गेल के मुम्बई कार्ाालर् द्वारा...

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गेल के मुम्बई कार्ाालर् द्वारा आर्ोजित हिन्दी हदवस एवं हिन्दी पखवाड़ा-2012 का प्रततवेदन ।

गेल के मुम्बई कार्ाालर् मं िर वर्ा की भांतत इस वर्ा भी हदनांक 14 तसतम्बर से 28 तसतम्बर, 2012 की अवति मं ‘हिन्दी हदवस’ एवं ‘हिन्दी पखवाड़ा’ का आर्ोिन अत्र्ंत िी िर्ोल्लास के साथ हकर्ा गर्ा । गेल, मुम्बई कार्ाालर् के मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) तथा प्रभारी अतिकारी – श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव िी ने हदनांक 14 तसतम्बर, 2012 को, गेल प्रप्रर्दतशानी भवन जस्थत ‘सभा-कक्ष’ मं ‘मां सरस्वती’ के तचत्र को पुष्प अप्रपात कर तथा अगरु-िपू एवं दीप प्रज्वतलत कर उनकी पूिा–अचाना कर ‘हिन्दी हदवस’ एवं ‘हिन्दी पखवाड़ा’ का उद्घाटन हकर्ा । इस अवसर पर, कार्ाालर् के उप मिाप्रबंिक श्री र्.ूएस कोस्टा एवं प्रवतभन्न प्रवभागं के प्रवभागाध्र्क्ष तथा सभी प्रवभागं से आमंप्रत्रत कातमाकगण उपजस्थत रिे ।

श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव, मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) तथा प्रभारी अतिकारी, गेल मुम्बई द्वारा हिन्दी हदवस/हिन्दी पखवाड़ा का आर्ोिन ।

हिन्दी हदवस/हिन्दी पखवाड़ा के उद्घाटन अवसर पर हिन्दी के प्रर्ोग के प्रसंग मं तथा संघ की रािभार्ा नीतत के प्रचार, प्रसार एवं प्रवकास के प्रसंग मं प्राप्त भारत सरकार के गिृ मंत्री, गिृ राज्र् मंत्री एव ंगेल के अध्र्क्ष एवं प्रबंि तनदेशक, तनदेशक (मानव संसािन) एवं अन्र् वररष्ठ अतिकाररर्ं के प्राप्त संदेशं को बारी-बारी से प्रभारी अतिकारी एवं अन्र् वररष्ठ अतिकाररर्ं द्वारा पढ़ कर सभा-कक्ष मं उपजस्थत कातमाकं को सुनार्ा गर्ा एवं उसका उन्िं प्रवतरण भी हकर्ा गर्ा ।

तचत्र म:ं श्री सतंोर् कुमार श्रीवास्तव, मिाप्रबिंक (प्रचालन एव ंअनरुक्षण) तथा प्रभारी अतिकारी, गेल ममु्बई (मेज़ के मध्र् मं) द्वारा माननीर् गिृ मतं्री, भारत सरकार के प्राप्त सदेंश का वाचन करते िुए । सभा-कक्ष मं, प्रवतभन्न प्रवभागं के प्रवभागाध्र्क्ष उपजस्थत । इस अवसर पर अपने अध्र्क्षीर् भार्ण मं कमाचाररर्ं को सम्बोतित करते िुए कार्ाालर् के प्रभारी अतिकारी एवं मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) – श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव िी ने कातमाकं से र्ि अपील हकर्ा हक वे कार्ाालर् के दैतनक कार्ं मं रािभार्ा हिन्दी के प्रर्ोग को इस प्रकार सुतनजित करं हक वि आम आदमी तक शासकीर् स्तर पर प्रवकास की मुख्र् माध्र्म भार्ा के रुप मं पिँुच सके । उन्िंने र्ि भी किा हक हिन्दी वैसे भी दैतनक बोल-चाल मं िमारे िीवन का अतभन्न अगं िै । इसे हकसी भी प्रकार से आि ना तो अलग हकर्ा िा सकता िै और ना िी तनरस्त । भारत िैसे बिुभार्ी देश मं हिन्दी का प्रर्ोग सम्पका भार्ा के रुप मं हकसी शासकीर् समथान र्ा अकादमीर् पठन-पाठन का अब मुखापेक्षी निीं िै क्यर्ंहक र्ि भारत की लोक-चेतना के प्रवकास की प्रमुख माध्र्म भार्ा के रुप मं वर्ं से भारत के िर भू-भाग एवं आम िन के बीच प्रर्ोग मं िै । भारत मं रि कर हकसी अन्र् भार्ा र्ा अगें्रिी मं मात्र बोल कर भारत की समस्त िनता तक निीं पिंुचा िा सकता । इसतलए िरुरी िै हक िम चािे हकसी भी प्रदेश मं क्यर्ं न कार्ा कर रिे िं हकन्तु िमं हिन्दी और उस प्रदेश मं प्रर्ोग मं आने वाली शासकीर् रािभार्ा र्ा भार्ाओं के प्रर्ोग को आगे बढ़ाने िेतु प्रवशेर् ध्र्ान देना चाहिए और िमं हिन्दी के अततररक्त भारत के अन्र् राज्र्ं मं प्रर्ुक्त विां की स्थानीर् उस भार्ा को - िो रािभार्ा के रुप मं प्रर्ोग मं लाई िा रिी िै - र्था आवश्र्कतानुसार सीख कर, उसके प्रर्ोग को भी, आगे बढ़ाने का िर संभव प्रर्ास करना चाहिए ।

श्री श्रीवास्तव िी ने र्ि भी किा हक हिन्दी के प्रर्ोग को गेल के मुम्बई कार्ाालर् मं तेिी से आगे बढ़ाने मं िमं सभी प्रवभागं का र्द्यप्रप पूरा सिर्ोग एवं समथान तमल रिा िै और कई अतिकारी व कातमाक हिन्दी मं अच्छा कार्ा भी कर रिे िं, हकंतु र्ि अपेजक्षत िै हक इस हदशा मं प्रवशेर् पिल तनरंतर की िाती रिे

और हिन्दी प्रर्ोग को आगे बढ़ाने के तलए स्वतः-स्फुता भाव से तत्पर िो कर िर कातमाक अपने दैतनक कार्ाालर् व शासकीर् काम-काि मं इसे, काम-काि की मुख्र् भार्ा के रुप मं प्रर्ोग करे । उन्िंने किा हक गेल तनगतमत एवं स्थानीर् प्रबंिन की र्ि अनवरत कोतशश िै हक हिन्दी के प्रवकास के तलए िम अपने पररवार के बच्चं एवं महिलाओं को भी इस भार्ा के स्तरीर् सामतर्क प्रर्ोग से िोडं़ और इसी दृप्रि से, तनगतमत प्रबंिन के अनुमोदन से िमने, गत प्रवत्त वर्ा मं गेल पररवार िेतु हिन्दी के िास्र्-व्र्ंग्र् कप्रव सम्मेलन का आर्ोिन मुम्बई मं हकर्ा था और साथ िी, हिन्दी पखवाडे़ के दरम्र्ान िी, एक हदन, गेल मुम्बई पररवार की महिलाओं एवं बच्चं के तलए एक “सांस्कृततक कार्ाक्रम” का भी आर्ोिन हकर्ा था । उन्िंने किा हक इस वर्ा भी पुनः से एक रोचक कार्ाक्रम का आर्ोिन हकर्ा िा रिा िै । इसके तलए, “हदशा महिला क्यलब, मुम्बई” को हिन्दी भार्ा पर आिाररत कुछ कार्ाक्रम प्रस्तुत करने का अनुरोि हकर्ा गर्ा िै और गेल कार्ाालर्, मुम्बई उसे प्रार्ोजित कर रिा िै ।

बिरिाल, इस अवसर पर, मिाप्रबंिक मिोदर् ने कातमाकं को र्ि िानकारी दी हक पूरे पखवाडे़ की अवति मं रािभार्ा अनुभाग द्वारा हिन्दी के प्रवतभन्न कार्ाक्रमं एवं प्रततर्ोतगताओं का आर्ोिन हकर्ा िा रिा िै जिसमं सभी कातमाक मनोर्ोगपूवाक कृपर्ा भाग लं तथा उन्िं पूणातः सफल बनाएं ।

हिन्दी कार्ाशाला का आर्ोिन

हिन्दी हदवस और हिन्दी पखवाड़ा,2012 के उद्घाटन के साथ िी हदनांक 14 तसतम्बर, 2012 को, गेल मुम्बई कार्ाालर् मं पदस्थाप्रपत कातमाकं के तलए ‘एक हदवसीर् हिन्दी कार्ाशाला’ का भी आर्ोिन हकर्ा गर्ा । इस कार्ाशाला को हिन्दी पखवाड़ा के कार्ाक्रम मं िी शातमल हकर्ा गर्ा था । प्रसंगतः िुलाई-तसतम्बर, 2012 की ततमािी िेतु तनिााररत हिन्दी कर्ाशाला का आर्ोिन हिन्दी पखवाड़ा मं कर तलर्ा गर्ा । इस कार्ाशाला मं भारत सरकार के केन्रीर् अनुवाद ब्र्ूरो, पजिम के्षत्रीर् कार्ाालर्, नवी मुम्बई के केन्र प्रभारी एवं सिार्क तनदेशक – श्री नरेश कुमार िी को बाह्य संकार्-सदस्र् के रुप मं आमंप्रत्रत हकर्ा गर्ा था । उनके साथ आंतररक संकार् सदस्र् के रुप श्री उदर् कुमार तसंि, प्रबंिक (रािभार्ा), गेल, मुम्बई द्वारा कार्ाालर् के दो सत्रं मं हिन्दी प्रतशक्षण कार्ा सम्पाहदत हकर्ा गर्ा । श्री नरेश कुमार िी के आगमन पर उन्िं प्रभारी अतिकारी द्वारा पुष्प-गचु्छ भंट कर उनका िाहदाक स्वागत हकर्ा गर्ा । इस अवसर पर कार्ाालर् के सभी प्रवभागं के प्रवभागाध्र्क्ष भी आमंप्रत्रत हकए गए थे ।

कार्ाशाला के उद्घाटन के अवसर पर मिाप्रबंिक मिोदर् ने हिन्दी कार्ाशाला के मित्व पर प्रकाश डालते िुए प्रततभागी कातमाकं से अनुरोि हकर्ा हक वे केन्रीर् अनुवाद ब्र्ूरो से पिारे संकार् सदस्र् से हिन्दी अनुवाद की बारीहकर्ं को िानने का प्रर्ास करं तथा कम््र्ूटर पर हिन्दी मं कैसे आसानी से कार्ा हकर्ा िा सकता िै – उन हट्सं की िानकारी भी प्राप्त करं ।

श्री श्रीवास्तव िी ने इस अवसर पर अपने संबोिन मं र्ि भी जज़क्र हकर्ा हक हकसी भी भार्ा को हकसी भी शासकीर् र्ा वैर्प्रक्तक दबाब र्ा अततरेकपूणा इतर कृत्र्ं र्ा तरीके से ना तो प्रर्ोग मं लार्ा िा सकता िै और ना िी उसका प सरि वाजज़ब प्रवकास संभव िै । िरुरी िै हक िम अपने देश की भार्ाओं को ििां उनके प्रर्ोग के अपने के्षत्रं मं मित्व दं विीं देश के केन्र सरकार के राि-काि मं रािभार्ा हिन्दी के प्रर्ोग की सांवैिातनक व्र्वस्थाओं का सम्मान करते िुए उसे तकनीकी, प्रवज्ञान, प्रशासन एवं आम प्रर्ोग के प्रवतभन्न के्षत्रं मं सिि एवं सरल रुप मं प्रर्ोग मं लाने के िर प्रर्ास को मित्व दं ।

केन्रीर् अनवुाद ब्र्रूो (पजिम ), रािभार्ा प्रवभाग, भारत सरकार, नवी ममु्बई कार्ाालर् के केन्र प्रभारी एवं सिार्क तनदेशक – श्री नरेश कुमार िी को पषु्प-गुच्छ भंट कर उनका हिन्दी कार्ाशाला मं स्वागत करते िुए – गेल, ममु्बई के कार्ाालर् प्रभारी एव ंमिाप्रबिंक – श्री सतंोर् कुमार श्रीवास्तव ।

कार्ाशाला मं कातमाकं को सम्बोतित करते िुए गेल, मुम्बई कार्ाालर् के प्रभारी अतिकारी श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव िी ने प्रततभातगर्ं का ध्र्ान आकृि करते िुए र्ि भी किा हक हिन्दी के प्रर्ोग के प्रसंग मं प्रवगत वर्ं की तुलना मं इिर कुछ समर्ं से, कातमाकं ने, स्वर्ं पिल हकर्ा िै और वे हिन्दी मं ई-मेल भेिना, पत्राचार करना तथा साथाक-पत्रं पर हट्पजणर्ां आहद तलखना प्रारम्भ कर हदए िं । हकन्तु, अभी भी हिन्दी मं कम््र्ूटर पर िड़ल्ले से हिन्दी मं कार्ा करने मं, प्रर्ोक्ता कातमाकं को, कई व्र्ाविाररक कहठनाईर्ं का सामना कर पड़ रिा िै । अतः अपेजक्षत िै हक कातमाक अपनी उन कहठनाईर्ं को हिन्दी कार्ाशाला मं संकार् सदस्र्ं के समक्ष रखं और उनका समािान िानने का प्रर्ास करं और समािान तमलने पर, तदनुसार, स्वर्ं पिल कर, हिन्दी मं अपने दैतनक शासकीर् कार्ं का सरलतापूवाक तनष्पादन करं । श्री श्रीवास्तव िी ने किा हक िर भार्ा-भार्ी हिन्दी हफल्मं देखता िै और उसे पसंद करता िै और इस प्रहक्रर्ा मं उनका हिन्दी ज्ञान भी बढ़ता िाता िै । आि दजक्षण भारत एवं प्रवदेशी भार्ाओं की हफल्मं हिन्दी मं डब िो कर टी.वी. चनैलं पर िड़ल्ले से हदखाई िा रिी िं । उनके संवादं को िर भार्ा-भार्ी समझता िै और उसका आनंद उठाता िै । उसी तरि कार्ाालर् मं भी िर भार्ा-भाप्रर्र्ं (देशी र्ा प्रवदेशी) को हिन्दी के प्रर्ोग का आनंद पूवाक लाभ उठाना चाहिए । उन्िंने किा हक प्रततभागी कातमाक, कार्ाशाला मं अजिात ज्ञान को, अपने कार्ाालर् कार्ं मं अमली िामा पिनाएं और कोतशश र्ि िो हक र्हद अगें्रिी मं भी हकसी भी के्षत्र से व राज्र् सरकारं से पत्र आए तो उसका उत्तर हिन्दी मं हदर्ा िाए । र्हद प्राप्तकत्ताा मांग करे तो उसे अगें्रिी मं पत्र भेिा िाए पर वैसी िालत मं उसका हिन्दी रुपान्तर भी साथ मं संलग्न कर भेिा िाए । के्षत्रीर् स्तर पर मिाराष्ट्र मं मराठी भार्ा मं पत्राचार करते िुए भी इसी प्रहक्रर्ा को तनर्त वं प्रभावी नीततर्ं के अनुसार िी अपनार्ा िाना चाहिए ।

श्री नरेश कुमार िी ने हिन्दी कार्ाशाला के पूवााह्न-कालीन अपने दो सत्र मं प्रततभागी कातमाकं को हिन्दी से अगें्रिी एवं अगें्रिी से हिन्दी मं अनुवाद करने के प्रसंग मं कई मित्वपूणा एवं व्र्ाविाररक िानकाररर्ां दी और र्ि स्पि हकर्ा हक कार्ाालर् मं हकस तरि का अनुवाद हकर्ा िाता िै । श्री नरेश कुमार ने तभन्न उदािरणं के माध्र्म से कातमाकं को र्ि बतार्ा हक अनुवाद करते समर् अनुवादक कातमाक अंगे्रिी मं प्राप्त सामग्री को एक बार ठीक तरीके से पढ़ लं और उसमं अन्ततनाहित कथ्र् को समझ लं और तत्पिात ्उस स्रोत भार्ा से लक्ष्र् भार्ा (हिन्दी) मं अनुवाद करते समर् दोनं भार्ाओं की प्रकृतत, उनकी शैली, रुप, गुण आहद को समझ कर अनुवाद करने का प्रर्ास करं तथा उस के गए अनुवाद को अपने कार्ाालर् के रािभार्ा अनुभाग के पदातिकारी से अवश्र् वेट करा तलर्ा िए । इस हिन्दी कार्ाशाला मं कातमाकं ने उक्त संकार् सदस्र् को ध्र्ान से सुना और उनसे अपनी समस्त शंकाओं का समािान भी प्राप्त हकर्ा ।

कार्ाशाला के अपराह्न कालीन क्रमशः दो सत्र मं कार्ाालर् के प्रबंिक (रािभार्ा) - श्री उदर् कुमार तसंि ने प्रततभातगर्ं को कम््र्ूटर के की-बोडा के इस्तेमाल के द्वारा रोमन स्क्री्ट के सिारे हिन्दी तलखने तथा हिन्दी संर्ुक्ताक्षरं को टाइप करने आहद की व्र्ाविाररक िानकाररर्ां दी । इसके साथ िी, उन्िं हिन्दी सॉफ्टवेर्र को अपने कम््र्ूटर पर लोड करने तथा उसके उपर्ोग की भी िानकारी दी गई । साथ िी, उन्िं, रािभार्ा अतितनर्म,1963 एवं रािभार्ा तनर्म, 1976 आहद के प्रवतभन्न तनर्मं एवं उनके अनुपालन िेत ुकी िाने वाली कारावाईर्ं तथा ससंदीर् रािभार्ा सतमतत के तनरीक्षणं संबंिी मित्वपूणा एवं आपेजक्षत िानकाररर्ां दीं ।

कार्ाशाला मं कातमाकं से माईक्रोसॉफ्ट के हिन्दी टूल्स को कम््र्ूटर पर संस्थाप्रपत (इन्स्टॉल) करने, उसे इनवोक कर उसका अगें्रिी की-बोडा के माध्र्म से प्रर्ोग करने तथा की-बोडा के उपलब्ि इनपुट-1 एवं इनपुट-II के प्रवकल्पं की िानकारी दी गई तथा छोटे-छोटे वाक्यर्ं को अनवुाद करने के तरीके, अनवुाद की गजल्तर्ं से बचने तथा अनुवाद की भार्ा मं श्रोत एवं लक्ष्र् भार्ा की प्रर्ुप्रक्तर्ं की भी प्रवतभन्न उदािरणं के माध्र्म से सम्र्क एवं व्र्ाविाररक िानकाररर्ां दी गईं ।

कार्ाशाला मं कातमाकं ने पूरे मनोर्ोग पूवाक भाग तलर्ा और उनसे कम््र्ूटर पर हिन्दी मं टाइप करने का अभ्र्ास-कार्ा करार्ा गर्ा तथा माईक्रोसॉफ्ट के आई.एम.ई. टूल्स. की उपलब्िता तथा उसके उपर्ोग के प्रसंग मं उन्िं अपेजक्षत प्रतशक्षण हदर्ा गर्ा । कार्ाशाला मं श्री र्ू. एस. कोस्टा, उप मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) भी एक प्रततभागी के रुप मं बी उपजस्थत रिे । उन्िंने कातमाकं से किा हक वे हिन्दी के प्रर्ोग को सुतनजित करने के तलए सदैव तत्पर रिं क्यर्ंहक र्ि सबसे आसान भार्ा िै जिसे बिुत िी कम समर् मं सीखा िा सकता िै । इस प्रकार, हिन्दी कार्ाशाला मं कातमाकं को हिन्दी मं टाइप करने, रािभार्ा संबंिी तनर्मं आहद की िानकारी देते िुए उन्िं हिन्दी मं स्वतः कार्ा करने िेतु उपलब्ि माईक्रोसॉफ्ट के हिन्दी सॉफ्टवेर्रं के उपर्ोग पर बल हदर्ा गर्ा । अतं मं फीड बैक ले कर हिन्दी कार्ाशाला अपराह्न 17:45 बिे समाप्त घोप्रर्त की गई ।

सांस्कृततक कार्ाक्रम का आर्ोिन

हिन्दी पखवाड़ा के दरम्र्ान हदनांक 22 तसतम्बर, 2012 को गेल के मुम्बई कार्ाालर् द्वारा हदशा महिला क्यलब, मुम्बई के सिर्ोग से हिन्दी के प्रवकास, प्रचार एवं प्रसार को कातमाकं के बीच बढ़ावा देने के तलए तथा उन्िं हिन्दी के प्रर्ोग के प्रतत िागरुक बनाए रखने के तलए एक “सांस्कृततक कार्ाक्रम” का भी आर्ोिन, सीबीडी बेलापुर, नवी मुम्बई जस्थत ‘पंिाब िेररटेि भवन’ के िॉल मं, संध्र्ा 07:30 बिे से आर्ोजित हकर्ा गर्ा । र्ि कार्ाक्रम राप्रत्र 23:00 बिे तक चला ।

सांस्कृततक कार्ाक्रम के प्रारम्भ मं कार्ाालर् के प्रबंिक (रािभार्ा) श्री उदर् कुमार तसंि ने उपजस्थत सभी गेल पररवार के सदस्र्ं, हदशा महिला क्यलब की अध्र्क्षा - श्रीमती सुिा श्रीवास्तव िी एवं उनकी समस्त टीम, कार्ाालर् के मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) – श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव एवं अन्र् उपजस्थत अतिकाररर्ं, महिलाओं एवं बच्चं का स्वागत हकर्ा तथा मिाप्रबंिक मिोदर् को कार्ाक्रम के प्रारम्भ मं उपजस्थत गेल पररवार के सभी सदस्र्ं को सम्बोतित करने का अनुरोि हकर्ा । प्रसंगतः श्री श्रीवास्तव िी ने इस कार्ाक्रम के आर्ोिन के अवसर पर दी िाने वाली प्रस्तुततर्ं एवं सिर्ोग िेतु हदशा महिला क्यलब की अध्र्क्षा - श्रीमती सुिा श्रीवास्तव एवं क्यलब के सदस्र्ं की सरािना की और किा हक उनके सिर्ोग से िी िम र्ि कार्ाक्रम आर्ोजित कर सकने मं समथा िो सके िं । इस कार्ाक्रम मं प्रस्तुतत िेतु समस्त

गेल पररवार को, उनकी प्रततभातगताओं िेतु खलुा आमंत्रण भी हदर्ा गर्ा था, अतः हदशा महिला क्यलब के सदस्र्ं के अततररक्त गेल पररवार के अन्र् सदस्र्ं ने भी, जिनके नामं की सूचना समर् रिते रािभार्ा अनुभाग को प्राप्त िो गई थी, अपनी प्रस्तुततर्ां दीं और वे समस्त कार्ाक्रम पूणातः प्रस्पिी रिे । श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव िी ने इस मौके पर र्ि भी किा हक हिन्दी के प्रवकास के तलए गेल के मुम्बई कार्ाालर् द्वारा तनरंतर अथक प्रर्ास हकए िा रिे िं और इसके तलए, उन्िंने, प्रबंिक (रािभार्ा) एवं गेल, मुम्बई के सहक्रर् कातमाकं के साथाक पिल की भी इस अवसर पर प्रवशेर् रुप से सरािना की । मिाप्रबंिक (प्रचालन वं अनुरक्षण) ने अपने अध्र्क्षीर् सम्बोिन मं र्ि किा हक सांस्कृततक कार्ाक्रम के आर्ोिन का अतभपे्रत र्ि िै हक हिन्दी के प्रर्ोग को गेल कमाचाररर्ं के साथ-साथ गेल पररवार के बच्चं से ले कर िर व्र्प्रक्त तक अथाात ्िर भार्ा-भार्ी प्रर्ोगकत्ताा तक गेल ममु्बई के्षत्र मं पिंुचार्ा िाए ।

मिाप्रबंिक मिोदर् ने इस अवसर पर र्ि भी किा हक इन कार्ाक्रमं की प्रस्तुततर्ं से कातमाकं के पररवारिनं के मध्र् हिंदी के प्रर्ोग को ना केवल बल तमला िै बजल्क गेल, मुम्बई पररवार के बच्चं को एक साथाक और सिृनात्मक मंच भी तमला िै और उन्िंने इसका लाभ उठाकर अपनी अच्छी-अच्छी प्रस्तुततर्ां दी िं जिससे उन्िं अपनी अतभव्र्प्रक्तर्ं को एक मंचीर् व्र्वस्था के अन्तगात श्रोताओं तक सम्पे्रप्रर्त करने का सिि अवसर प्राप्त िो सका िै । र्ि िमारे बच्चं के बिुमुखी प्रवकास के तलए बेिद िरुरी िै और साथ िी से आर्ोिन, कातमाकं को भी, हिन्दी के प्रर्ोग को कार्ाालर् मं सुतनजित करने के तलए तनरंतर आकप्रर्ात करते िं । श्री श्रीवास्तव िी ने किा हक वे चािते िं हक कातमाक प्रबना हकसी प्रवशेर् अनुरोि और दबाब के, कार्ाालर् मं अपना दैतनक कार्ा इस तरि से हिन्दी भार्ा मं करं हक सभी कातमाक र्ि मिसूस कर सकं हक इसके तलए उन्िं हकसी प्रवशेर् पररश्रम की िरुरत निीं बजल्क वे सा मिसूस कर सकं हक इस मित्वपूणा आितुनक भारतीर् भार्ा का प्रर्ोग रािभार्ा के रुप मं वे िमारे रोिमरे की शासकीर् एवं गैर-शासकीर् िीवन की स्वातभकताओं के अनुसार स्वतः कर पा रिे िै ।

सासं्कृततक कार्ाक्रम के आर्ोिन के अवसर पर उपजस्थत गेल पररवार को, पोहडर्म से करते िुए - गेल, मुम्बई के कार्ाालर् प्रभारी एवं मिाप्रबंिक – श्री संतोर् कुमार - ऊपर के तचत्र मं ।

उन्िंने र्ि भी किा हक – “िमारा उदे्दश्र् र्ि िै हक हिन्दी भार्ा का रािभार्ा के रुप मं प्रर्ोग करने िेत ुगेल पररवार के समस्त सदस्र्ं के बीच तनरंतर सौिारापूणा वातावरण तनतमात हकर्ा िाए ताहक प्रारम्भ से िी घर-पररवार से बच्चे हिन्दी के प्रर्ोग से िुड़ सकं और िब हिन्दी सीखने, प्रर्ोग करने व बोलने आहद का वातावरण, घर-पररवार मं तनतमात िोगा तब, उसका प्रर्ोग, स्वर्ं तेिी से कार्ाालर्ं मं भी बढे़गा क्यर्ंहक बच्च ेिब पढ़-तलख कर देश के हकसी भी भू-भाग र्ा शासन-व्र्वस्था मं तनर्ोिन पाएंगे तो वे हिन्दी का प्रर्ोग अपने शासकीर् व व्र्ावसातर्क प्रवकास मं सिि रुप मं कर सकने मं समथा िंगे ।” श्री श्रीवास्तव िी ने सांस्कृततक कार्ाक्रम के आर्ोिन, उसकी व्र्वस्थाओं से िुडे़ सतमतत के सभी सदस्र्ं र्था श्री र्ू.एस कोस्टा, उप मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), श्री शैलेश कुमार, मुख्र् प्रबंिक (गेलटेल), श्री आशीर् िीर, वररष्ठ प्रबंिक (संप्रवदा एवं प्रापण), श्री बी.के.कुल्लू, वररष्ठ प्रबंिक (मा. सं.), श्री रािीव कुमार सक्यसेना, वररष्ठ प्रबंिक (तसप्रवल), श्री िी.एस.बरापात्रा, प्रबंिक (प्रव.एवं.ले.), श्री शीव शंकर, वररष्ठ प्रबंिक (प्रचा.वं अनु.), श्री आर.रप्रव, प्रबंिक (प्रचा. एवं अनु.), हदशा महिला क्यलब की सदस्र्ाओं तथा एव ंगेल पररवार के उन सभी सदस्र्ं को, िो हिन्दी पखवाड़ा,2012 के प्रवतभन्न कार्ाक्रमं के संर्ोिन एवं आर्ोिन आहद से िुडे़ थे - उनके सामतर्क सिर्ोग के तलए, भूरी-भूरी प्रशंसा की और किा हक र्ि आप सभी के सिर्ोग का पररणाम िै हक िम स्वगिृी से कार्ाक्रम, अपने कातमाकं के पररवार-िनं के मनोरंिन एवं भार्ाई सौिारा एवं उत्थान िेतु समर्-समर् पर आर्ोजित कर पा रिे िं ।

अध्र्क्ष मिोदर् के सम्बोिन के बाद मंच “हदशा महिला क्यलब, मुम्बई” की सदस्र्ा एवं कार्ाक्रम संर्ोिक - श्रीमती अिंू कुमार को संप दी गई । श्रीमती कुमार ने सांस्कृततक कार्ाक्रम की तनर्त रुप-रेखा के अनुसार बच्चं एवं महिलाओं के द्वारा तैर्ार प्रवतभन्न सिृनात्मक प्रस्तुततर्ं को प्रस्ततु करने के तलए बारी-बारी से उन्िं मंच तथा पोहडर्म पर आमंप्रत्रत हकर्ा ।

पर्ाावरण सरंक्षण िेत ुगेल हदशा महिला क्यलब के सौिन्र् से गेल पररवार के बच्चं द्वारा अपने अतभनर्ं के द्वारा “ग्लोबल वातमगं” पर ज्ञानविाक एव ंआकर्ाक प्रस्ततुतर्ां देते िुए, प्रततभागी िं: रोिन भागाव, बमशी, मोतनशा, शाश्वत, आर्ान, एंिल, श्ररे्ा और खुशी - ऊपर के तचत्र मं ।

पर्ाावरण संरक्षण िैसे प्रवर्र्ं पर बच्चं ने एक ‘लघु नाहटका’ का मंचन हकर्ा । ‘सांस्कृततक कार्ाक्रम’ के प्रवर्र्-क्रम मं हिन्दी की लघु नाहटका के अततररक्त, हिन्दी चटुकुले, क्यलातसकल नतृ्र्-संगीत तथा हिन्दी की कप्रवताओं आहद का वाचन शातमल रिा । बच्चं ने उत्सािविाक प्रस्तुततर्ा दीं तो हदशा महिला क्यलब एवं गेल पररवार की महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर सभी संर्ोजित कार्ाक्रमं मं भाग तलर्ा । इस प्रकार, पूरा कार्ाक्रम बेिद उत्सािविाक एवं मनोरंिक बना रिा ।

हदशा क्यलब की सदस्र्: श्रीमती ररर्ा मडंल, श्रीमती सिुातसनी मतूी, श्रीमती सीमा शकंर, श्रीमती सोतनर्ा बस्सी, श्रीमती रेखा तसिं एव ंश्रीमती अल्पना ढ़ांढा द्वारा रािस्थानी लोक-लतृ्र् का प्रदशान करते िुए (ऊपर के तचत्र मं) ।

रािा-कृष्ण के रास-नतृ्र् पर आिाररत नवरस नाट्र्-रुपक का मचंन करते िुए हदशा महिला क्यलब की सदस्र्ा –

श्रीमती प्रवनीता शकंर एव ंश्रीमती वीण ुसक्यसेना एव ंिास्र्-व्र्गं्र् की कप्रवताओ ंका वाचन करते िुए गेल पररवार के बच्चे र्था - श्री सौरभ तसन्िा, श्री श्ररे्क कुमार, सशु्री पलक ढ़ांढ़ा, सशु्री सलोनी कुमार, श्री सेत ुतसन्िा, श्री प्रवशारद रप्रव एव ंश्री सिुांश ुशकंर-ऊपर के तचत्रं मं ।

सशु्री पलक ढाढंा - पिंाबी लोक-नतृ्र् प्रस्ततु करते िुए - नीचे के तचत्र मं ।

ऊपर के तचत्र मं – सशु्री ररर्ा सक्यसेना एव ंआहद शकंर गणेश बदंना प्रस्ततु करते िुए ।

महिला क्यलब की अध्र्क्षा – ‘श्रीमती सुिा श्रीवास्तव’ कार्ाक्रम के आरम्भ मं सांस्कृततक कार्ाक्रम के आर्ोिन के प्रसंग मं ‘हदशा महिला क्यलब, मुम्बई’ की सिभातगता के प्रसंग मं गेल पररवार को िानकाररर्ां देते िुए – ऊपर के तचत्र मं ।

हिन्दी पखवाड़ा के दरम्र्ान आर्ोजित सांस्कृततक-कार्ाक्रम की तचत्र-प्रवतथर्ां

हिन्दी मं काव्र्-पाठ करती िुई श्रीमती रुपाली िोशी एव ंश्रीमती रीमा हिमांश ु(क्रमशः ऊपर के चोत्रं मं)

हिन्दी काव्र्-पाठ करते िुए गेल पररवार के बच्चे-बजच्चर्ां

श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव – मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) एव ंप्रभारी, मुम्बई से पुरस्कार ग्रिण करते िुए – गेल पररवार के बच्चे । हदशा महिला क्यलब की अध्र्ाक्षा - श्रीमती सुिा श्रीवास्तव एवं इस क्यलब की अन्र् सदस्र्ार्ं ने र्था - श्रीमती रुपाली िोशी, श्रीमती िीमांशु, श्रीमती सुिा श्रीवास्तव आहद ने ििां हिन्दी मं अपनी स्वरतचत कप्रवताएँ सुनाईं विीं अन्र् प्रततभागी महिलाओं ने नतृ्र् एवं रुपकं के माध्र्म से िीवन के प्रर्ोग-िमी मूल्र्ं से ओत-प्रोत रादा-कृष्ण के रास-नतृ्र् आिाररत लघु नतृ्र्-नाहटकाओं का भी मंचन हकर्ा और इस प्रकार प्रततभातगर्ं ने अपनी मौतलक प्रस्तुततर्ं से दशाकं एवं श्रोताओं को मंत्र-मुग्ि कर हदर्ा ।

अतं मं, गेल मुम्बई प्रबिंन की तरफ से सांस्कृततक कार्ाक्रम मं शातमल सभी प्रततभातगर्ं को मेमंटो प्रदान हकए गए । मेमंटे का प्रवतरण हदशा महिली क्यलब की अध्र्क्षा - श्रीमती सुिा श्रीवास्तव एवं गेल, मुम्बई के मिाप्रबंिक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) तथा प्रभारी अतिकारी - श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव िी के कर कमलं से सम्पन्न िुआ ।

सांस्कृततक कार्ाक्रम के प्रततभातगर्ं को पुरस्कार एवं ममंटो प्रदान करते िुए श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव, मिाप्रबंिक एवं प्रभारी अतिकारी गेल, मुम्बई ।

तचत्र-1 तचत्र-2

तचत्र-3 तचत्र-4

तचत्र-5 तचत्र-6

तचत्र-7 तचत्र-8

तचत्र -9 तचत्र-10

ऊपर के तचत्र – 1 मं श्रीमती ररर्ा मंडल, तचत्र -2 म ंश्रीमती अंशु कुमार, तचत्र -3 म ंश्रीमती मीनू सक्यसेना, तचत्र -4 मं श्रीमती सुिातसनी मूती, एवं नीचे स ेतचत्र-5 म-ंश्रीमती रेखा तसंि, तचत्र -6 म ं श्रीमती रीमा हिमांशु, तचत्र -7 म ंश्रीमती अल्पना ढ़ाढ़ा, तचत्र - 8 म ंश्रीमती पूजणामा रप्रव, तचत्र-9 मं सुश्री श्रतुत तसिं एवं तचत्र-10 म ंमास्टर रित िोशी – श्री संतोर् कुमार श्रीवास्तव, मिाप्रबंिक, गेल, मुम्बई से ममेंटो ग्रिण करते िुए ।

सांस्कृततक-कार्ाक्रम के आर्ोिन के अवसर पर कार्ाक्रम का आनंद उठाते िुए गेल, मुम्बई के अतिकारीगण एवं बच्चे आहद ।

सांस्कृततक कार्ाक्रम के समापन अवसर पर िन्र्वाद ज्ञाप्रपत करते िुए कार्ाालर् के उप मिाप्रबिंक (प्रचाल एव ंअनरुक्षण) – श्री र्.ूएस कोस्टा ।

श्री र्.ू एस. कोस्टा, उप मिा प्रबिंक, गेल, ममु्बई द्वारा हिन्दी पखखवाड़ा,2012 के दरम्र्ान आर्ोजित इस सांस्कृततक कार्ाक्रम के आर्ोिन से िुड़ी सभी सतमततर्ं के सदस्र्ं र्था- श्री शलैेश कुमार, श्री तशवशकंर, श्री आशीर् िीर, श्री रािीव सक्यसेना, श्री आर रप्रव, श्री िी.एस बरापात्रा, श्री उदर् कुमार तसिं तथा हदशा महिला क्यलब की अध्र्क्षा - श्रीमती सिुा श्रीवास्तव, श्री अिंु कुमार एव ंमहिला क्यलब के तमाम सदस्र्ार्ं, गेल पररवार के उन सभी बच्चे-बजच्चर्ं को - जिन्िंने इस सांस्कृततक कार्ाक्रम मं परेू मनोर्ोग से भाग तलर्ा िै और अपनी सहक्रर् एव ंमनोिारी प्रस्ततुतर्ं से काक्रा म को बेिद लभुावना, आकर्ाक एव ंबोिगम्र् बनार्ा िै और गेल पररवार के उन सदस्र्ं, तथा सिर्ोतगर्ं को िो इस कार्ाक्रम के आर्ोिन स ेप्रत्र्क्षतः र्ा प्ररोक्षतः िुडे़ िुए थे, के प्रतत िन्र्वाद ज्ञाप्रपत हकर्ा (तचत्र म ंऊपर- माईक पर बोलते िुए) एव ंर्ि किा हक हिन्दी की गततप्रवतिर्ं को बढ़ाने मं जिस प्रकार सभी कातमाकं एव ंपररवार िनं का सिर्ोग तमल रिा िै वि स्वर् ंमं प्रगतत का पररचार्क िै । उप मिा प्रबिंक मिोदर् के िन्र्वाद ज्ञापन के साथ िी सास्कृततक कार्ाक्रम समाप्त घोप्रर्त हकर्ा गर्ा ।

हिन्दी पखवाड़ा का समापन समारोि, गेल, ममु्बई । हिन्दी पखवाड़ा का ‘समापन समारोि’ हदनाकं 28 तसतम्बर, 2012 को प्रप्रर्दतशानी भवन जस्थत गेल के ममु्बई कार्ाालर् के सभा-कक्ष मं अपराह्न 3.00 बिे से प्रारम्भ िुआ । समापन समारोि की अध्र्क्षता श्री सतंोर् कुमार श्रीवास्तव कार्ाालर्, प्रभारी अतिकारी एव ंमिाप्रबिंक (प्रचालन एव ंअनरुक्षण) द्वारा की गई । इस अवसर पर गेल ममु्बई के कातमाकं के तलए एक ‘हिन्दी प्रश्न-मचं प्रततर्ोतगता’ का भी आर्ोिन हकर्ा गर्ा जिसम ंकार्ाालर् के अतिकाशं कातमाकं ने भाग तलर्ा । प्रश्न-मचं मं सफल िुए कातमाकं को प्रततर्ोतगता स्थल पर िी तत्काल रुपए 100/

की रकम नकद परुस्कार स्वरुप प्रदान हकए गए ।

इस हिन्दी पखवाड़ा, 2012 की अवति म ंआर्ोजित की गई हिन्दी सबंिंी प्रवतभन्न प्रततस्पिी प्रततर्ोतगतं मं शातमल गेल पररवार के कातमाकं, उनके पररवार के सदस्र्ं र्था गेल पररवार की महिलं एव ं बच्चं को, जिन्िंने, प्रततर्ोतगता-क्रम स ेसबंतंित प्रततर्ोतगतं म ंप्रथम, हद्वतीर्, ततृीर् एव ंसांत्वना परुस्कार प्राप्त हकए, उन्िं, मिाप्रबिंक मिोदर् के िस्ताक्षर से एव ंउनके कर-कमलं स ेएक प्रमाण-पत्र भी प्रदत्त हकर्ा गर्ा । प्रततर्ोतगतं मं सफल िुए प्रततभगी कातमाकं को तथा उनके बच्चं व पररवार की महिलाओ ंको देर् परुस्कार रातशर्ाँ ई-बहंकंग के माध्र्म से सबंतंित कातमाकं को प्रदत्त की गईं । हिन्दी पखवाड़ा के दरम्र्ान गेल पररवार के बच्चं के तलए हदनांक 15.09.2012 को हिन्दी नारा (स्लोगन) प्रततर्ोतगता (र्था कक्षा 01 से 04 के बच्चं के तलए), हिन्दी स्वरतचत कप्रवता पाठ प्रततर्ोतगता (कक्षा 05 से 08 के बच्चं के तलए), हिन्दी ससं्मरण प्रततर्ोतगता (कक्षा-09 एव ंउससे उच्च कक्षा के ब्च्चं के तलए); हदनांक 15.09.2012 को हिन्दी ससं्मरण प्रततर्ोतगता (गेल पररवार की महिलाओ ंके तलए); हदनांक 17.09.2012 को गेल कातमाकं के तलए - पाररभाप्रर्क शब्दावली ज्ञान प्रततर्ोतगता, हदनाकं 18.09.2012 को हिन्दी श्रतुत लखे प्रततर्ोतगता (हिन्दी एव ंहिन्दीतर भार्ा-भार्ी कातमाकं के तलए अलग-अलग) एव ंहदनांक 21.09.2012 को “ऑनलाईन सामान्र् ज्ञान प्रततर्ोतगता (परुुर् एव ं महिला वगा के कामाकं के तलए अलग-अलग)” एव ं हदनाकं 24.09.2012 को हिन्दी तनबिं प्रततर्ोतगता (सभी वगं के तलए तलए) आर्ोजित की गईं । अतं म ं हदनांक 28.09.2012 को गेल पररवार के सभी कातमाकं को हिन्दी पखवाड़ा के समापन अवसर पर हिन्दी प्रश्न-मचं प्रततर्ोतगता का आर्ोिन हकर्ा गर्ा । इस प्रकार, हिन्दी पखवाड़ा, 2012-13 की अवति मं कुल 11 (ग्र्ारि) प्रततर्ोतगताएं आर्ोजित की गई जिसमं लगभग कुल 85 कातमाक, 24 महिलाएँ एव ं30 बच्चं ने भाग तलर्ा ।

इस अवसर पर, प्रवत्त वर्ा 2011-12 की अवति मं, गेल के ममु्बई कार्ाालर् मं जिन प्रवभागं मं हिन्दी मं अतिकातिक मात्रा मं कार्ा हकए गए, उन्िं भी, कार्ाालर् के प्रभारी अतिकारी एव ंमिाप्रबिंक मिोदर् के स्तर से प्रथम, हद्वतीर्, ततृीर् एव ंसांत्वना परुस्कार प्रदान हकए गए । इस प्रसगं मं, श्री शलैेश कुमार, मखु्र् प्रबिंक (गेलटेल) को प्रथम, श्री हदनेश मंढु़लकर, वररष्ठ प्रबिंक (अजग्नशमन एव ंसरंक्षा) को हद्वतीर्, श्री एन. के.पटेल, वररि तनरीक्षक (सरुक्षा) को ततृीर् एव ंश्री तशव शकंर, मखु्र् प्रबिंक (प्रचालन एव ंअरक्षण) को सातं्वना परुस्कार स्वरुप क्रमशः रुपए 500/,

रुपए 400/- रुपए300/- एव ंरुपए 200/- की रकम ई-बहंकंग के माध्र्म से प्रदत्त की गई ।

श्री श्रीवास्तव िी ने किा हक गत ्प्रवत्त वर्ा, 20-12 के दरम्र्ान उक्त परुस्कृत अतिकाररर्ं ने ििां स्वर्,ं कार्ाालर् मं अपना अतिकाशं शासकीर् कार्ा हिन्दी मं तनष्पाहद हकर्ा िै विीं उन्िंने अपने प्रवभाग एव ं अनभुाग आहद के कातमाकं को भी हिन्दी मं कार्ा करने के तलए तनरंतर प्रोत्साहित हकर्ा िै । प्रसगंतः उनकी सहक्रर्ता को एक पिचान तमले तथा उनके प्रर्ासं का दार् भी उन्िं प्राप्त िो - इसे ध्र्ान मं रखते िुए र्ि अपेजक्षत समझा गर्ा हक उन्िं अपने प्रवभाग आहद के कार्ं को हिन्दी म ंतनष्पाहदत करने के एवज़ परुस्कृत हकर्ा िाए । इस परुस्कार के प्रवतरण के पीछे र्ि भी उदे्दश्र् रिा िै हक चाल-ूप्रवत्त वर्ा, 2012-13 मं इसका अनसुरण करते िुए अन्र् प्रवभाग एव ंअनभुाग के कातमाक तथा प्रवभागाध्र्क्ष आहद हिन्दी के प्रर्ोग को तेिी से आग ेबढ़ा सकं एव ंवे, अपना अतिकाशं शासकीर् कार्ा, रािभार्ा हिन्दी म ंतनष्पाहदत करने के तलए आगे बढ़ कर आए ं। अतं मं, अध्र्क्ष को िन्र्वाद के बाद हिन्दी हदवस एव ंहिन्दी पखवाड़ा, 2012 का समापन समारोि समाप्त घोप्रर्त हकर्ा गर्ा ।

हिन्दी पखवाड़ा समापन अवसर का तचत्रात्मक प्रववरण

कार्ाालर् प्रभारी से हिन्दी पखवड़ा की प्रवतभन्न प्रततर्ोतगताओ ंमं शातमल िोने पर प्रततभातगता प्रमाण-पत्र ग्रिण करते िुए गेल, ममु्बई प्रचालन एव ंअनरुक्षण तथा आचंतलक कार्ाालर्, ममु्बई के प्रवतभन्न कातमाकगण :

हिन्दी पखवाड़ा के समापन अवसर पर प्रमाण-पत्र ग्रिण करते प्रवतभन्न कातमाकं के कोलाज़–तचत्र -1

हिन्दी पखवाड़ा की प्रततर्ोतगतं मं सफलता प्राप्त करने पर– ऊपर बार्ीं तरफ के तचत्र मं - श्री अतमताभ गुिा, उप प्रबंिक – गेलटेल एवं दार्ीं तरफ के तचत्र मं - श्री बी.पी.तसंि, प्रबंिक (प्रवत्त एवं लेखा) – मिाप्रबंिक मिोदर् के कर कमलं से प्रमाण-पत्र ग्रिण करते िुए ।

हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोि का कोलाि तचत्र – 2.

हिन्दी प्रश्न-मंच प्रततर्ोतगता मं शातमल कातमाकं का तचत्र (ऊपर के कोलाज़ मं) ।

सांस्कृततक कार्ाक्रम के अवसर पर तलए कुछ तचत्र - तस्वीरं बोलती िं की भार्ा मं - प्रस्ततु ।

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