ग §ल (इंडिया) डलडिट §ि जयपर द्वारा ... path...1...

Post on 10-Feb-2020

23 Views

Category:

Documents

0 Downloads

Preview:

Click to see full reader

TRANSCRIPT

  • गले (इंडिया) डलडिटेि जयपुर द्वारा

    ‘काव्य-पाठ प्रडियोडगिा’ का आयोजन

    नगर राजभाषा कायाान् वयन मडिडि (पप्रमि), जयपुर के ित् वावनान िग गेल (इंडिया) डलडिटेि, जयपुर द्वारा नराकाम

    (पप्रमि) जयपुर के 33 मदस् य कायाालय के का्िक के डल ‘काव्य-पाठ प्रडियोडगिा’ का आयोजन ददनांक 16 िई,

    2016 को गेल जयपुर िग दकया गया ।

    काया्रमि का शुभारंभ श्री म. बैरागी, िहाप्रबंनक (प्रचा. वं अन.ु) गेल-जयपुर, मडचव नराकाम(पप्रमि) जयपुर, श्री

    दबेाडशम डमल, पप िहाप्रबंनक (िानव मंमानन) गेल-जयपुर मडहि अन्य वररष्ठ अडनकाररय ने दीप प्रज्जवडलि कर

    दकया । पपक पला लेडिज क्लब की मदस्य द्वारा मरस्विी वंदना प्रस्िुि की गई । काया्रमि के िुख्य अडिडि श्री म.

    बैरागी, मडचव नराकाम(पप्रमि) जयपुर और डनर्ाायक िण्िल के मदस्य का पुष्प गुच्छ दकेर स्वागि दकया गया ।

    प्रडियोडगिा का पदघाटन करिे हु िहाप्रबंनक िहोदय ने कहा दक इम िरह की प्रडियोडगिाओं के आयोजन मे का्िक

    वं पनके पररवार के मदस्य की माडहडत्यक प्रडिभा को प्रोत्माडहि करने के डल िंच डिलिा ह ैऔर पहदी पढ़न े वं

    डलखने के प्रडि लोग िग रुडच बढ़ाने िग महायिा डिलिी ह ै।

    काव्य पाठ प्रडियोडगिा िग िीन वगा रखे ग िे । प्रिि वगा िग नराकाम (पप्रमि) जयपुर के मदस् य कायाालय के का्िक

    के डल , डद्विीय वगा िग का्िक की पडिय के डल वं िृिीय वगा िग का्िक के बच्च के डल काव्य-पाठ प्रडियोडगिा

    रखी गई िी । डनर्ाायक िण्िल िग श्री अवनेन्र कुिार, िुख्य प्रबंनक (राजभाषा) गेल, प्रडमद्ध कडव श्री दकशोर पारीक

    “दकशोर” ििा जयपुर की प्रडमद्ध माडहत्यकार वं कडवडयत्री िॉ.मीिा शिाा “शीिाभ”, महायक आचायाा, पहदी डवभाग,

    कनोडिया कन्या िहाडवद्यालय शाडिल िीं ।

    प्रडियोडगिा िग डवडभन्न पप्रमि मे पनारे 34 प्रडिभाडगय ने काव्य पाठ दकया । काव्य पाठ प्रडियोडगिा िग प्रडियोडगय

    ने डवडभन्न डवनाओं पर भाव पूर्ा प्रस्िुडि दी । काया्रमि िग िौजदू श्रोिाओं न ेभी प्रडियोडगय की प्रस्िुडि का मििान करिे

    हु करिल ध्वडन मे काव्य-पाठ को मराहा । प्रडियोडगय की प्रस्िडुि के बाद डनर्ाायक िण्िल के मदस्य श्रीदकशोर

    पारीक “दकशोर” और िॉ. मीिा शिाा “शीिाभ” ने भी काव्य पाठ कर श्रोिाओं का िन िोह डलया ।

    काव्य पाठ के पररर्ाि की घोषर्ा मडचव, नराकाम (पप्रमि) जयपुर ने की ।

    काव्य पाठ प्रडियोडगिा का पररर्ाि डनम्न प्रकार मे िा:

    (अ) नराकाम (पप्रमि) जयपरु के मदस् य कायाालय के का्िक के डल

    ्रम.म.ं डवजिेा का्िक के नाि व ंपदनाि कायाालय का नाि परुस् कार

  • 1 श्री िदन लाल शिाा, मीटीओ (पी) बी म न ल प्रिि

    2 मुश्री िोनाडलषा, प्रशामडनक अडनकारी दी न्यू इंडिया शुरगम कं.डल. डद्विीय

    3 श्री राि कुिार विाा, अडि.िहाप्रबंनक(िकनीकी) पहदसु्िान माल्ट कापोरेशन डल. िृिीय

    4 श्रीििी रचना िीर्ा, कडनष्ठ दरूमंचार अडनकारी बी म न ल मांत्वना

    5 श्री के ल चिवुेदी, वररष्ठ प्रबंनक इंडियन ऑइल कापोरेशन डल. मांत्वना

    (ब) नराकाम (पप्रमि) जयपरु के मदस्य कायाालय के का्िक की पिी के डल

    ्रम.म.ं डवजिेाओं का नाि व ंपनके पडि का नाि,पदनाि कायाालय का नाि परुस् कार

    1 श्रीििी पवाशी चौनरी

    पिी श्री राकेश चौनरी, प्रशामडनक अडनकारी

    दी न्यू इंडिया शुरगम कं.डल. प्रिि

    2 श्रीििी ज्योडि गुप्ता पिी श्री मौरभ गुप्ता, महायक नेशनल मीड्म कापोरेशन डल. डद्विीय

    3 श्रीििी अनीिा कापुरवान

    पिी श्री वी के कापुरवान, प्रबंनक

    गेल (इंडिया) डल. जयपुर िृिीय

    (म) नराकाम (पप्रमि) जयपरु के मदस् य कायाालय के का्िक के बच्च के डल

    ्रम.म.ं डवजिेाओं का नाि व ंअडभभावक का नाि, पदनाि कायाालय का नाि परुस् कार

    1 मुश्री ररडद्धका गोठवाल पतु्री श्री हमंराज िीना, प्रबंनक आरआई न ल प्रिि

    2 मुश्री ददव्या चौनरी पुत्री रिन चौनरी, िुख्य प्रबंनक गेल (इंडिया) डल. जयपुर डद्विीय

    3 मुश्री जीडवषा दवे पुत्री श्री श्री दवेगर कुिार, म.प्रबंनक दी न्यू इंडिया श्योरंम कंपनी िृिीय

    4 मुश्री ददलप्रीि कौर

    पुत्री श्रीििी बलप्रीि कौर, डनजी महा.

    गेल (इंडिया) डल. जयपुर मांत्वना

    5 िास्टर हरडमिरन पमह पुत्र श्रीििी बलप्रीि कौर गेल (इंडिया) डल. जयपुर मांत्वना

    डवजेिाओं को नकद पुरस्कार का डविरर् िहाप्रबंनक िहोदय द्वारा दकया गया । काया्रमि का मंचालन श्री भोला नाि

    पपाध्याय, वररष् ठ अडनकारी (िानव ममंानन ), गेल जयपुर न े दकया । श्री डवजय पपाध् याय, वररष् ठ अडनकारी

    (राजभाषा), गेल-जयपुर ने डवडभन् न पप्रमि मे आ प्रडियोडगय वं अडिडिय के प्रडि आभार व् यक् ि दकया ।

top related