18 18 जनवी 2014 शननवा अन्तकलीनिाई एकता ......अन...

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18 जनवरी 2014 शननवार

अन्तरकलीनियाई एकता एक आध्यात्मिक प्रक्रिया - 1

‘फ्लोरेररया अपोस्तोनलका’ के काययकतायओ ंकी िराहना की - 2

बच्चों की िरुक्षा के नलये वाक्रनकन कक्रनबद्ध - 3

‘भारतीय ख्रीस्तीय िक्रहला िों’ िक्रहलाओ ंऔर ज़रूरतिदंों की आवाज़ - 4

‘प्रार्यना’ पर ितं पापा का ट्वीन - 5

रवववारीय नोन्तन

वर्य ‘अ’ का दोिूरा रवववार, 19 जनवरी, 2013

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अन्तरकलीनियाई एकता एक आध्यात्मिक प्रक्रिया जत्स्नन नतकी, ये.ि.

वाक्रनकन निनी, शिुवार 17 जनवरी 2014

(िेदोोक,वीआर) ितं पापा फ्रांनिि ने क्रिनलडं के िरंक्षक ितं एनरीको के पवोमिव पर क्रिनलडं िे िे वाक्रनकन आयी अन्तरकलीनियाई प्रनतनननििडंल के िदोस्यं को 17 जनवरी शिुवार को वाक्रनकन त्स्र्त ितं क्लेिेतीन िभागार िं िबंोनित क्रकया।

ितं पापा ने कहा, "ख्रीस्तीय एकता िप्ताह आरंभ करने के ठीक पहले िं आप लोगं को बतलाना ोाहता हँू क्रक ख्रीस्तीय इिनलये बलुाये गये हं ताक्रक हिं परू्य

रूप िे एक हो जायं।"

सत्य, पे्रम, वार्ाा व सद्भावना को समर्पिर् 1254 वाँ अंक 18 जनवरी 2014 शननवार

2

उन्हंने कहा, "हाल के क्रदोनं िं अन्तरकलीनियाई िबंिं िं प्रभावपरू्य बदोलाव आये हं। इिका िखु्य कारर् रहा है हिारा ववश्वाि, हिारा िदंोभय, हिारा ििाज और हिारी िसं्कृनत, त्जिके केन्र िं ईश्वर और आध्यात्मिक जीवन हिेशा नहीं रहा है।"

ितं पापा ने कहा, "यह आवश्यक है क्रक हिारा ध्यान ववश्वाि के िाक्ष्य पर हो, जहाँ वपता ईश्वर ने अपने पतु्र येि ुििीह िं अपने प्रिे को प्रकन क्रकया है। यहा ँहि पाते हं क्रक हि एकता िं बढ़ िकते हं आध्यात्मिक अन्तरकलीनियाई एकता का प्रिार कर िकते जैिा क्रक येि ुििीह ने स्वय ंअपने नशष्ययं इिकी आज्ञा दोी र्ी।"

उन्हंने कहा, "इि िदंोभय ि ंहिे क्रितीय वाक्रनकन िहािभा के बातं की यादो कर िकते हं त्जििं कहा गया र्ा -"अन्तरकलीनियाई एकता एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो वपता ईश्वर के प्रनत आज्ञाकारी होने, येि ुकी इच्चछा परूी करने और पववत्र आमिा के िागयदोशयन िं ोलने िे परू्य होती है।"

ितं पापा ने ईश्वर िे प्रार्यना की क्रक वे पववत्र आमिा भेजं जो हिं एकता तर्ा िले-निलाप के िमय के िागय ले ोलेगा।

‘फ्लोरेररया अपोस्तोनलका’ के काययकतायओं की िराहना कीजत्स्नन नतकी, ये.ि.

वाक्रनकन निनी, शिुवार 17 जनवरी 2014 (िेदोोक, वीआर) ितं पापा फ्रांनिि ने शिुवार 17 जनवरी को ‘फ्लोरेररया अपोस्तोनलका’ के काययकतायओ ंऔर उनके पररवार के िदोस्यं िे िलुाक़ात की।

ववक्रदोत हो ‘फ्लोरेररया अपोस्तोनलक’ के िदोस्य ितं पेत्रुि िहानगरजाघर के प्राँगर् तर्ा पौल र्ष्टि ्िभागार को ितं पापा की िभाओ ंके नलये आवश्यक वस्तओु ंकी व्यवस्र्ा करने ि ंिदोदो देोते हं।

अपने िदेंोश िं ितं पाप ने कहा, "आपका कायय अनत िहमवपरू्य है। आपकी िेवाओ ंके कारर् ही

ितं पेत्रुि िहानगरजाघर के प्राँगर् और पौल र्ष्टि िभागार के कायय िोुारु रूप िे िम्पन्न होते है।"

उन्हंने कहा, "आपका कायय कई बार कक्रठन और ोुनौतीपरूार् है क्रिर भी आप इिे िैयय, िेवा और बनलदोान की भावना करते हं।"

ितं पापा ने िगंठन के प्रमयेक िदोस्य के प्रनत अपनी कृतज्ञता प्रकन की और प्रोमिाहन देोते हुए कहा क्रक वे अपने कायय परूी दोक्षता िे तर्ा बखुबी करते रहं।

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उन्हंने कहा, " आप वफ़ादोारीपवूयक अपना दोानयमव ननभाते रहे, ववश्वाि, आपिी तालिेल और शांनत का वातावरर् बनाये रखं। आपके कायं िे ननश्चय ही दोनुनया के लोग तर्ा वाक्रनकन पररवार लाभात्न्वत है।

उन्हंने ‘फ्लोरेररया अपोस्तोनलका’ के िदोस्यं तर्ा उनके पररवार के िब िदोस्यं को ितं जोिेि के िरंक्षर् िं िंपते हुए अपना पे्रररनतक आशीवायदो क्रदोया।

बच्चों की िरुक्षा के नलये वाक्रनकन कक्रनबद्ध

जत्स्नन नतकी, ये.ि.

जेनेवा. स्वीनरजरलडं शिुवार 17 जनवरी 2014 (िेदोोक वीआर) ियंकु्त राष्ट्र िघं िं वाक्रनकन प्रनतनननि िहाििायध्यक्ष निलवानो र्ोिािी ने कहा क्रक बाल क्रहंिा और बाल उमपीड़न अपराि हं और ितं पापा फ्राँनिि बच्चों को यौन दोरुाोार िे बोाने के नलये कक्रनबद्ध हं।

ियंकु्त राष्ट्र िघं िं वाक्रनकन के स्र्ायी पययवेक्षक ने उक्त बात उि ििय कही जब उन्हंने यएून के जेनेवा त्स्र्त कायायलय िं 16 जनवरी वहृस्पनतवार को ‘बच्चों के अनिकार’ ववर्य पर िभा को िबंोनित क्रकया।

िभा के पवूय ही वाक्रनकन प्रवक्ता जेत्स्वन िादोर िेदेोररको लोिबारदोी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा र्ा क्रक वाक्रनकन बाल यौन दोरुाोार को रोकने के नलये दृढ़ िकंल्प है।

उन्हंने कहा क्रक परििियपीठ बाल यौन दोरुाोार की घननाओ ंिे अनत दोःुखी है। इििे लाखं बच्चों को क्षनत पहँुोी है। उन्हं इि बात की पीड़ा है क्रक इि कुकृमय िं कई याजक भी िलंग्न रहे हं।

उन्हंने कहा क्रक बाल यौन दोरुाोार िे कलीनिया की ववश्विनीयता और बच्चों के कल्यार् के दोावं पर कई गभंीर िवाल उठ रहे हं। ऐिी पररत्स्र्नत िं वाक्रनकन ने इिके ििािान के नलये कई पहल और ननदेोश जारी क्रकये हं त्जििे अन्य ििदुोाय भी लाभात्न्वत हो िकत ेहँ।

िहाििायध्यक्ष तोिािी ने कहा क्रक रोि परििियपीठ िारा क्रकये गये पहल और ननदेोश इि बात को ज़ाक्रहर करते हं क्रक वाक्रनकन बच्चों की िरुक्षा के िािले िं पारदोशी और दृढ़ िकंल्प है।

उन्हंने बतलाया क्रक पोलडं के िहाििायध्यक्ष जोिेि वेिोलोस्की पर बाल यौन दोरुाोार िबंिंी आपरानिक िािला दोज़य है और यक्रदो वे वाक्रनकन कोनय िं दोोर्ी पाये गये तो उन्हं जेल की िजा होगी।

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‘भारतीय ख्रीस्तीय िक्रहला िंो’ िक्रहलाओं और ज़रूरतिंदों की आवाज़

जत्स्नन नतकी, ये.ि.

बगँलोर, शिुवार 17 जनवरी 2014 (िीएनएि) बगंलोर िं क्रितीय वाक्रनकन िहािभा और िक्रहलाओ ंपर उिका प्रभाव ववर्य ोार क्रदोविीय िेनिनार के बादो 11 जनवरी को ‘भारतीय ख्रीस्तीय िक्रहला िों’ का गठन क्रकया है जो िक्रहलाओ ंकी आवाज़ बनेगी और उनके नलये क्रहत के नलये कायय करेगी।

भारतीय ििायध्यक्षीय पररर्द् (िीबीिीआई) के िरंक्षर् ि ंकाययरत िक्रहला प्रनतनननियं ने िों के बारे ि ंजानकारी देोते हुए, "अगर हि ोाहते हं क्रक परुुर्प्रिान िाननिकता को बदोलं तो हिं ोाक्रहये नारी प्रिान ववोारिार की ताक्रक नलगं िवंेदोना तर्ा ििावेशी भार्ा की भावना बढे़, िीिायं नूनं ताक्रक हि नये तरीके िे िोोंगे और कायय कर करं।"

िों के ियंोजकं ने ियंकु्त रूप िे अपना वक्तव्य देोते हुए कहा क्रक िक्रहलाओ ंका यह िों राष्ट्रीय स्तर पर िक्रहलाओ,ं ज़रूरतिदंों और किजोर वगय के लोगं की आवाज़ बनेगा।

उन्हंने कहा क्रक अन्यायपरू्य तरीके िे बनँी हुई दोनुनया िं कलीनिया अपनी प्रभावी भनूिका ननभाने िं अििर्य रही है। ऐिे ििय िं िियििात्जयं के ििक्ष यह ोुनौती है क्रक वे ईश्वर और लोगं के प्रनत ििवपयत हं और उन्हं िदोदो दंो ताक्रक वे ववनभन्न प्रकार के शोर्र्ं तर्ा उमपीक्रड़नं िे िकु्त हो िकँ।

िभा को िबंोनित करते हुए बगँलोर के िहाििायध्यक्ष बेरनाडय िोराि ने ितं पापा फ्राँनिि की बातं को उद्धतृ करते हुए कहा क्रक "नाररयं के वबना कलीनिया ‘प्रार्ररक्रहत शरीर’ है।"

भारतीय िक्रहला िों ने एक तदोर्य िनिनत बनायी है ताक्रक इििं अन्य िक्रहला िगंठनं को भी जोड़ा जा िके और इिके कायं को एक आदंोोलन का रूप क्रदोया जा िके।

‘नशैनल वबबनलकल, कनेकेक्रनकल एंड नलनजीकल िेन्नर’ के ननदेोशक िादोर क्लेवोिि िनायन्डेज़ ने बतलाया क्रक िन ्2008 ईस्वी िं ििायध्यक्षं ने िक्रहला िशवक्तकरर् के नलये 12 ितू्री काययिि बनाया र्ा पर उिे परू्य रूप िे लाग ूनहीं क्रकया जा िका है। नलगं जागरुकता भी ववनभन्न िियप्राँतं ि ंअपेक्षा ि ेकि है।

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‘प्रार्यना’ पर िंत पापा का ट्वीन

जत्स्नन नतकी, ये.ि.

वाक्रनकन निनी, शिुवार 17 जनवरी 2014 (िेदोोक, वीआर) ितं पापा फ्राँनिि ने शिुवार 17 जनवरी को ववश्व को प्रार्यना पर ट्वीन िदेंोश भेजा।

उन्हंने इतालवी भार्ा िं नलखा, "प्रार्यना क्रकतना शवक्तशाली है। हि कदोावप क्रहम्ित न हारं और िदोा कहं, प्रभ ुहिं आपकी शांनत प्रदोान कीत्जये।

ितं पापा के ट्वीन िदेंोश को इतालवी भार्ा के अलावा अगं्रेजी, फं्रो, पोतयगीज, स्पानी, लनतनी, पोनलश, जियन तर्ा अरबी भार्ाओ ंिं भी प्रेवर्त क्रकया गया।

उन भार्ाओ ंके अलावा वाक्रनकन रेक्रडयो िे प्रिाररत अन्य 35 भार्ाओ ंिं भी इिका अनवुादो कर इिका प्रिारर् क्रकया गया।

वर्य ‘अ’ का ोौर्ा रवववार ‘अ’ 19 जनवरी 2014

नबी इिायि 49, 3,5-6

1 कुररत्न्र्यं के नाि पत्र 1, 2-3

ितं योहन 1, 23-30, 33-34

जत्स्नन नतकी, ये.ि.

पतंग की कहानी नित्रो, आपको आज ि ैएक पतगं की कहानी बताता हँू। एक पतगं रोज क्रदोन खुले आकाश िं स्वच्चछंदो उड़ा करती र्ी । उिे इि बात का नाज़ र्ा क्रक उििे उँोा और कोई नहीं उड़ िकता है। उि खुले आकाश िं न तो कोई पकं्षी नज़र आते रे्, न ही कोई दोिूरी पतगं। पतगं अपनी रंग-वबरंगी झालर लहराते हुए परेू आििान िं िरै करती र्ी और िोोती र्ी क्रक न तो कोई इििे अच्चछा है

6

और नही कोई उि उँोाई को छू िकता है जहाँ तक वह उड़ती है। एक क्रदोन की बात है। पतगं ने देोखा क्रक एक ोील उििे ऊपर उड रहा है। पतगं परेशान हुआ। िोोने लगा क्रक यह ोील िझुिे अनिक ऊँोाई पर कैिे उड़ िकता है? उिे ईष्ययाय हुई और उिने एक नशकारी िे आग्रह क्रक वह उि ोील को िार नगराये। नशकारी ने अपने तीर िे ोील को िार नगराने का प्रयाि करने लगा। जब उिका तीर ोील तक नहीं पहँुोने लगा तब उिने पतगं िे कहा क्रक अपनी पूछँ ि ंि ेकुछ पखंं को नशकारी को देो ताक्रक उिे अपने तीर िं डाले और ोील को िार नगराये। पतगं ने खुशी िे अपना एक पखं नशकारी को क्रदोया। नशकारी ने ोील पर ननशाना िाि कर तीर ोलायी पर तीर ोील तक नहीं पहँुो पायी। तब नशकारी ने पतगं िे एक और पखं िाँगा और ऐिा करत-ेकरते पतगं के िारे पखं ििाप्त हो गये पर ोील िारा नहीं जा िका। तब अन्त ि ंनशकारी ने पतगं को ही िार नगराया। नित्रो, पतगं के िन िं ईष्ययाय र्ी और ईष्ययाय की आग ि ंजलते-जलते खुदो पतगं ही भष्यि हो गया। नित्रो, जो दोिूरं की प्रगनत पर खुश नहीं होते हं वे खुदो ही जलकर राख हो जाते हं पर जो दोिूरं की प्रगनत और खुशी िं आनन्दो िनाते हं वे ईश्वर की नज़र िं िहान ्हं। नित्रो, ऐिा ही एक िहान ्व्यवक्त र्ा योहन बपनतस्ता जो अपने जीवन िं बि इतना ही ोाहता र्ा क्रक येि ुबढं़ और खुदो घने।

नित्रो, रवववारीय आरािना ववनि नोन्तन काययिि के अतंगयत हि पजून ववनि पोंांग के वर्य ‘अ’ के दोिूरे रवववार के नलये प्रस्ताववत पाठं के आिार पर हि िनन-नोन्तन कर रहे हं। आइये हि प्रभ ुके क्रदोव्य वोनं को िनंु त्जिे ितं योहन रनोत ििुिाोार के पहले अध्याय के 29 िे 34 वं पदों िे नलया गया है।

िंत योहन, 1, 29-34

29) दोिूरे क्रदोन योहन ने ईिा को अपनी ओर आते देोखा और कहा, ‘‘देोखो-ईश्वर का िेिना, जो िंिार का पाप हरता है।

30) यह वहीं हं, त्जनके ववर्य िं िंने कहा, िेरे बादो एक पुरुर् आने वाले हं। वह िुझ िे बढ़ कर हं,

क्यंक्रक वह िुझ िे पहले ववद्यिान रे्।

31) िं भी उन्हं नही ंजानता र्ा, परन्तु ि ंइिनलए जल िे बपनतस्िा देोने आया हँू क्रक वह इस्राएल पर प्रकन हो जायं।'' 32) क्रिर योहन ने यह िाक्ष्य क्रदोया, ‘‘िंने आमिा को कपोत के रूप िं स्वगय िे उतरते और उन पर ठहरते देोखा।

33) िं भी उन्हं नहीं जानता र्ा; परन्तु त्जिने िुझे जल िे बपनतस्िा देोने भेजा, उिने िुझ िे कहा र्ा, ÷तुि त्जन पर आमिा को उतरते और ठहरते देोखोगे, वही पववत्र आमिा िे बपनतस्िा देोते हं'।

34) िंने देोखा और िाक्ष्य क्रदोया क्रक यह ईश्वर के पुत्र हं।''

नित्रो, िेरा पूरा ववश्वाि है आपने प्रभु के क्रदोव्य वोनं को ध्यान िे पढ़ा है। क्रदोव्य वोन को िुनने िे आपको और पररवार के िभी िदोस्यं को आध्यात्मिक लाभ हुए हं। नित्रो, आज के िुििोार िं िेरा ध्यान योहन बपनतस्ता की ओर जाता है उनका येिु के बारे िं अनुभव उनका वोन उनका कायय की प्रशंिनीय है। िुझे िंत योहन की तीन बातं बहुत अच्चछी लगती हं।

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योहन का िनोभाव

पहला उनका िनोभाव। योहन ने अपने जीवन काि निशन को ठीक िे ििझा र्ा। उिका कायय र्ा येि ुका िागय तयैार करना। उन्हंने इि बात को स्पष्ट रूप िे स्वीकार करते हुए कहा र्ा क्रक उनके बादो आने वाले हं वे उनिे िहान ्हं। योहन के उमिाहपरू्य कायं को देोख कई िोोने लगे रे् क्रक हो-न-हो योहन ही ििीहा हं। पर योहन ने इि बात को िाि-िाि बता क्रदोया क्रक उनका कायय तो निफ़य रास्ता तयैार करने का है। िंत योहन न कोई झूठी वाह-वाही लनूी, न ही अपने कायय को बहुत बड़ा िाना बि उन्हंने येि ुके आने के पहले अपना दोानयमव ननभाया। नित्रो, अपने दोानयमव को ननभाने के िि िं योहन ने येि ुके बारे िं तीन बातं कहीं। पहली बात, जैिे ही योहन ने येि ुको आते देोखा उनकी ओर इंनगत करते हुए कहा " देोत्खये ईश्वर का िेिना जो ििंार के पाप हर लेता है।" नित्रो, हि आज के यगु िं लोगं के बारे िं बातं करने को वक्त नहीं तो जानवरं वो भी ििेना जैिे भोले-भाले जानवर की तो बातं कौन करे। परुाने जिाने िं िेिने एक लोकवप्रय जानवर र्ा। उिकी बनल ोढ़ायी जाती र्ी ताक्रक उिके लहु िे लोगं को पापं िे िवुक्त निले। येि ुके बारे ि ंयह कहा जाना क्रक वे ‘ईश्वर के िेिना’ हं जो ििंार के पाप हर लेते हं। यह िमय है क्यंक्रक येि ुने लोगं को बोाने के नलये अपने जीवन का बनलदोान िूि पर कर क्रदोया। िहमवपरू्य बात तो यह है क्रक योहन ने इि बात को इंनगत क्रकया और इिका िाक्ष्य भी क्रदोया। आज जब हि येि ुके जीवन का गहराई िे ििझना ोाहते हं तो यह हिं ोाक्रहये क्रक हि इि बात को ििझ िकं क्रक येि ुने हिारी िवुक्त के नलये ईश्वरीय िेिना बन कर अपना खून बहाया।

येि ुपर पववत्र आमिा

दोिूरी बात, त्जिे ितं योहन ने येि ुके बारे िं इंनगत क्रकया वह है येि ुदोनुनया िं अनाक्रदो िे ववद्यिान हं। योहन ने पववत्र आमिा को येि ुपर उतरते देोखा है। और बादो िं येि ुउिी पववत्र आमिा का बपनतस्िा लोगं को क्रदोया करंगे। नित्रो, यहाँ यह बात िहत्त्वपरू्य है क्रक येि ु के निर पर पववत्र आमिा कपोत के रूप िं उतरा। जब हि पववत्र आमिा िे बपनतस्िा प्राप्त करत ेहं तो हि ईश्वर के पतु्र पतु्री बन जाते हं। हि ईश्वरीय पररवार के िदोस्य बन जाते हं और हिं ईश्वरीय कायय करने की त्ज़म्िेदोारी निल जाती है। हि ईश्वर के निशन िं िहभागी होने के योग्य बन जाते हं। नित्रो, इि तरह िे योहन का इि तरह का िाक्ष्य देोना हिारे नलये अनत िह्तमवपरू्य है।

येि ुईशपतु्र

तीिरी बात, त्जि ओर ितं योहन ने हिारा ध्यान खींोने का प्रयाि क्रकया है वह है क्रक येि ुईश्वर के पतु्र हं। अर्ायत ्ईश्वर ने येि ुको हिारे नलये भेजा है। येि ुईश्वर के पतु्र हं अर्ायत ्हि येि ुिं ईश्वर को देोख िकत ेहं जैिा क्रक योहन बपनतस्ता ने क्रकया।

नित्रो, येि ुके िबंिं िं योहन बपनतस्ता ने जो कुछ भी क्रकया उन बातं पर नोन्तन करने िे हि पाते हं क्रक योहन ने येि ुको ईश्वर के रूप िं पहोाना, उन्हं उि नाि ि ेपकुारा जो येि ुके नलये िबि ेउपयकु्त है क्रक येि ुईश्वर का िेिना हं। और येि ुिं ईश्वर के पतु्र के रूप िं देोख पाया। नित्रो, आज की दोनुनया िं की िबिे बड़ी ोुनौती है क्रक हि दोनुनया के कोलाहल के बीो येि ुकी आवाज़ को पहोानं और ठीक उिी तरह करं जैिा क्रक प्रभ ु येि ु ने हिं उदोाहरर् क्रदोया है। येि ु ने जीवन भर लोगं की िेवा िं तो अपना जीवन वबताया ही पर उन्हं िूि की िमृय ुका िािना भी बडे़ ही उदोारता पवूयक क्रकया।

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नित्रो, आज प्रभ ुहिं बलुा रहे हं ताक्रक हि ितं योहन के ििान नम्र और ववनीत बनं तर्ा अपने दोानयमव को बखूबी ननभायं। हि ितं योहन के ििान ही दोिूरं की अच्चछाइयं को पहोानं और उिका िाक्ष्य दंो। नित्रो, यह िहमवपरू्य है क्रक हि दोिूरं की प्रगनत िं आनन्दो िनायं औऱ दोिूरं की अच्चछाइयं िे हि खदुो तो लाभात्न्वत हं ही इििे िारे जग को भी लाभ निले। नित्रो, कई बार हिारे ििाज िं लोगं को खुशी नहीं निलती है क्यंक्रक वे अपने नित्रं या पड़ोनियं की खशुी िं िरीक नहीं हो पाते हं। इिके ठीक ववपरीत हि ोाहते हं क्रक निफ़य िेरा कल्यार् हो और ि ंही िबिे ऊपर बना रहँू। इतना ही नहीं कई तो ऐिे भी हं जो ोाहते हं क्रक दोिूरं के क्रहतं के बनलदोान पर उनका कल्यार् हो। आज ज़रूरत है इि बात क्रक हि अपना कतयव्य परूा करं खुशी और परेू उमिाह िे।

प्रभ ुआज हिं इि बात के नलये भी बलुा रहे हं क्रक हि येि ुके उि उपहार को ििझं त्जिे उन्हंने हिारे नलये अपने को िेिने के रूप िं बनल ोढ़ कर क्रदोया। जीवन का अिल िखु खदुो के िखुं के बनलदोान िं है न क्रक िभी िखुं को प्राप्त करने की ोेष्टा िं दोिूरं के क्रहतं को कुोलने िं हं।

नम्रता, परक्रहत व प्रोमिाहन

आइये हि ितं योहन के ििान िाक्ष्य देोनेवाला व्यवक्त बनं। आइये हि नम्र और ववनीत बनं, आइये हि दोिूरं को िखु देोना दोिूरं की भली बातं को बढ़ावा देोना िीखं। ऐिा करने िे हि ननश्चय ही हिारे जीवन िे हिं स्वयं को आनन्दो तो निलेगा ही हिारे जीवन िे कई लोग प्रेरर्ा पाकर ईश्वर प्रदोत्त िखु के िहभागी हो पायंगे।

9

वेबिाइट्ि

VR HINDI

http://hi.radiovaticana.va/index.asp

BLOG

https://vrhindiseva.wordpress.com/

FACEBOOK

http://www.facebook.com/VaticanRadioHindi

PODCAST

http://media01.vatiradio.va/podmaker/podcaster.aspx?c=hindi

वाक्रनकन रेक्रडयो के िािान्य काययिि

शनन िधं्या - रवव प्रातः-रवववारीय िियग्रंर् एव ंआरािना-ववनि नोन्तन

रवव िंध्या -िोि प्रातः- यवुा काययिि नई क्रदोशाएँ एव ंिाप्ताक्रहक काययििःोतेना जागरर्

िोि िंध्या -िंगल प्रातः- रवववारीय देोवदोतू प्रार्यना िे पवूय क्रदोया गया ितं पापा का िंदेोश

िंगल िधं्या -बिु प्रातः कलीनियाई दोस्तावेज़ःएक अध्ययन

बिु िधं्या -गुरु प्रातः- िाप्ताक्रहक आिदोशयन ििारोह िं

िंत पापा का िंदेोश और श्रोताओ ंके पत्र

गुरु िधं्या -शुि प्रातः-पववत्र िियग्रंर् बाईवबलःएक पररोय

शुि िधं्या -शनन प्रातः- िािनयक लोकोपकारी ोोाय

प्रिारर् की ििानप्त लगभग 6 निननं के कलीनियाई और लोकोपकारी ििाोारं िे होती है

हिारा पता Regional office Hindi

Vatican Radio, Satya Bharati, P.B. 2, Dr. Camille Bulcke Path, Ranchi,

843001 Jharkhand, India.

E-mail:- hindi@vatiradio.va

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