annual report 2017 - 2018 - isro · विष्य-सूची व्मशन...

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  • Annual Report2017 - 2018

  • अंतरिक्ष विभाग के नागरिक चार्टि आत्म-वनभ्टिता प्ाप्त किने औि िाष्ट्रों के सि्टतो्मुखी विकास को साध्य, बनाने की दिशा ्में अंतरिक्ष विज्ान, प्रौद्ोवगकी औि उप्योग के विकास को बढािा िनेा अंतरिक्ष विभाग (अं.वि.) की प्ाथव्मक विम्मेिािी ह।ै इस ्मूल उदे्श्य को ध्यान ्में िखते हुए, अंतरिक्ष विभाग ने वनम्नवलवखत का्य्टक्र्म तै्याि दकए हैं:- • ििूसंचाि, ििूिश्टन प्सािण, ्मरौस्मविज्ान, विकासात्मक वशक्षा, सा्माविक उप्योग िैसे ििू-वचदकतसा,

    ििू-वशक्षा, ििूसथ सलाहकारिता तथा इसी तिह की ऐसी सेिाओं के वलए भािती्य िाष्टी्य उपग्रह (इनसैर) का्य्टक्र्म।

    • अंतरिक्ष आधारित प्वतबबंब्रों का प््योग किते हुए िशे भि ्में प्ाकृवतक संसाधन्रों के प्बंधन तथा विवभन्न विकासात्मक परि्योिना के वलए भािती्य सुििू संिेिन (आई.आि.एस.) का्य्टक्र्म।

    • संचाि, नरौिहन, सुििू संिेिन एिं अंतरिक्ष विज्ान के वलए उपग्रह्रों तथा संबंवधत प्रौद्ोवगकी के वििाइन एिं विकास के वलए सििशेी क्ष्मता।

    • इनसैर, िीसैर, आई.आि.एस. तथा आई.आि.एन.एस.एस. उपग्रह्रों औि अंतरिक्ष विज्ान व्मशन्रों को अंतरिक्ष ्में पहुुँचाने औि कक्षा ्में सथावपत किने हतेु प््मोचक िाकेर्रों का वििाइन एिं विकास।

    • िाष्टी्य विकास हतेु अंतरिक्ष विज्ान एिं प्रौद्ोवगकी के साथ-साथ उप्योग का्य्टक्र्म्रों ्में अनुसंधान एिं विकास।

    अंतरिक्ष विभाग की प्वतबद्धता: • समप्ूण्ट आत्मवनभ्टिता प्ाप्त किन ेके लक््य स ेउपग्रह तथा प््मोचक िाकेर ्में अनसुधंान ि विकास का्य्ट आ्योवित

    किना।• िशे की ििूसचंाि औि प्सािण सबंंधी आिश्यकताओं को पूिा किन े के वलए िाष्टी्य अंतरिक्ष अिसिंचना

    उपलबध किाना। • ्मरौस्म पूिा्टन्ुमान, ्मानीरिन आदि के वलए अपेवक्षत उपग्रह सिेा उपलबध किाना। • िशे ्में प्ाकृवतक ससंाधन सिवेक्षण, प्ाकृवतक आपिा का प्बंधन, साि्टिवनक वहत की सिेाएुँ एि ंप्या्टििण के

    ्मानीरिन के वलए अपेवक्षत उपग्रह प्वतबबवंबकी उपलबध किाना।• कें द्ी्य सिकाि, िाि ््य सिकाि, अध्ट सिकािी सगंठन्रों, गैि-सिकािी सगंठन्रों (एन.िी.ओ.) तथा वनिी के्षत््रों

    द्ािा विकासात्मक उद्शे्य्रों के वलए अंतरिक्ष विज्ान एि ंप्रौद्ोवगकी के उप्योग के वलए अपेवक्षत उपग्रह प्वतबबवंबकी तथा विवशष्् उतपाि एिं सिेाएं उपलबध किाना।

    • अंतरिक्ष उप्योग्रों के प्िश्टन की सकंलपना का प््माणन। • िाष्टी्य आिश्यकताओं के अनसुाि, अंतरिक्ष विज्ान ्में अनसुधंान औि उप्योग का्य्टक्र्म्रों के विकास का्य्ट को

    बढािा िनेा।

    उप्यु्टक्त उदे्श्य्रों को का्या्टवनित किते स्म्य, अंतरिक्ष विभाग:• ह्मािे िशे के संचाि, ििूिश्टन प्सािण ि सुिक्षा आिश्यकताओं की पूरत्ट किने के वलए आिश्यक उपग्रह

    प्ेषानुकि्रों ि सुविधाओं को प्िान किेगा।• सपे क्ट््मी, आकाशी्य ि कावलक क्षेत् ्में प्या्टप्त भू प्ेक्षण क्ष्मता प्िान किेगा। • िाष्टी्य आिश्याकताओं औि िावणव््यक िरूित्रों की पूरत्ट किने हतेु प््मोचन सेिाएुँ प्िान किेगा। • सभी प््योक् ताओं / ग्राहक्रों को अपने उतपाि एिं सेिाएुँ ततपिता औि कुशलतापूि्टक प्िान किेगा।

  • विष्य-सूची

    व्मशन प्ोफाइल 4

    विवशष्ताएं 5

    संगठन 12

    1. अंतरिक्ष परििहन प्णाली 25

    2. अंतरिक्ष अिसंिचना 30

    3. अंतरिक्ष अनुप््योग 41

    4. क्ष्मता वन्मा्टण 74

    संसि ्में ‘अंतरिक्ष’ 111

    सतक्ट ता 112

    बहिंी का प्गा्मी प््योग 115

    सूचना का अवधकाि 119

    लेखा-पिीक्षा प्ेक्षण 121

    उपलवबध्यां 126

    परििणणी शबि 135

  • 4

  • 5

    विवशष्ताएं अंतरिक्ष विभाग ने ्योिना अनुसाि प््मोचक िाकेर्रों तथा अनुप््योग्रों के विकास तथा दक्र्यानिि्यन के साथ िशे को अपनी प्रौद्ोवगकी्य सेिाएं प्िान किना िािी िखा। िष्ट 2017 एक व्यसत िष्ट सावबत हुआ क््य्रोंदक इस िष्ट कई उपलवबध्यां हावसल हुईं विनसे न केिल िशे को अंतरिक्ष प्रौद्ोवगकी ्में अपनी क्ष्मता प्िरश्टत किने का ्मरौका व्मला, बवलक विवशष् उपलवबध्य्रों सवहत नई ऊंचाई्य्रों तक पहुचंने ्में सहा्यता भी व्मली।

    रिपोरा्टधीन िष्ट के िरौिान िशे ने भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की कई ्महतिपूण्ट उपलवबध्यां िखेी। इस िष्ट के िरौिान चाि प््मोचक िाकेर व्मशन्रों को सफलतापूि्टक पूिा दक्या ग्या विन्में सतीश धिन अंतरिक्ष कें द्, शाि, श्ीहरिकोरा से भाित के अत्यंत शवक्तशाली प््मोचक िाकेर िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III की प्थ्म विकासात्मक उडान िी.एस.एल.िी.- ्माक्ट III िी1, िी.एस.एल.िी.-एफ.09 का सफल प््मोचन तथा िो पी.एस.एल.िी. प््मोचन शाव्मल हैं। साथ ही, इसिो ने सात भािती्य उपग्रह्रों तथा 57 वििशेी उपग्रह्रों को कक्षा ्में सथालवपत दक्या। इसिो के सात उपग्रह्रों ्में िो भू-प्ेक्षण उपग्रह, तीन संचाि उपग्रह तथा िो पिीक्षणात्मक लघु उपग्रह शाव्मल हैं।

    िी.एस.एल.िी. ्माक्ट िी1 का सफल प््मोचन िष्ट की एक ्महतिनपूण्ट विशेषता थी, विसने 3,136 दक.ग्रा. िाले उच्च क्ष्मता के संचाि उपग्रह िीसैर-19 को भूतुल्यकाली अंतिण कक्षा (िी.री.ओ.) ्में सथा वपत दक्या। इस सफलता के भाग के रूप ्में, सिििशेी रूप से विकवसत ‘’सी25 उच्च प्णोि क्रा्योिेवनक इंिन तथा चिण’’ की प्थ्म उडान एक अन्य प््मुख उपलवबध थी। िीसैर-19 भािती्य भूव्म से प््मोवचत अब तक का सबसे भािी उपग्रह ह।ै

    िष्ट के िरौिान, इसिो ने िी.एस.एल.िी-एफ09 का भी सफल प््मोचन दक्या, विसने सफलतापूि्टक िवक्षण एवश्या उपग्रह (िीसैर-9) को िी.री.ओ. ्में सथावपत दक्या, िो दक भाित की ओि से साक्ट िशे्रों के वलए उपहाि ह।ै िष्ट के िरौिान ध्ुिी्य उपग्रह प््मोचक िाकेर (पी.एस.एल.िी.) ने भी िो सफल प््मोचन दक्ये, (i) फिििी 2017 के िरौिान एकल व्मशन ्में 104 उपग्रह्रों की रिकाि्ट संख्या के उपग्रह्रों को प््मोवचत किने का विवशष् गरौिि तथा (ii) िून 2017 के िरौिान 31 उपग्रह्रों का प््मोचन। िीसैर-17, एक संचाि उपग्रह ह,ै का प््मोचन भी िून 2017 के िरौिान फ्ें च वग्याना से पूिा दक्या ग्या। पिंतु, पी.एस.एल.िी. की 41िां उडान, िोदक भाित के आठिें नरौिहन उपग्रह आई.आि.एन.एस.एस-1एच. का िहन कि िहा था, को वनधा्टरित कक्षा ्में सथावपत नहीं कि पा्या औि इसवलए ्यह प््मोचन सफल नहीं हुआ।

    िष्ट 2017 ्में, भाित के ्मंगल कवक्षत् व्मशन (ए्म.ओ.ए्म.) अंतरिक्ष्यान ने ्मंगल की कक्षा के आस-पास तीन िष्ट पूिे कि वलए हैं, िब दक एसट्ो सैर, भाित के बहु-तिंगिरै्य्ट िेधशाला, ने कक्षा ्में सफलतापूि्टक िो िष्ट पूिे कि वलए हैं। ्यह िोन्रों ही उपग्रह अच्ी वसथवत ्में हैं तथा इनका वनषपािन संतोषप्ि ह।ै

    िष्ट 2017 के िरौिान भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की ्मुख्य घरनाएं कालानुक्र्म आधाि पि वनम्नानुसाि हैं:

    • फिििी 15, 2017 को पी.एस.एल.िी. सी-37 ने सफलतापूि्टक कुल 104 उपग्रह्रों को 505 दक.्मी. ध्ुिी्य सू्य्ट भूतुल्यपकाली कक्षा (एस.एस.ओ.) ्में प््मोवचत दक्या। प््मोवचत 104 उपग्रह्रों ्में कारटोसेर-2 श्ृंखला के उपग्रह के अलािा इसिो के िो नैनो उपग्रह, ्यू.एस. के 96 उपग्रह, नीििलैंि, वसिडििलैंि, इििा्यल, कजादकसता न तथा ्यू.ए.ई. के एक-एक उपग्रह शाव्मल थे।

    • िी.एस.एल.िी.-एफ09 ने 05 ्मई 2017 को िवक्षण एवश्या उपग्रह को सफलतापूि्टक भुतुल्यिकाली अंतिण कक्षा ्में प््मोवचत दक्या। ्यह िी.एस.एल.िी. की 11िीं उडान थी।

  • 6

    • 05 िून 2017 को िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III िाकेर की प्थ्म विकासात्मनक उडान को तब सफलतापूि्टक पूिा दक्या ग्या, िब इसके द्ािा ले िा्या ग्या िीसैर-19 उपग्रह को सफलतापूि्टक भुतुल्यकाली अंतिण कक्षा ्में सथावपत कि दि्या ग्या।

    • िून 2017 के िरौिान पी.एस.एल.िी-सी38 ने एकल व्मशन ्में सफलतापूि्टक 31 उपग्रह्रों का प््मोचन दक्या ग्या। इस्में ्मुख्य नीतभाि के रूप ्में भाित के कारटोसैर-2 श्ृंखला का उपग्रह तथा एक विश्वविद्ाल्य/ शैक्षवणक संसथा का उपग्रह औि सह-्यात्ी के रूप ्में 955 दक.ग्रा. के कुल भाि िाले 14 िशे्रों के 29 उपग्रह शाव्मल थे।

    • िून 2017 के िरौिान संचाि उपग्रह िीसैर-17 का एरि्यन 5 िाकेर द्ािा वनधा्टरित भूतुल्यकाली अंतिण कक्षा ्में सफलतापूि्टक प््मोचन दक्या ग्या।

    • अगसत 2017 के िरौिान आई.आि.एन.एस.एस.-1एच. उपग्रह (1425 दक.ग्रा.) का िहन किने िाले पी.एस.एल.िी.-सी39 का प््मोचन असफल िहा।

    12 िनििी को वनधा्टरित कक्षा ्में 31 उपग्रह्रों को सथावपत किते हुए पी.एस.एल.िी.-सी40 के सफल प््मोचन के साथ िष्ट 2018 की शुरुआत हुई।

    िनििी 2018 तक, बहुतिंगिरै्य्ट खगोली्य िेधशाला तथा ्मंगल ग्रह की परिक्र्मा किने िाले अंतरिक्ष्यान के साथ-साथ इसिो ्मरौस्मविज्ानी्य, भू-प्ेक्षण, संचाि एिं नरौिहन उपग्रह्रों के विवशष् स्मूह को सथावपत किने ्में सफल िहा।

    रिपोरा्टधीन अिवध (अप्ैल 2017 - िनििी 2018) के िरौिान, इसिो 11 व्मशन्रों को पूिा कि पा्या।

    अंतरिक्ष परििहन प्णालीइस िष्ट के िरौिान पी.एस.एल.िी. के तीन प््मोचन हुए। प्थ्म प््मोचन ने 104 उपग्रह्रों तथा वद्ती्य ने 31 उपग्रह्रों का प््मोचन दक्या। पिंतु तीसिा पी.एस.एल.िी. प््मोचन असफल िहा।

    सििशेी क्रा्योिेवनक ऊपिी चिण (सी.्यू.एस.) से लैस िी.एस.एल.िी. ्माक्ट II ने 05 ्मई 2017 को िवक्षण एवश्या उपग्रह का सफलतापूि्टक प््मोचन दक्या। इस व्मशन ने इसिो द्ािा विकवसत सी.ई.-7.5 क्रा्योिेवनक इंिन तथा इसिो द्ािा विकवसत चिण की विश्वनी्यता को पुन: प्िरश्टत दक्या ह।ै ्यह िी.एस.एल.िी. ्माक्ट II की लगाताि चरौथी सफल उडान थी।

    िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III िी1 व्मशन िीसैर-19 को भुतुल्यलकाली अंतिण कक्षा ्में सफलतापूि्टक प््मोवचत कि पा्या। ्यह अपने सी25 क्रा्योिेवनक इंिन एिं चिण सवहत पहला पूण्ट विकवसत िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III व्मशन था िो 3.2 रन भाि िाले उपग्रह को भुतुल्यिकाली अंतिण कक्षा ्में सथावपत किने की क्ष्मता को प्िरश्टत किने ्में सफल सावबत हुआ।

    12 िनििी 2018 को पी.एस.एल.िी.-सी40 ने अपनी ब्यालीसिीं उडान ्में कई उपग्रह्रों को एक ही कक्षा ्में औि एक उपग्रह को वभन्नस कक्षा ्में सथावपत किने की अपनी बहु्मुखी प्वतभा को प््मावणत दक्या।

    इसके अलािा, रिपोरा्टधीन अिवध के िरौिान, से्मी-क्रा्योिेवनक इंिन पि विकासात्मक प््यास्रों तथा स्मानि अंतरिक्ष उडान्रों हतेु क्रांवतक प्रौद्ोवगदक्य्रों को पूिा किने पि भी विचाि दक्या ग्या।

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    अंतरिक्ष अिसंिचना

    िष्ट 2017 ्में, तीन संचाि उपग्रह्रों तथा िो भू-प्ेक्षण उपग्रह्रों के प््मोचन, की सफलता भािती्य उपग्रह का्य्टक्र्म से संबंवधत विशेषताएं हैं। इसके अलािा, इस िष्ट के िरौिान, िो इसिो नैनो उपग्रह्रों का प््मोचन भी दक्या ग्या।

    िष्ट 2017 ्में, पी.एस.एल.िी. द्ािा ध्ुिी्य सू्य्ट भुतुल्यकाली कक्षा ्में भू-प्ेक्षण हतेु साि्टिणणी औि बहु सपैक्ट््मी कै्मि्रों सवहत 715 दक.ग्रा. भाि िाले कारटोसैर-2 श्ृंखला के िो उपग्रह्रों को प््मोवचत दक्या ग्या। इस अिवध के िरौिान सह-्यात्ी के रूप ्में िो नैनो उपग्रह्रों का प््मोचन भी दक्या ग्या। संचाि उपग्रह क्षेत् ्में, तीन संचाि उपग्रह ्यथा िवक्षण एवश्या उपग्रह, िीसैर-19 तथा िीसैर-17 को िो ्महीन्रों से भी क्म की स्म्यािवध ्में प््मोवचत दक्या ग्या। 2230 दक.ग्रा. िाले िवक्षण एवश्या उपग्रह (िीसैर-9) को 05 ्मई को िी.एस.एल.िी.-एफ09 द्ािा प््मोवचत दक्या ग्या, उसके एक ्महीने के बाि िीसैर-19 का प््मोचन दक्या ग्या। इस प््मोचन के तीन हफते बाि, खिीिी गई प््मोचन व्यिसथा के ्माध्य्म से सी., विसतारित सी. तथा एस. बैंि प्ेषानुकि तथा ्मरौस्मविज्ान आंकडा रिले तथा उपग्रह स्मरथ्टत खोि एिं बचाि के वलए प्ेषानुकि्रों से लैस िीसैर-17 को भी भुतुल्यकाली अंतिण कक्षा ्में प््मोवचत दक्या ग्या। ्यह तीन्रों संचाि उपग्रह सफलतापूि्टक अपने संबंवधत भूवसथि कक्षी्य सललॉर ्में पहुचंे तथा प्चालनित हैं।

    तथावप, आठिां नरौिहन उपग्रह आई.आि.एन.एस.एस.-1 एच, पी.एस.एल.िी. के ताप किच पृथक्कन से संबंवधत कािण्रों की ििह से िांव्त कक्षा तक नहीं पहुचं पा्या।

    विभाग आने िाले ्महीन्रों ्में ्योवित व्मशन्रों की श्ृंखला के साथ िशे के भविष्य की आिश्यकताओं को पूिा किने हतेु वनधा्टरित व्मशन्रों पि का्य्ट कि िहा ह।ै िीसैर-6ए. तथा िीसैर-29 संचाि उपग्रह्रों को क्र्मश: िी.एस.एल.िी. ्माक्ट II तथा िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III द्ािा प््मोवचत दक्या िाएगा, िबदक िीसैर-11 संचाि उपग्रह को खिीिी गई प््मोचन सेिा के ्माध्य्म से प््मोवचत किने की ्योिना ह।ै भू-प्ेक्षण उपग्रह के संबंध ्में, कारटोसैर-3 ओशनसैर-3 तथा िीसैर-1ए. (िेिाि प्वतबबंवबकी) औि िी.आई. सैर-1 के विकास की आिश्यक प्दक्र्याओं को शुरु किने की ्योिना ह।ै

    अंतरिक्ष अनुप््योगभािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की विशेषता ह ै अनुप््योगोन्मुखी प््यास तथा इन का्य्टक्र्म्रों के ्माध्य्म से िशे को प्ाप्त होने िाला लाभ। िष्ट के िरौिान, ििू-वचदकतसा तथा ििू-वशक्षा के साथ-साथ संचाि के विवभन्न क्षेत््रों ्में इनसैर/िीसैर प्णावल्य्रों द्ािा स्मािोप्योगी सेिाएं िािी िहीं। िशे ्में िाष्टी्य प्ाकृवतक संसाधन प्बंध प्णाली (एन.एन.आि.ए्म.एस.) के सुसथावपत बहु-शाखिाि का्या्टनि्यन िासतुकला के ्माध्य्म से िाष्टी्य, िा््य तथा सथानी्य सति्रों पि सुििू संिेिन अनुप््योग परि्योिनाओं ने ्महतिपूण्ट प्गवत की ह।ै िष्ट के िरौिान, भािती्य सुििू संिेिन उपग्रह स्मूह ने कृवष फसल सूची, कृवष सूखा ्मूल्यांकन, िािानल ्मानीरिन, भू-िल संभावित ्मानवचत््रों का प्भािी उप्योग तथा शासन अनुप््योग की विविधता पि ्महतिपूण्ट सूचना प्िान किने ्में सहा्यता की ह।ै

    इसिो के आपिा प्बंधन सहा्यता (िी.ए्म.एस.) का्य्टक्र्म ने िशे ्में आपिाओं के प्भािी प्बंधन के वलए अंतरिक्ष आधारित सूचनाओं को प्िान किना िािी िखा ह।ै िाष्टी्य सुििू संिेिन कें द् (एन.आि.एस.सी.) ्में सथावपत वनण्ट्य सहा्यता कें द् (िी.ए्म.एस. – िी.एस.सी.) बाढ, चक्रिात, भूसख लन, िािानल इत्यादि िैसी प्ाकृवतक आपिाओं के ्मानीरिन के का्ययों से िुडा हुआ ह।ै िष्ट 2017 के िरौिान, भाित िून से वसतंबि के िरौिान भीषण बाढ से प्भावित िहा विससे अस्म, गुििात, ्मवणपुि, वबहाि, उत्ति प्िशे, अरुणाचल प्िशे, ओविशा तथा पवचि्म बंगाल िैसे 8 िा््य्रों् ्में 104 से भी अवधक विले प्भावित हुए। भीषण बाढ से प्भावित सभी िा््य्रों का ्मानीरिन उपग्रह आंकडा के प््योग द्ािा दक्या ग्या तथा लगभग 100 ्मानवचत््रों को संबंवधत िा््य्रों/ विभाग्रों को प्सारित दक्या ग्या।

  • 8

    िािानल के ्मरौस्म (फिििी से िून) के िरौिान, उपग्रह आंकडा का प््योग किते हुए प्वतदिन वनकर िासतविक स्म्य ्में िािानल चेतािवन्यां प्िान की गईं। इन सूचनाओं को उपग्रह के गुििने के पूिा होने के स्म्य से 30 व्मनर से भी क्म स्म्य ्में प्िान दक्या ग्या। पूिे िाष्ट को शाव्मल किते हुए इस गवतविवध को भािती्य िन सिवेक्षण के सह्योग से पूिा दक्या ग्या। िष्ट िष्ट 2017 के िरौिान किीब 32,546 िािानल्रों के वलए सदक्र्य िािानल सथल्रों की िानकािी को िािी दक्या ग्या तथा उसे िा््य्रों तथा भािती्य िन सिवेक्षण के संबंवधत िन विभाग्रों को उपलबध किा्या ग्या।

    13 अगसत 2017 को िाष्टी्य िाि्माग्ट, एन.एच.154 (्मंिी तथा पठानकोर के बीच का ्माग्ट), वह्माचल प्िशे के ्मंिी विले के कोरिोपी ग्रा्म के वनकर भीषण भूसखलन हुआ। इन घरना का ्मानीरिन रिसोस्टसैर-2 तथा कारटोसैर-2 आंकडा का प््योग किते हुए दक्या ग्या। ऐसा पा्या ग्या दक ऐसे भूसखलन के वलए िषा्ट एक कािण ह।ै

    आपातकालीन प्बंधन के वलए िाष्टी्य आंकडा आधाि (एन.िी.ई.ए्म.) बहु-पै्माना भू-सथावनक आंकडा आधाि सवहत सभी 36 िा््य्रों /संघ-शावसत क्षेत््रों के वलए आपिा संबंवधत सूचनाएं प्िान किता िहा। इसके अलािा, एन.िी.ई.ए्म. िशे बोि्ट के भाग के रूप ्में पूिा्टनु्मान एिेंवस्य्रों से िवैनक आंकडा चेतािवन्यां भी प्िान किाई गईं।

    इसिो ‘अंतरिक्ष एिं प््मुख आपिाओं’ हतेु अंतििाष्टी्य चार्टि का हसताक्षिकता्ट ह,ै विसका लक््य आपिाओं द्ािा प्भावित प््योक्ताओं को अंतरिक्ष आंकडा का अवभग्रहण औि सुपुि्टगी की एकीकृत प्णाली किाना ह।ै इस दिशा ्में, इसिो विवभन्न भािती्य सुििू संिेिन उपग्रह्रों से उपग्रह आंकडा अवभग्रहण की आ्योिना तथा उसे वनधा्टरित स्म्यािवध के तहत ्मुह्ैया किाते हुए चार्टि औि प्हिी एवश्या का स्मथ्टन किता ह।ै िष्ट 2017 ्में, इसिो ने आई.आि.एस. आंकड्रों के लगभग 140 सेर ्मुह्ैया किाते हुए 22 िशे्रों की 29 आपिाओं ्में सहा्यता प्िान की ह।ै

    अंतरिक्ष विज्ान एिं ग्रही्य अनुसंधान भाित के प्थ्म अंति-ग्रही्य अंतरिक्ष्यान व्मशन ्मंगल कवक्षत् व्मशन (ए्म.ओ.ए्म.) ने ्मंगल ग्रह के चाि्रों ओि अपनी कक्षा ्में तीन िष्ट सफलतापूि्टक पूिे कि वलए हैं औि अभी भी वन्यव्मत आधाि पि ्मंगल ग्रह पि ्महतिकपूण्ट सूचना प्िान कि िहा ह।ै ्मंगल कवक्षत् अंतरिक्ष्यान के सिास्थ्य पैिा्मीरि सा्मान्य हैं। ्मंगल कवक्षत् अंतरिक्ष्यान से प्ाप्तन हो िह ेआंकड्रों का िैज्ावनक विश्े्षण ग्रह के विवभन्न पहलुओं पि दक्या िा िहा ह।ै अब तक 20 िैज्ावनक लेख प्वतवठित पवत्काओं ्में प्कावशत हो चुके हैं। ्मंगल िंगीन कै्मिा ने अब तक 900 से भी अवधक प्वतबबंब प्िान दकए हैं। िष्ट के िरौिान, अंतरिक्ष्यान पि कक्षा ्युवक्तचालन भी सफलतापूि्टक वनषपादित दक्या ग्या था विसने िष्ट 2021 तक ग्रहण की िीघा्टिवध के खतिे को ििू कि दि्या ह।ै ्यह अंतरिक्ष्यान िुलाई, 2017 ्में वद्ती्य बलैकआउर (उच्च सरौि ्युवत) से भी सफलतापूि्टक बाहि आ सका।

    ्मंगल ग्रह की कक्षा ्में तीन िष्ट पूिे होने के अिसि पि वसतंबि, 2017 के िरौिान इसिो ्मु., बेंगलूरु ्में ‘्मलॉ्म विज्ान सम्मेेलन’ आ्योवित दक्या ग्या था। ्मलॉ्म का वद्ती्य िष्ट का आंकडा (24 वसतंबि 2015 से 23 वसतंबि, 2016 तक) िैज्ावनक अनुसंधान हतेु आंकडा िाउनलोि किने एिं उप्योगाथ्ट अनुसंधानकता्टओं को प्ोतसावहत किने के वलए आई.एस.एस.िी.सी िेबसाइर के ्माध्य्म से आ्म िनता के वलए िािी दक्या ग्या था।

    भाित की प्थ्म बहु-तिंग िरै्य्ट िेधशाला, एसट्ोसैर ्में 28 वसतंबि, 2017 को कक्षा ्में िो िष्ट पूिे दकए। उपग्रह, अब ‘’िेधशाला’’ के रूप ्में प्चावलत दक्या िा िहा ह,ै विस्में इसिो की अिसि की घोषणा (ए.ओ.) के ्माध्य्म से िशे ्में अनुसंधानकता्टओं एिं िैज्ावनक्रों से प्ाप्त प्सताि्रों के आधाि पि प्ेक्षण काल आबंररत दक्या ग्या ह।ै अकू्तबि, 2017 से िेधशाला भािती्य एिं अंतििाष्टी्य खगोली्य स्मुिा्य हतेु खोला ग्या ह।ै

    इसिो के भािी अंतरिक्ष विज्ान व्मशन्रों ्में चंद््मा की खोि ्में अगले कि्म के रूप ्में कवक्षत्, लैणिि एिं िोिि के साथ चनद््यान-1 का अनुितणी व्मशन चंद््यान-2 शाव्मल ह,ै विसे 2018 के पूिा्टद्ध्ट ्में िी.एस.एल.िी. की उडान द्ािा

  • 9

    प््मोवचत दक्या िाएगा। आदित्य एल1 प्भा्मंिललेखी एिं ध्ुिीकिण अध्य्यन्रों हतेु स्मरप्टत व्मशन, एक्सपोसैर व्मशन (एक्स1–दकिण ध्ुिण्मापी उपग्रह) सवहत सात नीतभाि्रों का िहन किने िाले सरौि अध्य्यन्रों हतेु िैज्ावनक व्मशन ह।ै आदित्या-एल1 को एल1 लंग्रांिी बबंि ुके चाि्रों ओि प्भा्मंिल कक्षा ्में सथावपत किने की ्योिना बनाई गई ह।ै

    क्ष्मता वन्मा्टण भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की उपलवबध्यां ्मुख्यत: का्य्ट की शुरुआत किने की सुसथावपत का्य्टप्णावल्य्रों एिं उसे स्मप्टण एिं प्वतबद्धता तथा व्यािसाव्यकता के साथ प्ाप्त किने की ििह से हावसल हुई हैं। ऐसी अवद्ती्य प्वतभाओं को संपोवषत किने की ्महत्ता एिं प्ेिणािा्यी वसद्धांत्रों को ्मान्यता ितेे हुए विभाग ने क्ष्मता वन्मा्टण संबंधी पहलुओं पि ह्मेशा िोि दि्या ह।ै क्ष्मता वन्मा्टण ्में विकास के त्मा्म क्षेत् शाव्मल होते हैं विससे ्यह सुवनवचित हो सके दक ििूिरश्टता के अनुसाि विभाग अपने लक््य्रों की प्ावप्त कि सके। क्ष्मता वन्मा्टण के वनम्नवलवखत कु् ्मुख्य क्षेत् हैं।

    ्मानि संसाधन विभाग ने भतणी, प्वशक्षण एिं िृवत्त प्गवत िैसी विशेषताओं पि िोि िनेा िािी िखा ह।ै इसने संगठन का सुचारू का्य्ट सवनवचित किने हतेु आिास, वचदकतसा, आदि िैसी आिश्यक सुिवधाएं अपने कार्म्टक्रों को प्िान किने पि िोि िनेा िािी िखा ह।ै व्मशन्रों की बढती हुई संख्याए एिं आिृवत्त के साथ इसिो ्में का्य्ट की ्मात्ा पि ध्यान ितेे हुए आिश्यक ्मानिशवक्त का संिध्टन किने के साथ-साथ शैक्षवणक संसथा्न्रों एिं उद्ोग्रों को शाव्मल किने पि विशेष िोि दि्या ग्या ह।ै 01.03.2017 के अनुसाि विभाग की कुल सिीकृत अनु्मोदित सराफ संख्या 16,902 ह ैविस्में से 12,300 िैज्ावनक तथा तकनीकी (िै. एिं त.) श्ेणी ्में ह ैतथा 4,602 प्शासवनक श्ेणी के अंतग्टत हैं।

    आउरसोरसिंग के ्माध्या्म से संिरध्टत परिणा्म िशे के अंतरिक्ष का्य्टक्र्म ्में भािती्य उद्ोग की भागीिािी िष्ट के िरौिान िािी िही। विगत ्में, भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म हतेु इसने आिश्यक उपप्णावल्य्रों की प्ावप्त ्में ्महति पूण्ट ्योगिान दि्या ह।ै विवभवन्न का्य्टक्र्म्रों को दक्र्यावनित किते स्म्य अंतरिक्ष विभाग 500 से भी अवधक लघु, ्मध्य्म एिं बड ेपै्माने के उद्ोग्रों से िुडा हुआ ह।ै विभाग ने िावणव््यकिण हतेु भािती्य उद्ोग्रों को लगभग 300 प्रौद्ोवगदक्यां हसतांतरित की हैं औि विवभन्नह क्षेत््रों ्में तकनीकी पिा्मरश्टताओं की शुरुआत की ह।ै उतपािकता बढाने हतेु भािती्य उद्ोग्रों को अत्यकवधक रूप से शाव्मल किने के वलए नई िणनीवत्यां बनाने की आिश्यकता ्महसूस की ग्यी हैं।

    अंति-िाष्टी्य सह्योगअंतरिक्ष संबंधी गवतविवध्य्रों ्में अंतििाष्टी्य सह्योग इसिो के वलए ्महतिपूण्ट कािण ह,ै िो विवभन्न अंतरिक्ष एिेंवस्य्रों एिं व्यािसाव्यक वनका्य्रों के साथ वद्पक्षी्य एिं बहुपक्षी्य संबंध्रों के बािे ्में ्महति बनाए िखता ह।ै अंतििाष्टी्य सह्योग का ्मुख्य िोि अंतरिक्ष नीवत्य्रों को सुधािने औि अन्य िशे्रों ्में ्मरौिूिा संबंध्रों को बनाने/्मिबूत किने के साथ-साथ शांवतपूण्ट उदे्श्य्रों हतेु बाह्य अंतरिक्ष के अनिेषण एिं उप्योग के वलए अंतििाष्टी्य का्य्टढाचे को परिभावषत किने तथा नई िैज्ावनक एिं प्रौद्ोवगकी चुनरौवत्य्रों का स्माधान किने, आदि पि ह।ै िष्ट के िरौिान, इसिो ने लाभ के विशेष क्षेत््रों पि अ्मवेवन्या, आसटे्वल्या, बंगलािशे, कनािा, इििा्यल, िापान, नीििलैंि, पुत्टगाल एिं ्यू.एस.ए. के साथ सह्योगी किाि्रों पि हसताक्षि दकए हैं।

  • 10

    आउरिीच गवतविवध्यां िष्ट के िरौिान, इसिो ने िाष्ट के सभी नागरिक्रों हतेु अंतरिक्ष प्रौद्ोवगकी के लाभ्रों के प्चाि हतेु कई आउरिीच का्य्टक्र्म आ्योवित दकए। प्ख्यात िैज्ावनक्रों, विशेषकि शैक्षवणक संसथाओं के विशेषज््रों द्ािा व्या्यख्यान एिं का्य्टशालाएं कु् ्मुख्य आउरिीच का्य्टक्र्म थे। इसके अवतरिक्त, सकािात्म्यक परिणा्म्रों के साथ कई प्िश्टवन्यां, विस्पले, सुविधाओं का िरौिा, आदि भी आ्योवित दकए गए थे। आउरिीच का ्मुख्य लक््य आ्म िनता तक अंतरिक्ष गवतविवध्य्रों के उप्योग्रों/ अनुप््योग्रों को पहुचंाने के प््यास ्में शैक्षवणक संसथाओं को शाव्मल किने के तिीक्रों की तलाश किना ह।ै

    प््मोचन के सभी अिसि्रों पि साि्टिवनक आउरिीच के भाग के रूप ्में एस.िी.एस.सी. शाि ्में ्मीवि्या का आना सुवनवचित दक्या िाता ह।ै इसके अलािा, इसिो ने िाष्टी ्य एिं अंतििाष्टी्य सति के सम्मेलन्रों, सांसकृावतक का्य्टक्र्म्रों, व्यापाि ्मेल्रों, प््मुख का्य्टक्र्म्रों एिं शैक्षवणक संसथा्न्रों िैसी ्महतिपूण्ट साि्टिवनक सभाओं ्में भी कई प्िश्टवन्यां आ्योवित कीं। आ्म िनता को भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म के िानकािी से अिगत किाने हतेु 12 िशे्रों की भागीिािी से ए.पी.आि.एस.ए.एफ.-24 िल िाकेर का्य्टक्र्म सवहत कई सथान्रों पि प्िश्टवन्यां एिं अन्य आउरिीच का्य्टक्र्म आ्योवित दकए गए।

    अंतरिक्ष िावण््य अंतरिक्ष विभाग की िावणव््यक इकाई, एवनट्क्स कापटोिेशन िैवश्वक बािाि ्में भािती्य अंतरिक्ष उतपाि्रों एिं सेिाओं का विपणन किती ह।ै एवनट्क्स , वििशेी ग्राहक्रों सवहत अवन्य एिेंवस्य्रों के साथ विवशष् िावणव््यक संवििाओं के ्माध्य्म से अंतरिक्ष आधारित प्णावल्य्रों से विवभन्न प्काि की सेिाएं ्मुह्ैया किती ह।ै एवनट्क्स के साथ िावणव््यक संवििाओं के तहत 1999-2018 की अिवध के िरौिान पहले से ही पी.एस.एल.िी. द्ािा 237 अंतििाष्टी्य ग्राहक्रों के उपग्रह सफलतापूि्टक प््मोवचत दकए िा चुके हैं। ्मात् 2017 ्में, पी.एस.एल.िी. ने 130 वििशेी उपग्रह प््मोवचत दकए हैं। 12 िनििी, 2018 को अन्य 28 वििशेी उपग्रह प््मोवचत गए। पी.एस.एल.िी. द्ािा अपने उपग्रह्रों के प््मोचन हतेु अन्य अंतििाष्टी्य ग्राहक्रों से प्सताि्रों पि चचा्ट एिं विचाि-वि्मश्ट चल िहा ह।ै

    भािती्य अंतरिक्ष विज्ान एिं प्रौद्ोवगकी संसथांन ्मानि संसाधन्रों ्में क्ष्मता वन्मा्टण एिं भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की बढती ्मांग्रों को पूिा किने हतेु भािती्य अंतरिक्ष विज्ान एिं प्रौद्ोवगकी संसथान, िोदक एक िीमि विश्विविद्ाल्य ह,ै के िष्ट 2007 ्में वतरुिनंतपुि्म ्में सथावपत दक्या ग्या था। इसिो को गुणित्ता िाली ्मानिशवक्त ्मुह्ैया किाने के अपने प््मुख उदे्श्य की पूरत्ट ्में 151 उपावध पाने िाल्रों ्में से 104 को िष्ट 2017 ्में इसिो ्में वन्युवक्त िी गई। इस प्काि अब तक संसथान से 775 बी.रेक. स्ातक्रों को इसिो ्में वन्युवक्त िी गई ह।ै

    सूचना का अवधकाि – पाििरश्टता सुवनवचित किना विभाग ्में सूचना का अवधकाि (आि.री.आई.) अवधवन्य्म, 2005 की आिश्यकताओं का सखत रूप से पालन दक्या िाता ह।ै अंतरिक्ष विभाग ने पहले चिण की अपील्रों हतेु कें द्ी्य िन सूचना अवधकारि्य्रों, सहा्यक िन सूचना अवधकारि्य्रों एिं अपीली्य प्ावधकािी वनरि्टष््य किते हुए आि.री.आई., अवधवन्य्म, 2005 का दक्र्यानिर्यन दक्या ह।ै अवधवन्य्म के तहत आिश्यकतानुसाि, अंतरिक्ष विभाग ने अं.वि. की िेबसाइर (http://www.dos.gov.in) एिं इसिो की िेबसाइर (http://www.isro.gov.in) पि अपेवक्षत सूचना प्कावशत की ह।ै िनििी, 2017 से दिसंबि, 2017 की अिवध के िरौिान 1,163 आिेिन प्ाप्त हुए औि आि.री.आई. अवधवन्य्म के प्ािधान्रों के तहत सूचना भेिी गई थी। प्थ्म अपीली्य प्ावधकािी द्ािा 203 अपील प्ाप्त हुईं औि 12 अपीलकता्टओं ने वद्ती्य अपीली्य प्ावधकािी अथा्टत कें द्ी्य सूचना आ्योग को अपीलें भेिीं।

  • 11

    सािांशिष्ट के िरौिान, भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म ने कई अवद्ती्य उपलवबध्य्रों के साथ अपने अवधकति लक््य्रों की प्ावप्त किते हुए अपने व्मशन्रों ्में ्महतिपूण्ट उन्नवत की। अंतरिक्ष प्रौद्ोवगकी के अनुप््योग्रों पि ध्यान कें दद्त किते स्म्य नाविक से अिवसथवत आधारित अनुप््योग्रों पि विशेष ध्यान ितेे हुए अंतरिक्ष आधारित विवशष् अनुप््योग्रों पि का्य्ट दक्या। उपग्रह्रों एिं प््मोचक िाकेर्रों से संबंवधत सभी का्य्टक्र्मपिक गवतविवध्याुँ की गईं। बृहत बूसरि्रों का ढलाई का्य्ट एिं उन्नत भािी प््मोवचत््रों हतेु से्मी-क्रा्योिेवनक चिण्रों औि अन्य व्मशन्रों के वन्मा्टण के वलए आिश्यक अिसंिचना की सथापना की गई। िहाुँ सफलतापूि्टक भािी व्मशन्रों की ्योिना बनाई गई िहीं सुििू संिेिन, संचाि/नरौिहनी्य एिं अंतरिक्ष विज्ान सवहत विवभन्न अंतरिक्ष व्मशन्रों की प्ावप्त की गई ह।ै आपिा प्बंधन सहा्यता एिं िा्यिेक्र–रू-हो्म रेवलिीिन के ्माध्य्म से आउरिीच सवहत अंतरिक्ष अनुप््योग का्य्टक्र्म की सातत्यता स्माि को सीधे लाभ ्मुह्ैया किाने ्में भािती्य अंतरिक्ष प्णावल्य्रों द्ािा वनभाई गई बढती भूव्मका को िोहिाती ह।ै इस प्काि, भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म अपने उदे्श्य्रों को पूिा किने ्में विवभन्न क्षेत््रों ्में लक््य प्ाप्त किने ्में लगा हुआ ह।ै

  • 12

    संगठनिशे ्में अंतरिक्ष दक्र्याकलाप्रों की शुरूआत 1962 ्में भािती्य िाष् ट्ी्य अंतरिक्ष अनुसंधान सव्मवत (इन् कोस् पाि) की स् थापना के साथ हुई। उसी िष्ट, वतरुिनंतपुि्म के वनकर थु्म् बा भू्मध् ्यिेखी्य िाकेर प््मोचन कें द् (रल््ट स) ्में का्म शुरू दक्या ग्या। अगस् त 1969 ्में भािती्य अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसिो) की स् थापना की गई। भाित सिकाि ने अंतरिक्ष आ्योग का गठन दक्या तथा िून 1972 ्में अंतरिक्ष विभाग (अं.वि.) की स् थापना की गई औि इसिो को वसत्म् बि 1972 ्में अंतरिक्ष विभाग के अधीन ला्या ग्या।

    अंतरिक्ष आ्योग, िशे के सा्मािारथ्टक लाभ के वलए अंतरिक्ष विज्ान औि प्रौद्ोवगकी के विकास औि उप्योग को बढािा िनेे हतेु नीवत्याुँ वनरूवपत किता ह ैऔि भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म के का्या्टन् ि्यन का वनिीक्षण किता ह।ै अंतरिक्ष विभाग इन का्य्टक्र्म्रों का का्या्टन् ि्यन, ्मुख् ्यत:, भािती्य अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसिो), भरौवतक अनुसंधान प््योगशाला (पी.आि.एल.) िाष् ट्ी्य िा्यु्मंिली्य अनुसंधान प््योगशाला (एन.ए.आि.एल.), उत् ति-पूिणी अंतरिक्ष उप्योग कें द् (उ.पू. सैक) तथा से्मी कण् िक् रि प््योगशाला (एस.सी.एल.) के िरिए किता ह।ै 1992 ्में, सिकाि के स् िाव्मत् ि िाली क्म् पनी के रूप ्में स् थावपत एवनट्क् स कापटोिेशन अंतरिक्ष उत् पाि औि सेिाओं का विपणन किती ह।ै

    अंतरिक्ष प्णावल्य्रों के संस् थान्रों एिं उनके अनुप््योग्रों का स्मन् ि्यन िाष् ट्ी्य स् ति की सव्मवत्य्रों, अथा्टत इन् सैर स्मन् ि्यन सव्मवत (आई.सी.सी.) िाष् ट्ी्य प्ाकृवतक संसाधन प्बंधन प्णाली की आ्योिना सव्मवत (पी.सी.-एन.एन.आि.ए्म.एस.) औि अंतरिक्ष विज्ान सलाहकाि सव्मवत (एिकलॉस) द्ािा दक्या िाता ह।ै

    अंतरिक्ष विभाग सवचिाल्य तथा इसिो ्मुख् ्याल्य अंतरिक्ष भिन, बेंगलूरु ्में वसथत ह।ै इसिो ्मुख् ्याल्य के का्य्टक्र्म का्या्टल्य उपग्रह संचाि एिं नरौिहन भू प्ेक्षण, प््मोचक िाकेर, अंतरिक्ष विज्ान, आपिा प्बंधन सहा्यता, प्ा्योवित अनुसंधान ्योिना, अंतििाष् ट्ी्य सह्योग, प्णाली विश् िसनी्यता एिं गुणित् ता, सुिक्षा, प्काशन तथा िन स्म् पक्ट , बिर एिं आरथ्टक विश् लेषण औि ्मानि संसाधन विकास िैसे का्य्टक्र्म्रों का स्मन् ि्यन किते हैं। अंतरिक्ष विभाग के प््मुख संस् थान्रों औि उनके दक्र्याकलाप्रों के प््मुख क्षेत््रों का ब् ्यरौिा वन्म् नांदकत पैिाओं ्में िशा्ट्या ग्या ह:ै

    विक्र्म सािाभाई अंतरिक्ष कें द् (िी.एस.एस.सी.)

    वतरुिनंतपुि्म ्में वसथत विक्र्म सािाभाई अंतरिक्ष कें द् (िी.एस.एस.सी.) प््मोचक िाकेर प्रौद्ोवगकी की वििाइन एिं विकास हतेु इसिो का अग्रणी कें द् ह।ै ्यह कें द् ऐिोनलॉररक् स, उड्ड्यवनकी, िस् तुओं, पिाथयों, ्यंत्ािली, िलॉकेर स्म् ्मुच्यन, िसा्यन्रों, नोिन, अंतरिक्ष शस् त्ागाि, संिचनाओं, अंतरिक्ष भरौवतकी एिं प्णाली विश् िसनी्यता के सदक्र्य अनुसंधान एिं विकास का्य्ट ्में लगा हुआ ह।ै ्यह कें द् विवभन् न व्मशन्रों हतेु उप प्णावल्य्रों के वन्मा्टण से संबंवधत वििाइन, वन्मा्टण, विश् लेषण, विकास एिं िांच के ्महत् िपूण्ट उत् तििाव्यत् ि्रों को संभालता ह।ै

    िी.एस.एस.सी. के विस् ताि कें द् िवल्य्मला ्में ्यांवत्की, िाकेर स्मेकन एिं िांच की ्मुख् ्य सुविधा औि िरटि्यूिकािु ्में घरक्रों के विकास के वलए सुविधा वसथत हैं। कोची के वनकर आलुिा ्में िी.एस.एस.सी. द्ािा अ्मोवन्य्म पिक् लोिेर पिीक्षण सं्यंत् (ए.पी.ई.पी.) स् थावपत दक्या ग्या ह।ै

  • 13

    िेली िेंि काम्पलेक्स ्में िी.एस.एस.सी. ्मुख्य भिन

    िी.एस.एस.सी. के प््मुख का्य्टक्र्म्रों ्में ध्ुिी्य उपग्रह प््मोचक िाकेर (पी.एस.एल.िी.), भूतुल् ्यकाली उपग्रह प््मोचक िाकेर (िी.एस.एल.िी.) एिं िोवहणी परिज्ापी िाकेर शाव्मल हैं। इस कें द् के का्य्ट उन्नत प्रौद्ोवगकी िाकेर्रों हतेु क्ष्मता विकवसत किने की गवतविवध्य्रों, िा्यु श् िसन नोिन, ्मानि अंतरिक्ष उडान हतेु ्महत् िपूण्ट प्रौद्ोवगदक्य्रों, वन्म् न लागत िाले लघु उपग्रह प्ा्मोचक िाकेर्रों एिं ्माड्ुलि भािी िाहक प््मोचक िाकेर पि भी कें दद्त हैं।

    इसिो उपग्रह कें द् (आईिै़क)

    इसिो उपग्रह कें द् (आईिैक), बेंगलूरु संचाि, सुििू संिेिन, नरौिहन, िैज्ावनक अध् ्य्यन्रों एिं लघु उपग्रह्रों हतेु उपग्रह्रों की वििाइन, विकास एिं स्मेकन के वलए अग्रणी कें द् ह।ै आइिैक उन् नत अत् ्याधुवनक प्रौद्ोवगदक्य्रों के क्षेत् ्में अनुसंधान एिं विकास, सभी उपग्रह व्मशन्रों का स्मग्र प्बंधन, अंतरिक्ष प्णावल्य्रों के वन्मा्टण हतेु अनुनािी अंतरिक्ष उद्ोग का सृिन, प्रौद्ोवगकी अंतिण, वशक्षा के क्षेत् ्में अंतिापृष् ठ, आदि ्में सदक्र्य रूप से संबद्ध ह।ै आईिैक ्यांवत्की एिं इलेक् ट्ावनक हाि्टिे्यि/ उपप्णावल्य्रों एिं स्मेदकत उपग्रह के संवििचन एिं िांच हतेु अत् ्याधुवनक सुविधाओं से पूण्टत्या सुसवजित ह।ै

    िष्ट 2006 ्में संस् थावपत इसिो उपग्रह स्माकलन एिं पिीक्षण स् थापना (आईसाइर) स्म् पूण्ट स्मुच् च्यन एिं िांच क्र्म हतेु सुविधाओं से सुसवजित ह,ै िो अंतरिक्ष्यान को एक खाली ढांचे से उडान ्योग् ्य अंतरिक्ष्यान बनाने ्में स्मथ्ट ह।ै ्यह एक ्त के नीचे स्मेकन औि प्या्टििणी्य िांच सुविधाओं से परिपूण्ट ह,ै िो अंतरिक्ष्यान स्मुच् च्यन, स्मेकन औि िांच के वलए एक बडा स् िच् ् कक्ष, संचाि उपग्रह्रों औि ऐंरेना प्णावल्य्रों हतेु विवशष् र संघटि ऐंरेना पिीक्षण सुविधा, ि् ्यापक स्मुच् च्यन औि पिीक्षण सुविधाओं तथा िांच ताप वनिा्टत चै्म् बि, स् पंिन सुविधा, ध् िावनक िांच सुविधा िैसी सुविधाओं से परिपूण्ट ह।ै आईिैक ने संचाि, ्मरौस्मविज्ान, सुििू संिेिन एिं नरौिहन तथा अंतरिक्ष विज्ान के क्षेत् ्में अंतरिक्ष्यान वनर्म्टत दकए हैं।

  • 14

    सतीश धिन अंतरिक्ष कें द् (एस.िी.एस.सी.) शाि

    भाित का अं तरिक्ष अड्डा, सतीश धिन अंतरिक्ष कें द् (एस.िी.एस.सी.) शाि, श्ीहरिकोरा भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म के वलए प््मोचन आधाि अिसंिचना प्िान किने हतेु वि्म् ्मेिाि ह।ै इस कें द् ्में ििूव्मवत, अनुित्टन एिं आिशे नेरिक्ट तथा व्मशन वन्यंत्ण कें द् सवहत ठोस नोिक संसाधन, ठोस ्मोरि्रों की स् थैवतक िाुँच, प््मोचक िाकेर स्मेकन एिं प््मोचन प्चालन्रों की सुविधा ्मरौिूि ह।ै

    इस कें द् ्में िो प््मोचन पैि हैं, िहां से पी.एस.एल.िी. एिं िी.एस.एल.िी. के िाकेर प््मोचन प्चालन पूिे दकए िाते हैं। कें द् को वन्म् नवलवखत का्य्ट सौंपे ग्ये हैं (i) इसिो के प््मोचक िाकेर का्य्टक्र्म के वलए ठोस नोिक बूस् रि्रों का उत् पािन (ii) विवभन् न उप-प्णावल्य्रों औि ठोस िाकेर ्मोरि्रों को ्योग् ्य बनाने के वलए अिसंिचना प्िान किना औि आिश् ्यक िाुँच आ्योवित किना (iii) उपग्रह एिं प््मोचक िाकेर्रों के वलए प््मोचन आधाि अिसंिचना प्िान किना।

    कें द् ्में भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म के वलए भािी आिश् ्यकताओं को पूिा किने हतेु प््मोचक िाकेर्रों के स्मेकन के वलए वद्ती्य िाकेर स्मुच् च्यन भिन (एस.िी.ए.बी.) का वन्मा्टण दक्या िा िहा ह।ै एस.िी.ए.बी. के ्मुख् ्य उदे्श् ्य ह,ै क) बढी हुई प््मोचन आिृवत्त को पूिा किना, ख) िी.एस.एल.िी. ्माक्ट III उडान्रों हतेु पूण्ट विकवसत स्मेकन सुविधा प्िान किना, ग) भािी प््मोचक िाकेर्रों की िखेभाल किना, घ) भािी प््मोचन पैि अवभधारिता स्म्य को क्म किने हतेु सहा्यक नाभी्य रािि संकल् पना दक्र्यावनित किना औि ि.) भािी तृती्य प््मोचन पैि के वलए ्मुख् ्य स्मेकन सुविधा के रूप ्में का्म किना।

    एस.िी.एस.सी. शाि ्में परिज्ापी िाकेर्रों के प््मोचन हतेु अलग प््मोचन पैि ह।ै कें द् परिज्ापी िाकेर्रों एिं नीतभाि्रों के स्मुच् च्यन, स्मेकन तथा प््मोचन हतेु इसिो के परिज्ापी िाकेर्रों के वलए आिश् ्यक प््मोचन आधाि अिसंिचना भी प्िान किता ह।ै

    द्ि नोिन प्णाली कें द् (एल.पी.एस.सी.)

    द्ि नोिन प्णाली कें द् (एल.पी.एस.सी.) इसिो के प््मोचक िाकेर्रों के वलए द्ि नोिन चिण्रों के वििाइन, विकास तथा उन् हें पूिा किने का कें द् ह।ै एल.पी.एस.सी. के का्य्टक्षेत् ्में वनिा्टत परिवसथवत्य्रों के वलए तिल वन्यंत्ण िाल् ि्रों, ट्ांसड्ूसि्रों, नोिक प्बंधन उपकिण्रों तथा द्ि नोिन के अन् ्य ्मुख् ्य घरक्रों का विकास किना भी ह।ै

    एल.पी.एस.सी. की गवतविवध्यां एिं सुविधाएुँ एल.पी.एस.सी. िवल्य्मला, वतरुिनंतपुि्म एिं एल.पी.एस.सी., बेंगलूरु, कना्टरक ना्मक िो परिसि्रों ्में फैली हुई हैं।

    एल.पी.एस.सी. िवल्य्मला अनुसंधान एिं विकास, प्णाली वििाइन / इंिीवन्यिी एिं परि्योिना प्बंधन प्का्ययों के वलए उत् तििा्यी ह।ै कें द् के प््मुख का्ययों को संभालने िाली भू-भण् िािी्य एिं क्रा्योिेवनक नोिन इकाई्य्रों के अलािा द्ि वन्यंत्ण अि्यि इकाई औि सा्मग्री एिं विवन्मा्टण इकाइ्यां वसथत हैं।

    एल.पी.एस.सी., बेंगलूरु सुििू संिेिन एिं संचाि उपग्रह्रों तथा अन् ्य िैज्ावनक व्मशन्रों हतेु नोिन प्णावल्य्रों की वििाइन एिं वन्मा्टण के वलए उत् तििा्यी ह।ै ट्ांसड्ूसि्रों एिं संिेिक्रों के विकास एिं उत् पािन के सभी का्य्ट ्यहां दकए िाते हैं।

  • 15

    इसिो नोिन कलॉ्म् प् लेक् स (आई.पी.आि.सी.)

    इसिो नोिन कलॉ्म् प् लेक् स (आई.पी.आि.सी.), ्महनेद् वगरि भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म हतेु आधुवनक नोिन प्रौद्ोवगकी उतपाि्रों के वन्मा्टण हतेु आिश्यक अत्याधुवनक सुविधाओं से सुसवजित ह।ै ्यह कें द् प्चालनात्माक एिं विकासात्मक प््मोचन प्णावल्य्रों हतेु द्ि नोिन प्णावल्य्रों के स्मुच्च्यन, स्मेकन एिं िांच हतेु उत्तििा्यी ह।ै आई.पी.आि.सी. ्में अंतरिक्ष्यान इंिन्रों एिं प्णोिक्रों की उडान िांच एिं अंतिग्रही्य ्माड्ूल्रों हतेु अनुकाि पिीक्षण दकए िाते हैं।

    आई.पी.आि.सी. इसिो के प््मोचक िाकेर तथा उपग्रह का्य्टक्र्म्रों के वलए भू भणिािी्य द्ि नोिक की आपूरत्ट के वलए उत्तििा्यी ह।ै आई.पी.आि.सी. सुिक्षा एिं विश्वसनी्यता के उच्च ्मानक्रों को सुवनवचित किते हुए इसिो अंतरिक्ष का्य्टक्र्म की त्ुरर शून् ्य ्माुँग को पूिा किने हतेु गुणित्ता िाले उतपाि प्िान किता ह।ै भािती्य अंतरिक्ष का्य्टक्र्म ्में अपने ्योगिान ्में सतत सुधाि किने की दिशा ्में ्यह अनुसंधान एिं विकास (आि. एिं िी.) तथा प्रौद्ोवगकी विकास का्य्टक्र्म (री.िी.पी.) भी आ्योवित किता ह।ै.

    अंतरिक्ष उप्योग कें द् (सैक)

    अंतरिक्ष उप्योग कें द् (सैक), अह्मिाबाि, इसिो का प््मुख अनुसंधान एिं विकास कें द् ह।ै इस कें द् की प््मुख िक्षता अंतरिक्ष िावहत एिं िा्यु िावहत उपकिण्रों। नीतभाि्रों के विकास एिं िाष् ट्ी्य विकास तथा सा्माविक वहत्रों हतेु उनके उनुप््योग्रों ्में वनवहत ह।ै इनके अवतरिकत् , ्यह कें द् चंि्यान-1, ्मंगल कवक्षत् व्मशन, आदि िैसे इसिो के िैज्ावनक एिं ग्रही्य व्मशन्रों ्में ्महत् िपूण्ट ढंग से सह्योग किता ह।ै भािती्य िाष् ट्ी्य उपग्रह (इन् सैर) एिं भूतुल् ्यकाली उपग्रह (िीसैर) श्ृंखला के उपग्रह्रों हतेु िीसैर, िी.री.एच., इंरिनेर, प्सािण, ििूभाष सेिाओं, आदि द्ािा उप्योग दक्या िाता ह।ै

    सैक ्में इसिो के भू प्ेक्षण (ई.ओ.) का्य्टक्र्म के वलए उपग्रह, वसग् नल एिं प्वतबबंब प्संस् किण सलॉफरिे्यि, िी.आई.एस. सलॉफरिे्यि औि कई अनुप््योग्रों के वलए प्कावशक एिं सूक्ष् ्मतिंग संिेिक्रों की वििाइन एिं विकास का्य्ट भी दक्या िाता ह।ै्ये अनुप््योग भू-विज्ान, कृवष, प्य्टििण एिं िलिा्यु परिित्टन, भरौवतक स्मुद् विज्ान, िीिविज्ानी्य स्मुद् विज्ान, िा्यु्मंिल, क्रा्यो्मंिल, िल्मंिल, आदि के विवभन् न क्षेत््रों ्में हैं। सैक की सुविधाओं ्में नीतभाि स्मेकन प््योशालाएं, इलेक् ट्ावनक एिं ्यांवत्क संवििचन सुविधाएं, प्या्टििणी्य िांच सुविधा, प्णाली विश् िसनी्यता/आश् िासन स्मूह, प्वतबबंब प्संस् किण एिं विश् लेषण सुविधाएुँ, परि्योिना प्बंधन सहा्यता स्मूह, औि सुसवजित पुस् तकाल्य शाव्मल हैं। सैक का अनुसंधान एिं विकास हतेु उद्ोग, अकािव्म्य्रों, िाष् ट्ी्य एिं अंति-िाष् ट्ी्य संस् थान्रों के साथ सदक्र्य सह्योग ह।ै ्यह कें द् उपग्रह ्मरौस्म विज्ान एिं संचाि ्में अंतरिक्ष विज्ान एिं प्रौद्ोवगकी वशक्षा कें द् (सी.एस.री.री.ई.-ए.पी.) के तत् िािधान ्में एवश्या प्शांत के्षत् के विद्ारथ्ट्य्रों के वलए नरौ-्महीने का स् नातकोत् ति विप् लो्मा पाठ्यक्र्म भी आ्योवित किता ह।ै

    तालतेि परिसि, अह्मिाबाि

  • 16

    विकास तथा शैवक्षक संचाि ्यूवनर (िकूे) सन् 1983 ्में स् थावपत विकास एिं शैवक्षक संचाि ्यूवनर (िकूे), अह्मिाबाि उपग्रह-आधारित सा्माविक अनुप््योग्रों की प्ावप्त किने हतेु स्मरप्टत ह।ै िकूे अन् ्योन् ्यदक्र्या के ्माध् ्य्म के रूप ्में ्मल् री्मीवि्या अि्यि्रों को स्माविष् र किते हुए िीवि्यो का्य्टक्र्म बनाने के साथ-साथ सैरका्म आधारित सा्माविक अनुप््योग्रों की संकल् पना, वििाइन, दक्र्यान् ि्यन, ्मूल् ्यांकन, शवक््त िध्टन तथा िाष् ट्ी्य विकास हतेु सा्माविक विज्ान तथा संचाि अनुसंधान अध् ्य्यन्रों ्में संलग् न ह।ै ्यह उनकी आिश् ्यकताओं को पूिा किने हतेु निीनत्म संवििचनाओं से प््योग किने हतेु प््योक् ता एिेंवस्य्रों के साथ का्म किता ह ैऔि अंतरिक्ष उनुप््योग्रों ्में सभी उपलवबध्य्रों को शाव्मल किना सुविधािनक बनाता ह।ै ्यह ्यूवनर विगत िशक्रों ्में संकलपना एिं प्िश्टन किने हतेु उत् तििा्यी िहा ह।ै

    इसिो ििूव्मवत, अनुित्टन तथा क्मांि नेरिक्ट (इस् टै्क) इसिो ििूव्मवत, अनुित्टन एिं आिशे नेरिक्ट (इस् टै्क), बेंगलूरु, इसिो के प््मुख प््मोचक िाकेर एिं अंतरिक्ष्यान व्मशन्रों हतेु री.री.सी. एिं व्मशन वन्यंत्ण सेिाएं ्मुह्ैया किाने की प््मुख वि्म् ्मेिािी सौंपी गई हैं। इन उदे्श् ्य्रों की पूरत्ट किने हतेु इस् टै्क ने बेंगलूरु (बी.एल.1, बी.एल.-2 एंि बी. एल.3 तथा बी.एल.-4), लखनऊ (एल.सी.के.-I एिं एल.सी.के.- II), ्मारिशस (ए्म.ए.्यू.-I तथा ए्म.ए.्यू.-II) श्ीहरिकोरा (शाि I एिं शाि II), पोर्टब् ले्यि, वतरुिनंतपुि्म, ब्ुनेई, ब् ्याक, इण् िोनेवश्या, (बी.के.-I एिं बी.के.-2) तथा गहन अंतरिक्ष नेरिक्ट स् रेशन िी.एस.एन.-32 एिं िी.एस.एन.-18 ्में भू कें द््रों का नेरिक्ट स् थावपत दक्या ह।ै बेंगलूरु वसथत व्मशन प्चालन का्म् प् लेक् स सभी सुििू संिेिन, विज्ान एिं ग्रही्य व्मशन्रों हतेु चरौबीस्रों घंरे व्म

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