पाठ १ ण]ोका ]हा]ंत्र mantra.pdf · ٭सकस क्र से...

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  • पाठ-१

    णमोकार महामंत्र

    प्रकाश छाबडा, यंग जैन स्टडी गु्रप, इन्दौर

    99260-40137

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    अर्थ ٭ लोक में सब.......

    ٭ अरहंतों को नमस्कार हो,

    ٭ ससद्धों को नमस्कार हो,

    ٭ आचायों को नमस्कार हो,

    ٭ उपाध्यायों को नमस्कार हो और

    ٭ साधुओ ंको नमस्कार हो ।

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    अरहंत

    शरीर

    ससहत

    भगवान हैं

    अरहंत और ससद्ध भगवान है

    ससद्ध

    शरीर

    रसहत

    भगवान हैं

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    आचायथ

    मुसनयों के

    नेता,

    मुसिया,

    सचंालक हैं

    आचायथ, उपाध्याय और साधु गुरु हैं

    उपाध्याय

    मुसनयों

    को पढ़ाने

    वाले हैं

    साधु

    सामान्य

    से सभी

    मुसन हैं

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    ٭ मंसदर जी में प्रसतमा सकसकी है?

    ٭ बडे कौन हैं? अरहंत या ससद्ध?

    ٭ सिर अरहंत को पहले नमस्कार क्यों

    सकया गया है?

    ٭ हमें क्या बनना है?

    ٭ ससद्ध बनने से पहले क्या बनते हैं ?

    ٭ सकस क्रम से ससद्ध पद प्राप्त होता है ?

    प्रश्न?

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    इस मंत्र की रचना कब हुई

    है?

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    मसहमा

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    एसो पंच णमोयारो

    सव्वपावप्पणासणो ।

    मंगलाणं च सव्वेसस ं

    पढमं होसह मंगलम ्॥

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    मंगल सकसे कहते हैं?

    ٭ मं + गल =

    पाप + गलावे = पापों को गलावे

    ٭ मंग + ल =

    सिु + लावे = सिु प्राप्त करावे

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    परमेष्ठी सकसे कहते हैं?

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    अ = अरहंत

    अ = अशरीरी

    आ = आचायथ

    उ = उपाध्याय

    म = मुसन

    अ + अ = आ

    आ + आ = आ

    आ + उ = ओ

    ओ + म ्= ओम ्

    ओम ्में भी पंच परमेष्ठी गसभथत हैं

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    पंच परमेष्ठी को नमस्कार

    करने से क्या लाभ है?

    सच्चे सिु

    की प्रासप्त

    होती है

  • प्रकाश छाबड़ा, यंग जैन स्टडी ग्रपु, इन्दौर

    सच्चे सिु की

    प्रासप्त कैसे होती है?

    ٭ इन पााँचों परमेसष्ठयों को पहचान कर

    ٭ उनके बताए हुए मागथ पर चलकर ।

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