के बारे में सोचते हुए · तरीके को कैसे...

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  • ...के बारे में सोचते हुएएजेंसी एजेंसी होने का मतलब ह ै- “घटनाओं को प्रभावित करने और दवुनया पर छाप डालने के वलए विकलपों का चयन करने ि वनर्णय लेने में समर्ण होना।” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 45)।बच्ों में एजेंसी की भािना विकवसत होने से उनहें इस बात का एहसास होता ह ैकक िे अपने वनर्णय सियं लेने में और अपने जीिन को सियं वनयंवरित करने में सक्षम हैं। एजेंसी की भािना पहचान की सशक्त भािना का एक महतिपूर्ण वहससा होती ह।ै

    आप एजेंसी की भािना विकवसत करने के वलए बच्ों का समर्णन कैसे करते हैं?आपकी सेटटंग में कया-कया ऐसे अिसर हैं वजनसे बचे् सियं को प्रभावित करने िाली चीजों के बारे में सार्णक वनर्णयों और विकलपों का चयन कर सकते हैं?

    बचे् अपने कदन के ककन पहलुओं का वनयंरिर सियं कर सकते हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में सोचते हुएसीखने की प्रिृवतियां प्रिृवतियां जीिन के बारे में सोचने के तरीके होते हैं। िे इस बात का िर्णन करती हैं कक हम आम-तौर पर वसरवतयों के जिाब कैसे दतेे हैं। हम शमलीले या बहुत वमलनसार ि बोलने िाले, उतसाही या वनराशािादी, ऊजा्णिान या सौमय हो सकते हैं। ये सभी विशेषताएं प्रिृवतियां होती हैं।

    ई िाई एल एफ का उदे्शय ऐसी प्रिृवतियों को बढ़ािा दनेा ह ैजोकक नया सीखने के वलए उतप्रेररत करती हैं, जैसे वजज्ासा, सहयोग, रचनातमकता, सुदढ़ृता और उतसाह।

    आप इन प्रिृवतियों के विकास को कैसे बढ़ािा दतेे हैं?आप अपनी सेटटंग में बच्ों को रचनातमक और वजज्ासु बनने के वलए कैसे प्रोतसावहत करते हैं?आप बच्ों में सुदढ़ृता और लगनशीलता विकवसत करने में कैसे मदद दतेे हैं?आपकी दखेभाल में बचे् आतम-विश्ास से पररपूर्ण और सवममवलत वशक्षारली कैसे बनते हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में सोचते हुएपेडागॉजीपेडागॉजी “वशक्षर की कला” का िर्णन करती ह।ै हम वजस तरह से बच्ों के सार काम करते हैं, िह हमारी पेडागॉजी होती ह।ै इसमें हम कया करते हैं, हम कैसे करते हैं और हम ऐसा करने के बारे में कैसा सोचते हैं – ये सभी शावमल हैं। हमारी पेडागॉजी आम-तौर पर हमारे सियं के अपने विश्ासों, हमारे अनुभि और बच्ों और वशक्षा के बारे में हमारे पेशेिर ज्ान का एक सवममश्रर होती ह।ै

    ई िाई एल एफ हमें अपनी पेडागॉजी पर कफर से सोचने के वलए प्रोतसावहत करता ह ैवजससे कक यह सुवनवचित हो पाए कक हम कया कर रह ेहैं, इस पर हम धयान से सोच सकें । हम जो कर रह ेहैं, हमें उसके पीछे काररों का भी ज्ान होना चावहए; बजाय इसके कक हम वबना सोचे-समझे कुछ भी करें कयोंकक “इस तरह से यह हमेशा ककया जाता रहा ह।ै” हम कया करते हैं, इस बात पर वनयवमत रूप से धयान द ेकर हम यह सुवनवचित करते हैं कक हमारी पेडागॉजी अद्यतन और प्रभािी रह।े

    अपनी खुद की “पेडागॉजी” या बच्ों के सार काम करने के तरीके के बारे में सोचें। यकद आपको इसे ककसी और को समझाने के वलए कहा जाए, तो आप कया कहेंगे?आप अपने काम के कौन से सबसे महतिपूर्ण पहलुओं को प्रकट करेंगे?

    ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

    ...के बारे में सोचते हुएसावभप्राय वशक्षर“अवभप्राय” होने का मतलब यह ह ैकक हम जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे एक उद्ेशय या कारर हो। सावभप्राय वशक्षर इस बारे में ह ैकक हम बच्ों के सार अपने काम में एक उदे्शय या कारर विकवसत करें। जब हमारा वशक्षर “सावभप्राय” होता ह,ै तो इसका मतलब ह ैकक हम कोई काम कयों कर रह ेहैं और हम कया हावसल करने की उममीद करते हैं - इनके बारे में हमारे मन में एक विचार ह।ै “सावभप्राय” होना महतिपूर्ण ह ैकयोंकक जब हमारे मन में एक उदे्शय होता ह,ै तो हम जो कुछ भी करने के वलए खड़ ेहोते हैं उसे प्राप्त करने की सँभािना कहीं अविक बढ़ जाती ह।ै

    अपने काय्णसरल के बारे में सोचें। आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें से ककतना “सावभप्राय” ह?ैइस बारे में सोचें कक आप कैसे “सावभप्राय” हो सकते हैं – आप जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे कया कारर हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएसाँसकृवतक सक्षमतासांसकृवतक सक्षमता अपनी सियं की संसकृवत और पृष्ठभूवम को समझने और सार ही अनय संसकृवतयों के वलए खुलेपन और सममान का व्यिहार करने के बारे में ह।ै

    सांसकृवतक सक्षमता हमें इस बात की पहचान करने में सहायता दतेी ह ैकक संसकृवत हमारे विश्ासों और काम करने के तरीके में ककतनी महतिपूर्ण ह।ै यह हमें अनय व्यवक्तयों में संसकृवत के महति को समझने में भी मदद दतेी ह।ै

    संसकृवत हमारे “अवसतति” ि “जुड़ने की भािना” और सार ही हमारी पहचान की भािनाओं के कें द्र में होती ह।ै यकद बच्ों को अपना सिागत और अपनी पहचान की भािना विकवसत करनी ह,ै तो हमें इस बारे में सोचने की ज़रूरत ह ैकक हम जो कुछ भी कर रह ेहैं, उसमें ककस प्रकार से प्रतयके बच्े की संसकृवत कदखाई पड़ती ह।ै

    अपनी सियं की सांसकृवतक पृष्ठभूवम के बारे में सोचें - यह आपके विश्ासों और काम करने के तरीके को कैसे प्रभावित करती ह?ैआपकी सेिा में बचे् और पररिार आपके सार प्रवतकदन के व्यिहार और िातािरर में अपनी सँसकृवत की झलक कहाँ दखे सकते हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

    ...के बारे में सोचते हुएपररित्णनबचपन से लेकर बच्े कई बार पररित्णन करते हैं। कुछ पररित्णन बड़ ेहोते हैं - सकूल या चाइलडकैयर या वप्रसकूल पहली बार शुरू करना। कुछ छोटे होते हैं - शायद एक बड़ी सेिा में एक कमरे से दसूरे कमरे में सरान बदलना, या कफर ककसी दसूरी सिेा में जाना। यह सभी एक बचे् के जीिन में महतिपूर्ण बातें होती हैं।

    पररित्णन अिसर और चुनौवतयाँ उपलबि कराते हैं। वशक्षकों के रूप में हमारी भूवमका यह होती ह ैकक हम बच्ों (और उनके पररिारों) को यह पररित्णन अविक से अविक आसानी से और सफलतापूि्णक करने में मदद दें।

    आपकी दखेभाल में बचे् जो पररित्णन करेंगे, उन सभी के बारे में सोचें। आप इनके वलए उनहें तैयार करने में कैसे सहायता देंगे वजससे कक हरेक पररित्णन अविक से अविक आसान और आरामदायक तरीके से ककया जा सके?आप पररिारों को पररित्णन के वलए तैयार करने में उनहें कैसे शावमल करेंगे?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएमचानमचान ककसी इमारत का वनमा्णर ककए जाने या उसकी मरममत के समय उसे सहारा दनेे के वलए एक असरायी संरचना होता ह।ै यह सब कुछ एक-सार जोड़कर रखने में मदद करता ह ैजबतक कक इमारत खुद खड़ ेरह ेपाने में सक्षम न हो जाए।

    वशक्षा के क्षेरि में मचान या संबल से तातपय्ण बच्ों की वशक्षा को समर्णन दनेे और उसका विसतार करने में मदद करने से ह।ै ककसी इमारत पर मचान की तरह ही हमारी भागीदारी और धयानपूर्ण पूछताछ और सुझाि बच्ों की वशक्षा को संबल द ेसकते हैं, जब िे वशक्षा ग्रहर कर रह ेहों। हमारे समर्णन से बच्ों का वशक्षर अनयरा की तुलना में अकसर बेहतर और अविक मूलयिान बन जाता ह।ै

    आप बच्ों की वशक्षा को अपना समर्णन (या “संबल”) दनेे के तरीकों के बारे में सोचें – आप यह कैसे जान पाते हैं कक कब आपको सियं को शावमल करना चावहए, कोई सिाल पूछना चावहए या कोई रटपपरी या सुझाि दनेा चावहए, और ककस समय बस उन पर नज़र बनाए रखनी चावहए?आप ऐसे सिाल कैसे पूछ सकते हैं या ऐसे सुझाि कैसे द ेसकते हैं जो बच्ों की सोच को हतोतसावहत करने के बजाय उसे प्रोतसावहत करे?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएवनरंतर साझी सोचजब बच्ों को एक-दसूरे और सहायक ियसकों के सार समसयाओं की जांच-पड़ताल और समािान करने का अिसर वमलता ह,ै तो उनकी सोच और उनका वशक्षर और अविक गहरा और जरटल हो जाता ह।ै एक-सार काम करने की यह प्रकरिया “वनरंतर साझी सोच” होती ह।ै परंतु “वनरंतर साझी सोच” पर अनुसंिान से यह पता चला ह ैकक वशक्षर सबसे जयादा प्रभािी तब होता ह,ै जब:

    • यह एक ऐसा अनुभि होता ह,ै वजसे बाँटा जा सके;

    • वशक्षक बच्ों के खेल में वशक्षर को “संबल” या समर्णन दनेे के वलए शावमल हों; और

    • बच्ों को लंबी अिवि के ऐसे समय उपलबि हों, वजनमें िे खेल में और समसयाएं सुलझाने में गहराई से शावमल हो सकें ।

    अपनी सेिा में बच्ों के वलए उपलबि ऐसे अिसरों के बारे में सोचें वजनमें िे वनरंतर साझी सोच में शावमल होते हैं – ऐसा कहाँ और कब होता ह?ैआप ककतनी बार ककसी बच्े या बच्ों के ककसी समूह में साझे तरीके से समसया सुलझाने की प्रकरिया में शावमल होते हैं? आप वबना अपना अविकार जताए कैसे इसमें भाग ले सकते हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

    ...के बारे में सोचते हुएलचीलापनलचीलापन - तनाि और वनराशा से िापस उछाल की क्षमता - बच्ों के बाद के जीिन में सफलता का एक सबसे अचछा द्योतक होता ह।ै लचीलापन पहचान (ई िाई एल एफ पररराम 1) और कलयार (ई िाई एल एफ पररराम 3) का एक महतिपूर्ण वहससा ह ैऔर यह बच्ों को करिनाइयों का सामना करने में लगनशीलता और सफलता के वलए सक्षम बनाता ह।ै

    लचीलेपन जैसी महतिपूर्ण विशेषताएं “पढ़ाई” नहीं जा सकती हैं। िे आम-तौर पर कई अनुभिों के माधयम से और दखेभाल करने िाले वशक्षकों के सार बच्ों के संबि विकवसत करने के माधयम से बन पाती हैं।

    आप बच्ों में लचीलापन विकवसत करने के वलए जो करते हैं, उसके बारे में सोचें - आप लगनशीलता, सकारातमकता और आतम-विश्ास की भािना कैसे प्रोतसावहत करते हैं?आप बच्ों के सार जो संबंि बनाते हैं, िे उनहें और अविक लचीलापन विकवसत करने में कैसे मदद द ेसकते हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएपाठ्यचया्णई िाई एल एफ की पररभाषा के अनुसार पाठ्यरिम ककसी एक कदन में होने िाली सभी बातें ह।ै यह ह ै- “सभी बातचीत, कदनचया्ण और घटनाएं, चाह ेिे वनयोवजत हों या नहीं, जो बच्ों की वशक्षा और विकास को बढ़ािा दनेे के वलए संरवचत ककसी िातािरर में घरटत होती हैं।” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 9)इस तरह की व्यापक पररभाषा से हम “पाठ्यरिम” के बारे में कुछ अलग ढंग से सोचते हैं। हम जो अनुभि करते हैं या वजन गवतविवियों के वलए योजना बनाते हैं या वजनके वलए तैयारी करते हैं, पाठ्यरिम केिल इन सब के बारे में होने से कहीं अविक ह।ै कदनचया्ण और रोजमरा्ण की घटनाएं सीखने के वलए ऐसे अिसर द ेसकती हैं जो कदन के अनय समय पर उपलबि कराई गई गवतविवियों के समान ही मूलयिान होते हैं।

    अपनी सेिा में “पाठ्यरिम” के बारे में सोचें – इसमें कया-कया शावमल ह?ैकया यह पहले से वनयोवजत गवतविवियों से कहीं अविक बढ़-चढ़ कर ह?ैआप भोजन के समय जैसी कदनचया्णओं का सीखने के अनुभिों के रूप में कैसे उपयोग कर सकते हैं?आप अपनी पाठ्यरिम योजना में बातचीत और संबिं बनाने को कैसे शावमल करते हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएसमािेशन“समािेशन” का उद्ेशय ह ै- हर ककसी का सिागत करना ि उसे महतिपूर्ण और सिीकार ककए जाने की भािना उपलबि कराना ह,ै चाह ेउसकी उम्र, संसकृवत, पृष्ठभूवम या क्षमता कुछ भी हो।

    समािेशी होने से तातपय्ण ह ैकक हर ककसी के सार वनषपक्ष व्यिहार सुवनवचित ककया जाए और इसमें ककसी को भी बाहर न छोड़ा जाए। कभी-कभी समािेशन की प्रकरिया का उललेख विशेष रूप से इस बात के वलए ककया जाता ह ैकक हम अवतररक्त आिशयकताओं िाले बच्ों के सार काम कैसे करते हैं। ई िाई एल एफ में इसका प्रयोग इस संबंि में ककया जाता ह ैकक हम कैसे सब बच्ों के सार काम करते हैं और यह “अपनेपन” के विचार से वनकटता के सार संबंवित ह।ै

    अगर आपको समािेवशत न ककया जाए, तो जुड़ने की भािना विकवसत हो पाना करिन होता ह।ै

    इस बारे में सोचें कक समािेशन का आपके वलए कया मतलब ह ै- आप यह कैसे सवुनवचित करते हैं कक ककसी को भी छोड़ा न जाए?आप ककसी अनुवचत वसरवत या व्यिहार पर कया प्रवतकरिया करते हैं?आप बच्ों को इस बात की पहचान करने में कैसे मदद दतेे हैं कक कया वनषपक्ष ह ैऔर कया नहीं?आप बच्ों को दसूरों के मूलयों, आिशयकताओं और क्षमताओं का प्रतयुतिर दनेे के वलए कैसे समर्णन दतेे हैं?

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार...के बारे में सोचते हुएप्रवतकरियातमक अभयासचचंतनशील होना ई िाई एल एफ के बवुनयादी वसदांतों में से एक ह।ै चचंतनशील बनना खुद से यह सिाल पूछने के बारे में ह ैकक हम कया करते हैं और हम इसे कैसे करते हैं। इसका अर्ण ह:ै

    • आप कया करते हैं, इसके बारे में खुद के सार ईमानदार होना;

    • अलग-अलग तरीकों से काम करने के बारे में खुला मन रखना; और

    • आप कैसे काम करते हैं, उन तरीकों को बदलने के वलए तैयार रहना।

    यकद चचंतनशीलता न हो, तो हम उसी तरह से हमेशा काम करते रहेंगे जैसे पहले करते रे। चचंतनशील प्रवतकरियातमकता से हमें इस बारे में जान पाने में मदद वमलती ह ैकक हम कया करते हैं और हम कयों ऐसा करते हैं। यह हमें बच्ों और पररिारों के सिवोतिम वहत के बारे में विचारशील वनर्णय लेने में मदद दतेी ह।ै

    आप अपने काय्णसरल में चचंतनशील प्रवतकरियातमकता कैसे शावमल करते हैं?आप यह कैसे सुवनवचित करते हैं कक आपके पास सहयोवगयों के सार बातचीत करने के वलए समय ह?ैचचंतनशीलता के वलए हर कोई कैसे योगदान दतेा ह?ै

  • ई िाई एल एफ के बारे में सोचना - प्रेरक विचार

    ...के बारे में सोचते हुएआकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी दवृटिकोरआकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी पररिारों को अपनेे िातािरर में सांसकृवतक रूप से सुरवक्षत महसूस करने में समर्णन दनेे के वलए आरंवभक बाल-वशक्षा की एक महतिपूर्ण भूवमका होती ह।ै

    आकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी बच्ों के वलए आरंवभक बाल-वशक्षा शैवक्षक सफलता में एक महतिपूर्ण पहला कदम ह।ै गैर-आकदिासी बच्ों के वलए आरंवभक बाल-वशक्षा एक ऐसा अिसर उपलबि कराती ह ैवजससे िे आकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी संसकृवत के सार व्यिहार करना और पूरे ऑसटे्वलयाई समाज के सार इसके महति को समझना शुरू कर सकें ।

    इस बारे में सोचें कक आप जो कुछ करते हैं उसमें आकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी संसकृवत और ज्ान के पहलु कैसे शावमल हैं?आप वजन सभी बच्ों के सार काम करते हैं, उनको आकदिासी और टॉरेस सटे्ट द्ीपिासी संसकृवत और बातें करने के तरीके समझने और उनका सममान करने में आप कैसे मदद दतेे हैं?यकद आप आकदिासी या टॉरेस सटे्ट बच्ों के सार सीिे काम करते हैं, तो आप उनके, उनके पररिारों और उनके समुदाय के वलए अपनापन और सिागत की भािना कैसे बना सकते हैं?

  • ...के बारे में बात करते हुएअपनापन“अपनेपन का अनुभि करना – यह जान पाना कक आप कहाँ और ककससे संबंवित हैं - मानि अवसतति का एक अवभन्न अंग ह।ै” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 7)इस बारे में सोचें कक आपको कहाँ अपनेपन की एक मजबूत भािना का एहसास हुआ ह।ै यह कैसा लगता ह,ै इसे ककसी के सार बाँटने की कोवशश करें। ऐसी कौन सी चीज ह ैवजससे आपको अपनेपन का एहसास होता ह?ैऐसा अनुभि आपके वलए ककतना महतिपूर्ण ह?ैआप अपनेपन की यही भािना बच्ों के सार अपने काम में कैसे ला सकते हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएअवसतति“बचपन ऐसा समय होता ह,ै जब आप संसार में अपना अवसतति बनाते हैं और संसार को खोजने और उसका अर्ण जान पाने की कोवशश करते हैं।” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 7)ई िाई एल एफ बच्ों के “अवसतति” के अविकार का प्रबल समर्णन करता ह।ै अवसतति होने का मतलब अपने पास समय और सरान होना ह,ै वजसमें आप जो कुछ भी कर रह ेहैं उसमें अपने-आप को खो सकें । यह बच्ों को भविषय के वलए जलदी करने के बजाय अपने-आप में जीने की अनुमवत दनेे के बारे में ह।ै

    आपकी सेिा में बच्ों को कहाँ और कब “अपने-आप” में रहने के अिसर वमलते हैं, इसके बारे में बात करें। आप अपने कदन की आिशयक संरचना और कदनचया्ण को “अवसतति” की असंरवचत प्रकृवत के सार कैसे संतुवलत करते हैं?आप अपने “अवसतति” में रहने के वलए और कया कर सकते हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएकुछ बनना“कुछ बनने” का विचार हमें प्रतयके बच्े के भविषय के बारे में सोचने के वलए पूछता ह।ै युिा बच्ों के सामने उनका पूरा जीिन मौजूद होता ह।ै आरंवभक बचपन के िषषों में जो कुछ भी होता ह,ै िह उनको भविषय में कुछ बनने में मदद दतेा ह।ै जब हम बच्ों की क्षमताओं की पहचान करते हैं और उनहें पोवषत करते हैं, तो हम उनके भविषय में सफलता और खुशी को समर्णन दतेे हैं।

    इस बारे में बात करें कक आपकी सेिा में कुछ बनने के विचार को कैसे पोवषत ककया जाता ह।ै आप ऐसा कया करते हैं जो प्रतयेक बच्े में विकास और अपनी क्षमताओं को हावसल करने में मदद दतेा ह?ैअपनापन, अवसतति और कुछ बनना – ये आपस में कैसे ताल-मेल बिैाते हैं?कुछ बनने में अपनेपन की भािना की कया भूवमका होती ह?ैआप प्रतयेक बचे् के “अवसतति” की भािना का अिसर, और सार ही उसके भविषय पर धयान दतेे हुए इसे कैसे बनाए रखते हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएसंबंि“जब बच्े सुरवक्षत, महफूज़ और समरर्णत महसूस करते हैं, तो उनमें बढ़ने और सीखने का आतम-विश्ास पैदा होता ह।ै” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 20)सुरवक्षत, महफूज़ और सहायक संबंि बच्ों की वशक्षा के वलए आिशयक हैं।

    अपने ककसी सहकमली के सार इस बारे में बात करें कक आप वजन बच्ों के सार काम करते हैं, उनके संबिंों को आप कैसे समर्णन दतेे हैं। आप संबंि विकवसत होने के वलए कैसे “योजना” बनाते हैं?आप दोसती करने के वलए कैसे प्रोतसाहन दतेे हैं?आप बच्ों को ककसी समूह का वहससा बनने के वलए आिशयक सामावजक कुशलताएं विकवसत करने में कैसे सहायता दतेेे हैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएआकलन आकलन बच्ों की वशक्षा के वलए योजना बनाने और इसे समर्णन दनेे में हमारी सहायता के वलए एक अवनिाय्ण उपकरर ह।ै

    धयानपूर्ण और संिेदनशील आकलन के माधयम से हम:

    • प्रभािी ढंग से योजना बनाने के वलए आिशयक जानकारी को एकरि कर सकते हैं;

    • पररिारों के सार उनके बच्े के वशक्षर के बारे में बात कर सकते हैं;

    • बच्ों की प्रगवत दखे सकते हैं और उनकी प्रगवत को समर्णन दनेे का सबसे अचछा तरीका तय सकते हैं; और

    • इस बात का मूलयांकन कर सकते हैं कक हम जो कर रह ेहैं, िह काम कर रहा ह ैया नहीं।

    आप बच्ों की प्रगवत और वशक्षर का आकलन कैसे कर सकते हैं, इस बारे में बात करें। आप कया-कया जानकारी एकवरित करते हैं और कैसे? आप यह कैसे सवुनवचित करते हैं कक मूलयांकन एक सकारातमक प्रकरिया ह?ै आप हरेक बच्े द्ारा “तय की गई दरूी” कैसे मापते हैं? वजस तरह से आप बच्ों के वशक्षर का आकलन करते हैं, िह ई िाई एल एफ के वशक्षर परररामों से कैसे जुड़ा ह?ै

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएवशक्षर के पररराम वशक्षर के परररामों के सार काय्ण करने के वलए हमें बच्ों की चालू वशक्षा और विकास के वलए योजना बनाने की आिशयकता होती ह।ै हमें इस बारे में सोचने की ज़रूरत होती ह ैकक हम कैसे बच्ों के अनुभिों के बीच संबंिों का वनमा्णर कर सकते हैं वजससे कक समय के सार वशक्षर को समेककत ककया जा सके।

    पहचान, कलयार, जुड़ाि, वशक्षर और प्रभािी संचार के प्रवत सोचने के तरीके – इन सभी को समय के सार समृद अनुभिों के माधयम से और विकवसत ककया जा सकता ह।ै

    इस बारे में बात करें कक आप समय के सार वशक्षर की योजना कैसे बनाते हैं।कया आप लंबे समय के वलए और सार ही अलपकालीन योजनाएं बनाते हैं? जो कुछ भी आप करते हैं, िह सब प्रतयेक सप्ताह और प्रतयेक महीने में कैसे जोड़ा जाता ह?ै आप परररामों के संबिं में बच्ों के वशक्षर की योजना कैसे बनाते हैं? आप इस बात को कैसे मापते हैं कक पररराम प्राप्त ककए जा रह ेहैं?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएअवभलेखनहम बच्ों की वशक्षा का ररकॉड्ण अवभलेखन से रखते हैं। बचे् जो कर रह ेहैं, उसका अवभलेखन कर के हम आकलन, मूलयांकलन और भविषय में वशक्षर की बेहतर योजना बना सकते हैं। अपने अवभलेख में ररकॉड्ण की गई जानकारी हमें इस बारे में सूचना दनेे में मदद कर सकती ह ैकक आगे कया करना चावहए। सपटि और समझने में आसान अवभलेख हमारे वलए पररिारों और अनय लोगों के सार बच्ों की प्रगवत के बारे में जानकारी बाँटने का एक महतिपूर्ण तरीका ह।ै

    अवभलेखन में बच्ों के वशक्षर, तसिीरें या उनके काम के नमूने ि विश्ेषर, और सार ही ऐसे कोई भी अनय ररकॉड्ण शावमल हो सकते हैं जो ककसी विशेष बच्े की प्रगवत दशा्णने में मदद करें।

    आप ित्णमान में बच्ों की वशक्षा का अवभलेखन कैसे करते हैं? आप यह कैसे सुवनवचित करते हैं कक आपके द्ारा एकरि की गई जानकारी प्रासवंगक और सार्णक ह?ै यह आपको बच्ों की वशक्षा का आकलन करने और आगे की योजना बनाने में कैसे मदद द ेसकता ह?ै ऐसे कौन से अिसर मौजूद हैं वजन पर एक टीम के रूप में अवभलेखों पर चचा्ण की जा सकती ह ैऔर उनहें बाँटा जा सकता ह?ै और पररिारों के सार?

    ई िाई एल एफ के बारे में बात करना - प्रेरक विचार

  • ...के बारे में बात करते हुएपहचान पहचान की सशक्त भािना बच्ों की वशक्षा में एक महतिपूर्ण भूवमका वनभाती ह।ै जब बच्ों को यह पता होता ह ैकक िे कौन हैं, और जब उनहें अपने-आप में आतम-विश्ास होता ह,ै तो िे बेहतर तरीके से सीख सकते हैं और दसूरों के सार संबंि बना सकते हैं। परंतु पहचान की भािना जरटल होती ह।ै हरेक व्यवक्त की पहचान की भािना अलग-अलग होती ह,ै और पहचान अलग-अलग उम्र में अलग-अलग कदखाई पड़ती ह।ै

    इस बारे में बात करें कक आपके वलए पहचान की भािना का कया मतलब ह ैऔर यह कैसे कदखाई दतेी ह।ै आप ककसी बच्े में पहचान की एक सशक्त भािना कैसे दखे पाएंगे?वजस आयु-िग्ण के बच्ों के सार आप काम करते हैं, उनके बारे में सोचते हुए इस बारे में बात करें कक अलग-अलग उम्र में पहचान कैसी कदखाई दतेी ह ै– एक छोटे बच्े में? एक वशशु में? पांच साल के एक बचे् में?

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  • ...के बारे में बात करते हुएकलयार“कलयार में अचछा शारीररक सिास्थय, खुशी, संतवुटि और सफल रूप से सामावजक काम-काज करना शावमल ह.ै.. कलयार की एक सशक्त भािना से बच्ों में आतम-विश्ास और आशािाद विकवसत होता ह ैजो उनके सीखने की क्षमता को अविक से अविक बढ़ा सकता ह।ै” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 30)कलयार का मतलब अपने बारे में अचछा महसूस करना ह।ै यह पहचान और आतम-सममान ि आतम-मूलय की भािनाओं के सार नज़दीकी से जड़ुा हुआ ह।ै इसमें शारीररक सकरियता, पोषर और सिास्थय भी शावमल ह ै– हम जैसा महसूस कर रह ेहैं, उसमें ये सभी कारक एक बड़ा योगदान दतेे हैं।

    आपका काय्णरिम बच्ों में कलयार की भािना को कैसे प्रोतसावहत करता ह?ैएक टीम के रूप में इस बारे में बात करें कक बच्े अपने-आप और अपनी क्षमताओं के बारे में अचछा महसूस करना कैसे सीख सकते हैं।आपका काय्णरिम हरेक बचे् के शारीररक विकास और सिसर जीिन-शवैलयों के बारे में जागरुकता को कैसे बढ़ािा दतेा ह?ै

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  • ...के बारे में बात करते हुएखेल आिाररत वशक्षाखेल के माधयम से बच्े:

    • अपनी दवुनया की समझ विकवसत करते हैं;

    • अपने सियं के वहतों और विचारों का पता लगाते हैं और उनहें विकवसत करते हैं;

    • वजज्ासा, रचनातमकता और समसयाओं को सुलझाने की कुशलताएं विकवसत करते हैं; और

    • संबंिों, सामावजक कुशलताओं और भाषा का वनमा्णर करते हैं।

    वशक्षक खेलने और सीखने को समर्णन दनेे में एक महतिपूर्ण भूवमका वनभाते हैं। जब वशक्षक सीिे रूप से शावमल होते हैं, तो बच्ों के खेल समदृ बन पाते हैं। खेल में शावमल होकर वशक्षक बच्ों के खेलने और सीखने के अिसरों में उनको समर्णन, माग्णदश्णन और विसतार उपलबि करा सकते हैं।

    एक वशक्षक के रूप में अपनी भूवमका और आप कैसे अपने बच्ों के खेल में शावमल हो सकते हैं, इस बारे में सोचें। खेल में वशक्षक की भागीदारी के मूलय के बारे में चचा्ण करें। बच्ों के खेल के विसतार और अविक जरटल सोच और वशक्षर को प्रोतसाहन दनेे में कौन सी ररनीवतयां सबसे अचछा काम करती हैं? आप वबना अविकार जताए बच्ों के खेल में प्रवतभाग कैसे ले सकते हैं और इसका माग्णदश्णन कैसे कर सकते हैं? कया आप पररिार के सार खेल के मूलय को बाँट सकते हैं?

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  • ...के बारे में बात करते हुएविवििता“विवििता का सममान करने का मतलब ह.ै.. पररिारों की प्रराओं, मूलयों और विश्ासों को महति दनेा और उनको दशा्णना।” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 13)अपनेपन की एक सच्ी भािना विकवसत करने के वलए हमें प्रतयेक बच्े और प्रतयेक पररिार की अपनी पृष्ठभूवम, संसकृवत और मानयताओं के वलए सममान और समझ कदखाने की ज़रूरत होती ह।ै

    विवििता का सिागत और समािेशन करके हम प्रतयेक बच्े और पररजन को अपनी सिेा का एक वहससा महसूस करने में मदद दतेे हैं। हम उस विवििता को मूलय दनेे की भािना का भी समर्णन करते हैं।

    आप वजन बच्ों और उनके पररिारों के सार काम करते हैं, उनके बारे में सोचें। आप पररिारों का सिागत और उनहें सिीकार ककए जाने की भािना कैसे उपलबि करा सकते हैं?आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें बचे् और पररिार अपने बारे में कुछ पररलवक्षत बातें कैसे दखे सकते हैं?आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें दसूरों की विवििता, विशेष रूप से बच्ों की विवििता के प्रवत सममान की अिरचना कैसे हो पाती ह?ै

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  • ...के बारे में बात करते हुएपररिारों के सार साझेदारी“जब पररिार और वशक्षक छोटे बच्ों के वशक्षर को समर्णन दनेे के वलए साझेदारी में एक-सार काम करते हैं, तो बच्े बहुत अचछी तरह से फल-फूल सकते हैं।” (अलली इअस्ण लरनिंग फे्मिक्ण , पृष्ठ 9)

    पररिारों के सार साझेदारी मजबूत ररशतों के सार शुरू होती ह।ै ककसी बचे् के कदन के बारे में कुछ सार्णक बातें बाँटना संबंि बनाने का एक सशक्त तरीका ह।ै पररिार पहले से ही अपने बच्े के सिवोतिम वहत की इचछा रखते हैं। जब िे यह दखेते हैं कक हम भी ऐसी इचछा करते हैं, तो इससे विश्ास और सममान के वनमा्णर में मदद वमलती ह।ै

    इस बारे में सोचें कक आप पररिार के सार जानकारी कैसे बाँटते हैं। एक टीम के रूप में यह चचा्ण करें कक आप ककस तरह की जानकारी प्रदान करते हैं और यह ककतनी सार्णक ह।ैकया यह ककसी बच्े के वशक्षर की परख द ेसकती ह ैया यह व्यक्त कर सकती ह ैकक उनके कदन के बारे में कया विशेष रा?कया यह कदखा सकती ह ैकक आप हरेक बच्े में रुवच और हरेक बचे् के बारे में जानकारी रखते हैं?कया यह पररिारों के सार संबंि बनाती ह?ै

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