हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया...

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हमारे बुिजीवी, हमारी मीिया, हमारे यायाधीश कहानी एक षड़यं की 2003 मानोज रित यशोधमा

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Page 1: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश

कहानी एक षड़यतर की

2003

मानोज रदधित यशोधमा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 2

copy Creative Commons Attribution-NoDerivs 30 Unported

License सपरण दधववरर httpcreativecommonsorglicensesby-

nd30deeden_US

ISBN 978-81-89746-00-1 अतराषटरीय मानक पसतक सखया

इस पसतक को दधििन क पीछ मरा एक ही उददशय ह दधक आप सतय को जान परि तथा अपन दधनरणय सवय ि यदधि आप जन-जागरर का सकलप िकर इस पससतका को बटवाना चाह तो दधनिःसकोच इसकी परदधतया करवा ि अथवा छपवा ि पफ़रीडिग पर दधवशष धयान ि कारर आपक दवारा टाइडपग म गिदधतयो क िायी आप होग परकाशक तथा मदररािय का परा पता िशाय दधबना परकाशन अवध होगा एक परदधत मझ भजना न भि कोई पदधरवतणन करना आवशयक जान पड़ तो कपया मरी अदधिम अनमदधत दधिदधित रप म अवशय ि ि ndash मानोज रदधित (ििक इस ससकरर क परकाशक) सपकण 98698-09012

मदरर ndash िवनदर वारग आइदधियि िादधफ़कस सपकण 98920-75431 आइदधियि परस अमबावाड़ी िदधहसर पवण मबई 400 068

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 3

सततत समरपण

वकरतणि महाकाय सयणकोदधट समपरभ

दधनरववघन कर म िव शभकायष सवणिा

या कनिनितषारहारधविा या शभरवसतरावता या वीरावरिणिमसणितकरा या शवतपदमासना या बरहमाचयतशकरपरभदधतदधभर िवससिावसनिता

सा माम पात सरसवती भगवती दधनशशषजाडयापहा

या िवी सवणभतष शदधिरपर सससथता नमसतसय नमसतसय नमसतसय नमो नमिः

कायन वाचा मनससनदरऐवा बधयातमना वा परकत सवभावात करोदधम यद यद सकि परसम नारायरायदधत समपणयादधम

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 4

घटना करम

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था चदरशिर सरकार क अनरोध पर बीमक (बाबरी मससजि ऐकशन कदधमटी) व दधवदधहप (दधवशव डहि पदधरषद) इस बात क दधिए सहमत हए दधक व अपन-अपन पकष क ऐदधतहादधसक परमार परसतत करग (समय - दधिसबर 1990 एव जनवरी 1991) और उन पर बहस कर इस दधनरणय पर पहचग दधक कया जनमभदधम-मससजि क पहि वहा मदधिर हआ करता था धयान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 5

दीतजए 1990-1991 िी बात ह यहmdashबाबरी ढा ाचा अभी तगरा नही था परॉफ़सर हषण नारायर परॉफ़सर बी पी दधसनहा िॉ एस पी गपता िॉ बी आर िोवर एव शरी ए क चटजी न दधवदधहप का परदधतदधनदधधतव दधकया िॉ एस पी गपता दधवदधहप स दधवदधधवत जड़ हए थ पर अनय िोग नही बीमक क िोग आइ-सी-एच-आर (इदधियन काउदधसि ऑफ़ दधहसटॉदधरकि दधरसचण अथात भारतीय ऐदधतहादधसक िोज पदधरषद नई दधिलली) क परॉफ़सर इफ़ान हबीब क पास गए दधजनहोन सचमच क इदधतहासजञो की एक टोिी जटाई दधजसका नततव परॉफ़सर आर एस शमा न दधकया अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय अिीगढ क परॉफ़सर इफ़ान हबीब बहत िर की सोचत थ उनहोन सवय इस टोिी िा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 2: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 2

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ISBN 978-81-89746-00-1 अतराषटरीय मानक पसतक सखया

इस पसतक को दधििन क पीछ मरा एक ही उददशय ह दधक आप सतय को जान परि तथा अपन दधनरणय सवय ि यदधि आप जन-जागरर का सकलप िकर इस पससतका को बटवाना चाह तो दधनिःसकोच इसकी परदधतया करवा ि अथवा छपवा ि पफ़रीडिग पर दधवशष धयान ि कारर आपक दवारा टाइडपग म गिदधतयो क िायी आप होग परकाशक तथा मदररािय का परा पता िशाय दधबना परकाशन अवध होगा एक परदधत मझ भजना न भि कोई पदधरवतणन करना आवशयक जान पड़ तो कपया मरी अदधिम अनमदधत दधिदधित रप म अवशय ि ि ndash मानोज रदधित (ििक इस ससकरर क परकाशक) सपकण 98698-09012

मदरर ndash िवनदर वारग आइदधियि िादधफ़कस सपकण 98920-75431 आइदधियि परस अमबावाड़ी िदधहसर पवण मबई 400 068

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 3

सततत समरपण

वकरतणि महाकाय सयणकोदधट समपरभ

दधनरववघन कर म िव शभकायष सवणिा

या कनिनितषारहारधविा या शभरवसतरावता या वीरावरिणिमसणितकरा या शवतपदमासना या बरहमाचयतशकरपरभदधतदधभर िवससिावसनिता

सा माम पात सरसवती भगवती दधनशशषजाडयापहा

या िवी सवणभतष शदधिरपर सससथता नमसतसय नमसतसय नमसतसय नमो नमिः

कायन वाचा मनससनदरऐवा बधयातमना वा परकत सवभावात करोदधम यद यद सकि परसम नारायरायदधत समपणयादधम

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 4

घटना करम

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था चदरशिर सरकार क अनरोध पर बीमक (बाबरी मससजि ऐकशन कदधमटी) व दधवदधहप (दधवशव डहि पदधरषद) इस बात क दधिए सहमत हए दधक व अपन-अपन पकष क ऐदधतहादधसक परमार परसतत करग (समय - दधिसबर 1990 एव जनवरी 1991) और उन पर बहस कर इस दधनरणय पर पहचग दधक कया जनमभदधम-मससजि क पहि वहा मदधिर हआ करता था धयान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 5

दीतजए 1990-1991 िी बात ह यहmdashबाबरी ढा ाचा अभी तगरा नही था परॉफ़सर हषण नारायर परॉफ़सर बी पी दधसनहा िॉ एस पी गपता िॉ बी आर िोवर एव शरी ए क चटजी न दधवदधहप का परदधतदधनदधधतव दधकया िॉ एस पी गपता दधवदधहप स दधवदधधवत जड़ हए थ पर अनय िोग नही बीमक क िोग आइ-सी-एच-आर (इदधियन काउदधसि ऑफ़ दधहसटॉदधरकि दधरसचण अथात भारतीय ऐदधतहादधसक िोज पदधरषद नई दधिलली) क परॉफ़सर इफ़ान हबीब क पास गए दधजनहोन सचमच क इदधतहासजञो की एक टोिी जटाई दधजसका नततव परॉफ़सर आर एस शमा न दधकया अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय अिीगढ क परॉफ़सर इफ़ान हबीब बहत िर की सोचत थ उनहोन सवय इस टोिी िा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 3: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 3

सततत समरपण

वकरतणि महाकाय सयणकोदधट समपरभ

दधनरववघन कर म िव शभकायष सवणिा

या कनिनितषारहारधविा या शभरवसतरावता या वीरावरिणिमसणितकरा या शवतपदमासना या बरहमाचयतशकरपरभदधतदधभर िवससिावसनिता

सा माम पात सरसवती भगवती दधनशशषजाडयापहा

या िवी सवणभतष शदधिरपर सससथता नमसतसय नमसतसय नमसतसय नमो नमिः

कायन वाचा मनससनदरऐवा बधयातमना वा परकत सवभावात करोदधम यद यद सकि परसम नारायरायदधत समपणयादधम

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 4

घटना करम

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था चदरशिर सरकार क अनरोध पर बीमक (बाबरी मससजि ऐकशन कदधमटी) व दधवदधहप (दधवशव डहि पदधरषद) इस बात क दधिए सहमत हए दधक व अपन-अपन पकष क ऐदधतहादधसक परमार परसतत करग (समय - दधिसबर 1990 एव जनवरी 1991) और उन पर बहस कर इस दधनरणय पर पहचग दधक कया जनमभदधम-मससजि क पहि वहा मदधिर हआ करता था धयान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 5

दीतजए 1990-1991 िी बात ह यहmdashबाबरी ढा ाचा अभी तगरा नही था परॉफ़सर हषण नारायर परॉफ़सर बी पी दधसनहा िॉ एस पी गपता िॉ बी आर िोवर एव शरी ए क चटजी न दधवदधहप का परदधतदधनदधधतव दधकया िॉ एस पी गपता दधवदधहप स दधवदधधवत जड़ हए थ पर अनय िोग नही बीमक क िोग आइ-सी-एच-आर (इदधियन काउदधसि ऑफ़ दधहसटॉदधरकि दधरसचण अथात भारतीय ऐदधतहादधसक िोज पदधरषद नई दधिलली) क परॉफ़सर इफ़ान हबीब क पास गए दधजनहोन सचमच क इदधतहासजञो की एक टोिी जटाई दधजसका नततव परॉफ़सर आर एस शमा न दधकया अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय अिीगढ क परॉफ़सर इफ़ान हबीब बहत िर की सोचत थ उनहोन सवय इस टोिी िा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 4: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 4

घटना करम

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था चदरशिर सरकार क अनरोध पर बीमक (बाबरी मससजि ऐकशन कदधमटी) व दधवदधहप (दधवशव डहि पदधरषद) इस बात क दधिए सहमत हए दधक व अपन-अपन पकष क ऐदधतहादधसक परमार परसतत करग (समय - दधिसबर 1990 एव जनवरी 1991) और उन पर बहस कर इस दधनरणय पर पहचग दधक कया जनमभदधम-मससजि क पहि वहा मदधिर हआ करता था धयान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 5

दीतजए 1990-1991 िी बात ह यहmdashबाबरी ढा ाचा अभी तगरा नही था परॉफ़सर हषण नारायर परॉफ़सर बी पी दधसनहा िॉ एस पी गपता िॉ बी आर िोवर एव शरी ए क चटजी न दधवदधहप का परदधतदधनदधधतव दधकया िॉ एस पी गपता दधवदधहप स दधवदधधवत जड़ हए थ पर अनय िोग नही बीमक क िोग आइ-सी-एच-आर (इदधियन काउदधसि ऑफ़ दधहसटॉदधरकि दधरसचण अथात भारतीय ऐदधतहादधसक िोज पदधरषद नई दधिलली) क परॉफ़सर इफ़ान हबीब क पास गए दधजनहोन सचमच क इदधतहासजञो की एक टोिी जटाई दधजसका नततव परॉफ़सर आर एस शमा न दधकया अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय अिीगढ क परॉफ़सर इफ़ान हबीब बहत िर की सोचत थ उनहोन सवय इस टोिी िा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 5: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 5

दीतजए 1990-1991 िी बात ह यहmdashबाबरी ढा ाचा अभी तगरा नही था परॉफ़सर हषण नारायर परॉफ़सर बी पी दधसनहा िॉ एस पी गपता िॉ बी आर िोवर एव शरी ए क चटजी न दधवदधहप का परदधतदधनदधधतव दधकया िॉ एस पी गपता दधवदधहप स दधवदधधवत जड़ हए थ पर अनय िोग नही बीमक क िोग आइ-सी-एच-आर (इदधियन काउदधसि ऑफ़ दधहसटॉदधरकि दधरसचण अथात भारतीय ऐदधतहादधसक िोज पदधरषद नई दधिलली) क परॉफ़सर इफ़ान हबीब क पास गए दधजनहोन सचमच क इदधतहासजञो की एक टोिी जटाई दधजसका नततव परॉफ़सर आर एस शमा न दधकया अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय अिीगढ क परॉफ़सर इफ़ान हबीब बहत िर की सोचत थ उनहोन सवय इस टोिी िा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

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हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 6

नततव नही तियाmdash इसि रीछ एि बडी सोची-समझी चाि थी

एि परोफसर तजसन तदशा दी आग िी घटनाओ िो

बसलजयम क िॉ कोएनराि एलसट न अपनी पसतक म ज-एन-य (जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय नई दधिलली) क सवनामधनय इदधतहासजञ आर एस शमा का दधजकर दधकया ह जब उसका जनम हआ होगा तो उसक माता-दधपता न बड़ िाड़ स उस भगवान शरी राम क चररो म समरवपत करत हए उसका नाम राम शरर रिा होगा माता-दधपता न बड़ी आस स उस ईसाई-अिजी दधशकषा दधििाई होगी दधक हमारा बटा बड़ा आिमी बन कर वश का नाम रोशन करगा उस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 7: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 7

बट न वश का नाम रोशन तो दधकया पर दधकस परकार स यह आग चि कर ििग दधफ़िहाि उसक वयदधितव का दधवकास दधकस परकार स हआ होगा इसक बार म थोड़ी सी कलपना कर ि तो समभवतिः आप अपन आज क बचचो को थोड़ा-बहत समझ पायग एक बार एक ईसाई फ़ािर न कहा था दधक हम अपन सकि म तमहार बचचो को ईसाई तो शायि न बना पायग पर जब हमार सकि स दधशकषा पाकर दधनकिग तो व सचच डहि भी न रह जायग यह एि अिाटय सतय ह तजस हम तहनद माता-तरता सहजता स नही समझ रात वह मधावी बचचा ईसाई तो न बन पाया पर शरी राम की शरर स भी बहत िर चिा गया जब वह सचचा दधहनि न रहा तो अपनी जड़ो स कट गया ईसाई भी न बन सका तो अधयासतमक सतर पर दधतरशक की भादधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 8: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 8

अपन आप को शनय म िटका पाया यही दधविमबना थी हमार जवाहरिाि नहर की दधजनह आधदधनक भारत का दधनमाता कहा जाता ह तो दधिर कसा भारत बना होगा इसकी कलपना आप सवय ही कर ि िर राम शरर की दधविमबना थी दधक वह शनय उस जीन न िता उस िािीपन को भरना उसक दधिए आवशयक था आय म जवान था और उसका दधिि सीन क बायी ओर धड़का करता था भावनातमक झकाव का वाम पथ की ओर जाना उस आय म एक सवाभादधवक परदधकरया थी यह िहानी िवि राम शरण िी ही नही बसकि आरि रतरवार अथवा आरि आसरास ि अनि यवाओ िी ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 9: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 9

झठ िी बतनयाद रर खडा एि महि

परॉफ़सर आर एस शमा एव उनकी सचमच क इदधतहासजञो की टोिी न अचछा परचार तिया ति व सब सवततर इततहासजञ थ जनसाधारर की ददधि म सवततर वह ह जो दधकसी पर दधनभणरशीि नही ह कम स कम आरवथक ददधि स सवततर वयदधि स यही आशा की जायगी दधक उसका ददधिकोर सवततर होगा िसर क कह क अनसार सजाया-सवारा गया न होगा िोग यही सोचग दधक वह जो कह रहा ह वह उसकी अपनी सोच ह जो उसक अपन परीकषर एव अपन अनभव क आधार पर ही बनी ह िोग यह आशा नही करग दधक वह कवि एक नौकर ह जो परि क पीछ छप मादधिक की बोिी बोि रहा ह उसक पास

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

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हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 10

दधवशवदधवदयाियो की पिदधवया एव उनक आधार पर अरवजत दधकय गए अनतराषटरीय मानयताय ह अतिः िोग यह शका नही करग दधक उसका योगिान कवि अपनी महर िगान तक ही सीदधमत ह बाि म यह बात सामन आई दधक व सभी बीमक की चाकरी म थ और व जो भी कह रह थ वह सवततर रप स नही अदधपत अपन दधनदधहत सवाथण स परदधरत होकर बीमक स पसा िकर यह तो उनका चदधरतर हmdashचदधरतर जो झठ की बदधनयाि पर दधटका हआ ह यह एव बहत सारी अनय बात उनक चदधरतर क बार म हम जान पात ह यरोदधपयन इदधतहासजञ िॉ कोएनराि एलसट स दधजनहोन भारत म आकर और यहा रहकर इन बातो पर िोज बीन की

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 11: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 11

उस परचार ि रीछ छरी हई गहरी चाि

परशन उठता ह दधक उनहोन आरभ स जान बझकर इस झठ का परचार कयो दधकया इस झठ िो बड समाचार रतरो ि माधयम स फिान िी कया आवशयिता थी इसक पीछ छपी हई एक बड़ी सोची समझी चाि थी व जानत थ दधक जनता उस बात को याि रिती ह जो बात शर-शर म जोर-शोर स कही जाती ह आरभ म पाठको की रदधच परतयक नए दधवषय पर होती ह समय क साथ व दधवषय परान पड़ जात ह एव पाठको की रदधच उनस हट जाती ह उनकी जगह नए दधवषय पाठको क दधिए आकषणर का क दर बन जात ह या तफर बना तदए जात ह िोग वही याि रित ह जो उनहोन आरभ म हो-हलल क साथ सनी थी बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 12: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 12

म अगर कही समाचार पतर क दधकसी अिरनी पषठ पर दधकसी छोट स कोन म एक छोटा सा ििन या दधवरोध छपता भी ह तो यह आवशयक नही दधक उनही राठिो िी दति उस रर रड दधजनहोन पहि जोर-शोर स फ़िाय गए असतय को पढा था इस बात का भरपर िाभ उठाया उनहोन जनता क मन पर यह छाप छोड़ िी दधक व सभी सवततर इदधतहासजञ थ और जो कछ भी व कह रह थ दधबना दधकसी सवाथण क कवि सतय स परदधरत हो कर क जबदधक यह सब व बीमक स पसा िकर कर रह थ सतय को असतय स ढापन क दधिए और इसदधिए उनहोन बईमानी का सहारा दधिया आरमभ स ही

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 13: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 13

एि अनय परोफसर तजसन शतरज ि मोहरो िो चना

अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क परॉफ़सर इफ़ान हबीब जानत थ दधक सवय मससिम होन क कारर उनकी सवततर भावना पर सिह दधकया जा सकता ह उनहोन खरीि दधिया बड़ी ही सहजता स डहि नाम रिन वाि कॉमयदधनसट-माकण दधससटो को जो पहि स ही कटटर डहि-दधवरोधी रह थ अनि हहदओ म एि तवशष परिार िी गितफहमी रायी जाती ह बहधा व एक डहि नाम को िसर डहि नाम स अिग नही कर पात उनह िगता ह दधक दधजसका नाम सनन म डहि जसा ह वह डहि ही होगा उनह यह धयान नही रहता दधक डहि होन क दधिए डहि िवी-िवताओ क परदधत

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

Page 14: हमारे बुद्धिजीवी, हमारी मीडिया ...hindooraashtrcom.fatcow.com/pdf/03-hamaare-buddhijivi... · 2012. 11. 11. · कy|न~ एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 14

आसथा एव शरिा अदधनवायण ह व जब दधकसी डहि जस नाम रिन वाि वयदधि को डहि-दधवरोधी दधकरया म सिगन िित ह तो यह धाररा बना ित ह दधक डहि ही डहि का सबस बड़ा िशमन ह धमण पदधरतयाग कर भी अनक डहि अपन डहि नाम का पदधरतयाग नही करत व भड़ की िाि ओढ रहकर भदधड़ए की जबान बोिना अपन दधहत म पात ह अदधधकाशतिः डहि इनह पहचान नही पात व जब शमा नाम पढत तो यही समझत दधक जब दधहनि सवय कह रह ह तो सभवतिः उनकी बात सच ही होगी व कया जानत ति य सभी तहनद-नामधारी घोर नाससति (िॉमयतनसट-माकसपतससट) ह जो शरी राम तो कया भगवान ति ि अससततव म तवशवास नही रखत इफ़ान न शमा को और शमा न अपनी टोिी को बड़ी िबसरती स चना

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 15

एि असतय अरन आर म रयापत नही होता

आरभ स ही िोनो पकषो की सहमदधत स ऐसा दधनशचय दधकया गया था दधक दधवदधहप को उनक परमारो पर बीमक दधिदधित उततर िगी 10 जनवरी स पहि पर उनहोन अभी तक यह दधकया नही था उसक बाि और िो सपताह बीत चक थ 24 जनवरी को िोनो पकष दधमि अपन-अपन परमारो पर बात करन क दधिए अब तो कम स कम उनह वह दधिदधित उततर िना था पर नामी कॉमयदधनसट इदधतहासजञ परॉफ़सर आर एस शमा न इस बठक म कहा दधक उनह और उनक सादधथयो को दधवदधहप क दवारा परसतत दधकए गए परमारो को अधययन करन का समय ही नही दधमिा यहा िो बात धयान िन क योगय ह रहिी ति यह टािमटोि िी नीतत समय पर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 16

(10 जनवरी) उततर न िना उसक बाि और समय बीतन िना बाि म (24 जनवरी) कहना दधक हम आपक परमारो को पढन का समय ही नही दधमिा इतन वयसत थ हम रर दसरी बात इसस भी िही अतधि सगीन थी तजसम साफ बईमानी झििती ह सतनए उसिी िहानी 24 जनवरी को दधजस दधिन उनहोन बठक म कहा दधक हम आपक परमारो को ििन का समय तक नही दधमिा उसि एि सपताह रहि ही इसी परॉफ़सर आर एस शमा न अपन 41 इदधतहासजञ सादधथयो क हसताकषर ि साथ एक विवय जारी दधकया था दधजसका उनहोन बहत जोर-शोर स परचार करवाया था उन सभी इदधतहासजञो न उस विवय म भारत की जनता को यह बताया था दधक तनतित रर स अवशय

ही िही भी िोई भी परमाण नही ह दधक उस सथान पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 17

मससजि क पहि कोई राम-मदधिर हआ करता था इसी

बात पर परॉफ़सर आर एस शमा न ldquoराम क अयोधया का

सापरिादधयक इदधतहासrdquo (अिजी म) नाम की एक छोटी पसतक भी छपवाई थी (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 152) यहा परशन यह उठता ह दधक यदधि शमा एव 41 इदधतहासजञो न दधवदधहप क दधिए हए परमाण रढ नही थ तो

तिस आधार पर जोर-शोर स परचार कर उनहोन जनता को बताया था दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था इसी परशन का िसरा पहि यह ह दधक यदधि व इतन अदधधकार क साथ कह सकत थ दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था तो दधिर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 18

24 जनवरी की बठक म उनहोन यह बहाना कयो परसतत दधकया दधक हम बहस ि तिए तयार नही ह कौन सा उनका असिी झठ था यह दधक दधनदधशचत रप स अवशय ही कही भी कोई भी परमार नही ह दधक उस सथान पर मससजि क पहि कोई राम-मदधिर था या दधक इस वकतवय िो जारी िरन ि बहत रहि आपन हम जो परमार अधययन करन क दधिए दधिए थ हमन उनह पढ तक नही

उनहोन ऐसा कयो तिया

व जानत थ दधक जनता क मन म घर कर जाएगी वह बात जो पहि एक बार जोर-शोर स परचादधरत की गई और जनता उस ही याि रिगी आग बठक म कया हआ इस बात की जनता को कोई भनक तक न होगी कयोदधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 19

समसत बड समाचार रतर उस छारग ही नही यह एक सोची समझी सादधजश थी अगिी बठक दधनदधशचत की गई अगि दधिन 25 जनवरी क दधिए पर बीमक क इततहासजञ आय ही नही उनहोन न तो ऐस कोई दधिदधित परमार उपससथत दधकए जो िशात हो दधक राम मदधिर वहा कभी नही था न ही उनहोन कोई दधिदधित ििन दधिया दधवदधहप क परमारो का न ही उनहोन उपिबध परमारो पर आमन-सामन बठ कर चचा की व इन सबस िर ही रह इस परकार स भारत सरकार की चिा वयथण गई एक समाधान िोजन की उपिबध परमारो क आधार पर आपसी चचा स (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 153) आप िि रह ह दधक यह एक सोची समझी चाि का नतीजा ह जब परमाणो िी बात आए तो रीछ हट जाओ रर साथ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 20

ही बड समाचार रतरो िा सहारा ििर झठ िो फिाओ ताति जनता झठ िो ही सचचाई जान और ऐसा ही मान

अब बड समाचार रतरो िा भी चतरतर दख िीतजए

िॉ कोएनराि एलसट क शोधो स हम पता चिता ह दधक जब जन-सभा म यह परशन पछा गया दधक इदधतहासजञो क वाि-दधववाि का कया पदधरराम हआ तो परॉफ़सर इफ़ान हबीब (अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ) और सबोध कात सहाय (जो उस समय गह मतरी थ) न कहा दधक दधवदधहप वाि भाग गए वाि-दधववाि स और उनकी समाचार पतरो क साथ दधमिीभगत िदधिए सभी बड़

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 21

समाचार पतरो न इस सरासर झठ का ििन छारन ति स मना िर तदया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 170) जनता िो झठ िी जानिारी दी गई और सच िो दबा तदया गया यह ह चतरतर हमार बड समाचार रतरो िा यह चतरतर उस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन ह जहा ा हम अरन बचचो िो भजन म बडा गवप अनभव िरत ह समसया को समसया क रप म ििना पयापत नही हम उसकी जड़ तक पहचन की आवशयकता ह अपनी आन वािी पसतको म हम इस समसया क जड़ तक आपकी यातरा कराएग धीर-धीर एक-एक किम िकर अधमप जब फिता ह चारो तरफ तो घोर अाधरा िर दता ह तब आवशयिता होती ह तिसी अजपन िी जो अधमप िा नाश िर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 22

झठ ि रहिदो िो ढा ािन ि तिए चोरी िी भी तो आवशयिता होती ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक कम स कम चार बार दधवदधहप क दधवदवानो न बीमक क दधवदवानो को परमाण छरात या परमाण नि िरत हए रिडा य व अवसर थ दधजन पर य चोदधरया पकड़ी गई दधकतनी और ऐसी चोदधरया जो पकड़ म नही आई उनका हम जञान तक नही इन चार पकड़ी गई चोदधरयो का ििन बीमक क दधवदवानो न नही दधकया न ही बीमक क दधवदवानो न ऐसा कोई आरोप दधवदधहप क दधवदवानो पर िगाया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 17-18) इसस सपि होता ह दधक जहा एक तरफ़ दधवदधहप क दधवदवानो को चोरी का सहारा िना नही पड़ा कयोति सचचाई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 23

उनि साथ थी वही िसरी तरफ़ बीमक क दधवदवान बार-बार झठ और चोरी का सहारा ित रह अपनी झठी बदधनयाि को छपाए रिन क दधिए सभी बड समाचार रतरो न भी उनिा भररर साथ तदया कया सब तबि गए थ अरब दशो िा अरार धन और िब िाम आता

िॉ एन एस राजाराम अपनी पसतक ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलिmdashएससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन (परकाशक वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998) म दधिित ह - अयोधया बहस न डहिओ म एक ऐदधतहादधसक बोध को जगाया अतिः अब यह कछ समय की ही बात ह दधक (अपन आप को) धमणदधनरपकष (कहन वाि) इदधतहासजञो क दवारा तयार दधकए गए जािी इदधतहास का भािा िट

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 24

जाएगा उनकी जीदधवका एव परदधतषठा अब िाव पर िगी ह राजनदधयक व शासकीय सवाथक क परशरय की वजह स इन परष और इन ससतरयो न अनक वषक स वह मानयता पि एव दधवशष सदधवधाए भोगी जो उनकी योगयताओ की तिना म असाधारर रप स अदधधक थी उसस भी बरी बात यह ह दधक उनहोन अपन राजनीदधतक उददशयो एव पश गत सवाथक की उननदधत क दधिए इदधतहास म बड़ी मातरा म जािसादधजया की आज िाव पर िगी ह इन परषो और इन ससतरयो की न दधसफ़ण जीदधवका और परदधतषठा बसलक एक साधारर मानव क रप म उनकी पहचान भी यह सवीकार करना कदधठन होता ह दधक हम असतय क आधार पर जीत रह थ उसस भी कदधठन होता ह यह सवीकार करना दधक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 25

हमन अपनी जीदधवका की नीव रिी थी झठ पर (उित प 91-92)

काश यह सथायी हो पाता पर कनदर म सरकार बिि गई और यही िोग पनिः आ गए तथा आई-सी-एच-आर एव एन-सी-ई-आर-टी दधिलली (नशनि काउसनसि ऑफ़ एजकशनि दधरसचण ऐणि रडनग अथात राषटरीय शकषदधरक िोज एव परदधशकषर पदधरषद) जसी कनदरीय ससथाओ पर एक बार दधिर स कणििी मार कर बठ गए साथ ही पनिः आरमभ हो गया ऐदधतहादधसक जािसादधजयो का वही पराना िौर आज हमार समाज म बौतदधि बईमानी इतनी

बढ गई ह कयोति इनह उतचत सजा िा परावधान ईसाई-अागरजो दवारा हम रर थोर हए आधतनि नयायशासतर म नही ह जब समाज क करणधार ही

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 26

बईमानो की जात होगी तो बाकी परजा कसी पिा होगी जब ऐस िॉमयतनसट-माकसपतससट पराधयारि एव पराधयातरिाएा ही बईमानो ि सरताज होग तो उनि रद तचहनो रर चिन वाि छातर-छातराएा िस बनग

एि जवित उदाहरण आरि सामन

अब उनक पि दधचहनो पर चिन वािी एक आिशण छातरा का उिाहरर िदधिए परॉफ़सर मजरी काटज तिना करती ह शरी राम की दधहटिर व मसोदधिनी स (सिभण - पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि म परकादधशत ममबई ससकरर 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6 सतमभ 3)

इस पर उनह दधमिती ह िॉकटरट की उपादधध धनय ह वह दधवशवदधवदयािय दधजसन िी उपादधध उनको िॉकटर की बनाया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 27

उनह परॉफ़सर उनह िॉकटर की उपादधध िन वाि एव उनह परॉफ़सर बनान वाि भी तो य पराधयापक एव पराधयादधपकाए ही ह तजनहोन झठ तवरासत म राई ह और जो झठ

बा ाटत तफरत ह इस परिार स उनिी फसि बढती जाती ह mdash एि रीढी ि बाद दसरी रीढी तयार होती रहती ह सोतचए कया होगा आर ि बचचो िा जो सीखग उनस दधक हमार शरी राम थ एक जानवर उन दधहटिर व मसोदधिनी की तरह और यह मजरी काटज ह कौन इनक िािाजी हआ करत थ अधयकष दधवशव डहि पदधरषद क वही दधवशव डहि पदधरषद जो शरी राम मदधिर क दधिए िड़न को बना था कया बीती होगी उन पर कया उनहोन सोचा होगा दधक एक दधिन ऐस भी नमन पिा होग उनक वश म दोष वश िा नही दोष तशकषा िा ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 28

और हमारी चाहत िा हम भज दत ह अरन बचचो िो ईसाई सििो म और तफर दधिलली क जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय जस कॉमयदधनसट-माकसणदधससटो क गढ म ईसाई और नाससतक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट उनह दधसिाएग कया यही तो सीिग जो सीिा ह हमारी पयारी मजरी काटज न

धमप तनररकषता िा यह आडमबर

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट को आसानी स पहचानना मसशकि ह नहर न उस एक नया नाम ि दधिया था धमणदधनरपकष कयोदधक उसक पास अपना कोई धमण न था और वह अपन को दधशकषा स ईसाई रदधच स मसिमान िघणटना स दधहनि कहता था ऐस वयदधियो का एकमव धमण होता ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 29

सतता एव उस सतता क दवारा हादधसि की गई शोहरत धन एव वह सब कछ दधजसका वह हकिार न रहा हो धमपतनररकषता िी आड म िॉमयतनसट-माकसपतससट बतदधजीवी हहद समाज ि बराहमण िी छतव िो सतत मतिन िरन िी चिा म िगा रहा िारण उस सवय हहद समाज म बराहमण ि सथान रर अतधिार जमाना था डहि समाज म बराहमर हआ करता था अनय वरक का अधयापक एव दधिगिशणक उसी सथान की होड़ म परोकष रप स िग रह ह य आज क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी एव कॉमयदधनसट-माकसणदधससट पराधयापक-पराधयादधपकाए यही िारण रहा ह ति व हर एि उस िोतशश म िग रहत ह ति तिस परिार स बराहमण िा सथान हहद समाज म एि अवातछत सथान बना तदया जाएmdashईसाई तमशनरी सट जतवयर न आरभ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 30

िी थी यह परतकरया 16वी शताबदी म तजसिो अनजाम तदया ईसाई-अागरजी सरिार न एव उनि आरकषण म रि रह ईसाई तमशनरी सििो न जब व गए तो छोड़ गए अपन औिाि नहर जस अनक इस परदधकरया को पर जोर-शोर स आग बढाया 20वी शताबिी क कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीदधवयो न कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी कहता ह अपन आप को धमणदधनरपकष पर वह ह नही धमणदधनरपकष यह उसका मिौटा ह भगवान को वह मानता नही डहि को वह अपना सबस बड़ा शत मानता ह पर सपि रप स कहता कभी नही इस कारर हम नही जान पात दधक वह परतयक नई पीढी को कस थोड़ा और डहि-दधवरोधी बनाता जाता ह जो बनता ह वह सवय भी नही जानता दधक अिर ही अिर वह धीर-धीर दधकतना डहि-

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 31

दधवरोधी बनता जा रहा ह कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी होन क दधिए यह आवशयक नही दधक आप कॉमयदधनसट पाटी क सिसय हो आपकी सोच कॉमयदधनसट हो इतना ही पयापत ह यही सोच रहि आरिो अहहद

बनाता ह और जस-जस इस सोच िा परभाव आरि मानसरटि रर गहरा होता जाता ह तयो-तयो आर अतधिातधि हहद तवरोधी बनत जात ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 32

आर सभवतः िकषणो िो नही रहचान रात

आप उनह कॉमयदधनसट की जबान म बोित हए नही पात उिाहरर क दधिए पजीपदधत सामतवािी और ऐस शबिो का सतत परयोग इसस यह न मान बठ दधक उनकी सोच पर कॉमयदधनजम-माकसणदधसजम का परभाव नही अरनी सतानो म हहद दवी-दवताओ ि परतत अतवशवास या उिाहना िी भावना िो दतखए आर इस अनदखा िरत जात ह आर यह सोच िर अरन आर िो सातवना द ित ह ति आज य बचच ह िि जब बड होग तो जीवन ि थरड सवय इनह धमप एव ईशवर िो मानना तसखा दग सभी धमण भगवान को दधकसी न दधकसी रप म मानत ह एक कॉमयदधनसट-माकसणदधससट ह जो भगवान क अससततव को नही मानता हमार िश म य अपन आप को

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 33

कॉमयदधनसट-माकसणदधससट न कहकर धमणदधनरपकष कहत ह कयोदधक यह शबि सनन म अदधधक आिररीय िगता ह धमणदधनरपकष कह कर य यह जताना चाहत ह दधक व धारवमक सोच जसी सकदधचत मनोवदधतत स ऊपर ह अब उनक आचररो को गौर स िदधिए दधजनक पीछ उनकी असिी सोच झिकती दधििगी उनकी सोच म आपको सभी धमक क परदधत समभाव कभी न दधमिगा बहधा बतदधजीवी ििािार चितचतर तनदशि िखि सातहतयिार राजनीततजञ पराधयारि इतयातद होन ि िारण उनिी बोिी म ाजी हई होती ह रर बोिी रर न जाएा उनि आचरण िो दख और उनिी सोच िो रहचान य आरिी सतानो िो गित रासत रर ि जा रह ह जस-जस आरिी सतान बडी होगी उनिी सोच और भी गहरी होती जाएगी उनिी यह सोच फिती

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 34

जाती ह परभातवत िरती ह अनय िोगो िो अनि माधयमो स उदाहरण ि तिए mdash रतर-रततरिाएा टीवी सीतरयि तसनमा सातहतय टीवी वातािार एव टीवी रर बहस इतयातद अतः सोच आरिो कया िरना ह

हहद बराहमण िी तवडबना

डहि बराहमर को अपनी बदधड़या काट कर एक बार दधिर उठ िड़ा होना होगा उस डहि यवा वगण का दधशकषक एव मागणिशणक बनना होगा डहि कषदधतरय को इसम सहायता करनी होगी वस ही जस शरी राम न की थी दधवशवादधमतर की आज डहि कषदधतरय को उठ कर बदधड़यो म जकड़ बराहमर को मि कराना होगा तादधक वह पनिः बन सक डहि समिाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 35

का दधशकषक एव मागणिशणक ldquoयदधि बराहमर न होता तो म सार डहिओ को ईसाई बना चका होताrdquo ऐसा दधििा था सट जदधवयर न सोसाइटी ऑफ़ जीसस को 16वी सिी म समय गजरता गया जतवयर-रतरो न बराहमण िो बतडयो म जिड तदया और आग चि िर मिॉि-मिर-नहर-रतरो न बराहमण ि म ाह रर िातिख मि दी बराहमर मह छपा बठा जदधवयर-पतरो न डहि को ईसाई बनाया और नहर-पतरो न डहि को माकसणदधससट बनाया आज यतद हहद तफर स हहद बनना चाह तो उस बराहमण िो उसिा खोया सममान तदिाना रडगा डहि इदधतहास हम बताता ह दधक कषदधतरय ही बराहमर का रकषक हआ करता था - भि गए शरी राम को आज उस कषदधतरय को अपना कषातर-धमण दधनभाना होगा यदधि कषदधतरय चकगा तो एक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 36

बराहमर को परसा हाथ म िकर एक बार दधिर परशराम बनना पड़गा इस बार वह परशराम कषदधतरयो का नही बसलक जदधवयर-पतरो एव मकॉि-मिर-नहर-पतरो का सहार करगा इस तिए हहद कषततरय तमह भी आज जागना

होगा हहद मयादा िी रकषा ि तिए कयोति ररसा उठाना बराहमण िी मयादा िो नि िरगा

झठ तजनिी तवरासत ह और जो झठ बा ाटत तफरत ह

बहत समय नही बीता 24 दधिसबर 2002 को टाइमस ऑफ़ इदधिया (मबई ससकरर) न एक खबर छापी दधजसम उनहोन शीरीन रतनागर को ममबई क नामी रराततवजञ एव जवाहर िाि नहर दधवशवदधवदयािय क सवादधनवत रराततव

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 37

िा परॉफसर बताया शीरीन रतनािर न राठिो िो तवशवास तदिाया ति अयोधया म मससजद ि रहि मतदर होन ि उरयकत ररातासतवि (खदाई स उरिबध) परमाण नही ह मन अगि ही दधिन टाइमस ऑफ़ इदधिया को दधििा बहत सार परातासतवक परमारो का उललि कर पर टाइमस ऑफ़ इदधिया न उस नही छापा न मर पतर का कोई उततर दधिया मर मन म परशन उठा आदधखर टाइमस ऑफ़ इदधिया का उददशय कया ह पाठको तक सचचाई को पहचाना या उस छपाना और पाठको क मन म वहम ििाना इसी परकार की कई और झठ हमन टाइमस ऑफ़ इदधिया को ििात ििा दधजनका दधववरर हम अपनी अनय पसतको म िग उदधचत सथानो पर परतयक बार हम उनह दधिित रह और व उस अनििा करत रह उसक बाि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 38

हमन दधनरणय दधिया दधक हम ऐस समाचार पतर को नही पढग जो जान बझ कर झठ को ििाता ह और सच को िबाता ह परतयक वयदधि जो ऐस समाचार पतर को खरीिता ह वह एक दधमथयावािी को परोकष रप स सहायता करता ह अपन नाम और पि का िाभ उठाकर शीरीन रतनागर जस परॉफ़सर यदधि साधारर जनता को गमराह करत रह ग तो जनता को एक दधिन दधनरणय िन पर बाधय होना पड़गा दधक ऐस परॉफ़सरो क साथ कसा वयवहार दधकया जाए कयोदधक य दधवशवदधवदयाियो क परॉफ़सर सरकार क पसो पर जीत ह जो जनता क कर स आता ह और जनता का िा कर य दधनिणजज जनता को गमराह करत ह िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह दधक बाबरी मससजि क पकष वाि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन वाि अकसर खिाई का दधवरोध करत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 39

रह जबदधक डहि पकष बराबर इसकी माग करता रहा (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 182) पदधछए ऐसा कयो कयोदधक य झठ धमणदधनरपकष (जो वासतव म धमणदधनरपकषता की खाि ओढ हए कॉमयदधनसट-माकसणदधससट बदधिजीवी ह ) जानत थ दधक दधजतनी खिाई होगी उतनी ही उनकी झठ की पोि ििती जाएगी

परमाणो िा ररीकषण िरन दश ि िोन-िोन स 40 रराततवजञ आए तथा ररीकषण िरन ि रिात सभी एि मत हए ति वहा ा मतदर ही था

िॉ एस पी गपता इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह ह सवोचच नयायािय क दधनरणय पर िॉ गपता की टीकाओ स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 40

हम बहत कछ जानन को दधमिता ह उन टीकाओ का सदधकषपत दधववरर हम आपक दधिए परसतत करत ह इस अधयाय म पर हमार अपन शबिो म सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 112-122 परॉफ़सर बी बी िाि जो भारतीय परातासतवक सवकषर क मखय दधनिशक रह ह उनहोन 1975 स 1980 क बीच अयोधया म बहत खिाई की - उस सथान पर भी जहा जनमसथान-मससजि हआ करता था परॉफ़सर िाि न वहा 14 िाइया िोिी यह जानन क दधिए दधक वह जगह दधकतनी परानी थी उन ििाइयो स यह पता चिा दधक वह नगर कम स कम 3000 वषण पराना रहा होगा सभवत उसस अदधधक धयान ि ईसा एव हजरत महममि अभी तक पिा भी नही हए थ बाबर को तो अभी सदधियो िगन वाि थ शरी राम का नगर तब भी वहा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 41

मौजि था वहा उन िाइयो म बड़-बड़ समानातर चौकोर सतभो वाि ईट और पतथरो का बना हआ एक बहत बड़ा ढाचा पाया गया िरवाजो पर डहि मरवतया काढी हई पाई गई यकष यकषी कीरवत मि परण घटट कमि क िि इतयादधि सजावट की वसतए पाई गई परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो स यह भी पता चिा दधक सतभो पर बना हआ वह ढाचा बार-बार मरममत दधकया गया कम स कम तीन बार परॉफ़सर बी बी िाि की ििाइयो न यह भी दधििाया दधक वहा एक बहत बड़ी िीवार थी दधििबिी क दधिए जो बनाया गया था पकाए हए ईटो स और दधजसकी उमर रही होगी 3 शतासबिया ईसा क पहि सोच इसिाम अभी तक जनमा भी नही था अनय शबिो म कहा जाय तो वहा बाबर क पहि भी बहत कछ था दधजनह झठिान म आज

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 42

जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क इदधतहासजञ जी तोड़ कर िग ह यह एक जानी और मानी हई बात ह दधक परातासतवक खिाई म भागय का साथ होना भी आवशयक होता ह कहा जाता ह दधक कवि कई इचो क दधिए कोई छपा खजाना तक िो िता ह अथात यदधि कई इच और खिाई की होती तो सभवतिः खजाना हाथ िग जाता िदधकषर की तरफ़ परॉफ़सर बी बी िाि न जो िाइया िोिी थी उसस कवि 10-12 िीट की िरी पर एक बहत बड़ी खिाई छट गई दधजसम 40 स अदधधक परदधतमाए बाि म पाई गई पर परॉफ़सर िाि को दधमि थ 16वी शताबिी स पहि क तोड़ हए मदधिर क सतभ जो अनय पराततवजञो को नही दधमि पाय थ य 40 स अदधधक परदधतमाए तब पाई गई जब उततर परिश सरकार क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 43

अदधधकारी पवण एव िदधकषर क िाइयो क बगि की जमीन को समति कर रह थ बड़ी चचा रही इनकी समाचार पतरो म 18 जन 1992 स यहा धयान िीदधजए तारीख पर जन 1992 बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था हमार नयायािय इन परमारो की उपिसबध स अनदधभजञ नही थ 2 जिाई 1992 को पराततवजञो का एक और िि उस सथान पर पहचा इस िि म थ िॉ वाई िी शमा जो सवकषर क उप-मखय दधनिशक रह थ िॉ एस पी गपता जो इिाहाबाि सिहािय क सचािक रह थ और बहत सार वदधरषठ पराततवजञ भी वहा पहच उनहोन डहि मदधिरो की उन 40 स अदधधक किाकदधतयो व परातासतवक अवशषो का परीकषर दधकया उनहोन पाया दधक य वसतए 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी इन वसतओ म थी कई आमिका जो उन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 44

दधिनो की समसत उततर भारतीय मदधिरो म (कोनाकण और िजराहो) आज भी ििन को दधमिती ह एक और वसा ही आमिका पाया गया एक बार दधिर (1 जनवरी 1993 को) एक िाई म जब उततर परिश क सरकारी अदधधकारी फ़जाबाि क एक वदधरषठ पदधिस अदधधकारी की मौजिगी म मदधिर क चारो तरफ़ एक नया घरा बना रह थ और भी मरवतया पाई गई जो थी चकर-परष परशराम मतरी िवी दधशव व पावणती की जो 10वी स 12वी शताबिी क बीच की थी य सभी मरवतया उस धरती क नीच नही दधमि सकती थी यदधि वहा मससजि क पहि मदधिर न रहा होता बाि क दधिनो म पवण क दधहसस म पराततवजञो की एक और टोिी न ििाइया की और उनहोन 10 िीट स अदधधक जमीन िोिी पवण व िदधकषर की तरफ़ जहा सरकारी अदधधकादधरयो न कछ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 45

दधहसस को काटा था इस िौरान पाया गया एक बहत गहरा गडढा और अवशष कम स कम 3 ठस हए फ़शक की जो थी 10वी स 16वी शताबिी क बीच की और एक फ़शण जो थी 1िी स 3री शताबिी क बीच की िो िीवार पाई गई जो 1िी स 3री शताबिी (ईसवी) क बीच की बनी थी परॉफ़सर बी आर िोवर न एक बहत बड़ी और ििी हई पक ईटो की फ़शण भी पाई धयान ि बाबर भारत आया 16वी शताबिी म इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक जनमभदधम सथान पर डहि मदधिर बनाए गए थ कई बार कवि दधपछि 450 वषक को छोड़ कर जब मससिमो न मदधिर तोड़ कर उस जगह बनाई एक मससजि

दधजस मसिमानो न नाम तदया ldquoजनमसथान-मससजदrdquo िा अरन ही तितखत परमाणो म आप अपन आप स

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 46

पदधछए - जनमसथान दधकसका यदधि बाबर का नही आपका और हमारा नही उन कॉमयदधनसट इदधतहासजञो का नही जो बार-बार समाचार पतरो म यह कहत नही थकत दधक राम का नही - तो दधकसका जनमसथान पगबर महममि का या दधिर कािण माकसण का इन सभी ििाइयो स एक बात और सपि हई वह यह दधक अदधतम बार जो आिीशान मदधिर पतथरो स वहा बना होगा वह रहा होगा 11वी-12वी शताबिी का इसक दधसवा कछ अनय मरवतयो क आधार पर दधनदधशचत रप स यह कहा जा सकता ह दधक उसी सथान पर 9वी-10वी शताबिी का परदधतहार शिी का एक मदधिर रहा होगा जबदधक गढवािो क समय वहा एक नए एव भवय मदधिर क बनान की चिा की गई होगी दधजस वसतत एक परकार स जीरोिार कहा जा सकता ह इन सभी दधवषयो पर िश क

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 47

वदधरषठ पराततवजञो की राय जानन क दधिए और उनह एक अवसर िन क दधिए दधक व सवय इन परमारो को िि और इनको अपन हाथ म िकर जाच और अपनी राय ि mdash अयोधया क तिसी समारक भवन म िश क कोन-कोन स 40 पराततवजञ ससममदधित हए 10 स 13 ऑकटोबर (अिबर) 1992 क बीच मत भि दधक बाबरी ढाचा अभी अपनी जगह पर अचछा-भिा िड़ा था उनम ससममदधित थ मदरास स परॉफ़सर क वी रमन धारवाड़ स परॉफ़सर ए सनिरा बगिोर स िॉ एस आर राव अहमिाबाि स परॉफ़सर आर एन महता जयपर स शरी आर सी अिवाि सागर स िॉ एस क पाणि नागपर स परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी बनारस स िॉ टी पी वमा फ़जाबाि स परॉफ़सर क पी नौदधटयाि पटना स परॉफ़सर बी पी दधसनहा भोपाि स िॉ

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 48

सधा मिया दधिलली स परॉफ़सर क एस िाि एव िवनदर सवरप इिाहाबाि स परॉफ़सर वी िी दधमशरा रीवा स परॉफ़सर आर क वमा एव अनय अनक दधजनम ससममदधित थ वाई िी शमा क एम शरीवासतव और एस पी गपता दधजनहोन अयोधया म खिाई एव परीकषर का कायण दधकया था परीकषर क पशचात व सभी एकमत हए दधक वहा जनमसथान पर दधनशचयत मदधिर था 6 दधिसमबर 1992 अभी आया नही था बाबरी ढाचा अभी दधगरा नही था उसक दधगरन की आवशयकता भी नही थी नयायािय की सनवाई समापत हो चकी थी बाबरी ढाच क दधगरन स 1 महीन पहि नयायाियो क पास सार िश क कोन-कोन स आए 40 पराततवजञो क राय उपिबध थ उनकी सारी सनवाई भी 4 नवबर 1992 को समापत हो चकी थी दधिर उनहोन नयाय

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 49

कयो नही दधिया यदधि उनहोन नयाय दधिया होता तो कया बाबरी ढाचा दधगरा होता कौन था वासतदधवक रप स दधजममिार उस ढाच क दधगरन का अनयाय की सीमा को पार करन क बाि उस सहत रहना कायरता ही कहिाएगी हम उस सदधहषटरता कहन की भि तो नही कर सकत

नयायािय तिस िहत ह ndash हा ा नयायािय इस िहत ह

बात परानी ह डहिओ न नयायािय स अपीि की थी 4 वषण बीत चक थ 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न दधििा था दधक - यह बड़ ही िि की बात ह दधक 4 वषक तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 50

इस तरह की समसया अदधनरीत रही (सिभण अरर शोउरी प रोमन 6-11)

अथात इिाहाबाि उचच नयायािय को इस बात का जञान था दधक यह समसया अतयत महतवपरण ह और इस इस परकार अदधनरीत रिना दधकसी भी परकार स उदधचत नही 1955 म इिाहाबाि उचच नयायािय न जब वह बात कही थी तब कवि 4 वषण ही बीत थ िित-िित और भी 40 वषण बीत गए नयायाधीश भि गए दधक उनह वतन दधमिता ह जनता क दधिए हए कर स जब जनता नयाय मागती ह उनस तो उनह इसम कोई रदधच नही आया जिाई 1992 और अब भी नयायािय सनवाई कर रही थी शायि ऊचा सनत ह इसदधिए 42 वषण बीत गए पर जनता की आवाज उनक कानो तक न पहची जिाई 1992 म कर-सवा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 51

आरभ हई तो अचानक सवोचच नयायािय की नीि टटी उनहोन उततर परिश सरकार स कहा दधक यदधि व कर सवा रकवा सक तो सवोचच नयायािय इस मििम को िि अपन हाथो म ि िगी और इस परी तरह स दधनपटा िगी कर सवा तो िर रक गई पर सवोचच नयायािय भी अपनी जबान स मिर गई उनहोन गि दधिर इिाहाबाि उचच नयायािाय की ओर ि क िी बोि जलिी दधनपटाओ इस डहिओ न सोचा कम-स-कम इस बार नयाय दधमिगा उनह तय दधकया 6 दधिसबर 1992 को होगी कर सवा सयोग स इस बार इिाहाबाि उचच नयायािय न काम दधकया और उनकी सनवाई समापत हई 4 नवबर 1992 को उनक पास परा 1 महीना बाकी था दधनरणय िन को उततर परिश सरकार और िसरो न बार-बार अपीि की दधक नयायािय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 52

सना ि अपना दधनरणय जो भी हो मजर उस पर एक नयायाधीश चिा गया छटटी मनान और दधनरणय गया िडड म 6 दधिसबर 1992 को वह ढाचा दधगर गया उस ढा ाच िो तगरन िी आवशयिता न होती यतद नयायाधीश िो छटटी अतधि यायारी न होती आज नयायाधीश बाबरी ढा ाचा तगरान वािो िो सजा दना चाहत ह रर तजनिी अिमपणयता ि िारण यह ढा ाचा तगरा उनह िौन सजा दगा य नयायाधीश दसरो ि तिए नयाय िरत ह जब य सवय अनयाय िर तो इनह िटघर म िािर िौन खडा िर

िॉ कोएनराि एलसट दधिित ह - इस बात को धयान म रित हए दधक 42 वषक क इस अत हीन मििमबाजी क उपरात दधजस परकार स मिणता भर अहकार क साथ

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 53

इिाहाबाि उचच नयायािय न पवण दधनधादधरत 6 दधिसबर की कर सवा क कछ ही दधिनो पहि अपन दधनरणय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया - यह ितई उदधचत न होगा दधक हम अदधत-उतसाही राम भिो को उनक नयाय की परदधकरया क परदधत दधनरािर क दधिए िोष ि - उस नयाय की परदधकरया क परदधत दधजसका यह िादधयतव ह दधक वह िोकतादधतरक वयवसथा की मयािा को बनाए रि दधनशचय ही उनहोन दधनरािर परकट दधकया ह नयायाियो का राजनीदधतक ििो क दधिए अनदधचत परयोग क परदधत और उनहोन दधबलकि सही बगावत की ह नयायाधीशो क डहि समाज क परदधत अवजञा क दधिए - वह अवजञा जो साफ़ झिकती ह उनक इस दधववाि को सिझान की अदधनचछा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 54

स वह भी ऐसा दधववाि जो राम जनमभदधम जसा महतवपरण हो (उित िॉ को एलसट प 129)

गयारहवी शताबदी िा शरी तवषण-हतर िा तशिािख जो सरि रर स हम बताता ह ति यह मतदर था शरी राम िा

6 दधिसबर 1992 को जब वह ढाचा दधगरा तो उसक मिब स बहत कछ दधमिा दधजसम एक बहत ही महतवपरण दधशिािि था जो एक अचछा परमार बन सकता था राषटरपदधत क उस परशन क उततर म जो उनहोन सवोचच नयायािय स पछा था उस दधशिािि म 20 पदधिया थी दधशिा 5 फ़ट िबी 2 फ़ट चौड़ी अढाई इच मोटी और बहत ही भारी थी दधजस 4 हटट-कटट कर-सवक बड़ी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 55

कदधठनाई स उठा पाए थ वह दधशिािि ससकत म 11वी सिी की नागरी दधिदधप म थी यह दधशिा उस मदधिर क िीवार पर िगाई गई होगी दधजसक दधनमार का वरणन इस दधशिािि म दधमिता ह - दधजस मदधिर तोड़ कर उसक ऊपर यह मससजि बनाई गई होगी 15वी पदधि हम सपि रप स बताती ह दधक एक सिर मदधिर शरी दधवषटर-हदधर का भारी पतथरो स बनाया गया था 17वी पदधि हम बताती ह दधक यह सिर मदधिर मदधिरो की नगरी अयोधया जो दधक साकत-मिि म था यहा धयान िीदधजए साकत उस दधजि का नाम हआ करता था दधजसका अयोधया एक अग था - अथात यह दधििावट इसी अयोधया क बार म थी दधजसकी हम चचा कर रह ह यहा 19वी पदधि हम बताती ह भगवान शरी दधवषटर दधजनहोन मानभग दधकया राजा बदधि का व अत दधकया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 56

िशानन रावर का यह सपि रप स हम बताती ह दधक यह मदधिर था शरी राम का दधजनहोन अत दधकया था रावर का (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 117-120 उित - परॉफ़सर अजय दधमतर शासतरी (ि चयरमन ऑफ़ एदधपिादधफ़कि सोसायटी ऑफ़ इदधिया) पराततव म (ऑदधफ़शीयि जनणि ऑफ़ इदधियन आरवकओिॉदधजकि सोसायटी) नबर 23 (1992-1993) िॉ एस पी गपता हम बतात ह दधक बाबरी तरफ ि परॉफसर आर एस शमा एव अथार अिी न िहा था ति जब ति उनह उन तदनो िा ऐसा िछ तिखा हआ नही तदखाया जाता जो इस बात िो दशाता हो ति वहा ा एि जमान म राम मतदर हआ िरता था तब ति व यह मानन िो तयार नही ति वहा ा िोई हहद मतदर रहा होगा अब जब शरी तवषण-हतर िा तशिािख तमिा तो य िहन िग ति यह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 57

तशिािख जािी ह इस रर डॉ एस री गपता िहत ह ति हम अब भी अरनी बात दोहरात ह ति आर बिाइए तवशव ि तिसी भी िोन स तिसी भी तवशषजञ िो और यतद ररीकषण ि बाद व िह द ति यह तशिािख जािी ह तो हम िो िाि रपय िन को तयार ह इस चनौती का व कोई उततर नही ित (सिभण - िॉ एस पी गपता पषठ 120) य जवाहरिाि नहर दधवशवदधवदयािय एव अिीगढ मससिम दधवशवदधवदयािय क सवनामधनय माकसणदधससट इदधतहासजञ न तो दधकसी दधनरपकष दधवशषजञ को परीकषर क दधिए बिात ह अदधपत समय-समय पर समाचार पतरो म झठा बयान अवशय ित रहत ह दधजसस िोग झठ को सच मानत रह िॉ कोएनराि एलसट हम बतात ह दधक यदधि य अपन आप को धमणदधनरपकष कहन

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 58

वाि सचमच अपनी ही कही हई बात पर दधवशवास करत तो अवशय ही व दधविशो स दधनरपकष पराततवजञो को बिा कर इस बात का भािा िोड़ सकत थ दधक सब जािी ह पर उनहोन ऐसा नही दधकया वह पछत ह ऐसा कयो वह बतात ह दधक यह मामिा तब मतरी अजणन डसह क अदधधकार कषतर म था जो इस बात की तरत वयवसथा करा सकत थ कयोदधक वह भी इन िोगो की तरह अपन आप को धमणदधनरपकष गट का मानत थ पर हआ यह दधक कदधपि कमार बी िी चटटोपाधयाय क एम शरीमािी सदधवरा जायसवाि और एस सी शमा न जोर शोर स इस जािी िरार दधिया (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 181-182)

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 59

कब तक छपाओग सतय को बादलो क पीछ एक ददन सरज की रोशनी की तरह बाहर आएगा वह अधर को चीर कर

3 हजार घट सोचन ि बाद सवोचच नयायािय िा तनणपय दतखए

मससिम िीडरो न दावा तिया था ति यतद यह तसदध िर तदया जाए ति उस जगह रर मससजद ि रहि एि मतदर हआ िरता था तो व वह जगह हहदओ िो द दग इस बात पर चदर शिर सरकार न यह तय दधकया दधक सारा दधनरणय इस बात पर दधटका होना चादधहए दधक कया वहा मससजि क पहि मदधिर था भारत क राषटरपदधत न यही परशन सवोचच नयायािय स दधकया छदधटटयो एव गमी की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 60

छदधटटयो को छोड़ कर सवोचच नयायािय क 5 नयायाधीशो न सपताह म 3 दधिन फ़रवरी स दधसतबर 1994 तक मििम पर सनवाई की और अत म दधनरणय दधिया दधक हम उततर नही िना चाहत (सिभण - अरर शोउरी प रोमन 10) जरा सोदधचए 3000 घट उनहोन दधबताए इस बात पर और अत म पदधरराम िडड पदधछए 3000 घट कस फ़रवरी स दधसतबर तक 8 महीन होत ह 5 नयायाधीश गरा 8 महीन गरा 4 सपताह परदधत महीन गरा 3 दधिन परदधत सपताह गरा 7 घट परदधत दधिन कि 3360 घट इस म स माना दधक 360 घट उनकी छदधटटयो क बाकी रह 3000 घट

भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क 3 नयायाधीशो न उनक नाम थ मखय नयायाधीश एम एन वनकटाचादधिआह नयायाधीश ज एस वमा नयायाधीश जी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 61

एन र हम बड आदर ि साथ जवाब दना असवीिार

िरत ह और इस आरिो वारस भजत ह - परा 100(11) उनक नयाय का उन तीनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए थ (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 64) भारत क राषटरपदधत को उततर दधिया सवोचच नयायािय क अनय 2 नयायाधीशो न उनक नाम थ नयायाधीश ए एम अहमिी नयायाधीश एस पी भरचा राषररतत िो हम वारस िरत ह आदर ि साथ तबना उततर तदए - परा 165 उनक नयाय का उन िोनो न अपन इस नयाय पर नई दधिलली म 24 अकटबर 1994 को हसताकषर दधकए (सिभण - ि सपरीम कोटण जजमट प 88)

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 62

राजनदधयक नता जो जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात यह न िरि उनहोन जनता िो बार-बार यही िहा ति हम सवोचच नयायािय ि तनणपय िा अनसरण िरना चातहए वह तनणपय जो िोई तनणपय ही नही था हमार राज नता चाहत ह दधक हम भागत रह इस मगमरीदधचका क पीछ तब तक जब तक हम थक हार कर बठ न जाए भारत ि राषररतत न सवोचच नयायािय स कया रछा था बस यही ति कया वहा ा मससजद ि रहि मतदर हआ िरता था सवोचच नयायािय न िहा - हम उततर नही दग कब कहा 3000 घट सोचन क बाि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 63

इस बड़ सिर ढग स पजाब उचच नयायािय क अवकाश परापत मखय नयायाधीश एम रामा जॉयस न (राषटर क सदधवधान क धारा 143(1) क अतगणत राषटरपदधत क दधवशष सिभण सखया 11993 का उिरर ित हए) कहा ldquoसवोचच नयायािय न दधनरणय दधकया दधक व दधनरणय नही करगrdquo (सिभण - एम रामा जॉयस प 96)

दधकतना सिर दधनरणय था हमार सवोचच नयायािय का नयाय हो तो ऐसा इदधतहास क पननो पर सनहर अकषरो म दधििा जाना चादधहए इस यह नयाय परणािी हम ईसाई-अागरजो न दी थी हहद नयाय परणािी िा उनमिन िर (मिॉि 1835 ईसवी) अब तक हमन ििी हमार सवोचच नयायािय की मसतिी 44 साि और 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ की िीमत इन नयायाधीशो की

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 64

नजरो म और अब िदधिए जब इनकी पीठ पर िात पड़ती ह तो दधकतना ििण होता ह इनह

अभी की बात ह मखय नयायाधीश न कहा - जब समाचार पतरो न कामवासना क किक क सिभण म कई नयायाधीशो का नाम उछािा तो म कई रातो तक सो नही सका (सिभण ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 29 माचण 2003 प 3)

मज की बात तो यह ह दधक तरत तहिीिात की गई उनहोन 50 साि नही दधिए कयोदधक कादधिि उनक मह पर आन पड़ी थी पर जब परशन उठता ह 80 करोड़ डहिओ की भावनाओ का तो 44 तो कया उसक बाि और 8 वषण और बीत चक ह पर सवोचच नयायािय तो यही सोचती - हम ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 65

सवोचच अत हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि कौन पछन वािा हम

िौन था तजममदार बाबरी ढा ाच ि तगरन िा व राम भकत या व नयायाधीश तजनहोन नयाय िी मयादा न रखी उस सवोचच नयायािय न तजसन उागिी उठाई समच हहद समदाय िी तरफ इस एि शमपनाि घटना बतात हए कया उनह वही उागिी सवय अरनी तरफ नही उठानी चातहए थी यतद अरन गरबान म झा ाि िर दखा होता उनहोन तो आज यह समसया समसया न बनी रहती

मज िी बात तो यह ह ति तरत तहकीकात िी गई उनहोन 50 साि नही तिए कयोति िातिख उनि अरन म ाह रर आन रडी थी हा ा जब परशन उठता ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 66

80 िरोड तहनदओ िी भावनाओ िा तब 44 तो कया उसि बाद और 8 वषप बीत चि ह रर सवोचच नयायािय तो यही सोचती रही ति हम ह सवोचच हमारी मजी हम ि 52 साि या 100 साि िौन रछन वािा हम

एि बार तफर वही खि-तमाशा ndash इस बार उचच नयायािय दवारा

इिाहाबाि उचच नयायािय क आिश पर ए-एस-आई (आरवकऑिॉदधजकि सव ऑफ़ इदधिया अथात भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग) न एक बार पनिः ििाइया की और 25 अगसत 2003 को अपना 574 पषठो का दधरपोटण इिाहाबाि उचच नयायािय क समकष परसतत दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 67

दधरपोटण क अनसार उस दधववािासपि सथान पर एक परातन मदधिर का पाया जाना एक बार दधिर दधसि होता ह तब स आज तक कई वषण बीत चक ह पर नयायािय अभी तक सोच ही रही ह मझ अचछी तरह याि ह दधक उन दधिनो अथात 25 अगसत 2003 क पहि बार-बार िगातार कछ दधिनो क अनतर पर इिाहाबाि उचच नयायािय हमार भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को अदधतम चतावनी दधिया करती थी दधक जलिी ितम करो अपनी ििाई इतन दधिनो क अिर पर जब एक बार दधरपोटण हाथ म आ गई और एक बार पनिः यह बात दधसि हई दधक वहा मदधिर था मससजि क पहि एव इसक अनसार राम जनम भदधम डहिओ क हवाि कर िी जानी चादधहए तो अचानक हमारी नयायाियो न एक बार पनिः कमभकरण दधनदरा की शरर िी

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 68

कही ऐसा तो नही दधक जब उचच नयायािय न भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग को दधिर स ििाई करन का आिश दधिया तो उनह ऐसी आशा रही होगी दधक 1975 स आरमभ कर अगि बीस वषक तक अनक बार ििाई हो चकी ह और जो कछ धरती क नीच रहा होगा उस अब तक अवशय िोि कर दधनकाि दधिया गया होगा एव अब और दधनकािन को शायि कछ भी बचा न होगा इस परकार पयापत परमार क अभाव म डहिओ को एक बार दधिर अपन अदधधकार स वदधचत कर िना सहज होगा जब भारतीय पराततव सवकषर दधवभाग न ििाई आरमभ की तो धीर-धीर कछ और परमार सामन आन िग तब नए आरोप िगाय गए एव कहा गया दधक मसिमान मजिरो को ििाई क काम म िगाना चादधहए वह बात भी मान िी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 69

गई इन सबक बावजि सतय दधछपाया न जा सका दधिर भी नयायाियो न इस दधवषय को एक बार दधिर स ताक पर रि दधिया तितना सनदर एव सहज ह नयाय िी यह परतकरया जो व ईसाई-अागरज हम तवरासत म द गए नयायाधीशो ि आचरण हम बतात ह ति उनहोन तनणपय िर रखा ह ति उनह तिसिा रकष िना ह mdash सतय िा या असतय िा नयाय िा या अनयाय िा सतता िा या जनता िा धन ररी ररसिार िा या तनधपन ि आशीवाद िा िर-सवर जनता को भी एक दधनरणय िना होगा कया करना ह ऐस नयायाधीशो का

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 70

उस मससजद कयो िहत ह हमार य समाचार रतर

फ़जाबाि क नयायाधीश न 3 माचण 1951 (धयान रह 41 वषण क पशचात 1992 म बाबरी ढाचा दधगरा) को नयायािय क दधिदधित परमारो म दधिदधपबि दधकया दधक अयोधया ि मससिम तनवातसयो न शरथरतर रर यह तिख िर नयायािय िो तदया ति िम स िम 1936 स उस ढा ाच िा मससजद ि रर म परयोग नही तिया गया न ही वहा ा िोई नमाज अदा िी गई नयायाधीश न यह भी तितरबदध तिया था ति ऐसा िछ भी उनि सामन नही िाया गया जो उन शरथरतरो िो झठा तसदध िर सि (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 168-169) अिजो क समय स 1936 क बाि उस जगह पर

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 71

कभी नमाज न अिा की गई दधजस जगह पर 57 वषक स नमाज न अिा की जाए वह जगह मससजि नही रहती वह एक समारक बन कर रह जाता ह 1949 म डहिओ न उस िािी ढाच को दधजस आज हमार समाचार पतर और राजनीदधतजञ बाबरी मससजि कहत नही थकत डहि मदधिर क रप म उपयोग म िाना आरमभ दधकया वह ढा ाचा तजस हम बाबरी मससजद िहत ह और जो तरछि 44 वषो स एि मतदर बना रहा उस मतदर िा आवरण दना सवाभातवि ही होता इसीदधिए डहि चाहत थ दधक इस मससजिनमा ढाच को जो अब 57 वषक स मससजि न रहा बसलक 44 वषक स अब एक मदधिर बन चका था उस मदधिर का चहरा दधिया जाए कया दोष था इसम (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 148-149) बड़ समाचार पतर जो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 72

जनमत तयार करत ह कया उनका यह कतणवय नही था दधक व इन तथयो को बार-बार जनता क सामन िात दधक अब वह मससजि न रहा था इसक दधवपरीत उनहोन जनता को बार-बार बाबरी मससजि का नाम िकर यह एहसास दधििाया दधक वह मससजि (इबाित की जगह अथात पजा का सथान) ही था उस बाबरी मससजि कहत-कहत हमार समाचार पतरो न जो छदधव सबक मन म आकी ह वह ह एक मससजि की दधजस ढहा दधिया डहिओ न रतछए इन बड-बड समाचार रतरो ि तदगगजो स ति तितना धन आता ह अरब दशो स उनि ईमान िो खरीदन ि तिए ताति व अरनी िखनी िी चतराई स असतय िो सतय िा जामा रहना सि रतछए इन तदगगजो स ति व सदा राजनीततजञो म वयापत भरिाचार िी बात कयो िरत ह - कया इसतिए ति उनिी अरनी

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 73

भरिाचार िी ओर जनता िा धयान न जाय सतय यह ह दधक डहिओ न एक मससजि (मसिमानो क इबाित की जगह) नही बसलक दधपछि 44 वषक स डहि मदधिर क रप म परयोग दधकए जान वाि एक ढाच को दधगराया था जहा दधपछि 57 वषक स कभी नमाज नही पढी गई थी अतिः उस मससजि का नाम िन की भि न कर कयोदधक मससजि क नाम स जड़ी होती ह छदधव एक पजा क सथान की सही नाम िा परयोग अतयत आवशयि ह इसिी उरकषा न िर कयोति यह हमारी सोच िो सही या गित तदशा दती ह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 74

िहा ा खो गई उनि अतःिरण िी आवाज

डहिओ न तो कवि नाम-मातर क एक मससजि का ढाचा दधगराया था वह भी वषक क अनयाय को चप चाप सहत रहन क बाि - अनयाय जो यवनो न दधकया अनयाय जो राषटर की सवततरता क पशचात धमणदधनरपकषता की आड़ म हमार अपनो न दधकया अनयाय जो हमारी नयायाियो न दधकया अपनी अकमणणयता क दवारा एक नाममातर का मससजि जहा दधपछि 57 वषक स न तो नमाज पढी गई न उसका मससजि क रप म परयोग दधकया गया अदधपत दधपछि 44 वषक स वह इमारत डहि मदधिर क रप म परयोग म िाई जाती रही उस ढाच को एक डहि मदधिर का उदधचत सवरप िन क दधिए दधगराया गया यह तो 1992 िी ररानी बात

ह अब तिना िीतजए इन तथयो िी तनमन तितखत

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 75

सचचाइयो स जो उसि रिात घटी मससिम राषरो म जहा ा मसिमानो न एव मससिम सरिारो न ऐस मससजदो िो ढहा तदया जहा ा तब भी नमाज रढी जाती थी पदधछए इन मीदधिया क दधिगगजो को एव सवनामधनय बदधिजीदधवयो को दधक िहाा खो गई उनि अतःिरण िी वह आवाज दधजसस परदधरत होकर उनहोन डहिओ क दधवरि इतना जहर उगिा था 12 दधिसबर 2001 - कोसोवा की दधशया नयज न सचना िी दधक सउिी वहाबी करवमयो न बलिोजर िाकर जाकोदधवका क मससजि व िरान सकि को ढहा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) हमार राम भिो न तो जोश म आकर सदधियो क अनयाय का दधवरोध करत हए एक ढाच को दधगराया जो मससिमो क इबाित की जगह न रही थी बसलक डहिओ क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 76

पजा का सथान बन चकी थी पर यहा तो दधवशव क सबस कटटर (सऊिी अरब क) मसिमानो न सवय बलिोजर िाकर सोची समझी योजना क अनसार एक वासतदधवक मससजि एव मिरस को तोड़ा जन 2002 - िदधकषर-पवण एदधशया क सवाधीन सि की राजधानी जोिो क मखय मससजि को ढहा िन की आजञा िी वहा क राजयपाि नर दधमसौरी न यह मससजि उस दवीप-परिश का ऐदधतहादधसक दधचहन हआ करता था जहा अतीत एव वतणमान क सभी परपरागत नता एव नए सरकारी अदधधकारी अपन धारवमक सगठन का कायण परारभ दधकया करत थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) यहा हम िित ह दधक एक परमि मसिमान अदधधकारी एक बहत ही महतवपरण मससजि को तोड़न स न दधझझका पर जब रामभिो न मससजि नही बसलक एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 77

ढाच को दधगरा दधिया तो अचानक हमार नयायाधीशो का अतिःकरर गलादधन स भर गया हमार सवोचच नयायािय न इस राषटरीय िजजा की बात कहकर डहिओ को इतनी िटकार िी पर नयाय न दधिया 3000 घट सोचन क बाि भी दधनरणय न दधिया अपन वचन तक स मिर गए तब िहा ा खो गई थी उनि अतःिरण िी आवाज कया िवि हम हहदओ न ठिा ि रखा ह सब बतिदान िरन िा य नयायाधीश जो हम सीि ित ह उनक अपन आचररो की झिक तो ििी ही ह आपन इस पसतक म जनवरी 2004 - पादधकसतान क समाचार पतर ि िॉन न दधििा दधक सरकारी अदधधकादधरयो न एक बनत हए मससजि को तड़वा दधिया कयोदधक वह सथान एक उपवन क दधिए रिा गया था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मससिम राषटर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 78

पादधकसतान म एक उपवन एक मससजि स अदधधक महतव का हो सकता ह पर हम डहिओ क राषटर म वह ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा हमार शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतव का हो गया यह सोच ह हमार आिररीय() नयायाधीशो की कया व सब वासतव म आिर क पातर ह हम सदधवधान न दधििाइए दधक उसक अनसार हम धमणदधनरपकष राषटर ह वह सदधवधान जो इनही डहि दधवरोधी िोगो न दधििा कयोदधक व चाहत थ इस सनातन सतय को झठिान की दधक जब ति मानव समाज िी याददाशत जाती ह तब स यह भारत दश रहा ह एि हहद राषर कछ अिजी पढ दधिि मकॉि-मिर-नहर-पतरो और मससिम-ईसाई-वोट क िोभी राजनीदधतजञो की इचछा स यह कछ और नही बन जाएगा

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 79

यह रहगा डहि राषटर ही चाह आरिो शमप आती हो यह

िहन म मझ नही आती ति म हहद हा और यह मरा दश ह डहि राषटर दधजसन पनाह िी मसिमानो को ईसाइयो को और उनहीन आग चि कर छरा भोका हम डहिओ की पीठ पर और इदधतहास भी गवाह ह इसका औरगजब दधजसन डहि मदधिरो को तड़वान का परर ि रिा था दधजसक कारर 18वी सिी म सरत स िकर दधिलली तक एक भी डहि मदधिर न बचा था उसी औरगजब न सवय गोिकिा क जामा मससजि को तड़वा दधिया वहा का जागीरिार कर (टकस) इकटठा करता रहा पर उसन उस औरगजब क राजकोष म नही जमा कराया उसन धन को जमीन म गाड़ दधिया और उसक ऊपर एक आिीशान मससजि बनवा दधिया धन वसि करन क दधिए औरगजब

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 80

न जामा मससजि को तड़वा दधिया (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) जामा-मससजि का अथण ह नगर की सबस बड़ी एव परानी मससजि जहा नमाज पढी जाती ह (सिभण - िॉ हरिव बाहरी पषठ 300) यहा हम िित ह दधक धन जामा-मससजि स अदधधक महतवपरण हो सकता ह औरगजब जस कटटर मसिमान क दधिए पर एक ढाचा जो 57 वषक स मससजि न रहा था वह शरी राम क जनमसथान स अदधधक महतवपरण हो गया इन नयायाधीशो क दधिए इन मीदधिया क दधिगगजो क दधिए एव इन राजनीदधतजञो क दधिए यह तो ह उनिा तववि एव उनिा नीतत जञान जो ह इस ईसाई-अागरजी तशकषा रदधतत िी दन इबन सऊि न मिीना का परदधसि मससजि तोड़ा - 1920 म वहाबी शासन क इबन सऊि न मिीना का परदधसि जनत उि बािी मससजि को तड़वा दधिया

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 81

(सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मकका और मिीना का नाम तो आपन सना ही होगा हजरत महममि क सिभण म उस मिीना क परदधसि मससजि को तड़वाना गित नही था मसिमानो की नजरो म आज य नयायाधीश एव

मीतडया तदगगज िहग चाह उनहोन न सतदयो रहि गिती िी हो हम तो उस नही दोहरा सित रर व नही तझझि ग नई गिततया ा सवय िरन स जो आज व िर रह ह हहद समदाय ि परतत अरन सतत अनयाय स चीन की सरकार न मससजि तोड़ा - 9 ऑकटोबर 2001 - चीनी सरकार क काराकाश दधजि क अदधधकादधरयो न िोएग मससजि तड़वा दधिया कयोदधक वहा क मसिमान तरवकसतान की माग करन िग थ (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) मसिमान जहा भी रहत ह उस िार

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 82

अि-इसिाम (मसिमानो का वतन) बनान की उधड़ बन म िग रहत ह आज कशमीर व करि म यही हो रहा ह धीर-धीर व डहिओ को काट कर फ़ क ि रह ह चीन म भी उनहोन वही चिा की पर चीनी उनस जयािा उसताि थ हम डहिओ की तरह भि मानस नही हम भि जात ह ति भिा होना ही रयापत नही भि होन ि रीछ ठोस िारण चातहए आवशयिता स अतधि भिा बनन िी चाहत म हम अरना ही बरा िर बठत ह उिाहरर परसतत ह आपक सामन - दधसिराजा जयदधसमह एव उनक उततरादधधकारी गजरात म मसिमानो को रहन एव इबाित (पजा) क दधिए सरकषर ित रह गजरात क अनको नगरो म मसिमानो की सखया और उनकी मससजि बढती रही दधजसक साकषी ह अनदधगनत दधशिािि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 83

खासकर िमबाट जनागढ और परभासपतन दधजन पर तारीख ििी ह 1299 ईसवी क पहि की जबदधक गजरात मसिमानो क आदधधपतय म आया 1299 ईसवी क पशचात उिघ खान क आकरमर क बाि ऐसा िगता ह दधक िकानिार वयापारी नादधवक और इसिाम क धमणपरचारक सति नही थ उसस जो सरकषर दधमिता रहा उनह डहि राजाओ क शासन-काि म व परतीकषा करत रह उस दधिन की जब यह िार अि-हबण बन जाएगा िार अि-इसिाम िार अि-हबण ह कादधफ़रो का वह राषटर दधजसक दधखिाफ़ हर मसिमान िड़न को बाधय ह (करान और हिीस क अनसार) िार अि-इसिाम ह मसिमानो का अपना वतन (सिभण - शरी सीता राम गोयि पषठ 35-36) बमा क बौिो न ढरो मससजि एव मिरस तोड़ उिाहरर क दधिए

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 84

(1) कयाइकिोन - मससजि क अिर का भाग व मससिम सकि तोड़ा एव मसिमानो को दधनकाि दधिया यदधि उनहोन बौि धमण सवीकार न दधकया (2) गॉ ब - मससजि तोड़ा (3) नॉ ब - मससजि तोड़ा और सार गाव वािो को दधनकाि दधिया (4) ि नगा इन - मससजि तोड़ा (5) कयाउग िॉन - मससजि तोड़ा पर गाव वािो को रहन दधिया (6) कदधननब - मससजि व मससिम सकि तोड़ा (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) िहत ह ति बौदध धमप बड शातत और अहहसा िा

धमप हआ िरता ह इजराएि सरकार न नाजारथ म मससजि की नीव तड़वा िी कारर यह मससजि ईसाइयो क धारवमक सथान क बहत पास था दधजसस ईसाइयो और मसिमानो म तनाव बढता जा रहा था (सिभण - दधवशाि शमा पषठ 5) ईसाई पोप नाजारथ म मससजि तड़वान का

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 85

समथणन करत ह पर अयोधया की घटना पर डहिओ की भतसणना करत ह कया नयाय ईसाई ि तिए अिग और

हहद ि तिए अिग होता ह यह िस धमप गर ह यह िसा धमप तजसिा आधार नयाय न हो जब बाबरी ढाचा दधगरा तब स अनक वषण बीत चक ह उसक बाि भी दधवशव क अनय सथानो पर दधकतन ही वासतदधवक मससजि तोड़ गए पर आज 25 जिाई 2003 क समाचार पतर (सिभण - ि फरी परस जनणि मबई ससकरर परथम पषठ) बतात ह दधक हमारी सोदधनया गाधी कहती ह दधक जब तक बाबरी मससजि तोड़न वािो को िि नही दधमि जाता तब तक हम चन स नही बठ ग और हमारा यि चिता ही रहगा अथात व चाहती थी दधक िोग न भि पाए इस झगड़ को व चाहती थी दधक िोग िड़त रह इस बात पर व हवा

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 86

िना चाहती थी इस समसया को जो बरसो पहि बीत चका था उनह कया दधमिता इसस मसिमानो क वोट व बता रही थी मसिमानो को दधक हम ह तमहार एकमातर हमििण चाह सउिी अरब क मसिमान तोड़ ि मससजि चाह पादधकसतान चीन इजराएि की सरकार तोड़ मससजि और कोई कछ न कह पर हम ह तमहार साथ हमारा सहारा िो बरसो परानी बात न भिो बस िड़त रहो और हम हमििण मान अपना वोट ित रहो कया व सिि रही अपनी इस चिा म हा 2004 क इिकशन म िश की बागिोर उनक हाथ म आ गई

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 87

कया वयथप ही बहा था एि िाख अससी हजार हहदओ िा िह

हदधमलटन न दधिदधपबि दधकया - बाबरी मससजि बना था गार क साथ डहि मतको क रि और चबी स (सिभण - एम वी कामथ प 4) शरी राम जनमभदधम मदधिर क बार म दधगरीश मशी दधिित ह - िो फ़िीरो क उकसान पर बाबर न अपन सनापदधत को आकरमर करन क दधिए कहा सनापदधत का दधवरोध दधकया हसबर क राजा दधवजय डसह न मकदधरयाह क राजा सिाम डसह न और दधभटी क राजा मोहबत डसह न (सिभण - एम वी कामथ प 4) दधबरदधटश इदधतहासजञ कडननघम दधिित ह - डहिओ न एक जट होकर सामना दधकया अपन शरी राम जनमभदधम मदधिर क दधिए 1 िाि 80 हजार डहि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 88

मार गए मसिमान मतको की सखया उपिबध नही अत म मीर बाकी न मदधिर को अपन तोप स उड़ा दधिया (सिभण - एम वी कामथ प 4) तजन मससिम फकीरो सफी सतो िो आजिि बडी गतरमा परदान िी जाती ह हमारी मीतडया ि दवारा उनही सफी फकीरो िा त जकर आरिो अकसर तमिगा हहद मतदरो िो तडवान म सतकरय भतमिा तनभात हए आज अधरममयो िा परभाव इतना बढ गया ह ति हर वह वयतकत या घटना जो हहद धमप िा नाश िर सि उस गतरमा परदान िरन िी अथि चिा िी जाती ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 89

आइय अब िछ ऐततहातसि तथयो रर नजर डाि

अिज परशासक एच ई नदधवि न गजट म दधिदधपबि दधकया ldquo1528 ईसवी म बाबर अयोधया म आया और एक सपताह ठहरा उसन धवस कर दधिया उस पराचीन मदधिर को (जो राम क जनमसथान की पहचान कराता था) और उसक सथान पर बनाया एक मससजिवहा िो दधशिािि ह एक बाहर और एक परवचन मच पर िोनो पर तारीख ििी ह 935 ए एच (अि दधहजर) - सिभण एम वी कामथ प 4

दधगरीश मशी क एक अपरकादधशत शोध क अनसार सवय मसिमान दधवदवानो क ििो म अनक परमार दधमित ह जो इस बात क साकषी ह दधक शरी राम का मदधिर धवस दधकया गया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 90

था उनक नाम ह - दधमजा जान महममि असघर दधमजा रजाब अिी बग सरर शख महममि जहमत अिी काकोवी नामी हाजी महममि हसन मौिवी अबिि करीम अललामा महममि नजम घानी और मशी मौिवी हशमी इसक अिावा कई यरोदधपयन (इदधतहासकारो) क नाम भी ह (जो इस बात की पदधि करत ह ) - दधवदधियम डिच जोजि टाइफ़नथािर मॉनटगोमरी मारवटन एडविण थॉनणटन और हास बकर - एम वी कामथ प 4

ldquo19वी शताबिी क दधमजा जान अपनी ऐदधतहादधसक पसतक हदधिकाह-ए-शहािा म दधिित ह - जहा भी उनह डहिओ क भवय मदधिर दधमिवही मससिम सितानो न मससजि व सराय बनाए इसिाम को बहत ही उतसाह क साथ ििाया और कादधफ़रो (मरवतपजक डहिओ) का िमन दधकया इस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 91

परकार स उनहोन फ़जाबाि एव अवध (अयोधया) को भी इस नारकीय गिगी स साफ़ कर दधिया कयोदधक यह उनकी पजा का एक बहत महतवपरण सथान हआ करता था एव राम क दधपता की राजधानी वहा जहा एक बहत भवय मदधिर (राम जनम सथान का) हआ करता था वही उनहोन एक बड़ा मससजि बनवायाकया आिीशान मससजि बनवाया सितान बाबर नrdquo सिभण िॉ राजाराम प 96 उित दधमजा जान

औरग जब की पौतरी 1707 ईसवी म सदधहफ़ा-ए-दधचहि नासाएह बहािरशाही म दधििती ह ldquoइसिाम की फ़तह को नजर म रित हए सभी कटटर मससिम सितानो को चादधहए दधक व इन मरवत पजको को अपनी अधीनता म रि दधजदधजआ (डहिओ पर िगाया गया धारवमक कर) वसि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 92

करन म जरा भी ढीि न ि डहि राजाओ को जरा भी छट न ि तादधक व िड़ रह अपन परो पर मससजि क बाहर तब तक जब तक ईि की नमाज न खतम होशकरवार व सामदधहक नमाजो क दधिए िगातार परयोग म िात रह उन मससजिो को दधजनह इन मरवतपजक डहिओ क मथरा बनारस व अवध क मदधिरो को तोड़ कर बनाया गया हrdquo सिभण िॉ एन एस राजाराम प 96-97 उित दधमजा जान

इन बातो स कया यह सरि नही होता ति शरी राम िा मतदर था वहा ा सौ वषो स अतधि समय बीत चिा ह हहद शातत तपरय ढग स मा ाग िरत रह ह उस जमीन िी ताति वहा ा शरी राम िा एि भवय मतदर बना सि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 93

ldquo1885 म महत रघबस िास न फ़जाबाि नयायािय म एक मकिमा िायर दधकया दधक वह सथान जो हमार पजय शरी राम क जनम का सथान था उस पर बिपवणक और अनयाय स यवन आतातादधययो न कबजा जमा दधिया था अतिः अब यह नयाय की माग होगी दधक वह सथान डहिओ को ि दधिया जायrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

सोच िर दतखए िि यतद एि िटर न जबरदसती आरिी सरततत छीन िी तो कया आज आर नयायािय म जािर नयाय नही मा ाग सित ति आर िो आरिी सरततत वारस िर दी जाए यही तो तिया था हहदओ न और तिस तिए होत ह नयायािय तिस तिए होती ह सरिार ताति नयाय

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 94

िर - ऐसा ही न परजा राजा ि रास न जाएगी तो िहा ा जाएगी

फ़जाबाि क दधजिा-जज न 16 माचण 1886 को अपना दधनरणय सनात हए कहा ldquoकि म सवय िोनो पकषो क िोगो क साथ उस सथि पर गयायह बड़ िभागय की बात ह यह मससजि ऐसी जगह पर बनाई गई जो डहिओ क दधिए इतना पदधवतर सथान रहा हrdquo सिभण कामथ प 4 एव िॉ एलसट प 161

यह सब कयो हआ इस नही समझग तो यही सब तफर स दोहराया जाएगा

अरन अतीत िो अनदखा न िर कयोति अतीत ि गभप स ही वतपमान जनम िता ह और यही वतपमान

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 95

हमार भतवषय िो तदशा दता ह 18वी शताबिी म एक दधबरदधटश भरमरकारी दधजसन सरत स िकर दधिलली तक भरमर दधकया दधिित ह ldquoसरत स दधिलली तक उनह एक भी डहि मदधिर नही दधििाई दधियाrdquo सिभण एम वी कामथ प 4

1000 तििोमीटर और एि भी मतदर नही कया हआ मतदरो िा कयो हआ ऐसा कयोति िरान यही तहदायत दता ह हर मसिमान िो ति वह मतदर तोड

करआन सरह 2 आयत 193 एव सरह 8 आयत 39 का भावाथण ldquoतब तक जारी रिो िड़ाई उनस जब तक मरवतपजा का नामो दधनशा न दधमट जाए और इसिाम सवणतर न िि जाएrdquo सरह 60 आयत 4 का भावाथण ldquoिशमनी और घरा का बोिबािा रहगा हमार और उनक बीच तब तक

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 96

जब तक व सभी कवि अललाह म ही दधवशवास न करन िग अथात तब तक जब तक उनह जबरन मसिमान न बना दधिया जाएrdquo उित िॉ कोएनराि एलसट प 165

और कयोति रगबर महममद न सवय मतदर तोड और जो उनहोन तिया वह सनना बन गया तजसिा अनसरण िरना हर मसिमान ि तिए एि िानन बन गया

सनना का अथण ह ldquoमसिमानो का कानन जो दधक महममि की कथनी और करनी क आधार पर बना ह और दधजस आदधधकादधरकपरामादधरक माना जाता ह (िरान क साथ)rdquo सिभण दधनउ ऑकसफ़ोिण दधिकशनरी ऑफ़ इदधगलश प 1861

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 97

ldquoजब तक पगबर महममि घटनासथि पर नही उभर तब तक अरब राषटर था ऐसा जहा अनक ससकदधतया पि रही थी साथ-साथ - मरवतपजक मदधिर ईसाई दधगरजाघर यहिी पराथणना भवन पारसी अदधगन मदधिर जब वह मर तब तक सार गर मसिमान या तो (बिपवणक) मसिमान बना दधिए गए थ या दधिर अरब िश स बाहर दधनकाि दधिए गए थ या मार िाि गए थ और उनक पजा क सथि बरबाि कर दधिए गए थ या दधिर व मससजि म बिि दधिए गए थ वसततिः सबस दधनरायक घटना थी पगबर का परवश काबा म जो था अरब मि दधनवादधसयो क धमण का परमि मदधिर जहा उनहोन एव उनक भतीज अिी न अपन ही हाथो स 360 मरवतयो को तोड़ा इसिाम का अपना बयान ही हम बताता ह दधक उनक आिशण वयदधि पगबर महममि न अपदधवतर

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 98

दधकया काबा को और उस मससजि म बिि दधिया mdashmdashइस परकार एक उिाहरर परसतत दधकया दधजसका उतसाह स अनकरर दधकया महमि गजनवी औरगजब व तादधिबान न वासतव म (पगबर) महममि का आचरर उस मापिि को पदधरभादधषत करता ह दधजसक आधार पर यह दधनरणय दधकया जाता ह दधक कौन एक अचछा मसिमान ह अथात अचछा मसिमान वही ह जो महममि का परी तरह अनसरर करता हrdquo सिभण कोएनराि एलसट प 60-61

ठग रहा ह वह अरन आर िो जो अनदखा िर इततहास िो इततहास वो दरपण ह तजसम चाह तो दख सित ह हम अरन आन वाि िि िी छतव न भि ति इततहास अरन आर िो सतदयो स दोहराता रहा ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 99

बािी तवशव म आज कया हो रहा ह

िॉ कोएनराि एलसट हम यह भी बतात ह दधक आज िदधनया भर म ऑसरदधिया नयजीिि अमदधरका म वहा की सरकार और वहा क नयायाधीश वहा क आदधि-दधनवादधसयो क अपन धारवमक सथानो पर उनक पजा करन का अदधधकार सवीकार कर रह ह (सिभण - िॉ कोएनराि एलसट प 188) तो तफर हमार नयायाधीश हमार बतदधजीवी हमार समाचार रतर एव हमारी सरिार इसस ितराती कयो ह कया उनह सचचाई मािम नही या व जान बझिर सचचाई स मख मोड रहना चाहत ह कया य सभी उसी ईसाई-अगरजी तशकषा रदधतत िी रदावार नही ह जो उनह बचरन स धीर-धीर अ-हहद याएव हहद-तवरोधी बनान म सतत परयतनशीि रहती ह यह

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 100

तबसात इतनी खबसरती स तबछाई जाती ह ति उनह इस बात िा इकम (जञान) ति नही होता ति उनह कया स कया बनाया जा रहा ह चनरशखर सरिार तजसन िछ चिा िी इस तदशा म ति हहदओ िो नयाय तमि उरिबध परमाणो ि आधार रर उस शीघर ही तगरा तदया गया अधमप ि रकषधर िभी भी धमप ि रकषधरो िो अतधि समय ति अरन रा ावो रर खड रहन नही दत कयोति उनह सवपदा इस बात िा भय िगा रहता ह ति िही धमप ि रकषधर शतकतशािी हो गए तो व अधमप िा अससततव तमटा दग अतः धमप ि रकषधरो ि तहत म यही होगा ति व िभी भी अधमप िो अनदखा न िर यतद व कषमा िरन म अरना बडयारन मानग एव अधमप िो रनरत दत रहग तो

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 101

एि तदन यही अधमप सकषम होिर धमप ि अससततव िो ही तमटा दगा

यतधतिर िी तवडबना

धतराषटर एव यदधधदधषठर िगातार ियोधन क अनयाय परण कायक को अनििा करत रह और इस परकार परोकष रप स अनयाय को परशरय ित रह अत म इसका पदधरराम हआ महाभारत का यि दधजस टािा जा सकता था यदधि अनयाय का दधतरसकार एव नयाय की परदधतषठा समय रहत की जाती कया आज हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायािय एव हमारी सरकार उसी धतराषटर की भदधमका नही दधनभा रही ह कया आज आप सवय उसी यदधधदधिर की भदधमका नही दधनभा रह ह अत म पािवो न ियोधन स कया

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 102

मागा था ि िो हम कवि पाच गाव हम पाचो क दधिए हम नही चाहत रिपात पर उस िबणदधि ियोधन और उसक सिाहकार मामा शकदधन को वह भी सवीकायण न था दधबना यि क सई की नोक क बराबर जमीन िन को भी तयार न हए वह आज मसिमानो की सोच भी तो यही ह ियोधन िभी बन गया था इतना दधक पािवो की दधवनमरता को उसन पािवो की दधनबणिता समझन की भि की यही तो ससथदधत ह आज डहिओ क दधवनमरता की मसिमानो न डहिओ की दधवनमरता को उनकी कमजोरी मान दधिया ह हा एक अतर अवशय ह पािव एकजट थ और डहि बट हए ह उनह बाट कर रि दधिया ह दधपछिी छिः पीदधढयो की ईसाई-अिजी दधशकषा न इसकी बदधनयाि रिी गई थी पराचीन डहि दधशकषा पिदधत का योजनाबि रप स समि

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 103

उनमिन कर उसस भी बड़ी िबी यह रही ह दधक उसी ईसाई-अिजी दधशकषा पिदधत का अतयनत चतराई स परयोग कर उनहोन हम डहिओ को यह मानना दधसिा दधिया दधक हम बट हए ह जादधत परथा क कारर एव अपनी ही कमजोदधरयो क कारर जो कछ भी था हमार इदधतहास म अपन अतीत पर गवण करन िायक उन सब को इदधतहास की पाठयपसतको स दधमटा दधिया गया बड़ ही योजनाबि रप स हमारी परतयक पीढी को अपनी दधपछिी पीढी स अदधधक हीन भावना स िसत कर दधिया गया यह जान िो डहिओ दधक जब तक तम मिक की भादधत दधबिर रहोग तब तक तमह दधनबणि मान कोई तमहारी इजजत न करगा यदधि ऐस ही जीना चाहत हो कायरो की भादधत और इस भरादधत म जीना चाहत हो दधक हम शादधत चादधहए तो यही मबारक हो

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 104

तमह पर इतना जान िो दधक सचची शादधत तो हादधसि होती ह कवि उस जो शदधिशािी होता ह दधनबणि तो कवि भरम म जीता ह कया आवशयकता थी भगवान शरी कषटर को करकषतर की यिभदधम म िबक हए अजणन को ििकारन की ह पथा क पतर अजणन तझ नामिण नही बनना ह ऐसा तर दधिए कतई योगय नही ह ह परतप हिय की इस तचछ िबणिता का तयाग कर अब त यि क दधिए तयार हो जा (शरीमदभगवदगीता अधयाय 2 शलोक 3)

शरी राम का मसनिर तो दधनदधमतत मातर ह परशन यह ह दधक तमम धमण की रकषा हत उठ िड़ होन की मानदधसक इचछा एव शारीदधरक योगयता ह दधक नही वह दधनबणि जो सतय-असतय म अतर नही कर पाता वह िबका हआ दधजस उदधचत-अनदधचत म फ़िण नही जान पड़ता वह भटका हआ दधजस

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 105

नयाय-अनयाय की परवाह नही वह कया करगा अपनी रकषा अपन धमण की रकषा अपन कि की रकषा अपन समाज की रकषा अपन राषटर की रकषा इस मानव समिाय की रकषा

माना ति भगवदगीता आरिो तयाग िी तशकषा दती ह आर चाह तो इस जीवन ररी यदध कषतर स भाग खड हो सित ह एव अरन इस िमप िो गौरव परदान िरन िी िािसा स यह दावा िर सित ह ति आरन यदध जसी सहारि परतकरया िा तयाग तिया रर अरन आर िो इस भिाव म न रख ति भगवदगीता इसी तयाग िी तशकषा आरिो दती ह िदातर नही शरी नारायण न आरिो आरिा िमप तयागन िो नही िहा था उनहोन तो आरिो अरन िमप िा फि

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 106

तयागन िो िहा था रर आर तो िदातचत अरन िमप िो ही तयागन हत उदयत हो गए

जब अधमप िा हो बोिबािा और धमप िा दम घटता हो तो उठती ह एि आवाज

हम तो तिाश ह उनकी दधजनक दधिन या रात चाह सड़क पर बीतत हो या ितो म मजिरी कर पर आज भी जिती दधजनक हिय म मशाि ह जो डहि अपन को जानत ह जो डहि अपन को मानत ह और दधजनकी सास म बसती ह डहितव की धारा दधजनका खन डहि ह दधजनका ईमान डहि ह दधजनकी सोच डहि ह

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 107

जीवन रतरचय

मातभाषा बागला जनम बाकड़ा पोदधशचम बॉनगो 25 जनवरी 1952 कणििी अनसार डसह िगन पवणआषाढ नकषतर कषदधतरय वरण धन रादधश 35 वषण की आय म दधशकागो (अमरीका) स परकादधशत मारविस हवज ह इन ि वलिण (दधवशव म कौन कौन) क 1987-88 ससकरर म समादधवि

कायण अनभव (1) अतराषटरीय दधविश म ससथत सरकारी उतपािन उपकरम भारत म पदधरवार दधनयदधतरत तथा नवजात उदयोगो म (2) (अ) िवाइयो परयोगशािाओ तथा िती म परयि रसायनो काठ स कागज बनान तथा जनसामानय क िदधनक परयोग क उतपािन सबधी उदयोगो म (ब) इदधजदधनयडरग तथा पयावरर सबधी सॉफटवयर कपदधनयो म (स) दधविश म िगध उतपािन पशपािन औदयोदधगक िती वन उदयोग ऑदधिट तथा िश म

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 108

दधवततीय और दधनवश कपदधनयो म (3) दधवतत दधवभाग िागत ििा दधवभाग कानन दधवभाग मानव ससाधन दधवभाग करय तथा भिार दधवभाग दधवकरय दधवभाग पदधरयोजना दधवभाग तथा सचना परदयोदधगकी दधवभागो का सचािन करत हए (4) (अ) भारत पादधकसतान शरीिका ओमान बाहरीन इजरायि चीन जापान कोदधरया ताइवान इिोनदधशया दधिदधिपीनस (ब) तजादधनया नाइजीदधरया कीदधनया सिान (स) फास नीिरिडस दधबरटन जमणनी (ि) दधनउजीिि (ध) कनिा अमदधरका क दधनवादधसयो क साथ िदधनक रप स काम करत हए

दधशकषा भारत क दधवदधभनन परातो म हई हाईसकि मदधरट छातरवदधतत तथा अिजी गदधरत म दधिससटकशन सनातक सतर पर दधवशवदधवदयािय म छठा सथान चाटणिण ऐकाउटट परीकषा परथम परयास म उततीरण तथा अको क आधार पर आरवटकलदधशप म एक

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 109

वषण की छट कपनी सकरटरी तथा कमपयटर दधससटम ऐनादधिदधसस की परीकषाओ म उततीरण

नाना जी अपन समय क परखयात शलयदधचदधकतसक थ दधववाह क पहि मा की पढाई हाईसकि तक हई थी तथा दधववाह क पशचात घर पर रहकर दधपतामह की िि-रि म इटर तक की पढाई की दधपता सवरणपिक परापत इदधजदधनयर थ दधपतामह िॉकटर परदधपतामह ििक पयणटक दधशकषादधवि तीन बार म बनारस म रहा था कि दधमिाकर कोई चार वषण उन दधिनो परदधपतामह क नाम पर कनयाओ क दधिए एक इटर कॉिज हआ करता था यह 1970 क पहि की बात ह परदधपतामह क दधपता न काशी आकर दधशव परदधतषठा की उन दधिनो रि यातरा का परचिन नही हआ था गगा मया की गोि म बजर दवारा यातरा करत हए सपदधरवार कोिकाता स काशी आकर बस तथा ससार म रहकर एक योगी की भादधत शष जीवन वयतीत दधकया उन सभी क

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 110

कछ-कछ अश मझ दधमि 46 वषण की आय म अनक गभीर तथा तवदधरत अधयासतमक अनभवो स गजरत हए एक दधिन नारायरी मा भवतादधररी स माग बठा दधक मर समसत सासादधरक िादधयतवो को अपन हाथो म ि िो मा तथा मझ अपन चररो म सथान ि िो 48 वषण की आय म जीवन साधन सबधी कायक स दधनवदधतत िकर सनयास की ठानी पर मा भवतादधररी को कछ और ही मजर था िो वषक तक दधवदधभनन पदधरससथदधतयो स गजार कर तब वह कायण सौपा दधजस आज िस वषक स (2002 स) कर रहा ह मरा नाम मा स परारभ होता ह जो ह नारायरी मा भवतादधररी क परदधत समपणर का परतीक इस मनोज का अपभरश न समझ जनमोपरात दधपतामह दवारा दधिया गया नाम यशोधमा

----------------------- राजा ndash सबोधन ndash ह राजन यशोधमा ndash सबोधन ndash यशोधमणन

कहानी एक षड़यतर की (2003) मानोज रदधित पषठ 111

सदभप सची

रदधित मानोज अयोधया शरी राम मदधिर फ़कटस िट दधिि नॉट रीच य ऑि मानोज रदधित परसतदधत मबई 2003

एलसट िॉ कोएनराि अयोधया ि कस अगसट ि टमल वॉएस ऑफ़ इदधिया नयी दधिलली 2002

काटज परॉफ़सर मजरी दधवशव डहि पदधरषि ऐि इदधियन पॉदधिदधटकस ओदधरयट िॉनगमन पसतक समीकषा ि फरी परस जरनि ममबई ससकरर म परकादधशत 30 माचण 2003 सपकरम पषठ 6

कामथ एम वी अयोधया ऐन अनहपपी दधरफयजि बाई ि मससिमस ि फरी परस जरनि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 एदधिटोदधरयि पषठ 4

गपता िॉ एस पी इफ़ ओनिी ि कोटण हि एगजदधमनि ि एदधविनस ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

हमार बदधिजीवी हमारी मीदधिया हमार नयायाधीश पषठ 112

गोयि शरी सीता राम डहि टमपलस - वहॉट हपनि ट िम वॉलयम ट ि इसिादधमक एदधविनस वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 2000

जॉयस मखय नयायाधीश एम रामा ऑन ि दधिसीजन नॉट ट दधिसाइि ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

ि सपरीम कोटण जजमट ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

बाहरी िॉ हरिव राजपाि डहिी शबिकोश राजपाि एणि सनज दधिलली 2002

शमा दधवशाि बाबसण ऐबरशन हॉनटस ए दधमललदधनयम ि फरी परस जनणि मबई ससकरर 17 जिाई 2003 ओप-एि पषठ 5

शोउरी िॉ अरर भदधमका ि अयोधया रफ़रनस सपरीम कोटण जजमट ऐि कॉमटरीज वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1995

राजाराम िॉ एन एस ए डहि दधवउ ऑफ़ ि वणलि एससज इन ि इनटिकचि कषदधतरय रदधिशन वॉयस ऑफ़ इदधिया नई दधिलली 1998

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