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लललल लललललल.1 लललललल लल लललललल लल लल ललललल लल लल ललललल ललल ललल लललल ललल लललललल ललललल ललल ललल ललललल लल2 लललल लल लललललललल लल ललललल लल लल लल ललललल लल ललललल लललल लल ललल लल लललल लल लल लल ललललललललल 3 लललललल लल ललललललल ललललललललल लललल लल लल लललल ललललल ललल लल लल लल ललललल लल लललललललल ललल ललललल लल ललल ललल लललल लललल लललललल लललल लललल लललललललललल ललललल4 लल लल लल ललल लल, लल लल ललललल ललललल लल लल लललललल ललल लल, लललल ललल ललल 5 लललललललल लल लललल ललललललल लल ललल लललललललल लल लल ललल लललललल ललल लल लल लललल लल, लल लल लल ललललल ललललल लल ललल लल लल, ललल लल ललल ललललललल ललल 6 लल लल ललललल लललललललल लल ललललललल ललललल लल: लल ललललल लल लललल ललललललल लल ललललललल लल ललललललल लललल लललल लल लल लल ललल लल लललललल ल लल , 7 ललललललल ललललललल लललल लल, लल लल ललललल लललल लल 8 लल लल लललल लललल लललल लल लललललललल लल ललललललल लललल लल ललल लललल ललल 9 लल लललललल लल लललल लल लललललल लललल ललल लल लललललल ललललल, लल ललललल लल लललललल ललल लललल ललल ललललल 10 लल ललल ललललल लल ललल ललललल लल लललल लललललल लललल ललललललललल लल ललल ललल 11 लल ललललल लल लल ललललललललल ललल लल लललल लल लललललल लल ललल ललल लल लल

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Page 1: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

लका

अधयाय१

1 इसलिलय किक बहतो न उन बातो को जो हमार बीच म होती ह इकितहास लिलखन म हाथ लगाया ह 2 जसा किक उनहोन जो पकिहल ही स इन बातो क दखन वाल और वचन क सवक थ हम तक पहचाया 3 इसलिलय ह शरीमान लिथयकि)लस मझ भी यह उलिचत मालम हआ किक उन सब बातो का समपरण0 हाल आरमभ स ठीक ठीक जाच करक

उनह तर लिलय करमानसार लिलख 4 किक त यह जान ल किक व बात जिजनकी त न लि7कषा पाई ह कसी अटल ह 5 यहदिदयो क राजा हरोदस क समय अकिबययाह क दल म जकरयाह नाम का एक याजक था और उस की पतनी हारन क व7 कीथी जिजस का नाम इलीलि7बा था 6 और व दोनो परमशवर क सामहन धमE थ और परभ की सारी आजञाओ और किवधिधयो पर किनदJष चलन वाल थ उन क कोई भी

सनतान न थी 7 कयोकिक इलीलि7बा बाझ थी और व दोनो बढ़ थ 8 जब वह अपन दलकी पारी पर परमशवर क सामहन याजक का काम करता था 9 तो याजको की रीकित क अनसार उसक नाम पर लिचटठी किनकली किक परभ क मजिनदर म जाकर धप जलाए 10 और धप जलान क समय लोगो की सारी मणडली बाहर पराथ0ना कर रही थी 11 किक परभ का एक सवग0दत धप की वदी की दाकिहनी ओर खड़ा हआ उस को दिदखाई दिदया 12 और जकरयाह दखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया 13 परनत सवग0दत न उस स कहा ह जकरयाह भयभीत न हो कयोकिक तरी पराथ0ना सन ली गई ह और तरी पतनी इलीलि7बा स तर

लिलय एक पतर उतपनन होगा और त उसका नाम यहनना रखना 14 और तझ आननद और हष0 होगा और बहत लोग उसक जनम क काररण आनजिनदत होग 15 कयोकिक वह परभ क सामहन महान होगा और दाखरस और मदिदरा कभी न किपएगा और अपनी माता क गभ0 ही स पकिवतर आतमा

स परिरपरण0 हो जाएगा 16 और इसराएलिलयो म स बहतरो को उन क परभ परमशवर की ओर )रगा 17 वह एलिलययाह की आतमा और सामथ0 म हो कर उसक आग आग चलगा किक किपतरो का मन लड़क बालो की ओर )र द और

आजञा न मानन वालो को धधिमय की समझ पर लाए और परभ क लिलय एक योगय परजा तयार कर 18 जकरयाह न सवग0दत स पछा यह म कस जान कयोकिक म तो बढ़ा ह और मरी पतनी भी बढ़ी हो गई ह 19 सवग0दत न उस को उततर दिदया किक म जिजबराईल ह जो परमशवर क सामहन खड़ा रहता ह और म तझ स बात करन और तझ यह

ससमाचार सनान को भजा गया ह 20 और दख जिजस दिदन तक य बात परी न हो ल उस दिदन तक त मौन रहगा और बोल न सकगा इसलिलय किक त न मरी बातो की

जो अपन समय पर परी होगी परतीकित न की 21 और लोग जकरयाह की बाट दखत रह और अचमभा करन लग किक उस मजिनदर म ऐसी दर कयो लगी 22 जब वह बाहर आया तो उन स बोल न सका सो व जान गए किक उस न मजिनदर म कोई द70न पाया ह और वह उन स सकत

करता रहा और गगा रह गया 23 जब उस की सवा क दिदन पर हए तो वह अपन घर चला गया 24 इन दिदनो क बाद उस की पतनी इलीलि7बा गभ0वती हई और पाच महीन तक अपन आप को यह कह क लिछपाए रखा 25 किक मनषयो म मरा अपमान दर करन क लिलय परभ न इन दिदनो म कपा दधिe करक मर लिलय ऐसा किकया ह 26 छठव महीन म परमशवर की ओर स जिजबराईल सवग0दत गलील क नासरत नगर म एक कवारी क पास भजा गया 27 जिजस की मगनी यस) नाम दाऊद क घरान क एक परष स हई थी उस कवारी का नाम मरिरयम था 28 और सवग0दत न उसक पास भीतर आकर कहा आननद और जय तरी हो जिजस पर ईशवर का अनगरह हआ ह परभ तर साथ ह 29 वह उस वचन स बहत घबरा गई और सोचन लगी किक यह किकस परकार का अभिभवादन ह 30 सवग0दत न उस स कहा ह मरिरयम भयभीत न हो कयोकिक परमशवर का अनगरह तझ पर हआ ह 31 और दख त गभ0वती होगी और तर एक पतर उतपनन होगा त उसका नाम यी7 रखना 32 वह महान होगा और परमपरधान का पतर कहलाएगा और परभ परमशवर उसक किपता दाऊद का सिसहासन उस को दगा

33 और वह याकब क घरान पर सदा राजय करगा और उसक राजय का अनत न होगा 34 मरिरयम न सवग0दत स कहा यह कयोकर होगा म तो परष को जानती ही नही 35 सवग0दत न उस को उततर दिदया किक पकिवतर आतमा तझ पर उतरगा और परमपरधान की सामथ0 तझ पर छाया करगी इसलिलय वह

पकिवतर जो उतपनन होनवाला ह परमशवर का पतर कहलाएगा 36 और दख और तरी कटमबिमबनी इलीलि7बा क भी बढ़ाप म पतर होनवाला ह यह उसका जो बाझ कहलाती थी छठवा महीना ह 37 कयोकिक जो वचन परमशवर की ओर स होता ह वह परभावरिरहत नही होता 38 मरिरयम न कहा दख म परभ की दासी ह मझ तर वचन क अनसार हो तब सवग0दत उसक पास स चला गया 39 उन दिदनो म मरिरयम उठकर 7ीघर ही पहाड़ी द7 म यहदा क एक नगर को गई 40 और जकरयाह क घर म जाकर इलीलि7बा को नमसकार किकया 41 जयोही इलीलि7बा न मरिरयम का नमसकार सना तयोही बचचा उसक पट म उछला और इलीलि7बा पकिवतर आतमा स परिरपरण0 हो गई 42 और उस न बड़ 7बद स पकार कर कहा त मबिसतरयो म धनय ह और तर पट का )ल धनय ह 43 और यह अनगरह मझ कहा स हआ किक मर परभ की माता मर पास आई 44 और दख जयोही तर नमसकार का 7बद मर कानो म पड़ा तयोही बचचा मर पट म आननद स उछल पड़ा 45 और धनय ह वह जिजस न किवशवास किकया किक जो बात परभ की ओर स उस स कही गई व परी होगी 46 तब मरिरयम न कहा मरा परारण परभ की बड़ाई करता ह 47 और मरी आतमा मर उदधार करन वाल परमशवर स आनजिनदत हई 48 कयोकिक उस न अपनी दासी की दीनता पर दधिe की ह इसलिलय दखो अब स सब यग यग क लोग मझ धनय कहग 49 कयोकिक उस 7लिsमान न मर लिलय बड़ बड़ काम किकए ह और उसका नाम पकिवतर ह 50 और उस की दया उन पर जो उस स डरत ह पीढ़ी स पीढ़ी तक बनी रहती ह 51 उस न अपना भजबल दिदखाया और जो अपन आप को बड़ा समझत थ उनह कितततर- किबततर किकया 52 उस न बलवानो को सिसहासनो स किगरा दिदया और दीनो को ऊचा किकया 53 उस न भखो को अचछी वसतओ स तपत किकया और धनवानो को छछ हाथ किनकाल दिदया 54 उस न अपन सवक इसराएल को समभाल लिलया 55 किक अपनी उस दया को समररण कर जो इबराहीम और उसक व7 पर सदा रहगी जसा उस न हमार बाप- दादो स कहा था 56 मरिरयम लगभग तीन महीन उसक साथ रहकर अपन घर लौट गई 57 तब इलीलि7बा क जनन का समय परा हआ और वह पतर जनी 58 उसक पड़ोलिसयो और कटमबिमबयो न यह सन कर किक परभ न उस पर बड़ी दया की ह उसक साथ आनजिनदत हए 59 और ऐसा हआ किक आठव दिदन व बालक का खतना करन आए और उसका नाम उसक किपता क नाम पर जकरयाह रखन लग 60 और उस की माता न उततर दिदया किक नही वरन उसका नाम यहनना रखा जाए 61 और उनहोन उस स कहा तर कटमब म किकसी का यह नाम नही 62 तब उनहोन उसक किपता स सकत करक पछा 63 किक त उसका नाम कया रखना चाहता ह और उस न लिलखन की पटटी मगाकर लिलख दिदया किक उसका नाम यहनना ह और सभो न अचमभा किकया

64 तब उसका मह और जीभ तरनत खल गई और वह बोलन और परमशवर का धनयवाद करन लगा 65 और उसक आस पास क सब रहन वालो पर भय छा गया और उन सब बातो की चचा0 यहदिदया क सार पहाड़ी द7 म )ल गई 66 और सब सनन वालो न अपन अपन मन म किवचार करक कहा यह बालक कसा होगा कयोकिक परभ का हाथ उसक साथ था 67 और उसका किपता जकरयाह पकिवतर आतमा स परिरपरण0 हो गया और भकिवषयदववारणी करन लगा 68 किक परभ इसराएल का परमशवर धनय हो किक उस न अपन लोगो पर दधिe की और उन का छटकारा किकया ह 69 और अपन सवक दाऊद क घरान म हमार लिलय एक उदधार का सीग किनकाला 70 जस उस न अपन पकिवतर भकिवषयदवsाओ क दवारा जो जगत क आदिद स होत आए ह कहा था 71 अथा0त हमार 7तरओ स और हमार सब बरिरयो क हाथ स हमारा उदधार किकया ह 72 किक हमार बाप- दादो पर दया करक अपनी पकिवतर वाचा का समररण कर 73 और वह 7पथ जो उस न हमार किपता इबराहीम स खाई थी 74 किक वह हम यह दगा किक हम अपन 7तरओ क हाथ स छटकर 75 उसक सामहन पकिवतरता और धाधिमक0 ता स जीवन भर किनडर रहकर उस की सवा करत रह

76 और त ह बालक परमपरधान का भकिवषयदवsा कहलाएगा कयोकिक त परभ क माग0 तयार करन क लिलय उसक आग आग चलगा 77 किक उसक लोगो को उदधार का जञान द जो उन क पापो की कषमा स परापत होता ह 78 यह हमार परमशवर की उसी बड़ी कररणा स होगा जिजस क काररण ऊपर स हम पर भोर का परका7 उदय होगा 79 किक अनधकार और मतय की छाया म बठन वालो को जयोकित द और हमार पावो को क7ल क माग0 म सीध चलाए 80 और वह बालक बढ़ता और आतमा म बलवनत होता गया और इसराएल पर परगट होन क दिदन तक जगलो म रहा

अधयाय२

1 उन दिदनो म औगसतस कसर की ओर स आजञा किनकली किक सार जगत क लोगो क नाम लिलख जाए 2 यह पकिहली नाम लिलखाई उस समय हई जब कविकवरिरकिनयस सरिरया का हाकिकम था 3 और सब लोग नाम लिलखवान क लिलय अपन अपन नगर को गए 4 सो यस) भी इसलिलय किक वह दाऊद क घरान और व7 का था गलील क नासरत नगर स यहदिदया म दाऊद क नगर बतलहम कोगया 5 किक अपनी मगतर मरिरयम क साथ जो गभ0वती थी नाम लिलखवाए 6 उन क वहा रहत हए उसक जनन क दिदन पर हए 7 और वह अपना पकिहलौठा पतर जनी और उस कपड़ म लपटकर चरनी म रखा कयोकिक उन क लिलय सराय म जगह न थी 8 और उस द7 म किकतन गड़रिरय थ जो रात को मदान म रहकर अपन झणड का पहरा दत थ 9 और परभ का एक दत उन क पास आ खड़ा हआ और परभ का तज उन क चारो ओर चमका और व बहत डर गए 10 तब सवग0दत न उन स कहा मत डरो कयोकिक दखो म तमह बड़ आननद का ससमाचार सनाता ह जो सब लोगो क लिलय होगा 11 किक आज दाऊद क नगर म तमहार लिलय एक उदधारकता0 जनमा ह और यही मसीह परभ ह 12 और इस का तमहार लिलय यह पता ह किक तम एक बालक को कपड़ म लिलपटा हआ और चरनी म पड़ा पाओग 13 तब एकाएक उस सवग0दत क साथ सवग0दतो का दल परमशवर की सतकित करत हए और यह कहत दिदखाई दिदया 14 किक आका7 म परमशवर की मकिहमा और पथवी पर उन मनषयो म जिजनस वह परसनन ह 7ानतिनत हो 15 जब सवग0दत उन क पास स सवग0 को चल गए तो गड़रिरयो न आपस म कहा आओ हम बतलहम जाकर यह बात जो हई ह

और जिजस परभ न हम बताया ह दख 16 और उनहोन तरनत जाकर मरिरयम और यस) को और चरनी म उस बालक को पड़ा दखा 17 इनह दखकर उनहोन वह बात जो इस बालक क किवषय म उन स कही गई थी परगट की 18 और सब सनन वालो न उन बातो स जो गकिड़रयो न उन स कही आशचय0 किकया 19 परनत मरिरयम य सब बात अपन मन म रखकर सोचती रही 20 और गड़रिरय जसा उन स कहा गया था वसा ही सब सनकर और दखकर परमशवर की मकिहमा और सतकित करत हए लौट गए 21 जब आठ दिदन पर हए और उसक खतन का समय आया तो उसका नाम यी7 रखा गया जो सवग0दत न उसक पट म आन स

पकिहल कहा था 22 और जब मसा की वयवसथा क अनसार उन क 7दध होन क दिदन पर हए तो व उस यर7लम म ल गए किक परभ क सामन लाए 23 ( जसा किक परभ की वयवसथा म लिलखा ह किक हर एक पकिहलौठा परभ क लिलय पकिवतर ठहरगा) 24 और परभ की वयवसथा क वचन क अनसार पडको का एक जोड़ा या कबतर क दो बचच ला कर बलिलदान कर 25 और दखो यर7लम म 7मौन नाम एक मनषय था और वह मनषय धमE और भs था और इसराएल की 7ानतिनत की बाट जोह

रहा था और पकिवतर आतमा उस पर था 26 और पकिवतर आतमा स उस को लिचतावनी हई थी किक जब तक त परभ क मसीह को दख न लगा तक तक मतय को न दखगा 27 और वह आतमा क लिसखान स मजिनदर म आया और जब माता- किपता उस बालक यी7 को भीतर लाए किक उसक लिलय वयवसथा

की रीकित क अनसार कर 28 तो उस न उस अपनी गोद म लिलया और परमशवर का धनयवाद करक कहा 29 ह सवामी अब त अपन दास को अपन वचन क अनसार 7ानतिनत स किवदा करता ह 30 कयोकिक मरी आखो न तर उदधार को दख लिलया ह 31 जिजस त न सब द7ो क लोगो क सामहन तयार किकया ह 32 किक वह अनय जाकितयो को परका7 दन क लिलय जयोकित और तर किनज लोग इसराएल की मकिहमा हो

33 और उसका किपता और उस की माता इन बातो स जो उसक किवषय म कही जाती थी आशचय0 करत थ 34 तब 7मौन न उन को आ7ीष दकर उस की माता मरिरयम स कहा दख वह तो इसराएल म बहतो क किगरन और उठन क लिलय

और एक ऐसा लिचनह होन क लिलय ठहराया गया ह जिजस क किवरोध म बात की जाएगी -- 35 वरन तरा परारण भी तलवार स वार पार लिछद जाएगा-- इस स बहत हदयो क किवचार परगट होग 36 और अ7र क गोतर म स हननाह नाम )नएल की बटी एक भकिवषयदवलिsन थी वह बहत बढ़ी थी और बयाह होन क बाद सात वष0

अपन पकित क साथ रह पाई थी 37 वह चौरासी वष0 स किवधवा थी और मजिनदर को नही छोड़ती थी पर उपवास और पराथ0ना कर करक रात- दिदन उपासना किकया करती थी 38 और वह उस घड़ी वहा आकर परभ का धनयवाद करन लगी और उन सभो स जो यर7लम क छटकार की बाट जोहत थ

उसक किवषय म बात करन लगी 39 और जब व परभ की वयवसथा क अनसार सब कछ किनपटा चक तो गलील म अपन नगर नासरत को कि)र चल गए 40 और बालक बढ़ता और बलवनत होता और बजिदध स परिरपरण0 होता गया और परमशवर का अनगरह उस पर था 41 उसक माता- किपता परकित वष0 )सह क पव0 म यर7लम को जाया करत थ 42 जब वह बारह वष0 का हआ तो व पव0 की रीकित क अनसार यर7लम को गए 43 और जब व उन दिदनो को परा करक लौटन लग तो वह लड़का यी7 यर7लम म रह गया और यह उसक माता- किपता नही

जानत थ 44 व यह समझकर किक वह और याकितरयो क साथ होगा एक दिदन का पड़ाव किनकल गए और उस अपन कटमबिमबयो और जान-

पहचानो म ढढ़न लग 45 पर जब नही धिमला तो ढढ़त- ढढ़त यर7लम को कि)र लौट गए 46 और तीन दिदन क बाद उनहोन उस मजिनदर म उपद7को क बीच म बठ उन की सनत और उन स परशन करत हए पाया 47 और जिजतन उस की सन रह थ व सब उस की समझ और उसक उततरो स चकिकत थ 48 तब व उस दखकर चकिकत हए और उस की माता न उस स कहा ह पतर त न हम स कयो ऐसा वयवहार किकया दख तरा किपता

और म कढ़त हए तझ ढढ़त थ 49 उस न उन स कहा तम मझ कयो ढढ़त थ कया नही जानत थ किक मझ अपन किपता क भवन म होना अवशय ह 50 परनत जो बात उस न उन स कही उनहोन उस नही समझा 51 तब वह उन क साथ गया और नासरत म आया और उन क व7 म रहा और उस की माता न य सब बात अपन मन म रखी 52 और यी7 बजिदध और डील- डौल म और परमशवर और मनषयो क अनगरह म बढ़ता गया

अधयाय३

1 कितकिबरिरयस कसर क राजय क पदरहव वष0 म जब पनतिनतयस पीलातस यहदिदया का हाकिकम था और गलील म हरोदस नाम चौथाई काइतरया और तरखोनीकितस म उसका भाई कि)लपपस और अकिबलन म लिलसाकिनयास चौथाई क राजा थ 2 और जब हनना और क)ा महायाजक थ उस समय परमशवर का वचन जगल म जकरयाह क पतर यहनना क पास पहचा 3 और वह यरदन क आस पास क सार द7 म आकर पापो की कषमा क लिलय मन कि)राव क बपकितसमा का परचार करन लगा 4 जस य7ायाह भकिवषयदवsा क कह हए वचनो की पसतक म लिलखा ह किक जगल म एक पकारन वाल का 7बद हो रहा ह किक परभ का

माग0 तयार करो उस की सड़क सीधी बनाओ 5 हर एक घाटी भर दी जाएगी और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किकया जाएगा और जो टढ़ा ह सीधा और जो ऊचा नीचा ह वह

चौरस माग0 बनगा 6 और हर परारणी परमशवर क उदधार को दखगा 7 जो भीड़ की भीड़ उस स बपकितसमा लन को किनकल कर आती थी उन स वह कहता था ह साप क बचचो तमह किकस न जता दिदया

किक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन कि)राव क योगय )ल लाओ और अपन अपन मन म यह न सोचो किक हमारा किपता इबराहीम ह कयोकिक म तम स कहता ह

किक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम क लिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

9 और अब ही कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर धरा ह इसलिलय जो जो पड़ अचछा )ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह 10 और लोगो न उस स पछा तो हम कया कर 11 उस न उनह उतर दिदया किक जिजस क पास दो करत हो वह उसक साथ जिजस क पास नही ह बाट द और जिजस क पास भोजन हो

वह भी ऐसा ही कर 12 और महसल लन वाल भी बपकितसमा लन आए और उस स पछा किक ह गर हम कया कर 13 उस न उन स कहा जो तमहार लिलय ठहराया गया ह उस स अधिधक न लना 14 और लिसपाकिहयो न भी उस स यह पछा हम कया कर उस न उन स कहा किकसी पर उपदरव न करना और न झठा दोष लगाना

और अपनी मजदरी पर सनतोष करना 15 जब लोग आस लगाए हए थ और सब अपन अपन मन म यहनना क किवषय म किवचार कर रह थ किक कया यही मसीह तो नही ह 16 तो यहनना न उन सब स उततर म कहा किक म तो तमह पानी स बपकितसमा दता ह परनत वह आनवाला ह जो मझ स 7लिsमान ह म तो इस योगय भी नही किक उसक जतो का बनध खोल सक वह तमह पकिवतर आतमा और आग स बपकितसमा दगा

17 उसका सप उसक हाथ म ह और वह अपना खलिलहान अचछी तरह स सा) करगा और गह को अपन खतत म इकटठा करगा परनत भसी को उस आग म जो बझन की नही जला दगा

18 सो वह बहत सी लि7कषा द दकर लोगो को ससमाचार सनाता रहा 19 परनत उस न चौथाई द7 क राजा हरोदस को उसक भाई कि)लपपस की पतनी हरोदिदयास क किवषय और सब ककम क किवषय म

जो उस न किकए थ उलाहना दिदया 20 इसलिलय हरोदस न उन सब स बढ़कर यह ककम0 भी किकया किक यहनना को बनदीगह म डाल दिदया 21 जब सब लोगो न बपकितसमा लिलया और यी7 भी बपकितसमा लकर पराथ0ना कर रहा था तो आका7 खल गया 22 और पकिवतर आतमा 7ारीरिरक रप म कबतर की नाई उस पर उतरा और यह आका7वारणी हई किक त मरा किपरय पतर ह म तझ स

परसनन ह 23 जब यी7 आप उपद7 करन लगा जो लगभग तीस वष0 की आय का था और ( जसा समझा जाता था) यस) का पतर था और

वह एली का 24 और वह मततात का और वह लवी का और वह मलकी का और वह यनना का और वह यस) का 25 और वह मभितततयाह का और वह आमोस का और वह नहम का और वह असलयाह का और वह नोगह का 26 और वह मात का और वह मभितततयाह का और वह लि7मी का और वह योसख का और वह योदाह का 27 और वह यहनना का और वह रसा का और वह जरबबाकिबल का और वह 7ालकितयल का और वह नरी का 28 और वह मलकी का और वह अददी का और वह कोसाम का और वह इलमोदाम का और वह एर का 29 और वह य7 का और वह इलाजार का और वह योरीम का ओर वह मततात का और वह लवी का 30 और वह 7मौन का और वह यहदाह का और वह यस) का और वह योनान का और वह इलयाकीम का 31 और वह मलआह का और वह धिमननाह का और वह मततता का और वह नातान का और वह दाऊद का 32 और वह धिय7 का और वह ओबद का और वह बोअज का और वह सलमोन का और वह नह7ोन का 33 और वह अममीनादाब का और वह अरनी का और वह किहसरोन का और वह कि)रिरस का और वह यहदाह का 34 और वह याकब का और वह इसहाक का और वह इबराहीम का और वह कितरह का और वह नाहोर का 35 और वह सरग का और वह रऊ का और वह कि)लिलग का और वह एकिबर का और वह लि7लह का 36 और वह कनान का वह अर)जञद का और वह 7म का वह नह का वह लिलधिमक का 37 और वह मथलि7लह का और वह हनोक का और वह धियरिरद का और वह महललल का और वह कनान का 38 और वह इनो7 का और वह 7त का और वह आदम का और वह परमशवर का था

अधयाय४

1 कि)र यी7 पकिवतरआतमा स भरा हआ यरदन स लटा और चालीस दिदन तक आतमा क लिसखान स जगल म कि)रता रहा और 7तान उस की परीकषा करता रहा

2 उन दिदनो म उस न कछ न खाया और जब व दिदन पर हो गए तो उस भख लगी

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 2: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

33 और वह याकब क घरान पर सदा राजय करगा और उसक राजय का अनत न होगा 34 मरिरयम न सवग0दत स कहा यह कयोकर होगा म तो परष को जानती ही नही 35 सवग0दत न उस को उततर दिदया किक पकिवतर आतमा तझ पर उतरगा और परमपरधान की सामथ0 तझ पर छाया करगी इसलिलय वह

पकिवतर जो उतपनन होनवाला ह परमशवर का पतर कहलाएगा 36 और दख और तरी कटमबिमबनी इलीलि7बा क भी बढ़ाप म पतर होनवाला ह यह उसका जो बाझ कहलाती थी छठवा महीना ह 37 कयोकिक जो वचन परमशवर की ओर स होता ह वह परभावरिरहत नही होता 38 मरिरयम न कहा दख म परभ की दासी ह मझ तर वचन क अनसार हो तब सवग0दत उसक पास स चला गया 39 उन दिदनो म मरिरयम उठकर 7ीघर ही पहाड़ी द7 म यहदा क एक नगर को गई 40 और जकरयाह क घर म जाकर इलीलि7बा को नमसकार किकया 41 जयोही इलीलि7बा न मरिरयम का नमसकार सना तयोही बचचा उसक पट म उछला और इलीलि7बा पकिवतर आतमा स परिरपरण0 हो गई 42 और उस न बड़ 7बद स पकार कर कहा त मबिसतरयो म धनय ह और तर पट का )ल धनय ह 43 और यह अनगरह मझ कहा स हआ किक मर परभ की माता मर पास आई 44 और दख जयोही तर नमसकार का 7बद मर कानो म पड़ा तयोही बचचा मर पट म आननद स उछल पड़ा 45 और धनय ह वह जिजस न किवशवास किकया किक जो बात परभ की ओर स उस स कही गई व परी होगी 46 तब मरिरयम न कहा मरा परारण परभ की बड़ाई करता ह 47 और मरी आतमा मर उदधार करन वाल परमशवर स आनजिनदत हई 48 कयोकिक उस न अपनी दासी की दीनता पर दधिe की ह इसलिलय दखो अब स सब यग यग क लोग मझ धनय कहग 49 कयोकिक उस 7लिsमान न मर लिलय बड़ बड़ काम किकए ह और उसका नाम पकिवतर ह 50 और उस की दया उन पर जो उस स डरत ह पीढ़ी स पीढ़ी तक बनी रहती ह 51 उस न अपना भजबल दिदखाया और जो अपन आप को बड़ा समझत थ उनह कितततर- किबततर किकया 52 उस न बलवानो को सिसहासनो स किगरा दिदया और दीनो को ऊचा किकया 53 उस न भखो को अचछी वसतओ स तपत किकया और धनवानो को छछ हाथ किनकाल दिदया 54 उस न अपन सवक इसराएल को समभाल लिलया 55 किक अपनी उस दया को समररण कर जो इबराहीम और उसक व7 पर सदा रहगी जसा उस न हमार बाप- दादो स कहा था 56 मरिरयम लगभग तीन महीन उसक साथ रहकर अपन घर लौट गई 57 तब इलीलि7बा क जनन का समय परा हआ और वह पतर जनी 58 उसक पड़ोलिसयो और कटमबिमबयो न यह सन कर किक परभ न उस पर बड़ी दया की ह उसक साथ आनजिनदत हए 59 और ऐसा हआ किक आठव दिदन व बालक का खतना करन आए और उसका नाम उसक किपता क नाम पर जकरयाह रखन लग 60 और उस की माता न उततर दिदया किक नही वरन उसका नाम यहनना रखा जाए 61 और उनहोन उस स कहा तर कटमब म किकसी का यह नाम नही 62 तब उनहोन उसक किपता स सकत करक पछा 63 किक त उसका नाम कया रखना चाहता ह और उस न लिलखन की पटटी मगाकर लिलख दिदया किक उसका नाम यहनना ह और सभो न अचमभा किकया

64 तब उसका मह और जीभ तरनत खल गई और वह बोलन और परमशवर का धनयवाद करन लगा 65 और उसक आस पास क सब रहन वालो पर भय छा गया और उन सब बातो की चचा0 यहदिदया क सार पहाड़ी द7 म )ल गई 66 और सब सनन वालो न अपन अपन मन म किवचार करक कहा यह बालक कसा होगा कयोकिक परभ का हाथ उसक साथ था 67 और उसका किपता जकरयाह पकिवतर आतमा स परिरपरण0 हो गया और भकिवषयदववारणी करन लगा 68 किक परभ इसराएल का परमशवर धनय हो किक उस न अपन लोगो पर दधिe की और उन का छटकारा किकया ह 69 और अपन सवक दाऊद क घरान म हमार लिलय एक उदधार का सीग किनकाला 70 जस उस न अपन पकिवतर भकिवषयदवsाओ क दवारा जो जगत क आदिद स होत आए ह कहा था 71 अथा0त हमार 7तरओ स और हमार सब बरिरयो क हाथ स हमारा उदधार किकया ह 72 किक हमार बाप- दादो पर दया करक अपनी पकिवतर वाचा का समररण कर 73 और वह 7पथ जो उस न हमार किपता इबराहीम स खाई थी 74 किक वह हम यह दगा किक हम अपन 7तरओ क हाथ स छटकर 75 उसक सामहन पकिवतरता और धाधिमक0 ता स जीवन भर किनडर रहकर उस की सवा करत रह

76 और त ह बालक परमपरधान का भकिवषयदवsा कहलाएगा कयोकिक त परभ क माग0 तयार करन क लिलय उसक आग आग चलगा 77 किक उसक लोगो को उदधार का जञान द जो उन क पापो की कषमा स परापत होता ह 78 यह हमार परमशवर की उसी बड़ी कररणा स होगा जिजस क काररण ऊपर स हम पर भोर का परका7 उदय होगा 79 किक अनधकार और मतय की छाया म बठन वालो को जयोकित द और हमार पावो को क7ल क माग0 म सीध चलाए 80 और वह बालक बढ़ता और आतमा म बलवनत होता गया और इसराएल पर परगट होन क दिदन तक जगलो म रहा

अधयाय२

1 उन दिदनो म औगसतस कसर की ओर स आजञा किनकली किक सार जगत क लोगो क नाम लिलख जाए 2 यह पकिहली नाम लिलखाई उस समय हई जब कविकवरिरकिनयस सरिरया का हाकिकम था 3 और सब लोग नाम लिलखवान क लिलय अपन अपन नगर को गए 4 सो यस) भी इसलिलय किक वह दाऊद क घरान और व7 का था गलील क नासरत नगर स यहदिदया म दाऊद क नगर बतलहम कोगया 5 किक अपनी मगतर मरिरयम क साथ जो गभ0वती थी नाम लिलखवाए 6 उन क वहा रहत हए उसक जनन क दिदन पर हए 7 और वह अपना पकिहलौठा पतर जनी और उस कपड़ म लपटकर चरनी म रखा कयोकिक उन क लिलय सराय म जगह न थी 8 और उस द7 म किकतन गड़रिरय थ जो रात को मदान म रहकर अपन झणड का पहरा दत थ 9 और परभ का एक दत उन क पास आ खड़ा हआ और परभ का तज उन क चारो ओर चमका और व बहत डर गए 10 तब सवग0दत न उन स कहा मत डरो कयोकिक दखो म तमह बड़ आननद का ससमाचार सनाता ह जो सब लोगो क लिलय होगा 11 किक आज दाऊद क नगर म तमहार लिलय एक उदधारकता0 जनमा ह और यही मसीह परभ ह 12 और इस का तमहार लिलय यह पता ह किक तम एक बालक को कपड़ म लिलपटा हआ और चरनी म पड़ा पाओग 13 तब एकाएक उस सवग0दत क साथ सवग0दतो का दल परमशवर की सतकित करत हए और यह कहत दिदखाई दिदया 14 किक आका7 म परमशवर की मकिहमा और पथवी पर उन मनषयो म जिजनस वह परसनन ह 7ानतिनत हो 15 जब सवग0दत उन क पास स सवग0 को चल गए तो गड़रिरयो न आपस म कहा आओ हम बतलहम जाकर यह बात जो हई ह

और जिजस परभ न हम बताया ह दख 16 और उनहोन तरनत जाकर मरिरयम और यस) को और चरनी म उस बालक को पड़ा दखा 17 इनह दखकर उनहोन वह बात जो इस बालक क किवषय म उन स कही गई थी परगट की 18 और सब सनन वालो न उन बातो स जो गकिड़रयो न उन स कही आशचय0 किकया 19 परनत मरिरयम य सब बात अपन मन म रखकर सोचती रही 20 और गड़रिरय जसा उन स कहा गया था वसा ही सब सनकर और दखकर परमशवर की मकिहमा और सतकित करत हए लौट गए 21 जब आठ दिदन पर हए और उसक खतन का समय आया तो उसका नाम यी7 रखा गया जो सवग0दत न उसक पट म आन स

पकिहल कहा था 22 और जब मसा की वयवसथा क अनसार उन क 7दध होन क दिदन पर हए तो व उस यर7लम म ल गए किक परभ क सामन लाए 23 ( जसा किक परभ की वयवसथा म लिलखा ह किक हर एक पकिहलौठा परभ क लिलय पकिवतर ठहरगा) 24 और परभ की वयवसथा क वचन क अनसार पडको का एक जोड़ा या कबतर क दो बचच ला कर बलिलदान कर 25 और दखो यर7लम म 7मौन नाम एक मनषय था और वह मनषय धमE और भs था और इसराएल की 7ानतिनत की बाट जोह

रहा था और पकिवतर आतमा उस पर था 26 और पकिवतर आतमा स उस को लिचतावनी हई थी किक जब तक त परभ क मसीह को दख न लगा तक तक मतय को न दखगा 27 और वह आतमा क लिसखान स मजिनदर म आया और जब माता- किपता उस बालक यी7 को भीतर लाए किक उसक लिलय वयवसथा

की रीकित क अनसार कर 28 तो उस न उस अपनी गोद म लिलया और परमशवर का धनयवाद करक कहा 29 ह सवामी अब त अपन दास को अपन वचन क अनसार 7ानतिनत स किवदा करता ह 30 कयोकिक मरी आखो न तर उदधार को दख लिलया ह 31 जिजस त न सब द7ो क लोगो क सामहन तयार किकया ह 32 किक वह अनय जाकितयो को परका7 दन क लिलय जयोकित और तर किनज लोग इसराएल की मकिहमा हो

33 और उसका किपता और उस की माता इन बातो स जो उसक किवषय म कही जाती थी आशचय0 करत थ 34 तब 7मौन न उन को आ7ीष दकर उस की माता मरिरयम स कहा दख वह तो इसराएल म बहतो क किगरन और उठन क लिलय

और एक ऐसा लिचनह होन क लिलय ठहराया गया ह जिजस क किवरोध म बात की जाएगी -- 35 वरन तरा परारण भी तलवार स वार पार लिछद जाएगा-- इस स बहत हदयो क किवचार परगट होग 36 और अ7र क गोतर म स हननाह नाम )नएल की बटी एक भकिवषयदवलिsन थी वह बहत बढ़ी थी और बयाह होन क बाद सात वष0

अपन पकित क साथ रह पाई थी 37 वह चौरासी वष0 स किवधवा थी और मजिनदर को नही छोड़ती थी पर उपवास और पराथ0ना कर करक रात- दिदन उपासना किकया करती थी 38 और वह उस घड़ी वहा आकर परभ का धनयवाद करन लगी और उन सभो स जो यर7लम क छटकार की बाट जोहत थ

उसक किवषय म बात करन लगी 39 और जब व परभ की वयवसथा क अनसार सब कछ किनपटा चक तो गलील म अपन नगर नासरत को कि)र चल गए 40 और बालक बढ़ता और बलवनत होता और बजिदध स परिरपरण0 होता गया और परमशवर का अनगरह उस पर था 41 उसक माता- किपता परकित वष0 )सह क पव0 म यर7लम को जाया करत थ 42 जब वह बारह वष0 का हआ तो व पव0 की रीकित क अनसार यर7लम को गए 43 और जब व उन दिदनो को परा करक लौटन लग तो वह लड़का यी7 यर7लम म रह गया और यह उसक माता- किपता नही

जानत थ 44 व यह समझकर किक वह और याकितरयो क साथ होगा एक दिदन का पड़ाव किनकल गए और उस अपन कटमबिमबयो और जान-

पहचानो म ढढ़न लग 45 पर जब नही धिमला तो ढढ़त- ढढ़त यर7लम को कि)र लौट गए 46 और तीन दिदन क बाद उनहोन उस मजिनदर म उपद7को क बीच म बठ उन की सनत और उन स परशन करत हए पाया 47 और जिजतन उस की सन रह थ व सब उस की समझ और उसक उततरो स चकिकत थ 48 तब व उस दखकर चकिकत हए और उस की माता न उस स कहा ह पतर त न हम स कयो ऐसा वयवहार किकया दख तरा किपता

और म कढ़त हए तझ ढढ़त थ 49 उस न उन स कहा तम मझ कयो ढढ़त थ कया नही जानत थ किक मझ अपन किपता क भवन म होना अवशय ह 50 परनत जो बात उस न उन स कही उनहोन उस नही समझा 51 तब वह उन क साथ गया और नासरत म आया और उन क व7 म रहा और उस की माता न य सब बात अपन मन म रखी 52 और यी7 बजिदध और डील- डौल म और परमशवर और मनषयो क अनगरह म बढ़ता गया

अधयाय३

1 कितकिबरिरयस कसर क राजय क पदरहव वष0 म जब पनतिनतयस पीलातस यहदिदया का हाकिकम था और गलील म हरोदस नाम चौथाई काइतरया और तरखोनीकितस म उसका भाई कि)लपपस और अकिबलन म लिलसाकिनयास चौथाई क राजा थ 2 और जब हनना और क)ा महायाजक थ उस समय परमशवर का वचन जगल म जकरयाह क पतर यहनना क पास पहचा 3 और वह यरदन क आस पास क सार द7 म आकर पापो की कषमा क लिलय मन कि)राव क बपकितसमा का परचार करन लगा 4 जस य7ायाह भकिवषयदवsा क कह हए वचनो की पसतक म लिलखा ह किक जगल म एक पकारन वाल का 7बद हो रहा ह किक परभ का

माग0 तयार करो उस की सड़क सीधी बनाओ 5 हर एक घाटी भर दी जाएगी और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किकया जाएगा और जो टढ़ा ह सीधा और जो ऊचा नीचा ह वह

चौरस माग0 बनगा 6 और हर परारणी परमशवर क उदधार को दखगा 7 जो भीड़ की भीड़ उस स बपकितसमा लन को किनकल कर आती थी उन स वह कहता था ह साप क बचचो तमह किकस न जता दिदया

किक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन कि)राव क योगय )ल लाओ और अपन अपन मन म यह न सोचो किक हमारा किपता इबराहीम ह कयोकिक म तम स कहता ह

किक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम क लिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

9 और अब ही कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर धरा ह इसलिलय जो जो पड़ अचछा )ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह 10 और लोगो न उस स पछा तो हम कया कर 11 उस न उनह उतर दिदया किक जिजस क पास दो करत हो वह उसक साथ जिजस क पास नही ह बाट द और जिजस क पास भोजन हो

वह भी ऐसा ही कर 12 और महसल लन वाल भी बपकितसमा लन आए और उस स पछा किक ह गर हम कया कर 13 उस न उन स कहा जो तमहार लिलय ठहराया गया ह उस स अधिधक न लना 14 और लिसपाकिहयो न भी उस स यह पछा हम कया कर उस न उन स कहा किकसी पर उपदरव न करना और न झठा दोष लगाना

और अपनी मजदरी पर सनतोष करना 15 जब लोग आस लगाए हए थ और सब अपन अपन मन म यहनना क किवषय म किवचार कर रह थ किक कया यही मसीह तो नही ह 16 तो यहनना न उन सब स उततर म कहा किक म तो तमह पानी स बपकितसमा दता ह परनत वह आनवाला ह जो मझ स 7लिsमान ह म तो इस योगय भी नही किक उसक जतो का बनध खोल सक वह तमह पकिवतर आतमा और आग स बपकितसमा दगा

17 उसका सप उसक हाथ म ह और वह अपना खलिलहान अचछी तरह स सा) करगा और गह को अपन खतत म इकटठा करगा परनत भसी को उस आग म जो बझन की नही जला दगा

18 सो वह बहत सी लि7कषा द दकर लोगो को ससमाचार सनाता रहा 19 परनत उस न चौथाई द7 क राजा हरोदस को उसक भाई कि)लपपस की पतनी हरोदिदयास क किवषय और सब ककम क किवषय म

जो उस न किकए थ उलाहना दिदया 20 इसलिलय हरोदस न उन सब स बढ़कर यह ककम0 भी किकया किक यहनना को बनदीगह म डाल दिदया 21 जब सब लोगो न बपकितसमा लिलया और यी7 भी बपकितसमा लकर पराथ0ना कर रहा था तो आका7 खल गया 22 और पकिवतर आतमा 7ारीरिरक रप म कबतर की नाई उस पर उतरा और यह आका7वारणी हई किक त मरा किपरय पतर ह म तझ स

परसनन ह 23 जब यी7 आप उपद7 करन लगा जो लगभग तीस वष0 की आय का था और ( जसा समझा जाता था) यस) का पतर था और

वह एली का 24 और वह मततात का और वह लवी का और वह मलकी का और वह यनना का और वह यस) का 25 और वह मभितततयाह का और वह आमोस का और वह नहम का और वह असलयाह का और वह नोगह का 26 और वह मात का और वह मभितततयाह का और वह लि7मी का और वह योसख का और वह योदाह का 27 और वह यहनना का और वह रसा का और वह जरबबाकिबल का और वह 7ालकितयल का और वह नरी का 28 और वह मलकी का और वह अददी का और वह कोसाम का और वह इलमोदाम का और वह एर का 29 और वह य7 का और वह इलाजार का और वह योरीम का ओर वह मततात का और वह लवी का 30 और वह 7मौन का और वह यहदाह का और वह यस) का और वह योनान का और वह इलयाकीम का 31 और वह मलआह का और वह धिमननाह का और वह मततता का और वह नातान का और वह दाऊद का 32 और वह धिय7 का और वह ओबद का और वह बोअज का और वह सलमोन का और वह नह7ोन का 33 और वह अममीनादाब का और वह अरनी का और वह किहसरोन का और वह कि)रिरस का और वह यहदाह का 34 और वह याकब का और वह इसहाक का और वह इबराहीम का और वह कितरह का और वह नाहोर का 35 और वह सरग का और वह रऊ का और वह कि)लिलग का और वह एकिबर का और वह लि7लह का 36 और वह कनान का वह अर)जञद का और वह 7म का वह नह का वह लिलधिमक का 37 और वह मथलि7लह का और वह हनोक का और वह धियरिरद का और वह महललल का और वह कनान का 38 और वह इनो7 का और वह 7त का और वह आदम का और वह परमशवर का था

अधयाय४

1 कि)र यी7 पकिवतरआतमा स भरा हआ यरदन स लटा और चालीस दिदन तक आतमा क लिसखान स जगल म कि)रता रहा और 7तान उस की परीकषा करता रहा

2 उन दिदनो म उस न कछ न खाया और जब व दिदन पर हो गए तो उस भख लगी

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 3: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

76 और त ह बालक परमपरधान का भकिवषयदवsा कहलाएगा कयोकिक त परभ क माग0 तयार करन क लिलय उसक आग आग चलगा 77 किक उसक लोगो को उदधार का जञान द जो उन क पापो की कषमा स परापत होता ह 78 यह हमार परमशवर की उसी बड़ी कररणा स होगा जिजस क काररण ऊपर स हम पर भोर का परका7 उदय होगा 79 किक अनधकार और मतय की छाया म बठन वालो को जयोकित द और हमार पावो को क7ल क माग0 म सीध चलाए 80 और वह बालक बढ़ता और आतमा म बलवनत होता गया और इसराएल पर परगट होन क दिदन तक जगलो म रहा

अधयाय२

1 उन दिदनो म औगसतस कसर की ओर स आजञा किनकली किक सार जगत क लोगो क नाम लिलख जाए 2 यह पकिहली नाम लिलखाई उस समय हई जब कविकवरिरकिनयस सरिरया का हाकिकम था 3 और सब लोग नाम लिलखवान क लिलय अपन अपन नगर को गए 4 सो यस) भी इसलिलय किक वह दाऊद क घरान और व7 का था गलील क नासरत नगर स यहदिदया म दाऊद क नगर बतलहम कोगया 5 किक अपनी मगतर मरिरयम क साथ जो गभ0वती थी नाम लिलखवाए 6 उन क वहा रहत हए उसक जनन क दिदन पर हए 7 और वह अपना पकिहलौठा पतर जनी और उस कपड़ म लपटकर चरनी म रखा कयोकिक उन क लिलय सराय म जगह न थी 8 और उस द7 म किकतन गड़रिरय थ जो रात को मदान म रहकर अपन झणड का पहरा दत थ 9 और परभ का एक दत उन क पास आ खड़ा हआ और परभ का तज उन क चारो ओर चमका और व बहत डर गए 10 तब सवग0दत न उन स कहा मत डरो कयोकिक दखो म तमह बड़ आननद का ससमाचार सनाता ह जो सब लोगो क लिलय होगा 11 किक आज दाऊद क नगर म तमहार लिलय एक उदधारकता0 जनमा ह और यही मसीह परभ ह 12 और इस का तमहार लिलय यह पता ह किक तम एक बालक को कपड़ म लिलपटा हआ और चरनी म पड़ा पाओग 13 तब एकाएक उस सवग0दत क साथ सवग0दतो का दल परमशवर की सतकित करत हए और यह कहत दिदखाई दिदया 14 किक आका7 म परमशवर की मकिहमा और पथवी पर उन मनषयो म जिजनस वह परसनन ह 7ानतिनत हो 15 जब सवग0दत उन क पास स सवग0 को चल गए तो गड़रिरयो न आपस म कहा आओ हम बतलहम जाकर यह बात जो हई ह

और जिजस परभ न हम बताया ह दख 16 और उनहोन तरनत जाकर मरिरयम और यस) को और चरनी म उस बालक को पड़ा दखा 17 इनह दखकर उनहोन वह बात जो इस बालक क किवषय म उन स कही गई थी परगट की 18 और सब सनन वालो न उन बातो स जो गकिड़रयो न उन स कही आशचय0 किकया 19 परनत मरिरयम य सब बात अपन मन म रखकर सोचती रही 20 और गड़रिरय जसा उन स कहा गया था वसा ही सब सनकर और दखकर परमशवर की मकिहमा और सतकित करत हए लौट गए 21 जब आठ दिदन पर हए और उसक खतन का समय आया तो उसका नाम यी7 रखा गया जो सवग0दत न उसक पट म आन स

पकिहल कहा था 22 और जब मसा की वयवसथा क अनसार उन क 7दध होन क दिदन पर हए तो व उस यर7लम म ल गए किक परभ क सामन लाए 23 ( जसा किक परभ की वयवसथा म लिलखा ह किक हर एक पकिहलौठा परभ क लिलय पकिवतर ठहरगा) 24 और परभ की वयवसथा क वचन क अनसार पडको का एक जोड़ा या कबतर क दो बचच ला कर बलिलदान कर 25 और दखो यर7लम म 7मौन नाम एक मनषय था और वह मनषय धमE और भs था और इसराएल की 7ानतिनत की बाट जोह

रहा था और पकिवतर आतमा उस पर था 26 और पकिवतर आतमा स उस को लिचतावनी हई थी किक जब तक त परभ क मसीह को दख न लगा तक तक मतय को न दखगा 27 और वह आतमा क लिसखान स मजिनदर म आया और जब माता- किपता उस बालक यी7 को भीतर लाए किक उसक लिलय वयवसथा

की रीकित क अनसार कर 28 तो उस न उस अपनी गोद म लिलया और परमशवर का धनयवाद करक कहा 29 ह सवामी अब त अपन दास को अपन वचन क अनसार 7ानतिनत स किवदा करता ह 30 कयोकिक मरी आखो न तर उदधार को दख लिलया ह 31 जिजस त न सब द7ो क लोगो क सामहन तयार किकया ह 32 किक वह अनय जाकितयो को परका7 दन क लिलय जयोकित और तर किनज लोग इसराएल की मकिहमा हो

33 और उसका किपता और उस की माता इन बातो स जो उसक किवषय म कही जाती थी आशचय0 करत थ 34 तब 7मौन न उन को आ7ीष दकर उस की माता मरिरयम स कहा दख वह तो इसराएल म बहतो क किगरन और उठन क लिलय

और एक ऐसा लिचनह होन क लिलय ठहराया गया ह जिजस क किवरोध म बात की जाएगी -- 35 वरन तरा परारण भी तलवार स वार पार लिछद जाएगा-- इस स बहत हदयो क किवचार परगट होग 36 और अ7र क गोतर म स हननाह नाम )नएल की बटी एक भकिवषयदवलिsन थी वह बहत बढ़ी थी और बयाह होन क बाद सात वष0

अपन पकित क साथ रह पाई थी 37 वह चौरासी वष0 स किवधवा थी और मजिनदर को नही छोड़ती थी पर उपवास और पराथ0ना कर करक रात- दिदन उपासना किकया करती थी 38 और वह उस घड़ी वहा आकर परभ का धनयवाद करन लगी और उन सभो स जो यर7लम क छटकार की बाट जोहत थ

उसक किवषय म बात करन लगी 39 और जब व परभ की वयवसथा क अनसार सब कछ किनपटा चक तो गलील म अपन नगर नासरत को कि)र चल गए 40 और बालक बढ़ता और बलवनत होता और बजिदध स परिरपरण0 होता गया और परमशवर का अनगरह उस पर था 41 उसक माता- किपता परकित वष0 )सह क पव0 म यर7लम को जाया करत थ 42 जब वह बारह वष0 का हआ तो व पव0 की रीकित क अनसार यर7लम को गए 43 और जब व उन दिदनो को परा करक लौटन लग तो वह लड़का यी7 यर7लम म रह गया और यह उसक माता- किपता नही

जानत थ 44 व यह समझकर किक वह और याकितरयो क साथ होगा एक दिदन का पड़ाव किनकल गए और उस अपन कटमबिमबयो और जान-

पहचानो म ढढ़न लग 45 पर जब नही धिमला तो ढढ़त- ढढ़त यर7लम को कि)र लौट गए 46 और तीन दिदन क बाद उनहोन उस मजिनदर म उपद7को क बीच म बठ उन की सनत और उन स परशन करत हए पाया 47 और जिजतन उस की सन रह थ व सब उस की समझ और उसक उततरो स चकिकत थ 48 तब व उस दखकर चकिकत हए और उस की माता न उस स कहा ह पतर त न हम स कयो ऐसा वयवहार किकया दख तरा किपता

और म कढ़त हए तझ ढढ़त थ 49 उस न उन स कहा तम मझ कयो ढढ़त थ कया नही जानत थ किक मझ अपन किपता क भवन म होना अवशय ह 50 परनत जो बात उस न उन स कही उनहोन उस नही समझा 51 तब वह उन क साथ गया और नासरत म आया और उन क व7 म रहा और उस की माता न य सब बात अपन मन म रखी 52 और यी7 बजिदध और डील- डौल म और परमशवर और मनषयो क अनगरह म बढ़ता गया

अधयाय३

1 कितकिबरिरयस कसर क राजय क पदरहव वष0 म जब पनतिनतयस पीलातस यहदिदया का हाकिकम था और गलील म हरोदस नाम चौथाई काइतरया और तरखोनीकितस म उसका भाई कि)लपपस और अकिबलन म लिलसाकिनयास चौथाई क राजा थ 2 और जब हनना और क)ा महायाजक थ उस समय परमशवर का वचन जगल म जकरयाह क पतर यहनना क पास पहचा 3 और वह यरदन क आस पास क सार द7 म आकर पापो की कषमा क लिलय मन कि)राव क बपकितसमा का परचार करन लगा 4 जस य7ायाह भकिवषयदवsा क कह हए वचनो की पसतक म लिलखा ह किक जगल म एक पकारन वाल का 7बद हो रहा ह किक परभ का

माग0 तयार करो उस की सड़क सीधी बनाओ 5 हर एक घाटी भर दी जाएगी और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किकया जाएगा और जो टढ़ा ह सीधा और जो ऊचा नीचा ह वह

चौरस माग0 बनगा 6 और हर परारणी परमशवर क उदधार को दखगा 7 जो भीड़ की भीड़ उस स बपकितसमा लन को किनकल कर आती थी उन स वह कहता था ह साप क बचचो तमह किकस न जता दिदया

किक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन कि)राव क योगय )ल लाओ और अपन अपन मन म यह न सोचो किक हमारा किपता इबराहीम ह कयोकिक म तम स कहता ह

किक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम क लिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

9 और अब ही कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर धरा ह इसलिलय जो जो पड़ अचछा )ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह 10 और लोगो न उस स पछा तो हम कया कर 11 उस न उनह उतर दिदया किक जिजस क पास दो करत हो वह उसक साथ जिजस क पास नही ह बाट द और जिजस क पास भोजन हो

वह भी ऐसा ही कर 12 और महसल लन वाल भी बपकितसमा लन आए और उस स पछा किक ह गर हम कया कर 13 उस न उन स कहा जो तमहार लिलय ठहराया गया ह उस स अधिधक न लना 14 और लिसपाकिहयो न भी उस स यह पछा हम कया कर उस न उन स कहा किकसी पर उपदरव न करना और न झठा दोष लगाना

और अपनी मजदरी पर सनतोष करना 15 जब लोग आस लगाए हए थ और सब अपन अपन मन म यहनना क किवषय म किवचार कर रह थ किक कया यही मसीह तो नही ह 16 तो यहनना न उन सब स उततर म कहा किक म तो तमह पानी स बपकितसमा दता ह परनत वह आनवाला ह जो मझ स 7लिsमान ह म तो इस योगय भी नही किक उसक जतो का बनध खोल सक वह तमह पकिवतर आतमा और आग स बपकितसमा दगा

17 उसका सप उसक हाथ म ह और वह अपना खलिलहान अचछी तरह स सा) करगा और गह को अपन खतत म इकटठा करगा परनत भसी को उस आग म जो बझन की नही जला दगा

18 सो वह बहत सी लि7कषा द दकर लोगो को ससमाचार सनाता रहा 19 परनत उस न चौथाई द7 क राजा हरोदस को उसक भाई कि)लपपस की पतनी हरोदिदयास क किवषय और सब ककम क किवषय म

जो उस न किकए थ उलाहना दिदया 20 इसलिलय हरोदस न उन सब स बढ़कर यह ककम0 भी किकया किक यहनना को बनदीगह म डाल दिदया 21 जब सब लोगो न बपकितसमा लिलया और यी7 भी बपकितसमा लकर पराथ0ना कर रहा था तो आका7 खल गया 22 और पकिवतर आतमा 7ारीरिरक रप म कबतर की नाई उस पर उतरा और यह आका7वारणी हई किक त मरा किपरय पतर ह म तझ स

परसनन ह 23 जब यी7 आप उपद7 करन लगा जो लगभग तीस वष0 की आय का था और ( जसा समझा जाता था) यस) का पतर था और

वह एली का 24 और वह मततात का और वह लवी का और वह मलकी का और वह यनना का और वह यस) का 25 और वह मभितततयाह का और वह आमोस का और वह नहम का और वह असलयाह का और वह नोगह का 26 और वह मात का और वह मभितततयाह का और वह लि7मी का और वह योसख का और वह योदाह का 27 और वह यहनना का और वह रसा का और वह जरबबाकिबल का और वह 7ालकितयल का और वह नरी का 28 और वह मलकी का और वह अददी का और वह कोसाम का और वह इलमोदाम का और वह एर का 29 और वह य7 का और वह इलाजार का और वह योरीम का ओर वह मततात का और वह लवी का 30 और वह 7मौन का और वह यहदाह का और वह यस) का और वह योनान का और वह इलयाकीम का 31 और वह मलआह का और वह धिमननाह का और वह मततता का और वह नातान का और वह दाऊद का 32 और वह धिय7 का और वह ओबद का और वह बोअज का और वह सलमोन का और वह नह7ोन का 33 और वह अममीनादाब का और वह अरनी का और वह किहसरोन का और वह कि)रिरस का और वह यहदाह का 34 और वह याकब का और वह इसहाक का और वह इबराहीम का और वह कितरह का और वह नाहोर का 35 और वह सरग का और वह रऊ का और वह कि)लिलग का और वह एकिबर का और वह लि7लह का 36 और वह कनान का वह अर)जञद का और वह 7म का वह नह का वह लिलधिमक का 37 और वह मथलि7लह का और वह हनोक का और वह धियरिरद का और वह महललल का और वह कनान का 38 और वह इनो7 का और वह 7त का और वह आदम का और वह परमशवर का था

अधयाय४

1 कि)र यी7 पकिवतरआतमा स भरा हआ यरदन स लटा और चालीस दिदन तक आतमा क लिसखान स जगल म कि)रता रहा और 7तान उस की परीकषा करता रहा

2 उन दिदनो म उस न कछ न खाया और जब व दिदन पर हो गए तो उस भख लगी

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 4: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

33 और उसका किपता और उस की माता इन बातो स जो उसक किवषय म कही जाती थी आशचय0 करत थ 34 तब 7मौन न उन को आ7ीष दकर उस की माता मरिरयम स कहा दख वह तो इसराएल म बहतो क किगरन और उठन क लिलय

और एक ऐसा लिचनह होन क लिलय ठहराया गया ह जिजस क किवरोध म बात की जाएगी -- 35 वरन तरा परारण भी तलवार स वार पार लिछद जाएगा-- इस स बहत हदयो क किवचार परगट होग 36 और अ7र क गोतर म स हननाह नाम )नएल की बटी एक भकिवषयदवलिsन थी वह बहत बढ़ी थी और बयाह होन क बाद सात वष0

अपन पकित क साथ रह पाई थी 37 वह चौरासी वष0 स किवधवा थी और मजिनदर को नही छोड़ती थी पर उपवास और पराथ0ना कर करक रात- दिदन उपासना किकया करती थी 38 और वह उस घड़ी वहा आकर परभ का धनयवाद करन लगी और उन सभो स जो यर7लम क छटकार की बाट जोहत थ

उसक किवषय म बात करन लगी 39 और जब व परभ की वयवसथा क अनसार सब कछ किनपटा चक तो गलील म अपन नगर नासरत को कि)र चल गए 40 और बालक बढ़ता और बलवनत होता और बजिदध स परिरपरण0 होता गया और परमशवर का अनगरह उस पर था 41 उसक माता- किपता परकित वष0 )सह क पव0 म यर7लम को जाया करत थ 42 जब वह बारह वष0 का हआ तो व पव0 की रीकित क अनसार यर7लम को गए 43 और जब व उन दिदनो को परा करक लौटन लग तो वह लड़का यी7 यर7लम म रह गया और यह उसक माता- किपता नही

जानत थ 44 व यह समझकर किक वह और याकितरयो क साथ होगा एक दिदन का पड़ाव किनकल गए और उस अपन कटमबिमबयो और जान-

पहचानो म ढढ़न लग 45 पर जब नही धिमला तो ढढ़त- ढढ़त यर7लम को कि)र लौट गए 46 और तीन दिदन क बाद उनहोन उस मजिनदर म उपद7को क बीच म बठ उन की सनत और उन स परशन करत हए पाया 47 और जिजतन उस की सन रह थ व सब उस की समझ और उसक उततरो स चकिकत थ 48 तब व उस दखकर चकिकत हए और उस की माता न उस स कहा ह पतर त न हम स कयो ऐसा वयवहार किकया दख तरा किपता

और म कढ़त हए तझ ढढ़त थ 49 उस न उन स कहा तम मझ कयो ढढ़त थ कया नही जानत थ किक मझ अपन किपता क भवन म होना अवशय ह 50 परनत जो बात उस न उन स कही उनहोन उस नही समझा 51 तब वह उन क साथ गया और नासरत म आया और उन क व7 म रहा और उस की माता न य सब बात अपन मन म रखी 52 और यी7 बजिदध और डील- डौल म और परमशवर और मनषयो क अनगरह म बढ़ता गया

अधयाय३

1 कितकिबरिरयस कसर क राजय क पदरहव वष0 म जब पनतिनतयस पीलातस यहदिदया का हाकिकम था और गलील म हरोदस नाम चौथाई काइतरया और तरखोनीकितस म उसका भाई कि)लपपस और अकिबलन म लिलसाकिनयास चौथाई क राजा थ 2 और जब हनना और क)ा महायाजक थ उस समय परमशवर का वचन जगल म जकरयाह क पतर यहनना क पास पहचा 3 और वह यरदन क आस पास क सार द7 म आकर पापो की कषमा क लिलय मन कि)राव क बपकितसमा का परचार करन लगा 4 जस य7ायाह भकिवषयदवsा क कह हए वचनो की पसतक म लिलखा ह किक जगल म एक पकारन वाल का 7बद हो रहा ह किक परभ का

माग0 तयार करो उस की सड़क सीधी बनाओ 5 हर एक घाटी भर दी जाएगी और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किकया जाएगा और जो टढ़ा ह सीधा और जो ऊचा नीचा ह वह

चौरस माग0 बनगा 6 और हर परारणी परमशवर क उदधार को दखगा 7 जो भीड़ की भीड़ उस स बपकितसमा लन को किनकल कर आती थी उन स वह कहता था ह साप क बचचो तमह किकस न जता दिदया

किक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन कि)राव क योगय )ल लाओ और अपन अपन मन म यह न सोचो किक हमारा किपता इबराहीम ह कयोकिक म तम स कहता ह

किक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम क लिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

9 और अब ही कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर धरा ह इसलिलय जो जो पड़ अचछा )ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह 10 और लोगो न उस स पछा तो हम कया कर 11 उस न उनह उतर दिदया किक जिजस क पास दो करत हो वह उसक साथ जिजस क पास नही ह बाट द और जिजस क पास भोजन हो

वह भी ऐसा ही कर 12 और महसल लन वाल भी बपकितसमा लन आए और उस स पछा किक ह गर हम कया कर 13 उस न उन स कहा जो तमहार लिलय ठहराया गया ह उस स अधिधक न लना 14 और लिसपाकिहयो न भी उस स यह पछा हम कया कर उस न उन स कहा किकसी पर उपदरव न करना और न झठा दोष लगाना

और अपनी मजदरी पर सनतोष करना 15 जब लोग आस लगाए हए थ और सब अपन अपन मन म यहनना क किवषय म किवचार कर रह थ किक कया यही मसीह तो नही ह 16 तो यहनना न उन सब स उततर म कहा किक म तो तमह पानी स बपकितसमा दता ह परनत वह आनवाला ह जो मझ स 7लिsमान ह म तो इस योगय भी नही किक उसक जतो का बनध खोल सक वह तमह पकिवतर आतमा और आग स बपकितसमा दगा

17 उसका सप उसक हाथ म ह और वह अपना खलिलहान अचछी तरह स सा) करगा और गह को अपन खतत म इकटठा करगा परनत भसी को उस आग म जो बझन की नही जला दगा

18 सो वह बहत सी लि7कषा द दकर लोगो को ससमाचार सनाता रहा 19 परनत उस न चौथाई द7 क राजा हरोदस को उसक भाई कि)लपपस की पतनी हरोदिदयास क किवषय और सब ककम क किवषय म

जो उस न किकए थ उलाहना दिदया 20 इसलिलय हरोदस न उन सब स बढ़कर यह ककम0 भी किकया किक यहनना को बनदीगह म डाल दिदया 21 जब सब लोगो न बपकितसमा लिलया और यी7 भी बपकितसमा लकर पराथ0ना कर रहा था तो आका7 खल गया 22 और पकिवतर आतमा 7ारीरिरक रप म कबतर की नाई उस पर उतरा और यह आका7वारणी हई किक त मरा किपरय पतर ह म तझ स

परसनन ह 23 जब यी7 आप उपद7 करन लगा जो लगभग तीस वष0 की आय का था और ( जसा समझा जाता था) यस) का पतर था और

वह एली का 24 और वह मततात का और वह लवी का और वह मलकी का और वह यनना का और वह यस) का 25 और वह मभितततयाह का और वह आमोस का और वह नहम का और वह असलयाह का और वह नोगह का 26 और वह मात का और वह मभितततयाह का और वह लि7मी का और वह योसख का और वह योदाह का 27 और वह यहनना का और वह रसा का और वह जरबबाकिबल का और वह 7ालकितयल का और वह नरी का 28 और वह मलकी का और वह अददी का और वह कोसाम का और वह इलमोदाम का और वह एर का 29 और वह य7 का और वह इलाजार का और वह योरीम का ओर वह मततात का और वह लवी का 30 और वह 7मौन का और वह यहदाह का और वह यस) का और वह योनान का और वह इलयाकीम का 31 और वह मलआह का और वह धिमननाह का और वह मततता का और वह नातान का और वह दाऊद का 32 और वह धिय7 का और वह ओबद का और वह बोअज का और वह सलमोन का और वह नह7ोन का 33 और वह अममीनादाब का और वह अरनी का और वह किहसरोन का और वह कि)रिरस का और वह यहदाह का 34 और वह याकब का और वह इसहाक का और वह इबराहीम का और वह कितरह का और वह नाहोर का 35 और वह सरग का और वह रऊ का और वह कि)लिलग का और वह एकिबर का और वह लि7लह का 36 और वह कनान का वह अर)जञद का और वह 7म का वह नह का वह लिलधिमक का 37 और वह मथलि7लह का और वह हनोक का और वह धियरिरद का और वह महललल का और वह कनान का 38 और वह इनो7 का और वह 7त का और वह आदम का और वह परमशवर का था

अधयाय४

1 कि)र यी7 पकिवतरआतमा स भरा हआ यरदन स लटा और चालीस दिदन तक आतमा क लिसखान स जगल म कि)रता रहा और 7तान उस की परीकषा करता रहा

2 उन दिदनो म उस न कछ न खाया और जब व दिदन पर हो गए तो उस भख लगी

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 5: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

9 और अब ही कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर धरा ह इसलिलय जो जो पड़ अचछा )ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह 10 और लोगो न उस स पछा तो हम कया कर 11 उस न उनह उतर दिदया किक जिजस क पास दो करत हो वह उसक साथ जिजस क पास नही ह बाट द और जिजस क पास भोजन हो

वह भी ऐसा ही कर 12 और महसल लन वाल भी बपकितसमा लन आए और उस स पछा किक ह गर हम कया कर 13 उस न उन स कहा जो तमहार लिलय ठहराया गया ह उस स अधिधक न लना 14 और लिसपाकिहयो न भी उस स यह पछा हम कया कर उस न उन स कहा किकसी पर उपदरव न करना और न झठा दोष लगाना

और अपनी मजदरी पर सनतोष करना 15 जब लोग आस लगाए हए थ और सब अपन अपन मन म यहनना क किवषय म किवचार कर रह थ किक कया यही मसीह तो नही ह 16 तो यहनना न उन सब स उततर म कहा किक म तो तमह पानी स बपकितसमा दता ह परनत वह आनवाला ह जो मझ स 7लिsमान ह म तो इस योगय भी नही किक उसक जतो का बनध खोल सक वह तमह पकिवतर आतमा और आग स बपकितसमा दगा

17 उसका सप उसक हाथ म ह और वह अपना खलिलहान अचछी तरह स सा) करगा और गह को अपन खतत म इकटठा करगा परनत भसी को उस आग म जो बझन की नही जला दगा

18 सो वह बहत सी लि7कषा द दकर लोगो को ससमाचार सनाता रहा 19 परनत उस न चौथाई द7 क राजा हरोदस को उसक भाई कि)लपपस की पतनी हरोदिदयास क किवषय और सब ककम क किवषय म

जो उस न किकए थ उलाहना दिदया 20 इसलिलय हरोदस न उन सब स बढ़कर यह ककम0 भी किकया किक यहनना को बनदीगह म डाल दिदया 21 जब सब लोगो न बपकितसमा लिलया और यी7 भी बपकितसमा लकर पराथ0ना कर रहा था तो आका7 खल गया 22 और पकिवतर आतमा 7ारीरिरक रप म कबतर की नाई उस पर उतरा और यह आका7वारणी हई किक त मरा किपरय पतर ह म तझ स

परसनन ह 23 जब यी7 आप उपद7 करन लगा जो लगभग तीस वष0 की आय का था और ( जसा समझा जाता था) यस) का पतर था और

वह एली का 24 और वह मततात का और वह लवी का और वह मलकी का और वह यनना का और वह यस) का 25 और वह मभितततयाह का और वह आमोस का और वह नहम का और वह असलयाह का और वह नोगह का 26 और वह मात का और वह मभितततयाह का और वह लि7मी का और वह योसख का और वह योदाह का 27 और वह यहनना का और वह रसा का और वह जरबबाकिबल का और वह 7ालकितयल का और वह नरी का 28 और वह मलकी का और वह अददी का और वह कोसाम का और वह इलमोदाम का और वह एर का 29 और वह य7 का और वह इलाजार का और वह योरीम का ओर वह मततात का और वह लवी का 30 और वह 7मौन का और वह यहदाह का और वह यस) का और वह योनान का और वह इलयाकीम का 31 और वह मलआह का और वह धिमननाह का और वह मततता का और वह नातान का और वह दाऊद का 32 और वह धिय7 का और वह ओबद का और वह बोअज का और वह सलमोन का और वह नह7ोन का 33 और वह अममीनादाब का और वह अरनी का और वह किहसरोन का और वह कि)रिरस का और वह यहदाह का 34 और वह याकब का और वह इसहाक का और वह इबराहीम का और वह कितरह का और वह नाहोर का 35 और वह सरग का और वह रऊ का और वह कि)लिलग का और वह एकिबर का और वह लि7लह का 36 और वह कनान का वह अर)जञद का और वह 7म का वह नह का वह लिलधिमक का 37 और वह मथलि7लह का और वह हनोक का और वह धियरिरद का और वह महललल का और वह कनान का 38 और वह इनो7 का और वह 7त का और वह आदम का और वह परमशवर का था

अधयाय४

1 कि)र यी7 पकिवतरआतमा स भरा हआ यरदन स लटा और चालीस दिदन तक आतमा क लिसखान स जगल म कि)रता रहा और 7तान उस की परीकषा करता रहा

2 उन दिदनो म उस न कछ न खाया और जब व दिदन पर हो गए तो उस भख लगी

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 6: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

3 और 7तान न उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो इस पतथर स कह किक रोटी बन जाए 4 यी7 न उस उततर दिदया किक लिलखा ह मनषय कवल रोटी स जीकिवत न रहगा 5 तब 7तान उस ल गया और उस को पल भर म जगत क सार राजय दिदखाए 6 और उस स कहा म यह सब अधिधकार और इन का किवभव तझ दगा कयोकिक वह मझ सौपा गया ह और जिजस चाहता ह उसी

को द दता ह 7 इसलिलय यदिद त मझ पररणाम कर तो यह सब तरा हो जाएगा 8 यी7 न उस उततर दिदया लिलखा ह किक त परभ अपन परमशवर को पररणाम कर और कवल उसी की उपासना कर 9 तब उस न उस यर7लम म ल जाकर मजिनदर क कगर पर खड़ा किकया और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन

आप को यहा स नीच किगरा द 10 कयोकिक लिलखा ह किक वह तर किवषय म अपन सवग0दतो को आजञा दगा किक व तरी रकषा कर 11 और व तझ हाथो हाथ उठा लग ऐसा न हो किक तर पाव म पतथर स ठस लग 12 यी7 न उस को उततर दिदया यह भी कहा गया ह किक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न करना 13 जब 7तान सब परीकषा कर चका तब कछ समय क लिलय उसक पास स चला गया 14 कि)र यी7 आतमा की सामथ0 स भरा हआ गलील को लौटा और उस की चचा0 आस पास क सार द7 म )ल गई 15 और वह उन की आराधनालयो म उपद7 करता रहा और सब उस की बड़ाई करत थ 16 और वह नासरत म आया जहा पाला पोसा गया था और अपनी रीकित क अनसार सबत क दिदन आराधनालय म जा कर पढ़न क

लिलय खड़ा हआ 17 य7ायाह भकिवषयदवsा की पसतक उस दी गई और उस न पसतक खोलकर वह जगह किनकाली जहा यह लिलखा था 18 किक परभ का आतमा मझ पर ह इसलिलय किक उस न कगालो को ससमाचार सनान क लिलय मरा अभिभषक किकया ह और मझ

इसलिलय भजा ह किक बनधओ को छटकार का और अनधो को दधिe पान का ससमाचार परचार कर और कचल हओ को छड़ाऊ 19 और परभ क परसनन रहन क वष0 का परचार कर 20 तब उस न पसतक बनद करक सवक क हाथ म द दी और बठ गया और आराधनालय क सब लोगो की आख उस पर लगी थी 21 तब वह उन स कहन लगा किक आज ही यह लख तमहार सामहन परा हआ ह 22 और सब न उस सराहा और जो अनगरह की बात उसक मह स किनकलती थी उन स अचमभा किकया और कहन लग कया यह

यस) का पतर नही 23 उस न उन स कहा तम मझ पर यह कहावत अवशय कहोग किक ह वदय अपन आप को अचछा कर जो कछ हम न सना ह किक

क)रनहम म किकया गया ह उस यहा अपन द7 म भी कर 24 और उस न कहा म तम स सच कहता ह कोई भकिवषयदवsा अपन द7 म मान- सममान नही पाता 25 और म तम स सच कहता ह किक एलिलययाह क दिदनो म जब साढ़ तीन वष0 तक आका7 बनद रहा यहा तक किक सार द7 म बड़ा

आकाल पड़ा तो इसराएल म बहत सी किवधवाए थी 26 पर एलिलययाह उन म स किकसी क पास नही भजा गया कवल सदा क सार)त म एक किवधवा क पास 27 और इली7ा भकिवषयदवsा क समय इसराएल म बहत स कोढ़ी थ पर नामान सरयानी को छोड़ उन म स काई 7दध नही किकयागया 28 य बात सनत ही जिजतन आराधनालय म थ सब करोध स भर गए 29 और उठकर उस नगर स बाहर किनकाला और जिजस पहाड़ पर उन का नगर बसा हआ था उस की चोटी पर ल चल किक उस वहा

स नीच किगरा द 30 पर वह उन क बीच म स किनकलकर चला गया 31 कि)र वह गलील क क)रनहम नगर म गया और सबत क दिदन लोगो को उपद7 द रहा था 32 व उस क उपद7 स चकिकत हो गए कयोकिक उसका वचन अधिधकार सकिहत था 33 आराधनालय म एक मनषय था जिजस म अ7दध आतमा थी 34 वह ऊच 7बद स लिचलला उठा ह यी7 नासरी हम तझ स कया काम कया त हम ना7 करन आया ह म तझ जानता ह त कौनह त परमशवर का पकिवतर जन ह 35 यी7 न उस डाटकर कहा चप रह और उस म स किनकल जा तब दeातमा उस बीच म पटककर किबना हाकिन पहचाए उस म स

किनकल गई 36 इस पर सब को अचमभा हआ और व आपस म बात करक कहन लग यह कसा वचन ह किक वह अधिधकार और सामथ0 क साथ

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 7: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

अ7दध आतमाओ को आजञा दता ह और व किनकल जाती ह 37 सो चारो ओर हर जगह उस की धम मच गई 38 वह आराधनालय म स उठकर 7मौन क घर म गया और 7मौन की सास को जवर चढ़ा हआ था और उनहोन उसक लिलय उस स

किबनती की 39 उस न उसक किनकट खड़ होकर जवर को डाटा और वह उस पर स उतर गया और वह तरनत उठकर उन की सवा टहल करनलगी 40 सरज डबत समय जिजन जिजन क यहा लोग नाना परकार की बीमारिरयो म पड़ हए थ व सब उनह उसक पास ल आए और उस न

एक एक पर हाथ रखकर उनह चगा किकया 41 और दeातमा लिचललाती और यह कहती हई किक त परमशवर का पतर ह बहतो म स किनकल गई पर वह उनह डाटता और बोलन नही

दता था कयोकिक व जानत थ किक यह मसीह ह 42 जब दिदन हआ तो वह किनकलकर एक जगली जगह म गया और भीड़ की भीड़ उस ढढ़ती हई उसक पास आई और उस रोकनलगी किक हमार पास स न जा 43 परनत उस न उन स कहा मझ और और नगरो म भी परमशवर क राजय का ससमाचार सनाना अवशय ह कयोकिक म इसी लिलय

भजा गया ह 44 और वह गलील क अराधनालयो म परचार करता रहा

अधयाय५

1 जब भीड़ उस पर किगरी पड़ती थी और परमशवर का वचन सनती थी और वह गननसरत की झील क किकनार पर खड़ा था तो ऐसाहआ 2 किक उस न झील क किकनार दो नाव लगी हई दखी और मछव उन पर स उतरकर जाल धो रह थ 3 उन नावो म स एक पर जो 7मौन की थी चढ़कर उस न उस स किबनती की किक किकनार स थोड़ा हटा ल चल तब वह बठकर

लोगो को नाव पर स उपद7 दन लगा 4 जब व बात कर चका तो 7मौन स कहा गकिहर म ल चल और मलिछलया पकड़न क लिलय अपन जाल डालो 5 7मौन न उसको उततर दिदया किक ह सवामी हम न सारी रात धिमहनत की और कछ न पकड़ा तौभी तर कहन स जाल डालगा 6 जब उनहोन ऐसा किकया तो बहत मलिछलया घर लाए और उन क जाल )टन लग 7 इस पर उनहोन अपन सालिथयो को जो दसरी नाव पर थ सकत किकया किक आकर हमारी सहायता करो और उनहोन आकर दोनो

नाव यहा तक भर ली किक व डबन लगी 8 यह दखकर 7मौन पतरस यी7 क पावो पर किगरा और कहा ह परभ मर पास स जा कयोकिक म पापी मनषय ह 9 कयोकिक इतनी मलिछलयो क पकड़ जान स उस और उसक सालिथयो को बहत अचमभा हआ 10 और वस ही जबदी क पतर याकब और यहनना को भी जो 7मौन क सहभागी थ अचमभा हआ तब यी7 न 7मौन स कहा मतडर अब स त मनषयो को जीवता पकड़ा करगा 11 और व नावो को किकनार पर ल आए और सब कछ छोड़कर उसक पीछ हो लिलए 12 जब वह किकसी नगर म था तो दखो वहा कोढ़ स भरा हआ एक मनषय था और वह यी7 को दखकर मह क बल किगरा और

किबनती की किक ह परभ यदिद त चाह हो मझ 7दध कर सकता ह 13 उस न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त 7दध हो जा और उसका कोढ़ तरनत जाता रहा 14 तब उस न उस लिचताया किक किकसी स न कह परनत जा क अपन आप को याजक को दिदखा और अपन 7दध होन क किवषय म

जो कछ मसा न चढ़ावा ठहराया ह उस चढ़ा किक उन पर गवाही हो 15 परनत उस की चचा0 और भी )लती गई और भीड़ की भीड़ उस की सनन क लिलय और अपनी किबमारिरयो स चग होन क लिलय

इकटठी हई 16 परनत वह जगलो म अलग जाकर पराथ0ना किकया करता था 17 और एक दिदन ऐसा हआ किक वह उपद7 द रहा था और )रीसी और वयवसथापक वहा बठ हए थ जो गलील और यहदिदया क

हर एक गाव स और यर7लम स आए थ और चगा करन क लिलय परभ की सामथ0 उसक साथ थी 18 और दखो कई लोग एक मनषय को जो झोल का मारा हआ था खाट पर लाए और व उस भीतर ल जान और यी7 क सामहन

रखन का उपाय ढढ़ रह थ

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 8: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

19 और जब भीड़ क काररण उस भीतर न ल जा सक तो उनहोन कोठ पर चढ़ कर और खपरल हटाकर उस खाट समत बीच म यी7 क सामहन उतरा दिदया

20 उस न उन का किवशवास दखकर उस स कहा ह मनषय तर पाप कषमा हए 21 तब 7ासतरी और )रीसी किववाद करन लग किक यह कौन ह जो परमशवर की किननदा करता ह परमशवर का छोड़ कौन पापो की

कषमा कर सकता ह 22 यी7 न उन क मन की बात जानकर उन स कहा किक तम अपन मनो म कया किववाद कर रह हो 23 सहज कया ह कया यह कहना किक तर पाप कषमा हए या यह कहना किक उठ और चल कि)र 24 परनत इसलिलय किक तम जानो किक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का भी अधिधकार ह ( उस न उस झोल क मार हए सकहा) म तझ स कहता ह उठ और अपनी खाट उठाकर अपन घर चला जा 25 वह तरनत उन क सामहन उठा और जिजस पर वह पड़ा था उस उठाकर परमशवर की बड़ाई करता हआ अपन घर चला गया 26 तब सब चकिकत हए और परमशवर की बड़ाई करन लग और बहत डरकर कहन लग किक आज हम न अनोखी बात दखी ह 27 और इसक बाद वह बाहर गया और लवी नाम एक चगी लन वाल को चगी की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ

हो ल 28 तब वह सब कछ छोड़कर उठा और उसक पीछ हो लिलया 29 और लवी न अपन घर म उसक लिलय बड़ी जवनार की और चगी लन वालो की और औरो की जो उसक साथ भोजन करन बठ

थ एक बड़ी भीड़ थी 30 और )रीसी और उन क 7ासतरी उस क चलो स यह कहकर कड़कड़ान लग किक तम चगी लन वालो और पाकिपयो क साथ कयोखात- पीत हो 31 यी7 न उन को उततर दिदया किक वदय भल चगो क लिलय नही परनत बीमारो क लिलय अवशय ह 32 म धधिमय को नही परनत पाकिपयो को मन कि)रान क लिलय बलान आया ह 33 और उनहोन उस स कहा यहनना क चल तो बराबर उपवास रखत और पराथ0ना किकया करत ह और वस ही )रीलिसयो क भी

परनत तर चल तो खात पीत ह 34 यी7 न उन स कहा कया तम बराकितयो स जब तक दलहा उन क साथ रह उपवास करवा सकत हो 35 परनत व दिदन आएग जिजन म दलहा उन स अलग किकया जाएगा तब व उन दिदनो म उपवास करग 36 उस न एक और दeानत भी उन स कहा किक कोई मनषय नय पकिहरावन म स )ाड़कर परान पकिहरावन म पबनद नही लगाता नही

तो नया )ट जाएगा और वह पबनद परान म मल भी नही खाएगा 37 और कोई नया दाखरस परानी म7को म नही भरता नही तो नया दाखरस म7को को )ाड़कर बह जाएगा और म7क भी ना7

हो जाएगी 38 परनत नया दाखरस नई म7को म भरना चाकिहय 39 कोई मनषय पराना दाखरस पीकर नया नही चाहता कयोकिक वह कहता ह किक पराना ही अचछा ह

अधयाय६

1 कि)र सबत क दिदन वह खतो म स होकर जा रहा था और उसक चल बाल तोड़ तोड़कर और हाथो स मल मल कर खात जात थ 2 तब )रीलिसयो म स कई एक कहन लग तम वह काम कयो करत हो जो सबत क दिदन करना उलिचत नही 3 यी7 न उन का उततर दिदया कया तम न यह नही पढ़ा किक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख थ तो कया किकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया लकर खाई जिजनह खाना याजको को छोड़ और किकसी को उलिचत नही

और अपन सालिथयो को भी दी 5 और उस न उन स कहा मनषय का पतर सबत क दिदन का भी परभ ह 6 और ऐसा हआ किक किकसी और सबत क दिदन को वह आराधनालय म जाकर उपद7 करन लगा और वहा एक मनषय था जिजस का

दाकिहना हाथ सखा था 7 7ासतरी और )रीसी उस पर दोष लगान का अवसर पान क लिलय उस की ताक म थ किक दख किक वह सबत क दिदन चगा करता ह

किक नही

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 9: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

8 परनत वह उन क किवचार जानता था इसलिलय उसन सख हाथ वाल मनषय स कहा उठ बीच म खड़ा हो वह उठ खड़ा हआ 9 यी7 न उन स कहा म तम स यह पछता ह किक सबत क दिदन कया उलिचत ह भला करना या बरा करना परारण को बचाना या ना7करना 10 और उस न चारो ओर उन सभो को दखकर उस मनषय स कहा अपना हाथ बढ़ा उस न ऐसा ही किकया और उसका हाथ कि)र

चगा हो गया 11 परनत व आप स बाहर होकर आपस म किववाद करन लग किक हम यी7 क साथ कया कर 12 और उन दिदनो म वह पहाड़ पर पराथ0ना करन को किनकला और परमशवर स पराथ0ना करन म सारी रात किबताई 13 जब दिदन हआ तो उस न अपन चलो को बलाकर उन म स बारह चन लिलए और उन को पररिरत कहा 14 और व य ह 7मौन जिजस का नाम उस न पतरस भी रखा और उसका भाई अजिनदरयास और याकब और यहनना और कि)लपपस और बरतलम15 और मतती और थोमा और हल)ई का पतर याकब और 7मौन जो जलोतस कहलाता ह 16 और याकब का बटा यहदा और यहदा इसकिकरयोती जो उसका पकड़वान वाला बना 17 तब वह उन क साथ उतरकर चौरस जगह म खड़ा हआ और उसक चलो की बड़ी भीड़ और सार यहदिदया और यर7लम और

सर और सदा क समदर क किकनार स बहतर लोग जो उस की सनन और अपनी बीमारिरयो स चगा होन क लिलय उसक पास आए थ वहा थ

18 और अ7दध आतमाओ क सताए हए लोग भी अचछ किकए जात थ 19 और सब उस छना चाहत थ कयोकिक उस म स सामथ0 किनकलकर सब को चगा करती थी 20 तब उस न अपन चलो की ओर दखकर कहा धनय हो तम जो दीन हो कयोकिक परमशवर का राजय तमहारा ह 21 धनय हो तम जो अब भख हो कयोकिक तपत किकए जाओग धनय हो तम जो अब रोत हो कयोकिक हसोग 22 धनय हो तम जब मनषय क पतर क काररण लोग तम स बर करग और तमह किनकाल दग और तमहारी किननदा करग और तमहारा

नाम बरा जानकर काट दग 23 उस दिदन आनजिनदत होकर उछलना कयोकिक दखो तमहार लिलय सवग0 म बड़ा परकित)ल ह उन क बाप- दाद भकिवषयदवsाओ क साथ

भी वसा ही किकया करत थ 24 परनत हाय तम पर जो धनवान हो कयोकिक तम अपनी 7ानतिनत पा चक 25 परनत हाय तम पर जो अब तपत हो कयोकिक भख होग हाय तम पर जो अब हसत हो कयोकिक 7ोक करोग और रोओग 26 हाय तम पर जब सब मनषय तमह भला कह कयोकिक उन क बाप- दाद झठ भकिवषयदवsाओ क साथ भी ऐसा ही किकया करतथ 27 परनत म तम सनन वालो स कहता ह किक अपन 7तरओ स परम रखो जो तम स बर कर उन का भला करो 28 जो तमह सराप द उन को आ7ीष दो जो तमहारा अपमान कर उन क लिलय पराथ0ना करो 29 जो तर एक गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा भी )र द और जो तरी दोहर छीन ल उस को करता लन स भी न रोक 30 जो कोई तझ स माग उस द और जो तरी वसत छीन ल उस स न माग 31 और जसा तम चाहत हो किक लोग तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो 32 यदिद तम अपन परम रखन वालो क साथ परम रखो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी अपन परम रखन वालो क साथ परम

रखत ह 33 और यदिद तम अपन भलाई करन वालो ही क साथ भलाई करत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी भी ऐसा ही करत ह 34 और यदिद तम उस उधार दो जिजन स कि)र पान की आ7ा रखत हो तो तमहारी कया बड़ाई कयोकिक पापी पाकिपयो को उधार दतह किक उतना ही कि)र पाए 35 वरन अपन 7तरओ स परम रखो और भलाई करो और कि)र पान की आस न रखकर उधार दो और तमहार लिलय बड़ा )ल होगा

और तम परमपरधान क सनतान ठहरोग कयोकिक वह उन पर जो धनयवाद नही करत और बरो पर भी कपाल ह 36 जसा तमहारा किपता दयावनत ह वस ही तम भी दयावनत बनो 37 दोष मत लगाओ तो तम पर भी दोष नही लगाया जाएगा दोषी न ठहराओ तो तम भी दोषी नही ठहराए जाओग कषमा करो

तो तमहारी भी कषमा की जाएगी 38 दिदया करो तो तमह भी दिदया जाएगा लोग परा नाप दबा दबाकर और किहला किहलाकर और उभरता हआ तमहारी गोद म डालग

कयोकिक जिजस नाप स तम नापत हो उसी स तमहार लिलय भी नापा जाएगा 39 कि)र उस न उन स एक दeानत कहा कया अनधा अनध को माग0 बता सकता ह कया दोनो गड़ह म नही किगरग

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 10: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

40 चला अपन गर स बड़ा नही परनत जो कोई लिसदध होगा वह अपन गर क समान होगा 41 त अपन भाई की आख क कितनक को कयो दखता ह और अपनी ही आख का लटठा तझ नही सझता 42 और जब त अपनी ही आख का लटठा नही दखता तो अपन भाई स कयोकर कह सकता ह ह भाई ठहर जा तरी आख स कितनक

को किनकाल द ह कपटी पकिहल अपनी आख स लटठा किनकाल तब जो कितनका तर भाई की आख म ह भली भाकित दखकर किनकालसकगा 43 कोई अचछा पड़ नही जो किनकममा )ल लाए और न तो कोई किनकममा पड़ ह जो अचछा )ल लाए 44 हर एक पड़ अपन )ल स पहचाना जाता ह कयोकिक लोग झाकिड़यो स अजीर नही तोड़त और न झड़बरी स अगर 45 भला मनषय अपन मन क भल भणडार स भली बात किनकालता ह और बरा मनषय अपन मन क बर भणडार स बरी बात

किनकालता ह कयोकिक जो मन म भरा ह वही उसक मह पर आता ह 46 जब तम मरा कहना नही मानत तो कयो मझ ह परभ ह परभ कहत हो 47 जो कोई मर पास आता ह और मरी बात सनकर उनह मानता ह म तमह बताता ह किक वह किकस क समान ह 48 वह उस मनषय क समान ह जिजस न घर बनात समय भधिम गहरी खोदकर चटटान की नव डाली और जब बाढ़ आई तो धारा उस

घर पर लगी परनत उस किहला न सकी कयोकिक वह पकका बना था 49 परनत जो सनकर नही मानता वह उस मनषय क समान ह जिजस न धिमटटी पर किबना नव का घर बनाया जब उस पर धारा लगी

तो वह तरनत किगर पड़ा और वह किगरकर सतयाना7 हो गया

अधयाय७

1 जब वह लोगो को अपनी सारी बात सना चका तो क)रनहम म आया 2 और किकसी सबदार का एक दास जो उसका किपरय था बीमारी स मरन पर था 3 उस न यी7 की चचा0 सनकर यहदिदयो क कई परकिनयो को उस स यह किबनती करन को उसक पास भजा किक आकर मर दास को

चगा कर 4 व यी7 क पास आकर उस स बड़ी किबनती करक कहन लग किक वह इस योगय ह किक त उसक लिलय यह कर 5 कयोकिक वह हमारी जाकित स परम रखता ह और उसी न हमार आराधनालय को बनाया ह 6 यी7 उन क साथ साथ चला पर जब वह घर स दर न था तो सबदार न उसक पास कई धिमतरो क दवारा कहला भजा किक ह परभ

दख न उठा कयोकिक म इस योगय नही किक त मरी छत क तल आए 7 इसी काररण म न अपन आप को इस योगय भी न समझा किक तर पास आऊ पर वचन ही कह द तो मरा सवक चगा हो जाएगा 8 म भी पराधीन मनषय ह और लिसपाही मर हाथ म ह और जब एक को कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर स कहता ह किकआ तो आता ह और अपन किकसी दास को किक यह कर तो वह उस करता ह 9 यह सनकर यी7 न अचमभा किकया और उस न मह )रकर उस भीड़ स जो उसक पीछ आ रही थी कहा म तम स कहता ह किक म न इसराएल म भी ऐसा किवशवास नही पाया

10 और भज हए लोगो न घर लौटकर उस दास को चगा पाया 11 थोड़ दिदन क बाद वह नाईन नाम क एक नगर को गया और उसक चल और बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी 12 जब वह नगर क )ाटक क पास पहचा तो दखो लोग एक मरद को बाहर लिलए जा रह थ जो अपनी मा का एकलौता पतर था

और वह किवधवा थी और नगर क बहत स लोग उसक साथ थ 13 उस दख कर परभ को तरस आया और उस स कहा मत रो 14 तब उस न पास आकर अथE को छआ और उठान वाल ठहर गए तब उस न कहा ह जवान म तझ स कहता ह उठ 15 तब वह मरदा उठ बठा और बोलन लगा और उस न उस उस की मा को सौप दिदया 16 इस स सब पर भय छा गया और व परमशवर की बड़ाई करक कहन लग किक हमार बीच म एक बड़ा भकिवषयदवsा उठा ह और

परमशवर न अपन लोगो पर कपा दधिe की ह 17 और उसक किवषय म यह बात सार यहदिदया और आस पास क सार द7 म )ल गई 18 और यहनना को उसक चलो न इन सब बातो का समचार दिदया 19 तब यहनना न अपन चलो म स दो को बलाकर परभ क पास यह पछन क लिलय भजा किक कया आनवाला त ही ह या हम किकसी

और दसर की बाट दख 20 उनहोन उसक पास आकर कहा यहनना बपकितसमा दन वाल न हम तर पास यह पछन को भजा ह किक कया आनवाला त ही ह या

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 11: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

हम दसर की बाट जोह 21 उसी घड़ी उस न बहतो को बीमारिरयो और पीड़ाओ और दeातमाओ स छड़ाया और बहत स अनधो को आख दी 22 और उस न उन स कहा जो कछ तम न दखा और सना ह जाकर यहनना स कह दो किक अनध दखत ह लगड़ चलत कि)रत ह

कोढ़ी 7दध किकए जात ह बकिहर सनत ह मरद जिजलाय जात ह और कगालो को ससमाचार सनाया जाता ह 23 और धनय ह वह जो मर काररण ठोकर न खाए 24 जब यहनना क भज हए लोग चल दिदए तो यी7 यहनना क किवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया

हवा स किहलत हए सरकणड को 25 तो तम कि)र कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पकिहन हए मनषय को दखो जो भड़कीला वसतर पकिहनत और सख किवलास स

रहत ह व राजभवनो म रहत ह 26 तो कि)र कया दखन गए थ कया किकसी भकिवषयदवsा को हा म तम स कहता ह वरन भकिवषयदवsा स भी बड़ को 27 यह वही ह जिजस क किवषय म लिलखा ह किक दख म अपन दत को तर आग आग भजता ह जो तर आग माग0 सीधा करगा 28 म तम स कहता ह किक जो मबिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना स बड़ा कोई नही पर जो परमशवर क राजय म छोट स छोटा ह

वह उस स भी बड़ा ह 29 और सब साधाररण लोगो न सनकर और चगी लन वालो न भी यहनना का बपकितसमा लकर परमशवर को सचचा मान लिलया 30 पर )रीलिसयो और वयवसथापको न उस स बपकितसमा न लकर परमशवर की मनसा को अपन किवषय म टाल दिदया 31 सो म इस यग क लोगो की उपमा किकस स द किक व किकस क समान ह 32 व उन बालको क समान ह जो बाजार म बठ हए एक दसर स पकारकर कहत ह किक हम न तमहार लिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न किवलाप किकया और तम न रोए

33 कयोकिक यहनना बपकितसमा दन वाला न रोटी खाता आया न दाखरस पीता आया और तम कहत हो उस म दeातमा ह 34 मनषय का पतर खाता- पीता आया ह और तम कहत हो दखो पट और किपयककड़ मनषय चगी लन वालो का और पाकिपयो काधिमतर 35 पर जञान अपनी सब सनतानो स सचचा ठहराया गया ह 36 कि)र किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर साथ भोजन कर सो वह उस )रीसी क घर म जाकर भोजन करन बठा 37 और दखो उस नगर की एक पाकिपनी सतरी यह जानकर किक वह )रीसी क घर म भोजन करन बठा ह सगमरमर क पातर म इतरलाई 38 और उसक पावो क पास पीछ खड़ी होकर रोती हई उसक पावो को आसओ स भिभगान और अपन लिसर क बालो स पोछन

लगी और उसक पाव बारबार चमकर उन पर इतर मला 39 यह दखकर वह )रीसी जिजस न उस बलाया था अपन मन म सोचन लगा यदिद यह भकिवषयदवsा होता तो जान लता किक यह

जो उस छ रही ह वह कौन और कसी सतरी ह कयोकिक वह तो पाकिपनी ह 40 यह सन यी7 न उसक उततर म कहा किक ह 7मौन मझ तझ स कछ कहना ह वह बोला ह गर कह 41 किकसी महाजन क दो दनदार थ एक पाच सौ और दसरा पचास दीनार धारता था 42 जब किक उन क पास पटान को कछ न रहा तो उस न दोनो को कषमा कर दिदया सो उन म स कौन उस स अधिधक परम रखगा 43 7मौन न उततर दिदया मरी समझ म वह जिजस का उस न अधिधक छोड़ दिदया उस न उस स कहा त न ठीक किवचार किकया ह 44 और उस सतरी की ओर कि)रकर उस न 7मौन स कहा कया त इस सतरी को दखता ह म तर घर म आया परनत त न मर पाव धान

क लिलय पानी न दिदया पर इस न मर पाव आसओ स भिभगाए और अपन बालो स पोछा 45 त न मझ चमा न दिदया पर जब स म आया ह तब स इस न मर पावो का चमना न छोड़ा 46 त न मर लिसर पर तल नही मला पर इस न मर पावो पर इतर मला ह 47 इसलिलय म तझ स कहता ह किक इस क पाप जो बहत थ कषमा हए कयोकिक इस न बहत परम किकया पर जिजस का थोड़ा कषमा

हआ ह वह थोड़ा परम करता ह 48 और उस न सतरी स कहा तर पाप कषमा हए 49 तब जो लोग उसक साथ भोजन करन बठ थ व अपन अपन मन म सोचन लग यह कौन ह जो पापो को भी कषमा करता ह 50 पर उस न सतरी स कहा तर किवशवास न तझ बचा लिलया ह क7ल स चली जा

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 12: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

अधयाय८

1 इस क बाद वह नगर नगर और गाव गाव परचार करता हआ और परमशवर क राजय का ससमाचार सनाता हआ कि)रन लगा 2 और व बारह उसक साथ थ और किकतनी मबिसतरया भी जो दeातमाओ स और बीमारिरयो स छड़ाई गई थी और व यह ह मरिरयम जो

मगदलीनी कहलाती थी जिजस म स सात दeातमाए किनकली थी 3 और हरोदस क भणडारी खोजा की पतनी योअनना और ससननाह और बहत सी और मबिसतरया य तो अपनी समपभितत स उस की सवा

करती थी 4 जब बड़ी भीड़ इकटठी हई और नगर नगर क लोग उसक पास चल आत थ तो उस न दeानत म कहा 5 किक एक बोन वाला बीज बोन किनकला बोत हए कछ माग0 क किकनार किगरा और रौदा गया और आका7 क पभिकषयो न उस चगलिलया 6 और कछ चटटान पर किगरा और उपजा परनत तरी न धिमलन स सख गया 7 कछ झाकिड़यो क बीच म किगरा और झाकिड़यो न साथ साथ बढ़कर उस दबा लिलया 8 और कछ अचछी भधिम पर किगरा और उगकर सौ गरणा )ल लाया यह कहकर उस न ऊच 7बद स कहा जिजस क सनन क कान

होवह सन ल 9 उसक चलो न उस स पछा किक यह दeानत कया ह उस न कहा 10 तम को परमशवर क राजय क भदोकी समझ दी गई ह पर औरो को दeानतो म सनाया जाता ह इसलिलय किक व दखत हए भी नदख और सनत हए भी न समझ 11 दeानत यह ह बीज तो परमशवर का वचन ह 12 माग0 क किकनर क व ह जिजनहो न सना तब 7तान आकर उन क मन म स वचन उठा ल जाता ह किक कही ऐसा न हो किक व

किवशवास करक उदधार पाए 13 चटटान पर क व ह किक जब सनत ह तो आननद स वचन को गरहरण तो करत ह परनत जड़ न पकड़न स व थोड़ी दर तक किवशवास

रखत ह और परीकषा क समय बहक जात ह 14 जो झाकिड़यो म किगरा सो व ह जो सनत ह पर होत होत लिचनता और धन और जीवन क सख किवलास म )स जात ह और उन

का )ल नही पकता 15 पर अचछी भधिम म क व ह जो वचन सनकर भल और उततम मन म समभाल रहत ह और धीरज स )ल लात ह 16 कोई दीया बार क बरतन स नही लिछपाता और न खाट क नीच रखता ह परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल परका7पाए 17 कछ लिछपा नही जो परगट न हो और न कछ गपत ह जो जाना न जाए और परगट न हो 18 इसलिलय चौकस रहो किक तम किकस रीकित स सनत हो कयोकिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही ह उस

स व वह भी ल लिलया जाएगा जिजस वह अपना समझता ह 19 उस की माता और भाई उसक पास आए पर भीड़ क काररण उस स भट न कर सक 20 और उस स कहा गया किक तरी माता और तर भाई बाहर खड़ हए तझ स धिमलना चाहत ह 21 उस न उसक उततर म उन स कहा किक मरी माता और मर भाई य ही ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 22 कि)र एक दिदन वह और उसक चल नाव पर चढ़ और उस न उन स कहा किक आओ झील क पार चल सो उनहोन नाव खोलदी 23 पर जब नाव चल रही थी तो वह सो गया और झील पर आनधी आई और नाव पानी स भरन लगी और व जोखिखम म थ 24 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह सवामी सवामी हम ना7 हए जात ह तब उस न उठकर आनधी को और पानी

की लहरो को डाटा और व थम गए और चन हो गया 25 और उस न उन स कहा तमहारा किवशवास कहा था पर व डर गए और अचमभिमभत होकर आपस म कहन लग यह कौन ह जो

आनधी और पानी को भी आजञा दता ह और व उस की मानत ह 26 कि)र व किगरासकिनयो क द7 म पहच जो उस पार गलील क सामहन ह 27 जब वह किकनार पर उतरा तो उस नगर का एक मनषय उस धिमला जिजस म दeातमाए थी और बहत दिदनो स न कपड़ पकिहनता था

और न घर म रहता था वरन कबरो म रहा करता था 28 वह यी7 को दखकर लिचललाया और उसक सामहन किगरकर ऊच 7बद स कहा ह परम परधान परमशवर क पतर यी7 मझ तझ स

कया काम म तरी किबनती करता ह मझ पीड़ा न द

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 13: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

29 कयोकिक वह उस अ7दध आतमा को उस मनषय म स किनकलन की आजञा द रहा था इसलिलय किक वह उस पर बार बार परबल होतीथी और यदयकिप लोग उस साकलो और बकिडय़ो स बाधत थ तौभी वह बनधनो को तोड़ डालता था और दeातमा उस जगल म भगाय

कि)रती थी 30 यी7 न उस स पछा तरा कया नाम ह उसन कहा सना कयोकिक बहत दeातमाए उसम पठ गई थी 31 और उनहोन उस स किबनती की किक हम अथाह गड़ह म जान की आजञा न द 32 वहा पहाड़ पर सअरो का एक बड़ा झणड चर रहा था सो उनहोन उस स किबनती की किक हम उन म पठन द सो उस न उनह जानदिदया 33 तब दeातमाए उस मनषय स किनकल कर सअरो म गई और वह झणड कड़ाड पर स झपटकर झील म जा किगरा और डब मरा 34 चरवाह यह जो हआ था दखकर भाग और नगर म और गावो म जाकर उसका समाचार कहा 35 और लोग यह जो हआ था उसक दखन को किनकल और यी7 क पास आकर जिजस मनषय स दeातमाए किनकली थी उस यी7 क

पावो क पास कपड़ पकिहन और सचत बठ हए पाकर डर गए 36 और दखन वालो न उन को बताया किक वह दeातमा का सताया हआ मनषय किकस परकार अचछा हआ 37 तब किगरासकिनयो क आस पास क सब लोगो न यी7 स किबनती की किक हमार यहा स चला जा कयोकिक उन पर बड़ा भय छा गयाथा सो वह नाव पर चढ़कर लौट गया 38 जिजस मनषय स दeातमाऐ किनकली थी वह उस स किबनती करन लगा किक मझ अपन साथ रहन द परनत यी7 न उस किवदा करककहा 39 अपन घर को लौट जा और लोगो स कह द किक परमशवर न तर लिलय कस बड़ काम किकए ह वह जाकर सार नगर म परचार करनलगा किक यी7 न मर लिलय कस बड़ काम किकए 40 जब यी7 लौट रहा था तो लोग उस स आननद क साथ धिमल कयोकिक व सब उस की बाट जोह रह थ 41 और दखो याईर नाम एक मनषय जो आराधनालय का सरदार था आया और यी7 क पावो पर किगर क उस स किबनती करनलगा किक मर घर चल 42 कयोकिक उसक बारह वष0 की एकलौती बटी थी और वह मरन पर थी जब वह जा रहा था तब लोग उस पर किगर पड़त थ 43 और एक सतरी न जिजस को बारह वष0 स लोह बहन का रोग था और जो अपनी सारी जिजकिवका वदयो क पीछ वयय कर चकी थी

और तौभी किकसी क हाथ स चगी न हो सकी थी 44 पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छआ और तरनत उसका लोह बहना थम गया 45 इस पर यी7 न कहा मझ किकस न छआ जब सब मकरन लग तो पतरस और उसक सालिथयो न कहा ह सवामी तझ तो भीड़

दबा रही ह और तझ पर किगरी पड़ती ह 46 परनत यी7 न कहा किकसी न मझ छआ ह कयोकिक म न जान लिलया ह किक मझ म स सामथ0 किनकली ह 47 जब सतरी न दखा किक म लिछप नही सकती तब कापती हई आई और उसक पावो पर किगरकर सब लोगो क सामहन बताया किक म न किकस काररण स तझ छआ और कयोकर तरनत चगी हो गई

48 उस न उस स कहा बटी तर किवशवास न तझ चगा किकया ह क7ल स चली जा 49 वह यह कह ही रहा था किक किकसी न आराधनालय क सरदार क यहा स आकर कहा तरी बटी मर गई गर को द ख न द 50 यी7 न सनकर उस उततर दिदया मत डर कवल किवशवास रख तो वह बच जाएगी 51 घर म आकर उस न पतरस और यहनना और याकब और लड़की क माता- किपता को छोड़ और किकसी को अपन साथ भीतर आन न दिदया 52 और सब उसक लिलय रो पीट रह थ परनत उस न कहा रोओ मत वह मरी नही परनत सो रही ह 53 व यह जानकर किक मर गई ह उस की हसी करन लग 54 परनत उस न उसका हाथ पकड़ा और पकारकर कहा ह लड़की उठ 55 तब उसक परारण कि)र आए और वह तरनत उठी कि)र उस न आजञा दी किक उस कछ खान को दिदया जाए 56 उसक माता- किपता चकिकत हए परनत उस न उनह लिचताया किक यह जो हआ ह किकसी स न कहना

अधयाय९

1 कि)र उस न बारहो को बलाकर उनह सब दeातमाओ और किबमारिरयो को दर करन की सामथ0 और अधिधकार दिदया 2 और उनह परमशवर क राजय का परचार करन और किबमारो को अचछा करन क लिलय भजा

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 14: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

3 और उस न उसस कहा माग0 क लिलय कछ न लना न तो लाठी न झोली न रोटी न रपय और न दो दो करत 4 और जिजस किकसी घर म तम उतरो वही रहो और वही स किवदा हो 5 जो कोई तमह गरहरण न करगा उस नगर स किनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो किक उन पर गवाही हो 6 सो व किनकलकर गाव गाव ससमाचार सनात और हर कही लोगो को चगा करत हए कि)रत रह 7 और द7 की चौथाई का राजा हरोदस यह सब सनकर घबरा गया कयोकिक किकतनो न कहा किक यहनना मर हओ म स जी उठा ह 8 और किकतनो न यह किक एलिलययाह दिदखाई दिदया ह औरो न यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी उठा ह 9 परनत हरोदस न कहा यहनना का तो म न लिसर कटवाया अब यह कौन ह जिजस क किवषय म ऐसी बात सनता ह और उस न उस

दखन की इचछा की 10 कि)र पररिरतो न लौटकर जो कछ उनहोन किकया था उस को बता दिदया और वह उनह अलग करक बतसदा नाम एक नगर को लगया 11 यह जानकर भीड़ उसक पीछ हो ली और वह आननद क साथ उन स धिमला और उन स परमशवर क राजय की बात करन लगा

और जो चग होना चाहत थ उनह चगा किकया 12 जब दिदन ढलन लगा तो बारहो न आकर उसस कहा भीड़ को किवदा कर किक चारो ओर क गावो और बमभिसतयो म जाकर दिटक

और भोजन का उपाय कर कयोकिक हम यहा सनसान जगह म ह 13 उस न उन स कहा तम ही उनह खान को दो उनहोन कहा हमार पास पाच रोदिटया और दो मछली को छोड़ और कछ नही

परनत हा यदिद हम जाकर इन सब लोगो क लिलय भोजन मोल ल तो हो सकता ह व लोग तो पाच हजार परषो क लगभग थ 14 तब उस न अपन चलो स कहा उनह पचास पचास करक पाकित म बठा दो 15 उनहोन ऐसा ही किकया और सब को बठा दिदया 16 तब उस न व पाच रोदिटया और दो मछली ली और सवग0 की और दखकर धनयवाद किकया और तोड़ तोड़कर चलो को दता गया

किक लोगो को परोस 17 सो सब खाकर तपत हए और बच हए टकड़ो स बारह टोकरी भरकर उठाई 18 जब वह एकानत म पराथ0ना कर रहा था और चल उसक साथ थ तो उस न उन स पछा किक लोग मझ कया कहत ह 19 उनहोन उततर दिदया यहनना बपकितसमा दनवाला और कोई कोई एलिलययाह और कोई यह किक परान भकिवषयदवsाओ म स कोई जी

उठा ह 20 उस न उन स पछा परनत तम मझ कया कहत हो पतरस न उततर दिदया परमशवर का मसीह 21 तब उस न उनह लिचताकर कहा किक यह किकसी स न कहना 22 और उस न कहा मनषय क पतर क लिलय अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और परिरनए और महायाजक और 7ासतरी उस तचछ

समझकर मार डाल और वह तीसर दिदन जी उठ 23 उस न सब स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप स इनकार कर और परकित दिदन अपना करस उठाए हए मर पीछ

हो ल 24 कयोकिक जो कोई अपना परारण बचाना चाहगा वह उस खोएगा परनत जो कोई मर लिलय अपना परारण खोएगा वही उस बचाएगा 25 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपना परारण खो द या उस की हाकिन उठाए तो उस कया लाभ होगा 26 जो कोई मझ स और मरी बातो स लजाएगा मनषय का पतर भी जब अपनी और अपन किपता की और पकिवतर सवग0 दतो की

मकिहमा सकिहत आएगा तो उस स लजाएगा 27 म तम स सच कहता ह किक जो यहा खड़ ह उन म स कोई कोई ऐस ह किक जब तक परमशवर का राजय न दख ल तब तक मतय

का सवाद न चखग 28 इन बातो क कोई आठ दिदन बाद वह पतरस और यहनना और याकब को साथ लकर पराथ0ना करन क लिलय पहाड़ पर गया 29 जब वह पराथ0ना कर ही रहा था तो उसक चहर का रप बदल गया और उसका वसतर शवत होकर चमकन लगा 30 और दखो मसा और एलिलययाह य दो परष उसक साथ बात कर रह थ 31 य मकिहमा सकिहत दिदखाई दिदए और उसक मरन की चचा0 कर रह थ जो यर7लम म होनवाला था 32 पतरस और उसक साथी नीद स भर थ और जब अचछी तरह सचत हए तो उस की मकिहमा और उन दो परषो को जो उसक

साथ खड़ थ दखा 33 जब व उसक पास स जान लग तो पतरस न यी7 स कहा ह सवामी हमारा यहा रहना भला ह सो हम तीन मणडप बनाए एक

तर लिलय एक मसा क लिलय और एक एलिलययाह क लिलय वह जानता न था किक कया कह रहा ह 34 वह यह कह ही रहा था किक एक बादल न आकर उनह छा लिलया और जब व उस बादल स धिघरन लग तो डर गए

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 15: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

35 और उस बादल म स यह 7बद किनकला किक यह मरा पतर और मरा चना हआ ह इस की सनो 36 यह 7बद होत ही यी7 अकला पाया गया और व चप रह और कछ दखा था उस की कोई बात उन दिदनो म किकसी स न कही 37 और दसर दिदन जब व पहाड़ स उतर तो एक बड़ी भीड़ उस स आ धिमली 38 और दखो भीड़ म स एक मनषय न लिचलला कर कहा ह गर म तझ स किबनती करता ह किक मर पतर पर कपा दधिe कर कयोकिक

वह मरा एकलौता ह 39 और दख एक दeातमा उस पकड़ता ह और वह एकाएक लिचलला उठता ह और वह उस ऐसा मरोड़ता ह किक वह मह म )न

भर लाता ह और उस कचलकर कदिठनाई स छोड़ता ह 40 और म न तर चलो स किबनती की किक उस किनकाल परनत व न किनकाल सक 41 यी7 न उततर दिदया ह अकिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा और तमहारी सहगा अपन पतर को यहा लआ 42 वह आ ही रहा था किक दeातमा न उस पटक कर मरोड़ा परनत यी7 न अ7दध आतमा को डाटा और लकड़ को अचछा करक उसक

किपता को सौप दिदया 43 तब सब लोग परमशवर क महासामथ0 स चकिकत हए 44 परनत जब सब लोग उन सब कामो स जो वह करता था अचमभा कर रह थ तो उस न अपन चलो स कहा य बात तमहार कानो म पड़ी रह कयोकिक मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जान को ह

45 परनत व इस बात को न समझत थ और यह उन स लिछपी रही किक व उस जानन न पाए और व इस बात क किवषय म उस स पछन स डरत थ

46 कि)र उन म यह किववाद होन लगा किक हम म स बड़ा कौन ह 47 पर यी7 न उन क मन का किवचार जान लिलया और एक बालक को लकर अपन पास खड़ा किकया 48 और उन स कहा जो कोई मर नाम स इस बालक को गरहरण करता ह वह मझ गरहरण करता ह और जो कोई मझ गरहरण करताह वह मर भजन वाल को गरहरण करता ह कयोकिक जो तम म सब स छोट स छोटा ह वही बड़ा ह 49 तब यहनना न कहा ह सवामी हम न एक मनषय को तर नाम स दeातमाओ को किनकालत दखा और हम न उस मना किकया

कयोकिक वह हमार साथ होकर तर पीछ नही हो लता 50 यी7 न उस स कहा उस मना मत करो कयोकिक जो तमहार किवरोध म नही वह तमहारी ओर ह 51 जब उसक ऊपर उठाए जान क दिदन पर होन पर थ जो उस न यर7लम को जान का किवचार दढ़ किकया 52 और उस न अपन आग दत भज व सामरिरयो क एक गाव म गए किक उसक लिलय जगह तयार कर 53 परनत उन लोगो न उस उतरन न दिदया कयोकिक वह यर7लम को जा रहा था 54 यह दखकर उसक चल याकब और यहनना न कहा ह परभ कया त चाहता ह किक हम आजञा द किक आका7 स आग किगरकर उनह

भसम कर द 55 परनत उस न कि)रकर उनह डाटा और कहा तम नही जानत किक तम कसी आतमा क हो 56 कयोकिक मनषय का पतर लोगो क परारणो को ना7 करन नही वरन बचान क लिलय आया ह और व किकसी और गाव म चल गए 57 जब व माग0 म चल जात थ तो किकसी न उस स कहा जहा जहा त जाएगा म तर पीछ हो लगा 58 यी7 न उस स कहा लोमकिडय़ो क भट और आका7 क पभिकषयो क बसर होत ह पर मनषय क पतर को लिसर धरन की भी जगहनही 59 उस न दसर स कहा मर पीछ हो ल उस न कहा ह परभ मझ पकिहल जान द किक अपन किपता को गाड़ द 60 उस न उस स कहा मर हओ को अपन मरद गाड़न द पर त जाकर परमशवर क राजय की कथा सना 61 एक और न भी कहा ह परभ म तर पीछ हो लगा पर पकिहल मझ जान द किक अपन घर क लोगो स किवदा हो आऊ 62 यी7 न उस स कहा जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछ दखता ह वह परमशवर क राजय क योगय नही

अधयाय १०

1 और इन बातो क बाद परभ न सततर और मनषय किनयs किकए और जिजस जिजस नगर और जगह को वह आप जान पर था वहा उनह दो दो करक अपन आग भजा

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 16: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

2 और उस न उन स कहा पक खत बहत ह परनत मजदर थोड़ ह इसलिलय खत क सवामी स किबनती करो किक वह अपन खत काटन को मजदर भज द

3 जाओ दखो म तमह भड़ो की नाई भकिडयो क बीच म भजता ह 4 इसलिलय न बटआ न झोली न जत लो और न माग0 म किकसी को नमसकार करो 5 जिजस किकसी घर म जाओ पकिहल कहो किक इस घर पर कलयारण हो 6 यदिद वहा कोई कलयारण क योगय होगा तो तमहारा कलयारण उस पर ठहरगा नही तो तमहार पास लौट आएगा 7 उसी घर म रहो और जो कछ उन स धिमल वही खाओ पीओ कयोकिक मजदर को अपनी मजदरी धिमलनी चाकिहए घर घर नकि)रना 8 और जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह उतार तो जो कछ तमहार सामहन रखा जाए वही खाओ 9 वहा क बीमारो को चगा करो और उन स कहो किक परमशवर का राजय तमहार किनकट आ पहचा ह 10 परनत जिजस नगर म जाओ और वहा क लोग तमह गरहरण न कर तो उसक बाजारो म जाकर कहो 11 किक तमहार नगर की धल भी जो हमार पावो म लगी ह हम तमहार सामहन झाड़ दत ह तौभी यह जान लो किक परमशवर का राजय

तमहार किनकट आ पहचा ह 12 म तम स कहता ह किक उस दिदन उस नगर की द7ा स सदोम की द7ा सहन योगय होगी 13 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथ0 क काम तम म किकए गए यदिद व सर और सदा म किकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन कि)रात 14 परनत नयाय क दिदन तमहरी द7ा स सर और सदा की द7ा सहन योगय होगी 15 और ह क)रनहम कया त सवग0 तक ऊचा किकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा 16 जो तमहारी सनता ह वह मरी सनता ह और जो तमह तचछ जानता ह वह मझ तचछ जानता ह और जो मझ तचछ जानता ह

वह मर भजनवाल को तचछ जानता ह 17 व सततर आननद स कि)र आकर कहन लग ह परभ तर नाम स दeातमा भी हमार व7 म ह 18 उस न उन स कहा म 7तान को किबजली की नाई सवग0 स किगरा हआ दख रहा था 19 दखो मन तमह सापो और किबचछओ को रौदन का और 7तर की सारी सामथ0 पर अधिधकार दिदया ह और किकसी वसत स तमह कछ

हाकिन न होगी 20 तौभी इस स आनजिनदत मत हो किक आतमा तमहार व7 म ह परनत इस स आनजिनदत हो किक तमहार नाम सवग0 पर लिलख ह 21 उसी घड़ी वह पकिवतर आतमा म होकर आननद स भर गया और कहा ह किपता सवग0 और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह

किक त न इन बातो को जञाकिनयो और समझदारो स लिछपा रखा और बालको पर परगट किकया हा ह किपता कयोकिक तझ यही अचछालगा 22 मर किपता न मझ सब कछ सौप दिदया ह और कोई नही जानता किक पतर कौन ह कवल किपता और किपता कौन ह यह भी कोई नहीजानता कवल पतर क और वह जिजस पर पतर उस परकट करना चाह 23 और चलो की ओर कि)रकर किनराल म कहा धनय ह व आख जो य बात जो तम दखत हो दखती ह 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक बहत स भकिवषयदवsाओ और राजाओ न चाहा किक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी और

जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 25 और दखो एक वयवसथापक उठा और यह कहकर उस की परीकषा करन लगा किक ह गर अननत जीवन का वारिरस होन क

लिलय म कया कर 26 उस न उस स कहा किक वयवसथा म कया लिलखा ह त कस पढ़ता ह 27 उस न उततर दिदया किक त परभ अपन परमशवर स अपन सार मन और अपन सार परारण और अपनी सारी 7लिs और अपनी सारी

बजिदध क साथ परम रख और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 28 उस न उस स कहा त न ठीक उततर दिदया ह यही कर तो त जीकिवत रहगा 29 परनत उस न अपनी तई धमE ठहरान की इचछा स यी7 स पछा तो मरा पड़ोसी कौन ह 30 यी7 न उततर दिदया किक एक मनषय यर7लम स यरीहो को जा रहा था किक डाकओ न घरकर उसक कपड़ उतार लिलए और मार

पीट कर उस अधमआ छोड़कर चल गए 31 और ऐसा हआ किक उसी माग0 स एक याजक जा रहा था परनत उस दख क कतरा कर चला गया 32 इसी रीकित स एक लवी उस जगह पर आया वह भी उस दख क कतरा कर चला गया 33 परनत एक सामरी यातरी वहा आ किनकला और उस दखकर तरस खाया

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 17: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

34 और उसक पास आकर और उसक घावो पर तल और दाखरस डालकर पदिटटया बानधी और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ल गया और उस की सवा टहल की 35 दसर दिदन उस न दो दिदनार किनकालकर भदिटयार को दिदए और कहा इस की सवा टहल करना और जो कछ तरा और लगगा

वह म लौटन पर तझ भर दगा 36 अब तरी समझ म जो डाकओ म धिघर गया था इन तीनो म स उसका पड़ोसी कौन ठहरा 37 उस न कहा वही जिजस न उस पर तरस खाया यी7 न उस स कहा जा त भी ऐसा ही कर 38 कि)र जब व जा रह थ तो वह एक गाव म गया और माथा0 नाम एक सतरी न उस अपन घर म उतारा 39 और मरिरयम नाम उस की एक बकिहन थी वह परभ क पावो क पास बठकर उसका वचन सनती थी 40 पर माथा0 सवा करत करत घबरा गई और उसक पास आकर कहन लगी ह परभ कया तझ कछ भी सोच नही किक मरी बकिहन न

मझ सवा करन क लिलय अकली ही छोड़ दिदया ह सो उस स कह किक मरी सहायता कर 41 परभ न उस उततर दिदया माथा0 ह माथा0 त बहत बातो क लिलय लिचनता करती और घबराती ह 42 परनत एक बात अवशय ह और उस उततम भाग को मरिरयम न चन लिलया ह जो उस स छीना न जाएगा

अधयाय११

1 कि)र वह किकसी जगह पराथ0ना कर रहा था और जब वह पराथ0ना कर चका तो उसक चलो म स एक न उस स कहा ह परभ जस यहनना न अपन चलो को पराथ0ना करना लिसखलाया वस ही हम भी त लिसखा द

2 उस न उन स कहा जब तम पराथ0ना करो तो कहो ह किपता तरा नाम पकिवतर माना जाए तरा राजय आए 3 हमारी दिदन भर की रोटी हर दिदन हम दिदया कर 4 और हमार पापो को कषमा कर कयोकिक हम भी अपन हर एक अपराधी को कषमा करत ह और हम परीकषा म न ला 5 और उस न उन स कहा तम म स कौन ह किक उसका एक धिमतर हो और वह आधी रात को उसक पास आकर उस स कह किक हधिमतर मझ तीन रोदिटया द 6 कयोकिक एक यातरी धिमतर मर पास आया ह और उसक आग रखन क लिलय मर पास कछ नही ह 7 और वह भीतर स उततर द किक मझ दख न द अब तो दवार बनद ह और मर बालक मर पास किबछौन पर ह इसलिलय म उठकर तझ द नही सकता

8 म तम स कहता ह यदिद उसका धिमतर होन पर भी उस उठकर न द तौभी उसक लजज़ा छोड़कर मागन क काररण उस जिजतनी आवशयकता हो उतनी उठकर दगा

9 और म तम स कहता ह किक मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार लिलय खोला जाएगा 10 कयोकिक जो कोई मागता ह उस धिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक लिलय खोला जाएगा 11 तम म स ऐसा कौन किपता होगा किक जब उसका पतर रोटी माग तो उस पतथर द या मछली माग तो मछली क बदल उस सापद 12 या अणडा माग तो उस किबचछ द 13 सो जब तम बर होकर अपन लड़क- बालो को अचछी वसतए दना जानत हो तो सवगEय किपता अपन मागन वालो को पकिवतर आतमा

कयो न दगा 14 कि)र उस न एक गगी दeातमा को किनकाला जब दeातमा किनकल गई तो गगा बोलन लगा और लोगो न अचमभा किकया 15 परनत उन म स किकतनो न कहा यह तो 7तान नाम दeातमाओ क परधान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह 16 औरो न उस की परीकषा करन क लिलय उस स आका7 का एक लिचनह मागा 17 परनत उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस जिजस राजय म )ट होती ह वह राजय उजड़ जाता ह और जिजस

घर म )ट होती ह वह ना7 हो जाता ह 18 और यदिद 7तान अपना ही किवरोधी हो जाए तो उसका राजय कयोकर बना रहगा कयोकिक तम मर किवषय म तो कहत हो किक यह

7तान की सहायता स दeातमा किनकालता ह 19 भला यदिद म 7तान की सहायता स दeातमाओ को किनकालता ह तो तमहारी सनतान किकस की सहायता स किनकालत ह इसलिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 18: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

20 परनत यदिद म परमशवर की सामथ0 स दeातमाओ को किनकालता ह तो परमशवर का राजय तमहार पास आ पहचा 21 जब बलवनत मनषय हलिथयार बानध हए अपन घर की रखवाली करता ह तो उस की सपभितत बची रहती ह 22 पर जब उस स बढ़कर कोई और बलवनत चढ़ाई करक उस जीत लता ह तो उसक व हलिथयार जिजन पर उसका भरोसा था छीन

लता ह और उस की सपभितत लटकर बाट दता ह 23 जो मर साथ नही वह मर किवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह किबथराता ह 24 जब अ7दध आतमा मनषय म स किनकल जाती ह तो सखी जगहो म किवशराम ढढ़ती कि)रती ह और जब नही पाती तो कहती ह किक म अपन उसी घर म जहा स किनकली थी लौट जाऊगी

25 और आकर उस झाड़ा- बहारा और सजा- सजाया पाती ह 26 तब वह आकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वास करती ह और उस

मनषय की किपछली द7ा पकिहल स भी बरी हो जाती ह 27 जब वह य बात कह ही रहा था तो भीड़ म स किकसी सतरी न ऊच 7बद स कहा धनय वह गभ0 जिजस म त रहा और व सतन जो त न चस

28 उस न कहा हा परनत धनय व ह जो परमशवर का वचन सनत और मानत ह 29 जब बड़ी भीड़ इकटठी होती जाती थी तो वह कहन लगा किक इस यग क लोग बर ह व लिचनह ढढ़त ह पर यनस क लिचनह को

छोड़ कोई और लिचनह उनह न दिदया जाएगा 30 जसा यनस नीनव क लोगो क लिलय लिचनह ठहरा वसा ही मनषय का पतर भी इस यग क लोगो क लिलय ठहरगा 31 दकविकखन की रानी नयाय क दिदन इस समय क मनषयो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोकिक वह सलमान का जञान सनन

को पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 32 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस समय क लोगो क साथ खड़ होकर उनह दोषी ठहराएग कयोकिक उनहोन यनस का परचार सनकर

मन कि)राया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 33 कोई मनषय दीया बार क तलघर म या पमान क नीच नही रखता परनत दीवट पर रखता ह किक भीतर आन वाल उजिजयालापाए 34 तर 7रीर का दीया तरी आख ह इसलिलय जब तरी आख किनम0ल ह तो तरा सारा 7रीर भी उजिजयाला ह परनत जब वह बरी ह

तो तरा 7रीर भी अनधरा ह 35 इसलिलय चौकस रहना किक जो उजिजयाला तझ म ह वह अनधरा न हो जाए 36 इसलिलय यदिद तरा सारा 7रीर उजिजयाला हो ओर उसका कोई भाग अनधरा न रह तो सब का सब ऐसा उलिलयाला होगा जसा उस

समय होता ह जब दीया अपनी चमक स तझ उजाला दता ह 37 जब वह बात कर रहा था तो किकसी )रीसी न उस स किबनती की किक मर यहा भजन कर और वह भीतर जाकर भोजन करनबठा 38 )रीसी न यह दखकर अचमभा दिदया किक उस न भोजन करन स पकिहल सनान नही किकया 39 परभ न उस स कहा ह )रीलिसयो तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर तो माजत हो परनत तमहार भीतर अनधर और दeता भरी ह 40 ह किनब0जिदधयो जिजस न बाहर का भाग बनाया कया उस न भीतर का भाग नही बनाया 41 परनत हा भीतरवाली वसतओ को दान कर दो तो दखो सब कछ तमहार लिलय 7दध हो जाएगा 42 पर ह )रीलिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सदाब का और सब भाकित क साग- पात का दसवा अ7 दत हो परनत नयाय को

और परमशवर क परम को टाल दत हो चाकिहए तो था किक इनह भी करत रहत और उनह भी न छोड़त 43 ह )रीलिसयो तम पर हाय तम आराधनालयो म मखय मखय आसन और बाजारो म नमसकार चाहत हो 44 हाय तम पर कयोकिक तम उन लिछपी कबरो क समान हो जिजन पर लोग चलत ह परनत नही जानत 45 तब एक वयवसथापक न उस को उततर दिदया किक ह गर इन बातो क कहन स त हमारी किननदा करता ह 46 उस न कहा ह वयवसथापको तम पर भी हाय तम ऐस बोझ जिजन को उठाना कदिठन ह मनषयो पर लादत हो परनत तम आप

उन बोझो को अपनी एक उगली स भी नही छत 47 हाय तम पर तम उन भकिवषयदवsओ की कबर बनात हो जिजनह ही तमहार बाप- दादो न मार डाला था 48 सो तम गवाह हो और अपन बाप- दादो क कामो म सहमत हो कयोकिक उनहोन तो उनह मार डाला और तम उन की कबर बनातहो 49 इसलिलय परमशवर की बजिदध न भी कहा ह किक म उन क पास भकिवषयदवsाओ और पररिरतो को भजगी और व उन म स किकतनो को

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 19: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

मार डालग और किकतनो को सताएग 50 ताकिक जिजतन भकिवषयदवsाओ का लोह जगत की उतपभितत स बहाया गया ह सब का लखा इस यग क लोगो स लिलया जाए 51 हाबील की हतया स लकर जकरयाह की हतया तक जो वदी और मजिनदर क बीच म घात किकया गया म तम स सच कहता ह

उसका लखा इसी समय क लोगो स लिलया जाएगा 52 हाय तम वयवसथापको पर किक तम न जञान की कजी ल तो ली परनत तम न आप ही परव7 नही किकया और परव7 करन वालो

को भी रोक दिदया 53 जब वह वहा स किनकला तो 7ासतरी और )रीसी बहत पीछ पड़ गए और छड़न लग किक वह बहत सी बातो की चचा0 कर 54 और उस की घात म लग रह किक उसक मह की कोई बात पकड़

अधयाय१२

1 इतन म जब हजारो की भीड़ लग गई यहा तक किक एक दसर पर किगर पड़त थ तो वह सब स पकिहल अपन चलो स कहन लगा किक )रीलिसयो क कपटरपी खमीर स चौकस रहना

2 कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ लिछपा ह जो जाना न जाएगा 3 इसलिलय जो कछ तम न अनधर म कहा ह वह उजाल म सना जाएगा और जो तम न कोदिठरयो म कानो कान कहा ह वह कोठो

पर परचार किकया जाएगा 4 परनत म तम स जो मर धिमतर हो कहता ह किक जो 7रीर को घात करत ह परनत उसक पीछ और कछ नही कर सकत उन स मतडरो 5 म तमह लिचताता ह किक तमह किकस स डरना चाकिहए घात करन क बाद जिजस को नरक म डालन का अधिधकार ह उसी स डरो वरन म तम स कहता ह उसी स डरो

6 कया दो पस की पाच गौरया नही किबकती तौभी परमशवर उन म स एक को भी नही भलता 7 वरन तमहार लिसर क सब बाल भी किगन हए ह सो डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 8 म तम स कहता ह जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस मनषय का पतर भी परमशवर क सवग0दतो क सामहन मान लगा 9 परनत जो मनषयो क सामहन मझ इनकार कर उसका परमशवर क सवग0दतो क सामहन इनकार किकया जाएगा 10 जो कोई मनषय क पतर क किवरोध म कोई बात कह उसका वह अपराध कषमा किकया जाएगा परनत जो पकिवतर आतमा की किननदा

कर उसका अपराध कषमा न किकया जायगा 11 जब लोग तमह सभाओ और हाकिकमो और अधिधकारिरयो क सामहन ल जाए तो लिचनता न करना किक हम किकस रीकित स या कया उततर द या कया कह 12 कयोकिक पकिवतर आतमा उसी घड़ी तमह लिसखा दगा किक कया कहना चाकिहए 13 कि)र भीड़ म स एक न उस स कहा ह गर मर भाई स कह किक किपता की सपभितत मझ बाट द 14 उस न उस स कहा ह मनषय किकस न मझ तमहारा नयायी या बाटन वाला किनयs किकया ह 15 और उस न उन स कहा चौकस रहो और हर परकार क लोभ स अपन आप को बचाए रखो कयोकिक किकसी का जीवन उस की

सपभितत की बहतायत स नही होता 16 उस न उन स एक दeानत कहा किक किकसी धनवान की भधिम म बड़ी उपज हई 17 तब वह अपन मन म किवचार करन लगा किक म कया कर कयोकिक मर यहा जगह नही जहा अपनी उपज इतयादिद रख 18 और उस न कहा म यह करगा म अपनी बखारिरया तोड़ कर उन स बड़ी बनाऊगा 19 और वहा अपना सब अनन और सपभितत रखगा और अपन परारण स कहगा किक परारण तर पास बहत वष क लिलय बहत सपभितत रखी ह चन कर खा पी सख स रह 20 परनत परमशवर न उस स कहा ह मख0 इसी रात तरा परारण तझ स ल लिलया जाएगा तब जो कछ त न इकटठा किकया ह वह किकस

का होगा 21 ऐसा ही वह मनषय भी ह जो अपन लिलय धन बटोरता ह परनत परमशवर की दधिe म धनी नही 22 कि)र उस न अपन चलो स कहा इसलिलय म तम स कहता ह अपन परारण की लिचनता न करो किक हम कया खाएग न अपन 7रीर

की किक कया पकिहनग

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 20: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

23 कयोकिक भोजन स परारण और वसतर स 7रीर बढ़कर ह 24 कौवो पर धयान दो व न बोत ह न काटत न उन क भणडार और न खतता होता ह तौभी परमशवर उनह पालता ह तमहारा मलय

पभिकषयो स कही अधिधक ह 25 तम म स ऐसा कौन ह जो लिचनता करन स अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 26 इसलिलय यदिद तम सब स छोटा काम भी नही कर सकत तो और बातो क लिलय कयो लिचनता करत हो 27 सोसनो क पड़ो पर धयान करो किक व कस बढ़त ह व न परिरशरम करत न कातत ह तौभी म तम स कहता ह किक सलमान भी

अपन सार किवभव म उन म स किकसी एक क समान वसतर पकिहन हए न था 28 इसलिलय यदिद परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा पकिहनाता ह तो ह अलपकिवशवालिसयो वह तमह कयो न पकिहनाएगा 29 और तम इस बात की खोज म न रहो किक कया खाएग और कया पीएग और न सनदह करो 30 कयोकिक ससार की जाकितया इन सब वसतओ की खोज म रहती ह और तमहारा किपता जानता ह किक तमह इन वसतओ की

आवशयकता ह 31 परनत उसक राजय की खोज म रहो तो य वसतऐ भी तमह धिमल जाएगी 32 ह छोट झणड मत डर कयोकिक तमहार किपता को यह भाया ह किक तमह राजय द 33 अपनी सपभितत बचकर दान कर दो और अपन लिलय ऐस बटए बनाओ जो परान नही होत अथा0त सवग0 पर ऐसा धन इकटठा करो

जो घटता नही और जिजस क किनकट चोर नही जाता और कीड़ा नही किबगाड़ता 34 कयोकिक जहा तमहारा धन ह वहा तमहारा मन भी लगा रहगा 35 तमहारी कमर बनधी रह और तमहार दीय जलत रह 36 और तम उन मनषयो क समान बनो जो अपन सवामी की बाट दख रह हो किक वह बयाह स कब लौटगा किक जब वह आकर दवारखटखटाए तरनत उसक लिलय खोल द 37 धनय ह व दास जिजनह सवामी आकर जागत पाए म तम स सच कहता ह किक वह कमर बानध कर उनह भोजन करन कोबठाएगा और पास आकर उन की सवा करगा 38 यदिद वह रात क दसर पहर या तीसर पहर म आकर उनह जागत पाए तो व दास धनय ह 39 परनत तम यह जान रखो किक यदिद घर का सवामी जानता किक चोर किकस घड़ी आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 40 तम भी तयार रहो कयोकिक जिजस घड़ी तम सोचत भी नही उस घड़ी मनषय का पतर आ जावगा 41 तब पतरस न कहा ह परभ कया यह दeानत त हम ही स या सब स कहता ह 42 परभ न कहा वह किवशवासयोगय और बजिदधमान भणडारी कौन ह जिजस का सवामी उस नौकर चाकरो पर सरदार ठहराए किक उनह

समय पर सीधा द 43 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा ही करत पाए 44 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सब सपभितत पर सरदार ठहराएगा 45 परनत यदिद वह दास सोचन लग किक मरा सवामी आन म दर कर रहा ह और दासो और दालिसयो मारन पीटन और खान पीन और

किपयककड़ होन लग 46 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन किक वह उस की बाट जोहता न रह और ऐसी घड़ी जिजस वह जानता न हो आएगा और उस

भारी ताड़ना दकर उसका भाग अकिवशवालिसयो क साथ ठहराएगा 47 और वह दास जो अपन सवामी की इचछा जानता था और तयार न रहा और न उस की इचछा क अनसार चला बहत मारखाएगा 48 परनत जो नही जानकर मार खान क योगय काम कर वह थोड़ी मार खाएगा इसलिलय जिजस बहत दिदया गया ह उस स बहत मागाजाएगा और जिजस बहत सौपा गया ह उस स बहत मागग 49 म पथवी पर आग लगान आया ह और कया चाहता ह कवल यह किक अभी सलग जाती 50 मझ तो एक बपकितसमा लना ह और जब तक वह न हो ल तब तक म कसी सकती म रहगा 51 कया तम समझत हो किक म पथवी पर धिमलाप करान आया ह म तम स कहता ह नही वरन अलग करान आया ह 52 कयोकिक अब स एक घर म पाच जन आपस म किवरोध रखग तीन दो स दो तीन स 53 किपता पतर स और पतर किपता स किवरोध रखगा मा बटी स और बटी मा स सास बह स और बह सास स किवरोध रखगी 54 और उस न भीड़ स भी कहा जब बादल को पकविचछम स उठत दखत हो तो तरनत कहत हो किक वषा0 होगी और ऐसा ही होता

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 21: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

ह 55 और जब दकविकखना चलती दखत हो तो कहत हो किक ल चलगी और ऐसा ही होता ह 56 ह कपदिटयो तम धरती और आका7 क रप म भद कर सकत हो परनत इस यग क किवषय म कयो भद करना नही जानत 57 और तम आप ही किनरण0य कयो नही कर लत किक उलिचत कया ह 58 जब त अपन मददई क साथ हाकिकम क पास जा रहा ह तो माग0 ही म उस स छटन का यतन कर ल ऐसा न हो किक वह तझ नयायी

क पास खीच ल जाए और नयायी तझ पयाद को सौप और पयादा तझ बनदीगह म डाल द 59 म तम स कहता ह किक जब तक त दमड़ी दमड़ी भर न दगा तब तक वहा स छटन न पाएगा

अधयाय१३

1 उस समय कछ लोग आ पहच और उस स उन गलीलिलयो की चचा0 करन लग जिजन का लोह पीलातस न उन ही क बलिलदानो क साथ धिमलाया था

2 यह सन उस न उन स उततर म यह कहा कया तम समझत हो किक य गलीली और सब गलीलिलयो स पापी थ किक उन पर ऐसी किवपभितत पड़ी

3 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम सब भी इसी रीकित स ना7 होग 4 या कया तम समझत हो किक व अठारह जन जिजन पर 7ीलोह का गममट किगरा और व दब कर मर गए यर7लम क और सब रहन

वालो स अधिधक अपराधी थ 5 म तम स कहता ह किक नही परनत यदिद तम मन न कि)राओग तो तम भी सब इसी रीकित स ना7 होग 6 कि)र उस न यह दeानत भी कहा किक किकसी की अगर की बारी म एक अजीर का पड़ लगा हआ था वह उस म )ल ढढ़न आया

परनत न पाया 7 तब उस न बारी क रखवाल स कहा दख तीन वष0 स म इस अजीर क पड़ म )ल ढढ़न आता ह परनत नही पाता इस काट डाल

किक यह भधिम को भी कयो रोक रह 8 उस न उस को उततर दिदया किक ह सवामी इस इस वष0 तो और रहन द किक म इस क चारो ओर खोदकर खाद डाल 9 सो आग को )ल तो भला नही तो उस काट डालना 10 सबत क दिदन वह एक आराधनालय म उपद7 कर रहा था 11 और दखो एक सतरी थी जिजस अठारह वष0 स एक द0बल करन वाली दeातमा लगी थी और वह कबड़ी हो गई थी और किकसी

रीकित स सीधी नही हो सकती थी 12 यी7 न उस दखकर बलाया और कहा ह नारी त अपनी द0बलता स छट गई 13 तब उस न उस पर हाथ रख और वह तरनत सीधी हो गई और परमशवर की बड़ाई करन लगी 14 इसलिलय किक यी7 न सबत क दिदन उस अचछा किकया था आराधनालय का सरदार रिरसयाकर लोगो स कहन लगा छ दिदन ह जिजन म काम करना चाकिहए सो उन ही दिदनो म आकर चग होओ परनत सबत क दिदन म नही

15 यह सन कर परभ न उततर दकर कहा ह कपदिटयो कया सबत क दिदन तम म स हर एक अपन बल या गदह को थान स खोलकर पानी किपलान नही ल जाता

16 और कया उलिचत न था किक यह सतरी जो इबराहीम की बटी ह जिजस 7तान न अठारह वष0 स बानध रखा था सबत क दिदन इस बनधन स छड़ाई जाती

17 जब उस न य बात कही तो उसक सब किवरोधी लकविजज़त हो गए और सारी भीड़ उन मकिहमा क कामो स जो वह करता था आनजिनदत हई

18 कि)र उस न कहा परमशवर का राजय किकस क समान ह और म उस की उपमा किकस स द 19 वह राई क एक दान क समान ह जिजस किकसी मनषय न लकर अपनी बारी म बोया और वह बढ़कर पड़ हो गया और आका7

क पभिकषयो न उस की डालिलयो पर बसरा किकया 20 उस न कि)र कहा म परमशवर क राजय किक उपमा किकस स द 21 वह खमीर क समान ह जिजस को किकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म धिमलाया और होत होत सब आटा खमीर हो गया 22 वह नगर नगर और गाव गाव होकर उपद7 करता हआ यर7लम की ओर जा रहा था 23 और किकसी न उस स पछा ह परभ कया उदधार पान वाल थोड़ ह 24 उस न उन स कहा सकत दवार स परव7 करन का यतन करो कयोकिक म तम स कहता ह किक बहतर परव7 करना चाहग और न

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 22: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

कर सक ग 25 जब घर का सवामी उठकर दवार बनद कर चका हो और तम बाहर खड़ हए दवार खटखटाकर कहन लगो ह परभ हमार लिलय खोल द और वह उततर द किक म तमह नही जानता तम कहा क हो 26 तब तम कहन लगोग किक हम न तर सामहन खाया पीया और त न हमार बजारो म उपद7 किकया 27 परनत वह कहगा म तम स कहता ह म नही जानता तम कहा स हो ह ककम0 करनवालो तम सब मझ स दर हो 28 वहा रोना और दात पीसना होगा जब तम इबराहीम और इसहाक और याकब और सब भकिवषयदवsाओ को परमशवर क राजय मबठ और अपन आप को बाहर किनकाल हए दखोग 29 और पव0 और पकविचछम उततर और दकविकखन स लोग आकर परमशवर क राजय क भोज म भागी होग 30 और दखो किकतन किपछल ह व परथम होग और किकतन जो परथम ह व किपछल होग 31 उसी घड़ी किकतन )रीलिसयो न आकर उस स कहा यहा स किनकलकर चला जा कयोकिक हरोदस तझ मार डालना चाहता ह 32 उस न उन स कहा जाकर उस लोमड़ी स कह दो किक दख म आज और कल दeातमाओ को किनकालता और किबमारो को चगा

करता ह और तीसर दिदन परा करगा 33 तौभी मझ आज और कल और परसो चलना अवशय ह कयोकिक हो नही सकता किक कोई भकिवषयदवsा यर7लम क बाहर माराजाए 34 ह यर7लम ह यर7लम त जो भकिवषयदवsाओ को मार डालती ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करती ह

किकतनी बार म न यह चाहा किक जस मगE अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठकर पर तम न यह न चाहा 35 दखो तमहारा घर तमहार लिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह और म तम स कहता ह जब तक तम न कहोग किक धनय ह वह जो परभ

क नाम स आता ह तब तक तम मझ कि)र कभी न दखोग

अधयाय१४

1 कि)र वह सबत क दिदन )रीलिसयो क सरदारो म स किकसी क घर म रोटी खान गया और व उस की घात म थ 2 और दखो एक मनषय उसक सामहन था जिजस जलनधर का रोग था 3 इस पर यी7 न वयवसथापको और )रीलिसयो स कहा कया सबत क दिदन अचछा करना उलिचत ह किक नही परनत व चपचाप रह 4 तब उस न उस हाथ लगा कर चगा किकया और जान दिदया 5 और उन स कहा किक तम म स ऐसा कौन ह जिजस का गदहा या बल कए म किगर जाए और वह सबत क दिदन उस तरनत बाहर न

किनकाल ल 6 व इन बातो का कछ उततर न द सक 7 जब उस न दखा किक नवताहारी लोग कयोकर मखय मखय जगह चन लत ह तो एक दeानत दकर उन स कहा 8 जब कोई तझ बयाह म बलाए तो मखय जगह म न बठना कही ऐसा न हो किक उस न तझ स भी किकसी बड़ को नवता दिदया हो 9 और जिजस न तझ और उस दोनो को नवता दिदया ह आकर तझ स कह किक इस को जगह द और तब तझ लकविजज़त होकर सब स

नीची जगह म बठना पड़ 10 पर जब त बलाया जाए तो सब स नीची जगह जा बठ किक जब वह जिजस न तझ नवता दिदया ह आए तो तझ स कह किक हधिमतर आग बढ़कर बठ तब तर साथ बठन वालो क सामहन तरी बड़ाई होगी 11 और जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 12 तब उस न अपन नवता दन वाल स भी कहा जब त दिदन का या रात का भोज कर तो अपन धिमतरो या भाइयो या कटमबिमबयो या

धनवान पड़ोलिसयो न बला कही ऐसा न हो किक व भी तझ नवता द और तरा बदला हो जाए 13 परनत जब त भोज कर तो कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को बला 14 तब त धनय होगा कयोकिक उन क पास तझ बदला दन को कछ नही परनत तझ धधिमय क जी उठन पर इस का परकित)लधिमलगा 15 उसक साथ भोजन करन वालो म स एक न य बात सनकर उस स कहा धनय ह वह जो परमशवर क राजय म रोटी खाएगा 16 उस न उस स कहा किकसी मनषय न बड़ी जवनार की और बहतो को बलाया 17 जब भोजन तयार हो गया तो उस न अपन दास क हाथ नवतहारिरयो को कहला भजा किक आओ अब भोजन तयार ह

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 23: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

18 पर व सब क सब कषमा मागन लग पकिहल न उस स कहा म न खत मोल लिलया ह और अवशय ह किक उस दख म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द

19 दसर न कहा म न पाच जोड़ बल मोल लिलए ह और उनह परखन जाता ह म तझ स किबनती करता ह मझ कषमा करा द 20 एक और न कहा म न बयाह किकया ह इसलिलय म नही आ सकता 21 उस दास न आकर अपन सवामी को य बात कह सनाई तब घर क सवामी न करोध म आकर अपन दास स कहा नगर क बाजारो

और गलिलयो म तरनत जाकर कगालो टणडो लगड़ो और अनधो को यहा ल आओ 22 दास न कि)र कहा ह सवामी जस त न कहा था वस ही किकया गया ह कि)र भी जगह ह 23 सवामी न दास स कहा सड़को पर और बाड़ो की ओर जाकर लोगो को बरबस ल ही आ ताकिक मरा घर भर जाए 24 कयोकिक म तम स कहता ह किक उन नवत हओ म स कोई मरी जवनार को न चखगा 25 और जब बड़ी भीड़ उसक साथ जा रही थी तो उस न पीछ कि)रकर उन स कहा 26 यदिद कोई मर पास आए और अपन किपता और माता और पतनी और लड़क बालो और भाइयो और बकिहनो बरन अपन परारण को

भी अकिपरय न जान तो वह मरा चला नही हो सकता 27 और जो कोई अपना करस न उठाए और मर पीछ न आए वह भी मरा चला नही हो सकता 28 तम म स कौन ह किक गढ़ बनाना चाहता हो और पकिहल बठकर खच0 न जोड़ किक परा करन की किबसात मर पास ह किक नही 29 कही ऐसा न हो किक जब नव डालकर तयार न कर सक तो सब दखन वाल यह कहकर उस ठटठो म उड़ान लग 30 किक यह मनषय बनान तो लगा पर तयार न कर सका 31 या कौन ऐसा राजा ह किक दसर राजा स यदध करन जाता हो और पकिहल बठकर किवचार न कर ल किक जो बीस हजार लकर

उसका सामहना कर सकता ह किक नही 32 नही तो उसक दर रहत ही वह दतो को भजकर धिमलाप करना चाहगा 33 इसी रीकित स तम म स जो कोई अपना सब कछ तयाग न द तो वह मरा चला नही हो सकता 34 नमक तो अचछा ह परनत यदिद नमक का सवाद किबगड़ जाए तो वह किकस वसत स सवादिदe किकया जाएगा 35 वह न तो भधिम क और न खाद क लिलय काम म आता ह उस तो लोग बाहर ) क दत ह जिजस क सनन क कान हो वह सन ल

अधयाय१५

1 सब चगी लन वाल और पापी उसक पास आया करत थ ताकिक उस की सन 2 और )रीसी और 7ासतरी कड़कड़ा कर कहन लग किक यह तो पाकिपयो स धिमलता ह और उन क साथ खाता भी ह 3 तब उस न उन स यह दeानत कहा 4 तम म स कौन ह जिजस की सौ भड़ हो और उन म स एक खो जाए तो किनननानव को जगल म छोड़कर उस खोई हई को जब तक

धिमल न जाए खोजता न रह 5 और जब धिमल जाती ह तब वह बड़ आननद स उस काध पर उठा लता ह 6 और घर म आकर धिमतरो और पड़ोलिसयो को इकटठ करक कहता ह मर साथ आननद करो कयोकिक मरी खोई हई भड़ धिमल गई ह 7 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रानवाल पापी क किवषय म भी सवग0 म इतना ही आननद होगा जिजतना किक किनननानव

ऐस धधिमय क किवषय नही होता जिजनह मन कि)रान की आवशयकता नही 8 या कौन ऐसी सतरी होगी जिजस क पास दस लिसकक हो और उन म स एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बहार कर

जब तक धिमल न जाए जी लगाकर खोजती न रह 9 और जब धिमल जाता ह तो वह अपन सखिखयो और पड़ोलिसकिनयो को इकटठी करक कहती ह किक मर साथ आननद करो कयोकिक मरा

खोया हआ लिसकका धिमल गया ह 10 म तम स कहता ह किक इसी रीकित स एक मन कि)रान वाल पापी क किवषय म परमशवर क सवग0दतो क सामहन आननद होता ह 11 कि)र उस न कहा किकसी मनषय क दो पतर थ 12 उन म स छटक न किपता स कहा किक ह किपता सपभितत म स जो भाग मरा हो वह मझ द दीजिजए उस न उन को अपनी सपभितत बाटदी 13 और बहत दिदन न बीत थ किक छटका पतर सब कछ इकटठा करक एक दर द7 को चला गया और वहा ककम0 म अपनी सपभितत उड़ा

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 24: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

दी 14 जब वह सब कछ खच0 कर चका तो उस द7 म बड़ा अकाल पड़ा और वह कगाल हो गया 15 और वह उस द7 क किनवालिसयो म स एक क यहा जा पड़ा उस न उस अपन खतो म सअर चरान क लिलय भजा 16 और वह चाहता था किक उन )लिलयो स जिजनह सअर खात थ अपना पट भर और उस कोई कछ नही दता था 17 जब वह अपन आप म आया तब कहन लगा किक मर किपता क किकतन ही मजदरो को भोजन स अधिधक रोटी धिमलती ह और म

यहा भखा मर रहा ह 18 म अब उठकर अपन किपता क पास जाऊगा और उस स कहगा किक किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकयाह 19 अब इस योगय नही रहा किक तरा पतर कहलाऊ मझ अपन एक मजदर की नाई रख ल 20 तब वह उठकर अपन किपता क पास चला वह अभी दर ही था किक उसक किपता न उस दखकर तरस खाया और दौड़कर उस

गल लगाया और बहत चमा 21 पतर न उस स कहा किपता जी म न सवग0 क किवरोध म और तरी दधिe म पाप किकया ह और अब इस योगय नही रहा किक तरा पतरकहलाऊ 22 परनत किपता न अपन दासो स कहा )ट अचछ स अचछा वसतर किनकालकर उस पकिहनाओ और उसक हाथ म अगठी और पावो म

जकितया पकिहनाओ 23 और पला हआ बछड़ा लाकर मारो ताकिक हम खाए और आननद मनाव 24 कयोकिक मरा यह पतर मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गया ह और व आननद करन लग 25 परनत उसका जठा पतर खत म था और जब वह आत हए घर क किनकट पहचा तो उस न गान बजान और नाचन का 7बदसना 26 और उस न एक दास को बलाकर पछा यह कया हो रहा ह 27 उस न उस स कहा तरा भाई आया ह और तर किपता न पला हआ बछड़ा कटवाया ह इसलिलय किक उस भला चगा पाया ह 28 यह सनकर वह करोध स भर गया और भीतर जाना न चाहा परनत उसका किपता बाहर आकर उस मनान लगा 29 उस न किपता को उततर दिदया किक दख म इतन वष0 स तरी सवा कर रहा ह और कभी भी तरी आजञा नही टाली तौभी त न मझ

कभी एक बकरी का बचचा भी न दिदया किक म अपन धिमतरो क साथ आननद करता 30 परनत जब तरा यह पतर जिजस न तरी सपभितत वशयाओ म उड़ा दी ह आया तो उसक लिलय त न पला हआ बछड़ा कटवाया 31 उस न उस स कहा पतर त सव0दा मर साथ ह और जो कछ मरा ह वह सब तरा ही ह 32 परनत अब आननद करना और मगन होना चाकिहए कयोकिक यह तरा भाई मर गया था कि)र जी गया ह खो गया था अब धिमल गयाह

अधयाय१६

1 कि)र उस न चलो स भी कहा किकसी धनवान का एक भणडारी था और लोगो न उसक सामहन उस पर यह दोष लगाया किक यह तरी सब सपभितत उड़ाए दता ह

2 सो उस न उस बलाकर कहा यह कया ह जो म तर किवषय म सन रहा ह अपन भणडारीपन का लखा द कयोकिक त आग को भणडारी नही रह सकता

3 तब भणडारी सोचन लगा किक अब म कया कर कयोकिक मरा सवामी अब भणडारी का काम मझ स छीन ल रहा ह धिमटटी तो मझ स खोदी नही जाती और भीख मागन स मझ लजज़ा आती ह

4 म समझ गया किक कया करगा ताकिक जब म भणडारी क काम स छड़ाया जाऊ तो लोग मझ अपन घरो म ल ल 5 और उस न अपन सवामी क दनदारो म स एक एक को बलाकर पकिहल स पछा किक तझ पर मर सवामी का कया आता ह 6 उस न कहा सौ मन तल तब उस न उस स कहा किक अपनी खाता- बही ल और बठकर तरनत पचास लिलख द 7 कि)र दसर स पछा तझ पर कया आता ह उस न कहा सौ मन गह तब उस न उस स कहा अपनी खाता- बही लकर अससी

लिलख द 8 सवामी न उस अधमE भणडारी को सराहा किक उस न चतराई स काम किकया ह कयोकिक इस ससार क लोग अपन समय क लोगो क

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 25: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

साथ रीकित वयवहारो म जयोकित क लोगो स अधिधक चतर ह 9 और म तम स कहता ह किक अधम0 क धन स अपन लिलय धिमतर बना लो ताकिक जब वह जाता रह तो व तमह अननत किनवासो म लल 10 जो थोड़ स थोड़ म सचचा ह वह बहत म भी सचचा ह और जो थोड़ स थोड़ म अधमE ह वह बहत म भी अधमE ह 11 इसलिलय जब तम अधम0 क धन म सचच न ठहर तो सचचा तमह कौन सौपगा 12 और यदिद तम पराय धन म सचच न ठहर तो जो तमहारा ह उस तमह कौन दगा 13 कोई दास दो सवाधिमयो की सवा नही कर सकता कयोकिक वह तो एक स बर और दसर स परम रखगा या एक स धिमल रहगा और

दसर को तचछ जानगा तम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 14 )रीसी जो लोभी थ य सब बात सन कर उस ठटठो म उड़ान लग 15 उस न उन स कहा तम तो मनषयो क सामहन अपन आप को धमE ठहरात हो परनत परमशवर तमहार मन को जानता ह कयोकिक

जो वसत मनषयो की दधिe म महान ह वह परमशवर क किनकट घभिरणत ह 16 वयवसथा और भकिवषयदवsा यहनना तक रह उस समय स परमशवर क राजय का ससमाचार सनाया जा रहा ह और हर कोई उस म

परबलता स परव7 करता ह 17 आका7 और पथवी का टल जाना वयवसथा क एक किबनद क धिमट जान स सहज ह 18 जो कोई अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह करता ह वह वयभिभचार करता ह और जो कोई ऐसी तयागी हई सतरी स बयाह

करता ह वह भी वयभिभचार करता ह 19 एक धनवान मनषय था जो बजनी कपड़ और मलमल पकिहनता और परकित दिदन सख- किवलास और धम- धाम क साथ रहता था 20 और लाजर नाम का एक कगाल घावो स भरा हआ उस की डवढ़ी पर छोड़ दिदया जाता था 21 और वह चाहता था किक धनवान की मज पर की जठन स अपना पट भर वरन कतत भी आकर उसक घावो को चाटत थ 22 और ऐसा हआ किक वह कगाल मर गया और सवग0दतो न उस लकर इबराहीम की गोद म पहचाया और वह धनवान भी मरा और

गाड़ा गया23 और अधोलोक म उस न पीड़ा म पड़ हए अपनी आख उठाई और दर स इबराहीम की गोद म लाजर को दखा 24 और उस न पकार कर कहा ह किपता इबराहीम मझ पर दया करक लाजर को भज द ताकिक वह अपनी उगली का लिसरा पानी म

भिभगो कर मरी जीभ को ठडी कर कयोकिक म इस जवाला म तड़प रहा ह 25 परनत इबराहीम न कहा ह पतर समररण कर किक त अपन जीवन म अचछी वसतए ल चका ह और वस ही लाजर बरी वसतए परनत

अब वह यहा 7ानतिनत पा रहा ह और त तड़प रहा ह 26 और इन सब बातो को छोड़ हमार और तमहार बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया ह किक जो यहा स उस पार तमहार पास जानाचाह व न जा सक और न कोई वहा स इस पार हमार पास आ सक 27 उस न कहा तो ह किपता म तझ स किबनती करता ह किक त उस मर किपता क घर भज 28 कयोकिक मर पाच भाई ह वह उन क सामहन इन बातो की गवाही द ऐसा न हो किक व भी इस पीड़ा की जगह म आए 29 इबराहीम न उस स कहा उन क पास तो मसा और भकिवषयदवsाओ की पसतक ह व उन की सन 30 उस न कहा नही ह किपता इबराहीम पर यदिद कोई मर हओ म स उन क पास जाए तो व मन कि)राएग 31 उस न उस स कहा किक जब व मसा और भकिवषयदवsाओ की नही सनत तो यदिद मर हओ म स कोई भी जी उठ तौभी उस की

नही मानग

अधयाय१७

1 कि)र उस न अपन चलो स कहा हो नही सकता किक ठोकर न लग परनत हाय उस मनषय पर जिजस क काररण व आती ह 2 जो इन छोटो म स किकसी एक को ठोकर खिखलाता ह उसक लिलय यह भला होता किक चककी का पाट उसक गल म लटकाया जाता

और वह समदर म डाल दिदया जाता 3 सचत रहो यदिद तरा भाई अपराध कर तो उस समझा और यदिद पछताए तो उस कषमा कर 4 यदिद दिदन भर म वह सात बार तरा अपराध कर और सातो बार तर पास कि)र आकर कह किक म पछताता ह तो उस कषमा कर 5 तब पररिरतो न परभ स कहा हमारा किवशवास बढ़ा

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 26: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

6 परभ न कहा किक यदिद तम को राई क दान क बराबर भी किवशवास होता तो तम इस तत क पड़ स कहत किक जड़ स उखड़कर समदर म लग जा तो वह तमहारी मान लता

7 पर तम म स ऐसा कौन ह जिजस का दास हल जोतता या भड़ चराता हो और जब वह खत स आए तो उस स कह तरनत आकर भोजन करन बठ

8 और यह न कह किक मरा खाना तयार कर और जब तक म खाऊ- पीऊ तब तक कमर बानधकर मरी सवा कर इस क बाद त भी खा पी लना

9 कया वह उस दास का किनहोरा मानगा किक उस न व ही काम किकए जिजस की आजञा दी गई थी 10 इसी रीकित स तम भी जब उन सब कामो को कर चको जिजस की आजञा तमह दी गई थी तो कहा हम किनकमम दास ह किक जो

हम करना चाकिहए था वही किकया ह 11 और ऐसा हआ किक वह यर7लम को जात हए सामरिरया और गलील क बीच स होकर जा रहा था 12 और किकसी गाव म परव7 करत समय उस दस कोढ़ी धिमल 13 और उनहोन दर खड़ होकर ऊच 7बद स कहा ह यी7 ह सवामी हम पर दया कर 14 उस न उनह दखकर कहा जाओ और अपन तई याजको को दिदखाओ और जात ही जात व 7दध हो गए 15 तब उन म स एक यह दखकर किक म चगा हो गया ह ऊच 7बद स परमशवर की बड़ाई करता हआ लौटा 16 और यी7 क पावो पर मह क बल किगरकर उसका धनयवाद करन लगा और वह सामरी था 17 इस पर यी7 न कहा कया दसो 7दध न हए तो कि)र व नौ कहा ह 18 कया इस परद7ी को छोड़ कोई और न किनकला जो परमशवर की बड़ाई करता 19 तब उस न उस स कहा उठकर चला जा तर किवशवास न तझ चगा किकया ह 20 जब )रीलिसयो न उस स पछा किक परमशवर का राजय कब आएगा तो उस न उन को उततर दिदया किक परमशवर का राजय परगट

रप स नही आता 21 और लोग यह न कहग किक दखो यहा ह या वहा ह कयोकिक दखो परमशवर का राजय तमहार बीच म ह 22 और उस न चलो स कहा व दिदन आएग जिजन म तम मनषय क पतर क दिदनो म स एक दिदन को दखना चाहोग और नही दखनपाओग 23 लोग तम स कहग दखो वहा ह या दखो यहा ह परनत तम चल न जाना और न उन क पीछ हो लना 24 कयोकिक जस किबजली आका7 की एक ओर स कौनधकर आका7 की दसरी ओर चमकती ह वस ही मनषय का पतर भी अपन दिदन म परगट होगा

25 परनत पकिहल अवशय ह किक वह बहत दख उठाए और इस यग क लोग उस तचछ ठहराए 26 जसा नह क दिदनो म हआ था वसा ही मनषय क पतर क दिदनो म भी होगा 27 जिजस दिदन तक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और उन म बयाह- 7ादी होती थी तब जल- परलय न

आकर उन सब को ना7 किकया 28 और जसा लत क दिदनो म हआ था किक लोग खात- पीत लन- दन करत पड़ लगात और घर बनात थ 29 परनत जिजस दिदन लत सदोम स किनकला उस दिदन आग और गनधक आका7 स बरसी और सब को ना7 कर दिदया 30 मनषय क पतर क परगट होन क दिदन भी ऐसा ही होगा 31 उस दिदन जो कोठ पर हो और उसका सामान घर म हो वह उस लन को न उतर और वस ही जो खत म हो वह पीछ न लौट 32 लत की पतनी को समररण रखो 33 जो कोई अपना परारण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई उस खोए वह उस जीकिवत रखगा 34 म तम स कहता ह उस रात दो मनषय एक खाट पर होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 35 दो मबिसतरया एक साथ चककी पीसती होगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 36 दो जन खत म होग एक ल लिलया जाएगा और दसरा छोड़ा जाएगा 37 यह सन उनहोन उस स पछा ह परभ यह कहा होगा उस न उन स कहा जहा लोथ ह वहा किगदध इकटठ होग

अधयाय१८

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 27: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

1 कि)र उस न इस क किवषय म किक किनतय पराथ0ना करना और किहयाव न छोड़ना चाकिहए उन स यह दeानत कहा 2 किक किकसी नगर म एक नयायी रहता था जो न परमशवर स डरता था और न किकसी मनषय की परवाह करता था 3 और उसी नगर म एक किवधवा भी रहती थी जो उसक पास आ आकर कहा करती थी किक मरा नयाय चकाकर मझ मददई स बचा 4 उस न किकतन समय तक तो न माना परनत अनत म मन म किवचारकर कहा यदयकिप म न परमशवर स डरता और न मनषयो की कछ

परवाह करता ह 5 तौभी यह किवधवा मझ सताती रहती ह इसलिलय म उसका नयाय चकाऊगा कही ऐसा न हो किक घड़ी घड़ी आकर अनत को मरा नाक म दम कर

6 परभ न कहा सनो किक यह अधमE नयायी कया कहता ह 7 सो कया परमशवर अपन चन हओ का नयाय न चकाएगा जो रात- दिदन उस की दहाई दत रहत और कया वह उन क किवषय म दरकरगा 8 म तम स कहता ह वह तरनत उन का नयाय चकाएगा तौभी मनषय का पतर जब आएगा तो कया वह पथवी पर किवशवास पाएगा 9 और उस न किकतनो स जो अपन ऊपर भरोसा रखत थ किक हम धमE ह और औरो को तचछ जानत थ यह दeानत कहा 10 किक दो मनषय मजिनदर म पराथ0ना करन क लिलय गए एक )रीसी था और दसरा चगी लन वाला 11 )रीसी खड़ा होकर अपन मन म यो पराथ0ना करन लगा किक ह परमशवर म तरा धनयवाद करता ह किक म और मनषयो की नाई

अनधर करन वाला अनयायी और वयभिभचारी नही और न इस चगी लन वाल क समान ह 12 म सपताह म दो बार उपवास करता ह म अपनी सब कमाई का दसवा अ7 भी दता ह 13 परनत चगी लन वाल न दर खड़ होकर सवग0 की ओर आख उठाना भी न चाहा वरन अपनी छाती पीट- पीटकर कहा ह परमशवर

मझ पापी पर दया कर 14 म तम स कहता ह किक वह दसरा नही परनत यही मनषय धमE ठहराया जाकर अपन घर गया कयोकिक जो कोई अपन आप को

बड़ा बनाएगा वह छोटा किकया जाएगा और जो अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा किकया जाएगा 15 कि)र लोग अपन बचचो को भी उसक पास लान लग किक वह उन पर हाथ रख और चलो न दख कर उनह डाटा 16 यी7 न बचचो को पास बलाकर कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोकिक परमशवर का राजय ऐसो ही

का ह 17 म तम स सच कहता ह किक जो कोई परमशवर क राजय को बालक की नाई गरहरण न करगा वह उस म कभी परव7 करन नपाएगा 18 किकसी सरदार न उस स पछा ह उततम गर अननत जीवन का अधिधकारी होन क लिलय म कया कर 19 यी7 न उस स कहा त मझ उततम कयो कहता ह कोई उततम नही कवल एक अथा0त परमशवर 20 त आजञाओ को तो जानता ह किक वयभिभचार न करना हतया न करना और चोरी न करना झठी गवाही न दना अपन किपता और

अपनी माता का आदर करना 21 उस न कहा म तो इन सब को लड़कपन ही स मानता आया ह 22 यह सन यी7 न उस स कहा तझ म अब भी एक बात की घटी ह अपना सब कछ बच कर कगालो को बाट द और तझ सवग0 म धन धिमलगा और आकर मर पीछ हो ल

23 वह यह सनकर बहत उदास हआ कयोकिक वह बड़ा धनी था 24 यी7 न उस दख कर कहा धनवानो का परमशवर क राजय म परव7 करना कसा कदिठन ह 25 परमशवर क राजय म धनवान क परव7 करन स ऊट का सई क नाक म स किनकल जाना सहज ह 26 और सनन वालो न कहा तो कि)र किकस का उदधार हो सकता ह 27 उस न कहा जो मनषय स नही हो सकता वह परमशवर स हो सकता ह 28 पतरस न कहा दख हम तो घर बार छोड़कर तर पीछ हो लिलय ह 29 उस न उन स कहा म तम स सच कहता ह किक ऐसा कोई नही जिजस न परमशवर क राजय क लिलय घर या पतनी या भाइयो या

माता किपता या लड़क- बालो को छोड़ दिदया हो 30 और इस समय कई गरणा अधिधक न पाए और परलोक म अननत जीवन 31 कि)र उस न बारहो को साथ लकर उन स कहा दखो हम यर7लम को जात ह और जिजतनी बात मनषय क पतर क लिलय

भकिवषयदवsाओ क दवारा लिलखी गई ह व सब परी होगी 32 कयोकिक वह अनयजाकितयो क हाथ म सौपा जाएगा और व उस ठटठो म उड़ाएग और उसका अपमान करग और उस पर थक ग 33 और उस कोड़ मारग और घात करग और वह तीसर दिदन जी उठगा

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 28: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

34 और उनहोन इन बातो म स कोई बात न समझी और यह बात उन म लिछपी रही और जो कहा गया था वह उन की समझ म नआया 35 जब वह यरीहो क किनकट पहचा तो एक अनधा सड़क क किकनार बठा हआ भीख माग रहा था 36 और वह भीड़ क चलन की आहट सनकर पछन लगा यह कया हो रहा ह 37 उनहोन उस को बताया किक यी7 नासरी जा रहा ह 38 तब उस न पकार क कहा ह यी7 दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 39 जो आग जात थ व उस डाटन लग किक चप रह परनत वह और भी लिचललान लगा किक ह दाऊद की सनतान मझ पर दया कर 40 तब यी7 न खड़ होकर आजञा दी किक उस मर पास लाओ और जब वह किनकट आया तो उस न उस स यह पछा 41 त कया चाहता ह किक म तर लिलय कर उस न कहा ह परभ यह किक म दखन लग 42 यी7 न उसस कहा दखन लग तर किवशवास न तझ अचछा कर दिदया ह 43 और वह तरनत दखन लगा और परमशवर की बड़ाई करता हआ उसक पीछ हो लिलया और सब लोगो न दख कर परमशवर की

सतकित की

अधयाय१९

1 वह यरीहो म परव7 करक जा रहा था 2 और दखो ज़ककई नाम एक मनषय था जो चगी लन वालो का सरदार और धनी था 3 वह यी7 को दखना चाहता था किक वह कौन सा ह परनत भीड़ क काररण दख न सकता था कयोकिक वह नाटा था 4 तब उस को दखन क लिलय वह आग दौड़कर एक गलर क पड़ पर चढ़ गया कयोकिक वह उसी माग0 स जान वाला था 5 जब यी7 उस जगह पहचा तो ऊपर दधिe कर क उस स कहा ह ज़ककई झट उतर आ कयोकिक आज मझ तर घर म रहना अवशयह 6 वह तरनत उतर कर आननद स उस अपन घर को ल गया 7 यह दख कर सब लोग कड़कड़ा कर कहन लग वह तो एक पापी मनषय क यहा जा उतरा ह 8 ज़ककई न खड़ होकर परभ स कहा ह परभ दख म अपनी आधी समपभितत कगालो को दता ह और यदिद किकसी का कछ भी अनयाय

करक ल लिलया ह तो उस चौगना )र दता ह 9 तब यी7 न उस स कहा आज इस घर म उदधार आया ह इसलिलय किक यह भी इबराहीम का एक पतर ह 10 कयोकिक मनषय का पतर खोए हओ को ढढ़न और उन का उदधार करन आया ह 11 जब व य बात सन रह थ तो उस न एक दeानत कहा इसलिलय किक वह यर7लम क किनकट था और व समझत थ किक परमशवर

का राजय अभी परगट हआ चाहता ह 12 सो उस न कहा एक धनी मनषय दर द7 को चला ताकिक राजपद पाकर कि)र आए 13 और उस न अपन दासो म स दस को बलाकर उनह दस महर दी और उन स कहा मर लौट आन तक लन- दन करना 14 परनत उसक नगर क रहन वाल उस स बर रखत थ और उसक पीछ दतो क दवारा कहला भजा किक हम नही चाहत किक यह हम

पर राजय कर 15 जब वह राजपद पाकर लौट आया तो ऐसा हआ किक उस न अपन दासो को जिजनह रोकड़ दी थी अपन पास बलवाया ताकिक

मालम कर किक उनहोन लन- दन स कया कया कमाया 16 तब पकिहल न आकर कहा ह सवामी तर मोहर स दस और मोहर कमाई ह 17 उस न उस स कहा धनय ह उततम दास तझ धनय ह त बहत ही थोड़ म किवशवासी किनकला अब दस नगरो पर अधिधकार रख 18 दसर न आकर कहा ह सवामी तरी मोहर स पाच और मोहर कमाई ह 19 उस न कहा किक त भी पाच नगरो पर हाकिकम हो जा 20 तीसर न आकर कहा ह सवामी दख तरी मोहर यह ह जिजस म न अगोछ म बानध रखी 21 कयोकिक म तझ स डरता था इसलिलय किक त कठोर मनषय ह जो त न नही रखा उस उठा लता ह और जो त न नही बोया उस

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 29: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

काटता ह 22 उस न उस स कहा ह दe दास म तर ही मह स तझ दोषी ठहराता ह त मझ जानता था किक कठोर मनषय ह जो म न नही

रखा उस उठा लता और जो म न नही बोया उस काटता ह 23 तो त न मर रपय कोठी म कयो नही रख दिदए किक म आकर बयाज समत ल लता 24 और जो लोग किनकट खड़ थ उस न उन स कहा वह मोहर उस स ल लो और जिजस क पास दस मोहर ह उस द दो 25 ( उनहोन उस स कहा ह सवामी उसक पास दस मोहर तो ह) 26 म तम स कहता ह किक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और जिजस क पास नही उस स वह भी जो उसक पास ह ल लिलयाजाएगा 27 परनत मर उन बरिरयो को जो नही चाहत थ किक म उन पर राजय कर उन को यहा लाकर मर सामन घात करो 28 य बात कहकर वह यर7लम की ओर उन क आग आग चला 29 और जब वह जतन नाम पहाड़ पर बत)ग और बतकिनयाह क पास पहचा तो उस न अपन चलो म स दो को यह कहक भजा 30 किक सामहन क गाव म जाओ और उस म पहचत ही एक गदही का बचचा जिजस पर कभी कोई सवार नही हआ बनधा हआ तमहधिमलगा उस खोल कर लाओ 31 और यदिद कोई तम स पछ किक कयो खोलत हो तो यह कह दना किक परभ को इस का परयोजन ह 32 जो भज गए थ उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया 33 जब व गदह क बचच को खोल रह थ तो उसक मालिलको न उन स पछा इस बचच को कयो खोलत हो 34 उनहोन कहा परभ को इस का परयोजन ह 35 व उस को यी7 क पास ल आए और अपन कपड़ उस बचच पर डालकर यी7 को उस पर सवार किकया 36 जब वह जा रहा था तो व अपन कपड़ माग0 म किबछात जात थ 37 और किनकट आत हए जब वह जतन पहाड़ की ढलान पर पहचा तो चलो की सारी मणडली उन सब सामथ0 क कामो क काररण जो

उनहोन दख थ आनजिनदत होकर बड़ 7बद स परमशवर की सतकित करन लगी 38 किक धनय ह वह राजा जो परभ क नाम स आता ह सवग0 म 7ानतिनत और आका7 मणडल म मकिहमा हो 39 तब भीड़ म स किकतन )रीसी उस स कहन लग ह गर अपन चलो को डाट 40 उस न उततर दिदया किक तम स कहता ह यदिद य चप रह तो पतथर लिचलला उठ ग 41 जब वह किनकट आया तो नगर को दखकर उस पर रोया 42 और कहा कया ही भला होता किक त हा त ही इसी दिदन म क7ल की बात जानता परनत अब व तरी आखो स लिछप गई ह 43 कयोकिक व दिदन तझ पर आएग किक तर बरी मोचा0 बानधकर तझ घर लग और चारो ओर स तझ दबाएग 44 और तझ और तर बालको को जो तझ म ह धिमटटी म धिमलाएग और तझ म पतथर पर पतथर भी न छोड़ग कयोकिक त न वह

अवसर जब तझ पर कपा दधिe की गई न पकिहचाना 45 तब वह मजिनदर म जाकर बचन वालो को बाहर किनकालन लगा 46 और उन स कहा लिलखा ह किक मरा घर पराथ0ना का घर होगा परनत तम न उस डाकओ की खोह बना दिदया ह 47 और वह परकित दिदन मजिनदर म उपद7 करता था और महायाजक और 7ासतरी और लोगो क रईस उस ना7 करन का अवसर ढढ़तथ 48 परनत कोई उपाय न किनकाल सक किक यह किकस परकार कर कयोकिक सब लोग बड़ी चाह स उस की सनत थ

अधयाय २०

1 एक दिदन ऐसा हआ किक जब वह मजिनदर म लोगो को उपद7 दता और ससमाचार सना रहा था तो महायाजक और 7ासतरी परकिनयो क साथ पास आकर खड़ हए

2 और कहन लग किक हम बता त इन कामो को किकस अधिधकार स करता ह और वह कौन ह जिजस न तझ यह अधिधकार दिदया ह 3 उस न उन को उततर दिदया किक म भी तम म स एक बात पछता ह मझ बताओ

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 30: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

4 यहनना का बपकितसमा सवग0 की ओर स था या मनषयो की ओर स था 5 तब व आपस म कहन लग किक यदिद हम कह सवग0 की ओर स तो वह कहगा कि)र तम न उस की परतीकित कयो न की 6 और यदिद हम कह मनषयो की ओर स तो सब लोग हम पतथरवाह करग कयोकिक व सचमच जानत ह किक यहनना भकिवषयदवsा था 7 सो उनहोन उततर दिदया हम नही जानत किक वह किकस की ओर स था 8 यी7 न उन स कहा तो म भी तम को नही बताता किक म य काम किकस अधिधकार स करता ह 9 तब वह लोगो स यह दeानत कहन लगा किक किकसी मनषय न दाख की बारी लगाई और किकसानो को उसका ठका द दिदया और बहत

दिदनो क लिलय परद7 चला गया 10 समय पर उस न किकसानो क पास एक दास को भजा किक व दाख की बारी क कछ )लो का भाग उस द पर किकसानो न उस

पीटकर छछ हाथ लौटा दिदया 11 कि)र उस न एक और दास को भजा ओर उनहोन उस भी पीटकर और उसका अपमान करक छछ हाथ लौटा दिदया 12 कि)र उस न तीसरा भजा और उनहोन उस भी घायल करक किनकाल दिदया 13 तब दाख की बारी क सवामी न कहा म कया कर म अपन किपरय पतर को भजगा कया जान व उसका आदर कर 14 जब किकसानो न उस दखा तो आपस म किवचार करन लग किक यह तो वारिरस ह आओ हम उस मार डाल किक धिमरास हमारी होजाए 15 और उनहोन उस दाख की बारी स बाहर किनकालकर मार डाला इसलिलय दाख की बारी का सवामी उन क साथ कया करगा 16 वह आकर उन किकसानो को ना7 करगा और दाख की बारी औरो को सौपगा यह सनकर उनहोन कहा परमशवर ऐसा न कर 17 उस न उन की ओर दखकर कहा कि)र यह कया लिलखा ह किक जिजस पतथर को राजधिममबिसतरयो न किनकममा ठहराया था वही कोन

का लिसरा हो गया 18 जो कोई उस पतथर पर किगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह किगरगा उस वह पीस डालगा 19 उसी घड़ी 7ामबिसतरयो और महायाजको न उस पकड़ना चाहा कयोकिक समझ गए किक उस न हम पर यह दeानत कहा परनत व

लोगो स डर 20 और व उस की ताक म लग और भदिदय भज किक धम0 का भष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ किक उस हाकिकम क हाथ

और अधिधकार म सौप द 21 उनहोन उस स यह पछा किक ह गर हम जानत ह किक त ठीक कहता और लिसखाता भी ह और किकसी का पकषपात नही करता

वरन परमशवर का माग0 सचचाई स बताता ह 22 कया हम कसर को कर दना उलिचत ह किक नही 23 उस न उन की चतराई को ताड़कर उन स कहा एक दीनार मझ दिदखाओ 24 इस पर किकस की मरतित और नाम ह उनहोन कहा कसर का 25 उस न उन स कहा तो जो कसर का ह वह कसर को दो और जो परमशवर का ह वह परमशवर को दो 26 व लोगो क सामहन उस बात को पकड़ न सक वरन उसक उततर स अचमभिमभत होकर चप रह गए 27 कि)र सदकी जो कहत ह किक मर हओ का जी उठना ह ही नही उन म स किकतनो न उसक पास आकर पछा 28 किक ह गर मसा न हमार लिलय यह लिलखा ह किक यदिद किकसी का भाई अपनी पतनी क रहत हए किबना सनतान मर जाए तो उसका

भाई उस की पतनी को बयाह ल और अपन भाई क लिलय व7 उतपनन कर 29 सो सात भाई थ पकिहला भाई बयाह करक किबना सनतान मर गया 30 कि)र दसर और तीसर न भी उस सतरी को बयाह लिलया 31 इसी रीकित स सातो किबना सनतान मर गए 32 सब क पीछ वह सतरी भी मर गई 33 सो जी उठन पर वह उन म स किकस की पतनी होगी कयोकिक वह सातो की पतनी हो चकी थी 34 यी7 न उन स कहा किक इस यग क सनतानो म तो बयाह 7ादी होती ह 35 पर जो लोग इस योगय ठहरग किक उस यग को और मर हओ म स जी उठना परापत कर उन म बयाह 7ादी न होगी 36 व कि)र मरन क भी नही कयोकिक व सवग0दतो क समान होग और जी उठन क सनतान होन स परमशवर क भी सनतान होग 37 परनत इस बात को किक मर हए जी उठत ह मसा न भी झाड़ी की कथा म परगट की ह किक वह परभ को इबराहीम का परमशवर

और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर कहता ह 38 परमशवर तो मरदो का नही परनत जीवतो का परमशवर ह कयोकिक उसक किनकट सब जीकिवत ह 39 तब यह सनकर 7ामबिसतरयो म स किकतनो न कहा किक ह गर त न अचछा कहा

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 31: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

40 और उनह कि)र उस स कछ और पछन का किहयाव न हआ 41 कि)र उस न उन स पछा मसीह को दाऊद का सनतान कयोकर कहत ह 42 दाऊद आप भजनसकिहता की पसतक म कहता ह किक परभ न मर परभ स कहा 43 मर दाकिहन बठ जब तक किक म तर बरिरयो को तर पावो क तल न कर द 44 दाऊद तो उस परभ कहता ह तो कि)र वह उस की सनतान कयोकर ठहरा 45 जब सब लोग सन रह थ तो उस न अपन चलो स कहा 46 7ामबिसतरयो स चौकस रहो जिजन को लमब लमब वसतर पकिहन हए कि)रना भला ह और जिजनह बाजारो म नमसकार और सभाओ म

मखय आसन और जवनारो म मखय सथान किपरय लगत ह 47 व किवधवाओ क घर खा जात ह और दिदखान क लिलय बड़ी दर तक पराथ0ना करत रहत ह य बहत ही दणड पाएग

अधयाय२१

1 कि)र उस न आख उठाकर धनवानो को अपना अपना दान भणडार म डालत दखा 2 और उस न एक कगाल किवधवा को भी उस म दो दमकिडय़ा डालत दखा 3 तब उस न कहा म तम स सच कहता ह किक इस कगाल किवधवा न सब स बढ़कर डाला ह 4 कयोकिक उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म स दान म कछ डाला ह परनत इस न अपनी घटी म स अपनी सारी जीकिवका डाल दी ह 5 जब किकतन लोग मजिनदर क किवषय म कह रह थ किक वह कस सनदर पतथरो और भट की वसतओ स सवारा गया ह तो उस न कहा 6 व दिदन आएग जिजन म यह सब जो तम दखत हो उन म स यहा किकसी पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया न जाएगा 7 उनहोन उस स पछा ह गर यह सब कब होगा और य बात जब परी होन पर होगी तो उस समय का कया लिचनह होगा 8 उस न कहा चौकस रहो किक भरमाए न जाओ कयोकिक बहतर मर नाम स आकर कहग किक म वही ह और यह भी किक समय

किनकट आ पहचा ह तम उन क पीछ न चल जाना 9 और जब तम लड़ाइयो और बलवो की चचा0 सनो तो घबरा न जाना कयोकिक इन का पकिहल होना अवशय ह परनत उस समय तरनत

अनत न होगा 10 तब उस न उन स कहा किक जाकित पर जाकित और राजय पर राजय चढ़ाई करगा 11 और बड़ बड़ भईडोल होग और जगह जगह अकाल और मरिरया पड़गी और आका7 म भयकर बात और बड़ बड़ लिचनह परगटहोग 12 परनत इन सब बातो स पकिहल व मर नाम क काररण तमह पकड़ग और सताएग और पचायतो म सौपग और बनदीगह मडलवाएग और राजाओ और हाकिकमो क सामहन ल जाएग 13 पर यह तमहार लिलय गवाही दन का अवसर हो जाएगा 14 इसलिलय अपन अपन मन म ठान रखो किक हम पकिहल स उततर दन की लिचनता न करग 15 कयोकिक म तमह ऐसा बोल और बजिदध दगा किक तमहार सब किवरोधी सामहना या खणडन न कर सक ग 16 और तमहार माता किपता और भाई और कटमब और धिमतर भी तमह पकड़वाएग यहा तक किक तम म स किकतनो को मरवा डालग 17 और मर नाम क काररण सब लोग तम स बर करग 18 परनत तमहार लिसर का एक बाल भी बाका न होगा 19 अपन धीरज स तम अपन परारणो को बचाए रखोग 20 जब तम यर7लम को सनाओ स धिघरा हआ दखो तो जान लना किक उसका उजड़ जाना किनकट ह 21 तब जो यहदिदया म हो वह पहाड़ो पर भाग जाए और जो यर7लम क भीतर हो व बाहर किनकल जाए और जो गावो म हो व

उस म न जाए 22 कयोकिक यह पलटा लन क ऐस दिदन होग जिजन म लिलखी हई सब बात परी हो जाएगी 23 उन दिदनो म जो गभ0वती और दध किपलाती होगी उन क लिलय हाय हाय कयोकिक द7 म बड़ा कल7 और इन लोगो पर बड़ी

आपभितत होगी

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 32: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

24 व तलवार क कौर हो जाएग और सब द7ो क लोगो म बनधए होकर पहचाए जाएग और जब तक अनय जाकितयो का समय परा न हो तब तक यर7लम अनय जाकितयो स रौदा जाएगा

25 और सरज और चानद और तारो म लिचनह दिदखाई दग और पथवी पर द7 द7 क लोगो को सकट होगा कयोकिक व समदर क गरजन और लहरो क कोलाहल स घबरा जाएग

26 और भय क काररण और ससार पर आनवाली घटनाओ की बाट दखत दखत लोगो क जी म जी न रहगा कयोकिक आका7 की 7लिsया किहलाई जाएगी

27 तब व मनषय क पतर को सामथ0 और बड़ी मकिहमा क साथ बादल पर आत दखग 28 जब य बात होन लग तो सीध होकर अपन लिसर ऊपर उठाना कयोकिक तमहारा छटकारा किनकट होगा 29 उस न उन स एक दeानत भी कहा किक अजीर क पड़ और सब पड़ो को दखो 30 जयोकिह उन की कोपल किनकलती ह तो तम दखकर आप ही जान लत हो किक गरीषम काल किनकट ह 31 इसी रीकित स जब तम य बात होत दखो तब जान लो किक परमशवर का राजय किनकट ह 32 म तम स सच कहता ह किक जब तक य सब बात न हो ल तब तक इस पीढ़ी का कदाकिप अनत न होगा 33 आका7 और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 34 इसलिलय सावधान रहो ऐसा न हो किक तमहार मन खमार और मतवालपन और इस जीवन की लिचनताओ स ससत हो जाए और

वह दिदन तम पर )नद की नाई अचानक आ पड़ 35 कयोकिक वह सारी पथवी क सब रहन वालो पर इसी परकार आ पड़गा 36 इसलिलय जागत रहो और हर समय पराथ0ना करत रहो किक तम इन सब आन वाली घटनाओ स बचन और मनषय क पतर क सामहन

खड़ होन क योगय बनो 37 और वह दिदन को मजिनदर म उपद7 करता था और रात को बाहर जाकर जतन नाम पहाड़ पर रहा करता था 38 और भोर को तड़क सब लोग उस की सनन क लिलय मजिनदर म उसक पास आया करत थ

अधयाय२२

1 अखमीरी रोटी का परववव0 जो )सह कहलाता ह किनकट था 2 और महायाजक और 7ासतरी इस बात की खोज म थ किक उस को कयोकर मार डाल पर व लोगो स डरत थ 3 और 7तान यहदा म समाया जो इसकरिरयोती कहलाता और बारह चलो म किगना जाता था 4 उस न जाकर महायाजको और पहरओ क सरदारो क साथ बातचीत की किक उस को किकस परकार उन क हाथ पकड़वाए 5 व आनजिनदत हए और उस रपय दन का वचन दिदया 6 उस न मान लिलया और अवसर ढढ़न लगा किक किबना उपदरव क उस उन क हाथ पकड़वा द 7 तब अखमीरी रोटी क परववव0 का दिदन आया जिजस म )सह का ममना बली करना अवशय था 8 और यी7 न पतरस और यहनना को यह कहकर भजा किक जाकर हमार खान क लिलय )सह तयार करो 9 उनहोन उस स पछा त कहा चाहता ह किक हम तयार कर 10 उस न उन स कहा दखो नगर म परव7 करत ही एक मनषय जल का घड़ा उठाए हए तमह धिमलगा जिजस घर म वह जाए तम

उसक पीछ चल जाना 11 और उस घर क सवामी स कहो किक गर तझ स कहता ह किक वह पाहन7ाला कहा ह जिजस म म अपन चलो क साथ )सहखाऊ 12 वह तमह एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिदखा दगा वहा तयारी करना 13 उनहोन जाकर जसा उस न उन स कहा था वसा ही पाया और )सह तयार किकया 14 जब घड़ी पहची तो वह पररिरतो क साथ भोजन करन बठा 15 और उस न उन स कहा मझ बड़ी लालसा थी किक दख- भोगन स पकिहल यह )सह तमहार साथ खाऊ 16 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक वह परमशवर क राजय म परा न हो तब तक म उस कभी न खाऊगा

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 33: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

17 तब उस न कटोरा लकर धनयवाद किकया और कहा इस को लो और आपस म बाट लो 18 कयोकिक म तम स कहता ह किक जब तक परमशवर का राजय न आए तब तक म दाख रस अब स कभी न पीऊगा 19 कि)र उस न रोटी ली और धनयवाद करक तोड़ी और उन को यह कहत हए दी किक यह मरी दह ह जो तमहार लिलय दी जाती ह

मर समररण क लिलय यही किकया करो 20 इसी रीकित स उस न किबयारी क बाद कटोरा भी यह कहत हए दिदया किक यह कटोरा मर उस लोह म जो तमहार लिलय बहाया जाता ह

नई वाचा ह21 पर दखो मर पकड़वान वाल का हाथ मर साथ मज पर ह 22 कयोकिक मनषय का पतर तो जसा उसक लिलय ठहराया गया जाता ही ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा वह पकड़वाया जाता ह 23 तब व आपस म पछ पाछ करन लग किक हम म स कौन ह जो यह काम करगा 24 उन म यह वाद- किववाद भी हआ किक हम म स कौन बड़ा समझा जाता ह 25 उस न उन स कहा अनयजाकितयो क राजा उन पर परभता करत ह और जो उन पर अधिधकार रखत ह व उपकारक कहलात ह 26 परनत तम ऐस न होना वरन जो तम म बड़ा ह वह छोट की नाई और जो परधान ह वह सवक की नाई बन 27 कयोकिक बड़ा कौन ह वह जो भोजन पर बठा या वह जो सवा करता ह कया वह नही जो भोजन पर बठा ह पर म तमहार बीच म सवक की नाई ह

28 परनत तम वह हो जो मरी परीकषाओ म लगातार मर साथ रह 29 और जस मर किपता न मर लिलय एक राजय ठहराया ह 30 वस ही म भी तमहार लिलय ठहराता ह ताकिक तम मर राजय म मरी मज पर खाओ-किपओ वरन सिसहासनो पर बठकर इसतराएल क

बारह गोतरो का नयाय करो 31 7मौन ह 7मौन दख 7तान न तम लोगो को माग लिलया ह किक गह की नाई )टक 32 परनत म न तर लिलय किबनती की किक तरा किवशवास जाता न रह और जब त कि)र तो अपन भाइयो को कविसथर करना 33 उस न उस स कहा ह परभ म तर साथ बनदीगह जान वरन मरन को भी तयार ह 34 उस न कहा ह पतरस म तझ स कहता ह किक आज मग0 बाग न दगा जब तक त तीन बार मरा इनकार न कर लगा किक म उस

नही जानता 35 और उस न उन स कहा किक जब म न तमह बटए और झोली और जत किबना भजा था तो कया तम को किकसी वसत की घटी हई थी उनहोन कहा किकसी वसत की नही 36 उस न उन स कहा परनत अब जिजस क पास बटआ हो वह उस ल और वस ही झोली भी और जिजस क पास तलवार न हो वह

अपन कपड़ बचकर एक मोल ल 37 कयोकिक म तम स कहता ह किक यह जो लिलखा ह किक वह अपराधिधयो क साथ किगना गया उसका मझ म परा होना अवशय ह

कयोकिक मर किवषय की बात परी होन पर ह 38 उनहोन कहा ह परभ दख यहा दो तलवार ह उस न उन स कहा बहत ह 39 तब वह बाहर किनकलकर अपनी रीकित क अनसार जतन क पहाड़ पर गया और चल उसक पीछ हो लिलए 40 उस जगह पहचकर उस न उन स कहा पराथ0ना करो किक तम परीकषा म न पड़ो 41 और वह आप उन स अलग एक ढला ) कन क टपप भर गया और घटन टक कर पराथ0ना करन लगा 42 किक ह किपता यदिद त चाह तो इस कटोर को मर पास स हटा ल तौभी मरी नही परनत तरी ही इचछा परी हो 43 तब सवग0 स एक दत उस को दिदखाई दिदया जो उस सामथ0 दता था 44 और वह अतयनत सकट म वयाकल होकर और भी हरदय वदना स पराथ0ना करन लगा और उसका पसीना मानो लोह की बड़ी बड़ी

बनदो की नाई भधिम पर किगर रहा था 45 तब वह पराथ0ना स उठा और अपन चलो क पास आकर उनह उदासी क मार सोता पाया और उन स कहा कयो सोत हो 46 उठो पराथ0ना करो किक परीकषा म न पड़ो 47 वह यह कह ही रहा था किक दखो एक भीड़ आई और उन बारहो म स एक जिजस का नाम यहदा था उनक आग आग आ रहाथा वह यी7 क पास आया किक उसका चमा ल 48 यी7 न उस स कहा ह यहदा कया त चमा लकर मनषय क पतर को पकड़वाता ह 49 उसक सालिथयो न जब दखा किक कया होनवाला ह कहा ह परभ कया हम तलवार चलाए 50 और उन म स एक न महायाजक क दास पर चलाकर उसका दाकिहना कान उड़ा दिदया

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 34: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

51 इस पर यी7 न कहा अब बस करो और उसका कान छकर उस अचछा किकया 52 तब यी7 न महायाजको और मजिनदर क पहरओ क सरदारो और परकिनयो स जो उस पर चढ़ आए थ कहा कया तम मझ डाक

जानकर तलवार और लादिठया लिलए हए किनकल हो 53 जब म मजिनदर म हर दिदन तमहार साथ था तो तम न मझ पर हाथ न डाला पर यह तमहारी घड़ी ह और अनधकार का अधिधकारह 54 कि)र व उस पकड़कर ल चल और महायाजक क घर म लाए और पतरस दर ही दर उसक पीछ पीछ चलता था 55 और जब व आगन म आग सलगाकर इकटठ बठ तो पतरस भी उन क बीच म बठ गया 56 और एक लौडी उस आग क उजिजयाल म बठ दखकर और उस की ओर ताककर कहन लगी यह भी तो उसक साथ था 57 परनत उस न यह कहकर इनकार किकया किक ह नारी म उस नही जानता 58 थोड़ी दर बाद किकसी और न उस दखकर कहा त भी तो उनही म स ह पतरस न कहा ह मनषय म नही ह 59 कोई घट भर क बाद एक और मनषय दढ़ता स कहन लगा किनशचय यह भी तो उसक साथ था कयोकिक यह गलीली ह 60 पतरस न कहा ह मनषय म नही जानता किक त कया कहता ह वह कह ही रहा था किक तरनत मग0 न बाग दी 61 तब परभ न घमकर पतरस की ओर दखा और पतरस को परभ की वह बात याद आई जो उस न कही थी किक आज मग0 क बाग

दन स पकिहल त तीन बार मरा इनकार करगा 62 और वह बाहर किनकलकर )ट )ट कर रोन लगा 63 जो मनषय यी7 को पकड़ हए थ व उस ठटठो म उड़ाकर पीटन लग 64 और उस की आख ढापकर उस स पछा किक भकिवषयदवारणी करक बता किक तझ किकसन मारा 65 और उनहोन बहत सी और भी किननदा की बात उसक किवरोध म कही 66 जब दिदन हआ तो लोगो क परिरनए और महायाजक और 7ासतरी इकटठ हए और उस अपनी महासभा म लाकर पछा 67 यदिद त मसीह ह तो हम स कह द उस न उन स कहा यदिद म तम स कह तो परतीकित न करोग 68 और यदिद पछ तो उततर न दोग 69 परनत अब स मनषय का पतर सव07लिsमान परमशवर की दाकिहनी और बठा रहगा 70 इस पर सब न कहा तो कया त परमशवर का पतर ह उस न उन स कहा तम आप ही कहत हो कयोकिक म ह 71 तब उनहोन कहा अब हम गवाही का कया परयोजन ह कयोकिक हम न आप ही उसक मह स सन लिलया ह

अधयाय२३

1 तब सारी सभा उठकर उस पीलातस क पास ल गई 2 और व यह कहकर उस पर दोष लगान लग किक हम न इस लोगो को बहकात और कसर को कर दन स मना करत और अपन

आप को मसीह राजा कहत हए सना ह 3 पीलातस न उस स पछा कया त यहदिदयो का राजा ह उस न उस उततर दिदया किक त आप ही कह रहा ह 4 तब पीलातस न महायाजको और लोगो स कहा म इस मनषय म कछ दोष नही पाता 5 पर व और भी दढ़ता स कहन लग यह गलील स लकर यहा तक सार यहदिदया म उपद7 द द कर लोगो को उकसाता ह 6 यह सनकर पीलातस न पछा कया यह मनषय गलीली ह 7 और यह जानकर किक वह हरोदस की रिरयासत का ह उस हरोदस क पास भज दिदया कयोकिक उन दिदनो म वह भी यर7लम मथा 8 हरोदस यी7 को दखकर बहत ही परसनन हआ कयोकिक वह बहत दिदनो स उस को दखना चाहता था इसलिलय किक उसक किवषय म

सना था और उसका कछ लिचनह दखन की आ7ा रखता था 9 वह उस स बहतरी बात पछता रहा पर उस न उस को कछ भी उततर न दिदया 10 और महायाजक और 7ासतरी खड़ हए तन मन स उस पर दोष लगात रह 11 तब हरोदस न अपन लिसपाकिहयो क साथ उसका अपमान करक ठटठो म उड़ाया और भड़कीला वसतर पकिहनाकर उस पीलातस क

पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

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पास लौटा दिदया 12 उसी दिदन पीलातस और हरोदस धिमतर हो गए इसक पकिहल व एक दसर क बरी थ 13 पीलातस न महायाजको और सरदारो और लोगो को बलाकर उन स कहा 14 तम इस मनषय को लोगो का बहकान वाला ठहराकर मर पास लाए हो और दखो म न तमहार सामहन उस की जाच की पर

जिजन बातो का तम उस पर दोष लगात हो उन बातो क किवषय म म न उस म कछ भी दोष नही पाया ह 15 न हरोदस न कयोकिक उस न उस हमार पास लौटा दिदया ह और दखो उस स ऐसा कछ नही हआ किक वह मतय क दणड क योगय

ठहराया जाए 16 इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह 17 तब सब धिमलकर लिचलला उठ 18 इस का काम तमाम कर और हमार लिलय बरअबबा को छोड़ द 19 यही किकसी बलव क काररण जो नगर म हआ था और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था 20 पर पीलातस न यी7 को छोड़न की इचछा स लोगो को कि)र समझाया 21 परनत उनहोन लिचललाकर कहा किक उस करस पर चढ़ा करस पर 22 उस न तीसरी बार उन स कहा कयो उस न कौन सी बराई की ह म न उस म मतय दणड क योगय कोई बात नही पाई इसलिलय म उस किपटवाकर छोड़ दता ह

23 परनत व लिचलला- लिचलला कर पीछ पड़ गए किक वह करस पर चढ़ाया जाए और उन का लिचललाना परबल हआ 24 सो पीलातस न आजञा दी किक उन की किबनती क अनसार किकया जाए 25 और उस न उस मनषय को जो बलव और हतया क काररण बनदीगह म डाला गया था और जिजस व मागत थ छोड़ दिदया और

यी7 को उन की इचछा क अनसार सौप दिदया 26 जब व उस लिलए जात थ तो उनहोन 7मौन नाम एक करनी को जो गाव स आ रहा था पकड़कर उस पर करस को लाद दिदया किक

उस यी7 क पीछ पीछ ल चल 27 और लोगो की बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और बहत सी मबिसतरया भी जो उसक लिलय छाती- पीटती और किवलाप करती थी 28 यी7 न उन की ओर कि)रकर कहा ह यर7लम की पकितरयो मर लिलय मत रोओ परनत अपन और अपन बालको क लिलय रोओ 29 कयोकिक दखो व दिदन आत ह जिजन म कहग धनय ह व जो बाझ ह और व गभ0 जो न जन और व सतन जिजनहो न दध नकिपलाया 30 उस समय व पहाड़ो स कहन लगग किक हम पर किगरो और टीलो स किक हम ढाप लो 31 कयोकिक जब व हर पड़ क साथ ऐसा करत ह तो सख क साथ कया कछ न किकया जाएगा 32 व और दो मनषयो को भी जो ककमE थ उसक साथ घात करन को ल चल 33 जब व उस जगह जिजस खोपड़ी कहत ह पहच तो उनहोन वहा उस और उन ककिकम0यो को भी एक को दाकिहनी और और दसर को

बाई और करसो पर चढ़ाया 34 तब यी7 न कहा ह किपता इनह कषमा कर कयोकिक य नही जानत किक कया कर रह ह और उनहोन लिचदिटठया डालकर उसक कपड़

बाट लिलए 35 लोग खड़ खड़ दख रह थ और सरदार भी ठटठा कर करक कहत थ किक इस न औरो को बचाया यदिद यह परमशवर का मसीह ह

और उसका चना हआ ह तो अपन आप को बचा ल 36 लिसपाही भी पास आकर और लिसरका दकर उसका ठटठा करक कहत थ 37 यदिद त यहदिदयो का राजा ह तो अपन आप को बचा 38 और उसक ऊपर एक पतर भी लगा था किक यह यहदिदयो का राजा ह 39 जो ककमE लटकाए गए थ उन म स एक न उस की किननदा करक कहा कया त मसीह नही तो कि)र अपन आप को और हमबचा 40 इस पर दसर न उस डाटकर कहा कया त परमशवर स भी नही डरता त भी तो वही दणड पा रहा ह 41 और हम तो नयायानसार दणड पा रह ह कयोकिक हम अपन कामो का ठीक )ल पा रह ह पर इस न कोई अनलिचत काम नहीकिकया 42 तब उस न कहा ह यी7 जब त अपन राजय म आए तो मरी सधिध लना 43 उस न उस स कहा म तझ स सच कहता ह किक आज ही त मर साथ सवग0लोक म होगा 44 और लगभग दो पहर स तीसर पहर तक सार द7 म अमबिनधयारा छाया रहा

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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मततीमरकसलकायहनना

पररीतो क काम ( चलो क काम)

Page 36: WordPress.com€¦  · Web viewअध्याय.१. 1 इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में

45 और सय0 का उजिजयाला जाता रहा और मजिनदर का परदा बीच म )ट गया 46 और यी7 न बड़ 7बद स पकार कर कहा ह किपता म अपनी आतमा तर हाथो म सौपता ह और यह कहकर परारण छोड़ दिदए 47 सबदार न जो कछ हआ था दखकर परमशवर की बड़ाई की और कहा किनशचय यह मनषय धमE था 48 और भीड़ जो यह दखन को इकटठी हई भी इस घटना को दखकर छाती- पीटती हई लौट गई 49 और उसक सब जान पहचान और जो मबिसतरया गलील स उसक साथ आई थी दर खड़ी हई यह सब दख रही थी 50 और दखो यस) नाम एक मनतरी जो सजजन और धमE परष था 51 और उन क किवचार और उन क इस काम स परसनन न था और वह यहदिदयो क नगर अरिरमतीया का रहनवाला और परमशवर क

राजय की बाट जोहनवाला था 52 उस न पीलातस क पास जाकर यी7 की लोथ माग ली 53 और उस उतारकर चादर म लपटा और एक कबर म रखा जो चटटान म खोदी हई थी और उस म कोई कभी न रखा गया था 54 वह तयारी का दिदन था और सबत का दिदन आरमभ होन पर था 55 और उन मबिसतरयो न जो उसक साथ गलील स आई थी पीछ पीछ जाकर उस कबर को दखा और यह भी किक उस की लोथ किकस

रीकित स रखी गई ह 56 और लौटकर सगमबिनधत वसतए और इतर तयार किकया और सबत क दिदन तो उनहोन आजञा क अनसार किवशराम किकया

अधयाय२४

1 परनत सपताह क पकिहल दिदन बड़ भोर को व उन सगमबिनधत वसतओ को जो उनहोन तयार की थी ल कर कबर पर आई 2 और उनहोन पतथर को कबर पर स लढ़का हआ पाया 3 और भीतर जाकर परभ यी7 की लोथ न पाई 4 जब व इस बात स भौचककी हो रही थी तो दखो दो परष झलकत वसतर पकिहन हए उन क पास आ खड़ हए 5 जब व डर गई और धरती की ओर मह झकाए रही तो उनहोन उन न कहा तम जीवत को मर हओ म कयो ढढ़ती हो 6 वह यहा नही परनत जी उठा ह समररण करो किक उस न गलील म रहत हए तम स कहा था 7 किक अवशय ह किक मनषय का पतर पाकिपयो क हाथ म पकड़वाया जाए और करस पर चढ़ाया जाए और तीसर दिदन जी उठ 8 तब उस की बात उन को समररण आई 9 और कबर स लौटकर उनहोन उन गयारहो को और और सब को य बात कह सनाई 10 जिजनहो न पररिरतो स य बात कही व मरिरयम मगदलीनी और योअनना और याकब की माता मरिरयम और उन क साथ की और मबिसतरया

भी थी 11 परनत उन की बात उनह कहानी सी समझ पड़ी और उनहोन उन की परतीकित न की 12 तब पतरस उठकर कबर पर दौड़ गया और झककर कवल कपड़ पड़ दख और जो हआ था उस स अचमभा करता हआ अपन

घर चला गया 13 दखो उसी दिदन उन म स दो जन इममाऊस नाम एक गाव को जा रह थ जो यर7लम स कोई सात मील की दरी पर था 14 और व इन सब बातो पर जो हई थी आपस म बातचीत करत जा रह थ 15 और जब व आपस म बातचीत और पछताछ कर रह थ तो यी7 आप पास आकर उन क साथ हो लिलया 16 परनत उन की आख ऐसी बनद कर दी गई थी किक उस पकिहचान न सक 17 उस न उन स पछा य कया बात ह जो तम चलत चलत आपस म करत हो व उदास स खड़ रह गए 18 यह सनकर उनम स कविकलयपास नाम एक वयलिs न कहा कया त यर7लम म अकला परद7ी ह जो नही जानता किक इन दिदनो म उस म कया कया हआ ह

19 उस न उन स पछा कौन सी बात उनहोन उस स कहा यी7 नासरी क किवषय म जो परमशवर और सब लोगो क किनकट काम और वचन म सामथE भकिवषयदवsा था

20 और महायाजको और हमार सरदारो न उस पकड़वा दिदया किक उस पर मतय की आजञा दी जाए और उस करस पर चढ़वाया 21 परनत हम आ7ा थी किक यही इसतराएल को छटकारा दगा और इन सब बातो क लिसवाय इस घटना को हए तीसरा दिदन ह 22 और हम म स कई मबिसतरयो न भी हम आशचय0 म डाल दिदया ह जो भोर को कबर पर गई थी

23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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पररीतो क काम ( चलो क काम)

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23 और जब उस की लोथ न पाई तो यह कहती हई आई किक हम न सवग0दतो का द70न पाया जिजनहो न कहा किक वह जीकिवत ह 24 तब हमार सालिथयो म स कई एक कबर पर गए और जसा मबिसतरयो न कहा था वसा ही पाया परनत उस को न दखा 25 तब उस न उन स कहा ह किनब0जिदधयो और भकिवषयदवsाओ की सब बातो पर किवशवास करन म मनदमकितयो 26 कया अवशय न था किक मसीह य दख उठाकर अपनी मकिहमा म परव7 कर 27 तब उस न मसा स और सब भकिवषयदवsाओ स आरमभ करक सार पकिवतर 7ासतरो म स अपन किवषय म की बातो का अथ0 उनह

समझा दिदया 28 इतन म व उस गाव क पास पहच जहा व जा रह थ और उसक ढग स ऐसा जान पड़ा किक वह आग बढ़ना चाहता ह 29 परनत उनहोन यह कहकर उस रोका किक हमार साथ रह कयोकिक सधया हो चली ह और दिदन अब बहत ढल गया ह तब वह उन

क साथ रहन क लिलय भीतर गया 30 जब वह उन क साथ भोजन करन बठा तो उस न रोटी लकर धनयवाद किकया और उस तोड़कर उन को दन लगा 31 तब उन की आख खल गई और उनहोन उस पहचान लिलया और वह उन की आखो स लिछप गया 32 उनहोन आपस म कहा जब वह माग0 म हम स बात करता था और पकिवतर 7ासतर का अथ0 हम समझाता था तो कया हमार मन म

उततजना न उतपनन हई 33 व उसी घड़ी उठकर यर7लम को लौट गए और उन गयारहो और उन क सालिथयो को इकटठ पाया 34 व कहत थ परभ सचमच जी उठा ह और 7मौन को दिदखाई दिदया ह 35 तब उनहोन माग0 की बात उनह बता दी और यह भी किक उनहोन उस रोटी तोड़त समय कयोकर पहचाना 36 व य बात कह ही रह य किक वह आप ही उन क बीच म आ खड़ा हआ और उन स कहा तमह 7ानतिनत धिमल 37 परनत व घबरा गए और डर गए और समझ किक हम किकसी भत को दखत ह 38 उस न उन स कहा कयो घबरात हो और तमहार मन म कयो सनदह उठत ह 39 मर हाथ और मर पाव को दखो किक म वही ह मझ छकर दखो कयोकिक आतमा क हडडी मास नही होता जसा मझ म दखत हो 40 यह कहकर उस न उनह अपन हाथ पाव दिदखाए 41 जब आननद क मार उन को परतीकित न हई और आशचय0 करत थ तो उस न उन स पछा कया यहा तमहार पास कछ भोजन ह 42 उनहोन उस भनी मछली का टकड़ा दिदया 43 उस न लकर उन क सामहन खाया 44 कि)र उस न उन स कहा य मरी व बात ह जो म न तमहार साथ रहत हए तम स कही थी किक अवशय ह किक जिजतनी बात मसा

की वयवसथा और भकिवषयदवsाओ और भजनो की पसतको म मर किवषय म लिलखी ह सब परी हो 45 तब उस न पकिवतर 7ासतर बझन क लिलय उन की समझ खोल दी 46 और उन स कहा यो लिलखा ह किक मसीह द ख उठाएगा और तीसर दिदन मर हओ म स जी उठगा 47 और यर7लम स लकर सब जाकितयो म मन कि)राव का और पापो की कषमा का परचार उसी क नाम स किकया जाएगा 48 तम इन सब बात क गवाह हो 49 और दखो जिजस की परकितजञा मर किपता न की ह म उस को तम पर उतारगा और जब तक सवग0 स सामथ0 न पाओ तब तक तम

इसी नगर म ठहर रहो 50 तब वह उनह बतकिनययाह तक बाहर ल गया और अपन हाथ उठाकर उनह आ7ीष दी 51 और उनह आ7ीष दत हए वह उन स अलग हो गया और सवग0 स उठा लिलया गया 52 और व उस को दणडवत करक बड़ आननद स यर7लम को लौट गए 53 और लगातार मजिनदर म उपकविसथत होकर परमशवर की सतकित किकया करत थ

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पररीतो क काम ( चलो क काम)

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