डॉ · 2019. 8. 16. · संक्रामक रोगों ुसे...

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विि तन पान सताह पर विशेष : माि का है अम , तनपान जरी डॉघनयाम बादल हर साल महहलाओं को तनपान के लए जागक करने के उदेय से विि िाय संगठन िारा अगत का पहला हता विि तनपान सताह के मनाया जाता है। ि2019 इसकी थीम है तनपान जीिन अम ... विि तनपान का उदेय तन पान के बारे लोग को जागक करना तथा अपयाषत तनपान से मां ि लििु के िाय पर बढऩे िले खे को बारे बताना है ।लििु को तनपान कराना दरत की अनमोल देन है। इससे लििु को िरीरक पोण ि आममक संतुटि दोन लमलते ह। तनपान मां और लििु दोन के लए लाभदायक ि उनका मूलभूत अधिकार भी है। मां ि लििु के बी आपसी संबंि थावपत करने तनपान की अहम भूलमका होती है। तनपान और शशु : जम के एक घंटे के भीतर तनपान शुऱ करा देना चाहिए। इसके अततररत शशु को शिद, पानी आहद भी द। मां का दूध खासकर पिले तीन हदन का पीला-गाढा दूध (कोलॉरम) पलाने से शशु की रोग तरोधक मता का पिकास िता िइससे शमलने िली एंटीबॉडकी मदद से बचा भपिय िने िले डायररया, यूमोतनया आहद संामक रोग से सुरत रिता ितनपान के दौरान शशु की िचा यात जीिाणु मां के संपक आते ि इन ितनकारक जीिाणुओं के पिरोध पिशेष एंटीबॉडमां के शरीर बनती ि, जि मां दूध के मायम से शशु को दान करती ियि अभुत मता कसी ऊपरी दूध निीं िती। ऊपरी दूध है खतरनाक : ऊपरी दूध से शशु लैटोज इंटॉलरस ि एतनमल शमक ोटीन एलजी जैसी समयाओं से िसकता िमां के दूध पर पलने िले शशु इनसे सुरत रिते ि।बोतल िारा दूध पलाने से बचे डायररया का खतरा रिता िइससे बचे पानी की कमी िजाती िपांच िषक से कम के बच यु का मुख कारण डायररया ितनपान िारा इससे बचा जा सकता िबोतल िले दूध पर पले बच गैस ि पेट ददक की समया अधधक िती ि

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  • विश्ि स्तन पान सप्ताह पर विशषे :

    माां का दधू है अमतृ , स्तनपान जरूरी

    डॉ० घनश्याम बादल

    हर साल महहलाओ ंको स्तनपान के ललए जागरूक करने के उद्देश्य से विश्ि स्िास््य सगंठन द्िारा अगस्त कापहला हफ्ता विश्ि स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। िर्ष 2019 में इसकी थीम है स्तनपान जीिनअमतृ...

    विश्ि स्तनपान का उद्देश्य स्तन पान के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा अपयाषप्त स्तनपान से मा ंि लिि ुकेस्िास््य पर बढऩे िाले खर्च ेको बारे में बताना है ।लिि ुको स्तनपान कराना कुदरत की अनमोल देन है। इसस ेलििुको िारीररक पोर्ण ि आत्ममक सतंतु्टि दोनों लमलत ेहैं। स्तनपान मां और लिि ुदोनों के ललए लाभदायक ि उनकामलूभतू अधिकार भी है। मा ंि लिि ुके बीर्च आपसी सबंिं स्थावपत करने में स्तनपान की अहम भलूमका होती है।

    स्तनपान और शशश ु:

    जन्म के एक घटें के भीतर स्तनपान शरुू करा देना चाहिए। इसके अततररक्त शशश ुको शिद, पानी आहद कुछ भी नदें। मा ंका दधू खासकर पिल ेतीन हदन का पीला-गाढा दधू (कोलॉस्रम) पपलाने से शशश ुकी रोग प्रततरोधक क्षमता कापिकास िोता िै। इससे शमलने िाली एंटीबॉडी की मदद से बच्चा भपिष्य में िोने िाले डायररया, न्यमूोतनया आहदसकं्रामक रोगों से सरुक्षक्षत रिता िै । स्तनपान के दौरान शशश ुकी त्िचा में व्याप्त जीिाण ुमा ंके सपंकक में आत ेिैं। इनिातनकारक जीिाणओु ंके पिरोध में पिशषे एंटीबॉडी मा ंके शरीर में बनती िै, जजन्िें मा ंदधू के माध्यम से शशश ुकोप्रदान करती िै। यि अद्भतु क्षमता ककसी ऊपरी दधू में निीं िोती।

    ऊपरी दधू है खतरनाक :

    ऊपरी दधू से शशश ुलकै्टोज इंटॉलरेंस ि एतनमल शमल्क प्रोटीन एलजी जैसी समस्याओ ंसे ग्रस्त िो सकता िै। मा ंकेदधू पर पलने िाले शशश ुइनस ेसरुक्षक्षत रित ेिैं।बोतल द्िारा दधू पपलाने से बच्चे में डायररया का खतरा रिता िै।इससे बच्चे में पानी की कमी िो जाती िै। पांच िषक से कम उम्र के बच्चों में मतृ्य ुका प्रमखु कारण डायररया िै।स्तनपान द्िारा इससे बचा जा सकता िै बोतल िाले दधू पर पले बच्चों में गसै ि पेट ददक की समस्या अधधक िोती िै।

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  • ऊपरी दिू पर पले बच्र्चों में भविटय में मोिापा, हाई ब्लड प्रेिर, डायबबिीज ि फूड एलजी की सभंािना अधिक है। स्तनपान द्िारा इन रोगों से बच्र्चे को बर्चाया जा सकता है। माां का दधू है अमतृ :

    मा ंका दिू बच्र्चे के ललए अमतृ से कम नहीं। यह न लसफष लिि ुके सिाांगीण पोर्ण के ललए जरूरी है, बत्कक इससे मा ंको भी मानलसक ि िारीररक स्िास््य लाभ होता हैबोतल ि चम्मच से दधू पपलाने के पिपरीत स्तनपान एक एजक्टि प्रोसेस िै, जजसमें बच्चा अपने जोर से दधू खींचता िै। इससे उसके जबड ेबेितर पिकशसत िोत ेिैं।पिशभन्न शोधों द्िारा शसद्ध िुआ िै कक स्तनपान पर पले बच्चों का मानशसक पिकास बेितर िोता िै। मा ंके दधू से उस ेआिश्यक अमीनो एशसड्स, फैटी एशसड्स ि पोषक तत्ि शमलत ेिैं जजसस ेमानशसक पिकास बेितर िोता िै। याद रिे मनषु्य के मजस्तष्क का 90 प्रततशत पिकास पिल ेदो िषक में िी िोता िै। अत: इस मित्िपणूक समय को व्यर्क न जाने दें। दधू पपलाने के दौरान शशश ुमा ंके िािभाि देखकर भी सीखता िै ि उसका सपंणूक पिकास शीघ्र िोता िै।

    स्तनपान कम से कम छह माह:

    अत: बच्र्च ेको छि माि तक शसफक स्तनपान कराएं। इसके बाद ऊपरी ठोस आिार शरुू करें ि स्तनपान को डढे से दो िषक तक जारी रखें। इस दौरान मां को अपनी खुराक का पिशषे ध्यान रखना चाहिए। आंकडों के अनसुार स्तनपान द्िारा शशश ुमतृ्यदुर में 20 से 25 प्रततशत तक कमी लाई जा सकती िै।

    जब उल्टी करे शशश ु:

    बहुत बार देखा जाता है कक निजात लिि ुदिू पीने के कुछ देर बाद उकिी कर देत ेहैं। इस बात को बहुत से माता वपता सामान्य बात समझत ेहैं जबकक कुछ अलभभािक बच्र्चे के साथ हो रही इस बात से घबरा जात ेहैं। उनको लगता है कक बच्र्चे की सेहत के ललए उकिी आना अच्छी बात नहीं हैं। आपका बच्र्चा दिू पीने के बाद उकिी करता है तो यह उसके स्िस्थ िरीर का पररणाम है या कफर उस ेकोई समस्या है।

    क्या है समस्या ?

    जन्म के बाद बच्चाअपने बािरी िातािरण और खानपान से सामजंस्य बठैाने की कोशशश करता िै। इसके सार् िी निजात के शरीर का पिकास िोने की जस्र्तत में भी िि उल्टी कर देता िै। बिुत बार ऐसा िोता िै कक बच्चे जब बिुत देर तक रोत ेिैं या कफर खांसत ेिैं तो भी उन्िें उल्टी िो जाती िै।

    डरें नहीां :

    इस पररजस्र्तत में घबराने की जरूरत निीं िैं। ऐसा प्राय: सब बच्चों के सार् िोता िै।कभी कभी यह समस्या ििंानगुत होती है। लसकनेस यानन र्चक्कर आना ककसी बीमारी का लक्षण नही ंहै बत्कक हदमाग के सतंलुन में गड़बड़ी की िजह से ये समस्या होती है। अगर बच्र्चे के माता- वपता में से ककसी को भी ऐसी ककसी तरह की लिकायत थी तो बच्र्चे में इस परेिानी की िजह से उकिी आने की समस्या हो सकती है।बिुत बार मा ंका दधू बच्चों को पसदं निी ं

  • आता िै। अगर ककसी बच्चे के सार् ऐसा िै तो भी उल्टी आना स्िाभापिक िै। कभी- कभी मा ंके दधू में कुछ ऐसे तत्ि िोत ेिैं जजनकी िजि से या कफर दधू से एलजी की िजि से भी बच्चों को उल्टी िोने लगती िै। कैस ेशसखाएां शशश ुको दगु्ध पान :

    धीरज रखत े िुए प्रयास करने से बच्चा दधू पीना सीख जाता िै| बच्च ेको दधू पीना शसखाने का िी तरीका िोता िै. बच्चे को रुई के छोटे से टुकड ेसे या साफ अगंलुी से शिद चटाया जाता िै| शसफक जीभ पर स्िाद शमल जाये इतना सा िी चटाना चाहिए| (मााँ के दधू बढाने के उपाय) इससे उस ेचाटन,े चूसने और तनगलने का तरीका समझ आ जाता िै. इसके बाद शशश ुमााँ के स्तन से दधू आसानी से पी लेता िै|

    लेककन यहद यिंी पर मााँ के दधू में रुकािट आ जाये ककसी कारण से मााँ का दधू न तनकल,े या कम िो जाये शारीर में पोषक तत्िों की कमी के कारण गभकिती महिलाओ के स्तनों में दधू निीं उतर पाता िै|

    मााँ के दधू कम होने के कारण:

    कई बार मा ंके स्तनों में दिू नहीं आता या बहुत कम आता िै त्जसके मखु्य कारण हैं गभकतनरोधक गोशलया ं का सेिन , अधिक दिाइया ंलेनाा ,बच्र्चे को दधू कम पपलानाा , बच्र्चे को रात में अधधक दधू पपलानाा ,मादक पदार्क लेना, या मााँ का तनाि ग्रस्त रहना । मााँ के लम्ब ेसमय से बीमार िोने के कारण भी दिू कम उतरता िै ।

    मााँ का दधू बढाने के घरेल ूनसु्ख े:

    लहसनु का सेवन: लिसनु को खान ेसे दधू बढता िै आप लिसनु को कच्चा न खाए, बजल्क इस ेसब्जी में डालकर खाए ंलिसनु का तनयशमत रूप से पीने से मााँ के स्तनों में दधू बढने लगता िै|

    स्तनपान करत ेसमय: जब भी आप बच्च ेको दधू पपलाये तो उस समय अपने स्तनों पर दबाि दें, और समय समय पर स्तन को बदलत ेरिे| ऐसा करने से आपका बच्चा भी आसानी से दधू पी लेता िै और इससे आपके दधू में भी बढोतरी िोगी|

    तनाव से दरू रहे: जब कोई भी महिला मााँ बनती िै, तो उस समय मााँ को ककसी भी प्रकार की कोई भी टेंशन निीं लेना चाहिए| क्योंकक तनाि लेने से मााँ के शरीर पर बिुत बारुा असर पडता िै, जजस कारण से मााँ के स्तनों में दधू की कमी िोने लगती है। इसललए कुछ भी िो तनाि निीं लेना चाहियें|

    सफ़ेद जीरा: सफ़ेद जीरे को अच्छे से पीस ले और कफर चूणक बना ले, रोजाना आधा से 2 ग्राम सबुि शाम दधू में डाल कर पपलाने से दधू बढता िै| सफ़ेद जीरा, सोंफ और शमश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक़ चूणक बना लेना चाहिए, और कफर एक चम्मच की मात्रा में ताजे पानी के सार् प्रततहदन 3 बार पपलाये|

    काला जीरा: कालाजीरा को आधे से 2 ग्राम की मात्रा में प्रततहदन सबुि शाम खुराक के रूप में देना चाहिए, इससे मााँ के दधू बढता िै|

  • कलोंजी: कलोंजी को लगभग 1 ग्राम की मात्रा में रोजाना सबुि शाम बच्च ेको जन्म देने िाली मााँ को देना चाहिएइससे गभाकशय की शजुध्द िोती िै|मेथी: मेर्ी के बीजो को बारीक़ पीसकर पेस्ट बनाकर प्रततहदन सबुि शाम देने से दधू बढाता िै| 20 ग्राम मेर्ी ले औरउस ेबारीक़ पीसकर चूणक बना ले, और कफर 250 शमलीमीटर दधू में अच्छी तरि से पकाए जब दधू लगभग 60शमलीमीटर यानी चोर्ाई बच जाएाँ तब दधू में शमश्री को डालकर मााँ को पपलाये|

    केसर: केसर को पीसकर स्तनों पर लेप करने से मााँ का दधू बढता िै और मााँ को राित भी शमलती िै| ददक निीं िोताऔर आराम से दधू उतर जाता िै ये मााँ के शलए सबसे अच्छे िोता िै| अगर आप लेप निीं कर सकत ेतो आप केसर कोदधू में शमलाकर मााँ को पपला सकत ेिै ये भी फायदेमदं िोता िै|

    गाजर: मााँ को बच्चे के समय गाजर के रस का अधधक उपयोग करना चाहिए इससे दधू बढता िै| और खून में भी कमीनिीं िोती िै ये मााँ के शलए स्िास््य िधकक िोती िै|

    चुकां दर: मााँ को चुकंदर का रस का रोजाना सेिन करना चाहिए|

    चना: यहद माता अपने बच्चे को दधू की निीं पपला पा रिी िै और दधू की कमी मिससू करती िै| उस ेलगभग 50 ग्रामकाबलुी चन ेको रात को दधू में भीगा के रख देना चाहिए, और सबुि शाम दधू को छानकर अलग करके गमक करकेपीना चाहिए और चनो को चबा कर खा लेना चाहिए| इससे सभी परेशानी ख़त्म िो जाती िै दधू भी बड जाता िै औरपरेशानी भी निीं िोती िै|

    कमल गट्टे: प्रततहदन कमल गट्टे की खीर बनाकर खखलने से दधू बढता िै|

    कसेरू: कसेरू के फल और शमश्री को शमलकर शरबत बना ले, और इसी शरबत को रोजाना सबुि शाम सेिन करे इससेमााँ के स्तनों में दधू का सकं्षर अच्छा िोता िै|

    पर ध्यान रहे कोई भी उपाय योग्य धर्चककमसक की सलाि से िी करें क्योंकक िह मा ंकी पयाषप्त जारं्च करके ,सहीकारण जानकर ही सही उपर्चार करेगा ि उधर्चत मागषदिषन देगा ।

    mailto: [email protected]