आकाश ह जब तम समय म4

दखत हो तो वहा दवार ह और जब तम समय क पार दखत हो तो वहा खला आकाश ह अनत आकाश

म अनत का Cवार खोल सकता ह अि9 ततव क शाR वतता का Cवार इसलए अगर तमन कभी सच म4 म 0कया ह तो

म को L यान क वध बनाया जा सकता ह यह वहा वध ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो

जस 0क यह नतय जीवन होlsquorsquo

बाहर-बाहर रहकर मी मत बनो मपण होकर शाशवत म4 वश करो जब तम 0कसी को म करत हो तो + या तम वहा

मी क तरह होत हो अगर होत हो तो समय म4 हो और तZ हारा म झठा ह नकल ह अगर तम अब भी वहा हो और

कहत हो 0क म_ ह तो शारPरक Mप स नजदक होकर भी आL यािlt मक Mप स तZ हार बीच दो ~व- क दर कायम रहती ह

म म4 तम न रहो सफ म रह इसलए म ह हो जाओ अपन मी या मका को दलार करत समय दलार ह हो जाओ

चबन लत समय चसन वाल या चम जान वाल मत रहो चबन ह बन जाओ अहकार को Bबलकल भल जाओ म क कतय

म4 धल-मल जाओ कतय म4 इतनी गहर समा जाओ 0क कता न रह

और अगर तम म म4 नह गहर उतर सकत तो खान और चलन म4 गहर उतरना कVठन होगा बहत कVठन होगा + य-0क

अहकार को वसिजत करन क लए म सब स सरल माग ह इसी वजह स अहकार लोग म नह कर पात व म क बार म4

बात4 कर सकत ह गीत गा सकत ह लख सकत ह ल0कन व म नह कर सकत अहकार म नह कर सकता ह

शव कहत ह म ह हो जाओ जब आलगन म4 हो तो आलगन हो जाओ चबन लत समय चबन हो जाओ अपन को इस

पर तरह भल जाओ 0क तम कह सको 0क म_ अब नह ह कवल म ह तब दय नह धड़कता ह म क धड़कता ह तब

खन नह दौड़ता ह म ह दौड़ता ह तब आख नह दखती ह म ह दखता ह तब हाथ छन को नह बढ़त ह म ह छन को

बढ़ता ह म बन जाओ और शाशवत जीवन म4 वश करो

म अचानक तZ हार आयाम को बदल दता ह तम समय स बाहर फ4 क Vदय जात हो तम शाशवत क आमन-सामन खड़ हो

जात हो म गहरा L यान बन सकता हmdashगहर स गहरा और कभी-कभी मय- न वह जाना ह जो सत- न भी नह जाना

कभी-कभी मय- न उस क4 को छआ ह जो अनक योगय- न नह छआ

शव को अपनी या दवी क साथ दखो उG ह4 L यान स दखो व दो नह मालम होत व एक ह ह यह एकात इतना गहरा ह

हम सबन शव लग दख ह य ल_गक तीक ह शव क लग का तीक ह ल0कन वह अकला नह ह वह दवी क योन म4

ि9 थत ह परान Vदन- क Vहद बड़ साहसी थ अब जब तम शवलग दखत हो तो याद नह रहता 0क यह एक ल_गक तीक ह

हम भल गए ह हमन चOटा पवक इस पर तरह भला Vदया ह

स मनोवानक जग न अपनी आतमकथा म4 अपन स9 मरण- म4 एक मजदार घटना का उY लख 0कया ह वह भारत

आया और कोणाक दखन को गया कोणाक क मVदर म4 शवलग ह जो पWडत उस समझाता था उसन शवलग क सवाय

सब कछ समझाया और व इतन थ 0क उनस बचना मिR कल था जग तो सब जानता था ल0कन पWडत को सफ चढ़ान क

लए पछता रहा क य + या ह तो पWडत न आlखर जग क कान म4 कहा 0क मझ यहा मत पछय म_ पीछ आपको बताऊगा

यह गोपनीय ह

जग मन ह मन हसा होगा य ह आज क Vहद 0फरा बहार आकर पWडत न कहा 0क दसर- क सामन आपका पछना उचत न

था अब म4 बताता ह यह गपत चीज ह और तब 0फर उसन जग क कान म4 कहा य हमार ग] ताग ह

जग जब यहा स वापस गया तो वहा वह एक महान वCवान स मला पवyय चतन मथक और दशन क वCवान हनPरख

िजमर स जग न यह 0क9 सा िजमर को सनाया िजमर उन थोड़ स मनीषय- म4 था िजG ह-न भारतीय चतन म4 डबन क

चOटा क थी और वह भारत का उसक वचारणा का जीवन क त उसक अता0क क रह9 यवाद aिOट वाद aिO टकोण का

मी था जब उसन जग स यह सना तो वह हसा और बोला बदलाहट क लए अf छा ह म_न ब कषण महावीर जस महान

भारतीय- क बार म4 सना ह तम तो सना रह हो वह 0कसी महान भारतीय क सबध म4 नह भारतीय- क सबध म4 कछ कहता

शव क लए म महाCवार ह और उनक लए कामवासना नदनीय नह ह उनक लए काम बीज ह और म उसका फल

ह और अगर तम बीज क नदा करत हो तो फल क भी नदा अपन आप हो जाती ह काम म बन सकता ह और अगर

वह कभी म नह बनता ह तो वह पग हो जाता ह पगता क नदा करो काम क नह म को lखलना चाVहए उसको म

बनना चाVहए और अगर यह नह होता ह तो यह काम दोष नह ह यह दोष तZ हारा ह

काम को काम नह रहना ह यह त क शQा ह उस म म4 MपातPरत होना ह चाVहए और म को भी म ह नह रहना

ह उस काश म4 L यान क अनभव म4 अतम परम रह9 यवाद शखर म4 MपातPरत होना चाVहए म को MपातPरत कस

0कया जाए

कतय हो जाओ और कता को भल जाओ म करत हए म महज म हो जाओ तब यह तZ हारा म मरा म या 0कसी

अनय का म नह ह तब यह मा म ह जब 0क तम नह हो जब 0क तम परम 9 ोत या धारा क हाथ म4 हो तब 0क तम

म म4 हो तम म म4 नह हो म न ह तZ ह4 आlt मसात कर लया ह तम तो अतधान हो गए हो मा वाहमान ऊजा

बनकर रह गए हो

इस यग का एक महान सजनातमक मनीषी डी एच लॉर4स जान अनजान त वद था पिR चम म4 व पर तरह नVदत

हआ उसक 0कताब4 जबत हई उस पर अदालत- म4 अनक मकदम चल सफ इसलए 0क उसन कहा 0क काम ऊजा एक

मा ऊजा ह और अगर तम उसक नदा करत हो दमन करत हो तो तम जगत क lखलाफ हो और तब तम कभी भी इस

ऊजा क परम lखलावट को नह जान पाओग और दमत होन पर यह कMप हो जाती ह और यह द9च2 ह

परोVहत नीतवाद तथाकथत धामक लोग पोप शकराचाय और दसर लोग काम क सतत नदा करत ह व कहत ह 0क

यह एक कMप चीज ह और तम इसका दमन करत होत तो यह सचमच कMप हो जाती ह तब व कहत ह 0क दखो जो हम

कहत थ वह सच नकला तमन ह इस स कर Vदया तम जो भी कर रह हो वह कMप ह और तम जानत हो 0क वह कMप

ल0कन काम 9 वय म4 कMप नह ह परोVहत- न उस कMप कर Vदया ह और जब व इस कMप कर चकत ह तब व सह साBबत

होत ह ओर जब व सह साBबत होत ह तो तम उस कMप स कMप तर 0कए दत हो काम तो नद|ष ऊजा ह तम म4 वाVहत

होता जीवन ह जीवत अि9 ततव ह उस पग मत बनाओ उस उसक शखर- क याा करन दो उसका अथ ह 0क काम को

म बनना चाVहए फक + या ह

जब तZ हारा मन कामक होता ह तो तम दसर का शोषण कर रह हो दसरा मा एक य होता ह िजस इ9 तमाल करक फ4 क

दना ह और जब काम म बनता ह तब दसरा य नह होता दसर का शोषण नह 0कया जाता दसरा सच म4 दसरा नह

होता तब तम म करत हो तो यह सव-क4 Vत नह ह उस हालत म4 तो दसरा ह महlt वपण होता ह अनठा होता ह तब तम

एक दसर का शोषण नह करत तब दोन- एक गहर अनभव म4 सिZ मलत हो जात हो साझीदार हो जात हो तम शोषक और

शोषत न होकर एक दसर को म क और ह दनया म4 याा करन म4 सहायता करत हो काम शोषण ह म एक भनन

जगत म4 याा ह

अगर यह याा Qlणक न रह अगर यह याा L यान पण हो जाए अथात अगर तम अपन को Bबलकल भल जाओ और मी

मका वलन हो जाए और कवल म वाVहत होता रह तो शव कहत हmdashlsquorsquoशाशवत जीवन तZ हारा हlsquorsquo

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-11

शथल होन क दसर वध

त-सmdashवध-11 वान भरव त-ओशो

जब चीट क र0गन क अनभ9त हो तो इ=1य2 क Gवार बद कर दो तब

यह बहत सरल Vदखता ह ल0कन उतना सरल ह नह म_ इस 0फर स पढ़ता ह lsquorsquo जब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय-

क Cवार बद कर दो तबlsquorsquo यक एक उदाहरण मा ह 0कसी भी चीज स काम चलगा इVय- क Cवार बद कर दो जब चीट

क र4गन क अनभत हो और तबmdashतब घटना घट जाएगी शव कह + या रह ह

तZ हार पाव म4 काटा गड़ा ह वह दद दता ह तम तकलफ म4 हो या तZ हार पाव पर एक चीट र4ग रह ह तZ ह4 उसका र4गना

महसस होता ह और तम अचानक उस हटाना चाहत हो 0कसी भी अनभव को ल सकत ह तZ ह4 धाव ह जो दखता ह

तZ हार सर म4 दद ह या कह शरर म4 दद ह वषय क Mप म4 0कसी स भी काम चलगा चीट का र4गना उदाहरण भर ह

शव कहत ह lsquorsquoजब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

जो भी अनभव हो इVय- क सब Cवार बद कर दो करना + या ह आख4 बद कर लो और सोचो 0क म_ अधा ह और दख नह

सकता अपन कान बद कर लो और सोचो 0क म_ सन नह सकता पाच इVया ह उन सब को बद कर लो ल0कन उG ह4 बद

कस करोग

यह आसान नह ह Qण भर क लए R वास लना बद कर दो और तZ हार सब इVया बद हो जायगी और जब R वास tक ह

और इVया बद ह तो र4गना कहा ह चीट कहा ह अचानक तम दर बहत दर हो जात हो

मर एक म ह व ह व एक बार सीढ़ स गर पड़ और डॉ+टर- न कहा 0क अब व तीन महन- तक खाट स नह Vहल

सक4 ग तीन महन वkाम म4 रहना ह और व बहत अशात gt यि+ त थ पड़ रहना उनक लए कVठन था म_ उG ह4 दखन गया

उG ह-न कहा 0क मर लए ाथना कर4 और मझ आशीष द4 0क म4 मर जाऊ + य-0क तीन महन पड़ रहना मौत स भी बदतर ह

म_ पतथर क तरह कस पडा रह सकता ह और सब कहत ह 0क Vहलए मत

म_न उनस कहा यह अf छा मौका ह आख4 बद कर4 और सोच4 0क म_ पतथर ह मत वत अब आप Vहल नह सकत आlखर

कस Vहल4ग आख बद कर4 और पतथर क मत हो जाए उG ह-न पछा 0क उसस + या होगा म_न कहा क योग तो कर4 म_

यहा बठा ह और कछ 0कया भी नह जा सकता जस भी हो आपको तो यहा तीन महन पड़ रहना ह इसलए योग कर4

वस तो व योग करन वाल जीव नह थ ल0कन उनक यह ि9 थत ह इतनी असभव थी 0क उG ह-न कहा 0क अf छा म_ योग

कMगा शायद कछ हो वस मझ भरोसा नह आता 0क सफ यह सोचन स 0क म_ पतथरवत ह कछ होन वाला ह ल0कन म_

योग कMगा और उG ह-न 0कया

मझ भी भरोसा नह था 0क कछ होन वाला ह + य-0क व आदमी ह ऐस थ ल0कन कभी-कभी जब तम असभव और नराश

ि9 थत म4 होत हो तो चीज4 घVटत होन लगती ह उG ह-न आख4 बद कर ल म_ सोचता था 0क दो तीन मनट म4 व आख

खोल4ग और कह4ग 0क कछ नह हआ ल0कन उG ह-न आख4 नह खोल तीस मनट गजर गए और म_ दख सका 0क व

पतथर हो गए ह उनक माथ पर स सभी तनाव वलन हो गए उनका चहरा बदल गया मझ कह और जाना था ल0कन व

आख बद 0कए पड़ थ और व इतन शात थ मानो मर गए ह उनक R वास शात हो चल थी ल0कन + य-0क मझ जाना था

इसलए म_न उनस कहा 0क अब आख खोल4 और बताए 0क + या हआ

उG ह-न जब आख खोल तब व एक दसर ह आदमी थ उG ह-न कहा यह तो चमlt कार ह आपन मर साथ + या 0कया म_न

कछ भी नह 0कया उG ह-न 0फर कहा 0क आपन जMर कछ 0कया + य-0क यह तो चमlt कार ह जब म_न सोचना शM 0कया

0क म_ पतथर जसा ह तो अचानक यह भाव आया 0क यVद म_ अपन हाथ Vहलाना भी चाहता ह तो उG ह4 Vहलाना भी असभव ह

म_न कइ बार अपनी आख4 खोलनी चाह ल0कन व पतथर जसी हो गई थी और नह खल पा रह थी और उG ह-न कहा म_

चतत भी होन लगा 0क आप + या कह4ग इतनी दर हई जाती ह ल0कन म_ असमथ था म_ तीस मनट तक Vहल नह सका

और जब सब गत बद हो गई तो अचानक ससार वलन हो गया और म_ अकला रह गया अपन आप म4 गहर चला गया

और उसक साथ दद भी जाता रहा

उG ह4 भार दद था रात को o_ि+वलाइजर क Bबना उG ह4 नीद नह आती थी और वसा दद चला गया म_न उनस पछा 0क जब

दद वलन हो रहा था तो उG ह4 कसा अनभव हो रहा था उG ह-न कहा 0क पहल तो लगा 0क दद ह पर कह दर पर ह 0कसी

और को हो रहा ह और धीर-धीर वह दर और दर होता गया और 0फर एक दम स ला पता हो गया कोई दस मनट तक दद

नह था पतथर क शरर को दद कस हो सकता ह

यह वध कहती ह lsquorsquoइVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

पतथर क तरह हो जाओ जब तम सच म4 ससार क लए बद हो जात हो तो तम अपन शरर क त भी बद हो जात हो

+ य-0क तZ हारा शरर तZ हारा Vह9 सा न होकर ससार का Vह9 सा ह जब तम ससार क त Bबलकल बद हो जात हो तो अपन

शरर क त भी बद हो गए और तब शव कहत ह तब घटना घटगी

इसलए शरर क साथ इसका योग करो 0कसी भी चीज स काम चल जाएगा र4गती चीट ह जMर नह ह नह तो तम

सोचोग 0क जब चीट र4गगी तो L यान कर4ग और ऐसी सहायता करन वाल चीVटया आसानी स नह मलती इसलए 0कसी

सी भी चलगा तम अपन Bबसतर पर पड़ हो और ठडी चादर महसस हो रह ह उसी Qण मत हो जाओ अचानक चादर दर

होन लगगी वलन हो जाएगी तम बद हो मत हो पतथर जस हो िजसम कोई भी र~ नह ह तम Vहल नह सकत

और जब तम Vहल नह सकत तो तम अपन पर फ4 क Vदय जात हो अपन म4 क4 Vत हो जात हो और तब पहल बार तम

अपन क4 स दख सकत हो और एक बार जब अपन क4 स दख लया तो 0फर तम वह gt यि+ त नह रह जाओग जो थ

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-12

शथल होन क तीसर वध

त-सmdashवध-12 वान भरव तndashओशो

जब 6कसी बसतर या आसमान पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पार

तम यहा बठ हो बस भाव करो 0क तम वजनशनय हो गए हो तZ हारा वज़न न रहा तZ ह4 पहल लगगा 0क कह यहा वज़न

ह वजनशनय होन का भाव जार रखो वह आता ह एक Qण आता ह जब तम समझोग 0क तम वज़न शनय हो वज़न

नह ह और जब वज़न शनय नह रहा तो तम शरर नह रह + य-0क वज़न शरर का ह तZ हारा नह तम तो वज़न शनय

हो

इस सबध म4 बहत योग 0कए गय ह कोई मरता ह तो ससार भर म4 अनक वानक- न मरत हए gt यि+ त का वज़न लन क

कोशश क ह अगर कछ फक हआ अगर कछ चीज शरर क बहार नकल ह कोई आlt मा या कछ अब वहा नह ह + य-0क

वान क लए कछ भी Bबना वज़न क नह ह

सब पदाथ क लए वज़न बनयाद ह सय क 0करण- का भी वज़न ह वह अlt यत कम ह G यन ह उसको मापना भी कVठन

ह ल0कन वानक- न उस भी मापा ह अगर तम पाच वग मील क Q पर फल सब सय 0करण- को इका कर सको तो

उनका वज़न एक बाल क वज़न क बराबर होगा सय 0करण- का भी वज़न ह व तौल जा सकती ह वान क लए कछ भी

वज़न क Bबना नह ह और अगर कोई चीज वज़न क Bबना ह तो वह पदाथ नह उप पदाथ और वान पछल बीस पf चीस

वष| तक वR वास करता था 0क पदाथ क अतPरकत कछ नह ह इसलए जब कोई मरता ह और कोई चीज शरर स

नकलती ह तो वज़न म4 फक पड़ना चाVहए

ल0कन यह फक कभी न पडा वज़न वह का वह रहा कभी-कभी थोड़ा बढ़ा ह ह और वह सम9 या ह िजदा आदमी का

वज़न कम हआ मदा का ` यादा उसम उलझन बढ़ + य-0क वानक तो यह पता लन चल थ 0क मरन पर वज़न घटता ह

तभी तो व कह सकत ह 0क कछ चीज बाहर गई ल0कन वहा तो लगता ह 0क कछ चीज अदर ह आई आlखर हआ + या

वज़न पदाथ का ह ल0कन तम पदाथ नह हो अगर वजन शGयता क हम वध का योग करना ह तो तZ ह4 सोचना चाVहए

सोचना ह नह भाव करना चाVहए 0क तZ हारा शरर वजनशGय हो गया ह अगर तम भाव करत ह गए भाव करत ह गए

तो तम वजनशGय हो तो एक Qण आता ह 0क तम अचानक अनभव करत हो 0क तम वज़न शनय हो गय तम वजनशGय

ह हो इसलए तम 0कसी समय भी अनभव कर सकत हो सफ एक ि9 थत पदा करनी ह िजसम4 तम 0फर अनभव करो

0क तम वजनशनय हो तZ ह4 अपन को सZ मोहन मकत करना ह

तZ हारा सZ मोहन + या ह सZमोह न यह ह 0क तमन वR वास 0कया ह 0क म_ शरर ह और इसलए वज़न अनभव करत हो

अगर तम 0फर स भाव कर- वR वास करो 0क म_ शरर नह ह तो तम वज़न अनभव नह करोग यह सZ मोहन मि+ त ह 0क

जब तम वज़न अनभव नह करत तो तम मन क पार चल गए

शव कहत ह lsquorsquoजब 0कसी Bबसतर या आसन पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पारlsquorsquo तब बात घटती ह

मन का भी वज़न ह lt यक आदमी क मन का वज़न ह एक समय कहा जाता था 0क िजतना वज़नी मि9 तषक हो उतना

बमान होता ह और आमतौर स यह बात सह ह ल0कन हमशा सह नह ह + य-0क कभी-कभी छोट मि9 तषक क भी

महान gt यि+ त हए ह और महा मख मि9 तषक भी वज़नी होत ह

कछ बात4 कभी-कभी मद| का वज़न + य- बढ़ जाता ह ` य- ह चतना शरर को छोड़ती ह 0क शरर असरmQत हो जाता ह

बहत सी चीज4 उसम4 वश कर जा सकती ह तZ हार कारण व वश नह कर सकती ह एक शव म4 उनक तरग4 वश कर

सकती ह तमम4 नह कर सकती ह तम यहा थ शरर जीवत था वह अनक चीज- स बचाव कर सकता था यह कारण ह

0क तम एक बार बीमार पड़ 0क यह एक लबा सलसला हो जाता ह एक क बाद दसर बीमार आती चल जाती ह एक बार

बीमार होकर तम असरmQत हो जात हो हमल क त खल जात हो तरोध जाता रहता ह तब कछ भी वश कर सकता

ह तZ हार उपि9 थत शरर क रQा करती ह इसलए कभी-कभी मत शरर का वज़न बढ़ सकता ह + य-0क िजस Qण तम

उसस हटत हो उसम कछ भी वश कर सकता ह

दसर बात ह 0क जब तम सखी होत हो तो तम वजनशनय अनभव करत हो और दःखी होत हो तो वज़न अनभव करत हो

लगता ह 0क कछ तZ ह4 नीच को खीच रहा ह तब गtltवाकषण बहत बढ़ जाता ह दःख क हालत म4 वज़न बढ़ जाता ह जब

तम सखी होत हो तो हलक होत हो तम ऐसा अनभव करत हो + य- + य-0क जब तम सखी हो जब तम आनद का Qण

अनभव करत हो तो तम शरर को Bबलकल भल जात हो और जब उदास होत हो दःखी होत हो तब शरर क अत नकट

आ जात हो उस भल नह पात उसस जड़ जात हो तब तम भार अनभव करत हो य भार तZ हारा नह ह तZ हार शरर स

चपकन का ह शरर का ह वह तZ ह4 नीच क और खीच रहा ह जमीन क तरफ खीचता ह मान- तम जमीन म4 गड़ जा रह

हो सख म4 तम नभार होत हो शोक म4 वषाद म4 वज़नी हो जात हो

इसलए गहर L यान म4 जब तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तम जमीन स ऊपर हवा म4 उठ सकत हो तZ हार

साथ तZ हारा शरर भी ऊपर उठ सकता ह कई बार ऐसा होता ह

बोलवया म4 वानक एक 9 ी का नरQण कर रह ह L यान करत हए वह जमीन स चार फट ऊपर उठ जाती ह अब तो

यह वानक नरQण क बात ह उसक अनक फोटो और 0फलम लए जा चक ह हजार- दशक- क सामन वह 9 ी

अचानक ऊपर उठ जाती ह उसक लए गtltवाकषण gt यथ हो जाता ह अब तक इस बात क सह gt याr या नह क जा सक

ह 0क + य- होता ह ल0कन वह 9 ी गर-L यान क अव9 था म4 ऊपर नह उठ सकती या अगर उसक L यान म4 बाधा हो जाए

तो भी वह ऊपर स झट नीच आ जाती ह + या होता ह

L यान क गहराई म4 तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तादाlt मय टट जाता ह शरर बहत छोट चीज ह और तम

बहत बड़ हो तZ हार शि+ त अपPरसीम ह तZ हार मकाबल म4 शरर तो कछ भी नह ह यह तो ऐसा ह ह 0क जस एक

साट न अपन गलाम क साथ तादाlt मय 9 थापत कर लया ह इसलए जस गलाम भीख मागता ह वस ह साट भी भीख

मागता ह जस गलाम रोता ह वस ह साट भी रोता ह और जब गलाम कहता ह 0क म_ ना कछ ह तो साट भी कहता ह

म_ ना कछ ह ल0कन एक बार साट अपन अि9 ततव को पहचान ल पहचान ल 0क वह साट ह और गलाम बस गलाम ह स

कछ बदल जाएगा अचानक बदल जाएगा

तम वह अपPरसीम शि+ त हो जो Q शरर स एकातम हो गई ह एक बार यह पहचान हो जाए तम अपन सव को जान लो

तो तZ हार वजन शGयता बढ़गी और शरर का वज़न घटगा तब तम हवा म_ उठ सकत हो शरर ऊपर जा सकता ह

ऐसी अनक घटनाए ह जो अभी साBबत नह क जा सकती ल0कन व साBबत ह-गी + य-0क जब एक 9 ी चार फट ऊपर उठ

सकती ह तो 0फर बाधा नह दसरा हजार फट ऊपर उठ सकता ह तीसरा अनत अतPरQ म4 पर तरह जा सकता ह

सातक Mप स यह काई सम9 या नह ह चार फट ऊपर उठ 0क चार सौ फट 0क चार हजार फट इसस + या फक पड़ता ह

राम तथा कई अनय क बार म4 कथाए ह 0क व शरर वलन हो गए थ अनक मत शरर इस धरती पर कह नह पाए गए

मोहममद Bबलकल वलन हो गए थ शरर ह नह आपन घोड़ क साथ व कहानया असभव मालम पड़ती ह पौराlणक

मालम पड़ती ह ल0कन जMर नह ह 0क व मथक ह ह- एक बार तम वज़न शनय शि+ त को जान जाओ तो तम

गtltवाकषण क मालक हो गए तम उसका उपयोग भी कर सकत हो यह तम पर नभर करता ह तम सशरर अतPरQ म4

वलन हो सकत हो

ल0कन हमार लए वज़न शG यता सम9 या रहगी सCघासन क वध ह िजस म4 ब बठत ह वजनशनय होन क सव|तम

वध ह जमीन पर बठो 0कसी कसy या अनय आसन पर नह मा जमीन पर बठो अf छा हो 0क उस पर सीम4ट या कोई

कBमता नह हो जमीन पर बठो 0क तम कत क नकटतम रहो और अf छा हो 0क तम नग बठो जमीन पर नग बठोmdash

बासन म4 सCघासन म4

वज़न शनय होन क लए सCघासन सवkषठ आसन ह +य- + य-0क जब तZ हारा शरर इधर-उधर झका होता ह तो तम

` यादा वज़न अनभव करत हो तब तZ हार शरर को गtltवाकषण स भावत होन क लए ` यादा Q ह यVद म_ इस कसy

पर बठा ह तो मर शरर का बड़ा Q गtltवाकषण स भावत होता ह जब तम खड़ हो तो भावत Q कम हो जाता ह

ल0कन बहत दर तक खड़ा नह रहा जा सकता ह महावीर सदा खड़-खड़ L यान करत थ + य-0क उस हालत म4 गtltवाकषण

का G यनतम Q घरता ह तZ हार पर भर जमीन को छत ह जब पाव पर खड़ हो तो गtltवाकषण तम पर G यनतम भाव

करता ह और गtltवाकषण क वज़न ह

पाव- और हाथ- को बाधकर सCघासन म4 बठना ` यादा कारगर होता ह + य-0क तब तZ हार आतPरक वCयत एक वतल

बन जाती ह रढ़ सीधी रखो अब तम समझ सकत हो 0क सीधी रढ़ रखन पर इतना जोर + या Vदया जाता ह + य-0क सीधी

रढ़ स कम स कम जगह घर जाती ह तब गtltवाकषण का भाव कम रहता ह आख बद रखत हए अपन को पर तरह

सतलत कर लो अपन को क4 Vत कर लो पहल दाई और झककर गtltवाकषण का अनभव करो 0फर बाई और झककर

गtltवाकषण का अनभव करो तब उस क4 को खोज- जहा गtltवाकषण या वज़न कम स कम अनभव होता ह और उस

ि9 थत म4 थर हो जाओ

और तब शरर को भल जाओ और भाव करो 0क तम वज़न नह हो तम वज़न शनय हो 0फर इस वज़न शG यता का अनभव

करत रहो अचानक तम वज़न शनय हो जात हो अचानक तम शरर नह रह जात हो अचानक तम शरर शG यता क एक

दसर ह ससार म4 होत हो

वज़न शG यता शरर शG यता ह तब तम मन का भी अत2मण कर जात हो मन भी शरर का Vह9 सा ह पदाथ का Vह9 सा

ह पदाथ का वज़न होता ह तZ हारा कोई वज़न नह ह इस वध का यह आधार ह

0कसी भी एक वध को योग म4 लाओ ल0कन कछ Vदन- तक उसम लग रहो ता0क तZ ह4 पता हो क वह तZ हार लए

कारगर ह या नह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-13

lsquorsquoया कC पना करो 6क मयर पछ क पचरग वतल 9नJ सीम अत(रI म0 तR हार पाच इ=1या ह

SHIVA वान भरव त (त-सmdashवध-13 ओशो

अब उनक सTदय को भीतर ह घलन दो उसी )कार शUय म0 या दवार पर 6कसी बद क साथ कC पना करो जब तक 6क वह

बद वलन न हो जाए तब दसर क लए तR हार कामना सच हो जाती हlsquorsquo

य सार स भीतर क क4 को कस पाया जाए उसस सबधत ह उसक लए जो बनयाद तरकब जो बनयाद वध काम

म4 लायी गयी ह वह यह ह 0क तम अगर बाहर कह भी मन म4 दय म4 या बाहर क 0कसी दवार म4 एक क4 बना सक और

उस पर समता स अपन अवधान को क4 Vत कर सक और उस बीच समच ससारा को भल सक और एक वह Bबद तZ हार

चतना म4 रह जाए तो तम अचानक अपन आतPरक क4 पर फ4 क Vदए जाओग यह कस काम करता ह इस समझो तZहारा

मन एक भगोड़ा ह एक भाग दौड़ ह ह वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह नरतर कह जा रहा ह गत कर रहा ह

पहच रहा ह ल0कन वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह एक वचार स दसर वचार क और अ स ब क और याा

करता रहता ह ल0कन कभी वह अ पर नह Vटकता ह कभी वह ब पर नह Vटकता ह वह नरतर गतमान ह

यह याद रह 0क मन सदा चलायमान ह वह कह पहचन क आशा तो करता ह ल0कन कह पहचता नह ह वह पहच नह

सकता मन क सरचना ह गीतमय ह मन कवल गत करता ह वह मन का अतभत 9 वभाव ह गत ह उसक 02या

ह अ स ब को ब स अ को वह चलता ह जाता ह

अगर तम अ या ब या 0कसी Bबद पर ठहर गए तो मन तमस सघष करगा वह कहगा 0क आग चलो कय-0क अगर तम Mक

गए मन तरत मर जायगा वह गत म4 रहकर ह जीता ह मन का अथ ह 02या ह अगर तमन गत नह क तम Mक गय

तो मन अचानक समापत हो जायगा वह नह बचगा कवल चतना बचगी

चतना तZ हार 9 वभाव ह मन तZ हारा कम ह चलन जसा इस समझना कVठन ह + य-0क हम समझत ह 0क मन कोई

ठोस वा9 तवक व9 त ह वह नह ह मन महज एक 02या ह यह कहना बहतर होगा 0क यह मन नह मनन ह चलन क

तरह यह एक 02या ह चलना 02या ह अगर तम Mक जाओ तो चलना समापत हो जायगा तम तब नह कह सकत 0क

चलना बठना ह तम Mक जाओ तो चलना समापत ह तम Mक जाओ तो चलना कहा ह चलना बद पर ह पर चलना नह

ह पर चल सकत ह ल0कन अगर तम Mक जाओ तो चलना नह होगा

चतना पर जसी ह वह तZ हारा 9 वभाव ह मन चलन जसा ह वह एक 02या ह जब चतना एक जगह स दसर जगह जाती

ह तब वह 02या मन ह जब चतना अ स ब और ब स स को जाती ह तब यह गत मन ह अगर तम गत को बद कर दो तो

मन नह रहगा तम चतन हो ल0कन मन नह ह जस पर तो ह ल0कन चलना नह ह चलना 02या ह कम ह मन भी

02या ह कम ह

अगर तम कह Mक जाओ तो मन सघष करगा मन कहगा बढ़ चलो मन हर तरह स तZ ह4 आग या पीछ या कह भी धकान

क चO टा करगा कह भी सह ल0कन चलत रहो अगर तम जी करो अगर तम मन क नह मानना चाह- तो वह कVठन

होगा कVठन होगा + य-0क तमन सदा मन का हकम माना ह तमन कभी मन पर हकम नह 0कया ह तम कभी उसक

मालक नह रह हो तम हो नह सकत + य-0क तमन कभी अपन को मन स तादाltZय रVहत नह 0कया ह तम सोचत हो

0क तम मन ह हो यह भल 0क तम मन ह हो मन को पर 9 वतता Vदए दती ह + य-0क तब उस पर मल0कयत करन

वाला उस नयण म4 रखन वाला कोई न रहा तब कोई रहा ह नह मन ह मालक रह जाता ह

ल0कन मन क यह मल0कयत तथाकथत ह वह 9 वामतव झठा ह एक बार योग करो और तम उसक 9 वामतव को

नषट कर सकत हो वह झठा ह मन महज गलाम ह जो मालक होन का दावा करता ह ल0कन उसक यह दावदार इतनी

परानी ह इतन जG म- स ह 0क वह अपन को मालक मानन लगा ह गलाम मालक हो गया ह वह एक महज वR वास ह

धारणा ह तम उसक वपरत योग करक दखो और तZ ह4 पता चलगा 0क यह धारणा सवथा नराधार थी

यह पहला स कहता ह lsquorsquoया कY पना करो 0क मोर क पछ क पचरग वतल न9 सीम अतPरQ म4 तZ हार पाच इVया ह अब

उनक सqदय को भीतर ह घलन दोlsquorsquo

भाव करो क तZ हार पाच इVया पाच रग ह और व पाच रग समसत अतPरQ को भर रह ह सफ कY पना करो 0क तZ हार

पच4Vया पाच रग ह सदर-सदर रग सजीव रग और व अनत आकाश म4 फल ह और तब उन रग- क बीच Sमण करो

उनक बीच गत करो और भाव करो 0क तZ हार भीतर एक क4 ह जहा य रग मलत ह यह मा कY पना ह ल0कन यह

सहयोगी ह भाव करो 0क य पाच- रग तZ हार भीतर वश कर रह ह और 0कसी Bबद पर मल रह ह

य पाच रग सच ह 0कसी Bबद पर मल4ग और सारा जगत वलन हो जाएगा तZ हार कY पना म4 पाच ह रग ह और तZ हार

कY पना क रग आकाश को भर द4ग तZ हार भीतर गहर उतर जाएग 0कसी Bबद पर मल जाएग

0कसी भी Bबद स काम चलगा ल0कन हारा बहतर रहगा भाव करो 0क सारा जगत रग ह रग हो गया ह और व रग तZ हार

नाभ क4 पर तZ हार हारा क4 Cर-Bबद पर मल रह ह उस Bबद को दखो उस Bबद पर अवधान को एका करो और तब एका

करो तब त वह Bबद वलन न हो जाए वह वलन हो जाता ह + य-0क वह भी कY पना ह याद रह 0क जो कछ भी हमन

0कया ह सब कY पना ह अगर तम उस पर एका होओ तो तम अपन क4 पर ि9 थर हो जाओग तब ससार वलन हो

जायगा तZ हार लए ससार नह रहगा

इस L यान म4 कवल रग ह तम समच ससार को भल गय हो तम सार वषय- को भल गए हो तमन कवल पाच रग चन ह

कोई पाच रग चन जो य L यान उन लोग- क लए ह िजनक aिO ट पनी ह िजनक रग क सवदना गहर ह यह सबक लए

नह ह य उG ह4 लोग- क लए सहयोगी ह िजसक पास चकार क नजर हो यVद तZ ह4 हर रग एक हजार हर नजर नह

आत तो तम भल जाओ इस L यान को और आग बढ़ो य काम उनक काम का ह जो चकार क पन नगाह रखत ह

और जो आदमी रग क त सवदनशील ह उसको तम कहो 0क समच आकाश को रग स भरा होन क कY पना करो तो वह

यह कY पना नह कर पाएगा वह यVद कY पना करन क कोशश भी करगा वह लाल रग क सोचगा तो लाल शबद को

दखगा ल0कन उस कY पना म4 लाल रग Vदखाई नह पड़गा वह हरा शबद तो कहगा शबद भी वहा होगा ल0कन हPरयाल

वहा नह होगी

तो तम अगर रग क त सवदनशील हो तो इस वध का योग करो पाच रग ह समचा जगत पाच रग ह और व रग

तमम4 मल रह ह तZ हार भीतर कह गहर म4 व पाच- रग मल रह ह उस Bबद पर चत को एका करो और एका करो

उसस हटो नह उस पर डट रहो मन को मत आन दो रग- क सबध म4 हर लाल और पील रग- क बार म4 वचार मत करो

सोचो ह मत बस उनह4 अपन भीतर मलत हए दखो उनक बार म4 वचार मत करो अगर तम वचार 0कया तो मन वश

कर गया सफ रग- क भर जाओ उन रग- को अपन भीतर मलन दो और तब उस मलन Bबद पर अवधान को क4 Vत करो

सोचो मत एकाता सोचना नह ह वचारणा नह ह मनन नह ह

तम अगर सचमच रग- स भर जाओ और तम एक इधनष एक मोर ह बन जाओ और तZ हारा आकाश रगमय हो जाए तो

उसम4 तZ ह4 एक सqदय-बोध होगा गहरा गहरा सqदय बोध ल0कन उसक सबध म4 वचार मत करो यह मत कहो 0क यह

सदर ह वचारणा म4 मत चल जाओ उस Bबद पर एका होओ जहा य रग मल रह ह और एकाता को बढ़ात जाओ

गहरात हो तो कY पना नह Vटक सकती वह वलन हो जाएगी

ससार पहल ह वलन हो चका ह सफ रग रह गए थ व रग तZ हार कY पना थ और व काY पनक रग एक Bबद पर मल

रह ह वह Bबद भी काY पनक था अब गहर एकाता स वह Bबद भी वलन हो जाएगा अब तम कहा रहोग अब तम कहा

हो तम अपन क4 म4 ि9 थत हो जाओग

इस लए स कहता ह lsquorsquoशनय म4 या दवार म4 0कसी Bबद परhelliphellip

यह सहयोगी होगा अगर तम रग- क कY पना नह कर सकत तो दवार पर 0कसी Bबद स काम चलगा काई भी चीज

एकाता क वषय क Mप म4 ल लो अगर वह आतPरक हो अतस का हो तो बहतर

ल0कन 0फर दो तरह क gt यि+ ततव होत ह जो लोग अतमखी ह उनक लए उनक भीतर ह सब रग- क मलन क धारण

आसान ह ल0कन जो बVहमखी लोग ह व भीतर क धारणा नह बना सकत व बाहर क ह कY पना कर सकत ह उनक

चत बाहर ह याा करता ह व भीतर नह गत कर सकत उनक भीतर कोई आतPरकता नह ह

अज दाशनक डवड मम न कहा ह जब भी म_ भीतर जाता ह वहा मझ कोई आlt मा नह मलती जो भी मलता ह वह

बाहर क तBबब हmdashकोई वचार कोई भाव कभी 0कसी आतPरकता का दशन नह होता सदा बाहर जगत ह वहा

तBबBबत मलता ह यह kषठतम बVहमखी चत ह और डवड मम सवाधक बVहमखी चत वाल- स एक ह

इसलए अगर तZ ह4 भी तर कछ धारणा क लए न मल और तZ हारा मन पछ 0क यह आतPरकता + या ह तो अf छा ह 0क

दवार पर 0कसी Bबद का योग करो

लोग मर पास आत ह और पछत ह 0क भीतर कस जाया जाए उनक लए यह सम9 या ह + य-0क अगर तम बVहगामता ह

जानत हो तZ ह4 अगर बाहर-बाहर गत करना ह आता ह तो तZ हार लए भीतर जाना कVठन होगा और अगर तम

बVहमखी हो तो भीतर इस Bबद का योग मत करो उस बाहर करो नतीजा वह होगा दवार पर एक Bबद बनाओ और उस

पर चत को एका करो ल0कन तब खल आख स एकाता साधनी होगी अगर तम भीतर क4 बनात हो तो बद आखो स

एकाता साधनी ह

दवार पर Bबद बनाओ और उस पर एका होओ असल बात एकाता क कारण घटती ह Bबद क कारण नह बाहर ह या

भीतर यक ासगक नह ह यह तम पर नभर ह अगर दवार पर दख रह हो एका हो रह हो तो तब तक एकाता साधो

जब तक वह Bबद वलन न हो जाए

इस बात को r याल म4 रख लो जब तक Bबद वलन न हो जाएlsquorsquo

पलक- को बद मत करो + य-0क उसस मन को 0फर गत करन क लए जगह मल जाती ह इसलए अपलक दखत रहो

+ य-0क पलक क गरन स मन वचार म4 सलगन हो जाता ह पलक क गरान स अतराल पदा होता ह और एकाता नषट

हो जाती ह इसलए पलक झपकना नह ह

तमन बोधधम क वषय म4 सना होगा मनषय क पर इतहास म4 जो बड़ L यानी हए ह वह उनम4 स एक था उसक सबध म4

एक ीतकर कथा कह जाती ह वह बाहर क 0कसी व9 त पर L यान कर रहा था उसक आख4 झपक जाती थी और L यान

टट-टट जाता था तो उसन अपनी पलक- को उखाड़कर फ4 क Vदया बहत सदर कथा ह 0क उसन अपनी पलक- को उखाड़कर

फ4 क Vदया और 0फर L यान करना शM 0कया कछ हpत- क बाद उसन दखा 0क जहा उसक पलक4 गर थी उस 9 थान पर

कोई पौध उग आए थ

यह घटना चीन क एक पहाड़ पर घVटत हई थी उस पहाड़ का नाम टा था इसलए जो पौध वहा उग आए थ उनका नाम ट

पडा और यह कारण ह 0क चाय जागरण म4 सहयोगी होती ह इसलए जब तZ हार पलक4 झपकन लग4 और तम नीद म4

उतरन लगो तो एक ] याल चाय पी लो व बोधधम क पलक4 ह इसी वजह स झन सत चाय को पव मानत ह चाय कोई

मामल चीज नह ह वह पव ह बोधधम क आख क पलक ह

जापान म4 तो व चायोतसव करत ह lt यक पPरवार म4 एक चायघर होता ह जहा धामक अनO ठान क साथ चाय पी जाती

ह यह पव ह और बहत ह Lयान पण मा म4 चाय पी जाती ह जापान न चाय क इद-गद बड़ सदर अनOठान नमत

0कय ह व चाय घर म4 ऐस वश करत ह जस व 0कसी मVदर म4 वश करत हो तब चाय तयार क जाएगी और हरक

gt यि+ त मौन होकर बठगा और समोवार क उबलत सवर को सनगा उबलती चाय का उसक वाषप का गीत सब सन4ग वह

कोई अदना व9 त नह ह बोधधम क आख क पलक ह और च0क बोधधम खल आख- स जागन क कोशश म4 लगा था

इसलए चाय सहयोगी ह और च0क यह कथा टा परवत पर घVटत हई इसलए वह ट कहलाती ह

सच हो या न हो यह कहानी सदर ह अगर तम बाहर एकाता साध रह हो तो अपलक दखना जMर ह समझो 0क तZ हार

पलक4 नह ह पलक- को उखाड़ फ4 कन का यह अथ ह तZ ह4 आख4 तो ह ल0कन उनक ऊपर झपकन को पलक4 नह ह और

तब एकाता साधो जब तक Bबद वलन नह हो जाता

Bबद वलन हो जाता ह अगर तम लग रह अगर तमन सकलप क साथ मन को चलायमान नह होन Vदया तो Bबद वलन

हो जाता ह अगर तम उस Bबद पर एका थ और तZ हार लए ससार म4 इस Bबद क अलावा कछ भी नह था अगर सारा

ससार पहल ह वलन हो चका था और वह Bबद बचा था और यह Bबद भी वदा हो गया तो अब चतना कह और गत नह

कर सकती उसक लए जान को कह न रहा सार आयाम बद हो गए अब चत अपन ऊपर फ4 क Vदया जाता ह अब चतना

अपन आप म4 लौट आती ह और तब तम क4 म4 वषट हो गए

तो चाह भीतर हो या बाहर तब तक एकाता साधो जब तक Bबद वसिजत नह होता यह Bबद दो कारण- स वसिजत

होगा अगर वह भीतर ह तो काY पनक ह और इसलए वलन हो जाएगा और अगर यह बाहर ह तो वह काY पनक नह

असल ह तमन दवार पर Bबद बनाया ह और उस पर अवधान को एका 0कया ह तो यह Bबद + य- वलन होगा भीतर क

Bबद का वलन होना तो समझा जा सकता ह कय-0क वह वहा था नह तमन उस किY पत कर लया था ल0कन दवार पर

तो वह ह वह + य- वलन होगा

वह एक वशष कारण स वलन होता ह अगर तम 0कसी Bबद पर चत को एका करत हो तो यथाथ म4 वह Bबद वसिजत

नह होता ह तZ हारा मन ह वसिजत होता ह अगर तम 0कसी बम Bबद पर एका हो रह हो तो मन क गत बद हो जाती

ह और मन गत क Bबना जी नह सकता वह Mक जाता ह वह मर जाता ह और जब मन Mक जाता ह तम बाहर क

0कसी भी चीज क साथ सबधत नह हो सकत हो तब अचानक सभी सत टट जात ह + य-0क मन ह तो सत ह

जब तम दवार पर 0कसी Bबद पर मन को एका कर रह हो तो तZ हारा मन + या करता ह वह नरतर तमस Bबद तक और

Bबद स तम तक उछलकद करता रहता ह एक सतत उछलकद क 02या चलती ह जब मन वचलत होता ह तो तम Bबद

को नह दख सकत + य-0क तम यथाथ आख म4 स नह मन स और आख स Bबद को दखत हो अगर मन वहा न रह तो

आख4 काम नह कर सकती तम दवार को घरत रह सकत हो ल0कन Bबद नह Vदखाई पड़गा + य-0क मन न रहा सत टट

गया Bबद तो सच ह वह ह इसलए जब मन लौट आएगा तो 0फर उस दख सकोग ल0कन अभी नह दख सकत अभी

तम बाहर गत नह कर सकत अचानक तम अपन क4 Cर पर हो

यह क4 9 थता तZ ह4 तZ हार अि9 ततवगत आधार क त जागMक बना दगी तब तम जान-ग 0क कहा स तम अि9 ततव क

साथ सयकत हो जड़ हो तZ हार भीतर ह वह Bबद ह जो समसत अि9 ततव क साथ जड़ा हआ ह जो उसक साथ एक ह और

जब एक बार इस क4 को जान गए तो तम घर आ गए तब यह ससार परदश नह रहा और तम परदशी नह रह तब जान

गए तो तम घर आ गए तब तम ससार क हो गए तब 0कसी सघष क 0कसी लड़ाई क जMरत नह रह तब तZ हार और

अि9 ततव क बीच शता न रह अि9 ततव तZ हार मा हो गई

यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर वषट हआ और बोधपण हआ ह यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर 9 फVटत हआ

ह यह अनभत यह तीत यह घटना और 0फर दःख नह रहगा तब आनद कोई घटना नह हmdashऐसी घटना जो आती ह

और चल जाती ह तब आनद तZ हारा 9 वभाव ह जब कोई अपन क4 म4 ि9 थत होता ह तो आनद 9 वाभावक ह तब कोई

आनदपण हो जाता ह

0फर धीर-धीर उस यह बोध भी जाता रहता ह 0क वह आनदपण ह + य-0क बोध क लए वपरत का होना जMर ह अगर

तम दःखी हो तो आनVदत होन पर तZ ह4 आनद क अनभत होगी ल0कन जब दःख नह ह तो धीर-धीर तम दःख को पर

तरह भल जात हो और तब तम अपन आनद को भी भल जात हो और जब तम अपन आनद को भी भलत हो तभी तम सच

म4 आनVदत हो तब वह 9 वाभावक ह जस तार चमकत ह नVदया बहती ह वस ह तम आनदपण हो तZ हारा होना ह

आनदमय ह तब यह कोई घटना नह ह तब तम ह आनद हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-14

दसर स क साथ भी यह तरकब वह वा9नक आधार यह )6या काम करती ह

ShivaParvati त-सmdashवध-14 (वान भरव त ओशो

अपन पर अवधान को अपन मVदड क मधय म0 कमल-तत सी कोमल J नाय म0 िJ थत करो और इसम पात(रत हो जाओ

इस स क लए L यान क इस वध क लए तZ ह4 अपनी आख बद कर लनी चाVहए और अपन मtदड को अपनी रढ़ क

हडी को दखना चाVहए दखन का भाव करना चाVहए अf छा हो 0क 0कसी शरर शा9 क पसतक म4 या 0कसी

च0कlt सालय या मWडकल कालज म4 जाकर शरर क सरचना को दखो-समझ लो तब आख बद करो और मtदड पर

अवधान लगाओ उस भीतर क आखो स दखो और ठUक उसक मधय स जात हए कमल तत जस कोमल 9 नाय का भाव

करो

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

अगर सभव हो तो इस मtदड पर अवधान को एका करो और तब भीतर स मधय स जात हए कमल तत जस 9 नाय पर

एका होओ और यह एकाता तZ ह4 तZ हार क4 पर आMढ़ कर दगी + य-

मtदड तZ हार समची शरर-सरचना का आधार ह सब कछ उसस सयकत ह जड़ा हआ ह सच तो यह ह 0क तZ हारा

मि9 तषक इसी मtदड का एक छोर ह शरर शा9 ी कहत ह 0क मि9 तषक मtदड का ह व9 तार ह तZ हारा मि9 तषक

मtदड को वकास ह और तZ हार रढ़ तZ हार सार शरर स सबधत ह सब कछ उसस सबधत ह यह कारण ह 0क उस

रढ़ कहत ह आधार कहत ह

इस रढ़ क अदर एक तत जसी चीज ह ल0कन शरर शा9 ी इसक सबध म4 कछ नह कह सकत यह इसलए 0क यह

पौदगलक नह ह इस मtदड म4 इसक ठUक मधय म4 एक रजत-र` ज ह एक बहत कोमल नाजम 9 नाय ह शारPरक अथ

म4 वह 9 नाय भी नह ह तम उस काट-पीट कर नह नकाल सकत वह वहा नह मलगा ल0कन गहर L यान म4 वह दखा

जाता ह यह ह ल0कन वह अपदाथ ह अव9 त ह वह पदाथ नह उजा ह और यथाथत तZ हार मtदड क वह ऊजा-र` ज

तZ हारा जीवन ह उसक Cवारा ह तम अaशय अि9 ततव क साथ सबधत हो वह aशय और अaशय क बीच सत ह उस

तत क Cवारा ह तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

तो पहल तो मtदड क कY पना करो उस मन क आख- स दखो और तZ ह4 अvत अनभव होगा अगर तम मtदड का

मनोदशन करन क कोशश करोग तो यह दशन Bबलकल सभव ह और अगर तम नरतर चO टा म4 लग रह तो कY पना म4

ह नह यथाथ म4 भी तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

म_ एक साधक को इस वध का योग करवा रहा था म_न उस शरर-स9 थान का एक च दखन को Vदया ता0क वह उसक

जPरए अपन भीतर क मtदड को मन क आख- स दखन म4 समथ हो सक उसन योग शM 0कया और स] ताह भर क अदर

आकर उसन मझस कहा आR चय क बात ह 0क मन आपक Vदए च को दखन क कोशश क ल0कन अनक बार वह च

मर आख- क सामन स गायब हो गया और एक दसरा मtदड मझ Vदखाई Vदया यह मtदड च वाल मtदड जसा नह था

म_न उस साधक को कहा क अब तम सह रा9 त पर हो अब च को Bबलकल भल जाओ और उस मtदड को दखा करो जो

तZ हार लए aशय हआ ह

मनषय भीतर स अपन शरर स9 थान को दख सकता ह हम इसको दखन क कोशश नह करत + य-0क वह aशय डरावना

ह वीभतस ह जब तZ ह4 तZ हार रकत मास और अि9 थपजर Vदखाई पड़4ग तो तम भयभीत हो जाओग इसलए हमन अपन

मन को भीतर दखन स Bबलकल रोक रखा ह हम भी अपन शरर को उसी तरह बहार स दखत ह जस दसर लोग दखत ह

वह वसा ह ह जस तम इस कमर को इसक बहार जाकर दखो तम सफ इसक बहार दवार- को दखोग4 0फर तम भीतर आ

जाओ और दखो तब तZ ह4 भीतर दवार4 Vदखाई द4गी तम तो सफ बाहर स अपन शरर को इस तरह दखत हो िजस तरह

कोई दसरा आदमी उस दखता हो भीतर स तमन अपन शरर को नह दखा ह हम दख सकत ह ल0कन इस भय क कारण

वह हमार लए आR चय क चीज बना ह

भारतीय योग क प9 तक4 शरर क सबध म4 ऐसी बात4 बताती ह जो नए वानक शोध स हबह सह ह ल0कन वान यह

समझन म4 असमथ ह 0क योग को इनका पता कस चला वह इG ह4 कस जान सका शलय-च0कlt सा और मानव शरर का

ान बहत हाल क घटनाए ह इस हालत म4 योग इन सार 9 नायओ को सभी क4 - को शरर क पर आतPरक स9 थान को

कस जान गया जो अlt यत हाल क खोज ह आR चय 0क व उG ह4 भी जानत थ उG होन उसक चचा भी 0क थी उन पर काम

भी 0कया था योग को शरर क बनयाद और महlt वपण चीज- क वषय म4 सब कछ मालम रहा ह ल0कन योग चीर फाड़

नह करता था 0फर उस उसक इतनी सार बात4 कस मालम हई थी

सच तो यह ह 0क शरर को दखन जानन का एक दसरा ह रा9 ता ह वह उस अदर स दखना ह अगर तम भीतर एका हो

सको तो तम अचानक अदMनी शरर को उसक भीतर रखा च को दखन लगोग

यह वध उन लोगो क लए उपयोगी ह जो शरर स जड ह अगर तम भौतकवाद हो अगर तम सोचत हो 0क तम शरर क

अतPरकत और कछ नह हो तो यह वध तZ हार बहत काम क होगी अगर तम चावाक या माक स क मानन वाल हो

अगर तम मानत हो 0क मनषय शरर क अलावा कछ नह ह तो तZ ह4 यह वध बहत सहयोगी होगी तो तम जाओ और

मनषय क अि9 थ स9 थान को दखो

त या योग क परानी परपराओ म4 व अनक तरह क हWडय- का उपयोग करत थ अभी भी ताBक अपन पास कोई न कोई

हडी या खोपड़ी रखता ह दरअसल वह भीतर स एकाता साधन का उपाय ह पहल वह उस खोपड़ी पर एकाता साधता ह

0फर आख4 बद करता ह और अपनी खोपड़ी का L यान करता ह वह बाहर क खोपड़ी क कY पना भीतर करता जाता ह और

इस तरह धीर-धीर अपनी खोपड़ी क तीत उस होन लगती ह उसक चतना क4 Vत होन लगती ह

वह बाहर खोपड़ी उसका मनोदशन उस पर L यान सब उपाय ह और अगर तम एक बार अपन भीतर क4 भत हो गए तो

तम अपन अगठ स सर तक याा कर सकत हो तम भीतर चलो वहा एक बड़ा माड ह तZ हारा छोटा शरर एक बड़ा

माड ह

यह स मtदड का उपयोग करता ह + य-0क मtदड क भीतर ह जीवन र` ज छपा ह यह कारण ह 0क सीधी रढ़ पर इतना

जोर Vदया जाता ह + य-0क अगर रढ़ सीधी न रह तो तम भीतर र` ज को नह दख पाओग वह बहत नाजक ह बहत

सQम ह वह ऊजा का वाह ह इसलए अगर तZ हार रढ़ सीधी ह Bबलकल सीधी तभी तZ ह4 उस सQम जीवन र` ज क

झलक मल सकती ह

ल0कन हमार मtदड सीध नह ह Vहद बचपन सह मtदड को सीधा रखन का उपाय करत ह उनक बठन उठन चलन सोन

तक क ढग सीधी रढ़ पर आधाPरत थ और अगर रढ़ सीधी नह ह तो उसक भीतर तlt व- को दखना बहत कVठन बहत

कVठन होगा वह नाजम ह सQम ह वासतव म4 पौदगलक नह ह वह अपौदगलक ह वह शि+ त ह इसलए जब मtदड

Bबलकल सीधा होता ह तो वह र` जवत शि+ त दखन म4 आती ह

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

और अगर तम इस र` ज पर एका हए तमन उसक अनभत और उपलिc ध क तब तम एक नए काश स भर जाओग

वह काश तZ हार मtदड स आता होगा वह तZहार पर शरर पर फल जाएगा वह तZ हार शरर क पास भी चला जाएगा

और जब काश शरर क पार जाता ह तब भामडल Vदखाई दत ह हरक आदमी का भामडल ह ल0कन साधारणत

तZ हार भामडल छाया क तरह ह िजनम काश नह होता व तZ हार चार- और काल छाया क तरह फल होत ह और व

भामडल तZ हार lt यक मनोभाव को अभgt यकत करत ह तब तम 2ोध म4 होत हो तो तZ हारा भामडल रकत रिजत जसा

हो जाता ह उसम 2ोध लाल रग म4 अभgt यकत होता ह जब तम उदास बझ-बझ हतभ होत हो तो तZ हारा भामडल

काल ततओ स भरा होता ह मान- तम मlt य क नकट होmdashसब मत और बोlझल और जब यह मtदड क भीतर का तत

उपलबध होता ह तब तZ हारा भामडल सचमच म4 भा मWडत होता ह

इस लए ब महावीर कषण 2ाइ9ट महज सजावट क लए भामडल स नह चBत 0कए जात ह व भामडल सच म4

होता ह तZ हारा मtदड काश व0करlणत करन लगता ह भीतर तम बतव को ापत होत हो बहार तZ हारा सारा शरर

काश काश शरर हो उठता ह और तब उसक भा बहार भी फलन लगती ह इसलए 0कसी ब पMष क लए 0कसी स

यह पछना जMर नह ह 0क तम + या हो तZ हारा भामडल सब बता दगा और जब कोई शषय बतव ापत करता ह तो

गt को पता हो जाता ह + य-0क भामडल सब कट कर दता ह

म_ तZह4 एक कहानी बताऊ एक चीनी सत हई न4ग जब पहल-पहल अपन गt क पास पहचा तो गt न कहा 0क तम 0कस

लए आए हो तZ ह4 मर पास आन क जMरत नह थी हई न4ग क समझ म4 कछ नह आया उसन सोचा 0क अभी गt Cवारा

9 वीकत होन क उसक पाता नह ह ल0कन गt कछ और ह चीज दख रहा था वह Cवारा 9 वीकत होन क उसक पाता

नह ह ल0कन गt कह रहा था 0क अगर तम मर पास नह भी आओ तो भी दर-अबर यह घटना घटन ह वाल ह तम उसम

ह हो इसलए मर पास आन क जMरत नह ह

ल0कन हई न4ग न ाथना क 0क मझ अ9 वीकार न कर4 तो गt न उस वश Vदया और कहा 0क आkम क पछवाड़ म4 जो

रसोईघर ह उसम जाकर काम करो और 0फर दसर बार मर पास मत आना जब जMरत होगी म_ ह तZ हार पास आऊगा

हई न4ग को कोई L यान करन को नह बताया गया न कोई शा9 पढ़न को कहा गया उस कछ भी नह सखाया गया उस

बस रसोईघर म4 रख Vदया गया वह एक बहत बड़ा आkम था िजसम4 कोई पाच सौ भQ रहत थ उनम4 पWडत वCघान

L यानी योगी सब थ और सब साधना म4 लग थ ल0कन हई न4ग कवल चावल साफ कतरा या कटता था और रसोई क

भीतर ह काम करता रहा इस तरह स बारह वष बीत गय हई न4ग इस बीच गt क पास दबारा नह गया + य-0क इजाजत

नह थ वह तीQा करता रहा वह सफ तीQा ह करता रहा और लोग उस महज नौकर समझत थ कोई उस पर L यान

भी नह दता था उस आkम म4 पWडत- और L यानय- क कमी नह थी उनक बीच एक चावल कटन4 वाल क + या Bबसात

थी

और 0फर एक Vदन गt न घोषणा क 0क मर मlt य नकट ह और म_ अब चाहता ह 0क 0कसी को अपना उlt तराधकार

बनाऊ इसलए जो समझत ह- 0क व बतव को ापत ह व चार पि+ तय- क एक कवता रच िजसम वह सब gt यकत कर द4

जो उG ह-न जाना ह गt न यह भी कहा 0क िजसक कवता म4 सच म4 बतव gt यि+ त होगा उस म4 अपना उतराधकार

चनगा

उस आkम म4 एक महापWडत था इसलए उस तयोगता म4 0कसी न भाग नह लया सब यह सोचत थ 0क महापWडत

जीतगा वह शा9 - का बड़ा ाता था सो उसन चार पि+तया लखी उन चार पि+ तय- म4 उसन लखा-

मन एक दपण ह िजस पर धल जम जाती ह

धल को साफ कर दो सतय अनभव म0 आ जाता ह

बXतव )ािY त हो जाती ह

ल0कन वह महापWडत भी डरता था + य-0क गt को पता था 0क कौन ान को उपYबध ह कौन नह यCयप महापWडत न

जो लखा था वह बहत सदर था सब शा9 - का सार-नचोड था यह तो सब वद- का सार था ल0कन पWडत डरता था 0क यह

उसन शा9 - स लया था इसम उसका अपना कछ भी नह ह इस लए वह सीधा गt क पास नह गया वह रात क अधर म4

गt क झोपड़ी पर गया और उनक दवार पर व चार पि+ तया लख द उसन नीच ह9 ताQर भी नह 0कया उसन सोचा 0क

अगर गt न उG ह4 9 वीकत द तो म_ कहगा 0क म_न लखा ह और अगर गt न ठUक नह कहा तो चप रहगा

ल0कन गt न 9 वीकत द द सबह उGह-न कहा 0क िजस gt यि+ त न य पि+ त लखी ह वह ानी ह समच आkम म4 उसक

चचा होन लगी सब तो जानत थ 0क 0कसन लखा ह व चचा करन लग 0क पि+ तया तो सदर ह सचमच सदर थी

इसी चचा म4 लग कछ भQ रसोईघर म4 पहच य चाय पीत थ और चचा करत थ हई न4ग उG ह4 चाय पील रहा था उसन सह

बात सनी जब व चार पि+ तया उसन सनी तब वह हसा इस पर 0कसी न उसस पछा 0क तम + य- हस रह हो तम तो कछ

जानत भी नह हो बारह वष[ स तम तो च-क स बहार भी नह नकल हो तZ ह4 0कस बात को पता ह तम + य- हस रह हो

0कसी न इसस पहल उस भQ को हसत नह दखा था वह तो महा मढ़ समझा जाता था िजस बात करनी भी नह आती थी

उसन कहा 0क म_ लखना नह जानता ह और म_ ानी भी नह ह ल0कन व चार पि+ तया गलत ह अगर कोई gt यि+ त मर

साथ आय तो म_ चार पि+तया बना सकता ह और वह उस दवार पर लख द म_ लखना नह जानता ह

एक भQ मजाक म4 उसक साथ चल Vदया उसन पीछ ऐ भीड़ भी वहा पहच गई सब क लए य कतहल भर बात थी 0क एक

चावल कटन4 वाला म ान क चार लाईन4 बातयगा न4ग न लखवाया

कसा दपण कसी धल

न कोई मन ह

न कोई दपण

6फर धल जमगी कहा

जो यह जान गया

वह उपलबध हो गया धम को

ल0कन जब गt आया तो उसन कहा क य गलत ह हई न4ग न गt क पर छए और वह रसोई घर म4 लोट गया

रात म4 जब सब सोए थ गt न4ग क पास आया और चप स कहा तम सह हो ल0कन म_ तZ हार बात को उन मख[ क सामन

सह नह कह सकता व वCघान मख ह और अगर म_ कहता ह 0क मर उlt तराधकार तम हो तो वह तZ ह4 मार द4ग और

यह बात दसर- को मत कहाना तम यहा स भाग जाओ िजस Vदन तम यहा आय थ उसी Vदन म_ जान गया था तZ हार

भामडल को दख कर 0क तम ह मर उतराधकार हो और बारह वष क मौन न िजसम तZ हारा भामडल पण हो चला

तम पण च हो गए हो ल0कन यहा स नकल जाओ वरना व लोग तZ ह4 मार द4ग तम यहा बारह वष स हो नरतर तZहार

काश व0करण हो रहा ह ल0कन कोई उस दख नह सका यCयप हर Vदन कोई न कोई तZ ह4 दो या तीन बार Vदन म4 दखता

ह इसी लए म4न तZ ह4 रसोई घर म4 रखा था कोई तZ हार भामडल को नह दख सका इस लए तम यहा स भाग जाओ

जब मtदड का यह तत दख लया जाता ह उपलबध होता ह तब तZ हार चार- और एक भामडल बढ़न लगता ह इसम4

MपातPरत हो जाओ उस काश स भर जाओ और MपातPरत हो जाओ यह भी क4 Vत होना ह मtदड म4 क4 Vत होना

अगर तम शरर वाद हो तो यह तZ हार काम आयगी अगर नह तो यह कVठन ह तब भीतर स शरर को दखना कVठन

होगा यह वध पMष- क बजाए ि9 य- क लए ` यादा कारगर होगी ि9 या ` यादा शरवाद होती ह व शरर म4 अधक

रहती ह और कY पनाशील भी होती ह शरर का मनोदशन उनक लए आसान ह ि9 या पMष- स ` यादा शरर क4 Vत होती

ह ल0कन जो कोई भी शरर को महसस कर सकता ह जो कोई भी आख बद कर अदर शरर को दख सकता ह उसक लए

यह वध बहत सहयोगी ह

पहल अपन मtदड को दखो 0फर उसक बीच स जाती हई रजत-र` ज को पहल तो वह कY पना ह होगी ल0कन धीर-धीर

तम पाओग 0क कY पना वलन हो गई ह और िजस Qण तम आतPरक ततव को दखोग4 अचानक तZ ह4 तZ हार भीतर

काश का व9 फोट अनभव होगा

कभी-कभी यह घटना यास क Bबना भी घटती ह यह होता ह 0फर तZ ह4 कह 0कसी गहर सभोग क Qण म4 यह होता ह

त जानता ह 0क गहर काम-कतय म4 तZ हार सार ऊजा रढ़ क पास इकी हो जाता ह असल म4 गहर काम कतय म4 रढ़

Bबजल छोड़न लगती ह कभी-कभी तो ऐसा होता ह 0क रढ़ को छन स तZ ह4 ध+ का लगता ह और अगर सभोग गहरा हो

मपण हो लबा हो अगर दो मी गाढ़ मालगन म4 ह- शात और नशचल एक दसर को भरत हए तो घटना घटती ह

कई बार ऐसा हआ ह 0क अधरा कमरा अचानक रोशनी स भर जाता ह और दोन- शरर- काक एक नील भामडल घर लता

ऐसी अनक घटनाए हई ह तZ हार अनभव म4 भी ऐसा हआ होगा 0क अधर कमर म4 गहर म म4 उतरन पर तZ हार दो शरर-

क चार- और एक रोशनी सी हो गई ह और फल कर पर कमर म4 भर गई हो कई बार ऐसा हआ ह 0क 0कसी aशय कारण क

Bबना ह कमर क मज पर स अचानक चीज4 उछल कर नीच गर गई ह ओर अब मानि9 वद बतात ह 0क गहर काम-कतय म4

Bबजल क तरग4 छटती ह और उसक कई भाव और पPरमाण हो सकत ह चीज4 अचानक गर सकती ह Vहल सकती ह

टट सकती ह ऐस काश क फोटो भी लए गए ह ल0कन यह काश सदा मtदड क इद-गद इका होता ह

तो कभी-कभी काम-कतय क दौरान भी तम जाग सकत हो अगर तम अपन मtदड क बीच स जाती हई रजत-र` ज को दख

सको त को यह बात भलभत पता ह और उसन इस पर काम भी 0कया ह त नप इस उपलिc ध क लए सभोग का भी

उपयोग 0कया ह ल0कन उसक लए काम कतय को सवथा भनन ढग का होना पड़गा उसका गण धम भनन होगा उस

हालत म4 काम कतय 0कसी तरह नबट लन क महज सखलन क Cवारा छी पा लन क झट-पट उसस गजर जान क बात

नह रहगी तब वह एक शारPरक कम नह रहगा तब वह एक गहरा आL यािlt मक मलन होगा तब यथाथ म4 वह दो दह- क

Cवारा दो आतPरकताओ का दो आlt माओ का एक दसर म4 वश होगा

इसलए मरा सझाव ह 0क जब तम गहर काम कतय म4 होओ तो इस वध को योग म4 लाओ यह आसान हो जायगी यौन

को भल जाओ जब गहर आलगन म4 उतरो बस भीतर रहो और दसर gt यि+ त को भल जाओ भीतर जाओ और अपन

मtदड को दखो उस समय मM दड क पास अधक उजा वाVहत होती ह + य-0क तम शात होत हो और तZ हारा शरर

वkाम म4 होता ह म गहर स गहरा वkाम ह ल0कन हमन उस भी तनाव बना लया ह हमन उस एक चता एक बोझ म4

बदल लया ह

म क ऊO मा म4 जब तम भर-भर और शथल हो आख4 बद कर लो सामानयत पMष आख4 बद नह करत ि9 या करती

ह इसलए म_न कहा 0क पMष- क बजाए ि9 या अधक शरर वाद ह काम-कतय क गहर आलगन म4 उतरन पर ि9 या

आख4 बद कर लती ह दरअसल व खल आख- स म नह कर सकती आख- क बद रहन पर व भीतर स शरर को अधक

महसस कर पाती ह

तो आख4 बद कर लो और शरर को महसस करो वkाम म4 उतर जाओ और मMदड पर चत एका करो और यह स बहत

सरल ढग स कहता ह lsquorsquoइसम4 MपातPरत हो जाओlsquorsquo तम इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग

ओशो

वान भरव ततर

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-15 ओशो

क0 =1त होन क तीसर वध

lord-shiva-त-सmdashवध-15 वान भरव तndashओशो

lsquorsquoसर क सात Gवार2 को अपन हाथ2 स बद करन पर आख2 क बीच का J थान सवाह हो जाता हlsquorsquo

यह एक परानी स परानी वध ह और इसका योग भी बहत हआ ह यह सरलतम वधय- म4 एक ह सर क सभी Cवार-

को आख कान नाक मह सबको बद कर दो जब सर क सब Cवार दरवाज बद हो जात ह तो तZ हार चतना तो सतत

बहार बह रह ह एकाएक Mक जाती ह ठहर जाती ह वह अब बाहर नह जा सकती

तमन r याल नह 0कया 0क अगर तम Qण भर क लए R वास लना बद कर दो तो तZ हारा मन भी ठहर जाता ह + य-

+ य-0क R वास क साथ मन चलता ह वह मन का एक स9 कार ह तZ ह4 समझना चाVहए 0क यह स9 कार + या ह तभी इस

स को समझना आसान होगा

Mस क अत स मानि9 वद पावलफ न स9 कारजनत त02या को कडीशड Pरpलकस को दनयाभर म4 आम बोलचाल

म4 शामल करा Vदया ह जो gt यि+ त भी मनोवान स जरा भी पPरचत ह इस शबद को जानता ह वचार क दो kखलाए

कोई भी दो kखलाए इस तरह एक दसर स जड़ सी जाती ह 0क अगर तम उनम4 स एक को चलाओ तो दसर अपन आप शM

हो जाती ह

पावलफ न एक कlt त पर योग 0कया उसन दखा 0क तम अगर कlt त क सामन खाना रख दो वक उसक जीभ स लार बहन

लगती ह जीभ बहार नकल आती ह और वह भोजन क लए तयार हो जाता ह कlt ता जब भोजन दखता ह या उसक

कY पना करता ह तो लार बहन लगती ह ल0कन पावलफ न इस 02या क साथ दसर बात जोड़ द जब भी भोजन रखा

जाए और कlt त क लार टपकन लग वह दसर चीज करता उदाहरण क लए वह एक घट बजाता और कlt ता उस घट को

सनता

पह Vदन तक जब भी भोजन रखा जाता घट भी बजती और तब सोलहव4 Vदन कlt त क सामन भोजन नह रखा गया

कवल घट बजाu गई ल0कन तब भी कlt त क मह स लार बहन लगी और जीभ बाहर आ गई मानो भोजन सामन रखा हो

वहा भोजन नह था सफ घट थी अब घट बजन और लार टपकन क बीच कोई 9 वाभावक सबध नह था लार का

9 वाभावक सबध भोजन क साथ ह ल0कन अब घट का रोज-रोज बजना लार क साथ जड़ गया था सबधत हो गया था

और इसलए मा घट क बजन पर भी लार बहन लगी

पावलफ क अनसारmdashऔर पावलफ सह हmdashहमारा समचा जीवन एक कडीशड ोसस ह मन स9 कार ह इसलए अगर तम

उस स9 कार क भीतर कोई एक चीज बद कर दो तो उसस जड़ी और सार चीज4 भी बद हो जाती ह

उदाहरण क लए वचार और R वास ह वचारणा सदा ह R वास क साथ चलती ह तम Bबना R वास वचार नह कर सकत

तम R वास क त सजग नह रहत ल0कन R वास सतत चलती रहती ह Vदन-रात चलती रहती ह और lt यक वचार

वचार क 02या ह R वास क 02या स जड़ी ह इसलए अगर तम अचानक अपनी शवास रोक लो तो वचार भी Mक

जाएगा

वस ह अगर सर क सात- छ उसक सात- Cवार बद कर Vदए जाए तो तZ हार चतना अचानक गत करना बद कर दगी

तब चतना भीतर थर हो जाती ह और उसका यह भीतर थर होना तZ हार आख- क बीच क बीच 9 थान बना दता ह वह

9 थान ह Bन तीसर आख कहलाती ह अगर सर क सभी Cवार बद कर Vदय जाय तो तम बाहर गत नह कर सकत

+ य-0क तम सदा इG ह Cवार- स बाहर जात रह हो तब तम भीतर थर हो जात हो और वह थर होना एका इन दो आख-

साधारण आख- क बीच घVटत होता ह चतना इन दो आख- क बीच क 9 थान पर क4 Vत हो जाती ह उस 9 थान को ह Bन

कहत ह

यह 9 थान सवाह सवgt यापक हो जाता ह यह स कहता ह 0क इस 9 थान म4 सब सिZ मलत ह सारा आि9 ततव समाया ह

अगर तम इस 9 थान को अनभव कर लो तो तमन सब को अनभव कर लया एक बार तZ ह4 इन दो आख- क बीच क आकाश

क तीत हो गई तो तमन पर अि9 ततव को जान लया उसक समता को जान लया + य-0क यह आतPरक आकाश

सवाह ह सवgt यापक ह कछ भी उसक बाहर नह ह

उपनषाद कहत ह lsquorsquoएक को जानकर सब जान लया जाता हlsquorsquo

य दो आख4 तो सीमत को ह दख सकती ह तीसर आख असीम को दखती ह य दो आख तो पदाथ को ह दख सकती ह

तीसर आख अपदाथ को अL यातम को दखती ह इन दो आख- स तम कभी ऊजा क तीत नह कर सकत ऊजा को नह

दख सकत सफ पदाथ को दख सकत हो ल0कन तीसर आख स 9 वय ऊजा दखी जाती ह

Cवार- का बद 0कया जाना क4 Vत होन का उपाय ह + य-0क एक बार जब चतना क वाह का बाहर जाना Mक जाता ह वह

अपन उदगम पर थर हो जाती ह और चतना का यह उदगम ह Bनतर ह अगर तम इस Bन पर क4 Vत हो जाओ तो

बहत चीज4 घVटत होती ह पहल चीज तो यह पता चलती ह 0क सारा ससार तZ हार भीतर ह

9 वामी राम कहा करत थ 0क सय मर भीतर चलता ह तार मर भीतर चलत ह चाद मर भीतर उVदत होता ह सारा माड

मर भीतर ह जब उG ह-न पहल बार यह कहा तो उनक शO य- 0क व पागल हो गए ह राम तीथ क भीतर सतार कस हो

सकत ह

व इसी Bन क बात कर रह थ इसी आतPरक आकाश क सबध म4 जब पहल बार यह आतPरक आकाश उपलबध होता ह

तो यह भाव होता ह जब तम दखत हो 0क सब कछ तZ हार भी तर ह तब तम माड ह हो जात हो

Bन तZ हार भौतक शरर का Vह9 सा नह ह वह तZ हार भौतक शरर का अग नह ह तZ हार आख- क बीच का 9 थान

तZ हार शर तक ह सीमत नह ह वह तो वह अनत आकाश ह जो तZ हार भीतर वश कर गया ह और एक बार यह

आकाश जान लया जाए तो तम 0फर वह gt यि+ त नह रहत िजस Qण तमन इस अतरसथ आकाश को जान लया उसी

Qण तमन अमत को जान लया तब कोई मlt य नह ह

जब तम पहल बार इस आकाश को जान-ग तZ हारा जीवन ामाlणक और गाढ़ हो जाएगा तब पहल बार तम सच म4

जीवत होओग तब 0कसी सरQा क जMरत नह रहगी अब कोई भय सभव नह ह अब तZ हार हlt या नह हो सकती अब

तमस कछ भी छUना नह जा सकता अब सारा माड तZ हारा ह तम ह माड हो िजन लोग- न इस अतरसथ आकाश

को जाना ह उG ह-न ह आनदमगन होकर उरदघोषणा क ह अह माि9 म म_ ह माड ह म_ ह मा हhelliphellip

सफ सत मसर को इसी तीसर आख क अनभव क कारण कतल कर Vदया गया जब उसन पहल बार इस आतPरक आकाश

को जाना वह चY लाकर कहन लगा अनलहक़ म_ ह परमाlt मा ह भारत म4 वह पजा जाता + य-0क भारत न ऐस अनक

लोग दख ह िजG ह4 इस तीसर आख आतPरक आकाश का बोध हआ ल0कन मसलमान- क दश म4 यह बात कVठन हो गई

और मसर का यह व+ तवय 0क म_ परमाlt मा ह अनलहक़ अह माि9 म धमवरोधी मालम हआ + य-0क मसलमान यह

सोच भी नह सकत 0क मनषय और परमाlt मा एक ह मनषयndashमनषय ह मनषय सिO ट ह और परमाlt मा सO टा सिOट

9 O टा कस हो सकता ह

इस लए मसर का यह व+ तवय नह समझा जा सका और उसक हlt या कर द गई ल0कन जब उसको कतल 0कया जा रहा

था तब वह हस रहा था तो 0कसी न पछा 0क हस + य- रह हो मसर कहत ह 0क मसर न कहा म_ इसलए हस रहा ह 0क तम

मझ नह मार रह हो तम मर हlt या नह कर सकत तZ ह4 मर शरर स धोखा हआ ह ल0कन म_ शरर नह ह म_ इस माड

को बनान वाला ह यह मर अगल थी िजसन आरभ म4 समच माड को चलाया था

भारत म4 मसर आसानी स समझा जाता सVदय--सVदय- स यह भाषा जानी पहचानी ह हम जानत ह 0क एक घड़ी आती ह

जब यह आतPरक आकाश जाना जाता ह तब जानन वाला पागल हो जाता ह और यह ान इतना निR चत ह 0क यVद तम

मसर क हlt या भी कर दो तो वह अपना व+ तवय नह बदलगा + य-0क हककत म4 जहा तक उसका सबध ह

तम उसक हlt या नह कर सकत अब वह पण हो गया ह उस मटान का उपाय नह ह

मसर क बाद सफ सीख गए 0क चप रहना बहतर ह इसलए मसर क बाद सफ परZ परा म4 शO य- को सतत सखाया गया

0क जब भी तम तीसर आख को उपलबध करो चप रहो कछ कहो मत जब भी घVटत हो च] पी साध लो कछ भी मत कहो

या व ह चीज4 औपचाPरक ढग स कह जाओ जो लोग मानत ह

इसलए अब इ9 लाम म4 दो परपराए ह एक सामानय परपरा हmdashबाहर लौ0कक और दसर परपरा असल इसलाम ह

सफवाद जो गम ह ल0कन सफ चप रहत ह + य-0क मसर क बाद उG ह-न सीख लया 0क उस भाषा म4 बोलना जो 0क

तीसर आख क खलन पर कट होती ह gt यथ क कVठनाई म4 पड़ना ह और उसस 0कसी को मदद भी नह होती

यह स कहता ह lsquorsquoसर क सात Cवार- को अपन हाथ- स बद करन पर आख- क बीच का 9 थान सवाह सवgt यापी हो जाता

हlsquorsquo

तZ हारा आतPरक आकाश परा आकाश हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-16 (ओशो) क0 =1त होन क चौथी वध

lsquorsquoह भगवती जब इ=1या Oदय म0 वलन ह2 कमल क क0 1 पर पहच2lsquorsquo

वान भरव तndashधयान वधndash16 ( ओशो)

lt यक वध 0कसी मन-वशष क लए उपयोगी ह िज वध क अभी हम चचा कर रह थmdashतीसर वध सर क Cवार- को

बद करन वाल वधmdashउसका उपयोग अनक लोग कर सकत ह वह बहत सरल ह और बहत खतरनाक नह ह उस तम

आसानी स काम म4 ला सकत हो

यह भी जMर नह ह 0क Cवार- को हाथ स बद करो बद करना भी जMर ह इसलए कान- क लए डाट और आख- क लए

पी स काम चल जाएगा असल बात यह 0क कछ Qण- क लए य कछ स4क4 ड क लए सर क Cवार- को पर तरह स बद कर

लो

इसका योग करो अ यास करो अचानक करन स ह यह कारगर ह अचानक म4 ह राज छपा ह Bबसतर म4 पड़-पड़

अचानक सभी Cवार- को कछ सक4 ड क लए बद कर लो और तब भीतर दखो + या होता ह

जब तZ हारा दम घटन लग + य-0क R वास भी बद हो जाएगी तब भी इस जार रख और तब तक जार रखो जब तक 0क

असय न हो जाय और जब असय हो जाएगा तब तम Cवार- को ` यादा दर बद नह रख सकोग इसलए उसक 0फ2

छोड़ दो तब आतPरक शि+ त सभी Cवार- क खद खोल दगी ल0कन जहा तक तZ हारा सबध ह तम बद रखो जब दम घटन

लग तब वह Qण आता ह नणायक Qण + य-0क घटन परान एसोसएशन तोड़ डालती ह इसलए कछ और Qण जार

रख सको तो अf छा

यह काम कVठन होगा मिR कल होगा और तZ ह4 लगगा 0क मौत आ गई ल0कन डर- मत तम मर नह सकत + य-0क

Cवार- को बद भर करन स तम नह मरोग ल0कन जब लग 0क म4 मर जाऊगा तब समझो 0क वह Qण आ गया

अगर तम उस कषण म4 धीरज स लग रह तो अचानक हर चीज काशत हो जाएगी तब तम उस आतPरक आकाश को

महसस करोग जो 0क फलता ह जाता ह और िजसम4 सम समाया हआ ह तब Cवार- को खोल दो और तब इस योग को

0फर-0फर करो जब भी समय मल इसका योग म4 लाओ

ल0कन इसका अ यास मत बनाओ तम R वास को कछ Qण क लए रोकन का अ यास कर सकत हो ल0कन उसस कछ

लाभ नह होगा एक आकि9 मक अचानक झटक क जMरत ह उस झटक म4 तZ हार चतना क परान ोत- का वाह बद हो

जाता ह और कोई नयी बात सभव हो जाती ह

भारत म4 अभी भी सव अनक लोग इस वध का अ यास करत ह ल0कन कVठनाई यह ह 0क व अ यास करत ह जब 0क

यह एक अचानक वध ह अगर तम अ यास करो तो कछ भी नह होगा कछ भी नह होगा अगर म_ तZ ह4 अचानक इस

कमर स बाहर नकाल फ4 कगा तो तZ हार वचार बद हो जाएग ल0कन अगर हम रोज-रोज इसका अ यास कर4 तो कछ नह

होगा तब वह एक याBक आदत बन जाएगी

इसलए अयास मत करो जब भी हो सक योग करो तो धीर-धीर तZ ह4 अचानक एक आतPरक आकाश का बोध होगा वह

आतPरक आकाश तZ हार चतना म4 तभी कट होता ह जब तम मlt य क कगार पर होत हो तब तZ ह4 लगता ह 0क अग म4

एक Qण भी नह जीऊ गा अब मlt य नकट ह तभी वह सह Qण आता ह इसलए लग रहो डर- मत

मlt य इतनी आसान नह ह कम स कम इस वध को योग म4 लात हए कोई gt यि+ त अब तक मरा नह ह इसम

अतनVहत सरQा क उपाय ह यह कारण ह 0क तम नह मरोग मlt य क पहल आदमी बहोश हो जाता ह इसलए होश म4

रहत हए यह भाव आए 0क म_ मर रहा ह तो डर- मत तम अब भी होश म4 हो इसलए मरोग नह और अगर तम बहोश हो

गए तो तZ हार R वास चलन लगगी तब तम उस रोक नह पाओग

और तम कान क लए डाट काम म4 ला सकत हो आख- क पी बाध सकत हो ल0कन नाक और मह क लए कोई डाट

उपयोग नह करन ह + य-0क तब वह सघातक हो सकता ह कम स कम नाक को छोड़ रखना ठUक ह उस हाथ स ह बद

करो उस हालत म4 जब बहोश होन लगोग तो हाथ अपन आप ह ढला हो जाएगा और R वास वापस आ जाएगी तो इसम

अतनVहत सरQा ह यह वध बहत- क काम क ह

चौथी वध उनक लए ह िजनका दय बहत वकसत ह जो म और भाव क लोग ह भाव-वण लोग ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquorsquo

यह वध दय-धान gt यि+ त क Cवारा काम म4 लायी जा सकती ह इसलए पहल यह समझन क कोशश करो 0क दय

धान gt यि+ त कौन ह तब यह वध समझ सकोग

जो दय-धान ह उस gt यि+ त क लए सब कछ रदय ह ह अगर तम उस ] यार करोग तो उसका दय उस ] यार को

अनभव करगा उसका मि9 तषक नह मि9 तषक-धान gt यि+ त म 0कए जान पर भी म का अनभव मि9 तषक स लता

ह वह उसक सबध म4 सोचता ह आयोजन करता ह उसका म भी मि9 तषक का ह सचतत आयोजन होता ह ल0कन

भावपण gt यि+ त तक क Bबना जीता ह वस दय क भी अपन तक ह ल0कन दय सोच-वचार नह करता ह

अगर कोई तZ ह4 पछ 0क + य- म करत हो और तम उस + य- का जवाब द सको तो तम मि9 तषक धान gt यि+ त हो और

अगर तम कहा 0क म_ नह जानता म_ सफ म करता ह तो तम दय धान gt यि+ त हो अगर तम इतना भी कहत हो 0क

म_ उस इसलए ] यार करता ह 0क वह सदर ह तो वहा ब आ गई दयोG मख gt यि+ त क लए कोई सदर इसलए ह 0क वह

उस म करता ह मि9 तषक वाला gt यि+ त 0कसी को इसलए म करता ह 0क वह सदर ह ब पहल आती ह और तब म

आता ह दय धान gt यि+ त क लए म थम ह और शष चीज4 म क पीछ-पीछ चल आती ह वह दय म4 क4 Vत ह

इसलए जो भी घVटत होता ह वह पहल उसक दय को छता ह

जरा अपन को दखो हरक Qण तZ हार जीवन म4 अनक चीज4 घVटत हो रह ह व 0कसी सथल को छती ह तम जा रह हो और

एक भखार सड़क पार करता ह वह भखार तZ ह4 कहा छता ह + या तम आथक पPरि9 थत पर सोच वचार करत हो या

+ या तम यह वचारन लगत हो 0क कस कानन क Cवारा भखमगी बद क जाए या 0क कस एक समाजवाद समाज बनाया

जाए जहा भखमग न हो

यह एक मि9 तषक धान आदमी ह जो ऐसा सोचन लगता ह उसक लए भखार महज वचार करन का आधार बन जाता

ह उसका दय अ9 पशत रह जाता ह सफ मि9 तषक 9 पशत होता ह वह इस भखार क लए अभी और यहा कछ नह

करन जा रहा ह नह वह साZ यवाद क लए कछ करगा वह भवषय क लए 0कसी ऊटोपया क लए कछ करगा वह

उसक लए अपना परा जीवन भी द-द ल0कन अभी तlt Qण वह कछ नह कर सकता ह मि9 तषक सदा भवषय म4 रहता ह

दय सदा यहा और अभी रहता ह

एक दय धान gt यि+ त अभी ह भखार क लए कछ करगा यह भखार आदमी ह आकड़ा नह मि9 तषक वाल आदमी

क लए वह गlणत का आकड़ा भर ह उसक लए भखमगी बद करना सम9या ह इस भखार क मदद क बात अासगक

तो अपन को दखो परखो दखो 0क तम कस काम करत हो दखो 0क तम दय क 0फ2 करत हो या मि9 तषक क

दयोG मख gt यि+ त हो तो यह वध तZ हार काम क ह ल0कन यह बात भी L यान रखो 0क हर आदमी आन को यह धोखा

दन म4 लगा ह 0क म_ दयोG मख gt यि+ त ह हर आदमी सोचता ह 0क म_ बहत मपण gt यि+ त ह भावक 0कसम का ह

+ य-0क म एक ऐसी बनयाद जMरत ह 0क अगर 0कसी को पता चल 0क मर पास म करन वाला दय नह ह तो वह

चन स नह रह सकता इसलए हर आदमी ऐसा सोच और मान चला जाता ह

ल0कन वR वास करन स + या होगा नO पQता क साथ अपना नरQण करो ऐस जस 0क तम 0कसी दसर का नरQण कर

रह हो और तब नणय लो + य-0क अपन को धोखा दन क जMरत + या ह और उसस लाभ भी + या ह और अगर तम अपन

को धोखा भी द दो तो तम वध को धोखा नह द सकत + य-0क तब वध को योग करन पर तम पाओग 0क कछ भी नह

होता ह

लोग मर पास आत ह म_ उनस पछता ह 0क तम 0कस कोVट क हो उG ह4 यथाथत कछ पता नह ह उG ह-न कभी इस सबध

म4 सोचा ह नह 0क व 0कस कोVट क ह उG ह4 अपन बार म4 धधल धारणाए ह दरअसल मा कY पनाए ह उनक पास कछ

आदश ह कछ तमाए ह और व सोचत हmdashसोचत + या चाहत हmdash0क हम व तमाए होत सच म4 व ह नह और अकसर

तो यह होता ह 0क व उसक ठUक वपरत होत ह

इसका कारण ह जो gt यि+ त जोर दकर कहता ह 0क म_ दय धान आदमी ह हो सकता ह वह ऐसा इसलए कह रहा हो 0क

उस अपन दय का अभाव खलता ह और वह भयभीत ह वह इस तथय को नह जान सकगा 0क उसक पास दय नह ह

इस ससार पर एक नजर डाल- अगर अपन दय क बार म4 हरक आदमी का दावा सह ह तो वह ससार इतना दय हन नह

हो सकता यह ससार हम सबका कछ जोड़ ह इसलए कह कछ अवशय गलत ह वहा दय नह ह

सच तो यह ह 0क कभी दय को शmQत ह नह +या गया मन शmQत 0कया गया ह इसलए मन ह मन को शmQत

करन क लए 9 कल कालज और वशव वCयालय ह ल0कन दय क शQण क लए कोई जगह नह ह और मन का

शQण लाभ दायी ह ल0कन दय का शQण खतरनाक ह + य-0क अगर तZ हारा दय शmQत 0कया जाए तो तम इस

ससार क लए Bबलकल gt यथ हो जाओग यह सारा ससार तो ब स चलता ह अगर तZ हारा दय शmQत हो तो तम पर

ढाच स बाहर हो जाओग जब सारा ससार दाए जाता होगा तम बाए चलोग सभी जगह तम अड़चन म4 पड़ोग

सच तो यह ह 0क मनषय िजतना अधक ससभय बनता ह दय का शQण उतना ह कम हो जाता ह हम ता उस भल ह

गए ह भल गए ह 0क दय भी ह या उसक शQण क जMरत ह यह कारण ह 0क ऐसी वधया जो आसानी स काम कर

सकती थी कभी काम नह करती

अधकाश धम दय-धान वधय- पर आधाPरत ह ईसाइयत इ9 लाम Vहद तथा अनय कई धम दयोG मख लोगो पर

आधाPरत ह िजतना ह पराना कोई धम ह वह उतना ह अधक दय आधाPरक ह तब वद लख गए और Vहद धम

वकसत हो रहा था तब लोग दयोG मख थ उस समय मन धान लोग खोजना मिRकल था ल0कन अभी सम9 या उलट

ह तम ाथना नह कर सकत + य-0क ाथना दय-आधाPरत वध ह

यह कारण ह 0क पिR चम म4 जहा ईसाइयत का बोलबाला हmdashऔर ईसाइयत खासकर कथोलक ईसाइयत ाथना का धम

हmdashाथना कVठन हो गई ह ईसाइयत म4 L यान क लए कोई 9 थान नह ह ल0कन अब पिR चम म4 भी लोग L यान क लए

पागल हो रह ह कोई अब चच नह जाता ह और अगर कोई जाता भी ह तो वह महज औपचाPरकता ह रववारय धम

+ य- + य-0क आज पिR चम का जो आदमी ह उसक लए ाथना सवथा असगत हो गई ह

L यान ` यादा मनोG मख ह ाथना ` यादा दयोG मख gt यि+ त क Lयान-वध ह यह वध भी दय वाल gt यि+ त क लए

ह ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquo

इस वध क लए करना + या ह lsquorsquoजब इVया दय म4 वलन ह-helliphelliplsquorsquo योग करक दखो कई उपाय सभव ह तम 0कसी

gt यि+ त को 9 पश करत हो अगर तम दय वाल आदमी हो तो वह 9पश शी~ ह तZ हार दय म4 पहच जाएगा और तZ ह4

उसक गणवlt ता महसस हो सकती ह अगर तम 0कसी मि9 तषक वाल gt यि+ त का हाथ अपन हाथ म4 लोग तो उसका हाथ

ठडा होगाmdashशारPरक Mप स नह भावातमक Mप स उसक हाथ म4 एक तरह का मदा पन होगा और अगर वह gtयि+त दय

वाला ह तो उसक हाथ म4 एक ऊO मा होगी तब उसका हाथ तZ हार साथ पघलन लगगा उसक हाथ स कोई चीज नकलकर

तZ हार भीतर बहन लगगी और तम दोन- क बीच एक तालमल होगा ऊO मा का सवाद होगा

यह ऊO मा दय स आ रह ह यह मि9 तषक स नह आ सकती + य-0क मि9 तषक सदा ठडा और Vहसाबी ह दय ऊO मा

वाला ह वह Vहसाबी नह ह मि9 तषक सदा यह सोचता ह 0क कस ` यादा ल4 दय का भाव रहता ह 0क कस ` यादा द4 वह

जो ऊO मा ह वह दान हmdashऊजा का दान आतPरक तरग- का दान जीवन का दान यह वजह ह 0क तZ ह4 उसम एक गहर

घलन का अनभव होगा

9 पश करो छओ आख बद करो और 0कसी चीज को 9 पश करो अपन मी या मका को छओ अपनी मा को या बf च को

छओ या म को या वQ फल या महज धरती को छओ आख4 बद रखो और धरती और अपन दय क बीच मका और

अपन बीच होत आतPरक सवार को महसस करो भाव करो 0क तZ हारा हाथ ह तZ हारा दय ह जो धरती को 9 पश करन को

बढ़ा ह 9 पश क अनभत को दय स जड़न दो

तम सगीत सन रह हो उस मि9 तषक स मत सनो अपन मि9 तषक को भल जाओ और समझो 0क म_ Bबना मि9 तषक क ह

मरा कोई सर नह ह अf छा ह 0क अपन सोन क कमर म4 अपना एक च रख लो िजसम4 सर न हो उस पर L यान को

एका करो और भाव करो 0क तम Bबना सर क हो सर को आन ह मत दो और सगीत को दय स सनो भाव करो 0क

सगीत तZ हार दय म4 जा रहा ह दय को सगीत क साथ उCवलत होन दो तZ हार इVय- को भी दय स जड़न दो

मि9 तषक स नह

यह योग सभी इVय- क साथ करो और अधकाधक भाव करो क lt यक ऐVक अनभव दय म4 जाता ह और वलन हो

जाता ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पहच-lsquorsquo

दय ह कमल ह और इVया कमल क Cवार ह कमल का पखWडया ह पहल बात 0क अपनी इVय- को दय क साथ जड़न

दो और दसर 0क सदा भाव करो 0क इVया सीध दय म4 गहर उतरती ह और उसम धल मल रह ह जब य दो काम हो

जाएग तभी तZ हार इVया तZ हार सहायता कर4गी तब व तZ ह4 तZ हार दय तक पहचा द4गी और तZ हारा दय कमल बन

जाएगा

यह दय कमल तZ ह4 तZ हारा क4 दगा और जब तम अपन दय क क4 को जान लोग तब नाभ क4 को पाना बहत आसान

हो जाएगा यह बहत आसान ह यह स उसक चचा भी नह करता उसक जMरत नह ह अगर तम सच म4 और समता

स दय म4 वलय हो गए और ब न काम करना छोड़ Vदया तो तम नाभ क4 पर पहच जाओग

दय न नाभ क और Cवारा खलता ह सफ सर स नाभ क और जाना कVठन ह या अगर तम कह सर और दय क

बीच म4 हो तो नाभ पर जाना कVठन ह एक बासर तम दय म4 वलय हो जाओ तो तम दय क पार नाभ-क4 म4 उतर गए

और वह बनयाद ह मौलक ह

यह कारण ह 0क ाथना काम करती ह और इसी कारण स जीसस कह सक 0क म ईशवर ह यह बात पर-पर सह नह ह

ल0कन म Cवार ह अगर तम 0कसी क गहर म म4 होmdash0कसक म म4 हो महतव का नह ह म ह महतव का हmdashइतन

म म4 0क सबध मि9 तषक का न रह सफ दय काम कर तो यह म ाथना बन जाएगा और तZ हारा मी या मका

भगवती बन जाएगी

सच तो यह ह कह दय क आख और कछ नह दख सकती ह यह बात तो साधारण म म4 भी घVटत होती ह अगर तम

0कसी क म म4 पड़त हो तो वह तZहार लए Vदवय हो उठता ह हो सकता ह 0क यह भाव बहत 9 थायी न हो और बहत गहरा

भी नह ल0कन तlt Qण तो मी या मका Vदवय हो उठती ह दर-अबर ब आकर पर चीज को नषट कर दगी + य-0क

ब ह9 तQप कर सब gt यव9 था Bबठान लगगी उस म क भी gt यव9 था Bबठानी पड़ती ह और एक बार ब gt यव9 थापक

हई 0क सब चीज4 नषट हो जाती ह

आगर तम सर क gt यव9 था क Bबना म म4 हो सको तो तZ हारा म अनवायत ाथना बनगा और तZ हार मका Cवार

बन जाएगी तZ हारा म तZ ह4 दय म4 क4 Vत कर दगा और एक बार तम दय म4 क4 Vत हए 0क तम अपन ह आप नाभ

क4 म4 गहर उतर जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-17 (ओशो) क0 =1त होन क पाचवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

lsquorsquoमन को भलकर मधय म0 रहोmdashजब तकlsquorsquo

यह स इतना ह ह 0कसी भी वानक स क तरह यह छोटा ह ल0कन य थोड़ स शबद भी तZ हार जीवन को समरतः

बदल सकत ह

lsquorsquoमन को भल कर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

lsquorsquoमधय म4 रहोlsquorsquomdashब न अपन L यान क वध इसी स क आधार पर वकसत क उनका माग म`झम नकाय या मधय

माग कहलाता ह ब कहत ह सदा मधय म4 रहो lt यक चीज म4

एक बार राजकमार kोण दmQत हआ ब न उस सG यास म4 दmQत 0कया वह राजकमार अvत gt यि+ त था और जब वह

सG यास म4 दmQत हआ तो सारा राजय च0कत रह गया लोग- को यकन नह हआ 0क राजकमार kोण सG यासी हो गया

0कसी न 9 वपन म4 भी नह सोचा था + य-0क kोण परा सासाPरक था भोग-वलास म4 सवथा लपत रहता था सारा Vदन

सरा और सदर ह उसका ससार थी

तभी अचानक एक Vदन ब उसक नगर म4 आए राजकमार kोण उनक दशन को गया वह ब क चरण- म4 गरा और बोला

0क मझ दmQत कर ल4 म_ ससार छोड़ दगा

जो लोग उसक साथ आए थ उG ह4 भी इसक खबर नह थी ऐसी अचानक घटना थी यह उG ह-न ब स पछा 0क यह + या हो

रहा ह यह तो चमlt कार ह kोण उस कोVट का gt यि+ त नह ह वह तो भोग वलास म4 रहा ह यह तो चमlt कार ह हमन तो

कY पना भी नह क थी 0क kोण सG यासी होगा यह + या हो रहा ह आपन कछ कर Vदया ह

ब न कहा 0क म_न कछ नह 0कया ह मन एक अत स दसर अत पर जा सकता ह वह मन का ढग ह एक अत स दसर

अत पर जाना kोण कछ नया नह कर रहा ह यह होना ह था + य-0क तम मन क नयम नह जानत इसलए तम च0कत

हो रह हो

मन एक अत स दसर अत पर गत करता रहता ह मन का यह ढग ह यह रोज-रोज होता ह जो आदमी धन क पीछ

पागल था वह अचानक सब कछ छोड़कर नगा फकर हो जाता ह हम सोचत ह 0क चमlt कार हो गया ल0कन यह सामानय

नयम क सवाय कछ नह ह जो आदमी धन क पीछ पागल नह ह उसक यह उपQा नह क जा सकती ह 0क वह lt याग

करगा + य-0क तम एक अत स ह दसर अत पर जा सकत हो वस ह जस घड़ी का प_डलम एक अत स दसर अत पर

डोलता रहता ह

इसलए जो आदमी धन क लए पागल था वह पागल होकर धन क lखलाफ जाएगा ल0कन उसका पागलपन कायम रहगा

वह मन ह जो आदमी कामवासना क लए जीता था वह मचार हो जा सकता ह एकात म4 चला जा सकता ह ल0कन

उसका पागलपन कायम रहगा पहल वह कामवासना क लए जीता था अब वह कामवासना क lखलाफ होकर िजएगा

ल0कन उसका Mख उसक aिO ट वह क वह रहगी इसलए मचार सच म4 कामवासना क पार नह गया ह उसका परा

चत काम-वासना धान ह वह सफ वM हो गया ह उसन काम का अत2मण नह 0कया ह अत2मण का माग सदा

मLय म4 ह वह कभी अत म4 नह ह

तो ब न कहा 0क यह होना ह था यह कोई चमlt कार नह ह मन ऐस ह gt यवहार करता ह

kोण भ+ ख बन गया सG यासी हो गया शी~ ह ब क दसर शO य- न दखा 0क वह दसर अत पर जा रहा था ब न

0कसी को नगन रहन को नह कहा था ल0कन kोण नगन रहन लगा ब न नता क पQ म4 नह थ उG ह-न कहा 0क यह

दसर अत ह लोग ह जो कपड़- क लए ह जीत ह मान- वह उनका जीवन हो और ऐस लोग भी ह जो नगन हो जात ह

ल0कन दोन- व9 - म4 वR वास करत ह

ब न कभी न नता क शQा नह द ल0कन kोण नगन हो गया वह ब का अकला शषय था जो नगन हआ kोण

आतम उlt पीड़न म4 भी गहर अतर गया ब न अपन सG यासय- को Vदन म4 एक बार भोजन क gt यव9 था द थी ल0कन

kोण दो Vदन- म4 एक बार भोजन लन लगा वह बहत दबल हो गया दसर भQ पड़ क छाया म4 L यान करत ल0कन kोण

कभी छाया म4 नह बठता था वह सदा कड़ी घप म4 रहता था वह बहत सदर आदमी था उसक दह बहत सदर थी ल0कन

छह महन क भीतर पहचानना मिR कल हो गया 0क यह वह आदमी ह वह कMप काला झलसा-झलसा Vदखन लगा

एक रात ब kोण क पास गए और उसस बोल kोण म_न सना ह 0क जब तम राजकमार थ तब तZ ह4 वीणा बजान का शोक

था और तम एक कशल वीणावादक और बड़ सगीत थ तो म_ तमस एक शन पछन आया ह अगर वीणा क तार बहत

ढल हो तो + या होता ह अगर तार ढल ह-ग तो कोई सगीत सभव नह ह

और 0फर ब न पछा 0क अगर तार बहत कस ह- तो + या होगा kोण न कहा 0क तब भी सगीत नह पदा होगा तार- को

मधय म4 होना चाVहए व न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 हो और kोण न कहा 0क वीणा बजाना तो आसान ह

ल0कन एक परम सगीत ह तार- को मधय म4 रख सकता ह

तो ब न कहा 0क छह महन- तक तZ हारा नरQण करन क बाद म_ तमस यह कहन आया ह 0क जीवन म4 भी सगीत तभी

जG मता ह जब उसक तार न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 ह- इसलए lt याग करना आसान ह ल0कन परम कशल

ह मधय म4 रहना जानता ह इसलए kोण कशल बनो और जीवन क तार- को मधय म4 ठUक मधयम म4 रखो इस या उस

अत पर मत जाओ और lt यक चीज क दो छोर ह दो अतया ह ल0कन तZ ह4 सदा मधय म4 रहना ह

ल0कन मन बहत बहोश ह इसलए स म4 कहा गया ह lsquorsquoमन को भलकरlsquorsquo तम यह बात सन भी लोग तम इस समझ भी

लोग ल0कन मन उसको नह हण करगा मन सदा अतय- को चनता ह मन म4 अतय- क लए बड़ा आकषण ह मोह ह

+ य- + य-0क मधय म4 मन क मlt य हो जाती ह

घड़ी क प_डलम को दखो अगर तZ हार पास कोई परानी घड़ी हो तो उसक प_डलम को दखो प_डलम सारा Vदन चलता रहता ह

यVद वह अतय- तक आता जाता रह जब वह बाए जाता ह तब दाए जान क लए शि+ त अिजत कर रहा ह जब वह दाए जा

रहा ह तो मत सोचो क वह दाए जा रहा ह वह बाए जान क लए ऊजा इकी कर रहा ह अतया ह दाए-बाए ह प_डलम को

बीच म4 ठहरन दो और सब गत बद कर दो तब प_डलम म4 उजा नह रहगी कय-0क उजा तो एक अत स आ रह थी एक

अत स दसर अत उस दसर अत क और फ4 कती ह उसस एक वतल बनता ह और प_डलम गतमान होता ह उसको बीच

म4 होन दो और तब सब गत ठहर जाएगी

मन प_डलम क भात ह और अगर तम इसका नरQण करो तो रोज ह इसका पता चलगा तम एक अत क पQ म4 नणय

लत हो और तब तम दसर अत क और जान लगत हो तम अभी 2ोध करत हो 0फर पR चाताप करत हो तम कहत हो

नह बहत हआ अब म_ कभी 2ोध न कMगा ल0कन तम कभी अत को नह दखत

यह lsquorsquoकभी नहrsquorsquo अत ह तम कस नशचत हो सकत हो 0क तम कभी नह 2ोध करोग तम कह + या रह ह एक बार और

सोचो कभी नह अतीत म4 जाओ और याद करो 0क 0कतनी बार तमन नशचय 0कया ह 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा जब

तम कहत हो 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा तो तम नह जानत हो 0क 2ोध करत समय ह तमन दसर छोर पर जान क

ऊजा इकी कर ल थी अब तम पR चाताप कर रह हो अब तZ ह4 बरा लग रहा ह तZ हार आतम छव Vहल गई ह गर गई

ह अब तम नह कह सकत 0क म_ अf छा आदमी ह धामक आदमी ह म_न 2ोध 0कया और धामक gt यकत 2ोध नह

करता ह अf छा आदमी 2ोध कस करगा तो तम अपनी अf छाई को वापस पान क लए पR चाताप करत हो कम स कम

अपनी नजर म4 तZ ह4 लगगा 0क म_न पR चाताप कर लया चन हो गया और अब 0फर 2ोध नह होगा इसस तZ हार Vहल हई

आतम-छव परानी अव9 था म4 लौट आएगी अब तम चन महसस करोग + य-0क अब तम दसर अत पर चल गए

ल0कन जो मन कहता ह 0क अब म_ 0फर कभी 2ोध नह कMगा वह 0फर 2ोध करगा अब जब तम 0फर 2ोध म4 होग4 तो

तम अपन पR चाताप को अपन नणय को सब को Bबलकल भल जाओग और 2ोध क बाद 0फर वह नणय लौटगा और

पR चाताप वापस आएगा और तम कभी उसक धोख को नह समझ पाओग ऐसा सदा हआ ह मन 2ोध स पR चाताप और

पR चाताप स 2ोध क बीच डोलता रहता ह

बीच म4 रहो न 2ोध करो न पR चाताप करो और अगर 2ोध कर गए तो कपा कर 2ोध ह करो पR चाताप मत करो दसर

अत पर मत जाओ बीच म4 रहो कहो 0क म_न 2ोध 0कया ह म_ बरा आदमी ह Vहसक ह म_ ऐसा ह ह ल0कन पR चाताप

मत करो दसर अत पर मत जाओ मधय म4 रहो और अगर तम मधय म4 रह सक तो 0फर तम 2ोध करन क लए ऊजा

इकी नह कर पाओग

इसलए यह स कहता ह lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस lsquorsquoजब तकrsquorsquo का + या मतलब ह मतलब यह ह 0क जब तक तZ हारा व9 फोट न हो जाए मतलब यह ह 0क तब तक मधय

म4 रहो जब तक मन क मlt य न हो जाए तब तक मधय म4 रहो जब तक मन अ-मन न हो जाए अगर मन अत पर ह तो अ-

मन मधय म4 होगा

ल0कन मधय म4 होना ससार म4 सबस कVठन काम ह Vदखता तो सरल ह Vदखता तो यह आसान ह तZ ह4 लगगा 0क म_ कर

सकता ह और तZ ह4 यह सोचकर लगगा 0क पR चाताप क कोई जMरत नह ह ल0कन योग करो और तब तZ ह4 पता

चलगा 0क जब 2ोध करोग तो मन पR चाताप करन पर जोर दगा

पत-पिlt नय- का झगड़ा सदा स चलता आया ह और सVदय- स महापtष और सलाहकार समझा रह ह 0क कस रह4 और म

कर4 और यह झगड़ा जार ह पहल बार ायड को इस तथय को बोध हआ 0क जब भी तम म तथाकथत म म4 होओग

तZ ह4 धणा म4 भी होना पड़गा सबह म करोग और R याम घणा करोग और इस तरह प_डलम Vहलता रहगा lt यक पत-

पlt नी को इसका पता ह ल0कन ायड क अनतaिOट बड़ी अvत ह वह कहता ह 0क अगर 0कसी दपत न झगड़ा बद कर

Vदया ह तो समझो 0क उनका म मर गया घणा और लड़ाई क साथ जो म ह वह मर गया

अगर 0कसी जोड़ का तम दखो 0क वह कभी लड़ता नह ह तो यह मत समझो 0क यह आदश जोड़ा ह उसका इतना ह अथ ह

0क यह जोड़ा ह नह ह व समातर रह रह ह ल0कर साथ-साथ नह रहत व समातर रखाए ह जो कह नह मलती लड़न

क लए भी नह व दोन- साथ रहकर भी अकल-अकल हmdashअकल-अकल और समातर

मन वपरत पर गत करता ह इसलए अब मनोवान क पास दपतय- क लए बहतर नदान हmdashबहतर और गहरा वह

कहता ह 0क अगर तम सचमच म-इसी मन क साथmdashकरना चाहत हो तो लड़न झगड़न स मत डर- सच तो यह ह 0क

तZ ह4 ामाlणक ढग स लड़ना चाVहए ता0क तम ामाlणक म क दसर छोर को ापत कर सको इसलए अगर तम अपनी

पlt नी क लड़ रह हो तो लड़न स चको मत अGयथा म स भी चक जाओग झगड़ स बचो मत उसका मौका आए तो अत

तक लड़- तभी सL या आत-आत तम 0फर म करन योगय हो जाओग मन तब तक शि+ त जटा लगा

सामानय म सघष क Bबना नह जी सकता + य-0क उसम मन क गत सलगन ह सफ वह म सघष क Bबना िजएगा

जो 0क मन का नह ह ल0कन वह बात ह और ह ब का म और ह बात ह

ल0कन अगर ब तZ ह4 म कर4 तो तम बहत अf छा नह महसस करोग + य- + य-0क उसम4 कछ दोष नह रहगा वह मीठा

ह मीठा होगा और उबाऊ होगा कय-0क दोष तो झगड़ स आता ह ब 2ोध नह कर सकत व कवल म कर सकत ह

तZ ह4 उनका म पता नह चलगा + य-0क पता तो वरोध म4 वपरतता म4 चलता ह

जब ब बाहर वष[ क बाद अपन नगर वापस आए तो उनक पlt नी उनक 9 वागत को नह आई सारा नगर उनक 9 वागत क

लए इका हो गया ल0कन उनक पlt नी नह आई ब हस और उG ह-न अपन मखय शषय आनद स कहा 0क यशोधरा

नह आई म_ उस भल-भात जानता ह ऐसा लगता ह 0क वह मझ अभी भी म करती ह वह माननी ह वह आहत अनभव

कर रह ह म_ तो सोचता था बाहर वष का लZ बा समय ह वह अब म म4 न होगी ल0कन मालम होता ह 0क यह अब भी म

म4 ह अब भी 2ोध म4 ह वह मझ लन नह आई मझ ह उसक पास जाना होगा

और ब गए आनद भी उनक साथ था आनद को एक वचन Vदया हआ था जब आनद न दQा ल थी तो उसन एक शत

रखीmdashऔर ब न मान ल 0क म_ सदा आपक साथ रहगा वह ब का बड़ा चचरा भाई था इसलए उG ह4 मानना पडा था सो

आनद राजमहल तक उनक साथ गया वहा ब न उनस कहा 0क कम स कम यहा तम मर साथ मत चलो + य-0क

यशोधरा बहत नाराज होगी म_ बाहर वष[ क बाद लौट रहा ह और उस खबर 0कए Bबना यहा स चला गया था वह अब भी

नाराज ह तो तम मर साथ मत चलो अG यथा वह समझगा 0क म_न उस कछ कहन का भी अवसर नह Vदया वह बहत कछ

कहना चाहती होगी तो उस 2ोध कर लन दो तम कपा इस बार मर साथ मत आओ

ब भीतर गए यशोधरा ` वालामखी बनी बठU थी वह फट पड़ी वह रोन चY लान लगी बकन लगी ब चपचाप बठ सनत

रह धीर-धीर वह शात हई और तब वह समझी 0क उस बीच ब एक शबद भी नह बोल उसन अपनी आख4 प-छU और ब

क और दखा

ब न कहा 0क म_ यह कहन आया ह 0क मझ कछ मला ह म_न कछ जाना ह म_न कछ उपलबध 0कया ह अगर तम शात

होओ तो म_ तZ ह4 वह सदश वह सतय द जो मझ उपलबध हआ ह म_ इतनी दर इसलए tका रहा 0क तZ हारा रचन हो जाए

बारह साल लबा समय ह तमन बहत घाव इक 0कए ह-ग और तZ हारा 2ोध समझन योगय ह मझ इसक तीQा थी

उसका अथ ह 0क तम अब भी मझ म करती हो ल0कन इस म क पार भी एक म ह और उसी म क कारण म_ तZ ह4 कछ

कहन वापस आया ह

ल0कन यशोधरा उस म को नह समझ सक इस समझना कVठन ह + य-0क यह इतना शात ह यह म इतना शात ह

0क अनपि9 थत सा लगता ह

जब मन वसिजत होता ह तो एक और ह म घVटत होता ह ल0कन उस म का कोई वपरत पQ नह ह वरोधी पQ नह

ह जब मन वसिजत होता ह तब जो भी घVटत होता ह उसका वपरत पQ नह रहता मन क साथ सदा उसका वपरत

खड़ा रहता ह और मन एक प_डलम क भात गत करता ह

यह स अvत ह उसस चमlt कार घVटत हो सकता ह

lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस योग म4 लाओ और यह स तZ हार पर जीवन क लए ह ऐस नह ह 0क उसका अ यास यदा-कदा 0कया और बात

खतम हो गई तZ ह4 नरतर इसका बोध रखना होगा होश रखना होगा काम करत हए चलत हए भोजन करत हए सबध-

म4 सव मधय म4 रहो योग करक दखो और तम दखोग4 0क एक मौन एक शात तZ ह4 घरन लगी ह और तZ हार भीतर एक

शात क4 नमत हो रहा ह

अगर ठUक मधय म4 होन म4 सफल न हो सको तो भी मधय म4 होन क कोशश करो धीर-धीर तZ ह4 मधय क अनभत होन

लगगी जो भी हो घणा या म 2ोध या पR चाताप सदा ~वीय वपरतताओ को L यान म4 रखो और उनक बीच म रहो और

दर अबर तम ठUक मधय को पा लोग

और एक बार तमन इस जान लया तो 0फर तम उस नह भलोग + य-0क मधय Bबद मन क पार ह और वह मधय Bबद

अL यातम का सार स ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-18 (ओशो) क0 =1त होन क छठवी वध

त-सmdashवध-18 (ओशो) 6कसी वषय को )मपवक दखो

rdquo6कसी वषय को )मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ यह वषय क मधय म0mdashआनदrdquo

म_ 0फर दोहराता ह lsquorsquo0कसी वषय को मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ 0कसी दसर वषय पर L यान मत ल जाओ

यह वषय क माधय म4mdashआनद

lsquorsquo6कसी वषय को )म पण दखोhelliphelliplsquorsquo

मपवक म4 कजी ह + या तमन कभी 0कसी चीज को मपवक दखा ह तम हा कह सकत हो + य-0क तम नह जानत 0क

0कसी चीज को मपवक दखन का + या अथ ह तमन 0कसी चीज को लालसा-भर आख- स दखा होगा कामना पवक दखा

होगा वह दसर बात ह वह Bबलकल भनन वपरत बात ह पहल इस भद को समझो

तम एक सदर चहर को सदर शरर को दखत हो और तम सोचत हो 0क तम उस मपवक दख रह हो ल0कन तम उस + य-

दख रह हो + या तम उसस कछ पाना चाहत हो तब वह वासना ह कामना ह म नह ह + या तम उसका शोषण करना

चाहत हो तब वह वासना ह म नह तब तम सच म4 यह चाहत हो 0क म_ कस इस शरर को उपयोग म4 लाऊ कस इसका

मालक बन कस इस अपन सख का साधन बना ल

वासना का अथ ह 0क कस 0कसी चीज को अपन सख क लए उपयोग म4 लाऊ म का अथ ह 0क उसस मर सख का कछ

लना दना नह ह सच तो यह ह 0क वासना कछ लना चाहती ह और म कछ दना चाहता ह व दोन- सवथा एक दसर क

तकल ह

अगर तम 0कसी सदर gt यि+ त को दखत हो और उसक त म अनभव करत हो तो तZ हार चतना म4 तरत भाव उठगा 0क

कस इस gt यि+ त को इस पMष या 9 ी को सखी कM यह 0फ2 अपनी नह दसर क ह म म4 दसर महlt वपण ह वासना म4

तम महतवपण हो वासना म4 तम दसर4 को साधन बनान क सोचत हो और म म4 तम 9 वय साधन बनन क सोचत हो

वासना म4 तम दसर को प-छ दना चाहत हो म म4 तम 9 वय मट जाना चाहत हो म का अथ ह दना वासना का अथ ह

लना म समपण ह वासना आ2मण ह

तम + या कहत हो उसका कोई अथ नह ह वासना म4 भी तम म क भाषा काम म4 लात हो तZ हार भाषा का बहत मतलब

नह ह इसलए धोख म4 मत पड़ो भीतर दखो और तब तम समझोग 0क तमन जीवन म4 एक बार भी 0कसी gt यि+ त या व9 त

को मपवक नह दखा ह

एक दसरा भद भी समझ लन जसा ह

स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

असल म4 तम 0कसी पाथव जड़ व9 त को भी मपवक दखो तो वह व9 त gt यि+ त बन जाती ह तZ हारा म व9 त को भी

gt यि+ त म4 MपातPरत करन क कजी ह अगर तम वQ को मपवक दखो तो वQ gt यि+ त बन जाता ह

उस Vदन म_ ववक स बात करता था म_न उसस कहा 0क जब हम नए आkम म4 जाएग तो वहा हम हरक वQ को नाम द4ग

+ य-0क हरक वQ gt यि+ त ह + या कभी तमन सना ह 0क कोई वQ- को नाद द कोई वQ- को नाम नह दता + य-0क कोई

वQ- को म नह करता अगर म कर तो gt यि+ त बन जाए तब वह भीड़ का जगल का Vह9 सा नह रहा वह अनठा हो

गया

तम कlt त- और BबिY लय- को नाम दत हो जब तम कltत को नाम दत हो उस lsquorsquoटाइगरrsquorsquo कहत हो तो कlt ता gt यि+ त बन

जाता ह तब वह बहत स कlt त- म4 एक कlt ता नह रहा तब उसको gt यि+ ततव मल गया तमन नमत कर Vदया जब भी

तम 0कसी चीज को मपवक दखत हो वह चीज gt यि+ त बन जाती ह

और इसका उलटा भी सह ह जब तम 0कसी gt यि+ त को वासना पवक दखत हो तो वह gt यि+ त व9 त बन जाता ह यह

कारण ह 0क वासना भर आख- म4 वकषण होता ह + य-0क कोई भी वसत होना नह चाहता जब तम अपनी पlt नी को या

0कसी दसर 9 ी को या पMष को वासना क aिO ट स दखत हो तो उसक दसर को चोट पहचती ह तम असल म4 + या कर

रह हो तम एक जीवत gt यि+ त को मत साधन म4 य म4 बदल रह हो ` य- ह तमन सोचा 0क कस उसका उपयोग कर4 0क

तमन उसक हlt या कर द

यह कारण ह 0क वासना भर आख4 वकषण होती ह कMप होती ह और जब तम 0कसी को म स भरकर दखत हो तो

दसरा ऊचा उठ जाता ह वह अनठा हो जाता ह अचानक वह gt यि+ त हो उठता ह

एक व9 त बदल जा सकती ह ठUक उसक जगह वसी ह चीज लाई जा सकती ह ल0कन उसी तरह एक gt यि+ त नह बदला

जा सकता व9 त का अथ ह जो बदल जा सक gt यि+ त का अथ ह जो नह बदला जा सक 0कसी पMष या 9 ी क 9 थान पर

ठUक वसा ह पMष या 9 ी नह लायी जा सकती ह हर एक gt यि+ त अनठा ह व9 त नह

म 0कसी को भी अनठा बना दता ह यह कारण ह 0क म क Bबना तम नह महसस करत 0क म_ gt यि+ त ह जब तक कोई

तZ ह4 गहन म न कर तZ हार अनठपन का एहसास ह नह होता तब तक तम भीड़ क Vह9 स होmdashएक नबर एक सr या

और तम बदल जा सकत हो

यह स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliphelliplsquorsquo

यह 0कसी वषय या gt यि+ त म4 कोई फक नह करता उसक जMरत नह ह + य-0क जब तम मपवक दखत हो तो कोई भी

चीज gt यि+ त हो उठती ह यह दखना ह बदलता ह MपातPरत करता ह

तमन दखा हो या न दखा हो जब तम 0कसी खास कार को समझो वह 0फएट ह चलात हो तो + या होता ह एक ह जस

हजार--हजार 0फएट ह ल0कन तZ हार कार अगर तम पनी कार को म करत हो अनठU हो जाती ह gt यि+ त बन जाती ह

उस बदला नह जा सकता एक नाता-PरR ता नमत हो गया अब तम इस कार को एक gtयि+ त समझत हो

अगर कछ गड़बड़ हो जाए जरा सी आवाज आन लग तो तZ ह4 तरत उसका एहसास होता ह और कार4 बहत तनकमज़ाज

होती ह तम अपनी कार क मज़ाज स पPरचत हो 0क कब वह अf छा महसस करती ह और कब बरा धीर-धीर कार

gt यि+ त बन जाती ह + यो

अगर म का सबध ह तो कोई भी चीज gt यि+ त बन जाती ह और अगर वासना का सबध हो तो gt यि+ त भी व9 त बन जाता

ह और यह बड़ स बड़ा अमानवीय कतय ह जो आदमी कर सकता ह 0क वह 0कसी को व9 त बना द

lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

इसक लए कोई + या कर म स जब दखत हो तो + या होता ह पहल बात अपन को भल जाओ अपन को Bबलकल भल

जाओ एक फल को दखो और अपन को Bबलकल भल जाओ फल तो हो ल0कन तम अनपि9 थत हो जाओ फल को अनभव

करो और तZ हार चतना स गहरा म फल क और वाVहत होगा और तब अपनी चतना को एक ह वचार स भर जान दो

0क कस म_ इस फल क ` यादा lखलन4 म4 ` यादा सदर होन म4 ` यादा आनVदत होन म4 सहयोगी हो सकता ह म_ + या कर

सकता ह

यह महतव क बात नह ह 0क तम कछ कर सकत हो या नह यह ासगक नह ह यह भाव 0क म_ + या कर सकता ह यह

पीड़ा गहर पीड़ा 0क इस फल को ` यादा सदर ` यादा जीवत और ` यादा 9 फVटत बनान क लए म_ + या कM ` यादा

महतव क ह इस वचार को आन पर ाण- म4 गजन दो अपन शरर और मन क lt यक तत को इस वचार स भीगन दो

तब तम समाधसथ हो जाओग और फल एक gt यि+ त बन जाएगा

lsquorsquoदसर वषय पर मत जाओhelliplsquorsquo

तम जा नह सकत अगर तम म म4 हो तो नह जा सकत अगर तम इस समह म4 बठ 0कसी gt यि+ त को म करत हो तो

तZ हार लए सब भीड़ भल जाती ह और कवल यह चहरा बचता ह सच म4 तम और 0कसी को नह दखत उस एक चहर को

ह दखत हो सब वहा ह ल0कन व नह क बराबर ह व तZ हार चतना क महज पPरध पर होत ह व महज छायाए ह मातर

एक चहरा रहता ह अगर तम 0कसी को म करत हो तो मा वह चहरा रहता ह इसलए दसर पर तम नह जा सकत

दसर वषय पर मज जाओ एक क साथ ह रहो गलाब क फल क साथ या अपनी मका क चहर क साथ रहो ओर उसक

साथ मपवक रहो वाहमान रहो समगर दय स उसक साथ रहो और इस वचार क साथ रहो 0क म_ अपनी मका को

` यादा सखी और आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

और जब ऐसी ि9 थत बन जाए 0क तम अनपि9 थत हो अपनी 0फ2 नह करत अपनी सख सतोष क चता नह लत अपन

को पर तरह भल गए हो जब तम सफ दसर क लए चता करत हो दसरा तZ हार म का क4 बन गया ह तZ हार चतना

दसर म4 वाVहत हो रह ह जब गहन कMणा और म क भाव स तम सोचत हो 0क म_ अपनी मका को आनVदत करन क

लए + या कर सकता ह तब इस ि9 थत म4 अचानक lsquorsquoयह वषय क मधय म4mdashआनद अचानक उप-उlt पत क तरह तZ ह4

आनद उपलबध हो जाता ह तब अचानक तम क4 Vत हो गए

यह बात वरोधाभासी लगती ह + य-0क स कहता ह 0क अपन को Bबलकल भल जाओ आतम क4 Vत मत बनो दसर म4

पर तरह वश करो

ब नरतर कहत थ 0क जब भी तम ाथना करो तो दसर- क लए कर-mdashअपन लए नह अG यथा ाथना gt यथ जायगी

एक आदमी ब क पास आया और उसन कहा 0क म_ आपक उपदश को 9 वीकार करता ह ल0कन उसक एक बात मानना

बहत कVठन ह आप कहत ह जब भी तम ाथना करो तो अपनी मत सोचो अपन लए मत कछ मागो सदा यह कहो 0क

मर ाथना स जो फल आए वह सबको मल कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आमद न कहा यह बात भी ठUक

ह ल0कन कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आदमी न कहा यह बात भी ठUक ह ल0कन म_ इसम एक अपवाद

एक ह अपवाद करना चाहगा और वह यह 0क यह कपा मर पड़ोसी को न मल + य-0क वह मरा श ह यह आनद मर

पड़ोसी को छोड़कर सबको ापत हो

मन आतम क4 Vत ह ब न उस आदमी स कहा 0क तब तZ हार ाथना gt यथ ह अगर तम सब कछ सबको बाटन को तयार

नह हो तो कछ भी फल नह होगा और सबम4 बाट दोग तो सब तZ हारा होगा

म म4 तZ ह4 अपनी को भल जाना ह ल0कन तब यह बात वरोधाभासी लगन लगती ह तब क4 Vत होना कब और कस घVटत

होगा दसर म4 समMपण सलगन होन स जब तम 9 वय को पर तरह भल जात हो और जब दसरा ह बचता ह तम आनद

स आशीवाद स भर Vदय जात हो

+ यो + य-0क जब तम अपनी 0फ2 नह रहती तो तम खाल Pरकत हो जात हो तब आतPरक आकाश नमत हो जाता ह

जब तZ हारा मन पर तरह दसर म4 सलगन ह तो तम अपन भीतर मन रVहत हो जात हो तब तZ हार भीतर वचार नह रह

जाता ह और तब यह वचार भी 0क म_ दसर को अधक सखी अधक आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह जाता

रहता ह + य-0क सच म4 तम कछ नह कर सकत तब यह वचार वराम बन जाता ह तम कछ नह कर सकत + या कर

सकत हो + य-0क अगर सोचत हो 0क म_ कछ कर सकता ह तो अब भी अहकार क भाषा म4 सोच रह हो

समरण रह मपा क साथ gt यि+ त Bबलकल असहाय हो जाता ह जब भी तम 0कसी को म करत हो तम असहाय हो जात

हो यह म क पीड़ा ह 0क तZ ह4 पता नह चलता 0क म_ + या कर सकता ह तम सब कछ करना चाहोग तम अपन मी या

मका को सारा माड द दना चाहोग ल0कन तम कर + या सकत हो अगर तम सोचत हो 0क यह या वह कर सकत हो तो

तम अभी म म4 नह हो म बहत असहाय ह Bबलकल असहाय ह और वह असहायपन सदर ह + य-0क उसी असहायपन

म4 तम समपत हो जात हो

0कसी को म करो और तम असहाय अनभव करोग 0कसी को धणा करो और तZ ह4 लगगा 0क तम कछ कर सकत हो म

करो और तम Bबलकल असमथ हो तम + या कर सकत हो जो भी तम कर सकत हो वह इतना Q लगता ह इतना

अथहन वह कभी भी पयापत नह मालम होता कछ नह 0कया जा सकता और जब कोई समझता ह 0क कछ नह 0कया

जा सकता तब वह असहाय अनभव करता ह जब कोई सब कछ करना चाहता ह और समझता ह 0क कछ नह 0कया जा

सकता तब मन Mक जाता ह और इसी असहायाव9 था म4 समपण घVटत होता ह तम खाल हो गए

यह कारण ह 0क म गहन L यान बन जाता ह अगर सच म4 तम 0कसी को म करत हो तो 0कसी अनय L यान क जMरत न

रह ल0कन + य-0क कोई भी म नह करता ह इसलए एक सौ बारह वधय- क जMरत पड़ी और व भी काफ कम ह

उस Vदन कोई यहा था वह कहा रहा था 0क इसस मझ बहत आशा बधी ह म_न पहल दफा आप स ह सना ह 0क एक सौ

बारह वधया ह इसस बहत आशा होती ह ल0कन मन म4 कह एक वषाद भी उठता ह 0क + या कल एक सौ बारह वधय-

स काम चल सकता ह अगर मर लए वह सब क सब gt यथ हई तो + या होगा + या कोई एक सौ तरहवी वध नह ह

और वह आदमी सह ह वह सह ह अगर य एक सौ बारह वधया तZ हार काम न आ सक तो कोई उपाय नह ह इसलए

उसका कहना ठUक ह 0क आशा क पीछ-पीछ वषाद भी घरता ह ल0कन सच तो यह ह 0क वधय- क जMरत इसलए

पड़ती ह 0क बनयाद वध खो गई ह अगर तम म कर सको तो 0कसी वध क जMरत नह ह म 9 वय सबस बड़ी वध

ल0कन म कVठन ह एक तरह स असभव म का अथ ह अपन को ह अपनी चतना स नकाल बाहर करना और उसक

जगह अपन अहकार क जगह दसर को 9 थापत करना म का अथ ह अपनी जगह दसर को 9 थापत करना मान- 0क अब

तम नह ह सफ दसरा ह

`या पाल सा कहता ह 0क दसर नरक ह और वह सह ह + य-0क दसरा तZ हार लए नरक ह बनाता ह ल0कन सा गलत

भी हो सकता ह + य-0क दसरा अगर नरक ह तो वह 9 वग भी हो सकता ह

अगर तम वासना स जीत हो तो दसरा नरक ह + य-0क तम उस gt यि+ त क हlt या करन म4 लग हो तम उस व9 त म4 बदलन

म4 लग हो तब वह gt यि+ त भी त02या म4 तZ ह4 व9 त बनाना चाहगा और उसस ह नरक पदा होता ह

तो सब पत-पlt नी एक दसर क लए नरक पदा कर रह ह + य-0क हरक दसर पर मल0कयत करन म4 लगा ह मल0कयत

सफ चीज4 क हो सकती ह वयि+ तय- क नह तम 0कसी व9 त को तो अधकार म4 कर सकत हो ल0कन 0कसी gt यि+ त को

अधकार म4 नह कर सकत ल0कन तम gt यि+ त पर अधकार करन क कोशश करत हो और उस कोशश म4 gt यि+ त बन

जाता ह तब तम भी मझ व9 त बनान क कोशश करोग उसस ह नरक बनता ह

तम अपन कमर म4 अकल बठ हो और तभी तZ ह4 अचानक पता चलता ह 0क कोई चाबी क छद स भीतर झाक रहा ह गौर स

दखो 0क + या होता ह तZ ह4 कोई बदलाहट महसस हई तम + य- इस झाकन वाल पर नाराज होत हो उसन तZ ह4 व9 त म4

बदल Vदया वह झाक रहा ह और झाक कर उसन तZ ह4 व9 त बना Vदया आcज+स बना Vदया उसन ह तZ ह4 बचनी होती

और वह बात उस आदमी क साथ होगी अगर तम उस चाबी क छद क पास आकर बाहर दखन लगो तो दसरा gt यि+ त घबरा

जाएगा एक Qण पहल वह O टा था और तम aशय थ अब वह अचानक पकड़ा गया और तZ ह4 दखत हए पकड़ा गया और

अब वह व9 त बन गया ह

जब कोई तZ ह4 दख रहा ह तो तZ ह4 लगता ह 0क मर 9 वतता बाधत हई नषट हई यह कारण ह 0क मपा को छोड़कर

तम 0कसी को घर नह सकत टकटक लगाकर दख नह सकत अगर तम म म4 नह हो तो वह घरना कMप होगा Vहसक

होगा हा अगर तम म म4 हो तो वह घरना सदर ह + य-0क तब तम घरकर 0कसी को व9 त म4 नह बदल रह हो तब तम

दसर क आख स सीध झाक सकत हो तब तम दसर क आख म4 गहर वश कर सकत हो तम उस व9 त म4 नह बदलत

बिY क तZ हारा म उस gt यि+ त बना दता ह यह कारण ह 0क सफ मय- को घरना सदर होता ह शष सब घरना कMप ह

गदा ह

मानि9वद कहत ह 0क तम 0कसी gt यि+ त को अगर वह अजनबी ह 0कतनी दर तक घरकर दख सकत हो इसक सीमा ह

तम इसका नरQण करो और तZ ह4 पता चल जाएगा 0क इसक अवध 0कतनी ह इस समय क सीमा ह उसस एक Qण

` यादा घर- और दसरा gt यि+ त 2 हो जायगा सावजनक Mप स एक चलती हई नजर Qमा क जा सकती ह + य-0क उसस

लगगा 0क तम दख भर रह थ घर नह रह थ aिO ट गड़ा कर दखना दसर बात ह

अगर म_ तZ ह4 चलत-चलत दख लता ह तो उसस कोई सबध नह बनता ह या म_ गजर रहा ह और तम मझ पर नगाह डाल-

तो उसस कछ बनता-Bबगड़ता नह ह वह अपराध नह ह ठUक ह ल0कन अगर तम अचानक tककर मझ दखन लगो तो

तम नरQक हो गए तब तZ हार aिO ट स मझ अड़चन होगी और म_ अपमानत अनभव कMगा तम कर कया रह हो म_

gt यि+ त ह व9 त नह यह कोई दखन का ढग ह

इसी वजह स कपड़ महlt वपण हो गए ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तभी तम उसक समQ नगन हो सकत हो + य-0क

िजस Qण तम नगन होत हो तZ हारा समचा शरर aिO ट का वषय बन जाता ह कोई तZ हार पर शरर को नहार रहा ह

और अगर वह तZ हार म म4 नह ह तो उसक आख तZ हार पर शरर को तZ हार पर अि9 ततव को व9 त म4 बदल द4गी

ल0कन अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम उसक सामन ल` जा महसस 0कए Bबना ह नगन हो सकत हो बिY क तZ ह4

नगन होना रास आएगा + य-0क तम चाहोग 0क यह Mपातरकार म तZ हार पर शरर को gt यि+ त म4 MपातPरत कर द

जब भी तम 0कसी को व9 त म4 बदलत हो तो वह कतय अनतक ह ल0कन अगर तम म स भर हो तो उस म भर Qण म4

घटना यह आनद 0कसी भी वषय क साथ सभव हो जाता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

अचानक तम अपन को भल गए हो दसरा ह ह और तब वह सह Qण आएगा जब 0क तम पर क पर अनपि9 थत हो

जाओग तब दसरा भी अनपि9 थत हो जाएगा और तब दोन- क बीच वह धG यता घटती ह मय- क यह अनभत ह

यह आनद एक अात और अचतन L यान क कारण घटता ह जहा दो मी ह वहा धीर-धीर दोन- अनपि9 थत हो जात हो

और वहा एक श असततव बचता ह िजसम4 कोई अहकार नह ह कोई CवCव नह ह वहा मा सवाद ह साहचय ह

सहभागता ह उस सभोग म4 ह आनद उतरता ह वह समझना गलत ह 0क यह आनद तZ ह4 0कसी दसर स मला ह वह

आनद आया ह + य-0क तम अनजान ह एक गहर L यान वध म4 उतर गय हो

तम यह सचतन भी कर सकत हो और जब सचतन करत हो तो तम और गहर जात हो + य-0क तब तम वषय स बध नह

हो यह रोज ह होता ह जब तम 0कसी को म करत हो तो तम जो आनद अनभव करत हो उसका कारण दसरा नह ह

उसका कारण बस म ह और म + य- कारण ह + य-0क यह घटना ह यह स घटता ह

ल0कन तब तम एक गलतफहमी स सत हो जात हो तम सोचत हो 0क अ या ब क सािG नधय क कारण यह आनद घटा

और तम सोचत हो 0क मझ अ को अपन कc ज म4 करना चाVहए + य-0क अ क उपि9 थत क Bबना मझ यह आनद नह

मलता और तम ईO याल हो जात हो तZ ह4 डर लगन लगता ह 0क अ 0कसी दसर क कc ज म4 न चला जाय + य-0क तब

दसरा आनVदत होगा और तम दःखी होओग इसलए तम प+ का कर लना चाहत हो 0क अ 0कसी और क कबज म4 न जाए

अ को तZ हार ह कc ज म4 होना चाVहए + य-0क उसक Cवारा तZ ह4 0कसी और लोक क झलक मल

ल0कन िजस Qण तम मालकयत क चO टा करत हो उसी Qण उस घटना का सब सqदय सब कछ नषट हो जाता ह जब

म पर कc जा हो जाता ह म समापत हो जाता ह तब मी सहज एक व9 त होकर रह जाता ह तम उसका उपयोग कर

सकत हो ल0कन 0फर वह आनद नह घVटत होगा वह आनद तो दसर क gt यि+ त होन स आता ह दसरा तो नमत हआ

था तमन उसक भीतर gt यि+ त को नमत 0कया था उसन तZ हार भीतर वह 0कया था तब कोई आcज+स नह था तब

दोन- दो जीवत नजात थ ऐसा नह था एक gt यि+ त था और दसरा व9 त ल0कन ` य- ह तमन माल0कयत क 0क आनद

असभव हो गया

और मन सदा 9 वामतव करना चाहगा + य-0क मन सदा लोभ क भाषा म4 सोचता ह सोचता ह 0क एक Vदन जो आनद

मला वह रोज-रोज मलना चाVहए इसलए मझ 9 वामतव जMर ह ल0कन यह आनद ह तब घटता ह जब सवामतव क

बात नह रहती और आनद दसर क कारण नह तZ हार कारण घटता ह यह समरण रह 0क आनद तZ हार कारण घटता ह

+ य-0क तम दसर म4 इतना समाVहत हो गए 0क आनद घVटत हआ

यह घटना गलाब क फल क साथ भी घट सकती ह चान या वQ या 0कसी भी चीज क साथ घट सकती ह एक बार तम उस

ि9 थत स पPरचत हो गए िजसम4 यह आनद घटता ह तो वह कह भी घट सकता ह यVद तम जानत हो 0क तम नह हो ओ

0कसी गहन म म4 तम दसर क और वाVहत हो जाए तो अहकार तZ ह4 छोड़ दता ह और अहकार क उस अनपि9 थत म4

आनद फलत होता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-19 (ओशो) क0 =1त होन क सातवी वध

शवत-सmdashवध-19 ndashओशो( 9नतबो पर बठो)

lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बना सफ 9नतब2 पर बठो अचानक क0 =1त हो जाओगlsquorsquo

चीन म4 ताओ वाVदय- न सVदय- स इस वध को योग 0कया ह यह एक अvत वध ह और बहत सरल भी

इस योग करो lsquorsquoपाव- या हाथ- को सहारा Vदए Bबना सफ नतब- पर बठो अचानक क4 Vत हो जाओगlsquorsquo

इसम4 करना + या ह इसक लए दो चीज4 जMर ह एक तो बहत सवदनशील शरर चाVहए जो 0क तZ हार पास नह ह

तZ हारा शरर मदा ह वह एक बोझ ह सवदनशील Bबलकल नह ह इसलए पहल तो उस सवदनशील बनाना होगा

अG यथा यह वध काम नह करगी म_ पहल तZ ह4 बताऊगा 0क शरर को सवदनशील कस बनाया जाएmdashखासकर नतब

को

तZ हार जो नतब ह वह तZ हार शरर का सब स सवदनशील अग ह उस सवदनहन होना पड़ता ह + य-0क तम सारा Vदन

नतब पर ह बठ रहत हो अगर वह बहत सवदनशील हो तो अड़चन होगी तZ हार नतब को सवदनहन होना जMर ह पाव

क तलव जसी उसक दशा ह नरतर उन पर बठ-बठ पता नह चलता 0क तम नतब- पर बठ हो इसक पहल + या कभी

तमन उG ह4 महसस 0कया ह अब कर सकत हो ल0कन पहल कभी नह 0कया और तम पर िजदगी उन पर ह बठत होmdash

Bबना जान उनका काम ह ऐसा ह 0क व बहत सवदनशील नह हो सकत

तो पहल तो उG ह4 सवदनशील बनाना होगा एक बहत सरल उपाय काम म4 लाओ यह उपाय शरर क 0कसी भी अग क लए

काम आ सकता ह तब शरर सवदनशील हो जाएगा एक कसy पर वkाम पवक शथल होकर बठो आख बद कर लो और

शथल होकर कसy पर बठो और बाए हाथ को दाVहन हाथ पर महसस करो कोई भी चलगा बाए हाथ को महसस करो शष

शरर को भल जाओ और बाए हाथ को महसस करो

तम िजतना ह उस महसस करोग वह उतना ह भार होगा ऐस बाए हाथ को महसस करत जाओ पर शरर को भल जाओ

बाए हाथ को ऐस महसस करो जस तम बाया हाथ ह हो हाथ ` यादा स ` यादा भार होता जाए जस-जस वह भार होता

जाए वस-वस उस और भार महसस करो और तब दखो 0क हाथ म4 + या हो रहा ह

जो भी उlt तजना मालम हो उस मन म4 नोट कर लोmdashकोई उlt तजना कोई झटका कोई हलक गत सबको मन म4 नोट करत

जाओ इस तरह रोज तीन स] ताह तक योग जार रखो Vदन क 0कसी समय भी दस-पह मनट तक यह योग करो बाए

हाथ को महसस करो और सार शरर को भल जाओ

तीन स] ताह क भीतर तZ ह4 अपन एक नए बाए हाथ का अनभव होगा और वह इतना सवदनशील होगा इतना जीवत और

तब तZ ह4 हाथ क सQम और नाजक सवदनाओ का भी पता चलन लगगा

जब हाथ सध जाए तो नतब पर योग करो तब यह योग करो आख4 बद कर लो और भाव करो 0क सफ दो नतब ह तम

नह ह अपनी सार चतना को नतब पर जान दो यह कVठन नह ह अगर योग करो तो यह आR चयजनक ह अvत ह

उसस शरर म4 जा जीवतता का भाव आता ह वह अपन आप म4 बहत आनददायक ह और जब तZ ह4 अपन नतब- का

एहसास होन लग जब व खब सवदनशील हो जाए जब भीतर कछ भी हो उस महसस करन लगो छोट सी हलचल नG ह

सी पीड़ा भी महसस करन लगो तब तम नरQण कर सकत हो जान सकत हो तब समझो 0क तZ हार चतना नतब- स

जड़ गयी

पहल हाथ स योग शM करो + य-0क हाथ बहत सवदनशील ह एक बार तZ ह4 यह भरोसा हो जाए 0क तम अपन हाथ को

सवदनशील बना सकत हो तब वह भरोसा तZ ह4 तZ हार नतब को सवदनशील बनान म4 मदद करगा और तब इस वध

को योग म4 लाओ इसलए इस वध को योग म4 लाओ इसलए इस वध म4 वश करन क लए तZ ह4 कम स कम छह

स] ताह क तयार करनी चाVहए तीन स] ताह हाथ क साथ और तीन स] ताह नतब- क साथ उG ह4 ` यादा स ` यादा

सवदनशील बनाना ह

Bबसतर पर पड़-पड़ शरर को Bबलकल भल जाओ इतना ह याद रखो 0क सफ दो नतब बच ह 9 पश अनभव करोmdash

Bबछावन क चादर का सद का या धीर-धीर आती हई उO णता का अपन 9 नान टब म4 पड़-पड़ शरर को भल जाओ नतब-

को ह समरण रखो

उG ह4 महसस करो दवार स नतब सटाकर खड़ हो जाओ और दवार क ठडक को महसस करो अपनी मका या पत क

साथ नतब स नतब मलाकर खड़ जाओ और एक-दसर को नतब- क Cवारा महसस करो यह वध महज तZ हार नतब

को पदा करन क लए ह उG ह4 उस ि9 थत म4 लान क लए जहा व महसस करन लग4

और जब इस वध को काम म4 लाओ lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बनाhelliplsquorsquo

जमीन पर बठो पाव- या हाथ- क सहार क Bबना सफ नतब- क सहार बठो इसम4 ब का पासन काम करगा या

सCघासन या कोई मामल आसन भी चलगा ल0कन अf छा होगा 0क हाथ का उपयोग न करो सफ नतब- क सहार रहो

नतब- पर ह बठो और तब + या करो आख बद कर लो और नतब- का जमीन क साथ 9 पश महसस करो और च0क

नतब सवदनशील हो चक ह इसलए तZ ह4 पता चलगा 0क एक नतब जमीन को अधक 9 पश कर रहा ह उसका अथ हआ

0क तम एक नतब पर ` यादा झक हए हो और दसरा जमीन स कम सटा हआ ह और तब दसर नतब पर बार-बार स

झकत जाओ और तब धीर-धीर सतलन लाओ

सतलन लान का अथ ह 0क तZ हार दोन- नतब एक सा अनभव करत ह दोन- क ऊपर तZ हारा भार Bबलकल समान हो और

तब तZ हार नतब सवदनशील हो जाएग तो यह सतलन कVठन नह होगा तZ ह4 उसका एहसास होगा और एक बार दोन-

नतब सतलन म4 आ जाए तो तम क4 पर पहच गए उस सतलन म4 तम अचानक अपन नाभ क4 पर पहच जाओग और

भीतर क4 Vत हो जाओग तब तम अपन नतब- को भल जाओग अपन शरर को भल जाओग तब तम अपन आतPरक क4

पर ि9 थत होओग

इसी वजह स म_ कहता ह 0क क4 नह क4 Vत होना महlt वपण ह चाह वह घटना दय म4 या सर म या नतब म4 घVटत हो

उसका महतव नह ह तमन ब- को बठ दखा होगा तमन नह सोचा होगा 0क व अपन नतब- का सतलन 0कए बठ ह

0कसी मVदर म4 जाओ और महावीर को बठ दखो या ब को बठ दखो तमन नह सोचा होगा 0क यह बठना नतब- का सतलन

भर ह यह वह ह और जब असतलन न रहा तो सतलन स तम क4 Vत हो गए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-20 (ओशो) क0 =1त होन क आठवी वध

वान भरव त-शव भाग-1 त-सmdashवध-20( ओशो)

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवारा अनभव को )ापत हो या 6कसी अचल वाहन म0 अपन को मद स मदतर

होत अ_शय वतल2 म0 झलन दन स भीlsquorsquo

दसर ढग स यह वह ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4helliphelliphelliplsquorsquo

तम रलगाड़ी या बलगाड़ी स याा कर रह हो जब यह वध वकसत हई थी तब बलगाड़ी ह थी तो तम एक Vहद9तानी

सड़क परmdashआज भी सडक4 वसी ह हmdashबलगाड़ी म4 याा कर रह हो ल0कन चलत हए अगर तZ हारा सारा शरर Vहल रहा ह

तो बात gt यथ हो गई

lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क कारणhelliphelliplsquorsquo

लयव ढग स झल- इस बात को समझो बहत बारक बात ह जब भी तम 0कसी बलगाड़ी या 0कसी वाहन म4 चलत हो तो

तम तरोध करत होत हो बलगाड़ी बाई तरफ झकती ह ल0कन तम उसका तरोध करत हो तम सतलन रखन क लए

दाई तरफ झक जात हो अG यथा तम गर जाओग इसलए तम नरतर तरोध कर रह हो बल गाड़ी म4 बठ-बठ तम

बलगाड़ी क Vहलन-डलत स लड़ रह हो वह इधर जाती ह तो तम उधर जात हो यह वजह ह 0क रलगाड़ी म4 बठ-बठ तम थक

जात हो तम कछ करत नह हो तो थक + य- जात हो अG यथा ह तम बहत कछ कर रह हो तम नरतर रलगाड़ी स लड़ रह

हो तरोध कर रह हो

तरोध मत करो यह पहल बात ह अगर तम इस वध को योग म4 लाना चाहत हो तो तरोध छोड़ दो बिY क गाड़ी क

गत क साथ-साथ गत करो उसक गत क साथ-साथ झल- बलगाड़ी का अग बन जाओ तरोध मत करो रा9 त पर

बलगाड़ी जो भी कर तम उसक अग बनकर रहो इसी कारण याा म4 बf च कभी नह थकत ह

पनम हाल ह म4 लदन स अपन दो बf च- क साथ आई ह चलत समय वह भयभीत थी 0क इतनी लबी याा क कारण बf च4

थ जाएग बीमार हो जाएग वह थक गई और व हसत हए यहा पहच वह जब यहा पहची तो थक कर चर-चर हो गई थी

जब वह मर कमर म4 वषट हई वह थकावट स टट रह थी और दोन- बf च4 वह तरत खलन लग गय लदन स बबई

अठारह घट क याा ह ल0कन व जरा भी थक नह + य- + य-0क अभी व तरोध करना नह जानत ह

एक पय+ कड़ सार रात बलगाड़ी म4 याा करगा और सबह वह ताजा का ताजा रहगा ल0कन तम नह कारण यह ह 0क

पय+ कड़ भी तरोध नह करता ह वह गाड़ी क साथ गत करता ह वह लड़ता नह ह वह गाड़ी क साथ झलता ह और

एक हो जाता ह

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphelliplsquorsquo

तो एक काम करो तरोध मत करो और दसर बात 0क एक लय पदा करो अपन Vहलन डलन4 म4 लय पदा कर उस लय म4

बाध- उसम एक छद पदा करो सड़क को भल जाओ सड़क या सरकार को गालया मत दो उG ह4 भी भल जाओ वस ह बल

और बलगाड़ी को या गाड़ीवान को गाल मत दो उG ह4 भी भल जाओ आख4 बद कर लो तरोध मत करो लयव ढग स

गत करो और अपनी गत म4 सगीत पदा करो उस एक नतय बना लो

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphellipअनभव को )ापत होlsquorsquo

स कहता ह 0क तZ ह4 अनभव ापत हो जाएगा

lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4helliplsquorsquo

यह मत पछो 0क बलगाड़ी कहा मलगी अपन को धोखा मत दो

+ य-0क यह स कहता ह lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह बठ-बठ हए वतल म4 झल- घम- वतल को छोट स छोटा 0कए जाओmdashइतना छोटा 0क तZ हारा शरर aशय स झलता

हआ न रह ल0कन भीतर एक सQम गत होती रह आख बद कर लो और बड़ वतल स शM कर आख बद कर लो अG यथा

जब शरर Mक जाएगा तब तम भी Mक जाओग आख बद करक बड़ वतल को छोटा और छोटा 0कए चलो

aशय Mप स तम Mक जाओग 0कसी को नह मालम होगा 0क तम अब भी Vहल रह हो ल0कन भीतर तम एक सQम गत

अनभव करत रहोग अब शरर नह चल रहा ह कवल मन चल रहा ह उस भी मद स मदतर 0कए चलो और अनभव करो

वह क4 Vत हो जाओग 0कसी वाहन म4 0कसी चलत वाहन म4 एक अतरोध और लयब गत तZ ह4 क4 Vत हो जाओग

गMिजएफ न इन वधय- क लए अनक नतय नमत 0कए थ वह इस वध पर काम करता था वह अपन आkम म4

िजतन नlt य- का योग करता था वह सच म4 वतल म4 झमन स सबधत थ सभी नतय वतल म4 चककर लगान स सबधत

ह बाहर चककर लगाकर लगाना होता भीतर होश पण रहना होता 0फर व धीर-धीर वतल को छोटा और छोटा 0कए जात ह

तब एक समय आता ह 0क शरर ठहर जाता ह ल0कन भीतर मन गत करता रहता ह

अगर तम लगातार बीस घट तक रलगाड़ी म4 सफर करक घर लोट- और घर म4 आख बद करक दखो तो तZ ह4 लगगा 0क तम

अब भी गाड़ी म4 याा कर रह हो शरर तो ठहर गया ह ल0कन मन का लगता ह 0क यह गाड़ी म4 ह ह वस ह इस वध का

योग करो गरिजएफ न अvत नतय पदा 0कए और सदर नतय इस सद म4 उसन सचमच चमlt कार 0कया ह व चमlt कार

सतय साu बाबा क चमlt कार नह थ साई बाबा क चमlt कार तो कोई गल-गल 0फरन वाला मदार भी कर सकता ह ल0कन

गMिजएफ न असल चमlt कार पदा 0कए L यान पण नतय क लए उसन सौ नतक- क एक मडल बनाई और पहल बार

उसन G ययाक क एक समह क सामन उनका दशन 0कया

सौन नतक मच पर गोल-गोल नाच रह थ उG ह4 दखकर अनक दशक- क भी सर घमन लग ऐस सफद पोशाक म4 व सौ

नतक नतय करत थ जब गMिजएफ हाथ- स नतय का सकत करता था तो व नाचत थ और ` य- ह वह Mकन का इशारा

करता था व पतथर क तरह ठहर जात थ और मच पर सG नाटा हो जाता था वह Mकना दशक- क लए था नतक- क लए

नह + य-0क शरर तो तरत Mक सकता ह ल0कन मन तब नतय को भीतर ल जाता ह और वहा नतय चलता रहता ह

उस दखना भी एक सदर अनभव था 0क सौ लोग अचानक मत मत य- जस हो जात ह उसक दशक- म4 एक आघात पदा

होता था + य-0क सौ नतय सदर और लयव नltय अचानक ठहरकर जाम हो जात थ तम दख रह हो 0क व घम रह ह

गोल-गोल नाच रह ह और अचानक सब नतक ठहर गए तब तZ हारा वचार भी ठहर जाता ह G ययाक म4 अनक को लगा

0क यह तो एक बबझ रह9 यपण नतय ह + य-0क उनक वचार भी उसक साथ तरत ठहर जात थ ल0कन नतक- क लए

नतय भीतर चलता रहता था भीतर नतय क वतल छोट स छोट होत जात थ और अत म4 वह क4 Vत हो जात थ

एक Vदन ऐसा हआ 0क सार नतक नाचत हए मच क 0कनार पर पहच गए लोग सोचत थ 0क अब गMिजएफ उG ह4 रो द4ग

अG यथा व दशक- क भीड़ पर गर पड़4ग सौ नतक नाचत-नाचत मच क 0कनार पर पहच गए ह एक कदम और और व

नीच दशक- पर गर पड़4ग सार दशक इस तीQा म4 थ 0क गMिजएफ tको कहकर उG ह4 वह रो दगा ल0कन उसी Qण

गMिजएफ न उनक तरफ स मख फर लया और पीठ कर क खड़ा हो कर अपना सगार चलान लगा और सौ नतक- क पर

मडल मच स नीच नग फश पर गर पड़ी

सभी दशक उठ खड़ हए उनक चीख़4 नकल गई गरना इस धमाक क साथ हआ था 0क उG ह4 लगा 0क अनक दशक- क हाथ

पर टट गए ह-ग ल0कन एक भी gt यि+ त को चोट नह लगा थी 0कसी को खर-च तक भी नह आई थी

उG ह-न गMिजएफ स पछा 0क + या हआ 0क एक आदमी भी घायल नह हआ जब 0क नतक- का नीच गरना इतना बड़ा था

यह तो एक असभव घटना मालम होती ह

कारण इतना ह था 0क उस Qण नतक अपन शरर- म4 नह थ व अपन भीतर क वतल- को मदतर 0कए जा रह थ और जब

गरिजएफ न दखा 0क व पर तरह अपन शरर- को भल गय ह तब उसन उG ह4 नीच गरन Vदया

तम जब शरर को Bबलकल भल जात हो तो कोई तरोध नह रह जाता ह और हडी तो टटती ह तरोध क कारण जब

तम गरन लगत हो तो तम तरोध करत हो अपन को गरन स रोकत हो गरत समय तम गtltवाकषण क वM सघष

करत हो और वह तरोध वह सघष समसया बन जाता ह गtltवाकषण नह तरोध स हडी टटती ह अगर तम

गMlt वाकषण क साथ सहयोग करो उसक साथ-साथ गरो तो चोट लगन क कोई सभावना नह ह

स कहता ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क Cवारा अनभव को ापत हो या 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद

स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह तम ऐस भी कर सकत हो वाहन क जMरत नह ह जस बf च4 गोल-गोल घमत ह वस गोल-गोल घम- और जब

तZ हारा सर घमन लग और तZ ह4 लग 0क अब गर जाऊगा तो भी नाचना बद मत करो नाचत रहो अगर गर भी जाओ तो

0फ2 मत करो आख बद कर लो और नाचत रहो तZ हारा सर चकर खान4 लगगा और तम गर जाओग तZहारा शरर

गर जाए तो भीतर दखो भीतर नाचना जार रहगा उस महसस करो वह नकट स नकटतर होता जाएगा और अचानक

तम क4 Vत हो जाओग

बf च इसका खब मजा लत ह + य-0क इसस उG ह4 बहत ऊजा मलती ह ल0कन उनक मा-बाप उG ह4 नाचन स रोकत ह जो

0क अf छा नह ह उG ह4 नाचन दना चाVहए उG ह4 इसक लए उlt साVहत करना चाVहए और अगर तम उG ह4 अपन भीतर क

नाच स पPरचत करा सको तो तम उG ह4 उसक Cवारा L यान सखा दोग

व इसम रस लत ह + य-0क शरर-शG यता का भाव उनम4 ह जब व गोल-गोल नाचत ह तो बf च- को अचानक पता चलता ह

0क उनका शरर तो नाचता ह ल0कन व नह नाचत अपन भीतर व एक तरह स क4 Vत हो गए महसस करत ह + य-0क

उनक शरर और आlt मा म4 अभी दर नह बनी ह दोन- क बीच अभी अतराल ह हम सयान लोग- को यह अनभव इतनी

आसानी स नह हो सकता

जब तम मा क गभ म4 वश करत हो तो तरत ह शरर म4 नह वषट हो जात हो शरर म4 वषट होन म4 समय लगता ह

और जब बf चा जनम लता ह तब भी वह शरर स पर तरह नह जड़ा होता ह उसक आlt मा पर तरह ि9 थत नह होती ह

दोन- क बीच थोड़ा अतराल बना रहता ह यह कारण ह 0क कई चीज4 बf चा नह कर सकता उसका शरर तो उG ह4 करन को

तयार ह ल0कन वह नह कर पाता

अगर तमन खयाल 0कया हो तो दखा होगा नवजात शश दोन- आख- स दखन म4 समथ नह होत ह व सदा एक आख स

दखत ह तमन गौर 0कया होगा 0क जब बf च कछ दखत ह नरQण करत ह तो दोन- आख- स नह करत व एक आख स

ह दखत ह उनक वह आख बड़ी हो जाती ह दखत Qण उनक एक आख क पतल फल कर बड़ी हो जाती ह और दसर

पतल छोट हो जाती ह बf च अभी ि9 थर नह हए ह उनक चतना अभी ि9 थर नह ह उनक चतना अभी ढलndashढल ह

धीर-धीर वह ि9 थर होगी और तब व दोन- आख स दखन लग4ग

बf च4 अभी अपन और दसर क शरर म4 फक करना नह जानत ह यह कVठन ह व अभी अपन शरर स पर तरह नह जड

ह यह जोड़ धीर-धीर आएगा

L यान 0फर स अतराल पदा करन क चO टा ह तम अपन शरर स जड़ गए हो शरर क साथ ठोस हो चक हो तभी तो तम

समझत हो 0क म_ शरर ह अगर 0फर स एक अतराल बनाया जा सक तो 0फर समझन लगोग 0क म_ शरर नह ह शरर स

पर कछ ह इसलए झलना और गोल-गोल घमना सहयोगी होत ह व अतराल पदा करत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-21( ओशो) क0 =1त होन क नौवी वध

शव त-सmdashवध-21 6कसी अग को सई स भदोndashओशो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 6कसी अग को सई स भदो और भ1ता क साथ उस भदन म0 )वश करो और आत(रक शX को

उपलबध होओlsquorsquo

यह स कहता ह lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद-helliplsquorsquo

तZ हारा शरर मा शरर नह ह वह तमस भरा ह और यह तम अमत हो अपन शरर को भद- उसम4 छद करो जब तम

अपन शरर को छदत सफ शरर छदता ह ल0कन तZ ह4 लगता ह 0क तम ह छद गए इसी स तZ ह4 पीड़ा अनभव होती ह

और अगर तZ ह4 यह बोध हो 0क सफ शरर छदा ह म_ नह छदा ह तो पीड़ा क 9 थान पर आनद अनभव करोग

सई स भी छद करन क जMरत नह ह रोज ऐसी अनक चीज4 घVटत होती ह िजG ह4 तम L यान क लए उपयोग म4 ला सकत

हो या कोई ऐसी ि9 थत नमत भी कर सकत हो

तZ हार भीतर कह कोई पीड़ा हो रह ह एक काम करो शष शरर को भल जाओ कवल उस भाग पर मन को एका करो

िजसम पीड़ा ह और तब एक अजीब बात अनभव म4 आएगी जब तम पीड़ा वाल भाग पर मन को एका करोग तो दखोग4

0क वह भाग सकड़ रहा ह छोटा हो रहा ह पहल तमन समझा था 0क पर पाव म4 पीड़ा ह ल0कन जब एका होकर उस

दखोग4 तो मालम होगा 0क दद पाव म4 नह ह वह तो अतशयोि+ त ह दद सफ घटन म4 ह

और ` यादा एका होओ और तम दखोग4 0क दद पर घटन म4 नह ह एक छोट स Bबद म4 ह सफ उस Bबद पर एकाता

साधो शष शरर को भल जाओ आख4 बद रखो और एकाता को बढ़ाए जाओ और खोज- 0क पीड़ा कहा ह पीड़ा का Q

सकड़ता जाएगा छोट स छोटा हो जाएगा और एक Qण आएगा जब वह मा सई क नोक पर रह जाएगा उस सई क

नोक पर भी एकाता क नजर गड़ाओ और अचानक वह नोक भी वदा हो जाएगी और तम आनद स भर जाओग पीड़ा क

बजाए तम आनद स भर जाओग

ऐसा + य- होता ह + य-0क तम और तZ हार शरर एक नह ह व दो ह अलग-अलग ह वह जो एका होता ह वह तम हो

एकाता शरर पर होती ह शरर वषय ह जब तम एका होत हो तो अतराल बड़ा होता ह तादाlt मय टटता ह एकाता क

लए तम भीतर सरक पड़त हो और यह दर जाना अतराल पदा करता ह

जब तम पीड़ा पर एकाता साधत हो तो तम तादाlt मय भल जात हो तम भल जात हो 0क मझ पीड़ा हो रह ह अब तम

O टा हो और पीड़ा कह दसर जगह ह तम अब पीड़ा को दखन वाल हो भोगन वाल नह भो+ ता क O टा म4 बदलन क

कारण अतराल पदा होता ह और जब अतराल बड़ा होता ह तो अचानक तम शरर को Bबलकल भल जात हो तZ ह4 सफ

चतना का बोध होता ह

तो तम इस वध का योग भी कर सकत हो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद- और भता क साथ उस भदन म4 वश करोhelliphelliplsquorsquo

अगर कोई पीड़ा हो तो पहल तZ ह4 उसक पर Q पर एका होना होगा 0फर धीर-धीर वह Q घटकर सई क नोक क बराबर

रह जाएगा ल0कन पीड़ा क तीQा + या करनी तम एक सई स काम ल सकत हो शरर क 0कसी सवदनशील अग पर सई

चभोओ पर शरर म4 ऐस भी कई सथल ह जो मत ह उनस काम नह चलगा

तमन शरर क इन मत 9 थल- क बार म4 नह सना होगा 0कसी म क हाथ म4 एक सई द दो और तम बठ जाओ और म स

कहो 0क वह तZ हार पीठ म4 कई 9 थल- पर सई चभाए कई 9थल- पर तZ ह4 पीड़ा का एहसास नह होगा तम म स कहोग

0क तमन सई अभी नह चभोई ह मझ दद नह हो रहा ह व ह मत सथल ह तZ हार गाल पर ह ऐस दो मत सथल ह

िजनक जाच क जा सकती ह

अगर तम भारत क गाव म4 जाओ तो दखोग4 0क धामक lt योहार- क समय कछ लोग अपन गाल- को तीन स भद दत ह वह

चमlt कार जसा मालम होता ह ल0कन चमlt कार ह नह गाल पर दो मत सथल ह अगर तम उG ह4 छद- तो न खन

नकलगा और न पीडा ह होगी तZ हार पीठ म4 तो ऐस हजार- मत सथल ह वहा पीड़ा नह होती

तो तZ हार शरर म4 दो तरह क सथल हmdashसवदनशील जीवत सथल और मत सथल कोई सवदनशील सथल खोज- जहा

तZ ह4 जरा स 9 पश का भी पता चल जायगा तब उसम सई चभोकर चभन म4 वश कर जाओ वह असल बात ह वह

L यान ह और भता क साथ भदन म वश कर जाओ जस-जस सई तZ हार चमड़ी क भीतर वश करगी और तZ ह4 पीड़ा

होगी वस-वस तम भी उसम वश करत जाओ यह मत दखो 0क तZ हार भीतर पीड़ा वश कर रह ह पीड़ा को मत दखो

उसक साथ तादZ यता करो सई क साथ चभन क साथ तम भी भीतर वश करो आख4 बद कर लो पीड़ा का नरQण करो

जस पीड़ा भीतर जाए वस तम भी अपन भीतर जाओ चभाती हई सई क साथ तZ हारा मन आसानी स एका हो जाएगा

पीड़ा क तीi पीड़ा क उस Bबद को गोर स दखो वह भता क साथ भदन म वश करना हआ

lsquorsquoऔर आतPरक श को उपलबध होओlsquorsquo

अगर तमन नरQण करत हए तादाlt मय न करत हए अलग दर खड़ रहत हए Bबना यह समझ हए 0क पीड़ा तZ ह4 भद रह

ह बिY क यह दखत हए 0क सई शरर को भद रह ह और तम O टा हो वश 0कया तो तम आतPरक शता को उपलबध हो

जाओग तब आतPरक नद|षता तम पर कट हो जाएगी तब पहल बार तZ ह4 बोध होगा 0क म_ शरर नह ह

और एक बार तमन जाना 0क म_ शरर नह ह तZ हारा सारा जीवन आमल बदल जाएगा + य-0क तZ हारा सारा जीवन शरर

क इद-गद चककर काटता रहता ह एक बार जान गए 0क म_ शरर नह ह तम 0फर इस जीवन को नह ढो सकत उसका

क4 ह खो गया जब तम शरर नह रह तो तZ ह4 दसरा जीवन नमत करना पड़गा वह जीवन सG यासी का जीवन ह यह

और ह जीवन होगा + य-0क अब क4 ह और होगा अब तम ससार म4 शरर क भात नह बिY क आlt मा क भात रहोग

जब तक तम शरर क तरह रहत हो तब तक तZ हारा ससार भौतक उपलिc धय- का लोभ भोग वासना और कामकता का

ससार होगा और वह ससार शरर धान ससार होगा ल0कन जब जान लया ह 0क म_ शरर नह ह तो तZ हारा सार ससार

वलन हो जाता ह तम अब उस सZ हालकर नह रख सकत हो तब एक दसरा ससार उदय होगा जो आlt मा क इद-गद

होगा वह ससार कMणा म सqदय सतय शभ और नद|षता का ससार होगा क4 हट गया वह अब शरर म4 नह ह अब

क4 चतना म4 ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-22 (ओशो) क0 =1त होन क दसवी वध

त स- शव वान भरव त वध -22 ओशो

lsquorsquoअपन अवधान को ऐसी जगह रखो जहा अतीत क 6कसी घटना को दख रह हो और अपन शरर को भी प क वतमान

लIण खो जायग और तम पात(रत हो जाओगlsquorsquo

तम अपन अतीत को याद कर रह हो चाह वह कोई भी घटना हो तZ हारा बचपन तZ हारा म पता या माता क मlt य कछ

भी हो सकता ह उस दखो ल0कन उसस एकातम मत होओ उस ऐस दखो जस वह 0कसी और जीवन म4 घटा ह उस ऐस

दखो जस वह घटना पदw पर 0फर घट रह हो 0फY माई जा रह हो और तम उस दख रह होmdashउसस अलग तटसथ साQी क

तरह

उस 0फलम म4 कथा म4 तZ हारा बीता हआ Mप 0फर उभर जाएगा यVद तम अपनी कोई म-कथा समरण कर रह हो अपन

म क पहल घटना तो तम अपनी मका क साथ 9 मत क पदw पर कट होओग और तमहारा अतीत का Mप मका क

साथ उभर आएगा अG यथा तम उस याद न कर सकोग अपन इस अतीत क Mप स भी तादाlt मय हटा लो पर घटना को

ऐस दखो मानो कोई दसरा पMष 0कसी दसर 9 ी को म कर रहा हो मानो पर कथा स तZ हारा कछ लना-दना नह ह तम

महज aO टा हो

यह वध बहत-बहत बनयाद ह इस बहत योग म4 लाया गयाmdashवशषकर ब क Cवारा और इस वध क अनक कार

ह इस वध क योग का अपना ढग तम खद खाज ल सकत हो उदाहरण क लए रात म4 जब तम सोन लगो गहर नीद म4

उतरन लगो तो पर Vदन क अपन जीवन को याद करो इस याद क Vदशा उलट होगी यानी उस सबह स न शM कर वहा स

शM करो जहा तम हो अभी तम Bब9 तर म4 पड़ हो तो Bबसतर म4 लटन स शM कर पीछ लोट- और इस कार कदम-कदम

पीछ चलकर सबह क उस पहल घटना पर पह चो जब तम नीद स जाग थ अतीत समरण क इस 2म म4 सतत याद रखो 0क

पर घटना स तम पथक हो अछत हो

उदाहरण क लए पछल पहर तZ हारा 0कसी न अपमान 0कया था तम अपन Mप को अपमानत होत दखो ल0कन O टा

बन रहो तZ ह4 उस घटना म4 0फर नह उलझना ह 0फर 2ोध नह करना ह अगर तमन 2ोध 0कया तो तादाlt मय पदा हो

गया तब L यान का Bबद तZ हार हाथ स छट गया

इसलए 2ोध मत करो वह अभी तZ ह4 अपमानत नह कर रहा ह वह तZ हार पछल पहर क Mप को अपमानत कर रहा ह

वह Mप अब नह ह तम तो एक बहती नद क तरह हो िजसम4 तZ हार Mप भी बह रह ह बचपन म4 तZ हारा एक Mप था अब

वह नह रहा वह जा चका नद क भात तम नरतर बदलत जा रह हो

रात म4 L यान करत हए जब Vदन क घटनाओ को उलट 2म म4 त2म म4 याद करो तो L यान रह 0क तम साQी हो कता

नह 2ोध मत करो वस ह जब तZ हार कोई शसा कर तो आलाVदत मत होओ 0फलम क तरह उस भी उदासीन होकर

दखो

त2मण बहत उपयोगी ह खासकर उनक लए िजG ह4 अना क तकलफ हो अगर तZ ह4 ठUक स नीद आती ह अना

का रोग ह तो यह योग तZ ह4 बहत सहयोगी होगा + य- + य-0क यह मन को खोलन का नJथ करन का उपाय ह जब

तम पीछ लौटत हो तो मन क तह4 उघड़न लगती ह सबह म4 जस घड़ी म4 चाबी दत हो वस तम अपन मन पर भी तह4 लगाता

शM करत हो Vदन भर म4 मन पर अनक वचार- और घटनाओ क स9 कार जब जात ह मन उनस बोlझल हो जाता ह अधर

और अपण स9 कार मन म4 झलत रहत ह + य-0क उनक घVटत होत समय उG ह4 दखन का मौका नह मला था

इस लए रात म4 0फर उG ह4 लौटकर दखोmdashत2म म4 यह मन क नJथ क सफाई क 02या ह और इस 02या म4 जब

तम सबह Bबसतर स जागत क पहल घटना तक पहचोग तो तZ हारा मन 0फर स उतना ह ताजा हो जाएगा िजतना ताजा

बह सबह था और तब तZ ह4 वसी नीद आएगी जसी छोट बf च को आती ह

तम इस वध को अपन पर अतीत जीवन म4 जान क लए भी उपयोग कर सकत हो महावीर न त2मण क इस वध का

बहत उपयोग 0कया

अभी अमPरका म4 एक आदोलन ह िजस डायनVटकस कहत ह व इसी वध का उपयोग करता ह यह रोग मानसक मालम

होता ह तो उसक लए + या 0कया जाए यVद 0कसी को कहा 0क तZ हारा रोग मानसक मालम होता ह तो उसस बात बनन

क बजाए Bबगड़ती ह यह सनकर 0क मरा रोग मानसक ह 0कसी भी gt यि+ त को बरा लगता ह तब उस लगता ह 0क अब

कोई उपाय नह ह और वह बहत अहसास महसस करता ह

त2मण एक चमlt काPरक वध ह अगर तम पीछ लौटकर अपन मन क गाठ4 खोल- तो तम धीर-धीर उस पहल Qण को

पकड़ सकत हो जब यह रोग शM हआ था उस Qण को पकड़कर तम पता चलगा 0क यह रोग अनक मानसक घटनाओ और

कारण- स नमत हआ ह त2मण स व कारण 0फर स कट हो जात ह

अगर तम उसी Qण स गजर सको िजसम पहल पहल इस रोग न तZ ह4 घरा था अचानक तZ ह4 पता चल जाएगा 0क 0कन

मनोवानक कारण- स यह रोग बना था तब तZ ह4 कछ करना नह ह सफ उन मनोवानक कारण- को बोध म4 ल आना

ह इस त2मण स अनक रोग- क थया टट जाती ह और अतत रोग वदा हो जाता ह िजन थय- को तम जान लत

हो व थया वसिजत हो जाती ह और उनस बन रोग समापत हो जात ह

यह वध गहर रचन क वध ह अगर तम इस रोज कर सको तो तZ ह4 एक नया 9 वासथ और एक नई ताजगी का अनभव

होगा और अगर हम अपन बf च- को रोज इसका योग करना सखा द4 तो उG ह4 उनका अतीत कभी बोझल नह बना

सकगा तब बf च- को अपन अतीत म4 लौटन क जMरत नह रहगी व सदा यहा और अब यानी वतमान म4 रह4ग

तब उन पर अतीत का थोड़ा सा भी बोझ नह रहगा व सदा 9 वचछ और ताजा रह4ग

तम इस रोज कर सकत हो पर Vदन को इस तरह उलट 2म स पन खोलकर दख लन स तZ ह4 नई अत aिOट ापत होती ह

तZ हारा मन तो चाहगा 0क याद- को सलसला सबह स शM कर4 ल0कन उसस मन नJथक नह होता उलट पर चीज

दहरा कर और मजबत हो जाती ह इस लए सबह स शM करना गलत होगा

भारत म4 ऐस अनक तथाकथत गt ह जो सखात ह 0क पर Vदन का पनरावलोकन करो और इस 02या को सबह स शM

करो ल0कन यह गलत और नकसानदह ह उसस मन मजबत होगा और अतीत का जाल बड़ा और गहरा हो जाएगा

इसलए सबह स R याम क तरफ कभी मत चलो सदा पीछ क और गत करो और तभी तम मन को पर तरह नJथ कर

पाओग खाल कर पाओग 9 वचछ कर पाओग

मन तो सबह स शM करना चाहगा + य-0क वह आसान ह मन उस 2म को भलभात जानता ह उसम4 कोई अड़चन नह

ह त2मण म4 भी मन उछल कर सबह पर चला जाता ह और 0फर आग चला चलगा वह गलत ह वसा मत करो सजग

हो जाओ और त2म स चलो

इसम4 मन को शmQत करन क लए अनय उपाय भी काम म4 लाए जा सकत ह सौ स पीछ क तरह गनना शM करोmdash

नGयानव अानव सltतानव त2म स सौ स एक तक गनो इसम भी अड़चन होगी + य-0क मन क आदत ह एक स

सौ 0क और जान क ह सौ स एक क और जान क नह इसी 2म म4 घटनाओ को पीछ लौटकर समरण करना ह

+ या होगा पीछ लौटत हए मन को 0फर स खोलकर दखत हए तम साQी हो जाओग अब तम उन चीज- को दख रह हो जो

कभी तZ हार साथ घVटत हई थी ल0कन अब तZ हार साथ घVटत नह हो रह ह अब तो तम सफ साQी हो और व घटनाए

मन क पदw पर घVटत हो रह ह

अगर इस L यान को रोज जार रखो तो 0कसी Vदन अचानक तZ ह4 दकान पर या दpतर म4 काम करत हए r याल होगा 0क + य-

नह अभी घटन वाल घटनाओ क त भी साQी भाव रख जाए अगर समय म4 पीछ लौटकर जीवन क घटनाओ को दखा

जा सकता ह उनका गवाह हआ जा सकता ह Vदन म4 0कसी न तZ हारा अपमान 0कया थ और तम Bबना 2ोधत हए उस

घटना को 0फर स दख सकत होmdashतो + या कारण ह 0क उस घटनाओ को जो अभी घट रह ह नह दखा जा सकता ह

कVठनाई + या ह

कोई तZ हारा अपमान कर रहा ह तम अपन को घटना स पथक कर सकत हो और दख सकत हो 0क कोई तZ हारा अपमान

कर रहा ह तम यह भी दख सकत हो 0क तम अपन शरर स अपन मन स और उसस भी जो अपमानत हआ ह पथक हो

तम सार चीज क गवाह हो सकत हो और अगर ऐस गवाह हो सको तो 0फर तZ ह4 2ोध नह होगा 2ोध तब असभव हो

जायगा 2ोध तो तब सभव होता ह जब तम तादाlt मय करत हो अगर तादाlt मय नह ह तो 2ोध असभव ह 2ोध का अथ

तादाlt मय ह

यह वध कहती ह 0क अतीत क 0कसी घटना को दखो उसम4 तZ हारा Mप उपि9 थत होगा यह स तZ हार नह तZ हार Mप

क बात करता ह तम तो कभी वहा थ ह नह सदा 0कसी घटना म4 तZ हारा Mप उलझता ह तम उसम नह होत जब तम

मझ अपमानत करत हो तो सच म4 तम मझ अपमानत नह करत तम मरा अपमान कर ह नह सकत कवल मर Mप का

अपमान कर सकत हो म_ जो Mप ह तZ हार लए तो उसी क उपि9 थत अभी ह और तम उस अपमानत कर सकत हो

ल0कन म_ अपन को अपन Mप स पथक कर सकता ह

यह कारण ह 0क Vहद-Mप स अपन को पथक करन क बात पर जोर दता ह तम तZ हारा नाम Mप नह हो तम वह चतनय

हो जो नाम Mप को जानता ह और चतनय पथक ह 9 वथा पथक ह

ल0कन यह कVठन ह इसलए अतीत स शM करो वह सरल ह + य-0क अतीत क साथ कोई ताlt कालकता का भाव नह

रहता ह 0कसी न बीस साल पहल तZ ह4 अपमानत 0कया था उसम4 ताlt कालकता का भा अब कस होगा वह आदमी मर

चका होगा और बात समापत हो गई ह यह एक मदा घटना ह अतीत स याद क हई उसक त जागMक होना आसान ह

ल0कन एक बार तम उसक त जागना सीख गए तो अभी और यहा होन वाल घटनाओ क त भी जाना हो सकता ह

ल0कन अभी और यहा स आरभ करना कVठन ह सम9 या इतनी ताlt कालक ह नकट ह जMर ह 0क उसम गत करन क

लए जगह ह कहा ह थोड़ा दर बनाना और घटना स पथक होना कVठन बात ह

इसीलए स कहता ह 0क अतीत स आरभ करो अपन ह Mप को अपन स अलग दखो और उसक Cवारा MपातPरत हो

जाओ

इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग + य-0क यह नJथन हmdashएक गहर सफाई ह धलाई ह और तब तम जान-ग 0क समय

म4 जो तZ हारा शरर ह तZ हारा मन ह अि9 ततव ह वह तZ हारा वा9 तवक यथाथ नह ह वह तZ हारा सतय नह ह सार-

सतय सवथा भनन ह उस सतय स चीज4 आती जाती ह और सतय अछता रह जाता ह तम अ9 पशत रहत हो नद|ष

रहत हो कवार रहत हो सब कछ गजर जाता ह परा जीवन गजर जाता ह शभ और अशभ सफलता और वफलता शसा

और नदा सब कछ गजर जाता ह रोग और 9 वा9 थय जवानी और बढ़ापा जनम और मlt य सब कछ gt यतीत हो जाता ह

और तम अछत रहत हो

ल0कन इस अ9 पशत सतय को कस जाना जाए

इस वध का वह उपयोग ह अपन अतीत स आरभ करो अतीत को दखन क लए अवकाश उपलबध ह अतराल उपलबध

ह पPरQय सभव ह या भवषय को दखो भवषय का नरQण करो ल0कन भवषय को दखना भी कVठन ह सफ थोड

स लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह ह कवय- और कY पनाशील लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह

ह व भवषय को ऐस दख सकत ह जस व 0कसी यथाथ को दखत ह ल0कन सामानयत अतीत को उपयोग म4 लाना अf छा

ह तम अतीत म4 दख सकत हो

जवान लोग- क लए भवषय म4 दखना अf छा रहता ह उनक लए भवषय म4 झाकना सरल ह + य-0क व भवO योG मख

होत ह बढ लोग- क लए मlt य क सवाय कोई भवषय नह ह व भवषय म4 नह दख सकत ह व भयभीत ह यह वजह ह

0क बढ़ लोग सदा अतीत क सबध म4 वचार करत ह व पन-पन अपन अतीत क 9 मत म4 घमत रहत ह ल0कन व भी वह

भल करत ह व अतीत स शM कर वतमान क और आत ह यह गलत ह उG ह4 त2मण करना चाVहए

अगर व बार-बार अतीत म4 त2म स लौट सक4 तो धीर-धीर उG ह4 महसस होगा 0क उनका सारा अतीत बह गया तब कोई

आदमी अतीत स चपक Bबना अटक Bबना मर सकता ह अगर तम अतीत को अपन स चपकन न दो अतीत म4 न अटक-

अतीत को हटाकर मर सको तब तम सजग मरोग तब तम पर बोध म4 पर होश म4 मरोग और तब मlt य तZ हार लए मlt य

नह रहगी बिY क वह अमत क साथ मलन म4 बदल जाएगी

अपनी पर चतना को अतीत क बोझ स मकत कर दो उसस अतीत क मल को नकालकर उस श कर दो और तब तZ हारा

जीवन MपातPरत हो जाएगा

योग करो यह उपाय कVठन नह ह सफ अL यवसाय क सतत चOटा क जMरत ह वध म4 कोई अतभत कVठनाई नह

ह यह सरल ह और तम आज स ह इस शM कर सकत हो आज ह रात अपन Bबसतर म4 लट कर शM करो और तम बहत

सदर और आनVदत अनभव करोग परा Vदन 0फर स गजर जाएगा

ल0कन जY दबाजी मत करो धीर-धीर पर 2म स गजर- ता0क कछ भी aिO ट स चक नह यह एक आRचयजनक अनभव

ह + य-0क अनक ऐसी चीज4 तZ हार नगाह क सामन आएगी िजG ह4 Vदन म4 तम चक गय थ Vदन म4 बहत gt यसत रहन क

कारण तम बहत सदर चीज4 चकत हो ल0कन मन उG ह4 भी अपन भीतर इका करता जाता ह तZ हार बहोशी म4 भी मन

उनको हण करता जाता ह

तम सड़क पर जा रह हो और कोई आदमी गा रहा था हो सकता ह 0क तमन उसक गीत पर कोई L यान नह Vदया हो तZ ह4

यह भी बोध न हआ हो 0क तमन उसक आवाज भी सनी ल0कन तZ हार मन न उसक गीत को भी सना और अपन भीतर

9 मत म4 रख लया था अब वह गीत तZ ह4 पकड़ रहगा वह तZ हार चतना पर अनावशयक बोझ बना रहगा

तो पीछ लौट कर दखो ल0कन बहत धीर-धीर उसम गत करो ऐसा समझो 0क पदw पर बहत धीमी गत स कोई 0फलम

Vदखायी जा रह ह ऐस ह अपन बीत Vदन क छोट स छोट घटना को गौर स दखो उसक गहराई म4 जाओ और तब तम

पाओग 0क तZ हारा Vदन बहत बड़ा था वह सचमच बड़ा था + य-0क मन को उसम अनगनत सचनाए मल और मन न

सबको इका कर लया

तो त2मण करो धीर-धीर तम उस सबको जानन म4 सQम हो जाओग िजG ह4 तZ हार मन न Vदन भर म4 अपन भीतर

इका कर लया था वह टप Pरकाडर जसा ह और तम जस-जस पीछ जाओग मन का टप पछता जाएगा साफ होता

जाएगा और तब तक तम सबह क घटना क पास पहचोग तZ ह4 नीद आ जाएगी और तब तZ हार नीद क गणवता और

होगी वह नीद भी Lयान पण होगी

और दसर Vदन सबह नीद स जागन पर अपनी आख- को तरत मत खोल- एक बार 0फर रात क घटनाओ म4 त2म स

लोट- आरभ म4 यह कVठन होगा शM म4 बहत थोड़ी गत होगी कभी कोई 9 वपन का अश उस 9 वपन का अश िजस ठUक

जागन क पहल तम दख रह थ Vदखाई पड़गा ल0कन धीर-धीर तZ ह4 ` यादा बात4 समरण आन लग4गी तम गहर वश

करन लग-ग और तीन महन क बाद तम समय क उस छोर पर पहच जाओग जब तZ ह4 नीद लगी थी जब तम सो गए थ

और अगर तम अपनी नीद म4 त2म स गहर उतर सक तो तZ हार नीद और जागरण क गणवता Bबलकल बदल जाएगी

तब तZ ह4 सपन नह आएग तब सपन gt यथ हो जाय4ग अगर Vदन और रात दोन- म4 तम त2मण कर सक तो 0फर सपन-

क जMरत नह रहगी

अब मनोवानक कहत ह 0क सपना भी मन को 0फर स खोलन खाल करन क 02या ह और अगर तम 9 वय यह काम

त2मण क Cवारा कर लो तो 9 वपन दखन जMरत ह नह रहगी सपना इतना ह तो करता ह 0क जो कछ मन म4 अटका

ह अधरा पडा था अपण था उस वह परा कर दता ह

तम सड़क स गजर रह थ और तमन एक सदर मकान दखा और तZ हार भीतर उस मकान को पान क सQम वासना पदा हो

गई ल0कन उस समय तम दpतर जा रह थ और तZ हार पास Vदवा-9 वपन दखन का समय नह था तम उस कामना को

टाल गय तZ ह4 यह पता भी नह चला 0क मन न मकान को पान क कामना नमत कर ल ह ल0कन यह कामना अब भी

मन क 0कसी कोन म4 अटक पड़ी ह और अगर तमन उस वहा स नह हटाया तो वह तZ हार नीद मिR कल कर दगी

नीद क कVठनाई यह बताती ह 0क तZ हारा Vदन अभी भी तम पर हावी ह और तम उसस मकत नह हो पा रह हो तब रात म4

तम 9 वपन दख4ग 0क तम उस मकान क मालक हो गए हो और अब तम उस मकान म4 वास कर रह हो और िजस Qण यह

9 वपन घVटत होता ह + य-0क सपन तZ हार अधर चीज- को परा करन म4 सहयोगी होत ह

और ऐसी चीज4 ह जो पर नह हो सकती तZ हारा मन अनगल कामनाए 0कए जाता ह व यथाथ म4 पर नह हो सकती तो

+ या 0कया जाए व अधर कामनाए तZ हार भीतर बनी रहती ह और तम आशा 0कए जात हो सोच वचार 0कए जात हो तो

+ या 0कया जाए तZ ह4 एक सदर 9 ी Vदखाई दती ह और तम उसक त आकषत हो गए अब उस पान क कामना तZ हार

भीतर पदा हो गई जो हो सकता ह सभव न हो हो सकता ह वह 9 ी तZ हार तरफ ताकना भी पसद न कर तब + या हो

9 वपन यहा तZ हार सहायता करता ह 9 वपन म4 तम उस 9 ी को पा सकत हो और तब तZ हारा मन हलका हो जाएगा

जहा तक मन का सबध ह 9 वपन और यथाथ म4 कोई फक नह ह मन क तल पर + या फक 0कसी 9 ी को यथाथत म

करन और सपन म4 म करन म4 + या फक ह

कोई फक नह ह अगर फक ह तो इतना ह 0क 9 वपन यथाथ स ` यादा सदर होगा 9 वपन क 9 ी कोई अड़चन नह खड़ी

करगी 9 वपन तZ हारा और उसम तम जो चाह कर सकत हो वह 9 ी तZ हार लए कोई बाधा नह पदा करगी वह तो ह ह

नह तम ह हो वहा कोई अड़चन नह ह तम जो चाहो कर सकत हो मन क लए कोई भद नह ह मन 9 वपन और यथाथ

म4 कोई भद नह कर सकता ह

उदाहरण क लए तZ ह4 यVद एक साल क लए बहोश करक रख Vदया जाए और उस बहोशी म तम सपन दखत रहो तो एक

साल तक तZ ह4 Bबलकल पता नह चलगा 0क जो भी तम दख रह हो वह सपना ह सब यथाथ जसा लगगा और 9 वपन साल

भर चलता रहगा मनोवानक कहत ह 0क अगर 0कसी gt यि+ त को सौ साल क लए कौमा म4 रख Vदया जाए तो वह सौ

साल तक सपन दखता रहगा और उस Qण भर क लए भी सदह नह होगा 0क जो म_ कर रहा ह वह 9 वपन ह और यVद

कोमा म4 ह मर जाएगा तो उस कभी पता नह चलगा 0क मरा जीवन एक 9 वपन था सच नह था

मन क लए कोई भद नह ह सतय और 9 वपन दोन- समान ह इसलए मन अपन को सपन- म4 भी नJथ कर सकता ह

अगर इस वध का योग करो तो सपना दखन क जMरत नह ह तब तZ हार नीद क गणवता ह पर तरह स बदल

जायगी + य-0क सपन- क अनपि9 थत म4 तम अपन अि9 ततव क आlt यतक गहराई म4 उतर सकोग और तब नीद म4 भी

तZ हारा बोध कायम रहगा

कषण गीता म4 यह बात कह रह ह 0क जब सभी गहर नीद म4 होत ह तो योगी जागता रहता ह इसका यह अथ नह 0क योगी

नह सोता योगी भी सोता ह ल0कन उसक नीद का गणधम भनन ह तZ हार नीद ऐसी ह जस नश क बहोशी होती ह

योगी क नीद गाढ़ वkाम ह िजसम कोई बहोशी नह रहती ह उसका सारा शरर वkाम म4 होता ह एक-एक कोश

वkाम म4 होता ह वहा जरा भी तनाव नह रहता और बड़ी बात 0क योगी अपनी नीद क त जागMक रहता ह

इस वध का योग करो आज रात स ह योग शM करो और 0फर सबह भी इसका योग करना एक स] ताह म4 तZ ह4

मालम होगा 0क तम वध स पPरचत हो गए हो एक स] ताह क बाद अपन अतीत पर योग करो बीच म4 एक Vदन क छी

रख सकत हो 0कसी एकात 9 थान म4 चल जाओ अf छा हो 0क उपवास कराmdashउपवास और मौन एकात सम तट पर या

0कसी झाड़ क नीच लट रहो वहा स उसी Bबद स अपन अतीत म4 वश करो अगर तम सम तट पर लट हो तो रत को

अनभव करो धप को अनभव करो और तब पीछ क और सरको और सरकत चल जाओ अतीत म4 गहर उतरत चल जाओ

दखो 0क कौन सी आlखर बात समरण आती ह

तZ ह4 आR चय होगा 0क सामानयत तम बहत कछ समरण नह कर सकत हो सामानयत अपनी चार या पाच वष क उ क

आग नह जा सकोग िजनक याददाशत बहत अf छU ह व तीन वष क सीमा तक जा सकत ह उसक बाद अचानक एक

अवरोध मलगा िजसक आग सब कछ अधरा मलगा ल0कन अगर तम इस वध का योग करत रह तो धीर-धीर यह

अवरोध टट जाएगा तम अपन जनम क थम Vदन को भी याद कर पाओग

और वह एक बड़ा रह9योCघाटन होगा तब धप बाल और सागर तट पर लौटकर तम एक दसर ह आदमी होग4

यVद तम kम करो तो तम गभ तक जा सकत हो तZ हार पास मा क पट क 9 मतया ह मा क साथ नौ महन होन क बात4

भी तZ ह4 याद ह तZ हार मन म4 उन नौ महन- क कथा भी लखी ह जब तZ हार मा दःखी हई थी तो तमन उसको भी मन म4

लख लया था + य-0क मा क दःखी होन स तम भी दःखी हय थ तम अपनी मा क साथ इतन जड थ सयकत थ 0क जो

कछ तZ हार मा को होता था वह तZ ह4 भी होता था जब वह 2ोध करती थी तो तम भी 2ोध करत थ जब वह खश थी तो

तम भी खश थ जब कोई उसक शसा करता था तो तम भी शसत होत थ और जब वह बीमार होती थी तो उसक पीड़ा

स तम भी पीWडत होत थ

यVद तम गभ क 9 मत म4 वश कर सको तो समझो 0क मल गई और जब तम और गहर उतर सकत हो तब तम उस

Qण को भी याद कर सकत हो जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था इसी जात समरण क कारण महावीर और ब कह

सक 0क पवजनम ह और पनजनम काई सात नह ह वह एक गहन अनभव ह

और अगर तम उस Qण क 9 मत को पकड़ सको जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था तो तम उसस भी आग जा सकत

हो तम अपन पव जीवन क मlt य को भी याद कर सकत हो और एक बार तमन उस Bबद को छ लया तो समझो 0क वध

तZ हार हाथ लग गई तब तम आसानी स अपन सभी पव जG म- म4 गत कर सकत हो

यह एक अनभव ह और इसक पPरणाम आR चयजनक ह जब तZ ह4 पता चलता ह 0क तम जG म- ndashजG म- स उसी gt यथता

को जी रह हो जो अभी तZ हार जीवन म4 ह एक ह मढ़ता को तम जG म--जG म- म4 दहरात रह हो भीतर ढग ढाचा वह ह

सफ ऊपर-ऊपर थोड़ा फक ह अभी तम इस 9 ी क म म4 हो कल 0कसी अनय 9 ी क म म_ थ कल तमन धन बटोरा था

आज भी धन बटोर रह हो फक इतना ह 0क कल क स+ क और थ आज क स+ क और ह ल0कन सारा ढाचा वह ह जो

पनरावltत होता रहा ह

और एक बार तम दख लो 0क जG म-ndashजG म- स एक ह तरह क मढ़ता एक द9च2 क भात घमती रह ह तो अचानक तम

जाग जाओग और तZ हारा परा अतीत 9 वपन स ` यादा नह रहगा तब वतमान सVहत सब कछ 9 वपन जसा लगगा तब

तम उसस सवथा टट जाओग और अब नह चाहोग 0क भवषय म4 0फर स मढ़ता दोहर तब वासना समापत हो जाएगी

+ य-0क वासना भवषय म4 अतीत का Qपण ह उसस अधक कछ नह ह तZ हारा अतीत का अनभव भवषय म4 दहराना

चाहता ह वह तZ हार कामना ह चाह ह

परान अनभव को 0फर स भोगन क चाह 0क कामना ह ओर जब तक तम इस पर 02या क त होश पण नह होत हो तब

तक वासना स मकत नह हो सकत कस हो सकत हो तZ हारा समसत अतीत एक अवरोध बनकर खड़ा ह चान क तरह

तZ हार सर पर सवार ह और वह तZ ह4 तZ हार भवषय क और धका रहा ह अतीत कामना को जनम दकर उस भवषय म4

Qपत करता ह

अगर तम अपन अतीत को 9 वपन क तरह जान जाओ तो सभी कामनाए बाझ हा जाएगी और कामनाओ क गरत ह

भवषय समापत हो जाता ह और इस अतीत और भवषय क समाि] त क साथ तम MपातPरत हो जात हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

त-सmdashवध-23 (ओशो) क0 =1त होन क ` यारहवी वध

6कसी वषय को अनभव करो वान भरव त-शव (ओशो)

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करो

6फर वषय-भाव और अनपिJ थ9त भाव को भी छोड़कर आP मोपलबध होओlsquorsquo

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोlsquorsquo

कोई भी वषय उदाहरण क लए एक गलाब का फल हmdashकोई भी चीज चलगी

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोhelliprsquorsquo

दखन स काम नह चलगा अनभव करना ह तम गलाब क फल को दखत हो ल0कन उसस तZ हारा दय आदोलत नह

होता ह तब तम गलाब को अनभव नह करत हो अG यथा तम रोत और चीखत अG यथा तम हसत और नाचत तम गलाब

को महसस नह कर रह हो तम सफ गलाब को दख रह हो

और तZ हारा दखना भी परा नह ह अधरा ह तम कभी 0कसी चीज को परा नह दखत अतीत हमशा बीच म4 आता ह गलाब

को दखत ह अतीत-9 मत कहती ह 0क यह गलाब ह और यह कहकर तम आग बढ़ जात हो ल0कन तब तमन सच म4

गलाब को नह दखा जब मन कहता ह 0क यह गलाब ह तो उसका अथ हआ 0क तम इसक बार म4 सब कछ जानत हो

+ य-0क तमन बहत गलाब दख ह मन कहता ह 0क अब और + या जानना ह आग बढ़ो और आग बढ़ जात हो

यह दखना अधरा ह यह दखना-दखना नह ह गलाब क फल क साथ रहो उस दखो और 0फर उस महसस करो उस

अनभव करो अनभव करन क लए + या करना ह उस 9 पश करो उस सघो उस गहरा शारPरक अनभव बनन दो पहल

अपनी आख- को बद करो और गलाब को अपन पर चहर को छन दो इस 9 पश को महसस करो 0फर गलाब को आख स

9 पश करो 0फर गलाब को नाक स सधो 0फर गलाब क पास दय को ल जाओ और उसक साथ मौन हो जाओ गलाब को

अपना भाव अपत करो सब कछ भल जाओ सार दनया को भल जाओ गलाब क साथ समत रहो

lsquorsquoअपन सामन 0कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय- क अनपि9 थत को अनभव करो

यVद तZ हारा मन अनय चीज- क सबध म4 सोच रहा ह तो गलाब का अनभव गहरा नह जाएगा सभी अनय गलाब- को भल

जाओ सभी अनय लोग- को भल जाओ सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब हो यह गलाब

सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब को तZ ह4 आf छाVदत कर लन दो समझो 0क तम इस

गलाब म4 डब गय हो

यह कVठन होगा + य-0क हम इतन सवदनशील नह ह ल0कन ि9 य- क लए यह उतना कVठन नह होगा + य-0क व 0कसी

चीज को आसानी स महसस करती ह पMष- क लए यह ` यादा कVठन होगा हा अगर उनका सqदय बोध वकसत हो

कव चकार या सगीतकार का सqदय बोध वकसत होता ह तो बात और ह तब व भी अनभव कर सकत ह ल0कन

इसका योग करो

बf च यह योग बहत सरलता स कर सकत ह म_ अपन एक म क बट को यह योग सखाता था यह 0कसी चीज को

आसानी स अनभव करता था 0फर म_न उस गलाब का फल Vदया और उसस यह सब कहा जो तZ ह4 अब कह रहा ह उसन

यह 0कया और कहा 0क म_ गलाब का फल बन गया ह मरा भाव यह ह 0क म_ ह गलाब का फल ह

बf च इस वध को बहत आसानी स कर सकत ह ल0कन हम उG ह4 इसम4 शmQत नह करत शmQत 0कया जाए तो

बf च सवkषठ L यानी हो सकत ह

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करोlsquorsquo

म म4 यह घVटत होता ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम सार ससार को भल जात हो और अगर अभी भी ससार तZ ह4

याद ह तो भल भात समझो 0क यह म नह ह म म4 तम ससार को भल जात हो सफ मका या मी याद रहता ह

इसलए म_ कहता ह 0क म L यान ह तम इस वध को म-वध क Mप म4 भी उपयोग कर सकत हो अब अनय सब कछ

भल जाओ

कछ Vदन हए एक म अपनी पlt नी क साथ मर पास आए पlt नी को पत स कोई शकायत थी इसलए पlt नी आई थी

म न कहा 0क म_ एक वष स L यान कर रहा ह और लगती ह यह आवाज मर L यान म4 सहयोगी ह ल0कन अब एक

आR चय क घटना घटती ह जब म_ अपनी पlt नी क साथ सभोग करता ह और सभोग शखर छन लगता ह तब भी मर मह स

रजनीश-रजनीश क आवाज नकलन लगती ह और इस कारण मर पlt नी को बहत अड़चन होती ह वह अकसर पछती ह

0क तम म करत हो या L यान करत हो या + या करत हो और य रजनीश बीच म4 कस आ जात ह

उस म न कहा 0क मिR कल यह ह 0क अगर म_ रजनीश-रजनीश न चY लाउ तो सभोग का शखर चक जाता ह और

चY लाउ तो पlt नी पीWडत होती ह सह रोन चY लान लगती ह और मसीबत खड़ी कर दती ह तो उG ह-न मर सलाह पछU

और कहा 0क पlt नी को साथ लान का यह कारण ह

उनक पlt नी क शकायत दMसत ह + य-0क वह कस मान सकती ह 0क कोई दसरा gt यि+ त उनक बीच म4 आय यह कारण

ह 0क म क लए एकात जMर ह बहत जMर ह सब कछ को भलन क लए एकात अथपण ह

अभी यरोप और अमPरका म4 व समह सभोग का योग कर रह हmdashएक कमर म4 अनक जोड़ सभोग म4 उतरत ह यह मढ़ता

ह अlt यतक मढ़ता ह + य-0क समह म4 सभोग क गहराई नह छई जा सकती ह वह सफ काम 2ड़ा बन कर रह जाएगी

दसर- क उपि9 थत बाधा बन जाती ह तब इस सभोग को L यान भी नह बनाया जा सकता ह

अगर तम शष ससार को भल सको तो ह तम 0कसी वषय क म म4 हो सकत हो चाह वह गलाब का फल हो या पतथर हो

या कोई भी चीज हो शत यह ह 0क उस चीज क उपि9 थत महसस करो और अनय चीज- क अनपि9 थत महसस करो

कवल वह वषय व9 त तZ हार चतना म4 अि9 ततवगत Mप स रह

अf छा हो 0क इस वध क योग क लए कोई ऐसी चीज चनो जो तZ ह4 ीतकर हो अपन सामन एक चान रखकर शष

ससार को भलना कVठन होगा यह कVठन होगा ल0कन झन सदगओ न यह भी 0कया ह उG ह-न L यान क लए रॉक गाडन

बना रखा ह वहा पड़-पौध या फल नह होत पतथर और बाल होत ह और व पतथर पर L यान करत ह

व कहत ह 0क अगर 0कसी पतथर क त तZ हारा गहन म हो तो कोई भी आदमी तZ हार लए बाधा नह हो सकता और

मनषय चान जस ह तो ह अगर तम चान को म कर सकत हो तो मनषय को म करन म4 + या कVठनाई तब कोई

अड़चन नह ह मनषय चान जस ह उसस भी ` यादा पथरल उG ह4 तोड़ना उनम4 वश करना अत कVठन ह

ल0कन अf छा हो 0क कोई ऐसी चीज चनो िजसक त तZ हारा सहज म हो और तब शष ससार को भल जाओ उसक

उपि9 थत का मजा लो उसका 9 वाद लो आनद लो उस व9 त म4 गहर उतरो और उस व9 त को अपन म4 गहरा उतरन दो

lsquorsquo6फर वषय भाव को छोड़करhelliphelliplsquorsquo

अब इस वध का कVठन अश आता ह तमन पहल ह सब वषय छोड़ Vदए ह सफ यह एक वषय तZ हार लए रहा ह

सबको भलकर एक इस तमन याद रखा था अब lsquorsquoवषय भाव को छोड़करhelliplsquorsquo अब उस भाव को भी छोड़कर अब तो दो ह

चीज बची ह एक वषय क उपि9 थत ह और शष चीज- क अनपि9 थत ह अब उस अनपि9 थत को भी छोड़ दो कवल यह

ग लाब या कवल यह चहरा यह कवल यह 9 ी या कवल यह पMष या यह चान क उपि9 थत बची ह उस भी छोड़ दो और

उसक त जो भाव ह उस भी तम अचानक एक आlt यतक शनय म4 गर जात हो जहा कछ भी नह बचता

और शव कहत ह rsquorsquoआlt मोपलबध होओlsquorsquo इस शनय को इस ना-कछ को उपलबध हो यह तZ हारा 9 वभाव ह यह श

होना ह

शनय को सीध पहचना कVठन होगाmdashकVठन और kम-साधय इसलए 0कसी वषय को माधयम बनाकर वहा अf छा ह

पहल 0कसी वषय को अपन मन म4 ल लो और उस इस समता स अनभव करो 0क 0कसी अनय चीज को याद रखन क

जMरत न रह तZ हार समसत चतना इस एक चीज स भर जाए और तब इस वषय को भी छोड़ दो इस भी भल जाओ तब

तम 0कसी अगाध अतल म4 वOट हो जात हो जहा कछ भी नह ह वहा कवल तZ हार आlt मा ह श और नO कलष यह

श अि9 ततव यह श चतनय ह तZ हारा 9 वभाव ह

ल0कन इस वध को कई चरण- म4 बाटकर योग करो पर वध को एकबारगी काम म4 मत लाओ पहल एक वषय का

भाव नमत करो कछ Vदन तक सफ इस Vह9 स का योग करो पर वध का योग मत करो पहल कछ Vदन- तक या

कछ हpत- तक इस एक Vह9 स क पहल Vह9 स क साधना करो वषय-भाव पदा करो पहल वषय को महसस करो और

एक ह वषय चनो उस बार-बार बदल- मत + य-0क हर बदलत वषय क साथ तZ ह4 0फर-0फर उतना ह kम करना होगा

अगर तमन वषय क Mप म4 गलाब का फल चना ह तो रोज-रोज गलाब क फल का ह उपयोग करो उस गलाब क फल स

तम भर जाओ भरपर हो जाओ ऐस भर जाओ 0क एक Vदन कह सको क म_ फल ह ह तब वध का पहला Vह9 सा सध

गया परा हआ

जब फल ह रह जाए और शष सब कछ भल जाए तब इस भाव का कछ Vदन- तक आनद लो यह भाव अपन आप म4 सदर ह

बहत-बहत सदर ह यह अपन आप म4 बहत ाणवान ह शि+ तशाल ह कछ Vदन- तक यह अनभव करत रहो और जब

तम उसक साथ रच-पच जाओग लयवCध हो जाओग तो 0फर वह सरल हो जाएगा 0फर उसक लए सघष नह करना

होगा तब फल अचानक कट होता ह और समसत ससार भल जाता ह कवल फल रहता ह

इसक बाद वध क दसर भाग पर योग करो अपनी आख बद कर लो और फल को भी भल जाओ याद रह अगर तमन

पहल भाग को ठUक-ठUक साधा ह तो दसरा भाग कVठन नह होगा ल0कन यVद पर वध पर एक साथ योग करोग तो

दसरा भाग कVठन ह नह असभव होगा पहल भाग म4 अगर तमन एक फल क लए सार दनया को भला Vदया तो दसर

भाग म4 शनय क लए फल को भलाना आसानी स हो सकगा दसरा भाग आएगा ल0कन उसक लए पहल भाग पहल करना

जMर ह

ल0कन मन बहत चालाक ह मन सदा कहगा 0क पर वध को एक साथ योग करो ल0कन उसम तम सफल नह हो

सकत हो और तब मन कहगा 0क यह वध काम क नह ह या यह तZ हार लए नह ह

इसलए अगर सफल होना चाहत हो तो वध को 2म म4 योग करो पहल-पहल भाग को परा करो और तब दसर भाग को

हाथ म4 लो और तब वषय भी वलन हो जाता ह और मा तZ हार चतना रहती ह श काश श ` योत-शखा

कY पना करो 0क तZ हार पास दया ह और Vदए क रोशनी अनक चीज- पर पड़ रह ह मन क आख- स दखो 0क तZ हार

अधर कमर म4 अनक-अनक चीज4 ह और तम एक Vदया वहा लात हो और सब चीज4 काशत हो जाती ह दया उन सब

चीज- को काशत करता ह िजG ह4 तम वहा दखत हो

ल0कन अब तम उनम4 स एक वषय चन लो और उसी वषय क साथ रहो दया वह ह ल0कन अब उसक रोशनी एक ह

वषय पर पड़ती ह 0फर उस एक वषय को भी हटा दो और तब दए क लए कोई वषय नह बचा

वह बात तZ हार चतना क लए सह ह तम काश हो ` योत शखा हो और सारा ससार तZ हारा वषय ह तम सार ससार

को छोड़ दत हो और एक वषय पर अपन को एका करत हो तZ हार ` योत शखा वह रहती ह ल0कन अब वह अनक

वषय- म4 gt यसत नह ह वह एक ह वषय म4 gt यसत ह और 0फर उस एक वषय को भी छोड़ दो अचानक तब सफ काश

बचता ह चतना बचती ह वह काश 0कसी वषय को नह काशत कर रहा ह

इसी को ब न नवाण कहा ह इसी को महावीर न कवलय कहा ह परम एकात कहा ह उपनषादो न इस ह मान या

आlt मान कहा ह शव कहत ह 0क अगर तम इस वध को साध लो तो तम मान को उपलबध हो जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

  • ततर-सतरndashविधिmdash01
  • ततर-सतरmdashविधिmdash02
  • ततर-सतरmdashविधिmdash03
  • ततर-सतरmdashविधि-05
  • ततर-सतरmdashविधि-06
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Page 2: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह

ल0कन सशय नमल कस ह-ग 0कसक ऊपर स + या कोई उततर ह जो 0क मन क सशय दर कर द मन ह तो सशय ह

जब तक मन नह मटता ह सशय नमल कस ह-ग

शव उततर द4ग उनक उततर म4 सफ वधया हmdashसबस परानी सबस चीन वधया ल0कन तम उG ह4 अlt याधनक भी

कह सकत हो + य-0क उनम4 जोड़ा नह जा सकता व पण ह एक सौ बारह वधया उनम4 सभी सभावनाओ का समावश ह

मन को श करन क मन क अत2मण क सभी उपाय उनम4 समाए ह शव क एक सौ बारह वधय- म4 एक और वध

नह जोड़ी जा सकती कछ जोड़न क गजाईश ह नह ह यह सवाJगीण ह सपण ह अतम ह यह सब स ाचीन ह और

साथ ह सबस आधनक सबस नवीन परान पवत- क भात य त परान ह शाशवत जस लगत ह और साथ ह सबह क

सरज क सामन खड़ ओस-कण क भात य नए ह य इतन ताज ह

L यान क इन एक सौ बारह वधय- स मन क Mपातरण का परा वान नमत हआ ह एक-एक कर हम उनम4 वश कर4ग

पहल हम उG ह4 ब स समझन क चO टा कर4ग ल0कन ब को मा एक य क तरह काम म4 लाओ मालक क तरह नह

समझन क लए य क तरह उसका उपयोग कर- ल0कन उसक जPरए नए gt यवधान मत पदा करो िजस समय हम इन

वधय- क चचा कर4ग तम अपन परान ान को परानी जानकाPरय- को एक 0कनार धर दना उG ह4 अलग ह कर दना व

रा9 त क धल भर ह

इन वधय- का साQाlt कार निR चत ह सावचत मन स करो ल0कन तक को हटा कर करो इस Sम म4 मत रहो 0क ववाद

करन वाला मन सावचत मन ह वह नह ह + य-0क िजस Qण तम ववाद म4 उतरत हो उसी Qण सजगता खो जाती ह

सावचत नह रहत हो तम तब यहा हो ह नह

य वधया 0कसी धम क नह ह व ठUक वस ह Vहद नह ह जस सापQवाद का सात आइ9 टन क Cवारा तपाVदत होन

क कारण यहद नह हो जाता ह रWडय- टलवजन ईसाई नह ह य वधया Vहदओ क ईजाद अवशय ह ल0कन व 9 वय

Vहद नह ह इस लए इन वधय- म4 0कसी धामक अनO ठान का उY लख नह रहगा 0कसी मVदर क जMरत नह ह तम

9 वय मVदर हो तम ह योगशाला हो तZ हार भीतर ह परा योग होन वाला ह और वR वास क भी जMरत नह ह

त धम नह ह वान ह 0कसी वR वास क जMरत नह ह करान या वद म4 ब या महावीर म4 आ9 था रखन क

आवR यकता नह ह नह 0कसी वR वास क आवR यकता ह योग करन का महा साहस पयापत ह योग करन क

Vहममत काफ ह एक मसलमान योग कर सकता ह वह करान क गहर अथ[ को उपलबध हो जाएगा एक Vहद अ यास

कर सकता ह और वह पहल दफा जानगा 0क वद + या ह वस ह एक जन इस साधना म4 उतर सकता ह बौ इस साधना म4

उतर सकता ह एक ईसाई इस साधना म4 उतर सकता हhellipव जहा ह त उG ह4 आ] तकाम करगा उनक अपन चन हए रा9 त

जो भी हो त सहयोगी होगा

यह कारण ह 0क जनसाधारण क लए त नह समझा गया और सदा यह होता ह 0क जब तम 0कसी चीज को नह समझत

हो तो उस गलत जMर समझत हो + य-0क तब तZ ह4 लगता ह 0क समझत जMर हो तम Pरकत 9 थान म4 बन रहन को राज़ी

नह हो

दसर बात 0क जब तम 0कसी चीज को नह समझत हो तम उस गाल दन लगत हो यह इसलए 0क यह तZ ह4

अपमानजनक लगता ह तम सोचत हो म_ और नह समझ यह असभव ह इस चीज क साथ ह कछ भल होगी और तब

तम गाल दन लगत हो तब तम ऊलजलल बकन लगत हो और कहत हो 0क अब ठUक ह

इस लए त को नह समझा गया और त को गलत समझा गया महान राज भौज न पव उ` जन नगर म4 त क

वCय पीठ को खतम कर Vदया एक लाख ताBक जोड़- को काट Vदया + य- य + या ह हमार समझ म4 नह आता कछ

साल- पहल वह पर राजा व2माVदतय न उG ह ताBक- 0कतना सZ मान Vदयाhellipयह इतना गहरा और उचा था 0क यह होना

9 वाभावक था

तीसर बात 0क च0क त Cवत क पार जाता ह इसलए उसका aिO टकोण अत नतक ह कपया कर इन शc द- को समझो

नतक अनतक अत नतक नतक + या ह हम समझत ह अनतक + या ह हम समझत ह ल0कन जब कोई चीज अत

नतक हो जाती ह दौन- क पार चल जाती ह तब उस समझना कVठन ह

त अत नतक ह त कहता ह कोई नतकता जMर नह ह कोई खास नतकता जMर नह ह सच तो यह ह 0क तम

अनतक हो + य-0क तZ हारा चत अशात ह इसलए त शत नह लगता 0क पहल तम नतक बनो तब त क साधना कर

सकत हो त क लए यह बात ह बतक ह कोई बीमार ह बखार म4 ह डाकटर आकर कहता ह पहल अपना बखार कम

करो पहल परा 9 वसथ हो लो और तब म_ दवा दगा

यह तो हो रहा ह चौर साध क पास जाता ह और कहता ह म_ चौर ह मझ L यान करना सखाए साध कहता ह पहल चौर

छोड़ो चौर रहत L यान कस कर सकत हो एक शराबी आकर कहता ह म_ शराब पीता ह मझ L यान बताए और साध कहता

ह पहल शत 0क शराब छोड़ो तब L यान कर सकोग

त तZ हार तथा कथत नतकता क तZ हार समािजक रसम-Pरवाज आVद क चता नह करता ह इसका यह अथ नह ह

0क त तZ ह4 अनतक होन को कहता ह नह त जब तZ हार नतकता क ह इतनी परवाह नह करता तो वह तZ ह4

अनतक होन को नह कह सकता त तो वानक वध बताता ह 0क कस चत को बदला जाए और एक बार चत दसर

हआ 0क तZ हारा चPर दसरा हो जाएगा एक बार तZ हार ढाच का आधार बदला 0क पर इमारत दसर हो जाएगी

इसी अत नतक सझाव क कारण त तZ हार तथाकथत साध-महाlt माओ को बदाशत नह हआ व सब उसक वरोध म4

खड़ हो गए + य-0क अगर त सफल होता ह तो धम क नाम पर चलन वाल सार नासमझी समापत हो जाएगी

त कहता ह 0क उस अव9 था का नाम भरव ह जब मन नह रहताmdashअ-मन क अव9 था ह और तब पहल दफा तम यथाथत

उसको दखत हो जो ह जब तक मन ह तम अपना ह ससार रच जात हो तम उस आरोपत Qपत 0कए जात हो इसलए

पहल तो मन को बदल- और तब मन को अ-मन म4 बदल-

और य एक सौ बारह वधय- सभी लोग- क काम आ सकती ह हो सकता ह कोई वशष उपाय तमको ठUक न पड़ इसलए

तो शव अनक उपाय बताए चल जात ह कोई एक वध चन लो जो तमको जच जाए

और यह जानना कVठन नह ह 0क कौन सी वध तZ ह4 जचती ह हम यहा lt यक वध को समझन क कोशश कर4ग तम

अपन लए वह वध चन लो जो 0क तZ ह4 और तZ हार मन को MपातPरत कर द यह समझ यह बौक समझ बनयाद तौर

स जMर ह ल0कन अत नह ह िजस वध क भी चचा म4 यहा कM उसको योग करो सच म4 यह ह 0क जब तम अपनी

सह वध का योग करत हो तब झट स उसका तार तZ हार 0कसी तार स लगाकर बज उठता ह

एक वध लो उसक साथ तीन Vदन खलो अगर तZ ह4 उसक साथ नकटता क अनभत हो अगर उसक साथ तम थोड़ा

9 वसथ महसस करो अगर तZ ह4 लग 0क यह तZ हार लए ह तो 0फर उसक त गभीर हो जाओ तब दसर वधय- को भल

जाओ उनम4 खलना बद करो और अपनी वध क साथ टको कम स कम तीन महन टको चमlt कार सभव ह बस इतना

होना चाVहए 0क वह वध सचमच तZ हार लए हो यVद तZ हार लए नह ह तो कछ नह होगा तब उसक साथ जG म--

जG म- तक योग करक भी कछ नह होगा

ल0कन य एक सौ बारह वधया तो समसत मानव-जात क लए ह और व उन सभी यग- क लए ह जो गजर गए ह और

आन वाल ह और 0कसी भी यग म4 एक भी एका आदमी नह हआ और न होन वाला ह ह जो कह सक 0क य सभी एक सौ

बारह वधया मर लए gt यथ ह असभव यह असभव ह

lt यक ढग क चत क लए यहा गजाइश ह त म4 lt यक 0कसम क चत क लए वध ह कई वधया ह िजनक उपयकत

आदमी अभी उपलबध नह ह व भवषय क लए ह और ऐसी वधया भी ह िजनक उपयकत मनषय रह ह नह व अतीत

क लए ह ल0कन डर मत जाना अनक वधया ह जो तZ हार लए ह ह

ओशो

वान भरव त

)वचनmdash1

भागmdash1( त स)

त-सndashवधmdash01

शव कहत ह

वान भरव तndashओशो

त-स धयान वधndash

ह दवी यह अनभव दो वास2 क बीच घ=टत हो सकता ह

वास क भीतर आन क प चात और बाहर लौटन क ठAक पवndash

Bयस ह कC याण ह

welcome
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आरभ क नौ वधया R वास-02या स सबध रखती ह इसलए पहल हम R वास-02या क सबध म4 थोड़ा समझ ल4 और

वधय- म4 वश कर4ग

हम जनम स मlt य क Qण तक नरतर R वास लत रहत ह इन दो Bबदओ क बीच सब कछ बदल जाता ह सब चीज बदल

जाती ह कछ भी बदल Bबना नह रहता ल0कन जनम और मlt य क बीच R वास 02या अचल रहती ह बf चा जवान होगा

जवान बढ़ा होगा वह बीमार होगा उसका शरर Mगण और कMप होगा सब कछ बदल जायगा वह सखी होगा दःखी

होगा पीड़ा म4 होगा सब कछ बदलता रहगा ल0कन इन दो Bबदओ क बीच आदमी R वास भर सतत लता रहगा

R वास 02या एक सतत वाह ह उसम4 अतराल सभव नह ह अगर तम एक Qण क लए भी R वास लना भल जाओ तो तम

समापत हो जाओग यह कारण ह 0क R वास लन का िजZ मा तZ हार नह ह नह तो मिR कल हो जायगी कोई भल जाय

R वास लना तो 0फर कछ भी नह 0कया जा सकता

इसलए यथाथ म4 तम R वास नह लत हो + य-0क उसम तZ हार जMरत नह ह तम गहर नीद म4 हो और R वास चलती

रहती ह तम गहर मf छा म4 हो और R वास चलती रहती ह R वासन तZ हार gt यि+ ततव का एक अचल ततव ह

दसर बात यह जीवन क अlt यत आवशयक और आधारभत ह इस लए जीवन और R वास पयायवाची हो गय इस लए

भारत म4 उस ाण कहत ह R वास और जीवन को हमन एक शबद Vदया ाण का अथ ह जीवन शि+ त जीवतता तZ हारा

जीवन तZ हार R वास ह

तीसर बात R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच एक सत ह सतत R वास तZ ह4 तZ हार शरर स जोड़ रह ह सबधत कर

रह ह और R वास न सफ तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह वह तZ हार और वशव क बीच भी सत ह तZ हारा शरर

वशव का अग ह शरर क हरक चीज हरक कण हरक कोश वशव का अश ह यह वशव क साथ नकटतम सबध ह और

R वास सत ह और अगर सत टट जाय तो तम शरर म4 नह रह सकत तम 0कसी अात आयाम म4 चल जाओग इस लए

R वास तZ हार और दश काल क बीच सत हो जाती ह

R वास क दो Bबद ह दो छोर ह एक छोर ह जहा वह शरर और वशव को छती ह और दसरा वह छोर ह जहा वह वR वातीत

को छती ह और हम R वास क एक ह Vह9 स स पPरचत ह जब वह वशव म4 शरर म4 गत करती ह ल0कन वह सदा ह

शरर स अशरर म4 गत करती ह अगर तम दसर Bबद को जो सत ह धi ह जान जाओ तम एकाएक MपातPरत होकर एक

दसर ह आयाम म4 वश कर जाओग

ल0कन याद रखो शव जो कहत ह वह योग नह ह वह त ह योग भी R वास पर काम करता ह ल0कन योग और त क

काम म4 बनयाद फक ह योग R वास-02या को gt यवि9 थत करन क चO टा करता ह अगर तम अपनी R वास को gt यव9 था दो

तो तZ हारा 9 वासथ सधर जायगा इसक रह9 य- को समझो तो तZ ह4 9 वासथ और दघ जीवन मलगा तम ` यादा बल

` यादा ओज9 वी ` यादा जीवत ` यादा ताजा हो जाओग

ल0कन त का इसस कछ लना दना नह ह त 9 वास क gt यव9 था क चता नह करता भीतर क और मड़न क लए वह

R वास 02या का उपयोग भर करता ह त म4 साधक को 0कसी वशष ढग क R वास का अ यास नह करना चाVहए कोई

वशष ाणायाम नह साधना ह ाण को लयव नह बनाना ह बस उसक कछ वशष Bबदओ क त बोधपण होना ह

R वास शवास क कछ Bबद ह िजG ह4 हम नह जानत हम सदा R वास लत ह R वास क साथ जG मत ह R वास क साथ मरत

ह ल0कन उसक कछ महतव पण Bबदओ को बोध नह ह और यह हरानी क बात ह मनषय अतPरQ क गहराइय- म4 उतर

रहा ह खोज रहा ह वह चाद पर पहच गया ह ल0कन वह अपन जीवन क इस नकटतम वद को समझ नह सका R वास क

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कछ Bबद ह िजस तमन कभी दखा नह ह व Bबद Cवार ह तZ हार नकटतम Cवार ह िजनस होकर तम एक दसर ह ससार

म4 एक दसर ह अि9 ततव म4 एक दसर ह चतना म4 वश कर सकत हो

ल0कन वह Bबद बहत सQम ह जो चीज िजतनी नकट हो उतनी ह कVठन मालम पड़गी Rवास तZ हार इतना करब ह 0क

उसक बीच 9 थान ह नह बना रहता या इतना अलप 9 थान ह 0क उस दखन क लए बहत सQम aिO ट चाVहए तभी तम

उन Bबदओ क त बोध पण हो सकत हो य Bबद इन वधय- क आधार ह

शव उततर म4 कहत हmdashह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह R वास क भीतर आन क पR चात और बाहर

लौटन क ठUक पवmdashkयस ह कY याण ह

यह वध ह ह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह जब R वास भीतर अथवा नीच को आती ह उसक बाद

0फर R वास क लौटन क ठUक पवmdashkयस ह इन दो Bबदओ क बीच होश पण होन स घटना घटती ह

जब तZ हार R वास भीतर आय तो उसका नरQण करो उसक 0फर बाहर या ऊपर क लए मड़न क पहल एक Qण क लए

या Qण क हज़ारव4 भाग क लए R वास बद हो जाती ह R वास भीतर आती ह और वहा एक Bबद ह जहा वह ठहर जाती ह

0फर R वास बाहर जाती ह और जब R वास बाहर जाती ह तो वहा एक Bबद पर ठहर जाती ह और 0फर वह भीतर क लौटती

R वास क भीतर या बाहर क लए मड़न क पहल एक Qण ह जब तम R वास नह लत हो उसी Qण म4 घटना घटनी सभव ह

+ य-0क जब तम R वास नह लत हो तो तम ससार म4 नह होत हो समझ लो 0क जब तम R वास नह लत हो तब तम मत हो

तम तो हो ल0कन मत ल0कन यह Qण इतना छोटा ह 0क तम उस कभी दख नह पात

त क लए lt यक बVहगामी R वास मlt य ह और lt यक नई 9 वास पनजनम ह भीतर आन वाल R वास पनजनम ह बाहर

जान वाल R वास मlt य ह बाहर जान वाल R वास मlt य का पयाय ह अदर जान वाल R वास जीवन का इसलए lt यक

R वास क साथ तम मरत हो और lt यक R वास क साथ तम जनम लत हो दोन- क बीच का अतराल बहत Qlणक ह ल0कन

पनी aिO ट श नरQण और अवधान स उस अनभव 0कया जा सकता ह और यVद तम उस अतराल को अनभव कर सको

तो शव कहत ह 0क kयस उपलबध ह तब और 0कसी चीज क जMरत नह ह तब तम आ] तकाम हो गए तमन जान

लया घटना घट गई

R वास को शmQत नह करना वह जसी ह उस वसी ह बनी रहन दना 0फर इतनी सरल वध + य- सतय को जानन को

ऐसी सरल वध सतय को जानना उसको जानना ह िजसका न जनम ह न मरण तम बहार जाती R वास को जान सकत

हो तम भीतर जाती R वास को जान सकत हो ल0कन तम दोन- क अतराल को कभी नह जानत

योग करो और तम उस Bबद को पा लोग उस अवशय पा सकत हो वह ह तZ ह4 या तZ हार सरचना म4 कछ जोड़ना नह ह

वह ह ह सब कछ ह सफ बोध नह ह कस योग करो पहल भीतर आन वाल R वास क त होश पण बनो उस दखो

सब कछ भल जाओ और आन वाल R वास को उसक याा पथ को दखो जब R वास नासापट- को 9 पश कर तो उसको

महसस करो R वास को गत करन दो और पर सजगता स उसक साथ याा करो R वास क साथ ठUक कदम स कदम

मलाकर नीच उतरो न आग जाओ और न पीछ पड़ो उसका साथ न छट Bबलकल साथ-साथ चलो

समरण रह न आग जाना ह और न छाया क तरह पीछ चलना ह समातर चलो यगपत R वास और सजगता को एक हो

जान दो R वास नीच जाती ह तो तम भी नीच जाओ और तभी उस Bबद को पा सकत हो जो दो R वास- क बीच म4 ह यह

आसान नह ह R वास क साथ अदर जाओ R वास क साथ बाहर आओ

ब न इसी वध का योग वशष Mप स 0कया इसलए यह बौ वध बन गई बौ शc दावल म4 इस अनापानसत योग

कहत ह और 9 वय ब क आlt मोपलिc ध इस वध पर ह आधाPरत थी ससार क सभी धम ससार क सभी O टा 0कसी न

0कसी वध क जPरए मिजल पर पहच ह और वह सब वधया इन एक सौ बारह वधय- म4 सिZ मलत ह यह पहल वध

बौ वध ह दनया इस बौ वध क Mप म4 जानती ह + य-0क ब इसक Cवारा ह नवाण को उपलबध हए थ

ब न कहा ह अपनी R वास-R वास क त सजग रहो अदर जाती बहार आती R वास क त होश पण हो जाओ ब

अतराल क चचा नह करत + य-0क उसक जMरत ह नह ह ब न सोचा और समझा 0क अगर तम अतराल क दो R वास-

क बीच क वराम क 0फ2 करन लग तो उसस तZ हार सजगता खWडत होगी इसलए उG ह-न सफ यह कहा 0क होश रखो

जब R वास भीतर आए तो तम भी उसक साथ भीतर जाओ और जब R वास बहार आय तो तम उसक साथ बहार आओ वध

क दसर Vह9 स क सबध म4 ब कछ नह कहत

इसका कारण ह कारण यह ह 0क ब बहत साधारण लोग- स सीध-साद लोग- स बोल रह थ व उनस अतराल क बात

करत तो उसस लोग- म4 अतराल को पान क एक अलग कामना नमत हो जाती और यह अतराल को पान क कामना बोध

म4 बाधा बन जाती + य-0क अगर तम अतराल को पाना चाहत हो तो तम आग बढ़ जाओग R वास भीतर आती रहगी और

तम उसक आग नकल जाओग + य-0क तZ हार aिO ट अतराल पर ह जो भवषय म4 ह ब कभी इसक चचा नह करत

इसीलए ब क वध आधी ह

ल0कन दसरा Vह9 सा अपन आप ह चला आता ह अगर तम R वास क त सजगता का बोध का अ यास करत गए तो एक

Vदन अनजान ह तम अतराल को पा जाओग + य-0क जस-जस तZ हारा बोध तीi गहरा और सघन होगा जस-जस तZ हारा

बोध 9 पषट आकार लगा जब सारा ससार भल जाएगा बस R वास का आना जाना ह एकमा बोध रह जाएगाmdashतब

अचानक तम उस अतराल को अनभव करोग िजसम4 R वास नह ह

अगर तम सn मता स R वास-शवास क साथ याा कर रह हो तो उस ि9 थत क त अबोध कस रह सकत हो जहा 9 वास

नह ह वह Qण आ ह जाएगा जब तम महसस करोग 0क अब R वास न जाती ह न आती ह R वास 02या Bबलकल ठहर गई

ह और उसी ठहराव म4 kयस का वास ह

यह एक वध लाख--करोड़- लोग- क लए पयापत ह सVदय- तक समचा एशया इस एक वध क साथ जीया और उसका

योग करता रहा तबबत चीन जापन बमा R याम kीलका भारत को छोड़कर समसत एशया सVदय- तक इस एक

वध का उपयोग करता रहा और इस एक वध क Cवारा हजार--हजार- वयि+ त ान को उपलबध हए और यह पहल ह

वध ह दभागय क बात 0क च0क यह वध ब क नाम स सब हो गई इसलए Vहद इस वध स बचन क चO टा म4 लग

रह + य-0क यह बौ वध क तरह बहत स हई Vहद इस Bबलकल भल गय इतना ह नह उG ह-न और एक कारण स

इसक अवहलना क + य-0क शव न सबस पहल इस वध का उY लख 0कया अनक बौ- न इस वान भरव त क बौ

थ होन का दावा 0कया व इस Vहद थ नह मानत

यह न Vहद ह और न बौ और वध मा वध ह ब न इसका उपयोग 0कया ल0कन यह उपयोग क लए मौजद ह थी

और इस वध क चलत ब-ब हए वध तो ब स भी पहल थी वह मौजद ह थी इसको योग म4 लाओ यह सरलतम

वधय- म4 स हmdashअनय वधय- क तलना म4 म_ यह नह कहता 0क यह वध तZ हार लए सरल ह अनय वधया अधक

कVठन ह-गी यह कारण ह 0क पहल वध क तरह इसका उY लख हआ ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचनmdash2

त-सmdashवधmdash02

जब वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 6फर जब वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन दो मोड़2 क Gवारा

उपलबध हो

वान भरव त त-सmdashवधmdash02 ( ओशो)

थोड़ फक क साथ यह वह वध ह और अब अतराल पर न होकर मोड़ पर ह बाहर जान वाल और अदर जान वाल R वास

एक वतल बनाती ह याद रह व समातर रखाओ क तरह नह ह हम सदा सोचत ह 0क आन वाल R वास और जान वाल

R वास दो समातर रखाओ क तरह ह मगर व ऐसी ह नह भीतर आन वाल R वास आधा वतल बनाती ह और शष आधा

वतल बाहर जान वाल R वास बनाती ह

इसलए पहल यह समझ लो 0क R वास और R वास मलकर एक वतल बनाती ह और व समातर रखाए नह ह + य-0क

समातर रखाए कह नह मलती ह दसर यह 0क आन वाल और जान वाल R वास दो नह ह व एक ह वह R वास भीतर

आती ह बहार भी जाती ह इसलए भीतर उसका कोई मोड़ अवशय होगा वह कह जMर मड़ती होगी कोई Bबद होगा जहा

आन वाल R वास जान वाल R वास बन जाती होगी

ल0कन मोड़ पर इतना जोर कय- ह

+ य-0क शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन

दो मोड़- क Cवारा उपलबध होlsquorsquo

बहत सरल ह ल0कन शव कहत ह 0क मोड़- को ापत कर लो और आlt मा को उपलबध हो जाओग ल0कन मोड़ + य-

अगर तम कार चलाना जानत हो तो तZ ह4 गयर का पता होगा हर गयर बदलत हो तो तZ ह4 G यoल गयर स गजरना पड़ता

ह जो 0क गयर Bबलकल नह ह तम पहल गयर स दसर गयर म4 जात हो और दसर स तीसर गयर म4 ल0कन सदा तZ ह4

G यoल गयर स होकर जाना पड़ता ह वह G यoल गयर घमाव का Bबद ह मोड़ ह उस मोड़ पर पहला गयर दसरा गयर

बन जाता ह और दसरा तीसर बन जाता ह

वस ह जब तZ हार R वास भीतर जाती ह और घमन लगती ह तो उस वकत वह G यoल गयर म4 होती ह नह तो वह नह

धम सकती उस तटसथ Q स गजरना पड़ता ह

उस तटसथ Q म4 तम न तो शरर हो और न मन ह हो न शारPरक हो न मानसक हो + य-0क शरर तZ हार अि9 ततव का

एक गयर ह और मन उसका दसरा गयर ह तम एक गयर स दसर गयर म4 गत करत हो इस लए तZ ह4 एक G यoल

गयर क जMरत ह जो न शरर हो और न मन हो उस तटसथ Q म4 तम मा हो मा अि9 ततवndashश सरल अशरर और

मन स मकत यह कारण ह 0क घमाव Bबद पर मोड़ पर इतना जोर ह

मनषय एक य हmdashबड़ा और बहत जVटल य तZ हार शरर और मन म4 भी अनक गयर ह तZ ह4 उस महान य रचना का

बोध नह ह ल0कन तम एक महान य हो और अf छा ह 0क तZ ह4 उसका बोध नह ह अG यथा तम पागल हो जाओग

शरर ऐसा वशाल य ह 0क वानक कहत ह अगर हम4 शरर क समातर एक कारखाना नमत करना पड़ तो उस चार वग

मल जमीन क जMरत होगी और उसका शोरगल इतना भार होगा 0क उसस सौ वग मील भम भावत होगी

शरर एक वशाल याBक रचना हmdashवशालतम उसम लाख--लाख- कोशकाए ह और lt यक कोशका जीवत ह तम सात

करोड़ कोशकाओ क एक वशाल नगर म4 हो तZ हार भी तर सात करोड़ नागPरक बसत ह और सारा नगर बहत शात और

gt यव9 था स चल रहा ह तQण य-रचना काम कर रह ह और वह बहत जVटल ह

कई 9 थल- पर इन वधय- का तZ हार शरर और मन क एक य-रचना क साथ वा9 ता पड़गा ल0कन याद रखो 0क सदा ह

जोर उन Bबदओ पर रहगा जहा तम अचानक य-रचना क अग नह रह जात हो जब एकाएक तम य रचना क अग नह रह

तो य ह Qण ह जब तम गयर बदलत हो

उदाहरण क लए रात जब तम नीद म4 उतरत हो तो तZ ह4 गयर बदलना पड़ता ह कारण यह ह 0क Vदन म4 जागी हई चतना

क लए दसर ढग क य रचना क जMरत रहती ह तब मन का भी एक दसरा भाग काम करता ह और जब तम नीद म4

उतरत हो तो वह भाग निO 2य हो जाता ह और अनय भाग स02य होता ह उस Qण वहा एक अतराल एक मोड़ आता ह

एक गयर बदला 0फर सबह जब तम जागत हो तो गयर बदलता ह

तम चपचाप बठ हो और अचानक कोई कछ कह दता ह और तम 2 हो जात हो तब तम भनन गयर म4 चल गए यह

कारण ह 0क सब कछ बदल जाता ह तम 2ोध म4 हए R वास 02या बदल जायगी वह अ9तgtयसत हो जायगी तZ हार R वास

02या म4 कपन आ जाएगा 0कसी चीज को चर-चर कर दना चाहगा ता0क यह घटन जाए तZ हार R वास 02या बदल

जाएगी तZ हार खन क लय दसर होगी शरर म4 और ह तरह का रस वय स02य होगा पर थ gt यव9 था ह बदल

जाएगी 2ोध म4 तम दसर ह आदमी हो जात हो

एक कार खड़ी ह तम उस 9 टाट करो उस 0कसी गयर म4 न डालकर G यoल गयर म4 छोड़ दो गाड़ी Vहलगी कापगी ल0कन

चलगी नह वह गरम हो जाएगी इसी तरह 2ोध म4 नह कछ कर पान क कारण तम गरम हो जात हो य रचना तो कछ

करन क लए स02य ह और तम उस कछ करन नह दत तो उसका गरम हो जाना 9 वाभावक ह तम एक य-रचना हो

ल0कन मा य-रचना नह हो उसस कछ अधक हो उस अधक को खोजना ह जब तम गयर बदलत हो तो भीतर सब

कछ बदल जाता ह जब तम गयर बदलत हो तो एक मोड़ आता ह

शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती ह इन दो मोड़- क

Cवारा उपलबध हो जाओlsquorsquo

मोड़ पर सावधान हो जाओ सजग हो जाओ ल0कन यह मोड़ बहत सQम ह और उसक लए बहत सQम नरQण क

जMरत पड़गी हमार नरQण क Qमता नह क बराबर ह हम कछ दख ह नह सकत अगर म_ तZ ह4 कह 0क इस फल को

दखोmdashइस फल को जो तZ ह4 म_ दता ह तो तम उस नह दख पाओग एक Qण को तम उस दखोग4 और 0फर 0कसी और चीज

क सबध म4 सोचन लगोग वह सोचना फल क वषय म4 हो सकता ह ल0कन वह फल नह हो सकता तम फल क बार म4

सोच सकत हो 0क दखो वह 0कतना सदर ह ल0कन तब तम फल स दर हट गए अब फल तZ हार नरQण Q म4 नह

रहा Q बदल गया तम कहोग 0क यह लाल ह नीला ह ल0कन तम उस फल स दर चल गए

नरQण का अथ होता ह 0कसी शबद या शािc दकता क साथ भीतर क बदलाहट क साथ न रहकर मा फल क साथ रहना

अगर तम फल क साथ ऐस तीन मनट रह जाओ िजसम मन कोई गत न कर तो kयस घट जाएगा तम उपलबध हो

जाओग

ल0कन हम नरQण Bबलकल नह जानत ह हम सावधान नह ह सतक नह ह हम 0कसी भी चीज को अपना अवधान नह

द पात ह हम ता यहा-वहा उछलत रहत ह वह हमार वशगत वरासत ह बदर-वश क वरासत बदर क मन स ह मनषय

का मन वकसत हआ ह बदर शात नह बठ सकता इसीलए ब Bबना हलन-चलन क बठन पर मा बठन पर इतना जौर

दत ह + य-0क तब बदर-मन का अपनी राह चलना बद हो जाता ह

जापान म4 एक खास तरह का L यान चलता ह िजस व झा झन कहत ह झा झन शबद का जापानी म4 अथ होता ह मातर

बठना और कछ भी नह करना कछ भी हलचल नह करनी ह मत क तरह वष[ बठ रहना हmdashमतवत अचल ल0कन मत

क तरह वष[ बठन क जMरत + या ह अगर तम अपन R वास क घमाव को अचल मन स दख सको तो तम वश पा

जाओग तम 9 वय म4 वश पा जाओग अतर क भी पार वश पा जाओग ल0कन य मोड़ इतन महlt वपण + य- ह

व महlt वपण ह + य-0क मोड़ पर दसर Vदशा म4 घमन क लए R वास तZ ह4 छोड़ दती ह जब वह भीतर आ रह थी तो तZ हार

साथ थी 0फर जब वह बाहर जाएगी तो तZ हार साथ होगा ल0कन घमाव-Bबद पर न वह तZ हार साथ ह और न तम उसक

साथ हो उस Qण म4 R वास तमस भनन ह और तम उसस भनन हो अगर R वास 02या ह जीवन ह तो तब तम मत हो

अगर R वास-02या तZ हारा मन ह तो उस Qण तम अ-मन हो

तZ ह4 पता हो या न हो अगर तम अपनी R वास को ठहरा दो तो मन अचानक ठहर जाता ह अगर तम अपनी R वास को ठहरा

दो तो तZ हारा मन अभी और अचानक ठहर जाएगा मन चल नह सकता R वास का अचानक ठहरना मन को ठहरा दता ह

+ य- + य-0क व पथक हो जात ह कवल चलती हई R वास मन स शरर स जड़ी होती ह अचल R वास अलग हो जाती ह और

जब तम G यoल गयर म4 होत हो

कार चाल ह ऊजा भाग रह ह कार शोर मचा रह ह वह आग जान को तयार ह ल0कन वह गयर म4 ह नह ह इसलए

कार का शरर और कार का य-रचना दोन- अलग-अलग ह कार दो Vह9 स- म4 बट ह वह चलन को तयार ह ल0कन गत

का य उसस अलग ह

वह बात तब होती ह जब R वास मोड़ लती ह उस समय तम उस नह जड़ हो और उस Qण तम आसानी स जान सकत हो

0क म_ कौन ह यह होना + या ह उस समय तम जान सकत हो 0क शरर Mपी घर क भीतर कौन ह इस घर का 9 वामी कौन

ह म_ मा घर ह या वहा कोई 9 वामी भी ह म_ मा य रचना ह या उसक पर भी कछ ह और शव कहत ह 0क उस घमाव

Bबद पर उपलबध हो व कहत ह उस मोड़ क त बोधपण हो जाओ और तम आlt मोपलबध हो

ओशो

वान भरव त

)वचन-2( त-सmdashभाग-1)

त-सmdashवधmdash03

या जब कभी अत वास और ब=ह वास एक दसर म0 वलन होती ह उस Iण म0 ऊजार=हत ऊजाप(रत क0 1 को J पश करो

वान भरव तndashधयान वधndash03ndashओशो

हम क4 और पPरध म4 वभािजत ह शरर पPरध ह हम शरर को पPरध को जानत ह ल0कन हम यह नह जानत 0क

कहा क4 ह जब बVहR वास अतR वास म4 वलन होती ह जब व एक हो जाती ह जब तम यह नह कह सकत 0क यह

अतRवास ह 0क बVहR वास जब यह बताना कVठन हो 0क R वास भीतर जा रह ह 0क बाहर जा रह ह जब R वास भी तर वश

0क बाहर क तरफ मड़न लगती ह तभी वलय का Qण ह तब R वास जाती ह और न भीतर आती ह R वास गतहन ह जब

वह बहार जाती ह गतमान ह जब वह भीतर आती ह गतमान ह और जब वह दोन- म4 कछ भी नह करती ह तब वह

मौन ह अचल ह और तब तम क4 क नकट हो आन वाल और जान वाल R वास- का यह वलय वद तZ हारा क4 ह

इस इस तरह दखो जब R वास भीतर जाती ह तो कहा जाती ह वह तZ हार क4 को जाती ह और जब वह बाहर जाती ह तो

कहा जाती ह क4 स बाहर जाती ह इसी क4 को 9 पश करना ह यह कारण ह 0क ताओ वाद सत और झन सत कहत ह 0क

सर तZ हारा क4 नह ह नाभ तZ हारा क4 ह R वास नाभ-क4 को जाती ह 0फर वहा स लौटती ह 0फर उसक याा करती

जसा म_न कहा R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह तम शरर को तो जानत हो ल0कन यह नह जानत 0क क4

कहा ह R वास नरतर क4 को जा रह ह और वहा स लौट रह ह ल0कन हम पयापत R वास नह लत ह इस कारण स

साधारण वह क4 तक नह पहच पाती ह खासकर आधनक समय म4 तो वह क4 तक नह जाती और नतीजा यह ह 0क

हरक gt यि+ त वक4 Vत अनभव करता ह अपन को क4 स f यत महसस करता ह पर आधनक ससार म4 जो लोग भी थोड़ा

सोच-वचार करत ह व महसस करत ह 0क उनका क4 खो गया ह

एक सोए हए बf च को दखो उसक R वास का नरQण करो जब उसक R वास भीतर जाती ह तो उसका पट ऊपर उठता ह

उसक छाती अभावत रहती ह यह वजह ह 0क बf च- क छाती नह होती उनक कवल पट होत ह जीवत पट R वास

R वास क साथ उनका पट ऊपर नीच होता ह उनका पट ऊपर-नीच होता ह और बf च अपन क4 पर होत ह क4 म4 होत ह

और यह कारण ह 0क बfच इतन सखी ह इतन आनदमगन ह इतनी ऊजा स भर ह 0क कभी थकत नह और ओवर

pलोइग ह व सदा वतमान Qण म4 होत ह न उनका अतीत ह न भवषय

एक बf चा 2ोध कर सकता ह जब वह 2ोध करता ह तो समता स 2ोध करता ह वह 2ोध ह हो जाता ह और तब उसका

2ोध भी 0कतना सदर लगता ह जब कोई समता स 2ोध ह हो जाता ह तो उसक 2ोध का भी अपना सqदय ह + य-0क

समता सदा सदर होती ह

तम 2ोधी और सदर नह हो सकत 2ोध म4 तम कMप लगोग + य-0क खड सदा कMप होता ह 2ोध क साथ ह ऐसा नह

ह तम म भी करत हो तो कMप लगत हो + य-0क उसम भी तम खWडत हो बट-बट हो जब तम 0कसी को म कर रह हो

जब तम सभोग म4 उतर रह हो तो अपन चहर को दखो आईन क सामन म करो और अपना चहरा दखो वह कMप और

पशवत होगा

म म4 भी तZ हारा Mप कMप हो जाता ह + य- तZ हार म म4 भी CवCव ह तम कछ बचाकर रख रह हो कछ रोक रह हो

तम बहत कजसी स द रह हो तम अपन म म4 भी सम नह हो तम समता स पर-पर द भी नह पात

और बf चा 2ोध और Vहसा स भी सम होता ह उसका मखड़ा दपत और सदर हो उठता ह वह यहा और अभी होता ह

उसक 2ोध का न 0कसी अतीत स कछ लना-दना ह और न 0कसी भवषय स वह Vहसाब नह रखता ह वह मा 2 ह

बf चा अपन क4 पर ह और जब तम क4 पर होत हो तो सदा सम होत हो तब तम तो कछ करत हो वह सम होता ह

भला या बरा वह सम होता ह और जब खWडत होत हो क4 स f यत होत हो तो तZ हारा हरक काम भी खWडत होता ह

+ य-0क उसम तZ हारा खड ह होता ह उसम तZ हारा सम सवVदत नह होता ह खड सम क lखलाफ जाता ह और वह

कMपता पदा करता ह

कभी हम सब बf चो थ + या बात ह 0क जस-जस हम बड़ होत ह हमार R वास 02या उथल हो जाती ह तब R वास पट तक

कभी नह जाती ह नाभ क4 को नह छती ह अगर वह जयादा स ` यादा नीच जाएगी तो वह कम स कम उथल रहगी

ल0कन व तो सीन को छकर लौट आती ह वह क4 तक नह जाती ह तम क4 स डरत हो + य-0क क4 पर जान स तम

सम हो जाओग अगर तम खWडत रहना चाहो तो खWडत रहन क यह 02या ह

तम म करत हो अगर तम क4 स R वास लो तो तम म म4 पर बहोग तम डर हए हो तम दसर क त 0कसी क भी त

खल होन स असरmQत और सवदनशील होन स डरत हो तम उस अपना मी कहो 0क मका कहो तम डर हए हो वह

दसरा ह और अगर तम पर तरह खल हो असरmQत हो तो तम नह जानत 0क + या होन जा रहा ह तब तम हो समता स

होmdashदसर अथ[ म4 तम पर तरह दसर म4 खो जान स डरत हो इसलए तम गहर R वास नह ल सकत तम अपनी R वास को

शथल और ढला नह कर सकत हो + य-0क वह क4 तक चल जायगी + य-0क िजस Qण R वास क4 पर पहचगी तZ हारा

कतय अधकाधक सम होन लगगा

+ य-0क तम सम होन स डरत हो तम उथल R वास लत हो तम अलपतम R वास लत हो अधकतम नह यह कारण ह

0क जीवन इतना जीवनहन लगता ह अगर तम G यनतम R वास लोग तो जीवन जीवनहन ह होगा तम जीत भी G यनतम

हो अधकतम नह तम अधकतम िजयो तो जीवन अतशय हो जाए ल0कन तब कVठनाई होगी यVद जीवन अतशय हो

तो तम न पत हो सकत हो और न पlt नी सब कछ कVठन हो जाएगी अगर जीवन अतशय हो तो म अतशय होगा तब

तम एक स ह बध नह रह सकत तब तम सब तरफ वाVहत होन लगोग सभी आयाम म4 तम भर जाओग और उस हालत

म4 मन खतरा महसस करता ह इसलए जीवत ह नह रहना उस मजर ह

तम िजतन मत होग4 उतन सरmQत होग4 िजतन मत होग4 उतना ह सब कछ नयण म4 होगा तम नयण करत हो तो

तम मालक हो + य-0क नयण करत हो इसलए अपन को मालक समझत हो तम अपन 2ोध पर अपन म पर सब

कछ पर नयण कर सकत हो ल0कन यह नयण ऊजा क G यनतम तक पर ह सभव ह

कभी न कभी हर आदमी न यह अनभव 0कया ह 0क वह अचानक G यनतम स अधकतम तल पर पहच गया तम 0कसी

पहाड़ पर चल जाओ अचानक तम शहर स उसक कद स बाहर हो जाओ अब तम मकत हो वराट आकाश ह हरा जगल

ह बादल- को छता शखर ह अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न को छता शखर ह

अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न गया हो अब जब पहाड़ जाओ तो इसका r याल

रखना कवल पहाड़ क कारण बदलाहट नह मालम होती R वास क कारण मालम होती ह तम गहर R वास लत हो और

कहत हो अहा तमन क4 छ लया Qण भर क लए तम सम हो गए और सब कछ आनदपण ह वह आनद पहाड़ स नह

तZ हार क4 स आ रहा ह तमन अचानक उस छ जो लया

शहर म4 तम भयभीत थ सव दसरा मौजद था और तम अपन को काब म4 0कए रहत थ न रो सकत थ न हस सकत थ

कस दभागय तम सड़क पर गा नह सकत थ नाच नह सकत थ तम डर-डर थ कह सपाह खड़ा था कह परोVहत कह

जज खड़ा था कह राजनीत कह नीतवाद कोई न कोई था 0क तम नाच नह सकत थ

बosड रसल न कह कहा ह 0क म_ स यता स म करता ह ल0कन हमन यह स यता भार कमत चका कर हासल क ह

तम सड़क पर नह नाच सकत ल0कन पहाड़ चल जाओ और वहा अचानक नाच सकत हो तम आकाश क साथ अकल हो

और आकाश कारागह नह ह वह खलता ह जाता ह खलता ह जाता ह अनत तक खलता ह जाता ह एकाएक तम एक

गहर R वास लत हो क4 छ जाता ह और तब आनद ह आनद ह

ल0कन वह लब समय तक Vटकन वाला नह ह घट दो घट म4 पहाड़ वदा हो जाएगा तम वहा रह सकत हो ल0कन पहाड़

वदा हो जाएगा तमहार चताए लौट आएगी तम शहर दखना चाहोग पlt नी को प लखन क सोचोग या सोचोग 0क तीन

Vदन बाद वापस जाना ह तो उसक तयार शM कर4 अभी तम आए हो और जान क तयार होन लगी 0फर तम वापस आ

गए वह गहर R वास सच म4 तमस नह आई थी वह अचानक घVटत हई थी बदल पPरि9 थत क कारण गयर बदल गया

था नई पPरि9 थत म4 तम परान ढग स R वास नह ल सकत थ इसलए Qण भर को एक नयी R वास आ गई उसन क4 छ

लया और तम आनVदत थ

शव कहत ह तम lt यक Qण क4 को 9 पश कर रह हो या यVद नह 9 पश कर रह हो तो कर सकत हो गहर धीमी R वास

लो और क4 को 9 पश करो छाती स R वास मत लो वह एक चाल ह स यता शQा और नतकता न हम4 उथल R वास

सखा द ह क4 म4 गहर उतरना जMर ह अG यथा तम गहर R वास नह ल सकत

जब तक मनषय समाज कामवासना क त गर-दमन क aिO ट नह अपनाता तब तक वह सच म4 R वास नह ल सकता

अगर R वास पट तक गहर जाए तो वह काम क4 को ऊजा दती ह वह काम क4 को छती ह उसक भीतर स मालश करती

ह तब काम-क4 अधक स02य अधक जीवत हो उठता ह और स यता कामवासना स भयभीत ह

हम अपन बf च- को जनन4Vय छन नह दत ह हम कहत ह tको उG ह4 छओ मत जब बf चा पहल बार जनन4Vय छता ह

तो उस दखो और कहो tको और तब उसक R वास 02या को दखो जब तम कहत हो tको जनन4Vय मत छओ तो

उसक R वास तरत उथल हो जायगी + य-0क उसका हाथ ह काम क4 को नह छ रहा गहर म4 उसक R वास भी उस छ रह

ह अगर R वास उस छती रह तो हाथ को रोकना कVठन ह और अगर हाथ tकता ह तो बनयाद तौर स जMर हो जाता ह 0क

R वास गहर न होकर उथल रह

हम काम स भयभीत ह शरर का नचला Vह9 सा शारPरक तल पर ह नह मलय क तल पर भी नचला हो गया ह वह

नचला कहकर नVदत ह इसलए गहर R वास नह उथल R वास लो दभागय क बात ह 0क R वास नीच को ह जाती ह

अगर उपदशक क चलती तो वह पर य रचना को बदल दता वह सफ ऊपर क और सर म4 R वास लन क इजाजत दता

और तब कामवासना Bबलकल अनभव नह होती

अगर काम वहन मनषय को जनम दना ह तो R वास-णाल को Bबलकल बदल दना होगा तब R वास को सर म4 सह9 ार म4

भजना होगा और वहा स मह म4 वापस लाना होगा मह स सह9 ार उसका माग होगा उस नीच गहर म4 नह जान दना

होगा + य-0क वहा खतरा ह िजतन गहर उतरोग उतन ह जवक क गहर तल- पर पहचोग तब तम क4 पर पहचोग और

वह क4 काम क4 क पास ह ह ठUक भी ह + य-0क काम ह जीवन ह

इस इस तरह दखो R वास ऊपर स नीच को जान वाला जीवन ह काम ठUक दसर Vदशा स नीच स ऊपर को जान वाला जीवन

ह काम-ऊजा बह रह ह और R वास ऊजा बह रह ह R वास का रा9 ता ऊपर शरर म4 ह और काम का रा9 ता नमन शरर म4

ह और जब R वास और काम मलत ह जीवन को जनम दत ह इस लए अगर तम काम स डरत हो तो दोन- क बीच दर

बनाओ उGह4 मलन मत दो सच तो यह ह 0क सभय आदमी बधया 0कया हआ आदमी ह यह कारण ह 0क हम R वास क

सबध म4 नह जानत और हम4 यह स समझना कVठन ह

शव कहत ह जब कभी अतR वास और बVहR वास एक दसर म4 वलन होती ह उस Qण म4 ऊजारVहत ऊजापPरत क4 को

9 पश कर-

शव परसपर वरोधी शc दावल का उपयोग करत ह ऊजारVहत ऊजापPरत वह ऊजारVहत ह + य-0क तZ हार शरर तZ हार

मन उस ऊजा नह द सकत तZ हार शरर क ऊजा और मन क ऊजा वहा नह ह इसलए जहा तक तZ हार तादाltZय का

सबध ह वह ऊजारVहत ह ल0कन वह ऊजापPरत ह + य-0क उस ऊजा का जागतक 9 ोत उपलबध ह

तZ हार शरर क ऊजा को uधन हmdashपoोल जसी तम कछ खात-पीत हो उसस ऊजा बनती ह खाना पीना बद कर दो और

शरर मत हो जाएगा तरत नह कम स कम तीन महन लग4ग + य-0क तZ हार पास पoोल का एक खजाना भी ह तमन

बहत ऊजा जमा क हई ह जो कम स कम तीन महन काम द सकती ह शरर चलगा उसक पास जमा ऊजा थी और 0कसी

आपltकाल म4 उसका उपयोग हो सकता ह इसलए शरर ऊजा-uधन ऊजा ह

क4 को uधन-ऊजा नह मलती ह यह कारण ह 0क शव उस ऊजारVहत कहत ह वह तZ हार खान पीन पर नभर नह ह

वह जागतक 9 ोत स जड़ा हआ ह वह जागतक ऊजा ह इसलए शव उस lsquorsquoऊजारVहत ऊजापPरत क4 कहत ह िजस

Qण तम उस क4 को अनभव करोग जहा स R वास जाती-आती ह जहा R वास वलन होती ह उस Qण तम आlt मोपलबध

हए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-2

त-सmdashवध-05

भक=टय2 क बीच अवधान को िJ थर कर वचार को मन क सामन करो 6फर सहJ ार तक प को वास-ततव स )ाण स

भरन दो वहा वह )काश क तरह बरसगा

Shira त-सmdashवध-05 (वान भरव तndashओशो)

यह वध पाइथागोरस को द गई थी पाइथागोरस इस लकर यनान वापस गए और वह पिR चम क समसत रह9 यवाद क

आधार बन गए पिR चम म4 अL याlt मवाद क व पता ह यह वध बहत गहर वधय- म4 ऐ एक ह इस समझन क कोशश

करो

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करोlsquorsquo

आधनक शरर-श9 कहता ह वानक शोध कहती ह 0क दो भकVटय- क बीच म4 थ ह वह शरर का सबस रह9 यपण

भाग ह िजसका नाम पाइनयल थ ह यह तc बतय- क तीसर आख ह और यह ह शव का न त क शव का

Bन दो आख- क बीच एक तीसर आख भी ह ल0कन यह स02य नह ह यह ह और यह 0कसी भी समय स02य हो

सकती ह नसगत यह स02य नह ह इसको स02य करन क लए सबध म4 तम को कछ करना पड़गा यह अधी नह ह

सफ बद ह यह वध तीसर आख को खोलन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करhelliplsquorsquo

आख बद कर लो और 0फर दोन- आख- को बद रखत हए भqह- क बीच म4 aिO ट को ि9 थर करोmdashमानो 0क दोन- आख- स तम

दख रह हो और सम अवधान को वह लगा दो

यह वध एका होन क सबस सरल वधय- म4 स एक ह शरर क 0कसी दसर भाग म4 इतनी आसानी स तम अवधान को

नह उपलबध हो सकत यह थ अवधान को अपन म4 समाVहत करन म4 कशल ह यVद तम इस पर अवधान दोग तो

तZ हार दोन- आख तीसर आख स सZ मोVहत हो जाएगी व थर हो जाएगी व वहा स नह Vहल सक4 गी यVद तम शरर क

0कसी दसर Vह9 स पर अवधान दो तो वहा कVठनाई होगी तीसर आख अवधान को पकड़ लती ह अवधान को खीच लती ह

अवधान क लए वह चबक का काम करती ह

इसलए दनया भी क सभी वधय- म4 इसका समावश 0कया गया ह अवधान को शmQत करन म4 यह सरलतम ह

+ य-0क इसम तम ह चO टा नह करत यह थ भी तZ हार मदद करती ह यह चबकय ह तZ हार अवधान को यह

बलपवक खीच लती ह

त क परान थ- म4 कहा गया ह 0क अवधान तीसर आख का भोजन ह यह भखी ह जG म--जG म- स भखी ह जब तम इस

अवधान दत हो यह जीवत हो उठती ह इस भोजन मल गया ह और जब तम जान लोग 0क अवधान इसका भोजन ह

जान लोग 0क तZ हार अवधान को यह चबक क तरह खीच लती ह तब अवधान कVठन नह रह जाएगा सफ सह Bबद को

जानना ह

इस लए आख बद कर लो और अवधान को दोन- आख- क बीच म4 घमन दो और उस Bबद को अनभव करो जब तम उस

Bबद क करब होग4 अचानक तZ हार आख थर हो जाएगी और जब उG ह4 Vहलाना कVठन हो जाए तब जानो 0क सह Bबद

मल गया

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन रखोlsquorsquo

अगर यह अवधान ापत हो जाए तो पहल बार एक अvत बात तZ हार अनभव म4 आएगी पहल बार तम दखोग4 0क तZ हार

वचार तZ हार सामन चल रह ह तम साQी हो जाओग जस 0क सनमा क पदw पर aशय दखत हो वस ह तम दखोग4 0क

वचार आ रह ह और तम साQी हो एक बार तZ हारा अवधान Bन-क4 पर ि9 थर हो जाए तम तरत वचार- क साQी हो

जाओग

आमतौर स तम साQी नह होत तम वचार- क साथ तादाltZय कर लत हो यVद 2ोध ह तो तम 2ोध हो जात हो यVद एक

वचार चलता ह तो उसक साQी होन क बजाए तम वचार क साथ एक हो जात हो उसस तादाlt मय करक साथ-साथ चलन

लगत हो तम वचार ह बन जात हो वचार का Mप ल लत हो जब 2ोध उठता ह तो तम 2ोध बन जात हो और जब लोभ

उठता ह तब लोभ बन जात हो कोई भी वचार तZ हार साथ एकातम हो जाता ह और उसक ओर तZ हार बीच दर नह

रहती

ल0कन तीसर आख पर ि9 थर होत ह तम एकाएक साQी हो जात हो तीसर आख क जPरए तम साQी बनत हो इस

शवन क Cवारा तम वचार- को वस ह चलता दख सकत हो जस आसमान पर तरत बादल- को या रहा पर चलत लोगो को

दखत हो

जब तम अपनी lखड़क स आकाश कोया रहा चलत लोग- को दखत हो तब तम उनस तादाlt मय नह करत तब तम अलग

होत हो मा दशक रहत होmdashBबलकल अलग वस ह अब जब 2ोध आता ह तब तम उस एक वषय क तरह दखत हो अब

तम यह नह सोचत 0क मझ 2ोध हआ तम यह अनभव करत हो 0क तम 2ोध स घर हो 2ोध क एक बदल तZ हार चारो

और घर गई और जब तम खद 2ोध नह रह तब 2ोध नापसग हो जाता ह तब वह तमको नह भावत कर सकता तब

तम अ9 पशत रह जात हो 2ोध आता ह और चला जाता ह और तम अपन म4 क4 Vत रहत हो

यह पाचवी वध साmQतव को ापत करन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन करोlsquorsquo

अब अपन वचार- को दखो वचार- का साQाlt कार करो

lsquorsquo0फर सह9 ार तक Mप को R वास ततव स ाण स भरन दो वहा वह काश क तरह बरसगाlsquorsquo

जब अवधान भकVटय- क बीच शवन क क4 पर ि9 थर होता ह तब दो चीज4 घVटत होती ह

और यह चीज दो ढग- स हो सकती ह एक तम साQी हो जाओ तो तम तीसर आख पर थर हो जात हो साQी हो जाओ जो

भी हो रहा हो उसक साQी हो जाओ तम बीमार हो शरर म4 पीड़ा ह तम को दःख और सताप ह जो भी हो तम उसक साQी

रहो जो भी हो उसस तादाlt मय न करो बस साQी रहोmdashदशक भर और यVद साmQltव सभव हो जाए तो तम तीसर न पर

ि9 थर हो जाओग

इसस उलटा भी हो सकता ह यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हो जाओ तो साQी हो जाओग य दोन- एक ह बात ह

इसलए पहल बात तीसर आख पर क4 Vत होत ह साQी आlt मा का उदय होगा अब तम अपन वचार- का सामना कर

सकत हो और दसर बात और अब तम R वास-R वास क सQम और कोमल तरग- को भी अनभव कर सकत हो अब तम

शवसन क Mप को ह नह उसक ततव को सार को ाण को भी समझ सकत हो

पहल तो यह समझन क कोशश कर4 0क lsquorsquoMपrsquorsquo और lsquorsquoR वास-ततवrsquorsquo का + या अथ ह जब तम R वास लत हो तब सफ वाय

क ह R वास नह लत वानक तो यह कहत ह 0क तम वाय क ह R वास लत हो िजसम4 आ+ सीजन हाइxोजन तथा

अनय ततव रहत ह व कहत ह 0क तम वाय क R वास लत हो

ल0कन त कहता ह 0क हवा तो मा वाहन ह असल चीज नह ह असल म4 तम ाण क R वास लत हो हवा तो माधयम

भर ह ाण उसका सतव ह सार ह तम न सफ हवा क बिY क ाण क R वास लत हो

आधनक वान अभी नह जान सका ह 0क ाण जसी कोई व9 त भी ह ल0कन कछ शोधकताओ न कछ रह9 यमयी चीज

का अनभव 0कया ह R वास म4 सफ हवा हम नह लत वह बहत स आधनक शोधकताओ न अनभव 0कया ह वशषकर एक

नाम उY लखनीय ह वह ह जमन मनोवानक वलहम रख का िजसन इस आगन एनजy या जवक ऊजा का नाम Vदया

ह वह ाण ह ह वह कहता ह 0क जब आप R वास लत ह तब हवा तो मा आधार ह पा ह िजसक भीतर एक रह9 यपण

ततव ह िजस आगन या ाण या एलन वाइटल कह सकत ह ल0कन वह बहत सnम ह वासतव म4 वह भौतक नह ह

पदाथ गत नह ह हवा भौतक ह पा भौतक ह ल0कन उसक भीतर स कछ सQम अलौ0कक ततव चल रहा ह

इसका भाव अनभव 0कया जा सकता ह जब तम 0कसी ाणवान gt यि+ त क पास होत हो तो तम अपन भीतर 0कसी

शि+ त को उगत दखत हो और जब 0कसी बीमार क पास होत हो तो तमको लगता ह 0क तम चस जा रह हो तZ हार भीतर

स कछ नकाला जा रहा ह जब तम अ9 पताल जात हो तब थक-थक + य- अनभव करत हो वहा चार- ओर स तम चस जात

हो अ9 पताल का परा माहौल बीमार होता ह और वहा सब 0कसी को अधक ाण क अधक एलन वाइटल क जMरत ह

इसलए वहा जाकर अचानक तZ हारा ाण तमस बहन लगता ह जब तम भीड़ म4 होत हो तो तम घटन महसस + य- करत

हो इसलए 0क वहा तZ हारा ाण चसा जान लगता ह और जब तम ात काल अकल आकाश क नीच या वQ- क बीच होत

हो तब 0फर अचानक तम अपन म4 0कसी शि+ त का ाण का उदय अनभव करत हो lt यक का एक खास 9 पस क जMरत

ह और जब वह 9 पस नह मलता ह तो तमको घटन महसस होती ह

वलहम रख न कई योग 0कए ल0कन उस पागल समझा गया वान क भी अपन अधवR वास ह और वान बहत

MVढ़वाद होता ह वान अभी भी नह समझता ह 0क हवा स बढ़कर कछ ह वह ाण ह ल0कन भारत सVदय- स उस पर

योग कर रहा ह

तमन सना होगाmdashशायद दखा भी होmdash0क कोई gt यि+ त कई Vदन- क लए भमगत समाध म4 वश कर गया जहा हवा का

कोई वश नह था 1880 म4 म9 म4 एक आदमी चालस वष[ क लए समाध म4 चला गया था िजG ह-न उस गाड़ा था व

सभी मर गए + य-0क वह 1920 म4 समाध स बहार आन वाला था

1920 म4 0कसी को भरोसा नह था 0क वह जीवत मलगा ल0कन वह जीवत था और उसक बाद भी वह दस वष[ तक

जीवत रहा वह Bबलकल पीला पड़ गया था परत जीवत था और उसको हवा मलन क कोई सभावना नह थी

डॉ+टर- न तथा दसर- न उसस पछा 0क इसका रहसय + या ह उसन कहा हम नह जानत हम इतना ह जानत ह 0क ाण

कह भी वश कर सकता ह और वह ह हवा वहा नह वश कर सकती ल0कन ाण कर सकता ह

एक बार तम जान जाओ 0क R वास क Bबना भी कस तम ाण को सीध हण कर सकत हो तो तम सVदय- तक क लए भी

समाध म4 जा सकत हो

तीसर आख पर क4 Vत होकर तम R वास क सार ततव को R वास को नह R वास क सार ततव ाण को दख सकत हो और

अगर तम ाण को दख सक तो तम उस Bबद पर पहच गए जहा स छलाग लग सकती ह 2ात घVटत हो सकती ह

स कहता ह lsquorsquoसह9ार तक Mप को ाण स भरन दोlsquorsquo

और जब तम को ाण का एहसास हो तब कY पना करो 0क तZ हारा सर ाण स भर गया ह सफ कY पना करो 0कसी

यतन क जMरत नह ह और म_ बताऊगा 0क कY पना कस काम करती ह तब तम Bन-Bबद पर ि9 थर हो जाओ तब

कY पना करो और चीज4 आप ह और तरत घVटत होन लगती ह

अभी तZ हार कY पना भी नपसक ह तम कY पना 0कए जात हो और कछ भी नह होता ल0कन कभी-कभी अनजान

साधारण िजदगी म4 भी चीज4 घVटत होती ह तम अपन म क सोच रह हो और अचानक दरवाज पर दसतक होती ह तम

कहत हो 0क सायोगक था 0क म आ गया कभी तZ हार कY पना सयोग क तरह भी काम करती ह

ल0कन जब भी ऐसा हो तो याद रखन क चO टा करो और पर चीज का वR लषण करो जब भी लग 0क तZ हार कY पना सच

हई ह तम भीतर जाओ और दखो कह न कह तZ हारा अवधान तीसर न क पास रहा होगा दरअसल यह सयोग नह था

यह वसा Vदखता ह + य-0क गम वान का तमको पता नह ह अनजान ह तZ हारा मन Bन क4 क पास चला गया

होगा और अवधान यVद तीसर आख पर ह तो 0कसी घटना क सजन क लए उसक कY पना काफ ह

यह स कहता ह 0क जब तम भकVटय- क बीच ि9 थर हो और ाण को अनभव करत हो तब Mप को भरन दो अब कY पना

करो 0क ाण तZ हार पर मि9 तषक को भर रह ह वशषकर सह9 ार को जो सव|चच मनस क4 ह उस Qण तम कY पना

करो और वह भर जाएगा कY पना करो 0क वह ाण तZ हार सह9 ार स काश क तरह बरसगा और वह बरसन लगगा

और उस काश क वषा म4 तम ताजा हो जाओग तZ हारा पनजनम हो जाएगा तम Bबलकल नए हो जाओग आतPरक

जनम का यह अथ ह

यहा दो बात4 ह एक तीसर आख पर क4 Vत होकर तZ हार कY पना पसतव को श को उपलबध हो जाती ह यह कारण ह

0क शता पर पवता पर इतना बल Vदया गया ह इस साधना म4 उतरन क पहल श बन

त क लए श कोई नतक धारणा नह ह श इसलए अथपण ह 0क यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हए और तZ हारा

मन अश रहा तो तZ हार कY पना खतरनाक स हो सकती हmdashतZ हार लए भी और दसर4 क लए भी यVद तम 0कसी क

हlt या करन क सोच रह हो उसका महज वचार भी मन म4 ह तो सफ कY पना स उस आदमी क मlt य घVटत हो जाएगी

यह कारण ह 0क शता पर इतना जोर Vदया जाता ह

पाइथागोरस को वशष उपवास और ाणायाम स गजरन को कहा गया + य-0क यहा बहत खतरनाक भम स याी गजरता

ह जहा भी शि+ त ह वहा खतरा ह यVद मन अश ह तो शि+ त मलन पर आपक अश वचार शि+ त पर हावी हो जाएग

कई बार तमन हlt या करन क सोची ह ल0कन भागय स वहा कY पना न काम नह 0कया यVद वह काम कर यVद वह तरत

वा9तवक हो जाए तो वह दसर- क लए ह नह तZ हार लए भी खतरनाक स हो सकती ह + य-0क 0कतनी ह बार तमन

आतम हlt या क सोची ह अगर मन तीसर आख पर क4 Vत ह तो आlt महlt या का वचार भी आlt महlt या बन जाएगा तमको

वचार बदलन का समय भी नह मलगा वह तरत घVटत हो जाएगी

तमन 0कसी को सZ मोVहत होत दखा ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब सZमोहन वद जो भी कहता ह सZ मोVहत

gt यि+ त तरत उसका पालन करता ह आदश 0कतना ह बहदा हो तक हन हो असभव ह + या न हो सZ मोVहत gt यि+ त

उसका पालन करता ह + या होता ह

यह पाचवी वध सब सZमोह न क जड़ म4 ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब उस एक वशष Bबद पर 0कसी काश

पर या दवार पर लग 0कसी चनह पर या 0कसी भी चीज पर या सZ मोहक क आख पर ह अपनी aिO ट क4 Vत करन को कहा

जाता ह और जब तम 0कसी खास Bबद पर aिO ट क4 Vत करत हो उसक तीन मनट क अदर तZ हारा आतPरक अवधान

तीसर आख क और बहन लगता ह तZ हार चहर क मा बदलन लगती ह और सZ मोहन वद जानता ह 0क कब तZ हारा

चहरा बदलन लगा एकाएक चहर स सार शि+ त गायब हो जाती ह वह मत वत हो जाता ह मान- गहर ता म4 पड़ हो जब

ऐसा होता ह सZ मोहक को उसका पता हो जाता ह उसका अथ हआ 0क तीसर आख अवधान को पी रह ह आपका चहरा

पीला पड़ गया ह पर ऊजा Bन क4 क और बह रह ह

अब सZमोVहत करन वाला तरत जान जाता ह 0क जो भी कहा जाएगा वह घVटत होगा वह कहता ह 0क अब तम गहर

नीद म4 जा रह हो और तम तरत सो जात हो वह कहता ह 0क अब तम बहोश हो रह हो और तम बहोश हो जात हो अब कछ

भी 0कया जा सकता ह अब अगर वह कह 0क तम नपोलयन या Vहटलर हो गए हो तो तम हो जाओग तZ हार मा बदल

जायगी आदश पाकर तZ हारा अचतन उसका वा9 तवक बना दता ह अगर तम 0कसी रोग स पीWडत हो तो रोग को हटन का

आदश दगा और मजदार बात रोग दर हो जायगा या कोई नया रोग भी पदा 0कया जा सकता ह

यह नह सड़क पर स एक ककड़ उठा कर अगर सZमोहन वद तZ हार हथल पर रख द और कह 0क यह अगारा ह तो तम

तज गमy महसस करोग और तZ हार हथल जल जाएगीmdashमानसक तल पर नह वासतव म4 ह वासतव म4 तZ हार चमड़ी

जब लायगी और तZ ह4 जलन महसस होगी + या होता ह अगारा नह बस एक मामल ककड़ ह वह भी ठडा 0फर भी जलना

ह नह हाथ पर फफोल तक उगा दता ह

तम तीसर आख पर क4 Vत हो और सZमोहन वद तमको सझाव दता ह और वह सझाव वा9 तवक हो जाता ह यVद

सZमोहन वद कह 0क अब तम मर गए तो तम तरत मर जाओग तZ हार दय गत Mक जायगी Mक ह जाएगी

यह होता ह Bन क चलत Bन क लए कY पना और वा9 तवकता दो चीज4 नह ह कY पना ह तथय ह कY पना कर4 और

वसा ह जाएगा 9 वपन और यथाथ म4 फासला नह ह 9 वपन दखो और सच हो जायगा

यह कारण ह 0क शकर न कहा 0क यह ससार परमाlt मा क 9 वपन क सवाय और कछ नह हmdashयह परमाlt मा क माया ह

यह इसलए 0क परमाlt मा तीसर आख म4 बसता हmdashसदा सनातन स इसलए परमाlt मा जी 9 वपन दखता ह वह सच हो

जाता ह और यVद तम भी तीसर आख म4 थर हो जाओ तो तZ हार 9 वपन भी सच होन लग4ग

साPरप ब क पास आया उसन गहरा धान 0कया तब बहत चीज4 घVटत होन लगी बहत तरह क aशय उस Vदखाई दन

लग जो भी L यान क गहराई म4 जाता ह उस यह सब Vदखाई दन लगता ह 9 वग और नरक दवता और दानव सब उस

Vदखाई दन लग और वह ऐस वा9 तवक थ 0क साPरप ब क पास दौड़ा आया और बोला 0क ऐस-ऐस aशय Vदखाई दत ह

ब न कहा व कछ नह ह मा 9 वपन ह

ल0कन साPरप न कहा 0क व इतन वा9 तवक ह 0क म_ कस उG ह4 9 वपन कह जब एक फल Vदखाई पड़ता ह वह फल 0कसी

भी फल स अधक वा9 तवक मालम पड़ता ह उसम सगध ह उस म_ छ सकता ह अभी जो म_ आपको दखता ह वह उतना

वा9 तवक नह ह आप िजतना वा9 तवक मर सामन ह वह फल उसस अधक वा9 तवक ह इसलए कस म_ भद कM 0क

कौन सच ह और कौन सवपन

ब न कहा अब च0क तम तीसर आख म4 क4 Vत हो इसलए 9 वपन और यथाथ एक हो गए ह जो भी 9 वपन तम दखोग4

सच हो जाएगा

और उसस ठUक उलटा भी घVटत हो सकता ह जो Bन पर थर हो गया उसक लए 9 वपन यथाथ हो जाएगा और यथाथ

9 वपन हो जाएगा + य-0क जब तZ हारा 9 वपन सच हो जाता ह तब तम जानत हो 0क 9 वपन और यथाथ म4 बनयाद भद

नह ह

इसलए जब शकर कहत ह 0क सब ससार माया ह परमाlt मा का 9 वपन ह तब यह कोई सातक 9 तावना या कोई

मीमासक व+ तवय नह ह यह उस gt यि+ त का आतPरक अनभव ह जो शवन म4 थर हो गया ह

अत जब तम तीसर नतर पर क4 Vत हो जाओ तब कY पना करो 0क सह9 ार स ाण बरस रहा ह जस 0क तम 0कसी वQ क

नीच बठ हो और फल बरस रह ह या तम आकाश क नीच हो और कोई बदल बरसन लगी या सबह तम बठ हो और सरज

उग रहा ह और उसक 0करण4 बरसन लगी ह कY पना करो और तरत तZ हार सह9 ार स काश क वषा होन लगगी यह

वषा मनषय को पननमत करती ह उसका नया जनम द जाती ह तब उसका पनजनम हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-06

सास(रक काम2 म0 लग हए अवधान को दो वास2 क बीच =टकाओ इस अN यास स थोड़ ह =दन म0 नया जनम होगा

वध-6 वान भरव त (त-सmdashभाग-1)osho

lsquorsquoसासPरक काम- म4 लग हए अवधान को दो R वास- क बीच Vटकाओhelliplsquorsquo

R वास- को भल जाओ और उनक बीच म4 अवधान को लगाओ एक R वास भी तर आती ह इसक पहल 0क वह लौट जाए उस

बाहर छोड़ा जाए वहा एक अतराल होता ह

lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएlsquorsquo यह छठU वध नरतर करन क ह इसलए कहा गया ह lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएhelliprsquorsquo

जो भी तम कर रह हो उसम अवधान को दो R वास- क अतराल म4 थर रखो ल0कन काम-काज म4 लग हए ह इस साधना ह

ठUक ऐसी ह एक दसर वध क चचा हम कर चक ह अब फक इतना ह 0क इस सासाPरक काम- म4 लग हए ह करना ह

उसस अलग होकर इस मत करो यह साधना ह तब करो जब तम कछ और काम कर रह हो

तम भोजन कर रह हो भोजन करत जाओ और अतराल पर अवधान रखो तम चल रह हो चलत जाओ और अवधान को

अतराल पर Vटकाओ तम सोन जा रह हो लटो और नीद को आन दो ल0कन तम अतराल क त सजग रहो

पर काम-काज म4 + य- + य-0क काम-काज मन को डावाडोल करता ह काम-काज म4 तZ हार अवधान को बार-बार भलाना

पड़ता ह तो डावाडोल न ह- अतराल म4 थर रह4 काम-काज भी न Mक चलता रह तब तZ हार अि9 ततव क दो तल हो

जाएग करना ओर होना अि9 ततव क दो तल ओ गए एक करन का जगत और दसरा होन का जगत एक पPरध ह और

दसरा क4 पPरध पर काम करत रहो Mको नह ल0कन क4 पर भी सावधानी स काम करत रहो + या होगा

तZ हारा काम-काज तब अभनय हो जाएगा मान- तम कोई पाट अदा कर रह हो उदाहरण क लए तम 0कसी नाटक म पाट

कर रह हो तम राम बन हो या 2ाइसट बन हो यCयप तम राम या 2ाइसट का अभनय करत हो तो भी तम 9 वय बन

रहत हो क4 पर तम जानत हो 0क तम कौन हो और पPरध पर तम राम या 2ाइसट का या 0कसी का पाट अदा करत हो

तम जानत हो 0क तम राम नह हो राम का अभनय भर कर रह हो तम कौन हो तमको मालम ह तZ हारा अवधान तमम4

क4 Vय ह और तZ हारा काम पPरध पर जार ह

यVद इस वध का अ यास हो तो परा जीवन एक लबा नाटक बन जाएगा तम एक अभनता होग4 अभनय भी करोग और

सदा अतराल म4 क4 Vत रहोग जब तम अतराल को भल जाओग तब तम अभनता नह रहोग तब तम कता हो जाओग

तब वह नाटक नह रहगा उस तम भल स जीवन समझ लोग

यह हम सबन 0कया ह हर आदमी सोचता ह 0क वह जीवन जी रहा ह यह जीवन नह ह यह तो एक रोल ह एक पाट ह जो

समाज न पPरि9 थतय- न स9 कत न दश क परपरा न तमको थमा Vदया ह और तम अभनय कर रह हो और तम इस

अभनय क साथ तादाlt मय भी कर बठ हो उसी तादाlt मय को तोड़न क लए यह वध ह

कषण क अनक नाम ह कषण सबस कशल अभनताओ म4 स एक ह व सदा अपन म4 थर ह और खल कर रह ह लला कर

रह ह Bबलकल गर-गभीर ह गभीरता तादाlt मय स पदा होती ह

यVद नाटक म4 तम सच ह राम हो जाओ तो अवशय सम9 याए खड़ी होगी जब-जब सीता क चोर होगी तो तमको Vदल का

दौरा पड़ सकता ह और परा नाटक बद हो जाना भी निR चत ह ल0कन अगर तम बस अभनय कर रह हो तो सीता क चोर

स तमको कछ भी नह होता ह तम अपन घर लौटोग और चन स सो जाओग सपन म4 भी r याल न आएगा क सीता क

चोर हई

जब सचमच सीता चोर गई थी तब राम 9 वय रो रह थ चीख रह थ और वQ- स पछ रह थ 0क सीता कहा ह कौन उस ल

गया ल0कन यह समझन जसी बात ह अगर राम सच म4 रो रह ह और पड़- स पछ रह ह तब तो व तादाZ तयता कर बठ

तब व राम न रह ईशवर न रह अवतार न रह यह समरण रखना चाVहए 0क राम क लए उनका वा9 तवक जीवन भी

अभनय ह था जस दसर अभनताओ को तमन राम का अभनय करत दखा ह वस ह राम भी अभनय कर रह थmdash

नसदह एक बड़ रग मच पर

इस सबध म4 भारत क पास एक खबसरत कथा ह मर aिO ट म4 यह कथा अvत ह ससार क 0कसी भी भाग म4 ऐसी कथा नह

मलगी कहत ह 0क वाY मी0क न राम क जनम स पहल ह रामायण लख द राम को कवल उसका अनगमन करना था

इसलए वासतव म4 राम का पहला कतय भी अभनय ह था उनक जनम क पहल ह कथा लख द गई थी इसलए उG ह4

कवल उसका अनगमन करना पडा व और + या कर सकत थ वाY मी0क जसा gt यि+ त जब कथा लखता ह तब राम को

अनगमन करना होगा इसलए एक तरह स सब कछ नयम था सीता क चोर होनी थी और य का लड़ा जाना था

यVद यह तम समझ सको तो भागय क सात को भी समझ सकत हो इसका बड़ा गहरा अथ ह और अथ यह ह 0क यVद

तम समझ जात हो 0क तZ हार लए यह सब कछ नयम ह तो जीवन नाटक हो जाता ह अब यVद तमको राम का अभनय

करना ह तो तम कस बदल सकत हो सब कछ नयत ह यहा तक 0क तZ हारा सवाद भी डायलाग भी अगर तम सीता स

कछ कहत हो तो वह 0कसी नीयत वचन का दोहराना भर ह

यVद जीवन नयत ह तो तम उस बदल नह सकत उदाहरण क लए एक वशष Vदन को तZ हार मlt य होन वाल ह यह

नयत ह और तम जब मरोग तब रो रह होग4 यह भी निR चत ह और फला-फला लोग तZ हार पास ह-ग यह भी तय ह

और यVद सब कछ नीयत ह तय ह तब सब कछ नाटक हो जाता ह यVद सब कछ निR चत ह तो उसका अथ हआ 0क तम

कवल उस अजाम दन वाल हो तमको उस जीना नह ह उसका अभनय करना ह

यह वध छठU वध तमको एक साइकोxामा एक खल बना दती ह तम दो R वास- क अतराल म4 थर हो और जीवन

पPरध पर चल रहा ह यVद तZ हारा अवधान क4 पर ह तो तZ हारा अवधान पPरध पर नह ह पPरध पर जो ह वह

उपावधान ह वह कह तZ हार अवधान क पास घVटत होता ह तम उस अनभव कर सकत हो उस जान सकत हो पर वह

महlt वपण नह ह यह ऐसा ह जस तमको नह घVटत हो रहा ह

म_ इस दोहराता ह यVद तम इस छठU वध क साधना करो तो तZ हारा समचा जीवन ऐसा हो जाएगा जस वह तमको न

घVटत होकर 0कसी दसर gt यि+ त को घVटत हो रहा ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-07

सातवी वास वध

shira त-सmdashवध-07 ndashओशो

ललाट क मधय म0 सIम वास ()ाण) को =टकाओ जब वह सोन क Iण म0 Oदय तक पहचगा तब J वपन और J वय मP य

पर अधकार हो जाएगा

तम अधकाPरक गहर पत[ म4 वश कर रह हो

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओlsquorsquo

अगर तम तीसर आख को जान गए हो तो तम ललाट क मधय म4 ि9 थर सQम R वास को अaशय ाण को जान गए और

तम यह भी जान गए 0क वह उजा वह काश बरसता ह

lsquorsquoजब वह सोन क Qण म4 दय तक पहचगाmdashजब वह वषा तZ हार दय तक पहचगीmdashlsquorsquoतब 9 वपन और 9 वय मlt य पर

अधकार हो जाएगाlsquorsquo

इस वध को तीन Vह9 स- म4 लो एक R वास क भीतर जो ाण ह जो उसका सQम अaषय अपाथव अश ह उस तमको

अनभव करना होगा यह तब होता ह जब तम भकVटय- क बीच अवधान को थर रखत हो तब यह आसानी स घVटत होता

ह अगर तम अवधान को अतराल म4 Vटकात हो तो भी घVटत होता ह मगर उतनी आसानी स नह यVद तम नाभ क4 क

त सजग हो जहा R वास आती ह और छकर चल जाती ह तो भी यह घVटत होता ह पर कम आसानी स उस सQम ाण

को जानन का सबस सगम माग ह तीसर आख म4 थर होना वस तम जहा भी क4 Vत होग4 वह घVटत होगा तम ाण को

भावत होत अनभव करोग

यVद तम ाण को अपन भीतर वाVहत होता अनभव कर सको तो तम यह भी जान सकत हो 0क कब तZ हार मlt य होगी

यVद तम सQम R वास को ाण को महसस करन लग तो मरन क छह महन पहल स तम अपनी आसनन मlt य को जानन

लगत हो कस इतन सत अपनी मlt य क तथ बना दत ह यह आसान ह + य-0क यVद तम ाण क वाह को जानत हो तो

जब उसक गत उलट जाएगी तब उसको भी तम जान लोग मlt य क छह महन पहल 02या उलट जाती ह ाण तZ हार

बाहर जान लगता ह तब R वास इस भीतर नह ल जाती बिY क उलट बाहर ल जान लगती हmdashवह R वास

तम इस जान पात हो +य-0क तम उसक अaशय भाग को नह दखत कवल वाहन को ह दखत हो और वाहन तो एक ह

रहगा अभी R वास ाण को भीतर ल जाती ह और वहा छोड़ दती ह 0फर वाहन बाहर खाल वापस जाता ह और ाण स पन

भरकर भीतर जाता ह इसलए याद रखो 0क भीतर आन वाल R वास और बाहर जान वाल R वास दोन- एक नह ह वाहन क

Mप म4 तो परक R वास और रचक R वास एक ह ह ल0कन जहा परक ाण स भरा होता ह वह रचक उसस Pरकत रहता ह

तमन ाण को पी लया और R वास खाल हो गई

जब तम मlt य क करब होत हो तब उलट 02या चाल होती ह भीतर आन वाल R वास ाण वहन आती ह Pरकत आती

ह + य-0क तZ हारा शरर अि9 ततव स ाण को हण करन म4 असमथ हो जाता ह तम मरन वाल हो तZ हार जMरत न

रह पर 02या उलट जाती ह अब जब R वास बाहर जाती ह जब ाण को साथ लए बाहर जाती ह

इसलए िजसन सQम ाण को जान लए वह अपनी मlt य का Vदन भी तरत जान सकता ह छह महन पहल 02या उलट

हो जाती ह

यह स बहत-बहत महlt वपण ह

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओ जब सोन क Qण म4 वह दय तक पहचगा तब 9 वपन और 9 वय

मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

जब तम नीद म4 उतर रह हो तभी इस वध को साधना ह अनय समय म4 नह ठUक सोन का समय इस वध क अ यास क

लए उपयकत समय ह

तम नीद म4 उतर रह हो धीर-धीर नीद तम पर हावी हो रह ह कछ ह Qण- म4 भीतर तZ हार चतना लपत होगी तम अचत

हो जाओग उस Qण क आन क पहल तम अपनी R वास और उसक सQम अश ाण क त सजग हो जाओ और उस दय

तक जात हए अनभव करो अनभव करत जाओ 0क वह दय तक आ रहा ह दय तक आ रहा ह ाण दय स होकर

तZ हार शरर म4 वश करता ह इसलए यह अनभव करत ह जाओ 0क ाण दय तक आ रहा ह और इस नरतर अनभव

क बीच ह नीद को आन दो तम अनभव करत जाओ और नीद को आन दो नीद को तमको अपन म4 समट लन दो

यVद यह सभव हो जाए 0क तम अaशय ाण को दय तक जात दखो और नीद को भी तो तम अपन सपन- क त भी

सजग हो जाओग तब तमको बोध रहगा 0क तम सपना दखत हो तो तम समझत हो 0क यह यथाथ ह ह वह भी तीसर

आख क कारण ह सभव होता ह + या तमन 0कसी को नीद म4 दखा ह उसक आख ऊपर चल जाती ह और तीसर आख म4

ि9 थर हो जाती ह यVद नह दखा तो दखो

तZ हारा बf चा सोया ह उसक आख खोलकर दखो 0क उसक आख कहा ह उसक आख क पतलया ऊपर को चढ़ ह और

Bन पर क4 Vत ह म_ कहता ह 0क बf च- को दखो सयान- को नह सयान भरोस योगय नह ह + य-0क उनक नीद गहर

नह ह व सोचत भर ह 0क सोय ह बf च- को दखो उनक आख4 ऊपर को चढ़ जाती ह

इसी तीसर आख म4 थरता क कारण तम अपन सपन- को सच मानत हो तम यह नह समझ सकत क व सपन ह वह तम

तब जान-ग जब सबह जागोग तब तम जान-ग 0क यह 9 वपन ह यVद समझ जाओ तो दो तल हो गएmdash9 वपन ह और तम

सजग हो जागMक हो जो नीद म4 9 वपन क त जाग सक उसक लए यह स चमlt काPरक ह

यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन पर और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

यVद तम 9 वपन क त जागMक हो जाओ तो तम दो काम कर सकत हो एक 0क तम 9 वपन पदा कर सकत हो आमतौर

स तम 9 वपन नह पदा कर सकत आदमी 0कतना नपसक ह तम 9 वपन भी नह पदा कर सकत अगर तम कोई खास

9 वपन दखना चाहो तो नह दख सकत यह तZ हार हाथ म4 नह ह मनषय 0कतना शि+ तहन ह 9 वपन भी उसस नह

नमत 0कए जा सकत तम 9 व] न- क शकार भर हो उनक 9 O टा नह 9 वपन तम म4 घVटत होता ह तम कछ नह कर

सकत हो न तम उस रोक सकत हो न उस पदा कर सकत हो

ल0कन अगर तम यह दखत हए नीद म4 उतरो 0क दय ाण स भर रहा ह नरतर हर R वास म4 ाण स 9 पशत हो रहा ह तो

तम अपन 9 व] न- क मालक हो जाओग और यह मल0कयत बहत अनठU ह दलभ ह तब तम जो भी 9 वपन दखना चाहत

हो तम वह 9 वपन दख सकत हो और सोत समय कहो 0क म_ फला 9 वपन दखना चाहता ह और वह 9 वपन कभी तZ हार

मन म4 वश नह कर सकगा

ल0कन अपन 9 व] न- क मालक बनन का + या योजन ह + या यह gt यथ नह ह नह यह gt यथ नह ह एक बार तम

9 वपन क मालक हो गए तो दबारा तम कभी 9 वपन नह दखोग4 वह gt यथ हो गया जMरत नह रह जस ह तम अपन

9 व] न- क मालक होत हो 9 वपन बद हो जात ह उनक जMरत नह रहती और जब 9 वपन बद हो जात ह तब तZ हार

नीद का गण धम ह और होता ह वह गणधम वह ह जो मlt य का ह

मlt य गहन नीद ह अगर तZ हार नीद मlt य क तरह गहर हो जाए तो उसका अथ ह 0क सपन वदा हो गए सपन नीद को

उथला करत ह सपन- क चलत तम सतह पर ह घमत रहत हो सपन- म4 उलझ रहन क कारण तZ हार नीद उथल हो जाती

ह और जब सपन नह रहत तब तम नीद क सागर म4 उतर जात हो उसक गहराई छ लत ह वह मlt य ह

इसलए भारत न सदा कहा ह 0क नीद छोट मlt य ह और मlt य लबी नीद ह गणातमक Mप स दोन- समान ह नीद Vदन-

Vदन क मlt य ह मlt य जीवन-जीवन क नीद ह तVदन तम थक जात हो तम सो जात हो और दसर सबह तम 0फर

अपनी शि+ त और अपनी जीवतता को वापस पा लत हो तम मानो 0फर स जनम लत हो वस ह सततर या अ9 सी वष क

जीवन क बाद तम पर तरह थक जात हो अब छोट अवध क मlt य स काम नह चलगा अब तमको बड़ी मlt य क जMरत

ह उस बड़ी मlt य या नीद क बाद तम Bबलकल नए शरर क साथ पनजनम लत हो

और एक बार यVद तम 9 वपन-शनय नीद को जान जाओ और उसम बोध पवक रहो तो 0फर मlt य का भय जाता रहता ह

कोई कभी नह मर सकता मlt य असभव ह अभी एक Vदन पहल म_ कहता था 0क कवल मlt य निR चत ह और अब कहता ह

0क मlt य असभव ह कोई कभी नह मरा ह कोई कभी मर नह सकता ससार म4 यVद कछ असभव ह तो वह मlt य ह

+ य-0क अि9 ततव जीवन ह तम 0फर-0फर जG मत हो ल0कन नीद ऐसी गहर ह 0क परानी पहचान भल जात हो तZ हार

मन स 9 मतया प-छ द जाती ह

इस इस तरह सोचो मान लो 0क आज तम सोन जा रह हो और कोई ऐसा य बन गया हmdashशी~ ह बनन वाला हmdashजो 0क

जस टपPरकाडर क फत स आवाज प-छ द जाती ह वस ह मन स 9 मत को प-छ डालता ह + य-0क 9 मत भी एक गहर

PरकाWडJग ह दर-अबर हम ऐसा य नकाल ल4ग जो तZ हार 0फर म4 लगा Vदया जाएगा और जो तZ हार Vदमाग को प-छकर

Bबलकल साफ कर दगा तो कल सबह तम वह आदमी नह रहोग जो सोन गया था + य-0क तमको याद नह रहगा 0क कौन

सोन गया था तब तZ हार नीद मlt य जसी हो जाएगी एक गप आ जाएगा तमको याद नह रहगा 0क कौन सोया था यह

चीज 9 वाभावक ढग स घट रह ह जब तम मरत हो ओर 0फर जनम लत हो तब तमको याद नह रहता ह 0क कौन मरा

तम 0फर स शM करत हो

इस वध क Cवारा पहल तो तम 9 व] न- क मालक हो जाओग उसका अथ हआ 0क सपन आना बद हो जाएग या यVद तम

खद सपन दखना चाहोग तो सपना दख भी सकत हो ल0कन तब वह ऐिf छक सपना होगा वह अनवाय नह रहगा वह

तम पर लादा नह जाएगा तम उसक शकार नह ह-ग और तब तZ हार नीद का गणधम ठUक मlt य जसा हो जाएगा तब

तम जानोग 0क मlt य भी नीद ह

इसलए यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

तब तम जान-ग 0क मlt य एक लबी नीद हmdashऔर सहयोगी ह और सदर ह + य-0क वह तमको नव जीवन दती ह वह तमको

सब कछ नया दती ह 0फर तो मlt य भी समापत हो जाती ह 9 वपन क शष होत ह मlt य समापत हो जाती ह

मlt य पर नयण पान अधकार पान का दसरा अथ भी ह अगर तम समझ लो 0क मlt य नीद ह तो तम उसको Vदशा द

सकत हो अगर तम अपन सपन- को Vदशा द सकत हो तो मlt य को भी द सकत हो तब तम चनाव कर सकत हो 0क कहा

पदा हो कब पदा हो 0कसस पदा हो और 0कस Mप म4 पदा हो तब तम अपन जीवन क मालक होत हो

ब क मlt य हई म_ उनक अतम जनम क पव क जनम क चचा कर रहा ह जब व ब नह थ मरन क पव उG ह-न कहा

lsquorsquoम_ अमक मा बाप स पदा होऊगा ऐसी मर मा होगी ऐस मर पता ह-ग और मर मा मर जनम क बाद ह मर जायगी और

जब म_ जनमगा तो मर मा ऐस-ऐस सपन दखगी न तमको सफ अपन सपन- पर अधकार होगा दसर क 9 व] न- पर भी

अधकार हो जायगा सो ब न उदाहरण क तौर पर बताया 0क जब म_ मा क पट म4 होऊगा तब मर मा य-य 9 वपन दखगी

और जब कोई इस 2म स इन 9 व] न- को दख तब तम समझ जाना क म_ जनम लन वाला ह

और ऐसा ह हआ ब क माता न उसी 2म स सपन दख वह 2म सार भारत को पता था वशषकर उनको जो धम म4

जीवन क गहन चीज- म4 और उसक गम पथ- म4 उतसक थ पता था इसलए उन 9 व] न- क gt याr या हई 9 व] न- क

gt याr या करन वाला पहला आदमी ायड नह था और न उसक gt याr या म4 गहराई थी पला वह कवल पिR चम क लए था

तो ब क पता न 9 व] न- क gt याr याकार- को उस जमान क ायड- और जग- को तरत बलवाया और उनस पछा इस 2म

का + या अथ ह मझ डर लगता ह य सपन अvत ह और एक ह 2म स आ रह ह एक ह तरह क सपन बार-बार स आ

रह ह मान- कोई एक ह 0फलम को बार-बार दखता हो + या हो रहा ह

और gt याr याकार- न बताया 0क आप एक महान आlt मा क पता होन जा रह ह वह ब होन वाला ह ल0कन आपक पlt नी

को सकट ह + य-0क जब ऐस ब जनम लत ह तब मा का जीना कVठन हो जाता ह ब क पता न कारण पछा

gt याr याकार- न कहा 0क हम यह नह बता सकत ल0कन जो आlt मा पदा होन वाल ह उसका ह व+ तवय ह 0क उसक जनम

लन पर उसक मा क मlt य हो जायगी

बाद म4 ब स पछा गया 0क आपक माता क मlt य तरत + यो हई उG ह-न कहा 0क एक ब को जनम दना इतनी बड़ी घटना

ह 0क उसक बाद और सब कछ gt यथ हो जाता ह इसलए मा जीवत नह रह सकती उस नया जीवन शM करन क लए 0फर

स जनम लना होगा एक ब को जनम दना परम अनभव ह ऐसा शखर ह 0क मा उसक बाद नह बची रह सकती इसलए

मा क मlt य हई

ब न अपन पछल जनम म4 कहा था 0क म_ उस समय जनम लगा जब मर मा एक ताड़ वQ क नीच खड़ी होगी और वह

हआ ब का जब जनम हआ तब उनका मा ताड़ वQ क नीच खड़ी थी और ब न यह भी कहा क जनम लन क बाद म4

तरत सात कदम चलगा यह-यह पहचान होगी जो बताए दता ह ता0क तम जान सको 0क ब का जनम हो गया और ब

न सब कछ का इगत 0कया

और यह कवल ब क लए ह सह नह ह यह जीसस क लए सह ह यह महावीर क लए सह ह यह और भी कई अG य-

क लए सह ह lt यक जन तीथJकर न अपन पछल जनम म4 भवO यवाणी क थी 0क उनका जनम 0कस तरह होगा उG ह-न

भी 9 व] न- क 2म बताए थ उG ह-न भी तीक बताए थ और कहा था 0क 0कस तरह सब कछ घVटत होन वाला ह

तम Vदशा द सकत हो एक बार तम अपन 9 व] न- को Vदशा दन लगो तो सब कछ को Vदशा द सकत हो + य-0क यह ससार

सव] न- का ह बना हआ ह और 9 व] न- का ह यह जीवन बना ह इसलए जब तZ हारा अधकार सपन पर हआ तब सब कछ

पर हो गया

यह स कहता ह lsquorsquo9 वय मlt य परlsquorsquo

तब कोई gt यि+ त अपन को एक वशष तरह का जनम भी द सकता ह वशष तरह का जीवन भी द सकता ह

हम लोग तो शकार ह हम नह जानत ह 0क + य- जG मत ह + य- मरत ह कौन हम4 चलाता ह और + य- काई कारण नह

Vदखाई दता ह सब कछ अराजकता सयोग जसा ह ऐसा इसलए ह 0क हम मालक नह ह एक बार मालक हो जाए तो

0फर ऐसा नह रहगा

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-08

आठवी वास वध

आP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकर ाता को जान लो

Lord Shiva त-सndashओशो

इन वधय- क बीच जरा-जरा स ह तो भी तZ हार लए व भद बहत हो सकत ह एक अकला शबद बहत फक पदा करता ह

lsquorsquoआP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकरhelliplsquorsquo

भीतर आन वाल R वास को एक सध सथल ह जहा वह मड़ती ह इन दो सध-9 थल-mdashिजसक चचा हम कर चक हmdashक

साथ यहा जरा सा भद 0कया गया ह हाला0क यह भद वध म4 तो जरा सा ह ह ल0कन साधक क लए बड़ा भद हो सकता ह

कवल एक शत जोड़ द गई हmdashlsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकrsquorsquo और पर वध बदल गयी

इसक थम Mप म4 भि+ त का सवाल नह था वह मा वानक वध थी तम योग करो और वह काम करगी ल0कन

लोग ह जो ऐसी शषक वानक वधय- पर काम नह कर4ग इसलए जो दय क और झक ह जो भि+ त क जगत क ह

उनक लए जरा सा भद 0कया गया ह आlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध-9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

अगर तम वानक tझान क नह हो अगर तZ हारा मन वानक नह ह तो तम इस वध को योग म4 लाओ

आlt यतक भि+ त पवकmdashम kा क साथmdashR वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

यह कस सभव होगा

भि+ त तो 0कसी क त होती ह चाह व कषण ह- या 2ाइसट ल0कन तZ हार 9 वय क त R वास क दो सध-9 थल- क त

भि+ त कसी होगी यह ततव तो गर भि+ त वाला ह ल0कन gt यि+ त-gt यि+ त पर नभर ह

त का कहना ह 0क शरर मVदर ह तZ हारा शरर परमाlt मा का मVदर ह उसका नवास 9 थान ह इसलए इस मा अपना

शरर या एक व9 त न मानो यह पव ह धामक ह जब तम एक R वास भीतर ल रह हो तब तम ह R वास नह ल रह हो

तZ हार भीतर परमाlt मा भी R वास ल रहा ह तम चलत 0फरत होmdashइस इस तरह दखोmdashतम नह 9 वय परमाlt मा तमम4 चल

रहा ह तब सब चीज4 पर तरह भि+ त हो जाती ह

अनक सत- क बार म4 कहा जाता ह 0क व अपन शरर को म करत थ व उसक साथ ऐसा gt यवहार करत थ मानो व शरर

उनक मकाओ क रह ह-

तम भी अपन शरर को यह gt यवहार द सकत हो उसक साथ यवत gt यवहार भी कर सकत हो वह भी एक Mझान ह एक

aिO ट ह तम इस अपराधपण पाप भरा और गदा भी मान सकत हो और इस चमlt कार भी समझ सकत हो परमाlt मा का

घर भी समझ सकत ह यह तम पर नभर ह

यVद तम अपन शरर को मVदर मान सको तो यह वध तZ हार काम आ सकती ह lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकhelliplsquorsquo इसका

योग करो जब तम भोजन कर रह हो तब इसका योग करो यह न सोचो 0क तम भोजन कर रह हो सोचो 0क परमाlt मा

तमम4 भोजन कर रहा ह और तब पPरवतन को दखो तम वह चीज खा रह हो ल0कन तरत सब कछ बदल जाता ह अब

तम परमाlt मा को भोजन द रह हो तम 9 नान कर रह हो 0कतना मामल सा काम ह ल0कन aिO ट बदल दो अनभव करो

0क तम अपन म4 परमाlt मा को 9 नान करा रह हो तब यह वध आसान होगी

lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-09

नौवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

मतवत लट रहो ोध म0 Iबध होकर उसम ठहर रहो या पतलय2 को घमाए बना एकटक घरत रहो या कछ चसो और

चसना बन जाओ

lsquorsquoमतवत लट रहोlsquorsquo

योग करो 0क तम एकाएक मर गए हो शरर को छोड़ दो + य-0क तम मर गए हो बस कY पना करो 0क मत ह म_ शरर

नह ह शरर को नह Vहला सकता आख भी नह Vहला सकता म_ चीख-चY ला भी नह सकता न ह म_ रो सकता ह कछ

भी नह कर सकता + य-0क म_ मरा हआ ह और तब दखो तZ ह4 कसा लगता ह ल0कन अपन को धोखा मत दो तम शरर

को थोड़ा Vहला सकत हो नह Vहलाओ नह ल0कन मचछर भी आ जाय तो भी शरर को मत समझो यह सबस अधक

उपयोग क गई वध ह

रमण महष इसी वध स ान को उपलबध हए थ ल0कन यह उनक इस जनम क वध नह थी इस जनम म4 तो

अचानक सहज ह यह उG ह4 घVटत हो गई ल0कन जMर उG ह-न 0कसी पछल जनम म4 इसक सतत सधाना क होगी

अG यथा सहज कछ भी घVटत नह होता lt यक चीज का काय-कारण सबध रहता ह

जो जब व कवल चौदह या पह वष क थ एक रात अचानक रमण को लगा 0क म_ मरन वाला ह उनक मन म4 यक बात बठ

गई 0क मlt य आ गई ह व अपना शरर भी नह Vहला सकत थ उG ह4 लगा 0क मझ लकवा मार गया ह 0फर उG ह4 अचानक

घटन महसस हई और व जान गए 0क उनक दय-गत बद होन वाल ह और व चY ला भी नह सक बोल भी नह सक 0क

म_ मर रहा ह

कभी-कभी 0कसी द9व]न म4 ऐसा होता ह 0क जब तम न चY ला पात हो और न Vहल पात हो जागन पर भी कछ Qण- तक

तम कछ नह कर पात हो यह हआ रमण को अपनी चतना पर तो परा अधकार था पर अपन शरर पर Bबलकल नह व

जानत थ 0क म_ ह चतना ह सजग ह ल0कन म_ मरन वाला ह और यह नशचय इतना घना था 0क कोई वकलप भी नह

था इसलए उG ह-न सब यतन छोड़ Vदया उG ह-न आख बद कर ल और मlt य क तीQा करन लग

धीर-धीर उनका शरर सखत हो गया शरर मर गया ल0कन एक सम9 या उठ खड़ी हई व जान रह थ 0क शरर नह ह

ल0कन म_ तो ह व जान रह थ 0क म_ जीवत ह और शरर मर गया ह 0फर व उस ि9 थत स वापस आए सबह म4 शरर

9 वासथ था ल0कन वह आदमी नह लौटा था जो मlt य क पव था + य-0क उसन मlt य को जान लया था

अब रमण न एक नए लोक को दख लया था चतना क एक नए आयाम को जान लया था उG ह-न घर छोड़ Vदया उस मlt य

क अनभव न उG ह4 पर तरह बदल Vदया और व इस यग क बहत थोड़ स ब पMष- म4 हए

और यह वध ह जो रमण को सहज घVटत हई ल0कन तमको यह सहज ह नह घVटत होन वाल ल0कन योग करो तो

0कसी जीवन म4 यह सहज हो सकती ह योग करत हए भी यह घVटत हो सकती ह और यVद नह घVटत हई तो भी यतन

कभी gt यथ नह जाता ह यह यतन तम म4 रहगा तZ हार भीतर बीज बनकर रहगा कभी जब उपयकत समय होगा और

वषा होगी यह बीज अकPरत हो जाएगा

सब सहजता क यह कहानी ह 0कसी काल म4 बीज बो Vदया गया था ल0कन ठUक समय नह आया था और वषा नह हई

थी 0कसी दसर जनम और जीवन म4 समय तयार होता ह तम अधक ौढ़ अधक अनभवी होत हो और ससार म4 उतन ह

नराश होत हो तब 0कसी वशष ि9 थत म4 वषा होती ह और बीज फट नकलता ह

lsquorsquoमतवत लट रहो 2ोध म4 Qबध होकर उसम4 ठहर रहोlsquorsquo

नशचय ह जब तम मर रह हो तो वह कोई सख का Qण नह होगा वह आनदपण नह हो सकता जब तम दखत हो 0क तम

मर रह हो भय पकड़गा मन म4 2ोध उठगा या वषाद उदासी शोक सताप कछ भी पकड़ सकता ह gt यि+ त-gt यि+ त म4

फक ह

स कहता हmdashlsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहो ि9 थत रहोlsquorsquo

अगर तमको 2ोध घर तो उसम ह ि9 थत रहो अगर उदासी घर तो उसम भी भय चता कछ भी हो उसम4 ह ठहर रहो डट

रहो जो भी मन म4 हो उस वसा ह रहन दो + य-0क शरर तो मर चका ह

यह ठहरना बहत सदर ह अगर तम कछ मनट- क लए भी ठहर गए तो पाओग 0क सब कछ बदल गया ल0कन हम Vहलन

लगत ह यVद मन म4 कोई आवग उठता ह तो शरर Vहलन लगता ह उदासी आती ह तो भी शरर Vहलता ह इस आवग

इसीलए कहत ह 0क यह शरर म4 वग पदा करता ह मतवत महसस करोmdashऔर आवग- को शरर Vहलान इजाजत मत दो व

भी वहा रह और तम भी वहा रहो ि9 थर मतवत कछ भी हो पर हलचल नह हो गत नह हो बस ठहर रहो

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहोlsquorsquo

यहmdashया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो महर बाबा क वध थी वष| व अपन कमर क छत को घरत रह

नरतर ताकत रह वष| वह जमीन पर मतवत पड़ रह और पतलय- को आख- को Vहलाए Bबना छत को एक टक दखत रह

ऐसा व लगातार घटो Bबना कछ 0कए घरत रहत थ टकटक लगाकर दखत रहत थ

आख- स घरना अf छा ह + य-0क उसस तम 0फर तीसर आख म_ ि9 थत हो जात हो और एक बार तम तीसर आख म4 थर

हो गए तो चाहन पर भी तम पतलय- को नह घमा सकत हो व भी थर हो जाती हmdashअचल

महर बाबा इसी घरन क जPरए उपलबध हो गए और तम कहत हो 0क इन छोट-छोट अ यास- स + या होगा ल0कन महर

बाबा लगातार तीन वष[ तक Bबना कछ 0कए छत को घरत रह थ तम सफ तीन मनट क लए ऐसी टकटक लगाओ और

तमको लगगा 0क तीन वष गजर गय तीन मनट भी बहत लमब समय मालम होगा तZ ह4 लगगा क समय ठहर गया ह

और घड़ी बद हो गई ह ल0कन महर बाबा घरत रह घरत रह धीर-धीर वचार मट गए और गत बद हो गई महर बाबा

मा चतना रह गए व मा घरना बन गए टकटक बन गए और तब व आजीवन मौन रह गए टकटक क Cवारा व अपन

भीतर इतन शात हो गए 0क उनक लए 0फर शबद रचना असभव हो गई

महर बाबा अमPरका म4 थ वहा एक आदमी था जो दसर- क वचार को मन को पढ़ना जानता था और वासतव म4 वह आमी

दलभ थाmdashमन क पाठक क Mप म4 वह तZ हार सामन बठता आख बद कर लता और कछ ह Qण- म4 वह तZ हार साथ ऐसा

लयव हो जाता 0क तम जो भी मन म4 सोचत वह उस लख डालता था हजार- बार उसक परQा ल गई और वह सदा

सह साBबत हआ तो कोई उस महर बाबा क पास ल गया वह बठा और वफल रहा और यह उसक िजदगी क पहल

वफलता थी और एक ह और 0फर हम यह भी कस कह4 0क यह उसक वफलता हई

वह आदमी घरता रहा घरता रहा और तब उस पसीना आन लगा ल0कन एक शबद उसक हाथ नह लगा हाथ म4 कलम

लए बठा रहा और 0फर बोलाmdash0कसी 0कसम का आदमी ह यह म_ नह पढ़ पाता ह + य-0क पढ़न क लए कछ ह ह नह

यह आदमी तो Bबलकल खाल ह मझ यह भी याद नह रहता क यहा कोई बठा ह आख बद करन क बाद मझ बार-बार

आख खोल कर दखना पड़ता ह 0क यह gt यि+ त यहा ह 0क नह या यहा स हट गया ह मर लए एका होना भी कVठन हो

गया ह + य-0क ` य- ह म_ आख बद करता ह 0क मझ लगता ह 0क धोखा Vदया जा रहा ह वह gt यि+ त यहा स हट जाता ह

मर सामन कोई भी नह ह और जब म_ आख खोलता ह तो उसको सामन ह पाता ह वह तो कछ भी नह सोच रहा ह

उस टकटक न सतत टकटक न महर बाबा क मन को पर तरह वसिजत कर Vदया था

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यहा जरा सा Mपातरण ह कछ भी काम द दगा तम मर गए यह काफ ह

lsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहोlsquorsquo

कवल यह अश भी एक वध बन सकता ह तम 2ोध म4 हो लट रहो और 2ोध म4 ि9 थत रहो पड़ रहो इसस हटो नह कछ

करो नह ि9 थर पड़4 रहो

कOणामत इसी क चचा 0कए चल जा रह थ उनक पर वध इस एक चीज पर नभर ह 2ोध स Qबध होकर उसम ठहर

रहोlsquorsquo यVद तम 2 हो तो 2 होओ और 2 रहो उसस Vहलो नह हटो नह और अगर तम वस ठहर सको तो 2ोध चला

जाता ह और तम दसर आदमी बन जात हो और एक बार तम 2ोध को उसस आदोलत हए Bबना दख लो तो तम उसक

मालक हो गए

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एक टक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यह अतम वध शारPरक ह और योग म4 सगम ह + य-0क चसना पहला काम ह जो 0क कोई बf चा करता ह चसना

जीवन का पहला कतय ह बf चा जब पदा होता ह तब वह पहल रोता ह तमन यह जानन क कोशश नह क होगी 0क

बf चा + य- रोता ह सच म4 वह रोता नह ह वह रोता हआ मालम होता ह वह सफ हवा का पी रहा ह चर रहा ह अगर वह

नह र-ए तो मनट- क भीतर मर जाए + य-0क रोना हवा लन का पहला यतन ह जब वह पट म4 था बf चा 9 वास नह लता

ह Bबना 9 वास लए वह जीता था वह वह 02या कर रहा था जो भमगत समाध लन पर योगी जन करत ह वह Bबना

R वास लए ाण को हण कर रहा थाmdashमा स श ाण ह हण कर रहा था

यह कारण ह 0क मा और बf च क बीच जो म ह वह और म स सवथा भनन होता ह + य-0क शतम ाण दोन- को

जोड़ता ह अब ऐसा 0फर कभी नह होगा उनक बीच एक सQम ाणमय सबध था मा बf च को ाण दती थी बf चा R वास

तक नह लता था

ल0कन जब वह जनम लता ह तब वह मा क गभ स उठाकर एक Bबलकल अनजानी दनया म4 फ4 क Vदया जाता ह अब उस

ाण या ऊजा उस आसानी स उपलबध नह होगी उस 9 वय ह R वास लनी होगी उसक पहल चीख चसन का पहला यतन

ह उसक बाद वह मा क सतन स दध चसता ह य बनयाद कतय ह जो तम करत हो बाक सब काम बाद म4 आत ह

जीवन क व बनयाद कतय ह और थम कतय उसका अ यास भी 0कया जा सकता ह

यह स कहता ह lsquorsquoया कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

0कसी भी चीज को चसो हवा को ह चसो ल0कन तब हवा को भल जाओ और चसना ह बन जाओ इसका अथ + या हआ

तम कछ चस रह हो इसम4 तम चसन वाल हो चोषण नह तम चोषण क पीछ खड़ हो यह स कहता ह 0क पीछ मत खड़

रहो कतय म4 भी सिZ मलत हो जाओ और चोषण बन जाओ

0कसी भी चीज स तम योग कर सकत हो अगर तम दौड़ रह हो तो दौड़ना ह बन जाओ और दौड़न वाल न रहो दौड़ना बन

जाओ दौड़ बन जाओ और दौड़न वाल को भल जाओ अनभव करो 0क भीतर कोई दौड़न वाला नह ह मा दौड़न क

02या ह वह 02या तम होmdashसPरता जसी 02या भीतर कोई नह ह भीतर सब शात ह और कवल यह 02या ह

चसना चोषण अf छा ह ल0कन तमको यह कVठन मालम पड़गा + य-0क हम इस Bबलकल भल गए ह यह कहना भी ठUक

नह ह 0क Bबलकल भल गए ह + य-0क उसका वकलप तो नकालत ह रहत ह मा क सतन क जगह सगरट ल लती ह

और तम उस चसत रहत हो यह सतन ह ह मा का सतन मा का चचक और गम धआ नकलता ह वह मा का दध

इसलए छटपन म4 िजनको मा क सतन क पास उतना नह रहन Vदया गया िजतना व चाहत थ व पीछ चलकर धपान

करन लगत ह यह Bबलकल भल गए ह और वकलप स भी काम चल जाएगा इसलए अगर तम सगरट पीत हो तो

धपान ह बन जाओ सगरट को भल जाओ पीन वाल को भल जाओ और धपान ह बन रहो

एक वषय ह िजस तम चसत हो एक वषयी ह जो चसता ह और उनक बीच चसन क चोषण क 02या ह तम चोषण

बन जाओ 02या बन जाओ इस योग करो पहल कई चीज- स योग करना होगा और तब तम जान-ग 0क तZ हार लए

+ या चीज सह ह

तम पानी पी रह हो ठडा पानी भीतर जा रहा ह तम पानी बन जाओ पानी न पीओ पानी को भल जाओ अपन को भल

जाओ अपनी ] यास को भी और मा पानी बन जाओ 02या म4 ठडक ह 9 पश ह वश ह और पानी हmdashवह सब बन रहो

+ य- नह + या होगा यVद तम चोषण बन जाओ तो + या होगा

यVद तम चोषण बन जाओ तो तम नद|ष हो जाओगmdashठUक वस जस थम Vदन जG मा हआ शश होता ह + य-0क वह थम

02या ह एक तरह स आप पीछ क और याा कर4ग ल0कन उसक ललक लालसा भी तो ह आदमी का परा अि9 ततव

उस 9तन पान क लए तड़पता ह उसक लए वह कई योग करता ह ल0कन कछ भी काम नह आता + य-0क वह Bबद ह

खो गया ह जब तक तम चसना नह बन जात तब तक कछ भी काम नह आएगा इसलए इस योग म4 लाओ

एक आदमी को म_न यह वध द थी उसन कई वधया योग क थी तब वह मर पास आया उसस म_न कहा यVद म_

समच ससार स कवल एक चीज ह तZ ह4 चनन को द तो तम + या चनोग और म_न तरत उस यह भी कहा 0क आख बद करो

और इस पर तम कछ भी सोच Bबना मझ बताओ वह डरन लगा lझझकन लगा तो म_न कहा न डर- और न lझझाको मझ

9 पषट बताओ उसन कहा यह तो बहदा मालम पड़ता ह ल0कन मर सामन एक सतन उभर रहा ह और यह कहकर वह

अपराध भाव अनभव करन लगा तो म_न कहा मत अपराध भाव अनभव करो सतन म4 गलत + या ह सवाधक सदर

चीज- म4 सतन एक ह 0फर अपराध भाव + य-

ल0कन उस आदमी न कहा यह चीज तो मर लए 9 तता बन गई ह इसलए अपनी वध बतान क पहल आप कपा कर

यक बताए 0क म_ + य- ि9 य- क 9 तन- म4 इतना उlt सक ह जब भी म_ 0कसी 9ी को दखता ह पहल उसका सतन ह मझ

Vदखाई दता ह शष शरर उतन महतव का नह रहता

और यह बात कवल उसक साथ ह लाग नह ह lt यक क साथ ात lt यक क साथ लाग ह और यह Bबलकल 9 वाभावक

ह + य-0क मा का सतन क जगत क साथ आदमी का पहला पPरचय बनता ह यह बनयाद ह जगत क साथ पहला सपक

मा क सतन बनता ह यह कारण ह 0क सतन म4 इतना आकषण ह सतन इतना सदर लगता ह उसम एक चबकय शि+ त

इसलए म_न उस gt यि+ त स कहा 0क अब म_ तमको वध दगा और यह वध थी जो म_न उस द 0कसी चीज को चसो और

चसना बन जाओ म_न बताया 0क आख4 बद कर लो और अपनी मा का सतन याद करो या और कोई सतन जो तZ ह4 पसद हो

कY पना करो और ऐस चसना शM करो 0क यह असल सतन ह शM करो

उसन चसना शM 0कया तीन Vदन क अदर वह इतनी तजी स पागलपन क साथ चसन लगा और वह इसक साथ इतना म

मध हो गया 0क उसन एक Vदन आकर मझस कहा यह तो सम9 या बन गई ह सात Vदन म4 चसता ह रहा ह और यह

इतना सदर ह और इसम ऐसी गहर शात पदा होती हlsquorsquo और तीन महन क अदर उसका चोषण एक मौन मा बन गया

तम ह-ठ- स समझ नह सकत 0क वह कछ कर रहा ह ल0कन अदर स चसना जार था सारा समय वह चसता रहता यह

जब बन गया

तीन महन बाद उसक मझस कहा lsquorsquoकछ अनठा मर साथ घVटत हो रहा ह नरतर कछ मीठU व सर स मर जीभ पर

बरसता ह और यह इतना मीठा और शि+ तदायक ह 0क मझ 0कसी और भोजन क जMरत नह रह भख समापत हो गई

ह और भोजन मा औपचाPरत हो गया पPरवार म4 सम9 या न बन इसलए म_ दध लता ह ल0कन कछ मझ मल रहा ह जो

बहत मीठा ह बहत जीवनदायी हlsquorsquo

म_न उस यह वध जार रखन को कहा

तीन महन और और वह एक Vदन नाचता हआ पागल सा मर पास आया और बोला चसना तो चला गया ल0कन अब म_

दसरा ह आदमी हो गया ह अब म_ वह नह रहा ह जो पहल था मर लए कोई Cवार खल गया ह कछ टट गया ह और

कोई आकाQा शष नह रह अब म_ कछ भी नह चाहता ह न परमाlt मा न मोQ अब जो ह जसा ह ठUक ह म_ उस

9 वीकारता ह और आनVदत हlsquorsquo

इस योग म4 लाओ 0कसी चीज को चसो और चसना बन जाओ यह बहत- क लए उपयोगी होगा + य-0क यह इतना

आधारभत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-10

शथल होन क पहल वध

त-सmdashवध-10 वान भरव तndashओशो

)य दवी )म 6कए जान क Iण म0 )म म0 ऐस )वश करो जस 6क वह 9नतय जीवन हो

शव म स शM करत ह पहल वध म स सबधत ह + य-0क तZ हार शथल होन क अनभव म4 म का अनभव

नकटतम ह अगर तम म नह कर सकत हो तो तम शथल भी नह हो सकत हो और अगर तम शथल हो सक तो

तZ हारा जीवन मपण हो जाएगा

एक तनावसत आदमी म नह कर सकता + य- + य-0क तनावसत आदमी सदा उशय स योजन स जीता ह वह

धन कमा सकता ह ल0कन म नह कर सकता + य-0क म योजन-रVहत ह म कोई व9 त नह ह तम उस सहत

नह कर सकत तम उस ब_क खात म4 नह डाल सकत तम उसस अपन अहकार क पिO ट नह कर सकत सच तो यह ह 0क

म सब स अथहन काम ह उसस आग उसका कोई अथ नह ह उसस आग उसका कोई योजन नह ह म अपन आप म4

जीता ह 0कसी अनय चीज क लए नह

तम धन कमात होmdash0कसी योजन स वह एक साधन नह ह तम मकान बनात होmdash0कसी क रहन क लए वह भी एक

साधन ह म साधन नह ह तम + य- म करत हो 0कस लए म करत हो

म अपना लQय आप ह यह कारण ह 0क Vहसाब 0कताब रखन वाला मन ता0क क मन योजन क भाषा म4 सोचन वाला

मन म नह कर सकता और जो मन योजन क भाषा म4 सोचता ह वह तनावसत होगा + य-0क योजन भवषय म4 ह

परा 0कया जा सकता ह यहा और अभी नह

तम एक मकान बना रह हो तम उसम4 अभी ह नह रह सकत पहल बनाना होगा तम भवषय म4 उसम रह सकत हो अभी

नह तम धन कमात हो ब_क बल4स भवषय म4 बनगा अभी नह अभी साधन का उपयोग कर सकत हो साधय भवषय म4

आएग

म सदा यहा ह और अभी ह म का कोई भवषय नह ह यह वजह ह 0क म L यान क इतन करब ह यह वजह ह 0क

मlt य भी L यान क इतन करब ह + य-0क मlt य भी यहा और अभी ह वह भवषय म4 नह घटती

+ या तम भवषय म4 मर सकत हो वतमान म4 ह मर सकत हो कोई कभी भवषय म4 नह मरा भवषय म4 कस मर सकत

हो या अतीत म4 कस मर सकत हो अतीत जा चका वह अब नह ह इसलए अतीत म4 नह मर सकत और भवषय अभी

आया नह ह इसलए उसम कस मरोग

मlt य सदा वतमान म4 होती ह मlt य म और L यान सब वतमान म4 घVटत होत ह इसलए अगर तम मlt य स डरत हो तो

तम म नह कर सकत अगर तम मlt य स भयभीत हो तो तम L यान नह कर सकत और अगर तम L यान स डर हो तो

तZ हारा जीवन gt यरथ होगा 0कसी योजन क अथ म4 जीवन gt यथ नह होगा वह gt यथ इस अथ म4 होगा 0क तZ ह4 उसम4

0कसी आनद क अनभत नह होगी जीवन अथहन होगा

इन तीन- कोmdashम L यान और मlt य कोmdashएक साथ रखना अजीब मालम पड़गा वह अजीब ह नह व समान अनभव ह

इसलए अगर तम एक म4 वश कर गए तो शष दो म4 भी वश पा जाओग

शव म स शM करत ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो जस 0क वह नतय जीवन हlsquorsquo

इसका + या अथ ह कई चीज4 एक जब तZ ह4 म 0कया जाता ह तो अतीत समापत हो जाता ह और भवषय भी नह बचता

तम वतमान क आयाम म4 गत कर जात हो तम अब म4 वश कर जात हो + या तमन कभी 0कसी को म 0कया ह यVद

कभी 0कया ह तो जानत हो 0क उस Qण मन नह होता ह

यह कारण ह 0क तथाकथत बमान कहत ह 0क म अध होत ह मन शGय और पागल होत ह व9 तत व सच कहत ह

मी इस अथ म4 अध होत ह 0क भवषय पर अपन 0कए का Vहसाब रखन वाल आख उनक पास नह होती व अध ह

+ य-0क व अतीत को नह दख पात मय- को + या हो जाता ह

व अभी और यह म4 सरक आत ह अतीत और भवषय क चता नह करत + या होगा इसक चता नह लत इस कारण व

अध कह जात ह व ह जो गlणत करत ह उनक लए व अध ह और जो गlणत नह करत उनक लए आख वाल ह जो

Vहसाबी नह ह व दख ल4ग 0क म ह असल आख ह वा9 तवक aिO ट ह

इसलए पहल चीज क म क Qण म4 अतीत और भवषय नह होत ह तब एक नाजम Bबद समझन जसा ह जब अतीत

और भवषय नह रहत तब + या तम इस Qण को वतमान कह सकत हो यह वतमान ह दो क बीच अतीत और भवषय क

बीच यह सापQ ह अगर अतीत और भवषय नह रह तो इस वतमान कहत म4 + या तक ह वह अथहन ह इसीलए शव

वतमान शबद का gtयवहार नह करत व कहत ह नतय जीवन उनका मतलब शाशवत स हmdashशाशवत म4 वश करो

हम समय को तीन Vह9 स- म4 बाटत हmdashभत भवषय और वतमान यह वभाजन गलत ह सवथा गलत ह कवल भत और

भवषय समय ह वतमान समय का Vह9 सा नह ह वतमान शाशवत का Vह9 सा ह जो बीत गया वह समय ह जो आन

वाला ह समय ह

ल0कन जो ह वह समय नह ह + य-0क वह कभी बीतता नह ह वह सदा ह अब सदा ह वह सदा ह यह अब शाशवत ह

अगर तम अतीत स चलो तो तम कभी वतमान म4 नह आत अतीत स तम सदा भवषय म4 याा करत हो उसम कोई Qण

नह आता जो वतमान हो तम अतीत स सदा भवषय म4 गत करत रहत हो आकर वतमान स तम और वतमान म4 गहर

उतरत हो अधकाधक वतमान म4 यह नतय जीवन ह

इस हम इस तरह भी कह सकत ह अतीत स भवषय तक समय ह समय का अथ ह 0क तम समतल भम पर और सीधी

रखा म4 गत करत हो या हम उस Qतज कह सकत ह और िजस Qण तम वतमान म4 होत हो आयाम बदल जाता ह

तZ हार गत ऊL वाधर ऊपर-नीच हो जाती ह तम ऊपर ऊचाई क और जात हो या नीच गहराई क और जात हो ल0कन

तब तZ हार गत Qतज या समतल नह होती ह

ब और शव शाशवत म4 रहत ह समय म4 नह

जीसस स पछा गया 0क आपक भ क राजय म4 + या होगा जो पछ रहा था वह समय क बार म4 नह पछ रहा था वह जानना

चाहता था 0क वहा उसक वासनाओ का + या होगा व कस पर ह-गी वह पछ रहा था 0क + या वहा अनत जीवन होगा या

वहा मlt य भी होगी + या वहा दःख भी रहगा और छोट और बड़ लोग भी ह-ग जब उसन पछा 0क आपक भ क राजय म4

+ या होगा तब वह इसी दनया क बात पछ रहा था

और जीसस न उततर Vदयाmdashयह उततर झन सत क उततर जसा हmdashlsquorsquoवहा समय नह होगाlsquorsquo िजस gt यि+ त को यह उततर

Vदया गया था उसन कछ नह समझा होगा जीसस न इतना ह कहाmdashवहा समय नह होगा + य- + य-0क समय Qतज ह

और भ का राजय ऊLवगामी ह वह शाशवत ह वह सदा यहा ह उसम वश क लए तZ ह4 समय स हट भर जाना ह

तो म पहला Cवारा ह इसक Cवारा तम समय क बाहर नकल सकत हो यह कारण ह 0क हर आदमी म चाहता ह हर

आदमी म करना चाहता ह और कोई नह जानता ह 0क म को इतनी मVहमा + य- द जाती ह म क लए इतनी गहर

चाह + य- ह और जब तक तम यह ठUक स न समझ लो तम न म कर सकत हो और न पा सकत हो + य-0क इस धरती पर

म गहन स गहन घटना ह

हम सोचत ह 0क हर आदमी जसा वह ह म करन को सQम ह वह बात नह ह और इसी कारण स तम म म4 नराशा

होत हो म एक और ह आयाम ह यVद तमन 0कसी को समय क भीतर म करन क कोशश क तो तZ हार कोशश

हारगी समय क रहत म सभव नह ह

मझ एक कथा याद आती ह मीरा कषण क म म4 थी वह गVहणी थीmdashएक राजकमार क पlt नी राजा को कषण स ईO या

होन लगी कषण थ नह व शरर स उपि9 थत नह थ कषण और मीरा क शारPरक मौजदगी म4 पाच हजार वष[ का

फासला था इसलए यथाथ म4 मीरा कषण क म म4 कस हो सकती थी समय का अतराल इतना लबा था

एक Vदन राणा न मीरा स पछा तम अपन म क बात 0कए जाती हो तम कषण क आसपास नाचती-गाती हो ल0कन

कषण ह कहा तम 0कसक म म4 हो 0कसस सतत बात4 0कए जाती हो

मीरा न कहा कषण यहा ह तम नह हो + य-0क कषण शाशवत ह तम नह हो व यहा सदा ह-ग सदा थ व यहा ह तम

यहा नह हो एक Vदन तम यहा नह थ 0कसी Vदन 0फर यहा नह होओग इसलए म_ कस वR वास कM 0क इन दो

अनि9ततव क बीच तम हो दो अनि9तltव क बीच अि9 ततव + या सभव ह

राणा समय म4 ह और कषण शाशवत म4 ह तम राणा क नकट हो सकत हो ल0कन दर नह मटाई जा सकती तम दर ह

रहोग और समय म4 तम कषण स बहत दर हो सकत हो तो भी तम उनक नकट हो सकत हो यह आयाम ह और ह

म_ आपन सामन दखता ह वहा दवार ह 0फर म_ अपनी आख- को आग बढ़ाता ह और वहा आकाश ह जब तम समय म4

दखत हो तो वहा दवार ह और जब तम समय क पार दखत हो तो वहा खला आकाश ह अनत आकाश

म अनत का Cवार खोल सकता ह अि9 ततव क शाR वतता का Cवार इसलए अगर तमन कभी सच म4 म 0कया ह तो

म को L यान क वध बनाया जा सकता ह यह वहा वध ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो

जस 0क यह नतय जीवन होlsquorsquo

बाहर-बाहर रहकर मी मत बनो मपण होकर शाशवत म4 वश करो जब तम 0कसी को म करत हो तो + या तम वहा

मी क तरह होत हो अगर होत हो तो समय म4 हो और तZ हारा म झठा ह नकल ह अगर तम अब भी वहा हो और

कहत हो 0क म_ ह तो शारPरक Mप स नजदक होकर भी आL यािlt मक Mप स तZ हार बीच दो ~व- क दर कायम रहती ह

म म4 तम न रहो सफ म रह इसलए म ह हो जाओ अपन मी या मका को दलार करत समय दलार ह हो जाओ

चबन लत समय चसन वाल या चम जान वाल मत रहो चबन ह बन जाओ अहकार को Bबलकल भल जाओ म क कतय

म4 धल-मल जाओ कतय म4 इतनी गहर समा जाओ 0क कता न रह

और अगर तम म म4 नह गहर उतर सकत तो खान और चलन म4 गहर उतरना कVठन होगा बहत कVठन होगा + य-0क

अहकार को वसिजत करन क लए म सब स सरल माग ह इसी वजह स अहकार लोग म नह कर पात व म क बार म4

बात4 कर सकत ह गीत गा सकत ह लख सकत ह ल0कन व म नह कर सकत अहकार म नह कर सकता ह

शव कहत ह म ह हो जाओ जब आलगन म4 हो तो आलगन हो जाओ चबन लत समय चबन हो जाओ अपन को इस

पर तरह भल जाओ 0क तम कह सको 0क म_ अब नह ह कवल म ह तब दय नह धड़कता ह म क धड़कता ह तब

खन नह दौड़ता ह म ह दौड़ता ह तब आख नह दखती ह म ह दखता ह तब हाथ छन को नह बढ़त ह म ह छन को

बढ़ता ह म बन जाओ और शाशवत जीवन म4 वश करो

म अचानक तZ हार आयाम को बदल दता ह तम समय स बाहर फ4 क Vदय जात हो तम शाशवत क आमन-सामन खड़ हो

जात हो म गहरा L यान बन सकता हmdashगहर स गहरा और कभी-कभी मय- न वह जाना ह जो सत- न भी नह जाना

कभी-कभी मय- न उस क4 को छआ ह जो अनक योगय- न नह छआ

शव को अपनी या दवी क साथ दखो उG ह4 L यान स दखो व दो नह मालम होत व एक ह ह यह एकात इतना गहरा ह

हम सबन शव लग दख ह य ल_गक तीक ह शव क लग का तीक ह ल0कन वह अकला नह ह वह दवी क योन म4

ि9 थत ह परान Vदन- क Vहद बड़ साहसी थ अब जब तम शवलग दखत हो तो याद नह रहता 0क यह एक ल_गक तीक ह

हम भल गए ह हमन चOटा पवक इस पर तरह भला Vदया ह

स मनोवानक जग न अपनी आतमकथा म4 अपन स9 मरण- म4 एक मजदार घटना का उY लख 0कया ह वह भारत

आया और कोणाक दखन को गया कोणाक क मVदर म4 शवलग ह जो पWडत उस समझाता था उसन शवलग क सवाय

सब कछ समझाया और व इतन थ 0क उनस बचना मिR कल था जग तो सब जानता था ल0कन पWडत को सफ चढ़ान क

लए पछता रहा क य + या ह तो पWडत न आlखर जग क कान म4 कहा 0क मझ यहा मत पछय म_ पीछ आपको बताऊगा

यह गोपनीय ह

जग मन ह मन हसा होगा य ह आज क Vहद 0फरा बहार आकर पWडत न कहा 0क दसर- क सामन आपका पछना उचत न

था अब म4 बताता ह यह गपत चीज ह और तब 0फर उसन जग क कान म4 कहा य हमार ग] ताग ह

जग जब यहा स वापस गया तो वहा वह एक महान वCवान स मला पवyय चतन मथक और दशन क वCवान हनPरख

िजमर स जग न यह 0क9 सा िजमर को सनाया िजमर उन थोड़ स मनीषय- म4 था िजG ह-न भारतीय चतन म4 डबन क

चOटा क थी और वह भारत का उसक वचारणा का जीवन क त उसक अता0क क रह9 यवाद aिOट वाद aिO टकोण का

मी था जब उसन जग स यह सना तो वह हसा और बोला बदलाहट क लए अf छा ह म_न ब कषण महावीर जस महान

भारतीय- क बार म4 सना ह तम तो सना रह हो वह 0कसी महान भारतीय क सबध म4 नह भारतीय- क सबध म4 कछ कहता

शव क लए म महाCवार ह और उनक लए कामवासना नदनीय नह ह उनक लए काम बीज ह और म उसका फल

ह और अगर तम बीज क नदा करत हो तो फल क भी नदा अपन आप हो जाती ह काम म बन सकता ह और अगर

वह कभी म नह बनता ह तो वह पग हो जाता ह पगता क नदा करो काम क नह म को lखलना चाVहए उसको म

बनना चाVहए और अगर यह नह होता ह तो यह काम दोष नह ह यह दोष तZ हारा ह

काम को काम नह रहना ह यह त क शQा ह उस म म4 MपातPरत होना ह चाVहए और म को भी म ह नह रहना

ह उस काश म4 L यान क अनभव म4 अतम परम रह9 यवाद शखर म4 MपातPरत होना चाVहए म को MपातPरत कस

0कया जाए

कतय हो जाओ और कता को भल जाओ म करत हए म महज म हो जाओ तब यह तZ हारा म मरा म या 0कसी

अनय का म नह ह तब यह मा म ह जब 0क तम नह हो जब 0क तम परम 9 ोत या धारा क हाथ म4 हो तब 0क तम

म म4 हो तम म म4 नह हो म न ह तZ ह4 आlt मसात कर लया ह तम तो अतधान हो गए हो मा वाहमान ऊजा

बनकर रह गए हो

इस यग का एक महान सजनातमक मनीषी डी एच लॉर4स जान अनजान त वद था पिR चम म4 व पर तरह नVदत

हआ उसक 0कताब4 जबत हई उस पर अदालत- म4 अनक मकदम चल सफ इसलए 0क उसन कहा 0क काम ऊजा एक

मा ऊजा ह और अगर तम उसक नदा करत हो दमन करत हो तो तम जगत क lखलाफ हो और तब तम कभी भी इस

ऊजा क परम lखलावट को नह जान पाओग और दमत होन पर यह कMप हो जाती ह और यह द9च2 ह

परोVहत नीतवाद तथाकथत धामक लोग पोप शकराचाय और दसर लोग काम क सतत नदा करत ह व कहत ह 0क

यह एक कMप चीज ह और तम इसका दमन करत होत तो यह सचमच कMप हो जाती ह तब व कहत ह 0क दखो जो हम

कहत थ वह सच नकला तमन ह इस स कर Vदया तम जो भी कर रह हो वह कMप ह और तम जानत हो 0क वह कMप

ल0कन काम 9 वय म4 कMप नह ह परोVहत- न उस कMप कर Vदया ह और जब व इस कMप कर चकत ह तब व सह साBबत

होत ह ओर जब व सह साBबत होत ह तो तम उस कMप स कMप तर 0कए दत हो काम तो नद|ष ऊजा ह तम म4 वाVहत

होता जीवन ह जीवत अि9 ततव ह उस पग मत बनाओ उस उसक शखर- क याा करन दो उसका अथ ह 0क काम को

म बनना चाVहए फक + या ह

जब तZ हारा मन कामक होता ह तो तम दसर का शोषण कर रह हो दसरा मा एक य होता ह िजस इ9 तमाल करक फ4 क

दना ह और जब काम म बनता ह तब दसरा य नह होता दसर का शोषण नह 0कया जाता दसरा सच म4 दसरा नह

होता तब तम म करत हो तो यह सव-क4 Vत नह ह उस हालत म4 तो दसरा ह महlt वपण होता ह अनठा होता ह तब तम

एक दसर का शोषण नह करत तब दोन- एक गहर अनभव म4 सिZ मलत हो जात हो साझीदार हो जात हो तम शोषक और

शोषत न होकर एक दसर को म क और ह दनया म4 याा करन म4 सहायता करत हो काम शोषण ह म एक भनन

जगत म4 याा ह

अगर यह याा Qlणक न रह अगर यह याा L यान पण हो जाए अथात अगर तम अपन को Bबलकल भल जाओ और मी

मका वलन हो जाए और कवल म वाVहत होता रह तो शव कहत हmdashlsquorsquoशाशवत जीवन तZ हारा हlsquorsquo

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-11

शथल होन क दसर वध

त-सmdashवध-11 वान भरव त-ओशो

जब चीट क र0गन क अनभ9त हो तो इ=1य2 क Gवार बद कर दो तब

यह बहत सरल Vदखता ह ल0कन उतना सरल ह नह म_ इस 0फर स पढ़ता ह lsquorsquo जब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय-

क Cवार बद कर दो तबlsquorsquo यक एक उदाहरण मा ह 0कसी भी चीज स काम चलगा इVय- क Cवार बद कर दो जब चीट

क र4गन क अनभत हो और तबmdashतब घटना घट जाएगी शव कह + या रह ह

तZ हार पाव म4 काटा गड़ा ह वह दद दता ह तम तकलफ म4 हो या तZ हार पाव पर एक चीट र4ग रह ह तZ ह4 उसका र4गना

महसस होता ह और तम अचानक उस हटाना चाहत हो 0कसी भी अनभव को ल सकत ह तZ ह4 धाव ह जो दखता ह

तZ हार सर म4 दद ह या कह शरर म4 दद ह वषय क Mप म4 0कसी स भी काम चलगा चीट का र4गना उदाहरण भर ह

शव कहत ह lsquorsquoजब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

जो भी अनभव हो इVय- क सब Cवार बद कर दो करना + या ह आख4 बद कर लो और सोचो 0क म_ अधा ह और दख नह

सकता अपन कान बद कर लो और सोचो 0क म_ सन नह सकता पाच इVया ह उन सब को बद कर लो ल0कन उG ह4 बद

कस करोग

यह आसान नह ह Qण भर क लए R वास लना बद कर दो और तZ हार सब इVया बद हो जायगी और जब R वास tक ह

और इVया बद ह तो र4गना कहा ह चीट कहा ह अचानक तम दर बहत दर हो जात हो

मर एक म ह व ह व एक बार सीढ़ स गर पड़ और डॉ+टर- न कहा 0क अब व तीन महन- तक खाट स नह Vहल

सक4 ग तीन महन वkाम म4 रहना ह और व बहत अशात gt यि+ त थ पड़ रहना उनक लए कVठन था म_ उG ह4 दखन गया

उG ह-न कहा 0क मर लए ाथना कर4 और मझ आशीष द4 0क म4 मर जाऊ + य-0क तीन महन पड़ रहना मौत स भी बदतर ह

म_ पतथर क तरह कस पडा रह सकता ह और सब कहत ह 0क Vहलए मत

म_न उनस कहा यह अf छा मौका ह आख4 बद कर4 और सोच4 0क म_ पतथर ह मत वत अब आप Vहल नह सकत आlखर

कस Vहल4ग आख बद कर4 और पतथर क मत हो जाए उG ह-न पछा 0क उसस + या होगा म_न कहा क योग तो कर4 म_

यहा बठा ह और कछ 0कया भी नह जा सकता जस भी हो आपको तो यहा तीन महन पड़ रहना ह इसलए योग कर4

वस तो व योग करन वाल जीव नह थ ल0कन उनक यह ि9 थत ह इतनी असभव थी 0क उG ह-न कहा 0क अf छा म_ योग

कMगा शायद कछ हो वस मझ भरोसा नह आता 0क सफ यह सोचन स 0क म_ पतथरवत ह कछ होन वाला ह ल0कन म_

योग कMगा और उG ह-न 0कया

मझ भी भरोसा नह था 0क कछ होन वाला ह + य-0क व आदमी ह ऐस थ ल0कन कभी-कभी जब तम असभव और नराश

ि9 थत म4 होत हो तो चीज4 घVटत होन लगती ह उG ह-न आख4 बद कर ल म_ सोचता था 0क दो तीन मनट म4 व आख

खोल4ग और कह4ग 0क कछ नह हआ ल0कन उG ह-न आख4 नह खोल तीस मनट गजर गए और म_ दख सका 0क व

पतथर हो गए ह उनक माथ पर स सभी तनाव वलन हो गए उनका चहरा बदल गया मझ कह और जाना था ल0कन व

आख बद 0कए पड़ थ और व इतन शात थ मानो मर गए ह उनक R वास शात हो चल थी ल0कन + य-0क मझ जाना था

इसलए म_न उनस कहा 0क अब आख खोल4 और बताए 0क + या हआ

उG ह-न जब आख खोल तब व एक दसर ह आदमी थ उG ह-न कहा यह तो चमlt कार ह आपन मर साथ + या 0कया म_न

कछ भी नह 0कया उG ह-न 0फर कहा 0क आपन जMर कछ 0कया + य-0क यह तो चमlt कार ह जब म_न सोचना शM 0कया

0क म_ पतथर जसा ह तो अचानक यह भाव आया 0क यVद म_ अपन हाथ Vहलाना भी चाहता ह तो उG ह4 Vहलाना भी असभव ह

म_न कइ बार अपनी आख4 खोलनी चाह ल0कन व पतथर जसी हो गई थी और नह खल पा रह थी और उG ह-न कहा म_

चतत भी होन लगा 0क आप + या कह4ग इतनी दर हई जाती ह ल0कन म_ असमथ था म_ तीस मनट तक Vहल नह सका

और जब सब गत बद हो गई तो अचानक ससार वलन हो गया और म_ अकला रह गया अपन आप म4 गहर चला गया

और उसक साथ दद भी जाता रहा

उG ह4 भार दद था रात को o_ि+वलाइजर क Bबना उG ह4 नीद नह आती थी और वसा दद चला गया म_न उनस पछा 0क जब

दद वलन हो रहा था तो उG ह4 कसा अनभव हो रहा था उG ह-न कहा 0क पहल तो लगा 0क दद ह पर कह दर पर ह 0कसी

और को हो रहा ह और धीर-धीर वह दर और दर होता गया और 0फर एक दम स ला पता हो गया कोई दस मनट तक दद

नह था पतथर क शरर को दद कस हो सकता ह

यह वध कहती ह lsquorsquoइVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

पतथर क तरह हो जाओ जब तम सच म4 ससार क लए बद हो जात हो तो तम अपन शरर क त भी बद हो जात हो

+ य-0क तZ हारा शरर तZ हारा Vह9 सा न होकर ससार का Vह9 सा ह जब तम ससार क त Bबलकल बद हो जात हो तो अपन

शरर क त भी बद हो गए और तब शव कहत ह तब घटना घटगी

इसलए शरर क साथ इसका योग करो 0कसी भी चीज स काम चल जाएगा र4गती चीट ह जMर नह ह नह तो तम

सोचोग 0क जब चीट र4गगी तो L यान कर4ग और ऐसी सहायता करन वाल चीVटया आसानी स नह मलती इसलए 0कसी

सी भी चलगा तम अपन Bबसतर पर पड़ हो और ठडी चादर महसस हो रह ह उसी Qण मत हो जाओ अचानक चादर दर

होन लगगी वलन हो जाएगी तम बद हो मत हो पतथर जस हो िजसम कोई भी र~ नह ह तम Vहल नह सकत

और जब तम Vहल नह सकत तो तम अपन पर फ4 क Vदय जात हो अपन म4 क4 Vत हो जात हो और तब पहल बार तम

अपन क4 स दख सकत हो और एक बार जब अपन क4 स दख लया तो 0फर तम वह gt यि+ त नह रह जाओग जो थ

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-12

शथल होन क तीसर वध

त-सmdashवध-12 वान भरव तndashओशो

जब 6कसी बसतर या आसमान पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पार

तम यहा बठ हो बस भाव करो 0क तम वजनशनय हो गए हो तZ हारा वज़न न रहा तZ ह4 पहल लगगा 0क कह यहा वज़न

ह वजनशनय होन का भाव जार रखो वह आता ह एक Qण आता ह जब तम समझोग 0क तम वज़न शनय हो वज़न

नह ह और जब वज़न शनय नह रहा तो तम शरर नह रह + य-0क वज़न शरर का ह तZ हारा नह तम तो वज़न शनय

हो

इस सबध म4 बहत योग 0कए गय ह कोई मरता ह तो ससार भर म4 अनक वानक- न मरत हए gt यि+ त का वज़न लन क

कोशश क ह अगर कछ फक हआ अगर कछ चीज शरर क बहार नकल ह कोई आlt मा या कछ अब वहा नह ह + य-0क

वान क लए कछ भी Bबना वज़न क नह ह

सब पदाथ क लए वज़न बनयाद ह सय क 0करण- का भी वज़न ह वह अlt यत कम ह G यन ह उसको मापना भी कVठन

ह ल0कन वानक- न उस भी मापा ह अगर तम पाच वग मील क Q पर फल सब सय 0करण- को इका कर सको तो

उनका वज़न एक बाल क वज़न क बराबर होगा सय 0करण- का भी वज़न ह व तौल जा सकती ह वान क लए कछ भी

वज़न क Bबना नह ह और अगर कोई चीज वज़न क Bबना ह तो वह पदाथ नह उप पदाथ और वान पछल बीस पf चीस

वष| तक वR वास करता था 0क पदाथ क अतPरकत कछ नह ह इसलए जब कोई मरता ह और कोई चीज शरर स

नकलती ह तो वज़न म4 फक पड़ना चाVहए

ल0कन यह फक कभी न पडा वज़न वह का वह रहा कभी-कभी थोड़ा बढ़ा ह ह और वह सम9 या ह िजदा आदमी का

वज़न कम हआ मदा का ` यादा उसम उलझन बढ़ + य-0क वानक तो यह पता लन चल थ 0क मरन पर वज़न घटता ह

तभी तो व कह सकत ह 0क कछ चीज बाहर गई ल0कन वहा तो लगता ह 0क कछ चीज अदर ह आई आlखर हआ + या

वज़न पदाथ का ह ल0कन तम पदाथ नह हो अगर वजन शGयता क हम वध का योग करना ह तो तZ ह4 सोचना चाVहए

सोचना ह नह भाव करना चाVहए 0क तZ हारा शरर वजनशGय हो गया ह अगर तम भाव करत ह गए भाव करत ह गए

तो तम वजनशGय हो तो एक Qण आता ह 0क तम अचानक अनभव करत हो 0क तम वज़न शनय हो गय तम वजनशGय

ह हो इसलए तम 0कसी समय भी अनभव कर सकत हो सफ एक ि9 थत पदा करनी ह िजसम4 तम 0फर अनभव करो

0क तम वजनशनय हो तZ ह4 अपन को सZ मोहन मकत करना ह

तZ हारा सZ मोहन + या ह सZमोह न यह ह 0क तमन वR वास 0कया ह 0क म_ शरर ह और इसलए वज़न अनभव करत हो

अगर तम 0फर स भाव कर- वR वास करो 0क म_ शरर नह ह तो तम वज़न अनभव नह करोग यह सZ मोहन मि+ त ह 0क

जब तम वज़न अनभव नह करत तो तम मन क पार चल गए

शव कहत ह lsquorsquoजब 0कसी Bबसतर या आसन पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पारlsquorsquo तब बात घटती ह

मन का भी वज़न ह lt यक आदमी क मन का वज़न ह एक समय कहा जाता था 0क िजतना वज़नी मि9 तषक हो उतना

बमान होता ह और आमतौर स यह बात सह ह ल0कन हमशा सह नह ह + य-0क कभी-कभी छोट मि9 तषक क भी

महान gt यि+ त हए ह और महा मख मि9 तषक भी वज़नी होत ह

कछ बात4 कभी-कभी मद| का वज़न + य- बढ़ जाता ह ` य- ह चतना शरर को छोड़ती ह 0क शरर असरmQत हो जाता ह

बहत सी चीज4 उसम4 वश कर जा सकती ह तZ हार कारण व वश नह कर सकती ह एक शव म4 उनक तरग4 वश कर

सकती ह तमम4 नह कर सकती ह तम यहा थ शरर जीवत था वह अनक चीज- स बचाव कर सकता था यह कारण ह

0क तम एक बार बीमार पड़ 0क यह एक लबा सलसला हो जाता ह एक क बाद दसर बीमार आती चल जाती ह एक बार

बीमार होकर तम असरmQत हो जात हो हमल क त खल जात हो तरोध जाता रहता ह तब कछ भी वश कर सकता

ह तZ हार उपि9 थत शरर क रQा करती ह इसलए कभी-कभी मत शरर का वज़न बढ़ सकता ह + य-0क िजस Qण तम

उसस हटत हो उसम कछ भी वश कर सकता ह

दसर बात ह 0क जब तम सखी होत हो तो तम वजनशनय अनभव करत हो और दःखी होत हो तो वज़न अनभव करत हो

लगता ह 0क कछ तZ ह4 नीच को खीच रहा ह तब गtltवाकषण बहत बढ़ जाता ह दःख क हालत म4 वज़न बढ़ जाता ह जब

तम सखी होत हो तो हलक होत हो तम ऐसा अनभव करत हो + य- + य-0क जब तम सखी हो जब तम आनद का Qण

अनभव करत हो तो तम शरर को Bबलकल भल जात हो और जब उदास होत हो दःखी होत हो तब शरर क अत नकट

आ जात हो उस भल नह पात उसस जड़ जात हो तब तम भार अनभव करत हो य भार तZ हारा नह ह तZ हार शरर स

चपकन का ह शरर का ह वह तZ ह4 नीच क और खीच रहा ह जमीन क तरफ खीचता ह मान- तम जमीन म4 गड़ जा रह

हो सख म4 तम नभार होत हो शोक म4 वषाद म4 वज़नी हो जात हो

इसलए गहर L यान म4 जब तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तम जमीन स ऊपर हवा म4 उठ सकत हो तZ हार

साथ तZ हारा शरर भी ऊपर उठ सकता ह कई बार ऐसा होता ह

बोलवया म4 वानक एक 9 ी का नरQण कर रह ह L यान करत हए वह जमीन स चार फट ऊपर उठ जाती ह अब तो

यह वानक नरQण क बात ह उसक अनक फोटो और 0फलम लए जा चक ह हजार- दशक- क सामन वह 9 ी

अचानक ऊपर उठ जाती ह उसक लए गtltवाकषण gt यथ हो जाता ह अब तक इस बात क सह gt याr या नह क जा सक

ह 0क + य- होता ह ल0कन वह 9 ी गर-L यान क अव9 था म4 ऊपर नह उठ सकती या अगर उसक L यान म4 बाधा हो जाए

तो भी वह ऊपर स झट नीच आ जाती ह + या होता ह

L यान क गहराई म4 तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तादाlt मय टट जाता ह शरर बहत छोट चीज ह और तम

बहत बड़ हो तZ हार शि+ त अपPरसीम ह तZ हार मकाबल म4 शरर तो कछ भी नह ह यह तो ऐसा ह ह 0क जस एक

साट न अपन गलाम क साथ तादाlt मय 9 थापत कर लया ह इसलए जस गलाम भीख मागता ह वस ह साट भी भीख

मागता ह जस गलाम रोता ह वस ह साट भी रोता ह और जब गलाम कहता ह 0क म_ ना कछ ह तो साट भी कहता ह

म_ ना कछ ह ल0कन एक बार साट अपन अि9 ततव को पहचान ल पहचान ल 0क वह साट ह और गलाम बस गलाम ह स

कछ बदल जाएगा अचानक बदल जाएगा

तम वह अपPरसीम शि+ त हो जो Q शरर स एकातम हो गई ह एक बार यह पहचान हो जाए तम अपन सव को जान लो

तो तZ हार वजन शGयता बढ़गी और शरर का वज़न घटगा तब तम हवा म_ उठ सकत हो शरर ऊपर जा सकता ह

ऐसी अनक घटनाए ह जो अभी साBबत नह क जा सकती ल0कन व साBबत ह-गी + य-0क जब एक 9 ी चार फट ऊपर उठ

सकती ह तो 0फर बाधा नह दसरा हजार फट ऊपर उठ सकता ह तीसरा अनत अतPरQ म4 पर तरह जा सकता ह

सातक Mप स यह काई सम9 या नह ह चार फट ऊपर उठ 0क चार सौ फट 0क चार हजार फट इसस + या फक पड़ता ह

राम तथा कई अनय क बार म4 कथाए ह 0क व शरर वलन हो गए थ अनक मत शरर इस धरती पर कह नह पाए गए

मोहममद Bबलकल वलन हो गए थ शरर ह नह आपन घोड़ क साथ व कहानया असभव मालम पड़ती ह पौराlणक

मालम पड़ती ह ल0कन जMर नह ह 0क व मथक ह ह- एक बार तम वज़न शनय शि+ त को जान जाओ तो तम

गtltवाकषण क मालक हो गए तम उसका उपयोग भी कर सकत हो यह तम पर नभर करता ह तम सशरर अतPरQ म4

वलन हो सकत हो

ल0कन हमार लए वज़न शG यता सम9 या रहगी सCघासन क वध ह िजस म4 ब बठत ह वजनशनय होन क सव|तम

वध ह जमीन पर बठो 0कसी कसy या अनय आसन पर नह मा जमीन पर बठो अf छा हो 0क उस पर सीम4ट या कोई

कBमता नह हो जमीन पर बठो 0क तम कत क नकटतम रहो और अf छा हो 0क तम नग बठो जमीन पर नग बठोmdash

बासन म4 सCघासन म4

वज़न शनय होन क लए सCघासन सवkषठ आसन ह +य- + य-0क जब तZ हारा शरर इधर-उधर झका होता ह तो तम

` यादा वज़न अनभव करत हो तब तZ हार शरर को गtltवाकषण स भावत होन क लए ` यादा Q ह यVद म_ इस कसy

पर बठा ह तो मर शरर का बड़ा Q गtltवाकषण स भावत होता ह जब तम खड़ हो तो भावत Q कम हो जाता ह

ल0कन बहत दर तक खड़ा नह रहा जा सकता ह महावीर सदा खड़-खड़ L यान करत थ + य-0क उस हालत म4 गtltवाकषण

का G यनतम Q घरता ह तZ हार पर भर जमीन को छत ह जब पाव पर खड़ हो तो गtltवाकषण तम पर G यनतम भाव

करता ह और गtltवाकषण क वज़न ह

पाव- और हाथ- को बाधकर सCघासन म4 बठना ` यादा कारगर होता ह + य-0क तब तZ हार आतPरक वCयत एक वतल

बन जाती ह रढ़ सीधी रखो अब तम समझ सकत हो 0क सीधी रढ़ रखन पर इतना जोर + या Vदया जाता ह + य-0क सीधी

रढ़ स कम स कम जगह घर जाती ह तब गtltवाकषण का भाव कम रहता ह आख बद रखत हए अपन को पर तरह

सतलत कर लो अपन को क4 Vत कर लो पहल दाई और झककर गtltवाकषण का अनभव करो 0फर बाई और झककर

गtltवाकषण का अनभव करो तब उस क4 को खोज- जहा गtltवाकषण या वज़न कम स कम अनभव होता ह और उस

ि9 थत म4 थर हो जाओ

और तब शरर को भल जाओ और भाव करो 0क तम वज़न नह हो तम वज़न शनय हो 0फर इस वज़न शG यता का अनभव

करत रहो अचानक तम वज़न शनय हो जात हो अचानक तम शरर नह रह जात हो अचानक तम शरर शG यता क एक

दसर ह ससार म4 होत हो

वज़न शG यता शरर शG यता ह तब तम मन का भी अत2मण कर जात हो मन भी शरर का Vह9 सा ह पदाथ का Vह9 सा

ह पदाथ का वज़न होता ह तZ हारा कोई वज़न नह ह इस वध का यह आधार ह

0कसी भी एक वध को योग म4 लाओ ल0कन कछ Vदन- तक उसम लग रहो ता0क तZ ह4 पता हो क वह तZ हार लए

कारगर ह या नह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-13

lsquorsquoया कC पना करो 6क मयर पछ क पचरग वतल 9नJ सीम अत(रI म0 तR हार पाच इ=1या ह

SHIVA वान भरव त (त-सmdashवध-13 ओशो

अब उनक सTदय को भीतर ह घलन दो उसी )कार शUय म0 या दवार पर 6कसी बद क साथ कC पना करो जब तक 6क वह

बद वलन न हो जाए तब दसर क लए तR हार कामना सच हो जाती हlsquorsquo

य सार स भीतर क क4 को कस पाया जाए उसस सबधत ह उसक लए जो बनयाद तरकब जो बनयाद वध काम

म4 लायी गयी ह वह यह ह 0क तम अगर बाहर कह भी मन म4 दय म4 या बाहर क 0कसी दवार म4 एक क4 बना सक और

उस पर समता स अपन अवधान को क4 Vत कर सक और उस बीच समच ससारा को भल सक और एक वह Bबद तZ हार

चतना म4 रह जाए तो तम अचानक अपन आतPरक क4 पर फ4 क Vदए जाओग यह कस काम करता ह इस समझो तZहारा

मन एक भगोड़ा ह एक भाग दौड़ ह ह वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह नरतर कह जा रहा ह गत कर रहा ह

पहच रहा ह ल0कन वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह एक वचार स दसर वचार क और अ स ब क और याा

करता रहता ह ल0कन कभी वह अ पर नह Vटकता ह कभी वह ब पर नह Vटकता ह वह नरतर गतमान ह

यह याद रह 0क मन सदा चलायमान ह वह कह पहचन क आशा तो करता ह ल0कन कह पहचता नह ह वह पहच नह

सकता मन क सरचना ह गीतमय ह मन कवल गत करता ह वह मन का अतभत 9 वभाव ह गत ह उसक 02या

ह अ स ब को ब स अ को वह चलता ह जाता ह

अगर तम अ या ब या 0कसी Bबद पर ठहर गए तो मन तमस सघष करगा वह कहगा 0क आग चलो कय-0क अगर तम Mक

गए मन तरत मर जायगा वह गत म4 रहकर ह जीता ह मन का अथ ह 02या ह अगर तमन गत नह क तम Mक गय

तो मन अचानक समापत हो जायगा वह नह बचगा कवल चतना बचगी

चतना तZ हार 9 वभाव ह मन तZ हारा कम ह चलन जसा इस समझना कVठन ह + य-0क हम समझत ह 0क मन कोई

ठोस वा9 तवक व9 त ह वह नह ह मन महज एक 02या ह यह कहना बहतर होगा 0क यह मन नह मनन ह चलन क

तरह यह एक 02या ह चलना 02या ह अगर तम Mक जाओ तो चलना समापत हो जायगा तम तब नह कह सकत 0क

चलना बठना ह तम Mक जाओ तो चलना समापत ह तम Mक जाओ तो चलना कहा ह चलना बद पर ह पर चलना नह

ह पर चल सकत ह ल0कन अगर तम Mक जाओ तो चलना नह होगा

चतना पर जसी ह वह तZ हारा 9 वभाव ह मन चलन जसा ह वह एक 02या ह जब चतना एक जगह स दसर जगह जाती

ह तब वह 02या मन ह जब चतना अ स ब और ब स स को जाती ह तब यह गत मन ह अगर तम गत को बद कर दो तो

मन नह रहगा तम चतन हो ल0कन मन नह ह जस पर तो ह ल0कन चलना नह ह चलना 02या ह कम ह मन भी

02या ह कम ह

अगर तम कह Mक जाओ तो मन सघष करगा मन कहगा बढ़ चलो मन हर तरह स तZ ह4 आग या पीछ या कह भी धकान

क चO टा करगा कह भी सह ल0कन चलत रहो अगर तम जी करो अगर तम मन क नह मानना चाह- तो वह कVठन

होगा कVठन होगा + य-0क तमन सदा मन का हकम माना ह तमन कभी मन पर हकम नह 0कया ह तम कभी उसक

मालक नह रह हो तम हो नह सकत + य-0क तमन कभी अपन को मन स तादाltZय रVहत नह 0कया ह तम सोचत हो

0क तम मन ह हो यह भल 0क तम मन ह हो मन को पर 9 वतता Vदए दती ह + य-0क तब उस पर मल0कयत करन

वाला उस नयण म4 रखन वाला कोई न रहा तब कोई रहा ह नह मन ह मालक रह जाता ह

ल0कन मन क यह मल0कयत तथाकथत ह वह 9 वामतव झठा ह एक बार योग करो और तम उसक 9 वामतव को

नषट कर सकत हो वह झठा ह मन महज गलाम ह जो मालक होन का दावा करता ह ल0कन उसक यह दावदार इतनी

परानी ह इतन जG म- स ह 0क वह अपन को मालक मानन लगा ह गलाम मालक हो गया ह वह एक महज वR वास ह

धारणा ह तम उसक वपरत योग करक दखो और तZ ह4 पता चलगा 0क यह धारणा सवथा नराधार थी

यह पहला स कहता ह lsquorsquoया कY पना करो 0क मोर क पछ क पचरग वतल न9 सीम अतPरQ म4 तZ हार पाच इVया ह अब

उनक सqदय को भीतर ह घलन दोlsquorsquo

भाव करो क तZ हार पाच इVया पाच रग ह और व पाच रग समसत अतPरQ को भर रह ह सफ कY पना करो 0क तZ हार

पच4Vया पाच रग ह सदर-सदर रग सजीव रग और व अनत आकाश म4 फल ह और तब उन रग- क बीच Sमण करो

उनक बीच गत करो और भाव करो 0क तZ हार भीतर एक क4 ह जहा य रग मलत ह यह मा कY पना ह ल0कन यह

सहयोगी ह भाव करो 0क य पाच- रग तZ हार भीतर वश कर रह ह और 0कसी Bबद पर मल रह ह

य पाच रग सच ह 0कसी Bबद पर मल4ग और सारा जगत वलन हो जाएगा तZ हार कY पना म4 पाच ह रग ह और तZ हार

कY पना क रग आकाश को भर द4ग तZ हार भीतर गहर उतर जाएग 0कसी Bबद पर मल जाएग

0कसी भी Bबद स काम चलगा ल0कन हारा बहतर रहगा भाव करो 0क सारा जगत रग ह रग हो गया ह और व रग तZ हार

नाभ क4 पर तZ हार हारा क4 Cर-Bबद पर मल रह ह उस Bबद को दखो उस Bबद पर अवधान को एका करो और तब एका

करो तब त वह Bबद वलन न हो जाए वह वलन हो जाता ह + य-0क वह भी कY पना ह याद रह 0क जो कछ भी हमन

0कया ह सब कY पना ह अगर तम उस पर एका होओ तो तम अपन क4 पर ि9 थर हो जाओग तब ससार वलन हो

जायगा तZ हार लए ससार नह रहगा

इस L यान म4 कवल रग ह तम समच ससार को भल गय हो तम सार वषय- को भल गए हो तमन कवल पाच रग चन ह

कोई पाच रग चन जो य L यान उन लोग- क लए ह िजनक aिO ट पनी ह िजनक रग क सवदना गहर ह यह सबक लए

नह ह य उG ह4 लोग- क लए सहयोगी ह िजसक पास चकार क नजर हो यVद तZ ह4 हर रग एक हजार हर नजर नह

आत तो तम भल जाओ इस L यान को और आग बढ़ो य काम उनक काम का ह जो चकार क पन नगाह रखत ह

और जो आदमी रग क त सवदनशील ह उसको तम कहो 0क समच आकाश को रग स भरा होन क कY पना करो तो वह

यह कY पना नह कर पाएगा वह यVद कY पना करन क कोशश भी करगा वह लाल रग क सोचगा तो लाल शबद को

दखगा ल0कन उस कY पना म4 लाल रग Vदखाई नह पड़गा वह हरा शबद तो कहगा शबद भी वहा होगा ल0कन हPरयाल

वहा नह होगी

तो तम अगर रग क त सवदनशील हो तो इस वध का योग करो पाच रग ह समचा जगत पाच रग ह और व रग

तमम4 मल रह ह तZ हार भीतर कह गहर म4 व पाच- रग मल रह ह उस Bबद पर चत को एका करो और एका करो

उसस हटो नह उस पर डट रहो मन को मत आन दो रग- क सबध म4 हर लाल और पील रग- क बार म4 वचार मत करो

सोचो ह मत बस उनह4 अपन भीतर मलत हए दखो उनक बार म4 वचार मत करो अगर तम वचार 0कया तो मन वश

कर गया सफ रग- क भर जाओ उन रग- को अपन भीतर मलन दो और तब उस मलन Bबद पर अवधान को क4 Vत करो

सोचो मत एकाता सोचना नह ह वचारणा नह ह मनन नह ह

तम अगर सचमच रग- स भर जाओ और तम एक इधनष एक मोर ह बन जाओ और तZ हारा आकाश रगमय हो जाए तो

उसम4 तZ ह4 एक सqदय-बोध होगा गहरा गहरा सqदय बोध ल0कन उसक सबध म4 वचार मत करो यह मत कहो 0क यह

सदर ह वचारणा म4 मत चल जाओ उस Bबद पर एका होओ जहा य रग मल रह ह और एकाता को बढ़ात जाओ

गहरात हो तो कY पना नह Vटक सकती वह वलन हो जाएगी

ससार पहल ह वलन हो चका ह सफ रग रह गए थ व रग तZ हार कY पना थ और व काY पनक रग एक Bबद पर मल

रह ह वह Bबद भी काY पनक था अब गहर एकाता स वह Bबद भी वलन हो जाएगा अब तम कहा रहोग अब तम कहा

हो तम अपन क4 म4 ि9 थत हो जाओग

इस लए स कहता ह lsquorsquoशनय म4 या दवार म4 0कसी Bबद परhelliphellip

यह सहयोगी होगा अगर तम रग- क कY पना नह कर सकत तो दवार पर 0कसी Bबद स काम चलगा काई भी चीज

एकाता क वषय क Mप म4 ल लो अगर वह आतPरक हो अतस का हो तो बहतर

ल0कन 0फर दो तरह क gt यि+ ततव होत ह जो लोग अतमखी ह उनक लए उनक भीतर ह सब रग- क मलन क धारण

आसान ह ल0कन जो बVहमखी लोग ह व भीतर क धारणा नह बना सकत व बाहर क ह कY पना कर सकत ह उनक

चत बाहर ह याा करता ह व भीतर नह गत कर सकत उनक भीतर कोई आतPरकता नह ह

अज दाशनक डवड मम न कहा ह जब भी म_ भीतर जाता ह वहा मझ कोई आlt मा नह मलती जो भी मलता ह वह

बाहर क तBबब हmdashकोई वचार कोई भाव कभी 0कसी आतPरकता का दशन नह होता सदा बाहर जगत ह वहा

तBबBबत मलता ह यह kषठतम बVहमखी चत ह और डवड मम सवाधक बVहमखी चत वाल- स एक ह

इसलए अगर तZ ह4 भी तर कछ धारणा क लए न मल और तZ हारा मन पछ 0क यह आतPरकता + या ह तो अf छा ह 0क

दवार पर 0कसी Bबद का योग करो

लोग मर पास आत ह और पछत ह 0क भीतर कस जाया जाए उनक लए यह सम9 या ह + य-0क अगर तम बVहगामता ह

जानत हो तZ ह4 अगर बाहर-बाहर गत करना ह आता ह तो तZ हार लए भीतर जाना कVठन होगा और अगर तम

बVहमखी हो तो भीतर इस Bबद का योग मत करो उस बाहर करो नतीजा वह होगा दवार पर एक Bबद बनाओ और उस

पर चत को एका करो ल0कन तब खल आख स एकाता साधनी होगी अगर तम भीतर क4 बनात हो तो बद आखो स

एकाता साधनी ह

दवार पर Bबद बनाओ और उस पर एका होओ असल बात एकाता क कारण घटती ह Bबद क कारण नह बाहर ह या

भीतर यक ासगक नह ह यह तम पर नभर ह अगर दवार पर दख रह हो एका हो रह हो तो तब तक एकाता साधो

जब तक वह Bबद वलन न हो जाए

इस बात को r याल म4 रख लो जब तक Bबद वलन न हो जाएlsquorsquo

पलक- को बद मत करो + य-0क उसस मन को 0फर गत करन क लए जगह मल जाती ह इसलए अपलक दखत रहो

+ य-0क पलक क गरन स मन वचार म4 सलगन हो जाता ह पलक क गरान स अतराल पदा होता ह और एकाता नषट

हो जाती ह इसलए पलक झपकना नह ह

तमन बोधधम क वषय म4 सना होगा मनषय क पर इतहास म4 जो बड़ L यानी हए ह वह उनम4 स एक था उसक सबध म4

एक ीतकर कथा कह जाती ह वह बाहर क 0कसी व9 त पर L यान कर रहा था उसक आख4 झपक जाती थी और L यान

टट-टट जाता था तो उसन अपनी पलक- को उखाड़कर फ4 क Vदया बहत सदर कथा ह 0क उसन अपनी पलक- को उखाड़कर

फ4 क Vदया और 0फर L यान करना शM 0कया कछ हpत- क बाद उसन दखा 0क जहा उसक पलक4 गर थी उस 9 थान पर

कोई पौध उग आए थ

यह घटना चीन क एक पहाड़ पर घVटत हई थी उस पहाड़ का नाम टा था इसलए जो पौध वहा उग आए थ उनका नाम ट

पडा और यह कारण ह 0क चाय जागरण म4 सहयोगी होती ह इसलए जब तZ हार पलक4 झपकन लग4 और तम नीद म4

उतरन लगो तो एक ] याल चाय पी लो व बोधधम क पलक4 ह इसी वजह स झन सत चाय को पव मानत ह चाय कोई

मामल चीज नह ह वह पव ह बोधधम क आख क पलक ह

जापान म4 तो व चायोतसव करत ह lt यक पPरवार म4 एक चायघर होता ह जहा धामक अनO ठान क साथ चाय पी जाती

ह यह पव ह और बहत ह Lयान पण मा म4 चाय पी जाती ह जापान न चाय क इद-गद बड़ सदर अनOठान नमत

0कय ह व चाय घर म4 ऐस वश करत ह जस व 0कसी मVदर म4 वश करत हो तब चाय तयार क जाएगी और हरक

gt यि+ त मौन होकर बठगा और समोवार क उबलत सवर को सनगा उबलती चाय का उसक वाषप का गीत सब सन4ग वह

कोई अदना व9 त नह ह बोधधम क आख क पलक ह और च0क बोधधम खल आख- स जागन क कोशश म4 लगा था

इसलए चाय सहयोगी ह और च0क यह कथा टा परवत पर घVटत हई इसलए वह ट कहलाती ह

सच हो या न हो यह कहानी सदर ह अगर तम बाहर एकाता साध रह हो तो अपलक दखना जMर ह समझो 0क तZ हार

पलक4 नह ह पलक- को उखाड़ फ4 कन का यह अथ ह तZ ह4 आख4 तो ह ल0कन उनक ऊपर झपकन को पलक4 नह ह और

तब एकाता साधो जब तक Bबद वलन नह हो जाता

Bबद वलन हो जाता ह अगर तम लग रह अगर तमन सकलप क साथ मन को चलायमान नह होन Vदया तो Bबद वलन

हो जाता ह अगर तम उस Bबद पर एका थ और तZ हार लए ससार म4 इस Bबद क अलावा कछ भी नह था अगर सारा

ससार पहल ह वलन हो चका था और वह Bबद बचा था और यह Bबद भी वदा हो गया तो अब चतना कह और गत नह

कर सकती उसक लए जान को कह न रहा सार आयाम बद हो गए अब चत अपन ऊपर फ4 क Vदया जाता ह अब चतना

अपन आप म4 लौट आती ह और तब तम क4 म4 वषट हो गए

तो चाह भीतर हो या बाहर तब तक एकाता साधो जब तक Bबद वसिजत नह होता यह Bबद दो कारण- स वसिजत

होगा अगर वह भीतर ह तो काY पनक ह और इसलए वलन हो जाएगा और अगर यह बाहर ह तो वह काY पनक नह

असल ह तमन दवार पर Bबद बनाया ह और उस पर अवधान को एका 0कया ह तो यह Bबद + य- वलन होगा भीतर क

Bबद का वलन होना तो समझा जा सकता ह कय-0क वह वहा था नह तमन उस किY पत कर लया था ल0कन दवार पर

तो वह ह वह + य- वलन होगा

वह एक वशष कारण स वलन होता ह अगर तम 0कसी Bबद पर चत को एका करत हो तो यथाथ म4 वह Bबद वसिजत

नह होता ह तZ हारा मन ह वसिजत होता ह अगर तम 0कसी बम Bबद पर एका हो रह हो तो मन क गत बद हो जाती

ह और मन गत क Bबना जी नह सकता वह Mक जाता ह वह मर जाता ह और जब मन Mक जाता ह तम बाहर क

0कसी भी चीज क साथ सबधत नह हो सकत हो तब अचानक सभी सत टट जात ह + य-0क मन ह तो सत ह

जब तम दवार पर 0कसी Bबद पर मन को एका कर रह हो तो तZ हारा मन + या करता ह वह नरतर तमस Bबद तक और

Bबद स तम तक उछलकद करता रहता ह एक सतत उछलकद क 02या चलती ह जब मन वचलत होता ह तो तम Bबद

को नह दख सकत + य-0क तम यथाथ आख म4 स नह मन स और आख स Bबद को दखत हो अगर मन वहा न रह तो

आख4 काम नह कर सकती तम दवार को घरत रह सकत हो ल0कन Bबद नह Vदखाई पड़गा + य-0क मन न रहा सत टट

गया Bबद तो सच ह वह ह इसलए जब मन लौट आएगा तो 0फर उस दख सकोग ल0कन अभी नह दख सकत अभी

तम बाहर गत नह कर सकत अचानक तम अपन क4 Cर पर हो

यह क4 9 थता तZ ह4 तZ हार अि9 ततवगत आधार क त जागMक बना दगी तब तम जान-ग 0क कहा स तम अि9 ततव क

साथ सयकत हो जड़ हो तZ हार भीतर ह वह Bबद ह जो समसत अि9 ततव क साथ जड़ा हआ ह जो उसक साथ एक ह और

जब एक बार इस क4 को जान गए तो तम घर आ गए तब यह ससार परदश नह रहा और तम परदशी नह रह तब जान

गए तो तम घर आ गए तब तम ससार क हो गए तब 0कसी सघष क 0कसी लड़ाई क जMरत नह रह तब तZ हार और

अि9 ततव क बीच शता न रह अि9 ततव तZ हार मा हो गई

यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर वषट हआ और बोधपण हआ ह यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर 9 फVटत हआ

ह यह अनभत यह तीत यह घटना और 0फर दःख नह रहगा तब आनद कोई घटना नह हmdashऐसी घटना जो आती ह

और चल जाती ह तब आनद तZ हारा 9 वभाव ह जब कोई अपन क4 म4 ि9 थत होता ह तो आनद 9 वाभावक ह तब कोई

आनदपण हो जाता ह

0फर धीर-धीर उस यह बोध भी जाता रहता ह 0क वह आनदपण ह + य-0क बोध क लए वपरत का होना जMर ह अगर

तम दःखी हो तो आनVदत होन पर तZ ह4 आनद क अनभत होगी ल0कन जब दःख नह ह तो धीर-धीर तम दःख को पर

तरह भल जात हो और तब तम अपन आनद को भी भल जात हो और जब तम अपन आनद को भी भलत हो तभी तम सच

म4 आनVदत हो तब वह 9 वाभावक ह जस तार चमकत ह नVदया बहती ह वस ह तम आनदपण हो तZ हारा होना ह

आनदमय ह तब यह कोई घटना नह ह तब तम ह आनद हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-14

दसर स क साथ भी यह तरकब वह वा9नक आधार यह )6या काम करती ह

ShivaParvati त-सmdashवध-14 (वान भरव त ओशो

अपन पर अवधान को अपन मVदड क मधय म0 कमल-तत सी कोमल J नाय म0 िJ थत करो और इसम पात(रत हो जाओ

इस स क लए L यान क इस वध क लए तZ ह4 अपनी आख बद कर लनी चाVहए और अपन मtदड को अपनी रढ़ क

हडी को दखना चाVहए दखन का भाव करना चाVहए अf छा हो 0क 0कसी शरर शा9 क पसतक म4 या 0कसी

च0कlt सालय या मWडकल कालज म4 जाकर शरर क सरचना को दखो-समझ लो तब आख बद करो और मtदड पर

अवधान लगाओ उस भीतर क आखो स दखो और ठUक उसक मधय स जात हए कमल तत जस कोमल 9 नाय का भाव

करो

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

अगर सभव हो तो इस मtदड पर अवधान को एका करो और तब भीतर स मधय स जात हए कमल तत जस 9 नाय पर

एका होओ और यह एकाता तZ ह4 तZ हार क4 पर आMढ़ कर दगी + य-

मtदड तZ हार समची शरर-सरचना का आधार ह सब कछ उसस सयकत ह जड़ा हआ ह सच तो यह ह 0क तZ हारा

मि9 तषक इसी मtदड का एक छोर ह शरर शा9 ी कहत ह 0क मि9 तषक मtदड का ह व9 तार ह तZ हारा मि9 तषक

मtदड को वकास ह और तZ हार रढ़ तZ हार सार शरर स सबधत ह सब कछ उसस सबधत ह यह कारण ह 0क उस

रढ़ कहत ह आधार कहत ह

इस रढ़ क अदर एक तत जसी चीज ह ल0कन शरर शा9 ी इसक सबध म4 कछ नह कह सकत यह इसलए 0क यह

पौदगलक नह ह इस मtदड म4 इसक ठUक मधय म4 एक रजत-र` ज ह एक बहत कोमल नाजम 9 नाय ह शारPरक अथ

म4 वह 9 नाय भी नह ह तम उस काट-पीट कर नह नकाल सकत वह वहा नह मलगा ल0कन गहर L यान म4 वह दखा

जाता ह यह ह ल0कन वह अपदाथ ह अव9 त ह वह पदाथ नह उजा ह और यथाथत तZ हार मtदड क वह ऊजा-र` ज

तZ हारा जीवन ह उसक Cवारा ह तम अaशय अि9 ततव क साथ सबधत हो वह aशय और अaशय क बीच सत ह उस

तत क Cवारा ह तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

तो पहल तो मtदड क कY पना करो उस मन क आख- स दखो और तZ ह4 अvत अनभव होगा अगर तम मtदड का

मनोदशन करन क कोशश करोग तो यह दशन Bबलकल सभव ह और अगर तम नरतर चO टा म4 लग रह तो कY पना म4

ह नह यथाथ म4 भी तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

म_ एक साधक को इस वध का योग करवा रहा था म_न उस शरर-स9 थान का एक च दखन को Vदया ता0क वह उसक

जPरए अपन भीतर क मtदड को मन क आख- स दखन म4 समथ हो सक उसन योग शM 0कया और स] ताह भर क अदर

आकर उसन मझस कहा आR चय क बात ह 0क मन आपक Vदए च को दखन क कोशश क ल0कन अनक बार वह च

मर आख- क सामन स गायब हो गया और एक दसरा मtदड मझ Vदखाई Vदया यह मtदड च वाल मtदड जसा नह था

म_न उस साधक को कहा क अब तम सह रा9 त पर हो अब च को Bबलकल भल जाओ और उस मtदड को दखा करो जो

तZ हार लए aशय हआ ह

मनषय भीतर स अपन शरर स9 थान को दख सकता ह हम इसको दखन क कोशश नह करत + य-0क वह aशय डरावना

ह वीभतस ह जब तZ ह4 तZ हार रकत मास और अि9 थपजर Vदखाई पड़4ग तो तम भयभीत हो जाओग इसलए हमन अपन

मन को भीतर दखन स Bबलकल रोक रखा ह हम भी अपन शरर को उसी तरह बहार स दखत ह जस दसर लोग दखत ह

वह वसा ह ह जस तम इस कमर को इसक बहार जाकर दखो तम सफ इसक बहार दवार- को दखोग4 0फर तम भीतर आ

जाओ और दखो तब तZ ह4 भीतर दवार4 Vदखाई द4गी तम तो सफ बाहर स अपन शरर को इस तरह दखत हो िजस तरह

कोई दसरा आदमी उस दखता हो भीतर स तमन अपन शरर को नह दखा ह हम दख सकत ह ल0कन इस भय क कारण

वह हमार लए आR चय क चीज बना ह

भारतीय योग क प9 तक4 शरर क सबध म4 ऐसी बात4 बताती ह जो नए वानक शोध स हबह सह ह ल0कन वान यह

समझन म4 असमथ ह 0क योग को इनका पता कस चला वह इG ह4 कस जान सका शलय-च0कlt सा और मानव शरर का

ान बहत हाल क घटनाए ह इस हालत म4 योग इन सार 9 नायओ को सभी क4 - को शरर क पर आतPरक स9 थान को

कस जान गया जो अlt यत हाल क खोज ह आR चय 0क व उG ह4 भी जानत थ उG होन उसक चचा भी 0क थी उन पर काम

भी 0कया था योग को शरर क बनयाद और महlt वपण चीज- क वषय म4 सब कछ मालम रहा ह ल0कन योग चीर फाड़

नह करता था 0फर उस उसक इतनी सार बात4 कस मालम हई थी

सच तो यह ह 0क शरर को दखन जानन का एक दसरा ह रा9 ता ह वह उस अदर स दखना ह अगर तम भीतर एका हो

सको तो तम अचानक अदMनी शरर को उसक भीतर रखा च को दखन लगोग

यह वध उन लोगो क लए उपयोगी ह जो शरर स जड ह अगर तम भौतकवाद हो अगर तम सोचत हो 0क तम शरर क

अतPरकत और कछ नह हो तो यह वध तZ हार बहत काम क होगी अगर तम चावाक या माक स क मानन वाल हो

अगर तम मानत हो 0क मनषय शरर क अलावा कछ नह ह तो तZ ह4 यह वध बहत सहयोगी होगी तो तम जाओ और

मनषय क अि9 थ स9 थान को दखो

त या योग क परानी परपराओ म4 व अनक तरह क हWडय- का उपयोग करत थ अभी भी ताBक अपन पास कोई न कोई

हडी या खोपड़ी रखता ह दरअसल वह भीतर स एकाता साधन का उपाय ह पहल वह उस खोपड़ी पर एकाता साधता ह

0फर आख4 बद करता ह और अपनी खोपड़ी का L यान करता ह वह बाहर क खोपड़ी क कY पना भीतर करता जाता ह और

इस तरह धीर-धीर अपनी खोपड़ी क तीत उस होन लगती ह उसक चतना क4 Vत होन लगती ह

वह बाहर खोपड़ी उसका मनोदशन उस पर L यान सब उपाय ह और अगर तम एक बार अपन भीतर क4 भत हो गए तो

तम अपन अगठ स सर तक याा कर सकत हो तम भीतर चलो वहा एक बड़ा माड ह तZ हारा छोटा शरर एक बड़ा

माड ह

यह स मtदड का उपयोग करता ह + य-0क मtदड क भीतर ह जीवन र` ज छपा ह यह कारण ह 0क सीधी रढ़ पर इतना

जोर Vदया जाता ह + य-0क अगर रढ़ सीधी न रह तो तम भीतर र` ज को नह दख पाओग वह बहत नाजक ह बहत

सQम ह वह ऊजा का वाह ह इसलए अगर तZ हार रढ़ सीधी ह Bबलकल सीधी तभी तZ ह4 उस सQम जीवन र` ज क

झलक मल सकती ह

ल0कन हमार मtदड सीध नह ह Vहद बचपन सह मtदड को सीधा रखन का उपाय करत ह उनक बठन उठन चलन सोन

तक क ढग सीधी रढ़ पर आधाPरत थ और अगर रढ़ सीधी नह ह तो उसक भीतर तlt व- को दखना बहत कVठन बहत

कVठन होगा वह नाजम ह सQम ह वासतव म4 पौदगलक नह ह वह अपौदगलक ह वह शि+ त ह इसलए जब मtदड

Bबलकल सीधा होता ह तो वह र` जवत शि+ त दखन म4 आती ह

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

और अगर तम इस र` ज पर एका हए तमन उसक अनभत और उपलिc ध क तब तम एक नए काश स भर जाओग

वह काश तZ हार मtदड स आता होगा वह तZहार पर शरर पर फल जाएगा वह तZ हार शरर क पास भी चला जाएगा

और जब काश शरर क पार जाता ह तब भामडल Vदखाई दत ह हरक आदमी का भामडल ह ल0कन साधारणत

तZ हार भामडल छाया क तरह ह िजनम काश नह होता व तZ हार चार- और काल छाया क तरह फल होत ह और व

भामडल तZ हार lt यक मनोभाव को अभgt यकत करत ह तब तम 2ोध म4 होत हो तो तZ हारा भामडल रकत रिजत जसा

हो जाता ह उसम 2ोध लाल रग म4 अभgt यकत होता ह जब तम उदास बझ-बझ हतभ होत हो तो तZ हारा भामडल

काल ततओ स भरा होता ह मान- तम मlt य क नकट होmdashसब मत और बोlझल और जब यह मtदड क भीतर का तत

उपलबध होता ह तब तZ हारा भामडल सचमच म4 भा मWडत होता ह

इस लए ब महावीर कषण 2ाइ9ट महज सजावट क लए भामडल स नह चBत 0कए जात ह व भामडल सच म4

होता ह तZ हारा मtदड काश व0करlणत करन लगता ह भीतर तम बतव को ापत होत हो बहार तZ हारा सारा शरर

काश काश शरर हो उठता ह और तब उसक भा बहार भी फलन लगती ह इसलए 0कसी ब पMष क लए 0कसी स

यह पछना जMर नह ह 0क तम + या हो तZ हारा भामडल सब बता दगा और जब कोई शषय बतव ापत करता ह तो

गt को पता हो जाता ह + य-0क भामडल सब कट कर दता ह

म_ तZह4 एक कहानी बताऊ एक चीनी सत हई न4ग जब पहल-पहल अपन गt क पास पहचा तो गt न कहा 0क तम 0कस

लए आए हो तZ ह4 मर पास आन क जMरत नह थी हई न4ग क समझ म4 कछ नह आया उसन सोचा 0क अभी गt Cवारा

9 वीकत होन क उसक पाता नह ह ल0कन गt कछ और ह चीज दख रहा था वह Cवारा 9 वीकत होन क उसक पाता

नह ह ल0कन गt कह रहा था 0क अगर तम मर पास नह भी आओ तो भी दर-अबर यह घटना घटन ह वाल ह तम उसम

ह हो इसलए मर पास आन क जMरत नह ह

ल0कन हई न4ग न ाथना क 0क मझ अ9 वीकार न कर4 तो गt न उस वश Vदया और कहा 0क आkम क पछवाड़ म4 जो

रसोईघर ह उसम जाकर काम करो और 0फर दसर बार मर पास मत आना जब जMरत होगी म_ ह तZ हार पास आऊगा

हई न4ग को कोई L यान करन को नह बताया गया न कोई शा9 पढ़न को कहा गया उस कछ भी नह सखाया गया उस

बस रसोईघर म4 रख Vदया गया वह एक बहत बड़ा आkम था िजसम4 कोई पाच सौ भQ रहत थ उनम4 पWडत वCघान

L यानी योगी सब थ और सब साधना म4 लग थ ल0कन हई न4ग कवल चावल साफ कतरा या कटता था और रसोई क

भीतर ह काम करता रहा इस तरह स बारह वष बीत गय हई न4ग इस बीच गt क पास दबारा नह गया + य-0क इजाजत

नह थ वह तीQा करता रहा वह सफ तीQा ह करता रहा और लोग उस महज नौकर समझत थ कोई उस पर L यान

भी नह दता था उस आkम म4 पWडत- और L यानय- क कमी नह थी उनक बीच एक चावल कटन4 वाल क + या Bबसात

थी

और 0फर एक Vदन गt न घोषणा क 0क मर मlt य नकट ह और म_ अब चाहता ह 0क 0कसी को अपना उlt तराधकार

बनाऊ इसलए जो समझत ह- 0क व बतव को ापत ह व चार पि+ तय- क एक कवता रच िजसम वह सब gt यकत कर द4

जो उG ह-न जाना ह गt न यह भी कहा 0क िजसक कवता म4 सच म4 बतव gt यि+ त होगा उस म4 अपना उतराधकार

चनगा

उस आkम म4 एक महापWडत था इसलए उस तयोगता म4 0कसी न भाग नह लया सब यह सोचत थ 0क महापWडत

जीतगा वह शा9 - का बड़ा ाता था सो उसन चार पि+तया लखी उन चार पि+ तय- म4 उसन लखा-

मन एक दपण ह िजस पर धल जम जाती ह

धल को साफ कर दो सतय अनभव म0 आ जाता ह

बXतव )ािY त हो जाती ह

ल0कन वह महापWडत भी डरता था + य-0क गt को पता था 0क कौन ान को उपYबध ह कौन नह यCयप महापWडत न

जो लखा था वह बहत सदर था सब शा9 - का सार-नचोड था यह तो सब वद- का सार था ल0कन पWडत डरता था 0क यह

उसन शा9 - स लया था इसम उसका अपना कछ भी नह ह इस लए वह सीधा गt क पास नह गया वह रात क अधर म4

गt क झोपड़ी पर गया और उनक दवार पर व चार पि+ तया लख द उसन नीच ह9 ताQर भी नह 0कया उसन सोचा 0क

अगर गt न उG ह4 9 वीकत द तो म_ कहगा 0क म_न लखा ह और अगर गt न ठUक नह कहा तो चप रहगा

ल0कन गt न 9 वीकत द द सबह उGह-न कहा 0क िजस gt यि+ त न य पि+ त लखी ह वह ानी ह समच आkम म4 उसक

चचा होन लगी सब तो जानत थ 0क 0कसन लखा ह व चचा करन लग 0क पि+ तया तो सदर ह सचमच सदर थी

इसी चचा म4 लग कछ भQ रसोईघर म4 पहच य चाय पीत थ और चचा करत थ हई न4ग उG ह4 चाय पील रहा था उसन सह

बात सनी जब व चार पि+ तया उसन सनी तब वह हसा इस पर 0कसी न उसस पछा 0क तम + य- हस रह हो तम तो कछ

जानत भी नह हो बारह वष[ स तम तो च-क स बहार भी नह नकल हो तZ ह4 0कस बात को पता ह तम + य- हस रह हो

0कसी न इसस पहल उस भQ को हसत नह दखा था वह तो महा मढ़ समझा जाता था िजस बात करनी भी नह आती थी

उसन कहा 0क म_ लखना नह जानता ह और म_ ानी भी नह ह ल0कन व चार पि+ तया गलत ह अगर कोई gt यि+ त मर

साथ आय तो म_ चार पि+तया बना सकता ह और वह उस दवार पर लख द म_ लखना नह जानता ह

एक भQ मजाक म4 उसक साथ चल Vदया उसन पीछ ऐ भीड़ भी वहा पहच गई सब क लए य कतहल भर बात थी 0क एक

चावल कटन4 वाला म ान क चार लाईन4 बातयगा न4ग न लखवाया

कसा दपण कसी धल

न कोई मन ह

न कोई दपण

6फर धल जमगी कहा

जो यह जान गया

वह उपलबध हो गया धम को

ल0कन जब गt आया तो उसन कहा क य गलत ह हई न4ग न गt क पर छए और वह रसोई घर म4 लोट गया

रात म4 जब सब सोए थ गt न4ग क पास आया और चप स कहा तम सह हो ल0कन म_ तZ हार बात को उन मख[ क सामन

सह नह कह सकता व वCघान मख ह और अगर म_ कहता ह 0क मर उlt तराधकार तम हो तो वह तZ ह4 मार द4ग और

यह बात दसर- को मत कहाना तम यहा स भाग जाओ िजस Vदन तम यहा आय थ उसी Vदन म_ जान गया था तZ हार

भामडल को दख कर 0क तम ह मर उतराधकार हो और बारह वष क मौन न िजसम तZ हारा भामडल पण हो चला

तम पण च हो गए हो ल0कन यहा स नकल जाओ वरना व लोग तZ ह4 मार द4ग तम यहा बारह वष स हो नरतर तZहार

काश व0करण हो रहा ह ल0कन कोई उस दख नह सका यCयप हर Vदन कोई न कोई तZ ह4 दो या तीन बार Vदन म4 दखता

ह इसी लए म4न तZ ह4 रसोई घर म4 रखा था कोई तZ हार भामडल को नह दख सका इस लए तम यहा स भाग जाओ

जब मtदड का यह तत दख लया जाता ह उपलबध होता ह तब तZ हार चार- और एक भामडल बढ़न लगता ह इसम4

MपातPरत हो जाओ उस काश स भर जाओ और MपातPरत हो जाओ यह भी क4 Vत होना ह मtदड म4 क4 Vत होना

अगर तम शरर वाद हो तो यह तZ हार काम आयगी अगर नह तो यह कVठन ह तब भीतर स शरर को दखना कVठन

होगा यह वध पMष- क बजाए ि9 य- क लए ` यादा कारगर होगी ि9 या ` यादा शरवाद होती ह व शरर म4 अधक

रहती ह और कY पनाशील भी होती ह शरर का मनोदशन उनक लए आसान ह ि9 या पMष- स ` यादा शरर क4 Vत होती

ह ल0कन जो कोई भी शरर को महसस कर सकता ह जो कोई भी आख बद कर अदर शरर को दख सकता ह उसक लए

यह वध बहत सहयोगी ह

पहल अपन मtदड को दखो 0फर उसक बीच स जाती हई रजत-र` ज को पहल तो वह कY पना ह होगी ल0कन धीर-धीर

तम पाओग 0क कY पना वलन हो गई ह और िजस Qण तम आतPरक ततव को दखोग4 अचानक तZ ह4 तZ हार भीतर

काश का व9 फोट अनभव होगा

कभी-कभी यह घटना यास क Bबना भी घटती ह यह होता ह 0फर तZ ह4 कह 0कसी गहर सभोग क Qण म4 यह होता ह

त जानता ह 0क गहर काम-कतय म4 तZ हार सार ऊजा रढ़ क पास इकी हो जाता ह असल म4 गहर काम कतय म4 रढ़

Bबजल छोड़न लगती ह कभी-कभी तो ऐसा होता ह 0क रढ़ को छन स तZ ह4 ध+ का लगता ह और अगर सभोग गहरा हो

मपण हो लबा हो अगर दो मी गाढ़ मालगन म4 ह- शात और नशचल एक दसर को भरत हए तो घटना घटती ह

कई बार ऐसा हआ ह 0क अधरा कमरा अचानक रोशनी स भर जाता ह और दोन- शरर- काक एक नील भामडल घर लता

ऐसी अनक घटनाए हई ह तZ हार अनभव म4 भी ऐसा हआ होगा 0क अधर कमर म4 गहर म म4 उतरन पर तZ हार दो शरर-

क चार- और एक रोशनी सी हो गई ह और फल कर पर कमर म4 भर गई हो कई बार ऐसा हआ ह 0क 0कसी aशय कारण क

Bबना ह कमर क मज पर स अचानक चीज4 उछल कर नीच गर गई ह ओर अब मानि9 वद बतात ह 0क गहर काम-कतय म4

Bबजल क तरग4 छटती ह और उसक कई भाव और पPरमाण हो सकत ह चीज4 अचानक गर सकती ह Vहल सकती ह

टट सकती ह ऐस काश क फोटो भी लए गए ह ल0कन यह काश सदा मtदड क इद-गद इका होता ह

तो कभी-कभी काम-कतय क दौरान भी तम जाग सकत हो अगर तम अपन मtदड क बीच स जाती हई रजत-र` ज को दख

सको त को यह बात भलभत पता ह और उसन इस पर काम भी 0कया ह त नप इस उपलिc ध क लए सभोग का भी

उपयोग 0कया ह ल0कन उसक लए काम कतय को सवथा भनन ढग का होना पड़गा उसका गण धम भनन होगा उस

हालत म4 काम कतय 0कसी तरह नबट लन क महज सखलन क Cवारा छी पा लन क झट-पट उसस गजर जान क बात

नह रहगी तब वह एक शारPरक कम नह रहगा तब वह एक गहरा आL यािlt मक मलन होगा तब यथाथ म4 वह दो दह- क

Cवारा दो आतPरकताओ का दो आlt माओ का एक दसर म4 वश होगा

इसलए मरा सझाव ह 0क जब तम गहर काम कतय म4 होओ तो इस वध को योग म4 लाओ यह आसान हो जायगी यौन

को भल जाओ जब गहर आलगन म4 उतरो बस भीतर रहो और दसर gt यि+ त को भल जाओ भीतर जाओ और अपन

मtदड को दखो उस समय मM दड क पास अधक उजा वाVहत होती ह + य-0क तम शात होत हो और तZ हारा शरर

वkाम म4 होता ह म गहर स गहरा वkाम ह ल0कन हमन उस भी तनाव बना लया ह हमन उस एक चता एक बोझ म4

बदल लया ह

म क ऊO मा म4 जब तम भर-भर और शथल हो आख4 बद कर लो सामानयत पMष आख4 बद नह करत ि9 या करती

ह इसलए म_न कहा 0क पMष- क बजाए ि9 या अधक शरर वाद ह काम-कतय क गहर आलगन म4 उतरन पर ि9 या

आख4 बद कर लती ह दरअसल व खल आख- स म नह कर सकती आख- क बद रहन पर व भीतर स शरर को अधक

महसस कर पाती ह

तो आख4 बद कर लो और शरर को महसस करो वkाम म4 उतर जाओ और मMदड पर चत एका करो और यह स बहत

सरल ढग स कहता ह lsquorsquoइसम4 MपातPरत हो जाओlsquorsquo तम इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग

ओशो

वान भरव ततर

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-15 ओशो

क0 =1त होन क तीसर वध

lord-shiva-त-सmdashवध-15 वान भरव तndashओशो

lsquorsquoसर क सात Gवार2 को अपन हाथ2 स बद करन पर आख2 क बीच का J थान सवाह हो जाता हlsquorsquo

यह एक परानी स परानी वध ह और इसका योग भी बहत हआ ह यह सरलतम वधय- म4 एक ह सर क सभी Cवार-

को आख कान नाक मह सबको बद कर दो जब सर क सब Cवार दरवाज बद हो जात ह तो तZ हार चतना तो सतत

बहार बह रह ह एकाएक Mक जाती ह ठहर जाती ह वह अब बाहर नह जा सकती

तमन r याल नह 0कया 0क अगर तम Qण भर क लए R वास लना बद कर दो तो तZ हारा मन भी ठहर जाता ह + य-

+ य-0क R वास क साथ मन चलता ह वह मन का एक स9 कार ह तZ ह4 समझना चाVहए 0क यह स9 कार + या ह तभी इस

स को समझना आसान होगा

Mस क अत स मानि9 वद पावलफ न स9 कारजनत त02या को कडीशड Pरpलकस को दनयाभर म4 आम बोलचाल

म4 शामल करा Vदया ह जो gt यि+ त भी मनोवान स जरा भी पPरचत ह इस शबद को जानता ह वचार क दो kखलाए

कोई भी दो kखलाए इस तरह एक दसर स जड़ सी जाती ह 0क अगर तम उनम4 स एक को चलाओ तो दसर अपन आप शM

हो जाती ह

पावलफ न एक कlt त पर योग 0कया उसन दखा 0क तम अगर कlt त क सामन खाना रख दो वक उसक जीभ स लार बहन

लगती ह जीभ बहार नकल आती ह और वह भोजन क लए तयार हो जाता ह कlt ता जब भोजन दखता ह या उसक

कY पना करता ह तो लार बहन लगती ह ल0कन पावलफ न इस 02या क साथ दसर बात जोड़ द जब भी भोजन रखा

जाए और कlt त क लार टपकन लग वह दसर चीज करता उदाहरण क लए वह एक घट बजाता और कlt ता उस घट को

सनता

पह Vदन तक जब भी भोजन रखा जाता घट भी बजती और तब सोलहव4 Vदन कlt त क सामन भोजन नह रखा गया

कवल घट बजाu गई ल0कन तब भी कlt त क मह स लार बहन लगी और जीभ बाहर आ गई मानो भोजन सामन रखा हो

वहा भोजन नह था सफ घट थी अब घट बजन और लार टपकन क बीच कोई 9 वाभावक सबध नह था लार का

9 वाभावक सबध भोजन क साथ ह ल0कन अब घट का रोज-रोज बजना लार क साथ जड़ गया था सबधत हो गया था

और इसलए मा घट क बजन पर भी लार बहन लगी

पावलफ क अनसारmdashऔर पावलफ सह हmdashहमारा समचा जीवन एक कडीशड ोसस ह मन स9 कार ह इसलए अगर तम

उस स9 कार क भीतर कोई एक चीज बद कर दो तो उसस जड़ी और सार चीज4 भी बद हो जाती ह

उदाहरण क लए वचार और R वास ह वचारणा सदा ह R वास क साथ चलती ह तम Bबना R वास वचार नह कर सकत

तम R वास क त सजग नह रहत ल0कन R वास सतत चलती रहती ह Vदन-रात चलती रहती ह और lt यक वचार

वचार क 02या ह R वास क 02या स जड़ी ह इसलए अगर तम अचानक अपनी शवास रोक लो तो वचार भी Mक

जाएगा

वस ह अगर सर क सात- छ उसक सात- Cवार बद कर Vदए जाए तो तZ हार चतना अचानक गत करना बद कर दगी

तब चतना भीतर थर हो जाती ह और उसका यह भीतर थर होना तZ हार आख- क बीच क बीच 9 थान बना दता ह वह

9 थान ह Bन तीसर आख कहलाती ह अगर सर क सभी Cवार बद कर Vदय जाय तो तम बाहर गत नह कर सकत

+ य-0क तम सदा इG ह Cवार- स बाहर जात रह हो तब तम भीतर थर हो जात हो और वह थर होना एका इन दो आख-

साधारण आख- क बीच घVटत होता ह चतना इन दो आख- क बीच क 9 थान पर क4 Vत हो जाती ह उस 9 थान को ह Bन

कहत ह

यह 9 थान सवाह सवgt यापक हो जाता ह यह स कहता ह 0क इस 9 थान म4 सब सिZ मलत ह सारा आि9 ततव समाया ह

अगर तम इस 9 थान को अनभव कर लो तो तमन सब को अनभव कर लया एक बार तZ ह4 इन दो आख- क बीच क आकाश

क तीत हो गई तो तमन पर अि9 ततव को जान लया उसक समता को जान लया + य-0क यह आतPरक आकाश

सवाह ह सवgt यापक ह कछ भी उसक बाहर नह ह

उपनषाद कहत ह lsquorsquoएक को जानकर सब जान लया जाता हlsquorsquo

य दो आख4 तो सीमत को ह दख सकती ह तीसर आख असीम को दखती ह य दो आख तो पदाथ को ह दख सकती ह

तीसर आख अपदाथ को अL यातम को दखती ह इन दो आख- स तम कभी ऊजा क तीत नह कर सकत ऊजा को नह

दख सकत सफ पदाथ को दख सकत हो ल0कन तीसर आख स 9 वय ऊजा दखी जाती ह

Cवार- का बद 0कया जाना क4 Vत होन का उपाय ह + य-0क एक बार जब चतना क वाह का बाहर जाना Mक जाता ह वह

अपन उदगम पर थर हो जाती ह और चतना का यह उदगम ह Bनतर ह अगर तम इस Bन पर क4 Vत हो जाओ तो

बहत चीज4 घVटत होती ह पहल चीज तो यह पता चलती ह 0क सारा ससार तZ हार भीतर ह

9 वामी राम कहा करत थ 0क सय मर भीतर चलता ह तार मर भीतर चलत ह चाद मर भीतर उVदत होता ह सारा माड

मर भीतर ह जब उG ह-न पहल बार यह कहा तो उनक शO य- 0क व पागल हो गए ह राम तीथ क भीतर सतार कस हो

सकत ह

व इसी Bन क बात कर रह थ इसी आतPरक आकाश क सबध म4 जब पहल बार यह आतPरक आकाश उपलबध होता ह

तो यह भाव होता ह जब तम दखत हो 0क सब कछ तZ हार भी तर ह तब तम माड ह हो जात हो

Bन तZ हार भौतक शरर का Vह9 सा नह ह वह तZ हार भौतक शरर का अग नह ह तZ हार आख- क बीच का 9 थान

तZ हार शर तक ह सीमत नह ह वह तो वह अनत आकाश ह जो तZ हार भीतर वश कर गया ह और एक बार यह

आकाश जान लया जाए तो तम 0फर वह gt यि+ त नह रहत िजस Qण तमन इस अतरसथ आकाश को जान लया उसी

Qण तमन अमत को जान लया तब कोई मlt य नह ह

जब तम पहल बार इस आकाश को जान-ग तZ हारा जीवन ामाlणक और गाढ़ हो जाएगा तब पहल बार तम सच म4

जीवत होओग तब 0कसी सरQा क जMरत नह रहगी अब कोई भय सभव नह ह अब तZ हार हlt या नह हो सकती अब

तमस कछ भी छUना नह जा सकता अब सारा माड तZ हारा ह तम ह माड हो िजन लोग- न इस अतरसथ आकाश

को जाना ह उG ह-न ह आनदमगन होकर उरदघोषणा क ह अह माि9 म म_ ह माड ह म_ ह मा हhelliphellip

सफ सत मसर को इसी तीसर आख क अनभव क कारण कतल कर Vदया गया जब उसन पहल बार इस आतPरक आकाश

को जाना वह चY लाकर कहन लगा अनलहक़ म_ ह परमाlt मा ह भारत म4 वह पजा जाता + य-0क भारत न ऐस अनक

लोग दख ह िजG ह4 इस तीसर आख आतPरक आकाश का बोध हआ ल0कन मसलमान- क दश म4 यह बात कVठन हो गई

और मसर का यह व+ तवय 0क म_ परमाlt मा ह अनलहक़ अह माि9 म धमवरोधी मालम हआ + य-0क मसलमान यह

सोच भी नह सकत 0क मनषय और परमाlt मा एक ह मनषयndashमनषय ह मनषय सिO ट ह और परमाlt मा सO टा सिOट

9 O टा कस हो सकता ह

इस लए मसर का यह व+ तवय नह समझा जा सका और उसक हlt या कर द गई ल0कन जब उसको कतल 0कया जा रहा

था तब वह हस रहा था तो 0कसी न पछा 0क हस + य- रह हो मसर कहत ह 0क मसर न कहा म_ इसलए हस रहा ह 0क तम

मझ नह मार रह हो तम मर हlt या नह कर सकत तZ ह4 मर शरर स धोखा हआ ह ल0कन म_ शरर नह ह म_ इस माड

को बनान वाला ह यह मर अगल थी िजसन आरभ म4 समच माड को चलाया था

भारत म4 मसर आसानी स समझा जाता सVदय--सVदय- स यह भाषा जानी पहचानी ह हम जानत ह 0क एक घड़ी आती ह

जब यह आतPरक आकाश जाना जाता ह तब जानन वाला पागल हो जाता ह और यह ान इतना निR चत ह 0क यVद तम

मसर क हlt या भी कर दो तो वह अपना व+ तवय नह बदलगा + य-0क हककत म4 जहा तक उसका सबध ह

तम उसक हlt या नह कर सकत अब वह पण हो गया ह उस मटान का उपाय नह ह

मसर क बाद सफ सीख गए 0क चप रहना बहतर ह इसलए मसर क बाद सफ परZ परा म4 शO य- को सतत सखाया गया

0क जब भी तम तीसर आख को उपलबध करो चप रहो कछ कहो मत जब भी घVटत हो च] पी साध लो कछ भी मत कहो

या व ह चीज4 औपचाPरक ढग स कह जाओ जो लोग मानत ह

इसलए अब इ9 लाम म4 दो परपराए ह एक सामानय परपरा हmdashबाहर लौ0कक और दसर परपरा असल इसलाम ह

सफवाद जो गम ह ल0कन सफ चप रहत ह + य-0क मसर क बाद उG ह-न सीख लया 0क उस भाषा म4 बोलना जो 0क

तीसर आख क खलन पर कट होती ह gt यथ क कVठनाई म4 पड़ना ह और उसस 0कसी को मदद भी नह होती

यह स कहता ह lsquorsquoसर क सात Cवार- को अपन हाथ- स बद करन पर आख- क बीच का 9 थान सवाह सवgt यापी हो जाता

हlsquorsquo

तZ हारा आतPरक आकाश परा आकाश हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-16 (ओशो) क0 =1त होन क चौथी वध

lsquorsquoह भगवती जब इ=1या Oदय म0 वलन ह2 कमल क क0 1 पर पहच2lsquorsquo

वान भरव तndashधयान वधndash16 ( ओशो)

lt यक वध 0कसी मन-वशष क लए उपयोगी ह िज वध क अभी हम चचा कर रह थmdashतीसर वध सर क Cवार- को

बद करन वाल वधmdashउसका उपयोग अनक लोग कर सकत ह वह बहत सरल ह और बहत खतरनाक नह ह उस तम

आसानी स काम म4 ला सकत हो

यह भी जMर नह ह 0क Cवार- को हाथ स बद करो बद करना भी जMर ह इसलए कान- क लए डाट और आख- क लए

पी स काम चल जाएगा असल बात यह 0क कछ Qण- क लए य कछ स4क4 ड क लए सर क Cवार- को पर तरह स बद कर

लो

इसका योग करो अ यास करो अचानक करन स ह यह कारगर ह अचानक म4 ह राज छपा ह Bबसतर म4 पड़-पड़

अचानक सभी Cवार- को कछ सक4 ड क लए बद कर लो और तब भीतर दखो + या होता ह

जब तZ हारा दम घटन लग + य-0क R वास भी बद हो जाएगी तब भी इस जार रख और तब तक जार रखो जब तक 0क

असय न हो जाय और जब असय हो जाएगा तब तम Cवार- को ` यादा दर बद नह रख सकोग इसलए उसक 0फ2

छोड़ दो तब आतPरक शि+ त सभी Cवार- क खद खोल दगी ल0कन जहा तक तZ हारा सबध ह तम बद रखो जब दम घटन

लग तब वह Qण आता ह नणायक Qण + य-0क घटन परान एसोसएशन तोड़ डालती ह इसलए कछ और Qण जार

रख सको तो अf छा

यह काम कVठन होगा मिR कल होगा और तZ ह4 लगगा 0क मौत आ गई ल0कन डर- मत तम मर नह सकत + य-0क

Cवार- को बद भर करन स तम नह मरोग ल0कन जब लग 0क म4 मर जाऊगा तब समझो 0क वह Qण आ गया

अगर तम उस कषण म4 धीरज स लग रह तो अचानक हर चीज काशत हो जाएगी तब तम उस आतPरक आकाश को

महसस करोग जो 0क फलता ह जाता ह और िजसम4 सम समाया हआ ह तब Cवार- को खोल दो और तब इस योग को

0फर-0फर करो जब भी समय मल इसका योग म4 लाओ

ल0कन इसका अ यास मत बनाओ तम R वास को कछ Qण क लए रोकन का अ यास कर सकत हो ल0कन उसस कछ

लाभ नह होगा एक आकि9 मक अचानक झटक क जMरत ह उस झटक म4 तZ हार चतना क परान ोत- का वाह बद हो

जाता ह और कोई नयी बात सभव हो जाती ह

भारत म4 अभी भी सव अनक लोग इस वध का अ यास करत ह ल0कन कVठनाई यह ह 0क व अ यास करत ह जब 0क

यह एक अचानक वध ह अगर तम अ यास करो तो कछ भी नह होगा कछ भी नह होगा अगर म_ तZ ह4 अचानक इस

कमर स बाहर नकाल फ4 कगा तो तZ हार वचार बद हो जाएग ल0कन अगर हम रोज-रोज इसका अ यास कर4 तो कछ नह

होगा तब वह एक याBक आदत बन जाएगी

इसलए अयास मत करो जब भी हो सक योग करो तो धीर-धीर तZ ह4 अचानक एक आतPरक आकाश का बोध होगा वह

आतPरक आकाश तZ हार चतना म4 तभी कट होता ह जब तम मlt य क कगार पर होत हो तब तZ ह4 लगता ह 0क अग म4

एक Qण भी नह जीऊ गा अब मlt य नकट ह तभी वह सह Qण आता ह इसलए लग रहो डर- मत

मlt य इतनी आसान नह ह कम स कम इस वध को योग म4 लात हए कोई gt यि+ त अब तक मरा नह ह इसम

अतनVहत सरQा क उपाय ह यह कारण ह 0क तम नह मरोग मlt य क पहल आदमी बहोश हो जाता ह इसलए होश म4

रहत हए यह भाव आए 0क म_ मर रहा ह तो डर- मत तम अब भी होश म4 हो इसलए मरोग नह और अगर तम बहोश हो

गए तो तZ हार R वास चलन लगगी तब तम उस रोक नह पाओग

और तम कान क लए डाट काम म4 ला सकत हो आख- क पी बाध सकत हो ल0कन नाक और मह क लए कोई डाट

उपयोग नह करन ह + य-0क तब वह सघातक हो सकता ह कम स कम नाक को छोड़ रखना ठUक ह उस हाथ स ह बद

करो उस हालत म4 जब बहोश होन लगोग तो हाथ अपन आप ह ढला हो जाएगा और R वास वापस आ जाएगी तो इसम

अतनVहत सरQा ह यह वध बहत- क काम क ह

चौथी वध उनक लए ह िजनका दय बहत वकसत ह जो म और भाव क लोग ह भाव-वण लोग ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquorsquo

यह वध दय-धान gt यि+ त क Cवारा काम म4 लायी जा सकती ह इसलए पहल यह समझन क कोशश करो 0क दय

धान gt यि+ त कौन ह तब यह वध समझ सकोग

जो दय-धान ह उस gt यि+ त क लए सब कछ रदय ह ह अगर तम उस ] यार करोग तो उसका दय उस ] यार को

अनभव करगा उसका मि9 तषक नह मि9 तषक-धान gt यि+ त म 0कए जान पर भी म का अनभव मि9 तषक स लता

ह वह उसक सबध म4 सोचता ह आयोजन करता ह उसका म भी मि9 तषक का ह सचतत आयोजन होता ह ल0कन

भावपण gt यि+ त तक क Bबना जीता ह वस दय क भी अपन तक ह ल0कन दय सोच-वचार नह करता ह

अगर कोई तZ ह4 पछ 0क + य- म करत हो और तम उस + य- का जवाब द सको तो तम मि9 तषक धान gt यि+ त हो और

अगर तम कहा 0क म_ नह जानता म_ सफ म करता ह तो तम दय धान gt यि+ त हो अगर तम इतना भी कहत हो 0क

म_ उस इसलए ] यार करता ह 0क वह सदर ह तो वहा ब आ गई दयोG मख gt यि+ त क लए कोई सदर इसलए ह 0क वह

उस म करता ह मि9 तषक वाला gt यि+ त 0कसी को इसलए म करता ह 0क वह सदर ह ब पहल आती ह और तब म

आता ह दय धान gt यि+ त क लए म थम ह और शष चीज4 म क पीछ-पीछ चल आती ह वह दय म4 क4 Vत ह

इसलए जो भी घVटत होता ह वह पहल उसक दय को छता ह

जरा अपन को दखो हरक Qण तZ हार जीवन म4 अनक चीज4 घVटत हो रह ह व 0कसी सथल को छती ह तम जा रह हो और

एक भखार सड़क पार करता ह वह भखार तZ ह4 कहा छता ह + या तम आथक पPरि9 थत पर सोच वचार करत हो या

+ या तम यह वचारन लगत हो 0क कस कानन क Cवारा भखमगी बद क जाए या 0क कस एक समाजवाद समाज बनाया

जाए जहा भखमग न हो

यह एक मि9 तषक धान आदमी ह जो ऐसा सोचन लगता ह उसक लए भखार महज वचार करन का आधार बन जाता

ह उसका दय अ9 पशत रह जाता ह सफ मि9 तषक 9 पशत होता ह वह इस भखार क लए अभी और यहा कछ नह

करन जा रहा ह नह वह साZ यवाद क लए कछ करगा वह भवषय क लए 0कसी ऊटोपया क लए कछ करगा वह

उसक लए अपना परा जीवन भी द-द ल0कन अभी तlt Qण वह कछ नह कर सकता ह मि9 तषक सदा भवषय म4 रहता ह

दय सदा यहा और अभी रहता ह

एक दय धान gt यि+ त अभी ह भखार क लए कछ करगा यह भखार आदमी ह आकड़ा नह मि9 तषक वाल आदमी

क लए वह गlणत का आकड़ा भर ह उसक लए भखमगी बद करना सम9या ह इस भखार क मदद क बात अासगक

तो अपन को दखो परखो दखो 0क तम कस काम करत हो दखो 0क तम दय क 0फ2 करत हो या मि9 तषक क

दयोG मख gt यि+ त हो तो यह वध तZ हार काम क ह ल0कन यह बात भी L यान रखो 0क हर आदमी आन को यह धोखा

दन म4 लगा ह 0क म_ दयोG मख gt यि+ त ह हर आदमी सोचता ह 0क म_ बहत मपण gt यि+ त ह भावक 0कसम का ह

+ य-0क म एक ऐसी बनयाद जMरत ह 0क अगर 0कसी को पता चल 0क मर पास म करन वाला दय नह ह तो वह

चन स नह रह सकता इसलए हर आदमी ऐसा सोच और मान चला जाता ह

ल0कन वR वास करन स + या होगा नO पQता क साथ अपना नरQण करो ऐस जस 0क तम 0कसी दसर का नरQण कर

रह हो और तब नणय लो + य-0क अपन को धोखा दन क जMरत + या ह और उसस लाभ भी + या ह और अगर तम अपन

को धोखा भी द दो तो तम वध को धोखा नह द सकत + य-0क तब वध को योग करन पर तम पाओग 0क कछ भी नह

होता ह

लोग मर पास आत ह म_ उनस पछता ह 0क तम 0कस कोVट क हो उG ह4 यथाथत कछ पता नह ह उG ह-न कभी इस सबध

म4 सोचा ह नह 0क व 0कस कोVट क ह उG ह4 अपन बार म4 धधल धारणाए ह दरअसल मा कY पनाए ह उनक पास कछ

आदश ह कछ तमाए ह और व सोचत हmdashसोचत + या चाहत हmdash0क हम व तमाए होत सच म4 व ह नह और अकसर

तो यह होता ह 0क व उसक ठUक वपरत होत ह

इसका कारण ह जो gt यि+ त जोर दकर कहता ह 0क म_ दय धान आदमी ह हो सकता ह वह ऐसा इसलए कह रहा हो 0क

उस अपन दय का अभाव खलता ह और वह भयभीत ह वह इस तथय को नह जान सकगा 0क उसक पास दय नह ह

इस ससार पर एक नजर डाल- अगर अपन दय क बार म4 हरक आदमी का दावा सह ह तो वह ससार इतना दय हन नह

हो सकता यह ससार हम सबका कछ जोड़ ह इसलए कह कछ अवशय गलत ह वहा दय नह ह

सच तो यह ह 0क कभी दय को शmQत ह नह +या गया मन शmQत 0कया गया ह इसलए मन ह मन को शmQत

करन क लए 9 कल कालज और वशव वCयालय ह ल0कन दय क शQण क लए कोई जगह नह ह और मन का

शQण लाभ दायी ह ल0कन दय का शQण खतरनाक ह + य-0क अगर तZ हारा दय शmQत 0कया जाए तो तम इस

ससार क लए Bबलकल gt यथ हो जाओग यह सारा ससार तो ब स चलता ह अगर तZ हारा दय शmQत हो तो तम पर

ढाच स बाहर हो जाओग जब सारा ससार दाए जाता होगा तम बाए चलोग सभी जगह तम अड़चन म4 पड़ोग

सच तो यह ह 0क मनषय िजतना अधक ससभय बनता ह दय का शQण उतना ह कम हो जाता ह हम ता उस भल ह

गए ह भल गए ह 0क दय भी ह या उसक शQण क जMरत ह यह कारण ह 0क ऐसी वधया जो आसानी स काम कर

सकती थी कभी काम नह करती

अधकाश धम दय-धान वधय- पर आधाPरत ह ईसाइयत इ9 लाम Vहद तथा अनय कई धम दयोG मख लोगो पर

आधाPरत ह िजतना ह पराना कोई धम ह वह उतना ह अधक दय आधाPरक ह तब वद लख गए और Vहद धम

वकसत हो रहा था तब लोग दयोG मख थ उस समय मन धान लोग खोजना मिRकल था ल0कन अभी सम9 या उलट

ह तम ाथना नह कर सकत + य-0क ाथना दय-आधाPरत वध ह

यह कारण ह 0क पिR चम म4 जहा ईसाइयत का बोलबाला हmdashऔर ईसाइयत खासकर कथोलक ईसाइयत ाथना का धम

हmdashाथना कVठन हो गई ह ईसाइयत म4 L यान क लए कोई 9 थान नह ह ल0कन अब पिR चम म4 भी लोग L यान क लए

पागल हो रह ह कोई अब चच नह जाता ह और अगर कोई जाता भी ह तो वह महज औपचाPरकता ह रववारय धम

+ य- + य-0क आज पिR चम का जो आदमी ह उसक लए ाथना सवथा असगत हो गई ह

L यान ` यादा मनोG मख ह ाथना ` यादा दयोG मख gt यि+ त क Lयान-वध ह यह वध भी दय वाल gt यि+ त क लए

ह ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquo

इस वध क लए करना + या ह lsquorsquoजब इVया दय म4 वलन ह-helliphelliplsquorsquo योग करक दखो कई उपाय सभव ह तम 0कसी

gt यि+ त को 9 पश करत हो अगर तम दय वाल आदमी हो तो वह 9पश शी~ ह तZ हार दय म4 पहच जाएगा और तZ ह4

उसक गणवlt ता महसस हो सकती ह अगर तम 0कसी मि9 तषक वाल gt यि+ त का हाथ अपन हाथ म4 लोग तो उसका हाथ

ठडा होगाmdashशारPरक Mप स नह भावातमक Mप स उसक हाथ म4 एक तरह का मदा पन होगा और अगर वह gtयि+त दय

वाला ह तो उसक हाथ म4 एक ऊO मा होगी तब उसका हाथ तZ हार साथ पघलन लगगा उसक हाथ स कोई चीज नकलकर

तZ हार भीतर बहन लगगी और तम दोन- क बीच एक तालमल होगा ऊO मा का सवाद होगा

यह ऊO मा दय स आ रह ह यह मि9 तषक स नह आ सकती + य-0क मि9 तषक सदा ठडा और Vहसाबी ह दय ऊO मा

वाला ह वह Vहसाबी नह ह मि9 तषक सदा यह सोचता ह 0क कस ` यादा ल4 दय का भाव रहता ह 0क कस ` यादा द4 वह

जो ऊO मा ह वह दान हmdashऊजा का दान आतPरक तरग- का दान जीवन का दान यह वजह ह 0क तZ ह4 उसम एक गहर

घलन का अनभव होगा

9 पश करो छओ आख बद करो और 0कसी चीज को 9 पश करो अपन मी या मका को छओ अपनी मा को या बf च को

छओ या म को या वQ फल या महज धरती को छओ आख4 बद रखो और धरती और अपन दय क बीच मका और

अपन बीच होत आतPरक सवार को महसस करो भाव करो 0क तZ हारा हाथ ह तZ हारा दय ह जो धरती को 9 पश करन को

बढ़ा ह 9 पश क अनभत को दय स जड़न दो

तम सगीत सन रह हो उस मि9 तषक स मत सनो अपन मि9 तषक को भल जाओ और समझो 0क म_ Bबना मि9 तषक क ह

मरा कोई सर नह ह अf छा ह 0क अपन सोन क कमर म4 अपना एक च रख लो िजसम4 सर न हो उस पर L यान को

एका करो और भाव करो 0क तम Bबना सर क हो सर को आन ह मत दो और सगीत को दय स सनो भाव करो 0क

सगीत तZ हार दय म4 जा रहा ह दय को सगीत क साथ उCवलत होन दो तZ हार इVय- को भी दय स जड़न दो

मि9 तषक स नह

यह योग सभी इVय- क साथ करो और अधकाधक भाव करो क lt यक ऐVक अनभव दय म4 जाता ह और वलन हो

जाता ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पहच-lsquorsquo

दय ह कमल ह और इVया कमल क Cवार ह कमल का पखWडया ह पहल बात 0क अपनी इVय- को दय क साथ जड़न

दो और दसर 0क सदा भाव करो 0क इVया सीध दय म4 गहर उतरती ह और उसम धल मल रह ह जब य दो काम हो

जाएग तभी तZ हार इVया तZ हार सहायता कर4गी तब व तZ ह4 तZ हार दय तक पहचा द4गी और तZ हारा दय कमल बन

जाएगा

यह दय कमल तZ ह4 तZ हारा क4 दगा और जब तम अपन दय क क4 को जान लोग तब नाभ क4 को पाना बहत आसान

हो जाएगा यह बहत आसान ह यह स उसक चचा भी नह करता उसक जMरत नह ह अगर तम सच म4 और समता

स दय म4 वलय हो गए और ब न काम करना छोड़ Vदया तो तम नाभ क4 पर पहच जाओग

दय न नाभ क और Cवारा खलता ह सफ सर स नाभ क और जाना कVठन ह या अगर तम कह सर और दय क

बीच म4 हो तो नाभ पर जाना कVठन ह एक बासर तम दय म4 वलय हो जाओ तो तम दय क पार नाभ-क4 म4 उतर गए

और वह बनयाद ह मौलक ह

यह कारण ह 0क ाथना काम करती ह और इसी कारण स जीसस कह सक 0क म ईशवर ह यह बात पर-पर सह नह ह

ल0कन म Cवार ह अगर तम 0कसी क गहर म म4 होmdash0कसक म म4 हो महतव का नह ह म ह महतव का हmdashइतन

म म4 0क सबध मि9 तषक का न रह सफ दय काम कर तो यह म ाथना बन जाएगा और तZ हारा मी या मका

भगवती बन जाएगी

सच तो यह ह कह दय क आख और कछ नह दख सकती ह यह बात तो साधारण म म4 भी घVटत होती ह अगर तम

0कसी क म म4 पड़त हो तो वह तZहार लए Vदवय हो उठता ह हो सकता ह 0क यह भाव बहत 9 थायी न हो और बहत गहरा

भी नह ल0कन तlt Qण तो मी या मका Vदवय हो उठती ह दर-अबर ब आकर पर चीज को नषट कर दगी + य-0क

ब ह9 तQप कर सब gt यव9 था Bबठान लगगी उस म क भी gt यव9 था Bबठानी पड़ती ह और एक बार ब gt यव9 थापक

हई 0क सब चीज4 नषट हो जाती ह

आगर तम सर क gt यव9 था क Bबना म म4 हो सको तो तZ हारा म अनवायत ाथना बनगा और तZ हार मका Cवार

बन जाएगी तZ हारा म तZ ह4 दय म4 क4 Vत कर दगा और एक बार तम दय म4 क4 Vत हए 0क तम अपन ह आप नाभ

क4 म4 गहर उतर जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-17 (ओशो) क0 =1त होन क पाचवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

lsquorsquoमन को भलकर मधय म0 रहोmdashजब तकlsquorsquo

यह स इतना ह ह 0कसी भी वानक स क तरह यह छोटा ह ल0कन य थोड़ स शबद भी तZ हार जीवन को समरतः

बदल सकत ह

lsquorsquoमन को भल कर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

lsquorsquoमधय म4 रहोlsquorsquomdashब न अपन L यान क वध इसी स क आधार पर वकसत क उनका माग म`झम नकाय या मधय

माग कहलाता ह ब कहत ह सदा मधय म4 रहो lt यक चीज म4

एक बार राजकमार kोण दmQत हआ ब न उस सG यास म4 दmQत 0कया वह राजकमार अvत gt यि+ त था और जब वह

सG यास म4 दmQत हआ तो सारा राजय च0कत रह गया लोग- को यकन नह हआ 0क राजकमार kोण सG यासी हो गया

0कसी न 9 वपन म4 भी नह सोचा था + य-0क kोण परा सासाPरक था भोग-वलास म4 सवथा लपत रहता था सारा Vदन

सरा और सदर ह उसका ससार थी

तभी अचानक एक Vदन ब उसक नगर म4 आए राजकमार kोण उनक दशन को गया वह ब क चरण- म4 गरा और बोला

0क मझ दmQत कर ल4 म_ ससार छोड़ दगा

जो लोग उसक साथ आए थ उG ह4 भी इसक खबर नह थी ऐसी अचानक घटना थी यह उG ह-न ब स पछा 0क यह + या हो

रहा ह यह तो चमlt कार ह kोण उस कोVट का gt यि+ त नह ह वह तो भोग वलास म4 रहा ह यह तो चमlt कार ह हमन तो

कY पना भी नह क थी 0क kोण सG यासी होगा यह + या हो रहा ह आपन कछ कर Vदया ह

ब न कहा 0क म_न कछ नह 0कया ह मन एक अत स दसर अत पर जा सकता ह वह मन का ढग ह एक अत स दसर

अत पर जाना kोण कछ नया नह कर रहा ह यह होना ह था + य-0क तम मन क नयम नह जानत इसलए तम च0कत

हो रह हो

मन एक अत स दसर अत पर गत करता रहता ह मन का यह ढग ह यह रोज-रोज होता ह जो आदमी धन क पीछ

पागल था वह अचानक सब कछ छोड़कर नगा फकर हो जाता ह हम सोचत ह 0क चमlt कार हो गया ल0कन यह सामानय

नयम क सवाय कछ नह ह जो आदमी धन क पीछ पागल नह ह उसक यह उपQा नह क जा सकती ह 0क वह lt याग

करगा + य-0क तम एक अत स ह दसर अत पर जा सकत हो वस ह जस घड़ी का प_डलम एक अत स दसर अत पर

डोलता रहता ह

इसलए जो आदमी धन क लए पागल था वह पागल होकर धन क lखलाफ जाएगा ल0कन उसका पागलपन कायम रहगा

वह मन ह जो आदमी कामवासना क लए जीता था वह मचार हो जा सकता ह एकात म4 चला जा सकता ह ल0कन

उसका पागलपन कायम रहगा पहल वह कामवासना क लए जीता था अब वह कामवासना क lखलाफ होकर िजएगा

ल0कन उसका Mख उसक aिO ट वह क वह रहगी इसलए मचार सच म4 कामवासना क पार नह गया ह उसका परा

चत काम-वासना धान ह वह सफ वM हो गया ह उसन काम का अत2मण नह 0कया ह अत2मण का माग सदा

मLय म4 ह वह कभी अत म4 नह ह

तो ब न कहा 0क यह होना ह था यह कोई चमlt कार नह ह मन ऐस ह gt यवहार करता ह

kोण भ+ ख बन गया सG यासी हो गया शी~ ह ब क दसर शO य- न दखा 0क वह दसर अत पर जा रहा था ब न

0कसी को नगन रहन को नह कहा था ल0कन kोण नगन रहन लगा ब न नता क पQ म4 नह थ उG ह-न कहा 0क यह

दसर अत ह लोग ह जो कपड़- क लए ह जीत ह मान- वह उनका जीवन हो और ऐस लोग भी ह जो नगन हो जात ह

ल0कन दोन- व9 - म4 वR वास करत ह

ब न कभी न नता क शQा नह द ल0कन kोण नगन हो गया वह ब का अकला शषय था जो नगन हआ kोण

आतम उlt पीड़न म4 भी गहर अतर गया ब न अपन सG यासय- को Vदन म4 एक बार भोजन क gt यव9 था द थी ल0कन

kोण दो Vदन- म4 एक बार भोजन लन लगा वह बहत दबल हो गया दसर भQ पड़ क छाया म4 L यान करत ल0कन kोण

कभी छाया म4 नह बठता था वह सदा कड़ी घप म4 रहता था वह बहत सदर आदमी था उसक दह बहत सदर थी ल0कन

छह महन क भीतर पहचानना मिR कल हो गया 0क यह वह आदमी ह वह कMप काला झलसा-झलसा Vदखन लगा

एक रात ब kोण क पास गए और उसस बोल kोण म_न सना ह 0क जब तम राजकमार थ तब तZ ह4 वीणा बजान का शोक

था और तम एक कशल वीणावादक और बड़ सगीत थ तो म_ तमस एक शन पछन आया ह अगर वीणा क तार बहत

ढल हो तो + या होता ह अगर तार ढल ह-ग तो कोई सगीत सभव नह ह

और 0फर ब न पछा 0क अगर तार बहत कस ह- तो + या होगा kोण न कहा 0क तब भी सगीत नह पदा होगा तार- को

मधय म4 होना चाVहए व न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 हो और kोण न कहा 0क वीणा बजाना तो आसान ह

ल0कन एक परम सगीत ह तार- को मधय म4 रख सकता ह

तो ब न कहा 0क छह महन- तक तZ हारा नरQण करन क बाद म_ तमस यह कहन आया ह 0क जीवन म4 भी सगीत तभी

जG मता ह जब उसक तार न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 ह- इसलए lt याग करना आसान ह ल0कन परम कशल

ह मधय म4 रहना जानता ह इसलए kोण कशल बनो और जीवन क तार- को मधय म4 ठUक मधयम म4 रखो इस या उस

अत पर मत जाओ और lt यक चीज क दो छोर ह दो अतया ह ल0कन तZ ह4 सदा मधय म4 रहना ह

ल0कन मन बहत बहोश ह इसलए स म4 कहा गया ह lsquorsquoमन को भलकरlsquorsquo तम यह बात सन भी लोग तम इस समझ भी

लोग ल0कन मन उसको नह हण करगा मन सदा अतय- को चनता ह मन म4 अतय- क लए बड़ा आकषण ह मोह ह

+ य- + य-0क मधय म4 मन क मlt य हो जाती ह

घड़ी क प_डलम को दखो अगर तZ हार पास कोई परानी घड़ी हो तो उसक प_डलम को दखो प_डलम सारा Vदन चलता रहता ह

यVद वह अतय- तक आता जाता रह जब वह बाए जाता ह तब दाए जान क लए शि+ त अिजत कर रहा ह जब वह दाए जा

रहा ह तो मत सोचो क वह दाए जा रहा ह वह बाए जान क लए ऊजा इकी कर रहा ह अतया ह दाए-बाए ह प_डलम को

बीच म4 ठहरन दो और सब गत बद कर दो तब प_डलम म4 उजा नह रहगी कय-0क उजा तो एक अत स आ रह थी एक

अत स दसर अत उस दसर अत क और फ4 कती ह उसस एक वतल बनता ह और प_डलम गतमान होता ह उसको बीच

म4 होन दो और तब सब गत ठहर जाएगी

मन प_डलम क भात ह और अगर तम इसका नरQण करो तो रोज ह इसका पता चलगा तम एक अत क पQ म4 नणय

लत हो और तब तम दसर अत क और जान लगत हो तम अभी 2ोध करत हो 0फर पR चाताप करत हो तम कहत हो

नह बहत हआ अब म_ कभी 2ोध न कMगा ल0कन तम कभी अत को नह दखत

यह lsquorsquoकभी नहrsquorsquo अत ह तम कस नशचत हो सकत हो 0क तम कभी नह 2ोध करोग तम कह + या रह ह एक बार और

सोचो कभी नह अतीत म4 जाओ और याद करो 0क 0कतनी बार तमन नशचय 0कया ह 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा जब

तम कहत हो 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा तो तम नह जानत हो 0क 2ोध करत समय ह तमन दसर छोर पर जान क

ऊजा इकी कर ल थी अब तम पR चाताप कर रह हो अब तZ ह4 बरा लग रहा ह तZ हार आतम छव Vहल गई ह गर गई

ह अब तम नह कह सकत 0क म_ अf छा आदमी ह धामक आदमी ह म_न 2ोध 0कया और धामक gt यकत 2ोध नह

करता ह अf छा आदमी 2ोध कस करगा तो तम अपनी अf छाई को वापस पान क लए पR चाताप करत हो कम स कम

अपनी नजर म4 तZ ह4 लगगा 0क म_न पR चाताप कर लया चन हो गया और अब 0फर 2ोध नह होगा इसस तZ हार Vहल हई

आतम-छव परानी अव9 था म4 लौट आएगी अब तम चन महसस करोग + य-0क अब तम दसर अत पर चल गए

ल0कन जो मन कहता ह 0क अब म_ 0फर कभी 2ोध नह कMगा वह 0फर 2ोध करगा अब जब तम 0फर 2ोध म4 होग4 तो

तम अपन पR चाताप को अपन नणय को सब को Bबलकल भल जाओग और 2ोध क बाद 0फर वह नणय लौटगा और

पR चाताप वापस आएगा और तम कभी उसक धोख को नह समझ पाओग ऐसा सदा हआ ह मन 2ोध स पR चाताप और

पR चाताप स 2ोध क बीच डोलता रहता ह

बीच म4 रहो न 2ोध करो न पR चाताप करो और अगर 2ोध कर गए तो कपा कर 2ोध ह करो पR चाताप मत करो दसर

अत पर मत जाओ बीच म4 रहो कहो 0क म_न 2ोध 0कया ह म_ बरा आदमी ह Vहसक ह म_ ऐसा ह ह ल0कन पR चाताप

मत करो दसर अत पर मत जाओ मधय म4 रहो और अगर तम मधय म4 रह सक तो 0फर तम 2ोध करन क लए ऊजा

इकी नह कर पाओग

इसलए यह स कहता ह lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस lsquorsquoजब तकrsquorsquo का + या मतलब ह मतलब यह ह 0क जब तक तZ हारा व9 फोट न हो जाए मतलब यह ह 0क तब तक मधय

म4 रहो जब तक मन क मlt य न हो जाए तब तक मधय म4 रहो जब तक मन अ-मन न हो जाए अगर मन अत पर ह तो अ-

मन मधय म4 होगा

ल0कन मधय म4 होना ससार म4 सबस कVठन काम ह Vदखता तो सरल ह Vदखता तो यह आसान ह तZ ह4 लगगा 0क म_ कर

सकता ह और तZ ह4 यह सोचकर लगगा 0क पR चाताप क कोई जMरत नह ह ल0कन योग करो और तब तZ ह4 पता

चलगा 0क जब 2ोध करोग तो मन पR चाताप करन पर जोर दगा

पत-पिlt नय- का झगड़ा सदा स चलता आया ह और सVदय- स महापtष और सलाहकार समझा रह ह 0क कस रह4 और म

कर4 और यह झगड़ा जार ह पहल बार ायड को इस तथय को बोध हआ 0क जब भी तम म तथाकथत म म4 होओग

तZ ह4 धणा म4 भी होना पड़गा सबह म करोग और R याम घणा करोग और इस तरह प_डलम Vहलता रहगा lt यक पत-

पlt नी को इसका पता ह ल0कन ायड क अनतaिOट बड़ी अvत ह वह कहता ह 0क अगर 0कसी दपत न झगड़ा बद कर

Vदया ह तो समझो 0क उनका म मर गया घणा और लड़ाई क साथ जो म ह वह मर गया

अगर 0कसी जोड़ का तम दखो 0क वह कभी लड़ता नह ह तो यह मत समझो 0क यह आदश जोड़ा ह उसका इतना ह अथ ह

0क यह जोड़ा ह नह ह व समातर रह रह ह ल0कर साथ-साथ नह रहत व समातर रखाए ह जो कह नह मलती लड़न

क लए भी नह व दोन- साथ रहकर भी अकल-अकल हmdashअकल-अकल और समातर

मन वपरत पर गत करता ह इसलए अब मनोवान क पास दपतय- क लए बहतर नदान हmdashबहतर और गहरा वह

कहता ह 0क अगर तम सचमच म-इसी मन क साथmdashकरना चाहत हो तो लड़न झगड़न स मत डर- सच तो यह ह 0क

तZ ह4 ामाlणक ढग स लड़ना चाVहए ता0क तम ामाlणक म क दसर छोर को ापत कर सको इसलए अगर तम अपनी

पlt नी क लड़ रह हो तो लड़न स चको मत अGयथा म स भी चक जाओग झगड़ स बचो मत उसका मौका आए तो अत

तक लड़- तभी सL या आत-आत तम 0फर म करन योगय हो जाओग मन तब तक शि+ त जटा लगा

सामानय म सघष क Bबना नह जी सकता + य-0क उसम मन क गत सलगन ह सफ वह म सघष क Bबना िजएगा

जो 0क मन का नह ह ल0कन वह बात ह और ह ब का म और ह बात ह

ल0कन अगर ब तZ ह4 म कर4 तो तम बहत अf छा नह महसस करोग + य- + य-0क उसम4 कछ दोष नह रहगा वह मीठा

ह मीठा होगा और उबाऊ होगा कय-0क दोष तो झगड़ स आता ह ब 2ोध नह कर सकत व कवल म कर सकत ह

तZ ह4 उनका म पता नह चलगा + य-0क पता तो वरोध म4 वपरतता म4 चलता ह

जब ब बाहर वष[ क बाद अपन नगर वापस आए तो उनक पlt नी उनक 9 वागत को नह आई सारा नगर उनक 9 वागत क

लए इका हो गया ल0कन उनक पlt नी नह आई ब हस और उG ह-न अपन मखय शषय आनद स कहा 0क यशोधरा

नह आई म_ उस भल-भात जानता ह ऐसा लगता ह 0क वह मझ अभी भी म करती ह वह माननी ह वह आहत अनभव

कर रह ह म_ तो सोचता था बाहर वष का लZ बा समय ह वह अब म म4 न होगी ल0कन मालम होता ह 0क यह अब भी म

म4 ह अब भी 2ोध म4 ह वह मझ लन नह आई मझ ह उसक पास जाना होगा

और ब गए आनद भी उनक साथ था आनद को एक वचन Vदया हआ था जब आनद न दQा ल थी तो उसन एक शत

रखीmdashऔर ब न मान ल 0क म_ सदा आपक साथ रहगा वह ब का बड़ा चचरा भाई था इसलए उG ह4 मानना पडा था सो

आनद राजमहल तक उनक साथ गया वहा ब न उनस कहा 0क कम स कम यहा तम मर साथ मत चलो + य-0क

यशोधरा बहत नाराज होगी म_ बाहर वष[ क बाद लौट रहा ह और उस खबर 0कए Bबना यहा स चला गया था वह अब भी

नाराज ह तो तम मर साथ मत चलो अG यथा वह समझगा 0क म_न उस कछ कहन का भी अवसर नह Vदया वह बहत कछ

कहना चाहती होगी तो उस 2ोध कर लन दो तम कपा इस बार मर साथ मत आओ

ब भीतर गए यशोधरा ` वालामखी बनी बठU थी वह फट पड़ी वह रोन चY लान लगी बकन लगी ब चपचाप बठ सनत

रह धीर-धीर वह शात हई और तब वह समझी 0क उस बीच ब एक शबद भी नह बोल उसन अपनी आख4 प-छU और ब

क और दखा

ब न कहा 0क म_ यह कहन आया ह 0क मझ कछ मला ह म_न कछ जाना ह म_न कछ उपलबध 0कया ह अगर तम शात

होओ तो म_ तZ ह4 वह सदश वह सतय द जो मझ उपलबध हआ ह म_ इतनी दर इसलए tका रहा 0क तZ हारा रचन हो जाए

बारह साल लबा समय ह तमन बहत घाव इक 0कए ह-ग और तZ हारा 2ोध समझन योगय ह मझ इसक तीQा थी

उसका अथ ह 0क तम अब भी मझ म करती हो ल0कन इस म क पार भी एक म ह और उसी म क कारण म_ तZ ह4 कछ

कहन वापस आया ह

ल0कन यशोधरा उस म को नह समझ सक इस समझना कVठन ह + य-0क यह इतना शात ह यह म इतना शात ह

0क अनपि9 थत सा लगता ह

जब मन वसिजत होता ह तो एक और ह म घVटत होता ह ल0कन उस म का कोई वपरत पQ नह ह वरोधी पQ नह

ह जब मन वसिजत होता ह तब जो भी घVटत होता ह उसका वपरत पQ नह रहता मन क साथ सदा उसका वपरत

खड़ा रहता ह और मन एक प_डलम क भात गत करता ह

यह स अvत ह उसस चमlt कार घVटत हो सकता ह

lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस योग म4 लाओ और यह स तZ हार पर जीवन क लए ह ऐस नह ह 0क उसका अ यास यदा-कदा 0कया और बात

खतम हो गई तZ ह4 नरतर इसका बोध रखना होगा होश रखना होगा काम करत हए चलत हए भोजन करत हए सबध-

म4 सव मधय म4 रहो योग करक दखो और तम दखोग4 0क एक मौन एक शात तZ ह4 घरन लगी ह और तZ हार भीतर एक

शात क4 नमत हो रहा ह

अगर ठUक मधय म4 होन म4 सफल न हो सको तो भी मधय म4 होन क कोशश करो धीर-धीर तZ ह4 मधय क अनभत होन

लगगी जो भी हो घणा या म 2ोध या पR चाताप सदा ~वीय वपरतताओ को L यान म4 रखो और उनक बीच म रहो और

दर अबर तम ठUक मधय को पा लोग

और एक बार तमन इस जान लया तो 0फर तम उस नह भलोग + य-0क मधय Bबद मन क पार ह और वह मधय Bबद

अL यातम का सार स ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-18 (ओशो) क0 =1त होन क छठवी वध

त-सmdashवध-18 (ओशो) 6कसी वषय को )मपवक दखो

rdquo6कसी वषय को )मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ यह वषय क मधय म0mdashआनदrdquo

म_ 0फर दोहराता ह lsquorsquo0कसी वषय को मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ 0कसी दसर वषय पर L यान मत ल जाओ

यह वषय क माधय म4mdashआनद

lsquorsquo6कसी वषय को )म पण दखोhelliphelliplsquorsquo

मपवक म4 कजी ह + या तमन कभी 0कसी चीज को मपवक दखा ह तम हा कह सकत हो + य-0क तम नह जानत 0क

0कसी चीज को मपवक दखन का + या अथ ह तमन 0कसी चीज को लालसा-भर आख- स दखा होगा कामना पवक दखा

होगा वह दसर बात ह वह Bबलकल भनन वपरत बात ह पहल इस भद को समझो

तम एक सदर चहर को सदर शरर को दखत हो और तम सोचत हो 0क तम उस मपवक दख रह हो ल0कन तम उस + य-

दख रह हो + या तम उसस कछ पाना चाहत हो तब वह वासना ह कामना ह म नह ह + या तम उसका शोषण करना

चाहत हो तब वह वासना ह म नह तब तम सच म4 यह चाहत हो 0क म_ कस इस शरर को उपयोग म4 लाऊ कस इसका

मालक बन कस इस अपन सख का साधन बना ल

वासना का अथ ह 0क कस 0कसी चीज को अपन सख क लए उपयोग म4 लाऊ म का अथ ह 0क उसस मर सख का कछ

लना दना नह ह सच तो यह ह 0क वासना कछ लना चाहती ह और म कछ दना चाहता ह व दोन- सवथा एक दसर क

तकल ह

अगर तम 0कसी सदर gt यि+ त को दखत हो और उसक त म अनभव करत हो तो तZ हार चतना म4 तरत भाव उठगा 0क

कस इस gt यि+ त को इस पMष या 9 ी को सखी कM यह 0फ2 अपनी नह दसर क ह म म4 दसर महlt वपण ह वासना म4

तम महतवपण हो वासना म4 तम दसर4 को साधन बनान क सोचत हो और म म4 तम 9 वय साधन बनन क सोचत हो

वासना म4 तम दसर को प-छ दना चाहत हो म म4 तम 9 वय मट जाना चाहत हो म का अथ ह दना वासना का अथ ह

लना म समपण ह वासना आ2मण ह

तम + या कहत हो उसका कोई अथ नह ह वासना म4 भी तम म क भाषा काम म4 लात हो तZ हार भाषा का बहत मतलब

नह ह इसलए धोख म4 मत पड़ो भीतर दखो और तब तम समझोग 0क तमन जीवन म4 एक बार भी 0कसी gt यि+ त या व9 त

को मपवक नह दखा ह

एक दसरा भद भी समझ लन जसा ह

स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

असल म4 तम 0कसी पाथव जड़ व9 त को भी मपवक दखो तो वह व9 त gt यि+ त बन जाती ह तZ हारा म व9 त को भी

gt यि+ त म4 MपातPरत करन क कजी ह अगर तम वQ को मपवक दखो तो वQ gt यि+ त बन जाता ह

उस Vदन म_ ववक स बात करता था म_न उसस कहा 0क जब हम नए आkम म4 जाएग तो वहा हम हरक वQ को नाम द4ग

+ य-0क हरक वQ gt यि+ त ह + या कभी तमन सना ह 0क कोई वQ- को नाद द कोई वQ- को नाम नह दता + य-0क कोई

वQ- को म नह करता अगर म कर तो gt यि+ त बन जाए तब वह भीड़ का जगल का Vह9 सा नह रहा वह अनठा हो

गया

तम कlt त- और BबिY लय- को नाम दत हो जब तम कltत को नाम दत हो उस lsquorsquoटाइगरrsquorsquo कहत हो तो कlt ता gt यि+ त बन

जाता ह तब वह बहत स कlt त- म4 एक कlt ता नह रहा तब उसको gt यि+ ततव मल गया तमन नमत कर Vदया जब भी

तम 0कसी चीज को मपवक दखत हो वह चीज gt यि+ त बन जाती ह

और इसका उलटा भी सह ह जब तम 0कसी gt यि+ त को वासना पवक दखत हो तो वह gt यि+ त व9 त बन जाता ह यह

कारण ह 0क वासना भर आख- म4 वकषण होता ह + य-0क कोई भी वसत होना नह चाहता जब तम अपनी पlt नी को या

0कसी दसर 9 ी को या पMष को वासना क aिO ट स दखत हो तो उसक दसर को चोट पहचती ह तम असल म4 + या कर

रह हो तम एक जीवत gt यि+ त को मत साधन म4 य म4 बदल रह हो ` य- ह तमन सोचा 0क कस उसका उपयोग कर4 0क

तमन उसक हlt या कर द

यह कारण ह 0क वासना भर आख4 वकषण होती ह कMप होती ह और जब तम 0कसी को म स भरकर दखत हो तो

दसरा ऊचा उठ जाता ह वह अनठा हो जाता ह अचानक वह gt यि+ त हो उठता ह

एक व9 त बदल जा सकती ह ठUक उसक जगह वसी ह चीज लाई जा सकती ह ल0कन उसी तरह एक gt यि+ त नह बदला

जा सकता व9 त का अथ ह जो बदल जा सक gt यि+ त का अथ ह जो नह बदला जा सक 0कसी पMष या 9 ी क 9 थान पर

ठUक वसा ह पMष या 9 ी नह लायी जा सकती ह हर एक gt यि+ त अनठा ह व9 त नह

म 0कसी को भी अनठा बना दता ह यह कारण ह 0क म क Bबना तम नह महसस करत 0क म_ gt यि+ त ह जब तक कोई

तZ ह4 गहन म न कर तZ हार अनठपन का एहसास ह नह होता तब तक तम भीड़ क Vह9 स होmdashएक नबर एक सr या

और तम बदल जा सकत हो

यह स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliphelliplsquorsquo

यह 0कसी वषय या gt यि+ त म4 कोई फक नह करता उसक जMरत नह ह + य-0क जब तम मपवक दखत हो तो कोई भी

चीज gt यि+ त हो उठती ह यह दखना ह बदलता ह MपातPरत करता ह

तमन दखा हो या न दखा हो जब तम 0कसी खास कार को समझो वह 0फएट ह चलात हो तो + या होता ह एक ह जस

हजार--हजार 0फएट ह ल0कन तZ हार कार अगर तम पनी कार को म करत हो अनठU हो जाती ह gt यि+ त बन जाती ह

उस बदला नह जा सकता एक नाता-PरR ता नमत हो गया अब तम इस कार को एक gtयि+ त समझत हो

अगर कछ गड़बड़ हो जाए जरा सी आवाज आन लग तो तZ ह4 तरत उसका एहसास होता ह और कार4 बहत तनकमज़ाज

होती ह तम अपनी कार क मज़ाज स पPरचत हो 0क कब वह अf छा महसस करती ह और कब बरा धीर-धीर कार

gt यि+ त बन जाती ह + यो

अगर म का सबध ह तो कोई भी चीज gt यि+ त बन जाती ह और अगर वासना का सबध हो तो gt यि+ त भी व9 त बन जाता

ह और यह बड़ स बड़ा अमानवीय कतय ह जो आदमी कर सकता ह 0क वह 0कसी को व9 त बना द

lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

इसक लए कोई + या कर म स जब दखत हो तो + या होता ह पहल बात अपन को भल जाओ अपन को Bबलकल भल

जाओ एक फल को दखो और अपन को Bबलकल भल जाओ फल तो हो ल0कन तम अनपि9 थत हो जाओ फल को अनभव

करो और तZ हार चतना स गहरा म फल क और वाVहत होगा और तब अपनी चतना को एक ह वचार स भर जान दो

0क कस म_ इस फल क ` यादा lखलन4 म4 ` यादा सदर होन म4 ` यादा आनVदत होन म4 सहयोगी हो सकता ह म_ + या कर

सकता ह

यह महतव क बात नह ह 0क तम कछ कर सकत हो या नह यह ासगक नह ह यह भाव 0क म_ + या कर सकता ह यह

पीड़ा गहर पीड़ा 0क इस फल को ` यादा सदर ` यादा जीवत और ` यादा 9 फVटत बनान क लए म_ + या कM ` यादा

महतव क ह इस वचार को आन पर ाण- म4 गजन दो अपन शरर और मन क lt यक तत को इस वचार स भीगन दो

तब तम समाधसथ हो जाओग और फल एक gt यि+ त बन जाएगा

lsquorsquoदसर वषय पर मत जाओhelliplsquorsquo

तम जा नह सकत अगर तम म म4 हो तो नह जा सकत अगर तम इस समह म4 बठ 0कसी gt यि+ त को म करत हो तो

तZ हार लए सब भीड़ भल जाती ह और कवल यह चहरा बचता ह सच म4 तम और 0कसी को नह दखत उस एक चहर को

ह दखत हो सब वहा ह ल0कन व नह क बराबर ह व तZ हार चतना क महज पPरध पर होत ह व महज छायाए ह मातर

एक चहरा रहता ह अगर तम 0कसी को म करत हो तो मा वह चहरा रहता ह इसलए दसर पर तम नह जा सकत

दसर वषय पर मज जाओ एक क साथ ह रहो गलाब क फल क साथ या अपनी मका क चहर क साथ रहो ओर उसक

साथ मपवक रहो वाहमान रहो समगर दय स उसक साथ रहो और इस वचार क साथ रहो 0क म_ अपनी मका को

` यादा सखी और आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

और जब ऐसी ि9 थत बन जाए 0क तम अनपि9 थत हो अपनी 0फ2 नह करत अपनी सख सतोष क चता नह लत अपन

को पर तरह भल गए हो जब तम सफ दसर क लए चता करत हो दसरा तZ हार म का क4 बन गया ह तZ हार चतना

दसर म4 वाVहत हो रह ह जब गहन कMणा और म क भाव स तम सोचत हो 0क म_ अपनी मका को आनVदत करन क

लए + या कर सकता ह तब इस ि9 थत म4 अचानक lsquorsquoयह वषय क मधय म4mdashआनद अचानक उप-उlt पत क तरह तZ ह4

आनद उपलबध हो जाता ह तब अचानक तम क4 Vत हो गए

यह बात वरोधाभासी लगती ह + य-0क स कहता ह 0क अपन को Bबलकल भल जाओ आतम क4 Vत मत बनो दसर म4

पर तरह वश करो

ब नरतर कहत थ 0क जब भी तम ाथना करो तो दसर- क लए कर-mdashअपन लए नह अG यथा ाथना gt यथ जायगी

एक आदमी ब क पास आया और उसन कहा 0क म_ आपक उपदश को 9 वीकार करता ह ल0कन उसक एक बात मानना

बहत कVठन ह आप कहत ह जब भी तम ाथना करो तो अपनी मत सोचो अपन लए मत कछ मागो सदा यह कहो 0क

मर ाथना स जो फल आए वह सबको मल कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आमद न कहा यह बात भी ठUक

ह ल0कन कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आदमी न कहा यह बात भी ठUक ह ल0कन म_ इसम एक अपवाद

एक ह अपवाद करना चाहगा और वह यह 0क यह कपा मर पड़ोसी को न मल + य-0क वह मरा श ह यह आनद मर

पड़ोसी को छोड़कर सबको ापत हो

मन आतम क4 Vत ह ब न उस आदमी स कहा 0क तब तZ हार ाथना gt यथ ह अगर तम सब कछ सबको बाटन को तयार

नह हो तो कछ भी फल नह होगा और सबम4 बाट दोग तो सब तZ हारा होगा

म म4 तZ ह4 अपनी को भल जाना ह ल0कन तब यह बात वरोधाभासी लगन लगती ह तब क4 Vत होना कब और कस घVटत

होगा दसर म4 समMपण सलगन होन स जब तम 9 वय को पर तरह भल जात हो और जब दसरा ह बचता ह तम आनद

स आशीवाद स भर Vदय जात हो

+ यो + य-0क जब तम अपनी 0फ2 नह रहती तो तम खाल Pरकत हो जात हो तब आतPरक आकाश नमत हो जाता ह

जब तZ हारा मन पर तरह दसर म4 सलगन ह तो तम अपन भीतर मन रVहत हो जात हो तब तZ हार भीतर वचार नह रह

जाता ह और तब यह वचार भी 0क म_ दसर को अधक सखी अधक आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह जाता

रहता ह + य-0क सच म4 तम कछ नह कर सकत तब यह वचार वराम बन जाता ह तम कछ नह कर सकत + या कर

सकत हो + य-0क अगर सोचत हो 0क म_ कछ कर सकता ह तो अब भी अहकार क भाषा म4 सोच रह हो

समरण रह मपा क साथ gt यि+ त Bबलकल असहाय हो जाता ह जब भी तम 0कसी को म करत हो तम असहाय हो जात

हो यह म क पीड़ा ह 0क तZ ह4 पता नह चलता 0क म_ + या कर सकता ह तम सब कछ करना चाहोग तम अपन मी या

मका को सारा माड द दना चाहोग ल0कन तम कर + या सकत हो अगर तम सोचत हो 0क यह या वह कर सकत हो तो

तम अभी म म4 नह हो म बहत असहाय ह Bबलकल असहाय ह और वह असहायपन सदर ह + य-0क उसी असहायपन

म4 तम समपत हो जात हो

0कसी को म करो और तम असहाय अनभव करोग 0कसी को धणा करो और तZ ह4 लगगा 0क तम कछ कर सकत हो म

करो और तम Bबलकल असमथ हो तम + या कर सकत हो जो भी तम कर सकत हो वह इतना Q लगता ह इतना

अथहन वह कभी भी पयापत नह मालम होता कछ नह 0कया जा सकता और जब कोई समझता ह 0क कछ नह 0कया

जा सकता तब वह असहाय अनभव करता ह जब कोई सब कछ करना चाहता ह और समझता ह 0क कछ नह 0कया जा

सकता तब मन Mक जाता ह और इसी असहायाव9 था म4 समपण घVटत होता ह तम खाल हो गए

यह कारण ह 0क म गहन L यान बन जाता ह अगर सच म4 तम 0कसी को म करत हो तो 0कसी अनय L यान क जMरत न

रह ल0कन + य-0क कोई भी म नह करता ह इसलए एक सौ बारह वधय- क जMरत पड़ी और व भी काफ कम ह

उस Vदन कोई यहा था वह कहा रहा था 0क इसस मझ बहत आशा बधी ह म_न पहल दफा आप स ह सना ह 0क एक सौ

बारह वधया ह इसस बहत आशा होती ह ल0कन मन म4 कह एक वषाद भी उठता ह 0क + या कल एक सौ बारह वधय-

स काम चल सकता ह अगर मर लए वह सब क सब gt यथ हई तो + या होगा + या कोई एक सौ तरहवी वध नह ह

और वह आदमी सह ह वह सह ह अगर य एक सौ बारह वधया तZ हार काम न आ सक तो कोई उपाय नह ह इसलए

उसका कहना ठUक ह 0क आशा क पीछ-पीछ वषाद भी घरता ह ल0कन सच तो यह ह 0क वधय- क जMरत इसलए

पड़ती ह 0क बनयाद वध खो गई ह अगर तम म कर सको तो 0कसी वध क जMरत नह ह म 9 वय सबस बड़ी वध

ल0कन म कVठन ह एक तरह स असभव म का अथ ह अपन को ह अपनी चतना स नकाल बाहर करना और उसक

जगह अपन अहकार क जगह दसर को 9 थापत करना म का अथ ह अपनी जगह दसर को 9 थापत करना मान- 0क अब

तम नह ह सफ दसरा ह

`या पाल सा कहता ह 0क दसर नरक ह और वह सह ह + य-0क दसरा तZ हार लए नरक ह बनाता ह ल0कन सा गलत

भी हो सकता ह + य-0क दसरा अगर नरक ह तो वह 9 वग भी हो सकता ह

अगर तम वासना स जीत हो तो दसरा नरक ह + य-0क तम उस gt यि+ त क हlt या करन म4 लग हो तम उस व9 त म4 बदलन

म4 लग हो तब वह gt यि+ त भी त02या म4 तZ ह4 व9 त बनाना चाहगा और उसस ह नरक पदा होता ह

तो सब पत-पlt नी एक दसर क लए नरक पदा कर रह ह + य-0क हरक दसर पर मल0कयत करन म4 लगा ह मल0कयत

सफ चीज4 क हो सकती ह वयि+ तय- क नह तम 0कसी व9 त को तो अधकार म4 कर सकत हो ल0कन 0कसी gt यि+ त को

अधकार म4 नह कर सकत ल0कन तम gt यि+ त पर अधकार करन क कोशश करत हो और उस कोशश म4 gt यि+ त बन

जाता ह तब तम भी मझ व9 त बनान क कोशश करोग उसस ह नरक बनता ह

तम अपन कमर म4 अकल बठ हो और तभी तZ ह4 अचानक पता चलता ह 0क कोई चाबी क छद स भीतर झाक रहा ह गौर स

दखो 0क + या होता ह तZ ह4 कोई बदलाहट महसस हई तम + य- इस झाकन वाल पर नाराज होत हो उसन तZ ह4 व9 त म4

बदल Vदया वह झाक रहा ह और झाक कर उसन तZ ह4 व9 त बना Vदया आcज+स बना Vदया उसन ह तZ ह4 बचनी होती

और वह बात उस आदमी क साथ होगी अगर तम उस चाबी क छद क पास आकर बाहर दखन लगो तो दसरा gt यि+ त घबरा

जाएगा एक Qण पहल वह O टा था और तम aशय थ अब वह अचानक पकड़ा गया और तZ ह4 दखत हए पकड़ा गया और

अब वह व9 त बन गया ह

जब कोई तZ ह4 दख रहा ह तो तZ ह4 लगता ह 0क मर 9 वतता बाधत हई नषट हई यह कारण ह 0क मपा को छोड़कर

तम 0कसी को घर नह सकत टकटक लगाकर दख नह सकत अगर तम म म4 नह हो तो वह घरना कMप होगा Vहसक

होगा हा अगर तम म म4 हो तो वह घरना सदर ह + य-0क तब तम घरकर 0कसी को व9 त म4 नह बदल रह हो तब तम

दसर क आख स सीध झाक सकत हो तब तम दसर क आख म4 गहर वश कर सकत हो तम उस व9 त म4 नह बदलत

बिY क तZ हारा म उस gt यि+ त बना दता ह यह कारण ह 0क सफ मय- को घरना सदर होता ह शष सब घरना कMप ह

गदा ह

मानि9वद कहत ह 0क तम 0कसी gt यि+ त को अगर वह अजनबी ह 0कतनी दर तक घरकर दख सकत हो इसक सीमा ह

तम इसका नरQण करो और तZ ह4 पता चल जाएगा 0क इसक अवध 0कतनी ह इस समय क सीमा ह उसस एक Qण

` यादा घर- और दसरा gt यि+ त 2 हो जायगा सावजनक Mप स एक चलती हई नजर Qमा क जा सकती ह + य-0क उसस

लगगा 0क तम दख भर रह थ घर नह रह थ aिO ट गड़ा कर दखना दसर बात ह

अगर म_ तZ ह4 चलत-चलत दख लता ह तो उसस कोई सबध नह बनता ह या म_ गजर रहा ह और तम मझ पर नगाह डाल-

तो उसस कछ बनता-Bबगड़ता नह ह वह अपराध नह ह ठUक ह ल0कन अगर तम अचानक tककर मझ दखन लगो तो

तम नरQक हो गए तब तZ हार aिO ट स मझ अड़चन होगी और म_ अपमानत अनभव कMगा तम कर कया रह हो म_

gt यि+ त ह व9 त नह यह कोई दखन का ढग ह

इसी वजह स कपड़ महlt वपण हो गए ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तभी तम उसक समQ नगन हो सकत हो + य-0क

िजस Qण तम नगन होत हो तZ हारा समचा शरर aिO ट का वषय बन जाता ह कोई तZ हार पर शरर को नहार रहा ह

और अगर वह तZ हार म म4 नह ह तो उसक आख तZ हार पर शरर को तZ हार पर अि9 ततव को व9 त म4 बदल द4गी

ल0कन अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम उसक सामन ल` जा महसस 0कए Bबना ह नगन हो सकत हो बिY क तZ ह4

नगन होना रास आएगा + य-0क तम चाहोग 0क यह Mपातरकार म तZ हार पर शरर को gt यि+ त म4 MपातPरत कर द

जब भी तम 0कसी को व9 त म4 बदलत हो तो वह कतय अनतक ह ल0कन अगर तम म स भर हो तो उस म भर Qण म4

घटना यह आनद 0कसी भी वषय क साथ सभव हो जाता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

अचानक तम अपन को भल गए हो दसरा ह ह और तब वह सह Qण आएगा जब 0क तम पर क पर अनपि9 थत हो

जाओग तब दसरा भी अनपि9 थत हो जाएगा और तब दोन- क बीच वह धG यता घटती ह मय- क यह अनभत ह

यह आनद एक अात और अचतन L यान क कारण घटता ह जहा दो मी ह वहा धीर-धीर दोन- अनपि9 थत हो जात हो

और वहा एक श असततव बचता ह िजसम4 कोई अहकार नह ह कोई CवCव नह ह वहा मा सवाद ह साहचय ह

सहभागता ह उस सभोग म4 ह आनद उतरता ह वह समझना गलत ह 0क यह आनद तZ ह4 0कसी दसर स मला ह वह

आनद आया ह + य-0क तम अनजान ह एक गहर L यान वध म4 उतर गय हो

तम यह सचतन भी कर सकत हो और जब सचतन करत हो तो तम और गहर जात हो + य-0क तब तम वषय स बध नह

हो यह रोज ह होता ह जब तम 0कसी को म करत हो तो तम जो आनद अनभव करत हो उसका कारण दसरा नह ह

उसका कारण बस म ह और म + य- कारण ह + य-0क यह घटना ह यह स घटता ह

ल0कन तब तम एक गलतफहमी स सत हो जात हो तम सोचत हो 0क अ या ब क सािG नधय क कारण यह आनद घटा

और तम सोचत हो 0क मझ अ को अपन कc ज म4 करना चाVहए + य-0क अ क उपि9 थत क Bबना मझ यह आनद नह

मलता और तम ईO याल हो जात हो तZ ह4 डर लगन लगता ह 0क अ 0कसी दसर क कc ज म4 न चला जाय + य-0क तब

दसरा आनVदत होगा और तम दःखी होओग इसलए तम प+ का कर लना चाहत हो 0क अ 0कसी और क कबज म4 न जाए

अ को तZ हार ह कc ज म4 होना चाVहए + य-0क उसक Cवारा तZ ह4 0कसी और लोक क झलक मल

ल0कन िजस Qण तम मालकयत क चO टा करत हो उसी Qण उस घटना का सब सqदय सब कछ नषट हो जाता ह जब

म पर कc जा हो जाता ह म समापत हो जाता ह तब मी सहज एक व9 त होकर रह जाता ह तम उसका उपयोग कर

सकत हो ल0कन 0फर वह आनद नह घVटत होगा वह आनद तो दसर क gt यि+ त होन स आता ह दसरा तो नमत हआ

था तमन उसक भीतर gt यि+ त को नमत 0कया था उसन तZ हार भीतर वह 0कया था तब कोई आcज+स नह था तब

दोन- दो जीवत नजात थ ऐसा नह था एक gt यि+ त था और दसरा व9 त ल0कन ` य- ह तमन माल0कयत क 0क आनद

असभव हो गया

और मन सदा 9 वामतव करना चाहगा + य-0क मन सदा लोभ क भाषा म4 सोचता ह सोचता ह 0क एक Vदन जो आनद

मला वह रोज-रोज मलना चाVहए इसलए मझ 9 वामतव जMर ह ल0कन यह आनद ह तब घटता ह जब सवामतव क

बात नह रहती और आनद दसर क कारण नह तZ हार कारण घटता ह यह समरण रह 0क आनद तZ हार कारण घटता ह

+ य-0क तम दसर म4 इतना समाVहत हो गए 0क आनद घVटत हआ

यह घटना गलाब क फल क साथ भी घट सकती ह चान या वQ या 0कसी भी चीज क साथ घट सकती ह एक बार तम उस

ि9 थत स पPरचत हो गए िजसम4 यह आनद घटता ह तो वह कह भी घट सकता ह यVद तम जानत हो 0क तम नह हो ओ

0कसी गहन म म4 तम दसर क और वाVहत हो जाए तो अहकार तZ ह4 छोड़ दता ह और अहकार क उस अनपि9 थत म4

आनद फलत होता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-19 (ओशो) क0 =1त होन क सातवी वध

शवत-सmdashवध-19 ndashओशो( 9नतबो पर बठो)

lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बना सफ 9नतब2 पर बठो अचानक क0 =1त हो जाओगlsquorsquo

चीन म4 ताओ वाVदय- न सVदय- स इस वध को योग 0कया ह यह एक अvत वध ह और बहत सरल भी

इस योग करो lsquorsquoपाव- या हाथ- को सहारा Vदए Bबना सफ नतब- पर बठो अचानक क4 Vत हो जाओगlsquorsquo

इसम4 करना + या ह इसक लए दो चीज4 जMर ह एक तो बहत सवदनशील शरर चाVहए जो 0क तZ हार पास नह ह

तZ हारा शरर मदा ह वह एक बोझ ह सवदनशील Bबलकल नह ह इसलए पहल तो उस सवदनशील बनाना होगा

अG यथा यह वध काम नह करगी म_ पहल तZ ह4 बताऊगा 0क शरर को सवदनशील कस बनाया जाएmdashखासकर नतब

को

तZ हार जो नतब ह वह तZ हार शरर का सब स सवदनशील अग ह उस सवदनहन होना पड़ता ह + य-0क तम सारा Vदन

नतब पर ह बठ रहत हो अगर वह बहत सवदनशील हो तो अड़चन होगी तZ हार नतब को सवदनहन होना जMर ह पाव

क तलव जसी उसक दशा ह नरतर उन पर बठ-बठ पता नह चलता 0क तम नतब- पर बठ हो इसक पहल + या कभी

तमन उG ह4 महसस 0कया ह अब कर सकत हो ल0कन पहल कभी नह 0कया और तम पर िजदगी उन पर ह बठत होmdash

Bबना जान उनका काम ह ऐसा ह 0क व बहत सवदनशील नह हो सकत

तो पहल तो उG ह4 सवदनशील बनाना होगा एक बहत सरल उपाय काम म4 लाओ यह उपाय शरर क 0कसी भी अग क लए

काम आ सकता ह तब शरर सवदनशील हो जाएगा एक कसy पर वkाम पवक शथल होकर बठो आख बद कर लो और

शथल होकर कसy पर बठो और बाए हाथ को दाVहन हाथ पर महसस करो कोई भी चलगा बाए हाथ को महसस करो शष

शरर को भल जाओ और बाए हाथ को महसस करो

तम िजतना ह उस महसस करोग वह उतना ह भार होगा ऐस बाए हाथ को महसस करत जाओ पर शरर को भल जाओ

बाए हाथ को ऐस महसस करो जस तम बाया हाथ ह हो हाथ ` यादा स ` यादा भार होता जाए जस-जस वह भार होता

जाए वस-वस उस और भार महसस करो और तब दखो 0क हाथ म4 + या हो रहा ह

जो भी उlt तजना मालम हो उस मन म4 नोट कर लोmdashकोई उlt तजना कोई झटका कोई हलक गत सबको मन म4 नोट करत

जाओ इस तरह रोज तीन स] ताह तक योग जार रखो Vदन क 0कसी समय भी दस-पह मनट तक यह योग करो बाए

हाथ को महसस करो और सार शरर को भल जाओ

तीन स] ताह क भीतर तZ ह4 अपन एक नए बाए हाथ का अनभव होगा और वह इतना सवदनशील होगा इतना जीवत और

तब तZ ह4 हाथ क सQम और नाजक सवदनाओ का भी पता चलन लगगा

जब हाथ सध जाए तो नतब पर योग करो तब यह योग करो आख4 बद कर लो और भाव करो 0क सफ दो नतब ह तम

नह ह अपनी सार चतना को नतब पर जान दो यह कVठन नह ह अगर योग करो तो यह आR चयजनक ह अvत ह

उसस शरर म4 जा जीवतता का भाव आता ह वह अपन आप म4 बहत आनददायक ह और जब तZ ह4 अपन नतब- का

एहसास होन लग जब व खब सवदनशील हो जाए जब भीतर कछ भी हो उस महसस करन लगो छोट सी हलचल नG ह

सी पीड़ा भी महसस करन लगो तब तम नरQण कर सकत हो जान सकत हो तब समझो 0क तZ हार चतना नतब- स

जड़ गयी

पहल हाथ स योग शM करो + य-0क हाथ बहत सवदनशील ह एक बार तZ ह4 यह भरोसा हो जाए 0क तम अपन हाथ को

सवदनशील बना सकत हो तब वह भरोसा तZ ह4 तZ हार नतब को सवदनशील बनान म4 मदद करगा और तब इस वध

को योग म4 लाओ इसलए इस वध को योग म4 लाओ इसलए इस वध म4 वश करन क लए तZ ह4 कम स कम छह

स] ताह क तयार करनी चाVहए तीन स] ताह हाथ क साथ और तीन स] ताह नतब- क साथ उG ह4 ` यादा स ` यादा

सवदनशील बनाना ह

Bबसतर पर पड़-पड़ शरर को Bबलकल भल जाओ इतना ह याद रखो 0क सफ दो नतब बच ह 9 पश अनभव करोmdash

Bबछावन क चादर का सद का या धीर-धीर आती हई उO णता का अपन 9 नान टब म4 पड़-पड़ शरर को भल जाओ नतब-

को ह समरण रखो

उG ह4 महसस करो दवार स नतब सटाकर खड़ हो जाओ और दवार क ठडक को महसस करो अपनी मका या पत क

साथ नतब स नतब मलाकर खड़ जाओ और एक-दसर को नतब- क Cवारा महसस करो यह वध महज तZ हार नतब

को पदा करन क लए ह उG ह4 उस ि9 थत म4 लान क लए जहा व महसस करन लग4

और जब इस वध को काम म4 लाओ lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बनाhelliplsquorsquo

जमीन पर बठो पाव- या हाथ- क सहार क Bबना सफ नतब- क सहार बठो इसम4 ब का पासन काम करगा या

सCघासन या कोई मामल आसन भी चलगा ल0कन अf छा होगा 0क हाथ का उपयोग न करो सफ नतब- क सहार रहो

नतब- पर ह बठो और तब + या करो आख बद कर लो और नतब- का जमीन क साथ 9 पश महसस करो और च0क

नतब सवदनशील हो चक ह इसलए तZ ह4 पता चलगा 0क एक नतब जमीन को अधक 9 पश कर रहा ह उसका अथ हआ

0क तम एक नतब पर ` यादा झक हए हो और दसरा जमीन स कम सटा हआ ह और तब दसर नतब पर बार-बार स

झकत जाओ और तब धीर-धीर सतलन लाओ

सतलन लान का अथ ह 0क तZ हार दोन- नतब एक सा अनभव करत ह दोन- क ऊपर तZ हारा भार Bबलकल समान हो और

तब तZ हार नतब सवदनशील हो जाएग तो यह सतलन कVठन नह होगा तZ ह4 उसका एहसास होगा और एक बार दोन-

नतब सतलन म4 आ जाए तो तम क4 पर पहच गए उस सतलन म4 तम अचानक अपन नाभ क4 पर पहच जाओग और

भीतर क4 Vत हो जाओग तब तम अपन नतब- को भल जाओग अपन शरर को भल जाओग तब तम अपन आतPरक क4

पर ि9 थत होओग

इसी वजह स म_ कहता ह 0क क4 नह क4 Vत होना महlt वपण ह चाह वह घटना दय म4 या सर म या नतब म4 घVटत हो

उसका महतव नह ह तमन ब- को बठ दखा होगा तमन नह सोचा होगा 0क व अपन नतब- का सतलन 0कए बठ ह

0कसी मVदर म4 जाओ और महावीर को बठ दखो या ब को बठ दखो तमन नह सोचा होगा 0क यह बठना नतब- का सतलन

भर ह यह वह ह और जब असतलन न रहा तो सतलन स तम क4 Vत हो गए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-20 (ओशो) क0 =1त होन क आठवी वध

वान भरव त-शव भाग-1 त-सmdashवध-20( ओशो)

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवारा अनभव को )ापत हो या 6कसी अचल वाहन म0 अपन को मद स मदतर

होत अ_शय वतल2 म0 झलन दन स भीlsquorsquo

दसर ढग स यह वह ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4helliphelliphelliplsquorsquo

तम रलगाड़ी या बलगाड़ी स याा कर रह हो जब यह वध वकसत हई थी तब बलगाड़ी ह थी तो तम एक Vहद9तानी

सड़क परmdashआज भी सडक4 वसी ह हmdashबलगाड़ी म4 याा कर रह हो ल0कन चलत हए अगर तZ हारा सारा शरर Vहल रहा ह

तो बात gt यथ हो गई

lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क कारणhelliphelliplsquorsquo

लयव ढग स झल- इस बात को समझो बहत बारक बात ह जब भी तम 0कसी बलगाड़ी या 0कसी वाहन म4 चलत हो तो

तम तरोध करत होत हो बलगाड़ी बाई तरफ झकती ह ल0कन तम उसका तरोध करत हो तम सतलन रखन क लए

दाई तरफ झक जात हो अG यथा तम गर जाओग इसलए तम नरतर तरोध कर रह हो बल गाड़ी म4 बठ-बठ तम

बलगाड़ी क Vहलन-डलत स लड़ रह हो वह इधर जाती ह तो तम उधर जात हो यह वजह ह 0क रलगाड़ी म4 बठ-बठ तम थक

जात हो तम कछ करत नह हो तो थक + य- जात हो अG यथा ह तम बहत कछ कर रह हो तम नरतर रलगाड़ी स लड़ रह

हो तरोध कर रह हो

तरोध मत करो यह पहल बात ह अगर तम इस वध को योग म4 लाना चाहत हो तो तरोध छोड़ दो बिY क गाड़ी क

गत क साथ-साथ गत करो उसक गत क साथ-साथ झल- बलगाड़ी का अग बन जाओ तरोध मत करो रा9 त पर

बलगाड़ी जो भी कर तम उसक अग बनकर रहो इसी कारण याा म4 बf च कभी नह थकत ह

पनम हाल ह म4 लदन स अपन दो बf च- क साथ आई ह चलत समय वह भयभीत थी 0क इतनी लबी याा क कारण बf च4

थ जाएग बीमार हो जाएग वह थक गई और व हसत हए यहा पहच वह जब यहा पहची तो थक कर चर-चर हो गई थी

जब वह मर कमर म4 वषट हई वह थकावट स टट रह थी और दोन- बf च4 वह तरत खलन लग गय लदन स बबई

अठारह घट क याा ह ल0कन व जरा भी थक नह + य- + य-0क अभी व तरोध करना नह जानत ह

एक पय+ कड़ सार रात बलगाड़ी म4 याा करगा और सबह वह ताजा का ताजा रहगा ल0कन तम नह कारण यह ह 0क

पय+ कड़ भी तरोध नह करता ह वह गाड़ी क साथ गत करता ह वह लड़ता नह ह वह गाड़ी क साथ झलता ह और

एक हो जाता ह

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphelliplsquorsquo

तो एक काम करो तरोध मत करो और दसर बात 0क एक लय पदा करो अपन Vहलन डलन4 म4 लय पदा कर उस लय म4

बाध- उसम एक छद पदा करो सड़क को भल जाओ सड़क या सरकार को गालया मत दो उG ह4 भी भल जाओ वस ह बल

और बलगाड़ी को या गाड़ीवान को गाल मत दो उG ह4 भी भल जाओ आख4 बद कर लो तरोध मत करो लयव ढग स

गत करो और अपनी गत म4 सगीत पदा करो उस एक नतय बना लो

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphellipअनभव को )ापत होlsquorsquo

स कहता ह 0क तZ ह4 अनभव ापत हो जाएगा

lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4helliplsquorsquo

यह मत पछो 0क बलगाड़ी कहा मलगी अपन को धोखा मत दो

+ य-0क यह स कहता ह lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह बठ-बठ हए वतल म4 झल- घम- वतल को छोट स छोटा 0कए जाओmdashइतना छोटा 0क तZ हारा शरर aशय स झलता

हआ न रह ल0कन भीतर एक सQम गत होती रह आख बद कर लो और बड़ वतल स शM कर आख बद कर लो अG यथा

जब शरर Mक जाएगा तब तम भी Mक जाओग आख बद करक बड़ वतल को छोटा और छोटा 0कए चलो

aशय Mप स तम Mक जाओग 0कसी को नह मालम होगा 0क तम अब भी Vहल रह हो ल0कन भीतर तम एक सQम गत

अनभव करत रहोग अब शरर नह चल रहा ह कवल मन चल रहा ह उस भी मद स मदतर 0कए चलो और अनभव करो

वह क4 Vत हो जाओग 0कसी वाहन म4 0कसी चलत वाहन म4 एक अतरोध और लयब गत तZ ह4 क4 Vत हो जाओग

गMिजएफ न इन वधय- क लए अनक नतय नमत 0कए थ वह इस वध पर काम करता था वह अपन आkम म4

िजतन नlt य- का योग करता था वह सच म4 वतल म4 झमन स सबधत थ सभी नतय वतल म4 चककर लगान स सबधत

ह बाहर चककर लगाकर लगाना होता भीतर होश पण रहना होता 0फर व धीर-धीर वतल को छोटा और छोटा 0कए जात ह

तब एक समय आता ह 0क शरर ठहर जाता ह ल0कन भीतर मन गत करता रहता ह

अगर तम लगातार बीस घट तक रलगाड़ी म4 सफर करक घर लोट- और घर म4 आख बद करक दखो तो तZ ह4 लगगा 0क तम

अब भी गाड़ी म4 याा कर रह हो शरर तो ठहर गया ह ल0कन मन का लगता ह 0क यह गाड़ी म4 ह ह वस ह इस वध का

योग करो गरिजएफ न अvत नतय पदा 0कए और सदर नतय इस सद म4 उसन सचमच चमlt कार 0कया ह व चमlt कार

सतय साu बाबा क चमlt कार नह थ साई बाबा क चमlt कार तो कोई गल-गल 0फरन वाला मदार भी कर सकता ह ल0कन

गMिजएफ न असल चमlt कार पदा 0कए L यान पण नतय क लए उसन सौ नतक- क एक मडल बनाई और पहल बार

उसन G ययाक क एक समह क सामन उनका दशन 0कया

सौन नतक मच पर गोल-गोल नाच रह थ उG ह4 दखकर अनक दशक- क भी सर घमन लग ऐस सफद पोशाक म4 व सौ

नतक नतय करत थ जब गMिजएफ हाथ- स नतय का सकत करता था तो व नाचत थ और ` य- ह वह Mकन का इशारा

करता था व पतथर क तरह ठहर जात थ और मच पर सG नाटा हो जाता था वह Mकना दशक- क लए था नतक- क लए

नह + य-0क शरर तो तरत Mक सकता ह ल0कन मन तब नतय को भीतर ल जाता ह और वहा नतय चलता रहता ह

उस दखना भी एक सदर अनभव था 0क सौ लोग अचानक मत मत य- जस हो जात ह उसक दशक- म4 एक आघात पदा

होता था + य-0क सौ नतय सदर और लयव नltय अचानक ठहरकर जाम हो जात थ तम दख रह हो 0क व घम रह ह

गोल-गोल नाच रह ह और अचानक सब नतक ठहर गए तब तZ हारा वचार भी ठहर जाता ह G ययाक म4 अनक को लगा

0क यह तो एक बबझ रह9 यपण नतय ह + य-0क उनक वचार भी उसक साथ तरत ठहर जात थ ल0कन नतक- क लए

नतय भीतर चलता रहता था भीतर नतय क वतल छोट स छोट होत जात थ और अत म4 वह क4 Vत हो जात थ

एक Vदन ऐसा हआ 0क सार नतक नाचत हए मच क 0कनार पर पहच गए लोग सोचत थ 0क अब गMिजएफ उG ह4 रो द4ग

अG यथा व दशक- क भीड़ पर गर पड़4ग सौ नतक नाचत-नाचत मच क 0कनार पर पहच गए ह एक कदम और और व

नीच दशक- पर गर पड़4ग सार दशक इस तीQा म4 थ 0क गMिजएफ tको कहकर उG ह4 वह रो दगा ल0कन उसी Qण

गMिजएफ न उनक तरफ स मख फर लया और पीठ कर क खड़ा हो कर अपना सगार चलान लगा और सौ नतक- क पर

मडल मच स नीच नग फश पर गर पड़ी

सभी दशक उठ खड़ हए उनक चीख़4 नकल गई गरना इस धमाक क साथ हआ था 0क उG ह4 लगा 0क अनक दशक- क हाथ

पर टट गए ह-ग ल0कन एक भी gt यि+ त को चोट नह लगा थी 0कसी को खर-च तक भी नह आई थी

उG ह-न गMिजएफ स पछा 0क + या हआ 0क एक आदमी भी घायल नह हआ जब 0क नतक- का नीच गरना इतना बड़ा था

यह तो एक असभव घटना मालम होती ह

कारण इतना ह था 0क उस Qण नतक अपन शरर- म4 नह थ व अपन भीतर क वतल- को मदतर 0कए जा रह थ और जब

गरिजएफ न दखा 0क व पर तरह अपन शरर- को भल गय ह तब उसन उG ह4 नीच गरन Vदया

तम जब शरर को Bबलकल भल जात हो तो कोई तरोध नह रह जाता ह और हडी तो टटती ह तरोध क कारण जब

तम गरन लगत हो तो तम तरोध करत हो अपन को गरन स रोकत हो गरत समय तम गtltवाकषण क वM सघष

करत हो और वह तरोध वह सघष समसया बन जाता ह गtltवाकषण नह तरोध स हडी टटती ह अगर तम

गMlt वाकषण क साथ सहयोग करो उसक साथ-साथ गरो तो चोट लगन क कोई सभावना नह ह

स कहता ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क Cवारा अनभव को ापत हो या 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद

स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह तम ऐस भी कर सकत हो वाहन क जMरत नह ह जस बf च4 गोल-गोल घमत ह वस गोल-गोल घम- और जब

तZ हारा सर घमन लग और तZ ह4 लग 0क अब गर जाऊगा तो भी नाचना बद मत करो नाचत रहो अगर गर भी जाओ तो

0फ2 मत करो आख बद कर लो और नाचत रहो तZ हारा सर चकर खान4 लगगा और तम गर जाओग तZहारा शरर

गर जाए तो भीतर दखो भीतर नाचना जार रहगा उस महसस करो वह नकट स नकटतर होता जाएगा और अचानक

तम क4 Vत हो जाओग

बf च इसका खब मजा लत ह + य-0क इसस उG ह4 बहत ऊजा मलती ह ल0कन उनक मा-बाप उG ह4 नाचन स रोकत ह जो

0क अf छा नह ह उG ह4 नाचन दना चाVहए उG ह4 इसक लए उlt साVहत करना चाVहए और अगर तम उG ह4 अपन भीतर क

नाच स पPरचत करा सको तो तम उG ह4 उसक Cवारा L यान सखा दोग

व इसम रस लत ह + य-0क शरर-शG यता का भाव उनम4 ह जब व गोल-गोल नाचत ह तो बf च- को अचानक पता चलता ह

0क उनका शरर तो नाचता ह ल0कन व नह नाचत अपन भीतर व एक तरह स क4 Vत हो गए महसस करत ह + य-0क

उनक शरर और आlt मा म4 अभी दर नह बनी ह दोन- क बीच अभी अतराल ह हम सयान लोग- को यह अनभव इतनी

आसानी स नह हो सकता

जब तम मा क गभ म4 वश करत हो तो तरत ह शरर म4 नह वषट हो जात हो शरर म4 वषट होन म4 समय लगता ह

और जब बf चा जनम लता ह तब भी वह शरर स पर तरह नह जड़ा होता ह उसक आlt मा पर तरह ि9 थत नह होती ह

दोन- क बीच थोड़ा अतराल बना रहता ह यह कारण ह 0क कई चीज4 बf चा नह कर सकता उसका शरर तो उG ह4 करन को

तयार ह ल0कन वह नह कर पाता

अगर तमन खयाल 0कया हो तो दखा होगा नवजात शश दोन- आख- स दखन म4 समथ नह होत ह व सदा एक आख स

दखत ह तमन गौर 0कया होगा 0क जब बf च कछ दखत ह नरQण करत ह तो दोन- आख- स नह करत व एक आख स

ह दखत ह उनक वह आख बड़ी हो जाती ह दखत Qण उनक एक आख क पतल फल कर बड़ी हो जाती ह और दसर

पतल छोट हो जाती ह बf च अभी ि9 थर नह हए ह उनक चतना अभी ि9 थर नह ह उनक चतना अभी ढलndashढल ह

धीर-धीर वह ि9 थर होगी और तब व दोन- आख स दखन लग4ग

बf च4 अभी अपन और दसर क शरर म4 फक करना नह जानत ह यह कVठन ह व अभी अपन शरर स पर तरह नह जड

ह यह जोड़ धीर-धीर आएगा

L यान 0फर स अतराल पदा करन क चO टा ह तम अपन शरर स जड़ गए हो शरर क साथ ठोस हो चक हो तभी तो तम

समझत हो 0क म_ शरर ह अगर 0फर स एक अतराल बनाया जा सक तो 0फर समझन लगोग 0क म_ शरर नह ह शरर स

पर कछ ह इसलए झलना और गोल-गोल घमना सहयोगी होत ह व अतराल पदा करत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-21( ओशो) क0 =1त होन क नौवी वध

शव त-सmdashवध-21 6कसी अग को सई स भदोndashओशो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 6कसी अग को सई स भदो और भ1ता क साथ उस भदन म0 )वश करो और आत(रक शX को

उपलबध होओlsquorsquo

यह स कहता ह lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद-helliplsquorsquo

तZ हारा शरर मा शरर नह ह वह तमस भरा ह और यह तम अमत हो अपन शरर को भद- उसम4 छद करो जब तम

अपन शरर को छदत सफ शरर छदता ह ल0कन तZ ह4 लगता ह 0क तम ह छद गए इसी स तZ ह4 पीड़ा अनभव होती ह

और अगर तZ ह4 यह बोध हो 0क सफ शरर छदा ह म_ नह छदा ह तो पीड़ा क 9 थान पर आनद अनभव करोग

सई स भी छद करन क जMरत नह ह रोज ऐसी अनक चीज4 घVटत होती ह िजG ह4 तम L यान क लए उपयोग म4 ला सकत

हो या कोई ऐसी ि9 थत नमत भी कर सकत हो

तZ हार भीतर कह कोई पीड़ा हो रह ह एक काम करो शष शरर को भल जाओ कवल उस भाग पर मन को एका करो

िजसम पीड़ा ह और तब एक अजीब बात अनभव म4 आएगी जब तम पीड़ा वाल भाग पर मन को एका करोग तो दखोग4

0क वह भाग सकड़ रहा ह छोटा हो रहा ह पहल तमन समझा था 0क पर पाव म4 पीड़ा ह ल0कन जब एका होकर उस

दखोग4 तो मालम होगा 0क दद पाव म4 नह ह वह तो अतशयोि+ त ह दद सफ घटन म4 ह

और ` यादा एका होओ और तम दखोग4 0क दद पर घटन म4 नह ह एक छोट स Bबद म4 ह सफ उस Bबद पर एकाता

साधो शष शरर को भल जाओ आख4 बद रखो और एकाता को बढ़ाए जाओ और खोज- 0क पीड़ा कहा ह पीड़ा का Q

सकड़ता जाएगा छोट स छोटा हो जाएगा और एक Qण आएगा जब वह मा सई क नोक पर रह जाएगा उस सई क

नोक पर भी एकाता क नजर गड़ाओ और अचानक वह नोक भी वदा हो जाएगी और तम आनद स भर जाओग पीड़ा क

बजाए तम आनद स भर जाओग

ऐसा + य- होता ह + य-0क तम और तZ हार शरर एक नह ह व दो ह अलग-अलग ह वह जो एका होता ह वह तम हो

एकाता शरर पर होती ह शरर वषय ह जब तम एका होत हो तो अतराल बड़ा होता ह तादाlt मय टटता ह एकाता क

लए तम भीतर सरक पड़त हो और यह दर जाना अतराल पदा करता ह

जब तम पीड़ा पर एकाता साधत हो तो तम तादाlt मय भल जात हो तम भल जात हो 0क मझ पीड़ा हो रह ह अब तम

O टा हो और पीड़ा कह दसर जगह ह तम अब पीड़ा को दखन वाल हो भोगन वाल नह भो+ ता क O टा म4 बदलन क

कारण अतराल पदा होता ह और जब अतराल बड़ा होता ह तो अचानक तम शरर को Bबलकल भल जात हो तZ ह4 सफ

चतना का बोध होता ह

तो तम इस वध का योग भी कर सकत हो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद- और भता क साथ उस भदन म4 वश करोhelliphelliplsquorsquo

अगर कोई पीड़ा हो तो पहल तZ ह4 उसक पर Q पर एका होना होगा 0फर धीर-धीर वह Q घटकर सई क नोक क बराबर

रह जाएगा ल0कन पीड़ा क तीQा + या करनी तम एक सई स काम ल सकत हो शरर क 0कसी सवदनशील अग पर सई

चभोओ पर शरर म4 ऐस भी कई सथल ह जो मत ह उनस काम नह चलगा

तमन शरर क इन मत 9 थल- क बार म4 नह सना होगा 0कसी म क हाथ म4 एक सई द दो और तम बठ जाओ और म स

कहो 0क वह तZ हार पीठ म4 कई 9 थल- पर सई चभाए कई 9थल- पर तZ ह4 पीड़ा का एहसास नह होगा तम म स कहोग

0क तमन सई अभी नह चभोई ह मझ दद नह हो रहा ह व ह मत सथल ह तZ हार गाल पर ह ऐस दो मत सथल ह

िजनक जाच क जा सकती ह

अगर तम भारत क गाव म4 जाओ तो दखोग4 0क धामक lt योहार- क समय कछ लोग अपन गाल- को तीन स भद दत ह वह

चमlt कार जसा मालम होता ह ल0कन चमlt कार ह नह गाल पर दो मत सथल ह अगर तम उG ह4 छद- तो न खन

नकलगा और न पीडा ह होगी तZ हार पीठ म4 तो ऐस हजार- मत सथल ह वहा पीड़ा नह होती

तो तZ हार शरर म4 दो तरह क सथल हmdashसवदनशील जीवत सथल और मत सथल कोई सवदनशील सथल खोज- जहा

तZ ह4 जरा स 9 पश का भी पता चल जायगा तब उसम सई चभोकर चभन म4 वश कर जाओ वह असल बात ह वह

L यान ह और भता क साथ भदन म वश कर जाओ जस-जस सई तZ हार चमड़ी क भीतर वश करगी और तZ ह4 पीड़ा

होगी वस-वस तम भी उसम वश करत जाओ यह मत दखो 0क तZ हार भीतर पीड़ा वश कर रह ह पीड़ा को मत दखो

उसक साथ तादZ यता करो सई क साथ चभन क साथ तम भी भीतर वश करो आख4 बद कर लो पीड़ा का नरQण करो

जस पीड़ा भीतर जाए वस तम भी अपन भीतर जाओ चभाती हई सई क साथ तZ हारा मन आसानी स एका हो जाएगा

पीड़ा क तीi पीड़ा क उस Bबद को गोर स दखो वह भता क साथ भदन म वश करना हआ

lsquorsquoऔर आतPरक श को उपलबध होओlsquorsquo

अगर तमन नरQण करत हए तादाlt मय न करत हए अलग दर खड़ रहत हए Bबना यह समझ हए 0क पीड़ा तZ ह4 भद रह

ह बिY क यह दखत हए 0क सई शरर को भद रह ह और तम O टा हो वश 0कया तो तम आतPरक शता को उपलबध हो

जाओग तब आतPरक नद|षता तम पर कट हो जाएगी तब पहल बार तZ ह4 बोध होगा 0क म_ शरर नह ह

और एक बार तमन जाना 0क म_ शरर नह ह तZ हारा सारा जीवन आमल बदल जाएगा + य-0क तZ हारा सारा जीवन शरर

क इद-गद चककर काटता रहता ह एक बार जान गए 0क म_ शरर नह ह तम 0फर इस जीवन को नह ढो सकत उसका

क4 ह खो गया जब तम शरर नह रह तो तZ ह4 दसरा जीवन नमत करना पड़गा वह जीवन सG यासी का जीवन ह यह

और ह जीवन होगा + य-0क अब क4 ह और होगा अब तम ससार म4 शरर क भात नह बिY क आlt मा क भात रहोग

जब तक तम शरर क तरह रहत हो तब तक तZ हारा ससार भौतक उपलिc धय- का लोभ भोग वासना और कामकता का

ससार होगा और वह ससार शरर धान ससार होगा ल0कन जब जान लया ह 0क म_ शरर नह ह तो तZ हारा सार ससार

वलन हो जाता ह तम अब उस सZ हालकर नह रख सकत हो तब एक दसरा ससार उदय होगा जो आlt मा क इद-गद

होगा वह ससार कMणा म सqदय सतय शभ और नद|षता का ससार होगा क4 हट गया वह अब शरर म4 नह ह अब

क4 चतना म4 ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-22 (ओशो) क0 =1त होन क दसवी वध

त स- शव वान भरव त वध -22 ओशो

lsquorsquoअपन अवधान को ऐसी जगह रखो जहा अतीत क 6कसी घटना को दख रह हो और अपन शरर को भी प क वतमान

लIण खो जायग और तम पात(रत हो जाओगlsquorsquo

तम अपन अतीत को याद कर रह हो चाह वह कोई भी घटना हो तZ हारा बचपन तZ हारा म पता या माता क मlt य कछ

भी हो सकता ह उस दखो ल0कन उसस एकातम मत होओ उस ऐस दखो जस वह 0कसी और जीवन म4 घटा ह उस ऐस

दखो जस वह घटना पदw पर 0फर घट रह हो 0फY माई जा रह हो और तम उस दख रह होmdashउसस अलग तटसथ साQी क

तरह

उस 0फलम म4 कथा म4 तZ हारा बीता हआ Mप 0फर उभर जाएगा यVद तम अपनी कोई म-कथा समरण कर रह हो अपन

म क पहल घटना तो तम अपनी मका क साथ 9 मत क पदw पर कट होओग और तमहारा अतीत का Mप मका क

साथ उभर आएगा अG यथा तम उस याद न कर सकोग अपन इस अतीत क Mप स भी तादाlt मय हटा लो पर घटना को

ऐस दखो मानो कोई दसरा पMष 0कसी दसर 9 ी को म कर रहा हो मानो पर कथा स तZ हारा कछ लना-दना नह ह तम

महज aO टा हो

यह वध बहत-बहत बनयाद ह इस बहत योग म4 लाया गयाmdashवशषकर ब क Cवारा और इस वध क अनक कार

ह इस वध क योग का अपना ढग तम खद खाज ल सकत हो उदाहरण क लए रात म4 जब तम सोन लगो गहर नीद म4

उतरन लगो तो पर Vदन क अपन जीवन को याद करो इस याद क Vदशा उलट होगी यानी उस सबह स न शM कर वहा स

शM करो जहा तम हो अभी तम Bब9 तर म4 पड़ हो तो Bबसतर म4 लटन स शM कर पीछ लोट- और इस कार कदम-कदम

पीछ चलकर सबह क उस पहल घटना पर पह चो जब तम नीद स जाग थ अतीत समरण क इस 2म म4 सतत याद रखो 0क

पर घटना स तम पथक हो अछत हो

उदाहरण क लए पछल पहर तZ हारा 0कसी न अपमान 0कया था तम अपन Mप को अपमानत होत दखो ल0कन O टा

बन रहो तZ ह4 उस घटना म4 0फर नह उलझना ह 0फर 2ोध नह करना ह अगर तमन 2ोध 0कया तो तादाlt मय पदा हो

गया तब L यान का Bबद तZ हार हाथ स छट गया

इसलए 2ोध मत करो वह अभी तZ ह4 अपमानत नह कर रहा ह वह तZ हार पछल पहर क Mप को अपमानत कर रहा ह

वह Mप अब नह ह तम तो एक बहती नद क तरह हो िजसम4 तZ हार Mप भी बह रह ह बचपन म4 तZ हारा एक Mप था अब

वह नह रहा वह जा चका नद क भात तम नरतर बदलत जा रह हो

रात म4 L यान करत हए जब Vदन क घटनाओ को उलट 2म म4 त2म म4 याद करो तो L यान रह 0क तम साQी हो कता

नह 2ोध मत करो वस ह जब तZ हार कोई शसा कर तो आलाVदत मत होओ 0फलम क तरह उस भी उदासीन होकर

दखो

त2मण बहत उपयोगी ह खासकर उनक लए िजG ह4 अना क तकलफ हो अगर तZ ह4 ठUक स नीद आती ह अना

का रोग ह तो यह योग तZ ह4 बहत सहयोगी होगा + य- + य-0क यह मन को खोलन का नJथ करन का उपाय ह जब

तम पीछ लौटत हो तो मन क तह4 उघड़न लगती ह सबह म4 जस घड़ी म4 चाबी दत हो वस तम अपन मन पर भी तह4 लगाता

शM करत हो Vदन भर म4 मन पर अनक वचार- और घटनाओ क स9 कार जब जात ह मन उनस बोlझल हो जाता ह अधर

और अपण स9 कार मन म4 झलत रहत ह + य-0क उनक घVटत होत समय उG ह4 दखन का मौका नह मला था

इस लए रात म4 0फर उG ह4 लौटकर दखोmdashत2म म4 यह मन क नJथ क सफाई क 02या ह और इस 02या म4 जब

तम सबह Bबसतर स जागत क पहल घटना तक पहचोग तो तZ हारा मन 0फर स उतना ह ताजा हो जाएगा िजतना ताजा

बह सबह था और तब तZ ह4 वसी नीद आएगी जसी छोट बf च को आती ह

तम इस वध को अपन पर अतीत जीवन म4 जान क लए भी उपयोग कर सकत हो महावीर न त2मण क इस वध का

बहत उपयोग 0कया

अभी अमPरका म4 एक आदोलन ह िजस डायनVटकस कहत ह व इसी वध का उपयोग करता ह यह रोग मानसक मालम

होता ह तो उसक लए + या 0कया जाए यVद 0कसी को कहा 0क तZ हारा रोग मानसक मालम होता ह तो उसस बात बनन

क बजाए Bबगड़ती ह यह सनकर 0क मरा रोग मानसक ह 0कसी भी gt यि+ त को बरा लगता ह तब उस लगता ह 0क अब

कोई उपाय नह ह और वह बहत अहसास महसस करता ह

त2मण एक चमlt काPरक वध ह अगर तम पीछ लौटकर अपन मन क गाठ4 खोल- तो तम धीर-धीर उस पहल Qण को

पकड़ सकत हो जब यह रोग शM हआ था उस Qण को पकड़कर तम पता चलगा 0क यह रोग अनक मानसक घटनाओ और

कारण- स नमत हआ ह त2मण स व कारण 0फर स कट हो जात ह

अगर तम उसी Qण स गजर सको िजसम पहल पहल इस रोग न तZ ह4 घरा था अचानक तZ ह4 पता चल जाएगा 0क 0कन

मनोवानक कारण- स यह रोग बना था तब तZ ह4 कछ करना नह ह सफ उन मनोवानक कारण- को बोध म4 ल आना

ह इस त2मण स अनक रोग- क थया टट जाती ह और अतत रोग वदा हो जाता ह िजन थय- को तम जान लत

हो व थया वसिजत हो जाती ह और उनस बन रोग समापत हो जात ह

यह वध गहर रचन क वध ह अगर तम इस रोज कर सको तो तZ ह4 एक नया 9 वासथ और एक नई ताजगी का अनभव

होगा और अगर हम अपन बf च- को रोज इसका योग करना सखा द4 तो उG ह4 उनका अतीत कभी बोझल नह बना

सकगा तब बf च- को अपन अतीत म4 लौटन क जMरत नह रहगी व सदा यहा और अब यानी वतमान म4 रह4ग

तब उन पर अतीत का थोड़ा सा भी बोझ नह रहगा व सदा 9 वचछ और ताजा रह4ग

तम इस रोज कर सकत हो पर Vदन को इस तरह उलट 2म स पन खोलकर दख लन स तZ ह4 नई अत aिOट ापत होती ह

तZ हारा मन तो चाहगा 0क याद- को सलसला सबह स शM कर4 ल0कन उसस मन नJथक नह होता उलट पर चीज

दहरा कर और मजबत हो जाती ह इस लए सबह स शM करना गलत होगा

भारत म4 ऐस अनक तथाकथत गt ह जो सखात ह 0क पर Vदन का पनरावलोकन करो और इस 02या को सबह स शM

करो ल0कन यह गलत और नकसानदह ह उसस मन मजबत होगा और अतीत का जाल बड़ा और गहरा हो जाएगा

इसलए सबह स R याम क तरफ कभी मत चलो सदा पीछ क और गत करो और तभी तम मन को पर तरह नJथ कर

पाओग खाल कर पाओग 9 वचछ कर पाओग

मन तो सबह स शM करना चाहगा + य-0क वह आसान ह मन उस 2म को भलभात जानता ह उसम4 कोई अड़चन नह

ह त2मण म4 भी मन उछल कर सबह पर चला जाता ह और 0फर आग चला चलगा वह गलत ह वसा मत करो सजग

हो जाओ और त2म स चलो

इसम4 मन को शmQत करन क लए अनय उपाय भी काम म4 लाए जा सकत ह सौ स पीछ क तरह गनना शM करोmdash

नGयानव अानव सltतानव त2म स सौ स एक तक गनो इसम भी अड़चन होगी + य-0क मन क आदत ह एक स

सौ 0क और जान क ह सौ स एक क और जान क नह इसी 2म म4 घटनाओ को पीछ लौटकर समरण करना ह

+ या होगा पीछ लौटत हए मन को 0फर स खोलकर दखत हए तम साQी हो जाओग अब तम उन चीज- को दख रह हो जो

कभी तZ हार साथ घVटत हई थी ल0कन अब तZ हार साथ घVटत नह हो रह ह अब तो तम सफ साQी हो और व घटनाए

मन क पदw पर घVटत हो रह ह

अगर इस L यान को रोज जार रखो तो 0कसी Vदन अचानक तZ ह4 दकान पर या दpतर म4 काम करत हए r याल होगा 0क + य-

नह अभी घटन वाल घटनाओ क त भी साQी भाव रख जाए अगर समय म4 पीछ लौटकर जीवन क घटनाओ को दखा

जा सकता ह उनका गवाह हआ जा सकता ह Vदन म4 0कसी न तZ हारा अपमान 0कया थ और तम Bबना 2ोधत हए उस

घटना को 0फर स दख सकत होmdashतो + या कारण ह 0क उस घटनाओ को जो अभी घट रह ह नह दखा जा सकता ह

कVठनाई + या ह

कोई तZ हारा अपमान कर रहा ह तम अपन को घटना स पथक कर सकत हो और दख सकत हो 0क कोई तZ हारा अपमान

कर रहा ह तम यह भी दख सकत हो 0क तम अपन शरर स अपन मन स और उसस भी जो अपमानत हआ ह पथक हो

तम सार चीज क गवाह हो सकत हो और अगर ऐस गवाह हो सको तो 0फर तZ ह4 2ोध नह होगा 2ोध तब असभव हो

जायगा 2ोध तो तब सभव होता ह जब तम तादाlt मय करत हो अगर तादाlt मय नह ह तो 2ोध असभव ह 2ोध का अथ

तादाlt मय ह

यह वध कहती ह 0क अतीत क 0कसी घटना को दखो उसम4 तZ हारा Mप उपि9 थत होगा यह स तZ हार नह तZ हार Mप

क बात करता ह तम तो कभी वहा थ ह नह सदा 0कसी घटना म4 तZ हारा Mप उलझता ह तम उसम नह होत जब तम

मझ अपमानत करत हो तो सच म4 तम मझ अपमानत नह करत तम मरा अपमान कर ह नह सकत कवल मर Mप का

अपमान कर सकत हो म_ जो Mप ह तZ हार लए तो उसी क उपि9 थत अभी ह और तम उस अपमानत कर सकत हो

ल0कन म_ अपन को अपन Mप स पथक कर सकता ह

यह कारण ह 0क Vहद-Mप स अपन को पथक करन क बात पर जोर दता ह तम तZ हारा नाम Mप नह हो तम वह चतनय

हो जो नाम Mप को जानता ह और चतनय पथक ह 9 वथा पथक ह

ल0कन यह कVठन ह इसलए अतीत स शM करो वह सरल ह + य-0क अतीत क साथ कोई ताlt कालकता का भाव नह

रहता ह 0कसी न बीस साल पहल तZ ह4 अपमानत 0कया था उसम4 ताlt कालकता का भा अब कस होगा वह आदमी मर

चका होगा और बात समापत हो गई ह यह एक मदा घटना ह अतीत स याद क हई उसक त जागMक होना आसान ह

ल0कन एक बार तम उसक त जागना सीख गए तो अभी और यहा होन वाल घटनाओ क त भी जाना हो सकता ह

ल0कन अभी और यहा स आरभ करना कVठन ह सम9 या इतनी ताlt कालक ह नकट ह जMर ह 0क उसम गत करन क

लए जगह ह कहा ह थोड़ा दर बनाना और घटना स पथक होना कVठन बात ह

इसीलए स कहता ह 0क अतीत स आरभ करो अपन ह Mप को अपन स अलग दखो और उसक Cवारा MपातPरत हो

जाओ

इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग + य-0क यह नJथन हmdashएक गहर सफाई ह धलाई ह और तब तम जान-ग 0क समय

म4 जो तZ हारा शरर ह तZ हारा मन ह अि9 ततव ह वह तZ हारा वा9 तवक यथाथ नह ह वह तZ हारा सतय नह ह सार-

सतय सवथा भनन ह उस सतय स चीज4 आती जाती ह और सतय अछता रह जाता ह तम अ9 पशत रहत हो नद|ष

रहत हो कवार रहत हो सब कछ गजर जाता ह परा जीवन गजर जाता ह शभ और अशभ सफलता और वफलता शसा

और नदा सब कछ गजर जाता ह रोग और 9 वा9 थय जवानी और बढ़ापा जनम और मlt य सब कछ gt यतीत हो जाता ह

और तम अछत रहत हो

ल0कन इस अ9 पशत सतय को कस जाना जाए

इस वध का वह उपयोग ह अपन अतीत स आरभ करो अतीत को दखन क लए अवकाश उपलबध ह अतराल उपलबध

ह पPरQय सभव ह या भवषय को दखो भवषय का नरQण करो ल0कन भवषय को दखना भी कVठन ह सफ थोड

स लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह ह कवय- और कY पनाशील लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह

ह व भवषय को ऐस दख सकत ह जस व 0कसी यथाथ को दखत ह ल0कन सामानयत अतीत को उपयोग म4 लाना अf छा

ह तम अतीत म4 दख सकत हो

जवान लोग- क लए भवषय म4 दखना अf छा रहता ह उनक लए भवषय म4 झाकना सरल ह + य-0क व भवO योG मख

होत ह बढ लोग- क लए मlt य क सवाय कोई भवषय नह ह व भवषय म4 नह दख सकत ह व भयभीत ह यह वजह ह

0क बढ़ लोग सदा अतीत क सबध म4 वचार करत ह व पन-पन अपन अतीत क 9 मत म4 घमत रहत ह ल0कन व भी वह

भल करत ह व अतीत स शM कर वतमान क और आत ह यह गलत ह उG ह4 त2मण करना चाVहए

अगर व बार-बार अतीत म4 त2म स लौट सक4 तो धीर-धीर उG ह4 महसस होगा 0क उनका सारा अतीत बह गया तब कोई

आदमी अतीत स चपक Bबना अटक Bबना मर सकता ह अगर तम अतीत को अपन स चपकन न दो अतीत म4 न अटक-

अतीत को हटाकर मर सको तब तम सजग मरोग तब तम पर बोध म4 पर होश म4 मरोग और तब मlt य तZ हार लए मlt य

नह रहगी बिY क वह अमत क साथ मलन म4 बदल जाएगी

अपनी पर चतना को अतीत क बोझ स मकत कर दो उसस अतीत क मल को नकालकर उस श कर दो और तब तZ हारा

जीवन MपातPरत हो जाएगा

योग करो यह उपाय कVठन नह ह सफ अL यवसाय क सतत चOटा क जMरत ह वध म4 कोई अतभत कVठनाई नह

ह यह सरल ह और तम आज स ह इस शM कर सकत हो आज ह रात अपन Bबसतर म4 लट कर शM करो और तम बहत

सदर और आनVदत अनभव करोग परा Vदन 0फर स गजर जाएगा

ल0कन जY दबाजी मत करो धीर-धीर पर 2म स गजर- ता0क कछ भी aिO ट स चक नह यह एक आRचयजनक अनभव

ह + य-0क अनक ऐसी चीज4 तZ हार नगाह क सामन आएगी िजG ह4 Vदन म4 तम चक गय थ Vदन म4 बहत gt यसत रहन क

कारण तम बहत सदर चीज4 चकत हो ल0कन मन उG ह4 भी अपन भीतर इका करता जाता ह तZ हार बहोशी म4 भी मन

उनको हण करता जाता ह

तम सड़क पर जा रह हो और कोई आदमी गा रहा था हो सकता ह 0क तमन उसक गीत पर कोई L यान नह Vदया हो तZ ह4

यह भी बोध न हआ हो 0क तमन उसक आवाज भी सनी ल0कन तZ हार मन न उसक गीत को भी सना और अपन भीतर

9 मत म4 रख लया था अब वह गीत तZ ह4 पकड़ रहगा वह तZ हार चतना पर अनावशयक बोझ बना रहगा

तो पीछ लौट कर दखो ल0कन बहत धीर-धीर उसम गत करो ऐसा समझो 0क पदw पर बहत धीमी गत स कोई 0फलम

Vदखायी जा रह ह ऐस ह अपन बीत Vदन क छोट स छोट घटना को गौर स दखो उसक गहराई म4 जाओ और तब तम

पाओग 0क तZ हारा Vदन बहत बड़ा था वह सचमच बड़ा था + य-0क मन को उसम अनगनत सचनाए मल और मन न

सबको इका कर लया

तो त2मण करो धीर-धीर तम उस सबको जानन म4 सQम हो जाओग िजG ह4 तZ हार मन न Vदन भर म4 अपन भीतर

इका कर लया था वह टप Pरकाडर जसा ह और तम जस-जस पीछ जाओग मन का टप पछता जाएगा साफ होता

जाएगा और तब तक तम सबह क घटना क पास पहचोग तZ ह4 नीद आ जाएगी और तब तZ हार नीद क गणवता और

होगी वह नीद भी Lयान पण होगी

और दसर Vदन सबह नीद स जागन पर अपनी आख- को तरत मत खोल- एक बार 0फर रात क घटनाओ म4 त2म स

लोट- आरभ म4 यह कVठन होगा शM म4 बहत थोड़ी गत होगी कभी कोई 9 वपन का अश उस 9 वपन का अश िजस ठUक

जागन क पहल तम दख रह थ Vदखाई पड़गा ल0कन धीर-धीर तZ ह4 ` यादा बात4 समरण आन लग4गी तम गहर वश

करन लग-ग और तीन महन क बाद तम समय क उस छोर पर पहच जाओग जब तZ ह4 नीद लगी थी जब तम सो गए थ

और अगर तम अपनी नीद म4 त2म स गहर उतर सक तो तZ हार नीद और जागरण क गणवता Bबलकल बदल जाएगी

तब तZ ह4 सपन नह आएग तब सपन gt यथ हो जाय4ग अगर Vदन और रात दोन- म4 तम त2मण कर सक तो 0फर सपन-

क जMरत नह रहगी

अब मनोवानक कहत ह 0क सपना भी मन को 0फर स खोलन खाल करन क 02या ह और अगर तम 9 वय यह काम

त2मण क Cवारा कर लो तो 9 वपन दखन जMरत ह नह रहगी सपना इतना ह तो करता ह 0क जो कछ मन म4 अटका

ह अधरा पडा था अपण था उस वह परा कर दता ह

तम सड़क स गजर रह थ और तमन एक सदर मकान दखा और तZ हार भीतर उस मकान को पान क सQम वासना पदा हो

गई ल0कन उस समय तम दpतर जा रह थ और तZ हार पास Vदवा-9 वपन दखन का समय नह था तम उस कामना को

टाल गय तZ ह4 यह पता भी नह चला 0क मन न मकान को पान क कामना नमत कर ल ह ल0कन यह कामना अब भी

मन क 0कसी कोन म4 अटक पड़ी ह और अगर तमन उस वहा स नह हटाया तो वह तZ हार नीद मिR कल कर दगी

नीद क कVठनाई यह बताती ह 0क तZ हारा Vदन अभी भी तम पर हावी ह और तम उसस मकत नह हो पा रह हो तब रात म4

तम 9 वपन दख4ग 0क तम उस मकान क मालक हो गए हो और अब तम उस मकान म4 वास कर रह हो और िजस Qण यह

9 वपन घVटत होता ह + य-0क सपन तZ हार अधर चीज- को परा करन म4 सहयोगी होत ह

और ऐसी चीज4 ह जो पर नह हो सकती तZ हारा मन अनगल कामनाए 0कए जाता ह व यथाथ म4 पर नह हो सकती तो

+ या 0कया जाए व अधर कामनाए तZ हार भीतर बनी रहती ह और तम आशा 0कए जात हो सोच वचार 0कए जात हो तो

+ या 0कया जाए तZ ह4 एक सदर 9 ी Vदखाई दती ह और तम उसक त आकषत हो गए अब उस पान क कामना तZ हार

भीतर पदा हो गई जो हो सकता ह सभव न हो हो सकता ह वह 9 ी तZ हार तरफ ताकना भी पसद न कर तब + या हो

9 वपन यहा तZ हार सहायता करता ह 9 वपन म4 तम उस 9 ी को पा सकत हो और तब तZ हारा मन हलका हो जाएगा

जहा तक मन का सबध ह 9 वपन और यथाथ म4 कोई फक नह ह मन क तल पर + या फक 0कसी 9 ी को यथाथत म

करन और सपन म4 म करन म4 + या फक ह

कोई फक नह ह अगर फक ह तो इतना ह 0क 9 वपन यथाथ स ` यादा सदर होगा 9 वपन क 9 ी कोई अड़चन नह खड़ी

करगी 9 वपन तZ हारा और उसम तम जो चाह कर सकत हो वह 9 ी तZ हार लए कोई बाधा नह पदा करगी वह तो ह ह

नह तम ह हो वहा कोई अड़चन नह ह तम जो चाहो कर सकत हो मन क लए कोई भद नह ह मन 9 वपन और यथाथ

म4 कोई भद नह कर सकता ह

उदाहरण क लए तZ ह4 यVद एक साल क लए बहोश करक रख Vदया जाए और उस बहोशी म तम सपन दखत रहो तो एक

साल तक तZ ह4 Bबलकल पता नह चलगा 0क जो भी तम दख रह हो वह सपना ह सब यथाथ जसा लगगा और 9 वपन साल

भर चलता रहगा मनोवानक कहत ह 0क अगर 0कसी gt यि+ त को सौ साल क लए कौमा म4 रख Vदया जाए तो वह सौ

साल तक सपन दखता रहगा और उस Qण भर क लए भी सदह नह होगा 0क जो म_ कर रहा ह वह 9 वपन ह और यVद

कोमा म4 ह मर जाएगा तो उस कभी पता नह चलगा 0क मरा जीवन एक 9 वपन था सच नह था

मन क लए कोई भद नह ह सतय और 9 वपन दोन- समान ह इसलए मन अपन को सपन- म4 भी नJथ कर सकता ह

अगर इस वध का योग करो तो सपना दखन क जMरत नह ह तब तZ हार नीद क गणवता ह पर तरह स बदल

जायगी + य-0क सपन- क अनपि9 थत म4 तम अपन अि9 ततव क आlt यतक गहराई म4 उतर सकोग और तब नीद म4 भी

तZ हारा बोध कायम रहगा

कषण गीता म4 यह बात कह रह ह 0क जब सभी गहर नीद म4 होत ह तो योगी जागता रहता ह इसका यह अथ नह 0क योगी

नह सोता योगी भी सोता ह ल0कन उसक नीद का गणधम भनन ह तZ हार नीद ऐसी ह जस नश क बहोशी होती ह

योगी क नीद गाढ़ वkाम ह िजसम कोई बहोशी नह रहती ह उसका सारा शरर वkाम म4 होता ह एक-एक कोश

वkाम म4 होता ह वहा जरा भी तनाव नह रहता और बड़ी बात 0क योगी अपनी नीद क त जागMक रहता ह

इस वध का योग करो आज रात स ह योग शM करो और 0फर सबह भी इसका योग करना एक स] ताह म4 तZ ह4

मालम होगा 0क तम वध स पPरचत हो गए हो एक स] ताह क बाद अपन अतीत पर योग करो बीच म4 एक Vदन क छी

रख सकत हो 0कसी एकात 9 थान म4 चल जाओ अf छा हो 0क उपवास कराmdashउपवास और मौन एकात सम तट पर या

0कसी झाड़ क नीच लट रहो वहा स उसी Bबद स अपन अतीत म4 वश करो अगर तम सम तट पर लट हो तो रत को

अनभव करो धप को अनभव करो और तब पीछ क और सरको और सरकत चल जाओ अतीत म4 गहर उतरत चल जाओ

दखो 0क कौन सी आlखर बात समरण आती ह

तZ ह4 आR चय होगा 0क सामानयत तम बहत कछ समरण नह कर सकत हो सामानयत अपनी चार या पाच वष क उ क

आग नह जा सकोग िजनक याददाशत बहत अf छU ह व तीन वष क सीमा तक जा सकत ह उसक बाद अचानक एक

अवरोध मलगा िजसक आग सब कछ अधरा मलगा ल0कन अगर तम इस वध का योग करत रह तो धीर-धीर यह

अवरोध टट जाएगा तम अपन जनम क थम Vदन को भी याद कर पाओग

और वह एक बड़ा रह9योCघाटन होगा तब धप बाल और सागर तट पर लौटकर तम एक दसर ह आदमी होग4

यVद तम kम करो तो तम गभ तक जा सकत हो तZ हार पास मा क पट क 9 मतया ह मा क साथ नौ महन होन क बात4

भी तZ ह4 याद ह तZ हार मन म4 उन नौ महन- क कथा भी लखी ह जब तZ हार मा दःखी हई थी तो तमन उसको भी मन म4

लख लया था + य-0क मा क दःखी होन स तम भी दःखी हय थ तम अपनी मा क साथ इतन जड थ सयकत थ 0क जो

कछ तZ हार मा को होता था वह तZ ह4 भी होता था जब वह 2ोध करती थी तो तम भी 2ोध करत थ जब वह खश थी तो

तम भी खश थ जब कोई उसक शसा करता था तो तम भी शसत होत थ और जब वह बीमार होती थी तो उसक पीड़ा

स तम भी पीWडत होत थ

यVद तम गभ क 9 मत म4 वश कर सको तो समझो 0क मल गई और जब तम और गहर उतर सकत हो तब तम उस

Qण को भी याद कर सकत हो जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था इसी जात समरण क कारण महावीर और ब कह

सक 0क पवजनम ह और पनजनम काई सात नह ह वह एक गहन अनभव ह

और अगर तम उस Qण क 9 मत को पकड़ सको जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था तो तम उसस भी आग जा सकत

हो तम अपन पव जीवन क मlt य को भी याद कर सकत हो और एक बार तमन उस Bबद को छ लया तो समझो 0क वध

तZ हार हाथ लग गई तब तम आसानी स अपन सभी पव जG म- म4 गत कर सकत हो

यह एक अनभव ह और इसक पPरणाम आR चयजनक ह जब तZ ह4 पता चलता ह 0क तम जG म- ndashजG म- स उसी gt यथता

को जी रह हो जो अभी तZ हार जीवन म4 ह एक ह मढ़ता को तम जG म--जG म- म4 दहरात रह हो भीतर ढग ढाचा वह ह

सफ ऊपर-ऊपर थोड़ा फक ह अभी तम इस 9 ी क म म4 हो कल 0कसी अनय 9 ी क म म_ थ कल तमन धन बटोरा था

आज भी धन बटोर रह हो फक इतना ह 0क कल क स+ क और थ आज क स+ क और ह ल0कन सारा ढाचा वह ह जो

पनरावltत होता रहा ह

और एक बार तम दख लो 0क जG म-ndashजG म- स एक ह तरह क मढ़ता एक द9च2 क भात घमती रह ह तो अचानक तम

जाग जाओग और तZ हारा परा अतीत 9 वपन स ` यादा नह रहगा तब वतमान सVहत सब कछ 9 वपन जसा लगगा तब

तम उसस सवथा टट जाओग और अब नह चाहोग 0क भवषय म4 0फर स मढ़ता दोहर तब वासना समापत हो जाएगी

+ य-0क वासना भवषय म4 अतीत का Qपण ह उसस अधक कछ नह ह तZ हारा अतीत का अनभव भवषय म4 दहराना

चाहता ह वह तZ हार कामना ह चाह ह

परान अनभव को 0फर स भोगन क चाह 0क कामना ह ओर जब तक तम इस पर 02या क त होश पण नह होत हो तब

तक वासना स मकत नह हो सकत कस हो सकत हो तZ हारा समसत अतीत एक अवरोध बनकर खड़ा ह चान क तरह

तZ हार सर पर सवार ह और वह तZ ह4 तZ हार भवषय क और धका रहा ह अतीत कामना को जनम दकर उस भवषय म4

Qपत करता ह

अगर तम अपन अतीत को 9 वपन क तरह जान जाओ तो सभी कामनाए बाझ हा जाएगी और कामनाओ क गरत ह

भवषय समापत हो जाता ह और इस अतीत और भवषय क समाि] त क साथ तम MपातPरत हो जात हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

त-सmdashवध-23 (ओशो) क0 =1त होन क ` यारहवी वध

6कसी वषय को अनभव करो वान भरव त-शव (ओशो)

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करो

6फर वषय-भाव और अनपिJ थ9त भाव को भी छोड़कर आP मोपलबध होओlsquorsquo

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोlsquorsquo

कोई भी वषय उदाहरण क लए एक गलाब का फल हmdashकोई भी चीज चलगी

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोhelliprsquorsquo

दखन स काम नह चलगा अनभव करना ह तम गलाब क फल को दखत हो ल0कन उसस तZ हारा दय आदोलत नह

होता ह तब तम गलाब को अनभव नह करत हो अG यथा तम रोत और चीखत अG यथा तम हसत और नाचत तम गलाब

को महसस नह कर रह हो तम सफ गलाब को दख रह हो

और तZ हारा दखना भी परा नह ह अधरा ह तम कभी 0कसी चीज को परा नह दखत अतीत हमशा बीच म4 आता ह गलाब

को दखत ह अतीत-9 मत कहती ह 0क यह गलाब ह और यह कहकर तम आग बढ़ जात हो ल0कन तब तमन सच म4

गलाब को नह दखा जब मन कहता ह 0क यह गलाब ह तो उसका अथ हआ 0क तम इसक बार म4 सब कछ जानत हो

+ य-0क तमन बहत गलाब दख ह मन कहता ह 0क अब और + या जानना ह आग बढ़ो और आग बढ़ जात हो

यह दखना अधरा ह यह दखना-दखना नह ह गलाब क फल क साथ रहो उस दखो और 0फर उस महसस करो उस

अनभव करो अनभव करन क लए + या करना ह उस 9 पश करो उस सघो उस गहरा शारPरक अनभव बनन दो पहल

अपनी आख- को बद करो और गलाब को अपन पर चहर को छन दो इस 9 पश को महसस करो 0फर गलाब को आख स

9 पश करो 0फर गलाब को नाक स सधो 0फर गलाब क पास दय को ल जाओ और उसक साथ मौन हो जाओ गलाब को

अपना भाव अपत करो सब कछ भल जाओ सार दनया को भल जाओ गलाब क साथ समत रहो

lsquorsquoअपन सामन 0कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय- क अनपि9 थत को अनभव करो

यVद तZ हारा मन अनय चीज- क सबध म4 सोच रहा ह तो गलाब का अनभव गहरा नह जाएगा सभी अनय गलाब- को भल

जाओ सभी अनय लोग- को भल जाओ सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब हो यह गलाब

सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब को तZ ह4 आf छाVदत कर लन दो समझो 0क तम इस

गलाब म4 डब गय हो

यह कVठन होगा + य-0क हम इतन सवदनशील नह ह ल0कन ि9 य- क लए यह उतना कVठन नह होगा + य-0क व 0कसी

चीज को आसानी स महसस करती ह पMष- क लए यह ` यादा कVठन होगा हा अगर उनका सqदय बोध वकसत हो

कव चकार या सगीतकार का सqदय बोध वकसत होता ह तो बात और ह तब व भी अनभव कर सकत ह ल0कन

इसका योग करो

बf च यह योग बहत सरलता स कर सकत ह म_ अपन एक म क बट को यह योग सखाता था यह 0कसी चीज को

आसानी स अनभव करता था 0फर म_न उस गलाब का फल Vदया और उसस यह सब कहा जो तZ ह4 अब कह रहा ह उसन

यह 0कया और कहा 0क म_ गलाब का फल बन गया ह मरा भाव यह ह 0क म_ ह गलाब का फल ह

बf च इस वध को बहत आसानी स कर सकत ह ल0कन हम उG ह4 इसम4 शmQत नह करत शmQत 0कया जाए तो

बf च सवkषठ L यानी हो सकत ह

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करोlsquorsquo

म म4 यह घVटत होता ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम सार ससार को भल जात हो और अगर अभी भी ससार तZ ह4

याद ह तो भल भात समझो 0क यह म नह ह म म4 तम ससार को भल जात हो सफ मका या मी याद रहता ह

इसलए म_ कहता ह 0क म L यान ह तम इस वध को म-वध क Mप म4 भी उपयोग कर सकत हो अब अनय सब कछ

भल जाओ

कछ Vदन हए एक म अपनी पlt नी क साथ मर पास आए पlt नी को पत स कोई शकायत थी इसलए पlt नी आई थी

म न कहा 0क म_ एक वष स L यान कर रहा ह और लगती ह यह आवाज मर L यान म4 सहयोगी ह ल0कन अब एक

आR चय क घटना घटती ह जब म_ अपनी पlt नी क साथ सभोग करता ह और सभोग शखर छन लगता ह तब भी मर मह स

रजनीश-रजनीश क आवाज नकलन लगती ह और इस कारण मर पlt नी को बहत अड़चन होती ह वह अकसर पछती ह

0क तम म करत हो या L यान करत हो या + या करत हो और य रजनीश बीच म4 कस आ जात ह

उस म न कहा 0क मिR कल यह ह 0क अगर म_ रजनीश-रजनीश न चY लाउ तो सभोग का शखर चक जाता ह और

चY लाउ तो पlt नी पीWडत होती ह सह रोन चY लान लगती ह और मसीबत खड़ी कर दती ह तो उG ह-न मर सलाह पछU

और कहा 0क पlt नी को साथ लान का यह कारण ह

उनक पlt नी क शकायत दMसत ह + य-0क वह कस मान सकती ह 0क कोई दसरा gt यि+ त उनक बीच म4 आय यह कारण

ह 0क म क लए एकात जMर ह बहत जMर ह सब कछ को भलन क लए एकात अथपण ह

अभी यरोप और अमPरका म4 व समह सभोग का योग कर रह हmdashएक कमर म4 अनक जोड़ सभोग म4 उतरत ह यह मढ़ता

ह अlt यतक मढ़ता ह + य-0क समह म4 सभोग क गहराई नह छई जा सकती ह वह सफ काम 2ड़ा बन कर रह जाएगी

दसर- क उपि9 थत बाधा बन जाती ह तब इस सभोग को L यान भी नह बनाया जा सकता ह

अगर तम शष ससार को भल सको तो ह तम 0कसी वषय क म म4 हो सकत हो चाह वह गलाब का फल हो या पतथर हो

या कोई भी चीज हो शत यह ह 0क उस चीज क उपि9 थत महसस करो और अनय चीज- क अनपि9 थत महसस करो

कवल वह वषय व9 त तZ हार चतना म4 अि9 ततवगत Mप स रह

अf छा हो 0क इस वध क योग क लए कोई ऐसी चीज चनो जो तZ ह4 ीतकर हो अपन सामन एक चान रखकर शष

ससार को भलना कVठन होगा यह कVठन होगा ल0कन झन सदगओ न यह भी 0कया ह उG ह-न L यान क लए रॉक गाडन

बना रखा ह वहा पड़-पौध या फल नह होत पतथर और बाल होत ह और व पतथर पर L यान करत ह

व कहत ह 0क अगर 0कसी पतथर क त तZ हारा गहन म हो तो कोई भी आदमी तZ हार लए बाधा नह हो सकता और

मनषय चान जस ह तो ह अगर तम चान को म कर सकत हो तो मनषय को म करन म4 + या कVठनाई तब कोई

अड़चन नह ह मनषय चान जस ह उसस भी ` यादा पथरल उG ह4 तोड़ना उनम4 वश करना अत कVठन ह

ल0कन अf छा हो 0क कोई ऐसी चीज चनो िजसक त तZ हारा सहज म हो और तब शष ससार को भल जाओ उसक

उपि9 थत का मजा लो उसका 9 वाद लो आनद लो उस व9 त म4 गहर उतरो और उस व9 त को अपन म4 गहरा उतरन दो

lsquorsquo6फर वषय भाव को छोड़करhelliphelliplsquorsquo

अब इस वध का कVठन अश आता ह तमन पहल ह सब वषय छोड़ Vदए ह सफ यह एक वषय तZ हार लए रहा ह

सबको भलकर एक इस तमन याद रखा था अब lsquorsquoवषय भाव को छोड़करhelliplsquorsquo अब उस भाव को भी छोड़कर अब तो दो ह

चीज बची ह एक वषय क उपि9 थत ह और शष चीज- क अनपि9 थत ह अब उस अनपि9 थत को भी छोड़ दो कवल यह

ग लाब या कवल यह चहरा यह कवल यह 9 ी या कवल यह पMष या यह चान क उपि9 थत बची ह उस भी छोड़ दो और

उसक त जो भाव ह उस भी तम अचानक एक आlt यतक शनय म4 गर जात हो जहा कछ भी नह बचता

और शव कहत ह rsquorsquoआlt मोपलबध होओlsquorsquo इस शनय को इस ना-कछ को उपलबध हो यह तZ हारा 9 वभाव ह यह श

होना ह

शनय को सीध पहचना कVठन होगाmdashकVठन और kम-साधय इसलए 0कसी वषय को माधयम बनाकर वहा अf छा ह

पहल 0कसी वषय को अपन मन म4 ल लो और उस इस समता स अनभव करो 0क 0कसी अनय चीज को याद रखन क

जMरत न रह तZ हार समसत चतना इस एक चीज स भर जाए और तब इस वषय को भी छोड़ दो इस भी भल जाओ तब

तम 0कसी अगाध अतल म4 वOट हो जात हो जहा कछ भी नह ह वहा कवल तZ हार आlt मा ह श और नO कलष यह

श अि9 ततव यह श चतनय ह तZ हारा 9 वभाव ह

ल0कन इस वध को कई चरण- म4 बाटकर योग करो पर वध को एकबारगी काम म4 मत लाओ पहल एक वषय का

भाव नमत करो कछ Vदन तक सफ इस Vह9 स का योग करो पर वध का योग मत करो पहल कछ Vदन- तक या

कछ हpत- तक इस एक Vह9 स क पहल Vह9 स क साधना करो वषय-भाव पदा करो पहल वषय को महसस करो और

एक ह वषय चनो उस बार-बार बदल- मत + य-0क हर बदलत वषय क साथ तZ ह4 0फर-0फर उतना ह kम करना होगा

अगर तमन वषय क Mप म4 गलाब का फल चना ह तो रोज-रोज गलाब क फल का ह उपयोग करो उस गलाब क फल स

तम भर जाओ भरपर हो जाओ ऐस भर जाओ 0क एक Vदन कह सको क म_ फल ह ह तब वध का पहला Vह9 सा सध

गया परा हआ

जब फल ह रह जाए और शष सब कछ भल जाए तब इस भाव का कछ Vदन- तक आनद लो यह भाव अपन आप म4 सदर ह

बहत-बहत सदर ह यह अपन आप म4 बहत ाणवान ह शि+ तशाल ह कछ Vदन- तक यह अनभव करत रहो और जब

तम उसक साथ रच-पच जाओग लयवCध हो जाओग तो 0फर वह सरल हो जाएगा 0फर उसक लए सघष नह करना

होगा तब फल अचानक कट होता ह और समसत ससार भल जाता ह कवल फल रहता ह

इसक बाद वध क दसर भाग पर योग करो अपनी आख बद कर लो और फल को भी भल जाओ याद रह अगर तमन

पहल भाग को ठUक-ठUक साधा ह तो दसरा भाग कVठन नह होगा ल0कन यVद पर वध पर एक साथ योग करोग तो

दसरा भाग कVठन ह नह असभव होगा पहल भाग म4 अगर तमन एक फल क लए सार दनया को भला Vदया तो दसर

भाग म4 शनय क लए फल को भलाना आसानी स हो सकगा दसरा भाग आएगा ल0कन उसक लए पहल भाग पहल करना

जMर ह

ल0कन मन बहत चालाक ह मन सदा कहगा 0क पर वध को एक साथ योग करो ल0कन उसम तम सफल नह हो

सकत हो और तब मन कहगा 0क यह वध काम क नह ह या यह तZ हार लए नह ह

इसलए अगर सफल होना चाहत हो तो वध को 2म म4 योग करो पहल-पहल भाग को परा करो और तब दसर भाग को

हाथ म4 लो और तब वषय भी वलन हो जाता ह और मा तZ हार चतना रहती ह श काश श ` योत-शखा

कY पना करो 0क तZ हार पास दया ह और Vदए क रोशनी अनक चीज- पर पड़ रह ह मन क आख- स दखो 0क तZ हार

अधर कमर म4 अनक-अनक चीज4 ह और तम एक Vदया वहा लात हो और सब चीज4 काशत हो जाती ह दया उन सब

चीज- को काशत करता ह िजG ह4 तम वहा दखत हो

ल0कन अब तम उनम4 स एक वषय चन लो और उसी वषय क साथ रहो दया वह ह ल0कन अब उसक रोशनी एक ह

वषय पर पड़ती ह 0फर उस एक वषय को भी हटा दो और तब दए क लए कोई वषय नह बचा

वह बात तZ हार चतना क लए सह ह तम काश हो ` योत शखा हो और सारा ससार तZ हारा वषय ह तम सार ससार

को छोड़ दत हो और एक वषय पर अपन को एका करत हो तZ हार ` योत शखा वह रहती ह ल0कन अब वह अनक

वषय- म4 gt यसत नह ह वह एक ह वषय म4 gt यसत ह और 0फर उस एक वषय को भी छोड़ दो अचानक तब सफ काश

बचता ह चतना बचती ह वह काश 0कसी वषय को नह काशत कर रहा ह

इसी को ब न नवाण कहा ह इसी को महावीर न कवलय कहा ह परम एकात कहा ह उपनषादो न इस ह मान या

आlt मान कहा ह शव कहत ह 0क अगर तम इस वध को साध लो तो तम मान को उपलबध हो जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

  • ततर-सतरndashविधिmdash01
  • ततर-सतरmdashविधिmdash02
  • ततर-सतरmdashविधिmdash03
  • ततर-सतरmdashविधि-05
  • ततर-सतरmdashविधि-06
  • ततर-सतरmdashविधि-07
  • ततर-सतरmdashविधि-08
  • ततर-सतरmdashविधि-09
  • ततर-सतरmdashविधि-10
  • ततर-सतरmdashविधि-11
  • ततर-सतरmdashविधि-12
  • ततर-सतरmdashविधि-13
  • ततर-सतरmdashविधि-14
  • ततर-सतरmdashविधि-15 ओशो
  • ततर-सतरmdashविधि-16 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-17 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-18 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-19 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-20 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-21( ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-22 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-23 (ओशो)
Page 3: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह

इस लए त को नह समझा गया और त को गलत समझा गया महान राज भौज न पव उ` जन नगर म4 त क

वCय पीठ को खतम कर Vदया एक लाख ताBक जोड़- को काट Vदया + य- य + या ह हमार समझ म4 नह आता कछ

साल- पहल वह पर राजा व2माVदतय न उG ह ताBक- 0कतना सZ मान Vदयाhellipयह इतना गहरा और उचा था 0क यह होना

9 वाभावक था

तीसर बात 0क च0क त Cवत क पार जाता ह इसलए उसका aिO टकोण अत नतक ह कपया कर इन शc द- को समझो

नतक अनतक अत नतक नतक + या ह हम समझत ह अनतक + या ह हम समझत ह ल0कन जब कोई चीज अत

नतक हो जाती ह दौन- क पार चल जाती ह तब उस समझना कVठन ह

त अत नतक ह त कहता ह कोई नतकता जMर नह ह कोई खास नतकता जMर नह ह सच तो यह ह 0क तम

अनतक हो + य-0क तZ हारा चत अशात ह इसलए त शत नह लगता 0क पहल तम नतक बनो तब त क साधना कर

सकत हो त क लए यह बात ह बतक ह कोई बीमार ह बखार म4 ह डाकटर आकर कहता ह पहल अपना बखार कम

करो पहल परा 9 वसथ हो लो और तब म_ दवा दगा

यह तो हो रहा ह चौर साध क पास जाता ह और कहता ह म_ चौर ह मझ L यान करना सखाए साध कहता ह पहल चौर

छोड़ो चौर रहत L यान कस कर सकत हो एक शराबी आकर कहता ह म_ शराब पीता ह मझ L यान बताए और साध कहता

ह पहल शत 0क शराब छोड़ो तब L यान कर सकोग

त तZ हार तथा कथत नतकता क तZ हार समािजक रसम-Pरवाज आVद क चता नह करता ह इसका यह अथ नह ह

0क त तZ ह4 अनतक होन को कहता ह नह त जब तZ हार नतकता क ह इतनी परवाह नह करता तो वह तZ ह4

अनतक होन को नह कह सकता त तो वानक वध बताता ह 0क कस चत को बदला जाए और एक बार चत दसर

हआ 0क तZ हारा चPर दसरा हो जाएगा एक बार तZ हार ढाच का आधार बदला 0क पर इमारत दसर हो जाएगी

इसी अत नतक सझाव क कारण त तZ हार तथाकथत साध-महाlt माओ को बदाशत नह हआ व सब उसक वरोध म4

खड़ हो गए + य-0क अगर त सफल होता ह तो धम क नाम पर चलन वाल सार नासमझी समापत हो जाएगी

त कहता ह 0क उस अव9 था का नाम भरव ह जब मन नह रहताmdashअ-मन क अव9 था ह और तब पहल दफा तम यथाथत

उसको दखत हो जो ह जब तक मन ह तम अपना ह ससार रच जात हो तम उस आरोपत Qपत 0कए जात हो इसलए

पहल तो मन को बदल- और तब मन को अ-मन म4 बदल-

और य एक सौ बारह वधय- सभी लोग- क काम आ सकती ह हो सकता ह कोई वशष उपाय तमको ठUक न पड़ इसलए

तो शव अनक उपाय बताए चल जात ह कोई एक वध चन लो जो तमको जच जाए

और यह जानना कVठन नह ह 0क कौन सी वध तZ ह4 जचती ह हम यहा lt यक वध को समझन क कोशश कर4ग तम

अपन लए वह वध चन लो जो 0क तZ ह4 और तZ हार मन को MपातPरत कर द यह समझ यह बौक समझ बनयाद तौर

स जMर ह ल0कन अत नह ह िजस वध क भी चचा म4 यहा कM उसको योग करो सच म4 यह ह 0क जब तम अपनी

सह वध का योग करत हो तब झट स उसका तार तZ हार 0कसी तार स लगाकर बज उठता ह

एक वध लो उसक साथ तीन Vदन खलो अगर तZ ह4 उसक साथ नकटता क अनभत हो अगर उसक साथ तम थोड़ा

9 वसथ महसस करो अगर तZ ह4 लग 0क यह तZ हार लए ह तो 0फर उसक त गभीर हो जाओ तब दसर वधय- को भल

जाओ उनम4 खलना बद करो और अपनी वध क साथ टको कम स कम तीन महन टको चमlt कार सभव ह बस इतना

होना चाVहए 0क वह वध सचमच तZ हार लए हो यVद तZ हार लए नह ह तो कछ नह होगा तब उसक साथ जG म--

जG म- तक योग करक भी कछ नह होगा

ल0कन य एक सौ बारह वधया तो समसत मानव-जात क लए ह और व उन सभी यग- क लए ह जो गजर गए ह और

आन वाल ह और 0कसी भी यग म4 एक भी एका आदमी नह हआ और न होन वाला ह ह जो कह सक 0क य सभी एक सौ

बारह वधया मर लए gt यथ ह असभव यह असभव ह

lt यक ढग क चत क लए यहा गजाइश ह त म4 lt यक 0कसम क चत क लए वध ह कई वधया ह िजनक उपयकत

आदमी अभी उपलबध नह ह व भवषय क लए ह और ऐसी वधया भी ह िजनक उपयकत मनषय रह ह नह व अतीत

क लए ह ल0कन डर मत जाना अनक वधया ह जो तZ हार लए ह ह

ओशो

वान भरव त

)वचनmdash1

भागmdash1( त स)

त-सndashवधmdash01

शव कहत ह

वान भरव तndashओशो

त-स धयान वधndash

ह दवी यह अनभव दो वास2 क बीच घ=टत हो सकता ह

वास क भीतर आन क प चात और बाहर लौटन क ठAक पवndash

Bयस ह कC याण ह

welcome
Highlight

आरभ क नौ वधया R वास-02या स सबध रखती ह इसलए पहल हम R वास-02या क सबध म4 थोड़ा समझ ल4 और

वधय- म4 वश कर4ग

हम जनम स मlt य क Qण तक नरतर R वास लत रहत ह इन दो Bबदओ क बीच सब कछ बदल जाता ह सब चीज बदल

जाती ह कछ भी बदल Bबना नह रहता ल0कन जनम और मlt य क बीच R वास 02या अचल रहती ह बf चा जवान होगा

जवान बढ़ा होगा वह बीमार होगा उसका शरर Mगण और कMप होगा सब कछ बदल जायगा वह सखी होगा दःखी

होगा पीड़ा म4 होगा सब कछ बदलता रहगा ल0कन इन दो Bबदओ क बीच आदमी R वास भर सतत लता रहगा

R वास 02या एक सतत वाह ह उसम4 अतराल सभव नह ह अगर तम एक Qण क लए भी R वास लना भल जाओ तो तम

समापत हो जाओग यह कारण ह 0क R वास लन का िजZ मा तZ हार नह ह नह तो मिR कल हो जायगी कोई भल जाय

R वास लना तो 0फर कछ भी नह 0कया जा सकता

इसलए यथाथ म4 तम R वास नह लत हो + य-0क उसम तZ हार जMरत नह ह तम गहर नीद म4 हो और R वास चलती

रहती ह तम गहर मf छा म4 हो और R वास चलती रहती ह R वासन तZ हार gt यि+ ततव का एक अचल ततव ह

दसर बात यह जीवन क अlt यत आवशयक और आधारभत ह इस लए जीवन और R वास पयायवाची हो गय इस लए

भारत म4 उस ाण कहत ह R वास और जीवन को हमन एक शबद Vदया ाण का अथ ह जीवन शि+ त जीवतता तZ हारा

जीवन तZ हार R वास ह

तीसर बात R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच एक सत ह सतत R वास तZ ह4 तZ हार शरर स जोड़ रह ह सबधत कर

रह ह और R वास न सफ तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह वह तZ हार और वशव क बीच भी सत ह तZ हारा शरर

वशव का अग ह शरर क हरक चीज हरक कण हरक कोश वशव का अश ह यह वशव क साथ नकटतम सबध ह और

R वास सत ह और अगर सत टट जाय तो तम शरर म4 नह रह सकत तम 0कसी अात आयाम म4 चल जाओग इस लए

R वास तZ हार और दश काल क बीच सत हो जाती ह

R वास क दो Bबद ह दो छोर ह एक छोर ह जहा वह शरर और वशव को छती ह और दसरा वह छोर ह जहा वह वR वातीत

को छती ह और हम R वास क एक ह Vह9 स स पPरचत ह जब वह वशव म4 शरर म4 गत करती ह ल0कन वह सदा ह

शरर स अशरर म4 गत करती ह अगर तम दसर Bबद को जो सत ह धi ह जान जाओ तम एकाएक MपातPरत होकर एक

दसर ह आयाम म4 वश कर जाओग

ल0कन याद रखो शव जो कहत ह वह योग नह ह वह त ह योग भी R वास पर काम करता ह ल0कन योग और त क

काम म4 बनयाद फक ह योग R वास-02या को gt यवि9 थत करन क चO टा करता ह अगर तम अपनी R वास को gt यव9 था दो

तो तZ हारा 9 वासथ सधर जायगा इसक रह9 य- को समझो तो तZ ह4 9 वासथ और दघ जीवन मलगा तम ` यादा बल

` यादा ओज9 वी ` यादा जीवत ` यादा ताजा हो जाओग

ल0कन त का इसस कछ लना दना नह ह त 9 वास क gt यव9 था क चता नह करता भीतर क और मड़न क लए वह

R वास 02या का उपयोग भर करता ह त म4 साधक को 0कसी वशष ढग क R वास का अ यास नह करना चाVहए कोई

वशष ाणायाम नह साधना ह ाण को लयव नह बनाना ह बस उसक कछ वशष Bबदओ क त बोधपण होना ह

R वास शवास क कछ Bबद ह िजG ह4 हम नह जानत हम सदा R वास लत ह R वास क साथ जG मत ह R वास क साथ मरत

ह ल0कन उसक कछ महतव पण Bबदओ को बोध नह ह और यह हरानी क बात ह मनषय अतPरQ क गहराइय- म4 उतर

रहा ह खोज रहा ह वह चाद पर पहच गया ह ल0कन वह अपन जीवन क इस नकटतम वद को समझ नह सका R वास क

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कछ Bबद ह िजस तमन कभी दखा नह ह व Bबद Cवार ह तZ हार नकटतम Cवार ह िजनस होकर तम एक दसर ह ससार

म4 एक दसर ह अि9 ततव म4 एक दसर ह चतना म4 वश कर सकत हो

ल0कन वह Bबद बहत सQम ह जो चीज िजतनी नकट हो उतनी ह कVठन मालम पड़गी Rवास तZ हार इतना करब ह 0क

उसक बीच 9 थान ह नह बना रहता या इतना अलप 9 थान ह 0क उस दखन क लए बहत सQम aिO ट चाVहए तभी तम

उन Bबदओ क त बोध पण हो सकत हो य Bबद इन वधय- क आधार ह

शव उततर म4 कहत हmdashह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह R वास क भीतर आन क पR चात और बाहर

लौटन क ठUक पवmdashkयस ह कY याण ह

यह वध ह ह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह जब R वास भीतर अथवा नीच को आती ह उसक बाद

0फर R वास क लौटन क ठUक पवmdashkयस ह इन दो Bबदओ क बीच होश पण होन स घटना घटती ह

जब तZ हार R वास भीतर आय तो उसका नरQण करो उसक 0फर बाहर या ऊपर क लए मड़न क पहल एक Qण क लए

या Qण क हज़ारव4 भाग क लए R वास बद हो जाती ह R वास भीतर आती ह और वहा एक Bबद ह जहा वह ठहर जाती ह

0फर R वास बाहर जाती ह और जब R वास बाहर जाती ह तो वहा एक Bबद पर ठहर जाती ह और 0फर वह भीतर क लौटती

R वास क भीतर या बाहर क लए मड़न क पहल एक Qण ह जब तम R वास नह लत हो उसी Qण म4 घटना घटनी सभव ह

+ य-0क जब तम R वास नह लत हो तो तम ससार म4 नह होत हो समझ लो 0क जब तम R वास नह लत हो तब तम मत हो

तम तो हो ल0कन मत ल0कन यह Qण इतना छोटा ह 0क तम उस कभी दख नह पात

त क लए lt यक बVहगामी R वास मlt य ह और lt यक नई 9 वास पनजनम ह भीतर आन वाल R वास पनजनम ह बाहर

जान वाल R वास मlt य ह बाहर जान वाल R वास मlt य का पयाय ह अदर जान वाल R वास जीवन का इसलए lt यक

R वास क साथ तम मरत हो और lt यक R वास क साथ तम जनम लत हो दोन- क बीच का अतराल बहत Qlणक ह ल0कन

पनी aिO ट श नरQण और अवधान स उस अनभव 0कया जा सकता ह और यVद तम उस अतराल को अनभव कर सको

तो शव कहत ह 0क kयस उपलबध ह तब और 0कसी चीज क जMरत नह ह तब तम आ] तकाम हो गए तमन जान

लया घटना घट गई

R वास को शmQत नह करना वह जसी ह उस वसी ह बनी रहन दना 0फर इतनी सरल वध + य- सतय को जानन को

ऐसी सरल वध सतय को जानना उसको जानना ह िजसका न जनम ह न मरण तम बहार जाती R वास को जान सकत

हो तम भीतर जाती R वास को जान सकत हो ल0कन तम दोन- क अतराल को कभी नह जानत

योग करो और तम उस Bबद को पा लोग उस अवशय पा सकत हो वह ह तZ ह4 या तZ हार सरचना म4 कछ जोड़ना नह ह

वह ह ह सब कछ ह सफ बोध नह ह कस योग करो पहल भीतर आन वाल R वास क त होश पण बनो उस दखो

सब कछ भल जाओ और आन वाल R वास को उसक याा पथ को दखो जब R वास नासापट- को 9 पश कर तो उसको

महसस करो R वास को गत करन दो और पर सजगता स उसक साथ याा करो R वास क साथ ठUक कदम स कदम

मलाकर नीच उतरो न आग जाओ और न पीछ पड़ो उसका साथ न छट Bबलकल साथ-साथ चलो

समरण रह न आग जाना ह और न छाया क तरह पीछ चलना ह समातर चलो यगपत R वास और सजगता को एक हो

जान दो R वास नीच जाती ह तो तम भी नीच जाओ और तभी उस Bबद को पा सकत हो जो दो R वास- क बीच म4 ह यह

आसान नह ह R वास क साथ अदर जाओ R वास क साथ बाहर आओ

ब न इसी वध का योग वशष Mप स 0कया इसलए यह बौ वध बन गई बौ शc दावल म4 इस अनापानसत योग

कहत ह और 9 वय ब क आlt मोपलिc ध इस वध पर ह आधाPरत थी ससार क सभी धम ससार क सभी O टा 0कसी न

0कसी वध क जPरए मिजल पर पहच ह और वह सब वधया इन एक सौ बारह वधय- म4 सिZ मलत ह यह पहल वध

बौ वध ह दनया इस बौ वध क Mप म4 जानती ह + य-0क ब इसक Cवारा ह नवाण को उपलबध हए थ

ब न कहा ह अपनी R वास-R वास क त सजग रहो अदर जाती बहार आती R वास क त होश पण हो जाओ ब

अतराल क चचा नह करत + य-0क उसक जMरत ह नह ह ब न सोचा और समझा 0क अगर तम अतराल क दो R वास-

क बीच क वराम क 0फ2 करन लग तो उसस तZ हार सजगता खWडत होगी इसलए उG ह-न सफ यह कहा 0क होश रखो

जब R वास भीतर आए तो तम भी उसक साथ भीतर जाओ और जब R वास बहार आय तो तम उसक साथ बहार आओ वध

क दसर Vह9 स क सबध म4 ब कछ नह कहत

इसका कारण ह कारण यह ह 0क ब बहत साधारण लोग- स सीध-साद लोग- स बोल रह थ व उनस अतराल क बात

करत तो उसस लोग- म4 अतराल को पान क एक अलग कामना नमत हो जाती और यह अतराल को पान क कामना बोध

म4 बाधा बन जाती + य-0क अगर तम अतराल को पाना चाहत हो तो तम आग बढ़ जाओग R वास भीतर आती रहगी और

तम उसक आग नकल जाओग + य-0क तZ हार aिO ट अतराल पर ह जो भवषय म4 ह ब कभी इसक चचा नह करत

इसीलए ब क वध आधी ह

ल0कन दसरा Vह9 सा अपन आप ह चला आता ह अगर तम R वास क त सजगता का बोध का अ यास करत गए तो एक

Vदन अनजान ह तम अतराल को पा जाओग + य-0क जस-जस तZ हारा बोध तीi गहरा और सघन होगा जस-जस तZ हारा

बोध 9 पषट आकार लगा जब सारा ससार भल जाएगा बस R वास का आना जाना ह एकमा बोध रह जाएगाmdashतब

अचानक तम उस अतराल को अनभव करोग िजसम4 R वास नह ह

अगर तम सn मता स R वास-शवास क साथ याा कर रह हो तो उस ि9 थत क त अबोध कस रह सकत हो जहा 9 वास

नह ह वह Qण आ ह जाएगा जब तम महसस करोग 0क अब R वास न जाती ह न आती ह R वास 02या Bबलकल ठहर गई

ह और उसी ठहराव म4 kयस का वास ह

यह एक वध लाख--करोड़- लोग- क लए पयापत ह सVदय- तक समचा एशया इस एक वध क साथ जीया और उसका

योग करता रहा तबबत चीन जापन बमा R याम kीलका भारत को छोड़कर समसत एशया सVदय- तक इस एक

वध का उपयोग करता रहा और इस एक वध क Cवारा हजार--हजार- वयि+ त ान को उपलबध हए और यह पहल ह

वध ह दभागय क बात 0क च0क यह वध ब क नाम स सब हो गई इसलए Vहद इस वध स बचन क चO टा म4 लग

रह + य-0क यह बौ वध क तरह बहत स हई Vहद इस Bबलकल भल गय इतना ह नह उG ह-न और एक कारण स

इसक अवहलना क + य-0क शव न सबस पहल इस वध का उY लख 0कया अनक बौ- न इस वान भरव त क बौ

थ होन का दावा 0कया व इस Vहद थ नह मानत

यह न Vहद ह और न बौ और वध मा वध ह ब न इसका उपयोग 0कया ल0कन यह उपयोग क लए मौजद ह थी

और इस वध क चलत ब-ब हए वध तो ब स भी पहल थी वह मौजद ह थी इसको योग म4 लाओ यह सरलतम

वधय- म4 स हmdashअनय वधय- क तलना म4 म_ यह नह कहता 0क यह वध तZ हार लए सरल ह अनय वधया अधक

कVठन ह-गी यह कारण ह 0क पहल वध क तरह इसका उY लख हआ ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचनmdash2

त-सmdashवधmdash02

जब वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 6फर जब वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन दो मोड़2 क Gवारा

उपलबध हो

वान भरव त त-सmdashवधmdash02 ( ओशो)

थोड़ फक क साथ यह वह वध ह और अब अतराल पर न होकर मोड़ पर ह बाहर जान वाल और अदर जान वाल R वास

एक वतल बनाती ह याद रह व समातर रखाओ क तरह नह ह हम सदा सोचत ह 0क आन वाल R वास और जान वाल

R वास दो समातर रखाओ क तरह ह मगर व ऐसी ह नह भीतर आन वाल R वास आधा वतल बनाती ह और शष आधा

वतल बाहर जान वाल R वास बनाती ह

इसलए पहल यह समझ लो 0क R वास और R वास मलकर एक वतल बनाती ह और व समातर रखाए नह ह + य-0क

समातर रखाए कह नह मलती ह दसर यह 0क आन वाल और जान वाल R वास दो नह ह व एक ह वह R वास भीतर

आती ह बहार भी जाती ह इसलए भीतर उसका कोई मोड़ अवशय होगा वह कह जMर मड़ती होगी कोई Bबद होगा जहा

आन वाल R वास जान वाल R वास बन जाती होगी

ल0कन मोड़ पर इतना जोर कय- ह

+ य-0क शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन

दो मोड़- क Cवारा उपलबध होlsquorsquo

बहत सरल ह ल0कन शव कहत ह 0क मोड़- को ापत कर लो और आlt मा को उपलबध हो जाओग ल0कन मोड़ + य-

अगर तम कार चलाना जानत हो तो तZ ह4 गयर का पता होगा हर गयर बदलत हो तो तZ ह4 G यoल गयर स गजरना पड़ता

ह जो 0क गयर Bबलकल नह ह तम पहल गयर स दसर गयर म4 जात हो और दसर स तीसर गयर म4 ल0कन सदा तZ ह4

G यoल गयर स होकर जाना पड़ता ह वह G यoल गयर घमाव का Bबद ह मोड़ ह उस मोड़ पर पहला गयर दसरा गयर

बन जाता ह और दसरा तीसर बन जाता ह

वस ह जब तZ हार R वास भीतर जाती ह और घमन लगती ह तो उस वकत वह G यoल गयर म4 होती ह नह तो वह नह

धम सकती उस तटसथ Q स गजरना पड़ता ह

उस तटसथ Q म4 तम न तो शरर हो और न मन ह हो न शारPरक हो न मानसक हो + य-0क शरर तZ हार अि9 ततव का

एक गयर ह और मन उसका दसरा गयर ह तम एक गयर स दसर गयर म4 गत करत हो इस लए तZ ह4 एक G यoल

गयर क जMरत ह जो न शरर हो और न मन हो उस तटसथ Q म4 तम मा हो मा अि9 ततवndashश सरल अशरर और

मन स मकत यह कारण ह 0क घमाव Bबद पर मोड़ पर इतना जोर ह

मनषय एक य हmdashबड़ा और बहत जVटल य तZ हार शरर और मन म4 भी अनक गयर ह तZ ह4 उस महान य रचना का

बोध नह ह ल0कन तम एक महान य हो और अf छा ह 0क तZ ह4 उसका बोध नह ह अG यथा तम पागल हो जाओग

शरर ऐसा वशाल य ह 0क वानक कहत ह अगर हम4 शरर क समातर एक कारखाना नमत करना पड़ तो उस चार वग

मल जमीन क जMरत होगी और उसका शोरगल इतना भार होगा 0क उसस सौ वग मील भम भावत होगी

शरर एक वशाल याBक रचना हmdashवशालतम उसम लाख--लाख- कोशकाए ह और lt यक कोशका जीवत ह तम सात

करोड़ कोशकाओ क एक वशाल नगर म4 हो तZ हार भी तर सात करोड़ नागPरक बसत ह और सारा नगर बहत शात और

gt यव9 था स चल रहा ह तQण य-रचना काम कर रह ह और वह बहत जVटल ह

कई 9 थल- पर इन वधय- का तZ हार शरर और मन क एक य-रचना क साथ वा9 ता पड़गा ल0कन याद रखो 0क सदा ह

जोर उन Bबदओ पर रहगा जहा तम अचानक य-रचना क अग नह रह जात हो जब एकाएक तम य रचना क अग नह रह

तो य ह Qण ह जब तम गयर बदलत हो

उदाहरण क लए रात जब तम नीद म4 उतरत हो तो तZ ह4 गयर बदलना पड़ता ह कारण यह ह 0क Vदन म4 जागी हई चतना

क लए दसर ढग क य रचना क जMरत रहती ह तब मन का भी एक दसरा भाग काम करता ह और जब तम नीद म4

उतरत हो तो वह भाग निO 2य हो जाता ह और अनय भाग स02य होता ह उस Qण वहा एक अतराल एक मोड़ आता ह

एक गयर बदला 0फर सबह जब तम जागत हो तो गयर बदलता ह

तम चपचाप बठ हो और अचानक कोई कछ कह दता ह और तम 2 हो जात हो तब तम भनन गयर म4 चल गए यह

कारण ह 0क सब कछ बदल जाता ह तम 2ोध म4 हए R वास 02या बदल जायगी वह अ9तgtयसत हो जायगी तZ हार R वास

02या म4 कपन आ जाएगा 0कसी चीज को चर-चर कर दना चाहगा ता0क यह घटन जाए तZ हार R वास 02या बदल

जाएगी तZ हार खन क लय दसर होगी शरर म4 और ह तरह का रस वय स02य होगा पर थ gt यव9 था ह बदल

जाएगी 2ोध म4 तम दसर ह आदमी हो जात हो

एक कार खड़ी ह तम उस 9 टाट करो उस 0कसी गयर म4 न डालकर G यoल गयर म4 छोड़ दो गाड़ी Vहलगी कापगी ल0कन

चलगी नह वह गरम हो जाएगी इसी तरह 2ोध म4 नह कछ कर पान क कारण तम गरम हो जात हो य रचना तो कछ

करन क लए स02य ह और तम उस कछ करन नह दत तो उसका गरम हो जाना 9 वाभावक ह तम एक य-रचना हो

ल0कन मा य-रचना नह हो उसस कछ अधक हो उस अधक को खोजना ह जब तम गयर बदलत हो तो भीतर सब

कछ बदल जाता ह जब तम गयर बदलत हो तो एक मोड़ आता ह

शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती ह इन दो मोड़- क

Cवारा उपलबध हो जाओlsquorsquo

मोड़ पर सावधान हो जाओ सजग हो जाओ ल0कन यह मोड़ बहत सQम ह और उसक लए बहत सQम नरQण क

जMरत पड़गी हमार नरQण क Qमता नह क बराबर ह हम कछ दख ह नह सकत अगर म_ तZ ह4 कह 0क इस फल को

दखोmdashइस फल को जो तZ ह4 म_ दता ह तो तम उस नह दख पाओग एक Qण को तम उस दखोग4 और 0फर 0कसी और चीज

क सबध म4 सोचन लगोग वह सोचना फल क वषय म4 हो सकता ह ल0कन वह फल नह हो सकता तम फल क बार म4

सोच सकत हो 0क दखो वह 0कतना सदर ह ल0कन तब तम फल स दर हट गए अब फल तZ हार नरQण Q म4 नह

रहा Q बदल गया तम कहोग 0क यह लाल ह नीला ह ल0कन तम उस फल स दर चल गए

नरQण का अथ होता ह 0कसी शबद या शािc दकता क साथ भीतर क बदलाहट क साथ न रहकर मा फल क साथ रहना

अगर तम फल क साथ ऐस तीन मनट रह जाओ िजसम मन कोई गत न कर तो kयस घट जाएगा तम उपलबध हो

जाओग

ल0कन हम नरQण Bबलकल नह जानत ह हम सावधान नह ह सतक नह ह हम 0कसी भी चीज को अपना अवधान नह

द पात ह हम ता यहा-वहा उछलत रहत ह वह हमार वशगत वरासत ह बदर-वश क वरासत बदर क मन स ह मनषय

का मन वकसत हआ ह बदर शात नह बठ सकता इसीलए ब Bबना हलन-चलन क बठन पर मा बठन पर इतना जौर

दत ह + य-0क तब बदर-मन का अपनी राह चलना बद हो जाता ह

जापान म4 एक खास तरह का L यान चलता ह िजस व झा झन कहत ह झा झन शबद का जापानी म4 अथ होता ह मातर

बठना और कछ भी नह करना कछ भी हलचल नह करनी ह मत क तरह वष[ बठ रहना हmdashमतवत अचल ल0कन मत

क तरह वष[ बठन क जMरत + या ह अगर तम अपन R वास क घमाव को अचल मन स दख सको तो तम वश पा

जाओग तम 9 वय म4 वश पा जाओग अतर क भी पार वश पा जाओग ल0कन य मोड़ इतन महlt वपण + य- ह

व महlt वपण ह + य-0क मोड़ पर दसर Vदशा म4 घमन क लए R वास तZ ह4 छोड़ दती ह जब वह भीतर आ रह थी तो तZ हार

साथ थी 0फर जब वह बाहर जाएगी तो तZ हार साथ होगा ल0कन घमाव-Bबद पर न वह तZ हार साथ ह और न तम उसक

साथ हो उस Qण म4 R वास तमस भनन ह और तम उसस भनन हो अगर R वास 02या ह जीवन ह तो तब तम मत हो

अगर R वास-02या तZ हारा मन ह तो उस Qण तम अ-मन हो

तZ ह4 पता हो या न हो अगर तम अपनी R वास को ठहरा दो तो मन अचानक ठहर जाता ह अगर तम अपनी R वास को ठहरा

दो तो तZ हारा मन अभी और अचानक ठहर जाएगा मन चल नह सकता R वास का अचानक ठहरना मन को ठहरा दता ह

+ य- + य-0क व पथक हो जात ह कवल चलती हई R वास मन स शरर स जड़ी होती ह अचल R वास अलग हो जाती ह और

जब तम G यoल गयर म4 होत हो

कार चाल ह ऊजा भाग रह ह कार शोर मचा रह ह वह आग जान को तयार ह ल0कन वह गयर म4 ह नह ह इसलए

कार का शरर और कार का य-रचना दोन- अलग-अलग ह कार दो Vह9 स- म4 बट ह वह चलन को तयार ह ल0कन गत

का य उसस अलग ह

वह बात तब होती ह जब R वास मोड़ लती ह उस समय तम उस नह जड़ हो और उस Qण तम आसानी स जान सकत हो

0क म_ कौन ह यह होना + या ह उस समय तम जान सकत हो 0क शरर Mपी घर क भीतर कौन ह इस घर का 9 वामी कौन

ह म_ मा घर ह या वहा कोई 9 वामी भी ह म_ मा य रचना ह या उसक पर भी कछ ह और शव कहत ह 0क उस घमाव

Bबद पर उपलबध हो व कहत ह उस मोड़ क त बोधपण हो जाओ और तम आlt मोपलबध हो

ओशो

वान भरव त

)वचन-2( त-सmdashभाग-1)

त-सmdashवधmdash03

या जब कभी अत वास और ब=ह वास एक दसर म0 वलन होती ह उस Iण म0 ऊजार=हत ऊजाप(रत क0 1 को J पश करो

वान भरव तndashधयान वधndash03ndashओशो

हम क4 और पPरध म4 वभािजत ह शरर पPरध ह हम शरर को पPरध को जानत ह ल0कन हम यह नह जानत 0क

कहा क4 ह जब बVहR वास अतR वास म4 वलन होती ह जब व एक हो जाती ह जब तम यह नह कह सकत 0क यह

अतRवास ह 0क बVहR वास जब यह बताना कVठन हो 0क R वास भीतर जा रह ह 0क बाहर जा रह ह जब R वास भी तर वश

0क बाहर क तरफ मड़न लगती ह तभी वलय का Qण ह तब R वास जाती ह और न भीतर आती ह R वास गतहन ह जब

वह बहार जाती ह गतमान ह जब वह भीतर आती ह गतमान ह और जब वह दोन- म4 कछ भी नह करती ह तब वह

मौन ह अचल ह और तब तम क4 क नकट हो आन वाल और जान वाल R वास- का यह वलय वद तZ हारा क4 ह

इस इस तरह दखो जब R वास भीतर जाती ह तो कहा जाती ह वह तZ हार क4 को जाती ह और जब वह बाहर जाती ह तो

कहा जाती ह क4 स बाहर जाती ह इसी क4 को 9 पश करना ह यह कारण ह 0क ताओ वाद सत और झन सत कहत ह 0क

सर तZ हारा क4 नह ह नाभ तZ हारा क4 ह R वास नाभ-क4 को जाती ह 0फर वहा स लौटती ह 0फर उसक याा करती

जसा म_न कहा R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह तम शरर को तो जानत हो ल0कन यह नह जानत 0क क4

कहा ह R वास नरतर क4 को जा रह ह और वहा स लौट रह ह ल0कन हम पयापत R वास नह लत ह इस कारण स

साधारण वह क4 तक नह पहच पाती ह खासकर आधनक समय म4 तो वह क4 तक नह जाती और नतीजा यह ह 0क

हरक gt यि+ त वक4 Vत अनभव करता ह अपन को क4 स f यत महसस करता ह पर आधनक ससार म4 जो लोग भी थोड़ा

सोच-वचार करत ह व महसस करत ह 0क उनका क4 खो गया ह

एक सोए हए बf च को दखो उसक R वास का नरQण करो जब उसक R वास भीतर जाती ह तो उसका पट ऊपर उठता ह

उसक छाती अभावत रहती ह यह वजह ह 0क बf च- क छाती नह होती उनक कवल पट होत ह जीवत पट R वास

R वास क साथ उनका पट ऊपर नीच होता ह उनका पट ऊपर-नीच होता ह और बf च अपन क4 पर होत ह क4 म4 होत ह

और यह कारण ह 0क बfच इतन सखी ह इतन आनदमगन ह इतनी ऊजा स भर ह 0क कभी थकत नह और ओवर

pलोइग ह व सदा वतमान Qण म4 होत ह न उनका अतीत ह न भवषय

एक बf चा 2ोध कर सकता ह जब वह 2ोध करता ह तो समता स 2ोध करता ह वह 2ोध ह हो जाता ह और तब उसका

2ोध भी 0कतना सदर लगता ह जब कोई समता स 2ोध ह हो जाता ह तो उसक 2ोध का भी अपना सqदय ह + य-0क

समता सदा सदर होती ह

तम 2ोधी और सदर नह हो सकत 2ोध म4 तम कMप लगोग + य-0क खड सदा कMप होता ह 2ोध क साथ ह ऐसा नह

ह तम म भी करत हो तो कMप लगत हो + य-0क उसम भी तम खWडत हो बट-बट हो जब तम 0कसी को म कर रह हो

जब तम सभोग म4 उतर रह हो तो अपन चहर को दखो आईन क सामन म करो और अपना चहरा दखो वह कMप और

पशवत होगा

म म4 भी तZ हारा Mप कMप हो जाता ह + य- तZ हार म म4 भी CवCव ह तम कछ बचाकर रख रह हो कछ रोक रह हो

तम बहत कजसी स द रह हो तम अपन म म4 भी सम नह हो तम समता स पर-पर द भी नह पात

और बf चा 2ोध और Vहसा स भी सम होता ह उसका मखड़ा दपत और सदर हो उठता ह वह यहा और अभी होता ह

उसक 2ोध का न 0कसी अतीत स कछ लना-दना ह और न 0कसी भवषय स वह Vहसाब नह रखता ह वह मा 2 ह

बf चा अपन क4 पर ह और जब तम क4 पर होत हो तो सदा सम होत हो तब तम तो कछ करत हो वह सम होता ह

भला या बरा वह सम होता ह और जब खWडत होत हो क4 स f यत होत हो तो तZ हारा हरक काम भी खWडत होता ह

+ य-0क उसम तZ हारा खड ह होता ह उसम तZ हारा सम सवVदत नह होता ह खड सम क lखलाफ जाता ह और वह

कMपता पदा करता ह

कभी हम सब बf चो थ + या बात ह 0क जस-जस हम बड़ होत ह हमार R वास 02या उथल हो जाती ह तब R वास पट तक

कभी नह जाती ह नाभ क4 को नह छती ह अगर वह जयादा स ` यादा नीच जाएगी तो वह कम स कम उथल रहगी

ल0कन व तो सीन को छकर लौट आती ह वह क4 तक नह जाती ह तम क4 स डरत हो + य-0क क4 पर जान स तम

सम हो जाओग अगर तम खWडत रहना चाहो तो खWडत रहन क यह 02या ह

तम म करत हो अगर तम क4 स R वास लो तो तम म म4 पर बहोग तम डर हए हो तम दसर क त 0कसी क भी त

खल होन स असरmQत और सवदनशील होन स डरत हो तम उस अपना मी कहो 0क मका कहो तम डर हए हो वह

दसरा ह और अगर तम पर तरह खल हो असरmQत हो तो तम नह जानत 0क + या होन जा रहा ह तब तम हो समता स

होmdashदसर अथ[ म4 तम पर तरह दसर म4 खो जान स डरत हो इसलए तम गहर R वास नह ल सकत तम अपनी R वास को

शथल और ढला नह कर सकत हो + य-0क वह क4 तक चल जायगी + य-0क िजस Qण R वास क4 पर पहचगी तZ हारा

कतय अधकाधक सम होन लगगा

+ य-0क तम सम होन स डरत हो तम उथल R वास लत हो तम अलपतम R वास लत हो अधकतम नह यह कारण ह

0क जीवन इतना जीवनहन लगता ह अगर तम G यनतम R वास लोग तो जीवन जीवनहन ह होगा तम जीत भी G यनतम

हो अधकतम नह तम अधकतम िजयो तो जीवन अतशय हो जाए ल0कन तब कVठनाई होगी यVद जीवन अतशय हो

तो तम न पत हो सकत हो और न पlt नी सब कछ कVठन हो जाएगी अगर जीवन अतशय हो तो म अतशय होगा तब

तम एक स ह बध नह रह सकत तब तम सब तरफ वाVहत होन लगोग सभी आयाम म4 तम भर जाओग और उस हालत

म4 मन खतरा महसस करता ह इसलए जीवत ह नह रहना उस मजर ह

तम िजतन मत होग4 उतन सरmQत होग4 िजतन मत होग4 उतना ह सब कछ नयण म4 होगा तम नयण करत हो तो

तम मालक हो + य-0क नयण करत हो इसलए अपन को मालक समझत हो तम अपन 2ोध पर अपन म पर सब

कछ पर नयण कर सकत हो ल0कन यह नयण ऊजा क G यनतम तक पर ह सभव ह

कभी न कभी हर आदमी न यह अनभव 0कया ह 0क वह अचानक G यनतम स अधकतम तल पर पहच गया तम 0कसी

पहाड़ पर चल जाओ अचानक तम शहर स उसक कद स बाहर हो जाओ अब तम मकत हो वराट आकाश ह हरा जगल

ह बादल- को छता शखर ह अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न को छता शखर ह

अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न गया हो अब जब पहाड़ जाओ तो इसका r याल

रखना कवल पहाड़ क कारण बदलाहट नह मालम होती R वास क कारण मालम होती ह तम गहर R वास लत हो और

कहत हो अहा तमन क4 छ लया Qण भर क लए तम सम हो गए और सब कछ आनदपण ह वह आनद पहाड़ स नह

तZ हार क4 स आ रहा ह तमन अचानक उस छ जो लया

शहर म4 तम भयभीत थ सव दसरा मौजद था और तम अपन को काब म4 0कए रहत थ न रो सकत थ न हस सकत थ

कस दभागय तम सड़क पर गा नह सकत थ नाच नह सकत थ तम डर-डर थ कह सपाह खड़ा था कह परोVहत कह

जज खड़ा था कह राजनीत कह नीतवाद कोई न कोई था 0क तम नाच नह सकत थ

बosड रसल न कह कहा ह 0क म_ स यता स म करता ह ल0कन हमन यह स यता भार कमत चका कर हासल क ह

तम सड़क पर नह नाच सकत ल0कन पहाड़ चल जाओ और वहा अचानक नाच सकत हो तम आकाश क साथ अकल हो

और आकाश कारागह नह ह वह खलता ह जाता ह खलता ह जाता ह अनत तक खलता ह जाता ह एकाएक तम एक

गहर R वास लत हो क4 छ जाता ह और तब आनद ह आनद ह

ल0कन वह लब समय तक Vटकन वाला नह ह घट दो घट म4 पहाड़ वदा हो जाएगा तम वहा रह सकत हो ल0कन पहाड़

वदा हो जाएगा तमहार चताए लौट आएगी तम शहर दखना चाहोग पlt नी को प लखन क सोचोग या सोचोग 0क तीन

Vदन बाद वापस जाना ह तो उसक तयार शM कर4 अभी तम आए हो और जान क तयार होन लगी 0फर तम वापस आ

गए वह गहर R वास सच म4 तमस नह आई थी वह अचानक घVटत हई थी बदल पPरि9 थत क कारण गयर बदल गया

था नई पPरि9 थत म4 तम परान ढग स R वास नह ल सकत थ इसलए Qण भर को एक नयी R वास आ गई उसन क4 छ

लया और तम आनVदत थ

शव कहत ह तम lt यक Qण क4 को 9 पश कर रह हो या यVद नह 9 पश कर रह हो तो कर सकत हो गहर धीमी R वास

लो और क4 को 9 पश करो छाती स R वास मत लो वह एक चाल ह स यता शQा और नतकता न हम4 उथल R वास

सखा द ह क4 म4 गहर उतरना जMर ह अG यथा तम गहर R वास नह ल सकत

जब तक मनषय समाज कामवासना क त गर-दमन क aिO ट नह अपनाता तब तक वह सच म4 R वास नह ल सकता

अगर R वास पट तक गहर जाए तो वह काम क4 को ऊजा दती ह वह काम क4 को छती ह उसक भीतर स मालश करती

ह तब काम-क4 अधक स02य अधक जीवत हो उठता ह और स यता कामवासना स भयभीत ह

हम अपन बf च- को जनन4Vय छन नह दत ह हम कहत ह tको उG ह4 छओ मत जब बf चा पहल बार जनन4Vय छता ह

तो उस दखो और कहो tको और तब उसक R वास 02या को दखो जब तम कहत हो tको जनन4Vय मत छओ तो

उसक R वास तरत उथल हो जायगी + य-0क उसका हाथ ह काम क4 को नह छ रहा गहर म4 उसक R वास भी उस छ रह

ह अगर R वास उस छती रह तो हाथ को रोकना कVठन ह और अगर हाथ tकता ह तो बनयाद तौर स जMर हो जाता ह 0क

R वास गहर न होकर उथल रह

हम काम स भयभीत ह शरर का नचला Vह9 सा शारPरक तल पर ह नह मलय क तल पर भी नचला हो गया ह वह

नचला कहकर नVदत ह इसलए गहर R वास नह उथल R वास लो दभागय क बात ह 0क R वास नीच को ह जाती ह

अगर उपदशक क चलती तो वह पर य रचना को बदल दता वह सफ ऊपर क और सर म4 R वास लन क इजाजत दता

और तब कामवासना Bबलकल अनभव नह होती

अगर काम वहन मनषय को जनम दना ह तो R वास-णाल को Bबलकल बदल दना होगा तब R वास को सर म4 सह9 ार म4

भजना होगा और वहा स मह म4 वापस लाना होगा मह स सह9 ार उसका माग होगा उस नीच गहर म4 नह जान दना

होगा + य-0क वहा खतरा ह िजतन गहर उतरोग उतन ह जवक क गहर तल- पर पहचोग तब तम क4 पर पहचोग और

वह क4 काम क4 क पास ह ह ठUक भी ह + य-0क काम ह जीवन ह

इस इस तरह दखो R वास ऊपर स नीच को जान वाला जीवन ह काम ठUक दसर Vदशा स नीच स ऊपर को जान वाला जीवन

ह काम-ऊजा बह रह ह और R वास ऊजा बह रह ह R वास का रा9 ता ऊपर शरर म4 ह और काम का रा9 ता नमन शरर म4

ह और जब R वास और काम मलत ह जीवन को जनम दत ह इस लए अगर तम काम स डरत हो तो दोन- क बीच दर

बनाओ उGह4 मलन मत दो सच तो यह ह 0क सभय आदमी बधया 0कया हआ आदमी ह यह कारण ह 0क हम R वास क

सबध म4 नह जानत और हम4 यह स समझना कVठन ह

शव कहत ह जब कभी अतR वास और बVहR वास एक दसर म4 वलन होती ह उस Qण म4 ऊजारVहत ऊजापPरत क4 को

9 पश कर-

शव परसपर वरोधी शc दावल का उपयोग करत ह ऊजारVहत ऊजापPरत वह ऊजारVहत ह + य-0क तZ हार शरर तZ हार

मन उस ऊजा नह द सकत तZ हार शरर क ऊजा और मन क ऊजा वहा नह ह इसलए जहा तक तZ हार तादाltZय का

सबध ह वह ऊजारVहत ह ल0कन वह ऊजापPरत ह + य-0क उस ऊजा का जागतक 9 ोत उपलबध ह

तZ हार शरर क ऊजा को uधन हmdashपoोल जसी तम कछ खात-पीत हो उसस ऊजा बनती ह खाना पीना बद कर दो और

शरर मत हो जाएगा तरत नह कम स कम तीन महन लग4ग + य-0क तZ हार पास पoोल का एक खजाना भी ह तमन

बहत ऊजा जमा क हई ह जो कम स कम तीन महन काम द सकती ह शरर चलगा उसक पास जमा ऊजा थी और 0कसी

आपltकाल म4 उसका उपयोग हो सकता ह इसलए शरर ऊजा-uधन ऊजा ह

क4 को uधन-ऊजा नह मलती ह यह कारण ह 0क शव उस ऊजारVहत कहत ह वह तZ हार खान पीन पर नभर नह ह

वह जागतक 9 ोत स जड़ा हआ ह वह जागतक ऊजा ह इसलए शव उस lsquorsquoऊजारVहत ऊजापPरत क4 कहत ह िजस

Qण तम उस क4 को अनभव करोग जहा स R वास जाती-आती ह जहा R वास वलन होती ह उस Qण तम आlt मोपलबध

हए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-2

त-सmdashवध-05

भक=टय2 क बीच अवधान को िJ थर कर वचार को मन क सामन करो 6फर सहJ ार तक प को वास-ततव स )ाण स

भरन दो वहा वह )काश क तरह बरसगा

Shira त-सmdashवध-05 (वान भरव तndashओशो)

यह वध पाइथागोरस को द गई थी पाइथागोरस इस लकर यनान वापस गए और वह पिR चम क समसत रह9 यवाद क

आधार बन गए पिR चम म4 अL याlt मवाद क व पता ह यह वध बहत गहर वधय- म4 ऐ एक ह इस समझन क कोशश

करो

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करोlsquorsquo

आधनक शरर-श9 कहता ह वानक शोध कहती ह 0क दो भकVटय- क बीच म4 थ ह वह शरर का सबस रह9 यपण

भाग ह िजसका नाम पाइनयल थ ह यह तc बतय- क तीसर आख ह और यह ह शव का न त क शव का

Bन दो आख- क बीच एक तीसर आख भी ह ल0कन यह स02य नह ह यह ह और यह 0कसी भी समय स02य हो

सकती ह नसगत यह स02य नह ह इसको स02य करन क लए सबध म4 तम को कछ करना पड़गा यह अधी नह ह

सफ बद ह यह वध तीसर आख को खोलन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करhelliplsquorsquo

आख बद कर लो और 0फर दोन- आख- को बद रखत हए भqह- क बीच म4 aिO ट को ि9 थर करोmdashमानो 0क दोन- आख- स तम

दख रह हो और सम अवधान को वह लगा दो

यह वध एका होन क सबस सरल वधय- म4 स एक ह शरर क 0कसी दसर भाग म4 इतनी आसानी स तम अवधान को

नह उपलबध हो सकत यह थ अवधान को अपन म4 समाVहत करन म4 कशल ह यVद तम इस पर अवधान दोग तो

तZ हार दोन- आख तीसर आख स सZ मोVहत हो जाएगी व थर हो जाएगी व वहा स नह Vहल सक4 गी यVद तम शरर क

0कसी दसर Vह9 स पर अवधान दो तो वहा कVठनाई होगी तीसर आख अवधान को पकड़ लती ह अवधान को खीच लती ह

अवधान क लए वह चबक का काम करती ह

इसलए दनया भी क सभी वधय- म4 इसका समावश 0कया गया ह अवधान को शmQत करन म4 यह सरलतम ह

+ य-0क इसम तम ह चO टा नह करत यह थ भी तZ हार मदद करती ह यह चबकय ह तZ हार अवधान को यह

बलपवक खीच लती ह

त क परान थ- म4 कहा गया ह 0क अवधान तीसर आख का भोजन ह यह भखी ह जG म--जG म- स भखी ह जब तम इस

अवधान दत हो यह जीवत हो उठती ह इस भोजन मल गया ह और जब तम जान लोग 0क अवधान इसका भोजन ह

जान लोग 0क तZ हार अवधान को यह चबक क तरह खीच लती ह तब अवधान कVठन नह रह जाएगा सफ सह Bबद को

जानना ह

इस लए आख बद कर लो और अवधान को दोन- आख- क बीच म4 घमन दो और उस Bबद को अनभव करो जब तम उस

Bबद क करब होग4 अचानक तZ हार आख थर हो जाएगी और जब उG ह4 Vहलाना कVठन हो जाए तब जानो 0क सह Bबद

मल गया

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन रखोlsquorsquo

अगर यह अवधान ापत हो जाए तो पहल बार एक अvत बात तZ हार अनभव म4 आएगी पहल बार तम दखोग4 0क तZ हार

वचार तZ हार सामन चल रह ह तम साQी हो जाओग जस 0क सनमा क पदw पर aशय दखत हो वस ह तम दखोग4 0क

वचार आ रह ह और तम साQी हो एक बार तZ हारा अवधान Bन-क4 पर ि9 थर हो जाए तम तरत वचार- क साQी हो

जाओग

आमतौर स तम साQी नह होत तम वचार- क साथ तादाltZय कर लत हो यVद 2ोध ह तो तम 2ोध हो जात हो यVद एक

वचार चलता ह तो उसक साQी होन क बजाए तम वचार क साथ एक हो जात हो उसस तादाlt मय करक साथ-साथ चलन

लगत हो तम वचार ह बन जात हो वचार का Mप ल लत हो जब 2ोध उठता ह तो तम 2ोध बन जात हो और जब लोभ

उठता ह तब लोभ बन जात हो कोई भी वचार तZ हार साथ एकातम हो जाता ह और उसक ओर तZ हार बीच दर नह

रहती

ल0कन तीसर आख पर ि9 थर होत ह तम एकाएक साQी हो जात हो तीसर आख क जPरए तम साQी बनत हो इस

शवन क Cवारा तम वचार- को वस ह चलता दख सकत हो जस आसमान पर तरत बादल- को या रहा पर चलत लोगो को

दखत हो

जब तम अपनी lखड़क स आकाश कोया रहा चलत लोग- को दखत हो तब तम उनस तादाlt मय नह करत तब तम अलग

होत हो मा दशक रहत होmdashBबलकल अलग वस ह अब जब 2ोध आता ह तब तम उस एक वषय क तरह दखत हो अब

तम यह नह सोचत 0क मझ 2ोध हआ तम यह अनभव करत हो 0क तम 2ोध स घर हो 2ोध क एक बदल तZ हार चारो

और घर गई और जब तम खद 2ोध नह रह तब 2ोध नापसग हो जाता ह तब वह तमको नह भावत कर सकता तब

तम अ9 पशत रह जात हो 2ोध आता ह और चला जाता ह और तम अपन म4 क4 Vत रहत हो

यह पाचवी वध साmQतव को ापत करन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन करोlsquorsquo

अब अपन वचार- को दखो वचार- का साQाlt कार करो

lsquorsquo0फर सह9 ार तक Mप को R वास ततव स ाण स भरन दो वहा वह काश क तरह बरसगाlsquorsquo

जब अवधान भकVटय- क बीच शवन क क4 पर ि9 थर होता ह तब दो चीज4 घVटत होती ह

और यह चीज दो ढग- स हो सकती ह एक तम साQी हो जाओ तो तम तीसर आख पर थर हो जात हो साQी हो जाओ जो

भी हो रहा हो उसक साQी हो जाओ तम बीमार हो शरर म4 पीड़ा ह तम को दःख और सताप ह जो भी हो तम उसक साQी

रहो जो भी हो उसस तादाlt मय न करो बस साQी रहोmdashदशक भर और यVद साmQltव सभव हो जाए तो तम तीसर न पर

ि9 थर हो जाओग

इसस उलटा भी हो सकता ह यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हो जाओ तो साQी हो जाओग य दोन- एक ह बात ह

इसलए पहल बात तीसर आख पर क4 Vत होत ह साQी आlt मा का उदय होगा अब तम अपन वचार- का सामना कर

सकत हो और दसर बात और अब तम R वास-R वास क सQम और कोमल तरग- को भी अनभव कर सकत हो अब तम

शवसन क Mप को ह नह उसक ततव को सार को ाण को भी समझ सकत हो

पहल तो यह समझन क कोशश कर4 0क lsquorsquoMपrsquorsquo और lsquorsquoR वास-ततवrsquorsquo का + या अथ ह जब तम R वास लत हो तब सफ वाय

क ह R वास नह लत वानक तो यह कहत ह 0क तम वाय क ह R वास लत हो िजसम4 आ+ सीजन हाइxोजन तथा

अनय ततव रहत ह व कहत ह 0क तम वाय क R वास लत हो

ल0कन त कहता ह 0क हवा तो मा वाहन ह असल चीज नह ह असल म4 तम ाण क R वास लत हो हवा तो माधयम

भर ह ाण उसका सतव ह सार ह तम न सफ हवा क बिY क ाण क R वास लत हो

आधनक वान अभी नह जान सका ह 0क ाण जसी कोई व9 त भी ह ल0कन कछ शोधकताओ न कछ रह9 यमयी चीज

का अनभव 0कया ह R वास म4 सफ हवा हम नह लत वह बहत स आधनक शोधकताओ न अनभव 0कया ह वशषकर एक

नाम उY लखनीय ह वह ह जमन मनोवानक वलहम रख का िजसन इस आगन एनजy या जवक ऊजा का नाम Vदया

ह वह ाण ह ह वह कहता ह 0क जब आप R वास लत ह तब हवा तो मा आधार ह पा ह िजसक भीतर एक रह9 यपण

ततव ह िजस आगन या ाण या एलन वाइटल कह सकत ह ल0कन वह बहत सnम ह वासतव म4 वह भौतक नह ह

पदाथ गत नह ह हवा भौतक ह पा भौतक ह ल0कन उसक भीतर स कछ सQम अलौ0कक ततव चल रहा ह

इसका भाव अनभव 0कया जा सकता ह जब तम 0कसी ाणवान gt यि+ त क पास होत हो तो तम अपन भीतर 0कसी

शि+ त को उगत दखत हो और जब 0कसी बीमार क पास होत हो तो तमको लगता ह 0क तम चस जा रह हो तZ हार भीतर

स कछ नकाला जा रहा ह जब तम अ9 पताल जात हो तब थक-थक + य- अनभव करत हो वहा चार- ओर स तम चस जात

हो अ9 पताल का परा माहौल बीमार होता ह और वहा सब 0कसी को अधक ाण क अधक एलन वाइटल क जMरत ह

इसलए वहा जाकर अचानक तZ हारा ाण तमस बहन लगता ह जब तम भीड़ म4 होत हो तो तम घटन महसस + य- करत

हो इसलए 0क वहा तZ हारा ाण चसा जान लगता ह और जब तम ात काल अकल आकाश क नीच या वQ- क बीच होत

हो तब 0फर अचानक तम अपन म4 0कसी शि+ त का ाण का उदय अनभव करत हो lt यक का एक खास 9 पस क जMरत

ह और जब वह 9 पस नह मलता ह तो तमको घटन महसस होती ह

वलहम रख न कई योग 0कए ल0कन उस पागल समझा गया वान क भी अपन अधवR वास ह और वान बहत

MVढ़वाद होता ह वान अभी भी नह समझता ह 0क हवा स बढ़कर कछ ह वह ाण ह ल0कन भारत सVदय- स उस पर

योग कर रहा ह

तमन सना होगाmdashशायद दखा भी होmdash0क कोई gt यि+ त कई Vदन- क लए भमगत समाध म4 वश कर गया जहा हवा का

कोई वश नह था 1880 म4 म9 म4 एक आदमी चालस वष[ क लए समाध म4 चला गया था िजG ह-न उस गाड़ा था व

सभी मर गए + य-0क वह 1920 म4 समाध स बहार आन वाला था

1920 म4 0कसी को भरोसा नह था 0क वह जीवत मलगा ल0कन वह जीवत था और उसक बाद भी वह दस वष[ तक

जीवत रहा वह Bबलकल पीला पड़ गया था परत जीवत था और उसको हवा मलन क कोई सभावना नह थी

डॉ+टर- न तथा दसर- न उसस पछा 0क इसका रहसय + या ह उसन कहा हम नह जानत हम इतना ह जानत ह 0क ाण

कह भी वश कर सकता ह और वह ह हवा वहा नह वश कर सकती ल0कन ाण कर सकता ह

एक बार तम जान जाओ 0क R वास क Bबना भी कस तम ाण को सीध हण कर सकत हो तो तम सVदय- तक क लए भी

समाध म4 जा सकत हो

तीसर आख पर क4 Vत होकर तम R वास क सार ततव को R वास को नह R वास क सार ततव ाण को दख सकत हो और

अगर तम ाण को दख सक तो तम उस Bबद पर पहच गए जहा स छलाग लग सकती ह 2ात घVटत हो सकती ह

स कहता ह lsquorsquoसह9ार तक Mप को ाण स भरन दोlsquorsquo

और जब तम को ाण का एहसास हो तब कY पना करो 0क तZ हारा सर ाण स भर गया ह सफ कY पना करो 0कसी

यतन क जMरत नह ह और म_ बताऊगा 0क कY पना कस काम करती ह तब तम Bन-Bबद पर ि9 थर हो जाओ तब

कY पना करो और चीज4 आप ह और तरत घVटत होन लगती ह

अभी तZ हार कY पना भी नपसक ह तम कY पना 0कए जात हो और कछ भी नह होता ल0कन कभी-कभी अनजान

साधारण िजदगी म4 भी चीज4 घVटत होती ह तम अपन म क सोच रह हो और अचानक दरवाज पर दसतक होती ह तम

कहत हो 0क सायोगक था 0क म आ गया कभी तZ हार कY पना सयोग क तरह भी काम करती ह

ल0कन जब भी ऐसा हो तो याद रखन क चO टा करो और पर चीज का वR लषण करो जब भी लग 0क तZ हार कY पना सच

हई ह तम भीतर जाओ और दखो कह न कह तZ हारा अवधान तीसर न क पास रहा होगा दरअसल यह सयोग नह था

यह वसा Vदखता ह + य-0क गम वान का तमको पता नह ह अनजान ह तZ हारा मन Bन क4 क पास चला गया

होगा और अवधान यVद तीसर आख पर ह तो 0कसी घटना क सजन क लए उसक कY पना काफ ह

यह स कहता ह 0क जब तम भकVटय- क बीच ि9 थर हो और ाण को अनभव करत हो तब Mप को भरन दो अब कY पना

करो 0क ाण तZ हार पर मि9 तषक को भर रह ह वशषकर सह9 ार को जो सव|चच मनस क4 ह उस Qण तम कY पना

करो और वह भर जाएगा कY पना करो 0क वह ाण तZ हार सह9 ार स काश क तरह बरसगा और वह बरसन लगगा

और उस काश क वषा म4 तम ताजा हो जाओग तZ हारा पनजनम हो जाएगा तम Bबलकल नए हो जाओग आतPरक

जनम का यह अथ ह

यहा दो बात4 ह एक तीसर आख पर क4 Vत होकर तZ हार कY पना पसतव को श को उपलबध हो जाती ह यह कारण ह

0क शता पर पवता पर इतना बल Vदया गया ह इस साधना म4 उतरन क पहल श बन

त क लए श कोई नतक धारणा नह ह श इसलए अथपण ह 0क यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हए और तZ हारा

मन अश रहा तो तZ हार कY पना खतरनाक स हो सकती हmdashतZ हार लए भी और दसर4 क लए भी यVद तम 0कसी क

हlt या करन क सोच रह हो उसका महज वचार भी मन म4 ह तो सफ कY पना स उस आदमी क मlt य घVटत हो जाएगी

यह कारण ह 0क शता पर इतना जोर Vदया जाता ह

पाइथागोरस को वशष उपवास और ाणायाम स गजरन को कहा गया + य-0क यहा बहत खतरनाक भम स याी गजरता

ह जहा भी शि+ त ह वहा खतरा ह यVद मन अश ह तो शि+ त मलन पर आपक अश वचार शि+ त पर हावी हो जाएग

कई बार तमन हlt या करन क सोची ह ल0कन भागय स वहा कY पना न काम नह 0कया यVद वह काम कर यVद वह तरत

वा9तवक हो जाए तो वह दसर- क लए ह नह तZ हार लए भी खतरनाक स हो सकती ह + य-0क 0कतनी ह बार तमन

आतम हlt या क सोची ह अगर मन तीसर आख पर क4 Vत ह तो आlt महlt या का वचार भी आlt महlt या बन जाएगा तमको

वचार बदलन का समय भी नह मलगा वह तरत घVटत हो जाएगी

तमन 0कसी को सZ मोVहत होत दखा ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब सZमोहन वद जो भी कहता ह सZ मोVहत

gt यि+ त तरत उसका पालन करता ह आदश 0कतना ह बहदा हो तक हन हो असभव ह + या न हो सZ मोVहत gt यि+ त

उसका पालन करता ह + या होता ह

यह पाचवी वध सब सZमोह न क जड़ म4 ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब उस एक वशष Bबद पर 0कसी काश

पर या दवार पर लग 0कसी चनह पर या 0कसी भी चीज पर या सZ मोहक क आख पर ह अपनी aिO ट क4 Vत करन को कहा

जाता ह और जब तम 0कसी खास Bबद पर aिO ट क4 Vत करत हो उसक तीन मनट क अदर तZ हारा आतPरक अवधान

तीसर आख क और बहन लगता ह तZ हार चहर क मा बदलन लगती ह और सZ मोहन वद जानता ह 0क कब तZ हारा

चहरा बदलन लगा एकाएक चहर स सार शि+ त गायब हो जाती ह वह मत वत हो जाता ह मान- गहर ता म4 पड़ हो जब

ऐसा होता ह सZ मोहक को उसका पता हो जाता ह उसका अथ हआ 0क तीसर आख अवधान को पी रह ह आपका चहरा

पीला पड़ गया ह पर ऊजा Bन क4 क और बह रह ह

अब सZमोVहत करन वाला तरत जान जाता ह 0क जो भी कहा जाएगा वह घVटत होगा वह कहता ह 0क अब तम गहर

नीद म4 जा रह हो और तम तरत सो जात हो वह कहता ह 0क अब तम बहोश हो रह हो और तम बहोश हो जात हो अब कछ

भी 0कया जा सकता ह अब अगर वह कह 0क तम नपोलयन या Vहटलर हो गए हो तो तम हो जाओग तZ हार मा बदल

जायगी आदश पाकर तZ हारा अचतन उसका वा9 तवक बना दता ह अगर तम 0कसी रोग स पीWडत हो तो रोग को हटन का

आदश दगा और मजदार बात रोग दर हो जायगा या कोई नया रोग भी पदा 0कया जा सकता ह

यह नह सड़क पर स एक ककड़ उठा कर अगर सZमोहन वद तZ हार हथल पर रख द और कह 0क यह अगारा ह तो तम

तज गमy महसस करोग और तZ हार हथल जल जाएगीmdashमानसक तल पर नह वासतव म4 ह वासतव म4 तZ हार चमड़ी

जब लायगी और तZ ह4 जलन महसस होगी + या होता ह अगारा नह बस एक मामल ककड़ ह वह भी ठडा 0फर भी जलना

ह नह हाथ पर फफोल तक उगा दता ह

तम तीसर आख पर क4 Vत हो और सZमोहन वद तमको सझाव दता ह और वह सझाव वा9 तवक हो जाता ह यVद

सZमोहन वद कह 0क अब तम मर गए तो तम तरत मर जाओग तZ हार दय गत Mक जायगी Mक ह जाएगी

यह होता ह Bन क चलत Bन क लए कY पना और वा9 तवकता दो चीज4 नह ह कY पना ह तथय ह कY पना कर4 और

वसा ह जाएगा 9 वपन और यथाथ म4 फासला नह ह 9 वपन दखो और सच हो जायगा

यह कारण ह 0क शकर न कहा 0क यह ससार परमाlt मा क 9 वपन क सवाय और कछ नह हmdashयह परमाlt मा क माया ह

यह इसलए 0क परमाlt मा तीसर आख म4 बसता हmdashसदा सनातन स इसलए परमाlt मा जी 9 वपन दखता ह वह सच हो

जाता ह और यVद तम भी तीसर आख म4 थर हो जाओ तो तZ हार 9 वपन भी सच होन लग4ग

साPरप ब क पास आया उसन गहरा धान 0कया तब बहत चीज4 घVटत होन लगी बहत तरह क aशय उस Vदखाई दन

लग जो भी L यान क गहराई म4 जाता ह उस यह सब Vदखाई दन लगता ह 9 वग और नरक दवता और दानव सब उस

Vदखाई दन लग और वह ऐस वा9 तवक थ 0क साPरप ब क पास दौड़ा आया और बोला 0क ऐस-ऐस aशय Vदखाई दत ह

ब न कहा व कछ नह ह मा 9 वपन ह

ल0कन साPरप न कहा 0क व इतन वा9 तवक ह 0क म_ कस उG ह4 9 वपन कह जब एक फल Vदखाई पड़ता ह वह फल 0कसी

भी फल स अधक वा9 तवक मालम पड़ता ह उसम सगध ह उस म_ छ सकता ह अभी जो म_ आपको दखता ह वह उतना

वा9 तवक नह ह आप िजतना वा9 तवक मर सामन ह वह फल उसस अधक वा9 तवक ह इसलए कस म_ भद कM 0क

कौन सच ह और कौन सवपन

ब न कहा अब च0क तम तीसर आख म4 क4 Vत हो इसलए 9 वपन और यथाथ एक हो गए ह जो भी 9 वपन तम दखोग4

सच हो जाएगा

और उसस ठUक उलटा भी घVटत हो सकता ह जो Bन पर थर हो गया उसक लए 9 वपन यथाथ हो जाएगा और यथाथ

9 वपन हो जाएगा + य-0क जब तZ हारा 9 वपन सच हो जाता ह तब तम जानत हो 0क 9 वपन और यथाथ म4 बनयाद भद

नह ह

इसलए जब शकर कहत ह 0क सब ससार माया ह परमाlt मा का 9 वपन ह तब यह कोई सातक 9 तावना या कोई

मीमासक व+ तवय नह ह यह उस gt यि+ त का आतPरक अनभव ह जो शवन म4 थर हो गया ह

अत जब तम तीसर नतर पर क4 Vत हो जाओ तब कY पना करो 0क सह9 ार स ाण बरस रहा ह जस 0क तम 0कसी वQ क

नीच बठ हो और फल बरस रह ह या तम आकाश क नीच हो और कोई बदल बरसन लगी या सबह तम बठ हो और सरज

उग रहा ह और उसक 0करण4 बरसन लगी ह कY पना करो और तरत तZ हार सह9 ार स काश क वषा होन लगगी यह

वषा मनषय को पननमत करती ह उसका नया जनम द जाती ह तब उसका पनजनम हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-06

सास(रक काम2 म0 लग हए अवधान को दो वास2 क बीच =टकाओ इस अN यास स थोड़ ह =दन म0 नया जनम होगा

वध-6 वान भरव त (त-सmdashभाग-1)osho

lsquorsquoसासPरक काम- म4 लग हए अवधान को दो R वास- क बीच Vटकाओhelliplsquorsquo

R वास- को भल जाओ और उनक बीच म4 अवधान को लगाओ एक R वास भी तर आती ह इसक पहल 0क वह लौट जाए उस

बाहर छोड़ा जाए वहा एक अतराल होता ह

lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएlsquorsquo यह छठU वध नरतर करन क ह इसलए कहा गया ह lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएhelliprsquorsquo

जो भी तम कर रह हो उसम अवधान को दो R वास- क अतराल म4 थर रखो ल0कन काम-काज म4 लग हए ह इस साधना ह

ठUक ऐसी ह एक दसर वध क चचा हम कर चक ह अब फक इतना ह 0क इस सासाPरक काम- म4 लग हए ह करना ह

उसस अलग होकर इस मत करो यह साधना ह तब करो जब तम कछ और काम कर रह हो

तम भोजन कर रह हो भोजन करत जाओ और अतराल पर अवधान रखो तम चल रह हो चलत जाओ और अवधान को

अतराल पर Vटकाओ तम सोन जा रह हो लटो और नीद को आन दो ल0कन तम अतराल क त सजग रहो

पर काम-काज म4 + य- + य-0क काम-काज मन को डावाडोल करता ह काम-काज म4 तZ हार अवधान को बार-बार भलाना

पड़ता ह तो डावाडोल न ह- अतराल म4 थर रह4 काम-काज भी न Mक चलता रह तब तZ हार अि9 ततव क दो तल हो

जाएग करना ओर होना अि9 ततव क दो तल ओ गए एक करन का जगत और दसरा होन का जगत एक पPरध ह और

दसरा क4 पPरध पर काम करत रहो Mको नह ल0कन क4 पर भी सावधानी स काम करत रहो + या होगा

तZ हारा काम-काज तब अभनय हो जाएगा मान- तम कोई पाट अदा कर रह हो उदाहरण क लए तम 0कसी नाटक म पाट

कर रह हो तम राम बन हो या 2ाइसट बन हो यCयप तम राम या 2ाइसट का अभनय करत हो तो भी तम 9 वय बन

रहत हो क4 पर तम जानत हो 0क तम कौन हो और पPरध पर तम राम या 2ाइसट का या 0कसी का पाट अदा करत हो

तम जानत हो 0क तम राम नह हो राम का अभनय भर कर रह हो तम कौन हो तमको मालम ह तZ हारा अवधान तमम4

क4 Vय ह और तZ हारा काम पPरध पर जार ह

यVद इस वध का अ यास हो तो परा जीवन एक लबा नाटक बन जाएगा तम एक अभनता होग4 अभनय भी करोग और

सदा अतराल म4 क4 Vत रहोग जब तम अतराल को भल जाओग तब तम अभनता नह रहोग तब तम कता हो जाओग

तब वह नाटक नह रहगा उस तम भल स जीवन समझ लोग

यह हम सबन 0कया ह हर आदमी सोचता ह 0क वह जीवन जी रहा ह यह जीवन नह ह यह तो एक रोल ह एक पाट ह जो

समाज न पPरि9 थतय- न स9 कत न दश क परपरा न तमको थमा Vदया ह और तम अभनय कर रह हो और तम इस

अभनय क साथ तादाlt मय भी कर बठ हो उसी तादाlt मय को तोड़न क लए यह वध ह

कषण क अनक नाम ह कषण सबस कशल अभनताओ म4 स एक ह व सदा अपन म4 थर ह और खल कर रह ह लला कर

रह ह Bबलकल गर-गभीर ह गभीरता तादाlt मय स पदा होती ह

यVद नाटक म4 तम सच ह राम हो जाओ तो अवशय सम9 याए खड़ी होगी जब-जब सीता क चोर होगी तो तमको Vदल का

दौरा पड़ सकता ह और परा नाटक बद हो जाना भी निR चत ह ल0कन अगर तम बस अभनय कर रह हो तो सीता क चोर

स तमको कछ भी नह होता ह तम अपन घर लौटोग और चन स सो जाओग सपन म4 भी r याल न आएगा क सीता क

चोर हई

जब सचमच सीता चोर गई थी तब राम 9 वय रो रह थ चीख रह थ और वQ- स पछ रह थ 0क सीता कहा ह कौन उस ल

गया ल0कन यह समझन जसी बात ह अगर राम सच म4 रो रह ह और पड़- स पछ रह ह तब तो व तादाZ तयता कर बठ

तब व राम न रह ईशवर न रह अवतार न रह यह समरण रखना चाVहए 0क राम क लए उनका वा9 तवक जीवन भी

अभनय ह था जस दसर अभनताओ को तमन राम का अभनय करत दखा ह वस ह राम भी अभनय कर रह थmdash

नसदह एक बड़ रग मच पर

इस सबध म4 भारत क पास एक खबसरत कथा ह मर aिO ट म4 यह कथा अvत ह ससार क 0कसी भी भाग म4 ऐसी कथा नह

मलगी कहत ह 0क वाY मी0क न राम क जनम स पहल ह रामायण लख द राम को कवल उसका अनगमन करना था

इसलए वासतव म4 राम का पहला कतय भी अभनय ह था उनक जनम क पहल ह कथा लख द गई थी इसलए उG ह4

कवल उसका अनगमन करना पडा व और + या कर सकत थ वाY मी0क जसा gt यि+ त जब कथा लखता ह तब राम को

अनगमन करना होगा इसलए एक तरह स सब कछ नयम था सीता क चोर होनी थी और य का लड़ा जाना था

यVद यह तम समझ सको तो भागय क सात को भी समझ सकत हो इसका बड़ा गहरा अथ ह और अथ यह ह 0क यVद

तम समझ जात हो 0क तZ हार लए यह सब कछ नयम ह तो जीवन नाटक हो जाता ह अब यVद तमको राम का अभनय

करना ह तो तम कस बदल सकत हो सब कछ नयत ह यहा तक 0क तZ हारा सवाद भी डायलाग भी अगर तम सीता स

कछ कहत हो तो वह 0कसी नीयत वचन का दोहराना भर ह

यVद जीवन नयत ह तो तम उस बदल नह सकत उदाहरण क लए एक वशष Vदन को तZ हार मlt य होन वाल ह यह

नयत ह और तम जब मरोग तब रो रह होग4 यह भी निR चत ह और फला-फला लोग तZ हार पास ह-ग यह भी तय ह

और यVद सब कछ नीयत ह तय ह तब सब कछ नाटक हो जाता ह यVद सब कछ निR चत ह तो उसका अथ हआ 0क तम

कवल उस अजाम दन वाल हो तमको उस जीना नह ह उसका अभनय करना ह

यह वध छठU वध तमको एक साइकोxामा एक खल बना दती ह तम दो R वास- क अतराल म4 थर हो और जीवन

पPरध पर चल रहा ह यVद तZ हारा अवधान क4 पर ह तो तZ हारा अवधान पPरध पर नह ह पPरध पर जो ह वह

उपावधान ह वह कह तZ हार अवधान क पास घVटत होता ह तम उस अनभव कर सकत हो उस जान सकत हो पर वह

महlt वपण नह ह यह ऐसा ह जस तमको नह घVटत हो रहा ह

म_ इस दोहराता ह यVद तम इस छठU वध क साधना करो तो तZ हारा समचा जीवन ऐसा हो जाएगा जस वह तमको न

घVटत होकर 0कसी दसर gt यि+ त को घVटत हो रहा ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-07

सातवी वास वध

shira त-सmdashवध-07 ndashओशो

ललाट क मधय म0 सIम वास ()ाण) को =टकाओ जब वह सोन क Iण म0 Oदय तक पहचगा तब J वपन और J वय मP य

पर अधकार हो जाएगा

तम अधकाPरक गहर पत[ म4 वश कर रह हो

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओlsquorsquo

अगर तम तीसर आख को जान गए हो तो तम ललाट क मधय म4 ि9 थर सQम R वास को अaशय ाण को जान गए और

तम यह भी जान गए 0क वह उजा वह काश बरसता ह

lsquorsquoजब वह सोन क Qण म4 दय तक पहचगाmdashजब वह वषा तZ हार दय तक पहचगीmdashlsquorsquoतब 9 वपन और 9 वय मlt य पर

अधकार हो जाएगाlsquorsquo

इस वध को तीन Vह9 स- म4 लो एक R वास क भीतर जो ाण ह जो उसका सQम अaषय अपाथव अश ह उस तमको

अनभव करना होगा यह तब होता ह जब तम भकVटय- क बीच अवधान को थर रखत हो तब यह आसानी स घVटत होता

ह अगर तम अवधान को अतराल म4 Vटकात हो तो भी घVटत होता ह मगर उतनी आसानी स नह यVद तम नाभ क4 क

त सजग हो जहा R वास आती ह और छकर चल जाती ह तो भी यह घVटत होता ह पर कम आसानी स उस सQम ाण

को जानन का सबस सगम माग ह तीसर आख म4 थर होना वस तम जहा भी क4 Vत होग4 वह घVटत होगा तम ाण को

भावत होत अनभव करोग

यVद तम ाण को अपन भीतर वाVहत होता अनभव कर सको तो तम यह भी जान सकत हो 0क कब तZ हार मlt य होगी

यVद तम सQम R वास को ाण को महसस करन लग तो मरन क छह महन पहल स तम अपनी आसनन मlt य को जानन

लगत हो कस इतन सत अपनी मlt य क तथ बना दत ह यह आसान ह + य-0क यVद तम ाण क वाह को जानत हो तो

जब उसक गत उलट जाएगी तब उसको भी तम जान लोग मlt य क छह महन पहल 02या उलट जाती ह ाण तZ हार

बाहर जान लगता ह तब R वास इस भीतर नह ल जाती बिY क उलट बाहर ल जान लगती हmdashवह R वास

तम इस जान पात हो +य-0क तम उसक अaशय भाग को नह दखत कवल वाहन को ह दखत हो और वाहन तो एक ह

रहगा अभी R वास ाण को भीतर ल जाती ह और वहा छोड़ दती ह 0फर वाहन बाहर खाल वापस जाता ह और ाण स पन

भरकर भीतर जाता ह इसलए याद रखो 0क भीतर आन वाल R वास और बाहर जान वाल R वास दोन- एक नह ह वाहन क

Mप म4 तो परक R वास और रचक R वास एक ह ह ल0कन जहा परक ाण स भरा होता ह वह रचक उसस Pरकत रहता ह

तमन ाण को पी लया और R वास खाल हो गई

जब तम मlt य क करब होत हो तब उलट 02या चाल होती ह भीतर आन वाल R वास ाण वहन आती ह Pरकत आती

ह + य-0क तZ हारा शरर अि9 ततव स ाण को हण करन म4 असमथ हो जाता ह तम मरन वाल हो तZ हार जMरत न

रह पर 02या उलट जाती ह अब जब R वास बाहर जाती ह जब ाण को साथ लए बाहर जाती ह

इसलए िजसन सQम ाण को जान लए वह अपनी मlt य का Vदन भी तरत जान सकता ह छह महन पहल 02या उलट

हो जाती ह

यह स बहत-बहत महlt वपण ह

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओ जब सोन क Qण म4 वह दय तक पहचगा तब 9 वपन और 9 वय

मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

जब तम नीद म4 उतर रह हो तभी इस वध को साधना ह अनय समय म4 नह ठUक सोन का समय इस वध क अ यास क

लए उपयकत समय ह

तम नीद म4 उतर रह हो धीर-धीर नीद तम पर हावी हो रह ह कछ ह Qण- म4 भीतर तZ हार चतना लपत होगी तम अचत

हो जाओग उस Qण क आन क पहल तम अपनी R वास और उसक सQम अश ाण क त सजग हो जाओ और उस दय

तक जात हए अनभव करो अनभव करत जाओ 0क वह दय तक आ रहा ह दय तक आ रहा ह ाण दय स होकर

तZ हार शरर म4 वश करता ह इसलए यह अनभव करत ह जाओ 0क ाण दय तक आ रहा ह और इस नरतर अनभव

क बीच ह नीद को आन दो तम अनभव करत जाओ और नीद को आन दो नीद को तमको अपन म4 समट लन दो

यVद यह सभव हो जाए 0क तम अaशय ाण को दय तक जात दखो और नीद को भी तो तम अपन सपन- क त भी

सजग हो जाओग तब तमको बोध रहगा 0क तम सपना दखत हो तो तम समझत हो 0क यह यथाथ ह ह वह भी तीसर

आख क कारण ह सभव होता ह + या तमन 0कसी को नीद म4 दखा ह उसक आख ऊपर चल जाती ह और तीसर आख म4

ि9 थर हो जाती ह यVद नह दखा तो दखो

तZ हारा बf चा सोया ह उसक आख खोलकर दखो 0क उसक आख कहा ह उसक आख क पतलया ऊपर को चढ़ ह और

Bन पर क4 Vत ह म_ कहता ह 0क बf च- को दखो सयान- को नह सयान भरोस योगय नह ह + य-0क उनक नीद गहर

नह ह व सोचत भर ह 0क सोय ह बf च- को दखो उनक आख4 ऊपर को चढ़ जाती ह

इसी तीसर आख म4 थरता क कारण तम अपन सपन- को सच मानत हो तम यह नह समझ सकत क व सपन ह वह तम

तब जान-ग जब सबह जागोग तब तम जान-ग 0क यह 9 वपन ह यVद समझ जाओ तो दो तल हो गएmdash9 वपन ह और तम

सजग हो जागMक हो जो नीद म4 9 वपन क त जाग सक उसक लए यह स चमlt काPरक ह

यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन पर और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

यVद तम 9 वपन क त जागMक हो जाओ तो तम दो काम कर सकत हो एक 0क तम 9 वपन पदा कर सकत हो आमतौर

स तम 9 वपन नह पदा कर सकत आदमी 0कतना नपसक ह तम 9 वपन भी नह पदा कर सकत अगर तम कोई खास

9 वपन दखना चाहो तो नह दख सकत यह तZ हार हाथ म4 नह ह मनषय 0कतना शि+ तहन ह 9 वपन भी उसस नह

नमत 0कए जा सकत तम 9 व] न- क शकार भर हो उनक 9 O टा नह 9 वपन तम म4 घVटत होता ह तम कछ नह कर

सकत हो न तम उस रोक सकत हो न उस पदा कर सकत हो

ल0कन अगर तम यह दखत हए नीद म4 उतरो 0क दय ाण स भर रहा ह नरतर हर R वास म4 ाण स 9 पशत हो रहा ह तो

तम अपन 9 व] न- क मालक हो जाओग और यह मल0कयत बहत अनठU ह दलभ ह तब तम जो भी 9 वपन दखना चाहत

हो तम वह 9 वपन दख सकत हो और सोत समय कहो 0क म_ फला 9 वपन दखना चाहता ह और वह 9 वपन कभी तZ हार

मन म4 वश नह कर सकगा

ल0कन अपन 9 व] न- क मालक बनन का + या योजन ह + या यह gt यथ नह ह नह यह gt यथ नह ह एक बार तम

9 वपन क मालक हो गए तो दबारा तम कभी 9 वपन नह दखोग4 वह gt यथ हो गया जMरत नह रह जस ह तम अपन

9 व] न- क मालक होत हो 9 वपन बद हो जात ह उनक जMरत नह रहती और जब 9 वपन बद हो जात ह तब तZ हार

नीद का गण धम ह और होता ह वह गणधम वह ह जो मlt य का ह

मlt य गहन नीद ह अगर तZ हार नीद मlt य क तरह गहर हो जाए तो उसका अथ ह 0क सपन वदा हो गए सपन नीद को

उथला करत ह सपन- क चलत तम सतह पर ह घमत रहत हो सपन- म4 उलझ रहन क कारण तZ हार नीद उथल हो जाती

ह और जब सपन नह रहत तब तम नीद क सागर म4 उतर जात हो उसक गहराई छ लत ह वह मlt य ह

इसलए भारत न सदा कहा ह 0क नीद छोट मlt य ह और मlt य लबी नीद ह गणातमक Mप स दोन- समान ह नीद Vदन-

Vदन क मlt य ह मlt य जीवन-जीवन क नीद ह तVदन तम थक जात हो तम सो जात हो और दसर सबह तम 0फर

अपनी शि+ त और अपनी जीवतता को वापस पा लत हो तम मानो 0फर स जनम लत हो वस ह सततर या अ9 सी वष क

जीवन क बाद तम पर तरह थक जात हो अब छोट अवध क मlt य स काम नह चलगा अब तमको बड़ी मlt य क जMरत

ह उस बड़ी मlt य या नीद क बाद तम Bबलकल नए शरर क साथ पनजनम लत हो

और एक बार यVद तम 9 वपन-शनय नीद को जान जाओ और उसम बोध पवक रहो तो 0फर मlt य का भय जाता रहता ह

कोई कभी नह मर सकता मlt य असभव ह अभी एक Vदन पहल म_ कहता था 0क कवल मlt य निR चत ह और अब कहता ह

0क मlt य असभव ह कोई कभी नह मरा ह कोई कभी मर नह सकता ससार म4 यVद कछ असभव ह तो वह मlt य ह

+ य-0क अि9 ततव जीवन ह तम 0फर-0फर जG मत हो ल0कन नीद ऐसी गहर ह 0क परानी पहचान भल जात हो तZ हार

मन स 9 मतया प-छ द जाती ह

इस इस तरह सोचो मान लो 0क आज तम सोन जा रह हो और कोई ऐसा य बन गया हmdashशी~ ह बनन वाला हmdashजो 0क

जस टपPरकाडर क फत स आवाज प-छ द जाती ह वस ह मन स 9 मत को प-छ डालता ह + य-0क 9 मत भी एक गहर

PरकाWडJग ह दर-अबर हम ऐसा य नकाल ल4ग जो तZ हार 0फर म4 लगा Vदया जाएगा और जो तZ हार Vदमाग को प-छकर

Bबलकल साफ कर दगा तो कल सबह तम वह आदमी नह रहोग जो सोन गया था + य-0क तमको याद नह रहगा 0क कौन

सोन गया था तब तZ हार नीद मlt य जसी हो जाएगी एक गप आ जाएगा तमको याद नह रहगा 0क कौन सोया था यह

चीज 9 वाभावक ढग स घट रह ह जब तम मरत हो ओर 0फर जनम लत हो तब तमको याद नह रहता ह 0क कौन मरा

तम 0फर स शM करत हो

इस वध क Cवारा पहल तो तम 9 व] न- क मालक हो जाओग उसका अथ हआ 0क सपन आना बद हो जाएग या यVद तम

खद सपन दखना चाहोग तो सपना दख भी सकत हो ल0कन तब वह ऐिf छक सपना होगा वह अनवाय नह रहगा वह

तम पर लादा नह जाएगा तम उसक शकार नह ह-ग और तब तZ हार नीद का गणधम ठUक मlt य जसा हो जाएगा तब

तम जानोग 0क मlt य भी नीद ह

इसलए यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

तब तम जान-ग 0क मlt य एक लबी नीद हmdashऔर सहयोगी ह और सदर ह + य-0क वह तमको नव जीवन दती ह वह तमको

सब कछ नया दती ह 0फर तो मlt य भी समापत हो जाती ह 9 वपन क शष होत ह मlt य समापत हो जाती ह

मlt य पर नयण पान अधकार पान का दसरा अथ भी ह अगर तम समझ लो 0क मlt य नीद ह तो तम उसको Vदशा द

सकत हो अगर तम अपन सपन- को Vदशा द सकत हो तो मlt य को भी द सकत हो तब तम चनाव कर सकत हो 0क कहा

पदा हो कब पदा हो 0कसस पदा हो और 0कस Mप म4 पदा हो तब तम अपन जीवन क मालक होत हो

ब क मlt य हई म_ उनक अतम जनम क पव क जनम क चचा कर रहा ह जब व ब नह थ मरन क पव उG ह-न कहा

lsquorsquoम_ अमक मा बाप स पदा होऊगा ऐसी मर मा होगी ऐस मर पता ह-ग और मर मा मर जनम क बाद ह मर जायगी और

जब म_ जनमगा तो मर मा ऐस-ऐस सपन दखगी न तमको सफ अपन सपन- पर अधकार होगा दसर क 9 व] न- पर भी

अधकार हो जायगा सो ब न उदाहरण क तौर पर बताया 0क जब म_ मा क पट म4 होऊगा तब मर मा य-य 9 वपन दखगी

और जब कोई इस 2म स इन 9 व] न- को दख तब तम समझ जाना क म_ जनम लन वाला ह

और ऐसा ह हआ ब क माता न उसी 2म स सपन दख वह 2म सार भारत को पता था वशषकर उनको जो धम म4

जीवन क गहन चीज- म4 और उसक गम पथ- म4 उतसक थ पता था इसलए उन 9 व] न- क gt याr या हई 9 व] न- क

gt याr या करन वाला पहला आदमी ायड नह था और न उसक gt याr या म4 गहराई थी पला वह कवल पिR चम क लए था

तो ब क पता न 9 व] न- क gt याr याकार- को उस जमान क ायड- और जग- को तरत बलवाया और उनस पछा इस 2म

का + या अथ ह मझ डर लगता ह य सपन अvत ह और एक ह 2म स आ रह ह एक ह तरह क सपन बार-बार स आ

रह ह मान- कोई एक ह 0फलम को बार-बार दखता हो + या हो रहा ह

और gt याr याकार- न बताया 0क आप एक महान आlt मा क पता होन जा रह ह वह ब होन वाला ह ल0कन आपक पlt नी

को सकट ह + य-0क जब ऐस ब जनम लत ह तब मा का जीना कVठन हो जाता ह ब क पता न कारण पछा

gt याr याकार- न कहा 0क हम यह नह बता सकत ल0कन जो आlt मा पदा होन वाल ह उसका ह व+ तवय ह 0क उसक जनम

लन पर उसक मा क मlt य हो जायगी

बाद म4 ब स पछा गया 0क आपक माता क मlt य तरत + यो हई उG ह-न कहा 0क एक ब को जनम दना इतनी बड़ी घटना

ह 0क उसक बाद और सब कछ gt यथ हो जाता ह इसलए मा जीवत नह रह सकती उस नया जीवन शM करन क लए 0फर

स जनम लना होगा एक ब को जनम दना परम अनभव ह ऐसा शखर ह 0क मा उसक बाद नह बची रह सकती इसलए

मा क मlt य हई

ब न अपन पछल जनम म4 कहा था 0क म_ उस समय जनम लगा जब मर मा एक ताड़ वQ क नीच खड़ी होगी और वह

हआ ब का जब जनम हआ तब उनका मा ताड़ वQ क नीच खड़ी थी और ब न यह भी कहा क जनम लन क बाद म4

तरत सात कदम चलगा यह-यह पहचान होगी जो बताए दता ह ता0क तम जान सको 0क ब का जनम हो गया और ब

न सब कछ का इगत 0कया

और यह कवल ब क लए ह सह नह ह यह जीसस क लए सह ह यह महावीर क लए सह ह यह और भी कई अG य-

क लए सह ह lt यक जन तीथJकर न अपन पछल जनम म4 भवO यवाणी क थी 0क उनका जनम 0कस तरह होगा उG ह-न

भी 9 व] न- क 2म बताए थ उG ह-न भी तीक बताए थ और कहा था 0क 0कस तरह सब कछ घVटत होन वाला ह

तम Vदशा द सकत हो एक बार तम अपन 9 व] न- को Vदशा दन लगो तो सब कछ को Vदशा द सकत हो + य-0क यह ससार

सव] न- का ह बना हआ ह और 9 व] न- का ह यह जीवन बना ह इसलए जब तZ हारा अधकार सपन पर हआ तब सब कछ

पर हो गया

यह स कहता ह lsquorsquo9 वय मlt य परlsquorsquo

तब कोई gt यि+ त अपन को एक वशष तरह का जनम भी द सकता ह वशष तरह का जीवन भी द सकता ह

हम लोग तो शकार ह हम नह जानत ह 0क + य- जG मत ह + य- मरत ह कौन हम4 चलाता ह और + य- काई कारण नह

Vदखाई दता ह सब कछ अराजकता सयोग जसा ह ऐसा इसलए ह 0क हम मालक नह ह एक बार मालक हो जाए तो

0फर ऐसा नह रहगा

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-08

आठवी वास वध

आP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकर ाता को जान लो

Lord Shiva त-सndashओशो

इन वधय- क बीच जरा-जरा स ह तो भी तZ हार लए व भद बहत हो सकत ह एक अकला शबद बहत फक पदा करता ह

lsquorsquoआP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकरhelliplsquorsquo

भीतर आन वाल R वास को एक सध सथल ह जहा वह मड़ती ह इन दो सध-9 थल-mdashिजसक चचा हम कर चक हmdashक

साथ यहा जरा सा भद 0कया गया ह हाला0क यह भद वध म4 तो जरा सा ह ह ल0कन साधक क लए बड़ा भद हो सकता ह

कवल एक शत जोड़ द गई हmdashlsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकrsquorsquo और पर वध बदल गयी

इसक थम Mप म4 भि+ त का सवाल नह था वह मा वानक वध थी तम योग करो और वह काम करगी ल0कन

लोग ह जो ऐसी शषक वानक वधय- पर काम नह कर4ग इसलए जो दय क और झक ह जो भि+ त क जगत क ह

उनक लए जरा सा भद 0कया गया ह आlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध-9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

अगर तम वानक tझान क नह हो अगर तZ हारा मन वानक नह ह तो तम इस वध को योग म4 लाओ

आlt यतक भि+ त पवकmdashम kा क साथmdashR वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

यह कस सभव होगा

भि+ त तो 0कसी क त होती ह चाह व कषण ह- या 2ाइसट ल0कन तZ हार 9 वय क त R वास क दो सध-9 थल- क त

भि+ त कसी होगी यह ततव तो गर भि+ त वाला ह ल0कन gt यि+ त-gt यि+ त पर नभर ह

त का कहना ह 0क शरर मVदर ह तZ हारा शरर परमाlt मा का मVदर ह उसका नवास 9 थान ह इसलए इस मा अपना

शरर या एक व9 त न मानो यह पव ह धामक ह जब तम एक R वास भीतर ल रह हो तब तम ह R वास नह ल रह हो

तZ हार भीतर परमाlt मा भी R वास ल रहा ह तम चलत 0फरत होmdashइस इस तरह दखोmdashतम नह 9 वय परमाlt मा तमम4 चल

रहा ह तब सब चीज4 पर तरह भि+ त हो जाती ह

अनक सत- क बार म4 कहा जाता ह 0क व अपन शरर को म करत थ व उसक साथ ऐसा gt यवहार करत थ मानो व शरर

उनक मकाओ क रह ह-

तम भी अपन शरर को यह gt यवहार द सकत हो उसक साथ यवत gt यवहार भी कर सकत हो वह भी एक Mझान ह एक

aिO ट ह तम इस अपराधपण पाप भरा और गदा भी मान सकत हो और इस चमlt कार भी समझ सकत हो परमाlt मा का

घर भी समझ सकत ह यह तम पर नभर ह

यVद तम अपन शरर को मVदर मान सको तो यह वध तZ हार काम आ सकती ह lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकhelliplsquorsquo इसका

योग करो जब तम भोजन कर रह हो तब इसका योग करो यह न सोचो 0क तम भोजन कर रह हो सोचो 0क परमाlt मा

तमम4 भोजन कर रहा ह और तब पPरवतन को दखो तम वह चीज खा रह हो ल0कन तरत सब कछ बदल जाता ह अब

तम परमाlt मा को भोजन द रह हो तम 9 नान कर रह हो 0कतना मामल सा काम ह ल0कन aिO ट बदल दो अनभव करो

0क तम अपन म4 परमाlt मा को 9 नान करा रह हो तब यह वध आसान होगी

lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-09

नौवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

मतवत लट रहो ोध म0 Iबध होकर उसम ठहर रहो या पतलय2 को घमाए बना एकटक घरत रहो या कछ चसो और

चसना बन जाओ

lsquorsquoमतवत लट रहोlsquorsquo

योग करो 0क तम एकाएक मर गए हो शरर को छोड़ दो + य-0क तम मर गए हो बस कY पना करो 0क मत ह म_ शरर

नह ह शरर को नह Vहला सकता आख भी नह Vहला सकता म_ चीख-चY ला भी नह सकता न ह म_ रो सकता ह कछ

भी नह कर सकता + य-0क म_ मरा हआ ह और तब दखो तZ ह4 कसा लगता ह ल0कन अपन को धोखा मत दो तम शरर

को थोड़ा Vहला सकत हो नह Vहलाओ नह ल0कन मचछर भी आ जाय तो भी शरर को मत समझो यह सबस अधक

उपयोग क गई वध ह

रमण महष इसी वध स ान को उपलबध हए थ ल0कन यह उनक इस जनम क वध नह थी इस जनम म4 तो

अचानक सहज ह यह उG ह4 घVटत हो गई ल0कन जMर उG ह-न 0कसी पछल जनम म4 इसक सतत सधाना क होगी

अG यथा सहज कछ भी घVटत नह होता lt यक चीज का काय-कारण सबध रहता ह

जो जब व कवल चौदह या पह वष क थ एक रात अचानक रमण को लगा 0क म_ मरन वाला ह उनक मन म4 यक बात बठ

गई 0क मlt य आ गई ह व अपना शरर भी नह Vहला सकत थ उG ह4 लगा 0क मझ लकवा मार गया ह 0फर उG ह4 अचानक

घटन महसस हई और व जान गए 0क उनक दय-गत बद होन वाल ह और व चY ला भी नह सक बोल भी नह सक 0क

म_ मर रहा ह

कभी-कभी 0कसी द9व]न म4 ऐसा होता ह 0क जब तम न चY ला पात हो और न Vहल पात हो जागन पर भी कछ Qण- तक

तम कछ नह कर पात हो यह हआ रमण को अपनी चतना पर तो परा अधकार था पर अपन शरर पर Bबलकल नह व

जानत थ 0क म_ ह चतना ह सजग ह ल0कन म_ मरन वाला ह और यह नशचय इतना घना था 0क कोई वकलप भी नह

था इसलए उG ह-न सब यतन छोड़ Vदया उG ह-न आख बद कर ल और मlt य क तीQा करन लग

धीर-धीर उनका शरर सखत हो गया शरर मर गया ल0कन एक सम9 या उठ खड़ी हई व जान रह थ 0क शरर नह ह

ल0कन म_ तो ह व जान रह थ 0क म_ जीवत ह और शरर मर गया ह 0फर व उस ि9 थत स वापस आए सबह म4 शरर

9 वासथ था ल0कन वह आदमी नह लौटा था जो मlt य क पव था + य-0क उसन मlt य को जान लया था

अब रमण न एक नए लोक को दख लया था चतना क एक नए आयाम को जान लया था उG ह-न घर छोड़ Vदया उस मlt य

क अनभव न उG ह4 पर तरह बदल Vदया और व इस यग क बहत थोड़ स ब पMष- म4 हए

और यह वध ह जो रमण को सहज घVटत हई ल0कन तमको यह सहज ह नह घVटत होन वाल ल0कन योग करो तो

0कसी जीवन म4 यह सहज हो सकती ह योग करत हए भी यह घVटत हो सकती ह और यVद नह घVटत हई तो भी यतन

कभी gt यथ नह जाता ह यह यतन तम म4 रहगा तZ हार भीतर बीज बनकर रहगा कभी जब उपयकत समय होगा और

वषा होगी यह बीज अकPरत हो जाएगा

सब सहजता क यह कहानी ह 0कसी काल म4 बीज बो Vदया गया था ल0कन ठUक समय नह आया था और वषा नह हई

थी 0कसी दसर जनम और जीवन म4 समय तयार होता ह तम अधक ौढ़ अधक अनभवी होत हो और ससार म4 उतन ह

नराश होत हो तब 0कसी वशष ि9 थत म4 वषा होती ह और बीज फट नकलता ह

lsquorsquoमतवत लट रहो 2ोध म4 Qबध होकर उसम4 ठहर रहोlsquorsquo

नशचय ह जब तम मर रह हो तो वह कोई सख का Qण नह होगा वह आनदपण नह हो सकता जब तम दखत हो 0क तम

मर रह हो भय पकड़गा मन म4 2ोध उठगा या वषाद उदासी शोक सताप कछ भी पकड़ सकता ह gt यि+ त-gt यि+ त म4

फक ह

स कहता हmdashlsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहो ि9 थत रहोlsquorsquo

अगर तमको 2ोध घर तो उसम ह ि9 थत रहो अगर उदासी घर तो उसम भी भय चता कछ भी हो उसम4 ह ठहर रहो डट

रहो जो भी मन म4 हो उस वसा ह रहन दो + य-0क शरर तो मर चका ह

यह ठहरना बहत सदर ह अगर तम कछ मनट- क लए भी ठहर गए तो पाओग 0क सब कछ बदल गया ल0कन हम Vहलन

लगत ह यVद मन म4 कोई आवग उठता ह तो शरर Vहलन लगता ह उदासी आती ह तो भी शरर Vहलता ह इस आवग

इसीलए कहत ह 0क यह शरर म4 वग पदा करता ह मतवत महसस करोmdashऔर आवग- को शरर Vहलान इजाजत मत दो व

भी वहा रह और तम भी वहा रहो ि9 थर मतवत कछ भी हो पर हलचल नह हो गत नह हो बस ठहर रहो

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहोlsquorsquo

यहmdashया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो महर बाबा क वध थी वष| व अपन कमर क छत को घरत रह

नरतर ताकत रह वष| वह जमीन पर मतवत पड़ रह और पतलय- को आख- को Vहलाए Bबना छत को एक टक दखत रह

ऐसा व लगातार घटो Bबना कछ 0कए घरत रहत थ टकटक लगाकर दखत रहत थ

आख- स घरना अf छा ह + य-0क उसस तम 0फर तीसर आख म_ ि9 थत हो जात हो और एक बार तम तीसर आख म4 थर

हो गए तो चाहन पर भी तम पतलय- को नह घमा सकत हो व भी थर हो जाती हmdashअचल

महर बाबा इसी घरन क जPरए उपलबध हो गए और तम कहत हो 0क इन छोट-छोट अ यास- स + या होगा ल0कन महर

बाबा लगातार तीन वष[ तक Bबना कछ 0कए छत को घरत रह थ तम सफ तीन मनट क लए ऐसी टकटक लगाओ और

तमको लगगा 0क तीन वष गजर गय तीन मनट भी बहत लमब समय मालम होगा तZ ह4 लगगा क समय ठहर गया ह

और घड़ी बद हो गई ह ल0कन महर बाबा घरत रह घरत रह धीर-धीर वचार मट गए और गत बद हो गई महर बाबा

मा चतना रह गए व मा घरना बन गए टकटक बन गए और तब व आजीवन मौन रह गए टकटक क Cवारा व अपन

भीतर इतन शात हो गए 0क उनक लए 0फर शबद रचना असभव हो गई

महर बाबा अमPरका म4 थ वहा एक आदमी था जो दसर- क वचार को मन को पढ़ना जानता था और वासतव म4 वह आमी

दलभ थाmdashमन क पाठक क Mप म4 वह तZ हार सामन बठता आख बद कर लता और कछ ह Qण- म4 वह तZ हार साथ ऐसा

लयव हो जाता 0क तम जो भी मन म4 सोचत वह उस लख डालता था हजार- बार उसक परQा ल गई और वह सदा

सह साBबत हआ तो कोई उस महर बाबा क पास ल गया वह बठा और वफल रहा और यह उसक िजदगी क पहल

वफलता थी और एक ह और 0फर हम यह भी कस कह4 0क यह उसक वफलता हई

वह आदमी घरता रहा घरता रहा और तब उस पसीना आन लगा ल0कन एक शबद उसक हाथ नह लगा हाथ म4 कलम

लए बठा रहा और 0फर बोलाmdash0कसी 0कसम का आदमी ह यह म_ नह पढ़ पाता ह + य-0क पढ़न क लए कछ ह ह नह

यह आदमी तो Bबलकल खाल ह मझ यह भी याद नह रहता क यहा कोई बठा ह आख बद करन क बाद मझ बार-बार

आख खोल कर दखना पड़ता ह 0क यह gt यि+ त यहा ह 0क नह या यहा स हट गया ह मर लए एका होना भी कVठन हो

गया ह + य-0क ` य- ह म_ आख बद करता ह 0क मझ लगता ह 0क धोखा Vदया जा रहा ह वह gt यि+ त यहा स हट जाता ह

मर सामन कोई भी नह ह और जब म_ आख खोलता ह तो उसको सामन ह पाता ह वह तो कछ भी नह सोच रहा ह

उस टकटक न सतत टकटक न महर बाबा क मन को पर तरह वसिजत कर Vदया था

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यहा जरा सा Mपातरण ह कछ भी काम द दगा तम मर गए यह काफ ह

lsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहोlsquorsquo

कवल यह अश भी एक वध बन सकता ह तम 2ोध म4 हो लट रहो और 2ोध म4 ि9 थत रहो पड़ रहो इसस हटो नह कछ

करो नह ि9 थर पड़4 रहो

कOणामत इसी क चचा 0कए चल जा रह थ उनक पर वध इस एक चीज पर नभर ह 2ोध स Qबध होकर उसम ठहर

रहोlsquorsquo यVद तम 2 हो तो 2 होओ और 2 रहो उसस Vहलो नह हटो नह और अगर तम वस ठहर सको तो 2ोध चला

जाता ह और तम दसर आदमी बन जात हो और एक बार तम 2ोध को उसस आदोलत हए Bबना दख लो तो तम उसक

मालक हो गए

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एक टक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यह अतम वध शारPरक ह और योग म4 सगम ह + य-0क चसना पहला काम ह जो 0क कोई बf चा करता ह चसना

जीवन का पहला कतय ह बf चा जब पदा होता ह तब वह पहल रोता ह तमन यह जानन क कोशश नह क होगी 0क

बf चा + य- रोता ह सच म4 वह रोता नह ह वह रोता हआ मालम होता ह वह सफ हवा का पी रहा ह चर रहा ह अगर वह

नह र-ए तो मनट- क भीतर मर जाए + य-0क रोना हवा लन का पहला यतन ह जब वह पट म4 था बf चा 9 वास नह लता

ह Bबना 9 वास लए वह जीता था वह वह 02या कर रहा था जो भमगत समाध लन पर योगी जन करत ह वह Bबना

R वास लए ाण को हण कर रहा थाmdashमा स श ाण ह हण कर रहा था

यह कारण ह 0क मा और बf च क बीच जो म ह वह और म स सवथा भनन होता ह + य-0क शतम ाण दोन- को

जोड़ता ह अब ऐसा 0फर कभी नह होगा उनक बीच एक सQम ाणमय सबध था मा बf च को ाण दती थी बf चा R वास

तक नह लता था

ल0कन जब वह जनम लता ह तब वह मा क गभ स उठाकर एक Bबलकल अनजानी दनया म4 फ4 क Vदया जाता ह अब उस

ाण या ऊजा उस आसानी स उपलबध नह होगी उस 9 वय ह R वास लनी होगी उसक पहल चीख चसन का पहला यतन

ह उसक बाद वह मा क सतन स दध चसता ह य बनयाद कतय ह जो तम करत हो बाक सब काम बाद म4 आत ह

जीवन क व बनयाद कतय ह और थम कतय उसका अ यास भी 0कया जा सकता ह

यह स कहता ह lsquorsquoया कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

0कसी भी चीज को चसो हवा को ह चसो ल0कन तब हवा को भल जाओ और चसना ह बन जाओ इसका अथ + या हआ

तम कछ चस रह हो इसम4 तम चसन वाल हो चोषण नह तम चोषण क पीछ खड़ हो यह स कहता ह 0क पीछ मत खड़

रहो कतय म4 भी सिZ मलत हो जाओ और चोषण बन जाओ

0कसी भी चीज स तम योग कर सकत हो अगर तम दौड़ रह हो तो दौड़ना ह बन जाओ और दौड़न वाल न रहो दौड़ना बन

जाओ दौड़ बन जाओ और दौड़न वाल को भल जाओ अनभव करो 0क भीतर कोई दौड़न वाला नह ह मा दौड़न क

02या ह वह 02या तम होmdashसPरता जसी 02या भीतर कोई नह ह भीतर सब शात ह और कवल यह 02या ह

चसना चोषण अf छा ह ल0कन तमको यह कVठन मालम पड़गा + य-0क हम इस Bबलकल भल गए ह यह कहना भी ठUक

नह ह 0क Bबलकल भल गए ह + य-0क उसका वकलप तो नकालत ह रहत ह मा क सतन क जगह सगरट ल लती ह

और तम उस चसत रहत हो यह सतन ह ह मा का सतन मा का चचक और गम धआ नकलता ह वह मा का दध

इसलए छटपन म4 िजनको मा क सतन क पास उतना नह रहन Vदया गया िजतना व चाहत थ व पीछ चलकर धपान

करन लगत ह यह Bबलकल भल गए ह और वकलप स भी काम चल जाएगा इसलए अगर तम सगरट पीत हो तो

धपान ह बन जाओ सगरट को भल जाओ पीन वाल को भल जाओ और धपान ह बन रहो

एक वषय ह िजस तम चसत हो एक वषयी ह जो चसता ह और उनक बीच चसन क चोषण क 02या ह तम चोषण

बन जाओ 02या बन जाओ इस योग करो पहल कई चीज- स योग करना होगा और तब तम जान-ग 0क तZ हार लए

+ या चीज सह ह

तम पानी पी रह हो ठडा पानी भीतर जा रहा ह तम पानी बन जाओ पानी न पीओ पानी को भल जाओ अपन को भल

जाओ अपनी ] यास को भी और मा पानी बन जाओ 02या म4 ठडक ह 9 पश ह वश ह और पानी हmdashवह सब बन रहो

+ य- नह + या होगा यVद तम चोषण बन जाओ तो + या होगा

यVद तम चोषण बन जाओ तो तम नद|ष हो जाओगmdashठUक वस जस थम Vदन जG मा हआ शश होता ह + य-0क वह थम

02या ह एक तरह स आप पीछ क और याा कर4ग ल0कन उसक ललक लालसा भी तो ह आदमी का परा अि9 ततव

उस 9तन पान क लए तड़पता ह उसक लए वह कई योग करता ह ल0कन कछ भी काम नह आता + य-0क वह Bबद ह

खो गया ह जब तक तम चसना नह बन जात तब तक कछ भी काम नह आएगा इसलए इस योग म4 लाओ

एक आदमी को म_न यह वध द थी उसन कई वधया योग क थी तब वह मर पास आया उसस म_न कहा यVद म_

समच ससार स कवल एक चीज ह तZ ह4 चनन को द तो तम + या चनोग और म_न तरत उस यह भी कहा 0क आख बद करो

और इस पर तम कछ भी सोच Bबना मझ बताओ वह डरन लगा lझझकन लगा तो म_न कहा न डर- और न lझझाको मझ

9 पषट बताओ उसन कहा यह तो बहदा मालम पड़ता ह ल0कन मर सामन एक सतन उभर रहा ह और यह कहकर वह

अपराध भाव अनभव करन लगा तो म_न कहा मत अपराध भाव अनभव करो सतन म4 गलत + या ह सवाधक सदर

चीज- म4 सतन एक ह 0फर अपराध भाव + य-

ल0कन उस आदमी न कहा यह चीज तो मर लए 9 तता बन गई ह इसलए अपनी वध बतान क पहल आप कपा कर

यक बताए 0क म_ + य- ि9 य- क 9 तन- म4 इतना उlt सक ह जब भी म_ 0कसी 9ी को दखता ह पहल उसका सतन ह मझ

Vदखाई दता ह शष शरर उतन महतव का नह रहता

और यह बात कवल उसक साथ ह लाग नह ह lt यक क साथ ात lt यक क साथ लाग ह और यह Bबलकल 9 वाभावक

ह + य-0क मा का सतन क जगत क साथ आदमी का पहला पPरचय बनता ह यह बनयाद ह जगत क साथ पहला सपक

मा क सतन बनता ह यह कारण ह 0क सतन म4 इतना आकषण ह सतन इतना सदर लगता ह उसम एक चबकय शि+ त

इसलए म_न उस gt यि+ त स कहा 0क अब म_ तमको वध दगा और यह वध थी जो म_न उस द 0कसी चीज को चसो और

चसना बन जाओ म_न बताया 0क आख4 बद कर लो और अपनी मा का सतन याद करो या और कोई सतन जो तZ ह4 पसद हो

कY पना करो और ऐस चसना शM करो 0क यह असल सतन ह शM करो

उसन चसना शM 0कया तीन Vदन क अदर वह इतनी तजी स पागलपन क साथ चसन लगा और वह इसक साथ इतना म

मध हो गया 0क उसन एक Vदन आकर मझस कहा यह तो सम9 या बन गई ह सात Vदन म4 चसता ह रहा ह और यह

इतना सदर ह और इसम ऐसी गहर शात पदा होती हlsquorsquo और तीन महन क अदर उसका चोषण एक मौन मा बन गया

तम ह-ठ- स समझ नह सकत 0क वह कछ कर रहा ह ल0कन अदर स चसना जार था सारा समय वह चसता रहता यह

जब बन गया

तीन महन बाद उसक मझस कहा lsquorsquoकछ अनठा मर साथ घVटत हो रहा ह नरतर कछ मीठU व सर स मर जीभ पर

बरसता ह और यह इतना मीठा और शि+ तदायक ह 0क मझ 0कसी और भोजन क जMरत नह रह भख समापत हो गई

ह और भोजन मा औपचाPरत हो गया पPरवार म4 सम9 या न बन इसलए म_ दध लता ह ल0कन कछ मझ मल रहा ह जो

बहत मीठा ह बहत जीवनदायी हlsquorsquo

म_न उस यह वध जार रखन को कहा

तीन महन और और वह एक Vदन नाचता हआ पागल सा मर पास आया और बोला चसना तो चला गया ल0कन अब म_

दसरा ह आदमी हो गया ह अब म_ वह नह रहा ह जो पहल था मर लए कोई Cवार खल गया ह कछ टट गया ह और

कोई आकाQा शष नह रह अब म_ कछ भी नह चाहता ह न परमाlt मा न मोQ अब जो ह जसा ह ठUक ह म_ उस

9 वीकारता ह और आनVदत हlsquorsquo

इस योग म4 लाओ 0कसी चीज को चसो और चसना बन जाओ यह बहत- क लए उपयोगी होगा + य-0क यह इतना

आधारभत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-10

शथल होन क पहल वध

त-सmdashवध-10 वान भरव तndashओशो

)य दवी )म 6कए जान क Iण म0 )म म0 ऐस )वश करो जस 6क वह 9नतय जीवन हो

शव म स शM करत ह पहल वध म स सबधत ह + य-0क तZ हार शथल होन क अनभव म4 म का अनभव

नकटतम ह अगर तम म नह कर सकत हो तो तम शथल भी नह हो सकत हो और अगर तम शथल हो सक तो

तZ हारा जीवन मपण हो जाएगा

एक तनावसत आदमी म नह कर सकता + य- + य-0क तनावसत आदमी सदा उशय स योजन स जीता ह वह

धन कमा सकता ह ल0कन म नह कर सकता + य-0क म योजन-रVहत ह म कोई व9 त नह ह तम उस सहत

नह कर सकत तम उस ब_क खात म4 नह डाल सकत तम उसस अपन अहकार क पिO ट नह कर सकत सच तो यह ह 0क

म सब स अथहन काम ह उसस आग उसका कोई अथ नह ह उसस आग उसका कोई योजन नह ह म अपन आप म4

जीता ह 0कसी अनय चीज क लए नह

तम धन कमात होmdash0कसी योजन स वह एक साधन नह ह तम मकान बनात होmdash0कसी क रहन क लए वह भी एक

साधन ह म साधन नह ह तम + य- म करत हो 0कस लए म करत हो

म अपना लQय आप ह यह कारण ह 0क Vहसाब 0कताब रखन वाला मन ता0क क मन योजन क भाषा म4 सोचन वाला

मन म नह कर सकता और जो मन योजन क भाषा म4 सोचता ह वह तनावसत होगा + य-0क योजन भवषय म4 ह

परा 0कया जा सकता ह यहा और अभी नह

तम एक मकान बना रह हो तम उसम4 अभी ह नह रह सकत पहल बनाना होगा तम भवषय म4 उसम रह सकत हो अभी

नह तम धन कमात हो ब_क बल4स भवषय म4 बनगा अभी नह अभी साधन का उपयोग कर सकत हो साधय भवषय म4

आएग

म सदा यहा ह और अभी ह म का कोई भवषय नह ह यह वजह ह 0क म L यान क इतन करब ह यह वजह ह 0क

मlt य भी L यान क इतन करब ह + य-0क मlt य भी यहा और अभी ह वह भवषय म4 नह घटती

+ या तम भवषय म4 मर सकत हो वतमान म4 ह मर सकत हो कोई कभी भवषय म4 नह मरा भवषय म4 कस मर सकत

हो या अतीत म4 कस मर सकत हो अतीत जा चका वह अब नह ह इसलए अतीत म4 नह मर सकत और भवषय अभी

आया नह ह इसलए उसम कस मरोग

मlt य सदा वतमान म4 होती ह मlt य म और L यान सब वतमान म4 घVटत होत ह इसलए अगर तम मlt य स डरत हो तो

तम म नह कर सकत अगर तम मlt य स भयभीत हो तो तम L यान नह कर सकत और अगर तम L यान स डर हो तो

तZ हारा जीवन gt यरथ होगा 0कसी योजन क अथ म4 जीवन gt यथ नह होगा वह gt यथ इस अथ म4 होगा 0क तZ ह4 उसम4

0कसी आनद क अनभत नह होगी जीवन अथहन होगा

इन तीन- कोmdashम L यान और मlt य कोmdashएक साथ रखना अजीब मालम पड़गा वह अजीब ह नह व समान अनभव ह

इसलए अगर तम एक म4 वश कर गए तो शष दो म4 भी वश पा जाओग

शव म स शM करत ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो जस 0क वह नतय जीवन हlsquorsquo

इसका + या अथ ह कई चीज4 एक जब तZ ह4 म 0कया जाता ह तो अतीत समापत हो जाता ह और भवषय भी नह बचता

तम वतमान क आयाम म4 गत कर जात हो तम अब म4 वश कर जात हो + या तमन कभी 0कसी को म 0कया ह यVद

कभी 0कया ह तो जानत हो 0क उस Qण मन नह होता ह

यह कारण ह 0क तथाकथत बमान कहत ह 0क म अध होत ह मन शGय और पागल होत ह व9 तत व सच कहत ह

मी इस अथ म4 अध होत ह 0क भवषय पर अपन 0कए का Vहसाब रखन वाल आख उनक पास नह होती व अध ह

+ य-0क व अतीत को नह दख पात मय- को + या हो जाता ह

व अभी और यह म4 सरक आत ह अतीत और भवषय क चता नह करत + या होगा इसक चता नह लत इस कारण व

अध कह जात ह व ह जो गlणत करत ह उनक लए व अध ह और जो गlणत नह करत उनक लए आख वाल ह जो

Vहसाबी नह ह व दख ल4ग 0क म ह असल आख ह वा9 तवक aिO ट ह

इसलए पहल चीज क म क Qण म4 अतीत और भवषय नह होत ह तब एक नाजम Bबद समझन जसा ह जब अतीत

और भवषय नह रहत तब + या तम इस Qण को वतमान कह सकत हो यह वतमान ह दो क बीच अतीत और भवषय क

बीच यह सापQ ह अगर अतीत और भवषय नह रह तो इस वतमान कहत म4 + या तक ह वह अथहन ह इसीलए शव

वतमान शबद का gtयवहार नह करत व कहत ह नतय जीवन उनका मतलब शाशवत स हmdashशाशवत म4 वश करो

हम समय को तीन Vह9 स- म4 बाटत हmdashभत भवषय और वतमान यह वभाजन गलत ह सवथा गलत ह कवल भत और

भवषय समय ह वतमान समय का Vह9 सा नह ह वतमान शाशवत का Vह9 सा ह जो बीत गया वह समय ह जो आन

वाला ह समय ह

ल0कन जो ह वह समय नह ह + य-0क वह कभी बीतता नह ह वह सदा ह अब सदा ह वह सदा ह यह अब शाशवत ह

अगर तम अतीत स चलो तो तम कभी वतमान म4 नह आत अतीत स तम सदा भवषय म4 याा करत हो उसम कोई Qण

नह आता जो वतमान हो तम अतीत स सदा भवषय म4 गत करत रहत हो आकर वतमान स तम और वतमान म4 गहर

उतरत हो अधकाधक वतमान म4 यह नतय जीवन ह

इस हम इस तरह भी कह सकत ह अतीत स भवषय तक समय ह समय का अथ ह 0क तम समतल भम पर और सीधी

रखा म4 गत करत हो या हम उस Qतज कह सकत ह और िजस Qण तम वतमान म4 होत हो आयाम बदल जाता ह

तZ हार गत ऊL वाधर ऊपर-नीच हो जाती ह तम ऊपर ऊचाई क और जात हो या नीच गहराई क और जात हो ल0कन

तब तZ हार गत Qतज या समतल नह होती ह

ब और शव शाशवत म4 रहत ह समय म4 नह

जीसस स पछा गया 0क आपक भ क राजय म4 + या होगा जो पछ रहा था वह समय क बार म4 नह पछ रहा था वह जानना

चाहता था 0क वहा उसक वासनाओ का + या होगा व कस पर ह-गी वह पछ रहा था 0क + या वहा अनत जीवन होगा या

वहा मlt य भी होगी + या वहा दःख भी रहगा और छोट और बड़ लोग भी ह-ग जब उसन पछा 0क आपक भ क राजय म4

+ या होगा तब वह इसी दनया क बात पछ रहा था

और जीसस न उततर Vदयाmdashयह उततर झन सत क उततर जसा हmdashlsquorsquoवहा समय नह होगाlsquorsquo िजस gt यि+ त को यह उततर

Vदया गया था उसन कछ नह समझा होगा जीसस न इतना ह कहाmdashवहा समय नह होगा + य- + य-0क समय Qतज ह

और भ का राजय ऊLवगामी ह वह शाशवत ह वह सदा यहा ह उसम वश क लए तZ ह4 समय स हट भर जाना ह

तो म पहला Cवारा ह इसक Cवारा तम समय क बाहर नकल सकत हो यह कारण ह 0क हर आदमी म चाहता ह हर

आदमी म करना चाहता ह और कोई नह जानता ह 0क म को इतनी मVहमा + य- द जाती ह म क लए इतनी गहर

चाह + य- ह और जब तक तम यह ठUक स न समझ लो तम न म कर सकत हो और न पा सकत हो + य-0क इस धरती पर

म गहन स गहन घटना ह

हम सोचत ह 0क हर आदमी जसा वह ह म करन को सQम ह वह बात नह ह और इसी कारण स तम म म4 नराशा

होत हो म एक और ह आयाम ह यVद तमन 0कसी को समय क भीतर म करन क कोशश क तो तZ हार कोशश

हारगी समय क रहत म सभव नह ह

मझ एक कथा याद आती ह मीरा कषण क म म4 थी वह गVहणी थीmdashएक राजकमार क पlt नी राजा को कषण स ईO या

होन लगी कषण थ नह व शरर स उपि9 थत नह थ कषण और मीरा क शारPरक मौजदगी म4 पाच हजार वष[ का

फासला था इसलए यथाथ म4 मीरा कषण क म म4 कस हो सकती थी समय का अतराल इतना लबा था

एक Vदन राणा न मीरा स पछा तम अपन म क बात 0कए जाती हो तम कषण क आसपास नाचती-गाती हो ल0कन

कषण ह कहा तम 0कसक म म4 हो 0कसस सतत बात4 0कए जाती हो

मीरा न कहा कषण यहा ह तम नह हो + य-0क कषण शाशवत ह तम नह हो व यहा सदा ह-ग सदा थ व यहा ह तम

यहा नह हो एक Vदन तम यहा नह थ 0कसी Vदन 0फर यहा नह होओग इसलए म_ कस वR वास कM 0क इन दो

अनि9ततव क बीच तम हो दो अनि9तltव क बीच अि9 ततव + या सभव ह

राणा समय म4 ह और कषण शाशवत म4 ह तम राणा क नकट हो सकत हो ल0कन दर नह मटाई जा सकती तम दर ह

रहोग और समय म4 तम कषण स बहत दर हो सकत हो तो भी तम उनक नकट हो सकत हो यह आयाम ह और ह

म_ आपन सामन दखता ह वहा दवार ह 0फर म_ अपनी आख- को आग बढ़ाता ह और वहा आकाश ह जब तम समय म4

दखत हो तो वहा दवार ह और जब तम समय क पार दखत हो तो वहा खला आकाश ह अनत आकाश

म अनत का Cवार खोल सकता ह अि9 ततव क शाR वतता का Cवार इसलए अगर तमन कभी सच म4 म 0कया ह तो

म को L यान क वध बनाया जा सकता ह यह वहा वध ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो

जस 0क यह नतय जीवन होlsquorsquo

बाहर-बाहर रहकर मी मत बनो मपण होकर शाशवत म4 वश करो जब तम 0कसी को म करत हो तो + या तम वहा

मी क तरह होत हो अगर होत हो तो समय म4 हो और तZ हारा म झठा ह नकल ह अगर तम अब भी वहा हो और

कहत हो 0क म_ ह तो शारPरक Mप स नजदक होकर भी आL यािlt मक Mप स तZ हार बीच दो ~व- क दर कायम रहती ह

म म4 तम न रहो सफ म रह इसलए म ह हो जाओ अपन मी या मका को दलार करत समय दलार ह हो जाओ

चबन लत समय चसन वाल या चम जान वाल मत रहो चबन ह बन जाओ अहकार को Bबलकल भल जाओ म क कतय

म4 धल-मल जाओ कतय म4 इतनी गहर समा जाओ 0क कता न रह

और अगर तम म म4 नह गहर उतर सकत तो खान और चलन म4 गहर उतरना कVठन होगा बहत कVठन होगा + य-0क

अहकार को वसिजत करन क लए म सब स सरल माग ह इसी वजह स अहकार लोग म नह कर पात व म क बार म4

बात4 कर सकत ह गीत गा सकत ह लख सकत ह ल0कन व म नह कर सकत अहकार म नह कर सकता ह

शव कहत ह म ह हो जाओ जब आलगन म4 हो तो आलगन हो जाओ चबन लत समय चबन हो जाओ अपन को इस

पर तरह भल जाओ 0क तम कह सको 0क म_ अब नह ह कवल म ह तब दय नह धड़कता ह म क धड़कता ह तब

खन नह दौड़ता ह म ह दौड़ता ह तब आख नह दखती ह म ह दखता ह तब हाथ छन को नह बढ़त ह म ह छन को

बढ़ता ह म बन जाओ और शाशवत जीवन म4 वश करो

म अचानक तZ हार आयाम को बदल दता ह तम समय स बाहर फ4 क Vदय जात हो तम शाशवत क आमन-सामन खड़ हो

जात हो म गहरा L यान बन सकता हmdashगहर स गहरा और कभी-कभी मय- न वह जाना ह जो सत- न भी नह जाना

कभी-कभी मय- न उस क4 को छआ ह जो अनक योगय- न नह छआ

शव को अपनी या दवी क साथ दखो उG ह4 L यान स दखो व दो नह मालम होत व एक ह ह यह एकात इतना गहरा ह

हम सबन शव लग दख ह य ल_गक तीक ह शव क लग का तीक ह ल0कन वह अकला नह ह वह दवी क योन म4

ि9 थत ह परान Vदन- क Vहद बड़ साहसी थ अब जब तम शवलग दखत हो तो याद नह रहता 0क यह एक ल_गक तीक ह

हम भल गए ह हमन चOटा पवक इस पर तरह भला Vदया ह

स मनोवानक जग न अपनी आतमकथा म4 अपन स9 मरण- म4 एक मजदार घटना का उY लख 0कया ह वह भारत

आया और कोणाक दखन को गया कोणाक क मVदर म4 शवलग ह जो पWडत उस समझाता था उसन शवलग क सवाय

सब कछ समझाया और व इतन थ 0क उनस बचना मिR कल था जग तो सब जानता था ल0कन पWडत को सफ चढ़ान क

लए पछता रहा क य + या ह तो पWडत न आlखर जग क कान म4 कहा 0क मझ यहा मत पछय म_ पीछ आपको बताऊगा

यह गोपनीय ह

जग मन ह मन हसा होगा य ह आज क Vहद 0फरा बहार आकर पWडत न कहा 0क दसर- क सामन आपका पछना उचत न

था अब म4 बताता ह यह गपत चीज ह और तब 0फर उसन जग क कान म4 कहा य हमार ग] ताग ह

जग जब यहा स वापस गया तो वहा वह एक महान वCवान स मला पवyय चतन मथक और दशन क वCवान हनPरख

िजमर स जग न यह 0क9 सा िजमर को सनाया िजमर उन थोड़ स मनीषय- म4 था िजG ह-न भारतीय चतन म4 डबन क

चOटा क थी और वह भारत का उसक वचारणा का जीवन क त उसक अता0क क रह9 यवाद aिOट वाद aिO टकोण का

मी था जब उसन जग स यह सना तो वह हसा और बोला बदलाहट क लए अf छा ह म_न ब कषण महावीर जस महान

भारतीय- क बार म4 सना ह तम तो सना रह हो वह 0कसी महान भारतीय क सबध म4 नह भारतीय- क सबध म4 कछ कहता

शव क लए म महाCवार ह और उनक लए कामवासना नदनीय नह ह उनक लए काम बीज ह और म उसका फल

ह और अगर तम बीज क नदा करत हो तो फल क भी नदा अपन आप हो जाती ह काम म बन सकता ह और अगर

वह कभी म नह बनता ह तो वह पग हो जाता ह पगता क नदा करो काम क नह म को lखलना चाVहए उसको म

बनना चाVहए और अगर यह नह होता ह तो यह काम दोष नह ह यह दोष तZ हारा ह

काम को काम नह रहना ह यह त क शQा ह उस म म4 MपातPरत होना ह चाVहए और म को भी म ह नह रहना

ह उस काश म4 L यान क अनभव म4 अतम परम रह9 यवाद शखर म4 MपातPरत होना चाVहए म को MपातPरत कस

0कया जाए

कतय हो जाओ और कता को भल जाओ म करत हए म महज म हो जाओ तब यह तZ हारा म मरा म या 0कसी

अनय का म नह ह तब यह मा म ह जब 0क तम नह हो जब 0क तम परम 9 ोत या धारा क हाथ म4 हो तब 0क तम

म म4 हो तम म म4 नह हो म न ह तZ ह4 आlt मसात कर लया ह तम तो अतधान हो गए हो मा वाहमान ऊजा

बनकर रह गए हो

इस यग का एक महान सजनातमक मनीषी डी एच लॉर4स जान अनजान त वद था पिR चम म4 व पर तरह नVदत

हआ उसक 0कताब4 जबत हई उस पर अदालत- म4 अनक मकदम चल सफ इसलए 0क उसन कहा 0क काम ऊजा एक

मा ऊजा ह और अगर तम उसक नदा करत हो दमन करत हो तो तम जगत क lखलाफ हो और तब तम कभी भी इस

ऊजा क परम lखलावट को नह जान पाओग और दमत होन पर यह कMप हो जाती ह और यह द9च2 ह

परोVहत नीतवाद तथाकथत धामक लोग पोप शकराचाय और दसर लोग काम क सतत नदा करत ह व कहत ह 0क

यह एक कMप चीज ह और तम इसका दमन करत होत तो यह सचमच कMप हो जाती ह तब व कहत ह 0क दखो जो हम

कहत थ वह सच नकला तमन ह इस स कर Vदया तम जो भी कर रह हो वह कMप ह और तम जानत हो 0क वह कMप

ल0कन काम 9 वय म4 कMप नह ह परोVहत- न उस कMप कर Vदया ह और जब व इस कMप कर चकत ह तब व सह साBबत

होत ह ओर जब व सह साBबत होत ह तो तम उस कMप स कMप तर 0कए दत हो काम तो नद|ष ऊजा ह तम म4 वाVहत

होता जीवन ह जीवत अि9 ततव ह उस पग मत बनाओ उस उसक शखर- क याा करन दो उसका अथ ह 0क काम को

म बनना चाVहए फक + या ह

जब तZ हारा मन कामक होता ह तो तम दसर का शोषण कर रह हो दसरा मा एक य होता ह िजस इ9 तमाल करक फ4 क

दना ह और जब काम म बनता ह तब दसरा य नह होता दसर का शोषण नह 0कया जाता दसरा सच म4 दसरा नह

होता तब तम म करत हो तो यह सव-क4 Vत नह ह उस हालत म4 तो दसरा ह महlt वपण होता ह अनठा होता ह तब तम

एक दसर का शोषण नह करत तब दोन- एक गहर अनभव म4 सिZ मलत हो जात हो साझीदार हो जात हो तम शोषक और

शोषत न होकर एक दसर को म क और ह दनया म4 याा करन म4 सहायता करत हो काम शोषण ह म एक भनन

जगत म4 याा ह

अगर यह याा Qlणक न रह अगर यह याा L यान पण हो जाए अथात अगर तम अपन को Bबलकल भल जाओ और मी

मका वलन हो जाए और कवल म वाVहत होता रह तो शव कहत हmdashlsquorsquoशाशवत जीवन तZ हारा हlsquorsquo

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-11

शथल होन क दसर वध

त-सmdashवध-11 वान भरव त-ओशो

जब चीट क र0गन क अनभ9त हो तो इ=1य2 क Gवार बद कर दो तब

यह बहत सरल Vदखता ह ल0कन उतना सरल ह नह म_ इस 0फर स पढ़ता ह lsquorsquo जब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय-

क Cवार बद कर दो तबlsquorsquo यक एक उदाहरण मा ह 0कसी भी चीज स काम चलगा इVय- क Cवार बद कर दो जब चीट

क र4गन क अनभत हो और तबmdashतब घटना घट जाएगी शव कह + या रह ह

तZ हार पाव म4 काटा गड़ा ह वह दद दता ह तम तकलफ म4 हो या तZ हार पाव पर एक चीट र4ग रह ह तZ ह4 उसका र4गना

महसस होता ह और तम अचानक उस हटाना चाहत हो 0कसी भी अनभव को ल सकत ह तZ ह4 धाव ह जो दखता ह

तZ हार सर म4 दद ह या कह शरर म4 दद ह वषय क Mप म4 0कसी स भी काम चलगा चीट का र4गना उदाहरण भर ह

शव कहत ह lsquorsquoजब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

जो भी अनभव हो इVय- क सब Cवार बद कर दो करना + या ह आख4 बद कर लो और सोचो 0क म_ अधा ह और दख नह

सकता अपन कान बद कर लो और सोचो 0क म_ सन नह सकता पाच इVया ह उन सब को बद कर लो ल0कन उG ह4 बद

कस करोग

यह आसान नह ह Qण भर क लए R वास लना बद कर दो और तZ हार सब इVया बद हो जायगी और जब R वास tक ह

और इVया बद ह तो र4गना कहा ह चीट कहा ह अचानक तम दर बहत दर हो जात हो

मर एक म ह व ह व एक बार सीढ़ स गर पड़ और डॉ+टर- न कहा 0क अब व तीन महन- तक खाट स नह Vहल

सक4 ग तीन महन वkाम म4 रहना ह और व बहत अशात gt यि+ त थ पड़ रहना उनक लए कVठन था म_ उG ह4 दखन गया

उG ह-न कहा 0क मर लए ाथना कर4 और मझ आशीष द4 0क म4 मर जाऊ + य-0क तीन महन पड़ रहना मौत स भी बदतर ह

म_ पतथर क तरह कस पडा रह सकता ह और सब कहत ह 0क Vहलए मत

म_न उनस कहा यह अf छा मौका ह आख4 बद कर4 और सोच4 0क म_ पतथर ह मत वत अब आप Vहल नह सकत आlखर

कस Vहल4ग आख बद कर4 और पतथर क मत हो जाए उG ह-न पछा 0क उसस + या होगा म_न कहा क योग तो कर4 म_

यहा बठा ह और कछ 0कया भी नह जा सकता जस भी हो आपको तो यहा तीन महन पड़ रहना ह इसलए योग कर4

वस तो व योग करन वाल जीव नह थ ल0कन उनक यह ि9 थत ह इतनी असभव थी 0क उG ह-न कहा 0क अf छा म_ योग

कMगा शायद कछ हो वस मझ भरोसा नह आता 0क सफ यह सोचन स 0क म_ पतथरवत ह कछ होन वाला ह ल0कन म_

योग कMगा और उG ह-न 0कया

मझ भी भरोसा नह था 0क कछ होन वाला ह + य-0क व आदमी ह ऐस थ ल0कन कभी-कभी जब तम असभव और नराश

ि9 थत म4 होत हो तो चीज4 घVटत होन लगती ह उG ह-न आख4 बद कर ल म_ सोचता था 0क दो तीन मनट म4 व आख

खोल4ग और कह4ग 0क कछ नह हआ ल0कन उG ह-न आख4 नह खोल तीस मनट गजर गए और म_ दख सका 0क व

पतथर हो गए ह उनक माथ पर स सभी तनाव वलन हो गए उनका चहरा बदल गया मझ कह और जाना था ल0कन व

आख बद 0कए पड़ थ और व इतन शात थ मानो मर गए ह उनक R वास शात हो चल थी ल0कन + य-0क मझ जाना था

इसलए म_न उनस कहा 0क अब आख खोल4 और बताए 0क + या हआ

उG ह-न जब आख खोल तब व एक दसर ह आदमी थ उG ह-न कहा यह तो चमlt कार ह आपन मर साथ + या 0कया म_न

कछ भी नह 0कया उG ह-न 0फर कहा 0क आपन जMर कछ 0कया + य-0क यह तो चमlt कार ह जब म_न सोचना शM 0कया

0क म_ पतथर जसा ह तो अचानक यह भाव आया 0क यVद म_ अपन हाथ Vहलाना भी चाहता ह तो उG ह4 Vहलाना भी असभव ह

म_न कइ बार अपनी आख4 खोलनी चाह ल0कन व पतथर जसी हो गई थी और नह खल पा रह थी और उG ह-न कहा म_

चतत भी होन लगा 0क आप + या कह4ग इतनी दर हई जाती ह ल0कन म_ असमथ था म_ तीस मनट तक Vहल नह सका

और जब सब गत बद हो गई तो अचानक ससार वलन हो गया और म_ अकला रह गया अपन आप म4 गहर चला गया

और उसक साथ दद भी जाता रहा

उG ह4 भार दद था रात को o_ि+वलाइजर क Bबना उG ह4 नीद नह आती थी और वसा दद चला गया म_न उनस पछा 0क जब

दद वलन हो रहा था तो उG ह4 कसा अनभव हो रहा था उG ह-न कहा 0क पहल तो लगा 0क दद ह पर कह दर पर ह 0कसी

और को हो रहा ह और धीर-धीर वह दर और दर होता गया और 0फर एक दम स ला पता हो गया कोई दस मनट तक दद

नह था पतथर क शरर को दद कस हो सकता ह

यह वध कहती ह lsquorsquoइVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

पतथर क तरह हो जाओ जब तम सच म4 ससार क लए बद हो जात हो तो तम अपन शरर क त भी बद हो जात हो

+ य-0क तZ हारा शरर तZ हारा Vह9 सा न होकर ससार का Vह9 सा ह जब तम ससार क त Bबलकल बद हो जात हो तो अपन

शरर क त भी बद हो गए और तब शव कहत ह तब घटना घटगी

इसलए शरर क साथ इसका योग करो 0कसी भी चीज स काम चल जाएगा र4गती चीट ह जMर नह ह नह तो तम

सोचोग 0क जब चीट र4गगी तो L यान कर4ग और ऐसी सहायता करन वाल चीVटया आसानी स नह मलती इसलए 0कसी

सी भी चलगा तम अपन Bबसतर पर पड़ हो और ठडी चादर महसस हो रह ह उसी Qण मत हो जाओ अचानक चादर दर

होन लगगी वलन हो जाएगी तम बद हो मत हो पतथर जस हो िजसम कोई भी र~ नह ह तम Vहल नह सकत

और जब तम Vहल नह सकत तो तम अपन पर फ4 क Vदय जात हो अपन म4 क4 Vत हो जात हो और तब पहल बार तम

अपन क4 स दख सकत हो और एक बार जब अपन क4 स दख लया तो 0फर तम वह gt यि+ त नह रह जाओग जो थ

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-12

शथल होन क तीसर वध

त-सmdashवध-12 वान भरव तndashओशो

जब 6कसी बसतर या आसमान पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पार

तम यहा बठ हो बस भाव करो 0क तम वजनशनय हो गए हो तZ हारा वज़न न रहा तZ ह4 पहल लगगा 0क कह यहा वज़न

ह वजनशनय होन का भाव जार रखो वह आता ह एक Qण आता ह जब तम समझोग 0क तम वज़न शनय हो वज़न

नह ह और जब वज़न शनय नह रहा तो तम शरर नह रह + य-0क वज़न शरर का ह तZ हारा नह तम तो वज़न शनय

हो

इस सबध म4 बहत योग 0कए गय ह कोई मरता ह तो ससार भर म4 अनक वानक- न मरत हए gt यि+ त का वज़न लन क

कोशश क ह अगर कछ फक हआ अगर कछ चीज शरर क बहार नकल ह कोई आlt मा या कछ अब वहा नह ह + य-0क

वान क लए कछ भी Bबना वज़न क नह ह

सब पदाथ क लए वज़न बनयाद ह सय क 0करण- का भी वज़न ह वह अlt यत कम ह G यन ह उसको मापना भी कVठन

ह ल0कन वानक- न उस भी मापा ह अगर तम पाच वग मील क Q पर फल सब सय 0करण- को इका कर सको तो

उनका वज़न एक बाल क वज़न क बराबर होगा सय 0करण- का भी वज़न ह व तौल जा सकती ह वान क लए कछ भी

वज़न क Bबना नह ह और अगर कोई चीज वज़न क Bबना ह तो वह पदाथ नह उप पदाथ और वान पछल बीस पf चीस

वष| तक वR वास करता था 0क पदाथ क अतPरकत कछ नह ह इसलए जब कोई मरता ह और कोई चीज शरर स

नकलती ह तो वज़न म4 फक पड़ना चाVहए

ल0कन यह फक कभी न पडा वज़न वह का वह रहा कभी-कभी थोड़ा बढ़ा ह ह और वह सम9 या ह िजदा आदमी का

वज़न कम हआ मदा का ` यादा उसम उलझन बढ़ + य-0क वानक तो यह पता लन चल थ 0क मरन पर वज़न घटता ह

तभी तो व कह सकत ह 0क कछ चीज बाहर गई ल0कन वहा तो लगता ह 0क कछ चीज अदर ह आई आlखर हआ + या

वज़न पदाथ का ह ल0कन तम पदाथ नह हो अगर वजन शGयता क हम वध का योग करना ह तो तZ ह4 सोचना चाVहए

सोचना ह नह भाव करना चाVहए 0क तZ हारा शरर वजनशGय हो गया ह अगर तम भाव करत ह गए भाव करत ह गए

तो तम वजनशGय हो तो एक Qण आता ह 0क तम अचानक अनभव करत हो 0क तम वज़न शनय हो गय तम वजनशGय

ह हो इसलए तम 0कसी समय भी अनभव कर सकत हो सफ एक ि9 थत पदा करनी ह िजसम4 तम 0फर अनभव करो

0क तम वजनशनय हो तZ ह4 अपन को सZ मोहन मकत करना ह

तZ हारा सZ मोहन + या ह सZमोह न यह ह 0क तमन वR वास 0कया ह 0क म_ शरर ह और इसलए वज़न अनभव करत हो

अगर तम 0फर स भाव कर- वR वास करो 0क म_ शरर नह ह तो तम वज़न अनभव नह करोग यह सZ मोहन मि+ त ह 0क

जब तम वज़न अनभव नह करत तो तम मन क पार चल गए

शव कहत ह lsquorsquoजब 0कसी Bबसतर या आसन पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पारlsquorsquo तब बात घटती ह

मन का भी वज़न ह lt यक आदमी क मन का वज़न ह एक समय कहा जाता था 0क िजतना वज़नी मि9 तषक हो उतना

बमान होता ह और आमतौर स यह बात सह ह ल0कन हमशा सह नह ह + य-0क कभी-कभी छोट मि9 तषक क भी

महान gt यि+ त हए ह और महा मख मि9 तषक भी वज़नी होत ह

कछ बात4 कभी-कभी मद| का वज़न + य- बढ़ जाता ह ` य- ह चतना शरर को छोड़ती ह 0क शरर असरmQत हो जाता ह

बहत सी चीज4 उसम4 वश कर जा सकती ह तZ हार कारण व वश नह कर सकती ह एक शव म4 उनक तरग4 वश कर

सकती ह तमम4 नह कर सकती ह तम यहा थ शरर जीवत था वह अनक चीज- स बचाव कर सकता था यह कारण ह

0क तम एक बार बीमार पड़ 0क यह एक लबा सलसला हो जाता ह एक क बाद दसर बीमार आती चल जाती ह एक बार

बीमार होकर तम असरmQत हो जात हो हमल क त खल जात हो तरोध जाता रहता ह तब कछ भी वश कर सकता

ह तZ हार उपि9 थत शरर क रQा करती ह इसलए कभी-कभी मत शरर का वज़न बढ़ सकता ह + य-0क िजस Qण तम

उसस हटत हो उसम कछ भी वश कर सकता ह

दसर बात ह 0क जब तम सखी होत हो तो तम वजनशनय अनभव करत हो और दःखी होत हो तो वज़न अनभव करत हो

लगता ह 0क कछ तZ ह4 नीच को खीच रहा ह तब गtltवाकषण बहत बढ़ जाता ह दःख क हालत म4 वज़न बढ़ जाता ह जब

तम सखी होत हो तो हलक होत हो तम ऐसा अनभव करत हो + य- + य-0क जब तम सखी हो जब तम आनद का Qण

अनभव करत हो तो तम शरर को Bबलकल भल जात हो और जब उदास होत हो दःखी होत हो तब शरर क अत नकट

आ जात हो उस भल नह पात उसस जड़ जात हो तब तम भार अनभव करत हो य भार तZ हारा नह ह तZ हार शरर स

चपकन का ह शरर का ह वह तZ ह4 नीच क और खीच रहा ह जमीन क तरफ खीचता ह मान- तम जमीन म4 गड़ जा रह

हो सख म4 तम नभार होत हो शोक म4 वषाद म4 वज़नी हो जात हो

इसलए गहर L यान म4 जब तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तम जमीन स ऊपर हवा म4 उठ सकत हो तZ हार

साथ तZ हारा शरर भी ऊपर उठ सकता ह कई बार ऐसा होता ह

बोलवया म4 वानक एक 9 ी का नरQण कर रह ह L यान करत हए वह जमीन स चार फट ऊपर उठ जाती ह अब तो

यह वानक नरQण क बात ह उसक अनक फोटो और 0फलम लए जा चक ह हजार- दशक- क सामन वह 9 ी

अचानक ऊपर उठ जाती ह उसक लए गtltवाकषण gt यथ हो जाता ह अब तक इस बात क सह gt याr या नह क जा सक

ह 0क + य- होता ह ल0कन वह 9 ी गर-L यान क अव9 था म4 ऊपर नह उठ सकती या अगर उसक L यान म4 बाधा हो जाए

तो भी वह ऊपर स झट नीच आ जाती ह + या होता ह

L यान क गहराई म4 तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तादाlt मय टट जाता ह शरर बहत छोट चीज ह और तम

बहत बड़ हो तZ हार शि+ त अपPरसीम ह तZ हार मकाबल म4 शरर तो कछ भी नह ह यह तो ऐसा ह ह 0क जस एक

साट न अपन गलाम क साथ तादाlt मय 9 थापत कर लया ह इसलए जस गलाम भीख मागता ह वस ह साट भी भीख

मागता ह जस गलाम रोता ह वस ह साट भी रोता ह और जब गलाम कहता ह 0क म_ ना कछ ह तो साट भी कहता ह

म_ ना कछ ह ल0कन एक बार साट अपन अि9 ततव को पहचान ल पहचान ल 0क वह साट ह और गलाम बस गलाम ह स

कछ बदल जाएगा अचानक बदल जाएगा

तम वह अपPरसीम शि+ त हो जो Q शरर स एकातम हो गई ह एक बार यह पहचान हो जाए तम अपन सव को जान लो

तो तZ हार वजन शGयता बढ़गी और शरर का वज़न घटगा तब तम हवा म_ उठ सकत हो शरर ऊपर जा सकता ह

ऐसी अनक घटनाए ह जो अभी साBबत नह क जा सकती ल0कन व साBबत ह-गी + य-0क जब एक 9 ी चार फट ऊपर उठ

सकती ह तो 0फर बाधा नह दसरा हजार फट ऊपर उठ सकता ह तीसरा अनत अतPरQ म4 पर तरह जा सकता ह

सातक Mप स यह काई सम9 या नह ह चार फट ऊपर उठ 0क चार सौ फट 0क चार हजार फट इसस + या फक पड़ता ह

राम तथा कई अनय क बार म4 कथाए ह 0क व शरर वलन हो गए थ अनक मत शरर इस धरती पर कह नह पाए गए

मोहममद Bबलकल वलन हो गए थ शरर ह नह आपन घोड़ क साथ व कहानया असभव मालम पड़ती ह पौराlणक

मालम पड़ती ह ल0कन जMर नह ह 0क व मथक ह ह- एक बार तम वज़न शनय शि+ त को जान जाओ तो तम

गtltवाकषण क मालक हो गए तम उसका उपयोग भी कर सकत हो यह तम पर नभर करता ह तम सशरर अतPरQ म4

वलन हो सकत हो

ल0कन हमार लए वज़न शG यता सम9 या रहगी सCघासन क वध ह िजस म4 ब बठत ह वजनशनय होन क सव|तम

वध ह जमीन पर बठो 0कसी कसy या अनय आसन पर नह मा जमीन पर बठो अf छा हो 0क उस पर सीम4ट या कोई

कBमता नह हो जमीन पर बठो 0क तम कत क नकटतम रहो और अf छा हो 0क तम नग बठो जमीन पर नग बठोmdash

बासन म4 सCघासन म4

वज़न शनय होन क लए सCघासन सवkषठ आसन ह +य- + य-0क जब तZ हारा शरर इधर-उधर झका होता ह तो तम

` यादा वज़न अनभव करत हो तब तZ हार शरर को गtltवाकषण स भावत होन क लए ` यादा Q ह यVद म_ इस कसy

पर बठा ह तो मर शरर का बड़ा Q गtltवाकषण स भावत होता ह जब तम खड़ हो तो भावत Q कम हो जाता ह

ल0कन बहत दर तक खड़ा नह रहा जा सकता ह महावीर सदा खड़-खड़ L यान करत थ + य-0क उस हालत म4 गtltवाकषण

का G यनतम Q घरता ह तZ हार पर भर जमीन को छत ह जब पाव पर खड़ हो तो गtltवाकषण तम पर G यनतम भाव

करता ह और गtltवाकषण क वज़न ह

पाव- और हाथ- को बाधकर सCघासन म4 बठना ` यादा कारगर होता ह + य-0क तब तZ हार आतPरक वCयत एक वतल

बन जाती ह रढ़ सीधी रखो अब तम समझ सकत हो 0क सीधी रढ़ रखन पर इतना जोर + या Vदया जाता ह + य-0क सीधी

रढ़ स कम स कम जगह घर जाती ह तब गtltवाकषण का भाव कम रहता ह आख बद रखत हए अपन को पर तरह

सतलत कर लो अपन को क4 Vत कर लो पहल दाई और झककर गtltवाकषण का अनभव करो 0फर बाई और झककर

गtltवाकषण का अनभव करो तब उस क4 को खोज- जहा गtltवाकषण या वज़न कम स कम अनभव होता ह और उस

ि9 थत म4 थर हो जाओ

और तब शरर को भल जाओ और भाव करो 0क तम वज़न नह हो तम वज़न शनय हो 0फर इस वज़न शG यता का अनभव

करत रहो अचानक तम वज़न शनय हो जात हो अचानक तम शरर नह रह जात हो अचानक तम शरर शG यता क एक

दसर ह ससार म4 होत हो

वज़न शG यता शरर शG यता ह तब तम मन का भी अत2मण कर जात हो मन भी शरर का Vह9 सा ह पदाथ का Vह9 सा

ह पदाथ का वज़न होता ह तZ हारा कोई वज़न नह ह इस वध का यह आधार ह

0कसी भी एक वध को योग म4 लाओ ल0कन कछ Vदन- तक उसम लग रहो ता0क तZ ह4 पता हो क वह तZ हार लए

कारगर ह या नह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-13

lsquorsquoया कC पना करो 6क मयर पछ क पचरग वतल 9नJ सीम अत(रI म0 तR हार पाच इ=1या ह

SHIVA वान भरव त (त-सmdashवध-13 ओशो

अब उनक सTदय को भीतर ह घलन दो उसी )कार शUय म0 या दवार पर 6कसी बद क साथ कC पना करो जब तक 6क वह

बद वलन न हो जाए तब दसर क लए तR हार कामना सच हो जाती हlsquorsquo

य सार स भीतर क क4 को कस पाया जाए उसस सबधत ह उसक लए जो बनयाद तरकब जो बनयाद वध काम

म4 लायी गयी ह वह यह ह 0क तम अगर बाहर कह भी मन म4 दय म4 या बाहर क 0कसी दवार म4 एक क4 बना सक और

उस पर समता स अपन अवधान को क4 Vत कर सक और उस बीच समच ससारा को भल सक और एक वह Bबद तZ हार

चतना म4 रह जाए तो तम अचानक अपन आतPरक क4 पर फ4 क Vदए जाओग यह कस काम करता ह इस समझो तZहारा

मन एक भगोड़ा ह एक भाग दौड़ ह ह वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह नरतर कह जा रहा ह गत कर रहा ह

पहच रहा ह ल0कन वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह एक वचार स दसर वचार क और अ स ब क और याा

करता रहता ह ल0कन कभी वह अ पर नह Vटकता ह कभी वह ब पर नह Vटकता ह वह नरतर गतमान ह

यह याद रह 0क मन सदा चलायमान ह वह कह पहचन क आशा तो करता ह ल0कन कह पहचता नह ह वह पहच नह

सकता मन क सरचना ह गीतमय ह मन कवल गत करता ह वह मन का अतभत 9 वभाव ह गत ह उसक 02या

ह अ स ब को ब स अ को वह चलता ह जाता ह

अगर तम अ या ब या 0कसी Bबद पर ठहर गए तो मन तमस सघष करगा वह कहगा 0क आग चलो कय-0क अगर तम Mक

गए मन तरत मर जायगा वह गत म4 रहकर ह जीता ह मन का अथ ह 02या ह अगर तमन गत नह क तम Mक गय

तो मन अचानक समापत हो जायगा वह नह बचगा कवल चतना बचगी

चतना तZ हार 9 वभाव ह मन तZ हारा कम ह चलन जसा इस समझना कVठन ह + य-0क हम समझत ह 0क मन कोई

ठोस वा9 तवक व9 त ह वह नह ह मन महज एक 02या ह यह कहना बहतर होगा 0क यह मन नह मनन ह चलन क

तरह यह एक 02या ह चलना 02या ह अगर तम Mक जाओ तो चलना समापत हो जायगा तम तब नह कह सकत 0क

चलना बठना ह तम Mक जाओ तो चलना समापत ह तम Mक जाओ तो चलना कहा ह चलना बद पर ह पर चलना नह

ह पर चल सकत ह ल0कन अगर तम Mक जाओ तो चलना नह होगा

चतना पर जसी ह वह तZ हारा 9 वभाव ह मन चलन जसा ह वह एक 02या ह जब चतना एक जगह स दसर जगह जाती

ह तब वह 02या मन ह जब चतना अ स ब और ब स स को जाती ह तब यह गत मन ह अगर तम गत को बद कर दो तो

मन नह रहगा तम चतन हो ल0कन मन नह ह जस पर तो ह ल0कन चलना नह ह चलना 02या ह कम ह मन भी

02या ह कम ह

अगर तम कह Mक जाओ तो मन सघष करगा मन कहगा बढ़ चलो मन हर तरह स तZ ह4 आग या पीछ या कह भी धकान

क चO टा करगा कह भी सह ल0कन चलत रहो अगर तम जी करो अगर तम मन क नह मानना चाह- तो वह कVठन

होगा कVठन होगा + य-0क तमन सदा मन का हकम माना ह तमन कभी मन पर हकम नह 0कया ह तम कभी उसक

मालक नह रह हो तम हो नह सकत + य-0क तमन कभी अपन को मन स तादाltZय रVहत नह 0कया ह तम सोचत हो

0क तम मन ह हो यह भल 0क तम मन ह हो मन को पर 9 वतता Vदए दती ह + य-0क तब उस पर मल0कयत करन

वाला उस नयण म4 रखन वाला कोई न रहा तब कोई रहा ह नह मन ह मालक रह जाता ह

ल0कन मन क यह मल0कयत तथाकथत ह वह 9 वामतव झठा ह एक बार योग करो और तम उसक 9 वामतव को

नषट कर सकत हो वह झठा ह मन महज गलाम ह जो मालक होन का दावा करता ह ल0कन उसक यह दावदार इतनी

परानी ह इतन जG म- स ह 0क वह अपन को मालक मानन लगा ह गलाम मालक हो गया ह वह एक महज वR वास ह

धारणा ह तम उसक वपरत योग करक दखो और तZ ह4 पता चलगा 0क यह धारणा सवथा नराधार थी

यह पहला स कहता ह lsquorsquoया कY पना करो 0क मोर क पछ क पचरग वतल न9 सीम अतPरQ म4 तZ हार पाच इVया ह अब

उनक सqदय को भीतर ह घलन दोlsquorsquo

भाव करो क तZ हार पाच इVया पाच रग ह और व पाच रग समसत अतPरQ को भर रह ह सफ कY पना करो 0क तZ हार

पच4Vया पाच रग ह सदर-सदर रग सजीव रग और व अनत आकाश म4 फल ह और तब उन रग- क बीच Sमण करो

उनक बीच गत करो और भाव करो 0क तZ हार भीतर एक क4 ह जहा य रग मलत ह यह मा कY पना ह ल0कन यह

सहयोगी ह भाव करो 0क य पाच- रग तZ हार भीतर वश कर रह ह और 0कसी Bबद पर मल रह ह

य पाच रग सच ह 0कसी Bबद पर मल4ग और सारा जगत वलन हो जाएगा तZ हार कY पना म4 पाच ह रग ह और तZ हार

कY पना क रग आकाश को भर द4ग तZ हार भीतर गहर उतर जाएग 0कसी Bबद पर मल जाएग

0कसी भी Bबद स काम चलगा ल0कन हारा बहतर रहगा भाव करो 0क सारा जगत रग ह रग हो गया ह और व रग तZ हार

नाभ क4 पर तZ हार हारा क4 Cर-Bबद पर मल रह ह उस Bबद को दखो उस Bबद पर अवधान को एका करो और तब एका

करो तब त वह Bबद वलन न हो जाए वह वलन हो जाता ह + य-0क वह भी कY पना ह याद रह 0क जो कछ भी हमन

0कया ह सब कY पना ह अगर तम उस पर एका होओ तो तम अपन क4 पर ि9 थर हो जाओग तब ससार वलन हो

जायगा तZ हार लए ससार नह रहगा

इस L यान म4 कवल रग ह तम समच ससार को भल गय हो तम सार वषय- को भल गए हो तमन कवल पाच रग चन ह

कोई पाच रग चन जो य L यान उन लोग- क लए ह िजनक aिO ट पनी ह िजनक रग क सवदना गहर ह यह सबक लए

नह ह य उG ह4 लोग- क लए सहयोगी ह िजसक पास चकार क नजर हो यVद तZ ह4 हर रग एक हजार हर नजर नह

आत तो तम भल जाओ इस L यान को और आग बढ़ो य काम उनक काम का ह जो चकार क पन नगाह रखत ह

और जो आदमी रग क त सवदनशील ह उसको तम कहो 0क समच आकाश को रग स भरा होन क कY पना करो तो वह

यह कY पना नह कर पाएगा वह यVद कY पना करन क कोशश भी करगा वह लाल रग क सोचगा तो लाल शबद को

दखगा ल0कन उस कY पना म4 लाल रग Vदखाई नह पड़गा वह हरा शबद तो कहगा शबद भी वहा होगा ल0कन हPरयाल

वहा नह होगी

तो तम अगर रग क त सवदनशील हो तो इस वध का योग करो पाच रग ह समचा जगत पाच रग ह और व रग

तमम4 मल रह ह तZ हार भीतर कह गहर म4 व पाच- रग मल रह ह उस Bबद पर चत को एका करो और एका करो

उसस हटो नह उस पर डट रहो मन को मत आन दो रग- क सबध म4 हर लाल और पील रग- क बार म4 वचार मत करो

सोचो ह मत बस उनह4 अपन भीतर मलत हए दखो उनक बार म4 वचार मत करो अगर तम वचार 0कया तो मन वश

कर गया सफ रग- क भर जाओ उन रग- को अपन भीतर मलन दो और तब उस मलन Bबद पर अवधान को क4 Vत करो

सोचो मत एकाता सोचना नह ह वचारणा नह ह मनन नह ह

तम अगर सचमच रग- स भर जाओ और तम एक इधनष एक मोर ह बन जाओ और तZ हारा आकाश रगमय हो जाए तो

उसम4 तZ ह4 एक सqदय-बोध होगा गहरा गहरा सqदय बोध ल0कन उसक सबध म4 वचार मत करो यह मत कहो 0क यह

सदर ह वचारणा म4 मत चल जाओ उस Bबद पर एका होओ जहा य रग मल रह ह और एकाता को बढ़ात जाओ

गहरात हो तो कY पना नह Vटक सकती वह वलन हो जाएगी

ससार पहल ह वलन हो चका ह सफ रग रह गए थ व रग तZ हार कY पना थ और व काY पनक रग एक Bबद पर मल

रह ह वह Bबद भी काY पनक था अब गहर एकाता स वह Bबद भी वलन हो जाएगा अब तम कहा रहोग अब तम कहा

हो तम अपन क4 म4 ि9 थत हो जाओग

इस लए स कहता ह lsquorsquoशनय म4 या दवार म4 0कसी Bबद परhelliphellip

यह सहयोगी होगा अगर तम रग- क कY पना नह कर सकत तो दवार पर 0कसी Bबद स काम चलगा काई भी चीज

एकाता क वषय क Mप म4 ल लो अगर वह आतPरक हो अतस का हो तो बहतर

ल0कन 0फर दो तरह क gt यि+ ततव होत ह जो लोग अतमखी ह उनक लए उनक भीतर ह सब रग- क मलन क धारण

आसान ह ल0कन जो बVहमखी लोग ह व भीतर क धारणा नह बना सकत व बाहर क ह कY पना कर सकत ह उनक

चत बाहर ह याा करता ह व भीतर नह गत कर सकत उनक भीतर कोई आतPरकता नह ह

अज दाशनक डवड मम न कहा ह जब भी म_ भीतर जाता ह वहा मझ कोई आlt मा नह मलती जो भी मलता ह वह

बाहर क तBबब हmdashकोई वचार कोई भाव कभी 0कसी आतPरकता का दशन नह होता सदा बाहर जगत ह वहा

तBबBबत मलता ह यह kषठतम बVहमखी चत ह और डवड मम सवाधक बVहमखी चत वाल- स एक ह

इसलए अगर तZ ह4 भी तर कछ धारणा क लए न मल और तZ हारा मन पछ 0क यह आतPरकता + या ह तो अf छा ह 0क

दवार पर 0कसी Bबद का योग करो

लोग मर पास आत ह और पछत ह 0क भीतर कस जाया जाए उनक लए यह सम9 या ह + य-0क अगर तम बVहगामता ह

जानत हो तZ ह4 अगर बाहर-बाहर गत करना ह आता ह तो तZ हार लए भीतर जाना कVठन होगा और अगर तम

बVहमखी हो तो भीतर इस Bबद का योग मत करो उस बाहर करो नतीजा वह होगा दवार पर एक Bबद बनाओ और उस

पर चत को एका करो ल0कन तब खल आख स एकाता साधनी होगी अगर तम भीतर क4 बनात हो तो बद आखो स

एकाता साधनी ह

दवार पर Bबद बनाओ और उस पर एका होओ असल बात एकाता क कारण घटती ह Bबद क कारण नह बाहर ह या

भीतर यक ासगक नह ह यह तम पर नभर ह अगर दवार पर दख रह हो एका हो रह हो तो तब तक एकाता साधो

जब तक वह Bबद वलन न हो जाए

इस बात को r याल म4 रख लो जब तक Bबद वलन न हो जाएlsquorsquo

पलक- को बद मत करो + य-0क उसस मन को 0फर गत करन क लए जगह मल जाती ह इसलए अपलक दखत रहो

+ य-0क पलक क गरन स मन वचार म4 सलगन हो जाता ह पलक क गरान स अतराल पदा होता ह और एकाता नषट

हो जाती ह इसलए पलक झपकना नह ह

तमन बोधधम क वषय म4 सना होगा मनषय क पर इतहास म4 जो बड़ L यानी हए ह वह उनम4 स एक था उसक सबध म4

एक ीतकर कथा कह जाती ह वह बाहर क 0कसी व9 त पर L यान कर रहा था उसक आख4 झपक जाती थी और L यान

टट-टट जाता था तो उसन अपनी पलक- को उखाड़कर फ4 क Vदया बहत सदर कथा ह 0क उसन अपनी पलक- को उखाड़कर

फ4 क Vदया और 0फर L यान करना शM 0कया कछ हpत- क बाद उसन दखा 0क जहा उसक पलक4 गर थी उस 9 थान पर

कोई पौध उग आए थ

यह घटना चीन क एक पहाड़ पर घVटत हई थी उस पहाड़ का नाम टा था इसलए जो पौध वहा उग आए थ उनका नाम ट

पडा और यह कारण ह 0क चाय जागरण म4 सहयोगी होती ह इसलए जब तZ हार पलक4 झपकन लग4 और तम नीद म4

उतरन लगो तो एक ] याल चाय पी लो व बोधधम क पलक4 ह इसी वजह स झन सत चाय को पव मानत ह चाय कोई

मामल चीज नह ह वह पव ह बोधधम क आख क पलक ह

जापान म4 तो व चायोतसव करत ह lt यक पPरवार म4 एक चायघर होता ह जहा धामक अनO ठान क साथ चाय पी जाती

ह यह पव ह और बहत ह Lयान पण मा म4 चाय पी जाती ह जापान न चाय क इद-गद बड़ सदर अनOठान नमत

0कय ह व चाय घर म4 ऐस वश करत ह जस व 0कसी मVदर म4 वश करत हो तब चाय तयार क जाएगी और हरक

gt यि+ त मौन होकर बठगा और समोवार क उबलत सवर को सनगा उबलती चाय का उसक वाषप का गीत सब सन4ग वह

कोई अदना व9 त नह ह बोधधम क आख क पलक ह और च0क बोधधम खल आख- स जागन क कोशश म4 लगा था

इसलए चाय सहयोगी ह और च0क यह कथा टा परवत पर घVटत हई इसलए वह ट कहलाती ह

सच हो या न हो यह कहानी सदर ह अगर तम बाहर एकाता साध रह हो तो अपलक दखना जMर ह समझो 0क तZ हार

पलक4 नह ह पलक- को उखाड़ फ4 कन का यह अथ ह तZ ह4 आख4 तो ह ल0कन उनक ऊपर झपकन को पलक4 नह ह और

तब एकाता साधो जब तक Bबद वलन नह हो जाता

Bबद वलन हो जाता ह अगर तम लग रह अगर तमन सकलप क साथ मन को चलायमान नह होन Vदया तो Bबद वलन

हो जाता ह अगर तम उस Bबद पर एका थ और तZ हार लए ससार म4 इस Bबद क अलावा कछ भी नह था अगर सारा

ससार पहल ह वलन हो चका था और वह Bबद बचा था और यह Bबद भी वदा हो गया तो अब चतना कह और गत नह

कर सकती उसक लए जान को कह न रहा सार आयाम बद हो गए अब चत अपन ऊपर फ4 क Vदया जाता ह अब चतना

अपन आप म4 लौट आती ह और तब तम क4 म4 वषट हो गए

तो चाह भीतर हो या बाहर तब तक एकाता साधो जब तक Bबद वसिजत नह होता यह Bबद दो कारण- स वसिजत

होगा अगर वह भीतर ह तो काY पनक ह और इसलए वलन हो जाएगा और अगर यह बाहर ह तो वह काY पनक नह

असल ह तमन दवार पर Bबद बनाया ह और उस पर अवधान को एका 0कया ह तो यह Bबद + य- वलन होगा भीतर क

Bबद का वलन होना तो समझा जा सकता ह कय-0क वह वहा था नह तमन उस किY पत कर लया था ल0कन दवार पर

तो वह ह वह + य- वलन होगा

वह एक वशष कारण स वलन होता ह अगर तम 0कसी Bबद पर चत को एका करत हो तो यथाथ म4 वह Bबद वसिजत

नह होता ह तZ हारा मन ह वसिजत होता ह अगर तम 0कसी बम Bबद पर एका हो रह हो तो मन क गत बद हो जाती

ह और मन गत क Bबना जी नह सकता वह Mक जाता ह वह मर जाता ह और जब मन Mक जाता ह तम बाहर क

0कसी भी चीज क साथ सबधत नह हो सकत हो तब अचानक सभी सत टट जात ह + य-0क मन ह तो सत ह

जब तम दवार पर 0कसी Bबद पर मन को एका कर रह हो तो तZ हारा मन + या करता ह वह नरतर तमस Bबद तक और

Bबद स तम तक उछलकद करता रहता ह एक सतत उछलकद क 02या चलती ह जब मन वचलत होता ह तो तम Bबद

को नह दख सकत + य-0क तम यथाथ आख म4 स नह मन स और आख स Bबद को दखत हो अगर मन वहा न रह तो

आख4 काम नह कर सकती तम दवार को घरत रह सकत हो ल0कन Bबद नह Vदखाई पड़गा + य-0क मन न रहा सत टट

गया Bबद तो सच ह वह ह इसलए जब मन लौट आएगा तो 0फर उस दख सकोग ल0कन अभी नह दख सकत अभी

तम बाहर गत नह कर सकत अचानक तम अपन क4 Cर पर हो

यह क4 9 थता तZ ह4 तZ हार अि9 ततवगत आधार क त जागMक बना दगी तब तम जान-ग 0क कहा स तम अि9 ततव क

साथ सयकत हो जड़ हो तZ हार भीतर ह वह Bबद ह जो समसत अि9 ततव क साथ जड़ा हआ ह जो उसक साथ एक ह और

जब एक बार इस क4 को जान गए तो तम घर आ गए तब यह ससार परदश नह रहा और तम परदशी नह रह तब जान

गए तो तम घर आ गए तब तम ससार क हो गए तब 0कसी सघष क 0कसी लड़ाई क जMरत नह रह तब तZ हार और

अि9 ततव क बीच शता न रह अि9 ततव तZ हार मा हो गई

यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर वषट हआ और बोधपण हआ ह यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर 9 फVटत हआ

ह यह अनभत यह तीत यह घटना और 0फर दःख नह रहगा तब आनद कोई घटना नह हmdashऐसी घटना जो आती ह

और चल जाती ह तब आनद तZ हारा 9 वभाव ह जब कोई अपन क4 म4 ि9 थत होता ह तो आनद 9 वाभावक ह तब कोई

आनदपण हो जाता ह

0फर धीर-धीर उस यह बोध भी जाता रहता ह 0क वह आनदपण ह + य-0क बोध क लए वपरत का होना जMर ह अगर

तम दःखी हो तो आनVदत होन पर तZ ह4 आनद क अनभत होगी ल0कन जब दःख नह ह तो धीर-धीर तम दःख को पर

तरह भल जात हो और तब तम अपन आनद को भी भल जात हो और जब तम अपन आनद को भी भलत हो तभी तम सच

म4 आनVदत हो तब वह 9 वाभावक ह जस तार चमकत ह नVदया बहती ह वस ह तम आनदपण हो तZ हारा होना ह

आनदमय ह तब यह कोई घटना नह ह तब तम ह आनद हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-14

दसर स क साथ भी यह तरकब वह वा9नक आधार यह )6या काम करती ह

ShivaParvati त-सmdashवध-14 (वान भरव त ओशो

अपन पर अवधान को अपन मVदड क मधय म0 कमल-तत सी कोमल J नाय म0 िJ थत करो और इसम पात(रत हो जाओ

इस स क लए L यान क इस वध क लए तZ ह4 अपनी आख बद कर लनी चाVहए और अपन मtदड को अपनी रढ़ क

हडी को दखना चाVहए दखन का भाव करना चाVहए अf छा हो 0क 0कसी शरर शा9 क पसतक म4 या 0कसी

च0कlt सालय या मWडकल कालज म4 जाकर शरर क सरचना को दखो-समझ लो तब आख बद करो और मtदड पर

अवधान लगाओ उस भीतर क आखो स दखो और ठUक उसक मधय स जात हए कमल तत जस कोमल 9 नाय का भाव

करो

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

अगर सभव हो तो इस मtदड पर अवधान को एका करो और तब भीतर स मधय स जात हए कमल तत जस 9 नाय पर

एका होओ और यह एकाता तZ ह4 तZ हार क4 पर आMढ़ कर दगी + य-

मtदड तZ हार समची शरर-सरचना का आधार ह सब कछ उसस सयकत ह जड़ा हआ ह सच तो यह ह 0क तZ हारा

मि9 तषक इसी मtदड का एक छोर ह शरर शा9 ी कहत ह 0क मि9 तषक मtदड का ह व9 तार ह तZ हारा मि9 तषक

मtदड को वकास ह और तZ हार रढ़ तZ हार सार शरर स सबधत ह सब कछ उसस सबधत ह यह कारण ह 0क उस

रढ़ कहत ह आधार कहत ह

इस रढ़ क अदर एक तत जसी चीज ह ल0कन शरर शा9 ी इसक सबध म4 कछ नह कह सकत यह इसलए 0क यह

पौदगलक नह ह इस मtदड म4 इसक ठUक मधय म4 एक रजत-र` ज ह एक बहत कोमल नाजम 9 नाय ह शारPरक अथ

म4 वह 9 नाय भी नह ह तम उस काट-पीट कर नह नकाल सकत वह वहा नह मलगा ल0कन गहर L यान म4 वह दखा

जाता ह यह ह ल0कन वह अपदाथ ह अव9 त ह वह पदाथ नह उजा ह और यथाथत तZ हार मtदड क वह ऊजा-र` ज

तZ हारा जीवन ह उसक Cवारा ह तम अaशय अि9 ततव क साथ सबधत हो वह aशय और अaशय क बीच सत ह उस

तत क Cवारा ह तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

तो पहल तो मtदड क कY पना करो उस मन क आख- स दखो और तZ ह4 अvत अनभव होगा अगर तम मtदड का

मनोदशन करन क कोशश करोग तो यह दशन Bबलकल सभव ह और अगर तम नरतर चO टा म4 लग रह तो कY पना म4

ह नह यथाथ म4 भी तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

म_ एक साधक को इस वध का योग करवा रहा था म_न उस शरर-स9 थान का एक च दखन को Vदया ता0क वह उसक

जPरए अपन भीतर क मtदड को मन क आख- स दखन म4 समथ हो सक उसन योग शM 0कया और स] ताह भर क अदर

आकर उसन मझस कहा आR चय क बात ह 0क मन आपक Vदए च को दखन क कोशश क ल0कन अनक बार वह च

मर आख- क सामन स गायब हो गया और एक दसरा मtदड मझ Vदखाई Vदया यह मtदड च वाल मtदड जसा नह था

म_न उस साधक को कहा क अब तम सह रा9 त पर हो अब च को Bबलकल भल जाओ और उस मtदड को दखा करो जो

तZ हार लए aशय हआ ह

मनषय भीतर स अपन शरर स9 थान को दख सकता ह हम इसको दखन क कोशश नह करत + य-0क वह aशय डरावना

ह वीभतस ह जब तZ ह4 तZ हार रकत मास और अि9 थपजर Vदखाई पड़4ग तो तम भयभीत हो जाओग इसलए हमन अपन

मन को भीतर दखन स Bबलकल रोक रखा ह हम भी अपन शरर को उसी तरह बहार स दखत ह जस दसर लोग दखत ह

वह वसा ह ह जस तम इस कमर को इसक बहार जाकर दखो तम सफ इसक बहार दवार- को दखोग4 0फर तम भीतर आ

जाओ और दखो तब तZ ह4 भीतर दवार4 Vदखाई द4गी तम तो सफ बाहर स अपन शरर को इस तरह दखत हो िजस तरह

कोई दसरा आदमी उस दखता हो भीतर स तमन अपन शरर को नह दखा ह हम दख सकत ह ल0कन इस भय क कारण

वह हमार लए आR चय क चीज बना ह

भारतीय योग क प9 तक4 शरर क सबध म4 ऐसी बात4 बताती ह जो नए वानक शोध स हबह सह ह ल0कन वान यह

समझन म4 असमथ ह 0क योग को इनका पता कस चला वह इG ह4 कस जान सका शलय-च0कlt सा और मानव शरर का

ान बहत हाल क घटनाए ह इस हालत म4 योग इन सार 9 नायओ को सभी क4 - को शरर क पर आतPरक स9 थान को

कस जान गया जो अlt यत हाल क खोज ह आR चय 0क व उG ह4 भी जानत थ उG होन उसक चचा भी 0क थी उन पर काम

भी 0कया था योग को शरर क बनयाद और महlt वपण चीज- क वषय म4 सब कछ मालम रहा ह ल0कन योग चीर फाड़

नह करता था 0फर उस उसक इतनी सार बात4 कस मालम हई थी

सच तो यह ह 0क शरर को दखन जानन का एक दसरा ह रा9 ता ह वह उस अदर स दखना ह अगर तम भीतर एका हो

सको तो तम अचानक अदMनी शरर को उसक भीतर रखा च को दखन लगोग

यह वध उन लोगो क लए उपयोगी ह जो शरर स जड ह अगर तम भौतकवाद हो अगर तम सोचत हो 0क तम शरर क

अतPरकत और कछ नह हो तो यह वध तZ हार बहत काम क होगी अगर तम चावाक या माक स क मानन वाल हो

अगर तम मानत हो 0क मनषय शरर क अलावा कछ नह ह तो तZ ह4 यह वध बहत सहयोगी होगी तो तम जाओ और

मनषय क अि9 थ स9 थान को दखो

त या योग क परानी परपराओ म4 व अनक तरह क हWडय- का उपयोग करत थ अभी भी ताBक अपन पास कोई न कोई

हडी या खोपड़ी रखता ह दरअसल वह भीतर स एकाता साधन का उपाय ह पहल वह उस खोपड़ी पर एकाता साधता ह

0फर आख4 बद करता ह और अपनी खोपड़ी का L यान करता ह वह बाहर क खोपड़ी क कY पना भीतर करता जाता ह और

इस तरह धीर-धीर अपनी खोपड़ी क तीत उस होन लगती ह उसक चतना क4 Vत होन लगती ह

वह बाहर खोपड़ी उसका मनोदशन उस पर L यान सब उपाय ह और अगर तम एक बार अपन भीतर क4 भत हो गए तो

तम अपन अगठ स सर तक याा कर सकत हो तम भीतर चलो वहा एक बड़ा माड ह तZ हारा छोटा शरर एक बड़ा

माड ह

यह स मtदड का उपयोग करता ह + य-0क मtदड क भीतर ह जीवन र` ज छपा ह यह कारण ह 0क सीधी रढ़ पर इतना

जोर Vदया जाता ह + य-0क अगर रढ़ सीधी न रह तो तम भीतर र` ज को नह दख पाओग वह बहत नाजक ह बहत

सQम ह वह ऊजा का वाह ह इसलए अगर तZ हार रढ़ सीधी ह Bबलकल सीधी तभी तZ ह4 उस सQम जीवन र` ज क

झलक मल सकती ह

ल0कन हमार मtदड सीध नह ह Vहद बचपन सह मtदड को सीधा रखन का उपाय करत ह उनक बठन उठन चलन सोन

तक क ढग सीधी रढ़ पर आधाPरत थ और अगर रढ़ सीधी नह ह तो उसक भीतर तlt व- को दखना बहत कVठन बहत

कVठन होगा वह नाजम ह सQम ह वासतव म4 पौदगलक नह ह वह अपौदगलक ह वह शि+ त ह इसलए जब मtदड

Bबलकल सीधा होता ह तो वह र` जवत शि+ त दखन म4 आती ह

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

और अगर तम इस र` ज पर एका हए तमन उसक अनभत और उपलिc ध क तब तम एक नए काश स भर जाओग

वह काश तZ हार मtदड स आता होगा वह तZहार पर शरर पर फल जाएगा वह तZ हार शरर क पास भी चला जाएगा

और जब काश शरर क पार जाता ह तब भामडल Vदखाई दत ह हरक आदमी का भामडल ह ल0कन साधारणत

तZ हार भामडल छाया क तरह ह िजनम काश नह होता व तZ हार चार- और काल छाया क तरह फल होत ह और व

भामडल तZ हार lt यक मनोभाव को अभgt यकत करत ह तब तम 2ोध म4 होत हो तो तZ हारा भामडल रकत रिजत जसा

हो जाता ह उसम 2ोध लाल रग म4 अभgt यकत होता ह जब तम उदास बझ-बझ हतभ होत हो तो तZ हारा भामडल

काल ततओ स भरा होता ह मान- तम मlt य क नकट होmdashसब मत और बोlझल और जब यह मtदड क भीतर का तत

उपलबध होता ह तब तZ हारा भामडल सचमच म4 भा मWडत होता ह

इस लए ब महावीर कषण 2ाइ9ट महज सजावट क लए भामडल स नह चBत 0कए जात ह व भामडल सच म4

होता ह तZ हारा मtदड काश व0करlणत करन लगता ह भीतर तम बतव को ापत होत हो बहार तZ हारा सारा शरर

काश काश शरर हो उठता ह और तब उसक भा बहार भी फलन लगती ह इसलए 0कसी ब पMष क लए 0कसी स

यह पछना जMर नह ह 0क तम + या हो तZ हारा भामडल सब बता दगा और जब कोई शषय बतव ापत करता ह तो

गt को पता हो जाता ह + य-0क भामडल सब कट कर दता ह

म_ तZह4 एक कहानी बताऊ एक चीनी सत हई न4ग जब पहल-पहल अपन गt क पास पहचा तो गt न कहा 0क तम 0कस

लए आए हो तZ ह4 मर पास आन क जMरत नह थी हई न4ग क समझ म4 कछ नह आया उसन सोचा 0क अभी गt Cवारा

9 वीकत होन क उसक पाता नह ह ल0कन गt कछ और ह चीज दख रहा था वह Cवारा 9 वीकत होन क उसक पाता

नह ह ल0कन गt कह रहा था 0क अगर तम मर पास नह भी आओ तो भी दर-अबर यह घटना घटन ह वाल ह तम उसम

ह हो इसलए मर पास आन क जMरत नह ह

ल0कन हई न4ग न ाथना क 0क मझ अ9 वीकार न कर4 तो गt न उस वश Vदया और कहा 0क आkम क पछवाड़ म4 जो

रसोईघर ह उसम जाकर काम करो और 0फर दसर बार मर पास मत आना जब जMरत होगी म_ ह तZ हार पास आऊगा

हई न4ग को कोई L यान करन को नह बताया गया न कोई शा9 पढ़न को कहा गया उस कछ भी नह सखाया गया उस

बस रसोईघर म4 रख Vदया गया वह एक बहत बड़ा आkम था िजसम4 कोई पाच सौ भQ रहत थ उनम4 पWडत वCघान

L यानी योगी सब थ और सब साधना म4 लग थ ल0कन हई न4ग कवल चावल साफ कतरा या कटता था और रसोई क

भीतर ह काम करता रहा इस तरह स बारह वष बीत गय हई न4ग इस बीच गt क पास दबारा नह गया + य-0क इजाजत

नह थ वह तीQा करता रहा वह सफ तीQा ह करता रहा और लोग उस महज नौकर समझत थ कोई उस पर L यान

भी नह दता था उस आkम म4 पWडत- और L यानय- क कमी नह थी उनक बीच एक चावल कटन4 वाल क + या Bबसात

थी

और 0फर एक Vदन गt न घोषणा क 0क मर मlt य नकट ह और म_ अब चाहता ह 0क 0कसी को अपना उlt तराधकार

बनाऊ इसलए जो समझत ह- 0क व बतव को ापत ह व चार पि+ तय- क एक कवता रच िजसम वह सब gt यकत कर द4

जो उG ह-न जाना ह गt न यह भी कहा 0क िजसक कवता म4 सच म4 बतव gt यि+ त होगा उस म4 अपना उतराधकार

चनगा

उस आkम म4 एक महापWडत था इसलए उस तयोगता म4 0कसी न भाग नह लया सब यह सोचत थ 0क महापWडत

जीतगा वह शा9 - का बड़ा ाता था सो उसन चार पि+तया लखी उन चार पि+ तय- म4 उसन लखा-

मन एक दपण ह िजस पर धल जम जाती ह

धल को साफ कर दो सतय अनभव म0 आ जाता ह

बXतव )ािY त हो जाती ह

ल0कन वह महापWडत भी डरता था + य-0क गt को पता था 0क कौन ान को उपYबध ह कौन नह यCयप महापWडत न

जो लखा था वह बहत सदर था सब शा9 - का सार-नचोड था यह तो सब वद- का सार था ल0कन पWडत डरता था 0क यह

उसन शा9 - स लया था इसम उसका अपना कछ भी नह ह इस लए वह सीधा गt क पास नह गया वह रात क अधर म4

गt क झोपड़ी पर गया और उनक दवार पर व चार पि+ तया लख द उसन नीच ह9 ताQर भी नह 0कया उसन सोचा 0क

अगर गt न उG ह4 9 वीकत द तो म_ कहगा 0क म_न लखा ह और अगर गt न ठUक नह कहा तो चप रहगा

ल0कन गt न 9 वीकत द द सबह उGह-न कहा 0क िजस gt यि+ त न य पि+ त लखी ह वह ानी ह समच आkम म4 उसक

चचा होन लगी सब तो जानत थ 0क 0कसन लखा ह व चचा करन लग 0क पि+ तया तो सदर ह सचमच सदर थी

इसी चचा म4 लग कछ भQ रसोईघर म4 पहच य चाय पीत थ और चचा करत थ हई न4ग उG ह4 चाय पील रहा था उसन सह

बात सनी जब व चार पि+ तया उसन सनी तब वह हसा इस पर 0कसी न उसस पछा 0क तम + य- हस रह हो तम तो कछ

जानत भी नह हो बारह वष[ स तम तो च-क स बहार भी नह नकल हो तZ ह4 0कस बात को पता ह तम + य- हस रह हो

0कसी न इसस पहल उस भQ को हसत नह दखा था वह तो महा मढ़ समझा जाता था िजस बात करनी भी नह आती थी

उसन कहा 0क म_ लखना नह जानता ह और म_ ानी भी नह ह ल0कन व चार पि+ तया गलत ह अगर कोई gt यि+ त मर

साथ आय तो म_ चार पि+तया बना सकता ह और वह उस दवार पर लख द म_ लखना नह जानता ह

एक भQ मजाक म4 उसक साथ चल Vदया उसन पीछ ऐ भीड़ भी वहा पहच गई सब क लए य कतहल भर बात थी 0क एक

चावल कटन4 वाला म ान क चार लाईन4 बातयगा न4ग न लखवाया

कसा दपण कसी धल

न कोई मन ह

न कोई दपण

6फर धल जमगी कहा

जो यह जान गया

वह उपलबध हो गया धम को

ल0कन जब गt आया तो उसन कहा क य गलत ह हई न4ग न गt क पर छए और वह रसोई घर म4 लोट गया

रात म4 जब सब सोए थ गt न4ग क पास आया और चप स कहा तम सह हो ल0कन म_ तZ हार बात को उन मख[ क सामन

सह नह कह सकता व वCघान मख ह और अगर म_ कहता ह 0क मर उlt तराधकार तम हो तो वह तZ ह4 मार द4ग और

यह बात दसर- को मत कहाना तम यहा स भाग जाओ िजस Vदन तम यहा आय थ उसी Vदन म_ जान गया था तZ हार

भामडल को दख कर 0क तम ह मर उतराधकार हो और बारह वष क मौन न िजसम तZ हारा भामडल पण हो चला

तम पण च हो गए हो ल0कन यहा स नकल जाओ वरना व लोग तZ ह4 मार द4ग तम यहा बारह वष स हो नरतर तZहार

काश व0करण हो रहा ह ल0कन कोई उस दख नह सका यCयप हर Vदन कोई न कोई तZ ह4 दो या तीन बार Vदन म4 दखता

ह इसी लए म4न तZ ह4 रसोई घर म4 रखा था कोई तZ हार भामडल को नह दख सका इस लए तम यहा स भाग जाओ

जब मtदड का यह तत दख लया जाता ह उपलबध होता ह तब तZ हार चार- और एक भामडल बढ़न लगता ह इसम4

MपातPरत हो जाओ उस काश स भर जाओ और MपातPरत हो जाओ यह भी क4 Vत होना ह मtदड म4 क4 Vत होना

अगर तम शरर वाद हो तो यह तZ हार काम आयगी अगर नह तो यह कVठन ह तब भीतर स शरर को दखना कVठन

होगा यह वध पMष- क बजाए ि9 य- क लए ` यादा कारगर होगी ि9 या ` यादा शरवाद होती ह व शरर म4 अधक

रहती ह और कY पनाशील भी होती ह शरर का मनोदशन उनक लए आसान ह ि9 या पMष- स ` यादा शरर क4 Vत होती

ह ल0कन जो कोई भी शरर को महसस कर सकता ह जो कोई भी आख बद कर अदर शरर को दख सकता ह उसक लए

यह वध बहत सहयोगी ह

पहल अपन मtदड को दखो 0फर उसक बीच स जाती हई रजत-र` ज को पहल तो वह कY पना ह होगी ल0कन धीर-धीर

तम पाओग 0क कY पना वलन हो गई ह और िजस Qण तम आतPरक ततव को दखोग4 अचानक तZ ह4 तZ हार भीतर

काश का व9 फोट अनभव होगा

कभी-कभी यह घटना यास क Bबना भी घटती ह यह होता ह 0फर तZ ह4 कह 0कसी गहर सभोग क Qण म4 यह होता ह

त जानता ह 0क गहर काम-कतय म4 तZ हार सार ऊजा रढ़ क पास इकी हो जाता ह असल म4 गहर काम कतय म4 रढ़

Bबजल छोड़न लगती ह कभी-कभी तो ऐसा होता ह 0क रढ़ को छन स तZ ह4 ध+ का लगता ह और अगर सभोग गहरा हो

मपण हो लबा हो अगर दो मी गाढ़ मालगन म4 ह- शात और नशचल एक दसर को भरत हए तो घटना घटती ह

कई बार ऐसा हआ ह 0क अधरा कमरा अचानक रोशनी स भर जाता ह और दोन- शरर- काक एक नील भामडल घर लता

ऐसी अनक घटनाए हई ह तZ हार अनभव म4 भी ऐसा हआ होगा 0क अधर कमर म4 गहर म म4 उतरन पर तZ हार दो शरर-

क चार- और एक रोशनी सी हो गई ह और फल कर पर कमर म4 भर गई हो कई बार ऐसा हआ ह 0क 0कसी aशय कारण क

Bबना ह कमर क मज पर स अचानक चीज4 उछल कर नीच गर गई ह ओर अब मानि9 वद बतात ह 0क गहर काम-कतय म4

Bबजल क तरग4 छटती ह और उसक कई भाव और पPरमाण हो सकत ह चीज4 अचानक गर सकती ह Vहल सकती ह

टट सकती ह ऐस काश क फोटो भी लए गए ह ल0कन यह काश सदा मtदड क इद-गद इका होता ह

तो कभी-कभी काम-कतय क दौरान भी तम जाग सकत हो अगर तम अपन मtदड क बीच स जाती हई रजत-र` ज को दख

सको त को यह बात भलभत पता ह और उसन इस पर काम भी 0कया ह त नप इस उपलिc ध क लए सभोग का भी

उपयोग 0कया ह ल0कन उसक लए काम कतय को सवथा भनन ढग का होना पड़गा उसका गण धम भनन होगा उस

हालत म4 काम कतय 0कसी तरह नबट लन क महज सखलन क Cवारा छी पा लन क झट-पट उसस गजर जान क बात

नह रहगी तब वह एक शारPरक कम नह रहगा तब वह एक गहरा आL यािlt मक मलन होगा तब यथाथ म4 वह दो दह- क

Cवारा दो आतPरकताओ का दो आlt माओ का एक दसर म4 वश होगा

इसलए मरा सझाव ह 0क जब तम गहर काम कतय म4 होओ तो इस वध को योग म4 लाओ यह आसान हो जायगी यौन

को भल जाओ जब गहर आलगन म4 उतरो बस भीतर रहो और दसर gt यि+ त को भल जाओ भीतर जाओ और अपन

मtदड को दखो उस समय मM दड क पास अधक उजा वाVहत होती ह + य-0क तम शात होत हो और तZ हारा शरर

वkाम म4 होता ह म गहर स गहरा वkाम ह ल0कन हमन उस भी तनाव बना लया ह हमन उस एक चता एक बोझ म4

बदल लया ह

म क ऊO मा म4 जब तम भर-भर और शथल हो आख4 बद कर लो सामानयत पMष आख4 बद नह करत ि9 या करती

ह इसलए म_न कहा 0क पMष- क बजाए ि9 या अधक शरर वाद ह काम-कतय क गहर आलगन म4 उतरन पर ि9 या

आख4 बद कर लती ह दरअसल व खल आख- स म नह कर सकती आख- क बद रहन पर व भीतर स शरर को अधक

महसस कर पाती ह

तो आख4 बद कर लो और शरर को महसस करो वkाम म4 उतर जाओ और मMदड पर चत एका करो और यह स बहत

सरल ढग स कहता ह lsquorsquoइसम4 MपातPरत हो जाओlsquorsquo तम इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग

ओशो

वान भरव ततर

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-15 ओशो

क0 =1त होन क तीसर वध

lord-shiva-त-सmdashवध-15 वान भरव तndashओशो

lsquorsquoसर क सात Gवार2 को अपन हाथ2 स बद करन पर आख2 क बीच का J थान सवाह हो जाता हlsquorsquo

यह एक परानी स परानी वध ह और इसका योग भी बहत हआ ह यह सरलतम वधय- म4 एक ह सर क सभी Cवार-

को आख कान नाक मह सबको बद कर दो जब सर क सब Cवार दरवाज बद हो जात ह तो तZ हार चतना तो सतत

बहार बह रह ह एकाएक Mक जाती ह ठहर जाती ह वह अब बाहर नह जा सकती

तमन r याल नह 0कया 0क अगर तम Qण भर क लए R वास लना बद कर दो तो तZ हारा मन भी ठहर जाता ह + य-

+ य-0क R वास क साथ मन चलता ह वह मन का एक स9 कार ह तZ ह4 समझना चाVहए 0क यह स9 कार + या ह तभी इस

स को समझना आसान होगा

Mस क अत स मानि9 वद पावलफ न स9 कारजनत त02या को कडीशड Pरpलकस को दनयाभर म4 आम बोलचाल

म4 शामल करा Vदया ह जो gt यि+ त भी मनोवान स जरा भी पPरचत ह इस शबद को जानता ह वचार क दो kखलाए

कोई भी दो kखलाए इस तरह एक दसर स जड़ सी जाती ह 0क अगर तम उनम4 स एक को चलाओ तो दसर अपन आप शM

हो जाती ह

पावलफ न एक कlt त पर योग 0कया उसन दखा 0क तम अगर कlt त क सामन खाना रख दो वक उसक जीभ स लार बहन

लगती ह जीभ बहार नकल आती ह और वह भोजन क लए तयार हो जाता ह कlt ता जब भोजन दखता ह या उसक

कY पना करता ह तो लार बहन लगती ह ल0कन पावलफ न इस 02या क साथ दसर बात जोड़ द जब भी भोजन रखा

जाए और कlt त क लार टपकन लग वह दसर चीज करता उदाहरण क लए वह एक घट बजाता और कlt ता उस घट को

सनता

पह Vदन तक जब भी भोजन रखा जाता घट भी बजती और तब सोलहव4 Vदन कlt त क सामन भोजन नह रखा गया

कवल घट बजाu गई ल0कन तब भी कlt त क मह स लार बहन लगी और जीभ बाहर आ गई मानो भोजन सामन रखा हो

वहा भोजन नह था सफ घट थी अब घट बजन और लार टपकन क बीच कोई 9 वाभावक सबध नह था लार का

9 वाभावक सबध भोजन क साथ ह ल0कन अब घट का रोज-रोज बजना लार क साथ जड़ गया था सबधत हो गया था

और इसलए मा घट क बजन पर भी लार बहन लगी

पावलफ क अनसारmdashऔर पावलफ सह हmdashहमारा समचा जीवन एक कडीशड ोसस ह मन स9 कार ह इसलए अगर तम

उस स9 कार क भीतर कोई एक चीज बद कर दो तो उसस जड़ी और सार चीज4 भी बद हो जाती ह

उदाहरण क लए वचार और R वास ह वचारणा सदा ह R वास क साथ चलती ह तम Bबना R वास वचार नह कर सकत

तम R वास क त सजग नह रहत ल0कन R वास सतत चलती रहती ह Vदन-रात चलती रहती ह और lt यक वचार

वचार क 02या ह R वास क 02या स जड़ी ह इसलए अगर तम अचानक अपनी शवास रोक लो तो वचार भी Mक

जाएगा

वस ह अगर सर क सात- छ उसक सात- Cवार बद कर Vदए जाए तो तZ हार चतना अचानक गत करना बद कर दगी

तब चतना भीतर थर हो जाती ह और उसका यह भीतर थर होना तZ हार आख- क बीच क बीच 9 थान बना दता ह वह

9 थान ह Bन तीसर आख कहलाती ह अगर सर क सभी Cवार बद कर Vदय जाय तो तम बाहर गत नह कर सकत

+ य-0क तम सदा इG ह Cवार- स बाहर जात रह हो तब तम भीतर थर हो जात हो और वह थर होना एका इन दो आख-

साधारण आख- क बीच घVटत होता ह चतना इन दो आख- क बीच क 9 थान पर क4 Vत हो जाती ह उस 9 थान को ह Bन

कहत ह

यह 9 थान सवाह सवgt यापक हो जाता ह यह स कहता ह 0क इस 9 थान म4 सब सिZ मलत ह सारा आि9 ततव समाया ह

अगर तम इस 9 थान को अनभव कर लो तो तमन सब को अनभव कर लया एक बार तZ ह4 इन दो आख- क बीच क आकाश

क तीत हो गई तो तमन पर अि9 ततव को जान लया उसक समता को जान लया + य-0क यह आतPरक आकाश

सवाह ह सवgt यापक ह कछ भी उसक बाहर नह ह

उपनषाद कहत ह lsquorsquoएक को जानकर सब जान लया जाता हlsquorsquo

य दो आख4 तो सीमत को ह दख सकती ह तीसर आख असीम को दखती ह य दो आख तो पदाथ को ह दख सकती ह

तीसर आख अपदाथ को अL यातम को दखती ह इन दो आख- स तम कभी ऊजा क तीत नह कर सकत ऊजा को नह

दख सकत सफ पदाथ को दख सकत हो ल0कन तीसर आख स 9 वय ऊजा दखी जाती ह

Cवार- का बद 0कया जाना क4 Vत होन का उपाय ह + य-0क एक बार जब चतना क वाह का बाहर जाना Mक जाता ह वह

अपन उदगम पर थर हो जाती ह और चतना का यह उदगम ह Bनतर ह अगर तम इस Bन पर क4 Vत हो जाओ तो

बहत चीज4 घVटत होती ह पहल चीज तो यह पता चलती ह 0क सारा ससार तZ हार भीतर ह

9 वामी राम कहा करत थ 0क सय मर भीतर चलता ह तार मर भीतर चलत ह चाद मर भीतर उVदत होता ह सारा माड

मर भीतर ह जब उG ह-न पहल बार यह कहा तो उनक शO य- 0क व पागल हो गए ह राम तीथ क भीतर सतार कस हो

सकत ह

व इसी Bन क बात कर रह थ इसी आतPरक आकाश क सबध म4 जब पहल बार यह आतPरक आकाश उपलबध होता ह

तो यह भाव होता ह जब तम दखत हो 0क सब कछ तZ हार भी तर ह तब तम माड ह हो जात हो

Bन तZ हार भौतक शरर का Vह9 सा नह ह वह तZ हार भौतक शरर का अग नह ह तZ हार आख- क बीच का 9 थान

तZ हार शर तक ह सीमत नह ह वह तो वह अनत आकाश ह जो तZ हार भीतर वश कर गया ह और एक बार यह

आकाश जान लया जाए तो तम 0फर वह gt यि+ त नह रहत िजस Qण तमन इस अतरसथ आकाश को जान लया उसी

Qण तमन अमत को जान लया तब कोई मlt य नह ह

जब तम पहल बार इस आकाश को जान-ग तZ हारा जीवन ामाlणक और गाढ़ हो जाएगा तब पहल बार तम सच म4

जीवत होओग तब 0कसी सरQा क जMरत नह रहगी अब कोई भय सभव नह ह अब तZ हार हlt या नह हो सकती अब

तमस कछ भी छUना नह जा सकता अब सारा माड तZ हारा ह तम ह माड हो िजन लोग- न इस अतरसथ आकाश

को जाना ह उG ह-न ह आनदमगन होकर उरदघोषणा क ह अह माि9 म म_ ह माड ह म_ ह मा हhelliphellip

सफ सत मसर को इसी तीसर आख क अनभव क कारण कतल कर Vदया गया जब उसन पहल बार इस आतPरक आकाश

को जाना वह चY लाकर कहन लगा अनलहक़ म_ ह परमाlt मा ह भारत म4 वह पजा जाता + य-0क भारत न ऐस अनक

लोग दख ह िजG ह4 इस तीसर आख आतPरक आकाश का बोध हआ ल0कन मसलमान- क दश म4 यह बात कVठन हो गई

और मसर का यह व+ तवय 0क म_ परमाlt मा ह अनलहक़ अह माि9 म धमवरोधी मालम हआ + य-0क मसलमान यह

सोच भी नह सकत 0क मनषय और परमाlt मा एक ह मनषयndashमनषय ह मनषय सिO ट ह और परमाlt मा सO टा सिOट

9 O टा कस हो सकता ह

इस लए मसर का यह व+ तवय नह समझा जा सका और उसक हlt या कर द गई ल0कन जब उसको कतल 0कया जा रहा

था तब वह हस रहा था तो 0कसी न पछा 0क हस + य- रह हो मसर कहत ह 0क मसर न कहा म_ इसलए हस रहा ह 0क तम

मझ नह मार रह हो तम मर हlt या नह कर सकत तZ ह4 मर शरर स धोखा हआ ह ल0कन म_ शरर नह ह म_ इस माड

को बनान वाला ह यह मर अगल थी िजसन आरभ म4 समच माड को चलाया था

भारत म4 मसर आसानी स समझा जाता सVदय--सVदय- स यह भाषा जानी पहचानी ह हम जानत ह 0क एक घड़ी आती ह

जब यह आतPरक आकाश जाना जाता ह तब जानन वाला पागल हो जाता ह और यह ान इतना निR चत ह 0क यVद तम

मसर क हlt या भी कर दो तो वह अपना व+ तवय नह बदलगा + य-0क हककत म4 जहा तक उसका सबध ह

तम उसक हlt या नह कर सकत अब वह पण हो गया ह उस मटान का उपाय नह ह

मसर क बाद सफ सीख गए 0क चप रहना बहतर ह इसलए मसर क बाद सफ परZ परा म4 शO य- को सतत सखाया गया

0क जब भी तम तीसर आख को उपलबध करो चप रहो कछ कहो मत जब भी घVटत हो च] पी साध लो कछ भी मत कहो

या व ह चीज4 औपचाPरक ढग स कह जाओ जो लोग मानत ह

इसलए अब इ9 लाम म4 दो परपराए ह एक सामानय परपरा हmdashबाहर लौ0कक और दसर परपरा असल इसलाम ह

सफवाद जो गम ह ल0कन सफ चप रहत ह + य-0क मसर क बाद उG ह-न सीख लया 0क उस भाषा म4 बोलना जो 0क

तीसर आख क खलन पर कट होती ह gt यथ क कVठनाई म4 पड़ना ह और उसस 0कसी को मदद भी नह होती

यह स कहता ह lsquorsquoसर क सात Cवार- को अपन हाथ- स बद करन पर आख- क बीच का 9 थान सवाह सवgt यापी हो जाता

हlsquorsquo

तZ हारा आतPरक आकाश परा आकाश हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-16 (ओशो) क0 =1त होन क चौथी वध

lsquorsquoह भगवती जब इ=1या Oदय म0 वलन ह2 कमल क क0 1 पर पहच2lsquorsquo

वान भरव तndashधयान वधndash16 ( ओशो)

lt यक वध 0कसी मन-वशष क लए उपयोगी ह िज वध क अभी हम चचा कर रह थmdashतीसर वध सर क Cवार- को

बद करन वाल वधmdashउसका उपयोग अनक लोग कर सकत ह वह बहत सरल ह और बहत खतरनाक नह ह उस तम

आसानी स काम म4 ला सकत हो

यह भी जMर नह ह 0क Cवार- को हाथ स बद करो बद करना भी जMर ह इसलए कान- क लए डाट और आख- क लए

पी स काम चल जाएगा असल बात यह 0क कछ Qण- क लए य कछ स4क4 ड क लए सर क Cवार- को पर तरह स बद कर

लो

इसका योग करो अ यास करो अचानक करन स ह यह कारगर ह अचानक म4 ह राज छपा ह Bबसतर म4 पड़-पड़

अचानक सभी Cवार- को कछ सक4 ड क लए बद कर लो और तब भीतर दखो + या होता ह

जब तZ हारा दम घटन लग + य-0क R वास भी बद हो जाएगी तब भी इस जार रख और तब तक जार रखो जब तक 0क

असय न हो जाय और जब असय हो जाएगा तब तम Cवार- को ` यादा दर बद नह रख सकोग इसलए उसक 0फ2

छोड़ दो तब आतPरक शि+ त सभी Cवार- क खद खोल दगी ल0कन जहा तक तZ हारा सबध ह तम बद रखो जब दम घटन

लग तब वह Qण आता ह नणायक Qण + य-0क घटन परान एसोसएशन तोड़ डालती ह इसलए कछ और Qण जार

रख सको तो अf छा

यह काम कVठन होगा मिR कल होगा और तZ ह4 लगगा 0क मौत आ गई ल0कन डर- मत तम मर नह सकत + य-0क

Cवार- को बद भर करन स तम नह मरोग ल0कन जब लग 0क म4 मर जाऊगा तब समझो 0क वह Qण आ गया

अगर तम उस कषण म4 धीरज स लग रह तो अचानक हर चीज काशत हो जाएगी तब तम उस आतPरक आकाश को

महसस करोग जो 0क फलता ह जाता ह और िजसम4 सम समाया हआ ह तब Cवार- को खोल दो और तब इस योग को

0फर-0फर करो जब भी समय मल इसका योग म4 लाओ

ल0कन इसका अ यास मत बनाओ तम R वास को कछ Qण क लए रोकन का अ यास कर सकत हो ल0कन उसस कछ

लाभ नह होगा एक आकि9 मक अचानक झटक क जMरत ह उस झटक म4 तZ हार चतना क परान ोत- का वाह बद हो

जाता ह और कोई नयी बात सभव हो जाती ह

भारत म4 अभी भी सव अनक लोग इस वध का अ यास करत ह ल0कन कVठनाई यह ह 0क व अ यास करत ह जब 0क

यह एक अचानक वध ह अगर तम अ यास करो तो कछ भी नह होगा कछ भी नह होगा अगर म_ तZ ह4 अचानक इस

कमर स बाहर नकाल फ4 कगा तो तZ हार वचार बद हो जाएग ल0कन अगर हम रोज-रोज इसका अ यास कर4 तो कछ नह

होगा तब वह एक याBक आदत बन जाएगी

इसलए अयास मत करो जब भी हो सक योग करो तो धीर-धीर तZ ह4 अचानक एक आतPरक आकाश का बोध होगा वह

आतPरक आकाश तZ हार चतना म4 तभी कट होता ह जब तम मlt य क कगार पर होत हो तब तZ ह4 लगता ह 0क अग म4

एक Qण भी नह जीऊ गा अब मlt य नकट ह तभी वह सह Qण आता ह इसलए लग रहो डर- मत

मlt य इतनी आसान नह ह कम स कम इस वध को योग म4 लात हए कोई gt यि+ त अब तक मरा नह ह इसम

अतनVहत सरQा क उपाय ह यह कारण ह 0क तम नह मरोग मlt य क पहल आदमी बहोश हो जाता ह इसलए होश म4

रहत हए यह भाव आए 0क म_ मर रहा ह तो डर- मत तम अब भी होश म4 हो इसलए मरोग नह और अगर तम बहोश हो

गए तो तZ हार R वास चलन लगगी तब तम उस रोक नह पाओग

और तम कान क लए डाट काम म4 ला सकत हो आख- क पी बाध सकत हो ल0कन नाक और मह क लए कोई डाट

उपयोग नह करन ह + य-0क तब वह सघातक हो सकता ह कम स कम नाक को छोड़ रखना ठUक ह उस हाथ स ह बद

करो उस हालत म4 जब बहोश होन लगोग तो हाथ अपन आप ह ढला हो जाएगा और R वास वापस आ जाएगी तो इसम

अतनVहत सरQा ह यह वध बहत- क काम क ह

चौथी वध उनक लए ह िजनका दय बहत वकसत ह जो म और भाव क लोग ह भाव-वण लोग ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquorsquo

यह वध दय-धान gt यि+ त क Cवारा काम म4 लायी जा सकती ह इसलए पहल यह समझन क कोशश करो 0क दय

धान gt यि+ त कौन ह तब यह वध समझ सकोग

जो दय-धान ह उस gt यि+ त क लए सब कछ रदय ह ह अगर तम उस ] यार करोग तो उसका दय उस ] यार को

अनभव करगा उसका मि9 तषक नह मि9 तषक-धान gt यि+ त म 0कए जान पर भी म का अनभव मि9 तषक स लता

ह वह उसक सबध म4 सोचता ह आयोजन करता ह उसका म भी मि9 तषक का ह सचतत आयोजन होता ह ल0कन

भावपण gt यि+ त तक क Bबना जीता ह वस दय क भी अपन तक ह ल0कन दय सोच-वचार नह करता ह

अगर कोई तZ ह4 पछ 0क + य- म करत हो और तम उस + य- का जवाब द सको तो तम मि9 तषक धान gt यि+ त हो और

अगर तम कहा 0क म_ नह जानता म_ सफ म करता ह तो तम दय धान gt यि+ त हो अगर तम इतना भी कहत हो 0क

म_ उस इसलए ] यार करता ह 0क वह सदर ह तो वहा ब आ गई दयोG मख gt यि+ त क लए कोई सदर इसलए ह 0क वह

उस म करता ह मि9 तषक वाला gt यि+ त 0कसी को इसलए म करता ह 0क वह सदर ह ब पहल आती ह और तब म

आता ह दय धान gt यि+ त क लए म थम ह और शष चीज4 म क पीछ-पीछ चल आती ह वह दय म4 क4 Vत ह

इसलए जो भी घVटत होता ह वह पहल उसक दय को छता ह

जरा अपन को दखो हरक Qण तZ हार जीवन म4 अनक चीज4 घVटत हो रह ह व 0कसी सथल को छती ह तम जा रह हो और

एक भखार सड़क पार करता ह वह भखार तZ ह4 कहा छता ह + या तम आथक पPरि9 थत पर सोच वचार करत हो या

+ या तम यह वचारन लगत हो 0क कस कानन क Cवारा भखमगी बद क जाए या 0क कस एक समाजवाद समाज बनाया

जाए जहा भखमग न हो

यह एक मि9 तषक धान आदमी ह जो ऐसा सोचन लगता ह उसक लए भखार महज वचार करन का आधार बन जाता

ह उसका दय अ9 पशत रह जाता ह सफ मि9 तषक 9 पशत होता ह वह इस भखार क लए अभी और यहा कछ नह

करन जा रहा ह नह वह साZ यवाद क लए कछ करगा वह भवषय क लए 0कसी ऊटोपया क लए कछ करगा वह

उसक लए अपना परा जीवन भी द-द ल0कन अभी तlt Qण वह कछ नह कर सकता ह मि9 तषक सदा भवषय म4 रहता ह

दय सदा यहा और अभी रहता ह

एक दय धान gt यि+ त अभी ह भखार क लए कछ करगा यह भखार आदमी ह आकड़ा नह मि9 तषक वाल आदमी

क लए वह गlणत का आकड़ा भर ह उसक लए भखमगी बद करना सम9या ह इस भखार क मदद क बात अासगक

तो अपन को दखो परखो दखो 0क तम कस काम करत हो दखो 0क तम दय क 0फ2 करत हो या मि9 तषक क

दयोG मख gt यि+ त हो तो यह वध तZ हार काम क ह ल0कन यह बात भी L यान रखो 0क हर आदमी आन को यह धोखा

दन म4 लगा ह 0क म_ दयोG मख gt यि+ त ह हर आदमी सोचता ह 0क म_ बहत मपण gt यि+ त ह भावक 0कसम का ह

+ य-0क म एक ऐसी बनयाद जMरत ह 0क अगर 0कसी को पता चल 0क मर पास म करन वाला दय नह ह तो वह

चन स नह रह सकता इसलए हर आदमी ऐसा सोच और मान चला जाता ह

ल0कन वR वास करन स + या होगा नO पQता क साथ अपना नरQण करो ऐस जस 0क तम 0कसी दसर का नरQण कर

रह हो और तब नणय लो + य-0क अपन को धोखा दन क जMरत + या ह और उसस लाभ भी + या ह और अगर तम अपन

को धोखा भी द दो तो तम वध को धोखा नह द सकत + य-0क तब वध को योग करन पर तम पाओग 0क कछ भी नह

होता ह

लोग मर पास आत ह म_ उनस पछता ह 0क तम 0कस कोVट क हो उG ह4 यथाथत कछ पता नह ह उG ह-न कभी इस सबध

म4 सोचा ह नह 0क व 0कस कोVट क ह उG ह4 अपन बार म4 धधल धारणाए ह दरअसल मा कY पनाए ह उनक पास कछ

आदश ह कछ तमाए ह और व सोचत हmdashसोचत + या चाहत हmdash0क हम व तमाए होत सच म4 व ह नह और अकसर

तो यह होता ह 0क व उसक ठUक वपरत होत ह

इसका कारण ह जो gt यि+ त जोर दकर कहता ह 0क म_ दय धान आदमी ह हो सकता ह वह ऐसा इसलए कह रहा हो 0क

उस अपन दय का अभाव खलता ह और वह भयभीत ह वह इस तथय को नह जान सकगा 0क उसक पास दय नह ह

इस ससार पर एक नजर डाल- अगर अपन दय क बार म4 हरक आदमी का दावा सह ह तो वह ससार इतना दय हन नह

हो सकता यह ससार हम सबका कछ जोड़ ह इसलए कह कछ अवशय गलत ह वहा दय नह ह

सच तो यह ह 0क कभी दय को शmQत ह नह +या गया मन शmQत 0कया गया ह इसलए मन ह मन को शmQत

करन क लए 9 कल कालज और वशव वCयालय ह ल0कन दय क शQण क लए कोई जगह नह ह और मन का

शQण लाभ दायी ह ल0कन दय का शQण खतरनाक ह + य-0क अगर तZ हारा दय शmQत 0कया जाए तो तम इस

ससार क लए Bबलकल gt यथ हो जाओग यह सारा ससार तो ब स चलता ह अगर तZ हारा दय शmQत हो तो तम पर

ढाच स बाहर हो जाओग जब सारा ससार दाए जाता होगा तम बाए चलोग सभी जगह तम अड़चन म4 पड़ोग

सच तो यह ह 0क मनषय िजतना अधक ससभय बनता ह दय का शQण उतना ह कम हो जाता ह हम ता उस भल ह

गए ह भल गए ह 0क दय भी ह या उसक शQण क जMरत ह यह कारण ह 0क ऐसी वधया जो आसानी स काम कर

सकती थी कभी काम नह करती

अधकाश धम दय-धान वधय- पर आधाPरत ह ईसाइयत इ9 लाम Vहद तथा अनय कई धम दयोG मख लोगो पर

आधाPरत ह िजतना ह पराना कोई धम ह वह उतना ह अधक दय आधाPरक ह तब वद लख गए और Vहद धम

वकसत हो रहा था तब लोग दयोG मख थ उस समय मन धान लोग खोजना मिRकल था ल0कन अभी सम9 या उलट

ह तम ाथना नह कर सकत + य-0क ाथना दय-आधाPरत वध ह

यह कारण ह 0क पिR चम म4 जहा ईसाइयत का बोलबाला हmdashऔर ईसाइयत खासकर कथोलक ईसाइयत ाथना का धम

हmdashाथना कVठन हो गई ह ईसाइयत म4 L यान क लए कोई 9 थान नह ह ल0कन अब पिR चम म4 भी लोग L यान क लए

पागल हो रह ह कोई अब चच नह जाता ह और अगर कोई जाता भी ह तो वह महज औपचाPरकता ह रववारय धम

+ य- + य-0क आज पिR चम का जो आदमी ह उसक लए ाथना सवथा असगत हो गई ह

L यान ` यादा मनोG मख ह ाथना ` यादा दयोG मख gt यि+ त क Lयान-वध ह यह वध भी दय वाल gt यि+ त क लए

ह ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquo

इस वध क लए करना + या ह lsquorsquoजब इVया दय म4 वलन ह-helliphelliplsquorsquo योग करक दखो कई उपाय सभव ह तम 0कसी

gt यि+ त को 9 पश करत हो अगर तम दय वाल आदमी हो तो वह 9पश शी~ ह तZ हार दय म4 पहच जाएगा और तZ ह4

उसक गणवlt ता महसस हो सकती ह अगर तम 0कसी मि9 तषक वाल gt यि+ त का हाथ अपन हाथ म4 लोग तो उसका हाथ

ठडा होगाmdashशारPरक Mप स नह भावातमक Mप स उसक हाथ म4 एक तरह का मदा पन होगा और अगर वह gtयि+त दय

वाला ह तो उसक हाथ म4 एक ऊO मा होगी तब उसका हाथ तZ हार साथ पघलन लगगा उसक हाथ स कोई चीज नकलकर

तZ हार भीतर बहन लगगी और तम दोन- क बीच एक तालमल होगा ऊO मा का सवाद होगा

यह ऊO मा दय स आ रह ह यह मि9 तषक स नह आ सकती + य-0क मि9 तषक सदा ठडा और Vहसाबी ह दय ऊO मा

वाला ह वह Vहसाबी नह ह मि9 तषक सदा यह सोचता ह 0क कस ` यादा ल4 दय का भाव रहता ह 0क कस ` यादा द4 वह

जो ऊO मा ह वह दान हmdashऊजा का दान आतPरक तरग- का दान जीवन का दान यह वजह ह 0क तZ ह4 उसम एक गहर

घलन का अनभव होगा

9 पश करो छओ आख बद करो और 0कसी चीज को 9 पश करो अपन मी या मका को छओ अपनी मा को या बf च को

छओ या म को या वQ फल या महज धरती को छओ आख4 बद रखो और धरती और अपन दय क बीच मका और

अपन बीच होत आतPरक सवार को महसस करो भाव करो 0क तZ हारा हाथ ह तZ हारा दय ह जो धरती को 9 पश करन को

बढ़ा ह 9 पश क अनभत को दय स जड़न दो

तम सगीत सन रह हो उस मि9 तषक स मत सनो अपन मि9 तषक को भल जाओ और समझो 0क म_ Bबना मि9 तषक क ह

मरा कोई सर नह ह अf छा ह 0क अपन सोन क कमर म4 अपना एक च रख लो िजसम4 सर न हो उस पर L यान को

एका करो और भाव करो 0क तम Bबना सर क हो सर को आन ह मत दो और सगीत को दय स सनो भाव करो 0क

सगीत तZ हार दय म4 जा रहा ह दय को सगीत क साथ उCवलत होन दो तZ हार इVय- को भी दय स जड़न दो

मि9 तषक स नह

यह योग सभी इVय- क साथ करो और अधकाधक भाव करो क lt यक ऐVक अनभव दय म4 जाता ह और वलन हो

जाता ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पहच-lsquorsquo

दय ह कमल ह और इVया कमल क Cवार ह कमल का पखWडया ह पहल बात 0क अपनी इVय- को दय क साथ जड़न

दो और दसर 0क सदा भाव करो 0क इVया सीध दय म4 गहर उतरती ह और उसम धल मल रह ह जब य दो काम हो

जाएग तभी तZ हार इVया तZ हार सहायता कर4गी तब व तZ ह4 तZ हार दय तक पहचा द4गी और तZ हारा दय कमल बन

जाएगा

यह दय कमल तZ ह4 तZ हारा क4 दगा और जब तम अपन दय क क4 को जान लोग तब नाभ क4 को पाना बहत आसान

हो जाएगा यह बहत आसान ह यह स उसक चचा भी नह करता उसक जMरत नह ह अगर तम सच म4 और समता

स दय म4 वलय हो गए और ब न काम करना छोड़ Vदया तो तम नाभ क4 पर पहच जाओग

दय न नाभ क और Cवारा खलता ह सफ सर स नाभ क और जाना कVठन ह या अगर तम कह सर और दय क

बीच म4 हो तो नाभ पर जाना कVठन ह एक बासर तम दय म4 वलय हो जाओ तो तम दय क पार नाभ-क4 म4 उतर गए

और वह बनयाद ह मौलक ह

यह कारण ह 0क ाथना काम करती ह और इसी कारण स जीसस कह सक 0क म ईशवर ह यह बात पर-पर सह नह ह

ल0कन म Cवार ह अगर तम 0कसी क गहर म म4 होmdash0कसक म म4 हो महतव का नह ह म ह महतव का हmdashइतन

म म4 0क सबध मि9 तषक का न रह सफ दय काम कर तो यह म ाथना बन जाएगा और तZ हारा मी या मका

भगवती बन जाएगी

सच तो यह ह कह दय क आख और कछ नह दख सकती ह यह बात तो साधारण म म4 भी घVटत होती ह अगर तम

0कसी क म म4 पड़त हो तो वह तZहार लए Vदवय हो उठता ह हो सकता ह 0क यह भाव बहत 9 थायी न हो और बहत गहरा

भी नह ल0कन तlt Qण तो मी या मका Vदवय हो उठती ह दर-अबर ब आकर पर चीज को नषट कर दगी + य-0क

ब ह9 तQप कर सब gt यव9 था Bबठान लगगी उस म क भी gt यव9 था Bबठानी पड़ती ह और एक बार ब gt यव9 थापक

हई 0क सब चीज4 नषट हो जाती ह

आगर तम सर क gt यव9 था क Bबना म म4 हो सको तो तZ हारा म अनवायत ाथना बनगा और तZ हार मका Cवार

बन जाएगी तZ हारा म तZ ह4 दय म4 क4 Vत कर दगा और एक बार तम दय म4 क4 Vत हए 0क तम अपन ह आप नाभ

क4 म4 गहर उतर जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-17 (ओशो) क0 =1त होन क पाचवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

lsquorsquoमन को भलकर मधय म0 रहोmdashजब तकlsquorsquo

यह स इतना ह ह 0कसी भी वानक स क तरह यह छोटा ह ल0कन य थोड़ स शबद भी तZ हार जीवन को समरतः

बदल सकत ह

lsquorsquoमन को भल कर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

lsquorsquoमधय म4 रहोlsquorsquomdashब न अपन L यान क वध इसी स क आधार पर वकसत क उनका माग म`झम नकाय या मधय

माग कहलाता ह ब कहत ह सदा मधय म4 रहो lt यक चीज म4

एक बार राजकमार kोण दmQत हआ ब न उस सG यास म4 दmQत 0कया वह राजकमार अvत gt यि+ त था और जब वह

सG यास म4 दmQत हआ तो सारा राजय च0कत रह गया लोग- को यकन नह हआ 0क राजकमार kोण सG यासी हो गया

0कसी न 9 वपन म4 भी नह सोचा था + य-0क kोण परा सासाPरक था भोग-वलास म4 सवथा लपत रहता था सारा Vदन

सरा और सदर ह उसका ससार थी

तभी अचानक एक Vदन ब उसक नगर म4 आए राजकमार kोण उनक दशन को गया वह ब क चरण- म4 गरा और बोला

0क मझ दmQत कर ल4 म_ ससार छोड़ दगा

जो लोग उसक साथ आए थ उG ह4 भी इसक खबर नह थी ऐसी अचानक घटना थी यह उG ह-न ब स पछा 0क यह + या हो

रहा ह यह तो चमlt कार ह kोण उस कोVट का gt यि+ त नह ह वह तो भोग वलास म4 रहा ह यह तो चमlt कार ह हमन तो

कY पना भी नह क थी 0क kोण सG यासी होगा यह + या हो रहा ह आपन कछ कर Vदया ह

ब न कहा 0क म_न कछ नह 0कया ह मन एक अत स दसर अत पर जा सकता ह वह मन का ढग ह एक अत स दसर

अत पर जाना kोण कछ नया नह कर रहा ह यह होना ह था + य-0क तम मन क नयम नह जानत इसलए तम च0कत

हो रह हो

मन एक अत स दसर अत पर गत करता रहता ह मन का यह ढग ह यह रोज-रोज होता ह जो आदमी धन क पीछ

पागल था वह अचानक सब कछ छोड़कर नगा फकर हो जाता ह हम सोचत ह 0क चमlt कार हो गया ल0कन यह सामानय

नयम क सवाय कछ नह ह जो आदमी धन क पीछ पागल नह ह उसक यह उपQा नह क जा सकती ह 0क वह lt याग

करगा + य-0क तम एक अत स ह दसर अत पर जा सकत हो वस ह जस घड़ी का प_डलम एक अत स दसर अत पर

डोलता रहता ह

इसलए जो आदमी धन क लए पागल था वह पागल होकर धन क lखलाफ जाएगा ल0कन उसका पागलपन कायम रहगा

वह मन ह जो आदमी कामवासना क लए जीता था वह मचार हो जा सकता ह एकात म4 चला जा सकता ह ल0कन

उसका पागलपन कायम रहगा पहल वह कामवासना क लए जीता था अब वह कामवासना क lखलाफ होकर िजएगा

ल0कन उसका Mख उसक aिO ट वह क वह रहगी इसलए मचार सच म4 कामवासना क पार नह गया ह उसका परा

चत काम-वासना धान ह वह सफ वM हो गया ह उसन काम का अत2मण नह 0कया ह अत2मण का माग सदा

मLय म4 ह वह कभी अत म4 नह ह

तो ब न कहा 0क यह होना ह था यह कोई चमlt कार नह ह मन ऐस ह gt यवहार करता ह

kोण भ+ ख बन गया सG यासी हो गया शी~ ह ब क दसर शO य- न दखा 0क वह दसर अत पर जा रहा था ब न

0कसी को नगन रहन को नह कहा था ल0कन kोण नगन रहन लगा ब न नता क पQ म4 नह थ उG ह-न कहा 0क यह

दसर अत ह लोग ह जो कपड़- क लए ह जीत ह मान- वह उनका जीवन हो और ऐस लोग भी ह जो नगन हो जात ह

ल0कन दोन- व9 - म4 वR वास करत ह

ब न कभी न नता क शQा नह द ल0कन kोण नगन हो गया वह ब का अकला शषय था जो नगन हआ kोण

आतम उlt पीड़न म4 भी गहर अतर गया ब न अपन सG यासय- को Vदन म4 एक बार भोजन क gt यव9 था द थी ल0कन

kोण दो Vदन- म4 एक बार भोजन लन लगा वह बहत दबल हो गया दसर भQ पड़ क छाया म4 L यान करत ल0कन kोण

कभी छाया म4 नह बठता था वह सदा कड़ी घप म4 रहता था वह बहत सदर आदमी था उसक दह बहत सदर थी ल0कन

छह महन क भीतर पहचानना मिR कल हो गया 0क यह वह आदमी ह वह कMप काला झलसा-झलसा Vदखन लगा

एक रात ब kोण क पास गए और उसस बोल kोण म_न सना ह 0क जब तम राजकमार थ तब तZ ह4 वीणा बजान का शोक

था और तम एक कशल वीणावादक और बड़ सगीत थ तो म_ तमस एक शन पछन आया ह अगर वीणा क तार बहत

ढल हो तो + या होता ह अगर तार ढल ह-ग तो कोई सगीत सभव नह ह

और 0फर ब न पछा 0क अगर तार बहत कस ह- तो + या होगा kोण न कहा 0क तब भी सगीत नह पदा होगा तार- को

मधय म4 होना चाVहए व न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 हो और kोण न कहा 0क वीणा बजाना तो आसान ह

ल0कन एक परम सगीत ह तार- को मधय म4 रख सकता ह

तो ब न कहा 0क छह महन- तक तZ हारा नरQण करन क बाद म_ तमस यह कहन आया ह 0क जीवन म4 भी सगीत तभी

जG मता ह जब उसक तार न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 ह- इसलए lt याग करना आसान ह ल0कन परम कशल

ह मधय म4 रहना जानता ह इसलए kोण कशल बनो और जीवन क तार- को मधय म4 ठUक मधयम म4 रखो इस या उस

अत पर मत जाओ और lt यक चीज क दो छोर ह दो अतया ह ल0कन तZ ह4 सदा मधय म4 रहना ह

ल0कन मन बहत बहोश ह इसलए स म4 कहा गया ह lsquorsquoमन को भलकरlsquorsquo तम यह बात सन भी लोग तम इस समझ भी

लोग ल0कन मन उसको नह हण करगा मन सदा अतय- को चनता ह मन म4 अतय- क लए बड़ा आकषण ह मोह ह

+ य- + य-0क मधय म4 मन क मlt य हो जाती ह

घड़ी क प_डलम को दखो अगर तZ हार पास कोई परानी घड़ी हो तो उसक प_डलम को दखो प_डलम सारा Vदन चलता रहता ह

यVद वह अतय- तक आता जाता रह जब वह बाए जाता ह तब दाए जान क लए शि+ त अिजत कर रहा ह जब वह दाए जा

रहा ह तो मत सोचो क वह दाए जा रहा ह वह बाए जान क लए ऊजा इकी कर रहा ह अतया ह दाए-बाए ह प_डलम को

बीच म4 ठहरन दो और सब गत बद कर दो तब प_डलम म4 उजा नह रहगी कय-0क उजा तो एक अत स आ रह थी एक

अत स दसर अत उस दसर अत क और फ4 कती ह उसस एक वतल बनता ह और प_डलम गतमान होता ह उसको बीच

म4 होन दो और तब सब गत ठहर जाएगी

मन प_डलम क भात ह और अगर तम इसका नरQण करो तो रोज ह इसका पता चलगा तम एक अत क पQ म4 नणय

लत हो और तब तम दसर अत क और जान लगत हो तम अभी 2ोध करत हो 0फर पR चाताप करत हो तम कहत हो

नह बहत हआ अब म_ कभी 2ोध न कMगा ल0कन तम कभी अत को नह दखत

यह lsquorsquoकभी नहrsquorsquo अत ह तम कस नशचत हो सकत हो 0क तम कभी नह 2ोध करोग तम कह + या रह ह एक बार और

सोचो कभी नह अतीत म4 जाओ और याद करो 0क 0कतनी बार तमन नशचय 0कया ह 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा जब

तम कहत हो 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा तो तम नह जानत हो 0क 2ोध करत समय ह तमन दसर छोर पर जान क

ऊजा इकी कर ल थी अब तम पR चाताप कर रह हो अब तZ ह4 बरा लग रहा ह तZ हार आतम छव Vहल गई ह गर गई

ह अब तम नह कह सकत 0क म_ अf छा आदमी ह धामक आदमी ह म_न 2ोध 0कया और धामक gt यकत 2ोध नह

करता ह अf छा आदमी 2ोध कस करगा तो तम अपनी अf छाई को वापस पान क लए पR चाताप करत हो कम स कम

अपनी नजर म4 तZ ह4 लगगा 0क म_न पR चाताप कर लया चन हो गया और अब 0फर 2ोध नह होगा इसस तZ हार Vहल हई

आतम-छव परानी अव9 था म4 लौट आएगी अब तम चन महसस करोग + य-0क अब तम दसर अत पर चल गए

ल0कन जो मन कहता ह 0क अब म_ 0फर कभी 2ोध नह कMगा वह 0फर 2ोध करगा अब जब तम 0फर 2ोध म4 होग4 तो

तम अपन पR चाताप को अपन नणय को सब को Bबलकल भल जाओग और 2ोध क बाद 0फर वह नणय लौटगा और

पR चाताप वापस आएगा और तम कभी उसक धोख को नह समझ पाओग ऐसा सदा हआ ह मन 2ोध स पR चाताप और

पR चाताप स 2ोध क बीच डोलता रहता ह

बीच म4 रहो न 2ोध करो न पR चाताप करो और अगर 2ोध कर गए तो कपा कर 2ोध ह करो पR चाताप मत करो दसर

अत पर मत जाओ बीच म4 रहो कहो 0क म_न 2ोध 0कया ह म_ बरा आदमी ह Vहसक ह म_ ऐसा ह ह ल0कन पR चाताप

मत करो दसर अत पर मत जाओ मधय म4 रहो और अगर तम मधय म4 रह सक तो 0फर तम 2ोध करन क लए ऊजा

इकी नह कर पाओग

इसलए यह स कहता ह lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस lsquorsquoजब तकrsquorsquo का + या मतलब ह मतलब यह ह 0क जब तक तZ हारा व9 फोट न हो जाए मतलब यह ह 0क तब तक मधय

म4 रहो जब तक मन क मlt य न हो जाए तब तक मधय म4 रहो जब तक मन अ-मन न हो जाए अगर मन अत पर ह तो अ-

मन मधय म4 होगा

ल0कन मधय म4 होना ससार म4 सबस कVठन काम ह Vदखता तो सरल ह Vदखता तो यह आसान ह तZ ह4 लगगा 0क म_ कर

सकता ह और तZ ह4 यह सोचकर लगगा 0क पR चाताप क कोई जMरत नह ह ल0कन योग करो और तब तZ ह4 पता

चलगा 0क जब 2ोध करोग तो मन पR चाताप करन पर जोर दगा

पत-पिlt नय- का झगड़ा सदा स चलता आया ह और सVदय- स महापtष और सलाहकार समझा रह ह 0क कस रह4 और म

कर4 और यह झगड़ा जार ह पहल बार ायड को इस तथय को बोध हआ 0क जब भी तम म तथाकथत म म4 होओग

तZ ह4 धणा म4 भी होना पड़गा सबह म करोग और R याम घणा करोग और इस तरह प_डलम Vहलता रहगा lt यक पत-

पlt नी को इसका पता ह ल0कन ायड क अनतaिOट बड़ी अvत ह वह कहता ह 0क अगर 0कसी दपत न झगड़ा बद कर

Vदया ह तो समझो 0क उनका म मर गया घणा और लड़ाई क साथ जो म ह वह मर गया

अगर 0कसी जोड़ का तम दखो 0क वह कभी लड़ता नह ह तो यह मत समझो 0क यह आदश जोड़ा ह उसका इतना ह अथ ह

0क यह जोड़ा ह नह ह व समातर रह रह ह ल0कर साथ-साथ नह रहत व समातर रखाए ह जो कह नह मलती लड़न

क लए भी नह व दोन- साथ रहकर भी अकल-अकल हmdashअकल-अकल और समातर

मन वपरत पर गत करता ह इसलए अब मनोवान क पास दपतय- क लए बहतर नदान हmdashबहतर और गहरा वह

कहता ह 0क अगर तम सचमच म-इसी मन क साथmdashकरना चाहत हो तो लड़न झगड़न स मत डर- सच तो यह ह 0क

तZ ह4 ामाlणक ढग स लड़ना चाVहए ता0क तम ामाlणक म क दसर छोर को ापत कर सको इसलए अगर तम अपनी

पlt नी क लड़ रह हो तो लड़न स चको मत अGयथा म स भी चक जाओग झगड़ स बचो मत उसका मौका आए तो अत

तक लड़- तभी सL या आत-आत तम 0फर म करन योगय हो जाओग मन तब तक शि+ त जटा लगा

सामानय म सघष क Bबना नह जी सकता + य-0क उसम मन क गत सलगन ह सफ वह म सघष क Bबना िजएगा

जो 0क मन का नह ह ल0कन वह बात ह और ह ब का म और ह बात ह

ल0कन अगर ब तZ ह4 म कर4 तो तम बहत अf छा नह महसस करोग + य- + य-0क उसम4 कछ दोष नह रहगा वह मीठा

ह मीठा होगा और उबाऊ होगा कय-0क दोष तो झगड़ स आता ह ब 2ोध नह कर सकत व कवल म कर सकत ह

तZ ह4 उनका म पता नह चलगा + य-0क पता तो वरोध म4 वपरतता म4 चलता ह

जब ब बाहर वष[ क बाद अपन नगर वापस आए तो उनक पlt नी उनक 9 वागत को नह आई सारा नगर उनक 9 वागत क

लए इका हो गया ल0कन उनक पlt नी नह आई ब हस और उG ह-न अपन मखय शषय आनद स कहा 0क यशोधरा

नह आई म_ उस भल-भात जानता ह ऐसा लगता ह 0क वह मझ अभी भी म करती ह वह माननी ह वह आहत अनभव

कर रह ह म_ तो सोचता था बाहर वष का लZ बा समय ह वह अब म म4 न होगी ल0कन मालम होता ह 0क यह अब भी म

म4 ह अब भी 2ोध म4 ह वह मझ लन नह आई मझ ह उसक पास जाना होगा

और ब गए आनद भी उनक साथ था आनद को एक वचन Vदया हआ था जब आनद न दQा ल थी तो उसन एक शत

रखीmdashऔर ब न मान ल 0क म_ सदा आपक साथ रहगा वह ब का बड़ा चचरा भाई था इसलए उG ह4 मानना पडा था सो

आनद राजमहल तक उनक साथ गया वहा ब न उनस कहा 0क कम स कम यहा तम मर साथ मत चलो + य-0क

यशोधरा बहत नाराज होगी म_ बाहर वष[ क बाद लौट रहा ह और उस खबर 0कए Bबना यहा स चला गया था वह अब भी

नाराज ह तो तम मर साथ मत चलो अG यथा वह समझगा 0क म_न उस कछ कहन का भी अवसर नह Vदया वह बहत कछ

कहना चाहती होगी तो उस 2ोध कर लन दो तम कपा इस बार मर साथ मत आओ

ब भीतर गए यशोधरा ` वालामखी बनी बठU थी वह फट पड़ी वह रोन चY लान लगी बकन लगी ब चपचाप बठ सनत

रह धीर-धीर वह शात हई और तब वह समझी 0क उस बीच ब एक शबद भी नह बोल उसन अपनी आख4 प-छU और ब

क और दखा

ब न कहा 0क म_ यह कहन आया ह 0क मझ कछ मला ह म_न कछ जाना ह म_न कछ उपलबध 0कया ह अगर तम शात

होओ तो म_ तZ ह4 वह सदश वह सतय द जो मझ उपलबध हआ ह म_ इतनी दर इसलए tका रहा 0क तZ हारा रचन हो जाए

बारह साल लबा समय ह तमन बहत घाव इक 0कए ह-ग और तZ हारा 2ोध समझन योगय ह मझ इसक तीQा थी

उसका अथ ह 0क तम अब भी मझ म करती हो ल0कन इस म क पार भी एक म ह और उसी म क कारण म_ तZ ह4 कछ

कहन वापस आया ह

ल0कन यशोधरा उस म को नह समझ सक इस समझना कVठन ह + य-0क यह इतना शात ह यह म इतना शात ह

0क अनपि9 थत सा लगता ह

जब मन वसिजत होता ह तो एक और ह म घVटत होता ह ल0कन उस म का कोई वपरत पQ नह ह वरोधी पQ नह

ह जब मन वसिजत होता ह तब जो भी घVटत होता ह उसका वपरत पQ नह रहता मन क साथ सदा उसका वपरत

खड़ा रहता ह और मन एक प_डलम क भात गत करता ह

यह स अvत ह उसस चमlt कार घVटत हो सकता ह

lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस योग म4 लाओ और यह स तZ हार पर जीवन क लए ह ऐस नह ह 0क उसका अ यास यदा-कदा 0कया और बात

खतम हो गई तZ ह4 नरतर इसका बोध रखना होगा होश रखना होगा काम करत हए चलत हए भोजन करत हए सबध-

म4 सव मधय म4 रहो योग करक दखो और तम दखोग4 0क एक मौन एक शात तZ ह4 घरन लगी ह और तZ हार भीतर एक

शात क4 नमत हो रहा ह

अगर ठUक मधय म4 होन म4 सफल न हो सको तो भी मधय म4 होन क कोशश करो धीर-धीर तZ ह4 मधय क अनभत होन

लगगी जो भी हो घणा या म 2ोध या पR चाताप सदा ~वीय वपरतताओ को L यान म4 रखो और उनक बीच म रहो और

दर अबर तम ठUक मधय को पा लोग

और एक बार तमन इस जान लया तो 0फर तम उस नह भलोग + य-0क मधय Bबद मन क पार ह और वह मधय Bबद

अL यातम का सार स ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-18 (ओशो) क0 =1त होन क छठवी वध

त-सmdashवध-18 (ओशो) 6कसी वषय को )मपवक दखो

rdquo6कसी वषय को )मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ यह वषय क मधय म0mdashआनदrdquo

म_ 0फर दोहराता ह lsquorsquo0कसी वषय को मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ 0कसी दसर वषय पर L यान मत ल जाओ

यह वषय क माधय म4mdashआनद

lsquorsquo6कसी वषय को )म पण दखोhelliphelliplsquorsquo

मपवक म4 कजी ह + या तमन कभी 0कसी चीज को मपवक दखा ह तम हा कह सकत हो + य-0क तम नह जानत 0क

0कसी चीज को मपवक दखन का + या अथ ह तमन 0कसी चीज को लालसा-भर आख- स दखा होगा कामना पवक दखा

होगा वह दसर बात ह वह Bबलकल भनन वपरत बात ह पहल इस भद को समझो

तम एक सदर चहर को सदर शरर को दखत हो और तम सोचत हो 0क तम उस मपवक दख रह हो ल0कन तम उस + य-

दख रह हो + या तम उसस कछ पाना चाहत हो तब वह वासना ह कामना ह म नह ह + या तम उसका शोषण करना

चाहत हो तब वह वासना ह म नह तब तम सच म4 यह चाहत हो 0क म_ कस इस शरर को उपयोग म4 लाऊ कस इसका

मालक बन कस इस अपन सख का साधन बना ल

वासना का अथ ह 0क कस 0कसी चीज को अपन सख क लए उपयोग म4 लाऊ म का अथ ह 0क उसस मर सख का कछ

लना दना नह ह सच तो यह ह 0क वासना कछ लना चाहती ह और म कछ दना चाहता ह व दोन- सवथा एक दसर क

तकल ह

अगर तम 0कसी सदर gt यि+ त को दखत हो और उसक त म अनभव करत हो तो तZ हार चतना म4 तरत भाव उठगा 0क

कस इस gt यि+ त को इस पMष या 9 ी को सखी कM यह 0फ2 अपनी नह दसर क ह म म4 दसर महlt वपण ह वासना म4

तम महतवपण हो वासना म4 तम दसर4 को साधन बनान क सोचत हो और म म4 तम 9 वय साधन बनन क सोचत हो

वासना म4 तम दसर को प-छ दना चाहत हो म म4 तम 9 वय मट जाना चाहत हो म का अथ ह दना वासना का अथ ह

लना म समपण ह वासना आ2मण ह

तम + या कहत हो उसका कोई अथ नह ह वासना म4 भी तम म क भाषा काम म4 लात हो तZ हार भाषा का बहत मतलब

नह ह इसलए धोख म4 मत पड़ो भीतर दखो और तब तम समझोग 0क तमन जीवन म4 एक बार भी 0कसी gt यि+ त या व9 त

को मपवक नह दखा ह

एक दसरा भद भी समझ लन जसा ह

स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

असल म4 तम 0कसी पाथव जड़ व9 त को भी मपवक दखो तो वह व9 त gt यि+ त बन जाती ह तZ हारा म व9 त को भी

gt यि+ त म4 MपातPरत करन क कजी ह अगर तम वQ को मपवक दखो तो वQ gt यि+ त बन जाता ह

उस Vदन म_ ववक स बात करता था म_न उसस कहा 0क जब हम नए आkम म4 जाएग तो वहा हम हरक वQ को नाम द4ग

+ य-0क हरक वQ gt यि+ त ह + या कभी तमन सना ह 0क कोई वQ- को नाद द कोई वQ- को नाम नह दता + य-0क कोई

वQ- को म नह करता अगर म कर तो gt यि+ त बन जाए तब वह भीड़ का जगल का Vह9 सा नह रहा वह अनठा हो

गया

तम कlt त- और BबिY लय- को नाम दत हो जब तम कltत को नाम दत हो उस lsquorsquoटाइगरrsquorsquo कहत हो तो कlt ता gt यि+ त बन

जाता ह तब वह बहत स कlt त- म4 एक कlt ता नह रहा तब उसको gt यि+ ततव मल गया तमन नमत कर Vदया जब भी

तम 0कसी चीज को मपवक दखत हो वह चीज gt यि+ त बन जाती ह

और इसका उलटा भी सह ह जब तम 0कसी gt यि+ त को वासना पवक दखत हो तो वह gt यि+ त व9 त बन जाता ह यह

कारण ह 0क वासना भर आख- म4 वकषण होता ह + य-0क कोई भी वसत होना नह चाहता जब तम अपनी पlt नी को या

0कसी दसर 9 ी को या पMष को वासना क aिO ट स दखत हो तो उसक दसर को चोट पहचती ह तम असल म4 + या कर

रह हो तम एक जीवत gt यि+ त को मत साधन म4 य म4 बदल रह हो ` य- ह तमन सोचा 0क कस उसका उपयोग कर4 0क

तमन उसक हlt या कर द

यह कारण ह 0क वासना भर आख4 वकषण होती ह कMप होती ह और जब तम 0कसी को म स भरकर दखत हो तो

दसरा ऊचा उठ जाता ह वह अनठा हो जाता ह अचानक वह gt यि+ त हो उठता ह

एक व9 त बदल जा सकती ह ठUक उसक जगह वसी ह चीज लाई जा सकती ह ल0कन उसी तरह एक gt यि+ त नह बदला

जा सकता व9 त का अथ ह जो बदल जा सक gt यि+ त का अथ ह जो नह बदला जा सक 0कसी पMष या 9 ी क 9 थान पर

ठUक वसा ह पMष या 9 ी नह लायी जा सकती ह हर एक gt यि+ त अनठा ह व9 त नह

म 0कसी को भी अनठा बना दता ह यह कारण ह 0क म क Bबना तम नह महसस करत 0क म_ gt यि+ त ह जब तक कोई

तZ ह4 गहन म न कर तZ हार अनठपन का एहसास ह नह होता तब तक तम भीड़ क Vह9 स होmdashएक नबर एक सr या

और तम बदल जा सकत हो

यह स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliphelliplsquorsquo

यह 0कसी वषय या gt यि+ त म4 कोई फक नह करता उसक जMरत नह ह + य-0क जब तम मपवक दखत हो तो कोई भी

चीज gt यि+ त हो उठती ह यह दखना ह बदलता ह MपातPरत करता ह

तमन दखा हो या न दखा हो जब तम 0कसी खास कार को समझो वह 0फएट ह चलात हो तो + या होता ह एक ह जस

हजार--हजार 0फएट ह ल0कन तZ हार कार अगर तम पनी कार को म करत हो अनठU हो जाती ह gt यि+ त बन जाती ह

उस बदला नह जा सकता एक नाता-PरR ता नमत हो गया अब तम इस कार को एक gtयि+ त समझत हो

अगर कछ गड़बड़ हो जाए जरा सी आवाज आन लग तो तZ ह4 तरत उसका एहसास होता ह और कार4 बहत तनकमज़ाज

होती ह तम अपनी कार क मज़ाज स पPरचत हो 0क कब वह अf छा महसस करती ह और कब बरा धीर-धीर कार

gt यि+ त बन जाती ह + यो

अगर म का सबध ह तो कोई भी चीज gt यि+ त बन जाती ह और अगर वासना का सबध हो तो gt यि+ त भी व9 त बन जाता

ह और यह बड़ स बड़ा अमानवीय कतय ह जो आदमी कर सकता ह 0क वह 0कसी को व9 त बना द

lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

इसक लए कोई + या कर म स जब दखत हो तो + या होता ह पहल बात अपन को भल जाओ अपन को Bबलकल भल

जाओ एक फल को दखो और अपन को Bबलकल भल जाओ फल तो हो ल0कन तम अनपि9 थत हो जाओ फल को अनभव

करो और तZ हार चतना स गहरा म फल क और वाVहत होगा और तब अपनी चतना को एक ह वचार स भर जान दो

0क कस म_ इस फल क ` यादा lखलन4 म4 ` यादा सदर होन म4 ` यादा आनVदत होन म4 सहयोगी हो सकता ह म_ + या कर

सकता ह

यह महतव क बात नह ह 0क तम कछ कर सकत हो या नह यह ासगक नह ह यह भाव 0क म_ + या कर सकता ह यह

पीड़ा गहर पीड़ा 0क इस फल को ` यादा सदर ` यादा जीवत और ` यादा 9 फVटत बनान क लए म_ + या कM ` यादा

महतव क ह इस वचार को आन पर ाण- म4 गजन दो अपन शरर और मन क lt यक तत को इस वचार स भीगन दो

तब तम समाधसथ हो जाओग और फल एक gt यि+ त बन जाएगा

lsquorsquoदसर वषय पर मत जाओhelliplsquorsquo

तम जा नह सकत अगर तम म म4 हो तो नह जा सकत अगर तम इस समह म4 बठ 0कसी gt यि+ त को म करत हो तो

तZ हार लए सब भीड़ भल जाती ह और कवल यह चहरा बचता ह सच म4 तम और 0कसी को नह दखत उस एक चहर को

ह दखत हो सब वहा ह ल0कन व नह क बराबर ह व तZ हार चतना क महज पPरध पर होत ह व महज छायाए ह मातर

एक चहरा रहता ह अगर तम 0कसी को म करत हो तो मा वह चहरा रहता ह इसलए दसर पर तम नह जा सकत

दसर वषय पर मज जाओ एक क साथ ह रहो गलाब क फल क साथ या अपनी मका क चहर क साथ रहो ओर उसक

साथ मपवक रहो वाहमान रहो समगर दय स उसक साथ रहो और इस वचार क साथ रहो 0क म_ अपनी मका को

` यादा सखी और आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

और जब ऐसी ि9 थत बन जाए 0क तम अनपि9 थत हो अपनी 0फ2 नह करत अपनी सख सतोष क चता नह लत अपन

को पर तरह भल गए हो जब तम सफ दसर क लए चता करत हो दसरा तZ हार म का क4 बन गया ह तZ हार चतना

दसर म4 वाVहत हो रह ह जब गहन कMणा और म क भाव स तम सोचत हो 0क म_ अपनी मका को आनVदत करन क

लए + या कर सकता ह तब इस ि9 थत म4 अचानक lsquorsquoयह वषय क मधय म4mdashआनद अचानक उप-उlt पत क तरह तZ ह4

आनद उपलबध हो जाता ह तब अचानक तम क4 Vत हो गए

यह बात वरोधाभासी लगती ह + य-0क स कहता ह 0क अपन को Bबलकल भल जाओ आतम क4 Vत मत बनो दसर म4

पर तरह वश करो

ब नरतर कहत थ 0क जब भी तम ाथना करो तो दसर- क लए कर-mdashअपन लए नह अG यथा ाथना gt यथ जायगी

एक आदमी ब क पास आया और उसन कहा 0क म_ आपक उपदश को 9 वीकार करता ह ल0कन उसक एक बात मानना

बहत कVठन ह आप कहत ह जब भी तम ाथना करो तो अपनी मत सोचो अपन लए मत कछ मागो सदा यह कहो 0क

मर ाथना स जो फल आए वह सबको मल कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आमद न कहा यह बात भी ठUक

ह ल0कन कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आदमी न कहा यह बात भी ठUक ह ल0कन म_ इसम एक अपवाद

एक ह अपवाद करना चाहगा और वह यह 0क यह कपा मर पड़ोसी को न मल + य-0क वह मरा श ह यह आनद मर

पड़ोसी को छोड़कर सबको ापत हो

मन आतम क4 Vत ह ब न उस आदमी स कहा 0क तब तZ हार ाथना gt यथ ह अगर तम सब कछ सबको बाटन को तयार

नह हो तो कछ भी फल नह होगा और सबम4 बाट दोग तो सब तZ हारा होगा

म म4 तZ ह4 अपनी को भल जाना ह ल0कन तब यह बात वरोधाभासी लगन लगती ह तब क4 Vत होना कब और कस घVटत

होगा दसर म4 समMपण सलगन होन स जब तम 9 वय को पर तरह भल जात हो और जब दसरा ह बचता ह तम आनद

स आशीवाद स भर Vदय जात हो

+ यो + य-0क जब तम अपनी 0फ2 नह रहती तो तम खाल Pरकत हो जात हो तब आतPरक आकाश नमत हो जाता ह

जब तZ हारा मन पर तरह दसर म4 सलगन ह तो तम अपन भीतर मन रVहत हो जात हो तब तZ हार भीतर वचार नह रह

जाता ह और तब यह वचार भी 0क म_ दसर को अधक सखी अधक आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह जाता

रहता ह + य-0क सच म4 तम कछ नह कर सकत तब यह वचार वराम बन जाता ह तम कछ नह कर सकत + या कर

सकत हो + य-0क अगर सोचत हो 0क म_ कछ कर सकता ह तो अब भी अहकार क भाषा म4 सोच रह हो

समरण रह मपा क साथ gt यि+ त Bबलकल असहाय हो जाता ह जब भी तम 0कसी को म करत हो तम असहाय हो जात

हो यह म क पीड़ा ह 0क तZ ह4 पता नह चलता 0क म_ + या कर सकता ह तम सब कछ करना चाहोग तम अपन मी या

मका को सारा माड द दना चाहोग ल0कन तम कर + या सकत हो अगर तम सोचत हो 0क यह या वह कर सकत हो तो

तम अभी म म4 नह हो म बहत असहाय ह Bबलकल असहाय ह और वह असहायपन सदर ह + य-0क उसी असहायपन

म4 तम समपत हो जात हो

0कसी को म करो और तम असहाय अनभव करोग 0कसी को धणा करो और तZ ह4 लगगा 0क तम कछ कर सकत हो म

करो और तम Bबलकल असमथ हो तम + या कर सकत हो जो भी तम कर सकत हो वह इतना Q लगता ह इतना

अथहन वह कभी भी पयापत नह मालम होता कछ नह 0कया जा सकता और जब कोई समझता ह 0क कछ नह 0कया

जा सकता तब वह असहाय अनभव करता ह जब कोई सब कछ करना चाहता ह और समझता ह 0क कछ नह 0कया जा

सकता तब मन Mक जाता ह और इसी असहायाव9 था म4 समपण घVटत होता ह तम खाल हो गए

यह कारण ह 0क म गहन L यान बन जाता ह अगर सच म4 तम 0कसी को म करत हो तो 0कसी अनय L यान क जMरत न

रह ल0कन + य-0क कोई भी म नह करता ह इसलए एक सौ बारह वधय- क जMरत पड़ी और व भी काफ कम ह

उस Vदन कोई यहा था वह कहा रहा था 0क इसस मझ बहत आशा बधी ह म_न पहल दफा आप स ह सना ह 0क एक सौ

बारह वधया ह इसस बहत आशा होती ह ल0कन मन म4 कह एक वषाद भी उठता ह 0क + या कल एक सौ बारह वधय-

स काम चल सकता ह अगर मर लए वह सब क सब gt यथ हई तो + या होगा + या कोई एक सौ तरहवी वध नह ह

और वह आदमी सह ह वह सह ह अगर य एक सौ बारह वधया तZ हार काम न आ सक तो कोई उपाय नह ह इसलए

उसका कहना ठUक ह 0क आशा क पीछ-पीछ वषाद भी घरता ह ल0कन सच तो यह ह 0क वधय- क जMरत इसलए

पड़ती ह 0क बनयाद वध खो गई ह अगर तम म कर सको तो 0कसी वध क जMरत नह ह म 9 वय सबस बड़ी वध

ल0कन म कVठन ह एक तरह स असभव म का अथ ह अपन को ह अपनी चतना स नकाल बाहर करना और उसक

जगह अपन अहकार क जगह दसर को 9 थापत करना म का अथ ह अपनी जगह दसर को 9 थापत करना मान- 0क अब

तम नह ह सफ दसरा ह

`या पाल सा कहता ह 0क दसर नरक ह और वह सह ह + य-0क दसरा तZ हार लए नरक ह बनाता ह ल0कन सा गलत

भी हो सकता ह + य-0क दसरा अगर नरक ह तो वह 9 वग भी हो सकता ह

अगर तम वासना स जीत हो तो दसरा नरक ह + य-0क तम उस gt यि+ त क हlt या करन म4 लग हो तम उस व9 त म4 बदलन

म4 लग हो तब वह gt यि+ त भी त02या म4 तZ ह4 व9 त बनाना चाहगा और उसस ह नरक पदा होता ह

तो सब पत-पlt नी एक दसर क लए नरक पदा कर रह ह + य-0क हरक दसर पर मल0कयत करन म4 लगा ह मल0कयत

सफ चीज4 क हो सकती ह वयि+ तय- क नह तम 0कसी व9 त को तो अधकार म4 कर सकत हो ल0कन 0कसी gt यि+ त को

अधकार म4 नह कर सकत ल0कन तम gt यि+ त पर अधकार करन क कोशश करत हो और उस कोशश म4 gt यि+ त बन

जाता ह तब तम भी मझ व9 त बनान क कोशश करोग उसस ह नरक बनता ह

तम अपन कमर म4 अकल बठ हो और तभी तZ ह4 अचानक पता चलता ह 0क कोई चाबी क छद स भीतर झाक रहा ह गौर स

दखो 0क + या होता ह तZ ह4 कोई बदलाहट महसस हई तम + य- इस झाकन वाल पर नाराज होत हो उसन तZ ह4 व9 त म4

बदल Vदया वह झाक रहा ह और झाक कर उसन तZ ह4 व9 त बना Vदया आcज+स बना Vदया उसन ह तZ ह4 बचनी होती

और वह बात उस आदमी क साथ होगी अगर तम उस चाबी क छद क पास आकर बाहर दखन लगो तो दसरा gt यि+ त घबरा

जाएगा एक Qण पहल वह O टा था और तम aशय थ अब वह अचानक पकड़ा गया और तZ ह4 दखत हए पकड़ा गया और

अब वह व9 त बन गया ह

जब कोई तZ ह4 दख रहा ह तो तZ ह4 लगता ह 0क मर 9 वतता बाधत हई नषट हई यह कारण ह 0क मपा को छोड़कर

तम 0कसी को घर नह सकत टकटक लगाकर दख नह सकत अगर तम म म4 नह हो तो वह घरना कMप होगा Vहसक

होगा हा अगर तम म म4 हो तो वह घरना सदर ह + य-0क तब तम घरकर 0कसी को व9 त म4 नह बदल रह हो तब तम

दसर क आख स सीध झाक सकत हो तब तम दसर क आख म4 गहर वश कर सकत हो तम उस व9 त म4 नह बदलत

बिY क तZ हारा म उस gt यि+ त बना दता ह यह कारण ह 0क सफ मय- को घरना सदर होता ह शष सब घरना कMप ह

गदा ह

मानि9वद कहत ह 0क तम 0कसी gt यि+ त को अगर वह अजनबी ह 0कतनी दर तक घरकर दख सकत हो इसक सीमा ह

तम इसका नरQण करो और तZ ह4 पता चल जाएगा 0क इसक अवध 0कतनी ह इस समय क सीमा ह उसस एक Qण

` यादा घर- और दसरा gt यि+ त 2 हो जायगा सावजनक Mप स एक चलती हई नजर Qमा क जा सकती ह + य-0क उसस

लगगा 0क तम दख भर रह थ घर नह रह थ aिO ट गड़ा कर दखना दसर बात ह

अगर म_ तZ ह4 चलत-चलत दख लता ह तो उसस कोई सबध नह बनता ह या म_ गजर रहा ह और तम मझ पर नगाह डाल-

तो उसस कछ बनता-Bबगड़ता नह ह वह अपराध नह ह ठUक ह ल0कन अगर तम अचानक tककर मझ दखन लगो तो

तम नरQक हो गए तब तZ हार aिO ट स मझ अड़चन होगी और म_ अपमानत अनभव कMगा तम कर कया रह हो म_

gt यि+ त ह व9 त नह यह कोई दखन का ढग ह

इसी वजह स कपड़ महlt वपण हो गए ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तभी तम उसक समQ नगन हो सकत हो + य-0क

िजस Qण तम नगन होत हो तZ हारा समचा शरर aिO ट का वषय बन जाता ह कोई तZ हार पर शरर को नहार रहा ह

और अगर वह तZ हार म म4 नह ह तो उसक आख तZ हार पर शरर को तZ हार पर अि9 ततव को व9 त म4 बदल द4गी

ल0कन अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम उसक सामन ल` जा महसस 0कए Bबना ह नगन हो सकत हो बिY क तZ ह4

नगन होना रास आएगा + य-0क तम चाहोग 0क यह Mपातरकार म तZ हार पर शरर को gt यि+ त म4 MपातPरत कर द

जब भी तम 0कसी को व9 त म4 बदलत हो तो वह कतय अनतक ह ल0कन अगर तम म स भर हो तो उस म भर Qण म4

घटना यह आनद 0कसी भी वषय क साथ सभव हो जाता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

अचानक तम अपन को भल गए हो दसरा ह ह और तब वह सह Qण आएगा जब 0क तम पर क पर अनपि9 थत हो

जाओग तब दसरा भी अनपि9 थत हो जाएगा और तब दोन- क बीच वह धG यता घटती ह मय- क यह अनभत ह

यह आनद एक अात और अचतन L यान क कारण घटता ह जहा दो मी ह वहा धीर-धीर दोन- अनपि9 थत हो जात हो

और वहा एक श असततव बचता ह िजसम4 कोई अहकार नह ह कोई CवCव नह ह वहा मा सवाद ह साहचय ह

सहभागता ह उस सभोग म4 ह आनद उतरता ह वह समझना गलत ह 0क यह आनद तZ ह4 0कसी दसर स मला ह वह

आनद आया ह + य-0क तम अनजान ह एक गहर L यान वध म4 उतर गय हो

तम यह सचतन भी कर सकत हो और जब सचतन करत हो तो तम और गहर जात हो + य-0क तब तम वषय स बध नह

हो यह रोज ह होता ह जब तम 0कसी को म करत हो तो तम जो आनद अनभव करत हो उसका कारण दसरा नह ह

उसका कारण बस म ह और म + य- कारण ह + य-0क यह घटना ह यह स घटता ह

ल0कन तब तम एक गलतफहमी स सत हो जात हो तम सोचत हो 0क अ या ब क सािG नधय क कारण यह आनद घटा

और तम सोचत हो 0क मझ अ को अपन कc ज म4 करना चाVहए + य-0क अ क उपि9 थत क Bबना मझ यह आनद नह

मलता और तम ईO याल हो जात हो तZ ह4 डर लगन लगता ह 0क अ 0कसी दसर क कc ज म4 न चला जाय + य-0क तब

दसरा आनVदत होगा और तम दःखी होओग इसलए तम प+ का कर लना चाहत हो 0क अ 0कसी और क कबज म4 न जाए

अ को तZ हार ह कc ज म4 होना चाVहए + य-0क उसक Cवारा तZ ह4 0कसी और लोक क झलक मल

ल0कन िजस Qण तम मालकयत क चO टा करत हो उसी Qण उस घटना का सब सqदय सब कछ नषट हो जाता ह जब

म पर कc जा हो जाता ह म समापत हो जाता ह तब मी सहज एक व9 त होकर रह जाता ह तम उसका उपयोग कर

सकत हो ल0कन 0फर वह आनद नह घVटत होगा वह आनद तो दसर क gt यि+ त होन स आता ह दसरा तो नमत हआ

था तमन उसक भीतर gt यि+ त को नमत 0कया था उसन तZ हार भीतर वह 0कया था तब कोई आcज+स नह था तब

दोन- दो जीवत नजात थ ऐसा नह था एक gt यि+ त था और दसरा व9 त ल0कन ` य- ह तमन माल0कयत क 0क आनद

असभव हो गया

और मन सदा 9 वामतव करना चाहगा + य-0क मन सदा लोभ क भाषा म4 सोचता ह सोचता ह 0क एक Vदन जो आनद

मला वह रोज-रोज मलना चाVहए इसलए मझ 9 वामतव जMर ह ल0कन यह आनद ह तब घटता ह जब सवामतव क

बात नह रहती और आनद दसर क कारण नह तZ हार कारण घटता ह यह समरण रह 0क आनद तZ हार कारण घटता ह

+ य-0क तम दसर म4 इतना समाVहत हो गए 0क आनद घVटत हआ

यह घटना गलाब क फल क साथ भी घट सकती ह चान या वQ या 0कसी भी चीज क साथ घट सकती ह एक बार तम उस

ि9 थत स पPरचत हो गए िजसम4 यह आनद घटता ह तो वह कह भी घट सकता ह यVद तम जानत हो 0क तम नह हो ओ

0कसी गहन म म4 तम दसर क और वाVहत हो जाए तो अहकार तZ ह4 छोड़ दता ह और अहकार क उस अनपि9 थत म4

आनद फलत होता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-19 (ओशो) क0 =1त होन क सातवी वध

शवत-सmdashवध-19 ndashओशो( 9नतबो पर बठो)

lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बना सफ 9नतब2 पर बठो अचानक क0 =1त हो जाओगlsquorsquo

चीन म4 ताओ वाVदय- न सVदय- स इस वध को योग 0कया ह यह एक अvत वध ह और बहत सरल भी

इस योग करो lsquorsquoपाव- या हाथ- को सहारा Vदए Bबना सफ नतब- पर बठो अचानक क4 Vत हो जाओगlsquorsquo

इसम4 करना + या ह इसक लए दो चीज4 जMर ह एक तो बहत सवदनशील शरर चाVहए जो 0क तZ हार पास नह ह

तZ हारा शरर मदा ह वह एक बोझ ह सवदनशील Bबलकल नह ह इसलए पहल तो उस सवदनशील बनाना होगा

अG यथा यह वध काम नह करगी म_ पहल तZ ह4 बताऊगा 0क शरर को सवदनशील कस बनाया जाएmdashखासकर नतब

को

तZ हार जो नतब ह वह तZ हार शरर का सब स सवदनशील अग ह उस सवदनहन होना पड़ता ह + य-0क तम सारा Vदन

नतब पर ह बठ रहत हो अगर वह बहत सवदनशील हो तो अड़चन होगी तZ हार नतब को सवदनहन होना जMर ह पाव

क तलव जसी उसक दशा ह नरतर उन पर बठ-बठ पता नह चलता 0क तम नतब- पर बठ हो इसक पहल + या कभी

तमन उG ह4 महसस 0कया ह अब कर सकत हो ल0कन पहल कभी नह 0कया और तम पर िजदगी उन पर ह बठत होmdash

Bबना जान उनका काम ह ऐसा ह 0क व बहत सवदनशील नह हो सकत

तो पहल तो उG ह4 सवदनशील बनाना होगा एक बहत सरल उपाय काम म4 लाओ यह उपाय शरर क 0कसी भी अग क लए

काम आ सकता ह तब शरर सवदनशील हो जाएगा एक कसy पर वkाम पवक शथल होकर बठो आख बद कर लो और

शथल होकर कसy पर बठो और बाए हाथ को दाVहन हाथ पर महसस करो कोई भी चलगा बाए हाथ को महसस करो शष

शरर को भल जाओ और बाए हाथ को महसस करो

तम िजतना ह उस महसस करोग वह उतना ह भार होगा ऐस बाए हाथ को महसस करत जाओ पर शरर को भल जाओ

बाए हाथ को ऐस महसस करो जस तम बाया हाथ ह हो हाथ ` यादा स ` यादा भार होता जाए जस-जस वह भार होता

जाए वस-वस उस और भार महसस करो और तब दखो 0क हाथ म4 + या हो रहा ह

जो भी उlt तजना मालम हो उस मन म4 नोट कर लोmdashकोई उlt तजना कोई झटका कोई हलक गत सबको मन म4 नोट करत

जाओ इस तरह रोज तीन स] ताह तक योग जार रखो Vदन क 0कसी समय भी दस-पह मनट तक यह योग करो बाए

हाथ को महसस करो और सार शरर को भल जाओ

तीन स] ताह क भीतर तZ ह4 अपन एक नए बाए हाथ का अनभव होगा और वह इतना सवदनशील होगा इतना जीवत और

तब तZ ह4 हाथ क सQम और नाजक सवदनाओ का भी पता चलन लगगा

जब हाथ सध जाए तो नतब पर योग करो तब यह योग करो आख4 बद कर लो और भाव करो 0क सफ दो नतब ह तम

नह ह अपनी सार चतना को नतब पर जान दो यह कVठन नह ह अगर योग करो तो यह आR चयजनक ह अvत ह

उसस शरर म4 जा जीवतता का भाव आता ह वह अपन आप म4 बहत आनददायक ह और जब तZ ह4 अपन नतब- का

एहसास होन लग जब व खब सवदनशील हो जाए जब भीतर कछ भी हो उस महसस करन लगो छोट सी हलचल नG ह

सी पीड़ा भी महसस करन लगो तब तम नरQण कर सकत हो जान सकत हो तब समझो 0क तZ हार चतना नतब- स

जड़ गयी

पहल हाथ स योग शM करो + य-0क हाथ बहत सवदनशील ह एक बार तZ ह4 यह भरोसा हो जाए 0क तम अपन हाथ को

सवदनशील बना सकत हो तब वह भरोसा तZ ह4 तZ हार नतब को सवदनशील बनान म4 मदद करगा और तब इस वध

को योग म4 लाओ इसलए इस वध को योग म4 लाओ इसलए इस वध म4 वश करन क लए तZ ह4 कम स कम छह

स] ताह क तयार करनी चाVहए तीन स] ताह हाथ क साथ और तीन स] ताह नतब- क साथ उG ह4 ` यादा स ` यादा

सवदनशील बनाना ह

Bबसतर पर पड़-पड़ शरर को Bबलकल भल जाओ इतना ह याद रखो 0क सफ दो नतब बच ह 9 पश अनभव करोmdash

Bबछावन क चादर का सद का या धीर-धीर आती हई उO णता का अपन 9 नान टब म4 पड़-पड़ शरर को भल जाओ नतब-

को ह समरण रखो

उG ह4 महसस करो दवार स नतब सटाकर खड़ हो जाओ और दवार क ठडक को महसस करो अपनी मका या पत क

साथ नतब स नतब मलाकर खड़ जाओ और एक-दसर को नतब- क Cवारा महसस करो यह वध महज तZ हार नतब

को पदा करन क लए ह उG ह4 उस ि9 थत म4 लान क लए जहा व महसस करन लग4

और जब इस वध को काम म4 लाओ lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बनाhelliplsquorsquo

जमीन पर बठो पाव- या हाथ- क सहार क Bबना सफ नतब- क सहार बठो इसम4 ब का पासन काम करगा या

सCघासन या कोई मामल आसन भी चलगा ल0कन अf छा होगा 0क हाथ का उपयोग न करो सफ नतब- क सहार रहो

नतब- पर ह बठो और तब + या करो आख बद कर लो और नतब- का जमीन क साथ 9 पश महसस करो और च0क

नतब सवदनशील हो चक ह इसलए तZ ह4 पता चलगा 0क एक नतब जमीन को अधक 9 पश कर रहा ह उसका अथ हआ

0क तम एक नतब पर ` यादा झक हए हो और दसरा जमीन स कम सटा हआ ह और तब दसर नतब पर बार-बार स

झकत जाओ और तब धीर-धीर सतलन लाओ

सतलन लान का अथ ह 0क तZ हार दोन- नतब एक सा अनभव करत ह दोन- क ऊपर तZ हारा भार Bबलकल समान हो और

तब तZ हार नतब सवदनशील हो जाएग तो यह सतलन कVठन नह होगा तZ ह4 उसका एहसास होगा और एक बार दोन-

नतब सतलन म4 आ जाए तो तम क4 पर पहच गए उस सतलन म4 तम अचानक अपन नाभ क4 पर पहच जाओग और

भीतर क4 Vत हो जाओग तब तम अपन नतब- को भल जाओग अपन शरर को भल जाओग तब तम अपन आतPरक क4

पर ि9 थत होओग

इसी वजह स म_ कहता ह 0क क4 नह क4 Vत होना महlt वपण ह चाह वह घटना दय म4 या सर म या नतब म4 घVटत हो

उसका महतव नह ह तमन ब- को बठ दखा होगा तमन नह सोचा होगा 0क व अपन नतब- का सतलन 0कए बठ ह

0कसी मVदर म4 जाओ और महावीर को बठ दखो या ब को बठ दखो तमन नह सोचा होगा 0क यह बठना नतब- का सतलन

भर ह यह वह ह और जब असतलन न रहा तो सतलन स तम क4 Vत हो गए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-20 (ओशो) क0 =1त होन क आठवी वध

वान भरव त-शव भाग-1 त-सmdashवध-20( ओशो)

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवारा अनभव को )ापत हो या 6कसी अचल वाहन म0 अपन को मद स मदतर

होत अ_शय वतल2 म0 झलन दन स भीlsquorsquo

दसर ढग स यह वह ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4helliphelliphelliplsquorsquo

तम रलगाड़ी या बलगाड़ी स याा कर रह हो जब यह वध वकसत हई थी तब बलगाड़ी ह थी तो तम एक Vहद9तानी

सड़क परmdashआज भी सडक4 वसी ह हmdashबलगाड़ी म4 याा कर रह हो ल0कन चलत हए अगर तZ हारा सारा शरर Vहल रहा ह

तो बात gt यथ हो गई

lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क कारणhelliphelliplsquorsquo

लयव ढग स झल- इस बात को समझो बहत बारक बात ह जब भी तम 0कसी बलगाड़ी या 0कसी वाहन म4 चलत हो तो

तम तरोध करत होत हो बलगाड़ी बाई तरफ झकती ह ल0कन तम उसका तरोध करत हो तम सतलन रखन क लए

दाई तरफ झक जात हो अG यथा तम गर जाओग इसलए तम नरतर तरोध कर रह हो बल गाड़ी म4 बठ-बठ तम

बलगाड़ी क Vहलन-डलत स लड़ रह हो वह इधर जाती ह तो तम उधर जात हो यह वजह ह 0क रलगाड़ी म4 बठ-बठ तम थक

जात हो तम कछ करत नह हो तो थक + य- जात हो अG यथा ह तम बहत कछ कर रह हो तम नरतर रलगाड़ी स लड़ रह

हो तरोध कर रह हो

तरोध मत करो यह पहल बात ह अगर तम इस वध को योग म4 लाना चाहत हो तो तरोध छोड़ दो बिY क गाड़ी क

गत क साथ-साथ गत करो उसक गत क साथ-साथ झल- बलगाड़ी का अग बन जाओ तरोध मत करो रा9 त पर

बलगाड़ी जो भी कर तम उसक अग बनकर रहो इसी कारण याा म4 बf च कभी नह थकत ह

पनम हाल ह म4 लदन स अपन दो बf च- क साथ आई ह चलत समय वह भयभीत थी 0क इतनी लबी याा क कारण बf च4

थ जाएग बीमार हो जाएग वह थक गई और व हसत हए यहा पहच वह जब यहा पहची तो थक कर चर-चर हो गई थी

जब वह मर कमर म4 वषट हई वह थकावट स टट रह थी और दोन- बf च4 वह तरत खलन लग गय लदन स बबई

अठारह घट क याा ह ल0कन व जरा भी थक नह + य- + य-0क अभी व तरोध करना नह जानत ह

एक पय+ कड़ सार रात बलगाड़ी म4 याा करगा और सबह वह ताजा का ताजा रहगा ल0कन तम नह कारण यह ह 0क

पय+ कड़ भी तरोध नह करता ह वह गाड़ी क साथ गत करता ह वह लड़ता नह ह वह गाड़ी क साथ झलता ह और

एक हो जाता ह

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphelliplsquorsquo

तो एक काम करो तरोध मत करो और दसर बात 0क एक लय पदा करो अपन Vहलन डलन4 म4 लय पदा कर उस लय म4

बाध- उसम एक छद पदा करो सड़क को भल जाओ सड़क या सरकार को गालया मत दो उG ह4 भी भल जाओ वस ह बल

और बलगाड़ी को या गाड़ीवान को गाल मत दो उG ह4 भी भल जाओ आख4 बद कर लो तरोध मत करो लयव ढग स

गत करो और अपनी गत म4 सगीत पदा करो उस एक नतय बना लो

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphellipअनभव को )ापत होlsquorsquo

स कहता ह 0क तZ ह4 अनभव ापत हो जाएगा

lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4helliplsquorsquo

यह मत पछो 0क बलगाड़ी कहा मलगी अपन को धोखा मत दो

+ य-0क यह स कहता ह lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह बठ-बठ हए वतल म4 झल- घम- वतल को छोट स छोटा 0कए जाओmdashइतना छोटा 0क तZ हारा शरर aशय स झलता

हआ न रह ल0कन भीतर एक सQम गत होती रह आख बद कर लो और बड़ वतल स शM कर आख बद कर लो अG यथा

जब शरर Mक जाएगा तब तम भी Mक जाओग आख बद करक बड़ वतल को छोटा और छोटा 0कए चलो

aशय Mप स तम Mक जाओग 0कसी को नह मालम होगा 0क तम अब भी Vहल रह हो ल0कन भीतर तम एक सQम गत

अनभव करत रहोग अब शरर नह चल रहा ह कवल मन चल रहा ह उस भी मद स मदतर 0कए चलो और अनभव करो

वह क4 Vत हो जाओग 0कसी वाहन म4 0कसी चलत वाहन म4 एक अतरोध और लयब गत तZ ह4 क4 Vत हो जाओग

गMिजएफ न इन वधय- क लए अनक नतय नमत 0कए थ वह इस वध पर काम करता था वह अपन आkम म4

िजतन नlt य- का योग करता था वह सच म4 वतल म4 झमन स सबधत थ सभी नतय वतल म4 चककर लगान स सबधत

ह बाहर चककर लगाकर लगाना होता भीतर होश पण रहना होता 0फर व धीर-धीर वतल को छोटा और छोटा 0कए जात ह

तब एक समय आता ह 0क शरर ठहर जाता ह ल0कन भीतर मन गत करता रहता ह

अगर तम लगातार बीस घट तक रलगाड़ी म4 सफर करक घर लोट- और घर म4 आख बद करक दखो तो तZ ह4 लगगा 0क तम

अब भी गाड़ी म4 याा कर रह हो शरर तो ठहर गया ह ल0कन मन का लगता ह 0क यह गाड़ी म4 ह ह वस ह इस वध का

योग करो गरिजएफ न अvत नतय पदा 0कए और सदर नतय इस सद म4 उसन सचमच चमlt कार 0कया ह व चमlt कार

सतय साu बाबा क चमlt कार नह थ साई बाबा क चमlt कार तो कोई गल-गल 0फरन वाला मदार भी कर सकता ह ल0कन

गMिजएफ न असल चमlt कार पदा 0कए L यान पण नतय क लए उसन सौ नतक- क एक मडल बनाई और पहल बार

उसन G ययाक क एक समह क सामन उनका दशन 0कया

सौन नतक मच पर गोल-गोल नाच रह थ उG ह4 दखकर अनक दशक- क भी सर घमन लग ऐस सफद पोशाक म4 व सौ

नतक नतय करत थ जब गMिजएफ हाथ- स नतय का सकत करता था तो व नाचत थ और ` य- ह वह Mकन का इशारा

करता था व पतथर क तरह ठहर जात थ और मच पर सG नाटा हो जाता था वह Mकना दशक- क लए था नतक- क लए

नह + य-0क शरर तो तरत Mक सकता ह ल0कन मन तब नतय को भीतर ल जाता ह और वहा नतय चलता रहता ह

उस दखना भी एक सदर अनभव था 0क सौ लोग अचानक मत मत य- जस हो जात ह उसक दशक- म4 एक आघात पदा

होता था + य-0क सौ नतय सदर और लयव नltय अचानक ठहरकर जाम हो जात थ तम दख रह हो 0क व घम रह ह

गोल-गोल नाच रह ह और अचानक सब नतक ठहर गए तब तZ हारा वचार भी ठहर जाता ह G ययाक म4 अनक को लगा

0क यह तो एक बबझ रह9 यपण नतय ह + य-0क उनक वचार भी उसक साथ तरत ठहर जात थ ल0कन नतक- क लए

नतय भीतर चलता रहता था भीतर नतय क वतल छोट स छोट होत जात थ और अत म4 वह क4 Vत हो जात थ

एक Vदन ऐसा हआ 0क सार नतक नाचत हए मच क 0कनार पर पहच गए लोग सोचत थ 0क अब गMिजएफ उG ह4 रो द4ग

अG यथा व दशक- क भीड़ पर गर पड़4ग सौ नतक नाचत-नाचत मच क 0कनार पर पहच गए ह एक कदम और और व

नीच दशक- पर गर पड़4ग सार दशक इस तीQा म4 थ 0क गMिजएफ tको कहकर उG ह4 वह रो दगा ल0कन उसी Qण

गMिजएफ न उनक तरफ स मख फर लया और पीठ कर क खड़ा हो कर अपना सगार चलान लगा और सौ नतक- क पर

मडल मच स नीच नग फश पर गर पड़ी

सभी दशक उठ खड़ हए उनक चीख़4 नकल गई गरना इस धमाक क साथ हआ था 0क उG ह4 लगा 0क अनक दशक- क हाथ

पर टट गए ह-ग ल0कन एक भी gt यि+ त को चोट नह लगा थी 0कसी को खर-च तक भी नह आई थी

उG ह-न गMिजएफ स पछा 0क + या हआ 0क एक आदमी भी घायल नह हआ जब 0क नतक- का नीच गरना इतना बड़ा था

यह तो एक असभव घटना मालम होती ह

कारण इतना ह था 0क उस Qण नतक अपन शरर- म4 नह थ व अपन भीतर क वतल- को मदतर 0कए जा रह थ और जब

गरिजएफ न दखा 0क व पर तरह अपन शरर- को भल गय ह तब उसन उG ह4 नीच गरन Vदया

तम जब शरर को Bबलकल भल जात हो तो कोई तरोध नह रह जाता ह और हडी तो टटती ह तरोध क कारण जब

तम गरन लगत हो तो तम तरोध करत हो अपन को गरन स रोकत हो गरत समय तम गtltवाकषण क वM सघष

करत हो और वह तरोध वह सघष समसया बन जाता ह गtltवाकषण नह तरोध स हडी टटती ह अगर तम

गMlt वाकषण क साथ सहयोग करो उसक साथ-साथ गरो तो चोट लगन क कोई सभावना नह ह

स कहता ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क Cवारा अनभव को ापत हो या 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद

स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह तम ऐस भी कर सकत हो वाहन क जMरत नह ह जस बf च4 गोल-गोल घमत ह वस गोल-गोल घम- और जब

तZ हारा सर घमन लग और तZ ह4 लग 0क अब गर जाऊगा तो भी नाचना बद मत करो नाचत रहो अगर गर भी जाओ तो

0फ2 मत करो आख बद कर लो और नाचत रहो तZ हारा सर चकर खान4 लगगा और तम गर जाओग तZहारा शरर

गर जाए तो भीतर दखो भीतर नाचना जार रहगा उस महसस करो वह नकट स नकटतर होता जाएगा और अचानक

तम क4 Vत हो जाओग

बf च इसका खब मजा लत ह + य-0क इसस उG ह4 बहत ऊजा मलती ह ल0कन उनक मा-बाप उG ह4 नाचन स रोकत ह जो

0क अf छा नह ह उG ह4 नाचन दना चाVहए उG ह4 इसक लए उlt साVहत करना चाVहए और अगर तम उG ह4 अपन भीतर क

नाच स पPरचत करा सको तो तम उG ह4 उसक Cवारा L यान सखा दोग

व इसम रस लत ह + य-0क शरर-शG यता का भाव उनम4 ह जब व गोल-गोल नाचत ह तो बf च- को अचानक पता चलता ह

0क उनका शरर तो नाचता ह ल0कन व नह नाचत अपन भीतर व एक तरह स क4 Vत हो गए महसस करत ह + य-0क

उनक शरर और आlt मा म4 अभी दर नह बनी ह दोन- क बीच अभी अतराल ह हम सयान लोग- को यह अनभव इतनी

आसानी स नह हो सकता

जब तम मा क गभ म4 वश करत हो तो तरत ह शरर म4 नह वषट हो जात हो शरर म4 वषट होन म4 समय लगता ह

और जब बf चा जनम लता ह तब भी वह शरर स पर तरह नह जड़ा होता ह उसक आlt मा पर तरह ि9 थत नह होती ह

दोन- क बीच थोड़ा अतराल बना रहता ह यह कारण ह 0क कई चीज4 बf चा नह कर सकता उसका शरर तो उG ह4 करन को

तयार ह ल0कन वह नह कर पाता

अगर तमन खयाल 0कया हो तो दखा होगा नवजात शश दोन- आख- स दखन म4 समथ नह होत ह व सदा एक आख स

दखत ह तमन गौर 0कया होगा 0क जब बf च कछ दखत ह नरQण करत ह तो दोन- आख- स नह करत व एक आख स

ह दखत ह उनक वह आख बड़ी हो जाती ह दखत Qण उनक एक आख क पतल फल कर बड़ी हो जाती ह और दसर

पतल छोट हो जाती ह बf च अभी ि9 थर नह हए ह उनक चतना अभी ि9 थर नह ह उनक चतना अभी ढलndashढल ह

धीर-धीर वह ि9 थर होगी और तब व दोन- आख स दखन लग4ग

बf च4 अभी अपन और दसर क शरर म4 फक करना नह जानत ह यह कVठन ह व अभी अपन शरर स पर तरह नह जड

ह यह जोड़ धीर-धीर आएगा

L यान 0फर स अतराल पदा करन क चO टा ह तम अपन शरर स जड़ गए हो शरर क साथ ठोस हो चक हो तभी तो तम

समझत हो 0क म_ शरर ह अगर 0फर स एक अतराल बनाया जा सक तो 0फर समझन लगोग 0क म_ शरर नह ह शरर स

पर कछ ह इसलए झलना और गोल-गोल घमना सहयोगी होत ह व अतराल पदा करत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-21( ओशो) क0 =1त होन क नौवी वध

शव त-सmdashवध-21 6कसी अग को सई स भदोndashओशो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 6कसी अग को सई स भदो और भ1ता क साथ उस भदन म0 )वश करो और आत(रक शX को

उपलबध होओlsquorsquo

यह स कहता ह lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद-helliplsquorsquo

तZ हारा शरर मा शरर नह ह वह तमस भरा ह और यह तम अमत हो अपन शरर को भद- उसम4 छद करो जब तम

अपन शरर को छदत सफ शरर छदता ह ल0कन तZ ह4 लगता ह 0क तम ह छद गए इसी स तZ ह4 पीड़ा अनभव होती ह

और अगर तZ ह4 यह बोध हो 0क सफ शरर छदा ह म_ नह छदा ह तो पीड़ा क 9 थान पर आनद अनभव करोग

सई स भी छद करन क जMरत नह ह रोज ऐसी अनक चीज4 घVटत होती ह िजG ह4 तम L यान क लए उपयोग म4 ला सकत

हो या कोई ऐसी ि9 थत नमत भी कर सकत हो

तZ हार भीतर कह कोई पीड़ा हो रह ह एक काम करो शष शरर को भल जाओ कवल उस भाग पर मन को एका करो

िजसम पीड़ा ह और तब एक अजीब बात अनभव म4 आएगी जब तम पीड़ा वाल भाग पर मन को एका करोग तो दखोग4

0क वह भाग सकड़ रहा ह छोटा हो रहा ह पहल तमन समझा था 0क पर पाव म4 पीड़ा ह ल0कन जब एका होकर उस

दखोग4 तो मालम होगा 0क दद पाव म4 नह ह वह तो अतशयोि+ त ह दद सफ घटन म4 ह

और ` यादा एका होओ और तम दखोग4 0क दद पर घटन म4 नह ह एक छोट स Bबद म4 ह सफ उस Bबद पर एकाता

साधो शष शरर को भल जाओ आख4 बद रखो और एकाता को बढ़ाए जाओ और खोज- 0क पीड़ा कहा ह पीड़ा का Q

सकड़ता जाएगा छोट स छोटा हो जाएगा और एक Qण आएगा जब वह मा सई क नोक पर रह जाएगा उस सई क

नोक पर भी एकाता क नजर गड़ाओ और अचानक वह नोक भी वदा हो जाएगी और तम आनद स भर जाओग पीड़ा क

बजाए तम आनद स भर जाओग

ऐसा + य- होता ह + य-0क तम और तZ हार शरर एक नह ह व दो ह अलग-अलग ह वह जो एका होता ह वह तम हो

एकाता शरर पर होती ह शरर वषय ह जब तम एका होत हो तो अतराल बड़ा होता ह तादाlt मय टटता ह एकाता क

लए तम भीतर सरक पड़त हो और यह दर जाना अतराल पदा करता ह

जब तम पीड़ा पर एकाता साधत हो तो तम तादाlt मय भल जात हो तम भल जात हो 0क मझ पीड़ा हो रह ह अब तम

O टा हो और पीड़ा कह दसर जगह ह तम अब पीड़ा को दखन वाल हो भोगन वाल नह भो+ ता क O टा म4 बदलन क

कारण अतराल पदा होता ह और जब अतराल बड़ा होता ह तो अचानक तम शरर को Bबलकल भल जात हो तZ ह4 सफ

चतना का बोध होता ह

तो तम इस वध का योग भी कर सकत हो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद- और भता क साथ उस भदन म4 वश करोhelliphelliplsquorsquo

अगर कोई पीड़ा हो तो पहल तZ ह4 उसक पर Q पर एका होना होगा 0फर धीर-धीर वह Q घटकर सई क नोक क बराबर

रह जाएगा ल0कन पीड़ा क तीQा + या करनी तम एक सई स काम ल सकत हो शरर क 0कसी सवदनशील अग पर सई

चभोओ पर शरर म4 ऐस भी कई सथल ह जो मत ह उनस काम नह चलगा

तमन शरर क इन मत 9 थल- क बार म4 नह सना होगा 0कसी म क हाथ म4 एक सई द दो और तम बठ जाओ और म स

कहो 0क वह तZ हार पीठ म4 कई 9 थल- पर सई चभाए कई 9थल- पर तZ ह4 पीड़ा का एहसास नह होगा तम म स कहोग

0क तमन सई अभी नह चभोई ह मझ दद नह हो रहा ह व ह मत सथल ह तZ हार गाल पर ह ऐस दो मत सथल ह

िजनक जाच क जा सकती ह

अगर तम भारत क गाव म4 जाओ तो दखोग4 0क धामक lt योहार- क समय कछ लोग अपन गाल- को तीन स भद दत ह वह

चमlt कार जसा मालम होता ह ल0कन चमlt कार ह नह गाल पर दो मत सथल ह अगर तम उG ह4 छद- तो न खन

नकलगा और न पीडा ह होगी तZ हार पीठ म4 तो ऐस हजार- मत सथल ह वहा पीड़ा नह होती

तो तZ हार शरर म4 दो तरह क सथल हmdashसवदनशील जीवत सथल और मत सथल कोई सवदनशील सथल खोज- जहा

तZ ह4 जरा स 9 पश का भी पता चल जायगा तब उसम सई चभोकर चभन म4 वश कर जाओ वह असल बात ह वह

L यान ह और भता क साथ भदन म वश कर जाओ जस-जस सई तZ हार चमड़ी क भीतर वश करगी और तZ ह4 पीड़ा

होगी वस-वस तम भी उसम वश करत जाओ यह मत दखो 0क तZ हार भीतर पीड़ा वश कर रह ह पीड़ा को मत दखो

उसक साथ तादZ यता करो सई क साथ चभन क साथ तम भी भीतर वश करो आख4 बद कर लो पीड़ा का नरQण करो

जस पीड़ा भीतर जाए वस तम भी अपन भीतर जाओ चभाती हई सई क साथ तZ हारा मन आसानी स एका हो जाएगा

पीड़ा क तीi पीड़ा क उस Bबद को गोर स दखो वह भता क साथ भदन म वश करना हआ

lsquorsquoऔर आतPरक श को उपलबध होओlsquorsquo

अगर तमन नरQण करत हए तादाlt मय न करत हए अलग दर खड़ रहत हए Bबना यह समझ हए 0क पीड़ा तZ ह4 भद रह

ह बिY क यह दखत हए 0क सई शरर को भद रह ह और तम O टा हो वश 0कया तो तम आतPरक शता को उपलबध हो

जाओग तब आतPरक नद|षता तम पर कट हो जाएगी तब पहल बार तZ ह4 बोध होगा 0क म_ शरर नह ह

और एक बार तमन जाना 0क म_ शरर नह ह तZ हारा सारा जीवन आमल बदल जाएगा + य-0क तZ हारा सारा जीवन शरर

क इद-गद चककर काटता रहता ह एक बार जान गए 0क म_ शरर नह ह तम 0फर इस जीवन को नह ढो सकत उसका

क4 ह खो गया जब तम शरर नह रह तो तZ ह4 दसरा जीवन नमत करना पड़गा वह जीवन सG यासी का जीवन ह यह

और ह जीवन होगा + य-0क अब क4 ह और होगा अब तम ससार म4 शरर क भात नह बिY क आlt मा क भात रहोग

जब तक तम शरर क तरह रहत हो तब तक तZ हारा ससार भौतक उपलिc धय- का लोभ भोग वासना और कामकता का

ससार होगा और वह ससार शरर धान ससार होगा ल0कन जब जान लया ह 0क म_ शरर नह ह तो तZ हारा सार ससार

वलन हो जाता ह तम अब उस सZ हालकर नह रख सकत हो तब एक दसरा ससार उदय होगा जो आlt मा क इद-गद

होगा वह ससार कMणा म सqदय सतय शभ और नद|षता का ससार होगा क4 हट गया वह अब शरर म4 नह ह अब

क4 चतना म4 ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-22 (ओशो) क0 =1त होन क दसवी वध

त स- शव वान भरव त वध -22 ओशो

lsquorsquoअपन अवधान को ऐसी जगह रखो जहा अतीत क 6कसी घटना को दख रह हो और अपन शरर को भी प क वतमान

लIण खो जायग और तम पात(रत हो जाओगlsquorsquo

तम अपन अतीत को याद कर रह हो चाह वह कोई भी घटना हो तZ हारा बचपन तZ हारा म पता या माता क मlt य कछ

भी हो सकता ह उस दखो ल0कन उसस एकातम मत होओ उस ऐस दखो जस वह 0कसी और जीवन म4 घटा ह उस ऐस

दखो जस वह घटना पदw पर 0फर घट रह हो 0फY माई जा रह हो और तम उस दख रह होmdashउसस अलग तटसथ साQी क

तरह

उस 0फलम म4 कथा म4 तZ हारा बीता हआ Mप 0फर उभर जाएगा यVद तम अपनी कोई म-कथा समरण कर रह हो अपन

म क पहल घटना तो तम अपनी मका क साथ 9 मत क पदw पर कट होओग और तमहारा अतीत का Mप मका क

साथ उभर आएगा अG यथा तम उस याद न कर सकोग अपन इस अतीत क Mप स भी तादाlt मय हटा लो पर घटना को

ऐस दखो मानो कोई दसरा पMष 0कसी दसर 9 ी को म कर रहा हो मानो पर कथा स तZ हारा कछ लना-दना नह ह तम

महज aO टा हो

यह वध बहत-बहत बनयाद ह इस बहत योग म4 लाया गयाmdashवशषकर ब क Cवारा और इस वध क अनक कार

ह इस वध क योग का अपना ढग तम खद खाज ल सकत हो उदाहरण क लए रात म4 जब तम सोन लगो गहर नीद म4

उतरन लगो तो पर Vदन क अपन जीवन को याद करो इस याद क Vदशा उलट होगी यानी उस सबह स न शM कर वहा स

शM करो जहा तम हो अभी तम Bब9 तर म4 पड़ हो तो Bबसतर म4 लटन स शM कर पीछ लोट- और इस कार कदम-कदम

पीछ चलकर सबह क उस पहल घटना पर पह चो जब तम नीद स जाग थ अतीत समरण क इस 2म म4 सतत याद रखो 0क

पर घटना स तम पथक हो अछत हो

उदाहरण क लए पछल पहर तZ हारा 0कसी न अपमान 0कया था तम अपन Mप को अपमानत होत दखो ल0कन O टा

बन रहो तZ ह4 उस घटना म4 0फर नह उलझना ह 0फर 2ोध नह करना ह अगर तमन 2ोध 0कया तो तादाlt मय पदा हो

गया तब L यान का Bबद तZ हार हाथ स छट गया

इसलए 2ोध मत करो वह अभी तZ ह4 अपमानत नह कर रहा ह वह तZ हार पछल पहर क Mप को अपमानत कर रहा ह

वह Mप अब नह ह तम तो एक बहती नद क तरह हो िजसम4 तZ हार Mप भी बह रह ह बचपन म4 तZ हारा एक Mप था अब

वह नह रहा वह जा चका नद क भात तम नरतर बदलत जा रह हो

रात म4 L यान करत हए जब Vदन क घटनाओ को उलट 2म म4 त2म म4 याद करो तो L यान रह 0क तम साQी हो कता

नह 2ोध मत करो वस ह जब तZ हार कोई शसा कर तो आलाVदत मत होओ 0फलम क तरह उस भी उदासीन होकर

दखो

त2मण बहत उपयोगी ह खासकर उनक लए िजG ह4 अना क तकलफ हो अगर तZ ह4 ठUक स नीद आती ह अना

का रोग ह तो यह योग तZ ह4 बहत सहयोगी होगा + य- + य-0क यह मन को खोलन का नJथ करन का उपाय ह जब

तम पीछ लौटत हो तो मन क तह4 उघड़न लगती ह सबह म4 जस घड़ी म4 चाबी दत हो वस तम अपन मन पर भी तह4 लगाता

शM करत हो Vदन भर म4 मन पर अनक वचार- और घटनाओ क स9 कार जब जात ह मन उनस बोlझल हो जाता ह अधर

और अपण स9 कार मन म4 झलत रहत ह + य-0क उनक घVटत होत समय उG ह4 दखन का मौका नह मला था

इस लए रात म4 0फर उG ह4 लौटकर दखोmdashत2म म4 यह मन क नJथ क सफाई क 02या ह और इस 02या म4 जब

तम सबह Bबसतर स जागत क पहल घटना तक पहचोग तो तZ हारा मन 0फर स उतना ह ताजा हो जाएगा िजतना ताजा

बह सबह था और तब तZ ह4 वसी नीद आएगी जसी छोट बf च को आती ह

तम इस वध को अपन पर अतीत जीवन म4 जान क लए भी उपयोग कर सकत हो महावीर न त2मण क इस वध का

बहत उपयोग 0कया

अभी अमPरका म4 एक आदोलन ह िजस डायनVटकस कहत ह व इसी वध का उपयोग करता ह यह रोग मानसक मालम

होता ह तो उसक लए + या 0कया जाए यVद 0कसी को कहा 0क तZ हारा रोग मानसक मालम होता ह तो उसस बात बनन

क बजाए Bबगड़ती ह यह सनकर 0क मरा रोग मानसक ह 0कसी भी gt यि+ त को बरा लगता ह तब उस लगता ह 0क अब

कोई उपाय नह ह और वह बहत अहसास महसस करता ह

त2मण एक चमlt काPरक वध ह अगर तम पीछ लौटकर अपन मन क गाठ4 खोल- तो तम धीर-धीर उस पहल Qण को

पकड़ सकत हो जब यह रोग शM हआ था उस Qण को पकड़कर तम पता चलगा 0क यह रोग अनक मानसक घटनाओ और

कारण- स नमत हआ ह त2मण स व कारण 0फर स कट हो जात ह

अगर तम उसी Qण स गजर सको िजसम पहल पहल इस रोग न तZ ह4 घरा था अचानक तZ ह4 पता चल जाएगा 0क 0कन

मनोवानक कारण- स यह रोग बना था तब तZ ह4 कछ करना नह ह सफ उन मनोवानक कारण- को बोध म4 ल आना

ह इस त2मण स अनक रोग- क थया टट जाती ह और अतत रोग वदा हो जाता ह िजन थय- को तम जान लत

हो व थया वसिजत हो जाती ह और उनस बन रोग समापत हो जात ह

यह वध गहर रचन क वध ह अगर तम इस रोज कर सको तो तZ ह4 एक नया 9 वासथ और एक नई ताजगी का अनभव

होगा और अगर हम अपन बf च- को रोज इसका योग करना सखा द4 तो उG ह4 उनका अतीत कभी बोझल नह बना

सकगा तब बf च- को अपन अतीत म4 लौटन क जMरत नह रहगी व सदा यहा और अब यानी वतमान म4 रह4ग

तब उन पर अतीत का थोड़ा सा भी बोझ नह रहगा व सदा 9 वचछ और ताजा रह4ग

तम इस रोज कर सकत हो पर Vदन को इस तरह उलट 2म स पन खोलकर दख लन स तZ ह4 नई अत aिOट ापत होती ह

तZ हारा मन तो चाहगा 0क याद- को सलसला सबह स शM कर4 ल0कन उसस मन नJथक नह होता उलट पर चीज

दहरा कर और मजबत हो जाती ह इस लए सबह स शM करना गलत होगा

भारत म4 ऐस अनक तथाकथत गt ह जो सखात ह 0क पर Vदन का पनरावलोकन करो और इस 02या को सबह स शM

करो ल0कन यह गलत और नकसानदह ह उसस मन मजबत होगा और अतीत का जाल बड़ा और गहरा हो जाएगा

इसलए सबह स R याम क तरफ कभी मत चलो सदा पीछ क और गत करो और तभी तम मन को पर तरह नJथ कर

पाओग खाल कर पाओग 9 वचछ कर पाओग

मन तो सबह स शM करना चाहगा + य-0क वह आसान ह मन उस 2म को भलभात जानता ह उसम4 कोई अड़चन नह

ह त2मण म4 भी मन उछल कर सबह पर चला जाता ह और 0फर आग चला चलगा वह गलत ह वसा मत करो सजग

हो जाओ और त2म स चलो

इसम4 मन को शmQत करन क लए अनय उपाय भी काम म4 लाए जा सकत ह सौ स पीछ क तरह गनना शM करोmdash

नGयानव अानव सltतानव त2म स सौ स एक तक गनो इसम भी अड़चन होगी + य-0क मन क आदत ह एक स

सौ 0क और जान क ह सौ स एक क और जान क नह इसी 2म म4 घटनाओ को पीछ लौटकर समरण करना ह

+ या होगा पीछ लौटत हए मन को 0फर स खोलकर दखत हए तम साQी हो जाओग अब तम उन चीज- को दख रह हो जो

कभी तZ हार साथ घVटत हई थी ल0कन अब तZ हार साथ घVटत नह हो रह ह अब तो तम सफ साQी हो और व घटनाए

मन क पदw पर घVटत हो रह ह

अगर इस L यान को रोज जार रखो तो 0कसी Vदन अचानक तZ ह4 दकान पर या दpतर म4 काम करत हए r याल होगा 0क + य-

नह अभी घटन वाल घटनाओ क त भी साQी भाव रख जाए अगर समय म4 पीछ लौटकर जीवन क घटनाओ को दखा

जा सकता ह उनका गवाह हआ जा सकता ह Vदन म4 0कसी न तZ हारा अपमान 0कया थ और तम Bबना 2ोधत हए उस

घटना को 0फर स दख सकत होmdashतो + या कारण ह 0क उस घटनाओ को जो अभी घट रह ह नह दखा जा सकता ह

कVठनाई + या ह

कोई तZ हारा अपमान कर रहा ह तम अपन को घटना स पथक कर सकत हो और दख सकत हो 0क कोई तZ हारा अपमान

कर रहा ह तम यह भी दख सकत हो 0क तम अपन शरर स अपन मन स और उसस भी जो अपमानत हआ ह पथक हो

तम सार चीज क गवाह हो सकत हो और अगर ऐस गवाह हो सको तो 0फर तZ ह4 2ोध नह होगा 2ोध तब असभव हो

जायगा 2ोध तो तब सभव होता ह जब तम तादाlt मय करत हो अगर तादाlt मय नह ह तो 2ोध असभव ह 2ोध का अथ

तादाlt मय ह

यह वध कहती ह 0क अतीत क 0कसी घटना को दखो उसम4 तZ हारा Mप उपि9 थत होगा यह स तZ हार नह तZ हार Mप

क बात करता ह तम तो कभी वहा थ ह नह सदा 0कसी घटना म4 तZ हारा Mप उलझता ह तम उसम नह होत जब तम

मझ अपमानत करत हो तो सच म4 तम मझ अपमानत नह करत तम मरा अपमान कर ह नह सकत कवल मर Mप का

अपमान कर सकत हो म_ जो Mप ह तZ हार लए तो उसी क उपि9 थत अभी ह और तम उस अपमानत कर सकत हो

ल0कन म_ अपन को अपन Mप स पथक कर सकता ह

यह कारण ह 0क Vहद-Mप स अपन को पथक करन क बात पर जोर दता ह तम तZ हारा नाम Mप नह हो तम वह चतनय

हो जो नाम Mप को जानता ह और चतनय पथक ह 9 वथा पथक ह

ल0कन यह कVठन ह इसलए अतीत स शM करो वह सरल ह + य-0क अतीत क साथ कोई ताlt कालकता का भाव नह

रहता ह 0कसी न बीस साल पहल तZ ह4 अपमानत 0कया था उसम4 ताlt कालकता का भा अब कस होगा वह आदमी मर

चका होगा और बात समापत हो गई ह यह एक मदा घटना ह अतीत स याद क हई उसक त जागMक होना आसान ह

ल0कन एक बार तम उसक त जागना सीख गए तो अभी और यहा होन वाल घटनाओ क त भी जाना हो सकता ह

ल0कन अभी और यहा स आरभ करना कVठन ह सम9 या इतनी ताlt कालक ह नकट ह जMर ह 0क उसम गत करन क

लए जगह ह कहा ह थोड़ा दर बनाना और घटना स पथक होना कVठन बात ह

इसीलए स कहता ह 0क अतीत स आरभ करो अपन ह Mप को अपन स अलग दखो और उसक Cवारा MपातPरत हो

जाओ

इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग + य-0क यह नJथन हmdashएक गहर सफाई ह धलाई ह और तब तम जान-ग 0क समय

म4 जो तZ हारा शरर ह तZ हारा मन ह अि9 ततव ह वह तZ हारा वा9 तवक यथाथ नह ह वह तZ हारा सतय नह ह सार-

सतय सवथा भनन ह उस सतय स चीज4 आती जाती ह और सतय अछता रह जाता ह तम अ9 पशत रहत हो नद|ष

रहत हो कवार रहत हो सब कछ गजर जाता ह परा जीवन गजर जाता ह शभ और अशभ सफलता और वफलता शसा

और नदा सब कछ गजर जाता ह रोग और 9 वा9 थय जवानी और बढ़ापा जनम और मlt य सब कछ gt यतीत हो जाता ह

और तम अछत रहत हो

ल0कन इस अ9 पशत सतय को कस जाना जाए

इस वध का वह उपयोग ह अपन अतीत स आरभ करो अतीत को दखन क लए अवकाश उपलबध ह अतराल उपलबध

ह पPरQय सभव ह या भवषय को दखो भवषय का नरQण करो ल0कन भवषय को दखना भी कVठन ह सफ थोड

स लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह ह कवय- और कY पनाशील लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह

ह व भवषय को ऐस दख सकत ह जस व 0कसी यथाथ को दखत ह ल0कन सामानयत अतीत को उपयोग म4 लाना अf छा

ह तम अतीत म4 दख सकत हो

जवान लोग- क लए भवषय म4 दखना अf छा रहता ह उनक लए भवषय म4 झाकना सरल ह + य-0क व भवO योG मख

होत ह बढ लोग- क लए मlt य क सवाय कोई भवषय नह ह व भवषय म4 नह दख सकत ह व भयभीत ह यह वजह ह

0क बढ़ लोग सदा अतीत क सबध म4 वचार करत ह व पन-पन अपन अतीत क 9 मत म4 घमत रहत ह ल0कन व भी वह

भल करत ह व अतीत स शM कर वतमान क और आत ह यह गलत ह उG ह4 त2मण करना चाVहए

अगर व बार-बार अतीत म4 त2म स लौट सक4 तो धीर-धीर उG ह4 महसस होगा 0क उनका सारा अतीत बह गया तब कोई

आदमी अतीत स चपक Bबना अटक Bबना मर सकता ह अगर तम अतीत को अपन स चपकन न दो अतीत म4 न अटक-

अतीत को हटाकर मर सको तब तम सजग मरोग तब तम पर बोध म4 पर होश म4 मरोग और तब मlt य तZ हार लए मlt य

नह रहगी बिY क वह अमत क साथ मलन म4 बदल जाएगी

अपनी पर चतना को अतीत क बोझ स मकत कर दो उसस अतीत क मल को नकालकर उस श कर दो और तब तZ हारा

जीवन MपातPरत हो जाएगा

योग करो यह उपाय कVठन नह ह सफ अL यवसाय क सतत चOटा क जMरत ह वध म4 कोई अतभत कVठनाई नह

ह यह सरल ह और तम आज स ह इस शM कर सकत हो आज ह रात अपन Bबसतर म4 लट कर शM करो और तम बहत

सदर और आनVदत अनभव करोग परा Vदन 0फर स गजर जाएगा

ल0कन जY दबाजी मत करो धीर-धीर पर 2म स गजर- ता0क कछ भी aिO ट स चक नह यह एक आRचयजनक अनभव

ह + य-0क अनक ऐसी चीज4 तZ हार नगाह क सामन आएगी िजG ह4 Vदन म4 तम चक गय थ Vदन म4 बहत gt यसत रहन क

कारण तम बहत सदर चीज4 चकत हो ल0कन मन उG ह4 भी अपन भीतर इका करता जाता ह तZ हार बहोशी म4 भी मन

उनको हण करता जाता ह

तम सड़क पर जा रह हो और कोई आदमी गा रहा था हो सकता ह 0क तमन उसक गीत पर कोई L यान नह Vदया हो तZ ह4

यह भी बोध न हआ हो 0क तमन उसक आवाज भी सनी ल0कन तZ हार मन न उसक गीत को भी सना और अपन भीतर

9 मत म4 रख लया था अब वह गीत तZ ह4 पकड़ रहगा वह तZ हार चतना पर अनावशयक बोझ बना रहगा

तो पीछ लौट कर दखो ल0कन बहत धीर-धीर उसम गत करो ऐसा समझो 0क पदw पर बहत धीमी गत स कोई 0फलम

Vदखायी जा रह ह ऐस ह अपन बीत Vदन क छोट स छोट घटना को गौर स दखो उसक गहराई म4 जाओ और तब तम

पाओग 0क तZ हारा Vदन बहत बड़ा था वह सचमच बड़ा था + य-0क मन को उसम अनगनत सचनाए मल और मन न

सबको इका कर लया

तो त2मण करो धीर-धीर तम उस सबको जानन म4 सQम हो जाओग िजG ह4 तZ हार मन न Vदन भर म4 अपन भीतर

इका कर लया था वह टप Pरकाडर जसा ह और तम जस-जस पीछ जाओग मन का टप पछता जाएगा साफ होता

जाएगा और तब तक तम सबह क घटना क पास पहचोग तZ ह4 नीद आ जाएगी और तब तZ हार नीद क गणवता और

होगी वह नीद भी Lयान पण होगी

और दसर Vदन सबह नीद स जागन पर अपनी आख- को तरत मत खोल- एक बार 0फर रात क घटनाओ म4 त2म स

लोट- आरभ म4 यह कVठन होगा शM म4 बहत थोड़ी गत होगी कभी कोई 9 वपन का अश उस 9 वपन का अश िजस ठUक

जागन क पहल तम दख रह थ Vदखाई पड़गा ल0कन धीर-धीर तZ ह4 ` यादा बात4 समरण आन लग4गी तम गहर वश

करन लग-ग और तीन महन क बाद तम समय क उस छोर पर पहच जाओग जब तZ ह4 नीद लगी थी जब तम सो गए थ

और अगर तम अपनी नीद म4 त2म स गहर उतर सक तो तZ हार नीद और जागरण क गणवता Bबलकल बदल जाएगी

तब तZ ह4 सपन नह आएग तब सपन gt यथ हो जाय4ग अगर Vदन और रात दोन- म4 तम त2मण कर सक तो 0फर सपन-

क जMरत नह रहगी

अब मनोवानक कहत ह 0क सपना भी मन को 0फर स खोलन खाल करन क 02या ह और अगर तम 9 वय यह काम

त2मण क Cवारा कर लो तो 9 वपन दखन जMरत ह नह रहगी सपना इतना ह तो करता ह 0क जो कछ मन म4 अटका

ह अधरा पडा था अपण था उस वह परा कर दता ह

तम सड़क स गजर रह थ और तमन एक सदर मकान दखा और तZ हार भीतर उस मकान को पान क सQम वासना पदा हो

गई ल0कन उस समय तम दpतर जा रह थ और तZ हार पास Vदवा-9 वपन दखन का समय नह था तम उस कामना को

टाल गय तZ ह4 यह पता भी नह चला 0क मन न मकान को पान क कामना नमत कर ल ह ल0कन यह कामना अब भी

मन क 0कसी कोन म4 अटक पड़ी ह और अगर तमन उस वहा स नह हटाया तो वह तZ हार नीद मिR कल कर दगी

नीद क कVठनाई यह बताती ह 0क तZ हारा Vदन अभी भी तम पर हावी ह और तम उसस मकत नह हो पा रह हो तब रात म4

तम 9 वपन दख4ग 0क तम उस मकान क मालक हो गए हो और अब तम उस मकान म4 वास कर रह हो और िजस Qण यह

9 वपन घVटत होता ह + य-0क सपन तZ हार अधर चीज- को परा करन म4 सहयोगी होत ह

और ऐसी चीज4 ह जो पर नह हो सकती तZ हारा मन अनगल कामनाए 0कए जाता ह व यथाथ म4 पर नह हो सकती तो

+ या 0कया जाए व अधर कामनाए तZ हार भीतर बनी रहती ह और तम आशा 0कए जात हो सोच वचार 0कए जात हो तो

+ या 0कया जाए तZ ह4 एक सदर 9 ी Vदखाई दती ह और तम उसक त आकषत हो गए अब उस पान क कामना तZ हार

भीतर पदा हो गई जो हो सकता ह सभव न हो हो सकता ह वह 9 ी तZ हार तरफ ताकना भी पसद न कर तब + या हो

9 वपन यहा तZ हार सहायता करता ह 9 वपन म4 तम उस 9 ी को पा सकत हो और तब तZ हारा मन हलका हो जाएगा

जहा तक मन का सबध ह 9 वपन और यथाथ म4 कोई फक नह ह मन क तल पर + या फक 0कसी 9 ी को यथाथत म

करन और सपन म4 म करन म4 + या फक ह

कोई फक नह ह अगर फक ह तो इतना ह 0क 9 वपन यथाथ स ` यादा सदर होगा 9 वपन क 9 ी कोई अड़चन नह खड़ी

करगी 9 वपन तZ हारा और उसम तम जो चाह कर सकत हो वह 9 ी तZ हार लए कोई बाधा नह पदा करगी वह तो ह ह

नह तम ह हो वहा कोई अड़चन नह ह तम जो चाहो कर सकत हो मन क लए कोई भद नह ह मन 9 वपन और यथाथ

म4 कोई भद नह कर सकता ह

उदाहरण क लए तZ ह4 यVद एक साल क लए बहोश करक रख Vदया जाए और उस बहोशी म तम सपन दखत रहो तो एक

साल तक तZ ह4 Bबलकल पता नह चलगा 0क जो भी तम दख रह हो वह सपना ह सब यथाथ जसा लगगा और 9 वपन साल

भर चलता रहगा मनोवानक कहत ह 0क अगर 0कसी gt यि+ त को सौ साल क लए कौमा म4 रख Vदया जाए तो वह सौ

साल तक सपन दखता रहगा और उस Qण भर क लए भी सदह नह होगा 0क जो म_ कर रहा ह वह 9 वपन ह और यVद

कोमा म4 ह मर जाएगा तो उस कभी पता नह चलगा 0क मरा जीवन एक 9 वपन था सच नह था

मन क लए कोई भद नह ह सतय और 9 वपन दोन- समान ह इसलए मन अपन को सपन- म4 भी नJथ कर सकता ह

अगर इस वध का योग करो तो सपना दखन क जMरत नह ह तब तZ हार नीद क गणवता ह पर तरह स बदल

जायगी + य-0क सपन- क अनपि9 थत म4 तम अपन अि9 ततव क आlt यतक गहराई म4 उतर सकोग और तब नीद म4 भी

तZ हारा बोध कायम रहगा

कषण गीता म4 यह बात कह रह ह 0क जब सभी गहर नीद म4 होत ह तो योगी जागता रहता ह इसका यह अथ नह 0क योगी

नह सोता योगी भी सोता ह ल0कन उसक नीद का गणधम भनन ह तZ हार नीद ऐसी ह जस नश क बहोशी होती ह

योगी क नीद गाढ़ वkाम ह िजसम कोई बहोशी नह रहती ह उसका सारा शरर वkाम म4 होता ह एक-एक कोश

वkाम म4 होता ह वहा जरा भी तनाव नह रहता और बड़ी बात 0क योगी अपनी नीद क त जागMक रहता ह

इस वध का योग करो आज रात स ह योग शM करो और 0फर सबह भी इसका योग करना एक स] ताह म4 तZ ह4

मालम होगा 0क तम वध स पPरचत हो गए हो एक स] ताह क बाद अपन अतीत पर योग करो बीच म4 एक Vदन क छी

रख सकत हो 0कसी एकात 9 थान म4 चल जाओ अf छा हो 0क उपवास कराmdashउपवास और मौन एकात सम तट पर या

0कसी झाड़ क नीच लट रहो वहा स उसी Bबद स अपन अतीत म4 वश करो अगर तम सम तट पर लट हो तो रत को

अनभव करो धप को अनभव करो और तब पीछ क और सरको और सरकत चल जाओ अतीत म4 गहर उतरत चल जाओ

दखो 0क कौन सी आlखर बात समरण आती ह

तZ ह4 आR चय होगा 0क सामानयत तम बहत कछ समरण नह कर सकत हो सामानयत अपनी चार या पाच वष क उ क

आग नह जा सकोग िजनक याददाशत बहत अf छU ह व तीन वष क सीमा तक जा सकत ह उसक बाद अचानक एक

अवरोध मलगा िजसक आग सब कछ अधरा मलगा ल0कन अगर तम इस वध का योग करत रह तो धीर-धीर यह

अवरोध टट जाएगा तम अपन जनम क थम Vदन को भी याद कर पाओग

और वह एक बड़ा रह9योCघाटन होगा तब धप बाल और सागर तट पर लौटकर तम एक दसर ह आदमी होग4

यVद तम kम करो तो तम गभ तक जा सकत हो तZ हार पास मा क पट क 9 मतया ह मा क साथ नौ महन होन क बात4

भी तZ ह4 याद ह तZ हार मन म4 उन नौ महन- क कथा भी लखी ह जब तZ हार मा दःखी हई थी तो तमन उसको भी मन म4

लख लया था + य-0क मा क दःखी होन स तम भी दःखी हय थ तम अपनी मा क साथ इतन जड थ सयकत थ 0क जो

कछ तZ हार मा को होता था वह तZ ह4 भी होता था जब वह 2ोध करती थी तो तम भी 2ोध करत थ जब वह खश थी तो

तम भी खश थ जब कोई उसक शसा करता था तो तम भी शसत होत थ और जब वह बीमार होती थी तो उसक पीड़ा

स तम भी पीWडत होत थ

यVद तम गभ क 9 मत म4 वश कर सको तो समझो 0क मल गई और जब तम और गहर उतर सकत हो तब तम उस

Qण को भी याद कर सकत हो जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था इसी जात समरण क कारण महावीर और ब कह

सक 0क पवजनम ह और पनजनम काई सात नह ह वह एक गहन अनभव ह

और अगर तम उस Qण क 9 मत को पकड़ सको जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था तो तम उसस भी आग जा सकत

हो तम अपन पव जीवन क मlt य को भी याद कर सकत हो और एक बार तमन उस Bबद को छ लया तो समझो 0क वध

तZ हार हाथ लग गई तब तम आसानी स अपन सभी पव जG म- म4 गत कर सकत हो

यह एक अनभव ह और इसक पPरणाम आR चयजनक ह जब तZ ह4 पता चलता ह 0क तम जG म- ndashजG म- स उसी gt यथता

को जी रह हो जो अभी तZ हार जीवन म4 ह एक ह मढ़ता को तम जG म--जG म- म4 दहरात रह हो भीतर ढग ढाचा वह ह

सफ ऊपर-ऊपर थोड़ा फक ह अभी तम इस 9 ी क म म4 हो कल 0कसी अनय 9 ी क म म_ थ कल तमन धन बटोरा था

आज भी धन बटोर रह हो फक इतना ह 0क कल क स+ क और थ आज क स+ क और ह ल0कन सारा ढाचा वह ह जो

पनरावltत होता रहा ह

और एक बार तम दख लो 0क जG म-ndashजG म- स एक ह तरह क मढ़ता एक द9च2 क भात घमती रह ह तो अचानक तम

जाग जाओग और तZ हारा परा अतीत 9 वपन स ` यादा नह रहगा तब वतमान सVहत सब कछ 9 वपन जसा लगगा तब

तम उसस सवथा टट जाओग और अब नह चाहोग 0क भवषय म4 0फर स मढ़ता दोहर तब वासना समापत हो जाएगी

+ य-0क वासना भवषय म4 अतीत का Qपण ह उसस अधक कछ नह ह तZ हारा अतीत का अनभव भवषय म4 दहराना

चाहता ह वह तZ हार कामना ह चाह ह

परान अनभव को 0फर स भोगन क चाह 0क कामना ह ओर जब तक तम इस पर 02या क त होश पण नह होत हो तब

तक वासना स मकत नह हो सकत कस हो सकत हो तZ हारा समसत अतीत एक अवरोध बनकर खड़ा ह चान क तरह

तZ हार सर पर सवार ह और वह तZ ह4 तZ हार भवषय क और धका रहा ह अतीत कामना को जनम दकर उस भवषय म4

Qपत करता ह

अगर तम अपन अतीत को 9 वपन क तरह जान जाओ तो सभी कामनाए बाझ हा जाएगी और कामनाओ क गरत ह

भवषय समापत हो जाता ह और इस अतीत और भवषय क समाि] त क साथ तम MपातPरत हो जात हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

त-सmdashवध-23 (ओशो) क0 =1त होन क ` यारहवी वध

6कसी वषय को अनभव करो वान भरव त-शव (ओशो)

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करो

6फर वषय-भाव और अनपिJ थ9त भाव को भी छोड़कर आP मोपलबध होओlsquorsquo

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोlsquorsquo

कोई भी वषय उदाहरण क लए एक गलाब का फल हmdashकोई भी चीज चलगी

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोhelliprsquorsquo

दखन स काम नह चलगा अनभव करना ह तम गलाब क फल को दखत हो ल0कन उसस तZ हारा दय आदोलत नह

होता ह तब तम गलाब को अनभव नह करत हो अG यथा तम रोत और चीखत अG यथा तम हसत और नाचत तम गलाब

को महसस नह कर रह हो तम सफ गलाब को दख रह हो

और तZ हारा दखना भी परा नह ह अधरा ह तम कभी 0कसी चीज को परा नह दखत अतीत हमशा बीच म4 आता ह गलाब

को दखत ह अतीत-9 मत कहती ह 0क यह गलाब ह और यह कहकर तम आग बढ़ जात हो ल0कन तब तमन सच म4

गलाब को नह दखा जब मन कहता ह 0क यह गलाब ह तो उसका अथ हआ 0क तम इसक बार म4 सब कछ जानत हो

+ य-0क तमन बहत गलाब दख ह मन कहता ह 0क अब और + या जानना ह आग बढ़ो और आग बढ़ जात हो

यह दखना अधरा ह यह दखना-दखना नह ह गलाब क फल क साथ रहो उस दखो और 0फर उस महसस करो उस

अनभव करो अनभव करन क लए + या करना ह उस 9 पश करो उस सघो उस गहरा शारPरक अनभव बनन दो पहल

अपनी आख- को बद करो और गलाब को अपन पर चहर को छन दो इस 9 पश को महसस करो 0फर गलाब को आख स

9 पश करो 0फर गलाब को नाक स सधो 0फर गलाब क पास दय को ल जाओ और उसक साथ मौन हो जाओ गलाब को

अपना भाव अपत करो सब कछ भल जाओ सार दनया को भल जाओ गलाब क साथ समत रहो

lsquorsquoअपन सामन 0कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय- क अनपि9 थत को अनभव करो

यVद तZ हारा मन अनय चीज- क सबध म4 सोच रहा ह तो गलाब का अनभव गहरा नह जाएगा सभी अनय गलाब- को भल

जाओ सभी अनय लोग- को भल जाओ सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब हो यह गलाब

सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब को तZ ह4 आf छाVदत कर लन दो समझो 0क तम इस

गलाब म4 डब गय हो

यह कVठन होगा + य-0क हम इतन सवदनशील नह ह ल0कन ि9 य- क लए यह उतना कVठन नह होगा + य-0क व 0कसी

चीज को आसानी स महसस करती ह पMष- क लए यह ` यादा कVठन होगा हा अगर उनका सqदय बोध वकसत हो

कव चकार या सगीतकार का सqदय बोध वकसत होता ह तो बात और ह तब व भी अनभव कर सकत ह ल0कन

इसका योग करो

बf च यह योग बहत सरलता स कर सकत ह म_ अपन एक म क बट को यह योग सखाता था यह 0कसी चीज को

आसानी स अनभव करता था 0फर म_न उस गलाब का फल Vदया और उसस यह सब कहा जो तZ ह4 अब कह रहा ह उसन

यह 0कया और कहा 0क म_ गलाब का फल बन गया ह मरा भाव यह ह 0क म_ ह गलाब का फल ह

बf च इस वध को बहत आसानी स कर सकत ह ल0कन हम उG ह4 इसम4 शmQत नह करत शmQत 0कया जाए तो

बf च सवkषठ L यानी हो सकत ह

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करोlsquorsquo

म म4 यह घVटत होता ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम सार ससार को भल जात हो और अगर अभी भी ससार तZ ह4

याद ह तो भल भात समझो 0क यह म नह ह म म4 तम ससार को भल जात हो सफ मका या मी याद रहता ह

इसलए म_ कहता ह 0क म L यान ह तम इस वध को म-वध क Mप म4 भी उपयोग कर सकत हो अब अनय सब कछ

भल जाओ

कछ Vदन हए एक म अपनी पlt नी क साथ मर पास आए पlt नी को पत स कोई शकायत थी इसलए पlt नी आई थी

म न कहा 0क म_ एक वष स L यान कर रहा ह और लगती ह यह आवाज मर L यान म4 सहयोगी ह ल0कन अब एक

आR चय क घटना घटती ह जब म_ अपनी पlt नी क साथ सभोग करता ह और सभोग शखर छन लगता ह तब भी मर मह स

रजनीश-रजनीश क आवाज नकलन लगती ह और इस कारण मर पlt नी को बहत अड़चन होती ह वह अकसर पछती ह

0क तम म करत हो या L यान करत हो या + या करत हो और य रजनीश बीच म4 कस आ जात ह

उस म न कहा 0क मिR कल यह ह 0क अगर म_ रजनीश-रजनीश न चY लाउ तो सभोग का शखर चक जाता ह और

चY लाउ तो पlt नी पीWडत होती ह सह रोन चY लान लगती ह और मसीबत खड़ी कर दती ह तो उG ह-न मर सलाह पछU

और कहा 0क पlt नी को साथ लान का यह कारण ह

उनक पlt नी क शकायत दMसत ह + य-0क वह कस मान सकती ह 0क कोई दसरा gt यि+ त उनक बीच म4 आय यह कारण

ह 0क म क लए एकात जMर ह बहत जMर ह सब कछ को भलन क लए एकात अथपण ह

अभी यरोप और अमPरका म4 व समह सभोग का योग कर रह हmdashएक कमर म4 अनक जोड़ सभोग म4 उतरत ह यह मढ़ता

ह अlt यतक मढ़ता ह + य-0क समह म4 सभोग क गहराई नह छई जा सकती ह वह सफ काम 2ड़ा बन कर रह जाएगी

दसर- क उपि9 थत बाधा बन जाती ह तब इस सभोग को L यान भी नह बनाया जा सकता ह

अगर तम शष ससार को भल सको तो ह तम 0कसी वषय क म म4 हो सकत हो चाह वह गलाब का फल हो या पतथर हो

या कोई भी चीज हो शत यह ह 0क उस चीज क उपि9 थत महसस करो और अनय चीज- क अनपि9 थत महसस करो

कवल वह वषय व9 त तZ हार चतना म4 अि9 ततवगत Mप स रह

अf छा हो 0क इस वध क योग क लए कोई ऐसी चीज चनो जो तZ ह4 ीतकर हो अपन सामन एक चान रखकर शष

ससार को भलना कVठन होगा यह कVठन होगा ल0कन झन सदगओ न यह भी 0कया ह उG ह-न L यान क लए रॉक गाडन

बना रखा ह वहा पड़-पौध या फल नह होत पतथर और बाल होत ह और व पतथर पर L यान करत ह

व कहत ह 0क अगर 0कसी पतथर क त तZ हारा गहन म हो तो कोई भी आदमी तZ हार लए बाधा नह हो सकता और

मनषय चान जस ह तो ह अगर तम चान को म कर सकत हो तो मनषय को म करन म4 + या कVठनाई तब कोई

अड़चन नह ह मनषय चान जस ह उसस भी ` यादा पथरल उG ह4 तोड़ना उनम4 वश करना अत कVठन ह

ल0कन अf छा हो 0क कोई ऐसी चीज चनो िजसक त तZ हारा सहज म हो और तब शष ससार को भल जाओ उसक

उपि9 थत का मजा लो उसका 9 वाद लो आनद लो उस व9 त म4 गहर उतरो और उस व9 त को अपन म4 गहरा उतरन दो

lsquorsquo6फर वषय भाव को छोड़करhelliphelliplsquorsquo

अब इस वध का कVठन अश आता ह तमन पहल ह सब वषय छोड़ Vदए ह सफ यह एक वषय तZ हार लए रहा ह

सबको भलकर एक इस तमन याद रखा था अब lsquorsquoवषय भाव को छोड़करhelliplsquorsquo अब उस भाव को भी छोड़कर अब तो दो ह

चीज बची ह एक वषय क उपि9 थत ह और शष चीज- क अनपि9 थत ह अब उस अनपि9 थत को भी छोड़ दो कवल यह

ग लाब या कवल यह चहरा यह कवल यह 9 ी या कवल यह पMष या यह चान क उपि9 थत बची ह उस भी छोड़ दो और

उसक त जो भाव ह उस भी तम अचानक एक आlt यतक शनय म4 गर जात हो जहा कछ भी नह बचता

और शव कहत ह rsquorsquoआlt मोपलबध होओlsquorsquo इस शनय को इस ना-कछ को उपलबध हो यह तZ हारा 9 वभाव ह यह श

होना ह

शनय को सीध पहचना कVठन होगाmdashकVठन और kम-साधय इसलए 0कसी वषय को माधयम बनाकर वहा अf छा ह

पहल 0कसी वषय को अपन मन म4 ल लो और उस इस समता स अनभव करो 0क 0कसी अनय चीज को याद रखन क

जMरत न रह तZ हार समसत चतना इस एक चीज स भर जाए और तब इस वषय को भी छोड़ दो इस भी भल जाओ तब

तम 0कसी अगाध अतल म4 वOट हो जात हो जहा कछ भी नह ह वहा कवल तZ हार आlt मा ह श और नO कलष यह

श अि9 ततव यह श चतनय ह तZ हारा 9 वभाव ह

ल0कन इस वध को कई चरण- म4 बाटकर योग करो पर वध को एकबारगी काम म4 मत लाओ पहल एक वषय का

भाव नमत करो कछ Vदन तक सफ इस Vह9 स का योग करो पर वध का योग मत करो पहल कछ Vदन- तक या

कछ हpत- तक इस एक Vह9 स क पहल Vह9 स क साधना करो वषय-भाव पदा करो पहल वषय को महसस करो और

एक ह वषय चनो उस बार-बार बदल- मत + य-0क हर बदलत वषय क साथ तZ ह4 0फर-0फर उतना ह kम करना होगा

अगर तमन वषय क Mप म4 गलाब का फल चना ह तो रोज-रोज गलाब क फल का ह उपयोग करो उस गलाब क फल स

तम भर जाओ भरपर हो जाओ ऐस भर जाओ 0क एक Vदन कह सको क म_ फल ह ह तब वध का पहला Vह9 सा सध

गया परा हआ

जब फल ह रह जाए और शष सब कछ भल जाए तब इस भाव का कछ Vदन- तक आनद लो यह भाव अपन आप म4 सदर ह

बहत-बहत सदर ह यह अपन आप म4 बहत ाणवान ह शि+ तशाल ह कछ Vदन- तक यह अनभव करत रहो और जब

तम उसक साथ रच-पच जाओग लयवCध हो जाओग तो 0फर वह सरल हो जाएगा 0फर उसक लए सघष नह करना

होगा तब फल अचानक कट होता ह और समसत ससार भल जाता ह कवल फल रहता ह

इसक बाद वध क दसर भाग पर योग करो अपनी आख बद कर लो और फल को भी भल जाओ याद रह अगर तमन

पहल भाग को ठUक-ठUक साधा ह तो दसरा भाग कVठन नह होगा ल0कन यVद पर वध पर एक साथ योग करोग तो

दसरा भाग कVठन ह नह असभव होगा पहल भाग म4 अगर तमन एक फल क लए सार दनया को भला Vदया तो दसर

भाग म4 शनय क लए फल को भलाना आसानी स हो सकगा दसरा भाग आएगा ल0कन उसक लए पहल भाग पहल करना

जMर ह

ल0कन मन बहत चालाक ह मन सदा कहगा 0क पर वध को एक साथ योग करो ल0कन उसम तम सफल नह हो

सकत हो और तब मन कहगा 0क यह वध काम क नह ह या यह तZ हार लए नह ह

इसलए अगर सफल होना चाहत हो तो वध को 2म म4 योग करो पहल-पहल भाग को परा करो और तब दसर भाग को

हाथ म4 लो और तब वषय भी वलन हो जाता ह और मा तZ हार चतना रहती ह श काश श ` योत-शखा

कY पना करो 0क तZ हार पास दया ह और Vदए क रोशनी अनक चीज- पर पड़ रह ह मन क आख- स दखो 0क तZ हार

अधर कमर म4 अनक-अनक चीज4 ह और तम एक Vदया वहा लात हो और सब चीज4 काशत हो जाती ह दया उन सब

चीज- को काशत करता ह िजG ह4 तम वहा दखत हो

ल0कन अब तम उनम4 स एक वषय चन लो और उसी वषय क साथ रहो दया वह ह ल0कन अब उसक रोशनी एक ह

वषय पर पड़ती ह 0फर उस एक वषय को भी हटा दो और तब दए क लए कोई वषय नह बचा

वह बात तZ हार चतना क लए सह ह तम काश हो ` योत शखा हो और सारा ससार तZ हारा वषय ह तम सार ससार

को छोड़ दत हो और एक वषय पर अपन को एका करत हो तZ हार ` योत शखा वह रहती ह ल0कन अब वह अनक

वषय- म4 gt यसत नह ह वह एक ह वषय म4 gt यसत ह और 0फर उस एक वषय को भी छोड़ दो अचानक तब सफ काश

बचता ह चतना बचती ह वह काश 0कसी वषय को नह काशत कर रहा ह

इसी को ब न नवाण कहा ह इसी को महावीर न कवलय कहा ह परम एकात कहा ह उपनषादो न इस ह मान या

आlt मान कहा ह शव कहत ह 0क अगर तम इस वध को साध लो तो तम मान को उपलबध हो जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

  • ततर-सतरndashविधिmdash01
  • ततर-सतरmdashविधिmdash02
  • ततर-सतरmdashविधिmdash03
  • ततर-सतरmdashविधि-05
  • ततर-सतरmdashविधि-06
  • ततर-सतरmdashविधि-07
  • ततर-सतरmdashविधि-08
  • ततर-सतरmdashविधि-09
  • ततर-सतरmdashविधि-10
  • ततर-सतरmdashविधि-11
  • ततर-सतरmdashविधि-12
  • ततर-सतरmdashविधि-13
  • ततर-सतरmdashविधि-14
  • ततर-सतरmdashविधि-15 ओशो
  • ततर-सतरmdashविधि-16 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-17 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-18 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-19 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-20 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-21( ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-22 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-23 (ओशो)
Page 4: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह

होना चाVहए 0क वह वध सचमच तZ हार लए हो यVद तZ हार लए नह ह तो कछ नह होगा तब उसक साथ जG म--

जG म- तक योग करक भी कछ नह होगा

ल0कन य एक सौ बारह वधया तो समसत मानव-जात क लए ह और व उन सभी यग- क लए ह जो गजर गए ह और

आन वाल ह और 0कसी भी यग म4 एक भी एका आदमी नह हआ और न होन वाला ह ह जो कह सक 0क य सभी एक सौ

बारह वधया मर लए gt यथ ह असभव यह असभव ह

lt यक ढग क चत क लए यहा गजाइश ह त म4 lt यक 0कसम क चत क लए वध ह कई वधया ह िजनक उपयकत

आदमी अभी उपलबध नह ह व भवषय क लए ह और ऐसी वधया भी ह िजनक उपयकत मनषय रह ह नह व अतीत

क लए ह ल0कन डर मत जाना अनक वधया ह जो तZ हार लए ह ह

ओशो

वान भरव त

)वचनmdash1

भागmdash1( त स)

त-सndashवधmdash01

शव कहत ह

वान भरव तndashओशो

त-स धयान वधndash

ह दवी यह अनभव दो वास2 क बीच घ=टत हो सकता ह

वास क भीतर आन क प चात और बाहर लौटन क ठAक पवndash

Bयस ह कC याण ह

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आरभ क नौ वधया R वास-02या स सबध रखती ह इसलए पहल हम R वास-02या क सबध म4 थोड़ा समझ ल4 और

वधय- म4 वश कर4ग

हम जनम स मlt य क Qण तक नरतर R वास लत रहत ह इन दो Bबदओ क बीच सब कछ बदल जाता ह सब चीज बदल

जाती ह कछ भी बदल Bबना नह रहता ल0कन जनम और मlt य क बीच R वास 02या अचल रहती ह बf चा जवान होगा

जवान बढ़ा होगा वह बीमार होगा उसका शरर Mगण और कMप होगा सब कछ बदल जायगा वह सखी होगा दःखी

होगा पीड़ा म4 होगा सब कछ बदलता रहगा ल0कन इन दो Bबदओ क बीच आदमी R वास भर सतत लता रहगा

R वास 02या एक सतत वाह ह उसम4 अतराल सभव नह ह अगर तम एक Qण क लए भी R वास लना भल जाओ तो तम

समापत हो जाओग यह कारण ह 0क R वास लन का िजZ मा तZ हार नह ह नह तो मिR कल हो जायगी कोई भल जाय

R वास लना तो 0फर कछ भी नह 0कया जा सकता

इसलए यथाथ म4 तम R वास नह लत हो + य-0क उसम तZ हार जMरत नह ह तम गहर नीद म4 हो और R वास चलती

रहती ह तम गहर मf छा म4 हो और R वास चलती रहती ह R वासन तZ हार gt यि+ ततव का एक अचल ततव ह

दसर बात यह जीवन क अlt यत आवशयक और आधारभत ह इस लए जीवन और R वास पयायवाची हो गय इस लए

भारत म4 उस ाण कहत ह R वास और जीवन को हमन एक शबद Vदया ाण का अथ ह जीवन शि+ त जीवतता तZ हारा

जीवन तZ हार R वास ह

तीसर बात R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच एक सत ह सतत R वास तZ ह4 तZ हार शरर स जोड़ रह ह सबधत कर

रह ह और R वास न सफ तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह वह तZ हार और वशव क बीच भी सत ह तZ हारा शरर

वशव का अग ह शरर क हरक चीज हरक कण हरक कोश वशव का अश ह यह वशव क साथ नकटतम सबध ह और

R वास सत ह और अगर सत टट जाय तो तम शरर म4 नह रह सकत तम 0कसी अात आयाम म4 चल जाओग इस लए

R वास तZ हार और दश काल क बीच सत हो जाती ह

R वास क दो Bबद ह दो छोर ह एक छोर ह जहा वह शरर और वशव को छती ह और दसरा वह छोर ह जहा वह वR वातीत

को छती ह और हम R वास क एक ह Vह9 स स पPरचत ह जब वह वशव म4 शरर म4 गत करती ह ल0कन वह सदा ह

शरर स अशरर म4 गत करती ह अगर तम दसर Bबद को जो सत ह धi ह जान जाओ तम एकाएक MपातPरत होकर एक

दसर ह आयाम म4 वश कर जाओग

ल0कन याद रखो शव जो कहत ह वह योग नह ह वह त ह योग भी R वास पर काम करता ह ल0कन योग और त क

काम म4 बनयाद फक ह योग R वास-02या को gt यवि9 थत करन क चO टा करता ह अगर तम अपनी R वास को gt यव9 था दो

तो तZ हारा 9 वासथ सधर जायगा इसक रह9 य- को समझो तो तZ ह4 9 वासथ और दघ जीवन मलगा तम ` यादा बल

` यादा ओज9 वी ` यादा जीवत ` यादा ताजा हो जाओग

ल0कन त का इसस कछ लना दना नह ह त 9 वास क gt यव9 था क चता नह करता भीतर क और मड़न क लए वह

R वास 02या का उपयोग भर करता ह त म4 साधक को 0कसी वशष ढग क R वास का अ यास नह करना चाVहए कोई

वशष ाणायाम नह साधना ह ाण को लयव नह बनाना ह बस उसक कछ वशष Bबदओ क त बोधपण होना ह

R वास शवास क कछ Bबद ह िजG ह4 हम नह जानत हम सदा R वास लत ह R वास क साथ जG मत ह R वास क साथ मरत

ह ल0कन उसक कछ महतव पण Bबदओ को बोध नह ह और यह हरानी क बात ह मनषय अतPरQ क गहराइय- म4 उतर

रहा ह खोज रहा ह वह चाद पर पहच गया ह ल0कन वह अपन जीवन क इस नकटतम वद को समझ नह सका R वास क

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कछ Bबद ह िजस तमन कभी दखा नह ह व Bबद Cवार ह तZ हार नकटतम Cवार ह िजनस होकर तम एक दसर ह ससार

म4 एक दसर ह अि9 ततव म4 एक दसर ह चतना म4 वश कर सकत हो

ल0कन वह Bबद बहत सQम ह जो चीज िजतनी नकट हो उतनी ह कVठन मालम पड़गी Rवास तZ हार इतना करब ह 0क

उसक बीच 9 थान ह नह बना रहता या इतना अलप 9 थान ह 0क उस दखन क लए बहत सQम aिO ट चाVहए तभी तम

उन Bबदओ क त बोध पण हो सकत हो य Bबद इन वधय- क आधार ह

शव उततर म4 कहत हmdashह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह R वास क भीतर आन क पR चात और बाहर

लौटन क ठUक पवmdashkयस ह कY याण ह

यह वध ह ह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह जब R वास भीतर अथवा नीच को आती ह उसक बाद

0फर R वास क लौटन क ठUक पवmdashkयस ह इन दो Bबदओ क बीच होश पण होन स घटना घटती ह

जब तZ हार R वास भीतर आय तो उसका नरQण करो उसक 0फर बाहर या ऊपर क लए मड़न क पहल एक Qण क लए

या Qण क हज़ारव4 भाग क लए R वास बद हो जाती ह R वास भीतर आती ह और वहा एक Bबद ह जहा वह ठहर जाती ह

0फर R वास बाहर जाती ह और जब R वास बाहर जाती ह तो वहा एक Bबद पर ठहर जाती ह और 0फर वह भीतर क लौटती

R वास क भीतर या बाहर क लए मड़न क पहल एक Qण ह जब तम R वास नह लत हो उसी Qण म4 घटना घटनी सभव ह

+ य-0क जब तम R वास नह लत हो तो तम ससार म4 नह होत हो समझ लो 0क जब तम R वास नह लत हो तब तम मत हो

तम तो हो ल0कन मत ल0कन यह Qण इतना छोटा ह 0क तम उस कभी दख नह पात

त क लए lt यक बVहगामी R वास मlt य ह और lt यक नई 9 वास पनजनम ह भीतर आन वाल R वास पनजनम ह बाहर

जान वाल R वास मlt य ह बाहर जान वाल R वास मlt य का पयाय ह अदर जान वाल R वास जीवन का इसलए lt यक

R वास क साथ तम मरत हो और lt यक R वास क साथ तम जनम लत हो दोन- क बीच का अतराल बहत Qlणक ह ल0कन

पनी aिO ट श नरQण और अवधान स उस अनभव 0कया जा सकता ह और यVद तम उस अतराल को अनभव कर सको

तो शव कहत ह 0क kयस उपलबध ह तब और 0कसी चीज क जMरत नह ह तब तम आ] तकाम हो गए तमन जान

लया घटना घट गई

R वास को शmQत नह करना वह जसी ह उस वसी ह बनी रहन दना 0फर इतनी सरल वध + य- सतय को जानन को

ऐसी सरल वध सतय को जानना उसको जानना ह िजसका न जनम ह न मरण तम बहार जाती R वास को जान सकत

हो तम भीतर जाती R वास को जान सकत हो ल0कन तम दोन- क अतराल को कभी नह जानत

योग करो और तम उस Bबद को पा लोग उस अवशय पा सकत हो वह ह तZ ह4 या तZ हार सरचना म4 कछ जोड़ना नह ह

वह ह ह सब कछ ह सफ बोध नह ह कस योग करो पहल भीतर आन वाल R वास क त होश पण बनो उस दखो

सब कछ भल जाओ और आन वाल R वास को उसक याा पथ को दखो जब R वास नासापट- को 9 पश कर तो उसको

महसस करो R वास को गत करन दो और पर सजगता स उसक साथ याा करो R वास क साथ ठUक कदम स कदम

मलाकर नीच उतरो न आग जाओ और न पीछ पड़ो उसका साथ न छट Bबलकल साथ-साथ चलो

समरण रह न आग जाना ह और न छाया क तरह पीछ चलना ह समातर चलो यगपत R वास और सजगता को एक हो

जान दो R वास नीच जाती ह तो तम भी नीच जाओ और तभी उस Bबद को पा सकत हो जो दो R वास- क बीच म4 ह यह

आसान नह ह R वास क साथ अदर जाओ R वास क साथ बाहर आओ

ब न इसी वध का योग वशष Mप स 0कया इसलए यह बौ वध बन गई बौ शc दावल म4 इस अनापानसत योग

कहत ह और 9 वय ब क आlt मोपलिc ध इस वध पर ह आधाPरत थी ससार क सभी धम ससार क सभी O टा 0कसी न

0कसी वध क जPरए मिजल पर पहच ह और वह सब वधया इन एक सौ बारह वधय- म4 सिZ मलत ह यह पहल वध

बौ वध ह दनया इस बौ वध क Mप म4 जानती ह + य-0क ब इसक Cवारा ह नवाण को उपलबध हए थ

ब न कहा ह अपनी R वास-R वास क त सजग रहो अदर जाती बहार आती R वास क त होश पण हो जाओ ब

अतराल क चचा नह करत + य-0क उसक जMरत ह नह ह ब न सोचा और समझा 0क अगर तम अतराल क दो R वास-

क बीच क वराम क 0फ2 करन लग तो उसस तZ हार सजगता खWडत होगी इसलए उG ह-न सफ यह कहा 0क होश रखो

जब R वास भीतर आए तो तम भी उसक साथ भीतर जाओ और जब R वास बहार आय तो तम उसक साथ बहार आओ वध

क दसर Vह9 स क सबध म4 ब कछ नह कहत

इसका कारण ह कारण यह ह 0क ब बहत साधारण लोग- स सीध-साद लोग- स बोल रह थ व उनस अतराल क बात

करत तो उसस लोग- म4 अतराल को पान क एक अलग कामना नमत हो जाती और यह अतराल को पान क कामना बोध

म4 बाधा बन जाती + य-0क अगर तम अतराल को पाना चाहत हो तो तम आग बढ़ जाओग R वास भीतर आती रहगी और

तम उसक आग नकल जाओग + य-0क तZ हार aिO ट अतराल पर ह जो भवषय म4 ह ब कभी इसक चचा नह करत

इसीलए ब क वध आधी ह

ल0कन दसरा Vह9 सा अपन आप ह चला आता ह अगर तम R वास क त सजगता का बोध का अ यास करत गए तो एक

Vदन अनजान ह तम अतराल को पा जाओग + य-0क जस-जस तZ हारा बोध तीi गहरा और सघन होगा जस-जस तZ हारा

बोध 9 पषट आकार लगा जब सारा ससार भल जाएगा बस R वास का आना जाना ह एकमा बोध रह जाएगाmdashतब

अचानक तम उस अतराल को अनभव करोग िजसम4 R वास नह ह

अगर तम सn मता स R वास-शवास क साथ याा कर रह हो तो उस ि9 थत क त अबोध कस रह सकत हो जहा 9 वास

नह ह वह Qण आ ह जाएगा जब तम महसस करोग 0क अब R वास न जाती ह न आती ह R वास 02या Bबलकल ठहर गई

ह और उसी ठहराव म4 kयस का वास ह

यह एक वध लाख--करोड़- लोग- क लए पयापत ह सVदय- तक समचा एशया इस एक वध क साथ जीया और उसका

योग करता रहा तबबत चीन जापन बमा R याम kीलका भारत को छोड़कर समसत एशया सVदय- तक इस एक

वध का उपयोग करता रहा और इस एक वध क Cवारा हजार--हजार- वयि+ त ान को उपलबध हए और यह पहल ह

वध ह दभागय क बात 0क च0क यह वध ब क नाम स सब हो गई इसलए Vहद इस वध स बचन क चO टा म4 लग

रह + य-0क यह बौ वध क तरह बहत स हई Vहद इस Bबलकल भल गय इतना ह नह उG ह-न और एक कारण स

इसक अवहलना क + य-0क शव न सबस पहल इस वध का उY लख 0कया अनक बौ- न इस वान भरव त क बौ

थ होन का दावा 0कया व इस Vहद थ नह मानत

यह न Vहद ह और न बौ और वध मा वध ह ब न इसका उपयोग 0कया ल0कन यह उपयोग क लए मौजद ह थी

और इस वध क चलत ब-ब हए वध तो ब स भी पहल थी वह मौजद ह थी इसको योग म4 लाओ यह सरलतम

वधय- म4 स हmdashअनय वधय- क तलना म4 म_ यह नह कहता 0क यह वध तZ हार लए सरल ह अनय वधया अधक

कVठन ह-गी यह कारण ह 0क पहल वध क तरह इसका उY लख हआ ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचनmdash2

त-सmdashवधmdash02

जब वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 6फर जब वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन दो मोड़2 क Gवारा

उपलबध हो

वान भरव त त-सmdashवधmdash02 ( ओशो)

थोड़ फक क साथ यह वह वध ह और अब अतराल पर न होकर मोड़ पर ह बाहर जान वाल और अदर जान वाल R वास

एक वतल बनाती ह याद रह व समातर रखाओ क तरह नह ह हम सदा सोचत ह 0क आन वाल R वास और जान वाल

R वास दो समातर रखाओ क तरह ह मगर व ऐसी ह नह भीतर आन वाल R वास आधा वतल बनाती ह और शष आधा

वतल बाहर जान वाल R वास बनाती ह

इसलए पहल यह समझ लो 0क R वास और R वास मलकर एक वतल बनाती ह और व समातर रखाए नह ह + य-0क

समातर रखाए कह नह मलती ह दसर यह 0क आन वाल और जान वाल R वास दो नह ह व एक ह वह R वास भीतर

आती ह बहार भी जाती ह इसलए भीतर उसका कोई मोड़ अवशय होगा वह कह जMर मड़ती होगी कोई Bबद होगा जहा

आन वाल R वास जान वाल R वास बन जाती होगी

ल0कन मोड़ पर इतना जोर कय- ह

+ य-0क शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन

दो मोड़- क Cवारा उपलबध होlsquorsquo

बहत सरल ह ल0कन शव कहत ह 0क मोड़- को ापत कर लो और आlt मा को उपलबध हो जाओग ल0कन मोड़ + य-

अगर तम कार चलाना जानत हो तो तZ ह4 गयर का पता होगा हर गयर बदलत हो तो तZ ह4 G यoल गयर स गजरना पड़ता

ह जो 0क गयर Bबलकल नह ह तम पहल गयर स दसर गयर म4 जात हो और दसर स तीसर गयर म4 ल0कन सदा तZ ह4

G यoल गयर स होकर जाना पड़ता ह वह G यoल गयर घमाव का Bबद ह मोड़ ह उस मोड़ पर पहला गयर दसरा गयर

बन जाता ह और दसरा तीसर बन जाता ह

वस ह जब तZ हार R वास भीतर जाती ह और घमन लगती ह तो उस वकत वह G यoल गयर म4 होती ह नह तो वह नह

धम सकती उस तटसथ Q स गजरना पड़ता ह

उस तटसथ Q म4 तम न तो शरर हो और न मन ह हो न शारPरक हो न मानसक हो + य-0क शरर तZ हार अि9 ततव का

एक गयर ह और मन उसका दसरा गयर ह तम एक गयर स दसर गयर म4 गत करत हो इस लए तZ ह4 एक G यoल

गयर क जMरत ह जो न शरर हो और न मन हो उस तटसथ Q म4 तम मा हो मा अि9 ततवndashश सरल अशरर और

मन स मकत यह कारण ह 0क घमाव Bबद पर मोड़ पर इतना जोर ह

मनषय एक य हmdashबड़ा और बहत जVटल य तZ हार शरर और मन म4 भी अनक गयर ह तZ ह4 उस महान य रचना का

बोध नह ह ल0कन तम एक महान य हो और अf छा ह 0क तZ ह4 उसका बोध नह ह अG यथा तम पागल हो जाओग

शरर ऐसा वशाल य ह 0क वानक कहत ह अगर हम4 शरर क समातर एक कारखाना नमत करना पड़ तो उस चार वग

मल जमीन क जMरत होगी और उसका शोरगल इतना भार होगा 0क उसस सौ वग मील भम भावत होगी

शरर एक वशाल याBक रचना हmdashवशालतम उसम लाख--लाख- कोशकाए ह और lt यक कोशका जीवत ह तम सात

करोड़ कोशकाओ क एक वशाल नगर म4 हो तZ हार भी तर सात करोड़ नागPरक बसत ह और सारा नगर बहत शात और

gt यव9 था स चल रहा ह तQण य-रचना काम कर रह ह और वह बहत जVटल ह

कई 9 थल- पर इन वधय- का तZ हार शरर और मन क एक य-रचना क साथ वा9 ता पड़गा ल0कन याद रखो 0क सदा ह

जोर उन Bबदओ पर रहगा जहा तम अचानक य-रचना क अग नह रह जात हो जब एकाएक तम य रचना क अग नह रह

तो य ह Qण ह जब तम गयर बदलत हो

उदाहरण क लए रात जब तम नीद म4 उतरत हो तो तZ ह4 गयर बदलना पड़ता ह कारण यह ह 0क Vदन म4 जागी हई चतना

क लए दसर ढग क य रचना क जMरत रहती ह तब मन का भी एक दसरा भाग काम करता ह और जब तम नीद म4

उतरत हो तो वह भाग निO 2य हो जाता ह और अनय भाग स02य होता ह उस Qण वहा एक अतराल एक मोड़ आता ह

एक गयर बदला 0फर सबह जब तम जागत हो तो गयर बदलता ह

तम चपचाप बठ हो और अचानक कोई कछ कह दता ह और तम 2 हो जात हो तब तम भनन गयर म4 चल गए यह

कारण ह 0क सब कछ बदल जाता ह तम 2ोध म4 हए R वास 02या बदल जायगी वह अ9तgtयसत हो जायगी तZ हार R वास

02या म4 कपन आ जाएगा 0कसी चीज को चर-चर कर दना चाहगा ता0क यह घटन जाए तZ हार R वास 02या बदल

जाएगी तZ हार खन क लय दसर होगी शरर म4 और ह तरह का रस वय स02य होगा पर थ gt यव9 था ह बदल

जाएगी 2ोध म4 तम दसर ह आदमी हो जात हो

एक कार खड़ी ह तम उस 9 टाट करो उस 0कसी गयर म4 न डालकर G यoल गयर म4 छोड़ दो गाड़ी Vहलगी कापगी ल0कन

चलगी नह वह गरम हो जाएगी इसी तरह 2ोध म4 नह कछ कर पान क कारण तम गरम हो जात हो य रचना तो कछ

करन क लए स02य ह और तम उस कछ करन नह दत तो उसका गरम हो जाना 9 वाभावक ह तम एक य-रचना हो

ल0कन मा य-रचना नह हो उसस कछ अधक हो उस अधक को खोजना ह जब तम गयर बदलत हो तो भीतर सब

कछ बदल जाता ह जब तम गयर बदलत हो तो एक मोड़ आता ह

शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती ह इन दो मोड़- क

Cवारा उपलबध हो जाओlsquorsquo

मोड़ पर सावधान हो जाओ सजग हो जाओ ल0कन यह मोड़ बहत सQम ह और उसक लए बहत सQम नरQण क

जMरत पड़गी हमार नरQण क Qमता नह क बराबर ह हम कछ दख ह नह सकत अगर म_ तZ ह4 कह 0क इस फल को

दखोmdashइस फल को जो तZ ह4 म_ दता ह तो तम उस नह दख पाओग एक Qण को तम उस दखोग4 और 0फर 0कसी और चीज

क सबध म4 सोचन लगोग वह सोचना फल क वषय म4 हो सकता ह ल0कन वह फल नह हो सकता तम फल क बार म4

सोच सकत हो 0क दखो वह 0कतना सदर ह ल0कन तब तम फल स दर हट गए अब फल तZ हार नरQण Q म4 नह

रहा Q बदल गया तम कहोग 0क यह लाल ह नीला ह ल0कन तम उस फल स दर चल गए

नरQण का अथ होता ह 0कसी शबद या शािc दकता क साथ भीतर क बदलाहट क साथ न रहकर मा फल क साथ रहना

अगर तम फल क साथ ऐस तीन मनट रह जाओ िजसम मन कोई गत न कर तो kयस घट जाएगा तम उपलबध हो

जाओग

ल0कन हम नरQण Bबलकल नह जानत ह हम सावधान नह ह सतक नह ह हम 0कसी भी चीज को अपना अवधान नह

द पात ह हम ता यहा-वहा उछलत रहत ह वह हमार वशगत वरासत ह बदर-वश क वरासत बदर क मन स ह मनषय

का मन वकसत हआ ह बदर शात नह बठ सकता इसीलए ब Bबना हलन-चलन क बठन पर मा बठन पर इतना जौर

दत ह + य-0क तब बदर-मन का अपनी राह चलना बद हो जाता ह

जापान म4 एक खास तरह का L यान चलता ह िजस व झा झन कहत ह झा झन शबद का जापानी म4 अथ होता ह मातर

बठना और कछ भी नह करना कछ भी हलचल नह करनी ह मत क तरह वष[ बठ रहना हmdashमतवत अचल ल0कन मत

क तरह वष[ बठन क जMरत + या ह अगर तम अपन R वास क घमाव को अचल मन स दख सको तो तम वश पा

जाओग तम 9 वय म4 वश पा जाओग अतर क भी पार वश पा जाओग ल0कन य मोड़ इतन महlt वपण + य- ह

व महlt वपण ह + य-0क मोड़ पर दसर Vदशा म4 घमन क लए R वास तZ ह4 छोड़ दती ह जब वह भीतर आ रह थी तो तZ हार

साथ थी 0फर जब वह बाहर जाएगी तो तZ हार साथ होगा ल0कन घमाव-Bबद पर न वह तZ हार साथ ह और न तम उसक

साथ हो उस Qण म4 R वास तमस भनन ह और तम उसस भनन हो अगर R वास 02या ह जीवन ह तो तब तम मत हो

अगर R वास-02या तZ हारा मन ह तो उस Qण तम अ-मन हो

तZ ह4 पता हो या न हो अगर तम अपनी R वास को ठहरा दो तो मन अचानक ठहर जाता ह अगर तम अपनी R वास को ठहरा

दो तो तZ हारा मन अभी और अचानक ठहर जाएगा मन चल नह सकता R वास का अचानक ठहरना मन को ठहरा दता ह

+ य- + य-0क व पथक हो जात ह कवल चलती हई R वास मन स शरर स जड़ी होती ह अचल R वास अलग हो जाती ह और

जब तम G यoल गयर म4 होत हो

कार चाल ह ऊजा भाग रह ह कार शोर मचा रह ह वह आग जान को तयार ह ल0कन वह गयर म4 ह नह ह इसलए

कार का शरर और कार का य-रचना दोन- अलग-अलग ह कार दो Vह9 स- म4 बट ह वह चलन को तयार ह ल0कन गत

का य उसस अलग ह

वह बात तब होती ह जब R वास मोड़ लती ह उस समय तम उस नह जड़ हो और उस Qण तम आसानी स जान सकत हो

0क म_ कौन ह यह होना + या ह उस समय तम जान सकत हो 0क शरर Mपी घर क भीतर कौन ह इस घर का 9 वामी कौन

ह म_ मा घर ह या वहा कोई 9 वामी भी ह म_ मा य रचना ह या उसक पर भी कछ ह और शव कहत ह 0क उस घमाव

Bबद पर उपलबध हो व कहत ह उस मोड़ क त बोधपण हो जाओ और तम आlt मोपलबध हो

ओशो

वान भरव त

)वचन-2( त-सmdashभाग-1)

त-सmdashवधmdash03

या जब कभी अत वास और ब=ह वास एक दसर म0 वलन होती ह उस Iण म0 ऊजार=हत ऊजाप(रत क0 1 को J पश करो

वान भरव तndashधयान वधndash03ndashओशो

हम क4 और पPरध म4 वभािजत ह शरर पPरध ह हम शरर को पPरध को जानत ह ल0कन हम यह नह जानत 0क

कहा क4 ह जब बVहR वास अतR वास म4 वलन होती ह जब व एक हो जाती ह जब तम यह नह कह सकत 0क यह

अतRवास ह 0क बVहR वास जब यह बताना कVठन हो 0क R वास भीतर जा रह ह 0क बाहर जा रह ह जब R वास भी तर वश

0क बाहर क तरफ मड़न लगती ह तभी वलय का Qण ह तब R वास जाती ह और न भीतर आती ह R वास गतहन ह जब

वह बहार जाती ह गतमान ह जब वह भीतर आती ह गतमान ह और जब वह दोन- म4 कछ भी नह करती ह तब वह

मौन ह अचल ह और तब तम क4 क नकट हो आन वाल और जान वाल R वास- का यह वलय वद तZ हारा क4 ह

इस इस तरह दखो जब R वास भीतर जाती ह तो कहा जाती ह वह तZ हार क4 को जाती ह और जब वह बाहर जाती ह तो

कहा जाती ह क4 स बाहर जाती ह इसी क4 को 9 पश करना ह यह कारण ह 0क ताओ वाद सत और झन सत कहत ह 0क

सर तZ हारा क4 नह ह नाभ तZ हारा क4 ह R वास नाभ-क4 को जाती ह 0फर वहा स लौटती ह 0फर उसक याा करती

जसा म_न कहा R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह तम शरर को तो जानत हो ल0कन यह नह जानत 0क क4

कहा ह R वास नरतर क4 को जा रह ह और वहा स लौट रह ह ल0कन हम पयापत R वास नह लत ह इस कारण स

साधारण वह क4 तक नह पहच पाती ह खासकर आधनक समय म4 तो वह क4 तक नह जाती और नतीजा यह ह 0क

हरक gt यि+ त वक4 Vत अनभव करता ह अपन को क4 स f यत महसस करता ह पर आधनक ससार म4 जो लोग भी थोड़ा

सोच-वचार करत ह व महसस करत ह 0क उनका क4 खो गया ह

एक सोए हए बf च को दखो उसक R वास का नरQण करो जब उसक R वास भीतर जाती ह तो उसका पट ऊपर उठता ह

उसक छाती अभावत रहती ह यह वजह ह 0क बf च- क छाती नह होती उनक कवल पट होत ह जीवत पट R वास

R वास क साथ उनका पट ऊपर नीच होता ह उनका पट ऊपर-नीच होता ह और बf च अपन क4 पर होत ह क4 म4 होत ह

और यह कारण ह 0क बfच इतन सखी ह इतन आनदमगन ह इतनी ऊजा स भर ह 0क कभी थकत नह और ओवर

pलोइग ह व सदा वतमान Qण म4 होत ह न उनका अतीत ह न भवषय

एक बf चा 2ोध कर सकता ह जब वह 2ोध करता ह तो समता स 2ोध करता ह वह 2ोध ह हो जाता ह और तब उसका

2ोध भी 0कतना सदर लगता ह जब कोई समता स 2ोध ह हो जाता ह तो उसक 2ोध का भी अपना सqदय ह + य-0क

समता सदा सदर होती ह

तम 2ोधी और सदर नह हो सकत 2ोध म4 तम कMप लगोग + य-0क खड सदा कMप होता ह 2ोध क साथ ह ऐसा नह

ह तम म भी करत हो तो कMप लगत हो + य-0क उसम भी तम खWडत हो बट-बट हो जब तम 0कसी को म कर रह हो

जब तम सभोग म4 उतर रह हो तो अपन चहर को दखो आईन क सामन म करो और अपना चहरा दखो वह कMप और

पशवत होगा

म म4 भी तZ हारा Mप कMप हो जाता ह + य- तZ हार म म4 भी CवCव ह तम कछ बचाकर रख रह हो कछ रोक रह हो

तम बहत कजसी स द रह हो तम अपन म म4 भी सम नह हो तम समता स पर-पर द भी नह पात

और बf चा 2ोध और Vहसा स भी सम होता ह उसका मखड़ा दपत और सदर हो उठता ह वह यहा और अभी होता ह

उसक 2ोध का न 0कसी अतीत स कछ लना-दना ह और न 0कसी भवषय स वह Vहसाब नह रखता ह वह मा 2 ह

बf चा अपन क4 पर ह और जब तम क4 पर होत हो तो सदा सम होत हो तब तम तो कछ करत हो वह सम होता ह

भला या बरा वह सम होता ह और जब खWडत होत हो क4 स f यत होत हो तो तZ हारा हरक काम भी खWडत होता ह

+ य-0क उसम तZ हारा खड ह होता ह उसम तZ हारा सम सवVदत नह होता ह खड सम क lखलाफ जाता ह और वह

कMपता पदा करता ह

कभी हम सब बf चो थ + या बात ह 0क जस-जस हम बड़ होत ह हमार R वास 02या उथल हो जाती ह तब R वास पट तक

कभी नह जाती ह नाभ क4 को नह छती ह अगर वह जयादा स ` यादा नीच जाएगी तो वह कम स कम उथल रहगी

ल0कन व तो सीन को छकर लौट आती ह वह क4 तक नह जाती ह तम क4 स डरत हो + य-0क क4 पर जान स तम

सम हो जाओग अगर तम खWडत रहना चाहो तो खWडत रहन क यह 02या ह

तम म करत हो अगर तम क4 स R वास लो तो तम म म4 पर बहोग तम डर हए हो तम दसर क त 0कसी क भी त

खल होन स असरmQत और सवदनशील होन स डरत हो तम उस अपना मी कहो 0क मका कहो तम डर हए हो वह

दसरा ह और अगर तम पर तरह खल हो असरmQत हो तो तम नह जानत 0क + या होन जा रहा ह तब तम हो समता स

होmdashदसर अथ[ म4 तम पर तरह दसर म4 खो जान स डरत हो इसलए तम गहर R वास नह ल सकत तम अपनी R वास को

शथल और ढला नह कर सकत हो + य-0क वह क4 तक चल जायगी + य-0क िजस Qण R वास क4 पर पहचगी तZ हारा

कतय अधकाधक सम होन लगगा

+ य-0क तम सम होन स डरत हो तम उथल R वास लत हो तम अलपतम R वास लत हो अधकतम नह यह कारण ह

0क जीवन इतना जीवनहन लगता ह अगर तम G यनतम R वास लोग तो जीवन जीवनहन ह होगा तम जीत भी G यनतम

हो अधकतम नह तम अधकतम िजयो तो जीवन अतशय हो जाए ल0कन तब कVठनाई होगी यVद जीवन अतशय हो

तो तम न पत हो सकत हो और न पlt नी सब कछ कVठन हो जाएगी अगर जीवन अतशय हो तो म अतशय होगा तब

तम एक स ह बध नह रह सकत तब तम सब तरफ वाVहत होन लगोग सभी आयाम म4 तम भर जाओग और उस हालत

म4 मन खतरा महसस करता ह इसलए जीवत ह नह रहना उस मजर ह

तम िजतन मत होग4 उतन सरmQत होग4 िजतन मत होग4 उतना ह सब कछ नयण म4 होगा तम नयण करत हो तो

तम मालक हो + य-0क नयण करत हो इसलए अपन को मालक समझत हो तम अपन 2ोध पर अपन म पर सब

कछ पर नयण कर सकत हो ल0कन यह नयण ऊजा क G यनतम तक पर ह सभव ह

कभी न कभी हर आदमी न यह अनभव 0कया ह 0क वह अचानक G यनतम स अधकतम तल पर पहच गया तम 0कसी

पहाड़ पर चल जाओ अचानक तम शहर स उसक कद स बाहर हो जाओ अब तम मकत हो वराट आकाश ह हरा जगल

ह बादल- को छता शखर ह अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न को छता शखर ह

अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न गया हो अब जब पहाड़ जाओ तो इसका r याल

रखना कवल पहाड़ क कारण बदलाहट नह मालम होती R वास क कारण मालम होती ह तम गहर R वास लत हो और

कहत हो अहा तमन क4 छ लया Qण भर क लए तम सम हो गए और सब कछ आनदपण ह वह आनद पहाड़ स नह

तZ हार क4 स आ रहा ह तमन अचानक उस छ जो लया

शहर म4 तम भयभीत थ सव दसरा मौजद था और तम अपन को काब म4 0कए रहत थ न रो सकत थ न हस सकत थ

कस दभागय तम सड़क पर गा नह सकत थ नाच नह सकत थ तम डर-डर थ कह सपाह खड़ा था कह परोVहत कह

जज खड़ा था कह राजनीत कह नीतवाद कोई न कोई था 0क तम नाच नह सकत थ

बosड रसल न कह कहा ह 0क म_ स यता स म करता ह ल0कन हमन यह स यता भार कमत चका कर हासल क ह

तम सड़क पर नह नाच सकत ल0कन पहाड़ चल जाओ और वहा अचानक नाच सकत हो तम आकाश क साथ अकल हो

और आकाश कारागह नह ह वह खलता ह जाता ह खलता ह जाता ह अनत तक खलता ह जाता ह एकाएक तम एक

गहर R वास लत हो क4 छ जाता ह और तब आनद ह आनद ह

ल0कन वह लब समय तक Vटकन वाला नह ह घट दो घट म4 पहाड़ वदा हो जाएगा तम वहा रह सकत हो ल0कन पहाड़

वदा हो जाएगा तमहार चताए लौट आएगी तम शहर दखना चाहोग पlt नी को प लखन क सोचोग या सोचोग 0क तीन

Vदन बाद वापस जाना ह तो उसक तयार शM कर4 अभी तम आए हो और जान क तयार होन लगी 0फर तम वापस आ

गए वह गहर R वास सच म4 तमस नह आई थी वह अचानक घVटत हई थी बदल पPरि9 थत क कारण गयर बदल गया

था नई पPरि9 थत म4 तम परान ढग स R वास नह ल सकत थ इसलए Qण भर को एक नयी R वास आ गई उसन क4 छ

लया और तम आनVदत थ

शव कहत ह तम lt यक Qण क4 को 9 पश कर रह हो या यVद नह 9 पश कर रह हो तो कर सकत हो गहर धीमी R वास

लो और क4 को 9 पश करो छाती स R वास मत लो वह एक चाल ह स यता शQा और नतकता न हम4 उथल R वास

सखा द ह क4 म4 गहर उतरना जMर ह अG यथा तम गहर R वास नह ल सकत

जब तक मनषय समाज कामवासना क त गर-दमन क aिO ट नह अपनाता तब तक वह सच म4 R वास नह ल सकता

अगर R वास पट तक गहर जाए तो वह काम क4 को ऊजा दती ह वह काम क4 को छती ह उसक भीतर स मालश करती

ह तब काम-क4 अधक स02य अधक जीवत हो उठता ह और स यता कामवासना स भयभीत ह

हम अपन बf च- को जनन4Vय छन नह दत ह हम कहत ह tको उG ह4 छओ मत जब बf चा पहल बार जनन4Vय छता ह

तो उस दखो और कहो tको और तब उसक R वास 02या को दखो जब तम कहत हो tको जनन4Vय मत छओ तो

उसक R वास तरत उथल हो जायगी + य-0क उसका हाथ ह काम क4 को नह छ रहा गहर म4 उसक R वास भी उस छ रह

ह अगर R वास उस छती रह तो हाथ को रोकना कVठन ह और अगर हाथ tकता ह तो बनयाद तौर स जMर हो जाता ह 0क

R वास गहर न होकर उथल रह

हम काम स भयभीत ह शरर का नचला Vह9 सा शारPरक तल पर ह नह मलय क तल पर भी नचला हो गया ह वह

नचला कहकर नVदत ह इसलए गहर R वास नह उथल R वास लो दभागय क बात ह 0क R वास नीच को ह जाती ह

अगर उपदशक क चलती तो वह पर य रचना को बदल दता वह सफ ऊपर क और सर म4 R वास लन क इजाजत दता

और तब कामवासना Bबलकल अनभव नह होती

अगर काम वहन मनषय को जनम दना ह तो R वास-णाल को Bबलकल बदल दना होगा तब R वास को सर म4 सह9 ार म4

भजना होगा और वहा स मह म4 वापस लाना होगा मह स सह9 ार उसका माग होगा उस नीच गहर म4 नह जान दना

होगा + य-0क वहा खतरा ह िजतन गहर उतरोग उतन ह जवक क गहर तल- पर पहचोग तब तम क4 पर पहचोग और

वह क4 काम क4 क पास ह ह ठUक भी ह + य-0क काम ह जीवन ह

इस इस तरह दखो R वास ऊपर स नीच को जान वाला जीवन ह काम ठUक दसर Vदशा स नीच स ऊपर को जान वाला जीवन

ह काम-ऊजा बह रह ह और R वास ऊजा बह रह ह R वास का रा9 ता ऊपर शरर म4 ह और काम का रा9 ता नमन शरर म4

ह और जब R वास और काम मलत ह जीवन को जनम दत ह इस लए अगर तम काम स डरत हो तो दोन- क बीच दर

बनाओ उGह4 मलन मत दो सच तो यह ह 0क सभय आदमी बधया 0कया हआ आदमी ह यह कारण ह 0क हम R वास क

सबध म4 नह जानत और हम4 यह स समझना कVठन ह

शव कहत ह जब कभी अतR वास और बVहR वास एक दसर म4 वलन होती ह उस Qण म4 ऊजारVहत ऊजापPरत क4 को

9 पश कर-

शव परसपर वरोधी शc दावल का उपयोग करत ह ऊजारVहत ऊजापPरत वह ऊजारVहत ह + य-0क तZ हार शरर तZ हार

मन उस ऊजा नह द सकत तZ हार शरर क ऊजा और मन क ऊजा वहा नह ह इसलए जहा तक तZ हार तादाltZय का

सबध ह वह ऊजारVहत ह ल0कन वह ऊजापPरत ह + य-0क उस ऊजा का जागतक 9 ोत उपलबध ह

तZ हार शरर क ऊजा को uधन हmdashपoोल जसी तम कछ खात-पीत हो उसस ऊजा बनती ह खाना पीना बद कर दो और

शरर मत हो जाएगा तरत नह कम स कम तीन महन लग4ग + य-0क तZ हार पास पoोल का एक खजाना भी ह तमन

बहत ऊजा जमा क हई ह जो कम स कम तीन महन काम द सकती ह शरर चलगा उसक पास जमा ऊजा थी और 0कसी

आपltकाल म4 उसका उपयोग हो सकता ह इसलए शरर ऊजा-uधन ऊजा ह

क4 को uधन-ऊजा नह मलती ह यह कारण ह 0क शव उस ऊजारVहत कहत ह वह तZ हार खान पीन पर नभर नह ह

वह जागतक 9 ोत स जड़ा हआ ह वह जागतक ऊजा ह इसलए शव उस lsquorsquoऊजारVहत ऊजापPरत क4 कहत ह िजस

Qण तम उस क4 को अनभव करोग जहा स R वास जाती-आती ह जहा R वास वलन होती ह उस Qण तम आlt मोपलबध

हए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-2

त-सmdashवध-05

भक=टय2 क बीच अवधान को िJ थर कर वचार को मन क सामन करो 6फर सहJ ार तक प को वास-ततव स )ाण स

भरन दो वहा वह )काश क तरह बरसगा

Shira त-सmdashवध-05 (वान भरव तndashओशो)

यह वध पाइथागोरस को द गई थी पाइथागोरस इस लकर यनान वापस गए और वह पिR चम क समसत रह9 यवाद क

आधार बन गए पिR चम म4 अL याlt मवाद क व पता ह यह वध बहत गहर वधय- म4 ऐ एक ह इस समझन क कोशश

करो

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करोlsquorsquo

आधनक शरर-श9 कहता ह वानक शोध कहती ह 0क दो भकVटय- क बीच म4 थ ह वह शरर का सबस रह9 यपण

भाग ह िजसका नाम पाइनयल थ ह यह तc बतय- क तीसर आख ह और यह ह शव का न त क शव का

Bन दो आख- क बीच एक तीसर आख भी ह ल0कन यह स02य नह ह यह ह और यह 0कसी भी समय स02य हो

सकती ह नसगत यह स02य नह ह इसको स02य करन क लए सबध म4 तम को कछ करना पड़गा यह अधी नह ह

सफ बद ह यह वध तीसर आख को खोलन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करhelliplsquorsquo

आख बद कर लो और 0फर दोन- आख- को बद रखत हए भqह- क बीच म4 aिO ट को ि9 थर करोmdashमानो 0क दोन- आख- स तम

दख रह हो और सम अवधान को वह लगा दो

यह वध एका होन क सबस सरल वधय- म4 स एक ह शरर क 0कसी दसर भाग म4 इतनी आसानी स तम अवधान को

नह उपलबध हो सकत यह थ अवधान को अपन म4 समाVहत करन म4 कशल ह यVद तम इस पर अवधान दोग तो

तZ हार दोन- आख तीसर आख स सZ मोVहत हो जाएगी व थर हो जाएगी व वहा स नह Vहल सक4 गी यVद तम शरर क

0कसी दसर Vह9 स पर अवधान दो तो वहा कVठनाई होगी तीसर आख अवधान को पकड़ लती ह अवधान को खीच लती ह

अवधान क लए वह चबक का काम करती ह

इसलए दनया भी क सभी वधय- म4 इसका समावश 0कया गया ह अवधान को शmQत करन म4 यह सरलतम ह

+ य-0क इसम तम ह चO टा नह करत यह थ भी तZ हार मदद करती ह यह चबकय ह तZ हार अवधान को यह

बलपवक खीच लती ह

त क परान थ- म4 कहा गया ह 0क अवधान तीसर आख का भोजन ह यह भखी ह जG म--जG म- स भखी ह जब तम इस

अवधान दत हो यह जीवत हो उठती ह इस भोजन मल गया ह और जब तम जान लोग 0क अवधान इसका भोजन ह

जान लोग 0क तZ हार अवधान को यह चबक क तरह खीच लती ह तब अवधान कVठन नह रह जाएगा सफ सह Bबद को

जानना ह

इस लए आख बद कर लो और अवधान को दोन- आख- क बीच म4 घमन दो और उस Bबद को अनभव करो जब तम उस

Bबद क करब होग4 अचानक तZ हार आख थर हो जाएगी और जब उG ह4 Vहलाना कVठन हो जाए तब जानो 0क सह Bबद

मल गया

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन रखोlsquorsquo

अगर यह अवधान ापत हो जाए तो पहल बार एक अvत बात तZ हार अनभव म4 आएगी पहल बार तम दखोग4 0क तZ हार

वचार तZ हार सामन चल रह ह तम साQी हो जाओग जस 0क सनमा क पदw पर aशय दखत हो वस ह तम दखोग4 0क

वचार आ रह ह और तम साQी हो एक बार तZ हारा अवधान Bन-क4 पर ि9 थर हो जाए तम तरत वचार- क साQी हो

जाओग

आमतौर स तम साQी नह होत तम वचार- क साथ तादाltZय कर लत हो यVद 2ोध ह तो तम 2ोध हो जात हो यVद एक

वचार चलता ह तो उसक साQी होन क बजाए तम वचार क साथ एक हो जात हो उसस तादाlt मय करक साथ-साथ चलन

लगत हो तम वचार ह बन जात हो वचार का Mप ल लत हो जब 2ोध उठता ह तो तम 2ोध बन जात हो और जब लोभ

उठता ह तब लोभ बन जात हो कोई भी वचार तZ हार साथ एकातम हो जाता ह और उसक ओर तZ हार बीच दर नह

रहती

ल0कन तीसर आख पर ि9 थर होत ह तम एकाएक साQी हो जात हो तीसर आख क जPरए तम साQी बनत हो इस

शवन क Cवारा तम वचार- को वस ह चलता दख सकत हो जस आसमान पर तरत बादल- को या रहा पर चलत लोगो को

दखत हो

जब तम अपनी lखड़क स आकाश कोया रहा चलत लोग- को दखत हो तब तम उनस तादाlt मय नह करत तब तम अलग

होत हो मा दशक रहत होmdashBबलकल अलग वस ह अब जब 2ोध आता ह तब तम उस एक वषय क तरह दखत हो अब

तम यह नह सोचत 0क मझ 2ोध हआ तम यह अनभव करत हो 0क तम 2ोध स घर हो 2ोध क एक बदल तZ हार चारो

और घर गई और जब तम खद 2ोध नह रह तब 2ोध नापसग हो जाता ह तब वह तमको नह भावत कर सकता तब

तम अ9 पशत रह जात हो 2ोध आता ह और चला जाता ह और तम अपन म4 क4 Vत रहत हो

यह पाचवी वध साmQतव को ापत करन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन करोlsquorsquo

अब अपन वचार- को दखो वचार- का साQाlt कार करो

lsquorsquo0फर सह9 ार तक Mप को R वास ततव स ाण स भरन दो वहा वह काश क तरह बरसगाlsquorsquo

जब अवधान भकVटय- क बीच शवन क क4 पर ि9 थर होता ह तब दो चीज4 घVटत होती ह

और यह चीज दो ढग- स हो सकती ह एक तम साQी हो जाओ तो तम तीसर आख पर थर हो जात हो साQी हो जाओ जो

भी हो रहा हो उसक साQी हो जाओ तम बीमार हो शरर म4 पीड़ा ह तम को दःख और सताप ह जो भी हो तम उसक साQी

रहो जो भी हो उसस तादाlt मय न करो बस साQी रहोmdashदशक भर और यVद साmQltव सभव हो जाए तो तम तीसर न पर

ि9 थर हो जाओग

इसस उलटा भी हो सकता ह यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हो जाओ तो साQी हो जाओग य दोन- एक ह बात ह

इसलए पहल बात तीसर आख पर क4 Vत होत ह साQी आlt मा का उदय होगा अब तम अपन वचार- का सामना कर

सकत हो और दसर बात और अब तम R वास-R वास क सQम और कोमल तरग- को भी अनभव कर सकत हो अब तम

शवसन क Mप को ह नह उसक ततव को सार को ाण को भी समझ सकत हो

पहल तो यह समझन क कोशश कर4 0क lsquorsquoMपrsquorsquo और lsquorsquoR वास-ततवrsquorsquo का + या अथ ह जब तम R वास लत हो तब सफ वाय

क ह R वास नह लत वानक तो यह कहत ह 0क तम वाय क ह R वास लत हो िजसम4 आ+ सीजन हाइxोजन तथा

अनय ततव रहत ह व कहत ह 0क तम वाय क R वास लत हो

ल0कन त कहता ह 0क हवा तो मा वाहन ह असल चीज नह ह असल म4 तम ाण क R वास लत हो हवा तो माधयम

भर ह ाण उसका सतव ह सार ह तम न सफ हवा क बिY क ाण क R वास लत हो

आधनक वान अभी नह जान सका ह 0क ाण जसी कोई व9 त भी ह ल0कन कछ शोधकताओ न कछ रह9 यमयी चीज

का अनभव 0कया ह R वास म4 सफ हवा हम नह लत वह बहत स आधनक शोधकताओ न अनभव 0कया ह वशषकर एक

नाम उY लखनीय ह वह ह जमन मनोवानक वलहम रख का िजसन इस आगन एनजy या जवक ऊजा का नाम Vदया

ह वह ाण ह ह वह कहता ह 0क जब आप R वास लत ह तब हवा तो मा आधार ह पा ह िजसक भीतर एक रह9 यपण

ततव ह िजस आगन या ाण या एलन वाइटल कह सकत ह ल0कन वह बहत सnम ह वासतव म4 वह भौतक नह ह

पदाथ गत नह ह हवा भौतक ह पा भौतक ह ल0कन उसक भीतर स कछ सQम अलौ0कक ततव चल रहा ह

इसका भाव अनभव 0कया जा सकता ह जब तम 0कसी ाणवान gt यि+ त क पास होत हो तो तम अपन भीतर 0कसी

शि+ त को उगत दखत हो और जब 0कसी बीमार क पास होत हो तो तमको लगता ह 0क तम चस जा रह हो तZ हार भीतर

स कछ नकाला जा रहा ह जब तम अ9 पताल जात हो तब थक-थक + य- अनभव करत हो वहा चार- ओर स तम चस जात

हो अ9 पताल का परा माहौल बीमार होता ह और वहा सब 0कसी को अधक ाण क अधक एलन वाइटल क जMरत ह

इसलए वहा जाकर अचानक तZ हारा ाण तमस बहन लगता ह जब तम भीड़ म4 होत हो तो तम घटन महसस + य- करत

हो इसलए 0क वहा तZ हारा ाण चसा जान लगता ह और जब तम ात काल अकल आकाश क नीच या वQ- क बीच होत

हो तब 0फर अचानक तम अपन म4 0कसी शि+ त का ाण का उदय अनभव करत हो lt यक का एक खास 9 पस क जMरत

ह और जब वह 9 पस नह मलता ह तो तमको घटन महसस होती ह

वलहम रख न कई योग 0कए ल0कन उस पागल समझा गया वान क भी अपन अधवR वास ह और वान बहत

MVढ़वाद होता ह वान अभी भी नह समझता ह 0क हवा स बढ़कर कछ ह वह ाण ह ल0कन भारत सVदय- स उस पर

योग कर रहा ह

तमन सना होगाmdashशायद दखा भी होmdash0क कोई gt यि+ त कई Vदन- क लए भमगत समाध म4 वश कर गया जहा हवा का

कोई वश नह था 1880 म4 म9 म4 एक आदमी चालस वष[ क लए समाध म4 चला गया था िजG ह-न उस गाड़ा था व

सभी मर गए + य-0क वह 1920 म4 समाध स बहार आन वाला था

1920 म4 0कसी को भरोसा नह था 0क वह जीवत मलगा ल0कन वह जीवत था और उसक बाद भी वह दस वष[ तक

जीवत रहा वह Bबलकल पीला पड़ गया था परत जीवत था और उसको हवा मलन क कोई सभावना नह थी

डॉ+टर- न तथा दसर- न उसस पछा 0क इसका रहसय + या ह उसन कहा हम नह जानत हम इतना ह जानत ह 0क ाण

कह भी वश कर सकता ह और वह ह हवा वहा नह वश कर सकती ल0कन ाण कर सकता ह

एक बार तम जान जाओ 0क R वास क Bबना भी कस तम ाण को सीध हण कर सकत हो तो तम सVदय- तक क लए भी

समाध म4 जा सकत हो

तीसर आख पर क4 Vत होकर तम R वास क सार ततव को R वास को नह R वास क सार ततव ाण को दख सकत हो और

अगर तम ाण को दख सक तो तम उस Bबद पर पहच गए जहा स छलाग लग सकती ह 2ात घVटत हो सकती ह

स कहता ह lsquorsquoसह9ार तक Mप को ाण स भरन दोlsquorsquo

और जब तम को ाण का एहसास हो तब कY पना करो 0क तZ हारा सर ाण स भर गया ह सफ कY पना करो 0कसी

यतन क जMरत नह ह और म_ बताऊगा 0क कY पना कस काम करती ह तब तम Bन-Bबद पर ि9 थर हो जाओ तब

कY पना करो और चीज4 आप ह और तरत घVटत होन लगती ह

अभी तZ हार कY पना भी नपसक ह तम कY पना 0कए जात हो और कछ भी नह होता ल0कन कभी-कभी अनजान

साधारण िजदगी म4 भी चीज4 घVटत होती ह तम अपन म क सोच रह हो और अचानक दरवाज पर दसतक होती ह तम

कहत हो 0क सायोगक था 0क म आ गया कभी तZ हार कY पना सयोग क तरह भी काम करती ह

ल0कन जब भी ऐसा हो तो याद रखन क चO टा करो और पर चीज का वR लषण करो जब भी लग 0क तZ हार कY पना सच

हई ह तम भीतर जाओ और दखो कह न कह तZ हारा अवधान तीसर न क पास रहा होगा दरअसल यह सयोग नह था

यह वसा Vदखता ह + य-0क गम वान का तमको पता नह ह अनजान ह तZ हारा मन Bन क4 क पास चला गया

होगा और अवधान यVद तीसर आख पर ह तो 0कसी घटना क सजन क लए उसक कY पना काफ ह

यह स कहता ह 0क जब तम भकVटय- क बीच ि9 थर हो और ाण को अनभव करत हो तब Mप को भरन दो अब कY पना

करो 0क ाण तZ हार पर मि9 तषक को भर रह ह वशषकर सह9 ार को जो सव|चच मनस क4 ह उस Qण तम कY पना

करो और वह भर जाएगा कY पना करो 0क वह ाण तZ हार सह9 ार स काश क तरह बरसगा और वह बरसन लगगा

और उस काश क वषा म4 तम ताजा हो जाओग तZ हारा पनजनम हो जाएगा तम Bबलकल नए हो जाओग आतPरक

जनम का यह अथ ह

यहा दो बात4 ह एक तीसर आख पर क4 Vत होकर तZ हार कY पना पसतव को श को उपलबध हो जाती ह यह कारण ह

0क शता पर पवता पर इतना बल Vदया गया ह इस साधना म4 उतरन क पहल श बन

त क लए श कोई नतक धारणा नह ह श इसलए अथपण ह 0क यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हए और तZ हारा

मन अश रहा तो तZ हार कY पना खतरनाक स हो सकती हmdashतZ हार लए भी और दसर4 क लए भी यVद तम 0कसी क

हlt या करन क सोच रह हो उसका महज वचार भी मन म4 ह तो सफ कY पना स उस आदमी क मlt य घVटत हो जाएगी

यह कारण ह 0क शता पर इतना जोर Vदया जाता ह

पाइथागोरस को वशष उपवास और ाणायाम स गजरन को कहा गया + य-0क यहा बहत खतरनाक भम स याी गजरता

ह जहा भी शि+ त ह वहा खतरा ह यVद मन अश ह तो शि+ त मलन पर आपक अश वचार शि+ त पर हावी हो जाएग

कई बार तमन हlt या करन क सोची ह ल0कन भागय स वहा कY पना न काम नह 0कया यVद वह काम कर यVद वह तरत

वा9तवक हो जाए तो वह दसर- क लए ह नह तZ हार लए भी खतरनाक स हो सकती ह + य-0क 0कतनी ह बार तमन

आतम हlt या क सोची ह अगर मन तीसर आख पर क4 Vत ह तो आlt महlt या का वचार भी आlt महlt या बन जाएगा तमको

वचार बदलन का समय भी नह मलगा वह तरत घVटत हो जाएगी

तमन 0कसी को सZ मोVहत होत दखा ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब सZमोहन वद जो भी कहता ह सZ मोVहत

gt यि+ त तरत उसका पालन करता ह आदश 0कतना ह बहदा हो तक हन हो असभव ह + या न हो सZ मोVहत gt यि+ त

उसका पालन करता ह + या होता ह

यह पाचवी वध सब सZमोह न क जड़ म4 ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब उस एक वशष Bबद पर 0कसी काश

पर या दवार पर लग 0कसी चनह पर या 0कसी भी चीज पर या सZ मोहक क आख पर ह अपनी aिO ट क4 Vत करन को कहा

जाता ह और जब तम 0कसी खास Bबद पर aिO ट क4 Vत करत हो उसक तीन मनट क अदर तZ हारा आतPरक अवधान

तीसर आख क और बहन लगता ह तZ हार चहर क मा बदलन लगती ह और सZ मोहन वद जानता ह 0क कब तZ हारा

चहरा बदलन लगा एकाएक चहर स सार शि+ त गायब हो जाती ह वह मत वत हो जाता ह मान- गहर ता म4 पड़ हो जब

ऐसा होता ह सZ मोहक को उसका पता हो जाता ह उसका अथ हआ 0क तीसर आख अवधान को पी रह ह आपका चहरा

पीला पड़ गया ह पर ऊजा Bन क4 क और बह रह ह

अब सZमोVहत करन वाला तरत जान जाता ह 0क जो भी कहा जाएगा वह घVटत होगा वह कहता ह 0क अब तम गहर

नीद म4 जा रह हो और तम तरत सो जात हो वह कहता ह 0क अब तम बहोश हो रह हो और तम बहोश हो जात हो अब कछ

भी 0कया जा सकता ह अब अगर वह कह 0क तम नपोलयन या Vहटलर हो गए हो तो तम हो जाओग तZ हार मा बदल

जायगी आदश पाकर तZ हारा अचतन उसका वा9 तवक बना दता ह अगर तम 0कसी रोग स पीWडत हो तो रोग को हटन का

आदश दगा और मजदार बात रोग दर हो जायगा या कोई नया रोग भी पदा 0कया जा सकता ह

यह नह सड़क पर स एक ककड़ उठा कर अगर सZमोहन वद तZ हार हथल पर रख द और कह 0क यह अगारा ह तो तम

तज गमy महसस करोग और तZ हार हथल जल जाएगीmdashमानसक तल पर नह वासतव म4 ह वासतव म4 तZ हार चमड़ी

जब लायगी और तZ ह4 जलन महसस होगी + या होता ह अगारा नह बस एक मामल ककड़ ह वह भी ठडा 0फर भी जलना

ह नह हाथ पर फफोल तक उगा दता ह

तम तीसर आख पर क4 Vत हो और सZमोहन वद तमको सझाव दता ह और वह सझाव वा9 तवक हो जाता ह यVद

सZमोहन वद कह 0क अब तम मर गए तो तम तरत मर जाओग तZ हार दय गत Mक जायगी Mक ह जाएगी

यह होता ह Bन क चलत Bन क लए कY पना और वा9 तवकता दो चीज4 नह ह कY पना ह तथय ह कY पना कर4 और

वसा ह जाएगा 9 वपन और यथाथ म4 फासला नह ह 9 वपन दखो और सच हो जायगा

यह कारण ह 0क शकर न कहा 0क यह ससार परमाlt मा क 9 वपन क सवाय और कछ नह हmdashयह परमाlt मा क माया ह

यह इसलए 0क परमाlt मा तीसर आख म4 बसता हmdashसदा सनातन स इसलए परमाlt मा जी 9 वपन दखता ह वह सच हो

जाता ह और यVद तम भी तीसर आख म4 थर हो जाओ तो तZ हार 9 वपन भी सच होन लग4ग

साPरप ब क पास आया उसन गहरा धान 0कया तब बहत चीज4 घVटत होन लगी बहत तरह क aशय उस Vदखाई दन

लग जो भी L यान क गहराई म4 जाता ह उस यह सब Vदखाई दन लगता ह 9 वग और नरक दवता और दानव सब उस

Vदखाई दन लग और वह ऐस वा9 तवक थ 0क साPरप ब क पास दौड़ा आया और बोला 0क ऐस-ऐस aशय Vदखाई दत ह

ब न कहा व कछ नह ह मा 9 वपन ह

ल0कन साPरप न कहा 0क व इतन वा9 तवक ह 0क म_ कस उG ह4 9 वपन कह जब एक फल Vदखाई पड़ता ह वह फल 0कसी

भी फल स अधक वा9 तवक मालम पड़ता ह उसम सगध ह उस म_ छ सकता ह अभी जो म_ आपको दखता ह वह उतना

वा9 तवक नह ह आप िजतना वा9 तवक मर सामन ह वह फल उसस अधक वा9 तवक ह इसलए कस म_ भद कM 0क

कौन सच ह और कौन सवपन

ब न कहा अब च0क तम तीसर आख म4 क4 Vत हो इसलए 9 वपन और यथाथ एक हो गए ह जो भी 9 वपन तम दखोग4

सच हो जाएगा

और उसस ठUक उलटा भी घVटत हो सकता ह जो Bन पर थर हो गया उसक लए 9 वपन यथाथ हो जाएगा और यथाथ

9 वपन हो जाएगा + य-0क जब तZ हारा 9 वपन सच हो जाता ह तब तम जानत हो 0क 9 वपन और यथाथ म4 बनयाद भद

नह ह

इसलए जब शकर कहत ह 0क सब ससार माया ह परमाlt मा का 9 वपन ह तब यह कोई सातक 9 तावना या कोई

मीमासक व+ तवय नह ह यह उस gt यि+ त का आतPरक अनभव ह जो शवन म4 थर हो गया ह

अत जब तम तीसर नतर पर क4 Vत हो जाओ तब कY पना करो 0क सह9 ार स ाण बरस रहा ह जस 0क तम 0कसी वQ क

नीच बठ हो और फल बरस रह ह या तम आकाश क नीच हो और कोई बदल बरसन लगी या सबह तम बठ हो और सरज

उग रहा ह और उसक 0करण4 बरसन लगी ह कY पना करो और तरत तZ हार सह9 ार स काश क वषा होन लगगी यह

वषा मनषय को पननमत करती ह उसका नया जनम द जाती ह तब उसका पनजनम हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-06

सास(रक काम2 म0 लग हए अवधान को दो वास2 क बीच =टकाओ इस अN यास स थोड़ ह =दन म0 नया जनम होगा

वध-6 वान भरव त (त-सmdashभाग-1)osho

lsquorsquoसासPरक काम- म4 लग हए अवधान को दो R वास- क बीच Vटकाओhelliplsquorsquo

R वास- को भल जाओ और उनक बीच म4 अवधान को लगाओ एक R वास भी तर आती ह इसक पहल 0क वह लौट जाए उस

बाहर छोड़ा जाए वहा एक अतराल होता ह

lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएlsquorsquo यह छठU वध नरतर करन क ह इसलए कहा गया ह lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएhelliprsquorsquo

जो भी तम कर रह हो उसम अवधान को दो R वास- क अतराल म4 थर रखो ल0कन काम-काज म4 लग हए ह इस साधना ह

ठUक ऐसी ह एक दसर वध क चचा हम कर चक ह अब फक इतना ह 0क इस सासाPरक काम- म4 लग हए ह करना ह

उसस अलग होकर इस मत करो यह साधना ह तब करो जब तम कछ और काम कर रह हो

तम भोजन कर रह हो भोजन करत जाओ और अतराल पर अवधान रखो तम चल रह हो चलत जाओ और अवधान को

अतराल पर Vटकाओ तम सोन जा रह हो लटो और नीद को आन दो ल0कन तम अतराल क त सजग रहो

पर काम-काज म4 + य- + य-0क काम-काज मन को डावाडोल करता ह काम-काज म4 तZ हार अवधान को बार-बार भलाना

पड़ता ह तो डावाडोल न ह- अतराल म4 थर रह4 काम-काज भी न Mक चलता रह तब तZ हार अि9 ततव क दो तल हो

जाएग करना ओर होना अि9 ततव क दो तल ओ गए एक करन का जगत और दसरा होन का जगत एक पPरध ह और

दसरा क4 पPरध पर काम करत रहो Mको नह ल0कन क4 पर भी सावधानी स काम करत रहो + या होगा

तZ हारा काम-काज तब अभनय हो जाएगा मान- तम कोई पाट अदा कर रह हो उदाहरण क लए तम 0कसी नाटक म पाट

कर रह हो तम राम बन हो या 2ाइसट बन हो यCयप तम राम या 2ाइसट का अभनय करत हो तो भी तम 9 वय बन

रहत हो क4 पर तम जानत हो 0क तम कौन हो और पPरध पर तम राम या 2ाइसट का या 0कसी का पाट अदा करत हो

तम जानत हो 0क तम राम नह हो राम का अभनय भर कर रह हो तम कौन हो तमको मालम ह तZ हारा अवधान तमम4

क4 Vय ह और तZ हारा काम पPरध पर जार ह

यVद इस वध का अ यास हो तो परा जीवन एक लबा नाटक बन जाएगा तम एक अभनता होग4 अभनय भी करोग और

सदा अतराल म4 क4 Vत रहोग जब तम अतराल को भल जाओग तब तम अभनता नह रहोग तब तम कता हो जाओग

तब वह नाटक नह रहगा उस तम भल स जीवन समझ लोग

यह हम सबन 0कया ह हर आदमी सोचता ह 0क वह जीवन जी रहा ह यह जीवन नह ह यह तो एक रोल ह एक पाट ह जो

समाज न पPरि9 थतय- न स9 कत न दश क परपरा न तमको थमा Vदया ह और तम अभनय कर रह हो और तम इस

अभनय क साथ तादाlt मय भी कर बठ हो उसी तादाlt मय को तोड़न क लए यह वध ह

कषण क अनक नाम ह कषण सबस कशल अभनताओ म4 स एक ह व सदा अपन म4 थर ह और खल कर रह ह लला कर

रह ह Bबलकल गर-गभीर ह गभीरता तादाlt मय स पदा होती ह

यVद नाटक म4 तम सच ह राम हो जाओ तो अवशय सम9 याए खड़ी होगी जब-जब सीता क चोर होगी तो तमको Vदल का

दौरा पड़ सकता ह और परा नाटक बद हो जाना भी निR चत ह ल0कन अगर तम बस अभनय कर रह हो तो सीता क चोर

स तमको कछ भी नह होता ह तम अपन घर लौटोग और चन स सो जाओग सपन म4 भी r याल न आएगा क सीता क

चोर हई

जब सचमच सीता चोर गई थी तब राम 9 वय रो रह थ चीख रह थ और वQ- स पछ रह थ 0क सीता कहा ह कौन उस ल

गया ल0कन यह समझन जसी बात ह अगर राम सच म4 रो रह ह और पड़- स पछ रह ह तब तो व तादाZ तयता कर बठ

तब व राम न रह ईशवर न रह अवतार न रह यह समरण रखना चाVहए 0क राम क लए उनका वा9 तवक जीवन भी

अभनय ह था जस दसर अभनताओ को तमन राम का अभनय करत दखा ह वस ह राम भी अभनय कर रह थmdash

नसदह एक बड़ रग मच पर

इस सबध म4 भारत क पास एक खबसरत कथा ह मर aिO ट म4 यह कथा अvत ह ससार क 0कसी भी भाग म4 ऐसी कथा नह

मलगी कहत ह 0क वाY मी0क न राम क जनम स पहल ह रामायण लख द राम को कवल उसका अनगमन करना था

इसलए वासतव म4 राम का पहला कतय भी अभनय ह था उनक जनम क पहल ह कथा लख द गई थी इसलए उG ह4

कवल उसका अनगमन करना पडा व और + या कर सकत थ वाY मी0क जसा gt यि+ त जब कथा लखता ह तब राम को

अनगमन करना होगा इसलए एक तरह स सब कछ नयम था सीता क चोर होनी थी और य का लड़ा जाना था

यVद यह तम समझ सको तो भागय क सात को भी समझ सकत हो इसका बड़ा गहरा अथ ह और अथ यह ह 0क यVद

तम समझ जात हो 0क तZ हार लए यह सब कछ नयम ह तो जीवन नाटक हो जाता ह अब यVद तमको राम का अभनय

करना ह तो तम कस बदल सकत हो सब कछ नयत ह यहा तक 0क तZ हारा सवाद भी डायलाग भी अगर तम सीता स

कछ कहत हो तो वह 0कसी नीयत वचन का दोहराना भर ह

यVद जीवन नयत ह तो तम उस बदल नह सकत उदाहरण क लए एक वशष Vदन को तZ हार मlt य होन वाल ह यह

नयत ह और तम जब मरोग तब रो रह होग4 यह भी निR चत ह और फला-फला लोग तZ हार पास ह-ग यह भी तय ह

और यVद सब कछ नीयत ह तय ह तब सब कछ नाटक हो जाता ह यVद सब कछ निR चत ह तो उसका अथ हआ 0क तम

कवल उस अजाम दन वाल हो तमको उस जीना नह ह उसका अभनय करना ह

यह वध छठU वध तमको एक साइकोxामा एक खल बना दती ह तम दो R वास- क अतराल म4 थर हो और जीवन

पPरध पर चल रहा ह यVद तZ हारा अवधान क4 पर ह तो तZ हारा अवधान पPरध पर नह ह पPरध पर जो ह वह

उपावधान ह वह कह तZ हार अवधान क पास घVटत होता ह तम उस अनभव कर सकत हो उस जान सकत हो पर वह

महlt वपण नह ह यह ऐसा ह जस तमको नह घVटत हो रहा ह

म_ इस दोहराता ह यVद तम इस छठU वध क साधना करो तो तZ हारा समचा जीवन ऐसा हो जाएगा जस वह तमको न

घVटत होकर 0कसी दसर gt यि+ त को घVटत हो रहा ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-07

सातवी वास वध

shira त-सmdashवध-07 ndashओशो

ललाट क मधय म0 सIम वास ()ाण) को =टकाओ जब वह सोन क Iण म0 Oदय तक पहचगा तब J वपन और J वय मP य

पर अधकार हो जाएगा

तम अधकाPरक गहर पत[ म4 वश कर रह हो

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओlsquorsquo

अगर तम तीसर आख को जान गए हो तो तम ललाट क मधय म4 ि9 थर सQम R वास को अaशय ाण को जान गए और

तम यह भी जान गए 0क वह उजा वह काश बरसता ह

lsquorsquoजब वह सोन क Qण म4 दय तक पहचगाmdashजब वह वषा तZ हार दय तक पहचगीmdashlsquorsquoतब 9 वपन और 9 वय मlt य पर

अधकार हो जाएगाlsquorsquo

इस वध को तीन Vह9 स- म4 लो एक R वास क भीतर जो ाण ह जो उसका सQम अaषय अपाथव अश ह उस तमको

अनभव करना होगा यह तब होता ह जब तम भकVटय- क बीच अवधान को थर रखत हो तब यह आसानी स घVटत होता

ह अगर तम अवधान को अतराल म4 Vटकात हो तो भी घVटत होता ह मगर उतनी आसानी स नह यVद तम नाभ क4 क

त सजग हो जहा R वास आती ह और छकर चल जाती ह तो भी यह घVटत होता ह पर कम आसानी स उस सQम ाण

को जानन का सबस सगम माग ह तीसर आख म4 थर होना वस तम जहा भी क4 Vत होग4 वह घVटत होगा तम ाण को

भावत होत अनभव करोग

यVद तम ाण को अपन भीतर वाVहत होता अनभव कर सको तो तम यह भी जान सकत हो 0क कब तZ हार मlt य होगी

यVद तम सQम R वास को ाण को महसस करन लग तो मरन क छह महन पहल स तम अपनी आसनन मlt य को जानन

लगत हो कस इतन सत अपनी मlt य क तथ बना दत ह यह आसान ह + य-0क यVद तम ाण क वाह को जानत हो तो

जब उसक गत उलट जाएगी तब उसको भी तम जान लोग मlt य क छह महन पहल 02या उलट जाती ह ाण तZ हार

बाहर जान लगता ह तब R वास इस भीतर नह ल जाती बिY क उलट बाहर ल जान लगती हmdashवह R वास

तम इस जान पात हो +य-0क तम उसक अaशय भाग को नह दखत कवल वाहन को ह दखत हो और वाहन तो एक ह

रहगा अभी R वास ाण को भीतर ल जाती ह और वहा छोड़ दती ह 0फर वाहन बाहर खाल वापस जाता ह और ाण स पन

भरकर भीतर जाता ह इसलए याद रखो 0क भीतर आन वाल R वास और बाहर जान वाल R वास दोन- एक नह ह वाहन क

Mप म4 तो परक R वास और रचक R वास एक ह ह ल0कन जहा परक ाण स भरा होता ह वह रचक उसस Pरकत रहता ह

तमन ाण को पी लया और R वास खाल हो गई

जब तम मlt य क करब होत हो तब उलट 02या चाल होती ह भीतर आन वाल R वास ाण वहन आती ह Pरकत आती

ह + य-0क तZ हारा शरर अि9 ततव स ाण को हण करन म4 असमथ हो जाता ह तम मरन वाल हो तZ हार जMरत न

रह पर 02या उलट जाती ह अब जब R वास बाहर जाती ह जब ाण को साथ लए बाहर जाती ह

इसलए िजसन सQम ाण को जान लए वह अपनी मlt य का Vदन भी तरत जान सकता ह छह महन पहल 02या उलट

हो जाती ह

यह स बहत-बहत महlt वपण ह

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओ जब सोन क Qण म4 वह दय तक पहचगा तब 9 वपन और 9 वय

मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

जब तम नीद म4 उतर रह हो तभी इस वध को साधना ह अनय समय म4 नह ठUक सोन का समय इस वध क अ यास क

लए उपयकत समय ह

तम नीद म4 उतर रह हो धीर-धीर नीद तम पर हावी हो रह ह कछ ह Qण- म4 भीतर तZ हार चतना लपत होगी तम अचत

हो जाओग उस Qण क आन क पहल तम अपनी R वास और उसक सQम अश ाण क त सजग हो जाओ और उस दय

तक जात हए अनभव करो अनभव करत जाओ 0क वह दय तक आ रहा ह दय तक आ रहा ह ाण दय स होकर

तZ हार शरर म4 वश करता ह इसलए यह अनभव करत ह जाओ 0क ाण दय तक आ रहा ह और इस नरतर अनभव

क बीच ह नीद को आन दो तम अनभव करत जाओ और नीद को आन दो नीद को तमको अपन म4 समट लन दो

यVद यह सभव हो जाए 0क तम अaशय ाण को दय तक जात दखो और नीद को भी तो तम अपन सपन- क त भी

सजग हो जाओग तब तमको बोध रहगा 0क तम सपना दखत हो तो तम समझत हो 0क यह यथाथ ह ह वह भी तीसर

आख क कारण ह सभव होता ह + या तमन 0कसी को नीद म4 दखा ह उसक आख ऊपर चल जाती ह और तीसर आख म4

ि9 थर हो जाती ह यVद नह दखा तो दखो

तZ हारा बf चा सोया ह उसक आख खोलकर दखो 0क उसक आख कहा ह उसक आख क पतलया ऊपर को चढ़ ह और

Bन पर क4 Vत ह म_ कहता ह 0क बf च- को दखो सयान- को नह सयान भरोस योगय नह ह + य-0क उनक नीद गहर

नह ह व सोचत भर ह 0क सोय ह बf च- को दखो उनक आख4 ऊपर को चढ़ जाती ह

इसी तीसर आख म4 थरता क कारण तम अपन सपन- को सच मानत हो तम यह नह समझ सकत क व सपन ह वह तम

तब जान-ग जब सबह जागोग तब तम जान-ग 0क यह 9 वपन ह यVद समझ जाओ तो दो तल हो गएmdash9 वपन ह और तम

सजग हो जागMक हो जो नीद म4 9 वपन क त जाग सक उसक लए यह स चमlt काPरक ह

यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन पर और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

यVद तम 9 वपन क त जागMक हो जाओ तो तम दो काम कर सकत हो एक 0क तम 9 वपन पदा कर सकत हो आमतौर

स तम 9 वपन नह पदा कर सकत आदमी 0कतना नपसक ह तम 9 वपन भी नह पदा कर सकत अगर तम कोई खास

9 वपन दखना चाहो तो नह दख सकत यह तZ हार हाथ म4 नह ह मनषय 0कतना शि+ तहन ह 9 वपन भी उसस नह

नमत 0कए जा सकत तम 9 व] न- क शकार भर हो उनक 9 O टा नह 9 वपन तम म4 घVटत होता ह तम कछ नह कर

सकत हो न तम उस रोक सकत हो न उस पदा कर सकत हो

ल0कन अगर तम यह दखत हए नीद म4 उतरो 0क दय ाण स भर रहा ह नरतर हर R वास म4 ाण स 9 पशत हो रहा ह तो

तम अपन 9 व] न- क मालक हो जाओग और यह मल0कयत बहत अनठU ह दलभ ह तब तम जो भी 9 वपन दखना चाहत

हो तम वह 9 वपन दख सकत हो और सोत समय कहो 0क म_ फला 9 वपन दखना चाहता ह और वह 9 वपन कभी तZ हार

मन म4 वश नह कर सकगा

ल0कन अपन 9 व] न- क मालक बनन का + या योजन ह + या यह gt यथ नह ह नह यह gt यथ नह ह एक बार तम

9 वपन क मालक हो गए तो दबारा तम कभी 9 वपन नह दखोग4 वह gt यथ हो गया जMरत नह रह जस ह तम अपन

9 व] न- क मालक होत हो 9 वपन बद हो जात ह उनक जMरत नह रहती और जब 9 वपन बद हो जात ह तब तZ हार

नीद का गण धम ह और होता ह वह गणधम वह ह जो मlt य का ह

मlt य गहन नीद ह अगर तZ हार नीद मlt य क तरह गहर हो जाए तो उसका अथ ह 0क सपन वदा हो गए सपन नीद को

उथला करत ह सपन- क चलत तम सतह पर ह घमत रहत हो सपन- म4 उलझ रहन क कारण तZ हार नीद उथल हो जाती

ह और जब सपन नह रहत तब तम नीद क सागर म4 उतर जात हो उसक गहराई छ लत ह वह मlt य ह

इसलए भारत न सदा कहा ह 0क नीद छोट मlt य ह और मlt य लबी नीद ह गणातमक Mप स दोन- समान ह नीद Vदन-

Vदन क मlt य ह मlt य जीवन-जीवन क नीद ह तVदन तम थक जात हो तम सो जात हो और दसर सबह तम 0फर

अपनी शि+ त और अपनी जीवतता को वापस पा लत हो तम मानो 0फर स जनम लत हो वस ह सततर या अ9 सी वष क

जीवन क बाद तम पर तरह थक जात हो अब छोट अवध क मlt य स काम नह चलगा अब तमको बड़ी मlt य क जMरत

ह उस बड़ी मlt य या नीद क बाद तम Bबलकल नए शरर क साथ पनजनम लत हो

और एक बार यVद तम 9 वपन-शनय नीद को जान जाओ और उसम बोध पवक रहो तो 0फर मlt य का भय जाता रहता ह

कोई कभी नह मर सकता मlt य असभव ह अभी एक Vदन पहल म_ कहता था 0क कवल मlt य निR चत ह और अब कहता ह

0क मlt य असभव ह कोई कभी नह मरा ह कोई कभी मर नह सकता ससार म4 यVद कछ असभव ह तो वह मlt य ह

+ य-0क अि9 ततव जीवन ह तम 0फर-0फर जG मत हो ल0कन नीद ऐसी गहर ह 0क परानी पहचान भल जात हो तZ हार

मन स 9 मतया प-छ द जाती ह

इस इस तरह सोचो मान लो 0क आज तम सोन जा रह हो और कोई ऐसा य बन गया हmdashशी~ ह बनन वाला हmdashजो 0क

जस टपPरकाडर क फत स आवाज प-छ द जाती ह वस ह मन स 9 मत को प-छ डालता ह + य-0क 9 मत भी एक गहर

PरकाWडJग ह दर-अबर हम ऐसा य नकाल ल4ग जो तZ हार 0फर म4 लगा Vदया जाएगा और जो तZ हार Vदमाग को प-छकर

Bबलकल साफ कर दगा तो कल सबह तम वह आदमी नह रहोग जो सोन गया था + य-0क तमको याद नह रहगा 0क कौन

सोन गया था तब तZ हार नीद मlt य जसी हो जाएगी एक गप आ जाएगा तमको याद नह रहगा 0क कौन सोया था यह

चीज 9 वाभावक ढग स घट रह ह जब तम मरत हो ओर 0फर जनम लत हो तब तमको याद नह रहता ह 0क कौन मरा

तम 0फर स शM करत हो

इस वध क Cवारा पहल तो तम 9 व] न- क मालक हो जाओग उसका अथ हआ 0क सपन आना बद हो जाएग या यVद तम

खद सपन दखना चाहोग तो सपना दख भी सकत हो ल0कन तब वह ऐिf छक सपना होगा वह अनवाय नह रहगा वह

तम पर लादा नह जाएगा तम उसक शकार नह ह-ग और तब तZ हार नीद का गणधम ठUक मlt य जसा हो जाएगा तब

तम जानोग 0क मlt य भी नीद ह

इसलए यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

तब तम जान-ग 0क मlt य एक लबी नीद हmdashऔर सहयोगी ह और सदर ह + य-0क वह तमको नव जीवन दती ह वह तमको

सब कछ नया दती ह 0फर तो मlt य भी समापत हो जाती ह 9 वपन क शष होत ह मlt य समापत हो जाती ह

मlt य पर नयण पान अधकार पान का दसरा अथ भी ह अगर तम समझ लो 0क मlt य नीद ह तो तम उसको Vदशा द

सकत हो अगर तम अपन सपन- को Vदशा द सकत हो तो मlt य को भी द सकत हो तब तम चनाव कर सकत हो 0क कहा

पदा हो कब पदा हो 0कसस पदा हो और 0कस Mप म4 पदा हो तब तम अपन जीवन क मालक होत हो

ब क मlt य हई म_ उनक अतम जनम क पव क जनम क चचा कर रहा ह जब व ब नह थ मरन क पव उG ह-न कहा

lsquorsquoम_ अमक मा बाप स पदा होऊगा ऐसी मर मा होगी ऐस मर पता ह-ग और मर मा मर जनम क बाद ह मर जायगी और

जब म_ जनमगा तो मर मा ऐस-ऐस सपन दखगी न तमको सफ अपन सपन- पर अधकार होगा दसर क 9 व] न- पर भी

अधकार हो जायगा सो ब न उदाहरण क तौर पर बताया 0क जब म_ मा क पट म4 होऊगा तब मर मा य-य 9 वपन दखगी

और जब कोई इस 2म स इन 9 व] न- को दख तब तम समझ जाना क म_ जनम लन वाला ह

और ऐसा ह हआ ब क माता न उसी 2म स सपन दख वह 2म सार भारत को पता था वशषकर उनको जो धम म4

जीवन क गहन चीज- म4 और उसक गम पथ- म4 उतसक थ पता था इसलए उन 9 व] न- क gt याr या हई 9 व] न- क

gt याr या करन वाला पहला आदमी ायड नह था और न उसक gt याr या म4 गहराई थी पला वह कवल पिR चम क लए था

तो ब क पता न 9 व] न- क gt याr याकार- को उस जमान क ायड- और जग- को तरत बलवाया और उनस पछा इस 2म

का + या अथ ह मझ डर लगता ह य सपन अvत ह और एक ह 2म स आ रह ह एक ह तरह क सपन बार-बार स आ

रह ह मान- कोई एक ह 0फलम को बार-बार दखता हो + या हो रहा ह

और gt याr याकार- न बताया 0क आप एक महान आlt मा क पता होन जा रह ह वह ब होन वाला ह ल0कन आपक पlt नी

को सकट ह + य-0क जब ऐस ब जनम लत ह तब मा का जीना कVठन हो जाता ह ब क पता न कारण पछा

gt याr याकार- न कहा 0क हम यह नह बता सकत ल0कन जो आlt मा पदा होन वाल ह उसका ह व+ तवय ह 0क उसक जनम

लन पर उसक मा क मlt य हो जायगी

बाद म4 ब स पछा गया 0क आपक माता क मlt य तरत + यो हई उG ह-न कहा 0क एक ब को जनम दना इतनी बड़ी घटना

ह 0क उसक बाद और सब कछ gt यथ हो जाता ह इसलए मा जीवत नह रह सकती उस नया जीवन शM करन क लए 0फर

स जनम लना होगा एक ब को जनम दना परम अनभव ह ऐसा शखर ह 0क मा उसक बाद नह बची रह सकती इसलए

मा क मlt य हई

ब न अपन पछल जनम म4 कहा था 0क म_ उस समय जनम लगा जब मर मा एक ताड़ वQ क नीच खड़ी होगी और वह

हआ ब का जब जनम हआ तब उनका मा ताड़ वQ क नीच खड़ी थी और ब न यह भी कहा क जनम लन क बाद म4

तरत सात कदम चलगा यह-यह पहचान होगी जो बताए दता ह ता0क तम जान सको 0क ब का जनम हो गया और ब

न सब कछ का इगत 0कया

और यह कवल ब क लए ह सह नह ह यह जीसस क लए सह ह यह महावीर क लए सह ह यह और भी कई अG य-

क लए सह ह lt यक जन तीथJकर न अपन पछल जनम म4 भवO यवाणी क थी 0क उनका जनम 0कस तरह होगा उG ह-न

भी 9 व] न- क 2म बताए थ उG ह-न भी तीक बताए थ और कहा था 0क 0कस तरह सब कछ घVटत होन वाला ह

तम Vदशा द सकत हो एक बार तम अपन 9 व] न- को Vदशा दन लगो तो सब कछ को Vदशा द सकत हो + य-0क यह ससार

सव] न- का ह बना हआ ह और 9 व] न- का ह यह जीवन बना ह इसलए जब तZ हारा अधकार सपन पर हआ तब सब कछ

पर हो गया

यह स कहता ह lsquorsquo9 वय मlt य परlsquorsquo

तब कोई gt यि+ त अपन को एक वशष तरह का जनम भी द सकता ह वशष तरह का जीवन भी द सकता ह

हम लोग तो शकार ह हम नह जानत ह 0क + य- जG मत ह + य- मरत ह कौन हम4 चलाता ह और + य- काई कारण नह

Vदखाई दता ह सब कछ अराजकता सयोग जसा ह ऐसा इसलए ह 0क हम मालक नह ह एक बार मालक हो जाए तो

0फर ऐसा नह रहगा

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-08

आठवी वास वध

आP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकर ाता को जान लो

Lord Shiva त-सndashओशो

इन वधय- क बीच जरा-जरा स ह तो भी तZ हार लए व भद बहत हो सकत ह एक अकला शबद बहत फक पदा करता ह

lsquorsquoआP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकरhelliplsquorsquo

भीतर आन वाल R वास को एक सध सथल ह जहा वह मड़ती ह इन दो सध-9 थल-mdashिजसक चचा हम कर चक हmdashक

साथ यहा जरा सा भद 0कया गया ह हाला0क यह भद वध म4 तो जरा सा ह ह ल0कन साधक क लए बड़ा भद हो सकता ह

कवल एक शत जोड़ द गई हmdashlsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकrsquorsquo और पर वध बदल गयी

इसक थम Mप म4 भि+ त का सवाल नह था वह मा वानक वध थी तम योग करो और वह काम करगी ल0कन

लोग ह जो ऐसी शषक वानक वधय- पर काम नह कर4ग इसलए जो दय क और झक ह जो भि+ त क जगत क ह

उनक लए जरा सा भद 0कया गया ह आlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध-9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

अगर तम वानक tझान क नह हो अगर तZ हारा मन वानक नह ह तो तम इस वध को योग म4 लाओ

आlt यतक भि+ त पवकmdashम kा क साथmdashR वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

यह कस सभव होगा

भि+ त तो 0कसी क त होती ह चाह व कषण ह- या 2ाइसट ल0कन तZ हार 9 वय क त R वास क दो सध-9 थल- क त

भि+ त कसी होगी यह ततव तो गर भि+ त वाला ह ल0कन gt यि+ त-gt यि+ त पर नभर ह

त का कहना ह 0क शरर मVदर ह तZ हारा शरर परमाlt मा का मVदर ह उसका नवास 9 थान ह इसलए इस मा अपना

शरर या एक व9 त न मानो यह पव ह धामक ह जब तम एक R वास भीतर ल रह हो तब तम ह R वास नह ल रह हो

तZ हार भीतर परमाlt मा भी R वास ल रहा ह तम चलत 0फरत होmdashइस इस तरह दखोmdashतम नह 9 वय परमाlt मा तमम4 चल

रहा ह तब सब चीज4 पर तरह भि+ त हो जाती ह

अनक सत- क बार म4 कहा जाता ह 0क व अपन शरर को म करत थ व उसक साथ ऐसा gt यवहार करत थ मानो व शरर

उनक मकाओ क रह ह-

तम भी अपन शरर को यह gt यवहार द सकत हो उसक साथ यवत gt यवहार भी कर सकत हो वह भी एक Mझान ह एक

aिO ट ह तम इस अपराधपण पाप भरा और गदा भी मान सकत हो और इस चमlt कार भी समझ सकत हो परमाlt मा का

घर भी समझ सकत ह यह तम पर नभर ह

यVद तम अपन शरर को मVदर मान सको तो यह वध तZ हार काम आ सकती ह lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकhelliplsquorsquo इसका

योग करो जब तम भोजन कर रह हो तब इसका योग करो यह न सोचो 0क तम भोजन कर रह हो सोचो 0क परमाlt मा

तमम4 भोजन कर रहा ह और तब पPरवतन को दखो तम वह चीज खा रह हो ल0कन तरत सब कछ बदल जाता ह अब

तम परमाlt मा को भोजन द रह हो तम 9 नान कर रह हो 0कतना मामल सा काम ह ल0कन aिO ट बदल दो अनभव करो

0क तम अपन म4 परमाlt मा को 9 नान करा रह हो तब यह वध आसान होगी

lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-09

नौवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

मतवत लट रहो ोध म0 Iबध होकर उसम ठहर रहो या पतलय2 को घमाए बना एकटक घरत रहो या कछ चसो और

चसना बन जाओ

lsquorsquoमतवत लट रहोlsquorsquo

योग करो 0क तम एकाएक मर गए हो शरर को छोड़ दो + य-0क तम मर गए हो बस कY पना करो 0क मत ह म_ शरर

नह ह शरर को नह Vहला सकता आख भी नह Vहला सकता म_ चीख-चY ला भी नह सकता न ह म_ रो सकता ह कछ

भी नह कर सकता + य-0क म_ मरा हआ ह और तब दखो तZ ह4 कसा लगता ह ल0कन अपन को धोखा मत दो तम शरर

को थोड़ा Vहला सकत हो नह Vहलाओ नह ल0कन मचछर भी आ जाय तो भी शरर को मत समझो यह सबस अधक

उपयोग क गई वध ह

रमण महष इसी वध स ान को उपलबध हए थ ल0कन यह उनक इस जनम क वध नह थी इस जनम म4 तो

अचानक सहज ह यह उG ह4 घVटत हो गई ल0कन जMर उG ह-न 0कसी पछल जनम म4 इसक सतत सधाना क होगी

अG यथा सहज कछ भी घVटत नह होता lt यक चीज का काय-कारण सबध रहता ह

जो जब व कवल चौदह या पह वष क थ एक रात अचानक रमण को लगा 0क म_ मरन वाला ह उनक मन म4 यक बात बठ

गई 0क मlt य आ गई ह व अपना शरर भी नह Vहला सकत थ उG ह4 लगा 0क मझ लकवा मार गया ह 0फर उG ह4 अचानक

घटन महसस हई और व जान गए 0क उनक दय-गत बद होन वाल ह और व चY ला भी नह सक बोल भी नह सक 0क

म_ मर रहा ह

कभी-कभी 0कसी द9व]न म4 ऐसा होता ह 0क जब तम न चY ला पात हो और न Vहल पात हो जागन पर भी कछ Qण- तक

तम कछ नह कर पात हो यह हआ रमण को अपनी चतना पर तो परा अधकार था पर अपन शरर पर Bबलकल नह व

जानत थ 0क म_ ह चतना ह सजग ह ल0कन म_ मरन वाला ह और यह नशचय इतना घना था 0क कोई वकलप भी नह

था इसलए उG ह-न सब यतन छोड़ Vदया उG ह-न आख बद कर ल और मlt य क तीQा करन लग

धीर-धीर उनका शरर सखत हो गया शरर मर गया ल0कन एक सम9 या उठ खड़ी हई व जान रह थ 0क शरर नह ह

ल0कन म_ तो ह व जान रह थ 0क म_ जीवत ह और शरर मर गया ह 0फर व उस ि9 थत स वापस आए सबह म4 शरर

9 वासथ था ल0कन वह आदमी नह लौटा था जो मlt य क पव था + य-0क उसन मlt य को जान लया था

अब रमण न एक नए लोक को दख लया था चतना क एक नए आयाम को जान लया था उG ह-न घर छोड़ Vदया उस मlt य

क अनभव न उG ह4 पर तरह बदल Vदया और व इस यग क बहत थोड़ स ब पMष- म4 हए

और यह वध ह जो रमण को सहज घVटत हई ल0कन तमको यह सहज ह नह घVटत होन वाल ल0कन योग करो तो

0कसी जीवन म4 यह सहज हो सकती ह योग करत हए भी यह घVटत हो सकती ह और यVद नह घVटत हई तो भी यतन

कभी gt यथ नह जाता ह यह यतन तम म4 रहगा तZ हार भीतर बीज बनकर रहगा कभी जब उपयकत समय होगा और

वषा होगी यह बीज अकPरत हो जाएगा

सब सहजता क यह कहानी ह 0कसी काल म4 बीज बो Vदया गया था ल0कन ठUक समय नह आया था और वषा नह हई

थी 0कसी दसर जनम और जीवन म4 समय तयार होता ह तम अधक ौढ़ अधक अनभवी होत हो और ससार म4 उतन ह

नराश होत हो तब 0कसी वशष ि9 थत म4 वषा होती ह और बीज फट नकलता ह

lsquorsquoमतवत लट रहो 2ोध म4 Qबध होकर उसम4 ठहर रहोlsquorsquo

नशचय ह जब तम मर रह हो तो वह कोई सख का Qण नह होगा वह आनदपण नह हो सकता जब तम दखत हो 0क तम

मर रह हो भय पकड़गा मन म4 2ोध उठगा या वषाद उदासी शोक सताप कछ भी पकड़ सकता ह gt यि+ त-gt यि+ त म4

फक ह

स कहता हmdashlsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहो ि9 थत रहोlsquorsquo

अगर तमको 2ोध घर तो उसम ह ि9 थत रहो अगर उदासी घर तो उसम भी भय चता कछ भी हो उसम4 ह ठहर रहो डट

रहो जो भी मन म4 हो उस वसा ह रहन दो + य-0क शरर तो मर चका ह

यह ठहरना बहत सदर ह अगर तम कछ मनट- क लए भी ठहर गए तो पाओग 0क सब कछ बदल गया ल0कन हम Vहलन

लगत ह यVद मन म4 कोई आवग उठता ह तो शरर Vहलन लगता ह उदासी आती ह तो भी शरर Vहलता ह इस आवग

इसीलए कहत ह 0क यह शरर म4 वग पदा करता ह मतवत महसस करोmdashऔर आवग- को शरर Vहलान इजाजत मत दो व

भी वहा रह और तम भी वहा रहो ि9 थर मतवत कछ भी हो पर हलचल नह हो गत नह हो बस ठहर रहो

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहोlsquorsquo

यहmdashया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो महर बाबा क वध थी वष| व अपन कमर क छत को घरत रह

नरतर ताकत रह वष| वह जमीन पर मतवत पड़ रह और पतलय- को आख- को Vहलाए Bबना छत को एक टक दखत रह

ऐसा व लगातार घटो Bबना कछ 0कए घरत रहत थ टकटक लगाकर दखत रहत थ

आख- स घरना अf छा ह + य-0क उसस तम 0फर तीसर आख म_ ि9 थत हो जात हो और एक बार तम तीसर आख म4 थर

हो गए तो चाहन पर भी तम पतलय- को नह घमा सकत हो व भी थर हो जाती हmdashअचल

महर बाबा इसी घरन क जPरए उपलबध हो गए और तम कहत हो 0क इन छोट-छोट अ यास- स + या होगा ल0कन महर

बाबा लगातार तीन वष[ तक Bबना कछ 0कए छत को घरत रह थ तम सफ तीन मनट क लए ऐसी टकटक लगाओ और

तमको लगगा 0क तीन वष गजर गय तीन मनट भी बहत लमब समय मालम होगा तZ ह4 लगगा क समय ठहर गया ह

और घड़ी बद हो गई ह ल0कन महर बाबा घरत रह घरत रह धीर-धीर वचार मट गए और गत बद हो गई महर बाबा

मा चतना रह गए व मा घरना बन गए टकटक बन गए और तब व आजीवन मौन रह गए टकटक क Cवारा व अपन

भीतर इतन शात हो गए 0क उनक लए 0फर शबद रचना असभव हो गई

महर बाबा अमPरका म4 थ वहा एक आदमी था जो दसर- क वचार को मन को पढ़ना जानता था और वासतव म4 वह आमी

दलभ थाmdashमन क पाठक क Mप म4 वह तZ हार सामन बठता आख बद कर लता और कछ ह Qण- म4 वह तZ हार साथ ऐसा

लयव हो जाता 0क तम जो भी मन म4 सोचत वह उस लख डालता था हजार- बार उसक परQा ल गई और वह सदा

सह साBबत हआ तो कोई उस महर बाबा क पास ल गया वह बठा और वफल रहा और यह उसक िजदगी क पहल

वफलता थी और एक ह और 0फर हम यह भी कस कह4 0क यह उसक वफलता हई

वह आदमी घरता रहा घरता रहा और तब उस पसीना आन लगा ल0कन एक शबद उसक हाथ नह लगा हाथ म4 कलम

लए बठा रहा और 0फर बोलाmdash0कसी 0कसम का आदमी ह यह म_ नह पढ़ पाता ह + य-0क पढ़न क लए कछ ह ह नह

यह आदमी तो Bबलकल खाल ह मझ यह भी याद नह रहता क यहा कोई बठा ह आख बद करन क बाद मझ बार-बार

आख खोल कर दखना पड़ता ह 0क यह gt यि+ त यहा ह 0क नह या यहा स हट गया ह मर लए एका होना भी कVठन हो

गया ह + य-0क ` य- ह म_ आख बद करता ह 0क मझ लगता ह 0क धोखा Vदया जा रहा ह वह gt यि+ त यहा स हट जाता ह

मर सामन कोई भी नह ह और जब म_ आख खोलता ह तो उसको सामन ह पाता ह वह तो कछ भी नह सोच रहा ह

उस टकटक न सतत टकटक न महर बाबा क मन को पर तरह वसिजत कर Vदया था

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यहा जरा सा Mपातरण ह कछ भी काम द दगा तम मर गए यह काफ ह

lsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहोlsquorsquo

कवल यह अश भी एक वध बन सकता ह तम 2ोध म4 हो लट रहो और 2ोध म4 ि9 थत रहो पड़ रहो इसस हटो नह कछ

करो नह ि9 थर पड़4 रहो

कOणामत इसी क चचा 0कए चल जा रह थ उनक पर वध इस एक चीज पर नभर ह 2ोध स Qबध होकर उसम ठहर

रहोlsquorsquo यVद तम 2 हो तो 2 होओ और 2 रहो उसस Vहलो नह हटो नह और अगर तम वस ठहर सको तो 2ोध चला

जाता ह और तम दसर आदमी बन जात हो और एक बार तम 2ोध को उसस आदोलत हए Bबना दख लो तो तम उसक

मालक हो गए

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एक टक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यह अतम वध शारPरक ह और योग म4 सगम ह + य-0क चसना पहला काम ह जो 0क कोई बf चा करता ह चसना

जीवन का पहला कतय ह बf चा जब पदा होता ह तब वह पहल रोता ह तमन यह जानन क कोशश नह क होगी 0क

बf चा + य- रोता ह सच म4 वह रोता नह ह वह रोता हआ मालम होता ह वह सफ हवा का पी रहा ह चर रहा ह अगर वह

नह र-ए तो मनट- क भीतर मर जाए + य-0क रोना हवा लन का पहला यतन ह जब वह पट म4 था बf चा 9 वास नह लता

ह Bबना 9 वास लए वह जीता था वह वह 02या कर रहा था जो भमगत समाध लन पर योगी जन करत ह वह Bबना

R वास लए ाण को हण कर रहा थाmdashमा स श ाण ह हण कर रहा था

यह कारण ह 0क मा और बf च क बीच जो म ह वह और म स सवथा भनन होता ह + य-0क शतम ाण दोन- को

जोड़ता ह अब ऐसा 0फर कभी नह होगा उनक बीच एक सQम ाणमय सबध था मा बf च को ाण दती थी बf चा R वास

तक नह लता था

ल0कन जब वह जनम लता ह तब वह मा क गभ स उठाकर एक Bबलकल अनजानी दनया म4 फ4 क Vदया जाता ह अब उस

ाण या ऊजा उस आसानी स उपलबध नह होगी उस 9 वय ह R वास लनी होगी उसक पहल चीख चसन का पहला यतन

ह उसक बाद वह मा क सतन स दध चसता ह य बनयाद कतय ह जो तम करत हो बाक सब काम बाद म4 आत ह

जीवन क व बनयाद कतय ह और थम कतय उसका अ यास भी 0कया जा सकता ह

यह स कहता ह lsquorsquoया कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

0कसी भी चीज को चसो हवा को ह चसो ल0कन तब हवा को भल जाओ और चसना ह बन जाओ इसका अथ + या हआ

तम कछ चस रह हो इसम4 तम चसन वाल हो चोषण नह तम चोषण क पीछ खड़ हो यह स कहता ह 0क पीछ मत खड़

रहो कतय म4 भी सिZ मलत हो जाओ और चोषण बन जाओ

0कसी भी चीज स तम योग कर सकत हो अगर तम दौड़ रह हो तो दौड़ना ह बन जाओ और दौड़न वाल न रहो दौड़ना बन

जाओ दौड़ बन जाओ और दौड़न वाल को भल जाओ अनभव करो 0क भीतर कोई दौड़न वाला नह ह मा दौड़न क

02या ह वह 02या तम होmdashसPरता जसी 02या भीतर कोई नह ह भीतर सब शात ह और कवल यह 02या ह

चसना चोषण अf छा ह ल0कन तमको यह कVठन मालम पड़गा + य-0क हम इस Bबलकल भल गए ह यह कहना भी ठUक

नह ह 0क Bबलकल भल गए ह + य-0क उसका वकलप तो नकालत ह रहत ह मा क सतन क जगह सगरट ल लती ह

और तम उस चसत रहत हो यह सतन ह ह मा का सतन मा का चचक और गम धआ नकलता ह वह मा का दध

इसलए छटपन म4 िजनको मा क सतन क पास उतना नह रहन Vदया गया िजतना व चाहत थ व पीछ चलकर धपान

करन लगत ह यह Bबलकल भल गए ह और वकलप स भी काम चल जाएगा इसलए अगर तम सगरट पीत हो तो

धपान ह बन जाओ सगरट को भल जाओ पीन वाल को भल जाओ और धपान ह बन रहो

एक वषय ह िजस तम चसत हो एक वषयी ह जो चसता ह और उनक बीच चसन क चोषण क 02या ह तम चोषण

बन जाओ 02या बन जाओ इस योग करो पहल कई चीज- स योग करना होगा और तब तम जान-ग 0क तZ हार लए

+ या चीज सह ह

तम पानी पी रह हो ठडा पानी भीतर जा रहा ह तम पानी बन जाओ पानी न पीओ पानी को भल जाओ अपन को भल

जाओ अपनी ] यास को भी और मा पानी बन जाओ 02या म4 ठडक ह 9 पश ह वश ह और पानी हmdashवह सब बन रहो

+ य- नह + या होगा यVद तम चोषण बन जाओ तो + या होगा

यVद तम चोषण बन जाओ तो तम नद|ष हो जाओगmdashठUक वस जस थम Vदन जG मा हआ शश होता ह + य-0क वह थम

02या ह एक तरह स आप पीछ क और याा कर4ग ल0कन उसक ललक लालसा भी तो ह आदमी का परा अि9 ततव

उस 9तन पान क लए तड़पता ह उसक लए वह कई योग करता ह ल0कन कछ भी काम नह आता + य-0क वह Bबद ह

खो गया ह जब तक तम चसना नह बन जात तब तक कछ भी काम नह आएगा इसलए इस योग म4 लाओ

एक आदमी को म_न यह वध द थी उसन कई वधया योग क थी तब वह मर पास आया उसस म_न कहा यVद म_

समच ससार स कवल एक चीज ह तZ ह4 चनन को द तो तम + या चनोग और म_न तरत उस यह भी कहा 0क आख बद करो

और इस पर तम कछ भी सोच Bबना मझ बताओ वह डरन लगा lझझकन लगा तो म_न कहा न डर- और न lझझाको मझ

9 पषट बताओ उसन कहा यह तो बहदा मालम पड़ता ह ल0कन मर सामन एक सतन उभर रहा ह और यह कहकर वह

अपराध भाव अनभव करन लगा तो म_न कहा मत अपराध भाव अनभव करो सतन म4 गलत + या ह सवाधक सदर

चीज- म4 सतन एक ह 0फर अपराध भाव + य-

ल0कन उस आदमी न कहा यह चीज तो मर लए 9 तता बन गई ह इसलए अपनी वध बतान क पहल आप कपा कर

यक बताए 0क म_ + य- ि9 य- क 9 तन- म4 इतना उlt सक ह जब भी म_ 0कसी 9ी को दखता ह पहल उसका सतन ह मझ

Vदखाई दता ह शष शरर उतन महतव का नह रहता

और यह बात कवल उसक साथ ह लाग नह ह lt यक क साथ ात lt यक क साथ लाग ह और यह Bबलकल 9 वाभावक

ह + य-0क मा का सतन क जगत क साथ आदमी का पहला पPरचय बनता ह यह बनयाद ह जगत क साथ पहला सपक

मा क सतन बनता ह यह कारण ह 0क सतन म4 इतना आकषण ह सतन इतना सदर लगता ह उसम एक चबकय शि+ त

इसलए म_न उस gt यि+ त स कहा 0क अब म_ तमको वध दगा और यह वध थी जो म_न उस द 0कसी चीज को चसो और

चसना बन जाओ म_न बताया 0क आख4 बद कर लो और अपनी मा का सतन याद करो या और कोई सतन जो तZ ह4 पसद हो

कY पना करो और ऐस चसना शM करो 0क यह असल सतन ह शM करो

उसन चसना शM 0कया तीन Vदन क अदर वह इतनी तजी स पागलपन क साथ चसन लगा और वह इसक साथ इतना म

मध हो गया 0क उसन एक Vदन आकर मझस कहा यह तो सम9 या बन गई ह सात Vदन म4 चसता ह रहा ह और यह

इतना सदर ह और इसम ऐसी गहर शात पदा होती हlsquorsquo और तीन महन क अदर उसका चोषण एक मौन मा बन गया

तम ह-ठ- स समझ नह सकत 0क वह कछ कर रहा ह ल0कन अदर स चसना जार था सारा समय वह चसता रहता यह

जब बन गया

तीन महन बाद उसक मझस कहा lsquorsquoकछ अनठा मर साथ घVटत हो रहा ह नरतर कछ मीठU व सर स मर जीभ पर

बरसता ह और यह इतना मीठा और शि+ तदायक ह 0क मझ 0कसी और भोजन क जMरत नह रह भख समापत हो गई

ह और भोजन मा औपचाPरत हो गया पPरवार म4 सम9 या न बन इसलए म_ दध लता ह ल0कन कछ मझ मल रहा ह जो

बहत मीठा ह बहत जीवनदायी हlsquorsquo

म_न उस यह वध जार रखन को कहा

तीन महन और और वह एक Vदन नाचता हआ पागल सा मर पास आया और बोला चसना तो चला गया ल0कन अब म_

दसरा ह आदमी हो गया ह अब म_ वह नह रहा ह जो पहल था मर लए कोई Cवार खल गया ह कछ टट गया ह और

कोई आकाQा शष नह रह अब म_ कछ भी नह चाहता ह न परमाlt मा न मोQ अब जो ह जसा ह ठUक ह म_ उस

9 वीकारता ह और आनVदत हlsquorsquo

इस योग म4 लाओ 0कसी चीज को चसो और चसना बन जाओ यह बहत- क लए उपयोगी होगा + य-0क यह इतना

आधारभत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-10

शथल होन क पहल वध

त-सmdashवध-10 वान भरव तndashओशो

)य दवी )म 6कए जान क Iण म0 )म म0 ऐस )वश करो जस 6क वह 9नतय जीवन हो

शव म स शM करत ह पहल वध म स सबधत ह + य-0क तZ हार शथल होन क अनभव म4 म का अनभव

नकटतम ह अगर तम म नह कर सकत हो तो तम शथल भी नह हो सकत हो और अगर तम शथल हो सक तो

तZ हारा जीवन मपण हो जाएगा

एक तनावसत आदमी म नह कर सकता + य- + य-0क तनावसत आदमी सदा उशय स योजन स जीता ह वह

धन कमा सकता ह ल0कन म नह कर सकता + य-0क म योजन-रVहत ह म कोई व9 त नह ह तम उस सहत

नह कर सकत तम उस ब_क खात म4 नह डाल सकत तम उसस अपन अहकार क पिO ट नह कर सकत सच तो यह ह 0क

म सब स अथहन काम ह उसस आग उसका कोई अथ नह ह उसस आग उसका कोई योजन नह ह म अपन आप म4

जीता ह 0कसी अनय चीज क लए नह

तम धन कमात होmdash0कसी योजन स वह एक साधन नह ह तम मकान बनात होmdash0कसी क रहन क लए वह भी एक

साधन ह म साधन नह ह तम + य- म करत हो 0कस लए म करत हो

म अपना लQय आप ह यह कारण ह 0क Vहसाब 0कताब रखन वाला मन ता0क क मन योजन क भाषा म4 सोचन वाला

मन म नह कर सकता और जो मन योजन क भाषा म4 सोचता ह वह तनावसत होगा + य-0क योजन भवषय म4 ह

परा 0कया जा सकता ह यहा और अभी नह

तम एक मकान बना रह हो तम उसम4 अभी ह नह रह सकत पहल बनाना होगा तम भवषय म4 उसम रह सकत हो अभी

नह तम धन कमात हो ब_क बल4स भवषय म4 बनगा अभी नह अभी साधन का उपयोग कर सकत हो साधय भवषय म4

आएग

म सदा यहा ह और अभी ह म का कोई भवषय नह ह यह वजह ह 0क म L यान क इतन करब ह यह वजह ह 0क

मlt य भी L यान क इतन करब ह + य-0क मlt य भी यहा और अभी ह वह भवषय म4 नह घटती

+ या तम भवषय म4 मर सकत हो वतमान म4 ह मर सकत हो कोई कभी भवषय म4 नह मरा भवषय म4 कस मर सकत

हो या अतीत म4 कस मर सकत हो अतीत जा चका वह अब नह ह इसलए अतीत म4 नह मर सकत और भवषय अभी

आया नह ह इसलए उसम कस मरोग

मlt य सदा वतमान म4 होती ह मlt य म और L यान सब वतमान म4 घVटत होत ह इसलए अगर तम मlt य स डरत हो तो

तम म नह कर सकत अगर तम मlt य स भयभीत हो तो तम L यान नह कर सकत और अगर तम L यान स डर हो तो

तZ हारा जीवन gt यरथ होगा 0कसी योजन क अथ म4 जीवन gt यथ नह होगा वह gt यथ इस अथ म4 होगा 0क तZ ह4 उसम4

0कसी आनद क अनभत नह होगी जीवन अथहन होगा

इन तीन- कोmdashम L यान और मlt य कोmdashएक साथ रखना अजीब मालम पड़गा वह अजीब ह नह व समान अनभव ह

इसलए अगर तम एक म4 वश कर गए तो शष दो म4 भी वश पा जाओग

शव म स शM करत ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो जस 0क वह नतय जीवन हlsquorsquo

इसका + या अथ ह कई चीज4 एक जब तZ ह4 म 0कया जाता ह तो अतीत समापत हो जाता ह और भवषय भी नह बचता

तम वतमान क आयाम म4 गत कर जात हो तम अब म4 वश कर जात हो + या तमन कभी 0कसी को म 0कया ह यVद

कभी 0कया ह तो जानत हो 0क उस Qण मन नह होता ह

यह कारण ह 0क तथाकथत बमान कहत ह 0क म अध होत ह मन शGय और पागल होत ह व9 तत व सच कहत ह

मी इस अथ म4 अध होत ह 0क भवषय पर अपन 0कए का Vहसाब रखन वाल आख उनक पास नह होती व अध ह

+ य-0क व अतीत को नह दख पात मय- को + या हो जाता ह

व अभी और यह म4 सरक आत ह अतीत और भवषय क चता नह करत + या होगा इसक चता नह लत इस कारण व

अध कह जात ह व ह जो गlणत करत ह उनक लए व अध ह और जो गlणत नह करत उनक लए आख वाल ह जो

Vहसाबी नह ह व दख ल4ग 0क म ह असल आख ह वा9 तवक aिO ट ह

इसलए पहल चीज क म क Qण म4 अतीत और भवषय नह होत ह तब एक नाजम Bबद समझन जसा ह जब अतीत

और भवषय नह रहत तब + या तम इस Qण को वतमान कह सकत हो यह वतमान ह दो क बीच अतीत और भवषय क

बीच यह सापQ ह अगर अतीत और भवषय नह रह तो इस वतमान कहत म4 + या तक ह वह अथहन ह इसीलए शव

वतमान शबद का gtयवहार नह करत व कहत ह नतय जीवन उनका मतलब शाशवत स हmdashशाशवत म4 वश करो

हम समय को तीन Vह9 स- म4 बाटत हmdashभत भवषय और वतमान यह वभाजन गलत ह सवथा गलत ह कवल भत और

भवषय समय ह वतमान समय का Vह9 सा नह ह वतमान शाशवत का Vह9 सा ह जो बीत गया वह समय ह जो आन

वाला ह समय ह

ल0कन जो ह वह समय नह ह + य-0क वह कभी बीतता नह ह वह सदा ह अब सदा ह वह सदा ह यह अब शाशवत ह

अगर तम अतीत स चलो तो तम कभी वतमान म4 नह आत अतीत स तम सदा भवषय म4 याा करत हो उसम कोई Qण

नह आता जो वतमान हो तम अतीत स सदा भवषय म4 गत करत रहत हो आकर वतमान स तम और वतमान म4 गहर

उतरत हो अधकाधक वतमान म4 यह नतय जीवन ह

इस हम इस तरह भी कह सकत ह अतीत स भवषय तक समय ह समय का अथ ह 0क तम समतल भम पर और सीधी

रखा म4 गत करत हो या हम उस Qतज कह सकत ह और िजस Qण तम वतमान म4 होत हो आयाम बदल जाता ह

तZ हार गत ऊL वाधर ऊपर-नीच हो जाती ह तम ऊपर ऊचाई क और जात हो या नीच गहराई क और जात हो ल0कन

तब तZ हार गत Qतज या समतल नह होती ह

ब और शव शाशवत म4 रहत ह समय म4 नह

जीसस स पछा गया 0क आपक भ क राजय म4 + या होगा जो पछ रहा था वह समय क बार म4 नह पछ रहा था वह जानना

चाहता था 0क वहा उसक वासनाओ का + या होगा व कस पर ह-गी वह पछ रहा था 0क + या वहा अनत जीवन होगा या

वहा मlt य भी होगी + या वहा दःख भी रहगा और छोट और बड़ लोग भी ह-ग जब उसन पछा 0क आपक भ क राजय म4

+ या होगा तब वह इसी दनया क बात पछ रहा था

और जीसस न उततर Vदयाmdashयह उततर झन सत क उततर जसा हmdashlsquorsquoवहा समय नह होगाlsquorsquo िजस gt यि+ त को यह उततर

Vदया गया था उसन कछ नह समझा होगा जीसस न इतना ह कहाmdashवहा समय नह होगा + य- + य-0क समय Qतज ह

और भ का राजय ऊLवगामी ह वह शाशवत ह वह सदा यहा ह उसम वश क लए तZ ह4 समय स हट भर जाना ह

तो म पहला Cवारा ह इसक Cवारा तम समय क बाहर नकल सकत हो यह कारण ह 0क हर आदमी म चाहता ह हर

आदमी म करना चाहता ह और कोई नह जानता ह 0क म को इतनी मVहमा + य- द जाती ह म क लए इतनी गहर

चाह + य- ह और जब तक तम यह ठUक स न समझ लो तम न म कर सकत हो और न पा सकत हो + य-0क इस धरती पर

म गहन स गहन घटना ह

हम सोचत ह 0क हर आदमी जसा वह ह म करन को सQम ह वह बात नह ह और इसी कारण स तम म म4 नराशा

होत हो म एक और ह आयाम ह यVद तमन 0कसी को समय क भीतर म करन क कोशश क तो तZ हार कोशश

हारगी समय क रहत म सभव नह ह

मझ एक कथा याद आती ह मीरा कषण क म म4 थी वह गVहणी थीmdashएक राजकमार क पlt नी राजा को कषण स ईO या

होन लगी कषण थ नह व शरर स उपि9 थत नह थ कषण और मीरा क शारPरक मौजदगी म4 पाच हजार वष[ का

फासला था इसलए यथाथ म4 मीरा कषण क म म4 कस हो सकती थी समय का अतराल इतना लबा था

एक Vदन राणा न मीरा स पछा तम अपन म क बात 0कए जाती हो तम कषण क आसपास नाचती-गाती हो ल0कन

कषण ह कहा तम 0कसक म म4 हो 0कसस सतत बात4 0कए जाती हो

मीरा न कहा कषण यहा ह तम नह हो + य-0क कषण शाशवत ह तम नह हो व यहा सदा ह-ग सदा थ व यहा ह तम

यहा नह हो एक Vदन तम यहा नह थ 0कसी Vदन 0फर यहा नह होओग इसलए म_ कस वR वास कM 0क इन दो

अनि9ततव क बीच तम हो दो अनि9तltव क बीच अि9 ततव + या सभव ह

राणा समय म4 ह और कषण शाशवत म4 ह तम राणा क नकट हो सकत हो ल0कन दर नह मटाई जा सकती तम दर ह

रहोग और समय म4 तम कषण स बहत दर हो सकत हो तो भी तम उनक नकट हो सकत हो यह आयाम ह और ह

म_ आपन सामन दखता ह वहा दवार ह 0फर म_ अपनी आख- को आग बढ़ाता ह और वहा आकाश ह जब तम समय म4

दखत हो तो वहा दवार ह और जब तम समय क पार दखत हो तो वहा खला आकाश ह अनत आकाश

म अनत का Cवार खोल सकता ह अि9 ततव क शाR वतता का Cवार इसलए अगर तमन कभी सच म4 म 0कया ह तो

म को L यान क वध बनाया जा सकता ह यह वहा वध ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो

जस 0क यह नतय जीवन होlsquorsquo

बाहर-बाहर रहकर मी मत बनो मपण होकर शाशवत म4 वश करो जब तम 0कसी को म करत हो तो + या तम वहा

मी क तरह होत हो अगर होत हो तो समय म4 हो और तZ हारा म झठा ह नकल ह अगर तम अब भी वहा हो और

कहत हो 0क म_ ह तो शारPरक Mप स नजदक होकर भी आL यािlt मक Mप स तZ हार बीच दो ~व- क दर कायम रहती ह

म म4 तम न रहो सफ म रह इसलए म ह हो जाओ अपन मी या मका को दलार करत समय दलार ह हो जाओ

चबन लत समय चसन वाल या चम जान वाल मत रहो चबन ह बन जाओ अहकार को Bबलकल भल जाओ म क कतय

म4 धल-मल जाओ कतय म4 इतनी गहर समा जाओ 0क कता न रह

और अगर तम म म4 नह गहर उतर सकत तो खान और चलन म4 गहर उतरना कVठन होगा बहत कVठन होगा + य-0क

अहकार को वसिजत करन क लए म सब स सरल माग ह इसी वजह स अहकार लोग म नह कर पात व म क बार म4

बात4 कर सकत ह गीत गा सकत ह लख सकत ह ल0कन व म नह कर सकत अहकार म नह कर सकता ह

शव कहत ह म ह हो जाओ जब आलगन म4 हो तो आलगन हो जाओ चबन लत समय चबन हो जाओ अपन को इस

पर तरह भल जाओ 0क तम कह सको 0क म_ अब नह ह कवल म ह तब दय नह धड़कता ह म क धड़कता ह तब

खन नह दौड़ता ह म ह दौड़ता ह तब आख नह दखती ह म ह दखता ह तब हाथ छन को नह बढ़त ह म ह छन को

बढ़ता ह म बन जाओ और शाशवत जीवन म4 वश करो

म अचानक तZ हार आयाम को बदल दता ह तम समय स बाहर फ4 क Vदय जात हो तम शाशवत क आमन-सामन खड़ हो

जात हो म गहरा L यान बन सकता हmdashगहर स गहरा और कभी-कभी मय- न वह जाना ह जो सत- न भी नह जाना

कभी-कभी मय- न उस क4 को छआ ह जो अनक योगय- न नह छआ

शव को अपनी या दवी क साथ दखो उG ह4 L यान स दखो व दो नह मालम होत व एक ह ह यह एकात इतना गहरा ह

हम सबन शव लग दख ह य ल_गक तीक ह शव क लग का तीक ह ल0कन वह अकला नह ह वह दवी क योन म4

ि9 थत ह परान Vदन- क Vहद बड़ साहसी थ अब जब तम शवलग दखत हो तो याद नह रहता 0क यह एक ल_गक तीक ह

हम भल गए ह हमन चOटा पवक इस पर तरह भला Vदया ह

स मनोवानक जग न अपनी आतमकथा म4 अपन स9 मरण- म4 एक मजदार घटना का उY लख 0कया ह वह भारत

आया और कोणाक दखन को गया कोणाक क मVदर म4 शवलग ह जो पWडत उस समझाता था उसन शवलग क सवाय

सब कछ समझाया और व इतन थ 0क उनस बचना मिR कल था जग तो सब जानता था ल0कन पWडत को सफ चढ़ान क

लए पछता रहा क य + या ह तो पWडत न आlखर जग क कान म4 कहा 0क मझ यहा मत पछय म_ पीछ आपको बताऊगा

यह गोपनीय ह

जग मन ह मन हसा होगा य ह आज क Vहद 0फरा बहार आकर पWडत न कहा 0क दसर- क सामन आपका पछना उचत न

था अब म4 बताता ह यह गपत चीज ह और तब 0फर उसन जग क कान म4 कहा य हमार ग] ताग ह

जग जब यहा स वापस गया तो वहा वह एक महान वCवान स मला पवyय चतन मथक और दशन क वCवान हनPरख

िजमर स जग न यह 0क9 सा िजमर को सनाया िजमर उन थोड़ स मनीषय- म4 था िजG ह-न भारतीय चतन म4 डबन क

चOटा क थी और वह भारत का उसक वचारणा का जीवन क त उसक अता0क क रह9 यवाद aिOट वाद aिO टकोण का

मी था जब उसन जग स यह सना तो वह हसा और बोला बदलाहट क लए अf छा ह म_न ब कषण महावीर जस महान

भारतीय- क बार म4 सना ह तम तो सना रह हो वह 0कसी महान भारतीय क सबध म4 नह भारतीय- क सबध म4 कछ कहता

शव क लए म महाCवार ह और उनक लए कामवासना नदनीय नह ह उनक लए काम बीज ह और म उसका फल

ह और अगर तम बीज क नदा करत हो तो फल क भी नदा अपन आप हो जाती ह काम म बन सकता ह और अगर

वह कभी म नह बनता ह तो वह पग हो जाता ह पगता क नदा करो काम क नह म को lखलना चाVहए उसको म

बनना चाVहए और अगर यह नह होता ह तो यह काम दोष नह ह यह दोष तZ हारा ह

काम को काम नह रहना ह यह त क शQा ह उस म म4 MपातPरत होना ह चाVहए और म को भी म ह नह रहना

ह उस काश म4 L यान क अनभव म4 अतम परम रह9 यवाद शखर म4 MपातPरत होना चाVहए म को MपातPरत कस

0कया जाए

कतय हो जाओ और कता को भल जाओ म करत हए म महज म हो जाओ तब यह तZ हारा म मरा म या 0कसी

अनय का म नह ह तब यह मा म ह जब 0क तम नह हो जब 0क तम परम 9 ोत या धारा क हाथ म4 हो तब 0क तम

म म4 हो तम म म4 नह हो म न ह तZ ह4 आlt मसात कर लया ह तम तो अतधान हो गए हो मा वाहमान ऊजा

बनकर रह गए हो

इस यग का एक महान सजनातमक मनीषी डी एच लॉर4स जान अनजान त वद था पिR चम म4 व पर तरह नVदत

हआ उसक 0कताब4 जबत हई उस पर अदालत- म4 अनक मकदम चल सफ इसलए 0क उसन कहा 0क काम ऊजा एक

मा ऊजा ह और अगर तम उसक नदा करत हो दमन करत हो तो तम जगत क lखलाफ हो और तब तम कभी भी इस

ऊजा क परम lखलावट को नह जान पाओग और दमत होन पर यह कMप हो जाती ह और यह द9च2 ह

परोVहत नीतवाद तथाकथत धामक लोग पोप शकराचाय और दसर लोग काम क सतत नदा करत ह व कहत ह 0क

यह एक कMप चीज ह और तम इसका दमन करत होत तो यह सचमच कMप हो जाती ह तब व कहत ह 0क दखो जो हम

कहत थ वह सच नकला तमन ह इस स कर Vदया तम जो भी कर रह हो वह कMप ह और तम जानत हो 0क वह कMप

ल0कन काम 9 वय म4 कMप नह ह परोVहत- न उस कMप कर Vदया ह और जब व इस कMप कर चकत ह तब व सह साBबत

होत ह ओर जब व सह साBबत होत ह तो तम उस कMप स कMप तर 0कए दत हो काम तो नद|ष ऊजा ह तम म4 वाVहत

होता जीवन ह जीवत अि9 ततव ह उस पग मत बनाओ उस उसक शखर- क याा करन दो उसका अथ ह 0क काम को

म बनना चाVहए फक + या ह

जब तZ हारा मन कामक होता ह तो तम दसर का शोषण कर रह हो दसरा मा एक य होता ह िजस इ9 तमाल करक फ4 क

दना ह और जब काम म बनता ह तब दसरा य नह होता दसर का शोषण नह 0कया जाता दसरा सच म4 दसरा नह

होता तब तम म करत हो तो यह सव-क4 Vत नह ह उस हालत म4 तो दसरा ह महlt वपण होता ह अनठा होता ह तब तम

एक दसर का शोषण नह करत तब दोन- एक गहर अनभव म4 सिZ मलत हो जात हो साझीदार हो जात हो तम शोषक और

शोषत न होकर एक दसर को म क और ह दनया म4 याा करन म4 सहायता करत हो काम शोषण ह म एक भनन

जगत म4 याा ह

अगर यह याा Qlणक न रह अगर यह याा L यान पण हो जाए अथात अगर तम अपन को Bबलकल भल जाओ और मी

मका वलन हो जाए और कवल म वाVहत होता रह तो शव कहत हmdashlsquorsquoशाशवत जीवन तZ हारा हlsquorsquo

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-11

शथल होन क दसर वध

त-सmdashवध-11 वान भरव त-ओशो

जब चीट क र0गन क अनभ9त हो तो इ=1य2 क Gवार बद कर दो तब

यह बहत सरल Vदखता ह ल0कन उतना सरल ह नह म_ इस 0फर स पढ़ता ह lsquorsquo जब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय-

क Cवार बद कर दो तबlsquorsquo यक एक उदाहरण मा ह 0कसी भी चीज स काम चलगा इVय- क Cवार बद कर दो जब चीट

क र4गन क अनभत हो और तबmdashतब घटना घट जाएगी शव कह + या रह ह

तZ हार पाव म4 काटा गड़ा ह वह दद दता ह तम तकलफ म4 हो या तZ हार पाव पर एक चीट र4ग रह ह तZ ह4 उसका र4गना

महसस होता ह और तम अचानक उस हटाना चाहत हो 0कसी भी अनभव को ल सकत ह तZ ह4 धाव ह जो दखता ह

तZ हार सर म4 दद ह या कह शरर म4 दद ह वषय क Mप म4 0कसी स भी काम चलगा चीट का र4गना उदाहरण भर ह

शव कहत ह lsquorsquoजब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

जो भी अनभव हो इVय- क सब Cवार बद कर दो करना + या ह आख4 बद कर लो और सोचो 0क म_ अधा ह और दख नह

सकता अपन कान बद कर लो और सोचो 0क म_ सन नह सकता पाच इVया ह उन सब को बद कर लो ल0कन उG ह4 बद

कस करोग

यह आसान नह ह Qण भर क लए R वास लना बद कर दो और तZ हार सब इVया बद हो जायगी और जब R वास tक ह

और इVया बद ह तो र4गना कहा ह चीट कहा ह अचानक तम दर बहत दर हो जात हो

मर एक म ह व ह व एक बार सीढ़ स गर पड़ और डॉ+टर- न कहा 0क अब व तीन महन- तक खाट स नह Vहल

सक4 ग तीन महन वkाम म4 रहना ह और व बहत अशात gt यि+ त थ पड़ रहना उनक लए कVठन था म_ उG ह4 दखन गया

उG ह-न कहा 0क मर लए ाथना कर4 और मझ आशीष द4 0क म4 मर जाऊ + य-0क तीन महन पड़ रहना मौत स भी बदतर ह

म_ पतथर क तरह कस पडा रह सकता ह और सब कहत ह 0क Vहलए मत

म_न उनस कहा यह अf छा मौका ह आख4 बद कर4 और सोच4 0क म_ पतथर ह मत वत अब आप Vहल नह सकत आlखर

कस Vहल4ग आख बद कर4 और पतथर क मत हो जाए उG ह-न पछा 0क उसस + या होगा म_न कहा क योग तो कर4 म_

यहा बठा ह और कछ 0कया भी नह जा सकता जस भी हो आपको तो यहा तीन महन पड़ रहना ह इसलए योग कर4

वस तो व योग करन वाल जीव नह थ ल0कन उनक यह ि9 थत ह इतनी असभव थी 0क उG ह-न कहा 0क अf छा म_ योग

कMगा शायद कछ हो वस मझ भरोसा नह आता 0क सफ यह सोचन स 0क म_ पतथरवत ह कछ होन वाला ह ल0कन म_

योग कMगा और उG ह-न 0कया

मझ भी भरोसा नह था 0क कछ होन वाला ह + य-0क व आदमी ह ऐस थ ल0कन कभी-कभी जब तम असभव और नराश

ि9 थत म4 होत हो तो चीज4 घVटत होन लगती ह उG ह-न आख4 बद कर ल म_ सोचता था 0क दो तीन मनट म4 व आख

खोल4ग और कह4ग 0क कछ नह हआ ल0कन उG ह-न आख4 नह खोल तीस मनट गजर गए और म_ दख सका 0क व

पतथर हो गए ह उनक माथ पर स सभी तनाव वलन हो गए उनका चहरा बदल गया मझ कह और जाना था ल0कन व

आख बद 0कए पड़ थ और व इतन शात थ मानो मर गए ह उनक R वास शात हो चल थी ल0कन + य-0क मझ जाना था

इसलए म_न उनस कहा 0क अब आख खोल4 और बताए 0क + या हआ

उG ह-न जब आख खोल तब व एक दसर ह आदमी थ उG ह-न कहा यह तो चमlt कार ह आपन मर साथ + या 0कया म_न

कछ भी नह 0कया उG ह-न 0फर कहा 0क आपन जMर कछ 0कया + य-0क यह तो चमlt कार ह जब म_न सोचना शM 0कया

0क म_ पतथर जसा ह तो अचानक यह भाव आया 0क यVद म_ अपन हाथ Vहलाना भी चाहता ह तो उG ह4 Vहलाना भी असभव ह

म_न कइ बार अपनी आख4 खोलनी चाह ल0कन व पतथर जसी हो गई थी और नह खल पा रह थी और उG ह-न कहा म_

चतत भी होन लगा 0क आप + या कह4ग इतनी दर हई जाती ह ल0कन म_ असमथ था म_ तीस मनट तक Vहल नह सका

और जब सब गत बद हो गई तो अचानक ससार वलन हो गया और म_ अकला रह गया अपन आप म4 गहर चला गया

और उसक साथ दद भी जाता रहा

उG ह4 भार दद था रात को o_ि+वलाइजर क Bबना उG ह4 नीद नह आती थी और वसा दद चला गया म_न उनस पछा 0क जब

दद वलन हो रहा था तो उG ह4 कसा अनभव हो रहा था उG ह-न कहा 0क पहल तो लगा 0क दद ह पर कह दर पर ह 0कसी

और को हो रहा ह और धीर-धीर वह दर और दर होता गया और 0फर एक दम स ला पता हो गया कोई दस मनट तक दद

नह था पतथर क शरर को दद कस हो सकता ह

यह वध कहती ह lsquorsquoइVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

पतथर क तरह हो जाओ जब तम सच म4 ससार क लए बद हो जात हो तो तम अपन शरर क त भी बद हो जात हो

+ य-0क तZ हारा शरर तZ हारा Vह9 सा न होकर ससार का Vह9 सा ह जब तम ससार क त Bबलकल बद हो जात हो तो अपन

शरर क त भी बद हो गए और तब शव कहत ह तब घटना घटगी

इसलए शरर क साथ इसका योग करो 0कसी भी चीज स काम चल जाएगा र4गती चीट ह जMर नह ह नह तो तम

सोचोग 0क जब चीट र4गगी तो L यान कर4ग और ऐसी सहायता करन वाल चीVटया आसानी स नह मलती इसलए 0कसी

सी भी चलगा तम अपन Bबसतर पर पड़ हो और ठडी चादर महसस हो रह ह उसी Qण मत हो जाओ अचानक चादर दर

होन लगगी वलन हो जाएगी तम बद हो मत हो पतथर जस हो िजसम कोई भी र~ नह ह तम Vहल नह सकत

और जब तम Vहल नह सकत तो तम अपन पर फ4 क Vदय जात हो अपन म4 क4 Vत हो जात हो और तब पहल बार तम

अपन क4 स दख सकत हो और एक बार जब अपन क4 स दख लया तो 0फर तम वह gt यि+ त नह रह जाओग जो थ

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-12

शथल होन क तीसर वध

त-सmdashवध-12 वान भरव तndashओशो

जब 6कसी बसतर या आसमान पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पार

तम यहा बठ हो बस भाव करो 0क तम वजनशनय हो गए हो तZ हारा वज़न न रहा तZ ह4 पहल लगगा 0क कह यहा वज़न

ह वजनशनय होन का भाव जार रखो वह आता ह एक Qण आता ह जब तम समझोग 0क तम वज़न शनय हो वज़न

नह ह और जब वज़न शनय नह रहा तो तम शरर नह रह + य-0क वज़न शरर का ह तZ हारा नह तम तो वज़न शनय

हो

इस सबध म4 बहत योग 0कए गय ह कोई मरता ह तो ससार भर म4 अनक वानक- न मरत हए gt यि+ त का वज़न लन क

कोशश क ह अगर कछ फक हआ अगर कछ चीज शरर क बहार नकल ह कोई आlt मा या कछ अब वहा नह ह + य-0क

वान क लए कछ भी Bबना वज़न क नह ह

सब पदाथ क लए वज़न बनयाद ह सय क 0करण- का भी वज़न ह वह अlt यत कम ह G यन ह उसको मापना भी कVठन

ह ल0कन वानक- न उस भी मापा ह अगर तम पाच वग मील क Q पर फल सब सय 0करण- को इका कर सको तो

उनका वज़न एक बाल क वज़न क बराबर होगा सय 0करण- का भी वज़न ह व तौल जा सकती ह वान क लए कछ भी

वज़न क Bबना नह ह और अगर कोई चीज वज़न क Bबना ह तो वह पदाथ नह उप पदाथ और वान पछल बीस पf चीस

वष| तक वR वास करता था 0क पदाथ क अतPरकत कछ नह ह इसलए जब कोई मरता ह और कोई चीज शरर स

नकलती ह तो वज़न म4 फक पड़ना चाVहए

ल0कन यह फक कभी न पडा वज़न वह का वह रहा कभी-कभी थोड़ा बढ़ा ह ह और वह सम9 या ह िजदा आदमी का

वज़न कम हआ मदा का ` यादा उसम उलझन बढ़ + य-0क वानक तो यह पता लन चल थ 0क मरन पर वज़न घटता ह

तभी तो व कह सकत ह 0क कछ चीज बाहर गई ल0कन वहा तो लगता ह 0क कछ चीज अदर ह आई आlखर हआ + या

वज़न पदाथ का ह ल0कन तम पदाथ नह हो अगर वजन शGयता क हम वध का योग करना ह तो तZ ह4 सोचना चाVहए

सोचना ह नह भाव करना चाVहए 0क तZ हारा शरर वजनशGय हो गया ह अगर तम भाव करत ह गए भाव करत ह गए

तो तम वजनशGय हो तो एक Qण आता ह 0क तम अचानक अनभव करत हो 0क तम वज़न शनय हो गय तम वजनशGय

ह हो इसलए तम 0कसी समय भी अनभव कर सकत हो सफ एक ि9 थत पदा करनी ह िजसम4 तम 0फर अनभव करो

0क तम वजनशनय हो तZ ह4 अपन को सZ मोहन मकत करना ह

तZ हारा सZ मोहन + या ह सZमोह न यह ह 0क तमन वR वास 0कया ह 0क म_ शरर ह और इसलए वज़न अनभव करत हो

अगर तम 0फर स भाव कर- वR वास करो 0क म_ शरर नह ह तो तम वज़न अनभव नह करोग यह सZ मोहन मि+ त ह 0क

जब तम वज़न अनभव नह करत तो तम मन क पार चल गए

शव कहत ह lsquorsquoजब 0कसी Bबसतर या आसन पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पारlsquorsquo तब बात घटती ह

मन का भी वज़न ह lt यक आदमी क मन का वज़न ह एक समय कहा जाता था 0क िजतना वज़नी मि9 तषक हो उतना

बमान होता ह और आमतौर स यह बात सह ह ल0कन हमशा सह नह ह + य-0क कभी-कभी छोट मि9 तषक क भी

महान gt यि+ त हए ह और महा मख मि9 तषक भी वज़नी होत ह

कछ बात4 कभी-कभी मद| का वज़न + य- बढ़ जाता ह ` य- ह चतना शरर को छोड़ती ह 0क शरर असरmQत हो जाता ह

बहत सी चीज4 उसम4 वश कर जा सकती ह तZ हार कारण व वश नह कर सकती ह एक शव म4 उनक तरग4 वश कर

सकती ह तमम4 नह कर सकती ह तम यहा थ शरर जीवत था वह अनक चीज- स बचाव कर सकता था यह कारण ह

0क तम एक बार बीमार पड़ 0क यह एक लबा सलसला हो जाता ह एक क बाद दसर बीमार आती चल जाती ह एक बार

बीमार होकर तम असरmQत हो जात हो हमल क त खल जात हो तरोध जाता रहता ह तब कछ भी वश कर सकता

ह तZ हार उपि9 थत शरर क रQा करती ह इसलए कभी-कभी मत शरर का वज़न बढ़ सकता ह + य-0क िजस Qण तम

उसस हटत हो उसम कछ भी वश कर सकता ह

दसर बात ह 0क जब तम सखी होत हो तो तम वजनशनय अनभव करत हो और दःखी होत हो तो वज़न अनभव करत हो

लगता ह 0क कछ तZ ह4 नीच को खीच रहा ह तब गtltवाकषण बहत बढ़ जाता ह दःख क हालत म4 वज़न बढ़ जाता ह जब

तम सखी होत हो तो हलक होत हो तम ऐसा अनभव करत हो + य- + य-0क जब तम सखी हो जब तम आनद का Qण

अनभव करत हो तो तम शरर को Bबलकल भल जात हो और जब उदास होत हो दःखी होत हो तब शरर क अत नकट

आ जात हो उस भल नह पात उसस जड़ जात हो तब तम भार अनभव करत हो य भार तZ हारा नह ह तZ हार शरर स

चपकन का ह शरर का ह वह तZ ह4 नीच क और खीच रहा ह जमीन क तरफ खीचता ह मान- तम जमीन म4 गड़ जा रह

हो सख म4 तम नभार होत हो शोक म4 वषाद म4 वज़नी हो जात हो

इसलए गहर L यान म4 जब तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तम जमीन स ऊपर हवा म4 उठ सकत हो तZ हार

साथ तZ हारा शरर भी ऊपर उठ सकता ह कई बार ऐसा होता ह

बोलवया म4 वानक एक 9 ी का नरQण कर रह ह L यान करत हए वह जमीन स चार फट ऊपर उठ जाती ह अब तो

यह वानक नरQण क बात ह उसक अनक फोटो और 0फलम लए जा चक ह हजार- दशक- क सामन वह 9 ी

अचानक ऊपर उठ जाती ह उसक लए गtltवाकषण gt यथ हो जाता ह अब तक इस बात क सह gt याr या नह क जा सक

ह 0क + य- होता ह ल0कन वह 9 ी गर-L यान क अव9 था म4 ऊपर नह उठ सकती या अगर उसक L यान म4 बाधा हो जाए

तो भी वह ऊपर स झट नीच आ जाती ह + या होता ह

L यान क गहराई म4 तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तादाlt मय टट जाता ह शरर बहत छोट चीज ह और तम

बहत बड़ हो तZ हार शि+ त अपPरसीम ह तZ हार मकाबल म4 शरर तो कछ भी नह ह यह तो ऐसा ह ह 0क जस एक

साट न अपन गलाम क साथ तादाlt मय 9 थापत कर लया ह इसलए जस गलाम भीख मागता ह वस ह साट भी भीख

मागता ह जस गलाम रोता ह वस ह साट भी रोता ह और जब गलाम कहता ह 0क म_ ना कछ ह तो साट भी कहता ह

म_ ना कछ ह ल0कन एक बार साट अपन अि9 ततव को पहचान ल पहचान ल 0क वह साट ह और गलाम बस गलाम ह स

कछ बदल जाएगा अचानक बदल जाएगा

तम वह अपPरसीम शि+ त हो जो Q शरर स एकातम हो गई ह एक बार यह पहचान हो जाए तम अपन सव को जान लो

तो तZ हार वजन शGयता बढ़गी और शरर का वज़न घटगा तब तम हवा म_ उठ सकत हो शरर ऊपर जा सकता ह

ऐसी अनक घटनाए ह जो अभी साBबत नह क जा सकती ल0कन व साBबत ह-गी + य-0क जब एक 9 ी चार फट ऊपर उठ

सकती ह तो 0फर बाधा नह दसरा हजार फट ऊपर उठ सकता ह तीसरा अनत अतPरQ म4 पर तरह जा सकता ह

सातक Mप स यह काई सम9 या नह ह चार फट ऊपर उठ 0क चार सौ फट 0क चार हजार फट इसस + या फक पड़ता ह

राम तथा कई अनय क बार म4 कथाए ह 0क व शरर वलन हो गए थ अनक मत शरर इस धरती पर कह नह पाए गए

मोहममद Bबलकल वलन हो गए थ शरर ह नह आपन घोड़ क साथ व कहानया असभव मालम पड़ती ह पौराlणक

मालम पड़ती ह ल0कन जMर नह ह 0क व मथक ह ह- एक बार तम वज़न शनय शि+ त को जान जाओ तो तम

गtltवाकषण क मालक हो गए तम उसका उपयोग भी कर सकत हो यह तम पर नभर करता ह तम सशरर अतPरQ म4

वलन हो सकत हो

ल0कन हमार लए वज़न शG यता सम9 या रहगी सCघासन क वध ह िजस म4 ब बठत ह वजनशनय होन क सव|तम

वध ह जमीन पर बठो 0कसी कसy या अनय आसन पर नह मा जमीन पर बठो अf छा हो 0क उस पर सीम4ट या कोई

कBमता नह हो जमीन पर बठो 0क तम कत क नकटतम रहो और अf छा हो 0क तम नग बठो जमीन पर नग बठोmdash

बासन म4 सCघासन म4

वज़न शनय होन क लए सCघासन सवkषठ आसन ह +य- + य-0क जब तZ हारा शरर इधर-उधर झका होता ह तो तम

` यादा वज़न अनभव करत हो तब तZ हार शरर को गtltवाकषण स भावत होन क लए ` यादा Q ह यVद म_ इस कसy

पर बठा ह तो मर शरर का बड़ा Q गtltवाकषण स भावत होता ह जब तम खड़ हो तो भावत Q कम हो जाता ह

ल0कन बहत दर तक खड़ा नह रहा जा सकता ह महावीर सदा खड़-खड़ L यान करत थ + य-0क उस हालत म4 गtltवाकषण

का G यनतम Q घरता ह तZ हार पर भर जमीन को छत ह जब पाव पर खड़ हो तो गtltवाकषण तम पर G यनतम भाव

करता ह और गtltवाकषण क वज़न ह

पाव- और हाथ- को बाधकर सCघासन म4 बठना ` यादा कारगर होता ह + य-0क तब तZ हार आतPरक वCयत एक वतल

बन जाती ह रढ़ सीधी रखो अब तम समझ सकत हो 0क सीधी रढ़ रखन पर इतना जोर + या Vदया जाता ह + य-0क सीधी

रढ़ स कम स कम जगह घर जाती ह तब गtltवाकषण का भाव कम रहता ह आख बद रखत हए अपन को पर तरह

सतलत कर लो अपन को क4 Vत कर लो पहल दाई और झककर गtltवाकषण का अनभव करो 0फर बाई और झककर

गtltवाकषण का अनभव करो तब उस क4 को खोज- जहा गtltवाकषण या वज़न कम स कम अनभव होता ह और उस

ि9 थत म4 थर हो जाओ

और तब शरर को भल जाओ और भाव करो 0क तम वज़न नह हो तम वज़न शनय हो 0फर इस वज़न शG यता का अनभव

करत रहो अचानक तम वज़न शनय हो जात हो अचानक तम शरर नह रह जात हो अचानक तम शरर शG यता क एक

दसर ह ससार म4 होत हो

वज़न शG यता शरर शG यता ह तब तम मन का भी अत2मण कर जात हो मन भी शरर का Vह9 सा ह पदाथ का Vह9 सा

ह पदाथ का वज़न होता ह तZ हारा कोई वज़न नह ह इस वध का यह आधार ह

0कसी भी एक वध को योग म4 लाओ ल0कन कछ Vदन- तक उसम लग रहो ता0क तZ ह4 पता हो क वह तZ हार लए

कारगर ह या नह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-13

lsquorsquoया कC पना करो 6क मयर पछ क पचरग वतल 9नJ सीम अत(रI म0 तR हार पाच इ=1या ह

SHIVA वान भरव त (त-सmdashवध-13 ओशो

अब उनक सTदय को भीतर ह घलन दो उसी )कार शUय म0 या दवार पर 6कसी बद क साथ कC पना करो जब तक 6क वह

बद वलन न हो जाए तब दसर क लए तR हार कामना सच हो जाती हlsquorsquo

य सार स भीतर क क4 को कस पाया जाए उसस सबधत ह उसक लए जो बनयाद तरकब जो बनयाद वध काम

म4 लायी गयी ह वह यह ह 0क तम अगर बाहर कह भी मन म4 दय म4 या बाहर क 0कसी दवार म4 एक क4 बना सक और

उस पर समता स अपन अवधान को क4 Vत कर सक और उस बीच समच ससारा को भल सक और एक वह Bबद तZ हार

चतना म4 रह जाए तो तम अचानक अपन आतPरक क4 पर फ4 क Vदए जाओग यह कस काम करता ह इस समझो तZहारा

मन एक भगोड़ा ह एक भाग दौड़ ह ह वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह नरतर कह जा रहा ह गत कर रहा ह

पहच रहा ह ल0कन वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह एक वचार स दसर वचार क और अ स ब क और याा

करता रहता ह ल0कन कभी वह अ पर नह Vटकता ह कभी वह ब पर नह Vटकता ह वह नरतर गतमान ह

यह याद रह 0क मन सदा चलायमान ह वह कह पहचन क आशा तो करता ह ल0कन कह पहचता नह ह वह पहच नह

सकता मन क सरचना ह गीतमय ह मन कवल गत करता ह वह मन का अतभत 9 वभाव ह गत ह उसक 02या

ह अ स ब को ब स अ को वह चलता ह जाता ह

अगर तम अ या ब या 0कसी Bबद पर ठहर गए तो मन तमस सघष करगा वह कहगा 0क आग चलो कय-0क अगर तम Mक

गए मन तरत मर जायगा वह गत म4 रहकर ह जीता ह मन का अथ ह 02या ह अगर तमन गत नह क तम Mक गय

तो मन अचानक समापत हो जायगा वह नह बचगा कवल चतना बचगी

चतना तZ हार 9 वभाव ह मन तZ हारा कम ह चलन जसा इस समझना कVठन ह + य-0क हम समझत ह 0क मन कोई

ठोस वा9 तवक व9 त ह वह नह ह मन महज एक 02या ह यह कहना बहतर होगा 0क यह मन नह मनन ह चलन क

तरह यह एक 02या ह चलना 02या ह अगर तम Mक जाओ तो चलना समापत हो जायगा तम तब नह कह सकत 0क

चलना बठना ह तम Mक जाओ तो चलना समापत ह तम Mक जाओ तो चलना कहा ह चलना बद पर ह पर चलना नह

ह पर चल सकत ह ल0कन अगर तम Mक जाओ तो चलना नह होगा

चतना पर जसी ह वह तZ हारा 9 वभाव ह मन चलन जसा ह वह एक 02या ह जब चतना एक जगह स दसर जगह जाती

ह तब वह 02या मन ह जब चतना अ स ब और ब स स को जाती ह तब यह गत मन ह अगर तम गत को बद कर दो तो

मन नह रहगा तम चतन हो ल0कन मन नह ह जस पर तो ह ल0कन चलना नह ह चलना 02या ह कम ह मन भी

02या ह कम ह

अगर तम कह Mक जाओ तो मन सघष करगा मन कहगा बढ़ चलो मन हर तरह स तZ ह4 आग या पीछ या कह भी धकान

क चO टा करगा कह भी सह ल0कन चलत रहो अगर तम जी करो अगर तम मन क नह मानना चाह- तो वह कVठन

होगा कVठन होगा + य-0क तमन सदा मन का हकम माना ह तमन कभी मन पर हकम नह 0कया ह तम कभी उसक

मालक नह रह हो तम हो नह सकत + य-0क तमन कभी अपन को मन स तादाltZय रVहत नह 0कया ह तम सोचत हो

0क तम मन ह हो यह भल 0क तम मन ह हो मन को पर 9 वतता Vदए दती ह + य-0क तब उस पर मल0कयत करन

वाला उस नयण म4 रखन वाला कोई न रहा तब कोई रहा ह नह मन ह मालक रह जाता ह

ल0कन मन क यह मल0कयत तथाकथत ह वह 9 वामतव झठा ह एक बार योग करो और तम उसक 9 वामतव को

नषट कर सकत हो वह झठा ह मन महज गलाम ह जो मालक होन का दावा करता ह ल0कन उसक यह दावदार इतनी

परानी ह इतन जG म- स ह 0क वह अपन को मालक मानन लगा ह गलाम मालक हो गया ह वह एक महज वR वास ह

धारणा ह तम उसक वपरत योग करक दखो और तZ ह4 पता चलगा 0क यह धारणा सवथा नराधार थी

यह पहला स कहता ह lsquorsquoया कY पना करो 0क मोर क पछ क पचरग वतल न9 सीम अतPरQ म4 तZ हार पाच इVया ह अब

उनक सqदय को भीतर ह घलन दोlsquorsquo

भाव करो क तZ हार पाच इVया पाच रग ह और व पाच रग समसत अतPरQ को भर रह ह सफ कY पना करो 0क तZ हार

पच4Vया पाच रग ह सदर-सदर रग सजीव रग और व अनत आकाश म4 फल ह और तब उन रग- क बीच Sमण करो

उनक बीच गत करो और भाव करो 0क तZ हार भीतर एक क4 ह जहा य रग मलत ह यह मा कY पना ह ल0कन यह

सहयोगी ह भाव करो 0क य पाच- रग तZ हार भीतर वश कर रह ह और 0कसी Bबद पर मल रह ह

य पाच रग सच ह 0कसी Bबद पर मल4ग और सारा जगत वलन हो जाएगा तZ हार कY पना म4 पाच ह रग ह और तZ हार

कY पना क रग आकाश को भर द4ग तZ हार भीतर गहर उतर जाएग 0कसी Bबद पर मल जाएग

0कसी भी Bबद स काम चलगा ल0कन हारा बहतर रहगा भाव करो 0क सारा जगत रग ह रग हो गया ह और व रग तZ हार

नाभ क4 पर तZ हार हारा क4 Cर-Bबद पर मल रह ह उस Bबद को दखो उस Bबद पर अवधान को एका करो और तब एका

करो तब त वह Bबद वलन न हो जाए वह वलन हो जाता ह + य-0क वह भी कY पना ह याद रह 0क जो कछ भी हमन

0कया ह सब कY पना ह अगर तम उस पर एका होओ तो तम अपन क4 पर ि9 थर हो जाओग तब ससार वलन हो

जायगा तZ हार लए ससार नह रहगा

इस L यान म4 कवल रग ह तम समच ससार को भल गय हो तम सार वषय- को भल गए हो तमन कवल पाच रग चन ह

कोई पाच रग चन जो य L यान उन लोग- क लए ह िजनक aिO ट पनी ह िजनक रग क सवदना गहर ह यह सबक लए

नह ह य उG ह4 लोग- क लए सहयोगी ह िजसक पास चकार क नजर हो यVद तZ ह4 हर रग एक हजार हर नजर नह

आत तो तम भल जाओ इस L यान को और आग बढ़ो य काम उनक काम का ह जो चकार क पन नगाह रखत ह

और जो आदमी रग क त सवदनशील ह उसको तम कहो 0क समच आकाश को रग स भरा होन क कY पना करो तो वह

यह कY पना नह कर पाएगा वह यVद कY पना करन क कोशश भी करगा वह लाल रग क सोचगा तो लाल शबद को

दखगा ल0कन उस कY पना म4 लाल रग Vदखाई नह पड़गा वह हरा शबद तो कहगा शबद भी वहा होगा ल0कन हPरयाल

वहा नह होगी

तो तम अगर रग क त सवदनशील हो तो इस वध का योग करो पाच रग ह समचा जगत पाच रग ह और व रग

तमम4 मल रह ह तZ हार भीतर कह गहर म4 व पाच- रग मल रह ह उस Bबद पर चत को एका करो और एका करो

उसस हटो नह उस पर डट रहो मन को मत आन दो रग- क सबध म4 हर लाल और पील रग- क बार म4 वचार मत करो

सोचो ह मत बस उनह4 अपन भीतर मलत हए दखो उनक बार म4 वचार मत करो अगर तम वचार 0कया तो मन वश

कर गया सफ रग- क भर जाओ उन रग- को अपन भीतर मलन दो और तब उस मलन Bबद पर अवधान को क4 Vत करो

सोचो मत एकाता सोचना नह ह वचारणा नह ह मनन नह ह

तम अगर सचमच रग- स भर जाओ और तम एक इधनष एक मोर ह बन जाओ और तZ हारा आकाश रगमय हो जाए तो

उसम4 तZ ह4 एक सqदय-बोध होगा गहरा गहरा सqदय बोध ल0कन उसक सबध म4 वचार मत करो यह मत कहो 0क यह

सदर ह वचारणा म4 मत चल जाओ उस Bबद पर एका होओ जहा य रग मल रह ह और एकाता को बढ़ात जाओ

गहरात हो तो कY पना नह Vटक सकती वह वलन हो जाएगी

ससार पहल ह वलन हो चका ह सफ रग रह गए थ व रग तZ हार कY पना थ और व काY पनक रग एक Bबद पर मल

रह ह वह Bबद भी काY पनक था अब गहर एकाता स वह Bबद भी वलन हो जाएगा अब तम कहा रहोग अब तम कहा

हो तम अपन क4 म4 ि9 थत हो जाओग

इस लए स कहता ह lsquorsquoशनय म4 या दवार म4 0कसी Bबद परhelliphellip

यह सहयोगी होगा अगर तम रग- क कY पना नह कर सकत तो दवार पर 0कसी Bबद स काम चलगा काई भी चीज

एकाता क वषय क Mप म4 ल लो अगर वह आतPरक हो अतस का हो तो बहतर

ल0कन 0फर दो तरह क gt यि+ ततव होत ह जो लोग अतमखी ह उनक लए उनक भीतर ह सब रग- क मलन क धारण

आसान ह ल0कन जो बVहमखी लोग ह व भीतर क धारणा नह बना सकत व बाहर क ह कY पना कर सकत ह उनक

चत बाहर ह याा करता ह व भीतर नह गत कर सकत उनक भीतर कोई आतPरकता नह ह

अज दाशनक डवड मम न कहा ह जब भी म_ भीतर जाता ह वहा मझ कोई आlt मा नह मलती जो भी मलता ह वह

बाहर क तBबब हmdashकोई वचार कोई भाव कभी 0कसी आतPरकता का दशन नह होता सदा बाहर जगत ह वहा

तBबBबत मलता ह यह kषठतम बVहमखी चत ह और डवड मम सवाधक बVहमखी चत वाल- स एक ह

इसलए अगर तZ ह4 भी तर कछ धारणा क लए न मल और तZ हारा मन पछ 0क यह आतPरकता + या ह तो अf छा ह 0क

दवार पर 0कसी Bबद का योग करो

लोग मर पास आत ह और पछत ह 0क भीतर कस जाया जाए उनक लए यह सम9 या ह + य-0क अगर तम बVहगामता ह

जानत हो तZ ह4 अगर बाहर-बाहर गत करना ह आता ह तो तZ हार लए भीतर जाना कVठन होगा और अगर तम

बVहमखी हो तो भीतर इस Bबद का योग मत करो उस बाहर करो नतीजा वह होगा दवार पर एक Bबद बनाओ और उस

पर चत को एका करो ल0कन तब खल आख स एकाता साधनी होगी अगर तम भीतर क4 बनात हो तो बद आखो स

एकाता साधनी ह

दवार पर Bबद बनाओ और उस पर एका होओ असल बात एकाता क कारण घटती ह Bबद क कारण नह बाहर ह या

भीतर यक ासगक नह ह यह तम पर नभर ह अगर दवार पर दख रह हो एका हो रह हो तो तब तक एकाता साधो

जब तक वह Bबद वलन न हो जाए

इस बात को r याल म4 रख लो जब तक Bबद वलन न हो जाएlsquorsquo

पलक- को बद मत करो + य-0क उसस मन को 0फर गत करन क लए जगह मल जाती ह इसलए अपलक दखत रहो

+ य-0क पलक क गरन स मन वचार म4 सलगन हो जाता ह पलक क गरान स अतराल पदा होता ह और एकाता नषट

हो जाती ह इसलए पलक झपकना नह ह

तमन बोधधम क वषय म4 सना होगा मनषय क पर इतहास म4 जो बड़ L यानी हए ह वह उनम4 स एक था उसक सबध म4

एक ीतकर कथा कह जाती ह वह बाहर क 0कसी व9 त पर L यान कर रहा था उसक आख4 झपक जाती थी और L यान

टट-टट जाता था तो उसन अपनी पलक- को उखाड़कर फ4 क Vदया बहत सदर कथा ह 0क उसन अपनी पलक- को उखाड़कर

फ4 क Vदया और 0फर L यान करना शM 0कया कछ हpत- क बाद उसन दखा 0क जहा उसक पलक4 गर थी उस 9 थान पर

कोई पौध उग आए थ

यह घटना चीन क एक पहाड़ पर घVटत हई थी उस पहाड़ का नाम टा था इसलए जो पौध वहा उग आए थ उनका नाम ट

पडा और यह कारण ह 0क चाय जागरण म4 सहयोगी होती ह इसलए जब तZ हार पलक4 झपकन लग4 और तम नीद म4

उतरन लगो तो एक ] याल चाय पी लो व बोधधम क पलक4 ह इसी वजह स झन सत चाय को पव मानत ह चाय कोई

मामल चीज नह ह वह पव ह बोधधम क आख क पलक ह

जापान म4 तो व चायोतसव करत ह lt यक पPरवार म4 एक चायघर होता ह जहा धामक अनO ठान क साथ चाय पी जाती

ह यह पव ह और बहत ह Lयान पण मा म4 चाय पी जाती ह जापान न चाय क इद-गद बड़ सदर अनOठान नमत

0कय ह व चाय घर म4 ऐस वश करत ह जस व 0कसी मVदर म4 वश करत हो तब चाय तयार क जाएगी और हरक

gt यि+ त मौन होकर बठगा और समोवार क उबलत सवर को सनगा उबलती चाय का उसक वाषप का गीत सब सन4ग वह

कोई अदना व9 त नह ह बोधधम क आख क पलक ह और च0क बोधधम खल आख- स जागन क कोशश म4 लगा था

इसलए चाय सहयोगी ह और च0क यह कथा टा परवत पर घVटत हई इसलए वह ट कहलाती ह

सच हो या न हो यह कहानी सदर ह अगर तम बाहर एकाता साध रह हो तो अपलक दखना जMर ह समझो 0क तZ हार

पलक4 नह ह पलक- को उखाड़ फ4 कन का यह अथ ह तZ ह4 आख4 तो ह ल0कन उनक ऊपर झपकन को पलक4 नह ह और

तब एकाता साधो जब तक Bबद वलन नह हो जाता

Bबद वलन हो जाता ह अगर तम लग रह अगर तमन सकलप क साथ मन को चलायमान नह होन Vदया तो Bबद वलन

हो जाता ह अगर तम उस Bबद पर एका थ और तZ हार लए ससार म4 इस Bबद क अलावा कछ भी नह था अगर सारा

ससार पहल ह वलन हो चका था और वह Bबद बचा था और यह Bबद भी वदा हो गया तो अब चतना कह और गत नह

कर सकती उसक लए जान को कह न रहा सार आयाम बद हो गए अब चत अपन ऊपर फ4 क Vदया जाता ह अब चतना

अपन आप म4 लौट आती ह और तब तम क4 म4 वषट हो गए

तो चाह भीतर हो या बाहर तब तक एकाता साधो जब तक Bबद वसिजत नह होता यह Bबद दो कारण- स वसिजत

होगा अगर वह भीतर ह तो काY पनक ह और इसलए वलन हो जाएगा और अगर यह बाहर ह तो वह काY पनक नह

असल ह तमन दवार पर Bबद बनाया ह और उस पर अवधान को एका 0कया ह तो यह Bबद + य- वलन होगा भीतर क

Bबद का वलन होना तो समझा जा सकता ह कय-0क वह वहा था नह तमन उस किY पत कर लया था ल0कन दवार पर

तो वह ह वह + य- वलन होगा

वह एक वशष कारण स वलन होता ह अगर तम 0कसी Bबद पर चत को एका करत हो तो यथाथ म4 वह Bबद वसिजत

नह होता ह तZ हारा मन ह वसिजत होता ह अगर तम 0कसी बम Bबद पर एका हो रह हो तो मन क गत बद हो जाती

ह और मन गत क Bबना जी नह सकता वह Mक जाता ह वह मर जाता ह और जब मन Mक जाता ह तम बाहर क

0कसी भी चीज क साथ सबधत नह हो सकत हो तब अचानक सभी सत टट जात ह + य-0क मन ह तो सत ह

जब तम दवार पर 0कसी Bबद पर मन को एका कर रह हो तो तZ हारा मन + या करता ह वह नरतर तमस Bबद तक और

Bबद स तम तक उछलकद करता रहता ह एक सतत उछलकद क 02या चलती ह जब मन वचलत होता ह तो तम Bबद

को नह दख सकत + य-0क तम यथाथ आख म4 स नह मन स और आख स Bबद को दखत हो अगर मन वहा न रह तो

आख4 काम नह कर सकती तम दवार को घरत रह सकत हो ल0कन Bबद नह Vदखाई पड़गा + य-0क मन न रहा सत टट

गया Bबद तो सच ह वह ह इसलए जब मन लौट आएगा तो 0फर उस दख सकोग ल0कन अभी नह दख सकत अभी

तम बाहर गत नह कर सकत अचानक तम अपन क4 Cर पर हो

यह क4 9 थता तZ ह4 तZ हार अि9 ततवगत आधार क त जागMक बना दगी तब तम जान-ग 0क कहा स तम अि9 ततव क

साथ सयकत हो जड़ हो तZ हार भीतर ह वह Bबद ह जो समसत अि9 ततव क साथ जड़ा हआ ह जो उसक साथ एक ह और

जब एक बार इस क4 को जान गए तो तम घर आ गए तब यह ससार परदश नह रहा और तम परदशी नह रह तब जान

गए तो तम घर आ गए तब तम ससार क हो गए तब 0कसी सघष क 0कसी लड़ाई क जMरत नह रह तब तZ हार और

अि9 ततव क बीच शता न रह अि9 ततव तZ हार मा हो गई

यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर वषट हआ और बोधपण हआ ह यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर 9 फVटत हआ

ह यह अनभत यह तीत यह घटना और 0फर दःख नह रहगा तब आनद कोई घटना नह हmdashऐसी घटना जो आती ह

और चल जाती ह तब आनद तZ हारा 9 वभाव ह जब कोई अपन क4 म4 ि9 थत होता ह तो आनद 9 वाभावक ह तब कोई

आनदपण हो जाता ह

0फर धीर-धीर उस यह बोध भी जाता रहता ह 0क वह आनदपण ह + य-0क बोध क लए वपरत का होना जMर ह अगर

तम दःखी हो तो आनVदत होन पर तZ ह4 आनद क अनभत होगी ल0कन जब दःख नह ह तो धीर-धीर तम दःख को पर

तरह भल जात हो और तब तम अपन आनद को भी भल जात हो और जब तम अपन आनद को भी भलत हो तभी तम सच

म4 आनVदत हो तब वह 9 वाभावक ह जस तार चमकत ह नVदया बहती ह वस ह तम आनदपण हो तZ हारा होना ह

आनदमय ह तब यह कोई घटना नह ह तब तम ह आनद हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-14

दसर स क साथ भी यह तरकब वह वा9नक आधार यह )6या काम करती ह

ShivaParvati त-सmdashवध-14 (वान भरव त ओशो

अपन पर अवधान को अपन मVदड क मधय म0 कमल-तत सी कोमल J नाय म0 िJ थत करो और इसम पात(रत हो जाओ

इस स क लए L यान क इस वध क लए तZ ह4 अपनी आख बद कर लनी चाVहए और अपन मtदड को अपनी रढ़ क

हडी को दखना चाVहए दखन का भाव करना चाVहए अf छा हो 0क 0कसी शरर शा9 क पसतक म4 या 0कसी

च0कlt सालय या मWडकल कालज म4 जाकर शरर क सरचना को दखो-समझ लो तब आख बद करो और मtदड पर

अवधान लगाओ उस भीतर क आखो स दखो और ठUक उसक मधय स जात हए कमल तत जस कोमल 9 नाय का भाव

करो

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

अगर सभव हो तो इस मtदड पर अवधान को एका करो और तब भीतर स मधय स जात हए कमल तत जस 9 नाय पर

एका होओ और यह एकाता तZ ह4 तZ हार क4 पर आMढ़ कर दगी + य-

मtदड तZ हार समची शरर-सरचना का आधार ह सब कछ उसस सयकत ह जड़ा हआ ह सच तो यह ह 0क तZ हारा

मि9 तषक इसी मtदड का एक छोर ह शरर शा9 ी कहत ह 0क मि9 तषक मtदड का ह व9 तार ह तZ हारा मि9 तषक

मtदड को वकास ह और तZ हार रढ़ तZ हार सार शरर स सबधत ह सब कछ उसस सबधत ह यह कारण ह 0क उस

रढ़ कहत ह आधार कहत ह

इस रढ़ क अदर एक तत जसी चीज ह ल0कन शरर शा9 ी इसक सबध म4 कछ नह कह सकत यह इसलए 0क यह

पौदगलक नह ह इस मtदड म4 इसक ठUक मधय म4 एक रजत-र` ज ह एक बहत कोमल नाजम 9 नाय ह शारPरक अथ

म4 वह 9 नाय भी नह ह तम उस काट-पीट कर नह नकाल सकत वह वहा नह मलगा ल0कन गहर L यान म4 वह दखा

जाता ह यह ह ल0कन वह अपदाथ ह अव9 त ह वह पदाथ नह उजा ह और यथाथत तZ हार मtदड क वह ऊजा-र` ज

तZ हारा जीवन ह उसक Cवारा ह तम अaशय अि9 ततव क साथ सबधत हो वह aशय और अaशय क बीच सत ह उस

तत क Cवारा ह तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

तो पहल तो मtदड क कY पना करो उस मन क आख- स दखो और तZ ह4 अvत अनभव होगा अगर तम मtदड का

मनोदशन करन क कोशश करोग तो यह दशन Bबलकल सभव ह और अगर तम नरतर चO टा म4 लग रह तो कY पना म4

ह नह यथाथ म4 भी तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

म_ एक साधक को इस वध का योग करवा रहा था म_न उस शरर-स9 थान का एक च दखन को Vदया ता0क वह उसक

जPरए अपन भीतर क मtदड को मन क आख- स दखन म4 समथ हो सक उसन योग शM 0कया और स] ताह भर क अदर

आकर उसन मझस कहा आR चय क बात ह 0क मन आपक Vदए च को दखन क कोशश क ल0कन अनक बार वह च

मर आख- क सामन स गायब हो गया और एक दसरा मtदड मझ Vदखाई Vदया यह मtदड च वाल मtदड जसा नह था

म_न उस साधक को कहा क अब तम सह रा9 त पर हो अब च को Bबलकल भल जाओ और उस मtदड को दखा करो जो

तZ हार लए aशय हआ ह

मनषय भीतर स अपन शरर स9 थान को दख सकता ह हम इसको दखन क कोशश नह करत + य-0क वह aशय डरावना

ह वीभतस ह जब तZ ह4 तZ हार रकत मास और अि9 थपजर Vदखाई पड़4ग तो तम भयभीत हो जाओग इसलए हमन अपन

मन को भीतर दखन स Bबलकल रोक रखा ह हम भी अपन शरर को उसी तरह बहार स दखत ह जस दसर लोग दखत ह

वह वसा ह ह जस तम इस कमर को इसक बहार जाकर दखो तम सफ इसक बहार दवार- को दखोग4 0फर तम भीतर आ

जाओ और दखो तब तZ ह4 भीतर दवार4 Vदखाई द4गी तम तो सफ बाहर स अपन शरर को इस तरह दखत हो िजस तरह

कोई दसरा आदमी उस दखता हो भीतर स तमन अपन शरर को नह दखा ह हम दख सकत ह ल0कन इस भय क कारण

वह हमार लए आR चय क चीज बना ह

भारतीय योग क प9 तक4 शरर क सबध म4 ऐसी बात4 बताती ह जो नए वानक शोध स हबह सह ह ल0कन वान यह

समझन म4 असमथ ह 0क योग को इनका पता कस चला वह इG ह4 कस जान सका शलय-च0कlt सा और मानव शरर का

ान बहत हाल क घटनाए ह इस हालत म4 योग इन सार 9 नायओ को सभी क4 - को शरर क पर आतPरक स9 थान को

कस जान गया जो अlt यत हाल क खोज ह आR चय 0क व उG ह4 भी जानत थ उG होन उसक चचा भी 0क थी उन पर काम

भी 0कया था योग को शरर क बनयाद और महlt वपण चीज- क वषय म4 सब कछ मालम रहा ह ल0कन योग चीर फाड़

नह करता था 0फर उस उसक इतनी सार बात4 कस मालम हई थी

सच तो यह ह 0क शरर को दखन जानन का एक दसरा ह रा9 ता ह वह उस अदर स दखना ह अगर तम भीतर एका हो

सको तो तम अचानक अदMनी शरर को उसक भीतर रखा च को दखन लगोग

यह वध उन लोगो क लए उपयोगी ह जो शरर स जड ह अगर तम भौतकवाद हो अगर तम सोचत हो 0क तम शरर क

अतPरकत और कछ नह हो तो यह वध तZ हार बहत काम क होगी अगर तम चावाक या माक स क मानन वाल हो

अगर तम मानत हो 0क मनषय शरर क अलावा कछ नह ह तो तZ ह4 यह वध बहत सहयोगी होगी तो तम जाओ और

मनषय क अि9 थ स9 थान को दखो

त या योग क परानी परपराओ म4 व अनक तरह क हWडय- का उपयोग करत थ अभी भी ताBक अपन पास कोई न कोई

हडी या खोपड़ी रखता ह दरअसल वह भीतर स एकाता साधन का उपाय ह पहल वह उस खोपड़ी पर एकाता साधता ह

0फर आख4 बद करता ह और अपनी खोपड़ी का L यान करता ह वह बाहर क खोपड़ी क कY पना भीतर करता जाता ह और

इस तरह धीर-धीर अपनी खोपड़ी क तीत उस होन लगती ह उसक चतना क4 Vत होन लगती ह

वह बाहर खोपड़ी उसका मनोदशन उस पर L यान सब उपाय ह और अगर तम एक बार अपन भीतर क4 भत हो गए तो

तम अपन अगठ स सर तक याा कर सकत हो तम भीतर चलो वहा एक बड़ा माड ह तZ हारा छोटा शरर एक बड़ा

माड ह

यह स मtदड का उपयोग करता ह + य-0क मtदड क भीतर ह जीवन र` ज छपा ह यह कारण ह 0क सीधी रढ़ पर इतना

जोर Vदया जाता ह + य-0क अगर रढ़ सीधी न रह तो तम भीतर र` ज को नह दख पाओग वह बहत नाजक ह बहत

सQम ह वह ऊजा का वाह ह इसलए अगर तZ हार रढ़ सीधी ह Bबलकल सीधी तभी तZ ह4 उस सQम जीवन र` ज क

झलक मल सकती ह

ल0कन हमार मtदड सीध नह ह Vहद बचपन सह मtदड को सीधा रखन का उपाय करत ह उनक बठन उठन चलन सोन

तक क ढग सीधी रढ़ पर आधाPरत थ और अगर रढ़ सीधी नह ह तो उसक भीतर तlt व- को दखना बहत कVठन बहत

कVठन होगा वह नाजम ह सQम ह वासतव म4 पौदगलक नह ह वह अपौदगलक ह वह शि+ त ह इसलए जब मtदड

Bबलकल सीधा होता ह तो वह र` जवत शि+ त दखन म4 आती ह

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

और अगर तम इस र` ज पर एका हए तमन उसक अनभत और उपलिc ध क तब तम एक नए काश स भर जाओग

वह काश तZ हार मtदड स आता होगा वह तZहार पर शरर पर फल जाएगा वह तZ हार शरर क पास भी चला जाएगा

और जब काश शरर क पार जाता ह तब भामडल Vदखाई दत ह हरक आदमी का भामडल ह ल0कन साधारणत

तZ हार भामडल छाया क तरह ह िजनम काश नह होता व तZ हार चार- और काल छाया क तरह फल होत ह और व

भामडल तZ हार lt यक मनोभाव को अभgt यकत करत ह तब तम 2ोध म4 होत हो तो तZ हारा भामडल रकत रिजत जसा

हो जाता ह उसम 2ोध लाल रग म4 अभgt यकत होता ह जब तम उदास बझ-बझ हतभ होत हो तो तZ हारा भामडल

काल ततओ स भरा होता ह मान- तम मlt य क नकट होmdashसब मत और बोlझल और जब यह मtदड क भीतर का तत

उपलबध होता ह तब तZ हारा भामडल सचमच म4 भा मWडत होता ह

इस लए ब महावीर कषण 2ाइ9ट महज सजावट क लए भामडल स नह चBत 0कए जात ह व भामडल सच म4

होता ह तZ हारा मtदड काश व0करlणत करन लगता ह भीतर तम बतव को ापत होत हो बहार तZ हारा सारा शरर

काश काश शरर हो उठता ह और तब उसक भा बहार भी फलन लगती ह इसलए 0कसी ब पMष क लए 0कसी स

यह पछना जMर नह ह 0क तम + या हो तZ हारा भामडल सब बता दगा और जब कोई शषय बतव ापत करता ह तो

गt को पता हो जाता ह + य-0क भामडल सब कट कर दता ह

म_ तZह4 एक कहानी बताऊ एक चीनी सत हई न4ग जब पहल-पहल अपन गt क पास पहचा तो गt न कहा 0क तम 0कस

लए आए हो तZ ह4 मर पास आन क जMरत नह थी हई न4ग क समझ म4 कछ नह आया उसन सोचा 0क अभी गt Cवारा

9 वीकत होन क उसक पाता नह ह ल0कन गt कछ और ह चीज दख रहा था वह Cवारा 9 वीकत होन क उसक पाता

नह ह ल0कन गt कह रहा था 0क अगर तम मर पास नह भी आओ तो भी दर-अबर यह घटना घटन ह वाल ह तम उसम

ह हो इसलए मर पास आन क जMरत नह ह

ल0कन हई न4ग न ाथना क 0क मझ अ9 वीकार न कर4 तो गt न उस वश Vदया और कहा 0क आkम क पछवाड़ म4 जो

रसोईघर ह उसम जाकर काम करो और 0फर दसर बार मर पास मत आना जब जMरत होगी म_ ह तZ हार पास आऊगा

हई न4ग को कोई L यान करन को नह बताया गया न कोई शा9 पढ़न को कहा गया उस कछ भी नह सखाया गया उस

बस रसोईघर म4 रख Vदया गया वह एक बहत बड़ा आkम था िजसम4 कोई पाच सौ भQ रहत थ उनम4 पWडत वCघान

L यानी योगी सब थ और सब साधना म4 लग थ ल0कन हई न4ग कवल चावल साफ कतरा या कटता था और रसोई क

भीतर ह काम करता रहा इस तरह स बारह वष बीत गय हई न4ग इस बीच गt क पास दबारा नह गया + य-0क इजाजत

नह थ वह तीQा करता रहा वह सफ तीQा ह करता रहा और लोग उस महज नौकर समझत थ कोई उस पर L यान

भी नह दता था उस आkम म4 पWडत- और L यानय- क कमी नह थी उनक बीच एक चावल कटन4 वाल क + या Bबसात

थी

और 0फर एक Vदन गt न घोषणा क 0क मर मlt य नकट ह और म_ अब चाहता ह 0क 0कसी को अपना उlt तराधकार

बनाऊ इसलए जो समझत ह- 0क व बतव को ापत ह व चार पि+ तय- क एक कवता रच िजसम वह सब gt यकत कर द4

जो उG ह-न जाना ह गt न यह भी कहा 0क िजसक कवता म4 सच म4 बतव gt यि+ त होगा उस म4 अपना उतराधकार

चनगा

उस आkम म4 एक महापWडत था इसलए उस तयोगता म4 0कसी न भाग नह लया सब यह सोचत थ 0क महापWडत

जीतगा वह शा9 - का बड़ा ाता था सो उसन चार पि+तया लखी उन चार पि+ तय- म4 उसन लखा-

मन एक दपण ह िजस पर धल जम जाती ह

धल को साफ कर दो सतय अनभव म0 आ जाता ह

बXतव )ािY त हो जाती ह

ल0कन वह महापWडत भी डरता था + य-0क गt को पता था 0क कौन ान को उपYबध ह कौन नह यCयप महापWडत न

जो लखा था वह बहत सदर था सब शा9 - का सार-नचोड था यह तो सब वद- का सार था ल0कन पWडत डरता था 0क यह

उसन शा9 - स लया था इसम उसका अपना कछ भी नह ह इस लए वह सीधा गt क पास नह गया वह रात क अधर म4

गt क झोपड़ी पर गया और उनक दवार पर व चार पि+ तया लख द उसन नीच ह9 ताQर भी नह 0कया उसन सोचा 0क

अगर गt न उG ह4 9 वीकत द तो म_ कहगा 0क म_न लखा ह और अगर गt न ठUक नह कहा तो चप रहगा

ल0कन गt न 9 वीकत द द सबह उGह-न कहा 0क िजस gt यि+ त न य पि+ त लखी ह वह ानी ह समच आkम म4 उसक

चचा होन लगी सब तो जानत थ 0क 0कसन लखा ह व चचा करन लग 0क पि+ तया तो सदर ह सचमच सदर थी

इसी चचा म4 लग कछ भQ रसोईघर म4 पहच य चाय पीत थ और चचा करत थ हई न4ग उG ह4 चाय पील रहा था उसन सह

बात सनी जब व चार पि+ तया उसन सनी तब वह हसा इस पर 0कसी न उसस पछा 0क तम + य- हस रह हो तम तो कछ

जानत भी नह हो बारह वष[ स तम तो च-क स बहार भी नह नकल हो तZ ह4 0कस बात को पता ह तम + य- हस रह हो

0कसी न इसस पहल उस भQ को हसत नह दखा था वह तो महा मढ़ समझा जाता था िजस बात करनी भी नह आती थी

उसन कहा 0क म_ लखना नह जानता ह और म_ ानी भी नह ह ल0कन व चार पि+ तया गलत ह अगर कोई gt यि+ त मर

साथ आय तो म_ चार पि+तया बना सकता ह और वह उस दवार पर लख द म_ लखना नह जानता ह

एक भQ मजाक म4 उसक साथ चल Vदया उसन पीछ ऐ भीड़ भी वहा पहच गई सब क लए य कतहल भर बात थी 0क एक

चावल कटन4 वाला म ान क चार लाईन4 बातयगा न4ग न लखवाया

कसा दपण कसी धल

न कोई मन ह

न कोई दपण

6फर धल जमगी कहा

जो यह जान गया

वह उपलबध हो गया धम को

ल0कन जब गt आया तो उसन कहा क य गलत ह हई न4ग न गt क पर छए और वह रसोई घर म4 लोट गया

रात म4 जब सब सोए थ गt न4ग क पास आया और चप स कहा तम सह हो ल0कन म_ तZ हार बात को उन मख[ क सामन

सह नह कह सकता व वCघान मख ह और अगर म_ कहता ह 0क मर उlt तराधकार तम हो तो वह तZ ह4 मार द4ग और

यह बात दसर- को मत कहाना तम यहा स भाग जाओ िजस Vदन तम यहा आय थ उसी Vदन म_ जान गया था तZ हार

भामडल को दख कर 0क तम ह मर उतराधकार हो और बारह वष क मौन न िजसम तZ हारा भामडल पण हो चला

तम पण च हो गए हो ल0कन यहा स नकल जाओ वरना व लोग तZ ह4 मार द4ग तम यहा बारह वष स हो नरतर तZहार

काश व0करण हो रहा ह ल0कन कोई उस दख नह सका यCयप हर Vदन कोई न कोई तZ ह4 दो या तीन बार Vदन म4 दखता

ह इसी लए म4न तZ ह4 रसोई घर म4 रखा था कोई तZ हार भामडल को नह दख सका इस लए तम यहा स भाग जाओ

जब मtदड का यह तत दख लया जाता ह उपलबध होता ह तब तZ हार चार- और एक भामडल बढ़न लगता ह इसम4

MपातPरत हो जाओ उस काश स भर जाओ और MपातPरत हो जाओ यह भी क4 Vत होना ह मtदड म4 क4 Vत होना

अगर तम शरर वाद हो तो यह तZ हार काम आयगी अगर नह तो यह कVठन ह तब भीतर स शरर को दखना कVठन

होगा यह वध पMष- क बजाए ि9 य- क लए ` यादा कारगर होगी ि9 या ` यादा शरवाद होती ह व शरर म4 अधक

रहती ह और कY पनाशील भी होती ह शरर का मनोदशन उनक लए आसान ह ि9 या पMष- स ` यादा शरर क4 Vत होती

ह ल0कन जो कोई भी शरर को महसस कर सकता ह जो कोई भी आख बद कर अदर शरर को दख सकता ह उसक लए

यह वध बहत सहयोगी ह

पहल अपन मtदड को दखो 0फर उसक बीच स जाती हई रजत-र` ज को पहल तो वह कY पना ह होगी ल0कन धीर-धीर

तम पाओग 0क कY पना वलन हो गई ह और िजस Qण तम आतPरक ततव को दखोग4 अचानक तZ ह4 तZ हार भीतर

काश का व9 फोट अनभव होगा

कभी-कभी यह घटना यास क Bबना भी घटती ह यह होता ह 0फर तZ ह4 कह 0कसी गहर सभोग क Qण म4 यह होता ह

त जानता ह 0क गहर काम-कतय म4 तZ हार सार ऊजा रढ़ क पास इकी हो जाता ह असल म4 गहर काम कतय म4 रढ़

Bबजल छोड़न लगती ह कभी-कभी तो ऐसा होता ह 0क रढ़ को छन स तZ ह4 ध+ का लगता ह और अगर सभोग गहरा हो

मपण हो लबा हो अगर दो मी गाढ़ मालगन म4 ह- शात और नशचल एक दसर को भरत हए तो घटना घटती ह

कई बार ऐसा हआ ह 0क अधरा कमरा अचानक रोशनी स भर जाता ह और दोन- शरर- काक एक नील भामडल घर लता

ऐसी अनक घटनाए हई ह तZ हार अनभव म4 भी ऐसा हआ होगा 0क अधर कमर म4 गहर म म4 उतरन पर तZ हार दो शरर-

क चार- और एक रोशनी सी हो गई ह और फल कर पर कमर म4 भर गई हो कई बार ऐसा हआ ह 0क 0कसी aशय कारण क

Bबना ह कमर क मज पर स अचानक चीज4 उछल कर नीच गर गई ह ओर अब मानि9 वद बतात ह 0क गहर काम-कतय म4

Bबजल क तरग4 छटती ह और उसक कई भाव और पPरमाण हो सकत ह चीज4 अचानक गर सकती ह Vहल सकती ह

टट सकती ह ऐस काश क फोटो भी लए गए ह ल0कन यह काश सदा मtदड क इद-गद इका होता ह

तो कभी-कभी काम-कतय क दौरान भी तम जाग सकत हो अगर तम अपन मtदड क बीच स जाती हई रजत-र` ज को दख

सको त को यह बात भलभत पता ह और उसन इस पर काम भी 0कया ह त नप इस उपलिc ध क लए सभोग का भी

उपयोग 0कया ह ल0कन उसक लए काम कतय को सवथा भनन ढग का होना पड़गा उसका गण धम भनन होगा उस

हालत म4 काम कतय 0कसी तरह नबट लन क महज सखलन क Cवारा छी पा लन क झट-पट उसस गजर जान क बात

नह रहगी तब वह एक शारPरक कम नह रहगा तब वह एक गहरा आL यािlt मक मलन होगा तब यथाथ म4 वह दो दह- क

Cवारा दो आतPरकताओ का दो आlt माओ का एक दसर म4 वश होगा

इसलए मरा सझाव ह 0क जब तम गहर काम कतय म4 होओ तो इस वध को योग म4 लाओ यह आसान हो जायगी यौन

को भल जाओ जब गहर आलगन म4 उतरो बस भीतर रहो और दसर gt यि+ त को भल जाओ भीतर जाओ और अपन

मtदड को दखो उस समय मM दड क पास अधक उजा वाVहत होती ह + य-0क तम शात होत हो और तZ हारा शरर

वkाम म4 होता ह म गहर स गहरा वkाम ह ल0कन हमन उस भी तनाव बना लया ह हमन उस एक चता एक बोझ म4

बदल लया ह

म क ऊO मा म4 जब तम भर-भर और शथल हो आख4 बद कर लो सामानयत पMष आख4 बद नह करत ि9 या करती

ह इसलए म_न कहा 0क पMष- क बजाए ि9 या अधक शरर वाद ह काम-कतय क गहर आलगन म4 उतरन पर ि9 या

आख4 बद कर लती ह दरअसल व खल आख- स म नह कर सकती आख- क बद रहन पर व भीतर स शरर को अधक

महसस कर पाती ह

तो आख4 बद कर लो और शरर को महसस करो वkाम म4 उतर जाओ और मMदड पर चत एका करो और यह स बहत

सरल ढग स कहता ह lsquorsquoइसम4 MपातPरत हो जाओlsquorsquo तम इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग

ओशो

वान भरव ततर

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-15 ओशो

क0 =1त होन क तीसर वध

lord-shiva-त-सmdashवध-15 वान भरव तndashओशो

lsquorsquoसर क सात Gवार2 को अपन हाथ2 स बद करन पर आख2 क बीच का J थान सवाह हो जाता हlsquorsquo

यह एक परानी स परानी वध ह और इसका योग भी बहत हआ ह यह सरलतम वधय- म4 एक ह सर क सभी Cवार-

को आख कान नाक मह सबको बद कर दो जब सर क सब Cवार दरवाज बद हो जात ह तो तZ हार चतना तो सतत

बहार बह रह ह एकाएक Mक जाती ह ठहर जाती ह वह अब बाहर नह जा सकती

तमन r याल नह 0कया 0क अगर तम Qण भर क लए R वास लना बद कर दो तो तZ हारा मन भी ठहर जाता ह + य-

+ य-0क R वास क साथ मन चलता ह वह मन का एक स9 कार ह तZ ह4 समझना चाVहए 0क यह स9 कार + या ह तभी इस

स को समझना आसान होगा

Mस क अत स मानि9 वद पावलफ न स9 कारजनत त02या को कडीशड Pरpलकस को दनयाभर म4 आम बोलचाल

म4 शामल करा Vदया ह जो gt यि+ त भी मनोवान स जरा भी पPरचत ह इस शबद को जानता ह वचार क दो kखलाए

कोई भी दो kखलाए इस तरह एक दसर स जड़ सी जाती ह 0क अगर तम उनम4 स एक को चलाओ तो दसर अपन आप शM

हो जाती ह

पावलफ न एक कlt त पर योग 0कया उसन दखा 0क तम अगर कlt त क सामन खाना रख दो वक उसक जीभ स लार बहन

लगती ह जीभ बहार नकल आती ह और वह भोजन क लए तयार हो जाता ह कlt ता जब भोजन दखता ह या उसक

कY पना करता ह तो लार बहन लगती ह ल0कन पावलफ न इस 02या क साथ दसर बात जोड़ द जब भी भोजन रखा

जाए और कlt त क लार टपकन लग वह दसर चीज करता उदाहरण क लए वह एक घट बजाता और कlt ता उस घट को

सनता

पह Vदन तक जब भी भोजन रखा जाता घट भी बजती और तब सोलहव4 Vदन कlt त क सामन भोजन नह रखा गया

कवल घट बजाu गई ल0कन तब भी कlt त क मह स लार बहन लगी और जीभ बाहर आ गई मानो भोजन सामन रखा हो

वहा भोजन नह था सफ घट थी अब घट बजन और लार टपकन क बीच कोई 9 वाभावक सबध नह था लार का

9 वाभावक सबध भोजन क साथ ह ल0कन अब घट का रोज-रोज बजना लार क साथ जड़ गया था सबधत हो गया था

और इसलए मा घट क बजन पर भी लार बहन लगी

पावलफ क अनसारmdashऔर पावलफ सह हmdashहमारा समचा जीवन एक कडीशड ोसस ह मन स9 कार ह इसलए अगर तम

उस स9 कार क भीतर कोई एक चीज बद कर दो तो उसस जड़ी और सार चीज4 भी बद हो जाती ह

उदाहरण क लए वचार और R वास ह वचारणा सदा ह R वास क साथ चलती ह तम Bबना R वास वचार नह कर सकत

तम R वास क त सजग नह रहत ल0कन R वास सतत चलती रहती ह Vदन-रात चलती रहती ह और lt यक वचार

वचार क 02या ह R वास क 02या स जड़ी ह इसलए अगर तम अचानक अपनी शवास रोक लो तो वचार भी Mक

जाएगा

वस ह अगर सर क सात- छ उसक सात- Cवार बद कर Vदए जाए तो तZ हार चतना अचानक गत करना बद कर दगी

तब चतना भीतर थर हो जाती ह और उसका यह भीतर थर होना तZ हार आख- क बीच क बीच 9 थान बना दता ह वह

9 थान ह Bन तीसर आख कहलाती ह अगर सर क सभी Cवार बद कर Vदय जाय तो तम बाहर गत नह कर सकत

+ य-0क तम सदा इG ह Cवार- स बाहर जात रह हो तब तम भीतर थर हो जात हो और वह थर होना एका इन दो आख-

साधारण आख- क बीच घVटत होता ह चतना इन दो आख- क बीच क 9 थान पर क4 Vत हो जाती ह उस 9 थान को ह Bन

कहत ह

यह 9 थान सवाह सवgt यापक हो जाता ह यह स कहता ह 0क इस 9 थान म4 सब सिZ मलत ह सारा आि9 ततव समाया ह

अगर तम इस 9 थान को अनभव कर लो तो तमन सब को अनभव कर लया एक बार तZ ह4 इन दो आख- क बीच क आकाश

क तीत हो गई तो तमन पर अि9 ततव को जान लया उसक समता को जान लया + य-0क यह आतPरक आकाश

सवाह ह सवgt यापक ह कछ भी उसक बाहर नह ह

उपनषाद कहत ह lsquorsquoएक को जानकर सब जान लया जाता हlsquorsquo

य दो आख4 तो सीमत को ह दख सकती ह तीसर आख असीम को दखती ह य दो आख तो पदाथ को ह दख सकती ह

तीसर आख अपदाथ को अL यातम को दखती ह इन दो आख- स तम कभी ऊजा क तीत नह कर सकत ऊजा को नह

दख सकत सफ पदाथ को दख सकत हो ल0कन तीसर आख स 9 वय ऊजा दखी जाती ह

Cवार- का बद 0कया जाना क4 Vत होन का उपाय ह + य-0क एक बार जब चतना क वाह का बाहर जाना Mक जाता ह वह

अपन उदगम पर थर हो जाती ह और चतना का यह उदगम ह Bनतर ह अगर तम इस Bन पर क4 Vत हो जाओ तो

बहत चीज4 घVटत होती ह पहल चीज तो यह पता चलती ह 0क सारा ससार तZ हार भीतर ह

9 वामी राम कहा करत थ 0क सय मर भीतर चलता ह तार मर भीतर चलत ह चाद मर भीतर उVदत होता ह सारा माड

मर भीतर ह जब उG ह-न पहल बार यह कहा तो उनक शO य- 0क व पागल हो गए ह राम तीथ क भीतर सतार कस हो

सकत ह

व इसी Bन क बात कर रह थ इसी आतPरक आकाश क सबध म4 जब पहल बार यह आतPरक आकाश उपलबध होता ह

तो यह भाव होता ह जब तम दखत हो 0क सब कछ तZ हार भी तर ह तब तम माड ह हो जात हो

Bन तZ हार भौतक शरर का Vह9 सा नह ह वह तZ हार भौतक शरर का अग नह ह तZ हार आख- क बीच का 9 थान

तZ हार शर तक ह सीमत नह ह वह तो वह अनत आकाश ह जो तZ हार भीतर वश कर गया ह और एक बार यह

आकाश जान लया जाए तो तम 0फर वह gt यि+ त नह रहत िजस Qण तमन इस अतरसथ आकाश को जान लया उसी

Qण तमन अमत को जान लया तब कोई मlt य नह ह

जब तम पहल बार इस आकाश को जान-ग तZ हारा जीवन ामाlणक और गाढ़ हो जाएगा तब पहल बार तम सच म4

जीवत होओग तब 0कसी सरQा क जMरत नह रहगी अब कोई भय सभव नह ह अब तZ हार हlt या नह हो सकती अब

तमस कछ भी छUना नह जा सकता अब सारा माड तZ हारा ह तम ह माड हो िजन लोग- न इस अतरसथ आकाश

को जाना ह उG ह-न ह आनदमगन होकर उरदघोषणा क ह अह माि9 म म_ ह माड ह म_ ह मा हhelliphellip

सफ सत मसर को इसी तीसर आख क अनभव क कारण कतल कर Vदया गया जब उसन पहल बार इस आतPरक आकाश

को जाना वह चY लाकर कहन लगा अनलहक़ म_ ह परमाlt मा ह भारत म4 वह पजा जाता + य-0क भारत न ऐस अनक

लोग दख ह िजG ह4 इस तीसर आख आतPरक आकाश का बोध हआ ल0कन मसलमान- क दश म4 यह बात कVठन हो गई

और मसर का यह व+ तवय 0क म_ परमाlt मा ह अनलहक़ अह माि9 म धमवरोधी मालम हआ + य-0क मसलमान यह

सोच भी नह सकत 0क मनषय और परमाlt मा एक ह मनषयndashमनषय ह मनषय सिO ट ह और परमाlt मा सO टा सिOट

9 O टा कस हो सकता ह

इस लए मसर का यह व+ तवय नह समझा जा सका और उसक हlt या कर द गई ल0कन जब उसको कतल 0कया जा रहा

था तब वह हस रहा था तो 0कसी न पछा 0क हस + य- रह हो मसर कहत ह 0क मसर न कहा म_ इसलए हस रहा ह 0क तम

मझ नह मार रह हो तम मर हlt या नह कर सकत तZ ह4 मर शरर स धोखा हआ ह ल0कन म_ शरर नह ह म_ इस माड

को बनान वाला ह यह मर अगल थी िजसन आरभ म4 समच माड को चलाया था

भारत म4 मसर आसानी स समझा जाता सVदय--सVदय- स यह भाषा जानी पहचानी ह हम जानत ह 0क एक घड़ी आती ह

जब यह आतPरक आकाश जाना जाता ह तब जानन वाला पागल हो जाता ह और यह ान इतना निR चत ह 0क यVद तम

मसर क हlt या भी कर दो तो वह अपना व+ तवय नह बदलगा + य-0क हककत म4 जहा तक उसका सबध ह

तम उसक हlt या नह कर सकत अब वह पण हो गया ह उस मटान का उपाय नह ह

मसर क बाद सफ सीख गए 0क चप रहना बहतर ह इसलए मसर क बाद सफ परZ परा म4 शO य- को सतत सखाया गया

0क जब भी तम तीसर आख को उपलबध करो चप रहो कछ कहो मत जब भी घVटत हो च] पी साध लो कछ भी मत कहो

या व ह चीज4 औपचाPरक ढग स कह जाओ जो लोग मानत ह

इसलए अब इ9 लाम म4 दो परपराए ह एक सामानय परपरा हmdashबाहर लौ0कक और दसर परपरा असल इसलाम ह

सफवाद जो गम ह ल0कन सफ चप रहत ह + य-0क मसर क बाद उG ह-न सीख लया 0क उस भाषा म4 बोलना जो 0क

तीसर आख क खलन पर कट होती ह gt यथ क कVठनाई म4 पड़ना ह और उसस 0कसी को मदद भी नह होती

यह स कहता ह lsquorsquoसर क सात Cवार- को अपन हाथ- स बद करन पर आख- क बीच का 9 थान सवाह सवgt यापी हो जाता

हlsquorsquo

तZ हारा आतPरक आकाश परा आकाश हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-16 (ओशो) क0 =1त होन क चौथी वध

lsquorsquoह भगवती जब इ=1या Oदय म0 वलन ह2 कमल क क0 1 पर पहच2lsquorsquo

वान भरव तndashधयान वधndash16 ( ओशो)

lt यक वध 0कसी मन-वशष क लए उपयोगी ह िज वध क अभी हम चचा कर रह थmdashतीसर वध सर क Cवार- को

बद करन वाल वधmdashउसका उपयोग अनक लोग कर सकत ह वह बहत सरल ह और बहत खतरनाक नह ह उस तम

आसानी स काम म4 ला सकत हो

यह भी जMर नह ह 0क Cवार- को हाथ स बद करो बद करना भी जMर ह इसलए कान- क लए डाट और आख- क लए

पी स काम चल जाएगा असल बात यह 0क कछ Qण- क लए य कछ स4क4 ड क लए सर क Cवार- को पर तरह स बद कर

लो

इसका योग करो अ यास करो अचानक करन स ह यह कारगर ह अचानक म4 ह राज छपा ह Bबसतर म4 पड़-पड़

अचानक सभी Cवार- को कछ सक4 ड क लए बद कर लो और तब भीतर दखो + या होता ह

जब तZ हारा दम घटन लग + य-0क R वास भी बद हो जाएगी तब भी इस जार रख और तब तक जार रखो जब तक 0क

असय न हो जाय और जब असय हो जाएगा तब तम Cवार- को ` यादा दर बद नह रख सकोग इसलए उसक 0फ2

छोड़ दो तब आतPरक शि+ त सभी Cवार- क खद खोल दगी ल0कन जहा तक तZ हारा सबध ह तम बद रखो जब दम घटन

लग तब वह Qण आता ह नणायक Qण + य-0क घटन परान एसोसएशन तोड़ डालती ह इसलए कछ और Qण जार

रख सको तो अf छा

यह काम कVठन होगा मिR कल होगा और तZ ह4 लगगा 0क मौत आ गई ल0कन डर- मत तम मर नह सकत + य-0क

Cवार- को बद भर करन स तम नह मरोग ल0कन जब लग 0क म4 मर जाऊगा तब समझो 0क वह Qण आ गया

अगर तम उस कषण म4 धीरज स लग रह तो अचानक हर चीज काशत हो जाएगी तब तम उस आतPरक आकाश को

महसस करोग जो 0क फलता ह जाता ह और िजसम4 सम समाया हआ ह तब Cवार- को खोल दो और तब इस योग को

0फर-0फर करो जब भी समय मल इसका योग म4 लाओ

ल0कन इसका अ यास मत बनाओ तम R वास को कछ Qण क लए रोकन का अ यास कर सकत हो ल0कन उसस कछ

लाभ नह होगा एक आकि9 मक अचानक झटक क जMरत ह उस झटक म4 तZ हार चतना क परान ोत- का वाह बद हो

जाता ह और कोई नयी बात सभव हो जाती ह

भारत म4 अभी भी सव अनक लोग इस वध का अ यास करत ह ल0कन कVठनाई यह ह 0क व अ यास करत ह जब 0क

यह एक अचानक वध ह अगर तम अ यास करो तो कछ भी नह होगा कछ भी नह होगा अगर म_ तZ ह4 अचानक इस

कमर स बाहर नकाल फ4 कगा तो तZ हार वचार बद हो जाएग ल0कन अगर हम रोज-रोज इसका अ यास कर4 तो कछ नह

होगा तब वह एक याBक आदत बन जाएगी

इसलए अयास मत करो जब भी हो सक योग करो तो धीर-धीर तZ ह4 अचानक एक आतPरक आकाश का बोध होगा वह

आतPरक आकाश तZ हार चतना म4 तभी कट होता ह जब तम मlt य क कगार पर होत हो तब तZ ह4 लगता ह 0क अग म4

एक Qण भी नह जीऊ गा अब मlt य नकट ह तभी वह सह Qण आता ह इसलए लग रहो डर- मत

मlt य इतनी आसान नह ह कम स कम इस वध को योग म4 लात हए कोई gt यि+ त अब तक मरा नह ह इसम

अतनVहत सरQा क उपाय ह यह कारण ह 0क तम नह मरोग मlt य क पहल आदमी बहोश हो जाता ह इसलए होश म4

रहत हए यह भाव आए 0क म_ मर रहा ह तो डर- मत तम अब भी होश म4 हो इसलए मरोग नह और अगर तम बहोश हो

गए तो तZ हार R वास चलन लगगी तब तम उस रोक नह पाओग

और तम कान क लए डाट काम म4 ला सकत हो आख- क पी बाध सकत हो ल0कन नाक और मह क लए कोई डाट

उपयोग नह करन ह + य-0क तब वह सघातक हो सकता ह कम स कम नाक को छोड़ रखना ठUक ह उस हाथ स ह बद

करो उस हालत म4 जब बहोश होन लगोग तो हाथ अपन आप ह ढला हो जाएगा और R वास वापस आ जाएगी तो इसम

अतनVहत सरQा ह यह वध बहत- क काम क ह

चौथी वध उनक लए ह िजनका दय बहत वकसत ह जो म और भाव क लोग ह भाव-वण लोग ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquorsquo

यह वध दय-धान gt यि+ त क Cवारा काम म4 लायी जा सकती ह इसलए पहल यह समझन क कोशश करो 0क दय

धान gt यि+ त कौन ह तब यह वध समझ सकोग

जो दय-धान ह उस gt यि+ त क लए सब कछ रदय ह ह अगर तम उस ] यार करोग तो उसका दय उस ] यार को

अनभव करगा उसका मि9 तषक नह मि9 तषक-धान gt यि+ त म 0कए जान पर भी म का अनभव मि9 तषक स लता

ह वह उसक सबध म4 सोचता ह आयोजन करता ह उसका म भी मि9 तषक का ह सचतत आयोजन होता ह ल0कन

भावपण gt यि+ त तक क Bबना जीता ह वस दय क भी अपन तक ह ल0कन दय सोच-वचार नह करता ह

अगर कोई तZ ह4 पछ 0क + य- म करत हो और तम उस + य- का जवाब द सको तो तम मि9 तषक धान gt यि+ त हो और

अगर तम कहा 0क म_ नह जानता म_ सफ म करता ह तो तम दय धान gt यि+ त हो अगर तम इतना भी कहत हो 0क

म_ उस इसलए ] यार करता ह 0क वह सदर ह तो वहा ब आ गई दयोG मख gt यि+ त क लए कोई सदर इसलए ह 0क वह

उस म करता ह मि9 तषक वाला gt यि+ त 0कसी को इसलए म करता ह 0क वह सदर ह ब पहल आती ह और तब म

आता ह दय धान gt यि+ त क लए म थम ह और शष चीज4 म क पीछ-पीछ चल आती ह वह दय म4 क4 Vत ह

इसलए जो भी घVटत होता ह वह पहल उसक दय को छता ह

जरा अपन को दखो हरक Qण तZ हार जीवन म4 अनक चीज4 घVटत हो रह ह व 0कसी सथल को छती ह तम जा रह हो और

एक भखार सड़क पार करता ह वह भखार तZ ह4 कहा छता ह + या तम आथक पPरि9 थत पर सोच वचार करत हो या

+ या तम यह वचारन लगत हो 0क कस कानन क Cवारा भखमगी बद क जाए या 0क कस एक समाजवाद समाज बनाया

जाए जहा भखमग न हो

यह एक मि9 तषक धान आदमी ह जो ऐसा सोचन लगता ह उसक लए भखार महज वचार करन का आधार बन जाता

ह उसका दय अ9 पशत रह जाता ह सफ मि9 तषक 9 पशत होता ह वह इस भखार क लए अभी और यहा कछ नह

करन जा रहा ह नह वह साZ यवाद क लए कछ करगा वह भवषय क लए 0कसी ऊटोपया क लए कछ करगा वह

उसक लए अपना परा जीवन भी द-द ल0कन अभी तlt Qण वह कछ नह कर सकता ह मि9 तषक सदा भवषय म4 रहता ह

दय सदा यहा और अभी रहता ह

एक दय धान gt यि+ त अभी ह भखार क लए कछ करगा यह भखार आदमी ह आकड़ा नह मि9 तषक वाल आदमी

क लए वह गlणत का आकड़ा भर ह उसक लए भखमगी बद करना सम9या ह इस भखार क मदद क बात अासगक

तो अपन को दखो परखो दखो 0क तम कस काम करत हो दखो 0क तम दय क 0फ2 करत हो या मि9 तषक क

दयोG मख gt यि+ त हो तो यह वध तZ हार काम क ह ल0कन यह बात भी L यान रखो 0क हर आदमी आन को यह धोखा

दन म4 लगा ह 0क म_ दयोG मख gt यि+ त ह हर आदमी सोचता ह 0क म_ बहत मपण gt यि+ त ह भावक 0कसम का ह

+ य-0क म एक ऐसी बनयाद जMरत ह 0क अगर 0कसी को पता चल 0क मर पास म करन वाला दय नह ह तो वह

चन स नह रह सकता इसलए हर आदमी ऐसा सोच और मान चला जाता ह

ल0कन वR वास करन स + या होगा नO पQता क साथ अपना नरQण करो ऐस जस 0क तम 0कसी दसर का नरQण कर

रह हो और तब नणय लो + य-0क अपन को धोखा दन क जMरत + या ह और उसस लाभ भी + या ह और अगर तम अपन

को धोखा भी द दो तो तम वध को धोखा नह द सकत + य-0क तब वध को योग करन पर तम पाओग 0क कछ भी नह

होता ह

लोग मर पास आत ह म_ उनस पछता ह 0क तम 0कस कोVट क हो उG ह4 यथाथत कछ पता नह ह उG ह-न कभी इस सबध

म4 सोचा ह नह 0क व 0कस कोVट क ह उG ह4 अपन बार म4 धधल धारणाए ह दरअसल मा कY पनाए ह उनक पास कछ

आदश ह कछ तमाए ह और व सोचत हmdashसोचत + या चाहत हmdash0क हम व तमाए होत सच म4 व ह नह और अकसर

तो यह होता ह 0क व उसक ठUक वपरत होत ह

इसका कारण ह जो gt यि+ त जोर दकर कहता ह 0क म_ दय धान आदमी ह हो सकता ह वह ऐसा इसलए कह रहा हो 0क

उस अपन दय का अभाव खलता ह और वह भयभीत ह वह इस तथय को नह जान सकगा 0क उसक पास दय नह ह

इस ससार पर एक नजर डाल- अगर अपन दय क बार म4 हरक आदमी का दावा सह ह तो वह ससार इतना दय हन नह

हो सकता यह ससार हम सबका कछ जोड़ ह इसलए कह कछ अवशय गलत ह वहा दय नह ह

सच तो यह ह 0क कभी दय को शmQत ह नह +या गया मन शmQत 0कया गया ह इसलए मन ह मन को शmQत

करन क लए 9 कल कालज और वशव वCयालय ह ल0कन दय क शQण क लए कोई जगह नह ह और मन का

शQण लाभ दायी ह ल0कन दय का शQण खतरनाक ह + य-0क अगर तZ हारा दय शmQत 0कया जाए तो तम इस

ससार क लए Bबलकल gt यथ हो जाओग यह सारा ससार तो ब स चलता ह अगर तZ हारा दय शmQत हो तो तम पर

ढाच स बाहर हो जाओग जब सारा ससार दाए जाता होगा तम बाए चलोग सभी जगह तम अड़चन म4 पड़ोग

सच तो यह ह 0क मनषय िजतना अधक ससभय बनता ह दय का शQण उतना ह कम हो जाता ह हम ता उस भल ह

गए ह भल गए ह 0क दय भी ह या उसक शQण क जMरत ह यह कारण ह 0क ऐसी वधया जो आसानी स काम कर

सकती थी कभी काम नह करती

अधकाश धम दय-धान वधय- पर आधाPरत ह ईसाइयत इ9 लाम Vहद तथा अनय कई धम दयोG मख लोगो पर

आधाPरत ह िजतना ह पराना कोई धम ह वह उतना ह अधक दय आधाPरक ह तब वद लख गए और Vहद धम

वकसत हो रहा था तब लोग दयोG मख थ उस समय मन धान लोग खोजना मिRकल था ल0कन अभी सम9 या उलट

ह तम ाथना नह कर सकत + य-0क ाथना दय-आधाPरत वध ह

यह कारण ह 0क पिR चम म4 जहा ईसाइयत का बोलबाला हmdashऔर ईसाइयत खासकर कथोलक ईसाइयत ाथना का धम

हmdashाथना कVठन हो गई ह ईसाइयत म4 L यान क लए कोई 9 थान नह ह ल0कन अब पिR चम म4 भी लोग L यान क लए

पागल हो रह ह कोई अब चच नह जाता ह और अगर कोई जाता भी ह तो वह महज औपचाPरकता ह रववारय धम

+ य- + य-0क आज पिR चम का जो आदमी ह उसक लए ाथना सवथा असगत हो गई ह

L यान ` यादा मनोG मख ह ाथना ` यादा दयोG मख gt यि+ त क Lयान-वध ह यह वध भी दय वाल gt यि+ त क लए

ह ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquo

इस वध क लए करना + या ह lsquorsquoजब इVया दय म4 वलन ह-helliphelliplsquorsquo योग करक दखो कई उपाय सभव ह तम 0कसी

gt यि+ त को 9 पश करत हो अगर तम दय वाल आदमी हो तो वह 9पश शी~ ह तZ हार दय म4 पहच जाएगा और तZ ह4

उसक गणवlt ता महसस हो सकती ह अगर तम 0कसी मि9 तषक वाल gt यि+ त का हाथ अपन हाथ म4 लोग तो उसका हाथ

ठडा होगाmdashशारPरक Mप स नह भावातमक Mप स उसक हाथ म4 एक तरह का मदा पन होगा और अगर वह gtयि+त दय

वाला ह तो उसक हाथ म4 एक ऊO मा होगी तब उसका हाथ तZ हार साथ पघलन लगगा उसक हाथ स कोई चीज नकलकर

तZ हार भीतर बहन लगगी और तम दोन- क बीच एक तालमल होगा ऊO मा का सवाद होगा

यह ऊO मा दय स आ रह ह यह मि9 तषक स नह आ सकती + य-0क मि9 तषक सदा ठडा और Vहसाबी ह दय ऊO मा

वाला ह वह Vहसाबी नह ह मि9 तषक सदा यह सोचता ह 0क कस ` यादा ल4 दय का भाव रहता ह 0क कस ` यादा द4 वह

जो ऊO मा ह वह दान हmdashऊजा का दान आतPरक तरग- का दान जीवन का दान यह वजह ह 0क तZ ह4 उसम एक गहर

घलन का अनभव होगा

9 पश करो छओ आख बद करो और 0कसी चीज को 9 पश करो अपन मी या मका को छओ अपनी मा को या बf च को

छओ या म को या वQ फल या महज धरती को छओ आख4 बद रखो और धरती और अपन दय क बीच मका और

अपन बीच होत आतPरक सवार को महसस करो भाव करो 0क तZ हारा हाथ ह तZ हारा दय ह जो धरती को 9 पश करन को

बढ़ा ह 9 पश क अनभत को दय स जड़न दो

तम सगीत सन रह हो उस मि9 तषक स मत सनो अपन मि9 तषक को भल जाओ और समझो 0क म_ Bबना मि9 तषक क ह

मरा कोई सर नह ह अf छा ह 0क अपन सोन क कमर म4 अपना एक च रख लो िजसम4 सर न हो उस पर L यान को

एका करो और भाव करो 0क तम Bबना सर क हो सर को आन ह मत दो और सगीत को दय स सनो भाव करो 0क

सगीत तZ हार दय म4 जा रहा ह दय को सगीत क साथ उCवलत होन दो तZ हार इVय- को भी दय स जड़न दो

मि9 तषक स नह

यह योग सभी इVय- क साथ करो और अधकाधक भाव करो क lt यक ऐVक अनभव दय म4 जाता ह और वलन हो

जाता ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पहच-lsquorsquo

दय ह कमल ह और इVया कमल क Cवार ह कमल का पखWडया ह पहल बात 0क अपनी इVय- को दय क साथ जड़न

दो और दसर 0क सदा भाव करो 0क इVया सीध दय म4 गहर उतरती ह और उसम धल मल रह ह जब य दो काम हो

जाएग तभी तZ हार इVया तZ हार सहायता कर4गी तब व तZ ह4 तZ हार दय तक पहचा द4गी और तZ हारा दय कमल बन

जाएगा

यह दय कमल तZ ह4 तZ हारा क4 दगा और जब तम अपन दय क क4 को जान लोग तब नाभ क4 को पाना बहत आसान

हो जाएगा यह बहत आसान ह यह स उसक चचा भी नह करता उसक जMरत नह ह अगर तम सच म4 और समता

स दय म4 वलय हो गए और ब न काम करना छोड़ Vदया तो तम नाभ क4 पर पहच जाओग

दय न नाभ क और Cवारा खलता ह सफ सर स नाभ क और जाना कVठन ह या अगर तम कह सर और दय क

बीच म4 हो तो नाभ पर जाना कVठन ह एक बासर तम दय म4 वलय हो जाओ तो तम दय क पार नाभ-क4 म4 उतर गए

और वह बनयाद ह मौलक ह

यह कारण ह 0क ाथना काम करती ह और इसी कारण स जीसस कह सक 0क म ईशवर ह यह बात पर-पर सह नह ह

ल0कन म Cवार ह अगर तम 0कसी क गहर म म4 होmdash0कसक म म4 हो महतव का नह ह म ह महतव का हmdashइतन

म म4 0क सबध मि9 तषक का न रह सफ दय काम कर तो यह म ाथना बन जाएगा और तZ हारा मी या मका

भगवती बन जाएगी

सच तो यह ह कह दय क आख और कछ नह दख सकती ह यह बात तो साधारण म म4 भी घVटत होती ह अगर तम

0कसी क म म4 पड़त हो तो वह तZहार लए Vदवय हो उठता ह हो सकता ह 0क यह भाव बहत 9 थायी न हो और बहत गहरा

भी नह ल0कन तlt Qण तो मी या मका Vदवय हो उठती ह दर-अबर ब आकर पर चीज को नषट कर दगी + य-0क

ब ह9 तQप कर सब gt यव9 था Bबठान लगगी उस म क भी gt यव9 था Bबठानी पड़ती ह और एक बार ब gt यव9 थापक

हई 0क सब चीज4 नषट हो जाती ह

आगर तम सर क gt यव9 था क Bबना म म4 हो सको तो तZ हारा म अनवायत ाथना बनगा और तZ हार मका Cवार

बन जाएगी तZ हारा म तZ ह4 दय म4 क4 Vत कर दगा और एक बार तम दय म4 क4 Vत हए 0क तम अपन ह आप नाभ

क4 म4 गहर उतर जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-17 (ओशो) क0 =1त होन क पाचवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

lsquorsquoमन को भलकर मधय म0 रहोmdashजब तकlsquorsquo

यह स इतना ह ह 0कसी भी वानक स क तरह यह छोटा ह ल0कन य थोड़ स शबद भी तZ हार जीवन को समरतः

बदल सकत ह

lsquorsquoमन को भल कर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

lsquorsquoमधय म4 रहोlsquorsquomdashब न अपन L यान क वध इसी स क आधार पर वकसत क उनका माग म`झम नकाय या मधय

माग कहलाता ह ब कहत ह सदा मधय म4 रहो lt यक चीज म4

एक बार राजकमार kोण दmQत हआ ब न उस सG यास म4 दmQत 0कया वह राजकमार अvत gt यि+ त था और जब वह

सG यास म4 दmQत हआ तो सारा राजय च0कत रह गया लोग- को यकन नह हआ 0क राजकमार kोण सG यासी हो गया

0कसी न 9 वपन म4 भी नह सोचा था + य-0क kोण परा सासाPरक था भोग-वलास म4 सवथा लपत रहता था सारा Vदन

सरा और सदर ह उसका ससार थी

तभी अचानक एक Vदन ब उसक नगर म4 आए राजकमार kोण उनक दशन को गया वह ब क चरण- म4 गरा और बोला

0क मझ दmQत कर ल4 म_ ससार छोड़ दगा

जो लोग उसक साथ आए थ उG ह4 भी इसक खबर नह थी ऐसी अचानक घटना थी यह उG ह-न ब स पछा 0क यह + या हो

रहा ह यह तो चमlt कार ह kोण उस कोVट का gt यि+ त नह ह वह तो भोग वलास म4 रहा ह यह तो चमlt कार ह हमन तो

कY पना भी नह क थी 0क kोण सG यासी होगा यह + या हो रहा ह आपन कछ कर Vदया ह

ब न कहा 0क म_न कछ नह 0कया ह मन एक अत स दसर अत पर जा सकता ह वह मन का ढग ह एक अत स दसर

अत पर जाना kोण कछ नया नह कर रहा ह यह होना ह था + य-0क तम मन क नयम नह जानत इसलए तम च0कत

हो रह हो

मन एक अत स दसर अत पर गत करता रहता ह मन का यह ढग ह यह रोज-रोज होता ह जो आदमी धन क पीछ

पागल था वह अचानक सब कछ छोड़कर नगा फकर हो जाता ह हम सोचत ह 0क चमlt कार हो गया ल0कन यह सामानय

नयम क सवाय कछ नह ह जो आदमी धन क पीछ पागल नह ह उसक यह उपQा नह क जा सकती ह 0क वह lt याग

करगा + य-0क तम एक अत स ह दसर अत पर जा सकत हो वस ह जस घड़ी का प_डलम एक अत स दसर अत पर

डोलता रहता ह

इसलए जो आदमी धन क लए पागल था वह पागल होकर धन क lखलाफ जाएगा ल0कन उसका पागलपन कायम रहगा

वह मन ह जो आदमी कामवासना क लए जीता था वह मचार हो जा सकता ह एकात म4 चला जा सकता ह ल0कन

उसका पागलपन कायम रहगा पहल वह कामवासना क लए जीता था अब वह कामवासना क lखलाफ होकर िजएगा

ल0कन उसका Mख उसक aिO ट वह क वह रहगी इसलए मचार सच म4 कामवासना क पार नह गया ह उसका परा

चत काम-वासना धान ह वह सफ वM हो गया ह उसन काम का अत2मण नह 0कया ह अत2मण का माग सदा

मLय म4 ह वह कभी अत म4 नह ह

तो ब न कहा 0क यह होना ह था यह कोई चमlt कार नह ह मन ऐस ह gt यवहार करता ह

kोण भ+ ख बन गया सG यासी हो गया शी~ ह ब क दसर शO य- न दखा 0क वह दसर अत पर जा रहा था ब न

0कसी को नगन रहन को नह कहा था ल0कन kोण नगन रहन लगा ब न नता क पQ म4 नह थ उG ह-न कहा 0क यह

दसर अत ह लोग ह जो कपड़- क लए ह जीत ह मान- वह उनका जीवन हो और ऐस लोग भी ह जो नगन हो जात ह

ल0कन दोन- व9 - म4 वR वास करत ह

ब न कभी न नता क शQा नह द ल0कन kोण नगन हो गया वह ब का अकला शषय था जो नगन हआ kोण

आतम उlt पीड़न म4 भी गहर अतर गया ब न अपन सG यासय- को Vदन म4 एक बार भोजन क gt यव9 था द थी ल0कन

kोण दो Vदन- म4 एक बार भोजन लन लगा वह बहत दबल हो गया दसर भQ पड़ क छाया म4 L यान करत ल0कन kोण

कभी छाया म4 नह बठता था वह सदा कड़ी घप म4 रहता था वह बहत सदर आदमी था उसक दह बहत सदर थी ल0कन

छह महन क भीतर पहचानना मिR कल हो गया 0क यह वह आदमी ह वह कMप काला झलसा-झलसा Vदखन लगा

एक रात ब kोण क पास गए और उसस बोल kोण म_न सना ह 0क जब तम राजकमार थ तब तZ ह4 वीणा बजान का शोक

था और तम एक कशल वीणावादक और बड़ सगीत थ तो म_ तमस एक शन पछन आया ह अगर वीणा क तार बहत

ढल हो तो + या होता ह अगर तार ढल ह-ग तो कोई सगीत सभव नह ह

और 0फर ब न पछा 0क अगर तार बहत कस ह- तो + या होगा kोण न कहा 0क तब भी सगीत नह पदा होगा तार- को

मधय म4 होना चाVहए व न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 हो और kोण न कहा 0क वीणा बजाना तो आसान ह

ल0कन एक परम सगीत ह तार- को मधय म4 रख सकता ह

तो ब न कहा 0क छह महन- तक तZ हारा नरQण करन क बाद म_ तमस यह कहन आया ह 0क जीवन म4 भी सगीत तभी

जG मता ह जब उसक तार न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 ह- इसलए lt याग करना आसान ह ल0कन परम कशल

ह मधय म4 रहना जानता ह इसलए kोण कशल बनो और जीवन क तार- को मधय म4 ठUक मधयम म4 रखो इस या उस

अत पर मत जाओ और lt यक चीज क दो छोर ह दो अतया ह ल0कन तZ ह4 सदा मधय म4 रहना ह

ल0कन मन बहत बहोश ह इसलए स म4 कहा गया ह lsquorsquoमन को भलकरlsquorsquo तम यह बात सन भी लोग तम इस समझ भी

लोग ल0कन मन उसको नह हण करगा मन सदा अतय- को चनता ह मन म4 अतय- क लए बड़ा आकषण ह मोह ह

+ य- + य-0क मधय म4 मन क मlt य हो जाती ह

घड़ी क प_डलम को दखो अगर तZ हार पास कोई परानी घड़ी हो तो उसक प_डलम को दखो प_डलम सारा Vदन चलता रहता ह

यVद वह अतय- तक आता जाता रह जब वह बाए जाता ह तब दाए जान क लए शि+ त अिजत कर रहा ह जब वह दाए जा

रहा ह तो मत सोचो क वह दाए जा रहा ह वह बाए जान क लए ऊजा इकी कर रहा ह अतया ह दाए-बाए ह प_डलम को

बीच म4 ठहरन दो और सब गत बद कर दो तब प_डलम म4 उजा नह रहगी कय-0क उजा तो एक अत स आ रह थी एक

अत स दसर अत उस दसर अत क और फ4 कती ह उसस एक वतल बनता ह और प_डलम गतमान होता ह उसको बीच

म4 होन दो और तब सब गत ठहर जाएगी

मन प_डलम क भात ह और अगर तम इसका नरQण करो तो रोज ह इसका पता चलगा तम एक अत क पQ म4 नणय

लत हो और तब तम दसर अत क और जान लगत हो तम अभी 2ोध करत हो 0फर पR चाताप करत हो तम कहत हो

नह बहत हआ अब म_ कभी 2ोध न कMगा ल0कन तम कभी अत को नह दखत

यह lsquorsquoकभी नहrsquorsquo अत ह तम कस नशचत हो सकत हो 0क तम कभी नह 2ोध करोग तम कह + या रह ह एक बार और

सोचो कभी नह अतीत म4 जाओ और याद करो 0क 0कतनी बार तमन नशचय 0कया ह 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा जब

तम कहत हो 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा तो तम नह जानत हो 0क 2ोध करत समय ह तमन दसर छोर पर जान क

ऊजा इकी कर ल थी अब तम पR चाताप कर रह हो अब तZ ह4 बरा लग रहा ह तZ हार आतम छव Vहल गई ह गर गई

ह अब तम नह कह सकत 0क म_ अf छा आदमी ह धामक आदमी ह म_न 2ोध 0कया और धामक gt यकत 2ोध नह

करता ह अf छा आदमी 2ोध कस करगा तो तम अपनी अf छाई को वापस पान क लए पR चाताप करत हो कम स कम

अपनी नजर म4 तZ ह4 लगगा 0क म_न पR चाताप कर लया चन हो गया और अब 0फर 2ोध नह होगा इसस तZ हार Vहल हई

आतम-छव परानी अव9 था म4 लौट आएगी अब तम चन महसस करोग + य-0क अब तम दसर अत पर चल गए

ल0कन जो मन कहता ह 0क अब म_ 0फर कभी 2ोध नह कMगा वह 0फर 2ोध करगा अब जब तम 0फर 2ोध म4 होग4 तो

तम अपन पR चाताप को अपन नणय को सब को Bबलकल भल जाओग और 2ोध क बाद 0फर वह नणय लौटगा और

पR चाताप वापस आएगा और तम कभी उसक धोख को नह समझ पाओग ऐसा सदा हआ ह मन 2ोध स पR चाताप और

पR चाताप स 2ोध क बीच डोलता रहता ह

बीच म4 रहो न 2ोध करो न पR चाताप करो और अगर 2ोध कर गए तो कपा कर 2ोध ह करो पR चाताप मत करो दसर

अत पर मत जाओ बीच म4 रहो कहो 0क म_न 2ोध 0कया ह म_ बरा आदमी ह Vहसक ह म_ ऐसा ह ह ल0कन पR चाताप

मत करो दसर अत पर मत जाओ मधय म4 रहो और अगर तम मधय म4 रह सक तो 0फर तम 2ोध करन क लए ऊजा

इकी नह कर पाओग

इसलए यह स कहता ह lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस lsquorsquoजब तकrsquorsquo का + या मतलब ह मतलब यह ह 0क जब तक तZ हारा व9 फोट न हो जाए मतलब यह ह 0क तब तक मधय

म4 रहो जब तक मन क मlt य न हो जाए तब तक मधय म4 रहो जब तक मन अ-मन न हो जाए अगर मन अत पर ह तो अ-

मन मधय म4 होगा

ल0कन मधय म4 होना ससार म4 सबस कVठन काम ह Vदखता तो सरल ह Vदखता तो यह आसान ह तZ ह4 लगगा 0क म_ कर

सकता ह और तZ ह4 यह सोचकर लगगा 0क पR चाताप क कोई जMरत नह ह ल0कन योग करो और तब तZ ह4 पता

चलगा 0क जब 2ोध करोग तो मन पR चाताप करन पर जोर दगा

पत-पिlt नय- का झगड़ा सदा स चलता आया ह और सVदय- स महापtष और सलाहकार समझा रह ह 0क कस रह4 और म

कर4 और यह झगड़ा जार ह पहल बार ायड को इस तथय को बोध हआ 0क जब भी तम म तथाकथत म म4 होओग

तZ ह4 धणा म4 भी होना पड़गा सबह म करोग और R याम घणा करोग और इस तरह प_डलम Vहलता रहगा lt यक पत-

पlt नी को इसका पता ह ल0कन ायड क अनतaिOट बड़ी अvत ह वह कहता ह 0क अगर 0कसी दपत न झगड़ा बद कर

Vदया ह तो समझो 0क उनका म मर गया घणा और लड़ाई क साथ जो म ह वह मर गया

अगर 0कसी जोड़ का तम दखो 0क वह कभी लड़ता नह ह तो यह मत समझो 0क यह आदश जोड़ा ह उसका इतना ह अथ ह

0क यह जोड़ा ह नह ह व समातर रह रह ह ल0कर साथ-साथ नह रहत व समातर रखाए ह जो कह नह मलती लड़न

क लए भी नह व दोन- साथ रहकर भी अकल-अकल हmdashअकल-अकल और समातर

मन वपरत पर गत करता ह इसलए अब मनोवान क पास दपतय- क लए बहतर नदान हmdashबहतर और गहरा वह

कहता ह 0क अगर तम सचमच म-इसी मन क साथmdashकरना चाहत हो तो लड़न झगड़न स मत डर- सच तो यह ह 0क

तZ ह4 ामाlणक ढग स लड़ना चाVहए ता0क तम ामाlणक म क दसर छोर को ापत कर सको इसलए अगर तम अपनी

पlt नी क लड़ रह हो तो लड़न स चको मत अGयथा म स भी चक जाओग झगड़ स बचो मत उसका मौका आए तो अत

तक लड़- तभी सL या आत-आत तम 0फर म करन योगय हो जाओग मन तब तक शि+ त जटा लगा

सामानय म सघष क Bबना नह जी सकता + य-0क उसम मन क गत सलगन ह सफ वह म सघष क Bबना िजएगा

जो 0क मन का नह ह ल0कन वह बात ह और ह ब का म और ह बात ह

ल0कन अगर ब तZ ह4 म कर4 तो तम बहत अf छा नह महसस करोग + य- + य-0क उसम4 कछ दोष नह रहगा वह मीठा

ह मीठा होगा और उबाऊ होगा कय-0क दोष तो झगड़ स आता ह ब 2ोध नह कर सकत व कवल म कर सकत ह

तZ ह4 उनका म पता नह चलगा + य-0क पता तो वरोध म4 वपरतता म4 चलता ह

जब ब बाहर वष[ क बाद अपन नगर वापस आए तो उनक पlt नी उनक 9 वागत को नह आई सारा नगर उनक 9 वागत क

लए इका हो गया ल0कन उनक पlt नी नह आई ब हस और उG ह-न अपन मखय शषय आनद स कहा 0क यशोधरा

नह आई म_ उस भल-भात जानता ह ऐसा लगता ह 0क वह मझ अभी भी म करती ह वह माननी ह वह आहत अनभव

कर रह ह म_ तो सोचता था बाहर वष का लZ बा समय ह वह अब म म4 न होगी ल0कन मालम होता ह 0क यह अब भी म

म4 ह अब भी 2ोध म4 ह वह मझ लन नह आई मझ ह उसक पास जाना होगा

और ब गए आनद भी उनक साथ था आनद को एक वचन Vदया हआ था जब आनद न दQा ल थी तो उसन एक शत

रखीmdashऔर ब न मान ल 0क म_ सदा आपक साथ रहगा वह ब का बड़ा चचरा भाई था इसलए उG ह4 मानना पडा था सो

आनद राजमहल तक उनक साथ गया वहा ब न उनस कहा 0क कम स कम यहा तम मर साथ मत चलो + य-0क

यशोधरा बहत नाराज होगी म_ बाहर वष[ क बाद लौट रहा ह और उस खबर 0कए Bबना यहा स चला गया था वह अब भी

नाराज ह तो तम मर साथ मत चलो अG यथा वह समझगा 0क म_न उस कछ कहन का भी अवसर नह Vदया वह बहत कछ

कहना चाहती होगी तो उस 2ोध कर लन दो तम कपा इस बार मर साथ मत आओ

ब भीतर गए यशोधरा ` वालामखी बनी बठU थी वह फट पड़ी वह रोन चY लान लगी बकन लगी ब चपचाप बठ सनत

रह धीर-धीर वह शात हई और तब वह समझी 0क उस बीच ब एक शबद भी नह बोल उसन अपनी आख4 प-छU और ब

क और दखा

ब न कहा 0क म_ यह कहन आया ह 0क मझ कछ मला ह म_न कछ जाना ह म_न कछ उपलबध 0कया ह अगर तम शात

होओ तो म_ तZ ह4 वह सदश वह सतय द जो मझ उपलबध हआ ह म_ इतनी दर इसलए tका रहा 0क तZ हारा रचन हो जाए

बारह साल लबा समय ह तमन बहत घाव इक 0कए ह-ग और तZ हारा 2ोध समझन योगय ह मझ इसक तीQा थी

उसका अथ ह 0क तम अब भी मझ म करती हो ल0कन इस म क पार भी एक म ह और उसी म क कारण म_ तZ ह4 कछ

कहन वापस आया ह

ल0कन यशोधरा उस म को नह समझ सक इस समझना कVठन ह + य-0क यह इतना शात ह यह म इतना शात ह

0क अनपि9 थत सा लगता ह

जब मन वसिजत होता ह तो एक और ह म घVटत होता ह ल0कन उस म का कोई वपरत पQ नह ह वरोधी पQ नह

ह जब मन वसिजत होता ह तब जो भी घVटत होता ह उसका वपरत पQ नह रहता मन क साथ सदा उसका वपरत

खड़ा रहता ह और मन एक प_डलम क भात गत करता ह

यह स अvत ह उसस चमlt कार घVटत हो सकता ह

lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस योग म4 लाओ और यह स तZ हार पर जीवन क लए ह ऐस नह ह 0क उसका अ यास यदा-कदा 0कया और बात

खतम हो गई तZ ह4 नरतर इसका बोध रखना होगा होश रखना होगा काम करत हए चलत हए भोजन करत हए सबध-

म4 सव मधय म4 रहो योग करक दखो और तम दखोग4 0क एक मौन एक शात तZ ह4 घरन लगी ह और तZ हार भीतर एक

शात क4 नमत हो रहा ह

अगर ठUक मधय म4 होन म4 सफल न हो सको तो भी मधय म4 होन क कोशश करो धीर-धीर तZ ह4 मधय क अनभत होन

लगगी जो भी हो घणा या म 2ोध या पR चाताप सदा ~वीय वपरतताओ को L यान म4 रखो और उनक बीच म रहो और

दर अबर तम ठUक मधय को पा लोग

और एक बार तमन इस जान लया तो 0फर तम उस नह भलोग + य-0क मधय Bबद मन क पार ह और वह मधय Bबद

अL यातम का सार स ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-18 (ओशो) क0 =1त होन क छठवी वध

त-सmdashवध-18 (ओशो) 6कसी वषय को )मपवक दखो

rdquo6कसी वषय को )मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ यह वषय क मधय म0mdashआनदrdquo

म_ 0फर दोहराता ह lsquorsquo0कसी वषय को मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ 0कसी दसर वषय पर L यान मत ल जाओ

यह वषय क माधय म4mdashआनद

lsquorsquo6कसी वषय को )म पण दखोhelliphelliplsquorsquo

मपवक म4 कजी ह + या तमन कभी 0कसी चीज को मपवक दखा ह तम हा कह सकत हो + य-0क तम नह जानत 0क

0कसी चीज को मपवक दखन का + या अथ ह तमन 0कसी चीज को लालसा-भर आख- स दखा होगा कामना पवक दखा

होगा वह दसर बात ह वह Bबलकल भनन वपरत बात ह पहल इस भद को समझो

तम एक सदर चहर को सदर शरर को दखत हो और तम सोचत हो 0क तम उस मपवक दख रह हो ल0कन तम उस + य-

दख रह हो + या तम उसस कछ पाना चाहत हो तब वह वासना ह कामना ह म नह ह + या तम उसका शोषण करना

चाहत हो तब वह वासना ह म नह तब तम सच म4 यह चाहत हो 0क म_ कस इस शरर को उपयोग म4 लाऊ कस इसका

मालक बन कस इस अपन सख का साधन बना ल

वासना का अथ ह 0क कस 0कसी चीज को अपन सख क लए उपयोग म4 लाऊ म का अथ ह 0क उसस मर सख का कछ

लना दना नह ह सच तो यह ह 0क वासना कछ लना चाहती ह और म कछ दना चाहता ह व दोन- सवथा एक दसर क

तकल ह

अगर तम 0कसी सदर gt यि+ त को दखत हो और उसक त म अनभव करत हो तो तZ हार चतना म4 तरत भाव उठगा 0क

कस इस gt यि+ त को इस पMष या 9 ी को सखी कM यह 0फ2 अपनी नह दसर क ह म म4 दसर महlt वपण ह वासना म4

तम महतवपण हो वासना म4 तम दसर4 को साधन बनान क सोचत हो और म म4 तम 9 वय साधन बनन क सोचत हो

वासना म4 तम दसर को प-छ दना चाहत हो म म4 तम 9 वय मट जाना चाहत हो म का अथ ह दना वासना का अथ ह

लना म समपण ह वासना आ2मण ह

तम + या कहत हो उसका कोई अथ नह ह वासना म4 भी तम म क भाषा काम म4 लात हो तZ हार भाषा का बहत मतलब

नह ह इसलए धोख म4 मत पड़ो भीतर दखो और तब तम समझोग 0क तमन जीवन म4 एक बार भी 0कसी gt यि+ त या व9 त

को मपवक नह दखा ह

एक दसरा भद भी समझ लन जसा ह

स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

असल म4 तम 0कसी पाथव जड़ व9 त को भी मपवक दखो तो वह व9 त gt यि+ त बन जाती ह तZ हारा म व9 त को भी

gt यि+ त म4 MपातPरत करन क कजी ह अगर तम वQ को मपवक दखो तो वQ gt यि+ त बन जाता ह

उस Vदन म_ ववक स बात करता था म_न उसस कहा 0क जब हम नए आkम म4 जाएग तो वहा हम हरक वQ को नाम द4ग

+ य-0क हरक वQ gt यि+ त ह + या कभी तमन सना ह 0क कोई वQ- को नाद द कोई वQ- को नाम नह दता + य-0क कोई

वQ- को म नह करता अगर म कर तो gt यि+ त बन जाए तब वह भीड़ का जगल का Vह9 सा नह रहा वह अनठा हो

गया

तम कlt त- और BबिY लय- को नाम दत हो जब तम कltत को नाम दत हो उस lsquorsquoटाइगरrsquorsquo कहत हो तो कlt ता gt यि+ त बन

जाता ह तब वह बहत स कlt त- म4 एक कlt ता नह रहा तब उसको gt यि+ ततव मल गया तमन नमत कर Vदया जब भी

तम 0कसी चीज को मपवक दखत हो वह चीज gt यि+ त बन जाती ह

और इसका उलटा भी सह ह जब तम 0कसी gt यि+ त को वासना पवक दखत हो तो वह gt यि+ त व9 त बन जाता ह यह

कारण ह 0क वासना भर आख- म4 वकषण होता ह + य-0क कोई भी वसत होना नह चाहता जब तम अपनी पlt नी को या

0कसी दसर 9 ी को या पMष को वासना क aिO ट स दखत हो तो उसक दसर को चोट पहचती ह तम असल म4 + या कर

रह हो तम एक जीवत gt यि+ त को मत साधन म4 य म4 बदल रह हो ` य- ह तमन सोचा 0क कस उसका उपयोग कर4 0क

तमन उसक हlt या कर द

यह कारण ह 0क वासना भर आख4 वकषण होती ह कMप होती ह और जब तम 0कसी को म स भरकर दखत हो तो

दसरा ऊचा उठ जाता ह वह अनठा हो जाता ह अचानक वह gt यि+ त हो उठता ह

एक व9 त बदल जा सकती ह ठUक उसक जगह वसी ह चीज लाई जा सकती ह ल0कन उसी तरह एक gt यि+ त नह बदला

जा सकता व9 त का अथ ह जो बदल जा सक gt यि+ त का अथ ह जो नह बदला जा सक 0कसी पMष या 9 ी क 9 थान पर

ठUक वसा ह पMष या 9 ी नह लायी जा सकती ह हर एक gt यि+ त अनठा ह व9 त नह

म 0कसी को भी अनठा बना दता ह यह कारण ह 0क म क Bबना तम नह महसस करत 0क म_ gt यि+ त ह जब तक कोई

तZ ह4 गहन म न कर तZ हार अनठपन का एहसास ह नह होता तब तक तम भीड़ क Vह9 स होmdashएक नबर एक सr या

और तम बदल जा सकत हो

यह स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliphelliplsquorsquo

यह 0कसी वषय या gt यि+ त म4 कोई फक नह करता उसक जMरत नह ह + य-0क जब तम मपवक दखत हो तो कोई भी

चीज gt यि+ त हो उठती ह यह दखना ह बदलता ह MपातPरत करता ह

तमन दखा हो या न दखा हो जब तम 0कसी खास कार को समझो वह 0फएट ह चलात हो तो + या होता ह एक ह जस

हजार--हजार 0फएट ह ल0कन तZ हार कार अगर तम पनी कार को म करत हो अनठU हो जाती ह gt यि+ त बन जाती ह

उस बदला नह जा सकता एक नाता-PरR ता नमत हो गया अब तम इस कार को एक gtयि+ त समझत हो

अगर कछ गड़बड़ हो जाए जरा सी आवाज आन लग तो तZ ह4 तरत उसका एहसास होता ह और कार4 बहत तनकमज़ाज

होती ह तम अपनी कार क मज़ाज स पPरचत हो 0क कब वह अf छा महसस करती ह और कब बरा धीर-धीर कार

gt यि+ त बन जाती ह + यो

अगर म का सबध ह तो कोई भी चीज gt यि+ त बन जाती ह और अगर वासना का सबध हो तो gt यि+ त भी व9 त बन जाता

ह और यह बड़ स बड़ा अमानवीय कतय ह जो आदमी कर सकता ह 0क वह 0कसी को व9 त बना द

lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

इसक लए कोई + या कर म स जब दखत हो तो + या होता ह पहल बात अपन को भल जाओ अपन को Bबलकल भल

जाओ एक फल को दखो और अपन को Bबलकल भल जाओ फल तो हो ल0कन तम अनपि9 थत हो जाओ फल को अनभव

करो और तZ हार चतना स गहरा म फल क और वाVहत होगा और तब अपनी चतना को एक ह वचार स भर जान दो

0क कस म_ इस फल क ` यादा lखलन4 म4 ` यादा सदर होन म4 ` यादा आनVदत होन म4 सहयोगी हो सकता ह म_ + या कर

सकता ह

यह महतव क बात नह ह 0क तम कछ कर सकत हो या नह यह ासगक नह ह यह भाव 0क म_ + या कर सकता ह यह

पीड़ा गहर पीड़ा 0क इस फल को ` यादा सदर ` यादा जीवत और ` यादा 9 फVटत बनान क लए म_ + या कM ` यादा

महतव क ह इस वचार को आन पर ाण- म4 गजन दो अपन शरर और मन क lt यक तत को इस वचार स भीगन दो

तब तम समाधसथ हो जाओग और फल एक gt यि+ त बन जाएगा

lsquorsquoदसर वषय पर मत जाओhelliplsquorsquo

तम जा नह सकत अगर तम म म4 हो तो नह जा सकत अगर तम इस समह म4 बठ 0कसी gt यि+ त को म करत हो तो

तZ हार लए सब भीड़ भल जाती ह और कवल यह चहरा बचता ह सच म4 तम और 0कसी को नह दखत उस एक चहर को

ह दखत हो सब वहा ह ल0कन व नह क बराबर ह व तZ हार चतना क महज पPरध पर होत ह व महज छायाए ह मातर

एक चहरा रहता ह अगर तम 0कसी को म करत हो तो मा वह चहरा रहता ह इसलए दसर पर तम नह जा सकत

दसर वषय पर मज जाओ एक क साथ ह रहो गलाब क फल क साथ या अपनी मका क चहर क साथ रहो ओर उसक

साथ मपवक रहो वाहमान रहो समगर दय स उसक साथ रहो और इस वचार क साथ रहो 0क म_ अपनी मका को

` यादा सखी और आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

और जब ऐसी ि9 थत बन जाए 0क तम अनपि9 थत हो अपनी 0फ2 नह करत अपनी सख सतोष क चता नह लत अपन

को पर तरह भल गए हो जब तम सफ दसर क लए चता करत हो दसरा तZ हार म का क4 बन गया ह तZ हार चतना

दसर म4 वाVहत हो रह ह जब गहन कMणा और म क भाव स तम सोचत हो 0क म_ अपनी मका को आनVदत करन क

लए + या कर सकता ह तब इस ि9 थत म4 अचानक lsquorsquoयह वषय क मधय म4mdashआनद अचानक उप-उlt पत क तरह तZ ह4

आनद उपलबध हो जाता ह तब अचानक तम क4 Vत हो गए

यह बात वरोधाभासी लगती ह + य-0क स कहता ह 0क अपन को Bबलकल भल जाओ आतम क4 Vत मत बनो दसर म4

पर तरह वश करो

ब नरतर कहत थ 0क जब भी तम ाथना करो तो दसर- क लए कर-mdashअपन लए नह अG यथा ाथना gt यथ जायगी

एक आदमी ब क पास आया और उसन कहा 0क म_ आपक उपदश को 9 वीकार करता ह ल0कन उसक एक बात मानना

बहत कVठन ह आप कहत ह जब भी तम ाथना करो तो अपनी मत सोचो अपन लए मत कछ मागो सदा यह कहो 0क

मर ाथना स जो फल आए वह सबको मल कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आमद न कहा यह बात भी ठUक

ह ल0कन कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आदमी न कहा यह बात भी ठUक ह ल0कन म_ इसम एक अपवाद

एक ह अपवाद करना चाहगा और वह यह 0क यह कपा मर पड़ोसी को न मल + य-0क वह मरा श ह यह आनद मर

पड़ोसी को छोड़कर सबको ापत हो

मन आतम क4 Vत ह ब न उस आदमी स कहा 0क तब तZ हार ाथना gt यथ ह अगर तम सब कछ सबको बाटन को तयार

नह हो तो कछ भी फल नह होगा और सबम4 बाट दोग तो सब तZ हारा होगा

म म4 तZ ह4 अपनी को भल जाना ह ल0कन तब यह बात वरोधाभासी लगन लगती ह तब क4 Vत होना कब और कस घVटत

होगा दसर म4 समMपण सलगन होन स जब तम 9 वय को पर तरह भल जात हो और जब दसरा ह बचता ह तम आनद

स आशीवाद स भर Vदय जात हो

+ यो + य-0क जब तम अपनी 0फ2 नह रहती तो तम खाल Pरकत हो जात हो तब आतPरक आकाश नमत हो जाता ह

जब तZ हारा मन पर तरह दसर म4 सलगन ह तो तम अपन भीतर मन रVहत हो जात हो तब तZ हार भीतर वचार नह रह

जाता ह और तब यह वचार भी 0क म_ दसर को अधक सखी अधक आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह जाता

रहता ह + य-0क सच म4 तम कछ नह कर सकत तब यह वचार वराम बन जाता ह तम कछ नह कर सकत + या कर

सकत हो + य-0क अगर सोचत हो 0क म_ कछ कर सकता ह तो अब भी अहकार क भाषा म4 सोच रह हो

समरण रह मपा क साथ gt यि+ त Bबलकल असहाय हो जाता ह जब भी तम 0कसी को म करत हो तम असहाय हो जात

हो यह म क पीड़ा ह 0क तZ ह4 पता नह चलता 0क म_ + या कर सकता ह तम सब कछ करना चाहोग तम अपन मी या

मका को सारा माड द दना चाहोग ल0कन तम कर + या सकत हो अगर तम सोचत हो 0क यह या वह कर सकत हो तो

तम अभी म म4 नह हो म बहत असहाय ह Bबलकल असहाय ह और वह असहायपन सदर ह + य-0क उसी असहायपन

म4 तम समपत हो जात हो

0कसी को म करो और तम असहाय अनभव करोग 0कसी को धणा करो और तZ ह4 लगगा 0क तम कछ कर सकत हो म

करो और तम Bबलकल असमथ हो तम + या कर सकत हो जो भी तम कर सकत हो वह इतना Q लगता ह इतना

अथहन वह कभी भी पयापत नह मालम होता कछ नह 0कया जा सकता और जब कोई समझता ह 0क कछ नह 0कया

जा सकता तब वह असहाय अनभव करता ह जब कोई सब कछ करना चाहता ह और समझता ह 0क कछ नह 0कया जा

सकता तब मन Mक जाता ह और इसी असहायाव9 था म4 समपण घVटत होता ह तम खाल हो गए

यह कारण ह 0क म गहन L यान बन जाता ह अगर सच म4 तम 0कसी को म करत हो तो 0कसी अनय L यान क जMरत न

रह ल0कन + य-0क कोई भी म नह करता ह इसलए एक सौ बारह वधय- क जMरत पड़ी और व भी काफ कम ह

उस Vदन कोई यहा था वह कहा रहा था 0क इसस मझ बहत आशा बधी ह म_न पहल दफा आप स ह सना ह 0क एक सौ

बारह वधया ह इसस बहत आशा होती ह ल0कन मन म4 कह एक वषाद भी उठता ह 0क + या कल एक सौ बारह वधय-

स काम चल सकता ह अगर मर लए वह सब क सब gt यथ हई तो + या होगा + या कोई एक सौ तरहवी वध नह ह

और वह आदमी सह ह वह सह ह अगर य एक सौ बारह वधया तZ हार काम न आ सक तो कोई उपाय नह ह इसलए

उसका कहना ठUक ह 0क आशा क पीछ-पीछ वषाद भी घरता ह ल0कन सच तो यह ह 0क वधय- क जMरत इसलए

पड़ती ह 0क बनयाद वध खो गई ह अगर तम म कर सको तो 0कसी वध क जMरत नह ह म 9 वय सबस बड़ी वध

ल0कन म कVठन ह एक तरह स असभव म का अथ ह अपन को ह अपनी चतना स नकाल बाहर करना और उसक

जगह अपन अहकार क जगह दसर को 9 थापत करना म का अथ ह अपनी जगह दसर को 9 थापत करना मान- 0क अब

तम नह ह सफ दसरा ह

`या पाल सा कहता ह 0क दसर नरक ह और वह सह ह + य-0क दसरा तZ हार लए नरक ह बनाता ह ल0कन सा गलत

भी हो सकता ह + य-0क दसरा अगर नरक ह तो वह 9 वग भी हो सकता ह

अगर तम वासना स जीत हो तो दसरा नरक ह + य-0क तम उस gt यि+ त क हlt या करन म4 लग हो तम उस व9 त म4 बदलन

म4 लग हो तब वह gt यि+ त भी त02या म4 तZ ह4 व9 त बनाना चाहगा और उसस ह नरक पदा होता ह

तो सब पत-पlt नी एक दसर क लए नरक पदा कर रह ह + य-0क हरक दसर पर मल0कयत करन म4 लगा ह मल0कयत

सफ चीज4 क हो सकती ह वयि+ तय- क नह तम 0कसी व9 त को तो अधकार म4 कर सकत हो ल0कन 0कसी gt यि+ त को

अधकार म4 नह कर सकत ल0कन तम gt यि+ त पर अधकार करन क कोशश करत हो और उस कोशश म4 gt यि+ त बन

जाता ह तब तम भी मझ व9 त बनान क कोशश करोग उसस ह नरक बनता ह

तम अपन कमर म4 अकल बठ हो और तभी तZ ह4 अचानक पता चलता ह 0क कोई चाबी क छद स भीतर झाक रहा ह गौर स

दखो 0क + या होता ह तZ ह4 कोई बदलाहट महसस हई तम + य- इस झाकन वाल पर नाराज होत हो उसन तZ ह4 व9 त म4

बदल Vदया वह झाक रहा ह और झाक कर उसन तZ ह4 व9 त बना Vदया आcज+स बना Vदया उसन ह तZ ह4 बचनी होती

और वह बात उस आदमी क साथ होगी अगर तम उस चाबी क छद क पास आकर बाहर दखन लगो तो दसरा gt यि+ त घबरा

जाएगा एक Qण पहल वह O टा था और तम aशय थ अब वह अचानक पकड़ा गया और तZ ह4 दखत हए पकड़ा गया और

अब वह व9 त बन गया ह

जब कोई तZ ह4 दख रहा ह तो तZ ह4 लगता ह 0क मर 9 वतता बाधत हई नषट हई यह कारण ह 0क मपा को छोड़कर

तम 0कसी को घर नह सकत टकटक लगाकर दख नह सकत अगर तम म म4 नह हो तो वह घरना कMप होगा Vहसक

होगा हा अगर तम म म4 हो तो वह घरना सदर ह + य-0क तब तम घरकर 0कसी को व9 त म4 नह बदल रह हो तब तम

दसर क आख स सीध झाक सकत हो तब तम दसर क आख म4 गहर वश कर सकत हो तम उस व9 त म4 नह बदलत

बिY क तZ हारा म उस gt यि+ त बना दता ह यह कारण ह 0क सफ मय- को घरना सदर होता ह शष सब घरना कMप ह

गदा ह

मानि9वद कहत ह 0क तम 0कसी gt यि+ त को अगर वह अजनबी ह 0कतनी दर तक घरकर दख सकत हो इसक सीमा ह

तम इसका नरQण करो और तZ ह4 पता चल जाएगा 0क इसक अवध 0कतनी ह इस समय क सीमा ह उसस एक Qण

` यादा घर- और दसरा gt यि+ त 2 हो जायगा सावजनक Mप स एक चलती हई नजर Qमा क जा सकती ह + य-0क उसस

लगगा 0क तम दख भर रह थ घर नह रह थ aिO ट गड़ा कर दखना दसर बात ह

अगर म_ तZ ह4 चलत-चलत दख लता ह तो उसस कोई सबध नह बनता ह या म_ गजर रहा ह और तम मझ पर नगाह डाल-

तो उसस कछ बनता-Bबगड़ता नह ह वह अपराध नह ह ठUक ह ल0कन अगर तम अचानक tककर मझ दखन लगो तो

तम नरQक हो गए तब तZ हार aिO ट स मझ अड़चन होगी और म_ अपमानत अनभव कMगा तम कर कया रह हो म_

gt यि+ त ह व9 त नह यह कोई दखन का ढग ह

इसी वजह स कपड़ महlt वपण हो गए ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तभी तम उसक समQ नगन हो सकत हो + य-0क

िजस Qण तम नगन होत हो तZ हारा समचा शरर aिO ट का वषय बन जाता ह कोई तZ हार पर शरर को नहार रहा ह

और अगर वह तZ हार म म4 नह ह तो उसक आख तZ हार पर शरर को तZ हार पर अि9 ततव को व9 त म4 बदल द4गी

ल0कन अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम उसक सामन ल` जा महसस 0कए Bबना ह नगन हो सकत हो बिY क तZ ह4

नगन होना रास आएगा + य-0क तम चाहोग 0क यह Mपातरकार म तZ हार पर शरर को gt यि+ त म4 MपातPरत कर द

जब भी तम 0कसी को व9 त म4 बदलत हो तो वह कतय अनतक ह ल0कन अगर तम म स भर हो तो उस म भर Qण म4

घटना यह आनद 0कसी भी वषय क साथ सभव हो जाता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

अचानक तम अपन को भल गए हो दसरा ह ह और तब वह सह Qण आएगा जब 0क तम पर क पर अनपि9 थत हो

जाओग तब दसरा भी अनपि9 थत हो जाएगा और तब दोन- क बीच वह धG यता घटती ह मय- क यह अनभत ह

यह आनद एक अात और अचतन L यान क कारण घटता ह जहा दो मी ह वहा धीर-धीर दोन- अनपि9 थत हो जात हो

और वहा एक श असततव बचता ह िजसम4 कोई अहकार नह ह कोई CवCव नह ह वहा मा सवाद ह साहचय ह

सहभागता ह उस सभोग म4 ह आनद उतरता ह वह समझना गलत ह 0क यह आनद तZ ह4 0कसी दसर स मला ह वह

आनद आया ह + य-0क तम अनजान ह एक गहर L यान वध म4 उतर गय हो

तम यह सचतन भी कर सकत हो और जब सचतन करत हो तो तम और गहर जात हो + य-0क तब तम वषय स बध नह

हो यह रोज ह होता ह जब तम 0कसी को म करत हो तो तम जो आनद अनभव करत हो उसका कारण दसरा नह ह

उसका कारण बस म ह और म + य- कारण ह + य-0क यह घटना ह यह स घटता ह

ल0कन तब तम एक गलतफहमी स सत हो जात हो तम सोचत हो 0क अ या ब क सािG नधय क कारण यह आनद घटा

और तम सोचत हो 0क मझ अ को अपन कc ज म4 करना चाVहए + य-0क अ क उपि9 थत क Bबना मझ यह आनद नह

मलता और तम ईO याल हो जात हो तZ ह4 डर लगन लगता ह 0क अ 0कसी दसर क कc ज म4 न चला जाय + य-0क तब

दसरा आनVदत होगा और तम दःखी होओग इसलए तम प+ का कर लना चाहत हो 0क अ 0कसी और क कबज म4 न जाए

अ को तZ हार ह कc ज म4 होना चाVहए + य-0क उसक Cवारा तZ ह4 0कसी और लोक क झलक मल

ल0कन िजस Qण तम मालकयत क चO टा करत हो उसी Qण उस घटना का सब सqदय सब कछ नषट हो जाता ह जब

म पर कc जा हो जाता ह म समापत हो जाता ह तब मी सहज एक व9 त होकर रह जाता ह तम उसका उपयोग कर

सकत हो ल0कन 0फर वह आनद नह घVटत होगा वह आनद तो दसर क gt यि+ त होन स आता ह दसरा तो नमत हआ

था तमन उसक भीतर gt यि+ त को नमत 0कया था उसन तZ हार भीतर वह 0कया था तब कोई आcज+स नह था तब

दोन- दो जीवत नजात थ ऐसा नह था एक gt यि+ त था और दसरा व9 त ल0कन ` य- ह तमन माल0कयत क 0क आनद

असभव हो गया

और मन सदा 9 वामतव करना चाहगा + य-0क मन सदा लोभ क भाषा म4 सोचता ह सोचता ह 0क एक Vदन जो आनद

मला वह रोज-रोज मलना चाVहए इसलए मझ 9 वामतव जMर ह ल0कन यह आनद ह तब घटता ह जब सवामतव क

बात नह रहती और आनद दसर क कारण नह तZ हार कारण घटता ह यह समरण रह 0क आनद तZ हार कारण घटता ह

+ य-0क तम दसर म4 इतना समाVहत हो गए 0क आनद घVटत हआ

यह घटना गलाब क फल क साथ भी घट सकती ह चान या वQ या 0कसी भी चीज क साथ घट सकती ह एक बार तम उस

ि9 थत स पPरचत हो गए िजसम4 यह आनद घटता ह तो वह कह भी घट सकता ह यVद तम जानत हो 0क तम नह हो ओ

0कसी गहन म म4 तम दसर क और वाVहत हो जाए तो अहकार तZ ह4 छोड़ दता ह और अहकार क उस अनपि9 थत म4

आनद फलत होता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-19 (ओशो) क0 =1त होन क सातवी वध

शवत-सmdashवध-19 ndashओशो( 9नतबो पर बठो)

lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बना सफ 9नतब2 पर बठो अचानक क0 =1त हो जाओगlsquorsquo

चीन म4 ताओ वाVदय- न सVदय- स इस वध को योग 0कया ह यह एक अvत वध ह और बहत सरल भी

इस योग करो lsquorsquoपाव- या हाथ- को सहारा Vदए Bबना सफ नतब- पर बठो अचानक क4 Vत हो जाओगlsquorsquo

इसम4 करना + या ह इसक लए दो चीज4 जMर ह एक तो बहत सवदनशील शरर चाVहए जो 0क तZ हार पास नह ह

तZ हारा शरर मदा ह वह एक बोझ ह सवदनशील Bबलकल नह ह इसलए पहल तो उस सवदनशील बनाना होगा

अG यथा यह वध काम नह करगी म_ पहल तZ ह4 बताऊगा 0क शरर को सवदनशील कस बनाया जाएmdashखासकर नतब

को

तZ हार जो नतब ह वह तZ हार शरर का सब स सवदनशील अग ह उस सवदनहन होना पड़ता ह + य-0क तम सारा Vदन

नतब पर ह बठ रहत हो अगर वह बहत सवदनशील हो तो अड़चन होगी तZ हार नतब को सवदनहन होना जMर ह पाव

क तलव जसी उसक दशा ह नरतर उन पर बठ-बठ पता नह चलता 0क तम नतब- पर बठ हो इसक पहल + या कभी

तमन उG ह4 महसस 0कया ह अब कर सकत हो ल0कन पहल कभी नह 0कया और तम पर िजदगी उन पर ह बठत होmdash

Bबना जान उनका काम ह ऐसा ह 0क व बहत सवदनशील नह हो सकत

तो पहल तो उG ह4 सवदनशील बनाना होगा एक बहत सरल उपाय काम म4 लाओ यह उपाय शरर क 0कसी भी अग क लए

काम आ सकता ह तब शरर सवदनशील हो जाएगा एक कसy पर वkाम पवक शथल होकर बठो आख बद कर लो और

शथल होकर कसy पर बठो और बाए हाथ को दाVहन हाथ पर महसस करो कोई भी चलगा बाए हाथ को महसस करो शष

शरर को भल जाओ और बाए हाथ को महसस करो

तम िजतना ह उस महसस करोग वह उतना ह भार होगा ऐस बाए हाथ को महसस करत जाओ पर शरर को भल जाओ

बाए हाथ को ऐस महसस करो जस तम बाया हाथ ह हो हाथ ` यादा स ` यादा भार होता जाए जस-जस वह भार होता

जाए वस-वस उस और भार महसस करो और तब दखो 0क हाथ म4 + या हो रहा ह

जो भी उlt तजना मालम हो उस मन म4 नोट कर लोmdashकोई उlt तजना कोई झटका कोई हलक गत सबको मन म4 नोट करत

जाओ इस तरह रोज तीन स] ताह तक योग जार रखो Vदन क 0कसी समय भी दस-पह मनट तक यह योग करो बाए

हाथ को महसस करो और सार शरर को भल जाओ

तीन स] ताह क भीतर तZ ह4 अपन एक नए बाए हाथ का अनभव होगा और वह इतना सवदनशील होगा इतना जीवत और

तब तZ ह4 हाथ क सQम और नाजक सवदनाओ का भी पता चलन लगगा

जब हाथ सध जाए तो नतब पर योग करो तब यह योग करो आख4 बद कर लो और भाव करो 0क सफ दो नतब ह तम

नह ह अपनी सार चतना को नतब पर जान दो यह कVठन नह ह अगर योग करो तो यह आR चयजनक ह अvत ह

उसस शरर म4 जा जीवतता का भाव आता ह वह अपन आप म4 बहत आनददायक ह और जब तZ ह4 अपन नतब- का

एहसास होन लग जब व खब सवदनशील हो जाए जब भीतर कछ भी हो उस महसस करन लगो छोट सी हलचल नG ह

सी पीड़ा भी महसस करन लगो तब तम नरQण कर सकत हो जान सकत हो तब समझो 0क तZ हार चतना नतब- स

जड़ गयी

पहल हाथ स योग शM करो + य-0क हाथ बहत सवदनशील ह एक बार तZ ह4 यह भरोसा हो जाए 0क तम अपन हाथ को

सवदनशील बना सकत हो तब वह भरोसा तZ ह4 तZ हार नतब को सवदनशील बनान म4 मदद करगा और तब इस वध

को योग म4 लाओ इसलए इस वध को योग म4 लाओ इसलए इस वध म4 वश करन क लए तZ ह4 कम स कम छह

स] ताह क तयार करनी चाVहए तीन स] ताह हाथ क साथ और तीन स] ताह नतब- क साथ उG ह4 ` यादा स ` यादा

सवदनशील बनाना ह

Bबसतर पर पड़-पड़ शरर को Bबलकल भल जाओ इतना ह याद रखो 0क सफ दो नतब बच ह 9 पश अनभव करोmdash

Bबछावन क चादर का सद का या धीर-धीर आती हई उO णता का अपन 9 नान टब म4 पड़-पड़ शरर को भल जाओ नतब-

को ह समरण रखो

उG ह4 महसस करो दवार स नतब सटाकर खड़ हो जाओ और दवार क ठडक को महसस करो अपनी मका या पत क

साथ नतब स नतब मलाकर खड़ जाओ और एक-दसर को नतब- क Cवारा महसस करो यह वध महज तZ हार नतब

को पदा करन क लए ह उG ह4 उस ि9 थत म4 लान क लए जहा व महसस करन लग4

और जब इस वध को काम म4 लाओ lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बनाhelliplsquorsquo

जमीन पर बठो पाव- या हाथ- क सहार क Bबना सफ नतब- क सहार बठो इसम4 ब का पासन काम करगा या

सCघासन या कोई मामल आसन भी चलगा ल0कन अf छा होगा 0क हाथ का उपयोग न करो सफ नतब- क सहार रहो

नतब- पर ह बठो और तब + या करो आख बद कर लो और नतब- का जमीन क साथ 9 पश महसस करो और च0क

नतब सवदनशील हो चक ह इसलए तZ ह4 पता चलगा 0क एक नतब जमीन को अधक 9 पश कर रहा ह उसका अथ हआ

0क तम एक नतब पर ` यादा झक हए हो और दसरा जमीन स कम सटा हआ ह और तब दसर नतब पर बार-बार स

झकत जाओ और तब धीर-धीर सतलन लाओ

सतलन लान का अथ ह 0क तZ हार दोन- नतब एक सा अनभव करत ह दोन- क ऊपर तZ हारा भार Bबलकल समान हो और

तब तZ हार नतब सवदनशील हो जाएग तो यह सतलन कVठन नह होगा तZ ह4 उसका एहसास होगा और एक बार दोन-

नतब सतलन म4 आ जाए तो तम क4 पर पहच गए उस सतलन म4 तम अचानक अपन नाभ क4 पर पहच जाओग और

भीतर क4 Vत हो जाओग तब तम अपन नतब- को भल जाओग अपन शरर को भल जाओग तब तम अपन आतPरक क4

पर ि9 थत होओग

इसी वजह स म_ कहता ह 0क क4 नह क4 Vत होना महlt वपण ह चाह वह घटना दय म4 या सर म या नतब म4 घVटत हो

उसका महतव नह ह तमन ब- को बठ दखा होगा तमन नह सोचा होगा 0क व अपन नतब- का सतलन 0कए बठ ह

0कसी मVदर म4 जाओ और महावीर को बठ दखो या ब को बठ दखो तमन नह सोचा होगा 0क यह बठना नतब- का सतलन

भर ह यह वह ह और जब असतलन न रहा तो सतलन स तम क4 Vत हो गए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-20 (ओशो) क0 =1त होन क आठवी वध

वान भरव त-शव भाग-1 त-सmdashवध-20( ओशो)

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवारा अनभव को )ापत हो या 6कसी अचल वाहन म0 अपन को मद स मदतर

होत अ_शय वतल2 म0 झलन दन स भीlsquorsquo

दसर ढग स यह वह ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4helliphelliphelliplsquorsquo

तम रलगाड़ी या बलगाड़ी स याा कर रह हो जब यह वध वकसत हई थी तब बलगाड़ी ह थी तो तम एक Vहद9तानी

सड़क परmdashआज भी सडक4 वसी ह हmdashबलगाड़ी म4 याा कर रह हो ल0कन चलत हए अगर तZ हारा सारा शरर Vहल रहा ह

तो बात gt यथ हो गई

lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क कारणhelliphelliplsquorsquo

लयव ढग स झल- इस बात को समझो बहत बारक बात ह जब भी तम 0कसी बलगाड़ी या 0कसी वाहन म4 चलत हो तो

तम तरोध करत होत हो बलगाड़ी बाई तरफ झकती ह ल0कन तम उसका तरोध करत हो तम सतलन रखन क लए

दाई तरफ झक जात हो अG यथा तम गर जाओग इसलए तम नरतर तरोध कर रह हो बल गाड़ी म4 बठ-बठ तम

बलगाड़ी क Vहलन-डलत स लड़ रह हो वह इधर जाती ह तो तम उधर जात हो यह वजह ह 0क रलगाड़ी म4 बठ-बठ तम थक

जात हो तम कछ करत नह हो तो थक + य- जात हो अG यथा ह तम बहत कछ कर रह हो तम नरतर रलगाड़ी स लड़ रह

हो तरोध कर रह हो

तरोध मत करो यह पहल बात ह अगर तम इस वध को योग म4 लाना चाहत हो तो तरोध छोड़ दो बिY क गाड़ी क

गत क साथ-साथ गत करो उसक गत क साथ-साथ झल- बलगाड़ी का अग बन जाओ तरोध मत करो रा9 त पर

बलगाड़ी जो भी कर तम उसक अग बनकर रहो इसी कारण याा म4 बf च कभी नह थकत ह

पनम हाल ह म4 लदन स अपन दो बf च- क साथ आई ह चलत समय वह भयभीत थी 0क इतनी लबी याा क कारण बf च4

थ जाएग बीमार हो जाएग वह थक गई और व हसत हए यहा पहच वह जब यहा पहची तो थक कर चर-चर हो गई थी

जब वह मर कमर म4 वषट हई वह थकावट स टट रह थी और दोन- बf च4 वह तरत खलन लग गय लदन स बबई

अठारह घट क याा ह ल0कन व जरा भी थक नह + य- + य-0क अभी व तरोध करना नह जानत ह

एक पय+ कड़ सार रात बलगाड़ी म4 याा करगा और सबह वह ताजा का ताजा रहगा ल0कन तम नह कारण यह ह 0क

पय+ कड़ भी तरोध नह करता ह वह गाड़ी क साथ गत करता ह वह लड़ता नह ह वह गाड़ी क साथ झलता ह और

एक हो जाता ह

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphelliplsquorsquo

तो एक काम करो तरोध मत करो और दसर बात 0क एक लय पदा करो अपन Vहलन डलन4 म4 लय पदा कर उस लय म4

बाध- उसम एक छद पदा करो सड़क को भल जाओ सड़क या सरकार को गालया मत दो उG ह4 भी भल जाओ वस ह बल

और बलगाड़ी को या गाड़ीवान को गाल मत दो उG ह4 भी भल जाओ आख4 बद कर लो तरोध मत करो लयव ढग स

गत करो और अपनी गत म4 सगीत पदा करो उस एक नतय बना लो

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphellipअनभव को )ापत होlsquorsquo

स कहता ह 0क तZ ह4 अनभव ापत हो जाएगा

lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4helliplsquorsquo

यह मत पछो 0क बलगाड़ी कहा मलगी अपन को धोखा मत दो

+ य-0क यह स कहता ह lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह बठ-बठ हए वतल म4 झल- घम- वतल को छोट स छोटा 0कए जाओmdashइतना छोटा 0क तZ हारा शरर aशय स झलता

हआ न रह ल0कन भीतर एक सQम गत होती रह आख बद कर लो और बड़ वतल स शM कर आख बद कर लो अG यथा

जब शरर Mक जाएगा तब तम भी Mक जाओग आख बद करक बड़ वतल को छोटा और छोटा 0कए चलो

aशय Mप स तम Mक जाओग 0कसी को नह मालम होगा 0क तम अब भी Vहल रह हो ल0कन भीतर तम एक सQम गत

अनभव करत रहोग अब शरर नह चल रहा ह कवल मन चल रहा ह उस भी मद स मदतर 0कए चलो और अनभव करो

वह क4 Vत हो जाओग 0कसी वाहन म4 0कसी चलत वाहन म4 एक अतरोध और लयब गत तZ ह4 क4 Vत हो जाओग

गMिजएफ न इन वधय- क लए अनक नतय नमत 0कए थ वह इस वध पर काम करता था वह अपन आkम म4

िजतन नlt य- का योग करता था वह सच म4 वतल म4 झमन स सबधत थ सभी नतय वतल म4 चककर लगान स सबधत

ह बाहर चककर लगाकर लगाना होता भीतर होश पण रहना होता 0फर व धीर-धीर वतल को छोटा और छोटा 0कए जात ह

तब एक समय आता ह 0क शरर ठहर जाता ह ल0कन भीतर मन गत करता रहता ह

अगर तम लगातार बीस घट तक रलगाड़ी म4 सफर करक घर लोट- और घर म4 आख बद करक दखो तो तZ ह4 लगगा 0क तम

अब भी गाड़ी म4 याा कर रह हो शरर तो ठहर गया ह ल0कन मन का लगता ह 0क यह गाड़ी म4 ह ह वस ह इस वध का

योग करो गरिजएफ न अvत नतय पदा 0कए और सदर नतय इस सद म4 उसन सचमच चमlt कार 0कया ह व चमlt कार

सतय साu बाबा क चमlt कार नह थ साई बाबा क चमlt कार तो कोई गल-गल 0फरन वाला मदार भी कर सकता ह ल0कन

गMिजएफ न असल चमlt कार पदा 0कए L यान पण नतय क लए उसन सौ नतक- क एक मडल बनाई और पहल बार

उसन G ययाक क एक समह क सामन उनका दशन 0कया

सौन नतक मच पर गोल-गोल नाच रह थ उG ह4 दखकर अनक दशक- क भी सर घमन लग ऐस सफद पोशाक म4 व सौ

नतक नतय करत थ जब गMिजएफ हाथ- स नतय का सकत करता था तो व नाचत थ और ` य- ह वह Mकन का इशारा

करता था व पतथर क तरह ठहर जात थ और मच पर सG नाटा हो जाता था वह Mकना दशक- क लए था नतक- क लए

नह + य-0क शरर तो तरत Mक सकता ह ल0कन मन तब नतय को भीतर ल जाता ह और वहा नतय चलता रहता ह

उस दखना भी एक सदर अनभव था 0क सौ लोग अचानक मत मत य- जस हो जात ह उसक दशक- म4 एक आघात पदा

होता था + य-0क सौ नतय सदर और लयव नltय अचानक ठहरकर जाम हो जात थ तम दख रह हो 0क व घम रह ह

गोल-गोल नाच रह ह और अचानक सब नतक ठहर गए तब तZ हारा वचार भी ठहर जाता ह G ययाक म4 अनक को लगा

0क यह तो एक बबझ रह9 यपण नतय ह + य-0क उनक वचार भी उसक साथ तरत ठहर जात थ ल0कन नतक- क लए

नतय भीतर चलता रहता था भीतर नतय क वतल छोट स छोट होत जात थ और अत म4 वह क4 Vत हो जात थ

एक Vदन ऐसा हआ 0क सार नतक नाचत हए मच क 0कनार पर पहच गए लोग सोचत थ 0क अब गMिजएफ उG ह4 रो द4ग

अG यथा व दशक- क भीड़ पर गर पड़4ग सौ नतक नाचत-नाचत मच क 0कनार पर पहच गए ह एक कदम और और व

नीच दशक- पर गर पड़4ग सार दशक इस तीQा म4 थ 0क गMिजएफ tको कहकर उG ह4 वह रो दगा ल0कन उसी Qण

गMिजएफ न उनक तरफ स मख फर लया और पीठ कर क खड़ा हो कर अपना सगार चलान लगा और सौ नतक- क पर

मडल मच स नीच नग फश पर गर पड़ी

सभी दशक उठ खड़ हए उनक चीख़4 नकल गई गरना इस धमाक क साथ हआ था 0क उG ह4 लगा 0क अनक दशक- क हाथ

पर टट गए ह-ग ल0कन एक भी gt यि+ त को चोट नह लगा थी 0कसी को खर-च तक भी नह आई थी

उG ह-न गMिजएफ स पछा 0क + या हआ 0क एक आदमी भी घायल नह हआ जब 0क नतक- का नीच गरना इतना बड़ा था

यह तो एक असभव घटना मालम होती ह

कारण इतना ह था 0क उस Qण नतक अपन शरर- म4 नह थ व अपन भीतर क वतल- को मदतर 0कए जा रह थ और जब

गरिजएफ न दखा 0क व पर तरह अपन शरर- को भल गय ह तब उसन उG ह4 नीच गरन Vदया

तम जब शरर को Bबलकल भल जात हो तो कोई तरोध नह रह जाता ह और हडी तो टटती ह तरोध क कारण जब

तम गरन लगत हो तो तम तरोध करत हो अपन को गरन स रोकत हो गरत समय तम गtltवाकषण क वM सघष

करत हो और वह तरोध वह सघष समसया बन जाता ह गtltवाकषण नह तरोध स हडी टटती ह अगर तम

गMlt वाकषण क साथ सहयोग करो उसक साथ-साथ गरो तो चोट लगन क कोई सभावना नह ह

स कहता ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क Cवारा अनभव को ापत हो या 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद

स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह तम ऐस भी कर सकत हो वाहन क जMरत नह ह जस बf च4 गोल-गोल घमत ह वस गोल-गोल घम- और जब

तZ हारा सर घमन लग और तZ ह4 लग 0क अब गर जाऊगा तो भी नाचना बद मत करो नाचत रहो अगर गर भी जाओ तो

0फ2 मत करो आख बद कर लो और नाचत रहो तZ हारा सर चकर खान4 लगगा और तम गर जाओग तZहारा शरर

गर जाए तो भीतर दखो भीतर नाचना जार रहगा उस महसस करो वह नकट स नकटतर होता जाएगा और अचानक

तम क4 Vत हो जाओग

बf च इसका खब मजा लत ह + य-0क इसस उG ह4 बहत ऊजा मलती ह ल0कन उनक मा-बाप उG ह4 नाचन स रोकत ह जो

0क अf छा नह ह उG ह4 नाचन दना चाVहए उG ह4 इसक लए उlt साVहत करना चाVहए और अगर तम उG ह4 अपन भीतर क

नाच स पPरचत करा सको तो तम उG ह4 उसक Cवारा L यान सखा दोग

व इसम रस लत ह + य-0क शरर-शG यता का भाव उनम4 ह जब व गोल-गोल नाचत ह तो बf च- को अचानक पता चलता ह

0क उनका शरर तो नाचता ह ल0कन व नह नाचत अपन भीतर व एक तरह स क4 Vत हो गए महसस करत ह + य-0क

उनक शरर और आlt मा म4 अभी दर नह बनी ह दोन- क बीच अभी अतराल ह हम सयान लोग- को यह अनभव इतनी

आसानी स नह हो सकता

जब तम मा क गभ म4 वश करत हो तो तरत ह शरर म4 नह वषट हो जात हो शरर म4 वषट होन म4 समय लगता ह

और जब बf चा जनम लता ह तब भी वह शरर स पर तरह नह जड़ा होता ह उसक आlt मा पर तरह ि9 थत नह होती ह

दोन- क बीच थोड़ा अतराल बना रहता ह यह कारण ह 0क कई चीज4 बf चा नह कर सकता उसका शरर तो उG ह4 करन को

तयार ह ल0कन वह नह कर पाता

अगर तमन खयाल 0कया हो तो दखा होगा नवजात शश दोन- आख- स दखन म4 समथ नह होत ह व सदा एक आख स

दखत ह तमन गौर 0कया होगा 0क जब बf च कछ दखत ह नरQण करत ह तो दोन- आख- स नह करत व एक आख स

ह दखत ह उनक वह आख बड़ी हो जाती ह दखत Qण उनक एक आख क पतल फल कर बड़ी हो जाती ह और दसर

पतल छोट हो जाती ह बf च अभी ि9 थर नह हए ह उनक चतना अभी ि9 थर नह ह उनक चतना अभी ढलndashढल ह

धीर-धीर वह ि9 थर होगी और तब व दोन- आख स दखन लग4ग

बf च4 अभी अपन और दसर क शरर म4 फक करना नह जानत ह यह कVठन ह व अभी अपन शरर स पर तरह नह जड

ह यह जोड़ धीर-धीर आएगा

L यान 0फर स अतराल पदा करन क चO टा ह तम अपन शरर स जड़ गए हो शरर क साथ ठोस हो चक हो तभी तो तम

समझत हो 0क म_ शरर ह अगर 0फर स एक अतराल बनाया जा सक तो 0फर समझन लगोग 0क म_ शरर नह ह शरर स

पर कछ ह इसलए झलना और गोल-गोल घमना सहयोगी होत ह व अतराल पदा करत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-21( ओशो) क0 =1त होन क नौवी वध

शव त-सmdashवध-21 6कसी अग को सई स भदोndashओशो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 6कसी अग को सई स भदो और भ1ता क साथ उस भदन म0 )वश करो और आत(रक शX को

उपलबध होओlsquorsquo

यह स कहता ह lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद-helliplsquorsquo

तZ हारा शरर मा शरर नह ह वह तमस भरा ह और यह तम अमत हो अपन शरर को भद- उसम4 छद करो जब तम

अपन शरर को छदत सफ शरर छदता ह ल0कन तZ ह4 लगता ह 0क तम ह छद गए इसी स तZ ह4 पीड़ा अनभव होती ह

और अगर तZ ह4 यह बोध हो 0क सफ शरर छदा ह म_ नह छदा ह तो पीड़ा क 9 थान पर आनद अनभव करोग

सई स भी छद करन क जMरत नह ह रोज ऐसी अनक चीज4 घVटत होती ह िजG ह4 तम L यान क लए उपयोग म4 ला सकत

हो या कोई ऐसी ि9 थत नमत भी कर सकत हो

तZ हार भीतर कह कोई पीड़ा हो रह ह एक काम करो शष शरर को भल जाओ कवल उस भाग पर मन को एका करो

िजसम पीड़ा ह और तब एक अजीब बात अनभव म4 आएगी जब तम पीड़ा वाल भाग पर मन को एका करोग तो दखोग4

0क वह भाग सकड़ रहा ह छोटा हो रहा ह पहल तमन समझा था 0क पर पाव म4 पीड़ा ह ल0कन जब एका होकर उस

दखोग4 तो मालम होगा 0क दद पाव म4 नह ह वह तो अतशयोि+ त ह दद सफ घटन म4 ह

और ` यादा एका होओ और तम दखोग4 0क दद पर घटन म4 नह ह एक छोट स Bबद म4 ह सफ उस Bबद पर एकाता

साधो शष शरर को भल जाओ आख4 बद रखो और एकाता को बढ़ाए जाओ और खोज- 0क पीड़ा कहा ह पीड़ा का Q

सकड़ता जाएगा छोट स छोटा हो जाएगा और एक Qण आएगा जब वह मा सई क नोक पर रह जाएगा उस सई क

नोक पर भी एकाता क नजर गड़ाओ और अचानक वह नोक भी वदा हो जाएगी और तम आनद स भर जाओग पीड़ा क

बजाए तम आनद स भर जाओग

ऐसा + य- होता ह + य-0क तम और तZ हार शरर एक नह ह व दो ह अलग-अलग ह वह जो एका होता ह वह तम हो

एकाता शरर पर होती ह शरर वषय ह जब तम एका होत हो तो अतराल बड़ा होता ह तादाlt मय टटता ह एकाता क

लए तम भीतर सरक पड़त हो और यह दर जाना अतराल पदा करता ह

जब तम पीड़ा पर एकाता साधत हो तो तम तादाlt मय भल जात हो तम भल जात हो 0क मझ पीड़ा हो रह ह अब तम

O टा हो और पीड़ा कह दसर जगह ह तम अब पीड़ा को दखन वाल हो भोगन वाल नह भो+ ता क O टा म4 बदलन क

कारण अतराल पदा होता ह और जब अतराल बड़ा होता ह तो अचानक तम शरर को Bबलकल भल जात हो तZ ह4 सफ

चतना का बोध होता ह

तो तम इस वध का योग भी कर सकत हो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद- और भता क साथ उस भदन म4 वश करोhelliphelliplsquorsquo

अगर कोई पीड़ा हो तो पहल तZ ह4 उसक पर Q पर एका होना होगा 0फर धीर-धीर वह Q घटकर सई क नोक क बराबर

रह जाएगा ल0कन पीड़ा क तीQा + या करनी तम एक सई स काम ल सकत हो शरर क 0कसी सवदनशील अग पर सई

चभोओ पर शरर म4 ऐस भी कई सथल ह जो मत ह उनस काम नह चलगा

तमन शरर क इन मत 9 थल- क बार म4 नह सना होगा 0कसी म क हाथ म4 एक सई द दो और तम बठ जाओ और म स

कहो 0क वह तZ हार पीठ म4 कई 9 थल- पर सई चभाए कई 9थल- पर तZ ह4 पीड़ा का एहसास नह होगा तम म स कहोग

0क तमन सई अभी नह चभोई ह मझ दद नह हो रहा ह व ह मत सथल ह तZ हार गाल पर ह ऐस दो मत सथल ह

िजनक जाच क जा सकती ह

अगर तम भारत क गाव म4 जाओ तो दखोग4 0क धामक lt योहार- क समय कछ लोग अपन गाल- को तीन स भद दत ह वह

चमlt कार जसा मालम होता ह ल0कन चमlt कार ह नह गाल पर दो मत सथल ह अगर तम उG ह4 छद- तो न खन

नकलगा और न पीडा ह होगी तZ हार पीठ म4 तो ऐस हजार- मत सथल ह वहा पीड़ा नह होती

तो तZ हार शरर म4 दो तरह क सथल हmdashसवदनशील जीवत सथल और मत सथल कोई सवदनशील सथल खोज- जहा

तZ ह4 जरा स 9 पश का भी पता चल जायगा तब उसम सई चभोकर चभन म4 वश कर जाओ वह असल बात ह वह

L यान ह और भता क साथ भदन म वश कर जाओ जस-जस सई तZ हार चमड़ी क भीतर वश करगी और तZ ह4 पीड़ा

होगी वस-वस तम भी उसम वश करत जाओ यह मत दखो 0क तZ हार भीतर पीड़ा वश कर रह ह पीड़ा को मत दखो

उसक साथ तादZ यता करो सई क साथ चभन क साथ तम भी भीतर वश करो आख4 बद कर लो पीड़ा का नरQण करो

जस पीड़ा भीतर जाए वस तम भी अपन भीतर जाओ चभाती हई सई क साथ तZ हारा मन आसानी स एका हो जाएगा

पीड़ा क तीi पीड़ा क उस Bबद को गोर स दखो वह भता क साथ भदन म वश करना हआ

lsquorsquoऔर आतPरक श को उपलबध होओlsquorsquo

अगर तमन नरQण करत हए तादाlt मय न करत हए अलग दर खड़ रहत हए Bबना यह समझ हए 0क पीड़ा तZ ह4 भद रह

ह बिY क यह दखत हए 0क सई शरर को भद रह ह और तम O टा हो वश 0कया तो तम आतPरक शता को उपलबध हो

जाओग तब आतPरक नद|षता तम पर कट हो जाएगी तब पहल बार तZ ह4 बोध होगा 0क म_ शरर नह ह

और एक बार तमन जाना 0क म_ शरर नह ह तZ हारा सारा जीवन आमल बदल जाएगा + य-0क तZ हारा सारा जीवन शरर

क इद-गद चककर काटता रहता ह एक बार जान गए 0क म_ शरर नह ह तम 0फर इस जीवन को नह ढो सकत उसका

क4 ह खो गया जब तम शरर नह रह तो तZ ह4 दसरा जीवन नमत करना पड़गा वह जीवन सG यासी का जीवन ह यह

और ह जीवन होगा + य-0क अब क4 ह और होगा अब तम ससार म4 शरर क भात नह बिY क आlt मा क भात रहोग

जब तक तम शरर क तरह रहत हो तब तक तZ हारा ससार भौतक उपलिc धय- का लोभ भोग वासना और कामकता का

ससार होगा और वह ससार शरर धान ससार होगा ल0कन जब जान लया ह 0क म_ शरर नह ह तो तZ हारा सार ससार

वलन हो जाता ह तम अब उस सZ हालकर नह रख सकत हो तब एक दसरा ससार उदय होगा जो आlt मा क इद-गद

होगा वह ससार कMणा म सqदय सतय शभ और नद|षता का ससार होगा क4 हट गया वह अब शरर म4 नह ह अब

क4 चतना म4 ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-22 (ओशो) क0 =1त होन क दसवी वध

त स- शव वान भरव त वध -22 ओशो

lsquorsquoअपन अवधान को ऐसी जगह रखो जहा अतीत क 6कसी घटना को दख रह हो और अपन शरर को भी प क वतमान

लIण खो जायग और तम पात(रत हो जाओगlsquorsquo

तम अपन अतीत को याद कर रह हो चाह वह कोई भी घटना हो तZ हारा बचपन तZ हारा म पता या माता क मlt य कछ

भी हो सकता ह उस दखो ल0कन उसस एकातम मत होओ उस ऐस दखो जस वह 0कसी और जीवन म4 घटा ह उस ऐस

दखो जस वह घटना पदw पर 0फर घट रह हो 0फY माई जा रह हो और तम उस दख रह होmdashउसस अलग तटसथ साQी क

तरह

उस 0फलम म4 कथा म4 तZ हारा बीता हआ Mप 0फर उभर जाएगा यVद तम अपनी कोई म-कथा समरण कर रह हो अपन

म क पहल घटना तो तम अपनी मका क साथ 9 मत क पदw पर कट होओग और तमहारा अतीत का Mप मका क

साथ उभर आएगा अG यथा तम उस याद न कर सकोग अपन इस अतीत क Mप स भी तादाlt मय हटा लो पर घटना को

ऐस दखो मानो कोई दसरा पMष 0कसी दसर 9 ी को म कर रहा हो मानो पर कथा स तZ हारा कछ लना-दना नह ह तम

महज aO टा हो

यह वध बहत-बहत बनयाद ह इस बहत योग म4 लाया गयाmdashवशषकर ब क Cवारा और इस वध क अनक कार

ह इस वध क योग का अपना ढग तम खद खाज ल सकत हो उदाहरण क लए रात म4 जब तम सोन लगो गहर नीद म4

उतरन लगो तो पर Vदन क अपन जीवन को याद करो इस याद क Vदशा उलट होगी यानी उस सबह स न शM कर वहा स

शM करो जहा तम हो अभी तम Bब9 तर म4 पड़ हो तो Bबसतर म4 लटन स शM कर पीछ लोट- और इस कार कदम-कदम

पीछ चलकर सबह क उस पहल घटना पर पह चो जब तम नीद स जाग थ अतीत समरण क इस 2म म4 सतत याद रखो 0क

पर घटना स तम पथक हो अछत हो

उदाहरण क लए पछल पहर तZ हारा 0कसी न अपमान 0कया था तम अपन Mप को अपमानत होत दखो ल0कन O टा

बन रहो तZ ह4 उस घटना म4 0फर नह उलझना ह 0फर 2ोध नह करना ह अगर तमन 2ोध 0कया तो तादाlt मय पदा हो

गया तब L यान का Bबद तZ हार हाथ स छट गया

इसलए 2ोध मत करो वह अभी तZ ह4 अपमानत नह कर रहा ह वह तZ हार पछल पहर क Mप को अपमानत कर रहा ह

वह Mप अब नह ह तम तो एक बहती नद क तरह हो िजसम4 तZ हार Mप भी बह रह ह बचपन म4 तZ हारा एक Mप था अब

वह नह रहा वह जा चका नद क भात तम नरतर बदलत जा रह हो

रात म4 L यान करत हए जब Vदन क घटनाओ को उलट 2म म4 त2म म4 याद करो तो L यान रह 0क तम साQी हो कता

नह 2ोध मत करो वस ह जब तZ हार कोई शसा कर तो आलाVदत मत होओ 0फलम क तरह उस भी उदासीन होकर

दखो

त2मण बहत उपयोगी ह खासकर उनक लए िजG ह4 अना क तकलफ हो अगर तZ ह4 ठUक स नीद आती ह अना

का रोग ह तो यह योग तZ ह4 बहत सहयोगी होगा + य- + य-0क यह मन को खोलन का नJथ करन का उपाय ह जब

तम पीछ लौटत हो तो मन क तह4 उघड़न लगती ह सबह म4 जस घड़ी म4 चाबी दत हो वस तम अपन मन पर भी तह4 लगाता

शM करत हो Vदन भर म4 मन पर अनक वचार- और घटनाओ क स9 कार जब जात ह मन उनस बोlझल हो जाता ह अधर

और अपण स9 कार मन म4 झलत रहत ह + य-0क उनक घVटत होत समय उG ह4 दखन का मौका नह मला था

इस लए रात म4 0फर उG ह4 लौटकर दखोmdashत2म म4 यह मन क नJथ क सफाई क 02या ह और इस 02या म4 जब

तम सबह Bबसतर स जागत क पहल घटना तक पहचोग तो तZ हारा मन 0फर स उतना ह ताजा हो जाएगा िजतना ताजा

बह सबह था और तब तZ ह4 वसी नीद आएगी जसी छोट बf च को आती ह

तम इस वध को अपन पर अतीत जीवन म4 जान क लए भी उपयोग कर सकत हो महावीर न त2मण क इस वध का

बहत उपयोग 0कया

अभी अमPरका म4 एक आदोलन ह िजस डायनVटकस कहत ह व इसी वध का उपयोग करता ह यह रोग मानसक मालम

होता ह तो उसक लए + या 0कया जाए यVद 0कसी को कहा 0क तZ हारा रोग मानसक मालम होता ह तो उसस बात बनन

क बजाए Bबगड़ती ह यह सनकर 0क मरा रोग मानसक ह 0कसी भी gt यि+ त को बरा लगता ह तब उस लगता ह 0क अब

कोई उपाय नह ह और वह बहत अहसास महसस करता ह

त2मण एक चमlt काPरक वध ह अगर तम पीछ लौटकर अपन मन क गाठ4 खोल- तो तम धीर-धीर उस पहल Qण को

पकड़ सकत हो जब यह रोग शM हआ था उस Qण को पकड़कर तम पता चलगा 0क यह रोग अनक मानसक घटनाओ और

कारण- स नमत हआ ह त2मण स व कारण 0फर स कट हो जात ह

अगर तम उसी Qण स गजर सको िजसम पहल पहल इस रोग न तZ ह4 घरा था अचानक तZ ह4 पता चल जाएगा 0क 0कन

मनोवानक कारण- स यह रोग बना था तब तZ ह4 कछ करना नह ह सफ उन मनोवानक कारण- को बोध म4 ल आना

ह इस त2मण स अनक रोग- क थया टट जाती ह और अतत रोग वदा हो जाता ह िजन थय- को तम जान लत

हो व थया वसिजत हो जाती ह और उनस बन रोग समापत हो जात ह

यह वध गहर रचन क वध ह अगर तम इस रोज कर सको तो तZ ह4 एक नया 9 वासथ और एक नई ताजगी का अनभव

होगा और अगर हम अपन बf च- को रोज इसका योग करना सखा द4 तो उG ह4 उनका अतीत कभी बोझल नह बना

सकगा तब बf च- को अपन अतीत म4 लौटन क जMरत नह रहगी व सदा यहा और अब यानी वतमान म4 रह4ग

तब उन पर अतीत का थोड़ा सा भी बोझ नह रहगा व सदा 9 वचछ और ताजा रह4ग

तम इस रोज कर सकत हो पर Vदन को इस तरह उलट 2म स पन खोलकर दख लन स तZ ह4 नई अत aिOट ापत होती ह

तZ हारा मन तो चाहगा 0क याद- को सलसला सबह स शM कर4 ल0कन उसस मन नJथक नह होता उलट पर चीज

दहरा कर और मजबत हो जाती ह इस लए सबह स शM करना गलत होगा

भारत म4 ऐस अनक तथाकथत गt ह जो सखात ह 0क पर Vदन का पनरावलोकन करो और इस 02या को सबह स शM

करो ल0कन यह गलत और नकसानदह ह उसस मन मजबत होगा और अतीत का जाल बड़ा और गहरा हो जाएगा

इसलए सबह स R याम क तरफ कभी मत चलो सदा पीछ क और गत करो और तभी तम मन को पर तरह नJथ कर

पाओग खाल कर पाओग 9 वचछ कर पाओग

मन तो सबह स शM करना चाहगा + य-0क वह आसान ह मन उस 2म को भलभात जानता ह उसम4 कोई अड़चन नह

ह त2मण म4 भी मन उछल कर सबह पर चला जाता ह और 0फर आग चला चलगा वह गलत ह वसा मत करो सजग

हो जाओ और त2म स चलो

इसम4 मन को शmQत करन क लए अनय उपाय भी काम म4 लाए जा सकत ह सौ स पीछ क तरह गनना शM करोmdash

नGयानव अानव सltतानव त2म स सौ स एक तक गनो इसम भी अड़चन होगी + य-0क मन क आदत ह एक स

सौ 0क और जान क ह सौ स एक क और जान क नह इसी 2म म4 घटनाओ को पीछ लौटकर समरण करना ह

+ या होगा पीछ लौटत हए मन को 0फर स खोलकर दखत हए तम साQी हो जाओग अब तम उन चीज- को दख रह हो जो

कभी तZ हार साथ घVटत हई थी ल0कन अब तZ हार साथ घVटत नह हो रह ह अब तो तम सफ साQी हो और व घटनाए

मन क पदw पर घVटत हो रह ह

अगर इस L यान को रोज जार रखो तो 0कसी Vदन अचानक तZ ह4 दकान पर या दpतर म4 काम करत हए r याल होगा 0क + य-

नह अभी घटन वाल घटनाओ क त भी साQी भाव रख जाए अगर समय म4 पीछ लौटकर जीवन क घटनाओ को दखा

जा सकता ह उनका गवाह हआ जा सकता ह Vदन म4 0कसी न तZ हारा अपमान 0कया थ और तम Bबना 2ोधत हए उस

घटना को 0फर स दख सकत होmdashतो + या कारण ह 0क उस घटनाओ को जो अभी घट रह ह नह दखा जा सकता ह

कVठनाई + या ह

कोई तZ हारा अपमान कर रहा ह तम अपन को घटना स पथक कर सकत हो और दख सकत हो 0क कोई तZ हारा अपमान

कर रहा ह तम यह भी दख सकत हो 0क तम अपन शरर स अपन मन स और उसस भी जो अपमानत हआ ह पथक हो

तम सार चीज क गवाह हो सकत हो और अगर ऐस गवाह हो सको तो 0फर तZ ह4 2ोध नह होगा 2ोध तब असभव हो

जायगा 2ोध तो तब सभव होता ह जब तम तादाlt मय करत हो अगर तादाlt मय नह ह तो 2ोध असभव ह 2ोध का अथ

तादाlt मय ह

यह वध कहती ह 0क अतीत क 0कसी घटना को दखो उसम4 तZ हारा Mप उपि9 थत होगा यह स तZ हार नह तZ हार Mप

क बात करता ह तम तो कभी वहा थ ह नह सदा 0कसी घटना म4 तZ हारा Mप उलझता ह तम उसम नह होत जब तम

मझ अपमानत करत हो तो सच म4 तम मझ अपमानत नह करत तम मरा अपमान कर ह नह सकत कवल मर Mप का

अपमान कर सकत हो म_ जो Mप ह तZ हार लए तो उसी क उपि9 थत अभी ह और तम उस अपमानत कर सकत हो

ल0कन म_ अपन को अपन Mप स पथक कर सकता ह

यह कारण ह 0क Vहद-Mप स अपन को पथक करन क बात पर जोर दता ह तम तZ हारा नाम Mप नह हो तम वह चतनय

हो जो नाम Mप को जानता ह और चतनय पथक ह 9 वथा पथक ह

ल0कन यह कVठन ह इसलए अतीत स शM करो वह सरल ह + य-0क अतीत क साथ कोई ताlt कालकता का भाव नह

रहता ह 0कसी न बीस साल पहल तZ ह4 अपमानत 0कया था उसम4 ताlt कालकता का भा अब कस होगा वह आदमी मर

चका होगा और बात समापत हो गई ह यह एक मदा घटना ह अतीत स याद क हई उसक त जागMक होना आसान ह

ल0कन एक बार तम उसक त जागना सीख गए तो अभी और यहा होन वाल घटनाओ क त भी जाना हो सकता ह

ल0कन अभी और यहा स आरभ करना कVठन ह सम9 या इतनी ताlt कालक ह नकट ह जMर ह 0क उसम गत करन क

लए जगह ह कहा ह थोड़ा दर बनाना और घटना स पथक होना कVठन बात ह

इसीलए स कहता ह 0क अतीत स आरभ करो अपन ह Mप को अपन स अलग दखो और उसक Cवारा MपातPरत हो

जाओ

इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग + य-0क यह नJथन हmdashएक गहर सफाई ह धलाई ह और तब तम जान-ग 0क समय

म4 जो तZ हारा शरर ह तZ हारा मन ह अि9 ततव ह वह तZ हारा वा9 तवक यथाथ नह ह वह तZ हारा सतय नह ह सार-

सतय सवथा भनन ह उस सतय स चीज4 आती जाती ह और सतय अछता रह जाता ह तम अ9 पशत रहत हो नद|ष

रहत हो कवार रहत हो सब कछ गजर जाता ह परा जीवन गजर जाता ह शभ और अशभ सफलता और वफलता शसा

और नदा सब कछ गजर जाता ह रोग और 9 वा9 थय जवानी और बढ़ापा जनम और मlt य सब कछ gt यतीत हो जाता ह

और तम अछत रहत हो

ल0कन इस अ9 पशत सतय को कस जाना जाए

इस वध का वह उपयोग ह अपन अतीत स आरभ करो अतीत को दखन क लए अवकाश उपलबध ह अतराल उपलबध

ह पPरQय सभव ह या भवषय को दखो भवषय का नरQण करो ल0कन भवषय को दखना भी कVठन ह सफ थोड

स लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह ह कवय- और कY पनाशील लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह

ह व भवषय को ऐस दख सकत ह जस व 0कसी यथाथ को दखत ह ल0कन सामानयत अतीत को उपयोग म4 लाना अf छा

ह तम अतीत म4 दख सकत हो

जवान लोग- क लए भवषय म4 दखना अf छा रहता ह उनक लए भवषय म4 झाकना सरल ह + य-0क व भवO योG मख

होत ह बढ लोग- क लए मlt य क सवाय कोई भवषय नह ह व भवषय म4 नह दख सकत ह व भयभीत ह यह वजह ह

0क बढ़ लोग सदा अतीत क सबध म4 वचार करत ह व पन-पन अपन अतीत क 9 मत म4 घमत रहत ह ल0कन व भी वह

भल करत ह व अतीत स शM कर वतमान क और आत ह यह गलत ह उG ह4 त2मण करना चाVहए

अगर व बार-बार अतीत म4 त2म स लौट सक4 तो धीर-धीर उG ह4 महसस होगा 0क उनका सारा अतीत बह गया तब कोई

आदमी अतीत स चपक Bबना अटक Bबना मर सकता ह अगर तम अतीत को अपन स चपकन न दो अतीत म4 न अटक-

अतीत को हटाकर मर सको तब तम सजग मरोग तब तम पर बोध म4 पर होश म4 मरोग और तब मlt य तZ हार लए मlt य

नह रहगी बिY क वह अमत क साथ मलन म4 बदल जाएगी

अपनी पर चतना को अतीत क बोझ स मकत कर दो उसस अतीत क मल को नकालकर उस श कर दो और तब तZ हारा

जीवन MपातPरत हो जाएगा

योग करो यह उपाय कVठन नह ह सफ अL यवसाय क सतत चOटा क जMरत ह वध म4 कोई अतभत कVठनाई नह

ह यह सरल ह और तम आज स ह इस शM कर सकत हो आज ह रात अपन Bबसतर म4 लट कर शM करो और तम बहत

सदर और आनVदत अनभव करोग परा Vदन 0फर स गजर जाएगा

ल0कन जY दबाजी मत करो धीर-धीर पर 2म स गजर- ता0क कछ भी aिO ट स चक नह यह एक आRचयजनक अनभव

ह + य-0क अनक ऐसी चीज4 तZ हार नगाह क सामन आएगी िजG ह4 Vदन म4 तम चक गय थ Vदन म4 बहत gt यसत रहन क

कारण तम बहत सदर चीज4 चकत हो ल0कन मन उG ह4 भी अपन भीतर इका करता जाता ह तZ हार बहोशी म4 भी मन

उनको हण करता जाता ह

तम सड़क पर जा रह हो और कोई आदमी गा रहा था हो सकता ह 0क तमन उसक गीत पर कोई L यान नह Vदया हो तZ ह4

यह भी बोध न हआ हो 0क तमन उसक आवाज भी सनी ल0कन तZ हार मन न उसक गीत को भी सना और अपन भीतर

9 मत म4 रख लया था अब वह गीत तZ ह4 पकड़ रहगा वह तZ हार चतना पर अनावशयक बोझ बना रहगा

तो पीछ लौट कर दखो ल0कन बहत धीर-धीर उसम गत करो ऐसा समझो 0क पदw पर बहत धीमी गत स कोई 0फलम

Vदखायी जा रह ह ऐस ह अपन बीत Vदन क छोट स छोट घटना को गौर स दखो उसक गहराई म4 जाओ और तब तम

पाओग 0क तZ हारा Vदन बहत बड़ा था वह सचमच बड़ा था + य-0क मन को उसम अनगनत सचनाए मल और मन न

सबको इका कर लया

तो त2मण करो धीर-धीर तम उस सबको जानन म4 सQम हो जाओग िजG ह4 तZ हार मन न Vदन भर म4 अपन भीतर

इका कर लया था वह टप Pरकाडर जसा ह और तम जस-जस पीछ जाओग मन का टप पछता जाएगा साफ होता

जाएगा और तब तक तम सबह क घटना क पास पहचोग तZ ह4 नीद आ जाएगी और तब तZ हार नीद क गणवता और

होगी वह नीद भी Lयान पण होगी

और दसर Vदन सबह नीद स जागन पर अपनी आख- को तरत मत खोल- एक बार 0फर रात क घटनाओ म4 त2म स

लोट- आरभ म4 यह कVठन होगा शM म4 बहत थोड़ी गत होगी कभी कोई 9 वपन का अश उस 9 वपन का अश िजस ठUक

जागन क पहल तम दख रह थ Vदखाई पड़गा ल0कन धीर-धीर तZ ह4 ` यादा बात4 समरण आन लग4गी तम गहर वश

करन लग-ग और तीन महन क बाद तम समय क उस छोर पर पहच जाओग जब तZ ह4 नीद लगी थी जब तम सो गए थ

और अगर तम अपनी नीद म4 त2म स गहर उतर सक तो तZ हार नीद और जागरण क गणवता Bबलकल बदल जाएगी

तब तZ ह4 सपन नह आएग तब सपन gt यथ हो जाय4ग अगर Vदन और रात दोन- म4 तम त2मण कर सक तो 0फर सपन-

क जMरत नह रहगी

अब मनोवानक कहत ह 0क सपना भी मन को 0फर स खोलन खाल करन क 02या ह और अगर तम 9 वय यह काम

त2मण क Cवारा कर लो तो 9 वपन दखन जMरत ह नह रहगी सपना इतना ह तो करता ह 0क जो कछ मन म4 अटका

ह अधरा पडा था अपण था उस वह परा कर दता ह

तम सड़क स गजर रह थ और तमन एक सदर मकान दखा और तZ हार भीतर उस मकान को पान क सQम वासना पदा हो

गई ल0कन उस समय तम दpतर जा रह थ और तZ हार पास Vदवा-9 वपन दखन का समय नह था तम उस कामना को

टाल गय तZ ह4 यह पता भी नह चला 0क मन न मकान को पान क कामना नमत कर ल ह ल0कन यह कामना अब भी

मन क 0कसी कोन म4 अटक पड़ी ह और अगर तमन उस वहा स नह हटाया तो वह तZ हार नीद मिR कल कर दगी

नीद क कVठनाई यह बताती ह 0क तZ हारा Vदन अभी भी तम पर हावी ह और तम उसस मकत नह हो पा रह हो तब रात म4

तम 9 वपन दख4ग 0क तम उस मकान क मालक हो गए हो और अब तम उस मकान म4 वास कर रह हो और िजस Qण यह

9 वपन घVटत होता ह + य-0क सपन तZ हार अधर चीज- को परा करन म4 सहयोगी होत ह

और ऐसी चीज4 ह जो पर नह हो सकती तZ हारा मन अनगल कामनाए 0कए जाता ह व यथाथ म4 पर नह हो सकती तो

+ या 0कया जाए व अधर कामनाए तZ हार भीतर बनी रहती ह और तम आशा 0कए जात हो सोच वचार 0कए जात हो तो

+ या 0कया जाए तZ ह4 एक सदर 9 ी Vदखाई दती ह और तम उसक त आकषत हो गए अब उस पान क कामना तZ हार

भीतर पदा हो गई जो हो सकता ह सभव न हो हो सकता ह वह 9 ी तZ हार तरफ ताकना भी पसद न कर तब + या हो

9 वपन यहा तZ हार सहायता करता ह 9 वपन म4 तम उस 9 ी को पा सकत हो और तब तZ हारा मन हलका हो जाएगा

जहा तक मन का सबध ह 9 वपन और यथाथ म4 कोई फक नह ह मन क तल पर + या फक 0कसी 9 ी को यथाथत म

करन और सपन म4 म करन म4 + या फक ह

कोई फक नह ह अगर फक ह तो इतना ह 0क 9 वपन यथाथ स ` यादा सदर होगा 9 वपन क 9 ी कोई अड़चन नह खड़ी

करगी 9 वपन तZ हारा और उसम तम जो चाह कर सकत हो वह 9 ी तZ हार लए कोई बाधा नह पदा करगी वह तो ह ह

नह तम ह हो वहा कोई अड़चन नह ह तम जो चाहो कर सकत हो मन क लए कोई भद नह ह मन 9 वपन और यथाथ

म4 कोई भद नह कर सकता ह

उदाहरण क लए तZ ह4 यVद एक साल क लए बहोश करक रख Vदया जाए और उस बहोशी म तम सपन दखत रहो तो एक

साल तक तZ ह4 Bबलकल पता नह चलगा 0क जो भी तम दख रह हो वह सपना ह सब यथाथ जसा लगगा और 9 वपन साल

भर चलता रहगा मनोवानक कहत ह 0क अगर 0कसी gt यि+ त को सौ साल क लए कौमा म4 रख Vदया जाए तो वह सौ

साल तक सपन दखता रहगा और उस Qण भर क लए भी सदह नह होगा 0क जो म_ कर रहा ह वह 9 वपन ह और यVद

कोमा म4 ह मर जाएगा तो उस कभी पता नह चलगा 0क मरा जीवन एक 9 वपन था सच नह था

मन क लए कोई भद नह ह सतय और 9 वपन दोन- समान ह इसलए मन अपन को सपन- म4 भी नJथ कर सकता ह

अगर इस वध का योग करो तो सपना दखन क जMरत नह ह तब तZ हार नीद क गणवता ह पर तरह स बदल

जायगी + य-0क सपन- क अनपि9 थत म4 तम अपन अि9 ततव क आlt यतक गहराई म4 उतर सकोग और तब नीद म4 भी

तZ हारा बोध कायम रहगा

कषण गीता म4 यह बात कह रह ह 0क जब सभी गहर नीद म4 होत ह तो योगी जागता रहता ह इसका यह अथ नह 0क योगी

नह सोता योगी भी सोता ह ल0कन उसक नीद का गणधम भनन ह तZ हार नीद ऐसी ह जस नश क बहोशी होती ह

योगी क नीद गाढ़ वkाम ह िजसम कोई बहोशी नह रहती ह उसका सारा शरर वkाम म4 होता ह एक-एक कोश

वkाम म4 होता ह वहा जरा भी तनाव नह रहता और बड़ी बात 0क योगी अपनी नीद क त जागMक रहता ह

इस वध का योग करो आज रात स ह योग शM करो और 0फर सबह भी इसका योग करना एक स] ताह म4 तZ ह4

मालम होगा 0क तम वध स पPरचत हो गए हो एक स] ताह क बाद अपन अतीत पर योग करो बीच म4 एक Vदन क छी

रख सकत हो 0कसी एकात 9 थान म4 चल जाओ अf छा हो 0क उपवास कराmdashउपवास और मौन एकात सम तट पर या

0कसी झाड़ क नीच लट रहो वहा स उसी Bबद स अपन अतीत म4 वश करो अगर तम सम तट पर लट हो तो रत को

अनभव करो धप को अनभव करो और तब पीछ क और सरको और सरकत चल जाओ अतीत म4 गहर उतरत चल जाओ

दखो 0क कौन सी आlखर बात समरण आती ह

तZ ह4 आR चय होगा 0क सामानयत तम बहत कछ समरण नह कर सकत हो सामानयत अपनी चार या पाच वष क उ क

आग नह जा सकोग िजनक याददाशत बहत अf छU ह व तीन वष क सीमा तक जा सकत ह उसक बाद अचानक एक

अवरोध मलगा िजसक आग सब कछ अधरा मलगा ल0कन अगर तम इस वध का योग करत रह तो धीर-धीर यह

अवरोध टट जाएगा तम अपन जनम क थम Vदन को भी याद कर पाओग

और वह एक बड़ा रह9योCघाटन होगा तब धप बाल और सागर तट पर लौटकर तम एक दसर ह आदमी होग4

यVद तम kम करो तो तम गभ तक जा सकत हो तZ हार पास मा क पट क 9 मतया ह मा क साथ नौ महन होन क बात4

भी तZ ह4 याद ह तZ हार मन म4 उन नौ महन- क कथा भी लखी ह जब तZ हार मा दःखी हई थी तो तमन उसको भी मन म4

लख लया था + य-0क मा क दःखी होन स तम भी दःखी हय थ तम अपनी मा क साथ इतन जड थ सयकत थ 0क जो

कछ तZ हार मा को होता था वह तZ ह4 भी होता था जब वह 2ोध करती थी तो तम भी 2ोध करत थ जब वह खश थी तो

तम भी खश थ जब कोई उसक शसा करता था तो तम भी शसत होत थ और जब वह बीमार होती थी तो उसक पीड़ा

स तम भी पीWडत होत थ

यVद तम गभ क 9 मत म4 वश कर सको तो समझो 0क मल गई और जब तम और गहर उतर सकत हो तब तम उस

Qण को भी याद कर सकत हो जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था इसी जात समरण क कारण महावीर और ब कह

सक 0क पवजनम ह और पनजनम काई सात नह ह वह एक गहन अनभव ह

और अगर तम उस Qण क 9 मत को पकड़ सको जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था तो तम उसस भी आग जा सकत

हो तम अपन पव जीवन क मlt य को भी याद कर सकत हो और एक बार तमन उस Bबद को छ लया तो समझो 0क वध

तZ हार हाथ लग गई तब तम आसानी स अपन सभी पव जG म- म4 गत कर सकत हो

यह एक अनभव ह और इसक पPरणाम आR चयजनक ह जब तZ ह4 पता चलता ह 0क तम जG म- ndashजG म- स उसी gt यथता

को जी रह हो जो अभी तZ हार जीवन म4 ह एक ह मढ़ता को तम जG म--जG म- म4 दहरात रह हो भीतर ढग ढाचा वह ह

सफ ऊपर-ऊपर थोड़ा फक ह अभी तम इस 9 ी क म म4 हो कल 0कसी अनय 9 ी क म म_ थ कल तमन धन बटोरा था

आज भी धन बटोर रह हो फक इतना ह 0क कल क स+ क और थ आज क स+ क और ह ल0कन सारा ढाचा वह ह जो

पनरावltत होता रहा ह

और एक बार तम दख लो 0क जG म-ndashजG म- स एक ह तरह क मढ़ता एक द9च2 क भात घमती रह ह तो अचानक तम

जाग जाओग और तZ हारा परा अतीत 9 वपन स ` यादा नह रहगा तब वतमान सVहत सब कछ 9 वपन जसा लगगा तब

तम उसस सवथा टट जाओग और अब नह चाहोग 0क भवषय म4 0फर स मढ़ता दोहर तब वासना समापत हो जाएगी

+ य-0क वासना भवषय म4 अतीत का Qपण ह उसस अधक कछ नह ह तZ हारा अतीत का अनभव भवषय म4 दहराना

चाहता ह वह तZ हार कामना ह चाह ह

परान अनभव को 0फर स भोगन क चाह 0क कामना ह ओर जब तक तम इस पर 02या क त होश पण नह होत हो तब

तक वासना स मकत नह हो सकत कस हो सकत हो तZ हारा समसत अतीत एक अवरोध बनकर खड़ा ह चान क तरह

तZ हार सर पर सवार ह और वह तZ ह4 तZ हार भवषय क और धका रहा ह अतीत कामना को जनम दकर उस भवषय म4

Qपत करता ह

अगर तम अपन अतीत को 9 वपन क तरह जान जाओ तो सभी कामनाए बाझ हा जाएगी और कामनाओ क गरत ह

भवषय समापत हो जाता ह और इस अतीत और भवषय क समाि] त क साथ तम MपातPरत हो जात हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

त-सmdashवध-23 (ओशो) क0 =1त होन क ` यारहवी वध

6कसी वषय को अनभव करो वान भरव त-शव (ओशो)

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करो

6फर वषय-भाव और अनपिJ थ9त भाव को भी छोड़कर आP मोपलबध होओlsquorsquo

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोlsquorsquo

कोई भी वषय उदाहरण क लए एक गलाब का फल हmdashकोई भी चीज चलगी

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोhelliprsquorsquo

दखन स काम नह चलगा अनभव करना ह तम गलाब क फल को दखत हो ल0कन उसस तZ हारा दय आदोलत नह

होता ह तब तम गलाब को अनभव नह करत हो अG यथा तम रोत और चीखत अG यथा तम हसत और नाचत तम गलाब

को महसस नह कर रह हो तम सफ गलाब को दख रह हो

और तZ हारा दखना भी परा नह ह अधरा ह तम कभी 0कसी चीज को परा नह दखत अतीत हमशा बीच म4 आता ह गलाब

को दखत ह अतीत-9 मत कहती ह 0क यह गलाब ह और यह कहकर तम आग बढ़ जात हो ल0कन तब तमन सच म4

गलाब को नह दखा जब मन कहता ह 0क यह गलाब ह तो उसका अथ हआ 0क तम इसक बार म4 सब कछ जानत हो

+ य-0क तमन बहत गलाब दख ह मन कहता ह 0क अब और + या जानना ह आग बढ़ो और आग बढ़ जात हो

यह दखना अधरा ह यह दखना-दखना नह ह गलाब क फल क साथ रहो उस दखो और 0फर उस महसस करो उस

अनभव करो अनभव करन क लए + या करना ह उस 9 पश करो उस सघो उस गहरा शारPरक अनभव बनन दो पहल

अपनी आख- को बद करो और गलाब को अपन पर चहर को छन दो इस 9 पश को महसस करो 0फर गलाब को आख स

9 पश करो 0फर गलाब को नाक स सधो 0फर गलाब क पास दय को ल जाओ और उसक साथ मौन हो जाओ गलाब को

अपना भाव अपत करो सब कछ भल जाओ सार दनया को भल जाओ गलाब क साथ समत रहो

lsquorsquoअपन सामन 0कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय- क अनपि9 थत को अनभव करो

यVद तZ हारा मन अनय चीज- क सबध म4 सोच रहा ह तो गलाब का अनभव गहरा नह जाएगा सभी अनय गलाब- को भल

जाओ सभी अनय लोग- को भल जाओ सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब हो यह गलाब

सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब को तZ ह4 आf छाVदत कर लन दो समझो 0क तम इस

गलाब म4 डब गय हो

यह कVठन होगा + य-0क हम इतन सवदनशील नह ह ल0कन ि9 य- क लए यह उतना कVठन नह होगा + य-0क व 0कसी

चीज को आसानी स महसस करती ह पMष- क लए यह ` यादा कVठन होगा हा अगर उनका सqदय बोध वकसत हो

कव चकार या सगीतकार का सqदय बोध वकसत होता ह तो बात और ह तब व भी अनभव कर सकत ह ल0कन

इसका योग करो

बf च यह योग बहत सरलता स कर सकत ह म_ अपन एक म क बट को यह योग सखाता था यह 0कसी चीज को

आसानी स अनभव करता था 0फर म_न उस गलाब का फल Vदया और उसस यह सब कहा जो तZ ह4 अब कह रहा ह उसन

यह 0कया और कहा 0क म_ गलाब का फल बन गया ह मरा भाव यह ह 0क म_ ह गलाब का फल ह

बf च इस वध को बहत आसानी स कर सकत ह ल0कन हम उG ह4 इसम4 शmQत नह करत शmQत 0कया जाए तो

बf च सवkषठ L यानी हो सकत ह

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करोlsquorsquo

म म4 यह घVटत होता ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम सार ससार को भल जात हो और अगर अभी भी ससार तZ ह4

याद ह तो भल भात समझो 0क यह म नह ह म म4 तम ससार को भल जात हो सफ मका या मी याद रहता ह

इसलए म_ कहता ह 0क म L यान ह तम इस वध को म-वध क Mप म4 भी उपयोग कर सकत हो अब अनय सब कछ

भल जाओ

कछ Vदन हए एक म अपनी पlt नी क साथ मर पास आए पlt नी को पत स कोई शकायत थी इसलए पlt नी आई थी

म न कहा 0क म_ एक वष स L यान कर रहा ह और लगती ह यह आवाज मर L यान म4 सहयोगी ह ल0कन अब एक

आR चय क घटना घटती ह जब म_ अपनी पlt नी क साथ सभोग करता ह और सभोग शखर छन लगता ह तब भी मर मह स

रजनीश-रजनीश क आवाज नकलन लगती ह और इस कारण मर पlt नी को बहत अड़चन होती ह वह अकसर पछती ह

0क तम म करत हो या L यान करत हो या + या करत हो और य रजनीश बीच म4 कस आ जात ह

उस म न कहा 0क मिR कल यह ह 0क अगर म_ रजनीश-रजनीश न चY लाउ तो सभोग का शखर चक जाता ह और

चY लाउ तो पlt नी पीWडत होती ह सह रोन चY लान लगती ह और मसीबत खड़ी कर दती ह तो उG ह-न मर सलाह पछU

और कहा 0क पlt नी को साथ लान का यह कारण ह

उनक पlt नी क शकायत दMसत ह + य-0क वह कस मान सकती ह 0क कोई दसरा gt यि+ त उनक बीच म4 आय यह कारण

ह 0क म क लए एकात जMर ह बहत जMर ह सब कछ को भलन क लए एकात अथपण ह

अभी यरोप और अमPरका म4 व समह सभोग का योग कर रह हmdashएक कमर म4 अनक जोड़ सभोग म4 उतरत ह यह मढ़ता

ह अlt यतक मढ़ता ह + य-0क समह म4 सभोग क गहराई नह छई जा सकती ह वह सफ काम 2ड़ा बन कर रह जाएगी

दसर- क उपि9 थत बाधा बन जाती ह तब इस सभोग को L यान भी नह बनाया जा सकता ह

अगर तम शष ससार को भल सको तो ह तम 0कसी वषय क म म4 हो सकत हो चाह वह गलाब का फल हो या पतथर हो

या कोई भी चीज हो शत यह ह 0क उस चीज क उपि9 थत महसस करो और अनय चीज- क अनपि9 थत महसस करो

कवल वह वषय व9 त तZ हार चतना म4 अि9 ततवगत Mप स रह

अf छा हो 0क इस वध क योग क लए कोई ऐसी चीज चनो जो तZ ह4 ीतकर हो अपन सामन एक चान रखकर शष

ससार को भलना कVठन होगा यह कVठन होगा ल0कन झन सदगओ न यह भी 0कया ह उG ह-न L यान क लए रॉक गाडन

बना रखा ह वहा पड़-पौध या फल नह होत पतथर और बाल होत ह और व पतथर पर L यान करत ह

व कहत ह 0क अगर 0कसी पतथर क त तZ हारा गहन म हो तो कोई भी आदमी तZ हार लए बाधा नह हो सकता और

मनषय चान जस ह तो ह अगर तम चान को म कर सकत हो तो मनषय को म करन म4 + या कVठनाई तब कोई

अड़चन नह ह मनषय चान जस ह उसस भी ` यादा पथरल उG ह4 तोड़ना उनम4 वश करना अत कVठन ह

ल0कन अf छा हो 0क कोई ऐसी चीज चनो िजसक त तZ हारा सहज म हो और तब शष ससार को भल जाओ उसक

उपि9 थत का मजा लो उसका 9 वाद लो आनद लो उस व9 त म4 गहर उतरो और उस व9 त को अपन म4 गहरा उतरन दो

lsquorsquo6फर वषय भाव को छोड़करhelliphelliplsquorsquo

अब इस वध का कVठन अश आता ह तमन पहल ह सब वषय छोड़ Vदए ह सफ यह एक वषय तZ हार लए रहा ह

सबको भलकर एक इस तमन याद रखा था अब lsquorsquoवषय भाव को छोड़करhelliplsquorsquo अब उस भाव को भी छोड़कर अब तो दो ह

चीज बची ह एक वषय क उपि9 थत ह और शष चीज- क अनपि9 थत ह अब उस अनपि9 थत को भी छोड़ दो कवल यह

ग लाब या कवल यह चहरा यह कवल यह 9 ी या कवल यह पMष या यह चान क उपि9 थत बची ह उस भी छोड़ दो और

उसक त जो भाव ह उस भी तम अचानक एक आlt यतक शनय म4 गर जात हो जहा कछ भी नह बचता

और शव कहत ह rsquorsquoआlt मोपलबध होओlsquorsquo इस शनय को इस ना-कछ को उपलबध हो यह तZ हारा 9 वभाव ह यह श

होना ह

शनय को सीध पहचना कVठन होगाmdashकVठन और kम-साधय इसलए 0कसी वषय को माधयम बनाकर वहा अf छा ह

पहल 0कसी वषय को अपन मन म4 ल लो और उस इस समता स अनभव करो 0क 0कसी अनय चीज को याद रखन क

जMरत न रह तZ हार समसत चतना इस एक चीज स भर जाए और तब इस वषय को भी छोड़ दो इस भी भल जाओ तब

तम 0कसी अगाध अतल म4 वOट हो जात हो जहा कछ भी नह ह वहा कवल तZ हार आlt मा ह श और नO कलष यह

श अि9 ततव यह श चतनय ह तZ हारा 9 वभाव ह

ल0कन इस वध को कई चरण- म4 बाटकर योग करो पर वध को एकबारगी काम म4 मत लाओ पहल एक वषय का

भाव नमत करो कछ Vदन तक सफ इस Vह9 स का योग करो पर वध का योग मत करो पहल कछ Vदन- तक या

कछ हpत- तक इस एक Vह9 स क पहल Vह9 स क साधना करो वषय-भाव पदा करो पहल वषय को महसस करो और

एक ह वषय चनो उस बार-बार बदल- मत + य-0क हर बदलत वषय क साथ तZ ह4 0फर-0फर उतना ह kम करना होगा

अगर तमन वषय क Mप म4 गलाब का फल चना ह तो रोज-रोज गलाब क फल का ह उपयोग करो उस गलाब क फल स

तम भर जाओ भरपर हो जाओ ऐस भर जाओ 0क एक Vदन कह सको क म_ फल ह ह तब वध का पहला Vह9 सा सध

गया परा हआ

जब फल ह रह जाए और शष सब कछ भल जाए तब इस भाव का कछ Vदन- तक आनद लो यह भाव अपन आप म4 सदर ह

बहत-बहत सदर ह यह अपन आप म4 बहत ाणवान ह शि+ तशाल ह कछ Vदन- तक यह अनभव करत रहो और जब

तम उसक साथ रच-पच जाओग लयवCध हो जाओग तो 0फर वह सरल हो जाएगा 0फर उसक लए सघष नह करना

होगा तब फल अचानक कट होता ह और समसत ससार भल जाता ह कवल फल रहता ह

इसक बाद वध क दसर भाग पर योग करो अपनी आख बद कर लो और फल को भी भल जाओ याद रह अगर तमन

पहल भाग को ठUक-ठUक साधा ह तो दसरा भाग कVठन नह होगा ल0कन यVद पर वध पर एक साथ योग करोग तो

दसरा भाग कVठन ह नह असभव होगा पहल भाग म4 अगर तमन एक फल क लए सार दनया को भला Vदया तो दसर

भाग म4 शनय क लए फल को भलाना आसानी स हो सकगा दसरा भाग आएगा ल0कन उसक लए पहल भाग पहल करना

जMर ह

ल0कन मन बहत चालाक ह मन सदा कहगा 0क पर वध को एक साथ योग करो ल0कन उसम तम सफल नह हो

सकत हो और तब मन कहगा 0क यह वध काम क नह ह या यह तZ हार लए नह ह

इसलए अगर सफल होना चाहत हो तो वध को 2म म4 योग करो पहल-पहल भाग को परा करो और तब दसर भाग को

हाथ म4 लो और तब वषय भी वलन हो जाता ह और मा तZ हार चतना रहती ह श काश श ` योत-शखा

कY पना करो 0क तZ हार पास दया ह और Vदए क रोशनी अनक चीज- पर पड़ रह ह मन क आख- स दखो 0क तZ हार

अधर कमर म4 अनक-अनक चीज4 ह और तम एक Vदया वहा लात हो और सब चीज4 काशत हो जाती ह दया उन सब

चीज- को काशत करता ह िजG ह4 तम वहा दखत हो

ल0कन अब तम उनम4 स एक वषय चन लो और उसी वषय क साथ रहो दया वह ह ल0कन अब उसक रोशनी एक ह

वषय पर पड़ती ह 0फर उस एक वषय को भी हटा दो और तब दए क लए कोई वषय नह बचा

वह बात तZ हार चतना क लए सह ह तम काश हो ` योत शखा हो और सारा ससार तZ हारा वषय ह तम सार ससार

को छोड़ दत हो और एक वषय पर अपन को एका करत हो तZ हार ` योत शखा वह रहती ह ल0कन अब वह अनक

वषय- म4 gt यसत नह ह वह एक ह वषय म4 gt यसत ह और 0फर उस एक वषय को भी छोड़ दो अचानक तब सफ काश

बचता ह चतना बचती ह वह काश 0कसी वषय को नह काशत कर रहा ह

इसी को ब न नवाण कहा ह इसी को महावीर न कवलय कहा ह परम एकात कहा ह उपनषादो न इस ह मान या

आlt मान कहा ह शव कहत ह 0क अगर तम इस वध को साध लो तो तम मान को उपलबध हो जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

  • ततर-सतरndashविधिmdash01
  • ततर-सतरmdashविधिmdash02
  • ततर-सतरmdashविधिmdash03
  • ततर-सतरmdashविधि-05
  • ततर-सतरmdashविधि-06
  • ततर-सतरmdashविधि-07
  • ततर-सतरmdashविधि-08
  • ततर-सतरmdashविधि-09
  • ततर-सतरmdashविधि-10
  • ततर-सतरmdashविधि-11
  • ततर-सतरmdashविधि-12
  • ततर-सतरmdashविधि-13
  • ततर-सतरmdashविधि-14
  • ततर-सतरmdashविधि-15 ओशो
  • ततर-सतरmdashविधि-16 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-17 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-18 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-19 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-20 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-21( ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-22 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-23 (ओशो)
Page 5: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह

आरभ क नौ वधया R वास-02या स सबध रखती ह इसलए पहल हम R वास-02या क सबध म4 थोड़ा समझ ल4 और

वधय- म4 वश कर4ग

हम जनम स मlt य क Qण तक नरतर R वास लत रहत ह इन दो Bबदओ क बीच सब कछ बदल जाता ह सब चीज बदल

जाती ह कछ भी बदल Bबना नह रहता ल0कन जनम और मlt य क बीच R वास 02या अचल रहती ह बf चा जवान होगा

जवान बढ़ा होगा वह बीमार होगा उसका शरर Mगण और कMप होगा सब कछ बदल जायगा वह सखी होगा दःखी

होगा पीड़ा म4 होगा सब कछ बदलता रहगा ल0कन इन दो Bबदओ क बीच आदमी R वास भर सतत लता रहगा

R वास 02या एक सतत वाह ह उसम4 अतराल सभव नह ह अगर तम एक Qण क लए भी R वास लना भल जाओ तो तम

समापत हो जाओग यह कारण ह 0क R वास लन का िजZ मा तZ हार नह ह नह तो मिR कल हो जायगी कोई भल जाय

R वास लना तो 0फर कछ भी नह 0कया जा सकता

इसलए यथाथ म4 तम R वास नह लत हो + य-0क उसम तZ हार जMरत नह ह तम गहर नीद म4 हो और R वास चलती

रहती ह तम गहर मf छा म4 हो और R वास चलती रहती ह R वासन तZ हार gt यि+ ततव का एक अचल ततव ह

दसर बात यह जीवन क अlt यत आवशयक और आधारभत ह इस लए जीवन और R वास पयायवाची हो गय इस लए

भारत म4 उस ाण कहत ह R वास और जीवन को हमन एक शबद Vदया ाण का अथ ह जीवन शि+ त जीवतता तZ हारा

जीवन तZ हार R वास ह

तीसर बात R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच एक सत ह सतत R वास तZ ह4 तZ हार शरर स जोड़ रह ह सबधत कर

रह ह और R वास न सफ तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह वह तZ हार और वशव क बीच भी सत ह तZ हारा शरर

वशव का अग ह शरर क हरक चीज हरक कण हरक कोश वशव का अश ह यह वशव क साथ नकटतम सबध ह और

R वास सत ह और अगर सत टट जाय तो तम शरर म4 नह रह सकत तम 0कसी अात आयाम म4 चल जाओग इस लए

R वास तZ हार और दश काल क बीच सत हो जाती ह

R वास क दो Bबद ह दो छोर ह एक छोर ह जहा वह शरर और वशव को छती ह और दसरा वह छोर ह जहा वह वR वातीत

को छती ह और हम R वास क एक ह Vह9 स स पPरचत ह जब वह वशव म4 शरर म4 गत करती ह ल0कन वह सदा ह

शरर स अशरर म4 गत करती ह अगर तम दसर Bबद को जो सत ह धi ह जान जाओ तम एकाएक MपातPरत होकर एक

दसर ह आयाम म4 वश कर जाओग

ल0कन याद रखो शव जो कहत ह वह योग नह ह वह त ह योग भी R वास पर काम करता ह ल0कन योग और त क

काम म4 बनयाद फक ह योग R वास-02या को gt यवि9 थत करन क चO टा करता ह अगर तम अपनी R वास को gt यव9 था दो

तो तZ हारा 9 वासथ सधर जायगा इसक रह9 य- को समझो तो तZ ह4 9 वासथ और दघ जीवन मलगा तम ` यादा बल

` यादा ओज9 वी ` यादा जीवत ` यादा ताजा हो जाओग

ल0कन त का इसस कछ लना दना नह ह त 9 वास क gt यव9 था क चता नह करता भीतर क और मड़न क लए वह

R वास 02या का उपयोग भर करता ह त म4 साधक को 0कसी वशष ढग क R वास का अ यास नह करना चाVहए कोई

वशष ाणायाम नह साधना ह ाण को लयव नह बनाना ह बस उसक कछ वशष Bबदओ क त बोधपण होना ह

R वास शवास क कछ Bबद ह िजG ह4 हम नह जानत हम सदा R वास लत ह R वास क साथ जG मत ह R वास क साथ मरत

ह ल0कन उसक कछ महतव पण Bबदओ को बोध नह ह और यह हरानी क बात ह मनषय अतPरQ क गहराइय- म4 उतर

रहा ह खोज रहा ह वह चाद पर पहच गया ह ल0कन वह अपन जीवन क इस नकटतम वद को समझ नह सका R वास क

welcome
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कछ Bबद ह िजस तमन कभी दखा नह ह व Bबद Cवार ह तZ हार नकटतम Cवार ह िजनस होकर तम एक दसर ह ससार

म4 एक दसर ह अि9 ततव म4 एक दसर ह चतना म4 वश कर सकत हो

ल0कन वह Bबद बहत सQम ह जो चीज िजतनी नकट हो उतनी ह कVठन मालम पड़गी Rवास तZ हार इतना करब ह 0क

उसक बीच 9 थान ह नह बना रहता या इतना अलप 9 थान ह 0क उस दखन क लए बहत सQम aिO ट चाVहए तभी तम

उन Bबदओ क त बोध पण हो सकत हो य Bबद इन वधय- क आधार ह

शव उततर म4 कहत हmdashह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह R वास क भीतर आन क पR चात और बाहर

लौटन क ठUक पवmdashkयस ह कY याण ह

यह वध ह ह दवी यह अनभव दो R वास- क बीच घVटत हो सकता ह जब R वास भीतर अथवा नीच को आती ह उसक बाद

0फर R वास क लौटन क ठUक पवmdashkयस ह इन दो Bबदओ क बीच होश पण होन स घटना घटती ह

जब तZ हार R वास भीतर आय तो उसका नरQण करो उसक 0फर बाहर या ऊपर क लए मड़न क पहल एक Qण क लए

या Qण क हज़ारव4 भाग क लए R वास बद हो जाती ह R वास भीतर आती ह और वहा एक Bबद ह जहा वह ठहर जाती ह

0फर R वास बाहर जाती ह और जब R वास बाहर जाती ह तो वहा एक Bबद पर ठहर जाती ह और 0फर वह भीतर क लौटती

R वास क भीतर या बाहर क लए मड़न क पहल एक Qण ह जब तम R वास नह लत हो उसी Qण म4 घटना घटनी सभव ह

+ य-0क जब तम R वास नह लत हो तो तम ससार म4 नह होत हो समझ लो 0क जब तम R वास नह लत हो तब तम मत हो

तम तो हो ल0कन मत ल0कन यह Qण इतना छोटा ह 0क तम उस कभी दख नह पात

त क लए lt यक बVहगामी R वास मlt य ह और lt यक नई 9 वास पनजनम ह भीतर आन वाल R वास पनजनम ह बाहर

जान वाल R वास मlt य ह बाहर जान वाल R वास मlt य का पयाय ह अदर जान वाल R वास जीवन का इसलए lt यक

R वास क साथ तम मरत हो और lt यक R वास क साथ तम जनम लत हो दोन- क बीच का अतराल बहत Qlणक ह ल0कन

पनी aिO ट श नरQण और अवधान स उस अनभव 0कया जा सकता ह और यVद तम उस अतराल को अनभव कर सको

तो शव कहत ह 0क kयस उपलबध ह तब और 0कसी चीज क जMरत नह ह तब तम आ] तकाम हो गए तमन जान

लया घटना घट गई

R वास को शmQत नह करना वह जसी ह उस वसी ह बनी रहन दना 0फर इतनी सरल वध + य- सतय को जानन को

ऐसी सरल वध सतय को जानना उसको जानना ह िजसका न जनम ह न मरण तम बहार जाती R वास को जान सकत

हो तम भीतर जाती R वास को जान सकत हो ल0कन तम दोन- क अतराल को कभी नह जानत

योग करो और तम उस Bबद को पा लोग उस अवशय पा सकत हो वह ह तZ ह4 या तZ हार सरचना म4 कछ जोड़ना नह ह

वह ह ह सब कछ ह सफ बोध नह ह कस योग करो पहल भीतर आन वाल R वास क त होश पण बनो उस दखो

सब कछ भल जाओ और आन वाल R वास को उसक याा पथ को दखो जब R वास नासापट- को 9 पश कर तो उसको

महसस करो R वास को गत करन दो और पर सजगता स उसक साथ याा करो R वास क साथ ठUक कदम स कदम

मलाकर नीच उतरो न आग जाओ और न पीछ पड़ो उसका साथ न छट Bबलकल साथ-साथ चलो

समरण रह न आग जाना ह और न छाया क तरह पीछ चलना ह समातर चलो यगपत R वास और सजगता को एक हो

जान दो R वास नीच जाती ह तो तम भी नीच जाओ और तभी उस Bबद को पा सकत हो जो दो R वास- क बीच म4 ह यह

आसान नह ह R वास क साथ अदर जाओ R वास क साथ बाहर आओ

ब न इसी वध का योग वशष Mप स 0कया इसलए यह बौ वध बन गई बौ शc दावल म4 इस अनापानसत योग

कहत ह और 9 वय ब क आlt मोपलिc ध इस वध पर ह आधाPरत थी ससार क सभी धम ससार क सभी O टा 0कसी न

0कसी वध क जPरए मिजल पर पहच ह और वह सब वधया इन एक सौ बारह वधय- म4 सिZ मलत ह यह पहल वध

बौ वध ह दनया इस बौ वध क Mप म4 जानती ह + य-0क ब इसक Cवारा ह नवाण को उपलबध हए थ

ब न कहा ह अपनी R वास-R वास क त सजग रहो अदर जाती बहार आती R वास क त होश पण हो जाओ ब

अतराल क चचा नह करत + य-0क उसक जMरत ह नह ह ब न सोचा और समझा 0क अगर तम अतराल क दो R वास-

क बीच क वराम क 0फ2 करन लग तो उसस तZ हार सजगता खWडत होगी इसलए उG ह-न सफ यह कहा 0क होश रखो

जब R वास भीतर आए तो तम भी उसक साथ भीतर जाओ और जब R वास बहार आय तो तम उसक साथ बहार आओ वध

क दसर Vह9 स क सबध म4 ब कछ नह कहत

इसका कारण ह कारण यह ह 0क ब बहत साधारण लोग- स सीध-साद लोग- स बोल रह थ व उनस अतराल क बात

करत तो उसस लोग- म4 अतराल को पान क एक अलग कामना नमत हो जाती और यह अतराल को पान क कामना बोध

म4 बाधा बन जाती + य-0क अगर तम अतराल को पाना चाहत हो तो तम आग बढ़ जाओग R वास भीतर आती रहगी और

तम उसक आग नकल जाओग + य-0क तZ हार aिO ट अतराल पर ह जो भवषय म4 ह ब कभी इसक चचा नह करत

इसीलए ब क वध आधी ह

ल0कन दसरा Vह9 सा अपन आप ह चला आता ह अगर तम R वास क त सजगता का बोध का अ यास करत गए तो एक

Vदन अनजान ह तम अतराल को पा जाओग + य-0क जस-जस तZ हारा बोध तीi गहरा और सघन होगा जस-जस तZ हारा

बोध 9 पषट आकार लगा जब सारा ससार भल जाएगा बस R वास का आना जाना ह एकमा बोध रह जाएगाmdashतब

अचानक तम उस अतराल को अनभव करोग िजसम4 R वास नह ह

अगर तम सn मता स R वास-शवास क साथ याा कर रह हो तो उस ि9 थत क त अबोध कस रह सकत हो जहा 9 वास

नह ह वह Qण आ ह जाएगा जब तम महसस करोग 0क अब R वास न जाती ह न आती ह R वास 02या Bबलकल ठहर गई

ह और उसी ठहराव म4 kयस का वास ह

यह एक वध लाख--करोड़- लोग- क लए पयापत ह सVदय- तक समचा एशया इस एक वध क साथ जीया और उसका

योग करता रहा तबबत चीन जापन बमा R याम kीलका भारत को छोड़कर समसत एशया सVदय- तक इस एक

वध का उपयोग करता रहा और इस एक वध क Cवारा हजार--हजार- वयि+ त ान को उपलबध हए और यह पहल ह

वध ह दभागय क बात 0क च0क यह वध ब क नाम स सब हो गई इसलए Vहद इस वध स बचन क चO टा म4 लग

रह + य-0क यह बौ वध क तरह बहत स हई Vहद इस Bबलकल भल गय इतना ह नह उG ह-न और एक कारण स

इसक अवहलना क + य-0क शव न सबस पहल इस वध का उY लख 0कया अनक बौ- न इस वान भरव त क बौ

थ होन का दावा 0कया व इस Vहद थ नह मानत

यह न Vहद ह और न बौ और वध मा वध ह ब न इसका उपयोग 0कया ल0कन यह उपयोग क लए मौजद ह थी

और इस वध क चलत ब-ब हए वध तो ब स भी पहल थी वह मौजद ह थी इसको योग म4 लाओ यह सरलतम

वधय- म4 स हmdashअनय वधय- क तलना म4 म_ यह नह कहता 0क यह वध तZ हार लए सरल ह अनय वधया अधक

कVठन ह-गी यह कारण ह 0क पहल वध क तरह इसका उY लख हआ ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचनmdash2

त-सmdashवधmdash02

जब वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 6फर जब वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन दो मोड़2 क Gवारा

उपलबध हो

वान भरव त त-सmdashवधmdash02 ( ओशो)

थोड़ फक क साथ यह वह वध ह और अब अतराल पर न होकर मोड़ पर ह बाहर जान वाल और अदर जान वाल R वास

एक वतल बनाती ह याद रह व समातर रखाओ क तरह नह ह हम सदा सोचत ह 0क आन वाल R वास और जान वाल

R वास दो समातर रखाओ क तरह ह मगर व ऐसी ह नह भीतर आन वाल R वास आधा वतल बनाती ह और शष आधा

वतल बाहर जान वाल R वास बनाती ह

इसलए पहल यह समझ लो 0क R वास और R वास मलकर एक वतल बनाती ह और व समातर रखाए नह ह + य-0क

समातर रखाए कह नह मलती ह दसर यह 0क आन वाल और जान वाल R वास दो नह ह व एक ह वह R वास भीतर

आती ह बहार भी जाती ह इसलए भीतर उसका कोई मोड़ अवशय होगा वह कह जMर मड़ती होगी कोई Bबद होगा जहा

आन वाल R वास जान वाल R वास बन जाती होगी

ल0कन मोड़ पर इतना जोर कय- ह

+ य-0क शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती हmdashइन

दो मोड़- क Cवारा उपलबध होlsquorsquo

बहत सरल ह ल0कन शव कहत ह 0क मोड़- को ापत कर लो और आlt मा को उपलबध हो जाओग ल0कन मोड़ + य-

अगर तम कार चलाना जानत हो तो तZ ह4 गयर का पता होगा हर गयर बदलत हो तो तZ ह4 G यoल गयर स गजरना पड़ता

ह जो 0क गयर Bबलकल नह ह तम पहल गयर स दसर गयर म4 जात हो और दसर स तीसर गयर म4 ल0कन सदा तZ ह4

G यoल गयर स होकर जाना पड़ता ह वह G यoल गयर घमाव का Bबद ह मोड़ ह उस मोड़ पर पहला गयर दसरा गयर

बन जाता ह और दसरा तीसर बन जाता ह

वस ह जब तZ हार R वास भीतर जाती ह और घमन लगती ह तो उस वकत वह G यoल गयर म4 होती ह नह तो वह नह

धम सकती उस तटसथ Q स गजरना पड़ता ह

उस तटसथ Q म4 तम न तो शरर हो और न मन ह हो न शारPरक हो न मानसक हो + य-0क शरर तZ हार अि9 ततव का

एक गयर ह और मन उसका दसरा गयर ह तम एक गयर स दसर गयर म4 गत करत हो इस लए तZ ह4 एक G यoल

गयर क जMरत ह जो न शरर हो और न मन हो उस तटसथ Q म4 तम मा हो मा अि9 ततवndashश सरल अशरर और

मन स मकत यह कारण ह 0क घमाव Bबद पर मोड़ पर इतना जोर ह

मनषय एक य हmdashबड़ा और बहत जVटल य तZ हार शरर और मन म4 भी अनक गयर ह तZ ह4 उस महान य रचना का

बोध नह ह ल0कन तम एक महान य हो और अf छा ह 0क तZ ह4 उसका बोध नह ह अG यथा तम पागल हो जाओग

शरर ऐसा वशाल य ह 0क वानक कहत ह अगर हम4 शरर क समातर एक कारखाना नमत करना पड़ तो उस चार वग

मल जमीन क जMरत होगी और उसका शोरगल इतना भार होगा 0क उसस सौ वग मील भम भावत होगी

शरर एक वशाल याBक रचना हmdashवशालतम उसम लाख--लाख- कोशकाए ह और lt यक कोशका जीवत ह तम सात

करोड़ कोशकाओ क एक वशाल नगर म4 हो तZ हार भी तर सात करोड़ नागPरक बसत ह और सारा नगर बहत शात और

gt यव9 था स चल रहा ह तQण य-रचना काम कर रह ह और वह बहत जVटल ह

कई 9 थल- पर इन वधय- का तZ हार शरर और मन क एक य-रचना क साथ वा9 ता पड़गा ल0कन याद रखो 0क सदा ह

जोर उन Bबदओ पर रहगा जहा तम अचानक य-रचना क अग नह रह जात हो जब एकाएक तम य रचना क अग नह रह

तो य ह Qण ह जब तम गयर बदलत हो

उदाहरण क लए रात जब तम नीद म4 उतरत हो तो तZ ह4 गयर बदलना पड़ता ह कारण यह ह 0क Vदन म4 जागी हई चतना

क लए दसर ढग क य रचना क जMरत रहती ह तब मन का भी एक दसरा भाग काम करता ह और जब तम नीद म4

उतरत हो तो वह भाग निO 2य हो जाता ह और अनय भाग स02य होता ह उस Qण वहा एक अतराल एक मोड़ आता ह

एक गयर बदला 0फर सबह जब तम जागत हो तो गयर बदलता ह

तम चपचाप बठ हो और अचानक कोई कछ कह दता ह और तम 2 हो जात हो तब तम भनन गयर म4 चल गए यह

कारण ह 0क सब कछ बदल जाता ह तम 2ोध म4 हए R वास 02या बदल जायगी वह अ9तgtयसत हो जायगी तZ हार R वास

02या म4 कपन आ जाएगा 0कसी चीज को चर-चर कर दना चाहगा ता0क यह घटन जाए तZ हार R वास 02या बदल

जाएगी तZ हार खन क लय दसर होगी शरर म4 और ह तरह का रस वय स02य होगा पर थ gt यव9 था ह बदल

जाएगी 2ोध म4 तम दसर ह आदमी हो जात हो

एक कार खड़ी ह तम उस 9 टाट करो उस 0कसी गयर म4 न डालकर G यoल गयर म4 छोड़ दो गाड़ी Vहलगी कापगी ल0कन

चलगी नह वह गरम हो जाएगी इसी तरह 2ोध म4 नह कछ कर पान क कारण तम गरम हो जात हो य रचना तो कछ

करन क लए स02य ह और तम उस कछ करन नह दत तो उसका गरम हो जाना 9 वाभावक ह तम एक य-रचना हो

ल0कन मा य-रचना नह हो उसस कछ अधक हो उस अधक को खोजना ह जब तम गयर बदलत हो तो भीतर सब

कछ बदल जाता ह जब तम गयर बदलत हो तो एक मोड़ आता ह

शव कहत ह lsquorsquoजब R वास नीच स ऊपर क और मड़ती ह और 0फर जब R वास ऊपर स नीच क और मड़ती ह इन दो मोड़- क

Cवारा उपलबध हो जाओlsquorsquo

मोड़ पर सावधान हो जाओ सजग हो जाओ ल0कन यह मोड़ बहत सQम ह और उसक लए बहत सQम नरQण क

जMरत पड़गी हमार नरQण क Qमता नह क बराबर ह हम कछ दख ह नह सकत अगर म_ तZ ह4 कह 0क इस फल को

दखोmdashइस फल को जो तZ ह4 म_ दता ह तो तम उस नह दख पाओग एक Qण को तम उस दखोग4 और 0फर 0कसी और चीज

क सबध म4 सोचन लगोग वह सोचना फल क वषय म4 हो सकता ह ल0कन वह फल नह हो सकता तम फल क बार म4

सोच सकत हो 0क दखो वह 0कतना सदर ह ल0कन तब तम फल स दर हट गए अब फल तZ हार नरQण Q म4 नह

रहा Q बदल गया तम कहोग 0क यह लाल ह नीला ह ल0कन तम उस फल स दर चल गए

नरQण का अथ होता ह 0कसी शबद या शािc दकता क साथ भीतर क बदलाहट क साथ न रहकर मा फल क साथ रहना

अगर तम फल क साथ ऐस तीन मनट रह जाओ िजसम मन कोई गत न कर तो kयस घट जाएगा तम उपलबध हो

जाओग

ल0कन हम नरQण Bबलकल नह जानत ह हम सावधान नह ह सतक नह ह हम 0कसी भी चीज को अपना अवधान नह

द पात ह हम ता यहा-वहा उछलत रहत ह वह हमार वशगत वरासत ह बदर-वश क वरासत बदर क मन स ह मनषय

का मन वकसत हआ ह बदर शात नह बठ सकता इसीलए ब Bबना हलन-चलन क बठन पर मा बठन पर इतना जौर

दत ह + य-0क तब बदर-मन का अपनी राह चलना बद हो जाता ह

जापान म4 एक खास तरह का L यान चलता ह िजस व झा झन कहत ह झा झन शबद का जापानी म4 अथ होता ह मातर

बठना और कछ भी नह करना कछ भी हलचल नह करनी ह मत क तरह वष[ बठ रहना हmdashमतवत अचल ल0कन मत

क तरह वष[ बठन क जMरत + या ह अगर तम अपन R वास क घमाव को अचल मन स दख सको तो तम वश पा

जाओग तम 9 वय म4 वश पा जाओग अतर क भी पार वश पा जाओग ल0कन य मोड़ इतन महlt वपण + य- ह

व महlt वपण ह + य-0क मोड़ पर दसर Vदशा म4 घमन क लए R वास तZ ह4 छोड़ दती ह जब वह भीतर आ रह थी तो तZ हार

साथ थी 0फर जब वह बाहर जाएगी तो तZ हार साथ होगा ल0कन घमाव-Bबद पर न वह तZ हार साथ ह और न तम उसक

साथ हो उस Qण म4 R वास तमस भनन ह और तम उसस भनन हो अगर R वास 02या ह जीवन ह तो तब तम मत हो

अगर R वास-02या तZ हारा मन ह तो उस Qण तम अ-मन हो

तZ ह4 पता हो या न हो अगर तम अपनी R वास को ठहरा दो तो मन अचानक ठहर जाता ह अगर तम अपनी R वास को ठहरा

दो तो तZ हारा मन अभी और अचानक ठहर जाएगा मन चल नह सकता R वास का अचानक ठहरना मन को ठहरा दता ह

+ य- + य-0क व पथक हो जात ह कवल चलती हई R वास मन स शरर स जड़ी होती ह अचल R वास अलग हो जाती ह और

जब तम G यoल गयर म4 होत हो

कार चाल ह ऊजा भाग रह ह कार शोर मचा रह ह वह आग जान को तयार ह ल0कन वह गयर म4 ह नह ह इसलए

कार का शरर और कार का य-रचना दोन- अलग-अलग ह कार दो Vह9 स- म4 बट ह वह चलन को तयार ह ल0कन गत

का य उसस अलग ह

वह बात तब होती ह जब R वास मोड़ लती ह उस समय तम उस नह जड़ हो और उस Qण तम आसानी स जान सकत हो

0क म_ कौन ह यह होना + या ह उस समय तम जान सकत हो 0क शरर Mपी घर क भीतर कौन ह इस घर का 9 वामी कौन

ह म_ मा घर ह या वहा कोई 9 वामी भी ह म_ मा य रचना ह या उसक पर भी कछ ह और शव कहत ह 0क उस घमाव

Bबद पर उपलबध हो व कहत ह उस मोड़ क त बोधपण हो जाओ और तम आlt मोपलबध हो

ओशो

वान भरव त

)वचन-2( त-सmdashभाग-1)

त-सmdashवधmdash03

या जब कभी अत वास और ब=ह वास एक दसर म0 वलन होती ह उस Iण म0 ऊजार=हत ऊजाप(रत क0 1 को J पश करो

वान भरव तndashधयान वधndash03ndashओशो

हम क4 और पPरध म4 वभािजत ह शरर पPरध ह हम शरर को पPरध को जानत ह ल0कन हम यह नह जानत 0क

कहा क4 ह जब बVहR वास अतR वास म4 वलन होती ह जब व एक हो जाती ह जब तम यह नह कह सकत 0क यह

अतRवास ह 0क बVहR वास जब यह बताना कVठन हो 0क R वास भीतर जा रह ह 0क बाहर जा रह ह जब R वास भी तर वश

0क बाहर क तरफ मड़न लगती ह तभी वलय का Qण ह तब R वास जाती ह और न भीतर आती ह R वास गतहन ह जब

वह बहार जाती ह गतमान ह जब वह भीतर आती ह गतमान ह और जब वह दोन- म4 कछ भी नह करती ह तब वह

मौन ह अचल ह और तब तम क4 क नकट हो आन वाल और जान वाल R वास- का यह वलय वद तZ हारा क4 ह

इस इस तरह दखो जब R वास भीतर जाती ह तो कहा जाती ह वह तZ हार क4 को जाती ह और जब वह बाहर जाती ह तो

कहा जाती ह क4 स बाहर जाती ह इसी क4 को 9 पश करना ह यह कारण ह 0क ताओ वाद सत और झन सत कहत ह 0क

सर तZ हारा क4 नह ह नाभ तZ हारा क4 ह R वास नाभ-क4 को जाती ह 0फर वहा स लौटती ह 0फर उसक याा करती

जसा म_न कहा R वास तZ हार और तZ हार शरर क बीच सत ह तम शरर को तो जानत हो ल0कन यह नह जानत 0क क4

कहा ह R वास नरतर क4 को जा रह ह और वहा स लौट रह ह ल0कन हम पयापत R वास नह लत ह इस कारण स

साधारण वह क4 तक नह पहच पाती ह खासकर आधनक समय म4 तो वह क4 तक नह जाती और नतीजा यह ह 0क

हरक gt यि+ त वक4 Vत अनभव करता ह अपन को क4 स f यत महसस करता ह पर आधनक ससार म4 जो लोग भी थोड़ा

सोच-वचार करत ह व महसस करत ह 0क उनका क4 खो गया ह

एक सोए हए बf च को दखो उसक R वास का नरQण करो जब उसक R वास भीतर जाती ह तो उसका पट ऊपर उठता ह

उसक छाती अभावत रहती ह यह वजह ह 0क बf च- क छाती नह होती उनक कवल पट होत ह जीवत पट R वास

R वास क साथ उनका पट ऊपर नीच होता ह उनका पट ऊपर-नीच होता ह और बf च अपन क4 पर होत ह क4 म4 होत ह

और यह कारण ह 0क बfच इतन सखी ह इतन आनदमगन ह इतनी ऊजा स भर ह 0क कभी थकत नह और ओवर

pलोइग ह व सदा वतमान Qण म4 होत ह न उनका अतीत ह न भवषय

एक बf चा 2ोध कर सकता ह जब वह 2ोध करता ह तो समता स 2ोध करता ह वह 2ोध ह हो जाता ह और तब उसका

2ोध भी 0कतना सदर लगता ह जब कोई समता स 2ोध ह हो जाता ह तो उसक 2ोध का भी अपना सqदय ह + य-0क

समता सदा सदर होती ह

तम 2ोधी और सदर नह हो सकत 2ोध म4 तम कMप लगोग + य-0क खड सदा कMप होता ह 2ोध क साथ ह ऐसा नह

ह तम म भी करत हो तो कMप लगत हो + य-0क उसम भी तम खWडत हो बट-बट हो जब तम 0कसी को म कर रह हो

जब तम सभोग म4 उतर रह हो तो अपन चहर को दखो आईन क सामन म करो और अपना चहरा दखो वह कMप और

पशवत होगा

म म4 भी तZ हारा Mप कMप हो जाता ह + य- तZ हार म म4 भी CवCव ह तम कछ बचाकर रख रह हो कछ रोक रह हो

तम बहत कजसी स द रह हो तम अपन म म4 भी सम नह हो तम समता स पर-पर द भी नह पात

और बf चा 2ोध और Vहसा स भी सम होता ह उसका मखड़ा दपत और सदर हो उठता ह वह यहा और अभी होता ह

उसक 2ोध का न 0कसी अतीत स कछ लना-दना ह और न 0कसी भवषय स वह Vहसाब नह रखता ह वह मा 2 ह

बf चा अपन क4 पर ह और जब तम क4 पर होत हो तो सदा सम होत हो तब तम तो कछ करत हो वह सम होता ह

भला या बरा वह सम होता ह और जब खWडत होत हो क4 स f यत होत हो तो तZ हारा हरक काम भी खWडत होता ह

+ य-0क उसम तZ हारा खड ह होता ह उसम तZ हारा सम सवVदत नह होता ह खड सम क lखलाफ जाता ह और वह

कMपता पदा करता ह

कभी हम सब बf चो थ + या बात ह 0क जस-जस हम बड़ होत ह हमार R वास 02या उथल हो जाती ह तब R वास पट तक

कभी नह जाती ह नाभ क4 को नह छती ह अगर वह जयादा स ` यादा नीच जाएगी तो वह कम स कम उथल रहगी

ल0कन व तो सीन को छकर लौट आती ह वह क4 तक नह जाती ह तम क4 स डरत हो + य-0क क4 पर जान स तम

सम हो जाओग अगर तम खWडत रहना चाहो तो खWडत रहन क यह 02या ह

तम म करत हो अगर तम क4 स R वास लो तो तम म म4 पर बहोग तम डर हए हो तम दसर क त 0कसी क भी त

खल होन स असरmQत और सवदनशील होन स डरत हो तम उस अपना मी कहो 0क मका कहो तम डर हए हो वह

दसरा ह और अगर तम पर तरह खल हो असरmQत हो तो तम नह जानत 0क + या होन जा रहा ह तब तम हो समता स

होmdashदसर अथ[ म4 तम पर तरह दसर म4 खो जान स डरत हो इसलए तम गहर R वास नह ल सकत तम अपनी R वास को

शथल और ढला नह कर सकत हो + य-0क वह क4 तक चल जायगी + य-0क िजस Qण R वास क4 पर पहचगी तZ हारा

कतय अधकाधक सम होन लगगा

+ य-0क तम सम होन स डरत हो तम उथल R वास लत हो तम अलपतम R वास लत हो अधकतम नह यह कारण ह

0क जीवन इतना जीवनहन लगता ह अगर तम G यनतम R वास लोग तो जीवन जीवनहन ह होगा तम जीत भी G यनतम

हो अधकतम नह तम अधकतम िजयो तो जीवन अतशय हो जाए ल0कन तब कVठनाई होगी यVद जीवन अतशय हो

तो तम न पत हो सकत हो और न पlt नी सब कछ कVठन हो जाएगी अगर जीवन अतशय हो तो म अतशय होगा तब

तम एक स ह बध नह रह सकत तब तम सब तरफ वाVहत होन लगोग सभी आयाम म4 तम भर जाओग और उस हालत

म4 मन खतरा महसस करता ह इसलए जीवत ह नह रहना उस मजर ह

तम िजतन मत होग4 उतन सरmQत होग4 िजतन मत होग4 उतना ह सब कछ नयण म4 होगा तम नयण करत हो तो

तम मालक हो + य-0क नयण करत हो इसलए अपन को मालक समझत हो तम अपन 2ोध पर अपन म पर सब

कछ पर नयण कर सकत हो ल0कन यह नयण ऊजा क G यनतम तक पर ह सभव ह

कभी न कभी हर आदमी न यह अनभव 0कया ह 0क वह अचानक G यनतम स अधकतम तल पर पहच गया तम 0कसी

पहाड़ पर चल जाओ अचानक तम शहर स उसक कद स बाहर हो जाओ अब तम मकत हो वराट आकाश ह हरा जगल

ह बादल- को छता शखर ह अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न को छता शखर ह

अचानक तम गहर R वास लत हो हो सकता ह उस पर तZ हारा L यान न गया हो अब जब पहाड़ जाओ तो इसका r याल

रखना कवल पहाड़ क कारण बदलाहट नह मालम होती R वास क कारण मालम होती ह तम गहर R वास लत हो और

कहत हो अहा तमन क4 छ लया Qण भर क लए तम सम हो गए और सब कछ आनदपण ह वह आनद पहाड़ स नह

तZ हार क4 स आ रहा ह तमन अचानक उस छ जो लया

शहर म4 तम भयभीत थ सव दसरा मौजद था और तम अपन को काब म4 0कए रहत थ न रो सकत थ न हस सकत थ

कस दभागय तम सड़क पर गा नह सकत थ नाच नह सकत थ तम डर-डर थ कह सपाह खड़ा था कह परोVहत कह

जज खड़ा था कह राजनीत कह नीतवाद कोई न कोई था 0क तम नाच नह सकत थ

बosड रसल न कह कहा ह 0क म_ स यता स म करता ह ल0कन हमन यह स यता भार कमत चका कर हासल क ह

तम सड़क पर नह नाच सकत ल0कन पहाड़ चल जाओ और वहा अचानक नाच सकत हो तम आकाश क साथ अकल हो

और आकाश कारागह नह ह वह खलता ह जाता ह खलता ह जाता ह अनत तक खलता ह जाता ह एकाएक तम एक

गहर R वास लत हो क4 छ जाता ह और तब आनद ह आनद ह

ल0कन वह लब समय तक Vटकन वाला नह ह घट दो घट म4 पहाड़ वदा हो जाएगा तम वहा रह सकत हो ल0कन पहाड़

वदा हो जाएगा तमहार चताए लौट आएगी तम शहर दखना चाहोग पlt नी को प लखन क सोचोग या सोचोग 0क तीन

Vदन बाद वापस जाना ह तो उसक तयार शM कर4 अभी तम आए हो और जान क तयार होन लगी 0फर तम वापस आ

गए वह गहर R वास सच म4 तमस नह आई थी वह अचानक घVटत हई थी बदल पPरि9 थत क कारण गयर बदल गया

था नई पPरि9 थत म4 तम परान ढग स R वास नह ल सकत थ इसलए Qण भर को एक नयी R वास आ गई उसन क4 छ

लया और तम आनVदत थ

शव कहत ह तम lt यक Qण क4 को 9 पश कर रह हो या यVद नह 9 पश कर रह हो तो कर सकत हो गहर धीमी R वास

लो और क4 को 9 पश करो छाती स R वास मत लो वह एक चाल ह स यता शQा और नतकता न हम4 उथल R वास

सखा द ह क4 म4 गहर उतरना जMर ह अG यथा तम गहर R वास नह ल सकत

जब तक मनषय समाज कामवासना क त गर-दमन क aिO ट नह अपनाता तब तक वह सच म4 R वास नह ल सकता

अगर R वास पट तक गहर जाए तो वह काम क4 को ऊजा दती ह वह काम क4 को छती ह उसक भीतर स मालश करती

ह तब काम-क4 अधक स02य अधक जीवत हो उठता ह और स यता कामवासना स भयभीत ह

हम अपन बf च- को जनन4Vय छन नह दत ह हम कहत ह tको उG ह4 छओ मत जब बf चा पहल बार जनन4Vय छता ह

तो उस दखो और कहो tको और तब उसक R वास 02या को दखो जब तम कहत हो tको जनन4Vय मत छओ तो

उसक R वास तरत उथल हो जायगी + य-0क उसका हाथ ह काम क4 को नह छ रहा गहर म4 उसक R वास भी उस छ रह

ह अगर R वास उस छती रह तो हाथ को रोकना कVठन ह और अगर हाथ tकता ह तो बनयाद तौर स जMर हो जाता ह 0क

R वास गहर न होकर उथल रह

हम काम स भयभीत ह शरर का नचला Vह9 सा शारPरक तल पर ह नह मलय क तल पर भी नचला हो गया ह वह

नचला कहकर नVदत ह इसलए गहर R वास नह उथल R वास लो दभागय क बात ह 0क R वास नीच को ह जाती ह

अगर उपदशक क चलती तो वह पर य रचना को बदल दता वह सफ ऊपर क और सर म4 R वास लन क इजाजत दता

और तब कामवासना Bबलकल अनभव नह होती

अगर काम वहन मनषय को जनम दना ह तो R वास-णाल को Bबलकल बदल दना होगा तब R वास को सर म4 सह9 ार म4

भजना होगा और वहा स मह म4 वापस लाना होगा मह स सह9 ार उसका माग होगा उस नीच गहर म4 नह जान दना

होगा + य-0क वहा खतरा ह िजतन गहर उतरोग उतन ह जवक क गहर तल- पर पहचोग तब तम क4 पर पहचोग और

वह क4 काम क4 क पास ह ह ठUक भी ह + य-0क काम ह जीवन ह

इस इस तरह दखो R वास ऊपर स नीच को जान वाला जीवन ह काम ठUक दसर Vदशा स नीच स ऊपर को जान वाला जीवन

ह काम-ऊजा बह रह ह और R वास ऊजा बह रह ह R वास का रा9 ता ऊपर शरर म4 ह और काम का रा9 ता नमन शरर म4

ह और जब R वास और काम मलत ह जीवन को जनम दत ह इस लए अगर तम काम स डरत हो तो दोन- क बीच दर

बनाओ उGह4 मलन मत दो सच तो यह ह 0क सभय आदमी बधया 0कया हआ आदमी ह यह कारण ह 0क हम R वास क

सबध म4 नह जानत और हम4 यह स समझना कVठन ह

शव कहत ह जब कभी अतR वास और बVहR वास एक दसर म4 वलन होती ह उस Qण म4 ऊजारVहत ऊजापPरत क4 को

9 पश कर-

शव परसपर वरोधी शc दावल का उपयोग करत ह ऊजारVहत ऊजापPरत वह ऊजारVहत ह + य-0क तZ हार शरर तZ हार

मन उस ऊजा नह द सकत तZ हार शरर क ऊजा और मन क ऊजा वहा नह ह इसलए जहा तक तZ हार तादाltZय का

सबध ह वह ऊजारVहत ह ल0कन वह ऊजापPरत ह + य-0क उस ऊजा का जागतक 9 ोत उपलबध ह

तZ हार शरर क ऊजा को uधन हmdashपoोल जसी तम कछ खात-पीत हो उसस ऊजा बनती ह खाना पीना बद कर दो और

शरर मत हो जाएगा तरत नह कम स कम तीन महन लग4ग + य-0क तZ हार पास पoोल का एक खजाना भी ह तमन

बहत ऊजा जमा क हई ह जो कम स कम तीन महन काम द सकती ह शरर चलगा उसक पास जमा ऊजा थी और 0कसी

आपltकाल म4 उसका उपयोग हो सकता ह इसलए शरर ऊजा-uधन ऊजा ह

क4 को uधन-ऊजा नह मलती ह यह कारण ह 0क शव उस ऊजारVहत कहत ह वह तZ हार खान पीन पर नभर नह ह

वह जागतक 9 ोत स जड़ा हआ ह वह जागतक ऊजा ह इसलए शव उस lsquorsquoऊजारVहत ऊजापPरत क4 कहत ह िजस

Qण तम उस क4 को अनभव करोग जहा स R वास जाती-आती ह जहा R वास वलन होती ह उस Qण तम आlt मोपलबध

हए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-2

त-सmdashवध-05

भक=टय2 क बीच अवधान को िJ थर कर वचार को मन क सामन करो 6फर सहJ ार तक प को वास-ततव स )ाण स

भरन दो वहा वह )काश क तरह बरसगा

Shira त-सmdashवध-05 (वान भरव तndashओशो)

यह वध पाइथागोरस को द गई थी पाइथागोरस इस लकर यनान वापस गए और वह पिR चम क समसत रह9 यवाद क

आधार बन गए पिR चम म4 अL याlt मवाद क व पता ह यह वध बहत गहर वधय- म4 ऐ एक ह इस समझन क कोशश

करो

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करोlsquorsquo

आधनक शरर-श9 कहता ह वानक शोध कहती ह 0क दो भकVटय- क बीच म4 थ ह वह शरर का सबस रह9 यपण

भाग ह िजसका नाम पाइनयल थ ह यह तc बतय- क तीसर आख ह और यह ह शव का न त क शव का

Bन दो आख- क बीच एक तीसर आख भी ह ल0कन यह स02य नह ह यह ह और यह 0कसी भी समय स02य हो

सकती ह नसगत यह स02य नह ह इसको स02य करन क लए सबध म4 तम को कछ करना पड़गा यह अधी नह ह

सफ बद ह यह वध तीसर आख को खोलन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर करhelliplsquorsquo

आख बद कर लो और 0फर दोन- आख- को बद रखत हए भqह- क बीच म4 aिO ट को ि9 थर करोmdashमानो 0क दोन- आख- स तम

दख रह हो और सम अवधान को वह लगा दो

यह वध एका होन क सबस सरल वधय- म4 स एक ह शरर क 0कसी दसर भाग म4 इतनी आसानी स तम अवधान को

नह उपलबध हो सकत यह थ अवधान को अपन म4 समाVहत करन म4 कशल ह यVद तम इस पर अवधान दोग तो

तZ हार दोन- आख तीसर आख स सZ मोVहत हो जाएगी व थर हो जाएगी व वहा स नह Vहल सक4 गी यVद तम शरर क

0कसी दसर Vह9 स पर अवधान दो तो वहा कVठनाई होगी तीसर आख अवधान को पकड़ लती ह अवधान को खीच लती ह

अवधान क लए वह चबक का काम करती ह

इसलए दनया भी क सभी वधय- म4 इसका समावश 0कया गया ह अवधान को शmQत करन म4 यह सरलतम ह

+ य-0क इसम तम ह चO टा नह करत यह थ भी तZ हार मदद करती ह यह चबकय ह तZ हार अवधान को यह

बलपवक खीच लती ह

त क परान थ- म4 कहा गया ह 0क अवधान तीसर आख का भोजन ह यह भखी ह जG म--जG म- स भखी ह जब तम इस

अवधान दत हो यह जीवत हो उठती ह इस भोजन मल गया ह और जब तम जान लोग 0क अवधान इसका भोजन ह

जान लोग 0क तZ हार अवधान को यह चबक क तरह खीच लती ह तब अवधान कVठन नह रह जाएगा सफ सह Bबद को

जानना ह

इस लए आख बद कर लो और अवधान को दोन- आख- क बीच म4 घमन दो और उस Bबद को अनभव करो जब तम उस

Bबद क करब होग4 अचानक तZ हार आख थर हो जाएगी और जब उG ह4 Vहलाना कVठन हो जाए तब जानो 0क सह Bबद

मल गया

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन रखोlsquorsquo

अगर यह अवधान ापत हो जाए तो पहल बार एक अvत बात तZ हार अनभव म4 आएगी पहल बार तम दखोग4 0क तZ हार

वचार तZ हार सामन चल रह ह तम साQी हो जाओग जस 0क सनमा क पदw पर aशय दखत हो वस ह तम दखोग4 0क

वचार आ रह ह और तम साQी हो एक बार तZ हारा अवधान Bन-क4 पर ि9 थर हो जाए तम तरत वचार- क साQी हो

जाओग

आमतौर स तम साQी नह होत तम वचार- क साथ तादाltZय कर लत हो यVद 2ोध ह तो तम 2ोध हो जात हो यVद एक

वचार चलता ह तो उसक साQी होन क बजाए तम वचार क साथ एक हो जात हो उसस तादाlt मय करक साथ-साथ चलन

लगत हो तम वचार ह बन जात हो वचार का Mप ल लत हो जब 2ोध उठता ह तो तम 2ोध बन जात हो और जब लोभ

उठता ह तब लोभ बन जात हो कोई भी वचार तZ हार साथ एकातम हो जाता ह और उसक ओर तZ हार बीच दर नह

रहती

ल0कन तीसर आख पर ि9 थर होत ह तम एकाएक साQी हो जात हो तीसर आख क जPरए तम साQी बनत हो इस

शवन क Cवारा तम वचार- को वस ह चलता दख सकत हो जस आसमान पर तरत बादल- को या रहा पर चलत लोगो को

दखत हो

जब तम अपनी lखड़क स आकाश कोया रहा चलत लोग- को दखत हो तब तम उनस तादाlt मय नह करत तब तम अलग

होत हो मा दशक रहत होmdashBबलकल अलग वस ह अब जब 2ोध आता ह तब तम उस एक वषय क तरह दखत हो अब

तम यह नह सोचत 0क मझ 2ोध हआ तम यह अनभव करत हो 0क तम 2ोध स घर हो 2ोध क एक बदल तZ हार चारो

और घर गई और जब तम खद 2ोध नह रह तब 2ोध नापसग हो जाता ह तब वह तमको नह भावत कर सकता तब

तम अ9 पशत रह जात हो 2ोध आता ह और चला जाता ह और तम अपन म4 क4 Vत रहत हो

यह पाचवी वध साmQतव को ापत करन क वध ह

lsquorsquoभकVटय- क बीच अवधान को ि9 थर कर वचार को मन क सामन करोlsquorsquo

अब अपन वचार- को दखो वचार- का साQाlt कार करो

lsquorsquo0फर सह9 ार तक Mप को R वास ततव स ाण स भरन दो वहा वह काश क तरह बरसगाlsquorsquo

जब अवधान भकVटय- क बीच शवन क क4 पर ि9 थर होता ह तब दो चीज4 घVटत होती ह

और यह चीज दो ढग- स हो सकती ह एक तम साQी हो जाओ तो तम तीसर आख पर थर हो जात हो साQी हो जाओ जो

भी हो रहा हो उसक साQी हो जाओ तम बीमार हो शरर म4 पीड़ा ह तम को दःख और सताप ह जो भी हो तम उसक साQी

रहो जो भी हो उसस तादाlt मय न करो बस साQी रहोmdashदशक भर और यVद साmQltव सभव हो जाए तो तम तीसर न पर

ि9 थर हो जाओग

इसस उलटा भी हो सकता ह यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हो जाओ तो साQी हो जाओग य दोन- एक ह बात ह

इसलए पहल बात तीसर आख पर क4 Vत होत ह साQी आlt मा का उदय होगा अब तम अपन वचार- का सामना कर

सकत हो और दसर बात और अब तम R वास-R वास क सQम और कोमल तरग- को भी अनभव कर सकत हो अब तम

शवसन क Mप को ह नह उसक ततव को सार को ाण को भी समझ सकत हो

पहल तो यह समझन क कोशश कर4 0क lsquorsquoMपrsquorsquo और lsquorsquoR वास-ततवrsquorsquo का + या अथ ह जब तम R वास लत हो तब सफ वाय

क ह R वास नह लत वानक तो यह कहत ह 0क तम वाय क ह R वास लत हो िजसम4 आ+ सीजन हाइxोजन तथा

अनय ततव रहत ह व कहत ह 0क तम वाय क R वास लत हो

ल0कन त कहता ह 0क हवा तो मा वाहन ह असल चीज नह ह असल म4 तम ाण क R वास लत हो हवा तो माधयम

भर ह ाण उसका सतव ह सार ह तम न सफ हवा क बिY क ाण क R वास लत हो

आधनक वान अभी नह जान सका ह 0क ाण जसी कोई व9 त भी ह ल0कन कछ शोधकताओ न कछ रह9 यमयी चीज

का अनभव 0कया ह R वास म4 सफ हवा हम नह लत वह बहत स आधनक शोधकताओ न अनभव 0कया ह वशषकर एक

नाम उY लखनीय ह वह ह जमन मनोवानक वलहम रख का िजसन इस आगन एनजy या जवक ऊजा का नाम Vदया

ह वह ाण ह ह वह कहता ह 0क जब आप R वास लत ह तब हवा तो मा आधार ह पा ह िजसक भीतर एक रह9 यपण

ततव ह िजस आगन या ाण या एलन वाइटल कह सकत ह ल0कन वह बहत सnम ह वासतव म4 वह भौतक नह ह

पदाथ गत नह ह हवा भौतक ह पा भौतक ह ल0कन उसक भीतर स कछ सQम अलौ0कक ततव चल रहा ह

इसका भाव अनभव 0कया जा सकता ह जब तम 0कसी ाणवान gt यि+ त क पास होत हो तो तम अपन भीतर 0कसी

शि+ त को उगत दखत हो और जब 0कसी बीमार क पास होत हो तो तमको लगता ह 0क तम चस जा रह हो तZ हार भीतर

स कछ नकाला जा रहा ह जब तम अ9 पताल जात हो तब थक-थक + य- अनभव करत हो वहा चार- ओर स तम चस जात

हो अ9 पताल का परा माहौल बीमार होता ह और वहा सब 0कसी को अधक ाण क अधक एलन वाइटल क जMरत ह

इसलए वहा जाकर अचानक तZ हारा ाण तमस बहन लगता ह जब तम भीड़ म4 होत हो तो तम घटन महसस + य- करत

हो इसलए 0क वहा तZ हारा ाण चसा जान लगता ह और जब तम ात काल अकल आकाश क नीच या वQ- क बीच होत

हो तब 0फर अचानक तम अपन म4 0कसी शि+ त का ाण का उदय अनभव करत हो lt यक का एक खास 9 पस क जMरत

ह और जब वह 9 पस नह मलता ह तो तमको घटन महसस होती ह

वलहम रख न कई योग 0कए ल0कन उस पागल समझा गया वान क भी अपन अधवR वास ह और वान बहत

MVढ़वाद होता ह वान अभी भी नह समझता ह 0क हवा स बढ़कर कछ ह वह ाण ह ल0कन भारत सVदय- स उस पर

योग कर रहा ह

तमन सना होगाmdashशायद दखा भी होmdash0क कोई gt यि+ त कई Vदन- क लए भमगत समाध म4 वश कर गया जहा हवा का

कोई वश नह था 1880 म4 म9 म4 एक आदमी चालस वष[ क लए समाध म4 चला गया था िजG ह-न उस गाड़ा था व

सभी मर गए + य-0क वह 1920 म4 समाध स बहार आन वाला था

1920 म4 0कसी को भरोसा नह था 0क वह जीवत मलगा ल0कन वह जीवत था और उसक बाद भी वह दस वष[ तक

जीवत रहा वह Bबलकल पीला पड़ गया था परत जीवत था और उसको हवा मलन क कोई सभावना नह थी

डॉ+टर- न तथा दसर- न उसस पछा 0क इसका रहसय + या ह उसन कहा हम नह जानत हम इतना ह जानत ह 0क ाण

कह भी वश कर सकता ह और वह ह हवा वहा नह वश कर सकती ल0कन ाण कर सकता ह

एक बार तम जान जाओ 0क R वास क Bबना भी कस तम ाण को सीध हण कर सकत हो तो तम सVदय- तक क लए भी

समाध म4 जा सकत हो

तीसर आख पर क4 Vत होकर तम R वास क सार ततव को R वास को नह R वास क सार ततव ाण को दख सकत हो और

अगर तम ाण को दख सक तो तम उस Bबद पर पहच गए जहा स छलाग लग सकती ह 2ात घVटत हो सकती ह

स कहता ह lsquorsquoसह9ार तक Mप को ाण स भरन दोlsquorsquo

और जब तम को ाण का एहसास हो तब कY पना करो 0क तZ हारा सर ाण स भर गया ह सफ कY पना करो 0कसी

यतन क जMरत नह ह और म_ बताऊगा 0क कY पना कस काम करती ह तब तम Bन-Bबद पर ि9 थर हो जाओ तब

कY पना करो और चीज4 आप ह और तरत घVटत होन लगती ह

अभी तZ हार कY पना भी नपसक ह तम कY पना 0कए जात हो और कछ भी नह होता ल0कन कभी-कभी अनजान

साधारण िजदगी म4 भी चीज4 घVटत होती ह तम अपन म क सोच रह हो और अचानक दरवाज पर दसतक होती ह तम

कहत हो 0क सायोगक था 0क म आ गया कभी तZ हार कY पना सयोग क तरह भी काम करती ह

ल0कन जब भी ऐसा हो तो याद रखन क चO टा करो और पर चीज का वR लषण करो जब भी लग 0क तZ हार कY पना सच

हई ह तम भीतर जाओ और दखो कह न कह तZ हारा अवधान तीसर न क पास रहा होगा दरअसल यह सयोग नह था

यह वसा Vदखता ह + य-0क गम वान का तमको पता नह ह अनजान ह तZ हारा मन Bन क4 क पास चला गया

होगा और अवधान यVद तीसर आख पर ह तो 0कसी घटना क सजन क लए उसक कY पना काफ ह

यह स कहता ह 0क जब तम भकVटय- क बीच ि9 थर हो और ाण को अनभव करत हो तब Mप को भरन दो अब कY पना

करो 0क ाण तZ हार पर मि9 तषक को भर रह ह वशषकर सह9 ार को जो सव|चच मनस क4 ह उस Qण तम कY पना

करो और वह भर जाएगा कY पना करो 0क वह ाण तZ हार सह9 ार स काश क तरह बरसगा और वह बरसन लगगा

और उस काश क वषा म4 तम ताजा हो जाओग तZ हारा पनजनम हो जाएगा तम Bबलकल नए हो जाओग आतPरक

जनम का यह अथ ह

यहा दो बात4 ह एक तीसर आख पर क4 Vत होकर तZ हार कY पना पसतव को श को उपलबध हो जाती ह यह कारण ह

0क शता पर पवता पर इतना बल Vदया गया ह इस साधना म4 उतरन क पहल श बन

त क लए श कोई नतक धारणा नह ह श इसलए अथपण ह 0क यVद तम तीसर आख पर ि9 थर हए और तZ हारा

मन अश रहा तो तZ हार कY पना खतरनाक स हो सकती हmdashतZ हार लए भी और दसर4 क लए भी यVद तम 0कसी क

हlt या करन क सोच रह हो उसका महज वचार भी मन म4 ह तो सफ कY पना स उस आदमी क मlt य घVटत हो जाएगी

यह कारण ह 0क शता पर इतना जोर Vदया जाता ह

पाइथागोरस को वशष उपवास और ाणायाम स गजरन को कहा गया + य-0क यहा बहत खतरनाक भम स याी गजरता

ह जहा भी शि+ त ह वहा खतरा ह यVद मन अश ह तो शि+ त मलन पर आपक अश वचार शि+ त पर हावी हो जाएग

कई बार तमन हlt या करन क सोची ह ल0कन भागय स वहा कY पना न काम नह 0कया यVद वह काम कर यVद वह तरत

वा9तवक हो जाए तो वह दसर- क लए ह नह तZ हार लए भी खतरनाक स हो सकती ह + य-0क 0कतनी ह बार तमन

आतम हlt या क सोची ह अगर मन तीसर आख पर क4 Vत ह तो आlt महlt या का वचार भी आlt महlt या बन जाएगा तमको

वचार बदलन का समय भी नह मलगा वह तरत घVटत हो जाएगी

तमन 0कसी को सZ मोVहत होत दखा ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब सZमोहन वद जो भी कहता ह सZ मोVहत

gt यि+ त तरत उसका पालन करता ह आदश 0कतना ह बहदा हो तक हन हो असभव ह + या न हो सZ मोVहत gt यि+ त

उसका पालन करता ह + या होता ह

यह पाचवी वध सब सZमोह न क जड़ म4 ह जब कोई सZ मोVहत 0कया जाता ह तब उस एक वशष Bबद पर 0कसी काश

पर या दवार पर लग 0कसी चनह पर या 0कसी भी चीज पर या सZ मोहक क आख पर ह अपनी aिO ट क4 Vत करन को कहा

जाता ह और जब तम 0कसी खास Bबद पर aिO ट क4 Vत करत हो उसक तीन मनट क अदर तZ हारा आतPरक अवधान

तीसर आख क और बहन लगता ह तZ हार चहर क मा बदलन लगती ह और सZ मोहन वद जानता ह 0क कब तZ हारा

चहरा बदलन लगा एकाएक चहर स सार शि+ त गायब हो जाती ह वह मत वत हो जाता ह मान- गहर ता म4 पड़ हो जब

ऐसा होता ह सZ मोहक को उसका पता हो जाता ह उसका अथ हआ 0क तीसर आख अवधान को पी रह ह आपका चहरा

पीला पड़ गया ह पर ऊजा Bन क4 क और बह रह ह

अब सZमोVहत करन वाला तरत जान जाता ह 0क जो भी कहा जाएगा वह घVटत होगा वह कहता ह 0क अब तम गहर

नीद म4 जा रह हो और तम तरत सो जात हो वह कहता ह 0क अब तम बहोश हो रह हो और तम बहोश हो जात हो अब कछ

भी 0कया जा सकता ह अब अगर वह कह 0क तम नपोलयन या Vहटलर हो गए हो तो तम हो जाओग तZ हार मा बदल

जायगी आदश पाकर तZ हारा अचतन उसका वा9 तवक बना दता ह अगर तम 0कसी रोग स पीWडत हो तो रोग को हटन का

आदश दगा और मजदार बात रोग दर हो जायगा या कोई नया रोग भी पदा 0कया जा सकता ह

यह नह सड़क पर स एक ककड़ उठा कर अगर सZमोहन वद तZ हार हथल पर रख द और कह 0क यह अगारा ह तो तम

तज गमy महसस करोग और तZ हार हथल जल जाएगीmdashमानसक तल पर नह वासतव म4 ह वासतव म4 तZ हार चमड़ी

जब लायगी और तZ ह4 जलन महसस होगी + या होता ह अगारा नह बस एक मामल ककड़ ह वह भी ठडा 0फर भी जलना

ह नह हाथ पर फफोल तक उगा दता ह

तम तीसर आख पर क4 Vत हो और सZमोहन वद तमको सझाव दता ह और वह सझाव वा9 तवक हो जाता ह यVद

सZमोहन वद कह 0क अब तम मर गए तो तम तरत मर जाओग तZ हार दय गत Mक जायगी Mक ह जाएगी

यह होता ह Bन क चलत Bन क लए कY पना और वा9 तवकता दो चीज4 नह ह कY पना ह तथय ह कY पना कर4 और

वसा ह जाएगा 9 वपन और यथाथ म4 फासला नह ह 9 वपन दखो और सच हो जायगा

यह कारण ह 0क शकर न कहा 0क यह ससार परमाlt मा क 9 वपन क सवाय और कछ नह हmdashयह परमाlt मा क माया ह

यह इसलए 0क परमाlt मा तीसर आख म4 बसता हmdashसदा सनातन स इसलए परमाlt मा जी 9 वपन दखता ह वह सच हो

जाता ह और यVद तम भी तीसर आख म4 थर हो जाओ तो तZ हार 9 वपन भी सच होन लग4ग

साPरप ब क पास आया उसन गहरा धान 0कया तब बहत चीज4 घVटत होन लगी बहत तरह क aशय उस Vदखाई दन

लग जो भी L यान क गहराई म4 जाता ह उस यह सब Vदखाई दन लगता ह 9 वग और नरक दवता और दानव सब उस

Vदखाई दन लग और वह ऐस वा9 तवक थ 0क साPरप ब क पास दौड़ा आया और बोला 0क ऐस-ऐस aशय Vदखाई दत ह

ब न कहा व कछ नह ह मा 9 वपन ह

ल0कन साPरप न कहा 0क व इतन वा9 तवक ह 0क म_ कस उG ह4 9 वपन कह जब एक फल Vदखाई पड़ता ह वह फल 0कसी

भी फल स अधक वा9 तवक मालम पड़ता ह उसम सगध ह उस म_ छ सकता ह अभी जो म_ आपको दखता ह वह उतना

वा9 तवक नह ह आप िजतना वा9 तवक मर सामन ह वह फल उसस अधक वा9 तवक ह इसलए कस म_ भद कM 0क

कौन सच ह और कौन सवपन

ब न कहा अब च0क तम तीसर आख म4 क4 Vत हो इसलए 9 वपन और यथाथ एक हो गए ह जो भी 9 वपन तम दखोग4

सच हो जाएगा

और उसस ठUक उलटा भी घVटत हो सकता ह जो Bन पर थर हो गया उसक लए 9 वपन यथाथ हो जाएगा और यथाथ

9 वपन हो जाएगा + य-0क जब तZ हारा 9 वपन सच हो जाता ह तब तम जानत हो 0क 9 वपन और यथाथ म4 बनयाद भद

नह ह

इसलए जब शकर कहत ह 0क सब ससार माया ह परमाlt मा का 9 वपन ह तब यह कोई सातक 9 तावना या कोई

मीमासक व+ तवय नह ह यह उस gt यि+ त का आतPरक अनभव ह जो शवन म4 थर हो गया ह

अत जब तम तीसर नतर पर क4 Vत हो जाओ तब कY पना करो 0क सह9 ार स ाण बरस रहा ह जस 0क तम 0कसी वQ क

नीच बठ हो और फल बरस रह ह या तम आकाश क नीच हो और कोई बदल बरसन लगी या सबह तम बठ हो और सरज

उग रहा ह और उसक 0करण4 बरसन लगी ह कY पना करो और तरत तZ हार सह9 ार स काश क वषा होन लगगी यह

वषा मनषय को पननमत करती ह उसका नया जनम द जाती ह तब उसका पनजनम हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-06

सास(रक काम2 म0 लग हए अवधान को दो वास2 क बीच =टकाओ इस अN यास स थोड़ ह =दन म0 नया जनम होगा

वध-6 वान भरव त (त-सmdashभाग-1)osho

lsquorsquoसासPरक काम- म4 लग हए अवधान को दो R वास- क बीच Vटकाओhelliplsquorsquo

R वास- को भल जाओ और उनक बीच म4 अवधान को लगाओ एक R वास भी तर आती ह इसक पहल 0क वह लौट जाए उस

बाहर छोड़ा जाए वहा एक अतराल होता ह

lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएlsquorsquo यह छठU वध नरतर करन क ह इसलए कहा गया ह lsquorsquoसासाPरक काम- म4 लग हएhelliprsquorsquo

जो भी तम कर रह हो उसम अवधान को दो R वास- क अतराल म4 थर रखो ल0कन काम-काज म4 लग हए ह इस साधना ह

ठUक ऐसी ह एक दसर वध क चचा हम कर चक ह अब फक इतना ह 0क इस सासाPरक काम- म4 लग हए ह करना ह

उसस अलग होकर इस मत करो यह साधना ह तब करो जब तम कछ और काम कर रह हो

तम भोजन कर रह हो भोजन करत जाओ और अतराल पर अवधान रखो तम चल रह हो चलत जाओ और अवधान को

अतराल पर Vटकाओ तम सोन जा रह हो लटो और नीद को आन दो ल0कन तम अतराल क त सजग रहो

पर काम-काज म4 + य- + य-0क काम-काज मन को डावाडोल करता ह काम-काज म4 तZ हार अवधान को बार-बार भलाना

पड़ता ह तो डावाडोल न ह- अतराल म4 थर रह4 काम-काज भी न Mक चलता रह तब तZ हार अि9 ततव क दो तल हो

जाएग करना ओर होना अि9 ततव क दो तल ओ गए एक करन का जगत और दसरा होन का जगत एक पPरध ह और

दसरा क4 पPरध पर काम करत रहो Mको नह ल0कन क4 पर भी सावधानी स काम करत रहो + या होगा

तZ हारा काम-काज तब अभनय हो जाएगा मान- तम कोई पाट अदा कर रह हो उदाहरण क लए तम 0कसी नाटक म पाट

कर रह हो तम राम बन हो या 2ाइसट बन हो यCयप तम राम या 2ाइसट का अभनय करत हो तो भी तम 9 वय बन

रहत हो क4 पर तम जानत हो 0क तम कौन हो और पPरध पर तम राम या 2ाइसट का या 0कसी का पाट अदा करत हो

तम जानत हो 0क तम राम नह हो राम का अभनय भर कर रह हो तम कौन हो तमको मालम ह तZ हारा अवधान तमम4

क4 Vय ह और तZ हारा काम पPरध पर जार ह

यVद इस वध का अ यास हो तो परा जीवन एक लबा नाटक बन जाएगा तम एक अभनता होग4 अभनय भी करोग और

सदा अतराल म4 क4 Vत रहोग जब तम अतराल को भल जाओग तब तम अभनता नह रहोग तब तम कता हो जाओग

तब वह नाटक नह रहगा उस तम भल स जीवन समझ लोग

यह हम सबन 0कया ह हर आदमी सोचता ह 0क वह जीवन जी रहा ह यह जीवन नह ह यह तो एक रोल ह एक पाट ह जो

समाज न पPरि9 थतय- न स9 कत न दश क परपरा न तमको थमा Vदया ह और तम अभनय कर रह हो और तम इस

अभनय क साथ तादाlt मय भी कर बठ हो उसी तादाlt मय को तोड़न क लए यह वध ह

कषण क अनक नाम ह कषण सबस कशल अभनताओ म4 स एक ह व सदा अपन म4 थर ह और खल कर रह ह लला कर

रह ह Bबलकल गर-गभीर ह गभीरता तादाlt मय स पदा होती ह

यVद नाटक म4 तम सच ह राम हो जाओ तो अवशय सम9 याए खड़ी होगी जब-जब सीता क चोर होगी तो तमको Vदल का

दौरा पड़ सकता ह और परा नाटक बद हो जाना भी निR चत ह ल0कन अगर तम बस अभनय कर रह हो तो सीता क चोर

स तमको कछ भी नह होता ह तम अपन घर लौटोग और चन स सो जाओग सपन म4 भी r याल न आएगा क सीता क

चोर हई

जब सचमच सीता चोर गई थी तब राम 9 वय रो रह थ चीख रह थ और वQ- स पछ रह थ 0क सीता कहा ह कौन उस ल

गया ल0कन यह समझन जसी बात ह अगर राम सच म4 रो रह ह और पड़- स पछ रह ह तब तो व तादाZ तयता कर बठ

तब व राम न रह ईशवर न रह अवतार न रह यह समरण रखना चाVहए 0क राम क लए उनका वा9 तवक जीवन भी

अभनय ह था जस दसर अभनताओ को तमन राम का अभनय करत दखा ह वस ह राम भी अभनय कर रह थmdash

नसदह एक बड़ रग मच पर

इस सबध म4 भारत क पास एक खबसरत कथा ह मर aिO ट म4 यह कथा अvत ह ससार क 0कसी भी भाग म4 ऐसी कथा नह

मलगी कहत ह 0क वाY मी0क न राम क जनम स पहल ह रामायण लख द राम को कवल उसका अनगमन करना था

इसलए वासतव म4 राम का पहला कतय भी अभनय ह था उनक जनम क पहल ह कथा लख द गई थी इसलए उG ह4

कवल उसका अनगमन करना पडा व और + या कर सकत थ वाY मी0क जसा gt यि+ त जब कथा लखता ह तब राम को

अनगमन करना होगा इसलए एक तरह स सब कछ नयम था सीता क चोर होनी थी और य का लड़ा जाना था

यVद यह तम समझ सको तो भागय क सात को भी समझ सकत हो इसका बड़ा गहरा अथ ह और अथ यह ह 0क यVद

तम समझ जात हो 0क तZ हार लए यह सब कछ नयम ह तो जीवन नाटक हो जाता ह अब यVद तमको राम का अभनय

करना ह तो तम कस बदल सकत हो सब कछ नयत ह यहा तक 0क तZ हारा सवाद भी डायलाग भी अगर तम सीता स

कछ कहत हो तो वह 0कसी नीयत वचन का दोहराना भर ह

यVद जीवन नयत ह तो तम उस बदल नह सकत उदाहरण क लए एक वशष Vदन को तZ हार मlt य होन वाल ह यह

नयत ह और तम जब मरोग तब रो रह होग4 यह भी निR चत ह और फला-फला लोग तZ हार पास ह-ग यह भी तय ह

और यVद सब कछ नीयत ह तय ह तब सब कछ नाटक हो जाता ह यVद सब कछ निR चत ह तो उसका अथ हआ 0क तम

कवल उस अजाम दन वाल हो तमको उस जीना नह ह उसका अभनय करना ह

यह वध छठU वध तमको एक साइकोxामा एक खल बना दती ह तम दो R वास- क अतराल म4 थर हो और जीवन

पPरध पर चल रहा ह यVद तZ हारा अवधान क4 पर ह तो तZ हारा अवधान पPरध पर नह ह पPरध पर जो ह वह

उपावधान ह वह कह तZ हार अवधान क पास घVटत होता ह तम उस अनभव कर सकत हो उस जान सकत हो पर वह

महlt वपण नह ह यह ऐसा ह जस तमको नह घVटत हो रहा ह

म_ इस दोहराता ह यVद तम इस छठU वध क साधना करो तो तZ हारा समचा जीवन ऐसा हो जाएगा जस वह तमको न

घVटत होकर 0कसी दसर gt यि+ त को घVटत हो रहा ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-07

सातवी वास वध

shira त-सmdashवध-07 ndashओशो

ललाट क मधय म0 सIम वास ()ाण) को =टकाओ जब वह सोन क Iण म0 Oदय तक पहचगा तब J वपन और J वय मP य

पर अधकार हो जाएगा

तम अधकाPरक गहर पत[ म4 वश कर रह हो

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओlsquorsquo

अगर तम तीसर आख को जान गए हो तो तम ललाट क मधय म4 ि9 थर सQम R वास को अaशय ाण को जान गए और

तम यह भी जान गए 0क वह उजा वह काश बरसता ह

lsquorsquoजब वह सोन क Qण म4 दय तक पहचगाmdashजब वह वषा तZ हार दय तक पहचगीmdashlsquorsquoतब 9 वपन और 9 वय मlt य पर

अधकार हो जाएगाlsquorsquo

इस वध को तीन Vह9 स- म4 लो एक R वास क भीतर जो ाण ह जो उसका सQम अaषय अपाथव अश ह उस तमको

अनभव करना होगा यह तब होता ह जब तम भकVटय- क बीच अवधान को थर रखत हो तब यह आसानी स घVटत होता

ह अगर तम अवधान को अतराल म4 Vटकात हो तो भी घVटत होता ह मगर उतनी आसानी स नह यVद तम नाभ क4 क

त सजग हो जहा R वास आती ह और छकर चल जाती ह तो भी यह घVटत होता ह पर कम आसानी स उस सQम ाण

को जानन का सबस सगम माग ह तीसर आख म4 थर होना वस तम जहा भी क4 Vत होग4 वह घVटत होगा तम ाण को

भावत होत अनभव करोग

यVद तम ाण को अपन भीतर वाVहत होता अनभव कर सको तो तम यह भी जान सकत हो 0क कब तZ हार मlt य होगी

यVद तम सQम R वास को ाण को महसस करन लग तो मरन क छह महन पहल स तम अपनी आसनन मlt य को जानन

लगत हो कस इतन सत अपनी मlt य क तथ बना दत ह यह आसान ह + य-0क यVद तम ाण क वाह को जानत हो तो

जब उसक गत उलट जाएगी तब उसको भी तम जान लोग मlt य क छह महन पहल 02या उलट जाती ह ाण तZ हार

बाहर जान लगता ह तब R वास इस भीतर नह ल जाती बिY क उलट बाहर ल जान लगती हmdashवह R वास

तम इस जान पात हो +य-0क तम उसक अaशय भाग को नह दखत कवल वाहन को ह दखत हो और वाहन तो एक ह

रहगा अभी R वास ाण को भीतर ल जाती ह और वहा छोड़ दती ह 0फर वाहन बाहर खाल वापस जाता ह और ाण स पन

भरकर भीतर जाता ह इसलए याद रखो 0क भीतर आन वाल R वास और बाहर जान वाल R वास दोन- एक नह ह वाहन क

Mप म4 तो परक R वास और रचक R वास एक ह ह ल0कन जहा परक ाण स भरा होता ह वह रचक उसस Pरकत रहता ह

तमन ाण को पी लया और R वास खाल हो गई

जब तम मlt य क करब होत हो तब उलट 02या चाल होती ह भीतर आन वाल R वास ाण वहन आती ह Pरकत आती

ह + य-0क तZ हारा शरर अि9 ततव स ाण को हण करन म4 असमथ हो जाता ह तम मरन वाल हो तZ हार जMरत न

रह पर 02या उलट जाती ह अब जब R वास बाहर जाती ह जब ाण को साथ लए बाहर जाती ह

इसलए िजसन सQम ाण को जान लए वह अपनी मlt य का Vदन भी तरत जान सकता ह छह महन पहल 02या उलट

हो जाती ह

यह स बहत-बहत महlt वपण ह

lsquorsquoललाट क मधय म4 सQम R वास (ाण) को Vटकाओ जब सोन क Qण म4 वह दय तक पहचगा तब 9 वपन और 9 वय

मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

जब तम नीद म4 उतर रह हो तभी इस वध को साधना ह अनय समय म4 नह ठUक सोन का समय इस वध क अ यास क

लए उपयकत समय ह

तम नीद म4 उतर रह हो धीर-धीर नीद तम पर हावी हो रह ह कछ ह Qण- म4 भीतर तZ हार चतना लपत होगी तम अचत

हो जाओग उस Qण क आन क पहल तम अपनी R वास और उसक सQम अश ाण क त सजग हो जाओ और उस दय

तक जात हए अनभव करो अनभव करत जाओ 0क वह दय तक आ रहा ह दय तक आ रहा ह ाण दय स होकर

तZ हार शरर म4 वश करता ह इसलए यह अनभव करत ह जाओ 0क ाण दय तक आ रहा ह और इस नरतर अनभव

क बीच ह नीद को आन दो तम अनभव करत जाओ और नीद को आन दो नीद को तमको अपन म4 समट लन दो

यVद यह सभव हो जाए 0क तम अaशय ाण को दय तक जात दखो और नीद को भी तो तम अपन सपन- क त भी

सजग हो जाओग तब तमको बोध रहगा 0क तम सपना दखत हो तो तम समझत हो 0क यह यथाथ ह ह वह भी तीसर

आख क कारण ह सभव होता ह + या तमन 0कसी को नीद म4 दखा ह उसक आख ऊपर चल जाती ह और तीसर आख म4

ि9 थर हो जाती ह यVद नह दखा तो दखो

तZ हारा बf चा सोया ह उसक आख खोलकर दखो 0क उसक आख कहा ह उसक आख क पतलया ऊपर को चढ़ ह और

Bन पर क4 Vत ह म_ कहता ह 0क बf च- को दखो सयान- को नह सयान भरोस योगय नह ह + य-0क उनक नीद गहर

नह ह व सोचत भर ह 0क सोय ह बf च- को दखो उनक आख4 ऊपर को चढ़ जाती ह

इसी तीसर आख म4 थरता क कारण तम अपन सपन- को सच मानत हो तम यह नह समझ सकत क व सपन ह वह तम

तब जान-ग जब सबह जागोग तब तम जान-ग 0क यह 9 वपन ह यVद समझ जाओ तो दो तल हो गएmdash9 वपन ह और तम

सजग हो जागMक हो जो नीद म4 9 वपन क त जाग सक उसक लए यह स चमlt काPरक ह

यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन पर और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

यVद तम 9 वपन क त जागMक हो जाओ तो तम दो काम कर सकत हो एक 0क तम 9 वपन पदा कर सकत हो आमतौर

स तम 9 वपन नह पदा कर सकत आदमी 0कतना नपसक ह तम 9 वपन भी नह पदा कर सकत अगर तम कोई खास

9 वपन दखना चाहो तो नह दख सकत यह तZ हार हाथ म4 नह ह मनषय 0कतना शि+ तहन ह 9 वपन भी उसस नह

नमत 0कए जा सकत तम 9 व] न- क शकार भर हो उनक 9 O टा नह 9 वपन तम म4 घVटत होता ह तम कछ नह कर

सकत हो न तम उस रोक सकत हो न उस पदा कर सकत हो

ल0कन अगर तम यह दखत हए नीद म4 उतरो 0क दय ाण स भर रहा ह नरतर हर R वास म4 ाण स 9 पशत हो रहा ह तो

तम अपन 9 व] न- क मालक हो जाओग और यह मल0कयत बहत अनठU ह दलभ ह तब तम जो भी 9 वपन दखना चाहत

हो तम वह 9 वपन दख सकत हो और सोत समय कहो 0क म_ फला 9 वपन दखना चाहता ह और वह 9 वपन कभी तZ हार

मन म4 वश नह कर सकगा

ल0कन अपन 9 व] न- क मालक बनन का + या योजन ह + या यह gt यथ नह ह नह यह gt यथ नह ह एक बार तम

9 वपन क मालक हो गए तो दबारा तम कभी 9 वपन नह दखोग4 वह gt यथ हो गया जMरत नह रह जस ह तम अपन

9 व] न- क मालक होत हो 9 वपन बद हो जात ह उनक जMरत नह रहती और जब 9 वपन बद हो जात ह तब तZ हार

नीद का गण धम ह और होता ह वह गणधम वह ह जो मlt य का ह

मlt य गहन नीद ह अगर तZ हार नीद मlt य क तरह गहर हो जाए तो उसका अथ ह 0क सपन वदा हो गए सपन नीद को

उथला करत ह सपन- क चलत तम सतह पर ह घमत रहत हो सपन- म4 उलझ रहन क कारण तZ हार नीद उथल हो जाती

ह और जब सपन नह रहत तब तम नीद क सागर म4 उतर जात हो उसक गहराई छ लत ह वह मlt य ह

इसलए भारत न सदा कहा ह 0क नीद छोट मlt य ह और मlt य लबी नीद ह गणातमक Mप स दोन- समान ह नीद Vदन-

Vदन क मlt य ह मlt य जीवन-जीवन क नीद ह तVदन तम थक जात हो तम सो जात हो और दसर सबह तम 0फर

अपनी शि+ त और अपनी जीवतता को वापस पा लत हो तम मानो 0फर स जनम लत हो वस ह सततर या अ9 सी वष क

जीवन क बाद तम पर तरह थक जात हो अब छोट अवध क मlt य स काम नह चलगा अब तमको बड़ी मlt य क जMरत

ह उस बड़ी मlt य या नीद क बाद तम Bबलकल नए शरर क साथ पनजनम लत हो

और एक बार यVद तम 9 वपन-शनय नीद को जान जाओ और उसम बोध पवक रहो तो 0फर मlt य का भय जाता रहता ह

कोई कभी नह मर सकता मlt य असभव ह अभी एक Vदन पहल म_ कहता था 0क कवल मlt य निR चत ह और अब कहता ह

0क मlt य असभव ह कोई कभी नह मरा ह कोई कभी मर नह सकता ससार म4 यVद कछ असभव ह तो वह मlt य ह

+ य-0क अि9 ततव जीवन ह तम 0फर-0फर जG मत हो ल0कन नीद ऐसी गहर ह 0क परानी पहचान भल जात हो तZ हार

मन स 9 मतया प-छ द जाती ह

इस इस तरह सोचो मान लो 0क आज तम सोन जा रह हो और कोई ऐसा य बन गया हmdashशी~ ह बनन वाला हmdashजो 0क

जस टपPरकाडर क फत स आवाज प-छ द जाती ह वस ह मन स 9 मत को प-छ डालता ह + य-0क 9 मत भी एक गहर

PरकाWडJग ह दर-अबर हम ऐसा य नकाल ल4ग जो तZ हार 0फर म4 लगा Vदया जाएगा और जो तZ हार Vदमाग को प-छकर

Bबलकल साफ कर दगा तो कल सबह तम वह आदमी नह रहोग जो सोन गया था + य-0क तमको याद नह रहगा 0क कौन

सोन गया था तब तZ हार नीद मlt य जसी हो जाएगी एक गप आ जाएगा तमको याद नह रहगा 0क कौन सोया था यह

चीज 9 वाभावक ढग स घट रह ह जब तम मरत हो ओर 0फर जनम लत हो तब तमको याद नह रहता ह 0क कौन मरा

तम 0फर स शM करत हो

इस वध क Cवारा पहल तो तम 9 व] न- क मालक हो जाओग उसका अथ हआ 0क सपन आना बद हो जाएग या यVद तम

खद सपन दखना चाहोग तो सपना दख भी सकत हो ल0कन तब वह ऐिf छक सपना होगा वह अनवाय नह रहगा वह

तम पर लादा नह जाएगा तम उसक शकार नह ह-ग और तब तZ हार नीद का गणधम ठUक मlt य जसा हो जाएगा तब

तम जानोग 0क मlt य भी नीद ह

इसलए यह स कहता ह lsquorsquo9 वपन और 9 वय मlt य पर अधकार हो जाएगाlsquorsquo

तब तम जान-ग 0क मlt य एक लबी नीद हmdashऔर सहयोगी ह और सदर ह + य-0क वह तमको नव जीवन दती ह वह तमको

सब कछ नया दती ह 0फर तो मlt य भी समापत हो जाती ह 9 वपन क शष होत ह मlt य समापत हो जाती ह

मlt य पर नयण पान अधकार पान का दसरा अथ भी ह अगर तम समझ लो 0क मlt य नीद ह तो तम उसको Vदशा द

सकत हो अगर तम अपन सपन- को Vदशा द सकत हो तो मlt य को भी द सकत हो तब तम चनाव कर सकत हो 0क कहा

पदा हो कब पदा हो 0कसस पदा हो और 0कस Mप म4 पदा हो तब तम अपन जीवन क मालक होत हो

ब क मlt य हई म_ उनक अतम जनम क पव क जनम क चचा कर रहा ह जब व ब नह थ मरन क पव उG ह-न कहा

lsquorsquoम_ अमक मा बाप स पदा होऊगा ऐसी मर मा होगी ऐस मर पता ह-ग और मर मा मर जनम क बाद ह मर जायगी और

जब म_ जनमगा तो मर मा ऐस-ऐस सपन दखगी न तमको सफ अपन सपन- पर अधकार होगा दसर क 9 व] न- पर भी

अधकार हो जायगा सो ब न उदाहरण क तौर पर बताया 0क जब म_ मा क पट म4 होऊगा तब मर मा य-य 9 वपन दखगी

और जब कोई इस 2म स इन 9 व] न- को दख तब तम समझ जाना क म_ जनम लन वाला ह

और ऐसा ह हआ ब क माता न उसी 2म स सपन दख वह 2म सार भारत को पता था वशषकर उनको जो धम म4

जीवन क गहन चीज- म4 और उसक गम पथ- म4 उतसक थ पता था इसलए उन 9 व] न- क gt याr या हई 9 व] न- क

gt याr या करन वाला पहला आदमी ायड नह था और न उसक gt याr या म4 गहराई थी पला वह कवल पिR चम क लए था

तो ब क पता न 9 व] न- क gt याr याकार- को उस जमान क ायड- और जग- को तरत बलवाया और उनस पछा इस 2म

का + या अथ ह मझ डर लगता ह य सपन अvत ह और एक ह 2म स आ रह ह एक ह तरह क सपन बार-बार स आ

रह ह मान- कोई एक ह 0फलम को बार-बार दखता हो + या हो रहा ह

और gt याr याकार- न बताया 0क आप एक महान आlt मा क पता होन जा रह ह वह ब होन वाला ह ल0कन आपक पlt नी

को सकट ह + य-0क जब ऐस ब जनम लत ह तब मा का जीना कVठन हो जाता ह ब क पता न कारण पछा

gt याr याकार- न कहा 0क हम यह नह बता सकत ल0कन जो आlt मा पदा होन वाल ह उसका ह व+ तवय ह 0क उसक जनम

लन पर उसक मा क मlt य हो जायगी

बाद म4 ब स पछा गया 0क आपक माता क मlt य तरत + यो हई उG ह-न कहा 0क एक ब को जनम दना इतनी बड़ी घटना

ह 0क उसक बाद और सब कछ gt यथ हो जाता ह इसलए मा जीवत नह रह सकती उस नया जीवन शM करन क लए 0फर

स जनम लना होगा एक ब को जनम दना परम अनभव ह ऐसा शखर ह 0क मा उसक बाद नह बची रह सकती इसलए

मा क मlt य हई

ब न अपन पछल जनम म4 कहा था 0क म_ उस समय जनम लगा जब मर मा एक ताड़ वQ क नीच खड़ी होगी और वह

हआ ब का जब जनम हआ तब उनका मा ताड़ वQ क नीच खड़ी थी और ब न यह भी कहा क जनम लन क बाद म4

तरत सात कदम चलगा यह-यह पहचान होगी जो बताए दता ह ता0क तम जान सको 0क ब का जनम हो गया और ब

न सब कछ का इगत 0कया

और यह कवल ब क लए ह सह नह ह यह जीसस क लए सह ह यह महावीर क लए सह ह यह और भी कई अG य-

क लए सह ह lt यक जन तीथJकर न अपन पछल जनम म4 भवO यवाणी क थी 0क उनका जनम 0कस तरह होगा उG ह-न

भी 9 व] न- क 2म बताए थ उG ह-न भी तीक बताए थ और कहा था 0क 0कस तरह सब कछ घVटत होन वाला ह

तम Vदशा द सकत हो एक बार तम अपन 9 व] न- को Vदशा दन लगो तो सब कछ को Vदशा द सकत हो + य-0क यह ससार

सव] न- का ह बना हआ ह और 9 व] न- का ह यह जीवन बना ह इसलए जब तZ हारा अधकार सपन पर हआ तब सब कछ

पर हो गया

यह स कहता ह lsquorsquo9 वय मlt य परlsquorsquo

तब कोई gt यि+ त अपन को एक वशष तरह का जनम भी द सकता ह वशष तरह का जीवन भी द सकता ह

हम लोग तो शकार ह हम नह जानत ह 0क + य- जG मत ह + य- मरत ह कौन हम4 चलाता ह और + य- काई कारण नह

Vदखाई दता ह सब कछ अराजकता सयोग जसा ह ऐसा इसलए ह 0क हम मालक नह ह एक बार मालक हो जाए तो

0फर ऐसा नह रहगा

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-08

आठवी वास वध

आP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकर ाता को जान लो

Lord Shiva त-सndashओशो

इन वधय- क बीच जरा-जरा स ह तो भी तZ हार लए व भद बहत हो सकत ह एक अकला शबद बहत फक पदा करता ह

lsquorsquoआP य9तक भि त पवक वास क दो सध-J थल2 पर क0 =1त होकरhelliplsquorsquo

भीतर आन वाल R वास को एक सध सथल ह जहा वह मड़ती ह इन दो सध-9 थल-mdashिजसक चचा हम कर चक हmdashक

साथ यहा जरा सा भद 0कया गया ह हाला0क यह भद वध म4 तो जरा सा ह ह ल0कन साधक क लए बड़ा भद हो सकता ह

कवल एक शत जोड़ द गई हmdashlsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकrsquorsquo और पर वध बदल गयी

इसक थम Mप म4 भि+ त का सवाल नह था वह मा वानक वध थी तम योग करो और वह काम करगी ल0कन

लोग ह जो ऐसी शषक वानक वधय- पर काम नह कर4ग इसलए जो दय क और झक ह जो भि+ त क जगत क ह

उनक लए जरा सा भद 0कया गया ह आlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध-9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

अगर तम वानक tझान क नह हो अगर तZ हारा मन वानक नह ह तो तम इस वध को योग म4 लाओ

आlt यतक भि+ त पवकmdashम kा क साथmdashR वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लोlsquorsquo

यह कस सभव होगा

भि+ त तो 0कसी क त होती ह चाह व कषण ह- या 2ाइसट ल0कन तZ हार 9 वय क त R वास क दो सध-9 थल- क त

भि+ त कसी होगी यह ततव तो गर भि+ त वाला ह ल0कन gt यि+ त-gt यि+ त पर नभर ह

त का कहना ह 0क शरर मVदर ह तZ हारा शरर परमाlt मा का मVदर ह उसका नवास 9 थान ह इसलए इस मा अपना

शरर या एक व9 त न मानो यह पव ह धामक ह जब तम एक R वास भीतर ल रह हो तब तम ह R वास नह ल रह हो

तZ हार भीतर परमाlt मा भी R वास ल रहा ह तम चलत 0फरत होmdashइस इस तरह दखोmdashतम नह 9 वय परमाlt मा तमम4 चल

रहा ह तब सब चीज4 पर तरह भि+ त हो जाती ह

अनक सत- क बार म4 कहा जाता ह 0क व अपन शरर को म करत थ व उसक साथ ऐसा gt यवहार करत थ मानो व शरर

उनक मकाओ क रह ह-

तम भी अपन शरर को यह gt यवहार द सकत हो उसक साथ यवत gt यवहार भी कर सकत हो वह भी एक Mझान ह एक

aिO ट ह तम इस अपराधपण पाप भरा और गदा भी मान सकत हो और इस चमlt कार भी समझ सकत हो परमाlt मा का

घर भी समझ सकत ह यह तम पर नभर ह

यVद तम अपन शरर को मVदर मान सको तो यह वध तZ हार काम आ सकती ह lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवकhelliplsquorsquo इसका

योग करो जब तम भोजन कर रह हो तब इसका योग करो यह न सोचो 0क तम भोजन कर रह हो सोचो 0क परमाlt मा

तमम4 भोजन कर रहा ह और तब पPरवतन को दखो तम वह चीज खा रह हो ल0कन तरत सब कछ बदल जाता ह अब

तम परमाlt मा को भोजन द रह हो तम 9 नान कर रह हो 0कतना मामल सा काम ह ल0कन aिO ट बदल दो अनभव करो

0क तम अपन म4 परमाlt मा को 9 नान करा रह हो तब यह वध आसान होगी

lsquorsquoआlt यतक भि+ त पवक R वास क दो सध 9 थल- पर क4 Vत होकर ाता को जान लो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-09

नौवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

मतवत लट रहो ोध म0 Iबध होकर उसम ठहर रहो या पतलय2 को घमाए बना एकटक घरत रहो या कछ चसो और

चसना बन जाओ

lsquorsquoमतवत लट रहोlsquorsquo

योग करो 0क तम एकाएक मर गए हो शरर को छोड़ दो + य-0क तम मर गए हो बस कY पना करो 0क मत ह म_ शरर

नह ह शरर को नह Vहला सकता आख भी नह Vहला सकता म_ चीख-चY ला भी नह सकता न ह म_ रो सकता ह कछ

भी नह कर सकता + य-0क म_ मरा हआ ह और तब दखो तZ ह4 कसा लगता ह ल0कन अपन को धोखा मत दो तम शरर

को थोड़ा Vहला सकत हो नह Vहलाओ नह ल0कन मचछर भी आ जाय तो भी शरर को मत समझो यह सबस अधक

उपयोग क गई वध ह

रमण महष इसी वध स ान को उपलबध हए थ ल0कन यह उनक इस जनम क वध नह थी इस जनम म4 तो

अचानक सहज ह यह उG ह4 घVटत हो गई ल0कन जMर उG ह-न 0कसी पछल जनम म4 इसक सतत सधाना क होगी

अG यथा सहज कछ भी घVटत नह होता lt यक चीज का काय-कारण सबध रहता ह

जो जब व कवल चौदह या पह वष क थ एक रात अचानक रमण को लगा 0क म_ मरन वाला ह उनक मन म4 यक बात बठ

गई 0क मlt य आ गई ह व अपना शरर भी नह Vहला सकत थ उG ह4 लगा 0क मझ लकवा मार गया ह 0फर उG ह4 अचानक

घटन महसस हई और व जान गए 0क उनक दय-गत बद होन वाल ह और व चY ला भी नह सक बोल भी नह सक 0क

म_ मर रहा ह

कभी-कभी 0कसी द9व]न म4 ऐसा होता ह 0क जब तम न चY ला पात हो और न Vहल पात हो जागन पर भी कछ Qण- तक

तम कछ नह कर पात हो यह हआ रमण को अपनी चतना पर तो परा अधकार था पर अपन शरर पर Bबलकल नह व

जानत थ 0क म_ ह चतना ह सजग ह ल0कन म_ मरन वाला ह और यह नशचय इतना घना था 0क कोई वकलप भी नह

था इसलए उG ह-न सब यतन छोड़ Vदया उG ह-न आख बद कर ल और मlt य क तीQा करन लग

धीर-धीर उनका शरर सखत हो गया शरर मर गया ल0कन एक सम9 या उठ खड़ी हई व जान रह थ 0क शरर नह ह

ल0कन म_ तो ह व जान रह थ 0क म_ जीवत ह और शरर मर गया ह 0फर व उस ि9 थत स वापस आए सबह म4 शरर

9 वासथ था ल0कन वह आदमी नह लौटा था जो मlt य क पव था + य-0क उसन मlt य को जान लया था

अब रमण न एक नए लोक को दख लया था चतना क एक नए आयाम को जान लया था उG ह-न घर छोड़ Vदया उस मlt य

क अनभव न उG ह4 पर तरह बदल Vदया और व इस यग क बहत थोड़ स ब पMष- म4 हए

और यह वध ह जो रमण को सहज घVटत हई ल0कन तमको यह सहज ह नह घVटत होन वाल ल0कन योग करो तो

0कसी जीवन म4 यह सहज हो सकती ह योग करत हए भी यह घVटत हो सकती ह और यVद नह घVटत हई तो भी यतन

कभी gt यथ नह जाता ह यह यतन तम म4 रहगा तZ हार भीतर बीज बनकर रहगा कभी जब उपयकत समय होगा और

वषा होगी यह बीज अकPरत हो जाएगा

सब सहजता क यह कहानी ह 0कसी काल म4 बीज बो Vदया गया था ल0कन ठUक समय नह आया था और वषा नह हई

थी 0कसी दसर जनम और जीवन म4 समय तयार होता ह तम अधक ौढ़ अधक अनभवी होत हो और ससार म4 उतन ह

नराश होत हो तब 0कसी वशष ि9 थत म4 वषा होती ह और बीज फट नकलता ह

lsquorsquoमतवत लट रहो 2ोध म4 Qबध होकर उसम4 ठहर रहोlsquorsquo

नशचय ह जब तम मर रह हो तो वह कोई सख का Qण नह होगा वह आनदपण नह हो सकता जब तम दखत हो 0क तम

मर रह हो भय पकड़गा मन म4 2ोध उठगा या वषाद उदासी शोक सताप कछ भी पकड़ सकता ह gt यि+ त-gt यि+ त म4

फक ह

स कहता हmdashlsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहो ि9 थत रहोlsquorsquo

अगर तमको 2ोध घर तो उसम ह ि9 थत रहो अगर उदासी घर तो उसम भी भय चता कछ भी हो उसम4 ह ठहर रहो डट

रहो जो भी मन म4 हो उस वसा ह रहन दो + य-0क शरर तो मर चका ह

यह ठहरना बहत सदर ह अगर तम कछ मनट- क लए भी ठहर गए तो पाओग 0क सब कछ बदल गया ल0कन हम Vहलन

लगत ह यVद मन म4 कोई आवग उठता ह तो शरर Vहलन लगता ह उदासी आती ह तो भी शरर Vहलता ह इस आवग

इसीलए कहत ह 0क यह शरर म4 वग पदा करता ह मतवत महसस करोmdashऔर आवग- को शरर Vहलान इजाजत मत दो व

भी वहा रह और तम भी वहा रहो ि9 थर मतवत कछ भी हो पर हलचल नह हो गत नह हो बस ठहर रहो

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहोlsquorsquo

यहmdashया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो महर बाबा क वध थी वष| व अपन कमर क छत को घरत रह

नरतर ताकत रह वष| वह जमीन पर मतवत पड़ रह और पतलय- को आख- को Vहलाए Bबना छत को एक टक दखत रह

ऐसा व लगातार घटो Bबना कछ 0कए घरत रहत थ टकटक लगाकर दखत रहत थ

आख- स घरना अf छा ह + य-0क उसस तम 0फर तीसर आख म_ ि9 थत हो जात हो और एक बार तम तीसर आख म4 थर

हो गए तो चाहन पर भी तम पतलय- को नह घमा सकत हो व भी थर हो जाती हmdashअचल

महर बाबा इसी घरन क जPरए उपलबध हो गए और तम कहत हो 0क इन छोट-छोट अ यास- स + या होगा ल0कन महर

बाबा लगातार तीन वष[ तक Bबना कछ 0कए छत को घरत रह थ तम सफ तीन मनट क लए ऐसी टकटक लगाओ और

तमको लगगा 0क तीन वष गजर गय तीन मनट भी बहत लमब समय मालम होगा तZ ह4 लगगा क समय ठहर गया ह

और घड़ी बद हो गई ह ल0कन महर बाबा घरत रह घरत रह धीर-धीर वचार मट गए और गत बद हो गई महर बाबा

मा चतना रह गए व मा घरना बन गए टकटक बन गए और तब व आजीवन मौन रह गए टकटक क Cवारा व अपन

भीतर इतन शात हो गए 0क उनक लए 0फर शबद रचना असभव हो गई

महर बाबा अमPरका म4 थ वहा एक आदमी था जो दसर- क वचार को मन को पढ़ना जानता था और वासतव म4 वह आमी

दलभ थाmdashमन क पाठक क Mप म4 वह तZ हार सामन बठता आख बद कर लता और कछ ह Qण- म4 वह तZ हार साथ ऐसा

लयव हो जाता 0क तम जो भी मन म4 सोचत वह उस लख डालता था हजार- बार उसक परQा ल गई और वह सदा

सह साBबत हआ तो कोई उस महर बाबा क पास ल गया वह बठा और वफल रहा और यह उसक िजदगी क पहल

वफलता थी और एक ह और 0फर हम यह भी कस कह4 0क यह उसक वफलता हई

वह आदमी घरता रहा घरता रहा और तब उस पसीना आन लगा ल0कन एक शबद उसक हाथ नह लगा हाथ म4 कलम

लए बठा रहा और 0फर बोलाmdash0कसी 0कसम का आदमी ह यह म_ नह पढ़ पाता ह + य-0क पढ़न क लए कछ ह ह नह

यह आदमी तो Bबलकल खाल ह मझ यह भी याद नह रहता क यहा कोई बठा ह आख बद करन क बाद मझ बार-बार

आख खोल कर दखना पड़ता ह 0क यह gt यि+ त यहा ह 0क नह या यहा स हट गया ह मर लए एका होना भी कVठन हो

गया ह + य-0क ` य- ह म_ आख बद करता ह 0क मझ लगता ह 0क धोखा Vदया जा रहा ह वह gt यि+ त यहा स हट जाता ह

मर सामन कोई भी नह ह और जब म_ आख खोलता ह तो उसको सामन ह पाता ह वह तो कछ भी नह सोच रहा ह

उस टकटक न सतत टकटक न महर बाबा क मन को पर तरह वसिजत कर Vदया था

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एकटक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यहा जरा सा Mपातरण ह कछ भी काम द दगा तम मर गए यह काफ ह

lsquorsquo2ोध म4 Qबध होकर उसम ठहर रहोlsquorsquo

कवल यह अश भी एक वध बन सकता ह तम 2ोध म4 हो लट रहो और 2ोध म4 ि9 थत रहो पड़ रहो इसस हटो नह कछ

करो नह ि9 थर पड़4 रहो

कOणामत इसी क चचा 0कए चल जा रह थ उनक पर वध इस एक चीज पर नभर ह 2ोध स Qबध होकर उसम ठहर

रहोlsquorsquo यVद तम 2 हो तो 2 होओ और 2 रहो उसस Vहलो नह हटो नह और अगर तम वस ठहर सको तो 2ोध चला

जाता ह और तम दसर आदमी बन जात हो और एक बार तम 2ोध को उसस आदोलत हए Bबना दख लो तो तम उसक

मालक हो गए

lsquorsquoया पतलय- को घमाए Bबना एक टक घरत रहो या कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

यह अतम वध शारPरक ह और योग म4 सगम ह + य-0क चसना पहला काम ह जो 0क कोई बf चा करता ह चसना

जीवन का पहला कतय ह बf चा जब पदा होता ह तब वह पहल रोता ह तमन यह जानन क कोशश नह क होगी 0क

बf चा + य- रोता ह सच म4 वह रोता नह ह वह रोता हआ मालम होता ह वह सफ हवा का पी रहा ह चर रहा ह अगर वह

नह र-ए तो मनट- क भीतर मर जाए + य-0क रोना हवा लन का पहला यतन ह जब वह पट म4 था बf चा 9 वास नह लता

ह Bबना 9 वास लए वह जीता था वह वह 02या कर रहा था जो भमगत समाध लन पर योगी जन करत ह वह Bबना

R वास लए ाण को हण कर रहा थाmdashमा स श ाण ह हण कर रहा था

यह कारण ह 0क मा और बf च क बीच जो म ह वह और म स सवथा भनन होता ह + य-0क शतम ाण दोन- को

जोड़ता ह अब ऐसा 0फर कभी नह होगा उनक बीच एक सQम ाणमय सबध था मा बf च को ाण दती थी बf चा R वास

तक नह लता था

ल0कन जब वह जनम लता ह तब वह मा क गभ स उठाकर एक Bबलकल अनजानी दनया म4 फ4 क Vदया जाता ह अब उस

ाण या ऊजा उस आसानी स उपलबध नह होगी उस 9 वय ह R वास लनी होगी उसक पहल चीख चसन का पहला यतन

ह उसक बाद वह मा क सतन स दध चसता ह य बनयाद कतय ह जो तम करत हो बाक सब काम बाद म4 आत ह

जीवन क व बनयाद कतय ह और थम कतय उसका अ यास भी 0कया जा सकता ह

यह स कहता ह lsquorsquoया कछ चसो और चसना बन जाओlsquorsquo

0कसी भी चीज को चसो हवा को ह चसो ल0कन तब हवा को भल जाओ और चसना ह बन जाओ इसका अथ + या हआ

तम कछ चस रह हो इसम4 तम चसन वाल हो चोषण नह तम चोषण क पीछ खड़ हो यह स कहता ह 0क पीछ मत खड़

रहो कतय म4 भी सिZ मलत हो जाओ और चोषण बन जाओ

0कसी भी चीज स तम योग कर सकत हो अगर तम दौड़ रह हो तो दौड़ना ह बन जाओ और दौड़न वाल न रहो दौड़ना बन

जाओ दौड़ बन जाओ और दौड़न वाल को भल जाओ अनभव करो 0क भीतर कोई दौड़न वाला नह ह मा दौड़न क

02या ह वह 02या तम होmdashसPरता जसी 02या भीतर कोई नह ह भीतर सब शात ह और कवल यह 02या ह

चसना चोषण अf छा ह ल0कन तमको यह कVठन मालम पड़गा + य-0क हम इस Bबलकल भल गए ह यह कहना भी ठUक

नह ह 0क Bबलकल भल गए ह + य-0क उसका वकलप तो नकालत ह रहत ह मा क सतन क जगह सगरट ल लती ह

और तम उस चसत रहत हो यह सतन ह ह मा का सतन मा का चचक और गम धआ नकलता ह वह मा का दध

इसलए छटपन म4 िजनको मा क सतन क पास उतना नह रहन Vदया गया िजतना व चाहत थ व पीछ चलकर धपान

करन लगत ह यह Bबलकल भल गए ह और वकलप स भी काम चल जाएगा इसलए अगर तम सगरट पीत हो तो

धपान ह बन जाओ सगरट को भल जाओ पीन वाल को भल जाओ और धपान ह बन रहो

एक वषय ह िजस तम चसत हो एक वषयी ह जो चसता ह और उनक बीच चसन क चोषण क 02या ह तम चोषण

बन जाओ 02या बन जाओ इस योग करो पहल कई चीज- स योग करना होगा और तब तम जान-ग 0क तZ हार लए

+ या चीज सह ह

तम पानी पी रह हो ठडा पानी भीतर जा रहा ह तम पानी बन जाओ पानी न पीओ पानी को भल जाओ अपन को भल

जाओ अपनी ] यास को भी और मा पानी बन जाओ 02या म4 ठडक ह 9 पश ह वश ह और पानी हmdashवह सब बन रहो

+ य- नह + या होगा यVद तम चोषण बन जाओ तो + या होगा

यVद तम चोषण बन जाओ तो तम नद|ष हो जाओगmdashठUक वस जस थम Vदन जG मा हआ शश होता ह + य-0क वह थम

02या ह एक तरह स आप पीछ क और याा कर4ग ल0कन उसक ललक लालसा भी तो ह आदमी का परा अि9 ततव

उस 9तन पान क लए तड़पता ह उसक लए वह कई योग करता ह ल0कन कछ भी काम नह आता + य-0क वह Bबद ह

खो गया ह जब तक तम चसना नह बन जात तब तक कछ भी काम नह आएगा इसलए इस योग म4 लाओ

एक आदमी को म_न यह वध द थी उसन कई वधया योग क थी तब वह मर पास आया उसस म_न कहा यVद म_

समच ससार स कवल एक चीज ह तZ ह4 चनन को द तो तम + या चनोग और म_न तरत उस यह भी कहा 0क आख बद करो

और इस पर तम कछ भी सोच Bबना मझ बताओ वह डरन लगा lझझकन लगा तो म_न कहा न डर- और न lझझाको मझ

9 पषट बताओ उसन कहा यह तो बहदा मालम पड़ता ह ल0कन मर सामन एक सतन उभर रहा ह और यह कहकर वह

अपराध भाव अनभव करन लगा तो म_न कहा मत अपराध भाव अनभव करो सतन म4 गलत + या ह सवाधक सदर

चीज- म4 सतन एक ह 0फर अपराध भाव + य-

ल0कन उस आदमी न कहा यह चीज तो मर लए 9 तता बन गई ह इसलए अपनी वध बतान क पहल आप कपा कर

यक बताए 0क म_ + य- ि9 य- क 9 तन- म4 इतना उlt सक ह जब भी म_ 0कसी 9ी को दखता ह पहल उसका सतन ह मझ

Vदखाई दता ह शष शरर उतन महतव का नह रहता

और यह बात कवल उसक साथ ह लाग नह ह lt यक क साथ ात lt यक क साथ लाग ह और यह Bबलकल 9 वाभावक

ह + य-0क मा का सतन क जगत क साथ आदमी का पहला पPरचय बनता ह यह बनयाद ह जगत क साथ पहला सपक

मा क सतन बनता ह यह कारण ह 0क सतन म4 इतना आकषण ह सतन इतना सदर लगता ह उसम एक चबकय शि+ त

इसलए म_न उस gt यि+ त स कहा 0क अब म_ तमको वध दगा और यह वध थी जो म_न उस द 0कसी चीज को चसो और

चसना बन जाओ म_न बताया 0क आख4 बद कर लो और अपनी मा का सतन याद करो या और कोई सतन जो तZ ह4 पसद हो

कY पना करो और ऐस चसना शM करो 0क यह असल सतन ह शM करो

उसन चसना शM 0कया तीन Vदन क अदर वह इतनी तजी स पागलपन क साथ चसन लगा और वह इसक साथ इतना म

मध हो गया 0क उसन एक Vदन आकर मझस कहा यह तो सम9 या बन गई ह सात Vदन म4 चसता ह रहा ह और यह

इतना सदर ह और इसम ऐसी गहर शात पदा होती हlsquorsquo और तीन महन क अदर उसका चोषण एक मौन मा बन गया

तम ह-ठ- स समझ नह सकत 0क वह कछ कर रहा ह ल0कन अदर स चसना जार था सारा समय वह चसता रहता यह

जब बन गया

तीन महन बाद उसक मझस कहा lsquorsquoकछ अनठा मर साथ घVटत हो रहा ह नरतर कछ मीठU व सर स मर जीभ पर

बरसता ह और यह इतना मीठा और शि+ तदायक ह 0क मझ 0कसी और भोजन क जMरत नह रह भख समापत हो गई

ह और भोजन मा औपचाPरत हो गया पPरवार म4 सम9 या न बन इसलए म_ दध लता ह ल0कन कछ मझ मल रहा ह जो

बहत मीठा ह बहत जीवनदायी हlsquorsquo

म_न उस यह वध जार रखन को कहा

तीन महन और और वह एक Vदन नाचता हआ पागल सा मर पास आया और बोला चसना तो चला गया ल0कन अब म_

दसरा ह आदमी हो गया ह अब म_ वह नह रहा ह जो पहल था मर लए कोई Cवार खल गया ह कछ टट गया ह और

कोई आकाQा शष नह रह अब म_ कछ भी नह चाहता ह न परमाlt मा न मोQ अब जो ह जसा ह ठUक ह म_ उस

9 वीकारता ह और आनVदत हlsquorsquo

इस योग म4 लाओ 0कसी चीज को चसो और चसना बन जाओ यह बहत- क लए उपयोगी होगा + य-0क यह इतना

आधारभत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-5

त-सmdashवध-10

शथल होन क पहल वध

त-सmdashवध-10 वान भरव तndashओशो

)य दवी )म 6कए जान क Iण म0 )म म0 ऐस )वश करो जस 6क वह 9नतय जीवन हो

शव म स शM करत ह पहल वध म स सबधत ह + य-0क तZ हार शथल होन क अनभव म4 म का अनभव

नकटतम ह अगर तम म नह कर सकत हो तो तम शथल भी नह हो सकत हो और अगर तम शथल हो सक तो

तZ हारा जीवन मपण हो जाएगा

एक तनावसत आदमी म नह कर सकता + य- + य-0क तनावसत आदमी सदा उशय स योजन स जीता ह वह

धन कमा सकता ह ल0कन म नह कर सकता + य-0क म योजन-रVहत ह म कोई व9 त नह ह तम उस सहत

नह कर सकत तम उस ब_क खात म4 नह डाल सकत तम उसस अपन अहकार क पिO ट नह कर सकत सच तो यह ह 0क

म सब स अथहन काम ह उसस आग उसका कोई अथ नह ह उसस आग उसका कोई योजन नह ह म अपन आप म4

जीता ह 0कसी अनय चीज क लए नह

तम धन कमात होmdash0कसी योजन स वह एक साधन नह ह तम मकान बनात होmdash0कसी क रहन क लए वह भी एक

साधन ह म साधन नह ह तम + य- म करत हो 0कस लए म करत हो

म अपना लQय आप ह यह कारण ह 0क Vहसाब 0कताब रखन वाला मन ता0क क मन योजन क भाषा म4 सोचन वाला

मन म नह कर सकता और जो मन योजन क भाषा म4 सोचता ह वह तनावसत होगा + य-0क योजन भवषय म4 ह

परा 0कया जा सकता ह यहा और अभी नह

तम एक मकान बना रह हो तम उसम4 अभी ह नह रह सकत पहल बनाना होगा तम भवषय म4 उसम रह सकत हो अभी

नह तम धन कमात हो ब_क बल4स भवषय म4 बनगा अभी नह अभी साधन का उपयोग कर सकत हो साधय भवषय म4

आएग

म सदा यहा ह और अभी ह म का कोई भवषय नह ह यह वजह ह 0क म L यान क इतन करब ह यह वजह ह 0क

मlt य भी L यान क इतन करब ह + य-0क मlt य भी यहा और अभी ह वह भवषय म4 नह घटती

+ या तम भवषय म4 मर सकत हो वतमान म4 ह मर सकत हो कोई कभी भवषय म4 नह मरा भवषय म4 कस मर सकत

हो या अतीत म4 कस मर सकत हो अतीत जा चका वह अब नह ह इसलए अतीत म4 नह मर सकत और भवषय अभी

आया नह ह इसलए उसम कस मरोग

मlt य सदा वतमान म4 होती ह मlt य म और L यान सब वतमान म4 घVटत होत ह इसलए अगर तम मlt य स डरत हो तो

तम म नह कर सकत अगर तम मlt य स भयभीत हो तो तम L यान नह कर सकत और अगर तम L यान स डर हो तो

तZ हारा जीवन gt यरथ होगा 0कसी योजन क अथ म4 जीवन gt यथ नह होगा वह gt यथ इस अथ म4 होगा 0क तZ ह4 उसम4

0कसी आनद क अनभत नह होगी जीवन अथहन होगा

इन तीन- कोmdashम L यान और मlt य कोmdashएक साथ रखना अजीब मालम पड़गा वह अजीब ह नह व समान अनभव ह

इसलए अगर तम एक म4 वश कर गए तो शष दो म4 भी वश पा जाओग

शव म स शM करत ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो जस 0क वह नतय जीवन हlsquorsquo

इसका + या अथ ह कई चीज4 एक जब तZ ह4 म 0कया जाता ह तो अतीत समापत हो जाता ह और भवषय भी नह बचता

तम वतमान क आयाम म4 गत कर जात हो तम अब म4 वश कर जात हो + या तमन कभी 0कसी को म 0कया ह यVद

कभी 0कया ह तो जानत हो 0क उस Qण मन नह होता ह

यह कारण ह 0क तथाकथत बमान कहत ह 0क म अध होत ह मन शGय और पागल होत ह व9 तत व सच कहत ह

मी इस अथ म4 अध होत ह 0क भवषय पर अपन 0कए का Vहसाब रखन वाल आख उनक पास नह होती व अध ह

+ य-0क व अतीत को नह दख पात मय- को + या हो जाता ह

व अभी और यह म4 सरक आत ह अतीत और भवषय क चता नह करत + या होगा इसक चता नह लत इस कारण व

अध कह जात ह व ह जो गlणत करत ह उनक लए व अध ह और जो गlणत नह करत उनक लए आख वाल ह जो

Vहसाबी नह ह व दख ल4ग 0क म ह असल आख ह वा9 तवक aिO ट ह

इसलए पहल चीज क म क Qण म4 अतीत और भवषय नह होत ह तब एक नाजम Bबद समझन जसा ह जब अतीत

और भवषय नह रहत तब + या तम इस Qण को वतमान कह सकत हो यह वतमान ह दो क बीच अतीत और भवषय क

बीच यह सापQ ह अगर अतीत और भवषय नह रह तो इस वतमान कहत म4 + या तक ह वह अथहन ह इसीलए शव

वतमान शबद का gtयवहार नह करत व कहत ह नतय जीवन उनका मतलब शाशवत स हmdashशाशवत म4 वश करो

हम समय को तीन Vह9 स- म4 बाटत हmdashभत भवषय और वतमान यह वभाजन गलत ह सवथा गलत ह कवल भत और

भवषय समय ह वतमान समय का Vह9 सा नह ह वतमान शाशवत का Vह9 सा ह जो बीत गया वह समय ह जो आन

वाला ह समय ह

ल0कन जो ह वह समय नह ह + य-0क वह कभी बीतता नह ह वह सदा ह अब सदा ह वह सदा ह यह अब शाशवत ह

अगर तम अतीत स चलो तो तम कभी वतमान म4 नह आत अतीत स तम सदा भवषय म4 याा करत हो उसम कोई Qण

नह आता जो वतमान हो तम अतीत स सदा भवषय म4 गत करत रहत हो आकर वतमान स तम और वतमान म4 गहर

उतरत हो अधकाधक वतमान म4 यह नतय जीवन ह

इस हम इस तरह भी कह सकत ह अतीत स भवषय तक समय ह समय का अथ ह 0क तम समतल भम पर और सीधी

रखा म4 गत करत हो या हम उस Qतज कह सकत ह और िजस Qण तम वतमान म4 होत हो आयाम बदल जाता ह

तZ हार गत ऊL वाधर ऊपर-नीच हो जाती ह तम ऊपर ऊचाई क और जात हो या नीच गहराई क और जात हो ल0कन

तब तZ हार गत Qतज या समतल नह होती ह

ब और शव शाशवत म4 रहत ह समय म4 नह

जीसस स पछा गया 0क आपक भ क राजय म4 + या होगा जो पछ रहा था वह समय क बार म4 नह पछ रहा था वह जानना

चाहता था 0क वहा उसक वासनाओ का + या होगा व कस पर ह-गी वह पछ रहा था 0क + या वहा अनत जीवन होगा या

वहा मlt य भी होगी + या वहा दःख भी रहगा और छोट और बड़ लोग भी ह-ग जब उसन पछा 0क आपक भ क राजय म4

+ या होगा तब वह इसी दनया क बात पछ रहा था

और जीसस न उततर Vदयाmdashयह उततर झन सत क उततर जसा हmdashlsquorsquoवहा समय नह होगाlsquorsquo िजस gt यि+ त को यह उततर

Vदया गया था उसन कछ नह समझा होगा जीसस न इतना ह कहाmdashवहा समय नह होगा + य- + य-0क समय Qतज ह

और भ का राजय ऊLवगामी ह वह शाशवत ह वह सदा यहा ह उसम वश क लए तZ ह4 समय स हट भर जाना ह

तो म पहला Cवारा ह इसक Cवारा तम समय क बाहर नकल सकत हो यह कारण ह 0क हर आदमी म चाहता ह हर

आदमी म करना चाहता ह और कोई नह जानता ह 0क म को इतनी मVहमा + य- द जाती ह म क लए इतनी गहर

चाह + य- ह और जब तक तम यह ठUक स न समझ लो तम न म कर सकत हो और न पा सकत हो + य-0क इस धरती पर

म गहन स गहन घटना ह

हम सोचत ह 0क हर आदमी जसा वह ह म करन को सQम ह वह बात नह ह और इसी कारण स तम म म4 नराशा

होत हो म एक और ह आयाम ह यVद तमन 0कसी को समय क भीतर म करन क कोशश क तो तZ हार कोशश

हारगी समय क रहत म सभव नह ह

मझ एक कथा याद आती ह मीरा कषण क म म4 थी वह गVहणी थीmdashएक राजकमार क पlt नी राजा को कषण स ईO या

होन लगी कषण थ नह व शरर स उपि9 थत नह थ कषण और मीरा क शारPरक मौजदगी म4 पाच हजार वष[ का

फासला था इसलए यथाथ म4 मीरा कषण क म म4 कस हो सकती थी समय का अतराल इतना लबा था

एक Vदन राणा न मीरा स पछा तम अपन म क बात 0कए जाती हो तम कषण क आसपास नाचती-गाती हो ल0कन

कषण ह कहा तम 0कसक म म4 हो 0कसस सतत बात4 0कए जाती हो

मीरा न कहा कषण यहा ह तम नह हो + य-0क कषण शाशवत ह तम नह हो व यहा सदा ह-ग सदा थ व यहा ह तम

यहा नह हो एक Vदन तम यहा नह थ 0कसी Vदन 0फर यहा नह होओग इसलए म_ कस वR वास कM 0क इन दो

अनि9ततव क बीच तम हो दो अनि9तltव क बीच अि9 ततव + या सभव ह

राणा समय म4 ह और कषण शाशवत म4 ह तम राणा क नकट हो सकत हो ल0कन दर नह मटाई जा सकती तम दर ह

रहोग और समय म4 तम कषण स बहत दर हो सकत हो तो भी तम उनक नकट हो सकत हो यह आयाम ह और ह

म_ आपन सामन दखता ह वहा दवार ह 0फर म_ अपनी आख- को आग बढ़ाता ह और वहा आकाश ह जब तम समय म4

दखत हो तो वहा दवार ह और जब तम समय क पार दखत हो तो वहा खला आकाश ह अनत आकाश

म अनत का Cवार खोल सकता ह अि9 ततव क शाR वतता का Cवार इसलए अगर तमन कभी सच म4 म 0कया ह तो

म को L यान क वध बनाया जा सकता ह यह वहा वध ह lsquorsquoय दवी म 0कए जान क Qण म4 म म4 ऐस वश करो

जस 0क यह नतय जीवन होlsquorsquo

बाहर-बाहर रहकर मी मत बनो मपण होकर शाशवत म4 वश करो जब तम 0कसी को म करत हो तो + या तम वहा

मी क तरह होत हो अगर होत हो तो समय म4 हो और तZ हारा म झठा ह नकल ह अगर तम अब भी वहा हो और

कहत हो 0क म_ ह तो शारPरक Mप स नजदक होकर भी आL यािlt मक Mप स तZ हार बीच दो ~व- क दर कायम रहती ह

म म4 तम न रहो सफ म रह इसलए म ह हो जाओ अपन मी या मका को दलार करत समय दलार ह हो जाओ

चबन लत समय चसन वाल या चम जान वाल मत रहो चबन ह बन जाओ अहकार को Bबलकल भल जाओ म क कतय

म4 धल-मल जाओ कतय म4 इतनी गहर समा जाओ 0क कता न रह

और अगर तम म म4 नह गहर उतर सकत तो खान और चलन म4 गहर उतरना कVठन होगा बहत कVठन होगा + य-0क

अहकार को वसिजत करन क लए म सब स सरल माग ह इसी वजह स अहकार लोग म नह कर पात व म क बार म4

बात4 कर सकत ह गीत गा सकत ह लख सकत ह ल0कन व म नह कर सकत अहकार म नह कर सकता ह

शव कहत ह म ह हो जाओ जब आलगन म4 हो तो आलगन हो जाओ चबन लत समय चबन हो जाओ अपन को इस

पर तरह भल जाओ 0क तम कह सको 0क म_ अब नह ह कवल म ह तब दय नह धड़कता ह म क धड़कता ह तब

खन नह दौड़ता ह म ह दौड़ता ह तब आख नह दखती ह म ह दखता ह तब हाथ छन को नह बढ़त ह म ह छन को

बढ़ता ह म बन जाओ और शाशवत जीवन म4 वश करो

म अचानक तZ हार आयाम को बदल दता ह तम समय स बाहर फ4 क Vदय जात हो तम शाशवत क आमन-सामन खड़ हो

जात हो म गहरा L यान बन सकता हmdashगहर स गहरा और कभी-कभी मय- न वह जाना ह जो सत- न भी नह जाना

कभी-कभी मय- न उस क4 को छआ ह जो अनक योगय- न नह छआ

शव को अपनी या दवी क साथ दखो उG ह4 L यान स दखो व दो नह मालम होत व एक ह ह यह एकात इतना गहरा ह

हम सबन शव लग दख ह य ल_गक तीक ह शव क लग का तीक ह ल0कन वह अकला नह ह वह दवी क योन म4

ि9 थत ह परान Vदन- क Vहद बड़ साहसी थ अब जब तम शवलग दखत हो तो याद नह रहता 0क यह एक ल_गक तीक ह

हम भल गए ह हमन चOटा पवक इस पर तरह भला Vदया ह

स मनोवानक जग न अपनी आतमकथा म4 अपन स9 मरण- म4 एक मजदार घटना का उY लख 0कया ह वह भारत

आया और कोणाक दखन को गया कोणाक क मVदर म4 शवलग ह जो पWडत उस समझाता था उसन शवलग क सवाय

सब कछ समझाया और व इतन थ 0क उनस बचना मिR कल था जग तो सब जानता था ल0कन पWडत को सफ चढ़ान क

लए पछता रहा क य + या ह तो पWडत न आlखर जग क कान म4 कहा 0क मझ यहा मत पछय म_ पीछ आपको बताऊगा

यह गोपनीय ह

जग मन ह मन हसा होगा य ह आज क Vहद 0फरा बहार आकर पWडत न कहा 0क दसर- क सामन आपका पछना उचत न

था अब म4 बताता ह यह गपत चीज ह और तब 0फर उसन जग क कान म4 कहा य हमार ग] ताग ह

जग जब यहा स वापस गया तो वहा वह एक महान वCवान स मला पवyय चतन मथक और दशन क वCवान हनPरख

िजमर स जग न यह 0क9 सा िजमर को सनाया िजमर उन थोड़ स मनीषय- म4 था िजG ह-न भारतीय चतन म4 डबन क

चOटा क थी और वह भारत का उसक वचारणा का जीवन क त उसक अता0क क रह9 यवाद aिOट वाद aिO टकोण का

मी था जब उसन जग स यह सना तो वह हसा और बोला बदलाहट क लए अf छा ह म_न ब कषण महावीर जस महान

भारतीय- क बार म4 सना ह तम तो सना रह हो वह 0कसी महान भारतीय क सबध म4 नह भारतीय- क सबध म4 कछ कहता

शव क लए म महाCवार ह और उनक लए कामवासना नदनीय नह ह उनक लए काम बीज ह और म उसका फल

ह और अगर तम बीज क नदा करत हो तो फल क भी नदा अपन आप हो जाती ह काम म बन सकता ह और अगर

वह कभी म नह बनता ह तो वह पग हो जाता ह पगता क नदा करो काम क नह म को lखलना चाVहए उसको म

बनना चाVहए और अगर यह नह होता ह तो यह काम दोष नह ह यह दोष तZ हारा ह

काम को काम नह रहना ह यह त क शQा ह उस म म4 MपातPरत होना ह चाVहए और म को भी म ह नह रहना

ह उस काश म4 L यान क अनभव म4 अतम परम रह9 यवाद शखर म4 MपातPरत होना चाVहए म को MपातPरत कस

0कया जाए

कतय हो जाओ और कता को भल जाओ म करत हए म महज म हो जाओ तब यह तZ हारा म मरा म या 0कसी

अनय का म नह ह तब यह मा म ह जब 0क तम नह हो जब 0क तम परम 9 ोत या धारा क हाथ म4 हो तब 0क तम

म म4 हो तम म म4 नह हो म न ह तZ ह4 आlt मसात कर लया ह तम तो अतधान हो गए हो मा वाहमान ऊजा

बनकर रह गए हो

इस यग का एक महान सजनातमक मनीषी डी एच लॉर4स जान अनजान त वद था पिR चम म4 व पर तरह नVदत

हआ उसक 0कताब4 जबत हई उस पर अदालत- म4 अनक मकदम चल सफ इसलए 0क उसन कहा 0क काम ऊजा एक

मा ऊजा ह और अगर तम उसक नदा करत हो दमन करत हो तो तम जगत क lखलाफ हो और तब तम कभी भी इस

ऊजा क परम lखलावट को नह जान पाओग और दमत होन पर यह कMप हो जाती ह और यह द9च2 ह

परोVहत नीतवाद तथाकथत धामक लोग पोप शकराचाय और दसर लोग काम क सतत नदा करत ह व कहत ह 0क

यह एक कMप चीज ह और तम इसका दमन करत होत तो यह सचमच कMप हो जाती ह तब व कहत ह 0क दखो जो हम

कहत थ वह सच नकला तमन ह इस स कर Vदया तम जो भी कर रह हो वह कMप ह और तम जानत हो 0क वह कMप

ल0कन काम 9 वय म4 कMप नह ह परोVहत- न उस कMप कर Vदया ह और जब व इस कMप कर चकत ह तब व सह साBबत

होत ह ओर जब व सह साBबत होत ह तो तम उस कMप स कMप तर 0कए दत हो काम तो नद|ष ऊजा ह तम म4 वाVहत

होता जीवन ह जीवत अि9 ततव ह उस पग मत बनाओ उस उसक शखर- क याा करन दो उसका अथ ह 0क काम को

म बनना चाVहए फक + या ह

जब तZ हारा मन कामक होता ह तो तम दसर का शोषण कर रह हो दसरा मा एक य होता ह िजस इ9 तमाल करक फ4 क

दना ह और जब काम म बनता ह तब दसरा य नह होता दसर का शोषण नह 0कया जाता दसरा सच म4 दसरा नह

होता तब तम म करत हो तो यह सव-क4 Vत नह ह उस हालत म4 तो दसरा ह महlt वपण होता ह अनठा होता ह तब तम

एक दसर का शोषण नह करत तब दोन- एक गहर अनभव म4 सिZ मलत हो जात हो साझीदार हो जात हो तम शोषक और

शोषत न होकर एक दसर को म क और ह दनया म4 याा करन म4 सहायता करत हो काम शोषण ह म एक भनन

जगत म4 याा ह

अगर यह याा Qlणक न रह अगर यह याा L यान पण हो जाए अथात अगर तम अपन को Bबलकल भल जाओ और मी

मका वलन हो जाए और कवल म वाVहत होता रह तो शव कहत हmdashlsquorsquoशाशवत जीवन तZ हारा हlsquorsquo

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-11

शथल होन क दसर वध

त-सmdashवध-11 वान भरव त-ओशो

जब चीट क र0गन क अनभ9त हो तो इ=1य2 क Gवार बद कर दो तब

यह बहत सरल Vदखता ह ल0कन उतना सरल ह नह म_ इस 0फर स पढ़ता ह lsquorsquo जब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय-

क Cवार बद कर दो तबlsquorsquo यक एक उदाहरण मा ह 0कसी भी चीज स काम चलगा इVय- क Cवार बद कर दो जब चीट

क र4गन क अनभत हो और तबmdashतब घटना घट जाएगी शव कह + या रह ह

तZ हार पाव म4 काटा गड़ा ह वह दद दता ह तम तकलफ म4 हो या तZ हार पाव पर एक चीट र4ग रह ह तZ ह4 उसका र4गना

महसस होता ह और तम अचानक उस हटाना चाहत हो 0कसी भी अनभव को ल सकत ह तZ ह4 धाव ह जो दखता ह

तZ हार सर म4 दद ह या कह शरर म4 दद ह वषय क Mप म4 0कसी स भी काम चलगा चीट का र4गना उदाहरण भर ह

शव कहत ह lsquorsquoजब चीट क र4गन क अनभत हो तो इVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

जो भी अनभव हो इVय- क सब Cवार बद कर दो करना + या ह आख4 बद कर लो और सोचो 0क म_ अधा ह और दख नह

सकता अपन कान बद कर लो और सोचो 0क म_ सन नह सकता पाच इVया ह उन सब को बद कर लो ल0कन उG ह4 बद

कस करोग

यह आसान नह ह Qण भर क लए R वास लना बद कर दो और तZ हार सब इVया बद हो जायगी और जब R वास tक ह

और इVया बद ह तो र4गना कहा ह चीट कहा ह अचानक तम दर बहत दर हो जात हो

मर एक म ह व ह व एक बार सीढ़ स गर पड़ और डॉ+टर- न कहा 0क अब व तीन महन- तक खाट स नह Vहल

सक4 ग तीन महन वkाम म4 रहना ह और व बहत अशात gt यि+ त थ पड़ रहना उनक लए कVठन था म_ उG ह4 दखन गया

उG ह-न कहा 0क मर लए ाथना कर4 और मझ आशीष द4 0क म4 मर जाऊ + य-0क तीन महन पड़ रहना मौत स भी बदतर ह

म_ पतथर क तरह कस पडा रह सकता ह और सब कहत ह 0क Vहलए मत

म_न उनस कहा यह अf छा मौका ह आख4 बद कर4 और सोच4 0क म_ पतथर ह मत वत अब आप Vहल नह सकत आlखर

कस Vहल4ग आख बद कर4 और पतथर क मत हो जाए उG ह-न पछा 0क उसस + या होगा म_न कहा क योग तो कर4 म_

यहा बठा ह और कछ 0कया भी नह जा सकता जस भी हो आपको तो यहा तीन महन पड़ रहना ह इसलए योग कर4

वस तो व योग करन वाल जीव नह थ ल0कन उनक यह ि9 थत ह इतनी असभव थी 0क उG ह-न कहा 0क अf छा म_ योग

कMगा शायद कछ हो वस मझ भरोसा नह आता 0क सफ यह सोचन स 0क म_ पतथरवत ह कछ होन वाला ह ल0कन म_

योग कMगा और उG ह-न 0कया

मझ भी भरोसा नह था 0क कछ होन वाला ह + य-0क व आदमी ह ऐस थ ल0कन कभी-कभी जब तम असभव और नराश

ि9 थत म4 होत हो तो चीज4 घVटत होन लगती ह उG ह-न आख4 बद कर ल म_ सोचता था 0क दो तीन मनट म4 व आख

खोल4ग और कह4ग 0क कछ नह हआ ल0कन उG ह-न आख4 नह खोल तीस मनट गजर गए और म_ दख सका 0क व

पतथर हो गए ह उनक माथ पर स सभी तनाव वलन हो गए उनका चहरा बदल गया मझ कह और जाना था ल0कन व

आख बद 0कए पड़ थ और व इतन शात थ मानो मर गए ह उनक R वास शात हो चल थी ल0कन + य-0क मझ जाना था

इसलए म_न उनस कहा 0क अब आख खोल4 और बताए 0क + या हआ

उG ह-न जब आख खोल तब व एक दसर ह आदमी थ उG ह-न कहा यह तो चमlt कार ह आपन मर साथ + या 0कया म_न

कछ भी नह 0कया उG ह-न 0फर कहा 0क आपन जMर कछ 0कया + य-0क यह तो चमlt कार ह जब म_न सोचना शM 0कया

0क म_ पतथर जसा ह तो अचानक यह भाव आया 0क यVद म_ अपन हाथ Vहलाना भी चाहता ह तो उG ह4 Vहलाना भी असभव ह

म_न कइ बार अपनी आख4 खोलनी चाह ल0कन व पतथर जसी हो गई थी और नह खल पा रह थी और उG ह-न कहा म_

चतत भी होन लगा 0क आप + या कह4ग इतनी दर हई जाती ह ल0कन म_ असमथ था म_ तीस मनट तक Vहल नह सका

और जब सब गत बद हो गई तो अचानक ससार वलन हो गया और म_ अकला रह गया अपन आप म4 गहर चला गया

और उसक साथ दद भी जाता रहा

उG ह4 भार दद था रात को o_ि+वलाइजर क Bबना उG ह4 नीद नह आती थी और वसा दद चला गया म_न उनस पछा 0क जब

दद वलन हो रहा था तो उG ह4 कसा अनभव हो रहा था उG ह-न कहा 0क पहल तो लगा 0क दद ह पर कह दर पर ह 0कसी

और को हो रहा ह और धीर-धीर वह दर और दर होता गया और 0फर एक दम स ला पता हो गया कोई दस मनट तक दद

नह था पतथर क शरर को दद कस हो सकता ह

यह वध कहती ह lsquorsquoइVय- क Cवारा बद कर दोlsquorsquo

पतथर क तरह हो जाओ जब तम सच म4 ससार क लए बद हो जात हो तो तम अपन शरर क त भी बद हो जात हो

+ य-0क तZ हारा शरर तZ हारा Vह9 सा न होकर ससार का Vह9 सा ह जब तम ससार क त Bबलकल बद हो जात हो तो अपन

शरर क त भी बद हो गए और तब शव कहत ह तब घटना घटगी

इसलए शरर क साथ इसका योग करो 0कसी भी चीज स काम चल जाएगा र4गती चीट ह जMर नह ह नह तो तम

सोचोग 0क जब चीट र4गगी तो L यान कर4ग और ऐसी सहायता करन वाल चीVटया आसानी स नह मलती इसलए 0कसी

सी भी चलगा तम अपन Bबसतर पर पड़ हो और ठडी चादर महसस हो रह ह उसी Qण मत हो जाओ अचानक चादर दर

होन लगगी वलन हो जाएगी तम बद हो मत हो पतथर जस हो िजसम कोई भी र~ नह ह तम Vहल नह सकत

और जब तम Vहल नह सकत तो तम अपन पर फ4 क Vदय जात हो अपन म4 क4 Vत हो जात हो और तब पहल बार तम

अपन क4 स दख सकत हो और एक बार जब अपन क4 स दख लया तो 0फर तम वह gt यि+ त नह रह जाओग जो थ

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-12

शथल होन क तीसर वध

त-सmdashवध-12 वान भरव तndashओशो

जब 6कसी बसतर या आसमान पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पार

तम यहा बठ हो बस भाव करो 0क तम वजनशनय हो गए हो तZ हारा वज़न न रहा तZ ह4 पहल लगगा 0क कह यहा वज़न

ह वजनशनय होन का भाव जार रखो वह आता ह एक Qण आता ह जब तम समझोग 0क तम वज़न शनय हो वज़न

नह ह और जब वज़न शनय नह रहा तो तम शरर नह रह + य-0क वज़न शरर का ह तZ हारा नह तम तो वज़न शनय

हो

इस सबध म4 बहत योग 0कए गय ह कोई मरता ह तो ससार भर म4 अनक वानक- न मरत हए gt यि+ त का वज़न लन क

कोशश क ह अगर कछ फक हआ अगर कछ चीज शरर क बहार नकल ह कोई आlt मा या कछ अब वहा नह ह + य-0क

वान क लए कछ भी Bबना वज़न क नह ह

सब पदाथ क लए वज़न बनयाद ह सय क 0करण- का भी वज़न ह वह अlt यत कम ह G यन ह उसको मापना भी कVठन

ह ल0कन वानक- न उस भी मापा ह अगर तम पाच वग मील क Q पर फल सब सय 0करण- को इका कर सको तो

उनका वज़न एक बाल क वज़न क बराबर होगा सय 0करण- का भी वज़न ह व तौल जा सकती ह वान क लए कछ भी

वज़न क Bबना नह ह और अगर कोई चीज वज़न क Bबना ह तो वह पदाथ नह उप पदाथ और वान पछल बीस पf चीस

वष| तक वR वास करता था 0क पदाथ क अतPरकत कछ नह ह इसलए जब कोई मरता ह और कोई चीज शरर स

नकलती ह तो वज़न म4 फक पड़ना चाVहए

ल0कन यह फक कभी न पडा वज़न वह का वह रहा कभी-कभी थोड़ा बढ़ा ह ह और वह सम9 या ह िजदा आदमी का

वज़न कम हआ मदा का ` यादा उसम उलझन बढ़ + य-0क वानक तो यह पता लन चल थ 0क मरन पर वज़न घटता ह

तभी तो व कह सकत ह 0क कछ चीज बाहर गई ल0कन वहा तो लगता ह 0क कछ चीज अदर ह आई आlखर हआ + या

वज़न पदाथ का ह ल0कन तम पदाथ नह हो अगर वजन शGयता क हम वध का योग करना ह तो तZ ह4 सोचना चाVहए

सोचना ह नह भाव करना चाVहए 0क तZ हारा शरर वजनशGय हो गया ह अगर तम भाव करत ह गए भाव करत ह गए

तो तम वजनशGय हो तो एक Qण आता ह 0क तम अचानक अनभव करत हो 0क तम वज़न शनय हो गय तम वजनशGय

ह हो इसलए तम 0कसी समय भी अनभव कर सकत हो सफ एक ि9 थत पदा करनी ह िजसम4 तम 0फर अनभव करो

0क तम वजनशनय हो तZ ह4 अपन को सZ मोहन मकत करना ह

तZ हारा सZ मोहन + या ह सZमोह न यह ह 0क तमन वR वास 0कया ह 0क म_ शरर ह और इसलए वज़न अनभव करत हो

अगर तम 0फर स भाव कर- वR वास करो 0क म_ शरर नह ह तो तम वज़न अनभव नह करोग यह सZ मोहन मि+ त ह 0क

जब तम वज़न अनभव नह करत तो तम मन क पार चल गए

शव कहत ह lsquorsquoजब 0कसी Bबसतर या आसन पर हो तो अपन को वजनशनय हो जान दोmdashमन क पारlsquorsquo तब बात घटती ह

मन का भी वज़न ह lt यक आदमी क मन का वज़न ह एक समय कहा जाता था 0क िजतना वज़नी मि9 तषक हो उतना

बमान होता ह और आमतौर स यह बात सह ह ल0कन हमशा सह नह ह + य-0क कभी-कभी छोट मि9 तषक क भी

महान gt यि+ त हए ह और महा मख मि9 तषक भी वज़नी होत ह

कछ बात4 कभी-कभी मद| का वज़न + य- बढ़ जाता ह ` य- ह चतना शरर को छोड़ती ह 0क शरर असरmQत हो जाता ह

बहत सी चीज4 उसम4 वश कर जा सकती ह तZ हार कारण व वश नह कर सकती ह एक शव म4 उनक तरग4 वश कर

सकती ह तमम4 नह कर सकती ह तम यहा थ शरर जीवत था वह अनक चीज- स बचाव कर सकता था यह कारण ह

0क तम एक बार बीमार पड़ 0क यह एक लबा सलसला हो जाता ह एक क बाद दसर बीमार आती चल जाती ह एक बार

बीमार होकर तम असरmQत हो जात हो हमल क त खल जात हो तरोध जाता रहता ह तब कछ भी वश कर सकता

ह तZ हार उपि9 थत शरर क रQा करती ह इसलए कभी-कभी मत शरर का वज़न बढ़ सकता ह + य-0क िजस Qण तम

उसस हटत हो उसम कछ भी वश कर सकता ह

दसर बात ह 0क जब तम सखी होत हो तो तम वजनशनय अनभव करत हो और दःखी होत हो तो वज़न अनभव करत हो

लगता ह 0क कछ तZ ह4 नीच को खीच रहा ह तब गtltवाकषण बहत बढ़ जाता ह दःख क हालत म4 वज़न बढ़ जाता ह जब

तम सखी होत हो तो हलक होत हो तम ऐसा अनभव करत हो + य- + य-0क जब तम सखी हो जब तम आनद का Qण

अनभव करत हो तो तम शरर को Bबलकल भल जात हो और जब उदास होत हो दःखी होत हो तब शरर क अत नकट

आ जात हो उस भल नह पात उसस जड़ जात हो तब तम भार अनभव करत हो य भार तZ हारा नह ह तZ हार शरर स

चपकन का ह शरर का ह वह तZ ह4 नीच क और खीच रहा ह जमीन क तरफ खीचता ह मान- तम जमीन म4 गड़ जा रह

हो सख म4 तम नभार होत हो शोक म4 वषाद म4 वज़नी हो जात हो

इसलए गहर L यान म4 जब तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तम जमीन स ऊपर हवा म4 उठ सकत हो तZ हार

साथ तZ हारा शरर भी ऊपर उठ सकता ह कई बार ऐसा होता ह

बोलवया म4 वानक एक 9 ी का नरQण कर रह ह L यान करत हए वह जमीन स चार फट ऊपर उठ जाती ह अब तो

यह वानक नरQण क बात ह उसक अनक फोटो और 0फलम लए जा चक ह हजार- दशक- क सामन वह 9 ी

अचानक ऊपर उठ जाती ह उसक लए गtltवाकषण gt यथ हो जाता ह अब तक इस बात क सह gt याr या नह क जा सक

ह 0क + य- होता ह ल0कन वह 9 ी गर-L यान क अव9 था म4 ऊपर नह उठ सकती या अगर उसक L यान म4 बाधा हो जाए

तो भी वह ऊपर स झट नीच आ जाती ह + या होता ह

L यान क गहराई म4 तम अपन शरर को Bबलकल भल जात हो तादाlt मय टट जाता ह शरर बहत छोट चीज ह और तम

बहत बड़ हो तZ हार शि+ त अपPरसीम ह तZ हार मकाबल म4 शरर तो कछ भी नह ह यह तो ऐसा ह ह 0क जस एक

साट न अपन गलाम क साथ तादाlt मय 9 थापत कर लया ह इसलए जस गलाम भीख मागता ह वस ह साट भी भीख

मागता ह जस गलाम रोता ह वस ह साट भी रोता ह और जब गलाम कहता ह 0क म_ ना कछ ह तो साट भी कहता ह

म_ ना कछ ह ल0कन एक बार साट अपन अि9 ततव को पहचान ल पहचान ल 0क वह साट ह और गलाम बस गलाम ह स

कछ बदल जाएगा अचानक बदल जाएगा

तम वह अपPरसीम शि+ त हो जो Q शरर स एकातम हो गई ह एक बार यह पहचान हो जाए तम अपन सव को जान लो

तो तZ हार वजन शGयता बढ़गी और शरर का वज़न घटगा तब तम हवा म_ उठ सकत हो शरर ऊपर जा सकता ह

ऐसी अनक घटनाए ह जो अभी साBबत नह क जा सकती ल0कन व साBबत ह-गी + य-0क जब एक 9 ी चार फट ऊपर उठ

सकती ह तो 0फर बाधा नह दसरा हजार फट ऊपर उठ सकता ह तीसरा अनत अतPरQ म4 पर तरह जा सकता ह

सातक Mप स यह काई सम9 या नह ह चार फट ऊपर उठ 0क चार सौ फट 0क चार हजार फट इसस + या फक पड़ता ह

राम तथा कई अनय क बार म4 कथाए ह 0क व शरर वलन हो गए थ अनक मत शरर इस धरती पर कह नह पाए गए

मोहममद Bबलकल वलन हो गए थ शरर ह नह आपन घोड़ क साथ व कहानया असभव मालम पड़ती ह पौराlणक

मालम पड़ती ह ल0कन जMर नह ह 0क व मथक ह ह- एक बार तम वज़न शनय शि+ त को जान जाओ तो तम

गtltवाकषण क मालक हो गए तम उसका उपयोग भी कर सकत हो यह तम पर नभर करता ह तम सशरर अतPरQ म4

वलन हो सकत हो

ल0कन हमार लए वज़न शG यता सम9 या रहगी सCघासन क वध ह िजस म4 ब बठत ह वजनशनय होन क सव|तम

वध ह जमीन पर बठो 0कसी कसy या अनय आसन पर नह मा जमीन पर बठो अf छा हो 0क उस पर सीम4ट या कोई

कBमता नह हो जमीन पर बठो 0क तम कत क नकटतम रहो और अf छा हो 0क तम नग बठो जमीन पर नग बठोmdash

बासन म4 सCघासन म4

वज़न शनय होन क लए सCघासन सवkषठ आसन ह +य- + य-0क जब तZ हारा शरर इधर-उधर झका होता ह तो तम

` यादा वज़न अनभव करत हो तब तZ हार शरर को गtltवाकषण स भावत होन क लए ` यादा Q ह यVद म_ इस कसy

पर बठा ह तो मर शरर का बड़ा Q गtltवाकषण स भावत होता ह जब तम खड़ हो तो भावत Q कम हो जाता ह

ल0कन बहत दर तक खड़ा नह रहा जा सकता ह महावीर सदा खड़-खड़ L यान करत थ + य-0क उस हालत म4 गtltवाकषण

का G यनतम Q घरता ह तZ हार पर भर जमीन को छत ह जब पाव पर खड़ हो तो गtltवाकषण तम पर G यनतम भाव

करता ह और गtltवाकषण क वज़न ह

पाव- और हाथ- को बाधकर सCघासन म4 बठना ` यादा कारगर होता ह + य-0क तब तZ हार आतPरक वCयत एक वतल

बन जाती ह रढ़ सीधी रखो अब तम समझ सकत हो 0क सीधी रढ़ रखन पर इतना जोर + या Vदया जाता ह + य-0क सीधी

रढ़ स कम स कम जगह घर जाती ह तब गtltवाकषण का भाव कम रहता ह आख बद रखत हए अपन को पर तरह

सतलत कर लो अपन को क4 Vत कर लो पहल दाई और झककर गtltवाकषण का अनभव करो 0फर बाई और झककर

गtltवाकषण का अनभव करो तब उस क4 को खोज- जहा गtltवाकषण या वज़न कम स कम अनभव होता ह और उस

ि9 थत म4 थर हो जाओ

और तब शरर को भल जाओ और भाव करो 0क तम वज़न नह हो तम वज़न शनय हो 0फर इस वज़न शG यता का अनभव

करत रहो अचानक तम वज़न शनय हो जात हो अचानक तम शरर नह रह जात हो अचानक तम शरर शG यता क एक

दसर ह ससार म4 होत हो

वज़न शG यता शरर शG यता ह तब तम मन का भी अत2मण कर जात हो मन भी शरर का Vह9 सा ह पदाथ का Vह9 सा

ह पदाथ का वज़न होता ह तZ हारा कोई वज़न नह ह इस वध का यह आधार ह

0कसी भी एक वध को योग म4 लाओ ल0कन कछ Vदन- तक उसम लग रहो ता0क तZ ह4 पता हो क वह तZ हार लए

कारगर ह या नह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-7

त-सmdashवध-13

lsquorsquoया कC पना करो 6क मयर पछ क पचरग वतल 9नJ सीम अत(रI म0 तR हार पाच इ=1या ह

SHIVA वान भरव त (त-सmdashवध-13 ओशो

अब उनक सTदय को भीतर ह घलन दो उसी )कार शUय म0 या दवार पर 6कसी बद क साथ कC पना करो जब तक 6क वह

बद वलन न हो जाए तब दसर क लए तR हार कामना सच हो जाती हlsquorsquo

य सार स भीतर क क4 को कस पाया जाए उसस सबधत ह उसक लए जो बनयाद तरकब जो बनयाद वध काम

म4 लायी गयी ह वह यह ह 0क तम अगर बाहर कह भी मन म4 दय म4 या बाहर क 0कसी दवार म4 एक क4 बना सक और

उस पर समता स अपन अवधान को क4 Vत कर सक और उस बीच समच ससारा को भल सक और एक वह Bबद तZ हार

चतना म4 रह जाए तो तम अचानक अपन आतPरक क4 पर फ4 क Vदए जाओग यह कस काम करता ह इस समझो तZहारा

मन एक भगोड़ा ह एक भाग दौड़ ह ह वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह नरतर कह जा रहा ह गत कर रहा ह

पहच रहा ह ल0कन वह कभी एक Bबद पर नह Vटकता ह वह एक वचार स दसर वचार क और अ स ब क और याा

करता रहता ह ल0कन कभी वह अ पर नह Vटकता ह कभी वह ब पर नह Vटकता ह वह नरतर गतमान ह

यह याद रह 0क मन सदा चलायमान ह वह कह पहचन क आशा तो करता ह ल0कन कह पहचता नह ह वह पहच नह

सकता मन क सरचना ह गीतमय ह मन कवल गत करता ह वह मन का अतभत 9 वभाव ह गत ह उसक 02या

ह अ स ब को ब स अ को वह चलता ह जाता ह

अगर तम अ या ब या 0कसी Bबद पर ठहर गए तो मन तमस सघष करगा वह कहगा 0क आग चलो कय-0क अगर तम Mक

गए मन तरत मर जायगा वह गत म4 रहकर ह जीता ह मन का अथ ह 02या ह अगर तमन गत नह क तम Mक गय

तो मन अचानक समापत हो जायगा वह नह बचगा कवल चतना बचगी

चतना तZ हार 9 वभाव ह मन तZ हारा कम ह चलन जसा इस समझना कVठन ह + य-0क हम समझत ह 0क मन कोई

ठोस वा9 तवक व9 त ह वह नह ह मन महज एक 02या ह यह कहना बहतर होगा 0क यह मन नह मनन ह चलन क

तरह यह एक 02या ह चलना 02या ह अगर तम Mक जाओ तो चलना समापत हो जायगा तम तब नह कह सकत 0क

चलना बठना ह तम Mक जाओ तो चलना समापत ह तम Mक जाओ तो चलना कहा ह चलना बद पर ह पर चलना नह

ह पर चल सकत ह ल0कन अगर तम Mक जाओ तो चलना नह होगा

चतना पर जसी ह वह तZ हारा 9 वभाव ह मन चलन जसा ह वह एक 02या ह जब चतना एक जगह स दसर जगह जाती

ह तब वह 02या मन ह जब चतना अ स ब और ब स स को जाती ह तब यह गत मन ह अगर तम गत को बद कर दो तो

मन नह रहगा तम चतन हो ल0कन मन नह ह जस पर तो ह ल0कन चलना नह ह चलना 02या ह कम ह मन भी

02या ह कम ह

अगर तम कह Mक जाओ तो मन सघष करगा मन कहगा बढ़ चलो मन हर तरह स तZ ह4 आग या पीछ या कह भी धकान

क चO टा करगा कह भी सह ल0कन चलत रहो अगर तम जी करो अगर तम मन क नह मानना चाह- तो वह कVठन

होगा कVठन होगा + य-0क तमन सदा मन का हकम माना ह तमन कभी मन पर हकम नह 0कया ह तम कभी उसक

मालक नह रह हो तम हो नह सकत + य-0क तमन कभी अपन को मन स तादाltZय रVहत नह 0कया ह तम सोचत हो

0क तम मन ह हो यह भल 0क तम मन ह हो मन को पर 9 वतता Vदए दती ह + य-0क तब उस पर मल0कयत करन

वाला उस नयण म4 रखन वाला कोई न रहा तब कोई रहा ह नह मन ह मालक रह जाता ह

ल0कन मन क यह मल0कयत तथाकथत ह वह 9 वामतव झठा ह एक बार योग करो और तम उसक 9 वामतव को

नषट कर सकत हो वह झठा ह मन महज गलाम ह जो मालक होन का दावा करता ह ल0कन उसक यह दावदार इतनी

परानी ह इतन जG म- स ह 0क वह अपन को मालक मानन लगा ह गलाम मालक हो गया ह वह एक महज वR वास ह

धारणा ह तम उसक वपरत योग करक दखो और तZ ह4 पता चलगा 0क यह धारणा सवथा नराधार थी

यह पहला स कहता ह lsquorsquoया कY पना करो 0क मोर क पछ क पचरग वतल न9 सीम अतPरQ म4 तZ हार पाच इVया ह अब

उनक सqदय को भीतर ह घलन दोlsquorsquo

भाव करो क तZ हार पाच इVया पाच रग ह और व पाच रग समसत अतPरQ को भर रह ह सफ कY पना करो 0क तZ हार

पच4Vया पाच रग ह सदर-सदर रग सजीव रग और व अनत आकाश म4 फल ह और तब उन रग- क बीच Sमण करो

उनक बीच गत करो और भाव करो 0क तZ हार भीतर एक क4 ह जहा य रग मलत ह यह मा कY पना ह ल0कन यह

सहयोगी ह भाव करो 0क य पाच- रग तZ हार भीतर वश कर रह ह और 0कसी Bबद पर मल रह ह

य पाच रग सच ह 0कसी Bबद पर मल4ग और सारा जगत वलन हो जाएगा तZ हार कY पना म4 पाच ह रग ह और तZ हार

कY पना क रग आकाश को भर द4ग तZ हार भीतर गहर उतर जाएग 0कसी Bबद पर मल जाएग

0कसी भी Bबद स काम चलगा ल0कन हारा बहतर रहगा भाव करो 0क सारा जगत रग ह रग हो गया ह और व रग तZ हार

नाभ क4 पर तZ हार हारा क4 Cर-Bबद पर मल रह ह उस Bबद को दखो उस Bबद पर अवधान को एका करो और तब एका

करो तब त वह Bबद वलन न हो जाए वह वलन हो जाता ह + य-0क वह भी कY पना ह याद रह 0क जो कछ भी हमन

0कया ह सब कY पना ह अगर तम उस पर एका होओ तो तम अपन क4 पर ि9 थर हो जाओग तब ससार वलन हो

जायगा तZ हार लए ससार नह रहगा

इस L यान म4 कवल रग ह तम समच ससार को भल गय हो तम सार वषय- को भल गए हो तमन कवल पाच रग चन ह

कोई पाच रग चन जो य L यान उन लोग- क लए ह िजनक aिO ट पनी ह िजनक रग क सवदना गहर ह यह सबक लए

नह ह य उG ह4 लोग- क लए सहयोगी ह िजसक पास चकार क नजर हो यVद तZ ह4 हर रग एक हजार हर नजर नह

आत तो तम भल जाओ इस L यान को और आग बढ़ो य काम उनक काम का ह जो चकार क पन नगाह रखत ह

और जो आदमी रग क त सवदनशील ह उसको तम कहो 0क समच आकाश को रग स भरा होन क कY पना करो तो वह

यह कY पना नह कर पाएगा वह यVद कY पना करन क कोशश भी करगा वह लाल रग क सोचगा तो लाल शबद को

दखगा ल0कन उस कY पना म4 लाल रग Vदखाई नह पड़गा वह हरा शबद तो कहगा शबद भी वहा होगा ल0कन हPरयाल

वहा नह होगी

तो तम अगर रग क त सवदनशील हो तो इस वध का योग करो पाच रग ह समचा जगत पाच रग ह और व रग

तमम4 मल रह ह तZ हार भीतर कह गहर म4 व पाच- रग मल रह ह उस Bबद पर चत को एका करो और एका करो

उसस हटो नह उस पर डट रहो मन को मत आन दो रग- क सबध म4 हर लाल और पील रग- क बार म4 वचार मत करो

सोचो ह मत बस उनह4 अपन भीतर मलत हए दखो उनक बार म4 वचार मत करो अगर तम वचार 0कया तो मन वश

कर गया सफ रग- क भर जाओ उन रग- को अपन भीतर मलन दो और तब उस मलन Bबद पर अवधान को क4 Vत करो

सोचो मत एकाता सोचना नह ह वचारणा नह ह मनन नह ह

तम अगर सचमच रग- स भर जाओ और तम एक इधनष एक मोर ह बन जाओ और तZ हारा आकाश रगमय हो जाए तो

उसम4 तZ ह4 एक सqदय-बोध होगा गहरा गहरा सqदय बोध ल0कन उसक सबध म4 वचार मत करो यह मत कहो 0क यह

सदर ह वचारणा म4 मत चल जाओ उस Bबद पर एका होओ जहा य रग मल रह ह और एकाता को बढ़ात जाओ

गहरात हो तो कY पना नह Vटक सकती वह वलन हो जाएगी

ससार पहल ह वलन हो चका ह सफ रग रह गए थ व रग तZ हार कY पना थ और व काY पनक रग एक Bबद पर मल

रह ह वह Bबद भी काY पनक था अब गहर एकाता स वह Bबद भी वलन हो जाएगा अब तम कहा रहोग अब तम कहा

हो तम अपन क4 म4 ि9 थत हो जाओग

इस लए स कहता ह lsquorsquoशनय म4 या दवार म4 0कसी Bबद परhelliphellip

यह सहयोगी होगा अगर तम रग- क कY पना नह कर सकत तो दवार पर 0कसी Bबद स काम चलगा काई भी चीज

एकाता क वषय क Mप म4 ल लो अगर वह आतPरक हो अतस का हो तो बहतर

ल0कन 0फर दो तरह क gt यि+ ततव होत ह जो लोग अतमखी ह उनक लए उनक भीतर ह सब रग- क मलन क धारण

आसान ह ल0कन जो बVहमखी लोग ह व भीतर क धारणा नह बना सकत व बाहर क ह कY पना कर सकत ह उनक

चत बाहर ह याा करता ह व भीतर नह गत कर सकत उनक भीतर कोई आतPरकता नह ह

अज दाशनक डवड मम न कहा ह जब भी म_ भीतर जाता ह वहा मझ कोई आlt मा नह मलती जो भी मलता ह वह

बाहर क तBबब हmdashकोई वचार कोई भाव कभी 0कसी आतPरकता का दशन नह होता सदा बाहर जगत ह वहा

तBबBबत मलता ह यह kषठतम बVहमखी चत ह और डवड मम सवाधक बVहमखी चत वाल- स एक ह

इसलए अगर तZ ह4 भी तर कछ धारणा क लए न मल और तZ हारा मन पछ 0क यह आतPरकता + या ह तो अf छा ह 0क

दवार पर 0कसी Bबद का योग करो

लोग मर पास आत ह और पछत ह 0क भीतर कस जाया जाए उनक लए यह सम9 या ह + य-0क अगर तम बVहगामता ह

जानत हो तZ ह4 अगर बाहर-बाहर गत करना ह आता ह तो तZ हार लए भीतर जाना कVठन होगा और अगर तम

बVहमखी हो तो भीतर इस Bबद का योग मत करो उस बाहर करो नतीजा वह होगा दवार पर एक Bबद बनाओ और उस

पर चत को एका करो ल0कन तब खल आख स एकाता साधनी होगी अगर तम भीतर क4 बनात हो तो बद आखो स

एकाता साधनी ह

दवार पर Bबद बनाओ और उस पर एका होओ असल बात एकाता क कारण घटती ह Bबद क कारण नह बाहर ह या

भीतर यक ासगक नह ह यह तम पर नभर ह अगर दवार पर दख रह हो एका हो रह हो तो तब तक एकाता साधो

जब तक वह Bबद वलन न हो जाए

इस बात को r याल म4 रख लो जब तक Bबद वलन न हो जाएlsquorsquo

पलक- को बद मत करो + य-0क उसस मन को 0फर गत करन क लए जगह मल जाती ह इसलए अपलक दखत रहो

+ य-0क पलक क गरन स मन वचार म4 सलगन हो जाता ह पलक क गरान स अतराल पदा होता ह और एकाता नषट

हो जाती ह इसलए पलक झपकना नह ह

तमन बोधधम क वषय म4 सना होगा मनषय क पर इतहास म4 जो बड़ L यानी हए ह वह उनम4 स एक था उसक सबध म4

एक ीतकर कथा कह जाती ह वह बाहर क 0कसी व9 त पर L यान कर रहा था उसक आख4 झपक जाती थी और L यान

टट-टट जाता था तो उसन अपनी पलक- को उखाड़कर फ4 क Vदया बहत सदर कथा ह 0क उसन अपनी पलक- को उखाड़कर

फ4 क Vदया और 0फर L यान करना शM 0कया कछ हpत- क बाद उसन दखा 0क जहा उसक पलक4 गर थी उस 9 थान पर

कोई पौध उग आए थ

यह घटना चीन क एक पहाड़ पर घVटत हई थी उस पहाड़ का नाम टा था इसलए जो पौध वहा उग आए थ उनका नाम ट

पडा और यह कारण ह 0क चाय जागरण म4 सहयोगी होती ह इसलए जब तZ हार पलक4 झपकन लग4 और तम नीद म4

उतरन लगो तो एक ] याल चाय पी लो व बोधधम क पलक4 ह इसी वजह स झन सत चाय को पव मानत ह चाय कोई

मामल चीज नह ह वह पव ह बोधधम क आख क पलक ह

जापान म4 तो व चायोतसव करत ह lt यक पPरवार म4 एक चायघर होता ह जहा धामक अनO ठान क साथ चाय पी जाती

ह यह पव ह और बहत ह Lयान पण मा म4 चाय पी जाती ह जापान न चाय क इद-गद बड़ सदर अनOठान नमत

0कय ह व चाय घर म4 ऐस वश करत ह जस व 0कसी मVदर म4 वश करत हो तब चाय तयार क जाएगी और हरक

gt यि+ त मौन होकर बठगा और समोवार क उबलत सवर को सनगा उबलती चाय का उसक वाषप का गीत सब सन4ग वह

कोई अदना व9 त नह ह बोधधम क आख क पलक ह और च0क बोधधम खल आख- स जागन क कोशश म4 लगा था

इसलए चाय सहयोगी ह और च0क यह कथा टा परवत पर घVटत हई इसलए वह ट कहलाती ह

सच हो या न हो यह कहानी सदर ह अगर तम बाहर एकाता साध रह हो तो अपलक दखना जMर ह समझो 0क तZ हार

पलक4 नह ह पलक- को उखाड़ फ4 कन का यह अथ ह तZ ह4 आख4 तो ह ल0कन उनक ऊपर झपकन को पलक4 नह ह और

तब एकाता साधो जब तक Bबद वलन नह हो जाता

Bबद वलन हो जाता ह अगर तम लग रह अगर तमन सकलप क साथ मन को चलायमान नह होन Vदया तो Bबद वलन

हो जाता ह अगर तम उस Bबद पर एका थ और तZ हार लए ससार म4 इस Bबद क अलावा कछ भी नह था अगर सारा

ससार पहल ह वलन हो चका था और वह Bबद बचा था और यह Bबद भी वदा हो गया तो अब चतना कह और गत नह

कर सकती उसक लए जान को कह न रहा सार आयाम बद हो गए अब चत अपन ऊपर फ4 क Vदया जाता ह अब चतना

अपन आप म4 लौट आती ह और तब तम क4 म4 वषट हो गए

तो चाह भीतर हो या बाहर तब तक एकाता साधो जब तक Bबद वसिजत नह होता यह Bबद दो कारण- स वसिजत

होगा अगर वह भीतर ह तो काY पनक ह और इसलए वलन हो जाएगा और अगर यह बाहर ह तो वह काY पनक नह

असल ह तमन दवार पर Bबद बनाया ह और उस पर अवधान को एका 0कया ह तो यह Bबद + य- वलन होगा भीतर क

Bबद का वलन होना तो समझा जा सकता ह कय-0क वह वहा था नह तमन उस किY पत कर लया था ल0कन दवार पर

तो वह ह वह + य- वलन होगा

वह एक वशष कारण स वलन होता ह अगर तम 0कसी Bबद पर चत को एका करत हो तो यथाथ म4 वह Bबद वसिजत

नह होता ह तZ हारा मन ह वसिजत होता ह अगर तम 0कसी बम Bबद पर एका हो रह हो तो मन क गत बद हो जाती

ह और मन गत क Bबना जी नह सकता वह Mक जाता ह वह मर जाता ह और जब मन Mक जाता ह तम बाहर क

0कसी भी चीज क साथ सबधत नह हो सकत हो तब अचानक सभी सत टट जात ह + य-0क मन ह तो सत ह

जब तम दवार पर 0कसी Bबद पर मन को एका कर रह हो तो तZ हारा मन + या करता ह वह नरतर तमस Bबद तक और

Bबद स तम तक उछलकद करता रहता ह एक सतत उछलकद क 02या चलती ह जब मन वचलत होता ह तो तम Bबद

को नह दख सकत + य-0क तम यथाथ आख म4 स नह मन स और आख स Bबद को दखत हो अगर मन वहा न रह तो

आख4 काम नह कर सकती तम दवार को घरत रह सकत हो ल0कन Bबद नह Vदखाई पड़गा + य-0क मन न रहा सत टट

गया Bबद तो सच ह वह ह इसलए जब मन लौट आएगा तो 0फर उस दख सकोग ल0कन अभी नह दख सकत अभी

तम बाहर गत नह कर सकत अचानक तम अपन क4 Cर पर हो

यह क4 9 थता तZ ह4 तZ हार अि9 ततवगत आधार क त जागMक बना दगी तब तम जान-ग 0क कहा स तम अि9 ततव क

साथ सयकत हो जड़ हो तZ हार भीतर ह वह Bबद ह जो समसत अि9 ततव क साथ जड़ा हआ ह जो उसक साथ एक ह और

जब एक बार इस क4 को जान गए तो तम घर आ गए तब यह ससार परदश नह रहा और तम परदशी नह रह तब जान

गए तो तम घर आ गए तब तम ससार क हो गए तब 0कसी सघष क 0कसी लड़ाई क जMरत नह रह तब तZ हार और

अि9 ततव क बीच शता न रह अि9 ततव तZ हार मा हो गई

यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर वषट हआ और बोधपण हआ ह यह अि9 ततव ह ह जो तZ हार भीतर 9 फVटत हआ

ह यह अनभत यह तीत यह घटना और 0फर दःख नह रहगा तब आनद कोई घटना नह हmdashऐसी घटना जो आती ह

और चल जाती ह तब आनद तZ हारा 9 वभाव ह जब कोई अपन क4 म4 ि9 थत होता ह तो आनद 9 वाभावक ह तब कोई

आनदपण हो जाता ह

0फर धीर-धीर उस यह बोध भी जाता रहता ह 0क वह आनदपण ह + य-0क बोध क लए वपरत का होना जMर ह अगर

तम दःखी हो तो आनVदत होन पर तZ ह4 आनद क अनभत होगी ल0कन जब दःख नह ह तो धीर-धीर तम दःख को पर

तरह भल जात हो और तब तम अपन आनद को भी भल जात हो और जब तम अपन आनद को भी भलत हो तभी तम सच

म4 आनVदत हो तब वह 9 वाभावक ह जस तार चमकत ह नVदया बहती ह वस ह तम आनदपण हो तZ हारा होना ह

आनदमय ह तब यह कोई घटना नह ह तब तम ह आनद हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-14

दसर स क साथ भी यह तरकब वह वा9नक आधार यह )6या काम करती ह

ShivaParvati त-सmdashवध-14 (वान भरव त ओशो

अपन पर अवधान को अपन मVदड क मधय म0 कमल-तत सी कोमल J नाय म0 िJ थत करो और इसम पात(रत हो जाओ

इस स क लए L यान क इस वध क लए तZ ह4 अपनी आख बद कर लनी चाVहए और अपन मtदड को अपनी रढ़ क

हडी को दखना चाVहए दखन का भाव करना चाVहए अf छा हो 0क 0कसी शरर शा9 क पसतक म4 या 0कसी

च0कlt सालय या मWडकल कालज म4 जाकर शरर क सरचना को दखो-समझ लो तब आख बद करो और मtदड पर

अवधान लगाओ उस भीतर क आखो स दखो और ठUक उसक मधय स जात हए कमल तत जस कोमल 9 नाय का भाव

करो

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

अगर सभव हो तो इस मtदड पर अवधान को एका करो और तब भीतर स मधय स जात हए कमल तत जस 9 नाय पर

एका होओ और यह एकाता तZ ह4 तZ हार क4 पर आMढ़ कर दगी + य-

मtदड तZ हार समची शरर-सरचना का आधार ह सब कछ उसस सयकत ह जड़ा हआ ह सच तो यह ह 0क तZ हारा

मि9 तषक इसी मtदड का एक छोर ह शरर शा9 ी कहत ह 0क मि9 तषक मtदड का ह व9 तार ह तZ हारा मि9 तषक

मtदड को वकास ह और तZ हार रढ़ तZ हार सार शरर स सबधत ह सब कछ उसस सबधत ह यह कारण ह 0क उस

रढ़ कहत ह आधार कहत ह

इस रढ़ क अदर एक तत जसी चीज ह ल0कन शरर शा9 ी इसक सबध म4 कछ नह कह सकत यह इसलए 0क यह

पौदगलक नह ह इस मtदड म4 इसक ठUक मधय म4 एक रजत-र` ज ह एक बहत कोमल नाजम 9 नाय ह शारPरक अथ

म4 वह 9 नाय भी नह ह तम उस काट-पीट कर नह नकाल सकत वह वहा नह मलगा ल0कन गहर L यान म4 वह दखा

जाता ह यह ह ल0कन वह अपदाथ ह अव9 त ह वह पदाथ नह उजा ह और यथाथत तZ हार मtदड क वह ऊजा-र` ज

तZ हारा जीवन ह उसक Cवारा ह तम अaशय अि9 ततव क साथ सबधत हो वह aशय और अaशय क बीच सत ह उस

तत क Cवारा ह तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

तो पहल तो मtदड क कY पना करो उस मन क आख- स दखो और तZ ह4 अvत अनभव होगा अगर तम मtदड का

मनोदशन करन क कोशश करोग तो यह दशन Bबलकल सभव ह और अगर तम नरतर चO टा म4 लग रह तो कY पना म4

ह नह यथाथ म4 भी तम अपन शरर स सबधत हो और उस तत क Cवारा ह तम आlt मा स सबधत हो

म_ एक साधक को इस वध का योग करवा रहा था म_न उस शरर-स9 थान का एक च दखन को Vदया ता0क वह उसक

जPरए अपन भीतर क मtदड को मन क आख- स दखन म4 समथ हो सक उसन योग शM 0कया और स] ताह भर क अदर

आकर उसन मझस कहा आR चय क बात ह 0क मन आपक Vदए च को दखन क कोशश क ल0कन अनक बार वह च

मर आख- क सामन स गायब हो गया और एक दसरा मtदड मझ Vदखाई Vदया यह मtदड च वाल मtदड जसा नह था

म_न उस साधक को कहा क अब तम सह रा9 त पर हो अब च को Bबलकल भल जाओ और उस मtदड को दखा करो जो

तZ हार लए aशय हआ ह

मनषय भीतर स अपन शरर स9 थान को दख सकता ह हम इसको दखन क कोशश नह करत + य-0क वह aशय डरावना

ह वीभतस ह जब तZ ह4 तZ हार रकत मास और अि9 थपजर Vदखाई पड़4ग तो तम भयभीत हो जाओग इसलए हमन अपन

मन को भीतर दखन स Bबलकल रोक रखा ह हम भी अपन शरर को उसी तरह बहार स दखत ह जस दसर लोग दखत ह

वह वसा ह ह जस तम इस कमर को इसक बहार जाकर दखो तम सफ इसक बहार दवार- को दखोग4 0फर तम भीतर आ

जाओ और दखो तब तZ ह4 भीतर दवार4 Vदखाई द4गी तम तो सफ बाहर स अपन शरर को इस तरह दखत हो िजस तरह

कोई दसरा आदमी उस दखता हो भीतर स तमन अपन शरर को नह दखा ह हम दख सकत ह ल0कन इस भय क कारण

वह हमार लए आR चय क चीज बना ह

भारतीय योग क प9 तक4 शरर क सबध म4 ऐसी बात4 बताती ह जो नए वानक शोध स हबह सह ह ल0कन वान यह

समझन म4 असमथ ह 0क योग को इनका पता कस चला वह इG ह4 कस जान सका शलय-च0कlt सा और मानव शरर का

ान बहत हाल क घटनाए ह इस हालत म4 योग इन सार 9 नायओ को सभी क4 - को शरर क पर आतPरक स9 थान को

कस जान गया जो अlt यत हाल क खोज ह आR चय 0क व उG ह4 भी जानत थ उG होन उसक चचा भी 0क थी उन पर काम

भी 0कया था योग को शरर क बनयाद और महlt वपण चीज- क वषय म4 सब कछ मालम रहा ह ल0कन योग चीर फाड़

नह करता था 0फर उस उसक इतनी सार बात4 कस मालम हई थी

सच तो यह ह 0क शरर को दखन जानन का एक दसरा ह रा9 ता ह वह उस अदर स दखना ह अगर तम भीतर एका हो

सको तो तम अचानक अदMनी शरर को उसक भीतर रखा च को दखन लगोग

यह वध उन लोगो क लए उपयोगी ह जो शरर स जड ह अगर तम भौतकवाद हो अगर तम सोचत हो 0क तम शरर क

अतPरकत और कछ नह हो तो यह वध तZ हार बहत काम क होगी अगर तम चावाक या माक स क मानन वाल हो

अगर तम मानत हो 0क मनषय शरर क अलावा कछ नह ह तो तZ ह4 यह वध बहत सहयोगी होगी तो तम जाओ और

मनषय क अि9 थ स9 थान को दखो

त या योग क परानी परपराओ म4 व अनक तरह क हWडय- का उपयोग करत थ अभी भी ताBक अपन पास कोई न कोई

हडी या खोपड़ी रखता ह दरअसल वह भीतर स एकाता साधन का उपाय ह पहल वह उस खोपड़ी पर एकाता साधता ह

0फर आख4 बद करता ह और अपनी खोपड़ी का L यान करता ह वह बाहर क खोपड़ी क कY पना भीतर करता जाता ह और

इस तरह धीर-धीर अपनी खोपड़ी क तीत उस होन लगती ह उसक चतना क4 Vत होन लगती ह

वह बाहर खोपड़ी उसका मनोदशन उस पर L यान सब उपाय ह और अगर तम एक बार अपन भीतर क4 भत हो गए तो

तम अपन अगठ स सर तक याा कर सकत हो तम भीतर चलो वहा एक बड़ा माड ह तZ हारा छोटा शरर एक बड़ा

माड ह

यह स मtदड का उपयोग करता ह + य-0क मtदड क भीतर ह जीवन र` ज छपा ह यह कारण ह 0क सीधी रढ़ पर इतना

जोर Vदया जाता ह + य-0क अगर रढ़ सीधी न रह तो तम भीतर र` ज को नह दख पाओग वह बहत नाजक ह बहत

सQम ह वह ऊजा का वाह ह इसलए अगर तZ हार रढ़ सीधी ह Bबलकल सीधी तभी तZ ह4 उस सQम जीवन र` ज क

झलक मल सकती ह

ल0कन हमार मtदड सीध नह ह Vहद बचपन सह मtदड को सीधा रखन का उपाय करत ह उनक बठन उठन चलन सोन

तक क ढग सीधी रढ़ पर आधाPरत थ और अगर रढ़ सीधी नह ह तो उसक भीतर तlt व- को दखना बहत कVठन बहत

कVठन होगा वह नाजम ह सQम ह वासतव म4 पौदगलक नह ह वह अपौदगलक ह वह शि+ त ह इसलए जब मtदड

Bबलकल सीधा होता ह तो वह र` जवत शि+ त दखन म4 आती ह

lsquorsquoऔर इसम MपातPरत हो जाओlsquorsquo

और अगर तम इस र` ज पर एका हए तमन उसक अनभत और उपलिc ध क तब तम एक नए काश स भर जाओग

वह काश तZ हार मtदड स आता होगा वह तZहार पर शरर पर फल जाएगा वह तZ हार शरर क पास भी चला जाएगा

और जब काश शरर क पार जाता ह तब भामडल Vदखाई दत ह हरक आदमी का भामडल ह ल0कन साधारणत

तZ हार भामडल छाया क तरह ह िजनम काश नह होता व तZ हार चार- और काल छाया क तरह फल होत ह और व

भामडल तZ हार lt यक मनोभाव को अभgt यकत करत ह तब तम 2ोध म4 होत हो तो तZ हारा भामडल रकत रिजत जसा

हो जाता ह उसम 2ोध लाल रग म4 अभgt यकत होता ह जब तम उदास बझ-बझ हतभ होत हो तो तZ हारा भामडल

काल ततओ स भरा होता ह मान- तम मlt य क नकट होmdashसब मत और बोlझल और जब यह मtदड क भीतर का तत

उपलबध होता ह तब तZ हारा भामडल सचमच म4 भा मWडत होता ह

इस लए ब महावीर कषण 2ाइ9ट महज सजावट क लए भामडल स नह चBत 0कए जात ह व भामडल सच म4

होता ह तZ हारा मtदड काश व0करlणत करन लगता ह भीतर तम बतव को ापत होत हो बहार तZ हारा सारा शरर

काश काश शरर हो उठता ह और तब उसक भा बहार भी फलन लगती ह इसलए 0कसी ब पMष क लए 0कसी स

यह पछना जMर नह ह 0क तम + या हो तZ हारा भामडल सब बता दगा और जब कोई शषय बतव ापत करता ह तो

गt को पता हो जाता ह + य-0क भामडल सब कट कर दता ह

म_ तZह4 एक कहानी बताऊ एक चीनी सत हई न4ग जब पहल-पहल अपन गt क पास पहचा तो गt न कहा 0क तम 0कस

लए आए हो तZ ह4 मर पास आन क जMरत नह थी हई न4ग क समझ म4 कछ नह आया उसन सोचा 0क अभी गt Cवारा

9 वीकत होन क उसक पाता नह ह ल0कन गt कछ और ह चीज दख रहा था वह Cवारा 9 वीकत होन क उसक पाता

नह ह ल0कन गt कह रहा था 0क अगर तम मर पास नह भी आओ तो भी दर-अबर यह घटना घटन ह वाल ह तम उसम

ह हो इसलए मर पास आन क जMरत नह ह

ल0कन हई न4ग न ाथना क 0क मझ अ9 वीकार न कर4 तो गt न उस वश Vदया और कहा 0क आkम क पछवाड़ म4 जो

रसोईघर ह उसम जाकर काम करो और 0फर दसर बार मर पास मत आना जब जMरत होगी म_ ह तZ हार पास आऊगा

हई न4ग को कोई L यान करन को नह बताया गया न कोई शा9 पढ़न को कहा गया उस कछ भी नह सखाया गया उस

बस रसोईघर म4 रख Vदया गया वह एक बहत बड़ा आkम था िजसम4 कोई पाच सौ भQ रहत थ उनम4 पWडत वCघान

L यानी योगी सब थ और सब साधना म4 लग थ ल0कन हई न4ग कवल चावल साफ कतरा या कटता था और रसोई क

भीतर ह काम करता रहा इस तरह स बारह वष बीत गय हई न4ग इस बीच गt क पास दबारा नह गया + य-0क इजाजत

नह थ वह तीQा करता रहा वह सफ तीQा ह करता रहा और लोग उस महज नौकर समझत थ कोई उस पर L यान

भी नह दता था उस आkम म4 पWडत- और L यानय- क कमी नह थी उनक बीच एक चावल कटन4 वाल क + या Bबसात

थी

और 0फर एक Vदन गt न घोषणा क 0क मर मlt य नकट ह और म_ अब चाहता ह 0क 0कसी को अपना उlt तराधकार

बनाऊ इसलए जो समझत ह- 0क व बतव को ापत ह व चार पि+ तय- क एक कवता रच िजसम वह सब gt यकत कर द4

जो उG ह-न जाना ह गt न यह भी कहा 0क िजसक कवता म4 सच म4 बतव gt यि+ त होगा उस म4 अपना उतराधकार

चनगा

उस आkम म4 एक महापWडत था इसलए उस तयोगता म4 0कसी न भाग नह लया सब यह सोचत थ 0क महापWडत

जीतगा वह शा9 - का बड़ा ाता था सो उसन चार पि+तया लखी उन चार पि+ तय- म4 उसन लखा-

मन एक दपण ह िजस पर धल जम जाती ह

धल को साफ कर दो सतय अनभव म0 आ जाता ह

बXतव )ािY त हो जाती ह

ल0कन वह महापWडत भी डरता था + य-0क गt को पता था 0क कौन ान को उपYबध ह कौन नह यCयप महापWडत न

जो लखा था वह बहत सदर था सब शा9 - का सार-नचोड था यह तो सब वद- का सार था ल0कन पWडत डरता था 0क यह

उसन शा9 - स लया था इसम उसका अपना कछ भी नह ह इस लए वह सीधा गt क पास नह गया वह रात क अधर म4

गt क झोपड़ी पर गया और उनक दवार पर व चार पि+ तया लख द उसन नीच ह9 ताQर भी नह 0कया उसन सोचा 0क

अगर गt न उG ह4 9 वीकत द तो म_ कहगा 0क म_न लखा ह और अगर गt न ठUक नह कहा तो चप रहगा

ल0कन गt न 9 वीकत द द सबह उGह-न कहा 0क िजस gt यि+ त न य पि+ त लखी ह वह ानी ह समच आkम म4 उसक

चचा होन लगी सब तो जानत थ 0क 0कसन लखा ह व चचा करन लग 0क पि+ तया तो सदर ह सचमच सदर थी

इसी चचा म4 लग कछ भQ रसोईघर म4 पहच य चाय पीत थ और चचा करत थ हई न4ग उG ह4 चाय पील रहा था उसन सह

बात सनी जब व चार पि+ तया उसन सनी तब वह हसा इस पर 0कसी न उसस पछा 0क तम + य- हस रह हो तम तो कछ

जानत भी नह हो बारह वष[ स तम तो च-क स बहार भी नह नकल हो तZ ह4 0कस बात को पता ह तम + य- हस रह हो

0कसी न इसस पहल उस भQ को हसत नह दखा था वह तो महा मढ़ समझा जाता था िजस बात करनी भी नह आती थी

उसन कहा 0क म_ लखना नह जानता ह और म_ ानी भी नह ह ल0कन व चार पि+ तया गलत ह अगर कोई gt यि+ त मर

साथ आय तो म_ चार पि+तया बना सकता ह और वह उस दवार पर लख द म_ लखना नह जानता ह

एक भQ मजाक म4 उसक साथ चल Vदया उसन पीछ ऐ भीड़ भी वहा पहच गई सब क लए य कतहल भर बात थी 0क एक

चावल कटन4 वाला म ान क चार लाईन4 बातयगा न4ग न लखवाया

कसा दपण कसी धल

न कोई मन ह

न कोई दपण

6फर धल जमगी कहा

जो यह जान गया

वह उपलबध हो गया धम को

ल0कन जब गt आया तो उसन कहा क य गलत ह हई न4ग न गt क पर छए और वह रसोई घर म4 लोट गया

रात म4 जब सब सोए थ गt न4ग क पास आया और चप स कहा तम सह हो ल0कन म_ तZ हार बात को उन मख[ क सामन

सह नह कह सकता व वCघान मख ह और अगर म_ कहता ह 0क मर उlt तराधकार तम हो तो वह तZ ह4 मार द4ग और

यह बात दसर- को मत कहाना तम यहा स भाग जाओ िजस Vदन तम यहा आय थ उसी Vदन म_ जान गया था तZ हार

भामडल को दख कर 0क तम ह मर उतराधकार हो और बारह वष क मौन न िजसम तZ हारा भामडल पण हो चला

तम पण च हो गए हो ल0कन यहा स नकल जाओ वरना व लोग तZ ह4 मार द4ग तम यहा बारह वष स हो नरतर तZहार

काश व0करण हो रहा ह ल0कन कोई उस दख नह सका यCयप हर Vदन कोई न कोई तZ ह4 दो या तीन बार Vदन म4 दखता

ह इसी लए म4न तZ ह4 रसोई घर म4 रखा था कोई तZ हार भामडल को नह दख सका इस लए तम यहा स भाग जाओ

जब मtदड का यह तत दख लया जाता ह उपलबध होता ह तब तZ हार चार- और एक भामडल बढ़न लगता ह इसम4

MपातPरत हो जाओ उस काश स भर जाओ और MपातPरत हो जाओ यह भी क4 Vत होना ह मtदड म4 क4 Vत होना

अगर तम शरर वाद हो तो यह तZ हार काम आयगी अगर नह तो यह कVठन ह तब भीतर स शरर को दखना कVठन

होगा यह वध पMष- क बजाए ि9 य- क लए ` यादा कारगर होगी ि9 या ` यादा शरवाद होती ह व शरर म4 अधक

रहती ह और कY पनाशील भी होती ह शरर का मनोदशन उनक लए आसान ह ि9 या पMष- स ` यादा शरर क4 Vत होती

ह ल0कन जो कोई भी शरर को महसस कर सकता ह जो कोई भी आख बद कर अदर शरर को दख सकता ह उसक लए

यह वध बहत सहयोगी ह

पहल अपन मtदड को दखो 0फर उसक बीच स जाती हई रजत-र` ज को पहल तो वह कY पना ह होगी ल0कन धीर-धीर

तम पाओग 0क कY पना वलन हो गई ह और िजस Qण तम आतPरक ततव को दखोग4 अचानक तZ ह4 तZ हार भीतर

काश का व9 फोट अनभव होगा

कभी-कभी यह घटना यास क Bबना भी घटती ह यह होता ह 0फर तZ ह4 कह 0कसी गहर सभोग क Qण म4 यह होता ह

त जानता ह 0क गहर काम-कतय म4 तZ हार सार ऊजा रढ़ क पास इकी हो जाता ह असल म4 गहर काम कतय म4 रढ़

Bबजल छोड़न लगती ह कभी-कभी तो ऐसा होता ह 0क रढ़ को छन स तZ ह4 ध+ का लगता ह और अगर सभोग गहरा हो

मपण हो लबा हो अगर दो मी गाढ़ मालगन म4 ह- शात और नशचल एक दसर को भरत हए तो घटना घटती ह

कई बार ऐसा हआ ह 0क अधरा कमरा अचानक रोशनी स भर जाता ह और दोन- शरर- काक एक नील भामडल घर लता

ऐसी अनक घटनाए हई ह तZ हार अनभव म4 भी ऐसा हआ होगा 0क अधर कमर म4 गहर म म4 उतरन पर तZ हार दो शरर-

क चार- और एक रोशनी सी हो गई ह और फल कर पर कमर म4 भर गई हो कई बार ऐसा हआ ह 0क 0कसी aशय कारण क

Bबना ह कमर क मज पर स अचानक चीज4 उछल कर नीच गर गई ह ओर अब मानि9 वद बतात ह 0क गहर काम-कतय म4

Bबजल क तरग4 छटती ह और उसक कई भाव और पPरमाण हो सकत ह चीज4 अचानक गर सकती ह Vहल सकती ह

टट सकती ह ऐस काश क फोटो भी लए गए ह ल0कन यह काश सदा मtदड क इद-गद इका होता ह

तो कभी-कभी काम-कतय क दौरान भी तम जाग सकत हो अगर तम अपन मtदड क बीच स जाती हई रजत-र` ज को दख

सको त को यह बात भलभत पता ह और उसन इस पर काम भी 0कया ह त नप इस उपलिc ध क लए सभोग का भी

उपयोग 0कया ह ल0कन उसक लए काम कतय को सवथा भनन ढग का होना पड़गा उसका गण धम भनन होगा उस

हालत म4 काम कतय 0कसी तरह नबट लन क महज सखलन क Cवारा छी पा लन क झट-पट उसस गजर जान क बात

नह रहगी तब वह एक शारPरक कम नह रहगा तब वह एक गहरा आL यािlt मक मलन होगा तब यथाथ म4 वह दो दह- क

Cवारा दो आतPरकताओ का दो आlt माओ का एक दसर म4 वश होगा

इसलए मरा सझाव ह 0क जब तम गहर काम कतय म4 होओ तो इस वध को योग म4 लाओ यह आसान हो जायगी यौन

को भल जाओ जब गहर आलगन म4 उतरो बस भीतर रहो और दसर gt यि+ त को भल जाओ भीतर जाओ और अपन

मtदड को दखो उस समय मM दड क पास अधक उजा वाVहत होती ह + य-0क तम शात होत हो और तZ हारा शरर

वkाम म4 होता ह म गहर स गहरा वkाम ह ल0कन हमन उस भी तनाव बना लया ह हमन उस एक चता एक बोझ म4

बदल लया ह

म क ऊO मा म4 जब तम भर-भर और शथल हो आख4 बद कर लो सामानयत पMष आख4 बद नह करत ि9 या करती

ह इसलए म_न कहा 0क पMष- क बजाए ि9 या अधक शरर वाद ह काम-कतय क गहर आलगन म4 उतरन पर ि9 या

आख4 बद कर लती ह दरअसल व खल आख- स म नह कर सकती आख- क बद रहन पर व भीतर स शरर को अधक

महसस कर पाती ह

तो आख4 बद कर लो और शरर को महसस करो वkाम म4 उतर जाओ और मMदड पर चत एका करो और यह स बहत

सरल ढग स कहता ह lsquorsquoइसम4 MपातPरत हो जाओlsquorsquo तम इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग

ओशो

वान भरव ततर

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-15 ओशो

क0 =1त होन क तीसर वध

lord-shiva-त-सmdashवध-15 वान भरव तndashओशो

lsquorsquoसर क सात Gवार2 को अपन हाथ2 स बद करन पर आख2 क बीच का J थान सवाह हो जाता हlsquorsquo

यह एक परानी स परानी वध ह और इसका योग भी बहत हआ ह यह सरलतम वधय- म4 एक ह सर क सभी Cवार-

को आख कान नाक मह सबको बद कर दो जब सर क सब Cवार दरवाज बद हो जात ह तो तZ हार चतना तो सतत

बहार बह रह ह एकाएक Mक जाती ह ठहर जाती ह वह अब बाहर नह जा सकती

तमन r याल नह 0कया 0क अगर तम Qण भर क लए R वास लना बद कर दो तो तZ हारा मन भी ठहर जाता ह + य-

+ य-0क R वास क साथ मन चलता ह वह मन का एक स9 कार ह तZ ह4 समझना चाVहए 0क यह स9 कार + या ह तभी इस

स को समझना आसान होगा

Mस क अत स मानि9 वद पावलफ न स9 कारजनत त02या को कडीशड Pरpलकस को दनयाभर म4 आम बोलचाल

म4 शामल करा Vदया ह जो gt यि+ त भी मनोवान स जरा भी पPरचत ह इस शबद को जानता ह वचार क दो kखलाए

कोई भी दो kखलाए इस तरह एक दसर स जड़ सी जाती ह 0क अगर तम उनम4 स एक को चलाओ तो दसर अपन आप शM

हो जाती ह

पावलफ न एक कlt त पर योग 0कया उसन दखा 0क तम अगर कlt त क सामन खाना रख दो वक उसक जीभ स लार बहन

लगती ह जीभ बहार नकल आती ह और वह भोजन क लए तयार हो जाता ह कlt ता जब भोजन दखता ह या उसक

कY पना करता ह तो लार बहन लगती ह ल0कन पावलफ न इस 02या क साथ दसर बात जोड़ द जब भी भोजन रखा

जाए और कlt त क लार टपकन लग वह दसर चीज करता उदाहरण क लए वह एक घट बजाता और कlt ता उस घट को

सनता

पह Vदन तक जब भी भोजन रखा जाता घट भी बजती और तब सोलहव4 Vदन कlt त क सामन भोजन नह रखा गया

कवल घट बजाu गई ल0कन तब भी कlt त क मह स लार बहन लगी और जीभ बाहर आ गई मानो भोजन सामन रखा हो

वहा भोजन नह था सफ घट थी अब घट बजन और लार टपकन क बीच कोई 9 वाभावक सबध नह था लार का

9 वाभावक सबध भोजन क साथ ह ल0कन अब घट का रोज-रोज बजना लार क साथ जड़ गया था सबधत हो गया था

और इसलए मा घट क बजन पर भी लार बहन लगी

पावलफ क अनसारmdashऔर पावलफ सह हmdashहमारा समचा जीवन एक कडीशड ोसस ह मन स9 कार ह इसलए अगर तम

उस स9 कार क भीतर कोई एक चीज बद कर दो तो उसस जड़ी और सार चीज4 भी बद हो जाती ह

उदाहरण क लए वचार और R वास ह वचारणा सदा ह R वास क साथ चलती ह तम Bबना R वास वचार नह कर सकत

तम R वास क त सजग नह रहत ल0कन R वास सतत चलती रहती ह Vदन-रात चलती रहती ह और lt यक वचार

वचार क 02या ह R वास क 02या स जड़ी ह इसलए अगर तम अचानक अपनी शवास रोक लो तो वचार भी Mक

जाएगा

वस ह अगर सर क सात- छ उसक सात- Cवार बद कर Vदए जाए तो तZ हार चतना अचानक गत करना बद कर दगी

तब चतना भीतर थर हो जाती ह और उसका यह भीतर थर होना तZ हार आख- क बीच क बीच 9 थान बना दता ह वह

9 थान ह Bन तीसर आख कहलाती ह अगर सर क सभी Cवार बद कर Vदय जाय तो तम बाहर गत नह कर सकत

+ य-0क तम सदा इG ह Cवार- स बाहर जात रह हो तब तम भीतर थर हो जात हो और वह थर होना एका इन दो आख-

साधारण आख- क बीच घVटत होता ह चतना इन दो आख- क बीच क 9 थान पर क4 Vत हो जाती ह उस 9 थान को ह Bन

कहत ह

यह 9 थान सवाह सवgt यापक हो जाता ह यह स कहता ह 0क इस 9 थान म4 सब सिZ मलत ह सारा आि9 ततव समाया ह

अगर तम इस 9 थान को अनभव कर लो तो तमन सब को अनभव कर लया एक बार तZ ह4 इन दो आख- क बीच क आकाश

क तीत हो गई तो तमन पर अि9 ततव को जान लया उसक समता को जान लया + य-0क यह आतPरक आकाश

सवाह ह सवgt यापक ह कछ भी उसक बाहर नह ह

उपनषाद कहत ह lsquorsquoएक को जानकर सब जान लया जाता हlsquorsquo

य दो आख4 तो सीमत को ह दख सकती ह तीसर आख असीम को दखती ह य दो आख तो पदाथ को ह दख सकती ह

तीसर आख अपदाथ को अL यातम को दखती ह इन दो आख- स तम कभी ऊजा क तीत नह कर सकत ऊजा को नह

दख सकत सफ पदाथ को दख सकत हो ल0कन तीसर आख स 9 वय ऊजा दखी जाती ह

Cवार- का बद 0कया जाना क4 Vत होन का उपाय ह + य-0क एक बार जब चतना क वाह का बाहर जाना Mक जाता ह वह

अपन उदगम पर थर हो जाती ह और चतना का यह उदगम ह Bनतर ह अगर तम इस Bन पर क4 Vत हो जाओ तो

बहत चीज4 घVटत होती ह पहल चीज तो यह पता चलती ह 0क सारा ससार तZ हार भीतर ह

9 वामी राम कहा करत थ 0क सय मर भीतर चलता ह तार मर भीतर चलत ह चाद मर भीतर उVदत होता ह सारा माड

मर भीतर ह जब उG ह-न पहल बार यह कहा तो उनक शO य- 0क व पागल हो गए ह राम तीथ क भीतर सतार कस हो

सकत ह

व इसी Bन क बात कर रह थ इसी आतPरक आकाश क सबध म4 जब पहल बार यह आतPरक आकाश उपलबध होता ह

तो यह भाव होता ह जब तम दखत हो 0क सब कछ तZ हार भी तर ह तब तम माड ह हो जात हो

Bन तZ हार भौतक शरर का Vह9 सा नह ह वह तZ हार भौतक शरर का अग नह ह तZ हार आख- क बीच का 9 थान

तZ हार शर तक ह सीमत नह ह वह तो वह अनत आकाश ह जो तZ हार भीतर वश कर गया ह और एक बार यह

आकाश जान लया जाए तो तम 0फर वह gt यि+ त नह रहत िजस Qण तमन इस अतरसथ आकाश को जान लया उसी

Qण तमन अमत को जान लया तब कोई मlt य नह ह

जब तम पहल बार इस आकाश को जान-ग तZ हारा जीवन ामाlणक और गाढ़ हो जाएगा तब पहल बार तम सच म4

जीवत होओग तब 0कसी सरQा क जMरत नह रहगी अब कोई भय सभव नह ह अब तZ हार हlt या नह हो सकती अब

तमस कछ भी छUना नह जा सकता अब सारा माड तZ हारा ह तम ह माड हो िजन लोग- न इस अतरसथ आकाश

को जाना ह उG ह-न ह आनदमगन होकर उरदघोषणा क ह अह माि9 म म_ ह माड ह म_ ह मा हhelliphellip

सफ सत मसर को इसी तीसर आख क अनभव क कारण कतल कर Vदया गया जब उसन पहल बार इस आतPरक आकाश

को जाना वह चY लाकर कहन लगा अनलहक़ म_ ह परमाlt मा ह भारत म4 वह पजा जाता + य-0क भारत न ऐस अनक

लोग दख ह िजG ह4 इस तीसर आख आतPरक आकाश का बोध हआ ल0कन मसलमान- क दश म4 यह बात कVठन हो गई

और मसर का यह व+ तवय 0क म_ परमाlt मा ह अनलहक़ अह माि9 म धमवरोधी मालम हआ + य-0क मसलमान यह

सोच भी नह सकत 0क मनषय और परमाlt मा एक ह मनषयndashमनषय ह मनषय सिO ट ह और परमाlt मा सO टा सिOट

9 O टा कस हो सकता ह

इस लए मसर का यह व+ तवय नह समझा जा सका और उसक हlt या कर द गई ल0कन जब उसको कतल 0कया जा रहा

था तब वह हस रहा था तो 0कसी न पछा 0क हस + य- रह हो मसर कहत ह 0क मसर न कहा म_ इसलए हस रहा ह 0क तम

मझ नह मार रह हो तम मर हlt या नह कर सकत तZ ह4 मर शरर स धोखा हआ ह ल0कन म_ शरर नह ह म_ इस माड

को बनान वाला ह यह मर अगल थी िजसन आरभ म4 समच माड को चलाया था

भारत म4 मसर आसानी स समझा जाता सVदय--सVदय- स यह भाषा जानी पहचानी ह हम जानत ह 0क एक घड़ी आती ह

जब यह आतPरक आकाश जाना जाता ह तब जानन वाला पागल हो जाता ह और यह ान इतना निR चत ह 0क यVद तम

मसर क हlt या भी कर दो तो वह अपना व+ तवय नह बदलगा + य-0क हककत म4 जहा तक उसका सबध ह

तम उसक हlt या नह कर सकत अब वह पण हो गया ह उस मटान का उपाय नह ह

मसर क बाद सफ सीख गए 0क चप रहना बहतर ह इसलए मसर क बाद सफ परZ परा म4 शO य- को सतत सखाया गया

0क जब भी तम तीसर आख को उपलबध करो चप रहो कछ कहो मत जब भी घVटत हो च] पी साध लो कछ भी मत कहो

या व ह चीज4 औपचाPरक ढग स कह जाओ जो लोग मानत ह

इसलए अब इ9 लाम म4 दो परपराए ह एक सामानय परपरा हmdashबाहर लौ0कक और दसर परपरा असल इसलाम ह

सफवाद जो गम ह ल0कन सफ चप रहत ह + य-0क मसर क बाद उG ह-न सीख लया 0क उस भाषा म4 बोलना जो 0क

तीसर आख क खलन पर कट होती ह gt यथ क कVठनाई म4 पड़ना ह और उसस 0कसी को मदद भी नह होती

यह स कहता ह lsquorsquoसर क सात Cवार- को अपन हाथ- स बद करन पर आख- क बीच का 9 थान सवाह सवgt यापी हो जाता

हlsquorsquo

तZ हारा आतPरक आकाश परा आकाश हो जाता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-16 (ओशो) क0 =1त होन क चौथी वध

lsquorsquoह भगवती जब इ=1या Oदय म0 वलन ह2 कमल क क0 1 पर पहच2lsquorsquo

वान भरव तndashधयान वधndash16 ( ओशो)

lt यक वध 0कसी मन-वशष क लए उपयोगी ह िज वध क अभी हम चचा कर रह थmdashतीसर वध सर क Cवार- को

बद करन वाल वधmdashउसका उपयोग अनक लोग कर सकत ह वह बहत सरल ह और बहत खतरनाक नह ह उस तम

आसानी स काम म4 ला सकत हो

यह भी जMर नह ह 0क Cवार- को हाथ स बद करो बद करना भी जMर ह इसलए कान- क लए डाट और आख- क लए

पी स काम चल जाएगा असल बात यह 0क कछ Qण- क लए य कछ स4क4 ड क लए सर क Cवार- को पर तरह स बद कर

लो

इसका योग करो अ यास करो अचानक करन स ह यह कारगर ह अचानक म4 ह राज छपा ह Bबसतर म4 पड़-पड़

अचानक सभी Cवार- को कछ सक4 ड क लए बद कर लो और तब भीतर दखो + या होता ह

जब तZ हारा दम घटन लग + य-0क R वास भी बद हो जाएगी तब भी इस जार रख और तब तक जार रखो जब तक 0क

असय न हो जाय और जब असय हो जाएगा तब तम Cवार- को ` यादा दर बद नह रख सकोग इसलए उसक 0फ2

छोड़ दो तब आतPरक शि+ त सभी Cवार- क खद खोल दगी ल0कन जहा तक तZ हारा सबध ह तम बद रखो जब दम घटन

लग तब वह Qण आता ह नणायक Qण + य-0क घटन परान एसोसएशन तोड़ डालती ह इसलए कछ और Qण जार

रख सको तो अf छा

यह काम कVठन होगा मिR कल होगा और तZ ह4 लगगा 0क मौत आ गई ल0कन डर- मत तम मर नह सकत + य-0क

Cवार- को बद भर करन स तम नह मरोग ल0कन जब लग 0क म4 मर जाऊगा तब समझो 0क वह Qण आ गया

अगर तम उस कषण म4 धीरज स लग रह तो अचानक हर चीज काशत हो जाएगी तब तम उस आतPरक आकाश को

महसस करोग जो 0क फलता ह जाता ह और िजसम4 सम समाया हआ ह तब Cवार- को खोल दो और तब इस योग को

0फर-0फर करो जब भी समय मल इसका योग म4 लाओ

ल0कन इसका अ यास मत बनाओ तम R वास को कछ Qण क लए रोकन का अ यास कर सकत हो ल0कन उसस कछ

लाभ नह होगा एक आकि9 मक अचानक झटक क जMरत ह उस झटक म4 तZ हार चतना क परान ोत- का वाह बद हो

जाता ह और कोई नयी बात सभव हो जाती ह

भारत म4 अभी भी सव अनक लोग इस वध का अ यास करत ह ल0कन कVठनाई यह ह 0क व अ यास करत ह जब 0क

यह एक अचानक वध ह अगर तम अ यास करो तो कछ भी नह होगा कछ भी नह होगा अगर म_ तZ ह4 अचानक इस

कमर स बाहर नकाल फ4 कगा तो तZ हार वचार बद हो जाएग ल0कन अगर हम रोज-रोज इसका अ यास कर4 तो कछ नह

होगा तब वह एक याBक आदत बन जाएगी

इसलए अयास मत करो जब भी हो सक योग करो तो धीर-धीर तZ ह4 अचानक एक आतPरक आकाश का बोध होगा वह

आतPरक आकाश तZ हार चतना म4 तभी कट होता ह जब तम मlt य क कगार पर होत हो तब तZ ह4 लगता ह 0क अग म4

एक Qण भी नह जीऊ गा अब मlt य नकट ह तभी वह सह Qण आता ह इसलए लग रहो डर- मत

मlt य इतनी आसान नह ह कम स कम इस वध को योग म4 लात हए कोई gt यि+ त अब तक मरा नह ह इसम

अतनVहत सरQा क उपाय ह यह कारण ह 0क तम नह मरोग मlt य क पहल आदमी बहोश हो जाता ह इसलए होश म4

रहत हए यह भाव आए 0क म_ मर रहा ह तो डर- मत तम अब भी होश म4 हो इसलए मरोग नह और अगर तम बहोश हो

गए तो तZ हार R वास चलन लगगी तब तम उस रोक नह पाओग

और तम कान क लए डाट काम म4 ला सकत हो आख- क पी बाध सकत हो ल0कन नाक और मह क लए कोई डाट

उपयोग नह करन ह + य-0क तब वह सघातक हो सकता ह कम स कम नाक को छोड़ रखना ठUक ह उस हाथ स ह बद

करो उस हालत म4 जब बहोश होन लगोग तो हाथ अपन आप ह ढला हो जाएगा और R वास वापस आ जाएगी तो इसम

अतनVहत सरQा ह यह वध बहत- क काम क ह

चौथी वध उनक लए ह िजनका दय बहत वकसत ह जो म और भाव क लोग ह भाव-वण लोग ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquorsquo

यह वध दय-धान gt यि+ त क Cवारा काम म4 लायी जा सकती ह इसलए पहल यह समझन क कोशश करो 0क दय

धान gt यि+ त कौन ह तब यह वध समझ सकोग

जो दय-धान ह उस gt यि+ त क लए सब कछ रदय ह ह अगर तम उस ] यार करोग तो उसका दय उस ] यार को

अनभव करगा उसका मि9 तषक नह मि9 तषक-धान gt यि+ त म 0कए जान पर भी म का अनभव मि9 तषक स लता

ह वह उसक सबध म4 सोचता ह आयोजन करता ह उसका म भी मि9 तषक का ह सचतत आयोजन होता ह ल0कन

भावपण gt यि+ त तक क Bबना जीता ह वस दय क भी अपन तक ह ल0कन दय सोच-वचार नह करता ह

अगर कोई तZ ह4 पछ 0क + य- म करत हो और तम उस + य- का जवाब द सको तो तम मि9 तषक धान gt यि+ त हो और

अगर तम कहा 0क म_ नह जानता म_ सफ म करता ह तो तम दय धान gt यि+ त हो अगर तम इतना भी कहत हो 0क

म_ उस इसलए ] यार करता ह 0क वह सदर ह तो वहा ब आ गई दयोG मख gt यि+ त क लए कोई सदर इसलए ह 0क वह

उस म करता ह मि9 तषक वाला gt यि+ त 0कसी को इसलए म करता ह 0क वह सदर ह ब पहल आती ह और तब म

आता ह दय धान gt यि+ त क लए म थम ह और शष चीज4 म क पीछ-पीछ चल आती ह वह दय म4 क4 Vत ह

इसलए जो भी घVटत होता ह वह पहल उसक दय को छता ह

जरा अपन को दखो हरक Qण तZ हार जीवन म4 अनक चीज4 घVटत हो रह ह व 0कसी सथल को छती ह तम जा रह हो और

एक भखार सड़क पार करता ह वह भखार तZ ह4 कहा छता ह + या तम आथक पPरि9 थत पर सोच वचार करत हो या

+ या तम यह वचारन लगत हो 0क कस कानन क Cवारा भखमगी बद क जाए या 0क कस एक समाजवाद समाज बनाया

जाए जहा भखमग न हो

यह एक मि9 तषक धान आदमी ह जो ऐसा सोचन लगता ह उसक लए भखार महज वचार करन का आधार बन जाता

ह उसका दय अ9 पशत रह जाता ह सफ मि9 तषक 9 पशत होता ह वह इस भखार क लए अभी और यहा कछ नह

करन जा रहा ह नह वह साZ यवाद क लए कछ करगा वह भवषय क लए 0कसी ऊटोपया क लए कछ करगा वह

उसक लए अपना परा जीवन भी द-द ल0कन अभी तlt Qण वह कछ नह कर सकता ह मि9 तषक सदा भवषय म4 रहता ह

दय सदा यहा और अभी रहता ह

एक दय धान gt यि+ त अभी ह भखार क लए कछ करगा यह भखार आदमी ह आकड़ा नह मि9 तषक वाल आदमी

क लए वह गlणत का आकड़ा भर ह उसक लए भखमगी बद करना सम9या ह इस भखार क मदद क बात अासगक

तो अपन को दखो परखो दखो 0क तम कस काम करत हो दखो 0क तम दय क 0फ2 करत हो या मि9 तषक क

दयोG मख gt यि+ त हो तो यह वध तZ हार काम क ह ल0कन यह बात भी L यान रखो 0क हर आदमी आन को यह धोखा

दन म4 लगा ह 0क म_ दयोG मख gt यि+ त ह हर आदमी सोचता ह 0क म_ बहत मपण gt यि+ त ह भावक 0कसम का ह

+ य-0क म एक ऐसी बनयाद जMरत ह 0क अगर 0कसी को पता चल 0क मर पास म करन वाला दय नह ह तो वह

चन स नह रह सकता इसलए हर आदमी ऐसा सोच और मान चला जाता ह

ल0कन वR वास करन स + या होगा नO पQता क साथ अपना नरQण करो ऐस जस 0क तम 0कसी दसर का नरQण कर

रह हो और तब नणय लो + य-0क अपन को धोखा दन क जMरत + या ह और उसस लाभ भी + या ह और अगर तम अपन

को धोखा भी द दो तो तम वध को धोखा नह द सकत + य-0क तब वध को योग करन पर तम पाओग 0क कछ भी नह

होता ह

लोग मर पास आत ह म_ उनस पछता ह 0क तम 0कस कोVट क हो उG ह4 यथाथत कछ पता नह ह उG ह-न कभी इस सबध

म4 सोचा ह नह 0क व 0कस कोVट क ह उG ह4 अपन बार म4 धधल धारणाए ह दरअसल मा कY पनाए ह उनक पास कछ

आदश ह कछ तमाए ह और व सोचत हmdashसोचत + या चाहत हmdash0क हम व तमाए होत सच म4 व ह नह और अकसर

तो यह होता ह 0क व उसक ठUक वपरत होत ह

इसका कारण ह जो gt यि+ त जोर दकर कहता ह 0क म_ दय धान आदमी ह हो सकता ह वह ऐसा इसलए कह रहा हो 0क

उस अपन दय का अभाव खलता ह और वह भयभीत ह वह इस तथय को नह जान सकगा 0क उसक पास दय नह ह

इस ससार पर एक नजर डाल- अगर अपन दय क बार म4 हरक आदमी का दावा सह ह तो वह ससार इतना दय हन नह

हो सकता यह ससार हम सबका कछ जोड़ ह इसलए कह कछ अवशय गलत ह वहा दय नह ह

सच तो यह ह 0क कभी दय को शmQत ह नह +या गया मन शmQत 0कया गया ह इसलए मन ह मन को शmQत

करन क लए 9 कल कालज और वशव वCयालय ह ल0कन दय क शQण क लए कोई जगह नह ह और मन का

शQण लाभ दायी ह ल0कन दय का शQण खतरनाक ह + य-0क अगर तZ हारा दय शmQत 0कया जाए तो तम इस

ससार क लए Bबलकल gt यथ हो जाओग यह सारा ससार तो ब स चलता ह अगर तZ हारा दय शmQत हो तो तम पर

ढाच स बाहर हो जाओग जब सारा ससार दाए जाता होगा तम बाए चलोग सभी जगह तम अड़चन म4 पड़ोग

सच तो यह ह 0क मनषय िजतना अधक ससभय बनता ह दय का शQण उतना ह कम हो जाता ह हम ता उस भल ह

गए ह भल गए ह 0क दय भी ह या उसक शQण क जMरत ह यह कारण ह 0क ऐसी वधया जो आसानी स काम कर

सकती थी कभी काम नह करती

अधकाश धम दय-धान वधय- पर आधाPरत ह ईसाइयत इ9 लाम Vहद तथा अनय कई धम दयोG मख लोगो पर

आधाPरत ह िजतना ह पराना कोई धम ह वह उतना ह अधक दय आधाPरक ह तब वद लख गए और Vहद धम

वकसत हो रहा था तब लोग दयोG मख थ उस समय मन धान लोग खोजना मिRकल था ल0कन अभी सम9 या उलट

ह तम ाथना नह कर सकत + य-0क ाथना दय-आधाPरत वध ह

यह कारण ह 0क पिR चम म4 जहा ईसाइयत का बोलबाला हmdashऔर ईसाइयत खासकर कथोलक ईसाइयत ाथना का धम

हmdashाथना कVठन हो गई ह ईसाइयत म4 L यान क लए कोई 9 थान नह ह ल0कन अब पिR चम म4 भी लोग L यान क लए

पागल हो रह ह कोई अब चच नह जाता ह और अगर कोई जाता भी ह तो वह महज औपचाPरकता ह रववारय धम

+ य- + य-0क आज पिR चम का जो आदमी ह उसक लए ाथना सवथा असगत हो गई ह

L यान ` यादा मनोG मख ह ाथना ` यादा दयोG मख gt यि+ त क Lयान-वध ह यह वध भी दय वाल gt यि+ त क लए

ह ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पह चोlsquo

इस वध क लए करना + या ह lsquorsquoजब इVया दय म4 वलन ह-helliphelliplsquorsquo योग करक दखो कई उपाय सभव ह तम 0कसी

gt यि+ त को 9 पश करत हो अगर तम दय वाल आदमी हो तो वह 9पश शी~ ह तZ हार दय म4 पहच जाएगा और तZ ह4

उसक गणवlt ता महसस हो सकती ह अगर तम 0कसी मि9 तषक वाल gt यि+ त का हाथ अपन हाथ म4 लोग तो उसका हाथ

ठडा होगाmdashशारPरक Mप स नह भावातमक Mप स उसक हाथ म4 एक तरह का मदा पन होगा और अगर वह gtयि+त दय

वाला ह तो उसक हाथ म4 एक ऊO मा होगी तब उसका हाथ तZ हार साथ पघलन लगगा उसक हाथ स कोई चीज नकलकर

तZ हार भीतर बहन लगगी और तम दोन- क बीच एक तालमल होगा ऊO मा का सवाद होगा

यह ऊO मा दय स आ रह ह यह मि9 तषक स नह आ सकती + य-0क मि9 तषक सदा ठडा और Vहसाबी ह दय ऊO मा

वाला ह वह Vहसाबी नह ह मि9 तषक सदा यह सोचता ह 0क कस ` यादा ल4 दय का भाव रहता ह 0क कस ` यादा द4 वह

जो ऊO मा ह वह दान हmdashऊजा का दान आतPरक तरग- का दान जीवन का दान यह वजह ह 0क तZ ह4 उसम एक गहर

घलन का अनभव होगा

9 पश करो छओ आख बद करो और 0कसी चीज को 9 पश करो अपन मी या मका को छओ अपनी मा को या बf च को

छओ या म को या वQ फल या महज धरती को छओ आख4 बद रखो और धरती और अपन दय क बीच मका और

अपन बीच होत आतPरक सवार को महसस करो भाव करो 0क तZ हारा हाथ ह तZ हारा दय ह जो धरती को 9 पश करन को

बढ़ा ह 9 पश क अनभत को दय स जड़न दो

तम सगीत सन रह हो उस मि9 तषक स मत सनो अपन मि9 तषक को भल जाओ और समझो 0क म_ Bबना मि9 तषक क ह

मरा कोई सर नह ह अf छा ह 0क अपन सोन क कमर म4 अपना एक च रख लो िजसम4 सर न हो उस पर L यान को

एका करो और भाव करो 0क तम Bबना सर क हो सर को आन ह मत दो और सगीत को दय स सनो भाव करो 0क

सगीत तZ हार दय म4 जा रहा ह दय को सगीत क साथ उCवलत होन दो तZ हार इVय- को भी दय स जड़न दो

मि9 तषक स नह

यह योग सभी इVय- क साथ करो और अधकाधक भाव करो क lt यक ऐVक अनभव दय म4 जाता ह और वलन हो

जाता ह

lsquorsquoह भगवती जब इVया दय म4 वलन ह- कमल क क4 पर पहच-lsquorsquo

दय ह कमल ह और इVया कमल क Cवार ह कमल का पखWडया ह पहल बात 0क अपनी इVय- को दय क साथ जड़न

दो और दसर 0क सदा भाव करो 0क इVया सीध दय म4 गहर उतरती ह और उसम धल मल रह ह जब य दो काम हो

जाएग तभी तZ हार इVया तZ हार सहायता कर4गी तब व तZ ह4 तZ हार दय तक पहचा द4गी और तZ हारा दय कमल बन

जाएगा

यह दय कमल तZ ह4 तZ हारा क4 दगा और जब तम अपन दय क क4 को जान लोग तब नाभ क4 को पाना बहत आसान

हो जाएगा यह बहत आसान ह यह स उसक चचा भी नह करता उसक जMरत नह ह अगर तम सच म4 और समता

स दय म4 वलय हो गए और ब न काम करना छोड़ Vदया तो तम नाभ क4 पर पहच जाओग

दय न नाभ क और Cवारा खलता ह सफ सर स नाभ क और जाना कVठन ह या अगर तम कह सर और दय क

बीच म4 हो तो नाभ पर जाना कVठन ह एक बासर तम दय म4 वलय हो जाओ तो तम दय क पार नाभ-क4 म4 उतर गए

और वह बनयाद ह मौलक ह

यह कारण ह 0क ाथना काम करती ह और इसी कारण स जीसस कह सक 0क म ईशवर ह यह बात पर-पर सह नह ह

ल0कन म Cवार ह अगर तम 0कसी क गहर म म4 होmdash0कसक म म4 हो महतव का नह ह म ह महतव का हmdashइतन

म म4 0क सबध मि9 तषक का न रह सफ दय काम कर तो यह म ाथना बन जाएगा और तZ हारा मी या मका

भगवती बन जाएगी

सच तो यह ह कह दय क आख और कछ नह दख सकती ह यह बात तो साधारण म म4 भी घVटत होती ह अगर तम

0कसी क म म4 पड़त हो तो वह तZहार लए Vदवय हो उठता ह हो सकता ह 0क यह भाव बहत 9 थायी न हो और बहत गहरा

भी नह ल0कन तlt Qण तो मी या मका Vदवय हो उठती ह दर-अबर ब आकर पर चीज को नषट कर दगी + य-0क

ब ह9 तQप कर सब gt यव9 था Bबठान लगगी उस म क भी gt यव9 था Bबठानी पड़ती ह और एक बार ब gt यव9 थापक

हई 0क सब चीज4 नषट हो जाती ह

आगर तम सर क gt यव9 था क Bबना म म4 हो सको तो तZ हारा म अनवायत ाथना बनगा और तZ हार मका Cवार

बन जाएगी तZ हारा म तZ ह4 दय म4 क4 Vत कर दगा और एक बार तम दय म4 क4 Vत हए 0क तम अपन ह आप नाभ

क4 म4 गहर उतर जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-17 (ओशो) क0 =1त होन क पाचवी वध

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

lsquorsquoमन को भलकर मधय म0 रहोmdashजब तकlsquorsquo

यह स इतना ह ह 0कसी भी वानक स क तरह यह छोटा ह ल0कन य थोड़ स शबद भी तZ हार जीवन को समरतः

बदल सकत ह

lsquorsquoमन को भल कर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

lsquorsquoमधय म4 रहोlsquorsquomdashब न अपन L यान क वध इसी स क आधार पर वकसत क उनका माग म`झम नकाय या मधय

माग कहलाता ह ब कहत ह सदा मधय म4 रहो lt यक चीज म4

एक बार राजकमार kोण दmQत हआ ब न उस सG यास म4 दmQत 0कया वह राजकमार अvत gt यि+ त था और जब वह

सG यास म4 दmQत हआ तो सारा राजय च0कत रह गया लोग- को यकन नह हआ 0क राजकमार kोण सG यासी हो गया

0कसी न 9 वपन म4 भी नह सोचा था + य-0क kोण परा सासाPरक था भोग-वलास म4 सवथा लपत रहता था सारा Vदन

सरा और सदर ह उसका ससार थी

तभी अचानक एक Vदन ब उसक नगर म4 आए राजकमार kोण उनक दशन को गया वह ब क चरण- म4 गरा और बोला

0क मझ दmQत कर ल4 म_ ससार छोड़ दगा

जो लोग उसक साथ आए थ उG ह4 भी इसक खबर नह थी ऐसी अचानक घटना थी यह उG ह-न ब स पछा 0क यह + या हो

रहा ह यह तो चमlt कार ह kोण उस कोVट का gt यि+ त नह ह वह तो भोग वलास म4 रहा ह यह तो चमlt कार ह हमन तो

कY पना भी नह क थी 0क kोण सG यासी होगा यह + या हो रहा ह आपन कछ कर Vदया ह

ब न कहा 0क म_न कछ नह 0कया ह मन एक अत स दसर अत पर जा सकता ह वह मन का ढग ह एक अत स दसर

अत पर जाना kोण कछ नया नह कर रहा ह यह होना ह था + य-0क तम मन क नयम नह जानत इसलए तम च0कत

हो रह हो

मन एक अत स दसर अत पर गत करता रहता ह मन का यह ढग ह यह रोज-रोज होता ह जो आदमी धन क पीछ

पागल था वह अचानक सब कछ छोड़कर नगा फकर हो जाता ह हम सोचत ह 0क चमlt कार हो गया ल0कन यह सामानय

नयम क सवाय कछ नह ह जो आदमी धन क पीछ पागल नह ह उसक यह उपQा नह क जा सकती ह 0क वह lt याग

करगा + य-0क तम एक अत स ह दसर अत पर जा सकत हो वस ह जस घड़ी का प_डलम एक अत स दसर अत पर

डोलता रहता ह

इसलए जो आदमी धन क लए पागल था वह पागल होकर धन क lखलाफ जाएगा ल0कन उसका पागलपन कायम रहगा

वह मन ह जो आदमी कामवासना क लए जीता था वह मचार हो जा सकता ह एकात म4 चला जा सकता ह ल0कन

उसका पागलपन कायम रहगा पहल वह कामवासना क लए जीता था अब वह कामवासना क lखलाफ होकर िजएगा

ल0कन उसका Mख उसक aिO ट वह क वह रहगी इसलए मचार सच म4 कामवासना क पार नह गया ह उसका परा

चत काम-वासना धान ह वह सफ वM हो गया ह उसन काम का अत2मण नह 0कया ह अत2मण का माग सदा

मLय म4 ह वह कभी अत म4 नह ह

तो ब न कहा 0क यह होना ह था यह कोई चमlt कार नह ह मन ऐस ह gt यवहार करता ह

kोण भ+ ख बन गया सG यासी हो गया शी~ ह ब क दसर शO य- न दखा 0क वह दसर अत पर जा रहा था ब न

0कसी को नगन रहन को नह कहा था ल0कन kोण नगन रहन लगा ब न नता क पQ म4 नह थ उG ह-न कहा 0क यह

दसर अत ह लोग ह जो कपड़- क लए ह जीत ह मान- वह उनका जीवन हो और ऐस लोग भी ह जो नगन हो जात ह

ल0कन दोन- व9 - म4 वR वास करत ह

ब न कभी न नता क शQा नह द ल0कन kोण नगन हो गया वह ब का अकला शषय था जो नगन हआ kोण

आतम उlt पीड़न म4 भी गहर अतर गया ब न अपन सG यासय- को Vदन म4 एक बार भोजन क gt यव9 था द थी ल0कन

kोण दो Vदन- म4 एक बार भोजन लन लगा वह बहत दबल हो गया दसर भQ पड़ क छाया म4 L यान करत ल0कन kोण

कभी छाया म4 नह बठता था वह सदा कड़ी घप म4 रहता था वह बहत सदर आदमी था उसक दह बहत सदर थी ल0कन

छह महन क भीतर पहचानना मिR कल हो गया 0क यह वह आदमी ह वह कMप काला झलसा-झलसा Vदखन लगा

एक रात ब kोण क पास गए और उसस बोल kोण म_न सना ह 0क जब तम राजकमार थ तब तZ ह4 वीणा बजान का शोक

था और तम एक कशल वीणावादक और बड़ सगीत थ तो म_ तमस एक शन पछन आया ह अगर वीणा क तार बहत

ढल हो तो + या होता ह अगर तार ढल ह-ग तो कोई सगीत सभव नह ह

और 0फर ब न पछा 0क अगर तार बहत कस ह- तो + या होगा kोण न कहा 0क तब भी सगीत नह पदा होगा तार- को

मधय म4 होना चाVहए व न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 हो और kोण न कहा 0क वीणा बजाना तो आसान ह

ल0कन एक परम सगीत ह तार- को मधय म4 रख सकता ह

तो ब न कहा 0क छह महन- तक तZ हारा नरQण करन क बाद म_ तमस यह कहन आया ह 0क जीवन म4 भी सगीत तभी

जG मता ह जब उसक तार न ढल हो और न कस हए ठUक मधय म4 ह- इसलए lt याग करना आसान ह ल0कन परम कशल

ह मधय म4 रहना जानता ह इसलए kोण कशल बनो और जीवन क तार- को मधय म4 ठUक मधयम म4 रखो इस या उस

अत पर मत जाओ और lt यक चीज क दो छोर ह दो अतया ह ल0कन तZ ह4 सदा मधय म4 रहना ह

ल0कन मन बहत बहोश ह इसलए स म4 कहा गया ह lsquorsquoमन को भलकरlsquorsquo तम यह बात सन भी लोग तम इस समझ भी

लोग ल0कन मन उसको नह हण करगा मन सदा अतय- को चनता ह मन म4 अतय- क लए बड़ा आकषण ह मोह ह

+ य- + य-0क मधय म4 मन क मlt य हो जाती ह

घड़ी क प_डलम को दखो अगर तZ हार पास कोई परानी घड़ी हो तो उसक प_डलम को दखो प_डलम सारा Vदन चलता रहता ह

यVद वह अतय- तक आता जाता रह जब वह बाए जाता ह तब दाए जान क लए शि+ त अिजत कर रहा ह जब वह दाए जा

रहा ह तो मत सोचो क वह दाए जा रहा ह वह बाए जान क लए ऊजा इकी कर रहा ह अतया ह दाए-बाए ह प_डलम को

बीच म4 ठहरन दो और सब गत बद कर दो तब प_डलम म4 उजा नह रहगी कय-0क उजा तो एक अत स आ रह थी एक

अत स दसर अत उस दसर अत क और फ4 कती ह उसस एक वतल बनता ह और प_डलम गतमान होता ह उसको बीच

म4 होन दो और तब सब गत ठहर जाएगी

मन प_डलम क भात ह और अगर तम इसका नरQण करो तो रोज ह इसका पता चलगा तम एक अत क पQ म4 नणय

लत हो और तब तम दसर अत क और जान लगत हो तम अभी 2ोध करत हो 0फर पR चाताप करत हो तम कहत हो

नह बहत हआ अब म_ कभी 2ोध न कMगा ल0कन तम कभी अत को नह दखत

यह lsquorsquoकभी नहrsquorsquo अत ह तम कस नशचत हो सकत हो 0क तम कभी नह 2ोध करोग तम कह + या रह ह एक बार और

सोचो कभी नह अतीत म4 जाओ और याद करो 0क 0कतनी बार तमन नशचय 0कया ह 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा जब

तम कहत हो 0क म_ कभी 2ोध नह कMगा तो तम नह जानत हो 0क 2ोध करत समय ह तमन दसर छोर पर जान क

ऊजा इकी कर ल थी अब तम पR चाताप कर रह हो अब तZ ह4 बरा लग रहा ह तZ हार आतम छव Vहल गई ह गर गई

ह अब तम नह कह सकत 0क म_ अf छा आदमी ह धामक आदमी ह म_न 2ोध 0कया और धामक gt यकत 2ोध नह

करता ह अf छा आदमी 2ोध कस करगा तो तम अपनी अf छाई को वापस पान क लए पR चाताप करत हो कम स कम

अपनी नजर म4 तZ ह4 लगगा 0क म_न पR चाताप कर लया चन हो गया और अब 0फर 2ोध नह होगा इसस तZ हार Vहल हई

आतम-छव परानी अव9 था म4 लौट आएगी अब तम चन महसस करोग + य-0क अब तम दसर अत पर चल गए

ल0कन जो मन कहता ह 0क अब म_ 0फर कभी 2ोध नह कMगा वह 0फर 2ोध करगा अब जब तम 0फर 2ोध म4 होग4 तो

तम अपन पR चाताप को अपन नणय को सब को Bबलकल भल जाओग और 2ोध क बाद 0फर वह नणय लौटगा और

पR चाताप वापस आएगा और तम कभी उसक धोख को नह समझ पाओग ऐसा सदा हआ ह मन 2ोध स पR चाताप और

पR चाताप स 2ोध क बीच डोलता रहता ह

बीच म4 रहो न 2ोध करो न पR चाताप करो और अगर 2ोध कर गए तो कपा कर 2ोध ह करो पR चाताप मत करो दसर

अत पर मत जाओ बीच म4 रहो कहो 0क म_न 2ोध 0कया ह म_ बरा आदमी ह Vहसक ह म_ ऐसा ह ह ल0कन पR चाताप

मत करो दसर अत पर मत जाओ मधय म4 रहो और अगर तम मधय म4 रह सक तो 0फर तम 2ोध करन क लए ऊजा

इकी नह कर पाओग

इसलए यह स कहता ह lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस lsquorsquoजब तकrsquorsquo का + या मतलब ह मतलब यह ह 0क जब तक तZ हारा व9 फोट न हो जाए मतलब यह ह 0क तब तक मधय

म4 रहो जब तक मन क मlt य न हो जाए तब तक मधय म4 रहो जब तक मन अ-मन न हो जाए अगर मन अत पर ह तो अ-

मन मधय म4 होगा

ल0कन मधय म4 होना ससार म4 सबस कVठन काम ह Vदखता तो सरल ह Vदखता तो यह आसान ह तZ ह4 लगगा 0क म_ कर

सकता ह और तZ ह4 यह सोचकर लगगा 0क पR चाताप क कोई जMरत नह ह ल0कन योग करो और तब तZ ह4 पता

चलगा 0क जब 2ोध करोग तो मन पR चाताप करन पर जोर दगा

पत-पिlt नय- का झगड़ा सदा स चलता आया ह और सVदय- स महापtष और सलाहकार समझा रह ह 0क कस रह4 और म

कर4 और यह झगड़ा जार ह पहल बार ायड को इस तथय को बोध हआ 0क जब भी तम म तथाकथत म म4 होओग

तZ ह4 धणा म4 भी होना पड़गा सबह म करोग और R याम घणा करोग और इस तरह प_डलम Vहलता रहगा lt यक पत-

पlt नी को इसका पता ह ल0कन ायड क अनतaिOट बड़ी अvत ह वह कहता ह 0क अगर 0कसी दपत न झगड़ा बद कर

Vदया ह तो समझो 0क उनका म मर गया घणा और लड़ाई क साथ जो म ह वह मर गया

अगर 0कसी जोड़ का तम दखो 0क वह कभी लड़ता नह ह तो यह मत समझो 0क यह आदश जोड़ा ह उसका इतना ह अथ ह

0क यह जोड़ा ह नह ह व समातर रह रह ह ल0कर साथ-साथ नह रहत व समातर रखाए ह जो कह नह मलती लड़न

क लए भी नह व दोन- साथ रहकर भी अकल-अकल हmdashअकल-अकल और समातर

मन वपरत पर गत करता ह इसलए अब मनोवान क पास दपतय- क लए बहतर नदान हmdashबहतर और गहरा वह

कहता ह 0क अगर तम सचमच म-इसी मन क साथmdashकरना चाहत हो तो लड़न झगड़न स मत डर- सच तो यह ह 0क

तZ ह4 ामाlणक ढग स लड़ना चाVहए ता0क तम ामाlणक म क दसर छोर को ापत कर सको इसलए अगर तम अपनी

पlt नी क लड़ रह हो तो लड़न स चको मत अGयथा म स भी चक जाओग झगड़ स बचो मत उसका मौका आए तो अत

तक लड़- तभी सL या आत-आत तम 0फर म करन योगय हो जाओग मन तब तक शि+ त जटा लगा

सामानय म सघष क Bबना नह जी सकता + य-0क उसम मन क गत सलगन ह सफ वह म सघष क Bबना िजएगा

जो 0क मन का नह ह ल0कन वह बात ह और ह ब का म और ह बात ह

ल0कन अगर ब तZ ह4 म कर4 तो तम बहत अf छा नह महसस करोग + य- + य-0क उसम4 कछ दोष नह रहगा वह मीठा

ह मीठा होगा और उबाऊ होगा कय-0क दोष तो झगड़ स आता ह ब 2ोध नह कर सकत व कवल म कर सकत ह

तZ ह4 उनका म पता नह चलगा + य-0क पता तो वरोध म4 वपरतता म4 चलता ह

जब ब बाहर वष[ क बाद अपन नगर वापस आए तो उनक पlt नी उनक 9 वागत को नह आई सारा नगर उनक 9 वागत क

लए इका हो गया ल0कन उनक पlt नी नह आई ब हस और उG ह-न अपन मखय शषय आनद स कहा 0क यशोधरा

नह आई म_ उस भल-भात जानता ह ऐसा लगता ह 0क वह मझ अभी भी म करती ह वह माननी ह वह आहत अनभव

कर रह ह म_ तो सोचता था बाहर वष का लZ बा समय ह वह अब म म4 न होगी ल0कन मालम होता ह 0क यह अब भी म

म4 ह अब भी 2ोध म4 ह वह मझ लन नह आई मझ ह उसक पास जाना होगा

और ब गए आनद भी उनक साथ था आनद को एक वचन Vदया हआ था जब आनद न दQा ल थी तो उसन एक शत

रखीmdashऔर ब न मान ल 0क म_ सदा आपक साथ रहगा वह ब का बड़ा चचरा भाई था इसलए उG ह4 मानना पडा था सो

आनद राजमहल तक उनक साथ गया वहा ब न उनस कहा 0क कम स कम यहा तम मर साथ मत चलो + य-0क

यशोधरा बहत नाराज होगी म_ बाहर वष[ क बाद लौट रहा ह और उस खबर 0कए Bबना यहा स चला गया था वह अब भी

नाराज ह तो तम मर साथ मत चलो अG यथा वह समझगा 0क म_न उस कछ कहन का भी अवसर नह Vदया वह बहत कछ

कहना चाहती होगी तो उस 2ोध कर लन दो तम कपा इस बार मर साथ मत आओ

ब भीतर गए यशोधरा ` वालामखी बनी बठU थी वह फट पड़ी वह रोन चY लान लगी बकन लगी ब चपचाप बठ सनत

रह धीर-धीर वह शात हई और तब वह समझी 0क उस बीच ब एक शबद भी नह बोल उसन अपनी आख4 प-छU और ब

क और दखा

ब न कहा 0क म_ यह कहन आया ह 0क मझ कछ मला ह म_न कछ जाना ह म_न कछ उपलबध 0कया ह अगर तम शात

होओ तो म_ तZ ह4 वह सदश वह सतय द जो मझ उपलबध हआ ह म_ इतनी दर इसलए tका रहा 0क तZ हारा रचन हो जाए

बारह साल लबा समय ह तमन बहत घाव इक 0कए ह-ग और तZ हारा 2ोध समझन योगय ह मझ इसक तीQा थी

उसका अथ ह 0क तम अब भी मझ म करती हो ल0कन इस म क पार भी एक म ह और उसी म क कारण म_ तZ ह4 कछ

कहन वापस आया ह

ल0कन यशोधरा उस म को नह समझ सक इस समझना कVठन ह + य-0क यह इतना शात ह यह म इतना शात ह

0क अनपि9 थत सा लगता ह

जब मन वसिजत होता ह तो एक और ह म घVटत होता ह ल0कन उस म का कोई वपरत पQ नह ह वरोधी पQ नह

ह जब मन वसिजत होता ह तब जो भी घVटत होता ह उसका वपरत पQ नह रहता मन क साथ सदा उसका वपरत

खड़ा रहता ह और मन एक प_डलम क भात गत करता ह

यह स अvत ह उसस चमlt कार घVटत हो सकता ह

lsquorsquoमन को भलकर मधय म4 रहोmdashजब तकlsquorsquo

इस योग म4 लाओ और यह स तZ हार पर जीवन क लए ह ऐस नह ह 0क उसका अ यास यदा-कदा 0कया और बात

खतम हो गई तZ ह4 नरतर इसका बोध रखना होगा होश रखना होगा काम करत हए चलत हए भोजन करत हए सबध-

म4 सव मधय म4 रहो योग करक दखो और तम दखोग4 0क एक मौन एक शात तZ ह4 घरन लगी ह और तZ हार भीतर एक

शात क4 नमत हो रहा ह

अगर ठUक मधय म4 होन म4 सफल न हो सको तो भी मधय म4 होन क कोशश करो धीर-धीर तZ ह4 मधय क अनभत होन

लगगी जो भी हो घणा या म 2ोध या पR चाताप सदा ~वीय वपरतताओ को L यान म4 रखो और उनक बीच म रहो और

दर अबर तम ठUक मधय को पा लोग

और एक बार तमन इस जान लया तो 0फर तम उस नह भलोग + य-0क मधय Bबद मन क पार ह और वह मधय Bबद

अL यातम का सार स ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-18 (ओशो) क0 =1त होन क छठवी वध

त-सmdashवध-18 (ओशो) 6कसी वषय को )मपवक दखो

rdquo6कसी वषय को )मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ यह वषय क मधय म0mdashआनदrdquo

म_ 0फर दोहराता ह lsquorsquo0कसी वषय को मपवक दखो दसर वषय पर मत जाओ 0कसी दसर वषय पर L यान मत ल जाओ

यह वषय क माधय म4mdashआनद

lsquorsquo6कसी वषय को )म पण दखोhelliphelliplsquorsquo

मपवक म4 कजी ह + या तमन कभी 0कसी चीज को मपवक दखा ह तम हा कह सकत हो + य-0क तम नह जानत 0क

0कसी चीज को मपवक दखन का + या अथ ह तमन 0कसी चीज को लालसा-भर आख- स दखा होगा कामना पवक दखा

होगा वह दसर बात ह वह Bबलकल भनन वपरत बात ह पहल इस भद को समझो

तम एक सदर चहर को सदर शरर को दखत हो और तम सोचत हो 0क तम उस मपवक दख रह हो ल0कन तम उस + य-

दख रह हो + या तम उसस कछ पाना चाहत हो तब वह वासना ह कामना ह म नह ह + या तम उसका शोषण करना

चाहत हो तब वह वासना ह म नह तब तम सच म4 यह चाहत हो 0क म_ कस इस शरर को उपयोग म4 लाऊ कस इसका

मालक बन कस इस अपन सख का साधन बना ल

वासना का अथ ह 0क कस 0कसी चीज को अपन सख क लए उपयोग म4 लाऊ म का अथ ह 0क उसस मर सख का कछ

लना दना नह ह सच तो यह ह 0क वासना कछ लना चाहती ह और म कछ दना चाहता ह व दोन- सवथा एक दसर क

तकल ह

अगर तम 0कसी सदर gt यि+ त को दखत हो और उसक त म अनभव करत हो तो तZ हार चतना म4 तरत भाव उठगा 0क

कस इस gt यि+ त को इस पMष या 9 ी को सखी कM यह 0फ2 अपनी नह दसर क ह म म4 दसर महlt वपण ह वासना म4

तम महतवपण हो वासना म4 तम दसर4 को साधन बनान क सोचत हो और म म4 तम 9 वय साधन बनन क सोचत हो

वासना म4 तम दसर को प-छ दना चाहत हो म म4 तम 9 वय मट जाना चाहत हो म का अथ ह दना वासना का अथ ह

लना म समपण ह वासना आ2मण ह

तम + या कहत हो उसका कोई अथ नह ह वासना म4 भी तम म क भाषा काम म4 लात हो तZ हार भाषा का बहत मतलब

नह ह इसलए धोख म4 मत पड़ो भीतर दखो और तब तम समझोग 0क तमन जीवन म4 एक बार भी 0कसी gt यि+ त या व9 त

को मपवक नह दखा ह

एक दसरा भद भी समझ लन जसा ह

स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

असल म4 तम 0कसी पाथव जड़ व9 त को भी मपवक दखो तो वह व9 त gt यि+ त बन जाती ह तZ हारा म व9 त को भी

gt यि+ त म4 MपातPरत करन क कजी ह अगर तम वQ को मपवक दखो तो वQ gt यि+ त बन जाता ह

उस Vदन म_ ववक स बात करता था म_न उसस कहा 0क जब हम नए आkम म4 जाएग तो वहा हम हरक वQ को नाम द4ग

+ य-0क हरक वQ gt यि+ त ह + या कभी तमन सना ह 0क कोई वQ- को नाद द कोई वQ- को नाम नह दता + य-0क कोई

वQ- को म नह करता अगर म कर तो gt यि+ त बन जाए तब वह भीड़ का जगल का Vह9 सा नह रहा वह अनठा हो

गया

तम कlt त- और BबिY लय- को नाम दत हो जब तम कltत को नाम दत हो उस lsquorsquoटाइगरrsquorsquo कहत हो तो कlt ता gt यि+ त बन

जाता ह तब वह बहत स कlt त- म4 एक कlt ता नह रहा तब उसको gt यि+ ततव मल गया तमन नमत कर Vदया जब भी

तम 0कसी चीज को मपवक दखत हो वह चीज gt यि+ त बन जाती ह

और इसका उलटा भी सह ह जब तम 0कसी gt यि+ त को वासना पवक दखत हो तो वह gt यि+ त व9 त बन जाता ह यह

कारण ह 0क वासना भर आख- म4 वकषण होता ह + य-0क कोई भी वसत होना नह चाहता जब तम अपनी पlt नी को या

0कसी दसर 9 ी को या पMष को वासना क aिO ट स दखत हो तो उसक दसर को चोट पहचती ह तम असल म4 + या कर

रह हो तम एक जीवत gt यि+ त को मत साधन म4 य म4 बदल रह हो ` य- ह तमन सोचा 0क कस उसका उपयोग कर4 0क

तमन उसक हlt या कर द

यह कारण ह 0क वासना भर आख4 वकषण होती ह कMप होती ह और जब तम 0कसी को म स भरकर दखत हो तो

दसरा ऊचा उठ जाता ह वह अनठा हो जाता ह अचानक वह gt यि+ त हो उठता ह

एक व9 त बदल जा सकती ह ठUक उसक जगह वसी ह चीज लाई जा सकती ह ल0कन उसी तरह एक gt यि+ त नह बदला

जा सकता व9 त का अथ ह जो बदल जा सक gt यि+ त का अथ ह जो नह बदला जा सक 0कसी पMष या 9 ी क 9 थान पर

ठUक वसा ह पMष या 9 ी नह लायी जा सकती ह हर एक gt यि+ त अनठा ह व9 त नह

म 0कसी को भी अनठा बना दता ह यह कारण ह 0क म क Bबना तम नह महसस करत 0क म_ gt यि+ त ह जब तक कोई

तZ ह4 गहन म न कर तZ हार अनठपन का एहसास ह नह होता तब तक तम भीड़ क Vह9 स होmdashएक नबर एक सr या

और तम बदल जा सकत हो

यह स कहता ह lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliphelliplsquorsquo

यह 0कसी वषय या gt यि+ त म4 कोई फक नह करता उसक जMरत नह ह + य-0क जब तम मपवक दखत हो तो कोई भी

चीज gt यि+ त हो उठती ह यह दखना ह बदलता ह MपातPरत करता ह

तमन दखा हो या न दखा हो जब तम 0कसी खास कार को समझो वह 0फएट ह चलात हो तो + या होता ह एक ह जस

हजार--हजार 0फएट ह ल0कन तZ हार कार अगर तम पनी कार को म करत हो अनठU हो जाती ह gt यि+ त बन जाती ह

उस बदला नह जा सकता एक नाता-PरR ता नमत हो गया अब तम इस कार को एक gtयि+ त समझत हो

अगर कछ गड़बड़ हो जाए जरा सी आवाज आन लग तो तZ ह4 तरत उसका एहसास होता ह और कार4 बहत तनकमज़ाज

होती ह तम अपनी कार क मज़ाज स पPरचत हो 0क कब वह अf छा महसस करती ह और कब बरा धीर-धीर कार

gt यि+ त बन जाती ह + यो

अगर म का सबध ह तो कोई भी चीज gt यि+ त बन जाती ह और अगर वासना का सबध हो तो gt यि+ त भी व9 त बन जाता

ह और यह बड़ स बड़ा अमानवीय कतय ह जो आदमी कर सकता ह 0क वह 0कसी को व9 त बना द

lsquorsquo6कसी वषय को )मपवक दखोhelliphelliplsquorsquo

इसक लए कोई + या कर म स जब दखत हो तो + या होता ह पहल बात अपन को भल जाओ अपन को Bबलकल भल

जाओ एक फल को दखो और अपन को Bबलकल भल जाओ फल तो हो ल0कन तम अनपि9 थत हो जाओ फल को अनभव

करो और तZ हार चतना स गहरा म फल क और वाVहत होगा और तब अपनी चतना को एक ह वचार स भर जान दो

0क कस म_ इस फल क ` यादा lखलन4 म4 ` यादा सदर होन म4 ` यादा आनVदत होन म4 सहयोगी हो सकता ह म_ + या कर

सकता ह

यह महतव क बात नह ह 0क तम कछ कर सकत हो या नह यह ासगक नह ह यह भाव 0क म_ + या कर सकता ह यह

पीड़ा गहर पीड़ा 0क इस फल को ` यादा सदर ` यादा जीवत और ` यादा 9 फVटत बनान क लए म_ + या कM ` यादा

महतव क ह इस वचार को आन पर ाण- म4 गजन दो अपन शरर और मन क lt यक तत को इस वचार स भीगन दो

तब तम समाधसथ हो जाओग और फल एक gt यि+ त बन जाएगा

lsquorsquoदसर वषय पर मत जाओhelliplsquorsquo

तम जा नह सकत अगर तम म म4 हो तो नह जा सकत अगर तम इस समह म4 बठ 0कसी gt यि+ त को म करत हो तो

तZ हार लए सब भीड़ भल जाती ह और कवल यह चहरा बचता ह सच म4 तम और 0कसी को नह दखत उस एक चहर को

ह दखत हो सब वहा ह ल0कन व नह क बराबर ह व तZ हार चतना क महज पPरध पर होत ह व महज छायाए ह मातर

एक चहरा रहता ह अगर तम 0कसी को म करत हो तो मा वह चहरा रहता ह इसलए दसर पर तम नह जा सकत

दसर वषय पर मज जाओ एक क साथ ह रहो गलाब क फल क साथ या अपनी मका क चहर क साथ रहो ओर उसक

साथ मपवक रहो वाहमान रहो समगर दय स उसक साथ रहो और इस वचार क साथ रहो 0क म_ अपनी मका को

` यादा सखी और आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

और जब ऐसी ि9 थत बन जाए 0क तम अनपि9 थत हो अपनी 0फ2 नह करत अपनी सख सतोष क चता नह लत अपन

को पर तरह भल गए हो जब तम सफ दसर क लए चता करत हो दसरा तZ हार म का क4 बन गया ह तZ हार चतना

दसर म4 वाVहत हो रह ह जब गहन कMणा और म क भाव स तम सोचत हो 0क म_ अपनी मका को आनVदत करन क

लए + या कर सकता ह तब इस ि9 थत म4 अचानक lsquorsquoयह वषय क मधय म4mdashआनद अचानक उप-उlt पत क तरह तZ ह4

आनद उपलबध हो जाता ह तब अचानक तम क4 Vत हो गए

यह बात वरोधाभासी लगती ह + य-0क स कहता ह 0क अपन को Bबलकल भल जाओ आतम क4 Vत मत बनो दसर म4

पर तरह वश करो

ब नरतर कहत थ 0क जब भी तम ाथना करो तो दसर- क लए कर-mdashअपन लए नह अG यथा ाथना gt यथ जायगी

एक आदमी ब क पास आया और उसन कहा 0क म_ आपक उपदश को 9 वीकार करता ह ल0कन उसक एक बात मानना

बहत कVठन ह आप कहत ह जब भी तम ाथना करो तो अपनी मत सोचो अपन लए मत कछ मागो सदा यह कहो 0क

मर ाथना स जो फल आए वह सबको मल कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आमद न कहा यह बात भी ठUक

ह ल0कन कोई आनद उतर तो वह सब म4 बट जाए उस आदमी न कहा यह बात भी ठUक ह ल0कन म_ इसम एक अपवाद

एक ह अपवाद करना चाहगा और वह यह 0क यह कपा मर पड़ोसी को न मल + य-0क वह मरा श ह यह आनद मर

पड़ोसी को छोड़कर सबको ापत हो

मन आतम क4 Vत ह ब न उस आदमी स कहा 0क तब तZ हार ाथना gt यथ ह अगर तम सब कछ सबको बाटन को तयार

नह हो तो कछ भी फल नह होगा और सबम4 बाट दोग तो सब तZ हारा होगा

म म4 तZ ह4 अपनी को भल जाना ह ल0कन तब यह बात वरोधाभासी लगन लगती ह तब क4 Vत होना कब और कस घVटत

होगा दसर म4 समMपण सलगन होन स जब तम 9 वय को पर तरह भल जात हो और जब दसरा ह बचता ह तम आनद

स आशीवाद स भर Vदय जात हो

+ यो + य-0क जब तम अपनी 0फ2 नह रहती तो तम खाल Pरकत हो जात हो तब आतPरक आकाश नमत हो जाता ह

जब तZ हारा मन पर तरह दसर म4 सलगन ह तो तम अपन भीतर मन रVहत हो जात हो तब तZ हार भीतर वचार नह रह

जाता ह और तब यह वचार भी 0क म_ दसर को अधक सखी अधक आनVदत बनान क लए + या कर सकता ह जाता

रहता ह + य-0क सच म4 तम कछ नह कर सकत तब यह वचार वराम बन जाता ह तम कछ नह कर सकत + या कर

सकत हो + य-0क अगर सोचत हो 0क म_ कछ कर सकता ह तो अब भी अहकार क भाषा म4 सोच रह हो

समरण रह मपा क साथ gt यि+ त Bबलकल असहाय हो जाता ह जब भी तम 0कसी को म करत हो तम असहाय हो जात

हो यह म क पीड़ा ह 0क तZ ह4 पता नह चलता 0क म_ + या कर सकता ह तम सब कछ करना चाहोग तम अपन मी या

मका को सारा माड द दना चाहोग ल0कन तम कर + या सकत हो अगर तम सोचत हो 0क यह या वह कर सकत हो तो

तम अभी म म4 नह हो म बहत असहाय ह Bबलकल असहाय ह और वह असहायपन सदर ह + य-0क उसी असहायपन

म4 तम समपत हो जात हो

0कसी को म करो और तम असहाय अनभव करोग 0कसी को धणा करो और तZ ह4 लगगा 0क तम कछ कर सकत हो म

करो और तम Bबलकल असमथ हो तम + या कर सकत हो जो भी तम कर सकत हो वह इतना Q लगता ह इतना

अथहन वह कभी भी पयापत नह मालम होता कछ नह 0कया जा सकता और जब कोई समझता ह 0क कछ नह 0कया

जा सकता तब वह असहाय अनभव करता ह जब कोई सब कछ करना चाहता ह और समझता ह 0क कछ नह 0कया जा

सकता तब मन Mक जाता ह और इसी असहायाव9 था म4 समपण घVटत होता ह तम खाल हो गए

यह कारण ह 0क म गहन L यान बन जाता ह अगर सच म4 तम 0कसी को म करत हो तो 0कसी अनय L यान क जMरत न

रह ल0कन + य-0क कोई भी म नह करता ह इसलए एक सौ बारह वधय- क जMरत पड़ी और व भी काफ कम ह

उस Vदन कोई यहा था वह कहा रहा था 0क इसस मझ बहत आशा बधी ह म_न पहल दफा आप स ह सना ह 0क एक सौ

बारह वधया ह इसस बहत आशा होती ह ल0कन मन म4 कह एक वषाद भी उठता ह 0क + या कल एक सौ बारह वधय-

स काम चल सकता ह अगर मर लए वह सब क सब gt यथ हई तो + या होगा + या कोई एक सौ तरहवी वध नह ह

और वह आदमी सह ह वह सह ह अगर य एक सौ बारह वधया तZ हार काम न आ सक तो कोई उपाय नह ह इसलए

उसका कहना ठUक ह 0क आशा क पीछ-पीछ वषाद भी घरता ह ल0कन सच तो यह ह 0क वधय- क जMरत इसलए

पड़ती ह 0क बनयाद वध खो गई ह अगर तम म कर सको तो 0कसी वध क जMरत नह ह म 9 वय सबस बड़ी वध

ल0कन म कVठन ह एक तरह स असभव म का अथ ह अपन को ह अपनी चतना स नकाल बाहर करना और उसक

जगह अपन अहकार क जगह दसर को 9 थापत करना म का अथ ह अपनी जगह दसर को 9 थापत करना मान- 0क अब

तम नह ह सफ दसरा ह

`या पाल सा कहता ह 0क दसर नरक ह और वह सह ह + य-0क दसरा तZ हार लए नरक ह बनाता ह ल0कन सा गलत

भी हो सकता ह + य-0क दसरा अगर नरक ह तो वह 9 वग भी हो सकता ह

अगर तम वासना स जीत हो तो दसरा नरक ह + य-0क तम उस gt यि+ त क हlt या करन म4 लग हो तम उस व9 त म4 बदलन

म4 लग हो तब वह gt यि+ त भी त02या म4 तZ ह4 व9 त बनाना चाहगा और उसस ह नरक पदा होता ह

तो सब पत-पlt नी एक दसर क लए नरक पदा कर रह ह + य-0क हरक दसर पर मल0कयत करन म4 लगा ह मल0कयत

सफ चीज4 क हो सकती ह वयि+ तय- क नह तम 0कसी व9 त को तो अधकार म4 कर सकत हो ल0कन 0कसी gt यि+ त को

अधकार म4 नह कर सकत ल0कन तम gt यि+ त पर अधकार करन क कोशश करत हो और उस कोशश म4 gt यि+ त बन

जाता ह तब तम भी मझ व9 त बनान क कोशश करोग उसस ह नरक बनता ह

तम अपन कमर म4 अकल बठ हो और तभी तZ ह4 अचानक पता चलता ह 0क कोई चाबी क छद स भीतर झाक रहा ह गौर स

दखो 0क + या होता ह तZ ह4 कोई बदलाहट महसस हई तम + य- इस झाकन वाल पर नाराज होत हो उसन तZ ह4 व9 त म4

बदल Vदया वह झाक रहा ह और झाक कर उसन तZ ह4 व9 त बना Vदया आcज+स बना Vदया उसन ह तZ ह4 बचनी होती

और वह बात उस आदमी क साथ होगी अगर तम उस चाबी क छद क पास आकर बाहर दखन लगो तो दसरा gt यि+ त घबरा

जाएगा एक Qण पहल वह O टा था और तम aशय थ अब वह अचानक पकड़ा गया और तZ ह4 दखत हए पकड़ा गया और

अब वह व9 त बन गया ह

जब कोई तZ ह4 दख रहा ह तो तZ ह4 लगता ह 0क मर 9 वतता बाधत हई नषट हई यह कारण ह 0क मपा को छोड़कर

तम 0कसी को घर नह सकत टकटक लगाकर दख नह सकत अगर तम म म4 नह हो तो वह घरना कMप होगा Vहसक

होगा हा अगर तम म म4 हो तो वह घरना सदर ह + य-0क तब तम घरकर 0कसी को व9 त म4 नह बदल रह हो तब तम

दसर क आख स सीध झाक सकत हो तब तम दसर क आख म4 गहर वश कर सकत हो तम उस व9 त म4 नह बदलत

बिY क तZ हारा म उस gt यि+ त बना दता ह यह कारण ह 0क सफ मय- को घरना सदर होता ह शष सब घरना कMप ह

गदा ह

मानि9वद कहत ह 0क तम 0कसी gt यि+ त को अगर वह अजनबी ह 0कतनी दर तक घरकर दख सकत हो इसक सीमा ह

तम इसका नरQण करो और तZ ह4 पता चल जाएगा 0क इसक अवध 0कतनी ह इस समय क सीमा ह उसस एक Qण

` यादा घर- और दसरा gt यि+ त 2 हो जायगा सावजनक Mप स एक चलती हई नजर Qमा क जा सकती ह + य-0क उसस

लगगा 0क तम दख भर रह थ घर नह रह थ aिO ट गड़ा कर दखना दसर बात ह

अगर म_ तZ ह4 चलत-चलत दख लता ह तो उसस कोई सबध नह बनता ह या म_ गजर रहा ह और तम मझ पर नगाह डाल-

तो उसस कछ बनता-Bबगड़ता नह ह वह अपराध नह ह ठUक ह ल0कन अगर तम अचानक tककर मझ दखन लगो तो

तम नरQक हो गए तब तZ हार aिO ट स मझ अड़चन होगी और म_ अपमानत अनभव कMगा तम कर कया रह हो म_

gt यि+ त ह व9 त नह यह कोई दखन का ढग ह

इसी वजह स कपड़ महlt वपण हो गए ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तभी तम उसक समQ नगन हो सकत हो + य-0क

िजस Qण तम नगन होत हो तZ हारा समचा शरर aिO ट का वषय बन जाता ह कोई तZ हार पर शरर को नहार रहा ह

और अगर वह तZ हार म म4 नह ह तो उसक आख तZ हार पर शरर को तZ हार पर अि9 ततव को व9 त म4 बदल द4गी

ल0कन अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम उसक सामन ल` जा महसस 0कए Bबना ह नगन हो सकत हो बिY क तZ ह4

नगन होना रास आएगा + य-0क तम चाहोग 0क यह Mपातरकार म तZ हार पर शरर को gt यि+ त म4 MपातPरत कर द

जब भी तम 0कसी को व9 त म4 बदलत हो तो वह कतय अनतक ह ल0कन अगर तम म स भर हो तो उस म भर Qण म4

घटना यह आनद 0कसी भी वषय क साथ सभव हो जाता ह

lsquorsquoयह वषय क मधय म0mdashआनदlsquorsquo

अचानक तम अपन को भल गए हो दसरा ह ह और तब वह सह Qण आएगा जब 0क तम पर क पर अनपि9 थत हो

जाओग तब दसरा भी अनपि9 थत हो जाएगा और तब दोन- क बीच वह धG यता घटती ह मय- क यह अनभत ह

यह आनद एक अात और अचतन L यान क कारण घटता ह जहा दो मी ह वहा धीर-धीर दोन- अनपि9 थत हो जात हो

और वहा एक श असततव बचता ह िजसम4 कोई अहकार नह ह कोई CवCव नह ह वहा मा सवाद ह साहचय ह

सहभागता ह उस सभोग म4 ह आनद उतरता ह वह समझना गलत ह 0क यह आनद तZ ह4 0कसी दसर स मला ह वह

आनद आया ह + य-0क तम अनजान ह एक गहर L यान वध म4 उतर गय हो

तम यह सचतन भी कर सकत हो और जब सचतन करत हो तो तम और गहर जात हो + य-0क तब तम वषय स बध नह

हो यह रोज ह होता ह जब तम 0कसी को म करत हो तो तम जो आनद अनभव करत हो उसका कारण दसरा नह ह

उसका कारण बस म ह और म + य- कारण ह + य-0क यह घटना ह यह स घटता ह

ल0कन तब तम एक गलतफहमी स सत हो जात हो तम सोचत हो 0क अ या ब क सािG नधय क कारण यह आनद घटा

और तम सोचत हो 0क मझ अ को अपन कc ज म4 करना चाVहए + य-0क अ क उपि9 थत क Bबना मझ यह आनद नह

मलता और तम ईO याल हो जात हो तZ ह4 डर लगन लगता ह 0क अ 0कसी दसर क कc ज म4 न चला जाय + य-0क तब

दसरा आनVदत होगा और तम दःखी होओग इसलए तम प+ का कर लना चाहत हो 0क अ 0कसी और क कबज म4 न जाए

अ को तZ हार ह कc ज म4 होना चाVहए + य-0क उसक Cवारा तZ ह4 0कसी और लोक क झलक मल

ल0कन िजस Qण तम मालकयत क चO टा करत हो उसी Qण उस घटना का सब सqदय सब कछ नषट हो जाता ह जब

म पर कc जा हो जाता ह म समापत हो जाता ह तब मी सहज एक व9 त होकर रह जाता ह तम उसका उपयोग कर

सकत हो ल0कन 0फर वह आनद नह घVटत होगा वह आनद तो दसर क gt यि+ त होन स आता ह दसरा तो नमत हआ

था तमन उसक भीतर gt यि+ त को नमत 0कया था उसन तZ हार भीतर वह 0कया था तब कोई आcज+स नह था तब

दोन- दो जीवत नजात थ ऐसा नह था एक gt यि+ त था और दसरा व9 त ल0कन ` य- ह तमन माल0कयत क 0क आनद

असभव हो गया

और मन सदा 9 वामतव करना चाहगा + य-0क मन सदा लोभ क भाषा म4 सोचता ह सोचता ह 0क एक Vदन जो आनद

मला वह रोज-रोज मलना चाVहए इसलए मझ 9 वामतव जMर ह ल0कन यह आनद ह तब घटता ह जब सवामतव क

बात नह रहती और आनद दसर क कारण नह तZ हार कारण घटता ह यह समरण रह 0क आनद तZ हार कारण घटता ह

+ य-0क तम दसर म4 इतना समाVहत हो गए 0क आनद घVटत हआ

यह घटना गलाब क फल क साथ भी घट सकती ह चान या वQ या 0कसी भी चीज क साथ घट सकती ह एक बार तम उस

ि9 थत स पPरचत हो गए िजसम4 यह आनद घटता ह तो वह कह भी घट सकता ह यVद तम जानत हो 0क तम नह हो ओ

0कसी गहन म म4 तम दसर क और वाVहत हो जाए तो अहकार तZ ह4 छोड़ दता ह और अहकार क उस अनपि9 थत म4

आनद फलत होता ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-9

त-सmdashवध-19 (ओशो) क0 =1त होन क सातवी वध

शवत-सmdashवध-19 ndashओशो( 9नतबो पर बठो)

lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बना सफ 9नतब2 पर बठो अचानक क0 =1त हो जाओगlsquorsquo

चीन म4 ताओ वाVदय- न सVदय- स इस वध को योग 0कया ह यह एक अvत वध ह और बहत सरल भी

इस योग करो lsquorsquoपाव- या हाथ- को सहारा Vदए Bबना सफ नतब- पर बठो अचानक क4 Vत हो जाओगlsquorsquo

इसम4 करना + या ह इसक लए दो चीज4 जMर ह एक तो बहत सवदनशील शरर चाVहए जो 0क तZ हार पास नह ह

तZ हारा शरर मदा ह वह एक बोझ ह सवदनशील Bबलकल नह ह इसलए पहल तो उस सवदनशील बनाना होगा

अG यथा यह वध काम नह करगी म_ पहल तZ ह4 बताऊगा 0क शरर को सवदनशील कस बनाया जाएmdashखासकर नतब

को

तZ हार जो नतब ह वह तZ हार शरर का सब स सवदनशील अग ह उस सवदनहन होना पड़ता ह + य-0क तम सारा Vदन

नतब पर ह बठ रहत हो अगर वह बहत सवदनशील हो तो अड़चन होगी तZ हार नतब को सवदनहन होना जMर ह पाव

क तलव जसी उसक दशा ह नरतर उन पर बठ-बठ पता नह चलता 0क तम नतब- पर बठ हो इसक पहल + या कभी

तमन उG ह4 महसस 0कया ह अब कर सकत हो ल0कन पहल कभी नह 0कया और तम पर िजदगी उन पर ह बठत होmdash

Bबना जान उनका काम ह ऐसा ह 0क व बहत सवदनशील नह हो सकत

तो पहल तो उG ह4 सवदनशील बनाना होगा एक बहत सरल उपाय काम म4 लाओ यह उपाय शरर क 0कसी भी अग क लए

काम आ सकता ह तब शरर सवदनशील हो जाएगा एक कसy पर वkाम पवक शथल होकर बठो आख बद कर लो और

शथल होकर कसy पर बठो और बाए हाथ को दाVहन हाथ पर महसस करो कोई भी चलगा बाए हाथ को महसस करो शष

शरर को भल जाओ और बाए हाथ को महसस करो

तम िजतना ह उस महसस करोग वह उतना ह भार होगा ऐस बाए हाथ को महसस करत जाओ पर शरर को भल जाओ

बाए हाथ को ऐस महसस करो जस तम बाया हाथ ह हो हाथ ` यादा स ` यादा भार होता जाए जस-जस वह भार होता

जाए वस-वस उस और भार महसस करो और तब दखो 0क हाथ म4 + या हो रहा ह

जो भी उlt तजना मालम हो उस मन म4 नोट कर लोmdashकोई उlt तजना कोई झटका कोई हलक गत सबको मन म4 नोट करत

जाओ इस तरह रोज तीन स] ताह तक योग जार रखो Vदन क 0कसी समय भी दस-पह मनट तक यह योग करो बाए

हाथ को महसस करो और सार शरर को भल जाओ

तीन स] ताह क भीतर तZ ह4 अपन एक नए बाए हाथ का अनभव होगा और वह इतना सवदनशील होगा इतना जीवत और

तब तZ ह4 हाथ क सQम और नाजक सवदनाओ का भी पता चलन लगगा

जब हाथ सध जाए तो नतब पर योग करो तब यह योग करो आख4 बद कर लो और भाव करो 0क सफ दो नतब ह तम

नह ह अपनी सार चतना को नतब पर जान दो यह कVठन नह ह अगर योग करो तो यह आR चयजनक ह अvत ह

उसस शरर म4 जा जीवतता का भाव आता ह वह अपन आप म4 बहत आनददायक ह और जब तZ ह4 अपन नतब- का

एहसास होन लग जब व खब सवदनशील हो जाए जब भीतर कछ भी हो उस महसस करन लगो छोट सी हलचल नG ह

सी पीड़ा भी महसस करन लगो तब तम नरQण कर सकत हो जान सकत हो तब समझो 0क तZ हार चतना नतब- स

जड़ गयी

पहल हाथ स योग शM करो + य-0क हाथ बहत सवदनशील ह एक बार तZ ह4 यह भरोसा हो जाए 0क तम अपन हाथ को

सवदनशील बना सकत हो तब वह भरोसा तZ ह4 तZ हार नतब को सवदनशील बनान म4 मदद करगा और तब इस वध

को योग म4 लाओ इसलए इस वध को योग म4 लाओ इसलए इस वध म4 वश करन क लए तZ ह4 कम स कम छह

स] ताह क तयार करनी चाVहए तीन स] ताह हाथ क साथ और तीन स] ताह नतब- क साथ उG ह4 ` यादा स ` यादा

सवदनशील बनाना ह

Bबसतर पर पड़-पड़ शरर को Bबलकल भल जाओ इतना ह याद रखो 0क सफ दो नतब बच ह 9 पश अनभव करोmdash

Bबछावन क चादर का सद का या धीर-धीर आती हई उO णता का अपन 9 नान टब म4 पड़-पड़ शरर को भल जाओ नतब-

को ह समरण रखो

उG ह4 महसस करो दवार स नतब सटाकर खड़ हो जाओ और दवार क ठडक को महसस करो अपनी मका या पत क

साथ नतब स नतब मलाकर खड़ जाओ और एक-दसर को नतब- क Cवारा महसस करो यह वध महज तZ हार नतब

को पदा करन क लए ह उG ह4 उस ि9 थत म4 लान क लए जहा व महसस करन लग4

और जब इस वध को काम म4 लाओ lsquorsquoपाव2 या हाथ2 को सहारा =दए बनाhelliplsquorsquo

जमीन पर बठो पाव- या हाथ- क सहार क Bबना सफ नतब- क सहार बठो इसम4 ब का पासन काम करगा या

सCघासन या कोई मामल आसन भी चलगा ल0कन अf छा होगा 0क हाथ का उपयोग न करो सफ नतब- क सहार रहो

नतब- पर ह बठो और तब + या करो आख बद कर लो और नतब- का जमीन क साथ 9 पश महसस करो और च0क

नतब सवदनशील हो चक ह इसलए तZ ह4 पता चलगा 0क एक नतब जमीन को अधक 9 पश कर रहा ह उसका अथ हआ

0क तम एक नतब पर ` यादा झक हए हो और दसरा जमीन स कम सटा हआ ह और तब दसर नतब पर बार-बार स

झकत जाओ और तब धीर-धीर सतलन लाओ

सतलन लान का अथ ह 0क तZ हार दोन- नतब एक सा अनभव करत ह दोन- क ऊपर तZ हारा भार Bबलकल समान हो और

तब तZ हार नतब सवदनशील हो जाएग तो यह सतलन कVठन नह होगा तZ ह4 उसका एहसास होगा और एक बार दोन-

नतब सतलन म4 आ जाए तो तम क4 पर पहच गए उस सतलन म4 तम अचानक अपन नाभ क4 पर पहच जाओग और

भीतर क4 Vत हो जाओग तब तम अपन नतब- को भल जाओग अपन शरर को भल जाओग तब तम अपन आतPरक क4

पर ि9 थत होओग

इसी वजह स म_ कहता ह 0क क4 नह क4 Vत होना महlt वपण ह चाह वह घटना दय म4 या सर म या नतब म4 घVटत हो

उसका महतव नह ह तमन ब- को बठ दखा होगा तमन नह सोचा होगा 0क व अपन नतब- का सतलन 0कए बठ ह

0कसी मVदर म4 जाओ और महावीर को बठ दखो या ब को बठ दखो तमन नह सोचा होगा 0क यह बठना नतब- का सतलन

भर ह यह वह ह और जब असतलन न रहा तो सतलन स तम क4 Vत हो गए

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-20 (ओशो) क0 =1त होन क आठवी वध

वान भरव त-शव भाग-1 त-सmdashवध-20( ओशो)

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवारा अनभव को )ापत हो या 6कसी अचल वाहन म0 अपन को मद स मदतर

होत अ_शय वतल2 म0 झलन दन स भीlsquorsquo

दसर ढग स यह वह ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4helliphelliphelliplsquorsquo

तम रलगाड़ी या बलगाड़ी स याा कर रह हो जब यह वध वकसत हई थी तब बलगाड़ी ह थी तो तम एक Vहद9तानी

सड़क परmdashआज भी सडक4 वसी ह हmdashबलगाड़ी म4 याा कर रह हो ल0कन चलत हए अगर तZ हारा सारा शरर Vहल रहा ह

तो बात gt यथ हो गई

lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क कारणhelliphelliplsquorsquo

लयव ढग स झल- इस बात को समझो बहत बारक बात ह जब भी तम 0कसी बलगाड़ी या 0कसी वाहन म4 चलत हो तो

तम तरोध करत होत हो बलगाड़ी बाई तरफ झकती ह ल0कन तम उसका तरोध करत हो तम सतलन रखन क लए

दाई तरफ झक जात हो अG यथा तम गर जाओग इसलए तम नरतर तरोध कर रह हो बल गाड़ी म4 बठ-बठ तम

बलगाड़ी क Vहलन-डलत स लड़ रह हो वह इधर जाती ह तो तम उधर जात हो यह वजह ह 0क रलगाड़ी म4 बठ-बठ तम थक

जात हो तम कछ करत नह हो तो थक + य- जात हो अG यथा ह तम बहत कछ कर रह हो तम नरतर रलगाड़ी स लड़ रह

हो तरोध कर रह हो

तरोध मत करो यह पहल बात ह अगर तम इस वध को योग म4 लाना चाहत हो तो तरोध छोड़ दो बिY क गाड़ी क

गत क साथ-साथ गत करो उसक गत क साथ-साथ झल- बलगाड़ी का अग बन जाओ तरोध मत करो रा9 त पर

बलगाड़ी जो भी कर तम उसक अग बनकर रहो इसी कारण याा म4 बf च कभी नह थकत ह

पनम हाल ह म4 लदन स अपन दो बf च- क साथ आई ह चलत समय वह भयभीत थी 0क इतनी लबी याा क कारण बf च4

थ जाएग बीमार हो जाएग वह थक गई और व हसत हए यहा पहच वह जब यहा पहची तो थक कर चर-चर हो गई थी

जब वह मर कमर म4 वषट हई वह थकावट स टट रह थी और दोन- बf च4 वह तरत खलन लग गय लदन स बबई

अठारह घट क याा ह ल0कन व जरा भी थक नह + य- + य-0क अभी व तरोध करना नह जानत ह

एक पय+ कड़ सार रात बलगाड़ी म4 याा करगा और सबह वह ताजा का ताजा रहगा ल0कन तम नह कारण यह ह 0क

पय+ कड़ भी तरोध नह करता ह वह गाड़ी क साथ गत करता ह वह लड़ता नह ह वह गाड़ी क साथ झलता ह और

एक हो जाता ह

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphelliplsquorsquo

तो एक काम करो तरोध मत करो और दसर बात 0क एक लय पदा करो अपन Vहलन डलन4 म4 लय पदा कर उस लय म4

बाध- उसम एक छद पदा करो सड़क को भल जाओ सड़क या सरकार को गालया मत दो उG ह4 भी भल जाओ वस ह बल

और बलगाड़ी को या गाड़ीवान को गाल मत दो उG ह4 भी भल जाओ आख4 बद कर लो तरोध मत करो लयव ढग स

गत करो और अपनी गत म4 सगीत पदा करो उस एक नतय बना लो

lsquorsquo6कसी चलत वाहन म0 लयवX झलन क Gवाराhelliphellipअनभव को )ापत होlsquorsquo

स कहता ह 0क तZ ह4 अनभव ापत हो जाएगा

lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4helliplsquorsquo

यह मत पछो 0क बलगाड़ी कहा मलगी अपन को धोखा मत दो

+ य-0क यह स कहता ह lsquorsquoया 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह बठ-बठ हए वतल म4 झल- घम- वतल को छोट स छोटा 0कए जाओmdashइतना छोटा 0क तZ हारा शरर aशय स झलता

हआ न रह ल0कन भीतर एक सQम गत होती रह आख बद कर लो और बड़ वतल स शM कर आख बद कर लो अG यथा

जब शरर Mक जाएगा तब तम भी Mक जाओग आख बद करक बड़ वतल को छोटा और छोटा 0कए चलो

aशय Mप स तम Mक जाओग 0कसी को नह मालम होगा 0क तम अब भी Vहल रह हो ल0कन भीतर तम एक सQम गत

अनभव करत रहोग अब शरर नह चल रहा ह कवल मन चल रहा ह उस भी मद स मदतर 0कए चलो और अनभव करो

वह क4 Vत हो जाओग 0कसी वाहन म4 0कसी चलत वाहन म4 एक अतरोध और लयब गत तZ ह4 क4 Vत हो जाओग

गMिजएफ न इन वधय- क लए अनक नतय नमत 0कए थ वह इस वध पर काम करता था वह अपन आkम म4

िजतन नlt य- का योग करता था वह सच म4 वतल म4 झमन स सबधत थ सभी नतय वतल म4 चककर लगान स सबधत

ह बाहर चककर लगाकर लगाना होता भीतर होश पण रहना होता 0फर व धीर-धीर वतल को छोटा और छोटा 0कए जात ह

तब एक समय आता ह 0क शरर ठहर जाता ह ल0कन भीतर मन गत करता रहता ह

अगर तम लगातार बीस घट तक रलगाड़ी म4 सफर करक घर लोट- और घर म4 आख बद करक दखो तो तZ ह4 लगगा 0क तम

अब भी गाड़ी म4 याा कर रह हो शरर तो ठहर गया ह ल0कन मन का लगता ह 0क यह गाड़ी म4 ह ह वस ह इस वध का

योग करो गरिजएफ न अvत नतय पदा 0कए और सदर नतय इस सद म4 उसन सचमच चमlt कार 0कया ह व चमlt कार

सतय साu बाबा क चमlt कार नह थ साई बाबा क चमlt कार तो कोई गल-गल 0फरन वाला मदार भी कर सकता ह ल0कन

गMिजएफ न असल चमlt कार पदा 0कए L यान पण नतय क लए उसन सौ नतक- क एक मडल बनाई और पहल बार

उसन G ययाक क एक समह क सामन उनका दशन 0कया

सौन नतक मच पर गोल-गोल नाच रह थ उG ह4 दखकर अनक दशक- क भी सर घमन लग ऐस सफद पोशाक म4 व सौ

नतक नतय करत थ जब गMिजएफ हाथ- स नतय का सकत करता था तो व नाचत थ और ` य- ह वह Mकन का इशारा

करता था व पतथर क तरह ठहर जात थ और मच पर सG नाटा हो जाता था वह Mकना दशक- क लए था नतक- क लए

नह + य-0क शरर तो तरत Mक सकता ह ल0कन मन तब नतय को भीतर ल जाता ह और वहा नतय चलता रहता ह

उस दखना भी एक सदर अनभव था 0क सौ लोग अचानक मत मत य- जस हो जात ह उसक दशक- म4 एक आघात पदा

होता था + य-0क सौ नतय सदर और लयव नltय अचानक ठहरकर जाम हो जात थ तम दख रह हो 0क व घम रह ह

गोल-गोल नाच रह ह और अचानक सब नतक ठहर गए तब तZ हारा वचार भी ठहर जाता ह G ययाक म4 अनक को लगा

0क यह तो एक बबझ रह9 यपण नतय ह + य-0क उनक वचार भी उसक साथ तरत ठहर जात थ ल0कन नतक- क लए

नतय भीतर चलता रहता था भीतर नतय क वतल छोट स छोट होत जात थ और अत म4 वह क4 Vत हो जात थ

एक Vदन ऐसा हआ 0क सार नतक नाचत हए मच क 0कनार पर पहच गए लोग सोचत थ 0क अब गMिजएफ उG ह4 रो द4ग

अG यथा व दशक- क भीड़ पर गर पड़4ग सौ नतक नाचत-नाचत मच क 0कनार पर पहच गए ह एक कदम और और व

नीच दशक- पर गर पड़4ग सार दशक इस तीQा म4 थ 0क गMिजएफ tको कहकर उG ह4 वह रो दगा ल0कन उसी Qण

गMिजएफ न उनक तरफ स मख फर लया और पीठ कर क खड़ा हो कर अपना सगार चलान लगा और सौ नतक- क पर

मडल मच स नीच नग फश पर गर पड़ी

सभी दशक उठ खड़ हए उनक चीख़4 नकल गई गरना इस धमाक क साथ हआ था 0क उG ह4 लगा 0क अनक दशक- क हाथ

पर टट गए ह-ग ल0कन एक भी gt यि+ त को चोट नह लगा थी 0कसी को खर-च तक भी नह आई थी

उG ह-न गMिजएफ स पछा 0क + या हआ 0क एक आदमी भी घायल नह हआ जब 0क नतक- का नीच गरना इतना बड़ा था

यह तो एक असभव घटना मालम होती ह

कारण इतना ह था 0क उस Qण नतक अपन शरर- म4 नह थ व अपन भीतर क वतल- को मदतर 0कए जा रह थ और जब

गरिजएफ न दखा 0क व पर तरह अपन शरर- को भल गय ह तब उसन उG ह4 नीच गरन Vदया

तम जब शरर को Bबलकल भल जात हो तो कोई तरोध नह रह जाता ह और हडी तो टटती ह तरोध क कारण जब

तम गरन लगत हो तो तम तरोध करत हो अपन को गरन स रोकत हो गरत समय तम गtltवाकषण क वM सघष

करत हो और वह तरोध वह सघष समसया बन जाता ह गtltवाकषण नह तरोध स हडी टटती ह अगर तम

गMlt वाकषण क साथ सहयोग करो उसक साथ-साथ गरो तो चोट लगन क कोई सभावना नह ह

स कहता ह lsquorsquo0कसी चलत वाहन म4 लयव झलन क Cवारा अनभव को ापत हो या 0कसी अचल वाहन म4 अपन को मद

स मदतर होत अaशय वतल- म4 झलन दन स भीlsquorsquo

यह तम ऐस भी कर सकत हो वाहन क जMरत नह ह जस बf च4 गोल-गोल घमत ह वस गोल-गोल घम- और जब

तZ हारा सर घमन लग और तZ ह4 लग 0क अब गर जाऊगा तो भी नाचना बद मत करो नाचत रहो अगर गर भी जाओ तो

0फ2 मत करो आख बद कर लो और नाचत रहो तZ हारा सर चकर खान4 लगगा और तम गर जाओग तZहारा शरर

गर जाए तो भीतर दखो भीतर नाचना जार रहगा उस महसस करो वह नकट स नकटतर होता जाएगा और अचानक

तम क4 Vत हो जाओग

बf च इसका खब मजा लत ह + य-0क इसस उG ह4 बहत ऊजा मलती ह ल0कन उनक मा-बाप उG ह4 नाचन स रोकत ह जो

0क अf छा नह ह उG ह4 नाचन दना चाVहए उG ह4 इसक लए उlt साVहत करना चाVहए और अगर तम उG ह4 अपन भीतर क

नाच स पPरचत करा सको तो तम उG ह4 उसक Cवारा L यान सखा दोग

व इसम रस लत ह + य-0क शरर-शG यता का भाव उनम4 ह जब व गोल-गोल नाचत ह तो बf च- को अचानक पता चलता ह

0क उनका शरर तो नाचता ह ल0कन व नह नाचत अपन भीतर व एक तरह स क4 Vत हो गए महसस करत ह + य-0क

उनक शरर और आlt मा म4 अभी दर नह बनी ह दोन- क बीच अभी अतराल ह हम सयान लोग- को यह अनभव इतनी

आसानी स नह हो सकता

जब तम मा क गभ म4 वश करत हो तो तरत ह शरर म4 नह वषट हो जात हो शरर म4 वषट होन म4 समय लगता ह

और जब बf चा जनम लता ह तब भी वह शरर स पर तरह नह जड़ा होता ह उसक आlt मा पर तरह ि9 थत नह होती ह

दोन- क बीच थोड़ा अतराल बना रहता ह यह कारण ह 0क कई चीज4 बf चा नह कर सकता उसका शरर तो उG ह4 करन को

तयार ह ल0कन वह नह कर पाता

अगर तमन खयाल 0कया हो तो दखा होगा नवजात शश दोन- आख- स दखन म4 समथ नह होत ह व सदा एक आख स

दखत ह तमन गौर 0कया होगा 0क जब बf च कछ दखत ह नरQण करत ह तो दोन- आख- स नह करत व एक आख स

ह दखत ह उनक वह आख बड़ी हो जाती ह दखत Qण उनक एक आख क पतल फल कर बड़ी हो जाती ह और दसर

पतल छोट हो जाती ह बf च अभी ि9 थर नह हए ह उनक चतना अभी ि9 थर नह ह उनक चतना अभी ढलndashढल ह

धीर-धीर वह ि9 थर होगी और तब व दोन- आख स दखन लग4ग

बf च4 अभी अपन और दसर क शरर म4 फक करना नह जानत ह यह कVठन ह व अभी अपन शरर स पर तरह नह जड

ह यह जोड़ धीर-धीर आएगा

L यान 0फर स अतराल पदा करन क चO टा ह तम अपन शरर स जड़ गए हो शरर क साथ ठोस हो चक हो तभी तो तम

समझत हो 0क म_ शरर ह अगर 0फर स एक अतराल बनाया जा सक तो 0फर समझन लगोग 0क म_ शरर नह ह शरर स

पर कछ ह इसलए झलना और गोल-गोल घमना सहयोगी होत ह व अतराल पदा करत ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-21( ओशो) क0 =1त होन क नौवी वध

शव त-सmdashवध-21 6कसी अग को सई स भदोndashओशो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 6कसी अग को सई स भदो और भ1ता क साथ उस भदन म0 )वश करो और आत(रक शX को

उपलबध होओlsquorsquo

यह स कहता ह lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद-helliplsquorsquo

तZ हारा शरर मा शरर नह ह वह तमस भरा ह और यह तम अमत हो अपन शरर को भद- उसम4 छद करो जब तम

अपन शरर को छदत सफ शरर छदता ह ल0कन तZ ह4 लगता ह 0क तम ह छद गए इसी स तZ ह4 पीड़ा अनभव होती ह

और अगर तZ ह4 यह बोध हो 0क सफ शरर छदा ह म_ नह छदा ह तो पीड़ा क 9 थान पर आनद अनभव करोग

सई स भी छद करन क जMरत नह ह रोज ऐसी अनक चीज4 घVटत होती ह िजG ह4 तम L यान क लए उपयोग म4 ला सकत

हो या कोई ऐसी ि9 थत नमत भी कर सकत हो

तZ हार भीतर कह कोई पीड़ा हो रह ह एक काम करो शष शरर को भल जाओ कवल उस भाग पर मन को एका करो

िजसम पीड़ा ह और तब एक अजीब बात अनभव म4 आएगी जब तम पीड़ा वाल भाग पर मन को एका करोग तो दखोग4

0क वह भाग सकड़ रहा ह छोटा हो रहा ह पहल तमन समझा था 0क पर पाव म4 पीड़ा ह ल0कन जब एका होकर उस

दखोग4 तो मालम होगा 0क दद पाव म4 नह ह वह तो अतशयोि+ त ह दद सफ घटन म4 ह

और ` यादा एका होओ और तम दखोग4 0क दद पर घटन म4 नह ह एक छोट स Bबद म4 ह सफ उस Bबद पर एकाता

साधो शष शरर को भल जाओ आख4 बद रखो और एकाता को बढ़ाए जाओ और खोज- 0क पीड़ा कहा ह पीड़ा का Q

सकड़ता जाएगा छोट स छोटा हो जाएगा और एक Qण आएगा जब वह मा सई क नोक पर रह जाएगा उस सई क

नोक पर भी एकाता क नजर गड़ाओ और अचानक वह नोक भी वदा हो जाएगी और तम आनद स भर जाओग पीड़ा क

बजाए तम आनद स भर जाओग

ऐसा + य- होता ह + य-0क तम और तZ हार शरर एक नह ह व दो ह अलग-अलग ह वह जो एका होता ह वह तम हो

एकाता शरर पर होती ह शरर वषय ह जब तम एका होत हो तो अतराल बड़ा होता ह तादाlt मय टटता ह एकाता क

लए तम भीतर सरक पड़त हो और यह दर जाना अतराल पदा करता ह

जब तम पीड़ा पर एकाता साधत हो तो तम तादाlt मय भल जात हो तम भल जात हो 0क मझ पीड़ा हो रह ह अब तम

O टा हो और पीड़ा कह दसर जगह ह तम अब पीड़ा को दखन वाल हो भोगन वाल नह भो+ ता क O टा म4 बदलन क

कारण अतराल पदा होता ह और जब अतराल बड़ा होता ह तो अचानक तम शरर को Bबलकल भल जात हो तZ ह4 सफ

चतना का बोध होता ह

तो तम इस वध का योग भी कर सकत हो

lsquorsquoअपन अमत भर शरर क 0कसी अग को सई स भद- और भता क साथ उस भदन म4 वश करोhelliphelliplsquorsquo

अगर कोई पीड़ा हो तो पहल तZ ह4 उसक पर Q पर एका होना होगा 0फर धीर-धीर वह Q घटकर सई क नोक क बराबर

रह जाएगा ल0कन पीड़ा क तीQा + या करनी तम एक सई स काम ल सकत हो शरर क 0कसी सवदनशील अग पर सई

चभोओ पर शरर म4 ऐस भी कई सथल ह जो मत ह उनस काम नह चलगा

तमन शरर क इन मत 9 थल- क बार म4 नह सना होगा 0कसी म क हाथ म4 एक सई द दो और तम बठ जाओ और म स

कहो 0क वह तZ हार पीठ म4 कई 9 थल- पर सई चभाए कई 9थल- पर तZ ह4 पीड़ा का एहसास नह होगा तम म स कहोग

0क तमन सई अभी नह चभोई ह मझ दद नह हो रहा ह व ह मत सथल ह तZ हार गाल पर ह ऐस दो मत सथल ह

िजनक जाच क जा सकती ह

अगर तम भारत क गाव म4 जाओ तो दखोग4 0क धामक lt योहार- क समय कछ लोग अपन गाल- को तीन स भद दत ह वह

चमlt कार जसा मालम होता ह ल0कन चमlt कार ह नह गाल पर दो मत सथल ह अगर तम उG ह4 छद- तो न खन

नकलगा और न पीडा ह होगी तZ हार पीठ म4 तो ऐस हजार- मत सथल ह वहा पीड़ा नह होती

तो तZ हार शरर म4 दो तरह क सथल हmdashसवदनशील जीवत सथल और मत सथल कोई सवदनशील सथल खोज- जहा

तZ ह4 जरा स 9 पश का भी पता चल जायगा तब उसम सई चभोकर चभन म4 वश कर जाओ वह असल बात ह वह

L यान ह और भता क साथ भदन म वश कर जाओ जस-जस सई तZ हार चमड़ी क भीतर वश करगी और तZ ह4 पीड़ा

होगी वस-वस तम भी उसम वश करत जाओ यह मत दखो 0क तZ हार भीतर पीड़ा वश कर रह ह पीड़ा को मत दखो

उसक साथ तादZ यता करो सई क साथ चभन क साथ तम भी भीतर वश करो आख4 बद कर लो पीड़ा का नरQण करो

जस पीड़ा भीतर जाए वस तम भी अपन भीतर जाओ चभाती हई सई क साथ तZ हारा मन आसानी स एका हो जाएगा

पीड़ा क तीi पीड़ा क उस Bबद को गोर स दखो वह भता क साथ भदन म वश करना हआ

lsquorsquoऔर आतPरक श को उपलबध होओlsquorsquo

अगर तमन नरQण करत हए तादाlt मय न करत हए अलग दर खड़ रहत हए Bबना यह समझ हए 0क पीड़ा तZ ह4 भद रह

ह बिY क यह दखत हए 0क सई शरर को भद रह ह और तम O टा हो वश 0कया तो तम आतPरक शता को उपलबध हो

जाओग तब आतPरक नद|षता तम पर कट हो जाएगी तब पहल बार तZ ह4 बोध होगा 0क म_ शरर नह ह

और एक बार तमन जाना 0क म_ शरर नह ह तZ हारा सारा जीवन आमल बदल जाएगा + य-0क तZ हारा सारा जीवन शरर

क इद-गद चककर काटता रहता ह एक बार जान गए 0क म_ शरर नह ह तम 0फर इस जीवन को नह ढो सकत उसका

क4 ह खो गया जब तम शरर नह रह तो तZ ह4 दसरा जीवन नमत करना पड़गा वह जीवन सG यासी का जीवन ह यह

और ह जीवन होगा + य-0क अब क4 ह और होगा अब तम ससार म4 शरर क भात नह बिY क आlt मा क भात रहोग

जब तक तम शरर क तरह रहत हो तब तक तZ हारा ससार भौतक उपलिc धय- का लोभ भोग वासना और कामकता का

ससार होगा और वह ससार शरर धान ससार होगा ल0कन जब जान लया ह 0क म_ शरर नह ह तो तZ हारा सार ससार

वलन हो जाता ह तम अब उस सZ हालकर नह रख सकत हो तब एक दसरा ससार उदय होगा जो आlt मा क इद-गद

होगा वह ससार कMणा म सqदय सतय शभ और नद|षता का ससार होगा क4 हट गया वह अब शरर म4 नह ह अब

क4 चतना म4 ह

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-13

त-सmdashवध-22 (ओशो) क0 =1त होन क दसवी वध

त स- शव वान भरव त वध -22 ओशो

lsquorsquoअपन अवधान को ऐसी जगह रखो जहा अतीत क 6कसी घटना को दख रह हो और अपन शरर को भी प क वतमान

लIण खो जायग और तम पात(रत हो जाओगlsquorsquo

तम अपन अतीत को याद कर रह हो चाह वह कोई भी घटना हो तZ हारा बचपन तZ हारा म पता या माता क मlt य कछ

भी हो सकता ह उस दखो ल0कन उसस एकातम मत होओ उस ऐस दखो जस वह 0कसी और जीवन म4 घटा ह उस ऐस

दखो जस वह घटना पदw पर 0फर घट रह हो 0फY माई जा रह हो और तम उस दख रह होmdashउसस अलग तटसथ साQी क

तरह

उस 0फलम म4 कथा म4 तZ हारा बीता हआ Mप 0फर उभर जाएगा यVद तम अपनी कोई म-कथा समरण कर रह हो अपन

म क पहल घटना तो तम अपनी मका क साथ 9 मत क पदw पर कट होओग और तमहारा अतीत का Mप मका क

साथ उभर आएगा अG यथा तम उस याद न कर सकोग अपन इस अतीत क Mप स भी तादाlt मय हटा लो पर घटना को

ऐस दखो मानो कोई दसरा पMष 0कसी दसर 9 ी को म कर रहा हो मानो पर कथा स तZ हारा कछ लना-दना नह ह तम

महज aO टा हो

यह वध बहत-बहत बनयाद ह इस बहत योग म4 लाया गयाmdashवशषकर ब क Cवारा और इस वध क अनक कार

ह इस वध क योग का अपना ढग तम खद खाज ल सकत हो उदाहरण क लए रात म4 जब तम सोन लगो गहर नीद म4

उतरन लगो तो पर Vदन क अपन जीवन को याद करो इस याद क Vदशा उलट होगी यानी उस सबह स न शM कर वहा स

शM करो जहा तम हो अभी तम Bब9 तर म4 पड़ हो तो Bबसतर म4 लटन स शM कर पीछ लोट- और इस कार कदम-कदम

पीछ चलकर सबह क उस पहल घटना पर पह चो जब तम नीद स जाग थ अतीत समरण क इस 2म म4 सतत याद रखो 0क

पर घटना स तम पथक हो अछत हो

उदाहरण क लए पछल पहर तZ हारा 0कसी न अपमान 0कया था तम अपन Mप को अपमानत होत दखो ल0कन O टा

बन रहो तZ ह4 उस घटना म4 0फर नह उलझना ह 0फर 2ोध नह करना ह अगर तमन 2ोध 0कया तो तादाlt मय पदा हो

गया तब L यान का Bबद तZ हार हाथ स छट गया

इसलए 2ोध मत करो वह अभी तZ ह4 अपमानत नह कर रहा ह वह तZ हार पछल पहर क Mप को अपमानत कर रहा ह

वह Mप अब नह ह तम तो एक बहती नद क तरह हो िजसम4 तZ हार Mप भी बह रह ह बचपन म4 तZ हारा एक Mप था अब

वह नह रहा वह जा चका नद क भात तम नरतर बदलत जा रह हो

रात म4 L यान करत हए जब Vदन क घटनाओ को उलट 2म म4 त2म म4 याद करो तो L यान रह 0क तम साQी हो कता

नह 2ोध मत करो वस ह जब तZ हार कोई शसा कर तो आलाVदत मत होओ 0फलम क तरह उस भी उदासीन होकर

दखो

त2मण बहत उपयोगी ह खासकर उनक लए िजG ह4 अना क तकलफ हो अगर तZ ह4 ठUक स नीद आती ह अना

का रोग ह तो यह योग तZ ह4 बहत सहयोगी होगा + य- + य-0क यह मन को खोलन का नJथ करन का उपाय ह जब

तम पीछ लौटत हो तो मन क तह4 उघड़न लगती ह सबह म4 जस घड़ी म4 चाबी दत हो वस तम अपन मन पर भी तह4 लगाता

शM करत हो Vदन भर म4 मन पर अनक वचार- और घटनाओ क स9 कार जब जात ह मन उनस बोlझल हो जाता ह अधर

और अपण स9 कार मन म4 झलत रहत ह + य-0क उनक घVटत होत समय उG ह4 दखन का मौका नह मला था

इस लए रात म4 0फर उG ह4 लौटकर दखोmdashत2म म4 यह मन क नJथ क सफाई क 02या ह और इस 02या म4 जब

तम सबह Bबसतर स जागत क पहल घटना तक पहचोग तो तZ हारा मन 0फर स उतना ह ताजा हो जाएगा िजतना ताजा

बह सबह था और तब तZ ह4 वसी नीद आएगी जसी छोट बf च को आती ह

तम इस वध को अपन पर अतीत जीवन म4 जान क लए भी उपयोग कर सकत हो महावीर न त2मण क इस वध का

बहत उपयोग 0कया

अभी अमPरका म4 एक आदोलन ह िजस डायनVटकस कहत ह व इसी वध का उपयोग करता ह यह रोग मानसक मालम

होता ह तो उसक लए + या 0कया जाए यVद 0कसी को कहा 0क तZ हारा रोग मानसक मालम होता ह तो उसस बात बनन

क बजाए Bबगड़ती ह यह सनकर 0क मरा रोग मानसक ह 0कसी भी gt यि+ त को बरा लगता ह तब उस लगता ह 0क अब

कोई उपाय नह ह और वह बहत अहसास महसस करता ह

त2मण एक चमlt काPरक वध ह अगर तम पीछ लौटकर अपन मन क गाठ4 खोल- तो तम धीर-धीर उस पहल Qण को

पकड़ सकत हो जब यह रोग शM हआ था उस Qण को पकड़कर तम पता चलगा 0क यह रोग अनक मानसक घटनाओ और

कारण- स नमत हआ ह त2मण स व कारण 0फर स कट हो जात ह

अगर तम उसी Qण स गजर सको िजसम पहल पहल इस रोग न तZ ह4 घरा था अचानक तZ ह4 पता चल जाएगा 0क 0कन

मनोवानक कारण- स यह रोग बना था तब तZ ह4 कछ करना नह ह सफ उन मनोवानक कारण- को बोध म4 ल आना

ह इस त2मण स अनक रोग- क थया टट जाती ह और अतत रोग वदा हो जाता ह िजन थय- को तम जान लत

हो व थया वसिजत हो जाती ह और उनस बन रोग समापत हो जात ह

यह वध गहर रचन क वध ह अगर तम इस रोज कर सको तो तZ ह4 एक नया 9 वासथ और एक नई ताजगी का अनभव

होगा और अगर हम अपन बf च- को रोज इसका योग करना सखा द4 तो उG ह4 उनका अतीत कभी बोझल नह बना

सकगा तब बf च- को अपन अतीत म4 लौटन क जMरत नह रहगी व सदा यहा और अब यानी वतमान म4 रह4ग

तब उन पर अतीत का थोड़ा सा भी बोझ नह रहगा व सदा 9 वचछ और ताजा रह4ग

तम इस रोज कर सकत हो पर Vदन को इस तरह उलट 2म स पन खोलकर दख लन स तZ ह4 नई अत aिOट ापत होती ह

तZ हारा मन तो चाहगा 0क याद- को सलसला सबह स शM कर4 ल0कन उसस मन नJथक नह होता उलट पर चीज

दहरा कर और मजबत हो जाती ह इस लए सबह स शM करना गलत होगा

भारत म4 ऐस अनक तथाकथत गt ह जो सखात ह 0क पर Vदन का पनरावलोकन करो और इस 02या को सबह स शM

करो ल0कन यह गलत और नकसानदह ह उसस मन मजबत होगा और अतीत का जाल बड़ा और गहरा हो जाएगा

इसलए सबह स R याम क तरफ कभी मत चलो सदा पीछ क और गत करो और तभी तम मन को पर तरह नJथ कर

पाओग खाल कर पाओग 9 वचछ कर पाओग

मन तो सबह स शM करना चाहगा + य-0क वह आसान ह मन उस 2म को भलभात जानता ह उसम4 कोई अड़चन नह

ह त2मण म4 भी मन उछल कर सबह पर चला जाता ह और 0फर आग चला चलगा वह गलत ह वसा मत करो सजग

हो जाओ और त2म स चलो

इसम4 मन को शmQत करन क लए अनय उपाय भी काम म4 लाए जा सकत ह सौ स पीछ क तरह गनना शM करोmdash

नGयानव अानव सltतानव त2म स सौ स एक तक गनो इसम भी अड़चन होगी + य-0क मन क आदत ह एक स

सौ 0क और जान क ह सौ स एक क और जान क नह इसी 2म म4 घटनाओ को पीछ लौटकर समरण करना ह

+ या होगा पीछ लौटत हए मन को 0फर स खोलकर दखत हए तम साQी हो जाओग अब तम उन चीज- को दख रह हो जो

कभी तZ हार साथ घVटत हई थी ल0कन अब तZ हार साथ घVटत नह हो रह ह अब तो तम सफ साQी हो और व घटनाए

मन क पदw पर घVटत हो रह ह

अगर इस L यान को रोज जार रखो तो 0कसी Vदन अचानक तZ ह4 दकान पर या दpतर म4 काम करत हए r याल होगा 0क + य-

नह अभी घटन वाल घटनाओ क त भी साQी भाव रख जाए अगर समय म4 पीछ लौटकर जीवन क घटनाओ को दखा

जा सकता ह उनका गवाह हआ जा सकता ह Vदन म4 0कसी न तZ हारा अपमान 0कया थ और तम Bबना 2ोधत हए उस

घटना को 0फर स दख सकत होmdashतो + या कारण ह 0क उस घटनाओ को जो अभी घट रह ह नह दखा जा सकता ह

कVठनाई + या ह

कोई तZ हारा अपमान कर रहा ह तम अपन को घटना स पथक कर सकत हो और दख सकत हो 0क कोई तZ हारा अपमान

कर रहा ह तम यह भी दख सकत हो 0क तम अपन शरर स अपन मन स और उसस भी जो अपमानत हआ ह पथक हो

तम सार चीज क गवाह हो सकत हो और अगर ऐस गवाह हो सको तो 0फर तZ ह4 2ोध नह होगा 2ोध तब असभव हो

जायगा 2ोध तो तब सभव होता ह जब तम तादाlt मय करत हो अगर तादाlt मय नह ह तो 2ोध असभव ह 2ोध का अथ

तादाlt मय ह

यह वध कहती ह 0क अतीत क 0कसी घटना को दखो उसम4 तZ हारा Mप उपि9 थत होगा यह स तZ हार नह तZ हार Mप

क बात करता ह तम तो कभी वहा थ ह नह सदा 0कसी घटना म4 तZ हारा Mप उलझता ह तम उसम नह होत जब तम

मझ अपमानत करत हो तो सच म4 तम मझ अपमानत नह करत तम मरा अपमान कर ह नह सकत कवल मर Mप का

अपमान कर सकत हो म_ जो Mप ह तZ हार लए तो उसी क उपि9 थत अभी ह और तम उस अपमानत कर सकत हो

ल0कन म_ अपन को अपन Mप स पथक कर सकता ह

यह कारण ह 0क Vहद-Mप स अपन को पथक करन क बात पर जोर दता ह तम तZ हारा नाम Mप नह हो तम वह चतनय

हो जो नाम Mप को जानता ह और चतनय पथक ह 9 वथा पथक ह

ल0कन यह कVठन ह इसलए अतीत स शM करो वह सरल ह + य-0क अतीत क साथ कोई ताlt कालकता का भाव नह

रहता ह 0कसी न बीस साल पहल तZ ह4 अपमानत 0कया था उसम4 ताlt कालकता का भा अब कस होगा वह आदमी मर

चका होगा और बात समापत हो गई ह यह एक मदा घटना ह अतीत स याद क हई उसक त जागMक होना आसान ह

ल0कन एक बार तम उसक त जागना सीख गए तो अभी और यहा होन वाल घटनाओ क त भी जाना हो सकता ह

ल0कन अभी और यहा स आरभ करना कVठन ह सम9 या इतनी ताlt कालक ह नकट ह जMर ह 0क उसम गत करन क

लए जगह ह कहा ह थोड़ा दर बनाना और घटना स पथक होना कVठन बात ह

इसीलए स कहता ह 0क अतीत स आरभ करो अपन ह Mप को अपन स अलग दखो और उसक Cवारा MपातPरत हो

जाओ

इसक Cवारा MपातPरत हो जाओग + य-0क यह नJथन हmdashएक गहर सफाई ह धलाई ह और तब तम जान-ग 0क समय

म4 जो तZ हारा शरर ह तZ हारा मन ह अि9 ततव ह वह तZ हारा वा9 तवक यथाथ नह ह वह तZ हारा सतय नह ह सार-

सतय सवथा भनन ह उस सतय स चीज4 आती जाती ह और सतय अछता रह जाता ह तम अ9 पशत रहत हो नद|ष

रहत हो कवार रहत हो सब कछ गजर जाता ह परा जीवन गजर जाता ह शभ और अशभ सफलता और वफलता शसा

और नदा सब कछ गजर जाता ह रोग और 9 वा9 थय जवानी और बढ़ापा जनम और मlt य सब कछ gt यतीत हो जाता ह

और तम अछत रहत हो

ल0कन इस अ9 पशत सतय को कस जाना जाए

इस वध का वह उपयोग ह अपन अतीत स आरभ करो अतीत को दखन क लए अवकाश उपलबध ह अतराल उपलबध

ह पPरQय सभव ह या भवषय को दखो भवषय का नरQण करो ल0कन भवषय को दखना भी कVठन ह सफ थोड

स लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह ह कवय- और कY पनाशील लोग- क लए भवषय को दखना कVठन नह

ह व भवषय को ऐस दख सकत ह जस व 0कसी यथाथ को दखत ह ल0कन सामानयत अतीत को उपयोग म4 लाना अf छा

ह तम अतीत म4 दख सकत हो

जवान लोग- क लए भवषय म4 दखना अf छा रहता ह उनक लए भवषय म4 झाकना सरल ह + य-0क व भवO योG मख

होत ह बढ लोग- क लए मlt य क सवाय कोई भवषय नह ह व भवषय म4 नह दख सकत ह व भयभीत ह यह वजह ह

0क बढ़ लोग सदा अतीत क सबध म4 वचार करत ह व पन-पन अपन अतीत क 9 मत म4 घमत रहत ह ल0कन व भी वह

भल करत ह व अतीत स शM कर वतमान क और आत ह यह गलत ह उG ह4 त2मण करना चाVहए

अगर व बार-बार अतीत म4 त2म स लौट सक4 तो धीर-धीर उG ह4 महसस होगा 0क उनका सारा अतीत बह गया तब कोई

आदमी अतीत स चपक Bबना अटक Bबना मर सकता ह अगर तम अतीत को अपन स चपकन न दो अतीत म4 न अटक-

अतीत को हटाकर मर सको तब तम सजग मरोग तब तम पर बोध म4 पर होश म4 मरोग और तब मlt य तZ हार लए मlt य

नह रहगी बिY क वह अमत क साथ मलन म4 बदल जाएगी

अपनी पर चतना को अतीत क बोझ स मकत कर दो उसस अतीत क मल को नकालकर उस श कर दो और तब तZ हारा

जीवन MपातPरत हो जाएगा

योग करो यह उपाय कVठन नह ह सफ अL यवसाय क सतत चOटा क जMरत ह वध म4 कोई अतभत कVठनाई नह

ह यह सरल ह और तम आज स ह इस शM कर सकत हो आज ह रात अपन Bबसतर म4 लट कर शM करो और तम बहत

सदर और आनVदत अनभव करोग परा Vदन 0फर स गजर जाएगा

ल0कन जY दबाजी मत करो धीर-धीर पर 2म स गजर- ता0क कछ भी aिO ट स चक नह यह एक आRचयजनक अनभव

ह + य-0क अनक ऐसी चीज4 तZ हार नगाह क सामन आएगी िजG ह4 Vदन म4 तम चक गय थ Vदन म4 बहत gt यसत रहन क

कारण तम बहत सदर चीज4 चकत हो ल0कन मन उG ह4 भी अपन भीतर इका करता जाता ह तZ हार बहोशी म4 भी मन

उनको हण करता जाता ह

तम सड़क पर जा रह हो और कोई आदमी गा रहा था हो सकता ह 0क तमन उसक गीत पर कोई L यान नह Vदया हो तZ ह4

यह भी बोध न हआ हो 0क तमन उसक आवाज भी सनी ल0कन तZ हार मन न उसक गीत को भी सना और अपन भीतर

9 मत म4 रख लया था अब वह गीत तZ ह4 पकड़ रहगा वह तZ हार चतना पर अनावशयक बोझ बना रहगा

तो पीछ लौट कर दखो ल0कन बहत धीर-धीर उसम गत करो ऐसा समझो 0क पदw पर बहत धीमी गत स कोई 0फलम

Vदखायी जा रह ह ऐस ह अपन बीत Vदन क छोट स छोट घटना को गौर स दखो उसक गहराई म4 जाओ और तब तम

पाओग 0क तZ हारा Vदन बहत बड़ा था वह सचमच बड़ा था + य-0क मन को उसम अनगनत सचनाए मल और मन न

सबको इका कर लया

तो त2मण करो धीर-धीर तम उस सबको जानन म4 सQम हो जाओग िजG ह4 तZ हार मन न Vदन भर म4 अपन भीतर

इका कर लया था वह टप Pरकाडर जसा ह और तम जस-जस पीछ जाओग मन का टप पछता जाएगा साफ होता

जाएगा और तब तक तम सबह क घटना क पास पहचोग तZ ह4 नीद आ जाएगी और तब तZ हार नीद क गणवता और

होगी वह नीद भी Lयान पण होगी

और दसर Vदन सबह नीद स जागन पर अपनी आख- को तरत मत खोल- एक बार 0फर रात क घटनाओ म4 त2म स

लोट- आरभ म4 यह कVठन होगा शM म4 बहत थोड़ी गत होगी कभी कोई 9 वपन का अश उस 9 वपन का अश िजस ठUक

जागन क पहल तम दख रह थ Vदखाई पड़गा ल0कन धीर-धीर तZ ह4 ` यादा बात4 समरण आन लग4गी तम गहर वश

करन लग-ग और तीन महन क बाद तम समय क उस छोर पर पहच जाओग जब तZ ह4 नीद लगी थी जब तम सो गए थ

और अगर तम अपनी नीद म4 त2म स गहर उतर सक तो तZ हार नीद और जागरण क गणवता Bबलकल बदल जाएगी

तब तZ ह4 सपन नह आएग तब सपन gt यथ हो जाय4ग अगर Vदन और रात दोन- म4 तम त2मण कर सक तो 0फर सपन-

क जMरत नह रहगी

अब मनोवानक कहत ह 0क सपना भी मन को 0फर स खोलन खाल करन क 02या ह और अगर तम 9 वय यह काम

त2मण क Cवारा कर लो तो 9 वपन दखन जMरत ह नह रहगी सपना इतना ह तो करता ह 0क जो कछ मन म4 अटका

ह अधरा पडा था अपण था उस वह परा कर दता ह

तम सड़क स गजर रह थ और तमन एक सदर मकान दखा और तZ हार भीतर उस मकान को पान क सQम वासना पदा हो

गई ल0कन उस समय तम दpतर जा रह थ और तZ हार पास Vदवा-9 वपन दखन का समय नह था तम उस कामना को

टाल गय तZ ह4 यह पता भी नह चला 0क मन न मकान को पान क कामना नमत कर ल ह ल0कन यह कामना अब भी

मन क 0कसी कोन म4 अटक पड़ी ह और अगर तमन उस वहा स नह हटाया तो वह तZ हार नीद मिR कल कर दगी

नीद क कVठनाई यह बताती ह 0क तZ हारा Vदन अभी भी तम पर हावी ह और तम उसस मकत नह हो पा रह हो तब रात म4

तम 9 वपन दख4ग 0क तम उस मकान क मालक हो गए हो और अब तम उस मकान म4 वास कर रह हो और िजस Qण यह

9 वपन घVटत होता ह + य-0क सपन तZ हार अधर चीज- को परा करन म4 सहयोगी होत ह

और ऐसी चीज4 ह जो पर नह हो सकती तZ हारा मन अनगल कामनाए 0कए जाता ह व यथाथ म4 पर नह हो सकती तो

+ या 0कया जाए व अधर कामनाए तZ हार भीतर बनी रहती ह और तम आशा 0कए जात हो सोच वचार 0कए जात हो तो

+ या 0कया जाए तZ ह4 एक सदर 9 ी Vदखाई दती ह और तम उसक त आकषत हो गए अब उस पान क कामना तZ हार

भीतर पदा हो गई जो हो सकता ह सभव न हो हो सकता ह वह 9 ी तZ हार तरफ ताकना भी पसद न कर तब + या हो

9 वपन यहा तZ हार सहायता करता ह 9 वपन म4 तम उस 9 ी को पा सकत हो और तब तZ हारा मन हलका हो जाएगा

जहा तक मन का सबध ह 9 वपन और यथाथ म4 कोई फक नह ह मन क तल पर + या फक 0कसी 9 ी को यथाथत म

करन और सपन म4 म करन म4 + या फक ह

कोई फक नह ह अगर फक ह तो इतना ह 0क 9 वपन यथाथ स ` यादा सदर होगा 9 वपन क 9 ी कोई अड़चन नह खड़ी

करगी 9 वपन तZ हारा और उसम तम जो चाह कर सकत हो वह 9 ी तZ हार लए कोई बाधा नह पदा करगी वह तो ह ह

नह तम ह हो वहा कोई अड़चन नह ह तम जो चाहो कर सकत हो मन क लए कोई भद नह ह मन 9 वपन और यथाथ

म4 कोई भद नह कर सकता ह

उदाहरण क लए तZ ह4 यVद एक साल क लए बहोश करक रख Vदया जाए और उस बहोशी म तम सपन दखत रहो तो एक

साल तक तZ ह4 Bबलकल पता नह चलगा 0क जो भी तम दख रह हो वह सपना ह सब यथाथ जसा लगगा और 9 वपन साल

भर चलता रहगा मनोवानक कहत ह 0क अगर 0कसी gt यि+ त को सौ साल क लए कौमा म4 रख Vदया जाए तो वह सौ

साल तक सपन दखता रहगा और उस Qण भर क लए भी सदह नह होगा 0क जो म_ कर रहा ह वह 9 वपन ह और यVद

कोमा म4 ह मर जाएगा तो उस कभी पता नह चलगा 0क मरा जीवन एक 9 वपन था सच नह था

मन क लए कोई भद नह ह सतय और 9 वपन दोन- समान ह इसलए मन अपन को सपन- म4 भी नJथ कर सकता ह

अगर इस वध का योग करो तो सपना दखन क जMरत नह ह तब तZ हार नीद क गणवता ह पर तरह स बदल

जायगी + य-0क सपन- क अनपि9 थत म4 तम अपन अि9 ततव क आlt यतक गहराई म4 उतर सकोग और तब नीद म4 भी

तZ हारा बोध कायम रहगा

कषण गीता म4 यह बात कह रह ह 0क जब सभी गहर नीद म4 होत ह तो योगी जागता रहता ह इसका यह अथ नह 0क योगी

नह सोता योगी भी सोता ह ल0कन उसक नीद का गणधम भनन ह तZ हार नीद ऐसी ह जस नश क बहोशी होती ह

योगी क नीद गाढ़ वkाम ह िजसम कोई बहोशी नह रहती ह उसका सारा शरर वkाम म4 होता ह एक-एक कोश

वkाम म4 होता ह वहा जरा भी तनाव नह रहता और बड़ी बात 0क योगी अपनी नीद क त जागMक रहता ह

इस वध का योग करो आज रात स ह योग शM करो और 0फर सबह भी इसका योग करना एक स] ताह म4 तZ ह4

मालम होगा 0क तम वध स पPरचत हो गए हो एक स] ताह क बाद अपन अतीत पर योग करो बीच म4 एक Vदन क छी

रख सकत हो 0कसी एकात 9 थान म4 चल जाओ अf छा हो 0क उपवास कराmdashउपवास और मौन एकात सम तट पर या

0कसी झाड़ क नीच लट रहो वहा स उसी Bबद स अपन अतीत म4 वश करो अगर तम सम तट पर लट हो तो रत को

अनभव करो धप को अनभव करो और तब पीछ क और सरको और सरकत चल जाओ अतीत म4 गहर उतरत चल जाओ

दखो 0क कौन सी आlखर बात समरण आती ह

तZ ह4 आR चय होगा 0क सामानयत तम बहत कछ समरण नह कर सकत हो सामानयत अपनी चार या पाच वष क उ क

आग नह जा सकोग िजनक याददाशत बहत अf छU ह व तीन वष क सीमा तक जा सकत ह उसक बाद अचानक एक

अवरोध मलगा िजसक आग सब कछ अधरा मलगा ल0कन अगर तम इस वध का योग करत रह तो धीर-धीर यह

अवरोध टट जाएगा तम अपन जनम क थम Vदन को भी याद कर पाओग

और वह एक बड़ा रह9योCघाटन होगा तब धप बाल और सागर तट पर लौटकर तम एक दसर ह आदमी होग4

यVद तम kम करो तो तम गभ तक जा सकत हो तZ हार पास मा क पट क 9 मतया ह मा क साथ नौ महन होन क बात4

भी तZ ह4 याद ह तZ हार मन म4 उन नौ महन- क कथा भी लखी ह जब तZ हार मा दःखी हई थी तो तमन उसको भी मन म4

लख लया था + य-0क मा क दःखी होन स तम भी दःखी हय थ तम अपनी मा क साथ इतन जड थ सयकत थ 0क जो

कछ तZ हार मा को होता था वह तZ ह4 भी होता था जब वह 2ोध करती थी तो तम भी 2ोध करत थ जब वह खश थी तो

तम भी खश थ जब कोई उसक शसा करता था तो तम भी शसत होत थ और जब वह बीमार होती थी तो उसक पीड़ा

स तम भी पीWडत होत थ

यVद तम गभ क 9 मत म4 वश कर सको तो समझो 0क मल गई और जब तम और गहर उतर सकत हो तब तम उस

Qण को भी याद कर सकत हो जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था इसी जात समरण क कारण महावीर और ब कह

सक 0क पवजनम ह और पनजनम काई सात नह ह वह एक गहन अनभव ह

और अगर तम उस Qण क 9 मत को पकड़ सको जब तमन मा क गभ म4 वश 0कया था तो तम उसस भी आग जा सकत

हो तम अपन पव जीवन क मlt य को भी याद कर सकत हो और एक बार तमन उस Bबद को छ लया तो समझो 0क वध

तZ हार हाथ लग गई तब तम आसानी स अपन सभी पव जG म- म4 गत कर सकत हो

यह एक अनभव ह और इसक पPरणाम आR चयजनक ह जब तZ ह4 पता चलता ह 0क तम जG म- ndashजG म- स उसी gt यथता

को जी रह हो जो अभी तZ हार जीवन म4 ह एक ह मढ़ता को तम जG म--जG म- म4 दहरात रह हो भीतर ढग ढाचा वह ह

सफ ऊपर-ऊपर थोड़ा फक ह अभी तम इस 9 ी क म म4 हो कल 0कसी अनय 9 ी क म म_ थ कल तमन धन बटोरा था

आज भी धन बटोर रह हो फक इतना ह 0क कल क स+ क और थ आज क स+ क और ह ल0कन सारा ढाचा वह ह जो

पनरावltत होता रहा ह

और एक बार तम दख लो 0क जG म-ndashजG म- स एक ह तरह क मढ़ता एक द9च2 क भात घमती रह ह तो अचानक तम

जाग जाओग और तZ हारा परा अतीत 9 वपन स ` यादा नह रहगा तब वतमान सVहत सब कछ 9 वपन जसा लगगा तब

तम उसस सवथा टट जाओग और अब नह चाहोग 0क भवषय म4 0फर स मढ़ता दोहर तब वासना समापत हो जाएगी

+ य-0क वासना भवषय म4 अतीत का Qपण ह उसस अधक कछ नह ह तZ हारा अतीत का अनभव भवषय म4 दहराना

चाहता ह वह तZ हार कामना ह चाह ह

परान अनभव को 0फर स भोगन क चाह 0क कामना ह ओर जब तक तम इस पर 02या क त होश पण नह होत हो तब

तक वासना स मकत नह हो सकत कस हो सकत हो तZ हारा समसत अतीत एक अवरोध बनकर खड़ा ह चान क तरह

तZ हार सर पर सवार ह और वह तZ ह4 तZ हार भवषय क और धका रहा ह अतीत कामना को जनम दकर उस भवषय म4

Qपत करता ह

अगर तम अपन अतीत को 9 वपन क तरह जान जाओ तो सभी कामनाए बाझ हा जाएगी और कामनाओ क गरत ह

भवषय समापत हो जाता ह और इस अतीत और भवषय क समाि] त क साथ तम MपातPरत हो जात हो

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

त-सmdashवध-23 (ओशो) क0 =1त होन क ` यारहवी वध

6कसी वषय को अनभव करो वान भरव त-शव (ओशो)

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करो

6फर वषय-भाव और अनपिJ थ9त भाव को भी छोड़कर आP मोपलबध होओlsquorsquo

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोlsquorsquo

कोई भी वषय उदाहरण क लए एक गलाब का फल हmdashकोई भी चीज चलगी

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करोhelliprsquorsquo

दखन स काम नह चलगा अनभव करना ह तम गलाब क फल को दखत हो ल0कन उसस तZ हारा दय आदोलत नह

होता ह तब तम गलाब को अनभव नह करत हो अG यथा तम रोत और चीखत अG यथा तम हसत और नाचत तम गलाब

को महसस नह कर रह हो तम सफ गलाब को दख रह हो

और तZ हारा दखना भी परा नह ह अधरा ह तम कभी 0कसी चीज को परा नह दखत अतीत हमशा बीच म4 आता ह गलाब

को दखत ह अतीत-9 मत कहती ह 0क यह गलाब ह और यह कहकर तम आग बढ़ जात हो ल0कन तब तमन सच म4

गलाब को नह दखा जब मन कहता ह 0क यह गलाब ह तो उसका अथ हआ 0क तम इसक बार म4 सब कछ जानत हो

+ य-0क तमन बहत गलाब दख ह मन कहता ह 0क अब और + या जानना ह आग बढ़ो और आग बढ़ जात हो

यह दखना अधरा ह यह दखना-दखना नह ह गलाब क फल क साथ रहो उस दखो और 0फर उस महसस करो उस

अनभव करो अनभव करन क लए + या करना ह उस 9 पश करो उस सघो उस गहरा शारPरक अनभव बनन दो पहल

अपनी आख- को बद करो और गलाब को अपन पर चहर को छन दो इस 9 पश को महसस करो 0फर गलाब को आख स

9 पश करो 0फर गलाब को नाक स सधो 0फर गलाब क पास दय को ल जाओ और उसक साथ मौन हो जाओ गलाब को

अपना भाव अपत करो सब कछ भल जाओ सार दनया को भल जाओ गलाब क साथ समत रहो

lsquorsquoअपन सामन 0कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय- क अनपि9 थत को अनभव करो

यVद तZ हारा मन अनय चीज- क सबध म4 सोच रहा ह तो गलाब का अनभव गहरा नह जाएगा सभी अनय गलाब- को भल

जाओ सभी अनय लोग- को भल जाओ सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब हो यह गलाब

सब कछ को भल जाओ कवल इस गलाब को रहन दो यह गलाब को तZ ह4 आf छाVदत कर लन दो समझो 0क तम इस

गलाब म4 डब गय हो

यह कVठन होगा + य-0क हम इतन सवदनशील नह ह ल0कन ि9 य- क लए यह उतना कVठन नह होगा + य-0क व 0कसी

चीज को आसानी स महसस करती ह पMष- क लए यह ` यादा कVठन होगा हा अगर उनका सqदय बोध वकसत हो

कव चकार या सगीतकार का सqदय बोध वकसत होता ह तो बात और ह तब व भी अनभव कर सकत ह ल0कन

इसका योग करो

बf च यह योग बहत सरलता स कर सकत ह म_ अपन एक म क बट को यह योग सखाता था यह 0कसी चीज को

आसानी स अनभव करता था 0फर म_न उस गलाब का फल Vदया और उसस यह सब कहा जो तZ ह4 अब कह रहा ह उसन

यह 0कया और कहा 0क म_ गलाब का फल बन गया ह मरा भाव यह ह 0क म_ ह गलाब का फल ह

बf च इस वध को बहत आसानी स कर सकत ह ल0कन हम उG ह4 इसम4 शmQत नह करत शmQत 0कया जाए तो

बf च सवkषठ L यानी हो सकत ह

lsquorsquoअपन सामन 6कसी वषय को अनभव करो इस एक को छोड़कर अनय सभी वषय2 क अनपिJ थ9त को अनभव करोlsquorsquo

म म4 यह घVटत होता ह अगर तम 0कसी क म म4 हो तो तम सार ससार को भल जात हो और अगर अभी भी ससार तZ ह4

याद ह तो भल भात समझो 0क यह म नह ह म म4 तम ससार को भल जात हो सफ मका या मी याद रहता ह

इसलए म_ कहता ह 0क म L यान ह तम इस वध को म-वध क Mप म4 भी उपयोग कर सकत हो अब अनय सब कछ

भल जाओ

कछ Vदन हए एक म अपनी पlt नी क साथ मर पास आए पlt नी को पत स कोई शकायत थी इसलए पlt नी आई थी

म न कहा 0क म_ एक वष स L यान कर रहा ह और लगती ह यह आवाज मर L यान म4 सहयोगी ह ल0कन अब एक

आR चय क घटना घटती ह जब म_ अपनी पlt नी क साथ सभोग करता ह और सभोग शखर छन लगता ह तब भी मर मह स

रजनीश-रजनीश क आवाज नकलन लगती ह और इस कारण मर पlt नी को बहत अड़चन होती ह वह अकसर पछती ह

0क तम म करत हो या L यान करत हो या + या करत हो और य रजनीश बीच म4 कस आ जात ह

उस म न कहा 0क मिR कल यह ह 0क अगर म_ रजनीश-रजनीश न चY लाउ तो सभोग का शखर चक जाता ह और

चY लाउ तो पlt नी पीWडत होती ह सह रोन चY लान लगती ह और मसीबत खड़ी कर दती ह तो उG ह-न मर सलाह पछU

और कहा 0क पlt नी को साथ लान का यह कारण ह

उनक पlt नी क शकायत दMसत ह + य-0क वह कस मान सकती ह 0क कोई दसरा gt यि+ त उनक बीच म4 आय यह कारण

ह 0क म क लए एकात जMर ह बहत जMर ह सब कछ को भलन क लए एकात अथपण ह

अभी यरोप और अमPरका म4 व समह सभोग का योग कर रह हmdashएक कमर म4 अनक जोड़ सभोग म4 उतरत ह यह मढ़ता

ह अlt यतक मढ़ता ह + य-0क समह म4 सभोग क गहराई नह छई जा सकती ह वह सफ काम 2ड़ा बन कर रह जाएगी

दसर- क उपि9 थत बाधा बन जाती ह तब इस सभोग को L यान भी नह बनाया जा सकता ह

अगर तम शष ससार को भल सको तो ह तम 0कसी वषय क म म4 हो सकत हो चाह वह गलाब का फल हो या पतथर हो

या कोई भी चीज हो शत यह ह 0क उस चीज क उपि9 थत महसस करो और अनय चीज- क अनपि9 थत महसस करो

कवल वह वषय व9 त तZ हार चतना म4 अि9 ततवगत Mप स रह

अf छा हो 0क इस वध क योग क लए कोई ऐसी चीज चनो जो तZ ह4 ीतकर हो अपन सामन एक चान रखकर शष

ससार को भलना कVठन होगा यह कVठन होगा ल0कन झन सदगओ न यह भी 0कया ह उG ह-न L यान क लए रॉक गाडन

बना रखा ह वहा पड़-पौध या फल नह होत पतथर और बाल होत ह और व पतथर पर L यान करत ह

व कहत ह 0क अगर 0कसी पतथर क त तZ हारा गहन म हो तो कोई भी आदमी तZ हार लए बाधा नह हो सकता और

मनषय चान जस ह तो ह अगर तम चान को म कर सकत हो तो मनषय को म करन म4 + या कVठनाई तब कोई

अड़चन नह ह मनषय चान जस ह उसस भी ` यादा पथरल उG ह4 तोड़ना उनम4 वश करना अत कVठन ह

ल0कन अf छा हो 0क कोई ऐसी चीज चनो िजसक त तZ हारा सहज म हो और तब शष ससार को भल जाओ उसक

उपि9 थत का मजा लो उसका 9 वाद लो आनद लो उस व9 त म4 गहर उतरो और उस व9 त को अपन म4 गहरा उतरन दो

lsquorsquo6फर वषय भाव को छोड़करhelliphelliplsquorsquo

अब इस वध का कVठन अश आता ह तमन पहल ह सब वषय छोड़ Vदए ह सफ यह एक वषय तZ हार लए रहा ह

सबको भलकर एक इस तमन याद रखा था अब lsquorsquoवषय भाव को छोड़करhelliplsquorsquo अब उस भाव को भी छोड़कर अब तो दो ह

चीज बची ह एक वषय क उपि9 थत ह और शष चीज- क अनपि9 थत ह अब उस अनपि9 थत को भी छोड़ दो कवल यह

ग लाब या कवल यह चहरा यह कवल यह 9 ी या कवल यह पMष या यह चान क उपि9 थत बची ह उस भी छोड़ दो और

उसक त जो भाव ह उस भी तम अचानक एक आlt यतक शनय म4 गर जात हो जहा कछ भी नह बचता

और शव कहत ह rsquorsquoआlt मोपलबध होओlsquorsquo इस शनय को इस ना-कछ को उपलबध हो यह तZ हारा 9 वभाव ह यह श

होना ह

शनय को सीध पहचना कVठन होगाmdashकVठन और kम-साधय इसलए 0कसी वषय को माधयम बनाकर वहा अf छा ह

पहल 0कसी वषय को अपन मन म4 ल लो और उस इस समता स अनभव करो 0क 0कसी अनय चीज को याद रखन क

जMरत न रह तZ हार समसत चतना इस एक चीज स भर जाए और तब इस वषय को भी छोड़ दो इस भी भल जाओ तब

तम 0कसी अगाध अतल म4 वOट हो जात हो जहा कछ भी नह ह वहा कवल तZ हार आlt मा ह श और नO कलष यह

श अि9 ततव यह श चतनय ह तZ हारा 9 वभाव ह

ल0कन इस वध को कई चरण- म4 बाटकर योग करो पर वध को एकबारगी काम म4 मत लाओ पहल एक वषय का

भाव नमत करो कछ Vदन तक सफ इस Vह9 स का योग करो पर वध का योग मत करो पहल कछ Vदन- तक या

कछ हpत- तक इस एक Vह9 स क पहल Vह9 स क साधना करो वषय-भाव पदा करो पहल वषय को महसस करो और

एक ह वषय चनो उस बार-बार बदल- मत + य-0क हर बदलत वषय क साथ तZ ह4 0फर-0फर उतना ह kम करना होगा

अगर तमन वषय क Mप म4 गलाब का फल चना ह तो रोज-रोज गलाब क फल का ह उपयोग करो उस गलाब क फल स

तम भर जाओ भरपर हो जाओ ऐस भर जाओ 0क एक Vदन कह सको क म_ फल ह ह तब वध का पहला Vह9 सा सध

गया परा हआ

जब फल ह रह जाए और शष सब कछ भल जाए तब इस भाव का कछ Vदन- तक आनद लो यह भाव अपन आप म4 सदर ह

बहत-बहत सदर ह यह अपन आप म4 बहत ाणवान ह शि+ तशाल ह कछ Vदन- तक यह अनभव करत रहो और जब

तम उसक साथ रच-पच जाओग लयवCध हो जाओग तो 0फर वह सरल हो जाएगा 0फर उसक लए सघष नह करना

होगा तब फल अचानक कट होता ह और समसत ससार भल जाता ह कवल फल रहता ह

इसक बाद वध क दसर भाग पर योग करो अपनी आख बद कर लो और फल को भी भल जाओ याद रह अगर तमन

पहल भाग को ठUक-ठUक साधा ह तो दसरा भाग कVठन नह होगा ल0कन यVद पर वध पर एक साथ योग करोग तो

दसरा भाग कVठन ह नह असभव होगा पहल भाग म4 अगर तमन एक फल क लए सार दनया को भला Vदया तो दसर

भाग म4 शनय क लए फल को भलाना आसानी स हो सकगा दसरा भाग आएगा ल0कन उसक लए पहल भाग पहल करना

जMर ह

ल0कन मन बहत चालाक ह मन सदा कहगा 0क पर वध को एक साथ योग करो ल0कन उसम तम सफल नह हो

सकत हो और तब मन कहगा 0क यह वध काम क नह ह या यह तZ हार लए नह ह

इसलए अगर सफल होना चाहत हो तो वध को 2म म4 योग करो पहल-पहल भाग को परा करो और तब दसर भाग को

हाथ म4 लो और तब वषय भी वलन हो जाता ह और मा तZ हार चतना रहती ह श काश श ` योत-शखा

कY पना करो 0क तZ हार पास दया ह और Vदए क रोशनी अनक चीज- पर पड़ रह ह मन क आख- स दखो 0क तZ हार

अधर कमर म4 अनक-अनक चीज4 ह और तम एक Vदया वहा लात हो और सब चीज4 काशत हो जाती ह दया उन सब

चीज- को काशत करता ह िजG ह4 तम वहा दखत हो

ल0कन अब तम उनम4 स एक वषय चन लो और उसी वषय क साथ रहो दया वह ह ल0कन अब उसक रोशनी एक ह

वषय पर पड़ती ह 0फर उस एक वषय को भी हटा दो और तब दए क लए कोई वषय नह बचा

वह बात तZ हार चतना क लए सह ह तम काश हो ` योत शखा हो और सारा ससार तZ हारा वषय ह तम सार ससार

को छोड़ दत हो और एक वषय पर अपन को एका करत हो तZ हार ` योत शखा वह रहती ह ल0कन अब वह अनक

वषय- म4 gt यसत नह ह वह एक ह वषय म4 gt यसत ह और 0फर उस एक वषय को भी छोड़ दो अचानक तब सफ काश

बचता ह चतना बचती ह वह काश 0कसी वषय को नह काशत कर रहा ह

इसी को ब न नवाण कहा ह इसी को महावीर न कवलय कहा ह परम एकात कहा ह उपनषादो न इस ह मान या

आlt मान कहा ह शव कहत ह 0क अगर तम इस वध को साध लो तो तम मान को उपलबध हो जाओग

ओशो

वान भरव त

(त-सmdashभाग-1)

)वचन-15

  • ततर-सतरndashविधिmdash01
  • ततर-सतरmdashविधिmdash02
  • ततर-सतरmdashविधिmdash03
  • ततर-सतरmdashविधि-05
  • ततर-सतरmdashविधि-06
  • ततर-सतरmdashविधि-07
  • ततर-सतरmdashविधि-08
  • ततर-सतरmdashविधि-09
  • ततर-सतरmdashविधि-10
  • ततर-सतरmdashविधि-11
  • ततर-सतरmdashविधि-12
  • ततर-सतरmdashविधि-13
  • ततर-सतरmdashविधि-14
  • ततर-सतरmdashविधि-15 ओशो
  • ततर-सतरmdashविधि-16 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-17 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-18 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-19 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-20 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-21( ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-22 (ओशो)
  • ततर-सतरmdashविधि-23 (ओशो)
Page 6: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह
Page 7: वान भैरव तं ओशो...व न भ रव त —ओश व ान भैरव तं —ओशो वान भैरव तं का जगत बौ क नह
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