indian polity (भारतीय राजव्यवस्था)

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RRB Exam Subject: सामान्य ज्ञानChapter: Indian polity (भारतीय राजव्यवस्था)

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संविवधान एक दृवि� मेंभाग - 1

संघ और उसका राज्यक्षेत्राअनुचे्छद 1 संघ का नाम और राज्यके्षत्राअनुचे्छद 2 नए राज्यों का प्रवेश या स्थापनाअनुचे्छद 2 क (निनरसिसत)अनुचे्छद 3 नए राज्यों का निनमा�ण और वत�मान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिरवत�न।अनुचे्छद 4 पहली अनुसूची और चैथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक आनुषंनि/क और पारिरणामिमक निवषयों का उपबंध करने के सिलए अनुचे्छद 2 और

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अनुचे्छद के अधीन बनाई गई विवधिधयां।भाग 2

नागरिरकताअनुचे्छद 5 संनिवधान के प्रारंभ पर ना/रिरकताअनुचे्छद 6 पानिकस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यसि9यों के ना/रिरकता के अमिधकार।अनुचे्छद 7 पानिकस्तान को प्रव्रजन करने वाले व्यसि9यों के ना/रिरकता के अमिधकार।

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अनुचे्छद 8 भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यसि9यों के ना/रिरकता के अमिधकार।अनुचे्छद 9 निवदेशी राज्य की ना/रिरकता स्वेच्छा से अर्जिज=त करने वाले व्यसि9यों की ना/रिरकता न होना।अनुचे्छद 10 ना/रिरकता के अमिधकारों का बना रहना।अनुचे्छद 11 संसद ्द्वारा ना/रिरकता के अमिधकार का निवमिध द्वारा निवनिनयमन निकया जाना।

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भाग 3

मूल अधिधकार साधारणअनुचे्छद 12 परिरभाषाअनुचे्छद 13 मूल अमिधकारों से असं/त या उनका अल्पीकरण करने वाली निवमिधयां।

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समता का अधिधकारअनुचे्छद 14 निवमिध के समक्ष समता।अनुचे्छद 15 धम�, मूलवंश, जानित, लिल=/ या जन्मस्थान के आधार पर निवभेद का प्रनितषेध।अनुचे्छद 16 लोक निनयोजन के निवषय में अवसर की समताअनुचे्छद 17 असृ्पश्यता का अंत।अनुचे्छद 18 उपामिधयों का अंत।

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स्वातंत्राय-अधिधकारअनुचे्छद 19 वाक्-स्वातंत्रा्य आदिद निवषयक कुछ अमिधकारों का संरक्षणअनुचे्छद 20 अपराधों के सिलए दोषसिसद्धिH के संबंध में संरक्षण।अनुचे्छद 21 प्राण और दैनिहक स्वतन्त्राता का संरक्षण।

शोषण के विवरूद्ध अधिधकारअनुचे्छद 23 मानव के दुव्र्यापार और बलात्श्रय का प्रनितषेध।अनुचे्छद 24 कारखानों आदिद में बालकों के निनयोजन का प्रनितषेध।

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धम3 की स्वतन्त्राता का अधिधकारअनुचे्छद 25 अंतः करण की और धम� के अबोध रूप में मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्राता।अनुचे्छद 26 धार्मिम=क कायP के प्रबंध की स्वतंत्राता।अनुचे्छद 27 निकसी निवसिशष्ट धम� की अभिभवृद्धिH के सिलए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्राता।अनुचे्छद 28 कुछ सिशक्षा संस्थाओं में धार्मिम=क सिशक्षा या धार्मिम=क उपासना में उपस्थिस्थत होने के बारे में स्वतंत्राता।

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कुछ विवधिधयों की व्यावृधि9अनुचे्छद 31क संपदाओं आदिद के अज�न के सिलए उपबंध करने वाली निवमिधयों की व्यावृभिTअनुचे्छद 31ख कुछ अमिधनिनयमों और निवनिनमयों का निवमिधमान्यकरणअनुचे्छद 31/ कुछ निनदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली निवमिधयों की व्यावृभिT।अनुचे्छद 31घ (निनरसिसत)।

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सांविवधाविनक उपचारों का अधिधकारअनुचे्छद 32 इस भा/ द्वारा प्रदT अमिधकारों को प्रवर्तित=त करने के सिलए उपचारअनुचे्छद 32क (निनरसनित)।अनुचे्छद 33 इस भा/ द्वारा प्रदT अमिधकारों का, बलों आदिद को ला/ू होने में, उपांतरण करने की संसद की शसि9।अनुचे्छद 34 जब निकसी के्षत्रा में सेना निवमिध प्रवृT है तब इस भा/ द्वारा प्रदT अमिधकारों का निनब�धनअनुचे्छद 35 इस भा/ के उपबंधों को प्रभावी करने के सिलए निवधान

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