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[1 ] QUICK POLITY REVISION

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    QUICK POLITY

    REVISION

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    भारतीय संविधान के स्त्रोत

    भारतीय संविधान के ऄनेक दशेी और विदशेी स्त्रोत हैं, लेककन भारतीय संविधान पर सबस ेऄवधक प्रभाि

    भारतीय शासन ऄवधवनयम 1935 का ह।ै भारत के संविधान का वनमााण 10 दशेो के संविधान स ेप्रमुख तथ्य

    लेकर बनाया गया ह।ै भारत का संविधान विश्व का सबस ेबड़ा वलवखत संविधान ह।ैभारत के संविधान के

    वनमााण में वनम्न दशेों के संविधान स ेसहायता ली गइ ह:ै

    (1) संयुक्त राज्य ऄमेररका: मौवलक ऄवधकार, न्यावयक पुनरािलोकन, संविधान की सिोच्चता,

    न्यायपावलका की स्ितंत्रता, वनिाावचत राष्ट्रपवत एिं ईस पर महावभयोग, ईपराष्ट्रपवत, ईच्चतम एिं ईच्च

    न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटान ेकी विवध एिं वित्तीय अपात, न्यायपावलका की स्ितंत्रता

    (2) विटेन: संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागररकता एिं विवध वनमााण प्रकिया, विवध का शासन,

    मंवत्रमंडल प्रणाली, परमावधकार लेख, संसदीय विशेषावधकार और विसदनिाद

    (3) अयरलैंड: नीवत वनदशेक वसद्ांत, राष्ट्रपवत के वनिााचक-मंडल की व्यिस्था, राष्ट्रपवत िारा राज्य सभा

    में सावहत्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेिा आत्याकद के क्षेत्र में ख्यावतप्राप्त व्यवक्तयों का मनोनयन

    (4) ऑस्रेवलया: प्रस्तािना की भाषा, समिती सूची का प्रािधान, कें द्र एिं राज्य के बीच संबंध तथा

    शवक्तयों का विभाजन, व्यापार-िावणज्य और समागम की स्ितंत्रता, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक

    (5) जमानी: अपातकाल के प्रितान के दौरान राष्ट्रपवत को मौवलक ऄवधकार संबंधी शवक्तया,ं अपातकाल के

    समय मूल ऄवधकारों का स्थगन

    (6) कनाडा: संघात्मक विशेषताए,ं ऄिवशष्ट शवक्तया ंकें द्र के पास, कें द्र िारा राज्य के राज्यपालों की

    वनयुवक्त और ईच्चतम न्यायालय का परामशा न्याय वनणायन

    (7) दवक्षण ऄफ्रीका: संविधान संशोधन की प्रकिया प्रािधान, राज्यसभा में सदस्यों का वनिााचन

    (8) सोवियत संघ (पूिा): मौवलक कताव्यों का प्रािधान, मूल कताव्यों और प्रस्तािना में न्याय (सामावजक,

    अर्थथक और राजनीवतक) का अदशा

    (9) जापान: विवध िारा स्थावपत प्रकिया।

    (10) फ्रांस: गणतंत्रात्मक और प्रस्तािना में स्ितंत्रता, समता, बंधुता के अदशा

  • [3 ]

    नोट: भारतीय संविधान के ऄनेक दशेी और विदशेी स्त्रोत हैं, लेककन भारतीय संविधान पर सबस ेऄवधक

    प्रभाि ‗भारतीय शासन ऄवधवनयम: 1935 का ह.ै भारतीय संविधान के 395 ऄनुच्छेदों में स ेलगभग 250

    ऄनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 इ० के ऄवधवनयम स ेया तो शब्दश: वलए गए हैं या किर ईनमें बहुत थोड़ा

    पररितान ककया गया ह।ै

    भारत शासन ऄवधवनयम, 1935- संगीय तंत्र, राज्यपाल का कायाकाल, न्यायपावलका, लोक सेिा अयोग,

    अपातकालीन ईपबंध ि प्रसावनक वििरण

    भारतीय संविधान की ऄनुसूची में कुल 12 ऄनुसूवचया ंहैं, जो आस प्रकार हैं:

    प्रथम ऄनुसूची: आसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (29 राज्य) एिं संघ शावसत (सात) क्षेत्रों का ईल्लेख ह.ै

    नोट: संविधान के 62िें संशोधन के िारा कदल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दजाा कदया गया ह.ै

    नोट: 2 जून 2014 को अंध्र प्रदशे स ेपृथक तेलंगाना राज्य बनाया गया. आसस ेपहल ेराज्यों की संख्या 28

    थी.

    वितीय ऄनुसूची: आसमें भारत राज-व्यिस्था के विवभन्न पदावधकाररयों (राष्ट्रपवत, राज्यपाल, लोकसभा के

    ऄध्यक्ष और ईपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापवत एिं ईपसभापवत, विधान सभा के ऄध्यक्ष और ईपाध्यक्ष,

    विधान पररषद के सभापवत एिं ईपसभापवत, ईच्चतम न्यायालय और ईच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और

    भारत के वनयंत्रक महालेखा परीक्षक अकद) को प्राप्त होन ेिाल ेिेतन, भते्त और पेंशन का ईल्लेख ककया गया

    ह.ै

    तृतीय ऄनुसूची: आसमें विवभन्न पदावधकाररयों (राष्ट्रपवत, ईपराष्ट्रपवत, मंत्री, ईच्चतम एिं ईच्च न्यायालय के

    न्यायाधीशों) िारा पद-ग्रहण के समय ली जान ेिाली शपथ का ईल्लेख ह.ै

    चौथी ऄनुसूची: आसमें विवभन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रवतवनवधत्ि का वििरण कदया

    गया ह.ै

    पांचिीं ऄनुसूची: आसमें विवभन्न ऄनुसूवचत क्षेत्रों और ऄनुसूवचत जनजावत के प्रशासन और वनयंत्रण के बारे

    में ईल्लेख ह.ै

    छठी ऄनुसूची: आसमें ऄसम, मेघालय, वत्रपुरा, वमजोरम राज्यों के जनजावत क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में

    प्रािधान ह.ै

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    सांतिी ऄनुसूची: आसमें कें द्र एिं राज्यों के बीच शवक्तयों के बंटिारे के बारे में बताया गया ह,ै आसके ऄन्तगता

    तीन सूवचयााँ ह-ै संघ सूची, राज्य सूची एिं समिती सूची:

    (1) संघ सूची: आस सूची में कदए गए विषय पर कें द्र सरकार कानून बनाती ह.ै संविधान के लागू होन ेके

    समय आसमें 97 विषय थ,े ितामान समय में आसमें 98 विषय हैं.

    (2) राज्य सूची: आस सूची में कदए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती ह.ै राष्ट्रीय वहत स ेसंबंवधत

    होन ेपर कें द्र सरकार भी कानून बना सकती ह.ै संविधान के लागू होन ेके समय आसके ऄन्तगात 66 विषय थ,े

    ितामान समय में आसमें 62 विषय हैं.

    (3) समिती सूची: आसके ऄन्तगात कदए गए विषय पर कें द्र एिं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं.

    परंत ुकानून के विषय समान होन ेपर कें द्र सरकार कें द्र सरकार िारा बनाया गया कानून ही मान्य होता ह.ै

    राज्य सरकार िारा बनाया गया कानून कें द्र सरकार के कानून बनान ेके साथ ही समाप्त हो जाता ह.ै

    संविधान के लागू होन ेके समय समिती सूची में 47 विषय थ,े ितामान समय में आसमें 52 विषय हैं.

    अठिीं ऄनुसूची: आसमें भारत की 22 भाषाओाँ का ईल्लेख ककया गया ह.ै मूल रूप स ेअंठिीं ऄनुसूची में 14

    भाषाए ंथीं, 1967 इ० में ससधी को और 1992 इ० में कोंकणी, मवणपुरी तथा नेपाली को अंठिीं ऄनुसूची में

    शावमल ककया गया. 2004 इ० में मैवथली, संथाली, डोगरी एिं बोडो को अंठिीं ऄनुसूची में शावमल ककया

    गया.

    नौिीं ऄनुसूची: संविधान में यह ऄनुसूची प्रथम संविधान संशोधन ऄवधवनयम, 1951 के िारा जोड़ी गइ.

    आसके ऄंतगात राज्य िारा संपवत्त के ऄवधग्रहण की विवधयों का ईल्लेख ककया गया ह.ै आन ऄनुसूची में

    सवममवलत विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती ह.ै ितामान में आस ऄनुसूची में 284

    ऄवधवनयम हैं.

    नोट: ऄब तक यह मान्यता थी कक नौिीं ऄनुसूची में सवममवलत कानूनों की न्यावयक समीक्षा नहीं की जा

    सकती. 11 जनिरी, 2007 के संविधान पीठ के एक वनणाय िारा यह स्थावपत ककया गया कक नौिीं ऄनुसूची

    में सवममवलत ककसी भी कानून को आस अधार पर चुनौती दी जा सकती ह ैकक िह मौवलक ऄवधकारों का

    ईल्लंघन करता ह ैतथा ईच्चतम न्यायालय आन कानूनों की समीक्षा कर सकता ह.ै

    दसिीं ऄनुसूची: यह संविधान में 52िें संशोधन, 1985 के िारा जोड़ी गइ ह.ै आसमें दल-बदल स ेसंबंवधत

    प्रािधानों का ईल्लेख ह.ै

    ग्यारहिीं ऄनुसूची: यह ऄनुसूची संविधान में 73िें संिैधावनक संशोधन (1993) के िारा जोड़ी गइ ह.ै आसमें

    पंचायतीराज संस्थाओं को काया करन ेके वलए 29 विषय प्रदान ककए गए हैं.

  • [5 ]

    बारहिीं ऄनुसूची: यह ऄनुसूची 74िें संिैधावनक संशोधन (1993) के िारा जोड़ी गइ ह ैआसमें शहरी क्षेत्र

    की स्थानीय स्िशासन संस्थाओं को काया करन ेके वलय 18 विषय प्रदान ककए गए हैं|

    भारतीय संविधान 22 भागों में विभवजत ह ैतथा आसमे 395 ऄनुच्छेद एिं 12 ऄनुसूवचया ंह ै।

    भारतीय संविधान के भाग

    भाग/part विषय/ subject ऄनुच्छेद/article

    Part/भाग I Union and its territories

    संघ और ईसके क्षेत्र article /ऄनुच्छेद 1-4

    Part/भाग II Citizenship

    नागररकता article /ऄनुच्छेद 5-11

    Part/भाग III Fundamental right

    मूलभूत ऄवधकार article /ऄनुच्छेद 12 - 35

    Part/भाग IV Directive Principles of state

    राज्य के नीवत वनदशेक तत्ि article /ऄनुच्छेद 36 - 51

    Part/भाग IVA Fundamental Duties

    मूल कताव्य article /ऄनुच्छेद 51A

    Part/भाग V Union संघ article /ऄनुच्छेद 52-151

    Part/भाग VI State राज्य article /ऄनुच्छेद 152 -237

    Part/भाग VII Repealed by Const. (7th Amendment) Act, 1956

    संविधान (सातिााँ संशोधन) ऄवधवनयम, 1956 िारा वनरवसत

    Part/भाग VIII The Union Territories

    संघ राज्य क्षेत्र article /ऄनुच्छेद 239-242

    Part/भाग IX The Panchayats

    पंचायत article /ऄनुच्छेद 243- 243O

    Part/भाग IXA The Muncipalities

    नगरपावलकाए ंarticle /ऄनुच्छेद 243P - 243ZG

    Part/भाग X The Scheduled and Tribal

    Areas article /ऄनुच्छेद 244 - 244A

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    भाग/part विषय/ subject ऄनुच्छेद/article

    ऄनुसूवचत और जनजावत क्षेत्र

    Part/भाग XI

    Relations between the Union

    and the States

    संघ और राज्यों के बीच संबंध

    article /ऄनुच्छेद 245 - 263

    Part/भाग XII

    Finance, Property, Contracts

    and Suits

    वित्त, संपवत्त, संविदाए ंऔर िाद

    article /ऄनुच्छेद 264 -300A

    Part/भाग XIII

    Trade, Commerce and

    Intercourse within the

    Territory of India

    भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर

    व्यापार, िावणज्य और समागम

    article /ऄनुच्छेद 301 - 307

    Part/भाग XIV

    Services under the Union

    and the States/

    संघ और राज्यों के ऄधीन सेिाए ं

    article /ऄनुच्छेद 308 -323

    Part/भाग XIVA Tribunals/ ऄवधकरण article /ऄनुच्छेद 323A - 323B

    Part/भाग XV Elections /वनिााचन article /ऄनुच्छेद 324 -329A

    Part/भाग XVI

    Special provisions relating to

    certain classes

    कुछ िगों के वलए विशेष ईपबंध

    संबंध

    article /ऄनुच्छेद 330- 342

    Part/भाग XVII Official Language /राजभाषा article /ऄनुच्छेद 343- 351

    Part/भाग XVIII Emergency Provisions अपात

    ईपबंध article /ऄनुच्छेद 352 - 360

    Part/भाग XIX Miscellaneous /प्रकीणा article /ऄनुच्छेद 361 -367

    Part/भाग XX Amendment of the article /ऄनुच्छेद 368

  • [7 ]

    भाग/part विषय/ subject ऄनुच्छेद/article

    Constitution

    संविधान के संशोधन

    Part/भाग XXI

    Temporary, Transitional and

    Special Provisions

    ऄस्थाइ संिमणकालीन और

    विशेष ईपबंध

    article /ऄनुच्छेद 369 - 392

    Part/भाग XXII

    Short title, commencement,

    authoritative text in Hindi

    and repeals

    संवक्षप्त नाम, प्रारंभ, वहन्दी में

    प्रावधकृत पाठ और वनरसन

    article /ऄनुच्छेद 393 - 395

    Here is the list of 80 most important articles of the Indian Constitution:-

    1.Article No. 1:- Name and territory of the Union

    ऄनुच्छेद नंबर 1: - संघ का नाम और राज्य क्षेत्र

    2. Article No. 3:- Formation of new states and alteration of areas, boundaries or names of

    existing states

    ऄनुच्छेद नंबर 3: नए राज्यों का वनमााण और ितामान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या मौजूदा राज्यों के नामों

    में पररितान

    3. Article No. 13:- Laws inconsistent with or in derogation of the Fundamental Rights

    ऄनुच्छेद 13:-- मौवलक ऄवधकारों को ऄसंगत या ईनका ऄल्पीकरण करन ेिाली विवधयों के बारे में

    4. Article No. 14:- Equality before law

    ऄनुच्छेद न ं14:- कानून के समक्ष समानता

    http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/fundamental-rights-1434437575-1http://bit.ly/2eMY8X4

  • [8 ]

    5. Article No. 16:- Equality of opportunity in matters of public employment

    ऄनुच्छेद न ं16:- सरकारी नौकररयों में सभी को ऄिसर की समानता

    6. Article No. 17:- Abolition of untouchability

    ऄनुच्छेद 17:- ऄस्पृश्यता का ईन्मूलन

    7. Article No. 19:- Protection of certain rights regarding freedom of speech, etc.

    ऄनुच्छेद न ं19:- ―ऄवभव्यवक्त की स्ितंत्रता‖ के बारे में कुछ ऄवधकारों का संरक्षण

    8. Article No. 21:- Protection of life and personal liberty

    ऄनुच्छेद न ं21:- प्राण और दवैहक स्ितंत्रता का संरक्षण

    9. Article No. 21A:- Right to elementary education

    9. ऄनुच्छेद न.ं 21A:- प्राथवमक वशक्षा का ऄवधकार

    10. Article No. 25:- Freedom of conscience and free profession, practice and propagation of

    religion

    ऄनुच्छेद न ं25:- ऄंतरात्मा की स्ितंत्रता, मनचाहा काम और धमा के प्रचार-प्रसार की स्ितंत्रता

    11. Article No. 30:- Right of minorities to establish and administer educational institutions

    ऄनुच्छेद न ं30:- ऄल्पसंख्यकों को शैवक्षक संस्थानों को स्थावपत करन,े ईनका प्रशासन करन ेका ऄवधकार

    12. Article No. 31C:- Saving of laws giving effect to certain Directive Principles

    ऄनुच्छेद न ं31C: - कुछ वनदशेक वसद्ांतों को प्रभािी करन ेिाली विवधयों की व्याख्या

    13. Article No. 32:- Remedies for enforcement of Fundamental Rights including writs

    ऄनुच्छेद न ं32:- मौवलक ऄवधकारों को लागू के वलए ―ररट‖ सवहत ऄन्य ईपचार

    http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/directive-principles-of-state-policy-1437132636-1

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    14. Article No. 38:- State to secure a social order for the promotion of welfare of the people

    ऄनुच्छेद न ं38:- राज्य, लोगों के कल्याण को बढािा दने ेके वलए एक सामावजक व्यिस्था को बनाएगा

    15. Article No.40:- Organisation of village panchayats

    ऄनुच्छेद न.40:- ग्राम पंचायतों का संगठन

    16. Article No. 44:- Uniform Civil Code for the citizens

    ऄनुच्छेद न ं44:- नागररकों के वलए एक समान नागररक

    17. Article No. 45:- Provision for early childhood care and education to children below the

    age of 6 years.

    ऄनुच्छेद न ं45:- 6 साल स ेकम ईम्र के बच्चों के वलए ऄवनिाया वशक्षा का प्रािधान

    18. Article No. 46:- Promotion of educational and economic interests of scheduled castes,

    scheduled tribes and other weaker sections

    ऄनुच्छेद न ं46:- ऄनुसूवचत जावतयों, ऄनुसूवचत जनजावतओं और ऄन्य कमजोर िगों के शैवक्षक और

    अर्थथक वहतों को बढािा

    19. Article No. 50:- Separation of judiciary from executive

    ऄनुच्छेद न ं50:- कायापावलका स ेन्यायपावलका को ऄलग ककया जाना

    20. Article No. 51:- Promotion of international peace and security

    ऄनुच्छेद न ं51:- ऄंतरराष्ट्रीय शांवत और सुरक्षा को बढािा दनेा

    21. Article No. 51A:- Fundamental Duties

    ऄनुच्छेद स ं51A: - मौवलक कताव्य

    22. Article No. 72:- Powers of President to grant pardons, suspend, remit or commute

    sentences in certain cases

    ऄनुच्छेद न ं72:- राष्ट्रपवत की शवक्तयों जैस:े- क्षमा दनेा, सजा का वनलंबन, कुछ मामलों में सजा को कम

    करना अकद का प्रािधान

    23. Article No. 74:- Council of Ministers to aid and advice the President

    24. Article No. 76:- Attorney-General of India

    ऄनुच्छेद न ं74:- राष्ट्रपवत को सहायता और सलाह दने ेके वलए मंवत्रपररषद

    http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/why-uniform-civil-code-is-necessary-for-india-1477037384-1http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/supreme-court-of-india-1437204181-1http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/fundamental-duties-of-the-citizens-of-india-1437200063-1http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/office-of-the-president-of-india-instructions-to-electors-1342611691-1

  • [10 ]

    25. Article No. 78:- Duties of prime minister as respects the furnishing of information to

    the President, etc.

    ऄनुच्छेद न ं78:- राष्ट्रपवत को जानकारी दने ेअकद के वलए प्रधानमंत्री के कताव्य

    26. Article No. 110:- Definition of Money Bills

    ऄनुच्छेद न ं110:- धन विधेयकों की पररभाषा

    27. Article No. 112:- Annual Financial Statement (Budget)

    ऄनुच्छेद न ं112:- िार्थषक वित्तीय वििरण (बजट)

    28. Article No. 123:- Power of President to promulgate ordinances during recess of

    Parliament

    ऄनुच्छेद न ं123:- संसद के मध्यािकाश के दौरान राष्ट्रपवत की ऄध्यादशे प्रख्यावपत करन ेशवक्त

    29. Article No. 143:- Power of President to consult Supreme Court

    ऄनुच्छेद न ं143:- सुप्रीम कोटा स ेपरामशा करन ेकी राष्ट्रपवत की शवक्त

    30. Article No. 148:- Comptroller and Auditor-General of India

    ऄनुच्छेद न.ं148:- भारत के वनयंत्रक और महालेखा परीक्षक

    31. Article No. 149:- Duties and powers of the Comptroller and Auditor-General of India

    ऄनुच्छेद न ं149:- भारत के वनयंत्रक और महालेखा परीक्षक की शवक्तया ं

    32. Article No. 155:- Appointment of the Governor

    ऄनुच्छेद न ं155:- राज्यपाल की वनयुवक्त

    33. Article No. 161:- Power of Governor to grant pardons, etc., and to suspend, remit or

    commute sentences in certain cases

    ऄनुच्छेद न ं161:- क्षमा को कम करन,े टालने और वनलंवबत करन ेकी राज्यपाल की शवक्त

    34. Article No. 163:- Council of ministers to aid and advice the Governor

    http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/governor-in-indian-constitution-1437998800-1

  • [11 ]

    ऄनुच्छेद न ं163:- राज्यपाल की सहायता और सलाह के वलए मंवत्रपररषद

    35. Article No. 165:- Advocate-General of the state

    ऄनुच्छेद न ं165:- राज्य के महावधिक्ता

    Which British Laws are still used in India

    36. Article No. 167:- Duties of Chief Minister with regard to the furnishing of information

    to the Governor, etc.

    ऄनुच्छेद न ं167:- राज्यपाल को जानकारी दने ेके वलए मुख्यमंत्री के कताव्य

    37. Article No. 168:- Constitution of Legislatures in the states

    ऄनुच्छेद न ं168:- राज्यों में विधानमंडलों की व्यिस्था

    38. Article No. 169:- Abolition or creation of Legislative Councils in the states

    ऄनुच्छेद न ं169:- राज्यों में विधान पररषदों की रचना या ईन्मूलन

    39. Article No. 170:- Composition of Legislative Assemblies in the states

    ऄनुच्छेद न ं170:- राज्यों में विधान सभाओं की संरचना

    40. Article No. 171:- Composition of Legislative Councils in the states

    ऄनुच्छेद न ं171:- राज्यों में विधान पररषदों की संरचना

    41. Article No. 172:- Duration of State Legislatures

    ऄनुच्छेद न ं172:- राज्य विधानमंडलों की ऄिवध

    42. Article No. 173:- Qualification for membership of the State Legislature

  • [12 ]

    ऄनुच्छेद न ं173:- राज्य विधानमंडल की सदस्यता के वलए योग्यता

    43. Article No. 174:- Sessions of the State Legislature, prorogation and dissolution

    ऄनुच्छेद न ं174:- राज्य विधावयका का सत्र, सत्रािसान और राज्य विधावयका का विघटन

    44. Article No. 178:- Speakers and Deputy Speaker of the Legislative Assembly

    ऄनुच्छेद न ं178:- विधान सभा के स्पीकर और वडप्टी स्पीकर

    45. Article No. 194:- Powers, privileges and immunity of Advocate-General

    ऄनुच्छेद न ं194:- महावधिक्ता की शवक्तया,ं विशेषावधकार और प्रवतरोधक क्षमता (Immunity)

    46. Article No. 200:- Assent to bills by governor (including reservation for President)

    ऄनुच्छेद न ं200:- राज्यपाल िारा वबल को स्िीकृवत

    47. Article No. 202:-Annual financial statement of the State Legislature

    ऄनुच्छेद न ं202:- राज्य विधानमंडल का िार्थषक वित्तीय वििरण (राज्य बजट)

    48. Article No. 210:- Language to be used in the State Legislature

    ऄनुच्छेद न ं210:- राज्य विधानमंडल में आस्तेमाल की जान ेिाली भाषा

    49. Article No. 212:- Courts not to inquire into proceedings of the State Legislature

  • [13 ]

    ऄनुच्छेद न ं212:- न्यायालयों को राज्य विधानमंडल की कायािाही के बारे में पूछताछ करन ेका ऄवधकार

    नहीं

    50. Article No. 213:- Power of governor to promulgate ordinances during recess of the

    State Legislature

    ऄनुच्छेद न ं213:- राज्य विधानमंडल के ऄिकाश में राज्यपाल िारा ऄध्यादशे प्रख्यावपत करन ेकी शवक्त

    51. Article No. 214:- High courts for the states

    ऄनुच्छेद न ं214:- राज्यों के वलए ईच्च न्यायालयों की व्यिस्था

    52. Article No. 217:-Appointment and the conditions of the office of the judge of a High

    Court

    ऄनुच्छेद न ं217:- ईच्च न्यायालय के न्यायाधीश की वनयुवक्त की शतें

    53. Article No. 226:- Power of high courts to issue certain writs

    ऄनुच्छेद न ं226:- ईच्च न्यायालयों की ररट जारी करन ेकी शवक्त

    54. Article No. 239AA:- Special provisions with respect to Delhi

    ऄनुच्छेद न ं239AA: - कदल्ली के संबंध में विशेष ईपबंध

    55. Article No. 243B:-Constitution of Panchayats

    ऄनुच्छेद न ं243B: - पंचायतों का गठन

    56. Article No. 243C:- Composition of Panchayats

    ऄनुच्छेद स ं243C: - पंचायतों की संरचना

    57. Article No. 243G:- Powers, authority and responsibilities of Panchayats

  • [14 ]

    ऄनुच्छेद न ं243G: - पंचायतों की वजममेदाररया,ं शवक्तया ंऔर ऄवधकार

    58. Article No. 243K:- Elections to the Panchayats

    ऄनुच्छेद न ं243K: - पंचायतों के चुनाि

    59. Article No. 249:-Power of Parliament to legislate with respect to a matter in the State

    List in the national interest

    ऄनुच्छेद न ं249:- राज्य सूची के विषय के समबन्ध में राष्ट्रीय वहत में कानून बनान ेकी संसद की शवक्त

    60. Article No. 262:- Adjudication of disputes relating to waters of inter-state rivers or river

    valleys

    ऄनुच्छेद न ं262:- ऄंतर-राज्यीय नकदयों या नदी घारटयों के बारे में पानी स ेसंबंवधत वििादों का

    ऄवधवनणाय

    61. Article No. 263:- Provisions with respect to an inter-state council

    ऄनुच्छेद न ं263:- ऄंतर-राज्यीय पररषद ्के समबन्ध में प्रबंध

    62. Article No. 265:- Taxes not to be imposed save by authority of law

    ऄनुच्छेद न ं265:- कानून के प्रावधकार के वबना करों का ऄवधरोपण न ककया जाना

    63. Article No. 275:- Grants from the Union to certain states

    ऄनुच्छेद न ं275:- कुछ राज्यों को संघ स ेऄनुदान

    64. Article No. 280:- Finance Commission

  • [15 ]

    ऄनुच्छेद न ं280:- वित्त अयोग की स्थापना

    65. Article No. 300:- Suits and proceedings

    ऄनुच्छेद न ं300:- िाद और कायािावहया ं

    66. Article No. 300A:- Persons not to be deprived of property save by authority of law

    (Right to property)

    ऄनुच्छेद न ं300A: - विवध के प्रावधकार के वबना व्यवक्तयों को संपवत्त स ेिंवचत न ककया जाना (संपवत्त का

    ऄवधकार)

    67. Article No. 311:- Dismissal, removal or reduction in rank of persons employed in civil

    capacities under the Union or a state.

    ऄनुच्छेद न ं311:- संघ या ककसी राज्य के ऄधीन वसविल क्षमताओं में कायारत व्यवक्तयों के रैंक में कमी

    बखाास्तगी।

    68. Article No. 312:- All-India Services

    ऄनुच्छेद:-312:- ऄवखल भारतीय सेिाएाँ

    69. Article No. 315:- Public Service Commission for the Union and for the states

    ऄनुच्छेद न ं315:- संघ और राज्यों के वलए लोक सेिा अयोग की स्थापना

    70. Article No. 320:- Functions of Public Service Commissions

    ऄनुच्छेद न ं320:- लोक सेिा अयोगों के काया

    71. Article No. 323-A:- Administrative Tribunals

    ऄनुच्छेद न ं323-A: - प्रशासवनक न्यायावधकरण

  • [16 ]

    72. Article No. 324:- Superintendence, direction and control of elections to be vested in an

    Election Commission

    ऄनुच्छेद न ं324:- वनिााचनों के ऄधीक्षण, वनदशेन और वनयंत्रण का वनिााचन अयोग में वनवहत ककया जाना

    73. Article No. 330:- Reservation of seats for scheduled castes and scheduled tribes in the

    House of the People

    ऄनुच्छेद संख्या 330:- लोकसभा में ऄनुसूवचत जावतयों और ऄनुसूवचत जनजावतयों के वलए सीटों का

    अरक्षण

    74. Article No. 335:- Claims of Scheduled Castes and Scheduled Tribes to services and

    posts

    ऄनुच्छेद न ं335:- सेिाओं और पदों के वलए ऄनुसूवचत जावतयों और ऄनुसूवचत जनजावतयों के दािे

    75. Article No. 352:- Proclamation of Emergency (National Emergency)

    ऄनुच्छेद न ं352:- अपात की ईद्घोषणा (राष्ट्रीय अपात)

    76. Article No. 356:- Provisions in case of failure of constitutional machinery in states

    (President‘s Rule)

    ऄनुच्छेद न ं356:- राज्य में संिैधावनक मशीनरी की वििलता के मामल ेमें प्रािधान (राष्ट्रपवत शासन)

    77. Article No. 360:- Provisions as to Financial Emergency.

    ऄनुच्छेद न ं360:- वित्तीय अपातकाल के बारे में ईपबंध

    78. Article No. 365:- Effect of failure to comply with or to give effect to, directions given

    by the Union (President‘s Rule)

  • [17 ]

    ऄनुच्छेद न ं365:- संघ िारा कदए गए वनदशेों का पालन करन ेमें या ईनको प्रभािी करन ेमें ऄसिलता का

    प्रभाि (राष्ट्रपवत शासन)

    79. Article No. 368:- Power of Parliament to amend the Constitution and procedure

    therefore

    ऄनुच्छेद न ं368:- संविधान में संशोधन करन ेकी संसद की शवक्त और आसकी प्रकिया

    80. Article No. 370:- Temporary provisions with respect to the state of Jammu and Kashmir

    ऄनुच्छेद न ं370:- जममू- कश्मीर राज्य के संबंध में ऄस्थायी प्रािधान

    साधारण संशोधन

    संविधान के ऄनुच्छेद 368 में संशोधन की प्रकिया का ईल्लेख ककया गया ह.ै आसमें संशोधन की तीन

    विवधयों को ऄपनाया गया ह:ै

    (a) साधारण विवध िारा संशोधन,

    (b) संसद के विशेष बहुमत िारा,

    (c) संसद के विशेष बहुमत और राज्य के विधान-मंडलों की स्िीकृवत स ेसंशोधन.

    1. साधारण विवध िारा: संसद के साधारण बहुमत िारा पाररत विधेयक राष्ट्रपवत की स्िीकृवत वमलन ेपर

    कानून बन जाता ह.ै आसके ऄंतगात राष्ट्रपवत की पूिा ऄनुमवत वमलन ेपर वनम्न संशोधन ककए जा सकत ेहैं:

    (a) नए राज्यों का वनमााण,

    (b) राज्य क्षेत्र, सीमा और नाम में पररितान,

    (c) संविधान की नागररकता संबंधी ऄनुसूवचत क्षेत्रों और जनजावतयों की प्रशासन संबंधी तथा कें द्र िारा

    प्रशावसत क्षेत्रों की प्रशासन संबंधी व्यिस्थाए.ं

    2. विशेष बहुमत िारा संशोधन: यकद संसद के प्रत्येक सदन िारा कुल सदस्यों का बहुमत तथा ईपवस्थवत

    और मतदान में भाग लेनेिाल ेसदस्यों के 2/3 मतों स ेविधेयक पाररत हो जाए ंतो राष्ट्रपवत की स्िीकृवत

    वमलत ेही िह संशोधन संविधान का ऄंग बन जाता ह.ै न्यायपावलका तथा राज्यों के ऄवधकारों तथा

    शवक्तयों जैसी कुछ विवशष्ट बातों को छोड़कर संविधान की ऄन्य सभी व्यिस्थाओं में आसी प्रकिया के िारा

    संशोधन ककया जाता ह.ै

  • [18 ]

    3. संसद के विशेष बहुमत और राज्य के विधान-मंडलों की स्िीकृवत स ेसंशोधन: संविधान के कुछ ऄनुच्छेदों

    में संशोधन के वलए विधेयक को संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत तथा राज्यों के कुल विधान मंडलों में

    स ेअध ेिारा स्िीकृवत अिश्यक ह.ै आसके िारा ककए जान ेिाल ेसंशोधन के प्रमुख विषय हैं:

    (a) राष्ट्रपवत का वनिााचन (ऄनुच्छेद 54)

    (b) राष्ट्रपवत वनिााचन की काया-पद्वत (ऄनुच्छेद 55),

    (c) संघ की कायापावलका शवक्त का विस्तार,

    (d) राज्यों की कायापावलका शवक्त का विस्तार,

    (e) कें द्र शावसत क्षेत्रों के वलए ईच्च न्यायालय,

    (f) संघीय न्यायपावलका,

    (g) राज्यों के ईच्च न्यायालय,

    (h) संघ एिं राज्यों में विधायी संबंध,

    (i) सांतिी ऄनुसूची का कोइ विषय,

    (j) संसद में राज्यों का प्रवतवनवधत्ि,

    (k) संविधान संशोधन की प्रकिया स ेसंबंवधत ईपबंध.

    1. पहला संशोधन (1951): आसके माध्यम स ेस्ितंत्रता, समानता एिं संपवत्त स ेसंबंवधत मौवलक ऄवधकारों

    को लागू ककए जान ेसंबंधी कुछ व्यिहाररक करठनाआयों को दरू करन ेका प्रयास ककया गया. भाषण एिं

    ऄवभव्यवक्त के मूल ऄवधकारों पर आसमें ईवचत प्रवतबंध की व्यिस्था की गइ. साथ ही, आस संशोधन िारा

    संविधान में नौंिी ऄनुसूची को जोड़ा गया, वजसमें ईवल्लवखत कानूनों को सिोच्च न्यायालय के न्यावयक

    पुनर्थिलोकन की शवक्तयों के ऄंतगात परीक्षा नहीं की जा सकती ह.ै

    2. दसूरा संशोधन (1952): आसके ऄंतगात 1951 की जनगणना के अधार पर लोक सभा में प्रवतवनवधत्ि को

    पुनव्यािवस्थत ककया गया.

    3. तीसरा संशोधन (1954): ऄंतगात सातिीं ऄनुसूची को समिती सूची की 33िीं प्रविष्टी के स्थान पर

    खाद्यान्न, पशुओं के वलए चारा, कच्चा कपास, जूट अकद को रखा गया, वजसके ईत्पादन एिं अपूर्थत को

    लोकवहत में समझन ेपर सरकार ईस पर वनयंत्रण लगा सकती ह.ै

    4. चौथा संशोधन (1955): आसके ऄंतगात व्यवक्तगत संपवत्त को लोकवहत में राज्य िारा हस्तगत ककए जान े

    की वस्थवत में, न्यायालय आसकी क्षवतपूर्थत के संबंध में परीक्षा नहीं कर सकती.

    5. पांचिा संशोधन (1955): आस संशोधन में ऄनुच्छेद 3 में संशोधन ककया गया, वजसमें राष्ट्रपवत को यह

    शवक्त दी गइ कक िह राज्य विधान- मंडलों िारा ऄपन-ेऄपने राज्यों के क्षेत्र, सीमाओं अकद पर प्रभाि

    डालन ेिाली प्रस्तावित कें द्रीय विवधयों के बारे में ऄपन ेविचार भेजन ेके वलए कोइ समय-सीमा वनधााररत

    कर सकत ेहैं.

  • [19 ]

    6. छठा संशोधन (1956): आस संशोधन िारा सातिीं ऄनुसूची के संघ सूची में पररितान कर ऄंतरााज्यीय

    वबिी कर के ऄंतगात कुछ िस्तुओं पर कें द्र को कर लगान ेका ऄवधकार कदया गया ह.ै

    7. सांतिा संशोधन (1956): आस संशोधन िारा भाषीय अधार पर राज्यों का पुनगाठन ककया गया, वजसमें

    ऄगली तीन शे्रवणयों में राज्यों के िगीकरण को समाप्त करत ेहुए राज्यों एिं कें द्र शावसत प्रदशेों में ईन्हें

    विभावजत ककया गया. साथ ही, आनके ऄनुरूप कें द्र एिं राज्य की विधान पावलकाओं में सीटों को

    पुनव्यािवस्थत ककया गया.

    8. अठिा ंसंशोधन (1959): आसके ऄंतगात कें द्र एिं राज्यों के वनम्न सदनों में ऄनुसूवचत जाती, ऄनुसूवचत

    जनजावत एिं अंग्ल भारतीय समुदायों के अरक्षण संबंधी प्रािधानों को दस िषों ऄथाात 1970 तक बढा

    कदया गया.

    9. नौिीं संशोधन (1960): आसके िारा संविधान की प्रथम ऄनुसूची में पररितान करके भारत और

    पाककस्तान के बीच 1958 की संवध की शतों के ऄनुसार बेरुबारी, खुलना अकद क्षेत्र पाककस्तान को द ेकदए

    गए.

    10. दसिां संशोधन (1961): आसके ऄंतगात भूतपूिा पुतागाली ऄंतः क्षेत्रों दादर एिं नगर हिेली को भारत में

    शावमल कर ईन्हें कें द्र शावसत प्रदशे का दजाा द ेकदया गया.

    11. 11िा ंसंशोधन (1962): आसके ऄंतगात ईपराष्ट्रपवत के वनिााचन के प्रािधानों में पररितान कर, आस

    सन्दभा में दोनों सदनों के संयुक्त ऄवधिेशन को बुलाया गया. साथ ही यह भी वनधााररत की वनिााचक मंडल

    में पद की ररक्तता के अधार पर राष्ट्रपवत या ईपराष्ट्रपवत के वनिााचन को चुनौती नहीं दी जा सकती.

    12. 12िा ंसंशोधन (1962): आसके ऄंतगात संविधान की प्रथम ऄनुसूची में संशोधन कर गोिा, दमन एिं

    दीि को भारत में कें द्रशावसत प्रदशे के रूप में शावमल कर वलया गया.

    13. 13िा ंसंशोधन (1962): आसके ऄंतगात नागालैंड के संबंध में विशेष प्रािधान ऄपनाकर ईस ेएक राज्य

    का दजाा द ेकदया गया.

    14. 14िा ंसंशोधन (1963): आसके िारा कें द्र शावसत प्रदशे के रूप में पुदचुेरी को भारत में शावमल ककया

    गया. साथ ही आसके िारा वहमाचल प्रदशे, मवणपुर, वत्रपुरा, गोिा, दमन और दीि तथा पुदचुेरी कें द्र शावसत

    प्रदशेों में विधान पावलका एिं मंवत्रपररषद की स्थापना की गइ.

    15. 15िा ंसंशोधन (1963): आसके ऄंतगात ईच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेिामुवक्त की अय ु60 स े

    बढाकर 62 िषा कर दी गइ तथा ऄिकाश प्राप्त न्यायाधीशों की ईच्च न्यायालय में वनयुवक्त स ेसबंवधत

    प्रािधान बनाए गए.

    16. 16िा ंसंशोधन (1963): आसके िारा दशे की संप्रभुता एिं ऄखंडता के वहत में मूल ऄवधकारों पर कुछ

    प्रवतबंध लगान ेके प्रािधान रखे गए साथ ही तीसरी ऄनुसूची में भी पररितान कर शपथ ग्रहण के ऄंतगात 'मैं

    भारत की स्ितंत्रता एिं ऄखंडता को बनाए रखंूगा' जोड़ा गया.

  • [20 ]

    17. 17िा ंसंशोधन (1964): आसमें संपवत्त के ऄवधकारों में और भी संशोधन करत ेहुए कुछ ऄन्य भूवम सुधार

    प्रािधानों को नौिीं ऄनुसूची में रखा गया, वजनकी िैधता परीक्षा सिोच्च न्यायालय िारा नहीं की जा

    सकती थी.

    18. 18िा ंसंशोधन (1966): आसके ऄंतगात पंजाब का भाषीय अधार पर पुनगाठन करत ेहुए पंजाबी भाषी

    क्षेत्र को पंजाब एिं सहदी भाषी क्षेत्र को हररयाणा के रूप में गरठत ककया गया. पिातीय क्षेत्र वहमाचल प्रदशे

    को द ेकदए गए तथा चंडीगढ को कें द्र शावसत प्रदशे बनाया गया.

    19. 19िा ंसंशोधन (1966): आसके ऄंतगात चुनाि अयोग के ऄवधकारों में पररितान ककया गया एिं ईच्च

    न्यायालयों को चुनाि यावचकाए ंसुनन ेका ऄवधकार कदया गया.

    20. 20िा ंसंशोधन (1966): आसके ऄंतगात ऄवनयवमतता के अधार पर वनयुक्त कुछ वजला न्यायाधीशों की

    वनयुवक्त को िैधता प्रदान की गइ.

    21. 21िा ंसंशोधन (1967): आसके िारा ससधी भाषा को संविधान की अठिीं ऄनुसूची के ऄंतगात पंद्रहिीं

    भाषा के रूप में शावमल ककया गया.

    22. 22िा ंसंशोधन (1969): आसके िारा ऄसम स ेऄलग करके एक नया राज्य मेघालय बनाया गया.

    23. 23िा ंसंशोधन (1969): आसके ऄंतगात विधान पावलकाओं में ऄनुसूवचत जाती एिं ऄनुसूवचत जनजावत

    के अरक्षण एिं अंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का मनोनयन और दस िषों के वलए बढा कदया गया.

    24. 24िा ंसंशोधन (1971): आस संशोधन के ऄंतगात संसद की आस शवक्त को स्पष्ट ककया गया की िह

    संशोधन के ककसी भी भाग को, वजसमें भाग तीन के ऄंतगात अन ेिाल ेमूल ऄवधकार भी हैं संशोधन कर

    सकती ह ै,साथ ही यह भी वनधााररत ककया गया कक संशोधन संबंधी विधेयक जब दोनों सदनों स ेपाररत

    होकर राष्ट्रपवत के समक्ष जाएगा तो आस पर राष्ट्रपवत िारा संपवत्त कदया जाना बाध्यकारी होगा.

    25. 26िा ंसंशोधन (1971): आसके ऄंतगात भूतपूिा दशेी राज्यों के शासकों की विशेष ईपावधयों एिं ईनके

    वप्रिी पसा को समाप्त कर कदया गया.

    26. 27िा ंसंशोधन (1971): आसके ऄंतगात वमजोरम एिं ऄरुणाचल प्रदशे को कें द्र शावसत प्रदशेों के में

    स्थावपत ककया गया.

    27. 29िा ंसंशोधन (1972): आसके ऄंतगात केरल भ-ूसुधार (संशोधन) ऄवधवनयम, 1969 तथा केरल भ-ू

    सुधार (संशोधन) ऄवधवनयम, 1971 को संविधान की नौिीं ऄनुसूची में रख कदया गया, वजसस ेआसकी

    संिैधावनक िैधता को न्यायालय में चुनौती न दी जा सके.

    28. 31िा ंसंशोधन (1973): आसके िारा लोक सभा के सदस्यों की संख्या 525 स े545 कर दी गइ तथा कें द्र

    शावसत प्रदशेों का प्रवतवनवधत्ि 25 स ेघटकर 20 कर कदया गया.

    29. 32िा ंसंशोधन (1974): संसद एिं विधान पावलकाओं के सदस्य िारा दबाि में या जबरदस्ती ककए

    जान ेपर आस्तीिा दनेा ऄिैध घोवषत ककया गया एिं ऄध्यक्ष को यह ऄवधकार ह ैकक िह वसिा स्िेच्छा स े

    कदए गए एिं ईवचत त्यागपत्र को ही स्िीकार करे.

  • [21 ]

    29. 34िा ंसंशोधन (1974): आसके ऄंतगात विवभन्न राज्यों िारा पाररत बीस भ ूसुधार ऄवधवनयमों को

    नौिीं ऄनुसूची में प्रिेश दते ेहुए ईन्हें न्यायालय िारा संिैधावनक िैधता के परीक्षण स ेमुक्त ककया गया.

    30. 35िा ंसंशोधन (1974): आसके ऄंतगात वसकिम का सरंवक्षत राज्यों का दजाा समाप्त कर ईस ेसंबंद् राज्य

    के रूप में भारत में प्रिेश कदया गया.

    31. 36िा ंसंशोधन (1975): आसके ऄंतगात वसकिम को भारत का बाआसिा ंराज्य बनाया गया.

    32. 37िा ंसंशोधन (1975): आसके तहत अपात वस्थवत की घोषणा और राष्ट्रपवत, राजयपाल एिं कें द्र

    शावसत प्रदशेों के प्रशासवनक प्रधानों िारा ऄध्यादशे जारी ककए जान ेको ऄवििाकदत बनात ेहुए न्यावयक

    पुनर्थिचार स ेईन्हें मुक्त रखा गया.

    33. 39िा ंसंशोधन (1975): आसके िारा राष्ट्रपवत, ईपराष्ट्रपवत, प्रधानमंत्री एिं लोक सभाध्यक्ष के वनिााचन

    संबंधी वििादों को न्यावयक परीक्षण स ेमुक्त कर कदया गया.

    34. 41िा ंसंशोधन (1976): आसके िारा राज्य लोकसेिा अयोग के सदस्यों की सेिा मुवक्त की अय ुसीमा

    60 िषा कर दी गइ, पर संघ लोक सेिा अयोग के सदस्यों की सेिा वनिृवत की ऄवधकतम अय ु65 िषा रहन े

    दी गइ.

    35. 42िा ंसंशोधन (1976): आसके िारा संविधान में व्यापक पररितान लाए गए, वजनमें स ेमुख्य

    वनवमलवखत थ.े

    (क) संविधान की प्रस्तािना में 'समाजिादी' 'धमावनरपेक्ष' एिं 'एकता और ऄखंडता' अकद शब्द जोड़ ेगए.

    (ख) सभी नीवत वनदशेक वसद्ांतो को मूल ऄवधकारों पर सिोच्चता सुवनवित की गइ.

    (ग) आसके ऄंतगात संविधान में दस मौवलक कताव्यों को ऄनुच्छेद 51(क), (भाग-iv क) के ऄंतगात जोड़ा गया.

    (घ) आसके िारा संविधान को न्यावयक परीक्षण स ेमुख्यत ककया गया.

    (ङ) सभी विधान सभाओं एिं लोक सभा की सीटों की संख्या को आस शताब्दी के ऄंत तक के वस्थर कर कदया

    गया.

    (च) लोक सभा एिं विधान सभाओं की ऄिवध को पांच स ेछह िषा कर कदया गया,

    (छ) आसके िारा यह वनधााररत ककया गया की ककसी कें द्रीय कानून की िैधता पर सिोच्च न्यायालय एिं

    राज्य के कानून की िैधता का ईच्च न्यायालय पररक्षण करेगा. साथ ही, यह भी वनधााररत ककया गया कक

    ककसी संिैधावनक िैधता के प्रश्न पर पांच स ेऄवधक न्यायधीशों की बेंच िारा दी वतहाइ बहुमत स ेवनणाय

    कदया जाना चावहए और यकद न्यायाधीशों की संख्या पांच तक हो तो वनणाय सिासममवत स ेहोना चावहए.

    (ज) आसके िारा िन संपदा, वशक्षा, जनसंख्या- वनयंत्रण अकद विषयों को राज्य सूवच स ेसमिती सूची के

    ऄंतगात कर कदया गया.

    (झ) आसके ऄंतगात वनधााररत ककया गया कक राष्ट्रपवत मंवत्रपररषद एिं ईसके प्रमुख प्रधानमंत्री की सलाह के

    ऄनुसार काया करेगा.

  • [22 ]

    (ट) आसन ेसंसद को राष्ट्रविरोधी गवतविवधयों स ेवनपटन ेके वलए कानून बनान ेके ऄवधकार कदए एिं

    सिोच्चता स्थावपत की.

    36. 44िा ंसंशोधन (1978): आसके ऄंतगात राष्ट्रीय अपात वस्थवत लागु करन ेके वलए अंतररक ऄशांवत के

    स्थान पर सैन्य विद्रोह का अधार रखा गया एिं अपात वस्थवत संबंधी ऄन्य प्रािधानों में पररितान लाया

    गया, वजसस ेईनका दरुुपयोग न हो. आसके िारा संपवत्त के ऄवधकार को मौवलक ऄवधकारों के भाग स ेहटा

    कर विधेयक (क़ानूनी) ऄवधकारों की शे्रणी में रख कदया गया. लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं की

    ऄिवध 6 िषा स ेघटाकर पुनः 5 िषा कर दी गइ. ईच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपवत तथा ईपराष्ट्रपवत के

    वनिााचन संबंधी वििाद को हल करन ेकी ऄवधकाररता प्रदान की गइ.

    37. 50िा ंसंशोधन (1984): आसके िारा ऄनुच्छेद 33 में संशोधन कर सैन्य सेिाओं की पूरक सेिाओं में काया

    करन ेिालों के वलए अिश्यक सूचनाए ंएकवत्रत करन,े दशे की संपवत्त की रक्षा करन ेऔर कानून तथा

    व्यिस्था स ेसंबंवधत दावयत्ि भी कदए गए. साथ ही, आस सेिाओं िारा ईवचत कताव्यपालन हते ुसंसद को

    कानून बनान ेके ऄवधकार भी कदए गए.

    38. 52िा ंसंशोधन (1985): आस संशोधन के िारा राजवनवतक दल बदल पर ऄंकुश लगान ेका लक्ष्य रखा

    गया. आसके ऄंतगात संसद या विधान मंडलों के ईन सदस्यों को अयोग्य गोश्त कर कदया जाएगा, जो आस

    दल को छोड़त ेहैं वजसके चुनाि वचन्ह पर ईन्होंन ेचुनाि लड़ा था, पर यकद ककसी दल की संसदीय पाटी के

    एक वतहाइ सदस्य ऄलग दल बनाना चाहत ेहैं तो ईन पर ऄयोग्यता लागू नहीं होगी। दल बदल विरोधी

    आन प्रािधानों को संविधान की दसिीं ऄनुसूची के ऄंतगात रखा गया.

    39. 53िा ंसंशोधन (1986): आसके ऄंतगात ऄनुच्छेद 371 में खंड 'जी' जोड़कर वमजोरम को राज्य का दजाा

    कदया गया.

    40. 54िा ंसंशोधन (1986): आसके िारा संविधान की दसूरी ऄनुसूची के भाग 'डी' में संशोधन कर

    न्यायाधीशों के िेतन में िृवद् का ऄवधकार संसद को कदया गया.

    41. 55िा ंसंशोधन (1986): आसके ऄंतगात ऄरुणाचल प्रदशे को राज्य बनाया गया.

    42. 56िा ंसंशोधन (1987): आसके ऄंतगात गोिा को एक राज्य का दजाा कदया गया तथा दमन और दीि को

    कें द्रशावसत प्रदशे के रूप में ही रहन ेकदया गया.

    43. 57िा ंसंशोधन (1987): आसके ऄंतगात ऄनुसवचत जनजावतयों के अरक्षण के संबंध में मेघालय,

    वमजोरम, नागालैंड एिं ऄरुणाचल प्रदशे की विधान सभा सीटों का पररसीमन आस शताब्दी के ऄंत तक के

    वलए ककया गया.

    44. 58िा ंसंशोधन (1987): आसके िारा राष्ट्रपवत को संविधान का प्रामावणक सहदी संस्करण प्रकावशत करन े

    के वलए ऄवधकृत ककया गया.

    45. 60िा ंसंशोधन (1988): आसके ऄंतगात व्यिसाय कर की सीमा 250 रुपय ेस ेबढाकर 2500 रुपय ेप्रवत

    व्यवक्त प्रवत िषा कर दी गइ.

  • [23 ]

    46. 61िा ंसंशोधन (1989): आसके िारा मतदान के वलए अय ुसीमा 21 िषा स ेघटाकर 18 लेन का प्रस्ताि

    था.

    47. 65िा ंसंशोधन (1990): आसके िारा ऄनुच्छेद 338 में संशोधन करके ऄनुसूवचत जावत तथा जनजावत

    अयोग के गठन की व्यिस्था की गइ ह.ै

    48. 69िा ंसंशोधन (1991): कदल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाया गया तथा कदल्ली संघ राज्य क्षेत्र के

    वलए विधान सभा और मंवत्रपररषद का ईपबंध ककया गया.

    49. 70िा ंसंशोधन (1992): कदल्ली और पुदचुेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के सदस्यों को

    राष्ट्रपवत के वलए वनिााचक मंडल में सवममवलत ककया गया.

    50. 71िा ंसंशोधन (1992): अठिीं ऄनुसूची में कोंकणी, मवणपुरी और नेपाली भाषा को सवममवलत ककया

    गया.

    51. 73िा ंसंशोधन (1992-93): आसके ऄंतगात संविधान में ग्याहरिीं ऄनुसूची जोड़ी गइ. आसके पंचायती

    राज संबंधी प्रािधानों को सवममवलत ककया गया ह.ै

    52. 74िा ंसंशोधन(1993): आसके ऄंतगात संविधान में बारहिीं ऄनुसूची शावमल की गइ, वजसमें

    नगरपावलका, नगर वनगम और नगर पररषदों स ेसंबंवधत प्रािधान ककए गए हैं.

    53. 76िा ंसंशोधन (1994): आस संशोधन ऄवधवनयम िारा संविधान की निीं ऄनुसूची में संशोधन ककया

    गया ह ैऔर तवमल नाडु सरकार िारा पाररत वपछड़ ेिगों के वलए सरकारी नौकररयों में 69 प्रवतशत

    अरक्षण का ईपबंध करन ेिाली ऄवधवनयम को निीं ऄनुसूची में शावमल कर कदया गया ह.ै

    54. 78िा ंसंशोधन (1995): आसके िारा निीं ऄनुसूची में विवभन्न राज्यों िारा पाररत 27 भूवम सुधर

    विवधयों को समाविष्ट ककया गया ह.ै आस प्रकार निीं ऄनुसूची में सवममवलत ऄवधवनयमों की कुल संख्या 284

    हो गइ ह.ै

    55. 79िा ंसंशोधन (1999): ऄनुसूवचत जावतयों और ऄनुसूवचत जनजावतयों के वलए अरक्षण की ऄिवध

    25 जनिरी 2010 तक के वलए बढा दी गइ ह.ै आस संशोधन के माध्यम स ेव्यिस्था की गइ कक ऄब राज्यों को

    प्रत्यक्ष कें द्रीय करों स ेप्राप्त कुल धनरावश का 29 % वहस्सा वमलेगा.

    56. 82िा ंसंशोधन (2000): आस संशोधन के िारा राज्यों को सरकारी नौकररयों स ेअरवक्षत ररक्त स्थानों

    की भती हते ुप्रोन्नवत के मामलों में ऄनुसूवचत जावतयों और ऄनुसूवचत जनजावतयों के ऄभ्यर्थथयों के वलए

    न्यूनतम प्राप्ताकों में छूट प्रदान करन ेकी ऄनुमवत प्रदान की गइ ह.ै

    57. 83िा ंसंशोधन (2000): आस संशोधन िारा पंचायती राज सस्थाओं में ऄनुसूवचत जावत के वलए

    अरक्षण का प्रािधान न करन ेकी छूट प्रदान की गइ ह.ै ऄरुणाचल प्रदशे में कोइ भी ऄनुसूवचत जावत न होन े

    के कारन ईस ेयह छूट प्रदान की गइ ह.ै

    58. 84िा ंसंशोधन (2001): आस संशोधन ऄवधवनयम िारा लोक सभा तथा विधान सभाओं की सीटों की

    संख्या में िषा 2016 तक कोइ पररितान न करन ेका प्रािधान ककया गया ह.ै

  • [24 ]

    59. 85िा ंसंशोधन (2001): सरकारी सेिाओं में ऄनुसूवचत जावत जनजावत के ऄभ्यर्थथयों के वलए पदोन्नवत

    में अरक्षण की व्यिस्था.

    60. 86िा ंसंशोधन (2002): आस संशोधन ऄवधवनयम िारा दशे के 6 स े14 िषा तक के बच्चों के वलए

    ऄवनिाया एिं वनःशुल्क वशक्षा को मौवलक ऄवधकार के रूप में मान्यता दने ेसंबंधी प्रािधान ककया गया ह,ै

    आस ेऄनुच्छेद 21 (क) के ऄंतगात संविधान जोड़ा गया ह.ै आस ऄवधवनयम िारा संविधान के ऄनुच्छेद 51 (क)

    में संशोधन ककए जान ेका प्रािधान ह.ै

    61. 87िा ंसंशोधन (2003): पररसीमन में संख्या का अधार 1991 की जनगणना के स्थान पर 2001 कर दी

    गइ ह.ै

    62. 88िा ंसंशोधन (2003): सेिाओं पर कर का प्रािधान

    63. 89िा ंसंशोधन (2003): ऄनुसूवचत जनजावत के वलए पृथक राष्ट्रीय अयोग की स्थापना की व्यिस्था.

    64. 90िा ंसंशोधन (2003): ऄसम विधान सभा में ऄनुसूवचत जनजावतयों और गैर ऄनुसूवचत जनजावतयों

    का प्रवतवनवधत्ि बरक़रार रखत ेहुए बोडोलैंड, टेररटोररयल कौंवसल क्षेत्र, गैर जनजावत के लोगों के

    ऄवधकारों की सुरक्षा.

    65. 91िा ंसंशोधन (2003): दल बदल व्यिस्था में संशोधन, केिल समपूणा दल के विलय को मान्यता, कें द्र

    तथा राज्य में मंवत्रपररषद के सदस्य संख्या िमशः लोक सभा तथा विधान सभा की सदस्य संख्या का 15

    प्रवतशत होगा (जहा ंसदन की सदस्य संख्या 40-50 ह,ै िहा ंऄवधकतम 12 होगी).

    66. 92िा ंसंशोधन (2003): संविधान की अंठिीं ऄनुसूची में बोडो, डोगरी, मैथली और संथाली भाषाओाँ

    का समािेश.

    67. 93िां संशोधन (2006): वशक्षा संस्थानों में ऄनुसूवचत जावत/ जनजावत और ऄन्य वपछड़ ेिगों के

    नागररकों के दावखल ेके वलए सीटों के अरक्षण की व्यिस्था, संविधान के ऄनुच्छेद 15 की धरा 4 के

    प्रािधानों के तहत की गइ ह.ै

  • [25 ]

    Which of the following statement is not correct about Governor.

    राज्यपाल के बारे में वनम्नवलवखत में स ेकौन सा कथन सही नहीं ह।ै

    a) A person can be appointed as Governor for two more states.

    एक व्यवक्त को दो और राज्यों के वलए राज्यपाल के रूप में वनयुक्त ककया जा सकता ह।ै

    b) Governor can be transferred from one state to another during their tenure

    राज्यपाल को ईनके कायाकाल के दौरान एक राज्य स ेदसूरे राज्य में स्थानांतररत ककया जा सकता ह ै

    c) President appoints Governor by warrant, under his hand and seal.

    राष्ट्रपवत ऄपन ेहाथ और मुहर के तहत, िारंट िारा राज्यपाल की वनयुवक्त करता ह।ै

    d) Minimum age required for person to become Governor of a state is 30 years.

    ककसी राज्य के राज्यपाल बनन ेके वलए व्यवक्त की न्यूनतम अय ु30 िषा ह।ै

    The constitution does not have the provision to impeach-

    संविधान में महावभयोग का प्रािधान नहीं ह-ै

    a) Chief Justice of Supreme Court / सुप्रीम कोटा के मुख्य न्यायाधीश

    b) Chief Justice of Any High Court / ककसी भी ईच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

    c) Governor / राज्यपाल

    d) President / राष्ट्रपवत

    The money bill can be presented in the state assembly with prior authorization of-

    धन विधेयक राज्य विधानसभा में पूिा प्रावधकरण के साथ प्रस्तुत ककया जा सकता ह-ै

    a) Governor of the State / राज्य का राज्यपाल

    b) Chief Minister of the State / राज्य के मुख्यमंत्री

    c) Speaker of the Assembly / विधानसभा ऄध्यक्ष

    d) Finance Minister of the State / राज्य के वित्त मंत्री

  • [26 ]

    The Chief Minister of appointed by-

    िारा वनयुक्त मुख्यमंत्री-

    a) Governor / राज्यपाल

    b) President / राष्ट्रपवत

    c) Chef Justice of Supermen Court / सुपरमैन कोटा के शेि जवस्टस

    d) Chief Justice of High Court / ईच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

    Who uses the real Executionary Powers of State-

    राज्य की िास्तविक कायाकारी शवक्तयों का ईपयोग कौन करता ह-ै

    a) Chief Minster / मुख्यमंत्री

    b) Council of Ministers / मंवत्रपररषद

    c) Governor / राज्यपाल

    d) Chief Justice of High Court / ईच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

    In which of the following matters, Governor can make recommendations to president-

    वनम्नवलवखत में स ेककस मामल ेमें, राज्यपाल राष्ट्रपवत को वसिाररशें कर सकत ेहैं-

    1. Dismissal of Council of Ministers / मंवत्रपररषद का विघटन

    2. Suspension of Judges of High Court / ईच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वनलंबन

    3. Dissolution of State Assembly. / राज्य विधानसभा का विघटन

    4. Declaration of failure of Constitutional Machinery in State / राज्य में संिैधावनक मशीनरी की

    वििलता की घोषणा

    a) 2, 3 and 4

    b) 1, 2 and 4

    c) 1, 2 and 3

    d) 1, 3 and 4

  • [27 ]

    In which State does the Governor nominate woman to the Assembly?

    राज्यपाल ककस राज्य में मवहला को विधानसभा में नावमत करता ह?ै

    a) Jammu & Kashmir / जममू और कश्मीर

    b) Sikkim / वसकिम

    c) Manipur / मवणपुर

    d) Nagaland / नागालैंड

    Which of the following state had never a Lady Chief Minister-

    वनम्नवलवखत में स ेककस राज्य में कभी कोइ लेडी मुख्यमंत्री नहीं थी-

    a) Tamil Nadu / तवमलनाडु

    b) Rajasthan / राजस्थान

    c) Uttar Pradesh / ईत्तर प्रदशे

    d) Maharashtra / महाराष्ट्र

    State Highways are maintained by-

    राज्य राजमागों का रखरखाि ककसके िारा ककया जाता ह?ै

    a) Centre and state governments jointly / कें द्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप स े

    b) Private companies preferred by state government / राज्य सरकार िारा पसंद की जान ेिाली

    वनजी कंपवनया ं

    c) Individual state / व्यवक्तगत वस्थवत

    d) Central government / कें द्र सरकार

  • [28 ]

    Who works as the chairman of State Planning Board-

    राज्य योजना बोडा के ऄध्यक्ष के रूप में कौन काम करता ह-ै

    a) Governor / राज्यपाल

    b) Chief Minister / मुख्यमंत्री

    c) Leader of Opposition / विपक्ष का नेता

    d) Speaker / स्पीकर

    The ordinance by the Governor are subject to approval of-

    राज्यपाल िारा ऄध्यादशे की मंजूरी के ऄधीन हैं-

    a) President / राष्ट्रपवत

    b) State Legislature / राज्य विधानमंडल

    c) Council of Ministers of State / राज्य मंवत्रयों की पररषद

    d) Parliament / संसद

    The ordinance by Governor will be valid in case or nom-approval in State Legislature for a

    period of-

    राज्यपाल िारा ऄध्यादशे मामले में िैध होगा या राज्य विधानमंडल में नामांकन-की ऄिवध के वलए-

    a) President / राष्ट्रपवत

    b) State Legislature / रा�