हमार% अयिधक वांिछत सूची 4या है€¦ · उससे...

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163 हमार% "अ’यिधक वांिछत" सूची 4या है ? जो हम जो चाहते ह) उसे पाना !स#नता है , ले#कन वा(तव म+ हम -या चाहते ह0 ? आइये देखते ह) !क बह से लोग ,स-नता के िलये "अ"यिधक वांिछत" चीज $या मानते ह,। ii जैसा %क हम िच+ म, देख सकते ह1 , !मुख मह&वपूण+ चीज !ेम है लोग% के िलये *यार पाना और यह चाहत !क कोई ऐसा हो )जससे वे -यार कर0 , !स#न रहने के िलये !मुख मह/व क1 बात है। $ेम क( इ"छा के बाद )व+ीय सुर1ा आती है। उसके बाद जो )वक:प आते ह< , वे ह" "स"मान पाना" और "!कसी चीज या #कसी ’य() के िलए उपयोगी होना"प5रणाम9 क: समी;ा करते , म" सोच रहा था *क इन सभी !वक$प& म( )या कोई ऐसा कारक है जो 4स5न रहने का एक मु:य कारण हो सकता है। पहली नज़र म( , !यार ह" मह$वपूण) लग रहा था। आ)ख़रकार, !यार करना और !यार पाना )मशः -थम और /0तीय 3थान पर थे। दूसर) ओर, !व#ीय सुर)ा, हमार% ज’रत) को पूरा करने का एक साधन है। आर्थिक रूप से सुरक्षित होना 15% किसी का प्रेम मिलना 29% किसी को प्रेम करना 22% मशहूर होना 1% किसी जुनून का होना 8% मनचाही नौकरी पाना 3% सम्मान मिलना 12% उपयोगी होना 9% आनंद/मनोरंजन का अनुभव करना 1% आकर्षक होना 0% हम किससे प्रसन्न होते हैगतांक से आगे

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    हमार% "अ'यिधक वांिछत" सचूी 4या है? जो हम जो चाहते ह) उसे पाना ूस#नता है, ले#कन वाःतव म+ हम -या चाहते ह0? आइये देखते ह)

    !क बहुत से लोग ूस-नता के िलये "अ"यिधक वांिछत" चीज $या मानते ह,।ii

    जसैा %क हम िचऽ म, देख सकते ह1, ूमखु मह&वपणू+ चीज ूेम है। लोग% के िलये *यार पाना और यह चाहत !क कोई ऐसा हो )जससे वे -यार कर0, ूस#न रहने के िलये ूमखु मह/व क1 बात है। ूेम क( इ"छा के बाद )व+ीय सरु1ा आती है। उसके बाद जो )वक:प आते ह

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    मझेु यह चा)हए और मझेु यह अभी चा)हए! जो हम चाहते ह', उसे पाना ह( ूस*नता है ले.कन 0या इससे हमारा ता5पय6 यह है .क इसी समय

    िमले? ूवाह मॉडल के आधार पर हम सवा/िधक ूस2न तब होते ह7 जब हम जो चाहते ह7 उसे पाने क; ू"बया म' होते ह,। दसूरे श3द4 म' हम तब अिधक ूस+न होते ह% जब हम ूस+नता पाने क0 याऽा कर रहे होते ह%।

    84�-उ"मीद क' मशीन

    चूं$क अपनी सभी इ-छाएं परू2 होने से पहले भी हम ूस,न रह सकते ह0, हम ूस%नता के बारे म-

    इस तरह सोच सोच सकते ह*: ूस,नता वह भावना है जो हम% तब िमलती है जब हम ,कसी चीज जब पाना चाहते ह& पा सकते ह&। यह उस बात का वण,न करता है 0क कभी-कभी हम बहुत अिधक ूस.न महससू करते ह", य"!प वत%मान म) हमारे पास वो नह/ं जो हम चाहते ह3, ले#कन हम( आशा और पणू& 'व)ास है #क भ&वंय म" हम इसे ूा) कर सकते ह-।

    इस #$%कोण से म%ुय बात यह िनकलती है #क ूस#नता तब महससू नह(ं होती जब हम कुछ ूा2

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    करते ह&, अ"पत ुतब महससू होती है जब इसे पाने क( आशा होती है। आशा ह% सबसे मह*वपणू/ ूेरणा श23 है, जो हम% ूस(नता क- भावना क- ओर ले जाती है। कभी-कभी हम &जस चीज को पाना चाहते ह0 उसे पाने क" आशा उसक" वाःत+वक ूाि. के मकुाबले अिधक रोमांचक और श+;शाली ूस=नता दे सकती है। मेरा मानना है %क हम जो चाहते ह- उसे पाने क1 उ"मीद ह' ूस*नता है, !जसम% आशा ह* ूमखु .बंद ुहै।

    यह# कारण है )क *जन लोग0 के पास 4यादा नह#ं होता वे उन लोग0 के मकुाबले अिधक ूसAन होते ह" #जनके पास बहुत कुछ है। उसी ूकार, य"द हमसे हमार* आशा छ.न ली जाये, तो हमार% ूस(नता पर उससे कह&ं अिधक +वनाशकार& ूभाव पड़े य6द हमारे पास जो है उसे खोना पड़े ।

    एक और उदाहरण ूस,नता क/ ू0बया म4 आःथा क/ उ8ूेरक के :प म4 भिूमका है। हमारे शोध से पता चला है (क *जन लोग/ म1 अिधक आःथा है वे उन लोग/ से अिधक ूस=न ह" !ज#ह% कोई आःथा नह.ं है।viii इसे आ%य' के )प म, नह/ं लेना चा4हए, !य#$क आःथा ःप& 'प से आशा का इःतेमाल है।

    और अतं म',

    ूस#नता उस चीज को ूा- करने क0 आशा है 5जसे हम अपनी आवँयकताओ ंऔर दािय2व3 के अित5र6 पाना चाहते ह(।

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    !या आशा ह' हमारे सभी काय+ क, ूमखु ूेरक श12 है? य"द आशा ह" हमार" ूस(नता म+ म-ुय भिूमका िनभाती ह4, तो हम यह मान सकते ह& 'क आशा

    हमारे काय( के ःपे+शम के -वक/प छोर से स3ब56धत है। इसके -वपर

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    आखँ खोलने के िलए मजबरू करता देता है। यह$ कारण है *क हम यह जानते हुए भी *क ट5कर क6 स"भावना बहुत कम है महँगी बीमा पॉिलसी खर,दते ह1। इसको हम जो#खम कहते ह%। हम जो%खम उठाने से नफरत करते ह(।

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    जो ू$येक (य)* जानना चाहता है: ूस#नता पाने का *या रहःय है?

    जब सव%ौ(े ूस*नता क" क"पना करने क( बात आती है, तो हम ऐसे जीवन क& क'पना कर सकते ह" #जसम' हमारे पास ःवाः.य, सुंदरता और हर समय आनंद हो। या हम और अिधक भौितक !"# से सोच( तो हमारे पास ऐसा ब,क हो .जससे हम0 काम करने क2 कोई िचंता न हो और हम एक के बाद एक लगातार उ"ेजक छु()टयाँ $बताय'।

    कुछ लोग' ने अपने परेू जीवन को ूस3नता पाने के रहःय को खोजने के िलए सम2प3त कर 5दया है। म"ने भी, ूस#नता पाने के रहःय क. खोज क. है, और !जतना अिधक म+ने खोजा है उतना ह2 कम मझुे पता चला है। वाःतव म&, इस पःुतक म) मेरा लआय इस प"रूेआय को एक रहःय के -प म/ ूस1नता से एक !व#ान के (प म+ ूस.नता म+ बदलना रहा है।

    52��-ूस#नता का रहःय

    यह #दलचःप बात है #क जब भी म2 #कसी दोःत या 5रँतेदार से िमलता हँू और उ,ह- बताता हँू /क म" ूस%नता पर एक पःुतक िलख रहा हँू, तो वे हमेशा मझुसे पछूते ह-: ूस#नता का रहःय ,या है? दभुा%&य

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    से, मेर$ ूित(बया आमतौर पर िनराशाजनक होती है। वाःतव म:, मझुे ूस'नता का रहःय नह0ं िमला है, !य#$क मझुे यह +व-ास नह1ं है $क इसका कोई अ8ःत;व है - कम से कम उस &प म( तो नह#ं जसैा हम सोचते ह' (क य(द हम इसे जान गये होते तो उसके बाद हम हमेशा ह- ूस/न रहते। 3फर भी, ूस#नता के बारे म& और इस पःुतक के िलखने से म3ने जो सीखा है वह #बलकुल उसी के सामान है जसैा म1ने डॉ4टर7 क" पढ़ाई करते हुए सीखा था। एक डॉ3टर के 5प म7, हम# शर#र क% संरचना जानना होता है: यह कैसे काय2 करता है, रोग$ का इस पर *या ूभाव पड़ता है, और अनेक बीमा)रय, क- रोकथाम कैसे क- जाती है या उनका इलाज कैसे +कया जाता है। 0या इसका मतलब यह है +क सभी डॉ0टर ःवःथ ह

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    पास $या है, हम# !वश%ु &प से *यार करते ह1। हम इसे "!बना शत' का )यार" कह सकते ह&; और हम इसे माता-!पता के !यार म& देख सकते ह.। ले1कन 3बना शत6 का !यार अिधकांशत: उन लोग> पर लागू नहAं होता है जो हम& वाःत+वक जीवन म& /यार करते ह3। 5यादातर, जो हम% &यार करते ह&, सशत$ %प से करते ह+।

    आइए हमारे सशत, ूेमपणू, संबंध4 के बारे थोड़9 देर के िलए सोच>। यAद दसूरे छोर पर CयDE अनपुयोगी हो जाता है, !या यह %रँता चल पायेगा? य"द आपके पास एक शराबी दोःत है जो खदु के िलए या दसूर' के िलए -कसी काम का नह2ं है, तो !या आप उससे उसी तरह अपने ूेममयी स"ब$ध जार) रख+गे? दभुा%&य से, वाःत%वकता यह है *क अिधकांश 0यार सशत3 होते ह6, और य$द वे हमारे जीवन म. योगदान नह1ं करते ह& तो (रँत* को कायम नह/ं रखा जा सकता। इसका मतलब यह नह/ं है 9क हम केवल इसिलए उन !रँत% म' रहते ह% &य()क हम दसूर( का उपयोग करना चाहते ह% और दसूरे हम7 उपयोग करना चाहते ह%। उपयोगी होने के नाते हम दसूर2 के जीवन म5 6कसी ूकार क8 सकारा9मकता का योगदान करते ह:। यह उपयोग अनंत *प ले सकता है। इसक$ सीमा अपने पालत ूजानवर को चीज. ूदान करने से लेकर अपने िमऽ क" भावना'मक )प से सहायता करने तक हो सकती है। य-द हम उपयोगी नह3ं ह5, तो अपने 'रँते को बनाए रखने के िलए दसूर, का हमारे ूित 2यार और स5मान पया78 नह9ं होगा। यह >बना शत7 2यार के िलए लागू नह#ं हो सकता है, जहाँ ूेम संबंध आम तौर पर !कसी एक &य() के काय, के करने या काय, के न करने के बावजदू होता है। हम सोच सकते ह1 2क हम दसूर4 को एकतरफा 7यार कर सकते ह1, भले ह% वे हम( )यार करना बंद कर द(, ले#कन यह (यावहा+रक नह-ं है।

    !या इसका मतलब यह हो सकता है .क !कसी के िलए उपयोगी होना ूस#न रहने क) म,ुय क)मत है?

    !य# इतने सारे लोग .रटायर नह1ं होना चाहते, जो #रटायर हो रहे ह* उनका अ/य लोग2 क3 तलुना म7 कम जीवन 'य) है, और #य% कुछ लोग पसै% क/ ज1रत नह5ं होने के बावजदू भी काम करते रहते ह@, मझुे यह बात समझाने म+ हमेशा ह- बहुत म!ुँकल होती है हैxxii ।

    हो सकता है इसका कारण उपयोगी होना है। हो सकता है, इन लोग& के िलए काम करते रहना ह0 उपयोगी होने का सबसे अ/छा तर3का है। और कुछ लोग9 के िलए यह केवल =यावहा>रक तर3का हो सकता है। उ%ह&ने अपनी नौकर/ करने से बहुत कुछ सीखा है, और वे भयभीत हो सकते ह' (क शायद नौकर0 के !बना, वे अपने जीवन का उ+ेँय खो द1गे। बेशक, यह हर $कसी के िलए सच नह.ं है, !वशेष &प से, जो सोचते ह' (क उनक, नौकर/ उिचत नह/ं है और उनक, ूितभा और 7मताओ ंका उपयोग उनक, पणू? 7मता के अनुसार नह*ं ,कया गया है। ये लोग &विश* !प से अपनी नौकर+ को अल.वदा कहने के िलए आवँयक

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    !व#ीय सरु)ा का इंतजार नह2ं कर सकते। इस बात से यह भी समझा जा सकता है :क घर म< रहनेवाली माँ को #य% यह लगता है ,क वह अपने प2रवार के िलए उपयोगी है, और आम तौर पर अपने घर के काम. क/ दोहराए जाने वाली ूकृित के बावजदू बहुत ूस.न रहती है, या #य$ कुछ परुाने लोग बहुत उदास हो जाते ह6 जसैे ह& उ(ह) लगता है .क उनक1 भिूमका एक उपयोगी ;य