मातृभाषा में शिक्षा का महत्व

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मममममममम ममम मममममम मम ममममम मम ममममममम ममममममम ममम मम मममम मममममममममममममम ममममममममम मम मममम मम मम मममम मममम ममम मम मममम मममम मम मम ममममम मममममममम मम मममम ममम मममममममममम ममममममममम मम मममममम ममम ममम मम, मम मममममम मम ममम ममममम मम मम मममम मममम ममम मममममममममम ममम मममम मम ममम ममममम मम मममममममम मममम मममम मममम मम मम ममममममम ममम मम ममममममम मम मममम मम मम मम मममम मम मममम ममममम ममममम मममम ममम मममममममम: मममम मम मममम ममममम मममममम मम ममममम-मममममममम मममम मम मम ममममम मममम ममममम मम मम मम मम मममममममम मममम मम मममम ममम ममम मममम मम मम ममममम मम ममममममममम मम ममम मममम मम मम मम मम ममममम मम ममम मममममममम ममममम मम मममम मममममम मममममम मम मममममम मम मम मममम मममम ममम मम मम मम मममम मममममममममम, ममममममममममम ममम मममममममम ममम मममम मम ममम ममममम मम:मममम मममममम ममममम मममममममम ममम ममम मम मममम ममममममममम मम मममममम मममम मममममम मम ममममममममममम मममम मममम मम

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Page 1: मातृभाषा में शिक्षा का महत्व

मा�तृ�भा�षा� मा� शिक्षा� का� माहत्व

एक प्रबं�धन सं�स्थान में� एक यु�वा प्रशि�क्षणार्थी� आत्मेंहत्यु कर ले�ता ह�। वाह इसंक करणा शिलेख कर छो"ड़ जाता ह� किक कमेंजा"र अं�ग्रे�जा( क� करणा उसं� हस्युस्पद स्थिस्थाकितायु. सं� गु�जारन पड़ रह र्थी, जा" अंसंहन(यु ह" गुयु र्थी। ऐसं( ह( एक अंन्यु घटन में� किवाद्यार्थी� इसं( करणा सं� ता(न मेंह(न� ताक किवाद्यालेयु नह6 जाता ह�। घर पर संबं अंनभि8ज्ञ ह: और जानकर( ताबं ह"ता( ह� जाबं वाह गुयुबं ह" जाता ह�। ऐसं( खबंर� अंगुले� दिदन संमेंन्युता: 8�ले द= जाता( ह:। इसं प्रकर क चिं?@तान-किवाश्ले�षणा कह6 पर 8( सं�नई नह6 पड़ता ह� किक आजा 8( अं�ग्रे�जा( 8ष क दबंवा किकसं कदर 8रता कD नई प(ढ़ी= क" प्रतास्थिFGता कर रह ह�। सं? ता" युह ह� किक आजाद= क� बंद मेंताH8ष हिंह@द= और अंन्यु 8रता(यु 8षओं क� उत्थान क जा" संपन द�ख गुयु र्थी अंबं वाह संपन दस्तावा�जा., कयुLक्रमें. तार्थी सं�स्थाओं में� दबंकर रह गुयु ह�। क� छो दु:ख�ता घटनए� सं�?र मेंध्युमें. में� जागुह प जाता( ह:। संमेंस्यु क स्वारूप अंन�क प्रकर सं� चिं?@ताग्रेस्ता करन� वाले ह�।

द�� में� लेख. ऐसं� स्कQ ले ह: जाह� क� वाले एक मेंनद�यु प्रप्ता अंध्युपक कक्ष एक सं� प�? ताक क� संर� किवाषयु पढ़ीता ह�। क्यु यु� बंच्चे� क8( उनक� संर्थी प्रकितास्पधL में� बंरबंर( सं� खड़� ह" पए�गु� जा" द�� क� प्रकिताष्ठिVता स्कQ ले. में� अं�ग्रे�जा( मेंध्युमें सं� पढ़ीई कर रह� ह:? आजा उपलेब्धिXयु. क� बंड़� आ�कड़� संमेंन� आता� ह: किक 21 कर"ड़ बंच्चे� स्कQ ले जा रह� ह:, 15 कर"ड़ मेंध्युह्न 8"जान व्यवास्था सं� ले8न्विन्वाता ह" रह� ह:, स्कQ ले. कD उपलेXता लेगु8गु 98 प्रकिता�ता क� शिलेए एक किकले"में(टर क� दयुर� में� उपलेX ह� आदिद। युह( नह6, अंष्ठिधक�� रज्यु संरकर� अं�ग्रे�जा( पढ़ीन� कD व्यवास्था कक्ष एक यु द" सं� कर ?�कD ह: और इसं� बंड़( उपलेब्धिX क� रूप में� किगुनता( 8( ह:। आजा अंगुर 8रता क� यु�वाओं सं� पQछो� ता" वा� 8( युह( कह�गु�- अंगुर उनकD अं�ग्रे�जा( अंच्छी= ह"ता( यु कि^र वा� किकसं( कन्वा�ट यु पस्थि_लेक स्कQ ले में� पढ़ी� ह"ता� ता" जा(वान सं^ले ह" जाता। आजाद= क� बंद क� पहले� द" द�क. में� पQर( आ� र्थी( किक अं�ग्रे�जा( क वा?Lस्वा कमें ह"गु। हिंह@द= क� किवार"ध क� करणा संरकर� सं��किकता हुई जिजासंक खष्ठिमेंयुजा दूसंर( 8रता(यु 8षओं क" 8�गुतान पड़ रह ह�। ता(न-?र द�क ता" इसं( में� बं(ता� किक अं�ग्रे�जा( �ेमें� प्रकिता वाषL कर"ड़. बंच्चे� हईस्कQ ले पर(क्ष में� �̂ ले ह"ता� रह�।

प्रकितावाषL जाबं शि�क्ष क नयु संत्र प्रर�8 ह"ता ह� ताबं दिदल्ले( क� पस्थि_लेक स्कQ ले. में� प्ले�स्कQ ले, नसंLर( तार्थी क� जा( में� प्रवा�� क" ले�कर रष्ट्रव्यप( ??L ह"ता( ह�, ले�किकन दिदल्ले( क� 8वानकिवाह(न, �g?लेयु किवाह(न, पन(-किबंजाले( किवाह(न स्कQ ले. पर क8( ??L नह6 ह"ता(। प्रवा�� क� संमेंयु जिजान पस्थि_लेक स्कQ ले. कD ??L उसं संमेंयु सं�र्खिख@यु. में� रहता( ह� उसंक संबंसं� मेंहत्वापQणाL करक एक ह( ह"ता ह�-वाह� अं�ग्रे�जा( मेंध्युमें में� शि�क्ष द= जाता( ह�। और जाह� अं�ग्रे�जा( मेंध्युमें सं� शि�क्ष द= जाएगु(, श्रे�Vता ता" वाह6किनवासं कर�गु(। अं�ग्रे�जा, अं�ग्रे�जा( तार्थी अं�ग्रे�जिजायुता क� संमेंक्ष अंपन� क" न(? द�खन� कD हमेंर( प्रवाHभिjसंदिदयु. प�रन( ह�, ले�किकन व्यवास्था न� अं8( 8( उसं� बंनए रख ह�। बं(संवा6�ता_द= क� उjरधL में� अंन�क द�� स्वाता�त्र हुए र्थी� तार्थी इनमें� सं� अंन�क न� अं8QतापQवाL प्रगुकिता कD ह�। उसंक� पहले� क� सं"किवायुता सं�घ, ?(न और जापन क� उदहरणा ह:। जिजासं 8( द�� न� अंपन( 8ष क" मेंहत्वा दिदयु वाह अं�ग्रे�जा( क� करणा प(छो� नह6 रह। रूसं न� जाबं अंपन पहले अं�तारिरक्ष युन स्प�ताकिनक अं�तारिरक्ष में� 8�जा र्थी ताबं अंमें�रिरक में� ताहलेक में? गुयु र्थी। उसं संमेंयु रूसं में� किवाज्ञन और ताकन(क क� जानLले क� वाले रूसं( 8ष में� प्रकशि�ता ह"ता� र्थी�। पभिlमें( द��. क" स्वायु� उनक� अंन�वाद तार्थी प्रक�न क उjरदष्ठियुत्वा ले�न पड़। ?(न कD वा�ज्ञकिनक प्रगुकिता अं�ग्रे�जा( 8ष पर किन8Lर नह6 रह(।

आजा अंक्संर युह उदहरणा दिदयु जाता ह� किक ?(न में� हर जागुह ले"गु अं�ग्रे�जा( बं"लेन सं(ख रह� ह: और इसंक� शिलेए किवा��ष रूप सं� बंजाट आवा�दिटता किकयु गुयु ह�, ले�किकन युह� पर युह उल्ले�ख नह6 किकयु जाता ह� किक ?(न न� संमेंन स्कQ ले व्यवास्था 8( लेगुQ कर ले( ह�। वाह� क� छो किवाशि�ष्ट स्कQ ले. में� प्रवा�� क� शिलेए उठा-पटक नह6 करन( पड़ता(। ?(न न� युह ��भिक्षक अंवाधरणा 8( पQर( तारह मेंन ले( ह� किक प्रर�भि8क शि�क्ष मेंताH8ष में� ह( द= जान( ?किहए और ऐसं न करन बंच्चे. क� संर्थी मेंनशिसंक क्रQ रता ह�। मेंताH8ष क� मेंध्युमें सं� शि�क्ष ग्रेहणा करता� हुए बंच्चे� अंन्यु 8ष

Page 2: मातृभाषा में शिक्षा का महत्व

आन�दपQवाLक सं(ख� ता" युह सं�वाLर्थी न्युयुसं�गुता तार्थी उशि?ता ह"गु। संठा संले सं� अंष्ठिधक क� अंन�8वा क� बंद 8( हमेंर( शि�क्ष व्यवास्था में� अंन�क कष्ठिमेंयु� बंन( हुई ह:, जिजानक किनरकरणा क� वाले दृढ़ी इच्छी�शिp सं� ह( सं�8वा ह�। प्रशिसंद्ध संमेंजा वा�ज्ञकिनक श्युमें?रणा दुबं� न� कह र्थी किक शि�क्ष क एक प्रमें�ख उद्दे�श्यु पर�पर कD धर"हर क" एक प(ढ़ी= सं� दूसंर( ताक पहु�?न ह�। इसं प्रकिक्रयु में� पर�पर क संHजानत्मेंक मेंQल्यु�कन 8( �ष्ठिमेंले ह"ता ह�, ले�किकन क्यु हमेंर( शि�क्ष सं�स्थाए� 8रता(यु पर�पर कD ताले� कर रह( ह:? क्यु वा� 8रता(यु पर�पर कD प"षक ह:? वाताLमेंन शि�क्ष प्रणाले( आजा प(ढ़ी= और पर�पर में� अंलेगुवा प�द कर रह( ह�। जानसंधरणा सं� उसंकD दूर( बंढ़ीता( जा रह( ह�।

आध�किनकDकरणा कD भ्रमेंपQणाL व्यख्युओं क� करणा हमेंर( नई प(ढ़ी= में� ध�र(ह(नता आ रह( ह�। वाह न ता" पर�पर सं� प"षणा प रह( ह� और न ह( उसंमें� पभिlमें कD सं�स्कH किताक किवा��षताए� नजार आ रह( ह:। मेंताH8ष में� शि�क्षणा क� संर्थी अंन�क अंन्यु आवाश्युकताए� 8( ह: जा" हर 8रता(यु क" 8रता सं� जा"ड़न� और किवाश्व क" संमेंझन� में� संक्षमें ह"न� क� शिलेए आवाश्युक ह:। मेंताH8ष क इसंमें� अंप्रकितामें मेंहत्वा ह�, इसंसं� इनकर बं�मेंन( ह"गु। ऐसं� में� शि�क्ष में� रजान(किताक ले8 क" ध्युन में� रखकर बंदलेवा करन� क� स्थान पर ��क्षभिणाक दृष्ठिष्टक"णा सं� आवाश्युक बंदलेवा लेन आजा कD परिरस्थिस्थाकिता में� संबंसं� संरहन(यु कदमें ह"गु। 8किवाष्यु क" ऐसं� ह( प्र8वा�ले( प्रयुसं. कD आवाश्युकता ह�।

आजा कD आध�किनक शि�क्ष और गुyध(जा( कD बं�किनयुद= शि�क्ष आजा कD आध�किनक शि�क्ष और गुyध(जा( कD बं�किनयुद= शि�क्ष हमेंर� रहन�, जा(न�, और सं"?न� क ढं�गु बंदलेता( आजा कD आध�किनक शि�क्ष प्रणाले( किकतान( संर्थीLक वा

जा(वानउपयु"गु( ह� हमें 8ले(8yता( जानता� ह� गुyध(जा( न� " किहन्द स्वारजा" (प�ब्धिस्ताक) में� शिलेख र्थी " अं�ग्रे�जा( शि�क्ष ले�कर हमेंन� अंपन� रष्ट्र क" गु�लेमें बंनयु ह� । जा" ले"गु अं�ग्रे�जा( पढं� हुए ह�, उनकD सं�तान. क" न(किता ज्ञन,

मेंताH8ष शिसंखन( ?किहए और किहन्दुस्तान कD दूसंर( 8ष शिसंखन( ?किहए " गुyध(जा( क " यु�गु इस्थि{Gयु" में� प्रकशि�ता (१९२१) ले�ख क� मेंध्युमें सं� स्पष्ट कहy किक " युर्थीर्थीL शि�क्ष किवाद��( 8ष

क� मेंध्युमें सं� द�न अंसंम्भवा ह� तार्थी प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क मेंध्युमें मेंताH8ष ह( ह"न ?किहए । " गुyध(जा( न� अंक्ट�म्बंर १९३७ में� वाधL क� शि�क्ष- संम्में�लेन में� कहy र्थी किक " संवाले ह"ता ह� किक प्रशिर्थीमेंक शि�क्ष क स्वारुप क्यु

ह" ? में�र जावाबं युह किक किकसं( उद्या"गु यु दस्ताकर( क" बं(? में� रखकर उसंक� जारिरयु� ह( युह संर( शि�क्ष द= जान( ?किहए । लेड़क" क" क� छो 8( शिसंखयु जाए, आप कह संकता� ह� किक मेंध्युमें यु�गु में� हमेंर� युहy लेड़क. क" शिसं L̂ धन्धए ह( शिसंखयु� जाता� र्थी� । में: मेंनता हूँy, ले�किकन उन धन्ध. क� जारिरयु� संर( ताशिलेमें द�न� कD बंता ले"गु. क� संमेंन� न र्थी( । धन्ध शिसं L̂ धन्ध� क� ख्युले सं� शिसंखयु जाता र्थी । हमें ता" धन्ध� यु दस्ताकर( कD मेंदद सं� दिदमेंगु

क" आले(बंदिढंयु) बंनन ?हता� ह� में: ता" प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क� शिलेए क"ई धन्ध आता ह" ता" किनस्सं�क"? उसं�सं�झइयु�, ताकिक हमें उसं पर 8( कर संक� । लेकड़( में�झ� संबंसं� ज्युद इसंशिलेए जा�?ता( ह� किक किक इसं� छो"ड़कर और

धन्धओं क� शिलेए हमेंर� पसं क"ई संमेंन मेंgजाQद नह6 ह� । अंपन� शिलेए शि�क्ष क युह( तार(क उपयु"गु( ह"गु बं�ता� किक हमें अंपन� बंलेक. क" �हर( न बंनन ?ह� । हमें ता" उन्ह� अंपन( सं�स्कH किता, अंपन( संभ्युता और अंपन� द�� कD संच्चे( प्रकिता8 क प्रकिताकिनष्ठिध बंनन ?हता� ह: और में�र� ख्युले में� स्वावालेम्बं( प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क� शिसंवा दूसंर� ढ़ी�गु

सं� हमें उन्ह� ऐसं बंन नह6 संकता� । इसं मेंमेंले� में� युQर"प हमेंर आद�L नह( बंन संकता ह�, क्यु.किक वाह किहन्सं पर किवाश्वसं करता ह� हमेंर� पसं शि�क्ष क इसं अं�किहसंत्में यु"जान क� शिसंवा और क"ई उपयु ह( कहy ह� । "

शि�क्ष क आरम्भ उद्या"गु और उसंक� द्वार ह"न ?किहए ऐसं गुyध(जा( मेंनता� र्थी� शि�क्ष क मेंतालेबं क� वाले अंक्षर( ज्ञन ताक ह( सं(ष्ठिमेंता न रहन । शि�क्ष क� बंर� में� "हरिरजान" नमेंक ( ८ शिसंताम्बंर१९३९) क� एक ले�ख में� शिलेख किक में�र मेंता ह� किक बं�जिद्ध कD संच्चे( शि�क्ष �र(रिरक अं�गु. क� उशि?ता व्ययुमें और अंन��आसंन सं� प्रप्ता ह" संकता( ह�

�र(रिरक अं�गु. क� बं�जिद्धपQणाL उपयु"गु सं� बंलेक क बं"जिद्धक किवाकसं ह"ता ह� । गुyध( जा( क किवाश्वसं र्थी किक प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष में� दस्ताकर( क" एक पHर्थीक किवाषयु रखन� क� बंजायु उसंक� मेंध्युमें सं� गुभिणाता, 8Qगु"ले, इकिताहसं

इत्युदिद पढ़ीन ?किहए ताकिक दस्ताकर( द्वार बंच्चे� क" त्रमें कD प्रकिताV और स्वावालेम्बंन कD 8( शि�क्ष द= जा संक� । गुyध( जा( किकताबं( ज्ञन अंप�क्ष अंपन� अंन�8वा सं� प्रप्ता ज्ञन क" अंष्ठिधक मेंहत्वा द�ता� र्थी� । शि�क्ष मेंताH8ष क�

मेंध्युमें सं( ह( द= जान( ?किहए । रष्ट्र8ष क बं"ले- संमेंझ संकन� वाले ज्ञन दिदयु जाए धर्मिमें@क शि�क्ष 8(

Page 3: मातृभाषा में शिक्षा का महत्व

अंकिनवायुL रुप सं� द= जाए ताकिक धमेंL वा सं�स्कH किता क 8( उसं� ज्ञन ष्ठिमेंले संक� किकताबं( ज्ञन नह( ह"न ?किहए शि�क्षक क� आ?रणा क 8( किवा��ष मेंहत्वा उसं बंलेक पर पड़ता ह� जा" उसंसं� शि�क्ष हशिसंले कर रहy ह" अंता� शि�क्षक क आ?रणा ठा�क- ठाक ह" बंलेक. क" १६ वाषL ताक कD आयु� क� बंद अंपन( मेंताH8ष कD शि�क्ष 8( द=

जान( ?किहए जा�सं� किहन्दु क" किहन्द= वा में�संलेमेंन क" अंरबं( 8ष क ज्ञन दिदयु जान ?किहए उन्ह� �र(रिरक कयु� क� संर्थी अंक्षर( ज्ञन क 8( पठा पढ़ीयु जाए ताकिक वा� जाल्द शि�क्ष व्यवाहरिरक ताgर पर सं(ख संक� ।

गुyध( जा( न� प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क" ले�कर जा" स्वाप्न द�ख र्थी वाह र्थी किक - प्रत्यु�क �संन कD संj पर किन8Lर न रह� । संमेंजा में� श्रेमें क" ह( गुgरवापQणाL और जा(किवाक क� क्ष�त्र में� वा� स्वावालेम्बं( ह" । व्यशिp क" एक नई दिद� द�न� क� प्रयुसं में� र्थी� गुyध(जा( शि�क्ष क� जारिरयु� । गुyध(जा( क नजारिरयु शि�क्ष क� प्रकिता इसं तारह क र्थी वा� संबं( क� शिलेए संमेंन रुप सं� शि�क्ष द�न� क प्रयुसं करन� में�

किहता संमेंझता� र्थी� किकताबं( ज्ञन सं� वा� शि�क्ष क� संर्थी संर्थी बंच्चे� क" स्वावालेम्बंन( बंनन� क सं"?ता� र्थी� ताकिक वाह व्यशिp अंपन( जा(किवाक आसंन( सं� ?ले संक� ?ह� वाह किकतान ह( गुर(बं क्यु. न ह" ? उनकD प्रशिर्थीमेंक शि�क्ष कD न(किता गुर(बं ले"गु. कD 8वान क" ध्युन में� रखकर बंनई गुई र्थी( ।

आजा कD आध�किनक शि�क्ष न(किता ठा�क इसंक� किवापर(ता ह� अं8वानत्मेंक न(किता युQर"प(युन छोप सं� प्र�रिरता जिजासंमें� आमें व्यशिp सं� क"ई संर"कर नह( ह"ता ह� उसं शि�क्ष क हमेंर� जा(वान में� क्यु मेंहत्वा ह"गु किकसं दिद� कD ओर हमें� ले� जाएगु( हमें स्वायु� अंन�मेंन लेगु संकता� ह� रटन प्रणाले( सं� रट� हुए प्रश्नो"jर. क" पर(क्ष परिरणामें अं�च्छी� आन� क� उद्दे�श्यु सं� रट� जाता� ह� जा" परिरणामें आन� क� द" मेंह ताक क� छो ज्ञन नह( ह"ता किक हमेंन� किकसं( प्रकर क किकतान

रट और पर(क्ष परिरणामें ताक ह( उसंक उपयु"गु रहता ह� अंसंले जा(वान में� उसं रटन अंध्युनवाले( क"ई कमें कD नह( ह"ता( ह� । अंच्छी� अं�क प्रप्ता करक� हजार. कD ताबंद में� शि�भिक्षता बं�र"जागुर यु�वाक- यु�वाकितायुy नgकर( प"न� क� शिलेए लेयुकिताता घQमें रह( ह� लेख. रुपयु. कD मेंyहगु( किकताबं� पढ़ीकर वा� ?न्द किGग्रे( ह( हशिसंले कर पता� ह� और वा�

किGग्रे(युy 8( मेंह्तावाह(न जाबं ह"ता( ह� जाबं किक हमें� हजार. प्रयुसं क� बंवाजा�द 8( नgकर( न ष्ठिमेंले संक� और छो"ट- में"ट कमें- धन्ध ता" हमें कर ह( नह( संकता� ह� क्यु.किक आध�किनक शि�क्ष पद्धकिता में� रटन शि�क्ष क� अंलेवा क"ई

व्यवासंष्ठियुक पठ्यक्रमें नह( शिसंखयु जाता ह� जिजासं� हमें आसंन( सं� व्यवासंयु क� रुप में� अंपन संक� । हमेंर( शि�क्ष न(किता क� आध�किनककरणा क� अंलेवा बंढ़ीता( गुर(बं( और जानसं�ख्यु� वाHजिद्ध न� बं�र"जागुर( कD संमेंस्युy ओर 8(

किवाकरले कर द= ह� हता� यु�वा गुर(बं( और बं�र"जागुर( सं�, र"जा र"जा परिरवारिरक तान� संमेंजिजाक जान� सं� पर��न जाल्द अंमें(र( क� स्वाप्न सं�जा"न� में� लेगु जाता� ह� और अंपरष्ठिधकता सं� नता जा"ड़ ले�ता� ह� जिजासंसं� स्वायु� क अंकिहता ता" ह"ता ह�, बंब्धिल्क संमेंजा वा रष्ट्र क 8( जान�- अंनजान� में� अंकिहता करन� सं� नह( कतारता� ह� । अंता� शि�क्ष क� संर्थी हमेंर( सं"? 8( आध�किनक युQर"प(यु सं"? सं� प्र8किवाता ह"कर अंन(कितापQणाL ह"न� कD वाजाह सं� हमें� आत्मेंउत्थान क

मेंगुL नह( ष्ठिमेंले पता ह� । अंता� हमें� उjमें शि�क्ष जा" न(कितापQणाL ह" जा" हमें� 8यु वा किनर� सं� 8( में�शिp द� संक� अंन��शिसंता जा(वान,

आत्मेंसंम्मेंन, कjLव्यकिनVता, किवाश्वसं, प्र�में8वा सं� परिरपQणाL न(किताज्ञन जा" एक श्रे�V नगुरिरक बंन संक� ऐसं( शि�क्ष पद्धकिता अंपनई जाए जा" शि�क्ष क� संर्थी स्वार"जागुर क� स्वासं�ले8 जिजासं� गुर(बं बंच्चे� 8( ^युद उठा संक� । आजा

क� दgर शि�क्ष शिसं L̂ अं�ग्रे�जा(, प्रlता सं�स्कH किता कD धप बंनकर रह गुई ह� । जा" हमेंर( रुशि? क� अंन�संर हमेंर� संम्पूQणाL व्यशिpत्वा किवाकसं में� संहयुक ह"कर हमें� श्रे�V नगुरिरक बंनन� में� हमेंर( मेंदद कर� । अंन�ताकतापQणाL स्क� ले. वा कले�जा परिरसंर. में� आयु� दिदन किहन्संत्मेंक वारदता� ह"न हमेंर( आध�किनकत्में शि�क्ष न(किता पर प्रश्नोशि?न्ह लेगुता ह�

हमेंर( न(किताज्ञयुता में� कमें( इसं( क परिरणामें ह� हमेंर� आद�L क्यु ह� गु�रु क संम्मेंन क्यु ह"ता ह� मेंyता- किपता कD आदर करन इत्युदिद क ज्ञन हमेंर� व्यवाहर सं� बंहर ह" जान� सं� हमें आसंपसं क� मेंहgले सं� प्र�रिरता बंहर( शि�क्ष न(किता कD बंहर( सं�स्कH किता वा न(किता क" अंपनकर अंपन� ह( 8किवाष्यु क� संर्थी खिखGवाले कर रह� ह� बंब्धिल्क संमेंजा वा

रष्ट्र क 8( अंकिहता कर रह� ह� । सं�स्कH किता क ज्ञन न ह"न हमेंर( शि�क्ष न(किता में� न(किताज्ञ ज्ञन क अं8वा 8वा( प(ढ़ी= ह( नह( 8किवाष्यु में� संम्पूQणाL रष्ट्र क� शिलेए अंकिहताकर ह"गु । अंता� जारुरता ह� हमें� आध�किनक शि�क्ष में� बंदलेवा

कD । लेख. रुपयु. कD यु"जानए� ?लेन� क� बंजाए शि�क्ष क संरले(करणा वा प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क� संर्थी संर्थी व्यवासंईक पठ्यक्रमें 8( शिसंखयु� जाए ताकिक वा� बंच्चे� जा" इसं संमेंयु ( आजा क� दgर में� ) हमेंर� द�� में� संबंसं�

ज्युद ह� जार सं( पQजा( क� संर्थी व्यसंयु कर अंपन� परिरवार क 8रणा- प"षणा क� संर्थी संर्थी अंपन( स्क� ले( प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष कD ताशिलेमें 8( ले�ता� रह� स्क� ले. में� 8"जान व्यवास्था वा में�p कD किकताबं�, स्क� ले ड्रे�सं, स्कलेशि�प सं�

Page 4: मातृभाषा में शिक्षा का महत्व

गुर(बं बंच्चे� स्क� ले कD ओर आकH र्षिष@ता जारुर हुए ह�, ले�किकन वा� गुर(बं बंच्चे� जा" मेंy- बंप क� संर्थी स्वायु� 8( परिरवार कD आयु स्त्र"ता क� शिलेए मेंजादुर( करन� पर बंध्यु ह� उनक� शिलेए ऐसं( यु"जानएy किकसं कमें कD अंता� हमेंर( संरकर क"

इसं तारह क� बंच्चे. क" शि�भिक्षता बंनन� क� शिलेए प्रशिर्थीमेंक शि�क्ष क� संर्थी संर्थी व्यवासंष्ठियुकता संम्बंन्ध( पठ्यक्रमेंदिद. यु� जाए ताकिक वा� पढ़ीई क� संर्थी संर्थी बंलेमेंजा�दर( क� शिलेए बंध्यु न रह� ।

गुyध( जा( न� कहy र्थी किक - पठा�ले ?रिरत्र किनमेंLणा, शि�क्ष र"जागुर क संधन स्थाले( ह"न ?किहए वाह शि�क्ष जा" मेंन�ष्यु क" कम्प्यु�टर कD 8�किता ज्ञ�न- संमेंग्रे( क किवाश्वक"�, र"बं"ट क� संमेंन मेंनवा��न्यु प��ता कD श्रे�णा( में� न ले ख{G कर� मेंनवा( जा(वान क मेंहत्वा ह� उसंक� किवा?र. आद�. सं� । अंता� गुyध(जा( कD बं�किनयुद= शि�क्ष न(किता क

स्वाप्न आजा 8( किकतान प्रसं�किगुता ह� अंमेंले यु"ग्यु किकतान आवाश्युक ह� अंन�किताकता कD बं�किGयुy ता"Gन� क� शिलेए हमें� उनक� आद�� क" पQनL� अंपनन ह"गु ।

खा�मिमायों� से� भारी� ह� सेरीका�री का� स्का� ली� शिक्षा� नी�तितृ

स्कQ ले( शि�क्ष क� सं�बं�ध में� संरकर( न(किता गुलेता दिद� में� बंढ़ी रह( ह�।

एक ओर जाह� संरकर ऐसं� किनयुमें बंनन� पर कमें कर रह( ह� जिजासंक� ताहता प्रइवा�ट-पस्थि_लेक 8गु(दर( क� जारिरए ��रू में� 2500 स्कQ ले स्थाकिपता किकए जाए�गु� ताकिक युह पता लेगुयु जा संक� किक आर्थिर्थी@क वा संमेंजिजाक रूप सं� किपछोड़� बंच्चे. क" शि�क्ष उपलेX करन� में� किनजा( क्ष�त्र कD 8गु(दर( क" क� सं� बंढ़ीयु जा संकता ह�।

वाह6, दूसंर( ओर वाह बंच्चे. क" किन:��ल्क एवा� अंकिनवायुL शि�क्ष अंष्ठिधकिनयुमें 2009 युन( शि�क्ष क� अंष्ठिधकर क� जारिरए हकDकता में� प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष क रष्ट्र(युकरणा करन� जा रह( ह�। अंगुर लेगुता ह� किक युह प्रकिताकिक्रयु जारूरता सं� ज्युद ह� ता" कि^र इसं ले�ख पर एक नजार Gले ले�।

किनजा( स्कQ ले. क रष्ट्र(युकरणा संरकर द" तारह सं� कर�गु(। पहले, सं8( किनजा( स्कQ ले. क" अंपन( एक किताहई सं(ट पड़"सं में� रहन� वाले� कमेंजा"र वागु� क� बंच्चे. क� शिलेए आरभिक्षता करन( ह"गु( और उन्ह� में�फ्ता वा अंकिनवायुL रूप सं� प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष द�न( ह"गु(।

इसं तारह किनजा( स्कQ ले. क" अंबं अंन�संQशि?ता जाकिता, अंन�संQशि?ता जानजाकिता, अंन्यु किपछोड़ वागुL, गुर(बं और अंन्यु ले"गु. क" संरकर क� कर्थीन क� में�ताकिबंक आरक्षणा द�न ह"गु। यु� सं8( मेंनद�G सं�बं�ष्ठिधता संरकर द्वार अंष्ठिधसंQ?न क� जारिरए किनर्दिद@ष्ट किकए जा संकता� ह:।

अंपन( क्षमेंता कD एक ?gर्थीई सं(ट कD बंबंता 8�गुतान क� मेंमेंले� में� संरकर उन स्कQ ले. क" रकमें द�गु(, ले�किकन इसं रकमें क� बंर� में� संरकर ह( तायु कर�गु(। युह रकमें संरकर द्वार ख�द क� स्कQ ले में� हर बंच्चे. पर ख?L कD जान� वाले( रकमें ह" संकता( ह�।

अंपन� स्कQ ले क� किवास्तार कD यु"जान बंन रह( शि�क्ष प्रदता मेंसंलेन एG�क�म्पू और स्कQ ले कD श्रेH�खले ?लेन� वाले� दिदल्ले( पस्थि_लेक स्कQ ले क" अंपन( यु"जान पर कि^र सं� किवा?र करन� कD जारूरता ह"गु( क्यु.किक युह कनQन उनकD आमेंदन( क" अंच्छी खसं कमें कर द�गु।

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ज्युद मेंहत्त्वापQणाL युह ह� किक किनजा( स्कQ ले अंबं किवाभि8न्न संरकर( किवा8गु. क� प्रकिता जावाबंद�ह ह.गु� और युह जावाबंद�ह( अंल्पसं�ख्युक मेंमेंले. क� में�त्रलेयु सं� ले�कर अंन�संQशि?ता जाकिता आयु"गु यु और दूसंर� किवा8गु. क� प्रकिता ह" संकता( ह�।

इसं अंष्ठिधकिनयुमें में� और 8( बंहुता क� छो ह� जा" आपक" किवाब्धिस्मेंता कर�गु� किक आखिखर स्कQ ले क सं�?लेन क� सं� ह"गु - प्रवा�� पन� वाले� किकसं( 8( बंच्चे� क" न ता" किकसं( कक्ष में� वापसं 8�जा जाएगु यु स्कQ ले सं� किनले�किबंता किकयु जाएगु, जाबं ताक किक प्रर्थीष्ठिमेंक शि�क्ष पQर( नह6 ह" जाता(। बंच्चे. क" किनद�� उनकD अंपन( मेंताH8ष में� दिदयु जाएगु (?व्हणा और ठाकर� क" इसं पहले क स्वागुता करन ?किहए!)।

क"ई 8( शि�क्षक किनजा( ताgर पर टयुQ�न पढ़ीएगु। अंगुर इतान( बं�र( ?(जा� पयुLप्ता नह6 ह� ता" कि^र अंन्यु धर 8( ह� जा" कहता( ह� किक 8किवाष्यु में� शिसं L̂ मेंन्युता प्रप्ता स्कQ ले. क" ह( अंन�मेंकिता द= जाएगु(। गु�र-मेंन्युता प्रप्ता स्कQ ले. क� पसं ऐसं प्रमेंणा पत्र हशिसंले करन� क� शिलेए 3 सं� 5 संले क संमेंयु ह"गु। मेंन्युता पन� क� शिलेए स्कQ ले क" क� छो किनभिlता बं�किनयुद= सं�र?न क� मेंनक. क" पQर करन ह"गु।

संर्थी ह( इसंक� पसं शि�क्षक-छोत्र क न्युQनतामें अंन�पता क मेंनक पQर करन ह"गु और शि�क्षक. क� पसं न्युQनतामें आधर8Qता ��भिक्षक यु"ग्युता 8( ह"न( ?किहए। सं�ध्द�किताक रूप सं� युह संह( सं�क� ता द� रह ह�, ले�किकन अंगुर इसंक� परिरणामेंस्वारूप यु� स्कQ ले बं�द ह" जाए� (यु स्कQ ले इ�स्प�क्टर क" रिरश्वता क� ताgर पर में"ट= रकमें द�कर जा(किवाता रहन� कD क"शि�� कर�), क्यु इसं तारह क उद्दे�श्यु इसंमें� नह6 ह�?

किनजा( स्कQ ले. कD सं�ख्यु ज्युद नह6 ह� और प्रर्थीमें कD संलेन रिरप"टL क� में�ताकिबंक गु�वा. में� 25 ^Dसंद= और �हर( इलेक. में� 40-50 स्कQ ले किनजा( क्ष�त्र में� ह:। अंष्ठिधकिनयुमें में� शि�क्षक-छोत्र अंन�पता क� क� छो आधर8Qता किनयुमें ह: (60 बंच्चे. वाले� स्कQ ले क� शिलेए द" शि�क्षक आदिद) और अंष्ठिधकिनयुमें कहता ह� किक स्कQ ले में� हर शि�क्षक क� शिलेए कमें सं� कमें एक क्लेसं रूमें ह"न ?किहए।

हर रज्यु हले�किक अंपन किनयुमें बंनन� क� शिलेए स्वाता�त्र ह� - उदहरणा क� ताgर पर प�जाबं कहता ह� किक प्रर्थीष्ठिमेंक स्कQ ले कमें सं� कमें 750 वागुLमें(टर क्ष�त्र में� ह"न ?किहए । हर क्लेसं रूमें 200 वागुL̂ Dट जागुह में� ह"न ?किहए और युह कमें सं� कमें 10 ^Dट ?gड़ ह"न ?किहए। प्रयु"गु�ले कमें सं� कमें 225 वागुL̂ Dट क्ष�त्र में� ह"न( ?किहए और प�स्ताकलेयु 250 वागुL̂ Dट में�।

क्यु ��भिक्षक परिरणामें क" जा�? क आधर नह6 बंनयु जान ?किहए बंजायु बं�किनयुद= सं�र?न क� ? किकसं( 8( मेंमेंले� में� किनजा( स्कQ ले अंभि88वाक क" बं�दूक कD न"क पर बंच्चे. क" प्रवा�� क� शिलेए बंध्यु नह6 करता�, ऐसं� में� युह स्पष्ट ह� किक वा� ऐसं( शि�क्ष में�ह�यु कर रह� ह: जा" किक मेंgजाQद संरकर( स्कQ ले में� नह6 ष्ठिमेंलेता(।

शि�क्ष में�त्र( ककिपले शिसं_बंले क" किवाश्वसं नह6 ह� किक गु�र-मेंन्युता प्रप्ता किनजा( स्कQ ले क� छो पढ़ीता� ह:, ले�किकन वा� एक किनभिlता अं�तारले पर ख�द ह( इसंकD जा�? क्यु. नह6 करता� यु ज्युद मेंहत्वापQणाL युह ह� किक वा� संरकर( स्कQ ले में� सं�धर पर ध्युन क� दि¢ता क्यु. नह6 करता�।

युह जानकर( संमेंन्यु रूप सं� उपलेX ह� किक किनजा( स्कQ ले संरकर( क� में�कबंले� शि�क्षक. क" उसंक एक अं�� 8र ह( 8�गुतान करता� ह: और उनक� युह� मेंgजाQद शि�क्षक संरकर( स्कQ ले कD तारह यु"ग्यु 8( नह6 ह"ता�। अंष्ठिधकिनयुमें क� में�ताकिबंक, दिदए जान� वाले� वा�तान वा 8j और सं�वा-�ता£ वा�सं( ह"न( ?किहए जा�सं( किक बंताई जा संकता( ह� - इसं अंष्ठिधकिनयुमें क� संर्थी जार( में�Gले किनयुमें इसं बंबंता किवास्तार सं� बंताता� ह:।

ऐसं� में� आlयुL नह6 ह"ता जाबं शिसं_बंले न� शि�क्ष में�ह�यु करन� वाले� एक ग्रे�प क" बंतायु किक अंष्ठिधकिनयुमें में� क� छो 8( ऐसं नह6 ह� किक किनजा( स्कQ ले. क" संरकर( स्कQ ले कD तारह वा�तान द�न ह"गु ता" कि^र उसं कमेंर� में� खमें"�( छो गुई र्थी(। शिसं_बंले कहता� ह: किक किवाद��( वा किनजा( मेंहकिवाद्यालेयु. क" एसंसं(, एसंट= और ओबं(सं( क� शिलेए सं(ट� आरभिक्षता करन� कD जारूरता नह6 ह"गु( क्यु.किक उसंकD स्थापन संरकर( रकमें सं� नह6 हुई ह�।

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ऐसं� में� उन्ह� किनजा( स्कQ ले. क" इन वार¤Lगु. क� शिलेए सं(ट� आरभिक्षता करन� कD खकितार कहन� में� र्थी"ड़ मेंलेले ह"ता ह�! हले�किक कई किनजा( स्कQ ले अंदलेता जान� कD धमेंकD द� रह� ह:, ले�किकन में: इसं बंबंता बंहुता ज्युद चिं?@किताता नह6 हूँ�।

जाबं दूरसं�?र क� पन( एसंट�ले अंदलेता गुई और मेंनमेंन� तार(क� सं� ?�हिंन@द ^में� क" लेइसं�सं आवा�दिटता करन� कD संरकर( न(किता क� खिखले^ में�कदमें जा(ता गुई ता" कि^र संरकर न� उसंसं� कह किक जाह� 8( उसं� लेइसं�सं ष्ठिमेंले ह� वाह� वाह अंपन परिर?लेन बं�द कर द�।

कि^र क� पन( न� शिलेख किक उसंन� क8( 8( और लेइसं�सं कD में�गु नह6 कD और इसं� आधर बंनकर संरकर न� उच्चेतामें न्युयुलेयु क" युह संमेंझन� कD क"शि�� कD किक वाह इसं मेंमेंले� में� �̂ संले न द�। क� ले ष्ठिमेंलेकर कह जा संकता ह� किक क"ई 8( संरकर सं� द"-द" हर्थी नह6 कर संकता जाबं वाह आक्रमेंक न(किता क संहर ले�ता( ह"।

शिक्षा� मा� शिक्षाका� का� भा�मिमाका� माहत्वपू�र्ण - सिंसे"हजायुप�र। ग्रेमें(णा किवाकसं एवा� प�?युता( रजा में�त्र( 8रता चिंसं@ह न� कह ह� किक जिजासं प्रकर सं(में पर द�� कD सं�रक्ष में� सं�किनक. कD सं�वा मेंहत्वापQणाL ह� उसं( प्रकर रष्ट्र क� किनमेंLणा में� शि�क्षक. कD सं�वा 8( मेंहत्वापQणाL ह�।  चिंसं@ह �किनवार क" क"ट सं� 70 किकले"में(टर दूर सं�गु"द प�?युता संष्ठिमेंकिता परिरसंर में� आयु"जिजाता रजास्थान शि�क्षक सं�घ (��खवाता) क� द" दिदवासं(यु जिजाले ��भिक्षक संम्में�लेन क� संमेंपन संमेंर"ह में� में�ख्यु अंकिताशिर्थी क� रूप में� बं"ले रह� र्थी�। चिंसं@ह न� कह किक शि�क्षक. क" मेंजाबंQता रष्ट्र क� किनमेंLणा कD सं"? क� संर्थी सं�वा�दन�(ले ह"कर बंच्चे. क" शि�क्ष द�न( ह"गु(। उन्ह.न� कह किक शि�क्षक क" रष्ट्र किनमेंLता क� रूप में� स्वाप्नदृष्ट बंनकर सं�वा 8वान सं� कमें करन� पर ह( अंच्छी� रष्ट्र क किनमेंLणा सं�8वा ह"गु।  चिंसं@ह न� कह किक शि�क्ष क� पकिवात्र उद्दे�श्यु क" पQर करन� क� शिलेए जारूर( ह� किक शि�क्षक. क� संर्थी जानप्रकिताकिनष्ठिध 8( आमेंजान क� बंर� में� सं"?� और उनकD शि�क्ष क� प्रकिता आ� क� अंन�रूप कयुL कर�।    चिंसं@ह न� शि�क्षक. कD संमेंस्युओं क� सं�द8L में� कह किक संरकर शि�क्षक. कD संमेंस्युओं क� संमेंधन कD दिद� में� किनरन्तार प्रयुत्न�(ले ह�। उन्ह.न� किवाश्वसं दिदलेयु किक जा" संमेंस्युए� शि�क्षक. न� बंताई ह� उनक� संमेंधन क� शिलेए वा� अंपन� स्तार सं� 8( प्रयुसं कर�गु�।  संमेंर"ह कD अंध्युक्षता करता� हुए क"ट-बंQ�द= ले"कसं8 क्ष�त्र क� सं�संद इज्युरजा चिंसं@ह न� कह किक छोत्र और यु�वा प(ढं= द�� क 8किवाष्यु ह:। उन्ह.न� कह किक शि�क्षक अंपन� कयुL क" सं�वा 8वान सं� अं�जामें द�ता� हुए यु�वा प(ढं= क" सं�वारकर द�� कD दिद� तायु कर संकता� ह�। चिंसं@ह न� शि�क्ष क� ढं�?� में� सं�धर कD जारूरता बंताता� हुए कह किक शि�क्ष में� बंदलेवा क� प्रयुसं किकयु� जा रह� ह:। उन्ह.न� कह किक शि�क्ष क" करगुर बंनन� क� शिलेए पठ्यक्रमें क" अंन�कQ ले बंनन ह"गु एवा� सं(खन�-सं(खन� क� ताgर तार(क. में� बंदलेवा लेन ह"गु। प्रजाता�त्र क� शिलेए जारूर( ह� किक द�� क प्रत्यु�क नगुरिरक संQशि?ता और शि�भिक्षता ह"। अंकिताशिर्थीयु. न� में� संरस्वाता( क� शि?त्र पर मेंल्युपLणा एवा� द=प प्रज्वाशिलेता कर संमेंपन संमेंर"ह क ��8र�8 किकयु। में�ख्यु सं�रक्षक ईश्वर चिंसं@ह एवा� प्रद�� उपध्युक्ष सं�र�� में�हर न� शि�क्षक. कD संमेंस्युओं और में�गु. पर प्रक� Gले।