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विषम: हदी तय: ए २ का: ऩचभ ऩाठ १- याख की यसकामयऩक के रित कौशरयमतअधधगभबफरदु ऩयाभशयतविध सुनना( िण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रेखन) ऩरयिेश जागऱकता चॊतन एिॊ कऩना ऩरयिाय,लभ,लशक आदद की बाषा सुनकय सभझने की मोमता| दूसय के साथ िातााराऩ तथा तिमा कयने की मोमता| लरखखत साभी को ितनम एिॊ भााओॊ की शुता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शुता सदहत सही-सही लरखने की मोमता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागऱकता| अचधगभ का िमॊ के जीिन भ उऩमोग एिॊ स जन शतत का विकास| मततगत गततविचध मुभ गततविचध साभूदहक गततविचध अऩेत अचधगभ हेत ऩयाभलशातनभ ना िमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩक (Suggested Sample Activities):- गततविचध- शद का श उचायण कीजए I फतीसि,हािय जिाफी,भशह य,जदगी,होलशमायफोरना (उचायण) गततविचध- तरेख गा, ऩह च,ह , झाॉसी,खेर गा,ऩढ गा रेखन (ितानी) गततविचध- दए गए शद के आधाय ऩय िातम फनाइए I भशह य,चारकी,आऩफीती,भ कर, आकय cks /k lEcU/kh गततविचध- ध देने िारे कसी एक ऩश ऩय रगबग ६० शद भ अन छेद लरखखए I ys[ku dkS ky गततविचध- मदद आऩ याजा के रड़के होते तो सौ बेड़ रेकय फाजाय भ तमा कयते ? thou ewY;

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ १- याख की यस्सी कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शब्दों का शुद्ध उच्चायण कीक्जए I फत्तीसिें,हाक्िय जिाफी,भशहूय,क्जन्दगी,होलशमायी

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    श्रतुरेख दुॉगा, ऩहुॉच,हूॉ , झाॉसी,खेरूॉगा,ऩढूॉगा

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ददए गए शब्दों के आधाय ऩय िातम फनाइए I भशहूय,चारकी,आऩफीती,भुक्ककर, आकय

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    दधू देने िारे क्रकसी एक ऩशु ऩय रगबग ६० शब्दों भें अनुच्छेद लरखखए I

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    मदद आऩ याजा के रड़के होते तो सौ बेड़ें रेकय फाजाय भें तमा कयते ?

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ२ –पसरों का त्मो ाय कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शुद्ध उच्चायण कीक्जमे- इकट्ठा ,चचठ्ठी ,पयभाइशी,नास्ता ,प्रकृतत

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ददए गए उदहायण के अनुसाय शब्दों के जोड़ ेफनाइमे : ऩोंगर ,खखचड़ी ,बफहू ,रोहड़ी ,ओणभ,असभ,तलभरनाडु,उत्तय बायत ,केयर ,ऩॊजाफ

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    शब्दों भें उचचत भात्रा रगाइए I हयमारी ,तभरनाडू, ऩजाफ ,त्माहाय ,अप्रर

    cks/k

    lEcU/kh

    गततविचध-४

    आऩ अऩने भनऩसॊद त्मोहाय ऩय ६० शब्दों भें एक अनुच्छेद लरखखए I

    ys[ku

    dkS” ky

    गततविचध-५

    त्मोहायों से ऩूिा घयों की सपाई तमों कयते हैं ? अच्छे ऩकिान कफ–कफ औय तमा–तमा फनते हैं ? एक सूची फनाइमेI

    thou

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ३–खखरौनेिारा कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    खखरौनेिारा का अलबनम कय तनन्भ शब्दों को जोय से फोलरए | गुडडमा, धनुष-फाण, काय, येरगाड़ी, तोता, वऩजड़ा ,तरिाय,भोटयगाड़ी

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    कविता भें से तुकाॊत शब्द छाॉट कय लरखखए | चाय-विचाय, रूॉगा, सुय, खेर, गाड़ी,थारी

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    आऩ कौन-कौन से खखरौनों से खेरते हैं? आऩ क्रकसके साथ खेरना ऩसॊद कयते हैं?

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    भेरे भें आऩ तमा-तमा खयीदते हैं औय तमूॉ? (रगबग 60 शब्दों का अनुच्छेद लरखखए)

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आऩ अऩने साचथमों के साथ कौन-कौन से खेर खेरती हो? अथिा खेर का हभाये जीिन भें तमा भहत्ि हैं?

    thou ewY;

  • १. ऩाठ -१ से ३ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक २. सॊऻा शब्द छाॉटकय लरखीए –

    ददल्री बायत की याजधानी है | भोहन के ऩास सपेद गाम है | िायाणसी ऩयुाना शहय है |

    २.िातमों भें प्रमोग कीक्जए –

    भकु्ककर – प्रस्ताि – सन्देश –

    ३.उचचत भात्रा रगाकय शब्दों को शधु्द कयो|

    विजमई ......................... तरयका .............................. दखुी ............................. चक्रकत .............................

    ४.कौन-सा त्मोहाय क्रकस याज्म भें भनामा जाता है| लभरान कीक्जए |

    फीहू - ऩॊजाफ रोहड़ी - असभ सयहुर – तलभरनाडु ऩोंगर – झायखॊड

    ५.क्जनके ऩास घड़ी नहीॊ होती िे सभम का अनभुान क्रकस तयह से रगाते हैं?

    उo) -...................................................................................................................

    .........................................................................................................................

    ६.अऩना जन्भ ददन आऩ क्रकस प्रकाय भनाते हैं ?(५० शब्दों भें लरखें)

    उo)............................................................................................................................

    .................................................................................................................................

    .................................................................................................................................

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ४–नर ा पनकाय कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    निीन शब्दों का शुद्ध उच्चायण कीक्जमे I चौकोय , हथौड़ा ,क्रकयचें ,लसकोड़ ,सॊगतयाश ,नतकाशी

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ददए गए शब्दों के लरए नमा शब्द दीक्जमे I कताय –ऩॊक्तत,फ़नकाय.............. , आिाि..............., भुक्ककर .........., ितत .................., उम्र ...............

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    तनम्न िातमों भें शब्द आगे –ऩीछे ददए गए हैं I इन्हें ठीक कयके सही िातम लरखखए I बूर ही रगबग गमा िह था क्रक मह व्मक्तत उसकी फगर भें फैठा फादशाह है दहदसु्तान का I

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    निय के ‘ि ‘ भें नुतता रगा है I इस प्रकाय के ऩाॉच शब्द लरखखए I ि =निय,........... ,....... ,..........., ............, ........,

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आज बी राखों फच्च ेखेरने औय स्कूर जाने के फजाए भेहनत कयके अऩना ऩेट ऩारते हैं ? इस विषम ऩय अऩने विचाय प्रस्तुत कीक्जएI

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ५–ज ााँ चा ि ााँ या कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    सही – सही उच्चायण कीक्जए I वऩयोई, रूऩहरे, कढ़ाई, वऩठू्ठ, विष –अभतृ , अततरयतत

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    सभम यहते इरा को कौन–सी जानकायी लभर जाती तो िह दसिीॊ की ऩयीऺा ऩास कय रेती ?

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    भुहाियों का अथा स्ऩष्ट कयके िातमों भें प्रमोग कीक्जमे I खखर उठना – ठान रेना – दॊग यह जाना –

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    गततविचध-४

    ‘दादी ‘ औय ‘भाॉ ‘ ऩारयिारयक रयकते हैं I आऩ कौन-कौन से रयकतोंके नाभ जानते हो ? ऩाॉच रयकते लरखो I

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    गततविचध-५

    इरा को स्कूर भें दाखखरा लभरने भें ऩयेशानी हुई थी I स्कूर भें आऩका दाखखरा कैसे हुआ था ?

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ६–धचठ्ठी का सफ़य कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शुद्ध उच्चायण कीक्जमे I िेफ कैभेया, कम्मुनीकेटय,इन्टयनेट, ऩोस्ट- काडा , अन्तेदेशीम ,कुरयमय, टेतस्ट भैसेज

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ितानी की दृक्ष्टसे सफसे शुद्ध शब्द लरखखए I वऩनकोड - ऩीनकोड, ऩोसकाडा – ऩोस्टकाडा अन्तेदेशीम – अॊतयदेशी , भनीऑडय -भनीऑडाय शासत्रीम – शास्त्रीम

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩुयाने सभम भें क्रकन – क्रकन साधनों से सन्देश बेजे जाते थे ?

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    गततविचध-४

    हयकायों औय कफूतयों का तमा काभ होता था ?

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    गततविचध-५

    अऩने नजदीक्रकमों, रयकतेदायों, लभत्रों आदद के ऩतों की एक सूची तैमाय कीक्जए क्जससे सभम यहने ऩय काभ लरमा जा सके I

    thou ewY;

  • ऩाठ -४ से ६ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक

    १.इन शब्दों की फनािट देखो औय नए शब्द फनाओ –

    करभ + कायी =

    प्रदशान + ई =

    दशान + ईम =

    ऩयेशान + ई =

    २.विशषेण – विशषे्म का लभरान कयो –

    भरभरी – लभसार

    अनठूी – धोती

    फादाभी – भकान

    ऊॉ चा – यॊग

    ३.फहूिचन फनाओ –

    तततरी .................................. करी ......................................

    कहनी ...................................... बफल्री ..................................

    ४. तुभ क्रकससे ऩढ़ना चाहोगे ?भशीन से मा अध्माऩक से ? तमों ?

    उo)............................................................................................................................................................................................................................................................५.इन भहुाियों का प्रमोग अऩने िातमों भें कयो |

    आॉखों का ताया ...........................................................................................................

    आॉखे ददखाना .............................................................................................................

    आॉखों ऩय ऩयदा ऩड़ना...................................................................................................

    ६. आऩका व्मिहाय अऩॊग रोंगो के साथ कैसा होना चादहए |(५० शब्दों भें लरखखए )

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ७–डाक्रकए की क ानी, काँ िय र्सिं की ज़ुफानी कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शब्दों की सहामता से शुद्ध िातम फोलरए I डाक्रकमा , ऩरयिाय , घटना , ग्राभीण, सन्देश

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    डाक्रकमा का प्रभुख कामा लरखखए I

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ददए गए शब्दों से रयतत स्थानों क्रक ऩूतत ा कीक्जए I िरयमा , िेतन , निदीक , थरैा, हयकाये

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    ऩिातीम ऺेत्रों भें डाक – वितयण भें तमा तमा सभस्माए साभने आती हैं?

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    गततविचध-५

    आऩ बी क्रकसी ऐसे ही काभ कयने िारे आदभी का साऺात्काय कीक्जए औय उसे अऩने शब्दों भें लरखखए I

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  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ८ –िे हदन बी क्मा हदन थे कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    आऩनेकर सुफह से शाभ तक तमा-तमा क्रकमा?फताइए –

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    आऩके साथी क्रकन –क्रकन साधनों से स्कूर आते हैं ? उनके नाभ लरखखए I

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

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    गततविचध-४

    अऩनी ददनचमाा की डामयी फनाइए I

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आऩ भशीन की भदद से ऩढ़ना चाहोगे मा अध्माऩक की भदद से? दोनों के ऩढ़ाने भें क्रकस –क्रकस तयह की आसातनमाॉ औय भुक्ककरें हैं?

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ९ –एक भााँ की फेफसी कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कविता की तनम्न ऩॊक्ततमा ऩूयी कीक्जए I यत्न , जो फोर खेरता था

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ददए गए शब्दों से िातम फनाइए I अदृकम , इशाया , फेहतय , अजूफा , फेफसी

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ऩमाामिाची लरखखए – सूमा – धयती – फाग़ – लशि –

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    विरोभ शब्द लरखखए - आज – अचधक – कवि – सही –

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आऩकी भाॉ कफ आऩसे खशु होती हैं?

    thou ewY;

  • १. ऩाठ -७ से ९ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक २. फे उऩसगा जोड़कय नए शब्द फनाओ –

    फे + फस = फे + जान = फे + दहसाफ = फे + ईभान =

    ३. नए शब्द फनाओ ऩहाड़ +ई = सम्भान +इत = धभा + इक = नौकय +ई =

    ४. शब्दों के अथा लरखो- पटापट = असाधायण = आदय = िेतन =

    ५. एक शब्द लरखखए – जो स्कूर भें ऩढ़ाता हो |(.....................................................................................) जो नाि चराता हो |(...........................................................................................) जो भोटय गाड़ी चराता हो |(.................................................................................)

    ६. क्रकस –क्रकस अनाज से योदटमाॊ फनाई जाती हैं?

    ............................................................................................................................. ...........

    ............................................................................................................................. .........

    ७. अऩनी ऩसॊद लरखखए i)कऩड़ों के फाये भें ii)खाने के फाये भें

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ १०–एक हदन की फादशा त कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    शुद्ध उच्चायण कीक्जमे - कव्िारी , खझॊझोड़कय, टयााए , ऩाफॊददमाॉ, खखदभत

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    िातमाॊश के लरए एक शब्द लरखना - जो खेती कयता है – क्रकसान

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    फड़ों मा गुरुजनों के दटकने ऩय आऩ को कैसा रगता हैं ? उससे फचने के तमा लरखखए ?

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    दहॊदी के अततरयतत औय कौन-कौन सी बाषाएॉ हैं? कोई ५ बाषाओॊ का नाभ लरखखए ?

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    ‘एक ददन क्रक फादशाहत’ आऩको प्राप्त हो जाए तो आऩ तमा-तमा कयना चाहेंगे?

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ११ –चािर की योहिमााँ कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    ऩात्रों का नाभ जो ददमा है उसका उच्चायण कीक्जए I फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    तनम्न शब्दों से िातम फनाइए - बुतकड़ - पूरदान - गुड़गुड़ - तफीमत -

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    विशषेण िारे शब्दों ऩय गोरा रगाइए - गुराफी पूरदान, अच्छा फच्चा, नीरा आकाश

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    आऩको खाने भें तमा-तमा ऩसॊद है? उसकी एक सूची फनाइए I

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    चािर से फनने िारी कोई एक खाने क्रक चीि फनाने की विचध ऩता कय लरखखए १.साभग्री २.तैमायी ३.विचध

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१२ –गुरु औय चरेा कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    कदठन शब्दों का उच्चायण कीक्जए I ग्िालरन ,सुमश ,अनफुझ ,हूॉगा , भशकिारा

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    कविता भें तुकाॊत शब्द छाॉटकय लरखखए I

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    िचन फदलरए I बफजरी , दीिाय , सॊतया , ऩयी , करी

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    ग्िालरन ने उस नगयी के फाये भें तमा फतामा? (50 शब्दों भें लरखखए )

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आऩ अगय ऐसे याज्म भें पॉ स गए हों तफ आऩ सभस्मा से तनऩटने के लरए तमा कयेगें?

    thou ewY;

  • ऩाठ -१० से १२ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक १. ऩश ु–ऩक्षऺमों से तुरना कयते औय बी फहुत-सी उऩभाएॉ दी जाती हैं| इन्हें ऩयूा कीक्जए |

    दहयनी – सी ............................. कोमर –सी .......................... कौए- सी .............................. चीते-सी ...............................

    २. नीच ेलरखी सॊऻाएॉ क्रकस क्रिमा से फनी हैं? सॊऻा क्रिमा कटाि कट चनुाि .......... फहाि ............ रगाि ........... घभुाि ........... ३.एक िचन के रूऩ भें लरखो – डॊडडमों............................. अॊगूठों ........................................ टाॊकों .............................. सइुमों ........................................ ४.नीच ेददए गए शब्दों के दो –दो अथा हैं | िातम फनाकय अॊतय स्ऩष्ट कयो| कय................................................................................................................... कय................................................................................................................... ऩय ................................................................................................................... ऩय.................................................................................................................... ५.लरपापे ऩय अऩने घय/लभत्रों/सॊफॊचधमों के ऩते क्रकस प्रकाय लरखोगे – ......................................................................................................................... ......................................................................................................................... वऩन ६.अऩने लभत्र को ऩत्र लरखकय उन्हें उनके जन्भददन फधाई दीक्जए | ......................................................................................................................... .........................................................................................................................

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१३ - स्िाभी क्रक दादी कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    गततविचध-१

    सुने गए विियण के आधाय ऩय ‘हाॉ’ अथिा ‘नहीॊ’ भें उत्तय दीक्जए I फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    श्रतुरेख - स्िाभीनाथन, अॉधेये,इरामची, अधीऺक,खूॊखाय

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    एक िचन से फहुिचन फनाइए I चादय – फतसा – फच्चा – चड़ूी –

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    आऩ इन हारत भें कैसा भहसूस कयते हो? १.दोस्त के घय भें -

    २. अध्माऩक के कऺ भें -

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ १४– कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    गततविचध-१

    dfork dk vkn” kZ okpu ¼mfpr y;]rky ,oa gko&Hkko½ taxyh tkuojksa ds uke crk,A

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    ck?kvk;k ml jkr& ds vk/kkj ij lekpkj fy[kksA रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    fdu&fdu ikafDr;ksa@” kCnksa ls ;s Hkko O;Dr gks jgs gSA\ vk” p;Z gqj

    vfo” okl

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    bu eqgkojksa ls okD; cukb,A

    आॉख yxuk आॉख cpkuk आॉखें Hkj tkuk

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    izkd`frd ,oa oSKkfud ewY;ksa dk fodkl

    ck?k laj{k.k D;ksa t:jh gS\

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१५ – ” कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    dgkuh dk lkjka” k vius “kCnksa esa crkukA फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    fo” ks’k.k&fo” ks’; NkaVuk iqjkuh fdrkc

    yack fxykl

    dkyh jkr

    yky xqykc

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    ikB esa iz;qDr laKk vkSj fo” ks’k.k NkWaVdj fyf[k,

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    rkykc ds fdukjs ¼n`” ; ½ fp= ns[kdj 10 okD; cukb,

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    taxyh tkuojksa] i” kq&if{k;ksa dk f” kdkj djuk xyr gSA vius fopkj fyf[k,A

    thou ewY;

  • ऩाठ -१३ से १५ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक

    १.िचन फदरो – फतसा ..................................... गोरी ...................................... ऩलुरसिारा .............................. कहानी .................................... २.िातम फनाओ – प्राथाना ............................................................................................................. कोलशश ............................................................................................................. फदक्रकस्भती ....................................................................................................... ३.ऩकु्ल्रॊग स्त्रीलरॊग रड़का .............. लशऺक ............. शये .............. फेटा ............. ४.सही शब्दों ऩय गोरा रगाओ – आॊख – आॉख दातमत्ि – दामीत्ि व्माप्त – िमाप्त ऩयमााियण –ऩमााियण ५.फाघ आमा उस यात कविता को क्रकसने लरखा है तथा इसभें क्रकसके फाये भें फतामा गमा हैं? ......................................................................................................................... .........................................................................................................................

    ६.’पस्टा एड फातस ‘ भें तमा तमा साभान होता है ? ......................................................................................................................... .........................................................................................................................

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१६ – कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    गततविचध-१

    “kq) mPpkj.k dhft,

    Okdz] o`’kHk] o.kZ] Vz~d] Mz~kboj

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    “kq) “kCnksa ij xksyk yxkb,A

    ijdkj]izdkj] vFkZ] vFkz] Ik’pkj] izpkj

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    fn, x, “kCnksa ls fjDr LFkkuksa dh iwfrZ dhft,A

    vdky] pDdj] etcwjh] leL;k

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    ikuh dh cckZnh ij ,d vuqPNsn fyf[k, ¼60 “kCnksa esa ½

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    ty laj{k.k thou ds fy, D;ksa mi;ksxh gS\

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१७ – कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    ufn;ksa ds uke crkb,\

    *unh esa uko* ij vuqHko lqukb,\

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    y?kq dFkk fyf[k,A “kCnksa dk iz;ksx dhft,A

    unh] uko] eNyh] ugkuk] LoPN

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    “kgj ;k xkWao esa lcls pgy&igy okyh txg dk o.kZu djksA

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    ufn;ksa ls gesa D;k ykHk gSa\

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    ufn;ksa dks LoPN j[kuk D;ksa mi;ksxh gS\

    thou ewY;

  • विषम: ह िंदी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ १८– कामयऩत्रक

    केन्द्रित कौशर रन्द्यमतअधधगभबफरदु ऩयाभर्शयतविधध सनुना( श्रिण) फोरना (िाचन) ऩढ़ना (ऩठन) लरखना (रखेन) ऩरयिेश जागरूकता चच ॊतन एिॊ कल्ऩना

    ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सनुकय सभझने की मोग्मता| दसूयों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शदु्धता के साथ ऩढ़ना| ितानी की शदु्धता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता| अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सजृन शक्तत का विकास|

    व्मक्ततगत गततविचध

    मगु्भ गततविचध

    साभूदहक गततविचध

    अऩेक्षऺत अचधगभ हेतु ऩयाभलशातनभूना क्रिमा-कराऩ/ गततविधध /कामयऩत्रक (Suggested Sample Activities):-

    गततविचध-१

    “kq) mPpkj.k dhft,

    oQZ] “kkc] yn~nk[kh] ykfyek] ouLifr

    फोरना (उच्चायण)

    गततविचध-२

    vFkZ iw.kZ okD; cukb,

    tokgj yky vk x, rM+ds ckgj vxys fnu lqcg rS;kj gksdj

    रेखन (ितानी)

    गततविचध-३

    fyax cnfy,

    f” k{kd& usrk*&

    “ksj&

    uo;qod&

    cks/k lEcU/kh

    गततविचध-४

    T;ksa&T;ksa vkSj R;ksa&R;ksa feykdj ikWap okD; cukb,A

    ys[ku dkS” ky

    गततविचध-५

    Hkkjr ds jkT;ksa vkSj mudh jkt/kkfu;ksa ds uke fyf[k, |

    thou ewY;

  • ऩाठ -१६ से १८ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक

    १.सही सिानाभ चनुकय खारी जगह बयो | भास्टय जी ने अप्ऩायाि को .......................ऩास फरुाकय कहा ................................. कर .......................घय आ जाना (तुभ,भेये ,अऩने) कनार दत्ता ने कहा अच्छा ........ ...........लशकायी ........................ ही हो (तुभ ,िह )

    ३. ऩहेरी फझुाओ | हयी थी ,भन बयी थी | नौ राख भोती जड़ी थी | याजा जी के फाग़ भें दशुारा ओढ़े खड़ी थी | ३.दो-दो ऩमाामिाची शब्द लरखो – ऩानी= समूा = आकाश =

    ४. शब्दों को सही िभ भें यखकय िातम फनाओ – i)जाता तो िह योज स्कूर हैं| ....................................................................................................................... ii)राबदामक होता है खेरना स्िास्थ के लरए | ....................................................................................................................... III)गभी फहुत ऩड यही है आज कर | .........................................................................................................................

    ५.ऩनुरुक्तत िारे शब्द लरखो – अॊग – अॊग -...................................................................................................... यगड़ –............................................................................................................... ६.नदी के फाये भें एक अनचु्छेद लरखो|(रगबग ६० शब्दों भें ) .........................................................................................................................