कऺा: ऩाठ 01 ध्वनि : काययपत्रक · कवि न ऐसा...

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विषम: हॊदी तय: बी २ का: अटम ् ऩाठ 01 वनि : काययपक के रित कौशऱ ऱययत अधिगम बबरदु परामशयत ववधि सुनना( िण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रेखन) ऩरयिेशीम जागकता चॊतन एिॊ कऩना ऩरयिाय,लभ,लशक आदद की बाषा सुनकय सभझने की मोमता| दूसय के साथ िातााराऩ तथा तिमा कयने की मोमता| लरखखत साभी को ितनम एिॊ भााओॊ की शुधता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शुधता सदहत सही-सही लरखने की मोमता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागकता| अचधगभ का िमॊ के जीिन भ उऩमोग एिॊ स जन शतत का विकास| मततगत गततविचध मुभ गततविचध साभूदहक गततविचध अऩेत अचधगभ हेत ऩयाभलशात िििया-कऱाप/ गनतववधि /काययपक (Suggested Sample Activities):- गततविचध- तननलरखखत शद के उचायण कयाम - , िन, तनदि, , , अभ , सहषा , िाया, माकात ऩाठी। फोरना (उचायण) गततविचध- त ऩाठ से कभ-से-कभ ऩाॉच विशेषण छाॉटकय उनके लरए विशेम (ऩाठ से हटकय) दीजए। रेखन (ितानी) गततविचध- कवि ने ऐसा तम कहा ह क उनका अॊ त अबी नहीॊ होगा? फोध सफधी गततविचध- तननलरखखत शद से लभरती-ज रती ितनम िारे शद लरख- जैसे- िन-भन, अॊत-........., अबी- .............., आमा-.............., ऩात-....................., करी-..................., सीॊच-.................., इमादद। रेखन कौशर गततविचध- ऩेड़-ऩौध की आिमकताविषम ऩय का भ दो-दो लभनट का बाषण मेक विमाथी से ददराएॉ। ......................................................................................................................... ......................................................................................................................... ......................................................................................................................... ......................................................................................................................... जीिन म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

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  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –01 ध्वनि : काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    तनम्नलरखखत शब्दों के उच्चायण कयामें - भदृरु, स्िप्न, तनदित, प्रत्मूष, ऩुष्ऩ, अभतृ, सहषा, द्िाया, सूमाकान्त त्रत्रऩाठी।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    प्रस्तुत ऩाठ से कभ-से-कभ ऩाॉच विशषेण छाॉटकय उनके लरए विशषे्म (ऩाठ स ेहटकय) दीक्जए।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    कवि ने ऐसा तमों कहा हैं क्रक उनका अॊत अबी नहीॊ होगा?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    तनम्नलरखखत शब्दों से लभरती-जुरती ध्ितनमों िारे शब्द लरखें- जैसे्- िन-भन, अॊत-........., अबी- .............., आमा-.............., ऩात-....................., करी-..................., सीॊच-.................., इत्मादद।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘ऩेड़-ऩौधों की आिश्मकता‘ विषम ऩय कऺा भें दो-दो लभनट का बाषण प्रत्मेक

    विद्माथी से ददराएॉ।

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    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –02 राख की चड़ूड़माॉ काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    ऩठन-ऩाठन के सभम उच्चायण सम्फॊधी अशुवद्धमों को येखाॊक्रकत कय उन्हें दयू कयने का प्रमास क्रकमा जाए ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तनम्नलरखखत शब्दों का विग्रह कयके सभास नाभ लरखखए – खान-ऩान .................................. यहन-सहन .................................. ऩऺ-विऩऺ ..................................

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    राख से चड़ूड़मों के अततरयतत तमा-तमा चीजें फनती हैं ?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    ‘भशीनी मुग’ से रोगों के जीिन भें तमा ऩरयितान आमा है? लरखें ।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    भेहभान के आने ऩय आऩ उसका आदय सत्काय कैसे कयेंगे ?

    जीिन भलू्म

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –03 फस की मात्रा काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    िातम प्रमोग द्िाया उच्चायण बेद स्ऩष्ट कयें – सुत-सूत, प्रसाद-प्रासाद, सभान-साभान, औय-औय, वऩता-ऩीता ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    श्रतुरेख – िमोिदृ्ध, श्रद्धा, विश्िसनीम, अॊत्मेक्ष्ट, स्टाटा, प्राणाॊत

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ‘सविनम अिऻा आॊदोरन’क्रकसके नेततृ्ि भें क्रकस उदे्दश्म से हुआ था?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    अऩने जीिन के क्रकसी अविस्भयणीम घटना के फाये भें लरखखए ।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘फस की मात्रा’ ऩाठ के आधाय ऩय सबी विद्माथी एक हास्म व्मॊग्म स्ियचचत कविता लरखेंगे।

    जीिन भलू्म

  • ऩाठ -१ से ३ ऩय आधारयत : अचधगभ भलू्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    भदृरु, स्िप्न, तनदित, प्रत्मषू, ऩषु्ऩ, अभतृ, सहषा, द्िाया, समूाकान्त त्रत्रऩाठी।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    श्रतुरेख - िमोिदृ्ध, श्रद्धा, विश्िसनीम, अॊत्मेक्ष्ट, स्टाटा, प्राणाॊत

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    तनम्नलरखखत शब्दों का विग्रह कयके सभास नाभ लरखखए – खान-ऩान .......................................... यहन-सहन ......................................... ऩऺ-विऩऺ ........................................

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    राख की चड़ूड़मों का तनभााण बायत के क्रकन याज्मों भें होता है? राख से चड़ूड़मों के अततरयतत तमा-तमा चीजें फनती हैं ?लरखखए ।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    अऩनी फस मात्रा के खटे्ट-भीठे अनबुिों को माद कयत ेहुए एक अनचु्छेद लरखखए ।

    फोध सम्फन्धी

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –04 nhokuksa dh gLrh काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शुद्ध उच्चायण औय उचचत आयोह-अियोह के साथ कविता का ऩाठ कयाएॉ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ऩाठ भें प्रमुतत आगत/विदेशज शब्द छाॉटकय उनका अऩने िातमों भें प्रमोग कयें। जैस-े भस्ती, आरभ इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩाठ भें प्रमुतत भुहाियों का चमन कयके उनके अथा लरखकय अऩने िातमों भें प्रमोग कयें।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    इस कविता का बािाथा सभझाते हुए अऩने लभत्र को एक ऩत्र लरखें।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    कविता भें क्जस तयह दीिानों का िणान है, उसी तयह क्रकसानों का िणान कयते हुए

    गद्म भें एक अनुच्छेद लरखें।

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    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ – 05 धिहियों की अिूठी दनुिया काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातिमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    ह्रस्ि औय दीघा भात्राओॊ िारे शब्दों का चमन कय लशऺक उनके उच्चायण के अॊतय स्ऩष्ट कयेंगे। (ऩाठ के आधाय ऩय)

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    येप औय य से फने शब्दों के उच्चायण-बेद स्ऩष्ट कयते हुए श्रतुरेख्- ऩत्र, प्रकाश, ट्रक, तका , अथा इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩत्र जो काभ कय सकते हैं, िह सॊचाय के आधुतनकतभ साधन तमों नहीॊ कय सकते है? ..........................................................................................................

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    क्रकसी दशानीम स्थर की मात्रा का िणान कयते हुए अऩने लभत्र को ऩत्र लरखखए। ...................................................................................................

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘‘ऩहरे जो सम्भान डाक्रकए को लभरता था, िह आज नहीॊ लभरता है, तमों?” विषम ऩय ऩरयचचाा कीक्जए। ......................................................................................................................... .........................................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ - 06 भगवाि के डाक्रकए काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    इस कविता को कॊ ठस्थ कयके शुद्ध उच्चायण औय उचचत आयोह-अियोह के साथ इसका ऩाठ कयें।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    िचन ऩरयितान कयें- चचट्ठी, ऩौधा, चचड़ड़मा, गुड़ड़मा, क्रकताफ, ऩन्ना, आॉख,घड़ी इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩऺी औय फादर तमा राते हैं? फाॉचना का तमा अथा है?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    तनम्नलरखखत शब्दों का प्रमोग अऩने िातमों भें इस तयह कयें क्रक इनके लरॊग स्ऩष्ट हो जाएॉ – भहादेि, सुगॊध, सौयब, बाऩ, ऩहाड़, ऩानी इत्मादद।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘डाक्रकमा’ ऩय एक अनुच्छेद लरखो। ................................................................................................................. ................................................................................................................. .................................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • ऩाठ -4 से 6 ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    भगवाि के डाक्रकए कविता को कॊ ठस्थ कयके शदु्ध उच्चायण औय उचचत आयोह-अियोह के साथ इसका ऩाठ कयें।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    िचन ऩरयितान कयें- चचट्ठी, ऩौधा, चचड़ड़मा, गड़ुड़मा, क्रकताफ, ऩन्ना, आॉख,घड़ी इत्मादद।

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    ऩाॉच भहुाियों का अथा लरखकय अऩने िातमों भें प्रमोग कयें।

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    कविता भें क्जस तयह दीिानों का िणान है, उसी तयह क्रकसानों का िणान कयते हुए गद्म भें एक अनचु्छेद लरखखए ।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    हभाये जीिन भें डाक्रकए की बलूभका तमा है? इस विषम ऩय 10 िातम लरखखए ।

    फोध सम्फन्धी

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –07 तमा तनयाश हुआ जाए काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कऺा िाचन के सभम कदठन शब्दों को येखाॊक्रकत कयके शदु्ध उच्चायण का अभ्मास कयें ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ऩाठ से तीनों प्रकाय की सॊऻाओॊ के 3-3 उदाहयण खोजकय लरखखए ।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ईभानदायी से कामा कयने की क्रकन्हीॊ दो घटनाओॊ के फाये भें दटप्प्णी लरखखए ।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    ‘सऩनों का बायत’ विषम ऩय सॊक्षऺप्त तनफॊध लरखखए ।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    प्रस्तुत ऩाठ का उदे्दश्म तमा है? अनचु्छेद लरखखए ।

    जीिन भलू्म

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –08 ;g lcls dfBu le; ugha काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातिमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    स्टेशन अथिा फस ऩड़ाि के दृश्म को रेकय दो विद्माचथामों के फीच िातााराऩ आमोक्जत कयाएॉ, क्जनभें उच्चायण की शुद्धता ऩय बी ध्मान दें।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ‘ऺ‘ औय ‘छ‘ अऺय िारे ऩाॉच-ऩाॉच शब्द लरखें, जैस-े अऺय, छात्र।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    चोंच भें ततनका दफाकय उड़ना तमा अथा व्मॊक्जत कयता हैं? ‘सूयज’का डूफना तमा अथा द्मोततत कयता है?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    सूमाास्त के दृश्म का िणान अऩने शब्दों भें कयें।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    चचड़ड़मों का घोंसरा फाय-फाय उजड़ता है रेक्रकन िे हाय नहीॊ भानतीॊ। नाश के साथ

    तनभााण - कामा बी होता यहता है। आऩ अऩने आस-ऩास के ऩरयिेश को ध्मानऩूिाक देखें

    औय ऩाॉच- ऩाॉच के सभूह भें ऐसी सूची तैमाय कयें, जहाॉ नाश औय तनभााण दोनों साथ-

    साथ चरते यहते हैं।

    .................................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –09 कफीय की साखखमाॉ काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातिमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कफीय की साखखमों का आदशा िाचन लशऺक कयेंगे तदऩुयाॊत विद्माथी अनुकयण िाचन कयेंगे।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तत्सभ रूऩ लरखें – ग्मान, क्जलब, ऩाऊॉ , तलर, आॊखख, फयी ।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    चौथी साखी से सभान अथा यखने िारा यहीभ का दोहा लरखखए ।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    कफीय के औय दस दोहे लरखकय कण्ठस्थ कयें औय कऺा भें सुनाएॉ ।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘तरिाय का भहत्ि होता है, म्मान का नहीॊ’ के भाध्मभ से कफीय तमा कहना चाहत ेहैं? स्ऩष्ट क्रकक्जए ।

    जीिन भलू्म

  • ऩाठ -7 से 9 ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    छात्र कऺा भें ऐसी कहानी का िाचन कयें क्जसभें ईभानदायी औय ऩयोऩकाय बािना का सॊदेश हो।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    ‘ऺ‘ औय ‘छ‘ अऺय िारे ऩाॉच-ऩाॉच शब्द लरखें, जैसे- अऺय, छात्र।

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    तत्सभ रूऩ लरखें – ग्मान, क्जलब, ऩाऊॉ , तलर, आॊखख, फयी ।

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    समूाास्त के दृश्म का िणान अऩने शब्दों भें कयें।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    कफीय की साखखमों को छात्र रमफद्ध कॊ ठस्थ कयें औय जीिन ऩमतं उसका अनऩुारन कयें ।

    फोध सम्फन्धी

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –10 काभचोय काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    श्रतुरेख – उम्भीदिाय, तनख्िाह, धीॊगाभुश्ती, सुयादहमाॉ, भुगरानी, दऩुट्टा, धरुी-फेधरुी,

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ददए हुए उऩसगों से दो-दो नए शब्द फनाएॉ – बय ............................ ............................ फद ................................ ......................... प्र ............................ ............................. आ ................................. .........................

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ‘काभचोय’ कहानी तमा सॊदेश देती है?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    एकर ऩरयिाय औय सॊमुतत ऩरयिाय भें तमा अॊतय है ?

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    क्रकसी सपर व्मक्तत की जीिनी के फाये भें विद्माथी ऩढ़ें औय सभम सारयणी फनाकय अभर कयें ।

    जीिन भलू्म

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –11 जफ लसनेभा ने फोरना सीखा काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    ऩाठ भें आए कदठन शब्दों को लरखकय उच्चायण का अभ्मास कयें । फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    विरोभ शब्द लरखखए – कृत्रत्रभ, प्रकाश, शुरू, भौजूद, सजीि ।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩाॉच हारीिुड औय ऩाॉच फॉरीिुड लसतायों के चचत्र रगाकय उनके फाये भें लरखखए ।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    ‘नामक’ चरचचत्र देखकय स्िवििेक से लरखखए क्रक देशदहत भें आऩ तमा-तमा कय सकते हैं?

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘सिाक’ लसनेभा का जनक क्रकसे कहा जाता है? उनकी ऩहरी वऩतचय का ऩोस्टय फनाएॉ औय उसके फाये भें 10 िातम लरखें ।

    जीिन भलू्म

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –12 सदुामा िररत्र काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कविता का आदशा िाचन लशऺक कयेंगे। तदऩुयान्त विद्माथी अनुकयण िाचन कयेंगें।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तनम्नलरखखत शब्दों के तत्सभ रूऩ लरखें – सीस, दसा, करूना, प्रिीन, गॉ ॊि, ऩयताऩ इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    द्िायऩार ने सुदाभा का शब्द चचत्र क्रकस रूऩ भें खीॊचा? कृष्ण ने सुदाभा की भदद क्रकस रूऩ भें की?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    ‘लभत्रता‘ ऩय एक अनुच्छेद लरखें।

    इस कविता का नाट्म-रूऩान्तयण कयें।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘‘जीिन भें सपरता प्राप्त कयने ऩय अऩने तनधान सगे-सम्फक्न्धमों औय लभत्रों को बूरना नहीॊ चादहए।” इस विषम ऩय कऺा भें दो-दो लभनट का बाषण सबी विद्माचथामों से ददराएॉ।

    ...................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • ऩाठ -10 से 12 ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    लभत्रता सॊफॊधी ऩाॉच दोहों का िाचन कयें ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    विरोभ शब्द लरखखए – कृत्रत्रभ, प्रकाश, शरुू, भौजूद, सजीि ।

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    ददए हुए उऩसगों से दो-दो नए शब्द फनाएॉ – बय ............................ ............................ फद ................................ ......................... प्र ............................ ............................. आ ................................. .........................

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    ऩाॉच हारीिडु की याष्ट्रीम वऩतचय औय ऩाॉच फॉरीिडु की याष्ट्रीम वऩतचय के चचत्र रगाकय उनके फाये भें लरखखए ।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    ‘‘जीिन भें सपरता प्राप्त कयने ऩय अऩने तनधान सगे-सम्फक्न्धमों औय लभत्रों को बरूना नहीॊ चादहए।” इस विषम ऩय अऩन े विचाय व्मतत कयें ।

    फोध सम्फन्धी

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –13 ज ाॉ पह या ै काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    सस्िय िाचन भें उच्चायण सम्फन्धी अशवुद्धमों को येखाॊक्रकत कय उन्हें दयू कयन ेका प्रमास क्रकमा जाए।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तनम्नलरखखत शब्दों भें भरू औय शब्द औय प्रत्मम अरग कीक्जए।

    ग्राभीण, भाध्मलभक, साभाक्जक, आचथाक, केक्न्ित, घयेर ूइत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    साइक्रकर के प्रमोग से गाॉि भें तमा िाॊततकायी ऩरयितान देखे गए।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    विद्मारम भें भनाए गए विलबन्न उत्सिों स्ितॊत्रता ददिस, गणतॊत्र ददिस ऩय रयऩोट लरखो।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    “ऩदहए का आविष्काय भानि इततहास की सफसे फड़ी घटना है” । इस विषम ऩय अऩन ेविचाय व्मतत कयें ।

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –14 अकबरी ऱोटा काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    िातम प्रमोग द्िाया उच्चायण बेद स्ऩष्ट कयें- स्त्री-इस्तयी, लभस्त्र-लभश्र, प्रश्न-प्रसन्न, प्रधान-प्राधान्म, साख-शाख, रोटा-रौटा इत्मादद।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    श्रतुरेख:- ब्राह्भण, चचह्न, अऩयाह्न, उज्जिर, प्रज्िर, ईश्िय, तन्भमता, अन्तधाान इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    म्मकू्जमभ का तमा भहत्ि है?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    तनम्नलरखखत शब्दों के प्रमोग अरग-अरग अथों भें कयें- िाय, घन, सोना, अथा, उत्तय, ऩत्र, कनक, ऩिूा, आदी इत्मादद।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    प्रत्मतु्ऩन्नभतत ऩय एक अनचु्छेद लरखो। ......................................................................................................................... ......................................................................................................................... .........................................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –15 सरूदास के पद काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    विद्माचथामों से कविता का सस्िय िाचन/गामन कयामा जाएगा औय उच्चायण की त्रदुटमों को सकू्ष्भ लशऺण विचध द्िाया दयू क्रकमा जाएगा।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तनम्नलरखखत शब्दों के भानक रूऩ लरखें- क्रकती, बई, अजहूॉ, राॉफी, काॉचौ, भुॉई इत्मादद।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩदों के बािाथा अऩने शब्दों भें लरखें।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    तनम्नलरखखत शब्दों के लरए एक-एक शब्द दें- भाखन चयुानेिारा ........................ िॊशी धायण कयनेिारा .......................... दीनों के फॊध ु.................................. चगरय को धायण कयनिेारा ...................... ब्रज के नाथ .............................. हर को धायण कयनेिारा ..........................

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    श्रीकृष्ण ने रोक-कल्माण के लरए तमा-तमा कामा क्रकए। विद्माचथामों को सभहू भें विबतत कय उनसे सचूी तैमाय कयाएॉ। ........................................................................................................................ ......................................................................................................................

    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • ऩाठ -13 से 15 ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    िातम प्रमोग द्िाया उच्चायण बेद स्ऩष्ट कयें- स्त्री-इस्तयी, लभस्त्र-लभश्र, प्रश्न-प्रसन्न, प्रधान-प्राधान्म, साख-शाख, रोटा-रौटा

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    तनम्नलरखखत शब्दों भें भरू औय शब्द औय प्रत्मम अरग कीक्जए-

    ग्राभीण, भाध्मलभक, साभाक्जक, आचथाक, केक्न्ित, घयेर ूइत्मादद।

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    तनम्नलरखखत शब्दों के लरए एक-एक शब्द दें-

    भाखन चयुानेिारा .............................................

    िॊशी धायण कयनेिारा .......................................

    दीनों के फॊध ु......................................................

    चगरय को धायण कयनिेारा ..................................

    ब्रज के नाथ ...................................................... हर को धायण कयनेिारा ...............................।

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    साईक्रकर के प्रमोग से ऩडुुकोट्टई की भदहराओॊ भें तमा ऩरयितान देखे गए। ऩाठ के आधाय ऩय एक रयऩोटा तैमाय कयें।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    प्रत्मतु्ऩन्नभतत ऩय एक अनचु्छेद लरखो।

    फोध सम्फन्धी

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –16 पािी की क ािी काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शदु्ध उच्चायण कयें -

    जाग्रतत-जागतृत, ग्रह-गहृ, िभ-कभा, प्रण-ऩणा, आकृष्ट-आकषाण, श्रभ-शभा, हॊस-हॅंस इत्मादद।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    कुछ शब्दों के चाय विकल्ऩ ददए जाएॉगें, क्जनभें एक विकल्ऩ शदु्ध होगा।

    शदु्ध रूऩ ऩाठाधारयत होंगे। विद्माथी उनभें से शदु्ध रूऩ का चमन कयेंगें।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩानी की फूॉद ने सभिु के बीतय तमा-तमा देखा?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    लशऺक इस शरैी भें कागज, कऩड़,े जतू,े ईट, करभ इत्मादद विषमों भें से

    क्रकसी की कहानी लरखने को दे सकते हैं।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    ‘‘जीिन भें उताय-चढ़ाि आत े ही यहत े हैं। व्मक्तत को क्रकसी बी विकट ऩरयक्स्थतत भें घफयाना नहीॊ चादहए।” इस विषम ऩय बाषण दीक्जए। ........................................................................................................................

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    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –17 बाज और साॉप काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कऺा भें एक फच्चा फाज औय दसूया फच्चा साॉऩ के सॊिादों को नाटकीम शरैी भें प्रस्तुत कयेगा।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    लरॊग ऩरयितान कयें -

    नदी, ऩहाड़, साॉऩ, हाथी, फाघ, घोड़ा, शये, फकया, भोय, ऊॉ ट।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    कुछ िातम ददए जाएॉगें क्जसभें से विद्माथी सत्म/असत्म कथनों का चमन कयेंगें। जैसे्- (क) साॉऩ गुपा भें यहता था। (ख) फाज गुपा भें यहता था। (ग) साॉऩ घामर हो गमा। (घ) फाज साॉऩ से डयकय बाग गमा।

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    देश के लरए अऩनी जान कुफाान कय देनेिारे िीय सतैनकों ऩय एक अनचु्छेद लरखें।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    सम्भान उन्हें लभरता है जो अऩना जीिन दसूयों के लरए कुफाान कय देता है - इस विषम ऩय बाषण दें। ........................................................................................................................

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    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • विषम: ह ॊदी स्तय: बी २ कऺा: अष्टम ् ऩाठ –18 टोपी काययपत्रक

    केन्द्रित कौशऱ ऱन्द्ययत अधिगम बबरद ु परामर्शयत ववधि सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेशीम जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशात िमूिा क्रिया-कऱाप/ गनतववधि /काययपत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    नय औय भादा गौयैमा के सॊिादों को विद्माथी कऺा भें नाटकीम ढॊग से प्रस्तुत कयेंगें, क्जनभें उच्चायण के साथ - साथ आयोह - अियोह, वियाह इत्मादद ऩय बी ऩयूा ध्मान ददमा जाएगा।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    दी गई सचूी भें से सॊऻा औय विशषेण छाॉदटए्- ऩयभ सॊगी, यॊग-त्रफयॊगे कऩड़,े रार टोऩी, रम्फी सयुॊग, फढ़ूा व्मक्तत, भोटी यस्सी, अधनॊगा फदन, पुॉ दनेदाय टोऩी, उम्दा कऩड़ा ।

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    1. गियइमा न ेयाजा को डयऩोक तमों कहा?

    2. याजा ने गियइमा के लसय ऩय तमा देखा?

    3. टोऩी भें क्रकतने पुॉ दने थे?

    फोध सम्फन्धी

    गततविचध-४

    इस कहानी का नाटकीम रूऩान्तयण प्रस्ततु कयें।

    रेखन कौशर

    गततविचध-५

    “जीिन भें कुछ प्राप्त कयने के लरए तनयॊतय सॊघषा कयते यहन े की आिश्मकता है”- इस विषम ऩय कऺा भें िाद-वििाद आमोक्जत कयामें। ............................................................................................................

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    जीिन भूल्म एिॊ ऩरयिेश सॊफॊधी सजगता

  • ऩाठ -16 से 18 ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधी कामा ऩत्रक

    गततविचध-1

    शदु्ध उच्चायण कयें - जाग्रतत-जागतृत, ग्रह-गहृ, िभ-कभा, प्रण-ऩणा, आकृष्ट-आकषाण, श्रभ-शभा, हॊस-हॅंस ।

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-2

    लरॊग ऩरयितान कयें -

    नदी, ऩहाड़, साॉऩ, हाथी, फाघ, घोड़ा, शये, फकया, भोय, ऊॉ ट।

    ितानी सम्फन्धी

    गततविचध-3

    दी गई सचूी भें से सॊऻा औय विशषेण छाॉदटए्- ऩयभ सॊगी, यॊग-त्रफयॊगे कऩड़,े रार टोऩी, रम्फी सयुॊग, फढ़ूा व्मक्तत, भोटी यस्सी, अधनॊगा फदन, पुॉ दनेदाय टोऩी, उम्दा कऩड़ा ।

    व्माकयण सम्फन्धी

    गततविचध-4

    देश के लरए अऩनी जान कुफाान कय देने िारे िीय सतैनकों ऩय एक अनचु्छेद लरखखए ।

    रेखन सम्फन्धी

    गततविचध-5

    ‘जर चि’ का चचत्र फनाकय सॊऺेऩ भें उसके फाये भें लरखखए । अथिा

    “जीिन भें कुछ प्राप्त कयने के लरए तनयॊतय सॊघषा कयत े यहने की आिश्मकता है” विषम ऩय छात्रों के फीच िाद-वििाद प्रततमोचगता का आमोजन कयाएॉ ।

    फोध सम्फन्धी