13 ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व
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13 ज्यो�ति�ष में नक्षत्रों का� मेंहत्व - हस्�वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र क�� डली� सा गणनु� करनु क लिलीए महत्वैपू ण! म�नु जा�नु वै�ली सा��इसा नुक्षत्रों& म' सा हस्� क � रहवै�� नुक्षत्रों म�नु� जा��� ह�। हस्� क� शा�ब्दि,�क अर्थ! ह� ह�र्थ और इसा� क अनु�सा�र वै�दि�क ज्योति�ष म' हस्� नुक्षत्रों क ह�र्थ �र्थ� इसाक सा�र्थ जा�ड़ी� तिवैशा ष��ओं क सा�र्थ जाड़ी� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष म' प्रचलिली� धा�रण� क अनु�सा�र ह�र्थ क4 खु�ली� हुई हर्थ ली� क इसा नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� जा��� ह�। ह�र्थ क4 खु�ली� हुई हर्थ ली� भा�ग्यो क �शा�!�� ह� क्यो&तिक खु�ली� हुई हर्थ ली� म' ह�र्थ क4 र खु�ए� लिचतित्रों� ह�< ह= जिजानुक� अध्योयोनु हस्� र खु� तिवैज्ञा�नु म' जा��क क� भा�ग्यो ब��नु क लिलीए तिकयो� जा��� ह�। क� छ तिवैद्वा�नु& क अनु�सा�र ह�र्थ क� प्रयोग कम! करनु क4 क्षम�� क �शा�!नु क लिलीए भा� तिकयो� जा��� ह� जिजासाक चली� इसा नुक्षत्रों क पूरिरश्रम करनु क4 क्षम�� �र्थ� तिवैशा ष रूपू सा ह�र्थ क4 कली� सा तिकयो जा�नु वै�ली क�योG क सा�र्थ भा� जाड़ी� जा��� ह�। इसा प्रक�र हस्� नुक्षत्रों क� योह प्र��क लिचन्ह इसा नुक्षत्रों क4 पूरिरश्रम करनु क4 तिवैशा ष�� क �शा�!�� ह� �र्थ� सा�र्थ ह� सा�र्थ इसा नुक्षत्रों क� कम! करनु म' तिवैश्वा�सा �र्थ� भा�ग्यो क प्रति� तिवैश्वा�सा भा� �शा�!�� ह� जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों क प्रबली प्रभा�वै म' आनु वै�ली जा��क पूरिरश्रम करनु वै�ली �र्थ� भा�ग्यो क ब��नु वै�ली� तिवैद्या�ओं पूर तिवैश्वा�सा करनु वै�ली �र्थ� उनुम' रूलिच रखुनु वै�ली ह� ह=। क� छ वै�दि�क ज्योति�ष� ब�� म�ट्ठीM क भा� हस्� नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� ह=। ब�� म�ट्ठीM सा�म�न्यो�यो� व्यलिO क दृढ़ सा�कल्पू, गपूनु�यो�� �र्थ� कभा� कभा� क्रोधा क भा� �शा�!�� ह� �र्थ� ब�� म�ट्ठीM क द्वा�र� प्र�र्शिशाU� क4 जा�नु वै�ली< यो तिवैशा ष��ए� भा� हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह=।
ब�रह आदि�त्यो& म' सा एक म�नु जा�नु वै�ली सा�तिवैत्रों क वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हस्� नुक्षत्रों क� � वै�� म�नु� जा��� ह�। सा�तिवैत्रों क वै�दि�क ज्योति�ष म' रचनु� करनु क4 प्रवैVति� �र्थ� रचनु� करनु क प्रत्सा�हनु � नु क4 प्रवैVति� क सा�र्थ जाड़ी� जा��� ह� �र्थ� सा�तिवैत्रों क चरिरत्रों क4 यो तिवैशा ष��ए� हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह=। सा�तिवैत्रों क एक च�चली, च�लीब�ली� �र्थ� ह�साम�खु � वै�� भा� म�नु� जा��� ह� जा प्रत्यो क प्रक�र क खु ली �र्थ� मनुर�जानु क भा� प्रत्सा�तिह� कर�� ह� �र्थ� तिवैशा ष�यो� उनु खु ली& क जिजानुम' शा�र�रिरक क्षम�� क� प्रयोग ह�� ह अर्थवै� म�नुलिसाक क्षम�� क� प्रयोग ह�� ह �र्थ� सा�तिवैत्रों क4 यो तिवैशा ष��ए� हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा भा� प्र�र्शिशाU� ह�� ह=। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र सा�तिवैत्रों क हस्�लिशाल्पू क4 कली� म' भा� तिनुपू�ण म�नु� जा��� ह� जा हस्�लिशाल्पू �र्थ� ह�र्थ क4 कली� और कWशाली सा जा�ड़ी� अन्यो कली�ओं क भा� प्रत्सा�तिह� कर�� ह�। सा�तिवैत्रों क चरिरत्रों क4 यो साभा� तिवैशा ष��ए� हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह= जिजासाक चली� इसा नुक्षत्रों क प्रबली प्रभा�वै म' आनु वै�ली जा��क तिकसा� नु तिकसा� प्रक�र क4 हस्�कली�, खु ली अर्थवै� शा�र�रिरक क्षम�� क4 म��ग करनु वै�ली क्ष त्रों& म' रूलिच रखुनु वै�ली ह� ह=। सा�तिवैत्रों क झू ठ बलीनु �र्थ� छली करनु क4 कली� म' भा� तिनुपू�ण म�नु� जा��� ह� �र्थ� सा�तिवैत्रों क4 यो तिवैशा ष��ए� भा� हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह= ह�ली��तिक हस्� नुक्षत्रों इनु तिवैशा ष��ओं क� प्र�शा!नु �भा� कर�� ह� जाब योह नुक्षत्रों तिकसा� क�� डली� म' नुक�र�त्मक रूपू सा क�म कर रह� ह। तिकन्�� तिZर भा� बहु� सा वै�दि�क ज्योति�ष� योह म�नु� ह= तिक हस्� नुक्षत्रों क प्रबली प्रभा�वै म' आनु वै�ली जा��क& क� शा�घ्र�� सा तिवैश्वा�सा नुह< करनु� च�तिहए क्यो&तिक ऐसा जा��क& म' छली करनु क4 प्रवैVति� पू�यो� जा��� ह�।
नुवैग्रह& म' सा चन्द्रम� क वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हस्� नुक्षत्रों क� अधिधापूति� � वै�� म�नु� जा��� ह� जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों पूर चन्द्रम� क� भा� प्रभा�वै रह�� ह� �र्थ� चन्द्रम� क चरिरत्रों क4 क� छ तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक सा�वै �नुशा�ली��, भा�वै�क��, पू�रिरवै�रिरक म ल्यो& म' तिवैश्वा�सा रखुनु� �र्थ� सा�रक्षण आदि� तिवैशा ष��ए� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह=। चन्द्रम� क4 इनु तिवैशा ष��ओं क प्रभा�वै क क�रण हस्� नुक्षत्रों क� छलिलीयो� स्वैभा�वै उनु लीग& क प्रति� बहु� सा�म� �क कम ह जा��� ह� जा हस्� जा��क& क पूरिरवै�र क सा�स्यो अर्थवै� इनुक अ�र�ग धिमत्रों ह� ह= जिजासाक क�रण इनु जा��क& क� व्यवैह�र इनु साभा� लीग& क प्रति� आम�Wर पूर छलीरतिह� ह� रह�� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हस्� नुक्षत्रों क साभा� च�र चरण कन्यो� र�लिशा म' स्थिa� ह� ह= जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों पूर कन्यो� र�लिशा �र्थ� इसा र�लिशा क
स्वै�म� ग्रह ब�धा क� भा� प्रभा�वै रह�� ह�। ब�धा क चरिरत्रों क4 कई तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक पूरिरश्रम करनु क4 प्रवैVति�, तिवैशाली षण�त्मक स्वैभा�वै, भा � करनु क4 क्षम��, ह�स्यो तिवैनु� करनु क4 तिवैशा ष��, छली �र्थ� धाखु� करनु क4 तिवैशा ष�� �र्थ� ऐसा< ह< अन्यो क� छ तिवैशा ष��ए� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाU� ह�< ह=। इसा प्रक�र हस्� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा सा�तिवैत्रों, चन्द्रम� �र्थ� ब�धा क4 तिवैशा ष��ओं क� धिमश्रिश्र� रूपू सा प्र�शा!नु ह�� ह� �र्थ� तिकसा� क�� डली� म' इसा नुक्षत्रों क� व्यवैह�र इसा नुक्षत्रों पूर प्रभा�वै ड�लीनु वै�ली ग्रह& और � वै�� क बली �र्थ� स्वैभा�वै पूर भा� तिनुभा!र कर�� ह�। अपूनु साक�र�त्मक स्�र पूर हस्� पू�रिरवै�रिरक म ल्यो& क सामझूनु वै�ली , पूरिरवै�र बनु�नु म' रुलिच रखुनु वै�ली �र्थ� पूरिरवै�र क� सा�रक्षण करनु वै�ली नुक्षत्रों क रूपू म' जा�नु� जा��� ह� �र्थ� तिकसा� क�� डली� म' इसा नुक्षत्रों क� प्रबली प्रभा�वै सा���नु उत्पूश्रिd क लिलीए शा�भा म�नु� जा��� ह�। हस्� नुक्षत्रों क प्रभा�वै म' आनु वै�ली जा��क बहु� तिवैनु�M स्वैभा�वै क ह� ह= जिजासाक चली� यो जा��क अपूनु आपू क �र्थ� अपूनु सा�पूक! म' आनु वै�ली लीग& क भा� सामयो सामयो पूर ह�सा�� रह� ह=।
हस्� नुक्षत्रों क जा��क& क4 बWधिधाक �र्थ� गणनु�त्मक क्षम�� अच्छीM ह�� ह� जिजासाक चली� ऐसा जा��क प्रत्यो क स्थिaति� क अनु�सा�र शा�घ्र�� सा गणनु� करक व्यवैह�र करनु म' भा� क� शाली ह� ह=। हस्� क जा��क अपूनु सा�पूक! म' आनु वै�ली लीग& क� शा�घ्र�� सा तिवैश्वा�सा नुह< कर� �र्थ� यो जा��क तिकसा� क� तिवैश्वा�सा करनु म' बहु� सामयो ली � ह=। योह�� पूर योह ब�� रचक �र्थ� ध्यो�नु � नु योग्यो ह� तिक हस्� नुक्षत्रों क जा��क व्यवैसा�धियोक �र्थ� सा�म�जिजाक सा�ब�धा बनु�नु म' क� शाली ह� ह= �र्थ� अपूनु� इसा क� शाली�� क चली� यो जा��क इनु क्ष त्रों& म' साZली भा� � खु जा�� ह= तिकन्�� हस्� क जा��क अपूनु व्यवैसा�धियोक �र्थ� सा�म�जिजाक सा�पूक! म' आनु वै�ली अधिधाक�र लीग& क� तिवैश्वा�सा नुह< कर� भाली ह� वै लीग सा�म�जिजाक अर्थवै� व्यवैसा�धियोक रूपू सा इनुक बहु� साम�पू म�नु जा�� ह&। हस्� नुक्षत्रों क प्रबली प्रभा�वै म' आनु वै�ली जा��क& म' शा�क� करनु क4 प्रवैVति� स्वैभा�तिवैक रूपू सा पू�यो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण सा�म�न्यो�यो� इनु जा��क& क भा��र लिछपू� तिकसा� नु तिकसा� प्रक�र क4 असा�रक्ष� क4 भा�वैनु� ह� ह�� ह�। इसालिलीए भाली ह� हस्� नुक्षत्रों क जा��क बहु� सा लीग& क सा�र्थ म ली धिमली�पू �र्थ� सा�ब�धा बनु�� दि�खु� ह& तिकन्�� इनु जा��क& क लिलीए अपूनु आसा पू�सा क इनु लीग& पूर पू ण! रूपू सा तिवैश्वा�सा करनु� �र्थ� इनु लीग& क सा�र्थ तिवैश्वा�सा पूर आधा�रिर� एक सा�रश्रिक्ष� सा�ब�धा बनु�नु� कदिठनु ह�� ह�। हस्� नुक्षत्रों क जा��क शा�र�रिरक रूपू सा सातिक्रोयो ह� ह= �र्थ� इसा� क अनु�सा�र यो जा��क अपूनु लिलीए तिकसा� ऐसा ह� व्यवैसा�धियोक क्ष त्रों क� च�नु�वै कर� ह= जिजासाम' इन्ह' शा�र�रिरक श्रम कर� रहनु� पूड़ी । हस्� नुक्षत्रों क जा��क बहु� साच सामझू कर चलीनु वै�ली �र्थ� अनु�शा�लिसा� रहनु वै�ली ह� ह= �र्थ� इन्ह' तिकसा� भा� क�म क साभा� पूक्ष& क सामझू तिबनु� उसा करनु� पूसा�� नुह< ह��।
क�� डली� म' हस्� नुक्षत्रों क� प्रबली नुक�र�त्मक प्रभा�वै जा��क क छलिलीयो�, कपूटीM �र्थ� ठग प्रवैVति� क� बनु� � �� ह� जिजासाक चली� ऐसा जा��क क लीग& क छलीनु �र्थ� म खु! बनु�नु म' बहु� आनु�� आ�� ह�। हस्� नुक्षत्रों क यो जा��क ब�जिgम�नु सा ब�जिgम�नु व्यलिO क भा� छलीनु म' साक्षम ह� ह= क्यो&तिक हस्� क यो जा��क एक क ब�� एक नुए प्रपू�च& �र्थ� तिवैच�र& क जान्म � नु म' �क्ष ह� ह=। हस्� नुक्षत्रों क� प्रबली नुक�र�त्मक प्रभा�वै जा��क क क� शाली जा�आर� भा� बनु� साक�� ह� अर्थवै� जा��क ह�र्थ क4 कली� सा अन्यो लीग& क ठगनु अर्थवै� ली टीनु क4 कली� म' �क्ष ह साक�� ह� जा�सा तिक ��शा क खु ली क म�ध्योम सा लीग& क छलीनु वै�ली जा��क, जा ब क�टीनु क4 कली� क म�ध्योम सा लीग& क छलीनु वै�ली जा��क आदि�। हस्� नुक्षत्रों क जा��क अपूनु आपू क वैयोस्� रखुनु म' तिवैश्वा�सा रखु� ह= �र्थ� यो जा��क अपूनु शार�र क कम सा कम आर�म � कर अधिधाक सा अधिधाक क�म ली नु म' भा� तिवैश्वा�सा रखु� ह= जिजासाक चली� इन्ह' सामयो सामयो पूर ब�च नु� �र्थ� अतिनुद्र� जा�सा� सामस्यो�ओं क� भा� सा�मनु� करनु� पूड़ी साक�� ह�। ब�धा ग्रह क� इसा नुक्षत्रों पूर प्रबली प्रभा�वै हस्� क जा��क& क व्य�पू�र �र्थ� व्यवैसा�यो सा जा�ड़ी< साZली��ए� प्र��नु कर साक�� ह� क्यो&तिक वै�दि�क ज्योति�ष म' ब�धा क व्य�पू�र क सा�र्थ जा�ड़ी हुए ग्रह क रुपू म' म�नु� जा��� ह�। हस्� नुक्षत्रों क जा��क& क सा�म�न्यो�यो� ऐसा साभा� तिवैज्ञा�नु& क प्रति� गहर� रूलिच ह�� ह� जिजानुक म�ध्योम सा कई व्यलिO अपूनु� भातिवैष्यो जा�नु साक�� ह� जा�सा तिक ज्योति�ष, हस्� र खु� तिवैज्ञा�नु, अ�क तिवैज्ञा�नु �र्थ� ऐसा� ह� अन्यो तिवैद्या�ए� �र्थ� क�� डली� म' क� छ तिवैशा ष योग हनु पूर यो जा��क इनु तिवैद्या�ओं क� व्यवै�सा�धियोक रूपू म' अभ्यो�सा भा� कर� ह=।
आइए अब चच�! कर� ह= इसा नुक्षत्रों सा जा�ड़ी क� छ अन्यो �थ्यो& क4 जिजान्ह' वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र तिवैवै�ह क�यो! क लिलीए प्रयोग क4 जा�नु वै�ली� ग�ण धिमली�नु क4 तिवैधिधा क लिलीए महत्वैपू ण! म�नु� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष हस्� नुक्षत्रों क एक पू�रुष नुक्षत्रों म�नु�� ह� जिजासाक� क�रण अधिधाक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� सा�तिवैत्रों क सा�र्थ गहर� सा�ब�धा म�नु� ह=। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हस्� नुक्षत्रों क वैण! सा वै�श्यो म�नु� जा��� ह� जिजासाक� क�रण अधिधाक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� ब�धा क सा�र्थ सा�ब�धा म�नु� ह= क्यो&तिक ब�धा क वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र व्य�पू�र सा जा�ड़ी� हुआ ग्रह म�नु� जा��� ह� �र्थ� व्य�पू�र करनु क4 कली� वै�श्यो जा�ति� सा जाड़ी� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष म' हस्� नुक्षत्रों क र�जालिसाक ग�ण प्र��नु तिकयो� जा��� ह� जा इसा नुक्षत्रों क4 क�यो!शा�ली� क आधा�र पूर सामझू� जा� साक�� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हस्� नुक्षत्रों क � वै गण प्र��नु तिकयो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण अधिधाक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� सा�तिवैत्रों �र्थ� चन्द्रम� क सा�र्थ सा�ब�धा म�नु� ह=। वै�दि�क ज्योति�ष पू�च �त्वै& म' सा अब्दिग्नु �त्वै क इसा नुक्षत्रों क सा�र्थ जाड़ी�� ह�।
ली खुकतिहम��शा� शा�ग�र�