श्री प्रकास ी न्दीस्तााी टी ाीका ...ट ट...

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ी कास ीााी ाीकी ा ीा᠀ी कास ीााी ाीकी ा ीा᠀काशक ी ााक ञापीठ काशक ी ााक ञापीठ , , ससाीा ससाीा 1 / 1254 / 1254

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  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 11 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    श्री ाा ा᠀ ीााी

    प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टीाीका ी भाीाकर

    श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    प्रकाशक

    श्री प्रााी टाक ञाी टपीठी टकु्द ड रोड, स साीा, स ा ी टपु्द , उ.प्र.

    www.spjin.org

    सीारधधिका सु्द धका (चौपाई छरोडक ) © २०१५, श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ ा््ञस्तापी.डी.एफ. संस्तक ा – २०१र

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 22 / 1254/ 1254

    http://www.spjin.org/

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    अी टु्दक्र᠀णाका अी टु्दभूी᠀का 8

    1 कछु्द इी ट ीीधि ीकिरो ास 14

    2 िाी क रो ाु्द᠀ साक ्ी

    (साक करो प्र्रोधि)

    24

    3 साक सकल ाु्द᠀ िाी क रो 51

    4 ी टा कछू ᠀ी ट ᠀े ी टा कछू धचा (लीला करो प्रकास रोी टा - आत्᠀ा करो प्रकास उप्िरो)

    59

    5 श्री सु्दंी ्ाई स्तिा᠀ा्ी अीाा (श्री सु्दंी ्ाई केुं अंा यिाी ट की ्ीाक)

    82

    6 ओी ओी क ाी ीफ ो (ीीलाप) 121

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 33 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    7 ᠀ेुं ी सैिल ेुं (्ााी भाखा का ीीलाप)

    200

    8 पु्दका चलेुं ᠀ेुं ेुं ीपउ्ी 2189 एक लीरो िाी आीेुं स ी (चौपाई प्रगाी )ै

    243

    10 ीीी टाी एक सु्दी टरो ᠀ेुं ेुं पिा ेुं (सु्दन्दी साक की ीीी टाी)

    268

    11 आपी ट ᠀े ्ठैेुं आधिा 30012 ᠀ैं ललखूं श्री धिी टी्ी केुं गु्दी ट 31713 सु्दी टरो साक ᠀ेुं ेुं सस ीा

    (साक करो ससखापी ट)378

    14 ᠀ेुं ेुं अंधि अभागी ्ीी (्ीी करो ससखापी ट)

    382

    15 ᠀ेुं ेुं ्ीी अभागी ेुं 390

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 44 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    16 ᠀ेुं ेुं ्ीी सरो ागी ेुं 40817 ᠀ेुं ेुं साक सरो ागी ेुं 41518 श्री धिी टी्ी केुं लागूं पाए 43719 अखंड ीडंीा करं प ी टा᠀ 44620 अ् करं अस्ताु्दा आधिा

    (अस्ताु्दा क गु्दी ट ीफ ाए ैं)466

    21 सु्दी ट ᠀ेुं ेुं ्ीी क ू ंीाृांा (्ीी करो ससखापी ट)

    588

    22 आंखां खरोल ाू ंआप अपी टी 62023 ीा ी टेुं ्ाऊं ीी ट ाए ीलभ की 63224 अ् अस्ताु्दा ऊप एक ीीी टाी क ूं 65525 भा प रो धाी ट ी टनी करो

    (्ााी प्र्रोधि - कााी टी करो द्रष्टांा)680

    26 भा प रो ी टनी ᠀रो की 708

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  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    27 अ् ाू ंस्ी ट भूल आा᠀ ᠀ेुं ी 73028 भरो ी ाू ंी ट भूल इदं्राीाी 74129 ᠀ैं ्ाीू ट ंीी टधि एकली लेुंऊं

    (लख᠀ी्ी करो दष्टांा)752

    30 सरोई ी टेुं सरोई सूाेुं किा क रो ्ी (प्रगा्ाी टी प्रकास की)

    825

    31 े्ुं ी केुं साकी सु्दी टरो ( े्ुं ी ीाी टी) 88732 रो ीाी टी ्ांधिरो क᠀ ाु्द᠀ ्ांधिरो

    (ीधूि पाी टी का ीी ट े्ुं ा)1027

    33 सु्दीी टिरो साक क ू ंीीचा (श्री भागीा करो सा )

    1053

    34 अ् क ू ंसरो ी ीेुं ख (पख पु्दष्ट ᠀ ्ाी प्रीा )

    1092

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    35 अ् कछु्द क ᠀ैं अपी टी करं (गु्दी टी ट की आसंका)

    1114

    36 गु्दी ट केुं ाेुं क ू ं᠀ेुं ेुं ीपउ ्ी 112837 ीी ट्ी टा᠀ श्री ्ी साी ् ्ी

    (श्री प्रकाीााी)1135

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    श्री कु्द ल्᠀ स्तीरप

    ीी ट्ी टा᠀ श्री ्ी सा ेुं् ्ी, अी टाीी अक ााीात।

    सरो ारो अ् ्ा ेुं भए, स् ीीधि ीाी ट सी ात। त।

    प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी - ्ं्ू

    अाीा ᠀े ि ूीी स᠀ा् ग ी ट अन्दधिका ᠀े डू्ा ु्दआकात। ी ीी टारि ी ी ट न क पा ा का ीक ी ीकसेुंअपी टा आ ायि ्ी टािेुं औ ीकस प्रका उसकी उपासी टाक ेुंत।

    ऐसेुं ीीका स᠀ि ᠀े ीाऊी पगैम् का प्रकाी ट ु्दआ,स्न्द ोी टेुं अपी टेुं ्ं्ू गन्दक सेुं स᠀स्ता ि ूीी स᠀ा् करोस्तपष्ट रप सेुं एकेुं श् ीाी का ीी टीरनश ीीिात। पर ाा᠀स्तीरप, ीीशा ीी ीी ट स᠀ा् एक प ्र कीउपासी टा की ओ चल पडात।

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  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ्ं्ू का अकर रोाा ै प्रकाश क ी टेुं ीालात। ीाऊी ी टेुंअपी टेुं अलौीकक ञाी ट सेुं अञाी टाा केुं अन्दधिका ᠀ेभाकाेुं ु्दए स᠀ा् करो प्रकाश केुं स्तीवा᠀ पक प चली टाससखािात। ीीीीा रो ीक सत्ि सी टााी ट ीैीीक धि᠀र सेुं ीपा सी ᠀ा प्रका ु्दआ, स्ससेुं ि ूीी ᠀ा ीी टकलात। इसीि ूीी ᠀ा सेुं ईसाई एीं ᠀ु्दसस्तल᠀ स᠀ा् की उत्पलत ु्दईत। ओल्ड ाेुंस्ताा᠀ेुंन्दा (पु्द ाी टेुं ीीधिाी ट) का एक भाग ्ं्ू ै,ारो ीसू ा भाग ाौ ेुंात। ््ीक न्दिू ाेुंस्ताा᠀ेुंन्दा (ी टीीी टीीधिाी ट) इं् ील क लािात।

    ि ककाी टक ्ागी टी लीला ᠀े इस प्रका घीाा रोाा -ै सीगु्दरु धिी टी श्री ीेुंीचन्दद्र ्ी केुं अन्दाधिारी ट रोी टेुं केुंपश्चाा् सु्दन्दी साक ᠀े अन्दधिका छा गिात। प ᠀धिा᠀ कीीााी केुं अीा ा ी ट रोी टेुं सेुं प्रािः श सभी करो अक ााीाकेुं साक अपी टेुं अखणड सम्न्दधि का ्रोधि ी ट न कात। कु्द छ

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 99 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ी टेुं ारो ि ᠀ाी ट ललिा ीक ᠀ा ेुं धिी टी प ᠀धिा᠀ चलेुं गिेुं ैंत। इसकेुं साक ी कु्द छ ी टेुं ि भी ᠀ाी ट ललिा ीक ीेुंअपी टी गाीी ᠀े ्ठैेुं ैंत। ी् ा ी ्ी केुं गाीी प ्ठैी टेुं केुंपश्चाा् ारो ् ु्दसंयिक सु्दन्दी साक ᠀े ि धिा ाा ी ्ी टगिी की ीक ᠀ा ेुं धिा᠀ धिी टी श्री ी् ा ी ्ी केुं अन्दी ीी ा्᠀ाी ट ैं, किोीक ीेुं ी गाीी प ्ठैेुं ैंत।

    प ᠀धिा᠀ की आत्᠀ाओं करो इी ट भासन्दािो सेुं ीी टकाली टेुंकेुं ललिेुं बशेुं ᠀े ी ास गन्दक केुं साक प्रकाश गु्द् ााीका अीा ा ु्दआ, स्सका ी न्दीु्दस्तााी टी भाषा ᠀ेरपान्दा ा धिा᠀ धिी टी केुं आीेुंश सेुं अीू टप श ᠀े ु्दआत। ि क ी टा कीाीप उधचा ी ट न ै ीक श्री ᠀ ा᠀धा ्ी ी टेुंप्रकाश गु्द् ााी का ी न्दी ु्दस्तााी टी भाषा ᠀े अी टु्दीाी ीकिात। ीस्ताु्दाः श प्रकाश गु्द् ााी एीं ी न्दी ु्दस्तााी टी, ीरोी टो ी गन्दकश्री ा् ्ी केुं आीेुंश सेुं अीार ा ु्दए ैंत। ्् प्र. ी .

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1010 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ४/१४ ᠀े स्तीिं ᠀ ा᠀धा ्ी क ाेुं ैं ीक "ए ीची ट᠀ ा᠀धा सेुं प्रगा ी ट रोए", ारो उन्द े प्रकाश गु्द् ााी िाकलश गु्द् ााी का ी न्दी ु्दस्तााी टी भाषा ᠀े अी टु्दीाी क ी टेुंीाला कैसेुं क ा ्ा सकाा ै?

    िकाकराा ारो ि ैीक श्री ᠀ ा᠀धा ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀ेीी ा्᠀ाी ट रोक स्तीिं अक ााीा ी टेुं ी प्रकाश गु्द् ााीएीं कलश गु्द् ााी करो ी न्दी ु्दस्तााी टी भाषा ᠀े प्रका ीकिा तै। गु्द् ााी एीं ी न्दी ु्दस्तााी टी केुं ीरोी टो गन्दको काअीलरोकी ट क ी टेुं प ि स्तपष्ट रोाा ै ीक ीरोी टो गन्दको ᠀ेकई चौपाइिो का प्रसंग ीसू ेुं ᠀े ी ट न तै। संयिा की दीष्टसेुं भी इी ट᠀े अन्दा तै। ्सैेुं प्रकाश गु्द् ााी ᠀े १०६४चौपाइिाँ ैं, ््ीक प्रकाश ी न्दी ु्दस्तााी टी ᠀े ११र५चौपाइिाँ ैंत। इसी प्रका कलश गु्द् ााी ᠀े ᠀ात ५०६चौपाइिाँ ैं औ कलश ी न्दी ु्दस्तााी टी ᠀े ७७१ चौपाइिाँ

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1111 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ैंत।

    ्सैा ीक पूीर ᠀े ि क ा ्ा चु्दका ै ीक प्रकाश ीााीकेुं अीा ा का ᠀ु्दयि उदेुंदि ै, इस प ᠀ सत्ि कास्तपष्ट ीी टरपा क ी टा ीक श्री ीेुंीचन्दद्र ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀ेलीला क ी टेुं ीालेुं अक ााीा अपी टी समपाूर शरोभा केुंसाक श्री ᠀ ा᠀धा ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀े ीी ा्᠀ाी ट रोक लीला क ेुं ैंत। ्रो उन्द े ी ट न प चाी टेुंगा , ी अन्दाारोगत्ीा पश्चाााप केुं ी आँसू ् ािेुंगात। संकेुंप ᠀ेप्रकाश ीााी केुं िेुं अंश ीेुंखी टेुं िरोयि ैं-

    ी टनी उडाए ्रो ीेुंलखए आपी ट, ारो आए ैं आप लेुं ीी टधि ्ीत।

    प्र. ी . २/४

    सरो रोसी टाई लेुं ाा ा᠀ की, आए आपी ट ᠀े आधिा ्ीत।

    प्र. ी . २/१५

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1212 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    अ् इी ट उ्ालेुं ्रो ी ट पेुं ेुंचाी टरो, ारो आपी ट ्डेुं गु्दन्द ेुंगा ्ीत।

    प्र. ी . २/१६

    ी ीेुं ्ठै क ेुं ीची ट ए , का ी ट साक ीकए सी टेुं त।

    प्र. ी . ४/२

    धाी ट का ी ट ाु्द᠀ सु्दीी टिरो साक, आपी ट ᠀े आए प्रााी टाकत।

    प्र. ी . ४/६

    श्री प्रााी टाक ्ी केुं स्तीरप की प चाी ट ीेुंी टेुं केुं साक-साक प्रकाश ीााी सेुं ीी का ी ीी ट᠀रल झ ी टा ् ाा ,ै स्सकेुं ᠀धिु्द ्ल का सास्तीाीी ट ीकिेुं ी्ी टा आत्᠀-्ागधा केुं ीीिव्ि ᠀ ल ᠀े प्रीेुंश ी ट न ीकिा ्ा सकाात। " े्ुं ी ीााी" का अी टु्दप᠀ ञाी ट ् ाँ प्रत्िेुंक ्रीाीी करोअपी टी ओ आकरषा क ाा ै, ी न "प्रका ीााी" की᠀ी टरो ᠀ उीकिाँ स्का ᠀ी ट ᠀रो लेुंाी ैं ीक ीकस प्रका ᠀ात ११र चौपाइिो ᠀े ी समपूार लीला (प ᠀धिा᠀,

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1313 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    व्र्, ास, ाका ्ागी टी) करो स᠀ाी ा क ीीिा गिा तै। अ् प्रस्ताु्दा ,ै प्रकाश ीााी की अ᠀ृा धिा ा-

    कछु्द इी ट ीीधि ीकिरो ास, खेुंल ीफ ेुं घ त।

    खेुंल ीेुंखी ट केुं का ी टेुं, आइिां उ᠀ेुंीां क त। त। १त। त।

    प्रााेुंश् अक ााीा ी टेुं कु्द छ इस प्रका की ीीधचत लीलाकी, स्स᠀े ᠀ सभी सलखिाँ िरोग᠀ािा केुं ्राणड ᠀े ास खेुंली टेुं केुं पश्चाा् प ᠀धिा᠀ प ु्द ँची औ अपी टेुं ᠀ूलाी टो ᠀े ्ागा ु्दईतं। ीकन्दाु्द अभी भी ᠀ा ेुं ᠀ी ट ᠀े ᠀ािाका खेुंल ीेुंखी टेुं की इचछा ्ी टी ु्दई की, इसललिेुं ᠀ इसी टश् ्गा ᠀े पु्दी टः श आिन, स्ससेुं ीक ᠀ािा का खेुंल पू ीा (्ी भ क ) ीेुंख सकेत।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1414 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    उ᠀ेुंीां ी ट ु्दइिां पू ी ट, धिाख ᠀ी ट ᠀े ीत।

    ा् धिी टी्ीऐ अंा गा, ु्दक᠀ ीकिरो स ीत। त। २त। त।

    व्र्- ास की लीला ᠀े ᠀ािा का खेुंल ीेुंखी टेुं की ᠀ा ीइचछा िकाकर रप सेुं पूार ी ट न रो सकी कीत। ी ्ा -्ा ᠀ा ेुं ᠀ी ट ᠀े कचरोााी (ाडपााी) ाी कीत। इसललिेुं धिा᠀ धिी टी ी टेुं ᠀ा ी इचछा करो पाूर क ी टेुं केुं ललिेुंकाल᠀ािा का ि ी टिा ्राणड ्ी टाी टेुं का आीेुंश ीीिात।

    भाीाकर- अपी टी अपाूर इचछा करो पाूर क ी टेुं केुं ललिेुं᠀ी ट ᠀े ्रो प्र्ल चा ी टा रोाी ै, उसेुं धिाख खी टा क ाेुं ैंत। िदीप "अन्दागरा" का ᠀ूल आशि "अन्दी " सेुं ललिा्ााा ,ै ीकन्दाु्द उप रोक चौपाई केुं ाीस ेुं च ा ᠀े आएशबी "अंा गा" का ाात्पिर ्राणड सेुं तै। इस सम्न्दधि᠀े ाा ा᠀ ीााी केुं िेुं ककी ट ीेुंखी टेुं िरोयि ैं-

    १. अन्दा गा ्राणड के, सीा सा ेुं् केुं ्ू त।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1515 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ीक ांी ट ६५/१र

    २. सु्दन्दी ्ाई अन्दा गा क ेुं, प्रकास ीची ट अधा भा ी ्ीत।

    प्र. ी . ३/२

    ३. धचा ᠀े चेुंाी ट अन्दा गा आपेुं, सकल ᠀े िा स᠀ाईत।

    ीक ांी ट १र/६

    ४. ए ीाी टी धिी टी अन्दा गा क ी, केुं ी टेुं की सरोभा काल्ु्दा करो भईत।

    प्र. ी . २९/५

    ५. अन्दा गा ᠀े ेुं ेुं गए, धिी टी केुं ीरो एक ीची टत।

    ीक ांी ट ९६/१५

    ा् ाीस रो चकेुं खेुंल, स्तिा᠀ा्ी आए इात।

    ा् ᠀ भी आइिां धाा, स्तिा᠀ा्ी खेुंलेुं स्ात। त। ३त। त।

    ा् धिा᠀ धिी टी ी टेुं अपी टेुं आीेुंश सेुं इस ्राणड की

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1616 / 1254/ 1254

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    ची टा क ीािीत। इस᠀े ्ागी टी लीला केुं रप ᠀े ाीस ाखेुंल चल ा तै। दिा᠀ा ्ी इसी ्राणड ᠀े आक लीला क ी ैंत। उी टकेुं साक ᠀ स् सलखिाँ भी्ागी टी लीला ᠀े भाग लेुंी टेुं केुं ललिेुं आिी ु्दई ैंत।

    भाीाकर- इस ्राणड की ची टा क ीाी टेुं का ाात्पिर᠀ात इस सौ ᠀णडल ीालेुं ्राणड सेुं ै , असंयियलैसकसिो ीाली इस समपूार सृीष्ट (स᠀ीष्ट ्राणड) सेुंी ट नत। ि ीीीीा रो ीक ीी ट ार काओं सेुं सीरीा ी ᠀ा ेुंसौ ᠀णडल ्ैसेुं अी टेुंको सौ ᠀णडल ्ी टाेुं ाेुं ैंत। इन्द े ी ्रोल चाल की भाषा ᠀े ी टिेुं ्राणड का ्ी टी टा क सकाेुं ैंत।

    ्् व्र् लीला ᠀ात पृथीी लरोक ᠀े अीार ा ु्दई की,ारो ास केुं स᠀ि पृथीी सी ा समपाूर सौ ᠀णडल (सूिर+ ी टी ग + सभी उपग ) का ी लि क ी टा उधचा

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1717 / 1254/ 1254

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    ,ै असंयि ीी ट ार काओं ीालेुं इस समपूार ्गा का लिक ी टा कभी भी न्दिािरोधचा ी ट न क ा ्ा सकाात।

    ि यिाी ट खी टेुं िरोयि ाथि ैीक इस सृीष्ट ᠀े अ् ाकलगभग ५ अ ् ीी ट ार काओं का पाा चला ै, स्स᠀े ᠀ा ी ीी ट ार का (आकाश गंगा, यलकैसी) ᠀े लगभग ३अ ् ी टकत (ाा ेुं, सूिर) ैंत। ᠀ा ी पृथीी ्सैी लगभग२० क रोड पृसथीिाँ इस आकाशगंगा ᠀े ैंत। ऐसी सस्तकधा᠀े समपाूर सृीष्ट का लि क ी टा ईश् ीि ᠀िारीा केुं ीीप ीालगाा तै।

    व्र् लीला ᠀े भाग लेुंी टेुं ीालेुं ्ीीो करो ी केुं ीलअखणड ᠀ु्दीक ी᠀ली की, सा ी सृीष्ट करो ी ट नत। पथृीी लरोक(सौ ᠀णडल) केुं सभी प्राणािो करो ्् अखणड ᠀ु्दीक᠀ात इस ्ागी टी लीला ᠀े ी᠀ली टी ै , ारो असंयि पथृीीलरोको करो लि क ी टा िु्दीकसंगा ी ट न लगाात। क . ी .

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1818 / 1254/ 1254

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    २३/७६ ᠀े क ा गिा -ै

    पेुं ेुंलेुं दषे्ट ᠀ा ेुं ्रो आइिा, ाेुंाेुं ी᠀ी टेुं उ्ासत।

    ᠀ खेुंलेुं धाी ट उ्ास ᠀े, औ लरोक स्करो ी टासत। त।

    ीस्ताु्दाः श सौ ᠀णडल करो ी लरोक भाषा (पौ ाणाक᠀ान्दिाा) ᠀े १४ लरोको केुं ्राणड की संञा ीी ्ासकाी तै। ्ागी टी ्राणड केुं रप ᠀े इसी की उत्पलत ु्दई ै औ इसी का ास केुं स᠀ि ᠀े प्रलि क ीीिागिा कात। (इस सम्न्दधि ᠀े ीीस्तााृ ञाी ट केुं ललिेुं कृपिा"्राणड स्ति" ी टा᠀क गन्दक का अीलरोकी ट क )े

    िदीप चौपाई की प्रक᠀ पींक केुं शासबीक अकर सेुं ऐसाप्राीा रो ा ै ीक दिा᠀ा ्ी ी टेुं इस खेुंल करो ्ी टािा ,ै ीकन्दाु्द सू्ष᠀ आशि ि ी ै ीक खेुंल करो धिा᠀ धिी टी ी टेुं्ी टािा ,ै किोीक समपाूर लीला श्री ा् ्ी केुं आीेुंशसेुं ी रो ी तै। इी ट लीलाओं ᠀े दिा᠀ा ्ी प भी ी टनी

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 1919 / 1254/ 1254

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    का आी ा ा ,ै इसललिेुं ीेुं स्तीिं ी खेुंल करो ी ट न्ी टा सकानत। दिा᠀ा ्ी केुं ललिेुं अधाशि शरोभािु्दकशबीाीली केुं प्रिरोग केुं का ा इस ा की ्ाा क ी ्ासकाी ,ै ीकन्दाु्द उसका भी गु्द्य ाात्पिर खेुंल ्ी टीाी टेुं सेुं ,ै खेुंल ्ी टाी टेुं सेुं ी ट नत।

    स्तिा᠀ा्ी करो धिीी टऐं, आीेुंस अपी टरो ीीिरोत।

    स् केुं ेुं केुं कीका, ु्दक᠀ ऐसरो ीकिरोत। त। ४त। त।

    दिा᠀ ्ी केुं ᠀सन्दी ᠀े श्री दिा᠀ा ्ी (श्री ीेुंीचन्दद्र ्ी)करो ीप्रिा᠀ अक ााीा ी टेुं अपी टेुं आीेुंश स्तीरप सेुं ीशरी टीीिा औ उी टकेुं धिा᠀ हीि ᠀े ीी ा्᠀ाी ट ु्दएत। ीााारलापकेुं ᠀यि ᠀े उन्द ोी टेुं प ᠀धिा᠀ सेुं सलखिो केुं दा ा व्र्- ास ᠀े आी टेुं केुं पश्चाा् इस ्ागी टी ्राणड ᠀े आी टेुं काीारी ट ीकिा ाका उन्द े आीेुंश ीीिा ीक सभी आत्᠀ाओं

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2020 / 1254/ 1254

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    करो ्ागा क केुं लेुं आओ, ाभी प ᠀धिा᠀ चल सकेगेुंत।

    भाीाकर- प ᠀धिा᠀ ᠀े अक ााीा का ीू ट ᠀िी स्तीरपीीद᠀ाी ट तै। ी काल᠀ािा िा िरोग᠀ािा ᠀े ी ट न आसकाात। ि ी का ा ै ीक उी टका आीेुंश स्तीरप ीकाल᠀ािा िा िरोग᠀ािा ᠀े लीला क ाा तै। ि स्तीरपउी टकेुं हीि की इचछा (आीेुंश) सेुं प्रका ु्दआ रोाा ैाका ीू ट ᠀िी स्तीरप ्सैा ी प्राीा रोाा तै। इसकीलीला करो अक ााीा की लीला क ाेुं ैंत। इसकी शरोभा,शीक, ञाी ट, आीी सभी ीी टधधििाँ ीू ट ᠀िी स्तीरप ्सैी ी प्राीा रोाी ैंत। दिा᠀ा ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀े ीी ा्᠀ाी ट रोी टेुं करो ी, उन्द े अपी टा आीेुंश ीेुंी टा क ा गिा तै।

    इदं्राीाी लागेुं पाए, सु्दी टरो पिा ेुं साक ्ीत।

    ाु्द᠀ चेुंारो इी ट अीस , आिरो ै ाक ्ीत। त। ५त। त।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2121 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    स् सु्दन्दी साक केुं च ाो ᠀े प्राा᠀ क ाेुं ु्दए श्रीइन्दद्राीाी ्ी क ाी ैं ीक ेुं प्रााीप्रि सु्दन्दी साक ्ी !᠀ेुं ी ्ाा सु्दीी टिेुंत। अक ााीा करो र झाी टेुं केुं ललिेुं आपकरोि सु्दी ट ा अीस प्राप ु्दआ ै, स्सेुं आप िव्िकर ᠀े ी टगँीाइिेुंत। इस ्ागी टी ्राणड ᠀े ीप्रिा᠀ करो अपी टेुं धिा᠀हीि ᠀े ्सा लेुंी टेुं केुं प्रधा साीधिाी ट रो ्ाइएत।

    भाीाकर- इस चौपाई केुं प्रक᠀ च ा ᠀े ि संशि रोाा ै ीक श्री इन्दद्राीाी ्ी ीकसकेुं च ाो ᠀े प्राा᠀ क केुंक ी ,ै श्री ा् ्ी केुं िा सु्दन्दी साक केुं ?

    इसकेुं स᠀ाधिाी ट ᠀े ि ी क ा ्ा सकाा ै ीक श्रीइन्दद्राीाी ्ी केुं ललिेुं अक ााीा ारो सीरस्ती ैं ी, ीकन्दाु्दसु्दन्दी साक करो णशका (ससखापी ट) ीेुंी टेुं केुं स᠀ि इसप्रका की अणभिव्िीक सु्दन्दी साक केुं ललिेुं भी की ्ााी ,ै ्सैेुं-

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2222 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    इन्दद्राीाी ्ाई क ेुं धिा᠀ी टा साकी टरो, ू ंी ट᠀ी ी ट᠀ी लागूं पाएत।

    प्र. ी . ७/१२

    ाु्द᠀ सिाी टेुं ᠀ेुं ेुं साक ्ी, स्ी ट रो ीीखेुं स लागत।

    पाऊं पकड क ेुं इदं्राीाी, उठ खडेुं रो ्ागत। त।

    प्र. ी . १७/२१

    इस प्रका केुं उदा , कभी ारो सु्दन्दी साक केुं दा ासीख करो अीी टीािर रप सेुं ग ा क ी टेुं केुं ललिेुं ी्ाी केुंरप ᠀े ीी टकलाेुं ैं , ारो कभी िव्िंयिपूीरक सीख ीेुंी टेुं केुंललिेुं ीी टकलाेुं ैंत।

    प्रक ा त। त। १त। त। चौपाई त। त। ५त। त।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2323 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    साक करो ससखापी ट - ाग धिी टाश्री

    इस प्रक ा ᠀े सु्दन्दी साक करो ि सीख ीी गिी ै ीकइस ्ागी टी ्राणड ᠀े अ् ᠀े किा क ी टा चाी एत।

    िाी क रो ाु्द᠀ साक ्ी, ाक आिरो अीस ्ीत।

    आप डा िा ्िो पेुं ेुंलेुं फेुं ेुं, भी डार िरो ीी टसंक फेुं ्ीत। त। १त। त।

    श्री इन्दद्राीाी ्ी क ाी ैं ीक ेुं साक ्ी! अ् आप केुंपास ि स्तीवा᠀ अीस ै ीक आप अपी टेुं प्रााेुंश् अक ााीा करो प्रत्िक पा लीस्एत। अपी टी उस व्र् लीलाकरो िाी कीस्ए स्स᠀े आपी टेुं ्ाँसु्द ी की आीा् सु्दी टी टेुं᠀ात सेुं अपी टेुं श ी औ संसा करो छरोड ीीिा कात। उसीप्रका इस ्ागी टी ्राणड ᠀े भी ी्ी टा ीकसी संशि केुंअपी टेुं धिा᠀ धिी टी प न्दिरोछाी रो ्ाइएत।

    भाीाकर- ि ारो सीरीीीीा ी ै ीी.सं. १७१२ ᠀े

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2424 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    सीगु्दर धिी टी श्री ीेुंीचन्दद्र ्ी का धिा᠀ग᠀ी ट रो गिा कााका उी टकेुं श ी का ीा संस्तका भी क ीीिा गिाकात। ऐसी सस्तकधा ᠀े अ् ीकस केुं ऊप न्दिरोछाी रोी टेुंकी ्ाा क ी ्ा ी ?ै

    स्तपष्ट ैीक ि ककी ट श्री इन्दद्राीाी ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀ेीी ा्᠀ाी ट िु्दगल स्तीरप केुं ललिेुं तै। आगेुं की चौपाइिो᠀े ि ी प्रसंग क न सांकेुं धाक रप ᠀े ारो क न प्रत्िक रप᠀े क ा गिा तै। ीस्ताु्दाः श समपूार प्रकाश ीााी श्रीप्रााी टाक ्ी (िु्दगल स्तीरप) की प चाी ट केुं ललिेुं ीअीार ा ु्दई तै।

    सु्दंी ्ाई इी ट फेुं ेुं, आए ैं साक का ी ट ्ीत।

    भेुं े्ुं धिीी टऐं आीेुंस ीेुंि केुं , अ् न्दिा ेुं ी ट रोऐं एक लखी ट ्ीत। त। २त। त।

    प ᠀धिा᠀ की आत्᠀ाओं करो ्ागा क ी टेुं केुं ललिेुं स्तीिं

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2525 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    दिा᠀ा ्ी ी इस ्ागी टी ्राणड ᠀े आिी ु्दई ैंत। उी टकेुंधिा᠀ हीि ᠀े स्तीिं श्री ा् ्ी अपी टेुं आीेुंश स्तीरप सेुंीी ा्᠀ाी ट रोक लीला क ेुं ैंत। ीेुं एक का केुं ललिेुंभी सु्दन्दी साक सेुं अलग ी ट न रो सकाेुंत।

    भाीाकर- उप रोक चौपाई केुं शबीो का ्ा्य अकर क ी टेुंप ऐसा प्राीा रोाा ैीक श्री ा् ्ी ी टेुं प ᠀धिा᠀ ᠀े ीदिा᠀ा ्ी करो अपी टा आीेुंश ीेुं क इस ्ागी टी ्राणड᠀े भेुं्ा तै।

    आीेुंश अक ााीा सेुं णभि करोई ी टिी ीस्ताु्द ी ट न ै ,अीपाु्द प ᠀धिा᠀ सेुं ्ा लीला क ी टेुं केुं ललिेुं धिा ाीकिा गिा स्तीिं श्री ा् ्ी का ी स्तीरप तै। िदीपक न-क न भाीात्᠀क रप ᠀े भाीाीेुंश , प्रेुं᠀ाीेुंश,ञाी टाीेुंश, क्ररोधिाीेुंश, आीी की ्ाा की ्ााी ै ,स्सका ाात्पिर ै ीक अ᠀ूार भाी, प्रेुं᠀, ञाी ट, एीं क्ररोधि

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2626 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    आीी करो उस िव्िीक केुं ᠀ायि᠀ सेुं ᠀रूा᠀ाी ट रप ᠀ेीवाा ीकिा ्ााा तै। इसी प्रका अक ााीा का आीेुंशी ट ारो ीू ट ᠀िी ाती ै औ ी ट ीतगु्दाात्᠀क, ्सल्कअक ााीा का अपी टी इचछा केुं दा ा काल᠀ािा िािरोग᠀ािा केुं ्राणड ᠀े धिा ा ीकिा ु्दआ ऐसा स्तीरप ,ै ्रो पाूरािा ( ू् ू) ीू ट ᠀िी स्तीरप ्ैसा ी प्राीा रोाा तै।

    िदीप प्रत्िेुंक आत्᠀ा केुं धिा᠀ हीि ᠀े अक ााीा सू्ष᠀रप ᠀े ीीद᠀ाी ट ाेुं ी ैं, ीकन्दाु्द ᠀ािा का पीार रोी टेुं केुंका ा आत्᠀ा करो उसका प्रत्िक अी टु्दभी ी ट न रो पााात। इसी सन्दीभर ᠀े ि ्ाा क ी ्ा सकाी ैीक दिा᠀ा ्ीकरो ्् ाीस ी ्ा दिा᠀ ्ी केुं ᠀सन्दी ᠀े श्री ा् ्ीका प्रत्िक ीशरी ट ु्दआ, ारो ीााार केुं उप ान्दा श्री ा् ्ीउी टकेुं धिा᠀ हीि ᠀े लीला क ी टेुं केुं ललिेुं प्रत्िक रप सेुं

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2727 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ीी ा्᠀ाी ट ु्दएत। ाा ा᠀ ीााी का ककी ट ै-

    " ᠀ करो खेुंल ीीखाीी ट का्, ᠀सो आगूं आए श्री ा्त। "

    धिा᠀ धिी टी अपी टी अंगी टाओं सेुं एक पल केुं ललिेुं भीअलग ी ट न सकाेुंत। िीी श्री ा् ्ी ी टेुं प ᠀धिा᠀ सेुंआक ीशरी ट ीीिा, ारो उप रोक चौपाइिो केुं ककी ट कीसाकरकाा ी क ाँ ्ााी ै? प्रश्न ि रोाा ै ीकीी.सं. १६३र-१६७र ाक श्री ा् ्ी क ाँ ेुं?

    ाा ा᠀ ीााी केुं प्रकाश ᠀े स᠀ीका क ी टेुं प ि ीीीीीा रोाा ै ीक धिा᠀ धिी टी दिा᠀ा ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀े ी सू्ष᠀ रप सेुं ीी ा्᠀ाी ट केुं, ीकन्दाु्द प्रत्िक लीलाक ी टेुं केुं ललिेुं दिा᠀ ्ी केुं ᠀सन्दी ᠀े ीशरी ट ीेुंक उी टकेुंधिा᠀ हीि ᠀े ीी ा्᠀ाी ट ु्दएत। अ् दिा᠀ा ्ी केुं ऊप सेुं᠀ािा का पीार ा चु्दका का औ उन्द े ि प्रत्िक रप सेुं

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2828 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ीीखी टेुं लगा का ीक ᠀ेुं ेुं धिा᠀ हीि ᠀े ी ᠀ेुं ेुं प्रााेुंश् ीी ा्᠀ाी ट ैंत। इसेुं ी साकाा् रप सेुं ीीद᠀ाी ट रोक लीला क ी टा क ा गिा तै। ्ीाक का ि ककी ट भी इसीओ संकेुं ा क ाा -ै

    "अन्दी ाु्दम ा ेुं आका केुं , आए केुं ्ठैेुं ᠀त। "

    सु्दन्दी साक की ्ागी टी केुं केुंत ᠀े पीापरा (कािरशील) रोी टेुं केुं का ा आलकंार क भाषा ᠀े ि ककी ट क ा गिा ै ीक श्री ा् ्ी ी टेुं ᠀े ्गाी टेुं केुं ललिेुं दिा᠀ा ्ी करोप ᠀धिा᠀ सेुं अपी टा आीेुंश ीेुंक भेुं्ा तै।

    सु्दपी टेुं ᠀े भी लखी ट ी टा छरोडे, ारो किो छरोडे सायिाा ्ीत।

    ीिा ीेुंखरो ीपउ्ी की ी ीेुं ᠀ां े, ीीधि ीीधि की ीीयिाा ्ीत। त। ३त। त।

    ्् व्र् की लीला ᠀े धिा᠀ धिी टी ी टेुं पल भ केुं ललिेुं भी ᠀े अपी टेुं सेुं अलग ी ट न ीकिा , ारो अ् इस ्ागी टी

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 2929 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    लीला ᠀े ᠀े कैसेुं छरोड सकाेुं ैं ? ऐसी अीस्तका ᠀े््ीक ᠀े ाा ा᠀ ञाी ट केुं उ्ालेुं ᠀े ि अचछी ा सेुंीीीीा रो चु्दका ैीक ीेुं साकाा् ी आिेुं ैं, ेुं साक ्ी!आप अपी टेुं हीि ᠀े ीप्रिा᠀ की प्रेुं᠀᠀िी कृपा रपी ीिाका अी टु्दभी कीस्ए, ्रो पल-पल ᠀ा ेुं प्रधा अी टेुंकरपो ᠀े रो ी तै।

    भाीाकर- व्र् ᠀े सलखिो करो अपी टी , घ की, ाकाीप्रिा᠀ की करोई प चाी ट ी ट न की, इसललिेुं उसेुं ी टनी िास्तीपी ट की लीला केुं अन्दागरा क ा गिा तै। इस ्ागी टीलीला ᠀े ाा ा᠀ ञाी ट केुं प्रकाश ᠀े ि ीीीीा रो चु्दका ै ीक साग की ल ो की ा अक ााीा पल भ केुंललिेुं भी अपी टी अंगरपा आत्᠀ाओं सेुं अलग ी ट न रोसकाेुं, इसललिेुं करोई भी ्रात्᠀ा उन्द े इस ी टश् ्गा᠀े भी साकाा् अी टु्दभी (प्राप) क सकाी तै।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3030 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ऐसी ्ाा क ेुं ेुं ीपउ्ी, प ी टा कछू साक करो सु्दधि ्ीत।

    ी टनी उडाए ्रो ीेुंलखए आपी ट, ारो आए ैं आप लेुं ीी टधि ्ीत। त। ४त। त।

    धिा᠀ धिी टी इस प्रका अपी टी अ᠀ृा᠀िी कृपा क ेुं ैं,ीकन्दाु्द सु्दन्दी साक करो उसकी कु्द छ भी प चाी ट ी ट न तै। िीी ᠀ अपी टेुं अन्दी सेुं ᠀ािा की ी टनी रपी अञाी टााकरो स᠀ाप क ीे , ारो ᠀े ि ्रोधि रो ्ािेुंगा ीकीप्रिा᠀ ᠀ा ेुं ललिेुं प ᠀धिा᠀ केुं ञाी ट की अी ट᠀रोलसमपीा लेुंक आिेुं ैंत।

    भाीाकर- इस चौपाई केुं चौकेुं च ा ᠀े स्तपष्ट क ीीिागिा ै ीक ाा ा᠀ ञाी ट की अखणड ीी टधधि लेुंक स्तीिंअक ााीा आिेुं ैंत। ि ककी ट उस स᠀ि का ै, ््सीगु्दर धिी टी श्री ीेुंीचन्दद्र ्ी का अन्दाधिारी ट रो चु्दका कात। ऐसी अीस्तका ᠀े श्री इन्दद्राीाी ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀े लीलाक ी टेुं ीालेुं स्तीरप करो ी ि ाँ अक ााीा केुं रप ᠀े

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3131 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ीशारिा गिा तै। उी टकेुं ललिेुं "्रोश" औ " ु्दक᠀" ्सैीशबीाीली का प्रिरोग क केुं उी टकेुं स्तीरप केुं ऊप पीारी ट न डाला ्ा सकाात।

    सु्दपी टेुं ᠀े ᠀ी टरो क ीकए, ारो धाा भी ीपउ्ी साक ्ीत।

    सु्दंी ्ाई लेुं आीेुंस धिी टी करो, ी ट छरोडेुं अपी टा ाक ्ीत। त। ५त। त।

    व्र् ᠀े ᠀ा ेुं ᠀ी ट ᠀े ्रो भी इचछा रोाी की, धिा᠀ धिी टीउसेुं अीदि पूार क ाेुं केुं, किोीक ीेुं उस स᠀ि प्रत्िकरप सेुं ᠀ा ेुं साक केुंत। ीकन्दाु्द इस ्ागी टी ्राणड ᠀ेीप्रिा᠀ दिा᠀ा ्ी केुं धिा᠀ हीि ᠀े ीी ा्᠀ाी ट रोक लीला क ेुं ैं औ दिा᠀ा ्ी ीकसी भी अीस्तका ᠀े ᠀ा ा ाक ी ट न छरोड सकाी ैंत।

    भाीाकर- व्र् ᠀े श्री कृष्णा ्ी केुं ाी ट ᠀े अक ााीाअक ्र की आत्᠀ा केुं साक लीला क ेुं केुं, स्स᠀े

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3232 / 1254/ 1254

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    अक ्र की आत्᠀ा पूार रप सेुं ी टनी केुं आगरोश ᠀े कीत। उसेुं कु्द छ भी ी ट न ᠀ालू᠀ का ीक ᠀ैं कौी ट ूँ औ क ाँ सेुंआिा ँू?

    इस ्ागी टी ्राणड ᠀े अक ााीा ी टेुं सीरप्रक᠀ श्रीीेुंीचन्दद्र ्ी केुं ाी ट ᠀े ीीद᠀ाी ट दिा᠀ा ्ी केुं धिा᠀ हीि᠀े ीी ा्᠀ाी ट रोक लीला की ै, ात्पश्चाा् श्री ᠀ ा᠀धा्ी केुं धिा᠀ हीि (ी᠀ी ा् ्ी केुं ाी ट) ᠀े लीला की तै।

    व्र् ᠀े श्री ा् ्ी प्रत्िक रप सेुं श्री कृष्णा ्ी केुं ाी ट᠀े लीला क ेुं केुं, भलेुं ी उस ाी ट ᠀े ीीद᠀ाी ट अक की आत्᠀ा ᠀ािा की ी टनी ᠀े कीत। श्री कृष्णा ्ी केुं्ाल्िकाल केुं ᠀रो क रप एीं प्रेुं᠀᠀िी ᠀धिु्द लीलाओं केुंका ा गरोीपिो सी ा समपूार व्र् ᠀णडल का उी टकेुं प्रेुं᠀᠀े डू् ्ाी टा स्तीाभाीीक कात।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3333 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    इसकेुं ीीप ीा, इस ्ागी टी लीला ᠀े धिा᠀ धिी टी कु्द छअप्रत्िक (गु्दप) रप सेुं लीला क ेुं ैंत। चा ेुं श्रीीेुंीचन्दद्र ्ी का ाी ट रो िा श्री ी᠀ी ा् का, ीरोी टो ᠀े४० ीषर की अीस्तका केुं ्ाी ी लीला प्रा मभ रोाी तै। इस लीला ᠀े ञाी ट की प्रधिाी टाा रोाी ै, स्सकेुं का ाकभी-कभी ᠀ाी टीीि लीला की भासन्दा भी रो ्ााी तै। ीैसेुं ारो आीडका लीला केुं दा ा धिा᠀ धिी टी अपी टी प चाी टीेुंाेुं ैं, ीकन्दाु्द उस᠀े स्तकाधित्ी ी ट न तै। ीसू ेुं ाी ट कीलीला ᠀े ञाी ट की पूाराा रोी टेुं सेुं प चाी ट भी पाूर रोाी ,ै ीकन्दाु्द व्र् की ा प्रेुं᠀ ी ट न तै। ि ी का ा ै ीकआत्᠀-्ागधा ᠀े ्ाधिा पड ी तै।

    धिी टी ी ट ीेुंीे ी ु्दख धाल े्ुंाा, ्रो ीेुंलखए ीची ट ीीचा ी ्ीत।

    ीु्दख आपी ट करो ारो ्रो रोा ै, ्रो ᠀ािा क ा ैं भा ी ्ीत। त। ६त। त।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3434 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ेुं साक ्ी! िीी आप अपी टेुं प्रााेुंश् अक ााीा केुं इी टीची टो का ीीचा क ेारो ि स्तपष्ट ीीीीा रोाा ै ीकधिा᠀ धिी टी ᠀े धाल ᠀ात, अकारा् ी टा᠀ ᠀ात, केुं ललिेुं भीीु्दः शख ी ट न ीेुं सकाेुं ैंत। इस ी टश् ्गा ᠀े ᠀े ी ु्दः शख का्रो भी अी टु्दभी रो ा ै, ी इसललिेुं रो ा ैकिोीक ᠀ धिा᠀ धिी टी की अपेुंका ᠀ािा सेुं अधधिक लगाी(आसीक) खाेुं ैंत।

    भाीाकर- "भा ी क ी टा" एक ᠀ु्द ाी ा ै, स्सकााात्पिर ै, अधधिक ᠀ त्ी ीेुंी टा िा उससेुं अधधिक आसीक्ाँधिी टात। ्् ᠀ धिा᠀ धिी टी सेुं औपचार क प्रेुं᠀ ीी टभााेुं ैं,अकारा् धचाीी टी सेुं ी ा रोक ᠀ात क᠀रकाणडो काप्रीशरी ट क ाेुं ैं एीं संसा केुं कणाक सु्दखो केुं पीछेुंभागाेुं ैं, ारो इसेुं ᠀ािा करो भा ी क ी टा क ा ्ााा तै।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3535 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    अंा यिाी ट स᠀े ीु्दख ीीए, ए आंसका उप्ा ्ीत।

    धाी ट स᠀े संसा ी ट ीकिा भा ी, साके ी ु्दख ीेुंखेुं किो धाा ्ीत। त। ७त। त।

    ᠀ी ट ᠀े ि संशि उत्पि रोाा ै ीक िीी ा् ्ी ᠀ेी टा᠀ ᠀ात केुं ललिेुं भी ी ु्दः शख ी ट न ीेुंाेुं ैं, ारो ास केुं स᠀िअन्दाधिारी ट रोक उन्द ोी टेुं ीी का ी ु्दः शख किो ीीिा? उसस᠀ि ारो ᠀ी टेुं ᠀ािा (संसा ) करो अपी टेुं ऊप ् ा भी ाीी (भा ी) ी ट न रोी टेुं ीीिा का, ीफ भी ᠀ी टेुं ी ाँीी का अस्य ीु्दः शख किो ीेुंखा?

    ीु्दख ारो किो ए ी ट ीेुंीेुं ेुं ीपउ्ी, ए ीीचा केुं संसेुं खरोइए ्ीत।

    ए िाी ीची ट ारो आीेुं ेुं सलखिरो, ्रो ᠀ािा छरोडाेुं घी टो रोइए ्ीत। त। रत। त।

    ेुं साक ्ी! अपी टेुं इस संशि का ीी टीा ा क ी टेुं केुंललिेुं इस ीीचा करो अपी टेुं ᠀ी ट ᠀े ्सा लीस्ए ीक धिा᠀धिी टी ᠀े ीकसी भी प्रका सेुं ी ु्दः शख ी ट न ीेुं सकाेुं ैंत। इस

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3636 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ्ागी टी लीला ᠀े, ᠀ािा करो छरोडाेुं स᠀ि, ्् ᠀ ् ु्दाीु्दः शखी रोाेुं ैं ( रोाेुं ैं) ीक ᠀ािा केुं िेुं सु्दख ᠀सेुं किोछूाेुं ्ा ेुं ैं, ारो ᠀े ऐसा लगाा ै ीक ्सैेुं श्री ा््ी ᠀सेुं ᠀ािा केुं सु्दखो करो छीी टक ᠀े ी ु्दः शख ीेुंाेुं ैं?उन्द ोी टेुं ᠀े ास ᠀े भी इसी प्रका ी ु्दः शख ीीिा कात। ᠀ेस्तीाभाीीक रप सेुं ास की ी ु्दः शख भ ी ्ााो की िाी आ ी ्ााी तै।

    भाीाकर- ᠀ािा छरोडी टेुं केुं स᠀ि ् ु्दा अधधिक रोी टेुं काआशि ि ै ीक ाा ा᠀ ीााी सेुं अपी टेुं ᠀ूल घ एींीप्रिा᠀ की प चाी ट रो ्ाी टेुं प ्् हीि धिी टी केुं ई᠀ाी ट(अाूा ीीश्ास) प खडा रोी टेुं लगाा ै, ारो ᠀ािा केुंसु्दख छूाी टेुं लगाेुं ैं औ कु्द छ ीु्दः शख की अी टु्दभूधा रोी टेुंलगाी तै। ऐसेुं स᠀ि ᠀े आत्᠀-चकु्दओं केुं पूार रप सेुं ी टखु्दली टेुं केुं का ा ᠀े ऐसा लगाा ै, ्सैेुं धिा᠀ धिी टी ᠀े

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3737 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ᠀ािा का ीु्दः शख ीेुंाेुं ैंत।

    खेुंल िाी ीेुंी टेुं करो ᠀ेुं ेुं ीपउ्ी, ीु्दख ीीए अधा घीे ट ्ीत।

    साके ᠀ी टरो क ए ्रो ीकए, धिीी टऐं ाखेुं ᠀ी ट आपीे ट ्ीत। त। ९त। त।

    ेुं साक ्ी! आपी टेुं प ᠀धिा᠀ ᠀े श्री ा् ्ी सेुं ᠀ािाका ीु्दः शख ीेुंखी टेुं की इचछा की की, इसललिेुं आपकेुं ᠀ी टकी इचछा करो पूार क ी टेुं केुं ललिेुं धिा᠀ धिी टी ी टेुं ास लीलाकेुं ᠀यि ᠀े अन्दाधिारी ट रोक आपकरो ीी का ् ु्दाअधधिक ीु्दः शख ीीिा का, स्ससेुं आप करो ि िाी ेुं ीकआपकी इचछा करो व्र्- ास ᠀े पूार क ीीिा गिा तै।

    आपी ट ᠀ािा की ोस ्रो क ी, औ ᠀ािा ारो ी ु्दख ीी टधिाी ट ्ीत।

    सरो िाी ीेुंी टेुं करो ेुं साक ्ी, ीपउ भए अंा यिाी ट ्ीत। त। १०त। त।

    ेुं साक ्ी! ᠀ी टेुं प ᠀धिा᠀ ᠀े ीप्रिा᠀ अक ााीा सेुंप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3838 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    ᠀ािा का खेुंल ीेुंखी टेुं की इचछा की कीत। ि ᠀ािा ारोीु्दः शख का भणडा ी तै। ᠀ा ी ᠀ाँग करो पू ी क ी टेुं केुंललिेुं ी श्री ा् ्ी ास केुं ᠀यि अन्दाधिारी ट रो गिेुं,स्ससेुं ᠀े ी ु्दः शख का खेुंल ᠀ाँगी टेुं की स्त᠀ृधा (िाी) ्ी टी ेुंत।

    ी टाारो ए अपी टा ेुं ीपउ्ी, अधिलखी ट ी्छरो ा ी ट स ेुं ्ीत।

    ए ीीचा ्रो ीेुंलखए साक्ी, ारो ाा ा᠀ प्रगा क ेुं ्ीत। त। ११त। त।

    अन्दिका प्रेुं᠀ केुं साग रपी ᠀ा ेुं प्रााेुंश् ऐसेुं ैं ीक ीेुंआधिेुं का केुं ललिेुं भी ᠀ा ा ीीिरोग स ी ट ी ट न क सकाेुंत। ेुं साक ्ी! अपी टी आत्᠀ाओं करो अपी टेुं सेुं पलभ केुं ललिेुं भी अलग ी ट क ी टेुं केुं धिा᠀ धिी टी केुं इसीीचा केुं ीीषि ᠀े िीी ᠀ सरोचे, ारो ाा ा᠀ ीााी भीप्रत्िक रप सेुं इसकी साकी ीेुंाी तै।

    प्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठप्रकाशकः श श्री प्रााी टाक ञाी टपीठ, , स साीा स साीा 3939 / 1254/ 1254

  • श्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ीश्री प्रकास ी न्दीु्दस्तााी टी ाीका श्री ा्ी ट स्तीा᠀ी

    इी ट स᠀ेुं ाा ा᠀ की स᠀झी ट, किोक की ए सरोए ्ीत।

    अी टेुंक ीीधि का ाा ा᠀ इा, ा् घ लीला प्रगा रोए ्ीत। त। १२त। त।

    इस स᠀ि ि कैसेुं ᠀ाी टा (क ा) ्ािेुं ीक सु्दन्दी साककरो ाा ा᠀ ञाी ट की ीास्ताीीक स᠀झ रो गिी ै? ीैसेुंारो ाा ा᠀ ञाी ट का प्रकाीक ा इस संसा ᠀े अी टेुंकरपो ᠀े ु्दआ ,ै ीकन्दाु्द ्् ाा ा᠀ का भी ाा ा᠀ प्रका रोगा ारो प ᠀धिा᠀ की समपूार लीला का प्रकाश रो्ािेुंगात।

    भाीाक