राजमाग पर सभी वाहन के लए फाटै ग ......र य अ...

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15 अट बर 2019 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत : राजयवथा और शासन : वाहन को ैक करने के लए आधार के काम करेगा फाटैग : संग : सरकार ने घोषणा है 1 दसंबर, 2019 से सभी राय राजमाग पर सभी वाहन के लए फाटैग अनवाय होगा• 'एक रा एक फाटैग' पर समेलन' के बारे जानकर के लए 13 अट बर 2019 PIB वलेषण पढ़ ववरण : क य सड़क परवहन और राजमाग मंी ने सभी राय से तकनीक को अपनाने अपील है ताक णाल मंालय के राय इलेॉनक टोल संह कायम के तहत सके सरकार ने यह फै सला अपनी इलेॉनक टोल संह योजना के तहत लया है फाटैग कै से काम करता है ? फाटैग रेडयो वसी आइडटफके शन तकनीक का उपयोग करता है ताक इससे ड़े ीपेड खाते के मायम से कै शलेस गतान कया जा सके फाटैग एक रचाजबल काड है जो गाड़य वंडन पर लगाया जाता है वाहन के मालक को यह फाटैग ीपेड अकाउं ट से लंक कराना होगा और इसके जरए टोल टैस का पेमट वतः हो जाएगा फाटैग लगी गाड़ी जब टोल लाजा पर पह चेगी तो यहां उनके लए एक खास लेन बनी होगीइस लेन लगी एक डवाइस से संपक आने के बाद टोल टैस कट जाएगा और चालक बना के टोल लाजा पार कर लेगाउपयोगकताओं को टोल ांजेशन, लो बैलस और सर चीज का SMS अलट भी मलेगासभी लेन-देन का माटर डेटा संबंधत टोल के रयायतकता के साथ उस बक, िजसके साथ मालक ने फाटैग पंजीक कया है और नेशनल पेमस कारपोरेशन ऑफ़ इंडया के पास होगाएक बार खरदने पर फाटैग पांच साल के लए वैध होगा और ाहक अपनी जरत के हसाब से इसम रचाज करा सकते रेडयो- वसी आइडटफके शन (RFID) : रेडयो-वसी आइडटफके शन (RFID) एक वायरलेस नॉन-कॉटेट णाल का उपयोग है , जो वचालत पहचान और ैकं ग के योजन के लए कसी ऑजेट से ड़े टैग से डेटा थानांतरत करने हेत रेडयो-वसी वय बकय का उपयोग करता है

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  • 15 अ�टूबर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : वाहन� को �ैक करने के �लए आधार के �प म� काम करेगा फा�टैग : �संग : • सरकार ने घोषणा क� है �क 1 �दसंबर, 2019 से सभी रा���य राजमाग� पर सभी वाहन� के �लए फा�टैग अ�नवाय� होगा। • 'एक रा�� एक फा�टैग' पर स�मेलन' के बारे म� जानकर� के �लए 13 अ�टूबर 2019 PIB �व�लेषण पढ़�। �ववरण : • क� ��य सड़क प�रवहन और राजमाग� मं�ी ने सभी रा�य� से तकनीक को अपनाने क� अपील क� है ता�क परू� �णाल� मं�ालय के रा���य इले��ॉ�नक टोल सं�ह काय��म के तहत आ सके। • सरकार ने यह फैसला अपनी इले��ॉ�नक टोल सं�ह योजना के तहत �लया है। फा�टैग कैसे काम करता है? • फा�टैग रे�डयो ���व�सी आइड��ट�फकेशन तकनीक का उपयोग करता है ता�क इससे जड़ु े�ीपेड खात ेके मा�यम से कैशलेस भगुतान �कया जा सके। • फा�टैग एक �रचाज�बल काड� है जो गा�ड़य� क� �वडं���न पर लगाया जाता है। वाहन के मा�लक को यह फा�टैग �ीपेड अकाउंट से �लकं कराना होगा और इसके ज�रए टोल टै�स का पेम�ट �वतः ह� हो जाएगा। • फा�टैग लगी गाड़ी जब टोल �लाजा पर पहंुचेगी तो यहां उनके �लए एक खास लेन बनी होगी। इस लेन म� लगी एक �डवाइस से संपक� म� आने के बाद टोल टै�स खदु ह� कट जाएगा और चालक �बना �के टोल �लाजा पार कर लेगा। उपयोगकता�ओ ंको टोल �ांजे�शन, लो बलै�स और दसूर� चीज� का SMS अलट� भी �मलेगा। • सभी लेन-देन का मा�टर डटेा संबं�धत टोल बथू के �रयायतकता� के साथ ह� उस ब�क, िजसके साथ मा�लक ने फा�टैग पंजीकृत �कया है और नेशनल पेम��स कारपोरेशन ऑफ़ इं�डया के पास होगा। • एक बार खर�दने पर फा�टैग पांच साल के �लए वधै होगा और �ाहक अपनी ज�रत के �हसाब से इसम� �रचाज� करा सकत ेह�। रे�डयो-���व�सी आइड��ट�फकेशन (RFID) : • रे�डयो-���व�सी आइड��ट�फकेशन (RFID) एक वायरलेस नॉन-कॉ�टे�ट �णाल� का उपयोग है, जो �वचा�लत पहचान और �ै�कंग के �योजन� के �लए �कसी ऑ�जे�ट से जड़ु ेटैग से डटेा �थानांत�रत करने हेत ुरे�डयो-���व�सी �व�यतु च�ुबक�य �े�� का उपयोग करता है।

  • फा�टैग के लाभ : • फा�टैग सहज या�ा क� स�ुवधा �दान करता ह�। • यह टोल लेन पर वाहन� क� �व�रत जांच क� स�ुवधा �दान करता है। • यह टोल बथू� पर लंबी कतार� से बचने म� मदद करता है और प�रणाम�व�प �ती�ा समय को कम करता है। • टोल बथू� पर लगे कैमरे वाहन� म� बठेै या��य� क� त�वीर� ल�गे, जो गहृ मं�ालय के �लए उपयोगी ह�गे �य��क वहा ँवाहन� क� आवाजाह� का �रकॉड� होगा। • टोल �लाजा पर इंतजार करत ेसमय �धन के नकुसान को कम करके देश क� GDP म� मददगार सा�बत हो सकता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन उ�चतम �यायालय ने RTI पोट��स पर क� � से जवाब माँगा : �संग : • उ�चतम �यायालय ने क� � और 25 रा�य� को �रट या�चका का जवाब देने के �लए एक मह�ने का समय �दया है, ता�क RTI आवेदन� को ऑनलाइन दज� करने के �लए सभी रा�य� म� सचूना का अ�धकार (RTI) वेब पोट�ल �था�पत करने क� �दशा म� कदम उठाया जा सके। प�ृठभ�ूम : • अग�त म�, NGO - �वासी काननूी सेल ने कहा था �क �द�ल� और महारा�� को छोड़कर �कसी भी रा�य ने RTI पोट��स क� �थापना नह�ं क� है। • क� � सरकार के पास एक ऑनलाइन RTI पोट�ल है, िजसके तहत कोई भी भारतीय नाग�रक, िजसम� अ�नवासी भारतीय (NRI) भी शा�मल ह�, क� � सरकार के तहत वां�छत मं�ालय या �वभाग से RTI अ�ध�नयम के तहत जानकार� हेत ुआवेदन कर सकत ेह�। • एक आवेदक इस पोट�ल के �वारा ऑनलाइन भगुतान के मा�यम से अपे��त श�ुक का भगुतान कर सकता है और RTI आवेदन ��ततु कर सकता है। • क� � ने 13 �दसंबर, 2013 को एक प� के मा�यम से �व�भ�न रा�य सरकार� से ऑनलाइन RTI पोट��स को लागू करने क� �यवहाय�ता का पता लगाने का अनरुोध �कया था। • इसने रा�य� को रा���य सचूना �व�ान क� � (NIC) के मा�यम से इस उ�दे�य के �लए तकनीक� सहायता �दान करने क� भी पेशकश क� थी। • वत�मान म�, केवल �द�ल� और महारा�� रा�य म� ऑनलाइन RTI आवेदन फाइ�लगं क� स�ुवधा है।

  • म�ुदा : • या�चका के अनसुार, RTI अ�ध�नयम एक क� ��य अ�ध�नयम है जो देश म� रहने वाले या देश के बाहर रहने वाले सभी नाग�रक� के �लए है। • जो भारतीय देश से बाहर रहत ेह� और �व�भ�न रा�य सरकार� से जानकार� चाहत ेह� उनके पास सचूना के �लए ऑनलाइन आवेदन करने का कोई साधन नह�ं है। • अ�नवासी भारतीय� को सरकार� से अपे��त �कसी भी जानकार� के �लए भौ�तक �प से आवेदन करना पड़ता है। • दल�ल म� कहा गया है, सचूना का अ�धकार अ�ध�नयम, भारत के सं�वधान के अन�ुछेद 19 (1) (A) और अन�ुछेद 21 के तहत गारंट�कृत सचूना के अ�धकार को लागू करने और काया�ि�वत करने के �लए एक काननूी तं� �दान करता है। • RTI आवेदन� को जमा करने क� वत�मान �णाल� और संबं�धत सचूना अ�धकार� से उ�र �ा�त करने म� अ�धक समय लगता है जो परेू RTI तं� क� द�ता को कम कर करता है और इस �कार काननू के उ�दे�य को ख�म कर देता है। �ववरण : • RTI अ�ध�नयम के तहत, भारत का कोई भी नाग�रक एक साव�ज�नक �ा�धकरण से जानकार� का अनरुोध कर सकता है िजसे 30 �दन� के भीतर जवाब देना आव�यक है। • 2005 के RTI अ�ध�नयम क� धारा 7 (1) म� जानकार� के �कट�करण का �ावधान है य�द यह �कसी �यि�त के जीवन या �वतं�ता से स�बि�धत है। • सभी साव�ज�नक �ा�धकरण RTI अ�ध�नयम के तहत आत ेह�, जो इसे देश के सबसे शि�तशाल� काननू� म� से एक बनाता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �वा��य : 50 वष� से ऊपर �यि�तय� म� मो�तया�बदं अधेंपन का �मखु कारण : �संग : • क� ��य �वा��य और प�रवार क�याण प�रषद के 13 व� स�मेलन म� क� ��य �वा��य मं�ी डॉ हष� वध�न �वारा रा���य अधं�व और �ि�टबा�धत सव��ण 2015-2019 क� सारांश �रपोट� जार� क� गई है। �ववरण : • यह सव��ण 24 रा�य� के 31 िजल� म� आयोिजत �कया गया था। • डॉ राज�� �साद स�टर फॉर ऑ�थेल�मक साइंसेज, अ�खल भारतीय आय�ुव��ान सं�थान, नई �द�ल� �वारा क� ��य �वा��य और प�रवार क�याण मं�ालय के तहत यह सव��ण �कया गया था।

  • • रा���य अधं�व और �ि�टबा�धत सव��ण 2015-2019 के अनसुार 50 वष� से ऊपर के लोग� म� मो�तया�बदं अधेंपन का �मखु कारण है। • 50 वष� से ऊपर के लोग� म� मो�तया�बदं संबंधी श�य ज�टलताएं अधेंपन के �लए 7.2 ��तशत मामल� के साथ दसूरा सबसे बड़ा कारक था। • अ�य कारण� म� सं�ामक और गैर-सं�ामक कॉ�न�यल ओपे�सट� (कॉ�न�या का टेढ़ापन), �लकूोमा और अपा�चया (आखं म� ल�स क� अनपुि�थ�त) शा�मल ह�। • भारत पहला ऐसा देश था, िजसने 1976 म� अधेंपन को कम करने के �लए रा���य काय��म श�ु �कया था। इस काय��म का उ�दे�य 2020 तक अधेंपन के �सार को 0.3 ��तशत तक कम करना था। • ले�कन, 10 अ�टूबर, 2019 को जार� सव��ण के अनसुार, अधेंपन का अनमुा�नत �सार अभी भी 1.99 ��तशत है, गंभीर ��य बा�यता 1.96 ��तशत है, म�यम ��य बा�यता 9.81 ��तशत और म�यम-गंभीर ��य बा�यता 11.77 ��तशत है। सव��ण के म�ुय �बदं ु: • मो�तया�बदं अधेंपन के 66.2% मामल�, गंभीर ��य बा�यता के 80.7% मामल� और 50 से ऊपर आय ुवग� म� म�यम ��य बा�यता के 70.2% मामल� का कारण है। • पढ़े �लख� (0.43%) क� तलुना म� अनपढ़� (3.23%) म� अधंापन अ�धक है। शहर� (1.80%) क� तलुना म� �ामीण आबाद� (2.14%) म� भी अधंापन अ�धक है । उपचार तक पहँुचने म� �न�न बाधाएं शा�मल ह�- • रोगी का साथ देने वाला कोई नह�ं। • मौसमी �ाथ�मकताएँ। • आ�थ�क तंगी। • 22.1% अधेंपन के मामल� म� मो�तया�बदं सज�र� तक पहँुचने म� �व�ीय बाधा सबसे बड़ा अवरोधक रहा है और 18.4% मामल� म� जाग�कता क� कमी म�ुय बाधा रह� है। • �व�व �वा��य संगठन (WHO) �वारा जार� व�ड� �वजन �रपोट� म� यह भी बताया गया है �क �वशषे �प से �ामीण आबाद� म� आखं� क� देखभाल के �लए उ�च लागत, ��य बा�यता का एक �मखु कारण रहा है। WHO ने य�ूनवस�ल हे�थकेयर कवरेज के �व�तार और इसम� आखं� क� देखभाल सेवाओ ंको भी शा�मल करने का आ�वान �कया है। • भारत के �लए जो बदतर ि�थ�त है वह यह है �क इस आय ुवग� के लगभग 93% अधेंपन के मामले और 96.2% ��य बा�यता के मामले को टाला जा सकता था। सभी प�रहाय� कारण� म� से आधे से अ�धक उपचार यो�य थे। • भारत ने 2010 के आधारभतू �तर से ��य बा�यता म� 25 ��तशत (वष� 2014-19 से) क� कमी के WHO ल�य को सफलतापवू�क परूा �कया है

  • अधेंपन और ��य बा�यता के �नयं�ण के �लए रा���य काय��म (NPCB और VI) : • अधेंपन और ��य बा�यता के �नयं�ण के �लए रा���य काय��म (NPCB & VI) को वष� 1976 म� 100% क� � �ायोिजत योजना (अब सभी रा�य� म� 60:40 और उ�र-पवू� रा�य� म� 90:10) के �प म� श�ु �कया गया था। • यह 2020 तक अधेंपन के �सार को 0.3% तक कम करने के ल�य के साथ श�ु �कया गया था। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �श�ा : �ी-�कूल� �श�ा मातभृाषा म� ज�र� : NCERT �संग : • NCERT के पहले �ी-�कूल� पा�य�म म� कहा गया है �क 3 से 6 वष� क� आय ुके ब�च� को अपनी मातभृाषा म� अपनी श�ै�क या�ा श�ु करनी चा�हए, खेल के मा�यम से सीखना चा�हए और �कसी भी �कार के पर��ण के अधीन नह�ं होना चा�हए। प�ृठभ�ूम : • रा���य �श�ा नी�त के मसौदे म� �सफा�रश क� गई है �क �श�ा के अ�धकार अ�ध�नयम को क�ा 1 से पहले के तीन वष� के �ी-�कूल� छा�� के �लए �व�ता�रत �कया जाना चा�हए। • यह भी ��ता�वत �कया गया था �क NCERT को बचपन क� �श�ा के �लए एक पा�य�म और श�ै�णक ढांचा �वक�सत करना चा�हए। • रा���य �श�ा नी�त 2019 के मसौदे के बारे म� अ�धक जानकार� के �लए इसे �पछले सं�करण� से पढ़�। �ववरण : • NCERT का नया पा�य�म 3 से 6 साल के ब�च� क� �श�ा के �प म� प�रभा�षत सभी �ी-�कूल �श�ा (आगंनवा�ड़य�, नस�र� �कूल�, �कंडरगाट�न, �ले�कूल या म�टेसर� �कूल� स�हत �कसी भी �कूल) के उ�दे�य से है। • उ�दे�य का मकसद भावना�मक और सामािजक ि�थरता को मजबतू करने पर �यान देना है। • ब�चे क� मातभृाषा या घरेल ूभाषा के मा�यम से �श�ण को अतंरा����य �तर पर श�ुआती वष� म� सबसे उपय�ुत माना जाता है। • हालाँ�क, भारत म� भाषा क� �व�वधता के कारण चनुौ�तयाँ बनी हुई ह�। • यह माना जाता है �क ब�च� को सं�मण काल के दौरान ��वभाषी या बहुभाषी वातावरण क� आव�यकता होती है। • NCRET का कहना है �क सभी ब�च� को सांके�तक भाषा से अवगत कराया जाना चा�हए। • �दशा-�नद�श इस बात पर जोर देत ेह� �क �ी-�कूल� को �ारं�भक औपचा�रक �नद�श से बचना चा�हए।

  • • यह, यह �नधा��रत करता है �क ब�च� का म�ूयांकन उनके खेल और ग�त�व�धय� के अनौपचा�रक और �यवि�थत �ट�प�णय� के मा�यम से �यि�तगत �प से �कया जाना चा�हए। • इसम� इस बात पर जोर �दया गया है �क म�ूयांकन म� नए कौशल सीखने क� �दशा म�, �यास पर जोर �दया जाना चा�हए और क�मय� के बजाय ब�चे क� शि�तय� पर �यान क� ��त �कया जाना चा�हए। • इनम� से कोई भी �ावधान अभी बा�यकार� नह�ं है। यह लचीला है, ले�कन ब�ुनयाद� �स�धांत� से समझौता नह�ं �कया जाना चा�हए। अन�ुछेद 350-A : • अन�ुछेद 350-A �ाथ�मक �तर पर मातभृाषा म� �श�ा के �लए स�ुवधाओ ंके बारे म� बात करता है। • अन�ुछेद 350-A के अनसुार, ��येक रा�य और रा�य के भीतर ��येक �थानीय �ा�धकार� भाषाई अ�पसं�यक-वग� के बालक� को �श�ा के �ाथ�मक �तर पर मातभृाषा म� �श�ा क� पया��त स�ुवधाओ ंक� �यव�था करने का �यास करेगा और रा��प�त �कसी रा�य को ऐसे �नद�श दे सकेगा जो वह ऐसी स�ुवधाओ ंका उपबंध स�ुनि�चत कराने के �लए आव�यक या उ�चत समझता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : पया�वरण और पा�रि�थ�तक� : आज से स�त �दषूण �नयं�ण के उपाय लागू ह�गे : �संग : • �दषूण से लड़ने के �लए �द�ल� और रा���य राजधानी �े� के शहर� म� कड़ े�दषूण �नयं�ण उपाय लागू �कए जाएंगे। • GRAP (�ेडडे �र�पांस ए�शन �लान) क� "बहुत खराब" और "गंभीर" �े�णय� के तहत उपाय �कए जाएंगे। • GRAP को 2017 म� अ�धस�ूचत �कया गया था और इसम� हवा क� गुणव�ा �बगड़ने पर �दशा�नद�श� का एक सेट शा�मल है। NOTE : इस म�ुदे को 14 अ�टूबर 2019 के �यापक समाचार �व�लेषण म� �व�तार से कवर �कया गया है। कृपया इस म�ुदे को 14 अ�टूबर 2019 के �यापक समाचार �व�लेषण म� पढ़े। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था : संपादक�य : �यनूतम मजदरू� �नधा�रण के �लए सरकार �वारा नए इंड�ेस क� घोषणा : �संग : • सरकार ने आ�थ�क संकट को कम करने के �लए हाल ह� म� दो घोषणाएं क�ं ह�। पहल�, �ामीण आय को बढ़ाने के �लए नरेगा मजदरू� के �नधा�रण के �लए नया सचूकांक (इंड�ेस) बनाने क� घोषणा। दसूर�, कॉप�रेट टै�स दर म� कमी करने का ऐलान।

  • �व�लेषण : • �यनूतम मजदरू� �नधा�रण के �लए सरकार ने नए इंड�ेस क� घोषणा तो कर द� है ले�कन उसके �नधा�रण क� जो �व�ध तय क� है वह �कसी भी सरूत म� सह� नह�ं है। वा�तव म� सरकार ने इसका �नधा�रण ि�थर क�मत� के आधार पर �कया है। जो परू� तरह गलत है �य��क इससे श�आत के दो तीन साल तक तो मज़दरू� का �नधा�रण सह� होगा उसके बाद �यनूतम मजदरू� का �नधा�रण सह� नह�ं होगा। मनरेगा भारत के सामािजक �े� म� लागू क� गई सवा��धक रचना�मक पहल वाले क़दम� म� से एक है और जहां भी इस पर ठ�क-ठाक ढंग से अमल हुआ है वहां चम�का�रक नतीजे आए ह�। मज़दरू� नापने के पमैाने म� ये है कमी : • �यनूतम मजदरू� नापने के पमैाने क� कमी ये है �क इसम� खा�य पदाथ� क� महंगाई के इस व�त म� मजदरू� क� मजदरू� के म�ूय को घटने से रोकने के �लए कोई इंतजाम नह�ं है। िजस तरह सरकार� कम�चा�रय� के वेतन को कं�यमूर �ाईस इंड�ेस से जोड़कर तय �कया जाता है वसैा ह� हम खे�तहर मजदरू� क� मजदरू� के साथ �य� नह�ं कर सकत।े • गुजरे दो साल� म� वेतनभोगी हर तबके मसलन रा�य और क� � �तर के मं�ी, सांसद, �वधायक और सरपंच तक के वेतन म� बढो�र� हुई है जब�क मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदरू� क� मज़दरू� जस क� तस है। �यनूतम मज़दरू� नापने का यह हो पमैाना : • इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है �क व�तओु ंक� क�मत� हर साल बढ़ती ह�। इस�लए यह सह� ढंग से अनमुान लगाना मिु�कल है �क 2019 म� नरेगा मजदरू को 2020 म� �कतनी मज़दरू� �मलनी चा�हए। • अगर एक मज़दरू ने 2019 म� 171 �पए (रा���य दै�नक औसत मजदरू�) नरेगा मजदरू� अिज�त क� है तो 2020 म� उसे �कतनी मज़दरू� �मलनी चा�हए ,इस पर सरकार का नया सचूकांक मौन है। • इस�लए इसके �नधा�रण के �लए हम� एक �व�वसनीय ब�चमाक� बनना होगा। • वा�तव म� मजदरू� सचूकांक खपत क� गई व�तओु ंक� औसत क�मत� के आधार पर ह� होना चा�हए। अथा�त सचूकांक �ामीण घर� के उपभोग क� म�ुय व�तओु ंक� क�मत� पर आधा�रत होना चा�हए। • इस�लए नरेगा दै�नक मजदरू� को परुाने उपभो�ता म�ूय सचूकांक यानी कृ�ष मज़दरू� सचूकांक के बजाय एक अ�यतन म�ुा�फ��त सचूकांक के साथ उपभो�ता म�ूय सचूकांक के आधार पर बनाया जाना चा�हए। 12 करोड़ जॉबकाड� हो चकेु ह� जार� : • गुजरे कुछ साल� म� तकर�बन 9 करोड़ ब�क खात ेखलेु ह� और अब तक 12 करोड़ जॉबकाड� जार� �कए गए ह�। मनरेगा के अ�तग�त मजदरू� करने वाले ��ी, प�ुष दोन� को बराबर मजदरू� �मलती है। जहां मनरेगा पर त�नक बेहतर तर�के से अमल हुआ है वहां मनरेगा के कारण पलायन और भखुमर� को रोकने म� एक सीमा तक कामयाबी �मल� है।

  • अ�ध�नयम, 1948 - मज़दरू� �नधा�रण का अ�धकार : • �यनूतम मजदरू� अ�ध�नयम, 1948 के अ�तग�त रा�य सरकार� और क� � सरकार को अ�धस�ूचत कम�चा�रय� क� �यनूतम मजदरू� तय करने का अ�धकार �दया गया है। अ�ध�नयम म� कहा गया है �क �यनूतम मजदरू� क� सीमा तय करने के बारे म� अ�धकतम पाँच साल के अ�तराल पर पनु�समी�ा होनी चा�हए। • 15व� लेबर कां�ेस, 1957 म� कहा गया था �क �यनूतम भोजन, व��, जीवनयापन के �लए होने वाले खच� और रोजाना के �धन क� खपत क� लागत आ�द को आधार मानकर �यनूतम मजदरू� क� सीमा तय करने का एक फामू�ला तयैार �कया जाय। लेबर कां�� स क� इस �सफा�रश को आधार मानकर स�ुीम कोट� ने 'वक� मेन बनाम रैपटाकोस �ेट एंड कंपनी, 1992' के मामले पर फैसला �दया था। �म मं�ालय क� फेयर वेजेस कमेट� के �दशा-�नद�श : • वा�तव म� �म मं�ालय क� फेयर वेजेस कमेट�, 1949 ने एक �ग�तशील �रपोट� म� उ�लेख �कया था �क �यनूतम मजदरू� म� रोट�, कपडा और मकान के आलावा �श�ा, �वा��य देखभाल और बीमा भी शा�मल होना चा�हए। • संजीत रॉय बनाम राज�थान रा�य, 1983 म� उ�चतम �यायालय ने कहा �क �यनूतम मजदरू� से कम का भगुतान मज़बरू �म के समान है। वक� मनै बनाम र�तकोस �ेट, 1991 के �बंधन म� यह कहा गया �क जीवन क� ब�ुनयाद� ग�रमा स�ुनि�चत करने के �लए सभी �ावधान� को जोड़ा जाना चा�हए। 15 रा�य� म� मनरेगा क� मजदरू� खे�तहर मजदरू से भी काम : • मनरेगा के तहत भगुतान क� गयी मजदरू� के �लए ग�ठत संशोधन कमेट� ने पाया है �क 15 रा�य� म� मनरेगा क� मजदरू� से खे�तहर मजदरू रोजाना �यादा मजदरू� कमात ेह�। • कमेट� क� ओर से पेश �कए गए आकड़� के मतुा�बक कना�टक, पंजाब, झारखंड, उ�राखंड, पि�चम बंगाल, �मजोरम और अडंमान और �नकोबार �वीप समहू म� मनरेगा क� मजदरू� खे�तहर मजदरू� से भी बहुत कम है। ये रा�य भी रहे असफल : • इसके अलावा कुछ अ�य रा�य भी मनरेगा के तहत मजदरू� को बढ़ाने म� असफल रहे ह� इनम� �सि�कम, आ�ं �देश, तलेंगाना, ह�रयाणा, म�य�देश और �बहार शा�मल ह�। मज़दरू� बढ़ाने से 4500 करोड़ का पड़गेा बोझ : • �ामीण �वकास मं�ालय के एक अ�धकार� ने कहा �क अगर इसके �लए संशोधन �कया जाता है तो लगभग वत�मान मनरेगा बजट म� 4500 करोड़ �पये क� अ�त�र�त रा�श क� आव�यकता होगी। कॉप�रेट टै�स घटाने से असमानता म� होगी व�ृ�ध : • वत�मान कॉप�रेट कर कटौती केवल आ�थ�क असमानता को �यापक करेगी। ऑ�सफेम असमानता �रपोट� 2018 के अनसुार एक वष� म� भारत म� सबसे अमीर 1 फ�सद� लोग� क� संप�� 20.91 लाख करोड़ �पये बढ़� है, जो 2017-18 के बजट के बराबर है। • एक अनमुान के अनसुार हाल ह� म� कर कटौती के कारण 1000 कंप�नय� को लगभग 37000 करोड़ क� वा�ष�क बचत होगी। इसक� तलुना म� अ�ंतम वा�ष�क नरेगा बजट 60000 करोड़ है। इस�लए 1000 से अ�धक कंप�नय� का अनमुा�नत लाभ लगभग 7.2 करोड़ नरेगा मजदरू� क� वा�ष�क आय के बराबर होगा।

  • GDP पर भी होगा नकारा�मक असर : • 2015 क� IMF क� �रपोट� के अनसुार य�द शीष� 20 फ�सद अमीर� क� आय म� �ह�सेदार� बढ़ती है तो GDP क� व�ृ�ध म� �गरावट आती है ले�कन जब �नचले तबके के 20 फ�सद लोग� क� आय म� व�ृ�ध होती है तो GDP बढ़ जाती है। • हालां�क कॉरपोरेट टै�स म� कटौती और कम �याज दर से �नगम� को कुछ तरलता तो �मलेगी, पर इसक� संभावना कम ह� है �क इससे �ामीण मांग बढ़ेगी। मह�वपणू� त�य : 1. 'इं�डयाज गॉट कलर' �वचा के �व�वध रंग� का से�ल�ेशन : • यनेू�को ने नई �द�ल� म� "इं�डयाज गॉट कलर" अ�भयान क� श�ुआत क�, िजसम� 'रंग पवूा��ह' के म�ुदे पर एक पनैल चचा� हुई। • अ�भयान भारत म� मौजदू �व�वधता का ज�न मनात ेहुए 'गहरे रंग के पवूा��ह' और �वचा के �व�वध रंग� को अपनाने क� आव�यकता पर जोर देता है। • अ�भयान का म�ुय उ�दे�य भारत म� 'रंगवाद' (colourism) के इद�-�गद� बातचीत को बढ़ाना है। • यनेू�को के आदेशप� (mandate) म� ‘कह�ं भी, कभी भी जा�तवाद और भेदभाव’ के �खलाफ लड़ाई शा�मल है। • न�ल�य भेदभाव के �खलाफ खड़ ेहोना यनेू�को के काम का एक �मखु घटक है। • लोग� ने 17 सतत �वकास ल�य� का समथ�न करके शां�तपणू� और �थायी समाज क� ओर एक �प�ट माग� �था�पत करने के �लए हाथ �मलाया है। • SDG-10 का ल�य असमानताओ ंको कम करना है और इसका ल�य 10.2, 2030 तक हर उ�, �लगं, �वकलांगता, न�ल, जातीयता, मलू, धम� या आ�थ�क या अ�य ि�थ�त के बावजदू सभी के सामािजक, आ�थ�क और राजनी�तक समावेशन को सश�त और बढ़ावा देता है। 2. �द�ल� मं��मंडल ने कौशल �व�व�व�यालय के �लए मंजरू� द� : • �द�ल� कै�बनेट ने �द�ल� कौशल और उ�य�मता �व�व�व�यालय श�ु करने के ��ताव को मंजरू� दे द� है। • �व�व�व�यालय क� अवधारणा इस�लए सामने आई �य��क �द�ल� सरकार ने पाया �क औपचा�रक �श�ा �णाल� से BA, Bsc या MA क� �ड�ी �ा�त करने वाले छा�� को नौकर� नह�ं �मल�। • �व�व�व�यालय का उ�दे�य यवुाओ ंको कौशल और �ान �दान करने पर �यान क� ��त करना है जो उ�ह� नौकर� �ा�त करने हेत ुससुि�जत करेगा। • �व�व�व�यालय छा�� को रोजगारपरक बनाने पर �यान क� ��त करेगा।

  • • सभी मौजदूा औ�यो�गक ��श�ण सं�थान� और पॉ�लटेि�नक सं�थान� और कौशल क� �� को इस �व�व�व�यालय म� �वलय कर �दया जाएगा और इसम� कई �वदेशी देश� और �व�व�व�यालय� के साथ-साथ उ�योग संघ� और कंप�नय� के साथ सहयोग होगा। • �व�व�व�यालय क� सबसे मह�वपणू� �वशषेता लचीलापन होगा �य��क बाजार क� आव�यकताएं हमेशा बदलती रहती ह�। 3. उ�च गुणव�ा वाले नकल� नोट वापस आ गए ह� : NIA • रा���य जांच एज�सी (NIA) ने कहा है �क उ�च गुणव�ा वाले नकल� नोट बाजार� म� वापस आ गए ह� और इसका म�ुय �ोत पा�क�तान है। • 2016 म� सरकार �वारा नोटेबंद� के �लए उ�धतृ �कए गए कारण� म� से एक नकल� नोट� को चलन से बाहर करना बताया गया था। • उ�च गुणव�ा के नकल� भारतीय म�ुा नोट� (FICN) का �चलन NIA �वारा उ�धतृ छह �मखु उभरती चनुौ�तय� म� से एक है। • एज�सी �वारा अ�य सचूीब�ध कारण� म� खा�ल�तानी ग�त�व�धय� म� व�ृ�ध, साइबर �पेस से सा�य एक� करना और साइबर फोर��सक लबै क� �मता व�ृ�ध शा�मल ह�। • उ�च गुणव�ा वाले नोट� को पि�चमी सीमा और नेपाल के रा�त ेभारत म� भेजा जा रहा है। • बां�लादेश कम गुणव�ा वाले FICN के �ोत के �प म� उभरा है। • NIA FICN से संबं�धत मामल� के �लए नोडल एज�सी है और अब तक 48 ऐसे मामल� क� जांच कर चकु� है, िजनम� से 13 मामल� म� सजा हुई है। 4. गुजरात नई बंदरगाह नी�त ला रहा है : • गुजरात सरकार ने 1995 म� लाई गई अपनी बंदरगाह नी�त को संशो�धत �कया है और 33 �नजी घाट� पर ��तबंध हटा �दया है, िजससे उ�ह� तीसरे प� के काग� को संभालने क� अनमु�त �मल गयी है। • नई बंदरगाह नी�त का उ�घाटन ब�ुनयाद� ढांचे को बढ़ाने और बंदरगाह और रसद �े� म� �नवेश को आक�ष�त करने के �लए �कया गया है। • गुजरात म� लगभग 1,600 �कमी क� तटरेखा है। सम�ु तट के �कनारे चार �नजी बंदरगाह और 33 कैि�टव घाट ह�, िजनक� धारण �मता लगभग 45% काग� के बराबर ह�, जब�क �नजी बंदरगाह गुजरात मरै�टाइम बोड� के बंदरगाह� क� धारण �मता कुल काग� का लगभग 46% ह�। • नई नी�त कैि�टव घाट� को पणू� �प से वा�णि�यक बंदरगाह बनाने क� अनमु�त देती है। • कैि�टव घाट� क� इन-�लेस �मता का उपयोग करने के �लए जोर �दया जा रहा है, जो अभी तक उपयोग म� नह�ं है।

  • • नई नी�त के अनसुार, मौजदूा कैि�टव घाट धारक ल��डगं और �श�पगं श�ुक का भगुतान करके अपने कैि�टव घाट� पर कुल माल के 50% से अ�धक का ततृीय प� काग� के संभालने क� अनमु�त होगी। • इसके अलावा, घाट धारक� को काग� ह�ड�लगं स�ुवधा और बकैअप �े�� को बढ़ाने के �लए अ�त�र�त �नवेश लाने क� भी अनमु�त होगी। • रा�य म� एक नोडल एज�सी और पोट� से�टर �नयामक गुजरात म�ैरटाइम बोड� (GMB), रा�य म� बंदरगाह-संबंधी ब�ुनयाद� ढांचे म� लगभग 4,000 करोड़ �पये के नए �नवेश को आक�ष�त करने का ल�य बना रहा है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. "रेड नो�टस" के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. यह एक अतंररा���य �गर�तार� वारंट है िजसे इंटरपोल �धान स�चवालय �वारा �कसी सद�य देश या अतंररा���य �याया�धकरण के अनरुोध पर जार� �कया जाता है। 2. यह ��यप�ण के �लए लं�बत �कसी �यि�त का पता लगाने और उसे अ�ंतम �प से �गर�तार करने के �लए द�ुनया भर म� काननू �वत�न हेत ुएक अनरुोध है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : b �प�ट�करण : �व-�या�या�मक ��न 2. �ोजे�ट "बीहाइव" है- (a) यह सेना क� कोर ऑफ इले��ॉ�न�स एंड मकेै�नकल इंजी�नयस� (EME) क� एक प�रयोजना है जो वा�त�वक समय डटेा एना�ल�ट�स �मताओ ंके साथ अपने सभी काय�शालाओ ंको एक एक�कृत �माट� नेटवक� से जोड़ती है। (b) यह �मशन फॉर इंट��ेटेड हॉ�ट�क�चर (MIDH) के तहत मधमु�खी पालन को बढ़ावा देने हेत ुएक प�रयोजना है। (c) यह केरल प�ुलस �वभाग का एक तकनीक� अनसुंधान और �वकास क� � है िजसक� साइबर �पेस म� उ�कृ�टता के एक साइबर क� � के �प म� क�पना क� गई है। (d) यह “रा���य ह�त�श�प �वकास काय��म (NHDP)” के तहत ह�त�श�प �े� के संवध�न और �वकास के �लए श�ु क� गई एक प�रयोजना है। उ�र : a �प�ट�करण : सेना क� कोर ऑफ इले��ॉ�न�स एंड मकेै�नकल इंजी�नयस� (EME) ने देश भर म� अपने 2,000 काय�शालाओ ंक� वा�त�वक समय क� �नगरानी और ��त��या को स�म करने के �लए परेू कोर के �वचालन के �लए �ोजे�ट बीहाइव के तहत एक बड़ी पहल श�ु क� है। सेना इस पर इले��ॉ�न�स और सचूना �ौ�यो�गक� मं�ालय के साथ सहयोग कर रह� है। प�रयोजना कोर के अ�धक से अ�धक �वचालन को �ा�त करने और वा�त�वक समय डटेा एना�ल�ट�स �मताओ ंके साथ एक�कृत �माट� नेटवक� पर अपने सभी काय�शालाओ ंको जोड़ने का �यास कर रह� है।

  • �वचा�लत �लेटफॉम� �सफ� एक बटन पर ि�लक करत ेह� �ेणीब�ध तर�के से सेना के उपकरण� क� जानकार� उपल�ध कराएगा। ��न 3. नील�ग�र जवै संर��त �े� के भीतर �न�न�ल�खत म� से कौन सा/से मौजदू ह�? 1. बांद�परु रा���य उ�यान 2. मदुमुलाई व�यजीव अभयार�य 3. वायनाड व�यजीव अभयार�य 4. पे�रयार रा���य उ�यान 5. नागरहोल रा���य उ�यान सह� �वक�प चनु�: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 (b) केवल 2, 3, 4 और 5 (c) केवल 1, 2, 4 और 5 (d) 1, 2, 3, 4 और 5 उ�र : a �प�ट�करण : नील�ग�र बायो�फ�यर �रजव� भारत म� वष� 1986 म� �था�पत पहला बायो�फ�यर �रजव� था। मदुमुलाई व�यजीव अभयार�य, वायनाड व�यजीव अभयार�य, बांद�परु रा���य उ�यान, नागरहोल रा���य उ�यान, मकंुुदरु रा���य उ�यान और मकू घाट� इस संर��त �े� म� ि�थत ह�। ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. टाइफून एक प�रप�व उ�णक�टबंधीय च�वात है िजसक� उ�प�� उ�र पि�चमी �शांत बे�सन म� होती है। 2. उ�र पि�चमी �शांत बे�सन प�ृवी पर सबसे स��य उ�णक�टबंधीय च�वात बे�सन है। 3. टाइफून, तफूान और च�वात सभी उ�णक�टबंधीय च�वात ह�, इनम� एकमा� अतंर - 'तफूान का �थान' है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : �व-�या�या�मक UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. हाल ह� म� सरकार �वारा घो�षत मनरेगा मजदरू� सचूकांक म� �या खा�मयां ह�? इन खा�मय� को दरू करने के �लए कुछ सझुाव द�िजये।