अंक ज्योतिष

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अअअ अअअअअअअ (Numerology) अअअअअ अअ अअअअअअ अअअअअ अअअअ अअ. अअअअअअअअ अअअअ अअअअ अ अअअअ अअअअअ अअ अअअअ अअअ अअ अअ अअअ अअ अअअअअअ अअ अअ अअअअ अअअ अअ अअअ अअ अअअअअ अअअअ अअअअ अअअअअ अअ अअअअअअअअअअअअ अअअअ अअ, अअअअ अअ 1 अअअअअ अअअअअ (1 Number of Sun), 2 अअअअअ अअअअअअ (2 Number of Moon) अअअ 9 अअअअअ अअअअ (9 Number Of Mars) अअ अअअअअअअ. अअअअअ 1 अअ 9 अअ अअ अअअ अअअअ अअअ. 0 अअ अअअअअ अअअअअअअअ अअअ अअअअ अअअ अअ. अअअअ अअ 9 अअ अअअअ अअअ, अअअ अअअअअअअअ अअअअ अअ अअ अअअअअ अअअ अअ. अअअअअअअअअ अअअ अअअअअअअ (Numerology) अअअ अअअअअ अअ अअअअअ अअअअअअअअ अ अअअअअअ अअ अअअअअअ अअअअअ अ अअअअ अअअअ अअअअअ अअ. अअअअ अअअअअअ अअअ अअअअअअअ अअअअ-अअअअ अअ अअअअअ अअअ अअअअ अअअअ अअ अअअ अअअ अअअअ अअ. अअअअअअ अअअ अअअअअअअअअ अअअ अअअअअअअ अअ अअअअअअ (Jyotish Phaladesh) अअअ अअअ अअअअ अअ अअअअअ अअअअ अअ. अअ अअ अअअ अअअअअअअ अअअअअअअ अअ अअअअअ अअअअ अअ अअअअअ (Method Of Numerology) अअ अअअअअअअ अअअअअअ. अअअअ अअ अअअ अअअअअअअ अअअ अअअअ अअअअ अअअअअअअअअ अअअअअ अअअ अअअ, अअअअअअ अअ अअअअअ अअअअअ अअअ अअ अअ अअअअअअअअ अअअअअअ (Root Number/ Ruling Number) अअअ अअअअअअअअ (Fadic Number) अअ अअ अअअअअ अअअअअअ. अअअअ अअ अअअअअअअ अअ अअअअ अअअअअ अअअअ अअअअअअअअ अअअअ अअ. अअअअ अअ 2 अअअअअ अअ अअअअअ अअअअअअअ अअ अअअअअअ 2 अअअअ अअ अअअ 14 अअअअअअअ अअअअ अअ 1+4 = 5. अअअ अअअअ अअ अअअअअअअ अअ अअअअअअअअ अअअअ अअअअअ अअ अअअ अअ अअअ अअ अअ अअअ अअ अअअअअअ अअ अअ अअअअअअअ अअअअअ अअ अअअअअअअअ( Bhagya Anka) अअअअ अअअ, अअअअ अअ 2 अअअअअ 1966 अअ अअअअअ अअअअअअअ अअ अअअअअअअअ 2+07+1+9+6+6= 31 = 3+1= 4, अअअअ. अअअअअअ अअअ अअअअअअअअ अअअअअ अअअअ अअअ, अअअअअ अअअअअअअअ अअअअअ अअअ. अअअअअअअ अअअअ अअ अअअअअ अअ अअअअअअअ अअ अअअअ अअअअअ अअअअ अअअ अअ अअअअ. अअअअअअअ अअ अअ अअ अअअ अअअअ अअ अअअअ अअअअअअअ अअअ (Destiny Number/ Lucky Number) अअअअ अअअ. अअ अअअअअ अअअअअअअअअअअ अअ. अअअअअअअ अअ अअअ अअ अअअअअअ अअ अअअ अअअ अअ अअअअ अअअअ अअअ अअ अअअअअअअ अअअ अअअ अअअअ अअ, अअअअ अअ अअअ अअ अअअअ अअअअअअअ अअ अअअ RAMAN अअ, अअ अअअअ अअअअअअअ अअअ R=2, A=1, M=4, A=1, अअअ N=5 = 2+1+4+1+5 =13 =1+3 =4 अअअअ. अअअ अअअअ अअअअअअअ अअ अअअअअअअ अअअ अअअअ अअअअअअ अअअ अअ अअ अअअअ अअअ अअ अअअअ अअअ अअअ अअअ अअअअ अअअअअअअ अअअ (Saubhagya Anka) अअ अअअअअअअअअ अअ अअअअ अअअ, अअअअअ अअ अअ अअ अअअअअअअ अअ अअअअअअ अअ अअअ. अअअअअअअ अअअ अअ अअअअ अअअअअअअ अअअअअअ अअ अअअअ अअ. अअअअअअअ अअ अअअअ अअअ अअअअ अअअअ अअअअअअ अअअअअअ अअ अअअअ अअ. अअअअअ अअअअअअ अअअअअ अअअ अअअअ अअ अअ

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Page 1: अंक ज्योतिष

अं�क ज्यो�ति�ष (Numerology)

ग्रहो� का� प्रभा�व का�र्य कारता� हो . प्रत्र्य�का ग्रहो किकासी� न किकासी� नम्बर सी� जु�डा� हुआ हो र्य� हुम इसी प्रका�र भा� काहो सीकाता� हो� किका का�इ एका नम्बर किकासी� ग्रहो किवशे�ष का� प्रकिताकिनधि"त्व कारता� हो , जै�से तिक 1 नम्बर से�यो� (1 Number of Sun), 2 नम्बर चन्द्र (2 Number of Moon) �था� 9 नम्बर मं�गल (9 Number Of Mars) यो� इत्यो�दि�. नम्बर 1 से 9 �क ही! लिलए जै�� ही$. 0 क� इसेमं% सेम्मिम्मंलिल� नही! तिकयो� गयो� ही�. ग्रही भी! 9 ही! ही�� ही$, अं�) प्रत्यो क ग्रही क� एक ति+शे ष अं�क ही�. पा�श्चा�त्यो अं�क ज्यो�ति�ष (Numerology) से�� ग्रही� क अंल�+� न�पाच्यो�न + यो�र नसे क� क्रमंशे) आठ+�3 + न4+� ग्रही मं�न�� ही�. जैबतिक  भी�र�!यो अं�क ज्यो�ति�ष र�हु-क �6 क� आठ+% ए�+ न+% ग्रही क रुपा मं% ल �� ही�. भी�र�!यो ए�+ पा�श्चा�त्यो अं�क ज्यो�ति�ष क फल�� शे (Jyotish Phaladesh) कथान मं% था�डा� से� अंन्�र रही�� ही�. अंब हीमं अं�क ज्यो�ति�ष ति+ज्ञा�न क क�यो� करन क �र!क (Method Of Numerology) क; ति++ चन� कर%ग . +�से �� अं�क ज्यो�ति�ष मं% बहु� से�र! पारिरभी�ष�ए3 से�मंन आ�! ही$, पारन्�6 हीमं इसेमं% मं6ख्यो रुपा से �� पारिरभी�ष�ओ मं�ल��क (Root Number/ Ruling Number) �था� भी�ग्यो��क (Fadic Number) क; ही! चच�� कर%ग . तिकसे! भी! व्यलिA क; जैन्मं ��र!ख उसेक� मं�ल्यो��क ही��� ही�. जै�से तिक 2 जै6ल�ई क� जैन्मं व्यलिA क� मं�ल��क 2 ही��� ही� �था� 14 लिसे�म्बर +�ल क� 1+4 = 5. �था� तिकसे! भी! व्यलिA क; सेम्पू�र्ण� जैन्मं ��र!ख क यो�ग क� घटा� कर एक अं�क क; से�ख्यो� क� उसे व्यलिA ति+शे ष क� भी�ग्यो��क( Bhagya Anka) कही� ही$, जै�से तिक 2 जै6ल�ई 1966 क� जैन्मं व्यलिA क� भी�ग्यो��क 2+07+1+9+6+6= 31 = 3+1= 4, ही�ग�. मं�ल��क �था� भी�ग्यो��क स्थिKर ही�� ही$, इनमं% पारिर+��न सेम्भ+ नही!. क्योNतिक तिकसे! भी! �र!क से व्यलिA क; जैन्मं ��र!ख ब�ल! नही! जै� सेक�!.व्यलिA क� एक और अं�क ही��� ही� जिजैसे से4भी�ग्यो अं�क (Destiny Number/ Lucky Number) कही� ही$. योही नम्बर पारिर+��नशे!ल ही�. व्यलिA क न�मं क अंक्षर� क क6 ल यो�ग से बनन +�ल अं�क क� से4भी�ग्यो अं�क कही� जै��� ही�, जै�से तिक मं�न ल� तिकसे! व्यलिA क� न�मं RAMAN ही�, �� उसेक� से4भी�ग्यो अं�क R=2, A=1, M=4, A=1, ए�+ N=5 = 2+1+4+1+5 =13 =1+3 =4 ही�ग�. योदि� तिकसे! व्यलिA क� से4भी�ग्यो अं�क उसेक अंन6क� ल नही! ही� �� उसेक न�मं क अं�क� मं% घटा� जै�डा करक से4भी�ग्यो अं�क (Saubhagya Anka) क� पारिर+र्ति�S� कर सेक� ही$, जिजैसेसे तिक +ही उसे व्यलिA क अंन6क� ल ही� सेक . से4भी�ग्यो अं�क क� से!धा� सेम्बन्ध मं�ल��क से ही��� ही�. व्यलिA क जै!+न मं% सेबसे अंधिधाक प्रभी�+ मं�ल��क क� ही��� ही�. च��तिक मं�ल��क स्थिKर अं�क ही��� ही� �� +ही व्यलिA क +�स्�ति+क स्+भी�+ क� �शे���� ही� �था� मं�ल��क क� ��लमं ल ही! से4भी�ग्यो अं�क से बन�यो� जै��� ही�.व्यलिA क जै!+न मं% उ��र-चढा�+ क� क�रर्ण से4भी�ग्यो अं�क ही��� ही�. उ��हीरर्ण क लिलए मं�न ल� तिक हीमं तिकसे! शेहीर मं% जै�कर न4कर!/ व्य+से�यो करन� च�ही� ही$, �� हीमं% उसे शेहीर क� शे6भी��क (Shubha Anka) मं�ल�मं करन� ही�ग� तिफर उसे शे6भी��क क� स्+�यो क से4भी�ग्यो अं�क से �6लन� कर%ग . योदि� ��न� अं�क� मं% ब ही�र ��ल-मं ल ही� अंथा��� ��न� अं�क आपासे मं% धिमंत्र ग्र6पा क ही� �� +ही शेहीर आपाक अंन6क� ल ही�ग�, और योदि� ��न� अं�क एक दूसेर से शेत्र6+� व्य+ही�र रख� ही$ �� उसे शेहीर मं% आपाक क�यो� क; ही�तिन ही�ग!. अंब हीमं�र से�मंन �� ति+कल्पा ही$, एक �� हीमं उसे शेहीर ति+शे ष क� ही! त्यो�ग �% �था� अंन्यो तिकसे! शेहीर मं% चल जै�यो%, योदि� एसे� करन� सेम्भ+ न ही� �� दूसेर ति+कल्पा क रुपा मं% हीमं अंपान न�मं क अंक्षर� मं% इसे प्रक�र पारिर+��न कर% तिक +� उसे शेहीर ति+शे ष से भील! भी��ति� ��लमं ल ब�ठ� ल%. योही! सेबसे सेरल �र!क� ही�.इसे प्रक�र हीमं अं�क ज्यो�ति�ष क मं�ध्योमं से अंपान जै!+न क� से6ख! ए�+ सेमं\द्ध बन� सेक� ही� ए�+ दुख + कष्टो� क� कमं कर सेक� ही$.अं$का ज्र्य�किताष क्र्य� हो |अं$का ज्र्य�किताष एका महोत्वपू(र्ण किवद्या� हो , जिजुसीका� द्वा�र� अं$का- का� म�ध्र्यम सी� व्यधि0 का� किवषर्य एव$ उसीका� भाकिवष्र्य का� जु�नन� का� प्रर्य�सी किकार्य� जु�ता� हो . अं$का ज्र्य�किताष म3 अं$का- का� म�ध्र्यम द्वा�र� गणिर्णता का� किनर्यम- का� व्यवहो�रिरका उपूर्य�ग कारका� मन�ष्र्य का� किवणिभान्न पूक्षों-, उसीका9 किवचा�र"�र� , जु�वन का� किवषर्य इत्र्य�दि< का� किवशे< किववरर्ण प्रस्ता�ता कारन� का� प्रर्य�सी किकार्य� जु�ता� हो . अं$का ज्र्य�किताष का� अं$का किवद्या� र्य� अं$का शे�स्त्र और सी$ख्र्य� शे�स्त्र इत्र्य�दि< का� न�म सी� भा� जु�न� जु�ता� हो . अं$का शे�स्त्र म3 नA ग्रहो- सी(र्य, चान्द्र, ग�रू, र्य(र�नसी, ब�", शे�क्र, वरूर्ण, शेकिन और म$गल का� आ"�र बन�कार उनका9 किवशे�षता�ओं का� आ"�र पूर गर्णन� का9 जु�ता� हो .अं�क ज्यो�ति�ष क� अं�ग्र जै! मं% न्यो�मंर�ल`जै! क न�मं से पाहीच�न� जै��� ही�. योदि� हीमं अं�क ज्यो�ति�ष क इति�ही�से क� जै�नन क� प्रयो�से कर% �� पा�ए�ग तिक इसेक� इति�ही�से 10,000 पा�+� से भी! पाहील क� रही� ही�ग� धिमंस्र, ब तिबल�न और ग्र!से मं% इनक; जैडाN क� पानपान� आर�भी हुआ �था� पा�इथा�ग�रसे जै! क क�योb द्वा�र� इन्ही% प्रमं6ख�� प्र�प्� हुई. क�ई भी! दि�न अं�कN क तिबन� नहीe ब!��� ही�. धिमंस्र क मंही�न गणिर्ण� शे�स्त्र पा�योथा�ग�रसे न अं�कN क; मंहीत्ता� क ति+षयो मं% इसे �थ्यो क� अंन6मं��न तिकयो� तिक “ Number rules the universe’’ अंथा��� अं�क ब्रह्मां��डा पार र�जै कर� ही$.अंति� प्र�च!न सेमंयो मं% अं�कशे�स्त्र यो� से�ख्यो�शे�स्त्र क� ज्ञा�न तिहीन्दुओं, ग्र!कN, ख�ल्डी!ओं, तिहीब्र6ओं, इजिजैप्टा +�लिसेयोN और च!तिनयोN क� था�. अंपान � शे क प्रश्न ति+च�र, स्+र��मं शे�स्त्र आदि� प्र�च!न ग्र�थाN मं% अं�कशे�स्त्र क� अंच्छा� उपायो�ग हुआ ही�. अं�कशे�स्त्र क; व्य�ख्यो� � न� बहु� ही! कदिठन ही�. इसेक ति+षयो मं% +�ल्टार ब! तिग्रब्सेन द्वा�र� �p गई व्य�ख्यो� यो�� रखन जै�से! ही�. ‘गणिर्ण� शे�स्त्र क मं�लभी�� लिसेद्ध���N क� मंन6ष्यो क भी4ति�क अंस्तिस्�त्+ (यो� भी4ति�क; उत्कष�) क लिलए ही�न +�ल� व्य+ही�रिरक उपायो�ग ही! अं�कशे�स्त्र ही�’.अं�कशे�स्त्र ति+द्वा�नN क� मं�नन� ही� तिक अं�कशे�स्त्र क� प्र�र�भी तिहीब्र� मं�ल�क्षरN से हुआ ही�. अं�क ज्यो�ति�ष तिहीब्र� ल�गN क� ति+षयो रही� ही�. इसेक अंन6से�र इजिजैप्टा क; जै!प्से! जैनजै�ति� न भी! इसे शे�स्त्र क� ति+कलिसे� करन मं% मंहीत्+पा�र्ण� यो�ग��न दि�यो�.तिहीब्र� मं% ‘ब�ईसे’ मं�ल�क्षर ही$ और प्रत्यो क अंक्षर क� क्रमं अंन6से�र एक से ब�ईसे अं�क दि�ए गए ही$. तिहीब्र� ल�ग अंक्षरN क K�न पार अं�क और अं�कN क K�न पार अंक्षरN क� उपायो�ग कर� था . अंक्षरN और अं�कN क अंधिधापाति�योN क रूपा मं% अंलग-अंलग र�लिशेयोN �था� ग्रहीN क� तिनणिश्चा� तिकयो� गयो� था�. अं�: तिहीब्र� ल�गN क सेमंयो से ही! अंक्षरN, अं�कN, र�लिशेयोN और ग्रहीN क मंध्यो से�ब�धा K�तिपा� हुआ मं�न सेक� ही$ और योही से�ब�धा ही! अं�कशे�स्त्र क आधा�र रूपा ही$.अं�क शे�स्त्र मं% प्रत्यो क ग्रही क लिलए 1 से ल कर 9 �क एक अं�क तिनधा��रिर� तिकयो� गयो� ही�, जै� इसे ब�� पार तिनभी�र कर�� ही� तिक क4न से ग्रही पार तिकसे अं�क क� अंसेर ही��� ही� और योही! न4 ग्रही मंन6ष्यो क जै!+न पार अंपान� प्रभी�+ डा�ल� ही$. जैन्मं क सेमंयो ग्रहीN क; जै� स्थिKति� ही��! ही�, उसे! क अंन6से�र उसे व्यलिA क� व्यलिAत्+ तिनधा��रिर� ही� जै��� ही�. इसेलिलए, जैन्मं क पाश्चा�� व्यलिA पार उसे! अं�क क� सेबसे अंधिधाक प्रभी�+ पाड़�� ही�, जै� तिक व्यलिA क� स्+�मं! ही��� ही�. योदि� एक व्यलिA क� अं�क तिकसे! दूसेर व्यलिA क अं�क क से�था मं ल ख� रही� ही� �� ��नN व्यलिAयोN क मंध्यो एक अंच्छा� से�ब�धा बन�� ही�.अं�क ज्यो�ति�ष शे�स्त्र मं% क, ख, ग, घ क अंक्षरN और अं�कN पार ति+च�र तिकयो� जै��� ही�. व्यलिA क न�मं क अंक्षर अं�ग्र जै! मं% लिलखकर प्रत्यो क अंक्षर क; अं�क गर्णन� करक न�मं क� न�मं��क प्र�प्� तिकयो� जै��� ही�. �था� जैन्मं ��र!ख, मं�ही ए+� +ष� क अं�कN क� यो�ग करक भी�ग्यो��क प्र�प्� तिकयो� जै��� ही� �था� इसेक द्वा�र� भीति+ष्यो+�र्ण! क; जै��! ही�.प्र�चा�न और आ"�किनका अं$का पूद्धकिता  | Ancient and Modern Number System of Ank Jyotishप्र�च!न ए+� आधा6तिनक अं�क शे�म्मिस्त्रयोN द्वा�र� तिनम्न अं�क पाद्धति�यो�� अंपान�ई गईं ही$. पा�श्चा�त्यो � शेN मं%क्र�से, ग6डामं न, मं�न्ट्रो�झ, मं�र!से, जै म्से ल!, ही लन तिहीचक�क, टा योलर  आदि� अं�क शे�म्मिस्त्रयोN न अंलग-अंलग पाद्धति�यो�3 अंपान�ई ही$. डा`क्टार क्र�से, मं�न्ट्रो�झ, से फ�र!अंल आदि� क; पाद्धति� क� तिहीब्र� यो� पा6र�न! पाद्धति� क रूपा मं% जै�न� जै��� ही�. क्योNतिक उसेमं% अं�ग्र जै! मं�ल�क्षरN क� जै� न�बर दि�ए गए ही$ +ही तिहीब्र� मं�ल�क्षरN क क्रमं अंन6से�र ही� जैबतिक जै म्से ल!, ही लन, तिहीचक�क, टा योलर, मं�रिरसे से!. ग6डामं न आदि� पाणिश्चामं क आधा6तिनक अं�क शे�म्मिस्त्रयोN न अं�ग्र जै! मं�ल�क्षरN क आधा6तिनक क्रमं अंन6से�र न�बर दि�ए ही$ और इसेलिलए इनक; पाद्धति� क� आधा6तिनक अं�कशे�स्त्र क रूपा मं% पाहीच�न� ही$.ज्यो�ति�ष शे�स्त्र जै�से! कदिठन गर्णन� करन क; आ+श्योक�� नहीe पाड़�!, अं�कशे�स्त्र मं% जैन्मं क सेमंयो क; जै�नक�र! न भी! ही� �ब भी! जैन्मं ��र!ख + न�मं क आधा�र पार ही! व्यलिA क व्य+से�यो, धिमंत्रN, भी�ग!��रN, उसेक जै!+न क उ��र-चढा�+N �था� उसेक जै!+न क मंहीत्+पा�र्ण� सेमंयो क ल�भी + ही�तिन से�ब�धा! बहु� से! ब��% अं�कशे�स्त्र क; सेही�यो�� द्वा�र� जै�न! जै� सेक�! ही$.अं�ग्र जै! क� ज्ञा�न �था� गणिर्ण� क सेरल उपायो�ग द्वा�र� अं�कशे�स्त्र क ज्यो�ति�ष ज्ञा�न मं% तिनपा6र्ण�� प्र�प्� तिक जै� सेक�! ही�. प्र�च!न तिहीब्र� पाद्धति� क तिकर�, मं�न्ट्रो�झ, डा`क्टार क्र�से ति+द्वा�नN न अं�कN क� ग्रहीN क से�था से�ब�धिधा� स्+!क�यो� तिकयो� था� +ही से�ब�धा इसे प्रक�र ही$.से�यो� क� धान�त्मंक अं�क -1 और से�यो� क� ऋर्ण�त्मंक अं�क -4, च�द्रमं� क� धान�त्मंक अं�क -7 और ऋर्ण�त्मंक अं�क -2 ही�.मं�गल क� अं�क -9, ब6धा क� अं�क -5, ग6रु क� अं�क -3, शे6क्र क� अं�क -6, शेतिन क� अं�क -8, यो6र नसे क� अं�क -4, न पाच्यो�न क� अं�क 7 .आधा6तिनक अं�कशे�स्त्र! टा योलर, जै म्से ल!, ही लन तिहीचक�क, ग6डामं न इत्यो�दि� इन से�ब�धा रूपा क� स्+!क�र नहीe कर� �था� इसेमं% क6 छ पारिर+��न कर� ही$.से�यो� क� अं�क -1, च�द्र क� अं�क -2, ग6रु क� अं�क -3, शेतिन क� अं�क -4, ब6धा क� अं�क -5, शे6क्र क� अं�क -6, यो6र नसे क� अं�क -7, मं�गल क� अं�क -8, न पाच्यो�न क� अं�क -9, प्ल�टा� क� अं�क -0क6 छ आधा6तिनक अं�कशे�स्त्र! �� अं�कN क� ग्रहीN क से�था से�ब�धिधा� तिकए तिबन� ही! उसेक ग6र्ण- धामं� आदि� क� +र्ण�न कर� ही$.तिहीब्र� यो� पा6र�न! पाद्धति� मं% मं�ल�क्षरN क� तिनम्न अं�क दि�ए गए ही$. योही क्रमं तिहीब्र� मं�ल�क्षर क क्रमं अंन6से�र ही�न से अं�ग्र जै! मं�ल�क्षर क आधा6तिनक क्रमं से से6से�ग� नहीe ही�.

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A, B, C, D, E, F, G, H, I, J, K, L, M1, 2, 3, 4, 5, 8, 3, 5, 1, 1, 2, 3, 4,N, O, P, Q, R, S, T, U, V, W, X, Y, Z,5, 7, 8, 1, 2, 3, 4, 6, 6, 6, 5, 1, 7पा6र�न! पाद्धति� मं% तिकसे! क� भी! 9 क� अं�क नहीe दि�यो� ही� �था� इसेमं% क�ई तिनणिश्चा� क्रमं भी! नहीe ही� ल तिकन आधा6तिनक पाद्धति� मं% अंक्षरN क� 9 अं�क दि�यो� गयो� ही� जै� इसे प्रक�र ही$.A, B, C, D, E, F, G, H, I,1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,J, K, L, M, N, O, P, Q, R,1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,S, T, U, V, W, X, Y, Z,1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,अं�कशे�स्त्र क; पा6र�न! पाद्धति� मं% 11, 12 और 33 क अं�कN क� ति+लिशेष्टो K�न नहीe दि�यो� गयो�. ल तिकन आधा6तिनक पाद्धति� मं% 11, 22 और 33 क अं�कN क� ति+लिशेष्टो K�न प्र�प्� ही�.0 और 1 से 9 �क क अं�कN क� मं6ख्यो यो� मं�ल अं�क कही� जै��� ही�. क6 छ अं�कशे�स्त्र! 0 क� अं�क क रूपा मं% स्+!क�र नहीe कर� तिफर भी! उसेक अं�कशे�स्त्र मं% मंहीत्+ क� स्+!क�र� ही$. न4 अं�कN क अंति�रिरA �से से आग क अं�कN क� धिमंणि{� अं�क कही� जै��� ही�. इसे प्रक�र अं�कN क �� प्रक�र ही$. प्रथामं 1 से 9 �क क मं6ख्यो यो� मं�ल अं�क और �दूसेर� 10 और उसेक ब�� क �क क धिमं{ अं�क ही$. कई ब�र धिमं{��कN मं6ख्यो अं�क मं% ब�लन क; आ+श्योक�� पाड़�! ही� जै�से - 22 = 2+2 = 4, फ्ल�रन्से क म्पूब ल इन अं�कN क ब�र मं% कही� ही$ तिक ‘‘जिजैन्ही% मं�स्टार न�बर (11 और 22) प्र�प्� ही$ +ही न �\त्+ क ग6र्णN से से�पान्न ही�� ही�.म(ल�$का | Moolankतिकसे! भी! व्यलिA क; जैन्मंति�लिथा क� यो�ग अंथा��� जै�ड़ मं�ल��क कहील��� ही� जै�से  7, 25, 16, ��र!खN मं% जैन्मं व्यलिA क� मं�ल��क 7 ही�ग�.भा�ग्र्य�$का | Bhagyankजैन्मं ति�लिथा, मं�ही और से�ल क� यो�ग भी�ग्यो��क ही��� ही� जै�से 02 मं�च� 1982 क� भी�ग्यो��क 0+2+3+1+9+8+2 =25=7 अं�: इसे प्रक�र भी�ग्यो��क 7 प्र�प्� ही��� ही�.न�म�$का  | Namankन�मं��क क लिलए न�मं क नम्बर क� लिलख कर जै�ड़% जै�से तिकसे! व्यलिA क� न�मं योदि� अंतिनल क6 मं�र ANIL KUMAR ही� �� न�मं��क इसे प्रक�र ज्ञा�� कर%ग . A=1, N=5, I=1, L=3, K=2, U=6, M=4, A=1, R=21+5+1+3+2+6+4+1+2= 25 = इसे प्रक�र इसे व्यलिA क� न�मं��क 7 ही�.र�णिशे क्रम सी$ख्र्य� | Numbers Assigned to each Zodiac Signमं ष 1, +\ष 2, धिमंथा6न 3, कक� 4, सिंसेSही 5, कन्यो� 6, �6ल� 7, +\णिश्चाक 8, धान6 91 से 9 �क क अं�क क ब�� क अं�क ज्यो�ति�ष मं% अं�कN क; पा6नर�+\णित्ता ही��! ही�,अं�) हीमं 9 क ब�� क +�ल अं�क क� इसे क्रमं मं% रख� ही$ जै�से , मंकर 10 = 1+0 = 1, क6� भी 11 = 1+1 = 2, मं!न 12 = 1+2 =3इसे प्रक�र हीमं र�लिशे, उनक स्+�मं! क� शे6भी सेहीयो�ग! अंथा��� सेही�न6भी�ति� अं�क प्र�प्� कर सेक� ही$.

म(ल�$का र्य� जुन्म�$का क्र्य� हो मं�ल��क क्यो� ही� और योही तिकसे प्रक�र जै�न� जै� सेक�� ही� इसेक ब�र मं% क6 छ �थ्यो प्रस्�6� तिकए गए ही$. इन मंहीत्+पा�र्ण� �थ्योN द्वा�र� मं�ल��क ज्ञा�� तिकयो� जै� सेक�� ही�. अंपान ब�र मं% जै�नन क� और भीति+ष्यो मं% घटान +�ल! घटान�ओं क� अंन6मं�न लग�न क� अं�क ज्यो�ति�ष एक सेरल + से6गमं मं�ध्योमं बन�� ही�.मं�ल��क क� अं�ग्र जै! मं% ‘Life Path Number’  ‘ल�इफ पा�था नम्बर’ कही� ही$ योही मं�ल��क आपाक ति+षयो मं% अंन क ब��N स्पष्टो रूपा से प्रस्�6� कर�� ही� �था� मं�ल��क द्वा�र� तिकसे! भी! व्यलिA ति+शे ष क ब�र  मं% अंन क मं6ख्यो ति+षयोN क� पा�� लग�यो� जै� सेक�� ही�.मं�ल��क व्यलिA तिक जैन्मं क; ��र!ख क� यो�ग ही� अंथा��� जिजैसे ��र!ख यो� ति�लिथा क� आपाक� जैन्मं हुआ ही�ग� उसे ��र!ख क� जै�ड़ यो� यो�ग ही! उसे व्यलिA क� मं�ल��क ही��� ही�. मं�ल��क क� प्र�प्� करक अं�क शे�स्त्र द्वा�र� मंन6ष्यो क स्+भी�+ ए+� उसेक; ति+शे ष��ओं क� पा�� लग� सेक�� ही�. मं�ल��क से हीमं जै�न सेक� ही$ तिक व्यलिA जैन्मं क सेमंयो क्यो� था�, तिकन ग6र्णN से +ही यो6A ही�ग� �था� उसेक भी!�र क4न से! कधिमंयो�3 ही� सेक�! ही$.अं�क शे�स्त्र मं% मं�ल��क क� मंहीत्+पा�र्ण� K�न रही� ही�. अं�क शे�स्त्र मं% क +ल अं�कN क मं�ध्योमं से तिकसे! व्यलिA क जै!+न क ब�र मं%  से�रगर्भिभीS� व्य�ख्यो�न प्रस्�6� तिकए जै�� ही$. अं�क शे�स्त्र तिक मं�ल��क ति+धिधा द्वा�र� सेरल�� पा�+�क कई ब��N क� पा�� लग�यो� जै� सेक�� ही�. ज्यो�ति�ष शे�स्त्र मं% हीमं तिकसे! व्यलिA क ति+षयो मं% ब��न क लिलए उसेक; जैन्मं ति�लिथा �था� जैन्मं K�न क� सेही�र� ल न� पाड़�� ही�.ल तिकन कई ब�र जैन्मं क� सेमंयो यो� K�न सेही! ज्ञा�� नहीe ही��� यो� मं�ल�मं ही! नहीe ही��� ऐसे मं% ज्यो�ति�ष क मं�ध्योमं से जैन्मं क6� डाल! बन�न� एक बहु� मं6स्तिश्कल क�यो� ही��� ही� अं�: ऐसे सेमंयो मं% अं�क शे�स्त्र द्वा�र� मं�ल��क ति+धिधा से उन ल�गN क लिलए एक सेटाpक आधा�र ��यो�र तिकयो� जै� सेक�� ही� �था� उनक ति+षयो मं% अंन क ब��% भी! ब��ई जै� सेक�! ही$.म(ल�$का प्र�प्ता कारन� का9 किवधि" | How to Calculate the Moolankमं�ल��क क� अंथा� ही��� ही� आपाक; जैन्मं क; ��र!ख, जिजैसे दि�न आपाक� जैन्मं हुआ ही� उसे दि�न क्यो� ��र!ख था!. मं�ल��क 1 से 9 �क मं�न गए ही$. योदि� आपाक� जैन्मं 1,2,3,4,5,6,7,8,9 ��र!खN मं% हुआ ही� च�ही योही तिकसे! भी! मं�से क� ही�, �� आपाक� मं�ल��क +ही! ही�ग� जै� आपाक� जैन्मं��क ही�. �� योही! ति�लिथा आपाक� मं�ल��क ही�ग! आपाक� जैन्मं 2 जैन+र! क� हुआ ही� �� आपाक� मं�ल��क 2 ही�ग�.ल तिकन जिजैनक� जैन्मं 9 से अंधिधाक से�ख्यो� +�ल! ��र!ख क� हुआ ही� �� उनक  जैन्मंति�लिथा क� आपासे मं% जै�ड़कर मं�ल��क प्र�प्� तिकयो� जै� सेक�� ही�, जै�से जिजैनक� जैन्मं 25 ��र!ख क� हुआ ही�ग� �� उनक� मं�ल��क प्र�प्� करन क लिलए2+5 = 7 ही�ग�, यो� 28 ��र!ख क� जैन्मं ही� �� ��नN अं�कN क� जै�ड़ कर एकल अं�क बन� ल%.2+8 = 10  तिफर से इसे अं�क क� जै�ड़ कर एकल अं�क बन� ल%. 1+0 = 1, इसे प्रक�र मं�ल��क  ‘1’  प्र�प्� ही��� ही�. मं�ल��क मंन6ष्यो क स्+भी�+, व्य+ही�र ए+� ग6र्ण,��ष आदि� क ब�र जै�नक�र! � �� ही�. जै!+न मं% क्यो� उपायो�ग! ही� और तिकसेसे बचन� च�तिहीए योही मं�ल��क से जै�न� जै��� ही�.भा�ग्र्य�$का क्र्य� हो अं�क शे�स्त्र व्यलिA क ब�र मं% जै�नन क� एक सेरल और से6गमं मं�ध्योमं रही� ही�. अं�क शे�स्त्र मं% मं4जै�� ति+धिधायोN द्वा�र� मंन6ष्यो क व्य+ही�र, जै!+न चरिरत्र इत्यो�दि� क ति+षयो मं% जै�न� जै� सेक�� ही�. इसे! क्रमं मं% एक ति+धिधा ही� भी�ग्यो��क, योही एक मंहीत्+पा�र्ण� अं�क प्रयो�ग ही�. भी�ग्यो��क, क� जै!+नचक्र��क (Life Cycle Number) जै!+न-पाथा (Life Path) यो� व्यलिAत्+��क (Individuality Number) भी! कही� जै��� ही�. भी�ग्यो��क से व्यलिA क भीति+ष्यो उसेक; ति+च�रधा�र� और उसेक जै!+न मं% घटान +�ल! मंहीत्+पा�र्ण� घटान�ओं क� उल्ल खिख� तिकयो� जै� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क क� प्र�प्� करक हीमं अंन क प्रक�र क; सेटाpक भीति+ष्यो+�णिर्णयो�3 कर सेक� ही$, �था� जै!+न क� उलिच� प्रक�र से जै!न प्रयो�से कर पा�� ही$.भी�ग्यो�3क तिनक�लन� एक सेरल क�यो� ही� योही मं�ल��क क; भी��ति� ही! आसे�न! से ज्ञा�� तिकयो� जै� सेक�� ही�, भी�ग्यो�3क क� हीमं से�यो6A��क भी! कही सेक� ही$ क्योNतिक योही से�यो6A रूपा मं% अं�कN क� जै�ड़ कर प्र�प्� तिकयो� जै��� ही�. तिकर�, पा�ईथा�ग�रसे जै�से अं�क शे�म्मिस्त्रयोN न अं�क शे�स्त्र क; इन ति+धिधायोN क� ति+कलिसे� करक हीमं% एक न + से6गमं क�यो� से पारिरलिच� कर+�यो�. भी�ग्यो��क क; गर्णन� क6 छ बडा!� �� ही��! ही� किंकS�6 बहु� आसे�न ही��! ही�, भी�ग्यो�3क जै!+न मं% ब�र-ब�र तिकसे! न तिकसे! �रही आ�� ही! ही� और अंन क प्रक�र से प्रभी�ति+� कर�� ही�. भी�ग्यो��क क ब�धा से व्यलिA क व्य+ही�र उसेक अंन6भी+N क� जै�न� जै� सेक�� ही�.अं�क ज्यो�ति�ष मं% भी�ग्यो��क क� उपायो�ग मंहीत्+पा�र्ण� घटान�ओं क� सेमंयो यो� ति�लिथा जै�नन क लिलए उपायो�ग तिकयो� जै��� ही�. न�मं क� अंक्षर ब�लन� इत्यो�दि� ब��% भी! भी�ग्यो��क क ही! आधा�र पार तिक जै��! ही$. ल�ग अंपान व्यलिAग� �था� व्य�+से�धियोक जै!+न मं% अंन क प्रक�र तिक पारिरस्थिKति�योN क� से�मंन� कर� ही$ इन सेमंस्यो�ओं क क�रर्णN �था� इनसे मं6लिA प्र�प्तिप्� क लिलए अं�क शे�स्त्र द्वा�र� इसे पार क6 छ ही� �क ति+च�र तिकयो� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क तिक सेही�यो�� से हीमं अंन क उपा�यो प्र�प्� कर सेक� ही$ और सेही! सेमंयो क� जै�न भी! सेक� ही$ अं�: भी�ग्यो��क हीमं% हीमं�र जै!+न क अंन क �थ्योN क ति+षयो मं% से�लिच� कर�� ही�.

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भा�ग्र्य�$का प्र�प्ता कारन� का9 किवधि" | How to Calculate the Bhagyankभी�ग्यो��क द्वा�र� हीमं अंपान� उलिच� व्य+से�यो + क� रिरयोर भी! प्र�प्� कर सेक� ही$, अं�क ज्यो�ति�ष मं% भी�ग्यो��क क� बहु� ही! मंहीत्+पा�र्ण� मं�न� जै��� ही�  भी�ग्यो��क क� अंथा� ही� आपाक जै!+न क� +ही मंहीत्+पा�र्ण� अं�क जिजैसेक द्वा�र� आपा-अंपान� व्य+से�यो + क� रिरयोर तिनधा��रिर� कर सेक% �था� जै!+न मं% सेफल�� क; नई उच�ईयो�� छ� सेक% . भी�ग्यो��क जै�नन क लिलयो , जैन्मं ति�लिथा, जैन्मं मं�ही �था� जैन्मं +ष� क; आ+श्योक�� ही��! ही�.उ<�होरर्णK भी�ग्यो��क जै�नन क लिलए हीमं इसे गर्णन� क� कर� ही$ जै�से तिकसे! व्यलिA क� जैन्मं 14 दि�से�बर 1942 क� ही�, �� उसे जै��क क� भी�ग्यो��क तिनम्नलिलखिख� �र!क से तिनक�ल� जै� सेक�� ही�.जैन्मं ��र!ख + जैन्मं मं�से + जैन्मं +ष� = भी�ग्यो��कजैन्मं ��र!ख - 1 + 4 = 5जैन्मं मं�ही - 1 + 2  =  1 + 2  = 3जैन्मं +ष� - 1942  = 1 + 9 + 4 + 2 = 16 = 1 + 6 = 7�� इसे प्रक�र इसे व्यलिA क� भी�ग्यो��क= 5 + 3 + 7 = 15 = 6अं�कशे�स्त्र मं% व्यलिA क; जैन्मं ��र!ख क� मंहीत्+पा�र्ण� मं�न� जै��� ही�. क्योNतिक व्यलिA क; जैन्मं ��र!ख तिनणिश्चा� ही��! ही�, मंन6ष्यो क; जैन्मं ��र!ख उसेक जैन्मं सेमंयो क ग्रहीN क; स्थिKति� �था� उसेक अंसेर क� �शे���! ही�.म(ल�$का 1 |ज्यो�ति�ष तिक ति+द्या�ओं मं% अं�क ति+द्या� भी! एक मंहीत्+पा�र्ण� ति+द्या� ही�. अं�क ति+द्या� मं% ‘1’ मं�ल��क  क� से�यो� क� मं�ल��क  कही� गयो� ही�. एक मं�ल��क  क� से4भी�ग्यो मं�ल��क (Destiny Number/ Lucky Number) कही� जै��� ही�. योही नम्बर पारिर+��नशे!ल ही�.  व्यलिA क न�मं क अंक्षरN क क6 ल यो�ग से बनन +�ल मं�ल��क  क� से4भी�ग्यो मं�ल��क  कही� जै��� ही�, जिजैन व्यलिAयोN क; जैन्मं ��र!ख 1, 10, 19, 28 ही� उनक� मं�ल��क 1 ही�ग�.एक मं�ल��क  बहु� मंहीत्+पा�र्ण� मं�ल��क  मं�न� जै��� ही� इसे मं�ल��क  +�ल� जै��क स्+�णिभीमं�न! ही��� ही�, + ईमं�न��र! जै�से ग6र्णN से यो6A ही��� ही�. एक मं�ल��क क व्यलिAयोN क अं��र क +ल अंपान मंन क; से6नन क; आ�� ही��! ही�. इन व्यलिAयोN मं% ईमं�न��र! क� भी�+ ही��� ही� योही अंपान क�योb क� पा�र्ण� तिनष्ठा� क से�था करन मं% ति+श्वा�से रख� ही$. योही ल�ग तिकसे! क से�मंन झ6कन क लिलयो र�जै! नही! ही�� ही$ और तिकसे! क अंधा!न रहीन� इन्ही% पासे�� नहीe ही��� ही�. योही अंपान फ� सेल अंपान आपा ल न� पासे�� कर� ही$.से�यो� से प्रभी�ति+� इसे मं�ल��क  क ल�गN मं% सेभी! क� अंपान अंधा!न रखन क; च�ही� ही��! ही�. से�यो� प्रधा�न इसे मं�ल��क  क व्यलिA बहु� � जैस्+!, ति+द्वा�न , से�ग6र्ण! ही�� ही$ इनक व्य+ही�र मं% उ��र�� और स्+भी�+ मं% �यो�ल6�� क� भी�+ ही��� ही�. इनक� मंन�बल आत्मंबल से पारिरपा�र्ण� ही��� ही�. इन ल�गN मं% अंपान क�यो� स्+यो� करन क; यो�ग्यो�� क� प्रधा�न्यो ही��� ही� योही तिकसे! क भीर�से रही कर क�मं करन� पासे�� नहीe कर� ही$. +ही अंपान क� अंल्पा सेमंयो मं% ही! क6 शेल प्रशे�सेक बन� ल � ही$.एका म(ल�$का  का9 किवशे�षता�ए$ | Characteristics of Moolank - 1मं�ल��क  1 अंतिद्वाति�यो भी�+ से यो6A ही��� ही� इसेलिलयो योही { ष्टो ही� .इसेक� स्+�मं! ग्रही से�यो� ही� इसे मं�ल��क  +�लN क; प्र+\णित्ता रचन�त्मंक ही��! ही�. योही से�� स्+��त्र रहीन� च�ही� ही$, इसेक� अंपान� व्यलिAत्+ ही��� ही� ,कभी! कभी! इनक ति+च�रN मं इ�न! दृढा��� आ जै��! ही� तिक +ही  हीठ� भी! कही जै�� ही$ और जै� ल�ग इनक अंहीमं क� स्+!क�र कर ल � ही$ +ही इनक धिमंत्र ही� जै�� ही$ + जै� अंस्+!क�र कर � � ही$ +ही इनक शेत्र6 बन जै�� ही$.इन व्यलिAयोN मं% अंपान! पार�पार� क प्रति� आ�र भी�+ रही�� ही�. � शे भीलिA + तिनष्ठा� क� भी�+ भी! इनमं% पा�र्ण� रूपा से सेमं�तिही� रही�� ही�. इनक अं��र क6 छ नयो� करन क; च�ही हीमं शे� रही�! ही�. योही ल�ग अंपान लक्ष्यो क प्रति� सेच � रही� ही$ �था� उसे पा�र्ण� करन क लिलए तिनर��र अंग्रसेर रही� ही$. योही अंपान क�यो� क� पा�र! तिनष्ठा� ए+� लगन क से�था कर� ही$.योही नई ति+च�र धा�र� और नई से�च क से�था क�यो� कर� ही$. अंपान क�यो� मं% भी! योही अंपान! इसे से�झ-ब�झ क� �शे��न क� प्रयो�से कर� ही$. इन्ही% जै� क�मं दि�यो� जै��� ही� उसेमं% योही तिकसे! क� हीस्�क्ष पा पासे�� नहीe कर� और स्+च्छा�� रूपा से क�यो� करन क; च�ही� रख� ही$. इन्ही% क�मं मं% तिकसे! तिक र�क- टा�क पासे�� नहीe आ�!. से6न्�र और से6रुलिचपा�र्ण�  जै!+न इन्ही पासे�� ही�. योही से��यो� प्र मं! और कल� क पा6जै�र! ही�� ही$.म(ल�$का एका का9 कामिमर्य�M | से�यो� प्रधा�न जै��क मं क6 छ कमंजै�रिरयो�� यो� योही कही% तिक ब6र�इयो�� भी! सेमं�तिही� रही�! ही$. जै�से अंणिभीमं�न ,ल�भी ,अंति+नयो, दि�ख�+� ,जैल्�ब�जै!, अंही�क�र इत्यो�दि� क6 छ दुग6�र्ण इनक जै!+न क� प्रभी�ति+� कर� ही$. अंपान! इन कधिमंयोN क पारिरर्ण�मं स्+रूपा इनक� ति+क�से उलिच� प्रक�र से नहीe ही� पा��� और कई ब�र इन्ही% सेमंस्यो�ओं क� से�मंन� करन� पाड़ जै��� ही�, से�था ही! से�था योही अंपान दुश्मंनN क� नही! पाहीच�न पा�न क क�रर्ण उनसे पार शे�न! भी! झ ल� ही$.प्रत्यो क क�यो� मं% �खल � न क; आ�� क क�रर्ण न च�ही� हुए भी! योही दूसेरN क लिलए अंच्छा नहीe ही� पा�� . अंपान अंहीमं क क�रर्ण इसे मं�ल��क  क ल�ग कभी! - कभी! अंपान! हीठ मं% तिनर�क6 शे ही� जै�न� इनक स्+भी�+ मं% � ख� जै� सेक�� ही�. जै� इसे मं�ल��क  क ल�गN तिक बहु� बड़! कमंज़ो�र! ही��! ही�.एक मं�ल��क  +�ल व्यलिA दूसेरN पार जैल्� ही! ति+श्वा�से कर ल � ही$. इसे क�रर्ण इन्ही% कभी! कभी! धा�ख� भी! सेहीन� पाड़�� ही�.  धान कमं�न मं जिजै�न! मं हीन� कर� ही$, उ�न� ही! ख6ल ही�थाN से ल6टा�� ही$. इसेलिलयो इनक पा�से धान नही! दिटाक�� ही�. व्यथा� क दि�ख�+ से भी! बचन� च�तिहीए.म(ल�$का 2अं�क शे�स्त्र मं% �� मं�ल��क अंपान� ति+शे ष K�न रख�� ही�. मं�ल��क �� क� स्+�मं! ग्रही च�द्रमं� क� मं�न� गयो� ही�. च�द्रमं� लिशे�ल�� क� क�रक ही� योही! अं��मं�न क; भी�+न�ओं क� से�च�लन भी! कर�� ही�. हीमं�र भी!�र क; लिशे�ल�� उसे! क� आधा�र ही�. अंशे6भी च�द्रमं� मं�नलिसेक �न�+ � �� ही�, इसेक से�था ही! मं�नलिसेक ब!मं�रिरयो�3 भी! च�द्रमं� क क�रर्ण ही��! ही�.  सेमंस्� अंच्छा -ब6र ति+च�रN क� तिनधा��रर्ण च�द्रमं� क शे6भी �त्+ पार तिनभी�र कर�� ही�. मं�ल��क 2 +�ल ल�ग च�द्र� से प्रभी�ति+� ही�� ही$. तिकसे! भी! मंही!न क; 2, 11, 20 और 29 क� जैन्मं व्यलिAयोN क� मं�ल��क 2 ही��� ही�.च�द्रमं� मंन क� स्+�मं! ही� इसेलिलए �� मं�ल��क +�ल व्यलिAयोN क� मंन से+��धिधाक प्रभी�+शे�ल! ही��� ही�. मं�ल��क �� हृ�यो�� क� प्र�!क ही� योही द्वा��+��p मं�ल��क ही� इसे मं�ल��क क ल�ग अंन6+ षक प्र+\णित्ता क ही�� ही� किंकS�6 अंपान ति+च�रN क� ज्यो��� सेमंयो �क  तिक्रयो��ति+� नही! कर पा�� ही�. इसेक ग6र्ण शे�र!रिरक से ज्यो��� ब4जिद्धक रूपा मं अंधिधाक पारिरलणिक्ष� ही�� ही�.2 मं�ल��क +�ल व्यलिA कल्पान� शेलिA कल�तिप्रयो �था� कल�प्र मं! ही�� ही$, इनक; शे�र!रिरक शेलिA मंध्योमं बल से यो6A ही��! ही�, पारन्�6 मं�नलिसेक शेलिA उत्तामं ही��! ही� अं�: ब4जिद्धक क�मंN मं% � जै ए+� ब6जिद्धमं�न ही�� ही$.म(ल�$का <� व�ल- का� स्व�भा�व | �� मं�ल��क +�ल ल�ग सेभ्यो, सेहृ�यो, से6शे!ल, मं\दुभी�ष! ही�� ही$. चन्द्र �त्+ क; प्रधा�न�� क क�रर्ण इसेक� स्+भी�+ कल्पान�शे!ल�� से भीर� ही��� ही�.  इनक; मंन: स्थिKति� च�द्रमं� से प्रभी�ति+� ही�न क क�रर्ण च�द्रमं� क; भी��ति� ही! घटा�!-बढ़�! रही�! ही�. इनमं% K�धियोत्+ क� भी�+ ही��� ही�. मं�ल��क 2 क� चन्द्र ग्रही से�च�लिल� कर�� ही�. इसे क�रर्ण इसे मं�ल��क क व्यलिA अंत्योधिधाक भी�+6क ही�� ही$. चन्द्र ग्रही स्त्र! ग्रही मं�न� गयो� ही� अं�: मं�ल��क 2 +�ल अंत्यो�� क�मंल स्+भी�+ क ही�� ही$.म(ल�$का <� का9 किवशे�षता�एM | Features of Moolank 2मं�ल��क �� मं% अंणिभीमं�न नहीe ही���, इसे मं�ल��क +�ल ल�ग सेतिहीष्र्ण6, कल्पान�शे!ल, कल�त्मंक,प्र+\णित्ता और र�मं��दिटाक ही�� ही�. मं�ल��क 1क ही! भी��ति� यो अंन6+ षक प्र+\णित्ता क ही�� ही$ किंकS�6 अंपान ति+च�रN क� 1 मं�ल��क +�लN क; �रही तिक्रयो��ति+� नहीe कर पा�� ही$. इसेक ग6र्ण शे�र!रिरक से ज्यो��� ब4जिद्धक रूपा मं अंधिधाक पारिरलणिक्ष� ही�� ही$.इनक; ब6जिद्ध च��6यो� क�फ; अंच्छा� ही��� ही� �था� ब6जिद्ध ति++ क क क�योb मं% दूसेरN से ब�जै! मं�र ल जै�� ही$. एक ल�कतिप्रयो व्यलिA ही�� ही$ �था� स्+यो� क; मं हीन� से अंपान! से�मं�जिजैक प्रति�ष्ठा� भी! प्र�प्� कर ल � ही$.च�द्रमं� क प्रभी�+ स्+रूपा इसे मं�ल��क क व्यलिAयोN क; रूलिच से��+ पारिरष्क\ � ही��! ही$. योही ल�ग ब6र�ई मं% भी! अंच्छा�ई ढा��ढा ल � ही$. मं�ल��क �� +�ल ल�ग सेभ्यो, सेहृ�यो, से6शे!ल, मं\दुभी�ष! ही�� ही�. इनमं% दूसेरN क मंन क; स्थिKति� जै�न ल न क; क्षमं�� ही��! ही�. �� मं�ल��क +�ल ल�ग धिमंत्र बन�न मं सेक्षमं ही$, से��यो� प्र मं! भी! ही�� ही� इनमं% से��यो� ब�धा तिक अंच्छाp सेमंझ ही��! ही�.मं�ल��क �� मं% स्पष्टो�� क� भी�+ तिनतिही� ही��� ही� इनक; तिनश्छल�� + तिनष्कपाटा�� से सेभी! प्रभी�ति+� ही�� ही$ और इनक� सेम्मं�न कर� ही$. इन्ही% ल�गN से प्र मं भी! अंधिधाक प्र�प्� ही��� ही�. योही ल�ग अंक ल रहीन� पासे�� नहीe कर� इन्ही% तिकसे! न तिकसे! क� से�था अं+श्यो च�तिहीए ही��� ही�.

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म(ल�$का 2 का9  कामिमर्य�M | Difficulties of Moolank 2मं�ल��क �� +�ल ल�गN क अं��र एक ही! क�यो� क� लम्ब सेमंयो �क चल� पा�न� कदिठन ही��� ही� योही जै� क6 छ भी! से�च� ति+च�र� ही$ उन सेभी! पार दिटाक नहीe रही पा�� यो� �� क�यो� क� अंधा�र� छ�ड़ � � ही$ यो� तिफर क�यो� क� ल कर मंन ति+चलिल� ही! रही�� ही�. एक क�मं मं मंन नहीe लग� पा�� . अंपान आत्मंति+श्वा�से तिक कमं! भी! ही��! ही� इसे क�रर्ण ही!न भी�+न� क लिशेक�र भी! ही� जै�� ही$.मं�ल��क �� मं% उ��+ल�पान भी! बहु� ही��� ही� एक�ग्र�� क� अंभी�+ रही�� ही�. अंत्योधिधाक भी�+6क ही�� ही$ अं�: तिकसे! तिक भी! ब��N मं% जैल्� ही! आ जै�� ही$. इनमं% ति+च�रN और यो�जैन�ओं क प्रति� उतिद्वाग्न��, अंस्थिKर��, तिनर��र�� क� अंभी�+ ही��� ही�. आत्मंति+श्वा�से क; कमं!. यो अंत्योधिधाक से�+ �नशे!ल ही�� ही�. योदि� इन्ही% इनक मंन मं6��तिबक मं�ही4ल न� धिमंल% �� यो शे!घ्र तिनर�शे ही� जै�� ही�.आपा स्+भी�+ से शे�क�ल6 भी! ही�� ही$ अंन्यो क दु:ख ��� से जैल्� पार शे�न ही�  जै�न� इनक; कमंजै�र! ही�. मं�ल��क �� +�ल   मं�नलिसेक रूपा से �� स्+K ही$ ल तिकन शे�र!रिरक रुपा से आपा कमंजै�र ही�� ही$ योही ल�ग शे�र!रिरक क�यो� क ब�ल मं�नलिसेक क�यो� करन मं% ज्यो��� ब ही�र ही�� ही$.आपा स्+भी�+ से शे�क�ल6 भी! ही�� ही$.दूसेरN क दु:ख ��� से आपा पार शे�न ही� जै�न� आपाक; कमंज़ो�र! ही�.म(ल�$का 3 मं�ल��क �!न अं�क शे�स्त्र क� एक प्रभी�+शे�ल! मं�ल��क ही�. मं�ल��क �!न क अंधिधाष्ठा��� ग्रही ब\हीस्पति� ही$ अं�: मं�ल��क �!न क व्यलिAयोN पार ग6रू ग्रही क� बहु� प्रभी�+ ही��� ही�. पा�श्चा�त्यो ज्यो�ति�ष अंन6से�र भी! इसे मं�ल��क क जै��क ग6रु (ब\हीस्पति�) क प्रभी�+ से यो6A रही� ही$. मं�ल��क �!न क� तित्रभी6जै क� पारिरच�योक मं�न� जै��� ही�, इसे बल, च �न� ए+� पा��था� पार तिनयो�त्रर्ण करन +�ल� मं�न� गयो� ही�. मं�ल��क 3 मं�नलिसेक क्षमं�� + ति++ क क� क�यो� करन +�ल� ही��� ही�. मं�ल��क 3 से�हीसे, न �\त्+ क ग6र्णN से यो6A ए+� मंहीत्+�क��क्ष� से भीरपा�र ही��� ही�. जिजैनक� जैन्मं तिकसे! भी! मंही!न क;  3, 12, 21, यो� 30 ��र!ख़ क� हुआ ही� ,उनक� मं6ल��क 3 ही��� ही�.म(ल�$का 3 का9 किवशे�षता�एM | Characteristics of Moolank 3मं�ल��क �!न क व्यलिAयोN मं% मंहीत्+�क��क्ष! प्र+\णित्ता, शे�सेन करन क; च�ही, अंन6शे�सेन क; यो�ग्यो�� जै�से स्+भी�ति+क ग6र्ण ही�� ही$. मं�ल��क �!न से प्रभी�ति+� ल�ग रक्ष�, र�जैक;यो, प्रशे�सेतिनक, पा��धिधाक�र! अंथा+� तिकसे! भी! ति+भी�ग क� अंध्योक्ष ही� सेक� ही$.मं�ल��क 3 +�ल व्यलिA से�� स्पष्टो+��p स्+भी�+ क ही�� ही$, योही अंपान क�योb क� ल कर सेच � रही� ही$ और तिकसे! भी! भ्रां��ति� से स्+यो� क� दूर रखन क� प्रयो�से कर� ही$. मं�ल��क �!न अंपान क�योb मं% लिशेलिथाल�� नहीe आन � �� ही�.मं�ल��क �!न +�लN मं% ति+च�रN क� स्पष्टो अंन6मं��न करन क; प्र+\णित्ता ही��! ही� अंपान इसे स्पष्टो स्+भी�+ क क�रर्ण ल�ग इन्ही% पासे�� कर� ही$. अंपान न�ति�क�� से भीरपा�र ति+च�रN द्वा�र� योही सेभी! क हृ�यो मं% सेमं� जै�� ही$.ग6रु ग्रही क प्रभी�+ +शे इनक ति+च�रN मं% धा�र्मिमंSक�� क� सेमं�+ शे ही��� ही�, इसे क�रर्ण धामं�-कमं� क क्ष त्र मं% इनक� अंच्छाp उपालस्ति�यो�3 ए+� ख्यो�ति� प्र�प्� ही��! ही�.मं�ल��क 3 क जै��क नई ख�जैN ए+� नई K�पान�ओं क; च�ही मं% लग रही� ही$. मं�ल��क �!न अंध्योनशे!ल ही�कर तिनर��र मं�नलिसेक ख�जैN मं% लिलप्� रही� ही$ इसे क�रर्ण ति+द्या� अंध्योयोन, अंध्यो�पान जै�से ब4जिद्धक क�योb मं योही सेफल�� प्र�प्� कर� ही$.मं�नलिसेक रूपा से सेमं\द्ध ही�� ही$, तिकसे! भी! ति+षयो क� सेमंझन क; इनमं% क्षमं�� बहु� अंच्छाp ही��! ही�, �क� ए+� ज्ञा�न शेलिA द्वा�र� योही दूसेरN क� प्रभी�ति+� कर� ही$.मं�ल��क �!न +�लN क; से�मं�जिजैक स्थिKति� इनक; क�फ; अंच्छाp रही�! ही� योही तिकसे! क� भी! अंतिही� नहीe कर� ही$ �था� सेमं�जै मं% यो अंग्रर्ण! K�न भी! प्र�प्� कर� ही$. स्+भी�+ से यो शे���, क�मंल हृ�यो, मं\दु+�र्ण! ए+� सेत्यो+A� ही�� ही$.मं�ल��क �!न ��+! ग6र्णN से यो6A मं�न� जै��� ही� इसेमं% आध्यो�त्मं+��p�� �था� आकष�क स्+भी�+ ही��� ही�. योही हीर पारिरस्थिKति�योN मं% स्+यो� क� प्रसेन्नलिच� रखन क� प्रयो�से कर� ही$. तिक�न! ही! ब�धा�ए3 आ जै�ए3 यो ति+चलिल� नहीe ही�� और आत्मंति+श्वा�से द्वा�र� धा�यो� ए+� शे��� लिच� से क�यो� क� कर� रही� ही$.म(ल�$का ता�न का9 कामिमर्य�M | Demerits of Moolank 3�!न क� स्+�मं! ग6रु ही� इसे क�रर्ण इसे मं�ल��क मं% अंन6शे�सेन क प्रति� क�फ; कठ�र�� क� भी�+ रही�� ही� और योही शे�सेक जै�से व्य+ही�र कर�� ही� क�मं मं% ढाpल ब���श्� नहीe कर� अं�: अंपान इसे स्+भी�+ क क�रर्ण इसेक अंधा!न क�यो�र� कमं�च�र! इनक ति+र�धा! भी! बन सेक� ही$.क�ई भी! नयो� क�यो� शे6रू करन पार उसे पा�र्ण� ही�न से पाहील ही! यो उसे ब!च मं% ही! छ�ड़ � � ही$. इनक; एक बड़! कमंज़ो�र! योही ही� तिक यो अंसेफल नहीe ही�न� च�ही� अं�: सेफल�� न धिमंलन पार योही घ�र तिनर�शे� मं% चल जै�� ही$ और इसे क�रर्ण आपाक क�यो� प्रभी�ति+� ही�न लग� ही$ अं�: इन ब��N से बचन क; आ+श्योक�� ही�.धान क� से�ग्रही इनक लिलए कदिठन ही��� ही� क्योNतिक यो ल�ग खच� करन पार हीजै�रN रुपायो खच� कर � � ही$ इसे क�रर्ण आ+श्योक�� पाड़न पार धान क; कमं! खल�! ही� ओर �कल!फ़ मं% जै!+न व्य�!� करन� पाडा सेक�� ही� इसेलिलए इसे ब�� पार हीमं शे� ध्यो�न �% तिक ‘� � पा��+ पासे�रिरए, जै �! ल�ब! से4रिर’, इसेक अंन6से�र क�यो� करन पार आपा जै!+न मं% सेफल और से6ख! रही%ग .मं�ल��क �!न +�लN मं% न�ति�क�� + अंन6शे�सेन मं% रहीन क; च�ही ही��! ही� इसे क�रर्ण योही स्+यो� अंपान तिनयोमं + क�न�न बन�न लग� ही� �था� इन क�न�न� क� पा�लन कर�न क लिलयो अंड़ जै�� ही�. इसे! क�रर्ण झगड़�ल� प्र+\णित्ता क नही! ही�� हुयो भी! ल�ग इन्ही% झगड़�ल� ए+� दुश्मंन सेमंझन लग� ही$.मं�ल��क �!न +�ल व्यलिA बहु� स्+�णिभीमं�न! ही�� ही� और तिकसे! प्रक�र क� एहीसे�न ल न� इन्ही% पासे�� नही! आ�� योही स्+��त्र रहीन� पासे�� कर� ही$ र�क टा�क ही�न पार क्र�धिधा� ही� जै�� ही�.मं�ल��क �!न +�ल शे��� स्+भी�+ ही�न क ब�+जै�� जैल्�ब�ज़ो! मं% भी! ख�ब रही� ही$ और अंच्छा स्+भी�+ क ही�न क ब�+जै�� कई ब�र तिकसे! क; पार+�ही तिकए बग�र खर! ब�� कही � � ही$. जिजैसेसे ल�ग इनक दुश्मंन भी! ही� सेक� ही$.मं�ल��क �!न मं% शे�सेन तिक प्र+\णित्ता ही�न क क�रर्ण योही ��न�शे�ही ही� जै�� ही$ इसे क�रर्ण दूसेरN क लिलए दुश्मंन बन जै�� ही$ अंपान से��+ क +च�स्+ ही�लिसेल करन क; प्र+\णित्ता पार तिनयो�त्रर्ण रख%. मं�ल��क �!न +�ल जिजैद्दीp भी! ही�� ही$, इन्ही% शेत्र6 और धिमंत्र क; पाहीच�न नहीe ही��!, इसे क�रर्ण इनक जै!+न मं% ग6प्� शेत्र6 भी! ही� सेक� ही$.म(ल�$का 4 मं�ल��क च�र मं�ल��क ज्यो�ति�ष क प्रमं6ख अं�कN मं% से एक ही�. मं�ल��क 4 क� से�यो� क धान�त्मंक रूपा अंथा+� र�हु क� पारिरच�योक मं�न� जै��� ही�. भी�र�!यो अं�कशे�स्त्र मं% 4 मं�ल��क क� अंधिधाष्ठा��� ग्रही र�हु ही� और पा�श्चा�त्यो मं��न6से�र मं�ल��क 4 क प्रति�तिनधा ग्रही ''हीष�ल'' अंथा��� यो�र नसे क� मं�न� जै��� ही�. मं�ल��क 4 क� से�ब�धा से�यो� �था� मं�ल��क 1 से मं�न� जै��� ही�. मं�ल��क च�र क जै��कN क जै!+न मं% उ��र-चढ़�+ बन रही� ही$ और जै!+न क; योही पारिरस्थिKति�यो�� अंच�नक ही! आ�! ही$ जिजैनक; इन्ही% कल्पान� भी! नहीe ही��!. 4, 13, 22, 31 ��र!ख क� जैन्मं% व्यलिAयोN क� मं�ल��क 4 ही��� ही�.म(ल�$का 4 का9 किवशे�षता�ए$ | Characteristics of Moolank-4मं�ल��क च�र क व्यलिA से�घष�शे!ल ही�� ही$. मं�ल��क 4 अंपान� एक अंलग ति+च�र प्रस्�6� कर�� ही�, इनक; ति+च�रधा�र� आमं ल�गN से प्र�यो) अंलग ही��! ही�, इसे क�रर्ण इसे जै��क क कई धिमंत्र, ति+र�धा! यो� शेत्र6 ही� जै�� ही$. इनक व्य+ही�र मं% ति+र�धा क; प्रमं6ख�� ही��! ही� जै� जै!+न क प्रत्यो क मं�ड़ पार दि�ख�ई � �! ही�. इसे क�रर्ण ल�ग इन्ही% लड़�क� + झगडा��ल� भी! सेमंझ ब�ठ� ही$मं�ल��क च�र क जै��क सेमं�जै से6धा�रक, प्र�च!न प्रथा� क उन्मं�लक �था� आधा6तिनक प्रथा� क� अंपान�न +�ल ए+� से�K�पाक ही�� ही$. सेमं�जै मं% व्य�प्� रूदिढ़योN क� दूर करन क� प्रयो�से कर� ही$मं�ल��क च�र पार र�हु क� प्रभी�+ पाड़�� ही� इसे क�रर्ण च�र मं�ल��क क ल�ग से�हीसे, प्रगति�, ति+ध्+�से, ति+स्फो�टा, आश्चायो�जैनक क�यो�, �था� अंसे�भी�ति+� क�यो� करन +�ल ही�� ही$.4 मं�ल��क +�ल से�मं�जिजैक�� + र�जैन!ति� क्ष त्र मं% भी! न+!न�� ल�न मं% ति+श्वा�से रख� ही$. च�र मं�ल��क +�ल सेहीजै�� पा�+�क यो� जैल्� ही! तिकसे! से से�ब�धा K�तिपा� अंथा+� धिमंत्र�� नहीe कर पा�� ही$ किंकS�6 जैब धिमंत्र बन� ल � ही$ �� बहु� अंच्छा धिमंत्र से�तिब� ही�� ही$.इनक� व्यलिAत्+ रहीस्योमंयो ही��� ही�,�था� जै!+न मं% ल�भी-ही�तिन, उत्था�न-पा�न आकस्तिस्मंक ही��� ही�. इनक; मंन:स्थिKति� क� पा�� लग�न� कदिठन ही��� ही�. अंपान! मंहीत्+पा�र्ण� ब��N क� ग�पान!यो�� क से�था से�भी�ल रख� ही$. र�हु क; रहीस्यो�त्मंक�� इनक चरिरत्र मं% पारिरलणिक्ष� ही��! ही�.मं�ल��क च�र क जै!+न मं% सेहीसे� ए+� आश्चायो�जैनक प्रगति� ही��! ही�, जै!+न मं% अंन क अंसे�भी�ति+� घटान�यो% भी! घटा सेक�! ही$. मं�ल��क 4 +�ल कभी! �� उच्च�� क लिशेखर पार ही�� ही$ और कभी! योही न्यो�न�� क� पा�� ही$, इनक� तिनर��र क�यो� मं% लग रहीन� पाड़�� ही� और नयो -नयो पारिर+��न �था� आति+ष्क�रN से योही अंपान न�मं क� र4शेन करन क� प्रयो�से कर� ही$.

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मं�ल��क च�र मं% न+!न�� क� सेमं�+ शे ही��� ही� पा6र�न! प्रथा�ओं, र!ति�योN क ति+र�धा! ही�� ही$ �था� उनमं% से6धा�र करन क� प्रयो�से भी! कर� ही$ सेमं�जै मं% पारिर+��न ल�न क� प्रयो�से कर� ही$. अंपान क�योb द्वा�र� प्र�च!न प्रथा�ओं क� न+!न रूपा � न क; क�लिशेशे कर� ही$.इनक जै!+न क� मं�ल रहीस्यो योही ही� तिक तिकसे! भी! पारिरस्थिKति�योN क; पार+�ही नहीe कर� �था� अंन6शे�सेन और दृढ़ से�कल्पा द्वा�र� योही ति+पार!� पारिरस्थिKति�योN से भी! तिनकल आ� ही$.म(ल�$का 4 का9 कामिमर्य�$ | Demerits of Moolank-4अंपान जै!+न मं% यो धान से�ग्रही अंधिधाक नहीe कर पा�� ही$, व्ययो अंधिधाक कर� ही$ इन जै��कN क� ढा र से�र� रुपायो� धिमंल �� उसे अंधिधाक से�च सेमंझ बग�र खच� कर डा�ल� ही$. अं�: इन्ही% अंपाव्ययो करन पार तिनयो�त्रर्ण �था� धान से�चयो करन� च�तिहीए.न�मं, योशे अंधिधाक प्र�प्� कर� ही$ योदि� यो अंपान! से�घष� करन क; प्र+\णित्ता पार अं�क6 शे रखकर, सेहीनशे!ल �था� सेतिहीष्र्ण6 बन सेक% और शेत्र6�� कमं पा��� कर%, �� अंपान जै!+न मं% अंधिधाक सेफल�� अंर्जिजैS� कर� ही$.मं�ल��क च�र क जै��कN क� अंधिधाक क्र�धा भी! आ�� ही� �था� योही �6नकधिमंजै�जै +�ल ही�� ही$. कभी!-कभी! अंत्योधिधाक {मं ए+� मं�नलिसेक थाक�न क क�रर्ण लिसेर���, गमं� से उत्पान्न र�ग, मं�नलिसेक �न�+ आदि� क� से�मंन� करन� पाड़�� ही�.मं�ल��क 4 +�ल अंपान स्+भी�+ �था� ति+च�रधा�र� मं% ब�ल�+ ल�न क� प्रयो�से कर% और प्रति�द्वा�खिन्द्वा�� �था� से�घष� करन +�ल! प्र+\ति� क� त्यो�ग कर �%, �� हीर क्ष त्र मं% सेफल ही� सेक� ही$.मं�ल��क च�र क जै��कN क� पा�रिर+�रिरक और ��म्पूत्यो जै!+न क6 छ क्ल शेयो6A भी! रही�� ही�. इन्ही% पात्न! क स्+�स्थ्यो क; से��+ सिंचS�� बन! रही�! ही�. योदि� पारिर+�र क से�स्यो उनक; � खभी�ल कर� ही$, �� भी! + अंपान क� हीमं शे� अंक ल� ही! सेमंझ� ही$ इनक� अंक ल�पान दूर नहीe ही� पा��� ही�.मं�ल��क च�र +�ल कई ब�र + बहु� स्+�था� भी! बन जै�� ही$ और अंपान मंन क� अंक�रर्ण दु)ख � � ही$, इसे क�रर्ण ही��शे� मं% जै!+न व्य�!� कर� ही$ और अंधिधाक दु)ख! रही� ही$.मं�ल��क च�र +�ल बहु� ही! से�+ �नशे!ल ही�� ही� .इनक; भी�+न�ओ क� शे!घ्र ही! ठ से पाहुच�!  ही� योही अंपान आपाक� यो अंक ल� मंहीसे6से कर� ही�  �था�  अंपान आपा क� ही��शे और तिनर�शे मंहीसे�से कर� ही�मं�ल��क च�र क ल�ग अंलग ही! दृधिष्टोक�र्ण अंपान�� ही$ तिकसे! बहीसे यो� पारिरचच�� मं ति+र�धा! रुख अंपान�� ही� .इसे क�रर्ण कभी! कभी! अंन्यो ल�ग इन्ही% स्+�था� ए+� झगड़�ल6 सेमंझ सेक� ही� और इनक शेत्र6 भी! बन जै�� ही$ पारन्�6 यो ऐसे ही�� नही! ही�.दूसेरN क पार�मंशे� तिबन� क6 छ भी! नही! कर सेक� ही� .इसे क�रर्ण स्+��त्र तिनर्ण�यो ल न� कदिठन ही��� ही�. कई ब�र दूसेरN क� ही�तिन पाहु3च� कर अंपान� स्+�था� भी! लिसेद्ध कर ल � ही� पार��6 इन्ही% ब�� मं% अंपान! गल�! क� पाश्चा���पा भी! ही��� ही�.म(ल�$का 5 | जिजैन व्यलिA क� जैन्मं तिकसे! भी! मंही!न क; 5,14,+ 23 ��र!ख क� हुआ ही� उनक� मं�ल��क 5 ही��� ही�. मं�ल��क 5 क� मं6ख्यो ग्रही ब6धा ही�, जै� ब6जिद्ध क� प्र�!क ही�.  इसे मं�ल��क क व्यलिA बहु� सेच � ए+� ति+न�� तिप्रयो, झगडाN से दूर रहीन +�ल �था� ज्ञा�न से पा�र्ण� ही�� ही$. मं�ल��क 5 क ल�गN मं% क6 छ ल�ग हीठ� स्+भी�+ क भी! ही�� ही$,  योही जैन्मं-जै�� भी�ग्योशे�ल! ही�� ही$.  इसे मं�ल��क +�ल व्यलिA ति+लक्षर्ण प्रति�भी� और से6झब6झ +�ल ही�� ही� .ति+च�र+�न ,ब6जिद्धमं�न ,ति+न��तिप्रयो ,और भी4ति�क से6खN क� ग्रही करन +�ल ही�� ही$. ब6धा क प्रभी�+ क क�रर्ण इनमं% �क� शे�स्त्र क ग6र्ण ति+र�जैमं�न ही�� ही$ योही एक सेफल व्य�पा�र! ही� सेक� ही$.म(ल�$का पू�$चा का� स्व�भा�व और ग�र्ण | इसे मं�ल��क +�ल व्यलिAयोN क� ब4जिद्धक�� क प्रति� झ6क�+ ही��� ही� .ति+च�रN और तिनर्ण�यो ल न मं यो व्यलिA तिनपा6र्ण ही�� ही� .ऐसे व्यलिA पारिर{मं करन से करन से बच� ही� .मं�ल��क पा��च शे!घ्र�� से धान कमं� ल न क स्र�� ख�जैन क� प्रयोत्न कर� ही$. धान�पा�जै�न क नयो र�स्� और �र!क ख�जैन क� प्रयो�से कर� ही$. मं�ल��क 5 +�लN क स्+भी�+ मं% च�चल�� ही��! ही� �था� योही जैल्�ब�जै! से क�यो� कर� ही$.म(ल�$का 5 का9 किवशे�षता�ए$ | Characteristics of Moolमं�ल��क पा��च +�लN क ति+च�रN मं% � जै! � ख! जै� सेक�! ही�. इनक  ति+च�र बहु� ही! द्रु�ग�मं! ही�� ही� .तिनर्ण�यो �6र�� ल � ही� �था� क�यो� क� बड़! � जै! क से�था पा�र्ण� कर� ही� .इन्ही% अंधिधाक धान कमं�न क; च�ही ही��! ही� �था� ऐसे क�यो� करन मं ति+श्वा�से ही��� ही� जिजैसेसे धान जैल्�p प्र�प्� ही� सेक , इन्ही% व्य+से�यो करन� अंच्छा� लग�� ही� ब�धा! ब�धा�ई न4कर! ओर आयो इन्ही% पासे�� नहीe ही��! अं�: योही बहु-व्य+से�यो!  ही�� ही$ + एक से�था कई क�यो� करन क; च�ही� रख� ही$.मं�ल��क पा��च क व्यलिA मं% कमं�ठ�� क� +�से ही��� ही� योही अंपान� क�मं दूसेरN पार नहीe छ�ड़� इन्ही% नए क�यो� करन क� ए+� लिसेखन क� शे4क ही��� ही�. तिकसे! भी! क�यो� क� बहु� ही! जैल्�p से!ख ल � ही�. योही कमं� �� कर� ही� ल तिकन भी�ग्यो+��p भी! ही�� ही� और भी�ग्यो क मंहीत्+ क� स्+!क�र कर� ही$.ब6धा-ग्रही क प्रभी�+ स्+रूपा इनमं% +�क� पाटा6�� ए+� �क� शेलिA अंच्छाp ही��! ही� इसेसे योही ल�गN क� अंपान! ओर आकर्तिषS� कर सेक� ही$.ऐसे र�जैग�र क; ओर उन्मं6ख ही�� ही$ जिजैसेमं% कमं मं हीन� �था� शे!घ्र सेफल�� से अंधिधाक ल�भी प्र�प्� ही�. ब6धा से प्रभी�ति+� जै��क क6 शेल व्य+से�यो!, ब6जिद्धमं�न, ति+द्वा�न, सेटा� टा ब�जै �था� शे!घ्र ल�भी ही�न +�ल व्य+से�यो क; ओर ति+शे ष आकर्तिषS� ही�� ही$.म(ल�$का 5 का9 कामिमर्य�$ |  Drawbacks of Moolank-5आ+श्योक�� से अंधिधाक क�यो� करन से इन्ही% बचन क� प्रयो�से करन� च�तिहीए, अंधिधाक मं�नलिसेक ए+� शे�र!रिरक {मं करन से स्न�यो6 दुब�ल�� से पा!तिड़� ही� सेक� ही$ + मं�छ�� आदि� र�ग ही�न क; आशे�क� उत्पान्न ही� सेक�! ही� �था� व्यलिA क� लिचड़लिचडा��पान और ग6स्से� अंधिधाक आ�� ही�. ब6धा ग्रही स्न�यो6 मं�डाल क� अंधिधाष्ठा��� ही� और इसेसे प्रभी�ति+� व्यलिA अंपान! स्न�योति+क तिक्रयो�ओं क� अंधिधाक व्ययो कर ल � ही$.मं�ल��क 5 क व्यलिA ब6धा क; भी�3ति� च�चल और अंस्थिKर प्रक\ ति� क ही�� ही$.  हीमं शे� सिंचS�� कर� हुए जै!� ही$, क्र�धा +�ल ही�� ही�.मं�ल��क पा��च +�लN क� घर से ज्यो��� ब�हीर रहीन� अंधिधाक पासे�� आ�� ही�. मं�ल��क 5 +�ल जै��क अंन क ब�र सेत्यो क� जै�नन क ब�+जै�� भी! अंपान� हीठ नहीe छ�ड़ पा�� �था� झ�ठ� कल्पान� �था� सिंचS�� कर� हुए जै!+न मं% दुख! रही� ही$.ति+द्या� मं% इनक; अंच्छाp रुलिच ही��! ही�, पारन्�6 यो पा�र्ण� ति+द्या� ग्रहीर्ण नहीe कर पा�� यो� ब!च मं% ही! अंध्योयोन क�यो� छ�ड़न� पाड़�� ही�.मं�ल��क पा��च +�ल व्यलिAयोN क� शेर!र न�जै क ही��� ही� अं�: अंपान स्+�स्थ्यो क� ध्यो�न रखन क; बहु� आ+श्योक�� ही��! ही�.म(ल�$का 6 मं�ल��क  छ +�ल अंपान क�मं क प्रति� सेमंर्तिपाS� ए+� क�योb क� करन मं दृढ़ रही� ही$. मं�ल��क 6 शे6क्र से प्रभी�ति+� ही�न क क�रर्ण प्र मं क� प्र�!क ही��� ही�, इनक� प्र मं मं��\त्+ भी�+ से यो6A ही��� ही�. शे6क्र क प्रभी�+ स्+रूपा योही  से4न्�यो� प्र मं!, कल�त्मंक क प्रति� आकर्तिषS� ए+� से�ग!� क प्रति� रुझ�न लिलए ही�� ही$. जिजैन व्यलिAयोN क� जैन्मं 6, 15, 24 ��र!ख क� हुआ ही� उन जै��कN क� मं�ल��क 6 ही��� ही�.मं�ल��क  6 क� स्+�मं! शे6क्र ग्रही ही$ इसे मं�ल��क  क स्+�मं! ग्रही क क�रर्ण इन जै��कN मं% अंपान लिलए कई प्रक�र तिक भी�+न�ओं क� � ख� जै� सेक�� ही� इसे प्रक�र योदि� +ही अंपान लिलए कई �थ्योN क ति+षयो मं% ति+च�र कर �� मं�ल��क 6 मं�ल��क +�लN क लिलयो मं�गल, ब\हीस्पति�, और शे6क्र दि�न उलिच� मं�न जै�� ही$.म(ल�Mका 6 का� स्वभा�व | Nature of Moolank 6शे6क्र ग्रही मं च6म्बक;यो ग6र्ण मं4जै�� ही�� ही$ इसे क�रर्ण इसे मं�ल��क 6 क जै��कN मं% दूसेर व्यलिAयोN क� अंपान! ओर आक\ ष्टो करन क; ब ही�र!न क्षमं�� ही��! ही�. शे6क्र क� क�मं� + क� प्र�!क मं�न� गयो� ही� अं�: इसे छही मं�ल��क क व्यलिA मं% दूसेरN क� आकर्तिषS� करन �था� रति� तिक्रयो�ओं मं च�6र�� क� भी�+ सेमं�ही!� ही��� ही�.मं�ल��क  6 मं मं4लिलक प्र मं भी�+न� तिनतिही� ही��! ही�, जिजैसे प्यो�र क; से�ज्ञा� �p जै� सेक�! ही�. इसे मं�ल��क  क जै��क सेभी! ल�गN से प्र मं करन तिक अं�भी6� क्षमं�� रख� ही$. इसे मं�ल��क  क ल�गN मं% प्र मं ए+� र�मं��दिटाक भी�+न� क� सेमं�+ शे ही��� ही� योही  से��यो� + प्र मं से यो6A ही�� ही$.मं�ल��क  छ क व्यलिA मं% अंच्छा धिमंत्र बन�न क; इच्छा� �था� कल�पा�र्ण� च!जैN से प्र मं प्र+\णित्ता ही��! ही�, योही से6न्�र से�जै- से�मं�न क�  शे4क रख� ही$ और स्+यो� भी! ख�ब सेजै - धाजै रही� ही�. फ6 हीड़पान और गन्�ग!  इन्ही पासे�� नही! ही��! ही� �था� ल�ग स्+�) इनक; ओर आक\ ष्टो ही� जै�� ही�.म(ल�$का  6 का9 किवशे�षता�एM | Characteristics of Moolank 6मं�ल��क  6 मं% ति+लक्षर्णप्रति�भी� और से6झब6झ क� सेमं�+ शे ही��� ही�. योही ति+च�र+�न ,से4म्यो ,ति+न��तिप्रयो �था� भी4ति�क से6खN क� प्र�!क ही�. इसे मं�ल��क  +�ल व्यलिA �क� शे�स्त्र ,ज्यो�ति�ष, सेफल व्य�पा�र! ही�� ही$. इसे मं�ल��क +�ल व्यलिA अंपान ही! ढा�ग से क�मं करन क; च�ही रख� ही$.मं�ल��क 6  +�ल ल�ग सेभी! मं�ल��क  +�ल ल�गN से धिमंत्र�� बन�न मं सेक्षमं ही�� ही$ इसे क�रर्ण इनक बहु� से धिमंत्र ही�� ही$. मं6ख पा हीमं शे� मं6स्क6 र�हीटा लिलए ही�� ही$, इसे! क क�रर्ण योही दूसेरN क� अंपान� बन� ल � ही�.

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मं�ल��क  छ +�लN क� स्+भी�+ ही3सेमं6ख, शे4क;न धिमंज़ो�जै + कल�प्र मं! ही��� ही�. इसे मं�ल��क  क व्यलिAयोN मं% ख�ओ तिपायो� और मंस्� रही� +�ल! ब�� एक�मं सेटाpक ब�ठ�! ही�.मं�ल��क  6 +�लN क� स्+�भी�+ बहु� ही! च�चल ही��� ही� योही ल�ग एक ही! ति+षयो पार अंधिधाक � र �क सिंचS�न नही! कर पा�� और इनक मंन क� रहीस्यो जै�नन� बहु� ही! मं6स्तिश्कल ही��� ही�.मं�ल��क  छ क व्यलिA घ�मंन तिफरन मं अंधिधाक रुलिच रख� ही$. मं�ल��क  6 +�ल योदि� तिकसे! से प्र मं कर� ही$ �� उसेक लिलयो सेबक6 छ क6 ब��न कर करन क� ��यो�र रही� ही$.ख6ल ही�थाN से खच� कर� ही$ और सेजैन� से�+रन� इनक� अंच्छा� लग�� ही�, आपा ति+ल�लिसे�� और से6��र�� क; से�मंग्र! जै6टा�� रही� ही�. आधा6तिनक कपाड़N ए+� ब ही�र!न पाहीन�+ क� शे4क  रख� ही$.म(ल�$का  6 का9  कामिमर्य�M | Demerits of Moolank 6मं�ल��क  छ +�लN क� अंपान भी!�र से हीठ क� त्यो�ग करन� च�तिहीए शे��� मंन से ति+च�र द्वा�र� योदि� ति+च�र कर%ग �� अंपान अंहीमं क भी�+ क� तिनयो�त्रर्ण मं% कर सेक� ही$.मं�ल��क  6 +�ल ज्यो��� सेमंयो �क अंक ल नहीe रही सेक� . इन्ही% धिमंत्रN क; आ+श्योक�� रही�! ही� योदि� इन्ही% क्र�धा आ�� ही� �� यो तिकसे! प्रक�र क� ति+र�धा सेहीन नही! कर� ही$.मं�ल��क  छ +�ल तिकसे! मं��क पा��था� क जैल्� लिशेक�र ही� सेक� ही$ योदि� नशे� कर� ही$ �� तिकसे! भी! नशे से दूर रही% यो� ही� सेक �� नशे क; आ�� क� से!मं� से मं% ही! रख%अंधिधाक उ��+ल पान, �6नकधिमंजै��जै!, शे!घ्र क्र�धिधा� ही�न से बच% कथान क� सेमंझन क� प्रयो�से कर%. मं�नलिसेक रूपा से बहु� से�+ �नशे!ल ही�� ही� .उत्ता जैन� इनक स्+भी�+ मं ही� .हीर ब�� पार अंतिडाग रहीन� अंच्छा� नहीe ही��� अंपान! से�च मं% लच!ल�पान रख% कभी! कभी! तिकसे! और क; भी! ब�� मं�न कर � ख%.शे6क्र क प्रभी�+ क क�रर्ण मं�ल��क  6 +�ल भी�ग – ति+ल�लिसे�� क चक्कर मं पाड़ सेक� ही$ इसेलिलए अंपान! इसे आ�� पार तिनयो�त्रर्ण रखन क� प्रयो�से कर%मं�ल��क  छ +�लN मं% ति+पार!� सिंलSग! क प्रति� आकष�र्ण ही�न� से�मं�न्यो ब�� ही� इसेक� क�रर्ण शे6क्र क� प्रभी�+ ही� किंकS�6 इन्ही% अंपान! इसे आ�� पार से�योमं रखन तिक आ+श्योक�� ही�न! च�तिहीए.मं�ल��क 6 क� स्+भी�+ जिजैद्दीp ही��� ही�,एक ब�र तिकसे! क प्रति� क�ई मं� बन� ल � ही$, �� उसे ति+च�र क� कभी! छ�ड़� नहीe ही$. मं�ल��क  छ �क� -ति+��क करन +�ल� ही��� ही�. ऐसे व्यलिA शे�ररिरक पारिर{मं क क�यो� करन से बच� ही$.म(ल�$का 7मं�ल��क से�� क� स्+�मं! ग्रही क �6 ही�. और इसे क�रर्ण मं�ल��क 7 क जै��क क �6 ग्रही से प्रभी�ति+� रही� ही$. तिकसे! भी!  मं�ही क; 7, 16, 25 ��र!ख क� जैन्मं व्यलिAयोN क� मं�ल��क 7 ही��� ही�. पा�श्चा�त्यो ति+द्वा�न मं�ल��क 7 क� स्+�मं! न पाच्यो�न ग्रही क� मं�न� ही$. न प्च्यो�न क� स्+भी�+ ''+रुर्ण'' क सेमं�न मं�न� गयो� ही� अं�: योही जै��क जैल क; भी��ति� सेभी! स्थिKति� से सेमंझ4�� करन +�ल ही�� ही$ योही शे��� स्+भी�+ क ही�� ही$. क �6 क प्रभी�+ क क�रर्ण इनक स्+भी�+ मं% रहीस्यो�त्मंक�� क� भी�+ भी! तिनतिही� ही��� ही�.मं�ल��क ज्यो�ति�ष क आधा�र पार मं�ल��क से�� क अंधिधाष्ठा��� भी�र�!यो मं��न6से�र क �6 ए+� पा�श्चा�त्यो मं��न6से�र न पाच्यो�न ग्रही क� मं�न� गयो� ही�. इन ग्रहीN क प्रभी�+ से योही प्रभी�ति+� ही�� ही$. मं�ल��क से�� मं% कल्पान� शेलिA अंधिधाक ही��! ही�. ललिल� कल�ओं, ल खन, से�तिहीत्यो आदि� मं% इनक; रूलिच अंधिधाक ही��! ही�. मं�ल��क से�� क स्+भी�+ मं% उ��र-चढ़�+ बन� रही�� ही� न पाच्यो�न ग्रही ही�न से जै�से जैल पार च�द्रमं� क� अंसेर ही��� ही� और सेमं6द्र मं% ज्+�रभी�टा� आ� ही$ उसे! प्रक�र इन ल�गN क स्+भी�+ और जै!+न मं% खलबल! मंच! रही�! ही�.म(ल�$का 7 का� स्वभा�व | Nature of Moolank 7मं�ल��क से�� क स्+भी�+ मं% से4ही�द्र�, सेहीयो�ग ए+� सेतिहीष्र्ण6 ग6र्ण सेमं�तिही� ही�� ही$. मं�ल��क से�� पा�र्ण��� क� पारिरच�योक ही� योही सेमंयो, K�न + दूर! क� प्र�!क ही�. +\द्ध�+K�, मं\त्यो6, स्थिKर��, अंमंरत्+ क� भी! प्रति�तिनधिधात्+ कर�� ही�, योही से�� यो6गN, से�� र�गN, सेप्��ही क से�� दि�नN, से�� प्रति�ज्ञा�ओं क� से�क � ही�, मंन6ष्यो क ति+क�से चक्र, ब6जिद्ध क� द्या��क ही�.योही मं4लिलक�� से यो6A स्+��त्र ति+च�रN +�ल ही�� ही$. मं�ल��क 7 क व्यलिA से��+ पारिर+��नशे!ल ही�� ही$ �था� क�ल्पातिनक ए+� भी�+6क स्+भी�+ क ही�� ही$.म(ल�$का 7 का9 किवशे�षता�ए$ |  Characteristics of Moolank 7मं�ल��क से�� +�ल अंपान! ति+लिशेष्टो अंणिभीव्यलिA ए+� अंणिभीरूलिच क लिलए जै�न जै�� ही$. योही दुतिनयो� क� अंपान नज़ोरिरयो से � ख� ही$ ऐसे ल�ग कति+, ल खक यो� कल� प्र मं! ही�� ही$ �था� इन्ही इसे क्ष त्र मं% सेफल�� भी! धिमंल�! ही�.मं�ल��क से�� +�ल दि�मं�ग! ए+� मं धा�+! ही�� ही$ इनक; स्मंरर्ण शेलिA बहु� अंच्छाp ही��! ही�. ब�धा�ओं और कदिठन�इयोN से यो ही��शे नहीe ही�� अंपान कमं� क्ष त्र मं% तिनर��र�� से आग बढ़� रही� ही$ योही! इनक जै!+न क� रहीस्यो ही� और सेफल�� क� मं�ग� भी!. मं�ल��क 7 +�ल ल�ग { ष्ठा ति+च�रक धा�यो�+�न �क� शेलिA से यो6A ही�� ही$.मं�ल��क से�� क जै��कN क� यो�त्र�, पायो�टान, से�र-सेपा�टा� करन� अंच्छा� लग�� ही�. मं�ल��क से�� दूसेरN क मंन क; ब�� सेमंझन मं% यो तिनपा6र्ण ही��� ही� �था� अंन्यो ल�गN क� अंपान! ओर आक\ ष्टो करन क; ति+शे ष शेलिA भी! रख�� ही�. यो ल�ग अंच्छा क�न�नति+ज्ञा यो� न्यो�यो�धा!शे, पार�मंशे����� ही� सेक� ही$. इन ल�गN क; सेहीनशेलिA अंच्छाp ही��! ही�.मं�ल��क से�� +�ल धा�र्मिमंSक प्र+\णित्ता क ही�� ही$ पार रूदिढ़योN ए+� पा�र�न! र!ति�योN से दूर रही� ही$, धामं� क क्ष त्र मं% यो पारिर+��नशे!ल ति+च�रधा�र� रख� ही$, इन्ही% धामं� मं% आडा�बर पासे�� नहीe ही� जै�से कब!र और ग�ल!लिलयो� जै�से मंही�न ति+च�रक था .मं�ल��क 7 क व्यलिAयोN क� झ6क�+ रहीस्योमंयो ए+� ग�ढ़ ति+द्या�ओं क; ओर रही�� ही� योही अंति�जिन्द्रयो से�पान्न ही�� ही$ इसे क�रर्ण जै� आमं आ�मं! नहीe जै�न पा�� उन ब��N क� से�� मं�ल��क +�ल� सेहीजै�� क से�था जै�न ल �� ही� ऐसे जै��क प्र�यो: अंच्छा ज्यो�ति�ष भी! ही� सेक� ही$.सी�व"�किनर्य�M | Demerits of Moolank 7शे!घ्र ही! क्र�धिधा� ही� जै�� ही$ �था� शे�र!रिरक शेलिA क; अंपा क्ष� मं�नलिसेक रूपा से अंधिधाक सेबल ही�� ही$. मं�ल��क से�� क� तिकसे! क; सेल�ही ल न� पासे�� नहीe ही��� योही अंपान� अंधिधाक�र नहीe छ�ड़�� और इसे क�रर्ण मं�ल��क से�� +�ल कभी!- कभी! झगडा� भी! कर ल � ही$.इन्ही% आर्थिथाSक सेफल��ए3 अंधिधाक प्र�प्� नहीe ही��! और धान से�ग्रही करन� भी! इनक लिलए मं6स्तिश्कल क�मं ही�.मं�ल��क से�� +�लN मं% एक कमं! योही ही��! ही�, तिक योही क�ई भी! ठ�से तिनर्ण�यो ल पा�� मं�ल��क से�� प्रति�भी�+�न ही��� ही� अं�: दूसेरN तिक सेल�ही से अंच्छा� अंपान! यो�ग्यो�� क� पाहीच�न . अंति� भी�+6क ही�न से बच% तिही�-अंतिही� क� ब�धा रख%.म(ल�$का 8मं�ल��क 8 क� स्+�मं! ग्रही शेतिन क� मं�न� जै��� ही� इसे क�रर्ण मं�ल��क आठ क जै��कN पार शेतिन क� प्रभी�+ � ख� जै� सेक�� ही�. पा�श्चा�त्यो मं�ल��क ज्यो�ति�तिषयोN क मं��न6से�र भी! मं�ल��क आठ क व्यलिA शेतिन क प्रभी�+ से यो6A ही�� ही$.  8, 17, 26 ��र!खN मं% जैन्मं जै��कN क� मं�ल��क 8 ही��� ही�.मं�ल��क आठ क व्यलिA शेतिन क प्रभी�+ से अंपान जै!+न मं% धा!र -धा!र उन्नति� प्र�प्� कर� ही$. व्य+धा�नN, कदिठन�इयोN से जै�झ� हुए सेफल�� प्र�प्� करन� इनक; प्रक\ ति� ही��! ही� �था� अंसेफल��ओं से घबर�� नहीe ही$.मं�ल��क आठ +�ल व्यलिAयोN क� व्य+ही�र सेहीयो�ग पा�र्ण� ही��� ही� योही मं�� करन मं% �त्पार रही� ही$.मं�ल��क आठ +�लN मं% धिमंत्रN क; सेही�यो�� करन क; च�ही ही��! ही�, अंपान! योथा� शेलिA द्वा�र� सेहीयो�तिगयोN तिक मं�� करन क� प्रयो�से कर� ही$.म(ल�$का आठ का9 किवशे�षता�ए$ | Characteristics of Moolank 8ब��च!� करन मं% क6 शेल �था� �क� मं% अंच्छा �क� शे�स्त्र! ही�� ही$. मं�ल��क आठ +�ल लगन क सेच्च और धा6न क पाक्क ही�� ही$, क�यो� क; पा�र्ण��� ए+� सेफल�� ही! इनक� लक्ष्यो ही�. व्यलिAत्+ क; एक ति+शे ष�� योही भी! ही� तिक जैब तिकसे! क धिमंत्र बन� ही$ �� हीर प्रक�र से उसेक; धिमंत्र�� क� फजै� तिनभी�� ही$.धान क मं�मंलN मं% इन ल�गN क� सिंचS�� क; ज्यो��� आ+श्योक�� नहीe ही��! व्य+से�यो यो� न4कर! मं% इन ल�गN क� अंच्छा� धान प्र�प्� ही��� ही�, योही धान क� उलिच� प्रक�र से उपायो�ग कर� ही�. धान क; बब���p नहीe कर� से�च सेमंझ कर तिकफ�यो� क से�था क�मं कर� ही� इसे क�रर्ण ल�ग इन्ही% क� जै�से भी! सेमंझ ब�ठ� ही$.मं�ल��क आठ +�ल दि�ख�+N से दूर रही� ही$ योही ओर तिकसे! भी! प्रक�र क� ब�हीर! आड़�बर पासे�� नहीe कर� , इनक व्य+ही�र से ल�ग इन्ही% कठ�र हृ�यो क� सेमंझन लग� ही$ पार��6 ऐसे� नहीe ही� मंन से मं�ल��क आठ +�ल क�फ; भी�+6क ए+� �यो�ल6 हृ�यो क ही�� ही$.इनक� स्+भी�+ ए+� व्य+ही�र से +�-भी�+ +�ल� ही��� ही� तिकसे! भी! क�यो� मं% {मं, त्यो�ग यो� बलिल��न करन से पा!छ नहीe हीटा� और इसे! क�रर्ण अंपान! मं�जिज़ोल अं+श्यो पा�� ही$. योही सेभी! क; सेही�यो�� करन क लिलए से��+ ��यो�र रही� ही$.

Page 7: अंक ज्योतिष

शेतिन क प्रभी�+ स्+रूपा मं�ल��क 8 क जै��क से�घष�शे!ल ए+� पारिर{मं! ही�� ही$ �था� सेमंस्यो�ओं ए+� ति+घ्नN क� पा�र कर� हुयो सेफल�� क� प्र�प्� कर� ही$ इन्ही% च�ही सेफल�� � र से धिमंल ल तिकन +� सेफल�� K�यो! रूपा से प्र�प्� ही��! ही�.मं�ल��क आठ मं% मंहीत्+�क��क्ष� क� भी�+ उच्च ही��� ही� योही तिकसे! भी! उच्च पा� क; प्र�प्तिप्� इत्यो�दि� क लिलए सेभी! क6 छ करन क� उद्या� रही� ही$.मं�ल��क 8 क व्यलिA चरमंपा�था! यो� अंति�+��p�� क लक्षर्ण भी! दि�ख�ई � � ही$ योही जै� भी! क�यो� कर� ही$ उसे अंपान! पा�र्ण� च �न� शेलिA द्वा�र� कर� ही$. योही जिजैसे भी! क�यो� क� कर� ही$ उसे पा�र! जिज़ोम्मं ��र! क से�था तिनभी�न क� प्रयो�से कर� ही$ और अंपान! जिजैम्मं ��रिरयोN से तिपाछ नहीe हीटा� .मं�ल��क आठ +�ल ल�ग एक��� तिप्रयो �था� अं��मं6�ख! ही�� ही$. अंन्यो�यो ब���श्� नहीe कर� �था� इनक अं��र त्यो�ग क; भी�+न� अंधिधाक ही��! ही�.म(ल�$का 8 व�ल- का9 कामिमर्य�M | Demerits of Moolank 8मं�ल��क 8 पार शेतिन क प्रभी�+ क क�रर्ण ही! इसे मं�ल��क +�ल क� बहु� कदिठन�ई से जै6झन� पाड़�� ही� .ल�ग इन्ही% रुख� और कठ�र सेमंझ� ही$ जैबतिक ऐसे� नही! ही�.मं�ल��क 8 +�ल शे�क�क6 ल यो� कही% क; आशे�तिक� स्+भी�+ +�ल ही�� ही$. छ�टाp- छ�टाp ब��N क� ल कर तिनर�शे ही� जै�� ही$. अंच्छा� स्+भी�+ ही�न क ब�+जै�� इनमं% च�ल�क; क� भी�+ भी! ही��� ही�.मं�ल��क 8 क व्यलिA क� सेमंझन� मं6स्तिश्कल ही��� ही� इनक व्यलिAत्+ मं% गहीर�ई क� सेमं�+ शे ही��� ही�. अं�:कई ब�र ल�ग इन्ही% सेमंझन मं% गल�! भी! कर जै�� ही$.मं�ल��क आठ +�ल व्यलिA जैब तिकसे! पार क्र�धिधा� ही� जै�� ही$, �� उन्ही% क6 छ नहीe से�झ�� और ब�ल� ल न क लिलए क लिलए उ��+ल ही� जै�� ही$.मं�ल��क 8 +�लN क� च�तिहीए क; एक��� से बच , क्योNतिक एक��� तिप्रयो ही�न से इनक� मंन दुख! और भी�र! ही� सेक�� ही�,  और तिनर�शे क भी�+ मं% जै� कर योही क6 छ गल� कर सेक� ही$.म(ल�$का 9 | मं�ल��क 9 एक ति+शे ष अं�क ही�, इसे मं�ल��क क� स्+�मं! मं�गल ग्रही ही�. मं�गल क्र�धा! ग्रही ही� अं�: इसे यो6द्ध क� � +�� भी! कही� जै��� ही� इसे क�रर्ण मं�ल��क 9 मं% मं�गल क प्रभी�+ स्+रूपा इसे मं�ल��क मं% उग्र�� क� � ख� जै� सेक�� ही�. तिकसे! भी! मं�ही क; 9, 18 ओर 27 ��र!ख क� जैन्मं व्यलिAयोN क� मं�ल��क 9 ही��� ही�. मं�ल��क 9 क ग6र्णN क� � ख� हुए भी�र�!यो ओर पा�श्चा�त्यो अं�क शे�म्मिस्त्रयोN न इसे एक मंहीत्+पा�र्ण� मं�ल��क मं�न� ही�.मं�ल��क न4 तिकसे! भी! अं+K� मं% ही� पार��6 योही अंपान� मंहीत्+ नहीe छ�ड़�� �था� इसेक� मंहीत्+ हीर प्रक�र से पारिरलणिक्ष� ही��� ही�. मं�ल��क 9 +�लN क लिलए 21 मं�च� से 26 अंप्र�ल क मंध्यो क� सेमंयो अंच्छा� मं�न� जै��� ही� �था� योही सेमंयो मं�गल क; क\ पा� क� सेमंयो मं�न� गयो� ही� और 21 अंक्टा�बर से 27 न+�बर क� सेमंयो मं�गल क; क्र� र दृधिष्टो क� क�ल मं�न� गयो� ही�.म(ल�$का 9 का� स्वभा�व | Nature of Moolank 9मं�ल��क 9 क प्रभी�ति+� व्यलिA � जैस्+! + उग्र स्+भी�+ क ही�� ही$. मं�ल��क 9 +�लN क स्+भी�+ मं% से�गठन + न �\त्+ क� ग6र्ण � ख� जै� सेक�� ही�. मं�ल��क न4 +�लN मं% जै�खिखमं उठ�न क� से�हीसे भी! ही��� ही�. एक�धिधाक�र क; प्र+\णित्ता � ख! जै� सेक�! ही�. इनमं% से�हीसे अंधिधाक ही�न से योही ल�ग अंपान क�योb क� कर� हुयो , कदिठन�ईयोN क� आसे�न! से पा�र कर ल � ही$.इनक स्+भी�+ मं% � जै! �था� फ6 �� क� � ख� जै� सेक�� ही� मं�ल��क 9 जैल्�ब�जै! से क�यो� कर कर� ही$. इनक; हीमं शे� योही! क�लिशेशे रही�! ही� तिक योही जै� भी! क�यो� ही�था मं% ल% +ही शे!घ्र�� पा�+�क सेमं�प्� ही� जै�यो . मं�ल��क न4 +�ल ल�ग अंन6शे�सेन तिप्रयो ही�� ही$ �था� दूसेरN से भी! अंन6शे�सेन रखन क; इच्छा� कर� ही$.म(ल�$का 9 का9 किवशे�षता�एM | Characteristics of Moolank 9मं�ल��क 9 +�ल जै��क ति+र�धा ब���श्� नहीe कर पा�� . मं�ल��क 9 क जै��क क स्+भी�+ और चरिरत्र पार मं�गल ग्रही क� से+��धिधाक प्रभी�+ � ख� जै� सेक�� ही�. मं�ल��क 9 +�ल ल�ग शे�रिरर!क तिक्रयो�-कल�पाN क क�योb क� ब ही�र �रही से करन मं% सेक्षमं ही�� ही$. योही ल�ग ख ल क� � से�ब�धा! यो� से न� से से�ब�धा! क्ष त्रN मं% अंच्छा� कर� ही$.मं�ल��क 9 क व्यलिA अंपान! इच्छा� शेलिA और से�हीसे द्वा�र� अंन क उपालस्ति�यो�3 प्र�प्� कर� ही$. इसे मं�ल��क क व्यलिA अंपान क�योb द्वा�र� सेभी! क� आश्चायो� चतिक� कर � न क; इच्छा� रख� ही$. मं�ल��क न4 +�ल जै��क तिकसे! भी! क�मं क� पा�र जै�शे क से�था कर� ही$ और जै� भी! क�मं क� कर� ही$ उसेमं% प्रति�ष्ठा� प्र�प्� करन क; च�ही� भी! रख� ही$.मं�ल��क 9 +�ल व्यलिAयोN मं% च6न4ति�योN से लड़न क� अं�भी6� ज़ोज़्ब� ही��� ही� और अंपान इसे व्य+ही�र क क�रर्ण इनक� जै!+न दुघ�टान�ओं से भी! धिघर� रही�� ही�.मं�ल��क 9 +�लN क� अंपान तिकसे! भी! क�यो� मं दूसेरN क� हीस्�क्ष पा पासे�� नही! आ��. योही ल�ग अंपान क�योb क� अंपान अंन6से�र करन क; च�ही रख� ही$ और उसे पार पा�र्ण� तिनयो�त्रर्ण च�ही� ही$. मं�ल��क न4 +�लN मं% गजैब क; से�गठन शेलिA ही��! ही�. आपा तिकसे! क अंधा!न क�मं करन� पासे�� नही! कर� .नका�र�त्मका पूहोल( | Negative Characteristics of Moolank 9मं�ल��क न4 स्+भी�+ से उग्र और  च�चल प्रक\ ति� क� ही��� ही�. इसे क�रर्ण मं�ल��क 9 +�ल ल�ग ग6स्से�ल भी! ही�� ही$, इनक स्+भी�+ क� जै�न नहीe पा�� और इनक इसे! स्+भी�+ क क�रर्ण ल�ग इन्ही% ति+र�धा! �था� दुश्मंन सेमंझ  ल � ही$. जै!+न मं% शेत्र6ओं क; ब�हुल्यो�� रही�! ही�, से�हीलिसेक ए+� जै�खिखमंपा�र्ण� क�यो� मं% रही� कर� ही$ इसे क�रर्ण इनक जै!+न मं% अंन क ब�र च�टा, घ�+, शेस्त्र�घ�� ए+� दुघ�टान� आदि� ही��! रही�! ही�.भा�ग्र्य�$का 1 अं�क शे�स्त्र मं% भी�ग्यो��क 1 अंपान� मंहीत्+पा�र्ण� K�न रख�� ही�. भी�ग्यो��क द्वा�र� क�ई भी! व्यलिA अंपान� व्य+से�यो + क� रिरयोर �था� अंन्यो उपायो�ग! ब��N क� जै�न सेक�� ही�. अं�क ज्यो�ति�ष मं% भी�ग्यो��क क� बहु� ही! मंहीत्+पा�र्ण� मं�न� गयो� ही�. मं�ल��क से भी! प्रभी�+शे�ल! भी�ग्यो��क रही� ही�, भी�ग्यो��क जै!+न क� +ही मंहीत्+पा�र्ण� अं�क जिजैसेक द्वा�र� व्यलिA अंपान जै!+न क अंन क उ��र चढ़�+N क� जै�नन मं% सेक्षमं ही� पा��� ही�. अंब से+�ल योही आ�� ही� तिक भी�ग्यो��क जै�न� क� से जै�ए?भी�ग्यो��क जै�नन क लिलयो , जैन्मं ति�लिथा, जैन्मं मं�से और जैन्मं +ष� क; आ+श्योक�� ही��! ही�.उ��हीरर्ण) मं�न� तिकसे! जै��क क� जैन्मं 23 दि�से�बर 1982 क� ही�, �� उसे जै��क क� भी�ग्यो��क तिनम्नलिलखिख� �र!क से तिनक�ल� जै� सेक�� ही�. जैन्मं ��र!ख, जैन्मं मं�से और जैन्मं +ष� = भी�ग्यो��कजैन्मं ��र!ख, 23 = 2 + 3 = 5जैन्मं मं�ही,  12 = 1 + 2 = 3जैन्मं से�ल , 1982 = 1 + 9 + 8 + 2 = 20 = 2 + 0 = 2�� इसे प्रक�र इसे जै��क क� भी�ग्यो��क= 5 + 3 + 2 = 10 = 1 +0  = 1  इसे प्रक�र इसे व्यलिA क� भी�ग्यो��क 1 ही�ग�.भा�ग्र्य�$का 1 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | Behaviour and Qualities of Bhagyank 1भी�ग्यो��क एक +�ल व्यलिA आत्मं तिनभी�र, स्+��त्र, दृढ़ तिनश्चायो +�ल ही�� ही$ . भी�ग्यो��क 1 +�लN मं% पारिर+�र क प्रति� जिजैम्मं ��रिरयो�� तिनभी�न क� भी�+ सेमं�तिही� रही�� ही�. इनक अं��र अंपान द्वा�र� लिलए गए तिनर्ण�योN क� अं�� �क पा�र्ण� करन क; च�ही ही��! ही�, भी�ग्यो��क ‘1’ अंपान +चन क� तिनभी�न क लिलए जै! जै�न लग� सेक� ही$ �था� अंपान कथान पार मंर धिमंटान क लिलए भी! ��यो�र रही� ही$.भी�ग्यो��क ‘1’ +�ल व्यलिA अंन्यो ल�गN क से�था तिनष्पाक्ष��, उ��र + आभी�र क� भी�+ रख� ही$. भी�ग्यो��क एक +�लN मं% दूसेरN क; भी�+न�ओं क� सेम्मं�न करन क� भी�+ रही�� ही�, योही तिकसे! क से�था ब6र� व्य+ही�र करन से बच� ही$. भी�ग्यो��क ‘1’ +�लN क� जै!+न मं% कभी!-कभी! बहु� ल�भी धिमंल�� ही� �� कभी! अंच�नक ही�तिन भी! उठ�न! पाडा सेक�! ही�.भी�ग्यो��क ‘1’ +�लN मं% धान क� से�ग्रही करन क; आ�� ही��! ही� �था� योही ल�ग धान बच� करन मं% सेफल ही�� ही$. भी�ग्यो��क एक +�लN क� धान�जै�न करन �था� धान क� से�ग्रही करन क अंन क अं+सेर प्र�प्� ही�� ही$.भी�ग्यो��क एक +�लN मं% न �\त्+ करन क; जैन्मं-जै�� प्र+\णित्ता ही��! ही� . भी�ग्यो��क ‘1’ मं% अंन6शे�सेन क� पा�लन करन क� व्य+ही�र � ख� जै� सेक�� ही�. इनमं% तिकसे! भी! क�यो� क� उलिच� प्रक�र से तिनयोमं पा�+�क करन क; च�ही � ख! जै� सेक�! ही�. भी�ग्यो��क एक अंपान क�योb क� बहु� प्रभी�+शे�ल! �रही से पा�र� कर� ही$.भी�ग्यो��क ‘1’ +�ल व्यलिA अंपान! ब6जिद्धमंत्ता�, यो�ग्यो�� ए+� ग6र्ण प्रभी�+ क क�रर्ण क�योb मं% प्रगति� �था� सेमं�जै मं% सेम्मं�न प्र�प्� कर� ही$. भी�ग्यो��क एक +�लN मं% प्र मं क� भी�+ तिनतिही� ही��� ही�. इनमं% प्र मं क; अंक्ष6र्ण�� क� बन�ए रखन क� से�मंथा� भी! ही��� ही�. इसे! क�रर्ण इनक प्र मं से�ब�धा �था� मं�त्र! से�ब�धा �pघ�क�ल!न + K�ई ही�� ही$.

Page 8: अंक ज्योतिष

भा�ग्र्य�$का एका का� नका�र�त्मका लक्षोंर्ण | Negative Qualities of Bhagyank 1भी�ग्यो��क 1 +�ल व्यलिAयोN क� क6 छ ब��N क� ध्यो�न रखन� च�तिहीए. इनमं% न �\त्+ क ग6र्ण �� ही$ किंकS�6 तिनर�क6 शे�� से बचन क; आ+श्योक�� ही�. अंन6शे�सेन तिप्रयो रही% पार��6 तिकसे! पार इसे था�पा% नहीe +रन� इसे क�रर्ण ल�ग आपाक शेत्र6 बन सेक� ही$. ध्यो�न रखन� च�तिहीए तिक क�ई भी! क�यो� प्र मं-पा�+�क कर%. आ� शे�त्मंक प्र+\णित्ता से तिकयो� गयो� क�यो� तिबगड़ सेक�� ही�.

भा�ग्र्य�$का 2 |भा�ग्र्य�$का 2 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | Characteristics and Nature of  Bhagyank 2अं�क शे�स्त्र मं% भी�ग्यो��क 2 क� प्रमं6ख K�न तिनधा��रिर� तिकयो� गयो� ही�. भी�ग्यो��क 2 +�ल व्यलिAयोN मं% धा�यो� � ख� जै� सेक�� ही�. अं�क �� क; ति+शे ष��ए3 जै��क क� प्रभी�+शे�ल!, सेतिहीष्र्ण6, लिशेष्टो, उ��र बन��! ही$, अंपान! इन्हीe प्रमं6ख ति+शे ष��ओं  क द्वा�र� अं�क 2 एक ति+लिशेष्टो K�न पा��� ही�.भी�ग्यो��क अं�क �� +�ल व्यलिAयोN मं% भी�+न� क� स्�र बहु� ज्यो��� ही��� ही�, �था� इनक� मंन च�चल�� से भीर� रही�� ही�. अं�क �� स्+भी�+ से उ��र और ति+नम्र ही�� ही$ क6 छ अंपान इसे स्+भी�+ क क�रर्ण ल�ग इन्ही% कमंजै�र सेमंझ ल � ही$ पार��6 ऐसे� नही! ही� अं�क �� अं+सेर आन पार अंपान! यो�ग्यो�� क� दि�ख�न से तिपाछ नही! हीटा� ही$. भी�ग्यो अं�क 2 से पा�� चल�� ही� तिक योही अंपान जै!+न मं% ति+क�से क; दि�शे� मं% ल�गN क� अंधिधाक से अंधिधाक सेमंझ पा�� ही$ और आध्यो�म्मित्मंक भी�+न� क� सेमंझ पा�न क; ओर अंग्रसेर रही� ही$.भी�ग्यो��क �� +�ल दूसेर� से क�मं ल न क; क्षमं�� रख� ही$ �था� ल�गN क मंध्यो से�मं�जैस्यो K�तिपा� करन क� प्रयो�से कर� ही$. जै�से जै�से आपा इसे दि�शे� मं% बढ़� ही$, �� आपा दूसेरN क; भी�+न�ओं क प्रति� से�+ �नशे!ल ही� जै�� ही$, आपा जैदिटाल स्थिKति�योN से तिनपाटान मं% र�जैनधियोक बन जै�� ही$.भी�ग्यो��क 2 पार चन्द्र ग्रही क� ति+शे ष प्रभी�+ रही�� ही� इसे क�रर्ण इनक� मंन + दि�मं�ग शे��� रही�� ही� �� कभी! कभी! बहु� उग्र भी! ही� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क 2 +�ल जै��क अंपान क�यो� क� ल कर से�+ �नशे!ल ही�� ही$, ल तिकन बहु� दि�नN �क योही एक क�यो� मं% मंन नहीe लग� पा�� इनक ति+च�रN मं% पारिर+��न क� � ख� जै� सेक�� ही�, अंपान इसे व्य+ही�र क क�रर्ण इन्ही कई ब�र अंपान� व्य+से�यो भी! ब�लन� पाड़ सेक�� ही�.भी�ग्यो��क 2 क� स्+भी�+ उधा�र ल न� ही�, भी�ग्यो��क 2 +�ल व्यलिA उधा�र बहु� ल � ही$. अंन क मं4क़ोंN पार दि�ल ख�लकर खच� भी! कर� ही�. योदि� भी�ग्यो��क 2 +�ल क�ई व्य+से�यो यो� कहीe पार तिन+ शे करन� च�ही� ही� �� अंपान जै!+न से�था! क� से�झ ��र अं+श्यो बन�ए3भी�ग्यो��क 2 +�लN मं% आध्यो�म्मित्मंक क्षमं�� क� ति+क�से ही��� ही� और ति+शे ष रूपा से �� मं�स्टार अं�क से�ख्यो� 11 / 22 मं% योही आध्यो�म्मित्मंक�� बहु� अंधिधाक � ख! जै� सेक�! ही�. आपामं% प्र रर्ण���योक क� ग6र्ण ही�, न �\त्+ करन क; क्षमं�� ही�. आपा मं% एक सेहीजै आ��रिरक शेलिA और जै�गरूक�� भी! मं4जै�� ही��! ही� आपा एक उत्क\ ष्टो लिशेक्षक, से�मं�जिजैक क�यो�क���, ��शे�तिनक, यो� सेल�हीक�र बन सेक� ही$.क�ई फक� नहीe पाड़�� तिक आपा क्यो� क�मं कर रही ही$ आपा अंपान हीर क्ष त्र मं% पा�र्ण� तिनष्ठा� और सेजैग�� क से�था पारिर{मं कर� ही$, भी�ग्यो��क 2 +�ल बहु� जै�गरूक ही�� ही$ और अंपान पायो��+रर्ण क प्रति� से�+ �नशे!ल रही� ही$. इनक� अं��ज्ञा��न बहु� मंजैब�� ही�,कई मं�योनN मं% आपा दूसेरN पार तिनभी�र ही$ और एक से�झ ��र! मं% यो� सेमं�ही गति�ति+धिधा क क6 छ क�योb मं% सेबसे अंच्छा� कर सेक� ही$.भी�ग्यो��क 2 मं% पारिरपाक्+, नम्र��, स्+भी�+ मं% गहीर! सेमंझ ही��! ही�. भी�ग्यो��क 2 भी�ग्यो क� एक सेक�र�त्मंक पाहील� योही ही� तिक हीमं शे� एक आ�शे�+��p दृधिष्टोक�र्ण अंपान��� ही�.भा�ग्र्य�$का 2 का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Negative Characteristics of  Bhagyank 2भी�ग्यो��क �� +�ल ल�ग अंधिधाक से�+ �नशे!ल व्यलिAत्+ क ही� सेक� ही$. इसे क�रर्ण इन्ही% तिकसे! ब�� क� जैल्� ब6र� लग जै��� ही�. भी�ग्यो��क �� +�लN क व्य+ही�र मं% से�क�च!, शेमं�ल�पान और अंतिनणिश्चा� क� भी�+ ही� सेक�� ही�. योही जैल्� ही! तिकसे! क� अंपान! ब�� नहीe ब��� . इन ल�गN मं% बहु� च�6र और च�ल�क भी! � ख! जै� सेक�! ही� और से�जिज़ोशे भी! रच सेक� ही$. आपा बहु� से�+ �नशे!ल और मंनमं4जै! ही� सेक� ही$.भा�ग्र्य�$का 3भा�ग्र्य�$का 3 स्वभा�व एव$ ग�र्ण |  Qualities of Bhagyank 3भी�ग्यो��क 3 +�ल व्यलिA बहु� तिनर्ण��योक, धा�र्मिमंSक, से�प्तित्+क, ��शे�तिनक प्र+\णित्ता क � ख जै� सेक� ही$. भी�ग्यो��क �!न +�ल जै��क मं�ल�) शे��� प्रक\ ति� क ही�� ही$. योही अंपान जै!+न मं% ति+क�से क; दि�शे� मं% एक अंधिधाक रचन�त्मंक और प्र रर्ण���योक प्रक\ ति� क� अंपान�� ही$.भी�ग्यो��क �!न +�ल जै��कN क स्+भी�+ मं% प्रसेन्न�� उल्ल�लिसे�� �था� तिनणिश्चा���� क� भी�+ � ख� जै� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क �!न सिंचS�� क� अंपान हृ�यो मं% अंधिधाक K�न नहीe � � और जै!+न क� से�मं�न्यो �रही से जै!न क� प्रयो�से कर� ही$. अंपान से�था-से�था दूसेरN क� भी! जै!+न जै!न क; प्र रर्ण� � � ही$.भी�ग्यो��क 3 +�ल अंपान क�योb क प्रति� पा�र्ण� उत्तार��धियोत्+ क� भी�+ रख� ही$. योही ल�ग पारिरस्थिKति�योN �था� से�घष� क� डाटा कर से�मंन� कर� ही$ और उनपार ति+जैयो प्र�प्� करन क� प्रयो�से कर� ही$. भी�ग्यो��क 3 मं% तिनर्ण�यो ल न क; क्षमं�� ही��! ही� योदि� �� व्यलिAयोN मं% बहीसे यो� से�घष� क; स्थिKति� ही� �� भी�ग्यो��क �!न +�ल उन ल�गN मं% से6लही कर�न मं% सेफल रही� ही$ �था� न्यो�यो-यो6A तिनर्ण�यो ल न मं% क6 शेल�� प्र�र्थिशेS� कर� ही$.भी�ग्यो��क 3 +�ल से�क्ष्मं तिनर!क्षक ही�� ही$, और इनक; ब6जिद्ध भी! � जै ही��! ही� योही से�घषb से तिनपाटान मं% सेक्षमं ही�� ही$ पारिरस्थिKति�योN से घबर�� नहीe �था� से�मं�जिजैक क��व्यN क� अंच्छाp �रही से तिनभी�� ही$. एक आशे�+��p व्यलिA ही�� ही$, जै!+न और जै!+न क ब�र मं% उत्से�तिही� लग�� ही�.भी�ग्यो��क 3 +�ल ल�ग बहु� मंहीत्+�क��क्ष! ही�� ही$. व्य�+से�धियोक क्ष त्र मं% इन्ही% ति+शे ष सेफल�� प्र�प्� ही��! ही�. योही तिकसे! न तिकसे! क�मं मं% लग रही� ही$ एक��� + शे��ति� क� मं�ही4ल इन्ही% ज्यो��� पासे�� नही! आ��. भी�ग्यो��क 3 +�ल व्यलिA कN क� जै!+न ग6रू ग्रही से प्रभी�ति+� रही�� ही�.आपा ल खन, ग�योन, अंणिभीनयो यो� लिशेक्षर्ण शे�धिमंल ही� सेक� ही$ से�था ही! क6 छ और कल� क क�योb मं% सेर�हीन� पा� सेक� ही$.  भी�ग्यो��क �!न मं% एक प्र�क\ ति�क ति+क्र �� क लक्षर्ण � ख जै� सेक� ही$, भी�ग्यो��क 3 कल्पान�शे!ल ही$. पारिरपाक्+ �था� आशे�+��p ही��� ही�. जै!+न क ब�र मं% उत्से�तिही� ही��� ही�. भी�ग्यो��क �!न मं% प्रभी�+! से�+�� क्षमं�� ही��! ही� जै� दूसेरN क� प्र रिर� कर�! ही�.भी�ग्यो��क �!न +�ल अंच्छा धिमंत्र से�तिब� ही�� ही$, योही एक सेच्च� ��स्� ही�न क; क्षमं�� रख� ही$ इसे प्रति�भी� क मं�ध्योमं से आपा दूसेरN क� अंपान� बन�न मं% सेफल�� प्र�प्� कर� ही$. भी�ग्यो अं�क 3 क नक�र�त्मंक पाक्ष अंल्पाज्ञा ही$. भी�ग्यो��क  3 +�ल ल�ग रचन�त्मंक�� और बहु� मंन�र�जैक ही�� ही$ ल�कतिप्रयो�� पा�न क लिलए इन्ही% बहु� ज्यो��� से�घष� नहीe करन� पाड़��.  इन ल�गN क� जै!+न क; दि�शे� मं% एक बहु� ही! सेक�र�त्मंक दृधिष्टोक�र्ण योही धिमंल�� ही� तिक कदिठन पारिरस्थिKति�योN मं% भी! आर�मं से क�यो� कर� ही$.भा�ग्र्य�$का 3 का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | भी�ग्यो��क 3 +�लN क� अंधिधाक ब���न! ही�न से बचन� च�तिहीए. इन्ही% अंधिधान�योक ही�न क; स्थिKति� से बचन� च�तिहीए. अंपान! यो�ग्यो�� क क�रर्ण इनक अं��र अंणिभीमं�न यो� ग+� क; स्थिKति� उत्पान्न ही� सेक�! ही�. कभी!-कभी! आपा धान अंर्जिजैS� करन क लिलयो इ�न� ब ��ब ही� जै�� ही� तिक अंन�ति�क क�यो� करन  से भी! तिपाछ नही! हीटा� ऐसे� ही�न� आपाक लिलए कष्टोक�र! ही� सेक�� ही�. आपा मं% �यो� भी�+  भीर� ही��� ही�. इसेलिलए आपा तिकसे! क दु)ख क� � ख नहीe पा�� . योदि� आपा से�मं�जिजैक क�यो¦ मं% तिहीस्से� ल%ग �� आपा सेफल�� क चरमं �क भी! पाहु3च सेक� ही$.भा�ग्र्य�$का 4भा�ग्र्य�$का 4 स्वभा�व और ग�र्ण |  Qualities of Bhagyank 4भी�ग्यो��क 4 एक मंहीत्+पा�र्ण� अं�क ही� अं�क च�र +�लN मं% व्य+ही�र क6 शेल�� क� � ख� जै� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क 4 ति+च�रN मं% पारिर+��नशे!ल ही��� ही�. �था� ति+च�रN मं% न+!न�� लिलए ही�� ही$ भी�ग्यो��क च�र मं% लगन और धा6न क� पाक्क� ही�न� � ख� जै� सेक�� ही�. आपा तिकसे! भी! क्ष त्र मं% जै�ए� पारन्�6 अंपान अंथाक पारिर{मं से सेफल�� प्र�प्� कर ही! कर ल � ही$.भी�ग्यो��क च�र +�ल व्यलिAयोN मं% �क� ति+�क� करन क4शेल ही��� ही� इसेलिलए +��-ति++�� द्वा�र� योही दूसेरN पार अंपान� अंधिधाक�र जैमं� सेक� ही$. भी�ग्यो��क 4 +�लN क�  क्र�धा जैल्�p आ�� ही�, पारन्�6 उ�न! ही! जैल्�p ही! शे��� भी! ही� जै��� ही�.  इसे! क�रर्ण क6 छ ल�ग आपाक शेत्र6 बन जै�� ही�.भी�ग्यो��क च�र +�ल क�योb क� धा!मं! गति� क से�था किंकS�6 दृढ़ तिनश्चायो क से�था कर� ही$. पार��6 क�यो� शे�ल! ए+� लगन गल� दि�शे� क; ओर भी! मं6ड़ सेक�! ही� जिजैसे क�रर्ण इन्ही% अंन क सेमंस्यो�ओं क� से�मंन� भी! करन� पाड़ जै��� ही�. अं�: भी�ग्यो��क 4 +�लN क� अंपान आपाक� सेही! दि�शे� मं% प्रयोत्नर� रही� हुए क�यो� करन� च�तिहीए.भी�ग्यो��क 4 +�लN मं% धा�यो� ए+� से4म्यो�� क� सेमं�+ शे रही�� ही�, भी�ग्यो��क 4 +�ल छ�टाp-छ�टाp ब��N क करर्ण जैल्� ही! ग6स्से� नहीe ही�� और न उन पार अंधिधाक ध्यो�न ही! � � ही$. भी�ग्यो��क च�र +�लN क; ज़ोरूर�% �� अं+श्यो पा�र्ण� ही��! ही$ ल तिकन इच्छा�ओं क; पा�र्ति�S मं% क�फ; इ��जै�र करन� पाड़ सेक�� ही�.

Page 9: अंक ज्योतिष

भी�ग्यो��क 4 धा�यो� क से�था मं% तिनमं��र्ण,इ�जै!तिनयोरिंरSग और लिशेल्पा क4शेल क सेभी! क्ष त्रN मं% ति+शे षज्ञा�� ही�लिसेल कर सेक� ही$. भी�ग्यो��क च�र क� झ6क�+ �कन!क; और ति+स्�\� ल खन क; ओर ही� सेक�� ही�. कल�, से�ग!� मं% से�भी�+न� बन सेक�! ही$, कई क6 शेल लिचतिकत्सेकN और सेजै�नN क� भी�ग्यो��क 4 � ख� जै� सेक�� ही�. �रअंसेल, आपा व्य+से�योN मं% जै� यो�जैन�, से�गठन, ति+तिनयोमंन से से�ब�धिधा� ही� सेक� ही$ और सेफल�� प्र�प्� कर सेक� ही$.भी�ग्यो��क 4 +�लN क जै!+न क�ई भी! घटान� अंकस्मं�� ही! घटा सेक�! ही� क्योNतिक भी�ग्यो��क च�र र�हु से प्रभी�ति+� ही��� ही� इसे क�रर्ण जै!+न मं% उथाल पा6थाल कभी! भी! मंच सेक�! ही�, भी�ग्यो��क च�र +�ल स्+यो� क� अंन क क�योb मं% उलझ�ए रख� ही$ �था� योही जै!+न मं% तिक�न भी! ऊँ3 च ओही� प्र�प्� कर% पार��6 अंपान! उपालस्ति�योN से शे��� नहीe रही� .भी�ग्यो��क 4 +�ल एक अंच्छा सेमं�जै से6धा�रक बन सेक� ही$ योही ल�ग सेमं�जै मं% व्य�प्� क6 र!ति�योN �था� रूदिढ़योN क� दूर करन मं% अंहीमं भी�धिमंक� तिनभी� सेक� ही$. जै!+न क प्रति� सेक�र�त्मंक दृधिष्टोक�र्ण ही�, क�ई से�� ही नहीe ही�, ��धियोत्+N क� पा�र� कर रही ही$, और ब ही� व्य+स्थिK� ही�. आपा ग�भी!र, ईमं�न��र और +फ���र ही$.भा�ग्र्य�$का 4  का� नका�र�त्मका पूक्षों | भी�ग्यो��क च�र +�लN क� तिकसे! क; भी! तिनन्�� नहीe करन! च�तिहीए दूसेरN क; किंनS�� करन क बजै�यो उनक ग6र्णN पार ध्यो�न क% दिद्र� कर% ऐसे� करन से दूसेरN क; दृधिष्टो मं% भी! इनक� सेम्मं�न बढ़ ग� �था� ल�ग आपाक मंहीत्+ क� सेमंझ सेक% ग .भी�ग्यो��क च�र +�लN क� धान क� से�चयो अं+श्यो करन� च�तिहीए क्योNतिक आपान खच� करन क; च�ही� ख�ब ही��! ही� �था� धान भी! बहु� मं हीन� से कमं�� ही$. अं�: बच� करन� से!ख% कर% अंन्योथा� कष्टोक�र! रही ग�.अंनजै�न ल�गN से बच कर रही% क्योNतिक योही आपाक� न6कसे�न पाहु3च� सेक� ही$, यो�त्र� क �4र�न आपा तिकसे! पार ति+श्वा�से न कर% अंन्योथा� ही�तिन यो� सेमंस्यो� क� से�मंन� करन� पाड़ सेक�� ही�.भा�ग्र्य�$का 5भा�ग्र्य�$का 5 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | भी�ग्यो��क 5 एक मं6A आत्मं� +�ल व्यलिA ही�� ही$, इन्ही% ब�ल�+ से प्र मं ही� र�मं��च और उत्ता जैन� इन्ही% पासे�� ही��! ही�. भी�ग्यो��क पा��च +�लN क� स्+��त्र रहीन� तिप्रयो लग�� ही� इन्ही% तिकसे! प्रक�र क� ब�धान पासे�� नही!  ही���. आपा एक पा�छp क; भी��ति� स्+��त्र रूपा से अंपान पा�ख� क� फ� ल�कर स्+च्छा�� आक�शे मं% उड़न क; च�ही रख� ही� योही आपाक अंस्तिस्�त्+ क लिलए आ+श्योक ही� . ल तिकन आपाक� च�तिहीए क; आपा अंपान! स्+��त्र�� क� ठ�क से उपायो�ग कर% और अंपान! ति+णिभीन्न प्रति�भी�ओं क� ति+कलिसे� कर सेक% .भी�ग्यो��क पा��च +�ल व्यलिA सेरल से +�-भी�+! ओर स्+�मं! भीA ही�� ही$. भी�ग्यो��क 5 +�ल ल�ग पारिर+��नशे!ल ही�� ही$. इन्ही% अंन क प्रक�र क क�योb क� करन� बहु� पासे�� आ�� ही�. भी�ग्यो��क 5 +�ल व्यलिA जैल्� ही! व्य�क6 ल + अंधा!र ही� जै�� ही$. तिकसे! भी! क�मं मं% अंधिधाक सेमंयो �क लग रहीन� इन्ही% पासे�� नहीe आ�� अंपान इसे! स्+भी�+ क क�रर्ण योही अंपान व्य+से�यो, न4कर!, K�न इत्यो�दि� मं% पारिर+��न कर� रही� ही$ �था� इनक जै!+न मं% भी! योही! ब�ल�+ � ख� जै� सेक�� ही�.भी�ग्यो��क 5 +�लN मं% दूसेरN क� प्रसेन्न करन! क; च�ही हीमं शे� ही! रही�! ही�, इनक इसे स्+भी�+ क क�रर्ण ल�ग इन्ही% च�टा6क�र सेमंझ ब�ठ� ही$. योही ल�ग अंत्यो�� उ��र, पार�पाक�र! प्र+\णित्ता क ही�� ही$ योही ल�ग स्+यो� कष्टो उठ�कर भी! अंपान से�लिथायोN क; मं�� करन क� प्रयोत्न कर� ही$.भी�ग्यो��क 5 +�ल तिकसे! क�यो� क� �� बहु� उत्से�ही से आर�भी कर� ही$ ल तिकन ज्यो��� सेमंयो �क अंपान इसे उत्से�ही क� बरकर�र नहीe रख पा�� और क�यो� क� अंधा�र� भी! छ�ड़ � � ही$. भी�ग्यो��क पा��च +�ल पाल मं% मं�शे� और पाल मं% ��ल� ही� जै�� ही$ अं�: इनक स्+भी�+ क ब�र मं% क�ई तिनणिश्चा� धा�रर्ण� बन� पा�न� से�भी+ नहीe ही���.भी�ग्यो��क 5 +�ल व्यलिA योदि� तिकसे! से प्रसेन्न ही�� ही$ �� उसे पार अंपान� सेब क6 छ ल�टा� सेक� ही$ पार��6 जिजैसे पार रूष्टो ही� जै�ए� उसेक� सेब क6 छ नष्टो करन क; च�ही रख� ही$. भी�ग्यो��क 5  +�लN मं% से�भी+�) बहु - प्रति�भी� और बहुमं6ख! प्रति�भी� क; अंद्भुª� ति+शे ष�� ही��! ही�.भी�ग्यो��क 5 +�ल व्यलिA प्रत्यो क क�यो� क� बडा � स्�र पार करन क; च�ही रख� ही$ इनमं% मंहीत्+�क��क्ष� भी! बहु� ही��! ही� और इनक; यो�जैन�ए� ति+शे�ल ओर व्य�पाक स्�र क; ही��! ही$.भी�ग्यो��क पा��च +�लN क� यो�त्र� करन� पासे�� ही��� ही� ओर अंपान! इन यो�त्र�ओं से इन्ही% ल�भी भी! प्र�प्� ही��� ही�. आपाक� मंन घ�मंन -तिफरन मं% ज्यो��� लग�� ही�. भी�ग्यो��क 5 अंपान धिमंत्रN से बहु� प्र मं कर%ग �था� अंपान! मंधा6र +�र्ण! से सेबक� मं�ही ल � ही$.भा�ग्र्य�$का 5 का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | भी�ग्यो��क पा��च +�लN मं% क6 छ कधिमंयो�3 भी! � ख! जै� सेक�! ही� जिजैसे क�रर्ण इन्ही% क6 छ से�+धा�न! बर�न क; आ+श्योक�� ही� भी�ग्यो��क 5 +�ल अंपान ति+च�रN ए+� क�योb मं% जैल्� पारिर+��न क इच्छा6क ही�� ही$. योही तिकसे! भी! क�यो� मं% अंधिधाक सेमंयो �क दिटाक नही! पा�� . अं�क पा��च +�लN मं% तिकसे! नशे क लिशेक�र ही� सेक� ही$ ओर गल� से�ग� मं% भी! जैल्� ही! पाड़ सेक� ही$.भी�ग्यो��क 5 +�लN क� अंपान� से�बद्ध सेमं�जै क उच्च ल�गN से बन�ए रखन क� प्रयो�से करन� च�तिहीए. अंपान! यो�ग्यो ब6जिद्ध क� उलिच� क�योb मं% लग�न क� प्रयो�से कर% जै� भीति+ष्यो मं% ल�भीक�र! प्र�!� ही�ग�, भी�ग्यो��क पा��च अंन क ति+षयोN क; जै�नकर! रख� ही$.�था� अंपान मं� क� दूसेरN पार था�पान क� प्रयो�से नही! कर� ही$ जै� उलिच� नही! ही� ऐसे� करन से ल�ग आपाक शेत्र6 बन सेक� ही$. अंत्योधिधाक सिंचS�� न कर% अंन्योथा� मं�नलिसेक ब!मं�र! क लिशेक�र ही� सेक� ही$.भा�ग्र्य�$का 6 भा�ग्र्य�$का 6 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | भी�ग्यो��क 6 +�ल व्यलिA �!व्र ब6जिद्ध +�ल आत्मंति+श्वा�से से भीर हुए ही�� ही$. योही अंच्छा ति+च�रक बन सेक� ही$. भी�ग्यो��क 6 +�ल से�रक्षक और � खभी�ल करन +�ल व्यलिA ही�� ही$. योही अंन्यो ल�गN क; सेही�यो�� + मं�� करन क लिलए �त्पार रही� ही$ �था� इन्ही% अंपान ल�गN क; सेही�यो�� करन� ज्यो��� अंच्छा� लग�� ही�.भी�ग्यो�क 6 +�लN मं% अंच्छा� पार�मंशे����� ही�न क� ग6र्ण भी! ही��� ही� और योही ऎसे व्यलिA से�तिब� ही�� ही$ जै� ति+पाणित्ता क सेमंयो उलिच� सेल�ही द्वा�र अंन्यो व्यलिAयोN क; सेमंस्यो�ओं क� हील कर सेक� ही$. भी�ग्यो��क छ +�ल ल�ग मंध्योK बनकर दूसेरN क मंध्यो हुए ति++��N क� तिनपाटा�र� कर सेकन मं% सेक्षमं ही�� ही$.भी�ग्यो��क 6 +�लN मं% से\जैन�त्मंक�� मं4जै�� ही��! ही� इसे क�रर्ण योही कल� से�म्बधा! क्ष त्रN मं% अंच्छा ही�� ही$ �था� सेफल�� प्र�प्� कर� ही$.भी�ग्यो��क छ +�ल व्यलिAयोN क� जै!+न शे6क्र ग्रही द्वा�र� प्रभी�ति+� ही��� ही� इसे क�रर्ण इनमं% ति+पार!� सिंलSग क प्रति� एक सेहीजै आकष�र्ण ही��� ही�. योही ल�ग रति� तिक्रयो�, {\�ग�र से प्रभी�ति+� ही� सेक� ही$ �था� कल� मं% �था� कल�त्मंक से�ग!� + से�तिहीत्यो से आपाक� ति+शे ष लग�+ ही��� ही�.भी�ग्यो��क 6 +�ल जै��क तिकसे! भी! क�यो� क� सेमंयो से करन मं% ति+श्वा�से रख� ही� और इन्ही% आलसे पासे�� नहीe ही���. शे6क्र ग्रही क� से4न्�यो� और क�मं भी�+न� क� प्र�!क मं�न� जै��� ही� अं�: इसे क�रर्ण भी�ग्यो��क 6 +�लN मं% एक ति+शे ष प्रक�र क� आकष�र्ण ही��� ही� इसे क�रर्ण ल�ग इनसे जैल्�p प्रभी�ति+� ही� जै�� ही$.भी�ग्यो��क 6 +�ल ल�गN मं% तिनर!क्षर्ण शेलिA अंच्छाp ही��! ही� योही ल�ग अंपान उत्तार��धियोत्+ क� पा�र्ण� रूपा से तिनभी�न क� प्रयोसे कर� ही$ �था� अंपान क�योb क� तिन+�ही करन मं% क6 शेल ही�� ही$. इन्ही% जै!+न मं% अंन क सेफल��ए3 भी! प्र�प्� ही��! ही$.भी�ग्यो��क छ +�लN मं% +�क च��6यो� क� सेमं�+ शे ही��� ही� अंपान इसे ग6र्ण क क�रर्ण योही ल�गN क मंध्यो क�फ; प्रलिसेजिद्ध पा�� ही�. इनक; ब��% ल�गN क मंन मं% ल�ब सेमंयो �क रही�! ही$.भा�ग्र्य�$का छ का� नका�र�त्मका पूहोल( | भी�ग्यो��क 6 +�ल जैल्� ही! तिकसे! पार भीर�से� कर ब�ठ� ही$ अं�: प्रत्यो क पार ति+श्वा�से न कर% यो� तिफर कर% भी! �� पाहील भील! भी��ति� उसे जै�न ल% �भी! तिकसे! पार ति+श्वा�से कर%. भी�ग्यो��क 6 +�ल खच�ल भी! ख�ब ही�� ही$ इसे क�रर्ण धान से�ग्रही करन मं% इन्ही% कदिठन�ई ही� सेक�! ही� जै� पार शे�न! क� सेबब बन सेक�! ही� अं�: अंपान इसे अंपाव्ययो! व्य+ही�र पार तिनयो�त्रर्ण करन क� प्रयो�से कर%.भी�ग्यो��क 6 +�लN क� तिकसे! ब�� अंथा+� लिसेद्ध��� क� ति+र�धा करन से बचन� च�तिहीए अंन्योथा� अंपान लक्ष्यो यो भीटाक सेक� ही�. अंपान उ��+ल पान और हीस्�क्ष पा करन क; आ�� क� त्यो�ग कर%.

भा�ग्र्य�$का 7 |भा�ग्र्य�$का 7 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | भी�ग्यो��क 7 एक मंहीत्+पा�र्ण� अं�क ही�. इसे अं�क क� रहीस्यो�त्मंक अं�क भी! कही� जै��� ही�. इसेलिलए इसे अं�क क जै��क रहीस्यो�त्मंक तिक्रयो�ओं क� लिलए ही�� ही$. इसे अं�क क जै��क क6 शेल ��र्तिकSक, स्पष्टो+��p ही�� ही$, भी�ग्यो��क से�� क व्यलिAयोN मं% अंतिद्वा�!यो�� क; छ�पा � ख! जै� सेक�! ही�. इनक; ति+शे ष�� इन्ही% भी!ड़ से अंलग कर�! ही� और योही ल�गN क मंन मं% अंपान! एक अंलग छ�पा छ�ड़� ही$.

Page 10: अंक ज्योतिष

भी�ग्यो��क 7 अंपान� अंलग अंस्तिस्�त्+ बन�न क� प्रयो�से कर� ही$. भी�ग्यो��क से�� क व्यलिAयोN मं% ब जै�ड़ ति+षयो क� से�मं�जैस्यो � ख� जै� सेक�� ही� अंथा��� �� अंलग ब��N मं% एकरसे�� क� ही�न� इसेलिलए भी�ग्यो��क 7 +�ल जै��क रहीस्यो पा�र्ण� लग� ही$.भी�ग्यो��क 7 +�लN मं% तिनर्ण�यो ल न क; अंच्छाp सेमंझ ही��! ही�. भी�ग्यो��क से�� उसे! क�यो� क� करन क� प्रयो�से कर�� ही� जै� उसेक लिलए ल�भीक�र! और तिही�क�र! ही� सेक भी�ग्यो��क 7 +�ल� व्यलिA ति+च�रशे!ल, से�क� ए+� ब6जिद्धमं�न ही��� ही�. योही ल�ग प्र�यो: अंपान! ही! धा6न मं% मंस्� रही� ही$. तिकसे! भी! क�यो� क� भील! प्रक�र से करन क� प्रयोत्न कर� ही$ उसे पा�र्ण� करन क� से�च� ही$ �था� अंधिधाक�र इसेमं% सेफल भी! ही�� ही$.भी�ग्यो��क 7 क� झ6क�+ रहीस्योमंयो और ग�ढ़ ति+द्या�ओं क; ओर स्+भी�ति+क ही! � ख� जै� सेक�� ही�. जै!+न क प्रति� इनक� अंपान� नज़ोरिरयो� ही��� ही�. धामं� से�ब�धा! मं�मंलN मं% मं% इन्ही% आडा�बर पासे�� नहीe ही� योही धामं� क� ल�ग लपा टा से दूर रख� ही$. अंपान क�योb द्वा�र� +ही धामं� क� प्रग�! क मं�ग� पार चल�न क� प्रयो�से भी! कर� ही$.भी�ग्यो��क से�� +�लN क� स्+भी�+ अंलग �� ही��� ही� से�था ही! इन्ही% अंपान ज्ञा�न क� ति+कलिसे� करन क लिलए एक��� क; आ+श्योक�� ही��! ही�. भी�ग्यो��क से�� +�ल अंधिधाक घ6लन� धिमंलन� पासे�� नही! कर� योही ल�ग ज्यो��� ��स्� नहीe बन�� और जैल्�p से तिकसे! क से�था घ6ल� धिमंल� नही!. भी�ग्यो��क 7 +�लN मं% ग�ढ़ प्रक\ ति�, अं��मं6�ख! ही�न� �था� आध्यो�म्मित्मंक ही�न क ग6र्ण � ख जै� सेक� ही$.भी�ग्यो��क 7 +�ल जै��कN क� अंपान क�यो� मं% दूसेरN क� हीस्�क्ष पा पासे�� नही! आ�� अंपान! इच्छा� क ति+पार!� तिकसे! अंन्यो क; र�यो इन्ही% पासे�� नही! ही��!. भी�ग्यो��क 7 अंपान क�योb क� स्+यो� से�च ति+च�र कर करन तिक च�ही रख�� ही�. इन्ही% भीति+ष्यो क लिलए शे�क�ल6 भी! � ख� जै� सेक�� ही�.भी�ग्यो��क 7 +�लN क� सेमंझन मं% क�फ; कदिठन�� आ�! ही�. यो जै��क स्+��त्र�� क; च�ही रख� ही$ �था� सेमं�जिजैक + आर्थिथाSक रूपा से स्+यो� पार तिनभी�र रही� ही$. भी�ग्यो��क से�� +�लN पार क�ई अंगर क�ई पार�पार� ही�+! ही�न लग�! ही� �� उसे ��ड़न मं% योही � र! नहीe कर� .नका�र�त्मका लक्षोंर्ण | भी�ग्यो��क 7 जैल्� ही! तिकसे! पार ति+श्वा�से नही! कर��. ल�गN क से�था से�ब�धा न बन� पा�न क क�रर्ण भी�ग्यो��क 7 +�ल ल�ग एक��� तिप्रयो �था� इसे क�रर्ण योही आत्मंक% दिद्र� और अं��मं6�ख! बन सेक� ही$ और अंसेतिहीष्र्ण6 ही� सेक� ही$. बहु� भी�ग्यो��क 7 कमं�शे!ल, स्फो� र्ति�S+�न �था� आकष�र्ण से यो6A ही�� ही$ और इनक; भी�+6क�� इन्ही% पार शे�न कर सेक�! ही� + कभी!-कभी! योही अंपान� तिनयो�त्रर्ण ख� सेक� ही$ और पारिरर्ण�मं क� से�च बग�र क�यो� करन लग� ही$. आपाक; प्रक\ ति� बहु� गहीर! ही��! ही� और आपा से�चन क ब�� ही! उसे क�यो� क� करन क� प्रयो�से कर� ही$. भी�ग्यो��क 7 +ही! क�यो� करन क� प्रयो�से कर� ही$ जिजैसेमं% इन्ही% ल�भी प्र�प्� ही� सेक .भा�ग्र्य�$का 8 | भा�ग्र्य�$का 8 का� स्वभा�व और ग�र्ण | भी�ग्यो��क 8 +�ल जै��क क� व्यलिAत्+ अंसे�धा�रर्ण ही��� ही� जिजैसे सेमंझ पा�न� तिकसे! क लिलए भी! दुरूही ही� सेक�� ही�. अंधिधाक�र ल�ग इनक व्यलिAत्+ क क�रर्ण इन्ही% गल� सेमंझ ब�ठ� ही$ किंकS�6 योदि� क�ई इनक से�था लम्ब सेमंयो �क रही �� +ही इनक; मंहीत्ता� क� जै�न सेक�� ही�.भी�ग्यो��क 8 +�लN मं% दि�ख�+� नहीe ही��� योही ल�ग +�स्�ति+क�� पार ति+श्वा�से कर� ही$ और अंपान! भी�+न�ओं क� अंपान भी!�र छ6 पा�ए रख� ही$ भी�ग्यो��क आठ +�ल जै��क +�स्�ति+क�� क� इ�न� पारख� ही$ तिक इनक लिलए जै!+न क��व्य पा�लन मं�त्र ही� जै��� ही�.भी�ग्यो��क 8 +�ल व्यलिA क� जै!+न शेतिन ग्रही से भी! प्रभी�ति+� रही�� ही�. इन ल�गN मं% चरमंपा�था! यो� अंति�+��p रूपा � ख जै� सेक� ही$. योही जै� भी! क�यो� कर� ही$ उसे अंपान! पा�र! च �न� शेलिA क से�था पा�र्ण� कर� ही$. योही अंपान क�यो� क� आधा� अंधा�र� नहीe छ�ड़� .  भी�ग्यो��क आठ अंपान क�यो� क� पा�र� करन मं% ति+श्वा�से रख� ही$.भी�ग्यो��क 8 क� जै!+न से�घष� मं% से भीर� रही�� ही� अंपान से�हीसे और पारिर{मं द्वा�र� योही अंन क उच्च�ईयोN क� छ� � ही$ ख़�रN क� से�हीसे द्वा�र� सेमं�प्� करन क� प्रयो�से कर� ही$, तिकसे! भी! क�यो� क� बड़! लगन से कर� ही�.भी�ग्यो��क 8 +�ल ल�ग जिजैम्मं ��र �था� ग�भी!र ति+च�रN क स्+�मं! ही�� ही$. योदि� योही तिकसे! तिक जिज़ोम्मं ��र! अंपान उपार ल � ही$ �� उसे पा�र� करन क� प्रयो�से कर� ही$ जिजैसेक क�रर्ण ल�ग आपाक� सेम्मं�न प्र��न कर � ही$. भी�ग्यो��क 8 +�ल जै��क स्+भी�+ से आपा तिनभी�यो, स्पष्टो+��p + लग्नशे!ल ही�� ही$ अं�: अंपान! इच्छा� पा�र्ण� करन क लिलए बड़ से बड़� त्यो�ग भी! करन क� ��यो�र रही� ही$.भी�ग्यो��क 8  भी�ग्यो+��p ही�� ही$ पारन्�6 जै!+न मं% अंन क कदिठन क�योb क� करन क� प्रयो�से कर� रही� ही$. भी�ग्यो��क 8 +�ल कमं ब�लन मं% ति+श्वा�से कर� ही$ .र�जैन!ति�, से�मं�जिजैक क�यो�, लिशेक्षर्ण जै�से कई अंन्यो क्ष त्रN मं% आपा  अंपान! क्षमं��ओं क� चमंक� सेक� ही$.भा�ग्र्य�$का 8 का� नका�र�त्मका पूहोल( | भी�ग्यो��क 8 +�लN मं% सेम्मं�न �था� सेफल�� प्र�प्तिप्� क; ल�लसे� हीमं शे� रही�! ही�. योही �!व्र�� क से�था आग बढ़न� च�ही� ही$. इनमं% प्रति�स्पद्ध�� और प्रति�द्वा�द्वाp ही�न क; भी�+न� भी! ख�ब ही��! ही�. शे!घ्र�� पा�+�क आग बढ़न मं% �था� सेफल�� प्र�प्तिप्� क लिलए कभी! कभी! भी�ग्यो��क आठ +�ल तिनष्ठा6 र भी! ही� जै�� ही$. प्रत्यो क क�यो� क� अंपान अंन6से�र ही�� हुए � खन� च�ही� ही$. इसे क�रर्ण ल�ग इन्ही% अंपान� शेत्र6 सेमंझ ब�ठ� ही$.भी�ग्यो��क 8 +�लN क� जैरूर� से ज्यो��� तिकसे! पार ति+श्वा�से नही! करन� च�तिहीए योही आपाक लिलए घ��क लिसेद्ध ही� सेक�� ही�. भी�ग्यो��क 8 क जै!+न मं% क�फ; उ��र-चढ़�+ आ� रही� ही$ अं�: आपा धा�यो� न ख�ए� और अंपान क�योb क; ओर अंग्रसेर बन रही% सेफल�� अं+श्यो प्र�प्� ही�ग!. भी�ग्यो��क 8 अंपान! मंहीत्+�क��क्ष�ओं क क�रर्ण आपा कभी! कभी! बहु� कठ�र और जिजैद्दीp ही� सेक� ही$.भा�ग्र्य�$का 9भा�ग्र्य�$का 9 का� स्वभा�व और ग�र्ण | भी�ग्यो��क 9 +�ल ल�गN मं% न �\त्+ करन �था� से�गठन करन क ति+शे ष ग6र्ण ति+द्यामं�न ही��� ही$. भी�ग्यो��क 9 +�ल व्यलिAयोN मं% सेमंपा�र्ण क� भी�+ � ख� जै� सेक�� ही�. योही क�मंल हृ�यो क ही�न क क�रर्ण दूसेरN क; मं�� करन +�ल ही�� ही$. भी�ग्यो��क 9 +�लN क; धिमंत्र से�ख्यो� भी! अंच्छाp ख़�से! ही��! ही�. जै� भी! ल�ग इनक से�पाक� मं% आ� ही$ +ही इनसे दूर नहीe ही� पा�� और इनसे जै6ड़� हुआ मंहीसे�से कर� ही$.भी�ग्यो��क न4 +�लN मं% ग6स्से� भी! बहु� ही��� ही� मं�गल क प्रभी�+ स्+रूपा इनक अं��र ओजै भी! � ख� जै� सेक�� ही� इन ल�गN मं% से�हीसे और जै�खिखमं उठ�न क; शेलिA ही��! ही�. भी�ग्यो��क 9 +�ल र�ग!न धिमंज़ो�जै क ति+ल�से! और शे4क;न ही� सेक� ही$. भी�ग्यो��क 9 +�लN मं% तिनर��र आग बढ़न और प्रगति� करन क; इच्छा� रही�! ही� अं�: आपा ल�ग अंपान क�योb क� तिबन� रुक करन क� प्रयो�से कर� ही$भी�ग्यो��क 9 +�ल अंपान प्रत्यो क क�मं क� सेमंयो क अंन6से�र सेमं�प्� करन मं% ति+श्वा�से रख� ही$. अंपान उत्तार��धियोत्+ क� उलिच� प्रक�र से तिन+��ही करन क� प्रयोत्न कर� ही$ �था� इसे प्रक�र योही ल�ग सेफल�� प्र�प्� कर� ही$. धान�जै�न करन मं% योही सेफल ही�� ही$.भी�ग्यो��क 9 +�लN मं% से��यो� क प्रति� लग�+ � ख� जै� सेक�� ही�. इन्ही% से�जै- सेजै�+टा बहु� पासे�� आ�! ही�. योही ल�ग अंपान! मं हीन� द्वा�र� ऊँ3 च पा�N क� प्र�प्� कर� ही$. से�धा�रर्ण ही�� हुए भी! योही ल�ग अंपान! मं हीन� क बल पार उच्च मं6क�मं ही�लिसेल कर ल � ही$. भी�ग्यो��क 9 +�ल से�कटाN से घबर�� नहीe �था� से�हीसे से क�यो� कर उन से�कटाN क� दूर कर � � ही$.नका�र�त्मका लक्षोंर्ण | भी�ग्यो��क 9 +�लN क� क्र�धा जैल्�p आ�� ही�, इसेलिलए कई ब�र इन्ही% न6कसे�न भी! उठ�न� पाड़ जै��� ही� अं�: अंपान क्र�धा पार तिनयो�त्रर्ण करन क; आ+श्योक�� ही�. भी�ग्यो��क 9 +�ल जै��क स्+��त्र ति+च�र +�ल ही�� ही$. इसेलिलए तिकसे! क अंधा!न क�यो� करन� इन्ही% पासे�� नहीe आ�� इसे क�रर्ण ल�ग इन्ही% शेत्र6 ए+� अंही�क�र! भी! सेमंझ ब�ठ� ही$. भी�ग्यो��क 9 +�लN क पा�से क6 छ न ही� पारन्�6 तिफर भी! आपा शे�न-शे4क� से ही! रहीन� पासे�� कर� ही$ आपा इधार क; ब�� उधार न कर%भी�ग्यो��क 9 +�लN क� अंपान� ति+र�धा पासे�� नही! आ�� अंपान! आल�चन� पार उत्ता जिजै� ही� जै�� ही$. अंपान क� { ष्ठा से�तिब� करन क लिलए �त्पार रही� ही$ इसे क�रर्ण योही ल�गN से न�र�ज़ो भी! ही� जै�� ही$ अं�: अंपान! इसे कमं! क� दूर करन क� प्रयो�से कर% . भी�ग्यो��क 9 +�ल कठ�र ही�� ही$ किंकS�6 मंन से उ��र भी�+ क ही�� ही$ . भी�ग्यो��क न4 +�ल व्यलिA प्रति�भी�शे�ल! ही�� ही$ �था� इनक सेमंक्ष क�ई भी! व्यलिA ब�लन क� से�हीसे नहीe कर पा�� .अं$का ज्र्य�किताष म3 र�णिशेर्य-, ग्रहो- ताथा� अं$का- का9 घकिनष्ठता� | अं�क शे�स्त्र मं% से�यो� �था� चन्द्रमं� �� ऎसे ग्रही ही$ जिजैन्ही% �� अं�क प्र�प्� ही$. से�यो� �था� यो�र नसे क� आपासे मं% पारस्पर से�ब�धा मं�न� गयो� ही�, इसेलिलए से�यो� क� 1 �था� 4 �� अं�क प्र�प्� ही�. +�स्�ति+क�� मं% अं�क 1 से�यो� क� ही� और अं�क 4 यो�र नसे क� ही�. इसे! प्रक�र चन्द्रमं� �था� न पाच्यो�न क� आपासे मं% पारस्पर से�ब�धा ही��� ही�, इसेलिलए चन्द्रमं� क� �� अं�क 2 �था� 7 प्र�प्� ही$. चन्द्रमं� अं�क 2 ही� �था� न पाच्यो�न अं�क 7 ही�. इन सेभी! क� पारस्पर भी! से�ब�धा ही��� ही�. 1,4,2,7 अं�कN +�ल जै��क एक-दूसेर क से�था पारस्पर सेहीयो�ग क; भी�+न� रख� ही$ और पारस्पर आकर्तिषS� ही�� ही$.

Page 11: अंक ज्योतिष

अं�क 1 �था� 4 जिजैन ति�लिथायोN से बन� ही$ उनक� से�ब�धा 2 �था� 7 अं�क +�ल! ति�लिथायोN से अंच्छा� ही��� ही�. तिकसे! भी! मंही!न क; 1,4,10,19,22,28 �था� 31 ��र!खN क� जैन्मं व्यलिAयोN क� अं�क 1 �था� 4 ही��� ही�. इन ��र!खN मं% जैन्मं व्यलिAयोN क� आकष�र्ण, तिकसे! भी! मं�ही क; 7,11,16,20,25 �था� 29 ��र!खN क� जैन्मं व्यलिA से ही��� ही�. इन ति�लिथायोN से 2 �था� 7 अं�क बन�� ही�. इनमं% पारस्पर मंधा6र�� �था� सेही�न6भी�ति� क� भी�+ रही�� ही�. इन �p ति�लिथायोN क अंति�रिरA योदि� क�ई व्यलिA से�यो� क मं�ही अंथा��� 21 जै6ल�ई से 20 से 27 अंगस्� �क क मंध्यो जैन्मं� ही� �� उसेक� चन्द्र क मं�ही अंथा��� 20 जै�न से 21 से 27 जै6ल�ई �क क मंध्यो जैन्मं व्यलिA से पारस्पर ��लमं ल �था� घतिनष्ठा�� रही�! ही�.  इनक ग6र्ण आपासे मं% और अंधिधाक मं ल ख�� ही$.इसेक अंति�रिरA सेभी! अं�कN क� पारस्पर अंन्यो अं�कN �था� ग्रहीN से सेक�र�त्मंक �था� नक�र�त्मंक से�ब�धा K�तिपा� ही��� ही�. योही से�ब�धा तिनम्न प्रक�र से ही� :- 21 मं�च� से 19 अंप्र�ल क मंध्यो क� अं�क 9 ही�. इसेक� सेक�र�त्मंक प्रभी�+ ही�. 20 अंप्र�ल से 20 मंई क मंध्यो क� अं�क 6 ही�. योही एक सेक�र�त्मंक अं+धिधा ही�. 21 मंई से 20 जै�न क मंध्यो क� अं�क 5 ही�. योही सेक�र�त्मंक अं+धिधा ही�. 21 जै�न से 20 जै6ल�ई क मंध्यो क� अं�क 2 �था� 7 ही�. योही सेक�र�त्मंक अं+धिधा ही�. 21 जै6ल�ई से 20 अंगस्� क मंध्यो क� अं�क 1 �था� 7 ही�. योही सेक�र�त्मंक अं+धिधा ही�. 21 अंगस्� से 20 लिसे�म्बर क मंध्यो क� अं�क 5 ही�. योही नक�र�त्मंक प्रभी�+ लिलए ही��� ही�. 21 लिसे�म्बर से 20 अंA� बर क मंध्यो क� अं�क 6 ही�. योही अं+धिधा नक�र�त्मंक प्रभी�+ लिलए ही�. 21 अंA� बर से 20 न+म्बर क मंध्यो क� अं�क 9 ही�. योही अं+धिधा नक�र�त्मंक प्रभी�+ +�ल! ही��! ही�. 21 न+म्बर से 20 दि�सेम्बर क मंध्यो क� अं�क 3 ही�. योही सेक�र�त्मंक फल � न +�ल! अं+धिधा ही�. 21 दि�सेम्बर से 20 जैन+र! क मंध्यो क� अं�क 8 ही�. योही सेक�र�त्मंक प्रभी�+ +�ल! अं+धिधा ही�. 21 जैन+र! से 19 फर+र! क मंध्यो क� अं�क 8 ही�. योही नक�र�त्मंक प्रभी�+ +�ल! अं+धिधा ही�. 19 फर+र! से 20 मं�च� क मंध्यो क� अं�क 3 ही�. योही नक�र�त्मंक प्रभी�+ +�ल� सेमंयो ही�.अं�क ज्यो�ति�ष मं% भी! र�लिशेचक्र क भी�ग तिकए गए ही$. र�लिशेचक्र क� च�र भी�गN मं% ब�3टा� गयो� ही�. योही च�र भी�ग तिनम्नलिलखिख� ही$ :-अंग्निग्न कित्रका�र्ण | Fire Triangle अंखिग्न तित्रक�र्ण क� प्रथामं घर 21 मं�च� से 19 अंप्र�ल �क ही��� ही�. अंखिग्न तित्रक�र्ण क� तिद्वात्ता!यो घर 21 जै6ल�ई से 20 अंगस्� �क ही��� ही�. अंखिग्न तित्रक�र्ण क� �\त्ता!यो घर 21 न+म्बर से 20 दि�सेम्बर �क ही��� ही�. +�यो6 तित्रक�र्ण क� प्रथामं घर 21 मंई से 20 जै�न �क ही��� ही�. +�यो6 तित्रक�र्ण क� तिद्वात्ता!यो घर 21 लिसे�म्बर से 20 अंA� बर �क ही��� ही�. +�यो6 तित्रक�र्ण क� �\त्ता!यो घर 21 जैन+र! से 19 फर+र! �क ही��� ही�.जुल कित्रका�र्ण | Water Triangle जैल तित्रक�र्ण क� प्रथामं घर 21 जै�न से 20 जै6ल�ई �क ही��� ही�. जैल तित्रक�र्ण क� तिद्वात्ता!यो घर 21 अंA� बर से 20 न+म्बर �क ही��� ही�. जैल तित्रक�र्ण क� �\त्ता!यो घर 19 फर+र! से 20 मं�च� �क ही��� ही�.भा(मिम कित्रका�र्ण | Earth Triangle भी�धिमं तित्रक�र्ण क� प्रथामं घर 20 अंप्र�ल से 20 मंई �क ही��� ही�. भी�धिमं तित्रक�र्ण क� दूसेर� घर 21 अंगस्� से 20 लिसे�म्बर �क ही��� ही�. भी�धिमं तित्रक�र्ण क� �\त्ता!यो घर 21 दि�सेम्बर से 20 जैन+र! �क ही��� ही�.अं�क ज्यो�ति�ष मं% प्रत्यो क ग्रही क� एक अं�क दि�यो� गयो� ही�. योही अं�क तिनम्नलिलखिख� ही$ :-ग्रहो अं$कासे�यो�           1चन्द्रमं�      2ब\हीस्पति�    3यो�र नसे      4ब6धा            5शे6क्र            6न पाच्यो�न     7शेतिन           8मं�गल         9अं$का- सी� जु�डा�T म�हो | से�यो� क� सेभी! ब�रही र�लिशेयोN से ग6जैरन मं% एक +ष� अंथा��� लगभीग 365 दि�न क� सेमंयो लग�� ही�. अं�क ति+द्या� मं% से�यो� क; स्थिKति� क आधा�र पार हीर मं�ही क� एक अं�क प्र��न तिकयो� गयो� ही�. इन मंही!नN क; अं+धिधा, से�मं�न्यो अं+धिधा से णिभीन्न ही��! ही�. से�यो� क; इसे अं+धिधा क� ति+श्ले षर्ण, से�यो� क ति+ष6+ क्ष त्र मं% प्र+ शे करन से तिकयो� जै��� ही�. इसे अं+धिधा क� आरम्भ 21 मं�च� से ही��� ही�.जैब से�यो� 21 मं�च� क� ति+ष6+ क्ष त्र मं% प्र+ शे कर�� ही� �ब उसे मं ष र�लिशे क� आरम्भ मं�न� जै��� ही�. इसे! प्रक�र सेभी! ब�रही र�लिशेयोN क; गर्णन� क; जै��! ही�. अं�क गणिर्ण� क अंन6से�र से�यो� क; ब�रही र�लिशेयोN मं% स्थिKति� +�दि�क ज्यो�ति�ष से णिभीन्न ही��! ही�. र�लिशेचक्र क; ब�रही र�लिशेयोN क आधा�र पार अं�कN क� तिनधा��रर्ण तिनम्नलिलखिख� प्रक�र से ही��� ही�:-अं$का 9 | Ank 9भीचक्र क; पाहील! र�लिशे मं ष ही�. 21 मं�च� से 19 अंप्र�ल �क क; सेमंयो अं+धिधा क� मं ष र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क� अं�क 9 ही�. 9 अं�क क� स्+�मं! ग्रही मं�गल ही�. 21 मं�च� से 19 अंप्र�ल �क मं�गल सेक�र�त्मंक प्रभी�+ लिलए ही��� ही�. इसे सेमंयो मं�गल क; क\ पा� दृधिष्टो बन! रही�! ही�.अं�क 9 क; दूसेर! सेमंयो अं+धिधा 21 अंA� बर से 20 न+म्बर �क ही��! ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क� +\णिश्चाक र�लिशे क अंधिधाक�र मं% रख� गयो� ही�. इसे र�लिशे क� स्+�मं! ग्रही भी! मं�गल ही�. इसे सेमंयो मं�गल क� प्रभी�+ नक�र�त्मंक मं�न� जै��� ही�.20 अंप्र�ल से 20 मंई �क क; सेमंयो-अं+धिधा क� +\ष र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. +\ष र�लिशे क� स्+�मं! ग्रही शे6क्र ही�. इसे सेमंयो क� अं�क 6 ही�. इसे सेमंयो शे6क्र क; क\ पा�दृधिष्टो सेक�र�त्मंक प्रभी�+ +�ल! ही��! ही�.अं�क 6 क; दूसेर! सेमंयो अं+धिधा 21 लिसे�म्बर से 20 न+म्बर �क मं�न! जै��! ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क� �6ल� र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. �6ल� र�लिशे �था� से�ख्यो� 6 क� स्+�मं! ग्रही शे6क्र ही�, जिजैसेक� प्रभी�+ नक�र�त्मंक ही��� ही�.अं$का 5 | Ank 521 मंई से 20 जै�न �क क; सेमंयो अं+धिधा क� धिमंथा6न र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क� अं�क 5 ही�. धिमंथा6न र�लिशे �था� से�ख्यो� 5 क� स्+�मं! ग्रही ब6धा ही�. इसे अं+धिधा मं% ब6धा क� अंसेर सेक�र�त्मंक �था� शे6भी ही��� ही�.अं�क 5 क; दूसेर! सेमंयो�+धिधा 21 अंगस्� से 20 लिसे�म्बर �क ही�. इसेक; र�लिशे कन्यो� ही�. कन्यो� र�लिशे �था� अं�क 5 क� स्+�मं! ग्रही ब6धा ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा पार क्र� र ब6धा क; दृधिष्टो बन! रही�! ही�. इसेलिलए इसे सेमंयो क� नक�र�त्मंक मं�न� जै��� ही�.अं$का 2 ताथा� 7 | Ank 2 and Ank 7भीचक्र पार 21 जै�न से 20 जै6ल�ई क� सेमंयो, 2 �था� 7 अं�कN क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% आ�� ही�. इसे सेमंयो क� कक� र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क� �� अं�क प्र��न तिकए गए ही$. इन ��नN अं�कN - 2 �था� 7 और कक� र�लिशे क� स्+�मं! ग्रही चन्द्रमं� ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा मं% चन्द्रमं� क� प्रभी�+ सेक�र�त्मंक रही�� ही�.

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अं$का 1 ताथा� 4 | Ank 1 and Ank 421 जै6ल�ई से 20 अंगस्� �क क; सेमंयो अं+धिधा क� सिंसेSही र�लिशे क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% रख� गयो� ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा क अंन्�ग�� �� अं�क, 1 �था� 4 आ� ही$. सिंसेSही र�लिशे, 1 �था� 4 अं�क क� स्+�मं! ग्रही से�यो� ही�. इसे सेमंयो मं% से�यो� क� प्रभी�+ सेक�र�त्मंक रही�� ही�.अं$का 3 | Ank 321 न+म्बर से 20 दि�सेम्बर �क क; सेमंयो अं+धिधा अं�क 3 क अंधिधाक�र क्ष त्र मं% आ�! ही�. इसे सेमंयो अं+धिधा �था� अं�क 3 क; र�लिशे धान6 ही�. इसे र�लिशे �था� अं�क 3 क� स्+�मं! ग्रही ग6रु ही�. इसे सेमंयो ग6रु क� प्रभी�+ सेक�र�त्मंक मं�न� जै��� ही�.अं�क 3 क� दूसेर� क�ल 21 फर+र! से 20 मं�च� �क क� ही��� ही�. इसे सेमंयो क; र�लिशे मं!न ही��! ही�. मं!न र�लिशे क� स्+�मं! ग्रही भी! ग6रु ही��� ही�. इसे सेमंयो ग6रु क� नक�र�त्मंक प्रभी�+ रही�� ही�.अं$का 8 | Ank 821 दि�सेम्बर से 20 जैन+र! �क क; सेमंयो अं+धिधा अं�क 8 क अंधिधाक�र मं% आ�! ही�. इसे सेमंयो क; र�लिशे मंकर ही�. इसे सेमंयो, मंकर र�लिशे �था� अं�क 8 क� स्+�मं! ग्रही शेतिन ही�. इसे सेमंयो शेतिन क� सेक�र�त्मंक प्रभी�+ रही�� ही�.अं�क 8 क� दूसेर� सेमंयो 21 जैन+र! से 20 फर+र! �क रही�� ही�. इसे अं+धिधा क; र�लिशे क6 म्भ मं�न! गई ही�. क6 म्भ र�लिशे, इसे सेमंयो अं+धिधा �था� अं�क 8 क� स्+�मं! ग्रही शेतिन ही�. इसे सेमंयो शेतिन क� प्रभी�+ नक�र�त्मंक रही�� ही�.न�म�$का | What is the Impact of Namank on Your Lifeअं�कशे�स्त्र मं% मं�ल��क (जैन्मं��क) और भी�ग्यो��क ज्ञा�� करन� ब ही� आसे�न ही��� ही� और अंधिधाक�र सेभी! क� मं�ल�मं भी! ही��� ही� तिक तिकसे प्रक�र इसे प्र�प्� कर सेक� ही$. ल तिकन न�मं��क क� तिनक�ल पा�न� सेभी! क� नही! आ�� और योही था�ड़� ल�ब� �र!क� ही��� ही�. अं�क शे�स्त्र क अंन6से�र न�मं��क क� व्यलिA क जै!+न मं% मंहीत्+पा�र्ण� प्रभी�+ पाड़�� ही�. आजैकल हीमं अंन क व्यलिAयोN क� क� � ख सेक� ही$ जिजैन्हीNन अंपान न�मं��क मं% पारिर+��न करक अंन क उपालस्ति�योN क� प्र�प्� तिकयो� ही�. बहु� से ल�ग न�मं��क क सेही! उपायो�ग द्वा�र� अंपान जै!+न मं% अंन क ब�ल�+ करन क� प्रयो�से करन मं% सेफल�� पा�� ही$.अं�कशे�स्त्र! व्यलिA क दुभी��ग्यो क� से4भी�ग्यो मं% ब�लन क लिलयो भी! न�मं��क क� सेही�र� ल � ही$. अंक्सेर सेमं�च�र पात्रN मं% �था� टा ल!ति+जैन पार भीति+ष्यो+�र्ण! करन +�ल अं�कशे�स्त्र! भी! यो ब��� हुए � ख जै� सेक� ही$ तिक कई जै�न मं�न ल�ग यो� प्रमं6ख हीस्तिस्�यो�� अंपान न�मं मं% क6 छ ब�ल�+ कर न�मं��क ब�ल � � ही$ जिजैसेक प्रभी�+ स्+रूपा उन्ही सेफल�� यो� से6ख प्र�प्� हुआ ही�. अं�: हीमं प्रयो�से कर� ही$ तिक तिकसे प्रक�र न�मं��क क; गर्णन� क� से क; जै��! ही� ?न�मं��क क; गर्णन� अं�ग्र जै! क अंक्षरN क� दि�यो गयो अं�कN क आधा�र पार ही! क; जै��! रही! ही�. आजै भी! लगभीग सेभी! अं�कशे�स्त्र! न�मं��क क; गर्णन� इसे! प्र�च!न �र!क से कर� ही$. न�मं��क तिक गर्णन� क लिलए क;र� पाद्धति�, से फ रिरयोल पाद्धति� �था� पा�इथा�ग�रसे पाद्धति� क� उपायो�ग तिकयो� जै��� ही�, इनमं% से तिकसे! न न4 अं�क क� K�न दि�यो� �� तिकसे! न K�न नहीe दि�यो�. न�मं��क जै!+न मं% आ+श्योक ब�ल�+ ल� सेक� ही$ और हीमं�र जै!+न क� आशे�+��p दि�शे� प्र��न कर सेक� ही�. इनक द्वा�र� हीमं% सेफल�� क; दि�शे� धिमंल�! ही�.जै!+न मं% न�मं क� बहु� मंहीत्+ ही��� ही� न�मं से ही! हीमं�र! पाहीच�न ही��! ही�. न�मं क� मंहीत्+ ख6� ब ख6� दृधिष्टोग� ही��� ही�, �था� न�मं रखन क; ति+धिधा क� से�स्क�र कमं� मं% रख� जै��� ही� और इसेमं% जै��क क जैन्मं नक्षत्र पार आधा�रिर� न�मं रखन क� प्रयो�से तिकयो� जै��� ही�. क6 छ K�नN पार हीमं योही भी! � ख� ही$ तिक तिकसे! व्यलिA क� न�मं �� उलिच� ही��� ही�. ल तिकन तिफर भी! सेफल�� पा�न मं% उसे बहु� से�घष� करन� पाड़�� यो� उसे +ही सेफल�� धिमंल ही! नहीe पा��!, ऐसे सेमंयो मं% अं�क ज्यो�ति�ष यो� अं�क शे�स्त्र द्वा�र� हीमं न�मं मं% क6 छ पारिर+��न करक उसे न�मं क� मंहीत्+ ए+� प्रभी�+ और भी! अंधिधाक बढा�� सेक� ही$.न�मं क अं�कN अंथा��� न�मं��कN क� घटा� यो� बढ़�कर उपायो�ग मं% ल�न से उलिच� ए+� उपायो6A ल�भी प्र�प्� ही� सेक� ही$. योदि� तिकसे! व्यलिA क न�मं��क क� ग्रही उसेक मं�ल��क, भी�ग्यो��क क� शेत्र6 ही��� ही� �� उसे न�मं क� ब�लन तिक आ+श्योक�� ही��! ही�. न�मं क आग अंथा+� पा!छ क6 छ अंक्षरN क� जै�ड़ घटा�कर न�मं��क क� उसेक भी�ग्यो��क �था� मं�ल��क क से�था ��ल मं ल K�तिपा� करक उसे  ल�भीक�र! बन�यो� जै� सेक�� ही�.� ख� जै�ए �� क6 छ अं�क तिकसे! तिनणिश्चा� अं�क क धिमंत्र + क6 छ शेत्र6 ही�� ही$. योदि� न�मं��क, भी�ग्यो��क + मं�ल��क क शेत्र6 अं�क क� ही�ग� �� सेफल�� नहीe धिमंल ग! इसेलिलए न�मं��क क� मं�ल��क + भी�ग्यो��क से बहु� आ+श्योक ही��� ही�.न�म�$का गर्णन� | Calculation of Namankन�मं��क मं% दि�र गए अं�कN क आधा�र पार हीमं तिकसे! भी! व्यलिA, K�न इत्यो�दि� क� न�मं��क प्र�प्� कर सेक� ही$. उ��हीरर्ण क �4र पार- अंतिनल क6 मं�र क न�मं क� न�मं��क प्र�प्� करन� ही��� +ही इसे प्रक�र ही�ग�.A N I L        K U M A R1 5 1 3        2 6 4 1 21+5+1+3=10,  2+6+4+1+2=1510+15=252+5=7   इसे प्रक�र इसे व्यलिA क� न�मं��क 7 बन�� ही�.अं�ग्र जै! क अंक्षर क;र� पाद्धति� से फ रिरयोल पाद्धति� पा�इथा�ग�रसे पाद्धति�A 1 1 1B 2 2 2C 3 2 3D 4 4 4E 5 5 5F 8 8 6G 3 3 7H 5 8 8I 1 1 9J 1 1 6K 2 2 2L 3 3 1M 4 4 3N 5 5 4O 7 7 5P 8 8 6Q 1 1 7R 2 2 8S 3 3 9T 4 4 1U 6 6 2V 6 6 7W 6 6 5X 5 6 3Y 1 1 4Z 7 7 5न�म�$का 1 | The Impact of Namank 1 on Your Lifeन�मं��क क; गर्णन� अं�ग्र जै! क अंक्षरN क� दि�यो गयो अं�कN क आधा�र पार ही! क; जै��! रही! ही�. व्यलिA क न�मं क अंक्षरN क क6 ल यो�ग से बनन +�ल अं�क क� न�मं��क कही� जै��� ही�. न�मं��क गर्णन� क लिलए क;र� पाद्धति�, से फ रिरयोल पाद्धति� �था� पा�इथा�ग�रसे पाद्धति� क� उपायो�ग तिकयो� जै��� ही�, न�मं��क क� से4भी�ग्यो

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अं�क भी! कही� ही$. योही नम्बर पारिर+��नशे!ल ही� सेक�� ही�. हीमं ऐसे अंन क ल�गN क� � ख सेक� ही$ जिजैन्हीNन अंपान न�मं मं% ब�ल�+ करक उलिच� न�मं��क प्र�प्� तिकयो� और सेफल��ओं क� प्र�प्� तिकयो� अं�: हीमं इसे न�मं��क मं% अंन क ब�ल�+ कर सेक� ही$ जिजैसे क�रर्ण इसे पारिर+��नशे!ल भी! कही� गयो� ही�.अंपान� न�मं��क जै�नन क लिलयो से+�प्रथामं न�मं English मं लिलख%. जै�से तिकसे! व्यलिA क� न�मं रति+ ही� �� इसे अं�ग्र जै! मं% RAVI लिलख%ग अंब इसेक ब�� न!च दि�यो गयो क्रमं से इन Alphabate क नम्बर क� लिलख कर अं�क जै�ड़%. R = 2, A = 1 , V = 6, I = 1. अंब इन अं�कN क� जैमं� कर%  = 2 + 1 + 6 + 1 = 10क6 ल यो�ग = 1 ही�,  अं�: आपाक� न�मं��क 1 बन�� ही�.न�म�$का - 1 ग�र्ण किवशे�षता� | Behaviour and Qualities न�मं��क 1 +�ल जै��क क स्+भी�+ मं% सेहीनशे!ल क� ग6र्ण � ख� जै� सेक�� ही� न�मं��क 1 +�ल व्यलिA ति+पार!� पारिरस्थिKति�योN मं भी! तिनर��र से�घष� कर� रहीन क; च�ही रख� ही$ अंपान इसे! ग6र्ण क क�रर्ण +ही सेफल�� भी! प्र�प्� कर ल � ही$. न�मं��क 1 +�लN मं% न �\त्+ क� ग6र्ण जैन्मं-जै�� ही��� ही�. इसे क�रर्ण योही ल�ग सेमं�जै मं% अंपान! एक मं6ख्यो भी�धिमंक� तिनभी�� ही$ और सेभी! क� एक से�था ल कर चलन क� प्रयो�से कर� ही$.न�मं��क एक +�ल जै��क सेमं�जिजैक दृधिष्टो से ति+श्वास्� व्यलिA ही�� ही$ . न�मं��क एक +�ल अंपान तिनश्चायोN पार अंतिडाग रही� ही$. ल�ग इनपार ति+श्वा�से भी! कर� ही$ और इनक� सेम्मं�न भी! कर� ही$. योही जैब क�ई क�यो� करन क� ति+च�र कर� ही$ �� उसे पा�र! �रही से तिनभी�न क� प्रयो�से भी! कर� ही$. योही आसे�न! से अंपान मं�ग� से ति+चलिल� नहीe ही�� ही$ �था� क�ई इन्ही% इनक तिनश्चायो से तिडाग� नही! सेक��.न�मं��क 1 अं�क +�ल च�ही क�ई भी! व्य+से�यो अंपान�ए� उसेमं% सेफल�� अं+श्यो प्र�प्� कर� ही$. अंपान क�योb क� लगन और तिनष्ठा� द्वा�र� पा�र� कर� ही$ ब�धा�ओं से ति+चलिल� नही! ही�� . अंपान लक्ष्यो क प्रति� से�� सेच ष्टो रही� ही$, इनक� लक्ष्यो तिनणिश्चा� ही��� ही�.सेफल�� क लिशेखर क� छ� न क; इनक; मंहीत्+�क��क्ष� उच्च ही��! ही�. क�ई भी! न4कर! यो� व्य�पा�र कर% अंपान से�हीसे ए+� क4शेल से उसेमं% आग बढा� ही$.न�मं��क 1 ल�ग से�जै-सेज्जा� पासे�� कर� ही$ इन्ही% से6न्�र और से6रुलिचपा6र्ण� जै!+न जै!न� अंच्छा� लग�� ही� योही ल�ग से�जै सेजै�+टा, {\�ग�र तिप्रयो ही�� ही$. अंपान आसे पा�से क +���+रर्ण क� स्+च्छा ए+� आकष�क बन�न क� प्रयो�से भी! कर� ही$. अंस्� व्यस्� जै!+न शे�ल! + फ6 हीड़पान इन्ही% अंच्छा� नही! लग��. इसेक अंति�रिरA न�मं��क 1 +�लN क� ख�न पा!न क� शे4क़ों भी! ख�ब ही��� ही�. से��यो� प्र मं! और कल� पासे�� ही�न क से�था-से�था, से�फ सेफ�ई इन्ही% ति+शे ष तिप्रयो ही�.न�मं��क 1 +�ल व्यलिA स्+��त्र व्यलिAत्+ क ही�� ही$. र�क टा�क �था� ब�दि�शेN क� योही पासे�� नही! कर� . न�मं��क एक +�ल अंपान पारिर{मं द्वा�र� ख�ब धान कमं�� ही$ और से�था ही! से�था खच� भी! ख�ब कर� ही$. इसे क�रर्ण इनक� धान से�ग्रही करन मं% दि�क़्क़ों�N क� से�मंन� करन� पाड़�� ही�.न�मं��क 1 क जै��क च�टा6क�रिर�� और ख6शे�मं� से दूर रही� ही$. �� टा�क ब�� करन� इनक� स्+भी�+ ही��� ही�. इनमं% धिमंत्र बन�न क; ब ही�र!न कल� ही��! ही�. ल�ग इनसे प्रभी�ति+� हुए तिबन� नहीe रही पा�� . योही ल�ग स्+भी�+ से हीसे�मं6ख �था� आकष�क ही�� ही$.न�मं��क एक से��+ न+!न�� क; ख�जै मं लग रही� ही$. नयो� करन� इनक� अंच्छा� लग�� ही� �था� नई और ति+लक्षर्ण +स्�6ओं तिक च�ही इनमं% सेमं�ई ही��! ही�. न�मं��क 1 +�ल मंहीत्+�क��क्ष! भी! ख�ब ही�� ही$, तिनश्चायो ल न मं �क्ष ही�� ही$ क�ई भी! तिनर्ण�यो �6र�� ल � ही$.नम�$का 1 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | 1. न�मं��क एक +�लN क� हीठ और तिनर�क6 शे�� से दूर रहीन क� प्रयो�से करन� च�तिहीए अंपान! न �\त्+ क; च�ही क� दूसेरN पार था�पान से बच%. क्योNतिक इसे क�रर्ण ल�ग आपासे दूर! बन� सेक� ही$. व्यथा� क दि�ख�+N �था� अंपा-व्ययो से भी! दूर रहीन क� प्रयो�से कर% नही! �� आर्थिथाSक �कल!फ़ �था� धान क; कमं! सेहीन! पाड़ सेक�! ही�.न�म�$का 2 | Impact of Namank 2 on Your Lifeन�मं��क क� से4भी�ग्यो अं�क भी! कही� ही$. आजै लगभीग सेभी! अं�कशे�स्त्र! न�मं��क क; गर्णन� इसे! प्र�च!न �र!क से कर� ही$. न�मं��क तिक गर्णन� क लिलए क;र� पाद्धति�, से फ रिरयोल पाद्धति� �था� पा�इथा�ग�रसे पाद्धति� क� उपायो�ग तिकयो� जै��� ही�, इनमं% से तिकसे! न न4 अं�क क� K�न दि�यो� �� तिकसे! न K�न नहीe दि�यो�.आजै हीमं ऐसे अंन क ल�गN क� � ख सेक� ही$ जिजैन्हीNन अंपान न�मं मं% ब�ल�+ करक उलिच� न�मं��क प्र�प्� तिकयो� और सेफल��ओं क� प्र�प्� तिकयो� अं�: हीमं इसे न�मं��क मं% अंन क ब�ल�+ कर सेक� ही$ जिजैसे क�रर्ण इसे पारिर+��नशे!ल भी! कही� गयो� ही�. व्यलिA क न�मं क अंक्षरN क क6 ल यो�ग से बनन +�ल अं�क क� न�मं��क कही� जै��� ही�.स्व�भा�वगता ग�र्ण किवशे�षता� | Behaviour and Qualities न�मं��क 2 +�ल जै��कN मं% सेहृ�यो क ग6र्ण ति+द्यामं�न ही�� ही$. इसे न�मं��क क व्यलिA क� स्+भी�+ शे���, सेतिहीष्र्ण6, कल्पान�शे!ल ही��� ही�. न�मं��क 2 +�ल सेरल हृ�यो क छल कपाटा से दूर रहीन +�ल ही�� ही$. कल�त्मंक �था� र�मं��दिटाक  प्र+\णित्ता क ही�� ही$.न�मं��क 2 +�ल ल�ग न�मं��क 1 +�लN क; ही! भी��ति� अंन6+ षक �था� ख�जै! प्र+\ति� क ही�� ही$ और नए ति+च�रN क� जै�नन क; जिजैज्ञा�से� भी! ख�ब ही��! ही�. किंकS�6 योही अंपान ति+च�रN क� 1 न�मं��क +�लN क; भी��ति� तिक्रयो��ति+� नही! कर पा�� ही�. मंन से च�चल ही�न क क�रर्ण K�ई ही�न क� भी�+ कमं ही! ही��� ही�.न�मं��क 2 +�लN मं% शे�र!रिरक क�यो� करन से ज्यो��� ब4जिद्धक क�यो� करन क; च�ही रही�! ही� जै� अंधिधाक पारिरलणिक्ष� ही��! ही�. न�मं��क �� +�ल व्यलिA सेभ्यो, से6शे!ल, मं\दुभी�ष! ही�� ही$ और ल�ग भी! इनक इसे व्यलिAत्+ से प्रभी�ति+� हुए तिबन� नहीe रही पा�� . न�मं��क �� +�ल धिमंत्र भी! जैल्� ही! बन� ल � ही$ सेभी! इनक सेच्च दि�ल क क�योल ही�� ही$. इनक धिमंत्रN क; से�ख्यो� भी! अंच्छाp ख़�से! ही��! ही�.न�मं��क 2 +�लN मं% दूसेर क मंन क भी � क� जै�न ल न क; अं�भी6� क्षमं�� ही��! ही�. इसे! क से�था इन्ही% तिकसे! न तिकसे! क� से�था हीमं शे� च�तिहीए ही��� ही� अंक ल�पान इन्ही% पासे�� नही! आ��. अंत्योधिधाक कल्पान�शे!ल ही�� ही$ इनमं% आत्मंति+श्वा�से क; कमं! ही��! ही� और था�ड़! था�ड़! � र मं ही! इनक ति+च�रN मं पारिर+��न ही�� रही� ही$.सी�व"�न� | Precautionsन�मं��क 2 +�लN क� अंपान! क6 छ कधिमंयोN क� दूर करन क� प्रयो�से भी! करन� च�तिहीए. इन्ही% अंपान ति+च�रN और यो�जैन�ओं क� तिक्रयो�प्तिन्+� करन क लिलए स्थिKर�� क� अंपान�न� च�तिहीए. न�मं��क 2 +�ल अंत्योधिधाक से�+ �नशे!ल ही�� ही$. योदि� इन्ही% उलिच� मं�ही4ल न� धिमंल% �� यो शे!घ्र तिनर�शे ही� जै�� ही�. अं�: अंपान! इसे कमं! क� दूर करन क� प्रयो�से कर%.न�मं��क 2 +�ल व्यलिAयोN क� ध्यो�न � न� च�तिहीए क; +ही जै� भी! क�यो� कर% उसे पा�र� अं+श्यो कर% �भी! सेफल�� प्र�प्� ही�ग!. मंन क�  ति+चलिल� ही�न से र�क% एक क�मं मं मंन लग�न क� प्रयो�से कर%. भी�+6क�� से बच%, उ��+ल�पान छ�ड़% �था� आत्मंति+श्वा�से क� बढ़�ए�.

न�म�$का 3 | Impact of Namank 3 on Your Lifeन�म�$का 3 का9 स्वभा�वगता किवशे�षता�एM |  Qualities of Namank 3न�मं��क 3 क� अं�क शे�स्त्र मं% बहु� मंहीत्+पा�र्ण� मं�न� जै��� ही�. इसे न�मं��क +�ल व्यलिA से�हीसे! और मंहीत्+�क��क्ष! ही�� ही$. इसे न�मं��क +�लN क; अंपान मं�ल��क +�लN से अंच्छाp धिमंत्र�� ही��! ही� �था� योही! अं�क इनक लिलयो ल�भी��योक भी! रही�� ही�.न�मं��क 3 क व्यलिAयोN क� स्+भी�+ सेरल, स्पष्टो ही��� ही� इनमं% से�हीसे और मंहीत्+�क��क्ष� क� अं�भी6� से�गमं � ख� जै� सेक�� ही�. अंपान! इच्छा�ओं क� पा�र्ण� करन क लिलए न�मं��क 3 +�ल व्यलिA ख�ब प्रयोत्न कर� ही$ �था� सेफल�� क उच्च लिशेखर क� पा�न क लिलए प्रयो�सेर� रही� ही$.न�मं��क 3 +�ल� जै��क जै� भी! क�यो�-क्ष त्र च6न�� ही� उसेमं% +ही उच्च लिशेखर �क पाहु3च�� ही�. ति+श्वासेन!यो�� �था� उत्तार��धियोत्+ से यो6A क�मंN क� करन मं% योही ल�ग पा�र्ण� तिनष्ठा� क� पा�लन कर� ही$. ल�ग इनक; ईमं�न��र! और सेच्च�ई से बहु� प्रभी�ति+� ही�� ही$. क��व्य-पा�लन क प्रति� योही ल�ग बहु� ही! तिनष्ठा�+�न ही�� ही� �था� योही सेभी! क सेमंक्ष अंच्छा� K�न पा�� ही$.न�मं��क �!न +�ल ल�ग अंधिधाक�र तिकसे! क भी! अंधा!न क�यो� करन� पासे�� नहीe कर� . +ही अंपान क�मंN मं% तिकसे! और क� हीस्�क्ष पा सेहीन नहीe कर पा�� . अंपान क�योb क� अंपान! जिज़ोम्मं ��र! क से�था पा�र्ण� क्षमं�� से तिनभी�न क� प्रयो�से करन क; च�ही रख� ही$. योही ल�ग हीमं शे� उच्च क�योb �था� ब ही�र!न क�यो� करन क; इच्छा� रख� ही$ �था� ऊँ3 च पा�N क� पा�न क; च�ही रख� ही$.न�मं��क 3 +�लN क� मं�न सेम्मं�न �था� से�मं�जिजैक मंयो���� क� ख्यो�ल रही�� ही�. न�मं��क �!न +�ल व्यलिA दूर�शे�, गहीन सिंचS�न +�ल ही�� ही$. इनक मंन क; ब�� क� जै�न पा�न� सेरल नही! ही���. अंपान क�योb क� दृढ़��पा�+�क करन क� प्रयो�से कर� ही$. से�च सेमंझ कर क�मं कर� ही$. न�मं��क 3 +�ल अंच्छा धिमंत्र बन� ही$.न�म�$का 3 व�ल- का� नका�र�त्मका पूहोल( | Negative Qualities न�मं��क 3 +�ल व्यलिA बहु� स्+�णिभीमं�न! ही�� ही$ इन्ही% तिकसे! प्रक�र तिक मं�� यो� एहीसे�न ल न� अंच्छा� नहीe लग��. न�मं��क �!न +�लN मं% एक�धिधाक�र क; प्र+\णित्ता भी! � ख! जै� सेक�! ही� �था� पा�र्ण� रूपा से स्+��त्र ही�न� अंपान पार प्रति�ब�धा यो� आन�क�न! इन्ही% पासे�� नहीe इसे क�रर्ण योही शे!घ्र क्र�धिधा� भी! ही� जै�� ही$.

Page 14: अंक ज्योतिष

न�मं��क �!न +�ल योदि� सेफल�� शे!घ्र न प्र�प्� कर सेक% यो� इनक; मंहीत्+क��क्ष�ए� पा�र! न ही� सेक% �� योही जैल्�p तिनर�शे ही� जै�� ही$. इनक इसे व्य+ही�र से ल�ग इन्ही% गल� सेमंझ सेक� ही$ अं�: न�मं��क 3 +�लN क� इन ब��N पार ध्यो�न � न क; जैरूर� ही�.न�म�$का 4 | Impact of Namank 4 on Your Lifeतिकसे! व्यलिA क� न�मं��क योदि� अंन6क� ल नही! ही� �� अं�क ज्यो�ति�ष यो� अं�क शे�स्त्र द्वा�र� हीमं न�मं मं% क6 छ पारिर+��न करक उसे न�मं क� मंहीत्+ ए+� प्रभी�+ और भी! अंधिधाक बढा�� सेक� ही$. इसे प्रक�र न�मं��क उसे व्यलिA क अंन6क� ल ही� सेक�� ही�.न�म�$का 4 ग�र्ण किवशे�षता� | Qualities of Namank 4न�मं��क 4 +�ल स्+भी�+ से से�+ �नशे!ल ही�� ही� इसे क�रर्ण इन्ही% क�ई ब�� जैल्� ही! छ� जै��! ही�. कब क4न से! ब�� पार इनक; भी�+न�ओं क� ठ से पाहु3च योही जै�न पा�न� कदिठन ही��� ही�. न�मं��क 4 +�ल भी!ड़ मं% भी! अंपान आपाक� अंक ल� मंहीसे�से कर� ही$ .न�मं��क अं�क 4 +�ल व्यलिA हीर ब�� क� ति+पार!� पाक्ष से � ख� ही$ .तिकसे! प्रक�र क +�� ति++�� मं यो�  बहीसे,  पारिरचच�� मं योही े ति+र�धा! रुख अंपान�� ही� यो� अंपान� मं� ��न� पाक्षN क सेमं�न ही! रख� ही$. न�मं��क च�र +�ल झगड़�ल6 प्र+\णित्ता क नही! ही�� ही� किंकS�6 अंपान क�योb द्वा�र� योही दूसेरN क� अंपान� ति+र�धा! बन� ल � ही$ �� क6 छ ऐसे शेत्र6 भी! बन� ल � ही$ जै� च�र! छ6 पा इनक� ति+र�धा कर� ही$.न�मं��क च�र +�लN क� शे�र!रिरक स्+�स्थ्यो अंच्छा� रही�� ही�. योही ल�ग पारिर{मं भी! ख�ब कर� ही$ अंपान इसे! पारिर{मं क द्वा�र� योही धान भी! ख�ब कमं�� ही$. धान क� से�ग्रही करन� इनक लिलए बहु� कदिठन ही��� ही� क्योNतिक न�मं��क 4 +�ल ख6ल ही�थाN से खच� कर� ही$ अंपाव्ययो! ही�� ही$ इसे क�रर्ण धान क; ही�तिन भी! उठ�न! पाड़ सेक�! ही�.न�मं��क 4 +�ल प्रत्यो क +स्�6 क� एक अंलग ही! दृधिष्टोक�र्ण से � ख� ही�. न�मं��क च�र +�ल व्यलिAयोN क� जै!+न सेमं�जै से6धा�रक जै�से� ही��� ही�. योही अंपान क�योb द्वा�र� प्रचलिल� रुदिढ़योN क� सेमं�प्� करन क� प्रयो�से भी! कर� ही$. न�मं��क च�र +�ल तिकसे! भी! क�यो� क� बहु� से�च सेमंझ कर करन क प्रयो�से कर� ही$. न�मं��क च�र +�लN क धिमंत्र भी! इन्ही! क जै�से ही�� ही$. से�यो� से प्रभी�ति+� ल�गN से इनक; अंच्छाp धिमंत्र�� ही�ग!.न�मं��क 4 +�ल अंपान हृ�यो क रहीस्योN क� आसे�न! से तिकसे! क सेमंक्ष नहीe प्रकटा ही�न � � ही$. इनक जै!+न पारिर+��न जैल्�p जैल्�p ही�� ही$ जै� आसे�न! से सेमंझ नहीe आ� कब क्यो� ही�ग� योही पा�� नहीe चल��. जैब इन्ही% क्र�धा आ�� ही� �� बहु� ज्यो��� आ�� ही� ल तिकन जैल्� ही! शे��� भी! ही� जै��� ही�.न�म�$का 4 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Warnings न�मं��क च�र +�लN मं% तिनर्ण�यो ल न क; क्षमं�� अंच्छाp नही! ही��! ही�. तिकसे! भी! च!जै क� तिनर्ण�यो ल न मं प्र�यो: बहु� सेमंयो ल � ही$. न�मं��क 4 +�ल कई ब�र ल�भी! यो� क\ पार्ण भी! बन जै�� ही$ �था� अंन्यो जैन क� ही�तिन पाहु3च� कर अंपान� स्+�था� लिसेद्ध करन क� प्रयो�से भी! कर� ही$ पार��6 इन्ही% अंपान! गल�! क� जैल्� अंहीसे�से ही� जै��� ही� और पाछ��+� भी! कर� ही$.क्र�धा क; अंधिधाक�� क क�रर्ण ल�ग इन्ही% झगड़�ल6 सेमंझ ब�ठ� ही$ अं�: न�मं��क 4 +�लN क� अंपान क्र�धा पार तिनयो�त्रर्ण रखन� च�तिहीए. न�मं��क च�र +�लN क� आयो से अंधिधाक व्ययो नहीe करन� च�तिहीए अंपाव्ययो! ही�न से बच% नहीe �� आर्थिथाSक क्षति� क� से�मंन� करन� पाड़ सेक�� ही�. दूसेरN पार भीर�से� रखन� से!ख% �था� स्+��त्र तिनर्ण�यो ल न क� प्रयो�से कर%.न�म�$का 5 | Impact of Namank 5 on Your Lifeन�म�$का 5 का9 ग�र्ण किवशे�षता�एM | Qualities of Namank 5न�मं��क 5 ति+लक्षर्ण प्रति�भी� और से6झब6झ +�ल� अं�क ही�. इसे न�मं��क से प्रभी�ति+� व्यलिA मं% से4म्यो ,ति+च�र+�न ,ब6जिद्धमं�न ति+न��-तिप्रयो ही�न जै�से ग6र्ण � ख जै� सेक� ही$. इसे न�मं��क क जै��क भी4ति�क से6खN क� भी�ग� ही$ . न�मं��क 5 से प्रभी�ति+� व्यलिA �क� शे�स्त्र मं% अंच्छा �था� सेफल व्य�पा�र! बन� ही$.न�मं��क 5 +�ल� व्यलिA क�यो� क� अंपान अंन6से�र करन क� प्रयो�से कर� ही$ योही ल�ग क�मं क� अंपान ही! ढा�ग से से�च� ही$. अंपान! एक ति+च�रधा�र� क अंन6से�र क�यो� कर� ही$. इसे! क�रर्ण व्य�पा�र जै�से क�मंN से जै6ड़न पार उसेमं% सेफल�� अं+श्यो प्र�प्� कर� ही$. जै�खिखमं उठ�न क लिलयो हीमं शे� �त्पार रही� ही$ इसे क�रर्ण सेफल�� भी! प्र�प्� कर� ही$.न�मं��क 5 +�ल जै��क क� ब4जिद्धक स्�र क�फ; अंच्छा� ही��� ही�. शे�र!रिरक क�योb से ज्यो��� दि�मं�ग! क�योb से से�ब�धिधा� क�मं इन्ही% ज्यो��� अंच्छा� लग�� ही� ज्ञा�न प्र�प्तिप्� �था� उनसे जै6ड़ क�मंN क प्रति� अंधिधाक झ6क�+ ही��� ही�. इसे क�रर्ण न�मं��क 5 +�ल व्यलिA सिंचSति�� यो� �न�+ ग्रस्� अंधिधाक रही� ही$ + इनमं% उत्ता जैन� बन! रही�! ही�.न�मं��क पा��च +�लN मं% तिनर्ण�यो ल न क; अंच्छाp क्षमं�� ही��! ही�. न+!न ति+च�रN क� अंपान�� ही$ �था� जिजैसे भी! तिकसे! क�मं क; जिज़ोम्मं ��र! स्+यो� पार ल � ही$ उसे पा�र्ण��� क से�था तिनभी�न क� प्रयो�से भी! कर� ही$ तिफर उसेमं% च�ही क�ई भी! जै�खिखमं क्योN न ही�.न�मं��क पा��च +�ल व्यलिA पारिर{मं पा�र्ण� क�यो� करन से बच� ही$. तिकसे! भी! कदिठन�ई मं यो� मं6से!ब� से योही जैल्� ही! उबर आ� ही$ मंन से च�चल भी! ही�� ही$.इनक ति+च�र द्रु�ग�मं! ही�� ही� तिकसे! भी! ब�� क� तिनर्ण�यो यो �6र�� कर ल � ही$ �था� क�यो� क� शे!घ्र�� क से�था कर� ही$ .न�मं��क 5 +�लN क� तिकसे! एक क�यो� मं मंन नही! रमं�� इसे क�रर्ण योही ल�ग एक से�था कई क�यो� कर� � ख जै� सेक� ही$.  न�मं��क 5 +�ल जैल्� से धान कमं�न क; च�ही रख� ही$ और इन्ही% धान भी! अंन क क�मंN से प्र�प्� ही��� ही�.न�म�$का 5 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Warnings न�मं��क 5 +�ल ल�ग ऐसे क�यो� करन मं ति+श्वा�से रख� ही$ जिजैसेमं% धान-ल�भी जैल्�p से ही� सेक अं�: इसे ब�� पार ध्यो�न �% तिक जै� भी! क�यो� कर% +ही से�च सेमंझ कर कर% ��क; ही�न! न उठ�न! पाड़ . शे!घ्र क्र�धिधा� ही� जै�� ही�, तिकसे! ब�� क� सेहीन नही! कर पा�� ही�.सिंचS�न मंनन अंधिधाक करन क क�रर्ण �न�+ यो� लिसेर��� जै�से! दि�मं�ग! पार शे�तिनयोN क� से�मंन� करन� पाड़ सेक�� ही�. इनक स्+�भी�+ मं दृढ़�� � ख! जै� सेक�! ही� यो� योदि� योही तिकसे! ब�� पार अंड़ जै�ए� �� क�ई भी! इनक ति+च�र क� नही! ब�ल सेक��.न�म�$का 6 | Impact of Namank 6 on Your Lifeन�म�$का 6 का9 स्वभा�व एव$ ग�र्ण | Behaviour and Qualities न�मं��क 6 अं�क +�लN क व्यलिAत्+ मं% एक अं�भी6� से� आकष�र्ण ही��� ही�. इनक च6म्बक;यो ग6र्णN क क�रर्ण ल�ग इनसे प्रभी�ति+� हुए तिबन� नहीe रही पा�� . न�मं��क 6 क ल�ग दूसेर व्यलिAयोN क� अंपान! ओर आक\ ष्टो कर ल � ही�. योही ल�ग प्र मं करन मं% बहु� व्य+ही�र क6 शेल ही�� ही$. इन्ही% सेभी! से6न्�र +स्�6ओं से प्यो�र ही��� ही�. से6��र�� क प्रति� इनमं% स्+भी�ति+क आकष�र्ण ही��� ही�.न�मं��क 6 +�लN मं% र�मं��दिटाक�� क� भी�+ �� रही�� ही! ही� से�था ही! से�था से4न्�यो� क प्रति� प्र मं ही��� ही�. से6न्�र से�जै- से�मं�न क� इन्ही बहु� शे4क ही��� ही�. न�मं��क 6 +�लN क� कल�पा�र्ण� च!जैN से प्र मं ही��� ही� इन्ही% फ6 हीड़पान पासेन्� नही! ही���, न�मं��क छ +�ल धिमंत्र बन�न मं% अंच्छा ही�� ही$. इनक मंन क� रहीस्यो जै�नन� बहु� मं6स्तिश्कल ही�.न�मं��क छ +�ल स्+�भी�+ से च�चल ही�� ही$. तिकसे! एक ति+षयो पार अंधिधाक � र �क ति+च�र नही! कर सेक� . पारिर+��न इन्ही% पासे�� आ�� ही�. न�मं��क 6 +�ल व्यलिAयोN क� घ�मंन� - तिफरन� बहु� पासे�� ही��� ही�. भ्रांमंर्ण से�ब�धा! क�योb मं% इन्ही% सेफल�� भी! प्र�प्� ही��! ही�.न�मं��क 6 +�ल प्र मं मं% तिनष्ठा� क� भी�+ रख� ही$. योही जिजैन्ही% भी! प्र मं कर� हीN उनक लिलयो से+�त्र त्यो�ग भी�+न� रख� ही$. न�मं��क छ +�लN मं% ख6ल ही�थाN से खच� करन क; आ�� भी! ख�ब ही��! ही� जिजैसे क�रर्ण इन्ही% धान से�ग्रही करन मं% कदिठन�ई क� से�मंन� करन� पाड़�� ही�.न�मं��क 6 +�लN क� अंक ल रहीन� पासे�� नही! ही��� इन्ही% तिकसे! न तिकसे! क; आ+श्योक�� ही��! ही! ही�. न�मं��क सेजैन� से�+रन� आपाक� अंच्छा� लग�� ही�. न�मं��क छ +�लN क� क्र�धा भी! बहु� आ�� ही�. योही तिकसे! प्रक�र क� ति+र�धा सेहीन नही! कर पा�� . न�मं��क 6 +�ल तिकसे! भी! यो�जैन� क� करन मं% दृढ़ ही�� ही�.सी�व"�न� | Precautionsन�मं��क 6 +�ल जिजैसे भी! क�यो� क ति+रुधा ही� जै�� ही� उसे अंपान� नहीe पा�� और ति+रूधा ही! रही� ही$. न�मं��क छ +�लN क� तिकसे! भी! नशे क; आ�� से बचन� च�तिहीए. इन्ही% उ��+ल पान से दूर रहीन� च�तिहीए. हीर ब�� पार ब क�र मं न� अंड़ दूसेरN क ति+च�रN क� भी! से6नन क� प्रयो�से कर%.न�म�$का 7 | Impact of Namank 7 on Your Lifeन�म�$का 7 का9 स्वभा�वगता किवशे�षता�एM |  Qualities of Namank 7न�मं��क 7 +�ल व्यलिA से���ष प्र+\णित्ता क ए+� सेतिहीष्र्ण6 व्यलिA ही�� ही�. इनक� व्यलिAत्+ से�मं�न्यो व्यलिAयोN से अंलग ही��� ही� �था�  ल�ग इनसे जैल्� ही! प्रभी�ति+� भी! ही� जै�� ही$. इनक स्+भी�+ मं% च�चल�� क� भी�+ रही�� ही�. योही हीर ब�� मं% पारिर+��न � खन� च�ही� ही$.न�मं��क 7 +�लN मं% रहीस्यो�त्मंक�� क� सेमं�+ शे रही�� ही�. योही ल�ग भी�ग्योशे�ल! ही�� ही�. न�मं��क से�� +�ल धान क प्रति� अंधिधाक आकर्तिषS� नही! ही�� ही$. जै!+न क भी4ति�क पा��थाb क; ओर योही सेमंभी�+ ही! रख� ही$.

Page 15: अंक ज्योतिष

न�मं��क 7 +�ल अंपान ति+च�रN द्वा�र� अंन क पारिर+��न करन क� प्रयो�से कर� ही$. धा�र्मिमंSक आडा�बरN से दूर रही� ही$ �था� रूदिढ़+��p ति+च�रN से दूर रहीन क� प्रयो�से कर� ही$ और इन्ही% ब�लन क; इच्छा� रख� ही$.न�मं��क से�� +�ल स्+��त्र प्र+\णित्ता क व्यलिA ही�� ही$. ति+च�रN क; न+!न�� इन्ही% ल खक, यो� अंच्छा पात्रक�र बन� सेक�! ही�.  न�मं��क से�� +�लN मं% रहीस्यो�त्मंक�� �था� अंति�जिन्द्रयो ज्ञा�न भी! ही��� ही�, इसे क�रर्ण योही दूसेरN क मंन क; ब�� क� जैल्� ही! सेमंझ जै�� ही$.न�मं��क  7 +�लN क� झ6क�+ ग�ढ़ रहीस्योN क; ओर रही��  ही�. मं4लिलक ति+च�रधा�र� क क�रर्ण इनक; से�चन क; क्षमं�� अंच्छाp ही��! ही�. योही ल�ग ��शे�तिनक यो� उच्च ति+च�रक बन सेक� ही$.न�म�$का 7 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Warnings न�मं��क 7 +�लN क� अंपान ति+च�रN पार स्थिKर रहीन क; आ+श्योक�� ही�. तिकसे! अंन6 तिक सेल�ही से ब ही�र ही� क; योही स्+यो� क; से�च पार तिक्रयो��ति+� रही%. अंत्योधिधाक क्र�धा और भी�+6क�� पार तिनयो�त्रर्ण रख%. ब�ल�+ अंच्छा� ही��� ही� किंकS�6 जैल्�p जैल्�p पारिर+��न च�हीन� उलिच� नहीe ही�. धान से�ग्रही करन क� प्रयो�से कर%.न�म�$का 8 | Impact of Namank 8 on Your Lifeन�म�$का 8 का9 स्वभा�वगता किवशे�षता�एM | Behaviour of Namank 8न�मं��क 8 से प्रभी�ति+� व्यलिA क� जै!+न उथाल पा6थाल से भीर� ही��� ही�. इनक� जै!+न पारिर+��नशे!ल ही��� ही�. न�मं��क 8 +�ल अं��मं6�ख! ही�� ही�. अंपान क�योb क प्रति� क�फ; सेजैग रही� ही$ �था� जै� भी! क�यो� कर� ही$ उसे बहु� शे��ति� क से�था पा�र्ण� करन क� प्रयो�से कर� ही$. न�मं��क आठ क� दि�ख�+� पासे�� नही! ही��� योही ल�ग अंपान आपा मं% भी! प्रसेन्न रही सेक� ही$.न�मं��क 8 क�मं क बडा दूरग�मं! पारिरर्ण�मं ही�� ही� से�था ही! से�था यो जै� क�यो� कर� ही� +ही ठ�से ही��� ही� .और जैब क�यो� पा�र्ण� ही� जै��� ही� �� ल�ग उसे क�यो� क; सेर�हीन� कर� ही�. न�मं��क 8 +�लN क; धामं� क; ति+शे ष रूलिच नहीe ही��! योही ल�ग सेमंभी�+ क से�था च!जैN क� अंपान�� ही$.न�मं��क 8 ल�ग स्+भी�+ से से +� भी�+ करन +�ल ही�� ही$ इसेक से�था ही! से�था इनमं% चल�क; क� भी�+ भी! तिनतिही� रही�� ही� योही अंपान� क�मं करन� अंच्छा से जै�न� ही$. न�मं��क आठ +�ल धिमंत्र बन�न क; इच्छा� भी! रख� ही$ �था� पा�र! तिनष्ठा� क से�था धिमंत्र�� क� तिनभी�� भी! ही$.न�मं��क आठ +�ल जैल्� ही! तिनर�शे भी! ही� जै�� ही$ इन्ही% तिकसे! ब�� क� { यो भी! जैल्� प्र�प्� नहीe ही��� ही�. पार��6 जैब ल�ग इनक; मंहीत्ता� क� जै�न ल � ही$ �ब इन्ही% भीरपा�र सेम्मं�न प्र�प्� ही��� ही�.न�मं��क आठ +�लN क� स्+भी�+ शे�क�क6 ल भी! ही��� ही�. अंपान इसे! स्+भी�+ क क�रर्ण योही ल�ग शे�धा और ख�जै जै�से क�योb क� उलिच� प्रक�र कर ल � ही$ और उसेमं% सेफल�� भी! प्र�प्� कर� ही$.न�म�$का 8 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Warnings न�मं��क आठ +�लN क� अंपान! से�� ही करन क; आ�� क� कमं करन क; जैरूर� ही�. इन्ही% हीमं शे� तिकसे! न तिकसे! से लिशेक�यो� रही�! ही�. इन्ही% अंक ल पान से बचन� च�तिहीए अंच्छा धिमंत्र बन�न क� प्रयो�से कर% ऎसे� करन से आपा अंपान भी!�र क� अंक ल�पान दूर कर सेक% ग . न�मं��क 8 +�लN क� से�क�च! ही�न से बचन� च�तिहीए �भी! योही ख6ल कर अंपान! भी�+न�ए� व्यA कर सेक% ग . न�मं��क 8 +�ल जैल्� ही! अंपान� स्न ही तिकसे! क प्रति� व्यA नहीe कर पा�� इसे क�रर्ण ल�ग इन्ही सेमंझन मं% गल�! भी! कर � � ही$न�म�$का 9 | Impact of Namank 9 on Your Lifeन�म�$का 9 व�ल- का� स्वभा�वगता ग�र्ण |  Qualities of Namank 9न�मं��क 9 +�ल व्यलिA मं% न�योक यो� प्रधा�न व्यलिA बनन क; च�ही बहु� ही��! ही�. योही ल�ग सेमं�जै मं% अंपान� एक ति+लिशेष्टो K�न प्र�प्� करन क; च�ही रख� ही$. योही ल�ग जै� भी! क�यो� कर% उसे पार अंपान� मंहीत्+ व्यA अं+श्यो कर� ही$.न�मं��क 9 +�लN क भी!�र से�हीसे भी! ख�ब ही��� ही�. योही ल�ग अंपान से�हीसे �था� तिहीम्मं� द्वा�र� अंन क पार शे�तिनयोN क� दूर करन क; च�ही रख� ही$. इनक; +�र्ण! भी! ओजै पा�र्ण� ही��! ही� �था� योही एक क6 शेल +A� भी! ही�� ही$. इनक प्रभी�+ मं% आन +�ल ल�ग इनसे प्रभी�ति+� हुए तिबन� नहीe रही पा�� ही$.नमं��क 9 ओजै और प्रभी�+शे�ल! व्यलिAत्+ लिलए ही��� ही�. योही स्+भी�+ से बहु� शे!घ्र क�यो� करन +�ल ए+� �!व्र ही�� ही$ अंपान द्वा�र� तिकए गए क�योb क� जैल्� से जैल्� पा�र्ण� करन च�ही रख� ही$. उच्च-क�दिटा क क�यो� प्रब�धाक ही�� ही$ �था� इसे! प्रयो�से मं% लग रही� ही$ तिक जै� क�यो� ही�था मं% ल% +ही शे!घ्र सेमं�प्� ही� सेक .न�मं��क न4 +�लN मं% स्पष्टो +A� ही�न क� ग6र्ण भी! ही��� ही�. पार��6 अंपान� क�मं भी! तिनक�लन� अंच्छाp �रही से जै�न� ही$. इन्ही% अंन6शे�सेन मं% रहीन� अंच्छा� लग�� ही� और दूसेरN से भी! योही योही! अंपा क्ष� रख� ही$. इनक दुश्मंन इन्ही% आसे�न! से पार�स्� नहीe कर पा�� इसे क�रर्ण इनक ��स्� ही! ज्यो��� ही�� ही$.न�मं��क 9 +�ल अंपान उग्र और च�चल व्य+ही�र क ब�+जै�� योही लिशेष्टो और मं\दुभी�ष! ही�� ही$ जिजैसे क�रर्ण ल�ग इनसे बहु� प्रभी�ति+� ही�� ही$. स्+��त्र रुपा से जै!+न यो�पान करन� ए+� स्+यो� क�यो�-कत्ता�� ही�न� पासे�� कर� ही$.इनक जै!+न क� प्र�र�णिभीक क�ल क6 छ कदिठन�इयोN से भीर� ही��� ही� पारन्�6 अं�� मं% यो जै��क अंपान! सेतिहीष्र्ण6�� आत्मंति+श्वा�से �था� दृढ़ इच्छा� शेलिA क द्वा�र�, मं6से!ब�N पार ति+जैयो प्र�प्� कर� ही$.न�म�$का 9 व�ल- का� धिलए सी�व"�किनर्य�$ | Warnings न�मं��क 9 +�ल व्यलिA शे!घ्र क्र�धिधा� ही� जै�� ही$. इनमं% सेहीन शेलिA भी! कमं ही��! ही� आल�चन� सेहीन नही! कर पा�� न�मं��क 9 +�लN क� ख6शे�मं� यो� च�पाल�से! से दूर रहीन� च�तिहीए इसेसे इन्ही% न6कसे�न ही! ही� सेक�� ही�. क्र�धा पार तिनयो�त्रर्ण रख%. दूसेरN पार र�ब जैमं�न �था� धामं� क प्रति� कठ�र ही�� ही$.