premchand (19)

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Page 1: Premchand (19)

प्रे�मचं�द

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1. ईश्वरी�य न्य�य 32. ममता� 253. म�त्र 42

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ईश्वरीय न्य य

नपु�री जि�ले� म� पु�डि�ता भृ�गु�दत्त न�मक एक बड़े� �म द�री थे�। म��शी� सत्यन�री�यण उनक� क�रिंरी)द� थे�। वह बड़े� स्व�मिमभृक्त औरी सच्चरिरीत्र मन�ष्य थे�। ले�खों4 रुपुय� क6

ताहस�ले औरी ह��री4 मन अन�� क� ले�न-द�न उनक� ह�थे म� थे�; पुरी कभृ� उनक6 डिनयता ��व8�9ले न ह9ता�। उनक� स�प्रब�ध स� रिरीय�सता दिदन4दिदन उन्नडिता करीता� ��ता� थे�। ऐस� कत्तर्व्य@पुरी�यण स�वक क� जि�तान� सम्म�न ह9न� चा�डिहए, उसस� अमिधक ह� ह9ता� थे�। दु:खों-स�खों क� प्रत्य�क अवसरी पुरी पु�डि�ता �� उनक� स�थे बड़े� उद�रीता� स� पु�शी आता�। ध�री�-ध�री� म��शी� �� क� डिवश्व�स इतान� बढ़ा� डिक पु�डि�ता �� न� डिहस�ब-डिकता�ब क� समझन� भृ� छो9ड़े दिदय�। सम्भव हJ, उनस� आ��वन इस� तारीह डिनभृ ��ता�, पुरी भृ�व� प्रबले हJ। प्रय�गु म� क� म्भ लेगु�, ता9 पु�डि�ता �� भृ� स्न�न करीन� गुय�। वह8 स� लेKटकरी डिMरी व� घरी न आय�। म�लेOम नह , डिकस� गुढ़ा� म� डिMसले पुड़े� य� क9ई �ले-��ता� उन्ह� खों चा ले� गुय�, उनक� डिMरी क� छो पुता� ह� न चाले�। अब म��शी� सत्यन�री�ण क� अमिधक�री औरी भृ� बढ़ा�। एक हताभृ�डिगुन� डिवधव� औरी द9 छो9ट�-छो9ट� बच्च4 क� सिसव� पु�डि�ता �� क� घरी म� औरी क9ई न थे�। अ�त्य�मिQ-डिRय� स� डिनव�त्त ह9करी एक दिदन शी9क�ता�री पु�डि�ता�इन न� उन्ह� ब�ले�य� औरी री9करी कह�—ले�ले�, पु�डि�ता �� हम� मTझध�री म� छो9ड़ेकरी स�रीपु�री क9 सिसधरी गुय�, अब यह नJय� ता�म्ह� पु�री लेगु�ओगु� ता9 लेगु सकता� हJ। यह सब खों�ता� ता�म्ह�री� लेगु�य� हुई हJ, इस� ता�म्ह�री� ह� ऊपुरी छो9ड़ेता� हूँT। य� ता�म्ह�री� बच्च� हY, इन्ह� अपुन�ओ। �ब ताक म�सिलेक जि�य�, ता�म्ह� अपुन� भृ�ई समझता� रीह�। म�झ� डिवश्व�स हJ डिक ता�म उस� तारीह इस भृ�री क9 सTभृ�ले� रीह9गु�।

क�

सत्यन�री�ण न� री9ता� हुए �व�ब दिदय�—भृ�भृ�, भृJय� क्य� उठ गुय�, म�री� ता9 भृ�ग्य ह� MO ट गुय�, नह ता9 म�झ� आदम� बन� द�ता�। मY उन्ह क� नमक खों�करी जि�य� हूँT औरी उन्ह क6 चा�करी� म� मरुT गु� भृ�। आपु ध�री� रीखों�। डिकस� प्रक�री क6 चिंचा)ता� न करी�। मY ��ता�-�� आपुक6 स�व� स� म�Tह न म9�O Tगु�। आपु क� वले इतान� क6जि�एगु� डिक मY जि�स डिकस� क6 सिशीक�यता करुT , उस� �8ट द^जि�एगु�; नह ता9 य� ले9गु सिसरी चाढ़ा ��य�गु�।

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स घटन� क� ब�द कई वर्षो` ताक म��शी��� न� रिरीय�सता क9 सTभृ�ले�। वह अपुन� क�म म� बड़े� क� शीले थे�। कभृ� एक कKड़े� क� भृ� बले नह पुड़े�। स�री� जि�ले� म� उनक� सम्म�न ह9न�

लेगु�। ले9गु पु�डि�ता �� क9 भृOले-स� गुय�। दरीब�री4 औरी कम�दिटय4 म� व� सम्मिम्मसिलेता ह9ता�, जि�ले� क�

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अमिधक�री� उन्ह क9 �म द�री समझता�। अन्य रीईस4 म� उनक� आदरी थे�; पुरी म�न-व�डिb क6 महTगु� वस्ता� हJ। औरी भृ�न�क�T वरिरी, अन्य म्मिस्त्रय4 क� सदृशी पुJस� क9 खोंOब पुकड़ेता�। वह मन�ष्य क6 मन9व�त्तित्तय4 स� पुरिरीसिचाता न थे�। पु�डि�ता �� हम�शी� ले�ले� �� क9 इन�म इकरी�म द�ता� रीहता� थे�। व� ��नता� थे� डिक ज्ञा�न क� ब�द ईम�न क� दूसरी� स्ताम्भ अपुन� स�दशी� हJ। इसक� सिसव� व� खों�द भृ� कभृ� क�गु�4 क6 �8चा करी सिलेय� करीता� थे�। न�मम�त्र ह� क9 सह�, पुरी इस डिनगुरी�न� क� �री �रुरी बन� रीहता� थे�; क्य4डिक ईम�न क� सबस� बड़े� शीत्र� अवसरी हJ। भृ�न�क�T वरिरी इन ब�ता4 क9 ��नता� न थे�। अताएव अवसरी ताथे� धन�भृ�व-�Jस� प्रबले शीत्र�ओं क� पु��� म� पुड़े करी म��शी��� क� ईम�न कJ स� ब�द�गु बचाता�?

क�नपु�री शीहरी स� मिमले� हुआ, ठhक गु�गु� क� डिकन�री�, एक बहुता आ��द औरी उपु��ऊ गु8व थे�। पु�डि�ता �� इस गु8व क9 ले�करी नद^-डिकन�री� पुक्क� घ�ट, म�दिदरी, ब�गु, मक�न आदिद बनव�न� चा�हता� थे�; पुरी उनक6 यह क�मन� सMले न ह9 सक6। स�य9गु स� अब यह गु8व डिबकन� लेगु�। उनक� �म द�री एक ठ�क� री स�हब थे�। डिकस� MK�द�री� क� म�मले� म� MT स� हुए थे�। म�कदम� लेड़ेन� क� सिलेए रुपुय� क6 चा�ह थे�। म��शी��� न� कचाहरी� म� यह सम�चा�री स�न�। चाटपुट म9ले-ता9ले हुआ। द9न4 तारीM गुरी� थे�। सKद� पुटन� म� द�री न लेगु�, बJन�म� सिलेखों� गुय�। रीजि�स्ट्री^ हुई। रुपुय� मK�Oद न थे�, पुरी शीहरी म� स�खों थे�। एक मह��न क� यह8 स� ता�स ह��री रुपुय� मTगुव�य� गुय� औरी ठ�क� री स�हब क9 न�री डिकय� गुय�। ह8, क�म-क�� क6 आस�न� क� खोंय�ले स� यह सब सिलेखों�-पुढ़ा^ म��शी��� न� अपुन� ह� न�म क6; क्य4डिक म�सिलेक क� लेड़ेक� अभृ� न�ब�सिलेगु थे�। उनक� न�म स� ले�न� म� बहुता झ�झट ह9ता� औरी डिवलेम्ब ह9न� स� सिशीक�री ह�थे स� डिनकले ��ता�। म��शी��� बJन�म� सिलेय� अस�म आन�द म� मग्न भृ�न�क�T वरिरी क� पु�स आय�। पुद�@ करी�य� औरी यह शी�भृ-सम�चा�री स�न�य�। भृ�न�क�T वरिरी न� स�ले न�त्र4 स� उनक9 धन्यव�द दिदय�। पु�डि�ता �� क� न�म पुरी मजिन्दरी औरी घ�ट बनव�न� क� इरी�द� पुक्क� ह9 गुय�।

म�Tशी� �� दूसरी� ह� दिदन उस गु8व म� आय�। आस�म� न�री�न� ले�करी नय� स्व�म� क� स्व�गुता क9 ह�जि�री हुए। शीहरी क� रीईस4 क6 द�वता हुई। ले9गु4 क� न�व4 पुरी बJठ करी गु�गु� क6 खोंOब सJरी क6। मजिन्दरी आदिद बनव�न� क� सिलेए आब�द^ स� हट करी रीमण�क स्था�न चा�न� गुय�।

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द्यडिपु इस गु8व क9 अपुन� न�म ले�ता� समय म��शी� �� क� मन म� कपुट क� भृ�व न थे�, ताथे�डिपु द9-चा�री दिदन म� ह� उनक� अ�क� री �म गुय� औरी ध�री�-ध�री� बढ़ान� लेगु�। म��शी� ��

इस गु8व क� आय-र्व्यय क� डिहस�ब अलेगु रीखोंता� औरी अपुन� स्व�मिमन4 क9 उसक� ब्य9री9 समझ�न� क6 �रुरीता न समझता�। भृ�न�क�T वरिरी इन ब�ता4 म� दखोंले द�न� उसिचाता न समझता� थे�; पुरी दूसरी� क�रिंरी)द4 स� ब�ता� स�न-स�न करी उस� शी�क� ह9ता� थे� डिक कह म��शी� �� दगु� ता9 न द�गु�।

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अपुन� मन क� भृ�व म��शी� स� सिछोपु�ता� थे�, इस खोंय�ले स� डिक कह क�रिंरी)द4 न� उन्ह� ह�डिन पुहुTचा�न� क� सिलेए यह र्षोड़ेय�त्र न रीचा� ह9।

इस तारीह कई स�ले गु��री गुय�। अब उस कपुट क� अ�क� री न� व�क्ष क� रुपु ध�रीण डिकय�। भृ�न�क�T वरिरी क9 म��शी� �� क� उस म�गु@ क� लेक्षण दिदखों�य� द�न� लेगु�। उधरी म��शी� �� क� मन न� क�नOन स� न�डिता पुरी डिव�य पु�य�, उन्ह4न� अपुन� मन म� MJ सले� डिकय� डिक गु8व म�री� हJ। ह8, मY भृ�न�क�T वरिरी क� ता�स ह��री क� ऋण� अवश्य हूँT। व� बहुता करी�गु� ता9 अपुन� रुपुय� ले� ले�गु� औरी क्य� करी सकता� हY? मगुरी द9न4 तारीM यह आगु अन्दरी ह� अन्दरी स�लेगुता� रीह�। म��शी� �� अस्त्रसज्जिqता ह9करी आRमण क� इ�ता��री म� थे� औरी भृ�न�क�T वरिरी इसक� सिलेए अवसरी ढूँOTढ़ा रीह� थे�। एक दिदन उसन� स�हस करीक� म��शी� �� क9 अन्दरी ब�ले�य� औरी कह�—ले�ले� �� ‘बरीगुद�’ क� मजिन्दरी क� क�म कब स� लेगुव�इएगु�? उस� सिलेय� आठ स�ले ह9 गुय�, अब क�म लेगु ��य ता9 अच्छा� ह9। जिं�)दगु� क� कKन दिठक�न� हJ, �9 क�म करीन� हJ; उस� करी ह� ��लेन� चा�डिहए।

इस ढूँ�गु स� इस डिवर्षोय क9 उठ� करी भृ�न�क�T वरिरी न� अपुन� चाता�री�ई क� अच्छा� पुरिरीचाय दिदय�। म��शी� �� भृ� दिदले म� इसक� क�यले ह9 गुय�। �री� स9चा करी ब9ले�—इरी�द� ता9 म�री� कई ब�री हुआ, पुरी मKक� क6 �म�न नह मिमलेता�। गु�गु�ताट क6 �म�न अस�मिमय4 क� �9ता म� हJ औरी व� डिकस� तारीह छो9ड़ेन� पुरी री��� नह ।

भृ�न�क�T वरिरी—यह ब�ता ता9 आ� म�झ� म�लेOम हुई। आठ स�ले हुए, इस गु8व क� डिवर्षोय म� आपुन� कभृ� भृOले करी भृ� द^ ता9 चाचा�@ नह क6। म�लेOम नह , डिकतान� ताहस�ले हJ, क्य� म�न�M� हJ, कJ स� गु8व हJ, क� छो स�री ह9ता� हJ य� नह । �9 क� छो करीता� हY, आपु ह� करीता� हY औरी करी�गु�। पुरी म�झ� भृ� ता9 म�लेOम ह9न� चा�डिहए?

म��शी� �� सTभृले उठ� । उन्ह� म�लेOम ह9 गुय� डिक इस चाता�री स्त्र� स� ब��� ले� ��न� म�श्किश्कले हJ। गु8व ले�न� ह� हJ ता9 अब क्य� �री। खों�ले करी ब9ले�—आपुक9 इसस� क9ई सरी9क�री न थे�, इससिलेए मYन� र्व्यथे@ कQ द�न� म�न�सिसब न समझ�।

भृ�न�क�T वरिरी क� हृदय म� क� ठ�री-स� लेगु�। पुदy स� डिनकले आय� औरी म��शी� �� क6 तारीM ता�� ऑंखों4 स� द�खों करी ब9ले�—आपु क्य� कहता� हY! आपुन� गु8व म�री� सिलेय� सिलेय� थे� य� अपुन� सिलेए! रुपुय� मYन� दिदय� य� आपुन�? उस पुरी �9 खोंचा@ पुड़े�, वह म�री� थे� य� आपुक�? म�री� समझ म� नह आता� डिक आपु कJ स� ब�ता� करीता� हY।

म��शी� �� न� स�वध�न� स� �व�ब दिदय�—यह ता9 आपु ��नता� हY डिक गु8व हम�री� न�म स� बस� हुआ हJ। रुपुय� �रुरी आपुक� लेगु�, पुरी मY उसक� द�नद�री हूँT। रीह� ताहस�ले-वसOले क� खोंचा@, यह सब मYन� अपुन� पु�स स� दिदय� हJ। उसक� डिहस�ब-डिकता�ब, आय-र्व्यय सब रीखोंता� गुय� हूँT।

भृ�न�क�T वरिरी न� R9ध स� क8पुता� हुए कह�—इस कपुट क� Mले आपुक9 अवश्य मिमले�गु�। आपु इस डिनद@यता� स� म�री� बच्च4 क� गुले� नह क�ट सकता�। म�झ� नह म�लेOम थे� डिक आपुन� हृदय म� छो� री� सिछोपु� रीखों� हJ, नह ता9 यह नKबता ह� क्य4 आता�। खोंJरी, अब स� म�री� री9कड़े

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औरी बह� खों�ता� आपु क� छो न छो� ऍं। म�री� �9 क� छो ह9गु�, ले� लेOTगु�। ��इए, एक��ता म� बJठ करी स9सिचाए। पु�पु स� डिकस� क� भृले� नह ह9ता�। ता�म समझता� ह9गु� डिक ब�लेक अन�थे हY, इनक6 सम्पत्तित्त ह�म करी लेOTगु�। इस भृOले म� न रीहन�, मY ता�म्ह�री� घरी क6 ईट ताक डिबकव� लेOTगु�।

यह कहकरी भृ�न�क�T वरिरी डिMरी पुदy क6 आड़े म� आ बJठh औरी री9न� लेगु�। म्मिस्त्रय8 R9ध क� ब�द डिकस� न डिकस� बह�न� री9य� करीता� हY। ले�ले� स�हब क9 क9ई �व�ब न सOझ�। यह8 स� उठ आय� औरी दफ्तारी ��करी क�गु� उलेट-पुलेट करीन� लेगु�, पुरी भृ�न�क�T वरिरी भृ� उनक� पु�छो�-पु�छो� दफ्तारी म� पुहुTचा� औरी �8ट करी ब9ले�—म�री� क9ई क�गु� मता छोO न�। नह ता9 ब�री� ह9गु�। ता�म डिवर्षोJले� स�Tपु ह9, मY ता�म्ह�री� म�Tह नह द�खोंन� चा�हता�।

म��शी� �� क�गु�4 म� क� छो क�ट-छो8ट करीन� चा�हता� थे�, पुरी डिववशी ह9 गुय�। खों��न� क6 क� न्�� डिनक�ले करी M� क द^, बह�-खों�ता� पुटक दिदय�, डिकव�ड़े धड़े�क� -स� ब�द डिकय� औरी हव� क6 तारीह सन्न-स� डिनकले गुय�। कपुट म� ह�थे ता9 ��ले�, पुरी कपुट मन्त्र न ��न�।

दूसरी� क�रिंरी)द4 न� यह कJ डिMयता स�न�, ता9 MO ले� न सम�य�। म��शी� �� क� स�मन� उनक6 द�ले न गुलेन� पु�ता�। भृ�न�क�T वरिरी क� पु�स आकरी व� आगु पुरी ता�ले सिछोड़ेकन� लेगु�। सब ले9गु इस डिवर्षोय म� सहमता थे� डिक म��शी� सत्यन�री�यण न� डिवश्व�सघ�ता डिकय� हJ। म�सिलेक क� नमक उनक6 हडि~य4 स� MO ट-MO ट करी डिनकले�गु�।

द9न4 ओरी स� म�कदम�ब��� क6 ताJय�रिरीय8 ह9न� लेगु ! एक तारीM न्य�य क� शीरी�री थे�, दूसरी� ओरी न्य�य क6 आत्म�। प्रक� डिता क� पु�रुर्षो स� लेड़ेन� क� स�हस हुआ।

भृ�नक�T वरिरी न� ले�ले� छोक्कन ले�ले स� पुOछो�—हम�री� वक6ले कKन हJ? छोक्कन ले�ले न� इधरी-उधरी झ8क करी कह�—वक6ले ता9 स�ठ �� हY, पुरी सत्यन�री�यण न� उन्ह� पुहले� गु8ठ रीखों� ह9गु�। इस म�कदम� क� सिलेए बड़े� ह9सिशीय�री वक6ले क6 �रुरीता हJ। म�हरी� ब�बO क6 आ�कले खोंOब चाले रीह� हJ। ह�डिकम क6 कलेम पुकड़े ले�ता� हY। ब9लेता� हY ता9 �Jस� म9टरीक�री छोO ट ��ता� हJ सरीक�री! औरी क्य� कह�, कई आदमिमय4 क9 M8स� स� उता�री सिलेय� हJ, उनक� स�मन� क9ई वक6ले �ब�न ता9 खों9ले नह सकता�। सरीक�री कह� ता9 वह� करी सिलेय� ��यT।

छोक्कन ले�ले क6 अत्य�सिक्त स� स�द�ह पुJद� करी सिलेय�। भृ�न�क�T वरिरी न� कह�—नह , पुहले� स�ठ �� स� पुOछो सिलेय� ��य। उसक� ब�द द�खों� ��यगु�। आपु ��इए, उन्ह� ब�ले� ले�इए।

छोक्कनले�ले अपुन� ताकद^री क9 ठ4कता� हुए स�ठ �� क� पु�स गुय�। स�ठ �� पु�डि�ता भृ�गु�दत्त क� ��वन-क�ले स� ह� उनक� क�नOन-सम्बन्धी� सब क�म डिकय� करीता� थे�। म�कदम� क� ह�ले स�न� ता9 सन्न�ट� म� आ गुय�। सत्यन�री�ण क9 यह बड़े� न�कन�यता आदम� समझता� थे�। उनक� पुतान स� बड़े� खों�द हुआ। उस� वक्त आय�। भृ�न�क�T वरिरी न� री9-री9 करी उनस� अपुन� डिवपुत्तित्त क6 कथे� कह� औरी अपुन� द9न4 लेड़ेक4 क9 उनक� स�मन� खोंड़े� करीक� ब9ले�—आपु इन अन�थे4 क6 रीक्ष� क6जि�ए। इन्ह� मY आपुक9 स�पुता� हूँT।

स�ठ �� न� समझKता� क6 ब�ता छो�ड़े�। ब9ले�—आपुस क6 लेड़े�ई अच्छा^ नह ।भृ�न�क�T वरिरी—अन्य�य� क� स�थे लेड़ेन� ह� अच्छा� हJ।स�ठ ��—पुरी हम�री� पुक्ष डिनब@ले हJ।

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भृ�न�क�T वरिरी डिMरी पुदy स� डिनकले आय� औरी डिवश्किस्मता ह9करी ब9ले�—क्य� हम�री� पुक्ष डिनब@ले हJ? दुडिनय� ��नता� हJ डिक गु8व हम�री� हJ। उस� हमस� कKन ले� सकता� हJ? नह , मY स�लेह कभृ� न करुT गु�, आपु क�गु�4 क9 द�खों�। म�री� बच्च4 क6 खों�डितारी यह कQ उठ�य�। आपुक� पुरिरीश्रम डिनष्Mले न ��यगु�। सत्यन�री�यण क6 न�यता पुहले� खोंरी�ब न थे�। द�खिखोंए जि�स मिमता� म� गु8व सिलेय� गुय� हJ, उस मिमता� म� ता�स ह��री क� क्य� खोंचा@ दिदखों�य� गुय� हJ। अगुरी उसन� अपुन� न�म उध�री सिलेखों� ह9, ता9 द�खिखोंए, व�र्षिर्षो)क सOद चा�क�य� गुय� य� नह । ऐस� नरीडिपुशी�चा स� मY कभृ� स�लेह न करुT गु�।

स�ठ �� न� समझ सिलेय� डिक इस समय समझ�न�-ब�झ�न� स� क� छो क�म न चाले�गु�। क�गु��ता द�खों�, अत्तिभृय9गु चाले�न� क6 ताJय�रिरीय8 ह9न� लेगु ।

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शी� सत्यन�री�यणले�ले खिखोंसिसय�य� हुए मक�न पुहुTचा�। लेड़ेक� न� मिमठ�ई म8गु�। उस� पु�ट�। स्त्र� पुरी इससिलेए बरीस पुड़े� डिक उसन� क्य4 लेड़ेक� क9 उनक� पु�स ��न� दिदय�। अपुन� व�द्धा�

म�ता� क9 �8ट करी कह�—ता�मस� इतान� भृ� नह ह9 सकता� डिक �री� लेड़ेक� क9 बहले�ओ? एक ता9 मY दिदन-भृरी क� थेक�-म8द� घरी आऊT औरी डिMरी लेड़ेक� क9 खों�ले�ऊT ? म�झ� दुडिनय� म� न औरी क9ई क�म हJ, न ध�ध�। इस तारीह घरी म� ब�वJले� मचा� करी ब�हरी आय�, स9चान� लेगु�—म�झस� बड़े� भृOले हुई। मY कJ स� मOखों@ हूँT। औरी इतान� दिदन ताक स�री� क�गु�-पुत्र अपुन� ह�थे म� थे�। चा�हता�, करी सकता� थे�, पुरी ह�थे पुरी ह�थे धरी� बJठ� रीह�। आ� सिसरी पुरी आ पुड़े�, ता9 सOझ�। मY चा�हता� ता9 बह�-खों�ता� सब नय� बन� सकता� थे�, जि�सम� इस गु8व क� औरी रुपुय� क� जि�R ह� न ह9ता�, पुरी म�री� मOखों@ता� क� क�रीण घरी म� आय� हुई लेक्ष्म� रुठh ��ता� हY। म�झ� क्य� म�लेOम थे� डिक वह चा�ड़ेJले म�झस� इस तारीह पु�शी आय�गु�, क�गु�4 म� ह�थे ताक न लेगु�न� द�गु�।

म��

इस� उध�ड़ेब�न म� म��शी� �� एक�एक उछोले पुड़े�। एक उपु�य सOझ गुय�—क्य4 न क�य@कत्त�@ओं क9 मिमले� लेOT? यद्यडिपु म�री� सख्ता� क� क�रीण व� सब म�झस� न�री�� थे� औरी इस समय स�ध� ब�ता भृ� न करी�गु�, ताथे�डिपु उनम� ऐस� क9ई भृ� नह , �9 प्रले9भृन स� म�ठ्ठीh म� न आ ��य। ह8, इसम� रुपुय� पु�न� क6 तारीह बह�न� पुड़े�गु�, पुरी इतान� रुपुय� आय�गु� कह8 स�? ह�य दुभृ�@ग्य? द9-चा�री दिदन पुहले� चा�ता गुय� ह9ता�, ता9 क9ई कदिठन�ई न पुड़ेता�। क्य� ��नता� थे� डिक वह ��इन इस तारीह वज्र-प्रह�री करी�गु�। बस, अब एक ह� उपु�य हJ। डिकस� तारीह क�गु��ता गु�म करी दूT। बड़े� �9खिखोंम क� क�म हJ, पुरी करीन� ह� पुड़े�गु�।

दुष्क�मन�ओं क� स�मन� एक ब�री सिसरी झ�क�न� पुरी डिMरी सTभृलेन� कदिठन ह9 ��ता� हJ। पु�पु क� अथे�ह दलेदले म� �ह8 एक ब�री पुड़े� डिक डिMरी प्रडिताक्षण न�चा� ह� चाले� ��ता� हY। म��शी� सत्यन�री�यण-स� डिवचा�रीशी�ले मन�ष्य इस समय इस डिMR म� थे� डिक कJ स� स�ध लेगु� पु�ऊT !

म��शी� �� न� स9चा�—क्य� स�ध लेगु�न� आस�न हJ? इसक� व�स्ता� डिकतान� चाता�रीता�, डिकतान� स�हब, डिकतान� ब�डिb, डिकतान� व�रीता� चा�डिहए! कKन कहता� हJ डिक चा9री� करीन� आस�न क�म हJ? मY �9 कह पुकड़े� गुय�, ता9 मरीन� क� सिसव� औरी क9ई म�गु@ न रीह�गु�।

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बहुता स9चान�-डिवचा�रीन� पुरी भृ� म��शी� �� क9 अपुन� ऊपुरी ऐस� दुस्स�हस करी सकन� क� डिवश्व�स न ह9 सक�। ह8, इसम� स�गुम एक दूसरी� तादब�री न�री आय�—क्य4 न दफ्तारी म� आगु लेगु� दूT? एक ब9ताले मिमट्टी^ क� ता�ले औरी दिदय�सले�ई क6 �रुरीता हY डिकस� बदम�शी क9 मिमले� लेOT, मगुरी यह क्य� म�लेOम डिक वह� उस� कमरी� म� रीखों� हJ य� नह । चा�ड़ेJले न� उस� �रुरी अपुन� पु�स रीखों सिलेय� ह9गु�। नह ; आगु लेगु�न� गु�न�ह ब�लेqता ह9गु�।

बहुता द�री म��शी� �� करीवट� बदलेता� रीह�। नय�-नय� मनसOब� स9चाता�; पुरी डिMरी अपुन� ह� ताक` स� क�ट द�ता�। वर्षो�@क�ले म� ब�दले4 क6 नय�-नय� सOरीता� बनता� औरी डिMरी हव� क� व�गु स� डिबगुड़े ��ता� हY; वह� दशी� इस समय उनक� मनसOब4 क6 ह9 रीह� थे�।

पुरी इस म�नसिसक अशी��डिता म� भृ� एक डिवचा�री पुOण@रुपु स� ज्जिस्थारी थे�—डिकस� तारीह इन क�गु��ता क9 अपुन� ह�थे म� ले�न� चा�डिहए। क�म कदिठन हJ—म�न�! पुरी डिहम्मता न थे�, ता9 री�री क्य4 म9ले ले�? क्य� ता�स ह��री क6 ��यद�द द�ले-भृ�ता क� कKरी हJ?—चा�ह� जि�स तारीह ह9, चा9री बन� डिबन� क�म नह चाले सकता�। आखिखोंरी �9 ले9गु चा9रिरीय8 करीता� हY, व� भृ� ता9 मन�ष्य ह� ह9ता� हY। बस, एक छोले8गु क� क�म हJ। अगुरी पु�री ह9 गुय�, ता9 री�� करी�गु�, डिगुरी पुड़े�, ता9 ��न स� ह�थे ध9य�गु�।

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ता क� दस ब� गुय�। म��शी� सत्यन�री�ण क�� जि�य4 क� एक गु�च्छा� कमरी म� दब�य� घरी स� ब�हरी डिनकले�। b�री पुरी थे9ड़े�-स� पु�आले रीखों� हुआ थे�। उस� द�खोंता� ह� व� चा�क पुड़े�।

म�री� �री क� छो�ता� धड़ेकन� लेगु�। ��न पुड़े� डिक क9ई सिछोपु� बJठ� हJ। कदम रुक गुय�। पु�आले क6 तारीM ध्य�न स� द�खों�। उसम� डिबलेक� ले हरीकता न हुई! ताब डिहम्मता ब8ध�, आगु� बड़े� औरी मन क9 समझ�न� लेगु�—मY कJ स� बKखोंले हूँT

री�अपुन� b�री पुरी डिकसक� �री औरी सड़ेक पुरी भृ� म�झ� डिकसक� �री हJ? मY अपुन� री�ह

��ता� हूँT। क9ई म�री� तारीM डितारीछो^ ऑंखों स� नह द�खों सकता�। ह8, �ब म�झ� स�ध लेगु�ता� द�खों ले�—नह , पुकड़े ले� ताब अलेबत्त� �रीन� क6 ब�ता हJ। डितास पुरी भृ� बचा�व क6 य�सिक्त डिनकले सकता� हJ।

अकस्म�ता उन्ह4न� भृ�न�क�T वरिरी क� एक चापुरी�स� क9 आता� हुए द�खों�। कले��� धड़ेक उठ�। लेपुक करी एक अTध�री� गुले� म� घ�स गुय�। बड़े� द�री ताक वह8 खोंड़े� रीह�। �ब वह सिसपु�ह� ऑंखों4 स� ओझले ह9 गुय�, ताब डिMरी सड़ेक पुरी आय�। वह सिसपु�ह� आ� स�बह ताक इनक� गु�ले�म थे�, उस� उन्ह4न� डिकतान� ह� ब�री गु�सिलेय8 द^ थे , ले�ता� म�री� थे , पुरी आ� उस� द�खोंकरी उनक� प्र�ण सOखों गुय�।

उन्ह4न� डिMरी ताक@ क6 शीरीण ले�। मY म�न4 भृ�गु खों�करी आय� हूँT। इस चापुरी�स� स� इतान� �री� म�न9 डिक वह म�झ� द�खों ले�ता�, पुरी म�री� करी क्य� सकता� थे�? ह��री4 आदम� री�स्ता� चाले रीह� हY। उन्ह म� मY भृ� एक हूँT। क्य� वह अ�ताय�@म� हJ? सबक� हृदय क� ह�ले ��नता� हJ? म�झ� द�खोंकरी वह अदब स� सले�म करीता� औरी वह8 क� क� छो ह�ले भृ� कहता�; पुरी मY उसस� ऐस�

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�री� डिक सOरीता ताक न दिदखों�य�। इस तारीह मन क9 समझ� करी व� आगु� बढ़ा�। सचा हJ, पु�पु क� पु��4 म� MT स� हुआ मन पुताझड़े क� पुत्त� हJ, �9 हव� क� �री�-स� झ4क� स� डिगुरी पुड़ेता� हJ।

म��शी� �� ब���री पुहुTचा�। अमिधकतारी दूक�न� ब�द ह9 चा�क6 थे । उनम� स8ड़े औरी गु�य� बJठh हुई ��गु�ले� करी रीह� थे�। क� वले हलेव�इय4 क6 दूक�न� खों�ले� थे� औरी कह -कह गु�री�व�ले� ह�री क6 ह8क लेगु�ता� डिMरीता� थे�। सब हलेव�ई म��शी� �� क9 पुहचा�नता� थे�, अताएव म��शी� �� न� सिसरी झ�क� सिलेय�। क� छो चा�ले बदले� औरी लेपुकता� हुए चाले�। एक�एक उन्ह� एक बग्घ� आता� दिदखों�य� द^। यह स�ठ बल्लेभृद�स सवक6ले क6 बग्घ� थे�। इसम� बJठकरी ह��री4 ब�री स�ठ �� क� स�थे कचाहरी� गुय� थे�, पुरी आ� वह बग्घ� क�लेद�व क� सम�न भृय�करी म�लेOम हुई। MKरीन एक खों�ले� दूक�न पुरी चाढ़ा गुय�। वह8 डिवश्र�म करीन� व�ले� स8ड़े न� समझ�, व� म�झ� पुदच्य�ता करीन� आय� हY! म�थे� झ�क�य� M�� क�रीता� हुआ उठ बJठ�; पुरी इस� ब�चा म� बग्घ� डिनकले गुय� औरी म��शी� �� क6 ��न म� ��न आय�। अबक6 उन्ह4न� ताक@ क� आश्रय न सिलेय�। समझ गुय� डिक इस समय इसस� क9ई ले�भृ नह , खोंJरिरीयता यह हुई डिक वक6ले न� द�खों� नह । यह एक घ�घ हY। म�री� चा�हरी� स� ता�ड़े ��ता�।

क� छो डिवb�न4 क� कथेन हJ डिक मन�ष्य क6 स्व�भृ�डिवक प्रव�त्तित्त पु�पु क6 ओरी ह9ता� हJ, पुरी यह क9री� अन�म�न ह� अन�म�न हJ, अन�भृव-सिसद्धा ब�ता नह । सचा ब�ता ता9 यह हJ डिक मन�ष्य स्वभृ�वता: पु�पु-भृ�रु ह9ता� हJ औरी हम प्रत्यक्ष द�खों रीह� हY डिक पु�पु स� उस� कJ स� घ�ण� ह9ता� हJ।

एक Mले��गु आगु� चाले करी म��शी� �� क9 एक गुले� मिमले�। वह भृ�न�क�T वरिरी क� घरी क� एक री�स्ता� थे�। ध�Tधले�-स� ले�लेट�न �ले रीह� थे�। �Jस� म��शी� �� न� अन�म�न डिकय� थे�, पुहरी�द�री क� पुता� न थे�। अस्ताबले म� चाम�री4 क� यह8 न�चा ह9 रीह� थे�। कई चाम�रिरीन� बन�व-चिंस)गु�री करीक� न�चा रीह� थे । चाम�री म�द�गु ब��-ब�� करी गु�ता� थे�— ‘न�ह घरी� श्य�म, घ�रिरी आय� बदरी�।

स9वता रीह�उT, सपुन एक द�खों�उT, री�म�।खों�सिले गुय� न द, ढूँरीक गुय� क�री�।

न�ह घरी� श्य�म, घ�रिरी आय� बदरी�।’द9न4 पुहरी�द�री वह� ताम�शी� द�खों रीह� थे�। म��शी� �� दब�-पु8व ले�लेट�न क� पु�स गुए औरी

जि�स तारीह डिबल्ले� चाOह� पुरी झपुटता� हJ, उस� तारीह उन्ह4न� झपुट करी ले�लेट�न क9 ब�झ� दिदय�। एक पुड़े�व पुOरी� ह9 गुय�, पुरी व� उस क�य@ क9 जि�तान� दुष्करी समझता� थे�, उतान� न ��न पुड़े�। हृदय क� छो म�बOता हुआ। दफ्तारी क� बरी�मद� म� पुहुTचा� औरी खोंOब क�न लेगु�करी आहट ले�। चा�री4 ओरी सन्न�ट� छो�य� हुआ थे�। क� वले चाम�री4 क� क9ले�हले स�न�य� द�ता� थे�। इस समय म��शी� �� क� दिदले म� धड़ेकन थे�, पुरी सिसरी धमधम करी रीह� थे�; ह�थे-पु8व क8पु रीह� थे�, स8स बड़े� व�गु स� चाले रीह� थे�। शीरी�री क� एक-एक री9म ऑंखों औरी क�न बन� हुआ थे�। व� स��वता� क6 मOर्षिता) ह9 रीह� थे�। उनम� जि�तान� पुKरुर्षो, जि�तान� चापुलेता�, जि�तान�-स�हस, जि�तान� चा�तान�,

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जि�तान� ब�डिb, जि�तान� औस�न थे�, व� सब इस वक्त स�गु औरी सचा�ता ह9करी इच्छा�-शीसिक्त क6 सह�यता� करी रीह� थे�।

दफ्तारी क� दरीव��� पुरी वह� पु�री�न� ता�ले� लेगु� हुआ थे�। इसक6 क�� �� आ� बहुता ताले�शी करीक� व� ब���री स� ले�य� थे�। ता�ले� खों�ले गुय�, डिकव�ड़े9 न� बहुता दब� �ब�न स� प्रडितारी9ध डिकय�। इस पुरी डिकस� न� ध्य�न न दिदय�। म��शी� �� दफ्तारी म� द�खिखोंले हुए। भृ�तारी सिचारी�गु �ले रीह� थे�। म��शी� �� क9 द�खों करी उसन� एक दM� सिसरी डिहले�य�, म�न9 उन्ह� भृ�तारी आन� स� री9क�।

म��शी� �� क� पुJरी थेरी-थेरी क8पु रीह� थे�। एडिड़ेय8 �म�न स� उछोले� पुड़ेता� थे । पु�पु क� ब9झ उन्ह� असह्य थे�।

पुले-भृरी म� म��शी� �� न� बडिहय4 क9 उलेट�-पुलेट�। सिलेखों�वट उनक6 ऑंखों4 म� ताJरी रीह� थे�। इतान� अवक�शी कह8 थे� डिक �रुरी� क�गु��ता छो8ट ले�ता�। उन्ह4न� स�री� बडिहय4 क9 सम�ट करी एक गुट्ठरी बन�य� औरी सिसरी पुरी रीखों करी ता�री क� सम�न कमरी� क� ब�हरी डिनकले आय�। उस पु�पु क6 गुठरी� क9 ले�द� हुए वह अTध�री� गुले� स� गु�यब ह9 गुए।

ता�गु, अTध�री�, दुगु@न्धीपुOण@ क6चाड़े स� भृरी� हुई गुसिलेय4 म� व� न�गु� पु8व, स्व�थे@, ले9भृ औरी कपुट क� ब9झ सिलेए चाले� ��ता� थे�। म�न9 पु�पुमय आत्म� नरीक क6 न�सिलेय4 म� बह� चाले� ��ता� थे�।

बहुता दूरी ताक भृटकन� क� ब�द व� गु�गु� डिकन�री� पुहुTचा�। जि�स तारीह कले�डिर्षोता हृदय4 म� कह -कह धम@ क� ध�Tधले� प्रक�शी रीहता� हJ, उस� तारीह नद^ क6 क�ले� सताह पुरी ता�री� जिझलेमिमले� रीह� थे�। ताट पुरी कई स�ध� धOन� �म�य� पुड़े� थे�। ज्ञा�न क6 ज्व�ले� मन क6 �गुह ब�हरी दहक रीह� थे�। म��शी� �� न� अपुन� गुट्ठरी उता�री� औरी चा�दरी स� खोंOब म�बOता ब8ध करी बलेपुOव@क नद^ म� M� क दिदय�। स9ता� हुई लेहरी4 म� क� छो हलेचाले हुई औरी डिMरी सन्न�ट� ह9 गुय�।

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शी� सतायन�री�णले�ले क� घरी म� द9 म्मिस्त्रय8 थे —म�ता� औरी पुत्न�। व� द9न4 असिशीत्तिक्षता� थे । डितास पुरी भृ� म��शी� �� क9 गु�गु� म� �Oब मरीन� य� कह भृ�गु ��न� क6 �रुरीता न ह9ता� थे� !

न व� ब��� पुहनता� थे�, न म9��-�Oता�, न ह�रीम9डिनयम पुरी गु� सकता� थे�। यह8 ताक डिक उन्ह� स�ब�न लेगु�न� भृ� न आता� थे�। ह�यरीडिपुन, ब्रु�चा��, ��क� ट आदिद पुरीम�वश्यक चा��4 क� ता9 न�म ह� नह स�न� थे�। बहूँ म� आत्म-सम्म�न �री� भृ� नह थे�; न स�स म� आत्म-गुKरीव क� �9शी। बहूँ अब ताक स�स क6 घ�ड़ेडिकय8 भृ�गु� डिबल्ले� क6 तारीह सह ले�ता� थे�—ह� मOखोंy ! स�स क9 बच्च� क� नहले�न�-ध�ले�न�, यह8 ताक डिक घरी म� झ�ड़ू द�न� स� भृ� घ�ण� न थे�, ह� ज्ञा�न��ध�! बहूँ स्त्र� क्य� थे�, मिमट्टी^ क� ले4द� थे�। एक पुJस� क6 �रुरीता ह9ता� ता9 स�स स� म8गुता�। स�री��शी यह डिक द9न4 म्मिस्त्रय8 अपुन� अमिधक�री4 स� ब�खोंबरी, अ�धक�री म� पुड़े� हुई पुशी�वता� ��वन र्व्यता�ता

म��

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करीता� थे । ऐस� MO हड़े थे� डिक री9दिटय�� भृ� अपुन� ह�थे4 स� बन� ले�ता� थे�। क� �Oस� क� म�री� द�लेम9ट, सम9स� कभृ� ब���री स� न मTगु�ता । आगुरी� व�ले� क6 दूक�न क6 चा��� खों�य� ह9ता� ता9 उनक� म�� ��नता । ब�दिढ़ाय� खोंOसट दव�-दरीपुन भृ� ��नता� थे�। बJठh-बJठh घ�स-पु�ता कO ट� करीता�।

म��शी� �� न� म8 क� पु�स ��करी कह�—अम्म8 ! अब क्य� ह9गु�? भृ�न�क�T वरिरी न� म�झ� �व�ब द� दिदय�।

म�ता� न� घबरी� करी पुOछो�—�व�ब द� दिदय�?म��शी�—ह8, डिबलेक� ले ब�कसOरी!म�ता�—क्य� ब�ता हुई? भृ�न�क�T वरिरी क� मिम��� ता9 ऐस� न थे�।म��शी�—ब�ता क� छो न थे�। मYन� अपुन� न�म स� �9 गु8व सिलेय� थे�, उस� मYन� अपुन�

अमिधक�री म� करी सिलेय�। कले म�झस� औरी उनस� स�M-स�M ब�ता� हुई। मYन� कह दिदय� डिक गु8व म�री� हJ। मYन� अपुन� न�म स� सिलेय� हJ, उसम� ता�म्ह�री� क9ई इ��री� नह । बस, डिबगुड़े गुय , �9 म�Tह म� आय�, बकता� रीह । उस� वक्त म�झ� डिनक�ले दिदय� औरी धमक� करी कह�—मY ता�मस� लेड़े करी अपुन� गु8व ले� लेOTगु�। अब आ� ह� उनक6 तारीM स� म�री� ऊपुरी म�कदम� द�यरी ह9गु�; मगुरी इसस� ह9ता� क्य� हJ? गु8व म�री� हJ। उस पुरी म�री� कब्�� हJ। एक नह , ह��री म�कदम� चाले�ए�, डि�गुरी� म�री� ह9गु�?

म�ता� न� बहूँ क6 तारीM मम��ताक दृमिQ स� द�खों� औरी ब9ले�—क्य4 भृJय�? वह गु8व सिलेय� ता9 थे� ता�मन� उन्ह क� रुपुय� स� औरी उन्ह क� व�स्ता�?

म��शी�—सिलेय� थे�, ताब सिलेय� थे�। अब म�झस� ऐस� आब�द औरी म�लेद�री गु8व नह छो9ड़े� ��ता�। वह म�री� क� छो नह करी सकता�। म�झस� अपुन� रुपुय� भृ� नह ले� सकता�। ��ढ़ा सK गु8व ता9 हY। ताब भृ� हवस नह म�नता�।

म�न�—ब�ट�, डिकस� क� धन ज्य�द� ह9ता� हJ, ता9 वह उस� M� क थे9ड़े� ह� द�ता� हJ? ता�मन� अपुन� न�यता डिबगु�ड़े�, यह अच्छा� क�म नह डिकय�। दुडिनय� ता�म्ह� क्य� कह�गु�? औरी दुडिनय� चा�ह� कह� य� न कह�, ता�मक9 भृले� ऐस� करीन� चा�डिहए डिक जि�सक6 गु9द म� इतान� दिदन पुले�, जि�सक� इतान� दिदन4 ताक नमक खों�य�, अब उस� स� दगु� करी9? न�री�यण न� ता�म्ह� क्य� नह दिदय�? म�� स� खों�ता� ह9, पुहनता� ह9, घरी म� न�री�यण क� दिदय� चा�री पुJस� हJ, ब�ले-बच्च� हY, औरी क्य� चा�डिहए? म�री� कहन� म�न9, इस कले�क क� ट^क� अपुन� म�थे� न लेगु�ओ। यह अपु�स मता ले9। बरीक्कता अपुन� कम�ई म� ह9ता� हJ; हरी�म क6 कKड़े� कभृ� नह Mलेता�।

म��शी�—ऊT ह! ऐस� ब�ता� बहुता स�न चा�क� हूँT। दुडिनय� उन पुरी चालेन� लेगु�, ता9 स�री� क�म बन्द ह9 ��यT। मYन� इतान� दिदन4 इनक6 स�व� क6, म�री� ह� बदKलेता ऐस�-ऐस� चा�री-पु8चा गु8व बढ़ा गुए। �ब ताक पु�डि�ता �� थे�, म�री� न�यता क� म�न थे�। म�झ� ऑंखों म� धOले ��लेन� क6 �रुरीता न थे�, व� आपु ह� म�री� खों�डितारी करी दिदय� करीता� थे�। उन्ह� मरी� आठ स�ले ह9 गुए; मगुरी म�सम्म�ता क� एक ब�ड़े� पु�न क6 कसम खों�ता� हूँT; म�री� ��ता स� उनक9 ह��री4 रुपुय�-म�सिसक क6 बचाता ह9ता� थे�। क्य� उनक9 इतान� भृ� समझ न थे� डिक यह ब�चा�री�, �9 इतान� ईम�नद�री� स� म�री� क�म

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करीता� हJ, इस नM� म� क� छो उस� भृ� मिमलेन� चा�डिहए? यह कह करी न द9, इन�म कह करी द9, डिकस� तारीह द9 ता9, मगुरी व� ता9 समझता� थे� डिक मYन� इस� ब�स रुपुय� मह�न� पुरी म9ले ले� सिलेय� हJ। मYन� आठ स�ले ताक सब डिकय�, अब क्य� इस� ब�स रुपुय� म� गु�ले�म� करीता� रीहूँT औरी अपुन� बच्च4 क9 दूसरी4 क� म�Tह ता�कन� क� सिलेए छो9ड़े ��ऊT ? अब म�झ� यह अवसरी मिमले� हJ। इस� क्य4 छो9�O T? �म द�री� क6 ले�लेस� सिलेय� हुए क्य4 मरुT ? �ब ताक ��ऊT गु�, खों�द खों�ऊT गु�। म�री� पु�छो� म�री� बच्च� चाJन उड़े�य�गु�।

म�ता� क6 ऑंखों4 म� ऑंसO भृरी आय�। ब9ले�—ब�ट�, मYन� ता�म्ह�री� म�Tह स� ऐस� ब�ता� कभृ� नह स�न� थे , ता�म्ह� क्य� ह9 गुय� हJ? ता�म्ह�री� आगु� ब�ले-बच्च� हY। आगु म� ह�थे न ��ले9।

बहूँ न� स�स क6 ओरी द�खों करी कह�—हमक9 ऐस� धन न चा�डिहए, हम अपुन� द�ले-री9ट^ म� मगुन हY।

म��शी�—अच्छा^ ब�ता हJ, ता�म ले9गु री9ट^-द�ले खों�न�, गु�ढ़ा� पुहनन�, म�झ� अब हल्व�-पुOरी� क6 इच्छा� हJ।

म�ता�—यह अधम@ म�झस� न द�खों� ��यगु�। मY गु�गु� म� �Oब मरुT गु�।पुत्न�—ता�म्ह� यह सब क8ट� ब9न� हJ, ता9 म�झ� म�यक� पुहुTचा� द9, मY अपुन� बच्च4 क9

ले�करी इस घरी म� न रीहूँTगु�!म��शी� न� झ�Tझले� करी कह�—ता�म ले9गु4 क6 ब�डिb ता9 भृ8गु खों� गुय� हJ। ले�खों4 सरीक�री�

नKकरी री�ता-दिदन दूसरी4 क� गुले� दब�-दब� करी रिरीश्वता� ले�ता� हY औरी चाJन करीता� हY। न उनक� ब�ले-बच्च4 ह� क9 क� छो ह9ता� हJ, न उन्ह क9 हJ�� पुकड़ेता� हJ। अधम@ उनक9 क्य4 नह खों� ��ता�, �9 म�झ� क9 खों� ��यगु�। मYन� ता9 सत्यव�दिदय4 क9 सद� दु:खों झ�लेता� ह� द�खों� हJ। मYन� �9 क� छो डिकय� हJ, स�खों लेOटOTगु�। ता�म्ह�री� मन म� �9 आय�, करी9।

प्र�ता:क�ले दफ्तारी खों�ले� ता9 क�गु��ता सब गु�यब थे�। म��शी� छोक्कनले�ले बKखोंले�य� स� घरी म� गुय� औरी म�लेडिकन स� पुOछो�—क�गु��ता आपुन� उठव� सिलेए हY।

भृ�न�क�T वरिरी न� कह�—म�झ� क्य� खोंबरी, �ह8 आपुन� रीखों� ह4गु�, वह ह4गु�।डिMरी स�री� घरी म� खोंलेबले� पुड़े गुय�। पुहरी�द�री4 पुरी म�री पुड़ेन� लेगु�। भृ�न�क�T वरिरी क9

ता�रीन्ता म��शी� सत्यन�री�यण पुरी स�द�ह हुआ, मगुरी उनक6 समझ म� छोक्कनले�ले क6 सह�यता� क� डिबन� यह क�म ह9न� असम्भव थे�। पु�सिलेस म� रीपुट हुई। एक ओझ� न�म डिनक�लेन� क� सिलेए ब�ले�य� गुय�। मKलेव� स�हब न� क� री�@ M� क�। ओझ� न� बता�य�, यह डिकस� पु�री�न� बJरी� क� क�म हJ। मKलेव� स�हब न� Mरीम�य�, डिकस� घरी क� भृ�दिदय� न� यह हरीकता क6 हJ। शी�म ताक यह दKड़े-धOपु रीह�। डिMरी यह सले�ह ह9न� लेगु� डिक इन क�गु��ता4 क� बगुJरी म�कदम� कJ स� चाले�। पुक्ष ता9 पुहले� स� ह� डिनब@ले थे�। �9 क� छो बले थे�, वह इस� बह�-खों�ता� क� थे�। अब ता9 सबOता भृ� ह�थे स� गुय�। द�व� म� क� छो ��न ह� न रीह�, मगुरी भृ�नक�T वरिरी न� कह�—बले� स� ह�री ��ऍंगु�। हम�री� चा�� क9ई छो^न ले�, ता9 हम�री� धम@ हJ डिक उसस� यथे�शीसिक्त लेड़े�, ह�री करी बJठन� क�यरी4 क� क�म हJ। स�ठ �� (वक6ले) क9 इस दुघ@टन� क� सम�चा�री मिमले� ता9 उन्ह4न� भृ� यह� कह� डिक अब द�व� म� �री� भृ� ��न नह हJ। क� वले अन�म�न औरी ताक@ क� भृरी9स� हJ। अद�लेता न� म�न�

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ता9 म�न�, नह ता9 ह�री म�नन� पुड़े�गु�। पुरी भृ�न�क�T वरिरी न� एक न म�न�। लेखोंनऊ औरी इले�ह�ब�द स� द9 ह9सिशीय�री बJरिरीस्टिस्टरी ब�ले�य�। म�कदम� शी�रु ह9 गुय�।

स�री� शीहरी म� इस म�कदम� क6 धOम थे�। डिकतान� ह� रीईस4 क9 भृ�न�क�T वरिरी न� स�थे� बन�य� थे�। म�कदम� शी�रु ह9न� क� समय ह��री4 आदमिमय4 क6 भृ�ड़े ह9 ��ता� थे�। ले9गु4 क� इस खिंखों)चा�व क� म�ख्य क�रीण यह थे� डिक भृ�न�क�T वरिरी एक पुदy क6 आड़े म� बJठh हुई अद�लेता क6 क�रीव�ई द�खों� करीता� थे�, क्य4डिक उस� अब अपुन� नKकरी4 पुरी �री� भृ� डिवश्व�स न थे�।

व�द^ बJरिरीस्टरी न� एक बड़े� म�र्मिम)क वक्त� ता� द^। उसन� सत्यन�री�ण क6 पुOव�@वस्था� क� खोंOब अच्छा� सिचात्र खों चा�। उसन� दिदखोंले�य� डिक व� कJ स� स्व�मिमभृक्त, कJ स� क�य@-क� शीले, कJ स� कम@-शी�ले थे�; औरी स्वगु@व�स� पु�डि�ता भृ�गु�दत्त क� उस पुरी पुOण@ डिवश्व�स ह9 ��न�, डिकस तारीह स्व�भृ�डिवक थे�। इसक� ब�द उसन� सिसद्धा डिकय� डिक म��शी� सत्यन�री�यण क6 आर्थिथे)क र्व्यवस्था� कभृ� ऐस� न थे� डिक व� इतान� धन-स�चाय करीता�। अ�ता म� उसन� म��शी� �� क6 स्व�थे@पुरीता�, कO टन�डिता, डिनद@यता� औरी डिवश्व�स-घ�ताकता� क� ऐस� घ�ण9त्पु�दक सिचात्र खों चा� डिक ले9गु म��शी� �� क9 गु9सिलेय8 द�न� लेगु�। इसक� स�थे ह� उसन� पु�डि�ता �� क� अन�थे ब�लेक4 क6 दशी� क� बड़े� करूण9त्पु�दक वण@न डिकय�—कJ स� शी9क औरी लेq� क6 ब�ता हJ डिक ऐस� चारिरीत्रव�न, ऐस� न�डिता-क� शीले मन�ष्य इतान� डिगुरी ��य डिक अपुन� स्व�म� क� अन�थे ब�लेक4 क6 गुद@न पुरी छो� री� चाले�न� पुरी स�क9चा न करी�। म�नव-पुतान क� ऐस� करुण, ऐस� हृदय-डिवद�रीक उद�हरीण मिमलेन� कदिठन हJ। इस क� दिटले क�य@ क� पुरिरीण�म क6 दृमिQ स� इस मन�ष्य क� पुOव@ पुरिरीसिचाता सदगु�ण4 क� गुKरीव ले�प्ता ह9 ��ता� हJ। क्य4डिक व� असले� म9ता� नह , नकले� क8चा क� द�न� थे�, �9 क� वले डिवश्व�स �म�न� क� डिनमिमत्त दशी�@य� गुय� थे�। वह क� वले स��दरी ��ले थे�, �9 एक सरीले हृदय औरी छोले-छो�द स� दूरी रीहन� व�ले� रीईस क9 MT स�न� क� सिलेए MJ ले�य� गुय� थे�। इस नरी-पुशी� क� अ�ता:करीण डिकतान� अ�धक�रीमय, डिकतान� कपुटपुOण@, डिकतान� कठ9री हJ; औरी इसक6 दुQता� डिकतान� घ9री, डिकतान� अपु�वन हJ। अपुन� शीत्र� क� स�थे दय� करीन� एक ब�री ता9 क्षम्य हJ, मगुरी इस मसिलेन हृदय मन�ष्य न� उन ब�कस4 क� स�थे दगु� दिदय� हJ, जि�न पुरी म�नव-स्वभृ�व क� अन�स�री दय� करीन� उसिचाता हJ! यदिद आ� हम�री� पु�स बह�-खों�ता� मK�Oद ह9ता�, अद�लेता पुरी सत्यन�री�यण क6 सत्यता� स्पQ रुपु स� प्रकट ह9 ��ता�, पुरी म��शी� �� क� बरीखों�स्ता ह9ता� ह� दफ्तारी स� उनक� ले�प्ता ह9 ��न� भृ� अद�लेता क� सिलेए एक बड़े� सबOता हJ।

शीहरी म� कई रीईस4 न� गुव�ह� द^, पुरी स�न�-स�न�य� ब�ता� जि�रीह म� उखोंड़े गुय । दूसरी� दिदन डिMरी म�कदम� पु�शी हुआ।

प्रडिताव�द^ क� वक6ले न� अपुन� वक्त� ता� शी�रु क6। उसम� गु�भृ�री डिवचा�री4 क6 अपु�क्ष� ह�स्य क� आमिधक्य थे�—यह एक डिवलेक्षण न्य�य-सिसद्धा��ता हJ डिक डिकस� धन�ढ़ाय मन�ष्य क� नKकरी �9 क� छो खोंरी�द�, वह उसक� स्व�म� क6 चा�� समझ� ��य। इस सिसद्धा��ता क� अन�स�री हम�री� गुवन@म�ट क9 अपुन� कम@चा�रिरीय4 क6 स�री� सम्पत्तित्त पुरी कब्�� करी ले�न� चा�डिहए। यह स्व�क�री करीन� म� हमक9 क9ई आपुत्तित्त नह डिक हम इतान� रुपुय4 क� प्रब�ध न करी सकता� थे� औरी यह धन हमन� स्व�म� ह� स� ऋण सिलेय�; पुरी हमस� ऋण चा�क�न� क� क9ई ताक��� न करीक� वह

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��यद�द ह� म8गु� ��ता� हJ। यदिद डिहस�ब क� क�गु��ता दिदखोंले�य� ��यT, ता9 व� स�M बता� द�गु� डिक मY स�री� ऋण द� चा�क�। हम�री� मिमत्र न� कह� डिक ऐस� अवस्था� म� बडिहय4 क� गु�म ह9 ��न� भृ� अद�लेता क� सिलेय� एक सबOता ह9न� चा�डिहए। मY भृ� उनक6 य�सिक्त क� समथे@न करीता� हूँT। यदिद मY आपुस� ऋण ले� करी अपुन� डिवव�ह करुT ता9 क्य� म�झस� म�री� नव-डिवव�डिहता वधO क9 छो^न ले�गु�?

‘हम�री� स�य9गु मिमत्र न� हम�री� ऊपुरी अन�थे4 क� स�थे दगु� करीन� क� द9र्षो लेगु�य� हJ। अगुरी म��शी� सत्यन�री�ण क6 न�यता खोंरी�ब ह9ता�, ता9 उनक� सिलेए सबस� अच्छा� अवसरी वह थे� �ब पु�डि�ता भृ�गु�दत्त क� स्वगु@व�स हुआ थे�। इतान� डिवलेम्ब क6 क्य� �रुरीता थे�? यदिद आपु शी�री क9 MT स� करी उसक� बच्च� क9 उस� वक्त नह पुकड़े ले�ता�, उस� बढ़ान� औरी सबले ह9न� क� अवसरी द�ता� हY, ता9 मY आपुक9 ब�डिbम�न न कहूँTगु�। यथे�थे@ ब�ता यह हJ डिक म��शी� सत्यन�री�ण न� नमक क� �9 क� छो हक थे�, वह पुOरी� करी दिदय�। आठ वर्षो@ ताक तान-मन स� स्व�म� क� स�ता�न क6 स�व� क6। आ� उन्ह� अपुन� स�ध�ता� क� �9 Mले मिमले रीह� हJ, वह बहुता ह� दु:खों�नक औरी हृदय-डिवद�रीक हJ। इसम� भृ�न�क�T वरिरी क� द9र्षो नह । व� एक गु�ण-सम्पन्न मडिहले� हY; मगुरी अपुन� ��डिता क� अवगु�ण उनम� भृ� डिवद्यम�न हY! ईम�नद�री मन�ष्य स्वभृ�वता: स्पQभृ�र्षो� ह9ता� हJ; उस� अपुन� ब�ता4 म� नमक-मिमचा@ लेगु�न� क6 �रुरीता नह ह9ता�। यह� क�रीण हJ डिक म��शी� �� क� म�दुभृ�र्षो� म�ताहता4 क9 उन पुरी आक्ष�पु करीन� क� मKक� मिमले गुय�। इस द�व� क6 �ड़े क� वले इतान� ह� हJ, औरी क� छो नह । भृ�न�क�T वरिरी यह8 उपुज्जिस्थाता हY। क्य� व� कह सकता� हY डिक इस आठ वर्षो@ क6 म�द्दता म� कभृ� इस गु8व क� जि�R उनक� स�मन� आय�? कभृ� उसक� ह�डिन-ले�भृ, आय-र्व्यय, ले�न-द�न क6 चाचा�@ उनस� क6 गुय�? म�न ले�जि�ए डिक मY गुवन@म�ट क� म�ले�जि�म हूँT। यदिद मY आ� दफ्तारी म� आकरी अपुन� पुत्न� क� आय-र्व्यय औरी अपुन� टहले�ओं क� टJक्स4 क� पुचाड़े� गु�न� लेगुOT, ता9 शी�यद म�झ� शी�घ्र ह� अपुन� पुद स� पु�थेक ह9न� पुड़े�, औरी सम्भव हJ, क� छो दिदन4 ताक बरी�ले� क6 अडितासिथेशी�ले� म� भृ� रीखों� ��ऊT । जि�स गु8व स� भृ�न�क�T वरिरी क� सरी9व�री न थे�, उसक6 चाचा�@ उनस� क्य4 क6 ��ता�?’

इसक� ब�द बहुता स� गुव�ह पु�शी हुए; जि�नम� अमिधक��शी आस-पु�स क� द�ह�ता4 क� �म द�री थे�। उन्ह4न� बय�न डिकय� डिक हमन� म��शी� सत्यन�री�यण अस�मिमय4 क9 अपुन� दस्ताखोंता� रीस�द� औरी अपुन� न�म स� खों��न� म� रुपुय� द�खिखोंले करीता� द�खों� हJ।

इतान� म� स�ध्य� ह9 गुय�। अद�लेता न� एक सप्ता�ह म� MJ सले� स�न�न� क� हुक्म दिदय�।

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त्यन�री�ण क9 अब अपुन� ��ता म� क9ई सन्द�ह न थे�। व�द^ पुक्ष क� गुव�ह भृ� उखोंड़े गुय� थे� औरी बहस भृ� सबOता स� खों�ले� थे�। अब इनक6 डिगुनता� भृ� �म द�री4 म� ह9गु�

औरी सम्भव हJ, यह क� छो दिदन4 म� रीईस कहले�न� लेगु�गु�। पुरी डिकस� न डिकस� क�रीण स� अब शीहरी क� गुणम�न्य पु�रुर्षो4 स� ऑंखों� मिमले�ता� शीम�@ता� थे�। उन्ह� द�खोंता� ह� उनक� सिसरी न�चा� ह9

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��ता� थे�। वह मन म� �रीता� थे� डिक व� ले9गु कह इस डिवर्षोय पुरी क� छो पुOछो-ता�छो न करी बJठ� । वह ब���री म� डिनकलेता� ता9 दूक�नद�री4 म� क� छो क�न�MO स� ह9न� लेगुता� औरी ले9गु उन्ह� डितारीछो^ दृमिQ स� द�खोंन� लेगुता�। अब ताक ले9गु उन्ह� डिवव�कशी�ले औरी सच्चरिरीत्र मन�ष्य समझता�, शीहरी क� धन�-म�न� उन्ह� इqता क6 डिनगु�ह स� द�खोंता� औरी उनक� बड़े� आदरी करीता� थे�। यद्यडिपु म��शी� �� क9 अब ताक इनस� ट�ढ़ा^-डितारीछो^ स�नन� क� स�य9गु न पुड़े� थे�, ताथे�डिपु उनक� मन कहता� थे� डिक सच्च� ब�ता डिकस� स� सिछोपु� नह हJ। चा�ह� अद�लेता स� उनक6 ��ता ह9 ��य, पुरी उनक6 स�खों अब ��ता� रीह�। अब उन्ह� ले9गु स्व�थे�, कपुट^ औरी दगु�ब�� समझ�गु�। दूसरी4 क6 ब�ता ता9 अलेगु रीह�, स्वय� उनक� घरीव�ले� उनक6 उपु�क्ष� करीता� थे�। बOढ़ा^ म�ता� न� ता�न दिदन स� म�Tह म� पु�न� नह ��ले�! स्त्र� ब�री-ब�री ह�थे �9ड़े करी कहता� थे� डिक अपुन� प्य�री� ब�लेक4 पुरी दय� करी9। ब�री� क�म क� Mले कभृ� अच्छा� नह ह9ता�! नह ता9 पुहले� म�झ� क9 डिवर्षो खिखोंले� द9।

जि�स दिदन MJ सले� स�न�य� ��न�व�ले� थे�, प्र�ता:क�ले एक क�� �डिड़ेन तारीक�रिरीय8 ले�करी आय� औरी म��सिशीय�इन स� ब9ले�—

‘बहूँ ��! हमन� ब���री म� एक ब�ता स�न� हJ। ब�री� न म�न4 ता9 कहूँT? जि�सक9 द�खों9, उसक� म�Tह स� यह� ब�ता डिनकलेता� हJ डिक ले�ले� ब�बO न� ��लेस��� स� पु�डि�ता�इन क� क9ई हलेक� ले� सिलेय�। हम� ता9 इस पुरी यक6न नह आता�। ले�ले� ब�बO न� न सTभृ�ले� ह9ता�, ता9 अब ताक पु�डि�ता�इन क� कह पुता� न लेगुता�। एक अ�गु�ले �म�न न बचाता�। इन्ह म� एक सरीद�री थे� डिक सबक9 सTभृ�ले सिलेय�। ता9 क्य� अब उन्ह क� स�थे बद^ करी�गु�? अरी� बहूँ! क9ई क� छो स�थे ले�य� हJ डिक ले� ��यगु�? यह� न�क-बद^ रीह ��ता� हJ। ब�री� क� Mले ब�री� ह9ता� हJ। आदम� न द�खों�, पुरी अल्ले�ह सब क� छो द�खोंता� हJ।’

बहूँ �� पुरी घड़े4 पु�न� पुड़े गुय�। �� चा�हता� थे� डिक धरीता� Mट ��ता�, ता9 उसम� सम� ��ता�। म्मिस्त्रय8 स्वभृ�वता: लेq�वता� ह9ता� हY। उनम� आत्म�त्तिभृम�न क6 म�त्र� अमिधक ह9ता� हJ। डिनन्द�-अपुम�न उनस� सहन नह ह9 सकता� हJ। सिसरी झ�क�य� हुए ब9ले�—ब�आ! मY इन ब�ता4 क9 क्य� ��नOT? मYन� ता9 आ� ह� ता�म्ह�री� म�Tह स� स�न� हJ। कKन-स� तारीक�रिरीय8 हY?

म��शी� सत्यन�री�यण अपुन� कमरी� म� ले�ट� हुए क�� �डिड़ेन क6 ब�ता� स�न रीह� थे�, उसक� चाले� ��न� क� ब�द आकरी स्त्र� स� पुOछोन� लेगु�—यह शीJता�न क6 खों�ले� क्य� कह रीह� थे�।

स्त्र� न� पुडिता क6 ओरी स� म��ह M� री सिलेय� औरी �म�न क6 ओरी ता�कता� हुए ब9ले�—क्य� ता�मन� नह स�न�? ता�म्ह�री� गु�न-गु�न करी रीह� थे�। ता�म्ह�री� पु�छो� द�खों9, डिकस-डिकसक� म�Tह स� य� ब�ता� स�नन� पुड़ेता� हY औरी डिकस-डिकसस� म�Tह सिछोपु�न� पुड़ेता� हJ।

म��शी� �� अपुन� कमरी� म� लेKट आय�। स्त्र� क9 क� छो उत्तरी नह दिदय�। आत्म� लेq� स� पुरी�स्ता ह9 गुय�। �9 मन�ष्य सदJव सव@-सम्म�डिनता रीह� ह9; �9 सद� आत्म�त्तिभृम�न स� सिसरी उठ� करी चालेता� रीह� ह9, जि�सक6 स�क� डिता क6 स�री� शीहरी म� चाचा�@ ह9ता� ह9, वह कभृ� सव@थे� लेq�शीOन्य नह ह9 सकता�; लेq� क� पुथे क6 सबस� बड़े� शीत्र� हJ। क� व�सन�ओं क� भ्रम म� पुड़े करी म��शी� �� न� समझ� थे�, मY इस क�म क9 ऐस� गु�प्ता-री�डिता स� पुOरी� करी ले� ��ऊT गु� डिक डिकस� क9 क�न4-क�न खोंबरी न ह9गु�, पुरी उनक� यह मन9रीथे सिसद्धा न हुआ। ब�ध�ऍं आ खोंड़े� हुई।

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उनक� हट�न� म� उन्ह� बड़े� दुस्स�हस स� क�म ले�न� पुड़े�; पुरी यह भृ� उन्ह4न� लेq� स� बचान� क� डिनमिमत्त डिकय�। जि�सम� यह क9ई न कह� डिक अपुन� स्व�मिमन� क9 ध9खों� दिदय�। इतान� यत्न करीन� पुरी भृ� निंन)द� स� न बचा सक� । ब���री क� सKद� ब�चान�व�सिलेय8 भृ� अब अपुम�न करीता हY। क� व�सन�ओं स� दब� हुई लेq�-शीसिक्त इस कड़े� चा9ट क9 सहन न करी सक6। म��शी� �� स9चान� लेगु�, अब म�झ� धन-सम्पत्तित्त मिमले ��यगु�, ऐश्वय@व�न� ह9 ��ऊT गु�, पुरीन्ता� डिनन्द� स� म�री� पु�छो� न छोO ट�गु�। अद�लेता क� MJ सले� म�झ� ले9क-डिनन्द� स� न बचा� सक� गु�। ऐश्वय@ क� Mले क्य� हJ?—म�न औरी मय�@द�। उसस� ह�थे ध9 बJठ�, ता9 ऐश्वय@ क9 ले�करी क्य� करुT गु�? सिचात्त क6 शीसिक्त खों9करी, ले9क-लेq� सहकरी, �नसम�द�य म� न�चा बन करी औरी अपुन� घरी म� कलेह क� ब�� ब9करी यह सम्पत्तित्त म�री� डिकस क�म आय�गु�? औरी यदिद व�स्ताव म� क9ई न्य�य-शीसिक्त ह9 औरी वह म�झ� इस क� क� त्य क� द�� द�, ता9 म�री� सिलेए सिसव� म�खों म� क�सिलेखों लेगु� करी डिनकले ��न� क� औरी क9ई म�गु@ न रीह�गु�। सत्यव�द^ मन�ष्य पुरी क9ई डिवपुत्त पुड़ेता� हY, ता9 ले9गु उनक� स�थे सह�न�भृOडिता करीता� हY। दुQ4 क6 डिवपुत्तित्त ले9गु4 क� सिलेए र्व्य�ग्य क6 स�मग्री� बन ��ता� हJ। उस अवस्था� म� ईश्वरी अन्य�य� ठहरी�य� ��ता� हJ; मगुरी दुQ4 क6 डिवपुत्तित्त ईश्वरी क� न्य�य क9 सिसद्धा करीता� हJ। पुरीम�त्मन! इस दुद@शी� स� डिकस� तारीह म�री� उद्धा�री करी9! क्य4 न ��करी मY भृ�न�क�T वरिरी क� पुJरी4 पुरी डिगुरी पुड़ूT औरी डिवनय करुT डिक यह म�कदम� उठ� ले9? शी9क! पुहले� यह ब�ता म�झ� क्य4 न सOझ�? अगुरी कले ताक म� उनक� पु�स चाले� गुय� ह9ता�, ता9 ब�ता बन ��ता�; पुरी अब क्य� ह9 सकता� हJ। आ� ता9 MJ सले� स�न�य� ��यगु�।

म��शी� �� द�री ताक इस� डिवचा�री म� पुड़े� रीह�, पुरी क� छो डिनश्चय न करी सक� डिक क्य� करी�।भृ�न�क�T वरिरी क9 भृ� डिवश्व�स ह9 गुय� डिक अब गु8व ह�थे स� गुय�। ब�चा�री� ह�थे मले करी

रीह गुय�। री�ता-भृरी उस� न द न आय�, रीह-रीह करी म��शी� सत्यन�री�यण पुरी R9ध आता� थे�। ह�य पु�पु�! ढूँ9ले ब�� करी म�री� पुचा�स ह��री क� म�ले सिलेए ��ता� हJ औरी मY क� छो नह करी सकता�। आ�कले क� न्य�य करीन� व�ले� डिबलेक� ले ऑंखों क� अTध� हY। जि�स ब�ता क9 स�री� दुडिनय� ��नता� हJ, उसम� भृ� उनक6 दृमिQ नह पुहुTचाता�। बस, दूसरी4 क9 ऑंखों4 स� द�खोंता� हY। क9री� क�गु�4 क� गु�ले�म हY। न्य�य वह हJ �9 दूध क� दूध, पु�न� क� पु�न� करी द�; यह नह डिक खों�द ह� क�गु�4 क� ध9खों� म� आ ��य, खों�द ह� पु�खों�डि�य4 क� ��ले म� MT स ��य। इस� स� ता9 ऐस� छोले�, कपुट^, दगु�ब��, औरी दुरी�त्म�ओं क� स�हस बढ़ा गुय� हJ। खोंJरी, गु8व ��ता� हJ ता9 ��य; ले�डिकन सत्यन�री�यण, ता�म शीहरी म� कह म�Tह दिदखों�न� क� ले�यक भृ� न रीह�।

इस खोंय�ले स� भृ�न�क�T वरिरी क9 क� छो शी�स्टिन्ता हुई। शीत्र� क6 ह�डिन मन�ष्य क9 अपुन� ले�भृ स� भृ� अमिधक डिप्रय ह9ता� हJ, म�नव-स्वभृ�व ह� क� छो ऐस� हJ। ता�म हम�री� एक गु8व ले� गुय�, न�री�यण चा�ह�गु� ता9 ता�म भृ� इसस� स�खों न पु�ओगु�। ता�म आपु नरीक क6 आगु म� �ले9गु�, ता�म्ह�री� घरी म� क9ई दिदय� �ले�न� व�ले� न रीह ��यगु�।

MJ सले� क� दिदन आ गुय�। आ� इ�ले�स म� बड़े� भृ�ड़े थे�। ऐस�-ऐस� मह�न�भृ�व उपुज्जिस्थाता थे�, �9 बगु�ले4 क6 तारीह अMसरी4 क6 बध�ई औरी डिबद�ई क� अवसरी4 ह� म� न�री आय� करीता� हY। वक6ले4 औरी म�ख्ता�री4 क6 पुलेटन भृ� �म� थे�। डिनयता समय पुरी �� स�हब

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न� इ�ले�स स�शी9त्तिभृता डिकय�। डिवस्ता�ता न्य�य भृवन म� सन्न�ट� छो� गुय�। अहलेमद न� स�दूक स� ता�ब�� डिनक�ले�। ले9गु उत्स�क ह9करी एक-एक कदम औरी आगु� खिखोंसक गुए।

�� न� MJ सले� स�न�य�—म�द्दई क� द�व� खों�रिरी�। द9न4 पुक्ष अपुन�-अपुन� खोंचा@ सह ले�।

यद्यडिपु MJ सले� ले9गु4 क� अन�म�न क� अन�स�री ह� थे�, ताथे�डिपु �� क� म�Tह स� उस� स�न करी ले9गु4 म� हलेचाले-स� मचा गुय�। उद�स�न भृ�व स� MJ सले� पुरी आले9चान�ऍं करीता� हुए ले9गु ध�री�-ध�री� कमरी� स� डिनकलेन� लेगु�।

एक�एक भृ�न�क�T वरिरी घOTघट डिनक�ले� इ�ले�स पुरी आ करी खोंड़े� ह9 गुय�। ��न�व�ले� लेKट पुड़े�। �9 ब�हरी डिनकले गुय� थे�, दKड़े करी आ गुय�। औरी कKताOहलेपुOव@क भृ�न�क�T वरिरी क6 तारीM ता�कन� लेगु�।

भृ�न�क�T वरिरी न� क� डिपुता स्वरी म� �� स� कह�—सरीक�री, यदिद हुक्म द�, ता9 मY म��शी� �� स� क� छो पुOछोO T।

यद्यडिपु यह ब�ता डिनयम क� डिवरुद्धा थे�, ताथे�डिपु �� न� दय�पुOव@क आज्ञा� द� द^।ताब भृ�न�क�T वरिरी न� सत्यन�री�यण क6 तारीM द�खों करी कह�—ले�ले� ��, सरीक�री न�

ता�म्ह�री� डि�ग्री� ता9 करी ह� द^। गु8व ता�म्ह� म�ब�रीक रीह�; मगुरी ईम�न आदम� क� सब क� छो हJ। ईम�न स� कह द9, गु8व डिकसक� हJ?

ह��री4 आदम� यह प्रश्न स�न करी कKताOहले स� सत्यन�री�यण क6 तारीM द�खोंन� लेगु�। म��शी� �� डिवचा�री-स�गुरी म� �Oब गुय�। हृदय म� स�कल्पु औरी डिवकल्पु म� घ9री स�ग्री�म ह9न� लेगु�। ह��री4 मन�ष्य4 क6 ऑंखों� उनक6 तारीM �म� हुई थे । यथे�थे@ ब�ता अब डिकस� स� सिछोपु� न थे�। इतान� आदमिमय4 क� स�मन� असत्य ब�ता म�Tह स� डिनकले न सक6। लेq� स� �ब�न ब�द करी ले�—‘म�री�’ कहन� म� क�म बनता� थे�। क9ई ब�ता न थे�; निंक)ता� घ9रीताम पु�पु क� द�� सम�� द� सकता� हJ, उसक� मिमलेन� क� पुOरी� भृय थे�। ‘आपुक�’ कहन� स� क�म डिबगुड़ेता� थे�। ��ता�-जि�ता�य� ब��� ह�थे स� डिनकले� ��ता� थे�, सव`त्क� Q क�म क� सिलेए सम�� स� �9 इन�म मिमले सकता� हJ, उसक� मिमलेन� क6 पुOरी� आशी� थे�। आशी� क� भृय क9 ��ता सिलेय�। उन्ह� ऐस� प्रता�ता हुआ, �Jस� ईश्वरी न� म�झ� अपुन� म�खों उqवले करीन� क� यह अ�डिताम अवसरी दिदय� हJ। मY अब भृ� म�नव-सम्म�न क� पु�त्र बन सकता� हूँT। अब अपुन� आत्म� क6 रीक्ष� करी सकता� हूँT। उन्ह4न� आगु� बढ़ा करी भृ�न�क�T वरिरी क9 प्रण�म डिकय� औरी क8पुता� हुए स्वरी स� ब9ले�—आपुक�!

ह��री4 मन�ष्य4 क� म�Tह स� एक गुगुनस्पशी� ध्वडिन डिनकले�—सत्य क6 �य!�� न� खोंड़े� ह9करी कह�—यह क�नOन क� न्य�य नह , ईश्वरी�य न्य�य हJ! इस� कथे� न

समजिझएगु�; यह सच्च� घटन� हJ। भृ�न�क�T वरिरी औरी सत्य न�री�यण अब भृ� ��डिवता हY। म��शी� �� क� इस नJडिताक स�हस पुरी ले9गु म�गुध ह9 गुए। म�नव�य न्य�य पुरी ईश्वरी�य न्य�य न� �9 डिवलेक्षण डिव�य पु�य�, उसक6 चाचा�@ शीहरी भृरी म� मह�न4 रीह�। भृ�न�क�T वरिरी म��शी� �� क� घरी गुय�, उन्ह� मन� करी ले�य । डिMरी अपुन� स�री� क�री9ब�री उन्ह� स�पु� औरी क� छो दिदन4 उपुरी��ता यह गु8व उन्ह क� न�म डिहब्ब� करी दिदय�। म��शी� �� न� भृ� उस� अपुन� अमिधक�री म� रीखोंन� उसिचाता न

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समझ�, क� ष्ण�पु@ण करी दिदय�। अब इसक6 आमदन� द^न-दुखिखोंय4 औरी डिवद्य�र्थिथे)य4 क6 सह�यता� म� खोंचा@ ह9ता� हJ।

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ममता

बO री�मरीक्ष�द�स दिदल्ले� क� एक ऐश्वय@शी�ले� खोंत्र� थे�, बहुता ह� ठ�ठ-ब�ट स� रीहन�व�ले�। बड़े�-बड़े� अम�री उनक� यह8 डिनत्य आता�-आता� थे�। व� आय� हुओं क� आदरी-सत्क�री ऐस�

अच्छा� ढूँ�गु स� करीता� थे� डिक इस ब�ता क6 धOम स�री� म�हल्ले� म� थे�। डिनत्य उनक� दरीव��� पुरी डिकस� न डिकस� बह�न� स� इQ-मिमत्र एकत्र ह9 ��ता�, ट�डिनस खों�लेता�, ता�शी उड़ेता�, ह�रीम9डिनयम क� मध�री स्वरी4 स� �� बहले�ता�, चा�य-पु�न� स� हृदय प्रM� ज्जिल्लेता करीता�, अमिधक औरी क्य� चा�डिहए? ��डिता क6 ऐस� अमOल्य स�व� क9ई छो9ट^ ब�ता नह हJ। न�चा� ��डिताय4 क� स�ध�री क� सिलेय� दिदल्ले� म� एक स9स�यट^ थे�। ब�बO स�हब उसक� स�R� टरी� थे�, औरी इस क�य@ क9 अस�ध�रीण उत्स�ह स� पुOण@ करीता� थे�। �ब उनक� बOढ़ा� कह�री ब�म�री हुआ औरी डिRत्तिश्चयन मिमशीन क� ��क्टरी4 न� उसक6 स�श्र�र्षो� क6, �ब उसक6 डिवधव� स्त्र� न� डिनव�@ह क6 क9ई आशी� न द�खों करी डिRत्तिश्चयन-सम�� क� आश्रय सिलेय�, ताब इन द9न4 अवसरी4 पुरी ब�बO स�हब न� शी9क क� री��ल्यOशीन्स पु�स डिकय�। स�स�री ��नता� हJ डिक स�R� टरी� क� क�म सभृ�ऍं करीन� औरी री��ल्यOशीन बन�न� हJ। इसस� अमिधक वह क� छो नह करी सकता�।

ब�

मिमस्टरी री�मरीक्ष� क� ��ता�य उत्स�ह यह� ताक स�म�बद्धा न थे�। व� स�म�जि�क क� प्रथे�ओं ताथे� अ�ध-डिवश्व�स क� प्रबले शीत्र� थे�। ह9ले� क� दिदन4 म� �ब डिक म�हल्ले� म� चाम�री औरी कह�री शीरी�ब स� मताव�ले� ह9करी M�गु गु�ता� औरी �M ब��ता� हुए डिनकलेता�, ता9 उन्ह�, बड़े� शी9क ह9ता�। ��डिता क6 इस मOखों@ता� पुरी उनक6 ऑंखों4 म� ऑंसO भृरी आता� औरी व� प्र�ता: इस क� री�डिता क� डिनव�रीण अपुन� ह�टरी स� डिकय� करीता�। उनक� ह�टरी म� ��डिता-डिहताJडिर्षोता� क6 उम�गु उनक6 वक्त� ता� स� भृ� अमिधक थे�। यह उन्ह क� प्रशी�सन�य प्रयत्न थे�, जि�न्ह4न� म�ख्य ह9ले� क� दिदन दिदल्ले� म� हलेचाले मचा� द^, M�गु गु�न� क� अपुरी�ध म� ह��री4 आदम� पु�सिलेस क� पु��� म� आ गुय�। सJकड़े4 घरी4 म� म�ख्य ह9ले� क� दिदन म�हरी@म क�-स� शी9क MJ ले गुय�। इधरी उनक� दरीव��� पुरी ह��री4 पु�रुर्षो-म्मिस्त्रय8 अपुन� दुखोंड़े� री9 रीह� थे । उधरी ब�बO स�हब क� डिहताJर्षो� मिमत्रगुण अपुन� उद�रीशी�ले मिमत्र क� सद्व्यवह�री क6 प्रशी�स� करीता�। ब�बO स�हब दिदन-भृरी म� इतान� री�गु बदलेता� थे� डिक उस पुरी ‘पु�रिरीस’ क6 पुरिरीय4 क9 भृ� ईष्य�@ ह9 सकता� थे�। कई बYक4 म� उनक� डिहस्स� थे�। कई दुक�न� थे ; निंक)ता� ब�बO स�हब क9 इतान� अवक�शी न थे� डिक उनक6 क� छो द�खोंभृ�ले करीता�। अडितासिथे-सत्क�री एक पुडिवत्र धम@ हJ। य� सच्च� द�शीडिहताJडिर्षोता� क6 उम�गु स� कह� करीता� थे�—अडितासिथे-सत्क�री आदिदक�ले स� भृ�रीतावर्षो@ क� डिनव�सिसय4 क� एक प्रध�न औरी सरी�हन�य गु�ण हJ। अभ्य�गुता4 क� आदरी-सम्म�न करीन� म� हम अडिbता�य हY। हम इसस� स�स�री म� मन�ष्य कहले�न� य9ग्य हY। हम सब क� छो खों9 बJठ� हY, डिकन्ता� जि�स दिदन हमम� यह गु�ण शी�र्षो न रीह�गु�; वह दिदन निंह)दू-��डिता क� सिलेए लेq�, अपुम�न औरी म�त्य� क� दिदन ह9गु�।

मिमस्टरी री�मरीक्ष� ��ता�य आवश्यकता�ओं स� भृ� ब�पुरीव�ह न थे�। व� स�म�जि�क औरी री��न�डिताक क�य` म� पुOण@रुपु�ण य9गु द�ता� थे�। यह8 ताक डिक प्रडितावर्षो@ द9, बश्किल्क कभृ�-कभृ�

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ता�न वक्त� ता�ऍं अवश्य ताJय�री करी ले�ता�। भृ�र्षोण4 क6 भृ�र्षो� अत्य�ता उपुय�क्त, ओ�स्व� औरी सव��गु स��दरी ह9ता� थे�। उपुज्जिस्थाता �न औरी इQमिमत्र उनक� एक-एक शीब्द पुरी प्रशी�स�सOचाक शीब्द4 क6 ध्वडिन प्रकट करीता�, ता�सिलेय8 ब��ता�, यह8 ताक डिक ब�बO स�हब क9 र्व्य�ख्य�न क� Rम ज्जिस्थारी रीखोंन� कदिठन ह9 ��ता�। र्व्य�ख्य�न सम�प्ता ह9न� पुरी उनक� मिमत्र उन्ह� गु9द म� उठ� ले�ता� औरी आश्चय@चाडिकता ह9करी कहता�—ता�री� भृ�र्षो� म� ��दू हJ! स�री��शी यह डिक ब�बO स�हब क� यह ��ता�य प्र�म औरी उद्य9गु क� वले बन�वट^, सह�यता�-शीOन्य ताथे MJ शीन�डिबले थे�। यदिद उन्ह4न� डिकस� सदुद्य9गु म� भृ�गु सिलेय� थे�, ता9 वह सम्मिम्मसिलेता क� ट�म्ब क� डिवरी9ध थे�। अपुन� डिपुता� क� पुश्च�ता व� अपुन� डिवधव� म8 स� अलेगु ह9 गुए थे�। इस ��ता�य स�व� म� उनक6 स्त्र� डिवशी�र्षो सह�यक थे�। डिवधव� म8 अपुन� ब�ट� औरी बहूँ क� स�थे नह रीह सकता� थे�। इसस� बहूँ क6 सव�ध�नता� म� डिवघ्न पुड़ेन� स� मन दुब@ले औरी मश्किस्ताष्क शीसिक्तह�न ह9 ��ता� हJ। बहूँ क9 �ले�न� औरी क� ढ़ा�न� स�स क6 आदता हJ। इससिलेए ब�बO री�मरीक्ष� अपुन� म8 स� अलेगु ह9 गुय� थे�। इसम� स�द�ह नह डिक उन्ह4न� म�ता�-ऋण क� डिवचा�री करीक� दस ह��री रुपुय� अपुन� म8 क� न�म �म� करी दिदय� थे�, डिक उसक� ब्य�� स� उनक� डिनव�@ह ह9ता� रीह�; निंक)ता� ब�ट� क� इस उत्तम आचारीण पुरी म8 क� दिदले ऐस� टOट� डिक वह दिदल्ले� छो9ड़ेकरी अय9ध्य� �� रीह । ताब स� वह रीहता� हY। ब�बO स�हब कभृ�-कभृ� मिमस�� री�मरीक्ष� स� सिछोपुकरी उसस� मिमलेन� अय9ध्य� ��य� करीता� थे�, निंक)ता� वह दिदल्ले� आन� क� कभृ� न�म न ले�ता । ह8, यदिद क� शीले-क्ष�म क6 सिचाट्ठ^ पुहुTचान� म� क� छो द�री ह9 ��ता�, ता9 डिववशी ह9करी सम�चा�री पुOछो द�ता� थे ।

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स� म�हल्ले� म� एक स�ठ डिगुरीध�री� ले�ले रीहता� थे�। उनक� ले�खों4 क� ले�न-द�न थे�। व� ह�री� औरी रीत्न4 क� र्व्य�पु�री करीता� थे�। ब�बO री�मरीक्ष� क� दूरी क� न�ता� म� स�ढ़ू ह9ता� थे�। पु�री�न� ढूँ�गु

क� आदम� थे�—प्र�ता:क�ले यम�न�-स्न�न करीन�व�ले� ताथे� गु�य क9 अपुन� ह�थे4 स� झ�ड़ेन�-पु4छोन�व�ले�! उनस� मिमस्टरी री�मरीक्ष� क� स्वभृ�व न मिमलेता� थे�; पुरीन्ता� �ब कभृ� रुपुय4 क6 आवश्यकता� ह9ता�, ता9 व� स�ठ डिगुरीध�री� ले�ले क� यह8 स� ब�खोंटक� मTगु� सिलेय� करीता� थे�। आपुस क� म�मले� थे�, क� वले चा�री अ�गु�ले क� पुत्र पुरी रुपुय� मिमले ��ता� थे�, न क9ई दस्ता�व��, न स्ट�म्प, न स�त्तिक्षय4 क6 आवश्यकता�। म9टरीक�री क� सिलेए दस ह��री क6 आवश्यकता� हुई, वह वह8 स� आय�। घ�ड़ेदKड़े क� सिलेए एक आस्ट्री�सिलेयन घ9ड़े� ��ढ़ा ह��री म� सिलेय� गुय�। उसक� सिलेए भृ� रुपुय� स�ठ �� क� यह8 स� आय�। ध�री�-ध�री� क9ई ब�स ह��री क� म�मले� ह9 गुय�। स�ठ �� सरीले हृदय क� आदम� थे�। समझता� थे� डिक उसक� पु�स दुक�न� हY, बYक4 म� रुपुय� हJ। �ब �� चा�ह�गु�, रुपुय� वसOले करी ले�गु�; डिकन्ता� �ब द9-ता�न वर्षो@ र्व्यता�ता ह9 गुय� औरी स�ठ �� ताक��4 क6 अपु�क्ष� मिमस्टरी री�मरीक्ष� क6 म8गु ह� क� अमिधक्य रीह� ता9 डिगुरीध�री� ले�ले क9 सन्द�ह हुआ। वह एक दिदन री�मरीक्ष� क� मक�न पुरी आय� औरी सभ्य-भृ�व स� ब9ले�—भृ�ई स�हब, म�झ� एक हुण्�� क� रुपुय� द�न� हJ, यदिद आपु म�री� डिहस�ब करी द� ता9 बहुता अच्छा� ह9। यह कह करी

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डिहस�ब क� क�गु��ता औरी उनक� पुत्र दिदखोंले�य�। मिमस्टरी री�मरीक्ष� डिकस� गु��@न-पु�ट© म� सम्मिम्मसिलेता ह9न� क� सिलेए ताJय�री थे�। ब9ले�—इस समय क्षम� क6जि�ए; डिMरी द�खों लेOTगु�, �ल्द^ क्य� हJ?

डिगुरीध�री� ले�ले क9 ब�बO स�हब क6 रुखों�ई पुरी R9ध आ गुय�, व� रुQ ह9करी ब9ले�—आपुक9 �ल्द^ नह हJ, म�झ� ता9 हJ! द9 सK रुपुय� म�सिसक क6 म�री� ह�डिन ह9 रीह� हJ! मिमस्टरी क� अस�ता9र्षो प्रकट करीता� हुए घड़े� द�खों�। पु�ट© क� समय बहुता करी�ब थे�। व� बहुता डिवन�ता भृ�व स� ब9ले�—भृ�ई स�हब, मY बड़े� �ल्द^ म� हूँT। इस समय म�री� ऊपुरी क� पु� क6जि�ए। मY कले स्वय� उपुज्जिस्थाता हूँTगु�।

स�ठ �� एक म�नन�य औरी धन-सम्पन्न आदम� थे�। व� री�मरीक्ष� क� क� रुसिचापुOण@ र्व्यवह�री पुरी �ले गुए। मY इनक� मह��न हूँT—इनस� धन म�, म�न म�, ऐश्वय@ म�, बढ़ा� हुआ, चा�हूँT ता9 ऐस4 क9 नKकरी रीखों लेOT, इनक� दरीव��� पुरी आऊT औरी आदरी-सत्क�री क6 �गुह उलेट� ऐस� रुखों� बता�@व? वह ह�थे ब8ध� म�री� स�मन� न खोंड़े� रीह�; डिकन्ता� क्य� मY पु�न, इले�यचा�, इत्र आदिद स� भृ� सम्म�न करीन� क� य9ग्य नह ? व� डितानक करी ब9ले�—अच्छा�, ता9 कले डिहस�ब स�M ह9 ��य।

री�मरीक्ष� न� अकड़े करी उत्तरी दिदय�—ह9 ��यगु�।री�मरीक्ष� क� गुKरीवशी�ले हृदय पुरी स�ठ �� क� इस बता�@व क� प्रभृ�व क� क� छो खों�द-�नक

असरी न हुआ। इस क�ठ क� क� न्द� न� आ� म�री� प्रडिताष्ठा� धOले म� मिमले� द^। वह म�री� अपुम�न करी गुय�। अच्छा�, ता�म भृ� इस� दिदल्ले� म� रीहता� ह9 औरी हम भृ� यह� हY। डिनद�न द9न4 म� गु8ठ पुड़े गुय�। ब�बO स�हब क6 ताब�यता ऐस� डिगुरी� औरी हृदय म� ऐस� सिचान्ता� उत्पुन्न हुई डिक पु�ट© म� आन� क� ध्य�न ��ता� रीह�, व� द�री ताक इस� उलेझन म� पुड़े� रीह�। डिMरी सOट उता�री दिदय� औरी स�वक स� ब9ले�—��, म�न�म �� क9 ब�ले� ले�। म�न�म �� आय�, उनक� डिहस�ब द�खों� गुय�, डिMरी बYक4 क� एक�उ�ट द�खों�; डिकन्ता� ज्य4-ज्य4 इस घ�ट^ म� उतारीता� गुय�, त्य4-त्य4 अTध�री� बढ़ाता� गुय�। बहुता क� छो टट9ले�, क� छो ह�थे न आय�। अन्ता म� डिनरी�शी ह9करी व� आरी�म-क� स� पुरी पुड़े गुए औरी उन्ह4न� एक ठ��� स8स ले� ले�। दुक�न4 क� म�ले डिबक�; डिकन्ता� रुपुय� बक�य� म� पुड़े� हुआ थे�। कई ग्री�हक4 क6 दुक�न� टOट गुय�। औरी उन पुरी �9 नकद रुपुय� बक�य� थे�, वह �Oब गुय�। कलेकत्त� क� आढ़ाडिताय4 स� �9 म�ले मTगु�य� थे�, रुपुय� चा�क�न� क6 डितासिथे सिसरी पुरी आ पुहुTचा� औरी यह8 रुपुय� वसOले न हुआ। दुक�न4 क� यह ह�ले, बYक4 क� इसस� भृ� ब�री�। री�ता-भृरी व� इन्ह चिंचा)ता�ओं म� करीवट� बदलेता� रीह�। अब क्य� करीन� चा�डिहए? डिगुरीध�री� ले�ले सqन पु�रुर्षो हY। यदिद स�री� ह�ले उस� स�न� दूT, ता9 अवश्य म�न ��यगु�, डिकन्ता� यह कQप्रद क�य@ ह9गु� कJ स�? ज्य4-ज्य4 प्र�ता:क�ले सम�पु आता� थे�, त्य4-त्य4 उनक� दिदले बJठ� ��ता� थे�। कच्च� डिवद्य�थे� क6 �9 दशी� पुरी�क्ष� क� समिन्नकट आन� पुरी ह9ता� हJ, यह� ह�ले इस समय री�मरीक्ष� क� थे�। व� पुले�गु स� न उठ� । म�Tह-ह�थे भृ� न ध9य�, खों�न� क9 कKन कह�। इतान� ��नता� थे� डिक दु:खों पुड़ेन� पुरी क9ई डिकस� क� स�थे� नह ह9ता�। इससिलेए एक आपुत्तित्त स� बचान� क� सिलेए कई आपुत्तित्तय4 क� ब9झ� न उठ�न� पुड़े�, इस खोंय�ले स� मिमत्र4 क9 इन म�मले4 क6 खोंबरी ताक न द^।

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�ब द9पुहरी ह9 गुय� औरी उनक6 दशी� ज्य4 क6 त्य4 रीह�, ता9 उनक� छो9ट� लेड़ेक� ब�ले�न� आय�। उसन� ब�पु क� ह�थे पुकड़े करी कह�—ले�ले� ��, आ� द�न� क्य4 नह तालेता�?

री�मरीक्ष�—भृOखों नह हJ।‘क्य� क�य� हJ?’‘मन क6 मिमठ�ई।’‘औरी क्य� क�य� हJ?’‘म�री।’‘डिकसन� म�री� हJ?’‘डिगुरीध�री�ले�ले न�।’लेड़ेक� री9ता� हुआ घरी म� गुय� औरी इस म�री क6 चा9ट स� द�री ताक री9ता� रीह�। अन्ता म�

ताश्तारी� म� रीखों� हुई दूध क6 मले�ई न� उसक6 चा9ट पुरी मरीहम क� क�म डिकय�।3

गु� क9 �ब ��न� क6 आशी� नह रीहता�, ता9 और्षोमिध छो9ड़े द�ता� हJ। मिमस्टरी री�मरीक्ष� �ब इस गु�त्थी� क9 न स�लेझ� सक� , ता9 चा�दरी ता�न ले� औरी म�Tह लेपु�ट करी स9 रीह�। शी�म क9

एक�एक उठ करी स�ठ �� क� यह8 पुहुTचा� औरी क� छो अस�वध�न� स� ब9ले�—मह�शीय, मY आपुक� डिहस�ब नह करी सकता�।

री9स�ठ �� घबरी� करी ब9ले�—क्य4?री�मरीक्ष�—इससिलेए डिक मY इस समय दरिरीद्र-डिनह�गु हूँT। म�री� पु�स एक कKड़े� भृ� नह हJ।

आपु क� रुपुय� �Jस� चा�ह� वसOले करी ले�।स�ठ—यह आपु कJ स� ब�ता� कहता� हY?री�मरीक्ष�—बहुता सच्च�।स�ठ—दुक�न� नह हY?री�मरीक्ष�—दुक�न� आपु म�फ्ता ले9 ��इए।स�ठ—बYक क� डिहस्स�?री�मरीक्ष�—वह कब क� उड़े गुय�।स�ठ—�ब यह ह�ले थे�, ता9 आपुक9 उसिचाता नह थे� डिक म�री� गुले� पुरी छो� री� M� रीता�?री�मरीक्ष�—(अत्तिभृम�न) मY आपुक� यह8 उपुद�शी स�नन� क� सिलेए नह आय� हूँT।यह कह करी मिमस्टरी री�मरीक्ष� वह8 स� चाले दिदए। स�ठ �� न� ता�रीन्ता न�सिलेशी करी द^।

ब�स ह��री मOले, पु8चा ह��री ब्य��। डि�गुरी� ह9 गुय�। मक�न न�ले�म पुरी चाढ़ा�। पुन्द्रह ह��री क6 ��यद�द पु8चा ह��री म� डिनकले गुय�। दस ह��री क6 म9टरी चा�री ह��री म� डिबक6। स�री� सम्पत्तित्त उड़े ��न� पुरी क� ले मिमले� करी स9लेह ह��री स� अमिधक रीमक न खोंड़े� ह9 सक6। स�री� गु�हस्था� नQ ह9 गुय�, ताब भृ� दस ह��री क� ऋण� रीह गुय�। म�न-बड़े�ई, धन-दKलेता सभृ� मिमट्टी^ म� मिमले गुय�। बहुता ता�� दKड़ेन� व�ले� मन�ष्य प्र�य: म�Tह क� बले डिगुरी पुड़ेता� हJ।

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स घटन� क� क� छो दिदन4 पुश्च�ता� दिदल्ले� म्य�डिनसिसपुJसिलेट^ क� म�म्बरी4 क� चा�न�व आरीम्भ हुआ। इस पुद क� अत्तिभृले�र्षो� व9टरी4 क6 स��ऍं करीन� लेगु�। दले�ले4 क� भृ�ग्य उदय हुए।

सम्मडिताय8 म9डिताय4 क6 ता9ले डिबकन� लेगु । उम्म�दव�री म�म्बरी4 क� सह�यक अपुन�-अपुन� म�वज्जिक्कले क� गु�ण गु�न करीन� लेगु�। चा�री4 ओरी चाहले-पुहले मचा गुय�। एक वक6ले मह�शीय न� भृरी� सभृ� म� म�वज्जिक्कले स�हब क� डिवर्षोय म� कह�—

इ‘मY जि�स ब��रुगु क� पुJरी9क�री हूँT, वह क9ई म�मOले� आदम� नह हJ। यह वह शीख्स हJ,

जि�सन� Mरी��द अकबरी क6 शी�द^ म� पुचा�स ह��री रुपुय� सिसM@ रीक्स व सरुरी म� सM@ करी दिदय� थे�।’

उपुज्जिस्थाता �न4 म� प्रशी�स� क6 उच्च ध्वडिन हुईएक दूसरी� मह�शीय न� अपुन� म�हल्ले� क� व9टरी4 क� सम्म�खों म�वज्जिक्कले क6 प्रशी�स� य4 क6

—“मY यह नह कह सकता� डिक आपु स�ठ डिगुरीध�री�ले�ले क9 अपुन� म�म्बरी बन�इए। आपु

अपुन� भृले�-ब�री� स्वय� समझता� हY, औरी यह भृ� नह डिक स�ठ �� म�री� b�री� अपुन� प्रशी�स� क� भृOखों� ह4। म�री� डिनव�दन क� वले यह� हJ डिक आपु जि�स� म�म्बरी बन�य�, पुहले� उसक� गु�ण-द9र्षो4 क� भृले� भृ8डिता पुरिरीचाय ले� ले�। दिदल्ले� म� क� वले एक मन�ष्य हJ, �9 गुता वर्षो` स� आपुक6 स�व� करी रीह� हJ। क� वले एक आदम� हJ, जि�सन� पु�न� पुहुTचा�न� औरी स्वच्छाता�-प्रब�ध4 म� ह�र्दिद)क धम@-भृ�व स� सह�यता� द^ हJ। क� वले एक पु�रुर्षो हJ, जि�सक9 श्र�म�न व�यसरी�य क� दरीब�री म� क� स� पुरी बJठन� क� अमिधक�री प्र�प्ता हJ, औरी आपु सब मह�शीय उस� ��नता� भृ� हY।”

उपुज्जिस्थाता �न4 न� ता�सिलेय8 ब��य ।स�ठ डिगुरीध�री�ले�ले क� म�हल्ले� म� उनक� एक प्रडिताव�द^ थे�। न�म थे� म��शी� MJ ��लेरीहम�न

खों8। बड़े� �म द�री औरी प्रसिसद्धा वक6ले थे�। ब�बO री�मरीक्ष� न� अपुन� दृढ़ाता�, स�हस, ब�डिbमत्त� औरी म�दु भृ�र्षोण स� म��शी� �� स�हब क6 स�व� करीन� आरीम्भ क6। स�ठ �� क9 पुरी�स्ता करीन� क� यह अपुOव@ अवसरी ह�थे आय�। व� री�ता औरी दिदन इस� ध�न म� लेगु� रीहता�। उनक6 म�ठh औरी री9चाक ब�ता4 क� प्रभृ�व उपुज्जिस्थाता �न4 पुरी बहुता अच्छा� पुड़ेता�। एक ब�री आपुन� अस�ध�रीण श्रद्धा�-उम�गु म� आ करी कह�—मY ��क� क6 चा9ट पुरी कहता� हूँT डिक म��शी� MJ ��ले रीहम�न स� अमिधक य9ग्य आदम� आपुक9 दिदल्ले� म� न मिमले सक� गु�। यह वह आदम� हJ, जि�सक6 गु�ले4 पुरी कडिव�न4 म� ‘व�ह-व�ह’ मचा ��ता� हJ। ऐस� श्र�ष्ठा आदम� क6 सह�यता� करीन� मY अपुन� ��ता�य औरी स�म�जि�क धम@ समझता� हूँT। अत्य�ता शी9क क� डिवर्षोय हJ डिक बहुता-स� ले9गु इस ��ता�य औरी पुडिवत्र क�म क9 र्व्यसिक्तगुता ले�भृ क� स�धन बन�ता� हY; धन औरी वस्ता� हJ, श्र�म�न व�यसरी�य क� दरीब�री म� प्रडितामिष्ठाता ह9न� औरी वस्ता�, निंक)ता� स�म�जि�क स�व� ताथे� ��ता�य चा�करी� औरी ह� चा�� हJ। वह मन�ष्य, जि�सक� ��वन ब्य��-प्र�स्टिप्ता, ब�ईम�न�, कठ9रीता� ताथे� डिनद@यता� औरी स�खों-डिवले�स म� र्व्यता�ता ह9ता� ह9, इस स�व� क� य9ग्य कद�डिपु नह हJ।

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ठ डिगुरीध�री�ले�ले इस अन्य9सिक्तपुOण@ भृ�र्षोण क� ह�ले स�न करी R9ध स� आगु ह9 गुए। मY ब�ईम�न हूँT! ब्य�� क� धन खों�न�व�ले� हूँT! डिवर्षोय� हूँT! क� शीले हुई, �9 ता�मन� म�री� न�म नह

सिलेय�; निंक)ता� अब भृ� ता�म म�री� ह�थे म� ह9। मY अब भृ� ता�म्ह� जि�स तारीह चा�हूँT, नचा� सकता� हूँT। खों�शी�मदिदय4 न� आगु पुरी ता�ले ��ले�। इधरी री�मरीक्ष� अपुन� क�म म� तात्पुरी रीह�। यह8 ताक डिक ‘व9टिंट)गु-��’ आ पुहुTचा�। मिमस्टरी री�मरीक्ष� क9 उद्य9गु म� बहुता क� छो सMलेता� प्र�प्ता हुई थे�। आ� व� बहुता प्रसन्न थे�। आ� डिगुरीध�री�ले�ले क9 न�चा� दिदखों�ऊT गु�, आ� उसक9 ��न पुड़े�गु� डिक धन स�स�री क� सभृ� पुद�थे` क9 इकट्ठ� नह करी सकता�। जि�स समय MJ ��लेरीहम�न क� व9ट अमिधक डिनकले�गु� औरी मY ता�सिलेय8 ब��ऊT गु�, उस समय डिगुरीध�री�ले�ले क� चा�हरी� द�खोंन� य9ग्य ह9गु�, म�Tह क� री�गु बदले ��यगु�, हव�इय8 उड़ेन� लेगु�गु�, ऑंखों� न मिमले� सक� गु�। शी�यद, डिMरी म�झ� म�Tह न दिदखों� सक� । इन्ह डिवचा�री4 म� मग्न री�मरीक्ष� शी�म क9 ट�उनह�ले म� पुहुTचा�। उपुज्जिस्थाता �न4 न� बड़े� उम�गु क� स�थे उनक� स्व�गुता डिकय�। थे9ड़े� द�री क� ब�द ‘व9टिंट)गु’ आरीम्भ हुआ। म�म्बरी� मिमलेन� क6 आशी� रीखोंन�व�ले� मह�न�भृ�व अपुन�-अपुन� भृ�ग्य क� अ�डिताम Mले स�नन� क� सिलेए आता�री ह9 रीह� थे�। छोह ब�� चा�यरीमJन न� MJ सले� स�न�य�। स�ठ �� क6 ह�री ह9 गुय�। MJ ��लेरीहम�न न� मJद�न म�री सिलेय�। री�मरीक्ष� न� हर्षो@ क� आव�गु म� ट9पु� हव� म� उछो�ले द^ औरी स्वय� भृ� कई ब�री उछोले पुड़े�। म�हल्ले�व�ले4 क9 अचाम्भ� हुआ। चा�दन� चाKक स� स�ठ �� क9 हट�न� म�रु क9 स्था�न स� उखों�ड़ेन� थे�। स�ठ �� क� चा�हरी� स� री�मरीक्ष� क9 जि�तान� आशी�ऍं थे , व� सब पुOरी� ह9 गुय । उनक� री�गु M6क� पुड़े गुय� थे�। खों�द औरी लेq� क6 मOर्षिता) बन� हुए थे�। एक वक6ले स�हब न� उनस� सह�न�भृOडिता प्रकट करीता� हुए कह�—स�ठ ��, म�झ� आपुक6 ह�री क� बहुता बड़े� शी9क हJ। मY ��नता� डिक खों�शी� क� बदले� री�� ह9गु�, ता9 कभृ� यह8 न आता�। मY ता9 क� वले आपुक� ख्य�ले स� यह8 आय� थे�। स�ठ �� न� बहुता री9कन� चा�ह�, पुरी�ता� ऑंखों4 म� ऑंसO �ब�ब� ह� गुय�। व� डिन:स्प�ह बन�न� क� र्व्यथे@ प्रयत्न करीक� ब9ले�—वक6ले स�हब, म�झ� इसक6 क� छो चिंचा)ता� नह , कKन रिरीय�सता डिनकले गुय�? र्व्यथे@ उलेझन, चिंचा)ता� ताथे� झ�झट रीहता� थे�, चाले9, अच्छा� हुआ। गुले� छोO ट�। अपुन� क�म म� हरी� ह9ता� थे�। सत्य कहता� हूँT, म�झ� ता9 हृदय स� प्रसन्नता� ह� हुई। यह क�म ता9 ब�क�म व�ले4 क� सिलेए हJ, घरी न बJठ� रीह�, यह� ब�गु�री क6। म�री� मOखों@ता� थे� डिक मY इतान� दिदन4 ताक ऑंखों� ब�द डिकय� बJठ� रीह�। पुरी�ता� स�ठ �� क6 म�खों�क� डिता न� इन डिवचा�री4 क� प्रम�ण न दिदय�। म�खोंम��ले हृदय क� दपु@ण हJ, इसक� डिनश्चय अलेबत्त� ह9 गुय�।

स�

निंक)ता� ब�बO री�मरीक्ष� बहुता द�री ताक इस आनन्द क� म�� न लेOटन� पु�य� औरी न स�ठ �� क9 बदले� ले�न� क� सिलेए बहुता द�री ताक प्रता�क्ष� करीन� पुड़े�। सभृ� डिवसर्जि�)ता ह9ता� ह� �ब ब�बO री�मरीक्ष� सMलेता� क6 उम�गु म� ऐंठता�, म4छो पुरी ता�व द�ता� औरी चा�री4 ओरी गुव@ क6 दृमिQ ��लेता� हुए ब�हरी आय�, ता9 द^व�न� क6 ता�न सिसपु�डिहय4 न� आगु� बढ़ा करी उन्ह� डिगुरीफ्ता�री� क� व�री�ट दिदखों� दिदय�। अबक6 ब�बO री�मरीक्ष� क� चा�हरी� क� री�गु उतारी ��न� क6, औरी स�ठ �� क� इस

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मन9व��सिछोता दृश्य स� आनन्द उठ�न� क6 ब�री� थे�। डिगुरीध�री�ले�ले न� आनन्द क6 उम�गु म� ता�सिलेय8 ता9 न ब��य , पुरी�ता� म�स्करी� करी म�Tह M� री सिलेय�। री�गु म� भृ�गु पुड़े गुय�।

आ� इस डिवर्षोय क� उपुलेक्ष्य म� म��शी� MJ ��लेरीहम�न न� पुहले� ह� स� एक बड़े� सम�री9ह क� स�थे गु��@न पु�ट© क6 ताJय�रिरीय± क6 थे । मिमस्टरी री�मरीक्ष� इसक� प्रब�धकत्त�@ थे�। आ� क6 ‘आफ्टरी डि�नरी’ स्प�चा उन्ह4न� बड़े� पुरिरीश्रम स� ताJय�री क6 थे�; निंक)ता� इस व�री�ट न� स�री� क�मन�ओं क� सत्य�न�शी करी दिदय�। य4 ता9 ब�बO स�हब क� मिमत्र4 म� ऐस� क9ई भृ� न थे�, �9 दस ह��री रुपुय� �म�नता द� द�ता�; अद� करी द�न� क� ता9 जि�R ह� कय�; निंक)ता� कद�सिचाता ऐस� ह9ता� भृ� ता9 स�ठ �� अपुन� क9 भृ�ग्यह�न समझता�। दस ह��री रुपुय� औरी म्य�डिनस्पJसिलेट^ क6 प्रडितामिष्ठाता म�म्बरी� खों9करी इन्ह� इस समय यह हर्षो@ हुआ थे�।

मिमस्टरी री�मरीक्ष� क� घरी पुरी ज्य4ह� यह खोंबरी पुहुTचा�, क� हरी�म मचा गुय�। उनक6 स्त्र� पुछो�ड़े खों� करी पु�थ्व� पुरी डिगुरी पुड़े�। �ब क� छो ह9शी म� आय� ता9 री9न� लेगु�। औरी री9न� स� छो� ट्टी^ मिमले� ता9 उसन� डिगुरीध�री�ले�ले क9 क9सन� आरीम्भ डिकय�। द�व�-द�वता� मन�न� लेगु�। उन्ह� रिरीश्वता� द�न� पुरी ताJय�री हुई डिक य� डिगुरीध�री�ले�ले क9 डिकस� प्रक�री डिनगुले ��यT। इस बड़े� भृ�री� क�म म� वह गु�गु� औरी यम�न� स� सह�यता� म8गु रीह� थे�, प्ले�गु औरी डिवसOसिचाक� क6 खों�शी�मद� करी रीह� थे� डिक य� द9न4 मिमले करी उस डिगुरीध�री�ले�ले क9 हड़ेपु ले� ��यT! निंक)ता� डिगुरीध�री� क� क9ई द9र्षो नह । द9र्षो ता�म्ह�री� हJ। बहुता अच्छा� हुआ! ता�म इस� पुO�� क� द�वता� थे�। क्य� अब द�वता� न खिखोंले�ओगु�? मYन� ता�म्ह� डिकतान� समझय�, री9य�, रुठh, डिबगुड़े�; डिकन्ता� ता�मन� एक न स�न�। डिगुरीध�री�ले�ले न� बहुता अच्छा� डिकय�। ता�म्ह� सिशीक्ष� ता9 मिमले गुय�; डिकन्ता� ता�म्ह�री� भृ� द9र्षो नह । यह सब आगु मYन� ह� लेगु�य�। मखोंमले� स्ले�पुरी4 क� डिबन� म�री� पु8व ह� नह उठता� थे�। डिबन� �ड़े�ऊ कड़े4 क� म�झ� न द न आता� थे�। स��गु�ड़े� म�री� ह� सिलेए मTगुव�य� थे�। अ�गुरी��� पुढ़ान� क� सिलेए म�म स�हब क9 मYन� ह� रीखों�। य� सब क8ट� मYन� ह� ब9य� हY।

मिमस�� री�मरीक्ष� बहुता द�री ताक इन्ह डिवचा�री4 म� �Oब� रीह�। �ब री�ता भृरी करीवट� बदलेन� क� ब�द वह सब�री� उठh, ता9 उसक� डिवचा�री चा�री4 ओरी स� ठ9करी खों� करी क� वले एक क� न्द्र पुरी �म गुय�। डिगुरीध�री�ले�ले बड़े� बदम�शी औरी घम��� हJ। म�री� सब क� छो ले� करी भृ� उस� स�ता9र्षो नह हुआ। इतान� भृ� इस डिनद@य� कस�ई स� न द�खों� गुय�। त्तिभृन्न-त्तिभृन्न प्रक�री क� डिवचा�री4 न� मिमले करी एक रुपु ध�रीण डिकय� औरी R9ध�खिग्न क9 दहले� करी प्रबले करी दिदय�। ज्व�ले�म�खों� शी�शी� म� �ब सOय@ क6 डिकरीण� एक ह9ता� हY, ताब अखिग्न प्रकट ह9 ��ता� हY। स्त्र� क� हृदय म� रीह-रीह करी R9ध क6 एक अस�ध�रीण लेहरी उत्पुन्न ह9ता� थे�। बच्च� न� मिमठ�ई क� सिलेए हठ डिकय�; उस पुरी बरीस पुड़े ; महरी� न� चाKक�-बरीतान करीक� चाOल्ह� म� आगु �ले� द^, उसक� पु�छो� पुड़े गुय�—मY ता9 अपुन� दु:खों4 क9 री9 रीह� हूँT, इस चा�ड़ेJले क9 री9दिटय4 क6 ध�न सव�री हJ। डिनद�न नK ब�� उसस� न रीह� गुय�। उसन� यह पुत्र सिलेखों करी अपुन� हृदय क6 ज्व�ले� ठ��� क6—

‘स�ठ ��, ता�म्ह� अब अपुन� धन क� घम�� न� अ�ध� करी दिदय� हJ, डिकन्ता� डिकस� क� घम�� इस� तारीह सद� नह रीह सकता�। कभृ� न कभृ� सिसरी अवश्य न�चा� ह9ता� हJ। अMस9स डिक कले शी�म क9, �ब ता�मन� म�री� प्य�री� पुडिता क9 पुकड़ेव�य� हJ, मY वह8 मK�Oद न थे�; नह ता9 अपुन�

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औरी ता�म्ह�री� रीक्त एक करी द�ता�। ता�म धन क� मद म� भृOले� हुए ह9। मY उस� दम ता�म्ह�री� नशी� उता�री द�ता�! एक स्त्र� क� ह�थे4 अपुम�डिनता ह9 करी ता�म डिMरी डिकस� क9 म�Tह दिदखों�न� ले�यक न रीहता�। अच्छा�, इसक� बदले� ता�म्ह� डिकस� न डिकस� तारीह �रुरी मिमले ��यगु�। म�री� कले��� उस दिदन ठ��� ह9गु�, �ब ता�म डिनव�शी ह9 ��ओगु� औरी ता�म्ह�री� क� ले क� न�म मिमट ��यगु�।

स�ठ �� पुरी यह Mटक�री पुड़े� ता9 व� R9ध स� आगु ह9 गुय�। यद्यडिपु क्ष�द्र हृदय मन�ष्य न थे�, पुरी�ता� R9ध क� आव�गु म� सK�न्य क� सिचाह्न भृ� शी�र्षो नह रीहता�। यह ध्य�न न रीह� डिक यह एक दु:खिखोंन� क6 R� दन-ध्वडिन हJ, एक सता�य� हुई स्त्र� क6 म�नसिसक दुब@लेता� क� डिवचा�री हJ। उसक6 धन-ह�नता� औरी डिववशीता� पुरी उन्ह� ताडिनक भृ� दय� न आय�। मरी� हुए क9 म�रीन� क� उपु�य स9चान� लेगु�।

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सक� ता�सरी� दिदन स�ठ डिगुरीध�री�ले�ले पुO�� क� आसन पुरी बJठ� हुए थे�, महरी� न� आकरी कह�—सरीक�री, क9ई स्त्र� आपु स� मिमलेन� आय� हJ। स�ठ �� न� पुOछो�—कKन स्त्र� हJ? महरी� न�

कह�—सरीक�री, म�झ� क्य� म�लेOम? ले�डिकन हJ क9ई भृले�म�न�स! री�शीम� स�ड़े� पुहन� हुए ह�थे म� स9न� क� कड़े� हY। पुJरी4 म� ट�ट क� स्ले�पुरी हY। बड़े� घरी क6 स्त्र� ��न पुड़ेता� हY।

इय4 स�ध�रीणता: स�ठ �� पुO�� क� समय डिकस� स� नह मिमलेता� थे�। चा�ह� कJ स� ह�

आवश्यक क�म क्य4 न ह9, ईश्वरी9पु�सन� म� स�म�जि�क ब�ध�ओं क9 घ�सन� नह द�ता� थे�। डिकन्ता� ऐस� दशी� म� �ब डिक डिकस� बड़े� घरी क6 स्त्र� मिमलेन� क� सिलेए आय�, ता9 थे9ड़े� द�री क� सिलेए पुO�� म� डिवलेम्ब करीन� निंन)दन�य नह कह� �� सकता�, ऐस� डिवचा�री करीक� व� नKकरी स� ब9ले�—उन्ह� ब�ले� ले�ओं

�ब वह स्त्र� आय� ता9 स�ठ �� स्व�गुता क� सिलेए उठ करी खोंड़े� ह9 गुय�। तात्पुश्च�ता अत्य�ता क9मले वचान4 क� क�रुत्तिणक शीब्द4 स� ब9ले�—म�ता�, कह8 स� आन� हुआ? औरी �ब यह उत्तरी मिमले� डिक वह अय9ध्य� स� आय� हJ, ता9 आपुन� उस� डिMरी स� द��वता डिकय� औरी चा�न� ताथे� मिमश्र� स� भृ� अमिधक मध�री औरी नवन�ता स� भृ� अमिधक सिचाकन� शीब्द4 म� कह�—अच्छा�, आपु श्र� अय9ध्य� �� स� आ रीह� हY? उस नगुरी� क� क्य� कहन�! द�वता�ओं क6 पु�री� हY। बड़े� भृ�ग्य थे� डिक आपुक� दशी@न हुए। यह8 आपुक� आगुमन कJ स� हुआ? स्त्र� न� उत्तरी दिदय�—घरी ता9 म�री� यह हJ। स�ठ �� क� म�खों पु�न: मध�रीता� क� सिचात्र बन�। व� ब9ले�—अच्छा�, ता9 मक�न आपुक� इस� शीहरी म� हJ? ता9 आपुन� म�य�-����ले क9 त्य�गु दिदय�? यह ता9 मY पुहले� ह� समझ गुय� थे�। ऐस� पुडिवत्र आत्म�ऍं स�स�री म� बहुता थे9ड़े� हY। ऐस� द�डिवय4 क� दशी@न दुले@भृ ह9ता� हY। आपुन� म�झ� दशी@न दिदय�, बड़े� क� पु� क6। मY इस य9ग्य नह , �9 आपु-�Jस� डिवदुडिर्षोय4 क6 क� छो स�व� करी सकOT ? निंक)ता� �9 क�म म�री� य9ग्य ह9—�9 क� छो म�री� डिकए ह9 सकता� ह9—उस� करीन� क� सिलेए मY सब भृ8डिता स� ताJय�री हूँT। यह8 स�ठ-स�हूँक�री4 न� म�झ� बहुता बदन�म करी रीखों� हJ, मY सबक6 ऑंखों4 म� खोंटकता� हूँT। उसक� क�रीण सिसव� इसक� औरी क� छो नह डिक �ह8 व� ले9गु

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ले�भृ क� ध्य�न रीखोंता� हY, वह8 मY भृले�ई पुरी रीखोंता� हूँT। यदिद क9ई बड़े� अवस्था� क� व�द्धा मन�ष्य म�झस� क� छो कहन�-स�नन� क� सिलेए आता� हJ, ता9 डिवश्व�स म�न4, म�झस� उसक� वचान ट�ले� नह ��ता�। क� छो ब�ढ़ा�पु� क� डिवचा�री; क� छो उसक� दिदले टOट ��न� क� �री; क� छो यह ख्य�ले डिक कह यह डिवश्व�सघ�डिताय4 क� M� द� म� न M� स ��य, म�झ� उसक6 इच्छा�ओं क6 पुOर्षिता) क� सिलेए डिववशी करी द�ता� हJ। म�री� यह सिसद्धा�न्ता हJ डिक अच्छा^ ��यद�द औरी कम ब्य��। निंक)ता� इस प्रक�री ब�ता� आपुक� स�मन� करीन� र्व्यथे@ हJ। आपु स� ता9 घरी क� म�मले� हJ। म�री� य9ग्य �9 क� छो क�म ह9, उसक� सिलेए मY सिसरी ऑंखों4 स� ताJय�री हूँT।

व�द्धा स्त्र�—म�री� क�म आपु ह� स� ह9 सकता� हJ।स�ठ ��—(प्रसन्न ह9 करी) बहुता अच्छा�; आज्ञा� द9।स्त्र�—मY आपुक� स�मन� त्तिभृखों�रिरीन बन करी आय� हूँT। आपुक9 छो9ड़ेकरी क9ई म�री�

सव�ले पुOरी� नह करी सकता�।स�ठ ��—कडिहए, कडिहए।स्त्र�—आपु री�मरीक्ष� क9 छो9ड़े द^जि�ए।स�ठ �� क� म�खों क� री�गु उतारी गुय�। स�री� हव�ई डिकले� �9 अभृ�-अभृ� ताJय�री हुए थे�,

डिगुरी पुड़े�। व� ब9ले�—उसन� म�री� बहुता ह�डिन क6 हJ। उसक� घम�� ता9ड़े ��लेOTगु�, ताब छो9ड़ूTगु�।स्त्र�—ता9 क्य� क� छो म�री� ब�ढ़ा�पु� क�, म�री� ह�थे MJ ले�न� क�, क� छो अपुन� बड़े�ई क� डिवचा�री

न करी9गु�? ब�ट�, ममता� ब�री� ह9ता� हJ। स�स�री स� न�ता� टOट ��य; धन ��य; धम@ ��य, निंक)ता� लेड़ेक� क� स्न�ह हृदय स� नह ��ता�। स�ता9र्षो सब क� छो करी सकता� हJ। निंक)ता� ब�ट� क� प्र�म म8 क� हृदय स� नह डिनकले सकता�। इस पुरी ह�डिकम क�, री��� क�, यह8 ताक डिक ईश्वरी क� भृ� बस नह हJ। ता�म म�झ पुरी तारीस खों�ओ। म�री� लेड़ेक� क6 ��न छो9ड़े द9, ता�म्ह� बड़े� यशी मिमले�गु�। मY �ब ताक ��ऊT गु�, ता�म्ह� आशी�व�@द द�ता� रीहूँTगु�।

स�ठ �� क� हृदय क� छो पुस���। पुत्थीरी क6 ताह म� पु�न� रीहता� हJ; निंक)ता� तात्क�ले ह� उन्ह� मिमस�स री�मरीक्ष� क� पुत्र क� ध्य�न आ गुय�। व� ब9ले�—म�झ� री�मरीक्ष� स� क9ई उतान� शीत्र�ता� नह थे�, यदिद उन्ह4न� म�झ� न छो�ड़े� ह9ता�, ता9 मY न ब9लेता�। आपुक� कहन� स� मY अब भृ� उनक� अपुरी�ध क्षम� करी सकता� हूँT! पुरीन्ता� उसक6 ब�ब� स�हब� न� �9 पुत्र म�री� पु�स भृ��� हJ, उस� द�खोंकरी शीरी�री म� आगु लेगु ��ता� हJ। दिदखों�उT आपुक9! री�मरीक्ष� क6 म8 न� पुत्र ले� करी पुढ़ा� ता9 उनक6 ऑंखों4 म� ऑंसO भृरी आय�। व� ब9ले —ब�ट�, उस स्त्र� न� म�झ� बहुता दु:खों दिदय� हJ। उसन� म�झ� द�शी स� डिनक�ले दिदय�। उसक� मिम��� औरी �ब�न उसक� वशी म� नह ; निंक)ता� इस समय उसन� �9 गुव@ दिदखों�य� हJ; उसक� ता�म्ह� ख्य�ले नह करीन� चा�डिहए। ता�म इस� भृ�ले� द9। ता�म्ह�री� द�शी-द�शी म� न�म हJ। यह न�क6 ता�म्ह�री� न�क क9 औरी भृ� MJ ले� द�गु�। मY ता�मस� प्रण करीता� हूँT डिक स�री� सम�चा�री री�मरीक्ष� स� सिलेखोंव� करी डिकस� अच्छा� सम�चा�री-पुत्र म� छोपुव� दूTगु�। री�मरीक्ष� म�री� कहन� नह ट�ले�गु�। ता�म्ह�री� इस उपुक�री क9 वह कभृ� न भृOले�गु�। जि�स समय य� सम�चा�री स�व�दपुत्र4 म� छोपु�गु�, उस समय ह��री4 मन�ष्य4 क9 ता�म्ह�री� दशी@न क6 अत्तिभृले�र्षो� ह9गु�। सरीक�री

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म� ता�म्ह�री� बड़े�ई ह9गु� औरी मY सच्च� हृदय स� कहता� हूँT डिक शी�घ्र ह� ता�म्ह� क9ई न क9ई पुदव� मिमले ��यगु�। री�मरीक्ष� क6 अTगुरी��4 स� बहुता मिमत्रता� हJ, व� उसक6 ब�ता कभृ� न ट�ले�गु�।

स�ठ �� क� हृदय म� गु�दगु�द^ पुJद� ह9 गुय�। यदिद इस र्व्यवह�री म� वह पुडिवत्र औरी म�नन�य स्था�न प्र�प्ता ह9 ��य—जि�सक� सिलेए ह��री4 खोंचा@ डिकय�, ह��री4 ��सिलेय8 द´, ह��री4 अन�नय-डिवनय कµ, ह��री4 खों�शी�मद� कµ, खों�नस�म4 क6 जिझड़ेडिकय8 सह , बTगुले4 क� चाक्करी लेगु�य�—ता9 इस सMलेता� क� सिलेए ऐस� कई ह��री मY खोंचा@ करी सकता� हूँT। डिन:स�द�ह म�झ� इस क�म म� री�मरीक्ष� स� बहुता क� छो सह�यता� मिमले सकता� हJ; निंक)ता� इन डिवचा�री4 क9 प्रकट करीन� स� क्य� ले�भृ? उन्ह4न� कह�—म�ता�, म�झ� न�म-नमOद क6 बहुता चा�ह नह हY। बड़े4 न� कह� हJ—न�क6 करी दरिरीय�� म� ��ले। म�झ� ता9 आपुक6 ब�ता क� ख्य�ले हJ। पुदव� मिमले� ता9 ले�न� स� इनक�री नह ; न मिमले� ता9 ता�ष्ण� नह , पुरी�ता� यह ता9 बता�इए डिक म�री� रुपुय4 क� क्य� प्रब�ध ह9गु�? आपुक9 म�लेOम ह9गु� डिक म�री� दस ह��री रुपुय� आता� हY।

री�मरीक्ष� क6 म8 न� कह�—ता�म्ह�री� रुपुय� क6 �म�नता म� करीता� हूँT। यह द�खों4, ब�गु�ले-बYक क6 पु�स ब�क हJ। उसम� म�री� दस ह��री रुपुय� �म� हJ। उस रुपुय� स� ता�म री�मरीक्ष� क9 क9ई र्व्यवस�य करी� द9। ता�म उस दुक�न क� म�सिलेक रीह9गु�, री�मरीक्ष� क9 उसक� मJन��री बन� द�न�। �ब ताक ता�म्ह�री� कह� पुरी चाले�, डिनभृ�न�; नह ता9 दूक�न ता�म्ह�री� हJ। म�झ� उसम� स� क� छो नह चा�डिहए। म�री� खों9�-खोंबरी ले�न�व�ले� ईश्वरी हJ। री�मरीक्ष� अच्छा^ तारीह रीह�, इसस� अमिधक म�झ� औरी न चा�डिहए। यह कहकरी पु�स-ब�क स�ठ �� क9 द� द^। म8 क� इस अथे�ह प्र�म न� स�ठ �� क9 डिवह्वले करी दिदय�। पु�न� उबले पुड़े�, औरी पुत्थीरी क� न�चा� ढूँTक गुय�। ऐस� पुडिवत्र दृश्य द�खोंन� क� सिलेए ��वन म� कम अवसरी मिमलेता� हY। स�ठ �� क� हृदय म� पुरी9पुक�री क6 एक लेहरी-स� उठh; उनक6 ऑंखों� �ब�ब� आय । जि�स प्रक�री पु�न� क� बह�व स� कभृ�-कभृ� ब8ध टOट ��ता� हJ; उस� प्रक�री पुरी9पुक�री क6 इस उम�गु न� स्व�थे@ औरी म�य� क� ब8ध क9 ता9ड़े दिदय�। व� पु�स-ब�क व�द्धा स्त्र� क9 व�पुस द�करी ब9ले�—म�ता�, यह अपुन� डिकता�ब ले9। म�झ� अब अमिधक लेज्जिqता न करी9। यह द�खों9, री�मरीक्ष� क� न�म बह� स� उड़े� द�ता� हूँT। म�झ� क� छो नह चा�डिहए, मYन� अपुन� सब क� छो पु� सिलेय�। आ� ता�म्ह�री� री�मरीक्ष� ता�म क9 मिमले ��यगु�।

इस घटन� क� द9 वर्षो@ उपुरी��ता ट�उनह�ले म� डिMरी एक बड़े� �लेस� हुआ। बY� ब� रीह� थे�, झ�डि�य8 औरी ध्व��ऍं व�य�-म��ले म� लेहरी� रीह� थे । नगुरी क� सभृ� म�नन�य पु�रुर्षो उपुज्जिस्थाता थे�। लेY�9, डिMटन औरी म9टरी4 स� स�री� ह�ता� भृरी� हुआ थे�। एक�एक म�श्ता� घ9ड़े4 क6 एक डिMटन न� ह�ता� म� प्रव�शी डिकय�। स�ठ डिगुरीध�री�ले�ले बहुमOल्य वस्त्र4 स� स�� हुए उसम� स� उतारी�। उनक� स�थे एक MJ शीन�ब�ले नवय�वक अ�ग्री��� सOट पुहन� म�स्करी�ता� हुआ उतारी�। य� मिमस्टरी री�मरीक्ष� थे�। व� अब स�ठ �� क6 एक खों�स दुक�न क� मJन��री हY। क� वले मJन��री ह� नह , निंक)ता� उन्ह� मYन�जिं�)गु प्र9प्र�इटरी समझन� चा�डिहए। दिदल्ले�-दरीब�री म� स�ठ �� क9 री�बह�दुरी क� पुद मिमले� हJ। आ� डि�स्टिस्ट्रीक्ट मJजि�स्ट्री�ट डिनयम�न�स�री इसक6 घ9र्षोण� करी�गु� औरी सOसिचाता करी�गु� डिक नगुरी क� म�नन�य पु�रुर्षो4 क6 ओरी स� स�ठ �� क9 धन्यव�द द�न� क� सिलेए बJठक हुई हJ।

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स�ठ �� क6 ओरी स� धन्यव�द क� वक्तर्व्य री�मरीक्ष� करी�गु�। जि�ले ले9गु4 न� उनक6 वक्त� ता�ऍं स�न� हY, व� बहुता उत्स�कता� स� उस अवसरी क6 प्रता�क्ष� करी रीह� हY।

बJठक सम�प्ता ह9न� पुरी स�ठ �� री�मरीक्ष� क� स�थे अपुन� भृवन पुरी पुहुTचा�, ता9 म�लेOम हुआ डिक आ� वह� व�द्धा� उनस� डिMरी मिमलेन� आय� हJ। स�ठ �� दKड़ेकरी री�मरीक्ष� क6 म8 क� चारीण4 स� सिलेपुट गुय�। उनक� हृदय इस समय नद^ क6 भृ8डिता उमड़े� हुआ थे�।

‘री�मरीक्ष� ऐं� फ्रे� �स’ न�मक चा�न� बन�न� क� क�रीखों�न� बहुता उन्नडिता पुरी हY। री�मरीक्ष� अब भृ� उस� ठ�ट-ब�ट स� ��वन र्व्यता�ता करी रीह� हY; निंक)ता� पु�र्दिट)य8 कम द�ता� हY औरी दिदन-भृरी म� ता�न स� अमिधक सOट नह बदलेता�। व� अब उस पुत्र क9, �9 उनक6 स्त्र� न� स�ठ �� क9 सिलेखों� थे�, स�स�री क6 एक बहुता अमOल्य वस्ता� समझता� हY औरी मिमस�� री�मरीक्ष� क9 भृ� अब स�ठ �� क� न�म क9 मिमट�न� क6 अमिधक चा�ह नह हJ। क्य4डिक अभृ� ह�ले म� �ब लेड़ेक� पुJद� हुआ थे�, मिमस�� री�मरीक्ष� न� अपुन� स�वण@-क� कण ध�य क9 उपुह�री दिदय� थे� मन4 मिमठ�ई ब8ट^ थे�।

यह सब ह9 गुय�; निंक)ता� वह ब�ता, �9 अब ह9न� चा�डिहए थे�, न हुई। री�मरीक्ष� क6 म8 अब भृ� अय9ध्य� म� रीहता� हY औरी अपुन� पु�त्रवधO क6 सOरीता नह द�खोंन� चा�हता ।

म�त्र

ध्य� क� समय थे�। ��क्टरी चाड्ढा� गु9ल्M खों�लेन� क� सिलेए ताJय�री ह9 रीह� थे�। म9टरी b�री क� स�मन� खोंड़े� थे� डिक द9 कह�री एक �9ले� सिलेय� आता� दिदखों�य� दिदय�। �9ले� क� पु�छो� एक स�

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बOढ़ा� ले�ठh ट�कता� चाले� आता� थे�। �9ले� और्षो�ध�लेय क� स�मन� आकरी रूक गुय�। बOढ़ा� न� ध�री�-ध�री� आकरी b�री पुरी पुड़े� हुई सिचाक स� झ8क�। ऐस� स�M-स�थेरी� �म�न पुरी पुJरी रीखोंता� हुए भृय ह9 रीह� थे� डिक क9ई घ�ड़ेक न बJठ� । ��क्टरी स�हब क9 खोंड़े� द�खों करी भृ� उस� क� छो कहन� क� स�हस न हुआ।

��क्टरी स�हब न� सिचाक क� अ�दरी स� गुरी� करी कह�—कKन हJ? क्य� चा�हता� हJ?��क्टरी स�हब न� ह�थे �9ड़ेकरी कह�— हु�Oरी बड़े� गुरी�ब आदम� हूँT। म�री� लेड़ेक� कई

दिदन स�.......��क्टरी स�हब न� सिसगु�री �ले� करी कह�—कले सब�री� आओ, कले सब�री�, हम इस वक्त

मरी��4 क9 नह द�खोंता�।बOढ़ा� न� घ�टन� ट�क करी �म�न पुरी सिसरी रीखों दिदय� औरी ब9ले�—दुह�ई हJ सरीक�री क6,

लेड़ेक� मरी ��यगु�! हु�Oरी, चा�री दिदन स� ऑंखों� नह .......��क्टरी चाड्ढा� न� कले�ई पुरी न�री ��ले�। क� वले दस मिमनट समय औरी ब�क6 थे�।

गु9ल्M-स्टिस्टक खोंOTट^ स� उता�रीन� हुए ब9ले�—कले सब�री� आओ, कले सब�री�; यह हम�री� खों�लेन� क� समय हJ।

बOढ़ा� न� पुगुड़े� उता�री करी चाKखोंट पुरी रीखों द^ औरी री9 करी ब9ले�—हूँ��री, एक डिनगु�ह द�खों ले�। बस, एक डिनगु�ह! लेड़ेक� ह�थे स� चाले� ��यगु� हु�Oरी, स�ता लेड़ेक4 म� यह� एक बचा रीह� हJ, हु�Oरी। हम द9न4 आदम� री9-री9करी मरी ��य�गु�, सरीक�री! आपुक6 बढ़ाता� ह9य, द^नब�ध�!

ऐस� उ�ड़े� द�ह�ता� यह8 प्र�य: री9� आय� करीता� थे�। ��क्टरी स�हब उनक� स्वभृ�व स� खोंOब पुरिरीसिचाता थे�। क9ई डिकतान� ह� क� छो कह�; पुरी व� अपुन� ह� रीट लेगु�ता� ��यTगु�। डिकस� क6 स�न�गु� नह । ध�री� स� सिचाक उठ�ई औरी ब�हरी डिनकले करी म9टरी क6 तारीM चाले�। बOढ़ा� यह कहता� हुआ उनक� पु�छो� दKड़े�—सरीक�री, बड़े� धरीम ह9गु�। हु�Oरी, दय� क6जि�ए, बड़े� द^न-दुखों� हूँT; स�स�री म� क9ई औरी नह हJ, ब�बO ��!

मगुरी ��क्टरी स�हब न� उसक6 ओरी म�Tह M� री करी द�खों� ताक नह । म9टरी पुरी बJठ करी ब9ले�—कले सब�री� आन�।

म9टरी चाले� गुय�। बOढ़ा� कई मिमनट ताक मOर्षिता) क6 भृ8डिता डिनश्चले खोंड़े� रीह�। स�स�री म� ऐस� मन�ष्य भृ� ह9ता� हY, �9 अपुन� आम9द-प्रम9द क� आगु� डिकस� क6 ��न क6 भृ� पुरीव�ह नह करीता�, शी�यद इसक� उस� अब भृ� डिवश्व�स न आता� थे�। सभ्य स�स�री इतान� डिनम@म, इतान� कठ9री हJ, इसक� ऐस� मम@भृ�द^ अन�भृव अब ताक न हुआ थे�। वह उन पु�री�न� �म�न� क6 ��व4 म� थे�, �9 लेगु� हुई आगु क9 ब�झ�न�, म�दy क9 क� ध� द�न�, डिकस� क� छोप्पुरी क9 उठ�न� औरी डिकस� कलेह क9 शी��ता करीन� क� सिलेए सदJव ताJय�री रीहता� थे�। �ब ताक बOढ़ा� क9 म9टरी दिदखों�य� द^, वह खोंड़े� टकटक6 ले�गु�य� उस ओरी ता�कता� रीह�। शी�यद उस� अब भृ� ��क्टरी स�हब क� लेKट आन� क6 आशी� थे�। डिMरी उसन� कह�री4 स� �9ले� उठ�न� क9 कह�। �9ले� जि�धरी स� आय� थे�, उधरी ह� चाले� गुय�। चा�री4 ओरी स� डिनरी�शी ह9 करी वह ��क्टरी चाड्ढा� क� पु�स आय� थे�।

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इनक6 बड़े� ता�री�M स�न� थे�। यह8 स� डिनरी�शी ह9 करी डिMरी वह डिकस� दूसरी� ��क्टरी क� पु�स न गुय�। डिकस्मता ठ9क ले�!

उस� री�ता उसक� हTसता�-खों�लेता� स�ता स�ले क� ब�लेक अपुन� ब�ले-ले�ले� सम�प्ता करीक� इस स�स�री स� सिसध�री गुय�। बOढ़ा� म8-ब�पु क� ��वन क� यह� एक आध�री थे�। इस� क� म�Tह द�खों करी ��ता� थे�। इस द^पुक क� ब�झता� ह� ��वन क6 अTध�री� री�ता भृ8य-भृ8य करीन� लेगु�। ब�ढ़ा�पु� क6 डिवशी�ले ममता� टOट� हुए हृदय स� डिनकले करी अ�धक�री आत्त@-स्वरी स� री9न� लेगु�।

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ई स�ले गु��री गुय�। ��क्टरी चाड़ेढूँ� न� खोंOब यशी औरी धन कम�य�; ले�डिकन इसक� स�थे ह� अपुन� स्व�स्थ्य क6 रीक्ष� भृ� क6, �9 एक स�ध�रीण ब�ता थे�। यह उनक� डिनयमिमता

��वन क� आशी�व�द थे� डिक पुचा�स वर्षो@ क6 अवस्था� म� उनक6 चा�स्ता� औरी M� ता� य�वक4 क9 भृ� लेज्जिqता करीता� थे�। उनक� हरीएक क�म क� समय डिनयता थे�, इस डिनयम स� वह �K-भृरी भृ� न टलेता� थे�। बहुध� ले9गु स्व�स्थ्य क� डिनयम4 क� पु�लेन उस समय करीता� हY, �ब री9गु� ह9 ��ता� ह�। ��क्टरी चाड्ढा� उपुचा�री औरी स�यम क� रीहस्य खोंOब समझता� थे�। उनक6 स�ता�न-स�ध्य� भृ� इस� डिनयम क� अध�न थे�। उनक� क� वले द9 बच्च� हुए, एक लेड़ेक� औरी एक लेड़ेक6। ता�सरी� स�ता�न न हुई, इस�सिलेए श्र�मता� चाड्ढा� भृ� अभृ� �व�न म�लेOम ह9ता� थे । लेड़ेक6 क� ता9 डिवव�ह ह9 चा�क� थे�। लेड़ेक� क�ले�� म� पुढ़ाता� थे�। वह� म�ता�-डिपुता� क� ��वन क� आध�री थे�। शी�ले औरी डिवनय क� पु�ताले�, बड़े� ह� रीसिसक, बड़े� ह� उद�री, डिवद्य�लेय क� गुKरीव, य�वक-सम�� क6 शी9भृ�। म�खोंम��ले स� ता�� क6 छोट�-स� डिनकलेता� थे�। आ� उसक6 ब�सव स�लेडिगुरीह थे�।

स�ध्य� क� समय थे�। हरी�-हरी� घ�स पुरी क� र्थिस)य8 डिबछो^ हुई थे�। शीहरी क� रीईस औरी हुक्क�म एक तारीM, क�ले�� क� छो�त्र दूसरी� तारीM बJठ� भृ9�न करी रीह� थे�। डिब�ले� क� प्रक�शी स� स�री� मJद�न �गुमगु� रीह� थे�। आम9द-प्रम9द क� स�म�न भृ� �म� थे�। छो9ट�-स� प्रहसन खों�लेन� क6 ताJय�री� थे�। प्रहसन स्वय� कJ ले�शीन�थे न� सिलेखों� थे�। वह� म�ख्य एक्टरी भृ� थे�। इस समय वह एक री�शीम� कम�� पुहन�, न�गु� सिसरी, न�गु� पु8व, इधरी स� उधरी मिमत्र4 क6 आव भृगुता म� लेगु� हुआ थे�। क9ई पु�क�रीता�—कJ ले�शी, �री� इधरी आन�; क9ई उधरी स� ब�ले�ता�—कJ ले�शी, क्य� उधरी ह� रीह9गु�? सभृ� उस� छो9ड़ेता� थे�, चा�हले� करीता� थे�, ब�चा�री� क9 �री� दम म�रीन� क� अवक�शी न मिमलेता� थे�। सहस� एक रीमण� न� उसक� पु�स आकरी पुOछो�—क्य4 कJ ले�शी, ता�म्ह�री� स8पु कह8 हY? �री� म�झ� दिदखों� द9।

कJ ले�शी न� उसस� ह�थे मिमले� करी कह�—म�ण�सिलेन�, इस वक्त क्षम� करी9, कले दिदखों� दूगु8।

म�ण�सिलेन� न� आग्रीह डिकय�—�� नह , ता�म्ह� दिदखों�न� पुड़े�गु�, मJ आ� नह म�नन� क6। ता�म री9� ‘कले-कले’ करीता� ह9।

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म�ण�सिलेन� औरी कJ ले�शी द9न4 सहपु�ठh थे� ओरी एक-दूसरी� क� प्र�म म� पुगु� हुए। कJ ले�शी क9 स8पु4 क� पु�लेन�, खों�ले�न� औरी नचा�न� क� शीKक थे�। तारीह-तारीह क� स8पु पु�ले रीखों� थे�। उनक� स्वभृ�व औरी चारिरीत्र क6 पुरी�क्ष� करीता� रीहता� थे�। थे9ड़े� दिदन हुए, उसन� डिवद्य�लेय म� ‘स8पु4’ पुरी एक म�कy क� र्व्य�ख्य�न दिदय� थे�। स8पु4 क9 नचा� करी दिदखों�य� भृ� थे�! प्र�त्तिणशी�स्त्र क� बड़े�-बड़े� पु�डि�ता भृ� यह र्व्य�ख्य�न स�न करी द�गु रीह गुय� थे�! यह डिवद्य� उसन� एक बड़े� सTपु�री� स� स�खों� थे�। स�Tपु4 क6 �ड़े�-बOदिटय8 �म� करीन� क� उस� मरी� थे�। इतान� पुता� भृरी मिमले ��य डिक डिकस� र्व्यसिक्त क� पु�स क9ई अच्छा^ �ड़े� हJ, डिMरी उस� चाJन न आता� थे�। उस� ले�करी ह� छो9ड़ेता� थे�। यह� र्व्यसन थे�। इस पुरी ह��री4 रूपुय� MOT क चा�क� थे�। म�ण�सिलेन� कई ब�री आ चा�क6 थे�; पुरी कभृ� स8पु4 क9 द�खोंन� क� सिलेए इतान� उत्स�क न हुई थे�। कह नह सकता�, आ� उसक6 उत्स�कता� सचाम�चा ��गु गुय� थे�, य� वह कJ ले�शी पुरी उपुन� अमिधक�री क� प्रदशी@न करीन� चा�हता� थे�; पुरी उसक� आग्रीह ब�मKक� थे�। उस क9ठरी� म� डिकतान� भृ�ड़े लेगु ��यगु�, भृ�ड़े क9 द�खों करी स8पु डिकतान� चाKक� गु� औरी री�ता क� समय उन्ह� छो�ड़े� ��न� डिकतान� ब�री� लेगु�गु�, इन ब�ता4 क� उस� �री� भृ� ध्य�न न आय�।

कJ ले�शी न� कह�—नह , कले �रूरी दिदखों� दूTगु�। इस वक्त अच्छा^ तारीह दिदखों� भृ� ता9 न सकOT गु�, कमरी� म� डिताले रीखोंन� क9 भृ� �गुह न मिमले�गु�।

एक मह�शीय न� छो�ड़े करी कह�—दिदखों� क्य4 नह द�ता�, �री�-स� ब�ता क� सिलेए इतान� ट�ले-मट9ले करी रीह� ह9? मिमस गु9निंव)द, हर्षिगु)� न म�नन�। द�खों� कJ स� नह दिदखों�ता�!

दूसरी� मह�शीय न� औरी रीद्द� चाढ़ा�य�—मिमस गु9निंव)द इतान� स�ध� औरी भृ9ले� हY, ताभृ� आपु इतान� मिम��� करीता� हY; दूसरी� स��दरी� ह9ता�, ता9 इस� ब�ता पुरी डिबगुड़े खोंड़े� ह9ता�।

ता�सरी� स�हब न� म��क उड़े�य�—अ�� ब9लेन� छो9ड़े द�ता�। भृले�, क9ई ब�ता हJ! इस पुरी आपुक� द�व� हJ डिक म�ण�सिलेन� क� सिलेए ��न ह�जि�री हJ।

म�ण�सिलेन� न� द�खों� डिक य� शी9हद� उस� री�गु पुरी चाढ़ा� रीह� हY, ता9 ब9ले�—आपु ले9गु म�री� वक�लेता न करी�, मY खों�द अपुन� वक�लेता करी लेOTगु�। मY इस वक्त स8पु4 क� ताम�शी� नह द�खोंन� चा�हता�। चाले9, छो� ट्टी^ हुई।

इस पुरी मिमत्र4 न� ठट्टी� लेगु�य�। एक स�हब ब9ले�—द�खोंन� ता9 आपु सब क� छो चा�ह�, पुरी दिदखों�य� भृ� ता9?

कJ ले�शी क9 म�ण�सिलेन� क6 झ�पु� हुई सOरीता क9 द�खोंकरी म�लेOम हुआ डिक इस वक्त उनक� इनक�री व�स्ताव म� उस� ब�री� लेगु� हJ। ज्य4ह� प्र�डिता-भृ9� सम�प्ता हुआ औरी गु�न� शी�रू हुआ, उसन� म�ण�सिलेन� औरी अन्य मिमत्र4 क9 स8पु4 क� दरीब� क� स�मन� ले� ��करी महुअरी ब��न� शी�रू डिकय�। डिMरी एक-एक खों�न� खों9लेकरी एक-एक स8पु क9 डिनक�लेन� लेगु�। व�ह! क्य� कम�ले थे�! ऐस� ��न पुड़ेता� थे� डिक व� क6ड़े� उसक6 एक-एक ब�ता, उसक� मन क� एक-एक भृ�व समझता� हY। डिकस� क9 उठ� सिलेय�, डिकस� क9 गुरीदन म� ��ले सिलेय�, डिकस� क9 ह�थे म� लेपु�ट सिलेय�। म�ण�सिलेन� ब�री-ब�री मन� करीता� डिक इन्ह� गुद@न म� न ��ले4, दूरी ह� स� दिदखों� द9। बस, �री� नचा� द9। कJ ले�शी क6 गुरीदन म� स8पु4 क9 सिलेपुटता� द�खों करी उसक6 ��न डिनकले�

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��ता� थे�। पुछोता� रीह� थे� डिक मYन� र्व्यथे@ ह� इनस� स8पु दिदखों�न� क9 कह�; मगुरी कJ ले�शी एक न स�नता� थे�। प्र�मिमक� क� सम्म�खों अपुन� सपु@-कले�-प्रदशी@न क� ऐस� अवसरी पु�करी वह कब चाOकता�! एक मिमत्र न� ट^क� क6—द8ता ता9ड़े ��ले� ह4गु�।

कJ ले�शी हTसकरी ब9ले�—द8ता ता9ड़े ��लेन� मद�रिरीय4 क� क�म हJ। डिकस� क� द8ता नह ता9ड़े गुय�। कडिहए ता9 दिदखों� दूT? कह करी उसन� एक क�ले� स8पु क9 पुकड़े सिलेय� औरी ब9ले�—‘म�री� पु�स इसस� बड़े� औरी �हरी�ले� स8पु दूसरी� नह हJ, अगुरी डिकस� क9 क�ट ले�, ता9 आदम� आनन-M�नन म� मरी ��य। लेहरी भृ� न आय�। इसक� क�ट� पुरी मन्त्र नह । इसक� द8ता दिदखों� दूT?’

म�ण�सिलेन� न� उसक� ह�थे पुकड़ेकरी कह�—नह -नह , कJ ले�शी, ईश्वरी क� सिलेए इस� छो9ड़े द9। ता�म्ह�री� पुJरी4 पुड़ेता� हूँT।

इस पुरी एक-दूसरी� मिमत्र ब9ले�—म�झ� ता9 डिवश्व�स नह आता�, ले�डिकन ता�म कहता� ह9, ता9 म�न लेOTगु�।

कJ ले�शी न� स8पु क6 गुरीदन पुकड़ेकरी कह�—नह स�हब, आपु ऑंखों4 स� द�खों करी म�डिनए। द8ता ता9ड़ेकरी वशी म� डिकय�, ता9 क्य�। स8पु बड़े� समझद�री ह9ता� हY! अगुरी उस� डिवश्व�स ह9 ��य डिक इस आदम� स� म�झ� क9ई ह�डिन न पुहुTचा�गु�, ता9 वह उस� हर्षिगु)� न क�ट�गु�।

म�ण�सिलेन� न� �ब द�खों� डिक कJ ले�शी पुरी इस वक्त भृOता सव�री हJ, ता9 उसन� यह ताम�शी� न करीन� क� डिवचा�री स� कह�—अच्छा� भृ�ई, अब यह8 स� चाले9। द�खों�, गु�न� शी�रू ह9 गुय� हJ। आ� मY भृ� क9ई चा�� स�न�ऊT गु�। यह कहता� हुए उसन� कJ ले�शी क� क� ध� पुकड़े करी चालेन� क� इशी�री� डिकय� औरी कमरी� स� डिनकले गुय�; मगुरी कJ ले�शी डिवरी9मिधय4 क� शी�क�-सम�ध�न करीक� ह� दम ले�न� चा�हता� थे�। उसन� स8पु क6 गुरीदन पुकड़े करी �9री स� दब�य�, इतान� �9री स� इब�य� डिक उसक� म�Tह ले�ले ह9 गुय�, द�ह क6 स�री� नस� तान गुय । स8पु न� अब ताक उसक� ह�थे4 ऐस� र्व्यवह�री न द�खों� थे�। उसक6 समझ म� न आता� थे� डिक यह म�झस� क्य� चा�हता� ह�। उस� शी�यद भ्रम हुआ डिक म�झ� म�री ��लेन� चा�हता� हY, अताएव वह आत्मरीक्ष� क� सिलेए ताJय�री ह9 गुय�।

कJ ले�शी न� उसक6 गुद@न खोंOब दब� करी म�Tह खों9ले दिदय� औरी उसक� �हरी�ले� द8ता दिदखों�ता� हुए ब9ले�—जि�न सqन4 क9 शीक ह9, आकरी द�खों ले�। आय� डिवश्व�स य� अब भृ� क� छो शीक हJ? मिमत्र4 न� आकरी उसक� द8ता द�खों� औरी चाडिकता ह9 गुय�। प्रत्यक्ष प्रम�ण क� स�मन� सन्द�ह क9 स्था�न कह8। मिमत्र4 क� शी�क�-डिनव�रीण करीक� कJ ले�शी न� स8पु क6 गुद@न ढूँ^ले� करी द^ औरी उस� �म�न पुरी रीखोंन� चा�ह�, पुरी वह क�ले� गु�हूँTवन R9ध स� पु�गुले ह9 रीह� थे�। गुद@न नरीम पुड़ेता� ह� उसन� सिसरी उठ� करी कJ ले�शी क6 उTगुले� म� �9री स� क�ट� औरी वह8 स� भृ�गु�। कJ ले�शी क6 ऊT गुले� स� टपु-टपु खोंOन टपुकन� लेगु�। उसन� �9री स� उTगुले� दब� ले� औरी उपुन� कमरी� क6 तारीM दKड़े�। वह8 म�� क6 दरी�� म� एक �ड़े� रीखों� हुई थे�, जि�स� पु�स करी लेगु� द�न� स� घताक डिवर्षो भृ� रीMO ह9 ��ता� थे�। मिमत्र4 म� हलेचाले पुड़े गुई। ब�हरी महडिMले म� भृ� खोंबरी हुई। ��क्टरी स�हब घबरी� करी दKड़े�। MKरीन उTगुले� क6 �ड़े कस करी ब8ध� गुय� औरी �ड़े�

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पु�सन� क� सिलेए द^ गुय�। ��क्टरी स�हब �ड़े� क� क�यले न थे�। वह उTगुले� क� �स� भृ�गु नश्तारी स� क�ट द�न� चा�हता�, मगुरी कJ ले�शी क9 �ड़े� पुरी पुOण@ डिवश्व�स थे�। म�ण�सिलेन� प्य�न4 पुरी बJठh हुई थे�। यह खोंबरी स�नता� ह� दKड़े�, औरी कJ ले�शी क6 उTगुले� स� टपुकता� हुए खोंOन क9 रूम�ले स� पु4छोन� लेगु�। �ड़े� पु�स� ��न� लेगु�; पुरी उस� एक मिमनट म� कJ ले�शी क6 ऑंखों� झपुकन� लेगु , ओठ4 पुरी पु�ले�पुन दKड़ेन� लेगु�। यह8 ताक डिक वह खोंड़े� न रीह सक�। Mशी@ पुरी बJठ गुय�। स�री� म�हम�न कमरी� म� �म� ह9 गुए। क9ई क� छो कहता� थे�। क9ई क� छो। इतान� म� �ड़े� पु�सकरी आ गुय�। म�ण�सिलेन� न� उTगुले� पुरी ले�पु डिकय�। एक मिमनट औरी ब�ता�। कJ ले�शी क6 ऑंखों� बन्द ह9 गुय । वह ले�ट गुय� औरी ह�थे स� पु�खों� झलेन� क� इशी�री� डिकय�। म8 न� दKड़ेकरी उसक� सिसरी गु9द म� रीखों सिलेय� औरी डिब�ले� क� ट�ब�ले-MJ न लेगु� दिदय�।

��क्टरी स�हब न� झ�क करी पुOछो� कJ ले�शी, कJ स� ताब�यता हJ? कJ ले�शी न� ध�री� स� ह�थे उठ� सिलेए; पुरी क� छो ब9ले न सक�। म�ण�सिलेन� न� करूण स्वरी म� कह�—क्य� �ड़े� क� छो असरी न करी�गु�? ��क्टरी स�हब न� सिसरी पुकड़े करी कह�—क्य� बताले�ऊT , मY इसक6 ब�ता4 म� आ गुय�। अब ता9 नश्तारी स� भृ� क� छो M�यद� न ह9गु�।

आध घ�ट� ताक यह� ह�ले रीह�। कJ ले�शी क6 दशी� प्रडिताक्षण डिबगुड़ेता� ��ता� थे�। यह8 ताक डिक उसक6 ऑंखों� पुथेरी� गुय�, ह�थे-पु8व ठ��� पुड़े गुय�, म�खों क6 क��डिता मसिलेन पुड़े गुय�, न�ड़े� क� कह पुता� नह । मKता क� स�री� लेक्षण दिदखों�य� द�न� लेगु�। घरी म� क� हरी�म मचा गुय�। म�ण�सिलेन� एक ओरी सिसरी पु�टन� लेगु�; म8 अलेगु पुछो�ड़े� खों�न� लेगु�। ��क्टरी चाड्ढा� क9 मिमत्र4 न� पुकड़े सिलेय�, नह ता9 वह नश्तारी अपुन� गुद@न पुरी म�री ले�ता�।

एक मह�शीय ब9ले�—क9ई म�त्र झ�ड़ेन� व�ले� मिमले�, ता9 सम्भव हJ, अब भृ� ��न बचा ��य।

एक म�सलेम�न सqन न� इसक� समथे@न डिकय�—अरी� स�हब कब्रु म� पुड़े� हुई ले�शी� जि�न्द� ह9 गुय� हY। ऐस�-ऐस� ब�कम�ले पुड़े� हुए हY।

��क्टरी चाड्ढा� ब9ले�—म�री� अक्ले पुरी पुत्थीरी पुड़े गुय� थे� डिक इसक6 ब�ता4 म� आ गुय�। नश्तारी लेगु� द�ता�, ता9 यह नKबता ह� क्य4 आता�। ब�री-ब�री समझ�ता� रीह� डिक ब�ट�, स8पु न पु�ले9, मगुरी कKन स�नता� थे�! ब�ले�इए, डिकस� झ�ड़े-MOT क करीन� व�ले� ह� क9 ब�ले�इए। म�री� सब क� छो ले� ले�, मY अपुन� स�री� ��यद�द उसक� पुJरी4 पुरी रीखों दूTगु�। लेTगु9ट^ ब8ध करी घरी स� डिनकले ��ऊT गु�; मगुरी म�री� कJ ले�शी, म�री� प्य�री� कJ ले�शी उठ बJठ� । ईश्वरी क� सिलेए डिकस� क9 ब�लेव�इए।

एक मह�शीय क� डिकस� झ�ड़ेन� व�ले� स� पुरिरीचाय थे�। वह दKड़ेकरी उस� ब�ले� ले�य�; मगुरी कJ ले�शी क6 सOरीता द�खोंकरी उस� म�त्र चाले�न� क6 डिहम्मता न पुड़े�। ब9ले�—अब क्य� ह9 सकता� हJ, सरीक�री? �9 क� छो ह9न� थे�, ह9 चा�क�?

अरी� मOखों@, यह क्य4 नह� कहता� डिक �9 क� छो न ह9न� थे�, वह कह8 हुआ? म8-ब�पु न� ब�ट� क� स�हरी� कह8 द�खों�? म�ण�सिलेन� क� क�मन�-तारू क्य� पुल्लेव औरी पु�ष्पु स� री�जि�ता ह9 उठ�? मन क� वह स्वण@-स्वप्न जि�नस� ��वन आन�द क� स्रो9ता बन� हुआ थे�, क्य� पुOरी� ह9 गुय�?

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��वन क� न�त्यमय ता�रिरीक�-म�डि�ता स�गुरी म� आम9द क6 बह�री लेOटता� हुए क्य� उनक6 नKक� �लेमग्न नह ह9 गुय�? �9 न ह9न� थे�, वह ह9 गुय�।

वह� हरी�-भृरी� मJद�न थे�, वह� स�नहरी� चा8दन� एक डिन:शीब्द स�गु�ता क6 भृ8डिता प्रक� डिता पुरी छो�य� हुई थे�; वह� मिमत्र-सम�� थे�। वह� मन9री��न क� स�म�न थे�। मगुरी �ह�T ह�स्य क6 ध्वडिन थे�, वह8 करूण Rन्दन औरी अश्र�-प्रव�ह थे�।

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हरी स� कई म�ले दूरी एक छो9ट-स� घरी म� एक बOढ़ा� औरी ब�दिढ़ाय� अगु�ठh क� स�मन� बJठ� ��ड़े� क6 री�ता क�ट रीह� थे�। बOढ़ा� न�रिरीयले पु�ता� थे� औरी ब�चा-ब�चा म� खों8सता� थे�।

ब�दिढ़ाय� द9न4 घ�टडिनय4 म� सिसरी ��ले� आगु क6 ओरी ता�क रीह� थे�। एक मिमट्टी^ क� ता�ले क6 क� प्पु� ता�क पुरी �ले रीह� थे�। घरी म� न चा�रीपु�ई थे�, न डिबछोKन�। एक डिकन�री� थे9ड़े�-स� पु�आले पुड़े� हुई थे�। इस� क9ठरी� म� एक चाOल्ह� थे�। ब�दिढ़ाय� दिदन-भृरी उपुले� औरी सOखों� लेकडिड़ेय8 बट9रीता� थे�। बOढ़ा� रीस्स� बट करी ब���री म� ब�चा आता� थे�। यह� उनक6 ��डिवक� थे�। उन्ह� न डिकस� न� री9ता� द�खों�, न हTसता�। उनक� स�री� समय ��डिवता रीहन� म� कट ��ता� थे�। मKता b�री पुरी खोंड़े� थे�, री9न� य� हTसन� क6 कह8 M� रीसता! ब�दिढ़ाय� न� पुOछो�—कले क� सिलेए सन ता9 हJ नह , क�म क्य� करी4गु�?

शी

‘�� करी झगु�O स�ह स� दस स�री सन उध�री ले�ऊT गु�?’‘उसक� पुहले� क� पुJस� ता9 दिदय� ह� नह , औरी उध�री कJ स� द�गु�?’‘न द�गु� न सह�। घ�स ता9 कह नह गुय�। द9पुहरी ताक क्य� द9 आन� क6 भृ� न

क�टOTगु�?’इतान� म� एक आदम� न� b�री पुरी आव�� द^—भृगुता, भृगुता, क्य� स9 गुय�? �री�

डिकव�ड़े खों9ले9।भृगुता न� उठकरी डिकव�ड़े खों9ले दिदय�। एक आदम� न� अन्दरी आकरी कह�—क� छो स�न�,

��क्टरी चाड्ढा� ब�बO क� लेड़ेक� क9 स8पु न� क�ट सिलेय�।भृगुता न� चा�क करी कह�—चाड्ढा� ब�बO क� लेड़ेक� क9! वह� चाड्ढा� ब�बO हY न, �9 छो�वन� म�

बTगुले� म� रीहता� हY?‘ह8-ह8 वह�। शीहरी म� हल्ले� मचा� हुआ हJ। ��ता� ह9 ता9 ��ओं, आदम� बन ��ओंगु�।‘बOढ़ा� न� कठ9री भृ�व स� सिसरी डिहले� करी कह�—मY नह ��ता�! म�री� बले� ��य! वह� चाड्ढा�

हJ। खोंOब ��नता� हूँT। भृJय� ले�करी उन्ह क� पु�स गुय� थे�। खों�लेन� �� रीह� थे�। पुJरी4 पुरी डिगुरी पुड़े� डिक एक न�री द�खों ले�जि�ए; मगुरी स�ध� म�Tह स� ब�ता ताक न क6। भृगुव�न बJठ� स�न रीह� थे�। अब ��न पुड़े�गु� डिक ब�ट� क� गुम कJ स� ह9ता� हJ। कई लेड़ेक� हY।

‘नह ��, यह� ता9 एक लेड़ेक� थे�। स�न� हJ, सबन� �व�ब द� दिदय� हJ।‘

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‘भृगुव�न बड़े� क�रीस�� हJ। उस बखोंता म�री� ऑंखों� स� ऑंसO डिनकले पुड़े� थे�, पुरी उन्ह� ताडिनक भृ� दय� न आय� थे�। मY ता9 उनक� b�री पुरी ह9ता�, ता9 भृ� ब�ता न पुOछोता�।‘

‘ता9 न ��ओगु�? हमन� �9 स�न� थे�, स9 कह दिदय�।‘‘अच्छा� डिकय�—अच्छा� डिकय�। कले��� ठ��� ह9 गुय�, ऑंखों� ठ��� ह9 गुय । लेड़ेक� भृ�

ठ� �� ह9 गुय� ह9गु�! ता�म ��ओ। आ� चाJन क6 न द स9ऊT गु�। (ब�दिढ़ाय� स�) �री� ताम्ब�कO ले� ले�! एक सिचालेम औरी पु�ऊT गु�। अब म�लेOम ह9गु� ले�ले� क9! स�री� स�हब� डिनकले ��यगु�, हम�री� क्य� डिबगुड़े�। लेड़ेक� क� मरी ��न� स� क� छो री�� ता9 नह चाले� गुय�? �ह8 छो: बच्च� गुय� थे�, वह8 एक औरी चाले� गुय�, ता�म्ह�री� ता9 री�� स�न� ह9 ��यगु�। उस� क� व�स्ता� सबक� गुले� दब�-दब� करी �9ड़े� थे� न। अब क्य� करी4गु�? एक ब�री द�खोंन� ��ऊT गु�; पुरी क� छो दिदन ब�द मिम��� क� ह�ले पुOछोO Tगु�।‘

आदम� चाले� गुय�। भृगुता न� डिकव�ड़े बन्द करी सिलेय�, ताब सिचालेम पुरी ताम्ब�खोंO रीखों करी पु�न� लेगु�।

ब�दिढ़ाय� न� कह�—इतान� री�ता गुए ��ड़े�-पु�ले� म� कKन ��यगु�?‘अरी�, द9पुहरी ह� ह9ता� ता9 मY न ��ता�। सव�री� दरीव��� पुरी ले�न� आता�, ता9 भृ� न ��ता�।

भृOले नह गुय� हूँT। पुन्न� क6 सOरीता ऑंखों4 म� डिMरी रीह� हJ। इस डिनद@य� न� उस� एक न�री द�खों� ताक नह । क्य� मY न ��नता� थे� डिक वह न बचा�गु�? खोंOब ��नता� थे�। चाड्ढा� भृगुव�न नह थे�, डिक उनक� एक डिनगु�हद�खों ले�न� स� अम�ता बरीस ��ता�। नह , खों�ले� मन क6 दKड़े थे�। अब डिकस� दिदन ��ऊT गु� औरी कहूँTगु�—क्य4 स�हब, कडिहए, क्य� री�गु हJ? दुडिनय� ब�री� कह�गु�, कह�; क9ई पुरीव�ह नह । छो9ट� आदमिमय4 म� ता9 सब ऐव ह�। बड़े9 म� क9ई ऐब नह ह9ता�, द�वता� ह9ता� हY।‘

भृगुता क� सिलेए यह ��वन म� पुहले� अवसरी थे� डिक ऐस� सम�चा�री पु� करी वह बJठ� रीह गुय� ह9। अस्स� वर्षो@ क� ��वन म� ऐस� कभृ� न हुआ थे� डिक स8पु क6 खोंबरी पु�करी वह दKड़े न गुय� ह9। म�घ-पुOस क6 अTध�री� री�ता, चाJता-बJस�खों क6 धOपु औरी लेO, स�वन-भृ�द4 क6 चाढ़ा^ हुई नद^ औरी न�ले�, डिकस� क6 उसन� कभृ� पुरीव�ह न क6। वह ता�रीन्ता घरी स� डिनकले पुड़ेता� थे�—डिन:स्व�थे@, डिनष्क�म! ले�न-द�न क� डिवचा�री कभृ� दिदले म� आय� नह । यह स� क�म ह� न थे�। ��न क� मOल्य क9न द� सकता� हJ? यह एक पु�ण्य-क�य@ थे�। सJकड़े4 डिनरी�शी4 क9 उसक� म�त्र4 न� ��वन-द�न द� दिदय� थे�; पुरी आपु वह घरी स� कदम नह डिनक�ले सक�। यह खोंबरी स�न करी स9न� �� रीह� हJ।

ब�दिढ़ाय� न� कह�—ताम�खोंO अTगु�ठh क� पु�स रीखों� हुई हJ। उसक� भृ� आ� ढूँ�ई पुJस� ह9 गुय�। द�ता� ह� न थे�।

ब�दिढ़ाय� यह कह करी ले�ट^। बOढ़ा� न� क� प्पु� ब�झ�य�, क� छो द�री खोंड़े� रीह�, डिMरी बJठ गुय�। अन्ता क9 ले�ट गुय�; पुरी यह खोंबरी उसक� हृदय पुरी ब9झ� क6 भृ8डिता रीखों� हुई थे�। उस� म�लेOम ह9 रीह� थे�, उसक6 क9ई चा�� खों9 गुय� हJ, �Jस� स�री� कपुड़े� गु�ले� ह9 गुय� हJ य� पुJरी4 म� क6चाड़े लेगु� हुआ हJ, �Jस� क9ई उसक� मन म� बJठ� हुआ उस� घरी स� सिलेक�लेन� क� सिलेए क� री�द रीह� हJ।

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ब�दिढ़ाय� �री� द�री म� खोंरी�@ट� ले�न� लेगु�। बOढ़ा� ब�ता� करीता�-करीता� स9ता� हJ औरी �री�-स� खोंट� ह9ता� ह� ��गुता� हY। ताब भृगुता उठ�, अपुन� लेकड़े� उठ� ले�, औरी ध�री� स� डिकव�ड़े खों9ले�।

ब�दिढ़ाय� न� पुOछो�—कह8 ��ता� ह9?‘कह नह , द�खोंता� थे� डिक डिकतान� री�ता हJ।‘‘अभृ� बहुता री�ता हJ, स9 ��ओ।‘‘न द, नह आता ।’‘न द क�ह� आव�गु�? मन ता9 चाड़ेढूँ� क� घरी पुरी लेगु� हुआ हJ।‘‘चाड़ेढूँ� न� म�री� स�थे कKन-स� न�क6 करी द^ हJ, �9 वह8 ��ऊT ? वह आ करी पुJरी4 पुड़े�, ता9

भृ� न ��ऊT ।‘‘उठ� ता9 ता�म इस� इरी�द� स� ह�?’‘नह री�, ऐस� पु�गुले नह हूँT डिक �9 म�झ� क8ट� ब9य�, उसक� सिलेए MO ले ब9ता� डिMरूT ।‘ब�दिढ़ाय� डिMरी स9 गुय�। भृगुता न� डिकव�ड़े लेगु� दिदए औरी डिMरी आकरी बJठ�। पुरी उसक�

मन क6 क� छो ऐस� दशी� थे�, �9 ब��� क6 आव�� क�न म� पुड़ेता� ह� उपुद�शी स�नन� व�ले4 क6 ह9ता� हY। ऑंखों� चा�ह� उपु�द�शीक क6 ओरी ह4; पुरी क�न ब��� ह� क6 ओरी ह9ता� हY। दिदले म� भृ� ब�पु� क6 ध्वडिन गुOT�ता� रीहता� ह�। शीम@ क� म�री� �गुह स� नह उठता�। डिनद@य� प्रडिताघ�ता क� भृ�व भृगुता क� सिलेए उपुद�शीक थे�, पुरी हृदय उस अभृ�गु� य�वक क6 ओरी थे�, �9 इस समय मरी रीह� थे�, जि�सक� सिलेए एक-एक पुले क� डिवलेम्ब घ�ताक थे�।

उसन� डिMरी डिकव�ड़े खों9ले�, इतान� ध�री� स� डिक ब�दिढ़ाय� क9 खोंबरी भृ� न हुई। ब�हरी डिनकले आय�। उस� वक्त गु8व क9 चाKक6द�री गुश्ता लेगु� रीह� थे�, ब9ले�—कJ स� उठ� भृगुता? आ� ता9 बड़े� सरीद^ हJ! कह �� रीह� ह9 क्य�?

भृगुता न� कह�—नह ��, ��ऊT गु� कह8! द�खोंता� थे�, अभृ� डिकतान� री�ता हJ। भृले�, क� ब�� ह4गु�।

चाKक6द�री ब9ले�—एक ब�� ह9गु� औरी क्य�, अभृ� थे�न� स� आ रीह� थे�, ता9 ��क्टरी चाड़ेढूँ� ब�बO क� ब¼गुले� पुरी बड़े� भृड़े लेगु� हुई थे�। उनक� लेड़ेक� क� ह�ले ता9 ता�मन� स�न� ह9गु�, क6ड़े� न� छोO सिलेय�हJ। चा�ह� मरी भृ� गुय� ह9। ता�म चाले� ��ओं ता9 स�इता बचा ��य। स�न� हJ, इस ह��री ताक द�न� क9 ताJय�री हY।

भृगुता—मY ता9 न ��ऊT चा�ह� वह दस ले�खों भृ� द�। म�झ� दस ह��री य� दस ले�खों� ले�करी करीन� क्य� हY? कले मरी ��ऊT गु�, डिMरी कKन भृ9गुन�व�ले� बJठ� हुआ हJ।

चाKक6द�री चाले� गुय�। भृगुता न� आगु� पुJरी बढ़ा�य�। �Jस� नशी� म� आदम� क6 द�ह अपुन� क�बO म� नह रीहता�, पुJरी कह रीखोंता� हJ, पुड़ेता� कह हJ, कहता� क� छो ह�, �ब�न स� डिनकलेता� क� छो हJ, वह� ह�ले इस समय भृगुता क� थे�। मन म� प्रडिताक�री थे�; पुरी कम@ मन क� अध�न न थे�। जि�सन� कभृ� तालेव�री नह चाले�य�, वह इरी�द� करीन� पुरी भृ� तालेव�री नह चाले� सकता�। उसक� ह�थे क8पुता� हY, उठता� ह� नह ।

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भृगुता ले�ठh खोंट-खोंट करीता� लेपुक� चाले� ��ता� थे�। चा�तान� री9कता� थे�, पुरी उपुचा�तान� ठ�लेता� थे�। स�वक स्व�म� पुरी ह�व� थे�।

आध� री�ह डिनकले ��न� क� ब�द सहस� भृगुता रूक गुय�। निंह)स� न� डिRय� पुरी डिव�य पु�य�—मJ य4 ह� इतान� दूरी चाले� आय�। इस ��ड़े�-पु�ले� म� मरीन� क6 म�झ� क्य� पुड़े� थे�? आरी�म स� स9य� क्य4 नह ? न द न आता�, न सह�; द9-चा�री भृ�न ह� गु�ता�। र्व्यथे@ इतान� दूरी दKड़े� आय�। चाड़ेढूँ� क� लेड़ेक� रीह� य� मरी�, म�री� कले� स�। म�री� स�थे उन्ह4न� ऐस� कKन-स� सलेOक डिकय� थे� डिक मJ उनक� सिलेए मरूT ? दुडिनय� म� ह��री4 मरीता� ह�, ह��री4 ��ता� ह�। म�झ� डिकस� क� मरीन�-��न� स� मतालेब!

मगुरी उपुचा�तान न� अब एक दूसरी रूपु ध�रीण डिकय�, �9 निंह)स� स� बहुता क� छो मिमलेता�-��लेता� थे�—वह झ�ड़े-MOT क करीन� नह �� रीह� हJ; वह द�खों�गु�, डिक ले9गु क्य� करी रीह� ह�। ��क्टरी स�हब क� री9न�-पु�टन� द�खों�गु�, डिकस तारीह सिसरी पु�टता� ह�, डिकस तारीह पुछो�ड़े� खों�ता� हJ! व� ले9गु ता9 डिवb�न ह9ता� हY, सबरी करी ��ता� ह4गु�! निंह)स�-भृ�व क9 य4 ध�री� द�ता� हुआ वह डिMरी आगु� बढ़ा�।

इतान� म� द9 आदम� आता� दिदखों�य� दिदय�। द9न4 ब�ता� करीता� चाले� आ रीह� थे�—चाड़ेढूँ� ब�बO क� घरी उ�ड़े गुय�, वह� ता9 एक लेड़ेक� थे�। भृगुता क� क�न म� यह आव�� पुड़े�। उसक6 चा�ले औरी भृ� ता�� ह9 गुय�। थेक�न क� म�री� पु8व न उठता� थे�। सिशीरी9भृ�गु इतान� बढ़ा� ��ता� थे�, म�न4 अब म�Tह क� बले डिगुरी पुड़े�गु�। इस तारीह वह क9ई दस मिमनट चाले� ह9गु� डिक ��क्टरी स�हब क� बTगुले� न�री आय�। डिब�ले� क6 बत्तित्तय8 �ले रीह� थे ; मगुरी सन्न�ट� छो�य� हुआ थे�। री9न�-पु�टन� क� आव�� भृ� न आता� थे�। भृगुता क� कले��� धक-धक करीन� लेगु�। कह म�झ� बहुता द�री ता9 नह ह9 गुय�? वह दKड़ेन� लेगु�। अपुन� उम्र म� वह इतान� ता�� कभृ� न दKड़े� थे�। बस, यह� म�लेOम ह9ता� थे�, म�न9 उसक� पु�छो� म9ता दKड़े� आ री� हJ।

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ब� गुय� थे�। म�हम�न डिवद� ह9 गुय�। री9न� व�ले4 म� क� वले आक�शी क� ता�री� रीह गुय� थे�। औरी सभृ� री9-री9 करी थेक गुय� थे�। बड़े� उत्स�कता� क� स�थे ले9गु रीह-रीह आक�शी क6

ओरी द�खोंता� थे� डिक डिकस� तारीह स�डिह ह9 औरी ले�शी गु�गु� क6 गु9द म� द^ ��य।द9

सहस� भृगुता न� b�री पुरी पुहुTचा करी आव�� द^। ��क्टरी स�हब समझ�, क9ई मरी�� आय� ह9गु�। डिकस� औरी दिदन उन्ह4न� उस आदम� क9 दुत्क�री दिदय� ह9ता�; मगुरी आ� ब�हरी डिनकले आय�। द�खों� एक बOढ़ा� आदम� खोंड़े� हJ—कमरी झ�क6 हुई, पु9पुले� म�Tह, भृKह� ताक सM� द ह9 गुय� थे । लेकड़े� क� सह�री� क8पु रीह� थे�। बड़े� नम्रता� स� ब9ले�—क्य� हJ भृई, आ� ता9 हम�री� ऊपुरी ऐस� म�स�बता पुड़े गुय� हJ डिक क� छो कहता� नह बनता�, डिMरी कभृ� आन�। इधरी एक मह�न� ताक ता9 शी�यद मJ डिकस� भृ� मरी�� क9 न द�खों सकOT गु�।

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भृगुता न� कह�—स�न चा�क� हूँT ब�बO ��, इस�सिलेए आय� हूँT। भृJय� कह8 हJ? �री� म�झ� दिदखों� द^जि�ए। भृगुव�न बड़े� क�रीस�� हJ, म�रीद� क9 भृ� जि�ले� सकता� हJ। कKन ��न�, अब भृ� उस� दय� आ ��य।

चाड़ेढूँ� न� र्व्यसिथेता स्वरी स� कह�—चाले9, द�खों ले9; मगुरी ता�न-चा�री घ�ट� ह9 गुय�। �9 क� छो ह9न� थे�, ह9 चा�क�। बहुता�री झ�ड़ेन�-MT कन� व�ले� द�खों-द�खों करी चाले� गुय�।

��क्टरी स�हब क9 आशी� ता9 क्य� ह9ता�। ह8 बOढूँ� पुरी दय� आ गुय�। अन्दरी ले� गुय�। भृगुता न� ले�शी क9 एक मिमनट ताक द�खों�। ताब म�स्करी� करी ब9ले�—अभृ� क� छो नह डिबगुड़े� हJ, ब�बO ��! यह न�री�यण चा�ह�गु�, ता9 आध घ�ट� म� भृJय� उठ बJठ� गु�। आपु न�हक दिदले छो9ट� करी रीह� हJ। �री� कह�री4 स� कडिहए, पु�न� ता9 भृरी�।

कह�री4 न� पु�न� भृरी-भृरी करी कJ ले�शी क9 नहले�न� शी�रू डिकय�� पु�इपु बन्द ह9 गुय� थे�। कह�री4 क6 स�ख्य� अमिधक न थे�, इससिलेए म�हम�न4 न� अह�ता� क� ब�हरी क� क� ऍं स� पु�न� भृरी-भृरी करी कह�न4 क9 दिदय�, म�ण�सिलेन� कले�स� सिलेए पु�न� ले� रीह� थे�। ब�ढ़ा� भृगुता खोंड़े� म�स्करी�-म�स्करी� करी म�त्र पुढ़ा रीह� थे�, म�न9 डिव�य उसक� स�मन� खोंड़े� हJ। �ब एक ब�री म�त्र सम�प्ता ह9 ��ता�, वब वह एक �ड़े� कJ ले�शी क� सिसरी पुरी ��ले� गुय� औरी न-��न� डिकतान� ब�री भृगुता न� म�त्र MOT क�। आखिखोंरी �ब उर्षो� न� अपुन� ले�ले-ले�ले ऑंखों� खों9ले ता9 क� ले�शी क6 भृ� ले�ले-ले�ले ऑंखों� खों�ले गुय�। एक क्षण म� उसन� अ�गुड़े�ई ले� औरी पु�न� पु�न� क9 म8गु�। ��क्टरी चाड़ेढूँ� न� दKड़े करी न�री�यण� क9 गुले� लेगु� सिलेय�। न�री�यण� दKड़ेकरी भृगुता क� पुJरी4 पुरी डिगुरी पुड़े� औरी म़ण�सिलेन� कJ ले�शी क� स�मन� ऑंखों4 म� ऑंसO-भृरी� पुOछोन� लेगु�—अब कJ स� ताडिबयता हJ!

एक क्षण� म� चा�री4 तारीM खोंबरी MJ ले गुय�। मिमत्रगुण म�ब�रीकव�द द�न� आन� लेगु�। ��क्टरी स�हब बड़े� श्रद्धा�-भृ�व स� हरी एक क� हस�मन� भृगुता क� यशी गु�ता� डिMरीता� थे�। सभृ� ले9गु भृगुता क� दशी@न4 क� सिलेए उत्स�क ह9 उठ� ; मगुरी अन्दरी �� करी द�खों�, ता9 भृगुता क� कह पुता� न थे�। नKकरी4 न� कह�—अभृ� ता9 यह बJठ� सिचालेम पु� रीह� थे�। हम ले9गु ताम�खोंO द�न� लेगु�, ता9 नह ले�, अपुन� पु�स स� ताम�खोंO डिनक�ले करी भृरी�।

यह8 ता9 भृगुता क6 चा�री4 ओरी ताले�शी ह9न� लेगु�, औरी भृगुता लेपुक� हुआ घरी चाले� �� रीह� थे� डिक ब�दिढ़ाय� क� उठन� स� पुहले� पुहुTचा ��ऊT !

�ब म�हम�न ले9गु चाले� गुय�, ता9 ��क्टरी स�हब न� न�री�यण� स� कह�—ब�ड़ेढूँ� न-��न� कह�T चाले� गुय�। एक सिचालेम ताम�खोंO क� भृ� रीव�द�री न हुआ।

न�री�यण�—मYन� ता9 स9चा� थे�, इस� क9ई बड़े� रीकम दूTगु�।चाड़ेढूँ�—री�ता क9 ता9 मYन� नह पुहचा�न�, पुरी �री� स�M ह9 ��न� पुरी पुहचा�न गुय�। एक

ब�री यह एक मरी�� क9 ले�करी आय� थे�। म�झ� अब य�द आता� ह� डिक मJ खों�लेन� �� रीह� थे� औरी मरी�� क9 द�खोंन� स� इनक�री करी दिदय� थे�। आपु उस दिदन क6 ब�ता य�द करीक� म�झ� जि�तान� ग्ले�डिन ह9 रीह� हJ, उस� प्रकट नह करी सकता�। मY उस� अब खों9� डिनक�लेOTगु� औरी उसक� पु�री4 पुरी डिगुरी करी अपुन� अपुरी�ध क्षम� करी�ऊT गु�। वह क� छो ले�गु� नह , यह ��नता� हूँT,

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उसक� �न्म यशी क6 वर्षो�@ करीन� ह� क� सिलेए हुआ हJ। उसक6 सqनता� न� म�झ� ऐस� आदशी@ दिदखों� दिदय� हJ, �9 अब स� ��वनपुय@न्ता म�री� स�मन� रीह�गु�।

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