बढ़ाया जा रहा है। समाचार वलेषण...9 फरवर...

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  • 9 फरवर� 2020 : समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : �व�ान और तकनीक पि�चम बंगाल म� आस��नक ��तरोधी चावल क� पदैावार को बढ़ाया जा रहा है। �संग : आस��नक ��तरोधी चावल का �वकास और �यावसायीकरण। प�ृठभ�ूम: आस��नक �वषा�तता �ववरण : आस��नक च�टान�, �म�ट� व पानी म� �ाकृ�तक �प से पाया जाने वाला एक त�व है। �व�व �वा��य संगठन �वारा पीने के पानी म� आस��नक �क मा�ा के �लए अनं�तम �दशा�नद�श मान - 0.01 mg / l (10 μg / l) है। वकैि�पक �ोत के अभाव म� भारत म� आस��नक क� अनमेुय सीमा - 0.05 mg / l (50 μg / l) �नधा��रत �क गई है। �वचा के मा�यम से आस��नक का अवशोषण कम से कम होता है अतः इस �कार हाथ धोने, �नान करने, कपड़ ेधोने आ�द के साथ आस��नक य�ुत पानी मानव �वा��य के �लए खतरा पदैा नह�ं करता है। �व�व �वा��य संगठन के अनसुार आस��नक के लंबे समय तक संपक� म�ुय �प से पीने के पानी और भोजन के मा�यम से होता है। अनमेुय �तर� से परे आस��नक को एक जहर�ले त�व के �प म� मा�यता द� गई है और इसे मानव �वा��य के �लए खतरा माना जाता है। आस��नक �वषा�त द�ूषत पानी के लंबे समय तक सेवन से �वचा, म�ूाशय, गुद� या फेफड़ ेके क� सर या �वचा के रंग म� बदलाव, तथा हथे�लय� और तलव� या परै� या परै� क� र�त वा�हकाओ ंके क� सर के साथ आस��नक �वषा�तता या आस��नको�सस हो जाता है। ताजा �माण� से यह पता चला है �क आस��नक �वषा�त द�ूषत पानी के सेवन से मधमेुह, उ�च र�तचाप और �जनन संबंधी �वकार� क� श�ुआत आस��नक �वषा�त द�ूषत पानी से संभा�वत जड़ुाव का संकेत देत ेह�। �भा�वत �े�:

  • पि�चम बंगाल म� भजूल म� आस��नक क� सां�ता उ�च �तर �क है, यहाँ के सात िजल� के 83 �लॉक� म� आस��नक का �तर अनमेुय सीमा से अ�धक है। पि�चम बंगाल के अलावा, असम, �बहार, छ�ीसगढ़, ह�रयाणा, झारखंड, कना�टक, पंजाब और उ�र �देश रा�य� म� भजूल म� आस��नक संदषूण पाया गया है। �बहार, पि�चम बंगाल और उ�र �देश रा�य� म� आस��नक क� मौजदूगी जलोढ़ संरचनाओ ंम� होती है, ले�कन छ�ीसगढ़ रा�य म�, यह �वालामखुी च�टान� म� पाया जाता है। सरकार� स�ू� के अनसुार, 21 रा�य� के 153 िजल� म� लगभग 239 �म�लयन लोग आस��नक क� उ�च मा�ा वाले �तर का पानी पीत ेह�, िजसम� भारत �क लगभग 19% तक जनसँ�या आती है। · भजूल म� आस��नक क� उपि�थ�त म�ुय �प से 100 मीटर क� गहराई तक जलभतृ म� होती है। गहरे जलवाह� �तर (एि�वफस� )आस��नक संदषूण से म�ुत ह�। �ववरण: · चावल क� नई �क�म, म�ुता�ी, िजसे आईईट� 21845 भी कहा जाता है, आस��नक के �लए ��तरोधी चावल �क नई �क�म है। · यह पि�चम बंगाल के �चनसरुाह के, कृ�ष �वभाग म� राइस �रसच� �टेशन �वारा तथा रा���य वन�प�त अनसुंधान सं�थान, लखनऊ �वारा संय�ुत �प से �वक�सत क� गयी है। · �व�भ�न मौसम� म� इसके बहुप�ीय पर��ण और स�यापन के बाद इसका �वकास �कया गया है और,तब इसके बीज खेती के �लए उपल�ध करवाए जा रहे ह�। · कई व�ैा�नक अ�ययन� से पता चला है �क भजूल और �म�ट� म� उपि�थत आस��नक धान के मा�यम से खा�य �ृंखला म� �वेश कर सकती है, आस��नक ��तरोधी चावल क� �व�वधता का �वकास भारत म� आस��नक �वषा�तता को संबो�धत करने के स�ब�ध म� एक मह�वपणू� �वकास है। · पर��ण� के दौरान, यह पाया गया �क यह �क�म चावल क� अ�य �क�म� क� तलुना म� �म�ट� और पानी से आस��नक क� कम मा�ा को अवशो�षत करती है। इसके अ�त�र�त, चावल भी सगंु�धत बना रहा था, यह उन �े�� म� भी आकष�क था जहां आस��नक संदषूण क� सम�या नह�ं है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत :

  • �व�ान और तकनीक बीमार हुए �बना चमगादड़, �कतने हा�नकारक वायरस को पालत ेह� �संग: चमगादड़ ��तर�ा �णाल� के बारे म� व�ैा�नक अ�ययन और हा�नकारक वायरस के ��त ��त��या। प�ृठभ�ूम: इबोला वायरस, �नपाह वायरस, कोरोनोवायरस जसेै गंभीर ती� �वसन �स�ंोम (SARS) और म�य पवू� �वसन �स�ंोम (MERS) और 2019 के नॉवेल कोरोनावायरस स�हत कई वायरस के �लए चमगादड़ �ाकृ�तक वाहक के �प म� काम करत ेह�। हालां�क उपरो�त वायरस मन�ुय� म� नकुसान पहंुचात ेह�, ले�कन चमगादड़ म� वायरल भार बेहद अ�धक होने पर भी चमगादड़� म� इसका कोई हा�नकारक �भाव नह�ं होता है। �थल�य �तनधा�रय� क� तलुना म�, चमगादड़� क� उ� अ�धक होती है। �ववरण: जब रोगजनक� �वारा मन�ुय� को सं��मत �कया जाता ह� तो ��तर�ा �णाल� स��य हो जाती है और रोगाणओु ंसे लड़ने के �लए �व�श�ट उ�ेिजत ��त��या देखी जाती है। जब�क सं�मण से लड़ने के �लए उ�ेिजत ले�कन �नयं��त ��त��या मन�ुय� को �व�थ रखने म� मदद करती है साथ ह� सं�ामक रोग� से होने वाले नकुसान म� योगदान दे सकता है और जब उ�ेिजत ��त��या अ�य�धक हो जाती है तो उ� से संबं�धत बीमा�रयां भी होती है। चमगादड़ म� उ�ेिजत ��त��या उ�साहह�न होती है, चमगादड़ म� �व�भ�न �कार के वायरस मौजदू होत ेह� तथा वायरल लोड के कारण चमगादड़ अ�य�धक वायरस-�े�रत उ�ेजना से बचने म� स�म ह�। चमगादड़ ,चहू� और मन�ुय� के ��तर�ा को�शका क� ��त��या म� वायरस हेत ु�कये गये व�ैा�नक अनसुंधान म� पाया गया �क मन�ुय� और चहू� के मामले म� यह काफ� अ�धक थी ,जब�क चमगादड़ म� ��तर�ा को�शकाओ ंम� यह काफ� कम पाई गई थी। शोध म� पाया गया �क चमगादड़ म� इस ��त��या के कम होने का एक मह�वपणू� कारण �ोट�न (NLRP 3) क� स��यता थी जो वायरल / ब�ैट��रयल सं�मण� को पहचानती है, जो �क चमगादड़ ��तर�ी को�शकाओ ंम� काफ� कमी थी। NLRP 3 �ोट�न क� कम स��यता MRNA (��तलेख) के ख़राब उ�पादन के कारण थी। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था

  • "अथ��यव�था को पटर� पर लाना क�ठन काम है " �संग: भारतीय अथ��यव�था और हाल के क� ��य बजट पर वेदांत समहू के अ�य� के �वचार। प�ृठभ�ूम: मंद� के बीच भारत क� अथ��यव�था दबाव म� है। �संग : कर मकुदमेबाजी को कम करना �ववरण : क� ��य बजट का पारद�श�ता और कर मकुदमेबाजी को कम करने पर �यान देना एक �वागत यो�य कदम है। इस बजट म� भारतीय सरकार �वारा कर �ववाद� को �नपटाने और �यापार के �लए अनकूुल माहौल बनाने क� इ�छा तथा देश म� �यापार करने म� आसानी और इसे $ 5 ���लयन अथ��यव�था बनाने के संबंध म� एक बड़ा कदम होगी। �व�नवेश: �व�नवेश पर सरकार का जोर साव�ज�नक �े� क� कंप�नय� और ब�क� के �लए �वतं�ता क� अनमु�त के बाद यह एक �वागत यो�य कदम है, िजससे उनक� उ�पादकता बढ़ेगी। उ�यमशीलता को बढ़ावा देना: रा�� �नमा�ण म� उ�य�मय� क� भ�ूमका को सरकार क� मा�यता �दान करना �शंसनीय है, �य��क इससे वे न केवल आ�थ�क �वकास म� अ�णी भ�ूमका �नभाएंगे बि�क रोजगार सजृनकता� के �प म� भी काम कर�गे। सरकार �वारा �यापार को बढ़ावा देने के �लये एक �यापा�रक पा�रि�थ�तक� तं� बनाने क� को�शश क� जा रह� है,�वकास करना और पारद�श�ता पर �यान क� ��त करना यवुा पीढ़� के �लए एक बड़ा बढ़ावा है। तले क� खोज: भारत म� तले के �वशाल भंडार मौजदू ह�। इस �वशाल भंडार के बावजदू भारत म� केवल एक ह� �नजी �े� का तले उ�पादक है। तथा बड़ी मांग को परूा करने के �लए भारत म� अ�धक �नजी तले उ�पादक� क� आव�यकता है। �नजी तले उ�पादक कंप�नय� क� अ�धक सं�या इस मह�वपणू� संवेदनशील �े� म� ��त�पधा� बढ़ाने म� मदद करेगी। उ�च घरेल ूउ�पादन से भारत को तले आयात पर अपनी �नभ�रता को कम करने म� मदद �मलेगी। अि�थर पि�चम ए�शयाई �े� और खाड़ी म� एक बड़ ेसंकट क� संभावना को देखत ेहुए भारत को तले आप�ूत� �ृंखलाओ ंके �वघटन से भारत का �भा�वत होना तय है। यह मह�वपणू� है �क भारत अपनी तले आव�यकताओ ंका कम से कम 50% उ�पादन करे। सरकार को �व-�माणन के स�ब�ध म� �नयम म� लाकर �नजी �े� को भागीदार� क� स�ुवधा �दान करनी चा�हए िजसम� पया�वरणीय �वीकृ�त �ा�त करने के बाद कंप�नयां अ�वेषण ग�त�व�धय� को श�ु कर सकती ह�। कंप�नय� क� आ�थ�क �यवहाय�ता स�ुनि�चत करने के �लए यह मह�वपणू� है �क खोजकता� और उ�पादक� को उनके उ�पादन के �लए अतंरा����य म�ूय �मले सके ।

  • सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था चीन ने अपने आदेश� म� कपड़ा �नया�तक� से आ�ह �कया है �क वायरस से �भा�वत �े� से दसूरे �थान पर जाए �संग : अतंरा����य बाजार� म� कपड़� �क मांग को परूा करने के �लए भारतीय कपड़ा कारोबार के �व�तार के अवसर। •प�ृठभ�ूम : कोरोनावायरस के �कोप के कारण चीन म� �यवसाय �भा�वत हुए ह�। चीन को सामा�य ि�थ�त म� लौटने म� 3-4 मह�ने लग सकत ेह�। चीन व��� का एक �मखु �नया�तक देश है और कोरोनोवायरस के �कोप के कारण व��� क� विै�वक आप�ूत� �ृंखला बा�धत हुई है। िजसके प�रणाम�व�प भारतीय �नया�तक� से �व�भ�न देश� के आयातक� �वारा इसके बारे म� संपक� �कया जा रहा है। �ववरण : भारत से तयैार प�रधान के �नया�त के �लए उ�चतर ऑड�र �मलने क� उ�मीद है। भारतीय �यवसाइय� को बढ़ती विै�वक मांग का लाभ उठाकर कपड़ा और व�� �े� के विै�वक �यापार म� उपल�ध अवसर को लपक लेना चा�हए। भारतीय कपड़ा �नया�तक� को इसके बारे म� आ�ामक होना चा�हए और �वदेशी आदेश� �क प�ूत � करनी चा�हए जो इस समय चीन से �थानांत�रत हो रहे ह�। भारत क� ताकत: हालाँ�क बां�लादेश म� एक �व�थ प�रधान �नया�त �यवसाय है, �फर भी उनक� �व�तार क� �मता सी�मत है �य��क यह कपड़ा �यवसाय के �लए क�चे माल के आयत पर �नभ�र है। ले�कन �वशषे �प से, भारतीय �नया�तक� के �लए, स�पणू� कपड़ा म�ूय �ृंखला घरेल ू�प म� यहाँ उपल�ध है, िजससे यह तजेी से �व�व म� इस बाजार के �व�तार और क�जा करने क� अनमु�त देता है। क� ��य बजट �ावधान: हाल ह� के क� ��य बजट ने श�ुध टे�रफाइि�लक ए�सड (पीट�ए) आयात पर ड�ंपगं रोधी श�ुक को समा�त कर �दया है। यह पॉ�लए�टर �टेपल फाइबर और �फलाम��स के उ�पादन म� इ�तमेाल होने वाला एक क�चा माल है।

  • एंट�-ड�ंपगं �यटू� को हटाने के साथ, एमएमएफ (मानव �न�म�त फाइबर) के उ�पादन के �लए क�चा माल अब अतंररा���य क�मत पर उपल�ध होगा। PTA कपड़ा फाइबर और क�चा सतू के �लए एक मह�वपणू� �नवेश है और ��त�पध� क�मत� पर इसक� आसान उपल�धता कपड़ा �े� म� अपार संभावनाओ ंको खोलने के �लए वांछनीय है जो एक मह�वपणू� रोजगार जनरेटर है। यह उ�पादन लागत को कम करने और भारतीय �यवसाय� क� विै�वक ��त�पधा� को बढ़ाने और �नया�त को बढ़ावा देने म� मदद करेगा। इस कदम से लगभग 20-25% कपड़ा �मल� को �ो�सा�हत �कया जाएगा �क वे कपास से �सथें�टक सतू उ�पादन �क तरफ बढ़�। वत�मान म� भारत म� सतूी धागे का उ�पादन �सथें�टक यान� से अ�धक है। यह परेू मानव �न�म�त फाइबर कपड़ा और कपड़ ेखंड को बढ़ावा देगा। अप�य ��तरोध, शि�त और लचीलेपन जसेै इसके गुण� के कारण, PTA का उपयोग �व�भ�न अतं-उपयोग उ�योग� जसेै �क खा�य और पेय, इले��ॉ�न�स, प�रधान, घरेल ूव��, काल�न और औ�यो�गक फाइबर म� बढ़ रहा है। कपड़ा उ�योग मं�ालय के अ�धका�रय� के अनसुार इस कदम से वत�मान म� 169 �ब�लयन डॉलर के मौजदूा �तर से बढ़कर 2025 तक 350 �ब�लयन डॉलर और 2030 तक 650 �ब�लयन डॉलर तक बढ़ाने म� मदद �मलेगी। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य स�ब�ध ‘य.ूएस. के साथ �यापार -वाता� म� कृ�ष , डयेर� उ�पाद� को �यापार से बाहर रखना। �संग: भारत-य.ूएस. के म�य जार� �यापार वाता�। प�ृठभ�ूम: �कसान समहू� और लॉबी ने, पहले �े�ीय �यापक आ�थ�क साझदेार� (RCEP) के कृ�ष और डयेर� म�ुत �यापार �ावधान� का सफलतापवू�क �वरोध �कया है, िजससे भारत आरसीईपी वाता� से बाहर हो रहा है। अब यह स�ुनि�चत करने क� मांग है �क वत�मान म� जार� इंडो-य.ूएस.�यापार वाता� से कृ�ष उ�पाद भी बाहर रह�। �ववरण: फरवर� 2020 म� अमे�रक� रा��प�त क� भारत या�ा क� संभावना के साथ, वाता� पर नए �सरे से �यान क� ��त �कया गया है। अमे�रक� मांग: मकई, कपास, सोयाबीन, गेहंू और नट स�हत �मखु फसल� के �लए भारतीय बाजार तक पहंुच को आसान बनाने के �लए टै�रफ और गैर-टै�रफ बाधाओ ंको दरू करने के �लए अमे�रक� वाता�कार जोर दे रहे ह�। अमे�रका ,भारतीय डयेर� बाजार को खोलने के �लए सौदा करने के �लए भी उ�सकु है

  • अमे�रका, भारतीय बौ��धक संपदा क़ाननू� म� संशोधन पर जोर दे रहा है, जो बीज या पौध� पर पेट�ट क� अनमु�त नह�ं देत ेह�। यह एक अमे�रक� ए�ोके�मकल और कृ�ष जवै �ौ�यो�गक� �नगम मोनस�टो कंपनी को लाभाि�वत करेगा। भारतीय �चतंाएं: कपास �कसान� को �वशषे �प से इस ��तकूल सौदे से खतरा हो सकता है, �य��क कपास क� खेती पहले से ह� संकट म� है। य�द अमे�रका के कपास �कसान भारत म� �वेश करत ेह� तो वे यहाँ बहुत कम क�मत पर कपास बेच सकत ेह�,और घरेल ू�कसान� को नकुसान होगा �य��क इससे उनका उ�पादन नकारा�मक �प से �भा�वत होगा । चूं�क अ�धकांश अमे�रक� कपास, सोया, मकई आनवुं�शक �प से संशो�धत है और भारत को अभी तक �कसी भी जीएम खा�य फसल को �थानीय �तर पर �वक�सत करने क� अनमु�त नह�ं है, इस�लए आनवुं�शक �प से संशो�धत फसल� का आयात भी भारत के �लए जवै-सरु�ा के बारे म� �चतंा का �वषय है। भारतीय �कसान लॉबी को �चतंा है �क भारतीय डयेर� बाजार को अमे�रक� माल के �लए खोलने से घरेल ू�कसान� पर �वनाशकार� �भाव पड़ सकता है। इस त�य को देखत ेहुए �क अमे�रक� डयेर� �कसान� को भार� सि�सडी �मलती है, भारतीय बाजार के खलुने से असमान ��त�पध� धरातल तयैार होगा। चूं�क 15 करोड़ पशधुन �कसान, जो �यादातर छोटे और सीमांत �कसान ह�, अपनी आजी�वका के �लए डयेर� पर �नभ�र ह�, गंभीर �प से �भा�वत ह�गे। इसके सां�कृ�तक पहल ूभी ह� �य��क अमे�रका के मवे�शय� के भोजन म� अ�सर मांसाहार� त�व शा�मल होत ेह�। आगे क� राह: सरकार को इस वाता� म� भी उसी राजनी�तक इ�छाशि�त को �दखाने क� ज�रत है जो उसने आरसीईपी वाता� के दौरान �दखाई थी तथा लघ ुऔर सीमांत �कसान� के �हत� के �लए �ढ़तापवू�क खड़ी रह�। • सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य स�ब�ध मोद� ने म�ह�ंा को त�मल �चतंा से अवगत करवाया �संग: �ीलंका के �धान मं�ी क� 5 �दवसीय आ�धका�रक भारत या�ा �ीलंका क� �चतंाएं: �ीलंका चाहता है �क भारत कोलंबो को तीन साल के �लए ऋण अदायगी टालने क� अनमु�त दे, �य��क देश को बड़ ेपमैाने पर कज� के बोझ से �नपटने म� मदद करने के �लए यह कदम आव�यक है।

  • �ीलंका के कुल �वदेशी तथा घरेल ूऋण के भगुतान के �लये 60 �ब�लयन डॉलर क� आव�यकता है और इसम� से 2020 म� लगभग 4.8 �ब�लयन डॉलर के साथ घरेल ूऋण का भगुतान �कया जाएगा। �ीलंका ने भारत �वारा �व�ता�रत $ 400 �म�लयन लाइन ऑफ �े�डट के बेहतर उपयोग के �लए बात �क है। �ीलंका ने भारत से आगे �व�पोषण के �लए भी अनरुोध �कया है। इसने संय�ुत प�रयोजनाओ ंके �प म� �ीलंका म� भारतीय �नवेश बढ़ाने और जापान के साथ-साथ ��प�ीय उप�म� के �लए भी आ�वान �कया है। भारत क� �चतंाएं: भारत ने �ीलंका से वाता� म� �ल�टे य�ुध के बाद के सलुह के म�ुदे के साथ त�मल आबाद� के म�ुदे को भी उठाया है। भारत ने एक संग�ठत �ीलंका के भीतर समानता, �याय, शां�त और स�मान के �लए त�मल लोग� क� मा�यता का आ�वान �कया है। इसने �ीलंका के सं�वधान म� 13 व� संशोधन के काया��वयन के साथ सामंज�य क� ���या का आ�वान �कया है। 13 वां संशोधन, त�मल अ�पसं�यक उ�र और पवू� �ांत� को शि�तय� के �वचलन को �नधा��रत करता है। ��वप�ीय �चतंा: भारत और �ीलंका ने �वशषे �प से �ीलंका म� ISIS से �े�रत ई�टर संड ेआतंक� हमल� के बाद सरु�ा सहयोग, तकनीक� सहायता और ख�ुफ़या सचूना साझाकरण को बढ़ाने का आ�वान �कया है। भारत, �ीलंका और मालद�व के बीच एक सरु�ा सहयोग ��प�ीय �यव�था को �फर से संचा�लत करने का ��ताव है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : साव�ज�नक पद� पर पदो�न�त म� आर�ण मौ�लक अ�धकार नह�ं: स�ुीम कोट� �संग: स�ुीम कोट� का �नण�य �ववरण: स�ुीम कोट� ने अपने �पछले �नण�य� को दोहरात ेहुए कहा है �क साव�ज�नक सेवा म� पद� पर पदो�न�त म� आर�ण को मौ�लक अ�धकार नह�ं माना जा सकता है। अदालत ने कहा है �क सं�वधान �वारा अन�ुछेद 16 (4) और 16 (4-ए) के तहत मौ�लक अ�धकार �ा�त �यि�त पदो�न�त म� दावा नह�ं कर सकता ह�।

  • यह केवल रा�य को अनसु�ूचत जा�त और अनसु�ूचत जनजा�त के प� म� �नयिु�त और पदो�न�त के मामल� म� आर�ण देने का अ�धकार देता है,वो भी जब ,तब रा�य क� राय म� वे रा�य क� सेवाओ ंम� पया��त �प से ��त�न�ध�व नह�ं करत ेह�। पीठ ने माना है �क रा�य सरकार� आर�ण देने के �लए बा�य नह�ं ह� और उ�ह� आर�ण �दान करने म� अपने �ववेक �योग करने �क अनमु�त है। फैसले म� यह भी कहा गया है �क यहां तक �क अदालत� रा�य� को आर�ण �दान करने के �लए �नद�श देने वाले एक मानद�ड जार� नह�ं कर सकती ह�। स�पादक�य सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था एलआईसी �ह�सेदार� �ब�� �संग: क� ��य �व� मं�ी ने घोषणा क� �क सरकार क� योजना है �क वह एक �ारं�भक साव�ज�नक पेशकश (आईपीओ) के मा�यम से जीवन बीमा �नगम (LIC) म� अपनी �ह�सेदार� बेच सकती है। सरकार के पास एलआईसी(LIC) का 100 ��तशत है। �थापना भारतीय जीवन बीमा �नगम क� �थापना संसद �वारा जीवन बीमा �नगम अ�ध�नयम 1956, पा�रत करके क� गई थी। इसका उ�दे�य देश म� सभी बीमा यो�य �यि�तय� तक पहंुचने के �लए जीवन बीमा को अ�धक �यापक �प से और �वशषे �प से �ामीण �े�� म� फैलाना था, िजससे उ�ह� उ�चत लागत पर पया��त �व�ीय कवर �मल सके। सरकार ने इसक� श�ुआत �य� क�? सरकार का मानना है �क सचूीकरण से खदुरा �नवेशक� को धन सजृन म� भाग लेने का अवसर देने से अनशुासन आएगा। कंप�नय� क� सचूी �व�ीय बाजार� तक पहंुच �दान करती है और इसके म�ूय को खोल देती है। इसे अमल म� लाने के �लए सरकार को यह स�ुनि�चत करना होगा �क वह एलआईसी (LIC)अ�ध�नयम म� संशोधन करे: LIC वत�मान म� भारतीय बीमा �व�नयामक �वकास �ा�धकरण (IRDAI) क� पय�वे�ी �नगरानी म� है।ले�कन यह 1956 के LIC अ�ध�नयम �वारा शा�सत है। जो आईआरडीएआई (IRDAI) �वारा �नधा��रत सीमा से अ�धक कंप�नय� म� उ�च दांव स�हत कई �े�� म� एक �वशषे �वतरण �ा�त करने के �लए रा�य के �वा�म�व वाले बीमाकता� को स�म बनाता है। एलआईसी (LIC)अ�ध�नयम क� धारा 37 के तहत, सरकार ने मतृक के प�रवार को �व�ीय सरु�ा क� उपल�धता स�ुनि�चत करने के �लए सभी एलआईसी (LIC) नी�तय� म� बोनस के साथ बीमा रा�श क� गारंट� द� है।

  • एलआईसी के अ�य� एम. आर. कुमार ने हालां�क पिु�ट क� है �क "पॉ�लसीधारक� के �लए कोई �न�हताथ� नह�ं है, �व� मं�ी ने �प�ट �कया है �क सं�भ ुगारंट� जार� रहेगी,यह� कारण है �क मझु ेनह�ं लगता �क �ाहक के �लए �चतंा क� कोई बात है। ” सॉव�रन (SOVEREIGN) गारंट� का मतलब है �क बोनस स�हत आपक� पॉ�लसी म� स�ुनि�चत क� गई रा�श क� गारंट� सरकार �वारा द� जाएगी। इसका अथ� यह है �क यह सरकार क� ओर से स�ुनि�चत एक उप�म है जो �क आपको आपक� पॉ�लसी पर स�ुनि�चत रा�श (बोनस स�हत) का भगुतान करेगा। NOTE-�व� मं�ालय अ�ध�नयम म� संशोधन करने के �लए काननू मं�ालय के साथ बातचीत कर रहा है। �या सचूीकरण LIC के प�रचालन के �ि�टकोण या �नवेश नी�तय� को बदल देगी? भारतीय इि�वट� बाजार� म� LIC सबसे बड़ा सं�थागत �नवेशक है। मी�डया �रपोट� के अनसुार, इि�वट� म� एलआईसी (LIC) का सकल �नवेश �व� वष� 2019-20 म� 72,000 करोड़ �पए के उ�च �तर को छूने का अनमुान लगाया है। �व�ीय वष� 2019 म� LIC ने इि�वट� म� 69,000 करोड़ �पए से थोड़ा कम का �नवेश �कया था। आकंड़ ेबतात ेहै �क LIC को इि�वट� माक� ट अ�धक रास आता है। सरकार ने बाजार� को ि�थर करने के �लए कई अवसर� पर एलआईसी (LIC) का उपयोग �कया है। उदाहरण: ऑयल एंड नेचरुल गैस कॉप�रेशन �ल�मटेड (ONGC) क� �ब�� के �लए ��ताव 2012 म� सरकार �वारा श�ु �कया गया था। सरकार �वारा नीलामी माग� के मा�यम से बेची गई 5% क� ओएनजीसी के �ह�से म� एलआईसी को 4.41 ��तशत �ह�सेदार� आवं�टत क� गई थी 4.41 ��तशत के अ�ध�हण के साथ, ओएनजीसी म� एलआईसी क� �ह�सेदार� 9.48 ��तशत हो गई है बीमा �नयामक इरडा के �दशा�नद�श� के अनसुार, �कसी भी कंपनी म� बीमा फम� क� �ह�सेदार� 10 फ�सद� से अ�धक नह�ं होनी चा�हए। इसक� �नवेश नी�तय� के बारे म� उस समय बाजार म� सवाल उठाए गए थे �य��क यह एलआईसी के बेलआउट का एक उ�कृ�ट उदाहरण था। लाभ: �लि�टंग से जवाबदेह�ता, पारद�श�ता और �नयत ���या जसेै लाभ ह�गे। एलआईसी क� �लि�टंग से शासन म� बड़ा सधुार होगा और जीवन बीमाकता� के �लए म�ूय उपल�धता म� व�ृ�ध होगी, जो बदले म� पॉ�लसीधारक� को भी लाभाि�वत कर सकती है। �कसी कंपनी को सचूीब�ध करने से उसके सेवा मानक� म� व�ृ�ध होगी। बोड� म� �वतं� �नदेशक ह�गे जो �नवेश के औ�च�य पर सवाल उठा सकत ेह�। इसके अलावा, शयेरधारक भी कंपनी के �नवेश पर सवाल उठा सकत ेह�।

  • सरकार एलआईसी (LIC) का उपयोग आईडीबीआई, आईएल एंड एफएस (IDBI, IL&FS,) इ�या�द क� तरह अ�ध�हण के �लए ब�क के �प म� नह�ं कर सकती है। यह ��तकूल �नवेश �नण�य� को रोक देगा �य��क एक बार सचूीब�ध होने के बाद, सेबी और इरडा को आ�व�त करना होगा। बाजार पय�वे�क� का भी मत है �क LIC को सचूीब�ध करने से इसे अ�धक �वपणन शि�त �ा�त होगी और यह अ�धक ��त�पध� बनेगा िजसका अथ� यह होगा �क �नजी �े� को अब अ�धक �नवेश करना होगा और अ�धक नवीन उ�पाद� को लाना होगा। �चतंा: LIC कम�चार� य�ूनयन� का कहना है �क LIC को सचूीब�ध करने से पॉ�लसीधारक� पर ��तकूल �भाव पड़गेा। उनका मानना है �क इतना अ�छा �दश�न करने वाल� कंपनी को �व�नवेश क� ज�रत नह�ं है,यह �सफ� इस�लए �कया जा रहा है �य��क सरकार को पसेै क� ज�रत है। एक बार LIC के सचूीब�ध होने के बाद, शयेरधारक� के �प म� कंपनी के अ�धक मा�लक ह�गे, िजसका सीधा अथ� यह होगा �क मनुाफे के एक �ह�से को भी उनको �दया जायेगा। यह उस बोनस को कम कर सकता है जो पॉ�लसीधारक वत�मान म� �ा�त करत ेह�। �या सचूीब�ध करने से एलआईसी (LIC) म� अदायगी ढांचे म� बदलाव आ सकता है? वत�मान म�, LIC अपने अ�धशषे का 5% सरकार को और शषे 95% पॉ�लसीधारक� को देती है। इससे रा�य के �वा�म�व वाल� बीमा कंपनी के �लए �नजी �े� क� तलुना म� नी�तय� पर अ�धक बोनस देना संभव हो जाता है, जो आमतौर पर शयेरधारक� को उनके अ�धशषे का 10% और पॉ�लसीधारक� को शषे 90% देता है। बाहर� �नवेशक� के शयेरधारक बनने से उ�ह� बीमाकता� के बोड� म� कुछ सीट� �ा�त ह� जाएंगी िजसके कारण शयेरधारक� और पॉ�लसीधारक� के बीच �म�ण म� प�रवत�न क� भी मांग उठ सकती है। आगे कॉरपोरेट गवन�स पर भारतीय ��तभ�ूत और �व�नमय बोड� (SEBI) के मानदंड� को बीमा कंपनी को अ�य चीज� के बीच चकू के बारे म� समय पर और �व�रत खलुासे करने क� आव�यकता होगी। �या LIC के पास बरुा ऋण है? वत�मान म� ब�क दबाव म� ह� �य��क खराब ऋण� के कारण एलआईसी NPA पर भी ती� अटकल� लगाई जा रह� ह�| मी�डया �रपोट� ने अनमुान लगाया है �क एलआईसी (LIC) म� लगभग 6% सकल एनपीए (NPA)है।

    ❖ ले�कन एलआईसी के अ�य� ने �प�ट �कया �क कुल �मलाकर यह 1% भी नह�ं था। ❖ 6% संभवतः कॉप�रेट ऋण म� है।

    स�पादक�य सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत :

  • �वा��य RO के पानी पर बहस प�ृठभ�ूम: https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-feb06-2020/#Reverse%20Osmosis%20(RO

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    �व�व �तर पर पानी क� गुणव�ा �या है?

    उ�च �वकास सचूकांक वाले देश� म� नल का पानी अ�छ� गुणव�ा वाला होता है। �फनल�ड, डनेमाक� , ि�व�जरल�ड, जम�नी, यनूाइटेड �कंगडम क� झील� या �पघले �ले�शयर के कारण म� मीठे पानी तक पहँुच आसान है, यह पानी बेहद साफ और ख�नज लवण से सम�ृध होता है इस पानी को �फर से एक बार �फ�टर �कया जाता है। �सगंापरु और इज़राइल �यापक र�साइि�लंग पर �नभ�र ह� और यहां तक �क पीने के �लए सीवेज के पानी को भी उपय�ुत बनात ेह�। ये देश भारत क� तलुना म� सी�मत जनसं�या दबाव के कारण �व�छ पेयजल उपल�ध कराने म� स�म ह� ले�कन द�ुनया के अ�धकांश �ह�स� के �लए, साव�ज�नक आप�ूत� से साफ पानी क� पहंुच एक चनुौती बनी हुई है।

    स�पादक�य सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �वा��य नॉवेल कोरोनोवायरस �ांस�मशन म� एक �वडंो लेख के बारे म� पढ़ने के �लए: https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-feb03-2020/#No%20room%20for%20panic:%20On%20novel%20coronavirus मह�वपणू� त�य : 1.खतरे म� जगुन ूअनसुंधान से पता चला है �क 2,000 से अ�धक जगुन ू�जा�तय� म� से कुछ �वल�ुत होने के खतर� का सामना कर रहे ह�। �मखु खतर� म� आवास क� हा�न, कृ�ष क�टनाशक� के अ�य�धक उपयोग और रात क� रोशनी शा�मल है िजसके कारण जगुनओू ंका संभोग �यवहार �भा�वत होता है।

    https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-feb06-2020/#Reverse%20Osmosis%20(RO)%20water%20filtershttps://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-feb06-2020/#Reverse%20Osmosis%20(RO)%20water%20filters

  • 2.जगन �वारा �दशा प�ुलस �टेशन खोलने �क तयैार� आ�ं �देश जनू 2020 �दशा �बल 2019 को �भावी ढंग से लागू करने के �लए खदु को फोर��सक �योगशालाओ ं�वशषे अदालत� और सरकार� अ�भयोजक� जसैी स�ुवधाओ ंसे लसै करने क� तयैार� कर रहा है। एक बार रा��प�त क� मंजरू� �मलत ेह� रा�य सरकार �वधेयक को लागू करने के �लए परू� तरह से तयैार है। �दशा काननू इस तरह से �डज़ाइन �कया गया है �क यह बला�कार के मामले म� दोषी को म�ृयदंुड क� सजा देता है य�द सबतू 14-�दवसीय पर��ण के दौरान �था�पत �कए जात ेह�। रा�य �दशा (Disha) मामल� म� सात �दन� के भीतर �न�प� जांच स�ुनि�चत करता है। फोर��सक �योगशालाएं �दशा मामल� क� �व�रत जांच म� सहायता कर�गी। �वशषे अदालत� तजेी से �याय �नण�य म� सहायता कर�गी और प�ड�सी को कम कर�गी। �थम �दशा प�ुलस �टेशन का उ�घाटन हाल ह� म� �कया गया था। �दशा प�ुलस �टेशन क� �थापना और अ�य पहल म�हलाओ ंक� सरु�ा स�ुनि�चत करने म� मदद कर�गी। 3.म�हला सेना अ�धका�रय� ने क� � के नोट क� आलोचना क� सेना म� म�हला अ�धका�रय� ने क� � �वारा �ल�खत �प से स�ुीम कोट� म� �दए गए नोट क� �नदंा क� है िजसम� कहा गया है �क वे प�ुष� क� तलुना म� शार��रक �प से कमजोर थीं और कमांड �नयिु�तय� के �लए उपय�ुत नह�ं थीं। सरकार ने रा���य सरु�ा, प�रचालन �भावशीलता, य�ुध�े� प�र��य और द�ुमन �वारा पकड़ ेजाने आ�द के कारण� को सामने रखकर अपने तक� को सह� ठहराने क� को�शश क�। म�हला अ�धका�रय� ने क� � के इस नोट को �ामक आधार पर मानत ेहुए असहम�त �य�त क� उनके अनसुार यह �दश�न �रकॉड� और अनभुव पर आधा�रत नह�ं है। भारतीय वाय ुसेना के एक लड़ाकू �नयं�क ��वा�न ल�डर �म�ट� अ�वाल, उस ट�म का �ह�सा थी , िजसने IAF �वारा 2019 बालाकोट एयर��ाइक के दौरान �वगं कमांडर अ�भनंदन वध�मान का माग�दश�न �कया था। अग�त 2019 म�, उ�ह� भारत के रा��प�त �वारा य�ुध सेवा पदक से स�मा�नत �कया गया, जो इसे �ा�त करने वाल� पहल� म�हला बनीं। 4.चीन ने आ�ट��फ�शयल इंटे�लज�स का बड़ा डटेा �दया कोरोनावायरस ने 34,000 से अ�धक लोग� को सं��मत �कया है और चीन म� 700 से अ�धक क� म�ृय ुहुई। बीिजंग संभा�वत सं�मण� को खोजने और रोकने के �लए डटेा �ै�कंग और आ�ट��फ�शयल इंटे�लज�स का उपयोग करना चाहता है। कई चीनी तकनीक� फम� ने लोग� क� जांच करने म� मदद के �लए ऐप �वक�सत �कए ह�, उ�ह�ने रा�य मी�डया �वारा �का�शत स�ूचय� के डटेा का उपयोग करके पिु�ट �कए गए वायरस रो�गय� के समान ह� डटेा बताया है । 5.चीन म� कोरोनावायरस क� मौत का आकंड़ा बढ़कर 722 हो गया नॉवेल कोरोनोवायरस �कोप से मरने वाल� क� सं�या चीन म� बढ़कर 722 हो गई है। 2002-03 SARS महामार� के दौरान द�ुनया भर म� मारे गए 774 म� कुल मौत क� हुई थी । वहुान म� जंगल� जानवर� को बेचने वाले एक बाजार म� उभरे नए ��ेन से लगभग 35,000 लोग �व�व �तर पर सं��मत हुए ह�

  • UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1.�न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है?

    (1) �त�व�लवुर िजसे आमतौर पर व�लवुर के नाम से जाना जाता है, एक ��स�ध त�मल क�व- संत और दाश��नक थे।

    (2) �थ�व�लवुर, �त��कुरल के लेखक ह�, जो न�ैतकता, राजनी�तक और आ�थ�क मामल� पर दोह� का सं�ह है। �वक�प:

    (a) केवल केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1, न ह� 2

    उ�र: (c) �प�ट�करण: �त�व�लवुर को सव��े�ठ �प से �त��कुरल के लेखक के �प म� जाना जाता है, जो न�ैतकता, राजनी�तक और आ�थ�क मामल� और �ेम पर दोह� का एक सं�ह है।इसके पाठ को त�मल सा�ह�य का एक असाधारण और �यापक �प से पो�षत काय� माना जाता है। व�लवुर ने न�ैतक, सामािजक, राजनी�तक, आ�थ�क, धा�म�क, दाश��नक और आ�याि�मक �े�� म� अपने समय के बाद के �व�वान� क� एक �व�ततृ �ृंखला को �भा�वत �कया है। ��न 2. लोक अदालत� के संदभ� म�, �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�:

    (1) लोक अदालत �वारा �दए गए परु�कार को द�वानी अदालत का फैसला माना जाता है और �कसी भी अदालत के सम� इसके �खलाफ कोई अपील नह�ं क� जा सकती है।

    (2) इसम� वधैा�नक सेवा �ा�धकरण अ�ध�नयम, 1987 के मा�यम से वधैा�नक समथ�न है। (3) यह भारत के सं�वधान के अन�ुछेद 39-ए के संवधैा�नक जनादेश के अन�ुप है। (4) �स�वल ���या सं�हता और भारतीय सा�य अ�ध�नयम लोक अदालत क� काय�वाह� के �लए लागू होत ेह�।

    �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन गलत है? (a)2 और 3 (b)1 और 3 (c)2 और 4 (d)केवल 4 उ�र: (d) �प�ट�करण: काननूी सेवा �ा�धकरण अ�ध�नयम, 1987 के आगमन ने भारत के सं�वधान के अन�ुछेद 39-ए क� भावना को �यान म� रखत ेहुए लोक अदालत� को एक वधैा�नक दजा� �दया है। यह समाज के कमजोर वग� को म�ुत और स�म काननूी सेवाएं �दान करने के �लए काननूी सेवा �ा�धकरण� का गठन करने के �लए एक अ�ध�नयम है ता�क यह स�ुनि�चत �कया जा सके �क आ�थ�क या अ�य अ�मताओ ंके कारण �कसी भी नाग�रक को �याय �दलाने के अवसर� से वं�चत नह�ं �कया जाए और लोक अदालत� का आयोजन

  • �कया जाए। यह स�ुनि�चत �कया जाना चा�हए �क समान अवसर के आधार पर काननूी �णाल� का संचालन �याय को बढ़ावा देता है। लोक ���या सं�हता और भारतीय सा�य अ�ध�नयम लोक अदालत क� काय�वाह� पर लागू नह�ं होत ेह�। ��न 3.�न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है?

    (1) अतंरा����य नाइ�ोजन पहल (INI) क� �थापना 2003 म� पया�वरण क� सम�याओ ंपर व�ैा�नक स�म�त (SCOPE) और अतंरा����य भ-ूमंडल-जीवमंडल काय��म (IGBP) के �ायोजन के तहत क� गई थी।

    (2) INI का म�ुय उ�दे�य �थायी खा�य उ�पादन म� नाइ�ोजन क� लाभकार� भ�ूमका का अनकूुलन करना और खा�य और ऊजा� उ�पादन से उ�प�न मानव �वा��य और पया�वरण पर नाइ�ोजन के नकारा�मक �भाव� को कम करना है।

    �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1, न ह� 2

    उ�र:(c) �प�ट�करण: �व-�या�या�मक ��न 4.�न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है?

    (1) भारत म� कपास को �यनूतम समथ�न म�ूय क� पेशकश क� जाती है। (2) भारत द�ुनया म� कपास का सबसे बड़ा उ�पादक है। (3) चीन के बाद भारत द�ुनया म� व��� का दसूरा सबसे बड़ा �नमा�ता और �नया�तक है।

    �वक�प: (a) 1,2,3 (b) 1 और 2 (c) 1 और 3 (d) 2 और 3

    उ�र: (a) �प�ट�करण : कपास उ�योग को समथ�न देने के �लए, भारत सरकार ने दो मलू �टेपल समहू� अथा�त म�यम �टेपल और लंबे �टेपल कॉटन के �लए �यनूतम समथ�न म�ूय (MSP) क� घोषणा क�। भारतीय कपड़ा �नगम (CCI), कपड़ा मं�ालय के तहत एक साव�ज�नक �े� का उप�म है, जो �च�लत बीज कपास म�ूय MSP �तर को छूने क� ि�थ�त म� MSP संचालन करने के �लए भारत सरकार क� नोडल एज�सी है। चीन के बाद भारत द�ुनया म� व��� का दसूरा सबसे बड़ा �नमा�ता और �नया�तक है। भारत के कुल �नया�त म� कपड़ा और कपड़� का �ह�सा 13% (2017-18) मह�वपणू� है। कपड़ा और प�रधान म� विै�वक �यापार का 5% �ह�सा भारत का है।

  • UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1.सरकार� क� प�ृठभ�ूम म� जीवन बीमा �नगम म� अपनी �ह�सेदार� का एक �ह�सा बेचने के इरादे से संबं�धत �चतंाओ ंऔर चनुौ�तय� पर चचा� क�िजए ।सरकार के �लए संसाधन जटुाने के एक तर�के के �प म� �व�नवेश के लाभ� का �व�लेषण कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 2. भारत के �लए कपड़ा �े� के मह�व पर चचा� कर�। भारत म� कपड़ा �े� के सामने �मखु चनुौ�तय� का �व�लेषण कर�। (10 अकं, 150 श�द)

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