॥ शर्ी गणेशाय नमः॥ शर गण श य नम ॥ न मर त...

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॥ ी गणेशाय नमः ॥ िनिमत PIJUSH NANDI 25/3/1976 10:40AM Bahula, West Bengal, India MUNMUN NANDI 15/12/1981 6:0PM Jamuria, Bardhaman, West Bengal, India

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  • ॥ शर्ी गणेशाय नमः ॥

    िनिमर्त

    PIJUSH NANDI25/3/1976 10:40AM

    Bahula, West Bengal, India

    MUNMUN NANDI15/12/1981 6:0PM

    Jamuria, Bardhaman, West Bengal,India

  • कुंडली िमलान का महत्व

    ज्योितष शास्तर्, , िवश्व में और पर्त्येक पर्ाणी की जीवनधारा में हर पल घटने वालीसंभाव्य घटनाओ ं का अनुमान के आधार पर संभाव्य िववरण पर्स्तुत करता है||गृहस्थ आशर्म में पर्वेश हेतु िववाह आवश्यक है||

    ज्योितष शास्तर् के अनुसार िकसी जातक की पर्कृित ,अिभरुिच ,उसका व्यिक्तत्व और उसका व्यव्हार उसके जन्म नक्षतर्

    और राशी के आधार पर िनधार्िरत होता हैं। इसी आधार पर वर -वधु के जन्म नक्षतर् और जन्म राशी का िमलान करना गुण

    िमलान कहलाता हैं। गुण िमलान के आधार पर जाना जाता हैं की दोनों में परस्पर कैसा सम्बन्ध रहेगा।

    कुंडली िमलान एक पर्ाचीन पर्णाली है िजसके द्वारा संभािवत वर-वधू के आपसी तालमेल का आकलन िकया जाता है।

    वर-वधू के वैवािहक जीवन को सुखद और अनुकूल बनाने के िलए यह पहला कदम होता है। िववाह के उपरांत वर/कन्या

    को भिवष्य में समस्याओं का सामना न करना पडे़ इसिलए िववाह पूवर् वर/कन्या के माता-िपता, दोनों की जन्मकुण्डली का

    िमलान करवाते है, जोिक अित आवश्यक है|

    पर्स्तुत कुंडली िमलान िरपोटर् में सभी पर्मुख जन्मपितर्का िमलान के िविधयों का पर्योग एवं िवश्लेषण िकया गया है। इनमे

    अष्टकूट िमलान, दशकूट िमलान, मांगिलक िमलान, रज्जु व वेध दोष िवश्लेषण के साथ ही उनके फल भी िदए गए हैं।

  • PIJUSH NANDI गुण MUNMUN NANDI

    25/3/1976 जन्म िदनांक 15/12/1981

    10:40 जन्म समय 18:0

    23 N 39 अक्षांश 23 E 42

    87 N 11 देशांतर 87 E 04

    +5:30 समय क्षेतर् +5:30

    5:40:30 सूयोर्दय 6:16:3

    17:54:18 सूयार्स्त 16:57:21

    23:31:30 अयनांश 23:36:17

    ज्योितषीय िववरण

    PIJUSH NANDI गुण MUNMUN NANDI

    वैश्य वणर् िवपर्

    जलचर वश्य जलचर

    वानर योिन माजार्र

    देव गण राक्षस

    अंत्य नाड़ी अंत्य

    शिन रािश स्वामी चन्दर्

    शर्ावण नक्षतर् अश्लेषा

    चन्दर् नक्षतर् स्वामी बुध

    1 चरण 3

    िशव योग वैधृ'

    िविष्ट करण तैितल

    कृष्ण दशमी ितिथ कृष्ण पंचमी

    पर्भाग युञ्जा मध्य

    पृथ्वी तत्त्व जल

    खी नामाक्षर दे

    ताम्बर् पाया चांदी

    सामान्य िववरण

    3 https://www.ratnajyoti.com

  • PIJUSH NANDI गर्ह िस्थित

    गर्ह वकर्ी जन्म रािश अंश रािश स्वामी नक्षतर् नक्षतर् स्वामी भाव

    सूयर् -- मीन 11:09:20 गुरु उत्तर भादर्पद शिन 10

    चन्दर् -- मकर 10:03:42 शिन शर्ावण चन्दर् 8

    मंगल -- िमथुन 09:27:37 बुध आदर्ार् राहु 1

    बुध -- मीन 03:43:34 गुरु उत्तर भादर्पद शिन 10

    गुरु -- मेष 06:11:31 मंगल अिश्वनी केतु 11

    शुकर् -- कुम्भ 19:01:06 शिन शतिभसा राहु 9

    शिन R ककर् 02:30:13 चन्दर् पुनवर्सु गुरु 2

    राहु R तुला 21:16:45 शुकर् िवशाखा गुरु 5

    केतु R मेष 21:16:45 मंगल भरणी शुकर् 11

    लग्न -- िमथुन 05:01:54 बुध मृगिशरा मंगल 1

    MUNMUN NANDI गर्ह िस्थित

    गर्ह वकर्ी जन्म रािश अंश रािश स्वामी नक्षतर् नक्षतर् स्वामी भाव

    सूयर् -- वृिश्चक 29:51:09 मंगल ज्येष्ठा बुध 6

    चन्दर् -- ककर् 26:39:20 चन्दर् अश्लेषा बुध 2

    मंगल -- कन्या 06:10:08 बुध उत्तर फाल्गुनी सूयर् 4

    बुध -- धनु 02:35:15 गुरु मूल केतु 7

    गुरु -- तुला 09:49:43 शुकर् स्वाित राहु 5

    शुकर् -- मकर 10:30:33 शिन शर्ावण चन्दर् 8

    शिन -- कन्या 26:47:05 बुध िचतर्ा मंगल 4

    राहु R ककर् 00:27:24 चन्दर् पुनवर्सु गुरु 2

    केतु R मकर 00:27:24 शिन उत्तर षाढ़ा सूयर् 8

    लग्न -- िमथुन 15:06:06 बुध आदर्ार् राहु 1

    गर्ह िस्थित

    4 https://www.ratnajyoti.com

  • लग्न कुंडली

    चिलत कुंडली

    PIJUSH NANDIPIJUSH NANDI

    3

    45

    6

    78

    9

    1011

    12

    12

    मं

    सू बु

    चं

    रा

    गु

    के

    शु

    MUNMUN NANDIMUNMUN NANDI

    3

    45

    6

    78

    9

    1011

    12

    12

    बु

    मं श

    चं रा

    सू शु के

    गु

    PIJUSH NANDIPIJUSH NANDI

    3

    45

    6

    78

    9

    1011

    12

    12

    मं गुके

    बु शु

    रा चं

    सू

    MUNMUN NANDIMUNMUN NANDI

    3

    45

    6

    78

    9

    1011

    12

    12

    सू बु

    मं

    रा

    शु के

    चं

    गु

    जन्म कुंडली

    5 https://www.ratnajyoti.com

  • चंदर् कुंडली

    नवमांश कुंडली

    PIJUSH NANDIPIJUSH NANDI

    10

    1112

    1

    23

    4

    56

    7

    89

    चं

    रा

    गु के

    शु

    मं

    सू

    बु

    MUNMUN NANDIMUNMUN NANDI

    4

    56

    7

    89

    10

    1112

    1

    23

    चं रा

    शु के

    गु

    बु

    मं

    सू

    PIJUSH NANDIPIJUSH NANDI

    8

    910

    11

    121

    2

    34

    5

    67

    बु

    गु

    मं सू के

    चं रा

    शु श

    MUNMUN NANDIMUNMUN NANDI

    11

    121

    2

    34

    5

    67

    8

    910

    चं मं

    सू के

    रा श

    बु

    शुगु

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  • वत्तर्मान दशा

    महादशा

    चन्दर्

    चन्दर् 08-03-1986 23:40

    मंगल 08-03-1993 17:40

    राहु 09-03-2011 05:40

    गुरु 09-03-2027 05:40

    शिन 08-03-2046 23:40

    बुध 09-03-2063 05:40

    केतु 08-03-2070 23:40

    शुकर् 08-03-2090 23:40

    सूयर् 08-03-2096 11:40

    अंतर दशा

    चन्दर् > गुरु

    गुरु 26-04-2013 10:28

    शिन 07-11-2015 17:40

    बुध 12-02-2018 15:16

    केतु 19-01-2019 12:52

    शुकर् 19-09-2021 12:52

    सूयर् 08-07-2022 17:40

    चन्दर् 07-11-2023 17:40

    मंगल 13-10-2024 15:16

    राहु 09-03-2027 05:40

    पर्त्यंतर दशा

    चन्दर् > गुरु > बुध

    बुध 04-03-2016 00:32

    केतु 21-04-2016 07:35

    शुकर् 06-09-2016 07:11

    सूयर् 17-10-2016 16:40

    चन्दर् 25-12-2016 16:28

    मंगल 11-02-2017 23:32

    राहु 16-06-2017 03:58

    गुरु 04-10-2017 13:15

    शिन 12-02-2018 15:16

    सूक्ष्म दशा

    चन्दर् > गुरु > बुध > गुरु

    गुरु 30-06-2017 21:12

    शिन 18-07-2017 08:41

    बुध 03-08-2017 00:00

    केतु 09-08-2017 10:32

    शुकर् 27-08-2017 20:05

    सूयर् 02-09-2017 08:33

    चन्दर् 11-09-2017 13:19

    मंगल 17-09-2017 23:52

    राहु 04-10-2017 13:15

    PIJUSH NANDI - िवम्शोत्तरी दशा

    7 https://www.ratnajyoti.com

  • वत्तर्मान दशा

    महादशा

    चन्दर्

    चन्दर् 08-03-1986 23:40

    मंगल 08-03-1993 17:40

    राहु 09-03-2011 05:40

    गुरु 09-03-2027 05:40

    शिन 08-03-2046 23:40

    बुध 09-03-2063 05:40

    केतु 08-03-2070 23:40

    शुकर् 08-03-2090 23:40

    सूयर् 08-03-2096 11:40

    अंतर दशा

    चन्दर् > गुरु

    गुरु 26-04-2013 10:28

    शिन 07-11-2015 17:40

    बुध 12-02-2018 15:16

    केतु 19-01-2019 12:52

    शुकर् 19-09-2021 12:52

    सूयर् 08-07-2022 17:40

    चन्दर् 07-11-2023 17:40

    मंगल 13-10-2024 15:16

    राहु 09-03-2027 05:40

    पर्त्यंतर दशा

    चन्दर् > गुरु > बुध

    बुध 04-03-2016 00:32

    केतु 21-04-2016 07:35

    शुकर् 06-09-2016 07:11

    सूयर् 17-10-2016 16:40

    चन्दर् 25-12-2016 16:28

    मंगल 11-02-2017 23:32

    राहु 16-06-2017 03:58

    गुरु 04-10-2017 13:15

    शिन 12-02-2018 15:16

    सूक्ष्म दशा

    चन्दर् > गुरु > बुध > गुरु

    गुरु 30-06-2017 21:12

    शिन 18-07-2017 08:41

    बुध 03-08-2017 00:00

    केतु 09-08-2017 10:32

    शुकर् 27-08-2017 20:05

    सूयर् 02-09-2017 08:33

    चन्दर् 11-09-2017 13:19

    मंगल 17-09-2017 23:52

    राहु 04-10-2017 13:15

    MUNMUN NANDI - िवम्शोत्तरी दशा

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  • मांगिलक दोष क्या होता हैिजस जातक की जन्म कुंडली, लग्न/चंदर् कुंडली आिद में मंगल गर्ह, लग्न से पर्थम, चतुथर्, सप्तम,

    अष्टम तथा द्वादश भावों में से कहीं भी िस्थत हो, तो उसे मांगिलक कहते हैं।

    कुण्डली में जब लग्न भाव, चतुथर् भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव में मंगल िस्थत

    होता है तब कुण्डली में मंगल दोष माना जाता है। सप्तम भाव से हम दाम्पत्य जीवन का िवचार

    करते हैं। अष्टम भाव से दाम्पत्य जीवन के मांगलीक सुख को देखा जाता है। मंगल लग्न में िस्थत

    होने से सप्तम भाव और अष्टम भाव दोनों भावों को दृिष्ट देता है। चतुथर् भाव में मंगल के िस्थत

    होने से सप्तम भाव पर मंगल की चतुथर् पूणर् दृिष्ट पड़ती है। द्वादश भाव में यिद मंगल िस्थत है तब अष्टम दृिष्ट से सप्तम भाव को देखता है।

    मूल रूप से मंगल की पर्कृित के अनुसार ऐसा गर्ह योग हािनकारक पर्भाव िदखाता है, लेिकन वैिदक पूजा-पर्िकर्या के द्वारा इसकी भीषणता को िनयंितर्त

    कर सकते है। मंगल गर्ह की पूजा के द्वारा मंगल देव को पर्सन्न िकया जाता है, तथा मंगल द्वारा जिनत िवनाशकारी पर्भावों, सवार्िरष्ट को शांत व िनयंितर्त

    कर सकारात्मक पर्भावों में वृिद्ध की जा सकती है।

    मांगिलक दोष पर्भाव̅ मंगल गर्ह की पहले भाव में िस्थित::लग्न में मंगल हो तो स्वास्थ्य पर दुषपर्भाव पड़ता हैं, व्यिक्त स्वभाव से उगर् एवं िजद्दी होता है। मंगल के दुश पर्भाव से पित या पत्नी से दूिरयां अथवा

    तलाक भी हो सकता है ! सातवी दृिष्ट के कारण जीवन साथी को िकसी धारदार हिथयार से चोट की आशंका भी बनी रहती है !̅ मंगल गर्ह की िद्वतीय भाव में िस्थित : :मंगल दुसरे स्थान पर होने से पिरवार में सदस्यों की बढ़ोतरी नहीं होती ! इस पर्कार या तो िववाह देर से होता है या होता ही नहीं, कई बार िववाह के

    उपरान्त संतान उत्पित्त में रूकावटे आती है!̅ मंगल गर्ह की चतुथर् भाव में िस्थित::इस घर में मंगल के दुश पर्भाव से जातक के िववािहत जीवन में आने वाली खुिशयाँ मनो ख़त्म सी हो जाती है, िववाह हो जाने के बावजूद िववाह का

    सुख नहीं िमलता ! चौथे भाव पर मंगल के दुश पर्भाव से जीवन साथी से दूिरयां अथवा तलाक भी हो सकता है !̅ मंगल गर्ह की सप्तम भाव में िस्थित::सातवें स्थान में िस्थित मंगल दाम्पत्य सुख (रित सुख) की हािन तथा पत्नी के स्वास्थ्य को भी हािन पहुँचाता है। इस स्थान में िस्थत मंगल की दशवें एवं

    दूसरे भाव पर दृिष्ट पड़ती है। दशम से अजीिवका का तथा िद्वतीय स्थान से कुटुम्ब का िवचार िकया जाता है। अतः इस स्थान में िस्थत मंगल आजीिवका

    एवं कुटुम्ब पर भी अपना पर्भाव डालता है।̅ मंगल गर्ह की अष्टम भाव में िस्थित::कुंडली का आठवा घर जीवन साथी की उमर् से सम्बंिधत होता है ! इस घर में मंगल के आने से जीवन साथी की कम आयु का खतरा बना रहता है! इस

    पर्कार आठवे घर में मंगल दोष होने से िववािहत जीवन पर दुश पर्भाव पड़ता है!̅ मंगल गर्ह की बारहवे भाव में िस्थित::िजस जातक की कुंडली के बारहवे घर में मंगल होता है वह जातक अिधक व्यािभचारी होता है, िजस कारण से जातक कई लोगो के साथ शारीिरक

    सम्बन्ध बनाता है तथा िकसी भयंकर गुप्त अंगो की िबमारी से िग्र्ह्सत हो जाता है!

    मांगिलक

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  • भाव के आधार पर

    लग्न भाव में मंगल अविस्थत है।

    शिन िद्वतीय भाव में आपके कुंडली में िस्थत है।

    दृिष्ट के आधार पर

    आपकी कुंडली में लग्न भाव को राहु देख रहा है।

    मंगल , आपके कुंडली के अष्टम भाव को देख रहा है।

    शिन , आपके कुंडली के अष्टम भाव को देख रहा है।

    सप्तम भाव मंगल से दृष्ट है।

    सप्तम भाव केतु से दृष्ट है।

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव सूयर् से दृष्ट है।

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव मंगल से दृष्ट है।

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव शिन से दृष्ट है।

    मांगिलक िवश्लेषण

    कुल मांगिलक पर्ितशत 1177.75%.75%

    मांगिलक फल

    कुंडली में मांगिलक दोष है परन्तु मांगिलक दोष का पर्भाव बहुत कम होने से िकसी हािन की अपेक्षा नहीं है । कुछ

    साधारण उपायो की मदद से इसे और कम िकया जा सकता है।

    PIJUSH NANDI मांगिलक िवश्लेषण

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  • भाव के आधार पर

    राहु आपके कुंडली में िद्वतीय भाव में है।

    चतुथर् भाव में मंगल अविस्थत है।

    शिन चतुथर् भाव में आपके कुंडली में िस्थत है।

    केतु आपके कुंडली में अष्टम भाव में है।

    दृिष्ट के आधार पर

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव केतु से दृष्ट है।

    केतु की दृिष्ट आपके कुडंली के िद्वतीय भाव पर पड़ रही है।

    राहु , आपके कुंडली के अष्टम भाव को देख रहा है।

    आपकी कुंडली में लग्न भाव को शिन देख रहा है।

    सप्तम भाव मंगल से दृष्ट है।

    आपके कुंडली के द्वादश भाव को सूयर् देख रहा है।

    आपके कुंडली के द्वादश भाव को केतु देख रहा है।

    मांगिलक िवश्लेषण

    कुल मांगिलक पर्ितशत 2020.5%.5%

    मांगिलक फल

    कुंडली में मांगिलक दोष है परन्तु मांगिलक दोष का पर्भाव बहुत कम होने से िकसी हािन की अपेक्षा नहीं है । कुछ

    साधारण उपायो की मदद से इसे और कम िकया जा सकता है।

    MUNMUN NANDI मांगिलक िवश्लेषण

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  • PIJUSH NANDI मांगिलक िववरण

    कुल मांगिलक पर्ितशत - - 1177.75%.75%

    MUNMUN NANDI मांगिलक िववरण

    कुल मांगिलक पर्ितशत - - 2020.5%.5%

    मांगिलक िमलान पिरणाम

    लड़का मांगिलक नहीं है; और न ही लड़की मांगिलक है। दोनों कुंडिलयों में मंगल दोष अनुपिस्थत होने के कारण भिवष्य में

    उनके वैवािहक जीवन पर कोई कुपर्भाव नहीं पडे़गा यह िववाह िकया जा सकता है।

    मांगिलक िवश्लेषण

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  • अष्टकूट क्या होता है??कुण्डली िमलान की अष्टकूट पद्धित में, गुणों की अिधकतम संख्या ३६ है। वर और कन्या के बीच गुण अगर ३१ से ३६ के मध्य में हो तो उनका िमलाप

    अित उत्तम होता है। गुण अगर २१ से ३० के मध्य में हो तो वर और कन्या का िमलाप बहुत अच्छा होता है। गुण अगर १७ से २० के मध्य में हो तो वर

    और कन्या का िमलाप साधारण होता है और गुण अगर ० से १६ के मध्य में हो तो इसे अशुभ माना जाता है।

    आठो कूट इस पर्कार से हैं - १) वणर् २) वश्य ३) तारा ४) योिन ५) गर्ह मैतर्ी ६) गण ७) भकूट और ८) नाडी

    वणर् वश्य तारा योिन

    गर्ह मैतर्ी गण भकूट नाड़ी

    अष्टकूट िमलान िविध::अष्टकुट मतलब ८ अलग-अलग कुटो का िमलान। इन सभी कुटो के िमलान में जन्म नक्षतर् और जन्म रािश का उपयोग िकया जाता है।

    अष्टकूट के आठों कूट इस पर्कार हैं :

    वणर् – जातक के वणर् से उसकी कायर् क्षमता , व्यिक्तत्व , आचरण- व्यावहार तथा उससे जुड़ी हुई कई पर्मुख बातों का पता चल जाता है ।

    वश्य – वर / कन्या की अिभरुिच तथा शारीिरक ,मानिसक ,भावनात्मक पर्कृित को दशार्ता है ।

    तारा – तारा कूट वर – कन्या के वैचािरक मतभेद , िवरोधात्मकता , धन की िस्थित व आपसी िरश्तों में सहजता को दशार्ता है ।

    योिन – योनी वर - कन्या के आपसी व्यावहार िवचार , रहन-सहन ,इत्यािद को दशार्ता है । यह शारीिरक आकषर्ण तथा लैंिगक अनुकूलता (मूल वृत्ती )

    भी दशार्ता है ।

    गर्ह मैतर्ी – यह दशार्ता है वर-कन्या की मनोवृत्ती एवं स्वभाव के तालमेल को । गर्ह मैतर्ी मनोवैज्ञािनक स्वभाव के िवश्लेषण का सबसे अच्छा उपकरण है

    – गण दशार्ता है , परस्पर पर्ेम , सामंजस्य , सौमनस्यता, मनोदशा , एक दूसरे के पर्ित आकषर्ण और लगाव को ।

    भकूट – यह दशार्ता है : पारस्पिरक आकषर्ण , अनुराग , आसिक्त स्नेह एवं रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता ।

    नाड़ी – दशार्ता है – हषोर्उल्लास का संतुलन , नाड़ी अथार्त – नब्ज जो हमारे शरीर की तांितर्क उजार् का पर्ितिनिध होता है तथा स्मरणशिक्त चेतना का

    संचालन यहीं से होता है ।

    अष्टकूट िववरण

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  • गुण पुरुष स्तर्ी कुल पर्ाप्त

    दीन शर्ावण अश्लेषा 3 0

    गण देव राक्षस 4 0

    योिन वानर माजार्र 4 2

    रािश मकर ककर् 7 7

    राश्यािधपित शिन चन्दर् 5 0.5

    रज्जु - - 5 5

    वेध शर्ावण अश्लेषा 2 0

    वश्य जलचर जलचर 2 2

    महेंदर् शर्ावण अश्लेषा 2 0

    स्तर्ी दीघर् शर्ावण अश्लेषा 2 2

    कुल - - 36 18.5

    ??? ?? ???? ???? ??????????? ????? ??? ???? ??????? ?????? ?????0

    10

    20

    30

    40

    50

    60

    70

    80

    90

    100

    पर्ितश

    त %

    दशकूट

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  • वेध दोष िवश्लेषण

    वेध दोष क्या होता है ? ?वेध तकनीक का पर्योग जोड़ी के पूरी तरह से एक साथ आने से रोकने वाले अत्यिधक अवरोधों के िनधार्रण के िलए िकया जाता है। िरश्ते को पर्भािवत

    कर सकने वाले दो पर्मुख महा-दोषो में से एक है।

    कारक

    लड़का और लड़की के नक्षतर् एक-दूसरे के िलए वेध उत्पन्न

    कर रहे हैं। इस दोष के कारण, उन्हें अलगाव के ददर् तथा

    तनाव का िनरंतर सामना करना पड़ सकता। उन्हें अलग-

    अलग रहना पद सकता है।

    वेध दोष िववरण

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  • भकूट दोष िवश्लेषण

    भकूट क्या होता हैै??भकूट रािशयों के अंतर पर आधािरत होता है भकूट का अथर् ही है , रािशयों का समूह भकूट को अिधकतम 7 गुण िदए गए हैं । यह दशार्ता है : पारस्पिरक

    आकषर्ण , अनुराग , आसिक्त स्नेह एवं रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता । वर- कन्या की रािशयाँ यिद एक दूसरे से 6 - 8 , 5 – 9 या 2 – 12 हो तो

    भकूट दोष लगता है और 0 (शून्य) अंक पर्ाप्त होते हैं । उपयुर्क्त तीनों दोषों को छोड़कर अन्य सभी जोिड़यों को 7 अंक पर्ाप्त है ।

    PIJUSH NANDIमकर

    MUNMUN NANDIककर्

    भकूट दोष उपिस्थत नहीं है।

    भकूट दोष

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  • नाड़ी दोष िवश्लेषण

    नाड़ी क्या होता हैै??नाड़ी : दशार्ता है – हषोर्उल्लास का संतुलन , नाड़ी अथार्त – नब्ज जो हमारे शरीर की तांितर्क उजार् का पर्ितिनिध होता है तथा स्मरणशिक्त चेतना का

    संचालन यहीं से होता है ।

    नािड़याँ 3 पर्कार की होती है :1) आदय - वात नाड़ी, 2) मध्य - िपत्त नाड़ी , 3)अन्त्य - कफ नाड़ी । वर और कन्या की नाड़ी िभन्न होनी चािहए । यिद

    दोनों की नािड़याँ एक हुई तो कई दुष्पिरणाम देखे जाते हैं , जैसे संतित से संबंिधत परेशािनयाँ । संतान शारीिरक , मानिसक रूप से अस्वस्थ रहती है ,

    संतान में पर्खर बुिद्ध , चेतना स्मरणशिक्त का अभाव रहता है ।

    नाड़ी दोष उपिस्थत होन े पर क्या पर्भाव होता है

    गुण िमलान करते समय यिद वर और वधू की नाड़ी अलग-अलग हो तो उन्हें नाड़ी िमलान के 8 में से 8 अंक पर्ाप्त होते हैं, जैसे िक वर की आिद नाड़ी

    तथा वधू की नाड़ी मध्या अथवा अंत। िकन्तु यिद वर और वधू की नाड़ी एक ही हो तो उन्हें नाड़ी िमलान के 8 में से 0 अंक पर्ाप्त होते हैं तथा इसे नाड़ी

    दोष का नाम िदया जाता है। नाड़ी दोष की पर्चिलत धारणा के अनुसार वर-वधू दोनों की नाड़ी आिद होने की िस्थित में तलाक या अलगाव की पर्बल

    संभावना बनती है तथा वर-वधू दोनों की नाड़ी मध्य या अंत होने से वर-वधू में से िकसी एक या दोनों की मृत्यु की पर्बल संभावना बनती है।

    PIJUSH NANDIअंत्य

    MUNMUN NANDIअंत्य

    इस िमलान में नाड़ी दोष उपिस्थत है क्योंिक दोनों हीजातकों की नाड़ी सामान है।

    नाड़ी दोष

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  • िकर्यात्मक शिक्त मध्यम रहेगी, काम ठीक चलता रहेगा । कईसारी चीज़ो में असमानता रहेगी । वैचािरक मतभेद बना रहेगा ।बाह्य रूप से सफल होंगे पर आंतिरक अंतद्वर्ंद चलता रहेगा ।शैक्षिणक ,संरक्षण के क्षेतर् में सफल रहेंगे ।

    कायर् क्षमता और व्यिक्तत्व

    वणर् - 0/1

    दोनों के बीच आकषर्ण ख़ूब रहेगा । आपसी सहमती, शारीिरकमानिसक व भावनात्मक स्तर पर एक-दूसरे के पूरक होंगे ।भावनाएँ दोनों की एक-दूसरे से मेल खाएँगी । मानिसक रूप सेभी दोनों एक-दूसरे के योग्य होंगे ।

    व्यिक्तगत संबंध

    वश्य - 2 / 2

    धनोपाजर्न में अदृश्य बाधाएँ आएँगी । बहुत मेहनत करने केबाद भी पैसे या तो नहीं िमलेंग या िमलेंगे तो कम िमलेंगे ।िस्थित धनोपाजर्न के िलए अनुकूल नहीं होगी । आपसी िरश्तोंमें सहजता का भाव नहीं रहेगा पर एक-दूसरे के िवरोधी नहींहोंगे । मध्यम संबंध बना रहेगा ।

    समृिद्ध और भाग्य

    तारा - 1.5 / 3

    बहुत अिधक एक-दूसरे से आकिषर्त तो नहीं होंगे, परंतु दोनोंएक-दूसरे के िलए ठीक-ठाक रहेंगे । प्यार बना रहेगा एवं चंचलस्वभाव के कारण संबंधों की िस्थित उत्तमरहेगी ।

    अंतरंग सम्बन्ध

    योिन - 2 / 4

    अष्टकूट िवश्लेषण - I

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  • Papa (dosha) Comparison is done here by assigning points for the position of Mars, Saturn, Rahu, Ketu and Sunwith respect to Lagna, Moon as well as Venus.

    PIJUSH NANDI पाप अंक

    लग्न से चंदर् से शुकर् सेपाप अंक

    स्थान पाप स्थान पाप स्थान पाप

    सूयर् 10 0 3 0 2 4.5

    मंगल 1 12 6 0 5 0

    शिन 2 9 7 15 6 0

    राहु 5 0 10 0 9 0

    कुल -- 21 -- 7.5 -- 1.125

    MUNMUN NANDI पाप अंक

    लग्न से चंदर् से शुकर् सेपाप अंक

    स्थान पाप स्थान पाप स्थान पाप

    सूयर् 6 0 5 0 11 0

    मंगल 4 12 3 0 9 0

    शिन 4 6.75 3 0 9 0

    राहु 2 3 1 3 7 5

    कुल -- 21.75 -- 1.5 -- 1.25

    पापसम्यम िनष्कषर्पापसम्यम शुभ है।

    पापसम्यम

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  • PIJUSH NANDI व्यिक्तत्व िववेचना

    िमथुन रािश के व्यिक्त िमतर्वत, अपनी बात को दूसरों तक पहुँचाने

    में कुशल, िमलनसार, अिस्थरिचत्त, अिनिश्चत,एक समय पर एक

    साथ दो या अिधक कायोर्ं में रुिच लेने वाले, हािज़र

    जवाब,बुिद्धमान , मानिसक रूप से अिधक सिकर्य ,अित-भावुक

    ,थोडे़ तुनकिमज़ाज अशांत या घबरा जाने वाले , वाचाल , अगंभीर

    और हमेशा कुछ अलग करने के िलए तैयार रहने वाले होते हैं ।

    िमथुन रािश दो जुड़वाँ बच्चों का पर्ितिनिधत्व करती है,इसिलए

    आपके व्यिक्तत्व के भी दो अलग अलग पक्ष हो सकते हैं । आप

    जो पहले से ही जानते हैं और उससे अिधक सीखने के िलए

    आपको यह बात लोगों तक पहुचाने की पर्बल आवश्यकता है।

    आपका रुझान िवस्तृत रूप से बातों के िवस्तार में होगा लेिकन

    आप उनकी गहराई में जाने का पर्यत्न नहीं करेंगे । आप उपर से

    आत्मिवश्वासपूणर् िदखाई दे सकते हैं, लेिकन आप में आत्मिवश्वास

    और आंतिरक िस्थरता की कमी हो सकती है ।

    आप को बोलना अच्छा लगता है ,अपने मुँह से और साथ ही हाथों

    के इस्तेमाल से ।

    आप पढ़ने और यातर्ा करने में आनंद लेते हैं और इनदोनों कायोर्ं में नवीनतम ज्ञान पर्ािप्त की ढेरों संभावनाएंहैं l आपको िविवधता पसंद है और ऐसा हो सकता हैिक आप सभी कायोर्ं में थोडे़ थोडे़ िनपुण हों लेिकनिकसी भी कायर् में पूणर्तः पर्वीण ना होंl

    MUNMUN NANDI व्यिक्तत्व िववेचना

    िमथुन रािश के व्यिक्त िमतर्वत, अपनी बात को दूसरों तक पहुँचाने

    में कुशल, िमलनसार, अिस्थरिचत्त, अिनिश्चत,एक समय पर एक

    साथ दो या अिधक कायोर्ं में रुिच लेने वाले, हािज़र

    जवाब,बुिद्धमान , मानिसक रूप से अिधक सिकर्य ,अित-भावुक

    ,थोडे़ तुनकिमज़ाज अशांत या घबरा जाने वाले , वाचाल , अगंभीर

    और हमेशा कुछ अलग करने के िलए तैयार रहने वाले होते हैं ।

    िमथुन रािश दो जुड़वाँ बच्चों का पर्ितिनिधत्व करती है,इसिलए

    आपके व्यिक्तत्व के भी दो अलग अलग पक्ष हो सकते हैं । आप

    जो पहले से ही जानते हैं और उससे अिधक सीखने के िलए

    आपको यह बात लोगों तक पहुचाने की पर्बल आवश्यकता है।

    आपका रुझान िवस्तृत रूप से बातों के िवस्तार में होगा लेिकन

    आप उनकी गहराई में जाने का पर्यत्न नहीं करेंगे । आप उपर से

    आत्मिवश्वासपूणर् िदखाई दे सकते हैं, लेिकन आप में आत्मिवश्वास

    और आंतिरक िस्थरता की कमी हो सकती है ।

    आप को बोलना अच्छा लगता है ,अपने मुँह से और साथ ही हाथों

    के इस्तेमाल से ।

    आप पढ़ने और यातर्ा करने में आनंद लेते हैं और इनदोनों कायोर्ं में नवीनतम ज्ञान पर्ािप्त की ढेरों संभावनाएंहैं l आपको िविवधता पसंद है और ऐसा हो सकता हैिक आप सभी कायोर्ं में थोडे़ थोडे़ िनपुण हों लेिकनिकसी भी कायर् में पूणर्तः पर्वीण ना होंl

    व्यिक्तत्व िववेचना

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  • इस जोडे़ को कुल 36 अंको में से केवल 13 अंक पर्ाप्त हुए हैं -जो िक काफी कम है । लड़का और लड़की दोनों की चंदर्रािशयों में भी िमतर्ता नहीं है. यह मानिसक असंगित को दशार्ताहै जो की आगे चल कर आप दोनों के बीच गंभीर िववाद औरजुदाई का कारण बन सकता है. इसिलए, अष्टकूट के िवश्लेषणके अनुसार, यह एक अच्छा मेल नहीं है।

    अष्टकूट

    लड़का मांगिलक नहीं है; और न ही लड़की मांगिलक है। दोनोंकुंडिलयों में मंगल दोष अनुपिस्थत होने के कारण भिवष्य मेंउनके वैवािहक जीवन पर कोई कुपर्भाव नहीं पडे़गा यह िववाहिकया जा सकता है।

    मांगिलक

    िमलान िनष्कषर्

    अष्टकूट गुण न्यूनतम आवश्यक 18 गुण से भी कम है। यद्यिप मंगल दोष नहीं हैं िफर भीिववाह अनुशंिषत नहीं है।

    कुंडली िमलान िरपोटर्

    21 https://www.ratnajyoti.com

  • Bahula (Near Netaji Statue) Post:-Bahula Dist:-Burdwan , City:- Durgapur P.S:- Andal

    State :- West Bengal,INDIA,Pin Code:713322

    Ratnajyotihttps://[email protected]

    0341 2668022

    ॥ श्री गणेशाय नमः ॥PIJUSH NANDI25/3/1976    10:40AMBahula, West Bengal, IndiaMUNMUN NANDI15/12/1981    6:0PMJamuria, Bardhaman, West Bengal, India

    ज्योतिष शास्त्र, विश्व में और प्रत्येक प्राणी की जीवनधारा में हर पल घटने वाली संभाव्य घटनाओं का अनुमान के आधार पर संभाव्य विवरण प्रस्तुत करता है| गृहस्थ आश्रम में प्रवेश हेतु विवाह आवश्यक है|सामान्य विवरणग्रह स्थितिजन्म कुंडलीPIJUSH NANDIMUNMUN NANDIPIJUSH NANDIMUNMUN NANDIPIJUSH NANDIMUNMUN NANDIPIJUSH NANDIMUNMUN NANDI

    PIJUSH NANDI - विम्शोत्तरी दशामहादशाअंतर दशाप्रत्यंतर दशासूक्ष्म दशा

    MUNMUN NANDI - विम्शोत्तरी दशामहादशाअंतर दशाप्रत्यंतर दशासूक्ष्म दशा

    मांगलिकमांगलिक दोष क्या होता हैमांगलिक दोष प्रभाव̅ मंगल ग्रह की पहले भाव में स्थिति:̅ मंगल ग्रह की द्वितीय भाव में स्थिति :̅ मंगल ग्रह की चतुर्थ भाव में स्थिति:̅ मंगल ग्रह की सप्तम भाव में स्थिति:̅ मंगल ग्रह की अष्टम भाव में स्थिति:̅ मंगल ग्रह की बारहवे भाव में स्थिति:

    PIJUSH NANDI मांगलिक विश्लेषणभाव के आधार परदृष्टि के आधार परमांगलिक विश्लेषणकुल मांगलिक प्रतिशत17.75%

    मांगलिक फलMUNMUN NANDI मांगलिक विश्लेषणभाव के आधार परदृष्टि के आधार परमांगलिक विश्लेषणकुल मांगलिक प्रतिशत20.5%

    मांगलिक फलमांगलिक विश्लेषणकुल मांगलिक प्रतिशत - 17.75%कुल मांगलिक प्रतिशत - 20.5%

    मांगलिक मिलान परिणामअष्टकूट विवरणअष्टकूट क्या होता है?अष्टकूट मिलान विधि:दशकूटवेध दोष विवरणवेध दोष क्या होता है ?कारकभकूट दोषभकूट क्या होता हैै?मकरकर्क

    भकूट दोष उपस्थित नहीं है।नाड़ी दोषनाड़ी क्या होता हैै?नाड़ी दोष उपस्थित होने पर क्या प्रभाव होता हैअंत्यअंत्यइस मिलान में नाड़ी दोष उपस्थित है क्योंकि दोनों ही जातकों की नाड़ी सामान है।

    अष्टकूट विश्लेषण - Iपापसम्यमपापसम्यम निष्कर्षव्यक्तित्व विवेचनाकुंडली मिलान रिपोर्ट