october - december 2015 - nepa millsnepamills.co.in/nsq122015.pdf · 2 संर"क 1....

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1 नेपा संदेश नेपा लमटेड क ैमासक ई-पका अत बर – दसबर 2015

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  • 1

    नेपा संदेश

    नेपा �ल�मटेड क� ैमा�सक ई-प�का अ�तूबर – �दस�बर 2015

  • 2

    संर"क

    1. कोमोडोर ए.एन. सोनसले अ�य�–सह–�बधं �नदेशक

    2. �ी र व"# कुमार �नदेशक ( व&)

    सलाहकार मंडल

    1. �ी आर. अलागेसन महा�बधंक (काय* एवं प+रयोजना)

    2. �ी ए.एन.देशमुख उप महा�बंधक (प+रयोजना)

    3. �ी एस.एस. कोथालकर उप महा�बंधक ( वपणन)

    4. �ी अ3ण 4म�ा उप महा�बंधक (वा5ण6य)

    5. �ी अजय गोयल उप महा�बंधक (मे"टेने"स)

    6. �ी सुद:प च उप महा�बंधक (4स वल)

    7. �ी पी.के. पाराशर �बंधक (इ"ABमे"ट)

    8. �ी Dकशनलाल पटेल कारखाना �बंधक

    9. �ी आFदGय 4सहं ठाकुर �बंधक (सतक* ता)

    10. �ी शैले"# कKयप �बंधक (पेपर मशीन)

    11. �ी सुधाकर रोड़ े �बंधक (पावर हाउस)

    12. �ी वजय शाह �बंधक (के"#:य भNडार)

    13. �ी अ�नल वग �बंधक ( व& एवं लेखा)

    14. डॉ. �न4श गीर उप मुPय QचDकGसा अQधकार:

    15. �ी �काश चौधर: �बंधक ( वSयतु)

    16. �ी अ वजीत चटज> ट:.एस. टू सी.एम.डी.

    17. �ी संजय कुमार ओझा कWपनी सQचव

    18. �ी ए.के. आया* उप �बंधक (Dफ�न4शगं हाउस)

    19. �ी उमेशच"# 4म�ा उप �बंधक (सुर�ा एवं अिZन)

    20. �ी उदय मुद4लयार उप �बंधक (सूचना �ौSयोQगक[)

    21. �ी पी.पी. अAथाना उप �बंधक (सामा"य �शासन)

    22. �ी पी.के. 4सहं �ाचाय*, उ.मा. शाला

    $धान स�पादक

    �ी Fदल:प कुमार 4सहं गौर व+र]ठ �बंधक (का4म*क एवं �शासन)

    स�पादक

    �ी धीरज कुमार 4म� Fह"द: अQधकार:

    सहायक स�पादक

    �ी आर.बी. रघवुंशी, सहायक अQधकार: (का4म*क एवं �शासन)

    स�पादन सहयोग

    1. �ी मणीलाल पाट:ल टंकक

    2. �ीमती सुषमा गौर डाटा ए"`: ऑपरेटर ‘नेपा संदेश’ म, $का�शत लेख, /ववरण आ�द से $बंध अथवा संपादक�य मंडल का सहमत होना आव4यक नह5ं है।

    स�पक7 :

    सWपादक

    नेपा सदेंश, का4म*क एव ं �शासन

    वभाग, नेपा 4ल4मटेड,

    नेपानगर (म�.) 450 221

    ई – मेल [email protected]

    आवरण प:ृठ :

    कWपनी का अपना

    पावर हाउस

  • 3

    /वषय सूची प:ृठ सं?या

    अ�य� क[ कलम से 4

    सWपादक[य 5

    Fह"द: मFहमा गान �ी ए+रक अ"तोनी साईमन 6

    Fह"द: हc हम �ी सुरेश �साद 4म�ा 7

    जल ह: जीवन है �ीमती आरती द:d�त 8

    नेपा के वकास मe हमार: भू4मका �ीमती राQगनी करोड़ी 11

    मनु]य का �थम क&*fय �ी राजेश कुमार भुतड़ा 14

    ‘fयापार संचार’ वषय पर काय*शाला 15

    मतदाता जाग3कता अ4भयान 15

    सतक* ता जाग3कता सiताह 16

    औSयोQगक सुर�ा Fदवस 17

    Fह"द: सiताह 17

    का4म*क ववरण 18

    सुर�ा और उGपादकता - �ी Dकशन पटेल 20

    एक 4सlके के दो पहलू

    साW�दा�यक सदभावना Fदवस 23

    Aवmछ एवं सु"दर पया*वरण ��तयोQगता 23

    पुन3�दार एवं 4मल वकास योजना क[ वत*मान िAथ�त 24

    अ"य कoयाणकार: ग�त वQधयाँ 24

  • 4

    अ@य" क� कलम से

    आप सबको नववष* क[ हाFद*क शुभकामनाएँ। हमार: गहृ पstका ‘नेपा

    संदेश’ नए वष* मe नए कलेवर के साथ पाठकu के सम� रखते हुए मुझे

    अपार हष* क[ अनुभू�त हो रह: है। मुझ ेपूण* वKवास है Dक पstका का ‘ई’

    vप इसे अवKय ह: �नत-नए पाठकu से जोड़गेा। सजृनाGमकता का वकास

    होगा। इस �कार पstका बड़ े फलक पर पहँुचकर fयापक Qचतंन को

    समा व]ट कर पाएगी। िजससे नई wि]ट और वचार का उSगम होगा।

    ‘नेपा संदेश’ चूँDक नेपा 4ल4मटेड क[ पstका है, इसमe नेपा 4ल4मटेड क[ व4भ"न महGवपूण*

    ग�त वQधयu तथा उपलिxधयu क[ सूचना है। इसके साथ ह: उGपादन आधा+रत कWपनी क[

    �ौSयोQगक[, तकनीक, शै4लयu और �D

  • 5

    स�पादक�य ...........

    समय क[ व4भ षका मe व4भ"न चुनौ�तया,ँ समAयाएँ मँुह बाए खड़ी हc। आवKयकताएँ अQधक हc।

    संसाधन सी4मत हc। बदलते दौर मe जहाँ हर जानकार:, हर ग�त वQध को साझा करना आवKयक है,

    वह:ं इसके 4लए एक मा�यम का होना अ�नवाय* शत* और वचाराGमक आदान–�दान के 4लए खलु े

    मंच का होना समीचीन �तीत होता है। ‘नेपा संदेश’ का नए वष* मe आगमन, एक सुखद अनुभव के

    साथ इसी सोच क[ एक पहल है। नेपा संदेश नेपा 4ल4मटेड क[ हलचलu और रचनाGमकता क[ �व�न

    है, एक �काश है, एक मंच है। इसमe वचार को एक Fदशा 4मले और व4भ"न Qचतंनu और wि]टयu

    का समावेश हो, यह हमारा �यास है और वKवास भी।

    हमारा संAथान Fह"द: के �चार, �सार व वकास हेतु ��तब�द है। चँूDक हमारा संAथान राजभाषा के

    वग>कृत ‘क’ �ेt के अतंग*त सिWम4लत है, हम काया*लयीन कामकाज Fह"द: मe करने के शत ्

    ��तशत के ल|य को �ाiत करने के 4लए असर हc। इस सबंंध मe Fह"द: अनुवाद, टंकण �4श�ण

    के साथ काय*शाला आयोिजत करने तथा मंगल फuट मe काम करने के साथ दैनि"दन के व4भ"न

    काया*लयीन काय जैसे Fटiपणी, नोFटगं, लेखन आFद Fह"द: मe करना शा4मल है।

    Fह"द: हमार: संAकृ�त और साFहGय क[ संवाहक ह: नह:ं, हमारा संAकार भी है। अत: Fह"द: को

    सम�ृद करना Aवयं को वक4सत और गौरवाि"वत करना है। हम िज़"दगी के �Gयेक �ण और

    अनुभू�त मe Fह"द: हc। अत: इस े fयापक प+रपे|य मe एक आलोचनाGमक wि]ट से समझने क[

    आवKयकता है। तब जाकर भाषा के अ�त+रlत इसमe �नFहत जीवन क[ व4भ"न िAथ�तयu को बेहतर

    ढ़ंग से समझने क[ योZयता, कुशलता व साहस जुटा पायeगे।

    पstका मe शा4मल रचनाएँ अGयंत मनोयोग से 4लखी गई हc। इसमe zानपरक, ववरणाGमक आँकड़u

    क[ अSयतन जानकार: के साथ �ेरणाGमक सामी भी हc, जो Dकसी-न-Dकसी ढ़ंग से मनु]य और

    रा]` के ��त सWमान और अपने क&*fय क[ ओर अस+रत और �े+रत करती हc। हम सभी लेखकu

    को समय पर रचनाएँ �े षत करने हेतु आभार �कट करते हc। साथ ह: व+र]ठ सWपादक, सहक4म*यu,

    कWपनी के 4श]ट मNडल, �नदेशक ( व&) एवं अ�य�-सह-�बंध �नदेशक का वशषे 3प से ध"यवाद,

    िजनके सहयोग एवं �ेरणा से पstका का �काशन सWभव हो सका है। इस उWमीद मe Dक आपके

    रचनाGमक सहयोग व सुझाव पstका को बेहतर बनाने हेतु �ाiत होते रहeगे।

    पुन: आप सभी को नववष* 2016 क[ हाFद*क शुभकामनाएँ। आप AवAथ एवं �स"न रहe।

    साभार।

    आपका

    धीरज कुमार �मH

    �हIद5 अJधकार5

  • 6

    �हIद5 सKताह (14 से 21 �सत�बर

    2015) के दौरान आयोिजत ‘क/वता

    $EतयोJगता’ म, $ाKत $थम पुरOकार

    �हIद5 म�हमा गान

    बन स+रता क[ लहरe, बहनe दो Fह"द: को।

    आGमीयता से फलने फुलने दो Fह"द: को।।

    रजनी सी सुर4भ sबखरे तम"ना मेर:।

    Dफरंगी भाषा भूल, 4लखने दो Fह"द: को।।

    हम Fह"द के लाल, हमe रा]` भाषा iयार:।

    मया*दा के अलंकारu से, सँवारने दो Fह"द: को।।

    कोमल भावना, भाईचारा, मेल 4मलाप कराए।

    बन मुAकान अधरu पे, खेलने दो Fह"द: को।।

    ताकत है, तकद:र है, है सयता क[ पहचान।

    आGम शिlत, जोश से, फैलाने दो Fह"द: को।।

    कर नतमAतक, उठाओ झNडा नव जवानu।

    अWबर मe शान से, लहराने दो Fह"द: को।।

    जीवन मुिlत का, माग* बताए, zान वषा* कराए।

    दय Atोत मe, अमतृ धारा बरसाने दो Fह"द: को।।

    ओठ सतरंगी चुन+रया, बहे पुरवैया शीतल।

    पहन ह+रत प+रधान, हषा*ने दो Fह"द: को।।

    ए+रक अ"तोनी साईमन

    सहायक अQधकार: (सुर�ा एवं अिZन)

  • 7

    �हIद5 सKताह (14 से 21 �सत�बर

    2015) के दौरान आयोिजत ‘क/वता

    $EतयोJगता’ म, $ाKत P/वतीय पुरOकार

    �हIद5 हQ हम

    Fह"द: हc हम Fह"दAुतान हc,

    Fह"द: वतन क[ जान है।

    साFहGय मe है बसी हुई

    संगीत मe आवाज़ है

    भावनाओं मe बह रह:

    रचती हुई वzान है

    Fह"द: हc हम Fह"दAुतान हc,

    Fह"द: धरा क[ आन है।

    आपके वतन के बाग मe

    5खले व वधता के फूल 4मलते

    Fह"द: लहर तरंग पाकर

    सदा एकता मe झूमते

    Fह"द: हc हम Fह"दAुतान हc,

    Fह"द: एकता, Aवा4भमान है।

    मन कम* वचन से

    Fह"द: Aवीकारe

    Fह"द: से हम हc रौशन

    Fह"दAुतां 4सतारे

    Fह"द: हc हम Fह"दAुतान हc,

    Fह"द: रा]` अ4भमान है।

    सुरेश �साद 4म�ा

    सुपरवाइजर: `ेनी (इंABमeट)

  • 8

    �हIद5 सKताह (14 से 21 �सत�बर

    2015) के दौरान आयोिजत ‘Eनबंध

    $EतयोJगता’ म, $ाKत $थम पुरOकार

    जल ह5 जीवन है

    “रFहमन पानी रा5खए,

    sबनु पानी सब सून।

    पानी गये न ऊबरे

    मोती, मानुष, चून”

    रह:मदास

    $Oतावना - सिृ]ट क[ रचना जल, पृवी, अिZन, आकाश और वायु- पांच तGवu से हुई है।

    जल का इसमe महGfपूण* Aथान है। संसार के दै�नक जीवन मe भी जल आवKयक तGव है।

    जल का महRव- पृवी के जीव-जंतुओं, पशु-पd�यu फसलu, वनAप�तयu आFद सभी के 4लये

    जल अ�नवाय* है। जल से संसार मe जीव"तता Fदखाई देती है। भारत जैसे देश मe तो खेती

    को ‘मानसून का जुआ’ माना गया है। जो फसलe पैदा क[ जाती हc उनक[ 4सचंाई के 4लये

    जल आवKयक है। जल ह: हमारे शर:र को Aफू�त *, Aवmता, द:घ*ता �दान करता है। जल के

    sबना अAवmता हमारे शर:र को रोगी बनाती है।

    ”जल से जीवन, जीवन जल से,

    जल जीवन का दाता है।

    जल संर�ण कर ले मानव,

    यह: भ व]य �नमा*ता है।“

    जल के �लए Eनभ7रता - जल के 4लए हम �कृ�त पर �नभ*र हc। जल वषा* Sवारा �ाiत होता

    है। यFद भरपूर बा+रश हो जाए, तो जल का अभाव नह:ं रहता है। यFद बरसात कम हो, न

    हो, तो जल संकट बढ़ जाता है। वगत वष मe वषा* कम होने से मालवा एवं राजAथान के

    कई भागu मe जल संकट गहरा गया था। जल संर�ण के �ाकृ�तक Atोत नद:, तालाब, पोखर

    सूख गये थे। भू4मगत जल Aतर भी पाताल छू जाते हc। कई वष से कुओं, बावड़यu का

    उपयोग ब"द हो गया है।

  • 9

    जल संर"ण क� आव4यकता - अब हमe जल संर�ण और जल Atोतu का महGव समझ

    मe आया है। वषा* के जल का संहण करना चाFहए। इस तरफ सरकार तथा जनता का

    �यान गया है। नFदयu पर Aथान, Aथान पर Aटाप-डमे बनाकर जल रोकने के �यास

    आरंभ हुए है। वषा* के समय जो पानी नालu और नFदयu के Sवारा बहकर समु# मe पहँुच

    जाता है, उसे इकठा करके उपयोग मे लाएँ। वषा*काल मे पानी को पृवी के नीचे

    पहँुचाया जाए तो जल Aतर ऊपर आयेगा। इस समAया के ��त सजग रहना आवKयक

    है। अQधक-से-अQधक व�ृ लगाना है।

    “जल का संर�ण वन करते है,

    जल से हर भरा वन है।

    जल जंगल को संरd�त कर,

    जीवन सुखमय सु"दर हो।”

    जल का दTुपयोग – द:ुख क[ बात है Dक जल का दvुपयोग भी बढ़ा है। घरu मe, fयापार-

    fयवसाय मe और कृ ष काय मe भी कई तरह से जल का दvुपयोग होता है। पुरानी

    4सचंाई क[ तकनीक अपनाकर जल बबा*द होता है। उसके बदले प 4सचंाई, फसल

  • 10

    Eन:कष7 – यह जान लेने के बाद Dक “जल ह: जीवन है”, जल का उपयोग ठक र:�त से

    करना चाFहये। Dकसी ने कहा है Dक अगर ततृीय वKव यु�द होगा, तो वह जल के 4लये

    होगा। यFद हम इस �ाकृ�तक देन का द3ुपयोग करते रहe, तो �निKचत ह: एक Fदन जल

    के 4लये वKव यु�द होगा। अत: जल �द ूषत नह:ं करना चाFहये। जल का संहण करना

    चाFहये। fयथ* मe इसका उपयोग नह:ं करना चाFहये। जल परमाGमा का Fदया हुआ अमूoय

    उपहार है, जो हमe �नमू*oय 4मलता है। हमe इसके ��त संवेदनशील रहते हुए उसका

    सदपुयोग करना चाFहये। जल समAत जैव जगत का आधार है। पानी का ह: सब संसार

    है। यFद पृवी से जल का लोप हो जाए, तो समAत �ाणी का जीवन समाiत हो जायेगा।

    ह+रयाल:, वन सभी बंजर हो जायeगे।

    “जल नह:ं, जीवन नह:ं,

    हम भी नह:ं, तुम भी नह:ं।

    पौधे नह:ं, प&ी नह:ं,

    sबजल: नह:ं, द�ुनया नह:ं।”

    जल देव को �णाम।

    �ीमती आरती द:d�त

    fयाPयाता

    नेपानगर उmचतर मा�य4मक शाला

  • 11

    �हIद5 सKताह (14 से 21 �सत�बर

    2015) के दौरान आयोिजत ‘Eनबंध

    $EतयोJगता’ म, $ाKत P/वतीय पुरOकार

    नेपा के /वकास म, हमार5 भू�मका

    संसार प+रवत*नशील है। जो वAतु आज है, कल वह उस अवAथा मe नह:ं रह सकती।

    समय बदल सकता है। समय के साथ–साथ मनु]य क[ बुि�द, वचार और उसके

    काय*कलाप भी बदल जाते हc। सदैव Dकसी के Fदन एक से नह:ं रहते। ऐKवय*, धन–धा"य

    और अनंत मFहमा सWप"न हमारा नेपानगर सरकार:, आQथ*क नी�तयu के कारण अपनी

    सWप"नता खोता जा रहा है।

    िजस �कार शर:र से �ाण को और �ाण को शर:र से पथृक नह:ं Dकया जा सकता, उसी

    �कार मनु]य को अपनी मातभृू4म से अलग नह:ं Dकया जा सकता lयोDक –

    “जननी जIमभू�म4च, Oवगा7द/प गर5यसी”

    ज"मभू4म के ��त �न]ठा रखना मनु]य का नैसQग*क गुण है, िजसने हमe रहने के 4लये

    अपने अतुल अंक मe आवास Fदया, उसके ��त हम कृतz हc।

    नेपानगर हमार: मातभृू4म, कम*भू4म है। याद है, नेपानगर का वह Aव5ण*म युग, जब

    नेपानगर को “ए” ेड नगरu मe Qगना जाता था, िजसे “4मनी इिNडया” के नाम से जाना

    जाता है। हर धम*, जा�त, �ांत के लोग नेपा क[ उ"न�त के 4लये �यासरत थे। सरकार:

    नौकर: छोड़कर �4मक नेपा4मल मe काय* करना चाहते थे। नेपा क[ उ"न�त अपने चरम

    पर थी। ये नेपा का Aव5ण*म युग था। सन ्1954 से नेपा अनवरत ्�ग�त करता रहा।

    शायद सफलता के इस नशे मe हम यह भूल गये Dक –

    “सब �दन होत न एक समान”

  • 12

    प+रवत*न �कृ�त का �नयम है। हम �कृ�त के इस �नयम को भूल गये। एक समय वह

    आया Dक हम सफलता क[ इस दौड़ मe पछड़ने लगे। समय च< जैसे थम गया। हम

    हतोGसाFहत और �नराश थे, परंतु यह तो समय है, आता है और चला जाता है। हम पुन:

    नए नेतGृव और जोश के साथ वकास क[ दौड़ मe शा4मल हुए। Dकसी ने उQचत ह: कहा है –

    “समय क� �शला पर मधुर लेख Wकतने,

    Wकसी ने बनाये Wकसी ने �मटाये।”

    आज ए4शया क[ सबसे बड़ी पेपर 4मल को उसका पुराना गौरव Fदलाने का हमने बीड़ा

    उठाया है। जीवन क[ समAयाओं को अपने �म से बड़ी सरलता से सुलझाया जा सकता

    है। ऐसा कौन सा काय* है, जो प+र�म सा�य न हो। नेपो4लयन क[ डायर: मe ‘असंभव’

    शxद नह:ं था। कम*वीर wढ ��तz पु3ष �नKचय ह: अपने उSदेKय को पा सकता है। यFद

    नेपा का हर नाग+रक अपने–अपने �ेt मe अपना योगदान देगा, तो नेपानगर का Aव5ण*म

    युग अवKय वापस आयेगा।

    हम सब प+र�म तो करना चाहते हc, परंतु करना lया है? यह हमe zात नह:ं। अत:

    कुशल नेतGृव मe िजसे जो काम सपा जाए, उसे मन लगाकर पूण* लगन से Dकया जाये।

    यFद सभी अपने क&*fय के ��त सजग हu तो सफलता �निKचत है।

    जो मनु]य अपने जीवन मe िजतना प+र�मी रहा, िजतना अQधक–से–अQधक संघष* और

    कFठनाईयाँ उसने उठा ल:, अंत मe उसने उतनी ह: अQधक उ"न�त क[ –

    “िजतने क:ट संकटX म, है िजसका जीवन सुमन Yखला।

    गौरव गIध उIह, उतना ह5 य त सव7 �मला।।”

    कFठन प+र�म से ह: मनु]य के काय* 4स�द होते हc, केवल इmछा माt से नह:ं। हमारे

    �धानमंtी नरे"# मोद: जी िजन लोगu से अमे+रका याtा के दौरान 4मले, उनमe वे तीन

    भारतीय उSयमी थे – सु"दर पचाई, शांतनु नारायण तथा सGया नड़लेा, िज"हuने अपने

    प+र�म से अपने �ेt मe कुछ वशेष काय* Dकया।

  • 13

    नेपा के वकास के 4लए हर �4मक, गहृणी, नवयुवकu, fयापा+रयu, नगर �नवा4सयu को

    अपना–अपना काय* पूण* ईमानदार:, �न]ठा और लगन से करना होगा। मc यह चाहती हँू

    Dक हमe अपने भाZय का �नमा*ता Aवयं बनना होगा। काम टालने क[ �व ृ& को छोड़ना

    होगा। आलAय Gयागना होगा।

    मैकडॉनoड केवल एक �नध*न �4मक थे, परंतु अथक प+र�म से इंZलैNड के �धानमंtी

    बने। कबीर कपड़ा बुनते थे। रैदास जूते गांठते थे। कहा गया है –

    “Hमेण �बना न Wकमा7प सा@यं”

    यFद हम चाहते हc Dक नेपा �ग�त करे, तो यह आवKयक है Dक हम 4मलजुल कर

    प+र�म करe। हमार: कलाकार: �छन गई है। हमारा नेपा ‘Aव5ण*म नेपा’ तब ह: बन सकता

    है, जब हम अपने काय* को पूर: �न]ठा और ईमानदार: से करe।

    “जीवन रण म, H�मक पधारो,

    माग7 तु�हारा मंगलमय हो।

    Jगर पर चढ़ना, Jगर कर बढ़ना,

    तुमसे सब /व\नX को भय हो।”

    जय Fह"द जय नेपा

    �ीमती राQगनी करोड़ी

    fयाPयाता

    नेपानगर उmचतर मा�य4मक शाला

  • 14

    $ेरणा मन:ुय का $थम क]7̂ य

    भारत ह: नह:ं, पूरे वKव मe आज एक बहुत बड़ी समAया है – व�ृदu को पालने क[। इसका मूल

    कारण है Dक मनु]य अपना �थम क&*fय भूल गया है। पुरान ेजमाने मe गु3कुल मe सव*�थम यह

    4सखाया जाता था – ‘मात ृदेवो भव:। पत ृदेवो भव:।‘ अथा*त ्माता को देवता जानो, पता को

    देवता मानो। वाAतव मe भी देखा जाए तो देवता उसे कहते हc, जो हमe कुछ देता है या कुछ दे

    सकता है। देवता तो �स"न होने पर कुछ देते हc, पर माता- पता तो कभी अ�स"न होते ह:

    नह:ं। जब तक हम अपने पैरu पर खड़ ेनह:ं हो जाते, माता- पता हमe सब कुछ देते हc। मझु े

    आज भी याद है Dक जब मc छोटा था और घर मe भोजन पया*iत माtा मe नह:ं होता था, तो मेर:

    माँ भूखी रह जाती थी, पर मुझ ेकभी भूखा नह:ं रखा। पता फटे हुए कपड़ ेपहन लेते थे पर

    जैसे-तैसे मेर: पढ़ाई का इंतजाम Dकया। Dकतना बड़ा दभुा*Zय है Dक वह: माता- पता बुढ़ापे मe हमe

    इतना बोझ लगने लगत ेहc Dक हम उनक[ सWप & को तो iयार करत ेहc लेDकन उ"हe व�ृदा�म

    मe या कोठ+रयu मe मरने को मजबूर कर देते हc। बहुत से समाज मe और कई देशu मe तो यहाँ

    तक परWपरा है Dक उ"हe दया के नाम पर मौत दे द: जाये, िजसे दया मGृयु (मस> Dक4लगं)

    कहते हc। यह मत भूलe Dक जो उनका आज है, कल वो आपका होगा। एक Fदन आप भी बूढ़े

    हuगे और तब आपक[ सतंान भी आपके साथ ऐसा ह: सलूक करेगी।

    आपको 4सफ* अपने ह: नह:ं, अपने जीवनसाथी के माता- पता का भी उतना ह: सWमान करना

    चाFहये। तभी आप अपे�ा कर सकते हc Dक आपका जीवनसाथी आपके माता- पता का सWमान

    करेगा। मेरा दोAत हर समय, हर काम मe �थम होता है। जब उसके बारे मe गहराई से जाना तो

    पता चला Dक वह अपने माता- पता का बहुत बड़ा भlत है। उससे मुझे बहुत �ेरणा 4मल: और

    उसने मेरा बहुत साथ भी Fदया या बिoक यूँ कहँू Dक हमेशा देता है।

    चाहे Dकसी भी जा�त, धम*, मजहब या सW�दाय का fयिlत हो, सभी धम* और मजहब मe माता-

    पता का सWमान और उनक[ सेवा करने क[ बात कह: गई है।

    मेरा तो यह मानना है Dक Aवग* या ज"नत अगर कह:ं है तो माता- पता के चरणu मe है।

    समAत माता- पता को सादर सम प*त।

    राजेश कुमार भुतड़ा

    महा�बंधक ( व& एवं लेखा)

  • 15

    ‘^यापार संचार’ /वषय पर काय7शाला’

    नेपा 4ल4मटेड मe आयोिजत ‘fयापार सचंार’ (sबजनसे कWयू�नकेशन) वषय पर Fदनांक 24.10.2015

    से Fदनांक 29.10.2015 तक छह Fदवसीय काय*शाला आयोिजत क[ गयी। नई Fदoल: क[ वाईeट

    संAथा क[ अ�य� एवं �4श�क �ीमती पoलवी कटोच के �4श�ण मe कWपनी के सभी वभागा�य�u

    ने भाग 4लया।

    यह काय*शाला अQधका+रयu को उनके काय* �णाल: और काया*लयीन व4भ"न �ा3पu के अSय�तत 3प

    से प+रQचत और �4शd�त करते हुए काय*–fयवAथा को अGयंत बेहतर और �भावी बनाने हेतु क[ गई।

    इसमe अQधका+रयu को fयापार संचार के व4भ"न 3पu और शै4लयu से प+रचय कराया गया। साथ ह:

    अपनी वश ेषत �ेtu अथवा अनुशासनu को सचंार और अपने fयवहार स े कैसे आगे बढ़ाया जा

    सकता है, इस पर वशषे बल Fदया गया, िजनमe व4भ"न �ा3प के अSयतन 3प जैस े��तवेदन,

    सूचना, पt, �Aतावना, fयाकरण, �Aतुतीकरण, सारांश, �ेपोिजशन, आFट*कुलेशन, `ांिजशन शxद

    आFद शा4मल हc।

    इस �4श�ण क[ एक महGवपूव* वशषेता यह भी है Dक �4श�ण क[ समािiत के पKचात ् भी

    ऑनलाइन मा�यम से �4श�ण क[ �नरंतर �D

  • 16

    ‘सतक7 ता जाग_कता सKताह’

    नेपा 4ल4मटेड के सतक* ता वभाग ने Fदनांक 27.10.2015 से Fदनांक 01.11.2015 तक

    ‘सतक* ता जाग3कता सiताह’ का आयोजन Dकया। सiताह क[ शु3आत कWपनी के

    महा�बंधक ( व& एवं लेखा) �ी राजेश कुमार भुतड़ा Sवारा सभी अQधका+रयu को

    पारद4श*ता और ईमानदार: क[ शपथ Fदलवाने से हुई। इसके साथ ह: �ी भुतड़ा ने कहा

    Dक हमe नै�तक क&*fयu एवं मौ4लक अQधकारu के ��त सजग रहने क[ आवKयकता है,

    ताDक समाज से ]टाचार को 4मटाया जा सके। इस सiताह के दौरान ]टाचार एवं

    सतक* ता वषय पर ‘नारे लेखन’ ��तयोQगता आयोिजत क[ गई, िजसमe �ी धनंजय कुमार

    4म�, पेपर मशीन वभाग को �थम एवं �ी गजानन यादव, सेoस गोडाउन वभाग को

    S वतीय पुरAकार �दान Dकया गया। सiताह के समापन Fदवस पर नेपा सभागार मe

    ‘`:टाचार : एक सामािजक अ�भशाप’ वषय पर भाषण Aपधा* आयोिजत क[ गई, िजसमe

    नेपानगर के सभी वSयालयu के वSयाQथ*यu ने बढ़-चढ़कर FहAसा 4लया और अपने

    वचाराGमक, ताDक* क और सारग4भ*त भाषणu से सबको मंtमुZध कर Fदया। इस अवसर

    पर दोनu मुPय अ�तQथयu �ी आर. अलागेसन, महा�बंधक (काय* एवं प+रयोजना) तथा

    �ी राजेश कुमार भुतड़ा, महा�बंधक ( व& एवं लेखा) के साथ नेपा के अ"य अQधकार: एवं

    4श�क-4शd�काएँ भी उपिAथत थे। �ी भुतड़ा ने ��तभाQगयu के ओजAवी और �खर Aवर

    क[ जमकर �शंसा क[ और Aपधा* के �नयमानुसार नेपानगर उmचतर मा�य4मक शाला क[

    छाtा सु�ी आशा कामले को �थम तथा इसी शाला क[ छाtा सु�ी �ी�त रघुवंशी को

    S वतीय पुरAकार �दान कर ]टाचार के उ"मूलन का आवान Dकया। तGपKचात ्�बंधक

    (सतक* ता) �ी ए.एस. ठाकुर ने ध"यवाद zा पत Dकया। इस �कार काय*

  • 17

    औPयोJगक सुर"ा �दवस

    नेपा 4ल4मटेड मe 3 Fदसंबर 2015 को औSयोQगक सुर�ा Fदवस मनाया गया। इस मौके

    पर महा�बंधक (काय* एवं प+रयोजना), �ी आर. अलागेसन ने कम*चा+रयu एवं

    अQधका+रयu को सुर�ा संबंधी शपथ Fदलाई। औSयोQगक सुर�ा �बंधक Dकशन पटेल ने

    संAथान मe चलाई जा रह: सुर�ा ग�त वQधयu के बारे मe जानकार: द:। इस अवसर पर

    भोपाल गैस tासद: के मतृकu को ��दांज4ल भी द: गई। साथ ह: ‘सुर"ा नारा

    $EतयोJगता’ भी आयोिजत क[ गई, िजसमe �ी रमेश गावंड,े �ी द:न दलबहादरु एवं �ी

    ए.के. शाह को

  • 18

    का�म7क /ववरण

    का�म7क सं?या

    b. वग7 सं?या

    1. अQधकार:गण 178

    2. कम*चार:गण 463

    3. सं वदागत 32

    4. अAथायी कम*चार:गण 176

    कुल 849

    Eनयुि�तयाँ

    b. नाम पद /वभाग Eनयिु�त EतJथ

    1. �ी राजेश कुमार भतुड़ा महा�बधंक ( व& एव ंलेखा) व& एव ंलेखा 05.10.2015

    2. �ी पNटू कुमार सहायक �बधंक (मेके�नकल) प+रयोजना 12.10.2015

    3. �ी वनेश 4म�ा उप महा�बधंक ( व& एव ंलेखा) व& एव ंलेखा 02.11.2015

    4. कोमोडोर ए.एन. सोनसले अ�य�–सह–�बधं �नदेशक सी.एम.डी.काया*लय 01.12.2015

    5. �ी नागा राजा शखेर मoलेoला उप महा�बधंक (�णाल:) आई.ट:. 28.12.2015

    समा/व:ट

    b. नाम पद समा/व:ट पद /वभाग समा/व:ट EतJथ

    1. �ी स"नी कुमार एlजीlयूFटव `ेनी पाल: �भार: पेपर मशीन 01.12.2015

    2. �ी 4मतुल पटेल एlजीlयूFटव `ेनी पाल: �भार: प+रयोजना 28.12.2015

    3. �ी Fदल:प कुमार वमा* एlजीlयूFटव `ेनी पाल: �भार: प+रयोजना 28.12.2015

    4. �ी सुशील कुमार एlजीlयूFटव `ेनी पाल: �भार: प+रयोजना 28.12.2015

    5. �ी मोFहत शमा* एlजीlयूFटव `ेनी पाल: �भार: प+रयोजना 28.12.2015

  • 19

    पदोIनEत

    b. नाम पद पदोIनत पद /वभाग पदोIनEत EतJथ

    1. �ी व]णु कु. �ीवाAतव सहायक �थम–सह–टंकक व+र]ठ सहायक

  • 20

    आलेख

    सुर"ा और उRपादकता - एक �स�के के दो पहलू

    वत*मान मe संवि�द*त �मता, उmचतर द�ता एवं अनुकूलता को �ाiत करने क[ चे]टा मe

    उSयोगu क[ जFटलता �नत ��तFदन बढ़ती जा रह: है।

    �निKचत vप से Dकसी भी औSयोQगक इकाई के 4लये, चाहे वो लघु हो अथवा द:घ*,

    उGपादकता ह: सवप+र है। यह �ाथ4मकता, आज के वैिKवक ��तAपधा* प+रिAथ�तयu को

    देखते हुए सव*था उQचत भी है lयuDक उmच उGपादकता ह: Dकसी इकाई क[ उ&रो&र

    उ"न�त का मूलमंt है।

    संयोगवश ‘उGपादकता’ शxद का साथ*क पया*य केवल उGपादन �D

  • 21

    1. उmचतम एवं बेहतर उGपादन।

    2. उmचतम उGपादन दर।

    3. "युनतम उGपादन खच*।

    4. "युनतम अप4श]ट एवं fयथ* उGपादन।

    ’सुर�ा’ से मूलत: अ4भ�ाय मनु]य एवं जो5खम के सीधे सWपक* को "यूनतम करने से है।

    सुर�ा, मुPय 3प से Dकसी को भी होने वाले आगामी नुकसान क[ रोकथाम के 4लये

    �यGनशील रहने पर �यान केि"#त करने का काय* करती है।

    अ"य 3प मe सुर�ा को औSयोQगक �D

  • 22

    दघु*टना के कारण मानव �म के साथ कmचामाल भी fयथ* होता है। इसके अ�त+रlत

    दघु*टना, काय* क[ 3परेखा, दल का सामंजAय तथा fयिlतगत मनोबल को भी द]ु�भा वत

    करती है।

    वाAत वकता मe AवAथ एवं सुरd�त वातावरण, fयिlतगत काय*, द�ता एवं समूह के

    मनोबल को बढ़ाता है। यह उGपादन विृ�द मe सहायक गुणव&ा च

  • 23

    सा�$दाEयक सदभावना �दवस

    संAथान मe Fदनांक 19.11.2015 से Fदनांक 25.11.2015 तक साW�दा�यक सदभावना

    Fदवस मनाया गया। इस अवसर पर आपसी भाईचारा, �ेम, सदभाव के भाव से सभी

    जा�तयu और धम* के लोगu को एक–दसूरे से 4मल–जुलकर रहने और एकता का �तीक बन

    रा]` को सुwढ़ करने पर बल Fदया गया। इसमe Fहसंा मe मारे गये �नराQ�त बmचu के

    4लये सभी कम*चा+रयu व अQधका+रयu को साW�दा�यक सदभावना Fदवस के उपल|य मe

    �ाiत कुपन बांटे गये, िजससे �ाiत सहयोग रा4श 3पये 3500/- रा]`:य सदभाव

    ��त]ठान, नई Fदoल: को भेजी गई।

    Oवfछ एवं सुIदर पया7वरण $EतयोJगता

    भारत सरकार के ‘Oवfछ भारत अ�भयान’ के तहत ्नेपा 4ल4मटेड Sवारा कWपनी प+रसर

    और पूरे नेपानगर को साफ एवं सु"दर बनाने हेतु ‘Oवfछ एवं सुIदर पया7वरण

    $EतयोJगता’ का आयोजन Dकया जा रहा है। यह ��तयोQगता पया*वरण संर�ण के ��त

    जाग3क बनाने के उSदेKय को �यान मe रखकर आयोिजत क[ जा रह: है। इसमe नेपानगर

    प+रसर, 4मल प+रसर, घर, शासक[य काया*लय, शै�5णक संAथाएँ, QचDकGसालय, सड़कe ,

    बाज़ार, Aमारक, ��तमा, बगीचे आFद को �दषूण और iलािAटक मुlत बनाकर Aवmछ

    एवं सु"दर बनाना �नधा*+रत है। यह ��तयोQगता तीन भागu मe वभlत है :-

    1. शै�5णक संAथान (�ाथ4मक वSयालय, उmचतर मा�य4मक वSयालय,

    fयावसा�यक संAथान एवं अ"य)

    2. काया*लय और अ"य संगठन (�नजी, सरकार: एवं अ"य)

    3. +रहायशी मकान (fयिlतगत, कॉलोनी एवं अ"य)

    इन तीन भागu मe आवKयकतानुसार नोडल अQधकार: �नयुlत Dकए गए हc। ये

    अQधकार:गण संबंQधत भवनu/काया*लयu/�ेtu/ वभागu मe पया*वरण को साफ एवं सु"दर

    बनाने के व4भ"न तर:कu से अवगत कराते हुए पया*वरण से संबंQधत वQधवत सूचना

    �दान करeगे। इस ��तयोQगता हेतु गFठत �नर:�ण स4म�त गणतंt Fदवस के पूव*

    �नर:�ण कर पुरAकार हेतु �े5णयu का �नधा*रण करेगी तथा 26 जनवर: (गणतंt Fदवस)

    के अवसर पर वजेताओं को पुरAकृत Dकया जाएगा। Aवmछता क[ यह �D

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    पनु_@दार एवं �मल /वकास योजना क� वत7मान िOथEत

    1. डी-इंDकंग iलांट के Aथापन के 4लए 4स वल काय* �ग�त पर है। आगामी एक माह

    के भीतर इससे संबंQधत संयंt एवं मशीनर: आना चालू हो जाएगी।

    2. म�य�देश वSयुत मNडल से वSयुत आपू�त * लेने हेतु सब-Aटेशन का काय* �ग�त

    पर है।

    3. पेपर मशीनu के नवीनीकरण के 4लये ठेका हो चुका है। वAततृ इंजी�नय+रगं का

    काय* �ग�त पर है।

    4. पावर हाउस का काय* भी शी}ा�तशी} �ारWभ Dकया जाएगा।

    अIय कhयाणकार5 गEत/वJधया ँ

    1. म�य�देश �म कoयाण मNडल, भोपाल के सहयोग से संAथान मe काय*रत

    अQधका+रयu व कम*चा+रयu के साथ ठेका �4मकu को +रयायती दर पर लगभग

    7070 कॉ पयu का वतरण माह अlतूबर 2015 मe Dकया गया।

    2. संAथान मe काय*रत ् कम*चार:/अQधकार: क[ आकिAमक मGृयु होने पर ��त�नQध

    �4मक संघ के अनुरोध पर एक अनुबंध कर संAथान मe काय*रत समAत Aथाई/

    अAथाई �4मकu व अQधका+रयu के वेतन से 3पये 100/- ��त �4मक/अQधकार: क[

    कटौती कर संAथान क[ ओर से 3पये एक लाख क[ रा4श सहायता के 3प मe

    �दान क[ जायेगी।