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Page 2:  · • भारत का भारतीय उद्योग पररस॓घ (सी.आई.आई.), उन ज्ञान साझॐिारों में सॐ एक

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दैनिक सामनिकी िपूीएससी आईएएस की तैिारी के लििे

25.07.2019

1. भारत पाांच पािदाि की छिाांग िगाकर 52वाां सबसे अलभिव देश बिा है।

• नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री द्वारा ग् लोबल इनोवेशन सूचकांक 2019 लॉन्च ककया गया है।

• ऐसा पहली बार हुआ है कक जी.आई.आई. एक उभरती अर्थव्यवस्र्ा में लॉन्च ककया गया है।

• इस वर्थ की र्ीम- स् वस् र् जीवन का ननमाथि करना- चचककत् सा नवाचार का भववष् य र्ी। जजसका उद्िेश्य चचककत्सा नवाचार की भूममका का अन् वेर्ि करना है क्यों कक यह स्वास््य िेखभाल के भववष्य को आकार िेता है।

सूचकाांक की मुख्ि ववशेषताएां • जस्वटज़रलैंड, ववश्व का सबसे अमभनव िेश है

इसके बाि स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेररका (यू.एस.), नीिरलैंड और यूनाइटेड ककंगडम (यू.के.) हैं।

• भारत ने वर्थ 2019 में ग् लोबल इनोवेशन सूचकांक में अपने स् र्ान में सुधार कर 52वा ंस् र्ान प्राप् त ककया है, भारत ने इस वर्थ पांच स् र्ानों का महत् वपूिथ सुधार ककया है।

• वर्थ 2018 में भारत 57वें स्र्ान पर र्ा। सांबांधित जािकारी ग् िोबि इिोवेशि सूचकाांक (जी.आई.आई.)

• जी.आई.आई. वैजश्वक रैंककंग, ववश्व बौद्चधक संपिा संगठन (डब्लल्यू.आई.पी.ओ.) द्वारा प्रकामशत की जाती है- जो कॉनेल ववश्वववद्यालय और गे्रजुएट बबजनेस स्कूल INSEAD से संबद्ध संयुक्त राष्र की एक ववशेर् संस् र्ा है।

• यह वर्थ 2007 से प्रनतवर्थ प्रकामशत ककया जा रहा है और इसे पूरे ववश् व में नवाचार की जस्र्नत के बारे में जानकारी प्राप्त करने के मलए व्यापार

कायथकाररयों, नीनत ननमाथताओं और अन्य लोगों के मलए प्रमुख बेंचमाककिं ग उपकरि माना जाता है।

• यह सूचकांक राजनीनतक वातावरि, मशक्षा, बुननयािी ढांच ेऔर व्यावसानयक कृबत्रमता सदहत 80 संकेतकों के आधार पर पूरे ववश् व में 129 अर्थव्यवस्र्ाओं के अमभनव प्रिशथनों को स् र्ान प्रिान करता है।

• भारत का भारतीय उद्योग पररसंघ (सी.आई.आई.), उन ज्ञान साझिेारों में से एक है जो वावर्थक रैंककंग को ननधाथररत करन े में जी.आई.आई. टीम की सहायता करत ेहैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –आधथिक ववकास

स्रोत- ए.आई.आर. 2. प्रिािमांत्री िघु व्िपारी माि-िि िोजिा

2019: छोटे व्िापाररिों हेतु एक पेंशि िोजिा है।

• छोटे व्यापाररयों के मलए कें द्र की पेंशन योजना को अचधसूचचत ककया गया है और कें द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार इसे परीक्षि के आधार पर पेश ककया जा रहा है।

• यह योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना का ववस्तार है, जो सभी लाभाचर्थयों को न् यूनतम मामसक योगिान करने पर 60 वर्थ की आयु के बाि 3000 रूपए की मामसक पेंशन हेतु पात्र बनाती है।

पात्रता • जो व् यजक्त स्व-ननयोजजत हैं और िकुानिार,

व्यापाररयों, चावल ममल मामलकों, तले ममल मामलकों, कमीशन एजेंटों, ररयल एस्टेट िलालों, छोटे होटल मामलकों और अन्य छोटे व्यापाररयों के रूप में काम कर रहे हैं, वे इस योजना के अंतगथत पेंशन के मलए पात्र होंगे।

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• सभी िकुानिारों और स्व-ननयोजजत व्यजक्तों के सार् ही 1.5 करोड़ से कम के जी.एस.टी. टनथओवर वाले खुिरा व्यापारी, जो 18-40 वर्थ की आयु के हैं, वे योजना के मलए नामांकन कर सकत ेहैं।

• सरकार, भारतीय जीवन बीमा ननगम द्वारा प्रबंचधत योजना के संचालन हेतु पेंशन कोर् स्र्ावपत करेगी।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –महत् वपूर्ि िोजिा स्रोत- पी.आई.बी.

3. राष्‍ट रीि िाबालिग स् वास् ् ि निकाि का राष्‍ट रीि व् िावसानिक स् वास् ् ि सांस् थाि में वविि हो गिा है।

• कें द्रीय मंबत्रमंडल ने राष् रीय नाबामलग स् वास् ् य ननकाय को भंग करने और आई.सी.एम.आर.- राष् रीय व् यावसानयक स् वास् ् य संगठन के सार् इसके ववलय/ ममलाने को मंजूरी प्रिान की है।

• नाबामलग स् वास् ् य संस् र्ान (एन.आई.एच.एम.), खान मंत्रालय (एम.ओ.एम.) के अंतगथत एक स्वायत्त संस्र्ान है और आई.सी.एम.आर.-राष् रीय व् यावसानयक स् वास् ् य संस् र्ान (एन.आई.ओ.एच.), स्वास््य एवं पररवार कल्याि मंत्रालय (एम.ओ.एच. & एफ.डब्ल ल् यू.) के अंतगथत काम करता है।

प्रभाव: • एन.आई.ओ.एच. के सार् एन.आई.एच.एम. का

ववलय/ ममलाना िोनो ससं् र्ानों के मलए सावथजननक धन के कुशल प्रबंधन के अनतररक् त व्यावसानयक स्वास््य के क्षेत्र में उन्नत ववशेर्ज्ञता के संिभथ में लाभिायक साबबत होगा।

सांबांधित जािकारी राष्‍ट रीि िाबालिग स् वास् ् ि सांस् थाि

• यह भारत सरकार द्वारा 1990 में स्र्ावपत ककया गया र्ा और कनाथटक सोसायटी पंजीकरि

अचधननयम, 1960 के अंतगथत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत ककया गया र्ा।

• यह संस्र्ान, व्यावसानयक स्वास््य और स्वच्छता में अनुप्रयुक्त अनुसंधान करता है और एक धातु क्षेत्र के प्रनत ववशेर् संिभथ के सार् खनन और खननज आधाररत उद्योग हेतु तकनीकी सहायता समर्थन प्रिान करन े में ववशेर्ज्ञ है।

• एन.आई.ओ.एच. द्वारा ध् यान कें दद्रत ककए गए क्षेत्रों में व्यावसानयक स्वास््य से संबंचधत क्षेत्रों का एक व् यापक िायरा शाममल है जजसमें व्यावसानयक चचककत्सा और व्यावसानयक स्वच्छता भी शाममल है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- ए.आई.आर. 4. समुद्री घोंघा, गहि समुद्री खिि द्वारा

आधिकाररक रूप से वविुप् त होिे वािा पहिा जािवर है।

• किसोमैलोन स्क्वैमीफेरम नामक एक िलुथभ घोंघा दहिं महासागर में केवल तीन स्र्ानों पर पाया जाता है, यह ऐसी पहली प्रजानत बन गई है जजसे गहन समुद्री खनन के कारि आचधकाररक रूप से ववलुप् तप्राय घोवर्त ककया गया है।

• मैडागास्कर के पूवथ में दहिं महासागर में तीन जलतापीय द्वारों पर स्केली-फुट घोंघा पाया जाता है।

• इनमें से िो द्वार जहां पर घोंघे पाए जात ेरे्,

जजनका ननकट भववष् य में मूल् यवान खननजों हेतु खनन ककया जा सकता है।

• इसे अंतराथष् रीय प्रकृनत संरक्षि संघ (आई.यू.सी.एन.) द्वारा 18 जुलाई, 2019 को लुप्तप्राय प्रजानत की अपडटेेड रेड मलस्ट में जोड़ा गया र्ा।

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जितापीि द्वार के सांदभि में जािकारी • यह समुद्र तल पर एक िरार है जहां से भू-तापीय

गमथ पानी ननकलता है। • जब ऐसा होता है तो गमथ पानी ठंड ेसमुद्री जल

के सार् ममल जाता है, जजसके बिले में समुद्र तल पर तांबा और मैंगनीज जैसे खननज जमा हो जात ेहैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर् एवां जैववववविता स्रोत- डाउि टू अथि

5. इसरो अब सौर लमशि आददत्ि-एि 1 की िोजिा बिा रहा है।

• इसरो ने वर्थ 2020 की पहले छमाही के िौरान सौर ममशन "आदित्य-एल 1" लॉन्च करने की योजना बनाई है।

• आदित्य-एल 1, सूयथ के कोरोना का ननरीक्षि करन ेके मलए है।

• यह प्रर्म लाग्रेंज बबिं ुसे सूयथ की तस् वीरें खींचगेा और अध्ययन करेगा जजसे एल 1 लाग्रेंज बबिं ुके रूप में भी जाना जाता है।

• एल 1 बबिं,ु पृ् वी से 1.5 मममलयन ककलोमीटर िरू जस्र्त है।

• आदित्य-एल 1, राष्रीय संस्र्ानों की भागीिारी के सार् पूिथतया से स्विेशी प्रयास है।

िाग्रेंज बबांद ु

• खगोलीय यांबत्रकी में, लाग्रेंज बबिं ु उस जस्र्नत को चचजननत करता है जहां िो बड़ ेद्रव्यमानों का संयुक्त गुरुत्वाकर्थि बल, उनके सार् कक्षा में घूमने हेतु आवश्यक अपकें द्र बल सटीकता से प्रिान करता है।

• ऐसे पााँच बबिं ुहैं, जजन्हें एल 1 से एल 5 कहा जाता है, ये सभी िो बड़ े ननकायों के कक्षीय समतल में जस्र्त हैं।

• पहले तीन बबिं ुिो बड़ ेननकायों को जोड़ने वाली रेखा पर जस्र्त हैं, अंनतम िो एल 4 और एल 5, प्रत् येक िो बड़ े ननकायों के सार् समबाहु बत्रभुज बनत ेहैं।

• अंनतम िो बबिं ुस् र्ायी होत ेहैं, जो यह िशाथता है कक वपडं इनके चारों ओर िो बड़ ेननकायों से बंध ेहुए घूिथन ज् याममतीय प्रिाली में इनके पररत: घूम सकता है।

सूिि का वािुमांडि

सूयथ की सतह के ऊपर इसका वायुमंडल होता है, जजसमें तीन भाग होत ेहैं-

• फोटोस्फेिर- सूयथ के वायुमंडल का सबसे आंतररक दहस्सा होता है और एकमात्र भाग होता है जजसे हम िेख सकत ेहैं।

• वर्िमांडि (क्रोमोस्फीिर)- फोटोस् फेयर और कोरोना के बीच का क्षेत्र होता है। यह फोटोस् फेयर की तुलना में अचधक गमथ होता है।

• कोरोिा- सबसे गमथ सबसे बाहरी परत होती है, जो िोमोस्फीयर से कई मममलयन मील की िरूी पर फैली हुई है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- द दहांद ू

6. नतिाांगोंग-2 क्िा है?

• नतयांगोंग-2, एक मानवयुक्त चीनी अंतररक्ष स्टेशन र्ा जो 19 जुलाई को प्रशांत महासागर के ऊपर पृ् वी के वायुमंडल में अपने ननयंबत्रत पुन:प्रवेश के िौरान नष्ट हो गया र्ा।

• नतयांगोंग-2 को अंतररक्ष में अपने प्रयोगों को पूरा करन ेके बाि सेवा से सेवाननवतृ्त कर दिया गया र्ा।

• इसे 2016 में लॉन्च ककया गया र्ा यह चीन का अभी तक का सबसे लंबा मानवयुक् त ममशन र्ा, जजसमें िो अंतररक्ष याबत्रयों की 30 दिनों तक मेजबानी की गई र्ी।

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• हाल ही में ववघदटत अंतररक्ष प्रयोगशाला ने चीन के पहले अंतररक्ष स्टेशन, नतयांगोंग-1 का अनुसरि ककया है, जो चीनी वैज्ञाननकों द्वारा माचथ, 2016 में अंतररक्ष यान का ननयंत्रि खो िेने के बाि 1 अप्रैल, 2018 को िक्षक्षिी प्रशांत महासागर में िघुथटनाग्रस्त हो गया र्ा।

• हाल ही में, चीन ने अपने अंतररक्ष स्टेशन नतयान् हे को पूरा करन ेकी उम्मीि जताई है, जो लगभग 2022 तक लंबी अवचध के मलए तीन अंतररक्ष याबत्रयों की मेजबानी करन े में सक्षम होगा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

7. भारत का पहिा ड्रगैि का खूि चूसिे वािा पेड़ • शोधकताथओं ने असम के पजश्चम काबी आंगलोंग

जजले में ड्रकेेना कैम्बोडडयाना की खोज की है जजसे पहली बार भारत में ररपोटथ ककया गया है।

• ड्रकेेना कैम्बोडडयाना, एक महत्वपूिथ और्धीय पौधा होने के सार्-सार् एक सजावटी वकृ्ष भी है।

• वह पौधा जो ड्रगैन के रक्त का उत् पािन करता है- यह चटक लाल रंग का रेमसन है, जजसका प्राचीन काल से िवा, शरीर का तले, वाननथश,

सुगंध और डाई के रूप में प्रयोग ककया जा रहा है।

• यह ड्रगैन के रक्त का एक प्रमुख स्रोत है, जो चीन की एक बहुमूल् य पारंपररक और्चध है।

• पौधे के ववमभन्न भागों से कई कवकरोधी और जीवािुरोधी यौचगक, एंटीऑजक्सडेंट, फ्लेवोनोइड्स आदि ननकाले जात ेहैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर् एवां जैववववविता स्रोत- द दहांद ू

26.07.2019

1. राष्‍टरीि डटेा गुर्वत्ता फोरम

• भारतीय चचककत् सा अनुसंधान पररर्ि (आई.सी.एम.आर.) के राष् रीय चचककत् सा सांजययकी संस् र्ान (ICMR-NIMS) ने जनसंयया पररर्ि के सार् ममलकर राष् रीय डआे गुिवत् ता फोरम (एन.डी.क् यू.एफ.) लॉन्च ककया है।

• यह वैज्ञाननक और साक्ष्य आधाररत पहलों से सीखने को एकीकृत करेगा और आवचधक कायथशालाओं और सम्मेलनों के माध्यम से कारथवाई को ननिेमशत करेगा।

• इसकी गनतववचधयााँ प्रोटोकॉल और डटेा संग्रह, स् टोरेज, उपयोग और प्रसार की बेहतर प्रर्ाओं को स्र्ावपत करन ेमें मिि करेंगी जजन् हें स्वास््य और जनसांजययकीय डटेा पर लागू करन ेके सार् ही आई.सी.एम.आर. द्वारा जारी की गई एक अचधसूचना से संबद्ध उद्योगों और क्षेत्रों में भी लाग ूककया जा सकता है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- पी.आई.बी. 2. समुद्री प्रदषूर् की जााँच करिे हेतु लिए गए

निवारक कदम

• भारत, MARPOL (अंतराथष् रीय समुद्री प्रिरू्ि रोकर्ाम सम्मेलन) का एक हस्ताक्षरकताथ है।

• मचेंट मशवपगं अचधननयम, 1958 के अंतगथत बनाए गए मचेंट मशवपगं ननयम, 1958 के अंतगथत समुद्री प्रिरू्ि का ननवारि आता है।

• वर्थ 2009 में समुद्री प् लाजस् टक अपमशष् ट के मुद्िे से ननपटने हेतु पयाथवरि, वाननकी एवं जलवायु पररवतथन मंत्रालय ने सभी संबंचधत मंबत्रयों और ववभागों के दहतधारकों के सार् एक संचालन सममनत का गठन ककया है।

सांबांधित जािकारी

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MARPOL

• भारत, वर्थ 1978 से जहाजों से होने वाले प्रिरू्ि की रोकर्ाम हेतु अंतराथष्रीय सम्मेलन,

MARPOL 73/78 का एक हस्ताक्षरकताथ और उत्साही कायाथन्वयनकताथ रहा है।

• इसका उद्िेश्य जहाजों से होने वाले प्रिरू्ि को रोकना और न् यूनतम करना है, इसका लक्ष् य आकजस्मक प्रिरू्ि और ननयममत संचालन से उत् पन् न होने वाले प्रिरू्ि िोनो को कम करना है।

• सम् मेलन के ननयम यह हैं कक ववमशष् ट आचर्थक क्षेत्र के भीतर कहीं भी जहाज तले, पेरोमलयम उत्पाि या यहां तक कक बबल् ज जल, वह पानी जजसे इंजन शीतलक के रूप में प्रयोग करत ेहैं (जो जहाज के इंतलन से अवशेर्ों को ऊपर उठाता है) का ननवथहन नहीं कर सकत ेहैं, यह क्षेत्र समुद्र तट से 200 नॉदटकल मील की िरूी पर होता है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर्

स्रोत- पी.आई.बी. 3. आकाशीि बबजिी • हाल ही में, बबहार में वपछले 36 घंटों में

आकाशीय बबजली चगरन ेसे 29 लोगों की मौत हुई है।

सांबांधित जािकारी आकाशीि बबजिी के सांदभि में जािकारी

• आकाशीय बबजली बािलों, हवा या जमीन के मध् य के वातावरि में बबजली की एक ववशाल चचगंारी है।

• ववकास के शुरुआती चरिों में हवा, बािल में धनात् मक और ऋिात् मक आवेशों के मध् य और जमीन एव ंबािलों के मध् य इंसुलेटर के रूप में काम करती है।

• जब ववपरीत आवेशों का ननमाथि पयाथप्त मात्रा में हो जाता है तो हवा की यह इन्सुलेटर क्षमता समाप् त जाती है और बबजली का तजेी से ननवथहन

होता है जजसे हम आकाशीय बबजली के रूप में जानत ेहैं।

• आकाशीय बबजली की चमक अस्र्ायी रूप से वायुमंडल में आवेमशत क्षेत्रों को उिासीन करती है जब तक कक ववपरीत आवेश उत् पन् न नहीं हो जाता है।

• गरज वाले बािलों (इंरा-क्लाउड लाइटननगं) के भीतर ववपरीत आवेशों में या बािलों में ववपरीत आवेशों में और जमीन में (बािल से जमीन पर आकाशीय बबजली) में भी आकाशीय बबजली हो सकती है।

• इसे ज्वालामुखी ववस्फोट, अत्यंत तीव्र जंगल की आग, सतह के परमािु ववस्फोट, भारी तूफान,

बड़ ेतूफान में और सामान् यत: आंधी तूफानों में िेखा जा सकता है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- द दहांद ू

4. प्रोहैतुल्िा एांदटक: पश्चचमी घाट में बेि साांप की 26 लमलििि वषि पुरािी प्रजानत है।

• शोधकताथओं ने पजश्चमी घाटों से 26 मममलयन वर्थ पुरानी प्रोहातुल्ला एंटीक नामक बेल सांप की एक नई प्रजानत की खोज की है।

• यह प्रजानत िक्षक्षिी पजश्चमी घाटों के मलए स्र्ाननक है।

• इन सांपो के मलए सुझाया गया सामान्य कील्ड वेल सांप है।

• बेल सांपों को उनके पतले शरीर और बेल जैसे दिखने के कारि उनके नाम ममलत ेहैं।

• भारत में ववशेर् रूप से ववतररत बेल सााँपों की 4 प्रजानतयां हैं और हाल ही में, ओडडशा में एक अन् य प्रजानत की खोज की गई है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर्

स्रोत- इि शॉटि 5. प्रिािमांत्री सुरक्षा बीमा िोजिा के कािािन्विि

में उत् तर प्रदेश प्रथम स् थाि पर है।

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प्रिािमांत्री सुरक्षा बीमा िोजिा (PMSBY)

• प्रीममयम: 12 रू. प्रनत वर्थ • आयु वगथ: 18 से 70 वर्थ • इस योजना के अंतगथत िघुथटनावश होने वाली

मतृ् यु और स् र्ायी ववकलांगता होने पर प्रत् येक व् यजक्त के मलए उपलब्लध जोणखम कवरेज 2 लाख रूपए और आंमशक ववकलांगता पर 1 लाख रूपए है।

प्रिािमांत्री जीवि ज्िोनत बीमा िोजिा (PMJJBY)

• पी.एम.जे.जे.बी.वाई. एक वर्थ की जीवन बीमा योजना है।

• यह वर्थ-िर-वर्थ ररन् यू हो जाती है, ककसी भी कारि से होने वाली मतृ् यु पर इसमें बीमा कवरेज शाममल है और यह योजना 18 से 50 वर्थ के आयु वगथ के लोगो के मलए उपलब्ल ध है।

• प्रनत सिस्य प्रनत वर्थ रु 330 /- रूपए का प्रीममयम

• 2 लाख रूपए का लाइफ कवर शाममल है टॉवपक- जी.एस. पेपर 2–सरकारी िोजिा स्रोत-ए.आई.आर.

6. िोकसभा िे गैरकािूिी गनतववधि रोकथाम (सांशोिि) वविेिक, 2019 में पररवतिि को मांजूरी प्रदाि की है।

वविेिक की मुख्ि ववशेषताएां • यह ववधेयक गैरकानूनी गनतववचध (रोकर्ाम)

अचधननयम, 1967 में संशोधन करता है, जो आतंकवािी गनतववचधयों और भारत में आतंकवाि को बढावा िेने वाले व्यजक्तयों और समूहों से ननपटने के मलए ववशेर् प्रकियाएं प्रिान करता है।

• अचधननयम के अंतगथत, कें द्र सरकार ककसी संगठन को आतंकवािी संगठन के रूप में नाममत कर सकती है, यदि:

• आतंकवाि के कृत्यों में शाममल होता है या भाग लेता है,

• आतंकवाि के मलए तैयार होता है

• आतंकवाि को बढावा िेता है • अचधननयम के अंतगथत आतंकवाि से संबंचधत

संपवत्तयों को जब्लत करन ेहेतु एक जांच अचधकारी को पुमलस महाननिेशक की पवूथ अनुमनत प्राप्त करना अननवायथ है।

• ववधेयक में कहा गया है कक यदि राष्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए.) के एक अचधकारी द्वारा जांच की जाती है तो ऐसी संपवत्त को जब्लत करन ेके मलए एन.आई.ए. के महाननिेशक की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

• अचधननयम के अंतगथत, मामलों की जांच उप पुमलस अधीक्षक या सहायक पमुलस आयुक्त रैंक के अचधकाररयों द्वारा या उससे ऊपर के अचधकाररयों द्वारा की जा सकती है।

• ववधेयक, मामलों की जांच के मलए इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के रैंक के एन.आई.ए. के अचधकाररयों को अनतररक् त अचधकार प्रिान करता है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

7. जिगर्िा 2011 के आांकड़ े पिािि पर क्िा दशाित ेहैं।

• हाल ही में, प्रवासन पर जारी ककए गए जनगिना 2011 के आंकड़ों से ज्ञात होता है कक महाराष्र में बबहार की तुलना में मध्य प्रिेश के अचधक प्रवासी रे् और गुजरात में बबहार की तुलना में राजस्र्ान के प्रवामसयों की संयया लगभग िोगुनी र्ी।

• डटेा ऐसे समय में आया है जब प्रवासन िनुनया भर में एक बड़ी घटना है और "अवैध बांग्लािेशी" भारत में एक गमथ राजनीनतक मुद्िा है।

• जनगिना 2011 की गिना के िौरान 58 करोड़ से अचधक भारतीयों को ववमभन्न कारिों से "प्रवासी" पाया गया र्ा।

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• वपछली जनगिना (2001) में प्रवामसयों की संयया 45 करोड़ र्ी- जो 2011 के आंकड़ े से 30% कम है।

• भारत के रजजस्रार जनरल और जनगिना आयुक्त की वेबसाइट के अनुसार, "जब कोई व्यजक्त अपने जन्म स्र्ान से ककसी अन् य स्र्ान पर जनगिना में चगना जाता है, तो उसे 'प्रवासी' माना जाता है।"

• 1872 की जनगिना के से प्रवासी डटेा एकत्र ककया जाने लगा र्ा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 1 –भूगोि

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

29.07.2019

1. असम में पहिा बाांस औद्िोधगक पाकि खोिा गिा है।

• उत्तर पूवी क्षेत्र का ववकास मंत्रालय,

एम.डीओ.एन.ई.आर. के अंतगथत ववमभन्न पररयोजनाओं के कायाथन्वयन की जस्र्नत की समीक्षा करता है।

• असम के डडमा हसाओ जजले में 75 हेक्टेयर क्षेत्र में पहला बांस औद्योचगक पाकथ स् र्ावपत ककया गया है।

• बांस औद्योचगक पाकथ पररयोजना को माचथ, 2021 तक पूरा करन ेका लक्ष्य है।

• मंत्री को यह भी सूचचत ककया गया है कक अरुिाचल प्रिेश के ईटानगर में बांस पाकथ के मलए एक अन्य पररयोजना भी उत्तर पूवी पररर्ि द्वारा कायाथजन् वत की जाएगी।

िोट: • हाल ही में, भारतीय वन अचधननयम, 1927 के

संशोधन के अंतगथत बांस, अब एक पेड़ नहीं है। टॉवपक-जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- पी.आई.बी.

2. डोिुटेग्रैववर (डी.टी.जी.): एक अलभिव एच.आई.वी. औषधि है।

• हाल ही में, ववश्व स्वास््य संगठन (डब्ललू.एच.ओ.) ने संपूिथ जनसंय या के मलए फस् टथ लाइन उपचार और सेकें ड लाइन उपचार हेतु एच.आई.वी. और्चध डोलुटेग्रैववर (डी.टी.जी.) के उपयोग की मसफाररश की है, जजनमें गभथवती मदहलाएं और प्रसव की क्षमता वाली मदहलाएं भी शाममल हैं।

सांबांधित जािकारी डोिुटेग्रैववर

• यह अचधक प्रभावी है, खाने में आसान है और वैकजल्पक िवाओं की तुलना में इसके कम िषु्प्रभाव है।

• इसमें िवा के प्रनत प्रनतरोध ववकमसत करन ेके मलए एक उच्च आनुवंमशक बाधाएं भी है, जो प्रनतरोध की बढती प्रववृत्त को िेखत ेहुए महत्वपूिथ है।

• नई मसफाररशों का लक्ष्य अचधक राष्रों की उनकी एच.आई.वी. नीनतयों में सुधार करन े में मिि करना है।

ह्िूमि इम् िूिोडडफीलसएांशी ववषारु्

• यह एक ववर्ािु है जो प्रनतरक्षा प्रिाली में कोमशकाओं पर हमला करता है, जो बीमारी के ववरूद्ध हमारे शरीर की प्राकृनतक सुरक्षा है।

• यह टी-हेल्पर कोमशका नामक ववर्ािु प्रनतरक्षा प्रिाली में श् वेत रक् त कोमशकाओं के एक प्रकार को नष् ट करता है और इन कोमशकाओं के भीतर स् वयं की प्रनतयां तैयार करता है।

• टी-हेल्पर कोमशकाओं को सी.डी.4 कोमशका भी कहा जाता है

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

3. िुप्त होत े वन्िजीव: भारत में 22 प्रजानतिाां वविुप्त हो चुकी हैं।

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• वन्यजीव सवेक्षि संगठन के अनुसार, भारत में वपछली कुछ शताजब्लियों में जीवों की चार प्रजानतयां और वनस्पनतयों की 18 प्रजानतयां ववलुप्त हो चुकी हैं।

• बी.एस.आई. द्वारा िी गई जानकारी के अनुसार, पौधों की 18 प्रजानतयां- चार गैर-पुष् प और 14 पुष् पजननत है- ववलुप्त हो गई हैं।

• उनमें से उल्लेखनीय हैं 1. मणिपुर का एक फनथ, लैजस् रयोपमससवत् ती 2. ऑकफयोररजा वंश की तीन प्रजानतयां

(ऑकफयोररजाब्रुनोमसस, ऑकफयोररजा कॉडटे और ऑकफयोररजा रैडडकन ) प्रायद्वीपीय भारत से खोजी गईं हैं।

3. कॉरीफैटालीरारॉक् स् ब, म्यांमार और बंगाल क्षते्र में ववमलयम रॉक्सबगथ द्वारा खोजी गई ताड़ की एक प्रजानत है, जो ववलुप् त हो रही है।

• स्तनधाररयों में भारत में चीता और सुमात्रा गैंडों को ववलुप्त माना जाता है।

• 1950 के बाि से गुलाबी मसर वाली बतख के ववलुप्त होने की आशंका है और दहमालयी बटेर को अंनतम बार 1876 में िेखा ककया गया र्ा।

वविुप्त होिे के कारक

• प्रनतयोचगता, भववष्यवािी, प्राकृनतक चयन और मानव-पे्रररत कारक जैसे मशकार, ननवास स्र्ान का क्षरि” कुछ ऐसे महत्वपूिथ कारि हैं जजनके कारि ये ववलुप्त हो रहे हैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर्

स्रोत- द दहांद ू

4. वषि 2020 और 2024 ओिांवपक के लिए रर्िीनत तैिार करि ेहेतु उच्च स्तरीि सलमनत का गठि ककिा गिा है।

• वर्थ 2020 और 2024 ओलंवपक की तैयारी के समन्वय और रिनीनत बनाने हेतु खेल मंत्री ककरि ररजजजू की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय 10-सिस्यीय सममनत का गठन ककया गया है।

• इस सममनत का उद्िेश्य यह सुननजश्चत करना है कक भारतीय एर्लीटों का प्रिशथन ओलंवपक और अन्य बहु-ववर्यक कायथिमों में अनुकूमलत रहे।

• इस सममनत में ओलंवपक पिक ववजेता- टेननस ऐस मलएंडर पेस और ननशानेबाज गगन नारंग जैसे प्रमुख णखलाड़ी शाममल हैं।

• टोक्यो खेलों (2020) के मलए सममनत का उद्िेश्य संभाववत और योग्य एर्लीटों को हर संभव सहायता प्रिान करना होगा, जजससे भारतीय एर्लीटों की भागीिारी के मलए सुगम लॉजजजस्टक व्यवस्र्ा की सुववधा प्रिान की जा सके, जजससे शे्रिी के मलए ननबाथध अभ् यास और मेहमाननवाज वातावरि सुननजश्चत ककया जा सके।

• 2024 पेररस खेलों के मलए सममनत तैयारी हेतु एक रोड-मैप तैयार करेगी और जब भी आवश्यकता होगा तब लगातार समीक्षा और पाठ्यिम सुधार का सुझाव िेगी।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- न् िू ऑि ए.आई.आर. 5. बैंगिोर, ददल्िी को ई.आई.िू. की ववच व के सबसे

सस्त ेशहरों की सूची शालमि ककिा गिा है। • इकोनॉममस्ट इंटेमलजेंस यूननट (ई.आई.यू.) ने

ववश् व के सबसे सस्त ेशहरों (जीवन की लागत के अनुसार) की सूची जारी की है, जजसमें पांचवें स्र्ान पर बैंगलोर है, बैंगलोर के अनतररक् त चने्नई और नई दिल्ली ने िमशः 8वें और 10वें स्र्ान पर सूची में जगह बनाई है।

• ई.आई.यू., इकोनॉममस्ट ग्रुप के भीतर एक बब्रदटश बबजनेस कंपनी है जो अनुसंधान और ववश्लेर्ि के माध्यम से पूवाथनुमान प्रिान करती है।

• वह सूची, जजसमें िनुनया भर के 10 शहर शाममल रे्, इस सूची में वेनेजुएला का काराकस प्रर्म स् र्ान पर है, इसके बाि िसूरे स् र्ान पर सीररया का िममश्क र्ा।

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टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –आधथिक ववकास

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

6. ववचव बाघ ददवस: बाघों की आबादी में 30%

की वदृ्धि हुई है। • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोिी ने ववश्व बाघ दिवस के

अवसर पर अणखल भारतीय बाघ अनुमान की चार-वावर्थकी ररपोटथ जारी की है।

• अणखल भारतीय बाघ अनुमान ररपोटथ 2018 के अनुसार, वर्थ 2014 में हुई वपछली जनगिना के बाि से लगभग 33% की वदृ्चध के सार् बाघों की कुल संयया 2,967 तक पहुाँच गई है।

• जनसंयया 1,411 िजथ की गई र्ी, जो 2014

में बढकर 2,226 हो गई र्ी। नवीनतम गिना के अनुसार, अब इसके 2,967 होने का अनुमान है।

• ववश्व वन्यजीव फाउंडशेन (डब्लल्यू.डब्लल्यू.एफ.) कायथिम Tx2 के दहस्से के रूप में भारत के सार्-सार् 12 अन्य बाघ शे्रिी के िेशों ने 2022 तक बाघों की आबािी को िोगुना करन ेके मलए प्रनतबद्धता व् यक् त की है।

• मध्य प्रिेश न े2014 में 308 बाघों की वदृ्चध की तुलना में 526 बाघों के अनुमान के सार् अपनी बाघ आबािी में महत् वपूिथ वदृ्चध िजथ की है।

• इसके बाि कनाथटक है, इस राज्य में 524 बाघ हैं। िोनों राज्यों में दहसंक जानवरों की आबािी सबसे अचधक है।

• हालांकक, छत्तीसगढ और ओडडशा राज्यों में बाघों की जस्र्नत में लगातार पतन और चगरावट चचतंा का ववर्य बना हुआ है।

• छत्तीसगढ में बाघों की संयया 46 से घटकर 19

हो गई है, जबकक ओडडशा में यह 28 रह गई है। • भारत में ववश् व में बाघों की कुल आबािी के

लगभग 75% (3,159 वयस्क मुक्त क्षेत्र बाघ) हेतु जजम् मेिार है, जो ककसी भी िेश के मलए सबसे अचधक है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3- पिािवरर्

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

7. डीप ओलशिि (गहि समुद्री) लमशि

• कें द्रीय पृ् वी ववज्ञान मंत्रालय ने डीप ओमशयन ममशन (गहन समुद्र ममशन) (डी.ओ.एम.) को मंजूरी प्रिान करेगा।

• इस ममशन का उद्िेश् य लगभग 35 वर्थ पहले इसरो द्वारा शुरू ककए गए अतंररक्ष अन्वेर्ि के समान गहरे समुद्र का अन् वेर्ि करना है।

• भारत को कें द्रीय भारतीय महासागर घाटी (सी.आई.ओ.बी.) में संयुक् त राष् र अंतराथष् रीय समुद्र तल प्राचधकरि द्वारा 75,000 वगथ कक.मी. का एक स्र्ल आवंदटत ककया गया है, यह स् र्ान भारत को पॉलीमेटैमलक नॉड्यूल (पी.एम.एन) के अन् वेर्ि हेतु आवंदटत ककया गया है।

सांबांधित जािकारी पॉलिमेटेलिक िॉड्िूि

• इसे मैंगनीज नॉड्यूल के रूप में भी जाना जाता है।

• वे आलू के आकार के होत ेहैं, बड़ े नछद्रो वाले नॉड्यूल होत े हैं, जो ववश् व के समुद्रो में गहरे समुद्र में समुद्र तल को ढके हुए प्रचुर मात्रा में पाए जात ेहैं।

• मैंगनीज और आयरन के अनतररक् त इनमें ननकेल, तांबा, कोबाल्ट, सीसा, मोमलब्लडनेम,

कैडममयम, वैनेडडयम, टाइटेननयम पाया जाता है। • इन धातुओं में से ननकेल, कोबाल्ट और तांबा

आचर्थक और सामररक महत्व के माने जात ेहैं। • पोमलमेटेमलक नॉड्यूल्स के अन् वेर्ि और

उपयोचगता पर िीघथकामलक कायथिम के कायाथन् वन हेतु भारत, शीर्थ 8 िेशों में से एक है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- द दहांद ू

8. िागािैंड िे आर.आई.आई.एि. साििों को तैिार करि ेहेतु एक पैिि का गठि ककिा है।

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• नागालैंड सरकार ने नागालैंड के स्विेशी ननवामसयों के रजजस् टर के तौर-तरीकों की रूपरेखा को ननधाथररत करन े हेतु एक आयोग का गठन ककया है।

• इस आयोग की अध्यक्षता सेवाननवतृ्त मुयय सचचव बनुओ जेड. जमीर द्वारा की जा रही है और टी. कीहेतोसेमा और एस. चचगंवांग कोन्याक इसके सिस् य होंगे।

• न्यायमूनतथ (सेवाननवतृ्त) ज़ेलरे अंगामी, आयोग के सलाहकार के रूप में कायथ करेंगे।

• गहृ आयुक्त और नागालैंड आयुक्त, पैनल के पिेन सिस्य होंगे।

• यह पैनल तीन महीने के भीतर अपनी ररपोटथ प्रस्तुत करेगा।

सांबांधित जािकारी िागािैंड के स्वदेशी निवालसिों का रश्जस्टर (आर.आई.आई.एि.)

• आार.आई.आई.एन., राज्य के सभी स्विेशी ननवामसयों का एक रजजस्टर है, जो अपात्र व्यजक्तयों को स्विेशी ननवासी प्रमाि पत्र जारी करने से रोकन ेहेतु आवश्यक है।

• यह वास्तववक नागररकों को सुरक्षा प्रिान करेगा जो नागालैंड के स्र्ायी ननवासी हैं।

• नागालैंड सरकार ने 10 जुलाई को आर.आई.आई.एन. तैयार करने की प्रकिया शुरू की र्ी।

• आर.आई.आई.एन. 1 दिसंबर, 1963 से पहले नागालैंड में बसने वाले नागररकों की पहचान करन ेमें मिि करेगा, जजस दिन यह पूिथ राज्य बना र्ा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- न् िूज ऑि एिर 9. सी.आई.एस.एफ. िे सुरक्षा सेवाओां को मजबूत

करि ेके लिए ववचवकोश िॉन्च ककिा है।

• कें द्रीय औद्योचगक सुरक्षा बल ने एक ऑनलाइन ववश्वकोश- मसक्योररटीपीडडया लॉन्च ककया है- जजसमें िनुनया भर में सुरक्षा से संबंचधत प्रर्ाओं की एक ववस्ततृ श्रृंखला शाममल है।

• मसक् योररटीपीडडया में सी.आई.एस.एफ. ट्यूब भी है जहां अचधकारी सी.आई.एस.एफ. से संबंचधत सभी वीडडयो पा सकत ेहैं।

• सी.आई.एस.एफ. ट्यूब दिन-प्रनतदिन के आधार पर क्षेत्रीय इकाइयों की ननगरानी को सुव्यवजस्र्त करता है, उन्होंने एक अमभनव डशैबोडथ ववकमसत ककया है जो वास्तववक समय डटेा संग्रह प्रिान करता है।

• सी.आई.एस.एफ. ने हैिराबाि में राष्रीय औद्योचगक सुरक्षा अकािमी (एन.आई.एस.ए.) में एक तकनीकी प्रयोगशाला भी स्र्ावपत की है।

• यह प्रयोगशाला सुरक्षा और संरक्षि के क्षेत्र में नवीनतम नवाचारों के बारे में तकनीकी ज्ञान को बनाए रखने और अद्यतन करने में मिि करती है जो हवाई अड्डों और सरकारी कायाथलयों जैसे स्र्ानों में उपयोग की जा सकती है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –रक्षा स्रोत- टी.ओ.आई.

10. 7वीां आधथिक जिगर्िा बत्रपुरा से शुरू हुई है। • सरकार ने बत्रपुरा से 7वीं आचर्थक जनगिना शुरू

करेगी। • इसे अगस्त और मसतंबर के महीने में अन्य

राज्यों और कें द्र शामसत प्रिेशों में शुरू ककया जाएगा।

• सांजययकी एवं कायथिम कायाथन्वयन मंत्रालय (एम.ओ.एस.पी.आई.) द्वारा आयोजजत आचर्थक जनगिना पांच वर्थ के अंतराल के बाि इस वर्थ आयोजजत की जाएगी।

• सांजययकी संग्रहि अचधननयम 2008 के प्रावधानों के अंतगथत प्रत्येक घर और

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व्यावसानयक प्रनतष्ठान के डोर टू डोर सवेक्षि के माध्यम से डटेा एकत्र ककया जाएगा।

• फील्डवकथ , दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीि है और माचथ, 2020 तक राष्रीय स्तर पर पररिाम उपलब्लध होने की उम्मीि है।

सांबांधित जािकारी • आचर्थक जनगिना, िेश में महत्वपूिथ रूप से बड़ े

असंगदठत के्षत्र की जानकारी का एकमात्र स्रोत है। • 2013 में आयोजजत अंनतम आचर्थक जनगिना

के अनुसार, लगभग 131 मममलयन श्रममकों को रोजगार िेने वाले 58.5 मममलयन प्रनतष्ठान रे्।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- न् िूज ऑि एिर

30.07.2019

1. प्रोजेक्ट सहारा: माततृ् व मतृ्िु दर को कम करि ेमें मदद करि ेहेतु एक ििा उपकरर् है।

• प्रोजेक्ट सहारा, अहमिाबाि जजला प्रशासन की एक पहल है, जजसका उद्िेश्य नई माताओं को एक ववशेर् सूट- नॉन न् यूमैदटक एंटी-शॉक गारमेंट (एन.ए.एस.जी.) प्रिान करके रक्तस्राव से होने वाली मात ृमतृ्यु को कम करना है।

• नॉन-न्यूमेदटक एंटी-शॉक गारमेंट का उपयोग प्रसवोत्तर रक्तस्राव के कारि होने वाली रक्त की हानन को सीममत करता है, इस प्रकार नई माताओं के जीवन को बचाया जा सकता है।

• प्रसवोत्तर रक्तस्राव (पी.पी.एच.) से ननरंतर और अत्यचधक रक्तस्राव होता है।

• पी.पी.एच. के कारि तजेी से रक्तस्राव होने से शरीर का रक् तिाब कम हो जाता है और मतृ् यु भी हो सकती है।

• 2016-17 के नमूना पंजीकरि योजना पररिामों के अनुसार, गुजरात का आई.एम.आर. (प्रनत 1,000 जीववत जन्मों में) 30 और एम.एम.आर. (प्रनत 100,000 जीववत जन्मों में) 91 र्ा।

सांबांधित जािकारी • माततृ्व मतृ्यु, गभाथवस्र्ा से या बच् च ेके जन् म

के िौरान जदटलताओं के कारि होने वाली मतृ् यु को संिमभथत करती है।

• माततृ् व मतृ्यु िर (एम.एम.आर.) को प्रत्येक 1 लाख जीववत जन्मों में िजथ की गई मात ृमतृ्युओं की संयया के रूप में मलया जाता है।

माततृ् व मतृ्िु दर को कम करि ेहेतु उठाए गए कदम: जििी लशशु सुरक्षा काििक्रम

• स्वास््य एवं पररवार कल्याि मंत्रालय ने 1 जून,

2011 को जननी मशशु सुरक्षा कायथकम (जे.एस.एस.के.) लॉन्च ककया है।

• यह योजना उन गभथवती मदहलाओं को लाभाजन्वत करन ेके मलए है जो अपने प्रसव के मलए सरकारी स्वास््य सुववधाओं का उपयोग करती हैं।

सांिुक् त राष्‍ट र के सतत ववकास िक्ष् ि 3.1 में भी वर्थ 2030 तक एम.एम.आर. को प्रनत 100000 जीववत जन् मों में से घटाकर 70 से भी कम करना शाममल है। टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

2. एकीकृत िुद्िक समूह • एकीकृत युद्धक समूहों (आई.बी.जी.) की नई

अवधारिा का ननमाथि करने की सेना की योजना, कायाथन् वन के नजिीक है जो समग्र सेना पररवतथन का एक दहस्सा है।

सांबांधित जािकारी एकीकृत िुद्िक समूह

• ये बब्रगेड-आकार के, फुतीले, आत्मननभथर युद्धक ननमाथि हैं, जो शत्रुता के मामले में एक ववरोधी के णखलाफ तजेी से हमले शुरू कर सकत ेहैं।

• इनमें से प्रत्येक (आई.बी.जी.) जोणखम, भूभाग और कायथ के आधार पर तिनुकूल हैं और तीन T के आधार पर संसाधनों को आवंदटत ककया जाएगा।

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पषृ्‍टठभूलम

• संसि पर आतंकवािी हमले के बाि भारतीय सेना ने बड़ ेपैमाने पर लामबंिी की र्ी लेककन सेना के गहन ननमाथिों ने लामबंिी करन ेमें हफ्तों का समय मलया र्ा जो कक आश् चयथजनक र्ा।

• इसके बाि सेना ने तजेी से आिमि करन ेहेतु ’कोल्ड स्टाटथ’ नामक एक सकिय मसद्धांत तैयार ककया र्ा लेककन अतीत में इसके अजस्तत्व को लगातार नकार दिया गया र्ा।

• जनवरी, 2017 को जनरल रावत द्वारा पहली बार इसके अजस्तत्व को स्वीकार ककया गया र्ा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –सुरक्षा स्रोत- द दहांद ू

3. प्रनत कृवष पररवार की औसत मालसक आि 6,500 रुपिे से कम है।

• िेश में प्रत् येक कृवर् पररवार की औसत आय का नवीनतम उपलब्ल ध अनुमान राष्रीय नमूना सवेक्षि कायाथलय (एन.एस.एस.ओ.) द्वारा अपने 70वें राउंड (जनवरी, 2013-दिसंबर, 2013) के िौरान आयोजजत ककए गए कृवर् पररवार जस्र्त मूल्यांकन सवेक्षि पर आधाररत हैं।

• सवेक्षि के पररिामों के अनुसार, सभी स्रोतों से प्रत् येक कृवर् पररवार की औसत मामसक आय 6426 रू होने का अनुमान है।

• एन.एस.एस.ओ., जो सवेक्षि आयोजजत कराने और डटेा एकत्र करन ेहेतु एक नोडल एजेंसी है, इसने वर्थ 2013 से प्रनत कृवर् पररवार की आय पर कोई भी सवेक्षि आयोजजत नहीं ककया है।

• सरकार ने ककसानों की आय िोगुनी करन े से संबंचधत मुद्िों की जांच करने और उन्हें प्राप्त करन ेहेतु रिनीनतयों की मसफाररश करन ेके मलए अप्रैल, 2016 को एक अंतर-मंत्रालयी सममनत का गठन ककया र्ा।

• इस सममनत ने मसतंबर, 2018 को अपनी ररपोटथ सरकार को सौंप िी है।

टॉवपक- जी.एस.-3- कृवष

स्रोत- बबजिेस स् टैंडडि 4. अांतत: 'ओडडशा रसागोिा' को जी.आई. टैग प्रदाि

ककिा गिा है। • पजश्चम बंगाल द्वारा रसगुल्ला के मलए

भौगोमलक सांकेनतक (जी.आई.) टैग मान्यता प्राप् त करन ेके एक वर्थ बाि ओडडशा सरकार ने ममठास के स्वाममत्व हेतु लड़ाई को पुन: खोल दिया और 'ओडडशा रसागोला' के मलए जी.आई. टैग प्राप् त ककया है।

• उत् पािों के भौगोमलक संकेत (पंजीकरि एव ंसंरक्षि), अचधननयम 1999 की धारा 16(।) अर्वा अचधकृत धारा 17 (3)(c) के अंतगथत सामान के भौगोमलक संकेत (पंजीकरि और संरक्षि) अचधननयम 1999 के अंतगथत ओडडशा रसागोला को पंजीकृत ककया गया र्ा।

• जी.आई. के रजजस्रार को सौंपे गए आवेिन के अनुसार, 'ओडडशा रसगोला' ओडडशा राज् य की ममठाई है, जजसे छेना (पनीर) से बनाया जाता है, इसे चाशनी में पकाया जाता है जो कक महसूस करन ेमें बहुत ही मुलायम, रसिार और बबना चबाने वाला होता है और इसे िांतो को उपयोग ककए बबना ननगला जा सकता है।

• ओडडशा लघु उद्योग ननगम मलममटेड (ओ.एस.आई.सी.), ओडडशा रसागोला के जी.आई. टैग का पंजीकृत धारक होगा और यह उत्पाि के मलए उपलब्लध सभी कानूनी और बौद्चधक संरक्षिों का आनंि लेगा, जो ओडडशा की ववमशष्टता है।

सांबांधित जािकारी भौगोलिक सांकेत (जी.आई.)

• यह उन उत्पािों पर इस्तमेाल ककया जाने वाला एक संकेत है, जजसमें एक ववमशष्ट भौगोमलक उत्पवत्त होती है और उसमें वे गुि या ववशेर्ताएं होती है जो उस स् र्ान के कारि होती है।

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• जी.आई. के रूप में कायथ करने के मलए ककसी चचन्ह को ककसी दिए गए स्र्ान पर उत्पन्न होने वाले उत्पाि की पहचान करनी चादहए।

जी.आई. टैग- दरप्स समझौत ेकी आवचिकता • भारत ने ववश्व व्यापार संगठन (डब्लल्यू.टी.ओ.)

के सिस्य के रूप में उत् पािों के भौगोमलक संकेतक (पंजीकरि और संरक्षि) अचधननयम,

1999 को अचधननयममत ककया है। यह 15 मसतंबर, 2003 से प्रभावी हो गया है।

• िाजजथमलगं चाय, भौगोमलक संकेत टैग प्राप् त करन ेवाला पहला उत् पाि है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 1 – किा एवां सांस् कृनत

स्रोत- टाइम् स ऑफ इांडडिा 5. प्रनतश्ष्‍टठत पििटक स्थिों की समीक्षा सूची • कें द्रीय संस्कृनत एवं पयथटन राज्य मंत्री ने

पररयोजना में शाममल स् र्लों की समीक्षा करन ेके मलए एक सममनत के गठन को मंजूरी प्रिान की है।

िे स् थि हैं • ताजमहल और फतेहपुर सीकरी (उत्तर प्रिेश),

अजंता और एलोरा (महाराष्र), हुमायूाँ का मकबरा, लाल ककला और कुतुब मीनार (दिल्ली), कोलवा (गोवा), आमेर का ककला (राजस्र्ान), सोमनार् और धोलावीरा (गजुरात), खजुराहो (मध्य प्रिेश), हम्पी (कनाथटक), महाबमलपुरम (तममलनाडु), काजीरंगा (असम), कुमारकोम (केरल) और महाबोचध मंदिर (बबहार) हैं।

• रेलवे से लेकर नागररक उड्डयन तक कई मतं्रालय इसमें शाममल होंगे, जब कक पयथटन मंत्रालय नोडल एजेंसी होगी।

सांबांधित जािकारी "एक ववरासत को अपिाएां (अडॉप् ट ए हेररटेज)" िोजिा

• एक ववरासत को अपनाए (अडॉप्ट ए हेररटेज): अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ 27 मसतंबर, 2017 को शुरू की गई एक योजना है, यह

पयथटन मंत्रालय, संस्कृनत मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सवेक्षि (ए.एस.आई.), राज्य/ कें द्र शामसत प्रिेश सरकारों का एक सहयोगी प्रयास है।

• वे ननयोजजत और चरिबद्ध तरीके से पयथटन क्षमता और सांस्कृनतक महत्व को बढाने के मलए ववरासत स्र्लों पर पयथटक सुववधाओं के ववकास और रखरखाव की पररकल्पना करन ेऔर उन्हें पयथटन के अनुकूल बनाने में मिि करत ेहैं।

• यह पररयोजना मुयय रूप से बुननयािी सुववधाएं प्रिान करन े पर कें दद्रत है जजसमें स्वच्छता, सावथजननक सुववधाएं, सुरक्षक्षत पेयजल और पयथटकों के मलए संकेत, रोशनी, वाई-फाई आदि की सुववधा प्रिान करना शाममल हैं।

• इनमें से कई स्मारकों को पयथटन मंत्रालय की "एक ववरासत को अपनाएं (अडॉप् ट ए हेररटेज)" योजना के अंतगथत 2017 के अंत में अपनाने के मलए खोला गया र्ा।

• लाल ककले को डालममया समूह ने अपनाया र्ा, जबकक कुतुब मीनार और अजंता की गुफाओं को यात्रा ऑनलाइन द्वारा अपनाया गया र्ा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 1 –किा एवां सांस् कृनत

स्रोत- पी.आई.बी. 6. डाटा सांरक्षर् पर सरकारी पैिि का कहिा है कक

ववदेशी कां पनििों को भारत में व् िश्क्तगत डटेा को प्रनतबबांबबत करि ेकी आवच िक् ता िहीां है।

• हाल ही में, एक उच्च-स्तरीय सरकारी पैनल ने वविेशी फमों द्वारा भारत के भीतर सभी व्यजक्तगत डटेा की एक प्रनत संग्रहीत करन ेकी आवश्यकता पर ववचार ककया है।

• ररयायतें, कई अमेररकी और यूरोपीय फमों द्वारा व्यक्त ककए गए आरक्षि का पररिाम हो सकती हैं।

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• पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कक सभी महत्वपूिथ व्यजक्तगत डटेा को अभी भी िेश में संग्रहीत और संसाचधत ककया जाना चादहए।

सांबांधित जािकारी • न्यायमूनतथ श्रीकृष्ि पैनल ने मसफाररश की र्ी

कक यदि व्यजक्तगत डटेा को वविेशों में ससंाचधत और संग्रहीत ककया जाता है, तो उसकी एक प्रनत यहां संग्रहीत करने की आवश् यक् ता है।

• श्रीकृष्ि सममनत की ररपोटथ के अनुसार, महत्वपूिथ व्यजक्तगत डटेा में पासवडथ, ववत्तीय डटेा, स्वास््य डटेा, आचधकाररक पहचानकताथ, यौन जीवन, यौन अमभववन्यास, बॉयोमीदरक और आनुवांमशक डटेा शाममल होंगे और ऐसे डटेा जो रांसजेंडर िजे, इंटरसेक्स िजे, जानत, जनजानत, धाममथक या राजनीनतक ववश्वास या ककसी व्यजक्त की संबद्धता को िशाथत ेहैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- द दहांद ू

7. रेशम उद्िोग के ववकास हेतु तलमििाडु को लसल्क समग्र प्रदाि ककिा जाएगा।

• तममलनाडु, जजसे िेश के प्रमखु रेशम उत्पािक राज्यों में स्र्ान दिया गया है, तममलनाडु को मसल्क समग्र के अंतगथत लगभग 6.22 करोड़ रुपये ममलेंगे।

• मसल् क समग्र, कें द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय रेशम बोडथ (सी.एस.बी.) के माध् यम से कायाथजन् वत एकीकृत रेशम उद्योग ववकास योजना (आई.एस.डी.एस.आई.) है। इस योजना को 2161.68 करोड़ के पररव्यय पर 2017-18 से तीन वर्ों के मलए िेश में रेशम के समग्र ववकास हेतु शुरू ककया गया है।

• इस योजना में प्रमुख घटक- अनुसंधान और ववकास, प्रमशक्षि, प्रौद्योचगकी का हस्तांतरि और सूचना प्रौद्योचगकी पहल, बीज संगठन,

समन्वय और बाजार ववकास और गुिवत्ता

प्रमािन प्रिाली, ननयाथत ब्रांड संवधथन और प्रौद्योचगकी उन्नयन शाममल हैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –सरकारी िोजिाएां स्रोत- डके् कि क्रॉनिकि

8. माइक्रोडॉट प्रौद्िोधगकी • सड़क पररवहन एवं राजमागथ मंत्रालय ने कें द्रीय

मोटर वाहन ननयमों में संशोधन ककया है, जजससे मोटर वाहनों और उनके भागों, घटकों, असेंबली, सब-असेंबली को स्र्ायी और लगभग अदृश्य माइिोडॉट के सार् चचपका दिया जा सकता है।

माइक्रोडॉट प्रौद्िोधगकी • इसमें सूक्ष्म डॉट्स के सार् बॉडी और वाहन के

दहस्सों या ककसी अन्य मशीन को स्पे्र करना शाममल है, जो इसे एक ववमशष्ट पहचान प्रिान करती है।

• इस तकनीक का उपयोग वाहनों की चोरी और नकली स्पेयर पाट्थस के उपयोग की जांच करने में मिि करेगा।

• माइिोडॉट्स और आसंजक स्र्ायी कफक् सचर/ अकफक् सेशन बन जाएंगे, जो वाहन को नुकसान पहंुचाए बबना हटाए नहीं जा सकत ेहै।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- पी.आई.बी. 9. डीप-फेक् स

• यह "गहन मशक्षि" और "नकली" का एक संयोजन है।

• यह कृबत्रम बुद्चधमत् ता (ए.आई.) सॉफ्टवेयर है जो ककसी मौजूिा वीडडयो (या ऑडडयो) पर एक डडजजटल ममश्रि का अध् यारोपि करता है।

• यह असली, नकली और भ्रामक वीडडयो बनाता है, जो असली और नकली में पहचान करन ेको और भी अचधक कदठन और जदठल बनाता है।

• नकली सेमलबब्रटी फुटेज, काल् पननक वीडडयो या ररवेंज पोनथ सभी डीपफेक तकनीक के पररिाम हैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- टी.ओ.आई.

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31.07.2019

1. मुश्स्िम मदहिा (वववाह पर अधिकारों का सांरक्षर्) वविेिक, 2019

• संसि ने मुजस्लम मदहला (वववाह पर अचधकारों का संरक्षि) ववधेयक, 2019 पाररत ककया है।

• यह ववधेयक मुजस्लम मदहलाओं के मलए लैंचगक समानता और लैंचगक न्याय को सुननजश्चत करेगा।

• यह ववधेयक वववादहत मुजस्लम मदहलाओं के अचधकारों की रक्षा करन ेऔर उनके पनत द्वारा "तलाक-ए-बबद्ित" के प्रचलन से तलाक को रोकन ेमें भी मिि करेगा।

वविेिक की मुख्ि ववशेषताएां: • इस ववधेयक को तीन तलाक की प्रर्ा को

अमान् य और गैरकानूनी घोवर्त करन े के मलए प्रस्ताववत ककया गया है।

• यह तीन साल तक की कैि और जुमाथने के सार् इस अपराध को िंडनीय भी बनाता है।

• यह वववादहत मजुस्लम मदहलाओं और आचश्रत बच्चों को ननवाथह भत्ता के भुगतान का भी प्रावधान प्रिान करता है।

• इस ववधेयक में अपराध को संजे्ञय बनाने का भी प्रावधान है, यदि वववादहत मुजस्लम मदहला द्वारा ककसी र्ाने के प्रभारी अचधकारी को अपराध के आयोग से संबंचधत की सूचना िी जाती है, जजसमें उससे खून के ररश् त ेअर्वा वववाह से संबंचधत ककसी व् यजक्त द्वारा बोलकर तलाक दिया जाता है।

• उस वववादहत मुजस्लम मदहला के अनुरोध पर मजजस् रेट की अनुमनत से अपराध को संयोजनीय बना दिया जाता है, जजसे बोलकर तलाक दिया गया है।

• ववधेयक में अपराधी को मजजस् रेट द्वारा जमानत पर छोड़ ेजाने से पहले बोलकर तलाक िी गई

वववादहत मुजस्लम मदहला की सुनवाई का भी प्रावधान प्रिान ककया गया है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- पी.आई.बी. 2. राष्‍टरीि लशशु-गहृ िोजिा • राष्रीय मशशु-गहृ योजना को राज्यों/ संघ राज्य

क्षेत्रों के माध्यम से कें द्र प्रायोजजत योजना के रूप में कायाथजन्वत ककया जा रहा है।

• यह योजना समुिाय में कामकाजी माताओं के बच्चों (6 महीने से 6 वर्थ के आयु वगथ) को मशशु िेखभाल सुववधाएं प्रिान करती है।

• इस योजना का उद्िेश्य पूरक पोर्ि, स्वास््य िेखभाल इनपुट जैसे कक टीकाकरि, पोमलयो ड्रॉप्स, बुननयािी स्वास््य ननगरानी, नींि की सुववधा, 3-6 वर्थ की आयु वगथ के बच्चों के मलए प्री-स् कूल मशक्षा प्रिान करना है।

सांबांधित जािकारी राजीव गाांिी राष्‍टरीि लशशु-गहृ िोजिा (आर.जी.एि.सी.एस.)

• यह एक कें द्रीय क्षेत्र की योजना है, जजसे कें द्रीय समाज कल्याि बोडथ (सी.एस.डब्ल ल् यू.बी.) और भारतीय बाल कल्याि पररर्ि (आई.सी.डब्ल ल् यू.डब्ल ल् यू.) के माध्यम से कायाथजन्वत ककया जा रहा है।

• बीड़ी एवं मसगार मजिरू (रोजगार की शतें) अचधननयम, 1966 के अंतगथत भी मशशु िेखभाल सुववधाएं प्रिान की जाती हैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- पी.आई.बी. 3. िाइजीररिा, परागर्ों के सांरक्षर् हेतु एक वैश्चवक

गठबांिि में शालमि होिे वािा चौथा अफ्रीकी राष्‍टर बि गिा है।

• नाइजीररया, वैजश्वक परागि अनुकूलन गठबंधन में शाममल होने वाला चौर्ा अफ्रीकी राष् र बन गया है।

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• इचर्योवपया, वर्थ 2017 में इस वैजश्वक गठबंधन का दहस्सा बनने वाला पहला अफ्रीकी िेश र्ा। इस वैजश्वक समूह में शाममल होने वाला बुरंुडी, िसूरा अफ्रीकी िेश र्ा।

• बोजस्नया और हज़ेगोववना, डोममननकन गिराज्य,

आयरलैंड और मैजक्सको जैसे अन्य गैर-अफ्रीकी राष्र वपछले वर्थ वैजश्वक समहू में शाममल हो गए रे्।

परागर् के सांदभि में जािकारी • एक परागि, एक जानवर होता है जो पौधों को

फल या बीज बनाने का कारि बनता है। • वे एक पौधे के फूल के एक भाग से पराग को

िसूरे भाग में स् र्ानांतररत करके ऐसा करत ेहैं। • वे जैववक (मधुमजक्खयों, चचडड़यों, मजक्खयों

आदि) के सार्-सार् एक अजैववक जैसे पानी, हवा आदि होत ेहैं।

सांबांधित जािकारी परागर्ों के सांरक्षर् हेतु वैश्चवक गठबांिि

• इस गठबंधन में अब 28 हस्ताक्षरकताथ हैं जजनमें 17 यूरोपीय िेशों से, पांच लैदटन अमेररका और कैररबबया से और चार अफ्रीका से हैं।

• वे परागिों पर जैव ववववधता एवं पाररजस्र्नतकी तंत्र सेवा (IPBES) मलू् यांकन पर अंतर सरकारी ववज्ञान-नीनत मंच के ननष्कर्ों का अनुसरि करते हैं।

• सतत ववकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) को संबोचधत करन ेके मलए परागिों का संरक्षि भी महत्वपूिथ होगा।

• परागिकों के मलए प्रासंचगक लक्ष्य, एस.डी.जी. 2 (शून्य भूख), एस.डी.जी. 15 (भूमम पर जीवन), एस.डी.जी. 3 (अच्छा स्वास््य और कल्याि) हैं, इन् हें पयाथप्त पौजष्टक भोजन (परागिकों पर अत्यचधक ननभथर) और एस.डी.जी. 8 (सभ्य काम और आचर्थक प्रगनत) तक पहंुच

के माध्यम से प्राप् त ककया जा सकता है, 1.4 बबमलयन लोग कृवर् कायथ करत ेहैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –पिािवरर् एवां जैववववविता स्रोत- डाउि टू अथि

4. पड़ोसी तारों के आसपास तीि एक् सोप् िैिेट खोजे गए हैं।

• तीन नए ग्रह, जो पृ् वी से 73 प्रकाश वर्थ िरू जस्र्त एक तारे की पररिमा करत े हैं, इसकी खोज नासा के सबसे नए ग्रह- हंदटगं उपग्रह का उपयोग करके की गई है।

• तीन नए एक्सोप्लैनेट्स में से एक चट्टानी है और पृ् वी से र्ोड़ा बड़ा है, जब कक िो अन्य गैसीय और मोटे तौर पर हमारे ग्रह के आकार से िोगुने आकार के हैं।

• नई मसतारा प्रिाली, जजसे TESS ऑब्लजेक्ट ऑफ इंटरेस्ट या टी.ओ.आई.-270 कहा जाता है, यह वही है जजसे रांमसदटगं एक्सोप्लेनेट सवे सैटेलाइट या TESS खोजने के मलए डडज़ाइन ककया गया र्ा।

• 2021 के मलए प्रिाली पर फॉलोअप प्रिाली की योजना बनाई गई र्ी, जब जेम्स वेब अंतररक्ष िरूिशी लॉन्च ककया गया र्ा। यह ऑक्सीजन,

हाइड्रोजन और काबथन मोनोऑक्साइड के मलए टी.ओ.आई-270 ग्रहों के वायुमंडल की संरचना को मापने में सक्षम होगा।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3- ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

5. िोिेरा ववशेष निवेश क्षते्र (डी.एस.आई.आर.) क्िा है?

• धोलेरा ववशेर् ननवेश क्षते्र, कई ग्रीनफील्ड शहरों में से एक है जो दिल्ली मुंबई औद्योचगक गमलयारे (डी.एम.आई.सी.) पर योजनाबद्ध हैं।

• यह अहमिाबाि से लगभग 100 ककलोमीटर िक्षक्षि-पजश्चम में जस्र्त है।

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• यह िनुनया का पहला हररत शहर होने की उम्मीि है।

• यह अनुमाननत 920 वगथ ककलोमीटर के क्षेत्रफल में बसा हुआ है।

• धोलेरा एस.आई.आर. के मसगंापुर से बड़ ेहोने की उम् मीि है।

• धोलेरा ग्रीनफील्ड का अंतराथष्रीय हवाई अड्डा, डी.एस.आई.आर. का एक घटक है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3- ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

6. महाराष्‍ट र, स्वचालित मल्टीमॉडि बािोमेदरक पहचाि प्रर्ािी (ए.एम.बी.आई.एस.) अपिािे वािा देश का पहिा राज्ि बि गिा है।

• महाराष्र के मुययमंत्री ने एक ए.एम.बी.आई.एस. का उद्घाटन ककया है जजसका उद्िेश्य आईररस और फेस बॉयोमेदरक के द्वारा एक आपराचधक डटेाबेस बनाना है।

• ए.एम.बी.आई.एस., राज्य पुमलस ववभाग के आधुननकीकरि और अपराध का पता लगाने में सुधार करन ेहेतु राज्य सरकार की योजनाओं का दहस्सा है।

• इस प्रिाली के अंतगथत अपराधी की उंगमलयों के ननशान और अपराचधयों की तस्वीरों का एक डडजजटल डटेाबेस तैयार ककया जाएगा, जजससे सजा िर में अनुवती बढोतरी होगी।

• मुंबई पुमलस को परीक्षि के आधार पर स् वचामलत मल्टीमॉडल बायोमेदरक पहचान प्रिाली प्रिान की जाएगी, यह इस प्रकार की पहली बायोमीदरक आपराचधक ननगरानी प्रिाली है।

• भारत में पुमलस बल द्वारा पहली बार इस प्रकार की बायोमेदरक पहचान प्रिाली का उपयोग ककया जाना है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 3 –ववज्ञाि एवां तकिीकक

स्रोत- इांडडिि एक् सपे्रस

7. अटि सामुदानिक िवाचार कें द्र

• पेरोमलयम एवं प्राकृनतक गैस मंत्री धमेंद्र प्रधान ने सामुिानयक स्तर पर नवाचार की भावना को प्रोत्सादहत करने के मलए नई दिल्ली में अटल सामुिानयक नवाचार कें द्र की शुरुआत की है।

• इस पहल का उद्िेश्य समाज की सेवा करन ेकी सोच के सार् डडजाइन की गई समाधान-चामलत डडजाइन के माध्यम से नवाचार की भावना को प्रोत्सादहत करना है।

• वर्थ 2025 तक पांच दरमलयन डॉलर की अर्थव्यवस्र्ा बनने के लक्ष्य को प्राप्त करन ेमें अटल नवाचार ममशन की महत्वपूिथ भूममका है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –सरकारी िीनतिाां स्रोत- ए.आई.आर.

8. अल्पसांख्िक पैिि िे अपिे रेलमट को वापस लििा है।

• राष्रीय अल्पसंययक आयोग (एन.सी.एम.) ने उन राज्यों में दहिंओंु को "अल्पसंययक समुिाय" घोवर्त करन ेकी याचचका पर ववचार करन े से इनकार कर दिया है जहां वे बहुसंययक आबािी में नहीं हैं।

• एन.सी.एम. ने जॉजथ कुररयन, मंजीत मसहं राय और आनतफ रशीि की एक उप-सममनत का गठन ककया है।

• ररपोटथ में कहा गया है कक केवल कें द्र के पास नए समूहों की घोर्िा करने की शजक्त है न कक अल्पसंययक आयोग के पास शजक्त है।

सांबांधित जािकारी राष्‍टरीि अल्पसांख्िक आिोग (एि.सी.एम.)

• कें द्र सरकार ने राष्रीय अल्पसंययक आयोग अचधननयम, 1992 के अंतगथत एन.सी.एम. की स्र्ापना की र्ी।

• पांच धाममथक समुिाय अर्ाथत मुजस्लम, ईसाई, मसख, बौद्ध और पारसी (पारसी) को कें द्र सरकार द्वारा अल्पसंययक समुिायों के रूप में अचधसूचचत ककया गया है।

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• इन आयोगों के कायथ संसि और राज्य ववधानमंडलों द्वारा लाग ूककए गए संववधान और कानूनों में प्रिान ककए गए अल्पसंययकों के दहतों की रक्षा और संरक्षि करना हैं।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- द दहांद ू

9. आई. एांड बी. मांत्री िे प्रकाशि प्रभाग की ई-पररिोजिाओां को िाांच ककिा है।

• यह वेबसाइट प्रकाशन प्रभाग की पुस्तकों और पबत्रकाओं के बारे में जानकारी प्रिान करेगी।

• सभी पुस्तकें बबिी के मलए वेबसाइट पर उपलब्लध हैं।

• मंत्री ने ई-पुस्तकों के संभाववत चोरी पर एक नजर रखने के मलए डडजीटल डी.पी.डी. नामक डडवीजन का एक मोबाइल ऐप भी चालू ककया है।

• उन्होंने रोजगार समाचार और ई-पुस्तक सत्याग्रह गीता का ई-संस्करि भी लॉन्च ककया है।

टॉवपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- ए.आई.आर.

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