Transcript
  • 1

    1 समएुलमसुिन्नफ़ की पहचानयह िकताब एक का दावा पशे नहीं करती िकसी तरह समएुल ने

    इसे िलखा हो और यकीनी तौर से मा’लूमात फ़राहम की हो क्यंूिक1 समएुल 1:1 — 24:22, में जो उसकी िज़न्दगी की कहानी है औरतरक्की व नशोनमुा की बाबत खदु के आलावा िकसी को मालूमनहीं था — यह बहतु ही ममुिकन है िक समएुल नबी इस िकताब केकुछ िहस्से खदु ही िलखे हों — 1 समएुल के िलए दीगर ममुिकनमजु्मूनं िनगार नबी या तािरख्दान नातन और जाद भी हो सकते हैं(1 तवारीख 29:29)।

    िलखे जाने की तारीख़ और जगहइस के तसनीफ़ की तारीख़ तक़रीबन 1050 - 722क़बल मसीह

    ह।ैमसुिन्नफ़ ने इस िकताब को इस्राईल और यहूिदया के बीच

    हकूुमतकी तक़सीम के बाद िलखा यह बात साफ़ है क्यंूिक इस्राईलऔर यहूिदया की बाबत कई एक हवालाजात को फरक फरक नामिदए गए हैं— (1समएुल 11:8; 17:52; 18:16) (2समएुल 5:5; 11:11;12:8; 19:42-43; 24:1,9)।

    क़बूल कुिनन्दा पाने वालेइस िकताब के असली कािरईन तकसीम शदु:इसराइल और

    यहूिदया के अरकान थे िजन्हें जायज़ क़रार दनेे पर और दाउदके शाही िसलिसले के िलए एक इलाही ज़ािहरी तनासबु की ज़रुरतथी।

    असल मक़सूद

  • 1 समएुल 1:1 2 1 समएुल 1:5पहला समएुल बनी इजराइल की तारीख़ को कनान के मलु्क में

    कािजयों की हकुुमरानी से बादशाहों के मातहत एक मतु्तिहद कौमकी तरफ़ होने को कलमबंद करती है — समएुल आखरी क़ाज़ीबतौर ज़हूर में आता है और बनी इस्राएल के पहले दो बादशाहोंयानी साउल और दाउद का मसाह करता ह।ै

    मौज़’अतबद्दलु हालात या कैिफ़यात मे।ं

    बरैूनी ख़ाका1. समएुल की िज़न्दगी और उसकी िख़दमत — 1:1-8:222. इस्राईल का पहला बादशाह बतौर साऊल की नाकामी —

    9:1-12:253. बादशाह बतौर साऊल की नाकामी — 13:1-15:354. दाउद की िज़न्दगी — 16:1-20:425. इस्राईल का बादशाह बतौर दाउद का तजबुार् — 21:1-31:13

    इल्क़ाना और उसका खानदान1 इफ़्राईम के पहाड़ी मलु्क में रामातीम सोफ़ीम का एक शख़्स

    था िजसका नाम इल्क़ाना था। वह इफ़्राईमी था और यरोहाम िबनइलीहू िबन तूहू िबन सूफ़ का बटेा था। 2 उसके दो बीिवया ँ थी,ं एकका नाम हन्ना था और दूसरी का फ़िनन्ना, और फ़िनन्ना के औलादहईु लिेकन हन्ना बे औलाद थी। 3 यह शख़्स हर साल अपने शहरसे शीलोह में रब्ब — उल —अफ़्वाज के हज़ूुर सज्दा करने क़ुबार्नीपशे करने को जाता था और एली के दोनों बटेे हफ़ु्नी और फ़ीन्हासजो ख़दुावन्द के कािहन थे वहीं रहते थे 4और िजस िदन इल्क़ानाक़ुबार्नी अदा करता वह अपनी बीवी फ़िनन्ना को और उस के सबबटेे बिेटयों को िहस्से दतेा था 5लिेकन हन्ना को *दूना िहस्सा िदया* 1:5 उसने बहतु प्यार िकया, हालांिक उसने हन्ना से प्यार िकया, मगर प्यार का एकिहस्सा ही दे पाएगा

  • 1 समएुल 1:6 3 1 समएुल 1:15करता था इसिलए िक वह हन्ना को चाहता था लिेकन ख़दुावन्द नेउसका रहम बंद कर रख्खा था 6और उसकी सौत उसे कुढ़ाने केिलए बे तरह छेड़ती थी क्यूिँक ख़दुावन्द ने उसका रहम बंद कररख्खा था 7 और चूिँक वह हर साल ऐसा ही करता था जब वहख़दुावन्द के घर जाती इसिलए फ़िनन्ना उसे छेड़ती थी चनुाचँे वहरोती खाना न खाती थी 8 इसिलए उसके ख़ािवंद इल्क़ाना ने उससेकहा, “ऐ हन्ना तू क्यू ँ रोती है और क्यू ँ नहीं खाती और तरेा िदल क्यू ँग़मगीन ह?ै क्या मैं तरेे िलए दस बटेों से बढ़ कर नही?ं”

    हन्ना की एक बटेे के िलये दआु9और जब वह शीलोह में खा पी चकेु तो हन्ना उठी; उस वक़्त

    एली कािहन ख़दुावन्द की हकैल की चौखट के पास कुसीर् परबठैा हआु था 10 और वह िनहायत दखुी थी, तब वह ख़दुावन्दसे दआु करने और ज़ार ज़ार रोने लगी 11 और उसने िमन्नत मानीऔर कहा, “ऐ रब्ब — उल —अफ़वाज अगर तू अपनी लौडंी कीमसुीबत पर नज़र करे और मझुे याद फ़रमाए और अपनी लौडंी कोफ़रामोश न करे और अपनी लौडंी को फ़ज़र्न्द — ए — नरीना बख़्शेतो मैं उसे िज़न्दगी भर के िलए ख़दुावन्द को सपुदुर् कर दूगँी औरउस्तरा उसके सर पर कभी न िफरेगा।” 12और जब वह ख़दुावन्दके सामने द’ुआ कर रही थी, तो एली उसके मुहँ को ग़ौर से दखेरहा था। 13और हन्ना तो िदल ही िदल में कह रही थी िसफ़र् उसकेहोटं िहलते थे लिेकन उसकी आवाज़ नहीं सनुाई दतेी थी तब एलीको गमुान हआु िक वह नशे में ह।ै 14 इसिलए एली ने उस से कहा,िक तू कब तक नशे में रहगेी? अपना नशा उतार। 15 हन्ना ने जवाबिदया “नहीं ऐ मरेे मािलक, मैं तो ग़मगीन औरत हू ँ— मैनंे न तो मयन कोई नशा िपया लिेकन ख़दुावन्द के आगे अपना िदल उँडेला ह।ै

  • 1 समएुल 1:16 4 1 समएुल 1:2416 तू अपनी लौडंी को †ख़बीस 'औरत न समझ, मैं तो अपनी िफ़क्रोंऔर दखुों के हजूुम के ज़िरए'अब तक बोलती रही।” 17 तब एलीने जवाब िदया, “तू सलामत जा और इस्राईल का ख़दुा तरेी मरुादजो तूने उससे मागँी है पूरी करे।” 18 उसने कहा, “तरेी ख़ािदमा परतरेे करम की नज़र हो।” तब वह 'औरत चली गई और खाना खायाऔर िफर उसका चहेरा उदास न रहा।

    समएुल की पदैाईश और नज़र-ओ-िनयाज़19और सबुह को वह सवरेे उठे और ख़दुावन्द के आगे सज्दा

    िकया और रामा को अपने घर लोट गय।े और इल्क़ाना ने अपनीबीवी हन्ना से मबुाशरत की और ‡ख़दुावन्द ने उसे याद िकया।20और ऐसा हआु िक वक़्त पर हन्ना हािमला हईु और उस के बटेाहआुऔर उस ने उसका नाम समएुल रख्खा क्यूिँक वह कहने लगी,“मैनंे उसे ख़दुावन्द से मागँ कर पाया ह।ै” 21औरवह शख़्स इल्क़ानाअपने सारे घराने के साथ ख़दुावन्द के हज़ूुर सालाना क़ुबार्नी पशेकरने और अपनी िमन्नत पूरी करने को गया। 22 लिेकन हन्ना नगई क्यूिँक उसने अपने ख़ािवंद से कहा, जब तक लड़के का दूधछुड़ाया न जाए मैं यहीं रहूगँी और तब उसे लकेर जाऊँगी तािकवह ख़दुावन्द के सामने हािज़र हो और िफर हमशेा वहीं रहे 23औरउस के खा़िवन्द इल्क़ाना ने उससे कहा, जो तझुे अच्छा लगे वहकर। जब तक तू उसका दूध न छुड़ाये ठहरी रह िसफ़र् इतना होिक ख़दुावन्द अपनी बात को बऱकरार रख्खे इसिलए वह 'औरतठहरी रही और अपने बटेे को दूध छुड़ाने के वक़्त तक िपलातीरही। 24 और जब उस ने उसका दूध छुड़ाया तो उसे अपने साथिलया और तीन बछड़े और एक एफ़ा आटा मय की एक मश्क† 1:16 बिलयालकी बटेी, इन हवालाजात को भी दखेे:ं 2:12; 10:27 25:17; 30:22, इब्रानीमें बिलयाल की बटेी का मतलब है बदकार या शतैान, दखेें 2 कुिरिन्थ 6:15 ‡ 1:19खदुा ने उसकी दआु का जवाब िदया

  • 1 समएुल 1:25 5 1 समएुल 2:8अपने साथ ले गई,और उस लड़के को शीलोह में ख़दुावन्द के घरलाई,और वह लड़का बहतु ही छोटा था 25और उन्होनंे एक बछड़ेको ज़बह िकया और लड़के को एली के पास लाए: 26और वहकहने लगी, “ऐ मरेे मािलक तरेी जान की क़सम ऐ मरेे मािलक मैंवही 'औरत हू ँ िजसने तरेे पास यहीं खड़ी होकर ख़दुावन्द से दआुकी थी। 27 मैनंे इस लड़के के िलए दआु की थी और ख़दुावन्द नेमरेी मरुाद जो मैनंे उससे मागँी पूरी की। 28 इसी िलए मैनंे भी इसेख़दुावन्द को दे िदया; यह अपनी िज़न्दगी भर के िलए ख़दुावन्द कोदे िदया गया ह”ै तब §उसने वहा ँ ख़दुावन्द के आगे िसज्दा िकया।

    2हन्ना का श़कुरगज़ुारी की दआु

    1और हन्ना ने दआु की और कहा, मरेा िदल ख़दुावन्द मैं ख़शु ह:ैमरेा *सीगं ख़दुावन्द के तफ़ैुल से ऊँचा हआु। मरेा मुहँ मरेे दशु्मनोंपर खलु गया है क्यूिँक मैं तरेी नजात से ख़शु हू।ँ 2 “ख़दुावन्द कीतरह कोई पाक नहीं क्यूिँक तरेे िसवा और कोई है ही नहीं और नकोई चटटान है जो हमारे ख़दुा की तरह हो 3 इस क़दर ग़रुूर सेऔर बातें न करो और बड़ा बोल तमु्हारे महु ँ से न िनकल;े क्यूिँकख़दुावन्द ख़दुा — ए — 'अलीम ह,ैऔर 'आमाल का तोलने वालाह।ै 4 ताक़तवरों की कमाने टूट गईं और जो लड़खड़ाते थे वहताक़त से कमर बस्ता हएु। 5 वह जो आसूदा थे रोटी की ख़ाितरमज़दूर बनें और जो भूके थे ऐसे न रह,े बिल्क जो बाझँ थी उसके साथ हएु, और िजसके पास बहतु बच्चे हैं वह घलुती जाती ह।ै6 ख़दुावन्द मारता है और िजलाता ह;ै वही क़ब्र मैं उतारता औरउससे िनकालता ह।ै 7 ख़दुावन्द ग़रीब कर दतेा और दौलतमंदबनाता ह,ै वही पस्त करता और बलंुद भी करता ह।ै 8 वह ग़रीब§ 1:28 उनहोनंे * 2:1 ताक़त

  • 1 समएुल 2:9 6 1 समएुल 2:16को ख़ाक पर से उठाता, और कंगाल को घूरे में से िनकाल खड़ाकरता है तािक इनको शहज़ादों के साथ िबठाए, और जलाल केतख़्त का वािरस बनाए; क्यूिँक ज़मीन के सतूुन ख़दुावन्द के हैं उसनेदिुनया को उन ही पर क़ाईम िकया ह।ै 9वह अपने मक़ुद्दसों के पावँको संभाले रहगेा,लिेकन शरीर अधँरेे मैं ख़ामोश िकए जायेगंे क्यूिँकताक़त ही से कोई फ़तह नहीं पाएगा। 10जो ख़दुावन्द से झगड़ते हैंवह टकुड़े टकुड़े कर िदए जाएगँ;े वह उन के िख़लाफ़ आस्मान मेंगरजगेा ख़दुावन्द ज़मीन के िकनारों का इंसाफ करेगा, वह अपनेबादशाह को ताक़त बख़्शगेा, और अपने †मम्सूह के ‡सीगं कोबलंुद करेगा।” 11तब इल्क़ाना रामा को अपने घर चला गया;औरएली कािहन के सामने वह लड़का ख़दुावन्द की िख़दमत करनेलगा।

    एली के बिलयाल बटेे12 और एली के बटेे बहतु §शरीर थ;े उन्होनंे ख़दुावन्द को न

    पहचाना। 13औरकािहनों का दस्तूर लोगों के साथ यह था, िक जबकोई शख़्स क़ुबार्नी करता था तो कािहन का नोकंर गोश्त उबालनेके वक़त एक सहशाखा काटँा अपने हाथ मैं िलए हएु आता था;14और उसको कढ़ाह या िदग्चे या हांडे या हांड़ी में डालता औरिजतना गोश्त उस काटँे मे ं लग जाता उसे कािहन अपने आप लतेाथा। यू ँ ही वह शीलोह में सब इस्राईिलयों से िकया करते थे जोवहा ँ आते थे 15 बिल्क चबीर् जलाने से पहले कािहन का नोकर आमौजूद होता, और उस शख़्स से जो क़ुबार्नी पशे करता यह कहनेलगता था, “कािहन के िलए कबाब के वास्ते गोश्त द,े क्यूिँक वहतझु से उबला हआु गोश्त नहीं बिल्क कच्चा लगेा।” 16और अगरवह शख़्स यह कहता िक अभी वह चबीर् को ज़रूर जलायेगंे तबिजतना तरेा जी चाहे ले लनेा “तो वह उसे जवाब दतेा नहीं तू मझुे† 2:10 मम्सूहका मतलब है मसह िकया हआु ‡ 2:10 सीगं ज़ोर या ताक़त कोिदखाता है § 2:12 बिलयाल जसैे

  • 1 समएुल 2:17 7 1 समएुल 2:27अभी दे नही तो मैं छीन कर ले जाऊँगा।” 17इसिलए उन जवानों कागनुाह ख़दुावन्द के सामने बहतु बड़ा था क्यूिँक लोग ख़दुावन्द कीक़ुबार्नी से नफ़रत करने लगे थ।े 18लिेकन समएुल जो लड़का था,कतान का अफ़ूद पहने हएु ख़दुावन्द के सामने िख़दमत करता था।19और उस की मा ँ उस के िलए एक छोटा सा जबु्बा बनाकर सालब साल लाती जब वह अपने शौहर के साथ सालाना क़ुबार्नी पशेकरने आती थी। 20 और एली ने इल्क़ाना और उस की बीवी कोदआु दी और कहा, “ख़दुावन्द तझुको इस 'औरत से उस क़ज़र् केबदले में जो ख़दुावन्द को िदया गया नसल द।े” िफर वह अपने घरगय।े 21 और ख़दुावन्द ने हन्ना पर नज़र की और वह हािमला हईु,और उसके तीन बटेे और दो बिेटया ँ हईुं,और वह लड़का समएुलख़दुावन्द के सामने बढ़ता गया। 22 एली बहतु बडु्ढा हो गया था,और उसने सब कुछ सनुा िक उसके बटेे सारे इस्राईल से क्यािकया करते हैं और उन 'औरतों से जो ख़मेा — ए — इिजतमा'अ केदरवाज़े पर िख़दमत करती थी हम आग़ोशी करते है।ं 23और उस नेउन से कहा, तमु ऐसा क्यू ँ करते हो? क्यूिँक मैं तमु्हारी बदज़ाितया ँपूरी क़ौम से सनुता हू?ँ 24 नहीं मरेे बटेों ये अच्छी बात नहीं जो मैंसनुता हू;ँ तमु ख़दुावन्द के लोगों से नाफ़रमानी कराते हो। 25अगरएक आदमी दूसरे का गनुाह करे तो *ख़दुा उसका इंसाफ करेगालिेकन अगरआदमी ख़दुावन्द का गनुाह करे तो उस की शफ़ा'अतक़ौन करेगा? बावजूद इसके उन्होनंे अपने बाप का कहना न माना;क्यूिँक ख़दुावन्द उनको मार डालना चाहता था। 26और वह लड़कासमएुल बढ़ता गया और ख़दुावन्द और इंसान दोनों का मक़बूलथा।

    एली के ख़ानदान के िलये ख़बरदार करना27 तब एक नबी एली के पास आया और उससे कहने लगा,

    ख़दुावन्द यू ँ फ़रमाता है क्या मैं तरेे आबाई ख़ानदान पर जब वह* 2:25 इस को क़ाज़ी लोग पढ़ंे,ख़दुा

  • 1 समएुल 2:28 8 1 समएुल 2:36िमस्र में िफ़र'औन के ख़ानदान की ग़लुामी में था ज़ािहर नहीं हआु?28और क्या मैनंे उसे बनी इस्राईल के सबक़बीलों मे ं से चनु न िलया,तािक वह मरेा कािहन हो और मरेे मज़बह के पास जाकर ख़शुबूजलाये और मरेे सामने अफ़ूद पहने और क्या मैनंे सब क़ुबार्िनया ँजो बनी इस्राईल आग से अदा करते है तरेे बाप को न दी? 29 तबतमु क्यू ँ मरेे उस क़ुबार्नी और हिदये को िजनका हकु्म मैनंे अपने घरमें िदया लात मारते हो? और क्यू ँ तू अपने बटेों की मझु से ज़्यादा'इज़्ज़त करता ह,ै तािक तमु मरेी क़ौम इस्राईल के अच्छे से अच्छेहिदयों को खाकर मोटे बनो। 30 इसिलएख़दुावन्द इस्राईलका ख़दुाफ़रमाता है िक मैनंे तो कहा, था िक तरेा घराना और तरेे बाप काघराना हमशेा मरेे सामने चलगेा लिेकन अब ख़दुावन्द फ़रमाता हैिक यह बात अब मझु से दूर हो, क्यूिँक वह जो मरेी 'इज़्ज़त करतेहै मैं उन की 'इज़्ज़त करँूगा लिेकन वह जो मरेी िहक़ारत करतेहै बक़ेद्र होगंे 31 दखे वह िदन आते हैं िक मैं तरेा बाज़ू और तरेेबाप के घराने का †बाज़ू काट डालूगँा, िक तरेे घर में कोई बडु्ढाहोने न पाएगा। 32और तू मरेे घर की मसुीबत दखेगेा बावजूद उससारी दौलत के जो ख़दुा इस्राईल को दगेा और तरेे घर में कभी कोईबडु्ढा होने न पाएगा 33और तरेे िजसआदमी को मैं अपने मज़बह सेकाट नहीं डालूगँा वह तरेी आखँों को घलुाने और तरेे िदल को दखुदनेे के िलए रहगेा और तरेे घर की सब बढ़ती अपनी भरी जवानीमें मर िमटगेी। 34 और जो कुछ तरेे दोनों बटेों हफ़ु्नी फ़ीन्हास परनािज़ल होगा वही तरेे िलए िनशान ठहरेगा; वह दोनों एक ही िदनमर जाएगँ।े 35और मैं अपने िलए एक वफ़ादार कािहन पदैा करँूगाजो सब कुछ मरेी मज़ीर् और मंशा के मतुािबक़ करेगा,और मैं उसके िलए एक पायदार घर बनाऊँगा और वह हमशेा मरेे मम्सूह केआगे आगे चलगेा 36और ऐसा होगा की हर एक शख्स़ जो तरेे घरमें बच रहगेा, एक टकुड़े चादँी और रोटी के एक टकुड़े के िलए उस† 2:31 ताक़त

  • 1 समएुल 3:1 9 1 समएुल 3:11के सामने आकर िसज्दा करेगा और कहगेा, िक कहानत का कोईकाम मझुे दीिजए तािक मैं रोटी का िनवाला खा सकँू।

    3ख़दुावन्द का समएुल से बात करना

    1और वह लड़का समएुल एली के सामने ख़दुावन्द की िख़दमतकरता था, और उन िदनों ख़दुावन्द का कलाम िगराक़ँद्र था कोईख़्वाब ज़ािहर न होता था। 2और उस वक़्त ऐसा हआु िक जब एलीअपनी जगह लटेा था उस की ऑखंें धनु्द्लाने लगी थी, और वहदखे नहीं सकता था। 3 और ख़दुा का चराग़ अब तक बझुा नहींथा और समएुल ख़दुावन्द की हकैल में जहा ँ ख़दुा का संदूक़ थालटेा हआु था 4 तो ख़दुावन्द ने समएुल को पकुारा; उसने कहा, “मैंहािज़र हू।ँ” 5और वह दौड़ कर एली के पास गया और कहा, तूनेमझुे पकुारा इसिलए में हािज़र हू ँ “उसने कहा, मैनंे नहीं पकुारा िफरलटे जा” इसिलए वह जाकर लटे गया। 6 और ख़दुावन्द ने िफरपकुारा “समएुल।” समएुल उठ कर एली के पास गया और कहा,“तूने मझुे पकुारा इसिलए मैं हािज़र हू।ँ” उसने कहा, “ऐ, मरेे बटेे मैनंेनहीं पकुारा; िफर लटे जा।” 7और समएुल ने अभी ख़दुावन्द कोनही पहचाना था और न ख़दुावन्द का कलाम उस पर ज़ािहर हआुथा। 8 िफर ख़दुावन्द ने तीसरी दफ़ा समएुलको पकुाराऔर वह उठकर एली के पास गया और कहा, तूने मझुे पकुारा इसिलए में हािज़रहू ँ “तब एली जान गया िक ख़दुावन्द ने उस लड़के को पकुारा।9 इसिलए एली ने समएुल से कहा, जा लटे रह और अगर वह तझुेपकुारे तो तू कहना ऐ ख़दुावन्द फ़रमा; क्यूिँक तरेा बन्दा सनुता ह।ै”तब समएुल जाकर अपनी जगह पर लटे गया 10 तब ख़दुावन्द आमौजूद हआु,और पहले की तरह पकुारा “समएुल! समएुल! समएुलने कहा,फ़रमा, क्यूिँक तरेा बन्दा सनुता ह।ै” 11ख़दुावन्द ने समएुल

  • 1 समएुल 3:12 10 1 समएुल 3:21से कहा, “दखे मैं इस्राईल में ऐसा काम करने पर हू ँ िजस से हरसनुने वाले के कान भन्ना जाएगँ।े 12 उस िदन मैं एली पर सब कुछजो मैनंे उस के घराने के हक़ में कहा है शरुू' से आिख़र तक पूराकरँूगा 13 क्यूिँक मैं उसे बता चकुा हू ँ िक मैं उस बदकारी की वजहसे िजसे वह जानता है हमशेा के िलए उसके घर का फ़ैसला करँूगाक्यूिँक उसके *बटेों ने अपने ऊपर ला'नत बलुाई और उसने उनकोन रोका। 14 इसी िलए एली के घराने के बारे में मैनंे क़सम खाई िकएली के घराने की बदकारी न तो कभी िकसी ज़बीहा से साफ़ होगीन हिदये स।े”

    समएुल का ख़दुावन्द के िलये बोलना15और समएुल सबुह तक लटेा रहा; तब उसने ख़दुावन्द के घर

    के दरवाज़े खोले और समएुल एली पर ख़्वाब ज़ािहर करने से डरा।16 तब एली ने समएुल को बलुाकर कहा, ऐ मरेे बटेे समएुल “उसनेकहा,मैं हािज़र हू।ँ” 17तब उसने पूछा वह “क्या बात है जो ख़दुावन्दने तझु से कही है?ं मैं तरेी िमन्नत करता हू ँ उसे मझु से पोशीदा न रख,अगर तू कुछ भी उन बातों मे ं से जो उसने तझु से कहीं हैं िछपाए तोख़दुा तझु से ऐसा ही करे बिल्क उससे भी ज़्यादा।” 18तब समएुलने उसको पूरा हाल बताया और उससे कुछ न िछपाया, उसने कहा,“वह ख़दुावन्द है जो वह भला जाने वह करे।” 19और समएुल बड़ाहोता गया और ख़दुावन्द उसके साथ था और उसने †उसकी बातोंमे ं से िकसी को िमट्टी में िमलने न िदया। 20 और सब बनी इस्राईलने दान से बरैसबा' तक जान िलया िक समएुल ख़दुावन्द का नबीमक़ुरर्र हआु। 21और ख़दुावन्द शीलोह में िफर ज़ािहर हआु, क्यूिँकख़दुावन्द ने अपने आप को सलैा में समएुल पर अपने कलाम केज़िरए' से ज़ािहर िकया।* 3:13 उसके बटेों ने खदुा के िख़लाफ़ तकफीरकी (कुफ़रबकना) † 3:19 उसकीको अपनी करें

  • 1 समएुल 4:1 11 1 समएुल 4:84

    1और समएुल की बात सब इस्राईलीयों के पास पहुचँी,िफ़िलिस्तयों का अहद के सन्दकु को ले लनेाऔर इसराईली िफ़िलिस्तयों से लड़ने को िनकले और इबन-

    'अज़र के आस पास डेरे लगाए और िफ़िलिस्तयों ने अफ़ीक़ मेंख़मेे खड़े िकए। 2 और िफ़िलिस्तयों ने इस्राईल के मक़ुािबले केिलए सफ़आराई की और जब वह इकठ्ठा लड़ने लगे तो इस्राईिलयोंने िफिलिस्तयों से िशकस्त खाई; और उन्होनंे उनके लश्कर में सेजो मदैान में था क़रीबन चार हज़ार आदमी क़त्ल िकए। 3और जबलोग लश्कर गाह में िफर आए तो इस्राईल के बज़ुगुोर्ं ने कहा, “िकआज ख़दुावन्द ने हमको िफ़िलिस्तयों के सामने क्यू ँ िशकस्त दीआओ हम ख़दुावन्द के 'अहद का संदूक़ शीलोह से अपने पासले आयें तािक *वह हमारे बीच आकर हमको हमारे दशुमनों सेबचाए।” 4 तब उन्होनंे शीलोह में लोग भजे,ेऔर वह करुिबयों केऊपर बठैने वाले रब्ब — उल — अफ़्वाज के 'अहद के संदूक़को वहा ँ से ले आए और एली के दोनों बटेे हफ़ु्नी और फ़ीन्हासख़दुा के 'अहद का संदूक़ के साथ वहा ँ हािज़र थ।े 5 और जबख़दुावन्द के 'अहद का संदूक़ लश्कर गाह में आ पहुचँा तो सबइस्राईली ऐसे ज़ोर से ललकारने लग,े िक ज़मीन गूजँ उठी। 6 औरिफ़िलिस्तयों ने जो ललकारने की आवाज़ सनुी तो वह कहने लग,ेिक इन “इब्रािनयों की लश्कर गाह में इस बड़ी ललकार के शोरके क्या मा'ना है?ं” िफर उनको मा'लूम हआु िक ख़दुावन्द कासंदूक़ लश्कर गाह में आया ह।ै 7 तब िफ़िलस्ती डर गए क्यूिँक वहकहने लग,े िक ख़दुा लश्कर गाह में आया है और उन्होनंे कहा,“िक हम पर बबार्दी है इस िलए िक इस से पहले ऐसा कभी नहींहआु। 8 हम पर बबार्दी ह,ै ऐसे ज़बरदस्त मा'बूदों के हाथ से हमकोक़ौन बचाएगा? यह वहीं मा'बूद हैं िजन्होनंे िमिस्रयों को वीराने मे ं* 4:3 यहे्व

  • 1 समएुल 4:9 12 1 समएुल 4:19हर िक़स्म की बला से मारा। 9 ऐ िफ़िलिस्तयों तमु मज़बूत हो औरमदार्नगी करो तािक तमु 'इब्रािनयों के ग़लुाम न बनो जसैे वह तमु्हारेबने बिल्क मदार्नगी करो और लड़ो।” 10और िफ़िलस्ती लड़े औरबनी इस्राईल ने िशकस्त खाई और हर एक अपने डेरे को भागा,और वहा ँ बहतु बड़ी खँूरेज़ी हईु क्यूिँक तीस हज़ार इस्राईली िपयादेवहा ँ मारे गए। 11और ख़दुावन्द का संदूक़ िछन गया,और 'एली केदोनों बटेे हफ़ु्नी और फ़ीन्हास मारे गय।े

    एली की मौत12और िबनयमीन का एक आदमी लश्कर में से दौड़ कर अपने

    कपड़े फाड़े और सर पर ख़ाक डाले हएु उसी िदन शीलोह में आपहुचँा। 13 और जब वह पहुचँा तो एली रास्ते के िकनारे कुसीर् परबठैा इंितज़ार कर रहा था क्यूिँक उसका िदल ख़दुा के संदूक़ केिलए कापँ रहा था और जब उस शख़्स ने शहर में आकर हालसनुाया, तो सारा शहर िचल्ला उठा। 14 और एली ने िचल्लाने कीआवाज़ सनुकर कहा, इस हलु्लड़ की आवाज़ के क्या मा'ने हैं “औरउसआदमी ने जल्दी की औरआकर एली को हाल सनुाया। 15औरएली अठानवे साल का था और उसकी आखँें रह गई थीं और उसेकुछ नहीं सूझता था। 16 तब उस शख़्स ने एली से कहा, मैं फ़ौजमें से आता हू ँ और मैं आज ही फ़ौज के बीच से भागा हू,ँ उसनेकहा, ऐ मरेे बटेे क्या हाल रहा?” 17उस ख़बर लाने वाले ने जवाबिदया “इस्राईली िफ़िलिस्तयों के आगे से भागे और लोगों मे ं भी बड़ीखँूरेज़ी हईु और तरेे दोनों बटेे हफ़ु्नी और फ़ीन्हास भी मर गये औरख़दुा का संदूक़ िछन गया।” 18जब उसने ख़दुा के संदूक़ का िज़क्रिकया तो वह कुसीर् पर से पछाड़ खाकर फाटक के िकनारे िगरा,और उसकी गदर्न टूट गई और वह मर गया क्यूिँक वह बडु्ढाऔर भारी आदमी था, वह चालीस बरस बनी इस्राईल का क़ाज़ीरहा। 19 और उसकी बहू, फ़ीन्हास की बीवी हमल से थी, और

  • 1 समएुल 4:20 13 1 समएुल 5:7उसके जनने का वक़्त नज़दीक था और जब उसने यह ख़बरें सनुींिक ख़दुा का संदूक़ िछन गया और उसका ससरु और शौहर मरगये तो वह झकु कर जनी क्यूिँक ददर् ऐ िज़ह उसके लग गया था।20और उसने उसके मरते वक़्त उन 'औरतों ने जो उस के पास खड़ीथीं उसे कहा, “मत डर क्यूिँक तरेे बटेा हआु ह।ै” लिेकन उसने नजवाब िदयाऔर न कुछ तवज्जहु की। 21और उसने उस लड़के कानाम यकबोद रख्खाऔर कहने लगी, “िक हशमत इस्राईल से जातीरही।” इसिलए िक ख़दुा का संदूक़ िछन गया था,और उसका ससरुऔर शौहर जाते रहे थ।े 22 इसिलए उसने कहा, “हशमत इस्राईल सेजाती रही, क्यूिँक ख़दुा का संदूक़ िछन गया ह।ै”

    5िफ़िलस्तीन में सन्दकु

    1और िफ़िलिस्तयों ने ख़दुा का संदूक़ छीन िलया और वह उसेइबन-'अज़र से अशददु को ले गए; 2और िफ़िलस्ती ख़दुा के संदूक़को लकेर उसे दजोन के घर में लाए और *दजोन के पास उसेरख्खा; 3और अशदूदी जब सबुह को सवरेे उठे, तो दखेा िक दजोनख़दुावन्द के संदूक़ के आगे औधंे महु ँ ज़मीन पर िगरा पड़ा ह।ै तबउन्होनंे दजोन को लकेर उसी की जगह उसे िफर खड़ा कर िदया।4 िफर वह जो दूसरे िदन की सबुह को सवरेे उठे, तो दखेा िक दजोनख़दुावन्द के संदूक़ के आगे औधंे महु ँ ज़मीन पर िगरा पड़ा ह,ैऔरदजोन का सर और उसकी हथिेलया ँ दहलीज़ पर कटी पड़ी थी,ंिसफ़र् दजोन का धड़ ही धड़ रह गया था; 5 तब दजोन के पजुारीऔर िजतने दजोन के घर में आते है,ंआज तक अश्दूद में दजोन कीदहलीज़ पर पावँ नहीं रखत।े 6 तब ख़दुावन्द का हाथ अशदूिदयोंपर भारी हआु,औरवह उनको हलाककरने लगा,औरअशदूदऔरउसकी 'इलाक़े के लोगों को िगिल्टयों से मारा। 7और अशदूिदयों ने* 5:2 मंिदर

  • 1 समएुल 5:8 14 1 समएुल 6:2जब यह हाल दखेा तो कहने लग,े “िक इस्राईल के ख़दुा का संदूक़हमारे साथ न रह,े क्यूिँक उसका हाथ बरुी तरह हम पर और हमारेमा'बूद दजोन पर ह।ै” 8तब उन्होनंे िफ़िलिस्तयों के सब सरदारों कोबलुवा कर अपने यहा ँ जमा' िकयाऔर कहने लग,े “हम इस्राईल केख़दुा के संदूक़ को क्या करे?ं” उन्होनंे जवाब िदया, “िक इस्राईलके ख़दुा का संदूक़ जात को पहुचँाया जाए।” इसिलए वह इस्राईलके ख़दुा के संदूक़ को वहा ँ ले गए। 9 और जब वह उसे ले गएतो ऐसा हआु िक ख़दुावन्द का हाथ उस शहर के िख़लाफ़ ऐसाउठा िक उस में बड़ी भारी हल चल मच गई;और उसने उस शहरके लोगों को छोटे से बड़े तक मारा और उनके िगिल्टया ँ िनकलनेलगी।ं 10 जब उन्होनंे ख़दुा का संदूक़ 'अक़ू्रन को भजे िदया। औरजसैे ही ख़दुा का संदूक़ अक़रून को पहुचँा, अक़ू्रनी िचल्लाने लग,े“वह इस्राईल के ख़दुा का संदूक़ हम में इसिलए लाए है,ं िक हमकोऔर हमारे लोगों को मरवा डाले।ं” 11 तब उन्होनंे िफ़िलिस्तयों केसरदारों को बलुवा कर जमा' िकया और कहने लग,े “िक इस्राईलके ख़दुा के संदूक़ को रवाना कर दो िक वह िफर अपनी जगह परजाए,और हमको और हमारे लोगों को मार डालने न पाए।” क्यूिँकवहा ँ सारे शहर में मौत की हलचल मच गई थी, †औरख़दुा का हाथवहा ँ बहतु भारी हआु। 12 और जो लोग मरे नहीं वह िगिल्टयों केमारे पड़े रह,ेऔर शहर की फ़िरयाद आसमान तक पहुचँी।

    6िफ़िलिस्तयों का सन्दकु को लौटाना

    1 इसिलए ख़दुावन्द का संदूक़ सात महीने तक िफ़िलिस्तयों केमलु्क में रहा। 2 तब िफ़िलिस्तयों ने कािहनों और नजूिमयों कोबलुवाया और कहा, “िक हम ख़दुावन्द के इस संदूक़ को क्या† 5:11 खदुा उनको सख्ती से सज़ा दे रहा था

  • 1 समएुल 6:3 15 1 समएुल 6:11करे?ं हमको बताओ िक हम क्या साथ कर के उसे उसकी जगहभजेे?ं” 3 उन्होनंे कहा, “िक अगर तमु इस्राईल के ख़दुा के संदूक़को वापस भजेते हो, तो उसे ख़ाली न भजेना बिल्क जमुर् की क़ुबार्नीउसके िलए ज़रूर ही साथ करना तब तमु िशफ़ा पाओगेऔर तमुकोमा'लूम हो जाएगा िक वह तमु से िकस िलए अलग नहीं होता।”4 उन्होनंे पूछा िक वह जमुर् की क़ुबार्नी जो हम उसको दें क्या होउन्होनंे जवाब िदया, “िक िफ़िलस्ती सरदारों के शमुार के मतुािबक़सोने की पाचँ िगिल्टया ँ और सोने ही की पाचँ चिुहया ँ क्यूिँक तमुसबऔर तमु्हारे सरदार दोनों एक ही दखु में मिुब्तला हएु। 5 इसिलएतमु अपनी िगिल्टयों की मूरतें और उन चूिहयों की मूरते,ं जो मलु्कको ख़राब करतीं हैं बनाओ और इस्राईल के ख़दुा की बड़ाई करो;शायद यू ँ वह तमु पर से और तमु्हारे मा'बूदों पर से और तमु्हारेमलु्क पर से अपना हाथ हल्का कर ल।े 6 तमु क्यू ँ अपने िदल कोसख़्त करते हो, जसेे िमिस्रयों ने और िफ़र'औन ने अपने िदल कोसख़्त िकया? जब उसने उनके बीच 'अजीब काम िकए, तो क्याउन्होनंे लोगों को जाने न िदया और क्या वह चले न गय?े 7अब तमुएक नई गाड़ी बनाओ, और दो दूध वाली गायों को िजनके जआुन लगा हो लो, और उन गायों को गाड़ी में जोतो और उनके बच्चोंको घर लौटा लाओ। 8 और ख़दुावन्द का संदूक़ लकेर उस गाड़ीपर रख्खो, और सोने की चीज़ों को िजनको तमु जमुर् की क़ुबार्नीके तौर पर साथ करोगे एक सन्दूक्चे में करके उसके पहलू में रखदो और उसे रवाना न कर दो िक चला जाए। 9 और दखेते रहना,अगर वह अपनी ही सरहद के रास्ते बतै शम्स को जाए, तो उसी नेहम पर यह बलाए 'अज़ीम भजेीं और अगर नहीं तो हम जान लेगंेिक उसका हाथ हम पर नहीं चला, बिल्क यह हादसा जो हम परहआु इित्तफ़ाक़ी था।” 10 तब उन लोगों ने ऐसा ही िकया, और दोदूध वाली गायें लकेर उनको गाड़ी में जोता और उनके बच्चों कोघर में बन्द कर िदया। 11 और ख़दुावन्द के सन्दूक़ और सोने की

  • 1 समएुल 6:12 16 1 समएुल 6:19चिुहयोंऔर अपनी िगिल्टयों की मूरतों के संदूक्चे को गाड़ी पर रखिदया। 12उन गायों ने बतै शम्सका सीधा रास्ता िलया,वह सड़क हीसड़क डकारती गईं,और दहने या बाएँ हाथ न मड़ुी,ंऔर िफ़िलस्तीसरदार उनके पीछे — पीछे बतै शम्स की सरहद तक गय।े 13औरबतै शम्स के लोग वादी में गहंूे की फ़सल काट रहे थ।े उनहों नेजो आखँ उठाई तो संदूक़ को दखेा, और दखेते ही ख़शु हो गए।14और गाड़ी बतै शम्सी यशौ के खते में आकर वहा ँ खड़ी हो गई,जहा ँ एक बड़ा पत्थर था। तब उनहोनंे गाड़ी की लकिड़यों को चीराऔर गायों को सोख़्तनी क़ुबार्नी के तौर पर ख़दुावन्द के सामने पशेिकया। 15और लािवयों ने ख़दुावन्द के संदूक़ को और उस संदूक्चेको जो उसके साथ था, िजसमें सोने की चीजें थी,ं नीचे उतारा औरउनको उस बड़े पत्थर पर रख्खा। और बतै शम्स के लोगों ने उसीिदन ख़दुावन्द के िलए सोख़्तनी क़ुबार्िनया ँ पशे कीं और ज़बीहेपशे िकए। 16 जब उन पाचँों िफ़िलस्ती सरदारों ने यह दखे िलयातो वह उसी िदन अक़रून को लौट गए। 17 सोने की िगिल्टया ँ जोिफ़िलिस्तयों ने जमुर् की क़ुबार्नी के तौर पर ख़दुावन्द को पशे कींवह यह है,ं एक अशदूद की तरफ़ स,े एक ग़ज्ज़ा की तरफ़ स,े एकअस्क़लोन की तरफ़ स,े एक जात की तरफ़ स,ेऔर एक अक़रूनकी तरफ़ स।े 18और वह सोने की चिुहया ँ िफ़िलिस्तयों के उन पाचँोसरदारों के शहरों के शमुार के मतुािबक़ थी,ं जो फ़सीलदार शहरोंऔर िदहात के मािलक उस बड़े पत्थर तक थे िजस पर उन्होनंेख़दुावन्द के संदूक़ को रख्खा था जो आज के िदन तक बतै शम्सीयशौ के खते में मौजूद ह।ै

    सन्दकु का क़रयत या'रीम में ले जाना19और उसने बतै शम्स के लोगों को मारा इस िलए िक उन्होनंे

    ख़दुावन्द के संदूक़ के अंदर झाकँा था तब उसने उनके *पचासहज़ार और सत्तर आदमी मार डाल,े और वहा ँ के लोगों ने मातम* 6:19 कुछ इब्रानी तूमार कहते हैं 70

  • 1 समएुल 6:20 17 1 समएुल 7:6िकया, इसिलए िक ख़दुावन्द ने उन लोगों को बड़ी वबा से मारा।20 तब बतै शम्स के लोग कहने लग,े “िक िकसकी मजाल है िकइस ख़दुावन्द ख़दुा — ए — क़ुदू्दस के आगे खड़ा हो? और वहहमारे पास से िकस की तरफ़ जाए?” 21और उन्होनंे क़रयत या'रीमके बािशंदों के पास क़ािसद भजेे और कहला भजेा, िक िफ़िलस्तीख़दुावन्द के संदूक़ को वापस ले आए हैं इसिलये तमु आओ औरउसे अपने यहा ँ ले जाओ।

    71तब क़रयत या'रीम के लोग आए और ख़दुावन्द के संदूक़ को

    लकेर अबीनदाब के घर में जो टीले पर ह,ै लाए, और उसके बटेेएिलयाज़र को पाक िकया िक वह ख़दुावन्द के संदूक़ की िनगरानीकरे। 2और िजस िदन से संदूक़ क़रयत या'रीम में रहा, तब से एकमदु्दत हो गई, या'नी बीस बरस गज़ुरे और इस्राईल का सारा घरानाख़दुावन्द के पीछे नौहा करता रहा।

    समएुल का इस्राईल जो फ़तह िदलाना3और समएुल ने इस्राईल के सारे घराने से कहा िक “अगर तमु

    अपने सारे िदल से ख़दुावन्द की तरफ़ िफरते हो तो ग़रै मा'बूदोंऔर '*इस्तारात को अपने बीच से दूर करो और ख़दुावन्द के िलएअपने िदलों को मसुत'इद करके िसफ़र् उसकी इबादत करो, औरवह िफ़िलिस्तयों के हाथ से तमुको िरहाई दगेा।” 4तब बनी इस्राईलने बा'लीम और 'इस्तारात को दूर िकया,और िसफ़र् ख़दुावन्द कीइबादत करने लग।े 5 िफर समएुल ने कहा िक “सब इस्राईल कोिमस्फ़ाह में जमा' करो, और मैं तमु्हारे िलए ख़दुावन्द से दआुकरंूगा।” 6 तब वह सब िमस्फ़ाह में इकठ्ठा हएु और पानी भरकर ख़दुावन्द के आगे उँडेला, और उस िदन रोज़ा रख्खा औरवहा ँ कहने लग,े िक “हमने ख़दुावन्द का गनुाह िकया ह।ै” और* 7:3 दिेवयों की मूितर्या ँ को

  • 1 समएुल 7:7 18 1 समएुल 7:16समएुल िमस्फ़ाह में बनी इस्राईल की 'अदालत करता था। 7 औरजब िफ़िलिस्तयों ने सनुा िक बनी इस्राईल िमस्फ़ाह में इकटे्ठ हएुहै,ं तो उनके सरदारों ने बनी इस्राईल पर हमला िकया, और जबबनी — इस्राईल ने यह सनुा तो वह िफ़िलिस्तयों से डरे। 8और बनी— इस्राईल ने समएुल से कहा, “ख़दुावन्द हमारे ख़दुा के सामनेहमारे िलए फ़िरयाद करना न छोड़, तािक वह हमको िफ़िलिस्तयोंके हाथ से बचाए।” 9 और समएुल ने एक दूध पीता बरार् िलयाऔर उसे पूरी सोख़्तनी क़ुबार्नी के तौर पर ख़दुावन्द के सामनेपशे िकया, और समएुल बनी — इस्राईल के िलए ख़दुावन्द केसामने फ़िरयाद करता रहा और ख़दुावन्द ने उस की सनुी। 10औरिजस वक़्त समएुल उस सोख़्तनी क़ुबार्नी को अदा कर रहा थाउस वक़्त िफ़िलस्ती इस्राईिलयों से जंग करने को नज़दीक आए,लिेकन ख़दुावन्द िफ़िलिस्तयों के उपर उसी िदन बड़ी कड़क केसाथ गरजा और उनको घबरा िदया;और उन्होनंे इस्रािलयों के आगेिशकस्त खाई। 11और इस्राईल के लोगों ने िमस्फ़ाह से िनकल करिफ़िलिस्तयों को दौड़ाया,और बतैकरर् के नीचे तक उन्हें मारते चलेगए। 12 तब समएुल ने एक पत्थर ले कर उसे िमस्फ़ाह और †शनेके बीच में खड़ा िकया,और उसका नाम इबन-'अज़र यह कहकररख्खा, “िक यहा ँ तक ख़दुावन्द ने हमारी मदद की।” 13 इस िलएिफ़िलस्ती मग़लूब हएु और इस्राईल की सरहद में िफर न आए,औरसमएुलकी िज़न्दगी भर ख़दुावन्द का हाथ िफ़िलिस्तयों के िख़लाफ़रहा। 14और अक़रून से जात तक के शहर िजनको िफ़िलिस्तयों नेइस्राईिलयों से ले िलया था, वह िफर इस्रािलयों के क़ब्ज़े में आए;और इस्राईिलयों ने उनकी 'इलाक़ा भी िफ़िलिस्तयों के हाथ से छुड़ािलया और इस्राईिलयों और अमोिरयों मे ं सलुह थी। 15और समएुलअपनी िज़न्दगी भर इस्राईिलयों की 'अदालत करता रहा। 16 औरवह हर साल बतैएल और िजल्जाल और िमस्फ़ाह में दौरा करता,और उन सब मक़ामों मे ं बनी — इस्राईल की 'अदालत करता था।† 7:12 जशेनाह

  • 1 समएुल 7:17 19 1 समएुल 8:917 िफर वह रामा को लौट आता क्यूिँक वहा ँ उसका घर था,औरवहा ँ इस्राईल की 'अदालत करता था,और वहीं उसने ख़दुावन्द केिलए एक मज़बह बनाया।

    8इस्राईल का एक बादशाह की मांग करना

    1जब समएुल बडु्ढा हो गया,तो उसने अपने बटेों को इस्राईिलयोंके क़ाज़ी ठहराया। 2 उसके पहलौठे का नाम यूएल, और उसकेदूसरे बटेे का नाम अिबयाह था। वह दोनों बरैसबा' के क़ाज़ी थ।े3 लिेकन उसके बटेे उसकी रास्ते पर न चल,े बिल्क वह नफ़ा' केलालच से िरश्वत लतेे और इन्साफ़ का ख़ून कर दतेे थ।े 4 तब सबइस्राईली बज़ुगुर् जमा' होकर रामा में समएुल के पास आए। 5 औरउससे कहने लगे “दखे, तू ज़ई'फ़ ह,ैऔर तरेे बटेे तरेी राह पर नहीचलत;े अब तो िकसी को हमारा बादशाह मक़ुरर्र करद,े जो औरक़ौमों की तरह हमारी 'अदालत करे।” 6लिेकन जब उन्होनंे कहा,िक हमको कोई बादशाह दे जो हमारी 'अदालत करे, तो यह बातसमएुल को बरुी लगी,और समएुल ने ख़दुावन्द से दआु की। 7औरख़दुावन्द ने समएुल से कहा, िक “जो कुछ यह लोग तझु से कहतेहै,ं तू उसको मान क्यूिँक उन्होनंे तरेी नहीं बिल्क मरेी िहक़ारत कीहै िक मैं उनका बादशाह न रहू।ँ 8जसैे काम वह उस िदन से जब सेमें उनको िमस्र से िनकाल लाया आज तक करते आए है,ं िक मझुेछोड़ करके और मा'बूदों की इबादत करते रहे है,ं वसैा ही वह तझुसे करते है।ं 9 इसिलए तू उसकी बात मान, तो भी तू संजीदगी सेउनको ख़ूब जता दे और उनको बता भी द,े िक जो बादशाह उनपरहकूुमत करेगा उसका तरीक़ा कैसा होगा।”

    समएुल का एक बादशाहत के िख़लाफ़ खबरदार करना

  • 1 समएुल 8:10 20 1 समएुल 8:2210और समएुल ने उन लोगों को जो उससे बादशाह के तािलब

    थ,े ख़दुावन्द की सब बातें कह सनुाईं। 11 और उसने कहा, िकजो बादशाह तमु पर हकूुमत करेगा उसका तरीक़ा यह होगा, िकवह तमु्हारे बटेों को लकेर अपने रथों के िलए और अपने िरसालेमे ं नौकर रख्खगेा और वह उसके रथों के आगे आगे दौड़ंेग।े12और वह उनको हज़ार — हज़ार के सरदार और पचास — पचासके जमा'दार बनाएगा और कुछ से हल जतुवायगेा और फ़सलकटवाएगाऔरअपने िलए जंग के हिथयारऔरअपने रथों के साज़बनवाएगा। 13और तमु्हारी बिेटयों को लकेर गंिधनऔर बावरिचनऔर नानबज़ बनाएगा। 14और तमु्हारे खतेों और तािकस्तानों औरज़तूैन के बाग़ों को जो अच्छे से अच्छे होगंे लकेर अपने िख़दमतगारों को 'अता करेगा, 15और तमु्हारे खतेों और तािकस्तानों कादसवा ँ िहस्सा लकेर अपने ख़ोजों और ख़ािदमों को दगेा। 16 औरतमु्हारे नौकर चाकरों और लौिंडयों और तमु्हारे ख़ूबसूरत *जवानोंऔर तमु्हारे गदहों को लकेर अपने काम पर लगाएगा। 17और वहतमु्हारी भड़े बकिरयों का भी दसवा ँ िहस्सा लगेा इस िलए तमु उसकेग़लुाम बन जाओग।े 18 और तमु उस िदन उस बादशाह की वजहसे िजसे तमुने अपने िलए चनुा होगा, फ़िरयाद करोगे पर उस िदनख़दुावन्द तमु को जवाब न दगेा। 19 तो भी लोगों ने समएुल कीबात न सनुी और कहने लग,े “नहीं हम तो बादशाह चाहते हैं जोहमारे ऊपर हो। 20 तािक हम भी और सब क़ौमों की तरह हों औरहमारा बादशाह हमारी 'अदालत करे, और हमारे आगे आगे चलेऔर हमारी तरफ़ से लड़ाई करे।” 21और समएुल ने लोगों की सबबातें सनुी ं और उनको ख़दुावन्द के कानों तक पहुचँाया। 22 औरख़दुावन्द ने समएुल को फ़रमाया तू उनकी बात मान और उनकेिलए एक बादशाह मक़ुरर्र कर तब समएुल ने इस्राईल के लोगों सेकहा िक तमु सब अपने अपने शहर को चले जाओ।* 8:16 मवशेी

  • 1 समएुल 9:1 21 1 समएुल 9:99

    साऊल का समएुल से िमलना1 और िबनयमीन के क़बीले का एक शख़्स था िजसका नाम

    क़ीस, िबन अबीएल, िबन सरोर, िबन बकोरत, िबन अफ़ीख़ था वहएक िबनयमीनी का बटेा और ज़बरदस्त सूरमा था। 2 उसका एकजवान और ख़ूबसूरत बटेा था िजसका नाम साऊल था,और बनी— इस्राईल के बीच उससे ख़ूबसूरत कोई शख़्स न था। वह ऐसालम्बा था िक लोग उसके कंधे तकआते थ।े 3और साऊल के बापक़ीस के गधे खो गए, इसिलए क़ीस ने अपने बटेे साऊल से कहा,“िक नौकरों मे ं से एक को अपने साथ ले और उठ कर गधों को ढूडँला।” 4 इसिलए वह इफ़्राईम के पहाड़ी मलु्क और सलीसा की सरज़मीन से होकर गज़ुरा,लिेकन वह उनको न िमल।े तब वह सा'लीमकी सर ज़मीन में गए और वह वहा ँ भी न थ,े िफर वह िबनयमीनीके मलु्क में आए लिेकन उनको वहा ँ भी न पाया। 5जब वह सूफ़ केमलु्क में पहुचँे तो साऊल अपने नौकर से जो उसके साथ था कहनेलगा, “आ हम लौट जाए,ँ ऐसा न हो िक मरेा बाप गधों की िफ़क्रछोड़ कर हमारी िफ़क्र करने लग।े” 6 उसने उससे कहा, “दखे इसशहर में खदुा एक नबी है िजसकी बड़ी 'इज़्ज़त होती ह,ैजो कुछ वहकहता ह,ै वह सब ज़रूर ही पूरा होता ह।ै इसिलए हम उधर चले,ंशायद वह हमको बता दे िक हम िकधर जाए।ँ” 7साऊल ने अपनेनौकर से कहा, “लिेकन दखे अगर हम वहा ँ चलें तो उस शख़्सके िलए क्या लतेे जाए?ँ रोिटया ँ तो हमारे तोशदेान की हो चकुींऔर कोई चीज़ हमारे पास है नही,ं िजसे हम उस नबी को पशे करेंहमारे पास है िकया?” 8 नौकर ने साऊल को जवाब िदया, “दखे,*पाव िमस्क़ाल चादँी मरेे पास ह,ै उसी को मैं उस नबी को दूगँातािक वह हमको रास्ता बता द।े” 9अगले ज़माने मे ं इस्राईिलयों मे ंजब कोई शख़्स ख़दुा से मशवरा करने जाता तो यह कहता था, िक* 9:8 3 ग्राम का चांदी का एक छोटा िसक्का

  • 1 समएुल 9:10 22 1 समएुल 9:19आओ, हम ग़बैबीन के पास चले,ं क्यूिँक िजसको अब नबी कहतेंहै,ं उसको पहले ग़बैबीन कहते थ।े 10 तब साऊल ने अपने नौकरसे कहा, तू ने क्या ख़ूब कहा,आ हम चलें इस िलए वह उस शहरको जहा ँ वह नबी था चल।े 11 और उस शहर की तरफ़ टीले परचढ़ते हएु, उनको कई जवान लड़िकया ँ िमलीं जो पानी भरने जातीथी;ं उन्होनंे उन से पूछा, “क्या ग़बैबीन यहा ँ ह?ै” 12 उन्होनंे उनकोजवाब िदया, “हा ँ ह,ै दखेो वह तमु्हारे सामने ही ह,ै इसिलए जल्दीकरो क्यूिँक वहआज ही शहर मेंआया ह,ै इसिलए िकआज के िदनऊँचे मक़ाम में लोगों की तरफ़ से क़ुबार्नी होती ह।ै 13 जसैे ही तमुशहर में दािख़ल होग,े वह तमुको पहले उससे िक वह ऊँचे मक़ाममें खाना खाने जाए िमलगेा, क्यूिँक जब तक वह न पहुचँे लोग खानानहीं खायेगं,े इसिलए िक वह क़ुबार्नी को बरकत दतेा ह,ै उसके बादमहेमान खाते है,ं इसिलए अब तमु चढ़ जाओ, क्यूिँक इस वक़्त वहतमुको िमल जाएगा।” 14 इसिलए वह शहर को चले और शहर मेंदािख़ल होते ही दखेा िक समएुल उनके सामने आ रहा है िक वहऊँचे मक़ाम को जाए। 15और ख़दुावन्द ने साऊल के आने से एकिदन पहले समएुल पर ज़ािहर कर िदया था िक 16 कल इसी वक़्तमैं एक शख़्स को िबन यमीन के मलु्क से तरेे पास भजूेगँा, तू उसेमसह करना तािक वह मरेी क़ौम इस्राईल का सरदार हो,और वहमरेे लोगों को िफ़िलिस्तयों के हाथ से बचाएगा, क्यूिँक मैनंे अपनेलोगों पर नज़र की ह,ै इसिलए िक उनकी फ़िरयाद मरेे पास पहुचँीह।ै 17 इसिलए जब समएुल साऊल से िमला, तो ख़दुावन्द ने उससेकहा, “दखे यही वह शख़्स है िजसका िज़क्र मैनंे तझु से िकया था,यही मरेे लोगों पर हकूुमत करेगा।” 18 िफर साऊल ने फाटक परसमएुल के नज़दीक जाकर उससे कहा, “िक मझुको ज़रा बता देिक ग़बैबीन का घर कहा, ह?ै” 19समएुल ने साऊल को जवाब िदयािक वह ग़बैबीन मैं ही हू;ँ मरेे आगे आगे ऊँचे मक़ाम को जा, क्यूिँक

  • 1 समएुल 9:20 23 1 समएुल 9:27

    तमु आज के िदन मरेे साथ खाना खाओगे और सबुह को मैं तझुेरुख़्सत करँूगा, और जो कुछ तरेे िदल में है सब तझुे बता दूगँा।20 और तरेे गधे िजनको खोए हएु तीन िदन हएु, उनका ख़्याल मतकर, क्यूिँक वह िमल गए और इस्राईिलयों मे ं जो कुछ िदलकश हैंवह िकसके िलए है,ं क्या वह तरेे और तरेे बाप के सारे घराने केिलए नही?ं 21साऊल ने जवाब िदया “क्या मैं िबन यमीनी, या'नीइस्राईल के सब से छोटे क़बीले का नही?ं और क्या मरेा घरानािबन यमीन के क़बीले के सब घरानों मे ं सब से छोटा नही?ं इसिलए तू मझु से ऐसी बातें क्यू ँ कहता ह?ै” 22और समएुल साऊलऔर उसके नौकर को महेमानख़ाने मे ं लाया,और उनको महेमानों केबीच जो कोई तीसआदमी थे सद्र जगह में िबठाया। 23और समएुलने बावचीर् से कहा “िक वह टकुड़ा जो मैनंे तझुे िदया, िजसके बारे मेंतझु से कहा,था िक उसे अपने पास रख छोड़ना,लआे।” 24बावचीर्ने वह रान म'अ उसके जो उसपर था, उठा कर साऊल के सामनेरख दी, तब समएुल ने कहा, यह दखे जो रख िलया गया था, उसेअपने सामने रख कर खा ले क्यूिँक वह इसी म'ुअय्यन वक़्त केिलए, तरेे िलए रख्खी रही क्यूिँक मैनंे कहा िक मैनंे इन लोगों कीदा'वत की है “इस िलए साऊल ने उस िदन समएुल के साथ खानाखाया। 25 और जब वह ऊँचे मक़ाम से उतर कर शहर में आए तो†उसने साऊल से उस के घर की छत पर बातें कीं 26 और वहसवरेे उठे,और ऐसा हआु, िक जब िदन चढ़ने लगा, तो समएुल नेसाऊल को िफर घर की छत पर बलुाकर उससे कहा, उठ िक मैंतझुे रुख़्सत करँू।” इस िलए साऊल उठा,और वह और समएुलदोनों बाहर िनकल गए। 27 और शहर के िसरे के उतार पर चलतेचलते समएुल ने साऊल से कहा िक अपने नौकर को हकु्म कर िकवह हम से आगे बढ़े, इसिलए वह आगे बढ़, गया, लिेकन तू अभीठहरा रह तािक मैं तझुे ख़दुा की बात सनुाऊँ।† 9:25 समएुल ने शाऊल को घर के छत पर लगेाया औरवहां उस के िलए एक िबछोनातय्यार िकया

  • 1 समएुल 10:1 24 1 समएुल 10:810

    समएुल का साऊल का बादशाह बनने के िलये महस करना1 िफर समएुल ने तले की कुप्पी ली और उसके सर पर उँडेली

    और उसे चूमा और कहा, िक क्या यही बात नहीं िक ख़दुावन्द नेतझुे मसह िकया, तािक तू उसकी *मीरास का रहनमुा हो? 2जबतू आज मरेे पास से चला जाएगा, तो िज़ल्ज़ह में जो िबनयमीन कीसरहद में ह,ै रािख़ल की क़ब्र के पास दो शख़्स तझुे िमलेगं,े औरवह तझु से कहेगं,े िक वह गधे िजनको तू ढंूडने गया था िमल गए;और दखे अब तरेा बाप गधों की तरफ़ से बिेफ़क्र होकर तमु्हारेिलए िफ़क्र मंद ह,ै और कहता ह,ै िक मैं अपने बटेे के िलए क्याकरँू? 3 िफर वहा ँ से आगे बढ़ कर जब तू तबूर के बलूत के पासपहुचँगेा, तो वहा ँ तीन शख़्स जो बतैएल को ख़दुा के पास जाते होगंेतझुे िमलेगं,े एक तो बकरी के तीन बच्च,े दूसरा रोटी के तीन टकुड़े,और तीसरा मय का एक मश्कीज़ा िलए जाता होगा। 4 और वहतझुे सलाम करेगं,ेऔर रोटी के दो टकुड़े तझुे देगं,े तू उनको उनकेहाथ से ले लनेा। 5और बाद उसके तू ख़दुा के पहाड़ को पहुचँगेा,जहा ँ िफ़िलिस्तयों की चौकी ह,ै और जब तू वहा ँ शहर में दािख़लहोगा तो निबयों की एक जमा'अत जो ऊँचे मक़ाम से उतरती होगी,तझुे िमलगेी, और उनके आगे िसतार और दफ़ और बासँलुी औरबरबत होगंे और वह नबवु्वत करते होगं।े 6 तब ख़दुावन्द की रूहतझु पर ज़ोर से नािज़ल होगी, और तू उनके साथ नबवु्वत करनेलगगेा,और बदल कर और ही आदमी हो जाएगा। 7 इसिलए जबयह िनशान तरेे आगे आए,ँ तो िफर जसैा मौक़ा हो वसैा ही कामकरना क्यूिँक ख़दुा तरेे साथ ह।ै 8 और तु मझु से पहले िजल्जालको जाना;और दखे में तरेे पास आऊँगा तािक सोख़्तनी क़ुबार्िनया ँकरँू और सलामती के ज़बीहों को ज़बह करँू। तू सात िदन तक* 10:1 उसके इस्राईली लोगों के ऊपर

  • 1 समएुल 10:9 25 1 समएुल 10:19वहीं रहना जब तक मैं तरेे पास आकर तझुे बता न दू ँ िक तझुकोक्या करना होगा।

    समएुल की िनशािनयां परुी होना9और ऐसा हआु िक जसैे ही उसने समएुल से रुख़्सत होकर पीठ

    फेरी, ख़दुा ने उसे दूसरी तरह का िदल िदया और वह सब िनशानउसी िदन वजूद में आए। 10और जब वह उधर उस पहाड़ के पासआए तो निबयों की एक जमा'अत उसको िमली,और ख़दुा की रूहउस पर ज़ोर से नािज़ल हईु,और वह भी उनके बीच नबवु्वत करनेलगा। 11और ऐसा हआु िक जब उसके अगले जान पहचानों ने यहदखेा िक वह निबयों के बीच नबवु्वत कर रहा है तो वह एक दूसरेसे कहने लग,े “क़ीस के बटेे को क्या हो गया? क्या साऊल भीनिबयों मे ं शािमल ह?ै” 12और वहा ँ के एक आदमी ने जवाब िदया,िक भला उनका बाप कौन ह?ै “तब ही से यह िमसाल चली, क्यासाऊल भी निबयों मे ं ह?ै” 13और जब वह नबवु्वत कर चकुा तोऊँचे मक़ाम में आया। 14 वहा ँ साऊल के चचा ने उससे और उसकेनौकर से कहा, “तमु कहा ँ गए थ?े” उसने कहा, “गधे ढंूडने औरजब हमने दखेा िक वह नही िमलत,े तो हम समएुल के पास आए।”15 िफर साऊल के चचा ने कहा, “िक मझुको ज़रा बता तो सही िकसमएुल ने तमु से क्या क्या कहा।” 16साऊल ने अपने चचा से कहा,उसने हमको साफ़ — साफ़ बता िदया, िक गधे िमल गए, लिेकनहकूुमत का मज़मून िजसका िज़क्र समएुल ने िकया था न बताया।

    समएुल का आफ़रीन बादशाह बनना17 और समएुल ने लोगों को िमसफ़ाह में ख़दुावन्द के सामने

    बलुवाया। 18 और उसने बनी इस्राईल से कहा “िक ख़दुावन्दइस्राईल का ख़दुा यू ँ फ़रमाता है िक मैं इस्राईल को िमस्र से िनकाललायाऔर मैनंे तमुको िमस्रयों के हाथ सेऔर सब सल्तनतों के हाथसे जो तमु पर ज़लु्म करती थीं िरहाई दी। 19�


Top Related